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________________ आपश्री ने बहुत परिश्रम करके लवृत्ति व्याकरण के ऊपर बहुत अच्छा व्याकरण किया है। यह आनन्द का विषय है, लघुवृत्ति के अभ्यासकों को लघुवृत्ति के अभ्यास में रुचि उत्पन्न करने के साथ लघुवृत्ति करने के लिये इससे प्रेरणा, एवं प्रोत्साहन मिलेगा। पण्डित श्री माणेकलालजी देसाई वास राधनपुर, (गुजरात) प्रिय वाचक वर्ग! व्याख्यान वाचस्पति पूज्यपाद श्री के भवनिर्वेदोत्पादकमोक्षाभिलाषजनक प्रवचनों को हिन्दी भाषा में प्रकाशित करने वाला : जैन प्रवचन [हिन्दी मासिक] के आज ही सदस्य बनें वार्षिक चन्दा २५ रु० आजीवन चन्दा २५१ रु० परदेश ५५ रु० 'लिखो या मिलो आजीवन सदस्य बनने । - श्री जैन प्रवचन प्रकाशन संस्थान वालों को २५ रुपये की ..फोन नं० ३२०१२० सम्यग्दर्शन पुस्तक भेंट ६६ धनजी स्ट्रीट, ३ रा माला, दी जाती है। - बम्बई-४००००३ व्याख्यान वाचस्पति पूज्यपाद श्री के भवनिर्वेदोत्पादक मोक्षाभिलाषजनक-प्रवचनों को गुजराती भाषा में प्रकाशित करने वाले जिनवाणी (पाक्षिक) के आज ही सदस्य बनें वार्षिक चन्दा २१ २० ___आजीवन चन्दा २०१ २० -लिखो या मिलोश्री जिनवाणी प्रचारक ट्रस्ट श्री जिनयाणी प्रकाशन कार्यालय ५८ बैंक ऑफ इण्डिया बिल्डिंग वढवान शहर (गुजरात) १८५ शेखमेमण स्ट्रीट पिन-३६३०३० बम्बई-३
SR No.002228
Book TitleSiddh Hemchandra Vyakaranam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanratnavijay, Vimalratnavijay
PublisherJain Shravika Sangh
Publication Year
Total Pages476
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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