SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 468
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सु० ५-६] पंचपएसिय-छप्पएसियखंधेसु वण्णाइपरूवणं ८६३ भंगा ५, नीलग-लोहिय-हालिद्द-सुक्किलेसु वि पंच भंगा; एवमेते चउक्गसंजोएणं पणुवीसं भंगा। जति पंचवण्णे-कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुकिल्लए य-सबमेते एकग-दुयग-तियग-चउक्कग-पंचगसंजोएणं ईयालं भंगसयं भवति । गंधा जहा चउपएसियस्स। रसा जहा वण्णा। फासा जहा चउपदेसियस्स। ६. छप्पएसिए णं भंते! खंधे कतिवण्णे० १ एवं जहा पंचपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नते। जदि एगवण्णे, एगवण्ण-दुवण्णा जहा पंचपदेसियस्स । जति तिवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य-एवं जहेव पंच, १० पएसियस्स सत्त भंगा जाव सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियए य ७, सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियगा य ८, एए अट्ठ भंगा; एवमेते दस तियासंजोगा, एकेके संजोगे अट्ठभंगा; एवं सब्वे वि तियगसंजोगे असीतिभंगा। जति चउवण्णेसिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य २, सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिद्दए १५ य ३; सिय कालए य, नीलए य, लोहियगा य, हालिदगा य ४, सिय कालए य नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दए य ५, सिय कालए य, नीलगा य, लोहियए य, हालिदगा य ६; सिय कालए य, नीलगा य, लोहियगा य, हालिद्दए य ७; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य ८; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दगा य ९; सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगा २० य, हालिद्दए य १०, सिय कालगा य, नीलगा य, लोहियए य, हालिदए य ११, एए एक्कारस भंगा। एवमेए पंच चउक्का संजोगा कायव्वा, एकेके संजोए एक्कारस भंगा, सव्वेते चउक्कगसंजोएणं पणपन्नं भंगा। जति पंचवण्णे-सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुकिलए य १; सिय कालए य, नीलए य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलगा य २; सिय कालए य नीलए य २५ लोहियए य हालिद्दगा य सुक्किलए य ३; सिय कालए य नीलए य लोहियगा य हालिद्दए य सुकिलए य ४; सिय कालए य, नीलगा य, लोहियए य, हालिद्दए य, सुक्किलए य ५, सिय कालगा य, नीलए य, लोहियगे य, हालिद्दए य, सुकिलए १. पणवी जे० नं० विना ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001019
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1978
Total Pages679
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_bhagwati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy