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________________ २५२ जैन योग का आलोचनात्मक अध्ययन वैदिक योगसूत्र, हरिशंकर जोशी, चौखम्बा प्रकाशन, बनारस, १९६७ वैशेषिक दर्शन, कणाद्, संपा० शंकरदत्त शर्मा, मुरादाबाद, सन् १९२४ (श) शाण्डिल्योपनिषद् ( १०८ उपनिषद्), संस० वा. ल. शास्त्री, प्रका० पांडुरंग जावजी, बम्बई, सन् १९३२ शन्तिसुधारस, अनु० मनसुखभाई की• मेहता, प्रका० भगवानदास म • मेहता, भावनगर, वी० सं० २४६२ . श्वेताश्वतरोपनिषद् (१०८ उपनिषद्), प्रका० पांडुरंग जावजी, बम्बई, ई० १९३२ शैवमत, डा० यदुवंशी, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, सन् १९५५ (ष) षट्खण्डागम ( खण्ड ४, पुस्तक ९), संपा. डा० हीरालाल जैन, शि० ल. जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय, अमरावती, ई० १९४९ षोडशक प्रकरण, हरिभद्र, जैनानन्द पुस्तकालय, गोपीपुरा, सूरत, वी० सं० २४६२ . (स) -सभाष्य तत्त्वार्थाधिगमसूत्र, उमास्वाति, मणिलाल रेवाशंकर झवेरी, बम्बई, १९३२ समवायांग, स्थानांगसूत्र, संपा० पं० दल सुखभाई मालवणिया, गुजरात विद्या पीठ, अहमदाबाद, १९५५ “समवायांग, संपा० मुनि कन्हैयालाल, आगम अनुयोग प्रकाशन, दिल्ली, सन् समयसार, कुन्दकुन्द, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५० समाधितंत्र, पूज्यपाद, संपा० जुगलकिशोर मुख्तार, वीर सेवा मंदिर ट्रस्ट सरसावा, सन् १९३९ समाधिमरणोत्साहदीपक, सकलकीर्ति, अनु० हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री, वीर सेवा मंदिर ट्रस्ट प्रकाशन, दिल्ली, सन् १९६४ सरमत का सरभंग सम्प्रदाय, धर्मेन्द्र शास्त्री, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, . पटना, सन् १९५९ किन्दपुराण (भा० १), राजा विनेंद्र स्ट्रीट, कलकत्ता, सन् १९६० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002123
Book TitleJain Yog ka Aalochanatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArhatdas Bandoba Dighe
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1981
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size13 MB
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