SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 115
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १०६ Jain Education International लेख कर्णाटक में जैन शिल्पकला का विकास १२वीं शताब्दी की एक तीर्थमाला सौराष्ट्र का प्राचीन जैन तीर्थ तालध्वज गिरि जैनागम-पदानुक्रम (क्रमश:) २७ २७ अंक १० १० ई० सन् १९७६ १९७६ १९७६ पृष्ठ १४-१८ १९-२३ २४-२८ २७ १९७६ २७ २७ For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री शिवकुमार नामदेव श्री अगरचन्द नाहटा श्री भूरचन्द जैन डॉ० मोहन लाल मेहता एवं श्री जमनालाल जैन श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन डॉ० सुरेन्द्रकुमार आर्य आचार्य राजकुमार जैन डॉ० शान्ति जैन डॉ० मोहनलाल मेहता एवं श्री जमनालाल जैन श्री कन्हैयालाल सरावगी डॉ० शिवकुमार नामदेव श्री कमलेशकुमार जैन श्री रमेशमुनि शास्त्री डॉ० मोहनलाल मेहता एवं भारतीय चिन्तन में मोक्ष एवं मोक्षमार्ग (क्रमश:) भारतीय भाषा और अपभ्रंश झारड़ा की जैन देवियों की अप्रकाशित प्रतिमाएँ जैन विद्वानों के कुछ हिन्दी वैद्यक ग्रन्थ निर्वाण : उपनिषद् से जैन दर्शन तक जैनागम पदानुक्रम (क्रमश:) २७ २९-३१ ३-८ ९-१२ १३-१४ १५-२४ २५-२९ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ २७ ११ २७ है २७ २७ २७ २७ ११ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ १९७६ भाषा और साहित्य भारत में प्राचीन जैन गुफाएँ रस-विवेचन : अनुयोगद्वारसूत्र में कुन्दकुन्दाचार्य की साहित्यिक उद्भावनाएँ जैनागम पदानुक्रम ३०-३२ ३-१४ १५-२२ २३-२९ ३०-३२ २७ २७ ११ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy