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________________ ( ११) ५०२ ५०७ क्रमांक विषय पृष्ठ क्रमांक विषय पृष्ठ २७६ सावधान रहो ४९३ | २६७ प्रद्युम्न का विमाता को ठगना ५३९ २७७ अर्जुन द्वारा तलतालव और विद्युन्माली २६८ प्रद्युम्न अब सगी माता को ठगता है ५४१ का दमन ४९६ / २९९ प्रद्युम्न ने दासियों को भी मूंड दी ५४२ २७८ कमल-पुष्प के चक्कर में बन्दी ५०० ३०० सत्यभामा श्रीकृष्ण पर बिगड़ती है ५४३ २७६ कुन्ती और द्रौपदी ने धर्म का सहारा ३०१ प्रद्युम्न की पिता को चुनौती और युद्ध ५४४ लिया ३०२ श म्ब और प्रद्युम्न का विवाह ५४५ २८० पाण्डवों को मारने दुर्योधन चला और ५०४ ३०३ सपत्नियों की खटपट बन्दी बना ३०४ प्रद्युम्न का वैदर्मी के साथ लग्न ५४७ २८१ दुर्योधन की पत्नी पाण्डवों की शरण में ५०६ ३०५ श्रीकृष्ण और जाम्बवती भेदिये बने ५५० २८२ अर्जुन ने दुर्योधन को छडाया ३०६ सत्यभामा फिर छली गई ५५१ २८३ लज्जित दुर्योधन की लज्जा कर्ण ५०९ ३०७ महाभारत युद्ध का निमित्त ५५४ मिटाता है ३०८ जरासंध का युद्ध के लिए प्रयाण और ५५५ २८४ पाण्डवों पर भयंकर विपत्ति अपशकुन २८५ विराट नगर में अज्ञात-वास ५१५ ३०९ श्रीकृष्ण की सेना भी सीमा पर पहुँची ५५७ ३१० मन्त्रियों का परामर्श ठुकराया २८६ कामान्ध कीचक का वध ५१८ ५५९ २८७ गो-वर्ग पर डाका और पाण्डव-प्राकट्य ५२२ ३११ युद्ध की पूर्व रचना ५६० ३१२ युद्ध वर्णन ५६२ २८८ विराट द्वारा पाण्डवों का अभिनन्दन ५२७ ३१३ कर्ण का वध ५६४ २८९ अभिमन्यु-उत्तरा परिणय ५२८ ३१४ दुर्योधन का विनाश ५६५ २६० पति को वश करने की कला ५२८ ३१५ सेनापति मारा गया २९१ दुर्योधन को सन्देश ५३१ ३१६ शिशुपाल सेनापति बना ५६७ २९२ धृतराष्ट्र का युधिष्ठिर को सन्देश ५३१ ३१७ जरासंध का मरण और युद्ध समाप्त ५६९ २६३ दुर्योधन को धृतराष्ट्र और विदुर की ५३२ ३१८ विजयोत्सव और त्रिखण्ड साधना ५७२ हित-शिक्षा ३१६ सागरचन्द कमलामेला उपाख्यान । २९४ श्रीकृष्ण की मध्यस्थता ५३४ ३२० अनिरुद्ध-उषा विवाह २९५ प्रद्युम्न वृत्तांत ३२१ नेमिकुमार का बल ५७७ २९६ प्रद्युम्न का कौतुक के साथ द्वारिका ३३७ ३२२ अरिष्टनेमि को महादेवियों ने मनाया ५७९ में प्रवेश | ३२३ अरिष्टनेमि का लग्नोत्सव ५८४ ५७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001916
Book TitleTirthankar Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1988
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Literature, & Biography
File Size14 MB
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