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________________ निएण्णसो निण्णं निद्धणो निद्धं निनओ निप्पहो निप्पिहो निप्पुंसणं निप्फन्दा निष्फावो निप्फेसो निब्भरो निविडं निम्बो निम्मल निम्मल्लं निम्मोओ निरन्तरं निरवसेसं निरूविअं निलयाए निल्लज्ज निल्लज्जो निल्लज्जिमा निवडइ निवत्तओ निवत्तणं निविड निवुतं निवो निव्वत्तओ निव्वअं निव्वुई निब्बुओ निसंसो निसढो निसमण निसाअरो १-२५४। पु (निर्णसः) निश्चय, अवधारण, फैसला; १ - ९३॥ वि (निम्नम् ) नीचे, अधस्; २-४२। वि ( निर्धनः ) धन रहित, अकिंचन; २-९० । (स्निग्धम् ) स्नेह, रस - विशेष; स्नेह युक्त, न चिकना; २ - १०९ । पु ( निनदः ) १ - १८० । वि (निष्प्रभः) निस्तेज, फीका, २-५३ । वि (निस्पृहः) स्पृहा रहित, निर्मम २-५३ । न (निस्युसनम्) पोछना, अभिमर्दन, मार्जन २-५३१ वि (निष्पन्दा) चलन रहित, स्थिर, २ - २११ । पु (निष्पावः ) धान्य- विशेष; २-५३ । पु (निष्पेषः) पेषण, पीसना, संघर्ष २-५३ वि ( निर्भर: ) पूर्ण, भरपूर, व्यापक, २-९०१ १ २०२ ॥ वि (निविडम् ) सान्द्र, धना, गाढ पु (निम्बः) नीम का पेड़ ; १ - २३० । वि ( निर्मल) मल रहित, विशुद्ध; २- २११ । न (निर्माल्यम्) निर्मलत्व; १-३८॥ पु (निर्मोकः) कञ्चूक, सर्प की त्वचा, २ १८२ । " फैलने वाला; अ ( निरन्तरम्) सदा, लगातार १ - १४ । न वि (निरवशेषम् ) सम्पूर्ण; १ - १४ । वि (निरूपितम् ) देखा हुआ; प्रतिपादित, कहा हुआ; २-४० स्त्री (निलयायाः) स्थान वाली का; १ - ४२ । वि निर्लज्ज) लज्जा रहित; २-१९७ वि ( निर्लज्ज :) लज्जा रहित; २- २००१ पु स्त्री (निर्लज्जत्वम्) निर्लजपन, बैशर्मी; १ - ३५ । अक़ (निपतति ) वह गिरता है; १-९४ । लोटने वाला, वि (निवर्तकः) वापिस आने वाला, वापिस करने वाला; २-३०१ न (निवर्तनम् ) निवृत्ति; जहां रास्ता बंद होता हो वह स्थान; २ ३०१ वि (निविडम् ) सान्द्र, घना, गाढ़; १ - २०२ । वि (निवृत्तम्) निवृत्त, हटा हुआ, प्रवृति-विमुख; १-१३२। पु (नृपः ) राजा, नरेश; १ - १२८ । वि (निवर्तकः) निष्पन्न करने वाला, बनाने वाला; २-३०। वि ( निर्वृतम्) निर्वृति प्राप्त १-१३१ । स्त्री (निर्वृतिः) निर्वाण, मोक्ष, मुक्ति; १ - १३१ । वि ( निर्वृतः ) निर्वृत्ति - प्राप्तः १ - २०९ । (नृशंसः) क्रूर, निर्दय; १ - १२८, २६० । पु (निषध:) निषध देश का राजा, स्वर- विशेष, देश - विशेष, १ - २२६ । न (निशमन) श्रवण, आकर्षन १ - २६९ । पु (निशाकरः ) चन्द्रमा १-८: (निशाचरः ) राक्षस आदि। Jain Education International - निसायरो निसिअरो निसीढो निसीहो निस्सह निस्साहाई निहआ निहट्टं निहसो निहि-निही निहिओ निहुअं निहेलणं नी नीचअं नीडं नीमी नीमो नीलुप्पल नीलुप्पलं नीवी नीवा नीसरइ नीसहो नीसह नीसामन्नेहिं नीसासूसासा नीसासो निसित्ता नीसो 3 नुउरं नूण- नूणं नेउरं नेडुं नेड नेत्ता नेत्ताई परिशिष्ट - भाग : 399 पु (निशाचरः) रात्रि में चलने वाला राक्षस आदि; १-७२। पु (निशिचरः) रात्रि में चलने वाले राक्षस आदि; १-८, ७२। पु (निशीथः) मध्य रात्रि १२१६ | पु (निशीध:) मध्यरात्रि, प्रकाश का अभाव; १-२१६। विन (निःसहम् ) असहनीय, अशक्त; १-१३| विन (निःसहानि) अशक्त १-९३१ वि (निहत) मारा हुआ; १-१८०१ वि ( निघृष्ट) घिसा हुआ; २- १७४ | पु (निकष :) कसौटी का पत्थर; १ - १८६, २६० / स्त्री (निधि) खजाना; १-३५। निहित्तो वि ( निहित ) स्थापित रखा हुआ; २ ९९॥ वि (निवृतम्) उपशान्त, गुप्त, प्रच्छन्न १-१३१। देशज न (निलयः ) गृह घर, मकान् २ १७४ "आ" उपसर्ग के साथ में आणिअं वि (आनीतम्) लाया हुआ; १ - १०१ । " उप" उपसर्ग के साथ में उवणिअं वि (उपनीतम्) ले जाया हुआ; १-१०१ । उवणिओ वि. (उपनीतः) ले जाया हुआ; १ - १०१ । अ (नीचे) नीचा, अर्धा स्थितः १- १५४॥ (नीडम्) घोंसला १-१०६, २०२२ ९९। स्त्री (नीवी) मूल-धन, पूंजी, नाड़ा, इजार बन्द १- २५९॥ पु (नीपः) कदम्ब का पेड़ १-२३४। न (नीलोत्पल) नील रंग का कमल २- १८२ ॥ (नीलोत्पलम्) नील रंग का कमल; १८४। स्त्री (नीवी) मूल-धन, पूंजी, नाड़ा, इजार बन्द; १-२५९। पु (नीपः) कदम्ब का पेड़ १-२३४। अक (निसंरति) निकलता है; १-९३। विषु (निस्सहः) अशक्त १-४३१ न (निर्- सहम्) असहनीय १-१३१ वि ( निस्सामान्यैः) असाधारणों से; २ - २१२ । पुं (निश्वासोच्छ्वासो) श्वासोश्वास १-१०। वि (निश्वासः) निःश्वास लेने वाला; १-९३; २-९२। वि (निषिक्तः) अत्यन्त सिक्त; गीला १-४३। पु (निःस्वः) १४३॥ अ (नु) निश्चय अर्थक अव्यय अव्यय २- २०४ ॥ न (नूपुरम् ) स्त्री के पांव का आभूषण; १ - १२३ । अ (नूनम् ) निश्चय अर्थक, हेतु अर्धक अव्ययः १-२९। न (नूपुरम् ) स्त्री के पांव का आभूषण; १ - १२३ । न. (नीडम्) घोंसला २- ९९ । पुंन (नेत्राणि) आंखे १-२३। न (नेत्राणि) आंखे १-३३। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001942
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorSuresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year2006
Total Pages454
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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