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________________ 260 त्राहिक १७७, २०-२१-२४-२५ रोपो (१) मजिष्ठत्राहिकानि=मजीठना रोपा १) दण्डालक ५९, १४-२०-२१ सोनीनी एक जात (2) दशार्धपूजा ३८, ७-८ प्रहार करवा के थूकीने अपमान करवु (?) (अपमान करवा माटे माथा उपर "दशार्धपूजा" कर्यानी वात छे.) निछारक १३७ -२६ निर्गमन-द्वार. राज. नछारे दिया' एटले घरने बारणेरा खेला दीवा.(कुशील स्त्री घरमा 'निछारक मां जतां पण बीए. ज्यारे नदीना खूणाखांचरा पण जाणे एवी वात छे) पतीयानकाः २४०, २३-२५) पतीआनकाः २७२, १-७ । जेमने जमीनमा भाग छे के जमीन के मन्दिर उपर पर परागत भोगवटाना हक छे तेओ (एक स दर्भमां जमीन उपरना हकनी वात छे, बीजामा मदिर उपरना हकनी). पदक २४७-२५ (?) लोकडीने 'पटकवृता' कही छे. पर्यवसाप । के 'पर्यवसाय्') २८-११, ११२-5 जेम तेम करीने समजाव. (एक सौंदर्भमां पिताने पराणे समजावी चंदनकाष्ठनु गाड भरीने वेपार माटे परदेश जवानी वात ,छे अन्यत्र पति, सासुससरा अने मात-पिताने गमे तेम समजावीने पतिनी साथे परदेश जवानी वात छे. 'पुरातन प्रबन्ध संग्रह' ८२, २०-२१ मां पण जेनु घर बळी गयुछे तेने लोकाए समजावी लीधानी वात छे. सांडेसरा अने ठाकर 'पर्यवस्था' होवानु सूचवे छे ते मूळनी दृष्टिए कदाच विचारवा जेवु, पण जोडणी अहीं पण 'पर्यवसाय छे) पल्लयन १४५, १०-११ बारदान पल्ययन ? (सोनु मरेली गुण खाली करीने बाकीना बारदानने 'स्वर्णपल्लयन' का छे) पादशीर्षिका २७४-१० ३४६-१ पगना मोजां के पगे पहेरवानु काइ वस्त्रविशेष : १) (एक स्थळे पराजितने 'पादशीर्षिका थी स्पर्श करीने मान्भग कर्यानी वात छे. अन्यत्र पगरखां माग्या पछी ‘पादशीर्षिका' माग्यानी वात छे) प्रक्षालन ३४२-१६ (नख) कारवा (?) (नापित शेठाणीना नख प्रक्षालन माटे आव्यानी वात छे.) प्रथमालिका १०४-९ पहेलु भोजन के सवारना नास्तो (2विवाहमां बाळकाने सवारमां सुंवाळीनी 'प्रथमालिका' आप्यानी वात छे ) प्रशक्किका १७८ - २ जनसाधुनु शिक्किका १७८-६ | एक उपकरण (प्रतिलेखना करती वेळा 'प्रशकिका' उतारवानी अने उदर 'शिक्किका' खाई जवानी वात छे) बालि १६७ - १५ बालिका (१) (योगिए 'बालि' स्त्री स्थाप्यानी वात छे.) बूची २०४, १०-१५ अडवु, मुख (पोताना गरीब भाईओथी लाजती श्रीमत बहेन तेमने Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001462
Book TitleStudies in Desya Prakrit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1988
Total Pages316
LanguageEnglish, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_English, Dictionary, & literature
File Size14 MB
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