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________________ ललित कला को तत्, अवनद्ध, सुषिर एवं घन ये चार भाग किये गये हैं । ' चार प्रकार के वाद्यों का उल्लेख हुआ है । भरत ने तत, सुषिर के लक्षणों का उल्लेख किया है । " ( १ ) तत वाद्य : पद्म पुराण में तन्त्री शब्द तत के लिए व्यवहृत हुआ है। तन्त्री या वीणा से उत्पन्न होने वाले वाद्य तत के अन्तर्गत आते हैं ।" तार से बजने वाले वाद्य (वीणा आदि ) तत वाद्य संज्ञा से अभिहित हैं ।" हरिवंश पुराण में उल्लिखित है कितत नामक वादित कर्णप्रिय होने से प्रायः सभी प्राणियों को प्रिय एवं गन्धर्व शरीर से सम्बद्ध होने के कारण तत 'गान्धर्व' नाम से विख्यात था । गान्धर्व की उत्पत्ति के तीन कारण वीणा, वंश तथा गान - हैं । गान्धर्व के तीन भेद स्वरगत, पदगत तथा तालगत उपलब्ध होते हैं । इसके उपभेद और लक्षण अग्रलिखित हैं ।" स्वरगत गान्धर्व : इसके दो उपभेद वैणस्वर एवं शरीरस्वर हैं। श्रुति, वृत्ति, स्वर, ग्राम, वर्ण, अलंकार, मूर्च्छना, धातु एवं साधारण आदि वैणस्वर के अन्तर्गत आते हैं ।" जाति, वर्ण, स्वर, ग्राम, स्थान, साधारण क्रिया तथा अलंकार आदि की गणना शरीरस्वर के अन्तर्गत होती है । " १. २. ३. ४. ५. ६. ७. २६३ महाभारत में उक्त अवनद्ध, घन तथा पद्म २४।२० हरिवंश १६ । १४३ प्राणिप्रीतिकरं प्रायः श्रवणेन्द्रियतर्पणात् । गान्धर्वदेहसम्बद्धं ततं गान्धर्ववमीरितम् ।। हरिवंश १६ । १४४ वीणा वंशश्च गानं च तस्य योनिरितीरियम् । वही १६।१४५ गान्धर्व त्रिविधं चैतत्स्वरतालपदे गतम् । वही १६ । १४५ ई. वैणाश्चापि च शरीरा द्विविधास्तु स्वराः स्मृताः । वही १६ १४६ श्रुतिवृत्तिस्वरग्रामवर्णालङ्कारमूर्च्छनाः ८. १०. ११. धर्मावती श्रीवास्तव - वही, पृ० २६, ६६, ११३ धर्मावती श्रीवास्तव - वही, पृ० ७० ततं चैवावनद्धं च घनं सुषिरमेव च । चतुर्विधन्तु विज्ञेयमातोद्य लक्षणान्वितम् ॥ नाट्यशास्त्र अध्याय २८, श्लोक १ I धातुसाधारणाद्याश्च दारूवीणास्वराः स्मृताः ।। वही १६ | १४७ जातिवर्णस्वरग्रामस्थानसाधारण क्रियाः । सालङ्कारविधिश्चायं शारीरस्वरगोचरः ।। वही १६ । १४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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