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________________ 90 / साध्वी श्री प्रियदिव्यांजनाश्री १०. आभरण-विधि ११. धूप-विधि १२. भोजन-विधि या पेय-विधि १३. भक्ष्य-विधि १४. ओदन-विधि १५. सूप-विधि १६. घृत-विधि १७. शाक-विधि १८. माधुर्य-विधि १६. जीमण-विधि २०. पानी-विधि २१. मुखवास-विधि। इसमें दस प्रकार के अन्नपानादि की भी मर्यादा करने का उल्लेख किया गया है। श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र में द्रव्य-परिमाण की संख्या छब्बीस बताई गई है, जिसमें से २१ तो उपर्युक्त ही हैं एवं शेष पाँच निम्न हैं- १. वाहन २. उपानह ३. शय्यासन ४. सचित्त द्रव्य ५. द्रव्य। इसके पाँच अतिचार :१.मर्यादा से अतिरिक्त सचित्त आहार करना। २.सचित्त-अचित्त, ऐसी मिश्र वस्तु का आहार करना। ३.बिना पका हुआ आहार करना। ४.पूरी तरह नहीं पका हुआ आहार करना। ५.तुच्छ औषधिभक्षण- जो वस्तु कम खाई जाए और अधिक मात्रा में बाहर डाली जाए, ऐसी वस्तु का सेवन करना, जैसे- सीताफल, आदि। उपासकदशा” में यह भी उल्लेखित है कि गृहस्थ उपासक को किन साधनों के द्वारा अपनी आजीविका का उपार्जन करना चाहिए एवं किन साधनों से आजीविका का उपार्जन नहीं करना चाहिए। इसमें पन्द्रह प्रकार के व्यवसायों को गृहस्थ उपासक के लिए निषिद्ध बताया गया है, वे निम्न हैं- १. अंगार कर्म २. वन-कर्म ३. शकट-कर्म ४. भाटक-कर्म ५. स्फोटक-कर्म ६. दन्त-वाणिज्य ७. लाक्षा-वाणिज्य ८. रस-वाणिज्य ६. विष-वाणिज्य १०. केश-वाणिज्य ११. यन्त्रपीड़न-कर्म १२. निलांछन-कर्म १३. दावाग्निदापन १४. सर-द्रह-तडागशोषन-कर्म और १५. असतीजन-पोषण-कर्म इस प्रकार ये पन्द्रह कर्मादानरूप पन्द्रह व्यवसाय श्रावक के लिए मन-वचन-काया व कृत-कारित-अनुमोदित रूप से सर्वथा त्याज्य हैं। ८. अनर्थदण्ड-विमरण-व्रत :- आचार्य अभयदेव ने अनर्थदण्ड के सम्बन्ध में चिन्तन करते हुए लिखा है कि अर्थ का अभिप्राय प्रयोजन है। गृहस्थ अपने खेत, 97 उपासकदशा १/३८. १७ अर्थ प्रयोजनम्! गृहस्थस्य क्षेत्र-वास्तु धन-धान्य शरीर परिपालनादि विषयं, तदर्थे आरम्भे भृतोपमर्दोऽर्थदण्डः। दण्डो निग्रहो, यतना, विनाश इति पर्यायाः। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001677
Book TitleJain Dharma me Aradhana ka Swaroop
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadivyanjanashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Worship
File Size9 MB
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