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________________ मूवमेन्ट डिओर्डर्स और डिस्टोनिया .: (Movement disorders & dystonia) मनुष्य के शरीर का हलनचलन और गतिविधियाँ जो कि अधिकांश इच्छावर्ती होती है, वे मुख्यतः तीन प्रकार के ज्ञानतंतुओं के समूह पर आधारित है । जिसे तंत्र या System कह सकते है । (१) पीरामिडल सिस्टम (२) पेरापीरामिडल सिस्टम (३) एक्स्ट्रापीरामिडल सिस्टम इसमें पहला नम्बर मुख्य है । इसकी कार्यवाही में अवरोघ हो तो हम उसे पक्षाघात कहते है अर्थात् जहाँ नसों की कार्यवाही बिगड़ जाती है, उतना अंग काम करना बंद कर देता है और उसमें धीरे धीरे कड़कपन (स्पास्टिसिटी) पैदा होता है। (१) यह पिरामिडल सिस्टम मस्तिष्क के फन्टल लोब के पिछले हिस्से में और कुछ अंश में पेराईटल लोब के अगले हिस्से में आने वाले कोषों - ऊपर के याने अपर न्यूरोन कोष के समूह से पैदा हो कर, कोरोना रेडिएटा बनाने के पश्चात् बेझल गेन्गलीआ के बीच आनेवाली इन्टर्नल केप्स्यूल के पिछले भाग से फैलकर सेरिब्रल पीडकल में से नीचे उतरकर पौरामिडल ट्रेक्ट्स बनाती है । बाद में दोनों तरफ के मस्तिष्क की ट्रेक्ट क्रोस करके अपनी सामने की तरफ मेड्युला में उतर कर कोटिर्को स्पाइनल ट्रेक्ट नाम से करोड़रज्जु में नीचे उतरती है और करोड़रज्जु में आए हुए स्पानइल कोषों को मिलती है । यह स्पाइनल कोषों को लोअर-नीचे के मोटरन्यूरोन कहते है । यह कोष मस्तिष्क से नीचे आती आज्ञा-सूचनाओं को स्पाइनल चेताओं द्वारा स्नायुओं को पहुंचाती है और परिणाम स्वरूप हलनचलन का उद्भव होता है । एक सेकन्ड के क्षणिक अंश जीतने समय में ये समग्र प्रक्रिया संपन्न होती है। मस्तिष्क का फन्टल लोब यह सिस्टम का मुख्य भाग है । साथ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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