SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 51
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४६ (तुम्) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह माटे फरे छे ७०. | परमात्मा जगत्नुं कल्याण ५६.. राजा प्रजा माटे सुन्दर नगरी करवा माटे देशना आपे छे | वसावे छे (सम्प्रदान) ७१. | गुरुदेव जयणा करवा माटे मुसाफर टाईम पास करवा रजोहरण आपे छे माटे सींग चणा खाय छे भूख्यानी भूख मिटाववा श्याम दिल्ली जवा माटे ट्रेनमां दयालु दान आपे छे बेठो छे ७३. | पिता अने पुत्र दहेज लेवा भिखारी पैसा लेवा माटे | माटे इच्छता नथी । स्टेशनमां फरे छे पुत्रने आगल वधवा माटे आ. भ. व्याख्यान देवा माटे पिता प्रोत्साहन आपे छे विराजमान थाय छे ओटला उपर बहेनो निन्दा | भाविक सेवा करवा माटे करवा माटे भेगी थाय छे दोडे छे ७६. | उदय रत्न मुनि प्रभु गुण गावा दर्दी दवा लेवा माटे मेडिकल | माटे तलसे छे जाय छे | संघपतिनी प्रशंसा करवा साधु कर्म क्षय करवा माटे | माटे लोको उभा छे महेनत करे छे | श्रेणिक दासीने दान देवा गुरुदेव पापथी बचवा माटे माटे धन आपे छे धर्म बतावे छे | साधु इन्द्रियोने जितवा माटे हुं आत्म कल्याण करवा माटे तप करे छे धर्म करूं छु | माता रिंकु ने रमवा माटे चेकिंग करवा माटे टी.सी. | रमकडां आपे छे आवे छे ८१. | राजा न्याय आपवा माटे| साधक साधना करवा माटे| | दरबारमा बेठो छ जंगलमां जाय छे ८२. | शत्रुञ्जयना शिखरो जोवा माटे जीना रीना माटे खरीदी करवा | विदेशियों आवे छे मार्केटमां जाय छे ८३. | शियाल द्राक्षने खावा माटे मोनिका सामायिक करवा झाड ने पकडे.छे माटे उपाश्रयमां जाय छे ।
SR No.002223
Book TitleChintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaresh L Kubadiya
PublisherHaresh L Kubadiya
Publication Year2005
Total Pages134
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy