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________________ २-विशेष स्थानोंका परिचय अजीजपुर-ब्राह्मणोंका गाँव / आगरेसे 10 मील उत्तर पश्चिम / अब भी यहाँपर ब्राह्मणोंकी बस्ती है। __ अमरसर-जयपुरसे उत्तरकी ओर 24 मील और गोविन्दगढ़ स्टेशनसे 15 मील / शेखावतोंके आदिपुरुष राव शेखाजी वि० सं० 1455 के लगभरा. यहाँ गढ़ बनाकर रहे ये / श्वेताम्बर सम्प्रदायके खरतरगच्छका यह एक विशिष्ट स्थान था / यहाँ इस गच्छके जिनकुशलसूरिकी चरण पादुका वि० सं० 1653 में और कनकसोमकी 1662 में स्थापित की गई थीं। कनकसोमने अपनी 'आर्द्रकुमार धमाल' की रचना यहींपर की थी। साधुकीर्ति, समयसुन्दर, विमलकीर्ति, सूरचन्द आदि और भी कई विद्वानोंकी कई छोटी बड़ी रचनायें (सं० 1638 से 1680 तक की) मिली हैं जो इसी अमरसरमें रची गई थीं। __ अर्गलपुर-यह आगरेका संस्कृत रूप है / संस्कृत-लेखकोंने अक्सर इसका प्रयोग किया है / बहुतोंने इसे उग्रसेनपुर भी लिखा है। अहिछत्ता-बरेली जिलेका रामनगर / जैनोंका प्रसिद्ध अहिच्छत्र तीर्थ / इटावा-उत्तर प्रदेशके एक जिलेका मुख्य नगर / इलाहाबास-इलाहाबाद / जहागीरनामेमें सर्वत्र इलाहाबास ही लिखा है। साधु सौभाग्यविजयजीने अपनी तीर्थमालामें भी इलाहाबास लिखा है / कासिवार देश-काशी जिस प्रदेशमें थी, उसका नाम / __ कड़ा मानिकपुर-इलाहाबाद जिलेका इसी नामका कसबा / चिलेका नाम भी पहले यही था। कोररा या कुर्रा-आगरेसे लगभग 20 मील दूर कुर्रा चित्तरपुर नामका गाँव / कोल, कौल-अलीगढ़का पुराना नाम / अलीगढ़की तहसीलका नाम अब भी कौल है। खैराबाद-सीतापुर ( अवध ) जिले में लखनऊसे 40 मील / 1 देखा, जैनसत्यप्रकाश 8, अंक 3 में श्री अगरचन्द नाहटाका लेख / 2 श्रीआगराख्यो आदिनगरे पुराणपुरे श्रिया आगररूपे नगरे वा उग्रसेनाहये, उग्रसेन कंसपिताऽत्र प्रागुवासेति प्रवासात् !--युक्तिप्रबोध पृ० 6 / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001851
Book TitleArddha Kathanak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBanarasidas
PublisherAkhil Bharatiya Jain Yuva Federation
Publication Year1987
Total Pages184
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Biography
File Size13 MB
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