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________________ १४४ ] Vणंद - नंद (= खुशी मनाना ) आ० द्वि० ए० नंदि ४.११.६ = णंदण - नंदन ( ) १.६.०१.१.५१.१५.५४.७. मंदि-मंदि] (बलदेव) १०.२०.३ दिघोस - नंदिघोष ( = एक वाद्य ) ८.७.३ दिमित्त - नन्दि मिश्र ( सातवाँ बलदेव ) १७.२०.३ णक्खत्त-नक्षत्र १.६.१०.८.५.१ १०.५.१०, १३.६.२, १६.७.१ णक्खत्तमाल - नक्षत्रमाला ( = हाथीको पहिनानेकी एक विशिष्ट माला ८.१३.७; १२.१.७ णक्खत्तमाल — नक्षत्रमाला ( = नक्षत्र समूह ) १५.५.२ खनख ५.१२.१० ण - नग ( = पर्वत ) ५.१२.८ णगिंद- नगेन्द्र (एक दिव्यास्त्र) १२.५.११ परिचय-ति (नाथ) ८.२०.५ = V णच्च-नृत् ( = नाचना ) ८.१८.८८.२३.७ वर्त० त० ए० णश्च ८.५.५ भू० कृ० णच्चिय ११.४.१६; ११.५.५ णट्टू- नृत्य ११.५.५; १२.१२.२२ पट्टुसाल- - नृत्यशाला १५.७.४ ट्टारंभ - नृत्य + आरंभ १४.१४.६ णट्ठ- नष्ट (= नाशप्राप्त ) १.१३ ३; १.१४.६, २.७.६; ३.६.७; १४.१७.१२ ण्ड - नट १२.१२.२२ णभंति - ( संभवतः णभ + अंत + स० ए) १३.६.४ Vणम ----- पार्श्वनाथचरित -नम् (= प्रणाम करना ) भू० कृ० णमिय १.२.६ प्रे० कर्म० वर्त० ० ए० णामिज्जइ १२.४.८ णमि नमिनाथ (इक्कीस मंजूर १७.१०.६ णमिय - ? ( = प्राप्त कराया गया ) ४.२.३ V णमंस - नमस्य् ( = नमस्कार करना ) भू० कृ० णमंसिय ३.२.३,६.१५.१८.२३.१२; णमंस ६.१७.११ णय नय १.८.६२.६.७ णयण - नयन १.६.१,१.१.३,२.११.६ णवणंत्रण - नयनांजन ६.११.१४ णवणादि नयनानन्दन् १५.४.६ णयर - नगर १.६.६,१.२१.४, १८.१३.७ णयरणाह - नगरनाथ ( = राजा ) २.६.१ णयरायर - नगर + आकर ( नगर समूह ) २.१.१ नगरी ६.२.६ यरिणाह नगरी + नाथ (= राजा ) २.३.८ जयवंत - नयवत् १३.३.१२,६.६.१ Jain Education International नर-नर १.१.१२ णर--नरक ४.२.५,१६.४.५ रगुत्तार - नरक + उत्तार ( नरकके पार उतरना ) १८.१.१३ णरणाह - नरनाथ १.१७.५, ११८.३, १२.४.१ नरपुंगव - नरपुङ्गव १.११.६;२.३.१;१६.४.२ णरय-नरक २.११.३, ४.११.१ णरयगइ – नरकगति २.१२.१२.१२.१०,३.५.६ णरयालय- नरक + आलय ४.७.२ णरवर - नरवर २.३.६, ६.१३.७, १४.३.५ राहिव - नराधिप १.११.१० रिंद – नरेन्द्र १.१.४२.५.१२;२.७.५ परेसर-नरेश्वर १.१७.० परिणागर - नकिन+आर.१.७ लिणायर - नलिन + आकर ८.६.१० लिणि नलिनी ६.१२.१०३०.११.४ Vणव -नम् ४.५.६ [ णंद वर्त० तृ० ए० णवइ १६.१८.१० वर्त० ० ० णवंति ८.१०.११ भू० कृ० णविय ३.१६.४,६.१५.४ पू० कृ० णविवि ६.६.१ पू० कृ० णवेष्पिणु १. १७.६ णव- नवन् (= नौकी संख्या ) ४.५.६ णव-नव ( नया ) ६.१६.३, ८.४.१० णवकार- नमोकार ७.११.२ णवजुआणा (२.५.२ -णव जुवाण १.१२.१ = णवण - नमन १.१३.६, १०,१३,१० णवणवई - नवनवति ( निम्यानये ) ६.२.२,१६.२.५ णवणिहि--नवनिधि नौ निधियों ) ६.१.१३६.८.६ णवम-नयम (मी) ७.२.६१०.१६.० णवयार नमोकार ३.११.१४.२.१.५.११.२ मेणवर (= तद्नंतर ३० २.१) ४.०.१ णवरस - नवरस ८.१८.५ ह - नख ८.६.३ ह - नभ १.४.६; ६.१२.५ हंगण - नमस् + अंगण १.१४.१० हयल - नभतल १६.१०,११.५.१४ णहरनखर (= नाखून ) २.१२.१ गाइ इ ( ० ४.४४४) १.६६.१५.४.६.७.११ १५,१२.६ नाद नागेन्द्र ०.१.३ णाएसर - नागेश्वर १६.६.२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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