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________________ चिन्तन हैम संस्कृत धातु रूप कोश ११६ राज.. गण-१ उभय. सय ४२y, ५j, शोमg. राज्य करना, दीपना, चमकना कर्तरि कतरि राजामि राजावः राजामः ॥राजे . राजावहे राजामहे राजसि राजथ: राजथ राजसे राजेथे राजध्वे राजति राजतः राजन्ति राजते राजेते राजन्ते अराजम् अराजाव अराजाम अराजे अराजावहि अराजामहि अराजः . अराजतम्। अराजत अराजथाः अराजेथाम् अराजध्वम् अराजत् . अराजताम् . अराजन् अराजत अराजेताम् अराजन्त राजेयम् राजेव राजेम . |राजेय राजेवहि राजेमहि राजेः राजेतम् राजेत ||राजेथाः राजेयाथाम् राजेध्वम् राजेत् राजेताम् . राजेयुः राजेत राजेयाताम् राजेरन् राजानि राजाव राजाम |राजै राजावहै राजामहै राज राजतम् राजत ||राजस्व राजेथाम् राजध्वम् राजतु राजताम राजन्तु राजताम् राजेताम् राजन्ताम् ११७ वह गण-१ |उभय | 48न ४२, वहन करना, वहना, उठाना वहामि वहसि वहति अवहम् . अवहः | अवहत् वहावः वहथः वहतः अवहाव अवहतम् अवहताम् वहेव वहेतम् वहेताम् वहाव वहतम् वहताम् वहामः वहथ वहन्ति अवहाम अवहत अवहन् वहेम वहेत वहेयुः वहाम वहत वहेयम् वहे वहावहे वहामहे |वहसे, वहेथे वहध्वे वहते वहेते वहन्ते अवहे अवहवाहि अवहामहि अवहथाः अवहेथाम् अवहध्वम् अवहत अवहेताम् अवहन्त विहेय वहेवहि .. वहेमहि वहेथाः वहेयाथाम् वहेध्वम् वहेत वहेयाताम् वहेरन् वहै वहावहै वहस्व वहेथाम् वहध्वम् |वहताम् वहेताम् वहन्ताम् वहे: वहेत् वहानि वहामहै वह वरे | वहतु वहन्त ॥वहतान
SR No.002222
Book TitleChintan Haim Sanskrit Dhatu Rupkosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaresh L Kubadiya
PublisherHaresh L Kubadiya
Publication Year2004
Total Pages150
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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