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________________ [ चतुर्थ -- उत्तम सुगन्धित पुष्प, धूप, सभी प्रकार की सुगन्धित औषधियों, विभिन्न प्रकार के रसों एवं जलों (यथा • इक्षुरस, घी, दूध इत्यादि) से जिनप्रतिमा को स्नान कराना, सुगन्धित चन्दन इत्यादि का विलेपन करना, उत्तम सुगन्धित पुष्पों की माला, नैवेद्य, दीपक, सरसों, दही, अक्षत (चावल), गोरोचन तथा दूसरी मङ्गलभूत वस्तुएँ, सोना, मोती, मणि आदि की विविध मालाएँ आदि द्रव्यों से अपनी समृद्धि के अनुसार जिनपूजा करनी चाहिए ।। १४-१५ ।। ६२ पञ्चाशकप्रकरणम् उत्तमद्रव्यों से पूजा करने का कारण पवरेहिं साहणेहिं पायं भावोऽवि जायए पवरो । णय अण्णो उवओगो एएसि सयाण लट्ठयरो ।। १६ ।। प्रवरैः साधनैः प्रायः भावोऽपि जायते प्रवरः । न च अन्य उपयोग एतेषां सतां लष्टतरः ।। १६ ।। उत्तम द्रव्यों (साधनों) से पूजा करने से भाव भी प्राय: उत्तम होता है। ऐसा भी होता है कि किसी क्लिष्ट कर्म वाले व्यक्ति का भाव उत्तम द्रव्यों से भी उत्तम नहीं होता है और किसी भाग्यशाली जीव का उत्तम द्रव्यों के बिना भी उत्तम भाव हो जाता है। पुण्योदय से मिली उत्तम वस्तुओं का उपयोग जिनपूजा के अतिरिक्त अन्यत्र कहाँ अच्छा हो सकेगा ।। १६ ।। प्रस्तुत विषय का समर्थन इहलोयपारलोइयकज्जाणं पारलोइयं अहिगं । तंपि हु भावपहाणं सोऽवि य इज्जगमोति ।। १७ ।। इहलोक-पारलौकिककार्याणां पारलौकिकमधिकम् । तदपि खलु भावप्रधानं सोऽपि च इतिकार्यगम्य इति ।। १७ ।। इहलौकिक और पारलौकिक कार्यों में पारलौकिक कार्य प्रधान होता है, क्योंकि इहलौकिक कार्य नहीं करने से जो अनर्थ होता है, उससे कहीं अधिक अनर्थ पारलौकिक कार्यों को नहीं करने से होता है। वह पारलौकिक कार्य भावप्रधान होता है। भावरहित पारलौकिक कार्य लाभदायी नहीं होता है। उत्तम भाव उत्पन्न करने के लिए उत्तम साधन होने चाहिए । जिनपूजा पारलौकिक कार्य है, अतः जिनपूजा में उत्तम साधनों के उपयोग का सर्वोत्तम स्थान है ।। १७ ।। ता नियविहवणुरूवं विसिट्ठपुप्फाइएहिं जिणपूजा । कायव्वा बुद्धिमया तम्मी बहुमाणसारा Jain Education International For Private & Personal Use Only य ।। १८ ।। www.jainelibrary.org
SR No.001701
Book TitlePanchashak Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorSagarmal Jain, Kamleshkumar Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Religion, & Ritual
File Size24 MB
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