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________________ बंभ बहुजणं शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. शब्द पृष्ठ नं. फासुय १/५६९,५८९,५९१,५९३, | बालपंडितमरण २/१९३,१९५ | २/४८ ५९४,६०६,६०७,६२९,६३०,६४२,६४५, |बालपंडिय १/१७९; २/४१५ | बंभउत्त ६६८,६९४,७१५,७३७,७४२;२/१३२,३२७, बालभाव १/१३२; २/४६९ । बंभचग्यि ठाणं २/५५ ३२८,३२९,३३०,३३२,३३३,३३४ बालमरण २/१९३,१९४,१९५, | बंभचेर (ब्रह्मचर्य) १/७,१०३,१०५, फासुयविहार १/४८८ १९६,१९८ |१२९,१६२,२१२,३१८,३२१,३३२,४२७, फोडीकम्म २/१२८ |बालमरण पसंसा २/१९९ | ४३८,४५२,४७७;२/५९,१६६,४५७,४६२ बलगवेसिय १/७२६ बालवीरिय २/४१५ | बम्भचेर अट्ठारस पगारा बलदेव १/१६८,१७१ बालाभिराम १/४४७ बंभचेर अणुकूला वय १/३२३ बलमय २/२१९ | बाहिय बंभचेर अणुकूला यामा १/३२४ बलसंपण्णा १/१२२| बाहिरय २/२९३,३१५ | बंभचेर आराहणा फल १/३२३ बलहीणा १/१२२ | बिन्दुष्पमाण १/४८४ | बंभचेर आराहिय १/३२१ बलाबल २/४८ | बिम्बभूत | बंभचेर उप्पनि अणुप्पत्ति १/३२४ बलाया २/४६४ | बिल १/४८४ | बंभचेर गुती १/६२४ बहिद्ध १/४७८; २/२३ | बिल्ल पलासय १/६२१ | बंभचेरपराजिया २/४३४ बहियागाम २/३१२ | बिल्लसरडुय १/५८४ | बंभचेरपोसह २/१३१ बहियापोग्गलपक्खेव २/१३१ बीअसुहुम बंभचेरभग्ग १/३२१ बहिरत्त १/४४५ | बीओदग २/४४०|बंभचेर महब्बय १/३१६,४२७ बहिरंग २/३५० | बीजमालिय १/४१९ बंभचेर महिमा १/३१८,३१९ बहुउज्झिय धम्म १/५९७ | बीभावण २/२२४ | बंभचेर रक्खणोववाय १/३३३ २/३६२ | बीइय महन्वय १/२९१-३०० बंभचेरवास (धम्म) १/३३,४१,३२४,३२५ बहुदेवसिय १/६९६,६९७॥ १/२४२,२४३,२४९, बंभचेर विघातका १/३२२ बहुपडिपुण्णइंदिय २८५,५०३; २/४४० | बंभचेर सत्ततीस उवमाओ १/३१९,३२१ बहुपडिविरया २/१८६ | बीयबुद्धी बंभचेर समाहिठाणा १/३२५,३२६ बहुफासुय १/७३६,७३७,७३९ | बीयरूइ १/१२६ | बंभचेर समाहिय १/३२५ बहुमाण (ज्ञानाचार) १/५७,१०१-११० | बीयवीणिय १/४६१,४६२ | बंभचेर सहायगा १/३२३ बहुरय १/५७९ | बीयसुहुम १/२८६ बंभचेराणुकूलाजणा १/३२४ बहुवयण १/५२० | बुआवइत्ता बंभयारी १/३२५,३२८,३३३; २/१३६ बहुवयणविवक्खा १/५१४ बुद्ध १/१६७ | बंभलोग-लंतगाणं (देव) २/६३ बहुवय १/५१४ बुद्धजागरिया २/४५२|बंभलोय १/३२०; २/१७३ बहुसाहारणा १/१४६ | बुद्धी १/२२२ | बंभव बहुस्सुते पुरिसजात २/२४६,२७८ | बुद्धोवघाय १/८३ बंभवय १/३२९,५३८ बहुस्सुय १/८४,१०८,१०९| बुहहियए १/११६ बंभसंति (देवी) बहुसंजया २/१८६ | बुहे बंभी (लिपि) १/११ बहुसंपन्न २/८५ | बेइन्दियकाय | बोंडियसाला १/६३७ बादरसंपरायसरागसंजम २/१२/ बोधियसाला | भगवय (1) (भगवंत) १/२१२,२१८ बायर १/२१९; २/३६२ १/२२२ भगवंता २/४५२ बाल १/८५,८७,१५८,१६१,१७०,१८०, | बंध १/६१,१२५,१७५, भगंदल १/२५६,२५७,२५९-२७२,२७४, १८५,३३६,४३३,४३७,४४१,४५१,४५२, १९०,७५३; २/१२५ | २७५, ३४३,३४४,३४६,३४७,३४९,३५० ४५५,४७६,४९२,५०२,५०३,५०७; बंधण २/४६३ भट्टि (भर्ता-स्वामी) १/५०,५१ २/४१६,४२८,४५४,४६३,४६७,४७० बंधणविमुत्तिए परक्कम २/४६३ | भट्टिदारय बालजण १/१९५ बंधणुमुक्का भडखइया बालजीव १/२४९ । बंधमोक्ख १/१८० भत्तकह १/११३,११४ १/५२२ P-164 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001951
Book TitleDravyanuyoga Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year2004
Total Pages814
LanguagePrakrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_related_other_literature
File Size22 MB
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