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________________ षष्ठ अध्याय संगठनात्मक व्यवस्था एवं दण्ड प्रक्रिया जैन भिक्षुणी संघ की संगठनात्मक व्यवस्था प्राचीन आगम ग्रन्थों से जैन भिक्षुणी संघ की संगठनात्मक व्यवस्था का स्पष्ट रूप परिलक्षित नहीं होता है । इन ग्रन्थों से यह पता नहीं चलता कि भिक्षुणियों के लिए कौन-कौन से पद निर्धारित थे और उन पदों के आवश्यक कर्त्तव्य तथा अधिकार क्या थे ? आचारांग, ज्ञाताधर्मकथा तथा उपासकदशांग में भिक्खुणी (भक्षुणी) तथा निग्गन्थी ( निग्रन्थी) शब्दों का प्रयोग मिलता है, परन्तु इनसे संगठनात्मक व्यवस्था की कोई सूचना नहीं प्राप्त होती, क्योंकि यह एक सामान्य शब्द था, जो प्रत्येक प्रव्रजित नारी के लिए प्रयुक्त होता था । अन्तकृतदशांग में सिस्सिणी (शिशिनी) तथा अज्जा (आर्या) शब्द का प्रयोग किया गया है । सद्यः दीक्षित नारी को शिशिनी कहा गया है जो शिष्या का सूचक है, परन्तु वह शिशिनी के रूप में कब तक रहती थी तथा किन नियमों एवं व्रतों का पालन करती थी — स्पष्ट नहीं है । इसी प्रकार " अज्जा" शब्द का प्रयोग सद्यः प्रव्रजित नारी तथा प्रव्रज्या प्रदान करने वाली भिक्षुणी दोनों के लिए प्रयुक्त किया गया है । उदाहरणस्वरूप- पद्मावती को प्रव्रज्या प्रदान करने वाली यक्षिणी को "अज्जा" कहा गया है तथा पद्मावती को भी आर्या बनकर ईर्यासमिति का पालन करने वाला बताया गया है।' इससे यह स्पष्ट होता है कि "अज्जा" शब्द का प्रयोग दीक्षा के पश्चात् ही प्रयुक्त किया जाता था । परन्तु यह भी कोई विशिष्ट शब्द नहीं था, जिसके आधार पर भिक्षुणियों के पद निर्धारण का कोई क्रम निश्चित किया जा सके । सर्वप्रथम छेद सूत्रों (मुख्यतः बृहत्कल्पसूत्र, व्यवहार सूत्र ) से जैन भिक्षुणी - संघ की संगठनात्मक व्यवस्था की कुछ सूचना प्राप्त होती है । इन ग्रन्थों में भिक्षुणी, निर्ग्रन्थो, आर्या के अतिरिक्त पवत्तिणी ( प्रवर्तिनी) तथा गणावच्छेइणी ( गणावच्छेदिनी) शब्द का प्रयोग हुआ है । यद्यपि "पवत्तिणी" शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग समवायांग प्रकीर्णक में हुआ है, १. अन्तकृत दशांग, पंचम वर्ग । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002086
Book TitleJain aur Bauddh Bhikshuni Sangh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArun Pratap Sinh
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1986
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size11 MB
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