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________________ प्रस्तावना ( जैन-प्रबन्ध ) प्रसिद्ध पुरुषों के विभिन्न इतिवृत्त और जीवन-कथाएँ हैं जो ग्रन्थकार के समय से अधिक पहले की नहीं है। ऐसे इतिवृत्त व जीवन-कथाएँ विद्वज्जनों की सपरम्परा पर आधारित हैं जिनमें अधिकांश संग्रह और गद्य-वृत्तान्त हैं। अतः वे प्रामाणिक हैं, सरलता से समझ में आते हैं और बुद्धिमान लोगों को प्रसन्न करते हैं। जैन-प्रबन्ध को सर्वप्रथम स्पष्टतः परिभाषित करने का श्रेय राजशेखर सूरि को दिया जाना चाहिये । राजशेखर कहता है कि जैनप्रबन्ध उन महापुरुषों की जीवन-कथाएँ हैं, जो आर्यरक्षित (निधन ३० ई० ) के समय के बाद हुए हैं। राजशेखर ने स्वयं गुरुमुख से सुनकर चौबीस विस्तृत प्रबन्धों का संग्रह किया। उसके चौबीस प्रबन्धों में सात राजवर्ग के प्रबन्ध हैं और शेष आचार्यों, कवियों और और सामान्यजनों के हैं। कुछ आधुनिक विद्वानों ने जैन-प्रबन्धों को अर्द्ध ऐतिहासिक माना है क्योंकि ये ऐतिहासिक पुरुषों का वर्णन करते हुए इतिवृत्तों के संग्रह हैं, न कि वास्तविक जीवनियाँ या इतिहास । परन्तु कुछ आधुनिक विद्वान् जैन-प्रबन्धों को अधिकांशतः ऐतिहासिक मानते हैं क्योंकि ये प्रायः जीवनी सम्बन्धी ऐसे वर्णन हैं जो किसी प्रसिद्ध ऐतिहासिक सूरि, विद्वान् या राजपुरुष से सम्बन्धित होते हैं।' १. प्रचि, पृ० १, श्लोक ६ व ७ । २. "वक्तःप्रायेणचरितैः प्रबन्धश्च कार्यम् । तत्र .... ... आर्यरक्षितान्तानां वृत्तानि चरितानि उच्यन्ते । तत्पश्चात्कालभाविनां तु नराणां वृत्तानि प्रबन्धा इतिः ।" प्रको, पृ० १; दे० हेमजी, पृ० ६ भी। ३. "इदानीं वयं गुरुमुखश्रुतानां विस्तीर्णानां रसाढ्यानां चतुर्विंशतेः प्रबन्धानां संग्रहं कुर्वाणाः स्म ।" वही, पृ०४७; दे० लेक्सिको पृ० ७७ । ४. हिइलि, पृ० ५१९; विण्टरनित्स : जैहिइलि, पृ० १४; मेहन्दले ऐण्ड पुसाल्कर : देलही सल्तनेत, हिस्टरी ऐण्ड कल्चर ऑफ द इण्डियन पीपुल, जि० ६, बम्बई, १९६०, पृ. ४७४; पाहिनाइ, पृ० ३; थापर, रोमिला : भारत का इति., नयी दिल्ली, १९८३, पृ० २३८।। ५. आचार्य भिक्षु स्मृति ग्रन्थ, कलकत्ता, १९६१, तृतीय खण्ड, पृ० १५; जैनसो, पृ० १८; दे० पृ० ३२४ व पृ० ३२६ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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