Page #1
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित
व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
संपादक डॉ. गिरीशनाथ झा सुधीर कुमार मिश्र डॉ. गंगानाथ झा
For Private and Personal Use Only
Page #2
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित
व्यावहारिक संस्कृत भात रुपावलो
संपादक डा. विनाय हा सुधम कुमार मित्र डॉ.शानायक
For Private and Personal Use Only
Page #3
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित
व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ww
डॉ. गिरीशनाथ झा
सहायक आचार्य, संगणकीय - भाषाविज्ञान विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली - ११००६७
सुधीर कुमार मिश्र
पी. एच. डी. शोध छात्र, विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली - ११००६७
डॉ. गंगानाथ झा
(एम. ए., पी. एच. डी.) व्याकरणाचार्य, पूर्व प्रधानाचार्य, अररिया कॉलेज,
अररिया, बिहार- ८५४३११
विन
विद्यानिधि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विद्यानिधि प्रकाशन दिल्ली
For Private and Personal Use Only
Page #4
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रकाशक: विद्यानिधि प्रकाशन डी-10/1061 (समीप श्रीमहागौरी मन्दिर) खजूरी खास, दिल्ली-110094 दूरभाष : 22967638
© संपादक
प्रथम संस्करण : 2007
ISBN : 81-86700-78-1
मूल्य : 800.00
मुद्रक : तरुण ऑफसेट प्रिंटर्स (दिल्ली)
For Private and Personal Use Only
Page #5
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गुरुजनों
को
समर्पित
For Private and Personal Use Only
Page #6
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
Page #7
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रस्तावना
संगणकीय-भाषाविज्ञान नया विषय है जिसमें संस्कत के लिये असीमित संभावनाएं हैं प्रस्तुत पुस्तक की रचना का कार्य विगत कई वर्षों से चल रहा था । संस्कृत में संगणकीय-भाषाविज्ञान शोध हेतु धातु और धातुरूपों का डेटाबेस अत्यंत आवश्यक था जिसे कई छात्रों ने महसूस किया । इसलिये, संगणकीय-भाषाविज्ञान तथा संबंधित पाठ्यक्रमों में छोटे प्रोजेक्ट के रूप में धातुरूप डेटाबेस बनाने का कार्य एम.ए. के छात्रों को दिया गया। इस कार्य में कई अशुद्धियां रहीं जिसे हमारे संगणकीय संस्कृत के एम.फिल. के छात्रों ने सही करने - का प्रयास किया । अशद्धियां फिर भी रहीं । अतः इस पुस्तक के संपादकों ने अथक परिश्रम करके नये सिरे से धातुरूप डेटाबेस का निर्माण Java और M.S. SQL Sever के वेब-रूप में प्रस्तुत किया ।
इस प्रोजेक्ट के लिये संस्कृत में सामान्यतः प्रयुक्त ४३८ धातुओं का उनकी संपूर्ण जानकारी यथा गण, कर्म की स्थिति (सकर्मक, अकर्मक, द्विकर्मक), इट् आगम के साथ ही साथ सिद्धान्त-कौमुदी के अनुसार धातु से संबद्ध अर्थों का संकलन किया गया जिसमें कई समस्याएं आईं। यदि उपलब्ध धातु पाठों के वैविध्य को देखें तो सिद्धान्त-कौमुदी एवं S.M. Katre कृत Paninian Studies में धातुओं की संख्या गण-अनुसार निम्न-रूप में देख सकते हैं - क्रम गण सिद्धान्त-कौमुदी Paninian Studies
संख्या
-
१०१०
००७२
भ्वादिगण अदादिगण जुहोत्यादिगण दिवादिगण
१०५९ ००७२ ००२५ ०१३६
००२४ ०१४०
For Private and Personal Use Only
Page #8
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
viji
3
)
००६०
|
|
स्वादिगण
००३४
००३४ तुदादिगण ०१५७ ०१४३ रुधादिगण ००२५
००२५ तनादिगण ००१०
०००९ क्रयादिगण ००६१ चुरादिगण ०४१०
०३९५ कुल संख्या १९४३ १९५८ ___ यदि उपर्युक्त सारणी को देखें तो धातुओं एवं उनकी संख्या को लेकर व्याप्त अनिश्चितता को सरलता से महसूस किया जा सकता है। पं० हरेकान्त मिश्र एवं रामकिशोर शर्मा ने स्व-संपादित धातुरूपावली में सिद्धान्त-कौमदी के अनसार ही धात पाठ को स्वीकार किया है। ऐसे में धातुओं का चयन एवं उनकी व्याख्या करना दुरुह हो जाता है। अतः व्यावहारिकता को स्वीकार करते हुए विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र में बने संस्कृत के Corpus एवं संस्कृत के कुछ लौकिक ग्रन्थों को आधार बना कर ४३८ धातुओं का चयन किया गया है। अतः इनकी व्यावहारिकता को लेकर मतभेद से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस कार्य का जावा आधारित वेब डाटाबेस विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र के संगणकीय संस्कृत की वेबसाइट पर उपलब्ध है जिससे किसी भी धातु की रूपावली बनाई जा सकती है। चूंकि इंटरनेट की सुविधा अभी सब जगह नहीं है इसलिये इसे पुस्तक के रूप में छापने का निर्णय लेना पड़ा।
इस कार्य हेतु जे. एन. यू. के प्रो. कपिल कपूर और प्रो. गुरुवचन सिंह जी का उत्साह-वर्धन और आशीर्वाद बहुत फलदायी सिद्ध हुआ। जे. एन. यू. के ही विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केन्द्र के अध्यापक-गण प्रो. शशिप्रभा कुमार, डॉ. हरिराम मिश्र, डॉ रामनाथ झा, डॉ. रजनीश मिश्र, डॉ. संतोष शुक्ल, डॉ. सी. यू. राव का उत्साह-वर्धन सराहनीय है।
इस धातुरूपावली का विश्लेषणात्मक तथा सर्जनात्मकवेब सॉफ्टवेयर
For Private and Personal Use Only
Page #9
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
http.sanskrit.jnu.ac.in पर उपलब्ध है । इस प्रोग्राम की मदद से किसी भी धातुरूप का विश्लेषण और धातु से धातुरूप प्राप्त किया जा सकता है।
सोमवार, २८ मई, २००७
डॉ. गिरीशनाथ झा सुधीर कुमार मिश्र डॉ. गंगानाथ झा
For Private and Personal Use Only
Page #10
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
Page #11
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अकै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
अङ्कते अङ्केते अङ्कन्ते अकसे अङ्केथे अङ्कध्वे
अके अङ्कावहे अङ्कामहे अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
अङ्कताम् अङ्केताम् अङ्कन्ताम् अङ्कस्व
अङ्कथाम अङ्कध्वम्
अङ्कावहै अङ्कामहै अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
आङ्कत आङ्कताम् आङ्कन्त आकथाः
आङ्केथाम् आङ्कध्वम् आङ्के आङ्कावहि आङ्कामहि अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
आङ्केत अङ्केयाताम् अङ्केरन् अङ्केथाः अङ्केयाथाम् अकेध्वम्
अकेय अङ्केवहि अङ्केमहि अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
आनके आनकाते आनङ्किरे आनडिकषे आनङ्काथे आनङ्किध्वे
आनङ्के आनऊवहे आनङ्किमहे अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
अङ्किता अङ्कितारौ अकितारः अङिकतासे अङिकतासाथे अङिकताध्वे
अङ्किताहे अङ्कितास्वहे अङ्कितास्महे अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
अङ्किष्यते अङ्किष्येते अङ्किष्यन्ते अङ्किष्यसे अङ्किष्येथे अङ्किष्यध्वे अङ्किष्ये अड्कियावहे अङ्किष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #12
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
२
अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
अङ्किषीष्ट अङ्किषीयास्ताम् अङ्किषीष्ठाः अङ्किषीयास्थाम् अङ्किषीय अङ्किषीवहि
अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
आङ्किष्ट
आङ्किष्ठाः
आङ्किषि
अकि (लक्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
आडिकष्यत आङ्किष्यथाः आङ्किष्ये
आङ्किषाताम् आङ्किषाथाम् आङ्किष्वह
अङगेत
अड़गे:
अङ्गेयम्
आडिकष्येताम
आङ्किष्येथा
आङ्किष्यावहि
अगि (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अङ्गति
अगसि
अङ्गामि
अगि ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
अङ्गतः
अङ्गथः
अङ्गावः
अङ्गतु
अङ्ग अङ्गानि
अगि (गती, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अङ्गताम्
अङ्गतम्
अङ्गाव
आङ्गत्
आङ्गः
आङ्गम्
अगि ( गतौ भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्ग)
आङ्गताम्
आङ्गतम्
आगाव
अङ्गेताम्
अगेम्
अङ्गेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अङ्किषीरन् अङ्कध्वम्
अङ्किषीमहि
आङ्किषत
आङ्किध्वम्
आङ्किष्म
आङ्किष्यन्त
आङ्किष्यध्वम् आङ्किष्यामह
अङगन्ति
अङ्गथ
अङ्गामः
अङ्गन्तु
अङ्गत
अङ्गाम
आङ्गन्
आङ्गत
आङ्गाम
अङ्गेयुः
अड़ंगेत
अङ्गेम
Page #13
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अगि (गतो, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आनङ्ग
आनङ्गतुः आनगुः आनङ्गिथ आनङ्गथुः आनङ्ग आनङ्ग आनङ्गिव
आनङ्गिम अगि (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) अङिगता
अङिगतारौ अङ्गितारः अङ्गितासि अङ्गितास्थः अगितास्थ
अगितास्मि अङ्गितास्वः अगितास्मः अगि (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अङ्गिष्यति अङ्गिष्यतः अगिष्यन्ति अगिष्यसि अगिष्यथः अडिगष्यथ
अङ्गिष्यामि अङ्गिष्यावः अङ्गिष्यामः अगि (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अङ्ग्यात् ___ अङ्ग्यास्ताम् अङ्ग्यासुः अङ्ग्याः अङ्ग्यास्तम् अङ्ग्यास्त
अङ्ग्यासम् अङ्ग्यास्व अङ्ग्यास्म अगि (गतो, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आङ्गीत् आङ्गिष्टाम् आङ्गिषुः आङगीः
आङिगष्टम् आगिष्ट आङ्गिषम् आङ्गिष्व आङ्गिष्म अगि (गतो, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आङ्गिष्यत् आङ्गिष्यताम् आगिष्यन आङिगष्यः आगिष्यतम् आगिष्यत
आङ्गिष्यम् आङ्गिष्याव आङ्गिष्याम अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अजतः
अजन्ति अजसि
अजथ अजामि
अजामः
अजति
अजथः अजावः
For Private and Personal Use Only
Page #14
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अजाम
आजः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) अजतु अजताम्
अजन्तु अज अजतम्
अजत अजानि
अजाव अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आजत् आजताम
आजन आजतम्
आजत आजम् आजाव
आजाम अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अजेत् अजेताम्
अजेयुः अजे: अजेतम्
अजेत अजेयम् अजेव
अजेम अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आनज
आनजतुः आनजुः आनजिथ आनजथुः
आनज आनज आनजिव
आनजिम अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) अजिता अजितारौ
अजितारः अजितासि अजितास्थः अजितास्थ
अजितास्मि अजितास्वः अजितास्मः अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अजिष्यति अजिष्यतः अजिष्यन्ति अजिष्यसि अजिष्यथः अजिष्यथ
अजिष्यामि अजिष्यावः अजिष्यामः अज (गतिक्षेपणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अज्यात्
अज्यास्ताम् अज्यासुः अज्याः
अज्यास्तम् अज्यास्त अज्यासम् अज्यास्व
अज्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #15
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अज (गतिक्षेपणयो:, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आजीत्
आजी:
आजिषम्
अज (गतिक्षेपणयो:, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अञ्चति
अञ्चसि
अञ्चामि
www.kobatirth.org
आजिष्यत् आजिष्यः आजिष्यम्
अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
आजिष्टाम्
आजिष्टम्
आजिव
अञ्चतु
अञ्च अञ्चानि
अञ्चतः
अञ्चथः
अञ्चावः
अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
आजिष्यताम्
आज
आजिष्याव
अञ्चताम्
अञ्चतम्
अञ्चाव
अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आञ्चत्
आञ्चः
आञ्चम्
आनञ्च
आनञ्चिथ
आनञ्च
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आनञ्चतुः
आनञ्चथुः
आनञ्चिव
For Private and Personal Use Only
आजिषुः आजिष्ट
आजिष्म
आजिष्यन्
आजिष्
आजिष्याम
आञ्चताम्
आञ्चतम्
आञ्चाव
अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अञ्चेताम्
अञ्चेत् अञ्चे:
अञ्चेतम
अञ्चेयम्
अञ्चेव
अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
अञ्चन्ति
अञ्चथ
अञ्चामः
अञ्चन्तु
अञ्चत
अञ्चाम
आञ्चन्
आञ्चत
आञ्चाम
अञ्चेयुः अञ्चेत
अञ्चेम
आनञ्चुः
आनञ्च आनञ्चिम
Page #16
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अञ्च्यास्तम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
अञ्चिता अञ्चितारौ अञ्चितारः अञ्चितासि अञ्चितास्थः अञ्चितास्थ
अञ्चितास्मि अञ्चितास्वः अञ्चितास्मः अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अञ्चिष्यति अञ्चिष्यतः __ अञ्चिष्यन्ति अञ्चिष्यसि अञ्चिष्यथः अञ्चिष्यथ
अञ्चिष्यामि अञ्चिष्यावः अञ्चिष्यामः अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अञ्च्यात् अञ्च्यास्ताम् अञ्च्यासुः अञ्च्याः
अञ्च्यास्त अञ्च्यासम् अञ्च्यास्व अञ्च्यास्म अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आञ्चत् आञ्चिष्टाम् आञ्चिषुः आञ्चीः आञ्चिष्टम् आञ्चिष्ट
आञ्चिषम् आञ्चिष्व आञ्चिष्म अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आञ्चिष्यत् आञ्चिष्यताम् आञ्चिष्यन् आञ्चिष्यः आञ्चिष्यतम् आञ्चिष्यत
आञ्चिष्यम् आञ्चिष्याव आञ्चिष्याम अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लट्) अनक्ति अक्तः
अञ्जन्ति अनक्षि अङक्थः
अक्थ अनज्मि अज्वः
अज्मः । अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लोट) अनक्तु अङ्क्ताम
अञ्जन्तु अग्धि अङ्क्तम्
अङ्क्त अनजानि अनजाव
अनकाम
For Private and Personal Use Only
Page #17
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अज्यात
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) आनक आङ्क्तां
आञ्जन आनक आङ्क्त
आङक्त आनजम् आज्व
आञ्म अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अङ्ग्यात् अञ्ज्यातां
अज्युः अज्याः अञ्ज्यातं अञ्ज्याम् अञ्ज्याव
अञ्ज्याम अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) आनञ्ज आनञ्जतुः
आनञ्जः आनजिथ
आनञ्जथुः आनञ्ज आनञ्ज
आनञ्जिव आनञ्जिम अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लुट्)
अञ्जिता अञ्जितारौ अञ्जितारः अजितासि अञ्जितास्थः अञ्जितास्थ
अञ्जितास्मि अञ्जितास्वः अञ्जितास्मः अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लट्) अञ्जिष्यति अजिष्यतः
__ अञ्जिष्यन्ति अञ्जिष्यसि अञ्जिष्यथः अञ्जिष्यथ
अञ्जिष्यामि अञ्जिष्यावः अञ्जिष्यामः अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अज्यात अज्यास्ताम
अज्यासुः अज्याः
अज्यास्तम् अज्यास्त अज्यासम् अज्यास्व
अज्यास्म अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्) आजीत्
आञ्जिष्टाम् आञ्जिषुः आजीः आजिष्टम् आञ्जिष्ट आजिषम् आञ्जिष्व
आञ्जिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #18
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गण्यम्
अटन्ति
अटन्तु
अटत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अञ्जू (व्यक्तिम्रक्षणकान्तिगतिषु, रुधादिगण, परस्मै, लङ्)
आञ्जिष्यत् आञ्जिष्यताम् आञ्जिष्यन् आजिष्यः आजिष्यतम् आञ्जिष्यत
आञ्जिष्यम् आञ्जिष्याव आञ्जिष्याम अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) अटति
अटतः अटसि अटथः
अटथ अटामि अटावः
अटामः अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) अटत
अटताम् अट
अटतम् अटानि अटाव
अटाम अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आटत्
आटताम् आटतम्
आटत आटम्
आटाव अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अटेत् अटेताम्
अटेयुः अटे: अटेतम्
अटेत अटेयम् अटेव
अटेम अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आट आटतुः
आटुः आटिथ आटथुः
आट आट
आटिव अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) अटिता
अटितारौ अटितारः अटितासि
अटितास्थः अटितास्थ अटितास्मि अटितास्वः अटितास्मः
आटन्
आट:
आटाम
आटिम.
For Private and Personal Use Only
Page #19
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आटिष्म
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अटिष्यति अटिष्यतः अटिष्यन्ति अटिष्यसि अटिष्यथः अटिष्यथ
अटिष्यामि अटिष्यावः अटिष्यामः अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अट्यात् अट्यास्ताम् अट्यासुः अट्याः
अट्यास्तम् अट्यास्त अट्यासम् अट्यास्व अट्यास्म अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) आटीत्
आटिष्टाम् आटिषुः आटी:
आटिष्टम् आटिष्ट आटिषम्
आटिष्व अट (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आटिष्यत् आटिष्यताम् आटिष्यन आटिष्यः आटिष्यतम् आटिष्यत आटिष्यम् आटिष्याव
आटिष्याम अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) अन्तति अन्ततः
अन्तन्ति अन्तसि अन्तथः
अन्तथ अन्तामि
अन्तावः अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) अन्ततु अन्तताम्
अन्तन्तु अन्त
अन्ततम् अन्तानि
अन्ताव अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आन्तत आन्तताम
आन्तन् आन्तः
आन्तत आन्तम्
आन्ताव
अन्तामः
अन्तत अन्ताम
आन्ततम
आन्ताम
For Private and Personal Use Only
Page #20
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अन्तेयुः
भनेयम
१० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अन्तेत
अन्तेताम् अन्तेः अन्तेतम्
अन्तेत अन्तेयम् अन्तेव
अन्तेम अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आनन्त
आनन्ततुः आनन्तुः आनन्तिथ आनन्तथुः
आनन्त आनन्त आनन्तिव
आनन्तिम अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) अन्तिता
अन्तितारौ अन्तितारः अन्तितासि अन्तितास्थः अन्तितास्थ
अन्तितास्मि अन्तितास्वः अन्तितास्मः अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अन्तिष्यति अन्तिष्यतः अन्तिष्यन्ति अन्तिष्यसि अन्तिष्यथः
अन्तिष्यथ अन्तिष्यामि अन्तिष्यावः अन्तिष्यामः अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अन्त्यात् अन्त्यास्ताम् अनत्यासुः
अन्त्यास्त अन्त्यासम् अन्त्यास्व
अन्त्यास्म अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) आन्तीत्
आन्तिष्टाम् आन्तिषुः आन्तीः आन्तिष्टम
आन्तिष्ट आन्तिषम् आन्तिष्व
आन्तिष्म अति (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आन्तिष्यत आन्तिष्यताम् आन्तिष्यन् आन्तिष्यः आन्तिष्यतम् आन्तिष्यत आन्तिष्यम्
आन्तिष्याव आन्तिष्याम
अनत्याः
अन्त्यास्तम
For Private and Personal Use Only
Page #21
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लट्)
अत्ति
अत्सि
अद्मि
अत्तः
अत्थः
अद्वः
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लोट्)
अत्ताम्
अत्तु अद्धि
अत्तम्
अदानि
अदाव
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
आदत्
आदः
www.kobatirth.org
अद्यात्
अद्याः
आदम्
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
आद आदि
आद
आत्ताम्
आत्तम्
आद
अद्याम्
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लिट्)
अत्ता
अत्तासि
अत्तास्मि
अद्याताम्
अद्यातम्
अद्याव
आदतुः
आदथुः
आदिव
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लुट् )
अत्तारौ
अत्तास्थः
अत्तास्वः
अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लृट्)
अत्स्यति
अत्स्यसि
अत्स्यामि
अत्स्यतः
अत्स्यथः
अत्स्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अन्ति
अत्थ
अद्मः
अदन्तु
अत्त
अदाम
आदन्
आत्त
आद्म
अद्युः
अद्यात
अद्याम
आदुः
आद
आदिम
अत्तारः
अत्तास्थ
अत्तास्मः
अत्स्यन्ति
अत्स्यथ अत्स्यामः
११
Page #22
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अद्यात
अघसत अघसाम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अद्यास्ताम् अद्यासुः अद्याः अद्यास्तम्
अद्यास्त अद्यासम् । अद्यास्व
अद्यास्म अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अघसत् अघसताम
अघसन अघसः
अघसतम अघसम्
अघसाव अद् (भक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) आत्स्य त्
आत्स्यताम् आत्स्य न् आत्स्यः आत्स्यतम
आत्स्यत आत्स्यम् आत्स्याव
आत्स्याम अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लट्) अधीते
अधीयाते अधीयते अधीषे
अधीयाथे अधीध्वे अधीये अधीवहे
अधीमहे अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लोट्)
अधीताम् अधीयाताम् अधीयताम् अधीष्व
अधीयाथाम् अधीध्वम् अध्ययै अध्ययावहै अध्ययामहै अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लङ्)
अध्ययाताम् अध्ययत अध्यैथाः अध्ययाथाम् अध्यध्वम अध्यैयि
अध्यैवहि अध्यैमहि अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अधीयीत अधीयीयाताम् अधीयीरन अधीयीथाः अधीयीयाथाम् अधीयीध्वम अधीयीय
अधीयीवहि अधीयीमहि
अध्यैत
For Private and Personal Use Only
Page #23
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली १३ अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लिट्)
अधिजगे अधिजगाते अधिजगिरे अधिजगिषे अधिजगाथे अधिजगिध्वे
अधिजगे . अधिजगिवहे अधिजगिमहे अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लुट) अध्येता
अध्येतारौ अध्येतारः अध्येतासे अध्येतासाथे अध्येताध्वे
अध्येताहे अध्येतास्वहे अध्येतास्महे अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लट्)
अध्येष्यते अध्येष्येते अध्येष्यन्ते अध्येष्यसे अध्येष्येथे अध्येष्यध्वे
अध्येष्ये अध्येष्यावहे अध्येष्यामहे अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अध्येषीष्ट अध्येषीयास्ताम अध्येषीरन अध्येषीष्ठाः अध्येषीयास्थाम् अध्येषीध्वम्
अध्येषीय अध्येषीवहि अध्येषीमहि अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लुङ्) अध्यैष्ट
अध्यैषाताम् अध्यैषत अध्यैष्ठाः
अध्यैषाथाम अध्यैढ़वम अध्यैषि
अध्यैष्वहि अध्यैष्महि अधि-इङ् (अध्ययने । नित्यमधिपूर्वः, अदादिगण, आत्मने, लुङ्) अध्यैष्यत
अध्यैष्येताम अध्यैष्यन्त अध्यैष्यथाः अध्यैष्येथाम अध्यैष्यध्वम् अध्यैष्ये
अध्यैष्यावहि अध्यैष्यामहि अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) अयते
अयन्ते अयसे अयेथे
अयध्वे अयावहे
अयामहे
अयेते
अये
For Private and Personal Use Only
Page #24
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आये
१४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) अयताम् अयेताम्
अयन्ताम् अयस्व अयेथाम्
अयध्वम् अयै अयावहै
अयामहै अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) आयत ___ आयेताम्
आयन्त आयथाः आयेथाम
आयध्वम्
आयावहि आयामहि अय (गतो, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) अयेत
अयेयाताम् अयेरन् अयेथाः
अयेयाथाम अयेध्वम् अयेय अयेवहि
अयेमहि अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) अयाञ्चके
अयाञ्चक्रिरे अयाञ्चकृषे अयाञ्चक्राथे अयाञ्चकृढ्वे
अयाञ्चक्रे अयाञ्चकृवहे अयाञ्चकृमहे अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) अयिता
अयितारौ अयितारः अयितासे अयितासाथे अयिताध्वे
अयिताहे अयितास्वहे अयितास्महे अय (गतो, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
अयिष्यते अयिष्येते अयिष्यन्ते अयिष्यसे अयिष्येथे
अयिष्यध्वे अयिष्ये
अयिष्यावहे अयिष्यामहे अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अयिषीष्ट अयिषीयास्ताम् अयिषीरन् अयिषीष्ठाः अयिषीयास्थाम् अयिषीध्वम अयिषीय
अयिषीवहि अयिषीमहि
अयाञ्चक्राते
For Private and Personal Use Only
Page #25
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अय (गतो, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) आयिष्ट
आयिषाताम् आयिषत आयिष्ठाः
आयिषाथाम् आयिध्वम् आयिषि आविष्वहि आयिष्महि अय (गतौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
आयिष्यत आयिष्येताम् आयिष्यन्त आयिष्यथाः आयिष्येथाम आयिष्यध्वम
आयिष्ये आयिष्यावहि आयिष्यामहि अर्च (पूजायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) अर्चति अर्चतः
अर्चन्ति अर्चसि अर्चथः
अर्चथ अर्चामि अर्चावः
अचामः अर्च (पूजायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) अर्चत
अर्चताम् अर्चन्तु अर्चतम्
अर्चत अर्गानि अर्चाव
अर्चाम अर्च (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आर्चत
आर्चताम् आर्चः आर्चतम्
आर्चत आचम्
आर्चाव आर्चाम अर्च (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अर्चेत् अर्चेताम
अर्चेयः अर्चेः अर्चेतम्
अर्चेत अर्चेयम् अर्चेव
अर्चेम अर्च (पूजायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) आनर्च
आनर्चतुः आनचुः आनर्चिथ आनर्चथुः
आनर्च आनर्च आनर्चिव
आनर्चिम
अर्च
आर्चन्
For Private and Personal Use Only
Page #26
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्च (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) अर्चिता
अर्चितारौ अर्चितारः अर्चितासि
अर्चितास्थः अर्चितास्थ अर्चितास्मि अर्चितास्वः अर्चितास्मः अर्च (पूजायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अर्चिष्यति अर्चिष्यतः अर्चिष्यन्ति अर्चिष्यसि अर्चिष्यथः अर्चिष्यथ
अर्चिष्यामि अर्चिष्यावः अर्चिष्यामः अर्च (पूजायाम, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) । अर्ध्यात् अास्ताम् अासुः अाः
अास्तम् अस्ति अासम् अास्व अास्म अर्च (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्चीत् आर्चिष्टाम् आर्चिषुः आर्ची: आर्चिष्टम
आर्चिष्ट आर्चिषम् आर्चिष्व आर्चिष्म अर्च (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्चिष्यत् आर्चिष्यताम् आर्चिष्यन आर्चिष्यः आर्चिष्यतम् आर्चिष्यत
आर्चिष्यम् आर्चिष्याव आचिष्याम अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अर्चयति अर्चयतः अर्चयन्ति अर्चयसि अर्चयथः
अर्चयथ अर्चयामि अर्चयावः अर्चयामः अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट)
अर्चयतु अर्चयताम् अर्चयन्तु अर्चय अर्चयतम्
अर्चयत अर्चयाणि अर्चयाव
अर्चयाम
For Private and Personal Use Only
Page #27
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७
१५.
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्चयत् आर्चयताम् आर्चयन आर्चयः आचयतम
आर्चयत आर्चयम् आर्चयाव आर्चयाम अर्च (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अर्चयेत् अर्चयेताम् अर्चयेयुः अर्चयेः
अर्चयेतम अर्चयेत अर्चयेयम् अर्चयेव अर्चयेम अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
अर्चयाञ्चकार अर्चयाञ्चक्रतः अर्चयाञ्चक्रुः अर्चयाञ्चकर्थ अर्चयाञ्चक्रथुः अर्चयाञ्चक्र
अर्चयाञ्चकार अर्चयाञ्चकृव अर्चयाञ्चकृम अर्च (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
अर्चयिता अर्चयितारौ अर्चयितारः अर्चयितासि अर्चयितास्थः अर्चयितास्थ
अर्चयितास्मि अर्चयितास्वः अर्चयितास्मः अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अर्चयिष्यति अर्चयिष्यतः अर्चयिष्यन्ति अर्चयिष्यसि अर्चयिष्यथः अर्चयिष्यथ
अर्चयिष्यामि अर्चयिष्यावः अर्चयिष्यामः अर्च (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अर्ध्यात् अास्ताम्
अासुः अाः
अस्तिम अर्यास्त अासम् अस्वि अस्मि अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) आर्चिचत
आर्चिचताम् आर्चिचन् आर्चिचः आर्चिचतम् आर्चिचत आर्चिचम् आर्चिचाव
आर्चिचाम
For Private and Personal Use Only
Page #28
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्चयिष्यत् आर्चयिष्यताम् आचयिष्यन आर्चयिष्यः आर्चयिष्यतम् आर्चयिष्यत
आर्चयिष्यम् आर्चयिष्याव आर्चयिष्याम अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अर्चयते अर्चयेते अर्चयन्ते अर्चयसे अर्चयेथे
अर्चयध्वे अर्चये
अर्चयावहे अर्चयामहे अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
अर्चयताम् अर्चयेताम् अर्चयन्ताम् अर्चयस्व अर्चयेथस्व अर्चयध्वम् अर्चयै अर्चयावहै
अर्चयामहै अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्चयत आर्चयेताम् आर्चयन्त आचेयथाः आर्चयेथाम् आर्चयध्वम् आर्चये
आर्चयावहि आर्चयामहि अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) अर्चयेत अर्चयेयाताम्
अर्चयेरन् अर्चयेथाः अर्चयेयाथाम अर्चयेध्वम्
अर्चयेय अर्चयेवहि अर्चयेमहि अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
अर्चयाञ्चक्रे अर्चयाञ्चक्राते अर्चयाञ्चक्रिरे अर्चयाञ्चकृषे अर्चयाञ्चक्राथे अर्चयाञ्चकढवे
अर्चयाञ्चक्रे अर्चयाञ्चकृवहे अर्चयाञ्चकृमहे अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) अर्चयिता अर्चयितारौ
अर्चयितारः अर्चयितासे अर्चयितासाथे अर्चयिताध्वे अर्चयिताहे अर्चयितास्वहे अर्चयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #29
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्च (पूजायाम, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अर्चयिष्यते अर्चयिष्येते अर्चयिष्यन्ते अर्चयिष्यसे अर्चयिष्येथे अचयिष्यध्वे
अर्चयिष्ये अर्चयिष्यावहे अर्चयिष्यामहे अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अर्चयिषीष्ट अर्चयिषीयास्ताम् अर्चयिषीरन् अर्चयिषीष्ठाः अर्चयिषीयास्थाम अर्चयिषीध्वम्
अर्चयिषीय अर्चयिषीवहि अर्चयिषीमहि अर्च (पूजायाम, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) आर्चिचत
आर्चिचेताम् आर्चिचन्त आर्चिचथाः आर्चिचेथाम आर्चिचध्वम्
आर्चिचे आर्चिचावहि आर्चिचामहि अर्च (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
आर्चयिष्यत आर्चयिष्येताम् आर्चयिष्यन्त आर्चयिष्यथाः आर्चयिष्येथाम् आर्चयिष्यध्वम्
आर्चयिष्ये आर्चयिष्यावहि आर्चयिष्यामहि अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) अर्जयति अर्जयतः
अर्जयन्ति अर्जयसि अर्जयथः
अर्जयथ अर्जयामि अर्जयावः
अर्जयामः अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) अर्जयत
अर्जयताम् अर्जयन्तु अर्जय अर्जयतम्
अर्जयत अर्जयानि अर्जयाव
अजेयाम अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्जयत् आर्जयताम् आर्जयन आर्जयः आर्जयतम् आर्जयत आर्जयम् आर्जयाव
आर्जयाम
For Private and Personal Use Only
Page #30
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अर्जयेत् अर्जयेताम् अर्जयेयुः अर्जये:
अर्जयेतम् अर्जयेत अर्जयेयम् अर्जयेव
अर्जयेम अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
अर्जयाञ्चकार अर्जयाञ्चक्रतुः अर्जयाञ्चक्रुः अर्जयाञ्चकर्थ अर्जयाञ्चक्रथुः । अर्जयाञ्चक्र
अर्जयाञ्चकार अर्जयाञ्चकृव अर्जयाञ्चकृम अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
अर्जयिता अर्जयितारौ अर्जयितारः अर्जयितासि अर्जयितास्थः अर्जयितास्थ
अर्जयितास्मि अर्जयितास्वः अजयितास्मः अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अर्जयिष्यति अर्जयिष्यतः अर्जयिष्यन्ति अर्जयिष्यसि अर्जयिष्यथः अर्जयिष्यथ
अर्जयिष्यामि अर्जयिष्यावः अर्जयिष्यामः अर्ज (प्रतियले, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अर्ध्यात् अास्ताम् अासुः अाः
अास्तम् अास्त अासम् अास्व अास्म अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्जिजत् आर्जिजताम् आर्जिजन् आर्जिजः आर्जिजतम
आजिजत आर्जिजम्
आर्जिजाव आर्जिजाम अर्ज (प्रतियने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्जयिष्यत् आर्जयिष्यताम् आर्जयिष्यन आर्जयिष्यः आर्जयिष्यतम् आर्जयिष्यत आर्जयिष्यम् आर्जयिष्याव आर्जयिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #31
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अर्जये
आर्जये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्ज (प्रतियने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) अर्जयते अर्जयेते
अर्जयन्ते अर्जयसे अर्जयेथे
अर्जयध्वे अर्जये अर्जयावहे
अर्जयामहे अर्ज (प्रतियने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
अर्जयताम् अर्जयेताम् अर्जयन्ताम् अर्जयस्व अर्जयेथस्व
अर्जयध्वम अर्जयावहै
अर्जयामहै अर्ज (प्रतियले, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्जयत आर्जयेताम् आर्जयन्त आर्जयथाः आर्जयेथाम आर्जयध्वम् आर्जयावहि
आर्जयामहि अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) अर्जयेत अर्जयेयाताम
'अर्जयेरन अर्जयेथाः अर्जयेयाथाम् अर्जयेध्वम्
अर्जयेय अर्जयेवहि अर्जयेमहि अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
अर्जयाञ्चक्रे अर्जयाञ्चक्राते अर्जयाञ्चक्रिरे अर्जयाञ्चकृषे अर्जयाञ्चक्राथे अर्जयाञ्चकृढ्वे
अर्जयाञ्चक्रे अर्जयाञ्चकृवहे अर्जयाञ्चकृमहे अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
अर्जयिता अर्जयितारौ अजयितारः अर्जयितासे अर्जयितासाथे अर्जयिताध्वे
अर्जयिताहे अर्जयितास्वहे अर्जयितास्महे अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अर्जयिष्यते अर्जयिष्येते अर्जयिष्यन्ते अर्जयिष्यसे अर्जयिष्येथे अर्जयिष्यध्वे अर्जयिष्ये अर्जयिष्यावहे अर्जयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #32
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
२२
अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अर्जयिषीष्ट
अर्जयिषीष्ठाः अर्जयिषीय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
अर्जयिषीयास्ताम अर्जयिषीयास्थाम् अर्जयिषीवहि
अर्ज (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
आर्जिजत
आर्जिजेताम्
आर्जिजथा:
आर्जिजेथाम
आर्जिजे
आर्जिजावहि
अर्ज (प्रतियले, चुरादिगण, आत्मने, लृङ् )
आर्जयिष्यत
आर्जयिष्येताम
आर्जयिष्यथाः
आर्जयिष्येथाम
आर्ज
आर्जयिष्यावहि
अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अर्जतः
अर्जथः
अर्जावः
अर्जेत
अर्जेः
अर्जेयम्
अर्जति
अर्जसि
अर्जामि
अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
अर्जतु अर्ज अर्जानि
अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्जत
आर्जताम्
आर्जः
आर्जतम्
आर्जम्
आर्जाव
अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अर्जताम्
अर्जतम्
अर्जाव
अर्जेताम्
अर्जेतम
अर्जेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अर्जयिषीरन अर्जयिषीध्वम
अर्जयिषीमहि
आर्जिजन्त आर्जिजम् आर्जिजामहि
आर्जयिष्यन्त
आर्जयिष्यध्वम आर्जयिष्याि
अर्जन्ति
अर्जथ
अर्जामः
अर्जन्तु
अर्जत
अर्जाम
आर्जन
आर्जत
आर्जाम
अर्जेयुः
अर्जेत
अर्जेम
Page #33
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३
आनर्जः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आनर्ज
आनर्जतुः आनर्जिथ आनर्जथुः आनर्ज आनर्ज
आनर्जिव आनर्जिम अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) अर्जिता अर्जितारौ
अर्जितारः अर्जितासि अर्जितास्थः अजितास्थ
अर्जितास्मि अर्जितास्वः अर्जितास्मः अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अर्जिष्यति अर्जिष्यतः अर्जिष्यन्ति अर्जिष्यसि अर्जिष्यथः
अर्जिष्यथ अर्जिष्यामि अर्जिष्यावः अर्जिष्यामः अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अात् अास्ताम् अासुः अाः
अास्तम् अास्त अासम् अास्व अास्म अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) आर्जीत्
आर्जिष्टाम आर्जिषुः आर्जी:
आर्जिष्टम् आर्जिष्ट आर्जिषम् आर्जिष्व
आर्जिष्म अर्ज (अर्जने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्जिष्यत् आर्जिष्यताम् आर्जिष्यन् आर्जिष्यः
आर्जिष्यतम् आर्जिष्यत आर्जिष्यम् आर्जिष्याव आर्जिष्याम अर्थ (उपयाच्ञायाम, चुरादिगण, आत्मने, लट्) अर्थयते अर्थयेते
अर्थयन्ते अर्थयसे
अर्थयेथे अर्थयध्वे अर्थये
अर्थयावहे अर्थयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #34
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
२४
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
अर्थयताम् अर्थयस्व
अर्थयै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
अर्थताम्
अर्थयेथाम
अर्थयावहै
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्थयत
आर्थयथाः
आर्थ
अर्थयिता
अर्थत
अर्थयिता
आर्थयेताम्
आर्थथा
आर्थयावहि
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
अर्थयाञ्चक्रे
अर्थयाञ्चकृषे अर्थयाञ्चक्रे
अर्थयाञ्चक्राते
अर्थयाञ्चक्राथे
अर्थयाञ्चकृवहे
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अर्थयेत
अर्थताम्
अर्थयेथाः
अर्थयेथाम्
अर्थयेय
अर्थयेवहि
अर्थयितारौ
अर्थयितासाथे
अर्थयितास्वहे
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, ऌट्)
अर्थयिष्यते
अर्थयिष्यसे अर्थयिष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अर्थयिष्येते
अर्थयिष्येथे
अर्थयिष्यावहे
अर्थयन्ताम् अर्थयध्वम
अर्थयाम है
आर्थयन्त
आर्थयध्वम्
आर्थयामह
For Private and Personal Use Only
अर्थयेरन अर्थयेध्वम
अर्थ महि
अर्थयाञ्चक्रिरे अर्थयाञ्चकढ़वे अर्थयाञ्चकृमहे
अर्थयितारः
अर्थयिताध्वे
अर्थयितास्महे
अर्थयिष्यन्ते
अर्थयिष्यध्वे
अर्थयिष्यामहे
अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
अर्थयिषीष्ट
अर्थयिषीष्ठाः अर्थयिषीय
अर्थविषीयास्ताम् अर्थयिषीरन
अर्थयिषीयास्थाम्
अर्थयिषीवहि
अर्थयिषीध्वम् अर्थयिषीमहि
Page #35
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) आर्तथत
आर्तथेताम आथिन्त आर्तथथाः आर्तथेथाम आथिध्वम्
आतथे आर्तथावहि आर्तथामहि अर्थ (उपयाच्ञायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
आर्थयिष्यत आर्थयिष्येताम् आर्थयिष्यन्त आर्थयिष्यथाः आर्थयिष्येथाम् आर्थयिष्यध्वम् आर्थयिष्ये
आर्थयिष्यावहि आर्थयिष्यामहि अर्द्ध (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्) अर्दयति अर्दयतः
अर्दयन्ति अर्दयसि अर्दयथः अर्दयथ अर्दयामि अर्दयावः
अर्दयामः अर्द्ध (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
अर्दयतु अर्दयताम् अर्दयन्तु अर्दय अर्दयतम्
अर्दयत अर्दयानि अर्दयाव
अर्दयाम अर्दु (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्दयत् आर्दयताम् आर्दयः आर्दयतम्
आर्दयत आर्दयम् आर्दयाव
आर्दयाम अर्द (हिंसायाम, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अर्दयेत्
अर्दयेताम् अर्दयेयुः अर्दये:
अर्दयेतम् अर्दयेत अर्दयेयम् अर्दयेव
अर्दयेम अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
अर्दयाञ्चकार अर्दयाञ्चक्रतुः अर्दयाञ्चक्रुः अर्दयाञ्चकर्थ अर्दयाञ्चक्रथुः अर्दयाञ्चक्र अर्दयाञ्चकार अर्दयाञ्चकृव अर्दयाञ्चकृम
आर्दयन्
For Private and Personal Use Only
Page #36
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अर्दयिता अर्दयितासि अर्दयितास्मि
www.kobatirth.org
२६
अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
अर्दयितारौ
अर्दयितास्थः
अर्दयितास्वः
अर्दयिष्यति
अर्दयिष्यसि अर्दयिष्यामि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु
अर्द ( हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अर्दयिष्यतः
अर्दयिष्यथः
अर्दयिष्यावः
अर्ट् (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अर्घात
अर्धास्ताम
अर्धाः
अर्धास्तम्
अर्धासम्
अर्धास्व
अद् (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्दिदताम्
आर्दिदत
आर्दिदाव
आर्दिदत् आर्दिद:
आर्दिदम्
अ (हिंसायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
आर्दयिष्यत् आर्दयिष्यः' आर्दयिष्यम्
आर्दयिष्यताम्
आर्दयिष्यतम् आर्दयिष्याव
अद् (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अर्दयते
अर्दयेते
अर्दयसे
अर्दयेथे
अर्दये
अर्दयाव
अद् (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
अर्दयताम
अर्दयेताम
अर्द
अर्दथस्व
अर्दयै
अर्दया है
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
अर्दयितारः अर्दयितास्थ
अर्दयितास्मः
अर्दयिष्यन्ति
अर्दयिष्यथ
अर्दयिष्यामः
अर्घासुः
अर्धास्त
अर्धास्म
आर्दिदन्
आर्दिदत
आर्दिदाम
आर्दयिष्यन
आर्दयिष्यत
आर्दयिष्याम
-रूपावली
अर्दयन्ते
अर्दयध्वे
अर्दयाम
अर्दयन्ताम् अर्दयध्वम्
अर्दया है
Page #37
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७
आर्दये
जादयावाह
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्दयत आर्दयेताम् आर्दयन्त आर्दयथाः आर्दयेथाम् आर्दयध्वम्
आर्दयावहि आर्दयामहि अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अर्दयेत अर्दयेयाताम् अर्दयेरन् अर्दयेथाः अर्दयेयाथाम् अर्दयेध्वम् अर्दयेय
अर्दयेवहि अर्दयेमहि अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
अर्दयाञ्चक्रे अर्दयाञ्चक्राते अर्दयाञ्चक्रिरे अर्दयाञ्चकृषे अदयाञ्चक्राथे अर्दयाञ्चकृढ़वे
अर्दयाञ्चक्रे अर्दयाञ्चकृवहे अर्दयाञ्चकमहे अर्द (हिंसायाम, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
अर्दयिता अर्दयितारौ अर्दयितारः अर्दयितासे अर्दयितासाथे अर्दयिताध्वे अर्दयिताहे
अर्दयितास्वहे अर्दयितास्महे अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अर्दयिष्यते अर्दयिष्येते अर्दयिष्यन्ते अर्दयिष्यसे अर्दयिष्येथे अर्दयिष्यध्वे
अर्दयिष्ये अर्दयिष्यावहे अर्दयिष्यामहे अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अर्दयिषीष्ट अर्दयिषीयास्ताम् अर्दयिषीरन् अर्दयिषीष्ठाः अर्दयिषीयास्थाम अर्दयिषीध्वम्
अर्दयिषीय अर्दयिषीवहि अर्दयिषीमहि अर्द (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) आर्दिदत
आर्दिदेताम आर्दिदन्त आर्दिदथाः आदिदेथाम् आर्दिदध्वम् आर्दिदे
आर्दिदावहि आर्दिदामहि
For Private and Personal Use Only
Page #38
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२८ __ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अ (हिंसायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्दयिष्यत आर्दयिष्येताम् आर्दयिष्यन्त आर्दयिष्यथाः आर्दयिष्येथाम् आर्दयिष्यध्वम
आर्दयिष्ये आर्दयिष्यावहि आर्दयिष्यामहि अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्) अर्हयति अर्हयतः
अर्हयन्ति अर्हयसि अहेयथः
अर्हयथ अर्हयामि अहेयावः
अर्हयामः अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट) अर्हयत्
अर्हयताम् अर्हयन्तु अर्हय अर्हयतम्
अर्हयत अर्हयाणि अर्हयाव अर्हयाम अर्ह (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) आर्हयत् आर्हयताम्
आर्हयन् आर्हयः आर्हयतम्
आहेयत आर्हयम् आर्हयाव
आर्हयाम अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अर्हयेत
अर्हयेताम् अर्हयेयुः अर्हयेः अर्हयेतम्
अर्हयेत अर्हयेयम् अर्हयेव
अर्हयेम अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
अर्हयाञ्चकार अर्हयाञ्चक्रतुः अर्हयाञ्चक्रुः अर्हयाञ्चकर्थ अर्हयाञ्चक्रथुः अर्हयाञ्चक्र
अर्हयाञ्चकार अर्हयाञ्चकृव अर्हयाञ्चकृम अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
अर्हयिता अर्हयितारौ अर्हयितारः अर्हयितासि अर्हयितास्थः अर्हयितास्थ अर्हयितास्मि अर्हयितास्वः अर्हयितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #39
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अर्हयिष्यति अर्हयिष्यतः अर्हयिष्यन्ति अर्हयिष्यसि अर्हयिष्यथः अर्हयिष्यथ
अर्हयिष्यामि अर्हयिष्यावः अर्हयिष्यामः अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अर्थात् अस्तिाम् अासुः अह्याः अास्तम्
अास्त असिम् अास्व अस्मि अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) आर्जिहत्
आर्जिहताम् आर्जिहन् आर्जिहः आर्जिहतम् आर्जिहत
आर्जिहम् आर्जिहाव आर्जिहाम अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्हयिष्यत् आर्हयिष्यताम् आहयिष्यन आर्हयिष्यः आर्हयिष्यतम आहयिष्यत
आर्हयिष्यम् आर्हयिष्याव आहयिष्याम अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्) अर्हयते अर्हयेते
अर्हयन्ते अर्हयसे अर्हयेथे
अर्हयध्वे
अर्हयावहे अर्हयामहे अर्ह (पूजायाम, चुरादिगण, आत्मने, लोट्) अर्हयताम् अर्हयेताम्
अर्हयन्ताम् अहेयस्व
अर्हयेथस्व अर्हयध्वम् अर्हयै अर्हयावहै
अर्हयामहै अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्हयत आर्हयेताम् आर्हयन्त आर्हयथाः आईयेथाम् आहेयध्वम आर्हये
आर्हयावहि आर्हयामहि
अर्हये
For Private and Personal Use Only
Page #40
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अर्हयेध्वम्
श
३० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अर्हयेत अर्हयेयाताम् अर्हयेरन् अर्हयेथाः अर्हयेयाथाम् अर्हयेय
अर्हयेवहि अर्हयेमहि अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
अर्हयाञ्चक्रे अर्हयाञ्चक्राते अर्हयाञ्चक्रिरे अर्हयाञ्चकृषे अर्हयाञ्चक्राथे अर्हयाञ्चकृढ़वे
अर्हयाञ्चक्रे अर्हयाञ्चकृवहे अर्हयाञ्चकमहे अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
अर्हयिता अर्हयितारौ । अर्हयितारः अर्हयितासे अर्हयितासाथे अर्हयिताध्वे
अर्हयिताहे अर्हयितास्वहे अहयितास्महे अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अर्हयिष्यते अर्हयिष्येते अर्हयिष्यन्ते अर्हयिष्यसे अर्हयिष्येथे अर्हयिष्यध्वे
अर्हयिष्ये अर्हयिष्यावहे अर्हयिष्यामहे अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अर्हयिषीष्ट अर्हयिषीयास्ताम् अर्हयिषीरन् अर्हयिषीष्ठाः अर्हयिषीयास्थाम् अर्हयिषीध्वम्
अर्हयिषीय अर्हयिषीवहि अर्हयिषीमहि अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
आर्जिहत आर्जिहेताम् आर्जिहन्त आर्जिहथाः आर्जिहेथाम्
आर्जिहध्वम् आर्जिहे आर्जिहावहि आर्जिहामहि अर्ह (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्हयिष्यत आर्हयिष्येताम् आहयिष्यन्त आर्हयिष्यथाः आर्हयिष्येथाम् आर्हयिष्यध्वम् आर्हयिष्ये आर्हयिष्यावहि आर्हयिष्यामहि
आ
For Private and Personal Use Only
Page #41
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अर्हति
अर्हसि
अहमि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अर्हतः
अर्हथः
अहवः
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
अर्हताम्
अर्हतम
अहव
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आर्हताम्
आर्हत आर्हः
आर्हतम
आर्हम्
आहव
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अर्हेत् अर्हे:
अर्हेताम् अर्हतम्
अर्हेयम्
अर्हेव
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
आनर्हतुः आनर्हथुः आनर्हिव
अर्हतु अर्ह अर्हानि
आन
आनर्हिथ आनह
www.kobatirth.org
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
अहिंतारौ
अर्हितास्थः अर्हितास्वः
अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लूट)
अर्हष्य
अर्हिष्यसि
अर्हिष्यामि
अर्हिता
अर्हितासि अर्हितास्मि
अर्हिष्यतः
अर्हिष्यथः
अर्हिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अर्हन्ति
अर्हथ
अहमः
अर्हन्तु अर्ह
अहम
आर्हन्
आर्हत
आम
अर्हेयुः
अर्हेत
अर्हेम
आनहुँ :
आनहे
आनर्हिम
अर्हितारः
अर्हितास्थ
अर्हितास्मः
अर्हिष्यन्ति
अर्हिष्यथ
अर्हिष्यामः
३१
Page #42
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अह्यात्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अास्ताम्
अासः अह्याः
अास्तम् अगस्त अगसम् अस्व अस्मि अर्ह (पूजायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आीत् आर्हिष्टाम् आर्हिषुः आर्हाः आर्हिष्टम्
आर्हिष्ट आर्हिषम् आर्हिष्व आर्हिष्म अर्ह (पूजायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आर्हिष्यत् आर्हिष्यताम् आर्हिष्यन् आर्हिष्यः आर्हिष्यतम्
आर्हिष्यत आर्हिष्यम् आर्हिष्याव आर्हिष्याम अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अलतः
अलन्ति अलसि अलामि अलावः
अलामः अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) अलतु अलताम्
अलन्तु अल
अलत अलानि अलाव
अलाम अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आलत्
आलन आलतम्
आलत आलाव
आलाम अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अलेत् अलेताम्
अलेयुः अलेः अलेतम्
अलेत अलेयम् अलेव
अलेम
अलति
अलथः
अलथ
अलतम
आलताम्
आलः
आलम्
For Private and Personal Use Only
Page #43
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आल
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आल आलतुः
आवुः आलिथ
आलथुः आल आलिव
आलिम अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
अलिता अलितारौ अलितारः अलितासि अलितास्थः अलितास्थ
अलितास्मि अलितास्वः अलितास्मः अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) अलिष्यति अलिष्यतः
अलिष्यन्ति अलिष्यसि अलिष्यथः अलिष्यथ
अलिष्यामि अलिष्यावः अलिष्यामः अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अल्यात्
अल्यास्ताम् अल्यासुः अल्याः अल्यास्तम
अल्यास्त अल्यासम् अल्यास्व
अल्यास्म अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आलीत् आलिष्टाम् आलिषुः आलीः आलिष्टम्
आलिष्ट आलिषम् आलिष्व
आलिष्म अल (भूषणपर्याप्तिवारणेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आलिष्यत आलिष्यताम् आलिष्यन् आलिष्यः
आलिष्यतम् आलिष्यत आलिष्यम् आलिष्याव आलिष्याम अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) अवति अवतः
अवन्ति अवसि
अवथः अवामि
अवामः
अवथ
अवावः
For Private and Personal Use Only
Page #44
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आवताम्
आवम्
अवेत्
३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) अवतु अवताम
अवन्तु अव अवतम्
अवत अवानि अवाव
अवाम अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आवत्
आवन आवः आवतम्
आवत आवाव
आवाम अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अवेताम् अवेयुः अवेः अवेतम्
अवेत अवेयम्
अवेव अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) आव आवतुः
आव: आविथ
आवथः आव आविव
आविम अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) अविता अवितारौ
अवितारः अवितासि
अवितास्थः अवितास्थ अवितास्मि अवितास्वः अवितास्मः . अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट)
अविष्यति अविष्यतः अविष्यन्ति अविष्यसि
अविष्यथः अविष्यथ अविष्यामि
अविष्यावः अविष्यामः
अवेम
आव
For Private and Personal Use Only
Page #45
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अव्यात् अव्याः
अव्यासम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अव्यासुः अव्यास्त
अव्यास्म
आवीत् आवी:
आविषम्
www.kobatirth.org
आविष्यत् आविष्यः
आविष्यम्
अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आविषुः आविष्ट
आविष्म
-
अव्यास्ताम्
अव्यास्तम्
अव्यास्व
अश्नुताम्
अश्नुष्व अश्नवै
आविष्टाम्
आविष्टम्
आविष्व
आश्नुत
आश्नुथाः आदि
अव (रक्षणगतिकान्तिप्रीतितृप्त्यवगमप्रवेशश्रवणस्वाम्यर्थयाचनक्रियेच्छादीप्त्यवाप्त्यलिङनहिंसादानभाववृद्धिषु भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
आविष्यन्
आविष्
आविष्याम
अशू ( व्याप्तौ संघाते च स्वादिगण, आत्मने, लट्)
अश्नुते
अश्नुवाते
अश्नुषे
अश्नुवाथे
अश्नुवे
अश्नुव
अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, लोट्)
आविष्यताम् आविष्यतम्
आविष्याव
अश्न्वाताम्
अश्न्वाथाम्
अश्वाव
अशू ( व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने,
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आश्वाताम्
आश्न्वाथाम्
आनुव
अश्नुवते अश्नुध्वे
अश्
अश्नुवताम्
अश्नुध्वम् अश्नवामहै
लङ्)
३५
आश्न्वत
आश्नुध्वम्
आ
For Private and Personal Use Only
Page #46
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अश्नुवीत अश्नुवीयाताम् अश्नुवीरन् अश्नुवीथाः अश्नुवीयाथाम् अश्नुवीध्वम्
अश्नुवीय अश्नुवीवहि अश्नुवीमहि अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, लिट्) । आनशे आनशाते
आनशिरे आनशिषे आनशाथे
आनशिध्वे आनशे
आनशिवहे आनशिमहे अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, लुट्)
अशिता अशितारौ अशितारः अशितासि अशितास्थः अशितास्थ
अशितास्मि अशितास्वः अशितास्मः अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, लट) अशिष्यते अशिष्येते
अशिष्यन्ते अशिष्यसे अशिष्येथे अशिष्यध्वे
अशिष्ये अशिष्यावहे अशिष्यामहे अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
अशिषीष्ट अशिषीयास्ताम् अशिषीरन् अशिषीष्ठाः अशिषीयास्थाम् अशिषीध्वम्
अशिषीय अशिषीवहि अशिषीमहि अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्) आशिष्ट
आशिषाताम् आशिषत आशिष्ठाः
आशिषाथाम आशिध्वम आशिषि
आशिष्वहि आशिष्महि अशू (व्याप्तौ संघाते च, स्वादिगण, आत्मने, लुङ)
आशिष्यत आशिष्येताम् आशिष्यन्त आशिष्यथाः आशिष्येथाम आशिष्यध्वम् आशिष्ये
आशिष्यावहि आशिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #47
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अश (भोजने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्) अश्नाति
अश्नीतः अश्नन्ति अश्नासि अश्नीथः
अश्नीथ अश्नामि अश्नीवः
अश्नीमः अश (भोजने, व्रयादिगण, परस्मै, लोट्) अश्नातु
अश्नीताम् अश्नन्तु अशान अश्नीतम्
अश्नीत अश्नानि अश्नाव
अश्नाम अश (भोजने, ज्यादिगण, परस्मै, लङ्)
आश्नात् आश्नीताम् आश्नन् आश्नाः
आश्नीतम् आश्नीत आश्नाम् आश्नीव
आश्नीम अश (भोजने, क्र्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अश्नीयात अश्नीयाताम् अश्नीयुः अश्नीयाः अश्नीयातम् अश्नीयात
अश्नीयाम् अश्नीयाव अश्नीयाम अश (भोजने, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्) आश आशतुः
आशुः आशिथ आशथुः
आश आश आशिव
आशिम अश (भोजने, ज्यादिगण, परस्मै, लुट्) अशिता
अशितारौ अशितारः अशितासि अशितास्थः अशितास्थ
अशितास्मि अशितास्वः अशितास्मः अश (भोजने, व्यादिगण, परस्मै, लट्)
अशिष्यति अशिष्यतः अशिष्यन्ति अशिष्यसि अशिष्यथः अशिष्यथ अशिष्यामि
अशिष्यावः अशिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #48
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अश (भोजने, क्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अश्यात
अश्यास्ताम अश्यासुः अश्याः अश्यास्तम्
अश्यास्त अश्यासम् अश्यास्व
अश्यास्म अश (भोजने, क्रयादिगण, परस्मै, लु)
आशीत् आशिष्टाम् आशिषुः आशीः
आशिष्टम् आशिष्ट आशिषम् आशिष्व
आशिष्म अश (भोजने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
आशिष्यत् आशिष्यताम् आशिष्यन आशिष्यः
आशिष्यतम आशिष्यत आशिष्यम् आशिष्याव
आशिष्याम असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लट्) अस्यति अस्यतः
अस्यन्ति अस्यसि अस्यथः
अस्यथ अस्यामि अस्यावः
अस्यामः असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लोट) अस्यतु अस्यताम्
अस्यन्तु अस्य अस्यतम्
अस्यत अस्यानि अस्याव
अस्याम असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) आस्यत
आस्यताम् आस्यन् आस्यः आस्यतम्
आस्यत आस्यम् आस्याव
आस्याम असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अस्येत्
अस्येताम अस्येयुः अस्येः
अस्येतम् । अस्येत अस्येयम् अस्येव
अस्येम
For Private and Personal Use Only
Page #49
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ___३९ असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) आस आसतुः
आसुः आसिथ आसथुः
आस आस आसिव
आसिम असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) असिता
असितारौ असितारः असितासि असितास्थः असितास्थ
असितास्मि असितास्वः असितास्मः असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लट्) असिष्यति
असिष्यतः असिष्यन्ति असिष्यसि असिष्यथः
असिष्यथ असिष्यामि असिष्यावः असिष्यामः असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) अस्यात्
अस्यास्ताम् अस्यासुः अस्याः अस्यास्तम
अस्यास्त अस्यासम् अस्यास्व
अस्यास्म असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) आस्थत आस्थताम्
आस्थन् आस्थः आस्थतम्
आस्थत आस्थम् आस्थाव
आस्थाम असु (क्षेपणे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) आसिष्यत् आसिष्यताम्
आसिष्यन् आसिष्यः आसिष्यतम् आसिष्यत
आसिष्यम् आसिष्याव आसिष्याम अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लट्) अस्ति
सन्ति असि
स्थ अस्मि स्वः
स्मः
स्तः
स्थः
For Private and Personal Use Only
Page #50
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०
सन्तु
आसम्
आस्त आस्म
स्यात
स्यात
स्याव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लोट्) अस्तु
स्ताम् एधि
स्तम् असानि असाव
असाम अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लङ्) आसीत् आस्ताम्
आसन् आसीः
आस्तम्
आस्व अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्याताम् स्याः
स्यातम् स्याम्
स्याम अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लिट) बभूव बभूवतुः
बभूवुः बभूविथ बभूवथुः
बभूव
बभूविव बभूविम अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लुट्) भविता भवितारौ
भवितारः भवितासि
भवितास्थः भवितास्थ भवितास्मि भवितास्वः भवितास्मः अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लट्)
भविष्यति भविष्यतः भविष्यन्ति भविष्यसि भविष्यथ:
भविष्यथ भविष्यामि भविष्यावः
भविष्यामः अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भूयात
भूयास्ताम् भूयासुः भूयाः भूयास्तम्
भूयास्त भूयासम् भूयास्व
भूयास्म
बभूव
For Private and Personal Use Only
Page #51
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभूत्
अभूः
अभूवम्
अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लृङ)
अभूताम्
अभूतम्
अभूव
अभविष्यत्
अभविष्यः अभविष्यम्
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अभविष्यताम्
अभविष्यतम्
अभविष्याव
आपयतः
आप आपयसि आपयामि
आपयथः
आपयावः
आप (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
आपयतु
आपयताम्
आपय
आपयतम्
आपयानि
आपयाव
आप (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
आपयत्
आपयः
आपयम्
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
आपयताम्
आपयतम्
आपयाव
आपयेताम
आपये म्
आपयेव
आपत
आपयेः आपयेयम्
आप (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
-
आपयाञ्चकार आपयाञ्चक्रतुः
आपयाञ्चकर्थ
आपयाञ्चक्रथुः
आपयाञ्चकार
आपयाञ्चकृव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अभूवन् अभूत
अभूम
अभविष्यन्
अभविष्यत
अभविष्याम
आपयन्ति
आपयथ
आपयामः
आपयन्तु
आपयत
आपयाम
आपयन्
आपयत
आपयाम
आपयेयः
आपयेत
आपयेम
आपयाञ्चक्रुः आपयाञ्चक्र
आपयाञ्चकृम
४१
Page #52
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभूत्
अभूः
अभूवम्
अस (भुवि, अदादिगण, परस्मै, लृङ् )
अभूताम्
अभूतम्
अभूव
अभविष्यताम्
अभविष्यतम्
अभविष्याव
अभविष्यत् अभविष्यः अभविष्यम्
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
आपयति
आपयतः
आपस
आपयथः
आपयामि
आपयावः
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
आपयतु
आपयताम्
आपय
आपयतम्
आपयानि
आपयाव
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
आपयत्
आपयः
आपयम्
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
आपयताम्
आपयतम्
आपयाव
आपयेताम्
आपयेतम्
आपयेव
आपत
आपये: आपयेयम्
आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
आपयाञ्चकार आपयाञ्चक्रतुः आपयाञ्चकर्थ
आपयाञ्चक्रथुः
आपयाञ्चकार
आपयाञ्चकृव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अभूवन्
अभूत
अभूम
अभविष्यन् अभविष्यत
अभविष्याम
आपयन्ति
आपयथ
आपयामः
आपयन्तु
आपयत
आपयाम
आपयन्
आपयत
आपयाम
आपयेयुः
आपयेत
आपयेम
४१
आपयाञ्चक्रुः आपयाञ्चक्र
आपयाञ्चकृम
Page #53
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आप्याः
आप्यास्म
४२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लुट)
आपयिता आपयितारौ आपयितारः आपयितासि आपयितास्थः आपयितास्थ
आपयितास्मि आपयितास्वः आपयितास्मः आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
आपयिष्यति आपयिष्यतः आपयिष्यन्ति आपयिष्यसि आपयिष्यथः आपयिष्यथ
आपयिष्यामि आपयिष्यावः आपयिष्यामः आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) आप्यात् आप्यास्ताम
आप्यासुः आप्यास्तम्
आप्यास्त आप्यासम्
आप्यास्व आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
आपिपत् आपिपताम् आपिपन् आपिपः आपिपतम्
आपिपत आपिपम् आपिपाव
आपिपाम आपू (लम्भने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
आपयिष्यत् आपयिष्यताम् आपयिष्यन् आपयिष्यः
आपयिष्यतम् आपयिष्यत आपयिष्यम् आपयिष्याव आपयिष्याम आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) आपयते आपयेते
आपयन्ते आपयसे आपयेथे
आपयध्वे आपये
आपयावहे आपयामहे आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
आपयताम् आपयेताम् आपयन्ताम् आपयस्व
आपयेथस्व आपयध्वम् आपयावहै
आपयामहै
आपयै
For Private and Personal Use Only
Page #54
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
आपयत
आपयथाः आपये
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
आपयेताम्
आपयेथाम
आपयावहि
आप (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
आपयेयाताम्
आपयेयाथाम्
आपयेवहि
आपत आपयेथाः
आपय
आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
आपयाञ्चक्रे आपयाञ्चकृषे आपयाञ्चक्रे
आपयाञ्चक्राते
आपयाञ्चक्राथे
आपयाञ्चकवहे
आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
आपयितारौ
आपयिता आपयितासे
आपयितासाथे
आपति
आपयितास्व
आप (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
आपयिष्यते
आपयिष्ये
आपयिष्येथे
आपयिष्यसे आपयिष्ये
आपयिष्यावहे
आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
आपयिषीष्ट
आपयिषीष्ठाः आपयिषीय
,
आपयिषीयास्ताम् आपयिषीयास्थाम् आपयिषीवहि
आप (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
आपिपत
आपिपेताम्
आपिपथाः
आपथा
आपिपे
आपिपावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
आपयन्त
आपयध्वम्
आपयामहि
आपयेरन् आपयेध्वम्
आप महि
आपयाञ्चक्रिरे आपयाञ्चकढवे
आपयाञ्चकमहे
आपयितारः
आपयिताध्वे
आपयितास्म
आपयिष्यन्ते
आपयिष्यध्वे
आपयिष्यामहे
आपयिषीरन् आपयिषीध्वम्
आपयिषीमहि
आपिपन्त
आपिपध्वम् आपिपामहि
४३
Page #55
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४४
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली आपू (लम्भने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
आपयिष्यत आपयिष्येताम् आपयिष्यन्त आपयिष्यथाः आपयिष्येथाम् आपयिष्यध्वम् आपयिष्ये
आपयिष्यावहि आपयिष्यामहि आपू (व्याप्तौ, स्वादिगण, परस्मै, लट्) आप्नोति आप्नुतः
आप्नुवन्ति आप्नोषि आप्नथः
आप्नुथ आप्नोमि आप्नुवः
आप्नुमः आपू (व्याप्ती, स्वादिगण, परस्मै, लोट्) आप्नोत् आप्नुताम्
आप्नुवन्तु आप्नहि आप्नुतम्
आप्नुत आप्नवानि आप्नवाव
आप्नवाम आप (व्याप्तौ, स्वादिगण, परस्मै, लङ्) आप्नोत् आप्नुताम्
आप्नुवन् आप्नोः आप्नुतम्
आप्नुत आप्नुवम् आप्नुव
आप्नुम आपू (व्याप्तौ, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) आप्नुयात आप्नुयाताम्
आप्नुयुः आप्नुयाः
आप्नुयातम् आप्नुयात आप्नुयाम् आप्नुयाव
आप्नुयाम आपू (व्याप्तौ, स्वादिगण, परस्मै, लिट) आप आपतुः
आपुः आपिथ आपथुः
आप आप आपिव
आपिम आपू (व्याप्तौ, स्वादिगण, परस्मै, लुट्) आप्ता आप्तारौ
आप्तारः आप्तासि आप्तास्थः
आप्तास्थ आप्तास्मि आप्तास्वः
आप्तास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #56
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
आपू (व्याप्तौ स्वादिगण, परस्मै, लृट्)
आप्स्यति आप्स्यसि आप्स्यामि
आप (व्याप्तौ, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
आप्यात्
आप्याः
आपत्
आपः
>
आप्यासम्
आपू ( व्याप्तौ स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
www.kobatirth.org
>
आप्स्यत्
आप्स्यः
आस्ते
आस्
आ
आप्स्यतः
आप्स्यथः
आप्स्यावः
आस्त
आस्थाः
आसि
आप्यास्ताम्
आप्यास्तम्
आप्यास्व
आपम्
आप (व्याप्तौ स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
आपताम्
आपतम्
आपाव
आप्स्यम्
आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने,
आप्स्यताम्
आप्स्यतम्
आप्स्याव
लट्)
आसा
आसा
आस्व
आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लोट्)
आस्ताम्
आसाताम्
आस्स्व
आसाथाम्
आसै
आसाव
आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लङ्)
आसाताम्
आसाथाम्
आस्वहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
आप्स्यन्ति
आप्स्यथ
आप्स्यामः
आप्यासुः
आप्यास्त
आप्यास्म
आपन्
आपत
आपाम
आप्स्यन् आप्स्यत
आप्स्याम
आसते
आध्वे
आस्महे
आसताम्
आध्वम्
आसाम है
आसत
आध्वम
आस्महि
४५
Page #57
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) आसीत
आसीयाताम् आसीरन आसीथाः आसीयाथाम् आसीध्वम् आसीय
आसीवहि आसीमहि आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लिट)
आसाञ्चके आसाञ्चक्राते । आसाञ्चक्रिरे आसाञ्चकृषे आसाञ्चक्राथे आसाञ्चकृध्वे
आसाञ्चक्रे आसाञ्चकृवहे आसाञ्चकृमहे आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लुट्) आसिता
आसितारौ आसितारः आसितासे आसितासाथे आसिताध्वे आसिताहे आसितास्वहे
आसितास्महे आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लट्) आसिष्यते
आसिष्येते आसिष्यन्ते आसिष्यसे आसिष्येथे आसिष्यध्वे
आसिष्ये आसिष्यावहे आसिष्यामहे आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
आसिषीष्ट आसिषीयास्ताम् आसिषीरन् आसिषीष्ठाः आसिषीयास्थाम् आसिषीध्वम्
आसिषीय आसिषीवहि आसिषीमहि आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लुङ्) आसिष्ट
आसिषाताम् आसिषत आसिष्ठाः
आसिषाथाम् आसिध्वम् आसिषि
आसिष्वहि आसिष्महि आस (उपवेशने, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
आसिष्यत आसिष्येताम् आसिष्यन्त आसिष्यथाः आसिष्येथाम् आसिष्यध्वम् आसिष्ये
आसिष्यावहि आसिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #58
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४७
एति एषि
इवः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली इण (गतो, अदादिगण, परस्मै, लट्)
इतः
इथः एमि इण् (गतो, अदादिगण, परस्मै, लोट)
इताम्
यन्तु इतम्
इत अयानि अयाव
अयाम इण् (गतौ, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
ऐताम्
आयन
एतु
ऐत्
ऐतम्
ऐव
ऐन
इयुः इयात इयाम
ईयथुः
आयम् इण् (गतो, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) इयात्
इयाताम् इयाः
इयातम् इयाम्
इयाव इण् (गतो, अदादिगण, परस्मै, लिट) इयाय
ईयतुः इययिथ इयाय
ईयिव इण् (गतो, अदादिगण, परस्मै, लुट्)
एता एतासि
एतास्थः एतास्मि
एतास्वः इण (गतौ, अदादिगण, परस्मै, लट्) एष्यति
एष्यतः एष्यसि
एष्यथः एष्यामि
एष्यावः
एतारौ
एतारः एतास्थ एतास्मः
एष्यन्ति
एष्यथ एष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #59
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ईयात्
ईयास्व
अगाः
ऐष्यम
४८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली इण (गतो, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
ईयास्ताम् ईयासुः ईयाः ईयास्तम्
ईयास्त ईयासम्
ईयास्म इण् (गतौ, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अगात अगाताम्
अगुः अगातम
अगात अगाम् अगाव
अगाम इण् (गतो, अदादिगण, परस्मै, लु) ऐष्यत्
ऐष्यताम् ऐष्यन् ऐष्यः ऐष्यतम्
ऐष्यत ऐष्याव
ऐष्याम इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) इन्दति इन्दतः
इन्दन्ति इन्दथः
इन्दथ इन्दामि इन्दावः
इन्दामः इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) इन्दतु इन्दताम्
इन्दन्तु इन्द इन्दतम्
इन्दत इन्दाव
इन्दाम इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) ऐन्दत्
ऐन्दताम् ऐन्थन् ऐन्दः ऐन्दतम्
ऐन्दत ऐन्दम् ऐन्दाव
ऐन्दाम इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) इन्देत्
इन्देताम् इन्देयुः इन्देः
इन्देतम् इन्देत इन्देयम् इन्देव
इन्देम
इन्दसि
इन्दानि
For Private and Personal Use Only
Page #60
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
__ ४९
I all w
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
इन्दाञ्चकार इन्दाञ्चक्रतुः इन्दाञ्चक्रुः इन्दाञ्चकर्थ इन्दाञ्चक्रथु: इन्दाञ्चक
इन्दञ्चकार इन्दाञ्चकृव इन्दाञ्चकृम इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) इन्दिता
इन्दितारौ इन्दितारः इन्दितासि इन्दितास्थः इन्दितास्थ
इन्दितास्मि इन्दितास्वः इन्दितास्मः इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
इन्दिष्यति इन्दिष्यतः इन्दिष्यन्ति इन्दिष्यसि इन्दिष्यथः
इन्दिष्यथ इन्दिष्यामि इन्दिष्यावः इन्दिष्यामः इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) इन्द्यात् इन्द्यास्ताम्
इन्द्यासुः इन्द्याः इन्धास्तम्
इन्दयास्त इन्द्यासम् इन्द्यास्व
इन्दयास्म इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ऐन्दिष्टाम् ऐन्दिषुः ऐन्दीः ऐन्दिष्टम्
ऐन्दिष्ट ऐन्दिषम् ऐन्दिष्व
ऐन्दिष्म इदि (परमैश्वर्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ऐन्दिष्यत् ऐन्दिष्यताम ऐन्दिष्यन् ऐन्दिष्यः ऐन्दिष्यतम्
ऐन्दिष्यत ऐन्दिष्यम् ऐन्दिष्याव ऐन्दिष्याम इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) इन्वति इन्वतः
इन्वन्ति इन्वसि इन्वथः
इन्वथ इन्वामि इन्वावः
इन्वामः
ऐन्दीत
l det
For Private and Personal Use Only
Page #61
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ऐन्वताम्
ऐन्वः
५० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) इन्वतु इन्वताम्
इन्वन्तु इन्व इन्वतम्
इन्वत इन्वानि इन्वाव
इन्वाम इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) ऐन्वत्
ऐन्वन ऐन्वतम्
ऐन्वत ऐन्वम् ऐन्वाव
ऐन्वाम इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) इन्वेत्
इन्वेताम् इन्वेयुः इन्वेः इन्वेतम
इन्वेत इन्वेयम् इन्वेव
इन्वेम इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
इन्वाञ्चकार इन्वाञ्चक्रतुः इन्वाञ्चक्रुः इन्वाञ्चक्रथ इन्वाञ्चक्रथुः इन्वाञ्चक्र
इन्वाञ्चकार इन्वाञ्चकृव इन्वाञ्चकृम इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) इन्विता इन्वितारौ
इन्वितारः इन्वितासि इन्वितास्थः इन्वितास्थ
इन्वितास्मि इन्वितास्वः इन्वितास्मः इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) इन्विष्यति
इन्विष्यतः इन्विष्यन्ति इन्विष्यसि इन्विष्यथः इन्विष्यथ
इन्विष्यामि इन्विष्यावः इन्विष्यामः इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) इन्व्यात्
इन्व्यास्ताम इन्व्यासुः इन्व्याः
इन्व्यास्तम् इन्व्यास्त इन्व्यासम इन्व्यास्व
इन्व्यास्म
इति
For Private and Personal Use Only
Page #62
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५१
ऐन्विषुः
ना
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली इवि (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ऐन्वीत् . ऐन्विष्टाम् ऐन्वीः
ऐन्विष्टम् ऐन्विष्ट ऐन्विषम् ऐन्विष्व ऐन्विष्म इवि (व्याप्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ऐन्विष्यत ऐन्विष्यताम् ऐन्विष्यन् ऐन्विष्यः ऐन्विष्यतम् ऐन्विष्यत ऐन्विष्यम्
ऐन्विष्याव ऐन्विष्याम इष (इच्छायाम, तुदादिगण, परस्मै, लट्) इच्छति इच्छतः
इच्छन्ति इच्छसि इच्छथः
इच्छथ इच्छामि इच्छावः
इच्छामः इष (इच्छायाम, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) इच्छतु इच्छताम
इच्छन्तु इच्छ इच्छतम
इच्छत इच्छानि इच्छाव
इच्छाम इष (इच्छायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) ऐच्छत् ऐच्छताम्
ऐच्छन् ऐच्छः ऐच्छतम्
ऐच्छत ऐच्छम् ऐच्छाव
ऐच्छाम इष (इच्छायाम, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
इच्छेत् इच्छेताम् इच्छेयुः इच्छे:
इच्छेतम् इच्छेत इच्छेयम् इच्छेव
इच्छेम इष (इच्छायाम, तुदादिगण, परस्मै, लिट्) इयेष
ईषतुः इयेषिथ इयेष
ईषिव
ईषथुः
For Private and Personal Use Only
Page #63
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ऐषितारः
इष्याः
५२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली इष (इच्छायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) ऐषिता
ऐषितारौ ऐषितासि ऐषितास्थः
ऐषितास्थ ऐषितास्मि ऐषितास्वः ऐषितास्मः इष (इच्छायाम, तुदादिगण, परस्मै, लट्) एषिष्यति एषिष्यतः
एषिष्यन्ति एषिष्यसि
एषिष्यथः एषिष्यथ एषिष्यामि एषिष्यावः
एषिष्यामः इष (इच्छायाम, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) इष्यात्
इष्यास्ताम् इष्यासुः इष्यास्तम्
इष्यास्त इष्यासम् इष्यास्व
इश्यास्म इष (इच्छायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) ऐषीत्
ऐषिष्टाम् ऐषीः
ऐषिष्टम् ऐषिष्ट ऐषिषम् ऐषिष्व
ऐषिष्म इष (इच्छायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) ऐषिष्यत् ऐषिष्यताम्
ऐषिश्यन् ऐषिश्यः
ऐषिष्यतम् ऐषिष्यत ऐषिष्यम् ऐषिष्याव
ऐषिष्याम ई (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) अयति अयतः
अयन्ति अयसि
अयथः अयामि अयावः
अयामः ई (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) अयतु
अयताम् अय
अयतम् अयानि अयाव
अयाम
ऐषिषुः
अयथ
अवन्तु
अयत
For Private and Personal Use Only
Page #64
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
आयताम्
आयतम्
आयाव
आयत्
आयः
आयम्
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अयेत्
अयेः
अयेयम्
www.kobatirth.org
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ईयतुः
इयथुः
इयिव
एता
एतासि एतस्मि
अयेताम्
अयेतम्
अयेव
इत safar
इयाय
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
एतारौ
एतास्थः
एतास्वः
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
एष्यति
एष्यतः
एष्यसि
एष्यथः
याम
एष्यावः
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
इयात्
इयाः
इयासम्
ऐषीत्
ऐषी:
ऐषम्
इयास्ताम्
इयास्तम्
इयास्व
ई ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ऐष्टाम्
ऐतम्
ऐष्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
आयन्
आयत
आयाम
अयेयुः
अयेत
अम
इयुः
इय
इयिम
एतारः
एतास्थ
एतास्मः
एष्यन्ति
एष्यथ
एष्यामः
इयासुः
इयास्त
इयास्म
ऐषुः
ऐष्ट
ऐष्म
५३
Page #65
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ईक्षसे ईक्षे
ईक्षेते ईक्षेथे ईक्षावहे
ईक्षावहै
५४
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ई (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) ऐष्यत् ऐष्यताम्
ऐष्यन् ऐष्यः ऐष्यतम्
ऐष्यत ऐष्यम् ऐष्याव
ऐष्याम ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) ईक्षते
ईक्षन्ते ईक्षध्वे
ईक्षामहे ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) ईक्षताम ईक्षेताम्
ईक्षन्ताम् ईक्षस्व ईक्षेथाम्
ईक्षध्वम् ई:
ईक्षामहै ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) ऐक्षत
ऐक्षन्त ऐक्षथाः
ऐक्षेथाम् ऐक्षध्वम् ऐक्षे ऐक्षावहि
ऐक्षामहि ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) ईक्षेत
ईक्षेयाताम् ईक्षेरन् ईक्षेथाः ईक्षेयाथाम्
ईक्षेध्वम् ईक्षेय ईक्षेवहि ईक्षेमहि ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ईक्षाञ्चक्रे ईक्षाञ्चक्राते ईक्षाञ्चक्रिरे ईक्षाञ्चकृषे ईक्षाञ्चक्राथे ईक्षाञ्चकढ़वे
ईक्षाञ्चक्रे ईक्षाञ्चकृवहे ईक्षाञ्चकृमहे ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट)
ईक्षिता ईक्षितारौ ईक्षितारः ईक्षितासे ईषितासाथे ईक्षिताध्ये ईक्षिताहे ईक्षितास्वहे ईक्षितास्महे
ऐक्षेताम्
For Private and Personal Use Only
Page #66
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ईक्षिष्यते ईक्षिष्येते इक्षिष्यन्ते ईक्षिष्यसे ईक्षिष्येथे ईक्षिष्यध्वे इक्षिष्ये
ईक्षिष्यावहे ईक्षिष्यामहे ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
ईक्षिषीष्ट ईक्षिषीयास्ताम् ईक्षिषीरन् इक्षिषीष्ठाः ईक्षिषीयास्थाम् ईक्षिषीध्वम्
ईक्षिषीय ईक्षिषीवहि ईक्षिषीमहि ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ऐक्षिष्ट
ऐक्षिषाताम् ऐक्षिषत ऐक्षिष्ठाः
ऐक्षिषाथाम् ऐषिध्वम् ऐक्षिषि ऐक्षिष्वहि
ऐक्षिष्महि ईक्ष (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐक्षिष्यत ऐक्षिष्येताम् ऐक्षिष्यन्त ऐक्षिष्यथाः ऐक्षिष्येथाम् ऐक्षिष्यध्वम्
ऐक्षिष्ये ऐक्षिष्यावहि ऐक्षिष्यामहि ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ईय॑ति ईर्ष्णतः ईय॑न्ति ईय॑सि ईय॑थः
ईग्रंथ ईर्ष्यामि ईर्ष्यावः ईर्ष्यामः ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
ईर्ष्णताम् ईय॑न्तु ईj ईय॒तम्
ईर्ष्णत ईर्ष्याणि ईर्ष्याव
ईर्ष्याम ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) ऐर्श्यत
ऐर्श्यताम् ऐर्ध्यः ऐर्ण्यतम्
ऐर्श्यत ऐय॑म् ऐाव ऐाम
ईर्ध्यतु
ऐर्श्यन
For Private and Personal Use Only
Page #67
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ईयेयुः
ईय॒ितारः
५६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
ईयेत् ईर्येताम् ईष्र्ये: ईतम्
ईर्षत ईयेयम् ईयेव
ईयेम ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ईर्ष्यामास ईर्ष्यामासतुः
ईर्ष्यामासुः ईर्ष्याञ्चक्रथ ईर्ष्याञ्चक्रथुः ईर्ष्याञ्चक्र
ईर्ष्याञ्चकार ईर्ष्याञ्चकृव ईर्ष्याञ्चकम ईर्ण्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
ईर्ण्यिता ईय॒ितारौ ईर्यितासि ईय॑तास्थः ईय॒ितास्थ
ईयितास्मि ईय॒ितास्वः ईयितास्मः ईर्ण्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ईयिष्यति ईयिष्यतः
ईयिष्यन्ति इयिष्यसि ईय॒िष्यथः ईयिष्यथ
ईयिष्यामि ईयिष्यावः ईयिष्यामः ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ईर्ष्यात्
ईर्ष्यास्ताम् ईर्ष्यासुः ईर्ष्याः ईर्ष्यास्तम् ईस्ति
ईर्ष्यासम् ईर्ष्यास्व ईस्मि ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) ऐशत्
ऐष्टिाम् ऐjिषुः ऐयीः ऐय॑िष्टम् ऐय॑िष्ट ऐय॒िषम् ऐयिष्व
ऐयिष्म . ईर्घ्य (ईर्ष्यार्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) ऐय॒िष्यत् ऐय॒िष्यताम
ऐय॒िष्यन ऐय॒िष्यः ऐयिष्यतम्
ऐयिष्यत ऐjिष्यम् ऐय॒िष्याव ऐय॒िष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #68
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७
इशिषे ईशे
ईशतम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लट्) ईष्टे ईशाते
ईशते ईशाथे ईशिध्वे ईश्वहे
ईश्महे ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लोट्) - ईष्टाम् ईशाताम् ईशिष्ट
ईशाथाम् ईशिध्वम् ईशै
ईशावहै ईशामहै ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लङ्) ऐष्ट
ऐषाताम् ऐषत ऐष्ठाः ऐषाथाम्
ऐड्ढ्व म् ऐशि ऐश्वहि
ऐश्महि ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ईशीत ईशीयाताम् ईशीरन् ईशीथाः ईशीयाथाम् ईशीध्वम् ईशीय
ईशीवहि ईशीमहि ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लिट्)
ईशाञ्चक्रे ईशाञ्चक्राते ईशाञ्चक्रिरे ईशाञ्चकृषे ईशाञ्चक्राथे ईशाञ्चकृढ्वे
ईशाञ्चक्रे ईशाञ्चकृवहे ईशाञ्चकृमहे ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लुट)
ईशिता ईशितारौ इशितारः ईशितासे ईशितासाथे इशिताध्वे
ईशिताहे ईशितास्वहे ईशितास्महे ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लुट्) ईशिष्यते
ईशिष्येते इशिष्यन्ते ईशिष्यसे ईशिष्येथे
ईशिष्यध्वे ईशिष्ये
ईशिष्यावहे ईशिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #69
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
ऐशिष्यत ऐशिष्यथाः
ऐशिष्ये
५८
ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
ईशिषीष्ट ईशिषीष्ठाः ईशिषीय
ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐशिष्ट
ऐशिष्ठा: ऐशिषि
ईश (ऐश्वर्ये, अदादिगण, आत्मने, लृङ् )
ईष
ईषसे
ईषे
ईषताम् ईषस्व ईषै
www.kobatirth.org
ऐषत
ऐषथा:
ऐषे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
ईषेत
ईषेथा: ईषेय
ईशिषीयास्ताम् ईशिषीयास्थाम् ईशिषीवहि
ऐशिषाताम् ऐशिषाथाम् ऐशिष्वहि
ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने,
ईषे
ईषेथे
ईषाव
ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
ईषेताम् ईषेथाम्
ईषावहै
ऐशिष्येताम् ऐशिष्येथाम
ऐशिष्यावहि
लट्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ईशिषीरन् ईशिषीध्वम्
ईशिषीमहि
ऐशिषत ऐशिध्वम
ऐशिष्महि
ऐशिष्यन्त ऐशिष्यध्वम् ऐशिष्यामहि
ईष ( गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
ऐषेताम
ऐषेथाम्
ऐषावहि
ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ईषेयाताम
ईषेरन
ईषेयाथाम्
ईषेध्वम
ईषेवहि
ईमहि
ईषन्ते
ईषध्वे
ईषाम
ईषन्ताम् ईषध्वम्
ईषामहै
ऐषन्त ऐषध्वम् .
ऐषामहि
Page #70
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लिट)
ईषाञ्चक्रे ईषाञ्चक्राते ईषाञ्चक्रिरे ईषाञ्चकृषे ईषाञ्चक्राथे ईषाञ्चकृढ़वे
ईषाञ्चक्रे ईषाञ्चकृवहे ईषाञ्चकृमहे ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) ईषिता
ईषितारौ ईषितारः इषितासे
ईषितासाथे ईषिताध्ये ईषिताहे
ईषितास्वहे ईषितास्महे ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ईषिष्यते ईषिष्येते ईषिष्यन्ते ईषिष्यसे
ईषिष्येथे ईषिष्यध्वे ईषिष्ये
ईषिष्यावहे ईषिष्यामहे ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ईषिषीष्ट ईषिषीयास्ताम् ईषिषीष्ठाः
ईषिषीयास्थाम ईषिषीध्वम् ईषिषीय ईषिषीवहि
ईषिषीमहि ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐषिष्ट ऐषिषाताम् ऐषिषत ऐषिष्ठाः
ऐषिषाथाम् ऐषिध्वम्
ऐषिष्वहि ऐषिष्महि ईष (गतिहिंसादर्शनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐषिष्यत ऐषिष्येताम् ऐषिष्यन्त ऐषिष्यथाः ऐषिष्येथाम् ऐषिष्यध्वम्
ऐषिष्ये ऐषिष्यावहि ऐषिष्यामहि ईह (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) ईहते ईहेते
ईहन्ते ईहसे
ईहेथे ईहावहे ईहामहे
ईषिषीरन्
ऐषिषि
ईहध्वे
ईहे
For Private and Personal Use Only
Page #71
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
६०
ईह ( चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
ईहेताम्
ईहताम् ईस्व ईहै
ईथाम
ईहा है
ऐहत
ऐहथा: ऐहे
www.kobatirth.org
ईह (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
ऐहेताम् ऐथाम्
ऐहावहि
ई
ईथाः
ईय
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
ईह (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ईहेयाताम् ईहेयाथाम् ईवहि
ईह ( चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ईहाञ्चक्रे ईहाञ्चकृषे ईहाञ्चक्रे
ईहाञ्चक्राते ईहाञ्चक्राथे
ईहाञ्चकृवहे
ईहिता
हिता
हिता
ईह ( चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
ईहितारौ
ईहितासा
हितास्व
ईह (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ईहिष्येते
ईहिष्यते ईहिष्यसे ईहिष्ये
ईहिष्येथे
याव
ईहिषीयास्ताम्
ईहिषीयास्थाम् ईहिषीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ईह (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ईहिषीष्ट
ईहिषीष्ठाः ईहिषीय
For Private and Personal Use Only
ईहन्ताम्
ईध्वम्
हाम
ऐहन्त ऐहध्वम्
ऐहामहि
ईहेरन् ईध्वम्
महि
ईहाञ्चक्रिरे हाञ्चकुढ़वे
ईहाञ्चकुम
ईहितार: ad
ईहितास्महे
ईहिष्यन्ते ईहिष्यध्वे
ईहिष्यामहे
ईहिषीरन् ईहिषीध्वम् ईहिषीमहि
Page #72
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ईह (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ऐहिष्ट ऐहिषाताम्
ऐहिषत ऐहिष्ठाः ऐहिषाथाम् ऐहिढ्वम् ऐहिषि ऐहिष्वहि
ऐहिष्महि ईह (चेष्टायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ऐहिष्यत ऐहिष्येताम्
ऐहिष्यन्त ऐहिष्यथाः ऐहिष्येथाम् ऐहिष्यध्वम् ऐहिष्ये
ऐहिष्यावहि ऐहिष्यामहि उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) उक्षति उक्षतः
उक्षन्ति उक्षति उक्षथः
उक्षथ उक्षामि उक्षावः
उक्षामः उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) उक्षतु उक्षताम्
उक्षन्तु उक्ष उक्षतम्
उक्षत उक्षानि उक्षाव
उक्षाम उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) औक्षत् औक्षताम्
औक्षन् औक्षः औक्षतम्
औक्षत औक्षाव
औक्षाम उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) उक्षेत्
उक्षेताम् उक्षेयुः उक्षेः उक्षेतम
उक्षेत उक्षेयम् उक्षेव
उक्षेम उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
उक्षाञ्चकार उक्षाञ्चक्रतुः उक्षाञ्चक्रुः उक्षाञ्चकर्थ उक्षाञ्चक्रथुः उक्षाञ्चक उक्षाञ्चकार उक्षाञ्चकृव उक्षाञ्चकृम
औक्षम्
For Private and Personal Use Only
Page #73
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
उक्षिता उक्षितारौ उक्षितारः उक्षितासि
उक्षितास्थः उक्षितास्थ उक्षितास्मि उक्षितास्वः उक्षितास्मः उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
उक्षिष्यति उक्षिष्यतः उक्षिष्यन्ति उक्षिष्यसि उक्षिष्यथः
उक्षिष्यथ उक्षिष्यामि उक्षिष्यावः उक्षिष्यामः उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उक्ष्यात्
उक्ष्यास्ताम् उक्ष्यासुः उक्ष्याः
उक्ष्यास्तम उक्ष्यास्त उक्ष्यासम् उक्ष्यास्व
उक्ष्यास्म उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) औक्षीत्
औक्षिष्टाम् औक्षिषुः औक्षीः औक्षिष्टम्
औशिष्ट औक्षिषम् औक्षिष्व
औक्षिष्म उक्ष (सेचने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
औक्षिष्यताम् औक्षिष्यः औक्षिष्यतम् औक्षिष्यत
औक्षिष्यम् औक्षिष्याव औक्षिष्याम उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ओखति ओखतः
ओखन्ति ओखसि ओखथः
ओखथ ओखामि ओखावः
ओखामः उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट)
ओखताम्
ओखन्तु ओख ओखतम्
ओखत ओखानि ओखाव
ओखाम
आक्षिष्यत्
औक्षिष्यन्
ओखतु
For Private and Personal Use Only
Page #74
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६३
उवोख
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) औखत्
औखताम् औखन् औखः औखतम्
औखत औखम् औखाव
औखाम उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ओखेत्
ओखेताम् ओखेयुः ओखेः ओखेतम्
ओखेत ओखेयम् ओखेव
ओखेम उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ऊखतुः ऊखुः उवोखिथ ऊखथुः
ऊख उवोख ऊखिव
ऊखिम उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
ओखिता ओखितारौ ओखितारः ओखितासि ओखितास्थः ओखितास्थ
ओखितास्मि ओखितास्वः ओखितास्मः उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ओखिष्यति ओखिष्यतः ओखिष्यन्ति ओखिष्यसि ओखिष्यथः ओखिष्यथ
ओखिष्यामि ओखिष्यावः ओखिष्यामः उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उख्यात् उख्यास्ताम्
उख्यासुः उख्याः
उख्यास्तम् उख्यास्त उख्यासम् उख्यास्व
उख्यास्म उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) औखीत्
औखिष्टाम् औखिषुः औखीः औखिष्टम्
औखिष्ट औखिषम् औखिष्व
औखिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #75
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
उङ्खामि
६४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली उख (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
औखिष्यत् औखिष्यताम् औखिष्यन् औखिष्यः
औखिष्यतम औखिष्यत औखिष्यम् औखिष्याव औखिष्याम उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) उखति
उखतः उखन्ति उखसि उखथः
उखथ उखावः
उखामः उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) उडतु उङ्खताम्
उङखन्त उख उखतम्
उङखत उखानि उखाव उखाम उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) औङ्खत् औङ्खताम्
औखन् औखः औङ्खतम्
औखत औङ्खम् औलाव औङ्खाम उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) उखेत् उखेताम् उखेयुः उङखेः
उखेतम् उर्खेत उखेयम्
उखेव उखेम उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) उखाञ्चकार उखाञ्चक्रतः उड़खाञ्चक्रुः उखाञ्चकर्थ उखाञ्चक्रथुः उखाञ्चक्र .
उखाञ्चकार उखाञ्चकृव उङ्खाञ्चकम उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
उविता उखितारौ उङिखतारः उखितासि उखितास्थः उखितास्थ उखितास्मि उलितास्वः उलितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #76
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
उङ्खिष्यति उखिष्यतः उलिष्यन्ति उखिष्यसि उविष्यथः उखिष्यथ
उङ्खिष्यामि उङ्खिष्यावः उङ्खिष्यामः उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उङ्ख्यात् उङ्ख्यास्ताम् उङ्ख्यासुः उङ्ख्याः उङ्ख्यास्तम् उङ्ख्यास्त उङ्ख्यासम् उङ्ख्यास्व उङ्ख्यास्म उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
औङ्खीत् औङ्खिष्टाम् औङ्खिषुः औखीः औखिष्टम् औखिष्ट
औषिम् औङ्खिष्व औष्मि उखि (गत्यर्थः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
औङ्खिष्यत् औखिष्यताम् औखिष्यन् औविष्यः औखिष्यतम् औखिष्यत
औड्खिष्यम् औङ्खिष्याव औखिष्याम उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
उञ्च्छति उञ्च्छतः उच्छन्ति उञ्च्छसि उञ्च्छथः
उञ्च्छथ उञ्च्छामि उञ्च्छावः
उञ्च्छामः उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) उञ्च्छ तु
उञ्च्छताम् उञ्च्छन्तु उञ्च्छ उञ्च्छ तम्
उच्छत उञ्च्छानि उञ्च्छाव
उञ्च्छाम उछि (उच्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
औञ्च्छत् औञ्च्छताम् औञ्च्छन् औञ्च्छः
औञ्च्छतम् औञ्च्छ त औञ्च्छम् औञ्च्छाव
औञ्च्छाम
For Private and Personal Use Only
Page #77
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) उच्छेत् उञ्च्छेताम् उञ्च्छेयुः उञ्च्छेः उञ्च्छे तम्
उञ्च्छे त उञ्च्छे यम् उच्छेव
उञ्च्छेम उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट)
उञ्च्छाञ्चकार उच्छाञ्चक्रतः उञ्च्छाञ्चक्रुः उञ्च्छाञ्चकर्थ उञ्च्छाञ्चक्रथुः उच्छाञ्चक
उञ्च्छाञ्चकार उञ्च्छाञ्चकृव उञ्च्छाञ्चकम उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट)
उञ्च्छिता उञ्च्छितारौ उञ्च्छितारः उञ्च्छितासि उञ्च्छितास्थः उञ्च्छितास्थ उच्छितास्मि उच्छितास्वः उच्छितास्मः उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
उच्छिष्यति उच्छिष्यतः उच्छिष्यन्ति उच्छिष्यसि उच्छिष्यथः उच्छिष्यथ
उञ्च्छिष्यामि उच्छिष्यावः उच्छिष्यामः उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उञ्च्छयात् उञ्च्छयास्ताम्
उञ्च्छयासुः उञ्च्छयाः उच्छ्यास्तम् उञ्च्छयास्त
उच्छयासम् उच्छयास्व उञ्च्छयास्म उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
औञ्च्छीत् औच्छिष्टाम् औच्छिषुः औञ्च्छी: औञ्च्छिष्टम् औञ्च्छिष्ट
औच्छिषम् औञ्च्छिष्व औच्छिष्म उछि (उञ्छे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) औच्छिष्यत् औञ्च्छिष्यताम्
औच्छिष्यन् औञ्च्छिष्यः औच्छिष्यतम औच्छिष्यत औञ्च्छिष्यम् औञ्च्छिष्याव औञ्च्छिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #78
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ऊर्दते
ऊर्देते
ऊर्दसे
ऊर्देथे
ऊर्दे
ऊर्जावहे
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
ऊर्देताम्
ऊर्देथाम् ऊर्दावहै
ऊर्दाञ्चक्रे
ऊर्दाञ्चक
ऊर्दाञ्चक्रे
ऊर्दताम
ऊर्दस्व
ऊर्दै
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
ओर्दत
ओर्देथाः
ओर्दे
ओर्देताम्
ओर्देशाम
ओर्दावहि
ऊर्दिता
ऊर्दितासे
ऊर्दिताहे
ऊर्दन्ते
ऊर्दध्वे
ऊर्दाम
ऊर्दाञ्चक्राते
ऊर्दाञ्चक्राथे
ऊर्दाञ्चकृवहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ऊर्दे
ऊर्देयाताम्
ऊर्देथाः
ऊर्देयाथाम्
ऊर्देय
ऊर्देवहि
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ऊर्दन्ताम्
ऊर्दध्वम्
ऊर्दाम
For Private and Personal Use Only
ओर्दन्त
ओर्दध्वम
ओर्दा
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
ऊर्दितारौ
ऊर्दितासाथे
ऊर्दितास्वहे
उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, ऌट्)
ऊर्दिष्यते
ਟਿੰ
ऊर्दिष्येथे
ऊर्दिष्यसे ऊर्दिष्ये
ऊर्दिष्याव
ऊर्देरन्
ऊर्देध्वम्
महि
ऊर्दाञ्चक्रिरे ऊर्दाञ्चकढ़वे
ऊर्दाञ्चकृमहे
ऊर्दितारः
ऊर्दिताध्वे
ऊर्दितास्महे
ऊर्दिष्यन्ते
ऊर्दिष्यध्वे ऊर्दिष्यामहे
६७
Page #79
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ओर्दिषत
६८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली उर्दु (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ऊर्दिषीष्ट ऊर्दिषीयास्ताम् ऊर्दिषीरन् ऊर्दिषीष्ठाः ऊर्दिषीयास्थाम ऊर्दिषीध्वम
ऊर्दिषीय ऊर्दिषीवहि ऊर्दिषीमहि उर्दु (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ओर्दिष्ट ओर्दिषाताम् ओर्दिष्ठाः
ओर्दिषाथाम् ओर्दिध्वम् ओर्दिषि ओर्दिष्वहि ओर्दिष्महि उर्दू (माने क्रीडायाञ्च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ।
ओर्दिष्यत ओर्दिष्येताम् ओर्दिष्यन्त ओर्दिष्यथाः ओर्दिष्येथाम ओर्दिष्यध्वम्
ओर्दिष्ये ओर्दिष्यावहि ओर्दिष्यामहि ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) ऊयते
ऊयेते ऊयसे ऊयेथे
ऊयध्वे
ऊयावहे ऊयामहे ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) ऊयताम् ऊयेताम्
ऊयन्ताम् ऊयस्व ऊयेथाम्
ऊयध्वम् ऊयावहै
ऊयामहै ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) औयत
औयेताम् औयन्त औयथाः
औयेथाम् औयध्वम् औये
औयावहि औयामहि ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्ग) ऊयेत ऊयेयाताम्
ऊयेरन् ऊयेथाः ऊयेयाथाम ऊयेध्वम् ऊयेय ऊयेवहि
ऊयेमहि
ऊयन्ते
ऊये
ऊयै
For Private and Personal Use Only
Page #80
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanman.
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ऊयाञ्चक्रे ऊयाते | ऊयिरे ऊयिषेऊयाथे
ऊयिध्वे ऊये
ऊयिवहे ऊयिमहे ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) ऊयिता
ऊयितारौ ऊयितारः ऊयितासे ऊयितासाथे ऊयिताध्ये ऊयिताहे
ऊयितास्वहे ऊयितास्महे ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ऊयिष्यते ऊयिष्येते ऊयिष्यन्ते ऊयिष्यसे ऊयिष्येथे ऊयिष्यध्वे
ऊयिष्ये ऊयिष्यावहे ऊयिष्यामहे ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ऊयिषीष्ट ऊयिषीयास्ताम् ऊयिषीरन् ऊयिषीष्ठाः ऊयिषीयास्थाम् ऊयिषीध्वम्
ऊयिषीय ऊयिषीवहि ऊयिषीमहि ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ओयिष्ट
ओयिषाताम् ओयिषत ओयिष्ठाः ओयिषाथाम
ओयिध्वम् ओयिषि
ओयिष्वहि ओयिष्महि ऊयी (तन्तुसंताने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ओयिष्यत ओयिष्येताम् ओयिष्यन्त ओयिष्यथाः ओयिष्येथाम् ओयिष्यध्वम् ओयिष्ये
ओयिष्यावहि ओयिष्यामहि ऊह् (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ऊहेते
ऊहन्ते ऊहसे
ऊहध्वे ऊहावहे
ऊहामहे
ऊहते
ऊहेथे
For Private and Personal Use Only
Page #81
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
७०
www.kobatirth.org
ऊहताम्
ऊहस्व ऊह
ऊह् (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
ऊहेताम
ऊहेथाम
ऊहावहै
ऊह (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
औहत
औहेताम्
औहथाः
औहेथाम् औहावहि
औहे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
ऊह् (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ऊहेत
ऊहेथाः
ऊहेय
ऊहेयाताम्
ऊहेयथाम्
ऊहेवहि
ऊह (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ऊहाञ्चक्रे ऊहाञ्चकषे
ऊहाञ्चक्रे
ऊहाञ्चक्राते
ऊहाञ्चक्राथे
ऊहाञ्चकृवहे
ऊह (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
ऊहिता
ऊहितासे
ऊहिताहे
ऊहितारौ
ऊहितासाथे
ऊहितास्वहे
ऊह (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने,
ऊहिष्यते
ऊहिष्यसे
ऊहिष्ये
ऊह् (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
ऊहिषीष्ट
ऊहिषीष्ठाः
ऊहिषीय
लृट्)
ऊहिष्येते
ऊहिष्येथे
ऊहिष्याव
ऊहिषीयास्ताम्
ऊहिषीयास्थाम् ऊहिषीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ऊहन्ताम्
ऊहध्वम्
ऊहाम है
औहन्त
औहध्वम्
औहामहि
ऊहेरन्
ऊहेध्वम्
महि
ऊहाञ्चक्रिरे
ऊहाञ्चकृढ्वे ऊहाञ्चकमहे
ऊहितारः
ऊहिताध्वे
ऊहितास्महे
ऊहिष्यन्ते
ऊहिष्यध्वे
ऊहिष्यांमहे
ऊहिषीरन्
ऊहिषीध्वम् ऊहिषीमहि
Page #82
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
ऊह (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
औहिष्ट
औहिष्ठाः औहिषि
ऊह (वितर्के, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
औहिष्यत
औहिष्यथाः
औहिष्ये
अर्जते
अर्जसे
अर्जे
www.kobatirth.org
अर्जिताम
अर्जस्व
अर्जें
औहिषाताम्
औहिषाथाम् औहिष्वहि
आर्जत
आर्जथा:
आर्जे
ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
अर्जन्ते
अर्जध्वे
अर्जाम
औहिष्येताम्
औहिष्येथाम
औहिष्यावहि
अर्जेत
अर्जेथा:
अर्जेय
आनृजे आनृजिषे आनृजे
अर्जे
अर्जेथे
अर्जाव
ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
अर्जन्ताम् अर्जध्वम्
अर्जामहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अर्जेताम
अर्जेथाम
अर्जावहै
ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
आर्जन्त
आर्जध्वम
आर्जा
औहिषत
औहिदवम
औहिष्मि
आर्जेताम् आर्जेथाम
आर्जावहि
औहिष्यन्त
औहिष्यध्वम
औहिष्यामहि
ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अर्जेयाताम्
अर्जेरन
अर्जेयाथाम् अर्जेवहि
अर्जेध्वम्
अर्जेि
ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने,
आनृजाते आन जाथे आनृजिवहे
For Private and Personal Use Only
लिट्)
आनृजिरे
आजिध्वे
आनृजिम
७१
Page #83
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
अर्जिता अर्जितारौ अर्जितारः अर्जितासे
अर्जितासाथे अर्जिताध्वे अर्जिताहे अर्जितास्वहे अर्जितास्महे ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
अर्जिष्यते अर्जिष्येते अर्जिष्यन्ते अर्जिष्यसे अर्जिष्येथे अर्जिष्यध्वे
अर्जिष्ये अर्जिष्यावहे अर्जिष्यामहे ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने. आशीर्लिङ्)
अर्जिषीष्ट अर्जिषीयास्ताम् अर्जिषीरन् अर्जिषीष्ठाः अर्जिषीयास्थाम अर्जिषीढ़वम
अर्जिषीय अर्जिषीवहि अर्जिषीमहि ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) आर्जिष्ट
आर्जिषाताम् आर्जिषत आर्जिष्ठाः
आर्जिषाथाम् आर्जिढ़वम आर्जिषि आर्जिष्वहि आर्जिष्महि ऋज (गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
आर्जिष्यत आर्जिष्येताम् आर्जिष्यन्त आर्जिष्यथाः आर्जिष्येथाम आर्जिष्यध्वम
आर्जिष्ये आर्जिष्यावहि आर्जिष्यामहि एज़ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
एजते एजसे
एजध्वे एजे एजावहे
एजामहे एज़ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) एजताम् एजेताम
एजन्ताम एजस्व एजेथाम्
एजध्वम् एजावहै
एजामहै
एजेते एजेथे
एजन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #84
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
एज् (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
ऐजत
ऐजेथाः ऐजे
ऐजेताम ऐजेथाम् ऐजावहि
एज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
एजेत
एजेथाः एजे
एजेताम्
एजेयाथाम् एजेवहि
एज् (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
एजाञ्चक्रे एजाञ्चक्रषे
एजाञ्चक्रे
एजाञ्चक्राते
जाञ्चक्रा एजञ्चक्रवहे
एज् (दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
एजिता
एजिता
एजिताहे
एजितारौ एजितासाथे एजितास्व
एज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
एजिष्यते एजिष्यसे एजिष्ये
एज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
एजिषीष्ट
एजिषीष्ठाः एजिषीय
एजिष्येते एजिष्येथे एजिष्याव
एजिषीयास्ताम्
एजिषीयास्थाम् एजिषीवहि
एज् (दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐजिष्ट
ऐजिष्ठाः ऐजिषि
ऐजिषाताम
ऐजिषाथाम्
ऐजिष्वहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ऐजन्त ऐजध्वम
ऐजामहि
एजेन् एजेध्वम्
एजे
एजाञ्चक्रिरे एजाञ्चक्रिढ़वे
एजाञ्चक्रमहे
एजितार:
एजितावे एजितास्महे
एजिष्यन्ते
एजिष्यध्वे
एजिष्यामहे
एजिषीरन् एजिषीवम्
एजिषीमहि
ऐजिषत
ऐजिध्वम् ऐजिष्महि
७३
Page #85
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
७४
www.kobatirth.org
एज् (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐजिष्यत
ऐजिष्यथाः ऐजिष्ये
एज् (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
एजति
एजसि
एजामि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ऐजिष्येताम् ऐजिष्येथाम् ऐजिष्यावहि
एजतः
एजथः
एजावः
एज (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
एजाञ्चकार एजाञ्चकर्थ
एजाञ्चकार
एजतु
एजताम्
एज
एजतम्
एजानि
एजाव
एज (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
ऐजत्
ऐजताम्
ऐज:
एजतम्
एजम्
एजाव
एज् (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
एजेत् एजे: एजेयम्
एज् (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
एजेताम् एजेतम्
एजाव
एजाञ्चक्रतुः
एजाञ्चक्रथुः
एजाञ्चकृव
एज् (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
एजिता एजितासि एजितास्मि
एजितारौ
एजितास्थः
एजितास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ऐजिष्यन्त ऐजिष्यध्वम्
ऐजिष्या महि
एजन्ति
एजथ
एजामः
एजन्तु
एजत
एजाम
ऐजन्
ऐजत
एजाम
एजेयुः
एजेत
एजाम
एजाञ्चक्रुः
एजाञ्चक्र
एजाञ्चकृम
एजितार: एजितास्थ
एजितास्मः
Page #86
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली एज़ (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
एजिष्यति एजिष्यतः एजिष्यन्ति एजिष्यसि एजिष्यथः एजिष्यथ
एजिष्यामि एजिष्यावः एजिष्यामः एज़ (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) एज्यात्
एज्यास्ताम् एज्यासुः एज्याः एज्यास्तम्
एज्यास्त एज्यासम् एज्यास्व
एज्यास्म एज़ (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) ऐजीत ऐजिष्टाम
ऐजिषुः ऐजीः ऐजिष्टम्
ऐजिष्ट ऐजिषम् ऐजिष्व ऐजिष्म एज़ (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ऐजिष्यत् ऐजिष्यताम् ऐजिष्यः ऐजिष्यतम्
ऐजिष्यत ऐजिष्यम्
ऐजिष्याव ऐजिष्याम एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
एधेते
एधन्ते एधसे एधेथे
एधध्वे
एधावहे एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) एधताम् एधेताम्
एधन्ताम् एधस्व एधेथाम
एधध्वम् एधावहै
एधामहै एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) ऐधत
ऐधेताम् ऐधन्त ऐधथाः ऐधेथाम्
ऐधध्वम् ऐधावहि ऐधामहि
ऐजिष्यन्
एधते
एधे
एधामहे
For Private and Personal Use Only
Page #87
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
एधेत
एधितारः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
एधेयाताम् एधेरन् एधेथाः एधेयाथाम् एधेयध्वम् एधेय एधेवहि
एधेमहि एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) एधाञ्चक्रे एधाञ्चक्राते
एधाञ्चक्रिरे एधाञ्चकृषे एधाञ्चक्राथे एधाञ्चकृढ़वे
एधाञ्चक्रे एधाञ्चकृवहे एधाञ्चकृमहे एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) एधिता
एधितारौ एधितासे एधितासाथे
एधिताध्वे एधिताहे एधितास्वहे एधितास्महे एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) एधिष्यते
एधिष्येते एधिष्यन्ते एधिष्यसे एधिष्येथे
एधिष्यध्वे एधिष्ये
एधिष्यावहे एधिष्यामहे एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) एधिषीष्ट एधिषीयास्ताम्
एधिषीरन एधिषीष्ठाः एधिषीयास्थाम
एधिषीध्वम एधिषीय एधिषीवहि एधिषीमहि एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ऐधिष्ट एधिषाताम्
ऐधिषत ऐधिष्ठाः
ऐधिषाथाम ऐधिध्वम ऐधिषि ऐधिष्वहि ऐधिष्महि एध (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐधिष्यत ऐधिष्येताम् ऐधिष्यन्त ऐधिष्यथाः ऐधिष्येथाम ऐधिष्यध्वम् ऐधिष्ये ऐधिष्यावहि ऐधिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #88
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७
जहतुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) जहाति जहितः
जहति जहासि जहिथः
जहिथ जहामि जहिवः
जहिमः ओहाक (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लोट्) जहातु
जहिताम् जहाहि जहितम्
जहित जहानि जहाव
जहाम ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अजहात् अजहिताम् अजहुः अजहाः अजहितम्
अजहित अजहाम् अजहिव अजहिम ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जह्याताम्
जाः जह्याः जह्यातम्
जह्यात जह्याम् जह्याव
जह्याम ओहाक (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लिट्) जहौ
जहतुः जहिथ
जह जहौ जहिव
जहिम ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुट्)
हातारौ
हातारः हातासि हातास्थः
हातास्थ हातास्मि हातास्वः
हातास्मः ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) हास्यति हास्यतः
हास्यन्ति हास्यसि
हास्यथ हास्यामि हास्यावः
हास्यामः
जह्यात्
जहुः
जहथुः
हाता
हास्यथः
For Private and Personal Use Only
Page #89
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
साम्
हेयाः
७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ओहाक (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) हेयात् हेयास्ताम् हेयासुः
हेयास्तम् हेयास्त हेयासम् हेयास्व
हेयास्म ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अहासीत् अहासिष्टाम् अहासिषुः अहासीः
अहासिष्टम् अहासिष्ट अहासिषम् अहासिष्व
अहासिष्म ओहाक् (त्यागे, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अहास्यत् अहास्यताम् अहास्यन् अहास्यः
अहास्यतम् अहास्यत अहास्यम् अहास्याव
अहास्याम कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) कूजति कूजतः
कूजन्ति कूजसि कूजथः
कूजथ कूजामि कूजावः
कूजामः कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) कूजतु
कूजताम् कूजन्तु कूज कूजतम्
कूजत कूजानि कूजाव
कूजाम कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अकूजत् अकूजताम्
अकूजन् अकूजः
अकूजतम् अकूजत अकूजम् अकूजाव
अकूजाम कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) कूजेत
कूजेताम् कूजेयुः कूजेः
कूजेतम् कूजेयम् कूजेव
कूजेत
कूजेम
For Private and Personal Use Only
Page #90
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९
७९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चुकूज
चुकूजतुः चुकूजुः चुकूजिथ चुकूजथुः चुकूज चुकूज चुकूजिव
चुकूजिम कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
कूजिता कूजितारौ कूजितारः कूजितासि कूजितास्थः कूजितास्थ
कूजितास्मि कूजितास्वः कूजितास्मः कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कूजिष्यति कूजिष्यतः कूजिष्यन्ति कूजिष्यसि कूजिष्यथः कूजिष्यथ
कूजिष्यामि कूजिष्यावः कूजिष्यामः कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) कूज्यात्
कूज्यास्ताम् कूज्यासुः कूज्याः
कूज्यास्तम् कूज्यास्त कूज्यासम् कूज्यास्व
कूज्यास्म कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकूजीत् अकूजिष्टाम् अकूजिषुः अकूजीः अकूजिष्टम् अकूजिष्ट
अकूजिषम् अकूजिष्व अकूजिष्म कूज (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अकूजिष्यत् अकूजिष्यताम्
अकूजिष्यन् अकूजिष्यः अकूजिष्यतम् अकूजिष्यत अकूजिष्यम् अकूजिष्याव
अकूजिष्याम कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, लट्) कृणाति
कृणीतः कृणन्ति कृणासि कृणीथः
कृणीथ कृणामि कृणीवः
कृणीमः
For Private and Personal Use Only
Page #91
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
८०
कृणातु कणीहि
कृणानि
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, लोट्)
कुणीताम् कृणीतम्
कृणाव
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकृणात्
अकृणाः अकृणाम्
अकृणीताम् अकृणीतम् अकृणीव
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
कृणीयात् कृणीयाः कृणीयाम्
www.kobatirth.org
कृणीयाताम् कृणाम् कृणीयाव
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, लिट्)
चकार
चकरिथ
चकार
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
करीता
करीतासि
करीतास्मि
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, लुट् )
कतारौ
करीतास्थः
करीतास्वः
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै,
करीष्यति
करीष्यसि
कष्यामि
कीर्यात् कीर्याः कीर्यासम्
चकरतुः
चकरथुः
चकरिव
करीष्यतः
करीष्यथः
करीष्यावः
ऌट्)
कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कीर्यास्ताम् कीर्यास्तम्
कीर्यास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
कृणन्तु कृणीत
कृणाम
अकृणन् अकृणीत
अकृणीम
कृणीयुः
कृणीयात
कृणीयाम
चकरूः
चकर
चकरिम
करीतारः
करीतास्थ
करीतास्मः
करीष्यन्ति
कष्यंथ
करीष्यामः
कीर्यासुः कीर्यास्त कीर्यास्म
Page #92
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अकारि
कृणाते
कृणते
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृञ् (हिंसायाम, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकारीत् अकारिष्टाम् अकारिषुः अकारी:
अकारिष्टम् अकारिष्ट अकारिषम् अकारिष्व अकारिष्म कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकरिष्यत् अकरिष्यताम् अकरिष्यन अकरिष्यः
अकरिष्यतम् अकरिष्यत अकरिष्यम् अकरिष्याव अकरिष्याम कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, लट्)
कृणीते कृणीषे कृणाथे
कणीध्वे कृणे कृणीवहे
कृणीमहे कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, लोट्) कृणीताम् कणाताम
कृणताम् कृणीष्व कृणाथाम्
कणीध्वम कृणै कृणावहै
कृणामहै कृञ् (हिंसायाम, स्वादिगण, आत्मने, लङ्) अकृणीत
अकृणाताम् अकृणत अकृणीथाः अकृणाथाम् अकृणीध्वम् अकृणि
अकृणीवहि अकृणीमहि कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कृणीत
कृणीयाताम् कृणीरन् कणीथाः
कृणीयाथाम् कृणीध्वम् कृणीय
कृणीवहि कृणीमहि कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, लिट्) चकरे चकराते
चकरिरे चकरिषे चकराथे
चकरिध्वे चकरे चकरिवहे
चकरिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #93
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८२
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, लुट्) करिता करितारौ
करितारः करितासे
करितासाथे करिताध्वे करिताहे करितास्वहे करितास्महे कृञ् (हिंसायाम, स्वादिगण, आत्मने, लट्) करिष्यते करिष्येते
करिष्यन्ते करिष्यसे करिष्येथे
करिष्यध्वे करिष्ये
करिष्यावहे करिष्यामहे कृञ् (हिंसायाम, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
करिषीष्ट करिषीयास्ताम् करिषीरन् करिषीष्ठाः करिषीयास्थाम् करिषीढ्वम् करिषीय
करिषीवहि करिषीमहि कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकरिष्ट अकरिषाताम् अकरिषत अकरिष्ठाः
अकरिषाथाम अकरिढवम् अकरिषि
अकरिष्वहि अकरिष्महि कृञ् (हिंसायाम्, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकरिष्यत अकरिष्येताम् अकरिष्यन्त अकरिष्यथाः अकरिष्येथाम् अकरिष्यध्वम्
अकरिष्ये अकरिष्यावहि अकरिष्यामहि कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट) कुञ्चति कुञ्चतः
कुञ्चन्ति कुञ्चसि
कुञ्चथः कुञ्चामि
कुञ्चावः कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) कुञ्चतु
कुञ्चताम् कुञ्चन्तु कुञ्च कुञ्चतम्
कुञ्चत कुञ्चानि कुञ्चाव
कुञ्चाम
कुञ्चर्थ कुञ्चामः
For Private and Personal Use Only
Page #94
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकुञ्चत् अकुञ्चताम् अकुञ्चन् अकुञ्चः अकुञ्चतम् अकुञ्चत
अकुञ्चम् अकुञ्चाव अकुञ्चाम कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
कुञ्चेत् कुञ्चेताम् कुञ्चेयुः कुञ्चेः
कुञ्चेतम् कुञ्चेत कुञ्चेयम् कुञ्चेव
कुञ्चेम कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चुकुञ्च
चुकुञ्चतुः चुकुञ्चुः चुकुञ्चिथ चुकुञ्चथुः
चुकुञ्च चुकुञ्च
चुकुञ्चिव चुकुञ्चिम कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) कुञ्चिता
कुञ्चितारौ कुञ्चितारः कुञ्चितासि कुञ्चितास्थः कुञ्चितास्थ
कुञ्चितास्मि कुञ्चितास्वः कुञ्चितास्मः कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कुञ्चिष्यति कुञ्चिष्यतः कुञ्चिष्यन्ति कुञ्चिष्यसि कुञ्चिष्यथः कुञ्चिष्यथ
कुञ्चिष्यामि कुञ्चिष्यावः कुञ्चिष्यामः कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कुञ्च्यात् कुञ्च्यास्ताम् कुञ्च्यासुः कुञ्च्याः
कुञ्च्यास्तम् कुञ्च्यास्त कुञ्च्यासम् कुञ्च्यास्व कुञ्च्यास्म कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकुञ्चत् अकुञ्चिष्टाम् अकुञ्चिषुः अकुञ्चीः अकुञ्चिष्टम् अकुञ्चिष्ट अकुञ्चिषम् अकुञ्चिष्व अकुञ्चिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #95
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कुण्ठति
कुण्ठ
८४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुञ्च (कौटिल्याल्पीभावयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकुञ्चिष्यत् अकुञ्चिष्यताम् अकुञ्चिष्यन् अकुञ्चिष्यः अकुञ्चिष्यतम् अकुञ्चिष्यत
अकुञ्चिष्यम् अकुञ्चिष्याव अकुञ्चिष्याम कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कुण्ठतः
कुण्ठन्ति कुण्ठसि कुण्ठथः
कुण्ठथ कुण्ठामि कुण्ठावः
कुण्ठामः कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) कुण्ठतु कुण्ठताम्
कुण्ठन्तु कुण्ठतम्
कुण्ठत कुण्ठानि कुण्ठाव
कुण्ठाम कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अकुण्ठत्
अकुण्ठताम् अकुण्ठन् अकुण्ठः अकुण्ठतम्
अकुण्ठत अकुण्ठम् अकुण्ठाव
अकुण्ठाम कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) कुण्ठयेत् कुण्ठयेताम् कुण्ठेयुः कुण्ठेतम्
कुण्ठेत कुण्ठेयम्
कुण्ठेव कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चुकुण्ठ
चुकुण्ठतुः चुकुण्ठुः चुकुण्ठिथ चुकुण्ठथुः चुकुण्ठ चुकुण्ठ चुकुण्ठिव
चुकुण्ठिम कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
कुण्ठिता कुण्ठितारौ कुण्ठितारः कुण्ठितासि कुण्ठितास्थः कुण्ठितास्थ कुण्ठितास्मि कुण्ठितास्वः कुण्ठितास्मः
कुण्ठे:
कुण्ठेम
For Private and Personal Use Only
Page #96
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
कुण्ठिष्यति कुण्ठिष्यतः कुण्ठिष्यन्ति कुण्ठिष्यसि कुण्ठिष्यथः कुण्ठिष्यथ
कुण्ठिष्यामि कुण्ठिष्यावः कुण्ठिष्यामः कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कुण्ठ्यात् कुण्ठ्यास्ताम् कुण्ठ्यासुः कुण्ठ्याः
कुण्ठ्यास्तम् कुण्ठ्यास्त कुण्ठ्यासम् कुण्ठ्यास्व कुण्ठ्यास्म कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकुण्ठीत् अकुण्ठिष्टाम् अकुण्ठिषुः अकुण्ठीः अकुण्ठिष्टम् अकण्ठिष्ट
अकुण्ठिषम् अकुण्ठिष्व अकुण्ठिष्म कुठि (गतिप्रतिघाते, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकुण्ठिष्यत् अकुण्ठिष्यताम्। अकुण्ठिष्यन् अकण्ठिष्यः अकण्ठिष्यतम अकुण्ठिष्यत
अकुण्ठिष्यम् अकुण्ठिष्याव अकुण्ठिष्याम कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) कत्थते
कत्थन्ते कत्थसे कत्थेथे
कत्थध्वे कत्थे कत्थावहे
कत्थामहे कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) कत्थताम कत्थेताम्
कत्थन्ताम कत्थस्व कत्थेथाम्
कत्थध्वम् कत्थै कत्थावहै
कत्थामहै कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अकत्थत
अकत्थेताम् अकत्थन्त अकत्थथाः अकत्थेथाम् अकत्थध्वम् अकत्थे
अकत्थावहि अकत्थामहि
कत्थेते
For Private and Personal Use Only
Page #97
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८६
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कत्थेत
कत्थेयाताम् कत्थेरन् कत्थेथाः
कत्थेयाथाम् कत्थेध्वम् कत्थेय
कत्थेवहि कत्थेमहि कत्थ (श्लाघायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) चकत्थे
चकन्थाते चकत्थिरे चकत्थिषे चकत्थाथे चकत्थिध्वे चकत्थे
चकत्थिवहे चकत्थिमहे कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) कत्थिता
कत्थितारौ कत्थितारः कत्थितासे कत्थितासाथे कत्थिताध्वे
कत्थिताहे कत्थितास्वहे कत्थितास्महे कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
कत्थिष्यते कत्थिष्येते कत्थिष्यन्ते कत्थिष्यसे हदिष्येथे
कत्थिष्यध्वे कत्थिष्ये कत्थिष्यावहे कत्थिष्यामहे कत्थ (श्लाघायाम, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कत्थिषीष्ट कत्थिषीयास्ताम् कत्थिषीरन् कत्थिषीष्ठाः कत्थिषीयास्थाम् कत्थिषीध्वम्
कत्थिषीय कत्थिषीवहि कत्थिषीमहि कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकत्थिष्ट अकत्थिषाताम् अकत्थिषत अकत्थिष्ठाः अकत्थिषाथाम् अकत्थिध्वम्
अकत्थिषि अकत्थिष्वहि अकत्थिष्महि कत्थ (श्लाघायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकत्थिष्यत अकत्थिष्येताम् अकस्थिष्यन्त अकत्थिष्यथाः अकत्थिष्येथाम् अकत्थिष्यध्वम अकत्थिष्ये अकत्थिष्यावहि अकस्थिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #98
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८७
समावह
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) कुत्सयते कुत्सयेते
कुत्सयन्ते कुत्सयसे कुत्सयेथे
कुत्सयध्वे कुत्सये
कुत्सयावहे कुत्सयामहे कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
कुत्सयताम् कुत्सयेताम् कुत्सयन्ताम् कुत्सयस्व कुत्सयेथाम् कुत्सयध्वम्
कुत्सयै कुत्सयावहै कुत्सयामहै कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अकुत्सयत अकुत्सयेताम् अकुत्सयन्त अकुत्सयथाः अकुत्सयेथाम् अकुत्सयध्वम् अकुत्सये अकुत्सयावहि
अकुत्सयामहि कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
कुत्सयेत कुत्सयेयाताम् कुत्सयेरन् कुत्सयेथाः कुत्सयेयाथाम् कुत्सयेध्वम् कुत्सयेय
कुत्सयेवहि कुत्सयेमहि कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
कुत्सयाञ्चक्रे कुत्सयाञ्चक्राते कुत्सयाञ्चक्रिरे कुत्सयाञ्चकृषे कुत्सयाञ्चक्राथे कुत्सयाञ्चकृढ्वे
कुत्सयाञ्चके कुत्सयाञ्चकृवहे कुत्सयाञ्चकृमहेकुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट) कुत्सयिता कुत्सयितारौ
कुत्सयितारः कत्सयितासेकत्सयितासाथे कुत्सयिताध्वे
कुत्सयिताहे कुत्सयितास्वहे कुत्सयितास्महे कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) कुत्सयिष्यते कुत्सयिष्येते
कुत्सयिष्यन्ते कुत्सयिष्यसे कुत्सयिष्येथे
कुत्सयिष्यध्वे कुत्सयिष्ये
कुत्सयिष्यावहे कुत्सयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #99
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कुत्सयिषीष्ट कुत्सयिषीयास्ताम् कुत्सयिषीरन् कत्सयिषीष्ठाःकत्सयिषीयास्थाम कत्सयिषीध्वम
कुत्सयिषीय कुत्सयिषीवहि कुत्सयिषीमहि कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचुकुत्सत अचुकुत्सेताम् अचुकुत्सन्त अचुकुत्सथाः अचुकुत्सेथाम अचुकत्सध्वम
अचुकुत्से अचुकुत्सावहि अचुकुत्सामहि कुत्स (अवक्षेपणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकुत्सयिष्यत अकुत्सयिष्येताम् । अकुत्सयिष्यन्त अकुत्सयिष्यथाः अकुत्सयिष्येथाम् । अकुत्सयिष्यध्वम्
अकुत्सयिष्ये अकुत्सयिष्यावहि ___अकुत्सयिष्यामहि कृती (छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) कृन्तति कन्ततः
कृन्तन्ति कृन्तसि
कृन्तथ कृन्तामि कृन्तावः
कृन्तामः कृती (छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) कृन्ततु कृन्तताम्
कृन्तन्तु कृन्त कृन्ततम्
कृन्तत कृन्तानि कृन्ताव
कृन्ताम कृती (छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अन्तत
अकृन्तताम् अकृन्तन् अकृन्तः अकृन्ततम्
अकृन्तत अकृन्तम् अकृन्ताव
अकन्ताम कृती (छेदने, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) कृन्तेत् कन्तताम
कृन्तेयुः कृन्तेः कृन्तेतम्
कृन्तेत कृन्तेयम् कुन्तेव
कृन्तेम
कृन्तथ:
For Private and Personal Use Only
Page #100
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
कृती (छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
चकर्त
चकर्तिथ चकर्त
चकृततुः
चकृतथुः चकृतिव
कृती ( छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लुट् )
कर्तिता
कर्तिता कर्तितास्मि
कृती ( छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लृट्)
कर्तिष्यति
कर्तिष्यसि
कर्तिष्यामि
कृती (छेदने, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कर्तितारौ
कर्तितास्थः
कर्तितास्वः
कथयति
कथयसि कथयामि
कर्तिष्यतः
कर्तिष्यथः
कर्तिष्यावः
कृत्यात्
कृत्याः
कृत्यासम्
कृती ( छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
कृत्यास्ताम्
कृत्यास्तम्
कृत्यास्व
अकर्तीत् अकर्ती: अकर्तिषम्
कृती ( छेदने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकर्तिष्टाम् अकर्तिष्टम् अकर्तिष्व
अकर्तिष्यत् अकर्तिष्यः अकर्तिष्यम्
कथ ( वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अकर्तिष्यताम
अकर्तिष्यतम् अकर्तिष्याव
कथयतः
कथयथः
कथयावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
चकृतुः
चकृत
चकृतिम
कर्तितारः
कर्तितास्थ
कर्तितास्मः
कर्तिष्यन्ति
कर्तिष्यथ
कर्तिष्यामः
कृत्यासुः कृत्यास्त
कृत्यास्म
अकर्तिषुः अकर्तिष्ट
अकर्तिष्म
अकर्तिष्यन् अकर्तिष्यत
अकर्तिष्याम
कथयन्ति
कथयथ
कथयामः
८९
Page #101
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
९०
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लोट) कथयतु
कथयताम् कथयन्तु कथय कथयतम्
कथयत कथयानि कथयाव
कथयाम कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अकथयत् अकथयताम् अकथयन् अकथयः
अकथयतम् अकथयत अकथयम् अकथयाव
अकथयाम कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
कथयेत् कथयेताम् कथयेयुः कथयेः
कथयेतम् कथयेत कथयेयम् कथयेव
कथयेम कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
कथयाञ्चकार कथयाञ्चक्रतुः कथयाञ्चक्रुः कथयाञ्चकर्थ कथयाञ्चक्रथुः कथयाञ्चक्र
कथयाञ्चकार कथयाञ्चकृव कथयाञ्चकृम कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
कथयिता कथयितारौ कथयितारः कथयितासि कथयितास्थः कथयितास्थ
कथयितास्मि कथयितास्वः कथयितास्मः कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) कथयिष्यति
कथयिष्यतः कथयिष्यन्ति कथयिष्यसि कथयिष्यथः कथयिष्यथ
कथयिष्यामि कथयिष्यावः कथयिष्यामः कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) कथ्यात् कथ्यास्ताम्
कथ्यासुः कथ्याः कथ्यास्तम्
कथ्यास्त कथ्यासम् कथ्यास्व
कथ्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #102
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
९१
कथये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचकथत् अचकथताम् अचकथन् अचकथः अचकथतम् अचकथत
अचकथम् अचकथाव अचकथाम कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकथयिष्यत् अकथयिष्यताम् अकथयिष्यन् अकथयिष्यः अकथयिष्यतम् अकथयिष्यत
अकथयिष्यम् अकथयिष्याव अकथयिष्याम कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) कथयते कथयेते
कथयन्ते कथयसे कथयेथे
कथयध्वे
कथयावहे कथयामहे कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
कथयताम् कथयेताम् कथयन्ताम कथयस्व
कथयेथस्व कथयध्वम् कथयै
कथयावहै कथयामहै कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अकथयत अकथयेताम् अकथयन्त अकथयथाः अकथयेथाम् अकथयध्वम्
अकथये अकथयावहि अकथयामहि कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कथयेत
कथयेयाताम् कथयेरन् कथयेथाः कथयेयाथाम् कथयेध्वम् कथयेय
कथयेवहि कथयेमहि कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
कथयाञ्चके कथयाञ्चक्राते कथयाञ्चक्रिरे कथयाञ्चकृषे कथयाञ्चक्राथे कथयाञ्चकढ़वे कथयाञ्चके कथयाञ्चकृवहे कथयाञ्चकृवमहे
For Private and Personal Use Only
Page #103
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
९२
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) कथयिता कथयितारौ
कथयितारः कथयितासे कथयितासाथे कथयिताध्वे
कथयिताहे कथयितास्वहे कथयितास्महे कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
कथयिष्यते कथयिष्येते कथयिष्यन्ते कथयिष्यसे कथयिष्येथे कथयिष्यध्वे
कथयिष्ये कथयिष्यावहे कथयिष्यामहे कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कथयिषीष्ट कथयिषीयास्ताम् कथयिषीरन् कथयिषीष्ठाः कथयिषीयास्थाम कथयिषीध्वम्
कथयिषीय कथयिषीवहि कथयिषीमहि कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचकथत अचकथेताम अचकथन्त अचकथथाः अचकथेथाम् अचकथध्वम् अचकथे
अचकथावहि अचकथामहि कथ (वाक्यप्रबन्धे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकथयिष्यत अकथयिष्येताम् अकथयिष्यन्त अकथयिष्यथाः अकथयिष्येथाम अकथयिष्यध्वम
अकथयिष्ये अकथयिष्यावहि अकथयिष्यामहि कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लट्) कुप्यति
कुप्यतः कुप्यसि कुप्यथः
कुप्यथ.. कुप्यामि कुप्यावः
कुप्यामः कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लोट्) कुप्यतु कुप्यताम्
कुप्यन्तु कुप्य कुप्यतम्
कुप्यत कुप्याव
कुप्याम
कुप्यन्ति
कुप्यानि
For Private and Personal Use Only
Page #104
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कुप्येत्
कुप्येत
कुप्येम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अकुप्यत्
अकुप्यताम अकुप्यन् अकुप्यः अकुप्यतम्
अकुप्यत अकुप्यम् अकुप्याव
अकुप्याम कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
कुप्येताम्
कुप्येयुः कुप्येः
कुप्येतम् कुप्येयम्
कुप्येव कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) चुकोप चुकुपतुः
चुकुपुः चुकोपिथ चुकुपथुः
चुकुप चुकोप चुकुपिव
चुकुपिम कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) कोपिता
कोपितारौ कोपितारः कोपितासि कोपितास्थः
कोपितास्थ कोपितास्मि कोपितास्वः कोपितास्मः कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
कोपिष्यति कोपिष्यतः कोपिष्यन्ति कोपिष्यसि कोपिष्यथः कोपिष्यथ
कोपिष्यामि कोपिष्यावः कोपिष्यामः कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) कुप्यात्
कुप्यास्ताम् कुप्यासुः कुप्याः कुप्यास्तम्
कुप्यास्त कुप्यासम् कुप्यास्व कुप्यास्म कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अकुपत् अकुपताम्
अकुपन् अकुपः अकुपतम्
अकुपत अकुपम् अकुपाव
अकुपाम
For Private and Personal Use Only
Page #105
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
९४
कुप (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकोपिष्यताम् अकोपिष्यतम्
अकोपिष्याव
कल्प
कल्पसे
कल्पे
अकोपिष्यत् अकोपिष्यः अकोपिष्यम्
कृपू (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
कल्पे
कल्पे
कल्पाव
कृपू (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
कल्पेताम् कल्पेथाम
कल्पाव
कल्पताम्
कल्पस्व
कल्पै
www.kobatirth.org
अकल्पत
अकल्पथाः
अकल्पे
कृपू (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अकल्पेताम
अकल्पेथाम
अकल्पावहि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
चकूपे चकूपिषे चकूपे
कृपू (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
कल्पेत
कल्पेताम्
कल्पेथाः कल्पेय
कल्पेथाम् कल्पेव
कृपू (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
कल्पिता
कल्पितासे कल्पिता
चकूपा
चकूपा
चकुपव
कृपू (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
कल्पितारौ
कल्पितासा कल्पितास्वहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
अकोपिष्यन् अकोपिष्यत
अकोपिष्याम
कल्पन्ते
कल्पवे
कल्पामहे
कल्पन्ताम्
कल्पध्वम्
कल्पाम
अकल्पन्त
अकल्पध्वम अकल्पामहि
कल्पेरन् कल्पेध्वम्
कल्पे
चकपिरे चकपिध्वे
चकूपिमहे
कल्पितारः कल्पिताध्वे कल्पितास्महे
Page #106
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृपू (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
कल्पिष्यते कल्पिष्येते कल्पिष्यन्ते कल्पिष्यसे कल्पिष्येथे कल्पिष्यध्वे कल्पिष्ये कल्पिष्यावहे
कल्पिष्यामहे कृपू (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कल्पिषीष्ट कल्पिषीयास्ताम् कल्पिषीरन् कल्पिषीष्ठाः कल्पिषीयास्थाम कल्पिषीध्वम्
कल्पिषीय कल्पिषीवहि कल्पिषीमहि कृपू (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकल्पिष्ट अकल्पिषाताम् अकल्पिषत अकल्पिष्टाः अकल्पिषाढाम् अकल्पिध्वम्
अकल्पिषि अकल्पिष्वहि अकल्पिष्महि कृपू (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकल्पिष्यत अकल्पिष्येताम् अकल्पिष्यन्त अकल्पिष्यथाः अकल्पिष्येथाम अकल्पिष्यध्वम
अकल्पिष्ये अकल्पिष्यावहि अकल्पिष्यामहि कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) कल्पयति कल्पयतः
कल्पयन्ति कल्पयसि कल्पयथः
कल्पयथ कल्पयामि कल्पयावः कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) कल्पयतु कल्पयताम्
कल्पयन्तु कल्पय कल्पयतम
कल्पयत कल्पयानि कल्पयाव
कल्पयाम कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अकल्पयत् अकल्पयताम् अकल्पयन् अकल्पयः
अकल्पयतम् अकल्पयत अकल्पयम् अकल्पयाव
कल्पयामः
अकल्पयाम
For Private and Personal Use Only
Page #107
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
कल्पयेत् कल्पयेताम् कल्पयेयुः कल्पयेः कल्पयेतम् कल्पयेत कल्पयेयम् कल्पयेव
कल्पयेम कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
कल्पयाञ्चकार कल्पयाञ्चक्रतुः कल्पयाञ्चक्रुः कल्पयाञ्चकर्थ कल्पयाञ्चक्रथुः कल्पयाञ्चक्र
कल्पयाञ्चकार कल्पयाञ्चकृव कल्पयाञ्चकृम कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
कल्पयिता कल्पयितारौ कल्पयितारः कल्पयितासिकल्पयितास्थः कल्पयितास्थ
कल्पयितास्मि कल्पयितास्वः कल्पयितास्मः कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
कल्पयिष्यति कल्पयिष्यतः कल्पयिष्यन्ति कल्पयिष्यसि कल्पयिष्यथः कल्पयिष्यथ
कल्पयिष्यामि कल्पयिष्यावः कल्पयिष्यामः कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) कल्प्यात कल्प्यास्ताम्
कल्प्यासः कल्प्याः
कल्प्यास्तम् कल्प्यास्त कल्प्यासम् कल्प्यास्व
कल्प्यास्म कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचकल्पत अचकल्पताम् अचकल्पन् अचकल्पः अचकल्पतम अचकल्पत
अचकल्पम् अचकल्पाव अचकल्पाम कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अकल्पयिष्यत् अकल्पयिष्यताम् । अकल्पयिष्यन् अकल्पयिष्यः अकल्पयिष्यतम् अकल्पयिष्यत अकल्पयिष्यम् अकल्पयिष्याव अकल्पयिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #108
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कल्पयन्ते
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) कल्पयते
कल्पयेते कल्पयसे कल्पयेथे
कल्पयध्वे कल्पये
कल्पयावहे कल्पयामहे कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
कल्पयताम् कल्पयेताम् कल्पयन्ताम् कल्पयस्व कल्पयेथस्व कल्पयध्वम् कल्पयै
कल्पयावहै कल्पयामहै कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अकल्पयत अकल्पयेताम् अकल्पयन्त अकल्पयथाः अकल्पयेथाम् अकल्पयध्वम्
अकल्पये अकल्पयावहि अकल्पयामहि कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
कल्पयेत कल्पयेयाताम् कल्पयेरन्
कल्पयेथाः कल्पयेयाथाम् कल्पयेध्वम् . कल्पयेय कल्पयेवहि कल्पयेमहि कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
कल्पयाञ्चक्रे कल्पयाञ्चक्राते कल्पयाञ्चक्रिरे कल्पयाञ्चकृषे कल्पयाञ्चक्राथे कल्पयाञ्चकृढ़वे
कल्पयाञ्चक्रे कल्पयाञ्चकृवहे कल्पयाञ्चकृमहे कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
कल्पयिता कल्पयितारौ कल्पयितारः कल्पयितासे कल्पयितासाथे कल्पयिताध्वे
कल्पयिताहे कल्पयितास्वहे कल्पयितास्महे कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
कल्पयिष्यते कल्पयिष्येते कल्पयिष्यन्ते कल्पयिष्यसे कल्पयिष्येथे कल्पयिष्यध्वे कल्पयिष्ये कल्पयिष्यावहे कल्पयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #109
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अचकल्पत
९८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कल्पयिषीष्ट कल्पयिषीयास्ताम् कल्पयिषीरन् कल्पयिषीष्ठाः कल्पयिषीयास्थाम् कल्पयिषीध्वम्
कल्पयिषीय कल्पयिषीवहि कल्पयिषीमहि कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचकल्पत अचकल्पेताम् अचकल्पन्त अचकल्पथाः अचकल्पेथाम अचकल्पध्वम् अचकल्पे अचकल्पावहि
अचकल्पामहि कृपि (अवकल्कने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकल्पयिष्यत अकल्पयिष्येताम् अकल्पयिष्यन्त अकल्पयिष्यथाः अकल्पयिष्येथाम अकल्पयिष्यध्वम्
अकल्पयिष्ये अकल्पयिष्यावहि अकल्पयिष्यामहि कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) कम्पते
कम्पेते कम्पसे कम्पेथे
कम्पध्वे कम्पे कम्पावहे
कम्पामहे कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) कम्पताम् कम्पेताम्
कम्पन्ताम् कम्पस्व कम्पेथाम्
कम्पध्वम् कम्पै
कम्पावहै कम्पामहै कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अकम्पत
अकम्पेताम् अकम्पन्त अकम्पथाः अकम्पेथाम् अकम्पध्वम् अकम्पे अकम्पावहि
अकम्पामहि कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कम्पेत
कम्पेयाताम् कम्पेरन् कम्पेथाः कम्पेयाथाम्
कम्पेध्वम् कम्पेय
कम्पेवहि कम्पेमहि
कम्पन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #110
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
९९
चकम्पे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
चकम्पाते चकम्पिरे चकम्पिषे चकम्पाथे
चकम्पिध्वे चकम्पे
चकम्पिवहे चकम्पिमहे कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) कम्पिता कम्पितारौ
कम्पितारः कम्पितासे कम्पितासाथे कम्पिताध्वे
कम्पिताहे कम्पितास्वहे कम्पितास्महे कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
कम्पिष्यते कम्पिष्येते कम्पिष्यन्ते कम्पिष्यसे कम्पिष्येथे कम्पिष्यध्वे
कम्पिष्ये कम्पिष्यावहे कम्पिष्यामहे कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कम्पिषीष्ट कम्पिषीयास्ताम् कम्पिषीरन् कम्पिषीष्ठाः कम्पिषीयास्थाम कम्पिषीध्वम
कम्पिषीय कम्पिषीवहि कम्पिषीमहि कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकम्पिष्ट अकम्पिषाताम् अकम्पिषत अकम्पिष्ठाः अकम्पिषाथाम् अकम्पिध्वम्
अकम्पिषि अकम्पिष्वहि अकम्पिष्महि कपि (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकम्पिष्यत अकम्पिष्येताम् अकम्पिष्यन्त अकम्पिष्यथाः अकम्पिष्येथाम अकम्पिष्यध्वम
अकम्पिष्ये अकम्पिष्यावहि अकम्पिष्यामहि कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) कामयते कामेयेते
कामयन्ते कामयसे कामयेथे
कामयध्वे कामये कामयावहे
कामयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #111
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१००
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
कामयताम्
कामयेताम् कामयेथाम
कामयस्व कामयै
कामयाव है
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अकामयत
अकामयथाः अकामये
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अकामयेताम्
अकामयेथाम
अकामयावहि
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
कामयेत
कामयेथाः
कामयेय
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
कामयाञ्चक्रे
कामयाञ्चकृषे कामयाञ्चक्रे
कामयेयाताम
कामयेयाथाम्
कामयेवहि
कामयाञ्चक्राते कामयाञ्चक्राथे
कामयाञ्चकृवहे
लुट्)
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने,
कमिता
कमिता
कमिताहे
कमितारौ
कमितासा
कमितास्वहे
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
कामयिष्यते
कामयिष्यसे
कामयिष्ये
कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कामयिषीष्ट
कामयिषीष्ठाः
कामयिषीय
कामयिष्येते
कामयिष्येथे
कामयिष्यावहे
कामयिषीयास्ताम्
कामयिषीयास्थामं कामयिषीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
कामयन्ताम् कामयध्वम् कामयाम है
अकामयन्त
अकामयध्वम्
अकामयामहि
कामयेरन् कामयेध्वम्
काम महि
कामयाञ्चक्रिरे कामयाञ्चकुढ़वे कामयाञ्चकमहे
कमितारः
कमिताध्वे
कमितास्महे
कामयिष्यन्ते
कामयिष्यध्वे
कामयिष्यामहें
कामयिषीरन् कामयिषीध्वम्
कामयिषीमहि
Page #112
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली १०१ कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचीकमत अचीकमेताम् अचीकमन्त अचीकमथाः अचीकमेथाम अचीकमध्वम् अचीकमे
अचीकमावहि अचीकमामहि कमु (कान्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अकामयिष्यत अकामयिष्येताम् अकामयिष्यन्त अकामयिष्यथाः अकामयिष्येथाम अकामयिष्यध्वम
अकामयिष्ये अकामयिष्यावहिं। अकामयिष्यामहि कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) कर्दति
कर्दतः कर्दन्ति कर्दसि कर्दथः
कर्दथ कर्दामि केर्दावः
कर्दामः कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) कर्दतु
कर्दताम् कर्द कर्दतम्
कर्दत कर्दानि काव
कर्दाम कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकर्दत अकर्दताम् अकर्थन् अकर्टः अकर्दतम्
अकर्दत अकर्दम् अकव
अकर्दाम कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
कर्देताम् कर्देयुः कः कतम्
कर्देत कर्देयम् कर्देव
कम कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
चकर्दतुः चकर्दिथ चकर्दथुः
चकर्दै चकर्द चकर्दिव
चकर्दिम
कर्दन्तु
कर्देत्
चकर्द
चकः
For Private and Personal Use Only
Page #113
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कादया
१०२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावर्ल कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
कर्दिता कर्दितारौ कर्दितारः कर्दितासि । कर्दितास्थः कर्दितास्थ
कर्दितास्मि कर्दितास्वः कर्दितास्मः कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कर्दिष्यति कर्दिष्यतः कर्दिष्यन्ति कर्दिष्यसि कर्दिष्यथः कर्दिष्यथ
कर्दिष्यामि कर्दिष्यावः कर्दिष्यामः कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) कात
कस्ताम कासुः काः कास्तम
कास्त कासम् कास्व
कास्म कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकर्दीत् अकर्दिष्टाम् अकर्दिषुः अकर्दीः अकर्दिष्टम्
अकर्दिष्ट अकर्दिषम् अकर्दिष्व अकर्दिष्म कर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकर्दिष्यत् अकर्दिष्यताम् अकर्दिष्यन् अकर्दिष्यः अकर्दिष्यतम् अकर्दिष्यत
अकर्दिष्यम् अकर्दिष्याव अकर्दिष्याम कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) कूर्दते
कूर्देते कूर्दसे कूर्दे कूर्दावहे
कूर्दामहे कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
कूर्दताम् कूर्देताम् कूर्दन्ताम् कूर्दस्व कूर्देथाम् कूर्दध्वम्
कूर्दामहै
कूर्दन्ते कूर्दध्वे
कूर्देथे
कूर्दै
कूर्दावहै
For Private and Personal Use Only
Page #114
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
कुर्देत
कूर्देथाः कूर्देय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने,
लङ्)
अकूर्दत अकूर्दथाः अकूर्दे
अकूर्डेताम् अकूर्देशा अकूर्दावहि
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
कूर्देयाताम् कूर्देयाथाम् कूर्देवहि
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
चुकूदते चुकूर्दाथे चुकूर्दिव
चुकूर्दे चुकूर्दिषे
चुकूर्दे
www.kobatirth.org
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
कूर्दिता कूर्दितासे
कूर्दितारौ कूर्दितासाथे कूर्दितास्वहे
कूर्दिताहे
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
कूर्दिष्यते
कूर्दिष्यसे कूर्दिष्ये
अकूर्दिष्ट अकूर्दिष्ठाः अकूर्दिषि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
कूर्दिष्येते कूर्दिष्येथे
कूर्दिष्याव
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
कूर्दिषीयास्ताम्
कूर्दिषीष्ट कूर्दिषीष्ठाः कूर्दिषीय
कूर्दिषीयास्थाम् कूर्दिषीवहि
कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकूर्दिषाताम्
अकूर्दिषाथाम् अकूर्दिष्वहि
अकूर्दन्त अकूर्दध्वम् अकूर्दा
कूर्देरन्
कूर्देध्वम्
महि
चुकूर्दिरे
चुकूर्दि चुकूर्दिमहे
कूर्दितारः
कूर्दिता कूर्दितास्महे
कूर्दिष्यन्ते
कूर्दिष्यध्वे
कूर्दिष्यामहे
कूर्दिषीरन् कूर्दिषीध्वम्
कूर्दिषीमहि
अकूर्दिषत अकूर्दिध्वम् अकूर्दिष्महि
१०३
Page #115
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कुर्द (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकूर्दिष्यत अकूर्दिष्येताम् अकूर्दिष्यन्त अकूर्दिष्यथाः अकूर्दिष्येथाम् अकुर्दिष्यध्वम्
अकूर्दिष्ये अकूर्दिष्यावहि अकूर्दिष्यामहि ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) क्रन्दति क्रन्दतः
क्रन्दन्ति क्रन्दसि क्रन्दथः
क्रन्दथ कन्दामि क्रन्दावः
क्रन्दामः ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) क्रन्दतु क्रन्दताम्
क्रन्दन्तु क्रन्द क्रन्दतम्
क्रन्दत क्रन्दानि क्रन्दाव
क्रन्दाम ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अक्रन्दत् अक्रन्दताम्
अक्रन्थन् अक्रन्दः अक्रन्दतम्
अक्रन्दत अक्रन्दम् अक्रन्दाव
अक्रन्दाम ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्रन्देत
क्रन्देताम् क्रन्देयुः क्रन्देतम्
क्रन्देत क्रन्देयम् क्रन्देव
क्रन्देम ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चक्रन्द चक्रन्दतुः
चक्रदुः चक्रन्दिथ चक्रन्दथुः
चक्रन्द चक्रन्द चक्रन्दिव
चक्रन्दिम ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) कन्दिता ऋन्दितारौ
क्रन्दितारः कन्दितासि क्रन्दितास्थः कन्दितास्थ ऋन्दितास्मि ऋन्दितास्वः कन्दितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #116
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०५
क्रन्द्याः
क्रन्द्यास्व
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कन्दिष्यति क्रन्दिष्यतः ऋन्दिष्यन्ति . क्रन्दिष्यसि क्रन्दिष्यथः क्रन्दिष्यथ
क्रन्दिष्यामि क्रन्दिष्यावः क्रन्दिष्यामः ऋदि (आह्वाने. रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्रन्द्यात् क्रन्द्यास्ताम्
क्रन्द्यासुः क्रन्द्यास्तम् क्रन्द्यास्त क्रन्यासम्
क्रन्द्यास्म ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रन्दीत् अक्रन्दिष्टाम् अक्रन्दिषुः अक्रन्दीः
अक्रन्दिष्टम् अक्रन्दिष्ट अक्रन्दिषम् अक्रन्दिष्व अक्रन्दिष्म ऋदि (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रन्दिष्यत् अक्रन्दिष्यताम् अक्रन्दिष्यन् अक्रन्दिष्यः अक्रन्दिष्यतम् अक्रन्दिष्यत
अक्रन्दिष्यम् अक्रन्दिष्याव अक्रन्दिष्याम क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
क्रुध्यतः क्रुध्यन्ति क्रुध्यथः
क्रुध्यथ क्रुध्यामि
क्रुध्यावः क्रुध्यामः क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लोट) क्रुध्यतु क्रुध्यताम्
क्रुध्यन्तु क्रुध्य क्रुध्यतम्
क्रुध्यत क्रुध्याव
क्रुध्याम क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्रुध्यत् अक्रुध्यताम् अक्रुध्यन् अक्रुध्यः अक्रुध्यतम् अक्रुध्यत अक्रुध्यम् अक्रुध्याव अक्रुध्याम
क्रुध्यति क्रुध्यसि
क्रुध्यानि
For Private and Personal Use Only
Page #117
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चुक्रोध
चुक्रोध
१०६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्रुध्येत्
क्रुध्येताम् क्रुध्येयुः क्रुध्येः क्रुध्येतम्
क्रुध्येत क्रुध्येयम्
क्रुध्येव क्रुध्येम क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्)
चुक्रुधतुः चुक्रुधुः चुक्रोधिथ चुक्रुधथुः चुक्रुध चुक्रुधिव
चुक्रुधिम क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) क्रोद्धा
क्रोद्धारौ क्रोद्धारः क्रोद्धासि
क्रोद्धास्थः क्रोद्धास्थ क्रोद्धास्मि क्रोद्धास्वः
क्रोद्धास्मः क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
क्रोत्स्यति क्रोत्स्यतः क्रोत्स्यन्ति क्रोत्स्यसि क्रोत्स्यथः
क्रोत्स्यथ क्रोत्स्यामि क्रोत्स्यावः क्रोत्स्यामः क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्रुध्यात्
क्रुध्यास्ताम् क्रुध्यासुः क्रुध्याः
क्रुध्यास्तम् क्रुध्यास्त क्रुध्यासम् क्रुध्यास्व क्रुध्यास्म क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अक्रुधत्
अक्रुधताम् अक्रुधन अक्रुधः अक्रुधतम्
अक्रुधत अक्रुधम् अक्रुधाव
अक्रुधाम क्रुध (क्रोधे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्रोत्स्यत् अक्रोत्स्यताम् अक्रोत्स्यन् अक्रोत्स्यः
अक्रोत्स्यतम् अक्रोत्स्यत अक्रोत्स्यम् अक्रोत्स्याव अक्रोत्स्याम
For Private and Personal Use Only
Page #118
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०७
क्रामति
अक्रामाम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
क्रामतः
कामन्ति क्रामसि क्रामथः
क्रामथ क्रामामि क्रामावः
क्रामामः क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) क्रामतु कामताम्
क्रामन्तु क्राम क्रामतम्
क्रामत क्रामाणि क्रामाव
क्रामाम क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अक्रामत्
अक्रामताम् अक्रामन् अक्रामः अक्रामतम्
अक्रामत अक्रामम् अक्रामाव क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) कामेत्
क्रामेताम् क्रामेयुः क्रामेः क्रामेतम्
क्रामेत क्रामेयम् क्रामेव
क्रामेम क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चक्राम चक्रमतुः
चक्रमुः चक्रमिथ चक्रमथुः
चक्रम चक्राम चक्रमिव
चक्रमिम क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) क्रमिता
क्रमितारौ क्रमितारः क्रमितासि ऋमिस्थः
क्रमितास्थ क्रमितास्मि क्रमितास्वः क्रमितास्मः क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ऋमिष्यति क्रमिष्यतः ऋमिष्यन्ति क्रमिष्यसि
क्रमिष्यथः ऋमिष्यथ क्रमिष्यामि क्रमिष्यावः ऋमिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #119
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्रम्यात
क्रम्यास्ताम् क्रम्यासः क्रम्याः क्रम्यास्तम
क्रम्यास्त क्रम्यासम् क्रम्यास्व
क्रम्यास्म क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रमीत् अक्रमिष्टाम अक्रमिषुः अक्रमीः
अक्रमिष्टम् अक्रमिष्ट अक्रमिषम् अक्रमिष्व अक्रमिष्म क्रमु (पादविक्षेपे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रमिष्यत् अक्रमिष्यताम् अक्रमिष्यन् अक्रमिष्यः अक्रमिष्यतम् अक्रमिष्यत
अक्रमिष्यम् अक्रमिष्याव अक्रमिष्याम क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) क्रोशति क्रोशतः
क्रोशन्ति क्रोशसि क्रोशथः
क्रोशथ क्रोशामि
क्रोशावः क्रोशामः क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) क्रोशतु क्रोशताम्
क्रोशन्तु क्रोश क्रोशतम्
क्रोशत क्रोशानि क्रोशाव
क्रोशाम क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्रोशत् अक्रोशताम् अक्रोशन् अक्रोशः अक्रोशतम
अक्रोशत अक्रोशम् अक्रोशाव अक्रोशाम क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्रोशेत क्रोशेताम्
क्रोशेयुः क्रोशेः
क्रोशेतम् क्रोशेत क्रोशेव
क्रोशेम
क्रोशेयम्
For Private and Personal Use Only
Page #120
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चुक्रोश चुक्रुशतुः
चुक्रुशुः चुक्रोशिथ चुक्रुशथुः
चुक्रुश चुक्रोश. चुकुशिव
चुकुशिम क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) क्रोष्टा क्रोष्टारौ
कोष्टारः क्रोष्टासि
क्रोष्टास्थः क्रोष्टास्थ क्रोष्टास्मि क्रोष्टास्वः
क्रोष्टास्मः क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) क्रोक्ष्यति क्रोक्ष्यतः
क्रोक्ष्यन्ति क्रोक्ष्यसि क्रोक्ष्यथः क्रोक्ष्यथ क्रोक्ष्यामि क्रोक्ष्याव:
क्रोक्ष्यामः क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्रुश्यात्
क्रुश्यास्ताम् क्रुश्यासुः क्रुश्याः
क्रुश्यास्तम् क्रुश्यास्त क्रुश्यासम् क्रुश्यास्व
क्रुश्यास्म क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रुक्षत् अक्रुक्षताम् अक्रुक्षन् अक्रुक्षः अक्रुक्षतम्
अक्रुक्षत अक्रुक्षम् अक्रुक्षाव अक्रुक्षाम क्रुश (आह्वाने रोदने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रोक्ष्यत् अक्रोक्ष्यताम् अक्रोक्ष्यन अक्रोक्ष्यः अक्रोक्ष्यतम् अक्रोक्ष्यत
अक्रोक्ष्यम् अक्रोक्ष्याव अक्रोक्ष्याम क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) क्रीडति क्रीडतः
क्रीडन्ति क्रीडसि क्रीडथः
क्रीडथ क्रीडामि क्रीडावः
क्रीडामः
For Private and Personal Use Only
Page #121
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
११० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) क्रीडतु क्रीडताम्
क्रीडन्तु क्रीड क्रीडतम
क्रीडत क्रीडानि क्रीडाव
क्रीडाम क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्रीडत् अक्रीडताम् अक्रीडन् अक्रीडः
अक्रीडतम् अक्रीडत अक्रीडम् अक्रीडाव अक्रीडाम क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्रीडेत् क्रीडेताम्
क्रीडेयः क्रीडे: क्रीडेतम्
क्रीडेत क्रीडेयम् क्रीडेव
क्रीडेम क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चिक्रीड
चिक्रीडतुः चिक्रीडुः चिक्रीडिथ चिक्रीडथुः चिक्रीड
चिक्रीड चिक्रीडिव चिक्रीडिम क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) क्रीडिता
क्रीडितारौ क्रीडितारः क्रीडितासि क्रीडितास्थः क्रीडितास्थ
क्रीडितास्मि क्रीडितास्वः क्रीडितास्मः क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
क्रीडिष्यति क्रीडिष्यतः क्रीडिष्यन्ति क्रीडिष्यसि क्रीडिष्यथः क्रीडिष्यथ
क्रीडिष्यामि क्रीडिष्यावः क्रीडिष्यामः क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
क्रीड्यात् क्रीड्यास्ताम् क्रीड़यासुः क्रीड्याः क्रीड्यास्तम् क्रीड्यास्त क्रीड्यासम् क्रीड्यास्व क्रीड्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #122
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१११
कले
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रीडीत् अक्रीडिष्टाम् अक्रीडिषुः अक्रीडीः अक्रीडिष्टम् अक्रीडिष्ट
अक्रीडिषम् अक्रीडिष्व अक्रीडिष्म क्रीड़ (विहारे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रीडिष्यत् अक्रीडिष्यताम् अक्रीडिष्यन् अक्रीडिष्यः अक्रीडिष्यतम् अक्रीडिष्यत
अक्रीडिष्यम् अक्रीडिष्याव अक्रीडिष्याम कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) कलते कलेते
कलन्ते कलसे कलेथे
कलध्वे
कलावहे कलामहे कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) कलताम्
कलेताम् कलन्ताम् कलस्व कलेथाम
कलध्वम् कलै कलावहै
कलामहै कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अकलत
अकलेताम् अकलन्त अकलथाः अकलेथाम् अकलध्वम् अकले
अकलावहि अकलामहि कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कलेत
कलेयाताम् कलेथाः
कलेयाथाम् कलेध्वम् कलेय
कलेवहि कलेमहि कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) चकले
चकलाते चकलिरे चकलिषे चकलाथे
चकलिध्वे चकले
चकलिवहे चकलिमहे
कलेरन्
For Private and Personal Use Only
Page #123
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
कलिता
कलिता
कलिताहे
११२
कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
कलितारौ कलितासाथे
कलितास्वहे
www.kobatirth.org
कलिष्यते
कलिष्यसे कलिष्ये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
क्लिन्द
क्लिन्दसे
क्लिन्दे
कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लृट्)
कष्ये
कलिष्येथे
कलिष्यावहे
कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कलिषीष्ट
कलिषीष्ठाः
कलिषीय
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अकलिष्येताम्
अकलिष्येथाम
अकलिष्यावहि
कलिषीयास्ताम् कलिषीयास्थाम्
कलिषीवहि
कल (शब्दसंख्यानयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकलिष्ट अकलिषीष्ठाः अकलिषि
अकलिषाताम् अकलिषाथाम्
अकलिष्वहि
कल (शब्दसंख्यानयो:, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ्)
अकलिष्यत
अकलिष्यथाः अकलिष्ये
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
क्लिन्देते
क्लिन्देथे
क्लिन्दावहे
कलितारः कलिताध्वे
कलितास्महे
क्लिन्देताम्
क्लिन्देथाम् क्लिन्दावहै
For Private and Personal Use Only
कलिष्यन्ते
कलिष्यध्वे
कलिष्यामहे
कलिषीरन कलिषीध्वम्
कलीमहि
अकलिषत
अकलिध्वम्
अकलिष्महि
अकलिष्यन्त
अकलिष्यध्वम्
अकलिष्यामहि
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
क्लिन्दताम्
क्लिन्दस्व
क्लिन्दन्ताम् क्लिन्दध्वम् क्लिन्दाम है
क्लिन्दै
क्लिन्दन्ते
क्लिन्दध्वे
क्लिन्टामहे
Page #124
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अक्लिन्दन्त अक्लिन्दध्वम
अक्ल दा
www.kobatirth.org
क्लिन्दिता
क्लिन्दितासे क्लिन्दिताहे
अक्लिन्द अक्लिन्दथाः अक्लिन्दे
क्लादि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अक्लिन्देताम्
अक्लिन्देथाम
अक्लिन्दावहि
क्लिन्दिष्यते
क्लिन्दिष्यसे क्लिन्दिष्ये
क्लिन्देत क्लिन्देथाः क्लिन्देय
क्लादि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
चिक्लिन्दे
चिक्लिन्दिरे चिक्लिन्दिध्वे
चिक्लिन्टिषे
चिक्लिन्दे
चिक्लिन्दिमहे
क्लादि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
क्लिन्दितारः
क्लिन्दिताध्वे
क्लिन्दितास्महे
क्लिन्देयाताम्
क्लिन्देयाथाम् क्लिन्देवहि
अक्लिन्दिष्ट
अक्लिन्दिष्ठाः अक्लिन्दिषि
चिक्लिन्दा
चिक्लिन्दाथे
चिक्लिन्दिवहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
क्लिन्दितारौ
क्लिन्दितासाथे
क्लिन्दितास्वहे
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, ऌट्)
क्लिन्टिष्यन्ते
क्लिन्दिष्यध्वे
क्लिन्दिष्यामह
क्लिन्दिष्येते
क्लिन्दिष्येथे
क्लिन्दिष्यावहे
क्लिन्देरन् क्लिन्देध्वम
क्लिदेि
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
क्लिन्दिषीष्ट
क्लिन्दिषीष्ठाः क्लिन्दिषीय
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्लिन्दिषाताम् अक्लिन्दिषत
अक्लिन्दिषाथाम् अक्लिन्दिष्वहि
For Private and Personal Use Only
क्लिन्दिषीयास्ताम क्लिन्दिषीरन
क्लिन्दिषीयास्थाम् क्लिन्दिषीवहि
क्लिन्दिषीध्वम् क्लिन्दिषीमहि
अक्लिन्दिध्वम् अक्लिन्दिष्महि
११३
Page #125
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
क्लिन्दति
क्लिन्दसि क्लिन्दामि
११४
क्लदि (वैक्लव्ये वैकल्ये इत्येके, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्लिन्दिष्यन्त अक्लिन्दिष्यध्वम् अक्लिन्दिष्यामहि
अक्लिन्दिष्यत अक्लिन्दिष्येताम्
अक्लिन्दिष्यथाः अक्लिन्दिष्ये
अक्लिन्दिष्येथाम् अक्लिन्दिष्यावहि
क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
क्लिन्दतः
क्लिन्दथः क्लिन्दावः
क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
क्लिन्दताम्
क्लिन्दतम्
क्लिन्दाव
क्लिन्दतु
क्लिन्द क्लिन्टानि
www.kobatirth.org
क्लिन्देत क्लिन्देः' क्लिन्देयम्
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्लिन्दत् अक्लिन्दः अक्लिन्दम्
अक्लिन्दताम् अक्लिन्दतम्
अक्लिन्दाव
क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
क्लिन्देताम्
क्लिन्देम्
क्लिदेव
चिक्लिन्द
चिक्लिन्दिथ चिक्लिन्द
क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
चिक्लिन्दतुः चिक्लिन्दिथुः
चिक्लिन्दिव
क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
क्लिन्दितारौ
क्लिन्दितास्थः
क्लिन्दितास्वः
क्लिन्टिना
क्लिन्दितासि क्लिन्दितास्मि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
क्लिन्दन्ति
क्लिन्दथ
क्लिन्दामः
क्लिन्दन्तु क्लिन्दत
क्लिन्दाम
अक्लिन्थन् अक्लिन्दत
अक्लिन्दाम
क्लिन्देयुः क्लिन्देत
क्लिन्देम
चिक्लिन्दुः चिक्लिन्द
चिक्लिन्दिम
क्लिन्दितारः
क्लिन्दितास्थ क्लिन्दितास्मः
Page #126
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
११५
क्लिन्धास्व
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
क्लिन्दिष्यति क्लिन्दिष्यतः क्लिन्दिष्यन्ति क्लिन्दिष्यसि क्लिन्दिष्यथः क्लिन्दिष्यथ
क्लिन्देिष्यामि क्लिन्दिष्यावः क्लिन्दिष्यामः क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ।
क्लिन्द्यात् क्लिन्द्यास्ताम क्लिन्द्यासुः क्लिन्द्याः क्लिन्द्यास्तम् क्लिन्द्यास्त क्लिन्द्यासम्
क्लिन्द्यास्म क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्लिन्दीत् अक्लिन्दिष्टाम् । अक्लिन्दिषुः अक्लिन्दीः अक्लिन्दिष्टम् अक्लिन्दिष्ट
अक्लिन्दिषम् अक्लिन्दिष्व अक्लिन्दिष्म क्लिदि (परिवेदने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्लिन्दिष्यत् अक्लिन्दिष्यताम अक्लिन्दिष्यन् अक्लिन्दिष्यः अक्लिन्दिष्यतम् अक्लिन्दिष्यत
अक्लिन्दिष्यम् अक्लिन्दिष्याव अक्लिन्दिष्याम क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
क्लिश्यते क्लिश्येते क्लिश्यन्ते क्लिश्यसे क्लिश्येथे क्लिश्यध्वे
क्लिश्ये क्लिश्यावहे क्लिश्यामहे क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
क्लिश्यताम् क्लिश्येताम् क्लिश्यन्ताम् क्लिश्यस्व क्लिश्येथाम् क्लिश्यध्वम्
क्लिश्यै क्लिश्यावहै क्लिश्यामहै क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अक्लिश्यत अक्लिश्येताम् अक्लिश्यन्त अक्लिश्यथाः अक्लिश्येथाम् अक्लिश्यध्वम् अक्लिश्ये अक्लिश्यावहि अक्लिश्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #127
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
११६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
क्लिश्येत क्लिश्येयाताम् क्लिश्येरन् क्लिश्येथाः क्लिश्येयाथाम क्लिश्यध्वम
क्लिश्येय क्लिश्येवहि क्लिश्येमहि क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
चिक्लिशे चिक्लिशाते चिक्लिशिरे चिक्लिषे
चिक्लिशाथे चिक्लिशध्वे चिक्लिशे चिक्लिशिवहे चिक्लिशिमहे क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लुट्) क्लेशिता
क्लेशितारौ क्लेशितारः क्लेशितासे क्लेशितासाथे क्लेशिताध्वे
क्लेशिताहे क्लेशितास्वहे क्लेशितास्महे क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
क्लेशिष्यते क्लेशिष्येते क्लेशिष्यन्ते क्लेशिष्यसे क्लेशिष्येथे क्लेशिष्यध्वे
क्लेशिष्ये क्लेशिष्यावहे क्लेशिष्यामहे क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
क्लेशिषीष्ट क्लेशिषीयास्ताम् क्लेशिषीरन क्लेशिषीष्ठाः क्लेशिषीयास्थाम क्लेशिषीध्वम
क्लेशिषीय क्लेशिषीवहि क्लेशिषीमहि क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्) अक्लेशिष्ट अक्लेशिषाताम्
अक्लेशिषत अक्लेशिष्ठाः अक्लेशिषाथाम् अक्लेशिध्वम्
अक्लेशिषि अक्लेशिष्वहि अक्लेशिष्महि क्लिश (उपतापे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्लेशिष्यत अक्लेशिष्येताम् अक्लेशिष्यन्त अक्लेशिष्यथाः अक्लेशिष्येथाम अक्लेशिष्यध्वम अक्लेशिष्ये अक्लेशिष्यावहिं अक्लेशिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #128
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
११७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्लिशू (बिबाधने, क्रयादिगण, परस्मै, लट्)
क्लिश्नाति क्लिश्नीतः क्लिश्नन्ति क्लिश्नासि क्लिश्नीथः क्लिश्नीथ
क्लिश्नामि क्लिश्नीवः क्लिश्नीमः क्लिशू (बिबाधने, क्रयादिगण, परस्मै, लोट्)
क्लिश्नात क्लिश्नीताम् क्लिश्नन्तु क्लिश्नीहि क्लिश्नीतम् क्लिश्नीत
क्लिश्नानि क्लिश्नाव क्लिश्नाम क्लिशू (बिबाधने, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्लिश्नात् अक्लिश्नीताम् अक्लिश्नन् अक्लिश्नाः अक्लिश्नीतम अक्लिश्नीत
अक्लिश्नाम् अक्लिश्नीव अक्लिश्नीम क्लिशू (बिबाधने, व्रयादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
क्लिश्नीयात् क्लिश्नीयाताम् क्लिश्नीयुः क्लिश्नीयाः क्लिश्नीयातम् क्लिश्नीयात
क्लिश्नीयाम् क्लिश्नीयाव क्लिश्नीयाम क्लिशू (बिबाधने, क्रयादिगण, परस्मै, लिट्)
चिक्लेश चिक्लिशतुः चिक्लेशिथ चिक्लिशथुः चिक्लिश
चिक्लेश चिक्लिशिव चिक्लिशिम क्लिशू (बिबाधने, व्रयादिगण, परस्मै, लुट्)
क्लेशिता क्लेशितारौ क्लेशितारः क्लेशितासि क्लेशितास्थः क्लेशितास्थ
क्लेशितास्मि क्लेशितास्वः क्लेशितास्मः क्लिशू (बिबाधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
क्लेशिष्यति क्लेशिष्यतः क्लेशिष्यन्ति क्लेशिष्यसि क्लेशिष्यथः क्लेशिष्यथ क्लेशिष्यामि क्लेशिष्यावः क्लेशिष्यामः
चिक्लिशुः
For Private and Personal Use Only
Page #129
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
११८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्लिशू (बिबाधने, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
क्लिश्यात् क्लिश्यास्ताम् क्लिश्यासुः क्लिश्याः क्लिश्यास्तम् क्लिश्यास्त
क्लिश्यासम् क्लिश्यास्व क्लिश्यास्म क्लिशू (बिबाधने, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्लेशीत् अक्लेशिष्टाम् अक्लेशिषुः अक्लेशीः अक्लेशिष्टम् अक्लेशिष्ट
अक्लेशिषम् अक्लेशिष्व अक्लेशिष्म क्लिशू (बिबाधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्लेशिष्यत् अक्लेशिष्यताम् अक्लेशिष्यन् अक्लेशिष्यः अक्लेशिष्यतम् अक्लेशिष्यत
अक्लेशिष्यम् अक्लेशिष्याव अक्लेशिष्याम क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) क्लीबते क्लीबेते
क्लीबन्ते क्लीबसे क्लीबेथे क्लीबध्वे क्लीबे
क्लीबावहे क्लीबामहे क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) क्लीबताम क्लीबेताम
क्लीबन्ताम क्लीबस्व क्लीबेथाम् क्लीबध्वम्
क्लीबावहै क्लीबामहै क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अक्लीबत अक्लिबेताम् अक्लिबन्त अक्लिबथाः अक्लिबेथाम् अक्लिबध्वम्
अक्लिबे अक्लिबावहि अक्लिबामहि क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
क्लीबेत क्लीबेयाताम् क्लीबेरन् क्लीबेथाः क्लीबेयाथाम् क्लीबेध्वम् क्लीबेय
क्लीबेवहि क्लीबेमहि
क्लीबै
For Private and Personal Use Only
Page #130
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
११९
क्लाषिप्पय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्लीक (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
चिक्लीबे चिक्लीबाते चिक्लीबिरे चिक्लीबिषे चिक्लीबाथे चिक्लीबिध्वे
चिक्लीबे चिक्लीबिवहे चिक्लीबिमहे क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुट)
क्लीबिता क्लीबितारौ क्लीबितारः क्लीबितासे क्लीबितासाथे क्लीबिताध्वे
क्लीबिताहे क्लीबितास्वहे क्लीबितास्महे क्लीबृ (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
क्लीबिष्यते क्लीबिष्येते क्लीबिष्यन्ते क्लीबिष्यसे क्लीबिष्येथे क्लीबिष्यध्वे
क्लीबिष्ये क्लीबिष्यावहे क्लीबिष्यामहे क्लीक (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
क्लीबिषीष्ट क्लीबिषीयास्ताम् क्लीबिषीरन् क्लीबिषीष्ठाः क्लीबिषीयास्थाम् क्लीबिषीध्वम्
क्लीबिषीय क्लीबिषीवहि क्लीबिषीमहि क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्लीबिष्ट अक्लीबिषाताम् अक्लीबिषत अक्लीबिष्ठाः अक्लीबिषाथाम अक्लीबिध्वम् अक्लीबिषि अक्लीबिष्वहि
अक्लीबिष्महि क्लीब (अघाष्टर्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्लीबिष्यत अक्लीबिष्येताम् । अक्लीबिष्यन्त अक्लीबिष्यथाः अक्लीबिष्येथाम् अक्लीबिष्यध्वम्
अक्लीबिष्ये अक्लीबिष्यावहि अक्लीबिष्यामहि कृष (विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) कृषति कृषतः
कृषन्ति कृषसि कृषथः
कृषथ कृषामि कृषावः
कृषामः
For Private and Personal Use Only
Page #131
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१२०
कृष विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
कृषतु
कृषताम्
कृष
कृषतम्
कृषाणि
कृषाव
कृष विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अकृषत्
अकृषताम्
अकृषः
अकृषतम्
अकृषम्
अकृषाव
कृष (विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
चकर्ष
चकर्षिथ
चकर्ष
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
कृषेत् कृषेः
कृषेाम्
कृषेयम्
कृषे म् कृषेव
कृष विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
चकृषतुः
चकृषथुः
चकृषिव
कृष (विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लुट् )
ऋष्टारौ
क्रष्टा
क्रष्टास्थः
ट क्रष्टास्मि
क्रष्टास्वः
कृष विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
ऋक्ष्यति
ऋक्ष्यसि ऋक्ष्यामि
कृष्यात्
कृष्याः
कृष्यासम्
क्रक्ष्यतः
क्रक्ष्यथः
ऋक्ष्यावः
कृष (विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कृष्यास्ताम्
कृष्यास्तम्
कृष्णास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
कृषन्तु
कृषत
कृषाम
अकृषन्
अकृषत
अकृषाम
कृषेयुः
कृषेत
कृषेम
चकृषुः
चकृष
चकृषिम
क्रष्टारः
ऋष्टास्थ
क्रष्टास्मः
ऋक्ष्यन्ति
ऋक्ष्यथ
क्रक्ष्यामः
कृष्यासुः
कृष्यास्त
कृष्यास्म
Page #132
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृष (विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्राक्षीत् अक्राष्टाम् अक्राक्षुः अक्राक्षीः अक्राष्टम
अक्राष्ट अक्राक्षम् अक्राक्ष्व
अक्राक्ष्म कृष (विलेखने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रक्ष्यत् अक्रक्ष्यताम् अक्रक्ष्यन् अक्रक्ष्यः अक्रक्ष्यतम्
अक्रक्ष्यत अक्रक्ष्यम् अक्रक्ष्याव
अक्रक्ष्याम कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लट्) कृषते कृषेते
कृषन्ते कृषसे कृषेथे
कृषध्वे कृषे कृषावहे
कृषामहे कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लोट्) कृषताम् कृषेताम्
कृषन्ताम् कृषस्व कृषेथाम्
कृषध्वम् कृषावहै
कृषामहै कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लङ्) अकृषत अक्षेताम
अकृषन्त अकृषथाः अकृषेथाम् अकृषध्वम् अकृषे
अकृषावहि अकृषामहि कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कृषेत
कृषेयाताम कृषेरन् कृषेथाः कृषेयाथाम् कृषध्वम् कृषेवहि
कृषमहि कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लिट्) चकृषे चकषाते
चकषिरे चकृषिषे चकृषाथे
चकषिध्वे चकृषे
चकृषिवहे चकृषिमहे
कृषै
कृषेय
For Private and Personal Use Only
Page #133
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लुट) क्रष्टा क्रष्टारौ
क्रष्टारः क्रष्टासे क्रष्टासाथे
क्रष्टाध्वे क्रष्टाहे क्रष्टास्वहे
क्रष्टास्महे कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लट्) क्रक्ष्यते क्रक्ष्यते
कक्ष्यन्ते क्रक्ष्यसे क्रक्ष्येथे
कक्ष्यध्वे क्रक्ष्ये
क्रक्ष्यावहे क्रक्ष्यामहे कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
कृक्षीष्ट कृक्षीयास्ताम् कक्षीरन कृक्षीष्ठाः कृक्षीयास्थाम् कक्षीध्वम कृक्षीय
कृक्षीवहि कृक्षीमहि कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्) अकृक्षत अकृक्षाताम्
अकृक्षन्त अकृक्षथाः अकक्षाथाम
अकृक्षध्वम् अकृक्षि
अकृक्षावहि अकृक्षामहि कृष (विलेखने, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्) अक्रक्ष्यत
अक्रक्ष्येताम् अक्रक्ष्यन्त अक्रक्ष्यथाः अक्रक्ष्येथाम् अक्रक्ष्यध्वम् अक्रक्ष्ये
अक्रक्ष्यावहि अक्रक्ष्यामहि कृष (विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) कर्षति
कर्षन्ति कर्षसि कर्षथः
कर्षथ कर्षामि कर्षावः
कर्षामः कृष (विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) कर्षतु कर्षताम्
कर्षन्तु कर्ष कर्षतम
कर्षत कर्षाणि कर्षाव
कर्षाम
कर्षतः
For Private and Personal Use Only
Page #134
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
कृष विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकर्षताम् अकर्षतम
अकर्षाव
अकर्षत
अकर्षः
अकर्षम्
कृष विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्ग)
कर्षेताम्
कर्षे म् कर्षेव
चकर्ष
चकर्षिथ
चकर्ष
www.kobatirth.org
कर्षेत
कर्षेः कर्षेयम्
कृष विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
क
कस क्रष्टास्मि
चकृषतुः
चकृषथुः
चकृषिव
कृष विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
करौ
कर्क्ष्यति
कर्क्ष्यस
कमि
-
कृष विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कर्क्ष्यतः
कर्क्ष्यथः
कर्क्ष्यावः
कृष विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कृष्यात्
कृष्याः
ऋष्टास्थः
कस्वः
अकाक्षत् अकाक्षः अकार्क्षम्
कृष्यास्ताम्
कृष्यास्तम्
कृष्यासम्
कृष्णास्व
कृष (विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकाम्
अकार्ष्टम्
अका
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अकर्षन् अकर्षत
अकर्षाम
कर्षेयुः
क
कर्षेम
चकृषुः
चकृष
कृषिम
कटर:
क्रष्टास्थ
कस्मः
कर्क्ष्यन्ति
कर्क्ष्यथ
कर्क्ष्यामः
कृष्णासुः
कृष्णास्त
कृष्यास्म
अकार्क्षः अकाष्ट
अका
१२३
Page #135
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कृष (विलेखने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकय॑त् अकय॑ताम् अकयन अकर्व्यः अकय॒तम् अकयत
अकय॑म् अकाव अकाम क्षणु (हिंसायाम्, तनादिगण, परस्मै, लट्) क्षणोति क्षणुतः
क्षण्वन्ति क्षणोषि क्षणुथः
क्षणुथ क्षणोमि क्षणुवः
क्षणुमः क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, परस्मै, लोट्) क्षणोतु क्षणुताम्
क्षण्वन्तु क्षणु क्षणुतम्
क्षणुत क्षणवानि क्षणवाव
क्षणवाम क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्षणोत् अक्षणुताम् अक्षण्वन् अक्षणोः अक्षणुतम्
अक्षणुत अक्षणवम् अक्षणुव
अक्षणुम क्षणु (हिंसायाम्, तनादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्षणुयात्
क्षणुयाताम् क्षणुयुः क्षणुयाः क्षणुयातम्
क्षणुयात क्षणुयाम् क्षणुयाव
क्षणुयाम क्षणु (हिंसायाम्, तनादिगण, परस्मै, लिट) चक्षाण चक्षणतुः
चक्षणः चक्षणिथ चक्षणथुः
चक्षण चक्षाण चक्षणिव
चक्षणिम क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, परस्मै, लुट्) क्षणिता क्षणितारौ
क्षणितारः क्षणितासि क्षणितास्थः क्षणितास्थ क्षणितास्मि क्षणितास्वः
क्षणितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #136
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षणु (हिंसायाम्, तनादिगण, परस्मै, लट्)
क्षणिष्यति क्षणिष्यतः क्षणिष्यन्ति क्षणिष्यसि क्षणिष्यथः
क्षणिष्यथ क्षणिष्यामि क्षणिष्यावः
क्षणिष्यामः क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्षण्यात् क्षण्यास्ताम्
क्षण्यासः क्षण्याः क्षण्यास्तम्
क्षण्यास्त क्षण्यासम् क्षण्यास्व
क्षण्यास्म क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षणीत् अक्षणिष्टाम् अक्षणिषुः अक्षणीः
अक्षणिष्टम् अक्षणिष्ट अक्षणिषम् अक्षणिष्व
अक्षणिष्म क्षणु (हिंसायाम्, तनादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षणिष्यत् अक्षणिष्यताम् अक्षणिष्यन अक्षणिष्यः अक्षणिष्यतम अक्षणिष्यत अक्षणिष्यम् अक्षणिष्याव
अक्षणिष्याम क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लट्) क्षणुते क्षण्वाते
क्षण्वते क्षणुषे क्षण्वे
क्षणुमहे क्षणु (हिंसायाम्, तनादिगण, आत्मने, लोट्) क्षणुताम् क्षण्वाताम्
क्षण्वताम् क्षणुष्व क्षण्वाथस्व
क्षणुध्वम क्षणवै क्षणवावहै
क्षणवामहै क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लङ्) अक्षणत
अक्षण्वाताम् अक्षण्वत अक्षणुथाः अक्षण्वाथाम् अक्षणुध्वम् अक्षण्वि
अक्षणुवहि अक्षणुमहि
क्षणुध्वे
क्षण्वाथे क्षणुवहे
For Private and Personal Use Only
Page #137
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चक्षणिध्वे
१२६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
क्षण्वीत क्षण्वीयाताम् क्षण्वीरन् क्षण्वीथाः क्षण्वीयाथाम् क्षण्वीध्वम् क्षण्वीय
क्षण्वीवहि क्षण्वीमहि क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लिट्) चक्षणे चक्षणाते
चक्षणिरे चक्षणिषे
चक्षणाथे चक्षणे
चक्षणिवहे चक्षणिमहे क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लुट्) क्षणिता क्षणितारौ
क्षणितारः क्षणितासे
क्षणितासाथे क्षणिताध्वे क्षणिताहे क्षणितास्वहे क्षणितास्महे क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लट्) क्षणिष्यते क्षणिष्येते
क्षणिष्यन्ते क्षणिष्यसे क्षणिष्येथे
क्षणिष्यध्वे क्षणिष्ये
क्षणिष्यावहे क्षणिष्यामहे क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
क्षणिषीष्ट क्षणिषीयास्ताम् क्षणिषीरन क्षणिषीष्ठाः क्षणिषीयास्थाम् क्षणिषीध्वम्
क्षणिषीय क्षणिषीवहि क्षणिषीमहि क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्षणिष्ट अक्षणिषाताम् अक्षणिषत अक्षणिष्ठाः
अक्षणिषाथाम अक्षणिढ़वम अक्षणिषि अक्षणिष्वहि अक्षणिष्महि क्षणु (हिंसायाम, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्षणिष्यत अक्षणिष्येताम् अक्षणिष्यन्त अक्षणिष्यथाः अक्षणिष्येथाम अक्षणिष्यध्वम् अक्षणिष्ये अक्षणिष्यावहि अक्षणिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #138
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२७
क्षोभसे
क्षोभै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) क्षोभते क्षोभेते
क्षोभन्ते क्षोभेथे
क्षोभध्वे क्षोभे क्षोभावहे
क्षोभामहे क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
क्षोभताम् क्षोभेताम् क्षोभन्ताम् क्षोभस्व क्षोभेथाम
क्षोभध्वम् क्षोभावहै
क्षोभामहै क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अक्षोभत अक्षोभेताम् अक्षोभन्त अक्षोभथाः अक्षोभेथाम् अक्षोभध्वम् अक्षोभे
अक्षोभावहि अक्षोभामहि क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) क्षोभेत क्षोभेयाताम्
क्षोभेरन् क्षोभेथाः
क्षोभेयाथाम् क्षोभेध्वम् क्षोभेय
क्षोभेवहि क्षोभेमहि क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
चुक्षुभे चुक्षुभिषे चुक्षुभाथे
चुक्षुभिध्वे चुक्षुभे
चुक्षुभिवहे चुक्षुभिमहे क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) क्षोभिता
क्षोभितारौ क्षोभितारः क्षोभितासे क्षोभितासाथे क्षोभिताध्वे
क्षोभिताहे क्षोभितास्वहे क्षोभितास्महे क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
क्षोभिष्यते क्षोभिष्येते क्षोभिष्यन्ते क्षोभिष्यसे क्षोभिष्येथे क्षोभिष्यध्वे क्षोभिष्ये
क्षोभिष्यावहे क्षोभिष्यामहे
चुक्षुभाते
चुक्षुभिरे
शोभिता
For Private and Personal Use Only
Page #139
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
१२८
क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
क्षोभिषीष्ट
क्षोभिषीष्ठाः क्षोभिषीय
www.kobatirth.org
क्षति
क्षरसि
क्षरामि
क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
अक्षोभिष्ट
अक्षोभिष्ठाः अक्षोभिषि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
क्षोभिषीयास्ताम् क्षोभिषीयास्थाम् क्षोभिषीवहि
क्षुभ (संचलने, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अक्षोभिष्यत
अक्षोभिष्येताम
अक्षोभिष्येथाम
अक्षोभिष्यथाः अक्षोभिष्ये
अक्षोभ
क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
क्षरतु
क्षर क्षराणि
अक्षरत्
अक्षरः
अक्षरम्
अक्षोभिषाताम्
अक्षोभिषाथाम् अक्षोभिष्वहि
क्षरतः
क्षरथः
क्षरावः
क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
क्षरताम्
क्षरतम्
क्षराव
क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै,
लङ्)
अक्षरताम्
अक्षरतम्
अक्षराव
क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
क्षरेत
क्षरेताम
क्षरे:"
क्षतम्
क्षरेयम्
क्षरेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
क्षोभिषीरन् क्षोभिषीध्वम् क्षोभिषीमहि
अक्षोभिषत
अक्षोभिवम् अक्षोभिष्महि
अक्षोभिष्यन्त अक्षोभिष्यध्वम् अक्षीभिष्यामहि
क्षरन्ति
क्षरथ
क्षरामः
क्षरन्तु
क्षरत
क्षराम
अक्षरन्
अक्षरत.
अक्षराम
क्षरेयुः
क्षरेत
क्षरेम
Page #140
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१२९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चक्षार चक्षरतुः
चक्षरुः चक्षरिथ चक्षरथुः
चक्षर चक्षार चक्षरिव
चक्षरिम क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) क्षरिता क्षरितारौ
क्षरितारः क्षरितासि क्षरितास्थः
क्षरितास्थ क्षरितास्मि क्षरितास्वः क्षरितास्मः क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) क्षरिष्यति क्षरिष्यतः
क्षरिष्यन्ति क्षरिष्यसि क्षरिष्यथः
क्षरिष्यथ क्षरिष्यामि क्षरिष्यावः
क्षरिष्यामः क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्षर्यात्
क्षर्यास्ताम् क्षर्यासुः क्षयर्यास्तम्
क्षर्यास्त क्षर्यासम् क्षर्यास्व
क्षर्यास्म क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षारीत् अक्षारिष्टाम् अक्षारिषुः अक्षारीः
अक्षारिष्टम् अक्षारिष्ट अक्षारिषम् अक्षारिष्व
अक्षारिष्म क्षर (संचलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षरिष्यत् अक्षरिष्यताम् अक्षरिष्यन् अक्षरिष्यः अक्षरिष्यतम् अक्षरिष्यत
अक्षरिष्यम् अक्षरिष्याव अक्षरिष्याम क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लट्) क्षालयति क्षालयतः
क्षालयन्ति क्षालयसि क्षालयथः
क्षालयथ क्षालयामि क्षालयावः
क्षालयामः
क्षर्याः
ष्यम
For Private and Personal Use Only
Page #141
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१३०
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
क्षालयाञ्चकर्थ
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
क्षालयतु क्षालय क्षालयानि
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्षालयत्
अक्षालयताम्
अक्षालयः
अक्षालयतम्
अक्षालयम्
अक्षालयाव
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
क्षाल्यात्
क्षाल्याः
क्षाल्यासम्
क्षालयताम्
क्षालयतम्
क्षालयाव
क्षालयेत
क्षालयेः
क्षालयेयम्
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
क्षालयाञ्चकार
क्षालयाञ्चक्रतुः
क्षालयाञ्चक्रथुः
क्षालयाञ्चकार क्षालयाञ्चकृव
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
क्षालयेताम्
क्षालये म् क्षालयेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
क्षाल्यास्ताम्
क्षाल्यास्तम्
क्षाल्यास्व
For Private and Personal Use Only
क्षालयन्तु
क्षालयत
क्षालयाम
अक्षालयन्
अक्षालयत
अक्षालयाम
क्षालयेयुः क्षालयेत
क्षालयेम
क्षालयितारौ
क्षति क्षालयितासि क्षालयितास्मि क्षालयितास्वः
क्षालयितास्थः
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
क्षालयिष्यति
क्षालयिष्यतः
क्षालयिष्यथः
क्षालयिष्यसि क्षालयिष्यामि
क्षालयिष्यावः
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
क्षालयाञ्चक्रुः
क्षालयाञ्चक्र
क्षालयाञ्चकृम
क्षालयितारः क्षालयितास्थ
क्षालयितास्मः
क्षालयिष्यन्ति
क्षालयिष्यथ..
क्षालयिष्यामः
क्षाल्यासुः क्षाल्यास्त
क्षाल्यास्म
Page #142
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली १३१ क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचिक्षलत् अचिक्षलताम् अचिक्षलन् अचिक्षलः अचिक्षलतम् अचिक्षलत
अचिक्षलम् अचिक्षलाव अचिक्षलाम क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षालयिष्यत् अक्षालयिष्यताम् । अक्षालयिष्यन् अक्षालयिष्यः अक्षालयिष्यतम अक्षालयिष्यत
अक्षालयिष्यम् अक्षालयिष्याव अक्षालयिष्याम क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लट्) क्षालयते क्षालयेते
क्षालयन्ते क्षालयसे क्षालयेथे
क्षालयध्वे क्षालये
क्षालयावहे क्षालयामहे क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
क्षालयताम् क्षालयेताम् क्षालयन्ताम् क्षालयस्व
क्षालयेथस्व क्षालयध्वम् क्षालयै
क्षालयावहै क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अक्षालयत अक्षालयेताम अक्षालयन्त अक्षालयथाः अक्षालयेथाम् अक्षालयध्वम्
अक्षालये अक्षालयावहि अक्षालयामहि क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) क्षालयेत
क्षालयेयाताम् क्षालयेरन् क्षालयेथाः क्षालयेयाथाम् क्षालयेध्वम् क्षालयेय क्षालयेवहि
क्षालयेमहि क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
क्षालयाञ्चके क्षालयाञ्चक्राते क्षालयाञ्चक्रिरे क्षालयाञ्चकृषे क्षालयाञ्चक्राथे क्षालयाञ्चकृढ्वे क्षालयाञ्चके क्षालयाञ्चकृवहे क्षालयाञ्चकृमहे
क्षालयामहै
For Private and Personal Use Only
Page #143
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१३२
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लुट् ) क्षालयिता क्षालयितासे
क्षालयिताहे
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
क्षालयिष्यते
क्षालयिष्यसे क्षालयिष्ये
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अचिक्षलत
अचिक्षलथाः अचिक्षले
क्षालयितारौ क्षालयितासाथे
क्षालयितास्वहे
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचिक्षलेताम् अचिक्षलेथाम् अचिक्षलावहि
क्षयतु क्षय क्षयानि
क्षालयिष्येते
क्षालयिष्येथे
क्षालयिष्यावहे
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
क्षालयिषीष्ट
क्षालयिषीयास्ताम्
क्षालयिषीष्ठाः क्षालयिषीय
क्षालयिषीयास्थाम् क्षालयिषीवहि
क्षल (शौचकर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लृङ्)
अक्षालयिष्यत अक्षालयिष्येताम्
अक्षालयिष्यथाः अक्षालयिष्ये
अक्षालयिष्येथाम्
अक्षालयिष्यावहि
क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
क्षयति
क्षयसि
क्षयामि
क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
"
क्षयतः
क्षयथः
क्षयावः
क्षयताम्
क्षयतम्
क्षयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
क्षालयितारः क्षालयिताध्वे क्षालयितास्महे
क्षालयिष्यन्ते
क्षालयिष्यध्वे क्षालयिष्यामहे
क्षालयिषीरन क्षालयिषीध्वम
क्षालयिषीमहि
अचिक्षलन्त
अचिक्षलध्वम्
अचिक्षलामहि
अक्षालयिष्यन्त अक्षालयिष्यध्वम् अक्षालयिष्यामह
क्षयन्ति
क्षयथ
क्षयामः
क्षयन्तु
क्षयत
क्षयाम
Page #144
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
क्षयेम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अक्षयत्
अक्षयताम् अक्षयन् अक्षयः अक्षयतम्
अक्षयत अक्षयम् अक्षयाव
अक्षयाम क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्षयेत् क्षयेताम्
क्षयेयुः क्षयेः क्षयेतम्
क्षयेत क्षयेयम्
क्षयेव क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चिक्षाय चिक्षियतुः
चिक्षियुः चिक्षयिथ चिक्षियथुः चिक्षिय चिक्षाय चिक्षियिव
चिक्षियिम क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट)
क्षेतारौ
क्षेतारः क्षेतासि क्षेतास्थः
क्षेतास्थ क्षेतास्मि क्षेतास्वः
क्षेतास्मः क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) क्षेष्यति क्षेष्यतः
क्षेष्यन्ति क्षेष्यसि क्षेष्यथः
क्षेष्यथ क्षेष्यामि क्षेष्यावः
क्षेष्यामः क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्षीयात्
क्षीयास्ताम् क्षीयाः क्षीयास्तम्
क्षीयास्त क्षीयासम् क्षीयास्व
क्षीयास्म क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षैषीत् अक्षैष्टाम् अक्षैषुः अक्षैषीः
अक्षैष्टम् अक्षैष्ट अक्षैषम्
अक्षैष्व
क्षेता
क्षीयासुः
अक्षैष्म
For Private and Personal Use Only
Page #145
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
क्षिपतु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षि (क्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षैष्यत् अक्षैष्यताम् अक्षैष्यन् अक्षैष्यः
अक्षैष्यतम् अक्षैष्यत अक्षैष्यम्
अक्षैष्याव अक्षैष्याम क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) क्षिपति क्षिपतः
क्षिपन्ति क्षिपसि क्षिपथः
क्षिपथ क्षिपामि क्षिपावः
क्षिपामः क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
क्षिपताम्
क्षिपन्तु क्षिप क्षिपतम्
क्षिपत क्षिपानि क्षिपाव
क्षिपाम क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अक्षिपत् अक्षिपताम्
अक्षिपन् अक्षिपः अक्षिपतम्
अक्षिपत अक्षिपम् अक्षिपाव
अक्षिपाम क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्षिपेत् क्षिपेताम्
क्षिपेयः क्षिपेः
क्षिपेतम् क्षिपेत क्षिपेयम् क्षिपेव
क्षिपेम क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
चिक्षेप चिक्षिपतुः चिक्षेपिथ चिक्षिपथुः
चिक्षिप चिक्षेप
चिक्षिपिव चिक्षिपिम क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट) क्षेप्ता क्षेप्तारौ
क्षेप्तारः क्षेप्तासि क्षेप्तास्थः
क्षेप्तास्थ क्षेप्तास्मि क्षेप्तास्वः
क्षेप्तास्मः
चिक्षिपुः
For Private and Personal Use Only
Page #146
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१३५
क्षिप्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) क्षेप्स्यति क्षेप्स्यतः
क्षेप्स्यन्ति क्षेप्स्यसि क्षेप्स्यथः
क्षेप्स्यथ क्षेप्स्यामि क्षेप्स्यावः
क्षेप्स्यामः क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
क्षिप्यात् क्षिप्यास्ताम् क्षिप्याः
क्षिप्यास्तम् क्षिप्यास्त क्षिप्यासम् क्षिप्यास्व
क्षिप्यास्म क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षैप्सीत् अक्षप्ताम् अक्षप्सुः अझैप्सीः अक्षप्तम्
अक्षप्त अझैप्सम् अझैप्स्व
अझैप्स्म क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षेप्स्यत् अक्षेप्स्यताम् अक्षेप्स्यन् अक्षेप्स्यः
अक्षेप्स्यतम अक्षेप्स्यत अक्षेप्स्यम् अक्षेप्स्याव अक्षेप्स्याम क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्) क्षिपते क्षिपेते
क्षिपन्ते क्षिपसे क्षिपेथे
क्षिपध्वे क्षिपे क्षिपावहे
क्षिपामहे क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्) क्षिपताम् क्षिपेताम्
क्षिपन्ताम् क्षिपस्व
क्षिपेथाम् क्षिपध्वम् क्षिपै क्षिपावहै
क्षिपामहै क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्) अक्षिपत
अक्षिपेताम् अक्षिपन्त अक्षिपथाः अक्षिपेथाम्
अक्षिपध्वम् अक्षिपे
अक्षिपावहि अक्षिपामहि
For Private and Personal Use Only
Page #147
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
क्षेप्ता
१३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) क्षिपेत
क्षिपेयाताम् क्षिपेरन क्षिपेथाः क्षिपेयाथाम्
क्षिपेध्वम् क्षिपेय
क्षिपेवहि क्षिपेमहि क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लिट) चिक्षिपे चिक्षिपाते
चिक्षिपिरे चिक्षिपिषे चिक्षिपाथे चिक्षिपिध्वे चिक्षिपे
चिक्षिपिवहे चिक्षिपिमहे क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लुट्)
क्षेप्तारौ
क्षेप्तारः क्षेप्तासे क्षेप्तासाथे
क्षेप्ताध्वे क्षेप्ताहे
क्षेप्तास्वहे क्षेप्तास्महे क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्) क्षेप्स्य ते क्षेप्स्येते
क्षेप्स्यन्ते क्षेप्स्यसे क्षेप्स्येथे
क्षेप्स्यध्वे क्षेप्स्ये
क्षेप्स्यावहे क्षेप्स्यामहे क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
क्षिप्सीष्ट क्षिप्सीयास्ताम क्षिप्सीरन् क्षिप्सीष्ठाः क्षिप्सीयास्थाम् क्षिप्सीध्वम्
क्षिप्सीय क्षिप्सीवहि क्षिप्सीमहि क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्) अक्षिप्त
अक्षिप्साताम् अक्षिप्सत अक्षिप्थाः अक्षिप्साथाम् अक्षिप्ध्वम अक्षिप्सि
अक्षिप्स्वहि अक्षिप्रमहि क्षिप (प्रेरणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्षेप्स्यत अक्षेप्स्येताम् अक्षेप्स्यन्त अक्षेप्स्यथाः अक्षेप्स्येथाम् अक्षेप्स्यध्वम अक्षेप्स्ये
अक्षेप्स्यावहि अक्षेप्स्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #148
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१३७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लट्) क्षिप्यति
क्षिप्यतः क्षिप्यन्ति क्षिप्यसि क्षिप्यथः
क्षिप्यथ क्षिप्यामि क्षिप्यावः क्षिप्यामः क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लोट्) क्षिप्यतु क्षिप्यताम्
क्षिप्यन्तु क्षिप्य क्षिप्यतम्
क्षिप्यत क्षिप्याणि क्षिप्याव
क्षिप्याम क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अक्षिप्यत् अक्षिप्यताम्
अक्षिप्यन् अक्षिप्यः
अक्षिप्यतम् अक्षिप्यत अक्षिप्यम् अक्षिप्याव
अक्षिप्याम क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) क्षिप्येत् क्षिप्येताम्
क्षिप्येयुः क्षिप्ये:
क्षिप्येतम् क्षिप्येत क्षिप्येयम् क्षिप्येव क्षिप्येम क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) चिक्षेप
चिक्षिपतुः चिक्षेपिथ चिक्षिपथुः
चिक्षिप चिक्षेप चिक्षेपिव
चिक्षेपिम क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) क्षेप्ता क्षेप्तारौ
क्षेप्तारः क्षेप्तासि क्षेप्तास्थः
क्षेप्तास्थ क्षेप्तास्मि क्षेप्तास्वः
क्षेप्तास्मः क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लट्) क्षेप्स्यति क्षेस्यतः
क्षेप्स्यन्ति क्षेप्स्यसि क्षेप्स्यथः
क्षेप्स्यथ क्षेप्स्यामि क्षेप्स्यावः
क्षेप्स्यामः
चिक्षिपुः
For Private and Personal Use Only
Page #149
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१३८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्षिप्यात् क्षिप्यास्ताम्
क्षिप्यासुः क्षिप्याः क्षिप्यास्तम्
क्षिप्यास्त क्षिप्यासम् क्षिप्यास्व क्षिप्यास्म क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अझैप्सीत् अक्षप्ताम् अझैप्सुः अझैप्सीः अक्षप्तम्
अक्षप्त अझैप्सम् अझैप्स्व
अझैप्स्म क्षिप (प्रेरणे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्षेप्स्यत् अक्षेप्स्यताम् अक्षेप्स्यन् अक्षेप्स्यः
अक्षेप्स्यतम् अक्षेप्स्यत अक्षेप्स्यम् अक्षेप्स्याव अक्षेप्स्याम क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) क्षीवते
क्षीवेते • क्षीवन्ते क्षीवसे क्षीवेथे
क्षीवध्वे क्षीवावहे
क्षीवामहे क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) क्षीवताम क्षीवेताम्
क्षीवन्ताम क्षीवस्व क्षीवेथाम्
क्षीवध्वम् क्षीवै
क्षीवावहै क्षीवामहै क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अक्षीवत अक्षीवेताम् अक्षीवन्त अक्षीवथाः
अक्षीवेथाम अक्षीवध्वम् अक्षीवे
अक्षीवावहि अक्षीवामहि क्षीव (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) क्षीवेत
क्षीवेयाताम् क्षीवेथाः क्षीवेयाथाम्
क्षीवेध्वम् क्षीवेय
क्षीवेवहि क्षीवेमहि
क्षीवे
क्षीवेरन्
For Private and Personal Use Only
Page #150
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१३९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) चिक्षीवे
चिक्षीवाते चिक्षीविरे चिक्षीविषे चिक्षीवाथे चिक्षीविध्वे चिक्षीवे चिक्षीविवहे चिक्षीविमहे क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) क्षीविता
क्षीवितारौ क्षीवितारः क्षीवितासे
क्षीवितासाथे क्षीविताध्वे क्षीविताहे क्षीवितास्वहे क्षीवितास्महे क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
क्षीविष्यते क्षीविष्येते क्षीविष्यन्ते क्षीविष्यसे क्षीविष्येथे
क्षीविष्यध्वे क्षीविष्ये
क्षीविष्यावहे क्षीविष्यामहे क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
क्षीविषीष्ट क्षीविषीयास्ताम् क्षीविषीरन् क्षीविषीष्ठाः क्षीविषीयास्थाम क्षीविषीध्वम्
क्षीविषीय क्षीविषीवहि क्षीविषीमहि क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्षीविष्ट अक्षीविषाताम् अक्षीविषत अक्षीविष्ठाः अक्षीविषाथाम् अक्षीविध्वम्
अक्षीविषि अक्षीविष्वहि अक्षीविष्महि क्षीवृ (मदे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अक्षीविष्यत अक्षीविष्येताम् अक्षीविष्यन्त अक्षीविष्यथाः अक्षीविष्येथाम् अक्षीविष्यध्वम्
अक्षीविष्ये अक्षीविष्यावहि अक्षीविष्यामहि काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
काङ्क्षति काङ्क्षतः काङ्क्षन्ति काङ्कसि काङ्क्षथः काङ्क्षथ काङ्क्षामि
काङ्क्षावः काङ्क्षामः
For Private and Personal Use Only
Page #151
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१४० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) काङ्क्षतु काङ्क्षताम्
काङ्क्षन्तु काक्ष
काङ्क्षतम् काङ्क्षत काङ्क्षाणि काङ्क्षाव काङ्क्षाम काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकाङ्क्षत अकाङ्क्षताम् अकाङ्क्षन् अकाङ्क्षः अकाङ्क्षतम् अकाङ्क्षत
अकाक्षम् अकाङ्क्षाव अकाङ्क्षाम काक्षि (काङ्क्षायाम, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) काक्षेत् काङ्क्षताम् काक्षेयुः काङ्क्षः काङ्क्षतम् काङ्क्षत काङ्क्षयम् काक्षेव
काक्षेम काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चकाङ्क्ष
चकाङ्क्षतुः चकाङ्क्षः चकाङ्क्षिथ चकाङ्क्षथुः चकाङ्क्ष
चकाङ्क्ष चकाङ्क्षिव चकाक्षिम काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
काङ्क्षिता काक्षितारौ काक्षितारः काक्षितासि काङ्कितास्थः काङ्क्षितास्थ
काङ्क्षितास्मि काङ्क्षितास्वः काङ्क्षितास्मः काक्षि (काङ्क्षायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
काङिक्षष्यति काडिक्षष्यतः काङिक्षष्यन्ति काक्षिष्यसि काङ्क्षिष्यथः काङ्क्षिष्यथ"
काङ्क्षिष्यामि काङ्क्षिष्यावः काक्षिष्यामः काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
काझ्यात् काझ्यास्ताम् काझ्यासुः काझ्याः काझ्यास्तम् काझ्यास्त काझ्यासम् काझ्यास्व काझ्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #152
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकाक्षिष्टाम् अकाङ्क्षिम् अकाङ्क्षिष्व
अकाङ्क्षीत् अकाङ्क्षीः अकाङ्क्षिषम्
काक्षि (काङ्क्षायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अकाक्षिष्यत् अकाक्षिष्यः अकाङ्क्षिष्यम्
अकाङ्क्षिष्यताम् अकाङ्क्षिष्यतम् अकाक्षिष्याव
लट्)
काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने,
काशेते
काशेथे
कशाव
काश
काश
काशे
काशृ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
काशताम्
काशेताम्
काशेथाम
काशस्व काशै
काशावहै
काश (दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अकाशेताम्
अकाशेथाम्
अकाशावहि
अकाशत
अकाशथाः अकाशे
काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
काशेत
काशेथाः
काय
काशेयाताम् काशेयाथाम् काशेवहि
काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
चकाशे
चकाशाते
चकाशि
चकाशाथे
चकाशे
चकाशिवहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अकाङ्क्षिषुः अकाक्षिष्ट
अकाङ्क्षिम
अकाङ्क्षिष्यन्
अकाक्षिष्यत
अकाङ्क्षिष्याम
काशन्ते
काशवे
काशामहे
काशन्ताम्
काशध्वम्
शाम
अकाशन्त
अकाशध्वम् अकाशामहि
काशेरन् काशेध्वम
काशेमहि
चकाशिरे
चकाशिध्वै
चकाशिमहे
१४१
Page #153
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१४२
काशष्यत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) काशिता
काशितारौ काशितारः काशितासे काशितासाथे काशिताध्वे
काशिताहे काशितास्वहे काशितास्महे काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
काशिष्यते काशिष्येते काशिष्यन्ते काशिष्यसे काशिष्येथे काशिष्यध्वे
काशिष्ये काशिष्यावहे काशिष्यामहे काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
काशिषीष्ट काशिषीयास्ताम काशिषीरन् काशिषीष्ठाः काशिषीयास्थाम् काशिषीध्वम
काशिषीय काशिषीवहि काशिषीमहि काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकाशिष्ट अकाशिषाताम् अकाशिषत अकाशिष्ठाः अकाशिषाथाम् अकाशिढ्वम्
अकाशिषि अकाशिष्वहि अकाशिष्महि काश (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकाशिष्यत अकाशिष्येताम अकाशिष्यन्त अकाशिष्यथाः अकाशिष्येथाम् । अकाशिष्यध्वम्
अकाशिष्ये अकाशिष्यावहिं अकाशिष्यामहि कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चिकित्सति चिकित्सतः चिकित्सन्ति चिकित्ससि चिकित्सथः चिकित्सथ
चिकित्सामि चिकित्सावः चिकित्सामः कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
चिकित्सतु चिकित्सताम् चिकित्सन्तु चिकित्स चिकित्सतम् चिकित्सत चिकित्सानि चिकित्साव चिकित्साम
For Private and Personal Use Only
Page #154
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१४३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचिकित्सत् अचिकित्सताम् अचिकित्सतन् अचिकित्सः अचिकित्सतम् अचिकित्सत
अचिकित्सम् अचिकित्साव अचिकित्साम कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
चिकित्सेत् चिकित्सेताम् चिकित्सेयुः चिकित्सेः चिकित्सेतम् चिकित्सेत
चिकित्सेयम् चिकित्सेव चिकित्सेम कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
चिकित्साञ्चकार चिकित्साञ्चक्रतुः चिकित्साञ्चक्रुः चिकित्साञ्चकर्थ चिकित्साञ्चक्रथुः चिकित्साञ्चक्र
चिकित्साञ्चकार चिकित्साञ्चकृव चिकित्साञ्चकृम कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
चिकित्सिता चिकित्सितारौ चिकित्सितारः चिकित्सितासि चिकित्सितास्थः चिकित्सितास्थ
चिकित्सितास्मि चिकित्सितास्वः चिकित्सितास्मः कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चिकित्सिष्यति चिकित्सिष्यतः चिकित्सिष्यन्ति चिकित्सिष्यसि चिकित्सिष्यथः चिकित्सिष्यथ
चिकित्सिष्यामि चिकित्सिष्यावः चिकित्सिष्यामः कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
चिकित्स्यात् चिकित्स्यास्ताम् चिकित्स्यासुः चिकित्स्याः चिकित्स्यास्तम चिकित्स्यास्त
चिकित्स्यासम् चिकित्स्यास्व चिकित्स्यास्म कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचिकित्सीत् अचिकित्सिष्टाम् अचिकित्सिषुः अचिकित्सीः अचिकित्सिष्टम् अचिकित्सित अचिकित्सम्
अचिकित्सिसव अचिकित्सिसम
For Private and Personal Use Only
Page #155
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कीलन्तु
१४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कित (निवासे रोगापनयने च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचिकित्सिष्यत् अचिकित्सिष्यताम् अचिकित्सिष्यन् अचिकित्सिष्यः अचिकित्सिष्यतम् अचिकित्सिष्यत
अचिकित्सिष्यम् अचिकित्सिष्याव अचिकित्सिष्याम कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) कीलति कीलतः
कीलन्ति कीलसि कीलथः
कीलथ कीलामि कीलावः
कीलामः कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) कीलतु
कीलताम् कील कीलतम्
कीलत कीलानि कीलाव
कीलाम कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अकीलत् अकीलताम् अकीलन अकीलः अकीलतम्
अकीलत अकीलम्
अकीलाव अकीलाम कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) कीलेत कीलेताम्
कीलेयुः कीलेः
कीलेतम् कीलेत कीलेयम् कीलेव
कीलेम कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) चिकील चिकीलतुः
चिकीलुः चिकीलिथ चिकीलथुः चिकील
चिकील चिकीलिव चिकीलिम कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) कीलिता
कीलितारौ कीलितारः कीलितासि कीलितास्थः कीलितास्थ कीलितास्मि कीलितास्वः कीलितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #156
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१४५
कील्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
कीलिष्यति कीलिष्यतः कीलिष्यन्ति कीलिष्यसि कीलिष्यथः कीलिष्यथ
कीलिष्यामि कीलिष्यावः कीलिष्यामः कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
कील्यात् कील्यास्ताम् कील्याः
कील्यास्तम् कील्यास्त कील्यासम् कील्यास्व कील्यास्म कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकीलीत् अकीलिष्टाम अकीलिषुः अकीलीः अकीलिष्टम् अकीलिष्ट
अकीलिषम् अकीलिष्व अकीलिष्म कील (बन्धने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकीलिष्यत् अकीलिष्यताम् अकीलिष्यन् अकीलिष्यः अकीलिष्यतम अकीलिष्यत
अकीलिष्यम् अकीलिष्याव अकीलिष्याम खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) खञ्जति खञ्जतः
खञ्जन्ति खञ्जसि खजथः
खञ्जथ खञ्जामि खञ्जावः
खञ्जामः खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) खञ्जतु खञ्जताम्
खञ्जन्तु खञ्ज
खञ्जतम् खञ्जानि खञ्जाव
खञ्जाम खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अखञ्जत्
अखञ्जताम् अखञ्जन् अखञ्जः
अखञ्जतम् अखञ्जत अखञ्जम् अखञ्जाव
अखजाम
खञ्जत
For Private and Personal Use Only
Page #157
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
चखञ्ज चखञ्जिथ
चखञ्ज
१४६
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
खञ्जेताम् खजेतम् खजेव
खञ्जेत् खञ्जेः' खञ्जेयम्
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
चखञ्जतुः
चखञ्जथुः चखञ्जिव
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
खञ्जारौ
खञ्जितास्थः
खञ्जितास्वः
खञ्ज्यात्
खञ्ज्याः
खञ्जिता खञ्जितासि खञ्जितास्मि
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट)
खञ्जिष्यतः
खञ्जिष्यथः
खञ्जिष्यावः
खञ्ज्यास्ताम्
खञ्ज्यास्तम्
खञ्ज्यास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
खञ्ज्यासम्
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अखञ्जिष्टाम् अखञ्जिष्टम् अखञ्जिष्व
अखञ्जीत् अखञ्जीः अखञ्जिषम्
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अखञ्जिष्यत् अखञ्जिष्यताम्
अखञ्जिष्यः
अखञ्जिष्यतम्
अखञ्जिष्यम्
अखञ्जिष्याव
खञ्जिष्यति
खञ्जिष्यसि
खञ्जिष्यामि
खजि (गतिवैकल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
For Private and Personal Use Only
खञ्जेयुः खञ्जेत
खञ्जेम
चखञ्जुः
चखञ्ज
चखञ्जिम
खञ्जितारः
खञ्जितास्थ
खञ्जितास्मः
खञ्जिष्यन्ति खञ्जिष्यथ
खञ्जिष्यामः
खञ्ज्यासुः
खञ्ज्यास्त
खञ्ज्यास्म
अखञ्जिषुः अखञ्जिष्ट.. अखञ्जिष्म
अखञ्जिष्यन् अखञ्ज अखञ्जिष्याम
Page #158
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
ausafa
खण्डयसि खण्डयमि
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
अखण्डयत्
अखण्डयः
www.kobatirth.org
खण्डयतु
खण्डय खण्डयनि
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
खण्डयतः
खण्डयथः
खण्डयावः
खण्डयाञ्चकार खण्डयाञ्चकर्थ
खण्डयाञ्चकार
खण्डयताम्
खण्डयतम्
खण्डयाव
अखण्डयम्
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
खण्डयिता
खण्डतासि
खण्डयितास्मि
अखण्डयताम्
अखण्डयतम्
अखण्डयाव
खण्डयेत् खण्डयेः
खण्डयेयम्
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
खण्डयेताम्
खण्डतम् खण्डयेव
खण्डयाञ्चक्रतुः खण्डयाञ्चक्रथुः
खण्डयाञ्चकृव
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
खण्डयितारौ
खण्डयितास्थः
खण्डयितास्वः
खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
खण्डयिष्यति
खण्डयिष्यतः
खण्डयिष्यसि
खण्डयिष्यथः
खण्डयिष्यामि
खण्डयिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
खण्डयन्ति
खण्डयथ
खण्डयामः
खण्डयन्तु
खण्डयत
खण्डयाम
अखण्डयन्
अखण्डयत
अखण्डयाम
खण्डयेयुः खण्डयेत
खण्डम
खण्डयाञ्चक्रुः
खण्डयाञ्चक्र
खण्डयाञ्चकृम
खण्डयितारः
खण्डयितास्थ
खण्डयितास्मः
खण्डयिष्यन्ति
खण्डयिष्यथ खण्डयिष्यामः
१४७
Page #159
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१४८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) खण्ड्यात्
खण्ड्यास्ताम् खण्ड्यासुः खण्ड्याः
खण्ड्यास्तम् खण्ड्यास्त खण्ड्यासम् खण्ड्यास्व खण्ड्यास्म खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचखण्डत् अचखण्डताम् अचखण्डतन् अचखण्डः अचखण्डतम अचखण्डत
अचखण्डम् अचखण्डाव अचखण्डाम खडि (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अखण्डयिष्यत् अखण्डयिष्यताम अखण्डयिष्यन अखण्डयिष्यः अखण्डयिष्यतम् अखण्डयिष्यत
अखण्डयिष्यम् अखण्डयिष्याव अखण्डयिष्याम खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) खण्डयते खण्डयेते
खण्डयन्ते खण्डयसे खण्डयेथे
खण्डयध्वे खण्डये खण्डयावहे खण्डयामहे खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
खण्डयताम् खण्डयेताम् खण्डयन्ताम् खण्डयस्व
खण्डयेथाम् खण्डयध्वम् खण्डयै
खण्डयावहै खण्डयामहै खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अखण्डयत अखण्डयेताम अखण्डयन्त अखण्डयथाः अखण्डयेथाम् अखण्डयध्वम
अखण्डये अखण्डयावहि अखण्डयामहि खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) खण्डयेत
खण्डयेयाताम खण्डयेरन खण्डयेथाः खण्डयेयाथाम् खण्डयेध्वम् खण्डयेय
खण्डयेवहि खण्डयेमहि
For Private and Personal Use Only
Page #160
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
खण्डयाञ्चक्रे खण्डयाञ्चक्राते । खण्डयाञ्चक्रिरे खण्डयाञ्चकृषे खण्डयाञ्चक्राथे खण्डयाञ्चकृढ़वे
खण्डयाञ्चक्रे खण्डयाञ्चकृवहे खण्डयाञ्चकृमहे खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
खण्डयिता खण्डयितारौ खण्डयितारः खण्डयितासे खण्डयितासाथे खण्डयिताध्वे
खण्डयिताहे खण्डयितास्वहे खण्डयितास्महे खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
खण्डयिष्यते खण्डयिष्येते खण्डयिष्यन्ते खण्डयिष्यसे खण्डयिष्येथे खण्डयिष्यध्वे
खण्डयिष्ये खण्डयिष्यावहे खण्डयिष्यामहे खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
खण्डयिषीष्ट खण्डयिषीयास्ताम् खण्डयिषीरन् खण्डयिषीष्ठाः खण्डयिषीयास्थाम् खण्डयिषीध्वम्
खण्डयिषीय खण्डयिषीवहि खण्डयिषीमहि खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचखण्डत अचखण्डेताम् अचखण्डन्त अचखण्डथा: अचखण्डेथाम अचखण्डध्वम
अचखण्डे अचखण्डावहि अचखण्डामहि खडि (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अखण्डयिष्यत अखण्डयिष्येताम् अखण्डयिष्यन्त अखण्डयिष्यथाः अखण्डयिष्येथाम अखण्डयिष्यध्वम्
अखण्डयिष्ये अखण्डयिष्यावहि अखण्डयिष्यामहि खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) खनति खनतः
खनन्ति खनसि खनथः
खनथ खनामि खनावः
खनामः
For Private and Personal Use Only
Page #161
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
खनतु
खन
खनानि
१५०
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
खनताम्
खनतम्
खनाव
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै,
अखनताम्
अखनतम्
अखनाव
www.kobatirth.org
चखान चखनिथ
चखान
अखनत्
अखनः
अखनम्
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
खनेताम् खतम्
खनेव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
खनेत् खनेः
खनेयम्
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट् )
खनिता
खनितासि खनितास्मि
लङ्)
खन्यात्
खन्याः
खन्यासम्
चख्नतुः
चख्नथुः चखनिव
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
खनितारौ
खनितास्थः
खनितास्वः
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
खनिष्यतः
निष्यति खनिष्यसि निष्यामि
खनिष्यथः
खनिष्यावः
खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
खन्यास्ताम् खन्यास्तम्
खन्यास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
खनन्तु
खनत
खनाम
अखनन्
अखनत
अखनाम
खनेयुः
खनेत
खनेम
चख्नुः
चख्न
चखनिम
खनितारः
खनितास्थ
खनितास्मः
खनिष्यन्ति
खनिष्यथ
खनिष्यामः
खन्यासुः खन्यास्त
खन्यास्म
Page #162
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५१
अर
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अखनीत
अखनिष्टाम् अखनिषुः अखनीः
अखनिष्टम् अखनिष्ट अखनिषम् अखनिष्व
अखनिष्म खनु (अवदारने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अखनिष्यत् अखनिष्यताम् अखनिष्यन् अखनिष्यः अखनिष्यतम् अखनिष्यत
अखनिष्यम् अखनिष्याव अखनिष्याम खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) खनते खनेते
खनन्ते खनसे खनेथे
खनध्वे खने खनावहे
खनामहे खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) खनताम्
खनेताम् खनस्व खनेथाम
खनध्वम् खनै खनावहै
खनामहै खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अखनत
अखनेताम् अखनन्त अखनथाः अखनेथाम् अखनध्वम्
अखनावहि अखनामहि खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) खनेत
खनेयाताम खनेरन् खनेथाः खनेयाथाम्
खनेध्वम खनेय खनेवहि
खनेमहि खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) चखने चख्नाते
चख्निरे चनिषे चख्नाथे
चख्निध्वे चख्ने चख्निवहे
चख्निमहे
खनन्ताम
अखने
For Private and Personal Use Only
Page #163
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) खनिता खनितारौ
खनितारः खनितासे
खनितासाथे खनिताध्वे खनिताहे खनितास्वहे
खनितास्महे खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
खनिष्यते खनिष्येते खनिष्यन्ते खनिष्यसे खनिष्येथे
खनिष्यध्वे खनिष्ये
खनिष्यावहे खनिष्यामहे खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
खनिषीष्ट खनिषीयास्ताम् खनिषीरन् खनिषीष्ठाः खनिषीयास्थाम् खनिषीध्वम् खनिषीय
खनिषीवहि खनिषीमहि खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अखनिष्ट
अखनिषाताम् अखनिषत अखनिष्ठाः
अखनिषाथाम अखनिध्वम् अखनिषि
अखनिष्वहि अखनिष्महि खनु (अवदारने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अखनिष्यत __ अखनिष्येताम् अखनिष्यन्त अखनिष्यथाः अखनिष्येथाम् अखनिष्यध्वम्
अखनिष्ये अखनिष्यावहि अखनिष्यामहि खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) खेलति खेलतः
खेलन्ति खेलसि खेलथः
खेलथ खेलामि खेलावः
खेलामः । खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) खेलतु खेलताम्
खेलन्तु खेल खेलतम्
खेलत खेलानि खेलाव
खेलाम
For Private and Personal Use Only
Page #164
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५३
खेलेत
खेलेतम् खेलेव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अखेलत्
अखेलताम् अखेलन अखेलः अखेलतम्
अखेलत अखेलम् अखेलाव
अखेलाम खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) खेलेत्
खेलेताम् खेलेयुः खेलेः खेलेयम्
खेलेम खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चिखेल चिखेलतुः चिखेवुः चिखेलिथ चिखेलथुः चिखेल चिखेल चिखेलिव चिखेलिम खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) खेलिता
खेलितारौ खेलितारः खेलितासि
खेलितास्थः खेलितास्थ खेलितास्मि खेलितास्वः खेलितास्मः खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) खेलिष्यति खेलिष्यतः
खेलिष्यन्ति खेलिष्यसि खेलिष्यथः खेलिष्यथ
खेलिष्यामि खेलिष्यावः खेलिष्यामः खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) खेल्यात्
खेल्यास्ताम् खेल्यासुः खेल्याः
खेल्यास्तम् खेल्यास्त खेल्यासम् खेल्यास्व
खेल्यास्म खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अखेलीत् अखेलिष्टाम् अखेलिषुः अखेलीः अखेलिष्टम् अखेलिष्ट अखेलिषम् अखेलिष्व
अखेलिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #165
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खेल (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अखेलिष्यत् अखेलिष्यताम् अखेलिष्यन् अखेलिष्यः अखेलिष्यतम् अखेलिष्यत
अखेलिष्यम् अखेलिष्याव अखेलिष्याम खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) खादति खादतः
खादन्ति खादसि खादथः
खादथ खादामि खादावः
खादामः खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) खादतु खादताम्
खादन्तु खाद खादतम्
खादत खादानि खादाव
खादाम खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अखादत् अखादताम्
अखाथन् अखादः अखादतम्
अखादत अखादम् अखादाव
अखादाम खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) खादेत् खादेताम
खादेयुः खादेः खादेतम्
खादेत खादेयम् खादेव
खादेम खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) चखाद चखादतुः
चखादुः चखादिथ
चखादथुः चखाद चखाद चखादिव
चखादिम खादृ (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
खादितारौ खादितारः खादितासि
खादितास्थः खादितास्थ खादितास्मि खादितास्वः खादितास्मः
खादिता
For Private and Personal Use Only
Page #166
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५५
खाद्यास्म
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
खादिष्यति खादिष्यतः खादिष्यन्ति खादिष्यसि खादिष्यथः खादिष्यथ
खादिष्यामि खादिष्यावः खादिष्यामः खादृ (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) खाद्यात् खाद्यास्ताम्
खाद्यासुः खाद्याः खाद्यास्तम्
खाद्यास्त खाद्यासम्
खाद्यास्व खाद (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अखादीत् अखादिष्टाम् अखादिषुः अखादी:
अखादिष्टम् अखादिष्ट अखादिषम् अखादिष्व अखादिष्म खादृ (भक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अखादिष्यत अखादिष्यताम् अखादिष्यन् अखादिष्यः अखादिष्यतम् अखादिष्यत
अखादिष्यम् अखादिष्याव अखादिष्याम खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लट्) खिद्यते खिद्यते
खिद्यन्ते खिद्यसे खियेथे
खिद्यध्वे खिये
खिद्यावहे खिद्यामहे खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लोट्) खिद्यताम् खिद्येताम्
खिद्यन्ताम् खिद्यस्व खियेथाम्
खिद्यध्वम् खिद्यै
खिद्यावहै खिद्यामहै खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लङ्) अखिद्यत
अखिद्येताम् अखिद्यन्त अखिद्यथाः अखियेथाम
अखिद्यध्वम् अखिद्ये
अखिद्यावहि अखिद्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #167
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१५६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) खिद्येत
खिद्येयाताम खिोरन् खियेथाः खिद्येयाथाम् खिद्यध्वम खिद्येय
खिोवहि खिद्यमहि खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लिट्) चिखिदे
चिखिदाते चिखिदिरे चिखिदिषे चिखिदाथे चिखिदिध्वे चिखिदे
चिखिदिवहे चिखिदिमहे खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लुट्) खेत्ता खेत्तारौ
खेत्तारः खेत्तासे खेत्तासाथे
खेत्ताध्वे खेत्ताहे
खेत्तास्वहे खेत्तास्महे खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लट्) खेत्स्यते खेत्स्ये ते
खेत्स्यन्ते खेत्स्यसे खेत्स्येथे
खेत्स्यध्वे खेत्स्ये
खेत्स्यावहे खेत्स्यामहे खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
खित्सीष्ट खित्सीयास्ताम् खित्सीरन् खित्सीष्ठाः
खित्सीयास्थाम खिसीध्वम् खित्सीय
खित्सीवहि खित्सीमहि खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्) अखित्त
अखित्साताम् अखित्सत अखित्थाः
अखित्साथाम अखिद्ध्वम् अखित्सि
अखित्स्वहि अखिस्महि खिद (दैन्ये, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अखेत्स्यत अखेत्स्येताम् अखेत्स्यन्त अखेत्स्यथाः अखेत्स्येथाम् अखेत्स्यध्वम् अखेत्स्ये
अखेत्स्यावहि अखेत्स्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #168
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु रूपावली
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
खिन्दति
खिन्दतः
खिन्दथः
खिन्दसि खिन्दामि
खिन्दावः
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
खिन्दताम्
खिन्दतम्
खिन्दाव
खिन्दतु
खिन्द खिन्दानि
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अखिन्दत्
अखिन्दः अखिन्दम्
खिन्देत् खिन्देः' खिन्देयम्
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
खिन्देताम्
खिम्
खिन्देव
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लिट् )
चिखिदतुः चिखिदथुः चिखिदिव
चिखेद
चिखेदिथ चिखेद
अखिन्दताम्
अखिन्दतम्
अखिन्दाव
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लुट् )
खेत्तारौ
खेत्तास्थः
खेत्तास्वः
खेत्ता
खेत्तासि
खेत्तास्मि
खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
खेत्स्यति
खेत्स्यतः
खेत्स्यसि
खेत्स्यथः
खेत्स्यामि
खेत्स्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
खिन्दन्ति खिन्दथ
खिन्दामः
खिन्दन्तु खिन्दत
खिन्दाम
अखिन्दन् अखिन्दत
अखिन्दाम
खिन्देयुः खिन्देत
खिन्देम
चिखिदुः चिखिद
चिखिदिम
खेत्तारः
खेत्तास्थ
खेत्तास्मः
खेत्स्यन्ति
खेत्स्यथ
खेत्स्यामः
१५७
Page #169
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
खिद्यासुः
१५८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) खिद्यात
खिद्यास्ताम् खिद्याः
खिद्यास्तम् खिद्यास्त खिद्यासम् खिद्यास्व
खिद्यास्म खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अखैत्सीत् अखैत्ताम् अखैत्सुः अखैत्सीः अखैत्तम्
अखैत्त अखैत्सम् अखैत्स्व
अखैत्स्म खिद् (परिघाते, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अखेत्स्यत अखेत्स्यताम् अखेत्स्यन अखेत्स्यः अखेत्स्यतम् अखेत्स्यत
अखेत्स्यम् अखेत्स्याव अखेत्स्याम गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) गिरति गिरतः
गिरन्ति गिरसि
गिरथः गिरामि गिरावः
गिरामः गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) गिरतु
गिरन्तु गिरतम्
गिरत गिराणि गिराव
गिराम गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अगिरत्
अगिरताम् अगिरन् अगिरः अगिरतम्
अगिरत. अगिरम् अगिराव
अगिराम गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गिरेत् गिरेताम्
गिरेयुः गिरेः गिरतम्
गिरेत गिरेव
गिरथ
गिरताम्
गिर
गिरेयम्
गिरेम
For Private and Personal Use Only
Page #170
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ग (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
जगार जगरिथ
जगार
गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट् )
गरिता
गरासि
गरितास्मि
जगरतुः
जगरथुः जगरिव
गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
रिष्यति
गरिष्यसि
गरिष्यामि
अगरिष्यत
अगरिष्यः
अगरिष्यम्
गरितारौ
गरितास्थः
गरितास्वः
गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
गीर्यात
गीर्याः गीर्यासम्
गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगारीत्
अगारीः
अगारिषम्
गृणाति
गुणासि गृणामि
गरिष्यतः
गरिष्यथः
गरिष्यावः
गीर्यास्ताम्
गीर्यास्तम्
गीर्यास्व
गृ (निगरणे, तुदादिगण, परस्मै, लृङ् )
अगरिष्यताम्
अगरिष्यतम् अगरिष्याव
अगारिष्टयम्
अगारिष्टम
अगारिष्व
गृ (शब्दे, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
गृणीतः
गृणीथः
गणीवः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
जगरुः
जगर
जगरिम
गरितारः
गरितास्थ
गरितास्मः
गरिष्यन्ति
गरिष्यथ
गरिष्यामः
गीर्यासुः गीर्यास्त
गीर्याम
अगारिषुः अगारिष्ट
अगारिष्म
अगरिष्यन्
अगरिष्यत
अगरिष्याम
गृणन्ति
गृणी गृणीमः
१५९
Page #171
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गृणीहि गृणानि
१६० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गृ (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लोट्) गृणातु
गृणीताम् गृणन्तु गृणीतम्
गृणीत गृणाव
गृणाम ग (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लङ्) अगृणात् अगृणीताम्
अगणन् अगणाः
अगृणीतम् अगृणीत अगृणाम् अगृणीव
अगृणीम गृ (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गृणीयात् गृणीयाताम्
गृणीयुः गणीयाः गृणीयातम्
गृणीयात गृणीयाम् गृणीयाव गृणीयाम गृ (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लिट्) जगार जगरतुः
जगरुः जगरिथ जगरथुः
जगर जगार जगरिव
जगरिम ग (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लुट) गरीता गरीतारौ
गरीतारः गरीतासि गरीतास्थः
गरीतास्थ गरीतास्मि गरीतास्वः गरीतास्मः ग (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) गरीष्यति गरीष्यतः
गरीष्यन्ति गरीष्यसि गरीष्यथः
गरीष्यथ गरीष्यामि गरीष्यावः
गरीष्यामः गृ (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गीर्यात् गीर्यास्ताम्
गीर्यासुः गीर्याः
गीर्यास्तम् गीर्यास्त गीर्यासम् गीर्यास्व
गीर्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #172
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१६१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गृ (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अगारीत्
अगारिष्टाम् अगारिषुः अगारीः अगारिष्टम्
अगारिष्ट अगारिषम् अगारिष्व
अगारिष्म गृ (शब्दे, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगरीष्यत् अगरीष्यताम् अगरीष्यन् अगरीष्यः
अगरीष्यतम् अगरीष्यत अगरीष्यम् अगरीष्याव अगरीष्याम गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) गायति गायतः
गायन्ति गायसि गायथः
गायथ गायामि गायावः
गायामः गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) गायतु गायताम्
गायन्तु गाय
गायत गायानि गायाव
गायाम गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अगायत् अगायताम्
अगायन् अगायः अगायतम्
अगायत अगायम् अगायाव
अगायाम गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गायेत्
गायेताम् गायेयुः गायेः गायतम्
गायेत गायेयम् गायेव
गायेम गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जगौ जगतुः
जगुः जगिथ जगथुः
जग जगिव
जगिम
गायतम
$4.44 4 बच्चा
जगौ
For Private and Personal Use Only
Page #173
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गातास्थ
गेयात्
गेयासुः गेयास्त
गेयाः
१६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) गाता गातारौ
गातारः गातासि
गातास्थः गातास्मि गातास्वः
गातास्मः गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) गास्यति गास्यतः
गास्यन्ति गास्यसि गास्यथः
गास्यथ गास्यामि गास्यावः
गास्यामः गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
गेयास्ताम्
गेयास्तम् गेयासम् गेयास्व
गेयास्म गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अगासीत्
अगासिष्टाम् अगासिषुः अगासी: अगासिष्टम
अगासिष्ट अगासिषम् अगासिष्व
अगासिष्म गै (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अगास्यत्
अगास्यताम् अगास्यन् अगास्यः अगास्यतम्
अगास्यत अगास्यम् अगास्याव
अगास्याम गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
गुञ्जतः
गुञ्जन्ति गुञ्जसि गुञ्जथः
गुञ्जथ गुञ्जामि गुञ्जावः
गुञ्जामः गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) गुञ्जतु
गुञ्जताम् गुञ्जन्तु गुञ्ज गुञ्जतम्
गुञ्जत गुञ्जानि गुञ्जाव
गुञ्जाम
गुञ्जति
For Private and Personal Use Only
Page #174
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१६३
जुगुञ्चिम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अगुञ्जत् अगुञ्जताम् अगुञ्जन् अगुञ्जः अगुञ्जतम
अगुञ्जत अगुञ्जम् अगुञ्जाव अगुञ्जाम गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गुञ्जत गुञ्जेताम्
गुजेयुः गुञ्जः गुञ्जतम्
गुञ्जत गुञ्जयम् गुजेव
गुञ्जम गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) जुगुञ्च जुगुञ्चतुः
जुगुञ्चुः जुगुञ्चिथ जुगुञ्चथुः
जुगुञ्च जुगुञ्च
जुगुञ्चिव गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
गुञ्जिता गुञ्जितारौ गञ्जितारः गुञ्जितासि गुञ्जितास्थः गुञ्जितास्थ
गुञ्जितास्मि गुञ्जितास्वः गुञ्जितास्मः गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
गुञ्जिष्यति गुञ्जिष्यतः गुञ्जिष्यन्ति गुञ्जिष्यसि गुञ्जिष्यथः गुञ्जिष्यथ
गुञ्जिष्यामि गुञ्जिष्यावः गुञ्जिष्यामः गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
गुज्यात् गुज्यास्ताम् गुज्यासुः गुज्याः
गुज्यास्तम् गुज्यास्त गुज्यासम् गुज्यास्व गुज्यास्म गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगुञ्जीत् अगुञ्जिष्टाम् अगुञ्जिषुः अगुञ्जीः
अगुञ्जिष्टम् अगुञ्जिष्ट अगुञ्जिषम् अगुञ्जिष्व अगुञ्जिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #175
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गणयाम
१६४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गुजि (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगुञ्जिष्यत् अगुञ्जिष्यताम् अगुञ्जिष्यन् अगुञ्जिष्यः अगुञ्जिष्यतम् अगुञ्जिष्यत
अगुञ्जिष्यम् अगुञ्जिष्याव अगुञ्जिष्याम गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) गणयति गणयतः
गणयन्ति गणयसि गणयथः
गणयथ गणयामि गणयावः
गणयामः गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) गणयतु गणयताम्
गणयन्तु गणय गणयतम्
गणयत गणयानि
गणयाव गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अगणयत् अगणयताम्
अगणयन् अगणयः अगणयतम्
अगणयत अगणयम्
अगणयाव गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गणयेत्
गणयेताम् गणयेयुः गणयेः गणयेतम्
गणयेत गणयेयम् गणयेव
गणयेम गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
गणयाञ्चकार गणयाञ्चक्रतुः गणयाञ्चक्रुः गणयाञ्चकर्थ गणयाञ्चक्रथुः गणयाञ्चक्र
गणयाञ्चकार गणयाञ्चकृव गणयाञ्चकृम गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) गणयिता
गणयितारौ गणयितारः गणयितासि गणयितास्थः गणयितास्थ गणयितास्मि गणयितास्वः गणयितास्मः
अगणयाम
For Private and Personal Use Only
Page #176
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१६५
गण्याः
गण्यास्म
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
गणयिष्यति गणयिष्यतः गणयिष्यन्ति गणयिष्यसि गणयिष्यथः गणयिष्यथ
गणयिष्यामि गणयिष्यावः गणयिष्यामः गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गण्यात् गण्यास्ताम
गण्यासुः गण्यास्तम्
गण्यास्त गण्यासम्
गण्यास्व गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजीगणत् अजीगणताम् अजीगणन अजीगणः अजीगणतम् अजीगणत
अजीगणम् अजीगणाव अजीगणाम गण (संख्याने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगणयिष्यत अगणयिष्यताम् अगणयिष्यन् अगणयिष्यः अगणयिष्यतम अगणयिष्यत
अगणयिष्यम् अगणयिष्याव अगणयिष्याम गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) गणयते गणयेते
गणयन्ते गणयसे गणयेथे
गणयध्वे गणये गणयावहे
गणयामहे गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लोट) गणयताम् गणयेताम्
गणयन्ताम् गणयस्व
गणयेथस्व गणयध्वम् गणयै
गणयावहै गणयामहै गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अगणयत
अगणयेताम् अगणयन्त अगणयथाः अगणयेथाम् अगणयध्वम् अगणये
अगणयावहि अगणयामहि
अगणार
For Private and Personal Use Only
Page #177
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१६६
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
गणयेत
गणयेयाताम
गणयेथाः गणयेय
गणयेयाथाम् गणयेवहि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
गणयाञ्चक्रे
गणयाञ्चकृषे गणयाञ्चक्रे
गणयाञ्चक्राते
गणयाञ्चक्राथे
गणयाञ्चकवहे
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
गणयिता
गणयितारौ
गणयितासाथे
गणयितास्वहे
गणयिताहे
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
गणयिष्यते
गणयिष्येते
गणयिष्यसे
गणयिष्येथे
गणयिष्ये
गणयिष्या
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
गणयिषीष्ट
गणयिषीष्ठाः गणयिषीय
,
गणयिषीयास्ताम गणयिषीयास्थाम् गणयिषीवहि
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजीगणत
अजीगणथाः अजीगणे
गण (संख्याने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगणयिष्यत
अगणयिष्यथाः
अगणयिष्ये
अजीगणेताम
अजीगणेथाम
अजीगणावहि
अगणयिष्येताम
अगणयिष्येथाम अगणयिष्यावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
गणयेरन गणयेध्वम्
गण महि
गणयाञ्चक्रिरे गणयाञ्चकृढ्वे गणयाञ्चकृमहे
गणयितारः
गणयिताध्वे
गणयितास्महे
गणयिष्यन्ते गणयिष्यध्वे
गणयिष्यामहे
गणयिषीरन् गणयिषीध्वम्
गणयिषी महि
अजीगणन्त
अजीगणध्वम
अजीगणामहिं
अगणयिष्यन्त अगणयिष्यध्वम अगणयिष्यामह
Page #178
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जुगुप्से
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली १६७ गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) जुगुप्सते जुगुप्सेते
जुगुप्सन्ते जुगुप्ससे जुगुप्सेथे
जुगुप्सध्वे
जुगुप्सावहे जुगुप्सामहे गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
जुगुप्सताम् जुगुप्सेताम् जुगुप्सन्ताम् जुगुप्सस्व
जुगुप्सेथाम् जुगुप्सध्वम् जुगुप्सै
जुगुप्सावहै जुगुप्सामहै गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अजुगुप्सत अजुगुप्सेताम् अजुगुप्सन्त अजुगुप्सथाः अजुगुप्सेथाम् अजुगुप्सध्वम् अजुगुप्से अजुगुप्सावहि
अजुगुप्सामहि गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
जुगुप्सेत जुगुप्सेयाताम् __ जुगुप्सेरन् जुगुप्सेथाः जगप्सेयाथाम जुगुप्सेध्वम् जुगुप्सेय
जुगुप्सेवहि जुगुप्सेमहि गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) जुगुप्साञ्चक्रे जुगुप्साञ्चक्राते
जुगुप्साञ्चक्रिरे जुगुप्साञ्चकृषे जगुप्साञ्चक्राथे जुगुप्साञ्चकृढ़वे
जुगुप्साञ्चक्रे जुगुप्साञ्चकृवहे जुगुप्साञ्चकृमहे गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
जुगुप्सिता जुगुप्सितारौ । जुगुप्सितारः जुगुप्सितासे जुगुप्सितासाथे
जुगुप्सिताध्वे जुगुप्सिताहे जुगुप्सितास्वहे जुगुप्सितास्महे गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) जुगुप्सिष्यते जुगुप्सिष्येते
जुगुप्सिष्यन्ते जगप्सिष्यसे जगप्सिष्येथे
जुगुप्सिष्यध्वे जुगुप्सिष्ये जुगुप्सिष्यावहे जुगुप्सिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #179
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१६८ __ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
जुगुप्सिषीष्ट जुगुप्सिषीयास्ताम् जुगुप्सिषीरन जुगुप्सिषीष्ठाः जुगुप्सिषीयास्थाम् जुगुप्सिषीध्वम्
जुगुप्सिषीय जुगुप्सिषीवहि जुगुप्सिषीमहि गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजुगुप्सिष्ट अजुगुप्सिषाताम् अजुगुप्सिषत अजुगुप्सिष्ठाः अजुगुप्सिषाथाम् अजुगुप्सिध्वम्
अजुगुप्सिषि अजुगुप्सिष्वहि अजुगुप्सिष्महि गुप (गोपने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अजुगुप्सिष्यत अजुगुप्सिष्येताम् । अजुगुप्सिष्यन्त अजुगुप्सिष्यथाः अजुगुप्सिष्येथाम् अजुगुप्सिष्यध्वम्
अजुगुप्सिष्ये अजुगुप्सिष्यावहि अजुगुप्सिष्यामहि गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) गुम्फति गुम्फतः
गुम्फन्ति गुम्फथः
गुम्फथ गुम्फामि गुम्फावः
गुम्फामः गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) गुम्फतु गुम्फताम्
गुम्फन्तु गुम्फतम्
गुम्फत गुम्फानि गुम्फाव
गुम्फाम गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अगुम्फत् अगुम्फताम्
अगुम्फन् अगुम्फः अगुम्फतम्
अगुम्फत अगुम्फम् अगुम्फाव
अगुम्फाम .. गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
गुम्फेत् गुम्फेताम् गुम्फेयुः गुम्फेः गुम्फेतम्
गुम्फेत गुम्फेयम् गुम्फेव
गुम्फेम
गुम्फसि
गुम्फ
For Private and Personal Use Only
Page #180
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१६९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
जुगुम्फतुः जुगुम्फुः जगम्फिथ जुगुम्फथुः
जुगुम्फ जुगुम्फ जुगुम्फिव
जुगुम्फिम गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) गुम्फिता गुम्फितारौ
गम्फितारः गुम्फितासि गुम्फितास्थः गम्फितास्थ
गुम्फितास्मि गुम्फितास्वः गुम्फितास्मः गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
गुम्फिष्यति गुम्फिष्यतः गम्फिष्यन्ति गुम्फिष्यसि गुम्फिष्यथः गुम्फिष्यथ
गुम्फिष्यामि गुम्फिष्यावः गुम्फिष्यामः गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गुम्फ्यात्
गुम्फ्यास्ताम् गुम्फ्यासुः गुम्फ्याः गुम्फ्यास्तम्
गुम्फ्यास्त गुम्फ्यासम् गुम्फ्यास्व
गुम्फ्यास्म गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगुम्फीत् अगुम्फिष्टाम् अगुम्फिषुः अगुम्फीः
अगुम्फिष्टम अगुम्फिष्ट अगुम्फिषम् अगुम्फिष्व अगुम्फिष्म गुम्फ (ग्रन्थे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगुम्फिष्यत् अगुम्फिष्यताम् अगुम्फिष्यन् अगुम्फिष्यः अगुम्फिष्यतम् अगुम्फिष्यत
अगुम्फिष्यम् अगुम्फिष्याव अगुम्फिष्याम गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) गच्छति गच्छतः
गच्छन्ति गच्छसि गच्छथः
गच्छथ गच्छामि गच्छावः
गच्छामः
For Private and Personal Use Only
Page #181
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गच्छ
१७० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) गच्छतु गच्छताम
गच्छन्तु गच्छतम्
गच्छत गच्चानि गच्चाव
गच्छाम गम् (गतो, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अगच्छत् अगच्छताम
अगच्छतन् अगच्छः अगच्छतम्
अगच्छत अगच्छम् अगच्छाव
अगच्छाम गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गच्छेत् गच्छेताम्
गच्छेयुः गच्छेः गच्छेतम्
गच्छेत गच्छेयम् गच्छेव
गच्छेम गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
जग्मतुः जगमिथ ज'मथुः
जग्म जगाम जग्मिव
जग्मिम गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
गन्तारौ गन्तासि
गन्तास्थः गन्तास्मि
गन्तास्वः गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) गमिष्यति
गमिष्यतः गमिष्यन्ति गमिष्यसि गमिष्यथः
गमिष्यथ गमिष्यामि गमिष्यावः
गमिष्यामः गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लि) गम्यात् गम्यास्ताम
गम्यासः गम्याः
गम्यास्तम । गम्यास्त गम्यासम् गम्यास्व
गम्यास्म
जगाम
जग्मुः
गन्ता
गन्तारः गन्तास्थ गन्तास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #182
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगमताम्
अगमतम्
अगमाव
अगमत्
अगमः
अगमम्
गम् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अगमिष्यत् अगमिष्यः अगमिष्यम्
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
गर्जति
गर्जसि
गर्जामि
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
गर्जतु गर्ज गर्जानि
अगमिष्यताम् अगमिष्यतम्
अगमिष्याव
जगर्ज
जगर्जिथ जगर्ज
गर्जतः
गर्जथः
गर्जावः
गर्जताम्
गर्जतम्
गर्जाव
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अगर्जत
अगर्जताम्
अगर्जः
अगर्जतम्
अगर्जम्
अर्जाव
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
गर्जेत् गर्जेः गर्जेयम्
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
गर्जेताम्
गर्जे म्
गर्जेव
जगर्जतुः
जगर्जथुः जगर्जिव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अगमन्
अगमत
अगमाम
अगमिष्यन्
अगमिष्यत
अगमिष्याम
गर्जन्ति
गर्जथ
गर्जामः
गर्जन्तु गर्जत
गर्जाम
अगर्जन अगर्जत
अगर्जाम
गर्जेयः
गर्जेत
गर्जेम
जगर्जुः
जगर्ज जगर्जिम
१७१
Page #183
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१७२
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
गर्जिता
गर्जितासि गर्जितास्मि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
गर्जिष्यति
गर्जिष्यसि गर्जिष्यामि
अगर्जीत
अगर्जीः
अगर्जिषम्
गर्जितारौ गर्जितास्थः गर्जितास्वः
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
गर्ज्यात् गर्ज्याः गर्ज्यासम्
गर्जिष्यतः
गर्जिष्यथः
गर्जिष्यावः
अगर्जिष्यत् अगर्जिष्यः अगर्जिष्यम्
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अर्जिष्टाम्
अर्जिष्टम्
अगर्जिष्व
गर्ज्यास्ताम् गर्ज्यास्तम्
गर्ज्यास्व
गर्ज (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अगर्जिष्यताम्
अगर्जिष्यतम्
अगर्जिष्याव
गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
गर्द
गर्दसि
गर्दामि
गर्दतः
गर्दथः
गर्दावः
गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
गर्दत्
गर्द गर्दानि
गर्दताम्
गर्दतम्
गर्दाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
गर्जितारः गर्जितास्थ
गर्जितास्मः
गर्जिष्यन्ति
गर्जिष्यथ
गर्जिष्यामः
गर्ज्यासुः गर्ज्यास्त
गर्ज्यास्म
अगर्जिषुः अगर्जिष्ट
अगर्जिष्म
अगर्जिष्यन्
अगर्जिष्यत
अगर्जिष्याम
गर्दन्ति
गर्दथ
गर्दामः
गर्दन्तु
गर्द
गर्दाम
Page #184
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७३
त
गर्देः
गर्देव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अगर्दत् अगर्दताम्
अगर्थन अगर्दः अगर्दतम्
अगर्दत अगर्दम् . अगर्दाव
अगर्दाम गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गर्देत् गर्देताम्
गर्देयुः गर्दैतम्
गर्देत गर्देयम्
गर्देम गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जगर्द जगर्दतुः
जगईः जगर्दिथ जगर्दथुः
जगर्द जगर्द जगर्दिव
जगर्दिम गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) गर्दिता गर्दितारौ
गर्दितारः गर्दितासि
गर्दितास्थः गर्दितास्थ गर्दितास्मि गर्दितास्वः गर्दितास्मः गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) गर्दिष्यति गर्दिष्यतः
गर्दिष्यन्ति गर्दिष्यसि गर्दिष्यथः
गर्दिष्यथ गर्दिष्यामि गर्दिष्यावः गर्दिष्यामः गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गर्यात् गर्यास्ताम्
गासुः गाः गर्यास्तम्
गर्यास्त गर्दासम् गर्धास्व
गास्म गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अगदीत्
अगर्दिष्टाम् अगर्दिषुः अगर्दीः अगदिष्टम
अगर्दिष्ट अगर्दिषम् अगर्दिष्व
अगर्दिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #185
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
१७४
गर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
www.kobatirth.org
अगर्दिष्यत् अगर्दिष्यः अगर्दिष्यम्
ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
ग्रथ्नाति
ग्रथ्नातु ग्रथ्नीहि
ग्रथ्नानि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावर्ल
ग्रथ्नीतः
ग्रथ्नीथः
ग्र ग्रथ्नामि
ग्रथ्नीवः
ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्र्यादिगण, परस्मै,
अगर्दिष्यताम्
गर्दिष्यतम् अगर्दिष्याव
ग्रथ्नीताम्
ग्रथ्नीतम्
ग्रथनाव
ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्)
जग्रन्थ जग्रन्थिथ जग्रन्थ
लोट्)
ग्रन्थिता
ग्रन्थितासि ग्रन्थितास्मि
अग्रथ्नात्
अग्रथ्नाः
अग्रथ्नाम्
ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्र्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अग्रथ्नीताम्
अग्रथ्नीतम्
अग्रथ्नीव
ग्रथ्नीयात्
ग्रथ्नीयाः
ग्रथ्नीयाम्
ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्)
ग्रथ्नीयाताम्
ग्रथ्नीयातम्
ग्रथ्नीयाव
जग्रन्थतुः
जग्रन्थथुः जग्रन्थिव
ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट् )
ग्रन्थितारी
ग्रन्थितास्थः ग्रन्थितास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अगर्दिष्यन
अर्दिष् अगर्दिष्याम
ग्रथ्नन्ति
ग्रथ्नीथ
ग्रथ्नीमः
ग्रथ्नन्तु ग्रथ्नीत
ग्रथ्नाम
अग्रथ्नन् अग्रथ्नीत
अग्रथ्नीम
ग्रथ्नीयुः ग्रथ्नीयात
ग्रथ्नीयाम
जग्रन्थुः
जग्रन्थ
जग्रन्थिम
ग्रन्थितारः ग्रन्थितास्थ
ग्रन्थितास्मः
Page #186
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्रन्थ (सन्दर्भे, ज्यादिगण, परस्मै, लट्)
ग्रन्थिष्यति ग्रन्थिष्यतः ग्रन्थिष्यन्ति ग्रन्थिष्यसि ग्रन्थिष्यथः
ग्रन्थिष्यथ ग्रन्थिष्यामि ग्रन्थिष्यावः ग्रन्थिष्यामः ग्रन्थ (सन्दर्भे, क्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ग्रथ्यात् ग्रथ्यास्ताम्
ग्रथ्यासुः ग्रथ्याः ग्रथ्यास्तम
ग्रथ्यास्त ग्रथ्यासम ग्रथ्यास्व
ग्रथ्यास्म ग्रन्थ (सन्दर्भे, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अग्रन्थीत् अग्रन्थिष्टाम् अग्रन्थिषुः अग्रन्थीः अग्रन्थिष्टम
अग्रन्थिष्ट अग्रन्थिषम् अग्रन्थिष्व
अग्रन्थिष्म ग्रन्थ (सन्दर्भे, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अग्रन्थिष्यत् अग्रन्थिष्यताम् अग्रन्थिष्यन अग्रन्थिष्यः
अग्रन्थिष्यतम अग्रन्थिष्यत अग्रन्थिष्यम् अग्रन्थिष्याव अग्रन्थिष्याम ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) ग्रन्थयति ग्रन्थयतः
ग्रन्थयन्ति ग्रन्थयसि ग्रन्थयथः
ग्रन्थयथ ग्रन्थयामि ग्रन्थयावः
ग्रन्थयामः ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) ग्रन्थयतु ग्रन्थयताम्
ग्रन्थयन्तु ग्रन्थय ग्रन्थयतम
ग्रन्थयत ग्रन्थयानि ग्रन्थयाव
ग्रन्थयाम ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अग्रन्थयत् अग्रन्थयताम् अग्रन्थयन् अग्रन्थयः अग्रन्थयतम
अग्रन्थयत अग्रन्थयम् अग्रन्थयाव
अग्रन्थयाम
For Private and Personal Use Only
Page #187
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७६
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ग्रन्थयेत्
ग्रन्थयेताम् ग्रन्थयेयुः ग्रन्थये: ग्रन्थयेतम्
ग्रन्थयेत ग्रन्थयेयम् ग्रन्थयेव
ग्रन्थयेम ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
ग्रन्थयाञ्चकार ग्रन्थयाञ्चक्रतुः ग्रन्थयाञ्चक्रुः ग्रन्थयाञ्चकर्थ ग्रन्थयाञ्चक्रथुः ग्रन्थयाञ्चक्र
ग्रन्थयाञ्चकार ग्रन्थयाञ्चकृव ग्रन्थयाञ्चकम ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
ग्रन्थयिता ग्रन्थयितारौ ग्रन्थयितारः ग्रन्थयितासि ग्रन्थयितास्थः ग्रन्थयितास्थ
ग्रन्थयितास्मि ग्रन्थयितास्वः ग्रन्थयितास्मः ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
ग्रन्थयिष्यति ग्रन्थयिष्यतः ग्रन्थयिष्यन्ति ग्रन्थयिष्यसि ग्रन्थयिष्यथ: ग्रन्थयिष्यथ
ग्रन्थयिष्यामि ग्रन्थयिष्यावः ग्रन्थयिष्यामः ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ग्रन्थ्यात्
ग्रन्थ्यास्ताम् ग्रन्थ्यासुः ग्रन्थ्यास्तम्
ग्रन्थ्यास्त ग्रन्थ्यासम् ग्रन्थ्यास्व
ग्रन्थ्यास्म ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अजग्रन्थत
अजग्रन्थताम अजग्रन्थन अजग्रन्थः अजग्रन्थतम् अजग्रन्थत अजग्रन्थम् अजग्रन्थाव
अजग्रन्थाम ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लु)
अग्रन्थयिष्यत् अग्रन्थयिष्यताम् अग्रन्थयिष्यन अग्रन्थयिष्यः अग्रन्थयिष्यतम अग्रन्थयिष्यत अग्रन्थयिष्यम् अग्रन्थयिष्याव अग्रन्थयिष्याम
ग्रन्थ्याः
For Private and Personal Use Only
Page #188
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
ग्रन्थयते
ग्रन्थयेते
ग्रन्थयसे ग्रन्थये
ग्रन्थयेथे ग्रन्थयावहे
ग्रन्थ (बन्धनें, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
ग्रन्थयताम्
ग्रन्थयेताम्
ग्रन्थयेथस्व
ग्रन्थयस्व ग्रन्थयै
ग्रन्थया है
ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अग्रन्थयेताम्
अग्रन्थयेथाम
अग्रन्थयावहि
अग्रन्थयत
अग्रन्थयथाः अग्रन्थये
ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ग्रन्थयेत
ग्रन्थयेथाः ग्रन्थयेय
ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
ग्रन्थयाञ्चक्रे
ग्रन्थयाञ्चकृषे ग्रन्थयाञ्चक्रे
ग्रन्थयेयाताम्
ग्रन्थयेयाथाम् ग्रन्थयेवहि
ग्रन्थयाञ्चक्राते
ग्रन्थयाञ्चक्राथे
ग्रन्थयाञ्चकृवहे
ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
ग्रन्थयिता
ग्रन्थयितासे ग्रन्थयिताहे
ग्रन्थयितारौ
ग्रन्थयितासाथे
ग्रन्थयितास्वहे
ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
ग्रन्थयिष्यते
ग्रन्थयिष्यसे ग्रन्थयिष्ये
ग्रन्थयिष्येते
ग्रन्थयिष्येथे ग्रन्थयिष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ग्रन्थयन्ते ग्रन्थयध्वे
ग्रन्थयामहे
ग्रन्थयन्ताम्
ग्रन्थयध्वम्
ग्रन्थयाम
अग्रन्थयन्त
अग्रन्थयध्वम् अग्रन्थयामहि
ग्रन्थयेरन् ग्रन्थयेध्वम्
ग्रन्थयेमहि
ग्रन्थयाञ्चक्रिरे
ग्रन्थयाञ्चकृढ्वे ग्रन्थयाञ्चकमहे
ग्रन्थयितारः
ग्रन्थयिताध्वे ग्रन्थयितास्महे
ग्रन्थयिष्यन्ते
ग्रन्थयिष्यध्वे ग्रन्थयिष्यामहे
१७७
Page #189
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ग्रन्थयिषीष्ट ग्रन्थयिषीयास्ताम् ग्रन्थयिषीरन् ग्रन्थयिषीष्ठाः ग्रन्थयिषीयास्थाम् ग्रन्थयिषीध्वम्
ग्रन्थयिषीय ग्रन्थयिषीवहि ग्रन्थयिषीमहि ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजग्रन्थत अजग्रन्थेताम् अजग्रन्थन्त अजग्रन्थथाः __अजग्रन्थेथाम अजग्रन्थध्वम्
अजग्रन्थे अजग्रन्थावहि अजग्रन्थामहि ग्रन्थ (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अग्रन्थयिष्यत अग्रन्थयिष्येताम अग्रन्थयिष्यन्त अग्रन्थयिष्यथाः अग्रन्थयिष्येथाम अग्रन्थयिष्यध्वम
अग्रन्थयिष्ये अग्रन्थयिष्यावहि अग्रन्थयिष्यामहि गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) गर्वति गर्वतः
गर्वन्ति गर्वसि गर्वथः
गर्वथ गर्वामि
गर्वावः गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) गर्वतु गर्वताम्
गर्वन्तु गर्व गर्वतम्
गर्वत गर्वाणि गर्वाव
गर्वाम गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अगर्वत्
अगर्वताम् अगर्वन अगर्वः अगर्वतम्
अगर्वत अगर्वम् अगर्वाव गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गर्वेत
गर्वेताम् गर्वेयुः गर्वेः गर्वेतम
गर्वेत गर्वेयम् गर्वेव
गम
गर्वामः
अगम "
For Private and Personal Use Only
Page #190
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७९
जगर्व
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जगर्व जगर्वतुः
जगर्वः जगर्विथ जगर्वथः
जगर्व जगर्विव
जगर्विम गर्व (दर्प, म्वादिगण, परस्मै, लुट्) गर्विता
गर्वितारौ गर्वितारः गर्वितासि गर्वितास्थः गर्वितास्थ
गर्वितास्मि गर्वितास्वः गर्वितास्मः गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
गर्विष्यति गर्विष्यतः गर्विष्यन्ति गर्विष्यसि गर्विष्यथः गर्विष्यथ
गर्विष्यामि गर्विष्यावः गर्विष्यामः गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गया॑त्
गास्ताम् गव्यासः गाः गास्तम्
गास्त गासम् गास्व
गास्म गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगर्वीत् अगर्विष्टाम् अगर्विषुः अगर्वीः
अगर्विष्टम् अगर्विष्ट अगर्विषम् अगर्विष्व अगर्विष्म गर्व (दर्प, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अगर्विष्यत् अगर्विष्यताम् अगर्विष्यन् अगर्विष्यः
अगर्विष्यतम् अगर्विष्यत अगर्विष्यम् अगर्विष्याव अगर्विष्याम ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ग्रसेते
असन्ते ग्रससे ग्रसेथे
ग्रसध्वे ग्रसे ग्रसावहे
ग्रसामहे
ग्रसते
For Private and Personal Use Only
Page #191
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ग्रसेरन्
१८० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) ग्रसताम् ग्रसेताम्
ग्रसन्ताम् ग्रसस्व ग्रसेथाम्
ग्रसध्वम ग्रसै
ग्रसावहै ग्रसामहै ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अग्रसत अग्रसेताम्
अग्रसन्त अग्रसथाः अग्रसेथाम्
अग्रसध्वम अग्रसे
अग्रसावहि अग्रसामहि ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) ग्रसेत
ग्रसेयाताम् ग्रसेथाः
ग्रसेयाथाम् ग्रसेध्वम् ग्रसेय
ग्रसेवहि ग्रसेमहि ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) जग्रसे
जग्रसाते जग्रसिरे जग्रसिषे जग्रसाथे
जग्रसिध्वे जग्रसे
जग्रसिवहे जग्रसिमहे ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) ग्रसिता
ग्रसितारौ ग्रसितारः ग्रसितासे ग्रसितासाथे ग्रसिताध्वे ग्रसिताहे
ग्रसितास्वहे ग्रसितास्महे ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) ग्रसिष्यते
ग्रसिष्येते ग्रसिष्यन्ते ग्रसिष्यसे ग्रसिष्येथे ग्रसिष्यध्वे
ग्रसिष्ये ग्रसिष्यावहे ग्रसिष्यामहे . ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ग्रसिषीष्ट ग्रसिषीयास्ताम् ग्रसिषीरन् ग्रसिषीष्ठाः ग्रसिषीयास्थाम ग्रसिषीध्वम् ग्रसिषीय
ग्रसिषीवहि ग्रसिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #192
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु- - रूपावली
ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अग्रसिष्ट
अग्रसिष्ठाः अग्रसिषि
गर्हते
गर्हसे
ग
ग्रसु (अदने, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अग्रसिष्यत
अग्रसिष्येताम्
अग्रसिष्यथाः अग्रसिष्ये
अग्रसिष्येथाम अग्रसिष्यावहि
गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
www.kobatirth.org
अर्हत
अगर्हथाः
अग
अग्रसिषाताम् अग्रसिषाथाम् अग्रसिष्वहि
गथाः
गय
गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
गर्हताम
गर्हस्व
गर्दै
गर्हेते
जग
जगर्हिषे
जगर्हे
थे
गर्भाव
गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अगर्हेताम
अगथाम
अगर्हावहि
गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
गताम
थाम्
व
गर्हेयाताम्
गर्हेयाथाम्
गर्हेवहि
गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट् )
जगहत
जगर्हा जगवि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अग्रसिषत अग्रसिदवम् अग्रसिष्महि
अग्रसिष्यन्त
अग्रसिष्यध्वम् अग्रसिष्यामहि
गर्हन्ते
गर्हध्वे
महे
गर्हन्ताम् गर्हध्वम
हम है
अगर्हन्त अगर्हध्वम्
अगर्हामहि
गर्हेरन् गर्हेध्वम्
महि
जगहिरे
जगर्हिढवे जगर्हिमहे
१८१
Page #193
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१८२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गर्ह (कुत्सायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) गर्हिता गर्हितारौ
गर्हितारः गर्हितासे गर्हितासाथे गर्हिताध्वे गर्हिताहे
गर्हितास्वहे गर्हितास्महे गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
गर्हिष्यते गर्हिष्येते गर्हिष्यन्ते गर्हिष्यसे गर्हिष्येथे गर्हिष्यध्वे गर्हिष्ये
गर्हिष्यावहे गर्हिष्यामहे गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) गर्हिषीष्ट
गर्हिषीयास्ताम् गर्हिषीरन् गर्हिषीष्ठाः गर्हिषीयास्थाम् गर्हिषीध्वम्
गर्हिषीय गर्हिषीवहि गर्हिषीमहि गर्ह (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगर्हिष्ट अगर्हिषाताम् अगर्हिषत अगर्हिष्ठाः अगर्हिषाथाम् अगर्हिढ्वम्
अगर्हिषि अगर्हिष्वहि अगर्हिष्महि गर्ह (कुत्सायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगर्हिष्यत अगर्हिष्येताम् अगर्हिष्यन्त अगर्हिष्यथाः अगर्हिष्येथाम् अगर्हिष्यध्वम्
अगर्हिष्ये अगर्हिष्यावहि अगर्हिष्यामहि ग्रह (उपादाने, क्रयादिगण, परस्मै, लट्) गृह्णाति
गृह्णीतः गृह्णन्ति गृह्णासि गृह्णीथः
गलीथ गृह्णामि गृह्णीवः
गृह्णीमः ग्रह (उपादाने, ज्यादिगण, परस्मै, लोट) गृह्णातु गृह्णीताम्
गृहन्तु गृहाण गृह्णीतम
गृह्णीत गृह्णानि गृह्णाव
गृह्णाम
For Private and Personal Use Only
Page #194
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१८३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्रह (उपादाने, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्) अगृहात अगृह्णीताम्
अगृह्णन् अग्रहाः
अगृह्णीतम् अगृह्णीत अगृह्णाम् अगृह्णीव
अगलीम ग्रह (उपादाने, ज्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) गृह्णीयात
गह्णीयाताम् गृह्णीयुः गृह्णीयाः
गृह्णीयातम् गृह्णीयात गृह्णीयाम्
गृह्णीयाव गृह्णीयाम ग्रह (उपादाने, क्रयादिगण, परस्मै, लिट्) जग्राह जगृहतुः
जगृहुः जग्रहिथ जगृहथुः
जगृह जग्राह जगृहिव
जगृहिम ग्रह (उपादाने, ज्यादिगण, परस्मै, लुट्) ग्रहीता ग्रहीतारौ
ग्रहीतारः ग्रहीतासि ग्रहीतास्थः
ग्रहीतास्थ ग्रहीतास्मि ग्रहीतास्वः ग्रहीतास्मः ग्रह (उपादाने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्)
ग्रहीष्यति ग्रहीष्यतः ग्रहीष्यन्ति ग्रहीष्यसि ग्रहीष्यथः
ग्रहीष्यथ ग्रहीष्यामि ग्रहीष्यावः ग्रहीष्यामः ग्रह (उपादाने, क्रयादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गृह्यात् गृह्यास्ताम
गृह्यासुः गृह्याः गृह्यास्तम
गृह्यास्त गृह्यासम् गृह्यास्व
गृह्यास्म ग्रह (उपादाने, व्रयादिगण, परस्मै, लुङ्)
अग्रहीत् अग्रहीष्टाम् अग्रहीषुः अग्रही: अग्रहीष्टम्
अग्रहीष्ट अग्रहीषम् अग्रहीष्व
अग्रहीष्म
For Private and Personal Use Only
Page #195
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
१८४
ग्रह ( उपादाने, क्र्यादिगण, परस्मै, लृङ् )
अग्रहीष्यत अग्रहीष्यः अग्रहीष्यम्
गृह्णीते
गृहीषे
गृह्ण
www.kobatirth.org
ग्रह ( उपादाने, क्यादिगण, आत्मने, लट्)
गृह्णाते गृह्णाथे
गृहीव
ग्रह ( उपादाने, क्र्यादिगण, आत्मने, लोट्)
गृह्णीत गृह्णीथाः गृह्णीय
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
गृह्णाताम्
गृहीताम् गृह्णीष्व गृह्ण
गृह्णाथस्व
गृह्णावहै
ग्रह ( उपादाने, क्र्यादिगण, आत्मने, लङ्)
अग्रहीष्यताम् अग्रहीष्यतम् अग्रहीष्याव
अगृह्णीत
अगृह्णाताम्
अगृह्णीथाः अगृह्ण
अगृह्णाथाम् अगृह्णी
ग्रह (उपादाने, क्र्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
जगृहे जगृहिषे जगृहे
ग्रहीता
ग्रहीतासे
ग्रहीताहे
गृह्णीयाताम् गृह्णीयाथाम् गृह्णीवहि
ग्रह (उपादाने, क्र्यादिगण, आत्मने, लिट्)
जगृहाते
जगृहा जगहिवहे
ग्रह (उपादाने, क्र्यादिगण, आत्मने, लुट् )
ग्रहीतारौ
ग्रहीतासाथे
ग्रहीतास्वहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अग्रहीष्यन् अग्रहीष्यत
अग्रहीष्याम
गृह्णते गृहीध्वे
गृह्णीमहे
गृह्णताम् गृहीध्वम्
गृह्णाम
अगृह्णत अगृह्णीध्वम्
अगृह्णीमह
गृह्णीरन
गृह्णीध्वम्
गृह्णीमहि
जगृहिरे
गृहि
जगृहिमहे
ग्रहीतारः
ग्रहीताध्वे ग्रहीतास्महे
Page #196
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१८५
ग्रहीषीष्ट
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्रह (उपादाने, ज्यादिगण, आत्मने, लट्)
ग्रहीष्यते ग्रहीष्येते ग्रहीष्यन्ते ग्रहीष्यसे
ग्रहीष्येथे ग्रहीष्यध्वे ग्रहीष्ये
ग्रहीष्यावहे ग्रहीष्यामहे ग्रह (उपादाने, व्रयादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ग्रहीषीयास्ताम् ग्रहीषीरन् ग्रहीषीष्ठाः ग्रहीषीयास्थाम ग्रहीषीढ़वम्
ग्रहीषीय ग्रहीषीवहि ग्रहीषीमहि ग्रह (उपादाने, व्रयादिगण, आत्मने, लुङ्)
अग्रहीष्ट अग्रहीषाताम् अग्रहीषत अग्रहीष्ठाः अग्रहीषाथाम् अग्रहीध्वम्
अग्रहीषि अग्रहीष्वहि अग्रहीष्महि ग्रह (उपादाने, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अग्रहीष्यत अग्रहीष्येताम् अग्रहीष्यन्त अग्रहीष्यथाः अग्रहीष्येथाम् अग्रहीष्यध्वम्
अग्रहीष्ये अग्रहीष्यावहि अग्रहीष्यामहि ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ग्लायति ग्लायतः
ग्लायन्ति ग्लायसि ग्लायथः
ग्लायथ ग्लायामि ग्लायावः
ग्लायामः ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) ग्लायतु ग्लायताम्
ग्लायन्तु ग्लाय ग्लायतम्
ग्लायत ग्लायानि ग्लायाव
ग्लायाम ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अग्लायत अग्लायताम
अग्लायन् अग्लायः अग्लायतम्
अग्लायत अग्लायम् अग्लायाव
अग्लायाम
For Private and Personal Use Only
Page #197
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जग्लथुः
१८६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ग्लायेत्
ग्लायेताम ग्लायेयुः ग्लाये: ग्लायतम्
ग्लायेत ग्लायेयम् ग्लायेव
ग्लायेम ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जग्लौ जग्लतुः
जग्लुः जग्लिथ
जग्ल जग्लौ जग्लिव
जग्लिम ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) ग्लाता ग्लातारौ
ग्लातारः ग्लातासि
ग्लातास्थः ग्लातास्थ ग्लातास्मि ग्लातास्वः
ग्लातास्मः ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ग्लास्यति
ग्लास्यतः ग्लास्यन्ति ग्लास्यसि ग्लास्यथः
ग्लास्यथ ग्लास्यामि ग्लास्यावः ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ग्लेयात ग्लेयास्ताम्
ग्लेयासुः ग्लेयाः ग्लेयास्तम्
ग्लेयास्त ग्लेयासम् ग्लेयास्व
ग्लेयास्म ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अग्लासीत् अग्लासिष्टाम् अग्लासिषुः अग्लासीः
अग्लासिष्टम अग्लासिष्ट अग्लासिषम् अग्लासिष्व अग्लासिष्म ग्लै (हर्षक्षये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ)
अग्लास्यत् अग्लास्यताम् अग्लास्यन अग्लास्यः
अग्लास्यतम् अग्लास्यत अग्लास्यम् अग्लास्याव
अग्लास्याम
ग्लास्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #198
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
गवेषयति
गवेषयतः
गवेषयथ:
गवेषयसि गवेषयामि
गवेषयावः
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
गवेषयतु
गवेषय गवेषवानि
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अगवेषयत्
अगवेषयः
अगवेषयम्
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
गवेषयाञ्चकार
गवेषयाञ्चकर्थ गवेषयाञ्चकार
गवेषयताम्
गवेषयतम्
गवेषयाव
गवेषयेत् गवेषयेः गवेषयेयम्
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
गवेषयिष्यति'
गवेषयिष्यसि
गवेषयिष्यामि
अगवेषयताम
अगवेषयतम्
अगवेषयाव
गवेषयेताम्
गवेषम्
गवेषयेव
गवेषयाञ्चक्रतुः
गवेषयाञ्चक्रथुः गवेषयाञ्चकुव
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
गवेषयिता गवेषयितासि गवेषयितास्मि
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, ऌट्)
गवेषयितारौ
गवेषयितास्थः
गवेषयितास्वः
गवेषयिष्यतः
गवेषयिष्यथः
गवेषयिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
गवेषयन्ति
गवेषयथ
गवेषयामः
गवेषयन्तु
वेष
गवेषयाम
अगवेषयन
अगवेषयत
अगवेषयाम
गवेषयेयुः गवेषयेत
गवेषयेम
गवेषयाञ्चक्रुः
गवेषयाञ्चक्र गवेषयाञ्चक्रम
गवेषयितारः
गवेषयितास्थ
गवेषयितास्मः
गवेषयिष्यन्ति
गवेषयिष्यथ गवेषयिष्यामः
१८७
Page #199
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१८८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) गवेष्यात् गवेष्यास्ताम्
गवेष्यासुः गवेष्याः
गवेष्यास्तम् गवेष्यास्त गवेष्यासम् गवेष्यास्व
गवेष्यास्म गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजगवेषत् अजगवेषताम् अजगवेषन् अजगवेषः अजगवेषतम् अजगवेषत
अजगवेषम् अजगवेषाव अजगवेषाम गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अगवेषयिष्यत् अगवेषयिष्यताम् अगवेषयिष्यन् अगवेषयिष्यः अगवेषयिष्यतम् अगवेषयिष्यत
अगवेषयिष्यम् अगवेषयिष्याव अगवेषयिष्याम गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
गवेषयते गवेषयेते गवेषयन्ते गवेषयसे गवेषयेथे
गवेषयध्वे गवेषये
गवेषयावहे गवेषयामहे गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
गवेषयताम् गवेषयेताम् गवेषयन्ताम् गवेषयस्व
गवेषयेथस्व गवेषयध्वम् गवेषयै गवेषयावहै गवेषयामहै गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अगवेषयत अगवेषयेताम् अगवेषयन्त अगवेषयथाः अगवेषयेथाम् अगवेषयध्वम्
अगवेषये अगवेषयावहि अगवेषयामहि गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) गवेषयेत
गवेषयेयाताम् गवेषयेरन् गवेषयेथाः गवेषयेयाथाम् गवेषयेध्वम् गवेषयेय
गवेषयेवहि गवेषयेमहि
For Private and Personal Use Only
Page #200
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
गवेषयाञ्चक्रे गवेषयाञ्चकर्ष गवेषयाञ्चक्रे
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
गवेषयिता
गवेषयितासे गवेषयिताहे
गवेषयाञ्चक्राते
गवेषयाञ्चक्राथे गवेषयाञ्चकृव
गवेषयितारौ
गवेषयितासाथे
गवेषयितास्वहे
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, ऌट्)
गवेषयिष्यते
गवेषयिष्येते
गवेषयिष्यसे
गवेषयिष्येथे
गवेषयिष्ये
गवेषयिष्यावहे
अगवेषयिष्यत
अगवेषयिष्यथाः अगवेषयिष्ये
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
गवेषयिषीष्ट
गवेषयिषीष्ठाः गवेषयिषीय
गवेषयिषीयास्ताम्
गवेषयिषीयास्थाम् गवेषयिषीवहि
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजगवेषत
अजगवेषथाः अजगवेषे
गवेष (मार्गणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजगवेषेताम्
अजगवेषेथाम्
अजगवेषावहि
अगवेषयिष्येताम्
अगवेषयिष्येथाम
अगवेषयिष्यावहि
गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
गर्हते
ग
ग
गर्हथे
गव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
गवेषयाञ्चक्रिरे गवेषयाञ्चकृढ़वे गवेषयाञ्च महे
गवेषयितारः
गवेषयिताध्वे
गवेषयितास्महे
गवेषयिष्यन्ते
गवेषयिष्यध्वे
गवेषयिष्यामहे
गवेषयिषीरन् गवेषयिषीध्वम् गवेषयिषीमहि
अजगवेषन्त
अजगवेषध्वम
अजगवेषामहि
अगवेषयिष्यन्त
अगवेषयिष्यध्वम्
अगवेषयिष्यामह
गर्हन्ते
गर्हध्वे महे
१८९
Page #201
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१९०
गहैं
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) गर्हताम् गर्हेताम्
गर्हन्ताम् गर्हस्व गथाम
गर्हध्वम् गर्हावहै
गर्हामहै गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अग्रहत अग्रहेताम
अग्रहन्त अग्रहथाः अग्रहेथाम् अग्रहध्वम् अग्रहे
अग्रहावहि अग्रहामहि गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) आहेत
ग्रहेयाताम् ग्रहेरन् ग्रहेथाः ग्रहेयाथाम्
ग्रहध्वम् ग्रहेय ग्रहेवहि
ग्रहेमहि गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) जगृहे
जगृहाते जगृहिरे जगृहिषे जगृहाथे जगृहिढवे जगृहे
जगृहवहे जगृहिमहे गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) गर्हिता गर्हितारौ
गर्हितारः गर्हितासे
गर्हितासाथे गर्हिताध्वे गर्हिताहे
गर्हितास्वहे गर्हितास्महे गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) गर्हिष्यते गर्हिष्येते
गर्हिष्यन्ते गर्हिष्यसे गर्हिष्येथे गर्हिष्यध्वे
गर्हिष्यावहे गर्हिष्यामहे गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
गर्हिषीष्ट गर्हिषीयास्ताम् गर्हिषीरन गर्हिषीष्ठाः
गर्हिषीयास्थाम गर्हिषीध्वम गर्हिषीय
गर्हिषीवहि गर्हिषीमहि
गर्हिष्ये
For Private and Personal Use Only
Page #202
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अगर्हिषि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगर्हिष्ट अगर्हिषाताम् अगर्हिषत अगर्हिष्ठाः अगर्हिषाथाम् अगर्हिध्वम्
अगर्हिष्वहि अगर्हिष्महि गृहू (ग्रहणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगर्हिष्यत अगर्हिष्येताम् अगर्हिष्यन्त अगहिष्यथाः अगहिष्येथाम अगहिष्यध्वम
अगर्हिष्ये अगर्हिष्यावहि अगर्हिष्यामहि गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट) गाधते गाधेते
गाधन्ते गाधसे गाधेथे
गाधध्वे गाधे गाधावहे
गाधामहे गाधु (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) गाधताम् गाधेताम्
गाधन्ताम् गाधस्व गाधेथाम्
गाधध्वम् गाधै गाधावहै
गाधामहै गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अगाधत अगाधेताम्
अगाधन्त अगाधथाः अगाधेथाम् अगाधध्वम् अगाधे
अगाधावहि अगाधामहि गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) गाधेत
गाधेयाताम् गाधेरन् गाधेथाः गाधेयाथाम् गाधेध्वम् गाधेय गाधेवहि
गाधेमहि गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) जगाधे जगाधाते
जगाधिरे जगाधिषे जगाधाथे
जगाधिध्वे जगाधे
जगाधिवहे जगाधिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #203
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१९२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) गाधिता
गाधितारौ गाधितारः गाधितासे गाधितासाथे
गाधिताध्वे गाधिताहे गाधितास्वहे गाधितास्महे गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट)
गाधिष्यते गाधिष्येते गाधिष्यन्ते गाधिष्यसे गाधिष्येथे गाधिष्यध्वे गाधिष्ये
गाधिष्यावहे गाधिष्यामहे गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) गाधिषीष्ट
गाधिषीयास्ताम् गाधिषीरन् गाधिषीष्ठाः गाधिषीयास्थाम गाधिषीध्वम्
गाधिषीय गाधिषीवहि गाधिषीमहि गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगाधिष्ट अगाधिषाताम् अगाधिषत अगाधिष्ठाः अगाधिषाथाम् अगाधिध्वम्
अगाधिषि अगाधिष्वहि अगाधिष्महि गाध (प्रतिष्ठालिप्सयोर्ग्रन्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगाधिष्यत अगाधिष्येताम् अगाधिष्यन्त अगाधिष्यथाः अगाधिष्येथाम् अगाधिष्यध्वम्
अगाधिष्ये अगाधिष्यावहि अगाधिष्यामहि गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) गाहते गाहेते
गाहन्ते गाहसे गाहेथे
गाहध्वे .. गाहे गाहावहे
गाहामहे गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
गाहताम् गाहेताम् गाहन्ताम् गाहस्व गाहेथाम्
गाहध्वम् गाहै गाहावहै
गाहामहै
For Private and Personal Use Only
Page #204
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अगाहत
अगाहथाः अगाहे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अगाहेताम्
अगाथाम अगाहावहि
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
गाहेयाताम्
गाहेयाथाम् गावहि
गत
गाहेथाः
गाय
www.kobatirth.org
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
जगाहाते
जगाह जगाहिवहे
जगाहे जगाहिषे
जगा
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
गाहितारौ
गाहितासाथे
गाहितास्व
गाहिता
गाहितासे
गाहिता
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
गाहिष्यते
गाहिष्यसे
गाहिष्ये
गाहिष्येते
गाष्येथे
गाहिष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
गाहिषीष्ट
गाहिषीष्ठाः
गाहिषीयास्ताम् गाहिषीयास्थाम् गाहिषीवहि
गाहिषीय
गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगाहिष्ट
अगाहिषाताम
अगाहिष्ठाः
अगाहिषाथाम् अगाहिष्वहि
अगाहिषि
For Private and Personal Use Only
अगाहन्त
अगाहध्वम् अगाहामहि
गाहेरन्
गाहेध्वम्
गा
जगाहिरे
जगाहिध्वे
जगाहिम
गाहितारः
गाहिताध्वे
गाहितास्महे
गाहिष्यन्ते
गाहिष्यध्वे
गाहिष्यामहे
गाहिषीरन् गाहिषीध्वम्
गाहिषमहि
अगाहिषत अगाहिध्वम् अगाहिष्महि
१९३
Page #205
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
घटते
घटे
१९४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली गाहू (विलोडने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अगाहिष्यत अगाहिष्येताम् अगाहिष्यन्त अगाहिष्यथाः अगाहिष्येथाम् अगाहिष्यध्वम्
अगाहिष्ये अगाहिष्यावहि अगाहिष्यामहि घट (चेष्टायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
घटेते
घटन्ते घटसे घटेथे
घटध्वे घटावहे
घटामहे घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) घटताम् घटेताम्
घटन्ताम् घटस्व घटेथाम
घटध्वम् घटै घटावहै
घटामहै घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अघटत अघटेताम्
अघटन्त अघटथाः
अघटेथाम् अघटध्वम
अघटावहि अघटामहि घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) घटेत
घटेयाताम् घटेरन् घटेथाः
घटेयाथाम् घटेध्वम् घटेय घटेवहि
घटेमहि घट (चेष्टायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) जघटे जघटाते
जघटिरे जघटाथे
जघटिध्वे . जघटे
जघटिवहे जघटिमहे घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) घटिता
घटितारौ घटितारः घटितासे घटितासाथे घटिताध्वे घटिताहे
घटितास्वहे घटितास्महे
अघटे
जघटिषे
For Private and Personal Use Only
Page #206
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
घटिष्यते
घटिष्यसे घटिष्ये
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
घट ( चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
घटिष्येते
घटिष्येथे
घटिष्यावहे
www.kobatirth.org
घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
घटिषीष्ट
घटिषीष्ठाः
घटिषीय
घटिषीयास्ताम् घटिषीयास्थाम् घटिषीवहि
घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अघटिष्ट
अघटिषाताम्
अघटिष्ठाः
अघटिषाथाम् अघटिष्वहि
अघटिषि
घट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अघटिष्यत
अघटिष्येताम
अघटिष्येथाम
अघटिष्यथाः अघटिष्ये
अघटिष्यावहि
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
घटते
घटटेते
घटटसे
घटटेथे
घट्टे
घट्टावहे
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
घट्टेताम् घट्टेथाम्
घट्टाव
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
घट्टताम्
घट्टस्व
घटै
अघट्टत
अघट्टथाः
अघट्टे
अघट्टेताम् अघथाम अघट्टावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
घटिष्यन्ते
घटिष्यध्वे
घटिष्यामहे
घटिषीरन्
घटिषीध्वम्
घटिषीमहि
अघटिषत
अघटिध्वम
अघटिष्महि
अघटिष्यन्त
अघटिष्यध्वम
अघटिष्यामहि
घट्टन्ते
घट्टध्वे
घट्टाम
घट्टन्ताम्
घट्टध्वम्
घट्टाम
अघट्टन्त
अघट्टध्वम्
अघट्टाम
१९५
Page #207
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
१९६
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
घटटेत
घट्टेथाः घट्टेय
घट्टेयाताम् घटटेयाथाम् घट्टेवहि
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
जघटे
जघट्टाते
जघटिट जघट्टे
जघटटाथे जघटिव
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
घटिटता
घटिटतारौ
घटिटतासे
घटिटतासाथे
घट्टिताहे
घट्टितास्वहे
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
घटिय
घटिटष्येते
घटिय
घट्टिये
घटिटष्येथे घट्टिया हे
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
घटिटषीष्ट
घटिटषीष्ठाः घट्टिषीय
·
घटिटषीयास्ताम घट्टिषीयास्थाम् घट्टिषीवहि
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अघटिष्ट
अघटिटष्ठाः अघटिटषि
घट्ट (चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अघटिटष्यत अघटिटष्यथाः अघट्टिष्ये
अघट्टिषाताम् अघटिषाथाम् अघविहि
अघटिटष्येताम
अघटिटष्येथाम अघट्टिया
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
घटेरन् घट्टेध्वम् घट्टे महि
जघटिरे
जघटिवे
जघट्टिम
घटिटतारः
घटिटताध्वे घट्टितास्महे
घटिटष्यन्ते घटिटष्यध्वे
घटिटष्यामहे
घट्टिषीरन् घट्टषीध्वम् घट्ट
अघटिटषत अघटिध्वम्
अघट्टिमह
अघटिटष्यन्त अघटिटष्यध्वम अघट्टिष्यामह
Page #208
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१९७
घूर्णेते
घूर्णसे घूर्णे
घूर्णध्वे
घूर्णामहे
घूर्ण
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) घूर्णते
घूर्णन्ते घूर्णेथे
घूर्णावहे .. घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) घूर्णताम्
घूर्णन्ताम् घर्णस्व घूर्णेथाम्
घर्णध्वम
घूर्णावहै घूर्णामहै घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अघूर्णत अघूर्णेताम् अघूर्णन्त अघूर्णथाः अघूर्णेथाम् अघूर्णध्वम्
अघूर्णे अघूर्णावहि अघूर्णामहि घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) घूर्णेत
घूर्णेयाताम् घूर्णेरन् घूर्णेथाः घूर्णेयाथाम् घूर्णेध्वम् घूर्णेय घूर्णेवहि
घूर्णेमहि घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट)
जुघूर्णाते जुघूर्णाथे
जुघूर्णिवहे जुघूर्णिमहे घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) घूर्णिता घूर्णितारौ
घूर्णितारः घूर्णितासे घूर्णितासाथे घुटिताध्वे
घूर्णिताहे घूर्णितास्वहे घूर्णितास्महे घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
घूर्णिष्यते घुर्णिष्येते घूर्णिष्यन्ते घूर्णिष्यसे घूर्णिष्येथे घुर्णिष्यध्वे घूर्णिष्ये
घूर्णिष्यावहे घूर्णिष्यामहे
जुघूर्णे जुघूर्णिषे
जुघूर्णिरे जुघूर्णिध्वे
जुघूर्णे
For Private and Personal Use Only
Page #209
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१९८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) घूर्णिषीष्ट
घूर्णिषीयास्ताम् घूर्णिषीरन् घूर्णिषीष्ठाः घूर्णिषीयास्थाम् घूर्णिषीध्वम्
घूर्णिषीय घूर्णिषीवहि घूर्णिषीमहि घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अघूर्णिष्ट अघूर्णिषाताम् अघूर्णिषत अघूर्णिष्ठाः अघूर्णिषाथाम् अघूर्णिध्वम्
अघूर्णिषि अघूर्णिष्वहि अधूर्णिमहि घूर्ण (भ्रमणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अघूर्णिष्यत
अघूर्णिष्येताम् अघूर्णिष्यन्त अघूर्णिष्यथाः अघूर्णिष्येथाम् अघूर्णिष्यध्वम्
अघूर्णिष्ये अघूर्णिष्यावहि अघूर्णिष्यामहि घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
घूर्णतः
घूर्णन्ति घूर्णसि घूर्णथः
घूर्णथ घूर्णामि घूर्णावः
घूर्णामः घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) घूर्णतु घूर्णताम्
घूर्णन्तु घूर्ण
घूर्णतम्
घूर्णति
घूर्णानि
घूर्णाव
घूर्णत घूर्णाम
अघूर्णन् अघूर्णत अघूर्णाम
घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अघूर्णत् अघूर्णताम् अघूर्णः अघूर्णतम् अघूर्णम्
अघूर्णाव घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
घूर्णेताम् घूर्णे:
घूर्णेतम् घूर्णेयम्
घूर्णेव
घूर्णत
घुर्णेत घूर्णेम
For Private and Personal Use Only
Page #210
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१९९
८
जुघूर्णिव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
जुघूर्ण जुघूर्णतुः जुघूर्णः जुघूर्णिथ जुघूर्णथुः जुघूर्ण जुघूर्ण
जुघूर्णिम घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्)
घूर्णिता घूर्णितारौ घूर्णितारः चूर्णितासि घुर्णितास्थः
घर्णितास्थ घूर्णितास्मि घूर्णितास्वः घूर्णितास्मः घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) घूर्णिष्यति
घूर्णिष्यतः घूर्णिष्यन्ति घूर्णिष्यसि घूर्णिष्यथः घूर्णिष्यथ
घूर्णिष्यामि घूर्णिष्यावः घूर्णिष्यामः घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
घूर्ध्यात् घूर्यास्ताम् घूयाः
घूर्यास्तम् घूर्यास्त घूयासम्
घूर्यास्व घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अघूर्णीत् अघूर्णिष्टाम् अघूर्णिषुः अघूर्णिष्टम्
अघूर्णिष्ट अघूर्णिषम् अघूर्णिष्व
अघूर्णिम घूर्ण (भ्रमणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अघूर्णिष्यत् अघूर्णिष्यताम् अघूर्णिष्यन् अघूर्णिष्यः अघूर्णिष्यतम् अघूर्णिष्यत
अघूर्णिष्यम् अघूर्णिष्याव अघूर्णिष्याम घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) जिघ्रति जिघ्रतः
जिघ्रन्ति जिघ्रसि जिघ्रथः
जिघ्रथ जिघ्रामि जिघ्रावः
जिघ्रामः
घूर्यासुः
घूर्यास्म
अघूर्णीः
For Private and Personal Use Only
Page #211
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
जिघ्रतु
जिघ्र जिघ्राणि
२००
घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
जिघ्रताम्
जिघ्रतम् जिघ्राव
www.kobatirth.org
प्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अजिघ्रत्
अजिघ्रताम्
अजिघ्रः
अजिघ्रम्
अजिघ्रम्
अजिघ्राव
घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
जनौ
जप्रिथ
जघ्र
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
जिघ्रेत
जिघ्रे :
जिघ्रेयम्
घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
जिघ्रेताम्
जिघ्रेतम् जिघ्रेव
जघ्रतुः
जघ्रथुः
जघ्रिव
घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
घातारौ
घ्रातास्थः
प्रातास्वः
घ्रेयात्
प्रेयाः
प्रेयासम्
घ्राता
प्रातासि प्रातास्मि
प्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
प्रास्यति
प्रास्यतः
प्रास्यसि
प्रास्यथः
घास्यामि
प्रास्यावः
घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
घ्रेयास्ताम्
प्रेयास्तम्
प्रेयास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
जिघ्रन्तु जिघ्रत
जिघ्राम
अजिघ्रन
अजिघ्रत
अजिघ्राम
जिघ्रेयुः
जिघ्रेत
जिघ्रेम
जघुः
जघ्र
जघ्रिम
घ्रातारः
प्रातास्थ
घ्रातास्मः
प्रास्यन्ति
प्रास्यथ
प्रास्यामः
घ्रेयासुः
प्रेयास्त
प्रेयास्म
Page #212
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अघ्रात् अघ्राताम्
अध्रुः अघ्राः अघ्रातम्
अघ्रात अघ्राम् अघ्राव
अघ्राम घ्रा (गन्धोपादाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अघ्रास्यत्
अघ्रास्यताम अघ्रास्यन् अघ्रास्यः अघ्रास्यतम्
अघ्रास्यत अघ्रास्यम् अघ्रास्याव
अघ्रास्याम घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
घोषयति घोषयतः घोषयन्ति घोषयसि घोषयथः
घोषयथ घोषयामि घोषयावः
घोषयामः घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लोट)
घोषयतु घोषयताम् घोषय घोषयतम्
घोषयत घोषयानि घोषयाव
घोषयाम घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अघोषयत् अघोषयताम्
अघोषयन् अघोषयः अघोषयतम् अघोषयत
अघोषयम् अघोषयाव अघोषयाम घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) घोषयेत्
घोषयेताम्
घोषयेतम् घोषयेत घोषयेयम् घोषयेव
घोषयेम घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) घोषयाञ्चकार घोषयाञ्चक्रतुः
घोषयाञ्चक्रुः घोषयाञ्चकर्थ घोषयाञ्चक्रथुः घोषयाञ्चक्र घोषयाञ्चकार घोषयाञ्चकृव घोषयाञ्चकृम
घोषयन्तु
घोषयेयुः
घोषयेः
For Private and Personal Use Only
Page #213
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
घोषयिता घोषयितासि घोषयितास्मि
www.kobatirth.org
२०२
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
घोषयितारौ घोषयितास्थः घोषयितास्वः
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, ऌट्)
घोषयिष्यति
घोषयिष्यतः
घोषयिष्यथः
घोषयिष्यसि घोषयिष्यामि
घोषयिष्यावः
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
घोष्यास्ताम्
घोष्यास्तम्
घोष्यास्व
घोष्यात् घोष्याः घोष्यासम्
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
घोषयते
घोषयसे
घोषये
अजूघुषत्
अजूघुषताम्
अजूघुषतम्
अजूघुषः अजूघुषम्
अजूघुषाव
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अघोषयिष्यत् अघोषयिष्यः अघोषयिष्यम्
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अघोषयिष्यताम्
अघोषयिष्यतम्
अघोषयिष्याव
घोषयेते
घोषयेथे
घोषयावहे
घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
घोषयताम
घोषयेताम्
घोषयस्व
घोषयेथस्व
घोषयै
घोषयावहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
घोषयितारः
घोषयितास्थ
घोषयितास्मः
घोषयिष्यन्ति
घोषयिष्यथ
घोषयिष्यामः
घोष्यासुः घोष्यास्त
घोष्यास्म
अजूघुषन्
अजूघुषत
अजूघुषाम
अघोषयिष्यन् अघोषयिष्यत
अघोषयिष्याम
घोषयन्ते
घोषयध्वे
घोषयामहे
घोषयन्ताम् घोषयध्वम
घोषयाम
Page #214
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली २०३ घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अघोषयत
अघोषयेताम् अघोषयन्त अघोषयथाः अघोषयेथाम् अघोषयध्वम्
अघोषये अघोषयावहि अघोषयामहि घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) घोषयेत घोषयेयाताम्
घोषयेरन् घोषयेथाः
घोषयेयाथाम् घोषयेध्वम् घोषयेय
घोषयेवहि घोषयेमहि घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
घोषयाञ्चके घोषयाञ्चक्राते घोषयाञ्चक्रिरे घोषयाञ्चकृषे घोषयाञ्चक्राथे घोषयाञ्चकृढ़वे
घोषयाञ्चक्रे घोषयाञ्चकृवहे घोषयाञ्चकृमहे घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
घोषयिता घोषयितारौ घोषयितारः घोषयितासे घोषयितासाथे घोषयिताध्वे
घोषयिताहे घोषयितास्वहे घोषयितास्महे घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
घोषयिष्यते घोषयिष्येते घोषयिष्यन्ते घोषयिष्यसे घोषयिष्येथे घोषयिष्यध्वे
घोषयिष्ये घोषयिष्यावहे घोषयिष्यामहे घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
घोषयिषीष्ट घोषयिषीयास्ताम् घोषयिषीरन् घोषयिषीष्ठाः घोषयिषीयास्थाम् घोषयिषीध्वम्
घोषयिषीय घोषयिषीवहि घोषयिषीमहि घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजूघुषत अजूघुपेताम् अजूघुषन्त अजूघुषथाः अजूघुषेथाम् अजूघुषध्वम् अजूघुषे अजूघुषावहि
घोष
अजूघुषामहि
For Private and Personal Use Only
Page #215
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली घुषिर् (विशब्दने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अघोषयिष्यत अघोषयिष्येताम् अघोषयिष्यन्त अघोषयिष्यथाः अघोषयिष्येथाम् अघोषयिष्यध्वम्
अघोषयिष्ये अघोषयिष्यावहि अघोषयिष्यामहि चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) चकते चकेते
चकन्ते चकसे चकेथे
चकध्वे चके चकावहे
चकामहे चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) चकताम् चकेताम्
चकन्ताम् चकस्व चकेथाम
चकध्वम् चकै चकावहै
चकामहै चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अचकत
अचकताम् अचकन्त अचकथाः अचकेथाम् अचकध्वम अचके
अचकावहि अचकामहि चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) चकेत
चकेयाताम् चकेरन् चकेथाः
चकेयाथाम् चकेध्वम् चकेय चकेवहि
चकेमहि चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) चेके चेकाते
चेकिरे चेकिषे चेकाथे
चेकिध्वे चेके चेकिवहे
चेकिमहे चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) चकिता चकितारौ
चकितारः चकितासे चकितासाथे चकिताध्वे चकिताहे
चकितास्वहे चकितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #216
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) चकिष्यते चकिष्येते
चकिष्यन्ते चकिष्यसे चकिष्येथे चकिष्यध्वे चकिष्ये चकिष्यावहे
चकिष्याम चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चकिषीष्ट चकिषीयास्ताम् चकिषीरन् चकिषीष्ठाः चकिषीयास्थाम् चकिषीढ्वम्
चकिषीय चकिषीवहि - चकिषीमहि चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अचकिष्ट
अचकिषाताम् अचकिषत अचकिष्ठाः अचकिषाथाम अचकिध्वम् अचकिषि
अचकिष्वहि अचकिष्महि चक (तृप्तौ प्रतिघाते च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अचकिष्यत अचकिष्येताम् अचकिष्यन्त अचकिष्यथाः अचकिष्येथाम् अचकिष्यध्वम
अचकिष्ये अचकिष्यावहि अचकिष्यामहि चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) चण्डते चण्डेते
चण्डन्ते चण्डसे चण्डेथे
चण्डध्वे चण्डे चण्डावहे
चण्डामहे चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) चण्डताम् चण्डेताम्
चण्डन्ताम् चण्डस्व . चण्डेथाम
चण्डध्वम् चण्डै चण्डावहै
चण्डामहै चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अचण्डत
अचण्डेताम् अचण्डन्त अचण्डथाः अचण्डेथाम
अचण्डध्वम् अचण्डे
अचण्डावहि अचण्डामहि
For Private and Personal Use Only
Page #217
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) चण्डेत
चण्डेयाताम् चण्डेरन् चण्डेथाः
चण्डेयाथाम चण्डेध्वम चण्डेय चण्डेवहि
चण्डेमहि चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) चचण्डे चचण्डाते
चचण्डिरे चचण्डिषे
चचण्डाथे चचण्डिध्वे चचण्डे
चचण्डिवहे चचण्डिमहे चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
चण्डिता चण्डितारौ चण्डितारः चण्डितासे चण्डितासाथे चण्डिताध्वे
चण्डिताहे चण्डितास्वहे चण्डितास्महे चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) चण्डिष्यते चण्डिष्येते
चण्डिष्यन्ते चण्डिष्यसे
चण्डिष्येथे चण्डिष्यध्वे चण्डिष्ये
चण्डिष्यावहे. चण्डिष्यामहे चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चण्डिषीष्ट चण्डिषीयास्ताम् । चण्डिषीरन् चण्डिषीष्ठाः चण्डिषीयास्थाम चण्डिषीध्वम्
चण्डिषीय चण्डिषीवहि चण्डिषीमहि चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचण्डिष्ट अचण्डिषाताम् अचण्डिषत अचण्डिष्ठाः अचण्डिषाथाम् अचण्डिध्वम्
अचण्डिषि अचण्डिष्वहि · अचण्डिष्महि चडि (कोपे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचण्डिष्यत अचण्डिष्येताम् अचण्डिष्यन्त अचण्डिष्यथाः अचण्डिष्येथाम् अचण्डिष्यध्वम् अचण्डिष्ये अचण्डिष्यावहि अचण्डिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #218
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२०७
चोदयन्तु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चोदयति चोदयतः चोदयन्ति चोदयसि चोदयथः
चोदयथ चोदयामि चोदयावः
चोदयामः चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लोट)
चोदयतु चोदयताम् चोदय चोदयतम्
चोदयत चोदयानि चोदयाव
चोदयाम चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अचोदयत अचोदयताम्
अचोदयन् अचोदयः अचोदयतम्
अचोदयत अचोदयम् अचोदयाव अचोदयाम चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
चोदयेत् चोदयेताम् चोदयेयुः चोदयेः
चोदयेतम् चोदयेत चोदयेयम् चोदयेव
चोदयेम चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
चोदयाञ्चकार चोदयाञ्चक्रतुः चोदयाञ्चचक्रुः चोदयाञ्चकर्थ चोदयाञ्चक्रथुः चोदयाञ्चक्र
चोदयाञ्चकार चोदयाञ्चकृव चोदयाञ्चकृम चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
चोदयिता चोदयितारौ चोदयितारः चोदयितासि चोदयितास्थः चोदयितास्थ
चोदयितास्मि चोदयितास्वः चोदयितास्मः चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चोदयिष्यति चोदयिष्यतः चोदयिष्यन्ति चोदयिष्यसि चोदयिष्यथः चोदयिष्यथ चोदयिष्यामि चोदयिष्यावः चोदयिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #219
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चोद्यासुः
२०८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
चोद्यात् चोद्यास्ताम् चोद्याः चोद्यास्तम
चोद्यास्त चोद्यासम् . चोद्यास्व
चोद्यास्म चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचूचुदत् अचूचुदताम् अचूचुदन अचूचुदः अचूचुदतम्
अचूचुदत अचूचुदम् अचूचुदाव अचूचुदाम चुद (संचोदने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचोदयिष्यत् अचोदयिष्यताम् अचोदयिष्यन् अचोदयिष्यः अचोदयिष्यतम् अचोदयिष्यत
अचोदयिष्यम् अचोदयिष्याव अचोदयिष्याम चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) चोदयते चोदयेते
चोदयन्ते चोदयसे चोदयेथे चोदयध्वे चोदये
चोदयावहे चोदयामहे चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
चोदयताम् चोदयेताम् चोदयस्व चोदयेथाम् चोदयध्वम्
चोदयै चोदयावहै चोदयामहै चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अचोदयत अचोदयेताम् अचोदयन्त अचोदयथाः अचोदयेथाम् अचोदयध्वम् अचोदये
अचोदयावहि अचोदयामहि चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
चोदयेत चोदयेयाताम् चोदयेरन् चोदयेथाः चोदयेयाथाम् चोदयेध्वम् चोदयेय
चोदयेवहि चोदयेमहि
चोदयन्ताम्
For Private and Personal Use Only
Page #220
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली २०९ चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
चोदयाञ्चक्रे चोदयाञ्चक्राते चोदयाञ्चक्रिरे चोदयाञ्चकृषे चोदयाञ्चक्राथे चोदयाञ्चकृढ्वे
चोदयाञ्चक्रे चोदयाञ्चकृवहे चोदयाञ्चकृमहे चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
चोदयिता चोदयितारौ चोदयितारः चोदयितासे चोदयितासाथे चोदयिताध्वे
चोदयिताहे चोदयितास्वहे चोदयितास्महे चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) ।
चोदयिष्यते चोदयिष्येते चोदयिष्यन्ते चोदयिष्यसे चोदयिष्येथे चोदयिष्यध्वे
चोदयिष्ये चोदयिष्यावहे चोदयिष्यामहे चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चोदयिषीष्ट चोदयिषीयास्ताम् चोदयिषीरन् चोदयिषीष्ठाः चोदयिषीयास्थाम् चोदयिषीध्वम्
चोदयिषीय चोदयिषीवहि चोदयिषीमहि चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचूचुदत अचूचुदेताम् अचूचुदन्त अचूचुदथाः अचूचुदेथाम् अचूचुदध्वम्
अचूचुदे अचूचुदावहि अचूचुदामहि चुद (संचोदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचोदयिष्यत अचोदयिष्येताम् अचोदयिष्यन्त अचोदयिष्यथाः अचोदयिष्येथाम अचोदयिष्यध्वम्
अचोदयिष्ये अचोदयिष्यावहिं। अचोदयिष्यामहि चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) चन्दति चन्दतः
चन्दन्ति चन्दसि चन्दथः
चन्दथ चन्दामि चन्दावः
चन्दामः
For Private and Personal Use Only
Page #221
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चन्दतु
चन्देयुः
चन्देम
२१० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
चन्दताम्
चन्दन्तु चन्दतम्
चन्दत चन्दानि चन्दाव
चन्दाम चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अचन्दत् अचन्दताम्
अचन्थन अचन्दः अचन्दतम्
अचन्दत अचन्दम् अचन्दाव
अचन्दाम चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चन्देत्
चन्देताम् चन्देः चन्देतम
चन्देत चन्देयम्
चन्देव चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चचन्द चचन्दतुः
चचन्दुः चचन्दिथ चचन्दथुः
चचन्द चचन्द चचन्दिव
चचन्दिम चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चन्दिता
चन्दितारौ चदितारः चन्दितासि
चन्दितास्थः चन्दितास्थ चन्दितास्मि चन्दितास्वः चन्दितास्मः चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चन्दिष्यति चन्दिष्यतः चन्दिष्यन्ति चन्दिष्यसि चन्दिष्यथः चन्दिष्यथ..
चन्दिष्यामि चन्दिष्यावः चन्दिष्यामः चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चन्द्यात्
चन्द्यास्ताम् चन्द्यासुः चन्द्याः चन्द्यास्तम्
चन्द्यास्त चन्द्यासम् चन्द्यास्व
चन्द्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #222
--------------------------------------------------------------------------
________________
I
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२११
M
चुम्बति
चुम्बामि
चुम्बावः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचन्दीत् अचन्दिष्टाम् अचन्दिषुः अचन्दीः
अचन्दिष्टम अचन्दिष्ट अचन्दिषम् अचन्दिष्व अचन्दिष्म चदि (आह्लादे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचन्दिष्यत अचन्दिष्यताम् अचन्दिष्यन् अचन्दिष्यः अचन्दिष्यतम् अचन्दिष्यत
अचन्दिष्यम् अचन्दिष्याव अचन्दिष्याम चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चुम्बतः
चुम्बन्ति चुम्बसि चुम्बथः
चुम्बथ
चुम्बामः चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) चुम्बतु चुम्बताम्
चुम्बन्तु चुम्ब चुम्बतम्
चुम्बत चुम्बानि चुम्बाव
चुम्बाम चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अचुम्बत् अचुम्बताम्
अचुम्बन् अचुम्बः
अचुम्बतम् अचुम्बत अचुम्बम् अचुम्बाव अचुम्बाम चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चुम्बेत्
चुम्बेताम् चुम्बेयुः चुम्बेः
चुम्बेतम् चुम्बेत चुम्बेयम् चुम्बेव चुम्बेम चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चुचुम्ब
चुचुम्बतुः चुचुम्बुः चुचुम्बिथ चुचुम्बथुः चुचुम्ब चुचुम्ब चुचुम्बिव
चुचुम्बिम
For Private and Personal Use Only
Page #223
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चुम्बिता
चुम्बितारौ चुम्बितारः चुम्बितासि चुम्बितास्थः चुम्बितास्थ
चुम्बितास्मि चुम्बितास्वः चुम्बितास्मः चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चुम्बिष्यति चुम्बिष्यतः चुम्बिष्यन्ति चुम्बिष्यसि चुम्बिष्यथः चुम्बिष्यथ
चुम्बिष्यामि चुम्बिष्यावः चुम्बिष्यामः चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चुम्ब्यात् चुम्ब्यास्ताम्
चुम्ब्यासुः चम्ब्याः
चुम्ब्यास्तम् चुम्ब्यास्त चुम्ब्यासम् चुम्ब्यास्व
चुम्ब्यास्म चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचुम्बीत् अचुम्बिष्टाम् अचुम्बिषुः अचुम्बी: अचुम्बिष्टम् अचम्बिष्ट
अचुम्बिषम् अचुम्बिष्व अचुम्बिष्म चुबि (वक्त्रसंयोगे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचुम्बिष्यत् अचुम्बिष्यताम् अचुम्बिष्यन् अचुम्बिष्यः अचुम्बिष्यतम् अचुम्बिष्यत
अचुम्बिष्यम् अचुम्बिष्याव अचुम्बिष्याम चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लट्) चोरयति चोरयतः
चोरयन्ति चोरयसि चोरयथः
चोरयथ चोरयामि चोरयावः
चोरयामः चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) चोरयतु चोरयताम्
चोरयन्तु चोरय
चोरयत चोरयाणि
चोरयाम
चोरयतम् चोरयाव
For Private and Personal Use Only
Page #224
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अचोरयत् अचोरयताम्
अचोरयन अचोरयः
अचोरयतम् अचोरयत अचोरयम् अचोरयाव अचोरयाम चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चोरयेत् चोरयेताम
चोरयेयुः चोरये: चोरयेतम
चोरयेत चोरयेयम् चोरयेव
चोरयेम चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
चोरयाञ्चकार चोरयाञ्चक्रतुः चोरयाञ्चचक्रुः चोरयाञ्चकर्थ चोरयाञ्चक्रथः चोरयाञ्चक्र
चोरयाञ्चकार चोरयाञ्चकृव चोरयाञ्चकम चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
चोरयिता चोरयितारौ चोरयितारः चोरयितासि चोरयितास्थः चोरयितास्थ
चोरयितास्मि चोरयितास्वः चोरयितास्मः चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चोरयिष्यति चोरयिष्यतः चोरयिष्यन्ति चोरयिष्यसि
चोरयिष्यथः चोरयिष्यथ चोरयिष्यामि चोरयिष्यावः चोरयिष्यामः चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चोर्यात चोर्यास्ताम्
चोर्यासुः चोर्याः
चोर्यास्तम् चोर्यास्त चोर्यासम् चोर्यास्व चोर्यास्म चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अचूचुरत् अचूचुरताम
अचूचुरन् अचूचुरः
अचूचुरतम अचूचुरत अचूचुरम्
अचूचुराव अचूचुराम
For Private and Personal Use Only
Page #225
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
२१४
चुर (स्तेये, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचोरयिष्यत् अचोरयिष्यः अचोरयिष्यम
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु
अचोरयत अचोरयथाः अचोरये
चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चोरयते
चोरयसे
चोरये
चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
चोरयताम्
चोरयस्व
चोर
अचोरयिष्यताम् अचोरयिष्यतम्
अचोरयिष्याव
चोरयेताम्
चोरयेथस्व
चोरया है
चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
चोरयाञ्चक्रे
चोरयाञ्चकृषे चोरयाञ्चक्रे
चोरयेते
चोरयेथे
चोराव
अचोरयेताम् अचोरयेथाम
अचोरयावहि
चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
चोरयेत
चोरयेथाः चोरयेय
चुर ( स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
चोरयाञ्चक्राते
चोरयाञ्चक्रा
चोरयाञ्चकृवहे
चोरयेयाताम्
चोरयेयाथाम् चोरयेवहि
चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
चोरयिता
चोरता
चोरयिताहे
चोरयितारौ चोरयितासाथे
चोरयितास्वहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अचोरयिष्यन्
अचोरयिष्यत
अचोरयिष्याम
चोरयन्ते
चोरयध्वे
चोरयामहे
चोरयन्ताम् चोरयध्वम
चोरयामहै
[-रूपावली
अचोरयन्त अचोरयध्वम
अचोरयामहि
चोरयेरन् चोरयेध्वम्
चोर महि
चोरयाञ्चक्रिरे चोरयाञ्चकृढ़वे चोरयाञ्चकमहे
चोरयितारः चोरयिताध्वे चोरयितास्महे
Page #226
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चोरयिष्यते चोरयिष्येते चोरयिष्यन्ते चोरयिष्यसे चोरयिष्येथे चोरयिष्यध्वे
चोरयिष्ये चोरयिष्यावहे चोरयिष्यामहे चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चोरयिषीष्ट चोरयिषीयास्ताम् । चोरयिषीरन् चोरयिषीष्ठाः
चोरयिषीयास्थाम चोरयिषीध्वम चोरयिषीय चोरयिषीवहि चोरयिषीमहि चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचूचुरत अचूचुरेताम् अचूचुरन्त अचूचुरथाः अचूचुरेथाम्
अचूचुरध्वम् अचूचुरे अचूचुरावहि अचूचुरामहि चुर (स्तेये, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचोरयिष्यत अचोरयिष्येताम् अचोरयिष्यन्त अचोरयिष्यथाः अचोरयिष्येथाम् अचोरयिष्यध्वम्
अचोरयिष्ये अचोरयिष्यावहि अचोरयिष्यामहि चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लट) चरति चरतः
चरन्ति चरसि
चरथ चरामि चरावः
चरामः चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) चरतु
चरताम् चर चरतम्
चरत चरानि चराव
चराम चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अचरत् अचरताम्
अचरन् अचरः अचरतम्
अचरत अचरम्
अचराम
चरथः
चरन्तु
अचराव
For Private and Personal Use Only
Page #227
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चर्युः
चरेः
चरेम
चेरतुः चेरथुः चेरिव
चेरिम
२१६ __ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चरेत्
चरेताम् चरेतम्
चरेत चरेयम्
चरेव चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चचार
चेरुः चेरिथ
चचार चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) चरिता चरितारौ
चरितारः चरितासि चरितास्थः
चरितास्थ चरितास्मि चरितास्वः चरितास्मः चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) चरिष्यति चरिष्यतः
चरिष्यन्ति चरिष्यसि चरिष्यथः
चरिष्यथ चरिष्यामि चरिष्यावः
चरिष्यामः चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
चर्यास्ताम् चर्यासुः चर्याः चर्यास्तम्
चर्यास्त
चर्यास्व चर्यास्म चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अचारीत
अचरिष्टाम् अचरिषुः अचरी: अचरिष्टम्
अचरिष्ट अचरिषम् अचरिष्व अचारिष्म चर (गतौ भक्षणेऽपि, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचरिष्यत् अचरिष्यताम् अचरिष्यन अचरिष्यः
अचरिष्यतम अचरिष्यत अचरिष्यम् अचरिष्याव अचरिष्याम
चर्यात
चर्यासम्
For Private and Personal Use Only
Page #228
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै,
चूर्णयति चूर्णसि चूर्णयामि
चूर्णयतः चूर्णयथ:
चूर्णयावः
चूर्णयतु चूर्ण चूर्णयानि
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
चूर्णयताम् चूर्णम् चूर्णयाव
लट्)
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अचूर्णयत् अचूर्णयः अचूर्णयम्
अचूर्णयताम् अचूर्णम् अचूर्णयाव
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
चूर्णयेताम् चूर्णम्
चूर्णयेव
चूर्ण चूर्णयितास चूर्णयितास्मि
चूर्णयेत् चूर्णयेः चूर्णयेयम्
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
चूर्णयाञ्चकार चूर्णयाञ्चकर्थ चूर्णयाञ्चकार
चूर्णयाञ्चक्रतुः चूर्णयाञ्चक्रथुः चूर्णयाञ्चकृव
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
चूर्णयितारौ चूर्णयितास्थः चूर्णयितास्वः
चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चूर्णयिष्यतः
चूर्णयिष्यति चूर्णयिष्यसि चूर्णयिष्यामि
चूर्णयिष्यथः चूर्णयिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
चूर्णयन्ति
चूर्णयथ
चूर्णयामः
चूर्णयन्तु चूर्णयत
चूर्णयाम
अचूर्णयन्
अचूर्ण अचूर्णयाम
चूर्णयेयुः चूर्णयेत
चूर्णयेम
चूर्णयाञ्चक्रुः चूर्णयाञ्चक्र
चूर्णयाञ्चकृम
चूर्णयितारः चूर्णयितास्थ
चूर्णयितास्मः
चूर्णयिष्यन्ति चूर्णयिष्यथ
चूर्णयिष्यामः
२१७
Page #229
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लि) चूण्यात्
चूण्योस्ताम् चूासुः चूयाः चूास्तम् चूर्यास्त
चूासम् चूर्यास्व चूस्मि चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचूचुर्णत् अचूचुर्णताम् अचूचुर्णन् अचूचुर्णः अचूचुर्णतम् अचूचुर्णत
अचूचुर्णम् अचूचुर्णाव अचूचुर्णाम चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचूर्णयिष्यत् अचूर्णयिष्यताम् अचूर्णयिष्यन् अचूर्णयिष्यः अचूर्णयिष्यतम्
अचूर्णयिष्यत ___ अचूर्णयिष्यम् अचूर्णयिष्याव । अचूर्णयिष्याम चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चूर्णयते चूर्णयेते चूर्णयसे चूर्णयेथे
चूर्णयध्वे
चूर्णयावहे चूर्णयामहे चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
चूर्णयताम् चूर्णयेताम् चूर्णयन्ताम् चूर्णयस्व चूर्णयेथस्व चूर्णयध्वम्
चूर्णयै चूर्णयावहै चूर्णयामहै चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अचूर्णयत अचूर्णयेताम् अचूर्णयन्त अचूर्णयथाः अचूर्णयेथाम् अचूर्णयध्वम्
अचूर्णये अचूर्णयावहि अचूर्णयामहि चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
चूर्णयेत चूर्णयेयाताम् चूर्णयेरन् चूर्णयेथाः
चूर्णयेयाथाम चूर्णयेध्वम् चूर्णयेय चूर्णयेवहि
चूर्णयेमहि
चूर्णयन्ते
चूर्णये
For Private and Personal Use Only
Page #230
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१९
चूर्णयिष्ये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
चूर्णयाञ्चक्रे चूर्णयाञ्चक्राते चूर्णयाञ्चक्रिरे चूर्णयाञ्चकृषे चूर्णयाञ्चक्राथे । चूर्णयाञ्चकृढ्वे
चूर्णयाञ्चक्रे चूर्णयाञ्चकृवहे। चूर्णयाञ्चकृमहे चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
चूर्णयिता चूर्णयितारौ चूर्णयितारः चूर्णयितासे चूर्णयितासाथे चूर्णयिताध्वे चूर्णयिताहे चूर्णयितास्वहे
चूर्णयितास्महे चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) चूर्णयिष्यते
चूर्णयिष्येते चूर्णयिष्यन्ते चूर्णयिष्यसे चूर्णयिष्येथे चूर्णयिष्यध्वे
चूर्णयिष्यावहे चूर्णयिष्यामहे चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चूर्णयिषीष्ट चूर्णयिषीयास्ताम् चूर्णयिषीरन् चूर्णयिषीष्ठाः चर्णयिषीयास्थाम चर्णयिषीध्वम
चूर्णयिषीय चूर्णयिषीवहि चूर्णयिषीमहि चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचूचुर्णत अचूचुर्णेताम् अचूचुर्णन्त अचूचुर्णथाः अचूचुर्णेथाम् अचूचुर्णध्वम्
अचूचुर्णे अचूचुर्णावहि अचूचुर्णामहि चूर्ण (सङ्कोचने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचूर्णयिष्यत अचूर्णयिष्येताम् अचूर्णयिष्यन्त अचूर्णयिष्यथाः अचूर्णयिष्येथाम् । अचूर्णयिष्यध्वम्
अचूर्णयिष्ये अचूर्णयिष्यावहि ___अचूर्णयिष्यामहि चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) चर्वति चर्वतः
चर्वन्ति चर्वसि चर्वथः
चर्वथ चर्वामि चर्वावः
चर्वामः
चूण
For Private and Personal Use Only
Page #231
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चर्वेत
२२० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) चर्वतु चर्वताम्
चर्वन्तु चर्व चर्वतम्
चर्वत चर्वानि चाव
चर्वाम चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अचर्वत्
अचर्वताम् अचर्वन् अचर्वः
अचर्वतम् अचर्वत अचर्वम् अचव अचम चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चर्वेत्
चर्वेताम् चर्वेयुः चर्वेः
चर्वेतम् चर्वेयम् चर्वेव
चर्वेम चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चचर्व
चचर्वतुः चचर्विथ चचवथः
चचर्व चचर्व
चचर्विव चचर्विम चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चर्विता
चर्वितारौ चर्वितारः चर्वितासि चर्वितास्थः
चर्वितास्थ चर्वितास्मि चर्वितास्वः चर्वितास्मः चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चर्विष्यति चर्विष्यतः चर्विष्यन्ति चर्विष्यसि चविष्यथ:
चविष्यथ.. चर्विष्यामि चर्विष्यावः चर्विष्यामः चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चात् चास्ताम्
चासुः चाः
चास्तम् चास्त चासम् चास्व
चास्म
चचर्तुः
For Private and Personal Use Only
Page #232
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचर्वीत अचर्विष्टाम अचर्विषुः अचर्वीः
अचर्विष्टम् अचाविष्ट अचर्विषम् अचर्विष्व अचर्विष्म चर्व (अदने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचर्विष्यत् अचर्विष्यताम् अचविष्यन अचर्विष्यः अचर्विष्यतम् अचविष्यत
अचर्विष्यम् अचर्विष्याव अचर्विष्याम चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) चलति चलतः
चलन्ति चलसि चलथः
चलथ चलामि चलावः
चलामः चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) चलतु चलताम्
चलन्तु चल
चलत चलानि चलाव
चलाम चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अचलत्
अचलताम् अचलन् अचलः अचलतम्
अचलत अचलम् अचलाव
अचलाम चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चलेत्
चलेताम् चले: चलेतम्
चलेत चलेयम् चलेव
चलेम चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चचाल चचालतुः
चचालुः चचालिथ चचालथुः चचाल चचाल चचालिव
चचालिम
चलतम
चलेयुः
For Private and Personal Use Only
Page #233
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स
२२२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चलिता
चलितारौ चलितारः चलितासि चलितास्थः चलितास्थ
चलितास्मि चलितास्वः चलितास्मः चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चलिष्यति चलिष्यतः चलिष्यन्ति चलिष्यसि चलिष्यथः
चलिष्यथ चलिष्यामि चलिष्यावः चलिष्यामः चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चल्यात् चल्यास्ताम्
चल्यासुः चल्याः चल्यास्तम्
चल्यास्त चल्यासम् चल्यास्व
चल्यास्म चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचालीत् अचालिष्टाम् अचालिषुः अचालीः
अचालिष्टम् अचालिष्ट अचालिषम् अचालिष्व अचालिष्म चल (कम्पने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचलिष्यत् अचलिष्यताम् अचलिष्यन् अचलिष्यः अचलिष्यतम अचलिष्यत
अचलिष्यम् अचलिष्याव अचलिष्याम चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चूषतः
चूषन्ति चूषथः
चूषथ .. चूषामि चूषावः
चूषामः चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) चूषतु चूषताम्
चूषन्तु चूष चूषतम्
चूषत चूषाणि चूषाव
चूषाम
चूषति चूषसि
For Private and Personal Use Only
Page #234
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२३
अचूषताम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अचूषत्
अचूषन् अचूषः अचूषतम्
अचूषत अचूषम्
अचूषाव अचूषाम चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चूषेत्
चूषेताम् चूषेः
चूषेतम् चूषेयम् चूषेव
चूषेम चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चुचूष
चुचूषतुः चुचूषुः चुचूषिथ चुचूषथुः
चुचूष चुचूष चुचूषिव
चुचूषिम चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चूषिता
चूषितारौ चूषितारः चूषितासि
चूषितास्थः चूषितास्थ चूषितास्मि चूषितास्वः चूषितास्मः चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चूषिष्यति चूषिष्यतः चूषिष्यन्ति चूषिष्यसि
चूषिष्यथः चूषिष्यथ चूषिष्यामि चूषिष्यावः चूषिष्यामः चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चूष्यात्
चूष्यास्ताम् चूष्यासुः चूष्याः चूष्यास्तम
चूष्यास्त चूष्यासम् चूष्यास्व
चूष्यास्म चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचूषीत् अचूषिष्टाम् अचूषिषुः अचूषीः
अचूषिष्टम् अचूषिष्ट अचूषिषम् अचूषिष्व अचूषिष्म
a nath me aa
For Private and Personal Use Only
Page #235
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चेष्टे
चेष्टेथाम्
चेष्टध्वम्
चेष्टै
२२४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चूष (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचूषिष्यत् अचूषिष्यताम् अचूषिष्यन् अचूषिष्यः अचूषिष्यतम् अचूषिष्यत
अचूषिष्यम् अचूषिष्याव अचूषिष्याम चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) चेष्टते चेष्टेते
चेष्टन्ते चेष्टसे चेष्टेथे
चेष्टध्वे चेष्टावहे
चेष्टामहे चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) चेष्टताम् चेष्टेताम्
चेष्टन्ताम् चेष्टस्व
चेष्टावहै चेष्टामहै चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अचेष्टत
अचेष्टेताम् अचेष्टन्त अचेष्ट्रथाः __ अचेष्टेथाम् अचेष्टध्वम अचेष्टे
अचेष्टावहि अचेष्टामहि चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
चेष्टेत चेष्टेयाताम् चेष्टेरन् चेष्टेथाः
चेष्टेयाथाम् चेष्टेय
चेष्टेवहि चेष्टेमहि चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) चिचेष्टे चिचेष्टाते चिचेष्टिरे चिचेष्टिषे चिचेष्टाथे चिचेष्टिध्वे चिचेष्टे चिचेष्टिवहे चिचेष्टिमहे चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) चेष्टिता चेष्टितारौ
चेष्टितारः चेष्टितासे चेष्टितासाथे चेष्टिताध्वे चेष्टिताहे
चेष्टितास्वहे चेष्टितास्महे
चेष्टेध्वम्
For Private and Personal Use Only
Page #236
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
चेष्टिष्यते चेष्टिष्येते चेष्टिष्यन्ते चेष्टिष्यसे चेष्टिष्येथे चेष्टिष्यध्वे चेष्टिष्ये
चेष्टिष्यावहे चेष्टिष्यामहे चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चेष्टिषीष्ट चेष्टिषीयास्ताम् चेष्टिषीरन चेष्टिषीष्ठाः चेष्टिषीयास्थाम् चेष्टिषीध्वम्
चेष्टिषीय चेष्टिषीवहि चेष्टिषीमहि चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचेष्टिष्ट अचेष्टिषाताम् अचेष्टिषत अचेष्टिष्ठाः अचेष्टिषाथाम अचेष्टिध्वम्
अचेष्टिषि अचेष्टिष्वहि अचेष्टिष्महि चेष्ट (चेष्टायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचेष्टिष्यत अचेष्टिष्येताम् अचेष्टिष्यन्त अचेष्टिष्यथाः अचेष्टिष्येथाम् अचेष्टिष्यध्वम्
अचेष्टिष्ये अचेष्टिष्यावहि अचेष्टिष्यामहि चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लट्)
चिनोति चिनुतः चिन्वन्ति चिनोषि
चिनुथः चिनुथ चिनोमि चिनुवः
चिनुमः चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लोट्) चिनोतु चिनुताम्
चिन्वन्तु चिनु चिनुतम्
चिन्त चिनवानि चिनवाव
चिनवाम चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचिनोत अचिनुताम् अचिन्वन् अचिनोः
अचिनुत अचिनवम् अचिनुव अचिनुम
अचिनुतम्
For Private and Personal Use Only
Page #237
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२६ ___ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
चिनुयात् चिनुयाताम् चिनुयुः चिनुयाः चिनुयातम्
चिनयात चिनुयाम् चिनुयाव
चिनुयाम चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लिट्) चिचाय चिच्यतुः
चिच्युः चिचयिथ चिच्यथुः
चिच्य चिचाय चिच्यिव
चिच्यिम चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लुट्) चेता चेतारौ
चेतारः चेतासि चेतास्थः
चेतास्थ चेतास्मि चेतास्वः
चेतास्मः चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लट्) चेष्यति चेष्यतः
चेष्यन्ति चेष्यसि चेष्यथः
चेष्यथ चेष्यामि चेष्यावः
चेष्यामः चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
चीयात् चीयास्ताम् चीयाः चीयास्तम्
चीयास्त चीयासम् चीयास्व
चीयास्म चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचैषीत् अचैष्टाम् अचैषुः अचैषीः
अचैष्टम् अचैषम् अचैष्व
अचैष्म चिञ् (चयने, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचेष्यत् अचेष्यताम् अचेष्यन अचेष्यः
अचेष्यतम् अचेष्यम् अचेष्याव
अचेष्याम
चीयासुः
अचैष्ट
अचेष्यत
For Private and Personal Use Only
Page #238
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
चिनुते चिनषे चिन्वे
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लट्)
चिन्वाते
चिन्वाथे
चिनुवहे
चिञ् (चयने; स्वादिगण, आत्मने, लोट्)
चिनुताम् चिनुष्व चिनवै
www.kobatirth.org
चिच्ये
चिच्यिषे चिच्ये
-
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अचिनुत अचिनथाः अचिन्वि
अचिन्वाताम् अचिन्वाथाम् अचिव
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
चिन्वीत
चिन्वीथाः चिन्वीय
चेता
चेतासे
चेताहे
चिन्वाताम्
चिन्वाथाम्
चिनवावहै
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लिट् )
चिच्याते
चिच्याथे
चिच्यिवहे
चेष्यते
चेष्यसे
चेष्ये
चिन्वीयाताम् चिन्वीयाथाम्
चिन्वीवहि
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लुट् )
चेतारौ
चेतासाथे
चेतास्वहे
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लट्)
चेष्येते
चेष्येथे
चेष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
चिन्वते
चिनुध्वे
चिनुमहे
चिन्वताम्
चिनुध्वम्
चिनवामहै
अचिन्वत अचिनुध्वम्
अचि
चिन्वीरन
चिन्वीध्वम्
चिन्वीमहि
चिच्यिरे
चिच्यिध्वे
चिच्यिमहे
चेतारः
चेताध्वे
चेतास्महे
चेष्यन्ते
चेष्यध्वे
चेष्यामहे
२२७
Page #239
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
२२८
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चेषीष्ट
चेषीष्ठाः चेषीय
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु - रूपावली
चेषीयास्ताम् चेषीयास्थाम् चेषीवहि
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचेष्ट
अचेष्ठा:
अचेषि
चिञ् (चयने, स्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अचेष्यत
अचेष्यथाः अचेष्ये
चेटेत्
चेटे:
चेटेयम्
अचेषाताम्
अचेषाथाम्
अचेष्वहि
अचेष्येताम्
अचेष्येथाम
अचेष्यावहि
चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चेटति
चेटतः
चेटसि
चेटथः
चेटामि
चेटावः
चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
चेटताम्
चेटतम्
चेटाव
चेटतु
चेट
चेटानि
चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचेटत् अचेटः
अचेटम्
चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अचेटताम
अचेत
अचेटाव
चेटेताम्
चेम्
चेटेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
चेषीरन्
चेदवम् महि
अचेषत
अचेदवम्
अचेष्महि
अचेष्यन्त
अचेष्यध्वम
अचेष्यामहि
चेटन्ति
चेटथ
चेटामः
चेटन्तु
चेटत
चेटाम
अचेटन
अचेत
अचेटाम
चेटेयुः
चेटेत
चेटेम
Page #240
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२९
चिचिटथुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चिचेट चिचिटतुः
चिचिटुः चिचिटिथ
चिचिट चिचेट चिचिटिव
चिचिटिम चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चेटिता चेटितारौ
चेटितारः चेटितासि
चेटितास्थः चेटितास्थ चेटितास्मि चेटितास्वः चेटितास्मः चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
चेटिष्यति चेटिष्यतः चेटिष्यन्ति चेटिष्यसि
चेटिष्यथः चेटिष्यथ चेटिष्यामि चेटिष्यावः
चेटिष्यामः चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चेट्यात् चेट्यास्ताम्
चेट्यासुः चेट्याः चेट्यास्तम्
चेट्यास्त चेट्यासम् चेट्यास्व
चेट्यास्म चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचेटीत अचेटिष्टाम् अचेटिषुः अचेटीः
अचेटितम् अचेटित अचेटिम्
अचेटिष्व अचेटिष्म चिट (परप्रेष्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचेटिष्यत् अचेटिष्यताम् अचेटिष्यन् अचेटिष्यः अचेटिष्यतम् अचेटिष्यत
अचेटिष्यम् अचेटिष्याव अचेटिष्याम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चित्रयति चित्रयतः चित्रयन्ति चित्रयसि चित्रयथः
चित्रयथ चित्रयामि
चित्रयावः चित्रयामः
For Private and Personal Use Only
Page #241
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चित्रयन्तु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) चित्रयतु
चित्रयताम चित्रय चित्रयतम्
चित्रयत चित्रयाणि चित्रयाव
चित्रयाम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अचित्रयत् अचित्रयताम्
अचित्रयन् अचित्रयः अचित्रयतम्
अचित्रयत अचित्रयम् अचित्रयाव अचित्रयाम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चित्रयेत् चित्रयेताम्
चित्रयेयुः चित्रयेः
चित्रयेतम् चित्रयेत चित्रयेयम् चित्रयेव चित्रयेम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) चित्रयाञ्चकार चित्रयाञ्चक्रतः।
चित्रयाञ्चक्रुः चित्रयाञ्चकर्थ चित्रयाञ्चक्रथुः चित्रयाञ्चक्र
चित्रयाञ्चकार चित्रयाञ्चकृव चित्रयाञ्चकम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
चित्रयिता चित्रयितारौ चित्रयितारः चित्रयितासि चित्रयितास्थः चित्रयितास्थ
चित्रयितास्मि चित्रयितास्वः चित्रयितास्मः चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चित्रयिष्यति चित्रयिष्यतः चित्रयिष्यन्ति चित्रयिष्यसि चित्रयिष्यथः चित्रयिष्यथ
चित्रयिष्यामि चित्रयिष्यावः चित्रयिष्यामः । चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चित्र्यात् चित्र्यास्ताम्
चित्र्यासुः चित्र्याः चित्र्यास्तम्
चित्र्यास्त चित्र्यासम् चित्र्यास्व
चित्र्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #242
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली २३१ चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचिचित्रत अचिचित्रताम अचिचित्रन अचिचित्रः अचिचित्रतम् अचिचित्रत
अचिचित्रम् अचिचित्राव अचिचित्राम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचित्रयिष्यत् अचित्रयिष्यताम् । अचित्रयिष्यन अचित्रयिष्यः अचित्रयिष्यतम् अचित्रयिष्यत
अचित्रयिष्यम् अचित्रयिष्याव अचित्रयिष्याम चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चित्रयते चित्रयेते चित्रयन्ते चित्रयसे
चित्रयेथे चित्रयध्वे चित्रये
चित्रयावहे चित्रयामहे चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
चित्रयताम् चित्रयेताम् चित्रयस्व चित्रयेथस्व
चित्रयध्वम् चित्रयै चित्रयावहै चित्रयामहै चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अचित्रयत अचित्रयेताम् अचित्रयन्त अचित्रयथाः अचित्रयेथाम अचित्रयध्वम् अचित्रये
अचित्रयावहि अचित्रयामहि चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
चित्रयेत चित्रयेयाताम चित्रयेरन चित्रयेथाः चित्रयेयाथाम् चित्रयेध्वम्
चित्रयेय चित्रयेवहि चित्रयेमहि चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
चित्रयाञ्चक्रे चित्रयाञ्चक्राते चित्रयाञ्चक्रिरे चित्रयाञ्चकृषे चित्रयाञ्चक्राथे चित्रयाञ्चकृढ्वे चित्रयाञ्चक्रे चित्रयाञ्चकृवहे चित्रयाञ्चकृमहे चित्र
चित्रयन्ताम्
For Private and Personal Use Only
Page #243
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
चित्रयिता चित्रयितारौ । चित्रयितारः चित्रयितासे चित्रयितासाथे चित्रयिताध्वे
चित्रयिताहे चित्रयितास्वहे चित्रयितास्महे चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चित्रयिष्यते चित्रयिष्येते चित्रयिष्यन्ते चित्रयिष्यसे चित्रयिष्येथे चित्रयिष्यध्वे
चित्रयिष्ये चित्रयिष्यावहे चित्रयिष्यामहे चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चित्रयिषीष्ट चित्रयिषीयास्ताम चित्रयिषीरन चित्रयिषीष्ठाः चित्रयिषीयास्थाम् चित्रयिषीध्वम्
चित्रयिषीय चित्रयिषीवहि चित्रयिषीमहि चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचिचित्रत अचिचित्रेताम् अचिचित्रन्त अचिचित्रथाः अचिचित्रेथाम् अचिचित्रध्वम्
अचिचित्रे अचिचित्रावहि अचिचित्रामहि चित्र (चित्रीकरणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचित्रयिष्यत अचित्रयिष्येताम् अचित्रयिष्यन्त अचित्रयिष्यथाः अचित्रयिष्येथाम् अचित्रयिष्यध्वम्
अचित्रयिष्ये अचित्रयिष्यावहि अचित्रयिष्यामहि चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चिन्तयति चिन्तयतः चिन्तयन्ति चिन्तयसि चिन्तयथः चिन्तयथ
चिन्तयामि चिन्तयावः चिन्तयांमः चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
चिन्तयताम्
चिन्तयन्तु चिन्तय चिन्तयतम्
चिन्तयत चिन्तयानि चिन्तयाव
चिन्तयाम
चिन्तयतु
For Private and Personal Use Only
Page #244
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अचिन्तयत् अचिन्तयताम् अचिन्तयन् अचिन्तयः अचिन्तयतम् अचिन्तयत
अचिन्तयम् अचिन्तयाव अचिन्तयाम चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) चिन्तयेत चिन्तयेताम्
चिन्तयेयुः चिन्तये: चिन्तयेतम् चिन्तयेत
चिन्तयेयम् चिन्तयेव चिन्तयेम चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) चिन्त्याञ्चकार चिन्त्याञ्चक्रतुः
चिन्त्याञ्चक्रुः चिन्त्याञ्चकर्थ चिन्त्याञ्चक्रथुः चिन्त्याञ्चक्र
चिन्त्याञ्चकार चिन्त्याञ्चकृव चिन्त्याञ्चकृम चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
चिन्तयिता चिन्तयितारौ चिन्तयितारः चिन्तयितासि चिन्तयितास्थः चिन्तयितास्थ
चिन्तयितास्मि चिन्तयितास्वः चिन्तयितास्मः चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
चिन्तयिष्यति चिन्तयिष्यतः चिन्तयिष्यन्ति चिन्तयिष्यसि चिन्तयिष्यथः चिन्तयिष्यथ
चिन्तयिष्यामि चिन्तयिष्यावः चिन्तयिष्यामः चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चिन्त्यात्
चिन्त्यास्ताम चिन्त्याः चिन्त्यास्तम्
चिन्त्यास्त चिन्त्यासम् चिन्त्यास्व चिन्त्यास्म चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचिचिन्तत् अचिचिन्तताम् अचिचिन्तन अचिचिन्तः अचिचिन्ततम् अचिचिन्तत अचिचिन्तम् अचिचिन्ताव अचिचिन्ताम
चिन्त्यासुः
For Private and Personal Use Only
Page #245
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अचिन्तयिष्यत् अचिन्तयिष्यताम् अचिन्तयिष्यन् अचिन्तयिष्यः अचिन्तयिष्यतम् । अचिन्तयिष्यत
अचिन्तयिष्यम् अचिन्तयिष्याव अचिन्तयिष्याम चिति (स्मृत्याम, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चिन्तयते चिन्तयेते चिन्तयन्ते चिन्तयसे चिन्तयेथे चिन्तयध्वे चिन्तये
चिन्तयावहे चिन्तयामहे चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
चिन्तयताम् चिन्तयेताम् चिन्तयन्ताम चिन्तयस्व चिन्तयेथस्व चिन्तयध्वम् चिन्तयै
चिन्तयावहै चिन्तयामहै चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अचिन्तयत अचिन्तयेताम् अचिन्तयन्त अचिन्तयथाः अचिन्तयेथाम् अचिन्तयध्वम्
अचिन्तये अचिन्तयावहि अचिन्तयामहि चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) चिन्तयेत
चिन्तयेयाताम् चिन्तयेरन् चिन्तयेथाः चिन्तयेयाथाम् चिन्तयेध्वम्
चिन्तयेय चिन्तयेवहि चिन्तयेमहि चिति (स्मृत्याम, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
चिन्तयाञ्चक्रे चिन्तयाञ्चक्राते चिन्तयाञ्चक्रिरे चिन्तयाञ्चकृषे चिन्तयाञ्चक्राथे चिन्तयाञ्यकृढ्वे
चिन्तयाञ्चक्रे चिन्तयाञ्चकृवहे चिन्तयाञ्चकमहेचिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
चिन्तयिता चिन्तयितारौ चिन्तयितारः चिन्तयितासे चिन्तयितासाथे चिन्तयिताध्वे चिन्तयिताहे चिन्तयितास्वहे चिन्तयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #246
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
चिन्तयिष्यते चिन्तयिष्येते चिन्तयिष्यन्ते चिन्तयिष्यसे चिन्तयिष्येथे चिन्तयिष्यध्वे
चिन्तयिष्ये चिन्तयिष्यावहे चिन्तयिष्यामहे चिति (स्मृत्याम, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
चिन्तयिषीष्ट चिन्तयिषीयास्ताम् चिन्तयिषीरन् चिन्तयिषीष्ठाः चिन्तयिषीयास्था चिन्तयिषीध्वम्
चिन्तयिषीय चिन्तयिषीवहि चिन्तयिषीमहि चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचिचिन्तत अचिचिन्तेताम् अचिचिन्तन्त अचिचिन्तथाः अचिचिन्तेथाम अचिचिन्तध्वम अचिचिन्ते अचिचिन्तावहि
अचिचिन्तामहि चिति (स्मृत्याम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अचिन्तयिष्यत अचिन्तयिष्येताम् अचिन्तयिष्यन्त अचिन्तयिष्यथाः अचिन्तयिष्येथाम अचिन्तयिष्यध्वम
अचिन्तयिष्ये अचिन्तयिष्यावहि अचिन्तयिष्यामहि चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) चेतति चेततः
चेतन्ति चेतसि चेतथः
चेतथ चेतामि चेतावः
चेतामः चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
चेतताम् चेत
चेततम चेतानि
चेताव चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अचेतत् अचेतताम् अचेतन् अचेतः
अचेततम् अचेतत अचेतम् अचेताव
अचेताम
चेततु
चेतन्तु
चेतत चेताम
For Private and Personal Use Only
Page #247
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चेतेत्
चेतेयुः
चेतेतम्
चिचितुः
चेतितारः
२३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
चेतेताम् चेतेः
चेतेत चेतेयम् चेतेव
चेतेम चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) चिचेत
चिचिततुः चिचेतिथ चिचितथुः
चिचित चिचेत
चिचितिव चिचितिम चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) चेतिता
चेतितारौ चेतितासि चेतितास्थः
चेतितास्थ चेतितास्मि चेतितास्वः चेतितास्मः चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) चेतिष्यति चेतिष्यतः
चेतिष्यन्ति चेतिष्यसि चेतिष्यथः
चेतिष्यथ चेतिष्यामि चेतिष्यावः चेतिष्यामः चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) चित्यात् चित्यास्ताम्
चित्यासुः चित्याः चित्यास्तम्
चित्यास्त चित्यासम् चित्यास्व चित्यास्म चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अचेतीत
अचेतिष्टाम् अचेतिषुः अचेती:
अचेतिष्टम् अचेतिष्ट अचेतिषम् अचेतिष्व
अचेतिष्म चिती (संज्ञाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अचेतिष्यत् अचेतिष्यताम् अचेतिष्यन् अचेतिष्यः अचेतिष्यतम् अचेतिष्यत अचेतिष्यम् अचेतिष्याव अचेतिष्याम
|
For Private and Personal Use Only
Page #248
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३७
छिन्त
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लट्) छिनत्ति छिन्तः
छिन्दन्ति छिनत्सि छिन्थः
छिन्त्थ छिनद्मि छिन्द्वः
छिन्द्मः छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लोट्) छिनत्तु छिन्ताम्
छिन्दन्तु छिन्धि
छिन्तम् छिनदानि छिनदाव
छिनदाम् छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लङ्)
अच्छिनत् अच्छिन्ताम् अच्छिन्दन अच्छिनः अच्छिन्तम
अच्छिन्त अच्छिनदम् अच्छिन्द्व
अच्छिन्द्र छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) छिन्द्यात् छिन्द्याताम्
छिन्धुः छिन्द्याः छिन्द्यातम्
छिन्द्यात छिन्द्याम् छिन्द्याव
छिन्द्याम छिदिर (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) चिच्छेद चिच्छिदतुः
चिच्छिदुः चिच्छेदिथ चिच्छिदथुः
चिच्छिद चिच्छेद चिच्छिदिव चिच्छिदिम छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लुट्) छेत्ता छेत्तारौ
छेत्तारः छेत्तासि छेत्तास्थः
छेत्तास्थ छेत्तास्मि छेत्तास्वः
छेत्तास्मः छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लट्)
छेत्स्यति छेत्स्यतः छेत्स्यन्ति छेत्स्यसि छेत्स्यथः
छेत्स्तथ छेत्स्यामि छेत्स्यावः
छेत्स्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #249
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आप
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) छिद्यात
छिद्यास्ताम् छिद्यासुः छिद्याः
छिद्यास्तम् छिद्यास्त छिद्यासम् छिद्यास्व छिद्यास्म छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अच्छिदत् अच्छिदताम् अच्छिदन अच्छिदः अच्छिदतम्
अच्छिदत अच्छिदम् अच्छिदाव अच्छिदाम छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अच्छेत्स्यत् अच्छेत्स्यताम् अच्छेत्स्यन् अच्छेत्स्यः अच्छेत्स्यतम् अच्छेत्स्यत
अच्छेत्स्यम अच्छेत्स्याव अच्छेत्स्याम छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) छिन्ते छिन्दाते
छिन्दते छिन्त्से
छिन्दाथे छिन्द्ध्वे छिन्दे छिन्द्वहे
छिन्द्महे छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लोट्) छिन्ताम् छिन्दाताम् छिन्दताम
छिन्दाथाम् छिन्दध्वम् छिन्दै
छिन्दावहै छिन्दामहै छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लङ्)
अच्छिन्त अच्छिन्दाताम अच्छिन्दत अच्छिन्थाः अच्छिन्दाथाम अच्छिन्दध्वम
अच्छिन्दि अच्छिन्द्वहि अच्छिन्द्यहि छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) छिन्दीत छिन्दीयाताम्
छिन्दीरन् छिन्दीथाः छिन्दीयाथाम् छिन्दीध्वम् छिन्दीय छिन्दीवहि छिन्दीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #250
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२३९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लिट्)
चिच्छिदे चिच्छिदाते चिच्छिदिरे चिच्छिदिषे चिच्छिदाथे चिच्छिदिध्वे
चिच्छिदे चिच्छिदिवहे चिच्छिदिमहे छिदिर (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लुट) छेत्ता छेत्तारौ
छेत्तारः छेत्तासे
छेत्तासाथे छेत्ताध्वे छेत्ताहे
छेत्तास्वहे छेत्तास्महे छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) छेत्स्यते छेत्स्ये ते
छेत्स्यन्ते छेत्स्यसे छेत्स्येथे
छेत्स्यध्वे छेत्स्ये
छेत्स्यावहे छेत्स्यामहे छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
छित्सीष्ट छित्सीयास्ताम् छित्सीरन् छित्सीष्ठाः छित्सीयास्थाम छित्सीध्वम
छित्सीय छित्सीवहि छित्सीमहि छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्) अच्छित
अच्छित्साताम् अच्छित्सत अच्छित्थाः अच्छित्साथाम अच्छिध्वम्
अच्छित्सि अच्छित्स्वहि अच्छित्स्महि छिदिर् (द्वैधीकरणे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्)
अच्छेत्स्यत अच्छेत्स्येताम् । अच्छेत्स्यन्त अच्छेत्स्यथाः अच्छेत्स्येथाम् अच्छेत्स्यध्वम्
अच्छेत्स्ये अच्छेत्स्यावहि अच्छेत्स्यामहि ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्) जानाति जानीतः
जानन्ति जानासि जानीथः
जानीथ जानामि जानीवः
जानीमः
For Private and Personal Use Only
Page #251
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
जानातु जानीहि
जानानि
२४०
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट्)
जानीताम् जानीतम्
जानाव
www.kobatirth.org
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अजानीताम्
अजानीतम्
अजानीव
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अजनात्
अजानाः
अजानाम्
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
जज्ञौ
जज्ञिथ
जज्ञौ
जानीयात् जानीयाः
जानीयाम्
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट् )
ज्ञायात्
ज्ञायाः
ज्ञायासम्
जानीयाताम् जानीयातम् जानीयाव
जज्ञतुः
जज्ञथुः
जज्ञिव
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट् )
ज्ञातारौ
ज्ञाता ज्ञातासि ज्ञातास्मि
ज्ञातास्थः
ज्ञातास्वः
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, ऌट्)
ज्ञास्यति
ज्ञास्यतः
ज्ञास्यथः
ज्ञास्यसि ज्ञास्यामि
ज्ञास्यावः
ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
ज्ञायास्ताम्
ज्ञायास्तम्
ज्ञायास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
जानन्तु जानीत
जानाम
अजानन्
अजानीत
अजानीम
जानीयुः जानीयात
जानीयाम
जज्ञुः
जज्ञ
जज्ञिम
ज्ञातारः
ज्ञातास्थ
ज्ञातास्मः
ज्ञास्यन्ति
ज्ञास्यथ
ज्ञास्यामः
ज्ञायासुः
ज्ञायास्त
ज्ञायास्म
Page #252
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२४१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्ञा (अवबोधने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अज्ञासीत् अज्ञासिष्टाम् अज्ञासिषुः अज्ञासीः
अज्ञासिष्टम् अज्ञासिष्ट अज्ञासिषम् अज्ञासिष्व अज्ञासिष्म ज्ञा (अवबोधने, क्रयादिगण, परस्मै, लङ्) अज्ञास्यत् अज्ञास्यताम्
अज्ञास्यन् अज्ञास्यः अज्ञास्यतम्
अज्ञास्यत अज्ञास्यम् अज्ञास्याव
अज्ञास्याम ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) ज्ञापयति ज्ञापयतः
ज्ञापयन्ति ज्ञापयसि ज्ञापयथः
ज्ञापयथ ज्ञापयामि ज्ञापयावः
ज्ञापयामः ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) ज्ञापयतु
ज्ञापयताम् ज्ञापयन्तु ज्ञापय ज्ञापयतम
ज्ञापयत ज्ञापयानि ज्ञापयाव
ज्ञापयाम ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अज्ञापयत्
अज्ञापयताम् अज्ञापयन अज्ञापयः अज्ञापयतम
अज्ञापयत अज्ञापयम् अज्ञापयाव
अज्ञापयाम ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ज्ञापयेत्
ज्ञापयेताम् ज्ञापयेयुः ज्ञापये: ज्ञापयेतम
ज्ञापयेत ज्ञापयेयम् ज्ञापयेव
ज्ञापयेम ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
ज्ञापयाञ्चकार ज्ञापयाञ्चक्रतुः ज्ञापयाञ्चक्रुः ज्ञापयाञ्चकर्थ ज्ञापयाञ्चक्रथुः ज्ञापयाञ्चक्र ज्ञापयाञ्चकार ज्ञापयाञ्चकृव ज्ञापयाञ्चकृम
For Private and Personal Use Only
Page #253
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जाप्याः
२४२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
ज्ञापयिता ज्ञापयितारौ ज्ञापयितारः ज्ञापयितासि ज्ञापयितास्थः ज्ञापयितास्थ
ज्ञापयितास्मि ज्ञापयितास्वः ज्ञापयितास्मः ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
ज्ञापयिष्यति ज्ञापयिष्यतः ज्ञापयिष्यन्ति ज्ञापयिष्यसि ज्ञापयिष्यथ: ज्ञापयिष्यथ
ज्ञापयिष्यामि ज्ञापयिष्यावः ज्ञापयिष्यामः ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ज्ञाप्यात् ज्ञाप्यास्ताम्
ज्ञाप्यासुः ज्ञाप्यास्तम्
ज्ञाप्यास्त ज्ञाप्यासम् ज्ञाप्यास्व
ज्ञाप्यास्म ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजिज्ञापत् अजिज्ञापताम् अजिज्ञापन् अजिज्ञापः अजिज्ञापतम् अजिज्ञापत
अजिज्ञापम् अजिज्ञापाव अजिज्ञापाम ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अज्ञापयिष्यत् अज्ञापयिष्यताम् अज्ञापयिष्यन् अज्ञापयिष्यः अज्ञापयिष्यतम् अज्ञापयिष्यत
अज्ञापयिष्यम् अज्ञापयिष्याव अज्ञापयिष्याम ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) ज्ञापयते
ज्ञापयन्ते ज्ञापयसे ज्ञापयेथे
ज्ञापयध्वे ज्ञापयावहे
ज्ञापयामहे ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
ज्ञापयताम् ज्ञापयेताम् ज्ञापयन्ताम् ज्ञापयस्व
ज्ञापयेथस्व ज्ञापयध्वम् ज्ञापयै
ज्ञापयावहै ज्ञापयामहै
ज्ञापयेते
ज्ञापये
For Private and Personal Use Only
Page #254
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली २४३ ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अज्ञापयत अज्ञापयेताम् अज्ञापयन्त अज्ञापयथाः अज्ञापयेथाम् अज्ञापयध्वम अज्ञापये
अज्ञापयावहि अज्ञापयामहि ज्ञा (नियोगें, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ज्ञापयेत ज्ञापयेयाताम् ज्ञापयेरन् ज्ञापयेथाः ज्ञापयेयाथाम् ज्ञापयेध्वम्
ज्ञापयेय ज्ञापयेवहि ज्ञापयेमहि ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्) ज्ञापयाञ्चक्रे ज्ञापयाञ्चक्राते
ज्ञापयाञ्चक्रिरे ज्ञापयाञ्चकृषे ज्ञापयाञ्चक्राथे ज्ञापयाञ्चकृढ़वे
ज्ञापयाञ्चक्रे ज्ञापयाञ्चकृवहे ज्ञापयाञ्चक महे ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लुट)
ज्ञापयिता ज्ञापयितारौ ज्ञापयितारः ज्ञापयितासे ज्ञापयितासाथे ज्ञापयिताध्ये
ज्ञापयिताहे ज्ञापयितास्वहे ज्ञापयितास्महे ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
ज्ञापयिष्यते ज्ञापयिष्येते ज्ञापयिष्यसे ज्ञापयिष्येथे ज्ञापयिष्यध्वे
ज्ञापयिष्ये ज्ञापयिष्यावहे ज्ञापयिष्यामहे ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ज्ञापयिषीष्ट ज्ञापयिषीयास्ताम् ज्ञापयिषीरन् ज्ञापयिषीष्ठाः ज्ञापयिषीयास्थाम् ज्ञापयिषीध्वम्
ज्ञापयिषीय ज्ञापयिषीवहि ज्ञापयिषीमहि ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजिज्ञापत अजिज्ञापेताम् अजिज्ञापन्त अजिज्ञापथाः अजिज्ञापेथाम अजिज्ञापध्वम् अजिज्ञापे अजिज्ञापावहि अजिज्ञापामहि
ज्ञापयिष्यन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #255
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जाये
जायै
२४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्ञा (नियोगे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अज्ञापयिष्यत अज्ञापयिष्येताम् अज्ञापयिष्यन्त अज्ञापयिष्यथाः अज्ञापयिष्येथाम् अज्ञापयिष्यध्वम
अज्ञापयिष्ये अज्ञापयिष्यावहि अज्ञापयिष्यामहि जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लट्) जायते जायेते
जायन्ते जायसे जायेथे
जायध्वे जायावहे
जायामहे जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लोट्) जायताम् जायेताम्
जायन्ताम जायस्व जायेथाम
जायध्वम जायावहै
जायामहै जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अजायेताम् अजायन्त अजायथाः अजायेथाम् अजायध्वम् अजाये
अजायावहिं अजायामहि जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) जायेत
जायेयाताम जायेरन जायेथाः
जायेयाथाम जायेध्वम् जायेय
जायेवहि जायेमहि जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
जज्ञाते
जज्ञिरे जज्ञिषे जज्ञाथे
जशिध्वे .. जज्ञे जज्ञिवहे
जज्ञिमहे जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लुट) जनिता जनितारौ
जनितारः जनितासे जनितासाथे जनिताध्वे जनिताहे
जनितास्वहे जनितास्महे
अजायत
जज्ञे
For Private and Personal Use Only
Page #256
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२४५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लट्) जनिष्यते जमिष्येते
जनिष्यन्ते जनिष्यसे
जनिष्येथे जनिष्यध्वे जनिष्ये
जनिष्यावहे जनिष्यामहे जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
जनिषीष्ट जनिषीयास्ताम् जनिषीरन् जनिषीष्ठाः जनिषीयास्थाम् जनिषीध्वम् जनिषीय
जनिषीवहि जनिषीमहि जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजनिष्ट अजनिषाताम् अजनिषत अजनिष्ठाः अजनिषाथाम् अजनिध्वम्
अजनिषि अजनिष्वहि अजनिष्महि जनी (प्रादुर्भावे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजनिष्यत अजनिष्येताम् अजनिष्यन्त अजनिष्यथाः अजनिष्येथाम अजनिष्यध्वम्
अजनिष्ये अजनिष्यावहिं अजनिष्यामहि जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) जपति जपतः
जपन्ति जपसि जपथः
जपथ जपामि जपावः
जपामः जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) जपतु जपताम्
जपन्तु जपतम्
जपत जपानि जपाव
जपाम जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अजपत् अजपताम्
अजपन अजपः अजपतम्
अजपत अजपम् अजपाव
अजपाम
जप
For Private and Personal Use Only
Page #257
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जेपतुः
जेपथुः
२४६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जपेत् जपेताम्
जपेयुः जपेः जपेतम्
जपेत जपेयम् जपेव
जपेम जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जजाप
जेपुः जेपिथ
जेप जजाप जेपिव
जेपिम जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) जपिता जपितारौ
जपितारः जपितासि
जपितास्थः जपितास्थ जपितास्मि जपितास्वः जपितास्मः जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लट) जपिष्यति जपिष्यतः
जपिष्यन्ति जपिष्यसि जपिष्यथः
जपिष्यथ जपिष्यामि जपिष्यावः जपिष्यामः जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जप्यात
जप्यास्ताम् जप्यासुः जप्याः जप्यास्तम्
जप्यास्त जप्यासम् जप्यास्व
जप्यास्म जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजपीत् अजपिष्टाम् अजपिषुः अजपीः
अजपिष्टम् अजपिष्ट अजपिषम् अजपिष्व अजपिष्म जप (व्यक्तायां वाचि मानसे च, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अजपिष्यत् अजपिष्यताम् अजपिष्यन् अजपिष्यः
अजपिष्यतम अजपिष्यत अजपिष्यम् अजपिष्याव अजपिष्वाम
For Private and Personal Use Only
Page #258
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२४७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्या (वयोहानौ, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्) जिनाति
जिनीतः जिनन्ति जिनासि जिनीथः
जिनीथ जिनामि जिनीवः
जिनीमः ज्या (वयोहानौ, क्रयादिगण, परस्मै, लोट्) जिनात जिनीताम
जिनन्तु जिनीहि जिनीतम्
जिनीत जिनानि जिनाव
जिनाम ज्या (वयोहानौ, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्)
अजिनात् अजिनीताम् अजिनन अजिनाः अजिनीतम
अजिनीत अजिनाम् अजिनीव
अजिनीम ज्या (वयोहानौ, क्रयादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जिनीयात जिनीयाताम्
जिनीयुः जिनीयाः
जिनीयातम् जिनीयात जिनीयाम् जिनीयाव
जिनीयाम ज्या (वयोहानौ, क्यादिगण, परस्मै, लिट) जिज्यौ
जिज्यतुः जिज्युः जिज्यिथ जिज्यथुः
जिज्य जिज्यौ जिज्यिव
जिज्यिम ज्या (वयोहानौ, क्रयादिगण, परस्मै, लुट्) ज्याता ज्यातारौ
ज्यातारः ज्यातासि ज्यातास्थः
ज्यातास्थ ज्यातास्मि ज्यातास्वः
ज्यातास्मः ज्या (वयोहानौ, क्रयादिगण, परस्मै, लट्) ज्यास्यति ज्यास्यतः
ज्यास्यन्ति ज्यास्यसि ज्यास्यथः
ज्यास्यथ ज्यास्यामि ज्यास्यावः
ज्यास्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #259
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२४८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्या (वयोहानौ, क्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जीयात् जीयास्ताम्
जीयासुः जीयाः जीयास्तम्
जीयास्त जीयासम् जीयास्व
जीयास्म ज्या (वयोहानौ, क्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अज्यासीत अज्यासिष्टाम् अज्यासिषुः अज्यासीः अज्यासिष्टम् अज्यासिष्ट
अज्यासिषम् अज्यासिष्व अज्यासिष्म ज्या (वयोहानौ, क्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अज्यास्यत् अज्यास्यताम् अज्यास्यन् अज्यास्यः
अज्यास्यतम् अज्यास्यत अज्यास्यम् अज्यास्याव अज्यास्याम जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) जल्पति जल्पतः
जल्पन्ति जल्पसि जल्पथः
जल्पथ जल्पामि जल्पावः
जल्पामः जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) जल्पतु जल्पताम्
जल्पन्तु जल्प जल्पतम
जल्पत जल्पानि जल्पाव
जल्पाम जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अजल्पत्
अजल्पताम् अजल्पन् अजल्पः अजल्पतम्
अजल्पत अजल्पम् अजल्पाव
अजल्पामं जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जल्पेत्
जल्पेताम जल्पेयुः जल्पेः जल्पेतम्
जल्पेत जल्पेयम् . जल्पेव
जल्पेम
For Private and Personal Use Only
Page #260
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२४९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) जजल्प जजल्पतुः
जजल्पुः जजल्पिथ जजल्पथुः जजल्प जजल्प जजल्पिव
जजल्पिम जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुट)
जल्पितारौ जल्पितारः जल्पितासि जल्पितास्थः जल्पितास्थ
जल्पितास्मि जल्पितास्वः जल्पितास्मः जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
जल्पिष्यति जल्पिष्यतः जल्पिष्यन्ति जल्पिष्यसि जल्पिष्यथः जल्पिष्यथ जल्पिष्यामि
जाल्पष्याव: जल्पिष्यामः जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जल्प्यात्
जल्प्यास्ताम् जल्प्यासुः
जल्प्यास्तम् जल्प्यास्त जल्प्यासम् जल्प्यास्व जल्प्यास्म जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजल्पीत् अजल्पिष्टाम् अजल्पिषुः अजल्पीः
अजल्पिष्टम् अजल्पिष्ट अजल्पिषम् अजल्पिष्व
अजल्पिष्म जल्प (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजल्पिष्यत् अजल्पिष्यताम् अजल्पिष्यन् अजल्पिष्यः अजल्पिष्यतम् अजल्पिष्यत
अजल्पिष्यम् अजल्पिष्याव अजल्पिष्याम ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ज्वलति ज्वलतः
ज्वलन्ति ज्वलसि ज्वलथः
ज्वलथ ज्वलामि ज्वलावः
ज्वलामः
जलप्याः
For Private and Personal Use Only
Page #261
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) ज्वलतु ज्वलताम्
ज्वलन्तु ज्वल ज्वलतम्
ज्वलत ज्वलानि ज्वलाव
ज्वलाम ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अज्वलत्
अज्वलताम् अज्वलन् अज्वलः अज्वलतम्
अज्वलत अज्वलम् अज्वलाव
अज्वलाम ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ज्वलेत्
ज्वलेताम् ज्वलेयुः ज्वलेः ज्वलेतम्
ज्वलेत ज्वलेयम् ज्वलेव ज्वलेम ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जज्वाल
जज्वलतुः जज्वलुः जज्वलिथ
जज्वलथुः जज्वल जज्वल
जज्वलिव जज्वलिम ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
ज्वलिता ज्वलितारौ ज्वलितारः ज्वलितासि ज्वलितास्थः ज्वलितास्थ
ज्वलितास्मि ज्वलितास्वः ज्वलितास्मः ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ज्वलिष्यति ज्वलिष्यतः ज्वलिष्यन्ति ज्वलिष्यसि ज्वलिष्यथः ज्वलिष्यथ
ज्वलिष्यामि ज्वलिष्यावः ज्वलिष्यामः ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
ज्वल्यात् ज्वल्यास्ताम् ज्वल्यासुः ज्वल्याः
ज्वल्यास्तम् ज्वल्यास्त ज्वल्यासम् ज्वल्यास्व
ज्वल्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #262
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अज्वालीत् अज्वालिष्टाम् अज्वालिषः अज्वाली: अज्वालिष्टम् अज्वालिष्ट
अज्वालिषम् अज्वालिष्व अज्वालिष्म ज्वल (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अज्वलिष्यत् अज्वलिष्यताम् अज्वलिष्यन अज्वलिष्यः अज्वलिष्यतम् अज्वलिष्यत
अज्वलिष्यम् अज्वलिष्याव अज्वलिष्याम जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लट्) जीर्यति जीर्यतः
जीर्यन्ति जीर्यसि जीर्यथः
जीर्यथ जीर्यामि जीर्यावः
जीर्यामः जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लोट्) जीर्यतु जीर्यताम्
जीर्यन्तु जीर्य जीर्यतम्
जीर्यत जीर्याणि जीर्याव
जीर्याम जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अजीर्यत्
अजीर्यताम अजीर्यन् अजीर्यः अजीर्यतम्
अजीर्यत अजीर्यम् अजीर्याव
अजीर्याम जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जीर्येत्
जीर्येताम् जीर्येयुः जीर्ये: जीर्येतम्
जीर्येत जीर्येयम् जीर्येव
जीर्येम जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) . जजार जजरतुः
जजरुः जजरिथ
जजरथुः जजार जजरिव
जजरिम
जजर
For Private and Personal Use Only
Page #263
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) जरिता जरितारौ
जरितारः जरितासि जरितास्थः
जरितास्थ जरितास्मि जरितास्वः
जरितास्मः जष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लट्) जरिष्यति जरिष्यतः
जरिष्यन्ति जरिष्यसि जरिष्यथः
जरिष्यथ जरिष्यामि जरिष्यावः जरिष्यामः जृष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जीर्यात
जीर्यास्ताम् जीर्यासुः जीर्याः
जीर्यास्तम् जीर्यास्त जीर्यासम् जीर्यास्व जीर्यास्म जृष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अजरत् अजरताम्
अजरन् अजरः अजरतम्
अजरत अजरम् अजराव
अजराम जृष (वयोहानौ, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अजरिष्यत अजरिष्यताम् अजरिष्यन् अजरिष्यः अजरिष्यतम् अजरिष्यत अजरिष्यम् अजरिष्याव
अजरिष्याम जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) जासयति जासयतः
जासयन्ति जासयसि जासयथः
जासयथ जासयामि जासयावः
जासयामः जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लोट) जासयतु जासयताम्
जासयन्तु जासय जासयतम्
जासयत जासयानि जासयाव
जासयाम
For Private and Personal Use Only
Page #264
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अजासयत् अजासयताम् अजासयन् अजासयः अजासयतम्
अजासयत अजासयम् अजासयाव अजासयाम जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
जासयेत् जासयेताम् जासयेयुः जासयेः जासयेतम
जासयेत जासयेयम् जासयेव जासयेम जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
जासयाञ्चकार जासयाञ्चक्रतुः जासयाञ्चक्रुः जासयाञ्चकर्थ जासयाञ्चक्रथुः जासयाञ्चक्र
जासयाञ्चकार जासयाञ्चकृव जासयाञ्चकृम जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लुट)
जासयिता जासयितारौ जासयितारः जासयितासि जासयितास्थः जासयितास्थ
जासयितास्मि जासयितास्वः जासयितास्मः जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
जासयिष्यति जासयिष्यतः जासयिष्यन्ति जासयिष्यसि जासयिष्यथः जासयिष्यथ
जासयिष्यामि जासयिष्यावः जासयिष्यामः जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जास्यात जास्यास्ताम
जास्यासुः जास्याः जास्यास्तम्
जास्यास्त जास्यास्म् जास्यास्व
जास्यास्म जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजीजसत् अजीजसताम् अजीजसतन् अजीजसः अजीजसतम् अजीजसत अजीजसम् अजीजसाव अजीजसावम
For Private and Personal Use Only
Page #265
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
२५४
जसु (ताडने, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अजासयिष्यताम् अजासयिष्यतम् अजासयिष्याव
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अजासयिष्यत् अजासयिष्यः
अजासयिष्यम्
जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
जासयेते
जास जायसे
जासयेथे
स
जासाव
जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
जासयताम्
जासयेताम् जासयेथस्व
जासयस्व
जास
जासयावहै
जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अजासयेताम् अजासयेथाम्
अजासयावहि
अजासयत
अजासयथाः अजास
जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
जासयेत
जासयेथाः जासयेय
जासयेयाताम
जासयेयाथाम् जासयेवहि
जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लिट् )
जासयाञ्चक्रे
जासयाञ्चकृषे जासयाञ्चक्रे
जासयाञ्चक्राते
जासयाञ्चक्राथे
जासयाञ्चकृवहे
जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
जासयिता
जासयिता
जासयिताहे
जासयितारौ जासयितासाथे जासयितास्वहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अजासयिष्यन अजासयिष्यत अजासयिष्याम
जासयन्ते
जासयध्वे
जासयाम
जासयन्ताम्
जासयध्वम् जासयामहै
अजासयन्त
अजासयध्वम् अजासयामहि
जासयेरन् जायेध्वम्
जासये महि
जासयाञ्चक्रिरे जासयाञ्चकृढ़वे जासयाञ्चकमहे
जासयितारः
जासयिताध्वे जासयितास्महे
Page #266
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५५
जासाय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
जासयिष्यते जासयिष्येते जासयिष्यन्ते जासयिष्यसे जासयिष्येथे जासयिष्यध्वे
जासयिष्ये जासयिष्यावहे जासयिष्यामहे जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
जासयिषीष्ट जासयिषीयास्ताम् जासयिषीरन जासयिषीष्ठाः जासयिषीयास्थाम् जासयिषीध्वम्
जासयिषीय जासयिषीवहि जासयिषीमहि जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजीजसत अजीजसेताम् अजीजसन्त अजीजसथाः अजीजसेथाम अजीजसध्वम्
अजीजसे अजीजसावहि अजीजसामहि जसु (ताडने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अजासयिष्यत अजासयिष्येताम अजासयिष्यन्त अजासयिष्यथाः अजासयिष्येथाम् अजासयिष्यध्वम्
अजासयिष्ये अजासयिष्यावहि अजासयिष्यामहि जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लट्) जागर्ति जागृतः
जाग्रति जागर्षि जागृथः
जागृथ जागर्मि जागृवः
जागृमः जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लोट्) जागर्त जागृताम्
जाग्रन्तु जागहि जागृतम्
जागत जागराणि जागराव
जागराम जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अजागत् अजागृताम्
अजागरुः अजागः अजागृतम्
अजागृत अजागरम् अजागृव
अजागृम
For Private and Personal Use Only
Page #267
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जागरिता
२५६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जागृयात् जागृयाताम्
जागृयुः जागृयाः जागृयातम्
जागृयात जागृयाम् जागृयाव
जागृयाम जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लिट्) जजागार जजागरतुः
जजागरुः जजागरिथ जजगरथुः
जजागर जजागार
जजागरिव जजागरिम जाग (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लुट्) जागरिता
जागरितारौ जागरितारः जागरितासि जागरितास्थः जागरितास्थ
जागरितास्मि जागरितास्वः जागरितास्मः जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लट्)
जागरिष्यति जागरिष्यतः जागरिष्यन्ति जागरिष्यसि जागरिष्यथः जागरिष्यथ
जागरिष्यामि जागरिष्यावः जागरिष्यामः जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
जागर्यात् जागर्यास्ताम् जागर्यासुः जागर्याः
जागर्यास्तम् जागर्यास्त जागर्यासम् जागर्यास्व
जागयोस्म जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अजागरीत् अजागरिष्टाम्
अजागरिषः अजागरी:
अजागरिष्टम अजागरिष्ट .. अजागरिषम् अजागरिष्व
अजागरिष्म जागृ (निद्रक्षये, अदादिगण, परस्मै, लू)
अजागरिष्यत् अजागरिष्यताम् अजागरिष्यन् अजागरिष्यः अजागरिष्यतम् अजागरिष्यत अजागरिष्यम् अजागरिष्याव अजागरिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #268
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) जयति जयतः
जयन्ति जयसि जयथः
जयथ जयामि जयावः
जयामः जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) जयतु जयताम्
जयन्त जय जयतम्
जयत जयानि जयाव
जयाम जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अजयत् अजयताम
अजयन् अजयः अजयतम
अजयत अजयम् अजयाव
अजयाम जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जयेत् जयेताम्
जयेयुः जयेः जयेतम
जयेत जयेयम् जयेव
जयेम जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जिगाय जिग्यतुः
जिग्युः जिगेथ जिग्यथुः
जिग्य जिगाय
जिग्यिव जिग्यिम जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
जेतारौ
जेतारः जेतासि जेतास्थः
जेतास्थ जेतास्मि जेतास्वः
जेतास्मः जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) जेष्यति जेष्यतः
जेष्यन्ति जेष्यसि जेष्यथः
जेष्यथ जेष्यामि जेष्यात
जेष्यामः
जेता
For Private and Personal Use Only
Page #269
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जीयासुः
२५८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जीयात्
जीयास्ताम् जीयाः जीयास्तम्
जीयास्त जीयासम् जीयास्व
जीयास्म जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अजैषीत अजैष्टाम्
अजैषुः अजैषीः अजैष्टम्
अजैष्ट अजैषम् अजैष्व
अजैष्म जि (जये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अजेष्यत्
अजेष्यताम् अजेष्यन् अजेष्यः अजेष्यतम्
अजेष्यत अजेष्यम् अजेष्याव
अजेष्याम जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) जीवति जीवतः
जीवन्ति जीवसि जीवथः
जीवथ जीवामि जीवावः
जीवामः जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) जीवतु
जीवताम् जीव जीवतम्
जीवत जीवानि जीवाव
जीवाम जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अजीवत
अजीवताम् अजीवन अजीवः
अजीवतम् अजीवत अजीवम् अजीवाव
अजीवाम जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जीवेत्
जीवेताम् जीवेयुः जीवेः जीवेतम्
जीवेत जीवेयम् जीवेव
जीवेम
जीवन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #270
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) जिजीव जिजीवतुः
जिजीवुः जिजीविथ जिजीवथुः जिजीव
जिजीव जिजीविव जिजीविम जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) जीविता
जीवितारौ जीवितारः जीवितासि
जीवितास्थः जीवितास्थ जीवितास्मि जीवितास्वः जीवितास्मः जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
जीविष्यति जीविष्यतः जीविष्यन्ति जीविष्यसि जीविष्यथः जीविष्यथ
जीविष्यामि जीविष्यावः जीविष्यामः जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) जीव्यात्
जीव्यास्ताम् जीव्यासुः जीव्याः जीव्यास्तम्
जीव्यास्त जीव्यासम् जीव्यास्व जीव्यास्म जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अजीवीत
अजीविष्टाम् अजीविषुः अजीवीः
अजीविष्टम् अजीविष्ट अजीविषम् अजीविष्व
अजीविष्म जीव (प्राणधारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अजीविष्यत् अजीविष्यताम् अजीविष्यन् अजीविष्यः अजीविष्यतम अजीविष्यत
अजीविष्यम् अजीविष्याव अजीविष्याम जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, लट्) इन्धे इन्धाते
इन्धते इन्धाथे
इन्ध्वे इन्ध्व हे
इन्थ्महे
इन्से इन्धे
For Private and Personal Use Only
Page #271
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२६०
इन्धावहै
UPP
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, लोट्) इन्धाम इन्धाताम्
इन्धताम् इन्स्व इन्धाथाम्
इन्ध्वम् इन?
इन्धामहै जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, लङ्) ऐन्ध
ऐन्धाताम् ऐन्धत ऐन्धाः ऐन्धाथाम
ऐन्ध्वम् ऐन्धि ऐन्ध्वहि
ऐन्थ्यहि जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) इन्धीत
इन्धीयाताम् इन्धीरन् इन्धीथाः इन्धीयाथाम् इन्धीध्वम् इन्धीय
इन्धीवहि इन्धीमहि जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, लिट)
इन्धाञ्चक्राते
इन्धाञ्चक्रिरे इन्धाञ्चकृषे इन्धाञ्चक्राथे इन्धाञ्चकृध्वे
इन्धाञ्चक्रे इन्धाञ्चकृवहे इन्धाञ्चकमहे जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, लुट्) इन्धिता इन्धितारौ
इन्धितारः इन्धितासे इन्धितासाथे इन्धिताध्ये
इन्धिताहे इन्धितास्वहे इन्धितास्महे बिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, लट्)
इन्धिष्यते इन्धिष्येते इन्धिष्यन्ते इन्धिष्यसे
इन्धिष्येथे इन्धिष्यध्वे इन्धिष्ये
इन्धिष्यावहे इन्धिष्यामहे जिइन्धि (दीप्तौ, रुधादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
इन्धिषीष्ट इन्धिषीयास्ताम् इन्धिषीरन् इन्धिषीष्ठाः इन्धिषीयास्थाम् इन्धिषीध्वम् इन्धिषीय
इन्धिषीवहि इन्धिषीमहि
इन्धाञ्चके
For Private and Personal Use Only
Page #272
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
ऐन्धिष्ट ऐन्धिष्ठाः ऐन्धिषि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
ञिइन्धि ( दीप्ती, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्)
ऐन्धिषाताम्
ऐन्धिषाथाम् ऐन्धिष्वहि
ञिइन्धि (दीप्तो, रुधादिगण, आत्मने, लृङ् )
ऐन्धिष्येताम् ऐन्धिष्येथाम् ऐन्धिष्यावहि
त्रिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ऐन्धिष्यत
ऐन्धिष्यथाः ऐन्धिष्ये
फलति
फलसि
फलामि
फलतः
फलथः
फलावः
ञिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
फलताम्
फलतम्
फलाव
फलतु
फल फलानि
www.kobatirth.org
ञिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अफलताम्
अफलतम्
अफलाव
अफलत्
अफल:
अफलम्
फलेत
फलेः
फलेयम्
ञिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
फलेताम्
फले म् फलेव
त्रिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
फेलतुः
फेलथुः
फेलिव
पफाल
फेलिथ
पफल
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ऐन्धिषत ऐन्धिदवम् ऐन्धि महि
ऐन्धिष्यन्त ऐन्धिष्यध्वम्
ऐन्धिष्यामहि
फलन्ति
फलथ
फलामः
फलन्तु
फलत
फलाम
अफलन्
अफलत
अफलाम
फलेयुः फलेत
फलेम
फेवुः
पफाल
फेलिम
२६१
Page #273
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
फाल
२६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
फलिता फलितारौ फलितारः फलितासि फलितास्थः फलितास्थ
फलितास्मि फलितास्वः फलितास्मः त्रिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
फलिष्यति फलिष्यतः फलिष्यन्ति फलिष्यसि फलिष्यथः फलिष्यथ
फलिष्यामि __ फलिष्यावः फलिष्यामः त्रिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) फल्यात्
फल्यास्ताम् फल्यासुः फल्याः
फल्यास्तम् फल्यास्त फल्यासम् फल्यास्व
फल्यास्म त्रिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अफालीत
अफालिष्टाम् अफालिषुः अफालीः
अफालिष्टम् अफालिष्ट अफालिषम् अफालिष्व अफालिष्म जिफला (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अफलिष्यत् अफलिष्यताम् अफलिष्यन अफलिष्यः अफलिष्यतम् अफलिष्यत
अफलिष्यम् अफलिष्याव अफलिष्याम अिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) बिभेति बिभितः
बिभ्यति बिभेषि बिभिथः
बिभिथ बिभेमि बिभिवः
बिभिमः जिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लोट्) बिभेतु बिभिताम्
बिभ्यतु बिभिहि बिभितम्
बिभित बिभयानि बिभयाव
बिभयाम
For Private and Personal Use Only
Page #274
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२६३
बिभियुः
बिभ्युः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्) अबिभेत
अबिभीताम् अबिभयुः अबिभेः
अबिभितम् अबिभित अबिभयम् अबिभीव
अबिभीम त्रिभी (भये, नुहोत्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) बिभियात्
बिभियाताम् बिभियाः बिभियातम् बिभियात बिभियाम् बिभियाव
बिभियाम जिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लिट्) बिभाय
बिभ्यतुः बिभयिथ बिभ्यथुः
बिभ्य बिभाय बिभ्यिव
बिभ्यिम त्रिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुट्) भेता
भेतारौ भेतासि
भेतास्थः भेतास्थ भेतास्मि भेतास्वः
भेतास्मः जिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) भेष्यति भेष्यतः
भेष्यन्ति भेष्यसि भेष्यथः
भेष्यथ भेष्यामि भेष्यावः
भेष्यामः त्रिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भीयात् भीयास्ताम्
भीयासुः भीयाः भीयास्तम्
भीयास्त भीयासम् भीयास्व
भीयास्म जिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभैषीत् अभैष्टाम् अभैषुः अभैषीः अभेष्टम
अभैष्ट अभैषम् अभैष्व
अभैष्म
भेतारः
For Private and Personal Use Only
Page #275
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्वपिति
स्वपितम्
२६४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रिभी (भये, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्) अभेष्यत अभेष्यताम्
अभेष्यन् अभेष्यः अभेष्यतम्
अभेष्यत अभेष्यम् अभेष्याव
अभेष्याम ञिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लट्)
स्वपितः स्वपन्ति स्वपिषि स्वपिथः
स्वपिथ स्वपिमि स्वपिवः
स्वपिमः त्रिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लोट्) स्वपितु स्वपिताम्
स्वपन्तु स्वपिहि
स्वपित स्वपानि स्वपाव
स्वपाम जिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्वपीत् अस्वपिताम् अस्वपन् अस्वपीः अस्वपितम् अस्वपित अस्वपम् अस्वपिव
अस्वपिम जिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्वप्यात् स्वप्याताम्
स्वप्युः स्वप्याः स्वप्यातम्
स्वप्यात स्वप्याम् स्वप्याव
स्वप्याम जिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लिट्) सुष्वाप सुषुपतुः
सुशुषुः सुष्वपिथ सुषुपथुः
सुषुप सुष्वाप
सुषुपिव अिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लुट) स्वप्ता स्वप्तारौ
स्वप्तारः स्वप्तासि स्वपतास्थः
स्वप्तास्थ स्वपतास्मि स्वपतास्वः
स्वतास्मः
सुषुपिम
For Private and Personal Use Only
Page #276
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२६५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली जिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लट्) स्वप्स्यति
स्वप्स्यतः स्वपस्यन्ति स्वप्स्यसि स्वपस्यथः
स्वप्स्यथ स्वप्स्यामि स्वप्स्यावः
स्वप्स्यामः जिष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) सुप्यात्
सुप्यास्ताम् सुप्यासुः सुप्याः सुप्यास्तम्
सुप्यास्त सुप्यासम् सुप्यास्व
सुप्यास्म जिष्वप्. (शये, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अस्वाप्सीत् अस्वाप्ताम्
अस्वाप्सुः अस्वाप्सीः अस्वाप्तम्
अस्वाप्त अस्वाप्सम् अस्वाप्स्व
अस्वाप्स्म निष्वप् (शये, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्वप्स्यत् अस्वप्स्यताम् अस्वप्स्यन् अस्वप्स्यः
अस्वप्स्यतम् अस्वप्स्यत अस्वप्स्यम् अस्वप्स्याव टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) टङ्कयति टङ्कयतः
टङ्कयन्ति टङ्कयसि टङ्कयथः टकयथ
टङ्कयामि टङ्कयावः टङ्कयामः टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लोट) टङ्कयतु
टकयताम टङ्कयन्तु टकय
टङ्कयतम् टकयत टङ्कयानि टङ्कयाव टङ्कयाम टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अटङ्कयत् अटङ्कयताम् अटङ्कयन् अटङ्कयः अटङ्कयतम् अटङकयत अटङ्कयम् अटङ्कयाव अटकयाम
अस्वप्स्याम
For Private and Personal Use Only
Page #277
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२६६ __ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
टङ्कयेत् टङ्कयेताम् टङ्कयेयुः टङ्कयेः टङ्कयेतम् टङ्कयेत
टङ्कयेयम् टङ्कयेव टङ्कयेम टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
टङ्कयाञ्चकार टङ्कयाञ्चक्रतुः । टङ्कयाञ्चकर्थ टङ्कयाञ्चक्रथुः टङ्कयाञ्चक्र
टङ्कयाञ्चकार टङ्कयाञ्चकृव टङ्कयाञ्चकृम टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
टङ्कयिता टङ्कयितारौ टङकयितारः टकयितासि टङ्कयितास्थः । टकयितास्थ
टङ्कयितास्मि टङ्कयितास्वः टङ्कयितास्मः टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
टङ्कयिष्यति टङ्कयिष्यतः टङ्कयिष्यन्ति टङ्कयिष्यसि टङ्कयिष्यथः टङ्कयिष्यथ
टङ्कयिष्यामि टङ्कयिष्यावः टङ्कयिष्यामः टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
टक्यात् टक्यास्ताम् टक्यासुः टक्याः टक्यास्तम् टक्यास्त
टक्यासम् टक्यास्व टङ्क्यास्म टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अटटङ्कत् अटटङ्कताम् अटटकन अटटङ्कः
अटटकतम् अटटङ्कत. अटटङ्कम् अटटङ्काव अटटङ्काम टकि (बन्धने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अटङ्कयिष्यत् अटकयिष्यताम अटकयिष्यन अटङ्कयिष्यः अटङ्कयिष्यतम् अटङ्कयिष्यत अटङ्कयिष्यम् अटङ्कयिष्याव अटङ्कयिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #278
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली २६७ टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) टङ्कयते टकयेते
टङ्कयन्ते टङ्कयसे टकयेथे
टङ्कयध्वे टङ्कये टङ्कयावहे टङ्कयामहे टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
टङ्कयताम् टङ्कयेताम् टकयन्ताम् टङ्कयस्व टङ्कयेथाम् टकयध्वम् टकयै
टङ्कयावहै टङ्कयामहै टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अटङ्कयत अटङ्कयेताम् अटङ्कयन्त अटकयथाः अटङ्कयेथाम् अटकयध्वम्
अटङ्कये अटङ्कयावहि अटङ्कयामहि टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
टङ्कयेत टङ्कयेयाताम् टङ्कयेरन् टङ्कयेथाः टङ्कयेयाथाम् टङ्कयेध्वम्
टङ्कयेय टङ्कयेवहि टङ्कयेमहि टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
टङ्कयाञ्चक्रे टङ्कयाञ्चक्राते टङ्कयाञ्चक्रिरे टङकयाञ्चकृषे टकयाञ्चकाथे टकयाञ्चकृढ़वे
टङ्कयाञ्चक्रे टङ्कयाञ्चकृवहे टङ्कयाञ्चकृमहे टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
टकयिता टङ्कयितारौ टङ्कयितारः टङ्कयितासे टङ्कयितासाथे टङ्कयिताध्वे
टङ्कयिताहे टङ्कयितास्वहे टङ्कयितास्महे टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) टङ्कयिष्यते टङ्कयिष्येते
टङ्कयिष्यन्ते टङ्कयिष्यसे टङ्कयिष्येथे टङ्कयिष्यध्वे टङ्कयिष्ये
टङ्कयिष्यावहे टङ्कयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #279
--------------------------------------------------------------------------
________________
M
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२६८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
टङ्कयिषीष्ट टङ्कयिषीयास्ताम् टङ्कयिषीरन् टकयिषीष्ठाः टङ्कयिषीयास्थाम टकयिषीध्वम
टङ्कयिषीय टङ्कयिषीवहि टङ्कयिषीमहि टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अटटङ्कत अटटङ्केताम् अटटङ्कन्त अटटङ्कथाः अटटकेथाम् अटटङ्कध्वम्
अटटङ्के अटटङ्कावहि अटटङ्कामहिं टकि (बन्धने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अटङ्कयिष्यत अटङ्कयिष्येताम् अटङकयिष्यन्त अटङ्कयिष्यथाः अटङ्कयिष्येथाम् अटङ्कयिष्यध्वम्
अटङ्कयिष्ये अटङ्कयिष्यावहिं अटकयिष्यामहि टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नन्दति नन्दतः
नन्दन्ति नन्दसि नन्दथः
नन्दथ नन्दामि नन्दावः
नन्दामः टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) नन्दतु नन्दताम्
नन्दन्तु नन्द नन्दतम्
नन्दत नन्दानि नन्दाव
नन्दाम टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अनन्दत अनन्दताम
अनन्थन् अनन्दः अनन्दतम्
अनन्दत अनन्दम् अनन्दाव
अनन्दाम टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) नन्देत् नन्देताम
नन्देयुः नन्देः नन्दतम
नन्देत नन्देयम् नन्देव
नन्देम
ill ill ri ki filim
For Private and Personal Use Only
Page #280
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२६९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) ननन्द ननन्दतुः
ननन्दुः ननन्दिथ ननन्दथुः
ननन्द ननन्द ननन्दिव
ननन्दिम टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) नन्दिता नन्दितारौ
नन्दितारः नन्दितासि
नन्दितास्थः नन्दितास्थ नन्दितास्मि नन्दितास्वः नन्दितास्मः टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
नन्दिष्यति नन्दिष्यतः नन्दिष्यन्ति नन्दिष्यसि नन्दिष्यथः नन्दिष्यथ
नन्दिष्यामि नन्दिष्यावः नन्दिष्यामः टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) नन्द्यात्
नन्द्यास्ताम् नन्द्याः नन्द्यास्तम्
नन्दयास्त नन्दयासम् नन्दयास्व
नन्दयास्म टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अनन्दीत्
अनन्दिष्टाम् अनन्दिषुः अनन्दीः
अनन्दिष्टम् अनन्दिष्ट अनन्दिषम् अनन्दिष्व
अनन्दिष्म टुनदि (समृद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अनन्दिष्यत् अनन्दिष्यताम् अनन्दिष्यन् अनन्दिष्यः अनन्दिष्यतम् अनर्दिष्यत
अनन्दिष्यम् अनन्दिष्याव अनन्दिष्याम टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) याचति याचतः
याचन्ति याचसि याचथः
याचथ याचामि याचावः
याचामः
नन्द्यासुः
For Private and Personal Use Only
Page #281
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
याचतु
याच याचानि
.२७०
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
www.kobatirth.org
ययाच ययाचिथ
ययाच
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अयाचताम्
अयाचतम्
अयाचाव
याच्यात्
याच्याः
याच्यासम्
याचताम्
याचतम्
याचाव
अयाचत्
अयाचः
अयाचम्
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
याचेताम्
याचेत् याचेः याचेयम्
याचे म् याचेव
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ययाचतुः
ययाचथुः
ययाचिव
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै,
याचिता
याचित
याचितास्थः
याचितासि याचितास्मि
याचितास्वः
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै,
याचिष्यति
याचिष्यतः
याचिष्यसि
याचिष्यथः
याचिष्यामि
याचिष्यावः
टुयाच् (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
याच्यास्ताम्
याच्यास्तम्
याच्यास्व
लुट्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ऌट्)
For Private and Personal Use Only
-
याचन्तु याचत
याचाम
अयाचन्
अयाचत
अयाचाम
याचेयुः याचेत
याचेम
ययाचुः
ययाच
ययाचिम
याचितारः याचितास्थ
याचितास्मः
याचिष्यन्ति याचिष्यथ
याचिष्यामः
याच्यासुः याच्यास्त
याच्यास्म
Page #282
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अयाचीत्
अयाचिष्टाम् अयाचिषुः अयाचीः
अयाचिष्टम् अयाचिष्ट अयाचिषम् अयाचिष्व अयाचिष्म टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अयाचिष्यत् अयाचिष्यताम् अयाचिष्यन् अयाचिष्यः अयाचिष्यतम् अयाचिष्यत
अयाचिष्यम् अयाचिष्याव अयाचिष्याम टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) याचते याचेते
याचन्ते याचसे याचेथे
याचध्वे याचे याचावहे
याचामहे टुयाच (याञ्चायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) याचताम् याचेताम
याचन्ताम् याचस्व याचेथाम्
याचध्वम् याचै याचावहै
याचामहै टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अयाचत
अयाचेताम् अयाचन्त अयाचथाः अयाचेथाम
अयाचध्वम् अयाचे
अयाचावहि अयाचामहि टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) याचेत
याचेयाताम् याचेरन् याचेथाः याचेयाथाम्
याचेध्वम याचेय याचेवहि
याचेमहि टुयाच (याञ्चायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) ययाचे ययाचाते
ययाचिरे ययाचिषे ययाचाथे
ययाचिध्ये ययाचे
ययाचिवहे ययाचिमहे
य
पटू)
For Private and Personal Use Only
Page #283
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) याचिता याचितारौ
याचितारः याचितासे याचितासाथे याचिताध्वे
याचिताहे याचितास्वहे याचितास्महे टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) याचिष्यते याचिष्येते
याचिष्यन्ते याचिष्यसे याचिष्येथे
याचिष्यध्वे याचिष्ये
याचिष्यावहे याचिष्यामहे टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
याचिषीष्ट याचिषीयास्ताम् याचिषीरन् याचिषीष्ठाः याचिषीयास्थाम् याचिषीध्वम्
याचिषीय याचिषीवहि याचिषीमहि टुयाच (याञ्चायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयाचिष्ट अयाचिषाताम् अयाचिषत अयाचिष्ठाः अयाचिषाथाम अयाचिध्वम् अयाचिषि
अयाचिष्वहि अयाचिष्महि टुयाच (याञ्चायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयाचिष्यत अयाचिष्येताम् अयाचिष्यन्त अयाचिष्यथाः अयाचिष्येथाम
अयाचिष्यध्वम् अयाचिष्ये अयाचिष्यावहि अयाचिष्यामहि टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) वेपते वेपेते
वेपन्ते वेपसे वेपेथे
वेपध्वे वेपावहे
वेपामहे टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) वेपताम्
वेपेताम् वेपस्व वेपेथाम्
वेपध्वम् वेपै वेपावहै
वेपामहै
वेपे
वेपन्ताम्
For Private and Personal Use Only
Page #284
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७३
वेपेरन्
वेपेय
विवेपे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अवेपत अवेपेताम्
अवेपन्त अवेपथाः अवेपेथाम् अवेपध्वम् अवेपे
अवेपावहि अवेपामहि टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वेपेत
वेपेयाताम् वेपेथाः
वेपेयाथाम् वेपेध्वम् वेपेवहि
वेपेमहि टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) विवेपे विवेपाते
विवेपिरे विवेपिषे विवेपाथे
विवेपिध्वे
विवेपिवहे विवेपिमहे टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) वेपिता वेपितारौ
वेपितारः वेपितासे वेपितासाथे वेपिताध्वे वेपिताहे
वेपितास्वहे वेपितास्महे टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) वेपिष्यते वेपिष्येते
वेपिष्यन्ते वेपिष्यसे वेपिष्येथे
वेपिष्यध्वे वेपिष्ये
वेपिष्यावहे वेपिष्यामहे टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वेपिषीष्ट वेपिषीयास्ताम् वेपिषीरन् वेपिषीष्ठाः वेपिषीयास्थाम वेपिषीध्वम् वेपिषीय
वेपिषीवहि वेपिषीमहि टुवेप (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवेपिष्ट अवेपिषाताम् अवेपिषत अवेपिष्ठाः अवेपिषाथाम् अवेपिध्वम् अवेपिषि
अवेपिष्वहि अवेपिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #285
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वमामः
२७४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टुवेपृ (कम्पने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवेपिष्यत अवेपिष्येताम अवेपिष्यन्त अवेपिष्यथाः अवेपिष्येथाम् अवेपिष्यध्वम्
अवेपिष्ये अवेपिष्यावहि अवेपिष्यामहि टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वमति वमतः
वमन्ति वमसि वमथः
वमथ वमामि
वमावः टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) वमतु वमताम्
वमन्तु वम वमतम्
वमत वमानि वमाव
वमाम टुवम् (उदिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अवमत अवमताम
अवमन् अवमतम्
अवमत अवमम् अवमाव
अवमाम टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वमेत वमेताम्
वमेयुः
वमेत वमेयम् वमेव
वमेम टुवम् (उद्भिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ववाम
वेमतुः वेमिथ ववाम
वेमिव टुवम् (उद्दिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) वमिता वमितारौ
वमितारः वमितासि वमितास्थः
वमितास्थ वमितास्मि वमितास्वः
वमितास्मः
अवमः
वमेः
वमेतम्
वेमुः वेम
वेमथुः
वेमिम
For Private and Personal Use Only
Page #286
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वमिष्यति वमिष्यतः
वमिष्यन्ति वमिष्यसि वमिष्यथः
वमिष्यथ वमिष्यामि वमिष्यावः वमिष्यामः टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वम्यात् वम्यास्ताम्
वम्यासुः वम्याः वम्यास्तम्
वम्यास्त वम्यासम् वम्यास्व
वम्यास्म टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवमीत् अवमिष्टाम् अवमिषः अवमीः अवमिष्टम
अवमिष्ट अवमिषम् अवमिषाव
अवमिषाम टुवम् (उद्गिरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अवमिष्यत् अवमिष्यताम् अवमिष्यन् अवमिष्यः अवमिष्यतम् अवमिष्यत
अवमिष्यम् अवमिष्याव अवमिष्याम डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लट्) करोति कुरुतः
कुर्वन्ति करोषि कुरुथः
कुरुथ करोमि
कुर्वः डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लोट्) करोतु कुरुताम्
कुर्वन्तु कुरु कुरुतम्
कुरुत करवाणि करवाव
करवाम डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लङ्) अकरोत
अकुरुताम् अकुर्वन् अकरोः अकुरुतम्
अकुरुत अकरवम् अकुर्व
अकुर्म
कुर्मः
For Private and Personal Use Only
Page #287
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चक्रथुः
कर्ता
२७६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) कुर्यात्
कुर्याताम् कुर्युः कुर्याः कुर्यातम्
कुर्यात कुर्याम् कुर्याव
कुर्याम डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लिट्) चकार चक्रतुः
चक्रुः चकर्थ
चक्र चकार चकृव
चकृम डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लुट्)
कर्तारौ
कर्तारः कर्तासि कर्तास्थः
कर्तास्थ कर्तास्मि
कर्तास्वः कर्तास्मः डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लट्) करिष्यति
करिष्यतः करिष्यन्ति करिष्यसि
करिष्यथः करिष्यथ करिष्यामि करिष्यावः
करिष्यामः डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) क्रियात् क्रियास्ताम्
क्रियासुः क्रियाः क्रियास्तम
क्रियास्त क्रियास्व
क्रियास्म डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लुङ्) अकार्षीत् अकार्टाम्
अकार्षः अकार्षीः अकाष्टम्
अकाट अकार्षम् अकाल डुकृञ् (करणे, तनादिगण, परस्मै, लुङ्)
अकरिष्यत् अकरिष्यताम् अकरिष्यन् अकरिष्यः अकरिष्यतम् अकरिष्यत अकरिष्यम् अकरिष्याव अकरिष्याम
क्रियसम्
अकार्म
For Private and Personal Use Only
Page #288
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७७
कुर्वाते कुर्वाथे
कुर्वते
कुर्वे
अकुर्वत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लट्)
कुरुते कुरुषे
कुरुध्वे कुर्वहे
कुर्महे डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लोट्) कुरुताम्
कुर्वाताम् कुर्वताम् कुरुष्व
कुर्वाथस्व कुरुध्वम् करवै करवावहै
करवामहै डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लङ्) अकुरुत
अकुर्वाताम् अकुरुथाः अकुर्वाथाम् अकुरुध्वम् अकुर्वि अकुर्वहि
अकुर्महि डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) कुर्वीत
कवीयाताम कुर्वीरन् कुर्वीथाः कुर्वीयाथाम् कुर्वीध्वम्
कुर्वीय कुर्वीवहि डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लिट्) चक्रे चक्राते
चक्रिरे चक्राथे
चकृढ़वे चक्रे
चकृवहे चकृमहे डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लुट्) कर्ता कर्तारौ
कर्तारः कर्तासे
कर्तासाथे कर्ताध्ये कर्ताहे
कर्तास्वहे कर्तास्महे डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लट्) करिष्यते करिष्येते
करिष्यन्ते करिष्यसे करिष्येथे
करिष्यध्वे करिष्ये
करिष्यावहे करिष्यामहे
कुर्वीमहि
चकृषे
For Private and Personal Use Only
Page #289
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) कृषीष्ट
कृषीयास्ताम् कृषीरन् कृषीष्ठाः
कृषीयास्थाम् कृषीढ्वम् कृषीय
कृषीवहि कृषीमहि डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लुङ्) अकृत अकृषाताम्
अकृषत अकृथाः
अकृषाथाम् अकृढ्वम् अकृषि
अकृष्वहि अकृष्महि डुकृञ् (करणे, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अकरिष्यत अकरिष्येताम् अकरिष्यन्त अकरिष्यथाः अकरिष्येथाम् अकरिष्यध्वम् अकरिष्ये
अकरिष्यावहि अकरिष्यामहि डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, व्रयादिगण, परस्मै, लट्) क्रीणाति क्रीणीतः
क्रीणन्ति क्रीणासि क्रीणीथः
क्रीणीथ क्रीणामि क्रीणीवः
क्रीणीमः डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट्) क्रीणातु क्रीणीताम्
क्रीणन्तु क्रीणीहि
क्रीणीतम् क्रीणीत क्रीणानि क्रीणाव
क्रीणाम डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अक्रीणात् अक्रीणीताम् अक्रीणन् अक्रीणाः अक्रीणीतम् अक्रीणीत
अक्रीणाम् अक्रीणीव अक्रीणीम डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
क्रीणीयात् क्रीणीयाताम् क्रीणीयुः क्रीणीयाः
क्रीणीयातम् क्रीणीयात क्रीणीयाम् क्रीणीयाव क्रीणीयाम
For Private and Personal Use Only
Page #290
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
चित्राय
चिक्रियिथ चित्राय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु रूपावली
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्)
चिक्रियतुः
चिक्रियथुः चिक्रियिव
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट्)
क्रेतारौ
क्रेतास्थः
क्रेतास्वः
क्रेता
क्रेतासि क्रेतास्मि
क्रेष्यति
क्रेष्यसि
क्रेष्यामि
www.kobatirth.org
क्रीयात् क्रीयाः
क्रीयसम्
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै,
क्रेष्यतः
क्रेष्यथः
क्रेष्यावः
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
क्रीयास्ताम् क्रीयास्तम्
क्रीयास्व
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अक्रैषीत
अक्रैषीः
अक्रैषम्
अक्रेष्यत् अक्रेष्यः
अक्रेष्यम्
अष्टाम्
अष्टम्
अक्रैष्व
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, परस्मै, लृङ्)
क्रीणीते
क्रीणीषे
क्रीणे
ऌट्)
अक्रेष्यताम
अक्रेष्यतम्
अक्रेष्याव
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने,
क्रीणाते
क्रीणाथे
क्रीणीवहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चिक्रियुः चिक्रिय
चिक्रियिम
For Private and Personal Use Only
क्रेतारः
क्रेतास्थ
क्रेतास्मः
क्रेष्यन्ति
क्रेष्यथ
क्रेष्यामः
क्रीयासुः क्रीयास्त
क्रीयास्म
अक्रैषुः अक्रैष्ट
अत्रैष्म
लट्)
अक्रेष्यन् अक्रेष्यत
अक्रेष्याम
क्रीणते
क्रीणीध्वे
क्रीणीमहे
२७९
Page #291
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
क्रीणीताम् क्रीणीष्व क्रीणै
अक्रीणीत
अक्रीणीथाः अक्रीणि
२८०
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने, लोट्)
क्रीणाताम् क्रीणाथस्व क्रीणावहै
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने, लङ्)
क्रीणीत
क्रीणीथाः
क्रीणीय
चिक्रिये
चिक्रियिषे
चिक्रिये
www.kobatirth.org
क्रेता क्रेतासे
क्रेताहे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
क्रीणीयाताम्
क्रीणीरन् क्रीणीध्वम्
क्रीणीयाथाम् क्रीणीवहि
क्रीणीम
अक्रीणाताम
अक्रीणाथाम् अक्रीणीवहि
क्रेष्यते
क्रेष्यसे
क्रेष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने, लिट्)
चिक्रियाते
चिक्रियाथे
चिक्रियिवहे
क्रेषीष्ट
क्रेषीष्ठाः
क्रेषीय
क्रीणताम् क्रीणीध्वम्
क्रीणामहै
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने, लुट्)
क्रेतारौ
क्रेतासाथे
क्रेतास्वहे
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने, ऌट्)
ऋष्येते
ऋष्येथे
ऋष्यावहे
अक्रीणत
अक्रीणीध्वम्
अक्रीणीमहि
क्रेषीयास्ताम् क्रेषीयास्थाम् ऋषीवहि
For Private and Personal Use Only
चिक्रियिरे
चिक्रियिध्वे
चिक्रियिमहे
क्रेतारः
क्रेताध्वे
क्रेतास्महे
डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्र्यादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
"
क्रेष्यन्ते
क्रेष्यध्वे
क्रेष्यामहे
क्रेषीरन् ऋषीढ़वम् क्रेषीमहि
Page #292
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२८१
ददति
दद्मः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अक्रेष्ट
अवेषाताम् अक्रेषत अक्रेष्ठाः
अकेषाथाम् अकेवम् अक्रेषि अक्रेष्वहि
अक्रेष्महि डुक्रीञ् (द्रव्यविनिमये, क्रयादिगण, आत्मने, लुङ्) अक्रेष्यत
अक्रेष्येताम् अक्रेष्यन्त अक्रेष्यथाः अक्रेष्येथाम
अक्रेष्यध्वम अक्रेष्ये
अक्रेष्यावहि अनेष्यामहि डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) ददाति
दत्तः ददासि दत्थः
दत्थ ददामि
दद्वः डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लोट) ददातु दत्ताम्
ददतु देहि दत्तम्
दत्त ददानि ददाव
ददाम डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्) अददात् अदत्ताम्
अददुः अददाः अदत्तम्
अदत्त अददाम् अदद्व
अदद्म डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) दद्यात् दद्याताम्
दधुः दद्याः दद्यातम्
दद्यात दद्याम् दद्याव
दद्याम डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लिट्) ददौ ददतुः
ददुः ददिथ ददौ ददिव
ददिम
ददथुः
दद
For Private and Personal Use Only
Page #293
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दाता
दास्यथः
देयात्
देयास्तम्
२८२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुट्)
दातारौ
दातारः दातासि दातास्थः
दातास्थ दातास्मि दातास्वः
दातास्मः डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) दास्यति
दास्यतः दास्यन्ति दास्यसि
दास्यथ दास्यामि दास्यावः
दास्यामः डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
देयास्ताम्
देयासुः देयाः
देयास्त देयासम् देयास्व
देयास्म डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अदाताम अदाः अदातम्
अदात
अदाव डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अदास्यत्
अदास्यताम अदास्यन् अदास्यः अदास्यतम्
अदास्यत अदास्यम्
अदास्याव डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्)
ददते ददाथे
दद्ध्वे
दद्महे डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लोट्)
ददाताम्
ददताम् दत्स्व ददाथाम
दद्ध्वम् ददावहै
ददामहै
अदात्
अदुः
अदाम्
अदाम
अदास्याम
दत्ते
ददाते
दत्से
ददे
दहे
दत्ताम्
For Private and Personal Use Only
Page #294
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२८३
अदत्त
ददीत
ददे
ददाथे
ददे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लङ्)
अददाताम् अददत अदत्थाः अददाथाम
अदध्वम् अददि अदद्वहि
अदद्यहि डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ददीयाताम् ददीरन् ददीथाः
ददीयाथाम ददीध्वम् ददीय
ददीवहि ददीमहि डुदात्र (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लिट्)
ददाते
ददिरे ददिषे
ददिध्वे
ददिवहे ददिमहे डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुट्) दाता दातारौ
दातारः दातासे
दातासाथे दाताध्वे दाताहे दातास्वहे
दातास्महे डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्) दास्यते दास्येते
दास्यन्ते दास्यसे दास्येथे
दास्यध्वे दास्ये दास्यावहे
दास्यामहे डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) दासीष्ट
दासीयास्ताम् दासीरन् दासीष्ठाः दासीयास्थाम दासीध्वम् दासीय दासीवहि
दासीमहि डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अदित
अदिषाताम् अदिषत अदिथाः
अदिषाथाम् अदिध्वम् अदिषि अदिष्वहि
अदिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #295
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धत्तः
धत्ताम्
धेहि
धत्तम
२८४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुदाञ् (दाने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदास्यत अदास्येताम् अदास्यन्त अदास्यथाः अदास्येथाम अदास्यध्वम् अदास्ये
अदास्यावहि अदास्यमहि डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) दधाति
दधति दधासि धत्थः
धत्थ दधामि दध्वः
दध्मः डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लोट्) दधातु
दधत
धत्त दधानि दधाव
दधाम डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्) अदधात अधत्ताम
अदधुः अदधाः अधत्तम
अधत्त अदधाम् अदध्व
अदध्म डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) दध्यात् दध्याताम्
दध्युः दध्याः दध्यातम्
दध्यात दध्याम् दध्याव
दध्याम डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लिट्)
दधतुः
दधुः दधथुः
दध दधिव
दधिम डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुट्)
धातारौ
धातारः धातासि धातास्थः
धातास्थ धातास्मि धातास्वः
धातास्मः
दधौ दधिथ
दधौ
धाता
For Private and Personal Use Only
Page #296
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२८५
धेयासुः
धेयास्म
अधात्
अधाव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) धास्यति धास्यतः
धास्यन्ति धास्यसि धास्यथः
धास्यथ धास्यामि धास्यावः
धास्यामः दुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) धेयात
धेयास्ताम धेयाः
धेयास्तम धेयास्त धेयासम् धेयास्व डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अधाताम्
अधुः अधाः अधातम्
अधात अधाम
अधाम डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्) अधास्यत् अधास्यताम्
अधास्यन अधास्यः
अधास्यतम् अधास्यम अधास्याव
अधास्याम डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्)
दधाते
दधते धत्से दधाथे
धद्ध्वे दधे
दध्महे डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लोट्) धत्ताम् दधाताम्
दधताम् दधाथाम्
धदध्वम दधावहै
दधामहै डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लङ्) अधत्त अदधाताम
अदधत अधत्थाः अदधाथाम
अधद्ध्वम् अदधि अदध्वहि
अदध्महि
अधास्यत
धत्ते
दध्वहे
धत्स्व
दधै
For Private and Personal Use Only
Page #297
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दधीत
दधाते
दधिषे
दधे
२८६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
दधीयाताम् दधीरन दधीथाः दधीयाथाम
दधीध्वम् दधीय
दधीवहि दधीमहि डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लिट्) दधे
दधिरे दधाथे
दधिध्वे दधिवहे
दधिमहे डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुट्) धाता धातारौ
धातारः धातासे
धातासाथे धाताध्वे धाताहे धातास्वहे
धातास्महे डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्) धास्यते धास्येते
धास्यन्ते धास्यसे धास्येथे
धास्यध्वे धास्ये
धास्यावहे धास्यामहे डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) धासीष्ट
धासीयास्ताम धासीरन धासीष्ठाः धासीयास्थाम् धासीध्वम् धासीय धासीवहि
धासीमहि डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अधित
अधिषाताम् अधिषत अधिथाः
अधिषाथाम अधिध्वम अधिषि
अधिष्वहि अधिष्महि डुधाञ् (, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अधास्यत अधास्येताम् अधास्यथाः अधास्येथाम अधास्यध्वम् अधास्ये अधास्यावहि अधास्यमहि
अधास्यन्त
For Private and Personal Use Only
Page #298
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पचन्ति
पचथः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) पचति
पचतः पचसि
पचप पचामि पचावः
पचामः डुपचष (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) पचतु पचताम्
पचन्तु पच पचतम्
पचत पचानि पचाव
पचाम डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अपचत् अपचताम्
अपचतन् अपचः अपचतम्
अपचत अपचम् अपचाव
अपचाम डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
पचेताम् पचेयुः पचेः पचेतम्
पचेत पचेयम् पचेव
पचम डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) पपाच पेचतुः
पेचुः पेचिथ पेचथुः
पेच पपाच पेचिव
पेचिम डुपचष (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) पक्ता पक्तारौ
पक्तारः पक्तासि पक्तास्थः
पक्तास्थ पक्तास्मि पक्तास्वः
पक्तास्मः डुपचष (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पक्ष्यतः
पक्ष्यन्ति पक्ष्यसि पक्ष्यथः
पक्ष्यथ पक्ष्यामि पक्ष्याव:
पक्ष्यामः
पचेत
पक्ष्यति
For Private and Personal Use Only
Page #299
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२८८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पच्यात्
पच्यास्ताम पच्यासुः पच्याः पच्यास्तम
पच्यास्त पच्यासम् पच्यास्व
पच्यास्म डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अपाक्षीत् अपाक्ताम्
अपाक्षुः अपाक्षीः अपाक्तम
अपाक्त अपाक्षम् अपाक्ष्व
अपाक्ष्म डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अपक्ष्यत् अपक्ष्यताम्
अपक्ष्यन् अपक्ष्यः अपक्ष्यतम्
अपक्ष्यत अपक्ष्यम् अपक्ष्याव
अपक्ष्याम डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पचते पचेते
पचन्ते पचसे पचेथे
पचध्वे पचे पचावहे
पचामहे डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, लोट)
पचेताम्
पचन्ताम् पचस्व पचेथाम्
पचध्वम् पचै पचावहै
पचामहै डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अपचत
अपचेताम अपचथाः अपचेथाम
अपचध्वम अपचे अपचावहि
अपचामहि डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पचेत पचेयाताम्
पचेरन् पचेथाः पचेयाथाम् पचेध्वम पचेय पचेवहि
पचेमहि
पचताम्
अपचन्त
For Private and Personal Use Only
Page #300
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
पेचे
पेचिषे
पेचे
डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने,
पेचाते
पेचाथे
पेचिवहे
डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
पक्तारौ
पक्तासाथे
पक्तास्वहे
पक्ता पक्तासे
पकाहे
पक्ष्य
पक्ष्य
पक्ष्ये
पक्षीष्ट
पक्षीष्ठाः
पक्षीय
www.kobatirth.org
डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
पक्ष्येते
पक्ष्येथे
पक्ष्यावहे
डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
पक्षीयास्ताम् पक्षीयास्थाम् पक्षी हि
डुपचष् (पार्क, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपक्त
अपक्थाः
अपक्षि
-
अपक्ष्यत
अपक्ष्यथाः
अपक्ष्ये
बिभर्ति
बिभर्षि
बिभर्मि
लिट्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
पेचिरे
पेचिध्वे
पेचिमहे
अपक्षाताम्
अपक्षाथाम्
अपवह
डुपचष् (पाके, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपक्ष्येताम् अपक्ष्येथाम्
अपक्ष्यावह
डुभृञ् (धारणपोषणयो:, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्)
बिभतः
बिभ्रति
बिभृथः
बिभथ
बिभवः
बिभृमः
पक्तारः
पक्ताध्वे
पक्तास्महे
पक्ष्यन्ते
पक्ष्यध्वे
पक्ष्यामहे
पक्षीरन्
पक्षीध्वम
पक्षीमहि
अपक्षत
अपग्ध्वम्
अपक्ष्महि
अपक्ष्यन्त
अपक्ष्यध्वम्
अपक्ष्यामहि
२८९
Page #301
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बिभृयुः
२९० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु- रूपावली डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लोट)
बिभर्तु बिभृताम् बिभ्रतु बिहि बिभृतम्
बिभृत बिभराणि बिभराव
बिभराम डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्) अबिभः
अबिभृताम् अबिभरः अबिभः अबिभतम
अबिभृत अबिभरम् ___ अबिभूव अबिभृग डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
बिभ्यात् बिभ्याताम् बिभयाः बिभ्यातम् बिभ्यात बिभ्याम्
बिभृयाव बिभ्याम डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लिट्) बभार बभ्रतुः
बभ्रुः बभर्थ बभ्रथुः
बभ्र बभार बभूव
बभम डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुट्) भर्ता भर्तारौ
भर्तारः भासि
भर्तास्थः भर्तास्थ भास्मि भर्तास्वः भास्मः डुन (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) भरिष्यति
भरिष्यतः भरिष्यन्ति भरिष्यसि भरिष्यथ:
भरिष्यथ भरिष्यामि भरिष्यावः भरिष्यामः डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
भ्रियात् भ्रियास्ताम् भ्रियासुः भियाः भ्रियास्तम्
भ्रियास्त भ्रियासम् भ्रियास्व
भ्रियास्म
For Private and Personal Use Only
Page #302
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभार्षीत अभाष्र्टाम अभार्ष: अभार्षी: अभाटम्
अभाट अभार्षम् अभा
अभाह्म डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभरिष्यत् अभरिष्यताम अभरिष्यन अभरिष्यः अभरिष्यतम् अभरिष्यत
अभरिष्यम् अभरिष्याव अभरिष्याम डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्) बिभते बिभ्राते
बिभ्रते बिभषे बिभ्राथे
बिभध्वे बिभ्रे
बिभृवहे बिभृमहे डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लोट्) बिभृताम् बिभ्राताम्
बिभ्रताम् बिभष्व बिभ्राथाम
बिभध्वम् बिभरै
बिभरावहै बिभरामहै डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लङ्)
अबिभत अबिभ्राताम् अबिभ्रत अबिभथाः अबिभ्राथाम् अबिभृध्वम् अबिभ्रि
अबिभवहि अबिभृमहि डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) बिभ्रीत बिभ्रीयाताम
बिभ्रीरन् बिभ्रीथाः बिभ्रीयाथाम्
बिभ्रीध्वम् बिभ्रीय बिभ्रीवहि
बिभ्रीमहि डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लिट) बभ्रे बभ्राते
बभिरे बभिषे
बभ्राथे बभृध्वे बभ्रे
बभृवहे बममहे
For Private and Personal Use Only
Page #303
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९२
भर्ताह
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुभञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुट्) भर्ता भर्तारौ
भर्तारः भर्तासे
भर्तासाथे भाध्ये भास्वहे
भर्तास्महे डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्) भरिष्यते भरिष्येते
भरिष्यन्ते भरिष्यसे भरिष्येथे भरिष्यध्वे भरिष्ये
भरिष्यावहे भरिष्यामहे डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) भषीष्ट
भूषीयास्तान भृषीरन् भृषीष्ठाः
भषीयास्थाम भृषीध्वम भूषीय भृषीवहि भृषीमहि डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अभृत
अभृषाताम् अभृषत अभथाः
अभृषाथाम् अभृढवम् अभृषि
अभृष्वहि अभृष्महि डुभृञ् (धारणपोषणयोः, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभरिष्यत अभरिष्येताम् अभरिष्यन्त अभरिष्यथाः अभरिष्येथाम अभरिष्यध्वम
अभरिष्ये अभरिष्यावहि अभरिष्यामहि डुलभष (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) लभते लभेते
लभन्ते लभसे लभेथे
लभध्वे लभे लभावहे
लभामहे डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) लभताम् लभेताम्
लभन्ताम लभस्व लभेथाम्
लभध्वम लभै लभावहै
लभामहे
For Private and Personal Use Only
Page #304
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९३
अलभे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अलभत अलभेताम् अलभन्त अलभथाः
अलभेथाम अलभध्वम्
अलभावहि अलभामहि डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) लभेत लभेयाताम्
लभेरन् लभेथाः
लभेयाथाम लभेध्वम् लभेय
लभेवहि लभेमहि डुलभष् (पाप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) लेभे लेभाते
लेभिरे लेभिषे लेभाथे
लेभिध्वे लेभे लेभिवहे
लेभिमहे डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) लब्धा लब्धारौ
लब्धारः लब्धासे
लब्धासाथे लब्धाध्वे लब्धाहे
लब्धास्वहे लब्धास्महे डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) लप्स्यते लप्स्ये ते
लप्स्यन्ते लप्स्यसे लप्स्येथे
लप्स्यध्वे लप्स्ये
लप्स्यावहे लप्स्यामहे डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लप्सीष्ट लप्सीयास्ताम् लप्सीरन् लप्सीष्ठाः लप्सीयास्थाम लप्सीध्वम्
लप्सीय लप्सीवहि लप्सीमहि डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अलब्ध
अलप्साताम अलप्सत अलब्धाः
अलप्साथाम् अलब्ध्वम् अलप्सि
अलप्स्वहि अलप्स्महि
For Private and Personal Use Only
Page #305
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वपति
वपन्त
२९४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुलभष् (प्राप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलप्स्यत अलप्स्येताम अलप्स्यन्त अलप्स्यथाः अलप्स्येथाम अलप्स्यध्वम्
अलप्स्ये अलप्स्यावहि अलप्स्यामहि डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लट)
वपतः
वपन्ति वपसि वपथः
वपथ वपामि वपावः
वपामः डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) वपतु
वपताम् वप वपतम्
वपत वपानि वपाव
वपाम डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अवपत्
अवपताम् अवपतम्
अवपत अवपम् अवपाव
अवपाम डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वपेत वपेताम्
वपेयुः वपेः
वपेत वपेयम् वपेव
वपेम डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) उवाप ऊपतुः
ऊपुः उवपिथ
ऊप ऊपिव
ऊपिम डुवप (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) वप्ता वप्तारौ
वप्तारः वप्तासि वप्तास्थः
वप्तास्थ वप्तास्मि
वप्तास्वः
अवपतन्
अवपः
वपेतम्
ऊपथुः
उवाप
वप्तास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #306
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९५
उप्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डुवप (बी जसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वप्स्यति वप्स्यतः
वस्यन्ति वप्स्यसि वप्स्यथः
वप्स्यथ वप्स्यामि वप्स्यावः
वप्स्यामः डवप (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ उप्यात
उप्यास्ताम उप्याः उप्यास्तम
उप्यास्त राज्यासम उप्यास्व
उप्यास्म डुवा (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अवाप्सीत अवाप्ताम
अवाप्सुः अवाप्सीः अवाप्तम
अवाप्त अवाप्सम् अवाप्स्व
अवाप्स्म ड्वप (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ) अवप्स्यत्
अवप्स्यताम अवप्स्य न अवप्स्यः अवप्स्यतम्
अवप्स्य त अवप्स्यम् अवप्स्याव
अवप्स्याम डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वपेते वपसे वपेथे
वपध्वे वपे वपावहे
वपामहे डुवप (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) वपताम् वपेताम्
वपन्ताम् वपस्व वपेथाम
वपध्वम वपै वपावहै
वपामहै डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अवपत
अवपेताम् अवपन्त अवपथाः अवपेथाम
अवपध्वम् अवपे
अवपावहि अवपामहि
वपते
वपन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #307
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
aa
वपेथाः
पेय
२९६
डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वपेयाताम्
वपेयाथाम् ववहि
ऊपे
ऊपिषे
ऊपे
डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ऊपाते
ऊपाथे
ऊपिवहे
www.kobatirth.org
वप्ता वप्तासे
वप्ताहे
डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
वप्तारौ
वप्तासाथे
वप्तास्व
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अवप्त
अवप्याः
अवप्सि
अवप्स्यत
अवप्स्यथाः
अवस्ये
1
अवप्साताम्
अवप्साथाम्
अवस्वहि
डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने,
अवस्येताम
अवस्थाम
अवस्यव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
डुप (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वप्स्यते
वप्स्यते
वप्स्यसे
वस्येथे
वप्स्ये
वस्याव
डुवप् ( बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
वप्सीष्ट
वप्सीयास्ताम वप्सीरन
वप्सीष्ठाः
वप्सीयास्थाम् वप्सी वहि
वसीय
डुवप् (बीजसन्ताने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
लृङ्)
For Private and Personal Use Only
वपेरन
वपेध्वम
M
ऊपिरे
ऊपिध्वे
ऊपिमहे
वप्तारः
वप्ताध्वे
वप्तास्महे
वप्स्यन्ते
वस्यध्ये
वस्यामहे
वप्सीध्वम
वसीम
अवप्सत
अवब्ध्वम
अवस्महि
अवप्स्यन्त अवप्स्यध्वम् अवस्य महि
Page #308
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२२७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लट्) डीयते डीयेते
डीयन्ते डीयसे डीयेथे
डीयध्वे डीये
डीयावहे डीयामहे डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
डीयताम डीयेताम डीयन्ताम् डीयस्व
डीयेथाम डीयध्वम् डीयै
डीयावहै डीयामहै डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अडीयत अडीयेताम् अडीयन्त अडीयथाः अडीयेथाम् अडीयध्वम् अडीये
अडीयावहि अडीयामहि डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) डीयेत
डीयेयाताम डीयेरन् डीयेथाः डीयेयाथाम् डीयेध्वम् डीयेय
डीयेवहि डीयेमहि डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लिट्) डिडये डिड्याते
डिडियरे डिडियषे
डिडयाथे डिडियध्वे डिइये डिडियवहे __डिडियमहे डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लुट्) डयिता डयितारी
डयितारः डयितासे
डयितासाथे डयिताध्वे डयिताहे डयितास्वहे डयितास्महे डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लट्) । डयिष्यते
डयिष्येते डयिष्यन्ते डयिष्यसे डयिष्येथे
डयिष्यध्वे डयिष्ये
डयिष्यावहे डयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #309
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२९८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, आशीलिङ्) डयिषीष्ट
इयिषीयास्ताम इयिषीरन डयिषीष्ठाः
डयिषीयास्थामडयिषीध्वम इयिषीय डयिषीवहि - डयिषीमहि डीङ् (विहायसा गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अडयिष्ट अडयिषाताम् अडयिषत अडयिष्ठाः अडयिषाथाम अडयिध्वम् अडयिषि
अडयिष्वहि अडयिष्यहि डीङ् (विहायसा गनौ, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अडयिष्यत अडयिष्येताम् अडयिष्यन्त अडयिष्यथाः अडयिष्येथाम अडयिष्यध्वम्
अडयिष्ये अडयिष्यावहि अडयिष्यामहि णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
नुदतः नदथः
नुदथ नुदामि
नुदावः णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) नुदतु नुदताम्
नुदन्तु नुद नुदतम्
नुदत नुदानि
नुदाव णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अनुदत्
अनुदताम् अनुदन अनुदः अनुदतम्
अनुदत अनुदम् अनुदाव
अनुदाम णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
नुदेताम् नुदेयुः नुदेः नुदेतम्
नुदेत नुदेयम्
नुदेम
नुदति
नुदन्ति
नुदसि
नुदामः
नुदाम
नुदेत्
नुदेव
For Private and Personal Use Only
Page #310
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लिट) नुनोद नुनुदतुः
नुनुदुः नुनोदिथ
नुनुदथुः नुनुद नुनोद नुनुदिव
नुनुदिम णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) नोत्ता नोत्तारौ
नोत्तारः नोत्तासि नोत्तास्थः
नोत्तास्थ नोत्तास्मि नोत्तास्वः नोत्तास्मः णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
नोत्स्यति नोत्स्यतः नोत्स्यन्ति नोत्स्यसि
नोत्स्यथः नोत्स्यथ नोत्स्यामि नोत्स्यावः नोत्स्यामः णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
नुद्यास्ताम् नुद्यासुः नुद्यास्तम्
नुद्यास्त नुद्यासम् नुद्यास्व
नुद्यास्म णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अनौत्सीत् अनौत्ताम
अनौत्सुः अनौत्सी: अनौत्तम्
अनौत्त अनौत्सम् अनौत्स्व
अनौत्स्म णुद (प्ररणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अनौत्स्यत् अनौत्स्यताम
अनौत्स्यन् अनौत्स्यः अनौत्स्यतम् अनौत्स्यत
अनौत्स्यम् अनौत्स्याव अनौत्स्याम गुद (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्)
नुदेन्ते
नुद्यात नुद्याः
नुदते
मुद्दे
नुदेते नुदेथे
नुदावहे
नुदध्वे नुदामहे
For Private and Personal Use Only
Page #311
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३००
द (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्)
नुदेताम्
नुदेथाम्
द
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
नुदताम्
नुदस्व नुदै
द (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
नोत्ता
नोत्ता
नोत्ता
अनुदत
अनुदथाः अनुदे
द (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अनुदेताम् अनुदेथाम् अनुदावह
नुदेत नुदेथाः
नुदेय
णुद (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लिट्)
नुनुदे
नुनुदिषे
नुनुदे
गुद (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लुट् )
नुदेयाताम् नुदेयाथाम् नुदेवहि
नुनुदाते
नुनुदा नुनुदिव
नोत्तारौ
नोत्तासाथे
नोत्तास्वहे
द (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्)
नोत्स्यते
नोत्स्यसे नोत्स्ये
द (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
नुत्सीट
दासीद
नोत्स्येते
नोत्स् नोत्स्यावढे
नृत्सीयारनाम
सीवास्याम्
TRitz
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
नुदन्ताम्
नुदध्वम्
दाम है
अनुदन्त
अनुदध्वम्
अनुदाि
नदेरन
नुदेध्वम्
नुदेमहि
नुनुदिरे
नुनुदिध्वे
नुनुदिमहे
नोत्तारः
नोत्ताध्वे
नोत्तास्महे
नोत्स्यन्ते
नोत्स्यध्वे
नोत्स्यामहे
नसीरन
नी
दोसीम
Page #312
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
गुद (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अनुत
अनुत्थाः अनुत्सि
द (प्ररणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
www.kobatirth.org
अनमत्
अनमः
अनोत्स्यत
अनोत्स्यथाः अनोत्स्ये
म (प्रत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै,
नमति
नमसि
नमामि
म (प्रहृत्वे शब्दे च भ्वादिगण, परस्मै, लोट)
नमेत
नमः
नमेयम
अनुत्साताम्
अनुत्साथाम् अनुत्स्वहि
नमतु
नमताम्
नम
नमतम्
नमानि
नमाव
म (प्रहृत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै,
ननाम
नेमिथ
ननाम
--
अनोत्स्येताम्
अनोत्स्येथाम
अनोत्स्यावहि
नमतः
नमथः
नमावः
अनमताम्
अनमतम्
अनमाव
नमेताम्
नमेतम
नमेव
लट्)
लङ्)
म (प्रहृत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
नेमतुः
नेमथुः
नेमिव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अनुत्सत अनुद्ध्वम्
अनुत्स्महि
अनमम्
म (प्रत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अनोत्स्यन्त
अनोत्स्यध्वम्
अनोत्स्यामहि
For Private and Personal Use Only
नमन्ति
नमथ
नमामः
नमन्तु
नमत
नमाम
अनमन्
अनमत
अनमाम
नमेयुः
नमेत
नमेम
नेमः
नेम नेमिम
३०१
Page #313
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नन्तारः
नम्यासुः
३०२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णम (प्रह्वत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) नन्ता
नन्तारौ नन्तासि नन्तास्थः
नन्तास्थ नन्तास्मि नन्तास्वः
नन्तास्मः णम (प्रह्वत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
नंस्यति नंस्यतः नंस्यन्ति नंस्यसि नंस्यथः
नंस्यथ नस्यामि नंस्यावः
नस्यामः णम (प्रह्रत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ) नम्यात्
नम्यास्ताम् नम्याः नम्यास्तम्
नम्यास्त नम्यासम् नम्यास्व
नम्यास्म णम (प्रह्वत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनंसीत् अनंसिष्टाम् अनंसिषुः अनंसी:
अनंसिष्टम् अनंसिष्ट असिषम् अनंसिष्व
अनंसिष्म णम (प्रहत्वे शब्दे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अनंस्यत अनंस्यताम
अनंस्यन अनंस्यः अनंस्यतम
अनंस्थत अनंस्यम् अनंस्याव
अनस्याम णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लट्) नश्यति नश्यतः
नश्यन्ति नश्यसि नश्यथः
नश्यथ नश्यामि नश्यावः
नश्यामः णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लोट्)
नश्यताम्
नश्यन्तु नश्य नश्यतम्
नश्यत नश्यानि नश्याव
नश्याम
नश्यतु
For Private and Personal Use Only
Page #314
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३०३
नश्येयुः
नश्येम
ननाश
नेशिथ
नेश
नेशिव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अनश्यत
अनश्यताम् अनश्यन् अनश्यः
अनश्यतम अनश्यत अनश्यम अनश्याव
अनश्याम णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) नश्येत
नश्येताम् नश्ये: नश्येतम
नश्येत नश्येयम्
नश्येव णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लिट्)
नेशतुः
नेशः नेशथुः ननाश
नेशिम णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लुट) नशिता
नशितारौ नशितारः नशितासि नशितास्थः नशितास्थ
नशितास्मि नशितास्वः नशितास्मः णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लट्) नशिष्यति नशिष्यतः
नशिष्यन्ति नशिष्यसि नशिष्यथः नशिष्यथ नशिष्यामि नशिष्यावः
नशिष्यामः णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) नश्यात् नश्यास्ताम
नश्यासः नश्याः नश्यास्तम्
नश्यास्त नश्यासम् नश्यास्व
नश्यास्म णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अनशत् अनशताम्
अनशन अनशः अनशतम्
अनशत अनशम् अनशाव
अनशाम
For Private and Personal Use Only
Page #315
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नासते
३०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णश (अदर्शने, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनशिष्यत् अनशिष्यताम् अनशिष्यन् अनशिष्यः अनशिष्यतम अनशिष्यत
अनशिष्यम् अनशिष्याव अनशिष्याम णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
नासेते
नासन्ते नाससे नासेथे
नासध्वे नासे नासावहे
नासामहे णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) नासताम् नासेताम्
नासन्ताम् नासस्व
नासेथाम नासध्वम् नासै
नासावहै नासामहै णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अनासत
अनासेताम् अनासन्त अनासथाः अनासेथाम
अनासध्वम अनासे
अनासावहि अनासामहि णासृ (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
नासेयाताम्
नासेरन् नासेथाः नासेयाथाम नासेध्वम् नासेय
नासेवहि नासेमहि णासृ (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) ननासे ननासाते
ननासिरे ननासिषे ननासाथे ननासिध्वे ननासे
ननासिवहे ननासिमहे णासृ (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
नासिता नासितारौ नासितारः नासितासे
नासितासाथे नासिताध्वे भासिताहे
नासितास्वहे नासितास्महे
नासेत
For Private and Personal Use Only
Page #316
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३०५
नासिष्ये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) नासिष्यते
नासिष्येते नासिष्यन्ते नासिष्यसे नासिष्येथे नासिष्यध्वे
नासिष्यावहे नासिष्यामहे णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
नासिषीष्ट नासिषीयास्ताम नासिषीरन् नासिषीष्ठाः नासिषीयास्थाम नासिषीध्वम्
नासिषीय नासिषीवहि नासिषीमहि णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अनासिष्ट अनासिषाताम् अनासिषत अनासिष्ठाः अनासिषाथाम् अनासिढ्वम्
अनासिषि अनासिष्वहि अनासिष्महि णास (शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अनासिष्यत अनासिष्येताम् अनासिष्यन्त अनासिष्यथाः अनासिष्येथाम अनासिष्यध्वम
अनासिष्ये अनासिष्यावहि अनासिष्यामहि णिदि (कुत्सायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) निन्दति निन्दतः
निन्दन्ति निन्दसि निन्दथः
निन्दथ निन्दामि निन्दावः
निन्दामः णिदि (कुत्सायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
निन्दताम् निन्द निन्दतम्
निन्दत निन्दानि निन्दाव
निन्दाम णिदि (कुत्सायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अनिन्दत
अनिन्दताम् अनिन्थन् अनिन्दतम
अनिन्दत अनिन्दाव
अनि
निन्दत
निन्दन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #317
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
निन्देयुः
निनिन्दुः
३०६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णिदि (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) निन्देत्
निन्देताम् निन्देः निन्दतम्
निन्देत निन्देयम् निन्देव निन्देम णिदि (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) निनिन्द
निनिन्दतुः निनिन्दिथ निनिन्दधुः
निनिन्द निनिन्द निनिन्दिव निनिन्दिम णिदि (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) निन्दिता निन्दितारौ
निन्दितारः निन्दितासि निन्दितास्थः निन्दितास्थ
निन्दितास्मि निन्दितास्वः निन्दितास्मः णिदि (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट)
निन्दिष्यति निन्दिष्यतः निन्दिष्यन्ति निन्दिष्यसि निन्दिष्यथः
निन्दिष्यथ निन्दिष्यामि निन्दिष्यावः निन्दिष्यामः णिदि (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
निन्द्यात् निन्द्यास्ताम् निन्द्यासुः निन्द्याः निन्द्यास्तम्
निन्द्यास्त निन्द्यासम् निन्द्यास्व
निन्द्यास्म णिदि (कुत्सायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनिन्दीत् अनिन्दिष्टाम् अनिन्दिषुः अनिन्दी: अनिन्दिष्टम्
अनिन्दिष्ट अनिन्दिषम् __ अनिन्दिष्व अनिन्दिष्म णिदि (कुत्सायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अनिन्दिष्यत् अनिन्दिष्यताम् अनिन्दिष्यन अनिन्दिष्यः अनिन्दिष्यतम् अनर्दिष्यत अनिन्दिष्यम् अनिन्दिष्याव अनिन्दिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #318
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३०७
नयथ
नयतम
अनयाम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नयति नयतः
नयन्ति नयसि
नयथः नयामि नयावः
नयामः णी (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) नयतु नयताम्
नयन्तु नय
नयत नयानि नयाव
नयाम णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अनयत् अनयताम्
अनयन अनयः अनयतम
अनयत अनयम्
अनयाव णीज (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) नयेत
नयेताम् नयेयुः नये: नयेतम
नयेत
नयेव णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) निनाय
निन्यतुः निन्युः निनयिथ निन्यथुः
निन्य निनाय निन्यिव
निन्यिम णी (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) नेता नेतारौ
नेतारः नेतासि नेतास्थः
नेतास्थ नेतास्मि नेतास्वः
नेतास्मः णी (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नेष्यति नेष्यतः
नेष्यन्ति नेष्यसि
नेष्यथ: नेष्यामि नेष्यावः
नेष्यामः
नयेयम्
नयेम
नेष्यथ
For Private and Personal Use Only
Page #319
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अनैषीत्
अनैषीः
अनैषम
३०८
णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
नीयात
नीयाः
नीयासम्
णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
नयताम्
नयस्व
नयै
अनयत
अनयथाः अनये
www.kobatirth.org
णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनेष्यत्
अनेष्यः
अनेष्यम्
णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
नयेते
नयेथे
नयाव
नयेत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु रूपावली
नयते
नयसे
नये
णीञ् ( प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
नयेताम्
नयेथाम
नया है
णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अनयेताम
अनथाम
अनयावहि
येथाः
नीयास्ताम्
नीयास्तम् नीयास्व
नयेय
अनैष्टाम्
अनैष्टम्
अनैष्व
णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
नयेताम
नयेयाथाम्
नयेवहि
अनेष्यताम्
अनेष्यतम् अनेष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
नीयासुः नीयास्त
नीयास्म
अनैषुः
अनैष्ट
अनैष्म
अनेष्यन
अनेष्यत
अनेष्याम
नयन्ते
नयध्वे
नयामहे
नयन्ताम्
नयध्वम्
नया है
अनयन्त
अनयध्वम् अनयामहि
नयेरन्
नयेध्वम
नयेमहि
Page #320
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३०९
नेष्यते
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) निन्ये निन्याते
निन्यिरे निन्यिषे
निन्याथे निन्यिध्वे निन्ये निन्यिवहे
निन्यिमहे णी (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) नेता नेतारौ
नेतारः नेतासे नेतासाथे
नेताध्वे नेताहे
नेतास्वहे नेतास्महे णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
नेष्येते
नेष्यन्ते नेष्यसे नेष्येथे
नेष्यध्वे नेष्ये
नेष्यावहे नेष्यामहे णी (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) नेषीष्ट नेषीयास्ताम्
नेषीरन नेषीष्ठाः
नेषीयास्थाम नेषीय नेषीवहि
नेषीमहि णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अनेष्ट
अनेषाताम् अनेषत अनेष्ठाः
अनेषाथाम् अनेध्वम् अनेषि अनेष्वहि
अनेष्महि णीञ् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अनेष्यत
अनेष्येताम् अनेष्यन्त अनेष्यथाः अनेष्येथाम अनेष्यध्वम अनेष्ये
अनेष्यावहि अनेष्यामहि तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट)
नेषीढ्वम्
तरति
तरन्ति
तरसि तरामि
तरतः तरथः तरावः
तरथ तरामः
For Private and Personal Use Only
Page #321
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अतरताम्
अतराव
तरेयः
तरेत
तरेयम्
३१० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) तरतु तरताम
तरन्तु तर तरतम्
तरत तराणि तराव
तराम तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अतरत
अतरन अतरः अतरतम
अतरत अतरम्
अतराम त (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) तरेत
तरेताम तरेः
तरेतम् तरेव
तरेम तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ततार तेरिथ ततार
तेरिम तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) तरिता तरितारौ
तरितारः तरितासि तरितास्थः
तरितास्थ तरितास्मि तरितास्वः तरितास्मः तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) तरिष्यति तरिष्यतः
तरिष्यन्ति तरिष्यसि तरिष्यथ:
तरिष्यथ तरिष्यामि तरिष्याव:
तरिष्यामः तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
तीर्यात तीर्यास्ताम तीर्यासुः तीर्याः
तीर्यास्तम् तीर्यासम्
तीर्यास्व तीर्यास्म
तेरुः
तेरतुः तेरथुः तेरिव
तीर्यास्त
For Private and Personal Use Only
Page #322
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३११
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तृ (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ) अतारीत
अतारिष्टाम् अतारिषुः अतारी:
अतारिष्टम् अतारिष्ट अतारिषम् अतारिष्व
अतारिष्म त (प्लवनतरणयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अतरिष्यत् अतरिष्यताम्
अतरिष्यन् अतरिष्यः
अतरिष्यतम अतरिष्यत अतरिष्यम्
अतरिष्याव अतरिष्याम तकि (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
तङ्कति तकतः तङ्कन्ति तङ्कसि तङकथः
तङ्कथ तङ्कामि
तकावः तङ्कामः तकि (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
तङ्कतु तङ्कताम् तकन्तु तङ्क तङ्कतम्
तङ्कत तङ्कानि तङ्काव
तङ्काम तकि (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अतङ्कत् अतङ्कताम् अतङ्कन् अतङकः
अतङ्कतम् अतङ्कत अतङ्कम् अतड़काव अतङ्काम तकि (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) तङ्केत्
तङ्केताम् तकेयुः तङ्कः तकेतम्
तळेत तकेयम् तङ्केव तकेम तकि (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ततक ततकतुः ततकुः ततङ्किथ ततङ्कथुः
ततक ततक
ततडिकव ततङ्किम
For Private and Personal Use Only
Page #323
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३१२
तक (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
तङ्कितारौ
तङ्कितास्थः तङ्कितास्वः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
तङिकता
तकतासि कितास्मि
तकि (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
किष्यति
किष्यसि तङ्किष्यामि
तक (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
तङ्क्यात्
तङ्क्याः
तङ्क्यासम्
तक (कृच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतविकष्टाम
अतक्कष्टम्
अतङ्क्किष्व
अतङ्क्किष्यत्
अतङिक्कष्यः अतङ्क्किष्यम्
तङ्किष्यतः
तङ्किष्यथः
तङ्किष्यावः
ताडयतु
ताडय
ताडयनि
तङ्क्यास्ताम्
तङ्क्यास्तम्
तक्यास्व
अतङ्कत् अतङक्की:
अक्षम्
तकि ( कुच्छ्रजीवने, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अतङ्क्किष्यताम्
अतङिक्कष्यतम्
अतक्ष्याव
तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
ताडयति
ताडयसि
ताडयाम
तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
ताडयतः
ताडयथः
ताडयावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ताडयताम्
ताडयतम्
ताडयाव
For Private and Personal Use Only
-
तड़िकतार: तङिकतास्थ तङ्कितास्मः
तङ्किष्यन्ति
तडिकष्यथ
तङ्किष्यामः
तङ्क्यासुः
तङ्क्यास्त
तक्यास्म
अतङ्क्किषः अतक्किष्ट
अतङ्क्ष्म
अतङ्क्किष्यन्
अतविकष्यत
अतङ्क्किष्याम
ताडयन्ति
ताडयथ
ताडयामः
ताडयन्तु
ताडयत
ताडयाम
Page #324
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३१३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अताडयत् अताडयताम् अताडयन अताडयः अताडयतम
अताडयत अताडयम्
अताडयाव अताडयाम तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ताडयेत
ताडयेताम ताडयेयुः ताडयेः
ताडयेतम् ताडयेत ताडयेयम् ताडयेव
ताडयेम तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
ताडयाञ्चकार ताडयाञ्चक्रतुः ताडयाञ्चक्रुः ताडयाञ्चकर्थ ताडयाञ्चक्रथुः ताडयाञ्चक्र
ताडयाञ्चकार ताडयाञ्चकृव ताडयाञ्चकम तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
ताडयिता ताडयितारौ ताडयितारः ताडयितासि ताडयितास्थः ताडयितास्थ
ताडयितास्मि ताडयितास्वः ताडयितास्मः तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
ताडयिष्यति ताडयिष्यतः ताडयिष्यन्ति ताडयिष्यसि ताडयिष्यथः ताडयिष्यथ
ताडयिष्यामि ताडयिष्यावः ताडयिष्यामः तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ताडयात
ताड्यास्ताम ताड्यासुः ताड़याः
ताड़यास्तम ताड्यास्त ताड्यासम् ताड्यास्त
ताड्यास्म तड (आघाते. चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतीतडत अतीतडताम अतीतडन् अतीतडः अतीतडतम् अनीतडत अतीतडम्
अनीतडाव अतीतडाम
For Private and Personal Use Only
Page #325
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३१४
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
अताडयिष्यन अताडयिष्यत अताडयिष्याम
ताडयन्ते ताडयध्वे ताडयामहे
ताडयन्ताम ताडयध्वम ताडयामहै
तड (आघाते, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अताडयिष्यत् अताडयिष्यताम् अताडयिष्यः अताडयिष्यतम्
अताडयिष्यम् अताडयिष्याव तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
ताडयते ताडयेते ताडयसे ताडयेथे ताडये
ताडयावहे तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
ताडयताम् ताडयेताम् ताडयस्व
ताडयेथस्व ताडयै
ताडयावहै तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अताडयत अताडयेताम् अताडयथाः अताडयेथाम्
अताडये अताडयावहि तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) ताडयेत
ताडयेयाताम् ताडयेथाः ताडयेयाथाम ताडयेय
ताडयेवहि तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
ताडयाञ्चके ताडयाञ्चक्राते ताडयाञ्चकृषे ताडयाञ्चकाथे
ताडयाञ्चक्रे ताडयाञ्चकृवहे तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) ताडयिता
ताडयितारौ ताडयितासे ताडयितासाथे ताडयिताहे ताडयितास्वहे
अताडयन्त अताडयध्वम् अताडयामहि
ताडयेरन् ताडयेध्वम् ताडयेमहि
ताडयाञ्चक्रिरे ताडयाञ्चकढवे ताडयाञ्चकृमहे
ताडयितारः ताडयिताध्वे ताडयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #326
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३१५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
ताडयिष्यते ताडयिष्येते ताडयिष्यन्ते ताडयिष्यसे ताडयिष्येथे ताडयिष्यध्वे
ताडयिष्ये ताडयिष्यावहे ताडयिष्यामहे तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ताइयिषीष्ट ताडयिषीयास्ताम् ताडयिषीरन ताडयिषीष्ठाः ताडयिषीयास्थाम् ताडयिषीध्वम्
ताडयिषीय ताडयिषीवहि ताडयिषीमहि तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतीतडत अतीतडेताम् अतीतडन्त अतीतडथाः अतीतडेथाम अतीतडध्वम्
अतीतडे अतीतडावहि अतीतडामहि तड (आघाते, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अताडयिष्यत अताडयिष्येताम् अताडयिष्यन्त अताडयिष्यथाः अताडयिष्येथाम अताडयिष्यध्वम
अताडयिष्ये अताडयिष्यावहि अताडयिष्यामहि तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) तण्डते तण्डेते
तण्डन्ते तण्डसे तण्डेथे
तण्डध्वे तण्डावहे
तण्डामहे तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) तण्डताम तण्डेताम्
तण्डन्ताम् तण्डस्व तण्डेथाम
तण्डध्वम् तण्डै तण्डावहै
तण्डामहै तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अतण्डेताम् अतण्डन्त अतण्डथाः अतण्डेथाम् अतण्डध्वम अतण्डे
अतण्डावहि अतण्डामहि
तण्डे
अतण्डत
For Private and Personal Use Only
Page #327
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ततण्डे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) तण्डेत
तण्डेयाताम् तण्डेरन् तण्डेथाः
तण्डेयाथाम तण्डेध्वम् तण्डेय
तण्डेवहि तण्डे महि तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ततण्डाते ततण्डिरे ततण्डिषे
ततण्डाथे ततण्डिध्वे ततण्डे
ततण्डिवहे ततण्डिमहे तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) तण्डिता तण्डितारौ
तण्डितारः तण्डितासे तण्डितासाथे तण्डिताध्वे तण्डिताहे तण्डितास्वहे
तण्डितास्महे तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
तण्डिष्यते तण्डिष्येते तण्डिष्यन्ते तण्डिष्यसे तण्डिष्येथे तण्डिष्यध्वे तण्डिष्ये
तण्डिष्यावहे तण्डिष्यामहे तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तण्डिषीष्ट तण्डिषीयास्ताम् । तण्डिषीरन् तण्डिषीष्ठाः तण्डिषीयास्थाम तण्डिषीध्वम
तण्डिषीय तण्डिषीवहि तण्डिषीमहि तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतण्डिष्ट अतण्डिषाताम् अतण्डिषत अतण्डिष्ठाः अतण्डिषाथाम् अतण्डिध्वम
अतण्डिषि अतण्डिष्वहि अतण्डिष्महि तडि (ताडने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतण्डिष्यत अतण्डिष्येताम् अतण्डिष्यन्त अतण्डिष्यथाः अतण्डिष्येथाम् अतण्डिष्यध्वम अतण्डिष्ये
अतण्डिष्यावहि अतण्डिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #328
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लट्)
तृणोति
तृणोषि तृणोमि
तृणुयात्
तृणुयाः
तृणुयाम्
तृणुतः
तृणुथः
तृणुवः
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लोट्)
तृणोतु
तृणु तृणवानि
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लङ्)
अतृणोत् अतृणोः
अतृणवम्
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
तृणुताम्
तृणुतम्
तृणवाव
अत्णुताम्
अतृणुतम्
अतृणुव
तृणुयाताम्
तृणुयातम्
तृणुयाव
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लिट्)
ततर्ण
ततर्णिथ
ततर्ण
ततृणतुः
ततृणथुः
ततृणिव
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लुट् )
तर्णिता
तर्णितासि
तर्णितास्मि
तर्णितारौ
तर्णितास्थः
तर्णितास्वः
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लट्)
तर्णिष्यति
तर्णिष्यसि
तर्णिष्यामि
तर्णिष्यतः
तर्णिष्यथः
तर्णिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
तृण्वन्ति
तृणुथ
तृणुमः
तृण्वन्तु
तृणुत
तृणवाम
अतृण्वन्
अतृणुत
अतृणुम
तृणुयुः
तृणुयात
तृणुयाम
ततृणुः
ततृण
ततृणिम
तर्णितार:
तर्णितास्थ
तर्णितास्मः
तर्णिष्यन्ति
तर्णिष्यथ
तर्णिष्यामः
३१७
Page #329
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३१८
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
तृण्यात्
तृण्याः
तृण्यासम्
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतर्णीत् अतर्णीः अतर्णिषम्
अतर्णिष्यत अतर्णिष्यः
अतर्णिष्यम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
तृण्यास्ताम्
तृण्यास्तम्
तृण्यास्व
तृणु (अदने, तनादिगण, परस्मै, लृङ् )
अतर्णिष्यताम् अतर्णिष्यतम
अतर्णिष्याव
,
अतर्णिष्टाम
अतर्णिष्टम्
अतर्णिष्व
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, लट्)
तृणुते तृणुषे तृण्वे
तृण्वाते तृण्वाथे
तृणुवहे
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, लोट्)
तृणुताम्
तृणुष्व
तृणवै
तृणु (अदने तनादिगण, आत्मने, लङ्)
तृण्वाताम्
तृण्वाथस्व
तृणवावहै
अतृण्वाताम्
अतृण्वाथाम् अतृणुवहि
अतृणुत
अतृणुथाः अतृण्वि
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
तृण्वीत
तृण्वीथाः तृण्वीय
तृण्वीयाताम् तृण्वीयाथाम
तृण्वीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
तृण्यासुः
तृण्यास्त
तृण्यास्म
अतर्णिषः
अतर्णिष्ट
अतर्णिष्म
अतर्णिष्यन
अतर्णिष्यत
अतर्णिष्याम
तृण्वते
तृणुध्वे
तृणुमहे
तृण्वताम्
तृणुध्वम्
तृणवामहै
अतृण्वत अतृणुध्वम्
अ
तृण्वीरन् तृण्वध्वम्
M
Page #330
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, लिट्)
ततृणे ततृणिषे ततृणे
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, लुट् )
तर्णिता
तर्णितासे
तर्णिताहे
,
ततृणा
ततॄणाथे
ततृणवहे
तर्णितारी
वर्णितासाथे
वर्णितास्वहे
तृणु (अदने, तनादिगण आत्मने ऌट्)
तर्णिष्यते
तर्णिष्यसे
तर्णिष्ये
तर्णिष्येते
तर्णिष्येथे
तर्णिष्यावहे
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तर्णिषीष्ट
तर्णिषीष्ठाः
तर्णिषीय
तर्णिषीयास्ताम
तर्णिषीयास्थाम् तर्णिषीवहि
तृणु (अदने, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतर्णिष्ट
अतर्णिष्ठाः
अतर्णिषि
अतर्णिषाताम्
अतर्णिषाथाम् अतर्णिष्वहि
तृणु (अदने तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतर्णिष्यत
अतर्णिष्येताम्
अतर्णिष्येथाम्
अतर्णिष्यथाः अतर्णिष्ये
अतर्णिष्यावहि
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
तुदति
तुदसि तुदामि
तुदतः
तुदथः
तुदावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ततृणिरे ततृणध्वे
तृणम
For Private and Personal Use Only
तर्णितारः
तर्णिताध्वे
तर्णितास्महे
तर्णिष्यन्ते
तर्णिष्यध्वे
तर्णिष्यामहे
तर्णिषीरन तर्णिषीध्वम्
तर्णिषीमहि
अतर्णिषत अतर्णिढवम्
अतर्णिम
अतर्णिष्यन्त
अतर्णिष्यध्वम
अतर्णिष्यामहि
तुदन्ति
तुदथ
तुदामः
३१९
Page #331
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३२०
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
तुदतु
तुद तुदानि
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
तोता
तोत्स तोत्तास्मि
तुदताम्
तुदतम्
तुदाव
अतुदत्
अतुदः
अतुदम्
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अतुदताम्
अतुदतम्
अतुदाव
तुदेत्
तुदेः तुदेयम्
तुदेताम् तुम् तुदेव
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
तुद्यात्
तुद्याः
तुद्यासम्
तुतोद
तुतोदिथ तुतोद
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लुट् )
तुतुदतुः
तुतुदथुः
तुतुदिव
तोत्तारौ
तोत्तास्थः
तोत्तास्वः
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
तोत्स्यति
तोत्स्यसि तोत्स्यामि
तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
तोत्स्यतः
तोत्स्यथः
तोत्स्याव:
तुद्यास्ताम्
तुद्यास्तम्
तुद्यास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
तुदन्तु
तुदत
तुदाम
अतुदन्
अतुदत
अतुदाम
तुदेयुः
तुदेत
तुदेम
तुतुदुः
तुतुद
तुतुदिम
तोत्तारः
तोत्तास्थ
तोत्तास्मः
तोत्स्यन्ति
तोत्स्यथ
तोत्स्यामः
तुद्यासुः
तुद्यास्त
तुद्यास्म
Page #332
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३२१
तुदेते तुदेथे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतौत्सीत् अतौत्ताम् अतौत्सुः अतौत्सी: अतौत्तम
अतौत्त अतौत्सम् अतौत्स्व
अतौत्स्म तुद (व्यथने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अतोत्स्यत् अतोत्स्यताम
अतोत्स्यन् अतोत्स्यः अतोत्स्यतम् अतोत्स्यत
अतोत्स्यम् अतोत्स्याव अतोत्स्याम तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लट्) तुदते
तुदन्ते तुदसे
तुदध्वे
तुदावहे तुदामहे तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लोट) तुदताम् तुदेताम्
तुदन्ताम् तुदस्व तुदेथाम्
तुदध्वम् तुदावहै
तुदामहै तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लङ्) अतुदत
अतुदेताम् अतुदन्त अतुदथाः अतुदेथाम्
अतुदध्वम अतुदे
अतुदावहि तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) तुदेत
तुदेयाताम् तुदेरन् तुदेथाः तुदेयाथाम
तुदेध्वम तुदेय
तुदेवहि तुदेमहि तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लिट्)
तुदे
अतुदामहि
तुदे
तुतुदाते
तुतुदिरे
तुतुदिषे
तुतुदे
तुतुदाथे तुतुदिवहे
तुतुदिध्वे तुतुदिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #333
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तोत्तारौ
तुत्सीष्ट
३२२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लुट्) तोत्ता
तोत्तारः तोत्तासे
तोत्तासाथे तोत्ताध्ये तोत्ताहे तोत्तास्वहे तोत्तास्महे तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लट्)
तोत्स्यते तोत्स्येते तोत्स्यन्ते तोत्स्यसे तोत्स्येथे तोत्स्यध्वे तोत्स्ये
तोत्स्यावहे तोत्स्यामहे तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तुत्सीयास्ताम तुत्सीरन तुत्सीष्ठाः तुत्सीयास्थाम तुत्सीध्वम् तुत्सीय तुत्सीवहि
तुत्सीमहि तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्) अतुत्त
अतुत्साताम् अतुत्सत अतुत्थाः अतुत्साथाम
अतुत्ध्वम् अतुत्सि अतुत्स्वहि अतुत्स्महि तुद (व्यथने, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतोत्स्यत अतोत्स्येताम् अतोत्स्यन्त अतोत्स्यथाः अतोत्स्येथाम् अतोत्स्यध्वम्
अतोत्स्ये अतोत्स्यावहि अतोत्स्यामहि तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लट्) तनोति
तन्वन्ति तनोषि तनुथः
तनुथ तनोमि तनुवः
तनुमः तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लोट्) तनोतु
तनुताम् तनु तनुतम्
तनुत तनवनि तनवाव
तनवाम
तनुतः
तन्वन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #334
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
___३२३
३२३
तेनतुः
तेनथुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लङ्) अतनोत् अतनुताम्
अतन्वन् अतनोः
अतनुतम् अतनुत अतनवम् अतनुव
अतनुम तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) तनुयात तनुयाताम्
तनुयुः तनुयाः तनुयातम्
तनुयात तनुयाम् तनुयाव
तनुयाम तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लिट) ततान
तेनुः तेनिथ ततान तेनिव
तेनिम तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लुट्) तनिता
तनितारौ तनितारः तनतासि तनितास्थः
तनितास्थ तनितास्मि तनितास्वः तनितास्मः तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लट्) तनिष्यति तनिष्यतः
तनिष्यन्ति तनिष्यसि
तनिष्यथः तनिष्यथ तनिष्यामि तनिष्यावः
तनिष्यामः तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) तन्यात
तन्यास्ताम् तन्यासुः तन्यास्तम्
तन्यास्त तन्यासम्
तन्यास्म तनु (विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतानीत् अतानिष्टाम् अतानिषुः अतानीः
अतानिष्टम अतानिष्ट अतानिषम् अतानिष्व
अतानिष्म
तन्याः
तन्यास्व
For Private and Personal Use Only
Page #335
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
३२४
तनु ( विस्तारे, तनादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनिष्यत् अऩनिष्यः
अनिष्यम्
तनुते
तनुषे तन्वे
www.kobatirth.org
तनु ( विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लट्)
तन्वाते
तन्वाथे
तनुवहे
तनु ( विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लोट्)
अतनुत
अतनुथाः अन्वि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अनिष्यताम्
अनिष्यतम्
अनिष्याव
तनुताम्
तन्वाताम्
तनुष्व
तन्वाथस्व
तनवै
तनवावहै
तनु ( विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लङ्)
ते
तेनिषे
तेने
अतन्वाताम्
अतन्वाथाम्
अनुवहि
तनु (विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
तन्वीत
तन्वीथः
तन्वीय
तन्वीयाताम्
तन्वीयाथाम्
तन्वीवहि
तनु (विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लिट् )
तेनाते
तेनाथे
तेनिवहे
तनु ( विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लुट्)
तनिता
तनितारौ
तनितासे
तनितासाथे
तनिताहे
नितास्वहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अतनिष्यन
अनिष्यत
अतनिष्याम
तन्वते
तनुध्वे
तनुमहे
तन्वताम्
तनुध्वम्
तन्वामह
अतन्वत
अतनुध्वम्
अनुमि
तन्वीरन
तन्वीध्वम
तन्वीमहि
तेनिरे
तेनिध्वे
तेनिमहे
तनितार:
तनिताये तनितास्महे
Page #336
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३२५
तनिषीरन्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तनु (विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लट्) तनिष्यते तनिष्येते
तनिष्यन्ते तनिष्यसे तनिष्येथे तनिष्यध्वे तनिष्ये
तनिष्यावहे तनिष्यामहे तनु (विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तनिषीष्ट तनिषीयास्ताम तनिषीष्ठाः तनिषीयास्थाम तनिषीध्वम् तनिषीय तनिषीवहि
तनिषीमहि तनु (विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लुङ्) अतत
अतनिषाताम् अतनिषत अतथाः
अतनिषाथाम अतनिढ्वम् अतनिषि
अतनिष्वहि अतनिष्महि तनु (विस्तारे, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतनिष्यत अतनिष्येताम् अतनिष्यन्त अतनिष्यथाः अतनिष्येथाम अतनिष्यध्वम्
अतनिष्ये अतनिष्यावहि अतनिष्यामहि तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) तपति तपतः
तपन्ति तपसि तपथ:
तपथ तपामि तपावः
तपामः तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट)
तपताम्
तपन्तु तप तपतम
तपत तपाव
तपाम तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अतपताम
अनपन अतप: अवपतम
अलपत अतपा अतपाव
अतपाम
तपतु
तपानि
अतपत्
For Private and Personal Use Only
Page #337
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तपेत्
तपेताम
तपेत
तेपतुः
तेपुः
तेपिम
तप्ता
३२६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
तपेयुः तपेः
तर्पतम् तपेयम् तपेव
तपेम तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
तताप तेपिथ तेपथुः
तेप तताप
तेपिव तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
तप्तारौ
तप्तारः तप्तासि तप्तास्थः
तप्तास्थ तप्तास्मि तप्तास्वः
तप्तास्मः तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) तप्स्यति तप्स्यतः
तप्स्यन्ति तप्स्यसि तप्स्यथः
तप्स्यथ तप्स्यामि तप्स्यावः
तप्स्यामः तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) तप्यात्
तप्यास्ताम् तप्यासुः तप्याः तप्यास्तम्
तप्यास्त तप्यासम् तप्यास्व
तप्यास्म तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अताप्सीत् अताप्ताम्
अताप्सुः अताप्सी: अताप्तम्
अताप्त अताप्सम् अताप्स्व
अताप्स्म तप (संतापे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतप्स्यत् अतप्स्यताम् अतप्स्यन् अतप्स्यः
अतप्स्यतम् अतप्स्यत अतप्स्यम् अतप्स्याव
अतप्स्याम
For Private and Personal Use Only
Page #338
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३२७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) त्यजति त्यजतः
त्यजन्ति त्यजसि त्यजथः
त्यजथ त्यजामि त्यजावः
त्यजामः त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) त्यजत् त्यजताम्
त्यजन्तु त्यज त्यजतम
त्यजत त्यजानि त्यजाव
त्यजाम त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अत्यजत अत्यजताम्
अत्यजन् अत्यजः अत्यजतम
अत्यजत अत्यजम् अत्यजाव
अत्यजाम त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) त्यजेत
त्यजेताम् त्यजेयुः त्यजेः त्यजेतम्
त्यजेत त्यजेयम त्यजेव त्यजेम त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) तत्याज तत्यजतुः
तत्यजुः तत्यजिथ तत्यजथुः
तत्यज तत्याज तत्यजिव
तत्यजिम त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) त्यक्ता त्यक्तारौ
त्यक्तारः त्यक्तासि त्यक्तास्थः
त्यक्तास्थ त्यक्तास्मि त्यक्तास्वः
त्यक्तास्मः त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
त्यक्ष्यति त्यक्ष्यतः त्यक्षतन्ति त्यक्ष्यसि त्यक्ष्यथः
त्यक्ष्यथ त्यक्ष्यामि त्यक्ष्यावः
त्यक्ष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #339
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३२८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) त्यज्यात् त्यज्यास्ताम्
त्यज्यासुः त्यज्याः
त्यज्यास्तम् त्यज्यास्त त्यज्यासम् त्यज्यास्व
त्यज्यास्म त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अत्याक्षीत् अत्याक्ताम् अत्याक्षुः अत्याक्षीः अत्याक्तम
अत्याक्त अत्याक्षम् अत्याक्ष्व
अत्याक्ष्म त्यज (हानौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अत्यक्ष्यत् अत्यक्ष्यताम अत्यक्ष्यन अत्यक्ष्यः
अत्यक्ष्यतम् अत्यक्ष्यत अत्यक्ष्यम् अत्यक्ष्याव
अत्यक्ष्याम तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्) तर्कयति
तर्कयतः तर्कयन्ति तर्कयसि
तर्कयथः तर्कयथ तर्कयामि तर्कयावः तर्कयामः तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट)
तर्कयतु तर्कयताम् तर्कय
तर्कयतम् तर्कयत तर्कयानि तर्कयाव
तर्कयाम तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अतर्कयत्
अतर्कयन अतर्कयः
अतर्कयतम् अतर्कयत अतकेयम् अतर्कयाव
अतर्कयाम तर्क (भाषायाम, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
तर्कयेत् तर्कयेताम् तर्कयेयुः तर्कयेः तर्कयेतम
तर्कयेत तर्कयेयम् तर्कयेव
तर्कयेम
तर्कयन्तु
अतर्कयताम
For Private and Personal Use Only
Page #340
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ___३२९ तर्क (भाषायाम, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
तर्कयाञ्चकार तर्कयाञ्चक्रतुः तर्कयाञ्चक्रुः तर्कयाञ्चकर्थ तर्कयाञ्चक्रथुः तर्कयाञ्चक्र
तर्कयाञ्चकार तर्कयाञ्चकृव तर्कयाञ्चकृम तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
तर्कयिता तर्कयितारौ तर्कयितारः तर्कयितासि तर्कयितास्थः तर्कयितास्थ
तर्कयितास्मि तर्कयितास्वः तर्कयितास्मः तर्क (भाषायाम, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
तर्कयिष्यति तर्कयिष्यतः तर्कयिष्यन्ति तर्कयिष्यसि तर्कयिष्यथः तर्कयिष्यथ
तर्कयिष्यामि तर्कयिष्यावः तर्कयिष्यामः तर्क (भाषायाम, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) तात तास्ताम्
तक्यासः ताः
तास्तम् तक्यास्त तासम्
तास्व तास्म तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अततर्कत अततर्कताम्
अततर्कन अततर्कः अततर्कतम् अततर्कत अततकम् अततकाव
अततकाम तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतर्कयिष्यत् अतर्कयिष्यताम् अतर्कयिष्यन् अतर्कयिष्यः अतर्कयिष्यता अतर्कयिष्यत
अतर्कयिष्यम् अतर्कयिष्याव अतर्कयिष्याम तर्क (भाषायाम, चुरादिगण, आत्मने, लट्) तर्कयते तळयेते
तर्कयन्ते तर्कयसे तर्कयेथे
तर्कयध्वे तर्कये तकयावहे
तर्कयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #341
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
तर्कयताम् तर्कयेताम् तर्कयन्ताम् तर्कयस्व तर्कयेथाम तर्कयध्वम तर्कयै
तर्कयावहै तर्कयामहै तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अतर्कयत अतर्कयेताम् अतर्कयन्त अतर्कयथाः अतर्कयेथाम अतर्कयध्वम
अतर्कये अतर्कयावहि अतर्कयामहि तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
तर्कयेत तर्कयेयाताम् तर्कयेरन तर्कयेथाः तर्कयेयाथाम् तर्कयेध्वम्
तर्कयेय तर्कयेवहि तर्कयेमहि तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
तर्कयाञ्चक्रे तर्कयाञ्चक्राते तर्कयाञ्चक्रिरे तर्कयाञ्चकृषे तर्कयाञ्चक्राथे तर्कयाञ्चकृढ़वे
तर्कयाञ्चक्रे तर्कयाञ्चकृवहे तर्कयाञ्चकमहे तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
तर्कयिता तर्कयितारौ तर्कयितारः तर्कयितासे तर्कयितासाथे तर्कयिताध्वे
तर्कयिताहे तर्कयितास्वहे तर्कयितास्महे तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
तर्कयिष्यते तर्कयिष्येते तर्कयिष्यन्ते तर्कयिष्यसे तर्कयिष्येथे तर्कयिष्यध्वे
तर्कयिष्ये तर्कयिष्यावहे तर्कयिष्यामहे तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तर्कयिषीष्ट तर्कयिषीयास्ताम् तर्कयिषीरन् तर्कयिषीष्ठाः तर्कयिषीयास्थाम् तर्कयिषीध्वम् तर्कयिषीय तर्कयिषीवहि तर्कयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #342
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३१
त्रायध्वे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तर्क (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अततर्कत अततर्केताम् अततर्कन्त अततर्कथाः अततर्केथाम अततर्कध्वम् अततर्के
अततर्कावहि अततर्कामहि तर्क (भाषायाम, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतर्कयिष्यत अतर्कयिष्येताम् अतर्कयिष्यन्त अतर्कयिष्यथा: अतर्कयिष्येथाम अतर्कयिष्यध्वम्
अतर्कयिष्ये अतर्कयिष्यावहि अतर्कयिष्यामहि नैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) त्रायते त्रायेते
त्रायन्ते त्रायसे
त्रायेथे
त्रायावहे त्रायामहे त्रै (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) त्रायताम् तायेताम
त्रायन्ताम त्रायस्व त्रायेथाम
त्रायध्वम् त्रायै त्रायावहै
त्रायामहै त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अत्रायत
अत्रायेताम् अत्रायन्त अत्रायथाः अत्रायेथाम अत्रायध्वम् अत्राये
अत्रायावहि अत्रायामहि त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) त्रायेत
त्रायेयाताम् त्रायेरन् त्रायेथाः त्रायेयाथाम
त्रायेध्वम् त्रायेय
त्रायेवहि त्रायेमहि त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट)
त्राये
तत्राते
तत्रिरे
तत्रिषे
तत्राथे तत्रावहे
तत्रिध्वे तत्रामहे
For Private and Personal Use Only
Page #343
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
त्राता
३३२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
त्रातारौ
त्रातारः त्रातासे
त्रातासाथे त्राताध्वे त्राहे
त्रातास्वहे त्रातास्महे त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) त्रास्यते
त्रास्येते त्रास्यन्ते त्रास्यसे त्रास्येथे
त्रास्यध्वे त्रास्ये त्रास्यावहे
त्रास्यामहे त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
त्रासीष्ट त्रासीयास्ताम् त्रासीरन त्रासीष्ठाः त्रासीयास्थाम् त्रासीध्वम् त्रासीय त्रासीवहि
त्रासीमहि त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अत्रास्त
अत्रासाताम् अनासत अत्रास्थाः अत्रासाथाम् अत्राध्वम अत्रासि अत्रास्वहि
अत्रास्महि त्रैङ् (पालने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अत्रास्यत अत्रास्येताम् अनास्यन्त अनास्यथाः अत्रास्येथाम् अत्रास्यध्वम् अत्रास्ये
अनास्यावहि अनास्यामहि तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) तर्जति तर्जतः
तर्जन्ति तर्जसि तर्जथः
तर्जथ तर्जामि तर्जावः
तर्जामः तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
तर्जतु तर्जताम् तर्जन्तु तर्ज तर्जतम्
तर्जत तर्जानि तर्जाव
तर्जाम
For Private and Personal Use Only
Page #344
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
तर्जेत
तर्जे:
तर्जेयम
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
तर्ज भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अतर्जत् अतर्जः
अतर्जम्
तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अतर्जताम्
अतर्जतम
अर्जाव
तर्जेताम्
तर्जेतम
तर्जेव
अतर्जीत् अतर्जी: अतर्जिषम्
、
तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ततर्ज
ततर्जिथ
ततर्जतुः ततर्जथुः ततर्जिव
ततर्ज
तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
तर्जिता
तर्जितारौ
तर्जितास्थः
तर्जितासि तर्जितास्मि
तर्जितास्वः
तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
तर्जिष्यति
तर्जिष्यसि तर्जिष्यामि
तर्जिष्यतः
तर्जिष्यथः
तर्जिष्यावः
तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
तयत
तर्ज्याः
तर्ज्यासम्
तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
तर्ज्यास्ताम्
तयस्तम
तस्व
अतर्जिष्टाम्
अतर्जिष्टम्
अतर्जिष्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अतर्जन् अर्जत
अतर्जाम
तर्जेयः
तर्जेत
तर्जेम
ततर्जः
तर्ज
ततर्जिम
तर्जितार:
तर्जितास्थ
तर्जितास्मः
तर्जिष्यन्ति
तर्जिष्यथ
तर्जिष्यामः
तर्ज्यासुः तयस्त
तस्म
अतर्जिषः
अतर्जिष्ट
अतर्जिष्म
३३३
Page #345
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
त्रोटयेथे
३३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तर्ज (भर्त्सने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतर्जिष्यत् अतर्जिष्यताम् अतर्जिष्यन् अतर्जिष्यः अतर्जिष्यतम् अतर्जिष्यत
अतर्जिष्यम् अतर्जिष्याव अतर्जिष्याम त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) त्रोटयते त्रोटयेते
त्रोटयन्ते त्रोटयसे
त्रोटयध्वे त्रोटये
त्रोटयावहे नोटयामहे त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लोट) त्रोटयताम् त्रोटयेताम्
त्रोटयन्ताम् त्रोटयस्व त्रोटयेथाम्
त्रोटयध्वम् त्रोटयै त्रोटयावहै
त्रोटयामहै त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अत्रोटयत अत्रोटयेताम् अत्रोटयन्त अत्रोटयथाः अत्रोटयेथाम अत्रोटयध्वम
अत्रोटये अत्रोटयावहि अत्रोटयामहि त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
त्रोटयेत त्रोटयेयाताम् त्रोटयेरन् त्रोटयेथाः त्रोटयेयाथाम त्रोटयेध्वम्
त्रोटयेय त्रोटयेवहि त्रोटयेमहि त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
त्रोटयाञ्चक्रे त्रोटयाञ्चक्राते त्रोटयाञ्चक्रिरे त्रोटयाञ्चकृषे त्रोटयाञ्चक्राथे त्रोटयाञ्चकृढ्वे
त्रोटयाञ्चक्रे त्रोटयाञ्चकृवहे त्रोटयाञ्चकृमहेत्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
त्रोटयिता त्रोटयितारौ बोटयितारः बोटयितासे नोटयितासाथे त्रोटयिताध्वे त्रोटयिताहे त्रोटयितास्वहे बोटयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #346
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
बोटयिष्यते त्रोटयिष्येते बोटयिष्यन्ते त्रोटयिष्यसे त्रोटयिष्येथे त्रोटयिष्यध्वे
त्रोटयिष्ये त्रोटयिष्यावहे त्रोटयिष्यामहे त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) त्रोटयताम् त्रोटयेताम्
त्रोटयन्ताम त्रोटयस्व त्रोटयेथाम त्रोटयेध्वम त्रोटयै त्रोटयावहै
त्रोटयामहै त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतुत्रुटत अतुत्रुटेताम् अतुत्रुटन्त अतुत्रुटथाः अतुत्रुटेथाम् अतुत्रुटध्वम्
अतुत्रुटे अतुत्रुटावहि अतुत्रुटामहि त्रुट (छेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अनोटयिष्यत अनोटयिष्येताम् अत्रोटयिष्यन्त अनोटयिष्यथाः अनोटयिष्येथाम् । अत्रोटयिष्यध्वम्
अनोटयिष्ये अत्रोटयिष्यावहि अनोटयिष्यामहित (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) तर्दति
तर्दतः तर्दन्ति तर्दसि तर्दथः
तर्दथ तामि तर्दावः
तर्दामः तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
तर्दताम् तर्दन्तु तर्द तर्दतम्
तर्दत तर्दानि तर्दाव
तर्दाम तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अतर्दत्
अतर्दताम् अतर्थन् अतर्दः अतर्दतम
अतर्दत अतर्दम् अताव
अतर्दाम
तर्दत
For Private and Personal Use Only
Page #347
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तः
तत
तम
ततर्द
ततर्द
३३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तर्द (हिंसायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) तर्देत
तर्देताम् तर्देयुः
ततम् तर्देयम
तर्देव तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ततर्दतुः
ततः ततर्दिथ ततर्दथुः
ततर्द ततर्दिव
ततदिम तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) तर्दिता
तर्दितारौ तर्दितारः तर्दितासि तर्दितास्थः तर्दितास्थ
तर्दितास्मि तर्दितास्वः तर्दितास्मः तर्द (हिंसायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
तर्दिष्यति तर्दिष्यतः तर्दिष्यन्ति तर्दिष्यसि तर्दिष्यथः
तर्दिष्यथ तर्दिष्यामि तर्दिष्यावः तर्दिष्यामः तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ) तात्
तास्ताम् तासुः ताः
तस्तिम तर्यास्त तासम् तस्वि
तस्म तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतर्दीत अतर्दिष्टाम् अतर्दिषः अतर्दीः अतर्दिष्टम् अतर्दिष्ट अतर्दिषम् अतर्दिष्व
अतर्दिष्म तर्द (हिंसायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतर्दिष्यत् अतर्दिष्यताम् अतर्दिष्यन अतर्दिष्यः
अतर्दिष्यतम् अतर्दिष्यत अतर्दिष्यम् अतर्दिष्याव अतर्दिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #348
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
त्रपेते
त्रपन्ते
अनपे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रपूष् (लज्जायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
त्रपते त्रपसे त्रपेथे
त्रपध्ये त्रपे त्रपावहे
त्रपामहे त्रपूष् (लज्जायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) त्रपताम् त्रपेताम्
त्रपन्ताम् त्रपस्व त्रपेथाम
त्रपध्वम त्रपै त्रपावहै
त्रपामहै त्रपूष (लज्जायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अत्रपत अनपेताम्
अत्रपन्त अत्रपथाः
अत्रपेथाम अत्रपध्वम् अत्रपावहि
अत्रपामहि त्रपूष (लज्जायाम, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) त्रपेत
त्रपेयाताम् त्रपेथाः
त्रपेयाथाम त्रपेध्वम त्रपेय त्रपेवहि
पेमहि त्रपूष् (लज्जायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
त्रेपे त्रेपिषे त्रेपाथे
पिध्वे पिवहे
पिमहे त्रपूष (लज्जायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) पिता
त्रेपितारौ पितारः पितासे
पितासाथे त्रेपिताध्ये पिताहे पितास्वहे त्रेपितास्महे त्रपूष् (लज्जायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) त्रपिष्यते त्रपिष्येते
त्रपिष्यन्ते त्रपिष्यसे त्रपिष्येथे
त्रपिंष्यध्वे त्रपिष्ये
त्रपिष्यावहे त्रपिष्यामहे
त्रपेरन्
त्रेपाते
त्रेपिरे
पे
For Private and Personal Use Only
Page #349
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रपूष (लज्जायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
त्रपिषीष्ट त्रपिषीयास्ताम् पिषीरन् त्रपिषीष्ठाः त्रपिषीयास्थाम त्रपिषीढ्वम् त्रपिषीय
त्रपिषीवहि त्रपिषीमहि त्रपूष (लज्जायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अत्रपिष्ट अत्रपिघाताम् अत्रपिषत अत्रपिष्ठाः अत्रपिषाथाम अत्रपिध्वम् अत्रपिषि
अत्रपिष्वहि अत्रपिष्महि त्रपूष् (लज्जायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अत्रपिष्यत अत्रपिष्येताम् अत्रपिष्यन्त अत्रपिष्यथाः अत्रपिष्येथाम अत्रपिष्यध्वम्
अत्रपिष्ये अत्रपिष्यावहि अत्रपिष्यामहि त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) त्रासयति
त्रासयतः त्रासयन्ति त्रासयसि त्रासयथः
त्रासयथ त्रासयामि त्रासयावः त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट) त्रासयतु
त्रासयताम् त्रासयन्तु त्रासय त्रासयतम
त्रासयत त्रासयानि
त्रासयाम त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अत्रासयत् अत्रासयताम् अत्रासयन् अत्रासयः
अत्रासयतम् अत्रासयम् अत्रासयाव
अत्रासयाम त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) त्रासयेत्
त्रासयेताम त्रासयेयुः त्रासये: त्रासयेतम
त्रासयेत त्रासयेयम् त्रासयेव
त्रासयेम
त्रासयामः
त्रासयाव
अत्रासयत
For Private and Personal Use Only
Page #350
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३९
त्रासयिता
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
त्रासयाञ्चकार त्रासयाञ्चक्रतुः त्रासयाञ्चक्रुः त्रासयाञ्चकर्थ त्रासयाञ्चक्रथुः त्रासयाञ्चक्र
त्रासयाञ्चकार त्रासयाञ्चकृव त्रासयाञ्चकम त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
त्रासयितारौ त्रासयितारः त्रासयितासि त्रासयितास्थः त्रासयितास्थ
त्रासयितास्मि त्रासयितास्वः त्रासयितास्मः त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
त्रासयिष्यति त्रासयिष्यतः त्रासयिष्यन्ति त्रासयिष्यसि त्रासयिष्यथः त्रासयिष्यथ
त्रासयिष्यामि त्रासयिष्यावः त्रासयिष्यामः त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) त्रास्यात् त्रास्यास्ताम् त्रास्यासुः
त्रास्यास्त त्रास्यासम् त्रास्यास्व
त्रास्यास्म त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अत्रितसत् अत्रितसताम्
अत्रितसन् अत्रितसः अत्रितसतम् अत्रितसत
अत्रितसम् अत्रितसाव अत्रितसाम त्रस (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अनासयिष्यत् अत्रासयिष्यताम् अत्रासयिष्यन् अत्रासयिष्य. अत्रासयिष्यतम् अत्रासयिष्यत
अत्रासयिष्यम् अत्रासयिष्याव अत्रासयिष्याम त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
त्रासयेते त्रासयसे त्रासयेथे
त्रासयध्वे त्रासये
त्रासयावहे त्रासयामहे
त्रास्याः
त्रास्यास्तम
त्रासयते
त्रासयन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #351
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३४०
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
त्रासयताम् त्रासयेताम् त्रासयन्ताम् त्रासयस्व त्रासयेथस्व त्रासयध्वम् त्रासयै त्रासयावहै
त्रासयामहै त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अत्रासयत
अत्रासयेताम् अत्रासयन्त अत्रासयथाः अत्रासयेथाम अत्रासयध्वम
अत्रासये अत्रासयावहि अत्रासयामहि त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
त्रासयेत त्रासयेयाताम् त्रासयेरन् त्रासयेथाः त्रासयेयाथाम त्रासयध्वम
त्रासयेय त्रासयेवहि त्रासयेमहि त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
त्रासयाञ्चक्रे त्रासयाञ्चक्राते त्रासयाञ्चक्रिरे त्रासयाञ्चकृषे त्रासयाञ्चक्राथे त्रासयाञ्चकढ़वे
त्रासयाञ्चक्रे त्रासयाञ्चकृवहे त्रासयाञ्चकमहे त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
त्रासयिता त्रासयितारौ त्रासयितारः त्रासयितासे त्रासयितासाथे त्रासयिताध्वे
त्रासयिताहे त्रासयितास्वहे त्रासयितास्महे त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
त्रासयिष्यते त्रासयिष्येते त्रासयिष्यन्ते त्रासयिष्यसे त्रासयिष्येथे त्रासयिष्यध्वे
त्रासयिष्ये त्रासयिष्यावहे त्रासयिष्यामहे वस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
त्रासयिषीष्ट त्रासयिषीयास्ताम् वासयिषीरन् त्रासदिघीष्ठाः त्रासायिषीयार थाम वासयिषीध्यम त्रासयिधीय वासयिशोवहि त्रासयिधीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #352
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ३४१ त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अत्रितसत अत्रितसेताम् अत्रितसन्त अत्रितसथाः अत्रितसेथाम अत्रितसध्वम
अत्रितसे अत्रितसावहि अत्रितसामहि त्रस (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अत्रासयिष्यत अनासयिष्येताम अत्रासयिष्यन्त अत्रासयिष्यथाः अत्रासयिष्येथाम अत्रासयिष्यध्वम्
अत्रासयिष्ये अत्रासयिष्यावहि अत्रासयिष्यामहि तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) तोलयति तोलयतः
तोलयन्ति तोलयसि तोलयथः
तोलयथ तोलयामि तोलयावः
तोलयामः तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) तोलयतु तोलयताम्
तोलयन्तु तोलय तोलयतम्
तोलयत तोलयानि तोलयाव तोलयाम तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अतोलयत् अतोलयताम् अतोलयन् अतोलयः
अतोलयतम अतोलयत
अतोलयाव अतोलयाम तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) तोलयेत् तोलयेताम्
तोलयेयुः तोलयः तोलयेतम्
तोलयेत तोलयेयम् तोलयेव
तोलयेम तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) तोलयाञ्चकार तोलयाञ्चक्रतुः
तोलयाञ्चचक्रुः तोलयाञ्चकर्थ तोलगञ्चक्रथुः
तोलयाञ्चक तोलयाकारकार तोलयाञ्चकृव तोलयाञ्चकम
अतोलयम्
For Private and Personal Use Only
Page #353
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३४२
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लुट)
तोलयिता तोलयितारौ तोलयितारः तोलयितासि तोलयितास्थः तोलयितास्थ
तोलयितास्मि तोलयितास्वः तोलयितास्मः तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
तोलयिष्यति तोलयिष्यतः तोलयिष्यन्ति तोलयिष्यसि तोलयिष्यथः तोलयिष्यथ
तोलयिष्यामि तोलयिष्यावः तोलयिष्यामः तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) तोल्यात् तोल्यास्ताम्
तोल्यासुः तोल्याः तोल्यास्तम्
तोल्यास्त तोल्यासम् तोल्यास्व
तोल्यास्म तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतूतुलत् अतूतुलताम् अतूतुलन् अतूतुलः
अतूतुलतम् अतूतुलत अतूतुलम् अतूतुलाव अतूतुलाम तुल (उन्माने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अतोलयिष्यत् अतोलयिष्यताम् । अतोलयिष्यन् अतोलयिष्यः अतोलयिष्यतम् अतोलयिष्यत
अतोलयिष्यम् अतोलयिष्याव अतोलयिष्याम तुल (उन्माने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
तोलयते तोलयेते तोलयन्ते तोलयसे तोलयेथे
तोलयध्वे तोलये तोलयावहे तोलयामहे तुल (उन्माने, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
तोलयताम् तोलयेताम् तोलयन्ताम् तोलयस्व तोलयेथाम् तोलयध्वम् तोलयै
तोलयावहै तोलयामहै
For Private and Personal Use Only
Page #354
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु- -रूपावली
तुल (उन्माने चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अतोलयत
अतोलयथाः अतोलये
,
तुल (उन्माने चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
तोलयेत
तोलयेथाः
तोलय
तुल (उन्माने चुरादिगण, आत्मने, लिट् )
तोलयाञ्चक्रे तोलयाञ्चकर्ष तोलयाञ्चक्रे
}
www.kobatirth.org
,
अतोलयेताम
अतोलयेथाम अनोलयावहि
तुल (उन्माने चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
तोलयिता
तोलयितासे
तोलयिताहे
तोलयेयाताम
तोलयेयाथाम् नोलयेवहि
1
तोलयाञ्चक्राते
तोलयाञ्चक्राथे
तोलयाञ्चकवहे
तुल (उन्माने चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
तोलयिष्यते तोलयिष्यसे तोलयिष्ये
अतूतुलत
अतूतुलथाः अतूतुले
तोलयितारौ
तोलयितासाथे
तोलयितास्वहे
तुल (उन्माने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तोलयिषीष्ट
तोलयिषीष्ठाः तोलयिषीय
तोलयिष्येते
तोलयिष्येथे
तोलयिष्यावहे
तुल (उन्माने चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अतूतुलेताम् अतूतुलेथाम् अतूतुलावहि
For Private and Personal Use Only
अतोलयन्त अतोलयध्वम
अतोलयामहि
तोलयेरन तोलयेध्वम
तोल महि
तोलयाञ्चक्रिरे तोलयाञ्चकृढ़वे तोलयाञ्चकमहे
तोलयिषीयास्ताम्
तोलयिषीरन्
तोलयिषीयास्थाम् तोलयिषीध्वम् तोलयिषीवहि
तोलयिषीमहि
तोलयितारः
तोलयिताध्वे
तोलयितास्महे
तोलयिष्यन्ते तोलयिष्यध्वे
तोलयिष्यामहे
अतूतुलन्त अतूतुलध्वम् अतूतुलामहि
३४३
Page #355
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तायसे
तायै
३४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली तुल (उन्माने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतोलयिष्यत अतोलयिष्येताम् अतोलयिष्यन्त अतोलयिष्यथाः अतोलयिष्येथाम अतोलयिष्यध्वम
अतोलयिष्ये अतोलयिष्यावहि अतोलयिष्यामहि ताय (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) तायते तायेते
तायन्ते तायेथे
तायध्वे ताये तायावहे
तायामहे ताय (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) तायताम् तायेताम्
तायन्ताम् तायस्व तायेथाम
तायध्वम् तायावहै
तायामहै ताय (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अतायत
अतायेताम अतायथाः अतायेथाम
अतायध्वम अताये अतायावहि
अतायामहि ताय (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) तायेत
तायेयाताम तायेरन् तायेथाः तायेयाथाम
तायेध्वम् तायेय तायेवहि
तायेमहि ताय (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट)
ततायाते
ततायिरे ततायिषे
ततायाथे ततायिध्वे ततायिवहे
ततायिमहे ताय (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
तायिता तायितारौ तायितारः तायितासे तायितासाथे तायिताध्ये तायिताहे
तायितास्वहे तायितास्महे
अतायन्त
तताये
तताये
For Private and Personal Use Only
Page #356
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
तायिष्यते
तायिष्यसे
तायिष्ये
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
तायृ (संतापपालनयो:, भ्वादिगण, आत्मने, ऌट्)
तायिष्येते
तायिष्येथे
तायिष्यावहे
तायू (संतापपालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
तायिषीष्ट
तायिषीयास्ताम्
तायिषीष्ठाः तायिषीय
तायिषीयास्थाम् तायिषीवहि
ताय (संतापपालनयो:, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतायिष्ट
अतायिष्ठाः
अतायिषि
अतायिषाताम्
अतायिषाथाम् अतायिष्वहि
ताय (संतापपालनयो:, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ्)
अतायिष्यत
अतायिष्यथाः अतायिष्ये
तेप
तेपसे
तेपे
अतायिष्येताम्
अतायिष्येथाम
अतायिष्यावहि
तिप (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
तेपेते
तेपेथे
तेपावहे
तिप (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
तेपताम् तपस्व
तेपै
तेपेताम्
तेपेथाम
नेपाव है
तिप ( क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अतेपत
अतेपथाः
अतेपे
अनेपेताम
अतेपेथाम
अतेपावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
तायिष्यन्ते
तायिष्यध्वे
तायिष्यामहे
तायिषीरन् तायिषीध्वम्
तायिषीमहि
अतायिषत
अतायिध्वम्
अतायिष्महि
अतायिष्यन्त
अतायिष्यध्वम अतायिष्यामहि
तेन्ते
तेपध्वे
तेपामहे
तेपन्ताम् तेपध्वम्
तेपाम है
अतेपन्त
अतेयध्वम्
अतेपामहि
३४५
Page #357
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३४६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत--धातु-रूपावली तिप (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) तेपेत तेपेयाताम्
तेपेरन तेपेथाः तेपेयाथाम
तेपेध्वम तेपेय तेपेवहि
तेपेमहि तिप (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) तितिपे तितिपाते
तितिपिरे तितिपिषे तितिपाथे
तितिपाध्ये तितिपे
तितिपिवहे तितिणिमहे तिप (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) तेप्ता तेप्तारौ
तेप्तारः तेप्तासे
तेप्तासाथे नेप्नाध्ये तेप्ताहे
तेप्तास्वहे तेप्तास्महे तिपृ (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) तेप्स्यते तेप्स्येते
तेप्स्यन्ते तेप्स्यसे तेप्स्येथे
तेप्स्यध्वे तेप्स्ये
तेप्स्यावहे तेप्स्यामहे तिपृ (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
तिप्सीष्ट तिप्सीयास्ताम तिप्सीरन तिप्सीष्ठाः तिप्सीयास्थाम तिप्सीध्वम् तिप्पीय
तिप्सीवहि तिप्सीमहि तिप (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अतिप्त
अतिप्साताम् अतिप्सत अतिष्ठाः
अतिप्साथाम् अतिप्सध्वम् अतिप्सि अतिप्स्वहि
अतिप्स्महि तिपृ (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अतिप्स्यत अतिप्स्येताम् अतिप्स्यन्त अतिप्स्यथाः अतिप्स्येथाम् अतिप्स्यध्वम् अतिप्स्ये
अतिप्स्यावहि अतिप्स्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #358
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३४७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दु (विदारणे, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) दणानि दणीतः
दृणन्ति दृणासि दृणीथः
दणीथ दणामि दृणीवः
दृणीमः दृ (विदारणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट) दणातु दणीताम्
दृणन्तु दृणीहि दृणीतम्
दणीत दृणानि दणाव
दणाम दु (विदारणे, क्रयादिगण, परस्मै, लङ्) अदणात्
अदणीताम् अदृणन् अदणाः अदृणीतम्
अदणीत अदणाम् अदृणीव
अदणीम द (विदारणे, व्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
दृणीयात् दृणीयाताम् दृणीयुः दणीयाः दणीयातम
दणीयात दृणीयाम् दणीयाव
दणीयाम द (विदारणे, क्रयादिगण, परस्मै, लिट) ददार ददरतुः
ददरुः ददरिथ ददरथुः
ददर ददार ददरिव
ददरिम द (विदारणे, ज्यादिगण, परस्मै, लुट्) दरीता दरीतारौ
दरीतारः दरीतासि
दरीतास्थः दरीतास्थ दरीतास्मि दरीतास्वः
दरीतास्मः द (विदारणे, व्रयादिगण, परस्मै, लट्) दरिष्यति दरिष्यतः
दरिष्यन्ति दरिष्यसि दरिष्यथः
दरिष्यथ दरिष्यामि दरिष्यावः
दरिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #359
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३४८
दृ ( विदारणे, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
दीर्यात् दीर्याः दीर्यासम्
द ( विदारणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अदरीष्यत् अदरीष्यः
अदरीष्यम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अदारीत् अदारी:
अदारिषम्
दृ ( विदारणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अदरीष्यताम् अदरीष्यतम्
अदरीष्याव
दक्ष
दक्षसे
दक्षे
दीर्यास्ताम
दीर्यास्तम दीर्यास्व
अदारिष्टाम्
अदारिष्टम्
अदारिष्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अदक्षेताम् अदक्षेथाम्
अदक्षावहि
दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
दक्षे
दक्षेथे
दक्षाव
दीर्यासुः दीर्यास्त
दीर्यास्म
दक्षेयाताम्
दक्षेयाथाम् दक्षेवहि
अदारिषुः
अदारिष्ट
अदारिष्म
For Private and Personal Use Only
अदरीष्यन् अटरीष्यत
अदरीष्याम
दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
दक्षताम्
दक्षेताम
दक्षेथाम्
दक्षस्व दक्षै
दक्षा है
दक्ष (वृद्धी शीघ्रार्थे च भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
दक्षन्ते
दक्षध्वे
दक्षामहे
दक्षन्ताम्
दक्षध्वम्
दक्षामहै
अदक्षत
अदक्षथाः अदक्षे
दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
दक्षेत
दक्षेथाः
दक्षेय
अदक्षन्त
अदक्षध्वम्
अदक्षामहि
दक्षेरन् दक्षेध्वम्
दक्षेमहि
Page #360
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३४९
ददले
ददक्षे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ददक्षाते
ददक्षिरे ददक्षिषे ददक्षाथे
ददक्षिध्वे ददक्षिवहे
ददक्षिमहे दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) दक्षिता दक्षितासै
दक्षितारः दक्षितासे
दक्षितासाथे दक्षिताध्वे दक्षिताहे दक्षितास्वहे दक्षितास्महे दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
दक्षिष्यते दक्षिष्येते दक्षिष्यन्ते दक्षिष्यसे दक्षिष्येथे
दक्षिष्यध्वे दक्षिष्ये
दक्षिष्यावहे दक्षिष्यामहे दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) दक्षिषीष्ट
दक्षिषीयास्ताम् दक्षिषीरन् दक्षिषीष्ठाः दक्षिषीयास्थाम दक्षिषीध्वम
दक्षिषीय दक्षिषीवहि दक्षिषीमहि दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अदक्षिष्ट
अदक्षिषाताम् अदक्षिषत अदक्षिष्ठाः अदक्षिषाथाम् अदक्षिध्वम्
अदक्षिषि अदक्षिष्वहि अदक्षिष्महि दक्ष (वृद्धौ शीघ्रार्थे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) ।
अदक्षिष्यत अदक्षिष्येताम् अदक्षिष्यन्त अटक्षिष्यथाः अदक्षिष्येथाम् अदक्षिष्यध्वम् अदक्षिष्ये
अदक्षिष्यावहि अदक्षिष्यामहि दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) दण्डयति दण्डयतः
दण्डयन्ति दण्डयसि दण्डयथः
दण्डयथ दण्डयामि दण्डयावः
दण्डयामः
For Private and Personal Use Only
Page #361
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३५० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) दण्डयत् दण्डयताम
दण्डयन्तु दण्डय दण्डयतम
दण्डयत दण्डयाणि दण्डयाव
दण्डयाम दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अदण्डयत् अदण्डयताम् अदण्डयन अदण्डयः
अदण्डयतम अदण्डयत अदण्डयम् अदण्डयाव
अदण्डयाम दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
दण्डयेत् दण्डयेताम् दण्डेयुः दण्डयेः
दण्डयेतम् दण्डयेत दण्डयेयम् दण्डयेव
दण्डयेम दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
दण्डयाञ्चकार दण्डयाञ्चक्रतुः दण्डयाञ्चक्रुः दण्डयाञ्चकर्थ दण्डयाञ्चक्रथुः दण्डयाञ्चक्र
दण्डयाञ्चकार दण्डयाञ्चकृव दण्डयाञ्चकम दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
दण्डयिता दण्डयितारौ दण्डयितारः दण्डयितासि दण्डयितास्थः दण्डयितास्थ
दण्डयितास्मि दण्डयितास्वः दण्डयितास्मः दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
दण्डयिष्यति दण्डयिष्यतः दण्डयिष्यन्ति दण्डयिष्यसि दण्डयिष्यथः दण्डयिष्यथ दण्डयिष्यामि
दण्डयिष्यामः दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) दण्डयात्
दण्डयास्ताम् दण्डयासुः दण्डयाः दण्डयास्तम
दण्डयास्त दण्डयास्म् दण्डयास्व
दण्डयास्म
For Private and Personal Use Only
Page #362
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ३५१ दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अददण्डत अददण्डताम् अददण्डतन् अददण्डः
अददण्डतम् अददण्डत अददण्डम् अददण्डाव
अददण्डावम दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अदण्डयिष्यत् अदण्डयिष्यताम् अदण्डयिष्यन् अदण्डयिष्यः अदण्डयिष्यतम् अदण्डयिष्यत
अदण्डयिष्यम् अदण्डयिष्याव अदण्डयिष्याम दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) दण्डयते दण्डयेते
दण्डयन्ते दण्डयसे
दण्डयेथे दण्डयध्वे दण्डये
दण्डयावहे दण्डयामहे दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
दण्डयताम दण्डयेताम् दण्डयन्ताम दण्डयस्व
दण्डयेथस्व दण्डयध्वम् दण्डयै
दण्डयावहै दण्डयामहै दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अदण्डयत अदण्डयेताम
अदण्डयन्त अदण्डयथाः अदण्डयेताम
अदण्डयध्वम् अदण्डये अदण्डयावहि अदण्डयामहि दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) दण्डयेत
दण्डयेताम् दण्डयेरन दण्डयेथाः दण्डयेयाथाम दण्डयेध्वम
दण्डयेय दण्डयेवहि दण्डयेमहि दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
दण्डयाञ्चक्रे दण्डयाञ्चक्राते दण्डयाञ्चक्रिरे दण्डयाञ्चकृषे दण्डयाञ्चक्राथे दण्डयाञ्चकृढवे दण्डयाञ्चके दण्डयाञ्चकृवहे दण्डयाञ्चकृमहे
For Private and Personal Use Only
Page #363
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३५२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
दण्डयिता दण्डयितारौ दण्डयितारः दण्डयितासे दण्डयितासाथे दण्डयिताध्वे
दण्डयिताहे दण्डयितास्वहे दण्डयितास्महे दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
दण्डयिष्यते दण्डयिष्येते दण्डयिष्यन्ते दण्डयिष्यसे दण्डयिष्येथे दण्डयिष्यध्वे
दण्डयिष्ये दण्डयिष्यावहे दण्डयिष्यामहे दण्ड (दण्डनिपातने, चुगटिगण, आत्मने, आशीलिङ्)
दण्डयिषीष्ट दण्डविधीयास्ताम् दण्डयिषीरन् दण्डयिषीष्ठाः दण्डयिषीयास्थाम् दण्डयिषीध्वम्
दण्डयिषीय दण्डयिषीवहि दण्डयिषीमहि दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अददण्डत
अददण्डेताम् अददण्डन्त अददण्डथाः अददण्डेथाम अददण्डध्वम
अददण्डे अददण्डावहि अददण्डामहि दण्ड (दण्डनिपातने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदण्डयिष्यत अदण्डयिष्येताम् अदण्डयिष्यन्त अदण्डयिष्यथाः अदण्डयिष्येथाम अदण्डयिष्यध्वम्
अदण्डयिष्ये अदण्डयिष्यावहि अदण्डयिष्यादि दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लट) ददते ददेते
ददन्ते ददेथे
ददध्वे ददावहे
ददामहे दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) ददताम् ददेताम्
ददन्ताम् ददस्व ददेथाम
ददध्वम ददै ददावहै
ददामहै
ददसे
For Private and Personal Use Only
Page #364
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३५३
ददेत
ददेरन्
दददिरे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अददत अददेताम
अददन्त अददथाः अददेथाम्
अददध्वम् अददे
अददावहि अददामहि दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ददेयाताम् ददेथाः
ददेयाथाम ददेध्वम् ददेय ददेवहि
ददेमहि दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) दददे
दददाते दददिषे दददाथे
दददिध्वे ददर्द दददिवहे
दददिमहे दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) ददिता ददितारौ
ददितारः ददितासे
ददितासाथे ददिताध्वे ददिताहे
ददितास्वहे ददितास्महे दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) ददिष्यते ददिष्येते
ददिष्यन्ते ददिष्यसे ददिष्येथे
ददिष्यध्वे ददिष्ये
ददिष्यावहे ददिष्यामहे दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
ददिषीष्ट ददिषीयास्ताम् ददिषीरन् ददिषीष्टाः
ददिषीयास्थाम ददिषीध्वम ददिषीय ददिषीवहि ददिधीमहि दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अददिष्ट अददिषाताम अददिषत अददिष्ठाः
अददिषाथाम् अददिध्वम अददिषि
अददिष्वहि अददिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #365
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दधन्ते
दधे
३५४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दद (दाने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अददिष्यत अददिष्येताम् अददिष्यन्त अददिष्यथाः अददिष्येथाम अददिष्यध्वम
अददिष्ये अददिष्यावहि अददिष्यामहि दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) दधते
दधेते दधसे दधेथे
दधध्वे दधावहे
दधामहे दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) दधताम दधेताम्
दधन्ताम् दधस्व दधेथाम्
दधध्वम दधै दधावहै
दधामहै दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अदधत अदधेताम्
अदधन्त अदधथाः अदधेथाम्
अदधध्वम अदधे अदधावहि
अदधामहि दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) दधेत
दधेयाताम दधेरन् दधेथाः दधेयाथाम
दधेध्वम् दधेय दधेवहि
दधेमहि दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) दधे दधाते
दधिरे दधिषे दधाथे
दधिध्वे दधे दधिवहे
दधिमहे दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) दधिता दधितारौ
दधितारः दधितासे
दधितासाथे दधिताध्वे दधिताहे
दधितास्वहे दधितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #366
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
3Կեւ
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लूट) दधिष्यते दधिष्येते
दधिष्यन्ते दधिष्यसे दधिष्येथे
दधिष्यध्वे दधिष्ये
दधिष्यावहे दधिष्यामहे दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
दधिषीष्ट दधिषीयास्ताम दधिषीरन दधिषीष्ठाः
दधिषीयास्थाम दधिषीध्वम् दधिषीय
दधिषीवहि दधिषीमहि दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अदधिष्ट
अदधिषाताम् अदधिषत अदधिष्ठाः
अदधिषाथाम अदधिध्वम अदधिषि अदधिष्वहि अदधिष्महि दध (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदधिष्यत अदधिष्येताम् अदधिष्यन्त अदधिष्यथाः अदधिष्येथाम् अदधिष्यध्वम्
अदधिष्ये अदधिष्यावहिं अदधिष्यामहि दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) दयते दयेथे
दयध्वे दये दयावहे
दयामहे दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) दयताम्
दयेयाताम दयन्ताम् दयस्व दयेयाथाम्
दयध्वम दयावहै
दयामहै दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अदयत अदयेताम्
अदयन्त अदयथाः अदयेथाम
अदयध्वम् अदये अदयावहि
अदयामहि
दयेते
दयन्ते
दयसे
दयै
For Private and Personal Use Only
Page #367
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३५६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) दयेत
दयेयाताम् दयेरन् दयेथाः
दयेयाथाम् दयेध्वम् दयेय दयेवहि
दयेमहि दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
दयाञ्चके दयाञ्चक्राते दयाञ्चक्रिरे दयाञ्चक
दयाञ्चकृढवे दयाञ्चक्रे दयाञ्चकवहे दयाञ्चकृमहे दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) दयिता दयितारौ
दयितारः दयितासे दयितासाथे दयिताध्ये दयिताहे
दयितास्वहे दयितास्महे दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लूट्) दयिष्यते दयिध्येते
दयिष्यन्ते दयिष्यसे दयिष्येथे
दयिष्यध्वे दयिष्ये
दयिष्यावहे दयिष्यामहे दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) दयिषीष्ट
दयिषीयास्ताम दयिषीरन दयिषीष्ठाः दयिषीयास्था दयिषीध्वम् दयिषीय
दयिषीवहि दयिषीमहि दय (दानगतिरक्षणहिंसादानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अदयिष्ट
अदयिषाताम् अदयिषत अदयिष्ठाः
अदयिषाथाम अदयिध्वम अदयिषि
अदयिष्वहि अदयिष्महि दय (दानगतिरक्षणहिं सादानेधु, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदयिष्यत अदयिष्येताम अदयिष्यन्न अदयिष्यथाः अदयिष्येथाः अदयिष्यध्यम अदरिष्ये
अदयिष्यावहि अदयिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #368
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
द्युत (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
द्योतते
द्योतसे
द्योते
द्योते
द्योते थे
द्योतावहे
द्युत (दीप्तों, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
द्योतताम् द्योतस्व द्योतै
द्यूत (दीप्नी, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अद्योतत
अद्योतथाः
अद्यो
द्योतेताम् द्यतेथाम द्योताव है
अद्योतताम् अद्यतेथाम
अद्योतावहि
द्युत (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
द्योत
घोनेथाः
द्योतेय
द्योतेयाताम् द्योतेयाथाम् धोते ह
द्युत (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट् )
दिद्यते
दिद्युतिषे दिद्युते
द्युत (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
द्योतिता
द्योतितासे द्योतिताहे
दिधुता तिथे
दिधुतिव
द्योतितारौ
द्योतितासाथे
द्योतितास्वहे
घृत (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
द्योतिष्यते
द्योतिष्यसे
द्योतिष्ये
द्योतिष्येते
द्योतिष्येथे
द्योतिष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
द्योतन्ते
द्योतध्वे
द्योतामहे
द्योतन्ताम् द्योतध्वम
द्योतामहै
अद्योतन्त
अद्यतध्वम
अद्योतामहि
द्योतेरन् धोतेध्वम्
द्यो
दिधुतिरे दिद्युतिध्वे
दिद्युतिम
द्योतितारः
द्योतताध्वे
द्योतितास्महे
धोतिष्यन्ते
द्योतिष्यध्ये घोतिष्यामहे
३५७
Page #369
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३५८
द्युत (दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
द्योतिषीष्ट
द्योतिषीष्ठाः द्योतिषीय
द्युत (दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अद्योतिष्ट
अद्योतिष्ठाः
अद्योतिषि
संगणक--जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
1
द्योतिषीयास्ताम् द्योतिषीयास्थाम द्योतिषीवहि
द्रह्येत्
द्रुह्ये:"
द्रुह्येयम्
अद्योतिषाम्
अद्योतिषाथाम
अद्योतिष्वहि
द्युत (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अद्योतिष्यत
अद्योतिष्येताम् अद्योतिष्येथाम
अद्योतिष्यथाः अद्योतिष्ये
अद्योतिष्यावहि
द्रुह (जिघांसायाम्, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
द्रह्यति द्रसि
ह्यामि
द्रुह (जिघांसायाम्, दिवादिगण, परस्मै, लोट्)
द्रुह्यतः
द्रुह्यथः
ह्यावः
दुह्यतु
द्रुह्य द्रुह्याणि
दुह ( जिघांसायाम्, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
दुह्यताम्
दह्यतम्
द्रुह्याव
अद्रुह्यताम्
अद्रुह्यतम्
अद्रुह्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दुह्येताम्
द्रुह्येतम्
दुह्येव
For Private and Personal Use Only
द्योतिषीरन द्योतिषीध्वम
घोतिषीमहि
अद्योतिषत
अद्योतिध्वम
अद्योतिष्महि
अद्योतिष्यन्त अद्योतिष्यध्वम
अद्योतिष्यामहि
द्रुह्यन्ति
द्रह्यथ
द्रह्यामः
अद्रुह्यत्
अद्रुह्यः
अद्रुह्यम्
द्रुह (जिघांसायाम्, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
द्रह्यन्तु
द्रुह्यत
द्रुह्याम
अद्रुह्यन्
अद्रात
अद्रवाम
द्रह्येयुः
दुह्येत
ट्रॅह्येम
Page #370
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३५९
दुद्रोहिथ
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली द्रह (जिघांसायाम, दिवादिगण, परस्मै, लिट) दुद्रोह
दुदुहतुः दुदुहुः दुद्रहथुः
दुद्रह दुद्रोह दुद्रहिव
दुद्राहिम द्रह (जिघांसायाम, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) द्रोहिता द्रोहितारौ
द्रोहितारः द्रोहितासि द्रोहितास्थः द्रोहितास्थ
दोहितास्मि द्रोहितास्वः द्रोहितास्मः द्रह (जिघांसायाम, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
द्रोहिष्यति द्रोहिष्यतः द्रोहिष्यन्ति द्रोहिष्यसि द्रोहिष्यथः द्रोहिष्यथ
द्रोहिष्यामि द्रोहिष्यावः द्रोहिष्यामः दुह (जिघांसायाम्, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) दृह्यात्
दह्यास्ताम् दह्यासुः द्रह्मास्तम्
दह्यास्त दह्यासम् दह्यास्व
दह्यास्म गृह (जिघांसायाम्, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अद्रहत्
अद्रहताम् अदृहन् अद्रहः अदुहतम्
अद्रहत अद्रहम् अदुहाव
अद्रुहाम द्रह (जिघांसायाम, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अद्रोहिष्यत् अद्रोहिष्यताम् अद्रोहिष्यन् अद्रोहिष्यः अद्रोहिष्यतम् अद्रोहिष्यत
अद्रोहिष्यम् अद्रोहिष्याव अद्रोहिष्याम दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) दलति दलतः
दलन्ति दलसि दलथः
दलथ दलामि दलावः
दलामः
द्रह्याः
For Private and Personal Use Only
Page #371
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३६०
दलाव
संगणक--जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) दलतु दलताम्
दलन्त दल दलतम
दलत दलानि
दलाम दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अदलत अदलताम
अदलन अदलः अदलतम
अदलत अदलम् अदलाव
अदलाम दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) दलेत दलेताम्
दलेयः दलेः दलेतम्
दलेत दलेयम दलेव
दलेम दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) ददाल देलतुः
देवः देलिथ
दलथुः ददाल
देलिव दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) दलिता दलितारौ
दलितारः दलितासि
दलितास्थः दलितास्थ दलितास्मि दलितास्वः दलितास्मः दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) दलिष्यति दलिष्यतः
दलिष्यन्ति दलिष्यसि दलिष्यथः
दलिष्यथ दलिष्यामि दलिष्याव:
दलिष्यामः दल (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ दल्यात दल्यास्ताम
दल्यासुः दल्याः दल्यास्तम
दल्यास्त दल्यासम दल्यास्व
दल्यास्म
देल
देलिम
For Private and Personal Use Only
Page #372
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३६१
देवे
संगणक --जारित व्यावहारिक संस्कत-धातु-रूपावली दल (विशरणे, स्वादिगण, परस्मै, लुङ)
अदालीत अटालिष्टाम अदालिषुः अदाली
अदालिष्टम् अदालिष्ट अदालियन अदालिव
अदालिष्म टल (विशरण, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अदलियन अदलिष्यताम अदलिष्यन अदलियः
अदलिष्यतम अदलिष्यत अदलिन अदलिध्याद अदलिष्याम देव (देवने, वादिगण, जापने, लट) देते
देवन्ते देवसे देवेथे
देवध्वे देवावहे
देवामहे देव (देवने, भवाटिमान, आपने, लोट)
देवेताम्
देवन्ताम देवध्वम
देवामद देव (देवने, वानिगम, आमने, लद) अदेवन
अदेवेनाम अदेवन्त अदेवथाः अदेवथाम
अदेवध्वम अदेव अदेवालाह
अदेवामहि देव (देवने, याद गला, आत्मने बिपिलित
देवयानाम देवेश्न देवेथा:
देवेमहि देव (देवरे, स्वादिया आत्मने, लिट)
निदेवाने दिदेविरे निदेवाथे दिदेविये
दिदेविमहे
देवयान
For Private and Personal Use Only
Page #373
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
देविता
३६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली देव (देवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
देवितारौ
देवितारः देवितासे देवितासाथे देविताध्वे
देविताहे देवितास्वहे देवितास्महे देव (देवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) देविष्यते देविष्येते
देविष्यन्ते देविष्यसे देविष्येथे
देविष्यध्वे देविष्ये
देविष्यावहे देविष्यामहे देव (देवने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ) देविषीष्ट देविषीयास्ताम
देविषीरन देविषीष्ठाः
देविषीयास्थाम देविधीतम देविषीय देविषीवहि देविषीमहि देव (देवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अदेविष्ट
अदेविषाताम् अदेविषत अदेविषीष्ठाः अदेविषाथाम अदेविध्वम् अदेविषि
अदेविष्वहि अदेविष्महि देव (देवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदेविष्यत अदेविष्येताम् अदेविष्यन्त अदेविष्यथाः अदेविष्येथाम अदेविष्यध्वम अदेविष्ये
अदेविष्यावहि अदेविष्यामहि दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लट्) दंशयति दंशयतः
दंशयन्ति दंशयसि दंशयथः
दंशयथ दंशयामि दंशयावः
दंशयामः दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लोट) दंशयतु
दंशयताम् दंशयन्तु दंशय दंशयतम्
दंशयत दंशयानि दंशयाव
दंशयाम
For Private and Personal Use Only
Page #374
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३६३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अदंशयत
अदंशयताम् अदंशयन अदंशयः अदंशयतम्
अदंशयत अदंशयम् अदंशयाव
अदंशयाम दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) दंशयेत् दंशयेताम्
दंशयेयुः दंशयः दंशयेतम्
दंशयेत दंशयेयम् दंशयेव
दंशयेम दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
दंशयाञ्चकार दंशयाञ्चक्रतुः दंशयाञ्चक्रुः दंशयाञ्चकर्थ दंशयाञ्चक्रथुः दंशयाञ्चक्र
दंशयाञ्चकार दंशयाञ्चकृव दंशयाञ्चकृम दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लुट) दंशयिता
दंशयितारौ दंशयितारः दंशयितासि दंशयितास्थः दंशयितास्थ दंशयितास्मि दंशयितास्वः
दंशयितास्मः दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
दंशयिष्यति दंशयिष्यतः दंशयिष्यन्ति दंशयिष्यसि दंशयिष्यथः दंशयिष्यथ
दंशयिष्यामि दंशयिष्यावः दंशयिष्यामः दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ) दंश्यात
दंश्यास्ताम् दश्यासुः दंश्याः दंश्यास्तम
दंश्यास्त दंश्यासम् दंश्यास्व
दंश्यास्म दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अददंशत् अददंशताम् अददंशन् अददंशः
अददंशतम् अददंशत अददंशम् अददंशाव
अददंशाम
For Private and Personal Use Only
Page #375
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३६४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु--रूपावली दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अदंशयिष्यत् अदंशयिष्यताम अदंशयिष्यन अदंशयिष्य: अदंशयिष्यतम अदंशयिष्यत .
अदंशयिष्यम् अदंशयिष्याव अदंशयिष्याम दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लट्) दंशयते दंशयेते
दंशयन्ते दंशयसे दंशयेथे
दंशयध्वे दंशये
दंशयावहे दंशवामहे दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लोट) दंशयताम दंशयेताम्
दंशयन्ताम दंशयस्व
दंशयेथस्व दंशयध्वम दंशयै
दंशयावहै दंशयामहै दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अदंशयत
अदंशयेताम अदंशयन्त अदंशयथाः अदंशयेथाम् अदंशयध्वम् अदंशये
अदंशयावहि अदंशयामहि दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) दंशयेत दंशयेयाताम्
दंशयेरन् दंशयेथाः दंशयेयाथाम् दंशयध्वम दंशयेय दंशयेवहि
दंशयमहि दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
दंशयाञ्चक्रे दंशयाञ्चक्राते दंशयाञ्चांकरे दंशयाञ्चकृषे दंशयाञ्चक्राथे दंशयाञ्चकढवे
दंशयाञ्चक्रे दंशयाञ्चकृवहे दंशयाञ्चकमहे दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लुट)
दंशयिता दंशयितारौ दंशयितारः दंशयितासे दंशयितासाथे दंशयिताध्वं दंशयिताहे दंशयितास्वह दंशयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #376
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली टशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
दंशविष्यते दंशयिष्येते दंशयिष्यन्ते दंशयिष्यसे दंशयिष्येथे दंशयिध्यध्वे
दंशयिध्ये दंशयिष्यावहे दंशयिष्यामहे दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) दंशयिषीष्ट
दंशयिषीयास्ताम दंशयिषीरन दंशयिषीष्ठाः दंशयिषीयास्थाम दंशयिषीध्वम
दंशयिषीय दंशयिषीवहि दंशयिधीमहि दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अददंशत
अददंशेताम् अददंशन्त अददंशथाः अददंशेथाम अददंशध्वम् अददंश
अददंशावहि अददंशामहि दशि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लु)
अदंशयिष्यत अदंशयिष्येताम् अदंशयिष्यन्त अदंशयिष्यथाः अदंशयिष्येथाम अदंशयिष्यध्वम्
अदंशयिष्ये अदंशयिष्यावहि अदंशयिष्यामहि दुशिर (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) पश्यति पश्यतः
पश्यन्ति पश्यसि
पश्यथः पश्यामि पश्यावः
पश्यामः दशिर (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) पश्यत् पश्यताम
पश्यन्तु पश्य पश्यतम्
पश्यत पश्यानि पश्याव
पश्याम दशिर (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अपश्यत् अपश्यताम्
अपश्यन अपश्यः अपश्यतम
अपश्यत अपश्यम् अपश्याव
अपश्याम
पश्यथ
For Private and Personal Use Only
Page #377
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पश्ये:
द्रष्टा
३६६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दृशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पश्येत् पश्येताम्
पश्येयुः पश्येतम्
पश्येत पश्येयम् पश्येव
पश्येम दृशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ददर्श ददृशतुः
ददृशुः ददर्शिथ ददृशथुः
ददश ददर्श ददशिव
ददृशिम दृशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
द्रष्टारौ
द्रष्टारः द्रष्टासि द्रष्टास्थः
द्रष्टास्थ द्रष्टास्मि द्रष्टास्वः
द्रष्टास्मः दुशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) द्रक्ष्यति द्रक्ष्यतः
द्रक्ष्यन्ति द्रक्ष्यसि द्रक्ष्यथः
द्रक्ष्यथ द्रक्ष्यामि द्रक्ष्यावः
द्रक्ष्यामः दृशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) दृश्यात्
दृश्यास्ताम् दृश्यासुः दृश्याः दृश्यास्तम्
दृश्यास्त दृश्यासम् दृश्यास्व
दृश्यास्म दृशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अद्राक्षीत् अद्राष्टाम्
अद्राक्षुः अद्राक्षीः अद्राष्टम्
अद्राष्ट अद्राक्षम् अद्राक्ष्व
अद्राक्ष्म दृशिर् (प्रेक्षणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अद्रक्ष्यत् अद्रक्ष्यताम्
अद्रक्ष्यन् अद्रक्ष्यः अद्रक्ष्यतम्
अद्रक्ष्यत अद्रक्ष्यम् अद्रक्ष्याव
अद्रक्ष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #378
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
दह (भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै,
दहति
दहसि
दहामि
दह (भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
दहतः
दहथः
दहावः
दहताम्
दहतम्
दहाव
दहतु दह दहानि
दह ( भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अदहताम्
अदहतम्
अदहाव
अदहत्
अदहः
अदहम्
दह (भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लट्)
दहेत् दहे:
दहेयम्
दह ( भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
दहेताम् दहेतम्
दहेव
देहतुः देहथुः
देहिव
ददाह
देहिथ
ददाह
दह ( भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
दग्धारौ
दग्धा दग्धास दग्धास्मि
दग्धास्थः
दग्धास्वः
दह (भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, ऌट्)
धक्ष्यति
धक्ष्यसि
धक्ष्यामि
धक्ष्यतः
धक्ष्यथः
धक्ष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
दहन्ति
दहथ
दहामः
दहन्तु
दहत
दहाम
अदहन्
अदहत
अदहाम
दहेयुः
दहेत
दम
देहः
देह
देहिम
दग्धारः
दग्धास्थ
दग्धास्मः
धक्ष्यन्ति
धक्ष्यथ
धक्ष्यामः
३६७
Page #379
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३६८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दह (भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) दह्यात् दह्यास्ताम
दह्यासः दह्याः दह्यास्तम
दह्यास्त दह्यासम दह्यास्व
दह्यास्म दह (भस्मीकरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ) अधाक्षीत् अदाग्धाम
अधाक्षः अधाक्षीः अदाग्धम
अदाग्ध अधाक्षम् अधाक्ष्व
अधाक्ष्म दह (भस्मी करणे, भ्वादिगण, परस्मै, लूड़) अधक्ष्यत्
अधक्ष्यताम् अधक्ष्यन् अधक्ष्यः अधक्ष्यतम
अधक्ष्यत अधक्ष्यम् अधक्ष्याव
अधक्ष्याम दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लट्) दोन्धि दुग्धः
दुहन्ति
दुग्ध दोहिम
दुह्मः दुह (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लोट्) दोग्धु दुग्धाम
दहन्त दाधि दुग्धम
दग्ध दोहानि
दोहाम दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अधोक अदुग्धाम्
अदुहन् अधीक अदुग्ध
अदग्ध अदोहम्
अदुह्म दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) दुह्यात् दुह्याताम्
दाः दुह्यातम्
दुह्यात दुह्याम्
दुह्याव
धोक्षि
दुग्धः दुह्वः
दोहाव
अदह
दुह्याः
दुह्याम
For Private and Personal Use Only
Page #380
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
दुह (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लिट्)
दोह
ददोहिथ दोह
दह (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लुट् )
दोग्धा
दोग्धा
दोग्धस्थः
टोग्धासि दोग्धास्मि
दोग्धास्वः
दुह (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लट्)
धोक्ष्यति
धोक्ष्यतः
धोक्ष्यसि
धोक्ष्यथः
धोक्ष्यामि
धोक्ष्यावः
दुद्द (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
दुद्यान्
दुह्याः
दुवासम्
दुह (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अधोक्ष्यत्
अधोक्ष्यः
अधोक्ष्यम्
दुदहतुः
दुदुहथुः दहिव
अधुक्षत्
अधुक्षः अधुक्षम्
दह (प्रपूरणे, अदादिगण, परस्मै, लृङ् )
दुग्धे
धुक्षे दुहे
दुह्यास्ताम्
दुह्यास्तम्
दुह्यास्व
अधुक्षताम्
अधुक्षतम्
अधुक्षाव
अधोक्ष्यताम
अधोक्ष्यतम्
अधोक्ष्याव
दुह (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लट्)
दहाने
दु दुहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
दुदुहुः
दुदुह
दुहिम
दोग्धारः दोग्धास्थ
दोग्धास्मः
धोक्ष्यन्ति
धोक्ष्यथ
धोक्ष्यामः
दुह्यासुः
दुह्यास्त
दुह्यास्म
अधुक्षन्
अधुक्षत
अधुक्षाम
अधोक्ष्यन
अधोक्ष्यत
अधोक्ष्याम
दुह
धुग्ध्वे
दु
३६९
Page #381
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धुक्ष्व
३७० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लोट्) दुग्धाम् दुहाताम्
दुहताम् दुहाथाम्
धुग्ध्वम् दोहावहै
दोहामहै दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लङ्) अदुग्ध अदुहाताम्
अद्हत अदुग्धाः अदहाथाम
अदुग्ध्वम् अदुहि
अदुहहि दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) दहीत
दुहीयाताम् दुहीरन् दुहीथाः दुहीयाथाम दुहीध्वम्
दुहीवहि दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लिट्)
दुदुहाते
दुदुहिरे
अदुह्महि
दुहीय
दुहीमहि
दुदुहे दुदुहिषे
दुहिध्वे
दुदुहाथे दुदुहिवहे
दुदुहे
दुदुहिमहे दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लुट) दोग्धा दोग्धारौ
दोग्धारः दोग्धासे दोग्धासाथे दोग्धाध्वे
दोग्धाहे दोग्धास्वहे दोग्धास्महे दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लट्) धोक्ष्यते धोक्ष्येते
धोक्ष्यन्ते धोक्ष्यसे
धोक्ष्येथे "धोक्ष्यध्वे धोक्ष्ये
धोक्ष्यावहे धोक्ष्यामहे दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ) धुक्षीष्ट
धुक्षीयास्ताम् धुक्षीरन् धुक्षीष्ठाः
धुक्षीयास्थाम् धुक्षीध्वम् धुक्षीय धुक्षीवहि
धुक्षीमहि
...
For Private and Personal Use Only
Page #382
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दुह् (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लुङ्) अदुग्ध
अधुक्षाताम् अधुक्षन्त अदुग्धाः
अधुक्षाथाम् अदुग्ध्वम् अधुक्षि
अधुक्षावहि अधुक्षामहि दुह (प्रपूरणे, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अधोक्ष्यत अधोक्ष्येताम् अधोक्ष्यन्त अधोक्ष्यथाः अधोक्ष्येथाम अधोक्ष्यध्वम
अधोक्ष्ये अधोक्ष्यावहि अधोक्ष्यामहि दाण (दाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) यच्छति यच्छतः
यच्छन्ति यच्छसि यच्छथः
यच्छथ यच्छामि यच्छावः
यच्छामः दाण (दाने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) यच्छतु यच्छताम
यच्छन्तु यच्छ यच्छतम्
यच्छत यच्छानि यच्छाव
यच्छाम दाण (दाने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अयच्छत्
अयच्छताम् अयच्छन् अयच्छः अयच्छतम
अयच्छत अयच्छम्
अयच्छाव दाण (दाने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) यच्छेत यच्छेताम
यच्छेयुः यच्छे: यच्छेतम
यच्छेत यच्छेयम् यच्छेव
यच्छेम दाण (दाने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) ददौ ददतुः
ददुः ददथुः
दद ददौ ददिव
ददिम
l mit m
अयच्छाम
ददिथ
For Private and Personal Use Only
Page #383
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दातारौ
गंगा क-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धात-रूपावली याण (दाने, बादिगणा, परस्मै, लुट) दाता
दानार: दातासि दातास्यः
दातास्थ दातासिम दातास्वः
दानास्मः दाण (दाने, जातिमा, पारभ, लूट) दास्यति दास्यतः
दास्यन्ति दास्यथः
दास्यथ दास्यामि
दास्तावः या दाने, साटिका, मे, असीलिङ
देयाम
अदाम
दवासम
देयास्व दाण (दाने, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अदात
अदानाम अद:
अटातम अदाद
अदाम दाण (टाने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अदास्यत
अदास्यताम अदास्यन अदास्यः अदास्यतम
अदास्यत अदास्यम अदास्याव
अदास्याम दिव (क्रीडाविजिगीषाचवहारयनिस्तुनिमोदम दस्कानकान्तिपनि शिलादिगण, परस्मै, लट दीव्यति दीव्यतः
दीन्यन्ति दीव्यसि दीव्यथ:
दीव्यथ दीव्यामि दीव्यातः
दीव्यागः दिव (क्रीडाविजिगीषा या रविनतिमादमदास्तान कान्तिगतिय, दिवालिया, परस्मै, लोट दीञ्चत
दीयताम टोव्य टीव्यानि
For Private and Personal Use Only
Page #384
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारद्युतिस्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिघु, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अदीव्यत
अदीव्यताम् अदीव्यन् अदीव्यः
अदीव्यतम् अदीव्यत अदीव्यम् अदीच्याव
अदीव्याम दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारातिस्नुनिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिघु, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) दीव्येन दीव्येताम्
दीव्येय : दीव्येः दीव्येतम
दीव्येत दीव्येयम् दीव्येव
दीव्येस दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारद्युतिस्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, दिवादिगणा परस्मै, लिट) दिदेव
दिदिवतुः दिदिनः दिदेविथ दिदिवथः
दिदिव दिदेव
दिदिवित दिदिविम दिव (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारद्यनिस्ततिमोटमदस्वप्न कान्तेि गनिधु, दिवादिगण परस्मै, लुट्) देविता देवितारी
दवितारः देवितासि दवितास्थः
देवितास्थ देविनास्मि देवितास्त्रः देवितास्मः दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारद्युतिस्ततिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, दिवादिगण, परस्मै, लट) देविष्यति देविष्यत:
देवियन्ति देविष्यसि टेविष्यथ:
देविष्यथ देविष्यामि
देविष्याव: देविष्यामः दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारालिस्नतिमोदमदस्वप्नकान्तिनिषु दिवादिगण, परस्मै, आशीलिङ् दीव्यात
दील्यास दीव्याः दोव्यासम
For Private and Personal Use Only
Page #385
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३७४
दीक्षावहे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारद्युतिस्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अदेवीत
अदेविष्टाम् अदेविषुः अदेवीः
अदेविष्टम् अदेविष्ट अदेविषम् अदेविष्व
अदेविष्म दिवु (क्रीडाविजिगीषाव्यवहारद्युतिस्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अदेविष्यत् अदेविष्यताम् अदेविष्यन् अदेविष्यः अदेविष्यतम अदेविष्यत
अदेविष्यम् अदेविष्याव अदेविष्याम दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट) दीक्षते दीक्षेते
दीक्षन्ते दीक्षसे दीक्षेथे
दीक्षध्वे दीक्षे
दीक्षामहे दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) दीक्षताम् दीक्षेताम्
दीक्षन्ताम् दीक्षस्व
दीक्षेथाम् दीक्षध्वम्
दीक्षावहै दीक्षामहै दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अदीक्षत
अदीक्षेताम् अदीक्षन्त अदीक्षथाः अदीक्षेथाम अदीक्षध्वम् अदीक्षे
अदीक्षावहि अदीक्षामहि दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) दीक्षेत दीक्षेयाताम्
दीक्षेरन् दीक्षेथाः दीक्षेयाथाम् दीक्षेध्वम् दीक्षेय दीक्षेवहि
दीक्षेमहि दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लिट)
दिदीक्षे दिदीक्षाते दिदीक्षिरे दिदीक्षिषे दिदीक्षाथे दिदीक्षिध्वे दिदीक्षे दिदीक्षिवहे दिदीक्षिमहे
दी:
अ
For Private and Personal Use Only
Page #386
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ३७५ दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
दीक्षिता दीक्षितारौ दीक्षितारः .. दीक्षितासे . दीक्षितासाथे दीक्षिताध्वे,
दीक्षिताहे. दीक्षितास्वहे दीक्षितास्महे दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
दीक्षिष्यते दीक्षिष्येते. दीक्षिष्यन्ते . दीक्षिष्यसे दीक्षिष्येथे . दीक्षिष्यध्वे
दीक्षिष्ये दीक्षिष्यावहे दीक्षिष्यामहे दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
दीक्षिषीष्ट दीक्षिषीयास्ताम् दीक्षिषीरन् । दीक्षिषीष्ठाः दीक्षिषीयास्थाम दीक्षिषीध्वम
दीक्षिषीय दीक्षिषीवहि दीक्षिषीमहि दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदीक्षिष्ट अदीक्षिषाताम् अदीक्षिषत अदीक्षिष्ठाः अदीक्षिषाथाम् अदीक्षिध्वम् अदीक्षिषि
अदीक्षिष्महि दीक्ष (मौण्डेज्योपनयननियमव्रतादेशेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदीक्षिष्यत अदीक्षिष्येताम् अदीक्षिष्यन्त अदीक्षिष्यथाः अदीक्षिष्येथाम् अदीक्षिष्यध्वम्
अदीक्षिष्ये अदीक्षिष्यावहि अदीक्षिष्यामहि दीपी (दीप्तौ, दिवादिगण, आत्मने, लट्) .. दीप्यते दीप्येते
दीप्यन्ते दीप्यसे दीप्येथे
दीप्यध्वे दीप्ये
दीप्यावहे दीप्यामहे दीपी (दीप्तौ, दिवादिगण, आत्मने, लोट्) . दीप्यताम्
दीप्यन्ताम् दीप्यस्व दीप्येथाम्
दीप्यध्वम् दीप्यै दीप्यावहै
दीप्यामहै
दीप्येताम्
For Private and Personal Use Only
Page #387
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
दिदीपे
दिदीपिषे
दिदीपे
३७६
दीपी (दीप्तौ, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अदीप्यत
अदीप्यथाः अदीप्ये
दीपी (दीप्ती, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
दीप्येत
दीप्येथाः दीप्येय
दीपी (दीप्ती, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
"
अदीप्येताम् अदीप्येथाम
अदीप्यावहि
दिदीपाते
दिदीपाथे
दिदीपि
दीपी (दीप्ती, दिवादिगण, आत्मने,
दीपितारौ
दीपितासा
दीपितास्व
दीप्येयाताम
दीप्येयाथाम् दीप्येवहि
अदीपिष्ट
अटीपिष्ठाः
अदीपिषि
दीपिता दीपितासे
दीपिताहे
दीपी (दीप्ती, दिवादिगण, आत्मने ऌट्)
दीपिष्येते दीपिष्येथे
दीपिष्यावहे
लुट्)
दीपिष्यते दीपि दीपिष्ये
दीपी (दीप्तौ दिवादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
दीपिषीष्ट दीपिषीष्ठाः दीपिषीय
दीपी (दीप्तौ, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
दीपिषीयास्ताम् दीपिषीयास्थाम् दीपिषीवहि
अदीपिषाताम्
अदीपिषाथाम्
अदीपिष्वि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अदीप्यन्त अदीप्यध्वम
अदीप्यामहि
दीप्येरन
दीप्येध्वम्
M
दिदीपिरे
दिदीपीवे
दिदीपिमहे
दीपितार:
दीपिताध्वे
दीपितास्महे
दीपिष्यन्ते
दीपिष्यध्वे
दीपिष्यामहे
दीपिषीरन् दीपिषीध्वम्
दीप
अदीपिषत अदीपिढ़वम् अदीपिष्महि
Page #388
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३७७
धुनीथ
धुनातु
धुनन्तु
धुनीहि
धुनाव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली दीपी (दीप्तौ, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अदीपिष्यत अदीपिष्येताम् अदीपिष्यन्त अदीपिष्यथाः अदीपिष्येथाम् अदीपिष्यध्वम्
अदीपिष्ये अदीपिष्यावहि अदीपिष्यामहि धूञ् (कम्पने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) धुनाति धुनीतः
धुनन्ति धुनासि
धुनीथः धुनामि धुनीवः
धुनीमः धूञ् (कम्पने, व्रयादिगण, परस्मै, लोट्)
धुनीताम् धुनीतम्
धुनीत धुनानि
धुनाम धूञ् (कम्पने, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्)
अधुनात् अधुनीताम् अधुनन् अधुनाः अधुनीतम्
अधुनीत अधुनाम्
अधुनीव अधुनीम धूञ् (कम्पने, ज्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
धुनीयात् धुनीयाताम् धुनीयुः धुनीयाः धुनीयातम
धुनीयात धुनीयाम् धुनीयाव धुनीयाम धूञ् (कम्पने, व्यादिगण, परस्मै, लिट्) दुधाव दुधुवतुः
दुधुवुः दुधविथ
दुधुवथुः दुधाव दुधुविव
दुधुविम धूञ् (कम्पने, व्यादिगण, परस्मै, लुट्) धविता धवितारौ
धवितारः धवितासि
धवितास्थः धवितास्थ धवितास्मि धवितास्वः
धवितास्मः
दुधुवु
For Private and Personal Use Only
Page #389
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
धूयात्
धूयाः
www.kobatirth.org
३७८
धूञ् (कम्पने, क्र्यादिगण, परस्मै, ऌट्)
धविष्यति
धविष्यतः
धविष्यथः
धविष्यसि धविष्यामि
धविष्यावः
धूञ (कम्पने, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
धुनीते
धुनीषे धुने
धूयास्ताम्
धूयास्तम्
धूयास्व
धूयासम्
धूञ (कम्पने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अधावीत् अधावी: अधाविषम्
धूञ (कम्पने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अधविष्यत् अधविष्यः
अधविष्यम्
धूञ् (कम्पने, क्र्यादिगण, आत्मने, लट्)
धुनाते
धुनाथे
धुनीवहे
धूञ् (कम्पने, क्र्यादिगण, आत्मने, लोट्)
धुनीताम् धुनीष्व धुनै
अधाविष्टाम् अधाविष्टम
अधाविष्व
अधविष्यताम्
अधविष्यम्
अधविष्याव
धुनाताम्
धुनाथाम् धुनाव है
धूञ् (कम्पने, क्र्यादिगण, आत्मने, लङ्),
अधुनीत
अधुनीथाः अधुनि
अधुनाताम्
अधुनाथाम्
अधु
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
धविष्यन्ति धविष्यथ
धविष्यामः
धूयासुः
धूयास्त
धूयास्म
अधाविषुः अधाविष्ट
अधाविष्म
अधविष्यन्
अविष्
अधविष्याम
धुनते
धुनीध्वे
धुनीमहे
धुनताम् धुनीध्वम्
धुनामहै
अधुनत अधुनीध्वम् अधुन महि
Page #390
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३७९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धूञ् (कम्पने, क्र्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) धुनीत धुनीयाताम्
धुनीरन् धुनीथाः धुनीयाथाम् धनीध्वम धुनीवहि
धुनीमहि धूञ् (कम्पने, ज्यादिगण, आत्मने, लिट्)
दुधुवे
धुनीय
दुधुविषे
दुधुवाते दुधुवाथे दुधुविवहे
दुधुविरे दुधुविध्वे दुधुविमहे
दुधुवे
धूञ् (कम्पने, क्र्यादिगण, आत्मने, लुट्) धविता धवितारौ
धवितारः धवितासे धवितासाथे धविताध्वे धविताहे
धवितास्वहे धवितास्महे धूञ् (कम्पने, व्रयादिगण, आत्मने, लट्) धविष्यते धविष्येते
धविष्यन्ते धविष्यसे धविष्येथे
धविष्यध्वे धविष्ये
धविष्यावहे धविष्यामहे धूञ् (कम्पने, ज्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) धविषीष्ट
धविषीयास्ताम् धविषीरन् धविषीष्ठाः धविषीयास्थाम् धविषीढ्वम्
धविषीय धविषीवहि धविषीमहि धूञ् (कम्पने, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अधविष्ट
अधविषाताम् अधविषत अधविष्ठाः
अधविषाथाम अधविढ्वम् अधविषि
अधविष्वहि अधविष्महि धूञ् (कम्पने, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अधविष्यत अधविष्येताम अधविष्यन्त अधविष्यथाः अधविष्येथाम् अधविष्यध्वम अधविष्ये
अधविष्यावहि अधविष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #391
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धूनोति
धूनोमि
धूनु
३८० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लट्)
धूनुतः
धून्वन्ति धूनोषि धूनुथः
धुनुथ धूनुवः
धूनुमः धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लोट्) धूनोतु धूनुताम्
धून्वन्तु धूनुतम्
धूनुत धूनवानि धूनवाव
धूनवाम धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अधूनोत् अधूनुताम् अधून्वन् अधूनोः अधूनुतम्
अधूनुत अधूनवम् अधूनुव
अधूनम धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) धूनुयात्
धूनुयाताम् धूनुयुः धूनुयाः धुनुयातम्
धुनुयात धूनुयाम् धूनुयाव
धूनुयाम धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लिट्) दुधाव
दुधुवतुः दुधविथ दुधुवथुः
दुधुव दुधाव दुधुविव
दुधुविम धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लुट्) धविता धवितारौ
धवितारः धवितासि
धवितास्थः धवितास्थ . धवितास्मि धवितास्वः
धवितास्मः धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लट्) धविष्यति धविष्यतः
धविष्यन्ति धविष्यसि धविष्यथः
धविष्यथ धविष्यामि धविष्याव:
धविष्यामः
दुधुवुः
For Private and Personal Use Only
Page #392
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३८१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) धूयात्
धूयास्ताम् धूयासुः धूयाः धूयास्तम्
धूयास्त धूयासम् धूयास्व
धूयास्म धूञ् (कम्पने; स्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अधावीत अधाविष्टाम्
अधाविषुः अधावीः अधाविष्टम्
अधाविष्ट अधाविषम् अधाविष्व
अधाविष्म धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अधविष्यत् अधविष्यताम् अधविष्यन अधविष्यः अधविष्यतम् अधविष्यत
अधविष्यम् अधविष्याव अधविष्याम धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लट्) धूनुते
धूवाते
धुन्वते धूनुध्वे
धूनुषे
धूवाथे धूनुवहे
धूनुमहे
धून्वताम् धूनुध्वम् धूनवामहै
धून्वे धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लोट्) धूनुताम्
धूवाताम् धूनुष्व
धुन्वाथाम् धूनवै
धूनवावहै धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लङ्) अधूनुत
अधून्वाताम् अधूनुथाः अधून्वाथाम् अधून्वि
अधूनुवहि धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) धून्वीत
धून्वीयाताम्
धून्वीयाथाम् धून्वीय
धून्वीवहि
अधून्वत अधुनुध्वम् अधूनुमहि
धूवीथाः
धूवीरन् धूवीध्वम् धून्वीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #393
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
दुधुविरे
३८२
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लिट्) दुधुवे
दुधुवाते दुधुविषे दुधुवाथे
दुधुविध्वे दुधुवे दुधुविवहे
दुधुविमहे धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लुट्) धविता धवितारौ
धवितारः धवितासे धवितासाथे
धविताध्वे धविताहे धवितास्वहे धवितास्महे धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लट्) धविष्यते धविष्येते
धविष्यन्ते धविष्यसे
धविष्येथे धविष्यध्वे धविष्ये
धविष्यावहे धविष्यामहे धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
धविषीष्ट धविषीयास्ताम् धविषीरन् धविषीष्ठाः धविषीयास्थाम धविषीध्वम्
धविषीय धविषीवहि धविषीमहि धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अधविष्ट
अधविषाताम् अधविषत अधविष्ठाः
अधविषाथाम अधविध्वम अधविषि
अधविष्वहि अधविष्महि धूञ् (कम्पने, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अधविष्यत अधविष्येताम् अधविष्यन्त अधविष्यथाः अधविष्येथाम् अधक्ष्यिध्वम अधविष्ये
अधविष्यावहि अधविष्यामहि धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) धरति धरतः
धरन्ति धरसि धरथः
धरथ धरामि
धरावः
धरामः
For Private and Personal Use Only
Page #394
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३८३
धरत
धरन्तु
धर
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
धरताम धरतम्
धरत धराणि धराव
धराम धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अधरत् अधरताम्
अधरन अधरः अधरतम्
अधरत अधरम् अधराव
अधराम धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) धरेत्
धरेताम् धरेः धरेतम्
धरेत धरेयम् धरेव
धरेम धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
धरेयुः
दधार
दधतुः
दधुः
दधर्थ
दध्र दध्रिम
धर्तारौ
धर्तारः धर्तास्थ धर्तास्मः
दध्रथुः दधार
दध्रिव धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट)
धर्ता धर्तासि
धर्तास्थः धर्तास्मि धर्तास्वः धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) धरिष्यति
धरिष्यतः धरिष्यसि
धरिष्यथः धरिष्यामि धरिष्यावः धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ध्रियात्
ध्रियास्ताम ध्रियाः
ध्रियास्तम् ध्रियासम्
ध्रियास्व
धरिष्यन्ति धरिष्यथ धरिष्यामः
ध्रियासुः ध्रियास्त ध्रियास्म
For Private and Personal Use Only
Page #395
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अधाष्टं
अधार्ध्व
धरे
३८४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अधार्षीत् अधार्टाम्
अधार्षः अधार्षीः
अधाष्टम् अधार्षम्
अधाम धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अधरिष्यत् अधरिष्यताम् अधरिष्यन अधरिष्यः अधरिष्यतम् अधरिष्यत
अधरिष्यम् अधरिष्याव अधरिष्याम धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) धरते धरेते
धरन्ते धरसे धरेथे
धरध्वे धरावहे
धरामहे धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) धरताम् धरेताम्
धरन्ताम् धरस्व धरेथाम्
धरध्वम् धरावहै
धरामहै धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अधरत अधरेताम्
अधरन्त अधरथाः अधरेथाम्
अधरध्वम अधरे अधरावहि
अधरामहि धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) धरेत धरेयाताम्
धरेरन् धरेथाः धरेयाथाम
धरेध्वम धरेय धरेवहि
धरेमहि धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) दधे दधाते
दधिरे दधषे दध्राथे
दधृढ्वे दधे
दधमहे
दधृवहे
For Private and Personal Use Only
Page #396
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३८५
धर्तारः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) धर्ता
धर्तारौ धर्तासे धर्तासाथे
धर्ताध्वे धर्ताहे
धर्तास्वहे धर्तास्महे धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) धरिष्यते धरिष्येते
धरिष्यन्ते धरिष्यसे धरिष्येथे
धरिष्यध्वे धरिष्ये
धरिष्यावहे धरिष्यामहे धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) धृषीष्ट धृषीयास्ताम्
धृषीरन् धृषीष्ठाः
धृषीयास्थाम् धृषीध्वम् धृषीय धृषीवहि
धृषीमहि धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अधृत
अधृषाताम् अधृषत अधृथाः
अधृषाथाम् अधृवम् अधृषि अधृष्वहि
अधृष्महि धृञ् (धारणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अधरिष्यत अधरिष्येताम् अधरिष्यन्त अधरिष्यथाः अधरिष्येथाम अधरिष्यध्वम
अधरिष्ये अधरिष्यावहि अधरिष्यामहि ध्यै (चिन्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ध्यायति ध्यायतः
ध्यायन्ति ध्यायसि ध्यायथः
ध्यायथ ध्यायामि ध्यायावः
ध्यायामः ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) ध्यायतु ध्यायताम्
ध्यायन्तु ध्याय ध्यायतम्
ध्यायत ध्यायानि
ध्यायाम
ध्यायाव
For Private and Personal Use Only
Page #397
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ध्यायेयुः
दध्युः
३८६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अध्यायत
अध्यायताम् अध्यायन् अध्यायः अध्यायतम्
अध्यायत अध्यायम् अध्यायाव
अध्यायाम ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) ध्यायेत्
ध्यायेताम ध्याये: ध्यायेतम्
ध्यायेत ध्यायेयम् ध्यायेव
ध्यायेम ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) दध्यौ
दध्यतुः दध्याथ दध्ययुः
दध्य दध्यौ दध्यिव
दध्यिम ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) ध्याता ध्यातारौ
ध्यातारः ध्यातासि ध्यातास्थः
ध्यातास्थ ध्यातास्मि ध्यातास्वः
ध्यातास्मः ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ध्यास्यति ध्यास्यतः
ध्यास्यन्ति ध्यास्यसि ध्यास्यथः
ध्यास्यथ ध्यास्यामि ध्यास्यावः
ध्यास्यामः ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ध्यायात्
ध्यायास्ताम् ध्यायाः ध्यायास्तम्
ध्यायास्त ध्यायासम् ध्यायास्व
ध्यायास्म ध्यै (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अध्यासीत् अध्यासिष्टाम् अध्यासिषुः अध्यासीः अध्यासिष्टम् अध्यासिष्ट अध्यासिषम् अध्यासिष्व अध्यासिष्म
ध्यायासुः
For Private and Personal Use Only
Page #398
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ध्यै ( चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अध्यास्यत्
अध्यास्यः
अध्यास्यताम्
अध्यास्यतम्
अध्यास्याव
अध्यास्यम्
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ध्वनति
ध्वनसि
ध्वनामि
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
ध्वनतः
ध्वनथः
ध्वनावः
ध्वनिता
ध्वनितासि
ध्वनितास्मि
ध्वनतु
ध्वन ध्वनानि
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
ध्वनताम्
ध्वनतम्
ध्वनाव
अध्वनत्
अध्वनः
अध्वनम्
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
ध्वनेत
ध्वनेः
ध्वनेयम्
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
अध्वनताम्
अध्वनतम्
अध्वनाव
ध्वनेताम्
ध्वनेतम्
ध्वनेव
दध्वान दध्वनिथ
दध्वान
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
दध्वनतुः
दध्वनथुः
दध्वनिव
ध्वनितारौ
ध्वनितास्थः
ध्वनितास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अध्यास्यन् अध्यास्यत
अध्यास्याम
ध्वनन्ति
ध्वनथ
ध्वनामः
ध्वनन्तु
ध्वनत
ध्वनाम
अध्वनन्
अध्वनत
अध्वनाम
ध्वनेयुः
ध्वनेत
ध्वनेम
दध्वनुः
दध्वन
दध्वनिम
ध्वनितारः
ध्वनितास्थ
ध्वनितास्मः
३८७
Page #399
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३८८
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ध्वनिष्यति
ध्वनिष्यसि
ध्वनिष्यामि
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
ध्वन्यात्
ध्वन्याः
अध्वनीत
अध्वनीः
अध्वनिषम्
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ध्वनिष्यतः
ध्वनिष्यथः
ध्वनिष्यावः
ध्वन्यास्ताम्
ध्वन्यास्तम्
ध्वन्यास्व
ध्वन्यासम्
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अध्वनिष्टाम् अध्वनिष्टम्
अध्वनिष्व
ध्वन (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अध्वनिष्यताम् अध्वनिष्यतम्
अध्वनिष्याव
अध्वनिष्यत् अध्वनिष्यः
अध्वनिष्यम्
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
धावति
धावसि धावामि
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
धावतः
धावथः
धावाव:
धावताम्
धावतम्
धावाव
धावतु
धाव
धावानि
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अधावत्
अधावताम्
अधावः
अधावतम्
अधावम्
अधावाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
ध्वनिष्यन्ति ध्वनिष्यथ
ध्वनिष्यामः
ध्वन्यासुः
ध्वन्यास्त
ध्वन्यास्म
अध्वनिषुः अध्वनिष्ट
अध्वनिष्म
अध्वनिष्यन् अध्वनिष्यत
अध्वनिष्याम
धावन्ति
धावथ
धावामः
धावन्तु
धावत
धावाम
अधावन्
अधावत
अधावाम
Page #400
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
धावेताम्
धावेतम्
धावेव
धावेत
"
धावे: धावेयम्
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
दधाव दधाविथ
दधाव
दधावतुः
दधावथुः दधाविव
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
धावितारौ
धाविता धावितासि
धावितास्थः
धावितास्मि
धावितास्वः
अधावीत् अधावी:
अधाविषम्
धाव्यात्
धाव्याः
धाव्यासम्
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै,
अधाविष्टाम्
अधाविष्टम्
अधाविष्व
लुङ्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
धाविष्यति
धाविष्यतः
धाविष्यसि
धाविष्यथः
धाविष्यामि
धाविष्यावः
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
धाव्यास्ताम्
धाव्यास्तम्
धाव्यास्व
धावु (गतिशुद्ध्योः, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अधाविष्यत्
अधाविष्यताम्
अधाविष्यः
अधाविष्यतम् अधाविष्याव
अधाविष्यम्
For Private and Personal Use Only
धावेयुः
धावेत
धावेम
दधावुः
दधाव
दधाविम
धावितारः
धावितास्थ
धावितास्मः
धाविष्यन्ति धाविष्यथ
धाविष्यामः
धाव्यासुः धाव्यास्त
धाव्यास्म
अधाविषुः अधाविष्ट
अधाविष्म
अधाविष्यन
अधाविष्यत अधाविष्याम
३८९
Page #401
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नटथ
नटतु
३९० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नटति नटतः
नटन्ति नटसि
नटथः नटामि नटावः
नटामः नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
नटताम्
नटन्तु नट नटतम्
नटत नटानि नटाव
नटाम नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अनटत् अनटताम्
अनटन् अनटः अनटतम्
अनटत अनटम् अनटाव
अनटाम नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
नटेताम्
नटेयुः नटे:
नटेतम् नटेयम्
नटेव नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ननाट नेटतुः
नेटः नेटिथ ननाट
नेटिव नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) नटिता नटितारौ
नटितारः नटितासि नटितास्थः
नटितास्थ नटितास्मि नटितास्वः नटितास्मः नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नटिष्यति नटिष्यतः
नटिष्यन्ति नटिष्यसि नटिष्यथः
नटिष्यथ नटिष्यामि नटिष्यावः
नटिष्यामः
नटेत्
नटेत
नटेम
नेटथुः
नेट
नेटिम
For Private and Personal Use Only
Page #402
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३९१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) नट्यात् नट्यास्ताम्
नट्यासुः नट्याः नट्यास्तम्
नट्यास्त नट्यासम् नट्यास्व
नट्यास्म नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनाटीत् अनाटिष्टाम् अनाटिषुः अनाटी:
अनाटिष्टम् अनाटिष्ट अनाटिषम् अनाटिष्व
अनाटिष्म नट (नृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अनटिष्यत् अनटिष्यताम् अनटिष्यन अनटिष्यः
अनटिष्यतम् अनटिष्यत अनटिष्यम् अनटिष्याव अनटिष्याम नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लट्) नृत्यति नृत्यतः
नृत्यन्ति नृत्यसि नृत्यथः
नृत्यथ नृत्यामि नृत्यावः
नृत्यामः नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लोट्) नृत्यतु नृत्यताम्
नृत्यन्तु नृत्य नृत्यतम्
नृत्यत नृत्यानि नृत्याव
नृत्याम नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अनृत्यतद अनृत्यताम् अनृत्यन् अनृत्यः अनृत्यतम्
अनृत्यत अनृत्यम् अनृत्याव
अनृत्याम नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै. विधिलिङ्) नृत्येत्
नृत्येताम् नृत्येयुः नृत्येः
नृत्येतम् नृत्येयम् नृत्येव
नृत्येम
नृत्येत
For Private and Personal Use Only
Page #403
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३९२
ननर्त
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) ननर्त ननृततुः
ननृतुः ननर्तिथ ननृतथुः
नन्त ननृतिव
ननृतिम नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) नर्तिता नर्तितारौ
नर्तितारः नर्तितासि
नर्तितास्थः नर्तितास्थ नर्तितास्मि नर्तितास्वः नर्तितास्मः नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
नर्तिष्यति नर्तिष्यतः नर्तिष्यन्ति नतिष्यसि नर्तिष्यथः नर्तिष्यथ नर्तिष्यामि
नर्तिष्यावः नर्तिष्यामः नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) नृत्यात् नृत्यास्ताम्
नृत्यासुः नृत्याः नृत्यास्तम्
नृत्यास्त नृत्यासम् नत्यास्व
नृत्यास्म नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अनीत
अनतिष्टाम् अनर्तिषुः अनर्तीः
अनर्तिष्टम् अनर्तिष्ट अनतिषम अनर्तिष्व
अनतिष्म नृती (गात्रविक्षेपे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनर्तिष्यत् अनतिष्यताम् अनर्तिष्यन् अनतिष्यः अनर्तिष्यतम् अनर्तिष्यत
अनर्तिष्यम् अनर्तिष्याव अनतिष्याम नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नर्दति
नर्दन्ति नर्दथः
नर्दथ नामि नवः
नमः
नर्दतः
नर्दसि
For Private and Personal Use Only
Page #404
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३९३
नदत
नाम
नर्देत
नर्देम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
नर्दन्तु नर्द नर्दतम्
नर्दत नानि नाव
नर्दाम नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अनर्दत्
अनर्दताम् अनर्दन अनर्दः अनर्दतम्
अनर्दत अनर्दम् अनाव
अनाम नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) नर्देत् नर्देताम्
नर्देयुः नर्देः
नर्देतम् नर्देयम्
नर्देव नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ननर्द
ननर्दतुः ननर्दिथ ननर्दथुः
ननर्द ननर्द ननर्दिव
ननर्दिम नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) नर्दिता नर्दितारौ
नर्दितारः नदितासि
नर्दितास्थः नर्दितास्थ नर्दितास्मि नर्दितास्वः नर्दितास्मः नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) नर्दिष्यति नर्दिष्यतः
नर्दिष्यन्ति नर्दिष्यसि नर्दिष्यथः
नर्दिष्यथ नर्दिष्यामि नर्दिष्यावः नर्दिष्यामः नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) नात् नास्ताम
नासुः नाः नास्तम्
नद्यास्त नासम् नास्व
नास्म
ननर्दः
For Private and Personal Use Only
Page #405
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अनर्दीत अनर्दी: अनर्दिषम्
३९४
नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनर्दिष्टाम् अनर्दिष्टम्
अनर्दिष्व
अनर्दिष्यत् अनर्दिष्यः अनर्दिष्यम्
नर्द (शब्दे, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अनर्दिष्यताम
अनर्दिष्यतम् अनर्दिष्याव
नाथते
नाथ
नाथे
www.kobatirth.org
नाथताम्
नाथस्व
नाथै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
नाथू (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
नाथन्ते
नाथध्वे
नाथामहे
नाथू (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
अनाथत
अनाथथाः
अनाथे
नाथेत
नाथेथाः
नाथेय
नाथेताम् नाथेथाम
नाथा है
नाथू (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने,
नाथेते
नाथेथे
नाथाव
ननाथे
ननाथिषे
ननाथे
लङ्)
अनाथन्त
अनाथध्वम्
अनाथामहि
नाथ (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
नाथेरन् नाथेध्वम्
ना महि
अनाथेताम्
अनाथेथाम
अनाथावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नाथेयाताम् नाथेयाथाम्
नाथेवहि
अनर्दिषुः
अनर्दिष्ट
अनर्दिष्म
अनर्दिष्यन् अनर्दिष्यत
अनर्दिष्याम
ननाथा
ननाथाथे
नाथव
For Private and Personal Use Only
नाथ (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ननाथिरे
ननाथध्वे
ननाथमहे
नाथन्ताम्
नाथध्वम्
TTMM
Page #406
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३९५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली नाथ (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) नाथिता नाथितारौ
नाथितारः नाथितासे नाथितासाथे नाथिताध्वे
नाथिताहे नाथितास्वहे नाथितास्महे नाथ (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
नाथिष्यते नाथिष्येते नाथिष्यन्ते नाथिष्यसे नाथिष्येथे नाथिष्यध्वे
नाथिष्ये नाथिष्यावहे नाथिष्यामहे नाथ (याञ्चोपतापैश्वर्याशीषु, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
नाथिषीष्ट नाथिषीयास्ताम् नाथिषीरन् नाथिषीष्ठाः
नाथिषीयास्थाम नाथिषीध्वम नाथिषीय नाथिषीवहि नाथिषीमहि नाथू (याञ्चोपतापैश्वर्याशीष्षु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अनाथिष्ट
अनाथिषाताम् अनाथिषत अनाथिष्ठाः
अनाथिषाथाम . अनाथिध्वम् अनाथिषि
अनाथिष्वहि अनाथिष्महि नाथ (याञ्चोपतापैश्वर्याशीषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अनाथिष्यत अनाथिष्येताम् अनाथिष्यन्त अनाथिष्यथाः अनाथिष्येथाम अनाथिष्यध्वम् अनाथिष्ये
अनाथिष्यावहिं अनाथिष्यामहि निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
निवासयति निवासयतः निवासयन्ति निवासयसि निवासयथः निवासयथ
निवासयामि निवासयावः निवासयामः निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
निवासयतु निवासयताम् निवासय
निवासयतम् निवासयत निवासयानि निवासयाव निवासयाम
निवासयन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #407
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३९६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अनिवासयत अनिवासयताम अनिवासयन अनिवासयः अनिवासयतम अनिवासयत
अनिवासयम् अनिवासयाव अनिवासयाम निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
निवासयेत् निवासयेताम् निवासयेयुः निवासयेः निवासयेतम् निवासयेत
निवासयेयम् निवासयेव निवासयेम निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
निवासयाञ्चकार निवासयाञ्चक्रतुः निवासयाञ्चक्रुः निवासयाञ्चकर्थ निवासयाञ्चक्रथः निवासयाञ्चक्र
निवासयाञ्चकार निवासयाञ्चकृव निवासयाञ्चकृम निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
निवासयिता निवासयितारौ निवासयितारः निवासयितासि निवासयितास्थः निवासयितास्थ
निवासयितास्मि निवासयितास्वः निवासयितास्मः निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
निवासयिष्यति निवासयिष्यतः निवासयिष्यन्ति निवासयिष्यसि निवासयिष्यथः निवासयिष्यथ
निवासयिष्यामि निवासयिष्यावः निवासयिष्यामः निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
निवास्यात् निवास्यास्ताम् निवास्यासुः निवास्याः निवास्यास्तम् निवास्यास्त
निवास्यासम् निवास्यास्व निवास्यास्म निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अनिनिवासत् अनिनिवासताम् अनिनिवासन् अनिनिवासः अनिनिवासतम अनिनिवासत अनिनिवासम् अनिनिवासाव अनिनिवासाम
For Private and Personal Use Only
Page #408
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
निवासयते
निवासयसे निवासये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, परस्मै, लृङ्)
अनिवासयिष्यत्
अनिवासयिष्यताम्
अनिवासयिष्यतम्
अनिवासयिष्यः अनिवासयिष्यम् अनिवासयिष्याव
निवास ( आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
www.kobatirth.org
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
निवासयताम निवास स्व
निवासयै
अनिवासयत
अनिवासयथाः अनिवासये
निवासयेते
निवासयेथे
निवासयावहे
निवासयेत
निवासयेथाः निवासयेय
निवासयेताम
निवासयेथाम्
निवासयाव है
निवासयिता निवासयितासे निवासयिताहे
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अनिवासयेताम
अनिवासयन्त
अनिवासयध्वम्
अनिवासयेथाम् अनिवासयावहि अनिवासयामहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
निवासयाञ्चक्रे निवासयाञ्चक्राते
निवासयाञ्चक
निवासयाञ्चक्राथे
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने विधिलिङ्)
अनिवासयिष्यन
अनिवासयिष्यत
अनिवासयिष्याम
निवासयन्ते
निवासयध्वे
निवासयामहे
निवासयितारौ निवासयितासाथे निवासयितास्वहे
निवासयन्ताम् निवासयध्वम्
निवासयाम है
निवासयेयाताम् निवासयेरन्
निवासयेयाथाम्
निवासयेध्वम्
निवासयेवहि
निवास महि
For Private and Personal Use Only
निवासयाञ्चक्रे निवासयाञ्चकवहे
निवासयाञ्चकमहेनिवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
निवासयाञ्चक्रिरे निवासयाञ्चकृढ्वे
३९७..
निवासयितारः निवासयिता निवासयितास्महे
Page #409
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३९८
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
निवासयिष्यते निवासयिष्यसे निवासयिष्ये
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
अनिनिवासत अनिनिवासथा: अनिनिवासे
निवासयिष्यन्ते
निवासयिष्येते निवासयिष्येथे निवासयिष्यावहे निवासयिष्यामहे
निवासयिष्यध्वे
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
निवासयिषीष्ट निवासयिषीयास्ताम् निवासयिषीरन् निवासयिषीयास्थाम् निवासयिषीध्वम् निवासयिषीवहि निवासयिषीमहि
निवासयिषीष्ठाः निवासयिषीय
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अनिनिवासेताम
अनिनिवासेथाम
अनिनिवासावहि
निवास (आच्छादने, चुरादिगण, आत्मने, लृङ्)
अनिवासयिष्यत अनिवासयिष्येताम्
अनिवासयिष्येथाम
अनिवासयिष्यथाः अनिवासयिष्ये
अनिवासयिष्यावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
पवते
पवे
पवसे
पवेथे
पवे
पवावहे
पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
पवताम्
पवेताम्
पवस्व
पवेथाम
पवै
पवावहै
पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अपवत
अपवथाः
अपवे
अपवेताम
अपवेथाम
अपवाहि
For Private and Personal Use Only
अनिनिवासन्त अनिनिवासध्वम् अनिनिवासामहि
अनिवासयिष्यन्त
अनिवासयिष्यध्वम् अनिवासयिष्यामहि
पवन्ते
पवध्वे
पवामहे
पवन्ताम्
पवध्वम्
पवामहै
अपवन्त
अपवध्वम् अपवाह
Page #410
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३९९
क
पुपुविमहे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूङ (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पवेत
पवेयाताम् पवेरन् पवेथाः पवेयाथाम्
पवेध्वम् पवेय पवेवहि
पवेमहि पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) पुपुवे पुपुवाते
पुपुवुरे पुपुविषे पुपुवाथे
पुपुविध्वे पुपुवे
पुपुविवहे पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) पविता पवितारौ
पवितारः पवितासे
पवितासाथे पविताध्वे पविताहे पवितास्वहे
पवितास्महे पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पविष्यते पविष्येते
पविष्यन्ते पविष्यसे पविष्येथे
पविष्यध्वे पविष्ये
पविष्यावहे पविष्यामहे पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
पविषीष्ट पविषीयास्ताम् पविषीरन् पविषीष्ठाः पविषीयास्थाम पविषीध्वम
पविषीय पविषीवहि पविषीमहि पूङ (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अपविष्ट
अपविषाताम् अपविषत अपविष्ठाः
अपविषाथाम् अपविड्ढ़वम् अपविषि
अपविष्वहि अपविष्महि पूङ् (पवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपविष्यत अपविष्येताम अपविष्यन्त अपविष्यथाः अपविष्येथाम् अपविष्यध्वम अपविष्ये
अपविष्यावहि अपविष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #411
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपञ्चन्त
४०० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पञ्चते पञ्चेते
पञ्चन्ते पञ्चसे पञ्चेथे
पञ्चध्वे पञ्चे पञ्चावहे
पञ्चामहे पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) पञ्चताम् पञ्चेताम
पञ्चन्ताम पञ्चस्व
पञ्चेथाम पञ्चध्वम पञ्चै पञ्चावहै
पञ्चामहै पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अपञ्चत
अपञ्चेताम् अपञ्चथाः अपञ्चेथाम अपञ्चध्वम अपञ्चे
अपञ्चावहि अपञ्चामहि पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पञ्चेत
पञ्चेयाताम पञ्चेरन् पञ्चेथाः पञ्चेयाथाम् पञ्चेध्वम् पञ्चेय
पञ्चेवहि पञ्चेमहि पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) पपञ्चे पपञ्चाते
पपञ्चिरे पपञ्चिषे पपञ्चाथे
पपञ्चिध्वे पपञ्चे
पपञ्चिवहे पपञ्चिमहे पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) पञ्चिता
पञ्चितासै पञ्चितार: पञ्चितासे
पञ्चितासाथ पञ्चिताध्ने पञ्चिताहे पञ्चितास्वहे पञ्चितास्महे पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
पञ्चिष्यते पञ्चिष्येते पञ्चिष्यन्ते पञ्चिष्यसे पञ्चिष्येथे पञ्चिष्यध्वे पञ्चिष्ये पञ्चिष्यावहे पञ्चिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #412
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पचि (व्यक्तिकरणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
पञ्चिषीष्ट पञ्चिषीयास्ताम' पञ्चिषीरन पञ्चिषीष्ठाः पञ्चिषीयास्थाम् पञ्चिषीध्वम्
पञ्चिषीय पञ्चिषीवहि पञ्चिषीमहि पचि (व्यक्तिकरणे, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपञ्चिष्ट अपञ्चिषाताम् अपञ्चिषत अपञ्चिष्पाः अपञ्चिषाथाम अपञ्चिध्वम्
अपञ्चिति अपञ्चिष्तहि अपञ्चिष्महि पचि (व्यक्ति करणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपञ्चिष्यत अपञ्चिष्येताम् अपञ्चिष्यन्त अपञ्चिष्यथा: अपञ्चिष्येथाम । अपञ्चिष्यध्वम
अपञ्चिष्ये अपञ्चिष्यावहि अपञ्चिष्यामहि पूज (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, लट्) पूजयति पूजयतः
पूजयन्ति पूजयसि पूजयथः
पूजयथ पूजयावः
पूजयामः पूज (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) पूजयतु
पूजयताम् पूजयन्तु पूजय पूजयतम्
पूजयत पूजयानि पूजयाव
पूजयाम पूज (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अपजयत अपूजयताम
अपूजयन् अजयः अधजयतम
अपूजयत अपूजयम् अपूजयाव
अपूजयाम पूज (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पूजयेत् पूजयेताम्
पूजयेयुः पूजयेः
पूजयेतम् पूजयेयम् पूजयेव
पूजयेम
पूजयामि
पूजयेत
For Private and Personal Use Only
Page #413
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
पूजयाञ्चकार पूजयाञ्चक्रतुः पूजयाञ्चक्रुः पूजयाञ्चकर्थ पूजयाञ्चक्रथुः पूजयाञ्चक्र
पूजयाञ्चकार पूजयाञ्चकृव पूजयाञ्चकृम पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
पूजयिता पूजयितारौ पूजयितारः पूजयितासि पूजयितास्थः पूजयितास्थ
पूजयितास्मि पूजयितास्वः पूजयितास्मः पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
पूजयिष्यति पूजयिष्यतः पूजयिष्यन्ति पूजयिष्यसि पूजयिष्यथः पूजयिष्यथ
पूजयिष्यामि पूजयिष्यावः पूजयिष्यामः पूज (पूजायाम, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पूज्यात्
पूज्यास्ताम् पूज्यासुः पूज्याः पूज्यास्तम्
पूज्यास्त पूज्यासम् पूज्यास्व
पूज्यास्म पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपूपुजत् अपूपुजताम् अपूपुजन् अपूपुजः अपूपुजतम्
अपूपुजत अपूपुजम् अपूपुजाव अपूपुजाम पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपूजयिष्यत् अपूजयिष्यताम् अपूजयिष्यन् अपूजयिष्यः अपूजयिष्यतम् अपूजयिष्यत
अपूजयिष्यम् अपूजयिष्याव अपूजयिष्याम पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
पूजयेते पूजयसे
पूजयध्वे पूजयावहे
पूजयामहे
पूजयते
पूजयन्ते
पूजयेथे
पूजये
For Private and Personal Use Only
Page #414
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
पूजयताम् पूजयेताम् पूजयन्ताम् पूजयस्व
पूजयेथस्व पूजयध्वम पूजयै पूजयावहै
पूजयामहै पूज (पूजायाम, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अपूजयत
अपूजयेताम् अपूजयन्त अपूजयथाः अपूजयेथाम
अपूजयध्वम अपूजये अपूजयावहि अपूजयामहि पूज (पूजायाम, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पूजयेत
पूजयेयाताम् पूजयेरन् पूजयेथाः पूजयेयाथाम् पूजयेध्वम पूजयेय
पूजयेवहि पूजयेमहि पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
पूजयाञ्चक्रे पूजयाञ्चक्राते पूजयाञ्चक्रिरे पूजयाञ्चकृषे पूजयाञ्चक्राथे पूजयाञ्चकढ़वे
पूजयाञ्चक्रे पूजयाञ्चकृवहे पूजयाञ्चकृमहे पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) पूजयिता
पूजयितारौ पूजयितारः पूजयितासे पूजयितासाथे
पूजयिताध्वे पूजयिताहे पूजयितास्वहे पूजयितास्महे पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्) पूजयिष्यते
पूजयिष्येते पूजयिष्यन्ते पूजयिष्यसे पूजयिष्येथे
पूजयिष्यध्वे पूजयिष्ये पूजयिष्यावहे पूजयिष्यामहे पूज (पूजायाम, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) पूजयिषीष्ट
पूजयिषीयास्ताम् पूजयिषीरन् पूजयिषीष्ठाः पूजयिषीयास्थाम् पूजयिषीध्वम् पूजयिषीय पूजयिषीवहि पूजयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #415
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपूपुजया
४०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूपुजत अपूपुजेताम् अपूपजन्त अपूपुजथाः अपूपुजेथाम् अपपजध्यम
अपपुजे अपूपुजावहि अपूपुजामहि पूज (पूजायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूजयिष्यत अपूजयिष्येताम् अपूजयिष्यन्त अपूजयिष्यथाः अपूजयिष्येथाम अपूजयिष्यध्वम्
अपूजयिष्ये अपूजयिष्यावहि अपूजयिष्यामहि पूञ् (पवने, क्रयादिगण, परस्मै, लट्) पुनाति पुनीतः
पुनन्ति पुनासि पुनीथः
पनीय पुनामि पुनीवः
पनीम: पून (पवने, क्यादिगण, परस्मै, लोट्) पुनातु पुनीताम
पुनन्तु पुनीतम्
पुनीत गुनानि
पुनाम पूज् (पवने, क्यादिगण, परस्मै, लङ्) अपुनात्
अपुनीलाम अपुनन् अपनाः
अपुनीतम् अपनीत अपुनाम्
आनीव अपनीम पूज् (पवने, क्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पुनीयात्
पनीयाताम पुनीयुः पुनीयाः
पुनीयातम् पुनीयात पुनीयाम् पुनीयाव
पनीयाम पूज (पवने, व्यादिषण, परस्मै, लिट पपाव
पुपुवतुः पुपुविथ पुपुवथुः
पुपुल पुपाव पुपुविव
पपविध
पुनीहि
पुनाव
SEEEEEEEEEEEEEE
पुपुत्रुः
For Private and Personal Use Only
Page #416
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूञ् (पवने, क्रयादिगण, परस्मै, लुट्) पविता पवितारौ
पवितारः पवितासि
पवितास्थः पवितास्थ पवितास्मि पवितास्वः पवितास्मः पूज् (पवने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
पविष्यति पविष्यतः पविष्यन्ति पविष्यसि पविष्यथः
पविष्यथ पविष्यामि पविष्यावः
पविष्यामः पूत्र (पवने, व्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पूयात् पूयास्ताम
पूयासुः पूयाः पूयास्तम्
पूयास्त पूयासम् पूयास्व
पूयास्म पून (पवने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अपावीत
अपाविष्टाम अपाविष: अपावी: अपाविष्टम
अपाविष्ट अपाविषम् अपाविष्ट
अपाविष्म पूज् (पवने, व्रयादिगण, परस्मै, लुङ्) अपविष्यत अपविष्यताम अपविष्यन्
अपविष्यतम अपविष्यत अपविष्यम् अपविष्याव अपविष्याम पूज (पवने, ज्यादिगण, आत्मने, लट)
पुनते पुनाथे
पुनीध्वे
पुनीमहे पल (पवने, व्यादिगण, आत्मने, लोट्) पुनीताम् पुनानाम्
पनताम पनीष्व पुनाथाम
पुनीध्वम्
पनीने
पुनाते
पुनी
पुनीवहे
पुनावहै
पुनामहै
For Private and Personal Use Only
Page #417
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पुनीत
पुपुवाते
पुपुविरे
पुपुवे
पुपुविमहे
४०६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूञ् (पवने, क्र्यादिगण, आत्मने, लङ्) अपुनीत
अपुनाताम् अपुनत अपनीथाः
अपुनाथाम् अपुनीध्वम् अपुनि
अपुनीवहि अपुनीमहि पूञ् (पवने, क्र्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
पनीयाताम पुनीरन् पनीथाः
पुनीयाथाम् पुनीध्वम् पुनीय पुनीवहि
पुनीमहि पूज् (पवने, क्रयादिगण, आत्मने, लिट्)
पुपुवे पुपुविषे पुपुवाथे
पुपुविध्वे
पुपुविवहे पूज् (पवने, क्रयादिगण, आत्मने, लुट) पविता पवितारौ
पवितारः पवितासे पवितासाथे
पविताध्वे पविताहे पवितास्वहे पवितास्महे पूञ् (पवने, व्रयादिगण, आत्मने, लट्) पविष्यते पविष्येते
पविष्यन्ते पविष्यसे पविष्येथे
पविष्यध्वे पविष्ये
पविष्यावहे पविष्यामहे पूज् (पवने, क्रयादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) पविषीष्ट
पविषीयास्ताम् पविषीरन् पविषीष्ठाः पविषीयास्थाम पविषीध्वम्
पविषीय पविषीवहि पविषीमहि पूञ् (पवने, क्र्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अपविष्ट
अपविषाताम् अपविषत अपविष्ठाः अपविषाथाम् अपविढ़वम् अपविषि
अपविष्वहि अपविष्यहि
krit gital filli
For Private and Personal Use Only
Page #418
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०७
पठतः
पठन्तु
पठानि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूज् (पवने, क्रयादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपविष्यत अपविष्येताम् अपविष्यन्त अपविष्यथाः अपविष्येथाम अपविष्यध्वम् अपविष्ये
अपविष्यावहि अपविष्यामहि पट (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) पठति
पठन्ति पठसि पठथः
पठथ पठामि पठावः
पठामः पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) पठतु
पठताम् पठ पठतम्
पठत पठाव
पठाम पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अपठत् अपठताम्
अपठन् अपठः अपठतम्
अपठत अपठम् अपठाव
अपठाम पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्).
पठेताम
पठेयुः पठतम पठेतम
पठेत पठेयम् पठेव
पठेम पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
पेठतुः
पेठुः पेठिथ
पेठ पपाठ पेठिव
पेठिम पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) पठिता पठितारौ
पठितारः पठितासि पठितास्थः
पठितास्थ पठितास्मि
पठितास्वः पठितास्मः
पठेत पठे:
पपाठ
पेठथः
For Private and Personal Use Only
Page #419
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अपठिष्यत् अपठिष्यः
अपठिष्यम्
www.kobatirth.org
४०८
पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै,
पठिष्यति
पठिष्यसि पठिष्यामि
पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
पठ्यात्
पठ्याः पठ्यासम्
पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपाठीत
अपाठी:
अपाठिषम्
पठ (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
पणते
पणसे
पणे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ऌट्)
पठिष्यतः
पठिष्यथः
पठिष्यावः
अपणत
अपणथा:
अपणे
पठ्यास्ताम्
पठ्यास्तम् पठ्यास्व
अपाठिष्टाम् अपठिष्टम्
अपाठिष्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपठिष्यताम
अपठिष्यम्
अपठिष्याव
पठिष्यन्ति पठिष्यथ
पठिष्यामः
For Private and Personal Use Only
पठ्यासुः
पठ्यास्त
पठ्यास्म
पण (व्यवहारे स्तुतौ च भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
पणेते
पणेथे
पणाव
अपाठिषुः अपाटिष्ट
अपाठिष्म
अपठिष्यन
अपठिष्यत
अपठिष्याम
पण (व्यवहारे स्तुतौ च भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
पणताम्
पणेताम्
पणस्व
पणेथाम्
पणै
पणाव
पण ( व्यवहारे स्तुती च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अपणेताम्
अपणेथाम
अपणावहि
पणन्ते
पणवे
पणामहे
पणन्ताम
पणध्वम
पणाम
"
अपणन्त
अपणध्वम
अपणा
Page #420
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४०९
घुटिताध्वे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पणेत
पणेयाताम् पणेरन पणेथाः
पणेयाथाम पणेध्वम् पणेय पणेवहि
पणेमहि पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) पेणे पेणाते
पेणिरे पेणिषे पेणाथे
पेणिध्वे पेणे पेणिवहे
पेणिमहे पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) पणिता पणितारौ
पणितारः पणितासे
पणितासाथे पणिताहे पणितास्वहे पणितास्महे पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लट) पणिष्यते पणिष्येते
पणिष्यन्ते पणिष्यसे
पणिष्येथे पणिष्यध्वे पणिष्ये
पणिष्यावहे पणिष्यामहे पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
पणिषीष्ट पणिषीयास्ताम पणिषीरन पणिषीष्ठाः पणिषीयास्थाम पणिषीध्वम् पणिषीय
पणिषीवहि पणिषीमहि पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अपणिष्ट
अपणिपाताम अपणिषत अपणिष्ठाः
अपणिषाथाम अपणिध्वम् अपणिषि अपणिष्वहि अपणिष्महि पण (व्यवहारे स्तुतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपणिष्यत अपणिप्येताम् अपणिष्यन्त अपणिष्यथाः अपणिष्येथाम् अपणिष्यध्वम अपणिष्ये
अपणिष्यावहि अपणिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #421
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
४१०
पत् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पतति
पतसि
पतामि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
पततः
पतथः
पताव:
पत् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
पततु
पत
पतानि
पतू ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
पतताम्
पततम्
पताव
अपतताम् अपततम्
अपताव
अपतत्
अपतः
अपतम्
पतु ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
पतेत् पतेः
पतेयम्
पत् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट् )
पतेताम्
पतेतम्
पतेव
पेततुः
पेतथुः
पेतिव
पपात
पेतिथ
पपात
पत् ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट)
पतिता
पतितारौ
पतितास्थः
पतितासि पतितास्मि
पतितास्वः
पत् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पतिष्यति
पतिष्यतः
पतिष्यसि
पतिष्यथः
पतिष्यामि
पतिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
पतन्ति
पतथ
पतामः
पतन्तु
पतत
पताम
अपतन्
अपतत
अपताम
पतेयुः
पतेत
पतेम
पेतुः
पेत
पेतिम
पतितारः पतितास्थ
पतितास्मः
पतिष्यन्ति
पतिष्यथ
पतिष्यामः
Page #422
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४११
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पतु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पत्यात पत्यास्ताम्
पत्यासुः पत्याः पत्यास्तम्
पत्यास्त पत्यासम् पत्यास्व
पत्यास्म पत् (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अपप्तत् अपप्तताम
अपप्तन अपप्तः अपप्ततम
अपप्तत अपप्तम् अपप्ताव
अपप्ताम पतू (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपतिष्यत् अपतिष्यताम् अपतिष्यन् अपतिष्यः अपतिष्यतम
अपतिष्यत अपतिष्यम् अपतिष्याव अपतिष्याम पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लट्) पद्यते पद्येते
पद्यन्ते पद्यसे पद्येथे
पद्यध्वे पद्ये पद्यावहे
पद्यामहे पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लोट्) पद्यताम पद्येताम्
पद्यन्ताम् पद्यस्व पद्येथाम
पद्यध्वम् पद्यावहै
पद्यामहै पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लङ्) अपद्यत अपद्येताम्
अपद्यन्त अपद्यथाः अपद्येथाम्
अपद्यध्वम् अपद्ये
अपद्यावहि अपद्यामहि पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पद्येत पद्येयाताम
पोरन पद्येथाः पद्येयाथाम्
पद्यध्वम पद्येय पद्येवहि
पद्येमहि
पद्यै
For Private and Personal Use Only
Page #423
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पेदे
पत्ताहे
पत्स्यन्ते पत्स्यध्वे
पत्स्ये
४१२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लिट) पेदे पेदाते
पेदिरे पेदिषे पेदाथे
पेदिध्वे पेदिवहे
पेदिमहे पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लुट्) पत्ता पत्तारौ
पत्तारः पत्तासे
पत्तासाथे पत्ताध्वे पत्तास्वहे
पत्तास्महे पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लट्) पत्स्यते
पत्स्येते पत्स्यसे
पत्स्येथे पत्स्यावहे
पत्स्यामहे पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) पत्सीष्ट
पत्सीयास्ताम पत्सीरन् पत्सीष्ठाः
पत्सीयास्थाम पत्सीध्वम पत्सीय पत्सीवहि
पत्सीमहि पद (गतौ, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्) अपादि अपत्साताम
अपत्सत अपत्थाः अपत्साथाम
अपदध्वम अपत्सि अपत्स्वहि
अपत्स्महिं पद (गतो, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्) अपत्स्यत
अपत्स्येताम् अपत्स्यन्त अपत्स्यथाः अपत्स्येथाम् अपत्स्यध्वम अपत्स्ये
अपत्स्यावहि अपत्स्यामहि पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
पूयेते पूयसे पूयेथे
पूयध्वे पूयावहे
पूयामहे
अपा
पूयते
पूयन्ते
पूये
For Private and Personal Use Only
Page #424
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४१३
पूयै
पूयेय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) पूयताम पूयेताम्
पूयन्ताम् पूयस्व पूयेथाम्
पूयध्वम पूयावहै
पूयामहै पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अपयत
अपूयेताम् अपूयन्त अपूयथाः अपूयेथाम्
अपूयध्वम अपूये
अपूयावहि अपूयामहि पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पूयेत
पूयेयाताम् पूयेरन् पूयेथाः पर्ययाथाम
पूयेध्वम्
पूयेवहि पूयेमहि पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
पुपूयाते
पुपूयाथे पुपूये पुपूयिवहे
पुपूयिमहे पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) पूयिता
पूयितारौ पूयितारः पूयितासे
पयितासाथे पयिताध्वे पूयिताहे पूयितास्वहे पूयितास्महे पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पूयिष्यते पूयिष्येते
पूयिष्यन्ते पूयिष्यसे पूयिष्येथे
पयिष्यध्वे
पूयिष्यावहे पूयिष्यामहे पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) पूयिषीष्ट
पूयिषीयास्ताम् पूयिषीरन् पूयिषीष्ठाः पूयिषीयास्थाम् पूयिषीध्वम् पूयिषीय
पूयिषीवहि पूयिषीमहि
पुपूये पुपूयिषे
पुपूयिरे पुपूयिध्वे
पूयिष्ये
For Private and Personal Use Only
Page #425
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४१४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूयिष्ट अपूयिषाताम् अपूयिषत अपयिष्ठाः अपूयिषाथाम् अपूयिध्वम
अपूयिषि अपूयिष्वहि अपूयिष्यहि पूयी (विशरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूयिष्यत अपूयिष्येताम् अपूयिष्यन्त अपूयिष्यथाः अपूयिष्येथाम् अपूयिष्यध्वम
अपूयिष्ये अपूयिष्यावहि अपूयिष्यामहि प्रच्छ (ज्ञीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, लट्) पृच्छति पृच्छतः
पृच्छन्ति पृच्छसि पृच्छथः
पच्छथ पृच्छामि पृच्छावः
पृच्छामः प्रच्छ (जीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) पृच्छतु पृच्छताम्
पृच्छन्तु पृच्छ पृच्छतम्
पृच्छत पृच्छानि पृच्छाव
पृच्छाम प्रच्छ (जीप्सायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अपृच्छत्
अपृच्छताम् अपृच्छन् अपृच्छः अपच्छतम
अपृच्छत अपृच्छम् अपृच्छाव
अपृच्छाम प्रच्छ (जीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पृच्छेत् पृच्छेताम्
पच्छेयः पृच्छेः पृच्छेतम्
पच्छेत पृच्छेयम् पृच्छेव
पृच्छेम प्रच्छ (ज्ञीप्सायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लिट्) पप्रच्छ पप्रच्छतुः
पप्रच्छुः पप्रच्छिथ पप्रच्छथुः
पप्रच्छ पप्रच्छ पप्रच्छिव
पप्रच्छिम
For Private and Personal Use Only
Page #426
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४१५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली प्रच्छ (जीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) प्रष्टा प्रष्टारौ
प्रष्टारः प्रष्टासि प्रष्टास्थः
प्रष्टास्थ प्रष्टास्मि प्रष्टास्वः
प्रष्टास्मः प्रच्छ (जीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, लट्) प्रक्ष्यति प्रक्ष्यतः
प्रक्ष्यन्ति प्रक्ष्यसि प्रक्ष्यथः
प्रक्ष्यथ प्रक्ष्यामि प्रक्ष्यावः
प्रक्ष्यामः प्रच्छ (जीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पृच्छयात
पृच्छयास्ताम् पृच्छयासुः पृच्छयाः
पृच्छयास्तम् पृच्छयास्त पृच्छयासम् पृच्छयास्व
पच्छयास्म प्रच्छ (ज्ञीप्सायाम, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अप्राक्षीत् अप्राष्टाम्
अप्राक्षुः अप्राक्षीः अप्राष्टम्
अप्राष्ट अप्राक्षम् अप्राव
अप्राम प्रच्छ (जीप्सायाम्, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अप्रक्ष्यत् अप्रक्ष्यताम
अप्रक्ष्यन् अप्रक्ष्यः अप्रक्ष्यतम्
अप्रक्ष्यत अप्रक्ष्यम् अप्रक्ष्याव
अप्रक्ष्याम पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पर्दते पर्देते
पर्दन्ते पर्दसे पर्देथे
पर्दध्वे
पर्दामहे पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) पर्दताम्
पर्देताम् पर्दस्व पर्देथाम
पर्दध्वम पर्दावहै
पर्दामहै
पर्दे
पर्दावहे
पर्दन्ताम्
For Private and Personal Use Only
Page #427
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपर्दे
पपर्दे
४१६ ___ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अपर्दत
अपर्दैताम् अपर्दन्त अपर्दथाः
अपर्देथाम अपर्दध्वम् अपर्दावहि
अपर्दामहि पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पर्देत
पर्देयाताम पर्देरन पर्देथाः पर्देयाथाम्
पर्देध्वम पर्देय पर्देवहि
पर्देमहि पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
पपर्दाते
पपदिरे पपर्दिषे पपर्दाथे
पपर्दिध्वे पपर्दे पपर्दिवहे
पपर्दिमहे पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) पर्दिता
पर्दितारौ पर्दितारः पर्दितासे
पर्दितासाथे पर्दिताध्ये पर्दिताहे पर्दितास्वहे पर्दितास्महे पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पर्दिष्यते पर्दिष्येते
पर्दिष्यन्ते पर्दिष्यसे पर्दिष्येथे
पर्दिष्यध्वे पर्दिष्ये
पर्दिष्यावहे पर्दिष्यामहे पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) पर्दिषीष्ट
पर्दिषीयास्ताम पर्दिषीरन पर्दिषीष्ठाः पर्दिषीयास्थाम पर्दिषीध्वम पर्दिषीय
पर्दिषीवहि पर्दिषीमहि पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अपर्दिष्ट अपर्दिषाताम्
अपर्दिषत अपर्दिष्ठाः अपर्दिषाथाम् अपर्दिध्वम् अपर्दिषि अपर्दिष्वहि अपर्दिष्महि
स्वह
For Private and Personal Use Only
Page #428
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
पर्द (कुत्सिते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ्)
अपर्दिष्यत
अपर्दिष्यथाः अपर्दिष्ये
अपर्दिष्येताम्
अपर्दिष्येथाम
अपर्दिष्यावहि
पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पूर्वति
पूर्वसि पूर्वामि
पूर्वतः
पूर्वथः
पूर्वाव:
पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
पूर्वतु
पूर्व पूर्वानि
पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
पूर्वताम्
पूर्वतम्
पूर्वाव
अपूर्वताम् अपूर्वतम्
अपूर्वाव
अपूर्वत् अपूर्वः
अपूर्वम्
पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
पूर्वेताम् पूर्वेतम्
पूर्वेव
पूर्वेत्
पूर्वे:" पूर्वेयम्
पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
पुपूर्व पुपूर्विथ पूर्व
पुपूर्वतुः
पुपूर्वथुः
पुपूर्विव
पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
पूर्विता पूर्वितासि पूर्वितास्मि
पूर्वितारौ पूर्वितास्थः पूर्वितास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अपर्दिष्यन्त अपर्दिष्यध्वम् अपर्दिष्यामहि
पूर्वन्ति
पूर्वथ
पूर्वामः
पूर्वन्तु
पूर्वत
पूर्वाम
अपूर्वन् अपूर्वत
अपूर्वाम
पूर्वेयुः
पूर्वेत
पूर्वेम
पुपूर्वः
पुपूर्व
पुपूर्विम
पूर्वितार: पूर्वितास्थ पूर्वितास्मः
४१७
Page #429
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पूर्व्यात
४१८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पूर्विष्यति पूर्विष्यतः पूर्विष्यन्ति पूर्विष्यसि पूर्विष्यथः पूर्विष्यथ
पूर्विष्यामि पूर्विष्यावः पूर्विष्यामः पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
पूर्व्यास्ताम् पूर्व्यासुः पूर्व्याः
पूर्व्यास्तम् पास्त पूर्व्यासम्
पूर्व्यास्व पूर्यास्म पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपूर्वीत् अपूर्विष्टाम् अपूर्विषुः अपूर्वीः अपूर्विष्टम्
अपर्विष्ट अपूर्विषम् अपूर्विष्व
अपूर्विष्म पूर्व (पूरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अपूर्विष्यत् अपूर्विष्यताम् अपूर्विष्यन् अपूर्विष्यः अपूर्विष्यतम् अपूर्विष्यत
अपूर्विष्यम् अपूर्विष्याव अपूर्विष्याम पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) पूरयति पूरयतः
पूरयन्ति पूरयसि पूरयथः
पूरयथ पूरयामि पूरयावः
पूरयामः पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) पूरयतु पूरयताम्
पूरयन्तु पूरय पूरयतम्
पूरयत पूरयाणि पूरयाव
पूरयाम पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपूरयत् अपूरयताम् अपूरयन् अपूरयः अपूरयतम
अपूरयत अपूरयम् अपूरयाव
अपूरयाम
अपूल
# EE
For Private and Personal Use Only
Page #430
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४१९
पूरयेः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पूरयेत्
पूरयेताम् पूरयेयुः पूरयेतम्
पूरयेत पूरयेयम् पूरयेव
पूरयेम पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) पूरयाञ्चकार
पूरयाञ्चक्रुः पूरयाञ्चकर्थ पूरयाञ्चक्रथुः पूरयाञ्चक्र
पूरयाञ्चकार पूरयाञ्चकृव पूरयाञ्चकम पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
पूरयिता पूरयितारौ पूरयितारः पूरयितासि पूरयितास्थः पूरयितास्थ
पूरयितास्मि पूरयितास्वः पूरयितास्मः पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
पूरयिष्यति पूरयिष्यतः पूरयिष्यन्ति पूरयिष्यसि
पूरयिष्यथ: पूरयिष्यथ पूरयिष्यामि पूरयिष्यावः पूरयिष्यामः पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पूर्यात्
पूर्यास्ताम् पूर्यासुः पूर्या:
पूर्यास्तम् पूर्यासम्
पूर्यास्म पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अपूपुरत्
अपूपुरताम् अपूपुरन् अपूपुरः अपूपुरतम्
अपूपुरत अपूपुरम् अपूपुराव अपूपुराम पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपूरयिष्यत् अपूरयिष्यताम् अपूरयिष्यन् अपूरयिष्यः अपूरयिष्यतम् अपूरयिष्यत अपूरयिष्यम् अपूरयिष्याव अपूरयिष्याम
पूर्यास्त
पूर्यास्व
For Private and Personal Use Only
Page #431
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पूरयन्ते
पूरये
पूरयध्वम
४२० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) पूरयते
पूरयेते पूरयसे पूरयेथे
पूरयध्ये पूरयावहे
पूरयामहे पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्) पूरयताम्
पूरयेताम् पूरयन्ताम् पूरयस्व
पूरयेथस्व पूरयै पूरयावहै
पूरयामहै पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अपूरयत अपूरयेताम् अपूरयन्त अपूरयथाः अपूरयेथाम्
अपूरयध्वम् अपूरये
अपूरयावहि अपूरयामहि पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पूरयेत
पूरयेयाताम् पूरयेरन् पूरयेथाः
पूरयेयाथाम पूरयेध्वम् पूरयेय
पूरयेवहि पूरयेमहि पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
पूरयाञ्चक्रे पूरयाञ्चक्राते पूरयाञ्चक्रिरे पूरयाञ्चकृषे पूरयाञ्चक्राथे पूरयाञ्चकृढ़वे पूरयाञ्चक्रे पूरयाञ्चकृवहे
पूरयाञ्चकमहे पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) पूरयिता
पूरयितारौ पूरयितारः पूरयितासे पूरयितासाथे पूरयिताध्वे
पूरयिताहे पूरयितास्वहे पूरयितास्महे पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) पूरयिष्यते
पूरयिष्येते परयिष्यन्ते पूरयिष्यसे पूरयिष्येथे
पूरयिष्यध्ये पूरयिष्यावहे पूरयिष्यामहे
पूरयिष्ये
For Private and Personal Use Only
Page #432
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४२१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
पूरयिषीष्ट पूरयिषीयास्ताम् पूरयिषीरन् पूरयिषीष्ठाः पूरयिषीयास्थाम पूरयिषीध्वम्
पूरयिषीय पूरयिषीवहि पूरयिषीमहि पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूपुरत अपूपुरेताम् अपूपुरन्त अपपुरथाः अपूपुरेथाम अपूपुरध्वम् अपूपुरे
अपूपुरावहि अपूपुरामहि पूरी (आप्यायने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूरयिष्यत अपूरयिष्येताम् अपूरयिष्यन्त अपूरयिष्यथाः अपूरयिष्येथाम् अपूरयिष्यध्वम्
अपूरयिष्ये अपूरयिष्यावहि अपूरयिष्यामहि प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्रयादिगण, परस्मै, लट्)
प्रीणाति प्रीणीतः प्रीणन्ति प्रीणासि प्रीणीथः
प्रीणीथ प्रीणामि
प्रीणीवः प्रीणीमः प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्रयादिगण, परस्मै, लोट्) प्रीणातु
प्रीणीताम् प्रीणन्तु प्रीणीहि
प्रीणीत प्रीणानि प्रीणाव
प्रीणाम प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अप्रीणान् अप्रीणीताम अप्रीणन अप्रीणाः
अप्रीणीतम् अप्रीणीत अप्रीणाम् अप्रीणीव
अप्रीणीम प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्ग)
प्रीणीयात प्रीणीयाताम् प्रीणीयुः प्रीणीया: प्रीणीयातम् प्रीणीयात प्रीणीयाम् प्रीणीयाव
प्रीणीयाम
प्रीणीतम्
For Private and Personal Use Only
Page #433
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
पिप्राय
पिप्रयिथ पिप्राय
www.kobatirth.org
४२२
प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्)
पिप्रियतुः पिप्रियथुः पिप्रियिव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, परस्मै, लुट् )
प्रेतारौ
प्रेतास्थः
प्रेतास्वः
प्रेता
प्रेतासि
प्रेतास्मि
प्रीञ् ( तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, परस्मै, लृट्)
प्रेष्यति
प्रेष्यतः
प्रेष्यसि
प्रेष्यथः
प्रेष्यामि
प्रेष्यावः
प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
प्रीणीते
प्रीणीषे
प्रीणे
प्रीयात् प्रीया: प्रीयसम्
प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अप्रैष्टाम्
प्रीयास्ताम्
प्रीयास्तम् प्रीय
अप्रैषीत्
अप्रैषीः
अप्रैषम्
अप्रैष्व
प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, परस्मै,
अप्रेष्यत्
अप्रेष्यः अप्रेष्यम्
अप्रेष्यताम्
अप्रेष्यतम्
अप्रेष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पिप्रियः
पिप्रिय
पिप्रियिम
लृङ्)
For Private and Personal Use Only
प्रेतारः
प्रेतास्थ
प्रेतास्मः
प्रेष्यन्ति
प्रेष्यथ
प्रेष्यामः
प्रीयासुः प्रीयास्त
प्रीयास्म
प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च क्र्यादिगण, आत्मने, लट्)
प्रीणाते
प्रीणाथे
प्रीणीवहे
अप्रैषः
अप्रैष्ट
अप्रैष्म
अप्रेष्यन् अप्रेष्यत
अप्रेष्याम
प्रीणते
प्रीणीध्वे
प्रीणीमहे
Page #434
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४२३
प्रीणीय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली प्रीम् (तर्पणे कान्तौ च, क्रयादिगण, आत्मने, लोट्) प्रीणीताम प्रीणाताम्
प्रीणताम प्रीणीष्व
प्रीणाथाम प्रीणीध्वम् प्रीण
प्रीणावहै प्रीणामहै प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्रयादिगण, आत्मने, लङ्)
अप्रीणीत __अप्रीणाताम अप्रीणत अप्रीणीथाः अप्रीणाथाम् अप्रीणीध्वम् अप्रीणि
अप्रीणीवहि अप्रीणीमहि प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, ज्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) प्रीणीत
प्रीणीयाताम् प्रीणीरन् प्रीणीथाः प्रीणीयाथाम
प्रीणीध्वम्
प्रीणीवहि प्रीणीमहि प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, व्रयादिगण, आत्मने, लिट्) पिप्रिये पिप्रियाते
पिप्रियिरे पिप्रियिषे पिप्रियाथे
पिप्रियिध्वे पिप्रिये
पिप्रियिवहे पिप्रियिमहे प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्रयादिगण, आत्मने, लुट्) प्रेता प्रेतारौ
प्रेतारः प्रेतासे प्रेतासाथे
प्रेताध्वे प्रेताहे
प्रेतास्वहे प्रेतास्महे प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्रयादिगण, आत्मने, लुट्) प्रेष्यते प्रेष्येते
प्रेष्येन्ते प्रेष्यसे प्रेष्येथे
प्रेष्यध्वे प्रेष्ये
प्रेष्यावहे प्रेष्यामहे प्रीज् (तर्पणे कान्तौ च, ज्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
प्रेषीष्ट प्रेषीयास्ताम् प्रेषीष्ठाः
प्रेषीयास्थाम प्रेषीढ्वम् प्रेषीय प्रेषीवहि
प्रेषीमहि
प्रेषीरन्
For Private and Personal Use Only
Page #435
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४२४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अप्रेष्ट
अप्रेषाताम् अप्रेषत अप्रेष्ठाः अप्रेषाथाम
अप्रेढ़वम् अप्रेषि अप्रेष्वहि
अप्रेष्महि प्रीञ् (तर्पणे कान्तौ च, क्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अप्रेष्यत
अप्रेष्येताम् अप्रेष्यन्त अप्रेष्यथाः अप्रेष्येथाम् अप्रेष्यध्वम् अप्रेष्ये
अप्रेष्यावहि अप्रेष्यामहि पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) पोषयति पोषयतः
पोषयन्ति पोषयसि पोषयथः
पोषयथ पोषयामि पोषयावः
पोषयामः पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
पोषयतु पोषयताम् पोषय पोषयतम्
पोषयत पोषयानि पोषयाव
पोषयाम पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपोषयत् अपोषयताम् अपोषयन् अपोषयः
अपोषयतम् अपोषयत अपोषयम्
अपोषयाव अपोषयाम पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पोषयेत् पोषयेताम
पोषयेयुः पोषयेः
पोषयेतम् पोषयेत पोषयेयम् पोषयेव
पोषयेम पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
पोषयाञ्चकार पोषयाञ्चक्रतुः पोषयाञ्चक्रुः पोषयाञ्चकर्थ पोषयाञ्चक्रथुः
पोषयाञ्चक्र पोषयाञ्चकार पोषयाञ्चकृव पोषयाञ्चकम
पोषयन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #436
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धात्-रूपावली
४२५
पोषयितारः पोषयितास्थ पोषयितास्मः
पोषयिष्यन्ति पोषयिष्यथ पोषयिष्यामः
पोष्यासुः पोष्यास्त पोष्यास्म
पोष्यास्व
पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
पोषयिता पोषयितारौ पोषयितासि पोषयितास्थः
पोषयितास्मि पोषयितास्वः पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
पोषयिष्यति पोषयिष्यतः पोषयिष्यसि पोषयिष्यथः
पोषयिष्यामि पोषयिष्यावः पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पोष्यात्
पोष्यास्ताम् पोष्याः
पोष्यास्तम् पोष्यासम् पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अपूपुषत्
अपूपुषताम् अपूपुषः
अपूपुषतम् अपूपुषम्
अपूपुषाव पुष (धारणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपोषयिष्यत् अपोषयिष्यताम् अपोषयिष्यः अपोषयिष्यतम
अपोषयिष्यम् अपोषयिष्याव पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) पोषयते
पोषयेते पोषयसे
पोषयेथे पोषये
पोषयावहे पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट) पोषयताम्
पोषयेताम् पोषयस्व
पोषयेथस्व पोषये
पोषयावहै
अपूपुषन् अपूपुषत अपूपुषाम
अपोषयिष्यन् अपोषयिष्यत अपोषयिष्याम
पोषयन्ते पोषयध्वे पोषयामहे
पोषयन्ताम् पोषयध्वम् पोषयामहै
For Private and Personal Use Only
Page #437
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
४२६
पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अपोषयत
अपोषयथाः अपोषये
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
पोषयाञ्चक्रे पोषयाञ्चकर्ष पोषयाञ्चक्रे
पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
पोषयेत
पोषयेथाः
पोषयेय
पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
पोषयाञ्चक्राते
पोषयाञ्चक्राथे पोषयाञ्चकवहे
अपोषयेताम
अपोषयेथाम
अपोषयावहि
अपूपुषत
अपूपुषथाः अपूपुषे
पोषयेयाताम
पोषयेयाथाम् पोषयेवहि
पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
पोषयिता
पोषयितासे
पोषयिताहे
पोषयितारौ
पोषयितासाथे
पोषयितास्वहे
पुष ( धारणे, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
पोषयिष्यते
पोषयिष्यसे पोषयिष्ये
पुष ( धारणे, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
पोषयिषीष्ट
पोषयिषीष्ठाः पोषयिषीय
पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपूपुषेताम् अपूपुषेथाम् अपूपुषावहि
पोषयिष्येते
पोषयिष्येथे
पोषयिष्यावहे
,
पोषयिषीयास्ताम
पोषयिषीयास्थाम् पोषयिषीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अपोषयन्त
अपोषयध्वम्
अपोषयामहि
पोषयेरन पोषयेध्वम्
पोषयेमहि
"
पोषयाञ्चक्रिरे पोषयाञ्चकढवे
पोषयाञ्चक महे
पोषयितारः
पोषयिताध्वे पोषयितास्महे
पोषयिष्यन्ते
पोषयिष्यध्वे
पोषयिष्यामहे
पोषयिषीरन पोषयिषीध्वम
पोषयिषीमहि
अपूपुषन्त
अपूपुषध्वम् अपूपुजामहि
Page #438
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
पुष्णासि
-
-
पुष्णीवः
पुष्णीत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ४२७ पुष (धारणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपोषयिष्यत अपोषयिष्येताम् । अपोषयिष्यन्त अपोषयिष्यथाः अपोषयिष्येथाम अपोषयिष्यध्वम्
अपोषयिष्ये अपोषयिष्यावहि अपोषयिष्यामहि पुष (पुष्टौ, क्यादिगण, परस्मै, लट्) पष्णाति पुष्णीतः
पुष्णन्ति पुष्णीथः
पुष्णीथ पुष्णामि
पुष्णीमः पुष (पुष्टौ, त्यादिगण, परस्मै, लोट्) पूष्णास पुष्णीताम्
पुष्णन्तु पष्णीहि
पुष्णीतम् पुष्णानि पुष्णाव
पुष्णाम पुष (पुष्टौ, क्रयादिगण, परस्मै, लङ्)
अपुष्णात् अपुष्णीताम् अपुष्णन् अपूष्णाः अपुष्णीतम्
अपुष्णीत अपुष्णाम् अपुष्णीव
अपुष्णीम पुष (पुष्टौ, क्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
पुष्णीयात् पुष्णीयाताम् पुष्णीयुः पुष्णीयाः
पुष्णीयातम् पष्णीयात पुष्णीयाम् पुष्णीयाव
पुष्णीयाम पुष (पुष्टौ, क्यादिगण, परस्मै, लिट्) पुपोष
पुपोषतुः पुपोषुः पुपोषिथ पुपोषथुः
पुपोष
पुपोषिम पुष (पुष्टौ, क्रयादिगण, परस्मै, लुट) पोषिता
पोषितारौ पोषितारः पोषितासि पोषितास्थः पोषितास्थ पोषितास्मि पोषितास्वः पोषितास्मः
पुपोष
पुपोषिव
For Private and Personal Use Only
Page #439
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
४२८
पुष (पुष्टी, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
पोषिष्यति
पोषिष्यतः
पोषिष्यथः
पोषिष्यसि पोषिष्यामि
पोषिष्यावः
पुष (पुष्टौ क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
पुष्यात्
पुष्याः
पुष्यासम्
पुष (पुष्टी, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपोषिष्टाम
अपोषीत् अपोषी: अपोषिषम्
अपोषिष्टम्
अपोषिष्व
अपोषिष्यत
अपोषिष्यः अपोषिष्यम्
www.kobatirth.org
पुष (पुष्टौ क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ)
पिबति
पिबसि
पिबामि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
पिबतु
पिब
पिबनि
पुष्यास्ताम्
पुष्यास्तम्
पुष्यास्व
पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पिबतः
पिबथः
पिबाव:
अपिबत् अपिब:
अपिबम्
अपोषिष्यताम् अपोषिष्यतम्
अपोषिष्याव
पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
पिबताम्
पिबतम्
पिबाव
पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अपिबताम्
अपिबतम्
अपिबाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
पोषिष्यन्ति पोषिष्यथ
पोषिष्यामः
पुष्यासुः
पुष्यास्त
पुष्यास्म
अपोषिषः
अपोषिष्ट
अपोषिष्म
अपोषिष्यत्
अपोषिष्यत
अपोषिष्याम
पिबन्ति
पिबथ
पिबामः
पिबन्तु
पिबत
पिबाम
अपिबन
अपिबत
अपिबाम
Page #440
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४२९
पिबेत्
पपुः
पप
पातारः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पिबेताम्
पिबेयुः पिबेः पिबेतम
पिबेत पिबेयम् पिबेव
पिबम पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) पपौ
पपतुः पपिथ
पपथुः पपौ पपिव
पपिम पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) पाता
पातारौ पातासि पातास्थः
पातास्थ पातास्मि पातास्वः
पातास्मः पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) पास्यति पास्यतः
पास्यन्ति पास्यसि पास्यथः
पास्यथ पास्यामि पास्यावः
पास्यामः पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) पेयात्
पेयास्ताम् पेयासुः पेयास्तम
पेयास्त पेयासम् पेयास्व
पेयास्म पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अपात् अपाताम्
अपुः अपाः
अपातम् अपाम अपाव
अपाम पा (पाने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अपास्यत्
अपास्यताम् अपास्यन् अपास्यः अपास्यतम्
अपास्यत अपास्यम अपास्याव
अपास्याम
पेयाः
अपात
For Private and Personal Use Only
Page #441
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४३०
पाति
अपान अपात
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लट्)
पातः
पान्ति पासि पाथः
पाथ पामि पावः
पामः पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लोट्) पातु पाताम्
पान्तु पाहि पातम
पात पानि पाव
पाम पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अपात्
अपाताम अपाः
अपातम् अपाम् आपाव
आपाम पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पायात् पायाताम्
पायुः पायाः
पायात पायाम्
पायाव पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लिट्) पपौ पपतुः
पपुः पपिथ
पप पपौ पपिव
पपिम पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लुट्) पाता पातारौ
पातारः पातासि पातास्थः
पातास्थ पातास्मि पातास्वः
पातास्मः पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लट्) पास्यति
पास्यन्ति पास्यसि पास्यथः
पास्यथ पास्यामि पास्यावः
पास्यामः
पायातम
पायाम
पपथुः
पास्यतः
For Private and Personal Use Only
Page #442
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु- - रूपावली
पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
पायात्
पाया:
पायासम्
अपास्यत्
अपास्यः
पायास्ताम्
पायास्तम्
पायास्व
पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपासीत् अपासीः अपासिषम्
अपासिष्टाम् अपासिष्टम्
अपासिष्व
पा (रक्षणे, अदादिगण, परस्मै, लृङ् )
अपास्यताम्
अपास्यतम्
अपास्याव
अपास्यम्
पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
अपालयत्
अपालयः
अपालयम्
पालयति
पालसि
पालयामि
पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
-
पालयतः
पालयथः
पालयावः
पालयताम्
पालयतम्
पालयाव
पालयतु
पालय पालयान
पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपालयताम्
अपालयतम्
अपालयाव
पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
पालयेत
पालयेः
पालयेयम्
पालयेताम्
पालयेतम
पालयेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
पायासुः
पायास्त
पायास्म
अपासिषुः
अपासिष्ट
अपासिष्म
अपास्यन्
अपास्यत
अपास्याम
पालयन्ति
पालयथ
पालयामः
पालयन्तु
पालयत
पालयाम
अपालयन्
अपालयत
अपालयाम
पालयेयुः
पालयेत
पालम
४३१
Page #443
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४३२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
पालयाञ्चकार पालयाञ्चक्रतुः पालयाञ्चक्रुः पालयाञ्चकर्थ पालयाञ्चक्रथुः पालयाञ्चक
पालयाञ्चकार पालयाञ्चकृव । पालयाञ्चकम पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
पालयिता पालयितारौ पालयितारः पालयितासि पालयितास्थः पालयितास्थ
पालयितास्मि पालयितास्वः पालयितास्मः पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) पालयिष्यति
पालयिष्यतः पालयिष्यन्ति पालयिष्यसि पालयिष्यथः पालयिष्यथ
पालयिष्यामि पालयिष्यावः पालयिष्यामः पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लि) पाल्यात्
पाल्यास्ताम् पाल्यासुः पाल्याः पाल्यास्तम्
पाल्यास्त पाल्यासम् पाल्यास्व
पाल्यास्म पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपीपलत् अपीपलताम् अपीपलन् अपीपलः
अपीपलतम् अपीपलत अपीपलम् अपीपलाव अपीपलाम पाल (रक्षणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपालयिष्यत् अपालयिष्यताम् अपालयिष्यन् अपालयिष्यः अपालयिष्यतम अपालयिष्यत
अपालयिष्यम् अपालयिष्याव अपालयिष्याम पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) पालयते पालयेते
पालयन्ते पालयसे पालयेथे
पालयध्वे पालयावहे पालयामहे
पालये
For Private and Personal Use Only
Page #444
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अपालयत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ४३३ पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
पालयताम् पालयेताम् पालयन्ताम पालयस्व पालयेथस्व पालयध्वम पालयै
पालयावहै पालयामहै पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अपालयेताम् अपालयन्त अपालयथाः अपालयेथाम अपालयध्वम अपालये
अपालयावहि अपालयामहि पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
पालयेत पालयेयाताम् पालयेरन् पालयेथाः पालयेयाथाम् पालयेध्वम्
पालयेय पालयेवहि पालयेमहि पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
पालयाञ्चक्रे पालयाञ्चक्राते पालयाञ्चक्रिरे पालयाञ्चकृषे पालयाञ्चक्राथे पालयाञ्चकढवे
पालयाञ्चक्रे पालयाञ्चकृवहे पालयाञ्चकमहे पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट)
पालयिता पालयितारौ पालयितारः पालयितासे पालयितासाथे पालयिताध्वे
पालयिताहे पालयितास्वहे पालयितास्महे पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) पालयिष्यते पालयिष्येते
पालयिष्यन्ते पालयिष्यसे पालयिष्येथे पालयिष्यध्वे
पालयिष्ये पालयिष्यावहे पालयिष्यामहे पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
पालयिषीष्ट पालयिषीयास्ताम् पालयिषीरन् पालयिषीष्ठाः पालयिषीयास्थाम् पालयिषीध्वम् पालयिषीय पालयिषीवहि पालयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #445
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपीपलत अपीपलेताम् अपीपलन्त अपीपलथाः अपीपलेथाम अपीपलध्वम्
अपीपले अपीपलावहि अपीपलामहि पाल (रक्षणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपालयिष्यत अपालयिष्येताम् अपालयिष्यन्त अपालयिष्यथाः अपालयिष्येथाम् अपालयिष्यध्वम्
अपालयिष्ये अपालयिष्यावहि अपालयिष्यामहि पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) पिण्डते पिण्डेते
पिण्डन्ते पिण्डसे पिण्डेथे
पिण्डध्वे पिण्डे पिण्डावहे
पिण्डामहे पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
पिण्डताम् पिण्डेताम पिण्डस्व पिण्डेथाम
पिण्डध्वम् पिण्डै पिण्डावहै
पिण्डामहै पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अपिण्डत अपिण्डेताम् अपिण्डन्त अपिण्डथाः अपिण्डेथाम
अपिण्डध्वम् अपिण्डे
अपिण्डावहि अपिण्डामहि पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पिण्डेत पिण्डेयाताम
पिण्डेरन् पिण्डेथाः पिण्डेयाथाम पिण्डेध्वम्
पिण्डेय पिण्डेवहि पिण्डे महि पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) पिपिण्डे
पिपिण्डाते पिपिण्डिरे पिपिण्डिषे पिपिण्डाथे पिपिण्डिध्वे पिपिण्डे
पिपिण्डिवहे पिपिण्डिमहे
पिण्डन्ताम्
For Private and Personal Use Only
Page #446
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने,
लुट्)
पिण्डितारौ
पिण्डिना पिण्डितासे पिण्डिताहे
पिण्डितासाथे
पिण्डितास्वहे
पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
पिण्डिष्यते
पिण्डिष्यसे पिण्डिष्ये
पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
पिण्डिष्येते
पिण्डिष्येथे पिण्डिष्यावहे
3
पिण्डिषीष्ट
पिण्डिषीषा:
पिण्डिषीय
पिंडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
पिण्डिषीयास्ताम्
पिण्डिषीयास्थाम्
पिण्डिीवहि
पीडयतु
पीडय
पीडयानि
अपिण्डिष्ट
अपिण्डिष्ठाः
अपिण्डिषि
पिडि (संघाते, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अपिण्डिषाताम्
अपिण्डिषाथाम
अपिण्डिष्वहि
अपिण्डिष्यत
अपिण्डिष्यथाः अपिण्डिष्ये
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
पीडयति
पीडयतः
पीडयसि
पीडयथः
पीडयामि
पीडयाव:
अपिण्डिष्येताम्
अपिण्डिष्येथाम
अपिण्डिष्यावहि
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
पीडयताम
पीडयतम्
पीडयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
पिण्डितारः
पिण्डिताध्वे
पिण्डितास्महे
पिण्डिष्यन्ते
पिण्डिष्यध्वे
पिण्डिष्यामहे
पिण्डिषीरन् पिण्डिषीध्वम
पिण्डिषीमहि
अपिण्डिषत
अपिण्डिध्वम
अपिण्डिष्महि
अपिण्डिष्यन्त
अपिण्डिष्यध्वम्
अपिण्डिष्यामहि
पीडयन्ति
पीडयथ
पीडयामः
पीडयन्तु
पीडयत
पीडयाम
४३५
Page #447
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अपीडयत्
अपीडयः अपीडयम
www.kobatirth.org
४३६
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अपीडयताम् अपीडयतम
अपीडयाव
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
पीडयेताम्
पीडयेतम् पीडयेव
पीडयेत् पीडयेः
पीडयेयम्
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
पीडयाञ्चकार पीडयाञ्चक्रतुः
पीडयाञ्चकर्थ
पीडयाञ्चक्रथुः पीडयाञ्चकृव
पीडयाञ्चकार
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
पीडयितारौ
पीडयितास्थः
पीडयितास्वः
पीड्यात् पीड़या: पीड्यासम्
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपिपीडत
अपिपीपीडः
अपिपीडम्
अपिपीडताम्
अपिपीडतम्
अपिपीडाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पीडयिता
पीडयितासि
पीडयितास्मि
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
पीडयिष्यति
पीडयिष्यतः
पीडयिष्यथः
पीडयिष्यसि पीडयिष्यामि
पीडयिष्यावः
पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
पीड़यास्ताम् पीड्यास्तम्
पीड्यास्व
For Private and Personal Use Only
अपीडयन
अपीडयत
अपीडयाम
पीडयेयुः
पीडयेत
पीडयेम
पीडयाञ्चक्रुः पीडयाञ्चक्र
पीडयाञ्चकृम
-
पीडयितार:
पीडयितास्थ
पीडयितास्मः
पीडयिष्यन्ति
पीडयिष्यथ
पीडयिष्यामः
पीड़यासुः
पीड्यास्त
पीड्यास्म
अपिपीडन
अपिपीडत अपिपीडाम
Page #448
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४३७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पीड (अवगाहने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपीडयिष्यत् अपीडयिष्यताम् । अपीडयिष्यन अपीडयिष्यः अपीडयिष्यतम अपीडयिष्यत
अपीडयिष्यम् अपीडयिष्याव अपीडयिष्याम पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
पीडयते पीडयेते पीडयन्ते पीडयसे पीडयेथे
पीडयध्वे पीडये
पीडयावहे पीडयामहे पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
पीडयताम पीडयेताम् पीडयन्ताम् पीडयस्व पीडयेथस्व
पीडयध्वम् पीडयै
पीडयावहै पीडयामहै पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अपीडयत अपीडयेताम् अपीडयन्त अपीडयथाः अपीडयेथाम अपीडयध्वम
अपीडये अपीडयावहि अपीडयामहि पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) पीडयेत
पीडयेयाताम् पीडयेरन् पीडयेथाः पीडयेयाथाम पीडयेध्वम्
पीडयेय पीडयेवहि पीडयेमहि पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
पीडयाञ्चक्रे पीडयाञ्चक्राते पीडयाञ्चक्रिरे पीडयाञ्चकृषे पीडयाञ्चक्राथे पीडयाञ्चकृढ्वे
पीडयाञ्चक्रे पीडयाञ्चकृवहे पीडयाञ्चकृमहे पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
पीडयिता पीडयितारौ पीडयितारः पीडयितासे पीडयितासाथे पीडयिताध्वे पीडयिताहे पीडयितास्वहे पीडयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #449
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४३८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
पीडयिष्यते पीडयिष्येते पीडयिष्यन्ते पीडयिष्यसे पीडयिष्येथे पीडयिष्यध्वे
पीडयिष्ये पीडयिष्यावहे पीडयिष्यामहे पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
पीडयिषीष्ट पीडयिषीयास्ताम पीडयिषीरन पीडयिषीष्ठाः पीडयिषीयास्थाम पीडयिषीध्वम
पीडयिषीय पीडयिषीवहि पीडयिषीमहि पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपिपीडत अपिपीडेताम अपिपीपीडन्त अपिपीपीडथाः अपिपीडेथाम अपिपीडध्वम अपिपीडे
अपिपीडावहि अपिपीडामहि पीड (अवगाहने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपीडयिष्यत अपीडयिष्येताम् अपीडयिष्यन्त अपीडयिष्यथाः अपीडयिष्येथाम अपीडयिष्यध्वम
अपीडयिष्ये अपीडयिष्यावहि अपीडयिष्यामहि पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) पीवति पीवतः
पीवन्ति पीवसि पीवथः
पीवथ पीवामि पीवावः
पीवामः पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
पीवताम् पीव
पीवतम् पीवानि पीवाव
पीवाम पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अपीवत् अपीवताम् अपीवन् अपीवः
अपीवतम् अपीवत अपीवम् अपीवाव
अपीवाम
पीवतु
पीवन्तु पीवत
For Private and Personal Use Only
Page #450
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) पीवेत पीवेताम्
पीवेयः पीव: पीवेतम्
पीवेत पीवेयम पीवेव
पीवेम पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) पिपीद पिपीवतुः
पिपीवुः विपीविथ पिपीविथुः
पिपीव पिपीव पिपीविव
पिपीविम पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) पीविता पीवितारौ
पीवितारः पीवितासि
पीवितास्थः पीवितास्थ पीवितास्मि पीवितास्वः पीवितास्मः पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
पीविष्यति पीविष्यतः पीविष्यन्ति पीविष्यसि पीविष्यथः
पीविष्यथ पीविष्यामि पीविष्यावः पीविष्यामः पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
पीव्यात पीव्यास्ताम पीव्याः पीव्यास्तम्
पीव्यास्त पीव्यासम्
पीव्यास्व पीव्यास्म पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपीवीत् अपीविष्टाम् अपीविषः अपीवी: अपीविष्टम
अपीविष्ट अपीविषम् अपीविष्व अपीविष्म पीव (स्थौल्ये, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अपीविष्यत् अपीविष्यताम् अपीविस्ष्यन् अपीविष्यः अपीविष्यतम् अपीविष्यत अपीविष्यम
अपीविष्याव अपीविष्याम
पीव्यासुः
For Private and Personal Use Only
Page #451
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
४४०
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
फक्त
फक्कसि
फक्कामि
फक्कतु
फक्क फक्कानि
फक्कतः
फक्कथः
फक्कावः
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
फक्कताम्
फक्कतम्
फक्काव
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
पफक्क पफक्किथ पफक्क
अफक्कत्
अफक्कः
अफक्कम्
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अफक्कताम्
अफक्कतम्
अफक्काव
फक्केत्
फक्के: फक्केयम्
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, प, लिट्)
फक्केताम्
फक्केतम
फक्केव
पफक्कतुः
पफक्कथुः पफक्किव
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
फक्कितारौ
फक्किता फक्कितासि
फक्कितास्थः
फक्कितास्मि फक्कितास्वः
फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै,
फक्किष्यति
फक्किष्यतः
फक्किष्यसि
फक्किष्यथः
फक्किष्यामि
फक्किष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ऌट्)
For Private and Personal Use Only
फक्कन्ति
फक्कथ
फक्कामः
फक्कन्तु
फक्कत
फक्काम
अफक्कन
अफक्कत
अफक्काम
फक्केयः
फक्त
फक्
पफक्कुः
पफक्क
पफक्किम
फक्कितारः फक्कितास्थ फक्कितास्मः
फक्किष्यन्ति फक्किष्यथ फक्किष्यामः
Page #452
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४४१
४४१
फक्क्याः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) फक्क्यात्
फक्क्यास्ताम् फक्क्यासुः
फक्क्यास्तम् फक्क्यास्त फक्क्यासम् फक्क्यास्व
फक्क्यास्म फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अफक्कीत् अफक्किष्टाम् अफक्किषुः अफक्की :
अफक्किष्टम अफक्किष्ट अफक्किषम् अफक्किष्व अफक्किम फक्क (नीचैर्गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ)
अफक्किष्यत् अफक्किष्यताम् अफक्किष्यन अफक्किष्यः अफक्किष्यतम अफक्किष्यत
अफक्किष्यम् अफक्किष्याव अफक्किष्याम फल (निष्पत्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लट) फलति फलतः
फलन्ति फलसि फलथः
फलथ फलामि फलावः
फलामः फल (निष्पत्ती, स्वादिगण, परस्मै, लोट्)
फलताम
फलन्तु फल फलतम
फलत फलानि फलाव
फलाम फल (निष्पत्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अफलताम
अफलन अफल: अफलतम्
अफलत अफलम अफलाव
अफलाम फल (निष्पत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) फलेत्
फलेताम फले: फलेतम्
फलेत फलेयम् फलेव
फलेम
फलत्
अफलत
फलेयुः
For Private and Personal Use Only
Page #453
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
पफाल पफेलिथ
पफाल
४४२
फल (निष्पत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
फेलतु:
पफेलथुः पफेलिव
फल (निष्पत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
फलितारी
फलितास्थः फलितास्वः
फल्यात फल्याः
फलिता
फलितासि फलितास्मि
फल (निष्पत्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लट)
फलिष्यति
फलिष्यतः
फलिष्यसि
फलिष्यथः
फलिष्यामि
फलिष्यावः
फल (निष्पत्तौ भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
-
www.kobatirth.org
,
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अफालीत
अफालीः अफालिषम
फल्यासम्
फल (निष्पत्तौ भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अफालिष्टाम्
फुल्लति
फुल्लसि फुल्लामि
फल्यास्ताम्
फल्यास्तम्
फल्यास्व
अफ अफालिष्व
फल (निष्पत्तौ भ्वादिगण, परस्मै, लुङ)
अफलिष्यत् अफलिष्यः अफलिष्यम्
फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अफलिष्यताम
अफलिष्यतम्
अफलिष्याव
फुल्लतः
फुल्लथः
फुल्लावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
फेलुः
पफल
पफेलिम
फलितारः
फलितास्थ
फलितास्मः
फलिष्यन्ति
फलिष्यथ
फलिष्यामः
फल्यासुः
फल्यास्त
फल्यास्म
अफालिषुः अफालिष्ट
अफालिष्म
अफलिष्यन
अफलिष्यत
अफलिष्याम
फुल्लन्ति
फुल्लथ फुल्लामः
Page #454
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४४३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) फुल्लतु
फुल्लताम् फुल्लन्तु फुल्ल फुल्लतम्
फुल्लत फुल्लानि फुल्लाव
फुल्लाम फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अफुल्लत अफुल्लताम् अफुल्लन् अफुल्लः अफुल्लतम
अफुल्लत अफुल्लम् अफुल्लाव अफुल्लाम फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
फुल्लेत् फुल्लेताम् फुल्लेयुः फुल्लेः
फुल्लेतम् फुल्लेत फुल्लेयम् फुल्लेव फुल्लेम फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) प्रफुल्ल
पुफुल्लतुः पुफुल्वुः पुफुल्लिथ पुफुल्लथुः
पुफुल्ल पुफुल्ल पुफुल्लिव
पुफुल्लिम फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
फुल्लिता फुल्लितारौ फुल्लितारः फुल्लितासि फुल्लितास्थः फुल्लितास्थ
फुल्लितास्मि फुल्लितास्वः फुल्लितास्मः फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
फुल्लिष्यति फुल्लिष्यतः फुल्लिष्यन्ति फुल्लिष्यसि फुल्लिष्यथः फुल्लिष्यथ
फुल्लिष्यामि फुल्लिष्यावः फुल्लिष्यामः फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) फुल्यात् फुल्यास्ताम्
फुल्यासुः फुल्याः
फुल्यास्तम् फुल्यास्त फुल्यासम् फुल्यास्व
फुल्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #455
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४४४
बुक्कथ
४४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अफुल्लीत् अफुल्लिष्टाम् अफुल्लिषुः अफुल्लीः अफुल्लिष्टम् अफुल्लिष्ट
अफुल्लिषम् अफुल्लिष्व अफुल्लिम फुल्ल (विकसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अफुल्लिष्यत् अफुल्लिष्यताम् अफुल्लिष्यन् अफुल्लिष्यः अफुल्लिष्यतम् अफुल्लिष्यत
अफुल्लिष्यम् अफुल्लिष्याव अफुल्लिष्याम बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) बुक्कति
बुक्कतः बुक्कन्ति बुक्कसि
बुक्कथः बुक्कामि बुक्कावः
बुक्कामः बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) बुक्कतु बुक्कताम्
बुक्कन्तु बुक्क बुक्कतम्
बुक्कत बुक्काव
बुक्काम बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अबुक्कत् अबुक्कताम
अबुक्कन् अबुक्कः
अबुक्कतम् अबुक्कत अबुक्कम् अबुक्काव अबुक्काम बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्ग) बुक्केत्
बुक्केताम बुक्केयुः बुक्के:
बुक्केतम् बुक्केत बुक्केयम् बुक्केव
बुक्केम बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) बबुक्क बबुक्कतुः
बुबुक्कुः बुबुक्किथ बुबुक्कथुः बुबुक्क बुबुक्क बुबुक्किव
बुबुक्किम
बुक्कानि
For Private and Personal Use Only
Page #456
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४४५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
बुक्किता बुक्कितारौ बुक्कितारः बक्कितासिक्कितास्थः बुक्कितास्थ
बुक्कितास्मि बुक्कितास्वः बुक्कितास्मः बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
बुक्किष्यति बुक्किष्यतः बुक्किष्यन्ति बुक्किष्यसि बक्किष्यथः बुक्किष्यथ
बुक्किष्यामि बुक्किष्यावः बुक्किष्यामः बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
बुक्क्यात् बुक्क्यास्ताम् बुक्क्यासुः बुक्क्या :
बुक्क्यास्तम् बुक्क्यास्त बुक्क्यासम् बुक्क्यास्व बुक्क्यास्म बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबुक्कीत् अबुक्किष्टाम् अबुक्किषुः अबुक्कीः अबुक्किष्टम् अबुक्किष्ट
अबुक्किषम् अबुक्किष्व अबुक्किम बुक्क (भषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबुक्किष्यत् अबुक्किष्यताम् अबुक्किष्यन् अबक्किष्यः अबुक्किष्यतम् । अबुक्किष्यत
अबुक्किष्यम् अबुक्किष्याव अबुक्किष्याम बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) बाधयति बाधयतः
बाधयन्ति बाधयसि बाधयथः
बाधयथ बाधयामि बाधयावः
बाधयामः बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) बाधयतु
बाधयताम बाधय बाधयतम
बाधयत बाधयानि बाधयाव
बाधयाम
बाधयन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #457
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
४४६
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अबाधयत्
अबाधयः
अबाधयम्
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
बाधयेत
बाधयेः
बाधयेयम्
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
बाधयाञ्चकार बाधयाञ्चकर्थ
बाधयाञ्चकार
अबाधयताम् अबाधयतम्
अबाधयाव
बाधयाञ्चक्रतुः
बाधयाञ्चक्रथुः
बाधयाञ्चकृव
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
धरौ
Ta बाधवितासि बाधयितास्मि
बाधयितास्थः
बाधयितास्वः
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
बाधयिष्यतः
बाधयिष्यथः
बाधयिष्यावः
अबीबधत्
अबीबधः
अबीबधम्
बाधयेताम्
बाधयेतम्
बाधयेव
बाधयिष्यसि बाधयिष्यामि
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
बाध्यात्
बाध्या:
बाध्यास्ताम्
बाध्यास्तम्
बाध्यास्व
बाध्यासम्
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबीबधताम
अबीबधम्
अबीबधाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अबाधयन
अबाधयत
अबाधयाम
बाधयेयः
बाधयेत
बाध
बाधयाञ्चक्रुः बाधयाञ्चक्र
बाधयाञ्चकृम
बाधयितारः
बाधयितास्थ
बाधयितास्मः
बाधयिष्यन्ति
बाधयिष्यथ
बाधयिष्यामः
बाध्यासुः बाध्यास्त
बाध्यास्म
अबीबधन
अबीबध
अबीबधाम
Page #458
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अबाधयिष्यत्
अबाधयिष्यः अबाधयिष्यम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
बध (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अबाधयिष्यताम् अबाधयिष्यतम् अबाधयिष्याव
www.kobatirth.org
बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
बाधयेते
बाधयेथे
बाधयावहे
बाधय
बाध
बाधये
बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
बाधयेताम्
बाधस्व
बाधा है
बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अबाधयत
अबाधयेताम्
अबाधयेथाम
अबाधयथाः अबाधये
अबाधयावहि
बाधयताम्
बाधयस्व
बाधयै
बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
बाधयेत
बाधयेथाः
बाधयेय
बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
बाधयाञ्चक्रे
बाधयाञ्चकृषे बाधयाञ्चक्रे
बाधयेयाताम् बाधयेयाथाम
बाधयेवहि
बाधयाञ्चक्राते
बाधयाञ्चक्राथे
बाधयाञ्चकृवहे
बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
बाधयिता
बाधयितासे
बाधयिताहे
Ta
बाधयितास
बाधयितास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अबाधयिष्यन अबाधयिष्यत
अबाधयिष्याम
बाधयन्ते
बाधयध्वे
बाधयामहे
बाधयन्ताम्
बाधयध्वम् बाधयामहै
अबाधयन्त
अबाधयध्वम् अबाधयामहि
बाधयेरन् बाधयेध्वम्
बाहि
बाधयाञ्चक्रिरे बाधयाञ्चकढवे
बाधयाञ्चकमहे
बाधयितारः
बाधयिताध्वे बाधयितास्महे
४४७
Page #459
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४४८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
बाधयिष्यते बाधयिष्येते बाधयिष्यन्ते बाधयिष्यसे बाधयिष्येथे बाधयिष्यध्वे
बाधयिष्ये बाधयिष्यावहे बाधयिष्यामहे बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
बाधयिषीष्ट बाधयिषीयास्ताम बाधयिषीरन बाधयिषीष्ठाः बाधयिषीयास्थाम् बाधयिषीध्वम्
बाधयिषीय बाधयिषीवहि बाधयिषीमहि बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अबीबधत अबीबधेताम् अबीबधन्त अबीबधथाः अबीबधेथाम् अबीबधध्वम अबीबधे
अबीबधावहि अबीबधामहि बध (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अबाधयिष्यत अबाधयिष्येताम् अबाधयिष्यन्त अबाधयिष्यथाः अबाधयिष्येथाम् अबाधयिष्यध्वम्
अबाधयिष्ये अबाधयिष्यावहि अबाधयिष्यामहि बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) बोधति बोधतः
बोधन्ति बोधसि बोधथः
बोधथ बोधामि बोधावः
बोधामः बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
बोधताम् बोध बोधतम्
बोधत बोधानि बोधाव
बोधाम बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अबोधत
अबोधताम् अबोधन अबोधः अबोधतम्
अबोधत अबोधम् अबोधाव
अबोधाम
बोधतु
बोधन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #460
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
बोधेताम्
बोधे म् बोधेव
बोधेत
बोधे:
बोधेयम्
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
बुबोध बुबोधिथ बुबोध
बुबुधतुः
बुबुधथुः
बुबुधिव
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै,
बोधिता
बोधितासि
बोधितास्मि
लुट्)
बोधितारौ
बोधितास्थः
बोधितास्वः
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
बोधिष्यति
बोधिष्यतः
बोधिष्यसि
बोधिष्यथः
बोधिष्यामि
बोधिष्यावः
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अबो धिष्यत् अबोधिष्यः
अबोधिष्यम्
बुध्यात्
बुध्यास्ताम्
बुध्यास्तम्
बुध्या: बुध्यासम्
बुध्यास्व
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबोधीत
अबोधी:
अबोधिषम्
बुध (अवगमने, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अबोधिष्टाम् अबोधिष्टम्
अबोधिष्व
अबोधिष्यताम् अबोधिष्यतम
अबोधष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
बोधेयुः
बोधे
बोधेम
बुबुधुः
बुबुध
बुबुधिम
बोधितारः बोधितास्थ
बोधितास्मः
बोधिष्यन्ति
बोधिष्यथ
बोधिष्यामः
बुध्यासुः
बुध्यास्त
बुध्यास्म
अबोधिषुः अबोधिष्ट
अबोधिष्म
अबोधिष्यन् अबोधिष्यत
अबोधिष्याम
४४९
Page #461
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४५०
बुध्येते
बुध्यसे
बुध्यन्ते बुध्यध्वे
बुध्यै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लट्) बुध्यते
बुध्येथे बुध्ये बुध्यावहे
बुध्यामहे बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
बुध्यताम् बुध्येताम् बुध्यन्ताम् बुध्यस्व बुध्येथाम्
बुध्यध्वम बुध्यावहै
बुध्यामहै बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अबुध्यत अबुध्येताम् अबुध्यन्त अबुध्यथाः अबुध्येथाम्
अबुध्यध्वम् अबुध्ये अबुध्यावहि अबुध्यामहि बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) बुध्येत बुध्येयाताम्
बुध्येरन बुध्येथाः बुध्येयाथाम् बुध्येध्वम् बुध्येय बुध्येवहि
बुध्येमहि बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
बुबुधाते बुबुधिषे बुबुधार्थ
बबधिध्वे बुबुधे बुबुधिवहे
बुबुधिमहे बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लुट) बोद्धा बोद्धारौ
बोद्धारः बोद्धासे
बोद्धासाथे बोद्धाध्वे बोद्धाहे
बोद्धास्वहे बोद्धास्महे बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लट्) भोत्स्यते भोत्स्येते
भोत्स्यन्ते भोत्स्यसे भोत्स्येथे भोत्स्यध्वे भोत्स्ये
भोत्स्यावहे भोत्स्यामहे
बुबुधे
बुबुधिरे
For Private and Personal Use Only
Page #462
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४५१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भत्सीष्ट भुत्सीयास्ताम् भुत्सीरन् भत्सीष्ठाः
भुत्सीयास्थाम् भुत्सीध्वम् भुत्सीय भुत्सीवहि भुत्सीमहि बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्) अबुद्ध
अभुत्साताम अभुत्सत अबुद्धाः अभुत्साथाम्
अबुदध्वम अभुत्सि अभत्स्वहि
अभुत्स्महि बुध (अवगमने, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभोत्स्यत अभोत्स्येताम अभोत्स्यन्त अभोत्स्यथाः अभोत्स्येथाम अभोत्स्यध्वम
अभोत्स्ये अभोत्स्यावहि अभोत्स्यामहि बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) बोधति बोधतः
बोधन्ति बोधसि बोधथः
बांधथ बोधामि बोधावः
बोधामः बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) बोधतु
बोधताम् बोध बोधतम
बोधत बोधानि बोधाव
बोधाम बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अबोधत अबोधताम् अबोधन अबोध:
अबोधतम् अबोधत अबोधम् अबोधाव
अबोधाम बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) बोधेत
बोधेताम् बोधेः
बोधेत बोधेव
बोधेम
बोधन्तु
बोधेयुः
बोधेतम्
बोधेयम्
For Private and Personal Use Only
Page #463
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
४५२
बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
बबोध
बुबोधिथ बबोध
बोधिता
बोधितासि बोधितास्मि
www.kobatirth.org
बुबुधतुः
बुबुधथुः बुबुधिव
बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
बोधता
बोधितास्थः
बोधितास्वः
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै,
बोधिष्यति
बोधिष्यसि
बोधिष्यामि
बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अबोधिष्यत् अबोधिष्यः अबोधिष्यम्
बोधते
बोधसे
बोधे
ऌट्)
बोधिष्यतः
बोधिष्यथः
बोधिष्यावः
बुध्यात्
बुध्या: बुध्यासम्
बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
बुध्यास्ताम्
बुध्यास्तम्
बुध्यास्व
अबोधीत
अबोधी:
अबोधिषम्
बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अबोधिष्टाम्
अबोधष्ट
अबोधिष्व
बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने,
बोधेने
बोधेथे
बोधाव
अबोधिष्यताम
अबोधिष्यतम्
अबोधाव
लट्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
बुबुधुः
बुबुध
बबधिम
बोधितारः
बोधितास्थ
बोधितास्मः
बोधिष्यन्ति बोधिष्यथ
बोधिष्यामः
बुध्यासुः
बुध्यास्त
बुध्यास्म
अबोधिषुः अबोधिष्ट
अबोधिष्म
अबोधिष्यन
अबोधिष्यत
अबोधिष्याम
बोधन्ते
बोधध्वे
बोधामहे
Page #464
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४५३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) बोधताम् बोधेताम
बोधन्ताम् बोधस्व बोधेथाम्
बोधध्वम् बोधै बोधावहै
बोधामहै बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अबोधत
अबोधेताम् अबोधन्त अबोधथाः अबोधेथाम अबोधध्वम अबोधे
अबोधावहि अबोधामहि बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) बोधेत
बोधेयाताम् बोधेरन बोधेथाः बोधेयाथाम
बोधेध्वम् बोधेय बोधेवहि
बोधेमहि बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
बुबुधिरे बुबुधाथे
बुबुधिध्वे
बुबुधिवहे बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) बोधिता
बोधितारौ बोधितारः बोधितासे बोधिनासाथे बोधिताध्वे
बोधिताहे बोधितास्वहे बोधितास्महे बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
बोधिष्यते बोधिध्येते बोधिष्यन्ते बोधिष्यसे बोधिष्येथे
बोधिष्यध्वे बोधिष्ये बोधिष्यावहे बोधिष्यामहे बुधिर (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
बोधिषीष्ट बोधिषीयास्ताम् बोधिषीरन बोधिषीष्ठाः 'बोधिषीयास्थाम बोधिषीध्वम बोधिषीय
बोधिषीवहि बोधिषीमहि
बुबुधाते
बुबुधे बुबुधिषे बुबुधे
८CTETD)
बुबुधिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #465
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४५४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अबोधिष्ट
अबोधिषाताम अबोधिषत अबोधिष्ठाः अबोधिषाथाम अबोधिध्वम
अबोधिषि अबोधिष्वहि अबोधिष्महि बुधिर् (बोधने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अबोधिष्यत अबोधिष्येताम् अबोधिष्यन्त अबोधिष्यथाः अबोधिष्येथाम अबोधिष्यध्वम्
अबोधिष्ये अबोधिष्यावहि अबोधिष्यामहि बन्ध (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) बध्नाति बनीतः
बध्नन्ति बध्नासि बध्नीथः
बनीथ बध्नामि बनीवः
बनीमः बन्ध (बन्धने, व्यादिगण, परस्मै, लोट) बध्नातु बध्नीताम
बध्नन्तु बधान बनीतम्
बनीत बध्नानि बध्नाव
बध्नाम बन्ध (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लङ्) अबध्नात अबध्नीताम्
अबनन अबध्नाः अबध्नीतम
अबध्नीत अबध्नाम
अबध्नीव अबध्नीम बन्ध (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) बध्नीयात् बनीयाताम्
बध्नीयः बध्नीयाः
बध्नीयातम् बनीयात बध्नीयाम् बध्नीयाव बध्नीयाम बन्ध (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लिट) बबन्ध बबन्धतुः
बबन्धुः बबन्धिथ बबन्धथुः
बबन्ध बबन्ध बबन्धिव
बबन्धिम
For Private and Personal Use Only
Page #466
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४५५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बन्ध (बन्धने, क्रयादिगण, परस्मै, लुट्) बन्द्धा बन्द्धारौ
बन्द्धारः बन्द्धासि बन्द्धास्थः
बन्द्धास्थ बन्द्धास्मि बन्द्धास्वः
बन्द्धास्मः बन्ध (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) भन्स्यति भन्स्यतः
भन्त्स्यन्ति भन्स्यसि भन्स्यथः
भन्स्य थ भन्न्स्यामि भन्स्यावः
भन्स्यामः बन्ध (बन्धने, क्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) बध्यात्
बध्यास्ताम् बध्यासुः बध्याः बध्यास्तम्
बध्यास्त बध्यासम् बध्यास्व
बध्यास्म बन्ध (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अभान्सीत अबान्द्धाम
अभान्त्सुः अभान्त्सीः अबान्द्धम
अबान्द्ध अभान्त्सम अभान्स्व
अभान्स्म बन्ध (बन्धने, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्) अभन्स्य त
अभन्स्यताम अभन्नस्यन् अभन्स्यः अभन्त्स्य तम् अभन्स्य त अभन्स्य म् अभन्स्याव
अभन्नस्याम ब्रूज (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लट) ब्रवीति ब्रूतः
ब्रुवन्ति ब्रवीषि
ब्रूथः ब्रवीमि
ब्रूमः ब्रूञ् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लोट) ब्रवीतु ब्रूताम्
ब्रुवन्तु ब्रूहि
ब्रूतम् ब्रवाणि ब्रवाव
ब्रवाम
बूथ
ब्रवः
ब्रूत
For Private and Personal Use Only
Page #467
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अब्रूम
ब्रूयात
ब्रूयाव
४५६
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली बूञ् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अब्रवीत अब्रूताम्
अब्रूवन अब्रवीः अब्रूतम्
अब्रूत अब्रवम्
अब्रूव ब्रूज (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्ग) ब्रूयात्
ब्रूयाताम् ब्रूयुः ब्रयाः
ब्रूयातम ब्रूयाम्
ब्रूयाम ब्रू (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लिट)। उवाच ऊचतुः
ऊचुः उवचिथ ऊचथः
ऊच उवाच ऊचिव
ऊचिम ब्रूजु (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लुट्) वक्ता
वक्तारौ वक्तासि वक्तास्थः
वक्तास्थ वक्तास्मि वक्तास्वः
वक्तास्मः ब्रू (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लट्) वक्ष्यति वक्ष्यतः
वक्ष्यन्ति वक्ष्यसि वक्ष्यथः
वक्ष्यथ वक्ष्यामि वक्ष्यावः
वक्ष्यामः ब्रूञ् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लि) उच्यात्
उच्यास्ताम् उच्यासुः उच्याः उच्यास्तम
उच्यास्त उच्यासम् उच्यास्व
उच्यास्म ब्रूञ् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अवोचत
अवोचताम् अवोचन अवोचः
अवोचतम् अवोचत अर्वाचम अवोचाव
अवोचाम
वक्तारः
For Private and Personal Use Only
Page #468
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अवक्ष्यत्
अवक्ष्यः
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
ब्रूञ (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, परस्मै, लृङ् )
ब्रूते
ब्रूषे ब्रुवे
अवक्ष्यम्
ब्रज (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लट्)
www.kobatirth.org
ब्रूताम् ब्रूष्व ब्रवै
अवक्ष्यताम्
अवक्ष्यतम्
अदक्ष्याव
ब्रुवाते
ब्रुवाथे ब्रूवहे
ब्रूञ् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लोट्)
ऊचे
ऊचिषे
ऊचे
वक्ता
वक्तासे
वक्ता
ब्रुवाताम्
ब्रुवाथाम् वावहै
अब्रुवाताम्
अब्रुवाथाम् अब्रवहि
ब्रूज् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लङ्)
अब्रूत अब्रूथाः अब्रूवि
ब्रूज् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
बुवीत ब्रुवीथाः ब्रुवीय
ब्रूञ् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लिट्)
ऊचाते
ऊचाथे
ऊचिवहे
ब्रुवीयाताम् ध्रुवीयाथाम् वीवहि
ब्रूज् (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लुट्)
वक्तारौ
वक्तासाथे
वक्तास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अवक्ष्यन् अवक्ष्यत
अवक्ष्याम
ब्रुवते
ब्रूध्वे
ब्रूमहे
ब्रुवताम्
ब्रूध्वम् ब्रवामहै
अब्रुवत अब्रूध्वग्
अब्रूहि
ब्रुवीरन् ब्रुवीध्वम्
ब्रुवमहि
ऊचिरे
ऊचिध्वे
ऊचिमहे
वक्तारः
वक्ताध्वे वक्तास्महे
४५७
Page #469
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वक्ष्येते
वक्ष्ये
४५८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ब्रू (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लट्) वक्ष्यते
वक्ष्यन्ते वक्ष्यसे वक्ष्येथे
वक्ष्यध्वे
वक्ष्यावहे वक्ष्यामहे ब्रू (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ) वक्षीष्ट
वक्षीयास्ताम वक्षीरन् वक्षीष्ठाः वक्षीयास्थाम् वक्षीध्वम् वक्षीय
वक्षीवहि वक्षीमहि ब्रू (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लुङ्) अवोचत
अवोचेताम अवोचन्त अवोचथाः अवोचेथाम अवोचध्वम् अवोचे
अवोचावहि अवोचामहि ब्रू (व्यक्तायां वाचि, अदादिगण, आत्मने, लङ्) अवक्ष्यत
अवक्ष्येताम् अवक्ष्यन्त अवक्ष्यथाः अवक्ष्येथाम् अवक्ष्यध्वम् अवक्ष्ये
अवक्ष्यावहि अवक्ष्यामहि बाध (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
बाधेते
बाधन्ते बाधसे बाधेथे
बाधध्वे बाधे
बाधावहे बाधामहे बाध (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) बाधताम बाधेताम्
बाधन्ताम् बाधस्व बाधेथाम
बाधध्वम् बाधै बाधावहै
बाधामहै बाध (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अबाधत अबाधेताम
अबाधन्त अबाधथाः अबाधेथाम
अबाधध्वम् अबाधे
अबाधावहि अबाधामहि
बाधते
For Private and Personal Use Only
Page #470
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
बाधेत
बाधेथाः
बाधेय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
बाधृ (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
बाधेयाताम्
बाधेयाथाम्
बाधेवहि
बाधू (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
बबाधे
बाधिषे
बबाधे
www.kobatirth.org
बाधिता
बाधा
बाधिता
बाधा
बबाधा
बाधू (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
बाधितारौ
बाधितासाथे
बाधितास्वहे
बाधिष्यते
बाधिष्यसे
बाधिष्ये
बाधवहे
बाधू (विलोडन, भ्वादिगण आत्मने ऌट्)
बाधिष्येते
बाधिष्येथे
बाधिष्यावहे
बाधू (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
बाधिषीष्ट
बाधिषीष्ठाः
बाधिषीय
>
बाधिषीयास्ताम बाधिषीयास्थाम बाधिषीवहि
बाधू (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
अबाधिष्ट
अबाधिष्ठाः
अबाधिषि
अबाधिषाताम्
अबाधिषाथाम्
अबाधिष्वहि
बाध (विलोडन, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
अबाधिष्यत
अबाधिष्येताम अबाधिष्येथाम
अबाधिष्यथाः
अबाधिष्ये
अबाधि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
बाधेरन्
बाधेध्वम्
बह
बाधिरे बबाधिध्वे
बाधिम
बाधितार:
बाधा
बाधितास्महे
बाधिष्यन्ते
बाधिष्यध्वे
बाधिष्यामहे
बाधिषीरन बाधिषीध्वम्
बाधिषीमहि
अबाधिषत
अबाधिध्वम
अबधिम
अबाधिष्यन्त अबाधिष्यध्वम अबाधिष्यामहिं
४५९
Page #471
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भवन्तु
४६० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भू (सत्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) भवति भवतः
भवन्ति भवसि भवथः
भवथ भवामि भवावः
भवामः भू (सत्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) भवतु
भवताम भव भवतम्
भवत भवानि भवाव
भवाम भू (सत्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अभवत अभवताम
अभवन अभवः अभवतम
अभवत अभवम् अभवाव
अभवाम भू (सत्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भवेत
भवेताम् भवे: भवेतम
भवेत भवेयम् भवेव
भवेम भू (सत्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) बभूव बभूवतुः
बभूवुः बभविथ बभुवथुः
बभव बभुविव
बभूविम भू (सत्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) भविता भवितारौ
भवितारः भवितासि
भवितास्थः भवितास्थ भवितास्मि भवितास्वः
भवितास्मः भू (सत्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) भविष्यति भविष्यतः
भविष्यन्ति भविष्यसि भविष्यथः
भविष्यथ भविष्यामि भविष्यावः
भविष्यामः
भवेयुः
बभूव
For Private and Personal Use Only
Page #472
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
www.kobatirth.org
Acharva Shri Kailasan
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भू (सत्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भूयात् भूयास्ताम्
भूयासुः भूयाः भूयास्तम्
भूयास्त भूयासम् भूयास्व
भूयास्म भू (सत्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अभूत अभूताम्
अभूवन् अभूः अभूतम्
अभूत अभूवम् अभूव
अभूम भू (सत्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अभविष्यत अभविष्यताम् अभविष्यन् अभविष्यः अभविष्यतम् अभविष्यत अभविष्यम् अभविष्याव
अभविष्याम भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) भक्षयति भक्षयतः
भक्षयन्ति भक्षयसि भक्षयथः
भक्षयथ भक्षयामि भक्षयावः
भक्षयामः भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लोट) भक्षयतु भक्षयताम्
भक्षयन्तु भक्षय भक्षयतम्
भक्षयत भक्षयाणि भक्षयाव
भक्षयाम भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अभक्षयत्
अभक्षयताम अभक्षयन् अभक्षयः अभक्षयतम
अभक्षयत अभक्षयम् अभक्षयाव
अभक्षयाम भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भक्षयेत्
भक्षयेताम भक्षयेयुः भक्षयेः भक्षयेतम
भक्षयेत भक्षयेयम् भक्षयेव
भक्षयेम
For Private and Personal Use Only
Page #473
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
भक्षयाञ्चकार भक्षयाञ्चक्रतुः भक्षयाञ्चक्रुः भक्षयाञ्चकर्थ भक्षयाञ्चक्रथः । भक्षयाञ्चक्र
भक्षयाञ्चकार भक्षयाञ्चकृव । भक्षयाञ्चकम भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लुट)
भक्षयिता भक्षयितारौ भक्षयितारः भक्षयितासि भक्षयितास्थः भक्षयितास्थ
भक्षयितास्मि भक्षयितास्वः भक्षयितास्मः भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
भक्षयिष्यति भक्षयिष्यतः भक्षयिष्यन्ति भक्षयिष्यसि भक्षयिष्यथः भक्षयिष्यथ
भक्षयिष्यामि भक्षयिष्यावः भक्षयिष्यामः भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भक्ष्यात
भक्ष्यास्ताम भक्ष्यासुः भक्ष्याः भक्ष्यास्तम्
भक्ष्यास्त भक्ष्यासम् भक्ष्यास्व
भक्ष्यास्म भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अबभक्षत्
अबभक्षताम् अबभक्षन् अबभक्षः
अबभक्षतम् अबभक्षत अबभक्षम
अबभक्षाव अबभक्षाम भक्ष (अदने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अभक्षयिष्यत् अभक्षयिष्यताम् अभक्षयिष्यन् अभक्षयिष्यः अभक्षयिष्यतम् अभक्षयिष्यत
अभक्षयिष्यम् अभक्षयिष्याव अभक्षयिष्याम भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) भक्षयते
भक्षयेते भक्षयसे भक्षयेथे
भक्षयध्वे भक्षयावहे
भक्षयामहे
भक्षयन्ते
भक्षये
For Private and Personal Use Only
Page #474
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अभक्षयत
अभक्षयथाः अभक्षये
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
भक्षयताम्
भक्षयेताम्
भक्षयस्व भक्षयै
भक्षये स्व भक्षयावहै
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अभक्षयेताम्
अभक्षयेथाम
अभक्षयावहि
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
भक्षयेत
भक्षयेथाः भक्षयेय
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
भक्षयाञ्चक्रे भक्षयाञ्चकृषे भक्षयाञ्चक्रे
भक्ष (अदने, चुरादिगण,
भक्षयिषीष्ट
भक्षयिषीष्ठाः भक्षयिषीय
भक्षयेयाताम्
भक्षयेयाथाम्
भक्षयेवहि
भक्षयाञ्चक्राते
भक्षयाञ्चक्रा भक्षयाञ्चकृवहे
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
भक्षयिता
भक्षयितासे भक्षयिताहे
भक्षयितारौ
भक्षयितासाथे
भक्षयितास्वहे
भक्ष (अदने चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
भक्षयिष्यते भक्षयिष्यसे भक्षयिष्ये
भक्षयिष्येते
भक्षयिष्येथे
भक्षयिष्याव
आत्मने, आशीर्लिङ्)
भक्षयिषीयास्ताम् भक्षयिषीयास्थाम्
भक्ष
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
भक्षयन्ताम्
भक्षयध्वम्
भक्षयाम है
अभक्षयन्त
अभक्षयध्वम् अभक्षयामहि
भक्षयेरन भक्षयेध्वम्
भक्षयेमहि
भक्षयाञ्चक्रिरे
भक्षयाञ्चकृढ़वे भक्षयाञ्चकृवमहे
भक्षयितारः
भक्षयिताध्वे भक्षयितास्महे
भक्षयिष्यन्ते
भक्षयिष्यध्वे
भक्षयिष्यामहे
४६३
भक्षयिषीरन् भक्षयिषीध्वम् भक्षयिषीमहि
Page #475
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६४
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अबभक्षत अबभक्षेताम् अबभक्षन्त अबभक्षथाः अबभक्षेथाम अबभक्षध्वम
अबभक्षे अबभक्षावहि अबभक्षामहि भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभक्षयिष्यत अभक्षयिष्येताम् अभक्षयिष्यन्त अभक्षयिष्यथाः अभक्षयिष्येथाम अभक्षयिष्यध्वम
अभक्षयिष्ये अभक्षयिष्यावहि अभक्षयिष्यामहि भज (सेवायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) भजति भजतः
भजन्ति भजसि भजथः
भजथ भजामि भजावः
भजामः भज (सेवायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) भजतु भजताम
भजन्तु भज भजतम्
भजत भजानि भजाव
भजाम भज (सेवायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अभजत् अभजताम्
अभजन अभजः अभजतम
अभजत अभजम् अभजाव
अभजाम भज (सेवायाम, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भजेत्
भजेताम भजेः भजेतम्
भजेत भजेयम् भजेव
भजेम भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) बभाज
भेजुः भेजिथ भेजथुः
भेज बभाज भेजिव
भेजिम
भजेयुः
भेजतुः
For Private and Personal Use Only
Page #476
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
भक्ता भक्तासि भक्तास्मि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
भक्तारौ
भक्तास्थः
भक्तास्वः
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
भक्ष्यति
भक्ष्यतः
भक्ष्यसि
भक्ष्यथः
भक्ष्यामि
भक्ष्यावः
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
भज्यात्
भज्याः
www.kobatirth.org
भज्यासम्
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभाक्षीत्
अभाक्षीः
अभाक्षम
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
भजते
भजसे
भजे
भज्यास्ताम्
भज्यास्तम्
अज्यास्व
अभक्ष्यत्
अभक्ष्यताम्
अभक्ष्यः
अभक्ष्यतम्
अभक्ष्यम
अभक्ष्याव
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
भजेते
भजेथे
भजावहे
भजताम्
भजस्व
भजै
अभाक्ताम्
अभाक्तम्
अभाव
भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
भजेताम
भजेथाम् भजावहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
भक्तारः
भक्तास्थ
भक्तास्मः
भक्ष्यन्ति
भक्ष्यथ
भक्ष्यामः
भज्यासुः
भज्यास्त
भज्यास्म
अभाक्षुः
अभाक्त
अभाक्ष्म
अभक्ष्यन्
अभक्ष्यत
अभक्ष्याम
भजन्ते
भजध्वे
भजामहे
भजन्ताम्
भजध्वम् भजामहै
४६५
Page #477
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६६
अभजन्त
भेजिरे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभजत
अभजेताम् अभजथाः अभजेथाम अभजध्वम अभजे
अभजावहि अभजामहि भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भजेत
भजेयाताम् भजेरन भजेथाः
भजेयाथाम भजेध्वम् भजेय भजेवहि
भजेमहि भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) भेजे
भेजाते भेजिषे भेजाथे
भेजिध्वे भेजे भेजिवहे
भेजिमहे भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भक्ता भक्तारौ
भक्तारः भक्तासे
भक्तासाथे भक्तावे भक्ताहे
भक्तास्वहे भक्तास्महे भज (सेवायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भक्ष्यते भक्ष्येते
भक्ष्यन्ते भक्ष्यसे भक्ष्येथे
भक्ष्यध्वे
भक्ष्यावहे भक्ष्यामहे भज (सेवायाम, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भक्षीष्ट भक्षीयास्ताम भक्षीरन भक्षीष्ठाः
भक्षीयास्थाम भक्षीध्वम भक्षीय भक्षीवहि
भक्षीमहि भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अभक्त
अभक्षाताम् अभक्षत अभक्थाः अभक्षाथाम
अभग्ध्वम् अभक्षि अभक्ष्वहि
अभक्ष्महि
भक्ष्ये
For Private and Personal Use Only
Page #478
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भज (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभक्ष्यत अभक्ष्येताम् अभक्ष्यन्त अभक्ष्यथाः अभक्ष्येथाम अभक्ष्यध्वम अभक्ष्ये
अभक्ष्यावहि अभक्ष्यामहि भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लट्) । भुनक्ति भुङ्क्तः
भुञ्जन्ति भुनक्षि भुक्थः
भुङ्क्थ भुनज्मि भुवः
भुज्मः भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लोट) भुनक्तु
भुक्ताम् भुञ्जन्तु भुङ्ग्धि भुङ्क्तम्
भुङ्क्त भुजानि भुजाव
भुजाम भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लङ्)
अभुनक अभुक्ताम् अभुञ्जन् अभुनक
अभुङ्क्तम् अभुङ्क्त अभुञ्जम् अभुज्व
अभुज्म भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भुङ्ग्यात्
भुङ्ग्याताम् भुज्युः भुज्याः भुज्यातम् भुज्यात भुज्याम् भुज्याव
भुज्याम भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) बुभोज बुभुजतुः
बुभुजुः बुभोजिथ बुभुजथुः
बुभुज बुभोज बुभुजिव
बुभुजिम भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लुट) भोक्ता भोक्तारौ
भोक्तारः भोक्तासि भोक्तास्थः
भोक्तास्थ भोक्तास्मि भोक्तास्वः
भोक्तास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #479
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६८ संगणक--जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लट्) भोक्ष्यति भोक्ष्यतः
भोक्ष्यन्ति भोक्ष्यसि
भोक्ष्यथः भोक्ष्यथ भोक्ष्यामि
भोक्ष्याव: भोक्ष्यामः भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भुज्यात्
भुज्यास्ताम् भुज्यासुः भुज्याः
भुज्यास्तम् भुज्यास्त भुज्यासम् भुज्यास्व भुज्यास्म भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्) अभौक्षीत् अभौक्ताम्
अभौक्षुः अभौक्षीः अभौक्तम् अभौक्त अभौक्षम् अभौक्ष्व
अभौक्ष्म भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, परस्मै, लुङ)
अभोक्ष्यत् अभोक्ष्यताम् अभोक्ष्यन अभोक्ष्यः
अभोक्ष्यतम् अभोक्ष्यत अभोक्ष्यम् अभोक्ष्याव अभोक्ष्याम भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लट्)
भुजाते
भुञ्जते भुक्षे भुञ्जाथे
भुङ्ग्ध्वे भुजे भुवहे
भुज्महे भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लोट) भुङ्क्ताम् भुजाताम्
भञ्जताम् भुक्ष्व
भुञ्जाथाम् भुझ्ध्वम्
भुजावहै भुजामहै भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लङ्)
अभुक्त अभुजाताम् अभुञ्जत अभुक्थाः अभुञ्जाथाम् अभुङ्ग्ध्वम् अभुञ्जि
अभुज्वहि अभुज़्महि
भुङ्क्ते
भुज
For Private and Personal Use Only
Page #480
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४६९
बुभुजिषे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
भुजीत भुञ्जीयाताम् भुञ्जीरन भञ्जीयाः भुञ्जीयाथाम् भुञ्जीध्वम् भुञ्जीय
भुञ्जीवहि भुञ्जीमहि भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लिट) बुभुजे बुभुजाते
बुभुजिरे बुभुजाथे
बुभुजिध्वे बुभुजे
बुभुजिवहे बुभुजिमहे भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लुट्) भोक्ता भोक्तारौ
भोक्तारः भोक्तासे भोक्तासाथे
भोक्ताध्वे भोक्ताहे
भोक्तास्वहे भोक्तास्महे भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लट्) भोक्ष्यते भोक्ष्येते
भोक्ष्यन्ते भोक्ष्यसे भोक्ष्येथे
भोक्ष्यध्वे भोक्ष्ये भोक्ष्यावहे
भोक्ष्यामहे भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ) भक्षीष्ट
भुक्षीयास्ताम् भुक्षीरन् भक्षीष्ठाः
भुक्षीयास्थाम् भुक्षीध्वम् भक्षीय
भुक्षीवहि भुक्षीमहि भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्) अभक्त
अभुक्षाताम अभुक्षत अभुक्थाः अभक्षाथाम
अभग्ध्वम अभुक्षि
अभुक्ष्वहि अभुक्ष्महि भुज (पालनाभ्यवहारयोः, रुधादिगण, आत्मने, लुङ)
अभोक्ष्यत अभोक्ष्येताम् अभोक्ष्यन्त अभोक्ष्यथाः अभोक्ष्येथाम अभोक्ष्यध्वम अभोक्ष्ये
अभोक्ष्यावहि अभोक्ष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #481
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भर्जते
४७० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भृजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
भर्जेते
भर्जन्ते भर्जसे भर्जेथे
भर्जध्वे भर्जे भर्जावहे
भर्जामहे भृजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) भर्जताम भर्जेताम
भर्जन्ताम भर्जस्व भर्जेथाम्
भर्जध्वम भजे भर्जावहै
भर्जामहै भृजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अभर्जत अभर्जेताम् अभर्जन्त अभजेथाः
अभर्जेथाम अभर्जध्वम् अभर्जे
अभर्जावहि अभर्जामहि भृजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भर्जेत भर्जेयाताम्
भर्जेरन् भर्जेथाः
भर्जेयाथाम् भर्जेध्वम भर्जेय भर्जेवहि
भर्जेमहि भजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
बभृजाते बजिरे बभृजाथे
बजिध्वे बभृजे
बभृजिवहे बभृजिमहे भृजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भर्जिता
भर्जितारौ भर्जितारः भर्जितासे
भर्जितासाथे भर्जिताध्वे भर्जिताहे भर्जितास्वहे भर्जितास्महे भृजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भर्जिष्यते भर्जिष्येते
भर्जिष्यन्ते भर्जिष्यसे भर्जिष्येथे भर्जिष्यध्वे भर्जिष्ये
भर्जिष्यावहे भर्जिष्यामहे
बभृजे बभृजिषे
For Private and Personal Use Only
Page #482
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
भूजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
भर्जिषीष्ट
भर्जिषीष्ठाः भर्जिषीय
भुजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभर्जिष्ट
अभर्जिष्ठाः अभर्जिषि
भर्जिषीयास्ताम् भर्जिषीयास्थाम् भर्जिषीवहि
अभर्जिषाताम
अभर्जिषाथाम अभर्जिष्वहि
भजी (भर्जने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभर्जिष्यत
अभर्जिष्यथाः अभर्जिष्ये
अभर्जिष्येताम्
अभर्जिष्येथाम्
अभर्जिष्यावहि
-
भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
भरत
भरतः
भरसि
भरथः
भरामि
भरावः
भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
भरतु
भर
भराणि
भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
भरताम्
भरतम्
भराव
N
अभरताम्
अभरतम्
अभराव
अभरत्
अभरः
अभरम्
भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
भरेत्
भरे:
भरेयम्
भरेताम्
भरतम
भरेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
भर्जिषीरन् भर्जिषीध्वम
भर्जिषीमहि
अभर्जिषत
अभर्जिध्वम
अभर्जिष्महि
अभर्जिष्यन्त
अभर्जिष्यध्वम
अभर्जिष्यामहि
भरन्ति
भरथ
भरामः
भरन्तु
भरत
भराम
अभरन्
अभरत
अभराम
भरेयुः
भरत
भरेम
४७१
Page #483
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बभ्रुः
४७२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) बभार
बभ्रतुः बभर्थ बभ्रथुः
बभ्र बभार बभूव
बभूम भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) भर्ता भर्तारौ
भर्तारः भर्तासि भास्थः
भास्थ भास्मि
भर्तास्वः भर्तास्मः भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) भरिष्यति भरिष्यतः
भरिष्यन्ति भरिष्यसि भरिष्यथ:
भरिष्यथ भरिष्यामि भरिष्यावः
भरिष्यामः भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
भ्रियात् भ्रियास्ताम् भ्रियाः
भ्रियास्तम् भ्रियास्त भ्रियासम् भ्रियास्व
भ्रियास्म भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभार्षीत् अभाष्ाम् अभाई: अभार्षीः अभाष्टम
अगष्ट अभार्षम् अभाल
अभाम भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अभरिष्यत् अभरिष्यताम् अभरिष्यन् अभरिष्यः अभरिष्यतम् अभरिष्यत
अभरिष्यम् अभरिष्याव अभरिष्याम भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भरते भरेते
भरन्ते भरसे भरेथे
भरध्वे भरे भरावहे
भरामहे
भ्रियासुः
For Private and Personal Use Only
Page #484
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४७३
अभरन्त
भरेत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) भरताम भरेताम
भरन्ताम् भरस्व भरेथाम
भरध्वम् भरै भरावहै
भरामहै भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभरत
अभरेताम् अभरथाः अभरेथाम
अभरध्वम् अभरे
अभरावहि अभरामहि भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
भरेयाताम्
भरेरन भरेथाः भरेयाथाम
भरेध्वम भरेय भरेवहि
भरेमहि भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) बभ्रे बभ्राते
बभ्रिरे बभ्राथे
बभध्वे बभ्रे बभूवहे
बभृमहे भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट)
भर्तारौ
भर्तारः भर्तासे भर्तासाथे
भर्ताध्वे भर्ताह भर्तास्वहे
भर्तास्महे भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भरिष्यते भरिष्येते
भरिष्यन्ते भरिष्यसे भरिष्येथे
भरिष्यध्वे भरिष्ये
भरिष्यावहे भरिष्यामहे भुज (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) भषीष्ट भृषीयास्ताम्
भृषीरन् भृषीष्ठाः
भृषीयास्थाम भृषीध्वम् भषीय
भृषीवहि भृषीमहि
बभषे
भर्ता
For Private and Personal Use Only
Page #485
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अभृषि
४७४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अभृत
अभृषाताम् अभृषत अभृथाः
अभृषाथाम् अभूध्वम् अभृष्वहि
अभष्महि भृञ् (भरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभरिष्यत अभरिष्येताम् अभरिष्यन्त अभरिष्यथाः अभरिष्येथाम अभारष्यध्वम अभरिष्ये
अभरिष्यावहि अभरिष्यामहि भञ्जो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लट्) भनक्ति भङ्क्तः
भञ्जन्ति भनक्षि भक्थः
भक्थ भनज्मि भज्वः
भज्मः भञ्जो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लोट्) भनक्तु भक्ताम्
भञ्जन्तु भङ्ग्धि भङ्क्तम्
भक्त भनजानि भनजाव
भनजाम भञ्जो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) अभनक
अभक्ताम् अभञ्जन अभनक अभङ्क्तम्
अभङ्क्त अभनजम् अभव
अभञ्ज्म भञ्जो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भज्यात
भञ्ज्याताम् भञ्ज्युः भज्याः
भञ्ज्यात भञ्ज्याम् भञ्ज्याव
भञ्ज्याम भजो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लिट) बभञ्ज
बभञ्जतुः बभञ्जः बभजिथ बभञ्जथुः बभञ्ज बभञ्ज बभजिव
बभजिम
भञ्ज्यातम
For Private and Personal Use Only
Page #486
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
भञ्जो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लुट् )
भङ्क्ता
भङ्क्तारौ
भङ्क्तास्थः
भक्तासि भक्तास्मि
भङ्क्तास्वः
भजो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लट्)
-
भक्ष्यति
भङ्क्ष्यतः
भक्ष्यसि
भङ्क्ष्यथः
भक्ष्यामि
भक्ष्यावः
भजो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
भज्यात्
भज्याः
भज्यासम्
भजो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभाङ्क्षीत्
अभाङ्काम्
अभाक्षीः
अभाङ्क्तम्
अभाङ्क्षम्
अभाङ्क्ष्व
भञ्जो (आमर्दने, रुधादिगण, परस्मै, लृङ् )
भन्दते
भन्द
भन्दे
भज्यास्ताम्
भज्यास्तम्
भज्यास्व
अभङ्क्ष्यताम्
अभक्ष्यतम्
अभक्ष्याव
भन्देते
भन्देथे
भन्दावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भङ्क्ङ्कारः
भङ्क्तास्थ
भङ्क्तास्मः
अभक्ष्यत्
अभङ्क्ष्यः
अभङ्क्ष्यम्
भदि (कल्याणे सुखे च भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
For Private and Personal Use Only
भक्ष्यन्ति
भक्ष्यथ
भङ्क्ष्यामः
भज्यासुः भज्यास्त
भज्यास्म
अभाक्षुः
अभाङ्क
अभाङ्क्ष्म
अभङ्क्ष्यन्
अभक्ष्यत
अभक्ष्याम
भन्दन्ते
भन्दध्वे
भन्दामहे
भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
भन्दताम्
भन्देताम्
भन्देथाम्
भन्दस्व भन्दै
भन्दावहै
भन्दन्ताम्
भन्दध्वम्
भन्दामहै
४७५
Page #487
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४७६
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभन्दत
अभन्देताम् अभन्दन्त अभन्दथाः अभन्देथाम् अभन्दध्वम् अभन्दे
अभन्दावहि अभन्दामहि भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भन्दे त
भन्देयाताम् भन्देरन् भन्देथाः भन्देयाथाम
भन्देध्वम् भन्देय भन्देवहि
भन्देमहि भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) बभन्दे बभन्दाते
बभन्दिरे लभन्दिषे बभन्दाथे
बभन्दिध्वे बभन्दे
बभन्दिवहे बभन्दिमहे भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भन्दिता भन्दितारौ
भन्दितारः भन्दितासे
भन्दितासाथे भन्दिताध्वे भन्दिताहे भन्दितास्वहे भन्दितास्महे भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) भन्दिष्यते भन्दिष्येते
भन्दिष्यन्ते भन्दिष्यसे भन्दिष्येथे भन्दिष्यध्वे
भन्दिष्ये भन्दिष्यावहे भन्दिष्यामहे भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भन्दिषीष्ट भन्दिषीयास्ताम् भन्दिषीरन् भन्दिषीष्ठाः भन्दिषीयास्थाम् भन्दिषीध्वम भन्दिषीय
भन्दिषीवहि भन्दिषीमहि भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभन्दिष्ट अभन्दिषाताम् अभन्दिषत अभन्दिष्ठाः अभन्दिषाथाम अभन्दिध्वम् अभन्दिषि अभन्दिष्वहि अभन्दिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #488
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४७७
भ्रमथः
भ्रमतु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भदि (कल्याणे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभन्दिष्यत अभन्दिष्येताम् अभन्दिष्यन्त अभन्दिष्यथाः अभन्दिष्येथाम अभन्दिष्यध्वम
अभन्दिष्ये अभन्दिष्यावहि अभन्दिष्यामहि भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) भ्रमति भ्रमतः
भ्रमन्ति भ्रमसि
भ्रमथ भ्रमामि भ्रमावः
भ्रमामः भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
भ्रमताम्
भ्रमन्तु भ्रम भ्रमतम्
भ्रमत भ्रमाणि भ्रमाव
भ्रमाम भ्रम (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अभ्रमत् अभ्रमताम्
अभ्रमन् अभ्रमः अभ्रमतम
अभ्रमत अभ्रमम्
अभ्रमाव भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भ्रमेत्
भ्रमेताम् भ्रमेयुः भ्रमेतम्
भ्रमेत भ्रमेयम् भ्रमेव
भ्रमेम भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) बभ्राम बभ्रमतुः
बभ्रमुः बभ्रमिथ बभ्रमथुः
बभ्रम बभ्राम बभ्रमिव
बभ्रमिम भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) भ्रमिता
भ्रमितारौ भ्रमितारः भ्रमितासि भ्रमितास्थः भ्रमितास्थ भ्रमितास्मि . भ्रमितास्वः
भ्रमितास्मः
अभ्रमाम
भ्रमेः
For Private and Personal Use Only
Page #489
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भ्रम्यासुः
४७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
भ्रमिष्यति भ्रमिष्यतः भ्रमिष्यन्ति भ्रमिष्यसि भ्रमिष्यथः
भ्रमिष्यथ भ्रमिष्यामि भ्रमिष्यावः भ्रमिष्यामः भ्रमु (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भ्रम्यात्
भ्रम्यास्ताम् भ्रम्याः भ्रम्यास्तम्
भ्रम्यास्त भ्रम्यासम् भ्रम्यास्व
भ्रम्यास्म भ्रम (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अभ्रमीत्
अभ्रमिष्टाम् अभ्रमिषः अभ्रमीः
अभ्रमिष्टम् अभ्रमिष्ट अभ्रमिषम् अभ्रमिष्व अभ्रमिष्म भ्रम (चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अभ्रमिष्यत् अभ्रमिष्यताम् अभ्रमिष्यन अभ्रमिष्यः अभ्रमिष्यतम् अभ्रमिष्यत
अभ्रमिष्यम् अभ्रमिष्याव भ्राज़ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भ्राजते भ्राजेते
भ्राजन्ते भ्राजसे भ्राजेथे
भ्राजध्वे भ्राजे . भ्राजावहे
भ्राजामहे भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) भ्राजताम् भ्राजेताम्
भ्राजन्ताम् भ्राजस्व भ्राजेथाम्
भ्राजध्वम् भ्राजै भ्राजावहै
भ्राजामहै भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभ्राजत अभ्राजेताम
अभ्राजन्त अभ्राजथाः अभ्राजेथाम् अभ्राजध्वम अभ्राजे
अभ्राजावहि अभ्राजामहि
अभ्रमिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #490
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४७९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भ्रान (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भ्राजेत
भ्राजेयाताम् भ्राजेरन् भ्राजेथाः भ्राजेयाथाम भ्राजेध्वम् भ्राजेय
भ्राजेवहि भ्राजेमहि भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) बभ्राजे बभ्राजाते
बभ्राजिरे बभ्राजिषे
बभ्राजाथे बभ्राजिध्वे बभ्राजे
बभ्राजिवहे बभ्राजिमहे भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) भ्राजिता
भ्राजितारौ भ्राजितारः भ्राजितासे भ्राजितासाथे भ्राजिताध्वे
भ्राजिताहे भ्राजितास्वहे भ्राजितास्महे भ्राज़ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भ्राजिष्यते
भ्राजिष्येते भ्राजिष्यन्ते भ्राजिष्यसे भ्राजिष्येथे भ्राजिष्यध्वे
भ्राजिष्ये भ्राजिष्यावहे भ्राजिष्यामहे भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भ्राजिषीष्ट भ्राजिषीयास्ताम् भ्राजिषीरन् भ्राजिषीष्ठाः भ्राजिषीयास्थाम् भ्राजिषीध्वम्
भ्राजिषीय भ्राजिषीवहि भ्राजिषीमहि भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभ्रजिष्ट अभ्राजिषाताम् अभ्राजिषत अभ्राजिष्ठाः अभ्राजिषाथाम अभ्राजिढ्वम्
अभ्राजिषि अभ्राजिष्वहि अभ्राजिष्महि भ्राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लु)
अभ्राजिष्यत अभ्राजिष्येताम् अभ्राजिष्यन्त अभ्राजिष्यथाः अभ्राजिष्येथाम अभ्राजिष्यध्वम् अभ्राजिष्ये अभ्राजिष्यावहि अभ्राजिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #491
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भावयतम
४८० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लट्) भावयति भावयतः
भावयन्ति भावयसि भावयथः
भावयथ भावयामि भावयावः
भावयामः भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) भावयतु भावयताम्
भावयन्तु भावय
भावयत भावयानि भावयाव
भावयाम भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अभावयत् अभावयताम
अभावयन् अभावयः
अभावयतम् अभावयत अभावयम् अभावयाव
अभावयाम भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भावयेत्
भावयेताम् भावयेयुः भावये: भावयेतम
भावयेत भावयेयम् भावयेव
भावयेम भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
भावयाञ्चकार भावयाञ्चक्रतुः भावयाञ्चक्रुः भावयाञ्चकर्थ भावयाञ्चक्रथुः भावयाञ्चक्र
भावयाञ्चकार भावयाञ्चकृव भावयाञ्चकुम भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) भावयिता
भावयितारौ भावयितारः भावयितासि भावयितास्थः भावयितास्थ
भावयितास्मि भावयितास्वः भावयितास्मः भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
भावयिष्यति भावयिष्यतः भावयिष्यन्ति भावयिष्यसि भावयिष्यथः भावयिष्यथ भावयिष्यामि भावयिष्यावः भावयिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #492
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४८१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भाव्यात्
भाव्यास्ताम भाव्यासुः भाव्याः भाव्यास्तम्
भाव्यास्त भाव्यासम् भाव्यास्व
भाव्यास्म भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबीभवत् अबीभवताम अबीभवन अबीभवः अबीभवतम् अबीभवत
अबीभवम् अबीभवाव अबीभवाम भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभावयिष्यत् अभावयिष्यताम् अभावयिष्यन् अभावयिष्यः अभावयिष्यतम अभावयिष्यत
अभावयिष्यम् अभावयिष्याव अभावयिष्याम भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लट) भावयते भावयेते
भावयन्ते भावयसे भावयेथे
भावयध्वे
भावयावहे भावयामहे भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लोट्) भावयताम् भावयेताम्
भावयन्ताम् भावयस्व भावयेथस्व
भावयध्वम भावयै
भावयावहै भावयामहै भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अभावयत
अभावयेताम् अभावयन्त अभावयथाः अभावयेथाम् अभावयध्वम अभावये
अभावयावहि अभावयामहि भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भावयेत
भावयेयाताम् भावयेरन् भावयेथाः भावयेयाथाम् भावयेध्वम् भावयेय
भावयेवहि भावयेमहि
भावये
For Private and Personal Use Only
Page #493
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
भावयिता
भावयितासे भावयिताहे
४८२
भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
भावयाञ्चक्रे
भावयाञ्चकृषे भावयाञ्चक्रे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
भावयितारः
भावयिताध्वे
भावयितास्महे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भावयाञ्चक्राते भावयाञ्चक्राथे भावयाञ्चकृवहे भावयाञ्चकृमहे
भावयाञ्चक्रिरे भावयाञ्चकृढ़वे
भावयितारौ
भावयितासाथे
भावयितास्व
अबीभवत
अबीभवथाः
अबीभवे
भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने,
भावयिष्यते
भावयिष्यसे
भावयिष्ये
भावयिष्ये
भावयिष्येथे
भावयिष्यावहे
-
भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भावयिषीष्ट
भावयिषीयास्ताम् भावयिषीरन
भावषीध्वम्
भावयिषीष्ठाः भावयिषीय
भावयिषीयास्थाम् भावयिषीवहि
भाव
भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अबीभवन्त
अबीभवध्वम
अबीभवामहि
ऌट्)
भावयिष्यन्ते
भावयिष्यध्वे
भावयिष्यामहे
अबीभवेताम
अबीभवेथाम अब भवावह
भुव (अवकल्कने चिन्तने च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभावयिष्यत
अभावयिष्यथाः अभावयिष्ये
भूषयतः
भूषयथः
भूषयावः
For Private and Personal Use Only
अभावयिष्येताम् अभावयिष्यन्त
अभावयिष्येथाम
अभावयिष्यावहि
भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
भूषयति
भूषयसि भूषयामि
अभावयिष्यध्वम्
अभावयिष्यामहि
भूषयन्ति
भूषयथ
भूषयामः
Page #494
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४८३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट) भूषयतु भूषयताम्
भूषयन्तु भूषय भूषयतम्
भूषयत भूषयानि भूषयाव
भूषयाम भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अभूषयत्
अभूषयताम् अभूषयन् अभूषयः अभूषयतम्
अभषयत अभूषयम् अभूषयाव
अभूषयाम भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
भूषयेत् भूषयेताम् भूषयेयुः भूषये: भूषयेतम
भूषयेत भूषयेयम् भूषयेव
भूषयेम भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
भषयाञ्चकार भूषयाञ्चक्रतः भूषयाञ्चक्रुः भूषयाञ्चकर्थ भूषयाञ्चक्रथुः भूषयाञ्चक्र
भूषयाञ्चकार भूषयाञ्चकृव भूषयाञ्चकम भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
भूषयिता भूषयितारौ भूषयितारः भूषयितासि भूषयितास्थः भूषयितास्थ
भूषयितास्मि भूषयितास्वः भूषयितास्मः भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
भूषयिष्यति भूषयिष्यतः भूषयिष्यन्ति भूषयिष्यसि भूषयिष्यथः भूषयिष्यथ
भूषयिष्यामि भूषयिष्यावः भूषयिष्यामः भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भूष्यात्
भूष्यास्ताम् भूष्यासुः भूष्याः भूष्यास्तम्
भूष्यास्त भूष्यासम् भूष्यास्व
भूष्यास्म
.
For Private and Personal Use Only
Page #495
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४८४
भूषये
भूषयामहे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबूभुषत् अबूभुषताम् अबूभुषन् अबूभुषः अबूभुषतम्
अबूभुधत अबूभुषम् अबूभुषाव अबूभुषाम भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभूषयिष्यत् अभूषयिष्यताम् अभूषयिष्यन् अभूषयिष्यः अभूषयिष्यतम् । अभूषयिष्यत
अभूषयिष्यम् अभूषयिष्याव अभूषयिष्याम भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) भूषयते भूषयेते
भूषयन्ते भूषयसे भूषयेथे
भूषयध्वे
भूषयावहे भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
भूषयताम् भूषयेताम् भूषयन्ताम् भूषयस्व भूषयेथस्व
भूषयध्वम् भूषयावहै
भूषयामहै भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अभूषयत अभूषयेताम् अभूषयन्त अभषयथाः अभूषयेथाम् अभूषयध्वम
अभूषये अभूषयावहिं अभूषयामहि भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भषयेत
भूषयेयाताम् भूषयेरन् भूषयेथाः भूषयेयाथाम भूषयध्वम् भूषयेय भूषयेवहि
भूषयेमहि भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट) भूषयाञ्चके भूषयाञ्चक्राते
भूषयाञ्चक्रिरे भूषयाञ्चकृषे भूषयाञ्चकाथे भूषयाञ्चकटवे भूषयाञ्चके भूषयाञ्चकृवहे भूषयाञ्चकमहे
भववव
भूषयै
For Private and Personal Use Only
Page #496
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
भूषयिता भूषयितासे भूषयिताहे
भूषयितारौ भूषयितासाथे भूषयितास्वहे
भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
भूषयिष्यते भूषयिष्यसे भूषयिष्ये
भूषतु
भूष भूषाणि
भूषयिष्येते भूषयिष्येथे भूषयिष्यावहे
भूषयिषीयास्ताम् भूषयिषीयास्थाम् भूषयिष
भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भूषयिषीष्ट भूषयिषीष्ठाः भूषयिषीय
भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अबूभुषत
अबूभुषथाः अबूभुषे
अबूभुषेताम् अबूभुषेथाम् अबूभुषावहि
भूष (अलङ्करणे, चुरादिगण, आत्मने, लृङ् )
अभूषयिष्यत अभूषयिष्यथाः अभूषयिष्ये
अभूषयिष्येताम् अभूषयिष्येथाम् अभूषयिष्यावहि
भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै,
भूषति
भूषतः
भूषसि
भूषथः
भूषामि
भूषाव:
भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
लट्)
भूषताम्
भूषतम्
भूषाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
भूषयितारः भूषयिताध्वे
भूषयितास्महे
भूषयिष्यन्ते भूषयिष्यध्वे भूषयिष्यामहे
भूषयिषीरन् भूषयिषीध्वम्
भूषयिषीमहि
अबूभुषन्त
अबूभुषध्वम्
अबूभुषाम
अभूषयिष्यन्त
अभूषयिष्यध्वम् अभूषयिष्यामहि
भूषन्ति
भूषथ
भूषामः
भूषन्तु
भूषत
भूषाम
४८५
Page #497
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भूषेः
४८६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अभूषत् अभूषताम्
अभूषन् अभूषः अभूषतम्
अभूषत अभूषम् अभूषाव
अभूषाम भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भूषेत भूषेताम्
भषेयः भूषेतम्
भूषेत भूषेयम् भूषेव
भूषेम भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) बुभूष बुभूषतुः
बुभूषुः बुभूषिथ
बुभूषथुः बुभूष बुभूष
बुभूषिव बुभूषिम भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) भूषिता भूषितारौ
भषितारः भूषितासि भूषितास्थः
भूषितास्थ भूषितास्मि भूषितास्वः भूषितास्मः भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) भूषिष्यति
भूषिष्यतः भूषिष्यन्ति भषिष्यसि भूषिष्यथः
भूषिष्यथ भूषिष्यामि
भूषिष्यावः भूषिष्यामः भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भूष्यात्
भूष्यास्ताम् भूष्यासुः भूष्याः भूष्यास्तम्
भूष्यास्त भूष्यासम् भूष्यास्व
भूष्यास्म भूष (अलङ्कारे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अभूषीत्
अभूषिष्टाम् अभूषिषुः अभूषीः
अभूषिष्टम् अभूषिष्ट अभूषिषम् अभूषिष्व अभूषिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #498
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक--जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु -- पावला भष (अलकार, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभूषिष्यताम् अभूषिष्यन् अमावस्या
अभूषिष्यतम अभृषिष्यत अभूषिष्यम् अभूषिष्याव अभूषिष्याम भाज (पथक कणि, चुरादिगण, परस्मै, लट्) भाजयति भाजयतः
भाजयन्ति भाजयास भाजयथः
भाजयथ भाजयामि भाजयावः
भाजयामः भाज (पृथक्कमणि, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) भाजयतु भाजयताम
भाजयन्तु भाजय भाजयतम
भाजयत भाजयानि भाजयाव
भाजयाम भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अभाजयत् अभाजयताम् अभाजयन अभाजयः
अभाजयतम अभाजयत अभाजयम अभाजयाव अभाजयाम भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भाजयेत
भाजयेताम् भाजयेयुः भाजये: भाजयतम
भाजयेत भाजयेयम् भाजयेव
भाजयेम भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
भाजयाञ्चकार भाजयाञ्चक्रतुः भाजयाञ्चक्रुः भाजयाञ्चकर्थ भाजयाञ्चक्रथुः भाजयाञ्चक्र
भाजयाञ्चकार भाजयाञ्चकृव भाजयाञ्चकृम भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) भाजयिता
भाजयितारौ भाजयितारः भाजयितासि भाजयितास्थः भाजयितास्थ भाजयितास्मि भाजयितास्वः भाजयितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #499
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४८८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
भाजयिष्यति भाजयिष्यतः भाजयिष्यन्ति भाजयिष्यसि भाजयिष्यथः भाजयिष्यथ
भाजयिष्यामि भाजयिष्यावः भाजयिष्यामः भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भाज्यात
भाज्यास्ताम् भाज्यासुः भाज्याः भाज्यास्तम्
भाज्यास्त भाज्यासम् भाज्यास्व
भाज्यास्म भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अबभाजत् अबभाजताम् अबभाजन् अबभाजः
अबभाजतम् अबभाजत अबभाजम् अबभाजाव
अबभाजाम भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अभाजयिष्यत् अभाजयिष्यताम् अभाजयिष्यन् अभाजयिष्यः अभाजयिष्यतम अभाजयिष्यत
अभाजयिष्यम् अभाजयिष्याव अभाजयिष्याम भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लट्) भाजयते
भाजयेते भाजयसे भाजयेथे
भाजयध्वे भाजये
भाजयावहे भाजयामहे भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
भाजयताम् भाजयेताम् भाजयन्ताम् भाजयस्व
भाजयेथस्व भाजयध्वम् भाजयै
भाजयावहै भाजयामहै भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अभाजयत अभाजयेताम् अभाजयन्त अभाजयथाः अभाजयेथाम् अभाजयध्वम् अभाजये
अभाजयावहि अभाजयामहि
भाजयन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #500
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४८९
भाग
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
भाजयेत भाजयेयाताम भाजयेरन भाजयेथाः भाजयेयाथाम् भाजयेध्वम्
भाजयेय भाजयेवहि भाजयेमहि भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
भाजयाञ्चक्रे भाजयाञ्चक्राते भाजयाञ्चक्रिरे भाजयाञ्चकषे भाजयाञ्चक्राथे भाजयाञ्चकढ़वे
भाजयाञ्चक्रे भाजयाञ्चकृवहे भाजयाञ्चकृमहे भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
भाजयिता भाजयितारौ भाजयितारः भाजयितासे भाजयितासाथे भाजयिताध्वे
भाजयिताहे भाजयितास्वहे भाजयितास्महे भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
भाजयिष्यते भाजयिष्येते भाजयिष्यन्ते भाजयिष्यसे भाजयिष्येथे भाजयिष्यध्वे
भाजयिष्ये भाजयिष्यावहे भाजयिष्यामहे भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भाजयिषीष्ट भाजयिषीयास्ताम भाजयिषीरन भाजयिषीष्ठाः भाजयिषीयास्थाम भाजयिषीध्वम्
भाजयिषीय भाजयिषीवहि भाजयिषीमहि भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अबभाजत अबभाजेताम अबभाजन्त अबभाजथाः अबभाजेथाम् अबभाजध्वम्
अबभाजे अबभाजावहि अबभाजामहि भाज (पृथक्कर्मणि, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभाजयिष्यत अभाजयिष्येताम् अभाजयिष्यन्त अभाजयिष्यथाः अभाजयिष्येथाम अभाजयिष्यध्वम् अभाजयिष्ये अभाजयिष्यावहि अभाजयिष्यामहि
अनभाना
For Private and Personal Use Only
Page #501
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अभाषे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कर-धान..पावली भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण आत्मने, लट) भाषते
भाषेते भाषसे भाषेथे
भार भाषे
भाषावहे भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लोट। भाषताम भाषेताम
भाषन्ताम भाषस्व भाषेथाम
भाषध्वन भाषै भाषावहै
भाषामहै भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभाषत अभाषेताम
अभाषन्त अभाषथाः अभाषेथाम
अभाषध्वम
अभाषावहि अभाषामहि भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भाषेत
भाषेयाताम भाषेरन भाषेथाः
भाषेयाथाम भाषेध्वम भाषेय भाषेवहि
भाषेमहि भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) बभाषे बभाषते
बभाषिरे बभाषषे बभाषाथे
बभाषिध्वे बभाषे
बभाषिवहे बभाषिमहे भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भाषिता भाषितारौ
भाषितारः भाषितासे भाषितासाथे भाषिताध्वे भाषिताहे
भाषितास्वहे भाषितास्महे भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भाषिष्यते भाषिष्येते
भाषिष्यन्ते भाषिष्यसे भाषिष्येथे
भाषिष्यध्वे भाषिष्ये
भाषिष्यावहे भाषिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #502
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९१
संगणक -अनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भाष (व्यकायां वाचि. भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) भाषिषीष्ट
भाषिषीयास्ताम् भाषिषीरन् भाषिषीष्ठा: भाषिषीयास्थाम भाषिषीध्वम भाषिषीय
भाषिषीवहि भाषिषीमहि भाष (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ) अभाषिष्ट
अभाषिषाताम अभाषिषत अभाषिताः अभाषिषाथाम अभाषिध्वभ
अभाषिधि अभाषिष्वहि अभाषिष्महि भाष (व्यकायां वाचि, भ्वादिगण, आत्मने, लड़)
अभाषिध्यत अभाषिष्येताम् अभाषिष्यन्त अभाषिष्यथाः अभाषिष्येथाम अभाषिष्यध्वम अभाषिष्ये
अभाषिष्यावहि अभाषिष्यामहि भास (दीप्तौ, स्वादिगण, आत्मने, लट् भारते भासेते
भासन्ते भासस भासंथे
भासध्वे भासावहे
भासामहे भास (दीप्तो, स्वादिगण, आत्मने, लोट)
भासेताम्
भासन्ताम भासस्व भासथाम
भासध्वम् भासै भासावहै
भासामहै भास (दीजो. ताटिगण, आत्मने, लङ्) अभासत
अभासेताम् अभासन्त अभासथाः अभासेथाम अभासध्वम् अमासे
अभासावहि अभासामहि भास (दीजी, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भासेन
भाषेयाताम् भासेरन् भासेथाः
भासेयाथाम भासेध्वम् भासमा भासेवहि
भासेमहि
For Private and Personal Use Only
Page #503
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भासू (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) बभासे बभासते
बभासिरे बभासषे बभासाथे
बभासिध्वे बभासे
बभासिवहे बभासिमहे भास (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) भासिता भासितारौ
भासितारः भासितासे भासितासाथे भासिताध्वे
भासिताहे भासितास्वहे भासितास्महे भासृ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
भासिष्यते भासिष्येते भासिष्यन्ते भासिष्यसे भासिष्येथे भासिष्यध्वे
भासिष्ये भासिष्यावहे भासिष्यामहे भास (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भासिषीष्ट भासिषीयास्ताम् भासिषीरन् भासिषीष्ठाः भासिषीयास्थाम् भासिषीध्वम
भासिषीय भासिषीवहि भासिषीमहि भासू (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभासिष्ट अभासिषाताम् अभासिषत अभासिष्ठाः अभासिषाथाम् अभासिध्वम्
अभासिषि अभासिष्वहि अभासिष्महि भासू (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभासिष्यत अभासिष्येताम अभासिष्यन्त अभासिष्यथाः अभासिष्येथाम् अभासिष्यध्वम् अभासिष्ये
अभासिष्यावहि अभासिष्यामहि भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) भिक्षते भिक्षेते
भिक्षन्ते भिक्षसे भिक्षेथे
भिक्षध्वे भिक्षे
भिक्षावहे भिक्षामहे
For Private and Personal Use Only
Page #504
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९३
भिक्षेध्वम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट)
भिक्षताम् भिक्षेताम् भिक्षन्ताम् भिक्षस्व भिक्षेथाम
भिक्षध्वम् भिक्ष
भिक्षावहै भिक्षामहै भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अभिक्षत
अभिक्षेताम अभिक्षन्त अभिक्षथाः अभिक्षेथाम् अभिक्षध्वम् अभिक्षे
अभिक्षावहि अभिक्षामहि भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भिक्षेत भिक्षेयाताम्
भिक्षेरन् भिक्षेथाः भिक्षेयाथाम्
भिक्षेय भिक्षेवहि भिक्षेमहि भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) बिभिक्षे
बिभिक्षाते बिभिक्षिरे बिभिक्षिषे बिभिक्षाथे बिभिक्षिध्वे
बिभिक्षे बिभिक्षिवहे बिभिक्षिमहे भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट)
भिक्षिता भिक्षितारौ भिक्षितारः भिक्षितासे भिक्षितासाथे भिक्षिताध्वे
भिक्षिताहे भिक्षितास्वहे भिक्षितास्महे भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
भिक्षिष्यते भिक्षिष्येते भिक्षिष्यन्ते भिक्षिष्यसे भिक्षिष्येथे भिक्षिष्यध्वे
भिक्षिष्ये भिक्षिष्यावहे भिक्षिष्यामहे भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लि)
भिक्षिषीष्ट भिक्षिषीयास्ताम् भिक्षिषीरन् भिक्षिषीष्ठाः भिक्षिषीयास्थाम् भिक्षिषीध्वम् भिक्षिषीय भिक्षिषीवहि भिक्षिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #505
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९४
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभिक्षिष्ट अभिक्षिषाताम अभिक्षिषत अभिक्षिष्ठाः अभिक्षिषाथाम अभिक्षिध्वम
अभिक्षिषि अभिक्षिष्वहि अभिक्षिष्महि भिक्ष (भिक्षायामलाभे लाभे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अभिक्षिष्यत अभिक्षिष्येताम् अभिक्षिष्यन्त अभिक्षिष्यथाः अभिक्षिष्येथाम अभिक्षिष्यध्वम्
अभिक्षिष्ये अभिक्षिष्यावहि अभिक्षिष्यामहि भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लट्) भिनत्ति भिन्तः
भिन्दन्ति भिनत्सि भिन्त्थः
भिन्न्थ भिनद्मि भिन्द्वः
भिन्नः भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लोट) भिनत्तु भिन्ताम्
भिन्दन्तु भिन्द्धि भिन्तम्
भिन्त भिनदानि भिनदाव
भिनदाम भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) अभिनत्
अभिन्ताम् अभिन्दन अभिनः अभिन्तम्
अभिन्त अभिनदम् अभिन्द्व
अभिन्न भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) भिन्द्यात् भिन्द्याताम्
भिन्द्युः भिन्द्याः
भिन्द्यातम् भिन्द्यात भिन्द्याम् भिन्द्याव
भिन्द्याम भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) बिभेद
बिभिदतुः बिभिदुः बिभेदिथ बिभिदथुः
बिभिद बिभेद बिभिदिव
बिभिदिम
For Private and Personal Use Only
Page #506
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९५
भेत्तारः
भिद्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लुट्) भेत्ता
भेत्तारौ भेत्तासि भेत्तास्थः
भेत्तास्थ भेत्तास्मि भेत्तास्वः
भेत्तास्मः भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लट्) भेत्स्यति
भेत्स्यतः भेत्स्यन्ति भेत्स्यसि भेत्स्यथः
भेत्स्यथ भेत्स्यामि भेत्स्यावः
भेत्स्यामः भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) भिद्यात्
भिद्यास्ताम् भिद्याः
भिद्यास्तम् भिद्यास्त भिद्यासम् भिद्यास्व
भिद्यास्म भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्) अभिदत् अभिदताम्
अभिदन अभिदः अभिदतम्
अभिदत अभिदम् अभिदाव
अभिदाम भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्) अभेत्स्यत् अभेत्स्यताम्
अभेत्स्यन् अभेत्स्यः
अभेत्स्यतम् अभेत्स्यत अभेत्स्यम् अभेत्स्याव अभेत्स्याम भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लट्)
भिन्दाते
भिन्दते भिन्त्से भिन्दाथे
भिन्द्ध्वे भिन्दे भिन्द्वहे
भिन्ग्रहे भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लोट) भिन्ताम् भिन्दाताम्
भिन्दताम् भिन्स्व
भिन्दाथाम भिन्दध्वम् भिनदै
भिन्दावहै भिन्दामहै
भिन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #507
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लङ्) अभिन्त
अभिन्दाताम् अभिन्दत् अभिन्थाः
अभिन्द्ध्वम् अभिन्दि अभिन्द्वहि
अभिन्यहि भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) भिन्दीत भिन्दीयाताम्
भिन्दीरन् भिन्दीथाः भिन्दीयाथाम् भिन्दीध्वम्
भिन्दीय भिन्दीवहि भिन्दीमहि भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लिट्) बिभिदे बिभिदाते
बिभिदिरे बिभिदिषे बिभिदाथे बिभिदिध्वे बिभिदे
बिभिदिवहे बिभिदिमहे भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लुट्) भेत्ता भेत्तारौ
भेत्तारः भेत्तासे
भेत्तासाथे भेत्ताध्वे भेत्तास्वहे
भेत्तास्महे भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) भेत्स्यते भेत्स्ये ते
भेत्स्यन्ते भेत्स्य से भेत्स्येथे
भेत्स्यध्वे
भेत्स्यावहे रूत्स्यामहे भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
भित्सीष्ट भित्सीयास्ताम् भित्सीरन् भित्सीष्ठाः भित्सीयास्ठाम भित्सीध्वम
भित्सीय भित्सीवहि भित्सीमहि भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्) अभित्त
अभित्साताम् अभित्सत अभित्थाः
अभित्साथाम् अभिदध्वम अभित्सि
अभित्स्वहि अभिस्महि
भेत्ताहे
भेत्स्ये
For Private and Personal Use Only
Page #508
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली भिदिर् (विदारणे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्) अभेत्स्यत अभेत्स्येताम्
अभेत्स्यन्त अभेत्स्यथाः अभेत्स्येथाम अभेत्स्यध्वम्
अभेत्स्ये अभेत्स्यावहि अभेत्स्यामहि मृङ् (प्राणत्यागै, तुदादिगण, आत्मने, लट्) म्रियते नियेते
नियन्ते म्रियसे नियेथे
नियध्वे निये म्रियावहे
म्रियामहे मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्) म्रियताम् नियेताम्
म्रियन्ताम् म्रियस्व नियेथाम्
म्रियध्वम् म्रियै
म्रियावहै म्रियामहै मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्) अम्रियत
अम्रियेताम् अम्रियन्त अम्रियथाः अम्रियेथाम
अम्रियध्वम् अम्रिये
अम्रियावहि अम्रियामहि मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्ग) नियेत
म्रियेयाताम नियेरन म्रियेथाः नियेयाथाम
म्रियेध्वम् - म्रियेय
म्रियेवहि म्रियेमहि मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, लिट्)
ममार
मम्रः
मम्रतुः मम्रथुः
मम्र मम्रिम
ममर्थ ममार
मम्रिव मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, लुट्) मर्ता
मर्तारौ मासे
मर्तासाथे माहे
मस्विहे
मर्तारः माध्वे मर्तास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #509
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
४९८
मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने ऌट्)
मरिष्यते
मरिष्येते
मरिष्यसे
मरिष्येथे
मरिष्ये
मरिष्यावहे
मषीष्ट
मृषीष्ठाः मृषीय
www.kobatirth.org
अमृत
अमृथाः अमृषि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मृषीयास्ताम् मृषीयास्थाम् मृषीवहि
मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने,
अमृषाताम्
अमृषाथाम् अमृष्वहि
मृङ् (प्राणत्यागे, तुदादिगण, आत्मने, लृङ् )
अमरिष्यत
अमरिष्येताम्
अमरिष्येथाम
अमरिष्यथाः अमरिष्ये
अमरिष्यावहि
अमुञ्चत्
अमुञ्चः
अमुञ्चम्
लुङ्)
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
मुञ्चति मुञ्चसि मुञ्चामि
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
मुञ्चतः
मुञ्चथः
मुञ्चावः
मुञ्चतु
मुञ्चताम्
मुञ्चतम्
मुञ्च मुञ्चानि
मुञ्चाव
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अमुञ्चताम्
अमुञ्चतम्
अमुञ्चाव
For Private and Personal Use Only
मरिष्यन्ते
मरिष्यध्वे
मरिष्यामहे
मृषीरन् मृषीवम् मृषीमहि
अमृषत अमृढ्वम्
अमृष्म
अमरिष्यन्त अमरिष्यध्वम
अमरिष्यामहि
मुञ्चन्ति
मुञ्चथ
मुञ्चामः
मुञ्चन्तु
मुञ्चत.
मुञ्चाम
अमुञ्चन्
अमुञ्चत
अमुञ्चाम
Page #510
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुच (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मुञ्चेत्
मुञ्चेताम् मुञ्चेयुः मुञ्चेः मञ्चेतम
मुञ्चेत मुञ्चेयम् मुञ्चेव
मुञ्चेम मुचू (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
मुमोच मुमुचतुः मुमुचुः मुमोचिथ मुमुचथुः मुमुच मुमोच मुमुचिव
मुमुचिम मुच (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) मोक्ता मोक्तारौ
मोक्तारः मोक्तासि
मोक्तास्थः मोक्तास्थ मोक्तास्मि मोक्तास्वः मोक्तास्मः मुच (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) मोक्ष्यति मोक्ष्यतः
मोक्ष्यन्ति मोक्ष्यसि
मोक्ष्यथः मोक्ष्यथ मोक्ष्यामि मोक्ष्यावः
मोक्ष्यामः मुच (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
मुच्यात् मुच्यास्ताम् मुच्यासुः मुच्याः मुच्यास्तम
मुच्यास्त मुच्यासम् मुच्यास्व
मुच्यास्म मुच (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमुचत् अमुचताम् अमुचन् अमुचः अमुचतम्
अमुचत अमुचम् अमुचाव
अमुचाम मुचू (मोक्षणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अमोक्ष्यत् अमोक्ष्यताम् अमोक्ष्यन् अमोक्ष्यः
अमोक्ष्यतम अमोक्ष्यत अमोक्ष्यम् अमोक्ष्याव अमोक्ष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #511
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
५००
मुञ्चताम् मुञ्चस्व मुञ्चै
मुचू (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्)
मुञ्चेते
मुञ्चते मुञ्चसे मुञ्चे
मुञ्चे मुञ्चावहे
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्)
मुञ्चेताम्
मुञ्चेथाम् मुञ्चवा है
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
www.kobatirth.org
मुमुचे मुमुचिषे मुमुचे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अमुञ्चत
अमुञ्चथाः अमुञ्चे
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मुञ्चेत मुञ्चेथाः
मुञ्चेयाताम् मुञ्चेयाथाम् मुञ्चेवहि
मुञ्चेय
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लिट् )
मोक्ता
मोक्ता
मोक्ता
अमुञ्चेताम् अमुञ्चेथाम् अमुञ्चावहि
मुमुचाते
मुमुचाथे
मुमुचि
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लुट् )
मोक्तारौ
मोक्तासाथे
मोक्तास्वहे
मुच् (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, ऌट्)
मोक्ष्यते
मोक्ष्येते
मोक्ष्यसे
मोक्ष्येथे
मोक्ष्ये
मोक्ष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मुञ्चन्ते मुञ्चध्वे मुञ्चामहे
मुञ्चन्ताम्
मुञ्चध्वम्
मुञ्चामहै
अमुञ्चन्त
अमुञ्चध्वम् अमुञ्चामहि
मुञ्चेरन् मुञ्चेध्वम्
मुञ्चेम
मुमुचिरे
मुमुचिध्वे
मुमुचिम
मोक्तारः
मोक्ताध्वे
मोक्तास्महे
मोक्ष्यन्ते
मोक्ष्यवे मोक्ष्यामहे
Page #512
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुच (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) मुक्षीष्ट मुक्षीयास्ताम्
मुक्षीरन् मोक्षीष्ठाः मुक्षीयास्थाम् मुक्षीध्वम्
मुक्षीय मुक्षीवहि मुक्षीमहि मुचू (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्) अमुक्त
अमुक्षाताम् अमुक्षत अमुक्थाः
अमुक्षाथाम् अमुग्ध्वम् अमुक्षि
अमुक्ष्वहि अमुक्ष्महिं मुचु (मोक्षणे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
अमोक्ष्यत अमोक्ष्येताम् अमोक्ष्यन्त अमोक्ष्यथाः अमोक्ष्येथाम् अमोक्ष्यध्वम्
अमोक्ष्ये अमोक्ष्यावहि अमोक्ष्यामहि मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मोचयति मोचयतः मोचयन्ति मोचयसि मोचयथः
मोचयथ मोचयामि मोचयावः मोचयामः मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) मोचयतु
मोचयताम् मोचयन्तु मोचय मोचयतम
मोचयत मोचयानि मोचयाव
मोचयाम मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अमोचयत् अमोचयताम् अमोचयन् अमोचयः अमोचयतम् अमोचयत
अमोचयम् अमोचयाव अमोचयाम भुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मोचयेत् मोचयेताम्
मोचयेयुः मोचयेः
मोचयेतम् मोचयेत मोचयेयम् मोचयेव मोचयेम
स
For Private and Personal Use Only
Page #513
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
मोचयाञ्चकार मोचयाञ्चक्रतुः मोचयाञ्चक्रुः मोचयाञ्चकर्थ मोचयाञ्चक्रथुः मोचयाञ्चक्र
मोचयाञ्चकार मोचयाञ्चकृव मोचयाञ्चकृम मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
मोचयिता मोचयितारौ मोचयितारः मोचयितासि मोचयितास्थ: मोचयितास्थ
मोचयितास्मि मोचयितास्वः मोचयितास्मः मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मोचयिष्यति मोचयिष्यतः मोचयिष्यन्ति मोचयिष्यसि मोचयिष्यथः मोचयिष्यथ
मोचयिष्यामि मोचयिष्यावः मोचयिष्यामः मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
मोच्यात् मोच्यास्ताम् मोच्यासुः मोच्याः
मोच्यास्तम मोच्यास्त मोच्यासम् मोच्यास्व मोच्यास्म मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अमूमुचत्
अमूमुचताम् अमूमुचन् अमूमुचः अमूमुचतम् अमूमुचत अमूमुचम
अमूमुचाव अमूमुचाम मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) ।
अमोचयिष्यत् अमोचयिष्यताम् अमोचयिष्यन् अमोचयिष्यः अमोचयिष्यतम् अमोचयिष्यत
अमोचयिष्यम् अमोचयिष्याव अमोचयिष्याम मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लट्) मोचयते मोचयेते
मोचयन्ते मोचयसे मोचयेथे
मोचयध्वे मोचये मोचयावहे
मोचयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #514
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
मोचयताम् मोचयेताम् मोचयन्ताम् मोचयस्व मोचयेथस्व मोचयध्वम्
मोचयै मोचयावहै मोचयामहै मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमोचयत अमोचयेताम् अमोचयन्त अमोचयथाः अमोचयेथाम् अमोचयध्वम्
अमोचये अमोचयावहिं अमोचयामहि मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मोचयेत मोचयेयाताम् मोचयेरन् मोचयेथाः
मोचयेयाथाम् मोचयेध्वम् मोचयेय मोचयेहि मोचयेमहि मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
मोचयाञ्चके मोचयाञ्चक्राते मोचयाञ्चक्रिरे मोचयाञ्चकृषे मोचयाञ्चक्राथे मोचयाञ्चकृढ़वे
मोचयाञ्चके मोचयाञ्चकृवहे मोचयाञ्चकृमहे मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मोचयिता मोचयितारौ मोचयितारः मोचयितासे मोचयितासाथे मोचयिताध्वे
मोचयिताहे मोचयितास्वहे मोचयितास्महे मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मोचयिष्यते मोचयिष्येते मोचयिष्यन्ते मोचयिष्यसे मोचयिष्येथे मोचयिष्यध्वे
मोचयिष्ये मोचयिष्यावहे मोचयिष्यामहे मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मोचयिषीष्ट मोचयिषीयास्ताम् मोचयिषीरन् मोचयिषीष्ठाः मोचयिषीयास्थाम् मोचयिषीध्वम् मोचयिषीय मोचयिषीवहि मोचयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #515
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमूमुचत अमूमुचेताम् अमूमुचन्त अमूमुचथाः अमूमुचेथाम् अमूमुचध्वम्
अमूमुचे अमूमुचावहिं अमूमुचामहि मुच (प्रमोचने मोदने च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमोचयिष्यत अमोचयिष्येताम् अमोचयिष्यन्त अमोचयिष्यथाः अमोचयिष्येथाम अमोचयिष्यध्वम
अमोचयिष्ये अमोचयिष्यावहि अमोचयिष्यामहि मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लट्) मार्जयति मार्जयतः
मार्जयन्ति मार्जयसि माजयथः
मार्जयथ मार्जयामि मार्जयावः मार्जयामः मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
मार्जयतु मार्जयताम् मार्जयन्तु मार्जय मार्जयतम्
मार्जयत मार्जयानि मार्जयाव
मार्जयाम मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अमार्जयत् अमार्जयताम् अमायन अमार्जयः अमार्जयतम् अमाजयत
अमार्जयम् अमार्जयाव अमार्जयाम मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
मार्जयेत् मार्जयेताम् मार्जयेयुः मार्जयेः
मार्जयेतम् मार्जयेत मार्जयेयम् मार्जयेव मार्जयेम' मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
मार्जयाञ्चकार मार्जयाञ्चक्रतुः मार्जयाञ्चक्रुः मार्जयाञ्चकर्थ मार्जयाञ्चक्रथुः मार्जयाञ्चक्र माजेयाञ्चकार
मार्जयाञ्चकृम
For Private and Personal Use Only
Page #516
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
मार्जयिता मार्जयितारौ मार्जयितारः मार्जयितासि मार्जयितास्थः मार्जयितास्थ
मार्जयितास्मि मार्जयितास्वः मार्जयितास्मः मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मार्जयिष्यति मार्जयिष्यतः मार्जयिष्यन्ति मार्जयिष्यसि मार्जयिष्यथः मार्जयिष्यथ
मार्जयिष्यामि मार्जयिष्यावः मार्जयिष्यामः मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
माात् मायास्ताम माासुः मायाः
माास्तम् माास्त माया॑सम् माास्व माया॑स्म मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) ।
अमीमृजत् अमीमृजताम् अमीमृजन् अमीमृजः अमीमृजतम् अमीमृजत
अमीमृजाव अमीमृजाम मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमार्जयिष्यत् अमार्जयिष्यताम् अमार्जयिष्यन् अमार्जयिष्यः अमार्जयिष्यतम् अमार्जयिष्यत
अमार्जयिष्यम् अमार्जयिष्याव अमार्जयिष्याम मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लट्) मार्जयते मार्जयेते
मार्जयन्ते मार्जयसे मार्जयेथे
मार्जयध्वे
मार्जयावहे मार्जयामहे मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
मार्जयताम् मार्जयेताम् मार्जयन्ताम् मार्जयस्व मार्जयेथस्व मार्जयध्वम् मार्जयै
मार्जयावहै मार्जयामहै
मार्जये
For Private and Personal Use Only
Page #517
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अमार्जयत
अमार्जयथाः. अमार्जये
५०६
मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमार्जयेताम् अमार्जयेथाम
अमार्जया वहि
मार्जयेत
मार्जयेथाः मार्जयेय
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मार्जयेरन् मार्जयेध्वम् मार्जयेमहि
मार्जयेयाताम् मार्जयेयाथाम् मार्जयेवहि
मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
मार्जयाञ्चक्रे मार्जयाञ्चक्राते
मार्जयाञ्चकृषे
मार्जयाञ्चक्राथे
मार्जयिता मार्जयितासे मार्जयिता
मार्जयाञ्चक्रे मार्जयाञ्चकृवहे (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
मार्जयिष्यते
मार्जयिष्यसे मार्जयिष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अमीमृजत
अमीमृजथाः अमीमृजे
मार्जयितारौ मार्जयितासाथे
मार्जयितास्व
अमार्जयन्त अमार्जयध्वम्
अमार्जयामह
मार्जयिषीयास्ताम्
मार्जयिषीयास्थाम् मार्जयिषीवहि
मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
मार्जयिष्येते
मार्जयिष्येथे
मार्जयिष्याव
मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
मार्जयिषीष्ट
मार्जयिषीष्ठाः
मार्जयिषीय
For Private and Personal Use Only
मार्जयाञ्चक्रिरे
मार्जयाञ्चकृवे मार्जयाञ्चकृमहेमृजू
मार्जयितारः
मार्जयिताध्वे
मार्जयितास्महे
मार्जयिष्यन्ते
मार्जयिष्यध्वे
मार्जयिष्यामहे
मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमीमृजेताम्
अमीमृजेथाम् अमीमजावहि
मार्जयिषीरन् मार्जयिषीध्वम् मार्जयिषीमहि
अमीमृजन्त अमीमृजध्वम् अमीमृजामहि
Page #518
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मृजू (शौचालङ्कारयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमार्जयिष्यत अमार्जयिष्येताम् अमार्जयिष्यन्त अमार्जयिष्यथाः अमार्जयिष्येथाम् अमार्जयिष्यध्वम्
अमार्जयिष्ये अमार्जयिष्यावहि अमार्जयिष्यामहि मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, लट्) मण्डयति मण्डयतः
मण्डयन्ति मण्डयसि मण्डयथः
मण्डयथ मण्डयामि मण्डयावः
मण्डयामः मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) मण्डयतु
मण्डयताम् मण्डयन्तु मण्डय मण्डयतम
मण्डयत मण्डयानि मण्डयाव
मण्डयाम मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अमण्डयत् अमण्डयताम् अमण्डयन् अमण्डयः अमण्डयतम
अमण्डयत अमण्डयम् अमण्डयाव अमण्डयाम मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
मण्डयेत् मण्डयेताम् मण्डयेयुः मण्डये: मण्डयेतम
मण्डयेत मण्डयेयम् मण्डयेव
मण्डयेम मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
मण्डयाञ्चकार मण्डयाञ्चक्रतुः मण्डयाञ्चक्रुः मण्डयाञ्चकर्थ मण्डयाञ्चक्रथुः मण्डयाञ्चक्र
मण्डयाञ्चकार मण्डयाञ्चकृव मण्डयाञ्चकृम मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) मण्डयिता
मण्डयितारी मण्डयितारः मण्डयितासि मण्डयितास्थः मण्डयितास्थ मण्डयितास्मि मण्डयितास्वः मण्डयितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #519
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
५०८
मडि (भूषायां हर्षे च चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मण्डयिष्यति
मण्डयिष्यसि
मण्डयिष्यामि
मडि (भूषायां हर्षे च चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
मण्ड्यात्
मण्ड्याः
मण्ड्यासम्
मsि ( भूषायां हर्षे च चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मण्डयिष्यतः
मण्डयिष्यथः
मण्डयिष्यावः
अमण्डयत
अमण्डयथाः
अमण्डये
मण्ड्यास्ताम्
मण्ड्यास्तम् मण्ड्यास्व
अममण्डत्
अममण्डः
अममण्डम्
मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अममण्डताम् अममण्डतम्
अममण्डाव
अमण्डयिष्यत् अमण्डयिष्यः
अमण्डयिष्यम्
as ( भूषायां हर्षे च चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अमण्डयिष्यताम्
अमण्डयिष्यतम्
अमण्डयिष्याव
मण्डयेते
मण्डयेथे
मण्डयावहे
मण्ड मण्डसे
मण्ड
मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
मण्डयताम्
मण्डयस्व
मण्डयै
मडि (भूषायां हर्षे च चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
मण्डयेताम
मण्डयेथस्व
मण्डयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अण्डताम
अमण्डयेथाम अमण्डयावहि
For Private and Personal Use Only
मण्डयिष्यन्ति
sorr
मण्डयिष्यामः
मण्ड्यासुः
मण्ड्यास्त
मण्ड्यास्म
अममण्डन्
अममण्डत
अममण्डाम
अमण्डयिष्यन् अमण्डयिष्यत
अमण्डयिष्याम
मण्डयन्ते मण्डयध्वे
मण्डयामहे
मण्डयन्ताम्
मण्डयध्वम्
मण्डयाम
अमण्डयन्त
अमण्डयध्वम् अमण्डयामहि
Page #520
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ५०९ मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मण्डयेत मण्डयेयाताम मण्डयेरन् मण्डयेथाः मण्डयेयाथाम मण्डयध्वम
मण्ये य मण्डयेवहि मण्डयेमहि मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
मण्डयाञ्चक्रे मण्डयाञ्चक्राते मण्डयाञ्चक्रिरे मण्डयाञ्चकृषे मण्डयाञ्चक्राथे मण्डयाञ्चकढ़वे
मण्डयाञ्चक्रे मण्डयाञ्चकृवहे मण्डयाञ्चकृमहे मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मण्डयिता मण्डयितारौ मण्डयितारः मण्डयितासे मण्डयितासाथे मण्डयिताध्वे
मण्डयिताहे मण्डयितास्वहे मण्डयितास्महे मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मण्डयिष्यते मण्डयिष्येते मण्डयिष्यन्ते मण्डयिष्यसे मण्डयिष्येथे मण्डयिष्यध्वे
मण्डयिष्ये मण्डयिष्यावहे मण्डयिष्यामहे भडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मण्डयिषीष्ट मण्डयिषीयास्ताम् मण्डयिषीरन मण्डयिषीष्ठाः मण्डयिषीयास्थाम मण्डयिषीध्वम
मण्डयिषीय मण्डयिषीवहि मण्डयिषीमहि मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अममण्डत अममण्डेताम् अममण्डथाः अममण्डेथाम् अममण्डध्वम
अममण्डे अममण्डावहि अममण्डामहि मडि (भूषायां हर्षे च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमण्डयिष्यत अमण्डयिष्येताम् अमण्डयिष्यन्त अमण्डयिष्यथाः अमण्डयिष्येथाम् अमण्डयिष्यध्वम् अमण्डयिष्ये अमण्डयिष्यावहिं अमण्डयिष्यामहि
अममण्डन्त
For Private and Personal Use Only
Page #521
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मण्डत
अमण्डतम
५१० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मडि (भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) मण्डति मण्डतः
मण्डन्ति मण्डसि मण्डथः
मण्डथ मण्डामि मण्डावः
मण्डामः मडि (भूषायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) मण्डतु मण्डताम्
मण्डन्तु मण्ड
मण्डतम् मण्डानि मण्डाव
मण्डाम मडि (भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अमण्डत
अमण्डताम् अमण्डन अमण्डः
अमण्डत अमण्डम् अमण्डाव
अमण्डाम मडि (भूषायाम, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मण्डेत्
मण्डेताम् मण्डेयुः मण्डे: मण्डेतम
मण्डेत मण्डेयम् मण्डेव
मण्डेम मडि (भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ममण्ड
ममण्डतुः ममण्डुः ममण्डिथ ममण्डथुः
ममण्ड ममण्ड ममण्डिव
ममण्डिम मडि (भूषायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) मण्डिता मण्डितारौ
मण्डितारः मण्डितासि मण्डितास्थः मण्डितास्थ
मण्डितास्मि मण्डितास्वः मण्डितास्मः मडि (भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) मण्डिष्यति
मण्डिष्यतः मण्डिष्यन्ति मण्डिष्यसि मण्डिष्यथः मण्डिष्यथ मण्डिष्यामि मण्डिष्यावः मण्डिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #522
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
मडि (भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
मण्ड्यात्
मण्ड्यास्ताम्
मण्ड्याः
मण्ड्यास्तम्
मण्ड्यासम्
मण्ड्यास्व
मsि ( भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ)
अमण्डीत् अमण्डी: अमण्डिम
मडि (भूषायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अमण्डिष्यत्
अमण्डिष्यः
अमण्डिष्यम्
मुडि ( खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
मुण्डति मुण्डसि
मुण्डामि
अमण्डिष्टाम्
अमण्डिष्टम्
अमण्डिष्व
अमण्डिष्यताम
अमण्डिष्यतम्
अमण्डिष्याव
मुण्डतः
मुण्डथः
मुण्डावः
मुडि ( खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
मुण्डे मुण्डे: मुण्डेयम्
मुण्डतु
मुण्डताम्
मुण्डतम्
मुण्ड मुण्डानि
मुण्डाव
मुडि ( खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अमुण्डत्
अमुण्डः
अमुण्डम्
मुडि ( खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अमुण्डताम्
अमुण्डतम्
अमुण्डाव
मुण्डेताम्
मुम् मुण्डेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मण्ड्यासुः मण्ड्यास्त
मण्ड्यास्म
अमण्डिषुः
अमण्डिष्ट
अमण्डिष्म
अमण्डिष्यन
अमण्डित
अमण्डिष्याम
मुण्डति
मुण्डथ
मुण्डामः
मुण्डन्तु
मुण्ड
मुण्डाम
अमुण्डन्
अण्ड
अमुण्डाम
मुण्डेयुः मुण्डेत मुण्डेम
५११
Page #523
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५१२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुडि (खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) मुमुण्ड
मुमुण्डतुः मुमुण्डुः मुमुण्डिथ मुमुण्डथुः
मुमुण्ड मुमुण्ड मुमुण्डिव
मुमुण्डिम मुडि (खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
मुण्डिता मुण्डितारौ मण्डितारः मण्डितासि मुण्डितास्थः मुण्डितास्थ
मुण्डितास्मि मुण्डितास्वः मुण्डितास्मः मुडि (खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
मुण्डिष्यति मुण्डिष्यतः मुण्डिष्यन्ति मुण्डिष्यसि मुण्डिष्यथः मण्डिष्यथ
मुण्डिष्यामि मुण्डिष्यावः मुण्डिष्यामः मुडि (खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मुण्ड्यात्
मुण्ड्यास्ताम् मुण्ड्यासुः मुण्ड्याः मुण्ड्यास्तम् मुण्ड्यास्त
मुण्ड्यासम् मुण्ड्यास्व मुण्ड्यास्म मुडि (खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमुण्डीत् अमुण्डिष्टाम् अमुण्डिषुः अमुण्डीः
अमुण्डिष्टम अमुण्डिष्ट अमुण्डिषम् अमुण्डिष्व अमुण्डिष्म मुडि (खण्डने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमण्डिष्यत अमण्डिष्यताम अमुण्डिष्यन् अमुण्डिष्यः अमुण्डिष्यतम् अमुण्डिष्यत
अमुण्डिष्यम् अमुण्डिष्याव अमुण्डिष्याम मत्रि (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) मन्त्रयते मन्त्रयेते
मन्त्रयन्ते मन्त्रयसे मन्त्रयेथे
मन्त्रयध्वे मन्त्रये
मन्त्रयावहे मन्त्रयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #524
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
मन्त्रयताम्
मन्त्रयस्व मन्त्रयै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मन्त्रि (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
www.kobatirth.org
मन्त्रि (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमन्त्रयेताम्
अमन्त्रयेथाम् अमन्त्रयावहि
मन्त्रयिता मन्त्रयितासे
मन्त्रयेताम्
मन्त्रये स्व
मन्त्रयावहै
मन्त्रयाञ्चक्रे
मन्त्रयाञ्चक्राते
मन्त्रयाञ्चकर्षे
मन्त्रयाञ्चक्राथे
मन्त्रयाञ्चक्रे
मन्त्रयाञ्चकृवहे
मन्त्रि (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मन्त्रयिष्यने
मन्त्रयिष्यसे मन्त्रयिष्ये
अमन्त्रयत
अमन्त्रयथाः
अमन्त्रये
मत्र (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मन्त्रयेत
मन्त्रयेयाताम्
मन्त्रयेथाः
मन्त्रयेयाथाम्
मन्त्रयेय
मन्त्रयेवहि
मन्त्रि (गुप्त परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
मन्त्रयिताहे
मन्त्रयितास्वहे
(गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मन्त्रयिषीष्ट
मन्त्रयिषीष्ठाः मन्त्रयिषीय
मन्त्रयितारौ मन्त्रयितासाथे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मन्त्रयिष्येते
मन्त्रयिष्येथे
मन्त्रयिष्यावहे
मन्त्रयन्ताम् मन्त्रयध्वम्
मन्त्रयाम
अमन्त्रयन्त
अमन्त्रयध्वम्
अमन्त्रयामहि
For Private and Personal Use Only
मन्त्रयेरन मन्त्रयेध्वम्
मन्त्र महि
मन्त्रयाञ्चक्रिरे मन्त्रयाञ्चकढ़वे
मन्त्रयाञ्चकमहे
मत्रि (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
मन्त्रयितारः
मन्त्रयिताध्वे
मन्त्रयितास्महेमत्रि
मन्त्रयिष्यन्ते
मन्त्रयिष्यध्वे
मन्त्रयिष्यामहे
मन्त्रयिषीयास्ताम् मन्त्रयिषीरन
मन्त्रयिषीयास्थाम्
मन्त्रयिषीवहि
५१३
मन्त्रयिषीध्वम् मन्त्रयिषीमहि
Page #525
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अममन्त्रत
अममन्त्रथाः अममन्त्रे
www.kobatirth.org
५१४
मत्रि (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अममन्त्रेताम् अममन्त्रेथाम् अममन्त्राि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मात्र (गुप्तपरिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लृङ् )
अमन्त्रयिष्यत
अमन्त्रयिष्येताम
अमन्त्रयिष्येथाम्
अमन्त्रयिष्यथाः अमन्त्रयिष्ये
अमन्त्रयिष्यावहि
मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
मोदते
मोद
मोदे
मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
मोदताम्
मोद
मोदै
मोदेते
मोथे
मोदाव
मोदेताम् मोदेथाम
मोदा है'
मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अमोदत
अमोदेताम्
अमोदथाः अमोदे
अमोदेथाम् अमोदाव
मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मोदेत
मोदेथाः
मो
मोदेयाताम्
मोदेयाथाम्
मोदेवहि
मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
मुमुदे
मुमुदि
मुमुदे
मुमुदा
मुमुदाथे
मुमुदव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
—
अममन्त्रन्त
अममन्त्रध्वम् अममन्त्रामहि
अमन्त्रयिष्यन्त
अमन्त्रयिष्यध्वम्
अमन्त्रयिष्यामहि
मोदन्ते
मोदध्वे
मोदाम
मोदन्ताम् मोदध्वम
मोदाम है
अमोदन्त
अमोदध्वम्
अमोदाम
मोदेरन् मोदेध्वम
मोमहि
मुमुदिरे
मुमुदवे
मुमुदि
Page #526
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५१५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) मोदिता मोदितारौ
मोदितारः मोदितासे मोदितासाथे मोदिताध्वे मोदिताहे
मोदितास्वहे मोदितास्महे मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
मोदिष्यते मोदिष्येते मोदिष्यन्ते मोदिष्यसे
मोदिष्येथे मोदिष्यध्वे मोदिष्ये
मोदिष्यावहे मोदिष्यामहे मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मोदिषीष्ट मोदिषीयास्ताम् मोदिषीरन् मोदिषीष्ठाः मोदिषीयास्थाम् मोदिषीध्वम
मोदिषीय मोदिषीवहि मोदिषीमहि मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमोदिष्ट अमोदिषाताम् अमोदिषत अमोदिष्ठाः अमोदिषाथाम् अमोदिध्वम्
अमोदिषि अमोदिष्वहि अमोदिष्महि मुद (हर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमोदिष्यत अमोदिष्येताम् अमोदिष्यन्त अमोदिष्यथाः अमोदिष्येथाम अमोदिष्यध्वम् अमोदिष्ये
अमोदिष्यावहि अमोदिष्यामहि मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) मन्दते
मन्दन्ते मन्दसे मन्देथे
मन्दध्वे मन्दे मन्दावहे
मन्दामहे मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) मन्दताम् मन्देताम्
मन्दन्ताम् मन्दस्व मन्देथाम्
मन्दध्वम् मन्दै मन्दावहै
मन्दामहै
मन्देते
For Private and Personal Use Only
Page #527
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ममन्दे
५१६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अमन्दत
अमन्देताम् अमन्दन्त अमन्दथाः अमन्देथाम् अमन्दध्वम अमन्दे
अमन्दावहि अमन्दामहि मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) मन्देत
मन्देयाताम् मन्देरन मन्देथाः
मन्देयाथाम् मन्देध्वम् मन्देय मन्देवहि
मन्देमहि मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) ममन्दे ममन्दाते
ममन्दिरे ममन्दिषे
ममन्दाथे ममन्दिध्वे
ममन्दिवहे ममन्दिमहे मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) मन्दिता मन्दितारौ
मन्दितारः मन्दितासे मन्दितासाथे मन्दिताध्वे
मन्दिताहे मन्दितास्वहे मन्दितास्महे मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) मन्दिष्यते
मन्दिष्येते मन्दिष्यन्ते मन्दिष्यसे मन्दिष्येथे मन्दिष्यध्वे मन्दिष्ये
मन्दिष्यावहे मन्दिष्यामहे मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मन्दिषीष्ट मन्दिषीयास्ताम् मन्दिषीरन मन्दिषीष्ठाः मन्दिषीयास्थाम मन्दिषीध्वम
मन्दिषीय मन्दिषीवहि मन्दिषीमहि मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमन्दिष्ट अमन्दिषाताम् अमन्दिषत अमन्दिष्ठाः अमन्दिषाथाम् अमन्दिध्वम अमन्दिषि
अमन्दिष्वहि अमन्दिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #528
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
मदि (स्तुतिमोदमदस्वप्नकान्तिगतिषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमन्दिष्यन्त अमन्दिष्यध्वम्
अमन्दिष्या महि
अमन्दिष्यत
अमन्दिष्येताम
अमन्दिष्यथाः अमन्दिष्ये
अमन्दिष्येथाम अमन्दिष्यावहि
मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लट्)
मनुते
मनवाते
मन्वाथे
मनुषे मन्वे
मनुवहे
मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लोट्)
मनुताम् मनुष्व मनवै
मन्वाताम्
मन्वाथस्व
मनवावहै
मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लङ्)
www.kobatirth.org
अमनुत
अमनुथाः अमन्वि
अमन्वाताम्
अमन्वाथाम्
अमनुवहि
मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मन्वयाताम् मन्वीयाथाम् मन्वीवहि
मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लिट्)
मेनाते
मन्वीत
मन्वीथाः
मन्वीय
मेने
मेनिषे
मेने
मनिता
मनितासे
मनिताहे
नाथे
मेनिवहे
मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लुट् )
मनीतारौ मनितासाथे
मनितास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मन्वते
मनुध्वे
मनुमहे
मन्वताम्
मनुध्वम्
व
अमन्वत
अमनुध्वम् अम महि
मवीरन् मन्वीध्वम्
मन्वीमहि
मेनिरे
मेनिध्वे
निमहे
मनितारः
मनिताध्वे मनितास्महे
५१७
Page #529
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५१८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लट्) मनिष्यते मनिष्येते
मनिष्यन्ते मनिष्यसे मनिष्येथे
मनिष्यध्वे मनिष्ये
मनिष्यावहे मनिष्यामहे मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मनिषीष्ट मनिषीयास्ताम् मनिषीरन् मनिषीष्ठाः मनिषीयास्थाम मनिषीध्वम्
मनिषीय मनिषीवहि मनिषीमहि मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लुङ्) अमनिष्ट
अमनिषाताम् अमनिषत अमनिष्ठाः अमनिषाथाम् अमनिढवम अमनिषि
अमनिष्वहि अमनिष्महि मनु (अवबोधने, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमनिष्यत अमनिष्येताम् अमनिष्यन्त अमनिष्यथाः अमनिष्येथाम अमनिष्यध्वम् अमनिष्ये
अमनिष्यावहि अमनिष्यामहि मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लट्) मन्यते मन्येते
मन्यन्ते मन्यसे मन्येथे
मन्यध्वे मन्ये मन्यावहे
मन्यामहे मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
मन्यताम् मन्येताम् मन्यन्ताम् मन्यस्व मन्येथाम्
मन्यध्वम् मन्यै मन्यावहै
मन्यामहै मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लङ्) अमन्यत अमन्येताम्
अमन्यन्त अमन्यथाः अमन्येथाम् अमन्यध्वम् अमन्ये
अमन्यावहि अमन्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #530
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मन्येत
मन्येथाः
मन्येय
मन्येयाताम्
मन्येयाथाम् मन्येवहि
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लिट् )
मेने
मेनिषे
मेने
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लुट् )
मन्तारौ मन्तासाथे
मन्तास्व
मेनाते
मेनाथे
मेनिवहे
मन्ता मन्तासे
मन्ता
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
मंस्यते
मंस्ये
मंस्यसे
मंस्थे
मंस्ये
मंस्याव
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
अमंस्यत
अमंस्यथाः
अमस्ये
मंसीष्ट
मंसीष्ठाः
मंसीय
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
मंसीयास्ताम्
मंसीयास्थाम् मंसीवहि
अमंस्त
अमंस्थाः
अमंसि
मन (ज्ञाने, दिवादिगण, आत्मने, लृङ् )
अमंसाताम्
अमंसाथाम् अमंस्वहि
अमस्येताम
अमस्येथाम
अमंस्यावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मन्येरन् मन्येध्वम्
मन्ये महि
मेनिरे
मेनिध्वे
निमहे
मन्तारः
मन्ताध्वे
मन्तास्महे
मंस्यन्ते
मंस्यध्वे
मंस्यामहे
मंसीरन्
मंसध्वम्
मंसीमहि
अमंसत
अमन्ध्वम्
अस्म
अमंस्यन्त
अमंस्यध्वम् अमंस्यामहि
५१९
Page #531
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मन्थ (विलोडने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) मथ्नाति मथ्नीतः
मथ्नन्ति मथ्नासि
मथ्नीथः मथ्नीथ मथ्नामि मथ्नीवः
मथ्नीमः मन्थ (विलोडने, ज्यादिगण, परस्मै, लोट) मथ्नातु
मथ्नीताम् मथ्नन्तु मथ्नीन मथ्नीतम्
मनीत मथ्नानि मथ्नाव
मथ्नाम मन्थ (विलोडने, ज्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अमथ्नात् अमथ्नीताम् अमथ्नन् अमथ्नाः
अमथ्नीतम् अमनीत अमथ्नाम् अमथ्नीव
अमथ्नीम मन्थ (विलोडने, व्रयादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मथ्नीयात् मथ्नीयाताम्
मथ्नीयः मथ्नीयाः मथ्नीयातम
मथ्नीयात मथ्नीयाम् मथ्नीयाव मथ्नीयाम मन्थ (विलोडने, क्यादिगण, परस्मै, लिट) ममन्थ ममन्थतुः
ममन्थुः ममन्थिथ ममन्थथुः
ममन्थ ममन्थ ममन्थिव
ममन्थिम मन्थ (विलोडने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट्)
मन्थिता मन्थितारौ मन्थितारः मन्थितासि मन्थितास्थः मन्थितास्थ
मन्थितास्मि मन्थितास्वः मन्थितास्मः मन्थ (विलोडने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
मन्थिष्यति मन्थिष्यतः मन्थिष्यन्ति मन्थिष्यसि मन्थिष्यथः मन्थिष्यथ मन्थिष्यामि मन्थिष्यावः मन्थिष्यामः
मना
For Private and Personal Use Only
Page #532
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मन्थ (विलोडने, क्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मथ्यात् मथ्यास्ताम
मथ्यासुः मथ्याः मथ्यास्तम्
मथ्यास्त मथ्यासम् मथ्यास्व
मथ्यास्म मन्थ (विलोडने, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमन्थीत् अमन्थिष्टाम् अमन्थिषुः अमन्थीः
अमन्थिष्टम अमन्थिष्ट अमन्थिषम् अमन्थिष्व अमन्थिष्म मन्थ (विलोडने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमन्थिष्यत् अमन्थिष्यताम् अमन्थिष्यन अमन्थिष्यः अमन्थिष्यतम् अमन्थिष्यत
अमन्थिष्यम् अमन्थिष्याव अमन्थेिष्याम मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) मन्थति मन्थतः
मन्थन्ति मन्थसि मन्थथः
मन्थथ मन्थामि मन्थावः
मन्थामः मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) मन्थतु मन्थताम्
मन्थन्तु मन्थ मन्थतम्
मन्थत मन्थानि मन्थाव
मन्थाम मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अमन्थत् अमन्थताम्
अमन्थन अमन्थ: अमन्थतम्
अमन्थत अमन्थम् अमन्थाव
अमन्थाम भन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मन्थेत मन्थेताम्
मन्थेयः मन्थेः मन्थेतम
मन्थेत मन्थेयम् मन्थेव
मन्थेम
For Private and Personal Use Only
Page #533
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ममन्थ ममन्थतुः
ममन्थुः ममन्थिथ ममन्थथुः
ममन्थ ममन्थ ममन्थिव
ममन्थिम मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) मन्थिता
मन्थितारौ मन्थितारः मन्थितासि मन्थितास्थः मन्थितास्थ
मन्थितास्मि मन्थितास्वः मन्थितास्मः मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
मन्थिष्यति मन्थिष्यतः मन्थिष्यन्ति मन्थिष्यसि
मन्थिष्यथः मन्थिष्यथ मन्थिष्यामि मन्थिष्यावः मन्थिष्यामःमन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मथ्यात
मथ्यास्ताम मथ्यासुः मथ्याः मथ्यास्तम्
मथ्यास्त मथ्यासम् मथ्यास्व
मथ्यास्म मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अमन्थीत अमन्थिष्टाम्
अमन्थिषुः अमन्थीः अमन्थिष्टम् अमन्थिष्ट अमन्थिषम् अमन्थिष्व
अमन्थिष्म मन्थ (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमन्थिष्यत् अमन्थिष्यताम् अमन्थिष्यन अमन्थिष्यः अमन्थिष्यतम् अमथिष्यत
अमन्थिष्यम् अमन्थिष्याव अमन्थिष्याम मूर्छा (मोहसमुछ्राययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
मूर्च्छतः
मूर्च्छन्ति
मूर्च्छथ मूर्छावः
मूर्च्छति मूर्च्छसि मूर्छामि
मूर्च्छथः
मूर्छामः
For Private and Personal Use Only
Page #534
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२३
मूर्छ मूर्छानि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मूर्छा (मोहसमुछाययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) मूर्च्छतु मूर्च्छताम्
मूर्च्छन्तु मूछतम् मूर्च्छत
मूर्छाव मूर्छाम मूर्छा (मोहसमुछ्राययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अमूर्च्छत् अमूर्च्छताम् अमूर्च्छन् अमूर्छः अमूर्च्छतम् अमूर्च्छत
अमूर्च्छम् अमूर्छाव अमूर्छाम मूर्छा (मोहसमुछ्राययोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मूर्च्छत् मूर्च्छताम्
मूर्च्युः मूर्छ: मूर्च्छतम्
मूर्च्छत मूर्छयम् मूर्च्छव
मूर्छम मूर्छा (मोहसमुछाययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) मुमूर्च्छ
मुमूर्छः मुमूर्च्छिथ मुमूर्छिथुः
मुमूर्छ मुमूर्च्छ मुमूर्च्छिव
मुमूर्छिम मूर्छा (मोहसमुछ्राययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
मूर्च्छिता मूर्छितारौ मूर्च्छितारः मूर्छितासि मूर्छितास्थः मूर्छितास्थ
मूर्छितास्मि मूर्छितास्वः मूर्च्छितास्मः मूर्छा (मोहसमुछ्राययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ___मूर्च्छिष्यति मूर्च्छिष्यतः मूर्च्छिष्यन्ति मूर्च्छिष्यसि
मूर्च्छिष्यथः मूर्च्छिष्यथ ___मूर्च्छिष्यामि
मूर्च्छिष्यावः मूर्च्छिष्यामः मूर्छा (मोहसमुछ्राययोः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
मूछात् मूच्र्यास्ताम् मूच्छासुः मूच्छाः मूच्छास्तम् मूच्र्यास्त मूर्ध्यासम् मूर्यास्व मूच्र्यास्म
मुमूर्च्छतुः
For Private and Personal Use Only
Page #535
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मूलतः
५२४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मूर्छा (मोहसमुछाययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमूर्चीत् अमूर्च्छिष्टाम् अमूर्च्छिषुः अमूर्जीः अमूर्च्छिष्टम् अमूर्च्छिष्ट
अमूर्च्छिषम् अमूर्च्छिष्व अमूर्च्छिष्म मूर्छा (मोहसमुछाययोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमूर्च्छिष्यत् अमूर्च्छिष्यताम् अमूर्च्छिष्यन् अमूर्च्छिष्यः अमूर्च्छिष्यतम् अमूर्च्छिष्यत
अमूर्च्छिष्यम् अमूर्च्छिष्याव अमूर्च्छिष्याम मूल (प्रतिष्ठायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) मूलति
मूलन्ति मूलसि मूलथः
मूलथ मूलामि मूलावः
मूलामः मूल (प्रतिष्ठायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
मूलताम्
मूलन्तु मूलतम्
मूलत मूलानि मूलाव
मूलाम मूल (प्रतिष्ठायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अमूलत्
अमूलताम् अमूलन अमूलः अमूलतम्
अमूलत अमूलम् अमूलाव
अमूलाम मूल (प्रतिष्ठायाम, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मूलेत्
मूलेताम् मूलेयुः मुलेः मूलेतम्
मलेत मूलेयम् मूलेव
मूलेम मूल (प्रतिष्ठायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ममूल मुमूलतुः
मुमूवुः मुमूलिथ मुमूलथुः
मुमूल मुमूल
मुमूलिव मुमूलिम
मूलतु
saa aaaaa
For Private and Personal Use Only
Page #536
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मूल (प्रतिष्ठायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) मूलिता
मूलितारौ मूलितारः मूलितासि मलितास्थः मलितास्थ
मूलितास्मि मूलितास्वः मूलितास्मः मूल (प्रतिष्ठायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) मूलिष्यति
मूलिष्यतः मूलिष्यन्ति मलिष्यसि मूलिष्यथः मूलिष्यथ
मूलिष्यामि मूलिष्यावः मूलिष्यामः मूल (प्रतिष्ठायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मूल्यात्
मूल्यास्ताम् मूल्यासुः मूल्याः मूल्यास्तम्
मूल्यास्त मूल्यासम् मूल्यास्व
मूल्यास्म मूल (प्रतिष्ठायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमूलीत् अमूलिष्टाम् अमूलिषुः अमूली: अमूलिष्टम्
अमूलिष्ट अमूलिषम् अमूलिष्व अमूलिष्म मूल (प्रतिष्ठायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमूलिष्यत् अमूलिष्यताम् अमूलिष्यन् अमलिष्यः अमलिष्यतम् अमलिष्यत
अमूलिष्यम् अमूलिष्याव अमूलिष्याम मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) मूलयति मूलयतः
मूलयन्ति मूलयसि मूलयथः
मूलयथ मूलयामि मूलयावः
मूलयामः मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट) मूलयतु मूलयताम
मूलयन्तु मूलय मूलयतम्
मूलयत मूलयानि मूलयाव
मूलयाम
ultus In !! FEE
For Private and Personal Use Only
Page #537
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अमूलयत् अमूलयताम् अमूलयन् अमूलयः अमूलयतम्
अमूलयत अमूलयम् अमूलयाव अमूलयाम मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
मूलयेत् मूलयेताम् मूलयेयुः मूलयेः मूलयेतम्
मूलयेत मूलयेयम् मूलयेव
मूलयेम मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
मूलयाञ्चकार मूलयाञ्चक्रतुः मूलयाञ्चचक्रुः मूलयाञ्चकर्थ मूलयाञ्चक्रथुः मूलयाञ्चक्र
मूलयाञ्चकार मूलयाञ्चकृव मूलयाञ्चकृम मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
मूलयिता मूलयितारौ मूलयितारः मूलयितासि मूलयितास्थः मूलयितास्थ
मूलयितास्मि मूलयितास्वः मूलयितास्मः मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मूलयिष्यति मूलयिष्यतः मूलयिष्यन्ति मूलयिष्यसि मूलयिष्यथः मूलयिष्यथ मूलयिष्यामि मूलयिष्यावः
मूलयिष्यामः मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मूल्यात्
मूल्यास्ताम् मूल्यासुः मूल्याः
मूल्यास्तम् मूल्यास्त मूल्यासम् मूल्यास्व
मूल्यास्म मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमूमुलत् अमूमुलताम् अमूमुलन् अमूमुलः अमूमुलतम् अमूमुलत अमूमुलम् अमूमुलाव अमूमुलाम
For Private and Personal Use Only
Page #538
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२७
मूलयेथे
मूलयध्वे
मूलयै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मूल (रोहणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अमूलयिष्यत् अमूलयिष्यताम् अमूलयिष्यन् अमूलयिष्यः अमूलयिष्यतम् अमूलयिष्यत
अमूलयिष्यम् अमूलयिष्याव अमूलयिष्याम मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) मूलयते मूलयेते
मूलयन्ते मूलयसे मलये मूलयावहे
मूलयामहे मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
मूलयताम् मूलयेताम् मूलयन्ताम् मूलयस्व मूलयेथाम
मूलयध्वम
मूलयावहै मूलयामहै मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमूलयत अमूलयेताम् अमूलयन्त अमूलयथाः अमूलयेथाम् अमूलयध्वम्
अमूलये अमूलयावहि अमूलयामहि मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) मूलयेत मूलयेयाताम्
मूलयेरन् मूलयेथाः मूलयेयाथाम् मूलयेध्वम मूलयेय मूलयेवहि
मूलयेमहि मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
मूलयाञ्चके मूलयाञ्चक्राते मूलयाञ्चक्रिरे मूलयाञ्चकृषे मूलयाञ्चक्राथे मूलयाञ्चकृढ़वे
मूलयाञ्चक्रे मूलयाञ्चकृवहे मूलयाञ्चकृमहे मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मूलयिता मूलयितारौ मूलयितारः मूलयितासे
मूलयितासाथे मूलयिताध्वे मूलयिताहे मूलयितास्वहे मूलयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #539
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५२८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मूलयिष्यते मूलयिष्येते मूलयिष्यन्ते मूलयिष्यसे मूलयिष्येथे
मूलयिष्यध्वे मूलयिष्ये मूलयिष्यावहे
मूलयिष्यामहे मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मूलयिषीष्ट मूलयिषीयास्ताम् मूलयिषीरन् मूलयिषीष्ठाः मूलयिषीयास्थाम मूलयिषीध्वम्
मूलयिषीय मूलयिषीवहि मूलयिषीमहि मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अमूमुलत अमूमुलेताम्
अमूमुलन्त अमूमुलथाः अमूमुलेथाम् अमूमुलध्वम
अमूमुले अमूमुलावहि अमूमुलामहि मूल (रोहणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमूलयिष्यत अमूलयिष्येताम् अमूलयिष्यन्त अमूलयिष्यथाः अमूलयिष्येथाम अमूलयिष्यध्वम
अमूलयिष्ये अमूलयिष्यावहि अमूलयिष्यामहि मुष (स्तेये, ज्यादिगण, परस्मै, लट्)
मष्णीतः
मुष्णन्ति मुष्णासि मुष्णामि मुष्णीवः
मुष्णीमः मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट) मुष्णातु
मुष्णीताम् मुषाण
मुष्णीतम् मुष्णीत मुष्णाव
मुष्णाम मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्) अमुष्णात
अमुष्णीताम् अमुष्णन अमुष्णाः
अमुष्णीतम् अमुष्णीत अमुष्णाम् अमुष्णीव
अमुष्णीम
मुष्णाति
मुष्णीथः
मुष्णीथ
मुष्णन्तु
मुष्णानि
For Private and Personal Use Only
Page #540
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु - रूपावली
www.kobatirth.org
मुष (स्तेये, क्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
मुष्णीयात् मुष्णीयाः मुष्णीयाम्
मोषिता
मोषितासि
मोषितास्मि
मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्)
ममोष
मुमोषिथ मुमोष
मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट् )
अमोषीत
अमोषी:
अमोषिषम
मुष्णीयाताम् मुष्णीयातम् मुष्णाव
मुमुषतुः
मुमुषथुः मुमुषिव
अमोषिष्यत
अमोषिष्यः
अमोषिष्यम्
मोषितारौ
मोषितास्थः
मोषितास्वः
मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लृट्)
मोषिष्यति
मोषिष्यतः
मोषिष्यसि
मोषिष्यथः
मोषिष्यामि
मोषिष्यावः
मुष (स्तेये, क्रयादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
मुष्यात्
मुष्याः
मुष्यासम्
-
मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमोषिष्टाम्
अमोषिष्टम्
अमोषिष्व
मुष्यास्ताम्
मुष्यास्तम्
मुष्यास्व
मुष (स्तेये, क्र्यादिगण, परस्मै, लृङ् )
अमोषिष्यताम
अमोषिष्यतम्
अमोषिष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मुष्णीयुः मुष्णीयात
मुष्णीयाम
मुमुषुः
मुमुष
मुमुषिम
मोषितारः
मोषितास्थ
मोषितास्मः
मोषिष्यन्ति
मोषिष्यथ
मोषिष्यामः
मुष्यासुः
मुष्यास्त
मुष्यास्म
अमोषिषुः
अमोषिष्ट
अमोषिष्म
अमोषिष्यन्
अमोषिष्यत
अमोषिष्याम
५२९
Page #541
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) मंहते महेते
महन्ते मंहसे महेथे
मंहध्वे महे महावहे
महामहे महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) मंहताम् महेताम्
मंहन्ताम् मंहस्व महेथाम्
मंहध्वम् महावहै
मंहामहै महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अमंहत अमहेताम्
अमहन्त अमंहथाः
अमंहेथाम् अमंहध्वम् अमंहै अमंहावहि
अमंहामहि महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) मंहेत
महेयाताम् महेथाः महेयाथाम
मंहध्वम् महेय महेवहि
महेमहि महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) ममहे ममहाते
ममहिरे ममंहिषे ममहाथे
ममंहिदवे ममहे
ममंहिवहे ममहिमहे महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) मंहिता
मंहितारौ मंहितारः मंहितासे मंहितासाथे मंहिताध्वे
मंहिताहे मंहितास्वहे मंहितास्महे महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
मंहिष्यते मंहिष्येते मंहिष्यन्ते मंहिष्यसे
मंहिष्येथे मंहिष्यध्वे मंहिष्ये
मंहिष्यावहे मंहिष्यामहे
महेरन्
For Private and Personal Use Only
Page #542
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३१
अमा
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मंहिषीष्ट मंहिषीयास्ताम् मंहिषीरन् मंहिषीष्ठाः मंहिषीयास्थाम् मंहिषीध्वम्
मंहिषीय मंहिषीवहि मंहिषीमहि महि (वृद्धौं, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमंहिष्ट अमंहिषाताम् अमंहिषत अमंहिष्ठाः अमंहिषाथाम अमंहिढवम् अमंहिषि
अमंहिष्वहि अमंहिष्महि महि (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमंहिष्यत अमंहिष्येताम अमंहिष्यन्त अमंहिष्यथाः अमंहिष्येथाम् अमंहिष्यध्वम् अमंहिष्ये
अमंहिष्यावहि अमंहिष्यामहि माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्) मिमीते मिमाते
मिमते मिमीषे मिमाथे
मिमीध्वे मिमीवहे
मिमीमहे माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लोट्) मिमीताम्
मिमाताम् मिमीष्व मिमाथाम
मिमीध्वम् मिमै मिमावहै
मिमामहै माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लङ्) अमिमीत
अमिमाताम् अमिमत अमिमीथाः अमिमाथाम अमिमीध्वम् अमिमि
अमिमीवहि अमिमीमहि माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) मिमीत
मिमीयाताम् मिमीरन् मिमीथाः मिमीयाथाम्
मिमीध्वम मिमीय मिमीवहि
मिमीमहि
मिमे
मिमताम्
For Private and Personal Use Only
Page #543
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ममे
माता
५३२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लिट)
ममाते
ममिरे ममिषे ममाथे
ममिध्वे ममे ममिवहे
ममिमहे माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुट्)
मातारौ
मातारः मातासे
मातासाथे माताध्वे माताहे मातास्वहे
मातास्महे माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लट्) मास्यते
मास्येते मास्यन्ते मास्यसे मास्येथे
मास्यध्वे मास्ये
मास्यावहे मास्यामहे माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) मासीष्ट
मासीयास्ताम् मासीरन् मासीष्ठाः
मासीयास्थाम् मासीध्वम् मसीय मासीवहि
मासीमहि माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अमास्त अमासाताम
अमासत अमासाथाम
अमाध्वम् अमासि
अमास्वहि अमास्महि माङ् (माने, जुहोत्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमास्यत अमास्येताम् अमास्यन्त अमास्यथाः अमास्येथाम अमास्यध्वम्
अमास्ये अमास्यावहि अमास्यमहि मान (पूजायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
मीमांसते मीमांसेते मीमांसन्ते मीमांससे मीमांसेथे मीमांसध्वे मीमांसे
मीमांसावहे मीमांसामहे
अमास्थः
For Private and Personal Use Only
Page #544
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मान (पूजायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लोट)
मीमांसताम् मीमांसेताम मीमांसन्ताम् मीमांसस्व मीमांसेथाम मीमांसध्वम
मीमांसै मीमांसावहै मीमांसामहै मान (पूजायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अमीमांसत अमीमांसेताम् अमीमांसन्त अमीमांसथाः अमीमांसेथाम। अमीमांसध्वम्
अमीमांसे अमीमांसावहि अमीमांसामहि मान (पूजायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मीमांसेत मीमांसेयाताम मीमांसेरन् मीमांसेथाः मीमांसेयाथाम मीमांसेध्वम्
मीमांसेय मीमांसेवहि मीमांसेमहि मान (पूजायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
मीमांसाञ्चक्रे मीमांसाञ्चक्राते मीमांसाञ्चक्रिरे मीमांसाञ्चकृषे मीमांसाञ्चक्राथे मीमांसाञ्चकृध्वे
मीमांसाञ्चके मीमांसाञ्चकृवहे ___मीमांसाञ्चकृमहेमान (पूजायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुट)
मीमांसिता मीमांसितारौ मीमांसितारः मीमांसितासे मीमांसितासाथे मीमांसिताध्वे
मीमांसिताहे मीमांसितास्वहे मीमांसितास्महे मान (पूजायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
मीमांसिष्यते मीमांसिष्येते मीमांसिष्यन्ते मीमांसिष्यसे मीमांसिष्येथे मीमांसिष्यध्ये
मीमांसिष्ये मीमांसिष्यावहे मीमांसिष्यामहे मान (पूजायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मीमांसिषीष्ट मीमांसिषीयास्ताम् मीमांसिषीरन् मीमांसिषीष्ठा: मीमांसिषीयास्थाम मीमांसिषीध्वम मीमांसिषीय मीमांसिषीवहि मीमांसिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #545
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मान (पूजायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमीमांसिष्ट अमीमांसिषाताम् अमीमांसिषत अमीमांसिष्ठाः अमीमांसिषाथाम् अमीमांसिध्वम्
अमीमांसिषि अमीमांसिष्वहि अमीमांसिष्महि मान (पूजायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमीमांसिष्यत अमीमांसिष्येताम् अमीमांसिष्यन्त अमीमांसिष्यथाः अमीमांसिष्येथाम अमीमांसिष्यध्वम
अमीमांसिष्ये अमीमांसिष्यावहि अमीमांसिष्यामहि मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मार्गयति मार्गयतः मार्गयन्ति मार्गयसि
मार्गयथः मार्गयथ मार्गयामि मार्गयावः
मार्गयामः मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट)
मार्गयतु मार्गयताम् मार्गयन्तु मार्गय मार्गयतम्
मार्गयत मार्गयानि मार्गयाव मार्गयाम मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अमार्गयत अमार्गयताम् अमार्गयन् अमार्गयः अमार्गयतम् अमार्गयत
अमार्गयम् अमार्गयाव अमार्गयाम मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
मार्गयेत् मार्गयेताम् मार्गयेयुः मार्गये:
मार्गयेतम मार्गयेत मार्गयेयम् मार्गयेव
मार्गयेम मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) मार्गयाञ्चकार मार्गयाञ्चक्रतुः
मार्गयाञ्चक्रुः मार्गयाञ्चकर्थ मार्गयाञ्चक्रथुः मार्गयाञ्चक्र मार्गयाञ्चकार मार्गयाञ्चकृव मार्गयाञ्चकम
For Private and Personal Use Only
Page #546
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
मार्गयिता
मार्गतिरौ
मार्गयितास्थः
मार्गयितासि मार्गयितास्मि मार्गयितास्वः
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मार्ग
मार्गयिष्यतः
मार्गयिष्यथः
मार्गयिष्यसि मार्गयिष्यामि
मार्गयिष्यावः
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
मार्ग्यात
मार्ग्यास्ताम्
मार्याः
मार्ग्यास्तम्
मार्ग्यासम्
मायस्व
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
www.kobatirth.org
अममार्गत
अममार्गः
अममार्गम्
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, परस्मै, लृङ्)
अमार्गयिष्यत् अमार्गयिष्यः अमार्गयिष्यम्
मार्गयते
मार्गयसे
मार्गये
अममार्गताम्
अममार्गतम् अममार्गाव
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मार्गयेते
मार्गयेथे
मार्गयावहे
मार्गयताम्
मार्ग स्व मार्गयै
अमार्गयिष्यताम्
अमार्गयिष्यतम्
अमार्गयिष्याव
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
मार्गयेताम
मार्गयेथस्व
मार्गयावहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मार्गयितारः
मार्गयितास्थ
मार्गयितास्मः
मार्गयिष्यन्ति
मार्गयिष्यथ
मार्गयिष्यामः
मार्ग्यासुः मार्ग्यास्त
मार्ग्यास्म
अममार्गन्
अममार्ग
अममार्गाम
अमार्गयिष्यन् अमार्गयिष्यत
अमार्गयिष्याम
मार्गयन्ते मार्गयध्वे
मार्गयामहे
मार्गयन्ताम्
मार्गयध्वम मार्गयाम है
५३५
Page #547
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमान्यत अमार्गयेताम अमार्गयन्त अमार्गयथाः अमार्गयेथाम् अमार्गयध्वम्
अमार्गये अमार्गयावहि अमार्गयामहि मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मार्गयेत मार्गयेयाताम् मार्गयेरन मार्गयेथाः मार्गयेयाथाम मार्गयेध्वम् मार्गयेय
मार्गयेवहि मार्गयेमहि मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
मार्गयाञ्चके मार्गयाञ्चक्राते मार्गयाञ्चक्रिरे मार्गयाञ्चकृषे मार्गयाञ्चक्राथे मार्गयाञ्चकृढ्वे
मार्गयाञ्चक्रे मार्गयाञ्चकृवहे मार्गयाञ्चकृमहेमार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मार्गयिता मार्गयितारौ मार्गयितारः मार्गयितासे मार्गयितासाथे मार्गयिताध्वे
मार्गयिताहे मार्गयितास्वहे मार्गयितास्महे मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मार्गयिष्यते मार्गयिष्येते मार्गयिष्यन्ते मार्गयिष्यसे मार्गयिष्येथे मार्गयिष्यध्वे
मार्गयिष्ये मार्गयिष्यावहे मार्गयिष्यामहे मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मार्गयिषीष्ट मार्गयिषीयास्ताम् मार्गयिषीरन् मार्गयिषीष्ठाः मार्गयिषीयास्थाम् मार्गयिषीध्वम्
मार्गयिषीय मार्गयिषीवहि मार्गयिषीमहि मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अममार्गत अममार्गेताम् अममार्गन्त अममार्गथाः अममार्गेथाम् अममार्गध्वम् अममार्गे अममार्गावहि अममार्गामहि
For Private and Personal Use Only
Page #548
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मार्ग (अन्वेषणे, चुरादिगण, आत्मने, लृङ् )
अमार्गयिष्यत
अमार्गयिष्यथाः अमार्गयिष्ये
अमार्गयिष्येताम
अमार्गयिष्येथाम
अमार्गयिष्यावहि
मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
मिलति
मिलतः
मिलसि
मिलथः
मिलामि
मिलावः
मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
मिलतु
मिल मिलानि
मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
मिलताम्
मिलतम्
मिलाव
मेलिता
मेलितासि
मेलितास्मि
अमिलत्
अमिल:
अमिलम्
मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अमिलताम्
अमिलतम्
अमिलाव
मिलेत् मिले:
मिलेयम्
मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लिट् )
मिलेताम
मिले म्
मिलेव
मिमेल
मिमेलिथ
मिमेल
मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्)
मिमिलतुः
मिमिलथुः
मिमिलिव
मेलितारौ
मेलितास्थः
मेलितास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अमार्गयिष्यन्त अमार्गयिष्यध्वम्
अमार्गयिष्यामहि
मिलन्ति
मिलथ
मिलामः
मिलन्त
मिलत
मिलाम
अमिलन् अमिलत
अमिलाम
मिलेयुः
मिलेत
मिलेम
मिमिलुः
मिमिल
मिमिलिम
मेलितार:
मेलितास्थ
मेलितास्मः
५३७
Page #549
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५३८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
मेलिष्यति मेलिष्यतः मेलिष्यन्ति मेलिष्यसि मेलिष्यथः मेलिष्यथ
मेलिष्यामि मेलिष्यावः मेलिष्यामः मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मिल्यात् मिल्यास्ताम्
मिल्यासुः मिल्याः
मिल्यास्तम मिल्यास्त मिल्यासम् मिल्यास्व
मिल्यास्म मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमेलीत् अमेलिष्टाम् अमेलिषुः अमेलीः अमेलिष्टम् अमेलिष्ट अमेलिषम् अमेलिष्व
अमेलिष्म मिल (संगमे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमेलिष्यत अमेलिष्यताम अमेलिष्यन् अमेलिष्यः अमेलिष्यतम् अमेलिष्यत
अमेलिष्यम् अमेलिष्याव अमेलिष्याम मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, लट्) मिलते मिलेते
मिलन्ते मिलसे मिलेथे
मिलध्वे मिले
मिलावहे मिलामहे मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्) मिलताम् मिलेताम्
मिलन्ताम् मिलस्व मिलेथाम्
मिलध्वम्
मिलावहै मिलामहै मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
अमिलत अमिलेताम् अमिलन्त अमिलथाः अमिलेथाम् अमिलध्वम् अमिले
अमिलावहि अमिलामहि
मिलै
For Private and Personal Use Only
Page #550
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मिलेत
मिलेथाः मिलेय
मिल (संगमैं, तुदादिगण, आत्मने, लिट् )
मिमिले
मिमिलाते
मिमिलिषे
मिमिलाथे
मिमिले
मिमिलिवहे
मेलिता
मिलेयाताम् मिलेयाथाम् मिलेवहि
मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, लुट् )
मेलितारौ मेलितासाथे मेलितास्वहे
लतासे
मेलिताहे
मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने ऌट्)
मेलिष्यते
मेलिष्यसे
मेलिष्ये
"
ये
मेलिष्येथे मेलिष्याव
मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
मेलिषीष्ट
मेलिषीष्ठाः मेलिषीय
मेलिषीयास्ताम् मेलिषीयास्थाम् मेलिषीवहि
मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमेलिष्ट
अमेलिष्ठाः
अमेलिषि
मिल (संगमे, तुदादिगण, आत्मने, लृङ् )
अमेलिष्यत
अमेलिष्यथाः
अमेलिष्ये
अमेलिषाताम्
अमेलिषाथाम् अमेलिष्वहि
अमेलिष्येताम्
अमेलिष्येथाम
अमेलिष्यावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मिलेरन मिलेध्वम्
मिले महि
मिमिलिरे
मिमिलिध्वे
मिमिलिमहे
मेलितारः
मेलिताध्वे
मेलितास्महे
मेलिष्यन्ते
मेलिष्यध्वे
मेलिष्यामहे
मेलिषीरन् मेलिषीध्वम्
मेलिषीमहि
अमेलिषत
अमेलिध्वम्
अमेलिष्महि
अमेलिष्यन्त अमेलिष्यध्वम
अमेलिष्यामहि
५३९
Page #551
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
५४०
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मिश्रयति
मिश्रयतः
मिश्रयथः
मिश्रयसि मिश्रयामि
मिश्रयावः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
मिश्रयतु
मिश्र मिश्रयानि
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
मिश्रयताम्
मिश्रयम्
मिश्रयाव
मिश्रयाञ्चकार
मिश्रयाञ्चकर्थ
मिश्रयाञ्चकार
अमिश्रयत्
अमिश्रयः
अमिश्रयम्
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अमिश्रयताम्
अमिश्रयतम्
अमिश्रयाव
मिश्रयेत् मिश्रयैः मिश्रयेयम्
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लिट् )
मिश्रयेताम्
मिश्रयेतम्
मिश्रयेव
मिश्रयाञ्चक्रतुः
मिश्रयाञ्चक्रथुः
मिश्रयाञ्चकृव
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
मिश्रयिता
मिश्रयितास मिश्रयितास्मि
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
मिश्रयिष्यति
मिश्रयिष्यसि
मिश्रयिष्यामि
मिश्रयितारौ
मिश्रयितास्थः
मिश्रयितास्वः
मिश्रयिष्यतः
मिश्रयिष्यथः
मिश्रयिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मिश्रयन्ति मिश्रयथ
मिश्रयामः
मिश्रयन्तु
मिश्रयत
मिश्रयाम
अमिश्रयन् अमिश्रयत
अमिश्रयाम
मिश्रयेयुः
मिश्रयेत
मिश्रयम
मिश्रयाञ्चक्रुः मिश्रयाञ्चक्र
मिश्रयाञ्चकुम
मिश्रयितारः
मिश्रयितास्थ
मिश्रयितास्मः
मिश्रयिष्यन्ति
मिश्रयिष्यथ मिश्रयिष्यामः
Page #552
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
मिश्रयात्
मिश्रयाः
मिश्रयासम्
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमिश्रयिष्यत् अमिश्रयिष्यः
अमिश्रयिष्यम्
अमिमिश्रत् अमिमिश्रः
अमिमिश्रम्
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अमिश्रयिष्यताम्
अमिश्रयिष्यतम्
अमिश्रयिष्याव
मिश्रयास्ताम्
मिश्रयास्तम्
मिश्रयास्व
मिश्रयते
मिश्रयसे
मिश्रये
अमिमिश्रताम्
अमिमिश्रतम्
अमिमिश्राव
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मिश्रयेते
मिश्र येथे
मिश्रयावहे
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
मिश्रयताम्
मिश्रयेताम्
मिश्रयस्व
मिश्रथस्व
मिश्रयै
मिश्रयाव
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमिश्रयत
अमिश्रयथाः अमिश्रये
अमिश्रयेताम्
अमिश्रयेथाम
अमिश्रयावहि
मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
मिश्रयेत
मिश्रयेथाः
मिश्रय
मिश्रयेयाताम्
मिश्रयेयाथाम् मिश्रवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
मिश्रयासुः मिश्रयास्त
मिश्रयास्म
अमिमिश्रन् अमिश्रित
अमिमिश्राम
अमिश्रयिष्यन् अमिश्रयिष्यत
अमिश्रयिष्याम
मिश्रयन्ते
मिश्रयध्वे
मिश्रयामहे
मिश्रयन्ताम् मिश्रयध्वम
मिश्रयामहै
अमिश्रयन्त
अमिश्रयध्वम्
अमिश्रयामहि
मिश्रयेरन् मिश्रयेध्वम् मिश्र महि
५४१
Page #553
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५४२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
मिश्रयाञ्चक्रे मिश्रयाञ्चक्राते मिश्रयाञ्चक्रिरे मिश्रयाञ्चकृषे मिश्रयाञ्चक्राथे मिश्रयाञ्चकृढ्वे
मिश्रयाञ्चक्रे मिश्रयाञ्चकवहे। मिश्रयाञ्चकृमहेमिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
मिश्रयिता मिश्रयितारौ मिश्रयितारः मिश्रयितासे मिश्रयितासाथे मिश्रयिताध्वे
मिश्रयिताहे मिश्रयितास्वहे मिश्रयितास्महे मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
मिश्रयिष्यते मिश्रयिष्येते मिश्रयिष्यन्ते मिश्रयिष्यसे मिश्रयिष्येथे मिश्रयिष्यध्वे
मिश्रयिष्ये मिश्रयिष्यावहे मिश्रयिष्यामहे मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
मिश्रयिषीष्ट मिश्रयिषीयास्ताम् मिश्रयिषीरन् मिश्रयिषीष्ठाः मिश्रयिषीयास्थाम मिश्रयिषीध्वम
मिश्रयिषीय मिश्रयिषीवहि मिश्रयिषीमहि मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमिमिश्रत अमिमिश्रेताम् अमिमिश्रन्त अमिमिश्रथाः अमिमिश्रेथाम् अमिमिश्रध्वम
अमिमिश्रे अमिमिश्रावहि अमिमिश्रामहि मिश्र (संपर्के, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अमिश्रयिष्यत अमिश्रयिष्येताम् अमिश्रयिष्यन्त अमिश्रयिष्यथाः अमिश्रयिष्येथाम् अमिश्रयिष्यध्वम्
अमिश्रयिष्ये अमिश्रयिष्यावहिं अमिश्रयिष्यामहि मीञ् (हिंसायाम, क्यादिगण, परस्मै, लट्) मीनाति मीनीतः
मीनन्ति मीनासि
मीनीथः मीनीथ मीनामि मीनीवः
मीनीमः
For Private and Personal Use Only
Page #554
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५४३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मीञ् (हिंसायाम, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट्) मीनातु
मीनीताम् मीनन्तु मीनीहि
मीनीतम् मीनीत मीनानि मीनाव
मीनाम मीञ् (हिंसायाम्, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्)
अमीनात् अमीनीताम् अमीनन् अमीनाः अमीनीतम
अमीनीत अमीनाम् अमीनीव अमीनीम मीञ् (हिंसायाम्, व्रयादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
मीनीयात् मीनीयाताम् मीनीयुः मीनीयाः मीनीयातम् मीनीयात
मीनीयाम् मीनीयाव मीनीयाम मीञ् (हिंसायाम, क्रयादिगण, परस्मै, लिट्) ममौ मिम्यतुः
मिम्युः ममिथ
मिम्यथुः मिम्य ममौ मिम्यिव
मिम्यिम मीञ् (हिंसायाम्, व्रयादिगण, परस्मै, लुट्) माता
मातारौ मातासि मातास्थः
मातास्थ मातास्मि मातास्वः
मातास्मः मीञ् (हिंसायाम, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्) मास्यति मास्यतः
मास्यन्ति मास्यसि मास्यथः
मास्यथ मास्यामि मास्यावः
मास्यामः मीञ् (हिंसायाम, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
मीयास्ताम्
मियासुः मीयास्तम्
मीयास्त मीयासम् मीयास्व
मीयास्म
मातारः
मीयात् मीयाः
For Private and Personal Use Only
Page #555
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अमास्यत
मीने
५४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मीञ् (हिंसायाम्, व्रयादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमासीत् अमासिष्टाम् अमासिषुः अमासीः
अमासिष्टम् अमासिष्ट अमासिषम् अमासिष्व अमासिष्म मीञ् (हिंसायाम, क्रयादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमास्यत् अमास्यताम् अमास्यन् अमास्यः
अमास्यतम् अमास्यम् अमास्याव
अमास्याम मीञ् (हिंसायाम, क्रयादिगण, आत्मने, लट्) मीनीते मीनाते
मीनते मीनीषे मीनाथे
मीनीध्वे
मीनीवहे मीनीमहे मीञ् (हिंसायाम, क्यादिगण, आत्मने, लोट्)
मीनाताम्
मीनताम् मीनीष्व मीनाथाम्
मीनीध्वम् मीनै
मीनावहै मीनामहै मीञ् (हिंसायाम, क्यादिगण, आत्मने, लङ्) अमीनीत अमीनाताम्
अमीनत अमीनीथाः अमीनाथाम्
अमीनीध्वम अमीनि
अमीनीवहि अमीनीमहि मीञ् (हिंसायाम, क्रयादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) मीनीत
अमीनीयाताम मीनीरन मीनीथाः मीनीयाथाम् मीनीध्वम् मीनीय
मीनीवहि मीनीमहि मीञ् (हिंसायाम, व्रयादिगण, आत्मने, लिट्) मिम्ये
मिम्याते मिम्यिरे मिम्यिषे
मिम्याथे मिम्यिध्वे मिम्ये
मिम्यिवहे मिम्यिमहे
मीनीताम्
For Private and Personal Use Only
Page #556
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५४५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मीञ् (हिंसायाम, क्र्यादिगण, आत्मने, लुट्) माता मातारौ
मातारः मातासे मातासाथे
माताध्वे माताहे
मातास्वहे मातास्महे मीञ् (हिँसायाम, व्रयादिगण, आत्मने, लट्) मास्यते मास्येते
मास्यन्ते मास्यसे मास्येथे
मास्यध्वे मास्ये
मास्यावहे मास्यामहे मीञ् (हिंसायाम्, व्रयादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) मासीष्ट मासीयास्ताम्
मासीरन् मासीष्ठाः मासीयास्थाम् मासीध्वम्
मासीय मासीवहि मासीमहि मीञ् (हिंसायाम, क्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अमास्त
अमासाताम् अमासत अमास्थाः अमासाथाम्
अमाध्वम् अमासि
अमास्वहि अमास्महि मीञ् (हिंसायाम, व्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अमास्यत अमास्येताम् अमास्यन्त अमास्यथाः अमास्येथाम् अमास्यध्वम् अमास्ये
अमास्यावहि अमास्यामहि मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) मीलति मीलतः
मीलन्ति मीलसि मीलथः
मीलथ मीलामि मीलावः
मीलामः मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) मीलतु
मीलताम् मील मीलतम्
मीलत मीलानि मीलाव
मीलाम
मीलन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #557
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५४६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अमीलत् अमीलताम्
अमीलन् अमीलः
अमीलतम् अमीलत अमीलम् अमीलाव अमीलाम मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) मीलेत मीलेताम्
मीलेयुः मीलेः
मीलेतम् मीलेत मीलेयम् मीलेव
मीलेम मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) मिमील मिमीलतुः
मिमीवः मिमीलिथ मिमीलथुः
मिमील मिमील
मिमीलिव मिमीलिम मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) मीलिता
मीलितारौ मीलितारः मीलितासि मीलितास्थः मीलितास्थ
मीलितास्मि मीलितास्वः मीलितास्मः मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
मीलिष्यति मीलिष्यतः मीलिष्यन्ति मीलिष्यसि मीलिष्यथः मीलिष्यथ
मीलिष्यामि मीलिष्यावः मीलिष्यामः मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) मील्यात् मील्यास्ताम्
मील्यासुः मील्याः
मील्यास्तम मील्यास्त मील्यासम् मील्यास्व
मील्यास्म मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमीलीत् अमीलिष्टाम् अमीलिषुः अमीलीः अमीलिष्टम् अमीलिष्ट अमीलिषम् अमीलिष्व
अमीलिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #558
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५४७
युज्यते
युज्ये
युज्यै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली मील (निमेषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अमीलिष्यत अमीलिष्यताम् अमीलिष्यन् अमीलिष्यः अमीलिष्यतम् अमीलिष्यत
अमीलिष्यम् अमीलिष्याव अमीलिष्याम युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
युज्यते
युज्यन्ते युज्यसे युज्येथे
युज्यध्वे
युज्यावहे युज्यामहे युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, लोट्) युज्यताम्
युज्येताम् युज्यन्ताम् युज्यस्व युज्येथाम् युज्यध्वम्
युज्यावहै युज्यामहै युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अयुज्यत अयुज्येताम् अयुज्यन्त अयुज्यथाः
अयुज्येथाम् अयुज्यध्वम अयुज्ये अयुज्यावहि अयुज्यामहि युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) यज्येत
युज्येयाताम् युज्येरन् युज्येथाः युज्येयाथाम युज्येध्वम् युज्येवहि
युज्येमहि युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
युयुजाते युयुजाथे
युयुजिध्वे युयुजिवहे
युयुजिमहे युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, लुट्) योक्ता योक्तारौ
योक्तारः योक्तासे
योक्तासाथे योक्ताध्वे योक्ताहे
योक्तास्वहे योक्तास्महे
युज्येय
युयुजिरे
युयुजे युयुजिषे युयुजे
For Private and Personal Use Only
Page #559
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
५४८
युज (समाधी, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
योक्ष्यते योक्ष्यसे योक्ष्ये
योक्ष्येते योक्ष्येथे योक्ष्यावहे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु - रूपावली
युज (समाधौ, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
युक्षीष्ट युक्षीष्ठाः युक्षीय
युक्षीयास्ताम् युक्षीयास्थाम् युक्षीवहि
युज (समाधी, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयुक्त अयुक्थाः अयुक्षि
युज (समाधी, दिवादिगण, आत्मने, लृङ् )
अयोक्ष्यत
अयोक्ष्यथाः अयोक्ष्ये
अयुक्षाताम्
अयुक्षाथाम् अयुक्षस्वहि
अयोक्ष्येताम्
अयक्ष्म अयोक्ष्यावहि
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
योजयति
योजयसि योजयामि
योजयतः
योजयथः
योजयावः
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
योजयतु योजय योजयानि
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अयोजयत्
अयोजयः
अयोजयम्
योजयताम्
योजयतम्
योजयाव
अयोजयताम्
अयोजयतम
अयोजयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
योक्ष्यन्ते यक्ष्यध्वे
योक्ष्यामहे
युक्षीरन
युक्षीध्वम्
युक्षीमहि
अयुक्षत
अयुग्ध्वम्
अयुक्षस्महि
अयोक्ष्यन्त अयोक्ष्यध्वम
अयोक्ष्यामहि
योजयन्ति
योजयथ
योजयामः
योजयन्तु योजयत
योजयाम
अयोजयन् अयोजयत
अयोजयाम
Page #560
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
योजयाञ्चकार योजयाञ्चकर्थ
योजयाञ्चकार
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु- रूपावली
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
योजयेत् योजयेः योजयेयम्
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
योजयेताम् योजयेतम् योजयेव
योजयाञ्चक्रतुः
योजयाञ्चक्रथुः
योजयाञ्चकृव
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
योजयिता
योजयितासि योजयितास्मि
अयोजयिष्यत्
अयोजयिष्यः
अयोजयिष्यम्
योजयितारौ
योजयितास्थः
योजयितास्वः
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
योजयिष्यति
योजयिष्यसि
योजयिष्यामि
योजयिष्यतः
योजयिष्यथः
योजयिष्यावः
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
योज्यात् योज्याः
योज्यासम्
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
योज्यास्ताम्
योज्यास्तम्
योज्यास्व
अयूयुजत्
अयूयुजः
अयूयुजम्
युज (संयमने, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अयूयुजताम्
अयूयुजतम्
अयूयुजाव
अयोजयिष्यताम्
अयोजयिष्यतम
अयोजयिष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
योजयेयुः योजयेत
योजयेम
योजयाञ्चचक्रुः
योजयाञ्चक्र
योजयाञ्चकुम
योजयितारः
योजयितास्थ
योजयितास्मः
योजयिष्यन्ति योजयिष्यथ
योजयिष्यामः
योज्यासुः
योज्यास्त
योज्यास्म
अयूयुजन्
अयूयुजत
अयूयुजाम
अयोजयिष्यन् अयोजयिष्यत
अयोजयिष्याम
५४९
Page #561
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
योज
योज
योजये
५५०
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
योजयेते
योजयेथे
योजयावहे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
योजयताम्
योजयेताम
योजयस्व योजयै
योजयेथाम् योजयावहै
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अयोजयत अयोजयथाः
अयोजये
अयोजयेताम
अयोजयेथाम् अयोजयावहि
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
योजयेत
योजयेथाः योजयेय
योजयेयाताम
योजयेयाथाम्
योजयेवहि
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
योजयाञ्चक्रे
योजयाञ्चकृषे योजयाञ्चक्रे
योजयाञ्चक्राते योजयाञ्चक्रा योजयाञ्चकृवहे
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
योजयिता
योजयितारौ
योजयिता
योजयितासाथे
योजयिता
योजयितास्व
युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
योजयिष्य
योजयिष्यसे
योजयिष्ये
योजयिष्येते
योजयिष्येथे योजयिष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
योजयन्ते
योजयध्वे
योजयामहे
योजयन्ताम
योजयध्वम्
योजयामहै
अयोजयन्त अयोजयध्वम
अयोजयामहि
योजयेरन् योजयेध्वम्
योज
योजयाञ्चक्रिरे योजयाञ्चकृवे योजयाञ्चकमहे
योजयितारः
योजयिताध्वे
योजयितास्महे
योजयिष्यन्ते
योजयिष्यध्वे योजयिष्यामहे
Page #562
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५५१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
योजयिषीष्ट योजयिषीयास्ताम् योजयिषीरन् योजयिषीष्ठाः योजयिषीयास्थाम् योजयिषीध्वम्
योजयिषीय योजयिषीवहि योजयिषीमहि युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अयूयुजत
अयूयुजेताम् अयूयुजन्त अयूयुजथाः अयूयुजेथाम् अयूयुजध्वम्
अयूयुजे अयूयुजावहि अयूयुजामहि युज (संयमने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयोजयिष्यत अयोजयिष्येताम् अयोजयिष्यन्त अयोजयिष्यथाः अयोजयिष्येथाम् अयोजयिष्यध्वम्
अयोजयिष्ये अयोजयिष्यावहि अयोजयिष्यामहि यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) यजति यजतः
यजन्ति यजसि
यजथ यजामि यजावः
यजामः यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) यजतु
यजताम् यज यजतम्
यजत यजानि यजाव
यजाम यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अयजत
अयजताम् अयजन् अयजः
अयजतम् अयजम
अयजाव यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) यजेत् यजेताम्
यजेयुः यजेः यजेतम्
यजेत यजेयम् यजेव
यजेम
यजथः
यजन्तु
अयजत अयजाम
For Private and Personal Use Only
Page #563
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
इयाज इथि
इयाज
यष्टा
यष्टासि
यष्टास्मि
५५२
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ईजुः
ईज
ईजिम
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, परस्मै,
यक्ष्यति
यक्ष्यसि
यक्ष्यामि
इज्यात्
इज्याः
इज्यासम्
अयाक्षीत्
अयाक्षीः
अयाक्षम्
www.kobatirth.org
यष्टारः
यष्टास्थ
यष्टास्मः
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु भ्वादिगण, परस्मै, ऌट्)
यक्ष्यन्ति
यक्ष्यथ
यक्ष्यामः
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
अयक्ष्यत्
अयक्ष्यः
अयक्ष्यम्
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
यजते
ईजतुः
इजथुः ईजिव
इज्यासुः
इज्यास्त
इज्यास्म
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
जसे
यष्टारौ
यष्टास्थः
यष्टास्वः
यजे
यक्ष्यतः
यक्ष्यथः
यक्ष्यावः
इज्यास्ताम्
इज्यास्तम्
इज्यास्व
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, परस्मै,
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अयाष्टाम्
अयाष्टम्
अयाक्ष्व
अयक्ष्यन्
अयक्ष्यत
अयक्ष्याम
यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
यजन्ते
यजध्वे
जाम
अयक्ष्यताम्
अयक्ष्यतम्
अयक्ष्याव
लुट्)
यजेते
यजेथे
जाव
For Private and Personal Use Only
अयाक्षुः
अयाष्ट
अयाक्ष्म
लृङ्)
Page #564
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अयजत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ५५३ यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
यजताम् यजेताम् यजन्ताम् यजस्व यजेथाम
यजध्वम् यजै यजावहै
यजामहै यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अयजेताम् अयजन्त अयजथाः अयजेथाम अयजध्वम् अयजे अयजावहि
अयजामहि यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) यजेत
यजेयाताम् यजेरन् यजेथाः यजेयाथाम्
यजेध्वम् यजेय
यजेवहि यजेमहि यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) ईजे
ईजिरे ईजिषे ईजाथे
ईजिध्वे
ईजिवहे ईजिमहे यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) यष्टा यष्टारौ
यष्टारः यष्टासे
यष्टासाथे यष्टाध्वे यष्टाहे
यष्टास्वहे यष्टास्महे यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) यक्ष्यते यक्ष्येते
यक्ष्यन्ते यक्ष्यसे यक्ष्येथे
यक्ष्यध्वे यक्ष्ये यक्ष्यावहे
यक्ष्यामहे यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
यक्षीष्ट यक्षीयास्ताम् यक्षीरन् यक्षीष्ठाः यक्षीयास्थाम् यक्षीध्वम् यक्षीय
यक्षीवहि यक्षीमहि
ईजाते
ईजे
For Private and Personal Use Only
Page #565
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
युनक्ति
युङ्क्थ
५५४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अयष्ट
अयक्षाताम् अयक्षत अयष्टाः
अयक्षाथाम् अयक्षध्वम् अयक्षि
अयक्ष्वहि अयक्ष्महि यज (देवपूजासङ्गतिकरणदानेषु, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयक्ष्यत अयक्ष्येताम् अयक्ष्यन्त अयक्ष्यथाः अयक्ष्येथाम् अयक्ष्यध्वम् अयक्ष्ये
अयक्ष्यावहि अयक्ष्यामहि युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लट्)
युङ्क्तः
युञ्जन्ति युनक्षि
युक्थः युनज्मि युज्वः
युज्मः युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लोट्) युनक्तु युङ्क्ताम्
युञ्जन्तु युङ्ग्धि युङ्क्तम्
युक्त युञ्जानि युञ्जाव
युञ्जाम युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) अयुनक अयुङ्क्ताम्
अयुञ्जन अयुनक अयुङ्क्तम्
अयुङ्क्त अयुञ्जम् अयुञ्व अयुज्म युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
युज्यात् युद्ध्याताम् युज्युः युज्याः
युञ्ज्यातम् युज्यात युज्याम् युज्याव
युज्याम युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) ययोज युयुजतुः
युयुजुः युयोजिथ युयुजथुः युयुज युयोज युयुजिव
युयुजिम
For Private and Personal Use Only
Page #566
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५५५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लुट्) योक्ता योक्तारौ
योक्तारः योक्तासि योक्तास्थः योक्तास्थ योक्तास्मि योक्तास्वः
योक्तास्मः युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लट्)
योक्ष्यति योक्ष्यतः योक्ष्यन्ति योक्ष्यसि योक्ष्यथः
योक्ष्यथ योक्ष्यामि योक्ष्यावः
योक्ष्यामः युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) युज्यात्
युज्यास्ताम् युज्यासुः युज्याः
युज्यास्तम् युज्यास्त युज्यासम् युज्यास्व
युज्यास्म युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अयौक्षीत् अयोक्ताम् अयोक्षः अयौक्षीः अयोक्तम
अयोक्त अयौक्षम् अयौक्ष्व
अयौक्ष्म युजिर् (योगे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अयोक्ष्यत् अयोक्ष्यताम अयोक्ष्यन अयोक्ष्यः अयोक्ष्यतम्
अयोक्ष्यत अयोक्ष्यम् अयोक्ष्याव अयोक्ष्याम युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) युङ्क्ते
युञ्जाते युक्षे
युञ्जाथे युञ्ज
युज्वहे युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लोट्)
युङ्क्ताम् युजाताम् युञ्जताम् युझ्व
युञ्जाथाम् युमध्वम् युज युञ्जावहै
युञ्जामहै
युञ्जते युग्ध्वे युज्महे
For Private and Personal Use Only
Page #567
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
युयुजिषे
५५६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लङ्) अयुङ्क्त अयुञ्जाताम्
अयुञ्जत अयुक्थाः अयुञ्जाथाम् अयुग्ध्वम्
अयुञ्जि अयुज्वहि अयुज्महि युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) युञ्जीत
युञ्जीयाताम युञ्जीरन् युञ्जीयाः युञ्जीयाथाम् युञ्जीध्वम्
युञ्जीय युञ्जीवहि युञ्जीमहि युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लिट्) युयुजे
युयुजाते युयुजिरे युयुजाथे
युयुजिध्वे युयुजे युयुजिवहे
युयुजिमहे युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लुट्) योक्ता योक्तारौ
योक्तारः योक्तासे
योक्तासाथे योक्ताध्वे योक्ताहे योक्तास्वहे योक्तास्महे युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) योक्ष्यते योध्येते
योक्ष्यन्ते योक्ष्यसे योक्ष्येथे
योक्ष्यध्वे योक्ष्ये योक्ष्यावहे योक्ष्यामहे युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
युक्षीयास्ताम् युक्षीरन् युक्षीष्ठाः
युक्षीयास्थाम् युक्षीध्वम् युक्षीय
युक्षीवहि युक्षीमहि युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्) अयुक्त
अयुक्षाताम् अयुक्षत अयुक्थाः अयुक्षाथाम्
अयुग्ध्वम अयुक्षि
अयुक्ष्वहि अयुक्ष्महि
युक्षीष्ट
For Private and Personal Use Only
Page #568
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
युनाति
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युजिर् (योगे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयोक्ष्यत अयोध्येताम् अयोक्ष्यन्त अयोक्ष्यथाः अयोक्ष्येथाम अयोक्ष्यध्वम् अयोक्ष्ये
अयोक्ष्यावहि अयोक्ष्यामहि युञ् (बन्धने, क्रयादिगण, परस्मै, लट्)
युनीतः युनन्ति युनासि युनीथः
युनीथ युनामि युनीवः
युनीमः युञ् (बन्धने, व्रयादिगण, परस्मै, लोट्) युनातु
युनीताम् युनन्तु युनीहि युनीतम्
युनीत युनानि युनाव
युनाम युञ् (बन्धने, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्) अयुनात् अयुनीताम्
अयुनन् अयुनाः
अयुनीतम् अयुनीत अयुनाम् अयुनीव अयुनीम युञ् (बन्धने, क्रयादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) युनीयात् युनीयाताम्
युनीयुः युनीयाः
युनीयातम् युनीयात युनीयाम् युनीयाव
युनीयाम युञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्) युयाव
युयुवतुः युयुविथ युयुवथुः
युयुवु युयुविव
युयुविम युञ् (बन्धने, व्रयादिगण, परस्मै, लुट्) योता
योतारौ योतारः योतासि योतास्थः
योतास्थ योतास्मि योतास्वः
योतास्मः
युयुवुः
युयाव
For Private and Personal Use Only
Page #569
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५५८
यूयाः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युञ् (बन्धने, व्यादिगण, परस्मै, लट्) योष्यति योष्यतः
योष्यन्ति योष्यसि योष्यथः
योष्यथ योष्यामि योष्यावः
योष्यामः युञ् (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) यूयात्
यूयास्ताम् यूयासुः यूयास्तम्
यूयास्त यूयासम् यूयास्व
यूयास्म युञ् (बन्धने, क्रयादिगण, परस्मै, लुङ्)
अयौषीत् अयौष्टाम् अयौषुः अयोषीः
अयौष्टम् अयौष्ट अयौषम् अयौष्व
अयौष्म युञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अयोष्यत् अयोष्यताम् अयोष्यन् अयोष्यः अयोष्यतम् अयोष्यत अयोष्यम् अयोष्याव
अयष्याम युञ् (बन्धने, ज्यादिगण, आत्मने, लट्) युनीते
युनाते युनीषे
युनाथे
युनीवहे युञ् (बन्धने, ज्यादिगण, आत्मने, लोट) युनीताम् युनाताम्
युनताम् युनीष्व
युनाथाम् युनीध्वम्
युनावहै युञ् (बन्धने, क्यादिगण, आत्मने, लङ्) अयुनीत अयुनाताम्
अयुनत अयुनीथाः अयुनाथाम् अयुनीध्वम
अयुनीवहि अयुनीमहि
युनते
युनीध्वे युनीमहे
युनै
युनामहै
अयुनि
For Private and Personal Use Only
Page #570
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५५९
युनीत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युञ् (बन्धने, व्रयादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
युनीयाताम्
युनीरन् युनीथाः
युनीयाथाम् युनीध्वम् युनीय युनीवहि
युनीमहि युञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, आत्मने, लिट्) युयुवे युयुवाते
युयुविरे युयुविषे युयुवाथे
युयुविध्वे युयुवे
युयुविवहे युयुविमहे युञ् (बन्धने, व्रयादिगण, आत्मने, लुट्) योता योतारौ
योतारः योतासे
योतासाथे योताध्वे योताहे
योतास्वहे योतास्महे युञ् (बन्धने, व्रयादिगण, आत्मने, लट्) योष्यते योष्येते
योष्यन्ते योष्यसे योष्येथे
योष्यध्वे योध्ये योष्यावहे
योष्यामहे युञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
योषीष्ट योषीयास्ताम् योषीष्ठाः योषीयास्थाम् योषीध्वम योषीय
योषीवहि योषीमहि युञ् (बन्धने, क्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अयोष्ट
अयोषाताम् अयोषत अयोष्ठाः अयोषाथाम
अयोढ़वम् अयोषि
अयोष्वहि अयोष्महि युञ् (बन्धने, क्रयादिगण, आत्मने, लुङ्) अयोष्यत
अयोष्येताम अयोष्यन्त अयोष्यथाः अयोध्येथाम् अयोष्यध्वम् अयोष्ये
अयोष्यावहि अयोष्यामहि
योषीरन्
For Private and Personal Use Only
Page #571
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
यन्त्रयन्ति
५६० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) यन्त्रयति
यन्त्रयतः यन्त्रयसि यन्त्रयथः
यन्त्रयथ यन्त्रयामि यन्त्रयावः
यन्त्रयामः यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) यन्त्रयतु यन्त्रयताम्
यन्त्रयन्तु यन्त्रय यन्त्रयतम्
यन्त्रयत यन्त्रयानि यन्त्रयाव
यन्त्रयाम यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अयन्त्रयत् अयन्त्रयताम् अयन्त्रयन् अयन्त्रयः अयन्त्रयतम्
अयन्त्रयत अयन्त्रयम् अयन्त्रयाव
अयन्त्रयाम यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) यन्त्रयेत् यन्त्रयेताम्
यन्त्रयेयः यन्त्रयः
यन्त्रयेतम् यन्त्रयेत यन्त्रयेयम् यन्त्रयेव
यन्त्रयेम यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
यन्त्रयाञ्चकार यन्त्रयाञ्चक्रतुः । यन्त्रयाञ्चचक्रुः यन्त्रयाञ्चकर्थ यन्त्रयाञ्चक्रथुः यन्त्रयाञ्चक्र
यन्त्रयाञ्चकार यन्त्रयाञ्चकृव यन्त्रयाञ्चकृम यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
यन्त्रयिता यन्त्रयितारौ यन्त्रयितारः यन्त्रयितासि यन्त्रयितास्थः यन्त्रयितास्थ
यन्त्रयितास्मि यन्त्रयितास्वः यन्त्रयितास्मः यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
यन्त्रयिष्यति यन्त्रयिष्यतः यन्त्रयिष्यन्ति यन्त्रयिष्यसि यन्त्रयिष्यथः यन्त्रयिष्यथ यन्त्रयिष्यामि यन्त्रयिष्यावः यन्त्रयिष्यामः
For Private and Personal Use Only
Page #572
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) यन्त्रयात् यन्त्रयास्ताम्
यन्त्रयासुः यन्त्रयाः
यन्त्रयास्तम् यन्त्रयास्त यन्त्रयासम् यन्त्रयास्व
यन्त्रयास्म यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अयन्त्रयत् अयन्त्रयताम्
अयन्त्रयन् अयन्त्रयः
अयन्त्रयतम् अयन्त्रयत अयन्त्रयम् अयन्त्रयाव
अयन्त्रयाम यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अयन्त्रयिष्यत् अयन्त्रयिष्यताम् अयन्त्रयिष्यन् अयन्त्रयिष्यः अयन्त्रयिष्यतम् अयन्त्रयिष्यत
अयन्त्रयिष्यम् अयन्त्रयिष्याव अयन्त्रयिष्याम यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) यन्त्रयते यन्त्रयेते
यन्त्रयन्ते यन्त्रयसे यन्त्रयेथे
यन्त्रयध्वे यन्त्रये
यन्त्रयावहे यन्त्रयामहे यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
यन्त्रयताम् यन्त्रयेताम् यन्त्रयन्ताम् यन्त्रयस्व
यन्त्रयेथाम् यन्त्रयध्वम् यन्त्रयै यन्त्रयावहै
यन्त्रयामहै यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अयन्त्रयत अयन्त्रयेताम् अयन्त्रयन्त अयन्त्रयथाः अयन्त्रयेथाम् अयन्त्रयध्वम अयन्त्रये
अयन्त्रयावहि अयन्त्रयामहि यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) यन्त्रयेत यन्त्रयेयाताम्
यन्त्रयेरन् यन्त्रयेथाः यन्त्रयेयाथाम् यन्त्रयेध्वम् यन्त्रयेय
यन्त्रयेवहि यन्त्रयेमहि
For Private and Personal Use Only
Page #573
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
यन्त्रयाञ्चके यन्त्रयाञ्चक्राते यन्त्रयाञ्चक्रिरे यन्त्रयाञ्चकृषे यन्त्रयाञ्चकाथे यन्त्रयाञ्चकृढ़वे
यन्त्रयाञ्चक्रे यन्त्रयाञ्चकृवहे यन्त्रयाञ्चकृमहे यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
यन्त्रयिता यन्त्रयितारौ यन्त्रयितारः यन्त्रयितासे यन्त्रयितासाथे यन्त्रयिताध्वे
यन्त्रयिताहे यन्त्रयितास्वहे यन्त्रयितास्महे यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
यन्त्रयिष्यते यन्त्रयिष्येते यन्त्रयिष्यन्ते यन्त्रयिष्यसे यन्त्रयिष्येथे यन्त्रयिष्यध्वे
यन्त्रयिष्ये यन्त्रयिष्यावहे यन्त्रयिष्यामहे यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
यन्त्रयिषीष्ट यन्त्रयिषीयास्ताम् यन्त्रयिषीरन् यन्त्रयिषीष्ठाः यन्त्रयिषीयास्थाम यन्त्रयिषीध्वम्
यन्त्रयिषीय यन्त्रयिषीवहि यन्त्रयिषीमहि यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयन्त्रयत अयन्त्रयेताम् अयन्त्रयन्त अयन्त्रयथाः अयन्त्रयेथाम् अयन्त्रयध्वम्
अयन्त्रये अयन्त्रयावहि अयन्त्रयामहि यत्रि (सङ्कोचे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयन्त्रयिष्यत अयन्त्रयिष्येताम् अयन्त्रयिष्यन्त अयन्त्रयिष्यथाः अयन्त्रयिष्येथाम् अयन्त्रयिष्यध्वम्
अयन्त्रयिष्ये अयन्त्रयिष्यावहि अयन्त्रयिष्यामहि यती (प्रयले, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) यतते यतेते
यतन्ते यतसे यतेथे
यतध्वे यतावहे
यतामहे
For Private and Personal Use Only
Page #574
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
यती ( प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
यतेताम्
यतेथाम्
यता है
यतताम्
यतस्व
यतै
यती ( प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
www.kobatirth.org
यत
यतेथाः
यतेय
अयतत
अयतथाः
अयते
यती ( प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
येते
येतिषे
येते
अयतेताम
अयतेथाम् अयतावहि
यती (प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट् )
येताते
येताथे
तिव
यतेयाताम्
यतेयाथाम्
यवह
यतिषीष्ट
यतिषीष्ठाः
यतिषीय
यती (प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
यतिता
यतितारौ
यतिता
यतितासा
यता
यतितास्व
यती ( प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
यत
यतिष्यसे
यति
यती ( प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
यतिष्ये
यतिष्येथे
यतिष्याव
यतिषीयास्ताम्
यतिषीयास्थाम् यतिषीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
यतन्ताम् यतध्वम्
यता है
अयतन्त
अयतध्वम्
अयताम
यतेरन्
यतेध्वम
महि
येतिरे
यतिवे
येतिमहे
S
यतितारः
यतिताध्वे
यतितास्महे
यतिष्यन्ते
यतिवे
यतिष्यामहे
यतिषीरन् यतिषीध्वम
ती
५६३
Page #575
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
युध्येते
युध्ये
५६४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली यती (प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अयतिष्ट
अयतिषाताम अयतिषत अयतिष्ठाः अयतिषाथाम् अयतिध्वम् अयतिषि
अयतिष्वाह अयतिष्महि यती (प्रयत्ने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयतिष्यत अयतिष्येताम् अयतिष्यन्त अयतिष्यथाः अयतिष्येथाम् अयतिष्यध्वम
अयतिष्ये अयतिष्यावहि अयतिष्यामहि युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लट्) युध्यते
युध्यन्ते युध्यसे युध्येथे
युध्यध्वे युध्यावहे
युध्यामहे युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
युध्यताम् युध्येताम् युध्यन्ताम् युध्यस्व युध्येथाम्
युध्यध्वम युध्यै युध्यावहै
युध्यामहै युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लङ्) अयुध्यत
अयुध्येताम अयुध्यन्त अयुध्यथाः अयुध्येथाम अयुध्यध्वम् अयुध्ये अयुध्यावहि
अयुध्यामह युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) युध्येत युध्येयाताम्
युध्येरन् युध्येथाः युध्येयाथाम
युध्येध्वम युध्येय युध्येवहि
युध्येमहि । युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
युयुधाते
युयुधिरे युयुधिषे युयुधाथे
युयुधिध्वे युयुधे युयुधिवहे
युयुधिमहे
युयुधे
For Private and Personal Use Only
Page #576
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६५
योद्धा
न
I II I
युत्सीमहि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लुट्)
योद्धारौ
योद्धारः योद्धासे
योद्धासाथे योद्धाध्वे योद्धाहे योद्धास्वहे योद्धास्महे युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लट्) योत्स्यते योत्स्येते
योत्स्यन्ते योत्स्यसे योत्स्येथे
योत्स्यध्वे योत्स्ये
योत्स्यावहे योत्स्यामहे युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
युत्सीष्ट युत्सीयास्ताम् युत्सीरन् युत्सीष्ठाः युत्सीयास्थाम् युत्सीध्वम् युत्सीय
युत्सीवहि युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्) अयुद्ध
अयुत्साताम् अयुत्सत अयुद्धाः
अयुत्साथाम् अयुद्ध्वम् अयुत्सि अयुत्स्वहि अयुत्स्महि युध (संप्रहारे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अयोत्स्यत अयोत्स्येताम् अयोत्स्यन्त अयोत्स्यथाः अयोत्स्येथाम् अयोत्स्यध्वम्
अयोत्स्ये अयोत्स्यावहि अयोत्स्यामहि या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लट्) याति यातः
यान्ति यासि याथः
याथ यामि यावः
यामः या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लोट्) यातु याताम्
यान्तु
यात यानि
याव
स्वथा.
याहि
यातम्
याम
For Private and Personal Use Only
Page #577
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
यायाः
448414. 3.
यायाम्
ययौ
ययिम
५६६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अयात् अयाताम्
अयान अयाः अयातम्
अयात अयाम् अयाव
अयाम या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) यायात्
यायाताम् यायुः यायातम्
यायात यायाव
यायाम या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लिट्)
ययतुः
ययुः ययिथ ययथुः
यय ययौ
ययिव या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लुट्) याता
यातारौ यातासि यातास्थः
यातास्थ यातास्मि यातास्वः
यातास्मः या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लट्) यास्यति यास्यतः
यास्यन्ति यास्यसि
यास्यथ यास्यामि यास्यावः
यास्यामः या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) यायात्
यायास्ताम् यायासुः यायास्तम्
यायास्त यायासम् यायास्व
यायास्म या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लुङ)
अयासीत अयासिष्टाम् अयासिषुः अयासीः अयासिष्टम् अयासिष्ट अयासिषम् अयासिष्व
अयासिष्म
यातारः
यास्यथः
यायाः
For Private and Personal Use Only
Page #578
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६७
अयास्यः
अयास्यत
रक्षन्ति रक्षथ
रक्षामि
रक्षन्तु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली या (प्रापणे, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अयास्यत्
अयास्यताम् अयास्यन्
अयास्यतम् अयास्यम् अयास्याव
अयास्याम रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) रक्षति
रक्षतः रक्षसि
रक्षथः रक्षावः
रक्षामः रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) रक्षतु
रक्षताम् रक्ष रक्षतम्
रक्षत रक्षाणि रक्षाव
रक्षाम रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अरक्षत् अरक्षताम्
अरक्षन् अरक्षः अरक्षतम्
अरक्षत अरक्षम् अरक्षाव
अरक्षाम रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) रक्षेत् रक्षेताम्
रक्षेयुः रक्षतम्
रक्षेत रक्षेव
रक्षेम रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ररक्ष ररक्षतुः
ररक्षुः ररक्षिथ ररक्षथुः
ररक्ष ररक्षिव
ररक्षिम रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) रक्षिता
रक्षितारौ रक्षितारः रक्षितासि रक्षितास्थः रक्षितास्थ रक्षितास्मि रक्षितास्वः रक्षितास्मः
रक्षेः रक्षेयम्
ररक्ष
For Private and Personal Use Only
Page #579
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
रक्षिष्यति रक्षिष्यतः रक्षिष्यन्ति रक्षिष्यसि
रक्षिष्यथः रक्षिष्यथ रक्षिष्यामि रक्षिष्यावः रक्षिष्यामः रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रक्ष्यात्
रक्ष्यास्ताम् रक्ष्यासुः रक्ष्याः रक्ष्यास्तम्
रक्ष्यास्त रक्ष्यासम् रक्ष्यास्व
रक्ष्यास्म रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अरक्षीत् अरक्षिष्टाम् अरक्षिषुः अरक्षीः अरक्षिष्टम्
अरक्षिष्ट अरक्षिषम् अरक्षिष्व
अरक्षिष्म रक्ष (पालने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ)
अरक्षिष्यत् अरक्षिष्यताम् अरक्षिष्यन् अरक्षिष्यः अरक्षिष्यतम् अरक्षिष्यत
अरक्षिष्यम् अरक्षिष्याव अरक्षिष्याम रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) रचयति रचयतः
रचयन्ति रचयसि रचयथः
रचयथ रचयामि रचयावः
रचयामः रच (प्रतियने, चुरादिगण, परस्मै, लोट) रचयतु रचयताम्
रचयन्तु रचय रचयतम्
रचयत रचयानि रचयाव
रचयाम रच (प्रतियने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अरचयत् अरचयताम
अरचयन अरचयः अरचयतम
अरचयत अरचयम् अरचयाव
अरचयाम
For Private and Personal Use Only
Page #580
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६९
रचालत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) रचयेत रचयेताम्
रचयेयुः रचये: रचयेतम्
रचयेत रचयेयम् रचयेव
रचयेम रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
रचयाञ्चकार रचयाञ्चक्रतुः रचयाञ्चक्रुः रचयाञ्चकर्थ रचयाञ्चक्रथुः रचयाञ्चक्र
रचयाञ्चकार रचयाञ्चकृव रचयाञ्चकृम रच (प्रतियले, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
रचयिता रचयितारौ रचयितारः रचयितासि रचयितास्थः रचयितास्थ
रचयितास्मि रचयितास्वः रचयितास्मः रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
रचयिष्यति रचयिष्यतः रचयिष्यन्ति रचयिष्यसि रचयिष्यथः रचयिष्यथ
रचयिष्यामि रचयिष्यावः रचयिष्यामः रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रच्यात् रच्यास्ताम्
रच्यासुः रच्याः रच्यास्तम्
रच्यास्त रच्यासम् रच्यास्व
रच्यास्म रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अररचत
अररचताम् अररचन् अररचः अररचतम्
अररचत अररचम् अररचाव
अररचाम रच (प्रतियले, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अरचयिष्यत् अरचयिष्यताम् अरचयिष्यन् अरचयिष्यः
अरचयिष्यतम् अरचयिष्यत अरचयिष्यम् अरचयिष्याव अरचयिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #581
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रचयन्ते
रचये
५७० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) रचयते
रचयेते रचयसे रचयेथे
रचयध्वे
रचयावहे रचयामहे रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लोट) रचयताम् रचयेताम्
रचयन्ताम् रचयस्व रचयेथस्व
रचयध्वम् रचयै
रचयावहै रचयामहै रच (प्रतियले, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अरचयत
अरचयेताम् अरचयन्त अरचयथाः अरचयेथाम
अरचयध्वम अरचये अरचयावहि
अरचयामहि रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) रचयेत
रचयेयाताम् रचयेरन् रचयेथाः रचयेयाथाम रचयेध्वम् रचयेय
रचयेवहि रचयेमहि रच (प्रतियले, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
रचयाञ्चक्रे रचयाञ्चक्राते । रचयाञ्चक्रिरे रचयाञ्चकृषे रचयाञ्चक्राथे रचयाञ्चकृढ़वे
रचयाञ्चक्रे रचयाञ्चकृवहे रचयाञ्चकृमहे रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
रचयिता . रचयितारौ रचयितारः रचयितासे रचयितासाथे रचयिताध्वे
रचयिताहे रचयितास्वहे रचयितास्महे .. रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) रचयिष्यते
रचयिष्येते रचयिष्यन्ते रचयिष्यसे रचयिष्येथे रचयिष्यध्वे रचयिष्ये
रचयिष्यावहे रचयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #582
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
रचयिषीष्ट रचयिषीयास्ताम् रचयिषीरन् रचयिषीष्ठाः रचयिषीयास्थाम् रचयिषीध्वम्
रचयिषीय रचयिषीवहि रचयिषीमहि रच (प्रतियत्ने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अररचत
अररचेताम् अररचन्त अररचथाः अररचेथाम अररचध्वम् अररचे अररचावहि
अररचामहि रच (प्रतियले, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अरचयिष्यत अरचयिष्येताम् अरचयिष्यन्त अरचयिष्यथाः अरचयिष्येथाम् अरचयिष्यध्वम्
अरचयिष्ये अरचयिष्यावहिं अरचयिष्यामहि रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) रोचते रोचेते
रोचन्ते रोचसे रोचेथे
रोचध्वे रोचे रोचावहे
राचाम रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
रोचताम् रोचेताम् रोचस्व रोचेथाम्
रोचध्वम् रोचै रोचावहै
रोचामहै रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अरोचत
अरोचेताम् अरोचन्त अरोचथाः अरोचेथाम् अरोचध्वम् अरोचे अरोचावहि
अरोचामहि रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) रोचेत
रोचेयाताम् रोचेरन् रोचेथाः रोचेवहि
रोचेमहि
रोचन्ताम्
रोचेयाथाम्
रोचेध्वम्
रोचेय
For Private and Personal Use Only
Page #583
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रुरुचे
५७२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) रुरुचे रुरुचाते
रुरुचिरे रुरुचिषे रुरुचाथे
रुरुचिध्वे
रुरुचिवहे रुरुचिमहे रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
रोचिता रोचितारौ रोचितारः रोचितासे रोचितासाथे रोचिताध्वे
रोचिताहे रोचितास्वहे रोचितास्महे रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) रोचिष्यते रोचिष्येते
रोचिष्यन्ते रोचिष्यसे रोचिष्येथे रोचिष्यध्वे रोचिष्ये
रोचिष्यावहे रोचिष्यामहे रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
रोचिषीष्ट रोचिषीयास्ताम रोचिषीरन रोचिषीष्ठाः रोचिषीयास्थाम रोचिषीध्वम्
रोचिषीय रोचिषीवहि रोचिषीमहि रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अरोचिष्ट अरोचिषाताम् अरोचिषत अरोचिष्ठाः अरोचिषाथाम अरोचिढ़वम अरोचिषि अरोचिष्वहि
अरोचिष्महि रुच (दीप्तावभिप्रीतौ च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अरोचिष्यत अरोचिष्येताम् अरोचिष्यन्त अरोचिष्यथाः अरोचिष्येथाम् अरोचिष्यध्वम् अरोचिष्ये
अरोचिष्यावहि अरोचिष्यामहि रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) रटति रटतः
रटन्ति रटसि
रटथ रटामि रटावः
रटामः
स्टथः
For Private and Personal Use Only
Page #584
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७३
रटानि
रटेत्
रटेयुः
स्टेन
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) रटतु रटताम्
रटन्तु रट रटतम्
रटत रटाव
रटाम रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अरटत अरटताम्
अरटन् अरटः अरटतम्
अरटत अरटम् अरटाव
अरटाम रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
रटेताम् रटे:
रटेतम् रटेयम्
रटेव रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) रराट
रेटः रेटिथ रराट
रेटिम रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) रटिता रटितारौ
रटितारः रटितासि रटितास्थः
रटितास्थ रटितास्मि रटितास्वः रटितास्मः रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
रटिष्यति रटिष्यतः रटिष्यन्ति रटिष्यसि
रटिष्यथः रटिष्यथ रटिष्यामि रटिष्यावः रटिष्यामः रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रट्यात्
रट्यास्ताम् रट्यासुः
रटयास्तम् रट्यास्त रट्यासम् रट्यास्व
रट्यास्म
रेटतुः
रेटथुः रेटिव
रट्याः
For Private and Personal Use Only
Page #585
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अरटिषम्
५७४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अरटीत्
अरटिष्टाम् अरटिषुः अरटीः अरटिष्टम
अरटिष्ट अरटिष्व
अरटिष्म रट (परिभाषणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अरटिष्यत् अरटिष्यताम् अरटिष्यन् अरटिष्यः
अरटिष्यतम् अरटिष्यत अरटिष्यम् अरटिष्याव अरटिष्याम रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लट्) रोदिति रुदितः
रुदन्ति रोदिषि
रुदिथः रुदिथ रोदिमि रुदिवः
रुदिमः रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लोट्) रोदित
रुदिताम् रुदिहि रुदितम्
रुदित रोदानि
रोदाम रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अरोदीत
अरुदिताम् अरुदन अरोदीः अरुदितम्
अरुदित अरोदम् अरुदिव
अरुदिम रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) रुद्यात्
रुद्याताम् रुद्यातम्
रुद्यात
रुद्याव रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लिट्) । रुरोद रुरुदतुः
रुरुदुः रुरोदिथ रुरुदथुः
रुरुद रुरोद रुरुदिव
रुरुदिम
रुदन्तु
रोदाव
रुधुः
रुद्याः
रुद्याम्
रुद्याम
For Private and Personal Use Only
Page #586
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लुट्) रोदिता रोदितारौ
रोदितारः रोदितासि रोदितास्थः रोदितास्थ
रोदितास्मि रोदितास्वः रोदितास्मः रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लट्) रोदिष्यति
रोदिष्यतः रोदिष्यन्ति रोदिष्यसि रोदिष्यथः
रोदिष्यथ रोदिष्यामि रोदिष्यावः रोदिष्यामः रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रुद्यात् रुद्यास्ताम्
रुद्यासुः रुद्याः रुद्यास्तम्
रुद्यास्त रुद्यासम् रुद्यास्व
रुद्यास्म रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अरुदत् अरुदताम्
अरुदन् अरुदः अरुदतम्
अरुदत अरुदम्
अरुदाव रुदिर् (अश्रुविमोचने, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अरोदिष्यत अरोदिष्यताम अरोदिष्यन् अरोदिष्यः अरोदिष्यतम् अरोदिष्यत
अरोदिष्यम् अरोदिष्याव अरोदिष्याम रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लट्) रुणद्धि रुद्धः
रुन्धन्ति रुणत्सि रुद्धः
रुद्ध रुणध्मि
रुन्धमः रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लोट)
रुद्धाम्
रुन्धन्तु रुन्धि रुद्धम्
रुद्ध रुणधानि रुणधाव
रुणधाम
अरुदाम
रुन्ध्वः
रुणद्ध
For Private and Personal Use Only
Page #587
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रुन्ध्यात
रुरोध
५७६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) अरुणत् अरुन्द्धाम्
अरुन्धन अरुणः अरुन्द्धम्
अरुन्द्ध अरुणधम् अरुन्ध्व
अरुन्धम रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) रुन्ध्यात् रुन्ध्याताम्
रुन्ध्युः रुन्ध्याः
रुन्ध्यातम् रुन्ध्याम् रुन्ध्याव
रुन्ध्याम रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लिट्)
रुरुधतुः
रुरुधुः रुरोधिथ रुरुधथुः
रुरुध रुरोध रुरुधिव
रुरुधिम रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लुट) रोद्धा रोद्धारौ
रोद्धारः रोद्धासि
रोद्धास्थः रोद्धास्थ रोद्धास्मि रोद्धास्वः
रोद्धास्मः रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लट्) रोत्स्यति रोत्स्यतः
रोत्स्यन्ति रोत्स्यसि रोत्स्यथः
रोत्स्यथ रोत्स्यामि रोत्स्यावः रोत्स्यामः रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रुध्यात्
रुध्यास्ताम् रुध्यासुः रुध्यास्तम्
रुध्यास्त रुध्यासम् रुध्यास्व
रुध्यास्म रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्) अरुधत् अरुधताम्
अरुधन् अरुधः अरुधतम्
अरुधत अरुधम् अरुधाव
अरुधाम
रुध्याः
For Private and Personal Use Only
Page #588
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अरोत्स्यत् अरोत्स्यताम् अरोत्स्यन् अरोत्स्यः अरोत्स्यतम् अरोत्स्यत
अरोत्स्य म् अरोत्स्याव अरोत्स्याम रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) रुन्धे रुन्धाते
रुन्धते रुन्से रुन्धाथे
सन्ध्वे रुन्धे रुन्ध्व हे
रुन्धमहे रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लोट्) रुन्धाम रुन्धाताम्
रुन्धताम् रुन्त्स्व रुन्धाथाम
रुन्ध्वम् रुणधै
रूणधावहै रुणधामहै रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लङ्) अरुन्द्ध
अरुन्धाताम् अरुन्धाः
अरुन्धाथाम अरुन्ध्वम् अरुन्धि अरुन्ध्वहि
अरुन्धमहि रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) रुन्धीत
रुन्धीयाताम् रुन्धीरन् रुन्धीथाः
रुन्धीयाथाम रुन्धीध्वम रुन्धीय
रुन्धीवहि रुन्धीमहि रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लिट्) रुरुधे रुरुधाते
रुरुधिरे रुरुधिषे रुरुधाथे
रुरुधिध्वे रुरुधिवहे
रुरुधिमहे रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लुट) रोद्धा रोद्धारौ
रोद्धारः रोद्धासे रोद्धासाथे
रोद्धाध्वे रोद्धाहे रोद्धास्वहे
रोद्धास्महे
अरुन्धत
रुरुधे
For Private and Personal Use Only
Page #589
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लट्) रोत्स्य ते रोत्स्येते
रोत्स्यन्ते रोत्स्यसे रोत्स्येथे
रोत्स्यध्वे रोत्स्ये रोत्स्यावहे
रूत्स्यामहे रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
रुत्सीष्ट रुत्सीयास्ताम् रुत्सीरन् रुत्सीष्ठाः
रुत्सीयास्थाम् रुत्सीध्वम् रुत्सीय
रुत्सीवहि रुत्सीमहि रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्) अरुद्ध
अरुत्साताम् अरुत्सत अरुद्धाः
अरुत्साथाम् अरुध्वम् अरुत्सि अरुत्स्वहि
अरुत्स्महि रुधिर् (आवरणे, रुधादिगण, आत्मने, लुङ्)
अरोत्स्यत अरोत्स्येताम् अरोत्स्यन्त अरोत्स्यथाः अरोत्स्येथाम अरोत्स्यध्वम् अरोत्स्ये
अरोत्स्यावहि अरोत्स्यामहि रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्) रूपयति रूपयतः
रूपयन्ति रूपयसि
रूपयथ रूपयामि रूपयावः
रूपयामः रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) रूपयतु रूपयताम्
रूपयन्तु रूपय रूपयतम्
रूपयत रूपयानि रूपयाव
रूपयाम रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अरूपयत्
अरूपयताम् अरूपयन् अरूपयः अरूपयतम्
अरूपयत अरूपयम्
अरूपयाव
रूपयथः
अरूपयाम
For Private and Personal Use Only
Page #590
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
रूपयेत् रूपयेताम् रूपयेयुः रूपयेः
रूपयेतम् रूपयेत रूपयेयम् रूपयेव
रूपयेम रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
रूपयाञ्चकार रूपयाञ्चक्रतुः रूपयाञ्चक्रुः रूपयाञ्चकर्थ रूपयाञ्चक्रथुः रूपयाञ्चक्र
रूपयाञ्चकार रूपयाञ्चकृव रूपयाञ्चकृम रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
रूपयिता रूपयितारौ रूपयितारः रूपयितासि रूपयितास्थः रूपयितास्थ
रूपयितास्मिरूपयितास्वः रूपयितास्मः रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
रूपयिष्यति रूपयिष्यतः रूपयिष्यन्ति रूपयिष्यसि रूपयिष्यथः रूपयिष्यथ
रूपयिष्यामि रूपयिष्यावः रूपयिष्यामः रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रूप्यात् रूप्यास्ताम्
रूप्यासुः रूप्यास्तम
रूप्यास्त रूप्यासम् रूप्यास्व
रूप्यास्म रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अरुरूपत्
अरुरूपताम् अरुरूपन् अरुरूपः
अरुरूपतम् अरुरूपत अरुरूपम् अरुरूपाव
अरुरूपाम रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अरूपयिष्यत् अरूपयिष्यताम् अरूपयिष्यन् अरूपयिष्यः अरूपयिष्यतम् अरूपयिष्यत अरूपयिष्यम् अरूपयिष्याव अरूपयिष्याम
रूप्याः
7
For Private and Personal Use Only
Page #591
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अरूपयन्त
५८० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, लट्) रूपयते रूपयेते
रूपयन्ते रूपयसे रूपयेथे
रूपयध्वे रूपये
रूपयावहे रूपयामहे रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
रूपयताम् रूपयेताम् रूपयन्ताम् रूपयस्व
रूपयेथस्व रूपयध्वम् रूपयै
रूपयावहै रूपयामहै रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अरूपयत
अरूपयेताम् अरूपयथाः अरूपयेथाम् अरूपयध्वम् अरूपये
अरूपयावहि अरूपयामहि रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) रूपयेत
रूपयेयाताम् रूपयेरन रूपयेथाः रूपयेयाथाम रूपयेध्वम् रूपयेय रूपयेवहि
रूपयेमहि रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
रूपयाञ्चके रूपयाञ्चक्राते रूपयाञ्चक्रिरे रूपयाञ्चकृषे रूपयाञ्चक्राथे रूपयाञ्चकृढवे
रूपयाञ्चक्रे रूपयाञ्चकृवहे रूपयाञ्चकृमहे रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
रूपयिता रूपयितारौ रूपयितारः रूपयितासे रूपयितासाथे रूपयिताध्वे रूपयिताहे रूपयितास्वहे
रूपयितास्महे रूप (रूपक्रियायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
रूपयिष्यते रूपयिष्येते रूपयिष्यन्ते रूपयिष्यसे रूपयिष्येथे रूपयिष्यध्वे रूपयिष्ये रूपयिष्यावहे रूपयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #592
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
रूपयिषीष्ट रूपयिषीयास्ताम् रूपयिषीरन् रूपयिषीष्ठाः रूपयिषीयास्थाम् रूपयिषीध्वम्
रूपयिषीय रूपयिषीवहिरूपयिषीमहि रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अरुरूपत अरुरूपेताम अरुरूपन्त अरुरूपथाः अरुरूपेथाम् अरुरूपध्वम् अरुरूपे अरुरूपावहि
अरुरूपामहि रूप (रूपक्रियायाम, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अरूपयिष्यत अरूपयिष्येताम् अरूपयिष्यन्त अरूपयिष्यथाः अरूपयिष्येथाम् अरूपयिष्यध्वम्
अरूपयिष्ये अरूपयिष्यावहि अरूपयिष्यामहि रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) आरभते आरभेते
आरभन्ते आरभसे आरभेथे
आरभध्वे आरभे आरभावहे
आरभामहे रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लोट)
आरभताम् आरभेताम् आरभन्ताम् आरभस्व आरभेथाम्
आरभध्वम् आरभै
आरभावहै आरभामहै रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
आरभत आरभेताम् आरभन्त आरभथाः आरभेथाम् आरभध्वम् आरभे
आरभावहि आरभामहि रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) आरभेत
आरभेयाताम् आरभेरन् आरभेथाः
आरभेयाथाम् आरभेध्वम् आरभेय
आरभेवहि आरभेमहि
For Private and Personal Use Only
Page #593
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) आरेभे आरेभाते
आरेभिरे आरेभिषे आरेभाथे
आरेभिध्वे आरेभे
आरेभिवहे आरेभिमहे रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) आरब्धा आरब्धारौ
आरब्धारः आरब्धासे आरब्धासाथे
आरब्धाध्वे आरब्धाहे आरब्धास्वहे आरब्धास्महे रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) आरप्स्यते
आरप्स्येते आरप्स्यन्ते आरप्स्यसे आरप्स्येथे आरप्स्यध्वे आरप्स्ये आरप्स्यावहे
आरप्स्यामहे रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
आरप्सीष्ट आरप्सीयास्ताम् आरप्सीरन् आरप्सीष्ठाः आरप्सीयास्थाम् आरप्सीध्वम् आरप्सीय आरप्सीवहि
आरप्सीमहि रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) . आरब्ध
आरप्साताम् आरब्धाः
आरप्साथाम् आरब्धम् आरप्सि
आरप्सवहि आरप्समहि रभ (राभस्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
आरप्स्य त आरप्स्येताम आरप्स्यन्त आरप्स्यथाः आरप्स्येथाम् आरप्स्यध्वम् आरप्स्ये
आरप्स्यावहि आरप्स्यामहि रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
रमन्ते रमसे
रमध्ये रमावहे
रमामहे
आरप्सत
रमते
रमेते रमेथे
For Private and Personal Use Only
Page #594
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
रमताम्
रमस्व
रमै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
र (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
रमेताम्
रमेथाम्
रमा है
रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अरमेताम् अरमेथाम
अरमा
अरमत
अरमथाः
अरमे
www.kobatirth.org
रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
रमेयाताम
रमेयाथाम्
रमेवहि
रमेत
रथाः
रमेय
रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट् )
रेमाते
रेमाथे
रेमवहे
रेमे
रेमिषे
रेमे
रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
रन्तारौ
रन्तासाथे
रन्तास्वहे
रन्ता रन्तासे
रन्ता
रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
रंस्यते
रंस्येते
रंस्यसे
रंस्येथे
रंस्ये
रंस्याव
रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
रंसीष्ट
रंसीष्ठाः रंसीय
रंसीयास्ताम्
रंसीयास्थाम् रंसीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
रमन्ताम् रमध्वम्
माम
अरमन्त
अरमध्वम्
अरमा
रमेरन् रमेध्वम्
महि
रेमिरे
रेमिध्वे
रेमि
रन्तारः
रतावे
रन्तास्महे
रंस्यन्ते
रंस्यध्वे
रंस्यामहे
रंसीरन् रंसध्वम् सीम
५८३
Page #595
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रोषयतः
५८४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रमु (क्रीडायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अरंस्त
अरंसाताम् अरंसत अरंसथाः
अरंसाथाम् अरंध्वम् अरंसि अरंस्वहि
अरंस्महि रमु (क्रीडायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अरंस्यत
अरंस्येताम् अरंस्यन्त अरंस्यथाः अरंस्येथाम् अरंस्यध्वम् अरंस्ये
अरंस्यावहि अरंस्यामहि रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) रोषयति
रोषयन्ति रोषयसि रोषयथः
रोषयथ रोषयामि रोषयावः
रोषयामः रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
रोषयताम रोषयन्तु रोषय रोषयतम्
रोषयत रोषयाणि रोषयाव
रोषयाम रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अरोषयत्
अरोषयताम् अरोषयन् अरोषयः
अरोषयतम् अरोषयत अरोषयम् अरोषयाव
अरोषयाम रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) रोषयेत् रोषयेताम्
रोषयेयुः रोषयेः रोषयेतम्
रोषयेत रोषयेयम् रोषयेव
रोषयेम रुष (रोघे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) रोषयाञ्चकार रोषयाञ्चक्रतुः
रोषयाञ्चक्रुः रोषयाञ्चकर्थ
रोषयाञ्चक्रथुः रोषयाञ्चक्र रोषयाञ्चकार रोषयाञ्चकृव रोषयाञ्चकम
रोषयतु
For Private and Personal Use Only
Page #596
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८५
रोष्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
रोषयिता रोषयितारौ रोषयितारः रोषयितासि रोषयितास्थः रोषयितास्थ
रोषयितास्मि रोषयितास्वः रोषयितास्मः रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
रोषयिष्यति रोषयिष्यतः रोषयिष्यन्ति रोषयिष्यसि रोषयिष्यथः रोषयिष्यथ
रोषयिष्यामि रोषयिष्यावः रोषयिष्यामः रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) रोष्यात्
रोष्यास्ताम् रोष्याः रोष्यास्तम्
रोष्यास्त रोष्यासम् रोष्यास्व
रोष्यास्म रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अरुरुषत् अरुरुषताम्
अरुरुषन् अरुरुषः अरुरुषतम
अरुरुषत अरुरुषम् अरुरुषाव
अरुरुषाम रुष (रोषे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अरोषयिष्यत् अरोषयिष्यताम् अरोषयिष्यन अरोशयिष्यः अरोषयिष्यतम अरोषयिष्यत
अराषयिष्यम् अरोषयिष्याव अरोषयिष्याम रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
रोषयेते
रोषयन्ते रोषयसे रोषयेथे
रोषयध्वे रोषये
रोषयावहे रोषयामहे रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्) रोषयताम् रोषयेताम
रोषयन्ताम् रोषयस्व रोषयेथस्व
रोषयध्वम् रोषयै
रोषयावहै रोषयामहै
IN W m n ln m
रोषयते
For Private and Personal Use Only
Page #597
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अरोषयत अरोषयेताम्
अरोषयन्त अरोषयथाः अरोषयेथाम अरोषयध्वम्
अरोषये अरोषयावहि अरोषयामहि रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) रोषयेत
रोषयेयाताम् रोषयेरन् रोषयेथाः रोषयेयाथाम् रोषयेध्वम् रोषयेय रोषयेवहि
रोषयेमहि रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
रोषयाञ्चक्रे रोषयाञ्चक्राते रोषयाञ्चक्रिरे रोषयाञ्चकृषे रोषयाञ्चक्राथे रोषयाञ्चकढ़वे
रोषयाञ्चक्रे रोषयाञ्चकृवहे रोषयाञ्चकमहे रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) रोषयिता रोषयितारौ
रोषयितारः रोषयितासे रोषयितासाथे रोषयिताध्वे
रोषयिताहे रोषयितास्वहे रोषयितास्महे रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
रोषयिष्यते रोषयिष्येते रोषयिष्यन्ते रोषयिष्यसे रोषयिष्येथे रोषयिष्यध्वे
रोषयिष्ये रोषयिष्यावहे रोषयिष्यामहे रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
रोषयिषीष्ट रोषयिषीयास्ताम रोषयिषीष्ठाः रोषयिषीयास्थाम् रोषयिषीध्वम्
रोषयिषीय रोषयिषीवहि रोषयिषीमहि रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अरुरुषत
अरुरुषेताम् अरुरुषन्त अरुरुषथाः अरुरुषेथाम
अरुरुषध्वम् अरुरुषे
अरुरुषावहि अरुरुषामहि
रोषयिषीरन्
For Private and Personal Use Only
Page #598
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
रुष (रोषे, चुरादिगण, आत्मने, लृङ् )
अरोषयिष्यत
अरोषयिष्यथाः अरोषयिष्ये
राजू (दीप्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
राजतः
राज राजसि
राजथः
जामि
राजाव:
राजू (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
राजतु
राजताम्
राज
राजतम्
राजानि
राजाव
राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अराजत्
अराजः
अराजम्
राज् (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
रराज
अरोषयिष्येताम्
अरोषयिष्येथाम् अरोषयिष्यावहि
जिथ
राजेत
राजेः
राजेयम्
राजृ (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट् )
अराजताम्
अराजतम्
अराजाव
राजेताम
राजे म्
राजेव
रराजतुः
राजथुः
राजिव
रराज
राजू (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
राजिता
राजस
राजितास्मि
राजितारौ
राजितास्थः
राजितास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अरोषयिष्यन्त अरोषयिष्यध्वम्
अरोषयिष्यामहि
राजन्ति
राजथ
राजामः
राजन्तु
राजत
राजाम
अराजन्
अराजत
अराजाम
राजेयुः
राजेत
राजेम
रराजुः
रराज
रराजिम
राजितारः
राजस्थ
राजितास्मः
५८७
Page #599
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
राजिष्यति राजिष्यतः राजिष्यन्ति राजिष्यसि राजिष्यथः
राजिष्यथ राजिष्यामि राजिष्यावः राजिष्यामः राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) राज्यात राज्यास्ताम्
राज्यासुः राज्याः राज्यास्तम्
राज्यास्त राज्यासम् राज्यास्व
राज्यास्म राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अराजीत् अराजिष्टाम् अराजिषुः अराजीः
अराजिष्टम् अराजिष्ट अराजिषम् अराजिष्व
अराजिष्म राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अराजिष्यत् अराजिष्यताम् अराजिष्यन् अराजिष्यः अराजिष्यतम् अराजिष्यत
अराजिष्यम् अराजिष्याव अराजिष्याम राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) राजते राजेते
राजन्ते राजसे राजेथे
राजध्वे राजे राजावहे
राजामहे राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) राजताम् राजेताम्
राजन्ताम् राजस्व राजेथाम
राजध्वम् । राजावहै
राजामहै राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अराजत
अराजेताम अराजन्त अराजथाः अराजेथाम् अराजध्वम् अराजे
अराजावहि अराजामहि
राजै
For Private and Personal Use Only
Page #600
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५८९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) राजेत
राजेयाताम् राजेरन् राजेथाः
राजेयाथाम् राजेध्वम् राजेय राजेवहि
राजेमहि राज़ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) रराजे रराजाते
रराजिरे रराजिषे रराजाथे
रराजिध्वे रराजे रराजिवहे
रराजिमहे राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) राजिता राजितारौ
राजितारः राजितासे
राजितासाथे राजिताध्वे राजिताहे राजितास्वहे राजितास्महे राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
राजिष्यते राजिष्येते राजिष्यन्ते राजिष्यसे
राजिष्यध्वे राजिष्ये
राजिष्यावहे राजिष्यामहे राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) राजिषीष्ट
राजिषीयास्ताम् राजिषीरन् राजिषीष्ठाः राजिषीयास्थाम राजिषीध्वम
राजिषीय राजिषीवहि राजिषीमहि राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अराजिष्ट
अराजिषाताम अराजिषत अराजिष्ठाः
अराजिषाथाम् अराजिध्वम अराजिषि अराजिष्वहि अराजिष्महि राज (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अराजिष्यत अराजिष्येताम् अराजिष्यन्त अराजिष्यथाः अराजिष्येथाम् अराजिष्यध्वम् अराजिष्ये अराजिष्यावहि अराजिष्यामहि
ष्यत
For Private and Personal Use Only
Page #601
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
५९०
राध (वृद्धी, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
राध्यति
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
राध्यतः
राध्यथः
राध्यावः
राध्यामि
राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लोट्)
राध्य
राध्य
राध्यताम्
राध्यतम्
राध्याव
ध्य
राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
त्स्य
त्यस रात्स्यामि
अराध्यत्
अराध्यः
अराध्यम्
राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
राध्येत् राध्येः राध्येयम्
राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लिट्)
अराध्यताम्
अराध्यतम्
अराध्याव
राध्येताम्
राध्येत
राध्येव
रराध रराधिथ
रराध
राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लुट्)
रराधतुः
रराधथुः
ra
राद्धा
राद्धा
राद्धास्म
राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
राद्धारौ
राद्धास्थः
राद्धास्वः
रात्स्यतः
रात्स्यथः
रात्स्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
राध्यन्ति
राध्यथ
राध्यामः
राध्यन्तु
राध्यत
राध्याम
अराध्यन्
अराध्यत
अराध्याम
राध्येयुः
ध्ये
राध्येम
राधुः
रराध
राधि
राद्धारः
राद्धास्थ..
राद्धास्मः
रात्स्यन्ति
रात्स्यथ
रात्स्यामः
Page #602
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५९१
५९१
अरात्स्यः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) राध्यात्
राध्यास्ताम् राध्यासुः राध्याः राध्यास्तम्
राध्यास्त राध्यासम् राध्यास्व
राध्यास्म राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अरात्सीत् अराद्धाम्
अरात्सुः अरात्सीः अराद्धम्
अराद्ध अरात्सम् अराव
अराद्ध्म राध (वृद्धौ, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अरात्स्यत्
अरात्स्यताम् अरात्स्यन् अरात्स्यतम्
अरात्स्यत अरात्स्यम् अरात्स्याव
अरात्स्याम लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, परस्मै, लट्) लक्षयति लक्ष्यतः
लक्ष्यन्ति लक्ष्यसि लक्ष्यथः
लक्ष्यथ लक्ष्यामि लक्ष्यावः
लक्ष्यामः लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, परस्मै, लोट) लक्षयतु लक्षयताम्
लक्षयन्तु लक्षय लक्षयतम्
लक्षयत लक्षयाणि लक्षयाव
लक्षयाम लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अलक्षयत् अलक्षयताम अलक्षयन् अलक्षयः
अलक्षयतम् अलक्षयत अलक्षयम् अलक्षयाव
अलक्षयाम लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) लक्षयेत्
लक्षयेताम् लक्षयेयुः लक्षयेः लक्षयेतम्
लक्षयेत लक्षयेयम् लक्षयेव
लक्षयेम
For Private and Personal Use Only
Page #603
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
५९२
लक्ष (दर्शनाङ्कनयो:, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
लक्षयाञ्चकार लक्षयाञ्चकर्थ
लक्षयाञ्चकार
लक्ष (दर्शनाङ्कनयो:, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अललक्षत्
अललक्षः
अललक्षम्
लक्षयञ्चक्रतुः लक्षयाञ्चक्रथुः
लक्षयाञ्चकृव
लक्षयिता
लक्षयितासि लक्षयितास्मि
लक्ष ( दर्शनाङ्कनयो:, चुरादिगण, परस्मै, लृट्)
लक्षयितारौ
लक्षयितास्थः लक्षयितास्वः
लक्षयते
लक्षयसे
लक्ष
लक्ष्यात्
लक्ष्यास्ताम्
लक्ष्याः
लक्ष्यास्तम्
लक्ष्यासम्
लक्ष्यास्व
लक्ष (दर्शनाङ्कनयो:, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
लक्षयिष्यति
लक्षयिष्यसि
लक्षयिष्यामि
लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
लक्षयिष्यतः
लक्षयिष्यथः
लक्षयिष्यावः
अललक्षताम्
अललक्षम्
अललक्षाव
लक्ष (दर्शनाङ्कनयो:, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अलक्षयिष्यत् अलक्षयिष्यः अलक्षयिष्यम्
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लक्ष ( दर्शनाङ्कनयो:, घुरादिगण, आत्मने, लट्)
लक्षयेते
लक्षयेथे
लक्षयाव
लक्षयाञ्चक्रुः लक्षयाञ्चक्र
लक्षयाञ्चकृम
For Private and Personal Use Only
लक्षयितारः
लक्षयितास्थ
लक्षयितास्मः
लक्षयिष्यन्ति
लक्षयिष्यथ
लक्षयिष्यामः
लक्ष्यासुः लक्ष्यास्त
लक्ष्यास्म
अलक्षयिष्यताम् अलक्षयिष्यन्
अलक्षयिष्यतम्
अलक्षयिष्याव
अललक्षन्
अललक्षत
अललक्षाम
अक्षय
अलक्षयिष्याम
लक्षयन्ते
लक्षवे
लक्षयामहे
Page #604
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५९३
लक्षयै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
लक्षयताम् लक्षयेताम् लक्षयन्ताम् लक्षयस्व
लक्षयेथस्व लक्षयध्वम्
लक्षयावहै लक्षयामहै लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अलक्षयत अलक्षयेताम् अलक्षयन्त अलक्षयथाः अलक्षयेथाम अलक्षयध्वम् अलक्षये
अलक्षयावहिं अलक्षयामहि लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) लक्षयेत लक्षयेयाताम्
लक्षयेरन् लक्षयेथाः लक्षयेयथाम् लक्षयेध्वम्
लक्षयेय लक्षयेवहि लक्षयेमहि लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
लक्षयाञ्चके लक्षयाञ्चक्राते लक्षयाञ्चक्रिरे लक्षयाञ्चकृषे लक्षयाञ्चक्राथे
लक्षयाञ्चक्रे लक्षयाञ्चकवहे लक्षयाञ्चकमहे लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
लक्षयिता लक्षयितारौ लक्षयितारः लक्षयितासे लक्षयितासाथे लक्षयिताध्वे
लक्षयिताहे लक्षयितास्वहे लक्षयितास्महे लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
लक्षयिष्यते लक्षयिष्येते लक्षयिष्यन्ते लक्षयिष्यसे लक्षयिष्येथे लक्षयिष्यध्वे
लक्षयिष्ये लक्षयिष्यावहे लक्षयिष्यामहे लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लक्षयिषीष्ट लक्षयिषीयास्ताम् लक्षयिषीरन् लक्षयिषीष्ठः लक्षयिषीयास्थाम् लक्षयिषीध्वम् लक्षयिषीय लक्षयिषीवहि लक्षयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #605
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लङयध्वे
लो
५९४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अललक्षत अललक्षेताम् अललक्षन्त अललक्षथाः अललक्षेथाम अललक्षध्वम् अललक्षे
अललक्षावहिं अललक्षामहि लक्ष (दर्शनाङ्कनयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलक्षयिष्यत अलक्षयिष्येताम् अलक्षयिष्यन्त अलक्षयिष्यथाः अलक्षयिष्येथाम् अलक्षयिष्यध्वम्
अलक्षयिष्ये अलक्षयिष्यावहि अलक्षयिष्यामहि लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) लङ्घते लोते
लङ्घन्ते लङ्घसे
लयेथे लङ्घावहे
लङ्घामहे लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
लङ्घताम् लङ्घताम् लङयन्ताम लचस्व लघेथाम
लङ्घध्वम् लङ्घ
लङ्घावहै लङ्घामहै लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अलङ्घत अलङ्घताम् अलङ्घन्त अलङ्घथाः अल थाम् अलङयध्वम
अलचे अलङ्घावहि अलङ्घामहिं लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
लोत लङघेयाताम लङ्घरन् लघेथाः
लघेयाथाम् लङ्घध्वम् । लधेय
लोवहि लङ्घमहि लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ललो ललवाते ललङ्घिरे ललङ्घिषे ललङ्घाथे ललङ्घिध्वे ललधे
ललङ्घिवहे ललङ्घिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #606
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
लङ्घितारौ
ङासा लङ्घितास्वहे
लङ्घिता
लङियतासे लङ्घिताहे
लघि (गत्यर्था:, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
लङ्घयेते
लघिष्येथे
लङ्घयाव
लङिङ्घष्यते लङष्यसे
लङ्घिष्ये
घि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
लङ्घिषीष्ट
लङ्घिषीष्ठाः लङ्घिषीय
लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
लङ्घिषीयास्ताम् लङ्घिषीयास्थाम् लङ्घिषीवहि
अलङ्घिष्ट
अलङ्घिष्ठाः अलङ्घिषि
लघि (गत्यर्थाः, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
लङ्घयतु लङ्घय लङ्घयानि
अलङ्घिषाताम् अलङ्घिषाथाम् अलङ्घिष्वहि
अलङ्घिष्यत
अलङ्घिष्यथाः अलङ्घिष्ये
लघि (भाषार्थ:, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
लङ्घयति लङ्घयसि
लङ्घयामि
लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
अलङिङ्घष्येताम
अलङ्घिष्येथाम् अलङ्घिष्यावहि
लङ्घयतः
लङ्घयथः
लङ्घयावः
लङ्घयताम्
लङ्घयतम्
लङ्घयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
लङ्घितारः
लङ्घ लङ्घितास्महे
लङियष्यन्ते
लङ्घिष्यध्वे
लङ्घिष्यामहे
लङिङ्घषीरन् लङ्घिषीवम् लङ्घिषीमह
अलङ्घिषत अलङ्घिध्वम अलङ्घिमहि
अलङ्घिष्यन्त
अलङ्घिष्यध्वम् अलङ्घिष्यामहि
लङ्घयन्ति
लङ्घयथ
लङ्घयामः
लङ्घयन्तु
लङ्घयत
लङ्घयाम
५९५
Page #607
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
५९६
लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अलङ्घयत्
अलङ्घयः
अलङ्घयम्
लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
www.kobatirth.org
लङ्घयाञ्चकार लङ्घयाञ्चकर्थ
लङ्घयाञ्चकार
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
लङ्घयेत् लङ्घयेः लङ्घयेयम्
घि (भाषार्थ, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
अलङ्घयताम् अलङ्घयतम्
अलङ्घयाव
लङ्घ्यात्
लङ्घ्याः
लङ्घयेताम्
लङ्घयेतम् लङ्घयेव
लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
लङ्घयितारौ
लङ्घयितास्थः
लङ्घयितास्वः
अललङ्घत्
अललङ्घः
अललङ्घम्
लङ्घयाञ्चक्रतुः
लङ्घयाञ्चक्रथुः लङ्घयाञ्चकृव
लङ्घयिता
लङ्घयितासि लङ्घयितास्मि
लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
लङ्घयिष्यति
लङ्घयिष्यसि
लङ्घयिष्यामि
घि (भाषार्थ:, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
लङ्घयिष्यतः
लङ्घयिष्यथः
लङ्घयिष्यावः
लङ्घ्यास्ताम्
लङ्घ्यास्तम्
लङ्घ्यास्व
लङ्घ्यासम्
लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै,
लुङ्)
अललङ्घताम्
अललङ्घतम्
अललङ्घाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अलङ्घयन् अलङ्घयत
अलङ्घयाम
लङ्घयेयुः लङ्घयेत
लंङ्घयेम
लङ्घयाञ्चक्रुः लङ्घयाञ्चक्र
लङ्घयाञ्चकृम
लङ्घयितारः
लङ्घयितास्थ
लङ्घयितास्मः
लङ्घयिष्यन्ति
लङ्घयिष्यथ
लङ्घयिष्यामः
लङ्घ्यासुः
लङ्घ्यास्त
लङ्घ्यास्म
अललङ्घन् अललङ्घत
अललङ्घाम
Page #608
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५९७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अलङ्घयिष्यत् अलङ्घयिष्यताम् अलङ्घयिष्यन् अलङ्घयिष्यः अलङ्घयिष्यतम् अलङ्घयिष्यत
अलङ्घयिष्यम् अलङ्घयिष्याव अलङ्घयिष्याम लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
लङ्घयते लङ्घयेते लङ्घयन्ते लङ्घयसे लङ्घयेथे
लङ्घयध्वे लङ्घये लङ्घयावहे लङ्घयामहे लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
लङ्घयताम् लङ्घयेताम् लङ्घयन्ताम् लङ्घयस्व लङ्घयेथस्व लङ्घयध्वम् लङ्घयै लङ्घयावहै
लङ्घयामहै लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अलङ्घयत अलङ्घयेताम् अलङ्घयन्त अलङ्घयथाः अलङ्घयेथाम् अलङ्घयध्वम्
अलङ्घये अलङ्घयावहिं अलङ्घयामहि लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
लङ्घयेत लङ्घयेयाताम् लङ्घयेरन् लङ्घयेथाः लङ्घयेयाथाम् लङ्घयेध्वम्
लङ्घयेय लङ्घयेवहि लङ्घयेमहि लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
लङघयाञ्चक्रे लङघयाञ्चक्राते लङ्घयाञ्चक्रिरे लङघयाञ्चकषे लङघयाञ्चक्राथे लङ्घयाञ्चकढवे
लङ्घयाञ्चक्रे लङ्घयाञ्चकृवहे लङ्घयाञ्चकृमहे लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लुट)
लवयिता लययितारौ । लङ्घयितारः लवयितासे - लययितासाथे लययिताध्वे लङ्घयिताहे लचयितास्वहे लङ्घयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #609
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५९८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
लङ्घयिष्यते लवयिष्येते लधयिष्यन्ते लवयिष्यसे लययिष्येथे लवयिष्यध्वे
लङ्घयिष्ये लङ्घयिष्यावहे लङ्घयिष्यामहे लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लङ्घयिषीष्ट लङ्घयिषीयास्ताम् लङ्घयिषीरन् लङ्घयिषीष्ठाः लङ्घयिषीयास्थाम् लङ्घयिषीध्वम्
लङ्घयिषीय लङ्घयिषीवहि लङ्घयिषीमहि लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अललङ्घत अललङ्घताम् अललङ्घन्त अललङ्घथाः अललयेथाम् अललयध्वम् अललधे
अललङ्घावहि अललङ्घामहि लघि (भाषार्थः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलङ्घयिष्यत अलङ्घयिष्येताम् अलङ्घयिष्यन्त अलयिष्यथाः अलङ्घयिष्येथाम अलङययिष्यध्वम
अलङ्घयिष्ये अलङ्घयिष्यावहि । अलङ्घयिष्यामहि लूञ् (छेदने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) लुनाति लुनीतः
लुनन्ति लुनीथः
लुनीथ लुनामि लुनीवः
लुनीमः लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट्) लुनातु
लुनन्तु लुनीहि लुनीतम्
लनीत लुनानि
लुनाव लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्) अलुनात् अलुनीताम्
अलुनन् अलुनाः
अलुनीतम् अलुनीत अलुनाम् अलुनीव
अलुनीम
लुनासि
लुनीताम्
लुनाम
For Private and Personal Use Only
Page #610
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५९९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लूञ् (छेदने, क्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लुनीयात् लुनीयाताम् लुनीयुः लुनीयाः लुनीयातम्
लुनीयात लुनीयाम् लुनीयाव लुनीयाम लूञ् (छेदने, क्यादिगण, परस्मै, लिट्) ललाव लुलुवतुः
लुलुवुः लुलुविथ लुलुवथुः लुलुवु लुलाव
लुलुविव लुलुविम लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट्) लविता लवितारौ
लवितारः लवितासि
लवितास्थः लवितास्थ लवितास्मि लवितास्वः लवितास्मः लूज् (छेदने, क्यादिगण, परस्मै, लट्) लविष्यति
लविष्यतः लविष्यन्ति लविष्यसि
लविष्यथः लविष्यथ लविष्यामि
लविष्यावः लविष्यामः लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) लूयात्
लूयास्ताम् लूयासुः लूयाः लूयास्तम्
लूयास्त लूयासम् लूयास्व
लूयास्म लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अलावीत् अलाविष्टाम्
अलाविषुः अलावीः __ अलाविष्टम अलाविष्ट
अलाविषम् अलाविष्व अलाविष्म लूञ् (छेदने, व्रयादिगण, परस्मै, लङ्)
अलविष्यत् अलविष्यताम् अलविष्यन् अलविष्यः
अलविष्यतम अलविष्यत अलविष्यम् अलविस्याव अलविष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #611
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६०० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, आत्मने, लट्)
लुनीते लुनीषे
लुनाते लुनाथे
लुनते
लुने
लुनीध्वे लुनीमहे
लुनीष्व
लुनताम् लुनीध्वम् लुनामहै
अलुनत अलुनीध्वम् अलुनीमहि
लुनीवहे लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, आत्मने, लोट्) लुनीताम्
लुनाताम्
लुनाथाम् लुनै
लुनावहै लूज् (छेदने, क्र्यादिगण, आत्मने, लङ्) अलुनीत
अलुनाताम् अलुनीथाः अलुनाथाम् अलुनि
अलुनीवहि लूज् (छेदने, क्र्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) लुनीत
लुनीयाताम् लुनीथाः लुनीयाथाम् लुनीय
लुनीवहि लूञ् (छेदने, व्यादिगण, आत्मने, लिट्) लुलुवे
लुलुवाते लुलुविषे लुलुवे
लुलुविवहे लूञ् (छेदने, ज्यादिगण, आत्मने, लुट) लविता
लवितारौ लवितासे लवितासाथे
लविताहे लवितास्वहे लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, आत्मने, लट्) लविष्यते
लविष्येते लविष्यसे
लविष्येथे लविष्ये
लविष्यावहे
लुनीरन् लुनीध्वम् लुनीमहि
लुलुविरे
लुलुवाथे
लुलुविध्वे लुलुविमहे
लवितारः लविताध्वे लवितास्महे
लविष्यन्ते लविष्यध्वे लविष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #612
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
लूञ् (छेदने, क्र्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लविषीष्ट
लविषीष्ठाः लविषीय
लूञ् (छेदने क्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलविष्ट
अलविष्ठाः
अलविषि
लविषीयास्ताम्
लविषीयास्थाम् लविषीवहि
लूञ् (छेदने क्र्यादिगण, आत्मने, लृङ् )
अविष्यत अलविष्यथाः अलविषये
अलविषाताम्
अलविषाथाम
अलविष्वहि
अलविष्येताम् अलविषयेथाम
अविष्यावहि
लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
लुञ्चति लुञ्चसि लुञ्चामि
लुञ्चतु लुञ्च लुञ्चानि
लुञ्चतः
लुञ्चथः
लुञ्चावः
लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
लुञ्चताम्
लुञ्चतम्
लुञ्चाव
लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
लुञ्चेत् लुञ्चे: लुञ्चेयम्
अलुञ्चत्
अलुञ्चताम्
अलञ्चः
अलुञ्चतम्
अलुञ्चम्
अलुञ्चाव
लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लुञ्चेताम् लुञ्चेम् लुञ्चेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
लविषीरन् लविषीध्वम्
लविषीमहि
अलविषत
अलविढ़वम्
अविष्महि
अविष्यन्त अविष्यध्वम
अविष्यामहि
लुञ्चन्ति
लुञ्चथ
लुञ्चामः
लुञ्चन्तु
लुञ्चत
लुञ्चाम
अलुञ्चन्
अलुञ्चत
अलुञ्चाम
लुञ्चेयुः
लुञ्चेत लुञ्चेम
६०१
Page #613
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६०२
लुलुञ्च
ति
:
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) लुलुञ्च
लुलुञ्चतुः लुलुञ्चुः लुलुञ्चिथ लुलुञ्चथुः
लुलुञ्च लुलुञ्चिव लुलुञ्चिम लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
लुञ्चिता लुञ्चितारौ लुञ्चितारः लुञ्चितासि लुञ्चितास्थः लुञ्चितास्थ
लुञ्चितास्मि लुञ्चितास्वः लुञ्चितास्मः लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
लुञ्चिष्यति लुञ्चिष्यतः लुञ्चिष्यन्ति लुञ्चिष्यसि लुञ्चिष्यथः
लुञ्चिष्यथ लुञ्चिष्यामि लुञ्चिष्यावः लुञ्चिष्यामः लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) लुच्यात्
लुच्यास्ताम् लुच्यासुः लुच्याः
लुच्यास्तम् लुच्यास्त लुच्यासम् लुच्यास्व लुच्यास्म लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलुञ्चत् अलुञ्चिष्टाम् अलुञ्चिषुः अलुञ्चीः अलुञ्चिष्टम् अलुञ्चिष्ट
अलुञ्चिषम् अलुञ्चिष्व अलुञ्चिष्म लुञ्च (अपनयने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलुञ्चिष्यत् अलुञ्चिष्यताम् अलुञ्चिष्यन् अलुञ्चिष्यः अलुञ्चिष्यतम् अलञ्चिष्यत
अलुञ्चिष्यम् अलुञ्चिष्याव अलुञ्चिष्याम लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) लोटति लोटतः
लोटन्ति लोटसि लोटथः
लोटथ लोटामि लोटावः
लोटामः
For Private and Personal Use Only
Page #614
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६०३
लोटेयुः लोटेत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) लोटतु
लोटताम् लोटन्तु लोट लोटतम्
लोटत लोटानि लोटाव
लोटाम लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अलोटत अलोटताम्
अलोटन अलोटः अलोटतम्
अलोटत अलोटम् अलोटाव
अलोटाम लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) लोटेत
लोटेताम् लोटे:
लोटेतम् लोटेयम् लोटेव
लोटेम लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) लुलोट लुलुटतुः
लुलुटुः लुलोटिथ लुलुटथुः
लुलुट लुलोट लुलुटिव
लुलुटिम लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
लोटिता लोटितारौ लोटितारः लोटितासि लोटितास्थः
लोटितास्थ लोटितास्मि लोटितास्वः लोटितास्मः लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
लोटिष्यति लोटिष्यतः लोटिष्यन्ति लोटिष्यसि लोटिष्यथः लोटिष्यथ
लोटिष्यामि लोटिष्यावः लोटिष्यामः लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
लुट्यात् लुट्यास्ताम् लुट्यासुः लुट्याः लुट्यास्तम्
लुट्यास्त लुट्यासम् लुट्यास्व
लुट्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #615
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लाघे
६०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलोटीत् अलोटिष्टाम् अलोटिषुः __ अलोटीः
अलोटितम् अलोटिष्ट अलोटिषम् अलोटिष्व अलोटिष्म लुट (विलोडने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलोटिष्यत् अलोटिष्यताम् अलोटिष्यन् अलोटिष्यः अलोटिष्यतम् अलोटिष्यत
अलोटिष्यम् अलोटिष्याव अलोटिष्याम लाघृ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लट) लाघते लाघेते
लाघन्ते लाघसे लाघेथे
लाघध्वे लाघावहे
लाघामहे लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) लाघताम् लाघेताम्
लाघन्ताम् लाघस्व लाघेथाम्
लाघध्वम् लाधै लाघावहै
लाघामहै लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अलाघत
अलाघ्ताम् अलाघन्त अलाघथाः
अलाघेथाम अलाघध्वम् अलाघे
अलाघावहि अलाघामहि लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) लाघेत
लाघेयाताम् लाघेरन् लाघेथाः
लाघेयाथाम लाघेध्वम लाघेय
लाघेवहि लाघेमहि लाघृ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ललाघे ललाघाते ललाघिरे ललाधिषे
ललाघाथे ललाधिध्वे ललाघे
ललाघिवहे ललाधिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #616
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६०५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) लाधिता
लाघितारौ लाघितारः लाघितासे लाघितासाथे लाघिताध्वे
लाघिताहे लाघितास्वहे लाघितास्महे लाघ (सामर्थ्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
लाघिष्यते लाघिष्येते लाघिष्यन्ते लाघिष्यसे लाघिष्येथे
लाघियध्वे लाघिष्ये लाघिष्यावहे लाघिष्यामहे लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लाघिषीष्ट लाघिषीयास्ताम् लाघिषीरन् लाघिषीष्ठाः लाघिषीयास्थाम लाघिषीढ़वम
लाघिषीय लाघिषीवहि लाघिषीमहि लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलाघिष्ट अलाघिषाताम् अलाघिषत अलाधिष्ठाः
अलाघिषाथाम् अलाघिध्वम अलाधिषि अलाघिष्वहि अलाघिष्महि लाघ (सामर्थ्य, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलाघिष्यत अलाघिष्येताम् अलाघिष्यन्त अलाघिष्यथाः अलाघिष्येथाम् अलाघिष्यध्वम्
अलाघिष्ये अलाघिष्यावहि अलाघिष्यामहि लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
लिखति लिखतः लिखन्ति लिखसि लिखथः
लिखथ लिखामि
लिखावः लिखामः लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
लिखताम्
लिखन्तु लिख लिखतम्
लिखत लिखानि लिखाव
लिखाम
लिखतु
For Private and Personal Use Only
Page #617
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अलिखत् अलिखः अलिखम्
६०६
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
लिखेत्
लिखेः
लिखेयम्
www.kobatirth.org
लेख लिलेखिथ
लिलेख
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अलिखताम् अलिखम् अलिखाव
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लिखेताम्
लिखे म् लिखेव
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
लिलिखतुः लिलिखथुः लिलिखिव
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्)
लेखितारौ
लेखितास्थः
लेखितास्वः
अलेखीत् अलेखीः
अलेखिषम्
लेखिता
लेखितासि लेखितास्मि
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लृट्)
लेखिष्यतः
लेखिष्यथः
लेखिष्यावः
लिख्यात्
लिख्याः लिख्यासम्
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
लिख्यास्ताम्
लिख्यास्तम्
लिख्यास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अलेखिष्टाम् अलेखिष्टम्
अलेखिष्व
अलिखन
अलिखत
अलिखाम
लेखिष्यति
लेखिष्यसि
लेखिष्यामि
लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
For Private and Personal Use Only
लिखेयः लिखेत
लिखेम
लिलिखुः लिलिख
लिलिखिम
लेखितारः
लेखितास्थ
लेखितास्मः
लेखिष्यन्ति
लेखिष्यथ
लेखिष्यामः
लिख्यासुः लिख्यास्त..
लिख्यास्म
अलेखिषुः अलेखिष्ट
अलेखिष्म
Page #618
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६०७
लिम्प
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लिख (अक्षरविन्यासे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलेखिष्यत् अलेखिष्यताम् अलेखिष्यन् अलेखिष्यः अलेखिष्यतम् अलेखिष्यत
अलेखिष्यम् अलेखिष्याव अलेखिष्याम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) लिम्पति लिम्पतः
लिम्पन्ति लिम्पसि लिम्पथः
लिम्पथ लिम्पामि लिम्पावः
लिम्पामः लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) लिम्पतु लिम्पताम्
लिम्पन्तु लिम्पतम्
लिम्पत लिम्पानि लिम्पाव
लिम्पाम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अलिम्पत अलिम्पताम्
अलिम्पन अलिम्पः
अलिम्पतम् अलिम्पत अलिम्पम् अलिम्पाव
अलिम्पाम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लिम्पेत् लिम्पेताम् लिम्पेयुः लिम्पेः लिम्पेतम्
लिम्पेत लिम्पेयम् लिम्पेव
लिम्पेम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्) लिलेप
लिलिपतुः लिलिपुः लिलेपिथ लिलिपथुः लिलिप
लिलिपिव लिलिपिम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) लेप्ता लेप्तारौ
लेप्तारः लेप्तासि
लेप्तास्थः लेप्तास्थ लेप्तास्मि
लेप्तास्वः लेप्तास्मः
लिलेप
For Private and Personal Use Only
Page #619
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६०८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
लेप्स्यति लेप्स्यतः लेप्स्यन्ति लेप्स्यसि लेप्स्यथः
लेप्स्यथ लेप्स्यामि
लेप्स्यावः लेप्स्यामः लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) लिप्यात् लिप्यास्ताम्
लिप्यासुः लिप्याः
लिप्यास्तम् लिप्यास्त लिप्यासम् लिप्यास्व
लिप्यास्म लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अलिपत् अलिपताम्
अलिपन् अलिपः अलिपतम्
अलिपत अलिपम् अलिपाव
अलिपाम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अलेप्स्यत् अलेप्स्यताम अलेप्स्यन अलेप्स्यः अलेप्स्यतम् अलेप्स्यत
अलेप्स्यम् अलेप्स्याव अलेप्स्याम लिप (उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लट्) लिम्पते लिम्पेते
लिम्पन्ते लिम्पसे लिम्पेथे
लिम्पध्वे लिम्पे
लिम्पावहे लिम्पामहे लिप (उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्) लिम्पताम्
लिम्पेताम् लिम्पन्ताम् लिम्पस्व लिम्पेथाम् लिम्पध्वम् लिम्पै लिम्पवाहै
लिम्पामहै लिप (उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
अलिम्पत अलिम्पेताम् अलिम्पन्त अलिम्पथाः अलिम्पेथाम् अलिम्पध्वम् अलिम्पे
अलिम्पावहि अलिम्पामहि
For Private and Personal Use Only
Page #620
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
लिप ( उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
लिम्पेत
लिम्पेथाः लिम्पेय
लिलिपे
लिलिपि
लिलिपे
लिप (उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लिट् )
लिलिपाते
लिलिपाथे
लिलिपिवहे
लिम्पेयाताम्
लिम्पेयाथाम् लिम्पेवहि
लेप्ता
लेप्तासे
लेप्ताहे
लिप ( उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लुट् )
लेप्तारौ
लेप्तासाथे
लेप्तास्वहे
लिप (उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने,
लेप्स्यते
लेप्येते
लेप्स्यसे
लेप्स्येथे
लेप्स्ये
प्याव
लिप ( उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
लिप्सीष्ट
लिप्सीष्ठाः
लिप्सीय
लिप ( उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलिपेताम्
अलिपेथाम्
अपाहि
ऌट्)
लिप्सीयास्ताम्
लिप्सीयास्थाम् लिप्सीवहि
अलपत
अलिपथाः अलिपे
लिप ( उपदेहे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
अलेप्स्यत
अलेप्स्यथाः
अलेप्स्ये
अलेप्येताम्
अलेप्स्येथाम
अलेप्स्यावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
लिम्पेरन
लिम्पेध्वम्
लिम्पेमहि
लिलिपिरे
लिलिपिध्वे
लिलिपिमहे
लेप्तारः
लेप्ताध्वें
लेप्तास्महे
लेप्स्यन्ते
लेप्यध्वे
लेप्स्यामहे
लिप्सीरन् लिप्सीध्वम्
लिप्सीमहि
अलिपन्त
अलिपध्वम
अलिपामहि
अलेप्स्यन्त
अलेप्स्यध्वम अलेप्स्यामहि
६०९
Page #621
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लायय
६१० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लट्) लीयते लीयेते
लीयन्ते लीयसे लीयेथे
लीयध्वे लीये
लीयावहे लीयामहे लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
लीयताम् लीयेताम् लीयन्ताम् लीयस्व लीयेथाम्
लीयध्वम् लीयै लीयावहै
लीयामहै लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अलीयत अलीयेताम् अलीयन्त अलीयथाः अलीयेथाम् अलीयध्वम् अलीये
अलीयावहि अलीयामहि लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) लीयेत लीयेयाताम्
लीयेरन् लीयेथाः
लीयेयाथाम लीयेध्वम् लीयेय
लीयेवहि लीयेमहि लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लिट्) लिल्ये
लिल्याते लिल्यिरे लिल्यिषे लिल्याथे
लिल्यिध्वे लिल्ये
लिल्यिवहे लिल्यिमहे लीङ (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लुट) लेता लेतारौ
लेतारः लेतासे
लेतासाथे लेताध्वे लेताहे
लेतास्वहे लेतास्महे लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लट्) लेष्यते लेष्येते
लेष्यन्ते लेष्यसे लेष्येथे
लेष्यध्वे लेष्ये
लेष्यावहे लेष्यामहे
li till 1111 111
For Private and Personal Use Only
Page #622
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
लेषीष्ट
लेषीष्ठाः लेषीय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
लीड़ (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
लेषीयास्ताम्
लेषीयास्थाम् लेषीवहि
लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलेषाताम्
अलेषाथाम् अलेष्वहि
अलेष्ट
अलेष्ठाः
अलेषि
www.kobatirth.org
लीङ् (श्लेषणे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलेष्यत
अलेष्येताम्
अलेष्यथाः
अलेष्येथाम्
अलेष्ये
अलेष्यावहि
लोकृ (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
लोकयति
लोकयतः
लोकयथः
लोकयसि लोकयामि
लोकयावः
लोकृ (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
लोकयताम् लोकम्
लोक
लोकयतु
लोकय लोकयानि
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अलोकयत्
अलोकयताम्
अलोकयः
अलोकयतम्
अलोकयम्
अलोकयाव
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लोकयेताम् लोकयेतम्
लोकयेव
लोकयेत् लोकयेः लोकयेयम्
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
लेषीरन् लेषीध्वम्
लेषीमहि
अलेषत
अलेध्वम
अलेष्महि
अलेष्यन्त
अलेष्यध्वम्
अलेष्यामहि
लोकयन्ति
लोकयथ
लोकयामः
लोकयन्तु
लोक
लोकयाम
अलोकयन् अलोकयत
अलोकयाम
लोकयेयुः लोकयेत लोकम
६११
Page #623
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६१२
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
लोकयाञ्चकार लोकयाञ्चक्रतुः लोकयाञ्चक्रुः लोकयाञ्चकर्थ लोकयाञ्चक्रथुः लोकयाञ्चक्र
लोकयाञ्चकार लोकयाञ्चकृव लोकयाञ्चकृम लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
लोकयिता लोकयितारौ लोकयितारः लोकयितासि लोकयितास्थः लोकयितास्थ
लोकयितास्मि लोकयितास्वः लोकयितास्मः लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
लोकयिष्यति लोकयिष्यतः लोकयिष्यन्ति लोकयिष्यसि लोकयिष्यथः लोकयिष्यथ
लोकयिष्यामि लोकयिष्यावः लोकयिष्यामः लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
लोक्यात् लोक्यास्ताम् लोक्यासुः लोक्याः लोक्यास्तम्
लोक्यास्त लोक्यासम् लोक्यास्व लोक्यास्म लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलुलोकत् अलुलोकताम् अलुलोकन अलुलोकः अलुलोकतम् अलुलोकत
अलुलोकम् अलुलोकाव अलुलोकाम लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अलोकयिष्यत् अलोकयिष्यताम् । अलोकयिष्यन् अलोकयिष्यः अलोकयिष्यतम् । अलोकयिष्यत
अलोकयिष्यम् अलोकयिष्याव अलोकयिष्याम लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
लोकयते लोकयेते लोकयन्ते लोकयसे लोकयेथे लोकयध्वे लोकये
लोकयावहे लोकयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #624
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
लोकयताम् लोकस्व लोकयै
लोकयेताम् लोकयेथस्व लोकयावहै
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अलोकयेताम
अलोकयेथाम
अलोकयावहि
अलोकयत
अलोकयथाः अलोकये
www.kobatirth.org
लोकयेत लोकयेथाः
लोकयेय
लोकॄ (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
लोकयेयाताम् लोकयेयाथाम् लोकवह
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
लोकयाञ्चक्रे
लोकयाञ्चक्राते
लोकयाञ्चक्राथे
लोकयाञ्चकृषे लोकयाञ्चक्रे लोकयाञ्चकृवहे
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
लोकयितारौ
लोकयितासाथे
लोकयितास्व
लोकयिता
लोकयितासे लोकयिताहे
लोकृ (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
लोकयिष्यते
लोकयिष्यसे लोकयिष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लोकयन्ताम् लोकयध्वम् लोकयामहै
अलोकयन्त
अलोकयध्वम्
अलोकयामहि
For Private and Personal Use Only
लोकयेरन् लोकयेध्वम्
लोकयेमहि
लोकयाञ्चक्रिरे लोकयाञ्चकृढ़वे लोकयाञ्चकृमहे
लोकयितारः लोकयिताध्वे
लोकयितास्महे
लोकयिष्येते लोकयिष्येथे लोकयिष्यावहे लोकयिष्यामहे
लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
लोकयिषीष्ट लोकयिषीष्ठाः लोकयिषीय
लोकयिष्यन्ते लोकयिष्यध्वे
लोकयिषीयास्ताम् लोकयिषीरन् लोकयिषीयास्थाम् लोकयिषीध्वम् लोकयिषीवहि लोकयिषीमहि
६१३
Page #625
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६१४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलुलोकत अलुलोकेताम् अलुलोकन्त अलुलोकथाः अलुलोकेथाम् अलुलोकध्वम्
अलुलोके अलुलोकावहिं अलुलोकामहि लोक (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलोकयिष्यत अलोकयिष्येताम् अलोकयिष्यन्त अलोकयिष्यथाः अलोकयिष्येथाम अलोकयिष्यध्वम
अलोकयिष्ये अलोकयिष्यावहि अलोकयिष्यामहि लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) लोकते लोकेते
लोकन्ते लोकसे लोकेथे
लोकध्वे लोके लोकावहे
लोकामहे लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट)
लोकताम् लोकेताम् लोकन्ताम् लोकस्व लोकेथाम
लोकध्वम् लोकै
लोकावहै लोकामहै लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अलोकत अलोकेताम् अलोकन्त अलोकथाः अलोकेथाम अलोकध्वम अलोके
अलोकावहि अलोकामहि लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) लोकेत
लोकेयाताम् लोकेरन लोकेथाः लोकेयाथाम् लोकेध्वम् लोकेय
लोकेवहि लोकेमहि लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) लुलोके
लुलोकाते लुलोकिरे लुलोकाथे लुलोकिध्वे लुलोकिवहे लुलोकिमहे
लुलोकिषे लुलोके
For Private and Personal Use Only
Page #626
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६१५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) लोकिता
लोकितारौ लोकितारः लोकितासे लोकितासाथे लोकितावे
लोकिताहे लोकितास्वहे लोकितास्महे लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
लोकिष्यते लोकिष्येते लोकिष्यन्ते लोकिष्यसे लोकिष्येथे लोकिष्यध्वे
लोकिष्ये लोकिष्यावहे लोकिष्यामहे लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लोकिषीष्ट लोकिषीयास्ताम् लोकिषीरन् लोकिषीष्ठाः लोकिषीयास्थाम् लोकिषीध्वम्
लोकिषीय लोकिषीवहि लोकिषीमहि लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलोकिष्ट अलोकिषाताम् अलोकिषत अलोकिष्ठाः अलोकिषाथाम अलोकिढवम
अलोकषि अलोकिष्वहि अलोकिष्महि लोक (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलोकिष्यत अलोकिष्येताम् अलोकिष्यन्त अलोकिष्यथाः अलोकिष्येथाम अलोकिष्यध्वम्
अलोकिष्ये अलोकिष्यावहि अलोकिष्यामहि लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) लोचते लोचते
लोचन्ते लोचसे लोचेथे
लोचध्वे लोचे लोचावहे
लोचामहे लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
लोचताम् लोचेताम् लोचन्ताम् लोचस्व
लोचेथाम लोचध्वम लोचै
लोचावहै लोचामहै
For Private and Personal Use Only
Page #627
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
६१६
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अलोचत
अलोचथाः अलोचे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
लोचिता
लोचितासे
लोचिताहे
अलोचेताम्
अलोचेथाम् अलोचावहि
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
लोचेत
लोचेथाः लोचेय
लोचेयाताम्
लोचेयाथाम् लोचैवहि
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट् )
लुलोचे लुलोचिषे लुलोचे
लुलोचाते लुलोचाथे लुलोचिवहे
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
लोचितारौ
लोचितासाथे
लोचितास्वहे
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
लोचिष्यते लोचिष्यसे लोचिष्ये
लोचिष्येते
लोचिष्येथे
लोचिष्यावहे
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लोचिषीष्ट
लोचिषीष्ठाः लोचिषीय
लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलोचिष्ट
अलोचिष्ठाः
अलोचिषि
लोचिषीयास्ताम्
लोचिषीयास्थाम् लोचिषीवहि
अलोचिषाताम्
अलोचिषाथाम्
अलोचिष्वहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अलोचन्त
अलोचध्वम
अलोचामहि
लोचेरन
लोचेध्वम्
लोचेमहि
लुलोचिरे लुलोचिध्वे लुलोचिमहे
लोचितारः लोचिताध्वे
लोचितास्महे
लोचिष्यन्ते
लोचिष्यध्वे
लोचिष्यामहे
लोचिषीन् लोचिषीध्वम्
लोचिषीमंहि
अलोचिषत
अलोचिध्वम अलोचिष्महि
Page #628
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ६१७ लोच (दर्शने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलोचिष्यत अलोचिष्येताम् । अलोचिष्यन्त अलोचिष्यथाः अलोचिष्येथाम् अलोचिष्यध्वम्
अलोचिष्ये अलोचिष्यावहि अलोचिष्यामहि लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
लोचयति लोचयतः लोचयन्ति लोचयसि लोचयथः
लोचयथ लोचयामि लोचयावः लोचयामः लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) लोचयतु लोचयताम्
लोचयन्तु लोचय लोचयतम्
लोचयत लोचयानि लोचयाव
लोचयाम लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अलोचयत् अलोचयताम्
अलोचयन् अलोचयः अलोचयतम् अलोचयत
अलोचयम् अलोचयाव अलोचयाम लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
लोचयेत् लोचयेताम् लोचयेयुः लोचयेः
लोचयेतम् लोचयेत लोचयेयम् लोचयेव
लोचयेम लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
लोचयाञ्चकार लोचयाञ्चक्रतुः लोचयाञ्चक्रुः लोचयाञ्चकर्थ लोचयाञ्चक्रथुः लोचयाञ्चक्र
लोचयाञ्चकार लोचयाञ्चकृव लोचयाञ्चकृम लोच (भाषायाम, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
लोचयिता लोचयितारौ लोचयितारः लोचयितासि लोचयितास्थः लोचयितास्थ लोचयितास्मि लोचयितास्वः लोचयितास्मः
अलो
For Private and Personal Use Only
Page #629
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
६१८
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, ऌट्)
लोचयिष्यति लोचयिष्यसि लोचयिष्यामि लोचयिष्यावः
लोचयिष्यतः लोचयिष्यथः
लोच्यात् लोच्याः लोच्यासम्
www.kobatirth.org
लोचृ (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
लोच्यास्ताम् लोच्यास्तम् लोच्या स्व
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अलुलोचत् अलुलोचः अलुलोचम्
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
लोचयते
लोचयसे लोचये
अलोचयिष्यत अलोचयिष्यताम्
अलोचयिष्यतम्
अलोचयिष्यः अलोचयिष्यम् अलोचयिष्याव
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
अलुलोचताम् अलुलोचतम् अलुलोचाव
अलोचयत
अलोचयथाः
अलोचये
लोचयेते
लोचयेथे
लोचयावहे
लोचृ (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
लोचयताम्
लोचयेताम्
लोचयेथस्व
लोचयस्व लोचयै
लोचयावहै
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अलोचयेताम
अलोचयेथाम् अलोचयावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
लोचयिष्यन्ति लोचयिष्यथ
लोचयिष्यामः
लोच्यासुः लोच्यास्त
लोच्यास्म
अलुलोचन अलुलोच अलुलोचाम
अलोचयिष्यन् अलोचयिष्यत
अलोचयिष्याम
लोचयन्ते
लोचयध्वे
लोचयामहे
लोचयन्ताम लोचयध्वम्
लोचयाम
अलोचयन्त
अलोचयध्वम् अलोचयामहि
Page #630
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
लोचयेत
लोचयेथाः लोचयेय
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
लोचयेयाताम् लोचयेयाथाम् लोचयेवहि
www.kobatirth.org
लोच् (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट् )
लोचयाञ्चक्रे लोचयाञ्चक्राते
लोचयाञ्चक लोचयाञ्चक्रे
लोचयाञ्चक्राथे लोचयाञ्चकृवहे
लोचयिता लोचयितासे
लोचयिता हे
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
लोचयितारौ
लोचयितासाथे लोचयितास्वहे
-
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
लोचयिष्यते
लोचयिष्येते
लोचयिष्येथे
लोचयिष्यसे लोचयिष्ये
लोचयिष्यावहे
लोचयिषीष्ठाः लोचयिषीय
अलुलोचत अलुलोचथाः अलुलोचे
लोच् (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अलुलोचेताम् अलुलोचेथाम् अलुलोचावहि
लोच (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लृङ् )
अलोचयिष्यत
अलोचयिष्यथाः
अलोचयिष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
लोचृ (भाषायाम्, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
लोचयिषीष्ट लोचयिषीयास्ताम् लोचयिषीरन्
लोचयिषीयास्थाम् लोचयिषीध्वम् लोचयिषीवहि लोचयिषीमहि
अलोचयिष्येताम
अलोचयिष्येथाम अलोचयिष्यावहि
For Private and Personal Use Only
लोचयेरन् लोचयेध्वम
लोचयेमहि
लोचयाञ्चक्रिरे लोचयाञ्चकृढ़वे लोचयाञ्चकमहे
लोचयितारः लोचयितावे
लोचयितास्महे
लोचयिष्यन्ते लोचयिष्यध्वे
लोचयिष्यामहे
अलुलोचन्त अलुलोचध्वम् अलुलोचामहि
अलोचयिष्यन्त अलोचयिष्यध्वम् अलोचयिष्यामहि
६१९
Page #631
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वृणीते
वृणते वृणीवे
वणे
वृणै
अवृणि
६२० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृङ् (सम्भक्तो, व्रयादिगण, आत्मने, लट्)
वृणाते वृणीषे
वृणाथे वृणीवहे
वृणीमहे वृङ् (सम्भक्तौ, ज्यादिगण, आत्मने, लोट्) वृणीताम् वृणाताम
वृणताम् वणीष्व वृणाथाम्
वृणीध्वम् वृणावहै
वृणामहै वृङ् (सम्भक्तौ, ज्यादिगण, आत्मने, लङ्)
अवृणीत अवृणाताम् अवृणत अवणीथाः अवृणाथाम अवृणीध्वम्
अवृणीवहि अवृणीमहि वृङ् (सम्भक्तो, ज्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वृणीत
वृणीयाताम् वृणीथः वृणीयाथाम् वृणीध्वम् वृणीय
वृणीवहि वृणीमहि वृङ् (सम्भक्तौ, क्र्यादिगण, आत्मने, लिट्) ववे वताते
वविरे ववषे वव्राथे
ववृद्वे ववे वववहे
ववृमहे वृङ् (सम्भक्तो, ज्यादिगण, आत्मने, लुट्) वरीता वरीतारौ
वरीतारः वरीतासे वरीतासाथे वरीताध्वे वरीताहे
वरीतास्वहे वरीतास्महे वृङ् (सम्भक्तो, ज्यादिगण, आत्मने, लट्) वरिष्यते वरिष्येते
वरिष्यन्ते वरिष्यसे वरिष्येथे
वरिष्यध्वे वरिष्ये वरिष्यावहे
वरिष्यामहे
वृणीरन
For Private and Personal Use Only
Page #632
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
वृङ् (सम्भक्तौ, क्र्यादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
वरिषीष्ट
वरिषीष्ठाः
वरिषीय
वृङ् (सम्भक्तौ, क्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवरिष्ट
अवरिषाताम्
अवरिष्ठाः
अवरिषाथाम् अवरिष्वहि
अवरिष
-
वरिषीयास्ताम्
वरिषीयास्थाम् aftaar
वृङ् (सम्भक्तौ, क्र्यादिगण, आत्मने, लृङ् )
अवरिष्येताम
अवरिष्येथाम
अवरिष्यावहि
अवाचयत्
अवाचयः
अवरिष्यत
अवरिष्येथाः अवरिष्ये
वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वाचयति
वाचयतः
वाचयसि
वाचयथः
वाचयामि
वाचयावः
वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
वाचयतु
वाचयताम्
वाचयतम्
वाचय वाचयानि
वाचयाव
वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
वाचयेत्
वाचयेः
वाचयेयम्
अवाचयताम्
अवाचयम्
अवाचयाव
अवाचयम्
वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
वाचयेताम्
वाचतम्
वाचयेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
वरिषीरन् वरिषीध्वम
वरिषीमहि
अवरिषत
अवरिध्वम
अवरिष्
अवरिष्यन्त
अवरिष्यध्वम् अवरिष्यामहि
वाचयन्ति
वाचयथ
वाचयामः
वाचयन्तु
वाचयत
वाचयाम
अवाचयन्
अवाचयत
अवाचयाम
वाचयेयुः वाचयेत
वाचयेम
६२१
Page #633
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
वाचयाञ्चकार वाचयाञ्चक्रतुः वाचयाञ्चक्रुः वाचयाञ्चकर्थ वाचयाञ्चक्रथुः वाचयाञ्चक्र
वाचयाञ्चकार वाचयाञ्चकृव वाचयाञ्चकम वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
वाचयिता वाचयितागै वाचयितारः वाचयितासि वाचयितास्थः वाचयितास्थ
वाचयितास्मि वाचयितास्वः वाचयितास्मः वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वाचयिष्यति वाचयिष्यतः वाचयिष्यन्ति वाचयिष्यसि वाचयिष्यथः वाचयिष्यथ
वाचयिष्यामि वाचयिष्यावः वाचयिष्यामः वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वाच्यात् वाच्यास्ताम्
वाच्यासुः वाच्याः
वाच्यास्तम् वाच्यास्त वाच्यासम् वाच्यास्व
वाच्यास्म वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवीवचत् अवीवचताम् अवीवचन् अवीवचः अवीवचतम् अवीवचत
अवीवचम् अवीवचाव अवीवचाम वच (परिभाषणे, चुरादिगण, परस्मै, लु)
अवाचयिष्यत अवाचयिष्यताम अवाचयिष्यन् अवाचयिष्यः अवाचयिष्यतम् अवाचयिष्यत
अवाचयिष्यम् अवाचयिष्याव अवाचयिष्याम वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) वाचयते वाचयेते
वाचयन्ते वाचयसे
वाचयेथे वाचयध्वे वाचये
वाचयावहे
वाचयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #634
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
व
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ६२३ वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
वाचयताम् वाचयेताम् वाचयन्ताम् वाचयस्व वाचयेथाम् वाचयध्वम् वाचयै
वाचयावहै वाचयामहै वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवाचयत अवाचयेताम् अवाचयन्त अवाचयथाः अवाचयेथाम् अवाचयध्वम् अवाचये
अवाचयावहि अवाचयामहि वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वाचयेत वाचयेयाताम् वाचयेरन् वाचयेथाः वाचयेयाथाम् वाचयेध्वम्
वाचयेय वाचयेवहि वाचयेमहि वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट)
वाचयाञ्चक्रे वाचयाञ्चक्राते वाचयाञ्चक्रिरे वाचयाञ्चकृषे वाचयाञ्चक्राथे वाचयाञ्चकृढ़व
वाचयाञ्चके वाचयाञ्चकृवहे वाचयाञ्चकृमहे वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
वाचयिता वाचयितारौ वाचयितारः वाचयितासे वाचयितासाथे वाचयिताध्वे
वाचयिताहे वाचयितास्वहे वाचयितास्महे वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वाचयिष्यते वाचयिष्येते वाचयिष्यन्ते वाचयिष्यसे
वाचयिष्यध्वे वाचयिष्ये वाचयिष्यावहे वाचयिष्यामहे वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वाचयिषीष्ट वाचयिषीयास्ताम् वाचयिषीरन् वाचयिषीष्ठाः वाचयिषीयास्थाम् वाचयिषीध्वम् वाचयिषीय वाचयिषीवहि वाचयिषीमहि
वाचयिष्येथे
For Private and Personal Use Only
Page #635
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवीवचत अवीवचेताम् अवीवचन्त अवीवचथाः अवीवचेथाम अवीवचध्वम्
अवीवचे अवीवचावहिं । अवीवचामहि वच (परिभाषणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवाचयिष्यत अवाचयिष्येताम् अवाचयिष्यन्त अवाचयिष्यथाः अवाचयिष्येथाम् अवाचयिष्यध्वम्
अवाचयिष्ये अवाचयिष्यावहि अवाचयिष्यामहि वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वर्जयति वर्जयतः वर्जयन्ति वर्जयसि वर्जयथः
वर्जयथ वर्जयामि वर्जयावः वर्जयामः वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) वर्जयतु
वर्जयन्तु वर्जय
वर्जयत वर्जयाणि वर्जयाव
वर्जयाम वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) अवर्जयत
अवर्जयताम अवर्जयन अवर्जयः अवर्जयतम् अवर्जयत अवर्जयम् अवर्जयाव
अवर्जयाम वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
वर्जयेत् वर्जयेताम वर्जयेयुः वर्जयेः वर्जयेतम्
वर्जयेत वर्जयेयम् वर्जयेव
वजयेम वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
वर्जयाञ्चकार वर्जयाञ्चक्रतुः वर्जयाञ्चक्रुः वर्जयाञ्चकर्थ वर्जयाञ्चक्रथुः वर्जयाञ्चक्र वर्जयाञ्चकार
वर्जयाञ्चकृम
वर्जयताम् वर्जयतम्
For Private and Personal Use Only
Page #636
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) वर्जयिता
वर्जयितारौ वर्जयितारः वर्जयितासि वर्जयितास्थः वजयितास्थ
वर्जयितास्मि वर्जयितास्वः वर्जयितास्मः वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वर्जयिष्यति वर्जयिष्यतः वर्जयिष्यन्ति वर्जयिष्यसि वर्जयिष्यथः वर्जयिष्यथ
वर्जयिष्यामि वर्जयिष्यावः वजयिष्यामः वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
वात वास्ताम् वासुः वाः
वास्तम् वास्त वासम् वास्व
वास्म वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवीवृजत् अवीवृजताम् अवीवृजन् अवीवृजः अवीवृजतम् अवीवृजत
अवीवृजम् अवीवृजाव अवीवृजाम वृजी (वर्जने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवर्जयिष्यत् अवर्जयिष्यताम् अवर्जयिष्यन् अवर्जयिष्यः अवर्जयिष्यतम् अवर्जयिष्यत
अवर्जयिष्यम् अवर्जयिष्याव अवर्जयिष्याम वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) वर्जयते वर्जयेते
वर्जयन्ते वर्जयसे वर्जयेथे
वर्जयध्वे वर्जये वर्जयावहे
वर्जयामहे वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
वर्जयताम् वर्जयेताम् वर्जयन्ताम् वर्जयस्व
वर्जयेथाम् वर्जयध्वम् वर्जयै
वर्जयावहै वर्जयामहै
For Private and Personal Use Only
Page #637
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२६
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवर्जयत अवर्जयेताम् अवर्जयन्त अवजयथाः अवर्जयेथाम् अवर्जयध्वम अवर्जये अवर्जयावहि
अवर्जयामहि वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वर्जयेत वर्जयेयाताम्
वर्जयेरन् वर्जयेथाः वर्जयेयाथाम्
वर्जयेध्वम् वर्जयेय वर्जयेवहि वर्जयेमहि वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
वर्जयाञ्चक्रे वर्जयाञ्चक्राते वर्जयाञ्चक्रिरे वर्जयाञ्चकषे वर्जयाञ्चक्राथे वर्जयाञ्चकढ़वे
वर्जयाञ्चक्रे वर्जयाञ्चकृवहे वर्जयाञ्चकृमहे वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
वर्जयिता वर्जयितारौ वर्जयितारः वर्जयितासे वर्जयितासाथे वर्जयिताध्वे
वर्जयिताहे वर्जयितास्वहे वर्जयितास्महे वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वर्जयिष्यते वर्जयिष्येते वर्जयिष्यन्ते वर्जयिष्यसे वर्जयिष्येथे वर्जयिष्यध्वे
वर्जयिष्ये वर्जयिष्यावहे वर्जयिष्यामहे वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वर्जयिषीष्ट वर्जयिषीयास्ताम् वर्जयिषीरन् वर्जयिषीष्ठाः वर्जयिषीयास्थाम् वर्जयिषीध्वम्
वर्जयिषीय वर्जयिषीवहि वर्जयिषीमहि वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवीवृजत अवीवृजेताम् अवीवजन्त अवीवृजथाः अवीवृजेथाम् अवीवृजध्वम् अवीवृजे अवीवजावहि अवीवृजामहि
For Private and Personal Use Only
Page #638
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ६२७ वृजी (वर्जने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्जयिष्यत अवर्जयिष्येताम् अवर्जयिष्यन्त अवर्जयिष्यथाः अवर्जयिष्येथाम् अवर्जयिष्यध्वम्
अवर्जयिष्ये अवर्जयिष्यावहि अवर्जयिष्यामहि वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लट्) वृणक्ति वृक्तः
वृञ्जन्ति वृणक्षि वृक्थः
वक्थ वृणज्मि वृज्वः
वृज्मः वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लोट्) वृणक्तु
वृक्ताम् वृञ्जन्तु वृधि वृङ्क्तम्
वृक्त वणजानि वणजाव
वृणजाम वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) अवृणक
अवृक्ताम् अवृञ्जन् अवृणक अवृक्तम्
अवृक्त अवृणजम् अवृज्व
अवृज्म वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वृद्ध्यात्
वृद्ध्याताम् वृज्युः वृञ्ज्याः वृज्यातम्
वृज्यात वृज्याम् वृञ्ज्याव
वृज्याम वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) ववर्ज ववृजतुः
ववृजुः ववर्जिथ ववृजथुः
ववर्ज ववर्ज ववृजिव
ववृजिम वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लुट्) वर्जिता वर्जितारौ
वर्जितारः वर्जितासि वर्जितास्थः वर्जितास्थ वर्जितास्मि वर्जितास्वः वर्जितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #639
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लट्)
वर्जिष्यति वर्जिष्यतः वर्जिष्यन्ति वर्जिष्यसि
वर्जिष्यथः वर्जिष्यथ वर्जिष्यामि वर्जिष्याव: वर्जिष्यामः वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वृज्यात
वृज्यास्ताम् वृज्यासुः वृज्याः वृज्यास्तम्
वृज्यास्त वृज्यासम् वृज्यास्व
वृज्यास्म वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवर्जीत अवर्जिष्टाम् अवर्जिषुः अवर्जीः
अवर्जिष्टम् अवर्जिष्ट अवर्जिषम् अवर्जिष्व अवर्जिष्म वृजी (वर्जने, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवर्जिष्यत् अवर्जिष्यताम् अवर्जिष्यन अवर्जिष्यः अवर्जिष्यतम् अवर्जिष्यत
अवर्जिष्यम् अवर्जिष्याव अवर्जिष्याम वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्) वारयति वारयतः
वारयन्ति वारयसि वारयथः
वारयथ वारयामि वारयावः
वारयामः वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) वारयतु वारयताम्
वारयन्तु वारय वारयतम्
वायत वारयाणि वारयाव
वारयाम वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अवारयत् अवारयताम् अवारयन् अवारयः
अवारयतम् अवारयम् अवारयाव
अवारयाम
अवारयत
For Private and Personal Use Only
Page #640
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६२९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वारयेत् वारयेताम्
वारयेयः वारयेः वारयेतम्
वारयेत वारयेयम् वारयेव
वारयेम वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
वारयाञ्चकार वारयाञ्चक्रतुः वारयाञ्चक्रुः वारयाञ्चकर्थ वारयाञ्चक्रथुः वारयाञ्चक्र
वारयाञ्चकार वारयाञ्चकृव वारयाञ्चकृम वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
वारयिता वारयितारौ वारयितारः वारयितासि वारयितास्थः वारयितास्थ
वारयितास्मि वारयितास्वः वारयितास्मः वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वारयिष्यति वारयिष्यतः वारयिष्यन्ति वारयिष्यसि वारयिष्यथः वारयिष्यथ वारयिष्यामि वारयिष्यावः
वारयिष्यामः वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वार्यात
वार्यास्ताम् वार्यासः वायोः वार्यास्तम्
वार्यास्त वार्यासम् वार्यास्व
वार्यास्म वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अवीवरत् अवीवरताम
अवीवरन् अवीवरः
अवीवरतम् अवीवरत अवीवरम्
अवीवराव अवीवराम वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवारयिष्यत् अवारयिष्यताम् अवारयिष्यन् अवारयिष्यः अवारयिष्यतम् अवारयिष्यत अवारयिष्यम् अवारयिष्याव अवारयिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #641
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वारये
वारयै
६३० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्) वारयते वारयेते
वारयन्ते वारयसे वारयेथे
वारयध्वे वारयावहे
वारयामहे वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्) वारयताम् वारयेताम्
वारयन्ताम वारयस्व
वारयेथस्व वारयध्वम्
वारयावहै वारयामहै वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवारयत अवारयेताम् अवारयन्त अवारयथाः अवारयेथाम
अवारयध्वम् अवारये
अवारयावहि अवारयामहि वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वारयेत वारयेयाताम्
वारयेरन् वारयेथाः
वारयेयाथाम वारयेध्वम् वारयेय वारयेवहि
वारयेमहि वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
वारयाञ्चक्रे वारयाञ्चक्राते वारयाञ्चक्रिरे वारयाञ्चकृषे वारयाञ्चक्राथे वारयाञ्चकृढ्वे
वारयाञ्चक्रे वारयाञ्चकृवहे वारयाञ्चकृमहे वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) वारयिता वारयितारौ
वारयितारः वारयितासे वारयितासाथे वारयिताध्वे
वारयिताहे वारयितास्वहे वारयितास्महे वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वारयिष्यते वारयिष्येते वारयिष्यन्ते वारयिष्यसे वारयिष्येथे वारयिष्यध्वे वारयिष्ये
वारयिष्यावहे वारयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #642
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६३१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वारयिषीष्ट वारयिषीयास्ताम् वारयिषीरन् वारयिषीष्ठाः वारयिषीयास्थाम वारयिषीध्वम्
वारयिषीवहि वारयिषीमहि वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवीवरत अवीवरेताम् अवीवरन्त अवीवरथाः अवीवरेथाम् अवीवरध्वम् अवीवरे
अवीवरावहि अवीवरामहि वृञ् (आवरणे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवारयिष्येताम् अवारयिष्यन्त अवारयिष्यथाः अवारयिष्येथाम् अवारयिष्यध्वम्
अवारयिष्ये अवारयिष्यावहि अवारयिष्यामहि वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लट्) वृणोति वृणुतः
वृण्वन्ति वृणोषि वृणुथः
वृणुथ वृणोमि वृणुवः
वृणुमः वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लोट्) वृणोतु वृणुताम्
वृण्वन्तु वृणु वृणुतम्
वृणुत वृणवानि वृणुवाव
वृणुवाम वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लङ्) अवृणोत् अवृणुताम्
अवृण्वन् अवृणोः अवृणुतम्
अवृणुत अवृणवम् अवृणुव
अवृणुम वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वृणुयात्
वृणुयाताम् वृणुयुः वृणुयाः वृणुयातम्
वृणुयात वृणुयाम् वृणुयाव
वृणुयाम
For Private and Personal Use Only
Page #643
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ववृम
६३२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लिट्) ववार वव्रतः
वत्रुः ववरिथ वव्रथुः
वव्र ववार
ववव वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लुट्) वरिता वरितारौ
वरितारः वरितासि
वरितास्थः वरितास्थ वरितास्मि वरितास्वः वरितास्मः वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लट्) वरिष्यति
वरिष्यतः वरिष्यन्ति वरिष्यसि वरिष्यथः
वरिष्यथ वरिष्यामि वरिष्यावः
वरिष्यामः वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
क्रियास्ताम् क्रियास्तम्
वियास्त क्रियासम् व्रियास्व
क्रियास्म वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अवारीत
अवारिष्टाम् अवारिषुः अवारीः
अवारिष्टम् अवारिष्ट अवारिषम् अवारिष्व
अवारिष्म वृञ् (वरणे, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवरिष्यत् अवरिष्यताम् अवरिष्यन् अवरिष्यः अवरिष्यतम् अवरिष्यत अवरिष्यम् अवरिष्याव
अवरिष्याम वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लट्) वृणुते वृण्वाते
वृण्वते वृणुषे वृण्वाथे
वृणुध्वे वृण्वे
वृणुवहे
वियासुः
व्रियात् वियाः
अवारयत
वृणुमहे
For Private and Personal Use Only
Page #644
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६३३
वृणवै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लोट्)
वृणुताम् वृण्वाताम् वृण्वताम् वृणुष्व वृण्वाथाम्
वृणुध्वम् वृणवावहै
वृणवामहै वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लङ्) अवृणुत
अवृण्वाताम् अवृण्वत अवृणुथाः अवृण्वाथाम् अवृणुध्वम् अवृण्वि
अवृणुवहि अवृणुमहि वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वृण्वीत वृण्वीयाताम् वृण्वीरन् वृण्वीथाः वृण्वीयाथाम् वृण्वीध्वम्
वृण्वीय वृण्वीवहि वृण्वीमहि वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लिट्)
वव्राते ववाथे
ववध्वे ववे ववृवहे
ववृमहे वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लुट्) वरिता वरितारौ
वरितारः वरितासे
वरितासाथे वरिताध्वे वरिताहे वरितास्वहे वरितास्महे वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लट्) वरिष्यते वरिष्येते
वरिष्यन्ते वरिष्यसे वरिष्येथे
वरिष्यध्वे वरिष्ये
वरिष्यावहे वरिष्यामहे वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वरिषीष्ट वरिषीयास्ताम् वरिषीरन् वरिषीष्ठाः
वरिषीयास्थाम् वरिषीध्वम् वरिषीय वरिषीवहि
वरिषीमहि
वने
वविरे
ववषे
For Private and Personal Use Only
Page #645
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वृणीथ
६३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अवरिष्ट
अवरिषाताम अवरिषत अवरिष्ठाः अवरिषाथाम् अवरिध्वम् अवरिषि
अवरिष्वहि अवरिष्महि वृञ् (वरणे, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवरिष्यत अवरिष्येताम् अवरिष्यन्त अवरिष्यथाः अवरिष्येथाम् अवरिष्यध्वम्
अवरिष्ये अवरिष्यावहि अवरिष्यामहि वृञ् (वरणे, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) वृणाति वृणीतः
वृणन्ति वृणासि
वृणीथः वृणामि वृणीवः
वृणीमः वृञ् (वरणे, व्रयादिगण, परस्मै, लोट) वृणातु
वृणीताम् वणीहि
वृणीतम् वृणानि वृणाव
वृणाम वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्) अवृणात्
अवृणीताम् अवृणन् अवृणाः
अवृणीतम् अवृणीत अवृणाम् अवृणीव
अवृणीम वृञ् (वरणे, व्रयादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
वृणीयात् वृणीयाताम् वृणीयुः वणीयाः
वृणीयातम् वणीयात वृणीयाम् वृणीयाव
वृणीयाम वृञ् (वरणे, ज्यादिगण, परस्मै, लिट्) ववार
ववरूः ववरिथ ववरथुः
ववर ववरिव
ववरिम
वृणान्तु
वृणीत
ववरतुः
ववार
For Private and Personal Use Only
Page #646
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट्)
वरीता
वरीतासि
वरीतास्मि
वरीतारौ
वरीतास्थः
वरीतास्वः
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, परस्मै, ऌट्)
वरीष्यति
वरीष्यसि
वष्यामि
अवरिष्यत् अवरिष्यः
अवरिष्यम्
वरीष्यतः
वरीष्यथः
वरीष्यावः
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
वूर्यात् वूर्या: वूर्यासम्
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवारीत् अवारी :
अवारिषम्
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ)
वूर्यास्ताम् वूर्यास्तम् वूर्यास्व
अवारिष्टाम्
अवारीष्टम्
अवारिष्व
अवरिष्यताम्
अवरिष्यतम्
अवरिष्याव
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, आत्मने, लट्)
वृणाते
वृणीते वृणीषे वृणे
वृणाथे
वृणीवहे
वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, आत्मने, लोट्)
वृणीताम् वृणीष्व वृणै
वृणाताम्
वृणाथाम्
वणावहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
वरीतारः
वतास्थ
वरीतास्मः
वरीष्यन्ति
वष्यथ
वरीष्यामः
वूर्यासुः वूर्यास्त
वूर्यास्म
अवारिषुः
अवारिष्ट
अवारिष्म
अवरिष्यन्
अवरिष्यत
अवरिष्याम
वृणन्ते
वृणा
वृणीमहे
वृणताम् वृणीध्वम् वृणाम है
६३५
Page #647
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वृणीमहि
ववरे
६३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (वरणे, ज्यादिगण, आत्मने, लङ्) अवृणीत
अवृणाताम् अवृणत अवृणीथाः अवृणाथाम अवृणीध्वम् अवृणि
अवृणीवहि अवृणीमहि वृञ् (वरणे, ज्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वृणीत
वृणीयाताम् वृणीरन् वृणीथाः
वृणीयाथाम् वृणीध्वम् वृणीय
वृणीवहि वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, आत्मने, लिट्) ववरे ववराते
ववरिरे ववरिषे ववराथे
ववरिध्वे
ववरिवहे ववरिमहे वृञ् (वरणे, क्र्यादिगण, आत्मने, लुट्) वरिता वरितारौ
वरितारः वरितासे
वरितासाथे वरिताध्वे वरिताहे वरितास्वहे वरितास्महे वृञ् (वरणे, व्यादिगण, आत्मने, लट्) वरिष्यते वरिष्येते
वरिष्यन्ते वरिष्यसे वरिष्येथे
वरिष्यध्वे वरिष्ये
वरिष्यावहे वरिष्यामहे वृञ् (वरणे, व्रयादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) वरिषीष्ट
वरिषीयास्ताम् वरिषीरन् वरिषीष्ठाः
वरिषीयास्थाम वरिषीढ्वम् वरिषीय
वरिषीवहि वरिषीमहि वृञ् (वरणे, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अवरिष्ट अवरिषाताम्
अवरिषत अवरिष्ठाः
अवरिषाथाम अवरिढ्वम् अवरिषि
अवरिष्वहि अवरिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #648
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६३७
वर्तते
वर्तेथाम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृञ् (वरणे, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवरिष्यत अवरिष्येताम् अवरिष्यन्त अवरिष्यथाः अवरिष्येथाम अवरिष्यध्वम्
अवरिष्ये अवरिष्यावहि अवरिष्यामहि वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वर्तेते
वर्तन्ते वर्तसे वर्तेथे
वर्तध्वे वर्ते वर्तावहे
वर्तामहे वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) वर्तताम् वर्तेताम्
वर्तन्ताम् वर्तस्व
वर्तध्वम वर्ते वर्तावहै
वर्तामहै वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अवर्तत
अवर्तेताम् अवर्तन्त अवर्तथाः अवर्तेथाम् अवर्तध्वम् अवर्ते
अवर्तावहि अवर्तामहि वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वर्तेत वर्तेयाताम्
वर्तेरन् वर्तेथाः वर्तेयाथाम्
वर्तेध्वम् वर्तेय वर्तेवहि
वर्तेमहि वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) ववृते ववृताते
ववृतिरे ववृतिषे ववृताथे
ववृतिध्वे ववृते
ववृतिवहे ववृतिमहे वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
वर्तिता वर्तितारौ वर्तितारः वर्तितासे वर्तितासाथे
वर्तिताध्वे वर्तिताहे
वर्तितास्वहे वर्तितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #649
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६३८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) वर्तिष्यते वर्तिष्येते
वर्तिष्यन्ते वर्तिष्यसे वर्तिष्येथे
वर्तिष्यध्वे वर्तिष्ये
वर्तिष्यावहे वर्तिष्यामहे वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वर्तिषीष्ट वर्तिषीयास्ताम् वर्तिषीरन वर्तिषीष्ठाः वर्तिषीयास्थाम् वर्तिषीध्वम्
वर्तिषीय वर्तिषीवहि वर्तिषीमहि वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्तिष्ट अवर्तिषाताम् अवर्तिषत अवतिष्ठाः
अवर्तिषाथाम् अवर्तिढ़वम् अवर्तिषि
अवर्तिष्वहि अवर्तिष्महि वृतु (वर्तने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्तिष्यत अवर्तिष्येताम् अवर्तिष्यन्त अवर्तिष्यथाः अवर्तिष्येथाम् अवतिष्यध्वम
अवर्तिष्ये अवर्तिष्यावहि अवर्तिष्यामहि वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वदति वदतः
वदन्ति वदसि वदथः
वदथ वदामि
वदावः वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
वदताम् वद वदतम्
वदत वदानि वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अवदत अवदताम्
अवदन अवदः अवदतम्
अवदत अवदाव
अवदाम
वदामः
वदतु
वदन्तु
वदाव
वदाम
अवदम्
For Private and Personal Use Only
Page #650
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली __ ६३९ वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वदेत्
वदेताम् वदेयुः वदेः वदेतम्
वदेत वदेयम् वदेव
वदेम वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) उवाद ऊदतुः
ऊदुः उवदिथ ऊदथुः
ऊद उवाद ऊदिव
ऊदिम वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) वदिता वदितारौ
वदितारः वदितासि
वदितास्थः वदितास्थ वदितास्मि वदितास्वः वदितास्मः वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
वदिष्यति वदिष्यतः वदिष्यन्ति वदिष्यसि वदिष्यथः
वदिष्यथ वदिष्यामि
वदिष्यावः वदिष्यामः वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उद्यात् उद्यास्ताम्
उद्यासुः उद्यास्तम्
उद्यास्त उद्यासम्
उद्यास्व वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अवादीत् अवादिष्टाम् अवादिषुः
अवादिष्टम् अवादिषम् अवादिष्व अवादिष्म वद (व्यक्तायां वाचि, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवदिष्यत् अवदिष्यताम् अवदिष्यन् अवदिष्यः अवदिष्यतम् अवदिष्यत अवदिष्यम् वदिश्याव
अवदिष्याम
उद्याः
उद्यास्म
अवादी:
अवादिष्ट
For Private and Personal Use Only
Page #651
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
वन्दते
वन्दसे वन्दे
वन्दताम्
वन्दस्व वन्टै
६४०
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वन्दे
वन्देथे
वन्दाव
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
वन्देताम
वन्देथाम
वन्दावहै
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अवन्देताम अवन्देथाम
अवन्दाव
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वन्देयाताम्
वन्देयाथाम्
वन्देवहि
अवन्दत
अवन्दथाः
अवन्दे
वन्देत
वन्देथाः
वन्देय
ववन्दे
ववन्दिषे
ववन्दे
www.kobatirth.org
वन्दिता
वन्दिता
द
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने,
वन्दितारौ वन्दितासाथे
वन्दितास्वहे
वन्दिष्य वन्दिष्यसे
वन्दिष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने,
वन्दिष्येते
वन्दिष्येथे
वन्दिष्याव
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ववन्दते
ववन्दाथे
दिव
वन्दन्ते
वन्दध्वे
वन्दाम
For Private and Personal Use Only
वन्दन्ताम्
वन्दध्वम्
वन्दाम है
-
अवन्दन्त
अवन्दध्वम् अवन्दामहि
वन्देरन
वन्देध्वम्
वन्देम
लुट्)
ववन्दिरे
ववन्दिध्वे
वन्दिम
ऌट्)
वन्दितारः
वन्दिताध्वे
वन्दितास्महे
वन्दिष्यन्ते वन्दयध्वे
वन्दिष्यामहे
Page #652
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
वन्दिषीष्ट
वन्दिषीष्ठाः वन्दिषीय
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
वन्दिषीरन् वन्दिषीध्वम्
वन्दिषीमहि
www.kobatirth.org
अवन्दिष्ट
अवन्दिष्ठाः अवन्दिषि
अवन्दिष्यत
अवन्दिष्यथाः अवन्दिष्ये
वन्दिषीयास्ताम्
वन्दिषीयास्थाम् वन्दिषीवहि
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने,
अवन्दिषाताम्
अवन्दिषाथाम्
अवदिष्वहि
वदि (अभिवादनस्तुत्योः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
अवन्दिष्येताम
अवन्दिष्येथाम्
अवन्दिष्यावहि
वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वर्ध
वर्धसे
वर्धे
वर्धे
वर्थेथे
वर्धा
वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
वर्धताम्
वर्ध
वर्धे
वर्धेताम्
वर्धेथाम
वर्धा है
वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अवर्धत
अवर्धथाः
अवर्धे
वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
aa
वर्धेथाः
वय
अवर्धेताम
अर्धेथाम
अर्धा
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वर्धेयाताम
वर्थेयाथाम
aa
लुङ्)
For Private and Personal Use Only
अवन्दिषत
अवन्दिध्वम्
अवन्दिष्महि
अवन्दिष्यन्त
अवन्दिष्यध्वम्
अवन्दिष्यामहि
वर्धन्ते
वर्धध्वे
वर्धा
वर्धन्ताम् वर्धध्वम
वर्धाम
अवर्धन्त
अवर्धध्वम
अर्धाम
वरन वर्धेध्वम्
६४१
Page #653
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ववृधे
ववृधे
६४२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ववृधाते
ववृधिरे ववृधिषे ववृधाथे
ववृधिध्वे ववृधिवहे
ववृधिमहे वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) वर्धिता
वर्धितारौ वर्धितारः वर्धितासे
वर्धितासाथे वर्धिताध्वे वर्धिताहे वर्धितास्वहे वर्धितास्महे वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वर्धिष्यते वर्धिष्येते वर्धिष्यन्ते वर्धिष्यसे वर्धिष्येथे
वर्धिष्यध्वे वर्धिष्ये
वर्धिष्यावहे वर्धिष्यामहे वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) वर्धिषीष्ट वर्धिषीयास्ताम्
वर्धिषीरन् वर्धिषीष्ठाः
वर्धिषीयास्थाम वर्धिषीध्वम् वर्धिषीय वर्धिषीवहि वर्धिषीमहि वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अवर्धिष्ट
अवर्धिषाताम् अवर्धिषत अवर्धिष्ठाः
अवर्धिषाथाम् अवर्धिढ्वम् अवर्धिषि अवर्धिष्वहि अवर्धिष्महि वृधु (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्धिष्यत अवर्धिष्येताम् अवर्धिष्यन्त अवर्धिष्यथाः अवर्धिष्येथाम् अवर्धिष्यध्वम्
अवर्धिष्ये अवर्धिष्यावहि अवर्धिष्यामहि वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लट्)
वन्वाते
वन्वते वनुषे वन्वाथे
वनुध्वे वन्वे वनुवहे
वनुमहे
वनुते
For Private and Personal Use Only
Page #654
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६४३
अवन्वत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लोट्) वनुताम् वन्वाताम्
वन्वताम् वनुष्व वन्वाथस्व
वनुध्वम वनवै वनवावहै
वनवामहै वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लङ्) अवनत
अवन्वाताम अवनथाः अवन्वाथाम्
अवनुध्वम् अवन्वि अवनुवहि
अवनुमहि वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वन्वीत
वन्वीयाताम् वन्वीरन् वन्वीथाः वन्वीयाथाम्
वन्वीध्वम् वन्वीय वन्वीवहि
वन्वीमहि वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लिट्) ववने ववनाते
ववनिरे ववनिषे ववनाथे
ववनिध्वे ववनिवहे
ववनिमहे वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लुट्) वनिता वनीतारौ
वनितारः वनितासे
वनितासाथे वनिताध्वे वनिताहे वनितास्वहे वनितास्महे वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लट्) वनिष्यते वनिष्येते
वनिष्यन्ते वनिष्यसे वनिष्येथे
वनिष्यध्वे वनिष्ये
वनिष्यावहे वनिष्यामहे वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वनिषीष्ट वनिषीयास्ताम् वनिषीरन् वनिषीष्ठाः वनिषीयास्थाम्
वनिषीध्वम् वनिषीय
वनिषीवहि वनिषीमहि
ववने
For Private and Personal Use Only
Page #655
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
व्यथते
६४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लुङ्) अवनिष्ट
अवनिषाताम् अवनिषत अवनिष्ठाः अवनिषाथाम् अवनिढ़वम्
अवनिषि अवनिष्वहि अवनिष्महि वनु (याचने, तनादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवनिष्यत अवनिष्येताम् अवनिष्यन्त अवनिष्यथाः अवनिष्येथाम् अवनिष्यध्वम्
अवनिष्ये अवनिष्यावहि अवनिष्यामहि व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
व्यथेते
व्यथन्ते व्यथसे व्यथेथे
व्यथध्वे व्यथे
व्यथावहे व्यथामहे व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) व्यथताम् व्यथेताम
व्यथन्ताम् व्यथस्व व्यथेथाम
व्यथध्वम् व्यथै व्यथावहै
व्यथामहै व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अव्यथेताम् अव्यथन्त अव्यथथाः अव्यथेथाम
अव्यथध्वम अव्यथे
अव्यथावहि अव्यथामहि व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) व्यथेत
व्यथेयाताम् व्यथेरन व्यथेथाः व्यथेयाथाम
व्यथेध्वम् व्यथेय
व्यथेवहि व्यथेमहि व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट)
विव्यथे विव्यथाते विव्यथिरे विव्यथिषे विव्यथाथे विव्यथिध्वे विव्यथे
विव्यथिवहे विव्यथिमहे
अव्यथत
For Private and Personal Use Only
Page #656
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
व्यथिता
व्यथित व्यथिताहे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
व्यथितारौ व्यथितासाथे व्यथितास्वहे
व्यथिष्यते
व्यथिष्यसे
व्यथिष्ये
व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने
व्यथिष्येते
व्यथिष्येथे व्यथिष्यावहे
व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
व्यथिषीष्ट
व्यथिषीष्ठाः
व्यथिषीय
www.kobatirth.org
अव्यथिष्ट
अव्यथिष्ठाः
अव्यथिषि
2
अव्यथिष्यत
अव्यथिष्यथाः अव्यथिष्ये
व्यथिषीयास्ताम् व्यथिषीयास्थाम्
व्यथिषीवहि
व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
वर्चते
वर्चसे
वर्चे
वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वर्चे
वर्चेथे
वर्चाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अव्यथिषाताम् अव्यथिषाथाम्
अव्यथिष्वहि
व्यथ (भयसञ्चालनयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अव्यथिष्येताम्
अव्यथिष्येथा
अव्यथिष्यावहि
वर्च (दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
वर्च॒ताम्
वर्चस्व
वर्चे
व्यथितार: व्यथितावे
व्यथितास्महे
वर्चेताम्
वर्चेथाम्
वर्चा है
ऌट्)
For Private and Personal Use Only
व्यथिष्यन्ते
व्यथिष्यध्वे
व्यथिष्यामहे
व्यथिषीरन् व्यथिषीध्वम्
व्यथिषीमहि
अव्यथिषत अव्यथिढ़वम्
अव्यथिष्महि
अव्यथिष्यन्त
अव्यथिष्यध्वम् अव्यथिष्यामहि
वर्च
वर्चध्वे
वर्चाम
वर्चन्ताम्
वर्चध्वम
वर्चाम
६४५
Page #657
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ववर्चे
ववचिरे
६४६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अवर्चत अवर्चेताम् अवर्चन्त अवर्चथाः अवYथाम अवर्चध्वम
अवर्चे अवर्चावहि अवर्चामहि वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वर्चेत
वर्चेयाताम् वर्चेरन् वर्चेथाः
वर्चेयाथाम वर्चेध्वम् वर्चेय वर्चेवहि वर्चेमहि वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ववर्चाते ववचिषे वव थे
ववर्चिध्वे ववर्चे
ववर्चिवहे ववर्चिमहे वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) वर्चिता
वर्चितारौ वर्चितारः वर्चितासे वर्चितासाथे वर्चिताध्वे
वर्चिताहे वर्चितास्वहे वर्चितास्महे वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वर्चिष्यते वर्चिष्येते वर्चिष्यन्ते वर्चिष्यसे वर्चिष्येथे वर्चिष्यध्वे वर्चिष्ये
वर्चिष्यावहे वर्चिष्यामहे वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वर्चिषीष्ट वर्चिषीयास्ताम् वर्चिषीरन् वर्चिषीष्ठाः वर्चिषीयास्थाम् वर्चिषीध्वम्
वर्चिषीय वर्चिषीवहि वर्चिषीमहि वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्चिष्ट अवर्चिषाताम् अवर्चिषत अवर्चिष्ठाः अवर्चिषाथाम अवर्चिध्वम् अवचिषि अवर्चिष्वहि अवर्चिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #658
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६४७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्च (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्चिष्यत अवर्चिष्येताम् अवर्चिष्यन्त अवर्चिष्यथाः अवर्चिष्येथाम् अवर्चिष्यध्वम्
अवर्चिष्ये अवर्चिष्यावहि अवर्चिष्यामहि व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) व्रजति व्रजतः
व्रजन्ति व्रजसि व्रजथः
व्रजथ व्रजामि व्रजावः
व्रजामः व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) व्रजतु व्रजताम्
व्रजन्तु व्रज व्रजतम्
व्रजत व्रजानि व्रजाव
व्रजाम व्रज (गतो, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अव्रजत अव्रजताम्
अव्रजन अव्रजतम्
अव्रजत अव्रजम् अवजाव
अव्रजाम व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) व्रजेत
व्रजेताम् व्रजेयुः व्रजेः व्रजेतम्
व्रजेत व्रजेयम् व्रजेव
व्रजेम व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) वव्राज वव्रजतुः
वव्रजुः वव्रजिथ वव्रजथुः
वव्रज वव्राज वव्रजिव
वव्रजिम व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) व्रजिता
वजितारौ व्रजितारः व्रजितासि व्रजितास्थः व्रजितास्थ व्रजितास्मि व्रजितास्वः व्रजितास्मः
अव्रजः
For Private and Personal Use Only
Page #659
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६४८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपाक्ली व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
व्रजिष्यति व्रजिष्यतः व्रजिष्यन्ति व्रजिष्यसि
व्रजिष्यथः व्रजिष्यथ व्रजिष्यामि व्रजिष्यावः व्रजिष्यामः व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) व्रज्यात व्रज्यास्ताम्
व्रज्यासुः व्रज्याः व्रज्यास्तम्
व्रज्यास्त व्रज्यासम व्रज्यास्व
व्रज्यास्म व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अव्राजीत अव्राजिष्टाम् अव्राजिषुः अव्राजीः अव्राजिष्टम् अव्राजिष्ट
अव्राजिषम् अव्राजिष्व अव्राजिष्म व्रज (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अव्राजिष्यत् अव्राजिष्यताम् अव्राजिष्यन् अव्राजिष्यः अव्राजिष्यतम् अव्राजिष्यत
अव्राजिष्यम् अव्राजिष्याव अव्राजिष्याम व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लट्) व्राजयति
वाजयतः व्राजयन्ति व्राजयसि
व्राजयथ वाजयामि व्राजयावः
वाजयामः व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
वाजयतु वाजयताम् वाजयन्तु व्राजय वाजयतम्
वाजयत व्राजयानि व्राजयाव
वाजयांम व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अवाजयत् अवाजयताम् अवाजयन अवाजयः अवाजयतम
अवाजयत अव्राजयम् अवाजयाव
अव्राजयाम
व्राजयथः
For Private and Personal Use Only
Page #660
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६४९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
व्राजयेत् वाजयेताम् वाजयेयुः वाजयेः वाजयेतम् व्राजयेत व्राजयेयम् व्राजयेव
व्राजयेम व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लिट)
व्राजयाञ्चकार वाजयाञ्चक्रतुः वाजयाञ्चक्रुः वाजयाञ्चकर्थ वाजयाञ्चक्रथुः वाजयाञ्चक्र
वाजयाञ्चकार वाजयाञ्चकृव वाजयाञ्चकृम व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
वाजयिता वाजयितारौ वाजयितारः वाजयितासि वाजयितास्थः वाजयितास्थ
वाजयितास्मि वाजयितास्वः वाजयितास्मः व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वाजयिष्यति वाजयिष्यतः वाजयिष्यन्ति वाजयिष्यसि वाजयिष्यथः वाजयिष्यथ
वाजयिष्यामि वाजयिष्यावः वाजयिष्यामः व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) - व्राज्यात वाज्यास्ताम् व्राज्यासुः व्राज्याः
व्राज्यास्तम व्राज्यास्त व्राज्यासम् व्राज्यास्व
व्राज्यास्म व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवीव्रजत् अवीव्रजताम् अवीव्रजन अवीव्रजः अवीव्रजतम् अवीव्रजत
अवीव्रजम् अवीव्रजाव अवीव्रजाम व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवाजयिष्यत् अवाजयिष्यताम् अवाजयिष्यन् अवाजयिष्यः अवाजयिष्यतम् अवाजयिष्यत अवाजयिष्यम् अवाजयिष्याव अव्राजयिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #661
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वाजयते वाजयेते वाजयन्ते व्राजयसे वाजयेथे
व्राजयध्वे व्राजये
वाजयावहे व्राजयामहे व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लोट)
वाजयताम वाजयेताम् वाजयन्ताम् व्राजयस्व व्राजयेथस्व व्राजयध्वम्
व्राजयै व्राजयावहै व्राजयामहै व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवाजयत अव्राजयेताम् अवाजयन्त । अवाजयथाः अव्राजयेथाम् अव्राजयध्वम अव्राजये अवाजयावहि
अवाजयामहि व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वाजयेत व्राजयेयाताम् वाजयेरन् व्राजयेथाः व्राजयेयाथाम् वाजयेध्वम्
वाजयेय वाजयेवहि वाजयेमहि व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
वाजयाञ्चक्रे वाजयाञ्चक्राते वाजयाञ्चक्रिरे वाजयाञ्चकृषे व्राजयाञ्चक्राथे वाजयाञ्चकृट्वे
वाजयाञ्चक्रे वाजयाञ्चकृवहे व्राजयाञ्चकृमहेव्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
वाजयिता वाजयितारौ वाजयितारः वाजयितासे वाजयितासाथे वाजयिताध्वे
वाजयिताहे वाजयितास्वहे वाजयितास्महे व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वाजयिष्यते वाजयिष्येते वाजयिष्यन्ते वाजयिष्यसे वाजयिष्येथे वाजयिष्यध्वे वाजयिष्ये वाजयिष्यावहे वाजयिष्यामहे
For Private and Personal Use Only
Page #662
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ६५१ व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वाजयिषीष्ट वाजयिषीयास्ताम् वाजयिषीरन् वाजयिषीष्ठाः वाजयिषीयास्थाम् वाजयिषीध्वम्
वाजयिषीय वाजयिषीवहि व्राजयिषीमहि व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवीव्रजत अवीव्रजेताम् अवीव्रजन्त अवीव्रजथाः अवीव्रजेथाम अवीव्रजध्वम
अवीव्रजे अवीव्रजावहि अवीव्रजामहि व्रज (मार्गसंस्कारगत्योः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवाजयिष्यत अवाजयिष्येताम् अवाजयिष्यन्त अव्राजयिष्यथाः अवाजयिष्येथाम् अवाजयिष्यध्वम्
अव्राजयिष्ये अवाजयिष्यावहि अवाजयिष्यामहि वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लट्) वर्णयति वर्णयतः
वर्णयन्ति वर्णयसि
वर्णयथः वर्णयामि वर्णयावः
वर्णयामः वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) वर्णयतु वर्णयताम्
वर्णयन्तु वर्णय वर्णयतम्
वर्णयत वर्णयाणि वर्णयाव
वर्णयाम वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अवर्णयत् अवर्णयताम् अवर्णयन् अवर्णयः अवर्णयतम् अवर्णयत अवर्णयम्
अवर्णयाव अवर्णयाम वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वर्णयेत्
वर्णयेताम् वर्णयेयुः वर्णयेः वर्णयेतम्
वर्णयेत वर्णयेयम् वर्णयेव
वर्णयेम
वर्णयथ
For Private and Personal Use Only
Page #663
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
वर्णयाञ्चकार वर्णयाञ्चक्रतुः वर्णयाञ्चक्रुः वर्णयाञ्चकर्थ वर्णयाञ्चक्रथुः वर्णयाञ्चक्र
वर्णयाञ्चकार वर्णयाञ्चकृव वर्णयाञ्चकम वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
वर्णयिता वर्णयितारौ वर्णयितारः वर्णयितासि वर्णयितास्थः वर्णयितास्थ
वर्णयितास्मि वर्णयितास्वः वर्णयितास्मः वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वर्णयिष्यति वर्णयिष्यतः वर्णयिष्यन्ति वर्णयिष्यसि वर्णयिष्यथः वर्णयिष्यथ
वर्णयिष्यामि वर्णयिष्यावः वर्णयिष्यामः वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वर्ध्यात् वास्ताम् वासुः
वास्तम् वास्त वासम् वास्व
वास्म वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) अववर्णत
अववर्णताम् अववर्णन अववर्णः अववर्णतम् अववर्णत
अववर्णम् अववर्णाव अववर्णाम वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवर्णयिष्यत् अवर्णयिष्यताम् अवर्णयिष्यन् अवर्णयिष्यः अवर्णयिष्यतम् अवर्णयिष्यत
अवर्णयिष्यम् अवर्णयिष्याव' अवर्णयिष्याम वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लट्) वर्णयते वर्णयेते
वर्णयन्ते वर्णयसे वर्णयेथे
वर्णयध्वे वर्णये
वर्णयावहे वर्णयामहे
वाः
For Private and Personal Use Only
Page #664
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५३
राना
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लोट्) वर्णयताम्
वर्णयेताम् वर्णयन्ताम् वर्णयस्व वर्णयेथस्व वर्णयध्वम् वर्णयै
वर्णयावहै वर्णयामहै वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवर्णयत अवर्णयेताम अवर्णयन्त अवर्णयथाः अवर्णयेथाम अवर्णयध्वम्
अवर्णये अवर्णयावहि अवर्णयामहि वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वर्णयेत
वर्णयेयाताम वर्णयेरन वर्णयेथाः वर्णयेयाथाम् वर्णयेध्वम्
वर्णयेय वर्णयेवहि वर्णयेमहि वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
वर्णयाञ्चके वर्णयाञ्चक्राते वर्णयाञ्चक्रिरे वर्णयाञ्चकृषे वर्णयाञ्चक्राथे वर्णयाञ्चकृढ्वे वर्णयाञ्चके
वर्णयाञ्चकृवहे वर्णयाञ्चकृमहे वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
वर्णयिता वर्णयितारौ वर्णयितारः वर्णयितासे वर्णयितासाथे वर्णयिताध्वे
वर्णयिताहे वर्णयितास्वहे वर्णयितास्महे वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वर्णयिष्यते वर्णयिष्येते वर्णयिष्यन्ते वर्णयिष्यसे वर्णयिष्येथे वर्णयिष्यध्वे
वर्णयिष्ये वर्णयिष्यावहे वर्णयिष्यामहे वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वर्णयिषीष्ट वर्णयिषीयास्ताम् वर्णयिषीरन् वर्णयिषीष्ठाः वर्णयिषीयास्थाम् वर्णयिषीध्वम् वर्णयिषीय वर्णयिषीवहि वर्णयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #665
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अववर्णत अववर्णेताम अववर्णन्त अववर्णथाः अववर्णेथाम अववर्णध्वम
अववर्णे अववर्णावहि अववर्णामहि वर्ण (वर्णक्रियाविस्तारगुणवचनेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्णयिष्यत अवर्णयिष्येताम् अवर्णयिष्यन्त अवर्णयिष्यथाः अवर्णयिष्येथाम अवर्णयिष्यध्वम
अवर्णयिष्ये अवर्णयिष्यावहि अवर्णयिष्यामहि वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वर्धयति वर्धयतः वर्धयन्ति वर्धयसि वर्धयथः
वर्धयथ वर्धयामि वर्धयावः वर्धयामः वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, परस्मै, लोट)
वर्धयतु वर्धयताम् वर्धयन्तु वर्धय वर्धयतम्
वर्धयत वर्धयानि वर्धयाव
वर्धयाम वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अवर्धयत् अवर्धयताम् अवर्धयन् अवर्धयः
अवर्धयतम् अवर्धयत अवर्धयम् अवर्धयाव
अवर्धयाम वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वर्धयेत् वर्धयेताम्
वर्धयेयुः वर्धयेः
वर्धयेतम् वर्धयेत वर्धयेयम् वर्धयेव
वर्धयेम वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
वर्धयाञ्चकार वर्धयाञ्चक्रतुः वर्धयाञ्चक्रुः वर्धयाञ्चकर्थ वर्धयाञ्चक्रथुः वर्धयाञ्चक्र वर्धयाञ्चकार वर्धयाञ्चकृव वर्धयाञ्चकृम
For Private and Personal Use Only
Page #666
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
वर्ध ( छेदनपूरणयो:, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
वर्धा
वर्धयितास वर्धयितास्मि
वर्ध (छेंदनपूरणयो:, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वर्धयिष्यति
वर्धयिष्यसि वर्धयिष्यामि
वर्ध (छेदनपूरणयो:, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
वर्ध्यात् वर्ध्याः वर्ध्यासम्
वर्ध (छेदनपूरणयो:, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अववर्धताम
अववर्धत् अववर्धः
अववर्धतम्
अववर्धम्
अववर्धाव
वर्धयते
वर्धय
वर्धये
वर्धयित
वर्धयितास्थः वर्धयितास्वः
वर्धयिष्यतः
वर्धयिष्यथः
वर्धयिष्यावः
वर्ध्यास्ताम्
वर्ध्यास्तम् वर्ध्याव
वर्ध (छेदनपूरणयो:, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
अवर्धयिष्यताम्
अवर्धयिष्यत् अवर्धयिष्यः' अवर्धयिष्यम् अवर्धयिष्याव
अवर्धयिष्यतम्
वर्ध (छेदनपूरणयो:, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वर्धयेते
वर्धयेथे
वर्धा
वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
वर्धयताम
वर्धस्व
वर्धयै
वर्धयेताम
वर्धये स्व
वर्धया है
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
वर्धयितारः वर्धयितास्थ
वर्धयितास्मः
वर्धयिष्यन्ति
वर्धयिष्यथ
वर्धयिष्यामः
वर्ध्यासुः
वयस्त
वर्ध्याम
अववर्धन् अर्ध
अववर्धाम
अवर्धयिष्यन् अवर्धयिष्यत
अवर्धयिष्याम
वर्धयन्ते
वर्धयध्वे
वर्धयामहे
वर्धयन्ताम्
वर्धयध्वम वर्धयामहै
६५५
Page #667
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवर्धयत अवर्धयेताम अवर्धयन्त अवर्धयथाः अवर्धयेथाम अवर्धयध्वम
अवर्धये अवर्धयावहि अवर्धयामहि वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वर्धयेत
वर्धयेयाताम वर्धयेरन वर्धयेथाः वर्धयेयाथाम् वर्धयेध्वम्
वर्धयेय वर्धयेवहि वर्धयेमहि वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
वर्धयाञ्चक्रे वर्धयाञ्चक्राते वर्धयाञ्चक्रिरे वर्धयाञ्चकृषे वर्धयाञ्चक्राथे वर्धयाञ्चकृढ़वे
वर्धयाञ्चक्रे वर्धयाञ्चकृवहे वर्धयाञ्चकमहे वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुट) वर्धयिता
वर्धयितारौ वर्धयितारः वर्धयितासे वर्धयितासाथे वर्धयिताध्वे
वर्धयिताहे वर्धयितास्वहे वर्धयितास्महे वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वर्धयिष्यते वर्धयिष्येते वर्धयिष्यन्ते वर्धयिष्यसे वर्धयिष्येथे वर्धयिष्यध्वे
वर्धयिष्ये वर्धयिष्यावहे वर्धयिष्यामहे वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वर्धयिषीष्ट वर्धयिषीयास्ताम् वर्धयिषीरन् वर्धयिषीष्ठाः वर्धयिषीयास्थाम् वर्धयिषीध्वम्
वर्धयिषीय वर्धयिषीवहि वर्धयिषीमहि वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अववर्धत
अववर्धेताम अववर्धन्त अववर्धथाः अववर्धथाम अववर्धध्वम् अववर्धे
अववर्धावहि अववर्धामहि
व
For Private and Personal Use Only
Page #668
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वर्ध (छेदनपूरणयोः, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवर्धयिष्यत अवर्धयिष्येताम् अवर्धयिष्यन्त अवर्धयिष्यथाः अवर्धयिष्येथाम् अवर्धयिष्यध्वम्
अवर्धयिष्ये अवर्धयिष्यावहि अवर्धयिष्यामहि वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) वलते वलेते
वलन्ते वलसे वलेथे
वलध्वे वले वलावहे
वलामहे वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) वलताम् वलेताम्
वलन्ताम् वलस्व वलेथाम्
वलध्वम् वलै वलावहै
वलामहै वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अवलत अवलेताम्
अवलन्त अवलथाः अवलेथाम
अवलध्वम
अवलावहि अवलामहि वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) वलेत
वलेयाताम् वलेथाः वलेयाथाम
वलेध्वम् वलेय वलेवहि
वलेमहि वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) ववले ववलाते
ववलिरे ववलिषे ववलाथे
ववलिध्वे ववले
ववलिवहे ववलिमहे वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) वलिता वलितारौ
वलितारः वलितासे वलितासाथे वलिताध्ये वलिताहे
वलितास्वहे वलितास्महे
अवले
वलेरन्
For Private and Personal Use Only
Page #669
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५८
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) वलिष्यते वलिष्येते
वलिष्यन्ते वलिष्यसे वलिष्येथे
वलिष्यध्वे वलिष्ये
वलिष्यावहे वलिष्यामहे वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वलिषीष्ट वलिषीयास्ताम् वलिषीरन वलिषीष्ठाः वलिषीयास्थाम् वलिषीध्वम्
वलिषीय वलिषीवहि वलिषीमहि वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवलिष्ट अवलिषाताम् अवलिषत अवलिषीष्ठाः अवलिषाथाम् अवलिध्वम्
अवलिषि अवलिष्वहि अवलिष्महि वल (संवरणे सञ्चरणे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवलिष्यत अवलिष्येताम् अवलिष्यन्त अवलिष्यथाः अवलिष्येथाम अवलिष्यध्वम
अवलिष्ये अवलिष्यावहि अवलिष्यामहि वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वर्षति वर्षतः
वर्षन्ति वर्षसि वर्षथः
वर्षथ वर्षामि वर्षावः
वर्षामः वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) वर्षतु
वर्षताम् वर्ष वर्षतम्
वर्षत वर्षाणि वर्षाव
वर्षाम वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अवर्षत् अवर्षताम् अवर्षन् अवर्षः अवर्षतम्
अवर्षत अवर्षम्
अवर्षसाव अवर्षसाम
वषत
वर्षन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #670
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६५९
वर्षेत
ववर्ष
ववर्ष
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वर्षेत्
वर्षेताम् वर्षेयुः वर्षे:
वर्षेतम् वर्षेयम् वर्षेव
वर्षेम वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
ववृषतुः
ववृषुः ववर्षिथ ववृषथुः
ववृष ववृषिव
ववृषिम वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) वर्षिता
वर्षितारौ वर्षितारः वर्षितासि वर्षितास्थः वर्षितास्थ
वर्षितास्मि वर्षितास्वः वर्षितास्मः वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
वर्षिष्यति वर्षिष्यतः वर्षिष्यन्ति वर्षिष्यसि
वर्षिष्यथः वर्षिष्यथ वर्षिष्यामि वर्षिष्यावः वर्षिष्यामः वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वृष्यात् वृष्यास्ताम्
वृष्यासुः वृष्याः वृष्यास्तम्
वृष्यास्त वृष्यासम् वृष्यास्व
वृष्यास्म वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवर्षीत अवर्षिष्टाम् अवर्षिषुः अवर्षीः अवषिष्टम्
अवर्षिष्ट अवर्षिषम् अवर्षिष्व अवर्षिष्म वृषु (सेचनहिंसाक्लेशनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अवर्षिष्यत् अवर्षिष्यताम् अवर्षिष्यन अवर्षिष्यः अवर्षिष्यतम् अवर्षिष्यत अवर्षिष्यम् अवर्षिष्याव अवर्षिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #671
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
वेष्ट
वेष्टसे
वेष्टे
६६०
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
वेष्टेते
वेष्टेथे
वेष्टावहे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
वेष्टताम्
वेष्टव
वेष्टै
वेष्टेताम
वेष्टेथाम्
वेष्टाव है
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अवेष्टत
अवेष्टथाः
अवेष्टे
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
अवेष्टेताम
अवेष्टेथाम्
अष्टावहि
वेष्टेयाताम्
वेष्टेयाथाम् वेष्टेवहि
वेष्टेत
वेष्टेथाः
वेष्टेय
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
विवेष्टाते
विवेष्टाथे
विवेष्टिव
विवेष्टे
विवेष्टिषे
विवेष्टे
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
वेष्टिता वेष्टितसे
वेष्टिताहे
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
वेष्टिष्यते
वेष्टिष्यसे
वेष्टिष्ये
वेष्टितारौ
वेष्टितासाथे
वेष्टितास्वहे
वेष्टिष्येते
वेष्टिष्येथे
वेष्टिष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
वेष्टन्ते
वेष्टध्वे
वेष्टामहे
वेष्टन्ताम् वेष्टध्वम्
वेष्टा है
अवेष्टन्त अवेष्टध्वम्
अवेष्टामहि
वेष्टेरन् वेष्टेध्वम्
वेष्टेमहि
विवेष्टिरे
विवेष्टिध्वे
विवेष्टिमहे
वेष्टितार:
वेष्टिताध्वे
वेष्टितास्महे
वेष्टिष्यन्ते
वेष्टिष्यध्वे
वेष्टिष्यामहे
Page #672
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
वेष्टिषीष्ट
वेष्टिषीष्ठाः वेष्टिषीय
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवेष्टिष्ट
अवेष्टिष्ठाः अवेष्टिषि
वेष्ट (वेष्टने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
,
वेष्टिषीयास्ताम् वेष्टिषीयास्थाम् वेष्ट
वसेत् वसे: वसेयम्
अवेष्टिषाताम
अवेष्टिषाथाम्
अवेष्टिष्वहि
अवेष्टिष्यत
अवेष्टिष्यथाः अवेष्टिष्ये
वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै,
वसति
वसतः
वससि
वसथः
वसामि
वसावः
वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
अवेष्टिष्येताम
अवेष्टिष्येथाम्
अवेष्टिष्यावहि
लट्)
वसतु
वसताम्
वस
वसतम्
वसानि
वसाव
वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अवसत्
अवसः
अवसम्
वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अवसताम्
अवसतम्
अवसाव
वसेताम्
वसे म्
वसेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
वेष्टिषीरन् वेष्टिषीध्वम् वेष्टिषीमहि
अवेष्टिषत
अवेष्टिध्वम
अवेष्टिष्महि
अवेष्टिष्यन्त
अवेष्टिष्यध्वम अवेष्टिष्यामहि
वसन्त
वसथ
वसामः
वसन्तु
वसत
वसाम
अवसन्
अवसत
अवसाम
वसेयुः
वसेत
वसेम
६६१
Page #673
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ऊषुः
६६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) उवास
ऊषतुः उवसिथ ऊषथुः
ऊष उवास ऊषिव
ऊषिम वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) वस्ता वस्तारौ
वस्तारः वस्तासि वस्तास्थः
वस्तास्थ वस्तास्मि वस्तास्वः
वस्तास्मः वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वत्स्यति वत्स्यतः
वत्स्यन्ति वत्स्यसि वत्स्यथः
वत्स्यथ वत्स्यामि वत्स्यावः
वत्स्यामः वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उष्यात् उष्यास्ताम
उष्यासुः उष्याः उष्यास्तम्
उष्यास्त उष्यासम् उष्यास्व
उष्यास्म वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अवात्सीत् अवात्ताम
अवात्सुः अवात्सीः अवात्तम्
अवात्त अवात्सम् अवात्स्व वस (निवासे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अवत्स्यत् अवत्स्यताम् अवत्स्यन् अवत्स्यः अवत्स्यतम
अवत्स्य त अवत्स्यम् अवत्स्याव
अवत्स्याम वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लट्) वासयति वासयतः
वासयन्ति वासयसि वासयथः
वासयथ वासयामि वासयावः
वासयामः
अवात्स्म
For Private and Personal Use Only
Page #674
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६६३
वासयन्तु
वासयत
अवासयतम
अवासयत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) वासयतु
वासयताम् वासय
वासयतम् वासयानि वासयाव
वासयाम वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अवासयत अवासयताम् अवासयन् अवासयः अवासयम् अवासयाव
अवासयाम वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
वासयेत् वासयेताम् वासयेयुः वासये:
वासयेतम वासयेत वासयेयम् वासयेव'
वासयेम वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
वासयाञ्चकार वासयाञ्चक्रतुः वासयाञ्चक्रुः वासयाञ्चकर्थ वासयाञ्चक्रथुः वासयाञ्चक्र
वासयाञ्चकार वासयाञ्चकृव वासयाञ्चकृम वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
वासयिता वासयितारौ वासयितारः वासयितासि वासयितास्थः वासयितास्थ
वासयितास्मि वासयितास्वः वासयितास्मः वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
वासयिष्यति वासयिष्यतः वासयिष्यन्ति वासयिष्यसि वासयिष्यथः वासयिष्यथ
वासयिष्यामि वासयिष्यावः वासयिष्यामः वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वास्यात्
वास्यास्ताम् वास्यासुः वास्याः
वास्यास्तम् वास्यास्त वास्यासम् वास्यास्व
वास्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #675
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अवीवसत् अवीवसः
अवीवसम्
६६४
वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवीवसताम्
अवीवसन्
raa
अवीव सतम अवीवसाव
अवीवसाम
वास वासयसे
वास
वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
वासयताम् वासयस्व
वासयै
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
अवासयिष्यत् अवासयिष्यः अवासयिष्यम् वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वासयन्ते
वासयध्वे
वासयाम
वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
अवासयत
अवासयथाः अवासये
वासयेत
वासयेथाः
वासय
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वासयाञ्चक्रे
वासयाञ्चकृषे वासयाञ्चक्रे
अवासयिष्यताम् अवासयिष्यन
अवासयिष्यतम्
अवासयिष्यत
अवासयिष्य
अवासयिष्याम
वास वासयेथे
वासाव
वासयेताम् वासयेथस्व
वासयावहै
वासयन्ताम्
वासयध्वम
वासयाम है
वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवासयेताम
अवासयेथाम्
अवासयावहि
अवासयन्त
अवासयध्वम् अवासयामहि
वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वासयेयाताम् वासयेयाथाम्
वासयेवहि
-
वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
For Private and Personal Use Only
वासयेरन्
वासयेध्वम्
वासयेमहि
वासयाञ्चक्राते वासयाञ्चक्रिरे
वासयाञ्चक्राथे
वासयाञ्चक्रवहे
वासयाञ्चकृढ्वे वासयाञ्चकमहे
Page #676
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६६५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) .
वासयिता वासयितारौ वासयितारः वासयितासे वासयितासाथे वासयिताध्वे
वासयिताहे वासयितास्वहे वासयितास्महे वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वासयिष्यते वासयिष्येते वासयिष्यन्ते वासयिष्यसे वासयिष्येथे वासयिष्यध्वे
वासयिष्ये वासयिष्यावहे वासयिष्यामहे वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
वासयिषीष्ट वासयिषीयास्ताम वासयिषीरन वासयिषीष्ठाः वासयिषीयास्थाम वासयिषीध्वम
वासयिषीय वासयिषीवहि वासयिषीमहि वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवीवसत अवीवसेताम् अवीवसन्त अवीवसथाः अवीवसेथाम् अवीवसध्वम् अवीवसे
अवीवसावहि अवीवसामहि वस (स्नेहमोहच्छेदापहरणेषु, चुरादिगण, आत्मने, लु)
अवासयिष्यत अवासयिष्येताम् अवासयिष्यथाः अवासयिष्येथाम् अवासयिष्यध्वम्
अवासयिष्ये अवासयिष्यावहि अवासयिष्यामहि वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वहति
वहतः वहसि वहथः
वहथ वहामि वहावः
वहामः वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) वहतु वहताम्
वहन्तु वह वहतम्
वहत वहानि वहाव
वहाम
अ
वहन्ति
For Private and Personal Use Only
Page #677
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वहेयुः
वहेव
वहेम
६६६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अवहत् अवहताम्
अवहन् अवहः अवहतम्
अवहत अवहम् अवहाव
अवहाम वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) वहेत्
वहेताम् वहे: वहेतम्
वहेत वहेयम् वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) उवाह ऊहतुः
ऊहुः उवहिथ ऊहथुः
ऊह उवाह ऊहिव
ऊहिम वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) वोढा वोढारौ
वोढारः वोढासि वोढास्थः
वोढास्थ वोढास्मि
वोढास्वः वोढास्मः वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) वक्ष्यति वक्ष्यतः
वक्ष्यन्ति वक्ष्यसि वक्ष्यथ:
वक्ष्यथ वक्ष्यामि वक्ष्याव:
वक्ष्यामः वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) उह्यात्
उह्यास्ताम् उह्याः उह्यास्तम्
उह्यास्त उह्यासम् उह्यास्व
उह्यास्म वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अवाक्षीत् अवोढाम
अवाक्षः अवाक्षीः अवोढम्
अवोढ अवाक्षम् अवाक्ष्व
अवाक्ष्म
उह्यासुः
For Private and Personal Use Only
Page #678
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६६७
वहे
वहै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली वह (प्रापणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अवक्ष्यत् अवक्ष्यताम्
अवक्ष्यन् अवक्ष्यः अवक्ष्यतम
अवक्ष्यत अवक्ष्यम् अवक्ष्याव
अवक्ष्याम वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) वहते वहेते
वहन्ते वहसे वहेथे
वहध्वे वहावहे
वहामहे वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) वहताम् वहेताम्
वहन्ताम् वहस्व वहेथाम्
वहध्वम् वहावहै
वहामहै वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अवहत
अवहेताम् अवहन्त अवहथाः अवहेथाम् अवहध्वम् अवहे
अवहावहि अवहामहि वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वहेयाताम् वहेथाः वहेयाथाम्
वहेध्वम् वहेय वहेवहि
वहेमहि वह् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
ऊहाते
ऊहिरे ऊहिषे ऊहाथे
ऊहिध्वे ऊहिवहे
ऊहिमहे वह् (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
वोढारौ
वोढारः वोढासे
वोढासाथे वोढाध्वे वोढाहे
वोढास्वहे वोढास्महे
वहेत
वहेरन्
ऊहे
ऊहे
वोढा
For Private and Personal Use Only
Page #679
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
ਰਸ਼ੀਦ
वक्षीष्ठाः वक्षीय
६६८
वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
वक्ष्यते
वक्ष्यसे वक्ष्ये
वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
www.kobatirth.org
अवक्ष्यत
अवक्ष्यथाः अवक्ष्ये
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
वाञ्छति
वाञ्छसि
वाञ्छामि
वक्ष्येते
वक्ष्येथे
वक्ष्या
वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवोढ
अवोढाः
अवक्षि
वह (प्रापणे, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
वक्षीयास्ताम् वक्षीयास्थाम् वक्षीवहि
अवक्ष्येताम्
अवक्ष्येथाम्
अवक्ष्यावहि
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
अवक्षाताम्
अवक्षाथाम् अवक्ष्वहि
वाञ्छतः
वाञ्छथः
वाञ्छावः
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
वाञ्छतु
वाञ्छताम्
वाञ्छतम्
वाञ्छ वाञ्छानि
वाञ्छाव
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अवाञ्छत्
अवाञ्छताम्
अवञ्छः
अवाञ्छतम्
अवाञ्छम्
अवाञ्छाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
वक्ष्यन्ते
वक्ष्यध्वे
वक्ष्याम
वक्षीरन् वक्षीध्वम
वक्षीमहि
अवक्षत अवोढ़वम्
अम
अवक्ष्यन्त
अवक्ष्यध्वम्
अवक्ष्याम
वाञ्छन्ति
वाञ्छथ
वाञ्छामः
वाञ्छन्तु वाञ्छत
वाञ्छाम
अवाञ्छन्
अवाञ्छत
अवाञ्छाम
Page #680
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
www.kobatirth.org
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
वाञ्छेताम
वाञ्छेतम्
वाञ्छेव
वाञ्छेत् वाञ्छेः
वाञ्छेयम्
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट् )
ववाञ्छ
ववाञ्छिथ
ववाञ्छ
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
वाञ्छ
वाञ्छिता वाञ्छितासि वाञ्छितास्मि वाञ्छितास्वः
वाञ्छितास्थः
वाञ्छयात्
वाञ्छयाः
ववाञ्छतुः
ववाञ्छथुः ववाञ्छिव
अवाञ्छिष्यः
अवाञ्छिष्यम्
--
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, ऌट्)
वाञ्छिष्यति
वाञ्छिष्यतः
वाञ्छिष्यथः
वाञ्छिष्यसि वाञ्छिष्यामि
वाञ्छिष्यावः
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
वाञ्छ्यास्ताम्
वाञ्छयास्तम्
वाञ्छ्यास्व
वाञ्छ्यासम्
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवाञ्छीत
अवाञ्छिष्टाम्
अवाञ्छिष्टम्
अवाञ्छीः अवाञ्छिषम् अवाञ्छिष्व
वाछि (इच्छायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अवाञ्छिष्यत् अवाञ्छिष्यताम्
अवाञ्छिष्यतम् अवाञ्छिष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
वाञ्छेयुः वाञ्छेत
वाञ्छेम
ववाञ्छुः
ववाञ्छ
ववाञ्छिम
वाञ्छितारः
वाञ्छितास्थ
वाञ्छितास्मः
वाञ्छिष्यन्ति
वाञ्छिष्यथ
वाञ्छिष्यामः
वाञ्छयासुः
वाञ्छ्यास्त
वाञ्छ्यास्म
अवाञ्छिषुः अवाञ्छिष्ट
अवाञ्छिष्म
अवाञ्छिष्यन् अवाञ्छित अवाञ्छिष्याम
६६९
Page #681
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
६७०
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लट्)
वेद
वेत्थ
वेद
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लोट्)
वेत्त
विद्धि
वेदानि
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
वेदिष्यति
वेदिष्यसि
वेदिष्यामि
विदतुः
विदथुः विद्व
वित्ताम्
वित्तम्
वेदाव
अवेत् अवेः
अवेदम्
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अवित्ताम्
अवित्तम्
अवि
विद्यात्
विद्याः
विद्याम्
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लिट् )
विवेद
विवेदिथ
विवेद
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लुट् )
वेदिता
वेदितासि वेदितास्मि
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लृट्)
विद्याताम्
विद्यातम्
विद्याव
विविदतुः विविदथुः
विविदिव
वेदितारौ
वेदितास्थः
वेदितास्वः
वेदिष्यतः
वेटिष्यथः
वेदिष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
विदुः
विद
विद्म
-
विदन्तु
वित्त
विदाम
अविदुः
अवित्त
अविद्म
विद्युः विद्यात
विद्याम
विविदुः
विविद
विविदिम
वेदितार:
वेदितास्थ..
वेदितास्मः
वेदिष्यन्ति
वेदिष्यथ वेदिष्यामः
---
Page #682
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
विद्यात्
विद्याः
विद्यासम्
विद (ज्ञांने, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अवेदीत
अवेदी: अवेदिषम्
विद (ज्ञाने, अदादिगण, परस्मै, लृङ् )
विद्यते
विद्य
विद्ये
विद्यास्ताम्
विद्यास्तम् विद्यास्व
अवेदिष्यत्
अवेदिष्यः अवेदिष्यम्
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
अवेदिष्टाम्
अवेदिष्टम्
अवेदिष्व
विद्येत
विद्येथाः
विद्येय
अवेदिष्यताम
अवेदिष्यतम्
अवेदिष्याव
विद्ये
विद्येथे
विद्याव
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
विद्यताम्
विद्य
विद्य
विद्येताम्
विद्येथाम
विद्याव है
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अविद्यत
अविद्येताम
अविद्येथाम
अविद्यथाः अविद्ये
अविद्यावहि
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
विद्येयाताम
विद्येयाथाम्
विद्येवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
विद्यासुः विद्यास्त
विद्यास्म
अवेदिषुः
अवेदिष्ट
अवेदिष्म
अवेदिष्यन् अवेदिष्यत
अवेदिष्याम
विद्यन्ते
विद्यध्वे
विद्याम
विद्यन्ताम् विद्यध्वम
विद्यामहै
अविद्यन्त
अविद्यध्वम्
अविद्यामहि
विद्येरन
विद्येध्वम् विद्येमहि
६७१
Page #683
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
६७२
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लिट्)
विविदे
विविदिषे विविदे
विविदा
विविदाथे विविदिवहे
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लुट् )
वेत्ता
वेत्तारौ
वेत्तासे
वेत्तासाथे
वेत्ताहे
वेत्तास्वहे
www.kobatirth.org
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
वेत्स्यते
वेत्स्यसे
वेत्स्ये
अवित्त
अवित्था:
अवित्सि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवित्साताम्
अवित्साथाम् अवित्स्वहि
वेत्स्येते
वेत्स्येथे
वेत्स्यावहे
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
वित्सीष्ट
वित्सीष्ठाः वित्सीय
वेदयते
विद (सत्तायाम्, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवित्स्यत
अवित्स्यथाः
अवित्स्ये
से
वित्सीयास्ताम्
वित्सीयास्थाम् वित्सीवहि
वेदये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विविदिरे विविदिध्वे
विविदिमहे
वेदयेते
वेदयेथे
वेदयावहे
वेत्तार:
वेत्ताध्वे
वेत्तास्महे
For Private and Personal Use Only
वेत्स्यन्ते
वेत्स्यध्वे
वेत्स्यामहे
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
वेदयन्ते
वेदयध्वे
वेदयाम
वित्सीरन
वित्सीध्वम्
वित्सी महि
अवित्स्यन्त
अवित्स्येताम् अवित्स्येथाम् अवित्स्यावहि अवित्स्यामहि
अवित्स्यध्वम
अवित्सत अविध्वम्
अविस्महि
Page #684
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
वेदयताम वेदस्व वेदयै
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
वेदयेताम वेदथस्व
वेदया है
अवेदयत अवेदयथाः अवेदये
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अवेदयेताम्
अवेदयेथाम् अवेदाव
वेदयेत
वेदयेथाः
वेदय
www.kobatirth.org
वेदयाञ्चक्रे
वेदयाञ्चकृषे
वेदयाञ्चक्रे
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
वेदयेयाताम् वेदयेयाथाम् वेदयेवहि
वेदयेरन् वेदयेध्वम्
वेदम
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
वेदयिष्यते
वेदयिष्य
वेदयिष्ये
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वेदयिषीष्ट
वेदयिषीष्ठाः वेदयिषीय
वेदयन्ताम् वेदयध्वम
वेदया है
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
वेदयिता
वेदयितारः
वेदयितासे
वेदयिताध्वे
वेदयिता
वेदयितास्महे
वेदयितारौ
वेदयितासाथे
वेदयितास्व
वेदयाञ्चक्राते वेदयाञ्चक्रिरे
वेदयाञ्चकृढ़वे
वेदयाञ्चक्रा वेदयाञ्चकृवहे वेदयाञ्चकृमहे
अवेदयन्त
अवेदयध्वम्
अवेदयाम
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
वेदयिष्येते
वेदयिष्येथे
वेदयिष्यावहे
वेदयिषीयास्ताम् वेदयिषीयास्थाम् dar
"
विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
वेदयिषीरन वेदयिषीध्वम् वेदयिषीमहि
For Private and Personal Use Only
वेदयिष्यन्ते
वेदयिष्यध्वे
वेदयिष्यामहे
६७३
Page #685
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६७४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवीविदत अवीविदेताम् अवीविदन्त अवीविदथाः अवीविदेथाम अवीविदध्वम
अवीविदे अवीविदावहि अवीविदामहि विद (चेतनाख्याननिवासेषु, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अवेदयिष्यत अवेदयिष्येताम् अवेदयिष्यन्त अवेदयिष्यथाः अवेदयिष्येथाम् अवेदयिष्यध्वम
अवेदयिष्ये अवेदयिष्यावहि अवेदयिष्यामहि शकू (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लट्) शक्नोति शक्नुतः
शक्नुवन्ति शक्नोषि शक्नुथः
शक्नुथ शक्नोमि शक्नुवः
शक्नुमः शकू (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लोट्)
शक्नोतु शक्नुताम् शक्नुवन्तु शक्नहि शक्नुतम्
शक्नुत शक्नवानि शक्नवाव
शक्नवाम शकू (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अशक्नोत् अशक्नुताम् अशक्नुवन् अशक्नोः अशक्नुतम्
अशक्नुत अशक्नुवम् अशक्नुव अशक्नुम शकू (शक्तौ, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) शक्नुयात्
शक्नुयाताम शक्नुयुः शक्नुयाः शक्नुयातम् शक्नुयात. शक्नुयाम् शक्नुयाव
शक्नुयाम शकू (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लिट्) शशाक
शेकतुः शेकिथ शेकथुः
शेक शशाक शेकिव
शेकिम
शेकुः
For Private and Personal Use Only
Page #686
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६७५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शकू (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लुट्) शक्ता शक्तारौ
शक्तारः शक्तासि शक्तास्थः
शक्तास्थ शक्तास्मि शक्तास्वः
शक्तास्मः शक (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लट्) शक्ष्यति शक्ष्यतः
शक्ष्यन्ति शक्ष्यसि शक्ष्यथः
शक्ष्यथ शक्ष्यामि शक्ष्यावः
शक्ष्यामः शक (शक्तौ, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शक्यात्
शक्यास्ताम् शक्यासुः शक्याः शक्यास्तम्
शक्यास्त शक्यासम् शक्यास्व
शक्यास्म शक (शक्ती, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अशकत् अशकताम्
अशकन् अशकः अशकतम्
अशकत अशकम् अशकाव
अशकाम शकू (शक्तौ, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अशक्ष्यत्
अशक्ष्यताम् अशक्ष्यन् अशक्ष्यः अशक्ष्यतम्
अशक्ष्यत अशक्ष्यम् अशक्ष्याव
अशक्ष्याम शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) शकते शकेते
शङ्कन्ते शङ्कसे
शङ्के शङ्कावहे शङ्कामहे शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
शकताम् शङ्केताम् शङ्कन्ताम् शकस्व शङ्केथाम् शङ्कध्वम् शकै
शङ्कावहै शङ्कामहै
शकेथे
शङ्कध्वे
For Private and Personal Use Only
Page #687
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६७६
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शकि (शङ्कायाम, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अशकत अशङ्कताम् अशङ्कन्त अशङकथाः अशङकेथाम अशङकध्वम अशङ्के
अशङ्कावहि अशङ्कामहि शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
शङ्केत शकेयाताम् शङ्करन् शङ्केथाः शङ्कयाथाम शकेध्वम्
शकेय शङ्केवहि शकेमहि शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
शशङ्के शशङ्काते शशकिरे शशङ्किषे शशङ्काथे शशङ्किध्वे
शशङ्के शशङ्केवहे शशङ्किमहे शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
शङ्किता शङ्कितारौ शङ्कितारः शङ्कितासे शङ्कितासाथे शङ्किताध्वे
शङ्किताहे शङ्कितास्वहे शङ्कितास्महे शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
शकिष्यते शङ्किष्येते शङ्किष्यन्ते शङ्किष्यसे
शङिकष्यध्वे शङ्किष्ये शङ्कियावहे शङ्किष्यामहे शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
शङ्किषीष्ट शङ्किषीयास्ताम् शकिषीरन् शकिषीष्ठाः शङिकषीयास्थाम शकिषीध्वम
शङ्किषीय शङ्किषीवहि शङ्किषीमहि शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशकिष्ट अशकिषाताम् अशङ्किषत अशकिष्ठाः आशङ्किषाथाम् अशङ्किध्वम् अशकिषि अशङ्किष्वहि अशङ्किष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #688
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शोचतु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ६७७ शकि (शङ्कायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशकिष्यत अशकिष्येताम् अशङ्किष्यन्त अशङ्किष्यथाः अशङ्किष्कियेथाम् अशङ्किष्यध्वम्
अशङ्किष्ये अशङ्किष्यावहि । अशङ्किष्यामहि शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शोचति शोचतः
शोचन्ति शोचसि शोचथः
शोचथ शोचामि शोचावः शोचामः शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
शोचताम् शोचन्तु शोच शोचतम्
शोचत शोचानि शोचाव
शोचाम शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अशोचत् अशोचताम् अशोचन् अशोचः अशोचतम् अशोचत अशोचम् अशोचाव
अशोचाम शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) शोचेत
शोचेताम् शोचेयुः शोचेः शोचेतम्
शोचेत शोचेयम् शोचेव
शोचेम शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) शुशोच शुशुचतुः
शुशुचुः शुशोचिथ
शुशुचथुः शुशुच शुशोच शुशुचिव
शुशुचिम शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) शोचिता
शोचितारौ शोचितारः शोचितासि शोचितास्थः शोचितास्थ शोचितास्मि शोचितास्वः शोचितास्मः
For Private and Personal Use Only
Page #689
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शोचिष्यति शोचिष्यतः
शोचिष्यन्ति शोचिष्यसि शोचिष्यथः शोचिष्यथ
शोचिष्यामि शोचिष्यावः शोचिष्यामः शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शुच्यात
शुच्यास्ताम् शुच्यासुः शुच्याः शुच्यास्तम्
शच्यास्त शुच्यासम् शुच्यास्व
शुच्यास्म शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशोचीत् अशोचिष्टाम अशोचिषुः अशोचीः अशोचिष्टम् अशोचिष्ट
अशोचिषम् अशोचिष्व अशोचिष्म शुच (शोके, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशोचिष्यत् अशोचिष्यताम् अशोचिष्यन् अशोचिष्यः अशोचिष्यतम् अशोचिष्यत
अशोचिष्यम् अशोचिष्याव अशोचिष्याम शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
शुच्यतः
शुच्यन्ति शुच्यसि शुच्यथः
शुच्यथ शुच्यामि शुच्यावः
शुच्यामः शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लोट्) शुच्यतु
शुच्यताम् शुच्यन्तु शुच्य शुच्यतम्
शुच्यत शुच्यानि शुच्याव
शुच्याम शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अशुच्यत्
अशुच्यताम् अशुच्यन् अशुच्यः
अशुच्यतम् अशुच्यत अशुच्यम् अशुच्याव
अशुच्याम
शुच्यति
For Private and Personal Use Only
Page #690
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६७९
शुशोच
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) शुच्येत्
शुच्येताम् शुच्येयुः शुच्ये: शच्येतम
शुच्येत शुच्येयम् शुच्येव
शुच्येम शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) शुशोच
शुशुचतुः शुशुचुः शुशोचिथ शुशुचथुः
शुशुच
शुशुचिव शुशुचिम शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्)
शोचिता शोचितारौ शोचितारः शोचितासि शोचितास्थः शोचितास्थ
शोचितास्मि शोचितास्वः शोचितास्मः शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
शोचिष्यति शोचिष्यतः शोचिष्यन्ति शोचिष्यसि शोचिष्यथः
शोचिष्यथ शोचिष्यामि शोचिष्यावः
शोचिष्यामः शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शुच्यात्
शुच्यास्ताम् शुच्यासुः शुच्याः शुच्यास्तम्
शुच्यास्त शुच्यासम् शुच्यास्व
शुच्यास्म शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशोचीत् अशोचिष्टाम् अशोचिषुः अशोचीः अशोचिष्टम् अशोचिष्ट
अशोचिषम् अशोचिष्व अशोचिष्म शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशोचिष्यत् अशोचिष्यताम् अशोचिष्यन् अशोचिष्यः अशोचिष्यतम् अशोचिष्यत अशोचिष्यम् अशोचिष्याव अशोचिष्याम
शाचिष्ण
For Private and Personal Use Only
Page #691
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शुच्येते शुच्येथे
शुच्यन्ते शुच्यध्वे शुच्यामहे
शुच्ये
शुजा
शुच्यामहै
६८० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
शुच्यते शुच्यसे
शुच्यावहे शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लोट्)
शुच्यताम् शुच्येताम् शुच्यन्ताम् शुच्यस्व
शुच्येथाम् शुच्यध्वम् शुच्यै
शुच्यावहै शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लङ्)
अशुच्यत अशुच्येताम् अशुच्यन्त अशुच्यथाः अशुच्येथाम् अशुच्यध्वम्
अशुच्ये अशुच्यावहि अशुच्यामहि शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
शुच्येयाताम् शुच्येरन् शुच्येथाः शुच्येयाथाम् शुच्येध्वम्
शुच्येवहि शुच्येमहि शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लिट्) शुशुचे
शुशुचाते शुशुचिषे
शुशुचाथे शुशुचिध्वे शुशुचे शुशुचिवहे
शुशुचिमहे शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लुट)
शोचिता शोचितारौ शोचितारः शोचितासे शोचितासाथे शोचिताध्ये
शोचिताहे शोचितास्वहे शोचितांस्महे शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लट्)
शोचिष्यते शोचिष्येते शोचिष्यन्ते शोचिष्यसे शोचिष्येथे शोचिष्यध्वे शोचिष्ये शोचिष्यावहे शोचिष्यामहे
शुच्येत
शुच्येय
उसपाह
शुशुचिरे
For Private and Personal Use Only
Page #692
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
शोचिषीष्ट
शोचिषीष्ठाः शोचिषीय
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
शोचिषीयास्ताम्
शोचिषीयास्थाम् शोचिषीवहि
शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशोचिषाताम्
अशोचिषाथाम् अशोचिष्वहि
अशोचिष्ट
अशोचिष्ठाः अशोचिषि
शुचिर् (पूतीभावे, दिवादिगण, आत्मने,
अशोचिष्यत
अशोचिष्येताम् अशोचिष्येथाम
अशोचिष्यथाः अशोचिष्ये
अशोचिष्यावहि
शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
शुध्यति शुध्यसि शुध्यामि
शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लोट्)
शुध्यतः
शुध्यथः
शुध्यावः
शुध्यताम्
शुध्यतम्
शुध्याव
शुध्यतु
शुध्य शुध्यानि
शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अशुध्यताम्
अशुध्यतम्
अशुध्याव
लृङ्)
अशुध्यत्
अशुध्यः
अशुध्यम
शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
शुध्येत्
शुध्ये: शुध्येयम्
शुध्येताम् शुध्यतम् शुध्येव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
शोचिषीरन शोचिषीध्वम् शोचिषीमहि
अशोचिषत
अशोचिध्वम् अशोचिष्महि
अशोचिष्यन्त अशोचिष्यध्वम्
अशोचिष्यामहि
शुध्यन्ति
शुध्यथ
शुध्यामः
शुध्यन्तु
शुध्यत
शुध्याम
अशुध्यन्
अशुध्यत
अशुध्याम
शुध्येयुः शुध्येत शुध्येम
६८१
Page #693
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शुशोध
६८२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) शुशोध
शुशुधतुः शुशुधुः शुशोधिथ शुशुधथुः
शुशुध शुशुधिव
शुशुधिम शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) शोद्धा शोद्धारौ
शोद्धारः शोद्धासि शोद्धास्थः
शोद्धास्थ शोद्धास्मि
शोद्धास्वः शोद्धास्मः शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
शोत्स्यति शोत्स्यतः शोत्स्यन्ति शोत्स्यसि
शोत्स्यथः शोत्स्यथ शोत्स्यामि शोत्स्यावः शोत्स्यामः शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शुध्यात्
शुध्यास्ताम् शुध्यासुः शुध्याः
शुध्यास्तम् शुध्यास्त शुध्यासम् शुध्यास्व
शुध्यास्म शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अशुधत्
अशुधताम् अशुधन् अशुधः अशुधतम्
अशुधत अशुधम् अशुधाव
अशुधाम शुध (शौचे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशोत्स्यत् अशोत्स्यताम अशोत्स्यन् अशोत्स्यः अशोत्स्यतम् अशोत्स्यत अशोत्स्यम्
अशोत्स्याव अशोत्स्याम शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शुन्धति शुन्धतः
शुन्धन्ति शुन्धसि शुन्धथः
शुन्धथ शुन्धामि शुन्धावः
शुन्धामः
For Private and Personal Use Only
Page #694
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६८३
शुन्ध
शुन्धेव
शुन्धेत शुन्धेम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) शुन्धतु
शुन्धताम् शुन्धन्तु शुन्धतम्
शुन्धत शुन्धानि शुन्धाव
शुन्धाम शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अशुन्धत् अशुन्धताम् अशुन्धन् अशन्धः
अशुन्धतम् अशुन्धत अशुन्धम् अशुन्धाव
अशुन्धाम शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
शुन्थेत् शुन्धेताम् शुन्धेयुः शुन्धेः
शुन्धेतम् शुन्धेयम् शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) शुशुन्ध शुशुन्धतुः
शुशुन्धुः शशन्धिथ शशन्धिथः
शुशुन्ध शुशुन्ध शुशुन्धिव
शुशुन्धिम शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
शुन्धिता शुन्धितारौ शुन्धितारः शन्धितासि शुन्धितास्थः शुन्धितास्थ
शुन्धितास्मि शुन्धितास्वः शुन्धितास्मः शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
शुन्धिष्यति शुन्धिष्यतः शुन्धिष्यन्ति शुन्धिष्यसि शुन्धिष्यथः
शन्धिष्यथ शुन्धिष्यामि शुन्धिष्यावः शुन्धिष्यामः शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
शुध्यात् शुध्यास्ताम् शुध्यासुः शुध्याः शुध्यास्तम्
शुध्यास्त शुध्यासम् शुध्यास्व
शुध्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #695
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
६८४
शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशुधत् अशुन्धीः अशुन्धिषम्
शपति
शपसि
शपामि
www.kobatirth.org
शुन्ध (शुद्धौ, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अशुन्धिष्यत् अशुन्धयः अशुन्धिष्यम्
अशुन्धिष्यताम् अशन्धिष्यतम् अशुन्धिष्याव
शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै,
लट्)
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
अशपत्
अशपः
अशुन्दिष्टाम् अशुन्धिष्टम् अशुन्धिष्व
शपतः
शपथः
शपावः
शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
शपतु
शपताम्
शपतम्
शप शानि
शपाव
शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
शशाप
शेपिथ
शशाप
अशपताम्
अशपतम्
अशपाव
अशपम्
शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
शपेत् शपेः शपेयम्
शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
शेपतुः
शेपथुः
शेपिव
शपेताम्
शम् शपेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अशुन्धिषुः अशुन्धिष्ट अशुन्धिष्म
-
अशुन्धिष्यन्
अशुन्धय अशुन्धिष्याम
शपन्ति
शपथ
शपामः
शपन्तु
शपत
शपाम
अशपतन्
अशपत
अशपाम
शपेयः
शपेत
शपेम
शेपुः
शेप शेपिम
Page #696
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६८५
शप्यासम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट) शप्ता शप्तारौ
शप्तारः शप्तासि शप्तास्थः
शप्तास्थ शप्तास्मि शप्तास्वः
शप्तास्मः शप (आक्रोशें, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शप्स्यति शप्स्यतः
शप्स्यन्ति शप्स्यसि शप्स्यथः
शप्स्यथ शप्स्यामि शप्स्यावः
शप्स्यामः शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शप्यात् शप्यास्ताम्
शप्यासुः शप्याः शप्यास्तम्
शप्यास्त शप्यास्व
शप्यास्म शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अशाप्सीत् अशाप्ताम्
अशाप्सुः अशाप्सीः अशाप्तम्
अशाप्त अशाप्सम् अशाप्स्व
अवाप्स्म शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अशप्स्यत्
अशप्स्यताम् अशप्स्यन अशप्स्यः
अशप्स्यतम् अशप्स्यत अशप्स्यम् अशप्स्याव
अशप्स्याम शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) शपते
शपेते शपसे शपेथे
शपध्वे शपे शपावहे
शपामहे शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) शपताम शपेताम
शपन्ताम् शपस्व शपेथाम्
शपध्वम् शपावहै
अशाता
शपन्ते
शपामहै
For Private and Personal Use Only
Page #697
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शेपिरे
शेपे
६८६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अशपत
अशपेताम् अशपन्त अशपथाः अशपेथाम्
अशपध्वम् अशपे
अशपावहि अशपामहि शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) शपेत शपेयाताम्
शपेरन शपेथाः
शपेयाथाम् शपेध्वम शपेय शपेवहि
शपेमहि शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) शेपे
शेपाते शेपिषे शेपाथे
शेपिध्वे शेपिवहे
शेपिमहे शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) शप्ता शप्तारौ
शप्तारः शप्तासे
शप्तासाथे शप्ताध्वे शप्ताहे
शप्तास्वहे शप्तास्महे शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) शप्स्यते शप्स्ये ते
शप्स्यन्ते शप्स्यसे शप्स्येथे
शप्स्यध्वे शप्स्ये
शप्स्यावहे शप्स्यामहे शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) शप्षीष्ट
शप्षीयास्ताम् शप्पीरन् शप्षीष्ठाः शप्षीयास्थाम् शप्पीध्वम् शप्षीय शप्षीवहि
शप्पीमहि शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अशप्त
अशप्षाताम् अशप्षत अशप्थाः
अशषाथाम् अशब्ध्वम् अशषि अशप्श्वहि
अशष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #698
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अशप्स्यत
अशप्स्यथाः अशप्स्ये
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
शप (आक्रोशे, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अशप्स्येताम
अशप्स्येथाम् अशप्स्यावहि
शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
शब्दयति
शब्दयसि
शब्दयामि
शब्दयतु
शब्दय शब्दयानि
अशब्दयत्
अशब्दयः
अशब्दयम्
www.kobatirth.org
शब्दयतः
शब्दयथः
शब्दयावः
शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
शब्दयताम्
शब्दयतम्
शब्दयाव
शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अशब्दयताम्
अशब्दयतम्
अशब्दयाव
शब्दयेत
शब्दयेः
शब्दयेयम्
शब्दयाञ्चकार शब्दयाञ्चकर्थ
शब्दयाञ्चकार
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शब्दयिता
शब्दयितासि शब्दयितास्मि
शब्दयेताम्
शब्दयेतम्
शब्दयेव
अशप्स्यन्त
अशप्स्यध्वम् अशप्स्यामहि
शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
शब्दयेयुः
शब्दयेत
शब्दयेम
शब्दयन्ति
शब्दयथ
शब्दयामः
शब्दयितारौ
शब्दयितास्थः
शब्दयितास्वः
For Private and Personal Use Only
शब्दयन्तु
शब्दयत
शब्दयाम
शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै,
शब्दयाञ्चक्रतुः
शब्दयाञ्चक्रथुः
शब्दयाञ्चकृव
शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
अशब्दयन्
अशब्दयत
अशब्दयाम
लिट्)
शब्दयाञ्चक्रुः शब्दयाञ्चक्र
शब्दयाञ्चकृम
शब्दयितारः शब्दयितास्थ शब्दयितास्मः
६८७
Page #699
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६८८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
शब्दयिष्यति शब्दयिष्यतः शब्दयिष्यन्ति शब्दयिष्यसि शब्दयिष्यथः शब्दयिष्यथ
शब्दयिष्यामि शब्दयिष्यावः शब्दयिष्यामः शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शब्द्यात
शब्द्यास्ताम् शब्द्यासुः शब्द्याः शब्द्यास्तम
शब्द्यास्त शब्द्यासम् शब्द्यास्व
शब्द्यास्म शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशशब्दत् अशशब्दताम् अशशब्दन् अशशब्दः अशशब्दतम् अशशब्दत
अशशब्दम् अशशब्दाव अशशब्दाम शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशब्दयिष्यत् अशब्दयिष्यताम् अशब्दयिष्यन् अशब्दयिष्यः अशब्दयिष्यतम् अशब्दयिष्यत
अशब्दयिष्यम् अशब्दयिष्याव अशब्दयिष्याम शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लट) शब्दयते शब्दयेते
शब्दयन्ते शब्दयसे शब्दयेथे
शब्दयध्वे शब्दये
शब्दयावहे शब्दयामहे शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
शब्दयताम् शब्दयेताम् शब्दयन्ताम् शब्दयस्व
शब्दयेथस्व शब्दयध्वम् शब्दयै शब्दयावहै शब्दयामहै शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लङ्) अशब्दयत
अशब्दयेताम् अशब्दयन्त अशब्दयथाः अशब्दयेथाम अशब्दयध्वम् अशब्दये
अशब्दयावहि अशब्दयामहि
For Private and Personal Use Only
Page #700
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ६८९ शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
शब्दयेत शब्दयेयाताम शब्दयेरन शब्दयेथाः शब्दयेयाथाम् शब्दयेध्वम्
शब्दयेय शब्दयेवहि शब्दयेमहि शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
शब्दयाञ्चक्रे शब्दयाञ्चक्राते शब्दयाञ्चक्रिरे शब्दयाञ्चकृषे शब्दयाञ्चक्राथे शब्दयाञ्चकृढ़वे
शब्दयाञ्चक्रे शब्दयाञ्चकृवहे शब्दयाञ्चकृमहे शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लुट)
शब्दयिता शब्दयितारौ शब्दयितारः शब्दयितासे शब्दयितासाथे शब्दयिताध्वे
शब्दयिताहे शब्दयितास्वहे शब्दयितास्महे शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
शब्दयिष्यते शब्दयिष्येते शब्दयिष्यन्ते शब्दयिष्यसे
शब्दयिष्यध्वे शब्दयिष्ये शब्दयिष्यावहे शब्दयिष्यामहे शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
शब्दयिषीष्ट शब्दयिषीयास्ताम् शब्दयिषीरन् शब्दयिषीष्ठाः शब्दयिषीयास्थाम् शब्दयिषीध्वम्
शब्दयिषीय शब्दयिषीवहि शब्दयिषीमहि शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशशब्दत अशशब्देताम् अशशब्दन्त अशशब्दथाः अशशब्देथाम अशशब्दध्वम्
अशशब्दे अशशब्दावहि अशशब्दामहि शब्द (उपसर्गादाविष्कारे च, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्) अशब्दयिष्यत
अशब्दयिष्यन्त अशब्दयिष्यथाः अशब्दयिष्येथाम् अशब्दयिष्यध्वम् अशब्दयिष्ये अशब्दयिष्यावहि अशब्दयिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #701
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
शोभे
शोभै
६९० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) शोभते शोभेते
शोभन्ते शोभसे शोभेथे
शोभध्वे शोभावहे
शोभामहे शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट) शोभताम् शोभेताम्
शोभन्ताम् शोभस्व
शोभेथाम शोभध्वम्
शोभावहै शोभमहै शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अशोभत अशोभेताम् अशोभन्त अशोभथाः अशोभेथाम् अशोभध्वम अशोभे
अशोभावहि अशोभामहि शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) शोभेत
शोभेयाताम् शोभेरन् शोभेथाः शोभेयाथाम्
शोभेध्वम् शोभेय
शोभेवहि शोभेमहि शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
शुशुभाते
शुशुभाथे शुशुभे
शुशुभिवहे शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
शोभिता शोभितारौ शोभितारः शोभितासे शोभितासाथे शोभिताध्वे
शोभिताहे शोभितास्वहे शोभितास्महे शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
शोभिष्यते शोभिष्येते शोभिष्यन्ते शोभिष्यसे शोभिष्येथे शोभिष्यध्वे शोभिष्ये शोभिष्यावहे शोभिष्यामहे
शुशुभे शुशुभिषे
शुशुभिरे शुशुभिध्वे शुशुभिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #702
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
शोभिषीष्ट
शोभिषीष्ठाः शोभिषीय
शोभिषीयास्ताम्
शोभिषीयास्थाम् शोभिषीवहि
शुभ दीप्ती, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशोभिष्ट
अशोभिष्ठाः अशोभिषि
अशोभिषाताम
अशोभिषाथाम् अशोभिष्वहि
शुभ (दीप्तौ, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अशोभिष्यत
अशोभिष्यताम्
अशोभिष्येथाम्
अशोभिष्यथाः अशोभिष्ये
अशोभिष्यावहि
श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
शृणोति शृणोषि
शृणोमि
शृणुयात्
शृणुयाः
शृणुयाम्
शृणुतः
शृणुथः
शृणुवः
श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
शृणोतु शृणु शृणवानि
श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
शृणुताम्
शृणुताम्
शृणवाव
अशृणोत् अशृणोः
अशृणवम्
श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
अशृणुताम्
अशृणुतम्
अशृणुव
शृणुयाताम्
शृणुयातम्
शृणुयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
शोभिषीरन् शोभिषीध्वम् शोभिषीमहि
अशोभिषत अशोभिढ़वम्
अशोभिष्महि
अशोभिष्यन्त
अशोभिष्यध्वम् अशोभिष्यामहि
शृण्वन्ति
शृणुथ
शृणुमः
शृण्वन्तु
शृणुत
शृणवाम
अशृण्वन्
अशृणुत
अशृणुम
शृणुयुः
शृणुयात
शृणुयाम
६९१
Page #703
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) शुश्राव
शुश्रुवतुः शुश्रुवुः शुश्रोथ
शुश्रुवथुः शुश्रुव शुश्राव शुश्रुव
शुश्रुम श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) श्रोता श्रोतारौ
श्रोतारः श्रोतासि श्रोतास्थः
श्रोतास्थ श्रोतास्मि श्रोतास्वः श्रोतास्मः श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मे, लट्) श्रोष्यति श्रोष्यतः
श्रोष्यन्ति श्रोष्यसि श्रोष्यथः
श्रोष्यथ श्रोष्यामि श्रोष्यावः
श्रोष्यामः श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) श्रूयात्
श्रूयास्ताम् श्रूयासुः श्रूयाः श्रूयास्तम्
श्रूयास्त श्रूयासम् श्रूयास्व
श्रूयास्म श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अश्रौषीत
अश्रौष्टाम् अश्रौषुः अश्रौषीः अौष्टम्
अश्रौष्ट अश्रौषम् अश्रौष्व
अश्रौष्म श्रु (श्रवणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अश्रोष्यत् अश्रोष्यताम्
अश्रोष्यन अश्रोष्यः अश्रोष्यतम
अश्रोष्यत अश्रोष्यम् अश्रोष्याव
अश्रोष्याम श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) श्रन्थते श्रन्थेते
श्रन्थन्ते श्रन्थसे श्रन्थेथे
श्रन्थध्वे श्रन्थे श्रन्थावहे
श्रन्थामहे
For Private and Personal Use Only
Page #704
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) श्रन्थताम् श्रन्थेताम्
श्रन्थन्ताम् श्रन्थस्व श्रन्थेथाम्
श्रन्थध्वम् श्रन्थै श्रन्थावहै
श्रन्थामहै श्रथि (जैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अश्रन्थत
अश्रन्थेताम अश्रन्थन्त अश्रन्थथाः अश्रन्थेथाम
अश्रन्थध्वम अश्रन्थे
अश्रन्थावहि अश्रन्थामहि श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) श्रन्थेत
श्रन्थेयाताम् श्रन्थेरन् श्रन्थेथाः
श्रन्थेयाथाम् श्रन्थेध्वम् श्रन्थेय
श्रन्थेवहि श्रन्थेमहि श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) शश्रन्थे
शश्रन्थाते शश्रन्थिरे शश्रन्थिषे शश्रन्थाथे शश्रन्थिध्वे शश्रन्थे
शश्रन्थिवहे शश्रन्थिमहे श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) श्रन्थिता
श्रन्थितारौ श्रन्थितारः श्रन्थितासे श्रन्थितासाथे श्रन्थिताध्वे
श्रन्थिताहे श्रन्थितास्वहे श्रन्थितास्महे श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
श्रन्थिष्यते श्रन्थिष्येते श्रन्थिष्यन्ते श्रन्थिष्यसे हूदिष्येथे
श्रन्थिष्यध्वे श्रन्थिष्ये श्रन्थिष्यावहे श्रन्थिष्यामहे श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
श्रन्थिषीष्ट श्रन्थिषीयास्ताम् श्रन्थिषीरन् श्रन्थिषीष्ठाः श्रन्थिषीयास्थाम श्रन्थिषीध्वम श्रन्थिषीय श्रन्थिषीवहि श्रन्थिषीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #705
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अश्रन्थिषत
श्रयतः
श्रयामः
६९४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्रन्थिष्ट अश्रन्थिषाताम् अश्रन्थिष्ठाः अश्रन्थिषाथाम् अश्रन्थिध्वम
अश्रन्थिषि अश्रन्थिष्वहि अश्रन्थिष्महि श्रथि (शैथिल्ये, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्रन्थिष्यत अश्रन्थिष्येताम् अश्रन्थिष्यन्त अश्रन्थिष्यथाः अश्रन्थिष्येथाम् अश्रन्थिष्यध्वम्
अश्रन्थिष्यावहि अश्रन्थिष्यामहिश्रिञ् (सेवायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) श्रयति
श्रयन्ति श्रयसि श्रयथः
श्रयथ श्रयामि
श्रयावः श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) श्रयतु श्रयताम्
श्रयन्तु श्रय श्रयतम्
श्रयत श्रयाणि श्रयाव
श्रयाम श्रिञ् (सेवायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अश्रयत् अश्रयताम्
अश्रयन् अश्रयः अश्रयतम्
अश्रयत अश्रयम् अश्रयाव
अश्रयाम श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) श्रयेत् श्रयेताम
श्रयेयुः श्रयः
श्रयेतम् श्रयेयम् श्रयेव
श्रयेम श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) शिश्राय शिश्रियतुः
शिश्रियः शिश्रयिथ शिश्रियथुः
शिश्रिय शिश्राय शिश्रियिव
शिश्रियिम
श्रयेत
For Private and Personal Use Only
Page #706
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९५
अशिष्यावः
श्रीयास्तम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) श्रयिता
श्रयितारौ श्रयितारः श्रयितासि
श्रयितास्थः श्रयितास्थ श्रयितास्मि श्रयितास्वः श्रयितास्मः श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
श्रयिष्यति श्रयिष्यतः श्रयिष्यन्ति श्रयिष्यसि श्रयिष्यथः
श्रयिष्यथ श्रयिष्यामि
श्रयिष्यामः श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) श्रीयात् श्रीयास्ताम्
श्रीयासुः श्रीयाः
श्रीयास्त श्रीयासम् श्रीयास्व
श्रीयास्म श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशिश्रियत् अशिश्रियताम् अशिश्रियन् अशिश्रियः अशिश्रियतम अशिश्रियत
अशिश्रियम् अशिश्रियाव अशिश्रियाम श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अश्रयिष्यत् अश्रयिष्यताम् अश्रयिष्यन अश्रयिष्यः अश्रयिष्यतम् अश्रयिष्यत
अश्रयिष्यम् अश्रयिष्याव अश्रयिष्याम श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
श्रयेते
श्रयन्ते श्रयसे श्रयेथे
श्रयध्वे श्रये श्रयावहे
श्रयामहे श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) श्रयताम् श्रयेताम्
श्रयन्ताम् श्रयस्व श्रयेथाम
श्रयध्वम श्रयै श्रयावहै
श्रयामहै
श्रयते
For Private and Personal Use Only
Page #707
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अश्रयत अश्रयेताम
अश्रयन्त अश्रयथाः अश्रयेथाम् अश्रयध्वम अश्रये
अश्रयावहि अश्रयामहि श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) श्रयेत
श्रयेयाताम् श्रयेरन श्रयेथाः श्रयेयाथाम
श्रयेध्वम् श्रयेय श्रयेवहि
श्रयेमहि श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) शिश्रिये शिश्रियाते
शिश्रियिरे शिश्रियिषे शिश्रियाथे शिश्रियिध्वे
शिश्रिये शिश्रियिवहे शिश्रियिमहे श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) श्रयिता श्रयितारौ
श्रयितारः श्रयितासे श्रयितासाथे श्रयिताध्वे
श्रयिताहे श्रयितास्वहे श्रयितास्महे श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
श्रयिष्यते श्रयिष्येते श्रयिष्यन्ते श्रयिष्यसे श्रयिष्येथे
श्रयिष्यध्वे श्रयिष्ये
श्रयिष्यावहे श्रयिष्यामहे श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
श्रयिषीष्ट श्रयिषीयास्ताम् श्रयिषीरन् श्रयिषीष्ठाः श्रयिषीयास्थाम श्रयिषीध्वम् श्रयिषीय
श्रयिषीवहि श्रयिषीमहि श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशिश्रियत अशिश्रियेताम् अशिश्रियन्त अशिश्रियथाः अशिश्रियेथाम् अशिश्रियध्वम् अशिश्रिये अशिश्रियावहि अशिश्रियामहि
शशित
श्राप
For Private and Personal Use Only
Page #708
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रिञ् (सेवायाम्, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्रयिष्यत अश्रयिष्येताम् अश्रयिष्यन्त अश्रयिष्यथाः अश्रयिष्येथाम् अश्रयिष्यध्वम
अश्रयिष्ये अश्रयिष्यावहि अश्रयिष्यामहि श्रीज (पाके, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) श्रीणाति श्रीणीतः
श्रीणन्ति श्रीणासि श्रीणीथः
श्रीणीथ श्रीणामि श्रीणीवः
श्रीणीमः श्रीञ् (पाके, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट्) श्रीणात् श्रीणीताम्
श्रीणन्तु श्रीणीहि श्रीणीतम्
श्रीणीत श्रीणानि श्रीणाव
श्रीणाम श्रीञ् (पाके, ज्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अश्रीणात् अश्रीणीताम् अश्रीणन् अश्रीणाः अश्रीणीतम्
अश्रीणीत अश्रीणाम् अश्रीणीव अश्रीणीम श्रीञ् (पाके, ज्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) श्रीणीयात् श्रीणीयाताम्
श्रीणीयुः श्रीणीयाः श्रीणीयातम्
श्रीणीयात श्रीणीयाम् श्रीणीयाव
श्रीणीयाम श्रीञ् (पाके, व्रयादिगण, परस्मै, लिट्) शिश्राय शिश्रियतुः
शिश्रियुः शिश्रयिथ शिश्रियथुः शिश्रिय शिश्राय
शिश्रियिव शिश्रियिम श्रीज् (पाके, ज्यादिगण, परस्मै, लुट्) श्रेता श्रेतारौ
श्रेतारः श्रेतास्थः
श्रेतास्थ श्रेतास्मि श्रेतास्वः
श्रेतास्मः
श्रेतासि
For Private and Personal Use Only
Page #709
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रीञ् (पाके, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) श्रेष्यति श्रेष्यतः
श्रेष्यन्ति श्रेष्यसि श्रेष्यथः
श्रेष्यथ श्रेष्यामि श्रेष्यावः
श्रेष्यामः श्रीञ् (पाके, व्रयादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) श्रीयात्
श्रीयास्ताम् श्रीयासुः श्रीयाः श्रीयास्तम्
श्रीयास्त श्रीयसम् श्रीयास्व
श्रीयास्म श्रीञ् (पाके, क्रयादिगण, परस्मै, लुङ्) अश्रेषीत
अश्रैष्टाम् अश्रेषुः अश्रेषीः अश्रैष्टम्
अश्रेष्ट अभैषम् अश्रेष्व
अश्रेष्म श्रीञ् (पाके, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अश्रेष्यत् अश्रेष्यताम् अश्रेष्यन अश्रेष्यः
अश्रेष्यतम् अश्रेष्यत अश्रेष्यम् अश्रेष्याव
अश्रेष्याम श्रीञ् (पाके, क्रयादिगण, आत्मने, लट्) श्रीणीते श्रीणाते
श्रीणते श्रीणीषे श्रीणाथे
श्रीणीध्वे श्रीणे श्रीणीवहे
श्रीणीमहे श्रीञ् (पाके, व्रयादिगण, आत्मने, लोट्)
श्रीणीताम् श्रीणाताम् श्रीणताम् श्रीणीष्व
श्रीणाथाम् श्रीणीध्वम् श्रीण
श्रीणावहै श्रीणामहै श्रीञ् (पाके, व्रयादिगण, आत्मने, लङ्)
अश्रीणीत अश्रीणाताम् अश्रीणत अश्रीणीथाः अश्रीणाथाम् अश्रीणीध्वम् अश्रीणि
अश्रीणीवहि अश्रीणीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #710
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६९९
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्रीञ् (पाके, ज्यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) श्रीणीत
श्रीणीयाताम् श्रीणीरन् श्रीणीथाः श्रीणीयाथाम श्रीणीध्वम्
श्रीणीय श्रीणीवहि श्रीणीमहि श्रीञ् (पाके, व्रयादिगण, आत्मने, लिट्) शिश्रिये
शिश्रियाते शिश्रियिरे शिश्रियिषे शिश्रियाथे शिश्रियिध्वे
शिश्रिये शिश्रियिवहे शिश्रियिमहे श्रीञ् (पाके, क्रयादिगण, आत्मने, लुट्) श्रेता श्रेतारौ
श्रेतारः श्रेतासे
श्रेतासाथे श्रेताध्वे श्रेताहे
श्रेतास्वहे श्रेतास्महे श्रीञ् (पाके, ज्यादिगण, आत्मने, लट्) श्रेष्यते श्रेष्येते
श्रेष्यन्ते श्रेष्यसे श्रेष्येथे
श्रेष्यध्वे श्रेष्ये श्रेष्यावहे
श्रेष्यामहे श्रीञ् (पाके, क्र्यादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
श्रेषीष्ट श्रेषीयास्ताम् श्रेषीष्ठाः
श्रेषीयास्थाम् श्रेषीय
श्रेषीवहि श्रेषीमहि श्रीञ् (पाके, क्र्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अश्रेष्ट
अश्रेषाताम् अश्रेषत अश्रेष्ठाः
अश्रेषाथाम् अश्रेढ्वम् अश्रेषि
अश्रेष्वहि अश्रेष्महि श्रीञ् (पाके, क्यादिगण, आत्मने, लुङ्) अश्रेष्यत
अश्रेष्येताम् अश्रेष्यन्त अश्रेष्यथाः अश्रेष्येथाम् अश्रेष्यध्वम् अश्रेष्ये
अश्रेष्यावहि अश्रेष्यामहि
श्रेषीरन् श्रेषीध्वम्
For Private and Personal Use Only
Page #711
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७००
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शूलति शूलतः
शूलन्ति शूलसि शूलथः
शूलथ शूलामि शूलावः
शूलामः शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) शूलतु शूलताम्
शूलन्तु शूल शूलतम्
शूलत शूलानि शूलाव
शूलाम शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अशूलत्
अशूलताम् अशूलन् अशूलः
अशूलतम् अशूलत अशूलम् अशूलाव
अशूलाम शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) शूलेत्
शूलेताम् शूलेयुः शूलेः शूलेतम्
शूलेत शूलेयम्
शूलेम शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) शुशूल
शुशूलतुः शुशूवुः शुशूलिथ
शुशूलथुः शुशूल शुशूलिव शुशूलिम शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
शूलिता शूलितारौ शूलितारः शूलितासि शूलितास्थः शूलितास्थ
शूलितास्मि शूलितास्वः शूलितास्मः शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शूलिष्यति
शूलिष्यतः शूलिष्यन्ति शूलिष्यसि शूलिष्यथः शूलिष्यथ शूलिष्यामि शूलिष्यावः शूलिष्यामः
शूलेव
For Private and Personal Use Only
Page #712
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ) शूल्यात्
शूल्यास्ताम् शूल्यासुः शूल्याः शूल्यास्तम्
शूल्यास्त शूल्यासम् शूल्यास्व
शूल्यास्म शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशूलीत् अशूलिष्टाम् अशूलिषुः अशूलीः
अशूलिष्टम् अशूलिष्ट अशूलिषम् अशूलिष्व अशूलिष्म शूल (रुजायां संघोषे च, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशूलिष्यत् अशूलिष्यताम् अशूलिष्यन् अशलिष्यः अशूलिष्यतम् अशूलिष्यत
अशूलिष्यम् अशूलिष्याव अशूलिष्याम श्लाघ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
श्लाघते श्लाघसे श्लाघेथे
श्लाघध्वे श्लाघे श्लाघावहे
श्लाघामहे श्लाघ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
श्लाघताम् श्लाघेताम् श्लाघन्ताम् श्लाघस्व श्लाघेथाम
श्लाघध्वम् श्लाघै श्लाघावहै
श्लाघामहै श्लाघ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अश्लाघत अश्लाघ्ताम् अश्लाघन्त अश्लाघथाः अश्लाघेथाम् अश्लाघध्वम्
अश्लाघे अश्लाघावहि अश्लाघामहि श्लाघृ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) श्लाघेत
श्लाघेयाताम् श्लाघेरन् श्लाघेथाः श्लाघेयाथाम् श्लाघेध्वम् श्लाघेय श्लाघेवहि
श्लाघेमहि
श्लाघेते
श्लाघन्ते
For Private and Personal Use Only
Page #713
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्लाघ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
शश्लाघे शश्लाघाते शश्लाघिरे शश्लाघिषे शश्लाघाथे शश्लाधिध्वे शश्लाघे
शश्लाघिवहे शश्लाघिमहे श्लाघृ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) श्लाधिता
श्लाघितारौ श्लाघितारः श्लाघितासे श्लाघितासाथे श्लाघिताध्वे श्लाघिताहे
श्लाघितास्वहे श्लाघितास्महे श्लाघ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
श्लाघिष्यते श्लाघिष्येते श्लाघिष्यन्ते श्लाघिष्यसे श्लाघिष्येथे श्लाघियध्वे श्लाघिष्ये
श्लाघिष्यावहे श्लाघिष्यामहे श्लाघ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) श्लाघिषीष्ट
श्लाघिषीयास्ताम् श्लाघिषीरन् श्लाघिषीष्ठाः श्लाघिषीयास्थाम् श्लाघिषीढ्वम् श्लाघिषीय
श्लाघिषीवहि श्लाघिषीमहि श्लाघृ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्लाघिष्ट अश्लाघिषाताम् अश्लाघिषत अश्लाघिष्ठाः अश्लाघिषाथाम् अश्लाघिध्वम
अश्लाघिषि अश्लाघिष्वहि अश्लाघिष्महि श्लाघृ (कत्थने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्लाघिष्यत अश्लाघिष्येताम् अश्लाघिष्यन्त अश्लाघिष्यथाः अश्लाघिष्येथाम् अश्लाघिष्यध्वम्
अश्लाघिष्ये अश्लाघिष्यावहिं। अश्लाघिष्यामहि श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लट्) श्लिष्यति
श्लिष्यतः श्लिष्यन्ति शिलष्यसि
श्लिष्यथः श्लिष्यथ श्लिष्यामि श्लिष्यावः श्लिष्यामः
पीट
For Private and Personal Use Only
Page #714
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०३
श्लिष्यन्तु
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लोट्)
श्लिष्यतु श्लिष्यताम् श्लिष्य
श्लिष्यतम् श्लिष्यत श्लिष्यानि श्लिष्याव श्लिष्याम श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अश्लिष्यत् अश्लिष्यताम् अश्लिष्यन् अश्लिष्यः अश्लिष्यतम् अश्लिष्यत
अश्लिष्यम् अश्लिष्याव अश्लिष्याम श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
श्लिष्येत् श्लिष्येताम् श्लिष्येयुः श्लिष्येः श्लिष्येतम् श्लिष्येत
श्लिष्येयम् श्लिष्येव श्लिष्येम श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) शिश्लेष शिश्लिषतुः
शिश्लिषुः शिश्लेषिथ शिश्लिषथुः शिश्लिष
शिश्लेष शिश्लिषिव शिश्लिषिम श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) श्लेष्टा श्लेष्टारौ
श्लेष्टारः श्लेष्टासि
श्लेष्टास्थः श्लेष्टास्थ श्लेष्टास्मि श्लेष्टास्वः श्लेष्टास्मः श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
श्लेक्ष्यति श्लेक्ष्यतः श्लेक्ष्यन्ति श्लेक्ष्यसि
श्लेक्ष्यथः श्लेक्ष्यथ श्लेक्ष्यामि श्लेक्ष्यावः श्लेक्ष्यामः श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
श्लिष्यास्ताम् श्लिष्यासुः श्लिष्याः
श्लिष्यास्तम् श्लिष्यास्त श्लिष्यासम् श्लिष्यास्व श्लिष्यास्म
एले
श्लिष्यात्
For Private and Personal Use Only
Page #715
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्) अश्लिषत अश्लिषताम्
अश्लिषन् अश्लिषः
अश्लिषतम् अश्लिषत अश्लिषम् अश्लिषाव अश्लिषाम श्लिष (आलिङ्गने, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अश्लेक्ष्यत् अश्लेक्ष्यताम् अश्लेक्ष्यन् अश्लेक्ष्यः अश्लेक्ष्यतम् अश्लेक्ष्यत
अश्लेक्ष्यम् अश्लेक्ष्याव अश्लेक्ष्याम श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) श्लोकते श्लोकेते
श्लोकन्ते श्लोकसे
श्लोकेथे श्लोकध्वे श्लोके श्लोकावहे
श्लोकामहे श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
श्लोकताम् श्लोकेताम् श्लोकन्ताम् श्लोकस्व श्लोकेथाम् श्लोकध्वम् श्लोकै
श्लोकावहै श्लोकामहै श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अश्लोकत अश्लोकेताम् अश्लोकन्त अश्लोकथाः अश्लोकेथाम् अश्लोकध्वम्
अश्लोके अश्लोकावहिं अश्लोकामहि श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
श्लोकेत श्लोकेयाताम् श्लोकेरन श्लोकेथाः श्लोकेयाथाम् श्लोकेध्वम्
श्लोकेय श्लोकेवहि श्लोकेमहि श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) शुश्लोके
शुश्लोकाते शुश्लोकिरे शुश्लोकिषे शुश्लोकाथे शुश्लोकिध्वे
शुश्लोकिवहे शुश्लोकिमहे
शुश्लोके
For Private and Personal Use Only
Page #716
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०५
कितास
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लुट)
श्लोकिता श्लोकितारौ श्लोकितारः श्लोकितासे श्लोकितासाथे श्लोकितावे
श्लोकिताहे श्लोकितास्वहे श्लोकितास्महे श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
श्लोकिष्यते श्लोकिष्येते श्लोकिष्यन्ते श्लोकिष्यसे श्लोकिष्येथे श्लोकिष्यध्वे
श्लोकिष्ये श्लोकिष्यावहे श्लोकिष्यामहे श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ)
श्लोकिषीष्ट श्लोकिषीयास्ताम् श्लोकिषीरन् श्लोकिषीष्ठाः श्लोकिषीयास्थाम श्लोकिषीध्वम
श्लोकिषीय श्लोकिषीवहि श्लोकिषीमहि श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्लोकिष्ट अश्लोकिषाताम् अश्लोकिषत अश्लोकिष्ठाः अश्लोकिषाथाम् अश्लोकिढ़वम्
अश्लोकषि अश्लोकिष्वहि अश्लोकिष्महि श्लोक (संघाते । संघातो ग्रन्थः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अश्लोकिष्यत अश्लोकिष्येताम् अश्लोकिष्यन्त अश्लोकिष्यथाः अश्लोकिष्येथाम अश्लोकिष्यध्वम
अश्लोकिष्ये अश्लोकिष्यावहिं अश्लोकिष्यामहि श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लट्) श्वसिति श्वसितः
श्वसन्ति श्वसिषि श्वसिथः
श्वसिथ श्वसिमि श्वसिवः
श्वसिमः श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लोट्) श्वसितु श्वसिताम्
श्वसन्तु श्वसिहि श्वसितम
श्वसित श्वसानि श्वसाव
श्वसाम
For Private and Personal Use Only
Page #717
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्वस्याम
७०६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अश्वसत् अश्वसिताम्
अश्वसन् अश्वसीः
अश्वसितम् अश्वसित अश्वसम् अश्वसिव
अश्वसिम श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) श्वस्यात् श्वस्याताम्
श्वस्युः श्वस्याः श्वस्यातम्
श्वस्यात श्वस्याम्
श्वस्याव श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लिट) शश्वास शश्वसतुः
शश्वसुः शश्वसिथ शश्वसथुः
शश्वस शश्वास शश्वसिव
शश्वसिम श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लुट्) श्वसिता
श्वसितारौ श्वसितारः श्वसितासि श्वसितास्थः श्वसितास्थ
श्वसितास्मि श्वसितास्वः श्वसितास्मः श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लट्)
श्वसिष्यति श्वसिष्यतः श्वसिष्यन्ति श्वसिष्यसि श्वसिष्यथः श्वसिष्यथ
श्वसिष्यामि श्वसिष्यावः श्वसिष्यामः श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) श्वस्यात् श्वस्यास्ताम्
श्वस्यासुः श्वस्यास्तम्
श्वस्यास्त श्वस्यासम् श्वस्यास्व
श्वस्यास्म श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अश्वसीत् अश्वसिष्टाम् अश्वसिषुः अश्वसीः अश्वसिष्टम् अश्वसिष्ट अश्वसिषम् अश्वसिष्व अश्वसिष्म
श्वस्याः
For Private and Personal Use Only
Page #718
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०७
शुष्यति
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली श्वस (प्राणने, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अश्वसिष्यत् अश्वसिष्यताम् अश्वसिष्यन् अश्वसिष्यः अश्वसिष्यतम् अश्वसिष्यत
अश्वसिष्यम् अश्वसिष्याव अष्ख्याम शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
शुष्यतः
शुष्यन्ति शुष्यसि शुष्यथः
शुष्यथ शुष्यामि शुष्यावः
शुष्यामः शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लोट्) शुष्यतु शुष्यताम्
शुष्यन्तु शुष्य शुष्यतम्
शुष्यत शुष्याणि शुष्याव
शुष्याम शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अशुष्यत्
अशुष्यताम् अशुष्यन् अशुष्यः
अशुष्यतम् अशुष्यत अशुष्यम् अशुष्याव
अशुष्याम शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) शुष्येत्
शुष्येताम् शुष्येयुः शुष्येः
शुष्येतम् शुष्येत शुष्येयम् शुष्येव शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) शुशोष शुशुषतुः
शुशुषुः शुशोषिथ शुशुषथुः
शुशुष शुशोष शुशुषिव
शुशुषिम शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लुट्) शोष्टा
शोष्टारौ शोष्टासि
शोष्टास्थः शोष्टास्थ शोष्टास्मि शोष्टास्वः
शोष्टास्मः
शुष्येम
शोष्टारः
For Private and Personal Use Only
Page #719
--------------------------------------------------------------------------
________________
।
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७०८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
शोक्ष्यति शोक्ष्यतः शोक्ष्यन्ति शोक्ष्यसि शोक्ष्यथः
शोक्ष्यथ शोक्ष्यामि शोक्ष्यावः
शक्ष्यिामः शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) शुष्यात् शुष्यास्ताम्
शुष्यासुः शुष्याः शुष्यास्तम्
शुष्यास्त शुष्यासम् शुष्यास्व
शुष्यास्म शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लुङ) अशुषत् अशुषताम्
अशुषन् अशुषः अशुषतम्
अशुषत अशुषम् अशुषाव
अशुषाम शुष (शोषणे, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
अशोक्ष्यत् अशोक्ष्यताम् अशोक्ष्यन् अशोक्ष्यः
अशोक्ष्यतम अशोक्ष्यत अशोक्ष्यम् अशोक्ष्याव अशक्ष्यिाम शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) शाखति
शाखतः शाखसि शाखथः
शाखथ शाखामि शाखावः
शाखामः शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) शाखतु शाखताम्
शाखन्तु शाख शाखतम्
शाखत शाखानि
शाखाव शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अशाखत् अशाखताम् अशाखन् अशाखः अशाखतम्
अशाखत अशाखम अशाखाव
अशाखाम
शाखन्ति
शाखाम
For Private and Personal Use Only
Page #720
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
शाख (व्याप्ती, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
शाखेताम् शाखेत
शाखेव
षषाख
षषाखिथ
षषाख
शाखेत
शाखे:
शाखेयम्
शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
शाखिता
शाखितासि शाखितास्मि
Ad
षषाखतुः
षषाखथुः
षषाखिव
शाख (व्याप्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लुट् )
शाखिता
शाखितास्थः
शाखितास्वः
शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
शाखिष्यति
शाखिष्यसि
शाखिष्यामि
शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
शाख्यात्
शाख्याः
शाखिष्यतः
शाखिष्यथः
शाखिष्यावः
शाख्यास्ताम्
शाख्यास्तम् शाख्यास्व
शाख्यासम्
शाख (व्याप्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अशाखिष्टाम्
शाखिष्टम् अशाखिष्व
अशाखी
अशाखी: अशाखिषम्
शाख (व्याप्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अशाखिष्यत् अशाखिष्यताम् अशाखिष्यः'
अशाखिष्यतम
अशाखिष्यम्
अशाखिष्याव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
शाखेयुः शाखेत
शाखेम
षषाखुः
षषाख
षषाखिम
शाखिताः
शाखितास्थ
शाखितास्मः
शाखिष्यन्ति
शाखिष्यथ
शाखिष्यामः
शाख्यासुः
शाख्यास्त
शाख्यास्म
अशाखिषुः
अशाखिष्ट
अशाखिष्म
अशाखिष्यन् अशाखिष्यत
अशाखिष्याम
७०९
Page #721
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
७१२
शिक्ष (विद्योपादाने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
शिशिक्षे
शिशिक्षिषे शिशिक्षे
शिक्षिषीष्ट शिक्षिषीष्ठाः
शिक्षिषीय
www.kobatirth.org
शिशिक्षा शिशिक्षाथे
शिशिक्षिव
शिक्ष (विद्योपादाने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
शिक्षिता
शिक्षितारौ
शिक्षितासे शिक्षिता
शिक्षितासाथे शिक्षितास्व
शिक्ष (विद्योपादाने, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
शिक्षिष्यते
शिक्षिष्येते शिक्षिष्येथे
शिक्षिष्यसे
शिक्षिष्ये
शिक्षिष्याव
शिक्ष (विद्योपादाने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
शिक्षिषीयास्ताम् शिक्षिषीयास्थाम् शिक्षिषीवहि
अशिक्षिष्ट
अशिक्षिष्ठाः अशिक्षिषि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
शिक्ष (विद्योपादाने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशिक्षिषाताम्
अशिक्षिषाथाम् अशिक्षिष्वहि
›
शेते
शेषे
शये
शिक्ष (विद्योपादाने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशिक्षिष्यत
अशिक्षिष्येताम्
अशिक्षिष्येथाम्
अशिक्षिष्यथाः अशिक्षिष्ये
अशिक्षिष्यावहि
शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लट्)
शयाते
शयाथे
शेवहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
शिशिक्षिरे शिशिक्षिध्वे शिशिक्षिमहे
शिक्षितारः
शिक्षिताध्वे
शिक्षितास्महे
शिक्षिष्यन्ते
शिक्षिष्यध्वे
शिक्षिष्यामहे
शिक्षिषीरन् शिक्षिषीध्वम्
शिक्षिषीमहि
अशिक्षिषत
अशिक्षिध्वम्
अशिक्षिष्महि
अशिक्षिष्यन्त
अशिक्षिष्यध्वम् अशिक्षिष्यामहि
शेरते
शेध्वे
शेमहे
Page #722
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७१३
शेताम्
शयै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लोट्)
शयाताम्
शेरताम् शेष्व शयाथाम्
शेध्वम् शयावहै
शयामहै शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लङ्) अशेत अशयाताम्
अशेरत अशेथाः
अशेयाथाम अशेध्वम् अशेयि अशेवहि
अशेमहि शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) शयीत शयीयाताम्
शयीरन् शयीथाः शयीयाथाम् शयीध्वम् शयीय शयीवहि
शयीमहि शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लिट्) शिश्ये
शिश्याते शिश्यिरे शिश्यिषे शिश्याथे
शिश्यिध्वे
शिश्यिवहे शिश्यिमहे शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लुट्) शयिता शयितारौ
शयितारः शयितासे शयितासाथे शयिताध्वे
शयिताहे शयितास्वहे शयितास्महे शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लट्) शयिष्यते शयिष्येते
शयिष्यन्ते शयिष्यसे शयिष्येथे
शयिष्यध्वे शयिष्ये
शयिष्यावहे शयिष्यामहे शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
शयिषीष्ट शयिषीयाप्ताम् शयिषीरन् शयिषीष्ठाः
शयिषीयास्थाम शयिषीध्वम शयिषीय
शयिषीवहि शयिषीमहि
शिश्ये
For Private and Personal Use Only
Page #723
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७१४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशयिष्ट अशयिषाताम् अशयिषत अशयिष्ठाः अशयिषाथाम् अशयिध्वम् अशयिषि
अशयिष्वहि अशयिष्महि शीङ् (स्वप्ने, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अशयिष्यत अशयिष्येताम् अशयिष्यन्त अशयिष्यथाः अशयिष्येथाम् अशयिष्यध्वम्
अशयिष्ये अशयिष्यावहि अशयिष्यामहि घुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लट्) सुनोति सुनुतः
सुन्वन्ति सुनोषि सुनुथः
सुनुथ सुनोमि सुनुवः
सुनुमः षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लोट) सुनोतु सुनुताम्
सुन्वन्तु सुनु सुनुतम्
सुनुत सुनवानि सुनवाव
सुनवाम षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लङ्) असुनोत् असुनुताम्
असुन्वन् असुनोः असुनुतम
असुनुत असुनवम् असुनुव
असुनुम घुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) सुनुयात् सुनुयाताम्
सुनुयुः सुनुयाः सुनुयातम्
सुनुयात सुनुयाम् सुनुयाव
सुनुयाम षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लिट्) सुषाव
सुषुवतुः सुषविथ सुषुवथुः
सुषुव सुषाव
सुषुविव
सुषुवुः
सुषुविम
For Private and Personal Use Only
Page #724
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लुट् )
सोता
सोतारौ
सोतास सोतास्मि
सोतास्थः सोतास्वः
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लृट्)
सोष्यति
सोष्यतः
सोष्यसि
सोष्यथः
सोयाम
सोष्यावः
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
सूयात्
सूयाः
सूयासम्
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
सूयास्ताम्
सूयास्तम्
सूयास्व
सुनुताम्
सुनुष्व सुनवै
असावीत
असावीः
असाविषम्
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
असोष्यत्
असोष्यः
असोष्यम्
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने,
सुन्वाते
सुनुते सुनुषे सुन्वे
सुन्वा
सुनुव
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लोट्)
असाविष्टाम् असाविष्टम्
असाविष्व
असोष्यताम्
असोष्यतम्
असोष्याव
लट्)
सुन्वाताम्
सुन्वाथाम्
सुनवावहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
सोतारः
सोतास्थ
सोतास्मः
सोष्यन्ति
सोष्यथ
सोष्यामः
सूयासुः
सूयास्त
सूयास्म
असाविषुः असाविष्ट
असाविष्म
असोष्यन् असोष्यत
असोष्याम
सुन्वते
सुनुध्वे
सुनुमहे
सुन्वताम् सुनुध्वम्
सुनवामहै
७१५
Page #725
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सुन्वीमहि
सुषुवे सुषुविषे
सुषुविध्वे
७१६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लङ्) असुनुत
असुन्वाताम् असुन्वत असुनुथाः असुन्वाथाम् असुनुध्वम्
असुन्वि असुनुवहि असुनुमहि षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सुन्वीत सुन्वीयाताम् सुन्वीरन् सुन्वीथाः सुन्वीयाथाम् सुन्वीध्वम् सुन्वीय
सुन्वीवहि षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लिट)
सुषुवाते
सुषुविरे सुषुवाथे सुषुवे सुषुविवहे
सुषुविमहे षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लुट) सोता सोतारौ
सोतारः सोतासे
सोतासाथे सोताध्वे सोताहे सोतास्वहे
सोतास्महे षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लट्) सोष्यते सोध्येते
सोष्यन्ते सोष्यसे सोयेथे
सोष्यध्वे सोष्ये सोष्यावहे
सोष्यामहे षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) सोषीष्ट
सोषीयास्ताम् सोषीरन् सोषीष्ठाः
सोषीयास्थाम सोषीध्वम्
सोषीवहि सोषीमहि षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्) असोष्ट
असोषाताम् असोषत असोष्ठाः
असोषाथाम् असोढ्वम् असोषि असोष्वहि
असोष्महि
सोषीय
For Private and Personal Use Only
Page #726
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
षुञ् (अभिषवे, स्वादिगण, आत्मने, लृङ्)
असोष्यत
असोष्यथाः असोष्ये
www.kobatirth.org
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लट्)
स्तौति
स्तौषि
स्तौमि
स्तौतु
स्तुि स्तवानि
स्तुतः
स्तुथः
स्तुवः
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लोट्)
असोष्येताम
असोष्येथाम् असोष्यावहि
तुष्टाव तुष्टोथ
तुष्टाव
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्तौत्
अस्तुताम्
अस्तौः
अस्तुतम्
अस्तवम्
अस्तुव
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्तुताम्
स्तुतम्
स्तवाव
स्तुयात्
स्तुयाताम्
स्तुयाः
स्तुयातम्
स्तुयाम्
स्तुयाव
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लिट्)
स्तोता
स्तोतास
स्तोतास्मि
तुष्टुवतुः
तुष्टुवथुः
तुष्टुव
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लुट्)
स्तोतारौ
स्तोतास्थः
स्तोतास्वः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
असोष्यन्त
असोष्यध्वम
असोष्यामहि
स्तुवन्ति
स्तुथ
स्तुमः
स्तुवन्तु
स्तुत
स्तवाम
अस्तुवन्
अस्तुत
अस्तुम
स्तुयुः
स्तुयात
स्तुयाम
तुष्टुवुः
तुष्टुव
तुष्टु
स्तोतारः
स्तोतास्थ
स्तोतास्मः
७१७
Page #727
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७१८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लट्) स्तोष्यति
स्तोष्यतः स्तोष्यन्ति स्तोष्यसि
स्तोष्यथः स्तोष्यथ स्तोष्यामि स्तोष्यावः स्तोष्यामः ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्तूयात
स्तूयास्ताम् स्तूयासुः स्तूयाः स्तूयास्तम्
स्तूयास्त स्तूयासम् स्तूयास्व स्तूयास्म ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्तावीत् अस्ताविष्टाम अस्ताविषुः अस्तावीः अस्ताविष्टम् अस्ताविष्ट
अस्ताविषम् अस्ताविष्व अस्ताविष्म ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्तोष्यत् अस्तोष्यताम् अस्तोष्यन् अस्तोष्यः
अस्तोष्यतम् अस्तोष्यत अस्तोष्यम् अस्तोष्याव अस्तोष्याम ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लट्) स्तुते
स्तुवाते स्तुषे
स्तुवाथै स्तुवे स्तुवहे
स्तुमहे ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लोट) स्तुताम् स्तुवाताम
स्तुवताम् स्तुष्व
स्तुवाथाम् स्तुध्वम् स्तवै स्तवावहै
स्तवामहै ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लङ्) अस्तुत
अस्तवाताम् अस्तवत अस्तुथाः अस्तवाथाम् अस्तवध्वम् अस्तवै
अस्तवावहि अस्तवामहि
स्तुवते
स्तुध्वे
For Private and Personal Use Only
Page #728
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
तुष्टुवे तुष्टुवषे तुष्टुवे
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्तुवीत स्तुवीथाः स्तुवीय
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लिट्)
स्तुवीयाताम् स्तुवीयाथाम् स्तुवीवहि
तुष्टवाते तुष्टुवाथे तुष्टविवहे
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लुट् )
स्तोता
स्तोतारौ स्तोतासाथे
स्तोतासि
स्तोता
स्तोतास्व
अ
अ
अ
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लट्)
स्तोष्यते
स्तोष्यसे
स्तोष्ये
स्तोष्येते
स्तोष्येथे
स्तोष्यावहे
ष्टुम् (स्तुतौ अदादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
स्तोषीष्ट
स्तोषीष्ठाः स्तोषीय
ष्टुञ् (स्तुतौ, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
तोषीयाताम्
स्तोषीयाथाम् स्तोषीवहि
अ
अ
अ
ष्टुञ् (स्तुतौ अदादिगण, आत्मने, लुङ)
अस्तोष्यत
अस्तोष्यथाः
अस्तोष्ये
अस्तोष्येताम्
अस्तोष्येथाम अस्तोष्यावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्तुवीरन् स्तुवध्वम्
स्व
तुष्टुवरे तुष्टविध्वे
तुष्टुवम
स्तोतारः
स्तोताध्वे
स्तोतास्महे
स्तोष्यन्ते
स्तोष्यध्वे
स्तोष्यामहे
स्तोषीरन
स्तोषीध्वम् तोषीमहि
अ
अ
अ
अस्तोष्यन्त अस्तोष्यध्वम्
अस्तोष्यामहि
७१९
Page #729
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
तिष्ठति
तिष्ठसि
तिष्ठामि
www.kobatirth.org
७२०
ष्ठा गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
तिष्ठतः
तिष्ठथः
तिष्ठावः
ष्ठा गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
तिष्ठताम् तिष्ठतम्
तिष्ठाव
तिष्ठतु
तिष्ठ तिष्ठान
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
ष्ठा गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अतिष्ठत् अतिष्ठः
अतिष्ठताम्
अतिष्ठतम
अतिष्ठम्
अतिष्ठाव
ष्ठा गतिनिवृत्तौ भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
तिष्ठेत
तिष्ठेः
तिष्ठेयम्
ष्ठा (गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट् )
तस्थौ
तस्थिथ
तस्थौ
तिष्ठेताम्
तिष्ठे
तिष्ठेव
तस्थतुः
तस्थथुः
तस्थिव
ष्ठा गतिनिवृत्तौ भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
स्थाता
स्थातारौ
स्थातासि
स्थातास्थः
स्थातास्मि
स्थातास्वः
ष्ठा गतिनिवृत्ती, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्थास्यति
स्थास्यसि
स्थास्यामि
स्थास्यतः
स्थास्यथः
स्थास्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
तिष्ठन्ति
तिष्ठथ
तिष्ठामः
तिष्ठन्तु
तिष्ठत
तिष्ठाम
अतिष्ठन्
अतिष्ठत
अतिष्ठाम
तिष्ठेयुः
तिष्ठेत
तिष्ठेम
तस्थुः
तस्थ
तस्थिम
स्थातारः
स्थातास्थ
स्थातास्मः
स्थास्यन्ति
स्थास्यथ स्थास्यामः
Page #730
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
www.kobatirth.org
ष्ठा (गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्थेयात् स्थेयाः
स्थेयास्ताम् स्थेयास्तम्
स्थेयासम्
स्थेयास्व
ष्ठा (गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
ष्ठीवति
ष्ठीवसि
ष्ठीवामि
अस्थात्
अस्थाः
अस्थाम्
ष्ठा गतिनिवृत्तौ, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
-
अस्थास्यत्
अस्थास्यः
अस्थास्यम्
ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
ष्ठीवतः
ठीवथः
ष्ठीवाव:
ष्ठीवतु
ष्ठीव ष्ठीवानि
अस्थाताम्
अस्थातम् .
अस्थाव
ष्ठीवेत
ष्ठीवे:
ष्ठीवेयम्
अस्थास्यताम्
अस्थास्यतम्
अस्थास्याव
ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
ष्ठीवताम्
ष्ठीवतम्
ष्ठीवाव
ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अष्ठीवत् अष्ठीवः
अष्ठीवम्
ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
ष्ठीवेताम्
ष्ठीवेम्
ष्ठीवेव
अष्ठीवताम्
अम्
अष्ठीवाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्थेयासुः स्थेयास्त
स्थेयास्म
अस्थुः
अस्थात
अस्थाम
अस्थास्यन्
अस्थास्यत
अस्थास्याम
ष्ठीवन्ति
ष्ठीवथ
ष्ठीवामः
ष्ठीवन्तु
ष्ठीवत
ष्ठीवाम
अष्ठीवन
अष्ठीवत
अष्ठीवाम
ष्ठीवेयुः ष्ठीवेत
श्रीवेम
७२१
Page #731
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
तिष्ठिवतुः
७२२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) तिष्ठेव
तिष्ठिवः तिष्ठेविथ तिष्ठेवथुः
तिष्ठेव तिष्ठेव तिष्ठिविव
तिष्ठिविम ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) ष्ठेविता
ष्ठेवितारौ ष्ठेवितारः ष्ठेवितासि ष्ठेवितास्थः ष्ठेवितास्थ
ष्ठेवितास्मि ष्ठेवितास्वः ष्ठेवितास्मः ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) ष्ठेविष्यति
ष्ठेविष्यतः ष्ठेविष्यन्ति ष्ठेविष्यसि ष्ठेविष्यथः ष्ठेविष्यथ
ठेविष्यामि ष्ठेविष्यावः ष्ठेविष्यामः ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
ष्ठीव्यात् ष्ठीव्यास्ताम् ष्ठीव्याः
ष्ठीव्यास्तम् ष्ठीव्यास्त ष्ठीव्यासम् ष्ठीव्यास्व
ष्ठीव्यास्म ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अष्ठेवीत्
अष्ठेविष्टाम् अष्ठेविषुः अष्ठेवीः अष्ठेविष्टम्
अष्ठेविष्ट अष्ठेविषम् अष्ठेविष्व
अष्ठेविष्म ष्ठिवु (निरसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अष्ठेविष्यत् अष्ठेविष्यताम् अष्ठेविष्यन् अष्ठेविष्यः अष्ठेविष्यतम्
अष्ठेविष्यत अष्ठेविष्यम् अष्ठेविष्याव अष्ठेविष्याम ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लट्) स्नाति स्नातः
स्नान्ति स्नासि स्नाथः
स्नाथ स्नामि
स्नामः
ष्ठीव्यासुः
स्नावः
For Private and Personal Use Only
Page #732
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७२३
स्नाहि
स्नायाम
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लोट्) स्नातु स्नाताम्
स्नान्तु स्नातम्
स्नात स्नानि
स्नाव ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लङ्) अस्नात् अस्नाताम्
अस्नान् अस्नाः अस्नातम्
अस्नात अस्नाम् अस्नाव
अस्नाम ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्नायात स्नायाताम्
स्नायुः स्नायाः स्नायात
स्नायात स्नायाम्
स्नायाव ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लिट्) सस्नौ
सस्नतुः सस्नुः सस्निथ सस्नथुः
सस्न सस्नौ सस्निव
सस्निम ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लुट्) स्नाता स्नातारौ
स्नातारः स्नातासि स्नातास्थः
स्नातास्थ स्नातास्मि स्नातास्वः ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लट्) स्नास्यति स्नास्यतः
स्नास्यन्ति स्नास्यसि
स्नास्यथः स्नास्यामि स्नास्यावः
स्नास्यामः ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्नायात् स्नायास्ताम्
स्नायासुः स्नायाः
स्नायास्तम् स्नायास्त स्नायासम् स्नायास्व
स्नायास्म
स्नातास्मः
स्नास्यथ
For Private and Personal Use Only
Page #733
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अस्नास्यः
अस्नास्यत अस्नास्याम
स्निह्यतः
७२४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्नासीत् अस्नासिष्टाम् अस्नासिषु: अस्नासी: अस्नासिष्टम अस्नासिष्ट
अस्नासिषम् अस्नासिष्व अस्नासिष्म ष्णा (शौचे, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अस्नास्यत् अस्नास्यताम अस्नास्यन
अस्नास्यतम अस्नास्यम् अस्नास्याव ष्णिह (प्रीती, दिवादिगण, परस्मै, लट्) स्निह्यति
स्निह्यन्ति स्निह्यसि स्निह्यथः स्निह्यथ स्निह्यामि
स्निह्यावः स्निह्यामः ष्णिह (प्रीतौ, दिवादिगण, परस्मै, लोट्)
स्निह्यतु स्निह्यताम् स्निह्य
स्निह्यतम स्निह्यत स्निह्यानि स्निह्याव
स्निह्याम ष्णिह (प्रीतौ, दिवादिगण, परस्मै, लङ्) अस्निह्यत् अस्निह्यताम्
अस्निह्यन् अस्निह्यः
अस्निह्यतम् अस्निात अस्निह्यम् अस्निह्याव
अस्निह्याम ष्णिह (प्रीती, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्निह्येत् स्निह्येताम् स्निह्येयुः स्निहोः
स्निह्येतम् स्निह्येत स्निह्येयम् स्निह्येव
स्निह्येम ष्णिह (प्रीतौ, दिवादिगण, परस्मै, लिट्) सिष्णेह
सिष्णिहतुः सिष्णिहुः सिष्णेहिथ सिष्णिहथुः
सिष्णिह सिष्णेह
सिष्णेहिव सिष्णेहिम
स्निह्यन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #734
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७२५
स्निह्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ष्णिह (प्रीतौ, दिवादिगण, परस्मै, लुट्)
स्नेहिता स्नेहितारौ स्नेहितारः स्नेहितासि स्नेहितास्थः स्नेहितास्थ
स्नेहितास्मि स्नेहितास्वः स्नेहितास्मः ष्णिह (प्रीतौ, दिवादिगण, परस्मै, लट्)
स्नेहिष्यति स्नेहिष्यतः स्नेहिष्यन्ति स्नेहिष्यसि स्नेहिष्यथः स्नेहिष्यथ
स्नेहिष्यामि स्नेहिष्यावः स्नेहिष्यामः ष्णिह (प्रीतौ, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्निह्यात् स्निह्यास्ताम स्निह्याः
स्निह्यास्तम स्निह्यास्त स्निह्यासम् स्निह्यास्व स्निह्यास्म ष्णिह (प्रीती, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्निहत् अस्निहताम् अस्निहन् अस्निहः
अस्निहतम् अस्निहत अस्निहम्
अस्निहाव अस्निहाम ष्णिह (प्रीती, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्नेहिष्यत् अस्नेहिष्यताम अस्नेहिष्यन् अस्नेहिष्यः अस्नेहिष्यतम् अस्नेहिष्यत
अस्नेहिष्यम् अस्नेहिष्याव अस्नेहिष्याम ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
स्नेहयति स्नेहयतः स्नेहयन्ति स्नेहयसि स्नेहयथः स्नेहयथ
स्नेहयामि स्नेहयावः स्नेहयामः ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) स्नेहयतु
स्नेहयताम स्नेहय
स्नेहयतम् स्नेहयत स्नेहयानि स्नेहयाव
स्नेहयाम
स्नेहयन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #735
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
७२६
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्नेहयत् अस्नेहयः अस्नेहयम्
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्नेहयेत्
स्नेहयेः स्नेहयेयम्
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
स्नेहयाञ्चकार स्नेहयाञ्चकर्थ
स्नेहयाञ्चकार
असिष्णिहत् असिष्णिहः' असिष्णिहम्
अस्नेहयताम्
अस्नेहयतम् अस्नेहयाव
स्नेहयेताम्
स्नेहयेतम् स्नेहयेव
स्नेहयाञ्चक्रतुः
स्नेहयाञ्चक्रथुः
स्नेहयाञ्चकृव
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
स्नेहयितारौ
स्नेहयिता स्नेहयितासि
स्नेहयितास्थः
स्नेहयितास्मि
स्नेहयितास्वः
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
स्नेहयिष्यति
स्नेहयिष्यसि स्नेहयिष्यामि स्नेहयिष्यावः
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्नेह्यात् स्नेह्याः स्नेह्यासम्
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
स्नेहयिष्यतः
स्नेहयिष्यथः
स्नेह्यास्ताम्
स्नेह्यास्तम्
स्नेह्यास्व
असिष्णिहताम असिष्णिहम् असिष्णिहाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अस्नेहयन अस्नेहयत
अस्नेहयाम
स्नेहयेयुः
स्नेहयेत
स्नेहम
स्नेहयाञ्चक्रुः स्नेहयाञ्चक्र
स्नेहयाञ्चक्रम
स्नेहयितारः
स्नेहयितास्थ
स्नेहयितास्मः
स्नेहयिष्यन्ति
स्नेहयिष्यथ
स्नेहयिष्यामः
स्नेह्यासुः स्नेह्यास्त
स्नेह्यास्म
असिष्णिहन
असिष्णिह असिष्णिहाम
Page #736
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्नेहयिष्यताम्
अस्नेहयिष्यत् अस्नेहविष्यः अस्नेहयिष्यम्
अस्नेहयिष्यतम
अस्नेहविष्याव
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
स्नेहयते
स्नेहयेते
स्नेहयेथे
स्नेहयसे स्नेहये
स्नेहयावहे
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
स्नेहयताम्
स्नेहयस्व
स्नेहयै
स्नेहयेताम्
स्नेहयेथाम
स्नेहयाव
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्नेहयत
अस्नेहयथाः अस्नेहये
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्नेहयेत
स्नेहयेयाताम्
स्नेहयेथाः स्नेहयेय
स्नेहयेयाथाम् स्नेहयेवहि
अस्नेहयेताम्
अस्नेहये थाम् अस्नेहयावहि
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
स्नेहयाञ्चक्रे
स्नेहयाञ्चकृषे स्नेहयाञ्चक्रे
स्नेहयिता
स्नेहयितासे स्नेहयिता
स्नेहयाञ्चक्राते
स्नेहयाञ्चक्राथे
स्नेहयाञ्चकवहे
ष्णिह (स्नेहने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
स्नेहयितारौ स्नेहयितासाथे स्नेहयितास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अस्नेहयिष्यन् अस्नेहयिष्यत
अस्नेहयिष्याम
स्नेहयन्ते
स्नेहयध्वे
स्नेहयामहे
स्नेहयन्ताम् स्नेहयध्वम्
स्नेहयामहै
अस्नेहयन्त अस्नेहयध्वम
अस्नेहामहि
स्नेहयेरन स्नेहयेध्वम्
स्नेह महि
स्नेहयाञ्चक्रिरे स्नेहयाञ्चकृढ़वे स्नेहयाञ्चकमहे
स्नेहयितारः
स्नेहयिताध्वे स्नेहयितास्महे
७२७
Page #737
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सीदन्ति
सीदतु
सीदताम्
७३० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) सीदति
सीदतः सीदसि सीदथः
सीदथ सीदामि सीदावः
सीदामः षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
सीदन्तु सीद सीदतम्
सीदत सीदानि सीदाव
सीदाम षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) असीदत्
असीदताम् असीदन् असीदः
असीदतम् असीदत असीदम् असीदाव असीदाम षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) सीदेत्
सीदेताम् सीदेः सीदेतम्
सीदेत सीदेयम् सीदेव
सीदेम षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ससाद सेदतुः
सेदुः सेदिथ
सेदथुः ससाद
सेदिम षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) सत्ता सत्तारौ
सत्तारः सत्तासि सत्तास्थः
सत्तास्थ सत्तास्मि सत्तास्वः
सत्तास्मः षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) सत्स्यति सत्स्यतः
सत्स्यन्ति सत्स्यसि सत्स्यथः
सत्स्यथ सत्स्यामि सत्स्यावः
सत्स्यामः
सीदेयुः
सेद
सेदिव
For Private and Personal Use Only
Page #738
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
सद्यात्
सद्याः
सद्यासम्
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
सद्यास्ताम्
सद्यासुः
सद्यास्तम्
सद्यास्त
सद्यास्व
सद्यास्म
षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
असदताम्
असदतम्
असदाव
षद् (विशरणगत्यावसादनेषु, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ्)
असत्स्यताम्
असत्स्यतम्
असत्स्याव
असदत्
असदः
असदम्
असत्स्यत्
असत्स्यः
असत्स्यम्
www.kobatirth.org
षूद (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
सूदेते सूदेथे
सूदाव
सू
सूदसे सूदे
षूद (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
असूदत
असूदथाः असूदे
सूदताम्
सूदस्व
सूदै
षूद (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
सूदेताम्
सूदेथाम्
सूदा
असूदेताम् असूदेथाम्
असूद
षूद (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सूदेत
सूदेथाः सूदेय
सूदेयाताम्
सूदेयाथाम् सुदेवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
असदन्
असदत
असदाम
असत्स्यन् असत्स्यत
अभरिष्याम
सूदन्ते
सूदध्वे
सूदा
सूदन्ताम् सूदध्वम्
सूदा है
असूदन्त असूदध्वम्
असू
सूदेरन् सूदेध्वम् सूदेमहि
७३१
Page #739
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
सूदिता सूदितासे सूदिताहे
७३२
षूद ( क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट् )
सुषूदे सुषूदिषे सुषूदे
षूद ( क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने,
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
सुषूदाते
सुषूदा
सुषूदिव
सूदितारौ
सूदितासाथे सूदितास्वहे
लुट्)
षूद (क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
सूदिष्यते सूदिष्यसे सूदिष्ये
षूद ( क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
सूदिष्येते सूदिष्येथे सूदिष्याव
"
सूदिषीष्ट सूदिषीष्ठाः सूदिषीय
षूद ( क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
सूदिषीयास्ताम् सूदिषीयास्थाम् सूदिषीवहि
असूदिष्ट
असूदिष्ठाः असूदिषि
षूद ( क्षरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
असूदिषाताम् असूदिषाथाम् असूदिष्वहि
असूदिष्येताम्
असूदिष्यत असूदिष्यथाः असूदिष्ये
असूदिष्येथाम् असू
षेव ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
सेवते
सेवसे
सेवे
सेवेते
सेवेथे
सेवाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
सुषूदिरे सुषूदिध्वे
सुषूद
सूदितार:
सूदिता सूदितास्महे
सूदिष्यन्ते
सूदिष्यध्वे सूदिष्यामहे
सूदिषीरन् सूदिषीध्वम्
सू
असूदिषत असूदिध्वम्
असूदिष्महि
असूदिष्यन्त असूदिष्यध्वम्
असूदिष्या महि
सेवन्ते
सेवध्वे
सेवामहे
Page #740
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
षेवृ ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
सेवताम्
सेवस्व
सेवै
सेवेताम्
सेवेथाम
सेवा है
षेवृ ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने,
असेवत
असेवथा: असेवे
लङ्)
असेवेताम्
असेवेथाम
असे वावहि
षेवृ ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सेवेत
सेवेथाः
सेवेय
सेवेयाताम्
सेवेयाथाम्
सेवेवहि
षेवृ ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
सिषेवे
सिषेविषे
सिषेवे
सिषेवा
सिषेवाथे
सिषेविव
षेव ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
सेविता
सेवितासे
सेविता
सेवितारौ
सेवितासा
सेवितास्वहे
ऌट्)
षेवृ (सेवने, भ्वादिगण, आत्मने,
सेविष्यते
सेविष्यसे
सेविष्ये
षेव ( सेवने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
सेविषीष्ट
सेविषीष्ठाः
सेविषीय
सेविष्येते
सेविष्येथे
सेविष्याव
सेविषीयास्ताम
सेविषीयास्थाम् विषीवहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
सेवन्ताम
सेध्वम्
सेवामहै
असेवन्त
असेवध्वम् असे वामहि
सेवेरन् सेवेध्वम्
सेवेम
सिषेविरे
सिषेविध्वे
सिषेवि
सेवितारः
सेविता
सेवितास्महे
सेविष्यन्ते सेविष्यध्वे
सेविष्यामहे
सेविषीरन् सेविषीध्वम
सेविषीमहि
७३३
Page #741
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्वदेथे
७३४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षेत (सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
असेविष्ट असेविषाताम् असेविषत असे विष्ठाः असेविषाथाम् असेविड्ढवम्
असेविषि असेविष्वहि असेविष्महि षेव (सेवने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
असेविष्यत असेविष्येताम् असेविष्यन्त असेविष्यथाः असेविष्येथाम् असेविष्यध्वम
असेविष्ये असेविष्यावहि असेविष्यामहि ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) स्वदते स्वदेते
स्वदन्ते स्वदसे
स्वदध्वे स्वदे स्वदावहे
स्वदामहे ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) स्वदताम् स्वदेताम
स्वदन्ताम् स्वदस्व स्वदेथाम्
स्वदध्वम् स्वदै स्वदावहै
स्वदामहै ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अस्वदत
अस्वदेताम् अस्वदन्त अस्वदथाः अस्वदेथाम्
अस्वदध्वम् अस्वदे
अस्वदावहि अस्वदामहि ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) स्वदेत
स्वदेयाताम् स्वदेरन् स्वदेथाः स्वदेयाथाम् स्वदेध्वम् स्वदेय स्वदेवहि
स्वदेमहि ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) सस्वदे
सस्वदाते सस्वदिरे सस्वदिषे
सस्वदाथे सस्वदिध्वे सस्वदे सस्वदिवहे
सस्वदिमहे
स्वद
For Private and Personal Use Only
Page #742
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्वदिता स्वदितासे स्वदिताहे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली
ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
स्वदितारी
स्वदितासाथे स्वदितास्वहे
www.kobatirth.org
ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्वदिष्येते
स्वदिष्येथे
स्वदिष्याव
ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
स्वदिष्यते
स्वदिष्यसे स्वदिष्ये
स्वदिषीष्ट
स्वदिषीयास्ताम् स्वदिषीयास्थाम्
स्वदिषीष्ठाः
स्वदिषीय
स्वदिषीवहि
ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्वदिष्ट
अस्वदिष्ठाः अस्वदिषि
अस्वदिषाताम्
अस्वदिषाथाम
अस्वदिष्वहि
ष्वद (आश्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लृङ् )
अस्वदिष्यत
अस्वदिष्येताम्
अस्वदिष्येथाम्
अस्वदिष्यथाः अस्वदिष्ये
अस्वदिष्यावहि
सहताम्
सहस्व
सहै
वह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
सहते
सहसे
सहे
वह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
सहे
सहेथे
सहाव
सहेताम्
साम
सहावहै
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्वदितारः स्वदिताध्वे
स्वदितास्महे
स्वदिष्यन्ते
स्वदिष्यध्वे
स्वदिष्यामहे
स्वदिषीरन् स्वदिषीध्वम
स्वदिषीमहि
अस्वदिषत
अस्वदिध्वम्
अस्वदिष्महि
अस्वदिष्यन्त
अस्वदिष्यध्वम
अस्वदिष्यामहि
सहन्ते
सहवे
सहामहे
सहन्ताम्
सहध्वम्
सहामह
७३५
Page #743
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सेहे
सेहिरे
७३६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) असहत
असहेताम् असहन्त असहथाः असहेथाम
असहध्वम् असहे
असहावहि असहामहि षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) सहेत
सहेयाताम् सहेरन् सहेथाः
सहेयाथाम सहेध्वम् सहेय सहेवहि
सहेमहि षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
सेहाते सेहिषे सेहाथे
सेहिध्वे सेहे
सेहिवहे सेहिमहे षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) सहिता सहितारौ
सहितारः सहितासे सहितासाथे सहिताध्वे
सहितासे सहितास्वहे सहितास्महे षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) सहिष्यते
सहिष्येते सहिष्यन्ते सहिष्यसे सहिष्येथे
सहिष्यध्वे सहिष्ये
सहिष्यावहे सहिष्यामहे षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
सहिषीष्ट सहिषीयास्ताम् सहिषीरन् सहिषीष्ठाः सहिषीयास्थाम सहिषीध्वम सहिषीय
सहिषीवहि सहिषीमहि षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) असहिष्ट
असहिषाताम् असहिषत असहिष्ठाः
असहिषाथाम असहिढ्वम् असहिषि
असहिष्वहि असहिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #744
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७३७
सान्त्वयत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षह (मर्षणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
असहिष्यत असहिष्येताम् असहिष्यन्त असहिष्यथाः असहिष्येथाम असहिष्यध्वम
असहिष्ये असहिष्यावहि असहिष्यामहि घान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
सान्त्वयति सान्त्वयतः सान्त्वयन्ति सान्त्वयसि सान्त्वयथः
सान्त्वयथ सान्त्वयामि सान्त्वयावः सान्त्वयामः षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) सान्त्वयतु
सान्त्वयताम् सान्त्वयन्तु सान्त्वय
सान्त्वयतम् सान्त्वयानि सान्त्वयाव सान्त्वयाम षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
असान्त्वयत् असान्त्वयताम् असान्त्वयन असान्त्वयः असान्त्वयतम् असान्त्वयत
असान्त्वयम् असान्त्वयाव असान्त्वयाम षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) सान्त्वयेत
सान्त्वयेताम् सान्त्वयेयुः सान्त्वयेः
सान्त्वयेतम सान्त्वयेत सान्त्वयेयम् सान्त्वयेव
सान्त्वयेम षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
सान्त्वयाञ्चकार सान्त्वयाञ्चक्रतुः सान्त्वयाञ्चक्रुः सान्त्वयाञ्चकर्थ सान्त्वयाञ्चक्रथुः सान्त्वयाञ्चक्र
सान्त्वयाञ्चकार सान्त्वयाञ्चकृव सान्त्वयाञ्चकृम षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लुट)
सान्त्वयिता सान्त्वयितारौ सान्त्वयितारः सान्त्वयितासि
सान्त्वयितास्थ सान्त्वयितास्मि सान्त्वयितास्वः
स
म:
For Private and Personal Use Only
Page #745
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
७३८
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लृट्)
सान्त्वयिष्यति
सान्त्वयिष्यतः सान्त्वयिष्यथः
सान्त्वयिष्यसि सान्त्वयिष्यामि
सान्त्वयिष्यावः
अससान्त्वत्
अससान्त्वः
अससान्त्वम्
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
सान्त्व्यात्
सान्त्व्याः
सान्त्व्यासम्
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
सान्त्व्यास्ताम्
सान्त्व्यास्तम्
सान्त्व्यास्व
असान्त्वयत
असान्त्वयथाः
असान्त्वये
अससान्त्वताम्
अससान्त्वतम्
अससान्त्वाव
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, परस्मै, लृङ् )
असान्त्वयिष्यत् असान्त्वयिष्यताम् असान्त्वयिष्यः असान्त्वयिष्यम् असान्त्वयिष्याव
असान्त्वयिष्यतम्
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
सान्त्वय सान्त्वयसे सान्त्वये
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
सान्त्वयताम्
सान्त्वयस्व सान्त्वयै
सान्त्वयेते
सान्त्वयेथे
सान्त्वयावहे
सान्त्वयेताम्
सान्त्वयेथस्व
सान्त्वयावहै
षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
असान्त्वयेताम्
असान्त्वयेथाम असान्त्वयावहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
सान्त्वयिष्यन्ति सान्त्वयिष्यथ
सान्त्वयिष्यामः
सान्त्व्यासुः
सान्त्व्यास्त
सान्त्व्यास्म
अससान्त्वन् अससान्त्वत
अससान्त्वाम
असान्त्वयिष्यन् असान्त्वयिष्यत
असान्त्वयिष्याम
सान्त्वयन्ते
सान्त्वयध्वे
सान्त्वयामहे
सान्त्वयन्ताम्
सान्त्वयध्वम् सान्त्वयाम है
असान्त्वयन्त
असान्त्वयध्वम् असान्त्वयामहि
Page #746
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सान्दका
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ७३९ षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सान्त्वयेत सान्त्वयेयाताम् सान्त्वयेरन् सान्त्वयेथाः सान्त्वयेयाथाम् सान्त्वयेध्वम्
सान्त्वयेय सान्त्वयेवहि सान्त्वयेमहि षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
सान्त्वयाञ्चक्रे सान्त्वयाञ्चक्राते सान्त्वयाञ्चक्रिरे सान्त्वयाञ्चकृषे सान्त्वयाञ्चक्राथे सान्त्वयाञ्चकृढ़वे
सान्त्वयाञ्चक्रे सान्त्वयाञ्चकृवहे सान्त्वयाञ्चकृमहे षान्च (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) सान्त्वयिता
सान्त्वयितारः सान्त्वयितासे सान्त्वयितासाथे सान्त्वयिताध्वे
सान्त्वयिताहे सान्त्वयितास्वहे सान्त्वयितास्महे षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
सान्त्वयिष्यते सान्त्वयिष्येते सान्त्वयिष्यन्ते सान्त्वयिष्यसे सान्त्वयिष्येथे सान्त्वयिष्यध्वे
सान्त्वयिष्ये सान्त्वयिष्यावहे सान्त्वयिष्यामहे षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
सान्त्वयिषीष्ट सान्त्वयिषीयास्ताम् सान्त्वयिषीरन सान्त्वयिषीष्ठाः सान्त्वयिषीयास्थाम् सान्त्वयिषीध्वम्
सान्त्वयिषीवहि सान्त्वयिषीमहि षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अससान्त्वेताम् अससान्त्वन्त अससान्त्वथाः अससान्त्वेथाम् । अससान्त्वध्वम्
अससान्त्वे अससान्त्वावहि अससान्त्वामहि षान्त्व (साम प्रयोगे, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
असान्त्वयिष्यत असान्त्वयिष्येताम् असान्त्वयिष्यन्त असान्त्वयिष्यथाः असान्त्वयिष्येथाम् असान्त्वयिष्यध्वम् असान्त्वयिष्ये असान्त्वयिष्यावहिं असान्त्वयिष्यामहि
अससान्त्वत
For Private and Personal Use Only
Page #747
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
७४०
षिच ( क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
सिञ्चति
सिञ्चसि
सिञ्चामि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
सिञ्चतः
सिञ्चथः
सिञ्चाव:
षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
सिञ्चतु सिञ्च
सिञ्चानि
सिञ्चताम्
सिञ्चतम्
सञ्चा
षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
असिञ्चत्
असिञ्चताम् असिञ्चतम्
असिञ्चः असिञ्चम्
असिञ्चाव
विच् ( क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
सिञ्चेत् सिञ्चेः
सिञ्चेयम्
षिच् ( क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लिट् )
सिञ्चेताम्
सिञ्चेतम् सिञ्चेव
सिषिचतुः सिषिचथुः सिषिचिव
सिषेच
सिषेचिथ सिषेच
षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुट् )
सेक्
सेक्स
सेक्तास्मि
सेक्तारौ
सेक्तास्थः
सेक्तास्वः
षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लृट्)
सेक्ष्यति
सेक्ष्यसि
सेक्ष्यामि
सेक्ष्यतः
सेक्ष्यथः
सेक्ष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
सिञ्चन्ति सिञ्चथ
सिञ्चामः
सिञ्चन्तु
सिञ्चत
सिञ्चाम
असिञ्चन्
असिञ्चत
असिञ्चाम
सिञ्चेयुः सिञ्चेत
सिञ्चेम
सिषिचुः
सिषिच
सिषिचिम
सेक्तारः
सेक्तास्थ..
सेक्तास्मः
सेक्ष्यन्ति
सेक्ष्यथ
सेक्ष्यामः
Page #748
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७४१
सिच्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिच (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
सिच्यात् सिच्यास्ताम सिच्याः
सिच्यास्तम् सिच्यास्त सिच्यासम् सिच्यास्व सिच्यास्म षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) असिचत असिचताम्
असिचन् असिचः असिचतम्
असिचत असिचम् असिचाव
असिचाम षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) असेक्ष्यत असेक्ष्यताम
असेक्ष्यन् असेक्ष्यः असेक्ष्यतम् असेक्ष्यत
असेक्ष्यम् असेक्ष्याव असेक्ष्याम षिच (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्) सिञ्चते
सिञ्चेते सिञ्चन्ते सिञ्चसे सिञ्चेथे
सिञ्चध्वे सिञ्चे सिञ्चावहे सिञ्चामहे षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लोट्)
सिञ्चताम् सिञ्चेताम् सिञ्चन्ताम् सिञ्चस्व सिञ्चेथाम सिञ्चध्वम्
सिञ्चै सिञ्चावहै सिञ्चामहै षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लङ्)
असिञ्चत असिञ्चेताम् असिञ्चन्त असिञ्चथाः असिञ्चेथाम् असिञ्चध्वम्
असिञ्चे असिञ्चावहि असिञ्चामहि षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सिञ्चेत सिञ्चेयाताम् सिञ्चेरन् सिञ्चेथाः
सिञ्चेयाथाम् सिञ्चेध्वम् सिञ्चेय
सिञ्चेवहि सिञ्चेमहि
For Private and Personal Use Only
Page #749
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सक्ष्यते
सेक्ष्यन्ते
७४२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लिट)
सिषिचे सिषिचाते सिषिचिरे सिषेचिषे सिषिचाथे सिषिचिध्वे
सिषिचे . सिषिचिवहे सिषिचिमहे षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लुट्) सेक्ता सेक्तारौ
सेक्तारः सेक्तासे
सेक्तासाथे सेक्ताध्वे सेक्ताहे सेक्तास्वहे सेक्तास्महे षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लट्)
सेक्ष्येते सेक्ष्यसे सेक्ष्येथे
सेक्ष्यध्वे सेक्ष्ये
सेक्ष्यावहे सेक्ष्यामहे षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
सिक्षीष्ट सिक्षीयास्ताम् सिक्षीरन सिक्षीष्ठाः सिक्षीयास्थाम सिक्षीध्वम् सिक्षीय
सिक्षीवहि सिक्षीमहि षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
असिचत असिचेताम् असिचन्त असिचथाः असिचेथाम् असिचध्वम् असिचे
असिचावहि असिचामहि षिच् (क्षरणे, तुदादिगण, आत्मने, लुङ्)
असेक्ष्यत असेक्ष्येताम् असेक्ष्यन्त असेक्ष्यथाः असेक्ष्येथाम् असेक्ष्यध्वम्
असेक्ष्ये असेक्ष्यावहि असेक्ष्यामहि षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लट्)
सिनोति सिनुतः सिन्वन्ति सिनोषि
सिनथः सिनोमि सिनुवः सिनुमः
सिनथ
For Private and Personal Use Only
Page #750
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७४३
सिनुयुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लोट) सिनोतु सिनुताम् ।
सिन्वन्तु सिनु सिनुतम्
सिनत सिनवानि सिनवाव
सिनवाम षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लङ्)
असिनोत् असिनुताम् असिन्वन् असिनोः
असिनुतम् असिनुत असिनवम् असिनुव
असिनुम षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) सिनुयात्
सिनुयाताम् सिनुयाः सिनुयातम्
सिनुयात सिनुयाम् सिनुयाव
सिनुयाम षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लिट्) सिषाः
सिष्युः सिषयिथ सिष्यथुः
सिष्य सिषाव सिष्यिव
सिष्यिम षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लुट्) सेता सेतारौ
सेतारः सेतासि सेतास्थः
सेतास्थ सेतास्मि सेतास्वः
सेतास्मः षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लट्) सेष्यति
सेष्यन्ति सेष्यसि सेष्यथः
सेष्यथ सेष्यामि सेष्याव:
सेष्यामः षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) सीयात्
सीयास्ताम् सीयासुः सीयाः
सीयास्तम् सीयास्त सीयासम् सीयास्व
सीयास्म
सिष्यतुः
du 11 itu
सेष्यतः
For Private and Personal Use Only
Page #751
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सिन्वे
७४४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
असैषीत् असैष्टाम् असैषुः असैषीः असैष्टम् असैष्ट असैषम् असैष्व
असैष्म षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, परस्मै, लुङ्) असेष्यत् असेष्यताम्
असेष्यन् असेष्यः
असेष्यतम् असेष्यत असेष्यम् असेष्याव
असेष्याम षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लट्) सिनुते सिन्वाते
सिन्वते सिनुषे
सिन्वाथे सिनुध्वे सिनुवहे
सिनुमहे षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लोट्) सिनुताम्
सिन्वाताम् सिन्वताम् सिनुष्व सिन्वाथाम
सिनुध्वम सिनवै सिनवावहै
सिनवामहै षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लङ्)
असिनुत असिन्वाताम् असिन्वत असिनुथाः असिन्वाथाम् असिनुध्वम् असिन्वि
असिनुवहि असिनुमहि षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) सिन्वीत सिन्वीयाताम्
सिन्वीरन् सिन्वीथाः सिन्वीयाथाम् सिन्वीध्वम्
सिन्वीय सिन्वीवहि सिन्वीमहि षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लिट्) सिष्ये सिष्याते
सिष्यिरे सिष्यिषे सिष्याथे
सिष्यिध्वे सिष्ये
सिष्यिवहे सिष्यिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #752
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७४५
सेषीरन्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लुट्) सेता सेतारौ
सेतारः सेतासे सेतासाथे
सेतावे सेताहे सेतास्वहे
सेतास्महे षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लट्) सेष्यते सेष्येते
सेष्यन्ते सेष्यसे सेष्येथे
सेष्यध्वे सेष्ये
सेष्यावहे सेष्यामहे षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) सेषीष्ट
सेषीयास्ताम् सेषीष्ठाः
सेषीयास्थाम सेषीध्वम् सेषीय
सेषीवहि सेषीमहि षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लुङ्) असेष्ट
असेषाताम् असेषत असेष्ठाः असेषाथाम
असेढ़वम् असेषि असेष्वहि
असेष्महि षिञ् (बन्धने, स्वादिगण, आत्मने, लङ्) असेष्यत
असेष्येताम् असेष्यन्त असेष्यथाः असेष्येथाम् असेष्यध्वम् असेष्ये
असेष्यावहि असेष्यामहि षिञ् (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लट्) सिनाति सिनीतः
सिनन्ति सिनासि
सिनीथः सिनीथ सिनामि सिनीवः
सिनीमः षिञ् (बन्धने, व्रयादिगण, परस्मै, लोट्) सिनातु
सिनीताम् सिनीहि सिनीतम् सिनीत सिनानि सिनाव
सिनाम
सिनन्तु
For Private and Personal Use Only
Page #753
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
७४६
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्)
असिनात् असिनाः असिनाम्
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
सिनीयात्
सिनीयाः सिनीयाम्
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्)
सिषाय
सिष्यतुः सिष्यथुः
सिषयिथ
सिषाय
सिष्यिव
सेता
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
असिनीताम् असिनीतम् असिनीव
सिनीयाताम्
सिनीयातम् सिनीयाव
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुट् )
सेतारौ
सेतास्थः
सेतास्वः
तसि
तास्मि
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
सेस्यति
सेस्यतः
सेस्यसि
सेस्यथः
सेस्यामि
सेस्यावः
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
सीयात्
सीयाः
सीयासम्
षिञ् (बन्धने, क्र्यादिगण, परस्मै, लुङ)
असैषीत्
असैषीः
असैषम्
सीयास्ताम् सीयास्तम्
सीयास्व
असैष्टाम्
असैष्टम्
असैष्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
असिनन् असिनीत
असिनीम
सिनीयुः सिनीयात
सिनीयाम
सिष्युः
सिष्य
सिष्यम
सेतारः
सेतास्थ
सेतास्मः
सेस्यन्ति
सेस्यथ
सेस्यामः
सीयासुः सीयास्त
सीयास्म
असैषुः असैष्ट
असैष्म
Page #754
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७४७
सिने
सिनै
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिञ् (बन्धने, ज्यादिगण, परस्मै, लङ्) असेष्यत् असेष्यताम
असेष्यन् असेष्यः
असेष्यतम् असेष्यत असेष्यम् असेष्याव
असेष्याम षिञ् (बन्धने, ज्यादिगण, आत्मने, लट्) सिनीते सिनाते
सिनते सिनीषे सिनाथे
सिनीध्वे सिनीवहे
सिनीमहे षिञ् (बन्धने, ज्यादिगण, आत्मने, लोट्) सिनीताम्
सिनाताम् सिनताम सिनीष्व सिनाथाम
सिनीध्वम् सिनावहै
सिनामहै षिञ् (बन्धने, ज्यादिगण, आत्मने, लङ्)
असिनीत असिनाताम् असिनत असिनीथाः असिनाथाम असिनीध्वम असिनि
असिनीवहि असिनीमहि षिञ् (बन्धने, व्रयादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) सिनीत
सिनीयाताम् सिनीरन् सिनीथाः सिनीयाथाम् सिनीध्वम् सिनीय
सिनीवहि सिनीमहि षिञ् (बन्धने, ज्यादिगण, आत्मने, लिट्)
सिष्याते
सिष्यिरे सिष्यिषे सिष्याथे
सिष्यिध्वे
सिष्यिवहे सिष्यिमहे षिञ् (बन्धने, क्रयादिगण, आत्मने, लुट्) सेता सेतारौ
सेतारः सेतासे सेतासाथे
सेताध्वे सेताहे
सेतास्वहे सेतास्महे
सिष्ये
सिष्ये
For Private and Personal Use Only
Page #755
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७४८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली षिञ् (बन्धने, व्यादिगण, आत्मने, लट्) सेस्यते सेस्येते
सेस्यन्ते सेस्यसे सेस्येथे
सेस्यध्वे सेस्ये
सेस्यावहे सेस्यामहे षिञ् (बन्धने, बयादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) सेषीष्ट
सेषीयास्ताम् सेषीरन सेषीष्ठाः सेषीयास्थाम
सेषीध्वम् सेषीय सेषीवहि
सेषीमहि षिञ् (बन्धने, व्रयादिगण, आत्मने, लुङ्) असेष्ट
असेषाताम् असेषत असेष्ठाः असेषाथाम
असेढ्वम् असेषि
असेष्वहि असेष्महि षिञ् (बन्धने, क्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
असेष्यत असेष्येताम् असेष्यन्त असेष्यथाः असेष्येथाम्
असेष्यध्वम् असेष्ये
असेष्यावहि असेष्यामहि पिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लट्) सीव्यति सीव्यतः
सीव्यन्ति सीव्यसि सीव्यथः
सीव्यथ सीव्यामि सीव्यावः
सीव्यामः षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लोट) सीव्यत
सीव्यताम् सीव्यन्तु सीव्य सीव्यतम्
सीव्यत सीव्यानि सीव्याव
सीव्याम षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लङ्)
असीव्यत् असीव्यताम् असीव्यन् असीव्यः
असीव्यतम् असीव्यत असीव्यम् असीव्याव
असीव्याम
For Private and Personal Use Only
Page #756
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
सीव्येत
सीव्येताम
सम्
सीव्येः सीव्येयम्
सीव्येव
षिवु (तन्तुसंन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लिट् )
सिषेव
सिषेविथ
सिषिवतुः सिषिवथुः सिषिविव
सिषेव
षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लुट् )
सेविता
सेवितासि सेवितास्मि
असेवीत
असेवी: असेविषम्
सेवितारौ
सेवितास्थः
सेवितास्वः
सेविष्यतः
सेविष्यथः
सेविष्यावः
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
असेविष्यत
असेविष्यताम्
असेविष्यः'
असेविष्यतम्
असेविष्यम्
असेविष्याव
षिवु (तन्तुसन्ताने दिवादिगण, परस्मै, लट्)
वष्यति सेविष्यसि सेविष्यामि
षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
सीव्यात
सीव्यास्ताम्
सीव्याः
सीव्यास्तम्
सीव्यासम्
सीव्यास्व
षिवु (तन्तुसन्ताने, दिवादिगण, परस्मै, लुङ्)
असेविष्टाम् असेविष्टम् असे विष्व
For Private and Personal Use Only
सीव्येयुः सीव्येत
सीव्येम
सिषिवः
सिषिव
सिषिविम
सेवितारः
सेवितास्थ
सेवितास्मः
सेविष्यन्ति सेविष्यथ
सेविष्यामः
सीव्यासुः सीव्यास्त
सीव्यास्म
असेविषुः असेविष्ट
असेविष्म
असेविष्यन् असेविष्यत असेविष्याम
७४९
Page #757
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सरति
सरामः
७५० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
सरतः
सरन्ति सरसि सरथः
सरथ सरामि
सरावः सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) सरतु सरताम्
सरन्तु सर सरतम्
सरत सराणि सराव
सराम सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) असरत् असरताम्
असरन् असरः असरतम्
असरत असरम् असराव
असराम सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) सरेत सरेताम्
सरेयुः सरेः सरतम्
सरेत सरेयम् सरेव
सरेम सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) ससार सस्रतुः
ससुः ससर्थ सस्रथुः
सम्र ससार ससृव
सहम सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
सर्तारौ सर्तास्थः
सर्तास्थ सास्मि सास्वः
सर्तास्मः सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) सरिष्यति
सरिष्यतः सरिष्यन्ति सरिष्यसि सरिष्यथ:
सरिष्यथ सरिष्यामि सरिष्यावः
सरिष्यामः
सर्ता
सर्तारः
सासि
For Private and Personal Use Only
Page #758
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७५१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्रियात् सियास्ताम्
स्रियासुः स्रियाः
स्रियास्तम् स्रियास्त स्रियासम् स्रियास्व
स्रियास्म सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
असार्षीत् असार्षिष्टाम् असाषिषुः असार्षीः असार्षिष्टम् असार्षिष्ट
असार्षिषम् असार्षिष्व असार्षिष्म सृ (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
असरिष्यत् असरिष्यताम् असरिष्यन् असरिष्यः असरिष्यतम् असरिष्यत
असरिष्यम् असरिष्याव असरिष्याम स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) स्कुन्दते स्कुन्देते
स्कुन्दन्ते स्कुन्दसे स्कुन्देथे
स्कुन्दध्वे स्कुन्दे स्कुन्दावहे
स्कुन्दामहे स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट)
स्कुन्दताम् स्कुन्देताम् स्कुन्दन्ताम् स्कुन्दस्व स्कुन्देथाम् स्कुन्दध्वम्
स्कुन्दै स्कुन्दावहै स्कुन्दामहै स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्कुन्दत अस्कुन्देताम् अस्कुन्दन्त अस्कुन्दथाः अस्कुन्देथाम् अस्कुन्दध्वम् अस्कुन्दे अस्कुन्दावहि अस्कुन्दामहि
For Private and Personal Use Only
Page #759
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७५२
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्कुन्देत स्कुन्देयाताम् स्कुन्देरन् स्कुन्देथाः स्कुन्देयाथाम् स्कुन्देध्वम् स्कुन्देय
स्कुन्देमहि स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने,
लिट्)
चुस्कुन्दे
चुस्कुन्दाते चुस्कुन्दिरे चुस्कुन्दिषे चुस्कुन्दाथे
चुस्कुन्दिध्वे चुस्कुन्दे चुस्कुन्दिवहे
चुस्कुन्दिमहे स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
स्कुन्दिता स्कुन्दितारौ स्कुन्दितासे स्कुन्दितासाथे स्कुन्दिताध्वे
स्कुन्दिताहे स्कुन्दितास्वहे स्कुन्दितास्महे स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्कुन्दिष्यते स्कुन्दिष्येते स्कुन्दिष्यन्ते स्कुन्दिष्यसे स्कुन्दिष्येथे स्कुन्दिष्यध्वे स्कुन्दिष्ये
स्कुन्दिष्यावहे स्कुन्दिष्यामहे स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) स्कुन्दिषीष्ट स्कुन्दिषीयास्ताम् स्कुन्दिषीरन् स्कुन्दिषीष्ठाः स्कुन्दिषीयास्थाम् स्कुन्दिषीध्वम्
स्कुन्दिषीय स्कुन्दिषीवहि स्कुन्दिषीमहि स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने,
लुङ्)
अस्कुन्दिष्ट अस्कुन्दिष्ठाः अस्कुन्दिषि
अस्कुन्दिषाताम् अस्कुन्दिषाथाम् अस्कुन्दिष्वहि
अस्कुन्दिषत अस्कुन्दिध्वम् अस्कुन्दिष्महि
For Private and Personal Use Only
Page #760
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७५३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्कुदि (आप्रवणे । आप्रवणमुत्प्लवनमुद्धरणं च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्कुन्दिष्यत अस्कुन्दिष्येताम् । अस्कुन्दिष्यन्त अस्कुन्दिष्यथाः अस्कन्दिष्येथाम । अस्कुन्दिष्यध्वम्
अस्कुन्दिष्ये अस्कुन्दिष्यावहि अस्कुन्दिष्यामहि स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) स्खलति स्खलतः
स्खलन्ति स्खलसि स्खलथः
स्खलथ स्खलामि स्खलावः
स्खलामः स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) स्खलतु स्खलताम्
स्खलन्तु स्खल स्खलतम्
स्खलत स्खलानि स्खलाव
स्खलाम स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अस्खलत्
अस्खलताम् अस्खलन् अस्खलः अस्खलतम
अस्खलत अस्खलम् अस्खलाव
अस्खलाम स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्खलेत्
स्खलेताम् स्खलेयुः स्खलेः स्खलेतम्
स्खलेत स्खलेयम् स्खलेव स्खलेम स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट) चस्खाल
चस्खलतुः चस्खवुः चस्खलिथ चस्खलथुः चस्खल चस्खाल चस्खलिव
चस्खलिम स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
स्खलिता स्खलितारौ स्खलितारः स्खलितासि स्खलितास्थः स्खलितास्थ स्खलितास्मि स्खलितास्वः स्खलितास्मः
स्ख
ल .
For Private and Personal Use Only
Page #761
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्खलिष्यति
स्खलिष्यसि स्खलिष्यामि
www.kobatirth.org
७५४
स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्खलिष्यतः
स्खलिष्यथः
स्खलिष्यावः
स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्खल्यात्
स्खल्याः
स्खल्यासम्
स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्खालिष्टाम् अस्खलि
अस्खालिष्व
स्खल्यास्ताम्
स्खल्यास्तम्
स्खल्यास्व
अस्खालीत्
अस्खालीः अस्खालिषम्
स्खल (सञ्चलने, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
असूचयत्
असूचयः
असूचयम्
अस्खलिष्यत् अस्खलिष्यः अस्खलिष्यम्
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
सूचयति सूचयसि सूचयामि
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
अस्खलिष्यताम्
अस्खलितम् अस्खलिष्याव
सूचयतः
सूचयथः
सूचयावः
सूचयतु
सूचय सूचयानि
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
सूचयताम्
सूचयतम्
सूचयाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
असूचयताम्
असूचयतम्
असूचयाव
For Private and Personal Use Only
स्खलिष्यन्ति स्खलिष्यथ
स्खलिष्यामः
स्खल्यासुः
स्खल्यास्त
स्खल्यास्म
अस्खालिषुः अस्खालिष्ट
अस्खालिष्म
अस्खलिष्यन् अस्खलिष्यत
अस्खलिष्याम
सूचयन्ति
सूचयथ
सूचयामः
सूचयन्तु
सूचयत
सूचयाम
असूचयन्
असूचयत
असूचयाम
Page #762
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
सूचयाञ्चकार सूचयाञ्चकर्थ सूचयाञ्चकार
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
सूचयेत् सूचयेः सूचयेयम्
सूचयेताम् सूचये म् सूचयेव
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
सूचयाञ्चक्रतुः
सूचयाञ्चक्रथुः सूचयाञ्चकृव
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
सूचयिता सूचयितास सूचयितास्मि
सूचयितारौ सूचयितास्थः सूचयितास्वः
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लृट्)
सूचयिष्यति सूचयिष्यसि सूचयिष्यामि
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
असूचयिष्यत् असूचयिष्यः' असूचयिष्यम्
सूचयिष्यतः सूचयिष्यथः
सूचयिष्यावः
सूच्यात्
सूच्याः सूच्यासम्
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
सूच्यास्ताम्
सूच्यास्तम्
सूच्यास्व
असूसुचत्
असूसुचः असूसुचम्
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
असूसुचताम्
असूसुचतम्
असूसुचाव
असूचयिष्यताम्
असूचयिष्यतम् असूचयिष्या
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
सूचयेयुः
सूचयेत
सूचयेम
सूचयाञ्चक्रुः
सूचयाञ्चक्र सूचयाञ्चकृम
सूचयितारः सूचयितास्थ
सूचयितास्मः
सूचयिष्यन्ति सूचयिष्यथ सूचयिष्यामः
सूच्यासुः
सूच्यास्त
सूच्यास्म
असूसुचन्
असूसुचत
असूसुचाम
असूचयिष्यन्
असूचयिष्यत असूचयिष्याम
७५५
Page #763
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
७५६
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
सूचयते सूचयसे सूचये
सूचयेते सूचयेथे
सूचयावहे
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने,
सूचयताम्
सूचयस्व सूचयै
www.kobatirth.org
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
सूचयेताम् सूचयेथस्व
सूचयावहै
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
लोट्)
सूचयाञ्चक्रे सूचयाञ्चकृषे सूचयाञ्चक्रे
असूचयत
असूचयथाः असूचये
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सूच सूचयिष्यसे सूचयिष्ये
असूचयेताम् असूचयेथाम् असूचयावहि
सूचयेत सूचयेथाः
सूचयेयाताम् सूचयेयाथाम् सूचयेवहि
सूचयेय
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
सूचयाञ्चक्राते सूचयाञ्चक्राथे
सूचयाञ्चकृवहे
लुट्)
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने,
सूचयिता सूचयितासे
सूचयिता
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने, लृट्)
सूचयितारौ सूचयितासाथे
सूचयितास्व
सूचयिष्येते सूचयिष्येथे सूचयिष्या
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
-
सूचयन्ते सूचयध्वे सूचयामहे
सूचयन्ताम् सूचयध्वम्
सूचयाम है
असूचयन्त
असूचयध्वम् असूचयामहि
सूचयेरन् सूचयेध्वम्
सूच
सूचयाञ्चक्रिरे सूचयाञ्चकृढ्वे सूचयाञ्चकृमहे
सूचयितारः
सूचयिताध्वे सूचयितास्महे
सूचयिष्यन्ते सूचयिष्यध्वे सूचयिष्यामहे
Page #764
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
सूचयिषीष्ट सूचयिषीष्ठाः सूचयिषीय
सूच (पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
सूचयिषीयास्ताम् सूचयिषीयास्थाम् सूचयिषीवहि
असूसुचेताम् असूसुचेथाम् असूसुचावहि
असूसुचत
असूसुचथाः असूसुचे
सूच ( पैशुन्ये, चुरादिगण, आत्मने,
लृङ्)
असूचयिष्येताम् असूचयिष्येथाम् असूचयिष्यावहि
असूचयिष्यत असूचयिष्यथाः असूचयिष्ये
सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लट्)
सृजतः
सृजति सृजसि
सृजथः
सृजामि
सृजावः
सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लोट्)
सृजतु
सृजताम्
सृजतम्
सृज सृजानि
सृजाव
सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
असृजत्
असृजः
असृजम्
सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
सृजेत्
सृजे: सृजेयम्
असृजताम्
असृजतम्
असृजाव
सृजेताम्
सृजेतम् सृजेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
सूचयिषीरन् सूचयिषीध्वम् सूचयिषीमहि
असूसुचन्त
असूसुचध्वम् असूसुचामहि
असूचयिष्यन्त असूचयिष्यध्वम् असूचयिष्यामहि
सृजन्ति
सृजथ
सृजामः
सृजन्तु
सृजत
सृजाम
असृजन्
असृजत
असृजाम
सृजेयुः
सृजेत
सूजेम
७५७
Page #765
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७५८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लिट्) ससर्ज
ससर्जतुः ससृजुः ससर्जिथ ससर्जथुः
ससर्ज ससर्ज
ससृजिव ससृजिम सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) स्रष्टा स्रष्टारौ
स्रष्टारः स्रष्टासि स्रष्टास्थः
स्रष्टास्थ स्रष्टास्मि स्रष्टास्वः
स्रष्टास्मः सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्रक्ष्यति स्रक्ष्यतः
स्रक्ष्यन्ति स्रक्ष्यसि स्रक्ष्यथः
सक्ष्यथ स्रक्ष्यामि स्रक्ष्याव:
स्रक्ष्यामः सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) सृज्यात्
सृज्यास्ताम् सृज्यासुः सज्याः
सृज्यास्तम् सृज्यास्त सृज्यासम् सृज्यास्व
सृज्यास्म सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अस्राक्षीत् असाष्टाम्
अस्राक्षुः अस्राक्षीः अस्राष्टम
अस्राष्ट अस्राक्षम् अस्राव
अस्राक्ष्म सृज (विसर्गे, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अस्रक्ष्यत्
असक्ष्यताम् असक्ष्यन् अस्रक्ष्यः असक्ष्यतम्
अम्रक्ष्यत अस्रक्ष्यम् असक्ष्याव
असक्ष्याम स्तृञ् (आच्छादने, व्रयादिगण, परस्मै, लट्)
स्तृणाति स्तृणीतः स्तृणन्ति स्तृणासि
स्तृणीथः स्तृणीथ स्तृणामि स्तृणीवः
स्तृणीमः
For Private and Personal Use Only
Page #766
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्तृणातु स्तृणीहि स्तृणानि
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु-रूपावली
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै, लोट्)
स्तृणीताम् स्तृणीतम्
स्तृणाव
www.kobatirth.org
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्तृणात्
अस्तृणाः अस्तृणाम्
अस्तृणीताम् अस्तृणीतम् अस्तृणीव
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्तृणीयाताम् तृणाम् स्तृणीयाव
स्तृणीयात् स्तृणीयाः स्तृणीयाम्
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै, लिट्)
तस्तार तस्तरिथ
तस्तार
तस्तरतुः
तस्तरथुः
तस्तरिव
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै,
स्तरीता
स्तरीतारौ
स्तरीतास्थः
स्तासि स्तरीतास्मि
स्तरीतास्वः
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै, लट्)
स्तरीष्यति
स्तरीष्यतः
स्तरीष्यसि
स्तरीष्यथः
स्तष्यामि
स्तरीष्यावः
स्तीर्यात
स्तीर्याः
स्तीर्यासम्
लुट्)
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्तृणन्तु स्तृणीत
स्तृणाम
For Private and Personal Use Only
अस्तृणन् अस्तृणीत
अस्तृणीम
स्तृणीयुः स्तृणीयात
स्तृणीयाम
तस्तरूः
तस्तर
तस्तरिम
स्तरीतारः स्तरीतास्थ
स्तरीतास्मः
स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्तीर्यास्ताम्
स्तीर्यास्तम् स्तीर्यास्व
स्तरीष्यन्ति
स्तष्यथ
स्तरीष्यामः
स्तीर्यासुः स्तीर्यास्त स्तीर्यास्म
७५९
Page #767
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्तृणीध्वे
स्तृणे
७६० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्तृञ् (आच्छादने, ज्यादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्तारीत् अस्तारिष्टाम् अस्तारिषुः अस्तारी:
अस्तारिष्टम् अस्तारिष्ट अस्तारिषम् अस्तारिष्व अस्तारिष्म स्तृञ् (आच्छादने, व्रयादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्तरिष्यत् अस्तरिष्यताम् अस्तरिष्यन् अस्तरिष्यः अस्तरिष्यतम् अस्तरिष्यत
अस्तरिष्यम् अस्तरिष्याव अस्तरिष्याम स्तृञ् (आच्छादने, ज्यादिगण, आत्मने, लट्) स्तृणीते स्तृणाते
स्तृणते स्तृणीषे
स्तुणाथे स्तृणीवहे
स्तृणीमहे स्तृञ् (आच्छादने, ज्यादिगण, आत्मने, लोट्)
स्तुणीताम स्तृणाताम् स्तृणताम् स्तृणीष्व
स्तुणाथाम स्तृणीध्वम् स्तृणै
स्तृणावहै स्तृणामहै स्तृञ् (आच्छादने, ज्यादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्तुणीत अस्तृणाताम् अस्तुणत अस्तृणीथाः अस्तृणाथाम् अस्तृणीध्वम् अस्तृणि
अस्तृणीवहि अस्तृणीमहि स्तृञ् (आच्छादने, यादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) स्तृणीत
स्तृणीयाताम् स्तृणीरन् स्तृणीथाः स्तृणीयाथाम् . स्तृणीध्वम्
स्तृणीय स्तृणीवहि स्तृणीमहि स्तृञ् (आच्छादने, क्यादिगण, आत्मने, लिट्) तस्तरे तस्तराते
तस्तरिरे तस्तरिषे तस्तराथे
तस्तरिध्वे तस्तरे
तस्तरिवहे तस्तरिमहे
For Private and Personal Use Only
Page #768
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७६१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्तृञ् (आच्छादने, व्रयादिगण, आत्मने, लुट्) स्तरिता
स्तरितारौ स्तरितारः स्तरितासे स्तरितासाथे स्तरिताध्ये
स्तरिताहे स्तरितास्वहे स्तरितास्महे स्तृञ् (आच्छादने, ज्यादिगण, आत्मने, लट्) स्तरिष्यते स्तरिष्येते
स्तरिष्यन्ते स्तरिष्यसे स्तरिष्येथे
स्तरिष्यध्वे स्तरिष्ये
स्तरिष्यावहे स्तरिष्यामहे स्तृञ् (आच्छादने, व्रयादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्तरिषीष्ट स्तरिषीयास्ताम् स्तरिषीरन् स्तरिषीष्ठाः स्तरिषीयास्थाम स्तरिषीढवम स्तरिषीय
स्तरिषीवहि स्तरिषीमहि स्तृञ् (आच्छादने, क्र्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्तरिष्ट अस्तरिषाताम् अस्तरिषत अस्तरिष्ठाः अस्तरिषाथाम् अस्तरिढ्वम् अस्तरिषि
अस्तरिष्वहि अस्तरिष्महि स्तृञ् (आच्छादने, ज्यादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्तरिष्यत अस्तरिष्येताम् अस्तरिष्यन्त अस्तरिष्यथाः अस्तरिष्येथाम् अस्तरिष्यध्वम्
अस्तरिष्ये अस्तरिष्यावहि अस्तरिष्यामहि सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
सूत्रयतः सूत्रयसि सूत्रयथः
सूत्रयथ सूत्रयामि सूत्रयावः सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) सूत्रयतु
सूत्रयताम् सूत्रयन्तु सूत्रयतम
सूत्रयत सूत्रयाणि सूत्रयाव
सूत्रयाम
सूत्रयति
सूत्रयन्ति
सूत्रयामः
सूत्रय
For Private and Personal Use Only
Page #769
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सूत्रयेत
७६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) असूत्रयत्
असूत्रयताम् असूत्रयन् असूत्रयः
असूत्रयतम् असूत्रयत असूत्रयम् असूत्रयाव
असूत्रयाम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
सूत्रयेताम् सूत्रयेयुः सूत्रयः
सूत्रयेतम् सूत्रयेत सूत्रयेयम् सूत्रयेव
सूत्रयेम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
सूत्रयाञ्चकार सूत्रयाञ्चक्रतुः सूत्रयाञ्चक्रुः सत्रयाञ्चकर्थ सूत्रयाञ्चक्रथुः
सूत्रयाञ्चक्र सूत्रयाञ्चकार सूत्रयाञ्चकृव सूत्रयाञ्चकृम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) सूत्रयिता सूत्रयितारौ
सूत्रयितारः सत्रयितासि सूत्रयितास्थः सूत्रयितास्थ सूत्रयितास्मि सूत्रयितास्वः
सूत्रयितास्मः सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
सूत्रयिष्यति सूत्रयिष्यतः सूत्रयिष्यान्त सूत्रयिष्यसि सत्रयिष्यथः सूत्रयिष्यथ
सूत्रयिष्यामि सूत्रयिष्यावः सूत्रयिष्यामः सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) सूत्र्यात् सूत्र्यास्ताम
सूत्र्यासुः सूत्र्याः सूत्र्यास्तम्
सूत्र्यास्त . सूत्र्यासम् सूत्र्यास्व
सूत्र्यास्म सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
असुसूत्रत् असुसूत्रताम् असुसूत्रन् असुसूत्रः असुसूत्रतम् असुसूत्रत असुसूत्रम् असुसूत्राव असुसूत्राम
For Private and Personal Use Only
Page #770
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७६३
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
असूत्रयिष्यत् असूत्रयिष्यताम् असूत्रयिष्यन् असूत्रयिष्यः असूत्रयिष्यतम् असूत्रयिष्यत
असूत्रयिष्यम् असूत्रयिष्याव असूत्रयिष्याम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) सूत्रयते
सूत्रयन्ते
सूत्रयसे
सूत्रयेते सूत्रयेथे
सूत्रयध्वे सूत्रयामहे
सूत्रयन्ताम सूत्रयध्वम् सूत्रयामहै
सूत्रयै
असूत्रयन्त असूत्रयध्वम् असूत्रयामहि
सूत्रये
सूत्रयावहे सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
सूत्रयताम् सूत्रयेताम् सूत्रयस्व
सूत्रयेथस्व
सूत्रयावहै सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
असूत्रयत असूत्रयेताम् असूत्रयथाः असूत्रयेथाम
असूत्रये असूत्रयावहि सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
सूत्रयेत सूत्रयेयाताम् सूत्रयेथाः सूत्रयेयाथाम्
सूत्रयेय सूत्रयेवहि सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
सूत्रयाञ्चक्रे सत्रयाञ्चक्राते सूत्रयाञ्चकृषे सूत्रयाञ्चक्राथे
सूत्रयाञ्चक्रे सूत्रयाञ्चकवहे (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्) सूत्रयिता
सूत्रयितारौ सूत्रयितासे सूत्रयितासाथे सूत्रयिताहे सूत्रयितास्वहे
सूत्रयेरन् सूत्रयेध्वम् सूत्रयेमहि
सूत्रयाञ्चक्रिरे सूत्रयाञ्चकृढ्वे सूत्रयाञ्चकृमहे सूत्र
सत्रयितारः सूत्रयिताध्वे सूत्रयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #771
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७६४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लट्) सूत्रयिष्यते सूत्रयिष्येते
सूत्रयिष्यन्ते सूत्रयिष्यसे सूत्रयिष्येथे सूत्रयिष्यध्वे सूत्रयिष्ये सूत्रयिष्यावहे
सूत्रयिष्यामहे सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
सूत्रयिषीष्ट सूत्रयिषीयास्ताम् सूत्रयिषीष्ठाः सत्रयिषीयास्थाम ।
सूत्रयिषीध्वम सूत्रयिषीय सूत्रयिषीवहि सूत्रयिषीमहि सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
असुसूत्रत असुसूत्रेताम् असुसूत्रन्त असुसूत्रथाः असुसूत्रेथाम् असुसूत्रध्वम्
असुसूत्रे असुसूत्रावहि असुसूत्रामहि सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
असूत्रयिष्यत असूत्रयिष्येताम् । असूत्रयिष्यन्त असूत्रयिष्यथाः असूत्रयिष्येथाम् असूत्रयिष्यध्वम
असूत्रयिष्ये असूत्रयिष्यावहि असूत्रयिष्यामहिस्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) स्पन्दते स्पन्देते
स्पन्दन्ते स्पन्दसे स्पन्देथे
स्पन्दध्वे स्पन्दे स्पन्दावहे
स्पन्दामहे स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
स्पन्दताम् स्पन्देताम् स्पन्दन्ताम् स्पन्दस्व स्पन्देथाम
स्पन्दध्वम्. स्पन्दै स्पन्दावहै
स्पन्दामहै स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्पन्दत अस्पन्देताम् अस्पन्दन्त अस्पन्दथाः अस्पन्देथाम् अस्पन्दध्वम् अस्पन्दे
अस्पन्दावहि अस्पन्दामहि
For Private and Personal Use Only
Page #772
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७६५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) स्पन्देत
स्पन्देयाताम् स्पन्देरन् स्पन्देथाः स्पन्देयाथाम स्पन्देध्वम स्पन्देय
स्पन्देवहि स्पन्देमहि स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) पस्पन्दे
पस्पन्दाते पस्पन्दिरे पस्पन्दिषे
पस्पन्दाथे पस्पन्दिध्वे पस्पन्दे पस्पन्दिवहे
पस्पन्दिमहे स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) स्पन्दिता
स्पन्दितारौ स्पन्दितारः स्पन्दितासे स्पन्दितासाथे स्पन्दिताध्वे
स्पन्दिताहे स्पन्दितास्वहे स्पन्दितास्महे स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्पन्दिष्यते स्पन्दिष्येते स्पन्दिष्यन्ते स्पन्दिष्यसे स्पन्दिष्येथे स्पन्दिष्यध्वे
स्पन्दिष्ये स्पन्दिष्यावहे स्पन्दिष्यामहे स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्पन्दिषीष्ट स्पन्दिषीयास्ताम् स्पन्दिषीरन् स्पन्दिषीष्ठाः स्पन्दिषीयास्थाम् स्पन्दिषीध्वम्
स्पन्दिषीय स्पन्दिषीवहि स्पन्दिषीमहि स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्पन्दिष्ट अस्पन्दिषाताम् अस्पन्दिषत अस्पन्दिष्ठाः अस्पन्दिषाथाम अस्पन्दिध्वम्
अस्पन्दिषि अस्पन्दिष्वहि अस्पन्दिष्महि स्पदि (किञ्चिच्चलने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्पन्दिष्यत अस्पन्दिष्येताम् अस्पन्दिष्यन्त अस्पन्दिष्यथाः अस्पन्दिष्येथाम् अस्पन्दिष्यध्वम् अस्पन्दिष्ये अस्पन्दिष्यावहि अस्पन्दिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #773
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्पर्धते
स्पर्धसे स्पर्धे
७६६
स्पर्धा (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्पर्धे
स्पर्धेथे
स्पर्धा
स्पर्धताम् स्पर्धस्व स्पर्धे
स्पर्ध (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
स्पर्धेताम
स्पर्धेथाम् स्पर्धा है'
अस्पर्धत
अस्पर्धथाः अस्पर्धे
स्पर्ध (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्पर्धेताम्
अस्पर्धेथाम
अस्पर्धावाहि
www.kobatirth.org
स्पर्धेत
स्पर्धेथाः स्पर्धेय
स्पर्धा (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्पर्धेयाताम् स्पर्धेयाथाम्
स्पर्धेवहि
स्पर्ध (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
स्पर्धात
पस्पर्धाथे
पस्पर्धिवहे
स्पर्धे
पस्पर्धि स्पर्धे
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्पर्धिता
स्पर्धा
स्पर्धिता
स्पर्धा (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट् )
स्पर्धितारौ
स्पर्धितासाथे
स्पर्धितास्व
स्पर्धिष्यते
स्पर्धिष्यसे
स्पर्धिष्ये
स्पर्धा (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने ऌट्)
स्पर्धिष्येते
स्पर्धिष्येथे
स्पर्धिष्यावहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्पर्धन्ते
स्पर्धध्वे
स्पर्धाम
स्पर्धन्ताम
स्पर्धध्वम
स्पर्धा
अस्पर्धन्त
अस्पर्धध्वम्
अस्पर्धा महि
स्पर्धेरन स्पर्धेध्वम्
स्पर्धे
पस्पर्धिरे
पस्पर्धिध्वे
पस्पर्धिमहे
स्पर्धितारः
स्पर्धिताध्वे.
स्पर्धितास्महे
स्पर्धिष्यन्ते स्पर्धिष्यध्वे
स्पर्धिष्यामहे
Page #774
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७६७
यथाः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्पर्ध (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्पर्धिषीष्ट स्पर्धिषीयास्ताम स्पर्धिषीरन स्पर्धिषीष्ठाः स्पर्धिषीयास्थाम स्पर्धिषीध्वम्
स्पर्धिषीय स्पर्धिषीवहि स्पर्धिषीमहि स्पर्ध (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्पर्धिष्ट अस्पर्धिषाताम् अस्पर्धिषत अस्पर्धिष्ठाः अस्पर्धिषाथाम अस्पर्धिध्वम्
अस्पर्धिषि अस्पर्धिष्वहि अस्पर्धिष्महि स्पर्ध (सङ्घर्षे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्पर्धिष्यत अस्पर्धिष्येताम् अस्पर्धिष्यन्त अस्पर्धिष्यथाः अस्पर्धिष्येथाम् अस्पर्धिष्यध्वम्
अस्पर्धिष्ये अस्पर्धिष्यावहि अस्पर्धिष्यामहिस्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्पृशति स्पृशतः
स्पृशन्ति स्पशसि स्पृशथः
स्पृशथ स्पृशामि स्पृशावः
स्पृशामः स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) स्पृशतु स्पृशताम्
स्पृशन्तु स्पृश स्पृशतम्
स्पृशत स्पृशानि स्पृशाव
स्पृशाम स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अस्पृशत् अस्पृशताम्
अस्पृशन् अस्पृशः
अस्पृशतम् अस्पृशत अस्पृशम् अस्पृशाव
अस्पृशाम स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्पृशेत् स्पृशेताम्
स्पृशेयुः स्पृशेः स्पृशेतम्
स्पृशेत स्पृशेयम् स्पशेव
स्पृशेम
For Private and Personal Use Only
Page #775
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७६८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लिट्) पस्पर्श पस्पृशतुः
पस्पृशुः पस्पर्शिथ
पस्पृशथुः पस्पृश पस्पर्श पस्पृशिव
पस्पृशिम स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लुट्) स्प्रष्टा स्प्रष्टारौ
स्प्रष्टारः स्प्रष्टासि स्पष्टास्थः
स्प्रष्टास्थ स्प्रष्टास्मि स्प्रष्टास्वः
स्प्रष्टास्मः स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्प्रक्ष्यति स्प्रक्ष्यतः
स्प्रक्ष्यन्ति स्प्रक्ष्यसि स्प्रक्ष्यथः
स्प्रक्ष्यथ स्प्रक्ष्यामि स्प्रक्ष्यावः स्प्रक्ष्यामः स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्पृश्यात्
स्पृश्यास्ताम् स्पृश्यासुः स्पृश्याः
स्पृश्यास्तम् स्पृश्यास्त स्पृश्यासम् - स्पृश्यास्व स्पृश्यास्म स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अस्पाक्षीत् अस्प्राष्टाम्
अस्प्राक्षुः अस्पाक्षीः अस्प्राष्टम्
अस्प्राष्ट अस्पाक्षम् अस्प्राक्ष्व
अस्प्राक्ष्म स्पृश (संस्पर्शने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्) अस्प्रक्ष्यत्
अस्प्रक्ष्यताम् अस्प्रक्ष्यन् अस्पक्ष्यः
अस्प्रक्ष्यतम् अस्प्रक्ष्यत अस्पक्ष्यम् अस्पक्ष्याव अस्प्रक्ष्याम स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्) स्पृहयति स्पहयतः
स्पृहयन्ति स्पृहयसि स्पृहयथः
स्पृहयथ स्पृहयामि स्पृहयावः
स्पृहयामः
For Private and Personal Use Only
Page #776
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्पृहयतु स्पृहय स्पृहयाणि
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
स्पृहयताम्
स्पृहयतम्
स्पृहयाव
स्पृह ( ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्पृहयत्
अस्पृहयः अस्पृहयम्
www.kobatirth.org
अस्पृहयताम्
अस्पृहयतम्
अस्पृहयाव
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्पृहयेत् स्पृहयेः स्पृहयेयम्
स्पृहयेताम् स्पृहयेतम् स्पृहयेव
स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लिट् )
स्पृहयाञ्चकार स्पृहयाञ्चक्रतुः स्पृहयाञ्चकर्थ स्पृहयाञ्चक्रथुः
स्पृहयाञ्चकार स्पृहयाञ्चकृव
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुट् )
स्पृहयता स्पृहयतासि स्पृहयतास्मि
स्पृहयतारौ स्पृहयितास्थः स्पृहयितास्वः
स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
स्पृहयिष्यति स्पृहयिष्यसि स्पृहयिष्यामि
स्पृह्यात्
स्पृह्याः
स्पृह्यासम्
स्पृह्यास्ताम् स्पृह्यास्तम्
स्पृह्यास्व
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्पहयिष्यतः
स्पृहयिष्यथः
स्पृहयिष्यावः
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
For Private and Personal Use Only
स्पृहयन्तु
स्पृहयत
स्पृहयाम
अस्पृहयन्
अस्पृहयत
अस्पृहयाम
स्पृहयेयुः स्पृहयेत
स्पृहयेम
स्पृहयाञ्चक्रुः स्पृहयाञ्चक्र
स्पृहयाञ्चकृम
स्पृहयितारः स्पृहयितास्थ
स्पृहयितास्मः
स्पहयिष्यन्ति
स्पृहविष्यथ स्पृहयिष्यामः
स्पृह्यासुः
स्पृह्यास्त
स्पृह्यास्म
७६९
Page #777
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अपस्पृहत् अपस्पृहताम् अपस्पृहन् अपस्पृहः अपस्पृहतम् अपस्पृहत
अपस्पृहम् अपस्पृहाव अपस्पृहाम स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्पृहयिष्यत् अस्पृहयिष्यताम् । अस्पृहयिष्यन् अस्पृहयिष्यः अस्पृहयिष्यतम् अस्पृहयिष्यत
अस्पृहयिष्यम् अस्पृहयिष्याव अस्पृहयिष्याम स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लट्) स्पृहयते स्पृहयेते
स्पहयन्ते स्पृहयसे स्पृहयेथे
स्पृहयध्वे स्पृहये स्पृहयावहे स्पृहयामहे स्पृह (ईप्सायाम, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
स्पृहयताम् स्पृहयेताम् स्पृहयन्ताम् स्पृहयस्व स्पृहयेथस्व स्पृहयध्वम् स्पृहयै
स्पृहयावहै स्पृहयामहै स्पृह (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्पृहयत अस्पृहयेताम् अस्पृहयन्त अस्पृहयथाः अस्पृहयेथाम् अस्पृहयध्वम्
अस्पृहये अस्पृहयावहि अस्पृहयामहि स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्पृहयेयाताम्
स्पृहयेरन् स्पृहयेथाः स्पृहयेयाथाम् स्पृहयेध्वम् स्पृहयेय
स्पृहयेवहि स्पृहयेमहि स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लिट्) स्पृहयाञ्चक्रे स्पृहयाञ्चक्राते
स्पहयाञ्चक्रिरे स्पृहयाञ्चकृषे स्पृहयाञ्चकाथे । स्पृहयाञ्चकृढ्वे स्पृहयाञ्चके स्पृहयाञ्चकृवहे स्पृहयाञ्चकृमहे
स्पृहयेत
For Private and Personal Use Only
Page #778
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
स्पृहयता स्पृहयतासे
स्पृहयितारौ स्पृहयितासाथे स्पृहयितास्वहे
स्पृहता
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
स्पृहयिष्यते स्पृहय स्पृहयिष्ये
स्पृहयिषीयास्ताम् स्पृहयिषीयास्थाम् स्पृहयिषीवहि
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपस्पृहत
अपस्पृहथाः अपस्पृहे
स्पृहयिष्ये स्पृहयिष्येथे स्पृहविष्यावहे
स्पृह् (ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्पृहयिषीष्ट स्पृहयिषीष्ठाः स्पृहयषीय
अस्पृहयिष्यत अस्पृहविष्यथाः अस्पृहयिष्ये
अपस्पृहेताम् अपस्पृहे थाम अपस्पृहावहि
स्पृह ( ईप्सायाम्, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्पृहयिष्येताम् अस्पृहयिष्येथाम् अस्पृहयिष्याि
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
स्फोटयति
स्फोटयसि स्फोटयामि
स्फोटयतः
स्फोटयथः
स्फोटयावः
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लोट्)
स्फोटयत्
स्फोटय स्फोटयानि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्फोटयताम्
स्फोटयतम्
स्फोटयाव
For Private and Personal Use Only
स्पृहयितारः स्पृहयताध्वे स्पृहयितास्महे
स्पृहयिष्यन्ते स्पृहयिष्यध्वे स्पृहयिष्यामहे
स्पृहयिषीरन् स्पृहयिषीध्वम् स्पृहविषीमहि
अपस्पृहन्त
अपस्पृहध्वम्
अपस्पृहाम
अस्पृहयिष्यन्त अस्पृहयिष्यध्वम्
अस्पृहविष्याम
स्फोटयन्ति स्फोटयथ
स्फोटयामः
स्फोटयन्तु
स्फोट
स्फोटयाम
७७१
Page #779
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
७७२
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्फोटयत् अस्फोटयः अस्फोटयम्
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्फोटयाञ्चकार स्फोटयाञ्चकर्थ स्फोटयाञ्चकार
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्फोटयेत् स्फोटयेः स्फोटयेयम्
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लिट् )
अस्फोटयताम् अस्फोटयतम्
अस्फोटयाव
अपुस्फुटत्
अपुस्फुटः
अपुस्फुटम्
स्फोटयेताम्
स्फोटतम् स्फोटयेव
स्फोटयाञ्चक्रतुः स्फोटयाञ्चक्रथुः स्फोटयाञ्चकृव
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
स्फोटयिता स्फोटयतासि स्फोटयितास्मि
स्फोटयितारौ स्फोटयितास्थः स्फोटयितास्वः
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, ऌट्)
स्फोटयिष्यति
स्फोटयिष्यसि स्फोटयिष्यामि
स्फोटयिष्यतः
स्फोटयिष्यथः
स्फोटयिष्यावः
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ)
स्फोटयात्
स्फोटयाः स्फोट्यासम्
स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
स्फोटयास्ताम्
स्फोट्याम् स्फोट्यास्व
अपुस्फुटताम्
अपुस्फुटतम्
अपुस्फुटाव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
अस्फोटयन् अस्फोटयत
अस्फोटयाम
स्फोटयेयुः स्फोटयेत
स्फोटम
स्फोटयाञ्चक्रुः स्फोटयाञ्चक्र स्फोटयाञ्चकृम
स्फोटवितारः
स्फोटयितास्थ स्फोटयितास्मः
स्फोटयिष्यन्ति स्फोटयिष्यथ
स्फोटयिष्यामः
स्फोट्यासुः स्फोट्यास्त
स्फोट्यास्म
अपुस्फुटन्
अपुस्फुटत
अपुस्फुटाम
Page #780
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
काटयत
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ७७३ स्फुट (भेदने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्फोटयिष्यत् अस्फोटयिष्यताम् अस्फोटयिष्यन् अस्फोटयिष्यः अस्फोटयिष्यतम अस्फोटयिष्यत
अस्फोटयिष्यम् अस्फोटयिष्याव अस्फोटयिष्याम स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
स्फोटयते स्फोटयेते स्फोटयन्ते स्फोटयसे स्फोटयेथे
स्फोटयध्वे स्फोटये
स्फोटयावहे स्फोटयामहे स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
स्फोटयताम् स्फोटयेताम् स्फोटयन्ताम् स्फोटयस्व स्फोटयेथस्व स्फोटयध्वम्
स्फोटयै स्फोटयावहै स्फोटयामहै स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्फोटयत अस्फोटयेताम् अस्फोटयन्त अस्फोटयथाः अस्फोटयेथाम । अस्फोटयध्वम
अस्फोटये अस्फोटयावहि अस्फोटयामहि स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्फोटयेत स्फोटयेयाताम् स्फोटयेरन् स्फोटयेथाः स्फोटयेयाथाम् स्फोटयेध्वम
स्फोटयेय स्फोटयेवहि स्फोटयेमहि स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
स्फोटयाञ्चक्रे स्फोटयाञ्चक्राते स्फोटयाञ्चक्रिरे स्फोटयाञ्चकृषे . स्फोटयाञ्चक्राथे स्फोटयाञ्चकृढ्वे
स्फोटयाञ्चक्रे स्फोटयाञ्चकृवहे स्फोटयाञ्चकृमहेस्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
स्फोटयिता स्फोटयितारौ स्फोटयितारः स्फोटयितासे स्फोटयितासाथे स्फोटयिताध्वे स्फोटयिताहे स्फोटयितास्वहे स्फोटयितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #781
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
स्फोटयिष्यते स्फोटयिष्येते स्फोटयिष्यन्ते स्फोटयिष्यसे स्फोटयिष्येथे स्फोटयिष्यध्वे
स्फोटयिष्ये स्फोटयिष्यावहे स्फोटयिष्यामहे स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्फोटयिषीष्ट स्फोटयिषीयास्ताम् स्फोटयिषीरन् स्फोटयिषीष्ठाः स्फोटयिषीयास्थाम स्फोटयिषीध्वम
स्फोटयिषीय स्फोटयिषीवहि स्फोटयिषीमहि स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अपुस्फुटत अपुस्फुटेताम् अपुस्फुटन्त अपुस्फुटथाः अपुस्फुटेथाम अपुस्फुटध्वम
अपुस्फुटे अपुस्फुटावहि अपुस्फुटामहि स्फुट (भेदने, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्फोटयिष्यत अस्फोटयिष्येताम् अस्फोटयिष्यन्त अस्फोटयिष्यथाः अस्फोटयिष्येथाम् अस्फोटयिष्यध्वम्
अस्फोटयिष्ये अस्फोटयिष्यावहिं अस्फोटयिष्यामहि स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्फुटति स्फुटतः
स्फुटन्ति स्फुटसि स्फुटथः
स्फुटथ स्फुटामि स्फुटावः
स्फुटामः स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) स्फुटतु
स्फुटताम् स्फुटन्तु स्फुट स्फुटतम्
स्फुटत स्फुटानि स्फुटाव
स्फुटाम स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्फुटत् अस्फुटताम् अस्फुटन् अस्फुटः
अस्फुटतम् अस्फुटत अस्फुटम् अस्फुटाव
अस्फुटाम
For Private and Personal Use Only
Page #782
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७५
पुस्फोट
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्फुटेत् स्फुटेताम्
स्फुटेयः स्फुटे: स्फुटेतम्
स्फुटेत स्फुटेयम् स्फुटेव
स्फुटेम स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लिट्)
पुस्फुटतुः पुस्फुटुः पुस्फुटिथ
पुस्फुटथुः पुस्फुट पुस्फोट पुस्फुटिव
पुस्फुटिम स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लुट्)
स्फुटिता स्फुटितारौ स्फुटितारः स्फुटितासि स्फुटितास्थः स्फुटितास्थ
स्फुटितास्मि स्फुटितास्वः स्फुटितास्मः स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्फुटिष्यति
स्फुटिष्यतः स्फुटिष्यन्ति स्फुटिष्यसि स्फुटिष्यथः स्फुटिष्यथ
स्फुटिष्यामि स्फुटिष्यावः स्फुटिष्यामः स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्फुट्यात् स्फुट्यास्ताम् स्फुट्यासुः स्फुट्याः स्फुट्यास्तम् स्फुट्यास्त स्फुट्यासम्
स्फुट्यास्व स्फुट्यास्म स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्फुटीत् अस्फुटिष्टाम् अस्फुटिषुः अस्फटीः
अस्फुटिष्टम अस्फुटिष्ट अस्फुटिषम् अस्फुटिष्व अस्फुटिष्म स्फुट (विकसने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्फुटिष्यत् अस्फुटिष्यताम् अस्फुटिष्यन् अस्फुटिष्यः अस्फुटिष्यतम् अस्फुटिष्यत अस्फुटिष्यम् अस्फुटिष्याव अस्फुटिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #783
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) स्फोटते स्फोटेते
स्फोटन्ते स्फोटसे स्फोटेथे स्फोटध्वे स्फोटे
स्फोटावहे स्फोटामहे स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
स्फोटताम् स्फोटेताम् स्फोटन्ताम स्फोटस्व स्फोटेथाम् स्फोटध्वम् स्फोटै
स्फोटावहै स्फोटामहै स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्फोटत अस्फोटेताम् अस्फोटन्त अस्फोटथाः अस्फोटेथाम् अस्फोटध्वम्
अस्फोटे अस्फोटावहि अस्फोटामहि स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) स्फोटेत
स्फोटेयाताम् स्फोटेरन् स्फोटेथाः स्फोटेयाथाम् स्फोटेध्वम्
स्फोटेय स्फोटेवहि स्फोटेमहि स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
पुस्फुटाते पुस्फुटिरे पुस्फुटिषे
पुस्फुटाथे
पुस्फुटिवहे पुस्फुटिमहे स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
स्फे टिता स्फेटितारौ स्फेटितारः स्फेटितासे स्फेटितासाथे स्फेटिताध्वे
स्फेटिताहे स्फेटितास्वहे स्फेटितास्महे स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्फोटिष्यते स्फोटिष्येते स्फोटिष्यन्ते स्फोटिष्यसे स्फोटिष्येथे स्फोटिष्यध्वे स्फोटिष्ये स्फोटिष्यावहे स्फोटिष्यामहे
पुस्फुटे
पुस्फुटिध्वे
पुस्फुटे
For Private and Personal Use Only
Page #784
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
स्फोटिषीष्ट
स्फोटिषीष्ठाः स्फोटिषीय
www.kobatirth.org
स्फुट (विकसने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्फोटिष्ट
अस्फोटिष्ठाः अस्फोटिषि
स्फुट ( विकसने, भ्वादिगण, आत्मने,
स्फोटति
स्फोटसि
स्फोटामि
--
स्फोटिषीयास्ताम् स्फोटिषीयास्थाम् स्फोटिषीवहि
लृङ्)
अस्फोटिष्यत अस्फोटिष्येताम् अस्फोटिष्यथाः अस्फोटिष्ये
अस्फोटिष्येथाम अस्फोटिष्यावहि
स्फोटतु स्फोट स्फोटानि
स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्फोटतः
स्फोटथः
स्फोटावः
अस्फोटिषाताम् अस्फोटिषाथाम् अस्फोटिष्वहि
अस्फोटत् अस्फोटः अस्फोटम्
स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
स्फोटताम्
स्फोटतम्
स्फोटाव
स्फोटेन
स्फोट:
स्फोटयम्
स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्फोटताम्
अस्फोटतम्
अस्फोटाव
स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्फोटताम्
स्फोम्
स्फोटेव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्फोटिषीरन् स्फोटिषीध्वम
स्फोटिषीमहि
अस्फोटिषत
अस्फोटिध्वम् अस्फोटिष्महि
अस्फोटिष्यन्त अस्फोटिष्यध्वम् अस्फोटिष्यामहि
स्फोटन्ति स्फोटथ
स्फोटामः
स्फोटन्तु
स्फोट
स्फोटाम
अस्फोटन अस्फोटत
अस्फोटाम
स्फोटेयुः स्फोटत स्फोटम
७७७
Page #785
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
पुस्फोट पुस्फोटतुः पुस्फुटुः पुस्फोटिथ पुस्फोटथुः पुस्फुट
पुस्फोट पुस्फुटिव पुस्फुटिम स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
स्फोटिता स्फोटितारौ स्फोटितारः स्फोटितासि स्फोटितास्थः स्फोटितास्थ
स्फोटितास्मि स्फोटितास्वः ।। स्फोटितास्मः स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्फोटिष्यति स्फोटिष्यतः स्फोटिष्यन्ति स्फोटिष्यसि स्फोटिष्यथः स्फोटिष्यथ
स्फोटिष्यामि स्फोटिष्यावः स्फोटिष्यामः स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्फुट्यात्
स्फुट्यास्ताम् स्फुट्यासुः स्फुट्याः स्फुट्यास्तम् स्फुट्यास्त
स्फुट्यासम् स्फुट्यास्व स्फुट्यास्म स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्फोटीत् अस्फोटिष्टाम् अस्फोटिषुः अस्फोटीः
अस्फोटितम अस्फोटित अस्फोटिम् अस्फोटिष्व अस्फोटिष्म स्फुटिर् (विशरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्फोटिष्यत् अस्फोटिष्यताम् अस्फोटिष्यन् अस्फोटिष्यः अस्फोटिष्यतम् अस्फोटिष्यत
अस्फोटिष्यम् अस्फोटिष्याव अस्फोटिष्याम स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्फुरति स्फुरतः
स्फुरन्त स्फुरसि स्फुरथः
स्फुरथ स्फुरामि स्फुरावः
स्फुरामः
For Private and Personal Use Only
Page #786
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७७९
स्फुर
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लोट्) स्फुरतु स्फुरताम्
स्फुरन्तु स्फुरतम्
स्फुरत स्फुराणि स्फुराव
स्फुराम स्फुर (संञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्) अस्फुरत्
अस्फुरताम् अस्फुरन् अस्फुरः
अस्फुरतम् अस्फुरत अस्फुरम् अस्फुराव
अस्फुराम स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्फुरेत् स्फुरेताम्
स्फुरेयुः स्फुरतम्
स्फरेत स्फुरेयम् स्फुरेव
स्फुरेम स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लिट्) पुस्फोर पुस्फुरतुः
पुस्फुरुः पुस्फुरिथ पुस्फुरथुः पुस्फुर पुस्फोर पुस्फुरिव
पुस्फुरिम स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लुट्)
स्फुरिता स्फुरितारौ स्फरितारः स्फुरितासि स्फुरितास्थः स्फुरितास्थ
स्फुरितास्मि स्फुरितास्वः स्फुरितास्मः स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लट्) स्फुरिष्यति
स्फुरिष्यतः स्फुरिष्यन्ति स्फुरिष्यसि स्फुरिष्यथः स्फुरिष्यथ
स्फुरिष्यामि स्फुरिष्यावः स्फुरिष्यामः स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्फूर्यात् स्फूर्यास्ताम् स्फूर्यासुः स्फूर्याः स्फूर्यास्तम् स्फूर्यास्त स्फूर्यासम् स्फूर्यास्व स्फूर्यास्म
For Private and Personal Use Only
Page #787
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७८० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्फुरीत् अस्फुरिष्टाम् अस्फुरिषुः अस्फुरीः अस्फुरिष्टम् अस्फुरिष्ट
अस्फुरिषम् अस्फुरिष्व अस्फुरिष्म स्फुर (सञ्चलने, तुदादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्फुरिष्यत् अस्फुरिष्यताम अस्फुरिष्यन् अस्फुरिष्यः अस्फुरिष्यतम् अस्फुरिष्यत
अस्फुरिष्यम् अस्फुरिष्याव अस्फुरिष्याम स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) स्फायते स्फायेते
स्फायन्ते स्फायसे स्फायेथे
स्फायध्वे स्फाये
स्फायावहे स्फायामहे स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
स्फायताम् स्फायेताम् स्फायन्ताम् स्फायस्व स्फायेथाम्
स्फायध्वम स्फायै
स्फायावहै स्फायामहै स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अस्फायत
अस्फायेताम अस्फायथाः अस्फायेथाम् अस्फायध्वम्
अस्फाये अस्फायावहि अस्फायामहि स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) स्फायेत
स्फायेयाताम् स्फायेरन् स्फायेथाः स्फायेयाथाम् स्फायेध्वम
स्फायेय स्फायेवहि स्फायेमहि स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) पस्फाये
पस्फायाते पस्फायिरे पस्फायिषे पस्फायाथे पस्फायिध्वे पस्फाये
पस्फायिवहे पस्फायिमहे
अस्फायन्त
For Private and Personal Use Only
Page #788
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ७८१ स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) स्फायिता
स्फायितारौ स्फायितारः स्फायितासे स्फायितासाथे स्फायिताध्वे
स्फायिताहे स्फायितास्वहे स्फायितास्महे स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्फायिष्यते स्फायिष्येते स्फायिष्यन्ते स्फायिष्यसे स्फायिष्येथे स्फायिष्यध्वे
स्फायिष्ये स्फायिष्यावहे स्फायिष्यामहे स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्फायिषीष्ट स्फायिषीयास्ताम् स्फायिषीरन् स्फायिषीष्ठाः स्फायिषीयास्थाम स्फायिषीध्वम
स्फायिषीय स्फायिषीवहि स्फायिषीमहि स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्फायिष्ट अस्फायिषाताम् अस्फायिषत अस्फायिष्ठाः अस्फायिषाथाम् अस्फायिध्वम् अस्फायिषि अस्फायिष्वहि
अस्फायिष्महि स्फायी (वृद्धौ, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्फायिष्यत अस्फायिष्येताम् अस्फायिष्यन्त अस्फायिष्यथाः अस्फायिष्येथाम अस्फायिष्यध्वम्
अस्फायिष्ये अस्फायिष्यावहि अस्फायिष्यामहि स्मृ (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) स्मरति स्मरतः
स्मरन्ति स्मरसि स्मरथः
स्मरथ स्मरामि स्मरावः
स्मरामः स्म (चिन्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लोट) स्मरतु स्मरताम
स्मरन्तु स्मर स्मरतम्
स्मरत स्मराणि
स्मराव
For Private and Personal Use Only
Page #789
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७८२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्म (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अस्मरत अस्मरताम
अस्मरन् अस्मरः अस्मरतम्
अस्मरत अस्मरम् अस्मराव
अस्मराम स्म (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्मरेत् स्मरेताम्
स्मरेयः स्मरेः स्मरेतम्
स्मरेत स्मरेयम् स्मरेव
स्मरेम स्म (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) सस्मार सस्मरतुः
सस्मरुः सस्मर्थ सस्मथुः
सस्मर सस्मार
सस्मरिव सस्मरिम स्मृ (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) स्मर्तारौ
स्मर्तारः स्मासि
स्मर्तास्थः स्मर्तास्थ स्मास्मि स्मर्तास्वः
स्मर्तास्मः स्म (चिन्तायाम, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्मरिष्यति स्मरिष्यतः स्मरिष्यन्ति स्मरिष्यसि स्मरिष्यथः
स्मरिष्यथ स्मरिष्यामि स्मरिष्याव: स्मरिष्यामः स्म (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्मर्यात् स्मर्यास्ताम्
स्मर्यासुः स्मर्याः स्मर्यास्तम्
स्मर्यास्त. स्मर्यासम् स्मर्यास्व
स्मर्यास्म स्म (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्मार्षीत् अस्मार्टाम् अस्माषुः अस्मार्षीः अस्माष्टम्
अस्माष्ट अस्मार्षम् अस्मार्ट्ज
अस्मार्म
स्मर्ता
For Private and Personal Use Only
Page #790
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७८३
सवथः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्मृ (चिन्तायाम्, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्मरिष्यत् अस्मरिष्यताम् अस्मरिष्यन अस्मरिष्यः अस्मरिष्यतम् अस्मरिष्यत
अस्मरिष्यम् अस्मरिष्याव अस्मरिष्याम सु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) स्रवति स्रवतः
स्रवन्ति स्रवसि
सवथ सवामि सवावः
सवामः सु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) स्रवत् स्रवताम्
सवन्तु स्रव स्रवतम्
स्रवत सवाणि सवाव
सवाम सु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अस्रवत् अस्रवताम्
अस्रवन् असवः असवतम्
अस्रवत अस्रवम् असवाव
अस्रवाम सु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) स्रवेत स्रवेताम्
स्रवेयः स्रवेः स्रवेतम्
सवेत स्रवेयम सवेव
स्रवेम मु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) सुस्राव सुस्रुवतुः
सुस्रुवुः सुस्रोथ
सुस्रुवथुः सुस्रुव सुस्राव
सुस्रुव सु (गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) स्रोता स्रोतारौ
स्रोतारः स्रोतासि स्रोतास्थः
स्रोतास्थ स्रोतास्मि स्रोतास्वः
स्रोतास्मः
4 4 4
सुस्रुम
For Private and Personal Use Only
Page #791
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्रोष्यति
स्रोष्यसि
स्रोष्यामि
७८४
स्रु (गती, भ्वादिगण, परस्मै, लृट्)
स्रोष्यतः
स्रोष्यथः
स्रोष्यावः
स्रु ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
सूयात्
सूयाः
सूयासम्
असुस्रुवत्
असुस्रुवः असुस्रुवम्
www.kobatirth.org
सूयास्ताम्
सूयास्तम्
सूयास्व
स्रु ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्रंसते
संस
स्रंसे
सु ( गतौ, भ्वादिगण, परस्मै, लृङ् )
अस्रोष्यत् अस्रोष्यः
अस्रोष्यम्
स्रंस (अवस्रंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्रंसताम्
स्रंसस्व
स्रंसै
असुस्रुवताम्
असुस्रुवतम्
असुस्रुवाव
अस्रंसत
अस्रंसथाः
अस्रंसे
अस्रोष्यताम्
अस्रोष्यतम्
अस्रोष्याव
सावहे
स्रंस (अवस्रंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
स्रंसेताम्
स्रंसेथाम
संसा
स्रंसते
स्रंसे
स्रंस (अवस्रंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्रंसेताम्
अस्रंसेथाम
अस्रं साहि
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्रोष्यन्ति स्रोष्यथ
स्रोष्यामः
सूयासुः
सूयास्त
सूयास्म
असुस्रुवन्
असुस्रुवत
असुस्रुवाम
अस्रोष्यन् अस्रोष्यत
अस्रोष्याम
स्रंसते
स्रंसध्वे
स्रंसामहे
स्रंसन्ताम
स्रंसध्वम्
सामहै
अस्रंसन्त
अस्रंसध्वम् अस्रं सामहि
Page #792
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७८५
ससंसिध्वे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली संस (अवस्रंसने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) संसेत
संसेयाताम् संसेरन् संसेथाः
संसैयाथाम् संसेध्वम् संसेय संसेवहि
संसेमहि संस (अवयंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) सस्रंसे
ससंसाते सस्रंसिरे सस्रंसिषे ससंसाथे सस्रंसे
ससंसिवहे ससंसिमहे स्रंस (अवयंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) संसिता संसितारौ
संसितारः संसितासे संसितासाथे संसिताध्वे
संसिताहे संसितास्वहे संसितास्महे स्रंस (अवलंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) संसिष्यते संसिष्येते
संसिष्यन्ते संसिष्यसे संसिष्येथे
संसिष्यध्वे संसिष्ये
संसिष्यावहे संसिष्यामहे संस (अवलंसने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
संसिषीष्ट संसिषीयास्ताम् संसिषीरन् संसिषीष्ठाः संसिषीयास्थाम् संसिषीध्वम्
संसिषीय संसिषीवहि संसिषीमहि संस (अवयंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
असंसिष्ट असंसिषाताम् असंसिषत अप्रंसिष्ठाः अप्रंसिषाथाम असंसिध्वम्
असंसिषि अस्रंसिष्वहि असंसिष्महि संस (अवलंसने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
असंसिष्यत असंसिष्येताम् असंसिष्यन्त असंसिष्यथाः अस्रंसिष्येथाम् असंसिष्यध्वम् असंसिष्ये असंसिष्यावहि असंसिष्यामहि
सास
For Private and Personal Use Only
Page #793
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
७८६
स्वृ ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्वरति
स्वरसि स्वरामि
स्वृ ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्)
स्वरतु
स्वरताम्
स्वरतम्
स्वर स्वराणि
स्वराव
स्व ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्वरताम्
अस्वरतम्
अस्वराव
स्वरतः
स्वरथः
स्वरावः
सस्वार सस्वरिथ
सस्वार
स्व ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
स्वरितारौ
स्वरिता स्वरितासि स्वरितास्मि
स्वरितास्थः
स्वरितास्वः
स्व ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
स्वरिष्यति
स्वरिष्यसि
स्वरिष्यामि
सस्वरतुः
सस्वरथुः
सस्वरिव
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अस्वरत्
अस्वरः
अस्वरम्
स्व ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्वरेताम्
स्वरेत् स्वरे: स्वरेयम्
स्वरेतम्
स्वरेव
स्व ( शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्)
स्वरिष्यतः
स्वरिष्यथः
स्वरिष्यावः
For Private and Personal Use Only
-
स्वरन्ति
स्वरथ
स्वरामः
स्वरन्तु
स्वरत
स्वराम
अस्वरन्
अस्वरत
अस्वराम
स्वरेयुः स्वरेत
स्वरेम
सस्वरुः
सस्वर
सस्वरिम
स्वरितारः
स्वरितास्थ
स्वरितास्मः
स्वरिष्यन्ति
स्वरिष्यथ
स्वरिष्यामः
Page #794
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७८७
स्वर्यासुः
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्व (शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्)
स्वर्यात् स्वर्यास्ताम् स्वर्याः स्वर्यास्तम्
स्वर्यास्त स्वर्यासम् स्वर्यास्व
स्वर्यास्म स्व (शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्वारीत् अस्वारिष्टाम् अस्वारिषुः अस्वारीः अस्वारिष्टम् अस्वारिष्ट
अस्वारिषम् अस्वारिषाव अस्वारिषाम स्व (शब्दोपतापयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्)
अस्वरिष्यत् अस्वरिष्यताम् अस्वरिष्यन् अस्वरिष्यः अस्वरिष्यतम् अस्वरिष्यत
अस्वरिष्यम् अस्वरिष्याव अस्वरिष्याम स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लट्) स्वादयति स्वादयतः
स्वादयन्ति स्वादयसि स्वादयथः
स्वादयथ स्वादयामि स्वादयावः
स्वादयामः स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लोट्) स्वादयतु
स्वादयताम् स्वादयन्तु स्वादय स्वादयतम्
स्वादयत स्वादयानि स्वादयाव
स्वादयाम स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्वादयत् अस्वादयताम् अस्वादयन् अस्वादयः
अस्वादयतम् अस्वादयत अस्वादयम् अस्वादयाव
अस्वादयाम स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्)
स्वादयेत् स्वादयेताम् स्वादयेयुः स्वादयेः स्वादयेतम् स्वादयेत स्वादयेयम् स्वादयेव
स्वादयेम
For Private and Personal Use Only
Page #795
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्वादयिता
७८८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लिट्)
स्वादयाञ्चकार स्वादयाञ्चक्रतुः स्वादयाञ्चक्रुः स्वादयाञ्चकर्थ स्वादयाञ्चक्रथुः स्वादयाञ्चक्र
स्वादयाञ्चकार स्वादयाञ्चकृव स्वादयाञ्चकृम स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लुट्)
स्वादयितारौ स्वादयितारः स्वादयितासि
स्वादयितास्थः स्वादयितास्थ स्वादयितास्मि स्वादयितास्वः स्वादयितास्मः स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लट्)
स्वादयिष्यति स्वादयिष्यतः स्वादयिष्यन्ति स्वादयिष्यसि स्वादयिष्यथः स्वादयिष्यथ
स्वादयिष्यामि स्वादयिष्यावः स्वादयिष्यामः स्वद् (चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) स्वाद्यात्
स्वाद्यास्ताम् स्वाद्यासुः स्वाद्याः स्वाद्यास्तम्
स्वाद्यास्त स्वाद्यासम् स्वाद्यास्व
स्वाद्यास्म स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) असिस्वदत् असिस्वदताम्
असिस्वदन् असिस्वदः असिस्वदतम्
असिस्वदत असिस्वदम् असिस्वदाव असिस्वदाम स्वद् (, चुरादिगण, परस्मै, लङ्)
अस्वादयिष्यत् अस्वादयिष्यताम् । अस्वादयिष्यन् अस्वादयिष्यः अस्वादयिष्यतम् अस्वादयिष्यत
अस्वादयिष्यम् अस्वादयिष्याव अस्वादयिष्याम स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
स्वादयते स्वादयेते स्वादयन्ते स्वादयसे स्वादयेथे स्वादयध्वे स्वादये
स्वादयावहे स्वादयामहे
For Private and Personal Use Only
Page #796
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्वादयताम्
स्वादयस्व स्वादयै
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु-रूपावली
स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
स्वादयेताम्
स्वादयेथस्व स्वादयावहै
स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्वादयत
अस्वादयथाः
अस्वादये
www.kobatirth.org
स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
स्वादयेत
स्वादयेथाः स्वादयेय
स्वादयेयाताम् स्वादयेयाथाम् स्वादयेवहि
अस्वादयेताम् अस्वादथाम् अस्वादया वह
स्वद् (चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
स्वादयाञ्चक्रे
स्वादयाञ्चकृषे स्वादयाञ्चक्रे
स्वादयिता स्वादयितासे
स्वादयिताहे
स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लुट्)
स्वादयिष्यते
स्वादयिष्यसे स्वादयिष्ये
स्वादयाञ्चक्राते स्वादयाञ्चक्रा
स्वादयाञ्चकृवहे
स्वादयितारौ
स्वादयितासाथे
स्वादयितास्व
स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लट्)
स्वादयिष्येते
स्वादयिष्येथे
स्वादयिष्यावहे
स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने आशीर्लिङ)
स्वादयिषीष्ट स्वादयिषीयास्ताम्
स्वादयिषीष्ठाः
स्वादयिषीयास्थाम् स्वादयिषीवहि
स्वादयिषीय
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
स्वादयन्ताम्
स्वादयध्वम्
स्वादयाम
अस्वादयन्त अस्वादयध्वम् अस्वादयामहि
स्वादयेरन् स्वादयेध्वम्
स्वाद महि
स्वादयाञ्चक्रिरे स्वादयाञ्चकृढ्वे स्वादयाञ्चकृमहे
स्वादयितारः स्वादयिताध्वे
स्वादयितास्महे
स्वादयिष्यन्ते
स्वादयिष्यध्वे स्वादयिष्यामहे
७८९
स्वादयिषीरन् स्वादयिषीध्वम् स्वादयिषीमहि
Page #797
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९०
स्वादन्ते
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लुङ्)
असिस्वदत असिस्वदेताम् असिस्वदन्त असिस्वदथाः असिस्वदेथाम् असिस्वदध्वम्
असिस्वदे असिस्वदावहि असिस्वदामहि स्वद् (, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्वादयिष्यत अस्वादयिष्येताम् अस्वादयिष्यन्त अस्वादयिष्यथाः अस्वादयिष्येथाम् अस्वादयिष्यध्वम्
अस्वादयिष्ये अस्वादयिष्यावहि अस्वादयिष्यामहि स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) स्वादते
स्वादेते स्वादसे स्वादेथे
स्वादध्वे स्वादे स्वादावहे
स्वादामहे स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) स्वादताम् स्वादेताम्
स्वादन्ताम् स्वादस्व स्वादेथाम
स्वादध्वम् स्वादै स्वादावहै
स्वादामहै स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
अस्वादत अस्वादेताम् अस्वादन्त अस्वादथाः अस्वादेथाम् अस्वादध्वम् अस्वादे
अस्वादावहि अस्वादामहि स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) स्वादेत
स्वादेयाताम् स्वादेरन् स्वादेथाः स्वादेयाथाम् स्वादेध्वम् स्वादेय स्वादेवहि
स्वादेमहि स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लिट) सस्वादे
सस्वादाते सस्वादिरे सस्वादिषे सस्वादाथे सस्वादे सस्वादिवहे सस्वादिमहे
सस्वादिध्ये
For Private and Personal Use Only
Page #798
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९१
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लुट) स्वादिता
स्वादितारौ स्वादितारः स्वादितासे स्वादितासाथे स्वादिताध्वे
स्वादिताहे स्वादितास्वहे स्वादितास्महे स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
स्वादिष्यते स्वादिष्येते स्वादिष्यन्ते स्वादिष्यसे स्वादिष्येथे स्वादिष्यध्वे स्वादिष्ये
स्वादिष्यावहे स्वादिष्यामहे स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्)
स्वादिषीष्ट स्वादिषीयास्ताम् स्वादिषीरन् स्वादिषीष्ठाः स्वादिषीयास्थाम स्वादिषीध्वम
स्वादिषीय स्वादिषीवहि स्वादिषीमहि स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्वादिष्ट अस्वादिषाताम् अस्वादिषत अस्वादिष्ठाः अस्वादिषाथाम् अस्वादिध्वम्
अस्वादिषि अस्वादिष्वहि अस्वादिष्महि स्वाद (आस्वादने, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अस्वादिष्यत अस्वादिष्येताम् अस्वादिष्यन्त अस्वादिष्यथाः अस्वादिष्येथाम अस्वादिष्यध्वम
अस्वादिष्ये अस्वादिष्यावहि अस्वादिष्यामहि हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) जुहोति
जुह्वति जुहोषि जुहुथः
जुहुथ जुहोमि जुहुवः
जुहुमः हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लोट्) जुहोतु जुहुताम्
जुह्वतु जुहुधि जुहुतम्
जुहुत जुहवाव
जुहवाम
जुहुतः
जुहवानि
For Private and Personal Use Only
Page #799
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९२
जुहुवुः जुहुव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लङ्)
अजुहोत् अजुहुताम् अजुहवुः अजुहोः
अजुहुतम् अजुहुत अजुहवम् अजुहुव
अजुहुम हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) जुहुयात् जुहुयाताम्
जुहुयुः जुहुयाः
जुहुयातम् जुहुयात जुहुयाम् जुहुयाव
जुहुयाम हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लिट्) जुहाव
जुहुवतुः जुहोथ
जुहुवथुः जुहाव
जुहुविव जुहुविम हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुट्) होता
होतारः होतासि होतास्थः
होतास्थ होतास्मि होतास्वः
होतास्मः हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लट्) होष्यति होष्यतः
होष्यन्ति होष्यसि होष्यथः
होष्यथ होष्यामि होष्याव:
होष्यामः हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) हूयात् हूयास्ताम्
हूयासुः हयाः हूयास्तम्
हूयास्त हूयासम् हूयास्व
हूयास्म हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अहौषीत् अहौष्टाम्
अहौषुः अहौषीः अहौष्टम
अहौष्ट अहौषम् अहौष्व
अहौष्म
होतारौ
For Private and Personal Use Only
Page #800
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
हरति
हराणि
हराव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हु (दानादयोः, जुहोत्यादिगण, परस्मै, लुङ्) अहोष्यत् अहोष्यताम्
अहोष्यन् अहोष्यः अहोष्यतम्
अहोष्यत अहोष्यम् अहोष्याव
अहोष्याम हृ (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
हरतः
हरन्ति हरसि हरथः
हरथ हरामि हरावः
हरामः हृ (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) हरतु हरताम्
हरन्तु हरतम्
हरत
हराम हु (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अहरत् अहरताम्
अहरन अहरः अहरतम्
अहरत अहरम् अहराव
अहराम हु (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) हरेत्
हरेताम् हरेः हरेतम
हरेत हरेयम्
हरेव हृ (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जहार जह्रतुः
जहुः जह्रथुः जहार जह्रिव
जह्रिम हृ (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्)
हर्ता हर्तासि हर्तास्थः
हर्तास्थ हर्तास्मि
हर्तास्वः हर्तास्मः
ལྷཉྫ༔ #ཝ་ལོ་ཚོ་ བློབློཟློཟློཝཟླ ཟློསྒྲ་སྒྲོ༔
हरेयुः
हरेम
जहर्थ
जह
हर्तारौ
हर्तारः
For Private and Personal Use Only
Page #801
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हृ (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
हरिष्यति हरिष्यतः हरिष्यन्ति हरिष्यसि हरिष्यथः
हरिष्यथ हरिष्यामि हरिष्यावः
हरिष्यामः हृ (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) ह्रियात् ह्रियास्ताम्
ह्रियासुः ह्रियाः
ह्रियास्तम ह्रियास्त ह्रियासम् ह्रियास्व ह्रियास्म ह (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अहार्षीत् अहाप्रम्
अषिः अहार्षीः अहाष्टम्
अहाट अहार्षम् अहार्ब
अहार्म ह (हरणे, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अहरिष्यत् अहरिष्यताम्
अहरिष्यन् अहरिष्यः
अहरिष्यतम् अहरिष्यत अहरिष्यम् अहरिष्याव अहरिष्याम ह (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
हरेते
हरन्ते हरसे
हरध्वे हरे हरावहे
हरामहे हु (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) हरताम हरेताम्
हरन्ताम् हरस्व हरेथाम
हरध्वम्
हरावहै ह (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अहरत अहरेताम्
अहरन्त अहरथाः अहरेथाम
अहरध्वम् अहरे अहरावहि
अहरामहि
हरते
हरेथे
हरामहै
For Private and Personal Use Only
Page #802
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९५
.हरेय
जहे
जहे
हर्ताहे
हर्तास्महे
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हृ (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) हरेत
हरेयाताम् हरेरन् हरेथाः
हरेयाथाम् हरेध्वम् हरेवहि
हरेमहि हृ (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
जहाते
जहिरे जहिषे जह्राथे
जहिध्वे जह्निवहे
जहिमहे हृ (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) हर्ता हर्तारौ
हर्तारः हर्तासे
हर्तासाथे हर्ताध्वे
हर्तास्वहे हृ (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) हरिष्यते हरिष्येते
हरिष्यन्ते हरिष्यसे हरिष्येथे
हरिष्यध्वे हरिष्ये
हरिष्यावहे हरिष्यामहे हृ (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) हृषीष्ट
हृषीयास्ताम् हृषीरन् हषीष्ठाः
हृषीयास्थाम् हृषीध्वम् हृषीय हृषीवहि
हृषीमहि हु (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्) अहृत अहृषाताम्
अहषत अहृथाः अहृषाथाम्
अहढवम अहृषि अहृष्वहि
अहष्महि हृ (हरणे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अहरिष्यत अहरिष्येताम् अहरिष्यन्त अहरिष्यथाः अहरिष्येथाम् अहरिष्यध्वम् अहरिष्ये
अहरिष्यावहि अहरिष्यामहि
For Private and Personal Use Only
Page #803
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
हतः
अहन्
७९६ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लट्) हन्ति
घ्नन्ति हंसि हथः
हथ हन्मि हन्वः
हन्मः हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लोट्) हन्तु हताम्
घ्नन्तु जहि हतम्
हत हनानि हनाव
हनाम हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
अहताम्
अघ्नन् अहन् अहतम्
अहत अहनम् अहन्व
अहन्म हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) हन्यात् हन्याताम्
हन्युः हन्याः हन्यातम
हन्यात हन्याम् हन्याव
हन्याम हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लिट्) जघान
जघ्नतुः जघनिथ जघ्नथुः
जघ्न जघान जनिव
जनिम हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लुट्) हन्ता हन्तारौ
हन्तारः हन्तासि हन्तास्थः
हन्तास्थ हन्तास्मि
हन्तास्वः हन्तास्मः हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लट्) हनिष्यति
हनिष्यतः हनिष्यन्ति हनिष्यसि हनिष्यथः
हनिष्यथ हनिष्यामि हनिष्यावः हनिष्यामः
जघ्नुः
For Private and Personal Use Only
Page #804
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७९७
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) वध्यात्
वध्यास्ताम् वध्यासुः वध्याः वध्यास्तम्
वध्यास्त वध्यासम् वध्यास्व
वध्यास्म हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लुङ्) अवधीत
अवधिष्टाम् अवधिषुः अवधीः
अवधिष्टम् अवधिष्ट अवधिषम् अवधिष्व
अवधिष्म हन (हिंसागत्योः, अदादिगण, परस्मै, लङ्)
अहनिष्यत् अहनिष्यताम् अहनिष्यन् अहनिष्यः अहनिष्यतम अहनिष्यत
अहनिष्यम् अहनिष्याव अहनिष्याम हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लट्)
हुवाते हुवाथे
हते
हुवहे
हुध्वे हुमहे
हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लोट्) हुताम् हुवाताम्
हुवताम् हुवाथाम्
हुध्वम् हुवै हुवावहै
हुवामहै हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लङ्) अद्भुत अहुताम्
अहुवत अहुथाः
अहुवाथाम् अहुध्वम् अहुवै अहुवावहि
अहुवामहि हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) हुवीत
हुवीयाताम् हुवीरन् हुवीथाः हुवीयाथाम् हुवीध्वम् हुवीय
हुवीवहि हुवीमहि
For Private and Personal Use Only
Page #805
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जुहुवे
जुहुवाते
जुहुवे
७९८ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लिट्)
जुहुविरे जुहुविषे जुह्ववाथे
जुहुविध्वे
जुहुविवहे जुहुविमहे हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लुट्) होता होतारौ
होतारः होतासे
होतासाथे होताध्वे होताहे होतास्वहे होतास्महे ढुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लट्) होष्यते ह्रोष्येते
ह्रोष्यन्ते ह्रोष्यसे ह्रोष्येथे
ह्रोष्यध्वे ह्रोष्ये
ह्रोष्यावहे ह्रोष्यामहे ढुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) होषीष्ट
होषीयास्ताम् होषीरन् होषीष्ठाः ह्रोषीयास्थाम् होषीध्वम् होषीय होषीवहि
होषीमहि हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लुङ्) अह्रोष्ट
अहषाताम् अह्वषत अहोष्ठाः
अहोषाथाम् अहोढ़वम् अह्रोष्वहि
अहोष्महि हुङ् (अपनयने, अदादिगण, आत्मने, लुङ्)
अह्रोष्यत अह्रोष्येताम् अह्रोष्यन्त अह्रोष्यथाः अह्रोष्येथाम् अहोष्यध्वम अह्रोष्ये
अह्रोष्यावहि अह्रोष्यामहि ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) हादते
ह्रादते हादसे
ह्रादथे ह्रादावहे
ह्रादामहे
अहोषि
ह्रादन्ते ह्रादध्वे
ह्रादे
For Private and Personal Use Only
Page #806
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत - धातु - रूपावली
ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
ह्रादताम्
हादस्व ह्रादै
हाद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्)
हाताम्
हाम्
ह्रादा है
अहाताम्
अह्नादेथाम
अह्नादावहि
ह्रादेयाताम्
ह्रादेयाथाम् हादेवहि
जादा
जहादाथे
जादिव
अह्रादत
अह्रादथाः अहादे
ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
ह्रादेत
ह्रादेथाः
हादेय
ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्)
जा
जहादि
जहादे
ह्लाद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
ह्रादिता
हादसे हादिताहे
हादिता
ह्रादितासाथे
हादितास्वहे
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
हादिये
ह्रादिष्येथे
ह्रादिष्याव
ह्रादिषीयास्ताम्
ह्रादिषीयास्था ह्रादिषीवहि
ह्रादन्ताम्
ह्रादध्वम्
ह्रादा है
अह्रादन्त
अह्रादध्वम्
अह्रादामहि
ह्रादेन
ह्रादेध्वम्
हामहि
जहादिरे
जहादिध्वे
जहादि
हाद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ह्रादिष्यते हादिष्यसे
ह्रादिष्
ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने आशीर्लिङ्)
ह्रादिषीष्ट
ह्रादिषीष्ठाः
हादिषीय
हादितार:
हादिताध्वे
हादितास्महे
For Private and Personal Use Only
हादिष्यन्ते
ह्रादिष्यध्वे
ह्रादिष्यामहे
ह्रादिषीरन् ह्रादिषीध्वम ह्रादिषीमहि
७९९
Page #807
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ह्लादते
ह्लादेते
८०० संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अह्रादिष्ट अह्रादिषाताम् अह्रादिषत अह्रादिष्ठाः अह्रादिषाथाम् अह्रादिध्वम् अह्रादिषि
अह्रादिष्वहि अह्रादिष्महि ह्राद (अव्यक्ते शब्दे, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अह्रादिष्यत अह्रादिष्येताम् अह्रादिष्यन्त अह्रादिष्यथाः अह्रादिष्येथाम अह्रादिष्यध्वम्
अह्रादिष्ये अह्रादिष्यावहि अह्रादिष्यामहि ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ह्लादन्ते हादसे ह्लादेथे
ह्लादध्वे ह्लादे ह्लादावहे
ह्लादामहे ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्) ह्लादताम् ह्लादेताम्
ह्लादन्ताम् ह्लादस्व ह्लादेथाम्
ह्लादध्वम् ह्लादै
ह्लादावहै ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अह्लादत अह्लादेताम्
अह्लादन्त अह्लादथाः अह्लादेथाम
अह्लादध्वम् अह्लादे अह्लादावहि
अह्लादामहि ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) ह्लादेत
ह्लादेयाताम् ह्लादेरन् ह्लादेथाः
ह्लादेयाथाम् ह्लादेध्वम् ह्लादेय ह्लादेवहि
ह्लादेमहि ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) जह्लादे जह्लादाते
जहादिरे जह्लादिषे जह्लादाथे
जह्लादिध्वे जह्लादे जहादिवहे
जह्लादिमहे
ह्लादामहै
For Private and Personal Use Only
Page #808
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८०१
ह्लादिता
हादिनार
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्)
ह्लादितारौ
ह्लादितारः ह्लादितासे
ह्लादितासाथे ह्लादिताध्ये ह्लादिताहे ह्लादितास्वहे ह्लादितास्महे हादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
ह्लादिष्यते ह्लादिष्येते ह्लादिष्यन्ते ह्लादिष्यसे ह्लादिष्येथे
ह्लादिष्यध्वे ह्लादिष्ये
ह्लादिष्यावहे ह्लादिष्यामहे ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लिङ्) ह्लादिषीष्ट
ह्लादिषीयास्ताम् ह्लादिषीरन् ह्लादिषीष्ठाः
ह्लादिषीयास्थाम ह्लादिषीध्वम ह्लादिषीय ह्लादिषीवहि ह्लादिषीमहि ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अह्लादिष्ट अह्लादिषाताम् अह्लादिषत अह्लादिष्ठाः
अह्लादिषाथाम् अह्रादिध्वम् अह्लादिषि अह्लादिष्वहि अह्लादिष्महि ह्लादी (अव्यक्ते शब्दे सुखे च, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अह्लादिष्यत अह्लादिष्येताम् अह्लादिष्यन्त अह्लादिष्यथाः अह्लादिष्येथाम् अह्लादिष्यध्वम्
अह्लादिष्ये अह्लादिष्यावहि अह्लादिष्यामहि हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) हसति
हसन्ति हससि हसथः
हसथ हसामि हसावः
हसामः हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) हसतु हसताम्
हसन्तु हस हसतम्
हसत हसानि हसव
हसाम
हसतः
For Private and Personal Use Only
Page #809
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८०२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अहसत् अहसताम्
अहसन् अहसः अहसतम्
अहसत अहसम् अहसाव
अहसाम हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) हसेत्
हसेताम् हसेयुः हसेः हसेतम्
हसेत हसेयम् हसेव
हसेम हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) जहास जहसतुः
जहसुः जहसिथ जहसथः
जहस जहास जहसिव
जहसिम हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुट्) हसिता
हसितारौ हसितारः हसितासि
हसितास्थः हसितास्थ हसितास्मि हसितास्वः हसितास्मः हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लट्)
हसिष्यति हसिष्यतः हसिष्यन्ति हसिष्यसि हसिष्यथः
हसिष्यथ हसिष्यामि हसिष्यावः
हसिष्यामः हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) हस्यात
हस्यास्ताम् हस्यासुः हस्याः हस्यास्तम्
हस्यास्त हस्यासम हस्यास्व
हस्यास्म हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) अहसीत्
अहसिष्टाम् अहसिषुः अहसीः अहसिष्टम्
अहसिष्ट अहसिषम् अहसिष्व
अहसिष्म
For Private and Personal Use Only
Page #810
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८०३
पाव
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हसे (हसने, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्)
अहसिष्यत् अहसिष्यताम् अहसिष्यन् अहसिष्यः अहसिष्यतम् अहसिष्यत
अहसिष्यम् अहसिष्याव अहसिष्याम हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्) हिण्डते हिण्डेते
हिण्डन्ते हिण्डसे हिण्डेथे
हिण्डध्वे हिण्डे हिण्डावहे
हिण्डामहे हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लोट्)
हिण्डताम् हिण्डेताम् हिण्डन्ताम् हिण्डस्व
हिण्डेथाम हिण्डध्वम् हिण्डै
हिण्डावहै हिण्डामहै हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लङ्) अहिण्डत
अहिण्डेताम् अहिण्डन्त अहिण्डथाः अहिण्डेथाम् अहिण्डध्वम् अहिण्डे
अहिण्डावहि अहिण्डामहि हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, विधिलिङ्) हिण्डेत
हिण्डेयाताम हिण्डेरन् हिण्डेथाः
हिण्डेयाथाम हिण्डेध्वम् हिण्डेय
हिण्डेवहि हिण्डेमहि हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लिट्) जिहिण्डे
जिहिण्डाते जिहिण्डिरे जिहिण्डिषे जिहिण्डाथे जिहिण्डिध्वे
जिहिण्डे जिहिण्डिवहे जिहिण्डिमहे हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुट्) हिण्डिता हिण्डितारौ
हिण्डितारः हिण्डितासे हिण्डितासाथे हिण्डिताध्वे हिण्डिताहे हिण्डितास्वहे हिण्डितास्महे
For Private and Personal Use Only
Page #811
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पहाण्ड81
८०४ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लट्)
हिण्डिष्यते हिण्डिष्येते हिण्डिष्यन्ते हिण्डिष्यसे हिण्डिष्येथे हिण्डिष्यध्वे
हिण्डिष्ये हिण्डिष्यावहे हिण्डिष्यामहे हिंडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, आशीर्लि)
हिण्डिषीष्ट हिण्डिषीयास्ताम् हिण्डिषीरन हिण्डिषीष्ठाः हिण्डिषीयास्थाम् हिण्डिषीध्वम्
हिण्डिषीय हिण्डिषीवहि हिण्डिषीमहि हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ)
अहिण्डिष्ट अहिण्डिषाताम् अहिण्डिषत अहिण्डिष्ठाः अहिण्डिषाथाम् अहिण्डिध्वम्
अहिण्डिषि अहिण्डिष्वहि अहिण्डिष्महि हिडि (गत्यनादरयोः, भ्वादिगण, आत्मने, लुङ्)
अहिण्डिष्यत अहिण्डिष्येताम् अहिण्डिष्यन्त अहिण्डिष्यथाः अहिण्डिष्येथाम अहिण्डिष्यध्वम
अहिण्डिष्ये अहिण्डिष्यावहि अहिण्डिष्यामहि हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, लट्) हिनस्ति हिंस्तः
हिंसन्ति हिनस्सि
हिंस्थ हिनस्मि
हिंस्मः हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, लोट्) हिनस्तु
हिंस्ताम्
हिंस्तम् हिनसानि हिनसाव
हिनसाम हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, लङ्) अहिनत् अहिंस्ताम्
अहिंसन् अहिनः
अहिंस्तम् अहिंस्त अहिनसम् अहिंस्व
अहिंस्म
हिंस्थः हिंस्वः
हिंसन्तु हिंस्त
हिंसि
For Private and Personal Use Only
Page #812
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८०५
संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) हिंस्यात् हिंस्याताम
हिंस्युः हिंस्याः
हिंस्यातम् हिंस्यात हिंस्याम् हिंस्याव हिंस्याम हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, लिट्) जिहिंस जिहिंसतुः
जिहिंसुः जिहिंसिथ
जिहिंसथः जिहिंस जिहिंस
जिहिंसिव जिहिंसिम हिसि (हिंसायाम्, रुधादिगण, परस्मै, लुट्) हिंसिता हिंसितारौ
हिंसितारः हिंसितासि हिंसितास्थः हिंसितास्थ
हिंसितास्मि हिंसितास्वः हिंसितास्मः हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, लट्)
हिसिष्यति हिसिष्यतः हिसिष्यन्ति हिंसिष्यसि हिंसिष्यथः हिंसिष्यथ
हिंसिष्यामि हिंसिष्यावः हिसिष्यामः हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) हिंस्यात् हिंस्यास्ताम्
हिंस्यासुः हिंस्याः हिंस्यास्तम् हिंस्यास्त हिंस्यासम् हिंस्यास्व
हिंस्यास्म हिसि (हिंसायाम्, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अहिंसीत् अहिंसिष्टाम् अहिंसिषुः अहिंसीः अहिंसिष्टम
अहिंसिष्ट अहिंसिषम् अहिंसिष्व अहिंसिष्म हिसि (हिंसायाम, रुधादिगण, परस्मै, लुङ्)
अहिंसिष्यत् अहिंसिष्यताम् अहिंसिष्यन् अहिंसिष्यः अहिंसिष्यतम् अहिंसिष्यत अहिंसिष्यम्
अहिंसिष्याव अहिंसिष्याम
For Private and Personal Use Only
Page #813
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संदर्भ ग्रन्थ
१. मिश्र, हरेकान्त, २००३, बृहद्धातुकुसुमाकरः, चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान,
दिल्ली २. शर्मा, रामकिशोर, २००५, बृहद्धातु-शब्दरूपसङ्ग्रहः, चौखम्बा
सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी ३. शास्त्री, चक्रधर नौटियाल 'हंस', १९९५, बृहद्-अनुवाद-चन्द्रिका, ___ मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली 4. Gandhir, Dharmaraje Narayen, 2005,
Dhaturopakosa, Sri Satguru Publication, Delhi. 5. Kale M. R., 1995, A higher Sanskrit Grammar, Motilal
Banarasidass, Delhi 6. Katre, S.M., 1967, Paninian Studies, Deccan College
Postgraduate and Research Institute, Poona. 7. Chaturveda Giridharsharma (ed.), 2004,
Vaiyakaranasiddhāntakaumudi with Bālamanorama and Tattvabodhini tikā, Motilal Banarasidass, Delhi.
For Private and Personal Use Only
Page #814
--------------------------------------------------------------------------
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
For Private and Personal Use Only
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
Page #815
--------------------------------------------------------------------------
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Serving Jin Shasan 135473 gyanmandirzkobati-th.org विद्य 135473शन डी-10/1061 (समीप श्रीमहागौरी मन्दिर) खजूरी खास, दिल्ली-110094 For Private and Personal Use Only