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________________ (८) त्रिलोकप्रतिको प्रस्तावना अवश्य उपलब्ध होते हैं। (देखिये पीछे पृ. ५३)। ये दोनों गायायें सूत्रकृताङ्ग (५, १, नि. ६८-६९) में भी पायी जाती हैं। वहां परस परमाहम्मिया' के स्थानमें 'एवं पण्णरसाहिया ' पाठ है। (३) सातवीं पृथिवीसे निर्गत जीव किन किन तियों में उत्पन्न होते हैं, यह बतलानेके लिये त्रिलोकप्रज्ञप्तिमें निम्न गाथा आई हैबालेसु दाढीसु पक्खाहुं जलचरेसु जाऊणं । संखेज्जाउगजुत्ता तेई णिरएसु वच्चंति ॥ २-२९०. यही गाथा कुछ परिवर्तन के साथ प्रवचनसारोद्धारमें भी पायी जाती है । यथा वालेसु य दाढीसु य पक्खीसु जलयरेसु उववन्ना । संखिज्जाउठिईया पुणोऽवि नरयाउया हुंति ॥ १०९३. इसका पाठ मूलाचार ( १२-११५) में आयी हुई इसी गाथाके पाठसे बहुत कुछ मिलता जुलता है । मूलाचारमें इसके पूर्वमें जो 'उन्वट्टिदा य संता' इत्यादि गाथा (१२-१११) भायी है वह भी प्रवचनसारोद्धार ( १०८९) में जैसीकी तैसी उपलब्ध होती है। () त्रिलोकप्रज्ञप्तिमें चतुर्थ महाधिकारकी गा. १२८७-९१, १४१७ और १४१३ के द्वारा तीर्थकर एवं चक्रवर्ती आदिकोंके कालसे सम्बद्ध जिस संदृष्टिकी रचना की गई है उसका उल्लेख यहाँ भी निम्न गाथाओंके द्वारा किया गया हैबत्तीसं घरयाई काउं तिरियाअयाहि रेहाहि । उड्डाअयाहि काउं पंच घराई तो पढमे ॥ पन्नरस जिण निरंतर सुन्नदुगं तिजिण सुन्नतियगं च । दो जिण सुन्न जिणिदो सुन जिणो सुन दोनि जिणा ॥ बिईयपंतिठवणा दो चक्कि सुन तेरस पण चक्की सुण्ण चक्कि दो मुण्णा । चक्की सुन दुचक्की सुण्णं चक्की दुसुण्णं च ॥ तईयपंतिठवणा दस सुण्ण पंच केसष पणसुण्ण केसि सुण्ण केसी य। दो सुण्ण केसवोऽवि य सुण्णदुर्ग केसव तिसुण्णं ॥ प्र. सा. १०६-१०९. यहां संदृष्टिमें रुद्राको सम्मिलित नहीं किया गया है। इस संदृष्टिका रूप जो त्रिलोकप्राप्तिमें उन उन गाथाओंके नीचे दिया गया है वह सम्भवतः किसी प्रतिलेखकने लिखनेकी सहूलियतसे वैसा दिया है। उसकी आकृति सम्मवतः ऐसी रही हो जैसी कि परिशिष्ट (१. .. प्रवचनसारोदार गा. १०८५-८६. २ देखिये पीछे पृ. ४३. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001275
Book TitleTiloy Pannati Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1956
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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