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________________ वंश परिचय [१३ सगतसिंह के पुत्र देवकरणसिंह हुए:-इनकी पत्नी चांदकँवर थी जो गाँव काला नाड़ा के रड़मलोत दुर्ग भाणजी की बेटी थी। देवकरणजी की १ बेटी सुगन कवर बांदरवाड़ा के सोनीगेरा अखेराजजी को ब्याही थी। देवकरणसिंह के चार पुत्र हुए। पहला जगतसिंहः-इनकी पहली पत्नी र्गोविन्द कुंवर जो गांव लांबा के कल्याणदासजी राठौड़ की बेटी थी। दूसरी पत्नी आनन्द कुंवर थी जो गांव पाटण के भाटी खुमानसिंह जी की बेटी थी। तीसरी पत्नी करमा कवर मेड़तणी, गाँव रामपुरा के राजसिंहजी की बेटी थी। जगतसिंहजी की एक बेटी:--गंगा कंवर गांव कोटड़ी के चांदावत रतनसिंहजी को ब्याही। देवकरणसिंहजी के दूसरे पुत्र राजसिंह हुए जिन्होंने गांव आगूंचा में अपनी जागीरी कायम की। देवकरणसिंहजी के तीसरे पुत्र पहाड़ोसिंह और चौथे पुत्र अनोपसिंह हुये जिनकी कोई सन्तान नहीं थी। दूसरे पुत्र राजसिंह की एक पत्नी गुलाबकवर गांव खेड़ा के चोहान रामसिंहजी की बेटी थी। दूसरी पत्नी गुलाब कुवर झाली गाँव कुण्डला के झाला जसवन्तसिंहजी की बेटी थी। राजसिंह की पहली बेटी रसकॅवर, पिथलपुरा के राठौड़ पृथ्वीसिंह को ब्याही। दूसरी बेटी फतह कँवर, सुमेरपुर के देवड़ा भवानीसिंह को ब्याही । राजसिंह के तीन पुत्र हुए१. खुशालसिंहः--आगूंचा गये २. सरदारसिंहः--श्रीनगर गये ३. जयसिंहः--जो संग्रामगढ़ गये। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001967
Book TitleJinvijay Jivan Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherMahatma Gandhi Smruti Mandir Bhilwada
Publication Year1971
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Biography
File Size11 MB
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