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________________ ७२ : महावीर निर्वाणभूमि पावा : एक विमर्श मोतीचन्द्र' श्रावस्ती-राजगृह मार्ग का विस्तार से उल्लेख करते हुए पावा की पहचान पडरौना तहसील के पपउर गाँव से करते हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने पं० राहुल सांकृत्यायन के मत का अनुमोदन मात्र ही किया है अपना कोई स्वतन्त्र विचार नहीं उपस्थित किया है। नाथूराम प्रेमी भी राहुल सांकृत्यायन की भाँति पपउर को ही पावा के रूप में मानते हैं। विद्याधर जोहरापुरकर भी पपउर को ही पावा मानने के पक्ष में हैं। बलदेव उपाध्याय पहले पपउर को पावापुर से जोड़ते थे किन्तु 'पावा की पहचान तथा वैशाली-पावा मार्ग की खोज" पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वीकार किये हैं कि पडरौना ही पावा ज्ञात होता है। पपउर को पावा के रूप में मान्यता देने के विरुद्ध दो बातें मुख्य रूप से हमारे समक्ष आती हैं। प्रथम पपउर टोले के मध्य से पडरौना-रामकोला रेलवे लाइन निकली है। रेलवे लाइन के निर्माण के समय उत्खनन में कोई ऐसी पुरातात्त्विक सामग्री नहीं प्राप्त हो सकी जिससे पपउर टीले को पावा से सम्बद्ध किया जा सके। दूसरे, पपउर ग्राम से टोले पर जाने के लिए आज कोई मार्ग नहीं है। रामकोला से भी टीले पर जाने के लिए पगडण्डी अथवा रेलवे लाइन का सहारा लेना पड़ता है। प्राचीन काल में भी यदि कोई मार्ग रहा होता तो आधुनिक काल में भी वह किसी न किसी रूप में विद्यमान रहता। इस प्रकार मेरे विचार से पपउर को पावा के रूप में मान्यता देने का कोई ठोस आधार नहीं है। पावा : सठियांव-फाजिलनगर पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में पडरौना तहसील के अन्तर्गत सठियांव-फाजिलनगर स्थित है। यह कुशीनगर से १० मील दक्षिण-पूर्व १. डा० मोतीचन्द्र, सार्थवाह, पृ० १७, १८ । २. प्रेमी, पं० नाथूराम, जैन साहित्य का इतिहास, पृ० ४२४ । ३. सं० जोहरापुरकर, विद्याधर-तीर्थवन्दन संग्रह, पृ० १५७ । ४. उपाध्याय, पं० बलदेव-भगवान महावीर वैशाली की दिव्यविभूति, वैशाली -. अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ० २४१ । ५. युगयुगीन सरयूपारीण, पृ० ५९-७८ । ६. पं० बलदेव उपाध्याय के २२-२-८८ के पत्र के आधार पर। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002135
Book TitleMahavira Nirvan Bhumi Pava Ek Vimarsh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwati Prasad Khetan
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1992
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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