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________________ सु०६-९] संहयपरमाणुपोग्गलमेयणे भंगा दो दुपएसिया खंधा भवंति। छहा कन्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति । सत्तहा कन्जमाणे सत्त परमाणुपोग्गला भवति । [सु. ८. अट्ठम्हं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूषणं] ८. अ8 भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा । गोयमा ! अट्ठपएसिए खंधे भवइ, जाव दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु०, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ, ५ अहवा एगयओ दुपदेसिए खंधे, एगयओ छप्पदेसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ तिपएसिए०, एगयओ पंचपदेसिए खंधे भवइ; अहवा दो चउप्पदेसिया खंधा भवंति। तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणु०, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणु०, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ पंचप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणु०, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउपए- १० सिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति । चउहा कन्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दोण्णि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ दो १५ तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति । पंचहा कन्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपो०, एगयओ दुपएसिए०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपो०, एगयओ तिन्नि दुपएसिया २० खंधा भवंति। छहा कन्जमाणे एगयओ पंच परमाणुपो०, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपो०, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति। सत्तहा कन्जमाणे एगयओ छ परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भवति। अट्टहा कजमाणे अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति। [सु. ९. नवण्ठं संहताणं परमाणुपोग्गलाणं विभयणे भंगपरूवणं] २५ ९. नेव भंते ! परमाणुपोग्गला० पुच्छा। गोयमा ! जाव नवविहा 1. “अष्टप्रदेशिकस्कन्धस्यैकविंशतिर्भाः" ला ४ प्रतौ टिप्पणी ॥ २. "नवप्रदेशिकस्कन्धस्याष्टाविंशतिर्भङ्गाः" ला ४ प्रतौ टिप्पणी ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001019
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1978
Total Pages679
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_bhagwati
File Size11 MB
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