SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 202
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तुलनात्मक अध्ययन [ १७७ (७) तारीख-ए-फीरोजशाही ( १३५७ ई० ) ___ आदि तुर्ककालीन भारत ( १२० ६-९० ई० ) के इतिहास में तबकात-ए- नासिरी की तरह तारीख-ए-फीरोजशाही भी मुख्य आधार है । बलबन तथा कैकुबाद का इतना विस्तृत उल्लेख तारीख-एफीरोजशाही के अतिरिक्त अन्यत्र नहीं मिलता।' बरनी ने भारत का इतिहास वहाँ से शुरू किया जहाँ तबकात ए-नासिरी ने इसको छोड़ा है। यद्यपि बरनी ने फीरोज के नाम पर अपने इस ग्रन्थ का नामकरण किया है तथापि उसमें फीरोज का वास्तविक इतिहास, ग्रन्थ का लगभग पाँचवाँ हिस्सा ही है। तारीख-ए-फीरोजशाही (१३५७ ई०। में बलबन के सिंहासनारोहण से लेकर फीरोज के शासन के छठे वर्ष तक का इतिहास है। जिस प्रकार राजशेखर ने लिखा है कि वह प्रबन्धकोश में उन वर्णनों का चवित-चर्वण नहीं करना चाहता है जो प्रबन्धचिन्तामणि में आ चुके हों, उसी प्रकार बरनी ने 'तारीख-ए-फीरोजशाही में उन विस्तृत बातों को स्थान नहीं दिया है जो तबकात ए-नासिरी में थी।" जैसे राजशेखर ने बप्पभट्टि और वस्तुपाल के सम्बन्ध में अति विस्तार से लिखा है वैसे बरनी ने अधिक समय और जगह बलबन और अलाउद्दीन खल्जी का इतिहास लिखने में व्यय किया है। राजशेखर की ही तरह बरनी भी सूचित करता है कि उसने अपने पूर्वजों, पिता-पितामह, से सुनी-सुनायी बातों के आधार पर बलबन का वृत्तान्त लिखा। सुल्तान जलालुद्दीन से फीरोज तक के वृत्तान्त - १. रिजवी, सै० अतहर अब्बास ( अनु० ) : आदि तुर्ककालीन भारत, अलीगढ़, १९५६, पृ० क । २. इलियट और डाउसन, तृतीय, (हि० अनु० ) शर्मा, मथुरालाल, पृ० ६२ । ३. हबीब, मो० : द पॉलिटिकल थेयरी ऑफ देलही सल्तनत, इलाहाबाद; पृ. १२४-१२५; दे० रिजवी, पूर्वनिर्दिष्ट, पृ० ११७; बरनी : तारीख ए-फीरोजशाही, पृ० २१-२२ । ४. वही, पृ० २५; इलियट और डाउसन ( हि० अनु० ), तृतीय, पृ० ६५ । १२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002121
Book TitlePrabandh kosha ka Aetihasik Vivechan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravesh Bharadwaj
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1995
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy