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________________ विवाहपण्णत्तसुतं [स० १२० १०] सब्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे असन्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आया य, नो आया य, अवत्तव्वं - आया ति य नो आया ति य; देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे असम्भावपज्जवे, देसा आदिट्ठा तदुभयपज्जवा उपसिए खंधे आया य, नो आया य, अवत्तव्वाइं - आयाओ य नो ५ आयाओ य १७, देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसा आदिट्ठा असब्भावपज्जवा, देसे आदिवे तदुभयपज्जवे चउप्पए सिए खंधे आया य, नो आयाओ य, अवत्तव्वंआयाति य नो आयाति य १८, देसा आदिट्ठा सब्भावपज्जवा, देसे आदिट्ठे असम्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे तदुभयपज्जवे चउप्पएसिए खंधे आताओ य, नो आयाय, अत्तव्वं - आया ति य नो आया ति य १९ । सेतेणट्टेणं गोयमा ! १० एवं वुञ्चइ चउप्पएसिए खंधे सिय आया, सिय नो आया, सिय अवत्तव्वं । निक्खेवे ते चैव भंगा उच्चारेयव्वा जाव नो आया ति य । ६१४ ३१. [१] आया भंते ! पंचपएसिए खंधे, अन्ने पंचपएसिए खंधे ? गोयमा ! पंचपए सिए खंधे सिय आया १, सिय नो आया २, सिय अवत्तव्वं १५ यात नो आयाति य ३, सिय आया य नो आया य ४-७, सिय आया य अवत्तव्वं ८-११, नो आया य आया - अवत्तव्वेण य १२-१५, तियगसंजोगे एक्को ण पडइ १६-२२ । २० २५ [२] से केणद्वेणं भंते!• तं चैव पडिउच्चारेयव्वं । गोयमा ! अप्पणो आदि आया १, परस्स आदिट्ठे नो आया २, तदुभयस्स आदिट्ठे अवत्तव्वं ० ३, देसे आदिट्ठे सब्भावपज्जवे, देसे आदिट्ठे असब्भावपज्जवे, एवं दुयगसंजोगे सव्वे पडंति । तियगसंजोगे एक्को ण पडइ । ३२. छप्पएसियस्स सव्वे पडंति । ३३. जहा छप्पएसिए एवं जाव अनंतपएसिए । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति जाव विहरति । ॥ १२.१० ॥ ॥ बारसमं सयं समत्तं ॥ १२ ॥ १. ' आया य' इति पाठो मु० प्रतौ पतितः ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001019
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1978
Total Pages679
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_bhagwati
File Size11 MB
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