SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पृष्टाक ५८ विषयानुक्रमणिका] ग्रन्थविषय ८. वास्तुमण्डल विन्यास लक्षण मासादवास्तु मण्डल-- वास्तु मण्डल चक्रम् ६४ पदे निर्वाणकलिकोक्त गृहवास्तु मण्डल वास्तुमण्डल चक्रम् ८१ पदे-निर्वाणकलिकोक्त वास्तुमंण्डलचक्रम् ६४ पदे-बृहत्संहितोक्त वास्तुमण्डल चक्रम् ८१ पदे-बृहत्संहितोक्त वास्तुमण्डलचक्रम् ८१ पदे-शिल्पशास्त्रोक्त ९-प्रासाद लक्षण प्रासंगिकं प्रासादोत्पत्तिनो इतिहास हस्तलक्षण मानपरिभाषा-कोष्टकम् वास्तुक्षेत्र विचार वास्तुपद देवता ४९ पदात्मक मरीचिगणवास्तु (जीर्णोद्धारे) ६४ पद भद्रक वास्तु--(नगर निवेशेपू०) ८१ पद कामद वास्तु (गृहादि निवेशे) १०० पद भद्रवास्तु (प्रासाद-मण्डपादिनिवेशे) वास्तुममोपमम निर्णय वास्तुपरिभ्रमण वास्तुदोष बायाधङ्ग विचार वास्तु भूमि कोना हाथे मापवी ? ७७ ७८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001722
Book TitleKalyan Kalika Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1987
Total Pages702
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy