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________________ ४२४ द्वार १०१-१०२ होते हैं, वैसे भावपूर्वक क्षुधा को शान्त करने हेतु भोजन करे । ७. पात्रप्रक्षालन — भोजन करने के बाद स्वच्छ जल से आगमसम्मत तीन कल्प करते हुए पात्रों का प्रक्षालन करे अर्थात् तीन बार पात्रों को स्वच्छ जल से धोये । पश्चात् एकासन का पच्चक्खाण होने पर भी अप्रमत्तता के लिये तथा अधिक आगार वाले एकासन के पच्चक्खाण का संक्षेप करने के लिये तिविहार आदि का पच्चक्खाण करे । ८. विचार-विचार अर्थात् संज्ञा - ठल्ले आदि जाना। आगामी द्वार में बताई गई विधि के अनुसार ठल्ला - मात्रा आदि का विसर्जन करना । ९. स्थंडिल — स्थंडिल अर्थात् जीवरहित अचित्त भूमि, जहाँ जाने में दूसरों को किसी प्रकार की बाधा न हो । जघन्यतः एक हाथ प्रमाण स्थंडिल भूमि की पडिलेहण करे । स्थंडिल भूमि के २७ भेद हैं । यथा— मात्रा करने योग्य वसति ( उपाश्रय) के मध्य के ६ स्थंडिल, उपाश्रय के बाहर के ६ स्थंडिल = १२ स्थंडिल मात्रा के लिये। इसी प्रकार १२ स्थंडिल ठल्ला के लिये । ३ स्थंडिल भूमि काल ग्रहण की। कुल मिलाकर १२+१२+३ = २७ स्थंडिल भूमि है 1 १०. आवश्यक -- विधिपूर्वक आवश्यक अर्थात् प्रतिक्रमण करना । आदि शब्द से कालग्रहण आदि करना । इस प्रकार प्रतिदिन करने योग्य, 'इच्छाकार' आदि दशविध समाचारी से भिन्न 'प्रतिलेखना' आदि दशविध समाचारी का संक्षेप में वर्णन किया गया । विस्तार से जानने के इच्छुक आत्मा 'पंचवस्तु' का द्वितीय द्वार देखें || ७६८ ॥ १०२ द्वार : भव-निर्ग्रन्थत्व उवसमसेणिचउक्कं जायइ जीवस्स आभवं नूणं । ता पुण दो एगभवे खवगस्सेणी पुणो एगा ॥ ७६९ ॥ -गाथार्थ संसारचक्र में जीव को पृथक्-पृथक् भव में चार बार उपशम श्रेणि प्राप्त होती है। एक भव में दो बार प्राप्त होती है। क्षपक श्रेणि तो एक भव में एक ही बार मिलती है ।।७६९ ।। -विवेचन संसार में रहते हुए एक जीव उपशम श्रेणी ४ बार कर सकता है । संसार में रहते हुए एक जीव क्षपक श्रेणी १ बार कर सकता है । एक जीव एक भव में उपशम श्रेणी २ बार कर सकता है । एक जीव एक भव में क्षपक श्रेणी १ बार कर सकता है। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001716
Book TitlePravachana Saroddhar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1999
Total Pages504
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size8 MB
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