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________________ दोहासूची २-२ 257 261 60 227 232 237 139 229 137 30 228 236 जीव म जाणहि जीव वहंतहं णरय जीवहं कम्मु अणाइ जीवहं तिहुयण जीवहं दसणु णाणु जीवहं भेउ जि जीवहं मोक्खहं हेउ जीवह लक्खणु जीवहं सो पर जीवाजीव म जीवा सयल वि जे जाया झाणग्गियएं जे जिलिंगु धरेवि जेण कसाय हवंति जेण ण चिण्णउ जेंण णि जणि जेण सरूवि झाइयइ जे णियबोहजे दिट्ठा सूरुग्गमणि जें दिळें तुटुंति जे परमप्पपयासह जे परमप्पपयासु जे परमप्प भत्तियर जे परमप्पु णियंति जे भवदुक्खहं बीहिया जेम सहावि णिम्मलउ जे रयणत्तउ जे सरसिं संतुट्ठजहउ जज्जरु णरयजेहउ णिम्मलु जो अणुमेत्तु जो आयासइ मणु जोइज्जइति जोइय अप्पें जोइय चिति म जो णियदसणजोइय णियमणि जोइय णेह परिच्चयहि 222 171 270 127 311 54 266 27 345 343 347 अ. दो. २-१२३ जोइय दुम्मइ कवुण ५-१२७ जोइय देहु १-५९ जोइय देहु २-९६ जोइय मिल्लहि २-१०१ जोइय मोक्खु वि २-१०६ जोइय मोहु परिच्चयहि २-१२ जोइय लोहु परिच्चयहि २-९८ जोइय विसमी जोय२-१० जोइय विदहिं १-३० जोइय सयलु वि २-९७ जो जाणइ सो १-१ जो जिउ हेउ जो जिण केवलणाण२-४२ जो णवि मण्णइ २ १३५ जो णवि मण्णइ १-१२३*३ जो णियकहिं २-१७३ जो णियभाउ ण १-५३ जोणिलक्खई २-१३२ जो परमत्थे १-२७ जो परमप्पउ परम२-२०६ जो परमप्पा णाणमउ २-२०४ २-२०८ जो भत्तउ रयणत्तयह जो भत्तउ रयणत्तयह २-२०७ जो समभावपरिट्ठियह २-१७७ जो समभावहं २-३२ झाणे कम्मक्खउ २-१११२४ ण वि उप्पज्जइ २-१४९ णाणवियक्खणु सुद्धमणु णाणविहीणहं २-८१ णाणिय णाणिउ २-१६४ गाणि मुएप्पिणु भाउ १-१०९ णाणिहिं मूढहं णाणु पयासहि २-१८७ णासविणिग्गउ सासडा २-५९ णिच्चु णिरंजणु १-११९ णिठ्ठरवयणु सुणेवि २-११५ णिम्मलफलिहहं अ. दो. 309 २-१७१ 288 २-१५१ 289 २-१५२ 308 २-१७० 129 242 २-१११ 247 २-११३ 272 २-१३७ 39 १-३९ 263 २-१२९ 47 TKM-१-४६२१ 40१-४० 335 २-१९७ 185 २-५५ २-१०५ 45 18 १-१८ 256 २-१२२ 37 १-३७ 338 २-२०० 313 २-१७५ 158 २-३१ 226 २-९५ १-३५ 240 २-१०९ 339 २-२०१ 70 १-६८ 318 २-२०९ 204 २-७४ 110 १-१०८ 177 २-४७ 217 २-८६ 106 १-१०४ 300 २-१६२ १-१७ २-१८४ 314 २-१७६ 346 35 315 159 245 286 26 212 302 111 101 325 17 189 121 322 249 २-११ परिच्चयहि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001524
Book TitleParmatmaprakash
Original Sutra AuthorYogindudev
AuthorA N Upadhye
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1988
Total Pages182
LanguagePrakrit, Apabhramsha, English, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Spiritual
File Size13 MB
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