SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 435
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भौगोलिक दशा ४०१ आन्ध्र' : कृष्णा और गोदावरी नदियों के मध्यवर्ती प्रदेश को आन्ध्र कहा जाता है । यह वर्तमान तेलगू भाषी प्रदेश है।' आत्रेय' : वर्तमान बंगलादेश में आत्रेयी नदी और छोटी जमुना नदी राजशाही के पास जहां परस्पर मिलती हैं, इसी क्षेत्र को आत्रेय देश की सीमा समझना चाहिए। आवर्त' : महा पुराण में इसकी सीमा हिमालय पर्वत से विजयार्ध पर्वत तक और गंगा नदी से सिन्धु नदी तक बतलायी गयी है ।' हरिवंश पुराण में कहा गया है कि पश्चिम विदेह क्षेत्र में सीता नदी और कुलाचल के मध्य आवर्ता है।' आरट्ठ : आरट्ठ को संस्कृत में आराष्ट्र कहते हैं । सम्भवतः यह जनपद पंजाब का वह भू-भाग है, जो पंचनद से प्लावित होता था।" आभीर' : महाभारत के अनुसारं आभीर जनपद की स्थिति सरस्वती नदी के तट पर ज्ञात होती है ।" चतुर्थ शती ई० में आभीर जनपद झाँसी और भोपाल के मध्य स्थित था ।२ ओलिक : महा पुराण के अनुसार कूट, ओलिक, महिष, कमेकुर, पाण्डय और अन्तरपाण्ड्य देश के राजाओं को दण्डरत्न के द्वारा भरत ने अपने वशीभूत किया था।" इससे ज्ञात होता है कि ओलिक देश दक्षिण भारत में पाण्ड्य के आसपास महिष के उत्तर में रहा होगा। १. पद्म १०१।८४; महा १६।१५४, २६६२ २. लाहा-वही, पृ० २४१ ३. हरिवंश ३।५ । ४. लाहा-वही, पृ० ३५४ ५. महा ३२१४६ ६. वही ३२१५५ ७. हरिवंश ५२२४५ ८. महा १६३१५६, ३०।१०७ ६. महाभारत, ७।४०।४५ १०. महा १६।१५४; हरिवंश ५०७३ ११. महाभारत २।३२।१० जर्नल ऑफ रायल एशियाटिक सोसाइटी, १८६७, पृ० ८६१ १३. कुडुम्बानोलिकांश्चैव स माहिषकमेकुरान् । पाण्ड्यानन्तरपाण्ड्यांश्च दण्डेन वशमानयत् ॥ महा २६८० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy