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________________ 11 १३४ : जैन और बौद्ध भिक्षुणी-संघ थेरी (स्थविरा) __ वृद्धा भिक्षुणी को ही थेरी कहा जाता था।' भिक्षा आदि की गवेषणा के समय भिक्षुणियों को थेरी के साथ ही जाने का निर्देश दिया गया था । इसके अतिरिक्त थेरी के क्या कर्त्तव्य एवं अधिकार थे, कोई सूचना नहीं प्राप्त होती। गणिणी (गणिनी) भिक्षुणी-संघ की संगठनात्मक व्यवस्था का यह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पद था । गणिनी अपने भिक्षुणियों के नैतिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहती थी । यात्रा या भिक्षा के लिए बाहर जाते समय गणिनी से अनुमति लेनी अनिवार्य थी। इसी प्रकार किसी भिक्षु से प्रश्न पूछने के समय भिक्षुणी को यह निर्देश दिया गया था कि वह गणनी को आगे करके ही प्रश्न आदि पूछे । गणिनी अपने गण की प्रधान होती थी । गणिनी को ही महत्तरिका कहा गया है। गणिनी पद पर अधिष्ठित होने के लिए योग्यता का क्या मापदण्ड था, इसका उल्लेख नहीं प्राप्त होता । दिगम्बर भिक्षुणी-संघ को संगठनात्मक व्यवस्था में थेरी तथा गणिनी -ये दोनों पद अत्यन्त उत्तरदायित्वपूर्ण थे। वे संघ के सभी नियमों की जानकार एवं प्रशासनिक योग्यता में अत्यन्त निपुण रहती रहीं होंगी। सम्भवतः श्वेताम्बर भिक्षुणी-संघ के प्रतिनी, गणिनी आदि पद की तरह इनके भी उसी प्रकार अधिकार एवं कर्तव्य रहे होंगे। मूलाचार आर्यिकाओं (भिक्षुणियों) के लिए एक गणधर की व्यवस्था करता है। गणधर को मर्यादोपदेशक तथा प्रतिक्रमणादि कार्यों को सम्पन्न कराने वाला आचार्य कहा गया है। यह पद अत्यन्त महत्त्वपूर्ण था तथा इस पद के संवाहक में कुछ विशिष्ट गुणों का होना आवश्यक माना गया था। प्रियधर्म (क्षमा आदि गुणों से युक्त), दृढ़ धर्म (धर्म में स्थिर), संविग्न (धर्मादिक कार्य में रुचि रखने वाला), परिशद्ध (अखण्डित आचरण वाला), संग्रह (दीक्षा, शिक्षा, व्याख्यान आदि में प्रवीण), तथा १. “स्थविराभिः वृद्धाभिः"--मूलाचार ४/१९४-टीका. २. वही, ४/१९२. ३. वही, ४।१७८. ४. "गणिनी तासां महत्तरिका प्रधानां"-वही, ४/१७८-टीका. "गणिनी महत्तरिकां"-वही, ४/१९२-टीका. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002086
Book TitleJain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArun Pratap Sinh
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1986
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size11 MB
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