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________________ ४३० __ • जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन अन्तर्गत बताया गया है। इसे जम्बूद्वीप के मेरु पर्वत से पश्चिम भरत क्षेत्र में गन्धिल देश में बताया गया है । २ कुछ विद्वान इसे पूर्वी बंगाल में बेलाव के पास मानते हैं।' सुसीमा : सीता नदी के दक्षिणी तट पर. वत्स देश में इसकी स्थिति वर्णित है । क्षेम : क्षेत्र देश में क्षेम (क्षेमा) नगर का उल्लेख है।" क्षेमपूर : विदेह क्षेत्र में सीता के उत्तरी तट पर कच्छ देश में क्षमपुर (क्षमपुरी) का वर्णन मिलता है। हस्तिनापुर : कुरुजांगल देश में हस्तिनापुर की स्थिति वर्णित है। उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले में गंगा तट पर कुरुओं की प्राचीन राजधानी हस्तिनापुर थी। हेमकच्छ : दशार्ण देश में हेमकच्छ नगर वर्णित है ।" २. असमीकृत नगर : आलोचित जैन पुराणों में निम्नांकित नगरों का उल्लेख मिलता है, जिनको समीकृत नहीं किया जा सका : अमल," अपराजित,'२ अम्बरतिलक, अमृतपुर," अलव्धन, अलंकारपुरी (पाताल लंका), अलकपुर", अन्द्रकपुर, अरुण," अरजस्का,२ असुर २९, असुरसंगीत," अर्धस्वर्गोत्कृष्ट,२३ अम्भोद, अक्षोभ्य,२५ अग्निज्वाल,२६ अरिञ्जयपुर,२७ १. हरिवंश २७।२०; पद्म १८।३० ११. पद्म ६।६७ २. महा ५४२०३, ५७।१७, ७०।४, १२. महा १६४८ ६२।२०२; पद्म २०१४७, ५५३८५ १३. वही १६८२ ३. लाहा-वही पृ० ४४६ १४. पद्म ५५।८५,६४१५ ४. महा ७६०-६१, १०।१२१, १५. वही ६।६८ ५६३२; हरिवंश ६०।१४३; पद्म १६. वही ६।४६० २०११; २०११५ १७. वही २०१२४२ ५. महा ७५२४०३; पद्म ६६८, वही ३१२६ २०।११; हरिवंश ५२२५७ १६. वही १७।१५४ ६. महा ४६२, १६१४८, ५३।२, २०.. वही १६।४५ ५७।२; पद्म १०६७५; हरिवंश २१. वही ७११७ ५२५७ २२. वही ८१ पद्म ४१६, २०१५२; हरिवंश ६।१५७; २३. वही ५॥३७२, ६।६७ महा ८।२२३, ४३३७६ २४. वही ५।३७३ ८. महा ४३१७६,६१७४, ६३।३६३ २५. महा १६८५ ६. लाहा-वही, पृ० १३८ २६. वही १६८३ १०. महा ७५।१० २७. पद्म १३।७३; हरिवंश २५।२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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