SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 64
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अद्वतीसमो संघि तोणा- तरु-कोडर-णीसरंतु गयवर-व-मीरहिं पइसरंतु कत्थइ स-खग्ग करि कसण-देह स-सयदह णिवडिय णाई मेह कत्थइ वण-मुह-रुहिरारुण ग णं धाउ धराधर थिय तुरंग कत्थइ भड-असि-रय-लद्ध-सोहणं ताल-खंड तोडिय-फलोह घत्ता णच्चइ कहि-मि कबंधु अज्जु गुरुत्तणु मज्झु परिओसेण महंते । सीसें पएहिं पडतें ॥ तहिं अवसरे रणउहे दुण्णिवारे पहिलए कुरु-पंडव-संपहारे गंगेउ पधाइउ दुज्जयाहं मच्छाहिव-सोमय-संजयाहं परिरक्खिउ पंचहिं पत्थिवेहि किव-दुम्मुह-सल्ल-णराहिवेहि कियवम्म-विविझइ-राणरहि अवरेहि-मि कुरुव-पहाणरहिं अहिमण्णु पिसंगेहिं घोडएहि परिमिउ सामंतेहिं थोडएहि कुद्राणणु कुरु-कुल-कवल-हेउ उब्भिय-कंचण-कणियार-केउ विप्फारिय-धणु संजमिय-तोणु ___अवगणेवि कुरुवइ दोणि दोणु घाइउ किव-सल्ल-पियामहाहं कियवम्म-विविझइ-दुम्मुहाह घत्ता एयारह-सरेहि घउ गंगेयहो पाडिउ। णाई कउरव-णाहहो पढमु मडप्फरु साडिउ ॥ [१०] गंगेएं दसहिं सरेहि विद्ध पुणु विहिं कप्परिउ कुमार-चिंधु सउहद्दे हिम-गिरि-पंडुरंग चउ-सरेहिं वियारिय चउ तुरंग मद्दाहिउ पंचहिं उरसि विद्ध णं सविस-विसम-विसहरहिं खद्ध किउ छाइउ गिरि-व महा-घणेहिं जल-थल-णह-मंडल-लंधणेहिं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001428
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages328
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy