Book Title: Suttagame 02
Author(s): Fulchand Maharaj
Publisher: Sutragam Prakashan Samiti
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्वाध्यायप्रेमियोंसे शातपुत्र महावीर भगवान्ने साधुचर्याका विभाजन करते हुए श्रीमुखसे फर्माया है कि-'पढमंपोरिसिं सज्झायं' हे निर्पयो! दिनके पहले पहरमें स्वाध्याय करो। 'पुणोचउत्थीए सज्झायं' दिनके चौथे पहरमें भी खाध्याय करो। तदनन्तर रात्रिमें 'पढम पोरिसिं सज्झायं रात्रि का पहला पहर स्वाध्यायमें बिताओ। 'चउत्थी भुज्जोवि सज्झायं' (उ० अ० २६) और रातके चौथे पहरको भी स्वाध्यायमें व्यतीत करो। इस प्रकार भगवान्ने दिनरातके चार पहर अर्थात् १२ घंटे खाध्याय करना मुमुक्षुका मुख्य कर्तव्य कहा है। साथ ही खाध्याय अंतर तपमें भी निहित है। प्रभुने खयं इसका बड़ा माहात्म्य बताया है, यथा-'सज्झाएणं भंते! जीधे किंजणयह? सज्झाएणणाणावरणिज्जं कम्मंखवेइ।' (उ० अ० २९) मुमुक्षु प्रश्न करता है कि भगवन् ! शास्त्रोंके खाध्यायका क्या फल है? तब भगवान्ने उत्तरमें फर्माया कि देवानुप्रिय ! स्वाध्यायके द्वारा ज्ञानावरणीय कर्मका क्षय होता है और श्रुतज्ञान एवं आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। साधक खाध्याय तपकी साधनामें बढ़ता चला जाय तो ज्ञानकी चरमसीमा (केवलज्ञान) को भी पा सकता है। साथ ही स्वाध्याय करते २ भावोंमें उत्कृष्टता आ जाय तो तीर्थंकर नाम गोत्र कर्मका उपार्जन भी कर सकता है, अतः आपसे सानुरोध इतना ही कहना है कि इस 'सुत्तागमे ग्रंथरसका यतनापूर्वक दिनरातमें १२ घंटे खाध्याय करना न भूलें । क्योंकि लौकिक साहित्यकी अपेक्षा लोकोत्तर साहित्य मौलिक और आत्माके लिए हितावह है। उक्तं च- . एगग्गया य नाणे, इंदियमलणं कसायमलणं च । जयणापरो यं भव्वा!, सज्झायसमो तवो नत्थि ॥१॥ जावइयं सझाए, कालं चिट्ठइ सुहेण भावेण । ताव खवेद पुराणं, नवयं कम्मं न संचिणइ ॥२॥ ... संपादक .. Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स SUTTAG AME VOLUME II ( Containing next 21 Sūtras ) Critically edited by Muni ŚRĪ PHULCHANDJI MAHARAJ Published by BABU RAMLAL JAIN, TAHSILDAR Secretary of SRI SU TRACAMA RAKASAKA SAMITI GURGAON CANTT ( E. P.) 14! V. E. 2011 1954 A. D. FIRST EDITION 1000 COPIES PRICE 25 Ks. Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Published by: Babu Panlal Jain, Tatildur Secretary of Sri Sütrügama Prakasaka Samili Gurgun cautt (E. I'.) ALL RIGHTS RESERVED BY THE SUNT l'rinteil. :Laxinibai Navn (h ter at the Nirnsya Sur l'rinu 26-28, Kolbluat Street, BONHAS Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समप्पणं जाण किवा मम स चवलया नट्ठा, जेसिमुवएसेण मज्संतकरणे संतिसंचारो हुभो, जाणमभुमचरित्तजोगेण संपदा इगयाबंधणुम्मूलणनिच्छयं पत्तो, जेसिं terrorisहमग्गो लहो, जेसिमपारअणुग्गहवच्छलुच्छाहarry a dreary पउत्ती जाया, जेसि णं धारणाववहाराणुसारं पयारणमिणं वट्ट, नेसिमज्झप्पसत्थाणुराइभप्पडिबद्ध विहारिक्कवइनिकामपरोवयारिसंतमुभयुद्धारगमहारिसिपवरथविरपयविभूसि यातमहावीरजङ्गणसंघाणुयाइगयसग्गपरमपुज्ज १०८ सिरिज मुणिफकीरचंद महारायाणं पुणीयसमरणे हिययविभत्तिपुस्वर्ग बारसुवंगचउछेयचउमूलावस्सयसंयमेयं सुत्तागमबीय मंसं समप्पिणोमि । पुण्फभिक्खू Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स श्रीसूत्रागमप्रकाशकसमिति स्थापन करने का कारण श्रीज्ञातपुत्र महावीर जैनसंघीय मुनिश्री फूलचंद्रजी महाराज जैनधर्मपिदेष्टाकी सेवामें एक किसानने वैदिक प्रेस अजमेर द्वारा प्रकाशित चारों वेदोंकी एक पुस्तक पेश की तथा विनयपूर्वक निवेदन किया कि क्या जैन शास्त्र भी एक पुस्तकाकार के रूप में कहीं मिलते हैं ? श्रीमहाराजने फर्माया कि नहीं । इस घटना के समय वहां की जैन सभा और विशेषतया जैनधर्मोपदेष्टाजी को यह त्रुटि बहुत ही अखरी और बड़ा ही खेद हुआ । जैनसाधु सैंकड़ों की संख्यामें होते हुए और लाखों धनिक श्रावक होनेपर भी वे जैन सिद्धान्तका अणुमात्र मी प्रचार न करें ! कितना ग्वेद है, सच तो यह है कि अपनी पवित्र समाजके पास प्रेग और प्लेटफॉर्म जैमी आधुनिक प्रचारकी सामग्री न होने के कारण इतर लोकसमाज का बहुभाग जैन. सिद्धान्तों से बिल्कुल अपरिचित है। इसाइओने एक अरबसे अधिक रुपया व्यय करके जगत् भरकी ५६६ भाषाओंमें वाई विलका प्रचार किया है इसी भौति गीना और कुरान आदि का प्रचार भी करोड़ों प्रतियोम पाया जाना है परन्तु अपने सूत्रसिद्धान्तों का प्रचार लोकभाषामें कितना है? इसका उत्तर हम गगर्व मम्मक उठाकर नहीं दे सकते। इस भारी कमीको पूरा करनेके लिए श्रीमहाराजने हमें यह प्रेरणा दी कि कमसे कम १०० लोकभाषाओंमें ३२ सूत्रोंकी १००००० एक लाख प्रतिओंका प्रकाशन करके भारत के कोने २ में जैनसिद्धान्तोंका विस्तार किया जाय । अतः समागम, अथोंगम और उभयागमकी प्रकर्ष एवं आर्ष पद्धतिसे "श्रीस्मागमप्रकाशकांमति" ने इस भगीरथ कार्य को अपने हाथमें लिया है और कार्य आरंभ कर दिया है अतः जिनशासनके प्रेमियोंको उचित है कि समितिके प्रकाशनों का स्वाध्याय आप स्वयं करें और अपने घरमें भी समस्त कुटुंबमें स्वाध्याय तपका उत्साह पैदा करें। "न खाध्यायसमं तपः।" निवेदक मंत्री-रामलाल जैन श्रीसूत्रागमप्रकाशकसमिति गुड़गाँव-छावनी (पूर्व पंजाब) Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स श्रीसूत्रागमप्रकाशकसमिति (गुड़गाँव पूर्व पंजाब) हवाई तूफानकी अंधड़ प्रगतिके समान चलनेवाले इस युगमें प्रचार के कार्यका महत्व समझाने की आवश्यकता नहीं रह जाती । क्यों कि “मूली गाजर और साग भी बोलनेवाले के ही बिकते हैं।" इसे कौन नहीं जानता । तदनुसार हमारी संस्थाने भी जिस कामका भार उठाया है, जैन जगत्को इस विषय में कुछ समझानेकी आवश्यकता है यदि आप ध्यान देकर पढ़ जायँ तो परिस्थिति समझने में तनिक भी विलंब न होगा। इस संस्थाको साधन-सामग्री मिलनेपर पाँच कार्य अपनी समाज के हितार्थ करने हैं, जैसे कि (१) आगम-सूत्र तथा भगवान् के सिद्धान्तोंको लोकभाषाओंमें प्रगट करना। (२) अपने मुनिराजोंको प्रखर एवं प्रकांड विद्वान वनाना। (३) दुनियाभरके पुस्तकालयों में आगमसूत्रों के पहुँचानेकी व्यवस्था करना । (४) जैन धर्मके तत्वोंका प्रचार करनेके लिए उच्चकोटीके योग्य लेखक और प्रचारक तैयार करना तथा भारत के मुख्य २ केंद्रोंमें चर्चासंघ स्थापन करना, जिनमें अनेकांतीय चर्चाकार भगवान्के स्याद्वाद को विश्वव्यापी बनाने में तारतम्य चर्चा कर सकें। (५) जैन-विचारोंकी अपेक्षा रखकर जैन-यूनीवरसिटी स्थापन करना। इनमें सबसे पहले १-२-३ नं० के कार्योंको सफल बनानेका निश्चय किया है। पहला कार्य-सूत्रागम, अर्थागम और उभयागमकी सौत्रिक रीतिके अनुसार ३२ आगमोंका मूल तथा उनके हिन्दी आदि अनुवाद प्रकाशित किए जायँगे । तदनन्तर ३२ आगमोंकी प्राकृतटीका और संस्कृतटीका आधुनिक युगकी पद्धतिसे रची जायेंगी । जो कि अपने समयकी अभूतपूर्व और अश्रुतपूर्व वस्तु होगी । साथ ही समाजमें प्राकृत भाषाके प्रचारार्थ 'प्राकृतं' या 'पाइयं' जैसे पत्र भी निकाले जायँगे जिसमें मात्र प्राकृत और अर्धमागधीके लेखोंको ही स्थान मिलेगा । सूत्रागमप्रकाशनके साथ २ एक 'प्राकृतकोष' प्राकृतगाथावद्ध तैयार किया जारहा है। जिसकी १११८ गाथाओंकी रचना भी हो चुकी है । यह सागरके समान बड़ा और रचनामें अद्वितीय विलक्षण और सुगमतामें इतना उत्तम होगा कि फिर किसी भी प्राकृतकोषका आश्रय लेनेकी तनिक भी आवश्यकता न पड़ेगी। Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इसके अतिरिक्त स्थानकवासी धारणा के अनुसार त्रिशष्टिशलाका पुरुषचरि- और एक हजार कथाओंका एक बड़ा कथाकोष भी तैयार किया जायगा । ये दोनों ग्रन्थ भी प्राकृत में ही रचे जायेंगे। आपको यह भी स्मरण रहे कि 'मुत्तागमे' नामक पहला ग्रंथ १३.,... पेजका महान् पुस्तकरत्न प्रकाशित हो चुका है जिसमें ११ अंग सूत्र समाविष्ट है दूसरा भाग आपके करकमलोंमें है ही, जिसमें शेष २१ सूत्रोंका समावेग है जो कि प्रत्येक जैन के 'गृहपुस्तकालय' की अमूल्य विभूति है और गायु मुनिराजोंके हृदयकी तो आदर्श वस्तु है । अधिक क्या लिखा जाय! हाथ कंगनको आरसी क्या? वस्तुका तथ्य सामने प्रस्तुत है इसे दगाकर आपका अंतरात्मा एकदम यही कह उठेगा कि यह तो बौद्धोंके "ए-र-रि-य-, क्यू-अर-रम-'"के समान् महाकाय विभूति हमारी समाजमें भी है। इसका अर्थागम और भयागम लोकभाषाभाषियों के लिए तो मानो सम्यग्ज्ञानका महाभंडार ही होगा। इसका देहसूत्र इतना विशालतम होगा जैसा कि एनसाईकलोपीडिया-विटानिका का महाग्रंथ होता है । इस ग्रंथमहोदधिमें जिरा जटिल विषयको इंदोगे उसका सर तुरंत आपको उसीमें मिलेगा! मिलेगा! मिलेगा ! और फिर मिलेगा! यह बानी टोक कर दावेसे कहा जा सकता है, जिनवाणी के द्वारसे भला कोई मुमुश्च या जिशान कभी निराश लौटा है ? कमी नहीं । तब फिर रेडियोपर यद्वा नद्रा बोलने वालों की तूती बंद हो जायगी। ये प्रकाशन इतने शुद्धतम और पवित्र होंगे कि धानंदकी शादी में पपिहासकोंके पैरके तले से धरती खिसकती प्रतीत होगी । आगमक तीनों भागांका खाध्याय आपको बता देगा कि सचमुच जैन धर्म कितना विश्वव्याप्य धर्म है। अभी २ हाल ही में विश्वशांतिके इच्छुक (लगभग ४० दशक ) विद्वानांकी एक सभा शांतिनिकेतनमें हुई थी। उन्होंने वहां जैनधर्मसंबंधी चर्चा स्कूब जी भर कर की थी। जिसका सार कलकत्ता यूनीवरसिटीके अंतर्राष्ट्रीय र यातिप्राप्त डॉ. कालीदास नागने स्पष्टशब्दोंमें बिना किसी लागलपेट के यह प्रकट किया है कि "जैन धर्म सार्वभौमिक धर्म है।” परन्तु खेदका विषय है कि जनान 'जन सिद्धान्तोंका विश्वव्यापी प्रचार ही नहीं किया, वरन् यह अखिल विश्वका लोकप्रिय धर्म बनता । सच कहा जाय तो जैन साहित्यका प्रचार दुनिया में सौ भागमें भी १ लंदनमें "ब्रिटिश एण्ड फॉरेन बाइबिल सोसायटी” नामकी एक संस्था बहुत पुरानी है। इसका उद्देश्य बाईबिलका प्रचार करना है। इसके १२० वें नियमसे बहुत कुछ ज्ञातव्य सामग्री मिलती है इसका कुछ सारभाग इस प्रकार है। Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोकभाषाओंमें दृष्टिगत नहीं है । फिर भी जैन धर्मने भारतीयसंस्कृतिके नाते बहुत कुछ अर्पण किया है। सचमुच मानवजीवनकी सार्थकता भी इसीमें समाई हुई है । जोकि प्रत्येक मानव के लिए उपादेय और आवश्यक है । विश्वसिद्धान्तके समान इसका प्रचार करनेकी भी पूरी जरूरत है। जब अखिल विश्व के विद्वान् इतने ऊंचे स्पष्ट अभिप्राय दे रहे हैं तब हमारे पास विशेष समझाने के लिए क्या कुछ शेष रह गया है ? _ विश्वजगत्में एनसाईकलोपीडिया ब्रिटानिका नामक प्रसिद्ध ग्रंथ है । हमारे प्रिय आगमत्रय भी उसी पद्धतिके अनुसार महनीयता और महानता प्राप्त होंगे। एनसाईकलोपीडिया ब्रिटानिका ग्रंथ १२० वर्ष पहिले बना है । अबतक कई परिवर्तनोंके साथ २ उसकी १४ आवृत्तिएँ निकली हैं । प्रकाशनकी दृष्टि से यह ३५ बार प्रकाशित हुआ है । प्रत्येक संस्करण के प्रकाशन के समय कमसे कम १० लाखसे ५० लाख तक प्रतिएँ प्रकाशित हुई हैं । कुछ दानियोंके प्रोत्साहन मिलनेसे हम भी इसी परिपाटी के अनुसार आगमत्रयको सारे संसारके योग्य और सुकोमल हाथोंमें पहुँचाना चाहते हैं । जिससे दो अरब मानवप्रजा लाभ उठा सके। ऐसी आशा ही नहीं बल्कि हमारा पूर्ण दृढ़ विश्वास है । मात्र आप तो प्रस्तुत आगम पाकर उनका स्वाध्याय करके हमारे हौसले को बढ़ाएँ। इस संस्थाकी स्थापना सन् १८०४ ई. में होनेके पश्चात् इसने बाईबिलकी ३४५०००,००० प्रतियाँ प्रसिद्ध करके वितरण की हैं और अब तक ५६६ भाषाओं में बाई बिल प्रसिद्ध किया है। बाईबिलका अनुवाद अंग्रेजीसाम्राज्यकी ३६६ भाषाओंमें हो चुका है। भारतवर्ष में १०२ भाषाओंमें वह अब तक छप चुकी है । इस संस्थाके पुस्तकोंका मूल्य लागत पर न लियाजाकर लोगोंकी शक्तिके अनुसार लिया जाता है। गोस्पेलकी प्रकाशित बाईबिल आपको भारतवर्षमें आधे पैसेमें मिलेगी और चीनमें एक पेनीकी ६ प्रति मिलेंगी । तथा जहां पैसेकी व्यवस्था न हो वहां यथासमय जो वस्तु मिल सकती हो उसी वस्तुको लेकर पुस्तक दिया जाता है । कोरियामें पुस्तकके भारसे दुगना अनाज लेकर बाईविल दिया जाता है। तथा किसीको अधिक आवश्यकता बतानेपर एक आलू लेकर बाई बिलकी एक प्रति दी जाती है। भारतवर्षमें तो लाखों प्रतिएँ मुफ़्त भी दी जाती हैं। नोट-जैनधर्मके स्तंभ दानवीर उदार लखपति करोड़पतियोंने भी क्या कभी इस प्रचार की ओर ध्यान दिया है ? भगवान् महावीर की प्रत्येक जैनको देन है और उसे भगवान् की वाणीकी उन्नतिसे ही पूरा किया जा सकता है। Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एनसाईकलोपीडिया ब्रिटानिका हजार पेजका वोल्युम है इसी भांति नाम वोल्युमका वह एक सेट है अर्थात् वह महान ग्रंथ तीस हजार पेजों में पूरा हुआ है। इसी प्रकार हम आगमत्रयको इससे भी बड़ा बनानेके इच्छुक है। यदापि इस भगीरथकार्यको पूरा करने में कई वर्ष लग सकते हैं फिर भी कागज़के मिलने में ममता और प्रेसका सुभीता मिल सके तो हम इस भीष्मकार्यको १० वर्ष पूर्ण करनेका दावा कर सकते हैं । परन्तु हमारी समाजके ऐसे सदभाग्य कहां? फिर भी जगनके मानव आशाकी दीवार पर खड़े हैं । पुरुषार्थ करना ही तो मात्र अपना काम। रामको सुग्रीवका साथ मिला तो लंकापर रामको विजय प्राप्त हुई। बुहको नो मात्र पंचवर्गीय भिक्षुओंने अपने जीवनका योग दिया तो आज ८ करोइन अधिक बौद्ध दुनियापर छाए हुए हैं। इसी प्रकार प्रत्येक कार्यमें पुष्टाहयोगकी आर. श्यकता हुआ ही करती है। इसी दृष्टि से आपको ज्ञातपुत्र महावीर भगवानक शासनका सम्मानध्वज ऊंचा उठाने के लिए इस संस्थाके सहायक बनकर गरे साथियोंकी भाँति सेवाकी आवश्यकता है और इने जातीयता एवं नाम्प्रदायिकताके मोह और भेदभावको छोड़कर साथ दें तो अतिउत्तम हो। इसका भनि कामना और सेवाकी अभिलाषा की साध पूर्ण करने के लिए सहयोगियोंकि नातं आप भी स्तंभ, संरक्षक, सहायक और सदस्य बनकर २००.१....) और २००) की आर्थिक सेवा द्वारा जिनशासनके उत्थानका बीजारोपण करें। ऊपर लिखित चारों वर्गों के आजीवन सदस्योंको एक एक प्रतिक मप समिति के प्रकाशन अमूल्य भेंट दिए जायेंगे । समितिकी नीतिका निर्धारण करते समय उनसे सब प्रकारका परामर्श किया जायगा । अब तक जिन साथियों की मेयाने यह भीष्म कार्य हो रहा है उनका विवरण इस प्रकार है। अबतकके साथीस्तंभ-श्रीमान् शेठ शंभुलाल कल्याणजी (कराचीके भूतपूर्व इ. s. अन गंधक प्रमुख) बंबई। , लाला प्यारेलाल जैन दूगड़ अंबरनाथ 0. R. ,, श्रीमान् शेठ रतनचंद भीखमदास बांठिया मु. पो० पनवेल जि. कोलाबा । ,, मास्टर दुर्गाप्रसाद जैन B. A. B. 'T'. मु. गुड़गाँव-छावनी ६. ५. 1 जैन संघ दोंडायचा पश्चिम खानदेश ४१००) प्रेसमें भेजा छपाई खाते । माटुंगाके कई सद्गृहस्थोंकी ओरसे २७००) छपाई खाते, हस्ते शंठ रामजी अंदरजी माटुंगा (हैपीहोम-तैलिंग क्रॉस रोड)। Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्रीमान् शेठ विजयकुमार चुनीलाल फूलपगर C/o चुनीलाल वृद्धिचंद फूलपगर १३६० भवानीपेठ पूना। संरक्षक-श्रीमान् शेठ मोहनलाल धनराज कर्णावट ( कोयालीकर) C/o रूप चंद चुनीलाल कोयालीकर १३५८ भवानीपेठ, पूना । श्रीमान् शेठ धूलचंद महता, ब्यावर । श्रीमान् शेठ नाथालाल पारख-माटुंगा, मुंबई १९ 'कागज़की सेवा'। श्रीमान् शेठ चुनीलाल जसराज मुणोत मु० पनवेल ( कोलावा)। श्रीमान् शेठ छवीलदास त्रिभुवनदास लींबड़ी वाले हाल रंगून । श्रीमान् लाला ओंप्रकाश जैन दूगड़ अंबरनाथ । श्रीमान् लाला दर्शनप्रकाश जैन दूगड़ अंबरनाथ । श्रीमती शांतिदेवी प्यारेलाल जैन दूगड़ अंबरनाथ । श्रीमान् शेठ जुगराजजी श्रीश्रीमाल C/o शेठ नवलमल पूनमचंद मु० पो० येवला, जि. नासिक । सहायक-श्रीमती लीलादेवी चुनीलाल फूलपगर १३६० भवानीपेठ पूना। श्रीमती पतासीबाई धनराज कर्णावट (कोयालीकर) ___C/रूपचंद चुनीलाल १३५८ भवानीपेठ पूना। D. हिम्मतलाल एण्ड कं० १२-१४ काजी सय्यद स्ट्रीट __मुंबई नं. ९ । ,, श्रीमान् वीरचंद हरखचंद मंडलेचा धामोरीकर मु. येवला (नासिक)। , चाँदमल माणकलाल मंडलेचा धामोरीकर, कपड़ा बाजार मु. पो. येवला (नासिक)। श्री० व० स्था० जैन संघ धरणगाँव और हिंगोना १०००) प्रेसमें । श्रीमान् शेठ धनजी भाई मूलचंद दफ़्तरी निवास तैलंग क्रॉस रोड N. १ माटुंगा मुंबई १९। लाला सुमेरचंद लक्ष्मीचंद-चंद्रभान जैन आयने मर्चेट बंबई-देहली। श्रीमान् शेठ शिवलाल गुलाबचंद मेवावाले ६२५) 'कागज़०' माटुंगा मुंबई १९ । वोरा मणीलाल लक्ष्मीचंद ५००) 'कागज़ खाते' ठि. रानडे रोड, S. लेन, ज्ञानमंदिरनी बाजुमां, प्रीमियर हाईस्कूलना ऊपर, त्रीजे माले रूम नं. १७ दादर । श्रीमान् चीमनलाल सुखलाल गांधी हस्ते ३५०) 'कागज़ खाते' (शिव-साइन)। Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सदस्य-श्रीमान् शेठ धनराज दगड़राम संचेती भवानीपेट पूना । श्रीमान् फूलचंद उत्तमचंद कर्णावट ( कोयालीकर ) C/oरूपचंद उत्तमचंद २३ भवानीपेट पना। श्रीमती शांतादेवी फूलचंद कर्णावट ( कोणालीकर ) २३ भवानीपेठ पूना। श्रीमान रूपचंद दगड़राम मुधा, १३४ नानापेट पूना । श्रीमान् शेठ चंद्रभान रूपचंद कर्णावट इचलकर जीवाले. २०१२ बुधवारपेठ पूना। श्रीमान् शेठ कालीदास भाईचंद शाह पोवईनाका सल पेट्रोल पर २५१) कागज़की सेवा नॉर्थ सतारा । श्रीमान् शेठ माणकचंद राजमल बाफणा बदगांव ता. मावल पूना । श्रीमान् शेठ मणीलाल केशवजी खताणी घाटकोपर मुंबई। श्रीमान् वाबू रामलाल जैन तहसीलदार गुड़गांव ला.... । श्रीमान् शेठ पानाचंद डाह्याभाई महता २५१] 'छपाई गाने' माटुंगा, मुंबई १९ । श्रीमान् शेठ अमृतलाल अविचल महता २५.१) 'छपाई ग्वाते' माटुंगा, मुंबई १९ । डॉ. चुनीलाल दामजी वैद्य ४१२ पायधुनी मुंबई नं. ३ । श्रीमान् शेठ वेलजी कर्मचंद कोठारी CI0 मणिलाल एण्ड कम्पनी ५३ चकला स्ट्रीट, मुंबई नं०३। श्रीमान् शेठ कांतिलाल J. गांधी माटुंगा, मुंबई १९ । श्रीमान् शेठ सुखराज धनराज तालेडा (तीन रिम कागजकी संवा) १५ ससून रोड पूना स्टेशन । श्रीमान् नरभेराम मोरारजी महेता C/o विमको अंबरनाथ C.R.I श्रीमान् शेठ भाईचंद लाखाणी माटुंगा मुंबई १५। श्रीमान् केसरमल हजारीमल धाड़ीवाल मु. पो. कोपरगांव, जि. अहमदनगर C. R. श्रीसमस्त जैनसंघ सोनई, ता. नेवासा, जि. अहमदनगर C/o केसरचंद कुंदनमल, चंगेड़िया। श्रीमान् मणीलाल रूपचंद गांधी, भांडुप, मुंबई । Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ މ " 22 " در " در در " 33 22 " ९ श्रीमान् किमजी लाधाजी मु० पो० जुन्नरदेव (M. P.)। श्रीवर्धमान स्था. जैन संघ शाहादा प. खा. ३००) । श्रीमान् बख्तावरमल चांदमल भंसाली खेतिया ( M. B.)। श्रीमान् शेठ धनराज पगारिया मु० हिंगोना पू. खा. । श्रीमान् क़ीमतराय जैन B. A. दादर मुंबई | श्रीमान् खींवराज आनंदराम बांठिया पनवेल ( कोलाबा ) । श्रीमान् लाला कुलवंतराय जैन नारायण ध्रुव स्ट्रीट मुंबई । श्रीमान् केसरचंद आनंदराम वांठिया मु० पनवेल ( कोलाबा ) । श्री रावसाहेब किशनलाल नंदलाल पारख येवला ( जि० नासिक ) । श्रीमान् शेठ वेरसी नरसी भाई मु० त्रंबोऊ ( रापर ) कच्छवाला, वसनजी वीरजी, जोशी बाग पारसी चाळ, मु० कल्याण ( जि० थाणा ) । श्रीमान् शेठ शोभाचंद घूमरमल बाफणा घोडनदी पो० सिखर ( पूना ) । श्रीमान् शेठ रविचंद सुखलाल शाह, संघवी सदन, दादर । Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशकीय आजके इस वैज्ञानिक युगमें जहां मनुष्यने विज्ञानके द्वारा नई २ व्यवहारोपयोगी वस्तुओंका आविष्कार किया है वहां महान से महान संहारक उमजनम में शस्त्रोंका भी । यह सब किसलिए? मेरी सत्ता समस्त संगारपर छा जाए, ही सवका प्रभु हो जाऊं। एक ओर तो शस्त्रोंकी होड़में एक देश गरे बने आगे निकल जाना चाहता है तब दूसरी ओर आधुनिक जनता का अधिक भाग यसको न चाहकर शांतिकी झंखना करता है। परन्तु शांति शत्रों के चलते किए गए युद्धोंसे नहीं मिल सकती । शांतिका वारा तो आध्यात्मिकता है भौनिकामना, और शातपुत्र महावीर भगवान्के द्वारा प्रतिपादित आगम आयामिकतामे भरपूर हैं, उस आध्यात्मिकताके प्रसारके लिए ज्ञान:पुत्र महावीर जनमंधानयायी उग्रविहारी जैन मुनि १०८ श्रीफूलचंद्रजी महाराजकी विशुद्ध प्रेरणाग गांगनिने आगमोंके प्रकाशनका काय अपने हाथमें लिया है जिसका प्रथम फल 11 अंगमगों से युक्त 'सुत्तागम' के प्रथम भाग के रूपमें आपके सन्मुख आ चुका है। इसको 'सुत्तागम' के रूपमें एक ही जिल्दमें देने की उत्कट इन्छा होने प भी ग्रंथगनका देह-सूत्र बढ़ जानेसे ११ अंगोंका प्रथम अंश अलग बनाना पड़ा और मारा अंश आपके समक्ष है जिसमें १२ उपांग, ४ छेद, ४ मूल और आवश्यक कार २१ सूत्रोंका समावेश है। परिशिष्टमें कल्पसूत्र सामायिक तथा अतिक्रमण मन भी हैं। इसका सारा श्रेय जैनधर्मोपदेष्टा उग्रविहारी बंग-मि-उत्तरप्रदेश-विहार-मनालहिमाचल-महाराष्ट्र-गुजरात-मध्यभारत-मरुस्थलादि-देश-पावनकता परम पूज्य १.८ श्रीफूलचंद्रजी महाराज को है जिन्होंने अपना अमूल्य गमय देकर ग महान. ग्रंथ का संपादन किया है। आपकी विद्वत्ता, वक्तृत्व और प्रभाव गर्वविदित है। आपने 'नवपदार्थज्ञानसार' 'परदेशी की प्यारी बातें' 'गरकुसुमाकर' गायकुसुमकोरक' 'सम्यक्त्वछप्पनी' 'आगम शब्द प्रवेशिका' आदि कई ग्रंथों की रचना की है। 'वीरस्तुति' की विस्तृत टीका, शांतिप्रकाशसारमंजरी, आदि मंस्कृन रचनाएँ भी की हैं। आपके द्वारा लिखा गया मेरी 'अजमेरमुनि-सम्मान यात्रा' के रूपमें अजमेर साधु-सम्मेलन का इतिहास इतिहासविशेषज्ञों एवं अन्वेषकों के लिए अत्यंत उपयोगी है । आपने कई एक ग्रंथोंका सुन्दर संपादन भी किया है। इस ‘सुत्तागम' का संपादन करके आपने जो उपकार किया है, वह वर्णनातीत है। इसके अतिरिक्त इस प्रकाशनमें जिन २ महानुभावाने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूपमें किसी भी प्रकारकी जिनवाणीकी सेवा की है उनका हम हार्दिक Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११ आभार मानते हैं, साथ ही सूत्रोंके निकले हुए अलग २ प्रकाशनोंपर अथवा प्रथम अंशपर जिन २ मुनिवरोंने अपनी २ शुभ सम्मतिएँ भिजवाई हैं हम उनके अनुगृहीत हैं । सहधर्मि महानुभावोंसे निवेदन है कि वे इस पवित्र कार्यमें सहयोग देकर हमारे उत्साहको बढ़ाएँ। हम हैं जिनवाणीके सेवाकांक्षी, प्रधान-मास्टर दुर्गाप्रसाद जैन B. A. B. T. मंत्री-बाबू रामलाल जैन तहसीलदार 'सुत्तागमे' पर लोकमत (२५) कवि मुनि श्री नानचंद्रजी म. सायला ५।२।५४ स्नेही भाई श्रीशंभुलाल कल्याणजी ! तमारा तरफथी पोष्टकार्ड अने बीजे के श्रीजे दिवसे 'सुत्तागमे'- दळदार बोल्युम पोष्टपार्सलथी मल्यु. पुस्तक आवी रीते सुंदर आकारमा ( अगियार अंग भेगा ) बंधाएल हशे एनी कल्पना पण न हती. हुँ एम मानतो हतो के बधा पुस्तको छुटा छूटा हशे.. पण आ तो घणुं सुंदर काम थयेल छे. आमांना कागळो पण सारा छे. आ ऊपर थी एम चोक्कस थाय छे के शास्त्रोद्धारनुं कार्य गृहस्थिओ करतां कोई सुविहित अने कर्मनिष्ठ साधु करे तो ते केबुं सर्वोत्तम निपजी शके छे ! आवा कार्योमा साधुने जरूर अपवाद सहन करवा पड़े छे पण हिम्मत होय तो परिणामे एनी योग्य कदर जरूर थाय छे. अस्तु ! श्रीफूलचंद्रजी म० ने अमारा अभिनंदन पहोंचाडशो. आ पद्धति अमोने गमी छे. एकंदर सूत्रोना मूळपाठोनुं प्रकाशन जरूरी हतुं. श्रीफूलचंद्रजी महाराजे आ खोट पूरी करी छे. ता. १९-१-५४ सायला (२६) श्रीशामजी स्वामी जेतपुर २४-११-५३ ...मुत्तागमे ए नाम, ११ अंगोना मूळपाठवाळू मजबूत वाइंडिंग साथे मंगल पुस्तक बुक-पोष्ट थी मोकळेल ते मल्युं छे, अने ते पवित्र पुस्तक महाराजश्रीनां करकमळमां बहुमानपूर्वक स्थापित कयु छे. ते मंगल पुस्तकनुं दर्शन करी महाराजश्री घणाज हर्षित थया छे. शासनपति महावीर प्रभुना पंचम गणधरे ११ अंगोनी गूंथणी करी त्यार थी अत्यारसुधीमा ११ अंगोनुं एकज पुस्तक बहार पडेल होय ते मां आ पहेलो ज शुभ प्रसंग बन्यो छे, अने ते शासन सेवा रसिक मुनि श्री फूलचंदजी स्वामीनी पुनीत भावनाने ज आभारी छे. x x x (२७) चरित्ररूपी सुगंधी वडे वासित पुष्प अने चंद्र समान शीतल खभाव Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२ वाला एहवा हे पुष्पचंद्रजित् स्वामिन्! आपश्री वीतरागप्रणीत जिनागमोनी भाषाना अने तेमां दर्शावेला भावोना घणाज निष्णात होई आपश्रीए जिनागमोद्धारनुं जे मंगल कार्य हाथ धर्यु छे ते मंगलकार्य आपीना हाथश्री निर्विधपणे चालु रहो, अने आपना सत्पुरुषार्थथी जैम बने ते वेळासर आपश्री धारेल शुभकार्य पूर्ण थाओ एहवी मारी आपना प्रत्ये हार्दिक शुभ भावना है. समागमेः-सूत्रागमोना मूलपाठ रूपे ११ अगियार अंगो प्रगट या है तेनुं काम धणं सुंदर, युं छे. कारण के आप ते भाषाना निष्णात होई आपनाज हाथ थी पा लखाई प्रेसकॉपी तैयार थयेल, अने ते पवित्र आगमी मुंबई निर्णयसागर प्रेम छपाया, जेथी सुवर्ण अने सुगंध बलेनो सुमेछाप भयो है, ते जो हृदयमा प्रमोद भाव उद्भवे छे. वे पछीनुं आगमोद्वार अंगेनुं दरेक कार्य तेज सुंदर बनो नम हुं इच्छं छं. लिखी – लींबड़ी संप्रदायना मंगळस्वरूप स्वर्गस्थ गुम्नेय मंगलजी स्वामीना शिष्य मुनि शामजी. ( २८ ) आर्यमुनिलालजी म. झरिया २८-८-५४ 'सुत्तागमे तत्थ णं एक्कारसंगसंजुओ पढमो अंसो' देखकर प्रसन्नता हुई। गारी प्रति शुद्ध है । इस तरह उपांग, छेद, मूल, आवश्यक जल्दी बाहर पड़ेंगे। स्वाध्यायवालों के लिए 'सुत्तागमे' बहुत ही उपयोगी है 1 आर्य जैन मुनि श्रीहीरालालजी म० (२९) आपश्री तरफथी संशोधित 'मुत्तागमे' ( मुसो ) प्रगट थया है. जेनी केटीक नकलो अमने आवेली, जे जोता संतोष थयो. आम शास्त्रीय साहित्य अने अन्य धार्मिक साहित्य आपश्री तरफधी संशोधित थई प्रचार पाने में जेथी समाजने अलभ्य लाभ मळे छे. समाज आपश्रीजीनो ऋणी छे. मुनि रनचंदना वंदन कच्छ - मांडवी (३०) भवया संपादिओ इक्कारसंगसंजुतो पढमो अंसो सुत्तागमस्त सुचारुवेण मुद्दिओ तइया भोमवासरे संपत्तो, सो साभारसीकओ मए । दिद्विप णीओ सो महागंथो, तम्हि संखित्तपागयवागरणविसओ वि सुठु उवदंसिओत्थि । तस्य संगोहणं समीचीणं कयमत्थि भवया । एसो गंथो सज्झायकरणे अज्झयणे अजमावणे वा बहूवओगी अत्थि साहगाणमिति । अस्स पत्ताणि सुहमाणि संति, जइ चेव धूलगाणि पत्ताणि हविज्जा तो दीहाउगो हविज्ज एसो महागंथो । रयणचंदो मुणी-मंडणउरं (मांडवी कच्छ) (३१) मुनि श्री फूलचंद्रजी महाराज ! आपकी ओरसे 'सुत्तागमे तस्थ णं एका Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३ रसंगसंजुओ पढमो अंसो' देख कर अत्यन्त प्रसन्नता प्राप्त हुई । इसी तरह उपांग, छेद, मूल और आवश्यक भी शीघ्र ही बाहर पढ़ें तो बहुत अच्छा हो । अगर कुछ टाइप बड़ा होता तो कमनज़रवालों को भी पढ़नेमें सुविधा होती । साथमें अर्ज है कि शांतिनिकेतन, नालंदामें विदेशसे आए अनेक विद्यार्थी जैनधर्मविषयक सिद्धान्तको जाननेकी बड़ी उत्कण्ठा रखते हैं । 'सुत्तागमे' के साथ 'अत्थागमे' भी होना आवश्यक है। __ अब तक जो २ जैनागम जैनसमाजकी ओरसे बाहर पड़े हैं उनमें कुछ न कुछ त्रुटियां अवश्य रही हैं और किसी २ जगह अन्यके ऊपर छींटाकशी भी की गई है । इन बातों की आवश्यकता नहीं । मूल पर मूलका जो आशय है वही रहना ठीक है । 'सुत्तागमे' की यह प्रति बहुत ही शुद्ध है। मुनि श्री हीरालालजी म० झरिया (३२) गत वर्ष श्रीसूत्रागमप्रकाशकसमिति गुड़गाँवसे प्रकाशित सूत्रोंमें द्वितीय आचारांग सूत्रादिकी पुस्तक एवं इस वर्ष भी श्रीभगवती सूत्रादि प्राप्त हुए। आपके स्तुल्य प्रयत्नके लिए कोटिशः धन्यवाद है। आगमोंका प्रकाशन इस प्रकार किया जावे तो अत्युत्तम रहेगा (१) मूल एवं भावार्थ टिप्पणी युक्त परिशिष्टमें पारिभाषिक शब्दकोष एवं जैनधर्मके विशेष सिद्धान्त और मान्यताओं पर प्रकाश । (२) मूल एवं हिंदी टीका न अति विस्तृत और न अत्यन्त संक्षिप्त । (३) मूल संस्कृत छाया एवं संस्कृत टीका । (४) मूल संस्कृत छाया संस्कृत टीका एवं हिंदी अनुवाद । इन चार प्रकारके प्रकाशनोंके बाद या साथ २ अन्यान्य भाषाओंमें अत्युत्तम अनुवाद भी निकाले जाय । एक विशेष निवेदन यह भी है कि अनुवाद या टीकाएँ अपने सिद्धान्त परक श्रद्धामय होनी चाहिएँ। आजके प्रभाव वाले की छाया पड़नेसे वह आजकी वस्तु होगी, त्रिकालकी वस्तु नहीं। इसके साथ ही अभिधान-राजेन्द्र कोपकी भांति मूल प्राकृत-संस्कृत-टीका और हिंदीटीका वाला 'पुप्फकोस' भी निकलवाना चाहिए। उसकी अत्यन्त आवश्यकता है । एक ही स्थान पर जिज्ञासुको आगमोंके एक विषय पर सारे पाठ मिल सकें और अमृतपान करनेके समान पाठक प्रसन्नताका अनुभव करने लगे। कवि-श्रीकेवलमुनि-साहित्यरत्न उज्जैन Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३३) आपकी ओरसे बुकपोष्ट द्वारा भेजा हुआ 'मुत्तागमे' का आठ-गा पुष्प प्राप्त हुआ । अत्र विराजित श्री मेवाड़भूपणजीके शिष्य कवि श्रीशांतिलालजी म. ठा. ४ की सेवामें प्रस्तुत किया। मनिश्रीने आपला अवलोकन करके ये उद्दार प्रगट किए है--"पुस्तकराज शहद एवं मंदर :, यह वीरवाणीका अमूल्य रत्न है। सम्पादक मुनिश्री शात्रज्ञानका गम्पादन करके गालाकी घड़ियोंको सफल कर रहे हैं। महाराज श्रीफूलचंद्र जी म्बागी दिग्गज विहान मुनिपुंगव द्वारा संपादित साहित्य जगतके कोने २ में प्रगरिन हो मी भेन्याक साथ चरणकमलमें शत शत बंदन हो।" मंत्री-व० स्था० श्रा० संघ रामा (मेवार) (३४) श्रीमान् शेठ रतनचंदजी भीलमदासजी बांठिया ! जयजिनेंद्र ! आपका भेजा हुआ 'सुत्तागमे' श्रीमेवाड़भूपण १००८ मंत्री श्रीमोतीलालजी म. सा० की सेवामें पेश किया, उनके पट्टशिष्य पं० शाखा मुनि श्री अंबालालजी म० ने अवलोकन कर यह सम्मति प्रदान की है कि-"यह आगमरत्नाकर महाग्रंथ स्वाध्याय-अनुरागियों तथा शास्त्रज्ञांके लिए अत्यन्त उपयोगी है। इस प्रकार जैनागमोंका सुंदर संकलन देखने का मुअवसर प्रथम बार ही पार हुआ है। सम्पादक मुनिश्री जैनधर्मोपदेष्टा महामान्य श्रीफलचंद्रजी म. की गरदन तव ही पूरी हो सकती है कि जब इस अनोखे ग्रंथका प्रचार सब देशनिगम हो, साथ ही प्रत्येक संग्रहालय और गृह पुस्तकालय में रखा जाय और इसका स्वाध्याय किया जाय । ग्रंथराजका संकलन आदरणीय तथा प्रशंसनीय है।" ___ मंत्री व० स्था० जैन श्रा०संघ देलवाड़ा (मेवाड़) (३५) श्रीप्यारेलाल जैन( अंबरनाथ )के द्वारा ११ अंगोंका एक मेट 'गुतागर्म' का मिला उसे श्रीमुनि मांगीलालजी म. ने अथसे इति तक अवलोकन किया, वहा सन्तोष हुआ और उन्होंने खूब सराहना करते हुए यह सम्मति पेश की"सुत्तागमे" का संकलन अनोखे ढंगसे किया है, इसके गूढ रहस्यको शास्त्रश ही समझ सकते हैं अज्ञ या दुर्विदग्ध नहीं । आपके अथक परिश्रम ही यह कार्य पूर्ण हो पाया है अस्तु बधाई ! इसमें शुद्धिपर अच्छे प्रकारसे ध्यान रक्या गया है। वर्तमान ढंगसे यह आयोजन आदरणीय है, इसी ढंगक सौत्रिक प्रकाशनकी आज आवश्यकता है । मैं चाहता हूं कि आपश्री अन्य सूत्रोंका भी इसी प्रकार पुनद्धार करें ताकि ये शुद्ध प्रतियां जगतीतलमें श्रामक तमस्तोमको दूर कर सही मार्गको प्रकाशित कर सकें ।श्रीमुनि-मांगीलालजी म०चींचपोकली-मुंबई १२ Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (नोट) आपने इन पृष्ठपटोंपर अंकित सम्मतियोंसे यह तो जान ही लिया होगा कि ये प्रकाशन कैसे हैं। वैसे तो सब संप्रदायोंके मुनियों और महासतियों एवं जिज्ञासुओंकी ओरसे सूत्रोंकी मांगें धड़ाधड़ आती रहती हैं, अर्थात् ' सूत्रोंका प्रचार आशासे अधिक हो रहा है। ११ अंगों से युक्त 'सुत्तागमे' महान् ग्रंथकी प्रशंसा बड़े २ महाविद्वानोंने मुक्तकंठसे की है। यह अपूर्व ग्रंथराज केंब्रिज, वाशिंगटन, येले, फिलाडेल्फिया, कैलीफोर्निया, क्लीवीलेंड, न्यूयार्क, प्रिंस्टन, चिकागो ( अमेरिका ), जर्मन, जापान, चीन, पैरिस, सिंगापुर, मुंबई, कलकत्ता, बनारस, मद्रास, आगरा, पंजाब, देहली, भांडारकर ओरंटियल इंस्टीट्यूट पूना आदिके महापुस्तकालयों एवं यूनिवर्सिटियोंमें भी शोभा प्राप्त कर चुका है । तथा वहांसे पर्याप्त संख्यामें प्रमाणपत्र और प्रशंसा पत्र आए हैं जिन्हें ग्रंथराज के देहसूत्रके अत्यधिक बढ़ जाने के कारण नहीं दिया गया। अधिक क्या कहें इसकी ज्यादह प्रशंसा करना मानों सूर्यको दीपक दिखाना है। इसी प्रकार अर्थागम और उभयागमों को भी यथासमय मुनियों महासतियों एवं जिज्ञासुओंके करकमलोंमें पहुँचाकर समिति अपना ध्येय पूरा करने का प्रयत्न करेगी। समिति यही चाहती है कि हमारे मुनिगण प्रकाण्ड विद्वान बनकर जिन-शासनका उत्थान करें एवं आगमों का सर्वत्र प्रचार हो । मंत्री Letter No. 1 True copy of the letter received from Prof. Daniel. H. H. Ingals, Cambridge. Cambridge Mass, _June 5, 1954. I have received the beautiful Nirnaya Sagar edition of the Suttīgame. I express my deep thanks to Muni Shri Fulchandji Maharaj for generosity. It would be merit enough to print so large a portion of the religious writings of the Jains in one convenient volume. It really deserves the thanks of all scholars. The voluine is not only an ornament of my library but is frequently put to use. Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ Letter No. 2 I have continued to read in the first volume which I find excellently edited and Singularly free of misprint. I should certainly be thankful to receive a second Volume. Prof. Danial H. H. Ingals. Letter No. 3 HARDING MUNICIPAL LIBRARY Suttagame is a good addition to books of the library. I hope you will also kindly present the next Volume which is under preparation. Thanking you KRISHNA GOPAL M. A. LIBRARIAN. Note: These are not only the 3 letters. Besides there are number of other receipts of letters received from Various Universities & libraries all over the world which could not be published since their addition would increase the size of the Volume. Secretary, Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्यु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स जैन धर्मके दस नियम (१) जगामे की व्य Substances मुख्य है, एक जीव Soul दूसरा अनी Ninsoul | अनीवके पुद्गल Matter, धर्म Medium ot Motion to Soul and Matter जीव और पुद्गलके चलने में सहकारी, अधर्म Metitum of Rest to Soul and Matter जीव और एलके ठहरनमें सहकारी, काल Time वर्तना लक्षणवान् और Er Syste:: स्थान देने वाला, इस प्रकार ५ भेद हैं । (२) भाव की अपेक्षा राय जीव समान और शुद्धस्वरूप हैं । परन्तु अनादि कालने मम्प पहलोंके संबंधसे वे अशुद्ध है। जिस प्रकार सोना खानसे मिट्टी मिला हुआ अशुद्ध निकलता है। (३) कर्ममलके कारण इस जीवको नाना योनियोंमें अनेक संकट भोगने पर है और उसीक मष्ट होने पर यह जीव अनन्तज्ञान-अनन्तदर्शनअननगम और अनन्नशक्ति आदि को जो कि इसकी निजी सम्पत्ति है और जिसे मुक्ति कहते हैं प्राप्त करता है। (.) निराकुलना लक्षणयुक्त मोक्षगुखकी प्राप्ति इस जीवके अपने निजी पुरु पाक अधिकार में है किसीके पास मांगनेसे नहीं मिलती। (..) पदायीक म्यापका यह सत्यवद्धान Right belief सत्यज्ञान Right Knowlesle और गाय आचरण Right Conduct ही यथार्थ मोक्षका साधन है। (६) वस्तुएं अनन्न धर्मात्मक है, स्याहाद ही उनके प्रत्येक धर्मका सत्यतासे प्रतिपादन करता है। ()म-आचरण निम्न-लिखित बातें गर्भित है, यथा (क) जीव मात्र पर दया करना, कभी किसीको शरीरसे कष्ट न देना, वचनम बुरा न कहना और मनसे बुरा न विचारना । (M) कोष-मान-माया-लोभ और मत्सर आदि कषायभावसे आत्माको मलिन न होने देना, उसे इनके प्रतिपक्षी गुणोंसे सदा पवित्र रखना । (ग) इंद्रियों और मनको वश करना एवं बहिरंग अर्थात् संसारभावमें लिस न होना। २ मुता Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८ (घ) उत्तम क्षमा-निर्लोभता-सरलता-मृदुता-लाघवता-शौच संयम-नपत्याग-ज्ञान-ब्रह्मचर्यात्मक धर्मको धारण करना। (ङ) झल-चोरी-कुशील-मानवद्रोह-विश्वासघान-द्रोह-रिश्वत दना लेना दुर्व्यसन आदि निन्धकार्योसे ग्लानि करना अर्थात् उनी त्यागना । (८) यह संसार स्वयं सिद्ध अर्थात् अनादि अनंत है इसका का ही कोई नहीं है। (९) आत्मा Soul और परमात्मा God में केवल विभाव और स्वभावका अंतर है। जो आत्मा रागद्वेषरूप विभावको छोड़कर निजम्वभावरूप हो जाता है उसे ही परमात्मा कहते हैं। (१०) ऊंच-नीच-छूत-अछूतका विकार मनुष्य का निजका किया हुआ विकार है, वैसे मनुष्यमात्रमें प्राकृतिक भेद कुछ भी नहीं है। मंत्री Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १९ सूयणा पयासणमिणमम्ह धम्मगुरूण गरिमजियमेरूण साहुकुलचूलामणीण अहिलसग्गुणखणीण चत्तअदत्तकलत्तपुत्तमित्ताण पसंतचित्ताण अग्गिव्व उग्गतवतेयदित्ताण पोम्म व अलित्ताण पागयजणमुच्छाविहाणनियाणविसयगामविरयाण पंचविहायारनिरइयारचरणनिरयाण भवोयहितारणतरंडाण अण्णाणतमोहपयंडमायंडाण मोहेभनिवारणवरंडाण पासंडिमाणसेलमद्दणवजदंडाण वाउरिव अपडिबद्धाण तवसिरिसमिद्धाण सम्मअवगयजिणमयसम्मयसुहुमयरवियारसयलभवसिद्धियलोयहिययंगमाण सुसंजयपंचपमियतरलयरकरणतुरंगमाण दुजयअणंगमायंगभंगसारंगपुंगवसरिच्छाण अकुव्व सुयणंबुरुहबोहणअण्णाणमोहतिमिरभरहरणधम्मुज्जोयकरणिक्कतल्लिच्छाण दुहतरुउम्मूलणेक्कखरपवणाण चरित्तणाणदंसणफललुद्धमुणिंदसउणमेरुवणाण सारयसलिलं व सुद्धमणाण पाविंधणोहहुयासणाण संसारण्णवमजंतजीवगणतारणसमत्थबोहित्थाण अद्दिव्व धीरिमापडिहत्थाण जिणपवयणगयणनिसायराण मेराणाणचरणाइनिम्मलगुणरयणरयणायराण नियसुद्धवएसदेसणाणिण्णासियभव्वजंतुजायजीवियभूयसम्मदंसणणासणपञ्चलमिच्छादसणुग्गगरलाण दुजणदुव्वयणपवणवाए वि अतरलाण विसयसुहनिप्पिवासाण मुक्कगिहवासपासाण दूरपरिचत्तविइगिच्छाअरइरइभीइहासाण मित्तसत्तुजणजुम्मसमाणमणोविलासाण नवविहबंभचेरगुत्तिसम्मसंरक्खणेकपरायणाण दुक्कम्मदइन्चनिवहविद्धंसणनारायणाण सुत्तत्थविसारयाण जिणधम्मपसारयाण मरालुव्व परगुणखीरगणदोसंबुविवज्जणवियक्खणाण कयछक्कायरक्खणाण खं व अणप्पकुवियप्पसंकप्पसुण्णाण खंतिमुत्तिअजवमद्दवलाघवाइपुण्णाण धरामंडलव्व सव्वसहाण भवदुक्खायवसंतत्तपंथिसंतिदायगदहाण चंदणवणं व सुसीयलाण जसच्छाइयधरणीयलाण कंदप्पदप्पदलणिक्कमलाण नीसल्लाण नियनिरुवमवयणकलारंजियसयललोगाण सव्वहा निम्ममयाए निरासीकयसोगाण आइन्सुव्व तेयसा फुरंताण धम्मुव्व मुत्तिमंताण जियतिजयदप्पकंदप्पमत्तगयवियडकुंभयडदलणसीहाण निरीहाण जिणगणहरसमणुचिण्णसम्ममग्गाणुयाईण निहिलागमपारयाईण परजियपियहियमियफुडभासीण सयलगुणरासीण माणावमाणपसंसर्णिदणलाहालाहसुहदुहसमाणमणसाण अंमुमालिव्व फेडियदुम्मइतमसाण संतिमुत्तीण सियकित्तीण जीवुव्व अप्पडि. यगईण जिणपवयणाणुसारमईण अमयनिग्गमुव्व सोमसहावाण महापहावाण पंचाणणुव्व दुप्पधंसणिजाण सयलजणाभिगमणिज्जाण सासणपभावगाण जीवे सम्मग्गे ठावगाण जम्मजरमरणकल्लोललोलजलपडलपुण्णविविहमहायंकसमुल्लसंतलल्लकणकचक्क Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अणवरयविसप्पिररोगसोगमयराइभीमभवण्णवाउ भव्वे धम्मदोणीनारणगमट्ठकुसलकण्णधाराण धीरधुरधवलुव्व उव्वहियदुव्वहपंचमहव्वयगुरुभाराण उदाहिविव गहीराण मोहमल्लिकवीराण पावदाव ग्गिनीराण दुरियरयसमीराण जिणधम्मरहमसारहीण धम्मकहीण तिगुत्तिवग्गावसीकयदुट्ठमणस्साण अवगयदुग्गमसिद्धारहरमाण अपसत्थासवदारनिरोहगाण बहुभव्वजणसमाजबोहगाण जिइंदियाण धम्मपियाण पंचविहसज्झायविहिविहाणविहावणसावहाणाण अहिलजगजंतुजावियरत अभयदाणाण भवजलहियुइंतजंतुसंतरणअणहवरजाणाण भवभयचारयबंधविच्छेयनिमित्तसत्ताणाण समतिणमणिलेट्टकंचणाण छडियमयतण्हावंचणाण अण्णाणतिमिरावरियअंतरणयणजणताविइण्णतदुग्घाडणारिहतविमलयाहेउपरमणाणंजणाण संगुख्य निरंजणाण कम्ममहीरुहकुमइलउप्पाडणगइंदाण परतिस्थियमियमइंदाण कामकुम्मालिनिम्मलजसभरपरिभरियभुवणयलाण दारिइदुमदवानलाण गोमुत्र मोम्मयागुगगरिहाण सव्वसाहुजणपगिट्ठाण सीहुव्व असंखोहाण आहिवाहिउवाहिकमायग्गि:ल्हवणमेहसंदोहाण वज्जियलोहनियडिमयकोहाण पणसंपदायपस्यया यमोहाण अण्णाणंधयारावडियदावियमुत्तिमग्गाण गयसग्गाण कि बहुणा गयमाडगुणोय. माजुत्ताण ससहरुव्व विबुहजणमणचओरामंदाणंददायगभव्यहिययरववियागगनिय. सियसुजसजुण्हाधवलियदियंतरअण्णउत्थियचकविहरणपयडमाहापपावकलंकवंकलणमुत्ताण अजपरमपुजाण वंदणिजाण ४ सिरि १०८ सिरिफकीरचंदमहारायाण धारणाववहाराणुसार वट्टर जइ मे पयासेण कस्स वि किंधि वि लाही होहिर तो सपयत्तसाहलं मण्णिस्सं, दिद्विमुद्दणक्खरजोजगदोमा कहिपि काय अमली होउ सोहिजउ, पेसिजउ ससम्मई, इमस्स सज्झायं का बुहा निरामाई मुह पाद्रणति । गुरुपयंबुरुहदुरेहो-पुप्फमिरवू सूचना यह प्रकाशन मेरे धर्मगुरु धर्माचार्य साधुकुल शिरोमणि १०८ श्रीस्वं त्री महाराज( स्वर्गीय )के धारणाव्यवहारानुसार है । यदि कोई दृष्टि-मुद्रणादि दोष हो तो खाध्यायप्रेमी सजन सुधारकर पढ़ें। यदि इस प्रया से मुमुक्षुओं को ज्ञानसाधनाका लाभ मिला तो परिश्रम सफल समझकर सन्तोष होगा । इसका अहर्निश स्वाध्याय करते हुए वे निरागाध सुख प्राप्त करें। मुनिगण अपनी मम्मति समितिको भेजें। गुरुचरणचंचरीक पुप्फमिक्खू Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१ षड्भाषामयं वीरस्तोत्रम् विद्यानां जन्मकन्दस्त्रिभुवनभवनालोकनप्रत्यलोऽपि, प्राप्तो दाक्षिण्यसिन्धुः पितृवचनवशात्सोत्सवं लेखशालाम् । जैनेन्द्रीं शब्दविद्यां पुरत उपदिशन् स्वामिनो देवतानां, शब्दब्रह्मण्यमोघं स दिशतु भगवान् कौशलं त्रैशलेयः ॥ १ ॥ ( संस्कृतम् ) जो जोईसरपुंगवेहि हियए निपि झाइज, जो सव्वे पुराणवेयपभिइग्गंथेसु गीइज्जए । जो हत्थद्वियआमलं व सयलं लोगत्तयं जाणए, तं वंदे तिजयग्गुरुं जिणवरं सिद्धत्थरायंगयं ॥ २ ॥ ( प्राकृतम् ) देविंदाणवि वंदणिज्जचलणा सव्वेवि सव्वण्णुणो, संजादा किर गोतमा अवि तया जस्सप्पसादा दुते । सो सिद्धत्थभिहाणभूव दिसदो जोगिंदचूडामणी, भव्वाणं भवदुक्खलक्खदलणो दिज्जा सुहं सासदं ॥ ३ ॥ ( शौरसेनी ) दुस्टे संगमके शुले भमकले घोलोवसग्गावलिं कुव्वंतेवि न लोशपोशकलशं येणं कदं माणशं । इंदे भत्तिपले ण णेहबहुलं योगीशलग्गामणी, शे वीले पलमेशले दिशतु मे नेडन्तपुन्नत्तणं ॥ ४ ॥ ( मागधी ) कंपंतक्खितिमंडलं खडहडप्फुट्टंत भंड, उच्छलंतमहन्नवं कडयङतु तसे लग्गयं । पातग्गेन सुमेरुकंपनकरं बालत्तलीलाबलं, वीरस्स पहुणो जिनान जयतु क्खोनीतले पायडं ॥ ५ ॥ ( पैशाची ) इंदो वेदणरेसि जासु महया हलाहलेणागओ, जज्झाई मुणिहंसओ हियडए अक्खे निरुभेविणु । साहु ब्रोप्पिणु जासु कोइ महिमा नो तीरए माणवो, पाए वीरजिणेसरस्सु नमहुं सीसलडे अम्हहे ॥ ६ ॥ ( अपभ्रंशः ) Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२ गुरुस्तुतिः श्लोकाः ध्यानाद्यस्यार्थसिद्धिः प्रभवति निखिलज्ञानरूपोऽमरो यो, ध्येयः सच्चित्स्वरूपो विमलगुणयुतो रागवन्धादिशन्यः । सर्वज्ञोऽनन्तशक्तिर्विविधशिवकरो योगिभिर्ध्यानगम्यः, सोऽयं कल्याणमूर्तिः परमकरुणया रक्षताद्वो जिनेशः ॥ १॥ शिखरिणी स जीवः पुण्यादिप्रकृतिगुणतोऽनन्तविभवः, स्वयं कर्ता भोक्ताऽऽगमगिरिजिनेन्द्रः कथितवान । कदाचिन्नो वृद्धिः क्षतिरपि न चास्यास्ति शुभदः, स नः कुर्य्याच्छान्ति जिनमुरवरोऽनाद्यनिधनः ॥ २ ॥ सूर्य्यश्चन्द्रो ग्रहादिर्गगनतलगतस्तारकादिर्भवेऽस्मिन , जीवो देहानुकूलः क्षितिरनलजलं वायुरनिर्मनोऽपि । चैतन्यं पुद्गलोऽपि प्रथितगुणयुतः सिद्धभावानुकूलं, एतत्सर्व मिलित्वा प्रभवति भुवनं पातु श्री वीर देवः ॥ ३ ॥ धर्मव्यत्ययकरे, मलीमसाचारे, पञ्चमारककलौ सर्वदुःखाकरे, यिविश्वेदनामये, केषामपि प्रवृत्तिर्मा भूयादिति स्याद्वादांगयोगान्तर्गतदयासत्याचोर्यव्रामचापरिग्रहादिपंचविधयम( महावत )परिपालनासक्तचित्ता जिनेन्द्रमुनिपदे नियुक्तानथाऽऽगमनिगमोक्तधर्मप्रचारपरायणाश्च ॥ जिनधर्मानुगा, देवगुरुभक्तिप्रवणमानसाः, श्रमणवचनसावन्तो, नान्यथावादिनो, जैनागतनवतत्त्वावगन्तारो, द्वितीयाश्रमस्थाः श्रावक(गृहस्थ)पदे शोभिता भगवद्भिः ॥ सच्चिदानन्दरूपेण, वीतरागेण, जिनेन, कर्मबन्धादबन्धो भूत्वा सर्वानन्दानन्दितेन, व्यापकस्वभावेन, सर्वविदा अपुनरावृत्तिरूपा मुक्तिर्मिरूपिता ॥ चतुर्थकालान्ते च त्रिविधतापसन्तप्तमानजनतर्पणाय कृतगणधरावतारेण, जिनोक्तद्वादशांगविशिष्टशिष्टशास्त्राध्ययनाध्यापनादिधर्मवृद्धिप्रतिकृते परोपकारवत्वेन स्थितो धर्मादिरूपोऽनाद्यनिधनाचारः श्रीमता सुधर्माचार्येणोदाइतः ॥ तेन चतुर्विधसंघसंगिसाधुसाध्वीनां श्रावकश्राविकाणामन्योन्यमधर्मनितिपूर्वकधर्मविचारणाय यात्राऽऽविर्भावो मन्यते स्म ॥ Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३ सुधर्माचार्यत एकसप्ततितमे पट्टे निरवद्यविद्योतमानमहाकविपरिकरकुमुदाकरराकानिशाकरश्रीजैनगणालिसमास्वादितचरणारविन्दमकरन्दश्रीनाथूरामजैनाचार्येण श्रुतचारित्रप्रचारयोर्जिनधर्मयोः प्रचारेण स्वान्तेवासिभ्यो मुनिनेत्र(२७)मितेभ्यः जिनोदितसिद्धान्तं प्रतिपाद्यादिजिनोक्ताऽनादिजिनधर्मप्रचारोभिहितः ॥ ततः क्रमशः पंचसप्ततितमपट्टस्थितेन सर्वषड्जीवनिकायाभ्युदयप्रवृत्तये उत्तमचंद्राचार्येणाचार्यपदं सुशोभनं कृतम् । तत्समकालीनश्च जैनाचार्यो भजुलालो जातः। यश्च निगमागमतर्कज्योतिषशास्त्रजन्यरहस्यादिपारंगमः॥ श्रीमदुत्तमचंद्रजैनाचार्यानुसरणशीलब्रह्मचर्याश्रमसम्पन्नसुसंयमीभूतभव्यप्रबोधकतपखिप्रवरो रामलालजैनमुनिर्जातः ॥ ___यदन्ते निवासार्हस्य श्रीमच्छ्रीमालवंशसमुत्पन्नस्य वार्धक्य(स्थविर)पदविभूषितस्य मृदुलस्वभावस्य पूर्वजन्मजन्मान्तरकर्मक्षयार्थ श्रीमान् जैनमुनिवर्यश्रीफकीरचन्द्रसाधुः समभिजातः ॥ यत:नमाम्यहं श्रीशफकीरचन्द्रं, गुणाकरं किन्नरपूज्यपादम् । योगीश्वरं तोषकरं स्वरूपं, लावण्यगात्रं बहुसौख्यकारम् ॥ १ ॥ भवन्तमीशं भजतोऽनुजातु, दुःखान्यलं कानि च नापि तापैः । पाणिस्थचिन्तामणिमंगभाजं, का निर्ऋतिः पीडयितुं शशाक ॥ २ ॥ भक्त्या जना ये तव पादसेवां, कुर्वन्ति सन्ते तु लभन्ति चैव । न दुःखदौभाग्यभयं न मारिः, स्मरन्ति ये श्रीशफकीरचंद्रम् ॥ ३ ॥ भव्या जना ये सुनमन्ति नित्यं, तेषां मनीषां सफलीकरोति । लक्ष्मी यशोराज्यरतिं प्रभूति, विद्यावरश्रीललनासुखानि ॥ ४ ॥ कविः सुबुद्धया गुरुसन्निधोऽपि, कस्ते गुणान् वर्णयितुं समर्थः । तथाऽपि त्वद्भक्तिरतश्च पुष्पः, करोति नित्यं गुणवर्णनां ते ॥ ५॥ महार्णवे भूधरमस्तकेऽपि, स्मरन्ति ये खामिफकीरचन्द्रम् । सुखैः सहायान्ति नराः वधान्नि, ततो भवन्ति प्रणमामि कामम् ॥ ६॥ न रोगशोका रिपुभूतयक्षा, नवग्रहा राक्षसदस्युचोराः। न पीडयन्ति गुरुनाममंत्र, स्तस्मान्नराणां शिवदायकोऽस्ति ॥ ७ ॥ जैनाब्दसम्बोधनपूर्णचन्द्रः, सत्सेवकेच्छा मितदेववृक्षः। शमप्रधानस्तु सुसाधुमूर्ति-, जीवेश्वरः स्वामिफकीरचन्द्रः ॥ ८॥ इत्थं गुरोरष्टकमुत्तमं यः, प्रभातकाले पठते सदैव । किं दुर्लभं तस्य जगत्त्रयेऽपि, सिध्यन्ति सर्वाणि समीहितानि ॥ ९ ॥ Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४ अथ श्रीपुष्पाष्टकम् वीराय ज्ञातपुत्राय, महावीराय तायिने । जिनाय वर्धमानाय, श्रमणाय नमो नमः ॥ १ ॥ यस्य दुर्वासना शान्ता, शान्तेच्छो यो मुनीधरः । तस्मै फकीरचन्द्राय नमोऽस्तु शिवमूर्तये ॥ २ ॥ यस्य शिष्यस्सदाचारी, पुष्पेन्दुमुनिसंज्ञकः । शास्त्रतत्त्वविशेषज्ञ, स्तस्मै ज्ञानात्मने नमः ॥ ३ ॥ दुःखभाजां नितान्तं यो, दुःखान्धतरणिर्मुदा । तस्मै नमोऽस्तु शान्ताय, जिनेशपदसेविनं ॥ ४ ॥ शार्दूल क्रीडितवृत्तम् श्रीमद्देवजिनेन्द्रपादयुगलाऽम्भोजार्चनाऽऽमरुधीः, संसाराम्बुनिधौ निममजनतोद्धाराय पोतोऽस्ति यः । जैनाचारवतामबोधहरणे भास्वत्समो ज्ञानविद्-, भक्ताऽज्ञानविनाशकृद्विजयतां श्रीपुष्पचन्द्रो मुनिः ॥ १ ॥ यस्यान्तःकरणे दयोन्नतिकरी विज्ञानमात्मन्यदः, संसारोरगभीतिहृज्जनपदाऽशेपार्तिहो योऽनिशम् । शान्तो यो निजधर्मरक्षणपरो स्वाध्यायध्याने रतः, सोऽयं साधुशिरोमणिर्विजयते पुष्पेन्दुसंज्ञो मुनिः ॥ २ ॥ भिक्षायाचनहेतवे गृहवतां येषां गृहे प्रति य-, स्तेषां पापचयं प्रयाति रविणा नैशं यथा ध्वान्तकम् । सारासार विचारणे च नितरां लक्षं मनो यस्य हि, श्रीमान्पुष्पशशी मुनिर्विजयतां सः श्रीगुरोस्सेवकः ॥ ३ ॥ मुक्तत्यर्थ यतते च यो जितरिपुः श्राद्धार्चितान्जानिको ज्ञानाचाररतो विशुद्धमनसां पादाम्बुजालिः सदा । जीवापदविनिवारणेऽतिकुशलस्वीयाऽमरेशे मतिः, सोऽयं को जयतान्मुदा मुनिवरः पुष्पेन्दुशेो मुनिः ॥ ४ ॥ दूरं दुःखचयं व्रजेश्च सुतरां यद्दर्शनात्कर्म्मजं, यद्वाचा जनतामनः कलुषतां त्यक्त्वा विशुद्धं भवेत् । यस्यास्ति भ्रमणं हिताय च सतां नाशाय दुःखाम्बुधैः, स श्रीपुष्पमुनिस्सदा विजयतां कल्याणमूर्तिर्भृशम् ॥ ५ ॥ Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नानादेशगतै नर्जिनकथापीयूषपानेप्सुभि-, जैनाऽजैनगतस्य यस्य मुखतो नित्यं कथा श्रूयते । यस्यास्ते नितरां विहारकरणं लोकोपकाराय च, तं पायादृषभो जिनो विषयतः पुष्पेन्दुसंज्ञं मुनिम् ॥ ६ ॥ यद्वाणी च सदा सुधारससमाऽविद्यान्धकारापहा, यच्छीलेन जना मुदं च मनसा संलब्धवंतः पराम् । यत्कीर्तिर्विशदा दिगन्तवितता राराज्यमाना सदा, अव्यात्तं जिनराजभक्तिनिरतं श्रीपुष्पचंद्रं जिनः ॥ ७ ॥ शास्त्रोद्यानसुतत्त्वविन्नरवरैर्वन्द्यो भृशं योऽनिशं, साधूनां प्रवरो निरस्तविषयो यस्यानुरागो गुरौ । गंगानीरसमस्समुज्वलतरो यस्यास्ति नीतिमतौ . सः श्रीपुष्पविधुर्मुदा विजयतां सर्वार्थसिद्धिप्रदः ॥ ८ ॥ साधुसेवानुरक्तेन, चन्द्रशेखरशर्मणा । कृतं पुष्पाष्टकञ्चैतत् , पुष्पेन्दुभक्तिहेतवे ॥ १ ॥ इति श्रीकाशीस्थपण्डितचन्द्रशेखरशर्मा व्याकरणन्यायाचार्यविरचितं ___ पुष्पाष्टकं सम्पूर्णम् ---000OOOOOO---- ॥ श्रीः॥ १२-११-१९५४ श्रीमतां श्रद्धेयानां पुष्पभिक्षुवर्याणां -स्तवःयदीयवचनावलिर्विकृतभावनानाशिनी । कुबुद्धिकुमुदावलीरविरजस्रमुद्यत्प्रभा ॥ सुधारसमयी परा सुजनमानसोल्लासिनी। सदा मुनिवराग्रणीं जगति पुष्पभिक्षु स्तुमः ॥१॥ करालकलिकालजाविरलमोहवात्योच्चयैरुपस्ततनुरप्यसौ सुजनभक्तसार्थो ह्ययम् ॥ स्वकोपदिशनेन वै य अनिशं निरस्यद् व्यथां । सदा मुनिवराग्रणीं जगति पुष्पभिक्षु स्तुमः ॥ २ ॥ Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६ वितानिततपोबलोऽतनुमङ्गलापादको। जिनप्रवचनानुगो दमितसर्वसङ्गात्मको ।। महागुणगणावहो सकलमोहविध्वंसको । जयत्वविरतं सुधीन्द्रवरपुप्पभिक्षुः स्वयम् ॥ ३ ॥ रचयिता ग. भि. जोशी. काव्य-वेदान्त-पुराण-तीर्थः, साहित्यप्राज्ञः, रा. भा. कोविद. हिंदी सनद. पनवेल (कोलाबा )। बत्तीससुत्तणामट्टगं गीइवित्तं-आयारंग पढम, यीयं सूयगडंग अक्खायं । ठाणंगं च तइयं, समवायंगे हवइ खलु चउत्थं ॥१॥ पंचमं च खु भगवई, णायाधम्मकहा य भवे छठें । उवासगदसंग स-त्तमं अट्ठमं अंतगडदसंग ॥ २ ॥ अणुक्तरोववाइयं, नवमं दसमं पण्हावागरणं । इक्कदसमं विवागसुंयं इइ इक्कारसंगाई भणियाई ॥ ३ ॥ उववाइयं तह राय-पसेणियं जीवाभिगमो य पुणो। पण्णवणा तह जंबुद्दीवपण्णत्ती चंदपण्णती ॥ ४ ॥ सूरपण्णत्ती तहा, 'णिरयावलिया कप्पिया पुफिया । पुप्फचूलिया य वण्डि-दसाओ बारसाई उत्रंगाई॥५॥ ववहार-बिहकप्प-णिसीह-दसामुयक्वधेहिं च । चत्तारि उ सुत्ताई, छेयाई सम्वाई सत्तेवीसं ॥ ६ ॥ दसवेयालियं तहा, उत्तरायणं णंदिस्सुयं च । अणुओगद्दारं तह, चत्तारि इमाई मूलमुत्ताई ॥ ७ ॥ आवस्सयसुत्तं तह, बत्तीसमं भणियं जिणवरेहिं । विविहत्थबोहयाई, भव्वजीवहेउओ दंसियाई ॥ ८ ॥ कत्ता-कच्छी मुणिरयणचंदो Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७ पदावली मंगलायरणं दुयविलंबियवित्तं-भवियणंबुयभासणभक्खरो, भुवणबंधवईहियदायगो । पणयवासवचक्कणिवावली, विजयउ उसहोऽत्थ जिणाहिवो॥ १॥ वेयालीयं-सुमई बहवेऽभिहाणओ, गुणजुत्ता पुण इत्थ दुल्लहा । सुमई गुणओऽभिहाणओ, पणमामीसमणंतसग्गुणं ॥ २ ॥ पंचचामरं-जगप्पमोयदायगं पणट्ठमोहसायगं । समीसचित्तवासिणं परप्पसंपयण्णियं ॥ विसिट्ठदेसणाअणाइसिद्धिमग्गदंसगं । णमो अणंतसम्ममग्गविस्ससेणणंदणं ॥ ३ ॥ दोहयं-घाइचउक्कयकम्मविणासा, लद्धमहोदयकेवलबोहं । जोगनिरोहसमस्सियकायं, झामि सया मुणिसुव्वयणाहं ॥ ४ ॥ मंदकंता-भव्वागारं पसमजलहिं सक्कपूयंघिपोम्मं, मेहस्सामं विमलमइदं भिण्णसंसारचकं । संसारद्धिप्पवणणिहं मेहगंभीररावं, तं संखंकं पवरविहिणा णेमिणाहं थुणेहं ॥ ५ ॥ सिहरिणी-समं चेओ जस्स प्पणइधरणिंदे य कमढे, महावेसत्तोमग्गिविसरविदड्डेऽहमतमे । मणोऽभिट्टच्चायाऽमरविडवितुल्लो जगइ जो, थुणे तं वामेयं जियसुरतरं भव्वचरणं ॥ ६ ॥ सहलविक्कीडियं-वीरो विस्सविजेउकामविजई वीरं न को जाणए, वीरेणेव विवोहियं जगमिणं वीराय सव्वं मम । वीरा निस्सियवं सुइक्कजलही वीरस्स णाणं महं, वीरे सव्वगुणा वसंति दिस मे वीरा! सिरिं सासइं ॥ ७॥ अह पट्टावली पारभिन्जइ चरिमतित्थयरो णायपुत्तमहावीरो दुरियरयसमीरो पावदावग्गिनीरो मेरुगिरिधीरो जाओ॥ तप्पट्टे पंचमगणहरो सुहम्मो णिद्दलियकलुसकम्मो खलीकयअहम्मो कयसहलजम्मो हूओ ॥ १॥ तप्पट्टे अजजंबू बालबंभयारी सत्तावीसहियपंचसयसहदिक्खधारी चरियसुत्ताणुसारी आगमविहारी हुओ ॥ २ ॥ तप्पट्टे Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पभवणामधारओ गहियसंघभारओ सयलजियहियकारओ अणगारओ मुक्तत्थधारओ पारओ भूओ॥ ३ ॥ तओ दसवेयालियपणेया संघर्णया गयलवाइजेया सिजंभवणामायरिओ ॥ ४॥ तयणंतरं जसोभहनामो विजियकामी विहरियगामाणुगामो सुचरियसंजमगुणधामो ॥ ५ ॥ तप्पच्छा अदणाणवती पसंतो खंतो दंतो धम्मारामे विहरतो संभूआयरिओ ॥ ६ ॥ नयाणंतर अजमहबाहू चउणाणचउदहपुव्वधारगो दसाकप्पयवहारकारगो गयममुद्दपारगी ॥ ७॥ तप्पट्टे उक्किट्ठवंभयारी थूलभद्दमुणी गुणी गणी सव्वसाहु सिगमणी गयलगुणगणखणी ॥ ८ ॥ अजावित्तं-अजमहागिरिबलिस्मही संतीयरिओ कमेण पुणो । पण्णवणाकत्तारो सामीयरिओ गुणी जाओ ॥ १ ॥ संडिल्लो जिणधम्मो समुद्दओ पंदिलो तहा गुणवं । सिरिणागेंहत्थिरेचयखंहिल्लाणाम आयरिया ॥ २ ॥ सीहगिरी सिरिमंतो णागजुणओ पुणो य गोविंदो। भूयदिण्णआयरिओ लोहायरिओ गुणद्धी उ ॥ ३ ॥ दुप्पसंदेवलिगणी वीरेभहो नहेव सिव हो। जैसवीरसेणणिज्जामयों य गुणिओ जैसस्सेणो ॥ ४ ॥ हरिससेञ्जयसेणो जयपालगैणी तहेव वेधरिसी। भीमसेणायरिओ तप्पट्टे कम्मसीहो य ॥ ५ ॥ रायरिसीसरदेवसेणसंकरणो य लच्छिलाहो उ । समरिसी तह पउँमो आयरिओ पुजहरिसम्मो ॥ ६ ॥ कुसलप्पैहो य उमणायरिओ जयसेणपुजेबीयरिसी। गणी सिरिदेवचंदो सूरस्सेणो महाँसीहो॥७॥ महसेणो जयराओ गयसेणो तह उ मिससेणो य । विजेयसीहसिवरायो लालायरिओ नहा कमसो ॥ ८ ॥ गाहा-णाणायरियभूणामो, रूपायरिओ तहा। जीवस्सी तेयराओ य, हरजीणाम बुद्धिमं ॥ ९ ॥ जीवराओ उ धर्णजी, विस्मणालिये, तहा। मणजीणामधेजो उ, मणोणिग्गहकारगो ॥ १० ॥ नाथूरामायरिओ य, तप्पट्टे णाणसागरो। लच्छीचंद्ायरिओ, तप्पट्टे छीतरमलो ॥ ११ ॥ Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रायारोमो गुणवंतो, उत्तमचंदो कित्तिमं । समणो रामलालो य, तवस्सी अइउक्कसो ॥ १२ ॥ फकीरचंदो तस्सीसो, थेरप्पयविभूसिओ। पुप्फभिक्खू तच्चलणं-, तेवासी य महागुणी ॥ १३ ॥ जेण संपाइओ एसो, भव्वाणं उवकारओ। 'सुत्तागमे' महागंथो, सिंधुबंगविहारिणा ॥ १४ ॥ अजावित्तं-तस्स य अंतेवासी सेवाभावी अणेगगुणजुत्तो। ____अत्थि सव्वजियमित्तो अभिहाणेणं सुमित्तो य ॥ १५ ॥ उवजाई-तस्सत्थि सीसो जिणचंदभिक्खू, पट्टावली जेणेसा विरइया। संतीभवणअंबरनाहगामे, संघस्स अट्ठा सुगुरूकिवाए ॥ १६ ॥ अजा-इक्कारसुण्णणेत्तैप्पमिए वरिसे य मग्गसिरमासे । सुक्कस्स पंचमीए रयणा एसा समत्त त्ति ॥ १७ ॥ S Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स पसंगियं किंचि सयलजगजीवाणमप्पन्भुट्ठाणाभिलासा वटए, एयं चावस्मयं पि । जेण लक्षमणुयजम्मेण ण कयमत्तहियं तज्जम्ममफलं । अपहियट्ठा चेव जणी पबयणमवणसज्झायकरणतवजवसंजमाइक्रनेनु पवइ । धम्मकरणं पि णाणण विणा ण संभवड त्तिणाणमाहप्पं । वुत्तं च णाणं मोहमहंधयारलहरीसंहारसनगमो, णाणं दिट्ठअदिइट्ठघडणे संकप्पकप्पहुमो। णाणं दुजयकम्मकुंजरघडापंचनपंचाणणो, णाणं जीवअजीववत्थुविसरस्सालोयणे लोयणं ॥१॥ तण्णाणं च पंचविहं, तम्मि वि मुयणाणं विसिस्सइ गाण भम्बनीवाणमुवयारत्तणओ । सुए ति वा सिद्धते ति वा मुत्ते ति वा सत्थे ति वा आगमे ति वा एगट्ठा । आगमे तिविहे १०, तंजहा-मुत्तागमे, अत्थागमे, तदुभयागमे । एमो भी महागंथो तुम्ह करकमले विजइ तब्बारसुवंगचउछेयच उमलावस्सयमंनुभो टिपणपरिसिट्ठाईहिं समलंकिओ सुत्तागमस्स बीओ अंसो । पहमो अंमो नाव सारसंगसंगओ इओ पुलिंब मम धम्मायरिएहिं परमपुजसिरिपुष्पाभिहि संपादिओ सिरिसुत्तागमपगासगसमिईए पगासिओ वर ति मुविश्यमेव सम्वेनि । मुनागमणियसज्झायमणणचिंतणणिदिद्धासणेणमत्तपरमवणाणं होहिइ । कि काय मए कि करेमि केण पहेण गंतव्वं केण जामि कि हेयं कि णेयं किमुवादेयं ति आणि मुतागमसज्झायकारगो अत्ताणं धम्मे ठाविस्सइ पर धम्मे ठाविस्सइ । कंण कम्मेण जीवो णेरइओ वा तिरिओ वा मणुओ वा देवो वा सिद्धो वा जायइ तवण्णणमस्तिथि। पत्थि कोवि विसओ जो सुत्तागमे णत्थि । दवाणुओगो भगवईपण्णवणाईमु । धम्मकहाणुओगो (चरियाई) ताव आयारे महावीरचरियं, सूयगरे उसाजणअट्ठाणउइपुत्तअद्दगाईणं, ठाणे महापउमचरियं, समवाए महापुरिमाणं माउपिउ पुथ्वभवणामाई, भगवईए रोहाऽणगारखंधयतामलिसिवरायरिसिमहाबल उसहदत्तदेवाणंदाजमालिगंगेयअइमुत्तगोसालयोदायणमिगावईजयंतीसोमिलाईणं चरियाई संति । छ?सत्तमट्ठमणवमेक्कारसमंगाई सव्वहा कहामया चेव। ओववाइए अंबडचरियं, रायपसणइए सूरियाभदेवचरियं पएसिकहाणयं च, जीवाजीवाभिगमे विजयदेवचरियं, जबुद्दीवपण्णत्तीए उसहजिणचरियं भरहचकिचरियं च, णिरियावलियाइपंचुवंगाई सम्बहा Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१ चरियमयाई, उत्तरज्झयणे कविलणमिहरिएसिचित्तसंभूयइसुयारगग्गायरियसंजइरायमियापुत्तअणाहिमुणिसमुद्दपालरहणेमिकेसिगोयमजयघोसविजयघोसाईणं, पढमे परिसिटे कप्पसुत्ते वीरचरियं पासचरियं अरिटणेमिचरियं रिसभजिणचरियं च । ससमयपरसमयवत्तव्वया ससमयठावणा परसमयणिराकरणाइदंसणविसओ सूयगडे समत्थि। गणियाणुओगो चंदसूरपण्णत्तीआईसु । चरणकरणाणुओगो ( आयारवण्णणं) ताव आयारे दसवेयालिए एवमाईसु । पायच्छित्तविहाणाइयं चउसु छेयसुत्तेसु । पमाणणयणिक्खेववागरणसत्तसरणवकव्वरसाइयं अणुओगद्दारे । आवस्सय किच्चं साहुसावयाणं साहुसावयावस्सए । अलमइवित्थरेण चत्तारि वि अणुओगा सुटुरूवेणमस्सि संति । एसुत्तमजिण्णासूण मुमुक्खूण गुणगाहगाण सज्जणाण अणुवमणाणसाहणं । चित्तचवलयादूरीकरणसव्वुत्तमोवाओ सुत्तागमसज्झाओ । अओ चेव समणेणं भगवया णायपुत्तमहावीरेणं चाउकालसज्झायकरणमुवदिटुं भासियं च-'सज्झाएणं जीवो णाणावरणिज्ज कम्मं खवेइ' । अज्जावहि जेत्तियाइं सुत्ताइं पगासियाइमण्णेहिं ताई अइभारजुत्ताई दुव्वहाइं च । गामे गामे ण होंति पुत्थयालयत्ति मुणिणो जया जं सुत्तमिच्छंति तया तं ण लहंति । इमं लक्खीकिच्चा दोसु पुत्थएसु बत्तीसं पि सुत्ताई मम धम्मगुरूहि परमपुजसिरिपुप्फभिक्खूहिं संपादियाइं। एयमब्भुयमबिइयमभूयपुव्वमस्सुयपुव्वमत्थि जं एक्के पुत्थए इक्कारसंगाइं बीए बारसुवंगाई चउछेयाई चउमूलाइं सावस्सयाई। अओ जिण्णासुणो मुणिणो सज्झायमिमस्स कट्टु णाणबुष्टुिं कुणंतु त्ति विण्णवेइ गुरुकमकमलभसलो-सुमित्तभिक्खू Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरम्स सिरिसुत्तागमगंथस्स साररूवभूमिया सिरितित्थयहिं जगजीबुद्धरणटुं विविहोवएगो दिण्णो, महानियाहिं गणहरेहिं मणसीकाऊणं दुवालसंगीरूवेणं (दुवालसंगमुत्तम्घेणं) गुंफिऊणं नापयागे कओ। ___ इक्किंगसुत्तोवरि तेसिं पुट्ठीकराई पुढो पुढो आयरिगाह कमेणं दुवालगवंगाई णिम्मियाई संति । साह्रणमायारवियारसुद्धीकराई च चत्तारि छयमनाई णिम्मियाई । सव्वेहितो अंगुवंगमुत्तहितो पमाणणयणिक्येयवागरणप्पमुहविरायानुनाई चनारि मूल. सुत्ताई साररूवाइं णिम्मियाई । तओ पच्छा अंतिममावस्गगमन (उमओ कालं वयधराणं मूलत्तराइगुणेहितो अत्तमुद्धीकारयं) णिम्मियं ति।। ___ बारसमस्स दिठिवायंगस्स विच्छेए इकारसंगाई, दुवालमुनगाई, चनारि शेय. सुत्ताई, चत्तारि मूलाई, बत्तीसमं चावस्सगमुक्तं एयाई बनीगमनाई गिरियाणगवासिजइणसमाजेण मण्णिजंति । एसु बत्तीसागमेसु साहुसावगाणं णायव्त्रीवादेयकाणीयांवरयाणं वाणी समत्थि । अत्तकम्मधम्मणाणदंसणचरितसम्मत्तनववीरियापमाणणयणिकवणिनायववहारमिच्छत्तकसायप्पमायापमायावयजोगलोगालोगछदव्य जीवाइणवर मलयासमारकम्मबंधोदयउदीरणावेयणाणिजरामुक्खणिरयतिरिक्वमयदेवा मुहाणं शिवहवि. सयाणं इमेसु सुत्तेसु जट्ठियं सरूवमणंतणाणीहिमुदसियमस्थि । विस्सेऽणेगे धम्मा, अणेगाई सत्थाई, अणेगा य मयपहा विजमाणा मंति । तेसिं धम्मसत्थमयपहाणं पवत्तगा वि णेगे संजाया । उवरुनपानवियाण धानमनया जारिसा जइणागमेसु पुढोकरणपुव्वया गूढरहस्मजुत्ता य पचवणाणी िदंगिया अत्थि तारिसा इयरधम्मसत्थेसु ण लब्भइ । केवलणाणीहि लोए थावर जंगमा अा. विरूविणो पयत्था जारिसा केवलदसणेण दिट्ठा तारिसा जणहियद्वयाप आपविया, पण्णविया, परूविया, दंसिया, णिदंसिया। जया अण्णसत्यापवनगेहिं जे किचि कहिये वा दंसियं वा पवत्तियं वा तं सव्वं केवलं पण्णावलेण वा जहाणुहवेण या, जेहि सव्वेसिं मण्णणि णो होइ ति। एएसिं बत्तीसमूलसुत्ताणमत्था भासंतराई णेगेहिं कयाई पगासियाई मंनि । किंतु सज्झायकरणट्ठाए कमवि विसयं तेसु मूलसुत्तेसु णिरिक्खणट्ठाए केवलं मूलमनाई चेव कजसाहगाइं भवंति । तेसिं पुढो पुढो बत्तीर्स पइकइओ-पुत्थयाई एगीकरणहिंनो Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३३ एगे वा दोसु वा विभाएसु जइ चेव सव्वसुत्तसंगहो हविज्जा ता अईव सुगमया होउ त्ति सत्थविसारएहिं महप्पेहि अप्पमाईहिं जइणसाहिचप्पयारगेहिं जइणेयरजणाणं जइणधम्मरसियकुव्वंतेहिं जइणधम्मप्पयारकए विविहपरिसहसहिज्जमाणेहिं उग्गविहारीहिं सुत्तागमपारीहिं इच्चाइणेगोवमारिहेहिं मुणिवरेहिं सिरिपुप्फभिक्खूहिं महाकळं सहित्ता बत्तीसमूलसुत्तजुयस्स सुत्तागमंसदुयस्स संपादणं कयं । एसिं पयासो पसंसणिज्जो अत्थि । सिरिसुत्तागमपगासगसमिईए पगासं णीयाई संति पिहप्पिहाई दोसु पुत्थएतु य बत्तीसं सुत्ताई।। तेहिं चेव महापुरिसेहिं दोविभायगुंफियसुत्तागमगंथस्स (बत्तीससुत्ताणं) सारख्वभूमियं संलिहिउं पेरिओम्हि त्ति । अणतणाणिप्परूवियअमुल्लाणमणतणाणणिहाणरूवाणमेसि सुत्तागमाणं सारं महासमत्थणाणिणो चेव समवबोहिऊणमक्खाइउं वा लिहिउं वा समत्था संति । अहं तु अप्पण्णू एसिं सारमवबोहिउं वा कहिउं वा लिहिउँ वा णेव समत्थो भवामि । तहवि महप्पाणं किवाए पेरणाइ य अप्पमईए जं किंचि अप्पमवि सुत्तागमाणं सारख्वं लिहिंयमत्थि मए तं सुसंतेहिं सुत्तागमविण्णूहिं सीकरणीयमिति, इच्चेव अब्भत्थणा । सुण्णूसु किं बहुणा ? ॥ विकमीयसंवच्छरं २०११ । संतचलणसेवगो कच्छी मुणीकत्तियकिण्हणवमी गुरुवासरो रयणेंदू भुयपुरं ३ सुक्ता० प्र० Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णिदंसणं इह अणाइअणंतदुक्खापउरसंसारम्मि जम्मजराइदुस्पसंतनाणं जगाणं ण धम्म विणा चिरंतणसोक्खं ति । णाणाभावे ण धम्मसंभवो नि परमोरयारीहि गणहरहि दुवालसंगं गणिपिडगं गुंफियं । तमणुसरितु पिपिहायरिएहि उबंगाइयाई भगाई विरइयाई । एसो सव्वो अक्खयको ससमाणो 'मुत्तागमे ति त्रुचः । इमो गयी अद्धमागहीए जहा-"भगवं च णं अद्धमागहाए भागाए. धम्ममाइसाइ । माथि य णं अद्धमागहा भासा तेसिं सव्वेर्सि आरियमगारियाणं अपणी सभागाए परिणामेण परिणमइ”। सयलाओ इमं वाया विसंति एतो य गति वायाभो । एंति समुई चिय णेति सायरामओ पिय जलाई ॥ ति वयणाणुसारं सम्वभासामूलतणेण सुलहा ग्नु पाइयभाया । तामु विविहाम्य सउरसेणीमागहीमरहहिबाइपागयभासाम् अदमागहा भामा यिनिम्मा अपणों उक्करिसाहिकेण । अओ चेव "दया णे भंते ! कयराए भायाए भामंति? कयरा भासा भासिजमाणी विसिस्सइ? गोयमा ! देवा णं अदमागहाए भागाए भासंति, सा वि य णं अद्धमागहा भासा भासिज्जमाणी विसिरसइ" ति युक्तं । अद्धमागहीसहस्स युष्पत्ति कुम्वाणा केइ जणा 'अर्द्ध मागण्याः' ति युपतिमलेण इमीए भासाए मागहीभासाजणियत्तं पडिपार्षति । पर 'अद्धमगधस्याय' ति बाभूयचुप्पत्तिमणुसरिय मगहविसएकदेसस्स चेवेयं मूलभूया भासनि णिनिय । अओ अदमागहीमओऽयं गंथो णिच्छएण सयलजणाणं सम्मणाणसम्मदंगणगम्मचारितसंपत्तिपुव्वयं सुगइसाहगमस्थि ति ण संसयलेसो वि। एयस्स मुत्तागमस्स इकारसंगसुत्तसंजुओ पठमो अंसो पगासिओ वए । नस्य चेव अवरोऽवसिट्ठो एगवीसइमुक्तसंजुत्तो बीभो अंसो इयाणि पगामिन । दिदिवायाभिहाणं बारसममंग ताव वोच्छिण्णं । एएसिं बारमण्डमंगाणमुवंगभूयाणि बारससुत्ता णि कहियाणि । तेसु य आयारंगसुस्तस्स उवंगभूए पढमे कमेण य बारसमे भोययाइयनुते णयरिउजाणाइवण्णणं वीरसमोसरणं तवोभेया कोणियणिग्गमणं धम्मकला सिद्धगहवण्णणाइयमत्थि । तेरसमे सूयगडंगसुत्तस्स उवंगभूए रायपसेणइज्जे मूरामदेवपएसीरायकहाणयं वण्णियमुवलब्भइ वित्थरेण । चउइसमे ठाणंगस्स उवंगत जीवाजीवाभिगमसुत्ते जीवाजीवभेयछप्पण्णंतरदीवविजयदेवजंबुद्दीवाईणं वण्णणं समुव Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लब्भइ । पण्णरसमे समवायस्स उवंगभूए पण्णवणासुत्ते जीवसिद्धभेयवित्थरो ठाणअप्पबहुत्तठिइविसेसवकंतिउस्साससण्णाजोणिचरमाचरमभासासरीरपरिणामकसायइंदियपओगलेसाकायटिइसम्मत्तअंतकिरियाओगाहणाकिरियाकम्मपयडीबंधवेयबंधवेयवेयाहारोवओगदंसणयापरिणामजोगणाणपरिणामपवियारणावेयणासमुग्घायवण्णओ लब्भइ । सोलसमे विवाहपण्णत्तीए उवंगभूए जंबुद्दीवपण्णत्तिसुत्ते जंबुद्दीववण्णणं रिसहदेवचरितं भरहचकवट्टिकहाणयं जिणजम्माभिसेयाइयं समुववण्णियं । सत्तारसमट्ठारसमेसु णायाधम्मकहाउवंगभूएसु चंदपण्णत्तिसूरपण्णत्तिसुत्तेसु चंदमंडलपमाणं सूरगहणक्खत्ततारगाइमंडलाणं जुत्तिजुत्तं वण्णणं । तिहिणक्खत्तअहोरत्तकालमाणमाइयं च फुडं कहियं । एगूणवीसइमे उवासगदसाउवंगभूए णिरयावलियासुत्ते सेणियरायदसपुत्ताणं कहाणयं, तहेव कोणियचरित्तं चेडएण संगामो समरंगणे मयाणं तेसिं तत्तग्गइलाहो उववण्णिओ । वीसइमे अंतगडदसाउवंगभूए कप्पडिसियासुत्ते पउमकुमाराइदसकुमाराणं परिचत्तरायविभवाणं णायपुत्तमहावीरसामिणो पासे पव्वयणं देवलोगसंपत्ती य वणिया । इक्कवीसइमे अणुत्तरोववाइयदसाउवंगभूए पुफियासुत्ते चंदसूरसुक्कदेवाईणं पुव्वकयकम्माइवियारो वण्णिओ। बावीसइमे पण्हावागरणुवंगभूए पुप्फचूलियासुत्ते सिरिदेवीपभिइदसण्हं देवीणं पुव्वभवो साहिओ । तेवीसइमे विवागसुयस्सुवंगे वण्हिदसासुत्ते बलभद्दस्स णिसहाइबारससुयाणं पुन्वभवकहाणयं सवित्थरं संजमवसेण देवगइसंपत्ती य साहिया। तयाणंतरं संजमाइसु दोसपरिहारोवायपडिवायगाणं चउण्हं छेयसुत्ताणं उवण्णासो कीरइ । तेसु पढमे अणुक्कमेण य चउवीसइमे ववहारे पायच्छित्तविहीववहाराइयं वित्थरेण साहियं वट्टए। पणवीसइमे बिहकप्पसुत्ते साहुसाहुणीणं कप्पाकप्पो सुट्टस्वेण उवदंसिओ। छब्बीसइमे णिसीहसुत्ते पायच्छित्ताणि तहाणविहाणाणि य फुडं वणियाणि । सत्तावीसइमे दसासुयक्खंधे असमाहिठाणसबलदोसतेत्तीसासायणाऽऽयरियट्ठसंपयाचित्तसमाहिठाणइक्कारसुवासगपडिमाबारसभिक्खुपडिमापजोसणाकम्पमहामोहणीयठाणणवणियाणवण्णणं । एएसिं चउण्हं छेयसुत्ताणमणंतरं अईवउवजुत्ताणि चत्तारि मूलसुत्ताणि पारब्भिजंति । जेसु कमेण अट्ठावीसइमे दसवेयालियसुत्ते धम्ममाहप्पं सामण्णपुव्वयं अणाचिण्णछकायभेयपिंडेसणामहायारवयणविसुद्धिआयारपणिहिविणयभिक्खुसंजमथिरकारगट्ठारसठाणविवित्तचरियासरुवं णिरूवियं । एगूणतीसइमे उत्तरज्झयणे विणयपरिसहदुल्लहचउरंगपमायापमायअकाममरणखुडागणियंठिजएलइजदुमपत्तभिक्खुबंभचेरगुत्तिपावसमणअट्ठपवयणमायासामायारीमोक्खमग्गसम्मत्तपरकमतवोम Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६ गचरणविहिपमायठाणकम्म पय डीलेसा अणगारमग्गजीवाजीवविभक्ती कविलाई महापुरिसाणं चरियाई च। तीसइमे णंदीसुत्ते येरावली सोयाभेया पंचविहारास्त्रं तदंतग्गयबुद्धिभेया सुत्तसख्वं च वित्थरेणुववणियं । एकतीस अणुओगदारसुत्ते सुयावस्याणुपुत्रीणामपमाणणयणिक्खेवाईणं सवित्रं वणणं । ब आवस्सयसुत्ते आवस्यवत्तव्या । पढमे परिसिट्टे कप चउजिणचरियाई सुत्तलिहणकालो जिणंतराई गणहरवण्णणं येरावली सामायारी य । बीए परिसिट्टे सामाइयपाढा गहणपारर्णावही । तइए परिसिट्टे सावयावस्मय( पडिकमण ) सुतं मूलपाठजुतं भासापाठठाणे कोलग दिण्णपानं । एवंरूवेण अणोरपारसिंधुसरिसे एयम्मि 'सुतागमे' विविहविरायाणमपुष्व संगहो । अभो जिणधम्मसख्वं जिण्णासहिं जणेहिं एस गंधो अवस्सं । सज्झाएण णाणावरणीयकम्मखओ सुयणाणत्तणाणस्य य संलद्वी भवः । निययसज्झायणिसेवणेण तवकम्मसहकडेण णाणस्स चरमावस्थास्वं परमणाणं पि मलहं । अओ चेव वुक्तं 'णं सज्झायसमं तवो' ति णिवेएइ गजाणणभि. जोसीतिणामधिजो, कव्यवेदंतपुराणतित्थो, साहिपण्णो, रभासाकोविओ ( हिंदी सनद ), पणवेलत्थ 'हाईस्कूल' सक्कयपाइयअज्झायगो । Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तुलनात्मक अध्ययन सौत्रिक १ औपपातिकसूत्रमें तपके १२ भेदोंका वर्णन एवं ठाणांगसूत्रके छठे ठाणे और भगवतीगत तप-वर्णन । 'वण्णओ जहा उववाइए' कई सूत्रोंमें मिलता है। २ रायपसेणइयमें सूयोभ एवं जीवाजीवाभिगममें विजयदेवका वर्णन। ३ पण्णवणाके बहुतसे पाठ भगवतीसूत्रानुगत हैं। सिद्धसंबंधी औपपातिकसूत्रकी बहुतसी गाथाएँ पण्णवणामें दृष्टिगत होती हैं। ४ जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति एवं स्थानांगसूत्रके नवमस्थानगत पर्वत-द्रह-नदी-नामादि । ५ चंद्रप्रज्ञप्ति एवं सूर्यप्रज्ञप्तिके आरंभक्रममें थोड़ा सा भेद है शेष पाठ अक्षरशः मिलता है। ६ बृहत्कल्पमें स्थानांग व्यवहार तथा निशीथके पाठ मिलते हैं। ७ दशाश्रुतस्कंध १-२-३-९ दशा समवायके अनुसार आचार-सम्पत् आदि स्थानांगके अनुसार हैं । विशेषके लिए देखो टिप्पण । ८ दशवैकालिक एवं आचारांगका पिंडेषणा-अध्ययन भाषा-अध्ययन (पण्णवणासूत्रका भाषापद) पांच महाव्रतोंका वर्णन मिलता जुलता है, एवं आचारांग अ० २४ गाथा ८ तथा दश० अ० ८ गा० ६३ समान हैं। - ९ उत्तराध्ययनके २२ वें अध्ययनकी और दशवैकालिकके दूसरे अध्ययनकी कुछ गाथाएँ। १० नंदीसूत्र तथा समवायगत अंगसूत्रोंका वर्णन । ११ अनुयोगद्वार-सात वर आठ विभक्ति स्थानांगके अनुसार हैं। १२ श्रावकावश्यक्रम बारह व्रतोंके अतिचारादि उपासकदशाके प्रथम अध्ययनके अनुसार हैं। १३ कल्पसूत्र-महावीरचरित्र आचारांगके अनुसार, ऋषभचरित्र जंबुद्वीपप्रज्ञप्तिके अनुसार । दशश्रुतस्कंधके ८ वें अध्ययनका परिशिष्ट तो है ही। (नोट) स्थानांग एवं समवायांगके आधारसे कई सूत्र रचे गए हैं अतः उनके पाठ कई सूत्रोंमें पाए जाते हैं । अन्तकृद्दशांगगत अतिमुक्तकुमारका शेष वर्णन भगवतीसूत्रमें है । और भी कई सूत्रोंके पाठोंमें साम्यता है। यहां तो मात्र कुछ थोड़ा सा दिग्दर्शन कराया गया है। दैगंबरीय १ अंगोंकी पदसंख्या आदिमें बहुत कुछ समानता है। १ देखो षट्खंडागम प्रथम भाग । Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८ २ प्रतिक्रमण नवकार मंत्र वैसा ही है केवल 'आयरियाणं' के बदले 'आइरियाणं' बोलते हैं । 'इरियावहिया' 'तस्स उत्तरी' के पाठ भी कुछ अन्तर के साथ उसी प्रकार हैं। 'लोगस्स' का पाठ इस तरह है 'लोयरसुजोयरे, धम्मतित्थंकरे जिणे वंदे । अरिहंते कि तिस्से, चवीसं चेत्र केवलिणो ॥' 'उसह मजियं ० ' शेष उसी प्रकार । 'सुविहिं०' वाली गावामें 'सिजंग' के ग्यानपर 'सेयंस' है । 'च जिणं' के स्थानपर 'भय' है। 'कुंभुं च जिणवरिंदें, अरे च मि च सुव्वयं च नमिं ।' शेष तद्वत है । 'लोगस्स उत्तमा' की जगह 'लोगुतमा जिणा सिद्धा' है । 'आरोगणाणलाहं, दिंतु समाहिं च मे मोहिं | वंदेहं निम्मलयण, आइ 1 हिं अहियं पयासंता । सायरमिव गंभीरा, सिद्धा सिद्धिं मम दिसेतु ॥' आदिमें थोड़ा सा अंतर है । 'चत्तारि मंगलं' का पाठ उसी भांति है । १२ कि अतिचार भी मिलते जुलते हैं । 'खामेमि सच्चे जीवा० ' के स्थानपर 'सम्मामि रावजीवाणं, सव्वे जीवा खमंतु मे । मेती मे सव्वभूदेसु, वेरं मज न केणयि ॥' 'धम्मो मंगलमु कि० ' की जगह 'धम्मो मंगलमुहिं, अहिंसा जो नयो । देवा वि तस्स पणमंति, जस्स धम्मे सया मणो ॥' ४ 'जयं चरे जयं चिट्ठे, जयमासे जयं सए । जयं भुजतो भासतो, पावकम् न बंधइ ॥ ८ ॥' की जगह 'जदं चरे जदं विद्वे, जदमासे जदं गये । जयं भुजेल भासेज्ज, एवं पावं न बज्झइ ॥ ( मूलाचार ) 1 (नोट) और भी बहुतसे पाठोंमें साम्यता है। विशेषके लिए वरीय श्रावक प्रतिक्रमण देखें । इसके अतिरिक्त दिगंबरोंके कई ग्रंथोंमें 'मुमागमे के पार्टीका अनुकरण है। वैदिक १ 'एगं जाणइ से सम्बं जाणा' - 'आत्मनि विज्ञाते सर्वमिदं विज्ञानं भवति' । २ 'अप्पा सो परमप्पा' - 'अयमात्मा ब्रह्म' 'अहं ब्रह्मास्मि' 'तश्वमांस' । ): ६ 'तक्का जत्थ ण विज्जई, मई तत्थ ण गाहिया' 'यतो वाचो निवर्तते, अप्राप्य मनसा सह । ३ ' गाणे पुण णियमा आया' - 'प्रज्ञानं ब्रह्म' । ४ ' अपुणरावित्ति' - ' न पुनरावर्तते' ( यद्गत्वा न निवर्तते ५ एगे आया' - 'एकोsहं' 'एको ब्रह्म० ' । Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७ 'मित्ती मे सव्वभूएसु'-'मित्रस्याहं चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्ष्ये । ८ 'अप्पा कत्ता विकत्ता य, दुहाण य सुहाण य ।'-'उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानं, नात्मानमवसादयेत् ।' ९ 'अप्पा मित्तममित्तं च, दुपहियसुपट्ठिओ।'-'आत्मैवात्मनो बंधुरात्मैव रिपुरात्मनः ।' १० 'परिणामे बंधो, परिणामे मोक्खो'-'मन एव मनुष्याणां, कारणं बंधमोक्षयोः ।' अथवा-'वायुनाऽऽनीयते मेघः, पुनस्तेनैव नीयते । मनसाऽऽनीयते कर्म, पुनस्तेनैव नीयते ॥" ११ “सासए लोए दव्वट्ठयाए'-'प्रकृतिः पुरुषश्चैव, उभयैते शाश्वते मते ।' १२ 'सएहिं परियाएहिं, लोगं बूया कडेत्ति य । तत्तं ते न वियाणंति, न विणासी कयाइ वि ॥'-'न कर्तृत्वं न कर्माणि, लोकस्य सृजति विभुः । न कर्मफलसंयोगः, स्वभावस्तु प्रवर्तते ॥' १३ ‘एवं खु णाणिणो सारं, जं न हिंसइ किंचणं ।'-'मा हिंस्या सर्वा भूतानि' 'मा हिंसी पुरुषं जगत् ।' ___१४ 'धम्मो मंगलमुक्किटं अहिंसा०'-'अहिंसा परमो धर्मः' । पौराणिक (१) सुत्तेसु यावि पडिबुद्धजीवी, नो वीससे पंडिय आसुपण्णे । घोरा मुहुत्ता अबलं सरीरं, भारंडपक्खीव चरेऽप्पमत्तो ॥ ६ ॥ उत्तराध्ययन अ० ४॥ या निशा सर्वभूतानां, तस्यां जागर्ति संयमी। यस्यां जाग्रति भूतानि, सा निशा पश्यतो मुनेः ॥ ६९ ॥ महाभारत भी० अ० २६ ॥ (२) सुहं वसामो जीवामो, जेसि मो णत्थि किंचणं । मिहिलाए डज्झमाणीए, न मे डज्झइ किंचणं ॥ १४ ॥ उ० अ० ९ ॥ ससुखं बत जीवामि, यस्य मे नास्ति किंचन । मिथिलायां प्रदीप्तायां, न मे दह्यति किंचन ॥ ४ ॥ म० शां० अ० २६ ॥ (३) पुढवी साली जवा चेव, हिरण्णं पसुभिस्सह । पडिपुण्णं णालमेगस्स, इइ विज्जा तवं चरे ॥ ४९ ॥ उ० अ० ९॥ यत्पृथिव्यां व्रीहिर्यवं, हिरण्यं पशवः स्त्रियः । सर्व तं नालमेकस्य, तस्माद्विद्वाञ्छमं चरेत् ॥ ४४ ॥ म० अनु० अ० ९३ ॥ Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४ ) जहेह सीहो व मियं गहाय, मच नर नेइ हु अंतकाले। न तस्स माया व पिया व भाया, कालम्मि तम्मंगहरा भति ॥ २२ ॥3 अ० १३॥ तं पुत्रपशुसंपन्न, व्यासक्तमनसं नरं । सुप्तं व्याघ्रो मृगमिव, मृत्युरादाय गच्छति ॥ १८ ॥ म. शां. अ.. १४॥ (५) तं इक्कगं तुच्छसरीरगं से, चिईगयं दहिर पावगेणं । भज्जा य पुत्ता वि य णायओ य, दायारमणं अणुसंकमति ॥ २५ ॥ अ० १३ ॥ उत्सृज्य विनिवर्तते, ज्ञातयः मुहृदः सुताः । अपुष्पानफलान् वृक्षान् , यथा तात! पतत्रिणः ॥ १७॥ म.उ. अ... || (६) अब्भायम्मि लोगम्मि, सबओ परिवारिए। अमोहाहिं पडतीहि, गिर्हसि न रई लभे ॥ २१॥ उ. अ. १४ ॥ एवमभ्याहते लोके, समंतात्परिवारिते। अमोघासु पतंतीमु, कि धीर इव भापसे ॥७॥म.शा. अग13॥ (७) अलोलुयं मुहाजीविं, अणगार अकिंचणं । असंसत्थं गिहत्थेसु, तं वयं बूम माहणं ॥ २८ ॥ ३० अ० २.५ ॥ निराशिषमनारंभं, निर्नमस्कारमस्तुतिम् । अक्षीणं क्षीणकर्माणं, तं देवा ब्राह्मणं विदुः ॥ ३४ ॥ म. शां. अ.. २६३ ।। (८) किण्हा णीला य काऊ य, तेऊ पम्हा तहेव या सुक्कलेसा य छट्ठा य, णामाइं तु जहकमं ॥ ३ ॥ उ० अ० ३४ ॥ षड्जीववर्णाः परमं प्रमाणं, कृष्णो धूम्रो नीलमथास्य मध्यम् । रक्तं पुनः सह्यतरे सुखं तु, हारिद्रवर्ण सुसुखं च शुक्रम् ॥ ३३ ॥ म.. शां० अ० २८० ॥ बौद्धिक १ रायसेणइय-सुस्तके समान दीघनिकायमें पायासी-मत्त मिलता है। माय थोड़ा सा अंतर इस प्रकार है । यथा-पएसी-पायासी, केसीकुमार-कमार काश्यप, चित्त प्रधान-खत्त । पृच्छाएँ और उनके उत्तर युक्ति प्रयुत्तिाओं सहित परायर में हैं । कंबोज देशके घोड़ोंकी बात जो 'रायपसेणइय' में है वह 'पायासी-मुक्त' में नहीं है। इसी प्रकार सूर्याभदेवकृत नाव्यरचनाएँ भी नहीं है । भावी वर्णनमें भी Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भेद है। वौद्धोंने 'रायपसेणइय' का कितना अनुसरण किया है इसका पूरा हाल दोनों सूत्रोंका अध्ययन करने से ही ज्ञात हो सकता है। ___ २ उत्तराध्ययनसूत्रकी बहुतसी गाथाएँ शाब्दिक परिवर्तनके साथ धम्मपदमें पाई जाती हैं । जहां कुछ परिवर्तन भी है वह केवल नाम मात्र है, परन्तु विषय चर्चामें कोई अन्तर नहीं है। उदाहरणार्थ(१-४) अकोसिज्जा परे भिक्खुं, न तेसिं पडिसंजले । सरिसो होइ वालाणं, तम्हा भिक्खू न संजले ॥ २४ ॥ उ० अ० २ ॥ एवं २५-२६-२७ वी गाथाओंके स्थानपर धम्मपद में निम्नलिखित गाथाएँ पाई जाती हैं-पठवी समो नो विरुज्झति, इन्दखीलूपमो तादि सुब्बतो। रहदोऽव अपेतकद्दमो, संसारा न भवन्ति तादिनो ॥ ६ ॥ ध० अरिहंतवग्ग ॥ खंती परमं तपो तितिक्खा, निब्बाणं परमं वदन्ति बुद्धा । न हि पब्बजितो परूपघाती, समणो होति परं विहेठयन्तो ॥ ६ ॥ ध० बुद्धवग्ग ॥ सुत्वा रुसितो बहुं, वाचं समणाणं पुथुवचनानं । फरसेन ने न परिवज्जा, नहि संतो परिसेनि करोति ॥ ९३२ ॥ ॥ मुत्तनिपात ॥ न ब्राह्मणस्स पहरेय्य, नास्स मुञ्चेथ ब्राह्मणो । धी ब्राह्मणस्स हन्तारं, ततो धि यस्स मुश्चति ॥ ७ ॥ ध० व० २६ ॥ (,) जो सहस्सं सहस्साणं, संगामे दुजए जिणे। एगं जिणेज अप्पाणं, एस से परमो जओ ॥ ३४ ॥ उ० अ० ९ ॥ यो सहस्सं सहस्सेन, संगामे मानुसे जिने । एकं च जेय्यमत्तानं, स वे संगामजुत्तमो ॥ ४ ॥ ध० सहस्सवग्ग ॥ (६) मासे मासे उ जो बालो, कुसग्गेणं तु भुंजए । न सो मुयक्खायधम्मस्स, कलं अग्घइ सोलसिं ॥ ४४ ॥ उ० अ० ९ ॥ मासे मासे कुसग्गेनं. बालो भनेथ भोजनं । न सो संखतधम्मानं, कलं अग्धति सोलसिं ॥ ११ ॥ध० बालवग्ग ॥ (७) जहा पउमं जले जायं, नोवलिप्पइ वारिणा । एवं अलित्तं कामेहि, तं वयं वूम माहणं ॥ २७ ॥ उ० अ० २५ ॥ १ देखो दीघनिकाय M. T. W. राइस डेविड द्वारा सम्पादित पाली टेक्स्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित पृ० ३१६ से ३५८ पायासी-सुत्तं । हिंदीभाषाभाषी राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनुवादित महाबोधि ग्रंथमालाकी ओर से प्रकाशित दीघनिकाय पृ० १९९ से २११ तक पायासी-राजझसुत्त देखें । Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वारि पोक्खरपत्तेव, आरग्गेरिव सासपो। यो न लिम्पति कामेमु, तमहं ब्रूमि ब्राह्मणं ॥ १९ ॥१० बाह्मणवांग ॥ (८) जहित्ता पुव्वसंजोगं, नाइसंगे य बंधवे । जो न सज्जइ भोगेस, तं वयं बूम माहणं ॥ २९ ॥ उ. अ... ॥ सब्बसओजनं छेत्वा, यो वे न परितस्मति । संगातिगं विसञ्चुत्तं तमहं ब्रूमि ब्राह्मणं ॥ १ ॥धव०२६॥ (९) एए पाउकरे बुद्धे, जेहि होइ सिणायओ। सव्वकम्मविणिम्मुकं, तं वयं वूम माहणं ॥ ३४ ॥ उ• अ० २': ।। उसभं पवरं वीरं, महेसिं विजिताविनं । अनेज नहातकं युद्ध, तमहं ब्रूमि ग्रामणं ॥ ४० ॥ध०५० २६॥ (१०) अप्पा मित्तममित्तं च० ॥ ३७॥ उ० अ० २० ॥ अत्तना' व कतं पापं, अपना संक्रिलिस्सति । अत्तना अकतं पापं, अतना' व विमुज्झति ।। सुद्धिअसुद्धिपश्चत्तं, नम्मो अन्य वियोधये ॥ ९ ॥५. अनवग ॥ ३ चित्तमभूतिजातक उत्तराध्ययनम्न प्रके १३ वें अध्ययन अनुगार है। ४ अंगुत्तरनिकायमें उत्तराध्ययनसूयके १६ वे अध्ययन के 'नो निगंधीणं कुठंतरंसि वा०' के समान पाठ मिलता है जैसे कि-'अपि च यो मानुगामस्म सई सुणाति तिरो कुटा वा तिरो परकारा वा हसतिया या भणतिया वा गायतिया वा रोदंतिया वा सो तदस्साहेति तसिकामेति तेन च विति आपति इदंपि खो ब्रह्मचारियस्स खण्डंपि छिपि वा समलंपि वा कम्मामांप अयं वुश्चति । 'न परिमुञ्चति दुक्खम्माति वदामि । अंगु० ७ वग्ग । ५ उत्तराध्ययनसूत्रके १८ वें अध्ययनमें वर्णित चार प्रत्येकयुद्धोंकी कथाओं समान कुंभारजातकमें भी कुछ रूपान्तरके साथ चारों कथाएं मिलती है। मूल गाथाओंकी तुलनाकरकंडू कलिंगेसु, पंचालेसु य दुम्मुहो। नमी राया विदेहेस, गंधारेसु य णग्गई ॥ ४६ ।। उ० अ० १८ ॥ करकण्डू नाम कलिंगाना, गन्धारानश्च नग्गजी। नमिराजा विदेहानां, पंचालानाञ्च दुम्मुखो ॥ एए नरिंदवसभा, निक्खंता जिणसासणे । १ निशीथगत माउम्गाम शब्दका अनुकरण है। Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुत्ते रज्जे ठवित्ताणं, सामण्णे पजुवट्ठिया ॥ ४७ ॥ उ० अ० १८ ॥ एते रट्ठा निहित्वान, पव्वजिंसु अकिंचना ॥ ५॥ कुंभारजातक ॥ मालूम होता है एक पद जानकर छोड़ दिया गया है। (नोट) इसके अतिरिक्त बौद्धग्रंथों में और भी जैनसाहित्यका बहुतसा अनुकरण है। भाषात्मक-साम्य वैदिक १ अर्धमागधीमें 'ऋ' के स्थानमें 'उ' होता है, जैसे-स्पृष्ट-पुट्ठ, उसी प्रकार वेद में भी, जैसे-कृत-कुठ (ऋग्वेद १, ४६, ४ )। __ २ अर्धमागधीमें कितनेक स्थानोंपर एक व्यंजनका लोप होकर पूर्वका ह्रस्वस्वर दीर्घ होता है, जैसे-पश्यति-पासइ, उसी प्रकार वेदमें भी, जैसे-दुर्लभ दूलभ (ऋ० ४, ९, ८), दुर्णाश-दूणाश ( शुक्लयजुःप्रातिशाख्य ३, ४३)। ३. अर्धमागधीमें शब्दके अन्त्य व्यंजनका लोप होता है, जैसे-तावत्-ताव, उसी प्रकार वेदमें भी, जैसे-पश्चात् पश्चा, (अथर्वसंहिता १०, ४, ११), उच्चात् उभ्या (तैत्तिरीयसंहिता २, ३, १४), नीचात=नीचा, (तै० १, २, १४)। साम्य अर्धमागधी वैदिक ४ संयुक्त य-र-का लोप श्याम साम त्र्यचत्रिच (शत० १, ३, ३, ३३ ) प्रगल्भ पगब्भ अप्रगल्भ अपगल्भ (तै०४,५,६१) ५ संयुक्त वर्णका पूर्व आम्र अंब अमात्र अमत्र (ऋ० ३, ३६, ४ ) खर हख रोदसीप्रा-रोदसिप्रा (ऋ०१०,८८,१०) ६ 'द' को 'ड' दण्ड-डंड दुर्दभ दूडभ ( वाजसनेयिसं० ३, ३६) पुरोदाश-पुरोडाश (शु० ३, ४४ ) ७ 'ध' को 'ह' बाधा=बाहा प्रतिसंधाय प्रतिसंहाय ( गोपथ २, ४) ८ संयुक्त व्यंजनोंमें क्लिष्ट किलिट्ठ स्वर्गः सुवर्गः (तै० ४, २, ३) स्वरका आगम तन्वः तनुवः ( तै० आ० ७, २२, १; ६, २, ७) ९ प्रथमाके एकवचनमें जिणो संवत्सरो अजायत ( ऋ० सं० १०, १९०,२) 'ओ' सो चित् ( ऋ० सं० १, १९१, १०-११) Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० तृतीयाके बहुवचनमें देवेहि देवेभिः 'हि' के अनुरूप 'भि' ११ चतुर्थीके स्थानमें जिनाय-जिणस्य चतुर्यर्थे बहुलं छेदसि (पाणिनि. षष्ठी १२ पंचमीके एकवचनमें 'त्' का लोप जिणा उचा १३ द्विवचनके स्थानमें देवी-देवा इन्द्रावणी-इन्द्रावरुणा बहुवचन (नोट) इसके अतिरिक्त ऋग्वेद आदिमें प्रयुक्त वंक, वह . मेह, पुराण इ. सादि शब्द समान हैं। संस्कृत बहुतसे शब्द अर्धमागधी और संस्कृत में समान पाए जाते हैं। जग-'आगम' 'ऊढा' 'डिम्भ' 'ढक्का' इत्यादि । पालि १ 'कम्म' 'धम्म' शब्दके तृतीयाके एकवचनमें 'कम्मुणा' 'धम्मुणा' दोनॉम होता है। २ अर्धमागधीकी तरह पालिमें भी भूतकालके बहुवचनमें 'इंस' प्रत्यय लगना है, जैसे-गच्छिम् इत्यादि। ३ षष्ठीके स्थानमें 'स्य' के स्थानमें दोनों में 'सा' होता है। ( नोट ) इसके अतिरिक्त यहुतसी बातोंमें समानता पाई जानी है। शौरसेनी• अर्धमागधी और शौरसेनीमें भी बहुतसी समानता है, केवल अर्धमागधीमें जहां 'त' और 'द' का लोप होता है वहां शौरसेनीमें 'द' होता है, जैसे-गन-गदि, जया जदा । 'ह' के स्थानमें 'ध' जैसे नाह-नाध । महाराष्ट्री अर्धमागधीमें तथा महाराष्ट्रीमें बहुतसा साम्य है, चिश्वास आदि यदुनमे शब्द तथा 'ऊण' प्रत्यय दोनोंमें पाए जाते हैं । विशेषताके लिए देखो 'मुनागमे प्रथमभागकी प्रस्तावना। Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देशीय-भाषा हिंदी अर्धमागधी हिंदी आज (गुजराती 'आजे') अज कोइ कोई " रस्सी गुलिया गोली घर घर (, 'घेर') जोव्वण जोबन रस्सी सोरट्ठ सोरठ (नोट) इसके अतिरिक्त और भी बहुत से अर्धमागधी के शब्द हिंदीमें प्रचलित हैं। गुजरातीअर्धमागधी गुजराती अग्गला आगलियो आहीरी आहीरण उग्घाड उघाडवू उत्तरंग ओतरंग एकल एकलो कवलं (नलियुं) जाणिऊण जाणीने णत्थि नथी तुज्झ पडइ पडे छे वद्धावेइ वधावे छे वहू वहु संकल सांकळ (हिंदी) संभर संभारवू ससुरो ससरो सियाल सियाळ (हिंदी 'सियार') हेट्ठा (नोट) ये तो आधुनिक गुजराती के उदाहरण हैं । प्राचीन गुजराती तो अर्धमागधीसे मिलते जुलते शब्दोंसे भरी पड़ी है। कवेल्लु तुज Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंजाबी ४६ अर्धमागधी कम्म अज चम्म हा नस्स पंजाबी कम्म अन चम्म ZI नहग कक्स (इत्यादि) अर्धमागधीका अनुकरण और बदल ग्लिशमें जग 平凉 (नोट) इसी प्रकार और भी बहुतसी भाषाओंने किया हैं, जैसे- मायर-पियर = मादर- पिदर ( फारसी ) । कर मदर - फादर हो गया है । ऐतिहासिक हिंदुओं में सबसे प्राचीन वेद माने जाते हैं उनमें भी तीर्थकका id पाया जाता है । जैसे कि 'ॐ त्रैलोक्यप्रतिष्ठितानां चतुर्विंशतितीर्थकराणा ऋषभादिवर्धमानान्तानां सिद्धानां शरणं प्रपये । ऋग्वेद अ० २५ | इसके अतिरिक्त २-२, २-३-१, २-३-३, ७-१८, १०-२२, १०-१९-७, देवें । ॐ रक्ष रक्ष अरिष्टनेमिः स्वाहाः सोऽस्माकं अरिष्टनेमिः । यजुर्वेद अ० २५ । ॐ नमोऽर्हन्तो ऋषभो वा ॐ ऋषभ पवित्रम् । यजु० अ० २५ मंत्र १९ । ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु । ऋ० अ० १ ० ६ । पौराणिक - .... नाऽहं रामो न मे वाञ्छा, न च भोगेषु मे मनः । केवलं शांतिमिच्छामि, स्वात्मनीव जिनो यथा ॥ योग मुमुक्षु अ० अ० ॥ 'जैना एकस्मिन्नेव वस्तुनि उभये निरूपयति' । प्रभासपुराण | दर्शनवर्त्मवीराणां सुरासुरनमस्कृतः । नीतित्रितयकर्तायो, युगादौ प्रथमो जिनः ॥ मनु० ॥ नाभिस्तु जनयेत् पुत्रं, मरुदेव्या महाद्युति । ऋषभं क्षत्रियं ज्येष्ठं, सर्वक्षत्रियपूर्वजम् ॥ ० ॥ ......नीरागीषु जिनो विमुकललनासंगो न यम्मात्परः ॥ ० ॥ प्रथमं ऋषभो देवो, जैनधर्मप्रवर्तकः 1 Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जैनधर्मस्य विस्तार, कृतवान् जगतीतले ॥ श्रीमालपुराण ॥ हस्ते पात्रं दधानाच, तुंडे वस्त्रस्य धारकाः। मलिनान्येव वासांसि, धारयन्तोऽल्पभाषिणः ॥ २५ ॥ शिवपु० अ० २१ ॥ श्रीमालपुराणके ७३ वें अध्यायका ३३ वां श्लोक भी इससे मिलता जुलता है। बुद्धके कई ग्रंथोंमें ना(थ-ट)तपुत्त-महावीरका नाम आता है परन्तु सूत्रोंमें बुद्धका नाम नहीं है । कारण जैनधर्म बुद्ध धर्मसे प्राचीन है । न्यायदर्शनम १ आगमोंके अनुसार न्यायसूत्र, विग्रहव्यावर्तनी, उपायहृदय (बौद्ध) भी चार प्रमाण मानते हैं। २ पूर्ववत्के उदाहरणमें 'माया पुत्तं जहा णटुं, जुवाणं पुणरागयं । काइ पञ्चभिजाणेजा, पुव्वलिंगेण केणइ ॥ तंजहा-खत्तेण वा वण्णेण वा लंछणेण वा मसेण वा तिलएण वा' (अनुयोगद्वार ) जैसा ही उदाहरण उपायहृदय में भी मिलता है । यथा-षडंगुलिं सपिडगमूर्धानं बालं दृष्ट्वा पश्चादृद्धं बहुश्रुतं देवदत्तं दृष्ट्वा. षडंगुलिम्मरणात् सोऽयमिति पूर्ववत् । ३ 'जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा' (अनुयोग.) ऐसा ही उदाहरण माठर और गौडपादने भी दिया है, यथा-पुष्पिताम्रदर्शनात् , अन्यत्र पुष्पिता आम्रा इति । इत्यादि। वैज्ञानिकविज्ञान द्वारा स्वीकृत आगमिक सिद्धान्त १ आगमोंमें कहा है कि शब्द ( sound ) जड़ मूर्तिमान् और लोकके अन्त तक प्रवाहित होने वाला है, आजके विज्ञानने भी ग्रामोफ़ोन और रेडियो का आविष्कार करके यह सिद्ध कर दिया है। __ २ आचारांगसूत्रमें वनस्पतिमें जीवोंका अस्तित्व बताने के लिए निम्न लक्षण दिए हैं ‘जाइधम्मयं' उत्पन्न होनेवाला है, 'बुद्धिधम्मयं' इसके शरीरमें वृद्धि होती है, 'चित्तमंतयं' चैतन्य है, 'छिन्नं मिलाइ' काटने पर सूख जाता है, 'आहारगं' आहार भी ग्रहण करता है, 'अणिच्चयं' 'असासयं' इसका शरीर भी अनित्य और अशाश्वत है, 'चओवचइयं' इसके शरीरमें भी घट बढ़ होती रहती है। सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीशचंद्र वसु ने अपने परीक्षणों द्वारा उपरोक्त सब लक्षण सिद्ध किए हैं जिसे समस्त वैज्ञानिक लोग मान चुके हैं। ३ आगमोंने समस्त द्रव्योंको अनादि माना है। इसी बातको प्रसिद्ध प्राणीशास्त्र Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेत्ता J. B. S. हॉल्डनने भी माना है, वे कहते हैं कि मेरे विचार जगी कोई आदि नहीं है। ४ जैनधर्म किसीको सृष्टि का कर्ता ही नहीं मानना, मे आजा विधान भी स्वीकार करता है। ५ शब्द-ज्योति-ताप और आतपको आगमने पुल का है जिसे जानने भी मैटर Matter के रूपमें मान लिया है। और मे भी बीकार किया। कि ये सब पुद्गल-द्रव्यके पर्यायविशेष हैं। ६ प्रसिद्ध भूगर्भ-वैज्ञानिक फ्रांसिम अपनी सुप्रसिद्ध एमक 'Toil 114 under earth में लिखते हैं कि मैंने पृथिवीक मे से देय है जिनमें पृथिवीमें जीवत्वशक्ति प्रतीत होती है। अभी तक वे निश्चय पर नहीं पहुँन सके परन्तु आगमोंने तो स्पष्ट कहा है कि पृथ्वीकायमें जीव है। __७ स्थानांग सूत्र ५-२-३ में आता है कि श्री बिना मंयोग भी शुक पहल ग्रहण कर गर्भवती हो सकती है। आधुनिक विज्ञानवनाओंने भी त्रिम गर्भाधान द्वारा इसे सिद्ध कर दिया है। ८ आगम पदार्थकी अनीश्वरना और आत्माकी अजर-अमरता यनान नि सुविख्यात वैज्ञानिक डाल्टन ( Dulton) ने Iaw of I ntim द्वारा सिद्ध कर दिखाया है। परन्तु आत्माकी तह नक विज्ञान अमन नही पहुँच सका। ___९ भगवान महावीरके गर्भस्थानान्तरण को कई लोग असंभव मानते है । प्राणीशास्त्रवेत्ता डॉ. चांग ने बोस्टन विश्वविद्यालयकी जैव रसायनशालामें गर्भस्थानांतरण-परीक्षणों द्वारा सिद्ध किया है। अमेरिकन हिरनीक गर्भबीमको एक अंग्रेजी हिरनीके गर्भाशयमें स्थानान्तरित करनेमें उन्हें सफलता भी मिली है। १० आगम कहते हैं कि द्रव्यार्थिकनय की अपेक्षा न कोई दय्य घटना न बढ़ता है जो रूपान्तर होता है वह उसका पर्याय है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि कोई पुद्गल ( Matter ) नष्ट नहीं होता, केवल दूसरे रूप ( Form) में बदल जाता है। वे लोग इसे Principle of Conservution of Mass and Energy कहते हैं। ११ आगम मानते हैं कि पानीकी एक बूंदमें असंख्य जीव होते है । बजानिकोंने भी सूक्ष्मवीक्षण यंत्र द्वारा पानीकी एक बूंदमें ३६००० से भी अधिक जीव देखे हैं और यह भी मानते हैं कि बहुतसे जीव ऐसे हैं जो सूक्ष्मवीक्षणयंत्र Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४९ द्वारा भी नहीं देखे जा सकते । देखो 'हाई निकोलकी मिक्रोप्स बाई द मिलियन पेनगिन द्वारा १९४५ में प्रकाशित ' । १२ भगवान् महावीरने पुगलकी अपरिमेय शक्ति बताई है, जिसे आजके विज्ञानने 'एटमबम' 'अणुबम' 'उद्जनबम' आदि से सिद्ध कर दिखाया है । १३ जैनशास्त्रानुसार लोहेका सोनेमें परिवर्तन करना संभव है जिसे विज्ञानने भी स्वीकार किया है कि सोनेके एक परमाणु ७९ प्रोट्रोन्स ( Protrons ) और लोहेके परमाणु ३६ प्रोट्रोन्स होते हैं, यदि दोनोंकी संख्या किसी प्रकार सम कर दी जाय तो वह सोनेका परमाणु हो सकता है । १४ ध्यान और योगसंबंधी सिद्धान्त के लिए डा. ग्रे वाल्टरकी The living brain नामक पुस्तक देखें । १५ प्रसिद्ध वैज्ञानिक आस्टाइनका 'थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी' स्याद्वादसे बहुतसा साम्य रखता है । १६ विज्ञानने जीव, पुद्गल, आकाश ( Space ), काल ( Time ) और धर्मास्तिकायको भी 'ईथर" के रूप में माना है । १७ आगम कहते हैं कि परमाणु पुद्गल कभी स्थिर और कभी चल रहता है । वैज्ञानिकोंने भी 'हाइड्रोजन' के एलेक्ट्रोनको बाहिर और भीतरके वृत्त में अनिश्चित काल तक चल विचल होते देखा है । १८ आगमों परमाणु अनन्त प्रकारके और अत्यन्त सूक्ष्म कहे हैं, वैज्ञानिक अनन्तता तक तो नहीं पहुंच सके फिर भी उन्होंने १४ प्राइमरी पारटीकलस् माने हैं। और वे यह स्वीकार करते हैं कि Primary Particles इतने सूक्ष्म हैं कि उनमें से कइयों को वे महाशक्तिशाली यंत्रों द्वारा भी नहीं देख सके । १९ जीवों का उत्पत्ति स्थान मृत शरीर ( अन्तरमुहूर्तके बाद ) जीवित प्राणीका अंग और पुद्गल भी हो सकता है ऐसा जैन शास्त्र मानते हैं । जिसे किसी अपेक्षा से चौथी हाइपोथिसिस ( Hypothesis IV ) द्वारा वैज्ञानिकोंने भी स्वीकार किया है । २० शास्त्रों में वर्णित अवगाहना आदि को कई लोग असंभव मानते हैं, उन्हें १० जनवरी १९५४ के संडे स्टेण्डर्ड में रेडिएशन के बारेमें फ्रैंक चेलेंजर द्वारा लिखित लेख देखना चाहिए । रेडिएशनसे प्रतिवर्ष सवा इंचके हिसाब से उंचाई में वृद्धि बताई है । यदि अवसर्पिणीके छठे आरेका मनुष्य उत्सर्पिणीके सुषमा काल तक जिसका अंतर १० कोडाकोड़ी सागरोपम होता है तीन गाऊकी ४ सुत्ता० प्र० Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० अवगाहना वाला हो तो कोई आश्चर्य नहीं। आगम मानते हैं कि मनायक मनान, संहनन, आयुप्य, अवगाहना, भूमिक वर्ण, गंध, ग्य, सारी आणि अवपिणी कालमें ह्रास और उत्सर्पिणीकालमें क्रमशः वृद्धि होती है। इसके लिए मानिन नाग लिखित 'विचित्र रेडिएशन एवं उनका आश्चर्यकारक प्रभाव' नामक पदे । (नोट) ऐसे अनेक तथ्य हैं जिनको विज्ञानने स्वीकार किया है। और की तथ्यों तक तो वह अभी पहुंच भी नहीं सका है। मन है कहां जमवावी विज्ञान और कहां अध्यात्मवादी आगम ! दोनाम जमीन आम्मान Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्यु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स संपादकीय जैनधर्म क्या है ?—'जि' जये धातुसे 'इणसिजिदीकुस्यविभ्यो नक्' नक् प्रत्ययान्त होकर 'जिन' शब्दसे 'जैन' बना है अर्थात् 'रागादिशत्रून् जयतीति जिनः' आन्तरिक रागद्वेष और कर्मादि शत्रुओंका विजेता 'जिन' कहलाता है और उसके अनुगामी जैन हैं। जिनके 'जगत्प्रभु' जगत्के प्रभु, 'सर्वज्ञ' सर्व पदार्थों के ज्ञाता, 'त्रिकालविद्' तीनों कालकी अवस्थाओंके जानने वाले, 'देवाधिदेव' देवोंके सर्वोपरि देव आदि गुणवाचक बहुतसे विशेषण हैं । इसके अतिरिक्त 'साधु साध्वी श्रावक श्राविका' इन चारों तीर्थोंके संस्थापक होने से 'तीर्थकर' या 'तीर्थकर' कहलाते हैं । केवलज्ञान होनेसे 'केवली' और 'अर्हन्' भी हैं । इनका प्रतिपादन किया हुआ धर्म जैनधर्म कहलाता है। जैनधर्म अनादि है, इसकी प्राचीनताके प्रमाण 'तुलनात्मक अध्ययन' के ऐतिहासिक प्रकरणमें देखें। जैनधर्मकी मान्यता-इस दृश्यमान सृष्टिमें जो भी वस्तु आदि इन्द्रियों द्वारा अथवा अतींद्रिय ज्ञानसे जानी जाती हैं या दृष्टिगोचर होती हैं, उनके दो विभाग हैं जड़ और चेतन; जड़में जीव नहीं है और चेतन जीव है । जीवोंकी गणना संख्यात और असंख्यात से नहीं बल्के अनन्तसे है । जीव भी दो प्रकारके हैं-एक कर्मसे मुक्त अर्थात् सिद्ध, दूसरे संसारी । इन संसारी जीवोंके अनेक रीतिसे अनेक भेद हैं । सवमें समान जीवत्व होने पर भी जड़ पदार्थके साथ उनका किसी अंशमें संबंध होनेके कारण वे नए २ रूपमें दिखते हैं। उन संसारी जीवोंके चार भाग हैं-नारक, तिर्यंच, मनुष्य और देव । नारकीय जीव अपने पापोंका फल अधोलोकमें और देव अपने पुण्यका फल स्वर्गलोकमें भोगते हैं। इस मर्त्यलोकमें मनुष्य पर्याय सबसे श्रेष्ठ है । तिर्यंच पंचेंद्रियके पांच भेद हैंजलचर (पानी में रहने वाले मच्छ कच्छादि ), स्थलचर ( भूमिपर चलने वाले गाय भैस बकरी आदि ), खेचर ( आकाशमें उड़ने वाले पक्षी कबूतर आदि), उरपुर (छातीसे रेंग कर चलने वाले सर्पादि), भुजपुर (भुजासे चलने वाले नेवला ऊंदर आदि)। ये सब चलने फिरने वाले त्रस जीव ( जंगम) कहलाते हैं । इनके अतिरिक्त पृथ्वी पानी अग्नि वायु और वनस्पतिके जीव स्थावर हैं । ये इतने सूक्ष्म हैं १ जीवपजवा णं भंते ! किं संखिज्जा असंखिज्जा अणंता ? गोयमा ! नो संखिज्जा, नो असंखिज्जा, अणंता । 'पण्णवणा' पांचवां पद, ३०९ पृष्ठ । Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कि इंद्रियोंके भी अगोचर हैं। वनस्पतिका 'निगोद' नामक एक विभाग है, जिसमें सूईके अग्रभाग जितने बारीक स्थानमें भी अनन्त जीव हैं। कर्मोका आवरण होनेके कारण ये जीव संसारी कहलाते हैं । भव्यजीव योग्य सामग्री और संयोग मिलनेपर मनुष्यगतिको पाकर फिर कर्मोका सर्वथा निकंदन करके मोक्षको प्राप्त होता है। मोक्ष होने पर आत्मा अपुनरावृत्ति अवस्थाको पाता है। जैनोंकी दृष्टिमें जगत् अनादि अनंत है, इसकी रचना करनेवाला कोई नहीं है * । और अन्यमतावलंबी भी यही मानते हैं कि "नासतो जायते भावो, नाभावो जायते सतः।” अर्थात् “असत्की उत्पत्ति नहीं होती और सत्का सर्वथा अभाव नहीं होता।" जैनधर्म ईश्वरको कर्ता हर्ता नहीं मानता । वास्तवमें 'परिक्षीणसकलकर्मा ईश्वरः' अर्थात् समस्त कर्म क्षय होने पर आत्मा ही ईश्वर अवस्थाको प्राप्त होता है । अथवा यों कहिए कि आत्माका शुद्ध स्वरूप ही परमात्मा है। जैनधर्म जीवके द्वारा किए गए कर्मोंका फल 'किसी अन्य शक्ति द्वारा मिलता है' ऐसा नहीं मानता। जो जैसा कर्म करता है उसे कर्म द्वारा वैसा ही फल मिलता है। जैसे मकान बनाने वाला मनुष्य अपने मकान बनानेके कर्मसे अपने आप समतल भूमिसे ऊँचा उठता जाता है, कुतुबमीनार पर चढ़ने वाला व्यक्ति चढ़ता हुआ अपने आप ऊँचा चला जाता है, इसी प्रकार उत्तम क्षमा दया सत्यादि उत्तम साधनका कर्ता अपने आप स्वर्गादि उत्तम गतिको पाता है। ऐसे ही जो ज़मीन खोदनेवाला मनुष्य जितनी ज़मीन खोदता है वह उतना ही समतल भूमिसे नीचा होता चला जाता है, इसी तरह पापकर्म करने वाला जीव अपने आप हिंसा असत्य द्रोह दगा आदि अशुभकर्मके निमित्तसे अधम गतिको प्राप्त होता है । यदि मनुष्य दुग्धादि पौष्टिक पदार्थोंका सेवन करता है तो उन पदार्थोके द्वारा अपने आप शरीर सुंदर और सुदृढ़ हो जाता है, इसी विधिसे शुभ प्रकृतियोंका सृजन करने वाला अनेक शुभसंयोगोंको प्राप्त करता है। विष भक्षण करनेवाला प्राणी उस विषके प्रयोगसे अपने आप मर जाता है, धतूरा खानेवाला मूर्छित हो जाता है, कारण वस्तुका स्वभाव अपना काम करता है। जैसे पानी अपने स्वाभाविक गुणसे स्वयं नीचेका मार्ग पकड़ता है तब धुआँ या आगकी ज्वालाओंको अपने आप ऊर्ध्वगामी होते देखा जाता है । आत्मा और पुद्गल * "अनाद्यनिधने द्रव्ये, स्वपर्यायाः प्रतिक्षणम् । उन्मजन्ति निमजन्ति, जलकल्लोलवजले ॥ आ० प०॥ Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनंतकालसे एक दूसरेके साथ संयुक्त रहते हुए भी आत्मा पुद्गलरूप और पुद्गल आत्मारूप नहीं हुआ, न होता है और न होगा। कारण वस्तु अपने स्वभावमें सदैव स्थिर है। स्याद्वाद-जैन धर्मकी सबसे बड़ी विशेषता स्याद्वाद है। पदार्थमें रहे हुए विभिन्न गुणोंको सापेक्षतया स्वीकार करना ‘स्याद्वाद' है। जैसे कोई व्यक्ति अपने पुत्रकी अपेक्षासे पिता है एवं पिता की अपेक्षासे पुत्र है, और भी कई अपेक्षाओंसे उसकी कई संज्ञाएँ हैं। इसी प्रकार स्याद्वादकी दृष्टि से द्रव्यार्थिक नयकी अपेक्षा लोक नित्य है और पर्यायार्थिक नयकी दृष्टिसे लोक अनित्य है । अथवा यों कहिए कि 'षड्दर्शन जिन अंग भणीजे' अर्थात् स्याद्वादरूपी समुद्र में अलग २ मतरूप नदिएँ आकर अभेदरूप होकर मिलती हैं। अहिंसा-अहिंसाका सूक्ष्म विवेचन जितना जैनधर्ममें है उतना अन्यत्र कहीं नहीं मिलता । अहिंसाकी साधनासे ही भारतवर्षको स्वतंत्रता प्राप्त हुई है, जिसे देखकर शनैः २ आजकी दुनिया उसकी ओर आकर्षित होकर प्रगतिशील हो रही है । जैनधर्म मानता है कि "सव्वे जीवा पियाउया०" "सव्वे जीवा वि इच्छंति, जीविउ न मरिजिउं ।" Live and let live. Not Killing is Living. इसके अतिरिक्त जैनधर्म सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, संयम, तप और त्याग पर भी पूरा २ भार देता है। __ जैनधर्म सैद्धान्तिक दृष्टि से जातिवाद और छूतछातको नहीं मानता “कम्मुणा बंभणो होइ, कम्मुणा होइ खत्तिओ० ॥" अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय आदि सब कर्मानुसार हैं जन्मसे नहीं । हरिकेशमुनि जैसे शूद्रजातीय भी देवोंके पूजनीय थे। स्त्रीके समानाधिकार-चतुर्विध संघमें जहां साधु और श्रावकका स्थान है वहां साध्वी और श्राविकाका भी । चंदनबाला आदि कई महासतियोंने मुक्ति प्राप्त की है। जैनागमोंमें वर्णित गणतंत्रके आधार पर ही आजके गणतंत्रकी उत्पत्ति हुई है। _शान और क्रिया-जैनधर्म 'ज्ञान क्रियाभ्यां मोक्षः' अर्थात् ज्ञान के द्वारा वस्तुका तथ्य जानकर उसी भाँति आचरण (क्रिया) द्वारा मोक्ष मानता है। आगम कहते हैं कि 'जे कम्मे सूरा ते धम्मे सूरा'-जो कर्मशूर होते हैं वे ही धर्मशूर होते हैं। बाह्य युद्धका निषेध-'अप्पणामेव जुज्झाहि, किं से जुज्झेण Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बज्झओ । अप्पाणमेव अप्पाणं, जइत्ता सुहमेहए ॥' बाहरी युद्धोंसे कुछ न होगा आंतरिक युद्ध करके आंतरिक शत्रुओंपर विजय पाओ तब ही सच्चे सुखकी प्राप्ति होगी। इसी प्रकार जैन धर्म आत्म-दमन पर ही जोर देता है'अप्पा चेव दमेयव्वो, अप्पा हु खलु दुद्दमो । अप्पा दंतो सुही होइ, अस्सि लोए परत्थ य ॥' . कर्मसिद्धान्त-जैनधर्ममें आठ कर्म माने हैं । ज्ञानावरणीय ( यह जीवके ज्ञान पर आवरणरूप है जैसे बादल सूर्यको ढंक लेता है), दर्शनावरणीय (जो जीवकी दर्शनशक्तिको ढंकता है जैसे दर्वान किसीको राजासे मिलनेमें विघ्न करता है), वेदनीय (जो सुख दुःखका अनुभव कराता है, सातावेदनीय शहदलिप्त तलवारके समान और असातावेदनीय विषलिप्त खड्गके समान है), मोहनीय (यह आत्माके स्वरूपको भुलाता है जैसे दारू पीने वाला अपना भान भूल जाता है), आयुकर्म (बंदीगृहमें बंदीके समान यह जीवको नाना गतियोंमें रोके रखता है), नामकर्म ( भिन्न २ गतियों में उत्पन्न करता है चित्रकार और चित्रके सदृश), गोत्रकर्म ( यह ऊंच और नीच अवस्थाका भेद करता है कुम्हार और उसके बर्तन की तरह ), अन्तरायकर्म (यह कर्म जीवको दान, लाभ, भोग, उपभोग और शक्तिसे वंचित रखता है)। दो प्रकारका धर्म-जैनधर्ममें धर्मके दो साधक बताए हैं, साधु और श्रावक । साधु अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रहका सांगोपांग पूर्णतया पालन करता है तब श्रावक इनकी मर्यादा करता है । इसके अतिरिक्त तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रतोंका भी पालन करता है। - नवतत्व-जीव, अजीव, पुण्य, पाप, आस्रव ( कर्मप्रकृतिके आनेका मार्ग), संवर ( कर्मप्रकृतिको आत्मामें आनेसे रोकना), निर्जरा (बारह प्रकारके तपसे कर्मरूप रजको आत्मासे पृथक् करना), बंध (कर्मप्रकृतिका आत्मामें दूध और पानीकी तरह मिलना), मोक्ष (कर्मप्रकृतिसे तीनों उपायोंसे आत्माका मोक्ष होना) ये नव तत्त्व हैं । यदि इस संबधमें कुछ विशेष जानना हो तो जिज्ञासु 'नवपदार्थशानसार'का अवलोकन करें। जैनसाहित्य-जैनोंकी संख्या कम होते हुए भी उनका साहित्य विशालतम है। अर्धमागधी संस्कृत प्राकृत अपभ्रंश हिंदी गुजराती राजस्थानी आदि भाषाओंमें उनके अनेक ग्रंथ पाए जाते हैं, इसके अतिरिक्त व्याकरण न्याय काव्य कोष छंद ज्योतिष सामुद्रिक योग खरशास्त्र वैद्यक आदिके ग्रंथ भी पुष्कल प्रमाणमें उपलब्ध हैं। Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५५ जैनसाहित्यमें आगमोंका स्थान सर्वोच्च है । आगम सिद्धान्त शास्त्र और सूत्र एक ही बात है। सूत्र की पद्धति कुछ बौद्धों में भी है जैसे सुत्तनिपात्त, पायासीसुत्तं आदि । हिंदुओं में व्याकरण और न्याय आदि ग्रंथ सूत्रबद्ध ही हैं । जैनागम तो सबके सब सूत्ररूप हैं ही । सूत्रकी व्युत्पत्ति - 'अल्पाक्षरविशिष्टत्वे सति बह्वर्थबोधकत्वं सूत्रत्वम्' अर्थात् जिसमें अक्षर थोड़े हों और अर्थबोध अधिक हो उसे सूत्र कहते हैं, अथवा 'सूत्रमिव सूत्रम्' सूत के डोरेमें जिस प्रकार अनेक रत्नोंके मणके पिरोए जाते हैं इसी तरह जिसमें बहुत से अर्थोका संग्रह हो वह सूत्र होता है । पुनश्च - अपग्गंथ महत्थं, बत्तीसा दोसविरहियं जं च । लक्खणजुत्तं सुतं, अट्ठहि य गुणेहि उववेयं ॥ १ ॥ सूत्रों के भेदोपभेद उत्सर्गसूत्र - जिसमें किसी वस्तुका सामान्य विधान हो, जैसे- 'नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंधीण वा आमे तालपलंबे पडिगाहित्तए ।' अपवादसूत्र - जो उत्सर्गका बाधक हो, यथा - ' कप्पर णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पक्के तालपलंबे भिण्णे अभिण्णे वा पडिगाहित्तए । ' उत्सर्गापवाद - जिसमें दोनों हों, जैसे- 'नो कप्पर णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पारियासियस्स णण्णत्थ आगाढेहिं रोगायंकेहिं' ॥ १८६ ॥ बृहत्कल्प ॥ प्रकरणसूत्र - - जिसका प्रकरणानुसार नाम हो, जैसे- 'काविलीयं' 'केसि - गोयमिजं' इत्यादि । संज्ञासूत्र - जिसमें सामान्यतया किसी विषयका वर्णन हो, जैसे 'दशवैका - 'लिक' आदि, जिनमें आचारादि का सामान्य निरूपण है । कारक सूत्र त्र - जिसमें प्रश्नोत्तर के साथ २ शंकाका समाधान भी हो । जिन प्रश्नोत्तरोंके साथ 'सेकेणणं से एएणट्टेणं' लगे हैं वे सब कारकसूत्र हैं । सूत्रके आठ गुण णिद्दोस सारवंतं च, हेउजुत्तमलंकियं । उवणीयं सोवयारं च, मियं महुरमेव य ॥ १ ॥ १ निर्दोष- सब प्रकारके दोषोंसे रहित । २ सारवान् - जिसमें सारगर्भित विषय हों । ३ हेतुयुक्त - जिसमें वर्णित विषयको हेतु आदिसे स्पष्ट किया गया हो । Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६ ४ अलंकृत-जो उपमा उत्प्रेक्षा आदि अलंकारोंसे अलंकृत हो । ५ उपनीत-जिसमें उपनय हों। ६सोपचार-जिसकी भाषा शुद्ध और मार्जित हो । ७ मित-जिसमें अक्षर थोड़े हों और भाव अधिक हो । ८ मधुर-जो सुननेमें अत्यन्त मधुर हो। कोई २ छ गुण भी मानते हैं-'अप्पक्खरमसंदिद्धं, सारवं विस्सओमुहं । अत्थोभमणवजं च, सुत्तं सवण्णुभासियं ॥ १ अल्पाक्षरजैसे सामायिकसूत्र, २ असंदिग्ध-जिसमें शंका के लिए स्थान न हो, ३ सारवान्-पूर्ववत् , ४ विश्वतोमुख-जिसमें चारों अनुयोगोंका समावेश हो, जैसे'धम्मो मंगलमुक्किटुं०' ५ अस्तोभक-जिसमें च वा आदि निपातोंका निरर्थक प्रयोग न हो, ६ अनवद्य-जिसमें सावद्य व्यापारका उपदेश न हो। सूत्रके ३२ दोष-अलियमुवघायजणयं, निरत्थयमवत्थयं छलं दुहिलं । निस्सारमहियमूणं, पुणरुत्तं वाहयमजुत्तं ॥१॥ कमभिण्णवयणभिण्णं, विभत्तिभिण्णं च लिंगभिण्णं च । अणभिहियमपयमेव य, सहावहीणं ववहियं च ॥२॥ कालजतिच्छविदोसो, समयविरुद्धं च वयणमित्तं च । अत्थावत्तीदोसो, नेओ असमासदोसो य ॥ ३ ॥ उवमारूवगदोसो, णिद्देसपयत्थसंधिदोसो य । एए य सुत्तदोसा, बत्तीसा हुंति णायव्वा ॥४॥ १ अलीकदोष-जो सत्को असत् कहे, जैसे-आत्मा नहीं है। २ उपघातदोष-जो प्राणियोंकी घातका कारण हो, जैसे-वैदिकी हिंसा .... हिंसा न भवति'। ३ निरर्थकदोष-जिसका कोई अर्थ न हो। ४ अपार्थकदोष-असंबद्ध अर्थवाला । ५ छलदोष-विपरीत अर्थवाला। ६ द्रुहिलदोष-पापव्यापारपोषक। ७ निस्सारदोष-साररहित । ८ अधिकदोष-अधिक पद अक्षर मात्रा वाला। ९ हीनदोष-अक्षर पद मात्रा आदि से हीन। १० पुनरुक्तदोष-जिसमें एक ही विषयको बारंबार दुहराया गया हो। ११ व्याहतदोष-जो पूर्वापर विरोधी हो। Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५७ १२ अयुक्तदोष-जिसमें युक्तिशून्यता हो । १३ क्रमभिन्नदोष-अनुक्रमरहित।। १४ वचनभिन्नदोष-जिसमें वचनकी गड़बड़ हो । १५ विभक्तिभिन्नदोष-विभक्तिका वैपरीत्य । १६ लिंगभिन्नदोष-तीनों लिंगोंमें फेरफार हो । १७ अनभिहितदोष-अपने सिद्धान्तके विरुद्ध हो । २८ अपददोप-जिसमें छांदिक त्रुटियां हों। १९ स्वभावहीनदोष-जिसमें वस्तुस्वभावके विरुद्ध कथन हो । जैसे-'आग शीतल होती है।' २० व्यवहितदोष-जो अप्रासंगिक हो। २१ कालदोष-जिसमें भूतकालके स्थानमें वर्तमान तथा वर्तमानके स्थानमें भूतकालका प्रयोग हो अर्थात् कालसंबंधी अशुद्धिएँ हों। २२ यतिदोष-जिसमें विश्राम चिन्हों की अशुद्धियाँ हों। २३ छविदोष-अलंकारशून्य । २४ समयविरुद्धदोष-अपने मत से विरुद्धता । २५ वचनमात्रदोष-निर्हेतुकता। २६ अर्थापत्तिदोष-जिसके अर्थमें आपत्ति हो सके। २७ असमासदोष-जिसमें समासकी प्राप्ति होने पर भी समास न किया गया हो। २८ उपमादोष-जिसमें हीन अथवा अधिक या निरुपम उपमाएँ दी गई हों। २९ रूपकदोष-अधूरा वर्णन। ३०निदेशदोप-जिसमें निर्दिष्ट पदोंकी एकवाक्यता न हो। ३१ पदार्थदोष-जो पर्यायको पदार्थ और पदार्थको पर्याय कहे। ३२ संघिदोष-जिसमें जहां संधिकी प्राप्ति हो वहां न की हो, अथवा अयुक्त रीतिसे की गई हो। ३२ अस्वाध्याय-चार संध्या( प्रातःकाल १, मध्याह्नकाल २, संध्याकाल ३, मध्यरात्रि ४) ओंके समय, चार पूर्णिमा एवं महाप्रतिपदाएँ (चैत्रशका १५, वदी १, आषाढशुक्ला १५, वदी १, आश्विन शुक्ला १५, वदी १, कार्तिक शुक्ला १५, वदी १) १२ । औदारिकशरीर-संबंधी १० अस्वाध्याय-अस्थि १३, मांस १४ Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रुधिर १५, पड़ी हुई अशुचि १६, समीपमें जलने वाला श्मशान १७, चंद्रग्रहण १८, सूर्यग्रहण १९, मुखिया-राजा-सेनापति-देशनायक-नगरशेठ का मरण २०, राज्यसंग्राम २१, धर्मस्थानमें मनुष्य और तिर्यंच पंचेंद्रियका कलेवर २२ ।। आकाश-संबंधी १० अस्वाध्याय-उल्कापात २३, दिशाओंके लाल होनेका समय २४, अकालगर्जना २५, बिजली चमकते समय २६, निर्घात २७, यूपक-शुक्लपक्षकी एकम-दोज और तीजकी संध्या २८, यथालिप्त-अमुक २ दिशाओं में थोड़े थोड़े अन्तरमें बिजलीके समान प्रकाश होते समय २९, धूमिका-धुंवर ३०, महिका-कोहरा (धुंध) पड़ते समय ३१, रजोवृष्टि ३२ । इन ३२ अखाध्यायोंको टालकर दिन और रातके पहले और चौथे प्रहरमें कालिक सूत्रोंका स्वाध्याय करना चाहिए। स्वाध्याय संबंधी नियमके भंग करनेवाले के लिए प्रायश्चित्त निशीथसूत्रके १९ वें उद्देशकमें देखें। यह भी ज्ञात रहे कि अखाध्यायकाल को हिंदुओंके ग्रंथों में भी वर्जित किया है। अनाध्यायकालमें उनके यहां भी अमुक २ ग्रंथ न पढ़ना कहा है। जिस प्रकार प्रभात विहाग भैरवी देश श्यामकल्याण आदि रागोंका समय निश्चित है, असमयमै वे अच्छे नहीं लगते, इसी प्रकार सूत्रोंका खाध्यायकाल निर्धारित है, अर्थात् 'काले कालं समायरे।' सूत्रोच्चारविधि-सूत्रोंका उच्चारण करते समय स्खलना न हो, ज़बान न लड़खड़ा जाय । अलग २ पदोंको मिलाकर और मिले हुए पदोंको तोड़कर न पड़े। अपनी ओरसे क्षेपक न करे । सांगोपांग परिपूर्ण पढ़े। घोषके नियमानुसार पढ़े। यथास्थान उच्चारण करे । गुरुसे वाचना लेकर पढ़े। जैसा कि अनुयोगद्वारसूत्रमें कहा है कि "सुत्तं उच्चारेयव्वं-अक्खलियं, अमिलियं, अवच्चामेलियं, पडिपुण्णं, पडिपुण्णघोसं, कंठोठ्ठविप्पमुक्कं, गुरुवायणोवगयं ।” सूत्रव्याख्याके ६ भेद.... "संहिया य पयं चेव, पयत्थो पयविग्गहो। चालणा य पसिद्धी य, छविहं विद्धि लक्खणं ॥" . १ संहिता-पदका अस्खलित उच्चारण, जैसे-'करेमि भंते ! सामाइयं.' २ पद-उपरोक्त वाक्यमें 'करेमि' एक पद है, 'भंते !' दूसरा पद है, ... 'सामाइयं' तीसरा पद है। Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५९ ३ पदार्थ उपरोक्त पदों के अर्थ । ४ पदविग्रह - पदच्छेद करना । ५ चालना - 'ननु' 'न च' आदिसे शंका उत्पन्न करना । ६ प्रसिद्धि उठाई गई शंकाओंका समुचित समाधान । उपक्रम, निक्षेप, अनुगम और नय द्वारा भी सूत्रोंकी व्याख्या की जाती है । इनका विवरण अनुयोगद्वारसूत्र में विस्तारपूर्वक पाया जाता है । वर्तमानकालमें उपलब्ध सूत्र 1 ११ अंग, ( १२ वें अंग दृष्टिवादका विच्छेद हो चुका है ) १२ उपांग, चार छेद, चार मूल और आवश्यक इस प्रकार ३२ सूत्र वर्तमानमें प्रामाणिक माने जाते हैं । अंगों का वर्णन समवायांगसूत्र एवं नंदीसूत्रमें पाया जाता है। शेष सूत्रोंके नाम नंदीसूत्रमें है । उपांग संज्ञा केवल निरियावलिकादिमें पाई जाती है । फिर भी १२ अंगोंके १२ उपांग माने जाते हैं । अंगसूत्रोंसे अतिरिक्त आगमोंकी अंगबाह्य संज्ञा भी है, जिसके दो भेद हैं- आवश्यक और आवश्यक व्यतिरिक्त । आ० व्य० के भी दो भेद हैं-कालिक और उत्कालिक । कालिकों उत्तराध्ययन, दशा- कल्प-व्यवहार, निशीथ, जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति, चंद्रप्रज्ञप्ति और निरियावलिकादि पांच उपांग परिगणित हैं । उत्कालिक में दर्शवेकालिक, औपपातिक, राजप्रश्नीय, जीवाजीवाभिगम, प्रज्ञा पना, नंदी, अनुयोगद्वार, सूर्यप्रज्ञप्ति सन्निहित हैं । कालिकसूत्रका स्वाध्याय नियत समयपर ही किया जाता है । उत्कालिकसूत्रोंका स्वाध्याय यथोचित समयमें भी किया जा सकता है । नंदीसूत्रनिर्दिष्ट शेष सूत्र वर्तमान में नहीं हैं । अंगसूत्रोंका महत्त्व और उनका विषयादि 'सुत्तागमे' के प्रथम अंश में दिया जा चुका है । द्वितीय अंशमें समाविष्ट सूत्रोंका विषय-विवरण इस प्रकार है । बारह उपांग प्रथम उपांग- औपपातिकसूत्र में चंपानगरी, पूर्णभद्र उद्यान, अशोक वृक्ष, पृथ्वीशिला-पटक, कोणिक राजा, धारिणी रानी, ज्ञातपुत्र महावीर भगवान्‌का समवसरण, तपके १२ भेद, साधुगण, कोणिकका महावीर प्रभुकी वंदना के लिए आगमन, अमुरादि देवोंका आना, भगवान्की देशना, अंबड परिव्राजक श्रावकका चरित्र, केवलिसमुद्घात और अन्तमें सिद्धोंका वर्णन है । द्वितीय उपांग- राजप्रश्रीयमें सूर्याभदेवका भगवान् महावीर स्वामीकी वंदना के लिए आना, गौतमस्वामी द्वारा उसके पूर्वभवकी पृच्छा, भगवान् द्वार सूर्याभदेव का पूर्वभव कथन, प्रदेशी राजाका केशीमुनिसे प्रश्नोत्तर, अंत में प्रदेशी द्वारा Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आत्मश्रद्धा पाकर व्रतग्रहणादि विषय वर्णित हैं । यह सूत्र साहित्यका रसप्रद ग्रंथ है ऐसा विंटरनिट्ज़ का कहना है । तृतीय उपांग-जीवाजीवाभिगममें जीव अजीवका विस्तृत स्वरूप, विजयदेवका वर्णन, छप्पन अन्तरद्वीपादिका उल्लेख है। चतुर्थ उपांग-प्रज्ञापनासूत्र में जीव, अजीव, आस्रव, वंध, संवर, निर्जरा और मोक्षका सम्यक् निरूपण है। इसके अतिरिक्त लेश्या, समाधि, लोकस्वरूप आदिका वर्णन भी है, इसमें ३६ पद (प्रकरण ) हैं। इसके संकलनकर्ता श्रीसुधर्माचार्यसे २३ वें पट्टस्थित आर्य श्यामाचार्य थे । प्र-प्रकर्षतया, ज्ञापना-अवबोध करना प्रज्ञापना, अर्थात् जिसमें पदार्थका परिपूर्णरूपसे स्वरूप जाना जा सके। पंचम उपांग-जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिमें जंबूद्वीपका सविस्तर वर्णन है। कालचक्र, ऋषभदेव भगवान् और भरत चक्रवर्तीका जीवनचरित्र भी वर्णित है। वास्तवमें यह भूगोलविषयक ग्रंथ है ऐसा विंटरनिट्ज़ का कहना है।। छठे एवं सातवें उपांग-चंद्रप्रज्ञप्ति और सूर्यप्रज्ञप्तिमें चंद्र तथा सूर्यादि ज्योतिषचक्रका वर्णन है । दोनोंके आरंभ-क्रमके थोड़ेसे भेदके अतिरिक्त शेष सब पाठ समान हैं । इनके २० प्राभृत हैं । जिनमें मण्डलगति संख्या, सूर्यका तिर्यक् परिभ्रमण, प्राकाश्य क्षेत्र परिमाण, प्रकाश संस्थान, लेश्या प्रतिघात, ओजःसंस्थिति, सूर्यावारक, उदयसंस्थिति, पौरुषी छाया प्रमाण, योगस्वरूप, संवत्सरोंका आदि अन्त, संवत्सरोंके भेद, चंद्रमाकी वृद्धि अपवृद्धि, ज्योत्ला प्रमाण, शीघ्रगति निर्णय, ज्योत्स्ना लक्षण, च्यवन तथा उपपात, चन्द्रसूर्यादिकी उंचाई, उनका परिमाण, चन्द्रादिका अनुभाव वर्णित है । ये दोनों उपांग खगोल विषयक हैं। ५-६-७ वें उपांगको विटरनिटज़ने वैज्ञानिक ग्रंथ ( Scientific Works) माना है। . आठवें उपांग-निरियावलिकामें मगध-नरेश श्रेणिक (भंभसार-बौद्धसाहित्यमें बिंबिसार ) का कोणिक (अजातशत्रु ) के द्वारा मरण (जिसका उल्लेख बौद्ध ग्रंथोंमें भी पाया जाता है ) आदिका कथन है। इसके अतिरिक्त कालकुमारादिका अपने नाना वैशालिनरेश चेटकके साथ युद्धमें लड़ते हुए मारा जाना, उनकी नारक गति और भविष्यमें मोक्ष होनेका वर्णन है। नवम उपांग-कल्पावतंसिकामें श्रेणिक राजाके १० पौत्र पद्मकुमारादिका भगवान् महावीर प्रभुकी सेवामें दीक्षाग्रहण, देवगतिगमन और भविष्यमें मोक्ष होनेका कथन है। इसके १० अध्ययन हैं। Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१ दसवें उपांग-पुष्पिकामें १० देव देवियोंका भगवान् महावीर स्वामीकी वंदना के लिए आना, गौतमस्वामीकी उनके पूर्वभवकी पृच्छा भगवान् द्वारा पूर्वभव - कथन, चन्द्र, सूर्य, महाशुक्र ( पूर्वभव में सोमिल ब्राह्मण), बहुपुत्तिया (पूर्वभवमें सुभद्रा साध्वी), पूर्णभद्र, माणिभद्र, बल, शिव और अनादित देवके पूर्वजन्मका वर्णन है । ग्यारहवें उपांग-पुष्पचूलिका में श्री ही आदि १० देवियोंकी पूर्वजन्मकी करणीका कथन है । इसमें १० अध्ययन हैं । बारहवें उपांग- वृष्णिदशा में वृष्णिवंशके वलभद्रजीके १२ पुत्र निषढकुमारादिका भगवान् अरिष्टनेमिके पास दीक्षाग्रहण, सर्वार्थसिद्धगमन, भविष्य में मोक्ष पानेका अधिकार है ' । चार छेदसूत्र - I प्रथम छेद-व्यवहारसूत्रमें दश उद्देशक हैं। प्रथम उद्देश में आलोचना (Confession) विधि । द्वितीय उद्देश में सहधार्मिकके दोषित होने पर साधुका कर्तव्य । तीसरे उद्देशक में आचार्य उपाध्याय आदि ७ पदवियां किसे दी जायँ और किसे नहीं, साथ ही उनके गुणोंका विवरण । चौथे उद्देश में आचार्यादिको चतुर्मास और विहारकालमें कितने साधुओंके साथ रहना। पांचवें में प्रवर्तनी के लिए विधान चौथेके अनुसार । छठेमें भिक्षा स्थंडिल ( शौचभूमि ) वसति कहां और किसप्रकार निश्चित करना तथा अमुक २ स्खलनाओंके लिए प्रायश्चित्त । सातवेंमें दूसरे संघाड़े में से आई हुई साध्वी के साथ कैसा व्यवहार रखना और साध्वियों के लिए नियम, स्वाध्याय और पदवीदान, अमुक संयोगों में गृहस्थकी आज्ञा लेकर प्रवर्तन करना । आठवेंमें गृहस्थके मकानका कितने भाग तक उपयोग करना, पीठ फलक ( पाट पाटलादि ) की ग्रहण विधि, पात्र आदि उपकरण और भोजनका परिमाण । नववेंमें शय्यातर ( स्थान देनेवाले) का कथन, उसके मकानादिको उपयोगमै लेने न लेनेका स्पष्टीकरण, भिक्षु प्रतिमाका आराधन कैसे होना चाहिए । दशम उद्देशक में दो प्रकारकी प्रतिमा ( अभिग्रह ) तथा दो प्रकारका परिषद, पांच व्यवहार, चार जातिके पुरुष (साधु), चार जातिके आचार्य और शिष्य स्थविर एवं शिष्य की तीन भूमिकाएँ, अमुक सूत्रका अभ्यास कब आरंभ करना आदिका कथन है । द्वितीय छेद - बृहत्कल्पमें छ उद्देशक हैं, इसमें मुख्यतया साधु साध्वियों का १ उपांगों के संबंधमें वेबर महाशय के लेख द्रष्टव्य हैं । Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आचारकल्प वर्णित है। जो पदार्थादि कर्मबंधके हेतु और संयमके वाधक हैं उनके लिए 'न कप्पई' शब्दका उपयोग किया है अर्थात् 'नहीं कल्पता है, तथा जो संयमकी साधनामें सहायक, स्थान, वस्त्र, पात्र आदि हैं उनके संबंधमें 'कप्पई' कल्पनीय कहा है । अमुक अकार्य ( दोष ) के लिए १० प्रायश्चित्तमें साधक किस प्रायश्चित्तका अधिकारी है। साथ ही कल्पके छ प्रकार आदिका कथन है। __ तृतीय छेद-निशीथसूत्र में प्रायश्चित्ताधिकार है, इसमें २० उद्देशक हैं, १९ उद्देशकोंमें गुस्मासिक लघुमासिक लघुचातुर्मासिक और गुरुचातुर्मासिक प्रायश्चित्तका वर्णन है, २० वें उद्देशकमें इनकी विधि बताई गई है । स्खलना करनेवाले साधुओं के लिए शिक्षारूप निशीथसूत्र है। दूसरे शब्दोंमें इसे धर्मनियमोंका कोष या दंडसंग्रह (पेनल कोड) कहा जाय तो युक्तियुक्त ही है। प्रायश्चित्तका अर्थ है कि भूलकर एक बार जिस अकृत्यका सेवन किया हो उसकी आलोचना करके शुद्ध होना और पुनः त्याज्य कर्मका आचरण न करना। चतुर्थ छेद-दशाश्रुतस्कंधमें दश अध्ययन हैं, जिनमें क्रमशः असमाधिके २० स्थान, २१ सबलदोष, ३३ अशातना, आचार्यकी आठ सम्पदाएँ और उनके भेद, शिष्यके लिए चारप्रकारकी विनय प्रवृत्ति मेद सहित, चित्तसमाधिके १० स्थान, श्रावक की ११ प्रतिमाएँ तथा साधुकी १२ प्रतिमाएँ, पयूषणाकल्प, महामोहनीयकर्मबंधके ३० स्थान तथा नव निदानों (नियाणों ) का वर्णन है। ___ इनमें व्यवहार, बृहत्कल्प और दशाश्रुतस्कंधकी रचना आर्य भद्रबाहु आचार्य ने की है। चार मूलसूत्र प्रथम मूलसूत्र-दशवैकालिकमें १० अध्ययन और दो चूलिकाएँ है । इसकी रचना १४ पूर्वधर श्रीशय्यंभवाचार्यने अपने शिष्य (पुत्र) मनाकूप्रिय के लिए पूर्वोमेंसे उद्धृत करके की है। इसके दश अध्ययन हैं और इसे विकालमें भी पढ़ा जा सकता है अतः इसका नाम दशवैकालिक है । इसके प्रथम अध्ययनमें धर्मकी प्रशंसा और साधुकी भ्रमर-जीवनके साथ तुलना; द्वितीय अध्ययनमें चित्तस्थिरीकरणके उपाय, रथनेमि और राजीमतीका उदाहरण; तृतीय अध्ययनमें साधुके ५२ अनाचीर्ण; चतुर्थ अध्ययनमें षड्जीवनिकायका स्वरूप; पाँचवें अध्ययनके प्रथमोद्देशकमें भिक्षा( गोचरी )विधि, द्वितीय उद्देशकमें १ इसका विशेष कथन कल्पसूत्रसे ज्ञातव्य है। Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भिक्षाकालादि; छठे अध्ययनमें साधुके १८ कल्प; सातवें अध्ययनमें वचनशुद्धि, साधुके बोलने न बोलने योग्य भाषाका वर्णन; आठवें अध्ययनमें साधुके आचार; नववें अध्ययनके प्रथमोद्देशकमें विनयका स्वरूप, गुरुकी आशातनाका दुष्परिणाम, द्वितीय उद्देशकमें विनय तथा अविनयका फल, तृतीय उद्देशकमें किन २ गुणोंके समाचरणसे पूजनीय होता है, चतुर्थ उद्देशकमें विनय, श्रुत, तप और आचार समाधिका वर्णन है। दशवें अध्ययनमें भिक्षुके गुण वर्णित हैं अर्थात् किन २ गुणोंसे भिक्षु होता है। पहली चूलिकामें संयममें स्थिर करनेवाली १८ वातें; द्वितीय चूलिकामें साधुका आचार विचार, वासकल्प, विहार मोक्षप्राप्ति आदिका कथन है । कई इन चूलिकाओंको महाविदेह क्षेत्रसे लाई हुई मानते हैं परन्तु कई कारणोंसे इसे युक्तियुक्त नहीं माना जा सकता । ये श्रीशव्यंभवाचार्य की रचनाएँ न होने पर भी प्रामाणिक मानी गई हैं। द्वितीय मूल-उत्तराध्ययनमें ३६ अध्ययन हैं, यह सारा सूत्र ही अत्यानंददायक ज्ञानकी निधिके समान है। इसके प्रथम अध्ययनमें विनयका विस्तारपूर्वक कथन है । द्वितीय अध्ययनमें परिषहोंके नाम और साधुको उनके सहन करने का उपदेश है। तृतीय अध्ययनमें मनुष्यत्व-धर्मश्रवण-श्रद्धा और संयममें स्फुरणा, इन चार अंगोंकी दुलेभताका वर्णन है । चतुर्थ अध्ययनमें टूटीकी बूटी नहीं है अर्थात् जीवनकी क्षणभंगुरता और प्रमाद-अप्रमादका स्वरूप समझाया गया है। पांचवें अध्ययनमें अकाम( वाल-अज्ञान )मरण सकाम( पंडित)मरण का विस्तारपूर्वक वर्णन है । छठे अध्ययनमें साध्वाचारका संक्षिप्त वर्णन है। सातवेंमें कामी पुरुषकी बकरेके जीवनके साथ तुलना, काकिणी, आम्रफल, तीन व्यापारियोंके उदाहरण हैं। आठवेंमें कपिल केवलीका चरित्र, लोभ तृष्णा आदि दुर्गुणोंके त्यागका उपदेश है। नववें अध्ययनमें नमिराजका दीक्षा के लिए उद्यत होना, इन्द्रके साथ प्रश्नोत्तर आदि । दशवेंमें वृक्षके सूखे पत्तेके समान मानव जीवनकी नश्वरता तथा समयमात्र का भी प्रमाद न करनेकी शिक्षा । ग्यारहमें शिक्षा न मिलनेके ५ और शिक्षा प्राप्त करनेके ८ कारण, विनीतके १५ और अविनीतके १४ लक्षण, बहुश्रुतकी १६ उपमाएँ । बारहवेंमें हरिकेशीवल मुनिका चरित्र, तपकी महत्ता, जातिवादका खंडन, भावयज्ञ तथा आध्यात्मिक स्नानका स्वरूप । तेरहवेंमें चित्त संभूतिका पूर्वभव, दोनोंका मिलना, चित्तमुनिका ब्रह्मदत्तको उपदेश, पूर्वकृत निदानके कारण ब्रह्मदत्तकी व्रतादिकी प्रवृत्तिमें असम Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ र्थता, दुर्गतिगमन, चित्तका मोक्ष होना । १४ वेंमें छ जीवोंका पूर्वभव, इपुकार नगरमें जन्म और फिर पारस्परिक मिलाप, अन्तमें भृगुपुरोहितकी पत्नी यशा और उनके दो पुत्र, इषुकार राजा और कमलावती रानीका एक दूसरेके कारण वैराग्यलाभ, दीक्षाग्रहण एवं मोक्षप्राप्ति । १५ वेंमें भिक्षुके लक्षण और गुण । १६ वेंमें ब्रह्मचर्यके १० असमाधिस्थान । १७ वेमें पापश्रमणका स्वरूप । १८ वेमें संयति राजाका मृगयाके लिए जाना, उद्यानमें गर्दभालि मुनिका उपदेश, राजाका दीक्षाग्रहण और मुक्ति-प्राप्ति । १९ में राजकुमार मृगापुत्र का साधुको देखकर जातिस्मरण, माता पितासे संवाद, नरकादि गतियोंके दुःखोंका वर्णन, संयमग्रहण, मोक्षप्राप्ति । २० वेमें श्रेणिक नरेशका अनाथीमुनिका दर्शन प्राप्त करना, सनाथता अनाथताका स्वरूप, राजाकी धर्ममें दृढ़ श्रद्धा होना । २१ वेमें समुद्रपालका वध्य चोरको देखना, संवेदप्राप्ति, दीक्षाग्रहण तथा मोक्ष । २२ वेमें भगवान् अरिष्टनेमिका विवाह के लिए जाना, पशु पक्षियों पर करुणा ला कर उन्हें बंधनमुक्त कराना, दीक्षाग्रहण, सती राजीमतीको गुफामें देखकर रथनेमिका संयमसे विचलित होना, सतीके उपदेश द्वारा उसका पुनः संयममें स्थिर होना, अन्तमें मोक्षप्राप्ति । २३ वेमें मुनि केशीकुमार और गौतमस्वामीका संवाद, अन्नमें केशीश्रमण द्वारा भगवान् महावीर कथित पांच महाव्रतों का स्वीकार । २४ वेमें पांच समिति और तीन गुप्ति, इन आठ प्रवचन-माताओंका वर्णन । २५ वेमें जयघोष विजयघोषका चरित्र, ब्राह्मणके यथार्थ लक्षण । २६ वेमें १० सामाचारी और साधुकी दिनरात्रिचर्या का कथन । २७ वेमें गर्गाचार्य द्वारा अविनीत शिष्योंका त्याग । २८ वेमें मोक्षमार्गमें गतिमान होनेके उपाय । २९ घेमें सम्यक्त्व पराक्रमके ७३ बोल, उनका फल । ३० में बाह्य और अभ्यंतर तपका विवरण । ३१ वेमें चरणविधि । ३२ वेमें प्रमादस्थान और उनसे बचे रहने के उपाय । ३३ वेमें आठों कर्मोंका विस्तारपूर्वक वर्णन । ३४ वेमें छहों लेश्याओंके नाम, वर्ण, रस, गंध, स्पर्श, परिणाम, लक्षण, स्थिति आदिका विस्तृत वर्णन । ३५ वेमें साधुके गुण और ३६ वें अध्ययनमें जीव तथा अजीवके भेद विस्तारसे बताए हैं। शातपुत्र महावीर भगवान्ने मोक्ष पाने के समय यह सूत्र फर्माया था, जैसा कि कथित सूत्रकी अन्तिम गाथासे स्पष्ट है। इइ पाउकरे बुद्धे, णायए परिणिवुए। छत्तीसं उत्तरज्झाए, भवसिद्धीयसंमए ॥ २७१ ॥ इसी स्मृतिको बनाए रखने के लिए दिवालीसे अगले दिन अर्थात् कार्तिक शुक्ला Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६५ प्रतिपदाको सबेरे ही उत्तराध्ययनसूत्रका संपूर्ण स्वाध्याय ( पाठ ) किया जाता है । तृतीय मूल - नन्दी सूत्रमें संघ स्तुति, तीर्थंकर गणधरादि स्थविरावली, परिषद्, पांचों ज्ञानोंका स्वरूप विस्तारपूर्वक वर्णित है । चतुर्थ मूल - अनुयोगद्वार में आवश्यक, श्रुतस्कंध के निक्षेप, उपक्रम, आनुपूर्वी, दश नाम, प्रमाण, निक्षेप, अनुगम और नयका पूर्ण विस्तार से उल्लेख है । इसमें स्वर, ८ विभक्ति, ९ रस आदि विषय विशेष उल्लेखनीय हैं । यह आर्य रक्षिताचार्य कृत है । जिसके ये दो प्रमाण हैं प्रथम - संस्कृतका प्रयोग किसी सूत्रमें नहीं है परंतु इसमें पाया जाता है । दूसरा- उदाहरणों में 'तरंगवइक्कारे, मलयवइक्कारे' आदि भी इसकी पश्चाद्वर्तिताको सूचित करते हैं । बत्तीसवां आवश्यकसूत्र - इसमें सामायिक, चतुर्विंशतिस्तव, वंदनक, प्रतिक्रमण, कायोत्सर्ग और प्रत्याख्यान इन छहों आवश्यकका वर्णन है । परिशिष्ट परिचय- प्रथम परिशिष्टमें कल्पसूत्र सन्निहित है जो कि चतुर्थ छेद दशाश्रुतस्कंधका आठवाँ अध्ययन है । इसमें ज्ञातपुत्र महावीर भगवान्, पार्श्वनाथ, अरिष्टनेमि और ऋषभदेव इन चारों तीर्थंकरों का चरित्र है इसके अतिरिक्त इसमें गणधरादि स्थविरावली और सामाचारी भी वर्णित हैं । द्वितीय परिशिष्ट में सामायिकसूत्र विधिसहित दिया गया है । तृतीय परिशिष्ट में श्रावकावश्यक ( प्रतिक्रमण ) सूत्र विधिसहित है । भाषापाठोंके स्थानपर कोष्टकमें मूलपाठ दिए हैं ताकि समझने में सुगमता हो । सूत्रों में प्रयुक्त छंद - आगमों में गाथाओंका प्रयोग अधिक है, इसके अतिरिक्त वैतालीय, उपजाति, आर्या का प्रयोग भी पाया जाता है । प्रस्तुत प्रकाशनकी विशेषता १- पाठशुद्धिका पूरा २ लक्ष्य रक्खा गया है । २ - इसका संपादन शुद्ध प्रतियोंके आधारपर किया गया है । ३- पाठान्तर नवीन पद्धतिसे दिए हैं। ४- टिप्पण भी यथास्थान प्रयुक्त किए गए हैं। ५- अंतमें परिशिष्ट भी दिए गए हैं। ६ - तुलनात्मक अध्ययन भी इससे पूर्व दिया गया है । ७ - व्याकरण - शेष भी दे दिया गया है । कार्यविवरण- प्रथम अंशका कार्य पूरा होनेके लगभग ८ महीने बाद माटुंगा ५ सुत्ता० प्र० Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चतुर्मासमें द्वितीय अंशका कार्य प्रारंभ होकर शनैः २ चलता रहा और पनवेल चतुर्मासमें सम्पन्न हुआ। सहयोगी-मेरे अंतेवासी शिष्य सुमित्तभिक्खू ने 'पासंगियं किंचि' नामक लेख लिखकर 'सुत्तागमे' के सौंदर्यमें जो अभिवृद्धि की है और वर्णित विषयोंको स्पष्ट करके बताया है वह उल्लेखनीय है। .. मेरे अंतेवासी प्रशिष्य जिनचंदभिक्खू ने अप्रमत्त एवं जागरूक अवस्थामें संशोधनका कार्य अपने हाथमें लेकर जो सहयोग दिया है उसे तो कभी भुलाया ही नहीं जा सकता । इन दोनोंकी सेवा जीवनके अंत तक स्मृतिपथमें रहेगी। .. मुनिश्री रतनचंदजी महाराज (कच्छी) ने 'सुत्तागमे' की जो साररूप भूमिका प्राकृतमें लिखी है उनका आभार माने बिना कैसे रहा जा सकता है। आपने तो मानों सागर को गागरमें बंद कर दिया है। पंडितवर्य श्री गजानन जोशी शास्त्री(पनवेल)ने जो प्राकृतमें "निदंसणं' लिखा है वह उनकी योग्यताका परिचायक एवं अभिनंदनीय है, और प्राकृतके अभ्यास के लिए प्रेरणा देता है। इनके अतिरिक्त प्रगट या अप्रगट रूपमें जिन २ महानुभावोंने सहयोग दिया है उनका आभार मानता हूं। स्पष्टीकरण-(१) कल्पसूत्रमें २४ तीर्थकरों के आंतरोंमें महावीर-निर्वाण के ९८० वर्ष पीछे सूत्रोंके लिखे जानेकी जो घटना है वह देवर्द्धिगणी क्षमाश्रमणकी है, क्योंकि इतिहासकार अपने समय तकका विवरण दिया ही करते हैं। ... (२) शब्दकोश गाथाबद्ध सानुवाद तैयार हो रहा है, १११८ गाथाओंकी रचना भी हो चुकी है, अतः शब्दकोश नहीं दिया गया। (३) अन्य उपयुक्त विषय जो कि ग्रंथके बढ़ जानेके कारण रह गए हैं वे अन्यत्र दिए जायेंगे। अन्तिम-इस प्रकाशनमें यदि कहीं कोई भूल रह गई हो या सिद्धान्तके विरुद्ध हुआ हो तो उसका ख़ालिस हृदयसे अनन्त सिद्धों की साक्षीसे 'मिच्छामि दुक्कडं। गच्छतः स्खलनं कापि, भवत्येव प्रमादतः। हसन्ति दुर्जनास्तत्र, समाद्धति सजनाः॥ शांतिभवन अंबरनाथ C. R. । श्रीगुरुचरणचचरीकदिनांक २१-१२-१९५४ पुप्फभिक्खू Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७ व्याकरण-शेष उपसर्ग उपसर्ग धातुके पूर्वमें लगाए जाते हैं, वे धातुके मूल अर्थमें परिवर्तन करके कहीं विशेष अर्थ और कहीं विपरीत अर्थ तथा कहीं भिन्न अर्थके द्योतक होते हैं। अइ । सीमा से बाहर, अतिशय; अइ+कमइ-अइक्कमइ-वह सीमासे बाहर अति जाता है, अथवा उल्लंघन करता है। अहि । ऊपर, अधिक, प्राप्त करना; अधि । अहि+चिट्ठइ-अहिचिट्ठइ-वह ऊपर बठता है। अहि+गच्छइ-अहिगच्छइ-वह प्राप्त करता है। अणु (अनु)] पीछे, समान, समीप; अणु+गच्छइ-अणुगच्छइ-वह पीछे जाता है। __ अणु+करइ-अणुकरइ-वह अनुकरण करता है। अभि । सन्मुख, पास; अभि+गच्छइ अभिगच्छइ-वह सन्मुख जाता है, अहि । अथवा पासमें जाता है। अव नीचे, तिरस्कार; अव+यरइ-अवयरइ-ओ+यरइ ओयरइ-वह ओ / नीचे उतरता है । अव+गणइ-अवगणइ-वह तिरस्कार करता है। आ] उलटा, विपर्यय, मर्यादा; आ गच्छइ आगच्छइ-वह आता है। अव) विपरीत, पीछे, उलटा; अव+कमइ-अवकमइ-वह पीछे फिरता है अप (लौटता है) । अप+सरइ-अपसरइ-ओ+सरइ-ओसरइ-वह ओ पीछे हटता है। उ ऊंचा, ऊपर; उग्गच्छइ-वह ऊपर जाता है। (उत्) उढेइ-वह उठता है । उव पासमें; उवागच्छइ-वह समीपमें जाता है। (उप), नि भदर, नीचे; नि+मजइ-निमजुइ-नु+मजइ-नुमजइ-वह डूबता नु है। निवडइ-वह नीचे गिरता है । परा | उलटा, पीछे परा+जिणइ-पराजिणइ-वह हारता है। पला पलायइ-वह भागता है। Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८ परि । विशेष, परिवर्तन होना, चारों ओर; परि+तूसइ-परितृसइ-वह पलि । विशेष प्रसन्न होता है । परि+वट्टइ-परिवट्टई-वह बदलता है। परियडइ-वह चारों ओर घूमता है। पडि-पति ) सामने, उलटा; पडि+भासइ-पडिभासइ-वह सामने बोलता परि-पइ है। पह+जाणइ-पइजाणइ-वह प्रतिज्ञा करता है। (प्रति) प (प्र)आगे, प्रकर्ष; पयाइ-वह आगे जाता है। प्प पयासेइ-वह विशेष प्रकाश करता है । वि] विशेष, निषेध, विरोधार्थ; वियाणेइ-वह विशेष रूपसे जानता है। . विस्सरइ-वीसरइ-वह भूलता है। सं (सम्)] भली भाँति; सं+गच्छइ-संगच्छइ-वह भली भाँति मिलता है। निर) निश्चय, आधिक्य, निषेध; निजिणेइ-वह निश्चयसे विजय पाता है। नि निरिक्खइ-वह निरीक्षण करता है। नी नीसरइ-वह बाहर निकलता है। दुर दुःखपूर्वक, दुष्टतार्थ; दुलंघेइ-कठिनाईसे उल्लंघन करता है। दुस्सदु हेइ-दूसहेइ-वह दुःख सहन करता है । दुरायार-दुष्ट आचरण । (नोट) निर दुर् इन उपसर्गोंके रेफका विकल्पसे लोप होता है, परन्तु रेफसे परे स्वर होनेपर लोप नहीं होता, जब रेफका लोप नहीं होता तो पश्चात्वती व्यंजनमें रेफ मिल जाता है और उस व्यंजनको द्वित्व होता है। जैसे-निर+ सहो निस्सहो, नीसहो, निसहो; निर्+अंतरं-निरंतरं; दुर्+सहो-दुस्सहो, दूसहो, दुसहो; दुर्+उत्तरं-दुरुत्तरं । अव्यय सदृशं त्रिषु लिङ्गेषु, सर्वासु च विभक्तिषु । वचनेषु च सर्वेषु, यन्न व्येति तव्ययम् ॥ (१) अ अण-निषेधार्थ, अह इसके बाद, अइरा-तत्काल, अईव=अधिक, अंग-आमंत्रण, अन्तर अन्तरेण-अभावयुक्त, अंते अंतो-बीचमें, अकम्हा-अकस्मात् , अचिरं-जल्दी, अजस्स-निरन्तर, अज-आज, अणिसं सतत, अति १ आविर् व्यक्ते, तु पृथग्भावे, पाउ पाउर् प्राकाश्ये, सद् श्रद्धायामित्यधिकं प्रत्यन्तरे। Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अतिशय, अत्थि है, अदु अदुत्तरं इसके पीछे, अदुवा अथवा, अहो नीचे, अभि= सन्मुख, अभिक्खणं २=बार वार, अलं-पर्याप्त, अवि-भी, असई-बार २, अहावरं इसके पश्चात् , आ मर्यादा-अभिविधि, इइ इति इय इस प्रकार-समाप्त, इव समान, ईसि ईसिं-थोड़ा, उदाहु-पक्षान्तर, उपरि उप्पिं उवरि-ऊपर, उस्सणं प्रायः, एव=ही, एवं इस प्रकार, एवमाइ-इत्यादि, एवामेव इसी प्रकार, किं-क्या, किण्णं-जिज्ञासार्थ, किर किल=निश्चयार्थ, कीस किस लिए, कु-खराब, खलु=3 निश्चय, खिप्पं शीघ्र, च च-समुच्चयार्थक, चे(चेत् )-संभावनार्थ, जइ-यदि, जाव-जब तक, ताव तब तक, जुगवं-एकदम, झत्ति-झटपट, ण नहीं, = वाक्यालंकार, णवरं णवरि केवल, णहु निषेधार्थ, णाणा=अनेक, णु-प्रश्नवाचक, णूणं-निश्चयपूर्वक, णो नहीं, ति त्ति इस प्रकार और समाप्ति अर्थ, तु=समुच्चयार्थ, थ-वाक्यालंकार, दिया-दिन, दुहु-खराब, दूरा-दूर, धणियं-अतिशय, धिद्धि धिर=धिकारार्थ, नणु शंकार्थ, नमो नमस्कार, पच्छा-पीछे, पभिइ-प्रभृति, पाओ= प्रातः, पायं प्रायः, पि=भी, पिव-इव, पुढो-पृथक्, पुण पुणो पुनः, पुरा पहले और आगे, पुरत्था पुरच्छा पुरे आगे, वहिं वाहि-वाहर, भंते ! पूज्यसंबोधन, भिसं अतिशय, भुज्जो २=बार २, भे भो ! संवोधन, मिव-इव, मिहो-परस्पर, मुसा-असत्य, मुहाव्यर्थ, मुहं २-बार २, य-च, रह रहो-एकान्त, राओरातमें, विभी, विव व्व इव, सई-एक बार, संपइ संपयं-अव, सक्खं साक्षात्, समंताचारों ओर, सणियं २-धीरे २, सद्धिं समं साथ, सयं-स्वयं, सययं निरंतर, सायं-संध्या, सुइरे-चिरकाल, सुए आनेवाली कल, सुटु= अच्छा, सेवं=ऐसा ही है, हंता स्वीकार, हंदि हं भो आमंत्रण, हणि २ प्रतिदिन, हद्धि-खेदार्थक, हव्वं शीघ्र, हिजो बीता हुआ कल, हुरत्था बहिर्देश, हे-संबोधन, हेढा=नीचे, हे हो आमंत्रणार्थ। (२) उपसर्गोंकी गणना भी अव्ययमें ही है। (३) तद्धितान्त अव्यय सब्वावंति सब, केइ-कोई, केणइ-किसीके द्वारा, कोइ-कोई, इह-यहां, कयाई कयाई-कभी, कस्सई-किसीका, दुक्खुत्तो-दो बार, तिक्वुत्तो-तीन बार, कहिंचि%3D कहीं, इण्हि इदाणिं इयाणि अब, कया-कब, सया-सदा, जओ-जिससे, एत्थ इत्थ-यहां, कत्थ-कहां, जत्थ-जहां, तत्थ-वहां, इत्थं इस प्रकार, जया-जब, तया-तब, एकसि एक बार, कमसो क्रमशः, बहुसो बहुशः, दवदवस्स-जल्दी २, तहा तथा, कहि-कहां, जहिं-जहां, तर्हि वहां, अहुणा अब । .. .. Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४ ) हेत्वर्थ कृदन्त-संबंधक भूतकृदन्त भी अव्ययमें ही सम्मिलित हैं। । (५) अम् प्रत्ययान्त समास भी अव्ययमें ही परिगणित हैं। जैसे-अहोनिसं। (६) इकारान्त 'दिसि' आदि शब्दोंकी भी समासमें अव्यय संज्ञा होती है। यथा-दिसोदिसिं, गुम्मागुम्मि, घराघरि इत्यादि । प्रेरक रूप (१) धातुके मूलरूपको 'अ 'ए' 'आव' 'आवे' प्रत्यय लगाकर तत्तत्कालके पुरुषबोधक प्रत्यय लगानेसे प्रेरक रूप सिद्ध होता है। । (२) धातुमें उपान्त्य 'अ' हो तो 'अ' अथवा 'ए' प्रत्यय लगाते समय 'अ' को 'आ' होता है, जैसे-हसइ-हासइ, हासेइ, हसावइ, हसावेह । (३) उपान्त्य 'इ' 'उ' होनेपर दोनोंको गुण होता है, यथा-बुह-बोहर, तुड-तोडइ इत्यादि। (४) 'आवे' प्रत्यय परे होनेपर 'अ' को कहीं २ 'आ' होता है, जैसे-कारावेइ। (५) 'भम्' धातुका प्रेरक रूप 'भमाडेइ' भी बनता है। उपरोक्त चारों प्रत्यय लगाकर सब प्रेरक रूप सिद्ध किए जाते हैं । ... इच्छादर्शक आदि अन्य प्रक्रियाएँ - सनन्त-जुगुप्सते-जुगुच्छइ (दुगुंछइ) वह निंदा अथवा घृणा करता है। • पिपासति-पिवासइ-वह पीनेकी इच्छा करता है । शुश्रूषते-सुस्सूसइ-वह सेवा करता है अथवा सुननेकी इच्छा करता है। सुस्सूसमाण व० कृ० । ' थगन्त-लालप्यते-लालप्पइ-लपलप करता है। लालप्पमाण व. कृ० । चंक्रम्यते-चंकम्मइ-बहुत चलता है। यङ्लुगन्त-चक्रमीति-चंकमइ-बार २ चलता है। . नामधातु-दमदमायते दमदमाइ-द्मभायइ-आडंबर करता है । गुरुकायते-गुरुआइ-गुरुआयइ-गुरुके समान आचरण करता है। स्त्री-प्रत्यय (१) अकारांत शब्दके पीछे 'डा' प्रत्यय लगानेसे स्त्रीलिंग आकारान्त शब्द बन जाता है, जैसे-बाल-बाला, अम्मा आदि। (२) 'डी' प्रत्ययसे होने वाले रूप-सत्थवाह-सत्थवाही आदि । (३) भाव भिन्नार्थक प्रत्ययांत से 'णी' प्रत्यय होता है, जैसे-आसाविणी आदि। Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४) 'आणी' प्रत्ययसे निष्पन्न होनेवाले स्त्रीरूप-इंद-इंदाणी। (५) 'डि' 'डा' प्रत्यय लगने से दिसा-दिसि आदि सिद्ध होते हैं। ( ६ ) 'ती' प्रत्यय लगने पर स्त्रीलिंगमें 'मह' शब्दसे 'महती' होता है। (७) भिक्खू आदि शब्दोंको स्त्रीलिंगमें ‘णी' प्रत्यय होता है, जैसे-भिक्खुणी, साहुणी आदि। (८) 'णी' प्रत्यय परे होनेपर 'सिस्स' और 'मास' शब्दके अकारको इकार होता है, जैसे-सीसिणी, पुण्णमासिणी। (नोट) इनके अतिरिक्त महल्लिया-महालिया-महालयादि भी स्त्रीप्रत्यय-निष्पन्न जानने चाहिएँ। Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पिट्ठसंखा ४१ २६५ ५३५ ६७३ ७५५ ७७३ रत्ताणामणिया सुत्तणाम ओववाइयसुत्तं रायपसेणइयं जीवाजीवाभिगमे पण्णवणासुतं जंबुद्दीवपण्णत्ती चंदपण्णत्ती सूरियपण्णत्ती णिरियावलिया(कप्पिया )ओ कप्पवडिंसियाओ पुप्फियाओ पुप्फचूलियाओ वहिदसाओ ववहारो बिहकप्पसुत्तं णिसीहसुतं दसासुयक्खंधो दसवेयालियसुत्तं उत्तरज्झयणसुत्तं गंदीसुतं अणुओगदारसुत्तं आवस्सयसुत्तं परिसिट्टाणुकमणिया पढम परिसिहॅ (कप्पसुत्तं) बीयं परिसिढे ( सामाइयसुत्तं) तइयं परिसिढे ( सावयावस्सय( पडिक्कमण )सुत्तं) ८४९ ९१९ ९७.७ १०६१ ११६५ Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे बारस उवंगाई तत्थ णं ओववाइयसुत्तं तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था, रिद्धत्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया आइण्णजणमणुस्सा हलसयसहस्ससंकिट्ठविकिट्ठलठ्ठपण्णत्तसेउसीमा कुकुडसंडेयगामपउरा उच्छुजवसालिकलिया गोमहिसगवेलगप्पभूया उक्कोडियगायगंठिभेयगभडतक्करखंडरक्खरहिया खेमा णिरुवद्दवा सुभिक्खा वीसत्थसुहावासा अणेगकोडिकुटुंबियाइण्णणिव्वुयमुहा णडणट्टगजल्लमल्लमुट्ठियवेलंबयकहगपवगलासगआइक्खगलंखमंखतूणइल्लतुंबवीणियअणेगतालायराणुचरिया आरामुजाणअगडतलागदीहियवप्पिणिगुणोववेया नंदणवणसन्निभप्पगासा उव्विद्धविउलगंभीरखायफलिहा चकगयमुसुंढिओरोहसयग्घिजमलकवाडघणदुप्पवेसा धणुकुडिलवंकपागारपरिक्खित्ता कविसीसयवट्टरइयसंठियविरायमाणा अट्टालयचरियदारगोपुरतोरणउण्णयसुविभत्तरायमग्गा छेयायरियरइयदढ फलिहइंदकीला विवणिवणिच्छेत्तसिप्पियाइण्णणिव्वुयसुहा सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरपणियावणविविहवत्थुपरिमंडिया सुरम्मा नरवइपविइण्णमहिवइपहा अणेगवरतरगमत्तकुंजररहपहकरसीयसंदमाणीयाइण्णजाणजुग्गा विमउलणवणलिणिसोभियजला पंडुरवरभवणसण्णिमहिया उत्ताणणयणपेच्छणिज्जा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा ॥ १ ॥ तीसे णं चंपाए णयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए पुण्णभद्दे णामं उज्जाणे होत्था रम्मे० ॥ २॥ तस्स णं उजाणस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एक्के असोगवरपायवे प० कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूले मूलमंते कंदमंते खंधमंते तयामते मालमंत पवालमते पत्तमंते पुप्फमंते फलमंते बीयमंते अणुपुव्वसुजायरुइलवट्टभावपरिणए एकखंधे अणेगसाले अणेगसाहप्पसाहविडिमे अणेगनरवामसुप्पसारियअग्गेज्झघणविडलबद्धखंधे अच्छिद्दपत्ते अविरलपत्ते अवाईणपत्ते अणईयपत्ते नियजरढपंड्डपत्ते णवहरियभिसंतपत्तभारंधकारगंभीरदरिसणिज्जे उवणिग्गयणवतरुणपत्तपल्लवकोमलउज्जलचलंतकिसलयसुकुमालपवालसोहियवरंकुरग्गसिहरे णिचं कुसुमिए णिचं माइए णिचं लवइए णिचं थवइए णिचं गुलइए णिचं गोच्छिए णिच्चं जमलिए 'णिचं Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्ताग [ ओववाइय जुव लिए णिचं विणमिए णिचं पणमिए णिचं कुसुमियमाइयलवइयथवइयगुलइयगोच्छियजमलियजुवलियविणमियपणमियसुविभत्तपिंडमंजरिवर्डिसयधरे सुयबरहिणमयणसालकोइलको हंगकभिंगारककोंडलकजीवंजीव गणंदीमुहकविलपिंगलक्खगकारंडचक्कवायकलहंससारसअणेगसउणगणमिहुण विरइय सहुण्णइयमहुरसरणाइए मुरम्मे संपिंडियदारेयभमरमहुयरिपहकर परिलिन्तमत्तछप्पयकुसुमासवलोल महुरगुमगुमंतगुंजंतदेसभागे अब्भंतरपुप्फफले बाहिरपत्तोच्छण्णे, पत्ते हि य पुष्फेहि य उच्छृणपडिवलिच्छण्णे साउफले निरोयए अकंटए णाणाविहगुच्छ गुम्ममंडव गरम्मसोहिए विचित्तसुहके भूए वावीपुक्खरिणीदीहियासु य सुनिवेसियरम्मजालहरए पिंडिमणीहारिमसुगंधिसुहसुरभिमणहरं च महया गंधद्वाणं मुयंते णाणाविहगुच्छगुम्ममंडवक घरकसुहसेउकेउबहुले अगेगरहजाणजुग्गसिवियप विमोयणे सुरम्मे पासादीए दरिस'णिजे अभिरूवे पडिरूवे। से णं असोगवरपायवे अण्णेहिं बहूहिं तिलएहिं लउएहिं छत्तोवेहिं सिरीसेहिं सत्तवण्णेहिं दहिवण्णेहिं लोद्धेहिं धवेहिं चंदणेहिं अज्जुणेहिं णीवेहिं कुडएहिं सव्वेहिं फणसेहिं दाडिमेहिं सालेहिं तालेहिं तमालेहिं पियएहिं पियंगूहिं पुरोवगेहिं रायरुक्खेहिं मंदिरुक्खेहिं सव्वओ समता संपरिक्खिते । ते णं तिलया लउया जाव णंदिरुक्खा कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो, एएसिं वण्णओ भाणियव्वो जाव सिबियपविमोयणा सुरम्मा पासादीया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा । ते णं तिलया जाव णंदिरुक्खा अण्णेहिं बहुहिं पउमलयाहिं णागलयाहिं असोगलयाहिं चंपगलयाहिं चूयलयाहिं वणलयाहिं वासंतियलयाहिं अइमुत्तयलयाहिं कुंदलयाहिं सामलयाहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता । ताओ गं पउमलयाओ णिच्चं कुसुमियाओ जाव वडिंसयधरीओ पासादीयाओ दरिसणिजाओ अभिरूवाओ पडिरूवाओ ॥ ३ ॥ तस्स णं असोगवर पायवस्स हेट्ठा ईसिं संघसमलीणे एत्थ णं महं एक्के पुढविसिलापट्टए पण्णत्ते, विक्खंभायामउस्सेहमुप्पमाणे किन्हे अंजणघणकिवाणकुवलयहलधरकोसेज्जागासकेस कज्जलंगी खंजणसिंगभेदरिद्र्य जंबूफलअसणकसणबंधणणीलुप्पलपत्तनिकर अयसिकुसुमप्पगासे मरगयमसारकलितणयणकीयरासवणे णिद्धघणे अट्ठसिरे आयंसयतलोवमे सुरम्मे ईहामियउसभतुरगनरमगर - विहगवालगकिण्णररुरुसरभच मरकुंजरवणलय पउमलयभत्तिचित्ते आईणगख्यबूरणवणीयतूलफरिसे सीहासणसंठिए पासादीए दरिसणिजे अभिरूवे पडिवे ॥ ४ ॥ तत्थ णं चंपाए णयरीए कूणिए णामं राया परिवसइ, महयाहिमवंतमहंतमलयमंदरमहिंदसारे अच्चंतविसुद्धदीहरायकुलवंससुप्पसूए निरंतरं रायलक्खणविराइयंगमंगे बहुजणबहुमाणपूइए सव्वगुणसमिद्धे खत्तिए मुइए मुद्धाहिसित्ते माउपिउसुजाए दयपत्ते Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ araणणं ] सुतागमे सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे मणुस्सिदे जणवयपिया जणवयपाले जणवयपुरोहिए सेउकरे केकरे णरपवरे पुरिसवरे पुरिससीहे पुरिसवग्धे पुरिसासीविसे पुरिसपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अड्डे दित्ते वित्ते विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइणे बहुधणबहुजायख्वरयए आओगपओगसंपत्ते विच्छड्डियपउरभत्तपाणे बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूए पडिपुण्णजंतकोसकोट्ठागाराउहागारे बलवं दुब्बलपच्चामित्ते ओहयकंटयं निहथकंटयं मलियकंटयं उद्धियकंटयं अकंटयं ओहयसत्तुं निहयसत्तुं मलियसत्तुं उद्धियसत्तुं निज्जियसत्तुं पराइयसत्तुं ववगयदुभिक्खं मारिभयविप्पमुक्कं खेमं सिवं सुभिक्खं पसंतडिंबडमरं रज्जं पसासेमाणे विहरइ ॥ ५ ॥ तस्स णं कोणियस रणो धारिणी नामं देवी होत्था, सुकुमालपाणिपाया अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरा लक्खणवंजणगुणोववेया माणुम्माणम्पमाणपडि पुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंगी ससिसोमाकारकंतपियदंसणा सुरूवा करयलपरिमियपसत्थतिवलियवलियमज्झा कुंडलुलिहियगंडलेहा को मुइरयणियर विमलपडि पुण्णसोमवयणा सिंगारागारचारुवेसा संगयगयहसियभणिय विहियविलाससललियसं लावणिउणजुत्तोवयारकुसला पासादीया दरिसणिजा अभिरुवा पडिवा, कोणिएणं रण्णा भंभसारपुत्तेणं सद्धिं अणुरत्ता अविरत्ता इट्ठे सद्दफरिसरसख्वगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोए पञ्चणुभवमाणी विहरइ ॥ ६ ॥ तस्स णं कोणिस्स रण्णो एक्के पुरिसे विउलकयवित्तिए भगवओ पवित्तिवाउए भगवओ तद्देवसियं पविति णिवेएइ, तस्स णं पुरिसस्स बहवे अण्णे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा भगवओ पवित्तिवाउया भगवओ तद्देवसियं पवित्तिं णिवेदेंति ॥ ७ ॥ तेणं काणं तेणं समएणं कोणिए राया भंभसारपुत्ते बाहिरियाए उवद्वाणसाला ए अणेगगणनायगदंडनायगराई सरतलवरमाडंबिय कोडंबियमंति महामंतिगणगदोवारिय अमच्चचेडपीढमद्दनगरनिगमसे द्विसेणा वइ सत्थवाहदूयसंधिवालसद्धिं संपरिवुडे विहरइ ॥ ८ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए जीवदए दीवो ताणं सरणं गई पट्ठा धम्मवरचाउरंतचक्कवही अप्पड - हयवरनाणदंसणवरे वियट्टच्छउमे जिणे जाणए तिण्णे तारए मुत्ते मोयए बुद्धे बोहए सव्वष्णू सव्वदरिसी सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तियं सिद्धिगइ - णामधेयं ठाणं संपाविउकामे अरहा जिणे केवली सत्तहत्थुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वज्जरिसहनारायसंघयणे अणुलोमवाउवेगे कंकरगहणी कवोयपरिणामे सउणिपोसपिद्वंतरोरुपरिणए पउमुप्पलगंधसरिसनिस्साससुरभिवयणे छवी निरायंकउत्तमपसत्थअइसेयनिरुवमपले जलमल्लकलं कसे यर यदो सवज्जियसरीर निरुवलेवे छायाउज्जोइयं Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं गमंगे घणनिचियसुबद्धलक्खणुण्णयकूडागारनिभपिंडियग्गसिरए सामलिबोंडघणनिचियच्छोडियमिउविसयपसत्थसहुमलक्खणसुगंधसुंदरभुयमोयगभिंगनेलकजलपहिह. भमरगणणिद्धनिकुरुंबनिचियकुंचियपयाहिणावत्तमुद्धसिरए दालिमपुप्फप्पगासतवणिज्जसरिसनिम्मलसुणिद्धकेसंतकेसभूमी घण(निचिय)छत्तागारुत्तमंगदेसे णिव्वणसमलट्ठमट्ठचंदद्धसमणिडाले उडुवइपडिपुण्णसोमवयणे अल्लीणपमाणजुत्तसवर्ण मुस्सवणे पीणमंसलकवोलदेसभाए आणामियचावरुइलकिण्हब्भराइतणुकसिणणिद्धभमुहे अव. दालियपुंडरीयणयणे कोयासियधवलपत्तलच्छे गरुलाययउजुतुंगणासे उवचियसिलप्पवालबिंबफलसण्णिभाहरोठे पंडुरससिसयलविमलणिम्मलसंखगोक्खीरफेणकुंददगरयमुणालियाधवलदंतसेढी अखंडदंते अप्फुडियदंते अविरलदंते मुणिद्धदंते सुजायदंते एगदंतसेढीविव अणेगदंते हुयवहणिद्धतधोयतत्ततवणिज्जरत्ततलतालुजीहे अवट्ठियसुविभत्तचित्तमंसू मंसलसंठियपसत्थसठूलविउलहणुए चउरंगुलमुपमाणकंबुवरसरिसग्गीवे वरमहिसवराहसीहसठूलउसभनागवरपडिपुण्णविउलक्खंधे जुगसन्निभपीणरइयपीवरपउट्ठसुसंठियसुसिलिट्ठविसिट्ठघणथिरसुबद्धसंधिपुरवरफलिहवाटियभुए भुयईसरविउलभोगआयाणपलिहउच्छूढदीहबाहू रत्ततलोवइयमउयमंसलसुजायलक्खणपसत्थअच्छिद्दजालपाणी पीवरकोमलवरंगुली आयंबतंबतलिणसुइरुइलणिद्धणक्खे चंदपाणिलेहे सूरपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्कपाणिलेहे दिसासोत्थियपाणिलेहे चंदसूरसंखचक्कदिसासोत्थियपाणिलेहे कणगसिलायलुजलपसत्थसमतलउवचियविच्छिण्णपिहुलवच्छे सिरिवच्छंकियवच्छे अकरंडुयकणगरुययनिम्मलमुजायनिरुवहयदेहधारी अट्ठसहस्सपडिपुण्णवरपुरिसलक्खणधरे सण्णयपासे संगयपासे सुंदरपासे सुजायपासे मियमाइयपीणरइयपासे उजुयसमसहियजच्चतणुकसिणणिद्धआइ. जलडहरमणिज्जरोमराई झसविहगसुजायपीणकुच्छी झसोयरे सुइकरणे पउमवियडणाभे गंगावत्तगपयाहिणावत्ततरंगभंगुररविकिरणतरुणबोहियअकोसायंतपउमगंभीरवियडणाभे साहयसोणंदमुसलदप्पणणिकरियवरकणगच्छरुसरिसवरवइरवलियमझे पमुइयवरतुरगसीहवरवट्टियकडी वरतुरगसुजायसुगुज्झदेसे आइण्णहउव्व णिरुवलेवे वरवारणतुल्लविक्कमविलसियगई गयससणसुजायसन्निभोरू समुग्गणिमग्गगूढजाणू एणीकुरुविंदावत्तवटाणुपुव्वजंघे संठियसुसिलिट्ठगूढगुप्फे सुप्पइट्ठियकुम्मचारुचलणे अणुपुव्वसुसंहयंगुलीए उण्णयतणुतंबणिद्धणक्खे रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालकोमलतले अट्ठसहस्सवरपुरिसलक्खणधरे नगनगरमगरसागरचकंकवरंकमंगलंकियचलणे विसितुरूवे हुयवहनिमजलियतडितडियतरुणरविकिरणसरिसतेए अणासवे अममे अकिंचणे छिन्नसोए निरुवलेवे ववगयपेमरागदोसमोहे निग्गंथस्स पवयणस्स देसए Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कोणियवंदणं] सुत्तागमे सत्थनायगे पइट्ठावए समणगपई समणगविंदपरिअट्टए चउत्तीसजिणवयणाइसेसपत्ते पणतीससच्चवयणाइसेसपत्ते आगासगएणं चक्केणं आगासएणं छत्तेणं आगासियाहिं चामराहिं आगासफलिआमएणं सपायवीढेणं सीहासणेणं धम्मज्झएणं पुरओ पकढिजमाणेणं चउद्दसहिं समणसाहस्सीहिं छत्तीसाए अज्जियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुग्गामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे चंपाए णयरीए वहिया उवणगरग्गामं उवागए चंप नगरिं पुण्णभदं उज्जाणं समोसरिउकामे ॥ ९॥ तए णं से पवित्तिवाउए इमीसे कहाए लढे समाणे हद्वतुट्ठचित्तमाणंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए हाए सुद्धप्पवेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमित्ता चंपाए णयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव कोणियस्स रण्णो गिहे जेणेव वाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव कूणिए राया भंभसारपुत्ते तेणेव उवागच्छइ २ त्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु जएणं विजएणं वद्धावेइ २ त्ता एवं वयासी-जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं कंखंति जस्स णं देवाणुप्पिया दसणं पीहंति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं पत्थंति जस्स णं देवाणुप्पिया दंसणं अभिलसंति जस्स णं देवाणुप्पिया णामगोयस्सवि सवणयाए हट्ठतु जाव हियया भवंति, से णं समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुग्गामं दूइज्जमाणे चंपाए णयरीए उवणगरगामं उवागए चंपं णगरि पुण्णभई उजाणं समोसरिउकामे, तं एयं णं देवाणुप्पियाणं पियट्ठयाए पियं णिवेदेमि, पियं ते भवउ ॥ १० ॥ तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते तस्स पवित्तिवाउयस्स अंतिए एयमढं सोचा णिसम्म हट्ठतु जाव हियए वियसियवरकमलणयणवयणे पयलियवरकडगतुडियकेयूरमउडकुंडलहारविरायंतरइयवच्छे पालंबपलंबमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं नरिंदे सीहासणाओ अब्भढेइ २ ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ ता पाउयाओ ओमुयइ २ ता अवहट्ट पंच रायककुहाई तंजहा-खग्गं १ छत्तं २ उप्फेसं ३ वाहणाओ ४ वालवीयणं ५ एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ २ त्ता आयंते चोक्खे परमसुइभूए अंजलिमउलियरगहत्थे तित्थगराभिमुहे सत्तट्ठ पयाइं अणुगच्छइ सत्तट्ठ पयाई अणुगच्छित्ता वामं जाणुं अंचेइ वामं जाणु अंचेत्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि साहह तिक्ग्युत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि निवेसेइ २ ता ईसिं पञ्चुण्णमइ पञ्चुण्णमित्ता कडगतुडियर्थभियाओ भुयाओ पडिसाहरइ २ त्ता करयल जाव कट्टु एवं वयासीणमोऽत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं आइगराणं तित्थगराणं सयंसंबुद्धाणं पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं अभयदयाणं चक्रवुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टीणं दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा अप्पडिहयवरनाणदंसणधराणं वियदृछउमाणं जिणाणं जावयाणं तिण्णाणं तारयाण बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सव्वन्नूणं सव्वदरिसीणं सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तिसिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स तित्थगरस्स जाव संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स, वंदामि णं भगवंतं तत्थ गयं इह गए, पासउ मे (मे से) भगवं तत्थ गए इह गयंति कट्ठ वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे निसीयइ निसीइत्ता तस्स पवित्तिवाउयस्स अट्रुत्तरसयसहस्सं पीइदाणं दलयइ दलइत्ता सकारेइ सम्माणेइ सक्कारित्ता सम्माणित्ता एवं वयासी-जया णं देवाणुपिया ! समणे भगवं महावीरे इहमागच्छेजा इह समोसरिजा इहेव चंपाए णयरीए बहिया पुण्णभद्दे उज्जाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरेजा तया णं मम एयमढें निवेदिजासित्तिकद्दु विसज्जिए ॥ ११ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे कलं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लु-पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहा(अह)पंडुरे पहाए रत्तासोगप्पगासकिंमुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसे कमलागरसंडबोहए उठ्ठियम्मि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलंते जेणेव चंपा णयरी जेणेव पुण्णभद्दे उजाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ॥ १२ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे समणा भगवंतो अप्पेगइया उग्गपव्वइया भोगपव्वइया राइण्ण० णाय० कोरव्व० खत्तियपव्वइया भडा जोहा सेणावई पसत्थारो सेट्ठी इन्भा अण्णे य बहवे एवमाइणो उत्तमजाइकुलस्वविणयविण्णाणवण्णलावण्णविक्कमपहाणसोभग्गकंतिजुत्ता बहुधणधण्णणिचयपरियाल. फिडिया परवइगुणाइरेगा इच्छियभोगा सुहसंपललिया किंपागफलोवमं च मुणिय विसयसोक्खं जलबुब्बुयसमाणं कुसग्गजलबिंदुचंचलं जीवियं च णाऊण अद्भुवमिणं रयमिव पडग्गलग्गं संविधुणित्ता णं चइत्ता हिरणं जाव पव्वइया, अप्पेगइया अद्धमासपरिआया अप्पेगइया मासपरिआया एवं दुमास तिमास जाव एक्कारस० अप्पेगइया वासपरिआया दुवास० तिवास० अप्पेगइया अणेगवासपरिआया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति ॥ १३ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे निग्गंथा भगवंतो अप्पेगइया Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ साहुवण्णणं] सुत्तागमे आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी अप्पेगइया मणबलिया वयबलिया कायबलिया अप्पेगइया मणेणं सावाणुग्गहसमत्था ३ अप्पेगइया खेलोसहिपत्ता एवं जल्लोसहि० विप्पोसहि० आमोसहि० सव्वोसहि० अप्पेगइया कोहबुद्धी एवं बीयबुद्धी पडबुद्धी अप्पेगइया पयाणुसारी अप्पेगइया संभिन्नसोया अप्पेगइया खीरासवा अप्पेगइया महुआसवा अप्पेगइया सप्पिआसवा अप्पेगइया अक्खीणमहाणसिया एवं उज्जुमई अप्पेगइया विउलमई विउव्वणिड्डिपत्ता चारणा विज्जाहरा आगासाइवाइणो ॥ अप्पेगइया कणगावलिं तवोकम्मं पडिवण्णा एवं एगावलिं खुड्डागसीहनिकीलियं तवोकम्मं पडिवण्णा अप्पेगइया महालयं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं पडिवण्णा भद्दपडिमं महाभद्दपडिमं सव्वओभद्दपडिमं आयंबिलवद्धमाणं तवोकम्मं पडिवण्णा मासियं भिक्खुपडिमं एवं दोमासियं पडिमं तिमासियं पडिमं जाव सत्तमासियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा अप्पेगइया पढमं सत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा जाव तच्चं सत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा अहोराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवण्णा एकराइंदियं भिक्खुपडिम पडिवण्णा सत्तसत्तमियं भिक्खुपडिमं अटमियं भिक्खुपडिमं णवणवमियं भिक्खुपडिमं दसदसमियं भिक्खुपडिमं खुड्डियं मोयपडिमं पडिवण्णा महल्लियं मोयपडिमं पडिवण्णा जवमझं चंदपडिमं पडिवण्णा वइर(वज). मज्झं चंदपडिमं पडिवण्णा संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरंति ॥ १४ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे थेरा भगवंतो जाइसंपण्णा कुल० बल० स्व० विणय० णाण० दंसण० चरित्त० लज्जा० लाघव० ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहा जियमाणा जियमाया जियलोभा जियइंदिया जियणिद्दा जियपरीसहा जीवियासमरणभयविप्पमुक्का वयप्पहाणा गुणप्पहाणा करणप्पहाणा चरणप्पहाणा णिग्गहप्पहाणा निच्छयप्पहाणा अजवप्पहाणा मद्दवप्पहाणा लाघवप्पहाणा खंतिप्पहाणा मुत्तिप्पहाणा विजापहाणा मंतप्पहाणा वेयप्पहाणा बंभप्पहाणा नयप्पहाणा नियमप्पहाणा सच्चप्पहाणा सोयप्पहाणा चारुवण्णा लज्जातवस्सीजिइंदिया सोही अणियाणा अप्पुस्सुया अबहिल्लेसा अप्पडिलेस्सा सुसामण्णरया दंता इणमेव 'णिग्गंथं पावयणं पुरओकाउं विहरंति। तेसि णं भगवं. ताणं आयावायावि विदिता भवंति परवाया विदिता भवंति आयावायं जमइत्ता नलवगमिव मत्तमातंगा अच्छिद्दपसिणवागरणा रयणकरंडगसमाणा कुत्तियावणभूया परवादियपमद्दणा दुवालसंगिणो समत्तगणिपिडगधरा सव्वक्खरसण्णिवाइणो सव्वभासाणुगामिणो अजिणा जिणसंकासा जिणा इव अवितहं वागरमाणा संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति ॥ १५ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं महावीरस्स अंतेवासी बहवे अणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया एसणासमिया आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिया उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिद्वावणियासमिया मणगुत्ता वयगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिंदिया गुत्तवंभयारी अममा अकिंचणा छिण्णग्गंथा छिण्णसोया निरुवलेवा कंसपाईव मुक्कतोया संख इव निरंगणा जीवो विव अप्पडिहयगई जच्चकणगंपिव जायरूवा आदरिसफलगाविव पागडभावा कुम्मो इव गुत्तिंदिया पुक्खरपत्तं व निरुवलेवा गगणमिव निरालंबणा अणिलो इव निरालया चंदो इव सोमलेसा सूरो इव दित्ततेया सागरो इव गंभीरा विहगो इव सव्वओ विप्पमुक्का मंदरो इव अप्पकंपा सारयसलिलं व सुद्धहियया खग्गिविसाणं व एगजाया भारंडपक्खी व अप्पमत्ता कुंजरो इव सोंडीरा वसभो इव जायत्थामा सीहो इव दुद्धरिसा वसुंधरा इव सव्वकासविसहा सुहुयहुयासणे इव तेयसा जलंता नस्थि णं तेसि णं भगवंताणं कत्थइ पडिवंधे भवइ, से य पडिबंधे चउबिहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ खित्तओ कालओ भावओ, दवओ णं सचित्ताचित्तमीसिएम दव्वेम, खेत्तओ गामे वा णयरे वा रण्णे वा खेत्ते वा खले वा घरे वा अंगणे वा, कालओ समए वा आवलियाए वा जाव अयणे वा अण्णयरे वा दीहकालसंजोगे, भावओ कोहे वा माणे वा मायाए वा लोहे वा भए वा हासे वा एवं तेसिं ण भवइ । ते णं भगवंतो वासावासवजं अट्ठ गिम्हहेमंतियाणि मासाणि गामे एगराइया गयरे पंचराइया वासीचंदणसमाणकप्पा समलेटुकंचणा समसुहदुक्खा इहलोगपरलोगअप्पडिबद्धा संसारपारगामी कम्मणिग्घायणट्ठाए अब्भुठिया विहरंति ॥ १६ ।। तेसि णं भगवंताणं एएणं विहारेणं विहरमाणाणं इमे एयारूवे अभितरबाहिरए तवोवहाणे होत्था, तंजहा-अभितरए छव्विहे बाहिरएवि छविहे ॥ १७ ॥ से किं तं बाहिरए ? २ छविहे प०, तंजहा-अणसणे ऊणो(अवमो)यरिया भिक्खायरिया रसपरिच्चाए कायकिलेसे पडिसंलीणया। से किं तं अणसणे ? २ दुविहे पण्णने, तंजहा—इत्तरिए य आवकहिए य । से किं तं इत्तरिए ? २ अणेगविहे पण्णते, तंजहा–चउत्थभत्ते छट्ठभत्ते अट्ठभत्ते दसमभत्ते बारसभत्ते चउद्दसभत्ते सोलसभत्ते अद्धमासिए भत्ते मासिए भत्ते दोमासिए भत्ते तेमासिए भत्ते चउमासिए भत्ते पंचमा. सिए भत्ते छम्मासिए भत्ते, से तं इत्तरिए । से किं तं आवकहिए ? २ दुविहे पण्णते, तंजहा—पाओवगमणे य भत्तपच्चक्खाणे य । से किं तं पाओवगमणे ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा--वाघाइमे य निव्वाघाइमे य नियमा अप्पडिकम्मे, से तं पाओवगमणे । सें किं तं भत्तपच्चक्खाणे ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-वाघाइमे य निव्वाघाइमे य णियमा सप्पडिकम्मे, से तं भत्तपच्चक्खाणे, से तं अणसणे। से किं तं Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इंदियपडिसंलीणया] सुत्तागमे ओमोयरिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-दव्वोमोयरिया य भावोमोयरिया य, से किं तं दव्वोमोयरिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-उवगरणदव्वोमोयरिया य भत्तपाणदव्वोमोयरिया य । से किं तं उवगरणदव्वोमोयरिया ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-एगे वत्थे एगे पाए चियत्तोवगरणसाइजणया, से तं उवगरणदव्वोमोयरिया। से किं तं भत्तपाणदव्योमोयरिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-अट्ठपमाणमेत्ते कवले आहारमाणे अप्पाहारे, दुवालसपमाणमेत्ते कवले आहारमाणे अवड्डोमोयरिया, सोलसपमाणमेत्ते कवले आहारमाणे दुभागपत्तोमोयरिया, चउव्वीसपमाणमेत्ते कवले आहारमाणे पत्तोमोयरिया, एकतीसपमाणमेत्ते कवले आहारमाणे किंचूणोमोयरिया बत्तीसपमाणमेत्ते कवले आहारमाणे पमाणपत्ता एत्तो एगेणवि घासेणं ऊणयं आहारमाहारेमाणे समणे णिग्गंथे णो पकामरसभोइत्ति वत्तव्वं सिया, से तं भत्तपाणदव्वोमोयरिया, से तं दव्वोमोयरिया । से किं तं भावोमोयरिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-अप्पकोहे अप्पमाणे अप्पमाए अप्पलोहे अप्पसद्दे अप्पझंझे, से तं भावोमोयरिया, से तं ओमोयरिया। से किं तं भिक्खायरिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहादव्वाभिग्गहचरए वेत्ताभिग्गहचरए कालाभिग्गहचरए भावाभिग्गहचरए उक्खित्तचरए णिक्खित्तचरए उक्खित्तणि क्खित्तचरए णिक्खित्तउक्खित्तचरए वहिजमाणचरए साहरिजमाणचरए उवणीयचरए अवणीयचरए उवणीयअवणीयचरए अवणीयउवणीयचरए संसट्टचरए असंसट्ठचरए तज्जायसंसट्ठचरए अण्णायचरए मोणचरए दिट्ठलाभिए अदिट्टलाभिए पुट्ठलाभिए अपुट्ठलाभिए भिक्खलाभिए अभिक्खलाभिए अण्णगिलायए ओवणिहिए परिमियपिंडवाइए सुद्धेसणिए संखायत्तिए, से तं भिक्खायरिया । से किं तं रसपरिच्चाए ? २ अणेगविहे पण्णत्ते, तंजहा-णिव्वि(य)तिए पणीयरसपरिच्चाए आयंबिलए आयामसित्थभोई अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लहाहारे, से तं रसपरिच्चाए । से कि तं कायकिलेसे? २ अणेगविहे पण्णत्ते, तंजहा-ठाणढिइए ठाणाइए उक्कुडुआसणिए पडिमट्ठाई वीरासणिए नेसज्जिए दंडायए लउडसाई आयावए अवाउडए अकंडुयए अणिट्ठहए सव्वगायपरिकम्मविभूसविप्पमुक्के से तं कायकिलेसे । से किं तं पडिसंलीणया? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा-इंदियपडिसंलीणया कसायपडिसलीणया जोगपडिसंलीणया विवित्तसयणासणसेवणया, से किं तं इंदियपडिसंलीणया ? २ पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-सोइंदियविसयप्पयार. निरोहो वा सोइंदिय विसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिग्गहो वा चक्खिदियविसप्यपयारनिरोहो वा चक्खिदियविसयपत्तेसु अत्थेमु रागदोसनिग्गहो वा घाणिंदियविसयप्पया. रनिरोहो वा घाणिंदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रोगदोसनिग्गहो वा जिभिदियविसयप्प Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं थारनिरोहो वा जिभिदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिग्गहो वा फासिंदियविसयप्पयारनिरोहो वा फासिंदियविसयपत्तेसु अत्थेसु रागदोसनिग्गहो वा, से तं इंदियपडिसंलीणया । से किं तं कसायपडिसंलीणया ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा-कोहस्सुदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा कोहस्स विफलीकरणं माणस्मुदयनिरोहो वा उदयपत्तस्स वा माणस्स विफलीकरणं मायाउदयणिरोहो वा उदयपत्ताए या मायाए विफलीकरणं लोहस्सुदयणिरोहो वा उदयपत्तस्स वा लोहस्स विफलीकरणं, से नं कसायपडिसलीणया ? से किं तं जोगपडिसंलीणया? २ तिविहा पण्णत्ता, जहामणजोगपडिसलीणया वयजोगपडिसंलीणया कायजोगपडिसंलीणया । से किं तं मणजोगपडिसंलीणया ? २ अकुसलमणणिरोहो वा कुसलमणउदीरणं वा, से तं मणजोगपडिसंलीणया। से किं तं वयजोगपडिसलीणया? २ अकुसलवणिरोहो वा कुसलवयउदीरणं वा, से तं वयजोगपडिसंलीणया। से किं तं कायजोगपडिसंलीणया ? २ जण्णं सुसमाहियपाणिपाए कुम्मो इव गुत्तिदिए सव्वगायपडिसंलीणे चिट्ठइ, से तं कायजोगपडिसंलीणया। से किं तं विवित्तसयणासणसेवणया ? २ ज णं आरामेम उजाणेसु देवकुलेसु सभासु पवासु पणियगिहेसु पणियसालासु इत्थीपसुपंडगसंपत्त विरहियासु वसहीसु फासुएसणिजपीढफलगसेज्जासंथारगं उवसंपजित्ता णं विहरद, से तं पडिसंलीणया, सेतं बाहिरए तवे ॥१८॥ से किं तं अभितरए तवे ? २ छबिहे पण्णत्ते, तंजहा-पायच्छित्तं विणओ वेयावच्चं सज्झाओ झाणं विउस्सग्गो । से कि तं पायच्छित्ते ? २ दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-आलोयणारिहे पडिक्कमणारिहे तदुभयारिहे विवेगारिहे विउस्सग्गारिहे तवारिहे छेयारिहे मूलारिहे अणवठ्ठप्पारिहे पारंचियारिहे, से तं पायच्छित्ते । से किं तं विणए ? २ सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहा-णाणविणए दसणविणए चरित्तविणए मणविणए वइविणए कायविणए लोगोवयारविणए। से कि तं णाणविणए ? २ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-आभिणिबोहियणाणविणए सुग्रणाविणए ओहिणाणविणए मणपजवणाणविणए केवलणाणविणए से तं णाणविणए। से किं तं दंसणविणए ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-सुस्सूसणाविणए अणञ्चासायणाविणए । से किं तं सुस्सूसणाविणए ? २ अणेगविहे पण्णत्ते, तंजहा-अब्भुट्ठाणे इ वा आसणाभिग्गहे इ वा आसणप्पयाणे इ वा सक्कारे इ वा सम्माणे इ वा किइकम्मे इ वा अंजलिपग्गहे इ वा एतस्स अणुगच्छणया ठियस्स पजुवासणया गच्छंतस्स पडिसंसाहणया, से तं सुस्सूसणाविणए ॥ से किं तं अणञ्चासायणाविणए ? २ पणयालीसविहे पण्णत्ते, तंजहा-अरहंताणं अणच्चासायणया अरहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अणश्चासायणया आयरियाणं अणच्चासायणया एवं उवज्झायाणं थेराणं कुलस्स गणस्स संघस्स Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रुद्दझाणलक्खणा] सुत्तागमे किरियाणं संभोगियस्स आभिणिबोहियणाणस्स सुयणाणस्स ओहिणाणस्स मणपजवणाणस्स केवलणाणस्स एएसिं चेव भत्तिबहुमाणे एएसिं चेव वण्णसंजलणया, से तं अणच्चासायणाविणए से तं दंसणविणए । से किं तं चरित्तविणए ? २ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-सामाइयचरित्तविणए छेदोवट्ठावणियचरित्तविणए परिहारविसुद्धिचरित्तविणए मुहुमसंपरायचरित्तविणए अहक्खायचरित्तविणए, से तं चरित्तविणए । से किं तं मणविणए ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-पसत्थमणविणए अपसत्थमणविणए। से किं तं अपसत्थमणविणए ? २ जे य मणे सावज्जे सकिरिए सककसे कडए णिहरे फरसे अण्हयकरे छेयकरे भेयकरे परितावणकरे उद्दवणकरे भूओवघाइए तहप्पगारं मणो णो पहारेजा, से तं अपसत्थमणोविणए। से किं तं पसत्थमणोविणए ? २ तं चेव पसत्यं णेयव्वं, एवं चेव वइविणओऽवि एएहिं पएहिं चेव णेयव्वो, से तं वइविणए । से किं तं कायविणए ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहापसत्थकायविणए अपसत्थकायविणए । से किं तं अपसत्थकायविणए ? २ सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहा-अणात्तं गमणे अणाउत्तं ठाणे अणाउत्तं निसीयणे अणाउत्तं तुयदृणे अणाउत्तं उल्लंघणे अणाउत्तं पल्लंघणे अणाउत्तं सव्विदियकायजोगजुंजणया, से तं अपसत्थकायविणए । से किं तं पसत्थकायविणए ? २ एवं चेव पसत्थं भाणियव्वं, से तं पसत्थकायविणए, से तं कायविणए । से किं तं लोगोवयारविणए ? २ सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहा-अब्भासवत्तियं परच्छंदाणुवत्तियं कजहेउं कयपडिकिरिया अत्तगवेसणया देसकालण्णुया सव्वढेसु अप्पडिलोमया, से तं लोगोवयारविणए, से तं विणए। से किं तं वेयावच्चे ? २ दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-आयरियवेयावच्चे उवज्झायवेयावच्चे सेहवेयावच्चे गिलाणवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चे थेरवेयावच्चे साहम्मियवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे संघवेयावच्चे, से तं वेयावच्चे । से किं तं सज्झाए ? २ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-बायणा पडिपुच्छणा परियट्टणा अणुप्पेहा धम्मकहा, से तं सज्झाए । से किं तं झाणे ? २ चउबिहे पण्णत्ते, तंजहा-अदृज्झाणे रुद्दज्झाणे 'धम्मज्झाणे मुक्कज्झाणे, अज्झाणे चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-अमणुण्णसंपओगसंपउत्ते तस्स विप्पओगस्सतिसमण्णागए यावि भवइ, मणुण्णसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओगस्सतिसमण्णागए यावि भवइ, आयंकसंपओगसंपउत्ते तस्स विप्पओगस्सतिसमण्णागए यावि भवइ, परिजूसियकामभोगसंपओगसंपउत्ते तस्स अविप्पओगस्सतिसमण्णागए यावि भवइ । अस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता, तंजहाकंदणया सोयणया तिप्पणया विलवणया। रुद्दज्झाणे चउबिहे पण्णत्ते, तंजहा'हिंसाणुबंधी मोसाणुवंधी तेणाणुबंधी सारक्खणाणुबंधी, रुद्दस्स णं झाणस्स चत्तारि Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुता [ ओववाइयसुक्तं लक्खणा पण्णत्ता, तंजहा- उसण्णदोसे बहु दोसे अण्णाण दोसे आमरणंतदोसे। धम्मज्झाणे चउव्विहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते, तंजहा - आणाविजए अवायविजए विवागविजए संठाणविजए । धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता, तंजहा - आणारुई 'णिसग्गरुई उवएसरुई सुत्तरुई, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारिं आलंबणा पण्णत्ता, तंजा - वायणा पुच्छणा परियहणा धम्मकहा, धम्मस्स णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पण्णत्ताओ, तंजा - अणिच्चाणुप्पेहा असरणाणुप्पेहा एगत्ताणुप्पेहा संसाराणु पेहा । सुक्कज्झाणे चव्विहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते, तंजहा - पुहुत्तवियके सवियारी १ गत्तविय अवियारी २ सुहुमकिरिए अप्पडिवाई ३ समुच्छिन्नकिरिए अणियही ४, सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि लक्खणा पण्णत्ता, तंजहा - विवेगे विउसग्गे अव्वहे असम्मोहे, सुक्कस्स णं झाणस्स चत्तारि आलंबणा पण्णत्ता, तंजहा खंती मुक्ती अजवे मद्दवे, सुक्कस णं झाणस्स चत्तारि अणुप्पेहाओ पण्णत्ताओ, तंजहावायाणुप्पेहा असुभाणुप्पेहा अनंत वित्तियाणुप्पेहा विप्परिणामाणुप्पेहा, से तं झाणे ॥ सै किं तं विउस्सग्गे ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा - दव्वविउस्सग्गे भावविउस्सग्गे य । से किं तं दव्वविउस्सग्गे ? २ चउत्रिहे पण्णत्ते, तंजहा - सरीरविउस्सग्गे गणविउस्सग्गे उवहिविउस्सग्गे भत्तपाणविउस्सग्गे, से तं दव्वविउस्सग्गे से किं तं भावविउस्सग्गे ? २ तिविहे पण्णत्ते, तंजहा - कसायविउस्सग्गे संसारविसग्गे कम्मविउस्सग्गे, से किं तं कसायविउस्सग्गे ? २ चउव्विहे पण्णत्ते, तंजहा- कोहकसायविउस्सग्गे माणकसायविस्सग्गे मायाकसायविउस्सग्गे लोहकसायविउस्सग्गे, से तं कसायविउस्सग्गे, से किं तं संसारविउस्सग्गे ? २ चउव्विहे पण्णत्ते, तंजहा रइयसंसारविउस्सग्गे तिरियसंसारविउस्सग्गे मणुयसंसार विउस्सग्गे देवसंसार विस्सगे, से तं संसारविउस्सग्गे, से किं तं कम्मविउस्सग्गे ? २ अट्ठविहे पण्णत्ते, तंजहाणाणावरणिज्जकम्मविउस्सग्गे दरिसणावरणिज्जकम्मविउस्सग्गे वेयणीयकम्मविउसग्गे मोहणीयकम्मविउस्सग्गे आउयकम्मविउस्सग्गे णामकम्मविउस्सग्गे गोयकम्मविउस्सग्गे अंतरायकम्मविउस्सग्गे, से तं कम्मविउस्सग्गे, से तं भावविउस्सगे, से तं विउस्सग्गे ॥ १९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अणगारां भगवंतो अप्पेगइया आयारधरा जाव विवागसुयधरा तत्थ तत्थ तहिं तहिं देसे देसे गच्छागच्छ गुम्मागुम्मि फड्डाफड्डि अप्पेगइया वायंति अप्पेगइया पडिपुच्छंति अप्पेगइया परियहंति अप्पेगइया अणुप्पेहंति अप्पेगइया अक्खेवणीओ विक्खेवणीओ संवेयणीओ णिव्वेयणीओ चउव्विहाओ कहाओ कहंति अप्पेगइया उडुंजाणू अहोसिरा झाणकोट्ठोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरति । १२ Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवागमणं ] सुत्तागमे संसारभउब्विग्गा भीया जम्मण जर मरणकरणगंभीरदुक्ख पक्खुब्भिय पउरसलिलं संजोगविओगवीइर्चितापसंग पसरियवहबंध महलविउलकल्लोलकलुणविलवियलोभकलकलंतबोलबहुलं अवमाणणफेणतिव्वखिंसणपुलंपुलप्पभूयरोगवेयणपरिभवविणिवाय १३ फरुसधरिसणासमावडियकठिणकम्मपत्थरतरंगरंगंतनिच्चमच्चुभयतोयपठ्ठे कसायपायालसंकुलं भवसयसहस् सकलराजलसंचयं परभयं अपरिमियमहिच्छ कलुसमइवाउवेगउद्धुम्ममाणदगरयरयंधयारवरण पर आसापिवासधवलं मोहमहावत्तभोगभममाणगुप्पमाणुच्छलंत पचोणियत्तपाणियपमायचं डबहुदुदसावयसमाहउद्धायमाणपब्भार घोरकंदियमहारवरवंत भेरवरवं अण्णाणभमंतमच्छ परिहत्थअणिहुइंदियमहामगरतुरियचरियखोखुम्भमाणनतचवलचंचलचलंतघुम्मंतजलसमूहं अरइभयविसायसोगमिच्छत्तसेलर्सकडे अणाइस ताणकम्मबंधणकिलेस चिक्खिलसुदुत्तारं अमरनरतिरियनिरयगइगमणकुडिल परिवत्तविउलवेलं चउरंतमहंतमणवदग्गं रुदं संसारसागरं भीमदर - सणिजं तरंति धिणियनिष्पकंपेण तुरियचवलं संवरवेरग्गतुंगकूवय सुसं पउत्तेणं गाणसियविमलमृसिएणं सम्मत्तविमुद्धद्धणिजामरणं धीरा संजमपोएण सीलकलिया पतत्थज्याणनववष्यपणोहियपहाचिएणं उज्जमववसायग्गहियणिज्जरणजयणउवओगणाणदंसण विशुद्धयमंड भरियसारा जिणवरवयणोवदिमग्गेणं अकुडिलेण सिद्धिमहापट्टणाभिमुा समणवरसत्थवाहा सुमुसुभासपहसासा गाने गाये एगराय गरे गरे पंचरामं जन्ता जिइंदिया णिमया गयभया सचित्ता चित्तमीसिएसु दव्वे विराग गया मंजया विरया मुत्ता लहुया णिरवकखा साहू णिहुया चरंति धम्मं ॥ २० ॥ ते काले तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स वहवे असुरकुमारा देवा अंतियं पारम्भवितथा कालमहाणीलसरिसणीलगुलियगवलअयसिकुसुमप्पासा वियसियस्यवत्तमिव पत्तल निम्मलईसिसियरत्ततंवण्यणा गरुलाययउजु तुंगणासा उवचियसिलवालबिंब फलसणिमाहरोहा पंडुरससिसयलविमलणिम्मलसंखगोक्खीरफेणद्गरयगुणालियाचवलदंतसेडी हुयवहणिर्द्धत धोयतत्ततवणिज्जरत्ततलतालुजीहा अंजणघणकसिणरुयगरमणिजाणिद्धकेसा वामेगकुंडलधरा अद्दचंदणाणुलित्तगत्ता । इसिसिलिंपुष्करपगासाई सहमाई असकिलिहाई वत्थाई पवरपरिहिया चयं च पढमं समता विश्यं च वयं असंपत्ता भद्दे जोव्वणे वट्टमाणा तलभंगयतुडियपवरभूसणनिम्मलमणिरयणमंडियभुया दसमुद्दामंडियग्गहत्था चूलामणिचिधगया सुरूवा महिडिया महजुझ्या महब्बला महायसा महासोक्खा महाणुभागा हारविराइयवच्छा कडगतुडियर्थभियभुया अंगयकुंडलमनुगंडतलकण्णपीढधारी विचित्तवत्थाभरणा विचितमालामउलिमउडा काणक्यपवरवत्थपरिहिया कलाणक्यपवरमल्लाणु Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं लेवणा भासुरबोंदी पलंबवणमालधरा। दिव्वेणं वण्णेणं दिव्वेणं गंधेणं दिव्येणं रूवेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघाए(घयणे)णं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाए इडीए दिव्वाए जुत्तीए दिव्वाए पभाए दिव्वाए छायाए दिव्वाए अच्चीए दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं आगम्मागम्म रत्ता समणं भगवं महावीरं तिकावुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति २ ता वंदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता णच्चासण्णे णाइदुरे मुस्सूसमाणा णमंसमाणा अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पजुवासंति ॥ २१ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्त बहवे असुरिंदवज्जिया भवणवासी देवा अंतियं पाउब्भवित्था णागपइणो सुवण्णा विजू अग्गीया दीवा उदही दिसाकुमारा य पवण. थणिया य भवणवासी णागफडागरुलवयरपुण्णकलससीहहयगयमगरमउडवद्धमाणणिजुत्तविचित्तचिंधगया सुरूवा महिड्डिया सेसं तं चेव जाव पजुवासंति ॥ २२ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे वाणमंतरा देवा अंतियं पाउब्भवित्था पिसाया भूया य जक्खरक्खसकिनरकिंपुरिसभुयगवइणो य महाकाया गंधव्वणिकायगणा णिउणगंधव्वगीयरइणो अणपण्णियपणपणियइसिवादियभूयवादियकंदियमहाकंदिया य कुहंडपयए य देवा चंचलचवलचित्तकीलणदवप्पिया गंभीरहसियभणियपीयगीयणचणरई वणमालामेलमउडकुंडलमच्छंदविउवियाहरणचारुविभूसणधरा सव्वोउयसुरभिकुसुमसुरइयपलंबसोभतकंतवियसंतचित्तवणमालरइयवच्छा कामगमी कामरूवधारी णाणाविहवण्णरागवरवत्थचित्तचिलियणियंसणा विविहदेसीणेवत्थग्गहियवेसा पमुइयकंदप्पकलहकेलिकोलाहलम्पिया हासबोलबहुला अणेगमणिरयणविविहणिजुत्तविचित्तचिंधगया सुरूवा महिड्डिया जाव पजुवासंति ॥ २३ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे जोइसिया देवा अंतियं पाउब्भवित्था विहस्सई चंदसूरसुक्कसणिञ्चरा राहू धूमकेऊ बुहा य अंगारका य तत्ततवणिजकणगवण्णा जे य गहा जोइसंमि चारं चरति केऊ य गइरइया अट्ठावीसविहा य णक्खत्तदेवगणा णाणासंठाणसंठियाओ य पंचवण्णाओ ताराओ ठियलेस्सा चारिणो य अविस्साममंडलगई पत्तेयं णामंकपागडियचिंधमउडा महिड्डिया जाव पजुवासंति ॥ २४ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स वेमाणिया देवा अंतियं पाउब्भवित्था सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलतगमहामुक्कसहस्साराणयपाणयारणअच्चुयवई पहिट्ठा देवा जिणदंसणुस्सुयागमणजणियहासा पालगपुप्फगसोमणससिरिवच्छणंदियावत्तकामगमपीइगममणोगमविमलसव्वओभद्दणामधिजेहिं विमाणेहिं ओइण्णा वंदगा जिणिंदं । मिगमहिसवराहछगलदइरहयगयवइभुयगख Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जणजिणाइसेसदसणं] सुत्तागमे ग्गरसभंकविडिमपागडियचिंधमउडा पसिढिलवरमउडतिरीडधारी कुंडलउजोवियाणणा मउडदित्तसिरया रत्ताभा पउमपम्हगोरा सेया सुभवण्णगंधफासा उत्तमविउव्विणो विविहवत्थगंधमल्लधरा महिड्डिया महजुइया जाव पंजलिउडा पन्जुवासंति ॥ २५ ॥ तए णं चंपाए नयरीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहेसु महया जणसद्दे इ वा जणवूहे इ वा जणबोले इ वा जणकलकले इ वा जणुम्मी ति वा जणुक्कलिया इ वा जणसन्निवाए इ वा बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सयंसंबुद्धे पुरिमुत्तमे जाव संपाविउकामे पुव्वाणुपुट्वि चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इहेव चंपाए णयरीए बाहिं पुण्णभद्दे उज्जाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तं महप्फलं खलु भो देवाणुप्पिया! तहारूवाणं अरहंताणं भगवंताणं णामगोयस्सवि सवणयाए, किमंगपुण अभिगमणवंदणणमंसणपडिपुच्छणपजुवासणयाए ?, एक्कस्स वि आयरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवणयाए ?, किमंगपुण विउलस्स अत्थस्स गहणयाए ?, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीरं वंदामो णमंसामो सक्कारेमो सम्माणेमो कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं [विणएणं] पज्जुवासामो एयं णे पेञ्चभवे इहभवे य हियाए सुहाए खमाए निस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइत्तिकद्दु बहवे उग्गा उग्गपुत्ता भोगा भोगपुत्ता एवं दुपडोयारेणं राइण्णा खत्तिया माहणा भडा जोहा पसत्थारो मल्लई लेच्छई लेच्छईपुत्ता अण्णे य बहवे राईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियइब्भसेढिसेणावइसत्थवाहपभिइओ अप्पेगइया वंदणवत्तियं अप्पेगइया नमसणवत्तियं एवं सकारवत्तियं सम्माणवत्तियं दंसणवत्तियं कोऊहलवत्तियं अप्पेगइया अट्ठविणिच्छयहेडं अस्सुयाइं सुणेस्सामो सुयाइं निस्संकियाइं करिस्सामो अप्पेगइया अट्ठाई हेऊई कारणाई वागरणाइं पुच्छिस्सामो । अप्पेगइया सव्वओ समंता मुण्डे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामो, पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्मं पडिवजिस्सामो, अप्पेगइया जिणभत्तिरागेणं अप्पेगइया जीयमेयंतिकटु व्हाया सिरसाकंठेमालकडा आविद्धमणिसुवण्णा कप्पियहारऽद्धहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तयमुकयसोहाभरणा पवरवत्थपरिहिया चंदणोलित्तगायसरीरा। अप्पेगइया हयगया एवं गयगया रहगया सिबियागया संदमाणियागया अप्पेगइया पायविहारचारिणो पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता महया उकिट्ठिसीहणायबोलकलकलरवेणं पक्खुब्भियमहासमुद्दरवभूयंपिव करेमाणा चंपाए णयरीए मझमज्झेणं णिग्गच्छंति २ त्ता जेणेव पुण्णभद्दे उजाणे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता समणस्स Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्ताईए तित्थयराइसेसे पासंति पासित्ता जाणवाहणाई ठावइंति २ त्ता जाणवाहणेहिंतो पञ्चोरुहंति पच्चोरुहित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्ग्युत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति करित्ता वंदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता णच्चामण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणा णमंसमाणा अभिमुहा विणएणं पंजलिउडा पन्जुवासंति ॥२६॥ तए णं से पवित्तिवाउए इमीसे कहाए लढे समाणे हट्ट जाव हियए हाए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमित्ता चंपाणयरिं मझमज्झेणं जेणेव बाहिरिया सव्वेव हेछिल्ला बत्तव्वया जाव णिसीयइ णिसीइत्ता तस्स पवित्तिवाउयस्स अद्धत्तेरससयसहस्साई पीइदाणं दलयइ २ ता सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ ॥ २७ ॥ तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते बलवाउयं आमंतेइ आमंतेत्ता एवं बयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकम्पेहि, हयगयरहपवरजोहकलियं च चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेहि, सुभद्दापमुहाण य देवीणं बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए पाडिएक्कपाडिएक्काइं जत्ताभिमुहाई जुत्ताई जाणाइं उवठ्ठवह, चंपं णयरिं सब्भितरबाहिरियं आसित्तसित्तसुइसम्मट्ठरत्थंतरावणवीहियं मंचाइमंच कलियं णाणाविहरागउच्छियज्झयपडागाइपडागमंडियं लाउलोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदण जाव गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह करित्ता कारवेत्ता एयमाणत्तियं पञ्चपिणाहि, निज्जाइस्सामि समणं भगवं महावीरं अभिवंदए ॥ २८ ॥ तए णं से बलवाउए कूणिएणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हतुट्ठ जाव हियए करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी-सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ २ त्ता हत्थिवाउयं आमंतेइ आमंतेत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! कृणियस्त रण्णो भंभसारपुत्तस्स आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेहि, हयगयरहपवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेहि सण्णाहित्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि । तए णं से हत्थिवाउए बलवाउयस्स एयमढे सोच्चा आणाए विणएणं वयणं पडिमुणइ पडिसुणित्ता छेयायरियउवएसमइविकप्पणाविकप्पेहिं सुणिउणेहिं उज्जलणेवत्थहत्थपरिवत्थियं सुसज्जं धम्मियसण्णद्धबद्धकवइयउप्पीलियकच्छवच्छगेवेयबद्धगलवरभूषणविरायंतं अहियतेयजुत्तं सललियवरकण्णपूरविराइयं पलंबउच्चूलमहुयरकयंधयारं चित्तपरिच्छेयपच्छ्यं पहरणावरणभरियजुद्धसजं सच्छत्तं सज्झयं सघंटे सपडागं पंचामलयपरिमंडियाभिरामं ओसारियजमलजुयलघंटे विजुपणद्धं व कालमेहं उप्पाइयपव्वयं व चंकमंत मत्तं गुलगुलंतं मणपवणजइणवेगं भीमं संगामियाओग्गं आभिसेकं हत्थिरयणं Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अट्टणसालापवेसो ] सुत्तागमे पडकप पडिकप्पेत्ता हयगयरहपवरजोह कलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहइ सण्णाहित्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ । तणं से बलवा जाणसालियं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सुभद्दापमुहाणं देवीणं बाहिरियाए उवद्वाणसालाए पाडिएकपाडिएक्काई जत्ताभिमुहाई जुत्ताइं जाणारं उद्ववेहि २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि । तए णं से जाणसालिए बलवाउयस्स एयमहं आणाए विणणं वयणं पडिसुणेइ पडिणित्ता 'जेणेव जाणसाला तेणेव उवागच्छइ तेणेव उवागच्छित्ता जाणारं पच्चुवेक्खेइ २ ता जाणारं संपमजेइ २ त्ता जाणारं संवर जाणारं संवट्टेत्ता जाणारं णीणेइ जाणाईं णीणेत्ता जाणाणं दूसे पवीणेइ २ त्ता जाणाईं समलंकरेइ २ त्ता जाणाई वरभंडगमंडियाई करेइ २ त्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छर तेणेव उवागच्छित्ता वाहणाईं पचुवेक्खेइ २ ता वाहणाई संपमज्जइ २ त्ता वाहणाई णीणेइ २ ता वाहणाई अप्फालेइ २ त्ता दूसे पवीणे २ त्ता वाहणाईं समलंकरेइ २ त्ता वाहणाई 'वरभंडगमंडियाई करेइ २ त्ता वाहणारं जाणाई जोएइ २ त्ता पओयलट्ठि पओयवरे य समं आहइ आडहित्ता वहमग्गं गाहेइ २ त्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ २त्ता बलवाउयस्स एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणइ । तए णं से बलवाउए णयरगुत्तियं आमंते २ ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चंपं णयरिं सभितरबाहिरियं आसित जाव कारवेत्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि । तए णं से णयरगुत्तिए बलवाउयस्स एयमङ्कं आणाए विणणं ( वयणं ) पडिसुणेइ २ त्ता चंप णयरिं सब्भितरबाहिरियं आसित्त जाव कारवेत्ता जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ २ ता यमाणत्तियं पचपिणइ । तए णं से बलवाउए कोणियस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स अभिसेक हत्थरयणं पडिकपिये पासइ हयगय जाव सण्णाहियं पासह, सुभद्दापमुहाणं देवी पडिजाणाईं उवद्ववियाई पासइ, चंपं णयरिं सब्भितर जाव गंधवट्टिभूयं कयं पास, पासित्ता नुट्ठचित्तमाणंदिए पीयमणे जाव हियए जेणेव कूणिए राया भंसारपुत्ते तेणेव उवागच्छछ २ त्ता करयल जाव एवं वयासी- कम्पिए णं देवाणुप्पियाणं आभिसेक्के हत्थिरयणे हयगयरहपवरजोहकलिया य चाउरंगिणी सेणा सण्णा"हिया सुभद्दापमुहाणं च देवीणं बाहिरियाए य उवद्वाणसालाए पाडिएकपाडिएकाई जाभिमुहाई जुत्ता जाणाई उवद्वावियाई चंपा णयरी सब्भितरबाहिरिया आसित्त जाव गंधवट्टिभूया कया, तं निज्जंतु णं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीरं अभिवंदया ॥ २९ ॥ तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते बलवाउयस्स अंतिए एयमहं सोचा णिसम्म जाव हियए जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अट्टणसाल २ सुत्ता० १७ Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुर्त अणुपविसइ २ ता अणेगवायामजोग्गवग्गणवामद्दणमलजुद्धकरणेहिं संत परिस्संते सयपागसहस्सपागेहिं सुगंधतेलमाइएहिं पीणणिज्जेहिं दप्पणिजेहिं मणिज्जेहिं विहणिजेहिं सबिंदियगायपल्हायणिजेहिं अभिगेहिं अभिगिए समाणे तेछचम्मंसि पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलेहिं पुरिसेहिं छेएहिं दक्खेहिं पत्तद्वेहिं कुसलहि मेहावीहिं निउणसिप्पोवगएहिं अभिगणपरिमद्दणुव्वलणकरणगुणणिम्माएहिं अहिसुहाए मंसमुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउव्विहाए संवाहणाए संवाहिए समाणे अवगयग्वेयपरिस्समे अट्टणसालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छद तेणेव उवागच्छित्ता मजणघरं अणुपविसइ २ त्ता समुत्तजालाउलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमतले रमणिजे हाणमंडवंसि णाणामणिरयणभत्तिचित्तसि पहाणपीति सुहणिसण्णे सुद्धोदएहिं गंधोदएहिं पुप्फोदएहिं सुहोदएहिं पुणो २ कल्याणगपवरमजणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कलाणगपवरमजणावमाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाइयलहियंगे सरससुरहिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते । अहयसमहरघदूसरयणसुसंवुए सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्वहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तसुकयसोभे पिणद्धगेविजअंगुलिजगललियंगयललियायाभरणे वरकडगतुडियथंभियभुए अहियरूवसस्सिरीए मुद्दियापिंगलंगुलिए कुंडलउजोविआणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालंवपलंबमाणपडनुक्रयदत्तरिजे णाणामणिकणगरयणविमलमहरिहणिउणोवियमिसिमिसंतविरइयमुसिलिढविसिठ्ठलट्ठआविद्धवीरवलए। किं बहुणा ? कप्परुक्खए चेव अलंकियविभूसिए णरवई सकोरंटमछदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं चउचामरवालवीइयंगे मंगलजयसद्दकयालोए मजणघराओ पडिनिक्खमइ मजणघराउ पडिणिक्खमित्ता अणेगगणनायगदंडनायगराईसरतलवरमाडंबियकोडुबियइब्भसे ट्ठिसेणावइसत्थवाहदूयसंधिवालसद्धिं संपरिबुडे धवलमहामेहणिग्गए इव गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससिव्व पियदसणे णरवई जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेक्के हस्थिरयणे तणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता 'अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई णरवई दुखद । तए णं तस्स कूणियस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स आभिसेकं हत्थिरयणं दुरुढस्य समाणस्स तप्पढमयाए इमे अट्ठमंगलया पुरओ अहाणुपुवीए संपढ़िया, तंजहासोवत्थिय सिरिवच्छ णंदियावत्त वद्धमाणग भद्दासण कलस मच्छ दप्पण, तयाऽणंतरं च ण पुण्णकलसभिंगारं दिव्वा य छत्तपडागा सचामरा सणरइयआलोयदरिसणिज्जा वाउभ्यविजयवेजयंती य ऊसिया गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तयाऽणंतरं च णं वेरुलियभिसंतविमलदंडं पलंघकोरंटमल्लदामोवसोभियं चंदमंडल Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कोणियनिग्गमणं] सुत्तागमे १९ णिभं समूसियं विमलं आयवत्तं पवरं सीहासणं वरमणिरयणपायपीढं सपाउयाजोयसमाउत्तं बहुकिंकरकम्मकरपुरिसपायत्तपरिक्खित्तं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाऽणंतरं बहवे लट्ठिग्गाहा कुंतग्गाहा चावग्गाहा चामरग्गाहा पासग्गाहा पोत्थयग्गाहा फलगग्गाहा पीढग्गाहा वीणग्गाहा कुतुवग्गाहा हडप्फग्गाहा पुरओ अहाणु पुव्वीए संपट्ठिया । तयाऽणंतरं वहवे डंडिणो मुंडिणो सिहंडिणो जडिणो पिंछिणो हासकरा डमरकरा चाडकरा वादकरा कंदाप्पकरा दवकरा कोकडया किटिकरा वायंता गायंता हसंता णचंता भासंता सावेंता रक्खंता आलोयं च करेमाणा जयरसदं पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया । तयाऽणंतरं जच्चाणं तरमल्लिहायणाणं हरिमेलामउलमल्लियच्छाणं चुंचुच्चियललियपुलियचलचवलचंचलगईणं लंघणवग्गणधावणधोरणतिवईजइणसिक्खियगईणं ललंतलामगललायवरभूसणाणं मुहभंडगओचूलगथासगअहिलाणचामरगण्डपरिमंडियकडीणं किंकरवरतरुणपरिग्गहियाणं अट्ठसयं वरतुरगाणं पुरओ अहाणपुवीए संपट्ठियं । तयाऽणंतरं च णं ईसीदंताणं ईसीमत्ताणं ईसीतुंगाणं ईसीउच्छंगविसालधवलदंताणं कंचणकोसीपविट्ठदंताणं कंचणमणिरयणभूसियाणं वरपुरिसारोहगसंपउत्ताणं अट्ठसयं गयाणं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाऽणंतरं सच्छत्ताणं सज्झयाणं सघंटाणं सपडागाणं सतोरणवराणं सणंदिघोसाणं. सखिंखिणीजालपरिक्खित्ताणं हेमवयचित्ततिणिसकणगणिजुत्तदारुयाणं कालायससुकयणेमिजंतकम्माणं मुसिलिट्ठवत्तमंडलधुराणं आइण्णवरतुरगसुसंपउत्ताणं कुसलनरच्छेयसारहिसुसंपग्गहियाणं वत्तीसतोणपरिमंडियाणं सकंकडवडेंसगाणं सचावसरपहरणावरणभरियजुद्धसज्जाणं अट्ठसयं रहाणं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठियं । तयाऽणंतरं च णं असिसत्तिकोंततोमरसूललउडभिंडिमालधणुपाणिसजं पायत्ताणीयं पुरओ अहाणपुव्वीए संपट्ठियं । तए णं से कूणिए राया हारोत्थयसुकयरइयवच्छे कुंडलउज्जोवियाणणे मउडदित्तसिरए णरसीहे णरवई परिंदे णरवसहे मणुयरायवसभकप्पे अब्भहियरायतेयलच्छीए दिप्पमाणे हथिक्खंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धुव्वमाणीहिं २ वेसमणो चेव णरवई अमरवईसण्णिभाइ इड्डीए पहियकित्ती हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए समणुगम्ममाणमग्गे जेणेव पुण्णभद्दे उज्जाणे तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स कूणियस्स रण्णो भंभसारपुत्तस्स पुरओ महंआसा आसधरा उभओ पासिं णागा णागधरा पिट्ठओ रहसंगेल्लि । तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते अब्भुग्गयभिंगारे परगहियतालियंटे उच्छियसेयच्छत्ते पवीइयवालवीयणीए सव्विड्डीए सव्वजुत्तीए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वादरेणं सव्वविभूईए सव्वविभूसाए सव्वसंभमेणं सव्वपुप्फगंधमल्लालंकारेणं सव्व Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ ओववाइयसुतं डियद्दणिण एणं महया इड्डीए महया जुत्तीए महया बलेणं महया समुदएणं -महया वरतुडियजमगसमगप्पवाइएणं संखपणवपडहभेरिझलरिखरमुहिहुडुकमुखमुरवमुयंगदुंदुभिणिग्घोसणा इयरवेणं चंपाए णयरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छ ॥ ३० ॥ तए णं तस्स कूणियस्स रण्णो चंपानगरिं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छमाणस्स बहवे - अस्थिया कामत्थिया भोगत्थिया किब्बिसिया करोडिया लाभत्थिया कारवाहिया संखिया चक्किया णंगलिया मुहमंगलिया वद्धमाणा पुस्समाणवा खंडियगणा ताहि इहाहिं कंताहिं पियाहिं मणुष्णाहिं मणामाहिं मणोभिरामाहिं हिययगमणिजाहिं हिं जयविजयमंगलसएहिं अणवरयं अभिनंदंता य अभिधुणंता य एवं वयासीजय २ णंदा ! जय २ भद्दा ! भद्दं ते अजियं जिणाहि जियं (च) पालेहि जियमज्झे साहि । इंदो इव देवाणं चमरो इव असुराणं धरणो इव नागाणं चंदो व नाराणं भरो इव मणुयाणं बहूई वासाईं बहूई वाससयाई बहूई वाससहस्साइं बहूई वाससयसहस्साईं अणहसमग्गो हटुतुट्ठो परमाउं पालयाहि इट्ठजणसंपरिवुडो चंपाए णयरीए अण्णेसिं च बहूणं गामागरणयरखेड कब्बड मडंब दोण मुहपट्टण आसमनिगमसंवाहसंनिवेसाणं आहेवच्चं पोरेवचं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावश्यं कारेमाणे • पालेमाणे महयाऽऽहयणगीयवाइयतंतीतलतालतु डियघणमुयंगपडुप्पवाइयरवेणं विउलाई भोगभोगाईं भुंजमाणे विहराहित्तिकटु जय २ सद्दं पउंजंति । तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते णयणमालासहस्सेहिं पेच्छिजमाणे २ हिययमालासहस्सेहिं अभिदिजमा २ मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिप्पमाणे २ वयणमालासहस्सेहिं अभिधुव्वमाणे २ कंतिसोहग्गगुणेहिं पत्थिजमाणे २ बहूणं णरणारिसहस्साणं दाहिणहत्येर्ण अंजलि मालासहस्साइं पडिच्छमाणे २ मंजुमंजुणा घोसेणं पडिबुज्झमाणे २ भवणतिसहस्साई समइच्छमाणे २ चंपाए णयरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छर २ ता जेणेव पुणभद्दे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदुरसामंते छत्ताईए तित्थयराइसेसे पासइ पासित्ता आभिसेक्कं हत्थिरयणं ठवेर ठवित्ता आभिसेकाओ हत्थरयणाओ पचोरुहइ २ त्ता अवहट्टु पंच रायककुहाई, तंजहा-खग्गं छतं उप्फेसं वाहणाओ वालवीयणं, जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छर उवागच्छत्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छर, तंजहा- सचित्ताणं दव्वाणं विसरणयाए १ अचित्ताणं दव्वाणं अविसरणयाए २ एगसाडियं उत्तरासंग करणे ३ चक्खुकासे अंजलि पग्गहेणं ४ मणसो एगत्तभावकरणेणं ५ समणं भगवं महावीरं तिक्खुतो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वंदइ णमंसइ वंदिता मंसित्ता तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासर, तंजहा - काइयाए वाइयाए माणसियाए, २० Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अद्धमागहीभासा] सुत्तागमे काइयाए ताव संकुइयग्गहत्थपाए सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासइ, वाइयाए जं जं भगवं वागरेइ एवमेयं भंते ! तहमेयं भंते ! अवितहमेयं भंते ! असंदिद्धमेयं भंते ! इच्छियमेयं भंते ! पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! से जहेयं तुब्भे वदह अपडिकूलमाणे पज्जुवासइ, माणसियाए महया संवेगं जणइत्ता तिव्वधम्माणुरागरत्तो पज्जुवासइ ॥ ३१ ॥ तए णं ताओ सुभद्दापमुहाओ देवीओ अंतो अंतेउरंसि व्हायाओ सव्वालंकारविभूसियाओ बहूहिं खुजाहिं चेलाहिं वामणीहिं वडभीहिं बब्बरीहिं पओसियाहिं जोणियाहिं पण्हवियाहिं इसिगिणियाहिं वासिइणियाहिं लासियाहिं लउसियाहिं सिंहलीहिं दमिलीहिं आरबीहिं पुलंदीहिं पक्कणीहिं बहलीहिं मुरुंडीहिं सबरियाहिं पारसीहिं णाणादेसीविदेसपरिमंडियाहिं इंगियचिंतियपत्थियविजाणियाहिं सदेसणेवत्थग्गहियवेसाहिं चेडियाचकवालवरिसधरकंचुइजमहत्तरगवंदपरिक्खित्ताओ अंतेउराओ 'णिग्गच्छंति २ त्ता जेणेव पाडिएक्कजाणाइं तेणेव उवागच्छन्ति उवागच्छित्ता पाडिएकपाडिएक्काइं जत्ताभिमुहाइं जुत्ताई जाणाई दुरुहंति दुरूहित्ता णियगपरियालसद्धिं संपरिचुडाओ चंपाए णयरीए मझमज्झेणं णिग्गच्छंति णिग्गच्छित्ता जेणेव पुण्णभद्दे उजाणे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते छत्ताईए तित्थयराइसेसे पासंति पासित्ता पाडिएकपाडिएक्काइं जाणाई ठवंति ठवित्ता जाणेहिंतो पच्चोरुहंति पञ्चोरुहित्ता बहहिं खुजाहिं जाव परिक्खित्ताओ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छंति, तंजहा-सचित्ताणं दव्वाणं विउसरणयाए अचित्ताणं दव्वाणं अविउसरणयाए विणओणयाए गायलट्ठीए चक्खुप्फासे अंजलिपग्गहेणं मणसो एगत्तकरणेणं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेन्ति वंदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता कूणियरायं पुरओ कछु, ठिइयाओ चेव सपरिवाराओ अभिमुहाओ विणएणं पंजलिउडाओ पन्जुवासंति ॥ ३२ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे कूणियस्स भभसारपुत्तस्स सुभद्दापमुहाणं देवीणं तीसे य महइमहालियाए परिसाए इसिपरिसाए मुणिपरिसाए जइपरिसाए देवपरिसाए अणेगसयाए अणेगसयवंदाए अणेगसयवंदपरिवाराए ओहबले अइबले महब्बले अपरिमियबलवीरियतेयमाहप्पकंतिजुत्ते सारयनवत्थणियमहुरगंभीरकोंचणिग्घोसदुंदुभिस्सरे उरेवित्थडाए कंठेऽवट्ठियाए सिरे समाइण्णाए अगरलाए अमम्मणाए सव्वक्खरसण्णिवाइयाए पुण्णरत्ताए सव्वभासाणुगामिणीए सरस्सईए जोयणणीहारिणा सरेणं अद्धमागहाए भासाए भासइ अरिहा धम्मं परिकहेइ । तेर्सि सव्वेसि आरियमणारियाणं अगिलाए धम्ममाइक्खइ, साऽविय णं अद्ध Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइग्रसुतं मागहा भासा तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं अप्पणो सभासाए परिणामेणं मरिणमइ, तंजहा-अस्थि लोए अत्थि अलोए एवं जीवा अजीवा बंधे मोक्वे पुण्णे पावे आसवे संवरे वेयणा णिजरा अरिहंता चकवट्टी बलदेवा वासुदेवा नरगा णेरडया तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ माया पिया रिसओ देवा देवलोया सिद्धी सिद्धा परिणिव्वाणं परिणिब्बुया अस्थि पाणाइवाए मुसावाए अदिण्णादाणे मेहुणे परिग्गहे अत्थि कोहे माणे माया लोभे जाव मिच्छादसणमल्छे । अस्थि पाणाइवायवेरमणे मुसावायवेरमणे अदिण्णादाणवेरमणे मेहुणवेरमणे परिग्गहवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे सव्वं अत्थिभावं अस्थित्ति वयइ, सव्वं णस्थिभावं णस्थित्ति वयइ, सुचिण्णा कम्मा सुचिण्णफला भवंति, दुचिण्णा कम्मा दुचिण्णफला भवंति, फुसइ पुण्णपावे, पञ्चायति जीवा, सफले कलाणपावए । धम्ममाइक्खइ-इणमेव णिग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवलए संसुद्धे पडिपुण्णे णेयाउए सल्लकत्तणे सिद्धिमग्गे मुत्तिमग्गे णिव्वाणमग्गे णिजाणमग्गे अवितहमविसंधि सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे इहूट्ठिया जीवा सिझंति वुझंति मुञ्चति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं करंति । एगच्चा पुण एगे भयंतारो पुवकम्मावसेसेणं अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, महड्डिएसु जाव महामुक्खेम दुरंगइएस चिरट्टिइएसु, ते णं तत्थ देवा भवंति महड्डिया जाव चिरठिझ्या हारविराइयवच्छा जाव पभासमाणा कप्पोवगा गइकल्लाणा ठिइकल्लाणा आगमेसिभद्दा जाव पडिरूवा, तमाइक्खइ एवं खलु चउहिं ठाणेहिं जीवा णेरइयत्ताए कम्मं पकरंति णेरइयत्ताए कम्मं पकरेत्ता णेरइएसु उववजंति, तंजहा-महारंभयाए महापरिग्गयाए पंचिंदियवहेणं कुणिमाहारेणं, एवं एएणं अभिलावेणं तिरिक्खजोणिएसु माइलयाए णियडिलयाए अलियवयणेणं उकंचणयाए वंचणयाए, मणुस्सेसु पगइभइयाए पगयिणीययाए साणुक्कोसयाए अमच्छरिययाए, देवेसु सरागसंजमेणं संजमासंजमेणं अकामणिजराए बालतवोकम्मेणं तमाइक्खइ-जह णरगा गम्मति जे णरगा जा य वेयणा णरए । सारीरमाणसाइं दुक्खाई तिरिक्खजोणीए ॥१॥ माणुस्सं च अणिचं वाहिजरामरणवेयणापउरं । देवे य देवलोए देविष्टि देवसोक्खाइं ॥ २ ॥णरगं तिरिक्खजोणिं माणुसभावं च देवलोयं च । सिद्धे य सिद्धवसहिं छज्जीवणियं परिकहेइ ॥३॥ जह जीवा बझंति मुच्चंति जह य परिकिलिस्संति । जह दुक्खाणं अंतं करंति केई अपडिबद्धा ॥ ४ ॥ अदृदुहट्टियचित्ता जह जीवा दुक्खसागरमुर्विति । जह वेरग्गमुवगया कम्मसमुग्गं विहाडंति ॥ ५॥ जह रागेण कडाणं कम्माणं पावगो फलविवागो, जह य परिहीणकम्मा सिद्धा सिद्धालयमुर्विति ॥ ६ ॥ तमेव धम्मं दुविहं Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे सुभद्दाइउत्थाणं] आइक्खइ, तंजहा-अगारधम्मं अणगारधम्मं च, अणगारधम्मो ताव इह खलु सव्वओ सव्वत्ताए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयइ सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं मुसावाय० अदिण्णादाण० मेहुण० परिग्गह० राईभोयणाओ वेरमणं अयमाउसो ! अणगारसामइए धम्मे पण्णत्ते, एयस्स धम्मस्स सिक्खाए उवट्ठिए निग्गंथे वा निग्गंथी वा विहरमाणे आणाए आराहए भवइ । अगारधम्म दुवालसविहं आइक्खइ, तंजहा-पंच अणुव्वयाई ति ण्णि गुणव्वयाइं चत्तारि सिक्खावयाइं, पंच अणुव्वयाई, तंजहा-थूलाओ पाणाइवायाओ वेरमणं थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं थूलाओ अदिन्नादाणाओ वेरमणं सदारसंतोसे इच्छापरिमाणे, तिण्णि गुणव्वयाइं तंजहा-अणत्थदंडवेरमणं दिसिव्वयं उवभोगपरिभोगपरिमाणं, चत्तारि सिक्खावयाई, तंजहा-सामाइयं देसावगासियं पोसहोववासे अतिहिसंविभागे, अपच्छिमा मारणंतिया संलेहणाजूसणाराहणा अयमाउसो ! अगारसामइए धम्मे पण्णत्ते, अगारधम्मस्स सिक्खाए उवट्ठिए समणोवासए समणोवासिया वा विहरमाणे आणाए आराहए भवइ ॥ ३३ ॥ तए णं सा महइमहालिया मणूसपरिसा समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियया उट्ठाए उठेइ उठाए उठ्ठित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वंदए णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता अत्थेगइया मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया, अत्थेगइया पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवण्णा, अवसेसा णं परिसा समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासीमुअक्खाए ते भंते ! णिग्गंथे पावयणे एवं सुपण्णत्ते सुभासिए सुविणीए सुभाविइ अणुत्तरे ते भंते ! णिग्गंथे पावयणे, धम्मं णं आइक्खमाणा तुब्भे उवसमं आइक्खह, उवसमं आइक्खमाणा विवेगं आइक्खह, विवेवं आइक्खमाणा वेरमणं आइक्खह. वेरमणं आइक्खमाणा अकरणं पावाणं कम्माणं आइक्खह, णत्थि णं अण्णे केइ समणे वा माहणे वा जे एरिसं धम्ममाइक्खित्तए, किमंग पुण इत्तो उत्तरतरं ?, एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउभूया तामेव दिसं पडिगया ॥ ३४ ॥ तए णं कूणिए राया भंभसारपुत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हट्ठ जाव हियए उठाए उठेइ उठाए उद्वित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्युत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-सुअक्खाए ते भंते ! णिग्गंथे पावयणे जाव किमंग पुण एत्तो उत्तरतरं ?, एवं वदित्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए ॥ ३५ ॥ तए णं ताओ सुभद्दापमुहाओ देवीओ समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोचा णिसम्म Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे २४ [ओववाइयसुतं हतुट्ठ जाव हिययाओ उट्ठाए उद्वित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेन्ति २ त्ता वंदंति णमंसंति वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-मुअक्खाए ते भंते ! णिग्गंथे पावयणे जाव किमंग पुण इत्तो उत्तरतरं ?, एवं वदित्ता जामेव दिसिं पाउन्भूयाओ तामेव दिसि पडिगयाओ ॥ समोसरणं समत्तं ॥ ३६॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेटे अंतवासी इंदभुई नाम अणगारे गोयमसगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वइरोसहनारायसंघयणे कणगपुलगनिघसपम्हगोरे उग्गतवे दित्ततवे तत्ततवे महातवे घोरतवे उराले घोरे घोरगुणे घोरतवस्सी घोरबंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्तविउलतेयलेस्से समणस्स भगवओ महावीरस्स अदूरसामंते उर्बुजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं से भगवं गोयमे जायसढे जायसंसए जायकोऊहल्ले उप्पण्णसड्ढे उप्पण्णसंसए उप्पण्णकोउहल्ले संजायसढे संजायसंसए संजायकोऊहल्ले समुप्पण्णसड्ढे समुप्पण्णसंसए समुप्पण्णकोऊहल्ले उठाए उठेइ उट्ठाए उद्वित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छद तेणेव उवागच्छिता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसिता णञ्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अमिमुहे विणएणं पंजलिउडे पजुवासमाणे एवं वयासी-जीवे णं भंते ! असंजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंवुडे एगंतदंडे एगंतबाले एगंतसुत्ते पावकम्मं अण्हाइ ? हंता अण्हाइ १॥ जीवे णं भंते! असंजयअविरयअप्पडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंवुडे एगंतदंडे एगंतबाले एगंतसुत्ते मोहणिज्जं पावकम्मं अण्हाइ? हंता अण्हाइ २ । जीवे णं भंते ! मोहणिजं कम्मं वेदेमाणे किं मोहणिजं कम्मं बंधइ ? वेयणिज कम्म बंधइ?, गोयमा ! मोहणिजंपि कम्मं बंधइ वेयणिजंपि कम्मं बंधड, णण्णत्थ चरिममोहणिजं कम्मं वेदेमाणे वेयणिज कम्मं बंधइ णो मोहणिजे कम्मं बंधइ ३ । जीवे णं भंते ! असंजए अविरए अप्पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे सकिरिए असंबुडे एगंतदंडे एगंतबाले एगंतसुत्ते ओसण्णतसपाणघाई कालमासे कालं किश्चा गैरइएम उववजइ? हंता उववज्जइ ४ । जीवे णं भंते ! असंजए अविरए अपडिहयपश्चक्वायपावकम्मे इओ चुए पेच्चा देवे सिया? गोयमा ! अत्थेगइया देवे सिया अत्थेगइया णो देवे सिया, से केणटेणं भंते एवं वुच्चइ-अत्थेगइया देवे सिया अत्थेगइया णो देवे सिया? गोयमा ! जे इमे जीवा गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसण्णिवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामबंभचेरवासेणं अकामअण्हाणगसीयायवदंसमसगसेयजल्लमल्लपंकपरितावेणं अप्पतरो वा भुज्जतरो वा Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५ इत्थियाओ] सुत्तागमे कालं अप्पाणं परिकिलेसंति अप्पतरो वा भुजतरो वा कालं अप्पाणं परिकिलेसित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उववाए पण्णत्ते । तेसि णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पणत्ता ? गोयमा ! दसवाससहस्साई ठिई पण्णत्ता, अस्थि णं भंते ! तेसिं देवाणं इड्डी वा जुई वा जसे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा ? हंता अत्थि, ते णं भंते ! देवा परलोगस्साराहगा? णो इणढे समढे ५ । से जे इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसण्णिवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-अंडुबद्धगा णियलबद्धगा हडिबद्धगा चारगबद्धगा हत्थच्छिन्नगा पायच्छिन्नगा कण्णच्छिण्णगा पक्कच्छिण्णगा उट्ठच्छिन्नगा जिब्भच्छिन्नगा सीसच्छिन्नगा मुहच्छिन्नगा मज्झच्छिन्नगा वेकच्छच्छिन्नगा हियउप्पाडियगा णयणुप्पाडियगा दसणुप्पाडियगा वसणुप्पाडियगा गेवच्छिण्णगा तंडुलच्छिण्णगा कागणिमं-- सक्खाइयया ओलंबियगा लंबियया घंसियया घोलियया फाडियया पीलियया सूलाइयया सूलभिण्णगा खारवत्तिया वज्झवत्तिया सीहपुच्छियया दवग्गिदड्डगा पंकोसण्णगा पंके खुत्तगा वलयमयगा वसहमयगा णियाणमयगा अंतोसल्लमयगा गिरिपडियगा तरुपडियगा मरुपडियगा गिरिपक्खंदोलिया तरुपक्खंदोलिया मरुपक्खंदोलिया जलपवे-- सिगा जलणपवेसिगा विसभक्खियगा सत्थोवाडियगा वेहाणसिया गिद्धपिट्ठगा कंतारमयगा दुब्भिक्खमयगा असंकिलिट्ठपरिणामा ते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएमु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उववाए पण्णत्ते, तेसि णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! बारसवाससहस्साई ठिई पण्णत्ता । अत्थि णं भंते ! तेसिं देवाणं इड्डी वा जुई वा जसे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसक्कारपरक्कमे इ वा ? हंता अत्थि, ते णं भंते ! देवा परलोगस्साराहगा? णो इणढे समढे ६ । से जे इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसंनिवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-पगइभद्दगा पगइउवसंता पगईपतणुकोहमाणमायालोहा मिउमद्दवसंपण्णा अल्लीणा विणीया अम्मापिउसुस्सूसगा अम्मापिईणं अणइक्कमणिज्जवयणा अप्पिच्छा अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणा बहूई वासाई आउयं पालंति पालित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसिं उववाए पण्णत्ते, तेसि णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! चउद्दसवाससहस्सा ७ । से जाओ इमाओ गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबा Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे २६ [ओववाइयसुत्तं हसंनिवेसेसु इत्थियाओ भवंति, तंजहा-अंतो अंतेउरियाओ गयपइयाओ मयपढ्याओ बालविहवाओ छड्डियल्लियाओ माइरक्खियाओ पियर क्खियाओ भायर क्खियाओ कुलघररक्खियाओ ससुरकुलरक्खियाओ परूढणहमंसुकेसकक्खरोमाओ ववगयपुरमगंधमलालंकाराओ अण्हाणगसेयजल्लमलपंकपरितावियाओ ववगयखीरदहिणवणीयमपितलगुललोणमहुमज्जमंसपरिचत्तकयाहाराओ अप्पिच्छाओ अप्पारंभाओ अप्पपरिग्गहाओ अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणीओ अकामबंभचेरवासेणं तमेव पइसेजं णाइक्कमन्ति, ताओ णं इथियाओ एयान्वणं विहारेणं विहरमाणीओ बहूई वासाइं सेसं तं चेव जाव चउसद्धिं वाससहरूलाई ठिई पण्णत्ता ८ । से जे इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसन्निवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-दगबिइया दगतइया दगसत्तमा दगएकारसमा गोयमा गोव्वइया गिहिधम्मा धम्मचिंतगा अविरुद्धविरुदबुद्धसावगप्पभियओ तेसिं मणुयाणं णो कप्पइ इमाओ नव रसविगईओ आहारित्तए, तंजहा-खीरं दहिं णवणीयं सप्पि तेल्लं फाणियं महुं मजं मंसं, णण्णत्थ एकाए सरिसवविगईए, ते णं मणुया अप्पिच्छा तं चेव सव्वं णवरं चउरासीइवाससहस्साई ठिई पण्णता ९, 1 से जे इमे गंगाकूलगा वाणपत्था तावसा भवंति, तंजहा-होत्तिया पोत्तिया कोलिया जण्णई सदुई थालई हुंपउट्ठा दंतुक्खलिया उम्मजगा सम्मजगा निम्मजगा संपरवाला दक्षिणकूलगा उत्तरकूलगा संखधमगा कूलधमगा मिगलुद्धगा हत्थितावसा उदंडगा दिसापोक्खिणो वाकवासिणो अंबुवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो बलवासिणो रुक्खमूलिया अंबुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा नयाहारा पत्ताहारा पुप्पाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलतयपत्तपुप्फफलाहारा जलाभिसेयकढिणगायभूया आयावणाहिं पंचग्गितावहिं इंगालसोल्लियं कंडसोठियं कट्टसोदियंपिव अप्पाणं करेमाणा वहूई वासाइं परियागं पाउणंति बहूई वासाइं परियागं पाणिमा कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं जोइसिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, पलिओनमं वाससयसहस्समब्भहियं ठिई, सेसं तं चेव आराहगा? णो इण? समढे १० । से जे इमे जाव सन्निवेसेसु पव्वइया समणा भवंति, तंजहा-कंदप्पिया कुकुझ्या मोहरिया गीयरइप्पिया नच्चणसीला ते णं एएणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं सामण्णपरियायं पाउणंति २ त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअप्पडिकंता कालमासे कालं किया उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे कंदप्पिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तसिं गई तहिं तेसिं ठिई, सेसं तं चेव, णवरं पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं ठिई ११ । से जे इमे जाव सन्निवेसेसु परिव्वायगा भवंति, तंजहा-संखा जोई कविला मिउच्चा हंसा Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिव्वायगवण्णणं ] सुत्तागमे परमहंसा बहुउदया कुडिव्वया कण्हपरिव्वायगा, तत्थ खलु इमे अट्ठ माहणपरिव्वायगा भवति, तंजहा - कण्हे य करकंडे य, अंबडे य परासरे । कण्हे दीवायणे चेव, देवगुत्ते य नारए॥१॥ तत्थ खलु इमे अट्ठ खत्तियपरिव्वायया भवंति, तंजहा - सीलई ससिहारे य, गई भग्गई इ य | विदेहे रायाराया रायारामे वलेइ य ॥ १ ॥ ते णं परिव्वायगा रिउव्वेयजजुव्वेयसामवेयअहव्वणवेयइतिहासपंचमाणं णिग्घंदुछद्वाणं संगोवंगाणं सरहस्ताणं चण्हं वेयाणं सारगा पारगा धारगा वारगा सडंगवी सद्वितंतविसारया संखाणे सिक्खाकप्पे वागरणे छंदे णिरुत्ते जोइसामयणे अण्णेसु य वंभण्णएस य सत्थेसु सुपरिणिट्ठिया यावि हुत्था । ते णं परिव्वायगा दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणा पण्णवेमाणा पख्वेमाणा विहरंति, जण्णं अम्हे किंचि असुई भवइ तणं उदएण य मट्टियाए य पक्खालियं सुई भवइ, एवं खलु अम्हे चोखा चोक्खायारा सुई सुइसमायारा भवेत्ता अभिसेयजलपूयप्पाणो अविग्घेण सग्गं गमि - सामो, तेसि णं परिव्वायगाणं णो कप्पइ अगडं वा तलायं वा गई वा वाविं वा पुक्खरिणि वा दीहियं वा गुंजालियं वा सरं वा सागरं वा ओगाहित्तए, णण्णत्थ अद्धाणगमणे, णो कप्पइ सगडं वा जाव संदमाणियं वा दुरुहित्ता णं गच्छित्तए, तेसि णं परिव्वायगाणं णो कप्पइ आसं वा हत्थि वा उ वा गोणं वा महिसं वा खरं वा दुरुहित्ता णं गमित्तए, तेसि णं परिव्वायगाणं णो कप्पइ नडपेच्छा इ वा जाव मागहपेच्छा इ वा पेच्छित्तए, तेसिं परिव्वायगाणं णो कम्पइ हरियाणं लेसणया वा घट्टणया वा भणया वा लसणया वा उप्पाडणया वा करित्तए, तेसिं परिव्वायगाणं णो कम्मर इत्थिकहा इ वा भत्तकहा इ वा देसकहा इ वा रायकहा इ वा चोरकहा इ वा जणवयकहा इ वा अणत्थदंडं करित्तए, तेसि णं णो कप्पइ अयपायाणि वा तजयपाणि वा तंबपायाणि वा जसदपायाणि वा सीसगपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा अण्णयराणि वा बहुमुल्लाणि धारित्तए, णण्णत्थ लाउपाएण वा दारुपाएण वा मटियापाएण वा, तेसि णं परिव्वायगाणं णो कप्पर अयवंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि जाव बहुमुलाणि धारितए, तेसि णं परिव्वायगाणं गो कप्पर णाणाविहवण्णरागरत्तारं वत्थाई धारितए, णण्णत्थ एक्काए वाउरत्ताए तेसि णं परिव्वायगाणं णो कम्पइ हारं वा अद्धहारं वा एगावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा रयणावलिं वा मुरविं वा कंठमुरविं वा पालंबं वा तिसरयं वा कत्तिं वा दसमुद्दियाणंतगं वा कडयाणि वा तुडियाणि वा अंगयाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा मउड वा चूलामणिं वा पिणद्धित्तए, गण्णत्थ एगेणं तंबिएणं यवित्तएणं, तेसि णं परिव्वायगाणं णो कप्पड़ गंथिमवेढिमपूरिमसंघाइमे चउव्विहे मल्ले २७ Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे २८ [ओववाइयसुत्तं धारित्तए, णण्णत्थ एगेणं कण्णपूरेणं, तेसि णं परिव्वायगाणं णो कम्पइ अगलुएण वा चंदणेण वा कुंकुमेण वा गायं अणुलिंपित्तए, णण्णत्थ एकाए गंगामटियाए, तेसिणं कप्पइ मागहए पत्थए जलस्स पडिगाहित्तए, सेऽविय वहमाणे णो चेव णं अवहमाणे, सेऽविय थिमिओदए णो चेव णं कद्दमोदए, सेऽविय बहुपसण्णे णो चेव णं अबहपसण्णे, सेऽविय परिपूए णो चेव णं अपरिपूए, सेऽविय णं दिण्णे नो चेव गं अदिण्णे, सेऽविय पिबित्तए णो चेव णं हत्थपायचरुचमसपक्खालणट्ठाए सिणाइत्तए वा, तेसि णं परिव्वायगाणं कप्पइ मागहए अद्धाढए जलस्स पडिग्गाहित्तए, सेऽविय वहमाणे णो चेव णं अवहमाणे जाव णो चेव णं अदिण्णे, सेऽविय हत्थपायचरुचमसपक्खालणट्ठयाए णो चेवणं पिबित्तए सिणाइत्तए वा ते णं परिव्वायगा एयारवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं परियायं पाउणंति २ ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तर्हि तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई दस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता, सेसं तं चेव १२ ॥३७॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अम्मडस्स परिव्वायगस्स सत्त अंतेवासिसयाई गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामृलमासंसि गंगाए महानईए उभओकूलेणं कंपिल्लपुराओ णयराओ पुरिमतालं णयरं संपडिया विहाराए, तए णं तेसिं परिव्वायगाणं तीसे अगामियाए छिण्णोवायाए दीहमदाए अडवीए कंचि देसंतरमणुपत्ताणं से पुव्वग्गहिए उदए अणुपुव्वेणं परिभुंजमाणे झीणे, तए णं ते परिवाया झीणोदगा समाणा तण्हाए पारब्भमाणा २. उदगदातारमपस्समाणा अण्णमण्णं सद्दावेंति सद्दावित्ता एवं वयासी-एवं खलुदे वाणुप्पिया! अम्ह इमीसे अगामियाए जाव अडवीए कंचि देसंतरमणुपत्ताणं से उदए जाव झीणे तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्ह इमीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगदातारस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करित्तएत्तिकडे अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढे पडिमुणंति २ त्ता तीसे अगामियाए जाव अडवीए उदगदातारस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेन्ति करित्ता उदगदातारमलभभाणा दोञ्चपि अण्णमण्णं सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी-इह णं देवाणुप्पिया! उदगदातारो णत्थि तं णो खलु कापड अम्ह अदिण्णं गिण्हित्तए अदिण्णं साइजित्तए, तं मा णं अम्हे इयाणिं आवइकालंमि अदिण्णं गिण्हामो अदिण्णं साइजामो मा णं अम्हं तवलोवे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! तिदंडयं कुंडियाओ य कंचणियाओ य करोडियाओ य भिसियाओ य छण्णालए य अंकुसए य केसरियाओ य पवित्तए य गणेत्तियाओ य छत्तए य वाहणाओ य पाउयाओ य धाउरत्ताओ य एगंते एडित्ता गंगं महाणई ओगाहित्ता वालुयासंथारए संथरित्ता संलेहणाझोसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खियाणं पाओवगयाणं Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंबडस्स लद्धी] सुत्तागमे कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तएत्तिका अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढे पडिसुणंति अण्णमण्णस्स अंतिए० पडिसुणित्ता तिदंडए य जाव एगते एडेंति २ त्ता गंगं महाणइं ओगाहेंति २ त्ता वालुयासंथारयं संथरंति २ त्ता वालुयासंथारयं दुरुहंति २ त्ता पुरत्थाभिमुहा संपलियंकनिसन्ना करयल जाव कह एवं वयासी-णमोऽत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं, नमोऽत्यु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स, नमोऽत्थु णं अम्मडस्स परिव्वायगस्स अम्हं धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स, पुट्विं णं अम्हे अम्मडस्स परिव्वायगस्स अंतिए थूलगपाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए थूलए मुसावाए थूलए अदिण्णादाणे पञ्चक्खाए जावज्जीवाए सव्वे मेहुणे पच्चक्खाए जावजीवाए थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए जावज्जीवाए इयाणिं अम्हे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सव्वं पाणाइवायं पञ्चक्खामो जावजीवाए एवं जाव सव्वं परिग्गहं पच्चक्खामो जावजीवाए सव्वं कोहं माणं मायं लोहं पेज दोसं कलहं अब्भक्खाणं पेसुण्णं परपरिवायं अरइरई मायामोसं मिच्छादंसणसल्लं अकरणिज्ज जोगं पच्चक्खामो जावजीवाए सव्वं असणं पाणं खाइमं साइमं चउव्विहपि आहारं पच्चक्खामो जावज्जीवाए जंपि य इमं सरीरं इ8 कंतं पियं मणुण्णं मणामं थेजं वेसासियं संमयं बहुमयं अणुमयं भंडकरंडगसमाणं मा णं सीयं मा णं उण्हं मा णं खुहा मा णं पिवासा मा णं वाला मा णं चोरा मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वाइयपित्तियसंनिवाइयविविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतुत्तिकठ्ठ एयपि णं चरमेहिं ऊसासणीसासेहिं वोसिरामोत्तिक? संलेहणाझूसणाझूसिया भत्तपाणपडियाइक्खिया पाओवगया कालं अणवकंखमाणा विहरंति, तए णं ते परिवाया बहूइं भत्ताई अणसणाए छेदेन्ति छेदित्ता आलोइयपडिकता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववण्णा, तहिं तेसिं गई दससागरोवमाई ठिई पण्णत्ता, परलोगस आराहगा, सेसं तं चेव १३ ॥ ३८ ॥ बहुजणे णं भंते ! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं परवेइ एवं खलु अंबडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे णयरे घरसए आहारमाहरेइ, घरसए वसहिं उवेइ, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जणं से बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-एवं खलु अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे जाव घरसए वसहिं उवेइ, सच्चे णं एसमढे, अहंपि णं गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवं परूवेमि-एवं खलु अम्मडे परिव्वायए जाव वसहि उवेइ । से केणढेणं भंते ! एवं बुच्चइ-अम्मडे परिव्वायए जाव वसहिं उवेइ ? गोयमा! अम्मडस्स णं परिव्वाययस्स पगइभद्दयाए जाव विणीययाए छठंछटेणं अनिक्खित्तणं तवोकम्मेणं उर्दू बाहाओ पगिज्झिय २ Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स सुभेणं परिणामेण पसत्थाहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं अन्नया कयाइ तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवनमणं ईहावृहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स वीरियलद्धी वेउव्वियलद्धी ओहिणाणलद्धी गमुष्पण्णा, तए णं से अम्मडे परिव्वायए ताए वीरियलद्धीए वेउबियलद्धीए ओहिणाणलद्धीए समुप्पण्णाए जणविम्हावणहेडं कंपिल्लपुरे नयरे घरसए जाव वसहि उबेड, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे णयरे घर गए जाव वसहिं उवेइ । पहू णं भंते ! अम्मडे परिव्वायए देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ? णो इणढे समढे, गोयमा ! अम्मडे णं परिव्वायए समणोवासए अभिगयजीवांजीवे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, णवरं ऊसियफलिहे अवंगुयदुवारे चियत्तंतेउरघरदारपवेसी ण वुच्चइ अम्मडस्स णं परिव्यायगरम झूलए पाणाइवाए पञ्चक्खाए जावज्जीवाए जाव परिग्गहे णवरं सव्वे मेहुणे पचवाए जावजीवाए, अम्मडस्ल णं णो कप्पइ अक्खसोयप्पमाणमेत्तंपि जलं सयराहं उत्तरित्तए णण्णत्थ अद्धाणगमणेणं, अम्मडस्स णं णो कप्पइ सगडं वा एवं तं चेव भाणियव्वं जाव णण्णत्थ एगाए गंगामट्टियाए, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्त णो कापड आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा मीसजाए इ वा अज्झोयरए इ वा पूइकम्मे इ वा कीयगडे इ वा पामिच्चे इ वा अणिसिटे इ वा अभिहडे इ वा ठइत्तए वा रदत्तए वा कतारभत्ते इ वा दुब्भिक्खभत्ते इ वा पाहुणगभत्ते इ वा गिलाणभत्ते इ वा बद्दलियाभत इ वा भोत्तए वा पाइत्तए वा, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्त णो कप्पड़ मूलभोयणे वा जाव बीयभोयणे वा भोत्तए वा पाइत्तए वा, अम्मडस्स णं परिव्वायगरम चविहे अणत्थदंडे पचक्खाए जावज्जीवाए, तंजहा-अवज्झाणायरिए पमायायरिए हिंसा-पयाणे पावकम्मोवएसे, अम्मडस्स कप्पइ मागहए अद्धाढए जलस्स पडिग्गाहित्ता सेऽविय वहमाणए नो चेव णं अवहमाणए जाव सेऽविय परिपूए नो चेव णं अपरिपए सेऽविय सावजेत्तिकाउं णो चेव णं अणवज्जे सेऽविय जीवा इतिक णो चंब णं अजीवा सेऽविय दिण्णे णो चेव णं अदिण्णे सेऽविय दंतहत्थपायचरुचमसपक्वालगठ्ठयाए पिबित्तए वा णो चेव णं सिणाइत्तए, अम्मडस्स कप्पड़ मागहए य आढए जलस्स पडिग्गाहित्तए, सेऽविय वहमाणे जाव दिन्ने नो चेव णं अदिण्णे सेऽविय सिणाइत्तए णो चेव णं हत्थपायचरुचमसपक्खालणट्टयाए पिबित्तए वा, अम्मडस्स णो कप्पइ अन्नउत्थिया वा अण्णउत्थियदेवयाणि वा वंदित्तए वा णमंसित्तए वा जाव पज्जुवासित्तए वा णण्णत्थ अरिहंते वा अरिहंतसाहुणो वा । अम्मडे णं भंते ! परिव्वायए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववजिहिइ ?, गोयमा ! Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बावत्तरिकलाओ] सुत्तागमे अम्मडे णं परिव्वायए उच्चावएहिं सीलव्वयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहिं अप्पाणं भावेमापो बहूइं वासाइं समणोवासयपरियायं पाउणिहिइ २ त्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सहिँ भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववजिहिइ, तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता, तत्थ णं अम्मडस्सवि देवस्स दस सागरोवमाइं ठिई । से णं भंते ! अम्मडे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववजिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे जाइं कुलाइं भवंति अड्डाइं दित्ताइं वित्ताइं विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइं बहुधणजायस्वरययाई आओगपओगसंपउत्ताइं विच्छड्डियपउरभत्तपाणाई बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूयाइं बहुजणस्स अपरिभूयाई तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ताए पञ्चायाहिइ । तए णं तस्स दारगस्स गब्भत्थस्स चेव समाणस्स अम्मापिईणं धम्मे दढा पइण्णा भविस्सइ, से णं तत्थ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणराइंदियाणं वीइकंताणं सुकुमालपाणिपाए जाव ससिसोमाकारे कंते पियदंसणे सुरुवे दारए पयाहिइ, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं काहिंति, बिइयदिवसे चंदसूरदंसणियं काहिंति, छढे दिवसे जागरियं काहिंति, एकारसमे दिवसे वीइकंते णिव्वित्ते असुइजायकम्मकरणे संपत्तेः वारसाहे दिवसे अम्मापियरो इमं एयाख्वं गोणं गुणणिप्फण्णं णामधेनं काहिंतिजम्हा णं अम्हं इमंसि दारगंसि गब्भत्थंसि चेव समाणंसि धम्मे दढपइण्णा तं होउ णं अम्हं दारए दढपइण्णे णामेणं, तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णामधेजं करेहिंति दढपइण्णेत्ति । तं दढपइण्णं दारगं अम्मापियरो साइरेगऽट्ठवासजायगं जाणित्ता सोभणंसि तिहिकरणणक्खत्तमुहुत्तसि कलायरियस्स उवणेहिंति । तए णं से कलायरिए तं दढपइण्णं दारगं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावत्तरिकलाओ सुत्तओ य अत्थओ य करणओ य सेहाविहिइ सिक्खाविहिइ, तंजहा-लेहं गणियं स्वं णटं गीयं वाइयं सरगयं पुक्खरगयं समतालं जूयं जणवायं पासगं अट्ठावयं पोरेकच्चं दगमट्टियं अण्णविहिं [ पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं ] सयणविहिं अजं पहेलियं मागहियं गाहं गीइयं सिलोयं हिरण्णजुत्तिं सुवण्णजुत्तिं गंधजुत्तिं चुण्णजुत्तिं आभरणविहिं तरुणीपडिकम्मं इत्थिलक्खणं पुरिसलक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं गोणलक्खणं कुकुडलक्खणं चक्कलक्खणं छत्तलक्खणं चम्मलक्खणं दंडलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं काकणिलक्खणं वत्थुविजं खंधारमाणं नगरमाणं वत्थुनिवेसणं वूहं पडिवूहं चारं पडिचारं चकवूहं गरुलवूहं सगडवूह जुद्धं Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३२ [ओववाइयसुतं निजुद्धं जुद्धाइजुद्धं मुट्ठिजुद्धं बाहुजुद्धं लयाजुद्धं ईसत्थं छरुप्पवाहं धणुव्वेयं हिरण्णपागं सुवण्णपागं वहखेडं सुत्तखेडं णालियाखेडु पत्तच्छेज कडगच्छेजं सजीवं निजीवं सउणरुयमिति बावत्तरिकलाओ सेहावित्ता सिक्खावेत्ता अम्मापिईणं उवणेहिइ । तए णं तस्स दढपइण्णस्स दारगस्स अम्मापियरो तं कलायरियं विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंधमल्लालंकारेण य सकारेहिति सम्माणहिंति स० २ ता विडलं जीवियारिहं पीइदाणं दलइस्संति २ ता पडिविसजेहिंति । तए णं से दठपइण्णे दारए बाबत्तरिकलापंडिए नवंगसुत्तपडिबोहिए अट्ठारसदेसीभासाविसारए गीयरई गंधव्वणकुमले हयजोही गयजोही रहजोही बाहुजोही बाहुप्पमद्दी वियालचारी साहसिए अलं भोगसमत्थे यावि भविस्सइ । तए णं दढपइण्णं दारगं अम्मापियरो बावत्तरिकलापंडियं जाव अलं भोगसमत्थं वियाणित्ता विउलेहिं अण्णभोगेहिं पाणभोगेहिं लेणभोगेहिं वत्थभोगेहिं सयणभोगेहिं कामभोगेहिं उवणिमंतेहिंति, तए णं से दढपडण्ण दारए तेहिं विउलेहिं अण्णभोगेहिं जाव सयणभोगेहिं णो सन्जिहिइ णो रजिहिइ णो गिज्झिहिइ णो मुज्झिहिइ णो अज्झोववजिहिइ, से जहाणामए उप्पले इ वा परमे इ वा कुसुमे इ वा नलिणे इ वा सुभगे इ वा सुगंधे इ वा पोंडरीए इ वा महापोंडरीए इ वा सयपत्ते इ वा सहस्सपत्ते इ वा सयसहस्सपत्ते इ वा पंके जाए जले संयुद्धे णोवलिप्पइ पंकरएणं णोवलिप्पइ जलरएणं, एवामेव दढपइण्णेवि दारए कामेहि जाए भोगेहिं संवुड्ढे णोवलिप्पिहिइ कामरएणं णोवलिप्पिहिइ भोगरएणं णोवलिपिहिइ मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरिजणेणं, से णं तहाख्वाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहि बुज्झिहिइ केवलबोहिं बुज्झित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइहिइ । से णं भविस्सइ अणगारे भगवंते ईरियासमिए जाव गुत्तबंभयारी । तस्स णं भगवंतस्स एएणं विहारेणं विहरमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवल वरणाणदंसणे समुप्पन्जिहिइ । तए णं से दढपइण्णे केवली बहूई वासाइं केलिपरियागं पाउणिहिइ २ त्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सद्धिं भत्ताई अणमणाए छेएत्ता जस्सट्टाए कीरइ थेरकप्पभावे जिणकप्पभावे मुंडभावे अण्हाणए अदंतवणए केसलोए बंभचेरवासे अच्छत्तगं अणोवाहणगं भूमिसेज्जा फलहसेजा कसेजा परघरपवेसो लद्धावलद्धं परेहिं हीलणाओ खिसणाओ जिंदणाओ गरहणाओ तालणाओ तज्जणाओ परिभवणाओ पव्वहणाओ उच्चावया गामकंटगा बावीसं परीसहोवसग्गा अहियासिज्जति तमट्ठमाराहित्ता चरिमेहिं उस्सासणिस्सासेहिं सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ मुच्चिहिइ परिणिव्वाहिइ सव्वदुक्खाणमंतं करेहिइ १४ ॥ ३९ ॥ से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु पव्वइया समणा भवंति, तंजहा-आयरिय Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निहगाई ] सुत्तागमे पडिणीया उवज्झायपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया आयरियउवज्झायाणं अयऩकारगा अवण्णकारगा अकित्तिकारगा बहूहिं असब्भावुब्भावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च चुग्गामाणा वुप्पाएमाणा विहरित्ता बहूई वासाईं सामण्णपरियागं पाउणति २ त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइय अपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं लंतए कप्पे देवकिब्बिसिएस देवकि ब्बिसियत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तेरससागरोवमाई ठिई अणाराहगा सेसं तं चेव १५ । से जे इमे सण्णिपंचिदियतिरिक्खजोणिया पज्जत्तया भवंति, तंजहाजलयरा खहयरा थलयरा, तेसि णं अत्थेगइयाणं सुभेणं परिणामेणं पत्थे हिं अज्झवसाणेहिं लेसाहिं विसुज्झमाणाहिं तयावरणिजाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहावूह मग्गणगवेसणं करेमाणाणं सण्णीपुव्वजाईसरणे समुप्पज्जइ । तए णं ते समुप्पण्णजाइसरा समाणा सयमेव पंचाणुव्वयाई पडिवज्जति पडिवजित्ता वहूहिं सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोत्रवासेहिं अप्पाणं भावेमाणा बहूई वासाईं आउयं पार्लेति पालिता भत्तं पच्चक्खंति बहूई भत्ताइं अणसणाए छेयंति २ त्ता आलोइयपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई अट्ठारस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता, परलोगस्स आराहगा, सेसं तं चेव १६ । से जे इमे गामागर जाव संनिवेसेसु आजीविका भवंति, तंजहा- दुघरंतरिया तिघरंतरिया सत्तघरंतरिया उप्पलवेंटिया घरसमुदाणिया विज्जुअंतरिया उहियासमणा, तेणं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाईं परियायं पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अचुए कम्पे देवत्ताए उववत्तारो भवति, तहिं तेसिं गई बावीसं सागरोवमाई ठिई, अणाराहगा, सेसं तं चेव १७ । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु पव्वइया समणा भवंति, तंजहा - अत्तुक्कोसिया परपरिवाइया भूइकम्मिया भुजो २ कोउयकारगा, ते णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे आभिओगिएसु देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई बावीसं सागरोवमाई ठिई परलोगस्स अणाराहगा, सेसं तं चेव १८ । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु णिण्हगा भवंति, तंजहाबहुरया १ जीवपएसिया २ अव्वत्तिया ३ सामुच्छेश्या ४ दोकिरिया ५ तेरासिया ६ अबद्धिया ७ इच्चेते सत्त पवयणणिण्हगा केवल (लं) चरियालिंगसामण्णा मिच्छद्दिवी बहूहिं असम्भावुभावणाहिं मिच्छत्ताभिणिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च बुग्गामाणावुप्पामाणा विहरिता बहूई वासाईं सामण्णपरियागं पाउणति २ ता ३ सुत्ता० ३३ Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४ सुत्तागमे [ओववाइयसुतं कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं उवरिमेसु गेवेजेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई एकत्तीसं सागरोवमाइं ठिई, परलोगस्स अणाराहगा, सेसं तं चेव १९ । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा धम्मिया धम्माणुया धम्मिट्ठा धम्मक्खाई धम्मप्पलोइया धम्मपलजणा धम्मसमुदायारा धम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा सुसीला सुव्वया सुप्पडियाणंदा साहहिं एगचाओ पाणाइ. वायाओ पडिविरया जावजीवाए एगच्चाओ अपडिविरया एवं जाव परिग्गहाओ एगचाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोहाओ पेजाओ दोसाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णाओ परपरिवायाओ अरइरईओ मायामोसाओ मिच्छादंसणसल्लाओ पडिविरया जावजीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, एगच्चाओ आरंभसमारंभाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, एगच्चाओ करणकारावणाओ पडिविरया जावजीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, एगच्चाओ पयणपयावणाओ पडिविरया जावजीवाए एगच्चाओ पयणपयावणाओ अपडिविरया, एगञ्चाओ कोहणपिट्टणतजणतालणवहबंधपरिकिलेसाओ पडिविरया जावज्जीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, एगञ्चाओ व्हाणमद्दणवण्णगविलेवणसफरिसरसरूवगंधमल्लालंकाराओ पडिविरया जावजीवाए एगच्चाओ अपडिविरया, जेयावण्णे तहप्पगारा सावज्जजोगोबहिया कम्मंता परपाणपरियावणकरा कजंति तओ जाव एगच्चाओ अपडिविरया तंजहासमणोबासगा भवंति, अभिगयजीवाजीवा उवलद्धपुण्णपावा आसवसंवरनिजर किरियाअहिगरणबंधमोक्खकुसला असहेजाओ देवासुरणागजक्खरक्खसकिन्नरकिंपुरिसगरूलगंधव्त्रमहोरगाइएहिं देवगणेहिं निग्गंथाओ पावयणाओ अणइक्कमणिज्जा णिग्गंथे पावणे णिस्संकिया 'णिकंखिया निव्वितिगिच्छा लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा अभिगयट्ठा विणिच्छियट्ठा अट्ठिमिंजपेम्माणुरागरत्ता अयमाउसो ! णिग्गंथे पावयणे अढे अयं परमटे सेसे अणढे ऊसियफलिहा अवंगुयदुवारा चियत्तंतेउरपरघरदारप्पवेसा चउद्दसट्टमुद्दिट्ठपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्म अणुपालेमाणा समणे णिग्गंथे फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थपडिग्गहकंबलपायपुंछणेणं ओसहभेसजेणं पडिहारएण य पीढफलगसेज्जासंथारएणं पडिलाभेमाणा विहरंति २ ता भत्तं पञ्चक्खंति ते बहूई भत्ताई अणसणाए छेदेति छेदित्ता आलोइयपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई बावीसं सागरोवमाई ठिई आराहया सेसं तहेव २० । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-अणारंभा अपरिग्गहा धम्मिया जाव कप्पेमाणा सुसीला सुब्धया सुपडियाणंदा साहू सव्वाओ पाणाइवायाओ Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जंबुद्दीववण्णणं] सुत्तागमे पडिविरया जाव सव्वाओ परिग्गहाओ पडिविरया सव्वाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोभाओ जाव मिच्छादंसणसल्लाओ पडिविरया सव्वाओ आरंभसमारंभाओ पडिविरया सव्वाओ करणकारावणाओ पडिविरया सव्वाओ पयणपयावणाओ पडिविरया सव्वाओ कुट्टणपिट्टणतज्जणतालणवहबंधपरिकिलेसाओ पडिविरया सव्वाओ ण्हाणमद्दणवण्णगविलेवणसद्दफरिसरसरूवगंधमलालंकाराओ पडिविरया जेयावण्णे तहप्पगारा सावजजोगोवहिया कम्मंता परपाणपरियावणकरा कजंति तओवि पडिविरया जावज्जीवाए से जहाणामए अणगारा भवंति-इरियासमिया भासासमिया जाव इणमेव णिग्गंथं पावयणं पुरओकाउं विहरंति तेसि णं भगवंताणं एएणं विहारेणं विहरमाणाणं अत्थेगइयाणं अणंते जाव केवलवरणाणदंसणे समुप्पज्जइ, ते बहूई वासाइं केवलिपरियागं पाउणंति २ त्ता भत्तं पच्चक्खंति .२ त्ता बहूई भत्ताई अणसणाए छेदेन्ति २ त्ता जस्सट्ठाए कीरइ थेरकप्पभावे जिणकप्पभावे० अंतं करंति, जेसिपि य णं एगइयाणं णो केवलवरनाणदंसणे समुप्पज्जइ ते बहूई वासाई छउमत्थपरियागं पाउणन्ति २ त्ता आबाहे उप्पण्णे वा अणुप्पण्णे वा भत्तं पच्चक्खंति, ते बहूई भत्ताइं अणसणाए छेदेन्ति २ त्ता जस्सठ्ठाए कीरइ थेरकप्पभावे जिणकप्पभावे जाव तमट्ठमाराहित्ता चरिमेहिं ऊसासणीसासेहिं अणंतं अणुत्तरं निव्वाघायं निरावरणं कसिणं पडिपुण्णं केवलवरणाणदसणं उप्पाडिंति, तओ पच्छा सिज्झन्ति जाव अंतं करेन्ति । एगच्चा पुण एगे भयंतारो पुव्वकम्मावसेसेणं कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई, आराहगा, सेसं तं चेव २१ । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु मणुया भवंति, तंजहा-सव्वकामविरया सव्वरागविरया सव्वसंगातीता सव्वसिणेहाइक्कंता अकोहा णिकोहा खीणकोहा एवं माणमायालोहा अणुपुव्वेणं अट्ठ कम्मपयडीओ खवेत्ता उप्पि लोयग्गपइट्ठाणा हवंति २२॥४०॥ अणगारे णं भंते ! भावियप्पा केवलिसमुग्धाएणं समोहणित्ता केवलकप्पं लोयं फुसित्ता णं चिट्ठइ? हंता चिट्ठइ, से णूणं भंते! केवलकप्पे लोए तेहिं णिज्जरापोग्गलेहिं फुडे ? हंता फुडे, छउमत्थे णं भंते ! मणुस्से तेसिं णिजरापोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वणं गंधेणं गंधं रसेणं रसं फासेणं फासं जाणइ पासइ? गोयमा ! णो इणढे समढे, से केणढेणं भंते ! एवं बुच्चइ-छउमत्थे णं मणुस्से तेसिं णिजरापोग्गलाणं णो किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणइ पासइ ? गोयमा ! अयं णं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वभंतरए सव्वखुड्डाए वट्टे तेलपूयसंठाणसंठिए वट्टे रहचकवालसंठाणसंठिए वट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए वट्टे पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिए एकं Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साई सोलसमहम्मादं दोणि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुमयं तेरग य अंगुलाई अद्धंगुलियं च किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते, देवे णं महिथिए भहनुमा मह. ब्बले महाजसे महासुक्खे महाणुभावे सविलेवणं गंधसमुग्गयं गिहद २ नातं अवदालेइ २ त्ता जाव इणामेवत्तिकडे केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छराणिवाहिं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टित्ता णं हव्वमागच्छेजा, से णूणं गोयमा ! से केवलकप्पे जंबुद्दीव २ तेहिं घाणपोग्गलेहिं फुडे ? हंता फुडे, छउमत्थे णं गोयमा ! मणुस्से तनि घाणपोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं जाव जाणइ पासइ ? भगवं ! णो इणढे समझे, मे तणणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-छउमत्थे णं मणुस्से तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं नो किंचि वणणं वण्णं जाव जाणइ पासइ, ए सुहुमा णं ते पोग्गला पण्णत्ता, समणाउसो : गव्यलायपि य णं ते फुसित्ता णं चिट्ठति । कम्हा णं भंते ! केवली समोहर्णति ? कम्हा कवली समुग्घायं गच्छंति ?, गोयमा ! केवलीणं चत्तारि कम्मंसा अपलिक्खीणा भवति, तंजहा-वेयणिजं आउयं णामं गुत्तं, सव्वबहुए से वेयणिजे कम्मे भवट, गव्यन्यावं से आउए कम्मे भवइ, विसमं समं करेइ बंधणेहिं ठिइहि य, विगमसमकरणयाए बंधणेहिं ठिईहि य एवं खलु केवली समोहणंति एवं खलु केवली समुग्घायं गच्छेति । सव्वेवि णं भंते ! केवली समुग्घायं गच्छंति ? णो इणढे समझे, 'अकिनाणं समुग्घायं, अणंता केवली जिणा । जरामरणविप्पमुक्का, सिद्धिं वरगई गया ॥ १ ॥ कइसमए णं भंते ! आउजीकरणे पण्णत्ते? गोयमा! असंखेजसमझाए अंतीमुनिए पण्णत्ते । केवलिसमुग्घाए णं भंते ! कइसमइए पणत्ते ? गोयमा ! असमझा पणत, तंजहा-पढमे समए दंडं करेइ बिइए समए कवाडं करेइ तईए समाए मंथं करेइ चउत्थे समए लोयं पूरेइ पंचमे समए लोयं पडिसाहरइ छठे समए मंथं पडियाहरइ सत्तमे समए कवाडं पडिसाहरइ अट्ठमे समए दंडं पडिसाहरइ तओ पछा गरीरत्थे भवइ । सेणं भंते ! तहा समुग्घायं गए किं मणजोगं झुंजइ ? बयजोगं गँजड? कायजोगं झुंजइ?, गोयमा ! णो मणजोगं मुंजइ णो वयजोगं जुंजइ कायजोगं जुजइ, कायजोगं जुजमाणे किं ओरालियसरीरकायजोगं जुजइ ? ओरालियमिस्ससरीरकायजोगं जुंजइ ? वेउव्वियसरीरकायजोगं झुंजइ ? वेउब्वियमिस्ससरीरकायजोगं गँजड ? आहारगसरीरकायजोगं जुंजइ? आहारगमिस्ससरीरकायजोगं झुंजइ ? कम्मायरीरकायजोगं जुजइ?, गोयमा ! ओरालियसरीरकायजोगं मुंजइ, ओरालियमिस्सग्मीरकायजोगंपि जुजइ, णो वेउब्वियसरीरकायजोगं जुजइ णो बेवियमिस्ससरीरकायजोगं जुजइ णो आहारगसरीरकायजोगं जुजइ णो आहारगमिस्तसरीर Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिद्धसरूवं] सुत्तागमे कायजोगं जुजइ कम्मासरीरकायजोगपि जुजइ पढमट्ठमेसु समएमु ओरालियसरीरकायजोगं जुजइ बिइयइछसत्तमेसु समएसु ओरालियमिस्ससरीरकायजोगं जुजइ तइयचउत्थपंचमेहिं कम्मासरीरकायजोगं जुजइ । से णं भंते ! तहा समुग्घायगए सिज्झइ वुज्झइ मुच्चइ परिनिव्वाइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ? णो इणठे समढे, से णं तओ पडिनियत्तइ तओ पडिनियत्तित्ता इहमागच्छइ २ त्ता तओ पच्छा मणजोगपि जुंजइ वयजोगंपि जुजइ कायजोगंपि जुंजइ, मणजोगं झुंजमाणे किं सच्चमणजोगं झुंजइ मोसमणजोगं जुंजइ सच्चामोसमणजोगं झुंजइ असच्चामोसमणजोगं जुंजइ ? गोयमा ! सच्चमणजोगं जुजइ णो मोसमणजोगं जुजइ णो सच्चामोसमणजोगं झुंजइ असच्चामोसमणजोगंपि जुंजइ, वयजोगं जुजमाणे किं सच्चवइजोगं जुजइ मोसवइजोगं जुजइ [किं] सच्चामोसवइजोगं जुजइ असच्चामोसवइजोगं जुंजइ ? गोयमा ! सच्चवइजोगं जुजइ णो मोसवइजोगं झुंजइ णो सच्चामोसवइजोगं जुंजइ असच्चामोसवइजोगंपि जुंजइ, कायजोगं जुजमाणे आगच्छेज्ज वा चिटेज वा णिसीएज वा तुयटेज वा उल्लंघेज वा पल्लंघेज वा उक्खेवणं वा अवक्खेवणं वा तिरियक्खेवणं वा करेजा पाडिहारियं वा पीढफलगसेज्जासंथारगं पच्चप्पिणेजा ॥४१॥ से णं भंते ! तहा सजोगी सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? णो इणढे समढे, सेणं पुवामेव सण्णिस्स पंचिंदियस्स पजत्तगस्स जहण्णजोगस्स हेट्ठा असंखेजगुणपरिहीणं पढमं मणजोगं निरंभइ, तयाणंतरं च णं बिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णजोगस्स हेट्ठा असंखेज्जगुणपरिहीणं बिइयं वइजोगं निरंभइ, तयाणंतरं च णं सुहुमस्स पणगजीवस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णजोगस्स हेट्टा असंखेनगुणपरिहीणं तइयं कायजोगं णिरंभइ, से णं एएणं उवाएणं पढमं मणजोगं णिरुभइ २ त्ता वयजोगं णिरुंभइ २ त्ता कायजोगं णिरुंभइ २ ता जोगनिरोहं करेइ २ त्ता अजोगत्तं पाउणइ २ त्ता ईसिंहस्सपंचक्खरउच्चारणद्धाए असंखेजसमइयं अंतोमुहुत्तियं सेलेसिं पडिवज्जइ, पुव्वरइयगुणसेढीयं च णं कम्मं तीसे सेलेसिमद्धाए असंखेजाहिं गुणसेढीहिं अणंते कम्मंसे खवेइ वेयणिज्जाउयणामगोए, इच्चेए चत्तारि कम्मंसे जुगवं खवेइ २ त्ता ओरालियतेयाकम्माई सव्वाहिं विप्पजहणाहिं विप्पजहइ २ त्ता उज्जूसेढीपडिवन्ने अफुसमाणगई उर्दू एकसमएणं अविग्गहेणं गंता सागारोवउत्ते सिज्झइ । ते णं तत्थ सिद्धा हवंति सादीया अपजवसिया असरीरा जीवघणा दंसणनाणोवउत्ता निट्ठियहा निरयणा नीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयद्धं कालं चिट्ठति । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-ते णं तत्थ सिद्धा भवंति सादीया अपज्जवसिया जाव चिट्ठति ? गोयमा ! से जहाणामए बीयाणं अग्गिदड्डाणं पुणरवि अंकुरुप्पत्ती ण भवइ, एवामेव Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८ सुत्तागमे [ओववाइयसुतं सिद्धाणं कम्मबीए दड्ढे पुणरवि जम्मुप्पत्ती न भवइ, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइते णं तत्थ सिद्धा भवंति सादीया अपज्जवसिया जाव चिट्ठति । जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरंमि संघयणे सिझंति ? गोयमा ! वइरोसभणारायसंघयणे सिझंति, जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरंमि संठाणे सिझंति ? गोयमा ! छहं संठाणाणं अण्णयरे संठाणे सिझंति, जीवा णं भंते ! सिज्झमाणा कयरम्मि उच्चत्ते सिझति ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्तरयणीओ उक्कोसेणं पंचधणुस्सइए सिझंति, जीवा णं भंत! सिज्झमाणा कयरम्मि आउए सिज्झंति ? गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगठ्ठवासाउए उक्कोसेणं पुव्वकोडियाउए सिझंति । अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसंति ? णो इणढे समढे, एवं जाव अहे सत्तमाए, अस्थि णं भंते ! सोहम्मस्स कप्पस्स अहे सिद्धा परिवसंति ? णो इणढे समढे, एवं सव्वनि पुच्छा, ईसाणस्स सणकुमारस्स जाव अच्चुयस्स गेविजविमाणाणं अणुत्तरविमाणाणं, अत्थि णं भंते ! ईसीपब्भाराए पुढवीए अहे सिद्धा परिवसंति ? णो इणढे समढे, से कहि खाइ णं भंते ! सिद्धा परिवसंति ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पहाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उर्दू चंदिमसूरियग्गहगणणक्खत्तताराभवणाओ बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साइं बहूई जोयणसयसहस्साई बहूओ जोयणकोडीओ बहूओ जोयणकोडाकोडीओ उद्धृतरं उप्पइत्ता सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलंगमहासुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणञ्चुय तिण्णि य अट्ठारे गेविजविमाणावाससए वीइवइत्ता विजयवेजयंतजयंतअपराजियसव्वट्ठसिद्धस्स य महाविमाणस्स सम्बउवरिल्लाओ थूभियग्गाओ दुवालसजोयणाई अबाहाए एत्थ णं ईसीपब्भारा णाम पुढवी पण्णत्ता पणयालीसं जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बायालीसं सयंसहस्साइं तीसं च सहस्साइं दोण्णि य अउणापण्णे जोयणगए किंचि विसेसाहिए परिरएणं, ईसिपब्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठजोयणाई बाहल्लेणं, तयाऽणंतरं च णं मायाए २ परिहायमाणी २ सव्वेसु चरिमपेरंतेसु मच्छियपत्ताओ तणुयतरा अंगुलस्स असंखेज्जइभागं बाहल्लेणं पण्णता । ईसीपब्भाराए णं पुढवीए दुवालस णामधेजा पण्णत्ता, तंजहा-ईसी इ वा ईसीपब्भारा इ वा तणू इ वा तणुतणू इ वा सिद्धी इ वा सिद्धालए इ वा मुत्ती इ वा मुत्तालए इ वा लोयग्गे इ वा लोयग्गथूभिया इ वा लोयग्गपडिबुज्झणा इ वा सव्यपाणभूयजीवसत्तसुहावहा इ वा । ईसीपब्भारा णं पुढवी सेया संखतलविमलसोलियमुणालदगरयतुसारगोक्खीरहारवण्णा उत्ताणयछत्तसंठाणसंठिया सव्वज्जुणसुवण्णयमई अच्छा सण्हा लण्हा घट्टा मट्ठा णीरया णिम्मला णिप्पंका णिकंकडच्छाया समरीचिया सुप्पभा Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिद्धसरूवं] सुत्तागमे पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिख्वा, ईसीपब्भाराए णं पुढवीए सीयाए जोयणमि लोगंते, तस्स जोयणस्स जे से उवरिल्ले गाउए तस्स णं गाउयस्स जे से उवरिल्ले छब्भागे तत्थ णं सिद्धा भगवंतो सादीया अपज्जवसिया अणेगजाइजरामरणजोणिवेयणसंसारकलंकलीभावपुणब्भवगब्भवासवसहीपवंचसमइकंता सासयमणागयमद्धं चिट्ठति ॥ ४२ ॥ गाहा-कहिं पडिहया सिद्धा?, कहिं सिद्धा पइट्ठिया ? । कहिं बोंदि चइत्ता णं, कत्थ गंतूण सिज्झई ? ॥ १ ॥ अलोगे पडिहया सिद्धा, लोयग्गे य पइट्ठिया । इह वोदिं चइत्ता णं, तत्थ गंतूण सिज्झई ॥ २ ॥ जं संठाणं तु इहं भवं चयं तस्स चरिमसमयंमि । आसी य पएसघणं तं संठाणं तहिं तस्स ॥ ३ ॥ दीहं वा हस्सं वा, जं चरिमभवे हवेज संठाणं । तत्तो तिभागहीणं, सिद्धाणोगाहणा भणिया ॥ ४ ॥ तिण्णि सया तेत्तीसा धणुत्तिभागो य होइ बोद्धव्वा । एसा खल सिद्धाणं, उकोसोगाहणा भणिया ॥ ५॥ चत्तारि य रयणीओ रयणित्तिभागूणिया य बोद्धव्वा । एसा खलु सिद्धाणं मज्झिमओगाहणा भणिया ॥ ६ ॥ एका य होइ रयणी साहीया अंगुलाइं अट्ठ भवे । एसा खलु सिद्धाणं जहण्णओगाहणा भणिया ॥ ७ ॥ ओगाहणाएँ सिद्धा भवत्तिभागेण होइ परिहीणा। संठाणमणित्थंथं जरामरणविप्पमुक्काणं ॥ ८ ॥ जत्थ य एगो सिद्धो तत्थ अणंता भवक्खयविमुक्का । अण्णोण्णसमोगाढा पुट्ठा सव्वे य लोगंते ॥ ९ ॥ फुसइ अणंते सिद्धे सव्वपएसेहिं णियमसो सिद्धा। तेवि असंखेजगुणा देसपएसेहिं जे पुट्ठा ॥१०॥ असरीरा जीवघणा उवउत्ता दंसणे य णाणे य । सागारमणागारं लक्खणमेयं तु सिद्धाणं ॥ ११॥ केवलणाणुवउत्ता जाणंति सव्वभावगुणभावे। पासंति सव्वओ खलु केवलदिट्ठीअणंताहिं ॥ १२ ॥ णवि अत्थि माणुसाणं तं सोक्खं णविय सव्वदेवाणं । जं सिद्धाणं सोक्खं अव्वाबाहं उवगयाणं ॥ १३ ॥ जं देवाणं सोक्खं सव्वद्धापिंडियं अणंतगुणं । ण य पावइ मुत्तिसुहं णताहिं वग्गवग्गूहि ॥ १४ ॥ सिद्धस्स हो रासी सबद्धापिंडिओ जइ हवेजा। सोऽणंतबग्गभइओ सव्यागासे ण माएजा ॥ १५ ॥ जह णाम कोइ मिच्छो नगरगुणे बहुविहे वियाणंतो। न चएइ परिकहेडं उवमाएँ तहिं असंतीए ॥ १६ ॥ इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं णत्थि तस्स ओवम्मं । किंचि विसेसेणेत्तो ओवम्ममिणं सुणह वोच्छं ॥ १७ ॥ जह सव्वकामगुणियं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोइ । तण्हाछुहाविमुक्को अच्छेज्ज जहा अमियतित्तो ॥ १८ ॥ इय सव्वकालतित्ता अतुलं निव्वाणमुक्गया सिद्धा। सासयमव्वाबाहं चिट्ठति मुही सुहं पत्ता ॥ १९ ॥ सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य पारगयत्ति य परंपरगयत्ति । उम्मुक्ककम्मकवया अजरा अमरा असंगा य ॥ २० ॥ 'णिच्छिण्ण Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४० सुत्तागमे [ओववाइयसुत्तं सव्वदुक्खा जाइजरामरणवंधणविमुक्का । अव्वाबाहं सुक्खं अणुहोति सासयं सिद्धा ॥ २१ ॥ अतुलसुहसागरगया अव्वाबाहं अणोवमं पत्ता । सबमणागयमद्धं चिटुंति सुही सुहं पत्ता ॥ २२ ॥ ओववाइयउवंगं समत्तं ॥ Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागर्म तत्थ णं रायपसेणइयं तेणं कालेणं तेणं समएणं आमलकप्पा नाम नयरी होत्था, रिद्धस्थिमियसमिद्धा जाव पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा ॥ १ ॥ तीसे णं आमलकप्पाए नयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए अंबसालवणे नामं उजाणे होत्था, रम्मे जाव पडिरूवे ॥ २ ॥ असोयवरपायवपुढविसिलावयवत्तव्वया उववाइयगमेणं नेया ॥ ३ ॥ सेओ राया धारिणी देवी, सामी समोसढे, परिसा निग्गया जाव राया पज्जुवासइ ॥ ४ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सृरियाभे देवे सोहम्मे कप्पे सूरियाभे विमाणे सभाए मुहम्माए सूरियाभंसि सिंहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चरहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिबईहिं सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अन्नेहिं बहूहिं सूरियाभविमाणवासीहिं वेमाणिएहिं देवहिं देवीहि य सद्धिं संपरिबुडे महयाऽऽहयनगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ, इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे २ पासइ । तत्थ समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आमलकप्पाए नयरीए बहिया अंबसालवणे उजाणे अहापडिस्वं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणं पासइ पासित्ता हतुडचित्तमाणदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए वियसियवरकमलणयणे पयलियवरकडगतुडियकेउरमउडकुंडलहारविरायंतरइयवच्छे पालंबपलंवमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियचवलं सुरवरे सीहासणाओ अब्भुटेइ २ त्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ त्ता पाउयाओ ओमुयइ २ त्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ २ ता तित्थयराभिमुहे सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ २ ता वामं जाणुं अंचेइ २ ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि णिहहु तिक्वुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि णिवेसेइ णिवेसित्ता ईसिं पञ्चुन्नमइ २ त्ता करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं का एवं वयासी-णमोऽत्यु णं अरिहंताणं भगवंताणं आइगराणं तित्थगराणं सयंसंबुद्धाणं पुरिमुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४२ सुत्तागमे [रायपसेणइयं लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं जीवदयाणं सरणदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतवकवट्टीणं अप्पडिहयवरनाणदंसणधराणं वियदृछउमाणं जिणाणं जावयाणं तिण्णाणं तारयाणं बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सव्वन्नूणं सव्वदरिसीणं सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तियं सिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स, वंदामि णं भगवन्तं तत्थगयं इह गए पासउ मे भगवं तत्थ गए इहगयंतिकटु वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता सीहासणवरगए पुवाभिमुहं सण्णिसण्णे ॥ ५॥ तए णं तस्स सूरियाभस्स इमे एयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आमलकप्पाणयरीए बहिया अंबसालवणे उजाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ तं महाफलं खलु तहारूवाणं भगवंताणं णामगोयस्सवि सवणयाए किमंग पुण अभिगमणवंदणणमंसणपडिपुच्छणपजुवासणयाए ?, एगस्सवि आयरियस्स धम्मियस्स सुवयणस्स सवणयाए ?, किमंग पुण विउलस्स अट्ठस्स गहणयाए ?, तं गच्छामि णं समणं भगवं महावीरं वंदामि णमंसामि सकारेमि सम्माणेमि कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पजुवासामि, एयं मे पेच्चा हियाए सुहाए खमाए णिस्सेयसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइत्तिकटु एवं संपेहेइ एवं संपेहित्ता आमिओगे देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आमलकप्पाए नयरीए बहिया अंबसालवणे उजाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ तं गच्छह णं तुमे देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवं दीवं भारहं वासं आमलकप्पं णयरिं अंबसालवणं उजाणं समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेह करेत्ता वंदह णमंसह वंदित्ता णमंसित्ता साई साई नामगोयाइं साहेह साहित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स सव्वओ समंता जोयणपरिमंडलं जं किंचि तणं वा पत्तं वा कटुं वा सक्करं वा असुइं अचोक्खं वा पूइअं दुब्भिगंधं तं सव्वं आहुणिय आहुणिय एगंते एडेह एडेत्ता णञ्चोदगं णाइमट्टियं पविरलपप्फुसियं रयरेणुविणासणं दिव्वं सुरभिगंधोदयवासं वासह वासित्ता णिहयरयं गट्ठरयं भट्ठरयं उवसंतरयं पसंतरयं करेह करित्ता जलथलयभासुरप्पभूयस्स बिंटट्ठाइस्स दसद्धवण्णस्स कुसुमस्स जाणुस्सेहपमाणमित्तं ओहिं वासं वासह वासित्ता कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवमघमघतगंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवटिभूयं दिव्वं सुरवराभिगमणजोग्गं Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संवट्टयवायविउव्वणा] सुत्तागमे नोट कारवेह करित्ता य कारवेत्ता य खिप्पामेव मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह ॥६-७ ॥ तए णं ते आभिओगिया देवा सूरियाभेणं देवेणं एवं वुत्ता समाणा हतुट्ठ जाव हियया करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ठ एवं देवो तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति एवं देवो तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेत्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसिभागं अवकमंति उत्तरपुरच्छिमं दिसिभागं अवकमित्ता वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ त्ता संखेज्जाइं जोयणाइं दंडं निस्सिरन्ति, तंजहारयणाणं वयराणं वेरुलियाणं लोहियक्खाणं मसारगल्लाणं हंसगब्भाणं पुलगाणं सोगंधियाणं जोइरसाणं अंजणाणं अंजणपुलगाणं रयणाणं जायस्वाणं अंकाणं फलिहाणं रिटाणं अहाबायरे पुग्गले परिसाडंति २त्ता अहासुहुमे पुग्गले परियायंति २ त्ता दोचंपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ त्ता उत्तरवेउव्वियाई रुवाइं विउव्वंति २त्ता ताए उक्किट्ठाए पसत्थाए तुरियाए चवलाए चंडाए जयणाए सिग्धाए उछ्याए दिव्वाए देवगईए तिरियमसंखेजाणं दीवसमुदाणं मज्झंमज्झेणं वीईवयमाणा २ जेणेव जंबुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे जेणेव आमलकप्पा णयरी जेणेव अंबसालवणे उज्जाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्वुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेंति २ त्ता वंदति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-अम्हे णं भंते ! सृरियाभस्स देवस्स आभिओगा देवा देवाणुप्पियाणं वंदामो णमंसामो सकारेमो सम्माणेमो कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पजुवासामो ॥ ८॥ देवाइ समणे भगवं महावीरे ते देवे एवं वयासी-पोराणमेयं देवा ! जीयमेयं देवा ! किच्चमेयं देवा ! करणिजमेयं देवा ! आइन्नमेयं देवा ! अब्भणुण्णायमेयं देवा ! जण्णं भवणवइवाणमंतरजोइसियवेमाणिया देवा अरहंते भगवंते वंदंति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता तओ साइं साइं णामगोयाइं साधिति तं पोराणमेयं देवा ! जाव अब्भणुण्णायमेयं देवा ! ॥ ९ ॥ तए णं ते आभिओगिया देवा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ता समाणा हट्ठ जाव हियया समणं भगवं महावीरं वंदति णमंसंति बंदित्ता णमंसित्ता उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवकमंति अवक्कमित्ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहणंति २ त्ता संखेज्जाइं जोयणाई दंडं निस्सिरंति, तंजहा-रयणाणं जाव रिटाणं अहाबायरे पोग्गले परिसाडंति २ त्ता दोच्चपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ त्ता संवयवाए विउव्वंति, से जहानामए भइयदारए सिया तरुणे बलवं जुगवं अप्पायंके [विरसंघयणे] थिरग्गहत्थे दढपाणिपायपिटुंतरोरु[संघाय]परिणए घणनिचियवलियवदृखंधे चम्मेढगदुघणमुट्ठियसमाहयगत्ते उरस्सवलसमन्नागए तलजमलजुयल[फलिहनिभ]बाहू लंघण Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ रायपसेणइयं पवणजइणपमद्दणसमत्थे छेए दक्खे पट्ठे कुसले मेहावी णिउणसिप्पोवगए एगं महं सलागाहत्थगं वा दंडसंपुच्छणिं वा वेणुसलाइयं वा गहाय रायंगणं वा रायंतेउरं वा देवकुलं वा सभं वा पवं वा आरामं वा उज्जाणं वा अतुरियमचवलमसंभंते निरंतरं सुनिउणं सव्वओ समंता संपमज्जेज्जा, एवामेव तेऽवि सूरियाभस्स देवस्स आभिओगिया देवा संवयवाए विउव्वंति २ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स सव्वओ समंता जोयणपरिमण्डलं जं किंचि तणं वा पत्तं वा तहेव सव्वं आहुणिय २ एते एडेंति २त्ता खिप्पामेव उवसमंत २ त्ता दोच्चंपि वेडव्वियसमुग्धाएणं समोहणंति २ ता अब्भवद्दलए विउव्वंति २ त्ता से जहाणामए भइगदारए सिया तरुणे जाव सिप्पोवगए एगं महं दगवारगं वा दगकुंभगं वा दगथालगं वा दगकलसगं वा हाय आरामं वा जाव पवं वा अतुरिय जाव सव्वओ समंता आवरिसेज्जा, एवामेव तेsवि सूरियाभस्स देवस्स आभिओगिया देवा अब्भवद्दलए विउव्वंति २ त्ता खिप्पामेव पतणतणायन्ति २ त्ता खिप्पामेव विज्जुयायंति २ त्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स सव्वओ समंता जोयणपरिमंडलं णचोदगं णाइमट्टियं तं पविरलपप्फुसियं रयरेणुविणासणं दिव्वं सुरभिगंधोदगं वासं वासंति वासेत्ता हियरयं णरयं भट्ठरयं उवसंतरयं पसंतरयं करेंति २ त्ता खिप्पामेव उवसामंत २ त्ता तचंपि वेडव्वियसमुग्धाएणं समोहणंति २ त्ता पुप्फवद्दलए विउव्वंति से जहाणामए मालागारदारए सिया तरुणे जाव सिप्पोवगए एगं महं पुप्फछज्जियं वा पुप्फपडलगं वा पुप्फचंगेरियं वा गहाय रायंगणं वा जाव सव्वओ समंता कयग्गह गहियकरयल पब्भट्टविप्पमुक्केणं दसद्धवन्नेणं कुसुमेणं मुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं करेज्जा, एवामेव ते सूरिया भस्स देवस्स आभिओगिया देवा पुप्फवद्दलए विउव्वंति २ त्ता खिप्पामेव पतणतणायन्ति जाव जोयणपरिमण्डलं जलथलयभासुरप्पभूयस्स बिटट्ठाइस्स दसद्धवन्नकुसुम जाणुस्सेहपमाणमेत्तिं ओहिवासं वासंति वासित्ता कालागुरुपवरकुंदुरुक्क तुरुक्क धूवमघमघंतगंधुद्धुयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं दिव्वं सुरवराभिगमणजोग्गं करंति कारयति करेत्ता य कारवेत्ता य खिप्पामेव उवसामंत २ त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो जाव वंदित्ता नमंसित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ अंबसालवणाओ उज्जाणाओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता ताए उक्किट्ठाए जाव वीइवयमाणा २ जेणेव सोहम्मे कप्पे जेणेव सूरियाभे विमाणे जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव सूरियाभे देवे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता सूरियाभं देवं करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु जएणं विजएणं वद्धावेंति २ त्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति ॥ १० ॥ ४४ Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दे०सूरियाभंतियागमणं] सुत्तागमे तए णं से सूरियाभे देवे तेसिं आभिओगियाणं देवाणं अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए पायत्ताणियाहिवइं देवं सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सूरियाभे विमाणे सभाए मुहम्माए मेघोघरसियगंभीरमहरसह जोयणपरिमंडलं सुसरघंट' तिक्युत्तो उल्लालेमाणे २ महया २ सद्देणं उग्योसेमाणे २ एवं वयाहि-आणवेइ णे भो सूरिया देवे गच्छइ णं भो सूरियाभे देवे जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे आमलकप्पाए णयरीए अंबसालवणे उजाणे समणं भगवं महावीरं अभिवंदए, तुन्भेऽवि णं भो देवाणुप्पिया! सव्विड्डीए जाव णाइयरवेणं 'णियगपरिवालसद्धिं संपरिवुडा साइं २ जाणविमाणाई दुरुढा समाणा अकालपरिहीणं चेव सूरियाभस्स देवस्स अंतियं पाउब्भवह ॥ ११ ॥ तए णं से पायत्ताणियाहिवई देवे सूरियाभेणं देवेणं एवं बुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ जाव हियए एवं देवा! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिमुणेइ २ त्ता जेणेव सृरियाभे विमाणे जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव मेघोघरसियगंभीरमहुरसदा जोयणपरिमंडला सुस्सरा घंटा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं मेघोघरसियगंभीरमहुरसई जोयणपरिमंडलं सुसरं घंटे तिखुत्तो उल्लालेइ । तए णं तीसे मेघोघरसियगंभीरमहुरसदाए जोयणपरिमंडलाए सुसराए घंटाए तिक्युत्तो उल्लालियाए समाणीए से सूरियाभे विमाणे पासायविमाणणिक्खुडावडियसघंटापडियासयसहस्ससंकुले जाए यावि होत्था । तए णं तेसिं सूरियाभविमाणवासीणं बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य एगंतरइपसत्तनिच्चप्पमत्तविसयसुहमुच्छियाणं सुसरघंटारवविउलबोलतुरियचवलपडिबोहणे कए समाणे घोसणकोउहलदिन्नकन्नएगग्गचित्तउवउत्तमाणसाणं से पायत्ताणीयाहिबई देवे तंसि घंटारवंसि णिसंतपसंतंसि महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणे उग्घोसेमाणे एवं वयासी-हंत सुणंतु भवंतो सृरियाभविमाणवासिणो बहवे वेमाणिया देवा य देवीओ य सूरियाभविमाणवइणो वयणं हियसुहत्थं आणवेइ णं भो ! सूरियाभे देवे गच्छइ गं भो सूरियाभे देवे जंबुद्दीवं २ भारहं वासं आमलकप्पं नयरिं अंबसालवणं उज्नाणं समणं भगवं महावीरं अभिवंदए, तं तुब्भेऽवि णं देवाणुप्पिया ! सव्विड्डीए अकालपरिहीणा चेव सूरियाभस्स देवस्स अंतियं पाउब्भवह ॥ १२ ॥ तए णं ते सूरियाभविमाणवासिणो बहवे वेमाणिया देवा देवीओ य पायत्ताणियाहिवइस्स देवस्स अंतिए एयमढें सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियया अप्पेगइया वंदणवत्तियाए अप्पेगइया नमसणवत्तियाए अप्पेगइया सकारवत्तियाए एवं संमाणवत्तियाए कोउहलवत्तियाए अप्पे० असुयाइं सुणिस्सामो सुयाइं अट्ठाई हेऊइं पसिणाई कारणाइं वागरणाइं पुच्छिस्सामो, अप्पेगइया सूरियाभस्स देवस्स वयणमणुयत्तमाणा अप्पेगइया Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ रायपसेणइयं अन्नमन्नमणुयत्तमाणा अप्पेगइया जिणभत्तिरागेणं अप्पेगइया धम्मोत्ति अप्पेगइया जीयमेयंतिक सव्विड्ढीए जाव अकालपरिहीणा चेव सूरियाभस्स देवस्स अंतियं पाउब्भवंति ॥ १३ ॥ तए णं से सूरिया देवे ते सूरियाभविमाणवासिणो बहवे वेमाणिया देवाय देवीओ य अकालपरिहीणा चेव अंतियं पाउब्भवमाणे पासइ पासित्ता हतु जाव हियए आभिओगियं देवं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखंभसयसंनिवितुं लीलट्ठियसालभंजियागं ईहामियउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिंनररुरु सरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्ति चित्तं खंभुग्गयवरवइरवेइयापरिगयाभिरामं विज्जाहरजमलजुयलजंतजुत्तंपिव अच्चीसहस्समालिणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिब्भिसमाणं चक्खुल्लोयणलेसं सुहफासं सस्सिरीयरूवं घंटावलिचलियमहुरमणहरसरं सुहं कंतं दरिसणिज्जं णिउणोचियमिसिमिर्सितमणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं जोयणसयसहस्सवित्थिण्णं दिव्वं गमणसज्जं सिग्धगमणं णाम दिव्वं जाणविमाणं विउव्वाहि विउव्वित्ता खिप्पामेव एयमाणत्तियं पचप्पिणाहि ॥ १४ ॥ तए णं से आभिओगिए देवे सूरियाभेण देवेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ठ जाव हियए करयलपरिग्गहियं जाव पडिसुणेइ पडि - सुत्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवकमइ अवकमित्ता वेडव्वियसमुग्धाएणं समोहण २ ता संखेजाई जोयणाई जाव अहाबायरे पोग्गले परिसाडेइ २ ता अहासुंहुमे पोग्गले परियाएइ २ त्ता दोच्चंपि वेडव्वियसमुग्धा एणं समोहणित्ता अणेगखंभसयसन्निविद्वं जाव दिव्वं जाणविमाणं विउव्विरं पवत्ते यावि होत्था । तए णं से आभिओगिए देवे तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स तिदिसिं तिसोवाणपडिरूवए विउव्वइ, तंजहा-पुरच्छिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं, तेर्सि तिसोवाणपडिरूवगाणं इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा - वइरामया णिम्मा रिट्ठामया पट्ठाणा वेरुलियामया खंभा सुवण्णरुप्पमया फलगा लोहियक्खमईओ सूईओ वयरामया संधी णाणामणिमया अवलंबणा अवलंबणबाहाओ य पासादीया जाव पडिरूवा । सिणं तिसोवाणपडिवगाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं तोरणं पण्णत्तं, तेसि णं तोरणाणं इमे यावे वण्णावासे प० तं०-तोरणा णाणामणिमया णाणामणिमएसु थंभेसु उवनिविट्ठसंनिविद्वविविहमुत्तंतरारूवोववचिया विविहतारारूवोवचिया जाव पडिरुवा । 1 सिणं तोरणाणं उप्पं अट्ठट्ठमंगलगा पण्णत्ता, तंजहा -सोत्थियसि रिवच्छणंदियावत्तवद्धमाणगभद्दासणकलसमच्छदप्पणा जाव पडिरूवा । तेसिं च णं तोरणाणं उप्पि बहवे हिचामरज्झए जाव सुकिलचामरज्झए अच्छे सण्हे रुप्पपट्टे वइरामयदंडे जलयामलगंधिए सुरम्मे पासादीए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे विउव्वइ । ४६ Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाणविमाणरत्तमणी] सुत्तागमे ४७ तेसि ण तोरणाणं उप्पिं बहवे छत्ताइच्छत्ते पडागाइपडागे घंटाजुयले उप्पलहत्थए कुमुयणलिणसुभगसोगंधियपोंडरीयमहापोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तहत्थए सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे विउव्वइ । तए णं से आभिओगिए देवे तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स अंतो बहुसमरमणिजं भूमिभागं विउव्वइ । से जहाणामए आलिंगपुक्खरे इ वा मुइंगपुक्खरे इ वा सरतले इ वा करतले इ वा चंदमंडले इ वा सुरमंडले इ वा आयंसमंडले इ वा उरब्भचम्मे इ वा वसहचम्मे इ वा वराहचम्मे इ वा सीहचम्मे इ वा वग्घचम्मे इ वा छगलचम्मे इ वा दीवियचम्मे इ वा अणेगसंकुकीलगसहस्सवियए णाणाविहपंचवन्नेहिं मणीहिं उवसोभिए आवडपञ्चावडसेढिपसेढिसोत्थियसोवत्थियपूसमाणगवद्धमाणगमच्छंडगमगरंडगजारमारफुल्लावलिपउमपत्तसागरतरंगवसंतलयपउमलयभत्तिचित्तेहिं सच्छाएहिं सप्पभेहिं समरीइएहिं सउज्जोएहिं णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं उबसोभिए तंजहा-किण्हेहिं णीलेहिं लोहिएहिं हालिद्देहिं सुकिल्लेहिं, तत्थ णं जे ते किण्हा मणी तेसि णं मणीणं इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए जीमूतए इ वा अंजणे इ वा खंजणे इ वा कज्जले इ वा गवले इ वा गवलगुलिया इ वा भमरे इ वा भमरावलिया इ वा भमरपतंगसारे इ वा जंबूफले इ वा अद्दारितु इ वा परहुए इ वा गए इ वा गयकलमे इ वा किण्हसप्पे इ वा किण्हकेसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा किण्हासोए इ वा किण्हकणवीरे इ वा किण्हवंधुजीवे इ वा, भवे एयारूवे सिया?, णो इणढे समढे, ओवम्मं समणाउसो! ते णं किण्हा मणी इत्तो इतराए चेव कंततराए चेव मणुण्णतराए चेव मणामतराए चेत्र वण्णेणं पण्णत्ता। तत्थ णं जे ते नीला मणी तेसि णं मणीणं इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए भिंगे इ वा भिंगपत्ते इ वा सुए इ वा सुयपिच्छे इ वा चासे इ वा चासपिच्छे इ वा णीली इ वा णीलीभेए इ वा णीलीगुलिया इ वा सामा इ वा उच्चन्तगे इ वा वणराई इ वा हलधरवसणे इ वा मोरग्गीवा इ वा अयसिकुसुमे इ वा बाणकुसुमे इ वा अंजणकेसियाकुसुमे इ वा नीलुप्पले इ वा णीलासोगे इ वा णीलबंधुजीवे इ वा णीलकणवीरे इ वा, भवेयारूवे सिया ?, णो इणढे समठे, ते णं णीला मणी एत्तो इतराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ता । तत्थ णं जे ते लोहियगा मणी तेसि णं मणीणं इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहाणामए उरब्भरुहिरे इ वा ससरुहिरे इ वा नररुहिरे इ वा वराहरुहिरे इ वा महिसरुहिरे इ वा बालिंदगोवे इ वा बालदिवायरे इ वा संझब्भरागे इ वा गुंजद्धरागे इ वा जासुअणकुसुमे इ वा किंसुयकुसुमे इ वा पालियायकुमुमे इ वा जाइहिंगुलए इ वा सिलप्पवाले इ वा पवालअंकुरे इ वा लोहियक्खमणी इ वा Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४८ सुत्तागमे [रायपसेणइयं लक्खारसगे इ वा किमिरागकंबले इ वा चीणपिट्ठरासी इ वा रत्तुप्पले इ वा रत्तासोगे इ वा रत्तकणवीरे इ वा रत्तबंधुजीवे इ वा, भवेयारूवे सिया?, णो इणढे समढे, ते णं लोहिया भणी इत्तो इट्टतराए चेव जाव वण्णेणं प० । तत्थ णं जे ते हालिद्दा मणी तेसि णं मणीणं इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते-से जहाणामए चंपए इ वा चंपछल्ली इ वा चंपगभेए इ वा हलिहा इ वा हलिद्दाभेए इ वा हलिद्दगुलिया इ वा हरियालिया इ वा हरियालभेए इ वा हरियालगुलिया इ वा चिउरे इ वा चिउरंगराए इ वा वरकणगे इ वा वरकणगनिघसे इ वा [सुवण्णसिप्पाए इ वा] वरपुरिसवसणे इ वा अल्लईकुसुमे इ वा चंपाकुसुमे इ वा कुहंडियाकुसुमे इ वा तडवडाकुसुमे इ वा घोसेडियाकुसुमे इ वा सुवण्णजूहियाकुसुमे इ वा सुहिरण्णकुसुमे इ वा कोरंटगवरमल्लदामे इ वा बीययकुसुमे इ वा पीयासोगे इ वा पीयकणवीरे इ वा पीयबंधुजीवे इ वा, भवेयारूवे सिया?, णो इणढे समढे, ते णं हालिद्दा मणी एत्तो इतराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ता । तत्थ णं जे ते सुकिल्ला मणी तेसिणं मणीणं इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते । से जहानामए अंके इ वा संखे इ वा चंदे इ वा कुमुदोदकदगरयदहिघणक्खीरक्खीरपूरे इ वा कोंचावली इ वा हारावली इ वा हंसावली इ वा बलागावली इ वा चंदावली इ वा सारइयबलाहए इ वा धंतधोयरुप्पपट्टे इ वा सालिपिट्ठरासी इ वा कुंदपुप्फरासी इ वा कुमुयरासी इ वा सुक्कच्छिवाडी इ वा पिहुणमिंजिया इ वा भिसे इ वा मुणालिया इ वा गयदंते इ वा लवंगदलए इ वा पोंडरियदलए इ वा सेयासोगे इ वा सेथकणवीरे इ. वा सेयबन्धुजीवे इ वा, भवेयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, ते णं सुकिल्ला मणी एत्तो इट्टतराए चेव जाव वन्नेणं पण्णत्ता । तेसि णं मणीणं इमेयारूवे गंधे पण्णत्ते, से जहानामए कोठपुडाण वा तगरपुडाण वा एलापुडाण वा चोयपुडाण वा चंपापुडाण वा दमणापुडाण वा कुंकुमपुडाण वा चंदणपुडाण वा उसीरपुडाण वा मरुआपुडाण वा जातिपुडाण वा जूहियापुडाण वा मल्लियापुडाण वा ण्हाणमल्लियापुडाण वा केयइपुडाण वा पाडलिपुडाण वा णोमालियापुडाण वा अगुरुपुडाण वा लवंगपुडाण वा वासपुडाण वा कप्पूरपुडाण वा अणुवायंसि वा ओभिजमाणाण वा कुट्टिजमाणाण वा भंजिजमाणाण वा उकिरिजमाणाण वा विकिरिजमाणाण वा परिभुजमाणाण वा परिभाइज्जमाणाण वा भंडाओ भंडं साहरिज्जमाणाण वा ओराला मणुण्णा मणहरा घाणमणनिव्वुइकरा सव्वओ समंता गंधा अभिनिस्सवंति, भवेयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, ते णं मणी एत्तो इठुतराए चेव गंधेणं पन्नत्ता । तेसि णं मणीणं इमेयारूवे फासे पण्णत्ते, से जहानामए आइणेइ वा रूए इ वा बूरे Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दावणणं ] सुत्तागमे saraणी इवा हंसगब्भतूलिया इ वा सिरीसकुसुमनिचए इ वा बालकुमुयपत्तरासी इ वा, भवेयाख्वे सिया ?, णो इणट्ठे समट्ठे, ते णं मणी एत्तो इट्ठतराए चेव जाव फासेणं पन्नत्ता । तए णं से आभिओगिए देवे तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं महं पिच्छाघरमंडवं विउव्वइ अणेगखंभसयसंनिविट्टं अब्भुग्गयसुक्यवरवेश्यातोरणवररइयसालभंजियागं सुसिलिडविसिटुलट्ठसंठियपसत्थवेरुलियविमलखंभं णाणामणि[कणगरयण ] खचियउज्जलबहुसमसुविभत्तभूमिभागं ईहामियउसभतुरगनर मगरविहगवालग किन्नररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं खं० कंचणमणिरयणथूभियागं णाणाविहपंचवण्णघंटापडागपरिमंडियग्गसिहरं चवलं मरीइकवयं विणिम्मुयंतं लाउलोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितलं उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवार देसभागं आसत्तोसत्तविउलवद्व्वग्घारियमलदामकलावं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं कालागुरुपवरकुंदरुक्क तुरुक्क धूव मघम घंतगंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं अच्छरगणसंघसंविकिण्णं दिव्वं तुडियसद्दसंपणाइयं अच्छं जाव पडिवं । तस्स णं पिच्छाघरमंडवस्स अंतो बहुसमरमणिजभूमिभागं विउव्वइ जाव मणीणं फासो । तस्स णं पेच्छाघरमंडवस्स उल्लोयं विउव्वइ पउमलयभत्तिचित्तं जाव पडिरूवं । तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झ देसभाए एत्थ णं एगं महं वइरामयं अक्खाडगं बिउव्वइ । तस्स णं अक्खाडयस्स बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं महेगं मणिपेढियं विउव्वइ अनु जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वमणिमयं अच्छं सहूं जाव पडिवं । तीसे णं मणिपेढियाए उवरि एत्थ णं महेगं सिंहासणं विउव्वर, तस्स णं सीहासणस्स इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्तेतवणिज्जमया चक्कला रययामया सीहा सोवण्णिया पाया णाणामणिमयाई पायसीगाई जंबूणयमयाई गत्ताइं वइरामया संधी णाणामणिमए वेच्चे, सेणं सीहासणे ईहामियउस भतुरगनरमगरविहगवालगकिन्नररुरुसर भच मरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं [सं]सारसारोव चियमणिरयणपायवीढे अच्छर गमिउमसूरगणवतयकुसंतलिम्बकेसरपच्चत्थुयाभिरामे आईणगस्यबूरणवणीयतूलफासमउए सुविरइयरयताणे उवचियखो मदुगुल पट्टपडिच्छायणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे पासाईए ४ । तस्स णं सिंहासणस्स उवरि एत्थ णं महेगं विजयदुसं विउव्वर, संखंक ( संख) कुंददगरयअमयमहियफेणपुंजसंनिगासं सव्वरयणामयं अच्छं सहं पासादीयं दरिसणिज्जं अभिरूवं पडिरूवं । तस्स णं सीहासणस्स उवरिं विजयदूसस्स य बहुमज्झ देस भागे एत्थ णं महं एगं वयरामयं अंकुसं विउव्वर, तस्सि च णं वयरामयंसि अंकुसंसि ४ सुत्ता० ४९ Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं कुंभिकं मुत्तादामं विउव्वइ । से णं कुंभिक्के मुत्तादामे अन्नेहिं चउहिं अद्धकुंभिक्केहि मुत्तादामेहिं तदद्भुञ्चत्तपमाणेहिं सव्वओ समंता संपरिखित्ते । ते णं दामा तवणिज्जलंबूसगा सुवण्णपयरगमंडियग्गा णाणामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोभियसमुदया ईसिं अण्णमण्णमसंपत्ता वाएहिं पुव्वावरदाहिणुत्तरागएहिं मंदायं मंदायं एइज्जमाणाणि २ पलंबमाणाणि २ वदमाणाणि २ उरालेणं मणुन्नेणं मणहरेणं कण्णमणणिव्वुइकरेणं सद्देणं ते पएसे सव्वओ समंता आपूरेमाणा २ सिरीए अईव २ उवसोभेमाणा चिट्ठति । तए णं से आभिओगिए देवे तस्स सिंहासणस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स चउण्डं सामाणियसाहस्सीणं चत्तारि भद्दासणसाहस्सीओ विउव्वइ, तस्स णं सीहासणस्स पुरच्छिमेणं एत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स चउण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं चत्तारि भद्दासणसाहस्सीओ विउव्वइ, तस्स णं सीहासणस्स दाहिणपुरच्छिमेणं एत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स अभितरपरिसाए अट्ठण्हं देवसाहस्सीणं अट्ठ भद्दासणसाहस्सीओ विउव्वइ, एवं दाहिणेणं मज्झिमपरिसाए दसण्हं देवसाहस्सीणं दस भद्दासणसाहस्सीओ विउव्वइ दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरपरिसाए बारसण्हं देवसाहस्सीणं बारस भद्दासणसाहस्सीओ विउव्वइ पञ्चत्थिमेणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं सत्त भद्दासणे विउव्वइ, तस्स णं सीहासणस्स चउदिसिं एत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं सोलस भद्दासणसाहस्सीओ विउव्वइ, तंजहा-पुरच्छिमेणं चत्तारि साहस्सीओ दाहिणेणं चत्तारि साहस्सीओ पचत्थिमेणं चत्तारि साहस्सीओ उत्तरेणं चत्तारि साहस्सीओ । तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए अइरुग्गयस्स वा हेमंतियबालियसूरियस्स वा खयरिंगालाण वा रत्तिं पजलियाण वा जवाकुसुमवणस्स वा किंसुयवणस्स वा पारियायवणस्स वा सध्वओ समंता संकुसुमियस्स; भवेयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, तस्स णं दिव्वस्स जाणविमाणस्स एत्तो इतराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ते, गंधो य फासो य जहा मणीणं । तए णं से आभिओगिए देवे दिव्वं जाणविमाणं विउव्वइ २ त्ता जेणेव सूरियाभे देवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सूरियाभं देवं करयलपरिग्गहियं जाव पञ्चप्पिणइ ॥१५॥ तए णं से सूरियाभे देवे आभिओगस्स देवस्स अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्ठ जाव हियए दिव्वं जिणिंदाभिगमणजोग्गं उत्तरवेउब्वियरूवं विउव्वइ विउव्वित्ता चरहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं दोहिं अणीएहि, तंजहा-गंधव्वाणीएण य गट्टाणीएण य सद्धिं संपरिखुडे तं दिव्वं जाणविमाणं अणुपयाहिणीकरेमाणे पुरत्थिमिल्लेणं तिसोमाणपडिरूवएणं दुरूहइ दुरूहित्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूरियाभनिग्गमणं] सुत्तागमे उवागच्छित्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे। तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ तं दिव्वं जाणविमाणं अणुपयाहिणीकरेमाणा उत्तरिलेणं तिसोवाणपडिरूवएणं दुरूहति दुरूहित्ता पत्तेयं पत्तेयं पुव्वणत्थेहिं भद्दासणेहिं णिसीयंति, अवसेसा देवा य देवीओ य तं दिव्वं जाणविमाणं जाव दाहिणिलेणं तिसोवाणपडिरूवएणं दुरूहंति दुरूहित्ता पत्तेयं पत्तेयं पुव्वणत्थेहिं भद्दासणेहिं निसीयंति । तए णं तस्स सरियाभस्स देवस्स तं दिव्वं जाणविमाणं दुरूढस्स समाणस्स अट्ठ मङ्गलगा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपत्थिया, तंजहा-सोत्थियसिरिवच्छ जाव दप्पणा । तयणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगार दिव्वा य छत्तपडागा सचामरा दसणरइया आलोयदरिसणिज्जा वाउ यविजयवेजयंतीपडागा ऊसिया गगणतलमणुलिहन्ती पुरओ अहाणुपुवीए संपत्थिया । तयणंतरं च णं वेरुलियभिसंतविमलदण्डं पलम्बकोरंटमल्लदामोवसोभियं चंदमंडलनिभं समुस्सियं विमलमायवत्तं पवरसीहासणं च मणिरयणभत्तिचित्तं सपायपीढं सपाउयाजोयसमाउत्तं बहुकिंकरामरपरिग्गहियं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपत्थियं । तयणंतरं च णं वइरामयवलट्ठसंठियसुसिलिट्ठपरिघट्टमट्ठसुपइट्ठिए विसिढे अणेगवरपंचवण्णकुडभीसहस्सुस्सिए परिमंडियाभिरामे वाउ यविजयवेजयंतीपडागच्छत्ताइच्छत्तकलिए तुंगे गगणतलमणुलिहंतसिहरे जोयणसहस्समूसिए महइमहालए महिंदज्झए पुरओ अहाणुपुव्वीए संपत्थिए । तयणंतरं च णं सुरूवणेवत्थपरिकच्छिया सुसजा सव्वालंकारभूसिया महया भडचडगरपहगरेणं पंच अणीयाहिवइणो पुरओ अहाणपुव्वीए संपत्थिया । [तयणंतरं च णं बहवे आभिओगिया देवा देवीओ य सएहिं सएहिं रूवेहिं, सएहिं सएहिं विसेसेहिं, सएहिं सएहिं विदेहिं, सएहिं सएहिं णेज्जाएहिं, सएहिं सएहिं णेवत्थेहिं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपत्थिया] तयणंतरं च णं सूरियाभविमाणवासिणो बहवे वेमाणिया देवा य देवीओ य सव्विड्डीए जाव रवेणं सृरियाभं देवं पुरओ पासओ य मग्गओ य समणुगच्छंति ॥ १६ ॥ तए णं से सरियामे देवे तेणं पञ्चाणीयपरिखित्तेणं वइरामयवट्टलट्ठसंठिएणं जाव जोयणसहस्समूसिएणं महइमहालएणं महिंदज्झएणं पुरओ कडिजमाणेणं चउहिं सामाणियसहस्सेहिं जाव सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अन्नेहि य बहहिं सूरियाभविमाणवासीहिं वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिबुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं सोहम्मस्स कप्पस्स मज्झंमज्झेणं तं दिव्वं देविड्डिं दिव्वं देवजुई दिव्वं देवाणुभावं उवलालेमाणे उवलालेमाणे उवदंसेमाणे उवदंसेमाणे पडिजागरेमाणे पडिजागरेमाणे जेणेव सोहम्मस्स कप्पस्स उत्तरिले णिजाणमग्गे तेणेव उवागच्छद, जोयणसयसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं ओवयमाणे वीईवयमाणे Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२ सुत्तागमे [रायपसेणइयं ताए उकिट्ठाए जाव तिरियं असंखिज्जाणं दीवसमुद्दाणं मझमज्झेणं वीइवयमाणे वीइवयमाणे जेणेव नंदीसरवरे दीवे जेणेव दाहिणपुरथिमिल्ले रतिकरपव्वए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता तं दिव्वं देविड्ढि जाव दिव्वं देवाणुभावं पडिसाहरेमाणे २ पडिसंखेवेमाणे २ जेणेव जम्बुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे जेणेव आमलकप्पा नयरी जेणेव अम्बसालवणे उज्जाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवन्तं महावीरं तेणं दिव्वेणं जाणविमाणेणं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ करित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स उत्तरपुरस्थिमे दिसिभाए तं दिव् जाणविमाणं ईसिं चउरंगुलमसंपत्तं धरणितलंसि ठवेइ ठवित्ता चउहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं दोहिं अणीयाहि-तंजहा गंधव्वाणिएण य णट्टाणिएण य-सद्धिं संपरिखुडे ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिख्वएणं पञ्चोरुहइ । तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरहंति, अवसेसा देवा य देवीओ य ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पचोरुहन्ति । तए णं से सूरियामे देवे चउहिं अग्गमहिसीहिं जाव सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अण्णेहि य बहूहिं सूरियाभविमाणवासीहिं वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिबुडे सव्विड्डीए जाव णाइयरवेणं जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ करित्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-'अहं णं भंते ! सूरियाभे देवे देवाणुप्पियाणं वन्दामि नमंसामि जाव पजुवासामि' ॥ १७ ॥ सूरियाभाइ समणे भगवं महावीरे सूरियाभं देवं एवं वयासी'पोराणमेयं सूरियामा ! जीयमेयं सूरियामा ! 'किच्चमेयं सूरियामा ! करणिजमेयं सूरियामा ! आइण्णमेयं सूरियामा ! अब्भणुण्णायमेयं सूरियामा ! जं णं भवणवइ'वाणमंतरजोइसवेमाणिया देवा अरहंते भगवंते वंदति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता तओ पच्छा साइं साइं नामगोत्ताई साहिति तं पोराणमेयं सूरियामा ! जाव अब्भणुण्णायमेयं सूरियामा ! । तए णं से सूरियामे देवे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हट्ट जाव समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता नच्चासण्णे नाइदूरे सुस्सूसमाणे णमंसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पजुवासइ ॥ १८-१९ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे सूरियाभस्स देवस्स तीसे य महइमहालियाए परिसाए जाव परिसा जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया ॥ २० ॥ तए णं से सूरियामे देवे. समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूरियाभविउव्वणा] सुत्तागमे धम्म सोच्चा निसम्म हतुट्ठ जाव हयहियए उठाए उढेइ उद्वित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-अहं णं भंते ! सूरियाभे देवे किं भवसिद्धिए अभवसिद्धिए ? सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी ? परित्तसंसारिए अणंतसंसारिए ? सुलभबोहिए दुल्लभबोहिए? आराहए विराहए ? चरिमे अचरिमे ? ॥२१॥ सूरियाभाइ समणे भगवं महावीरे सूरियाभं देवं एवं वयासी-सरियामा ! तुमं णं भवसिद्धिए नो अभवसिद्धिए जाव चरिमे णो अचरिमे। तए णं से सूरियाभे देवे समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठचित्तमाणदिए परमसोमणस्सिए समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी--तुब्भे णं भंते ! सव्वं जाणह सव्वं पासह, सव्वओ जाणह सव्वओ पासह, सव्वं कालं जाणह सव्वं कालं पासह, सव्वे भावे जाणह सव्वे भावे पासह । जाणंति णं देवाणुप्पिया ! मम पुचि वा पच्छा वा मम एयारूवं दिव्वं देविढेि दिव्वं देवजुई दिव्वं देवाणुभावं लद्धं पत्तं अभिसमण्णागयंति, तं इच्छामि णं देवाणुप्पियाणं भत्तिपुव्वगं गोयमाइयाणं समणाणं निग्गंथाणं दिव्वं देविढेि दिव्यं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं दिव्वं बत्तीसइबद्धं नट्टविहिं उवदंसित्तए ॥२२॥ तए णं समणे भगवं महावीरे सूरियाभेणं देवेणं एवं वुत्ते समाणे सूरियाभस्स देवस्स एयम8 णो आढाइ णो परियाणइ तुसिणीए संचिठ्ठइ । तए णं से सूरियाभे देवे समणं भगवन्तं महावीरं दोच्चं पि तच्च पि एवं वयासी—तुब्भे णं भंते ! सव्वं जाणह जाव उवदंसित्तएत्तिकमु समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ करित्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवकमइ अवकमित्ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहणइ समोहणित्ता संखिज्जाइं जोयणाई दण्डं निस्सिरइ २ त्ता अहावायरे० अहासुहुमे० । दोच्च पि वेउव्वियसमुग्घाएणं जाव बहुसमरमणि भूमिभागं विउव्वइ । से जहा नामए आलिंगपुक्खरे इ वा जाव मणीणं फासो तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे पिच्छाघरमण्डवं विउव्वइ अणेगखंभसयसंनिविढे वण्णओ अन्तो बहुसमरमणिजं भूमिभागं उल्लोयं अक्खाडगं च मणिपेढियं च विउव्वइ । तीसे णं मणिपेढियाए उवरि सीहासणं सपरिवारं जाव दामा चिट्ठन्ति । तए णं से सूरियामे देवे समणस्स भगवओ महावीरस्स आलोए पणामं करेइ करित्ता 'अणुजाणउ मे भगवंतिकहु सीहासणवरगए तित्थयराभिमुहे संणिसण्णे । तए णं से सूरियामे देवे तप्पढमयाए नानामणिकणगरयणविमलमहरिहनिउणोवियमिसिमिसिंतविरइयमहाभरणकडगतुडियवरभूसणुज्जलं पीवरं पलम्बं दाहिणं भुयं पसारेइ तओ णं सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं सरिसलावण्णरूवजोव्वणगुणोववेयाणं एगाभरणवसणगहियणिज्जोयाणं दुहओ संवेल्लि Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५४ [रायपसेणइयं यग्गणियत्थाणं आविद्धतिलयामेलाणं पिणिद्धगेविजकंचयाणं उप्पीलियचित्तपट्टपरियरसफेणगावत्तरइयसंगयपलंबवत्थंतचित्तचिल्ललगनियंसणाणं एगावलिकण्ठरइयसोभंतवच्छपरिहत्थभूसणाणं अट्ठसयं णट्टसज्जाणं देवकुमाराणं णिग्गच्छइ । तयणंतरं च णं नानामणि० जाव पीवरं पलंबं वामं भुयं पसारेइ तओ णं सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिव्वयाणं सरिसलावण्णरूवजोव्वणगुणोववेयाणं एगाभरण. दुहओ संवेल्लियग्ग० आविद्धतिलयामेलाणं पिणद्धगेवेजकंचुईणं नानामणिरयणभूसणविराइयंगमंगाणं चंदाणणाणं चंदद्धसमनिलाडाणं चंदाहियसोमदंसणाणं उक्का इव उज्जोवेमाणीणं सिंगारा० हसियभणिय० गहियाउजाणं अट्ठसयं नट्टसजाणं देवकुमारियाणं णिग्गच्छइ । तए णं से सूरियाभे देवे अट्ठसयं संखाणं विउव्वइ अट्ठसयं संखवायाणं विउव्वइ, अ० सिंगाणं वि० अ० सिंगवायाणं वि०, अ० संखियाणं वि० अ० संखियवायाणं वि०, अ० खरमुहीणं वि० अ० खरमुहिवायाणं वि०, अ० पेयाणं वि० अ० पेयावायगाणं वि०, अ० पिरिपिरियाणं वि० अ० पिरिपिरियावायगाणं वि० एवमाइयाइं एगूणपण्णं आउजविहाणाई विउव्वइ । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारियाओ य सद्दावेइ । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य सूरियामेणं देवेणं सद्दाविया समाणा हट्ट जाव जेणेव सूरियाभे देवे तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सूरियामं देवं करयलपरिग्गहियं जाव वद्धावित्ता एवं वयासी-'संदिसंतु णं देवाणुप्पिया! जं अम्हेहिं कायव्वं' । तए णं से सूरियाभे देवे ते बहवे देवकुमारे य देवकुमारीओ य एवं वयासी-'गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! समणं भगवंतं महावीर तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेह करित्ता वंदह नमंसह वंदित्ता नमंसित्ता गोयमाइयाणं समणाणं निग्गंथाणं तं दिव्वं देविड्डि दिव्वं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं दिव्वं बत्तीसइबद्धं णट्टविहिं उवदंसेह उवदंसित्ता खिप्पामेव एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह । तए णं ते बहवे देवकुमारा देवकुमारीओ य सूरियाभेणं देवेणं एवं वुत्ता समाणा हट्ठ जाव करयल० जाव पडिसुणंति पडिसुणित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं जाव नमंसित्ता जेणेव गोयमाइया समणा निग्गंथा तेणेव उवागच्छंति । तए णं ते बहवे देवकुमारा देवकुमारीओ य समामेव समोसरणं करेंति करित्ता समामेव अवणमंति अवणमित्ता समामेव उन्नमंति एवं सहियामेव ओनमंति एवं सहियामेव उन्नमंति सहियामेव उण्णमित्ता संगयामेव ओनमंति संगयामेव उन्नमंति उन्नमित्ता थिमियामेव ओणमंति थिमियामेव उन्नमंति समामेव पसरंति पसरित्ता समामेव आउजविहाणाइं गेण्हंति समामेव पवाएंसु पगाइंसु पणच्चिंसु । किं ते? उरेणं मंदं सिरेण तारं कंठेण वितारं तिविहं तिसमयरे Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गट्टविहिपदंसणं] सुत्तागमे यगरइयं गुंजाऽवंककुहरोवगूढं रत्तं तिठाणकरणसुद्धं सकुहरगुंजंतवंसतंतीतलताललयगहसुसंपउत्तं महुरं समं सललियं मणोहरं मिउरिभियपयसंचारं सुरइसुणइवरचारु. रूवं दिव्वं णमुसज्जं गेयं पगीया वि होत्था किं ते ? उद्धुमंताणं संखाणं सिंगाणं संखियाणं खरमुहीणं पेयाणं पिरिपिरियाणं, आहम्मंताणं पणवाणं पडहाणं, अप्फालिजमाणाणं भंभाणं होरंभाणं, तालिजंताणं भेरीणं झल्लरीणं दुंदुहीणं, आलवंताणं मरयाणं मुइंगाणं नंदीमुइंगाणं, उत्तालिजंताणं आलिंगाणं कुंतुंवाणं गोमुहीणं महलाणं, मुच्छिजंताणं वीणाणं विपंचीणं वल्लईणं, कुट्टिजंताणं महंतीणं कच्छभीणं चित्तवीणाणं, सारिजंताणं बद्धीसाणं सुघोसाणं नंदिघोसाणं, फुट्टिजंतीणं भामरीणं छन्भामरीणं परिवायणीणं, छिप्पंतीणं तूणाणं तुंबवीणाणं, आमोडिजंताणं आमोयाणं झंझाणं नउलाणं, अच्छिजंतीणं मुगुंदाणं हुडुक्कीणं विचिक्कीणं, वाइज्जंताणं करडाणं डिंडिमाणं किणियाणं कडम्वाणं, ताडिजंताणं दद्दरिगाणं दद्दरगाणं कुतुंबाणं कलसियाणं मड्डयाणं, आताडिजंताणं तलाणं तालाणं कंसतालाणं, घटिजंताणं रिंगिरिसियाणं लत्तियाणं मगरियाणं सुसुमारियाणं, फूमिज्जंताणं वंसाणं वेलूणं वालीणं परिल्लीणं बद्धगाणं । तए णं से दिव्वे गीए दिव्वे वाइए 'दिव्वे नट्टे एवं अब्भुए सिंगारे उराले मणुन्ने मणहरे गीए भणहरे नहे मणहरे बाइए उप्पिंजलभूए कहकहभूए दिव्वे देवरमणे पवत्ते यावि होत्था । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स सोत्थियसि रिवच्छनंदियावत्तवद्धमाणगभद्दासणकलसमच्छदप्पणमंगलभत्तिचित्तं णामं दिव्वं नट्टविहिं उवदंसेंति १ ॥ २३ ॥ तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य सममेव समोसरणं करेंति करित्ता तं चेव भाणियव्वं जाव दिव्वे देवरमणे पवत्ते यावि होत्था । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स आवडपच्चावडसेढिपसेढिसोत्थियसोवत्थियपूसमाणववद्धमाणगमच्छण्डमगरंडजारमारफुल्लावलिपउमपत्तसागरतरंगवसंतलयापउमलयभत्तिचित्तं णाम दिव्वं णविहिं उवदंसेंति २, एवं च एकिक्रियाए णट्टविहीए समोसरणाइया एसा वत्तव्यया जाव दिव्वे देवरमणे पवत्ते यावि होत्था । तए णं ते बहवे देवकुमारा देवकुमारियाओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स ईहामियउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिन्नररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं णामं दिव्वं गट्टविहिं उवदंसेंति ३, एगओ वंकं दुहओ वंकं एगओ खुहं दुहओ खुहं एगओ चक्कवालं दुहओ चक्कवालं चक्कद्धचकवालं णामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसंति ४, चंदावलिपविभत्तिं च सूरावलिपविभत्तिं च वलियावलिपविभत्तिं च हंसावलिप० च एगावलिप० च तारावलिप० च मुत्तावलिप० च कणगावलिप० च रयणावलिप० णामं दिव्यं Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५६ [रायपसेणइयं णट्टविहिं उवदंसेंति ५, चंदुग्गमणप० च सूरुग्गमणप० च उग्गमणुग्गमणप० णामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति ६, चंदागमणप० च सूरागमणप० च आगमणागमणप० णामं उवदंसेंति ७, चंदावरणप० सूरावरणप० च आवरणावरणप० णामं · · उवदंसेंति ८, चंदत्थमणप० च सूरत्थमणप० अत्थमणऽत्थमणप० नाम:'"उवदंसेंति ९, चंदमंडलपविभत्तिं च सूरमंडलप० च नागमंडलप० च जक्खमंडलप० च भूयमंडलप० च [रक्खसमहोरगगन्धव्वमंडलप० च] मंडलमंडलप० नाम 'उवदंसेंति १०, उसभमंडलप० च सीहमंडलप० च हयविलंबियं गयवि० हयविलसियं गयविलसियं मत्तहयविलसियं मत्तगयविलसियं मत्तहयविलंबियं मत्तगयवि० दुयविलम्बियं. णामं ''णट्टविहिं उवदंसेंति ११, सागरपविभत्तिं च नागरप० च सागरनागरप० णाम "उवदंसेंति १२, गंदाप० च चंपाप० च नन्दाचंपाप० णामं 'उवदंसेंति १३, मच्छंडाप० च मयरंडाप० च जारप० च मारप० च मच्छंडमयरंडजारमारप० णाम उवदंसेंति १४, 'क'त्ति ककारप० च 'ख'त्ति खकारप० च 'ग'त्ति गकारप० च 'घ'त्ति घकारप० च 'ङ'त्ति ङकारप० च ककारखकारगकारघकारङकारप०. णाम "उवदंसेंति १५, एवं चकारवग्गो वि १६, टकारवग्गो वि १७, तकारवग्गो वि १८, पकारवग्गो वि १९, असोयपल्लवप० च अंबपल्लवप० च जंबूपल्लवप० च कोसंबपल्लवप० च पल्लवप० णामं 'उवदंसेंति २०, पउमलयाप० जाव सामलयाप० च लयाप० णामं "उवदंसेंति २१, दुयणामं "उवदंसेंति २२, विलबियं णाम... उव० २३, दुयविलंबियं णाम "उव० २४, अंचियं २५, रिभियं २६, अंचियरिभियं २७, आरभडं २८, भसोलं २९, आरभडभसोलं ३०, उप्पयनिवयपवत्तं संकुचियं पसारियं रयारइयं भंतं संभंतं णामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति ३१ । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य समामेव समोसरणं करेंति जाव दिव्वे देवरमणे पवत्ते यावि होत्था । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स पुव्वभवचरियणिबद्धं च चवणचरियणिबद्धं च संहरणचरियनिबद्ध च जम्मणचरियनिबद्धं च अभिसेयचरियनिबद्धं च बालभावचरियनिबद्धं च जोव्वणचरियनिबद्धं च कामभोगचरियनिबद्धं च निक्खमणचरियनिबद्धं च तवचरणचरियनिबद्धं च णाणुप्पायचरियनिबद्धं च तित्थपवत्तणचरियपरिनिव्वाणचरियनिबद्धं च चरिमचरियनिबद्धं णामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति ३२ । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारीओ य चउव्विहं वाइत्तं वाएंति-तं जहा-ततं विततं घणं झुसिरं । तए गं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारियाओ य चउव्विहं गेयं गायंति तंजहा-उक्खित्तं पायतं मंदायं रोइयावसाणं च । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारियाओ य Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विमाणवत्तव्वया] सुत्तागमे चउविहं णट्टविहिं उवदंसंति तंजहा-अंचियं रिभियं आरभडं भसोलं च । तए णं ते बहवे देवकुमारा य देवकुमारियाओ य चउव्विहं अभिणयं अभिणएंति तंजहादिट्रतियं पाडिंतियं सामन्नोविणिवाइयं अंतोमज्झावसाणियं च । तए णं ते वहवे देवकुमारा य देवकुमारियाओ य गोयमाझ्याणं समणाणं निग्गंथाणं दिव्वं देविढेि दिव्वं देवजुई दिव्वं देवाणुभावं दिव्वं वत्तीसइवद्धं नाडयं उवदंसित्ता समणं भगवंतं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेंति करित्ता वंदंति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता जेणेव सरियाभे देवे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सूरियाभं देवं करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु जएणं विजएणं वद्धावेंति बद्धावित्ता एवं आणत्तियं पञ्चप्पिणंति ॥ २४ ॥ तए णं से सूरियाभे देवे तं दिव्यं देविष्टुिं दिव्वं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं पडिसाहरइ पडिसाहरेत्ता खणेणं जाए एगे एगभूए । तए णं से सूरियाभे देवे समणं भगवंतं महावीरं तिकबुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ त्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता नियगपरिवालसद्धिं संपरिबुडे तमेव दिव्वं जाणविमाणं दुरूहइ दुरूहित्ता जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसि पडिगए ॥ २५ ॥ भंते ! त्ति भयवं गोयमे समणं भगवंतं महावीरं वंदइ नमंसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-सूरियाभस्स णं भंते ! देवस्स एसा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवज्जुई दिव्वे देवाणुभावे कहिं गए कहिं अणुप्पविढे ? गोयमा ! सरीरं गए सरीरं अणुप्पवितु। से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चइ सरीरं गए सरीरं अणुप्पविढे ? गोयमा ! से जहा नामए कूडागारसाला सिया दुहओ लित्ता गुत्ता गुत्तद्वारा णिवाया णिवायगंभीरा, तीसे गं कूडागारसालाए अदूरसामंते एत्थ ण महेगे जणसमूहे चिट्ठइ, तए णं से जणसमूहे एगं महं अब्भवद्दलगं वा वासवद्दलगं वा महावायं वा एजमाणं पासइ पासित्ता तं कूडागारसालं अंतो अणुप्पविसित्ता णं चिट्ठइ, से तेणटेणं गोयमा! एवं बुच्चइ-'सरीरं अणुप्पविढे' ॥ २६ ॥ कहिं णं भंते ! सूरियाभस्स देवस्स सरियाभे नामं विमाणे पन्नत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उर्दु चंदिमसृरियगहगणनक्खत्तताराख्वाणं वहूई जोयणाई बहूइं जोयणसयाई एवं सहस्साई सयसहस्साई बहुईओ जोयणकोडीओ जोयणसयकोडीओ जोयणसहस्सकोडीओ बहुईओ जोयणसयसहस्सकोडीओ बहुईओ जोयणकोडाकोडीओ उड्डू दूरं वीईवइत्ता एत्थ णं सोहम्मे नामं कप्पे पन्नत्ते पाईणपडीणायए उदीणदाहिणवित्थिण्णे अद्धचंदसंठाणसंठिए अच्चिमालिभासरासिवण्णाभे असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं एत्थ णं सोहम्माणं देवाणं वत्तीसं विमाणावाससयसहस्साई भवंतीति मक्खायं । ते णं Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं विमाणा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं विमाणाणं बहुमज्झदेसभाए पंच वडिंसया पन्नता तंजहा-असोगवडिंसए सत्तवण्णवडिंसए चंपगवडिंसए चूयवडिंसए मज्झे सोहम्मवडिंसए ते णं वडिंसगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तस्स णं सोहम्मवडिंसगस्स महाविमाणस्स पुरथिमेणं तिरियं असंखेजाई जोयणसयसहस्साइं वीइवइत्ता एत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सूरियाभे णामं विमाणे पण्णत्ते अद्धतेरसजोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं अउणयालीसं च सयसहस्साई बावन्नं च सहस्साई अट्ठ य अडयालजोयणसए परिक्खेवेणं । से णं एगेणं पागारेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते से णं पागारे तिण्णि जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं, मूले एगं जोयणसयं विक्खंभेणं, मज्झे पन्नासं जोयणाइं विक्खंभेणं उप्पि पणवीसं जोयणाइं विक्खंभेणं । मूले वित्थिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे से णं पागारे णाणाविहपंचवण्णेहिं कविसीसएहिं उवसोभिए तं जहा-कण्हेहि य नीलेहि य लोहिएहिं हालिदेहिं सुकिल्लेहिं कविसीसएहिं । ते णं कविसीसगा एग जोयणं आयामेणं अद्धजोयणं विक्खंभेणं देसूणं जोयणं उर्दू उच्चत्तेणं सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । सूरियाभस्स णं विमाणस्स एगमेगाए बाहाए दारसहस्सं दारसहस्सं भवतीति मक्खायं, ते णं दारा पंच जोयणसयाई उई उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा ईहामियउसभतुरगणरमगरविहगवालगकिन्नररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ता खंभुग्गयवरवयरवेइयापरिगयाभिरामा विजाहरजमलजुयलजंतजुत्ता विव अच्चीसहस्समालणीया रूवगसहस्सकलिया भिसमाणा भिब्भिसमाणा चक्खुल्लोयणलेसा सुहफासा सस्सिरीयरूवा । वन्नो दाराणं तेसिं होइ तंजहा-वइरामया णिम्मा रिट्ठामया पइट्ठाणा वेरुलियमया खंभा जायरूवोवचियपवरपंचवन्नमणिरयणकोटिमतला हंसगब्भमया एलुया गोमेजमया इंदकीला लोहियक्खमईओ चेडाओ जोईरसमया उत्तरंगा लोहियक्खमईओ सूईओ वयरामया संधी नाणामणिमया समुग्गया वयरामया अग्गला अग्गलपासाया रययामयाओ आवत्तणपेढियाओ अंकुत्तरपासगा निरंतरियघणकवाडा भित्तीसु चेव भित्तिगुलिया छप्पन्ना तिण्णि होंति गोमाणसिया तत्तिया णाणामणिरयणवालरूवगलीलट्ठियसालभंजियागा वयरामया कूडा रययामया उस्सेहा सव्वतवणिजमया उल्लोया णाणामणिरयणजालपंजरमणिवंसगलोहियक्खपडिवंसगरययभोमा अंकामया पक्खा पक्खबाहाओ जोईरसमया वंसा वंसकवेल्लुयाओ रययामईओ पट्टियाओ जायरूवमईओ ओहाडणीओ वइरामईओ उवरिपुञ्छणीओ सबसेयरययामए छायणे Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सालभंजियावण्णणा] सुत्तागमे सयकणगकूडतवणिजथूभियागा सेया संखतलविमलनिम्मलदहिघणगोखीरफेणश्ययणिगरप्पगासा तिलगरयणद्धचंदचित्ता नाणामणिदामालंकिया अंतो बहिं च सण्डा तवणिजवालयापत्थडा सुहफासा सस्सिरीयस्वा पासाईया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूबा ॥ २७ ॥ तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ निसीहियाए सोलस सोलस चंदणकलसपरिवाडीओ पन्नत्ताओ, ते णं चंदणकलसा वरकमलपइटाणा सुरभिवरवारिपडिपुण्णा चंदणकयचच्चागा आविद्धकंठेगुणा पउमुप्पलपिहाणा सव्वरयणामया अच्छा जाब पडिरूवा महया मह्या इंदकुंभसमाणा पन्नत्ता समणाउसो ! । तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ णिसीहियाए सोलस सोलस णागदन्तपरिवाडीओ पन्नत्ताओ, ते णं णागदंता मुत्ताजालंतरुसियहेमजालगवक्खजालखिखिणीघंटाजालपरिक्खित्ता अब्भुग्गया अभिणिसिट्ठा तिरियसुसंपरिग्गहिया अहेपन्नगद्धरूवा पन्नगद्धसंठाणसंठिया सव्ववयरामया अच्छा जाव पडिख्वा महया महया गयदंतसमाणा पन्नत्ता समणाउसो ! । तेसु णं णागदंतएसु वहवे किण्हसुत्तबद्धा वग्धारियमल्लदामकलावा णील लोहिय० हालिद्द० सुकिल्लसुत्तबद्धा वग्धारियमल्लदामकलावा, ते णं दामा तवणिजलंबूसगा सुवन्नपयरगमंडिया नाणाविहमणिरयणविविहहारउवसोभियसमुदया जाव सिरीए अईव अईव उवसोभेमाणा चिट्ठति । तेसि णं णागदंताणं उवरि अन्नाओ सोलस सोलस नागदंतपरिवाडीओ पन्नत्ता ते णं णागदंता तं चेव जाव गयदंतसमाणा पन्नत्ता समणाउसो ! तेलु णं णागदंतएसु बहवे रययामया सिक्कगा पन्नत्ता, तेसु णं रययामएमु सिक्कएसु बहवे वेरुलियामईओ धूवघडीओ प० ताओ णं धूवघडीओ कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुकधूवमघमचंतगंधुद्धयाभिरामाओ सुगंधवरगंधियाओ गंधवद्विभूयाओ ओरालेणं मणुण्णेणं मणहरेणं घाणमणणिव्वुइकरेणं गंधेणं ते पएसे सव्वओ समंता आपूरेमाणा आपूरेमाणा जाव चिट्ठति । तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ णिसीहियाए सोलस सोलस सालभंजियापरिवाडीओ पन्नत्ताओ, ताओ णं सालभंजियाओ लीलट्ठियाओ सुपइट्ठियाओ सुअलंकियाओ णाणाविहरागवसणाओ णाणामल्लपिणद्धाओ मुट्ठिगिज्झसुमज्झाओ आमेलगजमलजुयलवहियअन्भुन्नयपीणरइयसंठियपीवरपओहराओ रत्तावंगाओ असियकेसीओ मिडविसयपसत्थलक्खणसंवेल्लियग्गसिरयाओ ईसिं असोगवरपायवसमुट्ठियाओ वामहत्थरगहियग्गसालाओ ईसिं अद्धच्छिकडक्वचिट्ठिएणं लूसमाणीओ विव चक्षुल्लोयणलेसेहि य अन्नमन्नं खिज्जमाणीओ विव पुढविपरिणामाओ सासयभावमुवगयाओ चन्दाणणाओ चंदविलासिणीओ चंदद्धसमणिडालाओ चंदाहियसोमदंसणाओ उक्का विव उज्जोवेमाणाओ विजुघणमिरियसूरदिप्पंततेयअहिययरस Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६० सुत्तागमे [रायपसेणइयं निगासाओ सिंगारागारचारुवेसाओ पासाइयाओ जाव चिट्ठति । तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ णिसीहियाए सोलस सोलस जालकडगपरिवाडीओ पन्नत्ता, ते णं जालकडगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ निसीहियाए सोलस सोलस घंटापरिवाडीओ पन्नत्ता, तासि णं घंटाणं इमेयारूवे वन्नावासे पन्नत्ते, तंजहा-जंबूणयामईओ घंटाओ वयरामयाओ लालाओ णाणामणिमया घंटापासा तवणिजमइयाओ संखलाओ रययामयाओ रजओ । ताओ णं घंटाओ ओहस्सराओ मेहस्सराओ हंसस्सराओ कुंचस्सराओ सीहस्सराओ दुंदुहिस्सराओ णंदिस्सराओ णंदिघोसाओ मंजुस्सराओ मंजुघोसाओ सुस्सराओ सुस्सरघोसाओ उरालेणं मणुन्नेणं मणहरेणं कन्नमणनिव्वुइकरेणं सद्देणं ते पएसे सव्वओ समंता आपूरेमाणाओ आपूरेमाणाओ जाव चिट्ठति । तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ णिसीहियाए सोलस सोलस वणमालापरिवाडीओ पन्नत्ताओ, ताओ णं वणमालाओ णाणामणिमयदुमलयकिसलयपल्लवसमाउलाओ छप्पयपरिभुजमाणसोहंतसस्सिरीयाओ पासाईयाओ' । तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ णिसीहियाए सोलस सोलस पगंठगा पन्नत्ता, ते णं पगंठगा अड्डाइजाइं जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं पणवीसं जोयणसयं बाहल्लेणं सव्ववयरामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं पगंठगाणं उवरिं पत्तेयं पत्तेयं पासायवडेंसगा पन्नत्ता, तेणं पासायवडेंसगा अड्डाइजाई जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं पणवीसं जोयणसयं विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिया विव विविहमणिरयणभत्तिचित्ता वाउ यविजयवेजयंतपडागच्छत्ताइच्छत्तकलिया तुंगा गगणतलमणुलिहंतसिहरा जालंतररयणपंजरुम्मिलिय व्व मणिकणगथूमियागा वियसियसयवत्तपोंडरीयतिलगरयणद्धचंदचित्ता णाणामणिदामालंकिया अंतो बहिं च सण्हा तवणिज्जवालुयापत्थडा सुहफासा सस्सिरीयरूवा पासाईया दरिसणिज्जा जाव दामा। तेसि णं दाराणं उभओ पासे सोलस सोलस तोरणा पन्नत्ता, णाणामणिमया णाणामणिमएसु खंभेसु उवणिविठ्ठसन्निविट्ठा जाव पउमहत्थगा । तेसि णं तोरणाणं पत्तेयं पुरओ दो दो सालभंजियाओ पन्नत्ताओ, जहा हेट्ठा तहेव । तेसि णं तोरणाणं पुरओ नागदंता पन्नत्ता जहा हेट्ठा जाव दामा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो हयसंघाडा गयसंघाडा नरसंघाडा किन्नरसंघाडा किंपुरिससंघाडा महोरगसंघाडा गंधव्वसंघाडा उसभसंघाडा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, एवं पंतीओ वीही मिहुणाई। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो पउमलयाओ जाव सामलयाओ णिचं कुसुमियाओ सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो दिसासोवत्थिया पन्नत्ता सव्वरयणामया अच्छा जाव पडि Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१ सीहासणवण्णओ] सुत्तागमे रुवा। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चंदणकलसा पन्नत्ता, ते णं चंदणकलसा बरकमलपइट्ठाणा तहेव । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो भिंगारा पन्नत्ता, ते णं भिंगारा वरकमलपट्टाणा जाव महया मत्तगयमुहागिइसमाणा पन्नत्ता समणाउसो!। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो आयंसा पन्नत्ता, तेसि णं आयंसाणं इमेयारूवे वन्नावासे पन्नत्ते, तंजहा-तवणिजमया पगंठगा अंकमया मंडला अणुग्घसियनिम्मलाए छायाए समणुबद्धा चंदमंडलपडिणिकासा महया महया अद्धकायसमाणा पन्नत्ता समणाउसो ! । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो वइरनाभथाला पन्नत्ता अच्छतिच्छडियसालितंदुलणहसंदिट्टपडिपुन्ना इव चिट्ठति सव्वजंवूणयमया जाव पडिरूवा महया महया रहचक्कवालसमाणा पन्नत्ता समणाउसो!। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो याईओ, ताओ णं पाईओ सच्छोदगपरिहत्थाओ णाणाविहस्स फलहरियगस्स बहुपडिपुन्नाओ विव चिट्ठति सव्वरयणामईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ महया महया गोकलिंजरचक्कसमाणीओ पन्नत्ताओ समणाउसो! । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो सुपइट्ठा पन्नत्ता णाणाविहभंडविरइया इव चिट्ठति सव्वरयणामया अच्छा जाव पडि. रूवा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो मणोगुलियाओ पन्नत्ताओ, तासु णं मणोगुलियासु बहवे सुवन्नरुप्पमया फलगा पन्नत्ता, तेसु णं सुवन्नरुप्पमएसु फलगेसु बहवे वयरामया नागदंतया पन्नत्ता, तेतु णं वयरामएसु णागदंतएमु बहवे वयरामया सिकगा पन्नत्ता, तेमु णं वयरामएसु सिक्कगेसु किण्हसुत्तसिक्कगवच्छिया णीलसुत्तसिक्कगवच्छिया लोहियमुत्तसिकगवच्छिया हालिहसुत्तसिक्कगवच्छिया सुकिल्लसुत्तसिक्कगवच्छिया बहवे वायकरगा पन्नत्ता सव्ववेरुलियमया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चित्ता रयणकरंडगा पन्नत्ता, से जहा णामए रन्नो चाउरंतचकवहिस्स चित्ते रयणकरंडए वेरुलियमणिफलिहपडलपञ्चोयडे साए पहाए ते पएसे सव्वओ समंता ओभासइ उज्जोवेइ तवइ पभासइ एवामेव ते वि चित्ता रयणकरंडगा साए पभाए ते पएसे सव्वओ समंता ओभासंति उज्जोति तवंति पभासंति । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो हयकंठा गयकंठा नरकंठा किन्नरकंठा किंपुरिसकंठा महोरगकंठा गंधव्वकंठा उसभकंठा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो पुप्फचंगेरीओ मल्लचंगेरीओ चुन्नचंगेरीओ गंधचंगेरीओ वत्थचंगेरीओ आभरणचंगेरीओ सिद्धत्थचंगेरीओ पन्नत्ताओ सव्वरयणामयाओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ। तासु णं पुप्फचंगेरियासु जाव सिद्धत्थचंगेरीसु दो दो पुप्फपडलगाइं जाव सिद्धत्थपडलगाई सव्वरयणामयाइं अच्छाई जाव पडि. रूवाई। तेसि गं तोरणाणं पुरओ दो दो सीहासणा पण्णत्ता। तेसि णं सीहासणाणं Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२ सुत्तागमे [रायपसेणइयं वण्णओ जाव दामा। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो रुप्पमया छत्ता पन्नत्ता, ते णं छत्ता वेरुलियविमलदंडा जंबूणयकन्निया वइरसंधी मुत्ताजालपरिगया अट्ठसहस्सवरकंचणसलागा दद्दरमलयसुगंधिसव्वोउयसुरभिसीयलच्छाया मंगलभत्तिचित्ता चंदागारोवमा । तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चामराओ पन्नत्ताओ, ताओ णं चामराओ चंदप्पभवेरुलियवयरनानामणिरयणखचियचित्तदण्डाओ सुहुमरययदीहवालाओ संखककुंददगरयअमयमहियफेणपुंजसन्निगासाओ सव्वरयणामयाओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो तेल्लसमुग्गा कोट्ठसमुग्गा पत्तसमुग्गा चोयगसमुग्गा तगरसमुग्गा एलासमुग्गा हरियालसमुग्गा हिंगुलयसमुग्गा मणोसिलासमुग्गा अंजणसमुग्गा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ २८ ॥ सूरियाभे णं विमाणे एगमेगे दारे अट्ठसयं चक्कज्झयाणं अट्ठसयं मिगज्झयाणं गरुडज्झयाणं छत्तज्झयाणं पिच्छज्झयाणं सउणिज्झयाणं सीहज्झयाणं उसभज्झयाणं अट्ठसयं सेयाणं चउविसाणाणं नागवरकेऊणं एवामेव सपुव्वावरेणं सूरियाभे विमाणे एगमेगे दारे असीयं असीयं केउसहस्सं भवतीति मक्खायं । तेसि णं दाराणं एगमेगे दारे पण्णहिँ पण्णढिं भोमा पन्नत्ता, तेसि णं भोमाणं भूमिभागा उल्लोया य भाणियव्वा, तेसि णं भोमाणं बहुमज्झदेसभागे पत्तेयं पत्तयं सीहासणे, सीहासणवन्नओ सपरिवारो, अवसेसेसु भोमेसु पत्तेयं पत्तेयं भद्दासणा पन्नत्ता । तेसि णं दाराणं उत्तमागारा सोलसविहेहिं रयणेहिं उवसोहिया, तंजहा-रयणेहिं जाव रिटेहिं, तेसि णं दाराणं उप्पिं अट्ठट्ठ मंगलगा सज्झया जाव छत्ताइछत्ता एवामेव सपुव्वावरेणं सूरियाभे विमाणे चत्तारि दारसहस्सा भवंतीति मक्खायं । सूरियाभस्स विमाणस्स चउद्दिसिं पंच जोयणसयाई अबाहाए चत्तारि वणसंडा पनत्ता, तंजहा-असोगवणे, सत्तिवणे, चंपगवणे, चूयगवणे पुरथिमेणं असोगवणे दाहिणेणं सत्तवन्नवणे पञ्चत्थिमेणं चंपगवणे उत्तरेणं चूयगवणे । ते णं वणखंडा साइरेगाई अद्धतेरसजोयणसयसहस्साइं आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं पत्तेयं पत्तेयं पागारपरिखित्ता किण्हा किण्होभासा नीला नीलोभासा हरिया हरिओ० सीया सीओ० निद्धा निद्धो० तिव्वा तिव्वो० किण्हा किण्हच्छाया नीला नी० हरिया ह० सीया सी० निद्धा नि० घणकडितडियच्छाया रम्मा महामेहनिउरंबभूया ते णं पायवा मूलमंतो वन्नओ ॥ २९ ॥ तेसि णं वणसंडाणं अंतो बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा पण्णत्ता से जहा नामए आलिंगपुक्खरे इ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहि य तणेहि य उवसोहिया, तेसि णं गंधो फासो णेयव्वो जहक्कम । तेसि णं भंते ! तणाण य मणीण य पुन्वावरदाहिणुत्तरा Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खुड्डाखुड्डियावावियाई ] सुत्तागमे ६३ गएहिं वाएहिं मंदायं मंदायं एइयाणं वेइयाणं कंपियाणं चालियाणं फंदियाणं घट्टियाणं खोभियाणं उदीरियाणं केरिसए सद्दे भवइ ? गोयमा ! से जहानामए सीयाए वा संदमाणीए वा रहस्स वा सच्छत्तस्स सज्झयस्स सघंटस्स सपडागस्स सतोरणवरस्स सनंदिघोसस्स सखिंखिणिहेमजालपरिखित्तस्स हेमवयचित्ततिणिसकणगणिज्जुत्तदारुयायस्स सुसंपिणद्धचकमंडलधुरागस्स कालायससुकयणेमिजंतकम्मस्स आइण्णवरतुरगसुसंपउत्तस्स कुसलणरच्छेयसारहिसुसंपरिग्गहियस्स सरसयबत्तीसतोणपरिमंडियस्स सकंकडावयंसगस्स सचावसरपहरणआवरणभरियजोहजुज्झसज्जस्स रायंगणंसि वा रायंतेउरंसि वा रम्मंसि वा मणिकुट्टिमतलंसि अभिक्खणं अभिक्खणं अभिघट्टिजमाणस्स वा नियटिजमाणस्स वा ओराला मणोण्णा मणोहरा कण्णमणनिव्वुइकरा सद्दा सव्वओ समंता अभिणिस्सवंति, भवेयारूवे सिया ? णो इणढे समढे। से जहा णामए वेयालियवीणाए उत्तरमंदामुच्छियाए अंके सुपइट्ठियाए कुसलनरनारिसुसंपरिग्गहियाए चंदणसारनिम्मियक्रोणपरिघट्टियाए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंमि मंदायं मंदायं वेइयाए पवेइयाए चालियाए घट्टियाए खोभियाए उदीरियाए ओराला मणुण्णा मणहरा कण्णमणनिव्वुइकरा सद्दा सव्वओ समंता अभिनिस्सवंति, भवेयारूवे 'सिया ? णो इणढे समढे । से जहा नामए किन्नराण वा किंपुरिसाण वा महोरगाण वा गंधव्वाण वा भद्दसालवणगयाणं वा नंदणवणगयाणं वा सोमणसवणगयाणं वा पंडगवणगयाणं वा हिमवंतमलयमंदरगिरिगुहासमन्नागयाण वा एगओ सन्निहियाणं समागयाणं सन्निसन्नाणं समुवविट्ठाणं पमुइयपतौलियाणं गीयरइगंधव्वहसियमणाणं गजं पजं कत्थं गेयं पयबद्धं पायवद्धं उक्खित्तं पायंतं मंदायं रोझ्यावसाणं सत्तसरसमन्नागयं छद्दोसविप्पमुक्तं एकारसालंकारं अट्ठगुणोववेयं, गुंजाऽवंककुहरोवगूढं रत्तं तिठाणकरणसुद्धं पगीयाणं, भवेयारूवे ? हंता सिया॥३०॥ तेसि णं वणसंडाणं तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं बहुईओ खुड्डाखुड्डियाओ वावियाओ पुक्खरिणीओ दीहियाओ गुंजालियाओ सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ बिलपंतियाओ अच्छाओ सण्हाओ रययामयकूलाओ समतीराओ वयरामयपासाणाओ तवणिजतलाओ सुवण्णसुज्झरययवालुयाओ वेरुलियमणिफालियपडलपच्चोयडाओ सुहोयारमुउत्ताराओ णाणामणितित्थमुबद्धाओ चउक्कोणाओ आणुपुव्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजलाओ संछन्नपत्त भिसमुणालाओ बहुउप्पलकुमुयनलिणसुभगसोगंधियपोंडरीयसयवत्तसहस्सपत्तकेसरफुल्लोवचियाओ छप्पयपरिभुजमाणकमलाओ अच्छवि मलसलिलपुण्णाओ पडिहत्थभमंतमच्छकच्छंभअणेगसउणमिहुणगपविचरियाओ पत्तेयं पत्तेयं पउमवरवेइयापरिक्खित्ताओ पत्तेयं पत्तेयं वणसंडपरिखित्ताओ अप्पेगइयाओ Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ रायपसेणइयं आसवोयगाओ अप्पेगइयाओ वारुणोयगाओ अप्पेगइयाओ खीरोयगाओ अप्पेगइयाओ घओयगाओ अप्पेगइयाओ खोदोयगाओ अप्पेगइयाओ पगईए उयगरसेणं पण्णत्ताओ पासाइयाओ दरिसणिज्जाओ अभिरुवाओ पडिरुवाओ। तासि णं वावीणं जाव बिलपंतीणं पत्तेयं पत्तेयं चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते तंजहा-वइरामया नेमा... तोरणाणं झया छत्ताइछत्ता य णेयव्वा । तासि णं खुड्डाखुड्डियाणं वावीणं जाव बिलपंतियाणं तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं बहवे उप्पायपव्वयगा नियइपव्वयगा जगईपव्वयगा दारुइज्जपव्वयगा दगमंडवा दगमंचगा दगमालगा दगपासायगा उसड्डा खुड्डखुड्डगा अंदोलगा पक्खंदोलगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसु णं उप्पायपव्वएसु जाव पक्खंदोलएसु बहूइं हंसासणाई कोंचासणाइं गरुलासणाई उण्णयासणाइं पणयासणाई दीहासणाई भद्दासणाई पक्खासणाई मगरासणाइं उसभासणाई सीहासणाइं पउमासणाई दिसासोवत्थियाइं सव्वरयणामयाइं अच्छाइं जाव पडिख्वाइं। तेसु णं वणसंडेसु तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं बहवे आलियघरगा मालियघरगा कयलिघरगा लयाघरगा अच्छणघरगा पिच्छणघरगा मजणघरगा पसाहणघरगा गब्भघरगा मोहणघरगा सालघरगा जालघरगा कुसुमघरगा चित्तघरगा गंधव्वघरगा आयंसघरगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसु णं आलियघरगेसु जाव आयंसघरगेसु तहिं तहिं घरएसु बहूइं हंसासणाई जाव दिसासोवत्थिआसणाई सव्वरयणामयाइं जाव पडिरूवाइं। तेसु णं वणसंडेसु तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे जाइमंडवगा जूहियामंडवगा मल्लियामंडवगा णवमालियामंडवगा वासंतिमंडवगा दहिवासुयमंडवगा सूरिलियमंडवगा तंबोलिमंडवगा मुद्दियामंडवगा णागलयामंडवगा अइमुत्तयलयामंडवगा अप्फोयामंडवगा मालयामंडवगा अच्छा सव्वरयणामया जाव पडिरूवा । तेसु णं जाइमण्डवएसु जाव मालुयामंडवएसु बहवे पुढविसिलापट्टगा हंसासणसंठिया जाव दिसासोवत्थियासणसंठिया अण्णे य वहवे वरसयणासणविसिट्ठसंठाणसंठिया पुढविसिलापट्टगा पण्णत्ता समणाउसो ! आईणगरूयबूरणवणीयतूलफासा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तत्थ णं बहवे वेमाणिया देवा य देवीओ य आसयंति सयंति चिटुंति निसीयंति तुयति रमंति ललंति कीलंति किति मोहेंति पुरा पोराणाणं सुचिण्णाण सुपरिकंताण सुभाण कडाण कम्माण कल्लाणाण कल्लाणं फलविवागं पञ्चणुभवमाणा विहरंति ॥ ३१ ॥ तेसि णं वणसंडाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं पासायवडेंसगा पण्णत्ता, ते णं पासायवडेंसगा पंच जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खभेणं Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मवरवेइया ] सुत्तागमे अब्भुग्गयमूसियपहसिया इव तहेव बहुसमरमणिज्जभूमिभागो उल्लोओ सीहासणं सपरिवारं तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्ठिझ्या परिवसंति, तंजा - असोए सत्तपणे चंपए चूए । सूरियाभस्स णं देवविमाणस्स अंतो बहुसमर-मणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तंजहा - वणसंडविणे जाव बहवे वेमाणिया देवा देवीओ य आसयंति जाव विहरंति, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसे एत्थ णं महेगे उवगारियालयणे पण्णत्ते, एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साईं सोलस सहस्साई दोण्णि य सत्तावीसं जोयणसए तिन्नि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अर्द्धगुलं च किंचिविसेसूणं परिक्खेवेणं, जोयणं बाहल्लेणं, सव्वजंबूणयामए अच्छे जाव पडिवे ॥ ३२ ॥ से गं एगाए पउमवरवेश्याए एगेण य वणसंडेण सव्वओ समता संपरिखित्ते, सा णं पउमवरवेइया अद्धजोयणं उ उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं उवयारियलेणसमा परिक्खेवेणं, तीसे णं पउमवरवेश्याए इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहावयरामया० सुवण्णरुपमया फलया नाणामणिमया कलेवरा णाणामणिमया कलेवरसंघाडगा णाणामणिमया ख्वा णाणामणिमया रूवसंघाडगा अंकामया० उवरिपुञ्छणी सव्वरयणामए अच्छायणे, सा णं पउमवरवेश्या एगमेगेणं हेमजालेणं ए० गवक्खजालेणं ए० खिखिणीजालेणं ए० घंटाजालेणं ए० मुत्ताजालेणं ए० मणिजालेणं ए० कणगजालेणं ए० रयणजालेणं ए० पउमजालेणं सव्वओ समंता संपरिखित्ता, ते णं जाला तवणिज्जलंबूसगा जाव चिद्वंति। तीसे णं परमवरवेश्याए तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे हयसंघाडा जाव उसभसंघाडा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिलवा पासाईया जाव वीहीओ पंतीओ मिहुणाणि लयाओ से केणद्वेणं भंते ! एवं वृच्चइ - परमवरवेश्या पउमवरवेश्या ? गोयमा ! पउमवरवेश्याए णं तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं वेड्यासु वेश्याबाहासु य वेइयफलएसु य वेइयपुडंतरेसु य खंभेषु खंभबाहासु खंभसीसेसु खंभपुडंतरेसु सूईस सूईमुहेसु सूईफलएस सूईपुर्ड - तरेसु पक्खेसु पक्खवाहासु पक्खपेरंतेसु पक्खपुडंतरेसु बहुयाई उप्पलाई पउमाई कुमुयाई णलिणाई सुभगाई सोगंधियाई पुंडरीयाई महापुंडरीयाई सयवत्ताईं सहस्सवाइं सव्वरयणामयाई अच्छाई० पडिवाई महया वासिक्कछत्तसमाणाई पण्णत्त इं समणाउसो ! से एएणं अद्वेणं गोयमा ! एवं वुश्चइ - परमवरवेश्या पउमवरवेश्या । पउमवरवेइया णं भंते! किं सासया असासया ? गोयमा ! सिय सासया सिय असासया । से केणट्ठेणं भंते ! एवं बुवइ - सिय सासया सिय असासया ? गोयमा ! दव्वट्टयाए सासया, वन्नपज्जवेहिं गंधपज्जवेहिं रसपज्जवेहिं फासपज्जवेहिं असासया, ५ सुत्ता० ६५ Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ रायपसेणइयं से एएणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ सिय सासया सिय असासया । पउमवरवेइया ण भंते ! कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! ण कयावि णासि ण कयावि णत्थि ण कयावि न भविस्सइ, भुविं च भवइ य भविस्सइ य, धुवा णियया सासया अक्खया अव्वया अवट्ठिया णिचा पउमवरवेइया । सा णं पउमवरवेइया एगेणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता । से णं वणसंडे देसूणाइं दो जोयणाई चक्कवालविक्खंभेणं उवयारियालेणसमे परिक्खेवेणं वणसंडवण्णओ भाणियव्वो जाव विहरंति । तस्स णं उवयारियालेणस्स चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता वण्णओ तोरणा झया छत्ताइच्छत्ता । तस्स णं उवयारियालयणस्स उवारं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीणं फासो ॥ ३३ ॥ तस्स णं बहुसमरमाणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महेगे मूलपासायवडेंसए पण्णत्ते, से णं मूलपासायवडिंसए पंच जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खंभेणं अब्भुग्गयसूसिय वण्णओ भूमिभागो उल्लोओ सीहासणं सपरिवारं भाणियव्वं अट्ठ मंगलगा झया छत्ताइच्छत्ता । से णं मूलपासायवडेंसगे अण्णेहिं चउहि पासायवडेंसएहिं तय च्चत्तप्पमाणमेत्तेहिं सव्वओ समंता संपरिखित्ते, ते णं पासायवडेंसगा. अड्डाइजाइं जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं पणवीसं जोयणसयं विक्खंभेणं जाव वण्णओ ते णं पासायवडिंसया अण्णेहिं चउहिं पासायवडिसएहिं तय च्चत्तप्पमाणमेत्तेहिं सव्वओ समंता संपरिखित्ता, ते णं पासायवडेंसया पणवीसं जोयणसयं उर्दू उच्चत्तेणं बासद्धिं जोयणाई अद्धजोयणं च विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसिय वण्णओ भूमिभागो उल्लोओ सीहासणं सपरिवारं भाणियव्वं अट्ठ मंगलगा झया छत्ताइच्छत्ता ते णं पासायवडेंसगा अण्णेहिं चउहिं पासायवडेंसएहिं तय च्चत्तपमाणमेत्तेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, ते णं पासायव.सगा बासढि जोयणाई अद्धजोयणं च उर्दू उच्चत्तेणं एकतीसं जोयणाई कोसं च विक्खंभेणं वण्णओ उल्लोओ सीहासणं सपरिवार पासाय० उवरिं अट्ठट्ठ मंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥३४॥ तस्स णं मूलपासायवडेंसयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं एत्थ णं सभा सुहम्मा पण्णत्ता, एगं जोयणसयं आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खम्भेणं बावत्तरि जोयणाइं उर्दू उच्चत्तणं अणेगखम्भ...जाव अच्छरगण...पासाईया० । सभाए णं सुहम्माए तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता, तंजहा-पुरथिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं ते णं दारा सोलस जोयणाई उडे उच्चत्तेणं अट्ठ जोयणाई विक्खम्भेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालाओ, [तेसि णं दाराणं उवरिं अट्ठट्ठ मङ्गलगा झया छत्ताइछत्ता] तेसि णं दाराणं पुरओ पत्तेयं पत्तयं मुहमण्डवे पण्णत्ते, ते णं मुहमण्डवा एगं जोयणसयं Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिक्कावण्णणं] सुत्तागमे ६७ आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं साइरेगाई सोलस जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं वण्णओ सभाए सरिसो, [तेसि णं मुहमण्डवाणं तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता, तंजडा-पुरस्थिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं, ते णं दारा सोलस जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं अट्र जोयणाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालाओ । तेसि णं मुहमंडवाणं भूमिभागा उल्लोया, तेसि णं मुहमंडवाणं उवरिं अटू मङ्गलगा झया छत्ताइच्छत्ता ।] तेसि णं मुहमंडवाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं पेच्छाघरमंडवे पण्णत्ते, मुहमंडववत्तव्वया जाव दारा भूमिभागा उल्लोया । तेसि णं बहसमरमणिजाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं वइरामए अक्खाडए पण्णत्ते, तेसि णं वयरामयाणं अक्खाडगाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं मणिपेढिया पण्णत्ता, ताओ णं मणिपेढियाओ अट्ट जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाई बाहलेणं सव्वमणिमईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ, तासि णं मणिपेढियाणं उवरि पत्तेयं पत्तेयं सीहासणे पण्णत्ते, सीहासणवण्णओ सपरिवारो, तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं उवरिं अट्ठढ मंगलगा झया छत्ताइछत्ता, तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वमणिमईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ, तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं पत्तेयं पत्तेयं महिंदज्झया पण्णत्ता ते णं महिंदज्झया सर्व्हि जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं अद्धकोसं उव्वेहेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं वइरामय सिहरा पासादीया ४ । तेसि णं महिंदज्झयाणं उवरि अट्ठ मंगलगा झया छत्ताइछत्ता तेसि णं महिंदज्झयाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं नंदा पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, ताओ णं पुक्खरिणीओ एगं जोयणसयं आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छाओ जाव वण्णओ-एगइयाओ उदगरसेणं पण्णत्ताओ, पत्तेयं पत्तेयं पउमवरवेइयापरिखित्ताओ पत्तेयं पत्तेयं वणसंडपरिक्खित्ताओ तासि णं णंदाणं पुक्खरिणीणं तिदिसि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता, तिसोवाणपडिरूवगाणं वण्णओ, तोरणा झया छत्ताइछत्ता । सभाए णं सुहम्माए अडयालीसं मणोगुलियासाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुरस्थिमेणं सोलससाहस्सीओ पञ्चत्थिमेणं सोलससाहसीओ दाहिणेणं अट्ठसाहस्सीओ उत्तरेणं अट्ठसाहस्सीओ, तासु णं मणोगुलियासु बहवे सुवण्णरुप्पमया फलगा पण्णत्ता, तेसु णं सुवन्नरुप्पमएसु फलगेसु बहवे वइरामया णागदंता पण्णत्ता, तेसु णं वइरामएसु णागदंतएसु किण्हसुत्तववग्धारियमल्लदामकलावा चिट्ठति, सभाए णं सुहम्माए अडयालीसं गोमाणसियासाहस्सीओ पन्नत्ताओ, जह मणोगुलिया जाव णागदंतगा, तेसु णं णागदंतएसु बहवे रययामया Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं सिकगा पण्णत्ता तेसु णं रययामएसु सिक्कगेसु बहवे वेरुलियामइयाओ धूवघडियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं धूवघडियाओ कालागुरुपवर जाव चिट्ठति । सभाए णं सुहम्माए अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीहिं उवसोभिए मणिफासो य उल्लोओ य, तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महेगा मणिपेढिया पण्णत्ता अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा, तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं एत्थ णं महेगे सीहासणे पण्णत्ते सीहासणवण्णओ सपरिवारो। तीसे णं विदिसाए एत्थ णं महेगा मणिपेढिया पण्णत्ता अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वमणिमया अच्छा जाव पडिरूवा, तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं एत्थ णं महंगे देवसयणिज्जे पण्णत्ते, तस्स णं देवसयणिज्जस्स इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-णाणामणिमया पडिपाया सोवन्निया पाया णाणामणिमयाइं पायसीसगाई जंबूणयामयाइं गत्तगाइं वइरामया संधी णाणामणिमए विच्चे रययामई तूली लोहियक्खमया बिब्बोयणा तवणिजमया गंडोवहाणया से णं सयणिजे सालिंगणवहिए उभओ बिब्बोयणे दुहओउण्णए मज्झे णयगंभीरे गंगापुलिणवालुयाउद्दालसालिसए सुविरइयरयत्ताणे उवंचियखोमदुगुल्लपट्टपडिच्छायणे आईणगरूयबूरणवणीयतूलफासमउए रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे पासादीए पडिरूवे ॥ ३५ ॥ तस्स णं देवसयणिज्जस्स उत्तरपुरत्थिमेणं महेगा मणिपेढिया पण्णत्ता, अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाइं बाहल्लेणं सव्वमणिमई जाव पडिरूवा, तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं एत्थ णं महेगे खुड्डए महिंदज्झए पण्णत्ते सर्व्हि जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं जोयणं विक्खंभेणं वइरामए वलट्ठसंठियसुसिलिट्ठ जाव पडिरूवे, उवरिं अट्ठ मंगलगा झया छत्ताइच्छत्ता, तस्स णं खुड्डागमहिंदज्झयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स चोप्पाले नाम पहरणकोसे पन्नत्ते सव्ववइरामए अच्छे जाव पडिरूवे तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स फलिहरयणखग्गगयाधणुप्पमुहा बहवे पहरणरयणा संनिखित्ता चिटुंति, उज्जला निसिया सुतिक्खधारा पासादीया । सभाए णं सुहम्माए उवरिं अट्ठ मंगलगा झया छत्ताइच्छत्ता ॥ ३६ ॥ सभाए णं सुहम्माए उत्तरपुरस्थिमेणं एत्थ णं महेगा उववायसभा पण्णत्ता, जहा सभाए सुहम्माए तहेव जाव मणिपेढिया अट्ठ जोयणाई देवसयणिजं तहेव सयणिजवण्णओ अट्ठ मंगलगा झया छत्ताइछत्ता । तीसे णं उववायसभाए. उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं महंगे हरए पण्णत्ते एगं जोयणसयं आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं तहेव से णं हरए एगाए पउमवरवेइयाए एगेण Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आभिओगिय विउव्वणं ] सुत्तागमे वणसंडेण सव्वओ समता संपरिक्खित्ते । तस्स णं हरयस्स तिदिसं तिसोवाणपडिरूवगा पन्नत्ता । तस्स णं हरयस्स उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं महेगा अभिसेगसभा पण्णत्ता, सुहम्मागमएणं जाव गोमाणसियाओ मणिपेढिया सीहासणं सपरिवारं जाव दामा चिद्वंति, तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सुबहु अभिसेयभंडे संनिखित्ते चिट्ठइ, अटुट्ठ मंगलगा तहेब । तीसे णं अभिसेगसभाए उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं अलंकारियसभा पण्णत्ता जहा सभा सुहम्मा, मणिपेढिया अट्ठ जोयणाई सीहासणं सपरिवारं, तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सुबहु अलंकारियभंडे संनिखित्ते चिट्ठइ, सेसं तहेव, तीसे णं अलंकारियसभाए उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं महेगा ववसायसभा पण्णत्ता, जहा उववायसभा जाव सीहासणं सपरिवारं मणिपेढिया अट्ठ मंगलगा०, तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स एत्थ महेगे पोत्थयरयणे सन्निक्खित्ते चिट्ठा, तस्स णं पोत्थयरयणस्स इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा - रिट्ठामईओ कंबियाओ तवणिज्जमए दोरे नाणामणिमए गंठी रयणामयाई पत्तगाई वेरुलियमए लिप्पासणे रिट्ठामए छादणे तवणिज्जमई संकला रिट्ठामई मसी वइरामई लेहणी रिट्ठामयाई अक्खराई धम्मिए लेक्खे । ववसायसभाए णं उवरिं अह मंगलगा, तीसे णं ववसायसभाए उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं नंदा पुक्खरिणी पण्णत्ता हरयसरिसा ॥ ३७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सूरियाभे देवे अहुणोववण्णमित्तए चेव समाणे पंचविहाए पज्जत्तीए पजत्तीभावं गच्छइ, तंजहा - आहारपजतीए सरीरपज्जत्तीए इंदियपज्जत्तीए आणपाणपजत्तीए भासामणपज्जत्तीए, तए णं से सूरियाभे देवे सयणिज्जाओ अब्भुट्ठेइ २ ता उववायसभाओ पुरत्थिमिल्लेणं दारेणं निग्गच्छर, जेणेव हरए तेणेव उवागच्छइ २ ता हर अणुपयाहिणीकरेमाणे २ पुरथिमिल्लेणं तोरणेणं अणुपविसइ २ त्ता पुरत्थिमिल्लेणं तिसोवाणपडिवणं पम्बोरुहइ २ ता जलावगाहं जलमजणं करेइ २ त्ता जलकि करेइ २त्ता जलाभिसेयं करेड़ २ त्ता आयंते चोक्खे परमसुईभूए हरयाओ पचोत्तरइ २ त्ता जेणेव अभिसेयसभा तेणेव उवागच्छर तेणेव उवागच्छित्ता अभिसेयसभं अणुपयाहिणीकरेमाणे अणुपयाहिणीकरेमाणे पुरत्थिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ अणुपविसित्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छछ उवागच्छित्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुसन्निने । तए णं सूरियाभस्स देवस्स सामाणियपरिसोववन्नंगा देवा आभिओगिए देवे सहावेंति सद्दावित्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो ! देवाणुप्पिया ! सूरियाभस्स देवरस महत्थं महग्धं महरिहं विउलं इंदाभिसेयं उवद्ववेह । तए णं ते आभिओगिया देवा सामाणियपरिसोववन्नेहिं देवेहिं एवं वृत्ता समाणा हट्ठ जाव हियया करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु 'एवं देवो ! तह त्ति आणाए विणएणं वयणं ६९ Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ रायपसेणइयं पडिसुणंति पडिसुणित्ता उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवकमंति उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवकमित्ता वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति समोहणित्ता संखेजाइं जोयणाई जाव दोच्चं पि वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहणित्ता अट्ठसहस्सं सोवन्नियाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं रुप्पमयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं मणिमयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं सुवण्णरुप्पमयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं सुवन्नमणिमयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं रुप्पमणिमयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं सुवण्णरुप्पमणिमयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं भोमिज्जाणं कलसाणं एवं भिंगाराणं आयंसाणं थालाणं पाईणं सुपइट्ठाणं वायकरगाणं रयणकरंडगाणं सीहासणाणं छत्ताणं चामराणं तेल्लसमुग्गाणं जाव अंजणसमुग्गाणं झयाणं विउव्वंति विउव्वित्ता ते साभाविए य वेउव्विए य कलसे य जाव झए य गिण्हंति गिण्हित्ता सूरियाभाओ विमाणाओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता ताए उकिट्ठाए चवलाए जाव तिरियमसंखेजाणं जाव वीइवयमाणा वीइवयमाणा जेणेव खीरोदयसमुद्दे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता खीरोयगं गिण्हंति० जाई तत्थुप्पलाइं जाव सयसहस्सपत्ताई ताइं गिण्हंति गिण्हित्ता जेणेव पुक्खरोदए समुद्दे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता पुक्खरोदयं गेण्हंति गिण्हित्ता जाइं तत्थुप्पलाइं जाव सयसहस्सपत्ताई ताई गिण्हंति गिण्हित्ता जेणेव समयखेत्ते जेणेव भरहेरवयाई वासाइं जेणेव मागहवरदामपभासाई तित्थाई तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता तित्योदगं गेहंति गेण्हेत्ता तित्थमट्टियं गेहंति गेण्हित्ता जेणेव गंगासिंधुरत्तारत्तवईओ महानईओ तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सलिलोदगं गेहंति सलिलोदगं गेण्हित्ता उभओकूलमटियं गेहंति मट्टियं गेण्हित्ता जेणेव चुल्लहिमवंतसिहरीवासहरपव्वया तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता दगं गेहंति० सव्वतूयरे सव्वपुप्फे सव्वगंधे सव्वमल्ले सव्वोसहिसिद्धत्थए गिण्हंति गिण्हित्ता जेणेव पउमपुंडरीयदहे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता दहोदगं गेण्हंति गेण्हित्ता जाइं तत्थ उप्पलाइं जाव सयसहस्सपत्ताई ताई गेण्हंति गेण्हित्ता जेणेव हेमवयएरवयाइं वासाइं जेणेव रोहियरोहियंसासुवण्णकूलरुप्पकूलाओ महाणईओ तेणेव उवागच्छंति, सलिलोदगं गेण्हंति गेण्हित्ता उभओकूलमट्टियं गिण्हंति गिम्हित्ता जेणेव सद्दावइवियडावइपरियागा वट्टवेयड्डपव्वया तेणेव उवागच्छन्ति उवागंच्छित्ता सव्वतूयरे तहेव जेणेव महाहिमवंतरुप्पिवासहरपव्वया तेणेव उवागच्छन्ति तहेव जेणेव महापउममहापुंडरीयदहा तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता दहोदगं गिण्हन्ति तहेव जेणेव हरिवासरम्मगवासाइं जेणेव हरिकंतनारिकताओ महाणईओ तेणेव उवागच्छंति तहेव जेणेव गंधावइमालवंतपरियाया ववेयड्डपव्वया तेणेव तहेव जेणेव णिसढणीलवंतवासधरपव्वया तहेव जेणेव Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सूरियाभविमाणविभूसणा ] सुत्तागमे तिगिच्छिकेसरिद्दहाओ तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता तहेव जेणेव महाविदेहे वासे जेणेव सीयासीओयाओ महाणईओ तेणेव तहेव जेणेव सव्वचक्कवट्टिविजया जेणेव सव्वमागहवरदामप्रभासाई तित्थाई तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता तित्थोदगं गेण्हंति गेण्हित्ता सव्वंतरणईओ जेणेव सव्ववक्खारपव्वया तेणेव उवागच्छंति सव्वत्यरे तहेव जेणेव मंदरे पव्वए जेणेव भद्दसालवणे तेणेव उवागच्छंति सव्वतूयरे सव्वपुष्फे सव्वमले सव्वोसहिसिद्धत्थए य गेण्हंति गेण्हित्ता जेणेव णंदणवणे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सव्वत्यरे जाव सव्वोस हिसिद्धत्थए य सरसगोसीसचंदणं गिण्हंति गिव्हित्ता जेणेव सोमणसवणे तेणेव उवागच्छंति सव्वतूयरे जाव सव्वोसहिसिद्धत्थए य सरसगोसीसचंदणं च दिव्वं च सुमणदामं गिण्हंति गिण्हित्ता जेणेव पंडगवणे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सव्वतूयरे जाव सव्वोसहिसिद्धत्थए य सरसं च गोसीसचंदणं दिव्वं च सुमणदामं दद्दरमलयसुगंधियगन्धे गिन्हन्ति गिण्हित्ता एगओ मिलायंति मिलाइत्ता ताए उक्किट्ठाए जाव जेणेव सोहम्मे कप्पे जेणेव सृरियाभे विमाणे जेणेव अभिसेयसभा जेणेव सूरियाभे देवे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सूरियाभं देवं करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु जएणं विजएणं वद्धाविंति वद्धावित्ता तं महत्थं महग्घं महरिहं बिउलं इंदाभिसेयं उवहवेंति । तए णं तं सूरियाभं देवं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ चत्तारि अग्गमहिसीओ सपरिवाराओ तिन्नि परिसाओ सत्त अणियाहिवइणो जाव अन्नेवि बहवे सरियाभविमाणवासिणो देवा य देवीओ य तेहिं साभाविएहि य वेडव्विएहि य वरकमलपइडाणेहि य सुरभिवरवारिपडिपुन्नेहिं चंदणकयचच्चिएहिं आविद्धकंठेगुणेहिं पउमुप्पलपिहाणेहिं सुकुमालको मलकरयलपरिग्गहिएहिं असहस्सेणं सोवन्नियाणं कलसाणं जाव अनुसहस्सेणं भोमिज्जाणं कलसाणं सव्वोदएहिं सव्वमट्टियाहिं सव्वत्यरेहिं जाव सव्वोसहिसिद्धत्थएहि य सव्विड्डीए जाव वाइएणं महया महया इंदाभिसेएणं अभिसिंचंति । तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स महया महया इंदाभिसेए वमाणे अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं नञ्च्चोययं नाइमट्टियं पविरलफुसियरेणुविणासणं दिव्वं सुरभिगन्धोदगं वासं वासंति, अप्पेगइया देवा हयरयं नरयं भट्टरयं उवसंतरयं पसंतरयं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं आसियसंमज्जिओवलितं सुसंमद्वरत्थंतरावणवीहियं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं मंचाइमंचकलियं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं णाणाविहरागोसियं झयपडागाइपडागमंडियं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं लाउल्लोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिष्णपंचंगुलितलं करेंति, अप्पेगइया देवा ७१ Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ रायपसेणइयं सूरियाभं विमाणं उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियामं विमाणं आसत्तोसत्तविउलववग्धारियमल्लदामकलावं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियामं विमाणं पंचवण्णसुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियामं विमाणं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुकधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामं करेंति, अप्पेगइया देवा सूरियाभं विमाणं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेंति, अप्पेगइया देवा हिरण्णवासं वासंति, सुवण्णवासं वासंति, रययवासं वासंति, वइर-- वासं० पुप्फवासं० फलवासं० मल्लवासं० गंधवासं० चुण्णवासं० आभरणवासं वासंति, अप्पेगइया देवा हिरण्णविहिं भाएंति, एवं सुवन्नविहिं भाएंति, रयणविहिं पुप्फविहिं फलविहिं मल्लविहिं चुण्णविहिं वत्थविहिं गंधविहिं०, तत्थ अप्पेगइया देवा आभरणविहिं भाएंति, अप्पेगइया चउव्विहं वाइत्तं वाइंति-ततं विततं घणं झुसिरं, अप्पेगइया देवा चउविहं गेयं गायंति, तं०-उक्खित्तायं पायत्तायं मंदायं रोइयावसाणं, अप्पेगइया देवा दुयं नट्टविहिं उवदंसिंति अप्पेगइया विलंबियणट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा दुयविलंबियं णट्टविहिं उवदंसेंति, एवं अप्पेगइया अंचियं नविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया देवा आरभडं भसोलं आरभडभसोलं उप्पायनिवायपवत्तं संकुचियपसारियं रियारियं भंतसंभंतणामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया देवा चउव्विहं अभिणयं अभिणयंति, तंजहा-दिलृतियं पाडंतियं सामंतोवणिवाइयं लोगअंतोमज्झावसाणियं, अप्पेगइया देवा बुक्कारेंति, अप्पेगइया देवा पी0ति,, अप्पेगइया लासेंति, अप्पेगइया हक्कारेंति, अप्पेगइया विणंति, तंडवेंति, अप्पेगइया वग्गंति अप्फोडेंति, अप्पेगइया अप्फोडेंति वग्गंति, अप्पे० तिवई छिंदति, अप्पेगइया हयहेसियं करेंति, अप्पेगइया हत्थिगुलगुलाइयं करेंति, अप्पेगइया रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया हयहेसियहत्थिगुलगुलाइयरहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया उच्छलेंति, अप्पेगइया पोच्छलेंति, अप्पेगइया उक्किट्ठियं करेंति, अ०. उच्छलेंति पोच्छलेंति, अप्पेगइया तिन्नि वि, अप्पेगइया उवयंति, अप्पेगइया उप्पयंति, अप्पेगइया परिवयंति, अप्पेगइया तिन्निवि, अप्पेगइया सीहनायंति, अप्पेगइया दद्दरयं करेंति, अप्पेगइया भूमिचवेडं दलयंति, अप्पे० तिन्नि वि, अप्पेगइया गजति, अप्पेगइया विजुयायंति, अप्पेगइया वासं वासंति, अप्पेगइया तिन्निवि करेंति, अप्पेगइया जलंति, अप्पेगइया तवंति, अप्पेगइया पतवेंति, अप्पेगइया तिन्नि वि, अप्पेगइया हक्कारेंति, अप्पेगइया थुक्कारेंति, अप्पेगइया धक्कारेंति, अप्पेगइया साइं साइं नामाइं साति, अप्पेगइया चत्तारि वि, अप्पेगइया देवा देवसन्निवायं करेंति, अप्पेगइया देवुजोयं करेंति, अप्पेगइया देवुक्कलियं Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ७२. सूरियाभालंकरणं] करेंति, अप्पेगइया देवा कहकहगं करेंति, अप्पेगइया देवा दुहदुहगं करेंति, अप्पेगइया चेलुक्खेवं करेंति, अप्पेगइया देवसन्निवायं देवुजोयं देवुक्कलियं देवकहकहगं देवदुहदुहगं चेलुक्खेवं करेंति, अप्पेगइया उप्पलहत्थगया जाव सयसहस्सपत्तहत्थगया, अप्पेगइया कलसहत्थगया जाव झयहत्थगया हद्वतुट्ट जाव हियया सव्वओं समंता आहावंति परिधावंति । तए णं तं सूरियाभं देवं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ जाव सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीओ अण्णे य बहवे सूरियाभरायहाणिवत्थव्वा देवा य देवीओ य महया महया इंदाभिसेगेणं अभिसिंचंति अभिसिंचित्ता पत्तेयं पत्तेयं करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ठ एवं वयासी-जय जय नंदा ! जय जय भद्दा ! जय जय नंदा ! भदं ते, अजियं जिणाहि, जियं च पालेहि, जियमज्झे वसाहि इंदो इव देवाणं चंदो इव ताराणं चमरो इव असुराणं धरणो इव नागाणं भरहो इव मणुयाणं वहूई पलिओवमाइं बहूई सागरोवमाइं बहूई पलिओवमसागरोवमाई चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव आयरक्खदेवसाहस्सीणं सूरियाभस्स विमाणस्स अन्नेसिं च बहूणं सूरियाभविमाणवासीणं देवाण य देवीण य आहेबच्च जाव महया महया कारेमाणे पालेमाणे विहराहित्तिकटु जय जय सदं पउंजंति । तए णं से सूरियाभे देवे महया महया इंदाभिसेगेणं अभिसित्ते समाणे अभिसेयसभाओ पुरथिमिल्लेणं दारेणं निग्गच्छइ निग्गच्छित्ता जेणेव अलंकारियसभा तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अलंकारियसभं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे २ अलंकारियसभं पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ अणुपविसित्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सन्निसन्ने । तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स सामाणियपरिसोववन्नगा अलंकारियभंडं उवट्ठवेंति, तए णं से सूरियाभे देवे तप्पढमयाए पम्हलसूमालाए सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लहेइ लूहित्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अणुलिंपइ अणुलिंपित्ता नासानीसासवायवोझं चक्खुहरं वनफरिसजुत्तं हयलालापेलवाइरेग धवलं कणगखचियन्तकम्मं आगासफालियसमप्पभं दिव्वं देवदूसजुयलं नियंसेइ नियंसेत्ता हारं पिणद्धेइ पिणद्धत्ता अद्धहारं पिणद्धेइ २ त्ता एगावलिं पिणद्धेइ पिणद्धित्ता मुत्तावलिं पिणद्धेइ पिणद्धित्ता रयणावलिं पिणद्धेइ पिणद्धित्ता एवं अंगयाइ केऊराई कडगाइं तुडियाई कडिसुत्तगं दसमुद्दाणंतगं वच्छसुत्तगं मुरविं कंठमुरवि पालंब कुंडलाइं चूडामणिं मउडं पिणद्धेइ गंथिमवेडिमपूरिमसंघाइमेणं चउव्विहेणं मल्लेणं कप्परुक्खगं पिव अप्पाणं अलंकियविभूसियं करेइ करित्ता दद्दरमलयसुगंधगंधिएहिं गायाइं भुखंडेइ दिव्वं च सुमणदामं पिणद्धेइ ।। ३८ ॥ तए णं से सूरियाभ देवे केसालंकारेणं मल्लालंकारेणं आभरणालंकारेणं वत्थालंकारेण चउव्विहेण Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ७४ [रायपसेणइयं अलंकारेण अलंकियविभृसिए समाणे पडिपुण्णलंकारे सीहासणाओ अब्भुढेइ अब्भुद्वित्ता अलंकारियसभाओ पुरथिमिल्लेणं दारेणं पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव ववसायसभा तेणेव उवागच्छइ ववसायसभं अणुपयाहिणीकरेमाणे अगुपयाहिणीकरेमाणे पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ, जेणेव० सीहासणवरगए जाव सन्निसन्ने । तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स सामाणियपरिसोववन्नगा देवा पोत्थयरयणं उवणेंति, तए णं से सूरियाभे देवे पोत्थयरयणं गिण्हइ गिण्हित्ता पोत्थयरयणं मुयइ मुइत्ता पोत्थयरयणं विहाडेइ विहाडित्ता पोत्थयरयणं वाएइ पोत्थयरयणं वाएत्ता धम्मियं ववसायं ववसइ ववसइत्ता पोत्थयरयणं पडिनिक्खिवइ सीहासणाओ अब्भुढेइ अब्भुढेत्ता ववसायसभाओ पुरथिमिल्लेणं दारेणं पडिनिक्खमित्ता जेणेव सभा सुहम्मा तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से सूरियाभे देवे चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जाव सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अन्नेहि य बहूहिं सूरियाभविमाणवासीहिं वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिखुडे सव्विड्डीए जाव नाइयरवेणं जेणेव सभा सुहम्मा तेणेव उवागच्छइ सभं सुहम्मं पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ अणुपविसित्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे ॥ ३९ ॥ तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स अवरुत्तरेणं उत्तरपुरत्थिमेणं दिसिभाएणं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ चउसु भद्दासणसाहस्सीसु निसीयंति, तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स पुरथिमिलेणं चत्तारि अग्गमहिसीओ चउसु भद्दासणेसु निसीयंति, तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स दाहिणपुरस्थिमेणं अभितरियपरिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ अट्ठसु भद्दासणसाहस्सीसु निसीयंति, तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स दाहिणेणं मज्झिमाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ दससु भद्दासणसाहस्सीसु निसीयंति, तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ बारससु भद्दासणसाहस्सीसु निसीयंति, तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स पञ्चत्थिमेणं सत्त अणियाहिवइणो सत्तहिं भद्दासणेहिं णिसीयंति, तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स चउद्दिसिं सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीओ सोलसहिं भद्दासणसाहस्सीहिं णिसीयंति, तंजहा-पुरथिमिल्लेणं चत्तारि साहस्सीओ०, ते णं आयरक्खा सन्नद्धबद्धवम्मियकवया उप्पीलियसरासणपट्टिया पिणद्धगेविज्जा आविद्धविमलवरचिंधपट्टा गहियाउहप्पहरणा तिणयाणि तिसंधियाई वयरामयकोडीणि धणूई पगिज्झ पडियाइयकंडकलावा णीलपाणिणो पीयपाणिणो रत्तपाणिणो चावपाणिणो चारुपाणिणो चम्मपाणिणो दंडपाणिणो खग्गपाणिणो पासपाणिणो नीलपीयरत्तचावचारुचम्मदंडखग्गपासधरा आयरक्खा रक्खोवगा गुत्ता गुत्तपालिया जुत्ता Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एसरायपुत्तो ] सुत्तागमे जुत्तपालिया पत्तेयं पत्तेयं समयओ विणयओ किंकरभूया चिट्ठन्ति ॥ ४० ॥ सूरियाभस्स णं भंते! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता । सृरियाभस्स णं भंते! देवस्स सामाणियपरिसोववण्णगाणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि पलिओ माई ठिई पण्णत्ता, महिड्डिए महजुइए महब्बले महायसे महासोक्खे महाणुभागे सरियाभे देवे, अहो णं भंते! सूरिया देवे महिडिए जाव महाणुभागे ॥ ४१ ॥ “सूरियाणं भन्ते ! देवेणं सा दिव्वा देवडी सा दिव्वा देवजुई से दिव्वे देवाणुभावे किन्ना लद्धे किन्ना पत्ते किन्न अभिसमन्नागए ? पुव्वभवे के आसी ? किंनामए वा, को वा गोत्तेणं ? कयरंसि वा गामंसि वा जाव संनिवेसंसि वा ? किं वा दवा किं वा भोच्चा किं वा किच्चा किंवा समायरित्ता, कस्स वा तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अन्तिए एगमवि आरियं धम्मियं सुवयणं सोचा निसम्म जं णं सूरियाभेणं देवेणं सा दिव्या देवडी जाव देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागए ? " ॥ ४२ ॥ “ गोयमा" इ समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं आमन्तेत्ता एवं वयासी - “ एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे केश्यअद्धे नाम जणवए होत्था रिद्धत्थिमियसमिद्धे० । तत्थ णं केश्यअद्वे जणवए सेयविया नामं नयरी होत्था रिद्धत्थिमियसमिद्धा जाव पडिख्वा । तीसे णं सेयवियाए नयरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए एत्थ णं मिगवणे नामं उज्जाणे होत्था रम्मे नन्दणवणप्पगासे सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धे सुभसुरभिसीयलाए छायाए सव्वओ चेव समणुबद्धे पासादीए जाव पडिरूवे । तत्थ णं सेयवियाए नयरीए पएसी नामं राया होत्था, महया हिमवन्त ara विहरs, अधम्मिए अधम्मिट्ठे अधम्मक्खाई अधम्माणुए अधम्मपलोई अधम्मपजणणे अधम्मसीलसमुदायारे अधम्मेण चेव वित्तिं कप्पेमाणे हणछिन्द भिन्दपवत्तए पावे चण्डे रुद्दे खुद्दे लोहियपाणी साहसिए उक्कञ्चणवञ्चणमायानियडिकूडकवडसाईसंपओगबहुले निस्सीले निव्वए निग्गुणे निम्मेरे निप्पञ्चक्खाणपोसहोववासे बहूणं दुपयचउप्पयमिथपसुपक्खिसिरीसिवाणं घायाए वहाए उच्छेयणाए अधम्मकेऊ समुट्ठिए, गुरूणं नो अब्भुट्टे, नो विणयं पउञ्जइ, समणमाहणाणं नो विणयं परञ्ज, सयस्स वि य णं जणवयस्स नो सम्मं करभरवित्तिं पवत्तेइ ॥ ४३ ॥ तस्स णं पएसिस्स रन्नो सूरियकन्ता नामं देवी होत्था सुकुमालपाणिपाया ( धारिणीवण्णओ) पएसिणा रन्ना सद्धिं अणुरत्ता अविरत्ता इट्ठे सद्दे रूवे जाव विहरइ । तस्स णं पएसिस्स रन्नो जेट्टे पुत्ते सूरियकन्ताए देवीए अत्तए सूरियकन्ते नामं कुमारे होत्था सुकुमाल - पाणिपाए जाव पडित्रे । से णं सूरियकन्ते कुमारे जुवराया वि होत्था, पएसिस्स ७५ Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६ सुत्तागमे [रायपसेणइयं रन्नो रजं च रटुं च बलं च वाहणं च कोसं च कोट्ठागारं च अन्तेउरं च जणवयं च सयमेव पञ्चुवेक्खमाणे २ विहरइ ॥ ४४ ॥ तस्स णं पएसिस्स रन्नो जेट्टे भाउयवयंसए चित्ते नाम सारही होत्था अड्ढे जाव बहुजणस्स अपरिभूए सामदण्डभेयउवप्पयाणअत्थसत्थईहामइविसारए, उप्पत्तियाए वेणइयाए कम्मियाए पारिणामि-- याए चउव्विहाए बुद्धीए उववेए, पएसिस्स रन्नो बहूसु कज्जेसु य कारणेसु य कुडुम्बेसु य मन्तेसु य गुज्झेसु य रहस्सेसु य निच्छएसु य ववहारेसु य आपुच्छणिज्जे मेढी पमाणं आहारे आलम्बणं चक्खू मेढिभूए पमाणभूए आहारभूए आलम्बणभूए चक्खुभूए सव्वट्ठाणसव्वभूमियासु लद्धपच्चए विइण्णवियारे रजधुराचिन्तए यावि होत्था ॥ ४५ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं कुणाला नामं जणवए होत्था, रिद्धत्थिमियसमिद्धे० । तत्य णं कुणालाए जणवए सावत्थी नामं नयरी होत्था रिद्धत्थिमियसमिद्धा जाव पडिख्वा । तीसे णं सावत्थीए नयरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए. कोट्ठए नामं उजाणे होत्था, रम्मे जाव पासादीए ४ । तत्थ णं सावत्थीए नयरीए पएसिस्स रन्नो अन्तेवासी जियसत्तू नामं राया होत्था, महया हिमवन्त जाव विहरइ। तए णं से पएसी राया अन्नया कयाइ महत्थं महग्धं महरिहं विउलं रायारिहं पाहुडं सजावेइ २ त्ता चित्तं सारहिं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-“गच्छ णं चित्ता ! तुमं सावत्थिं नयरिं। जियसत्तुस्स रन्नो इमं महत्थं जाव पाहुडं उवणेहि । जाइं तत्थ रायकजाणि य रायकिच्चाणि य रायनीईओ य रायववहारा य ताइं जियसत्तुणा सद्धिं सयमेव पञ्चुवेक्खमाणे विहराहि"त्तिक? विसजिए ॥ ४६ ॥ तए णं से चित्ते सारही पएसिणा रन्ना एवं वुत्ते समाणे हट्ट जाव पडिसुणेत्ता तं महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ २ ता पएसिस्स रन्नो जाव पडिनिक्खमइ २ त्ता सेयवियं नयरिं मझंमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं महत्थं जाव पाहुडं ठवेइ २ त्ता कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-"खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सच्छत्तं जाव चाउरघण्टं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव पञ्चप्पिणह" । तए णं ते कोडुम्बियपुरिसा तहेव पडिसुणित्ता खिप्पामेव सच्छत्तं जाव जुद्धसज्जं चाउग्घण्टं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेन्ति, तमाणत्तियं पञ्चप्पिणन्ति । तए णं से चित्ते सारही कोडुम्बियपुरिसाणं अन्तिए एयमढे जाव हियए हाए संनद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेवेजे बद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टे गहियाउहपहरणे तं महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ २ त्ता जेणेव चाउरघण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चाउरघण्टं आसरहं दुरुहइ २ त्ता बहूहिं पुरिसेहिं संनद्ध जाव गहियाउहपहरणेहिं सद्धिं संपरिखुडे सकोरिण्टमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं २ मया भडचडगररहपहकरविन्दपरिक्खित्ते Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सावत्थीजणकलयलो] सुत्तागमे ७७ साओ गिहाओ निग्गच्छइ २ त्ता सेयवियं नयरिं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता सुहेहिं वासेहिं पायरासेहिं नाइविकिठेहिं अन्तरावासेहि वसमाणे २ केइयअद्धस्स जणवयस्स मझमज्झेणं जेणेव कुणाला जणवए जेणेव सावत्थी नयरी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सावत्थीए नयरीए मज्झमज्झेणं अणुपविसइ २त्ता जेणेव जियसत्तुस्स रन्नो गिहे, जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला, तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तुरए निगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २ त्ता रहाओ पच्चोरुहइ २ त्ता तं महत्थं जाव पाहुडं गिण्हइ २ त्ता जेणेव अब्भन्तरिया उवट्ठाणसाला जेणेव जियसत्तू राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जियसत्तुं रायं करयलपरिग्गहियं जाव कद्दु जएणं विजएणं वद्धावेइ २ ता तं महत्थं जाव पाहुडं उवणेइ । तए णं से जियसत्तू राया चित्तस्स सारहिस्स तं महत्थं जाव पाहुडं पडिच्छइ २ त्ता चित्तं सारहिं सकारेइ संमाणेइ स० २ ता पडिविसज्जेइ, रायमग्गमोगाढं च से आवासं दलयइ । तए णं से चित्ते सारही विसजिए समाणे जियसत्तुस्स रन्नो अन्तियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउरघण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २त्ता चाउरघण्टं आसरहं दुरुहइ २ त्ता सावत्थिं नयरिं मझमज्झेणं जेणेव रायमग्गमोगाढे आवासे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तुरए निगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २ त्ता रहाओ पञ्चोरुहइ, व्हाए सुद्धप्पावेसाइं मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए, अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे, जिमियभुत्तुत्तरागए वि य णं समाणे पुव्वावरण्हकालसमयसि गन्धव्वेहि य नाडगेहि य उवनञ्चिज्जमाणे २ उवगाइजमाणे २ उवलालिजमाणे २ इटे सद्दफरिसरसरूवगन्धे पञ्चविहे माणुस्सए कामभोए पञ्चणुभवमाणे विहरइ ॥ ४७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावञ्चिजे केसी नाम कुमारसमणे जाइसंपन्ने कुलसंपन्ने बलसंपन्ने रूवसंपन्ने विणयसंपन्ने नाणसंपन्ने दंसणसंपन्ने चरित्तसंपन्ने लज्जासंपन्ने लाघवसंपन्ने लज्जालाघवसंपन्ने ओयंसी तेयंसी वच्चसी जसंसी जियकोहे जियमाणे जियमाए जियलोहे जियनिद्दे जिइन्दिए जियपरीसहे जीवियासमरणभयविप्पमुक्के तवप्पहाणे गुणप्पहाणे करणप्पहाणे चरणप्पहाणे निग्गहप्पहाणे निच्छयप्पहाणे अजवप्पहाणे मद्दवप्पहाणे लाघवप्पहाणे खन्तिप्पहाणे मुत्तिप्पहाणे विजप्पहाणे मन्तप्पहाणे बम्भप्पहाणे नयप्पहाणे नियमप्पहाणे सच्चप्पहाणे सोयप्पहाणे नाणप्पहाणे दंसणप्पहाणे चरित्तप्पहाणे'चउदसपुव्वी, चउनाणोवगए पश्चहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव सावत्थी नयरी जेणेव कोट्ठए उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सावत्थीए नयरीए बहिया कोट्ठए उज्जाणे अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हइ २ त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ॥ ४८ ॥ तए णं सावत्थीए नयरीए सिंघाडगतिगचउक्क Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं चच्चरचउमुहमहापहपहेसु महया जणसद्दे इ वा जणवूहे इ वा जणकलकले इ वा जणबोले इ वा जणउम्मी इ वा जणउक्कलिया इ वा जणसंनिवाए इ वा जाव पजुवासइ । तए णं तस्स सारहिस्स तं महाजणसदं च जणकलकलं च सुणेत्ता य पासित्ता य इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था-"किं णं अज सावत्थीए नयरीए इन्दमहे इ वा खन्दमहे इ वा रुद्दमहे इ वा मउन्दमहे इ वा नागमहे इ वा भूयमहे इ वा जक्खमहे इ वा रुक्खमहे इ वा गिरिमहे इ वा दरिमहे इ वा अगडमहे इ वा नईमहे इ वा सरमहे इ वा सागरमहे इ वा जं णं इमे बहवे उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा खत्तिया नाया कोरव्वा जाव इब्भा इब्भपुत्ता प्रहाया (जहोववाइए जाव) अप्पेगइया हयगया अप्पेगइया गय० पायचारविहारेणं महया २ वन्दावन्दएहिं निग्गच्छन्ति” एवं संपेहेइ २ त्ता कञ्चइज्जपुरिसं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-"किं णं देवाणुप्पिया! अज सावत्थीए नयरीए इन्दमहे इ वा जाव सागरमहे इ वा जेणं इमे बहवे उग्गा भोगा' 'निग्गच्छन्ति?"। तए णं से कञ्चुइज्जपुरिसे केसिस्स कुमारसमणस्स आगमणगहियविणिच्छए चित्तं सारहिं करयलपरिग्गहियं जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-"नो खलु देवाणुप्पिया ! अज सावत्थीए नयरीए इन्दमहे इ वा जाव सागरमहे इ वा जेणं इमे बहवे जाव विन्दाविन्दएहिं निग्गच्छन्ति । एवं खलु भो देवाणुप्पिया! पासावचिजे केसी नाम कुमारसमणे जाइसंपन्ने जाव दूइजमाणे इहमागए जाव विहरइ तेणं अज सावत्थीए नयरीए बहवे उग्गा जाव इब्भा इब्भपुत्ता अप्पेगइया वन्दणवत्तियाए जाव महया वन्दावन्दएहिं निग्गच्छन्ति” ॥ ४९ ॥ तए णं से चित्ते सारही कञ्चइज्जपुरिसस्स अन्तिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ ता एवं वयासी"खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउरघण्टं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह" जाव सच्छत्तं उवट्ठवेन्ति । तए णं से चित्ते सारही पहाए सुद्धप्पावेसाई मङ्गलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे जेणेव चाउरघण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चाउग्घण्टं आसरहं दुरुहइ २ त्ता सकोरिण्टमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं महया भडचडग विन्दपरिक्खित्ते सावत्थीनयरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव कोट्ठए उज्जाणे जेणेव केसी कुमारसमणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता केसिकुमारसमणस्स अदूरसामन्ते तुरए निगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २ ता रहाओ पञ्चोरुहइ २ त्ता जेणेव केसी कुमारसमणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता केसि कुमारसमणं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वन्दइ नसंसइ वं० २ त्ता नच्चासन्ने नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमसमाणे अभिमुहे पञ्जलिउडे विणएणं पजुवासइ । तए णं से केसी कुमारसमणे चित्तस्स सारहिस्स Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चित्तसमणोवासगचरिया] सुत्तागमे ७९ तीसे महइमहालियाए महच्चपरिसाए चाउज्जामं धम्म परिकहेइ । तं जहा-सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं, सव्वाओ अदिन्नादाणाओ वेरमणं, सव्वाओ बहिद्धादाणाओ वेरमणं । तए णं सा महइमहालिया महच्चपरिसा केसिस्स कुमारसमणस्स अन्तिए धम्मं सोचा निसम्म जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया। तए णं से चित्ते सारही केसिस्स कुमारसमणस्स अन्तिए धम्म सोचा निसम्म हह जाव हियए उट्ठाए उठेइ २ त्ता केसि कुमारसमणं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वन्दइ नमसइ बं० २ त्ता एवं वयासी-“सद्दहामि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । पत्तियामि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । रोएमि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । अब्भुटेमि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । एवमेयं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । तहमेयं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । अवितहमेयं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । असंदिद्धमेयं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं । सच्चे णं एसमढे ज णं तुब्भे वयह" त्तिक वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-“जहा णं देवाणुप्पियाणं अन्तिए बहवे उग्गा भोगा जाव इब्भा इब्मपुत्ता चिच्चा हिरणं चिचा सुवण्णं, एवं धन्नं धणं बलं वाहणं कोसं कोट्ठागारं पुरं अन्तेउर, चिच्चा विउलं धणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालसन्तसारसावएजं विच्छइत्ता विगोवइत्ता दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता मुण्डा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वयन्ति, नो खलु अहं ता संचाएमि चिच्चा हिरण्णं तं चेव जाव पव्वइत्तए । अहं णं देवाणुप्पियाण अन्तिए पञ्चाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवजित्तए” । “अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबन्धं करेहि" । तए णं से चित्ते सारही केसिस्स कुमारसमणस्स अन्तिए पञ्चाणुव्वइयं जाव गिहिधम्म उवसंपजित्ताणं विहरइ । तए णं से चित्ते सारही केसिं कुमारसमणं वन्दइ नमंस वं० २ त्ता जेणेव चाउग्घण्टे आसरहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । चाउरघण्टं आसरहं दुरुहइ २ त्ता जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिर्सि पडिगए ॥ ५० ॥ तए णं से चित्ते सारही समणोवासए जाए अहिगयजीवाजीवे उवलद्धपुण्णपावे आसवसंवरनिजरकिरियाहिगरणवन्धमोक्खकुसले असहिजे देवासुरनागसुवण्णजक्खरक्खसकिनरकिंपुरिसगरलगन्धव्वमहोरगाईहिं देवगणेहिं निग्गन्थाओ पावयणाओ अणइकमणिजे, निग्गन्थे पावयणे निस्संकिए निकंखिए निव्वितिगिच्छे लढे गहियढे पुच्छियढे अहिगयढे विणिच्छियढे अट्ठिमिञ्जपेम्माणुरागरत्ते अयमाउसो निग्गन्थे पावयणे अढे अयं परमद्वे सेसे अणद्वे, ऊसियफलिहे अवंगुयदुवारे चियत्तन्तेउरघरप्पवेसे चाउद्दसट्टमुद्दिट्टपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्म अणुपालेमाणे समणे निग्गन्थे फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पीढफलग Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं सेजासंथारेणं वत्थपडिग्गहकम्बलपायपुञ्छणेणं ओसहभेसजेणं पडिलामेमाणे २ बहूहिं सीलव्वयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासेहि य अप्पाणं भावमाणे जाई तत्थ रायकज्जाणि य जाव रायववहाराणि य ताइं जियसत्तुणा रन्ना सद्धिं सयमेव पञ्चुवेक्खमाणे २ विहरइ ॥ ५१ ॥ तए णं से जियसत्तुराया अन्नया कयाइ महत्थं जाव पाहुडं सज्जेइ २त्ता चित्तं सारहिं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-“गच्छाहि णं तुम चित्ता ! सेयवियं नयरिं । पएसिस्स रन्नो इमं महत्थं जाव पाहुडं उवणेहि । मम पाउग्गं च णं जहाभणियं अवितहमसंदिद्धं वयणं विन्नवेहि" त्तिक? विसजिए॥ तए णं से चित्ते सारही जियसत्तुणा रन्ना विसज्जिए समाणे तं महत्थं जाव गिण्हइ जाव जियसत्तुस्स रन्नो अन्तियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता सावत्थीनयरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव रायमग्गमोगाढे आवासे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं महत्थं जाव ठवेइ । हाए सरीरे सकोरेण्ट'महया 'पायचारविहारेणं महया पुरिसवरगुरापरिक्खित्ते रायमग्गमोगाढाओ आवासाओ निग्गच्छइ २ त्ता सावत्थीनयरीए मझमझेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव कोट्ठए उज्जाणे जेणेव केसीकुमारसमणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता केसिकुमारसमणस्स अन्तिए धम्मं सोचा जाव हट्ट जाव एवं वयासी-“एवं खलु अहं भन्ते ! जियसत्तुणा रन्ना पएसिस्स रन्नो इमं महत्थं 'जाव उवणेहित्तिक? विसजिए। तं गच्छामि णं अहं भन्ते ! सेयवियं नयरिं । पासा'दीया णं भन्ते ! सेयविया नयरी । दरिसणिज्जा णं भन्ते ! सेयविया नयरी । अभिरूवा णं भन्ते ! सेयविया नयरी । पडिरूवा णं भन्ते ! सेयविया नयरी । समोसरह णं भन्ते ! सेयवियं नयरिं" । तए णं से केसी कुमारसमणे चित्तेणं सारहिणा एवं वुत्ते समाणे चित्तस्स सारहिस्स एयमढें नो आढाइ नो परिजाणाइ, तुसिणीए संचिठुइ । तए णं से चित्ते सारही केसि कुमारसमणं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी"एवं खलु अहं भन्ते ! जियसत्तुणा रन्ना पएसिस्स रन्नो इमं महत्थं जाव विसजिए तं चेव जाव समोसरह णं भन्ते ! तुब्भे सेयवियं नयरिं" । तए णं केसी. कुमारसमणे चित्तेणं सारहिणा दोच्चं पि तच्चं पि एवं वुत्ते समाणे चित्तं सारहिं एवं वयासी-“चित्ता ! से जहानामए वणसण्डे सिया किण्हे किण्होभासे जाव पडिरूवे। से नूणं चित्ता! से वणसण्डे बहूणं दुपयचउप्पयमियपसुपक्खिसरीसिवाणं अभिगमणिज्जे?" "हन्ता अभिगमणिज्जे "। तंसि च णं चित्ता! वणसण्डंसि बहवे भिलुंगा नाम पावसउणा परिवसन्ति जे णं तेसिं बहूणं दुपयचउप्पमियपसुपक्खिसिरीसिवाणं ठियाणं चेव मंससोणियं आहारेन्ति । से नूणं चित्ता ! से वणसण्डे तेसि णं बहूणं दुपय जाव सिरीसिवाणं अभिगमणिजे?" "नो" ति । “कम्हा णं ?” “भंते ! Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रहठावणं] सुत्तागमे सोवसग्गे”। “एवामेव चित्ता! तुभं पि सेयवियाए नयरीए पएसी नामं राया परिवसइ अहम्मिए जाव नो सम्मं करभरवित्तिं पवत्तेइ । तं कहं णं अहं चित्ता ! सेयवियाए नयरीए समोसरिस्सामि ?'। तए णं से चित्ते सारही केसिं कुमारसमणं एवं वयासी-"किं णं भन्ते! तुब्भं पएसिणा रन्ना कायव्वं ? अत्थि णं भन्ते ! सेयवियाए नयरीए अन्ने वहवे ईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिइओ जे णं देवाणुप्पियं वन्दिस्सन्ति जाव पजुवासिस्सन्ति, विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं पडिलाभेस्सन्ति, पाडिहारिएण पीढफलगसेजासंथारेणं उवनिमन्तिस्सन्ति”। तए णं से केसी कुमारसमणे चित्तं सारहिं एवं वयासी-“अवि याइ चित्ता! समोसरिस्सामो” ॥५२॥ तए णं से चित्ते सारही केसिं कुमारसमणं वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता केसिस्स कुमारसमणस्स अन्तियाओ कोट्ठयाओ उज्जाणाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव रायमग्गमोगाढे आवासे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-"खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! चाउरघण्टं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह"। जहा सेयवियाए नयरीए निग्गच्छइ तहेव जाव वसमाणे २ कुणालाजणवयस्स मझमज्झेणं जेणेत्र केइयअद्धे जणवए जेणेव सेयविया नयरी जेणेव मियवणे उजाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता उजाणपालए सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-"जया णं देवाणुप्पिया ! पासावञ्चिजे केसी नाम कुमारसमणे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे इहमागच्छिना, तया णं तुभे देवाणुप्पिया ! केसि कुमारसमणं वन्दिजाह नमंसिजाह वं० २ त्ता अहापडिरूवं उग्गहं अणुजाणेजाह । पाडिहारिएणं पीढफलग जाव उवनिमन्तेजाह । एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणेज्जाह" । तए णं ते उज्जाणपालगा चित्तेण सारहिणा एवं वुत्ता समाणा हतु? जाव हियया करयलपरिग्गहियं जाव एवं वयासी-"तह" त्ति । आणाए विणएणं वयणं पडिसुणन्ति ॥ ५३ ॥ तए णं से चित्ते सारही जेणेव सेयविया नयरी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सेयवियं नयरिं मज्झंमज्झेणं अणुपविसइ २ त्ता जेणेव पएसिस्स रन्नो गिहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २त्ता तुरए निगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २त्ता रहाओ पच्चोरुहइ २ त्ता तं महत्थं जाव गेण्हइ २ त्ता जेणेव पएसी राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पएसिं रायं करयल जाव वद्धावेत्ता तं महत्थं जाव उवणेइ । तए णं से पएसी राया चित्तस्स सारहिस्स तं महत्थं जाव पडिच्छइ २ त्ता चित्तं सारहिं सकारेइ संमाणेइ स० २ त्ता पडिविसज्जेइ । तए णं से चित्ते सारही पएसिणा रन्ना विसज्जिए समाणे हट्ट जाव हियए पएसिस्स रन्नो अन्तियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव चाउरघण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चाउरघण्टं आसरहं दुरुहइ २ त्ता तुरए निगिण्हइ २ त्ता ६ सुत्ता. Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ८२ [रायपसेणइयं रहं ठवेइ २ ता रहाओ पचोरुहइ २ त्ता बहाए अप्प० उप्पि पासायवरगए फुटमाणेहिं मुइङ्गमत्थएहिं बत्तीसइबद्धएहिं नाडएहिं वरतरुणीसंपउत्तेहिं उवनच्चिज्जमाणे २ उवगाइजमाणे २ उवलालिजमाणे २ इढे सद्दकरिस जाव विहरइ ॥ ५४ ॥ तए णं केसीकुमारसमणे अन्नया कयाइ पाडिहारियं पीढफलगसेज्जासंथारगं पञ्चप्पिणइ २ त्ता सावत्थीओ नयरीओ कोट्ठगाओ उजाणाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता पञ्चहिं अणगारसएहिं जाव विहरमाणे जेणेव केइयअद्धे जणवए जेणेव सेयविया नयरी जेणेव मियवणे उजाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ॥ ५५ ॥ तए णं सेयवियाए नयरीए सिंघाडग महया जणसद्दे इ वा परिसा निग्गच्छइ । तए णं ते उज्जाणपालगा इमीसे कहाए लट्ठा समाणा हटतुट्ठ जाव हियया जेणेव केसी कुमारसमणे तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता केसि कुमारसमणं वन्दन्ति नमंसन्ति वं० २ त्ता अहापडिहवं उग्गहं अणुजाणन्ति. पाडिहारिएणं जाव संथारएणं उवनिमन्तेन्ति० नामं गोयं पुच्छन्ति० ओधारेन्ति० एगन्तं अवकमन्ति २ त्ता अन्नमन्नं एवं वयासी-“जस्स णं देवाणुप्पिया ! चित्ते सारही दंसणं कंखइ० जस्स णं नामगोयस्स वि सवणयाए हतुह जाव हियए भवइ. से णं एस केसी कुमारसमणे पुव्वाणुपुचि चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे इहेव सेयवियाए नयरीए बहिया मियवणे उजाणे अहापडिरूवं जाव विहरइ । तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया! चित्तस्स सारहिस्स एयमढे पियं निवेएमो, पियं से भवउ” । अन्नमन्नस्स अन्तिए एयमढें पडिसुणन्ति । जेणेव सेयविया नयरी जेणेव चित्तस्स सारहिस्स गिहे जेणेव चित्ते सारही तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता चित्तं सारहिं करयल जाव वद्धान्ति २ त्ता एवं वयासी-“जस्स णं देवागुप्पिया ! दंसणं कंखन्ति जाव अभिलसन्ति, जस्स णं नामगोयस्स वि सवणयाए हट्ट जाव भवह, से णं अयं केसी कुमारसमणे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे 'समोसढे जाव विहरइ ॥ ५६ ॥ तए णं से चित्ते सारही तेसिं उजाणपालगाणं अन्तिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठ जाव आसणाओ अब्भुढेइ, पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ त्ता पाउयाओ ओमुयइ २ त्ता एगसाडियं उत्तरासङ्गं करेइ । अञ्जलिमउलियग्गहत्थे केसिकुमारसमणाभिमुहे सत्तट्ट पयाइं अणुगच्छइ २ त्ता करयलपरिग्गहियं० सिरसावत्तं मत्थए अञ्जलिं कट्ठ एवं वयासी-“नमोत्थु णं अरहन्ताणं जाव संपत्ताणं । नमोत्थु णं केसिस्स कुमारसमणस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवएसगस्स । वन्दामि णं भगवन्तं तत्थगयं इहगए। पासउ में” त्तिकठ्ठ वन्दइ नमसइ । ते उजाणपालए विउलेणं वत्थगन्धमल्लालंकारेणं सक्कारेइ संमाणेइ विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ २ ता पडिविसज्जेइ २ त्ता Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ धम्मसवणकारणाणि ] सुत्तागमे ८३ कोडुम्बियपुरिसे सहावे २ ता एवं वयासी - " खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउ - घण्टं आसरहं जुत्तामेव उवद्ववेह जाव पञ्चप्पिणह" । तए णं ते कोडुम्बियपुरिसा जाव खिप्पामेव सच्छत्तं सज्झयं जाव उवट्ठवित्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणन्ति । तए से चित्ते सारही कोडुम्बियपुरिसाणं अन्तिए एयमहं सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए हाए सरीरे जेणेव चाउरघण्टे जाव दुरुहित्ता सकोरण्ट महया भडचड० तं चेव जाव पज्जुवासइ धम्मक० जाव तए णं से चित्ते सारही केसिस्स कुमारसमणस्स अन्तिए धम्मं सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ट उठाए तहेव एवं वयासी - " एवं खलु भन्ते ! अम्हं पएसी राया अधम्मिए जाव सस्स वि 'जणवयस्स नो सम्म करभरवित्तिं पवत्तेइ । तं जइ णं देवाणुप्पिया ! पएसिस्स रन्नो धम्ममाइक्खेजा बहुगुणतरं खलु होज्जा पएसिस्स रन्नो तेसिं च बहूणं दुपयचउप्पयमियपसुपक्खिसिरीसिवाणं तेर्सि च बहूणं समणमाहणभिक्खुयाणं । तं जइ णं देवाणुप्पिया ! ...पएसिस्स बहुगुणतरं होज्जा सयस्स वि य णं जणवयस्स” ॥ ५७ ॥ तए केसी कुमारसमणे चित्तं सारहिं एवं वयासी - " एवं खलु चउहिं ठाणेहिं चित्ता ! जीवे केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभेजा सवणयाए । तं जहा आरामगयं वा उज्जाणायं वा समणं वा माहणं वा नो अभिगच्छर नो वन्दइ नो नमसइ नो सक्कारेइ नो संमाणेइ नो कलाणं मङ्गलं देवयं चेइयं पज्जुवासेइ, नो अट्ठाई हेउई परिणाई कारणाई वागरणाई पुच्छर, एएणं ठाणेणं चित्ता ! जीवे केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभइ सवणयाए १ । उवस्स्यगयं समणं वा तं चेव जाव एएण वि ठाणेण चित्ता ! जीवे केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभइ सवणयाए २ । गोयरग्गगयं समणं वा माहणं वा जाव नो पज्जुवासइ, नो विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाइ, नो अट्ठाई जाव पुच्छर, एएणं ठाणेणं चित्ता ! जीवे केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभइ सवणयाए ३ । जत्थ वि य णं समणेण वा माहणेण वा सद्धिं अभिसमागच्छइ, तत्थ वि य णं हत्थेण वा वत्थेण वा छत्तेण वा अप्पाणं आवरित्ता चिट्ठs, नो अट्ठाई जाव पुच्छर, एएण वि ठाणेणं चित्ता ! जीवे केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभइ सवणयाए ४ । एएहिं च णं चित्ता ! चउहिं ठाणेहिं जीवे केवलिपन्नत्तं धम्मं नो लभइ सवणयाए || चउहिं ठाणेहिं चित्ता ! जीवे केवलीपन्नत्तं धम्मं भइ सवणयाए । तं जहा आरामगयं वा उज्जाणगयं वा समणं वा माहणं वा वन्दइ नमसइ जाव पजुवासइ अट्ठाई जाव पुच्छर, एएण जाव लभइ सवणयाए । एवं उवस्सयगयं गोयरग्गगयं समणं वा जाव पज्जुवासइ विउलेणं जाव पडिलाइ अट्ठाई जाव पुच्छर, एएण वि...। जत्थ वि य णं समणेण वा ... • अभि Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४ सुत्तागमे [रायपसेणइयं समागच्छइ तत्थ वि य णं नो हत्थेण वा जाव आवरेत्ताणं चिठ्ठइ, एएण वि ठाणेणं चित्ता ! जीवे केवलिपन्नत्तं धम्म लभइ सवणयाए । तुझं च णं चित्ता ! पएसी राया आरामगयं वा तं चेव सव्वं भाणियव्वं आइल्लएणं गमएणं जाव अप्पाणं आवरेत्ता चिठ्ठइ । तं कहं णं चित्ता ! पएसिस्स रन्नो धम्ममाइक्खिस्सामो ?” । तए णं से चित्ते सारही केसिं कुमारसमणं एवं वयासी-“एवं खलु भन्ते ! अन्नया कयाइ कम्बोएहिं चत्तारि आसा उवणयं उवणीया । ते मए पएसिस्स रन्नो अन्नया चेव उवणेया । तं एएणं खलु भन्ते ! कारणेणं अहं पएसिं रायं देवाणुप्पियाणं अन्तिए हव्वमाणेस्सामि । तं मा णं देवाणुप्पिया ! तुब्भे पएसिस्स रन्नो धम्ममाइक्खमाणा गिलाएजाह । अगिलाए णं भंते ! तुब्भे पएसिस्स रन्नो धम्ममाइक्खेजाह छंदेणं.” । तए णं से केसी कुमारसमणे चित्तं सारहिं एवं वयासी"अवि याइ चित्ता ! जाणिस्सामो” ॥ तए णं से चित्ते सारही केसिं कुमारसमणं वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता जेणेव चाउरघण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चाउरघण्टं आसरहं दुरुहइ, जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥ ५८ ॥ तए णं से चित्ते सारही कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिलियम्मि अहापण्डुरे पभाए कयनियमावस्सए सहस्सरस्सिसि दिणयरे तेयसा जलन्ते साओ गिहाओ निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव पएसिस्स रन्नो गिहे जेणेव पएसी राया तेणेव उवागच्छइ २ ता पएसिं रायं करयल जाव कडे जएणं विजएणं वद्धावेइ २ त्ता एवं वयासी-“एवं खलु देवाणुप्पियाणं कम्बोएहिं चत्तारि आसा उवणयं उवणीया । ते य मए देवाणुप्पियाणं अन्नया चेव विणइया । तं एह णं सामी ! ते आसे चिटुं पासह" । तए णं से पएसी राया चित्तं सारहिं एवं वयासी-“गच्छाहि णं तुमं चित्ता ! तेहिं चेव चउहिं आसेहिं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेहि जाव पञ्चप्पिणाहि" । तए णं से चित्ते सारही पएसिणा रण्णा एवं वुत्ते समाणे हतुह जाव हियए० उवट्ठवेइ २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणइ । तए णं से पएसी राया चित्तस्स सारहिस्स अन्तिए एयमढे सोचा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे साओ गिहाओ निग्गच्छइ २ त्ता जेणामेव चाउग्घण्टे आसरहे तेणामेव उवागच्छइ २ त्ता चाउरघण्टं आसरहं दुरुहइ० सेयवियाए नयरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ । तए गं से चित्ते सारही तं रहं णेगाइं जोयणाइं उब्भामेइ । तए णं से पएसी राया उण्हेण य तण्हाए य रहवाएणं परिकिलन्ते समाणे चित्तं सारहिं एवं वयासी"चित्ता ! परिकिलन्ते मे सरीरे, परावत्तेहि रहं"। तए णं से चित्ते सारही रहं परावत्तेइ २ त्ता जेणेव मियवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पएसिं रायं एवं वयासी Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पएसिणा केसिणाणपुच्छा] सुत्तागमे "यणं सामी ! मियवणे उज्जाणे, एत्थ णं आसाणं समं किलामं सम्मं पवीणेमो”। तए णं से पएसी राया चित्तं सारहिं एवं वयासी-“एवं होउ चित्ता !"। तए णं से चित्ते सारही जेणेव मियवणे उजाणे जेणेव केसिस्स कुमारसमणस्स अदूरसामन्ते तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तुरए निगिण्हेइ २ त्ता रहं ठवेइ २ त्ता रहाओ पञ्चोरुहइ २ त्ता तरए मोएइ २ त्ता पएसिं रायं एवं वयासी-“एह णं सामी ! आसाणं समं किलामं सम्म पवीणेमो' । तए णं से पएसी राया रहाओ पञ्चोरुहइ । चित्तेण सारहिणा सद्धिं आसाणं समं किलामं सम्मं पवीणेमाणे पासइ जत्थ केसी कुमारसमणे महइमहालियाए महच्चपरिसाए मज्झगए महया २ सद्देणं धम्ममाइक्खमाणं । पासित्ता इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था-"जड्डा खलु भो जड्डे पज्जुवासन्ति, मुण्डा खलु भो मुण्डं पजुवासन्ति, मूढा खलु भो मूढं पजुवासन्ति, अपण्डिया खल भो अपण्डिय पजुवासन्ति, निम्विन्नाणा खलु भो निम्विन्नाणं पजुवासन्ति । से कीस णं एस पुरिसे जो मुण्डे मूढे अपण्डिए निविबन्नाणे सिरीए हिरीए उवगए उत्तप्पसरीरे । एस णं पुरिसे किमाहारमाहारेइ किं परिणामेइ किं खाइ किं पियइ किं दलइ किं पयच्छइ, जे णं एमहालियाए मणुस्सपरिसाए मज्झगए महया २ सद्देणं वुयाए ?' एवं संपेहेइ २ त्ता चित्तं सारहिं एवं वयासी-"चित्ता ! जड्डा खलु भो जहूं पजुत्रासन्ति जाव वुयाए । साए वि य णं उजाणभूमीए नो संचाएमि सम्म पकामं पवियरित्तए” । तए णं से चित्ते सारही पएसीरायं एवं बयासी-“एस णं सामी ! णसावच्चिजे केसी नाम कुमारसमणे जाइसंपन्ने जाव चउनाणोवगए आहोहिए अन्नजीवी" । तए णं से पएसी राया चित्तं सारहिं एवं वयासी-"आहोहियं णं वयासि चित्ता ! अन्नजीवियं च णं वयासि चित्ता?" "हन्ता सामी आहोहियं णं वयामि अन्नजीवियं च णं वयामि"। "अभिगमणिजे णं चित्ता! अहं एस पुरिसे ?" "हन्ता सामी ! अभिगमणिजे" । “अभिगच्छामो णं चित्ता ! अम्हे एयं पुरिसं?" "हन्ता सामी ! अभिगच्छामो” ॥ ५९ ॥ तए णं से पएसी राया चित्तेण सारहिणा सद्धिं जेणेव केसी कुमारसमणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता केसिस्स कुमारसमणस्स अदूरसामन्ते ठिच्चा एवं वयासी-"तुभे णं भन्ते ! आहोहिया अन्नजीविया ?'। तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“पएसी ! से जहानामए अङ्कवाणिया इ वा संखवाणिया इ वा दन्तवाणिया इ वा सुंकं भंसिउंकामा नो सम्म पन्थं पुच्छ०, एवामेव पएसी ! तु. विणयं भंसेउकामो नो सम्मं पुच्छसि । से नूणं तव पएसी ! ममं पासित्ता अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्प जित्था—'जड्डा खलु भो जरुं पजुवासन्ति जाव पवियरित्तए'। से नूणं पएसी ! अढे समढे ?" Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं "हन्ता अत्थि" ॥ तए णं से पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-“से के णं भन्ते ! तुज्झं नाणे वा दंसणे वा जेणं तुज्झे मम एयारूवं अज्झत्थियं जाव संकप्पं समुप्पन्नं जाणह पासह ?” । तए णं से केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“एवं खलु पएसी ! अम्हं समणाणं निग्गन्थाणं पञ्चविहे नाणे प० तं जहा-आभिणिबोहियनाणे सुयनाणे ओहिनाणे मणपज्जवनाणे केवलनाणे । से किं तं आभिणिबोहियनाणे ? आभिणिबोहियनाणे चउबिहे पन्नत्ते, तं जहा-उग्गहो ईहा अवाए धारणा । से किं तं उग्गहे ? उग्गहे दुविहे पन्नत्ते जहा नन्दीए जाव से तं आमिणिबोहियनाणे। से किं तं सुयनाणे ? सुयनाणे दुविहे प० तं जहा-अङ्गपविटुं च अङ्गबाहिरं च, सव्वं भाणियव्वं जाव दिठिवाओ । ओहिनाणं भवपञ्चइयं खओवसमियं जहा नन्दीए । मणपजवनाणे दुविहे प० तं जहा-उज्जुमई य विउलमई य । तहेव केवलनाणं सव्वं भाणियव्वं । तत्थ णं जे से आभिणिबोहियनाणे से णं ममं अत्थि । तत्थ णं जे से सुयनाणे से वि य ममं अत्थि । तत्थ णं जे से ओहिनाणे से वि य ममं अस्थि । तत्थ णं जे से मणपज्जवनाणे से वि य ममं अस्थि । तत्थ णं जे से केवलनाणे से णं ममं नत्थि, से णं अरिहन्ताणं भगवन्ताणं । इच्चे एणं पएसी ! अहं तव चउविहेणं छउमत्थेणं णाणेणं इमेयाख्वं अज्झत्थियं जाव समुप्पन्नं जाणामि पासामि" ॥ ६० ॥ तए णं से पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी--"अहं णं भन्ते ! इहं उवविसामि ?” “पएसी ! एयाए उज्जाणभूमीए तुमं सि चेव जाणए" । तए णं से पएसी राया चित्तेणं सारहिणा सद्धिं केसिस्स कुमारसमणस्स अदूरसामन्ते उपविसइ २ त्ता केसिं कुमारसमणं एवं वयासी-"तुब्भं णं भन्ते ! समणाणं निग्गन्थाणं एसा सन्ना एसा पइन्ना एसा दिट्ठी एसा रुई एस हेऊ एस उवएसे एस संकप्पे एसा तुला एस माणे एस पमाणे एस समोसरणे जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं ?” । तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“पएसी ! अम्हं समणाणं निग्गन्थाणं एसा सन्ना जाव एस समोसरणे जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं"। तए णं से पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-"जइ णं भन्ते ! तुब्भं समणाणं निग्गन्थाणं एसा सन्ना जाव समोसरणे जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं । एवं खलु ममं अजए होत्था, इहेव जम्बुद्दीवे दीवे सेयवियाए नयरीए अधम्मिए जाव सयस्स वि य णं जणवयस्स नो सम्मं करभरवित्तिं पवत्तेइ। से णं तुब्भं वत्तव्वयाए सुबहुं पावं कम्मं कलिकलुसं समजिणित्ता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु नरएसु नेरइयत्ताए उववन्ने । तस्स णं अजगस्स अहं नत्तुए होत्था Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नेरइयाणागमणठाणाणि ] सुता इट्टे कन्ते पिए मणुन्ने थेज्जे वेसासिए संमए बहुमए अणुमए रयणकरण्डगसमाणे जीविउस्सविए हिययनन्दिजणणे उम्बरपुष्कं पिव दुल्लभे सवणयाए, किमङ्ग पुण पासणयाए । तं जइ णं से अज्जए ममं आगन्तुं वएज्जा - ' एवं खलु नत्तुया ! अहं तव अज्ज होत्था, इहेव सेयवियाए नयरीए अधम्मिए जाव नो सम्मं करभरवित्तिं पवत् । तए णं अहं सुबहुं पावं कम्मं कलिकलुस समजिणित्ता नरएसु उववन्ने । तं माणं नत्तुया ! तुमं पि भवाहि अधम्मिए जाव नो सम्मं करभरवित्तिं पवत्तेहि । माणं तुमं पि एवं चेत्र सुबहुं पावकम्मं जाव उववज्जिहिसि । तं जइ णं से अजए ममं आगन्तुं एवं बएज्जा तो णं अहं सहेजा पत्तिएजा रोएज्जा जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं । जम्हा णं से अज्जए ममं आगन्तुं नो एवं वयासी तम्हा सुपइट्ठिया मम पन्ना समणाउसो ! जहा तं जीवो तं सरीरं " ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी - " अस्थि णं पएसी ! तव सूरियकन्ता नामं देवी ?" "हन्ता अस्थि" । " जइ णं तुमं पएसी ! तं सूरियकन्तं देवं हायं सव्वालंकारविभूसियं केणइ पुरिसेणं सव्वालंकारविभूसिएणं सद्धिं इट्ठे सद्दफरिसरसख्व ८७ पञ्च माणुस कामभोगे पच्चणुभवमाणि पासिज्जसि, तस्स णं तुमं पएसी ! पुरिसस्स कं डण्डं निव्त्रत्तेज्जासि ?” “अहं णं भन्ते । तं पुरिसं हत्थच्छिन्नगं वा पायच्छिन्नगं वा सूलाइयं वा सूलभिन्नगं वा एगाह कूडाहचं जीवियाओ ववरोवएज्जा”। "अहणं पएसी ! से पुरिसे तुमं एवं वएजा -'मा ताव मे सामी ! मुहुत्तगं हत्थच्छिन्नगं जाव जीवियाओ ववरोवेहि जाव तावाहं मित्तनाइनियगसयणसंबन्धिपरिजणं एवं वयामि - 'एवं खलु देवाणुपिया ० पावाई कम्माई समायरित्ता इमेयाख्वं आवई पाविजामि, तं माणं देवाप्पिया ! तुब्भे वि केइ पावाई कम्माई समायरड, माणं से वि एवं चेव आवई पाविज्जिहिइ जहा णं अहं । तस्य णं तुमं पएसी ! पुरिसस्स खणमचि एयमहं पडिमुणेजासि ?” “नो इण्डे समट्ठे" । " कम्हा णं ?" "जम्हा णं भन्ते! अवराही णं से पुरिसे" । " एवामेव पएसी ! तव वि अजए होत्था हेव सेयवियाए नयरीए अधम्मिए जाव नो सम्मं करभरवित्तिं पवत्तेइ । से णं अहं वत्तव्वयाए सुबहुं जाव उववन्नो । तस्स णं अज्जगस्स तुमं नत्तुए होत्था इट्ठे कन्ते जाव पासणयाए । से णं इच्छ माणुसं लोगं हव्त्रमागच्छित्तए, नो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए। चउहिं ठाणेहिं पएसी ! अहुणोववन्नए नरएस नेरइए इच्छइ माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए, नो चेव णं संचाएइ अहुणोववन्नए नरएस नेरइए० । से णं तत्थ महब्भूयं वेयणं वेएमाणे इच्छेजा माणुसं लोगं हव्वनो चेव णं संचाएइ .१ । अन्नए नए नेरइए नरयपालेहिं भुज्जो २ समहिद्विजमाणे इच्छइ माणुसं Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८ सुत्तागमे [रायपसेणइयं लोगं हव्वमागच्छित्तए नो चेव णं संचाएइ...२ । अहुणोववन्नए नरएसु नेरइए निरयवेयाणिजंसि कम्मंसि अक्खीणसि अवेइयंसि अनिजिणंसि इच्छइ माणुसं लोग 'नो चेव णं संचाएइ ...३ । एवं नेरइए निरयाउयंसि कम्मंसि अक्खीणंसि अवेइयंसि अनिजिण्णंसि इच्छइ माणुसं लोग 'नो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए ४ । इच्चेएहिं चउहि ठाणेहिं पएसी ! अहुणोववन्ने नरएसु नेरइए इच्छइ माणुसं लोग 'नो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए । तं सद्दहाहि णं पएसी ! जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं" ॥ १ ॥ ६१ ॥ तए णं से पएसी राया केसिं कुमारसमणं एवं वयासी-“अत्थि णं भन्ते ! एसा पन्ना उवमा, इमेण पुण कारणेणं नो उवागच्छइ एवं खलु भन्ते ! मम अजिया होत्था इहेव सेयवियाए नयरीए धम्मिया जाव वित्तिं कप्पेमाणी समणोत्रासिया अभिगयजीवाजीवा सव्वो वण्णओ जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । सा णं तुझं वत्तव्वयाए सुबहुं पुण्णोवचयं समजिणित्ता कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववन्ना । तीसे णं अज्जियाए अहं नत्तुए होत्था इढे कन्ते जाव पासणयाए । तं जइ णं सा अज्जिया ममं आगन्तुं एवं वएजा'एवं खलु नत्तुया ! अहं तव अजिया होत्था इहेव सेयवियाए नयरीए धम्मिया जाव वित्तिं कप्पेमाणी समणोवासिया जाब विहरामि। तए णं अहं सुबहुं पुण्णोवचयं समजिणित्ता जाव देवलोएसु उववन्ना। तं तुमं पि नत्तुया! भवाहि धम्मिए जाव विहराहि। तए णं तुमं पि एवं चेव सुबहु पुण्णोवचयं समजाव उववजिहिसि । तं जइ णं सा अज्जिया मम आगन्तुं एवं वएजा, तो णं अहं सद्दहेजा पत्तिएज्जा रोएजा जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं । जम्हा सा अज्जिया ममं आगन्तुं नो एवं वयासी तम्हा सुपइट्ठिया मे पइन्ना जहा तं जीवो तं सरीरं नो अन्नो जीवो अन्नं सरीरं" ॥ तए ण केसी कुमारसमणे. पएसीरायं एवं वयासी-"जइ णं तुमं पएसी ! ण्हायं उल्लपडसाडगं भिङ्गारकडुच्छयहत्थगयं देवकुलमणुपविसमाणं केइ पुरिसे बच्चघरंसि ठिच्चा एवं वएज्जा-'एह ताव सामी ! इह मुहुत्तगं आसयह वा चिट्ठह वा निसीयह वा तुयट्टहवा' तस्स णं तुमं पएसी! पुरिसस्स खणमवि एयमढें पडिसुणिज्जासि?" "नो” ति० । “कम्हा गं?” “भन्ते ! असुइ २ सामन्तो”। “एवामेव पएसी ! तव वि अजिया होत्था इहेव सेयवियाए नयरीए धम्मिया जाव विहरइ । सा णं अम्हं वत्तव्वयाए सुबहु जाव उववन्ना, तीसे णं अजियाए तुम नत्तुए होत्था इठे जाव किमङ्ग पुण पासणयाए। सा णं इच्छइ माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए, नो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए । चउहिं ठाणेहिं पएसी ! अहुणोववन्ने देवे देवलोएम इच्छेजा माणुसं लोग 'नो चेव णं संचाएइ० । अहुणोववन्ने देवे देवलोएसु दिव्वेहिं Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कूडागारसालासद्ददितो ] सुत्तागमे गच्छइ, कामभोगेहिं मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववन्ने, से णं माणुसे भोगे नो आढाइ नो परिजाणाइ, सेणं इच्छिज माणुसं नो चेत्र णं संचाएइ १ । अहुणोववन्नए देवे देवलोएसु दिव्वेहिं कामभोगेहिं मुच्छिए जाव अज्झोववन्ने, तस्स णं माणुस्से पेम्मे वोच्छिन्नए भवइ, दिव्वे पेम्मे संकन्ते भवइ, से णं इच्छेजा माणुसं··· नो चेव णं संचाएइ···२ । अहुणोववन्ने देवे दिव्वेहिं कामभोगेहिं मुच्छिए जाव अज्झोववन्ने, तस्स णं एवं भवइ-इयाणिं गच्छं मुहुत्तं गच्छं जाव इह अप्पाउया नरा कालधम्मुणा संजुत्ता भवन्ति, सेणं इच्छेजा माणुसं... नो चेत्र णं संचाएइ ३ । अहुणोववन्ने देवे दिव्वेहिं जाव अज्झोववन्ने तस्स माणुस्सए उराले दुग्गन्धे पडिकूले पडिलोमे भवइ, उड्डुं पि य णं चत्तारि पञ्च जोयणसयाई असुभे माणुस्सए गन्धे अभिसमासेणं इच्छेजा माणुसं नो चेव णं संचाए ४ । इच्चेएहिं चउहिं ठाणेहिं पसी ! अणोवव देवे देवलोएस इच्छेजा माणुसं लोगं हव्वमागच्छित्तए, नो चेव णं संचाएइ हव्वमागच्छित्तए । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी ! जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं ॥ २ ॥ ६२ ॥ तए णं से पएसी राया केसिं कुमारसमणं एवं वयासी- “अस्थि णं भन्ते ! एसा पन्ना उवमा । इमेणं पुण कारणेणं नो उवागच्छइ । एवं खलु भन्ते ! अहं अन्नया कयाइ बाहिरियाए उवद्वाणसालाए अणेगगणनायगदण्डनायगराईसरतलवरमाडंबियकोडुम्बियइब्भसे द्विसेणावइसत्थवाहमन्ति महामन्तिगणगदोवारियअमच्चचेडपीढमद्दनगरनिगमदूयसंधिवालेहिं सद्धिं संपरिवुडे विहरामि । तए णं मम नगरगुत्तिया ससक्खं सलोद्दं सगेवेज्जं अवओडयबन्धणबद्धं चोरं उवणेति । तए णं अहं तं पुरिसं जीवन्तं चेव अउकुम्भीए पक्खिवावेमि, अमणं पिहणणं पिहावेमि, अएण य तउएण य आयावेमि, आयपच्चइयएहिं पुरिसेहिं रक्खामि । तए णं अहं अन्नया कयाइ जेणामेव सा अडकुम्भी णामेव उवागच्छामि २ त्ता तं अकुम्भि उग्गलच्छावेमि २ त्ता तं पुरिसं सयमेव पासामि । नो चेव णं तीसे अउकुम्भीए केइ छिड्डे इ वा विवरे इ वा अन्तरे इ वा राई इ वा जओ णं से जीवे अन्तोहिंतो बहिया निग्गए । जइ णं भन्ते ! तीसे अउकुम्भीए होज्जा केइ छिड्डे वा जाव राई वा जओ णं से जीवे अन्तोहिंतो बहिया निग्गए तो णं अहं सहेज्जा पत्तिएज्जा रोएज्जा जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं नो तं जीवो तं सरीरं । जम्हा णं भन्ते ! तीसे अउकुम्भीए नत्थि केइ छिड्डे वा जाव निग्गए तम्हा सुपइडिया में पन्ना जहा तं जीवो तं सरीरं नो अन्नो जीवो अन्नं सरीरं" ॥ तणं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी - "पएसी ! से जहानामए कूडागारसाला सिया दुहओलित्ता गुत्ता गुत्तदुवारा निवायगम्भीरा । अह णं केइ पुरिसे ८९ Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं भेरिं च दण्डं च गहाय कूडागारसालाए अन्तो २ अणुपविसइ २ ता तीसे कूडागारसालाए सव्वओ समन्ता घणनिचियनिरन्तरनिच्छिड्डाई दुवारवयणाइं पिहेइ । तीसे कूडागारसालाए बहुमज्झदेसभाए ठिच्चा तं भेरिं दण्डएणं महया २ सद्देणं तालेज्जा । से नूणं पएसी ! से णं सद्दे अन्तोहितो बहिया निग्गच्छइ ?” “हन्ता निग्गच्छइ”। "अत्थि णं पएसी ! तीसे कूडागारसालाए केइ छिड्डे वा जाव राई वा जओ णं से सद्दे अन्तोहितो बहिया निग्गए ?” “नो इणढे समढे"। "एवामेव पएसी ! जीवे वि अप्पडिहयगई पुढविं भिच्चा सिलं भिच्चा पव्वयं भिच्चा अन्तोहिंतो बहिया निग्गच्छइ । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी ! अन्नो जीवो 'तं चेव" ॥ ३ ॥ ६३ ॥ तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-“अस्थि णं भन्ते ! एसा पन्ना उवमा । इमेण पुण कारणेणं नो उवागच्छइ । एवं खलु भन्ते ! अहं अन्नया कयाइ बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए जाव विहरामि । तए णं ममं नगरगुत्तिया ससक्खं जाव उवणेन्ति । तए णं अहं तं पुरिसं जीवियाओ ववरोवेमि २ त्ता अओकुम्भीए पक्खिवामि २ त्ता अउमएणं पिहाणएणं पिहावेमि जाव पञ्चइएहिं पुरिसेहिं रक्खामि । तए णं अहं अन्नया कयाइ जेणेव सा कुम्भी तेणेव उवागच्छामि २ त्ता तं अउकुम्भि उग्गलच्छामि। तं अउकुम्भि किमिकुम्भि पिव पासामि। नो चेव णं तीसे अउकुम्भीए केइ छिड्ढे वा जाव राई वा जओ णं ते जीवा बहियाहिंतो अन्तो अणुपविट्ठा। जइ णं तीसे अउकुम्भीए होज केइ छिड्डे. जाव अणुपविठ्ठा, तए णं अहं सद्दहेज्जा जहा अन्नो जीवो तं चेव । जम्हा णं तीसे अउकुम्भीए नत्थि केइ छिड्डे वा जाव अणुपविट्ठा तम्हा सुपइट्ठिया मे पइन्ना जहा तं जीवो तं सरीरं तं चेव" ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“अत्थि णं तुमे पएसी ! कयाइ अए धन्तपुत्वे वा धमावियपुव्वे वा ?' "हन्ता अत्थि" । “से नूणं पएसी ! अए धन्ते समाणे सव्वे अगणिपरिणए भवइ ?" "हन्ता भवइ” । “अस्थि णं पएसी ! तस्स अयस्स केइ छिड्ढे वा० जेणं से जोई बहियाहिंतो अन्तो अणुपविढे?” “नो इणढे समढे" । “एवामेव पएसी ! जीवो वि अप्पडिहयगई पुढवि भिच्चा सिलं भिच्चा बहियाहिंतो अन्तो अणुपविसइ । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी ! 'तहेव” ॥४॥६४ ॥ तए णं पएसी राया केसिं कुमारसमणं एवं वयासी-“अत्थि णं भन्ते ! एसा पन्ना उवमा । इमेण पुण मे कारणेणं नो उवागच्छइ । भन्ते ! से जहानामए केइ पुरिसे तरुणे जाव सिप्पोवगए पभू पञ्चकण्डगं निसिरित्तए ?” “हन्ता पभू"। "जइ णं भन्ते ! सो चेव पुरिसे बाले जाव मन्दविन्नाणे पभू होज्जा पञ्चकण्डगं निसिरित्तए, तो णं अहं सद्दहेजा जहा अन्नो जीवो तं चेव । जम्हा णं भन्ते ! स Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चोरउवणयणं] सुत्तागमे चेव से पुरिसे जाव मन्दविन्नाणे नो पभू पञ्चकण्डगं निसिरित्तए, तम्हा सुपइट्ठिया मे पइन्ना जहा तं जीवो तं चेव” ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“से जहानामए केइ पुरिसे तरुणे जाव सिप्पोवगए नवएणं धणुणा नवियाए जीवाए नवएणं उसुणा पभू पश्चकण्डगं निसिरित्तए ?” “हन्ता पभू" । “सो चेव गं पुरिसे तरुणे जाव निउणसिप्पोवगए कोरिल्लिएणं धणुणा कोरिल्लियाए जीवाए कोरिल्लिएणं उसुणा पभू पञ्चकण्डगं निसिरित्तए ?” “नो इणढे समढे" । “कम्हा गं ?” “भन्ते ! तस्स पुरिसस्स अपजत्ताइं उवगरणाई हवन्ति”। “एवामेव पएसी! सो चेव पुरिसे बाले जाव मन्दविनाणे अपजत्तोवगरणे, नो पभू पश्चकण्डगं निसिरित्तए । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी! जहा अन्नो जीवो तं चेव" ॥ ५॥६५॥ तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-"अत्थि णं भन्ते ! एसा पन्ना उवमा, इमेण पुण कारणेणं नो उवागच्छइ । भन्ते ! से जहानामए केइ पुरिसे तरुणे जाव सिप्पोवगए पभू एगं महं अयभारगं वा तउयभारगं वा सीसगभारगं वा परिवहित्तए ?' "हन्ता पभू" । “सो चेत्र णं भंते ! पुरिसे जुण्णे जराजज्जरियदेहे सिढिलवलितयाविणठ्ठगत्ते दण्डपरिग्गहियग्गहत्थे पविरलपरिसडियदन्तसेढी आउरे किसिए पिवासिए दुब्बले किलन्ते नो पभू एगं महं अयभारगं वा जाव परिवहित्तए । जइ णं भन्ते ! स चेत्र पुरिसे जुण्णे जराजज्जरियदेहे जाव परिकिलन्ते पभू एगं महं अयभारं वा जाव परिवहित्तए, तो णं अहं सद्दहेजा तहेव । जम्हा णं भंते ! से चेव पुरिसे जुण्णे जाव किलन्ते नो पभू एगं महं अयभारं वा जाव परिवहित्तए, तम्हा सुपइट्ठिया मे पइन्ना तहेव” ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“से जहानामए केइ पुरिसे तरुणे जाव सिप्पोवगए नवियाए विहङ्गियाए नवएहिं सिक्कएहिं नवएहिं पत्थियपिडएहिं पहू एगं महं अयभारं जाव परिवहित्तए ?” “हन्ता पभू” । “पएसी ! से चेव णं पुरिसे तरुणे जाव सिप्पोवगए जुण्णियाए दुब्बलियाए घुण्णक्खइयाए विहङ्गियाए दुब्बलएहिं जुण्णएहिं घुण्णक्खइएहि सिढिलतयापिणद्धएहिं सिक्कएहिं जुण्णएहिं दुब्बलएहिं घुणक्खइएहिं पत्थियपिडएहिं पभू एगं महं अयभारं वा जाव परिवहित्तए ?” “नो इणढे समढे"। "कम्हा गं ?” “भन्ते ! तस्स पुरिसस्स जुण्णाई उवगरणाइं हवन्ति” । “पएसी ! से चेव से पुरिसे जुन्ने जाव किलन्ते जुण्णोवगरणे नो पभू एगं महं अयभारं वा जाव परिवहित्तए । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी ! जहा अन्नो जीवो अन्नं सरीरं” ॥६॥६६॥ तए णं से पएसी केसि कुमारसमणं एवं वयासी-“अत्थि णं भन्ते ! जाव नो उवागच्छइ । एवं खलु भन्ते ! जाव विहरामि । तए णं मम नगरगुत्तिया Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं चोरं उवणेन्ति । तए णं अहं तं पुरिसं जीवन्तगं चेव तुलेमि । तुलेत्ता छविच्छेयं अकुव्वमाणे जीवियाओ ववरोवेमि २ त्ता मयं तुलेमि । नो चेव णं तस्स पुरिसस्स जीवन्तस्स वा तुलियस्स मुयस्स वा तुलियस्स केइ आणत्ते वा नाणत्ते वा ओमत्ते वा तुच्छत्ते वा गुरुयत्ते वा लहुयत्ते वा । जइ णं भन्ते ! तस्स पुरिसस्स जीवन्तस्स वा तुलियस्स मुयस्स वा तुलियस्स केइ अन्नत्ते वा जाव लहुयत्ते वा तो णं अहं सद्दहेजा तं चेव । जम्हा णं भन्ते ! तस्स पुरिसस्स जीवन्तस्स वा तुलियस्स मुयस्स वा तुलियस्स नत्थि केइ आणत्ते वा 'लहुयत्ते वा तम्हा सुपइट्ठिया मे पइन्ना जहा तं जीवो तं चेव” । तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“अत्थि णं पएसी ! तुमे कयाइ बत्थी धन्तपुव्वे वा धमावियपुव्वे वा ?” “हन्ता अत्थि”। "अत्थि णं पएसी ! तस्स बत्थिस्स पुण्णस्स वा तुलियस्स अपुण्णस्स वा तुलियस्स केइ अन्नत्ते वा जाव लहुयत्ते वा?" "नो इणढे समठे" । “एवामेव पएसी ! जीवस्स अगुरुलघुयत्तं पडुच्च जीवन्तस्स वा तुलियस्स मुयस्स वा तुलियस्स नत्थि केइ आणत्ते वा जाव लहुयत्ते वा । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी ! 'तं चेव” ॥ ७ ॥ ६७ ॥ तए णं पएसी राया केसिं कुमारसमणं एवं वयासी-“अत्थि णं भन्ते ! एसा जाव नो उवागच्छइ । एवं खलु भन्ते ! अहं अन्नया जाव चोरं उवणेन्ति । तए णं अहं तं पुरिसं सव्वओ समन्ता समभिलोएमि । नो चेव णं तत्थ जीवं पासामि । तए णं अहं तं पुरिसं दुहाफालियं करेमि २ त्ता सव्वओ समन्ता समभिलोएमि। नो चेव णं तत्थ जीवं पासामि । एवं तिहा चउहा संखेजफालियं करेमि, नो चेव णं तत्थ जीवं पासामि । जइ णं भन्ते ! अहं तं पुरिसं दुहा वा तिहा वा चउहा वा संखेजहा वा फालियंमि जीवं पासन्तो तो णं अहं सद्दहेजा नो तं चेव। जम्हा णं भन्ते ! अहं तंसि दुहा वा तिहा वा चउहा वा संखेजहा वा फालियंमि जीवं न पासामि तम्हा सुपइट्ठिया मे पइन्ना जहा तं जीवो तं सरीरंतं चेव" ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“मूढतराए णं तुमं पएसी ! ताओ तुच्छतराओ” । “के णं भन्ते ! तुच्छतराए ?” “पएसी ! से जहानामए केई पुरिसा वणत्थी वणोवजीवी वणगवेसणयाए जोइं च जोइभायणं च गहाय कट्ठाणं अडविं अणुपविट्ठा । तए णं ते पुरिसा तीसे अगामियाए जाव किंचि देसं अणुप्पत्ता समाणा एगं पुरिसं एवं वयासी-'अम्हे णं देवाणुप्पिया ! कट्ठाणं अडविं पविसामो । एत्तो णं तुमं जोइभायणाओ जोई गहाय अम्हं असणं साहेजासि । अह तं जोइभायणे जोई विज्झवेजा एत्तो णं तुम कट्ठाओ जोइं गहाय अम्हं असणं साहेजासित्तिकटु कट्ठाणं अडविं अणुपविट्ठा । तए णं से पुरिसे तओ मुहुत्तन्तरस्स तेसिं पुरिसाणं Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ केसिणा परिसाभेयपुच्छा] सुत्तागमे असणं साहेमित्तिकटु जेणेव जोइभायणे तेणेव उवागच्छइ, जोइभाइणे जोइं विज्झायमेव पासइ । तए णं से पुरिसे जेणेव से कढे तेणेव उवागच्छद् २ त्ता तं कर्ट सव्वओ समन्ता समभिलोएइ, नो चेव णं तत्थ जोइं पासइ । तए णं से पुरिसे परियर बन्धइ, फरसुं गिण्हइ, तं कळं दुहाफालियं करेइ, सव्वओ समन्ता समभिलोएइ, नो चेव णं तत्थ जोइं पासइ । एवं जाव संखेजफालियं करेइ, सव्वओ समन्ता समभिलोएइ, नो चेव णं तत्थ जोइं पासइ । तए णं से पुरिसे तंसि कटुंसि दुहाफालिए वा जाव संखेनफालिए वा जोई अपासमाणे सन्ते तन्ते परितन्ते निविण्णे समाणे परसुं एगन्ते एडेइ २ त्ता परियरं मुयइ २ त्ता एवं वयासी-'अहो मए तेसिं पुरिसाणं असणे नो साहिए'त्तिक ओहयमणसंकप्पे चिन्तासोगसागरसंपविढे करयलपल्हत्थमुहे अज्झाणोवगए भूमिगयदिट्ठिए झियाइ । तए णं ते पुरिसा कट्ठाइं छिन्दन्ति २ त्ता जेणेव से पुरिसे तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता तं पुरिसं ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासन्ति २ त्ता एवं वयासी-'किं णं तुमं देवाणुप्पिया ! ओहयमणसंकप्पे जाव झियायसि ?' । तए णं से पुरिसे एवं वयासी-'तुज्झे णं देवाणुप्पिया ! कट्ठाणं अडविं अणुपविसमाणा ममं एवं वयासी-'अम्हे णं देवाणुप्पिया ! कट्ठाणं अडविं जाव पविट्ठा । तए णं अहं तत्तो मुहुत्तन्तरस्स तुज्झं असणं साहेमित्तिकठ्ठ जेणेव जोई जाव झियामि' । तए णं तेसिं पुरिसाणं एगे पुरिसे छेए दक्खे पत्तठे जाव उवएसलद्धे, ते पुरिसे एवं वयासी-'गच्छह णं तुज्झे देवाणुप्पिया! व्हाया हव्वमागच्छेह, जाणं अहं असणं साहेमि' त्तिकद्दु परियरं बन्धइ २ त्ता परसुं गिण्हइ २ त्ता सरं करेइ, सरेण अरणिं महेइ, जोइं पाडेइ २ त्ता जोइं संधुक्खेइ, तेसिं पुरिसाणं असणं साहेइ। तए णं ते पुरिसा व्हाया जेणेव से पुरिसे तेणेव उवागच्छन्ति । तए णं से पुरिसे तेसिं पुरिसाणं सुहासणवरगयाणं तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवणेइ । तए णं ते पुरिसा तं विउलं असणं ४ आसाएमाणा वीसाएमाणा जाव विहरन्ति । जिमियभुत्तुत्तरागया वि य णं समाणा आयन्ता चोक्खा परमसुइभूया तं पुरिसं एवं वयासी-'अहो णं तुमं देवाणुप्पिया! जड्डे मूढे अपण्डिए निम्विन्नाणे अणुवएसलद्धे, जेणं तुम इच्छसि कटुंसि दुहाफालियंसि वा० जोइं पासित्तए'। से एएणटेणं पएसी ! एवं वुच्चइ मूढतराए णं तुमं पएसी ताओ तुच्छतराओ” ॥८॥६॥ तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-"जुत्तए णं भन्ते ! तुब्भं इय छेयाणं दक्खाणं युद्धाणं कुसलाणं महामईणं विणीयाणं विन्नाणपत्ताणं उवएसलद्धाणं अहं इमीसे महालियाए महच्चपरिसाए मज्झे उच्चावएहिं आउसेहिं आउसित्तए, उच्चावयाहिं उद्धंसणाहिं उद्धंसित्तए, एवं निब्भञ्छणाहिं० निच्छोडणाहिं ० ?' । तए Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४ सुत्तागमे [रायपसेणइयं णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-"जाणासि णं तुमं पएसी ! कइ परिसाओ पन्नत्ताओ?” “भन्ते ! जाणामि, चत्तारि परिसाओ पन्नत्ता। तं जहाखत्तियपरिसा गाहावइपरिसा माहणपरिसा इसिपरिसा" । "जाणासि णं तुमं पएसी राया! एयासिं चउण्हं परिसाणं कस्स का दण्डनीई पन्नत्ता?" "हन्ता जाणामि । जे णं खत्तियपरिसाए अवरज्झइ से णं हत्थच्छिन्नए वा पायच्छिन्नए वा सीसच्छिन्नए वा सूलाइए वा एगाहच्चे कूडाहच्चे जीवियाओ ववरोविज्जइ । जे णं गाहावइपरिसाए अवरज्झइ से णं तएण वा वेढेण वा पलालेण वा वेढित्ता अगणिकाएणं झामिजइ । जे णं माहणपरिसाए अवरज्झइ से णं अणिवाहिं अकन्ताहिं जाव अमणामाहिं वग्गूहिँ उवालम्भित्ता कुण्डियालञ्छणए वा सुणगलञ्छणए वा कीरइ, निव्विसए वा आणविजइ । जे णं इसिपरिसाए अवरज्झइ से णं नाइअणिट्ठाहिं जाव नाइअमणामाहिं वग्गूहिँ उवालब्भइ” । “एवं च ताव पएसी ! तुमं जाणासि, तहा वि णं तुमं ममं वामवामेणं दण्डंदण्डेणं पडिकूलंपडिकूलेणं पडिलोमंपडिलोमेणं विवच्चासंविवञ्चासेणं वसि”। तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-“एवं खलु अहं देवाणुप्पिएहिं पढमिल्लएणं चेव वागरणेणं संलत्ते । तए णं मम इमेयारूवे अब्भत्थिए जाव संकप्पे समुप्पजित्था-जहा जहा णं एयस्स पुरिसस्स वामवामेणं जाव विवच्चासंविवच्चासेणं वहिस्सामि, तहा तहा णं अहं नाणं च नाणोवलम्भं च करणं च करणोवलम्भं च दंसणं च दंसणोवलम्भं च जीवं च जीवोवलम्भं च उवलभिस्सामि । तं एएणं कारणेणं अहं देवाणुप्पियाणं वामंवामेणं जाव विवच्चासंविवच्चासेणं वट्टिए"। तए णं केसी कुमारसमणे पएसीराय एवं वयासी-"जाणासि णं तुमं पएसी ! कइ ववहारगा पन्नत्ता?" "हन्ता जाणामि, चत्तारि ववहारगा पन्नत्ता-देइ नामेगे नो सन्नवेइ, सन्नवेइ नामेगे नो देइ, एगे देइ वि सन्नवेइ वि, एगे नो देइ नो सन्नवेइ” । “जाणासि णं तुमं पएसी! एएसिं चउण्हं पुरिसाणं के ववहारी के अव्ववहारी?” "हन्ता जाणामि, तत्थ णं जे से पुरिसे देइ नो सन्नवेइ से णं पुरिसे ववहारी, तत्थ णं जे से पुरिसे नो देइ सन्नवेइ से णं पुरिसे ववहारी, तत्थ णं जे से पुरिसे देइ वि सन्नवेइ वि से णं पुरिसे ववहारी, तत्थ णं जे से पुरिसे नो देइ नो सन्नवेइ से णं अववहारी' । “एवामेव तुमं पि ववहारी, नो चेव णं तुमं पएसी! अववहारी" ॥ ६९ ॥ तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-"तुझे णं भन्ते ! इय छेया दक्खा जाव उवएसलद्धा । समत्था णं भन्ते ! ममं करयलंसि वा आमलयं जीवं सरीराओ अभिनिवट्टित्ताणं उवदंसित्तए ?" । तेणं कालेणं तेणं समएणं पएसिस्स रन्नो अदूरसामन्ते वाउकाए संवुत्ते, तणवणस्सइकाए Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पईयाहरणं ] सुत्तागमे एयइ वेयइ चलइ फन्दइ घट्ट उदीरइ तं तं भावं परिणमइ । तए णं केसी कुमारसम पएसिं रायं एवं वयासी- “ पाससि णं तुमं पएसी राया ! एयं तणवणस्सई एयन्तं जावतं तं भावं परिणमन्तं ?" “हन्ता पासामि" । " जाणासि णं तुमं पएसी ! एवं तणवणस्सइकार्यं किं देवो चालेइ असुरो वा चालेइ नागो वा किन्नरो वा चालेइ किंपुरिसो वा चालेइ महोरगो वा चालेर गन्धव्वो वा चालेइ ?” “हन्ता जाणामि, नो देवो चाले जाव नो गन्धव्वो वा चालेर, वाउकाए चाले" । " पाससि णं तुमं पएसी ! एयस्स वाउकायस्स सरूविस्स सकामस्स सरागस्स समोहस्स सवेयस्स सलेसस्स ससरीरस्स रूवं" ? " नो इणट्ठे समट्ठे " । " जइ णं तुमं पएसी राया ! एयरस वाउकायरस सरूविस्स जाव ससरीरस्स रूवं न पाससि, तं कहं णं पएसी ! तव करयसि वा आमलगं जीवं उवदंसिस्सामि ? एवं खलु पएसी ! दसठाणाईं छउमत्थे मस्से सव्वभावेणं न जाणइन पासइ । तं जहा - धम्मत्थिकार्य १ अवम्मत्थिकायं २ आगासत्थिकायं ३ जीवं असरीरबद्धं ४ परमाणुपोग्गलं ५ स ६ गन्धं ७ वायं ८ अयं जिणे भविस्सइ वा नो भविस्सर ९ अयं सव्वदुक्खाणं अन्तं करिस्सर वा नो वा ं-१० । एयाणि चेत्र उप्पन्ननाणदंसणवरे अरहा जिणे केवली सव्वभावेणं जाणइ पास । तं जहा - धम्मत्थिकार्य जाव नो वा करिस्सर । तं सद्दहाहि णं तुम पसी ! जहा अन्नो जीवो तं चेव ॥ ७० ॥ तए णं से पएसी राया केसिं कुमारसमणं एवं वयासी - " से नूणं भन्ते ! हत्थिस्स कुन्थुस्स य समे चेव जीवे ?” “हन्ता पसी ! हथिस्सय कुन्थुस्स य समे चेव जीवे" । " से नूणं भन्ते ! हत्थीओ कुन्थू अप्पकम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेत्र अप्पासवतराए चेव, एवं आहारनी हारउस्सासनीसासइड्डीए अप्पतराए चेव, एवं च कुन्थुओ हत्थी महाकम्मतराए चेव महाकिरिय० ?” “हन्ता पएसी ! हत्थीओ कुन्यू अप्पकम्मतराए चेव० कुन्थुओ वाहत्थी महाकम्मतराए चेव तं चेव" । “कम्हा णं भन्ते ! हत्थिस्स य य समे चेव जीवे ?" "पएसी से जहानामए कूडागारसाला सिया जाव गम्भीरा । अहणं केइ पुरिसे जोईं वा दीवं वा गहाय तं कूडागारसालं अन्तो २ अणुपविसइ । तीसे कूडागारसाला सव्त्रओ समन्ता घणनिचियनिरन्तरनिच्छिड्डाई दुवारवयणाई पिइ २त्ता तीसे कूडागारसालाए बहुमज्झदेसभाए तं पईवं पलीवेज्जा । तए णं से पईवे तं कूडागारसालं अन्तो २ ओभासइ उज्जोवेइ तवर पभासेइ, नो चेव णं बाहिं । अहणं से पुरिसे तं पईवं इडरएणं पिज्जा, तए णं से पईवे तं इड्डरयं अन्तो २ ओमासेइ०, नो चेव णं इडरगस्स बाहि नो चेव णं कूडागारसालाए बाहिं । एवं किलिञ्जेणं गण्डमाणियाए पत्थियपिडणं आढएणं अद्धाढएणं पत्थएणं अद्धपत्थ एणं ९५ Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे । [रायपसेणइयं कुलवेणं अद्धकुलवेणं चाउब्भाइयाए अट्ठभाइयाए सोलसियाए बत्तीसियाए चउस ट्ठियाए दीवचम्पएणं । तए णं से पईवे दीवचम्पगस्स अन्तो २ ओभासइ ४ नो चेव णं दीवचम्पगस्स बाहिं नो चेव णं चउसट्ठियाए बाहिं नो चेव णं कूडागारसालं नो चेव णं कूडागारसालाए बाहिं । एवामेव पएसी ! जीवे वि जं जारिसयं पुवकम्मनिबद्ध बोंदि निव्वत्तेइ, तं असंखेजेहिं जीवपएसेहिं सचित्तं करेइ खुड्डियं वा महालियं वा । तं सद्दहाहि णं तुमं पएसी ! जहा अन्नो जीवोतं चेव" ॥ ७१॥ तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-“एवं खलु भन्ते ! मम अजगस्स एसा सन्ना जाव समोसरणे जहा तं जीवो तं सरीरं नो अन्नो जीवो अन्नं सरीरं । तयाणन्तरं च णं ममं पिउणो वि एसा सन्ना० । तयाणन्तरं मम वि एसा सन्ना जाव समोसरणे । तं नो खलु अहं बहुपुरिसपरंपरागयं कुलनिस्सियं दिद्धिं छण्डेस्सामि" । तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-"मा णं तुमं पएसी ! पच्छागुताविए भवेजासि जहा व से पुरिसे अयहारए" । "के णं भन्ते ! से अयहारए ?” “पएसी! से जहानामए केइ पुरिसा अत्थत्थी अत्थगवेसी अत्थलुद्धगा अत्थकंखिया अत्थपिवासिया अत्थगवेसणयाए विउलं पणियभण्डमायाए सुबहुं भत्तपाणपत्थयणं गहाय एगं महं अगामियं छिन्नावायं दीहमद्धं अडविं अणुपविट्ठा । तए णं ते पुरिसा तीसे अगामियाए अडवीए कंचि देसं अणुप्पत्ता समाणा एगं महं अयागरं पासन्ति अएणं सव्वओ समन्ता आइण्णं वित्थिण्णं सच्छडं उवच्छडं फुडं गाढं अवगाढं पासन्ति २ त्ता हट्टतुट्ठ जाव हियया अन्नमन्नं सद्दावेन्ति २ त्ता एवं वयासी—“एस णं देवाणुप्पिया ! अयभण्डे इढे कन्ते जाव मणामे । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अहं अयभारए बन्धित्तए"त्तिकटु अन्नमन्नस्स एयमद्वं पडिसुगेन्ति २ त्ता अयभारं बन्धन्ति २ त्ता अहाणुपुवीए संपत्थिया । तए णं ते पुरिसा तीसे अगामियाए जाव अडवीए कंचि देसं अणुपत्ता समाणा एगं महं तउआगरं पासन्ति तउएणं आइण्णं तं चेव जाव सद्दावेत्ता एवं वयासी-'एस णं देवाणुप्पिया ! तउयभण्डे जाव मणामे । अप्पेणं चेव तउएणं सुबहु अए लब्भइ । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अयभारए छड्डेत्ता तउयभारए बन्धित्तए' तिकडु अन्नमन्नस्स अन्तिए एयमटुं पडिसुणेन्ति २ त्ता अयभारं छड्डेन्ति २ त्ता तउयभारं बन्धन्ति । तत्थ णं एगे पुरिसे नो संचाएइ अयभारं छड्डित्तए तउयभारं बन्धित्तए। तए णं ते पुरिसा तं पुरिसं एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! तउयभण्डे जाव सुबहुं अए लब्भइ। तं छड्केहि णं देवाणुप्पिया! अयभारगं, तउयभारगं बन्धाहि' । तए णं से पुरिसे एवं वयासी'दूराहडे मे देवाणुप्पिया! अए; चिराहडे मे देवाणुप्पिया ! अए; अइगाढवन्धणबद्ध Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आयरियविणयपडिवत्ती] सुत्तागमे ९७ मे देवाणुप्पिया ! अए; असिलिट्ठबन्धणबद्ध मे देवाणुप्पिया ! अए; धणियबन्धणबद्ध मे देवाणुप्पिया! अए; नो संचाएमि अयभारगं छड्डत्ता तउयभारगं बन्धित्तए'। तए णं ते पुरिसा तं पुरिसं जाहे नो संचाएन्ति बहूहिं आघवणाहि य पन्नवणाहि य आघवित्तए वा पन्नवित्तए वा, तया अहाणुपुवीए संपत्थिया॥ एवं तम्बागरं रुप्पागरं सुवण्णागरं रयणागरं वइरागरं ॥ तए णं ते पुरिसा जेणेव सया २ जणवया जेणेव साइं २ नयराइं तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता वइरविकयणं करेन्ति २ त्ता सुबहुदासीदासगोमहिसगवेलगं गिण्हन्ति २ त्ता अट्ठतलमूसियवडिंसगे कारावेन्ति। पहाया अप्प० उप्पि पासायवरगया फुटमाणेहिं मुइङ्गमत्थएहिं बत्तीसइबद्धएहिं नाडएहिं वरतरुणीसंपउत्तेहिं उवनच्चिजमाणा उवलालिजमाणा इढे सद्दफरिस जाव विहरन्ति ॥ तए णं से पुरिसे अयभारेण जेणेव सए नयरे तेणेव उवागच्छइ । अथविक्किणणं करेइ २ त्ता तसि अप्पमोल्लंसि निहियंसि झीणपरिव्वए ते पुरिसे उप्पिं पासायवरगए जाव विहरमाणे पासइ २ त्ता एवं वयासी-'अहो णं अहं अधन्नो अपुण्णो अकयत्थो अकयलक्खणो हिरिसिरिवज्जिए हीणपुण्णचाउद्दसे दुरन्तपन्तलक्खणे । जइ णं अहं मित्ताण वा नाईण वा नियगाण वा सुणेन्तओ, तो णं अहं पि एवं चेव उप्पिं पासायवरगए जाव विहरन्तो' । से तेणटेणं पएसी ! एवं वुच्चइ-मा णं तुमं पएसी ! पच्छाणुताविए भवेज्जासि जहा व से पुरिसे अयहारए" ॥ ७२ ॥ एत्थ णं से पएसी राया संबुद्धे केसि कुमारसमणं वन्दइ जाव एवं वयासी-“नो खलु भन्ते ! अहं पच्छाणुताविए भविस्सामि जहा व से पुरिसे अयभारिए । तं इच्छामि णं देवाणुप्पियाणं अन्तिए केवलिपन्नत्तं धम्मं निसामित्तए" । “अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबन्धं करेहि" । धम्मकहा जहा चित्तस्स, तहेव गिहिधम्म पडिवजइ २ त्ता जेणेव सेयविया नयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-"जाणासि तुमं पएसी ! कइ आयरिया पन्नत्ता?" "हन्ता जाणामि, तओ आयरिया पन्नत्ता । तं जहा-कलायरिए सिप्पायरिए धम्मायरिए" । "जाणासि णं तुमं पएसी ! तेसिं तिण्हं आयरियाणं कस्स का विणयपडिवत्ती पउजियव्वा ?" "हन्ता जाणामि, कलायरियस्स सिप्पायरियस्स उवलेवणं संमजणं वा करेजा पुरओ पुप्फाणि वा आणवेज्जा मज्जावेजा मण्डावेज्जा भोयावेज्जा वा, विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलएजा, पुत्ताणुपुत्तियं वित्तिं कप्पेज्जा। जत्थेव धम्मायरियं पासिज्जा तत्थेव वन्देजा नमंसेज्जा सक्कारेजा संमाणेजा कल्लाणं मङ्गलं देवयं चेइयं पजुवासेज्जा, फासुएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेजा, पाडिहारिएणं पीढफलगसेज्जासंथारएणं उवनिमन्तेजा” । “एवं च ताव ७ सुत्ता. Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं तुमं पएसी ! एवं जाणासि, तहा वि णं तुम ममं वामंवामेणं जाव वट्टित्ता ममं एयमढें अक्खामित्ता जेणेव सेयविया नयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए"। तए णं से पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-“एवं खलु भन्ते ! मम एयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पजित्था-‘एवं खलु अहं देवाणुप्पियाणं वामंवामेणं जाव वहिए, तं सेयं खलु मे कलं पाउप्पभायाए रयणीए जाव तेयसा जलन्ते अन्तेउरपरियालसद्धिं संपरिवुडस्स देवाणुप्पिए वन्दित्तए नमंसित्तए, एयमढें भुजो २ सम्म विणएणं खामित्तए"त्तिक१ जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥ ७३ ॥ तए णं से पएसी राया कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव तेयसा जलन्ते हट्टतुट्ठ जाव हियए जहेव कूणिए तहेव निग्गच्छइ, अन्तेउरपरियालसद्धिं संपरिखुडे पञ्चविहेणं अभिगमेणं वन्दइ नमसइ, एयमटुं भुजो २ सम्मं विणएणं खामेइ ॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिस्स रन्नो सूरियकन्तप्पमुहाणं देवीणं तीसे य महइमहालियाए महच्चपरिसाए जाव धम्म परिकहेइ । तए णं पएसी राया धम्मं सोचा निसम्म उठाए उठेइ २ त्ता केसिं कुमारसमणं वन्दइ. नमसइ वं० २ त्ता जेणेव सेयविया नयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए॥ तए णं केसी कुमारसमणे पएसिं रायं एवं वयासी-“मा णं तुमं पएसी ! पुचि रमणिजे भवित्ता पच्छा अरमणिजे भविजासि, जहा से वणसण्डे इ वा नट्टसाला इ वा इक्खुवाडए इ वा खलवाडए इ वा"। “कहं णंभन्ते ?” “जया णं वणसण्डे पत्तिए पुप्पिए फलिए हरियगरेरिजमाणे सिरीए अईव २ उवसोभेमाणे चिट्ठइ, तया णं वणसण्डे रमणिज्जे भवइ । जया णं वणसण्डे नो पत्तिए नो पुप्फिए नो फलिए नो हरियगरेरिजमाणे नो सिरीए अईव २ उवसोभेमाणे. चिठ्ठइ, तया णं जुण्णे झडे परिसडियपण्डुपत्ते सुक्रुक्खे इव मिलायमाणे चिट्ठइ, तया णं वणसण्डे नो रमणिज्जे भवइ । जया णं नहसाला वि गिजइ वाइजइ नच्चिज्जइ हसिज्जइ रमिजइ, तया णं नट्टसाला रमणिजा भवइ । जया णं नसाला नो गिजइ जाव नो रमिज्जइ, तया णं नट्टसाला अरमणिज्जा भवइ । जया णं इक्खुवाडे छिज्जइ भिजइ सिजइ पिज्जइ दिजइ, तया णं इक्खुवाडे रमणिज्जे भवइ । जया णं इक्खुवाडे नो छिजइ जाव तया णं इक्खुवाडे अरमणिजे भवइ । जया णं खलवाडे उच्छुब्भइ उडुइज्जइ मलइज्जइ मुणिजइ खज्जइ पिज्जइ दिज्जइ, तया णं खलवाडे रमणिज्जे भवइ । जया णं खलवाडे नो उच्छुब्भइ जाव अरमणिजे भवइ । से तेणटेणं पएसी ! एवं वुच्चइ, मा णं तुमं पएसी ! पुम्वि रमणिजे भवित्ता पच्छा अरमणिजे भविजासि जहा से वणसण्ड़े इवा०”। तए णं पएसी राया केसि कुमारसमणं एवं वयासी-"नो खलु भन्ते ! अहं पुट्विं रमणिजे Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सु०विसप्पओगपउंजणं] सुत्तागमे ९९ भवित्ता पच्छा अरमणिजे भविस्सामि, जहा से वणसण्डे इ वा जाव खलवाडे इ वा । अहं णं सेयवियानयरीपामोक्खाई सत्त गामसहस्साई चत्तारि भागे करिस्सामि । एगं भागं बलवाहणस्स दलइस्सामि, एगं भागं कोट्ठागारे छुभिस्सामि, एगं भागं अन्तेउरस्स दलइस्सामि, एगेणं भागेणं महइमहालयं कूडागारसालं करिस्सामि । तत्थ णं बहहिं पुरिसेहिं दिन्नभइभत्तवेयजेहिं विउलं असणं ४ उवक्खडावेत्ता बहूणं समणमाहणभिक्खुयाणं पन्थियपहियाणं परिभाएमाणे २ बहूहिं सीलव्वयगुणव्वयवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासस्स जाव विहरिस्सामि"त्तिक? जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥ तए णं से पएसी राया कल्लं जाव तेयसा जलन्ते सेयवियापामोक्खाई सत्त गामसहस्साई चत्तारि भाए करेइ । एगं भागं बलवाहणस्स दलइ जाव कूडागारसालं करेइ, तत्थ णं बहूहिं पुरिसेहिं जाव उवक्खडावेत्ता बहूणं समण जाव परिभाएमाणे विहरइ ॥ ७४॥ तए णं से पएसी राया समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे "विहरइ । जप्पभिई च णं पएसी राया समणोवासए जाए तप्पभिई च णं रजं च रटुं च बलं च वाहणं च कोसं च कोट्ठागारं च पुरं च अन्तेउरं च जणवयं च अणाढायमाणे यावि विहरइ । तए णं तीसे सूरियकन्ताए देवीए इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था-"जप्पभिई च णं पएसी राया समणोवासए जाए तप्पभिइं च णं रजं च रटुं च जाव अन्तेउरं च ममं च जणवयं च अणाढायमाणे विहरइ । तं सेयं खलु मे पएसिं रायं केण वि सत्थपओगेण वा अग्गिपओगेण वा मन्तप्पओगेण वा विसप्पओगेण वा उद्दवेत्ता सूरियकन्तं कुमारं रज्जे ठवित्ता सयमेव रजसिरिं कारेमाणीए पालेमाणीए विहरित्तए"त्तिकट्ठ एवं संपेहेइ २ त्ता सूरियकन्तं कुमारं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-“जप्पभिई च णं पएसी राया समणोवासए जाए तप्पभिई च णं रजं च जाव अन्तेउरं च ममं च जणवयं च माणुस्सए य कामभोगे अणाढायमाणे विहरइ । तं सेयं खलु तव पुत्ता! पएसिं रायं केणइ सत्थप्पओगेण वा जाव उद्दवित्ता सयमेव रजसिरिं कारेमाणे पालेमाणे विहरित्तए” । तए णं सूरियकन्ते कुमारे सूरियकन्ताए देवीए एवं बुत्ते समाणे सूरियकन्ताए देवीए एयमद्वं नो आढाइ, नो परियाणाइ, तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं तीसे सूरियकन्ताए देवीए इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था-"मा णं सूरियकन्ते कुमारे पएसिस्स रन्नो इमं ममं रहस्सभेयं करिस्सइ"त्तिकटु पएसिस्स रनो छिद्दाणि य मम्माणि य रहस्साणि य विवराणि य अन्तराणि य पडिजागरमाणी २ विहरइ । तए णं सूरियकन्ता देवी अन्नया कयाइ पएसिस्स रन्नो अन्तरं जाणइ २ त्ता असणं जाव साइमं सव्ववत्थगन्धमल्लालंकारं Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [रायपसेणइयं विसप्पओगं पउआइ । पएसिस्स रन्नो ण्हायस्स सुहासणवरगयस्स तं विससंजुत्तं असणं ४ वत्थं जाव अलंकारं निसिरेइ, घायइ । तए णं तस्स पएसिस्स रन्नो तं विससंजुत्तं असणं ४ आहारेमाणस्स सरीरगंमि वेयणा पाउब्भूया उजला विउला पगाढा कक्कसा कडुया फरुसा णिहुरा चण्डा तिव्वा दुक्खा दुग्गा दुरहियासा, पित्तजरपरिगयसरीरे दाहवक्कन्तिए यावि विहरइ ॥ ७५ ॥ तए णं से पएसी राया सूरियकन्ताए देवीए अत्ताणं संपलद्धं जाणित्ता सूरियकन्ताए देवीए मणसा वि अप्पटुसमाणे जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पोसहसालं पमजइ २ त्ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ २ ता दब्भसंथारगं संथरेइ २ त्ता दब्भसंथारगं दुरुहइ २ त्ता पुरत्याभिमुहे संपलियङ्कनिसण्णे करयलपरिग्गहियं० सिरसावत्तं अञ्जलिं मत्थए कट्टु एवं वयासी-“नमोत्थु णं अरहन्ताणं जाव संपत्ताणं । नमोत्थु णं केसिस्स कुमारसमणस्स मम धम्मोवएसगस्स धम्मायरियस्स । वन्दामि णं भगवन्तं तत्थगयं इहगए। पासउ मे भगवं तत्थगए इहगयं”तिकटु वन्दइ नमसइ । "पुवि पि णं मए केसिस्स कुमारसमणस्स अन्तिए थूलपाणाइवाए पञ्चक्खाए जाव परिग्गहे । तं इयाणि पिणं तस्सेव भगवओ अन्तिए सव्वं पाणाइवायं पच्चक्खामि जाव परिग्गहं, सव्वं कोहं जाव मिच्छादसणसल्लं, अकरणिज्जं जोगं पञ्चक्खामि, चउव्विहं पि आहारं जावज्जीवाए पञ्चक्खामि, जं पि य मे सरीरं इ8 जाव फुसन्तुत्ति एवं पि य णं चरिमेहिं ऊसासनिस्सासेहिं वोसिरामित्तिकटु आलोइयपडिक्कन्ते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सूरियाभे विमाणे उववायसभाए जाव वण्णओ ॥ तए णं से सूरियामे देवे अहुणोववन्नए चेव समाणे पञ्चविहाए पजत्तीए पज्जत्तिभावं गच्छइ । तं जहा-आहारपज्जत्तीए सरीरपजत्तीए इन्दियपजत्तीए आणपाणपज्जत्तीए भासामणपजत्तीए । तं एवं खलु भो सूरियामेणं देवेणं सा दिव्वा देविड्डी दिव्वा देवजुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागए" ॥ ७६ ॥ “सूरियाभस्स णं भन्ते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता?” “गोयमा! चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता" । “से णं सूरियामे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणन्तरं चयं चइत्ता कहिं गमिहिइ, कहिं उववजिहिइ ?" गोयमा ! महाविदेहे वासे जाणि इमाणि कुलाणि भवन्ति, तं जहाअढाई दित्ताइं विउलाई वित्थिण्णविपुलभवणसयणासणजाणवाहणाई बहुधणबहुजायरूवरययाइं आओगपओगसंपउत्ताई विच्छड्डियपउरभत्तपाणाई बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूयाई बहुजणस्स अपरिभूयाई, तत्थ अन्नयरेसु कुलेसु पुत्तत्ताए पञ्चायाइस्सइ । तए णं तंसि दारगंसि गब्भगयंसि चेव समाणंसि अम्मापिऊणं धम्मे दढा Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ढपणपरिवढणं ] सुत्तागमे पइन्ना भविस्सइ । तए णं तस्स दारगस्स नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्टमाण इंदियाणं वीक्कन्ताणं सुकुमालपाणिपायं अहीणपडिपुण्णपञ्चिन्दियसरीरं लक्खणवञ्जणगुणोववेयं माणुम्माणपमाणपडिपुण्णसुजायसव्वङ्गसुन्दर ससिसोमाकारं कन्तं पियदंसणं सुरूवं दारयं पयाहि । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं करेहिन्ति । तइयदिवसे चन्दसूरदंसणगं करिस्सन्ति । छट्ठे दिवसे जागरियं जागरिस्सन्ति । एक्कारसमे दिवसे वीइकन्ते संपत्ते बारसाहे दिवसे निव्वित्ते असुइजायकम्मकरणे चोखे संमजिओवलित्ते विउलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडावेस्सन्ति २ त्ता मित्तनाइनियगसयणसबन्धिपरियणं आमन्तेत्ता तओ पच्छा पहाया अलंकिया भोयणमण्डवंसि सुहासणवरगया तेण मित्तनाइ जाव परिजणेण सद्धिं विउलं असणं ४ आसाएमाणा विसाएमाणा परिभुजे माणा परिभाएमाणा एवं चेवणं विहरिस्सन्ति । जिमियभुत्तत्तरागया वि य णं समाणा आयन्ता चोक्खा परमसुइभूया तं मित्तनाइ जाव परियणं विउलेणं वत्थगन्धमल्लालंकारेणं सक्कारेस्सन्ति संमाणिसन्ति स० २त्ता तस्सेव मित्त जाव परियणस्स पुरओ एवं वइस्सन्ति - जम्हा णं देवाणुप्पिया ! इमंसि दारगंसि गब्भगयंसि चेव समाणंसि धम्मे दढा पन्ना जाया, तं होउ णं अम्हं एयस्स दारयस्स दढपइन्ने नामेणं । तए णं तस्स दढपइन्नस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेज्जं करिस्सन्ति - दढपन्नो य २ । तए णं तस्स अम्मापियरो अणुपुव्वेणं ठिइवडियं च चन्दसूरियदरिसणं च धम्मजागरियं च नामज्जकरणं च पजेमणगं च पजम्पणगं च पडिवद्धावणगं च पचङ्कमणगं च कण्णवेहणं च संवच्छरपडिलेहणगं च चूलोवणयं च अन्नाणि य बहूणि गव्भाहाणजम्मणाइयाई महया इड्डी सकारसमुदएणं करिस्सन्ति ॥ ७७ ॥ तए णं से दढपइन्ने दारए पञ्चधाईपरिक्खित्ते खीरधाईए मज्जणवाईए मण्डणधाईए अङ्कधाईए कीलावणधाईए, अन्नाहि य बहूहिं खुजाहिं चिलाइयाहिं वामणियाहिं वडभियाहिं बब्बरीहिं बउसियाहिं जोहियाहिं पण्णवियाहिं ईसिगिणियाहिं वारुणियाहिं लासियाहिं लउसियाहिं दमिलीहिं सिंहलीहिं आरबीहिं पुलिन्दीहिं पक्कणीहिं बहलीहिं मुरंडीहिं सबहिं पारसीहिं नाणादेसीविदेसपरिमण्डियार्हि सदेसनेवत्थगहियवेसाहिं इङ्गियचिन्तियपत्थियवियाणाहिं निउणकुसलाहिं विणीयाहिं चेडियाचकवालतरुणिवन्दपरियालपरिवुडे वरिसधरकचुइमहयरवन्दपरिक्खित्ते हत्थाओ हत्थं साहरिज्जमाणे २ उवन चिजमाणे २ अंकाओ अंकं परिभुजमाणे २ उवगिज्जेमाणे २ उवलालिजमाणे २ उवगूहिज्जमाणे २ अवयासिजमाणे २ परियंदिज्जमाणे २ परिचुम्बिजमाणे २ रम्मेसु मणिको मतले परंगमाणे २ गिरिकन्दरमल्लीणे विव चम्पगवरपायवे निवाय १०१ Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२ सुत्तागमे [रायपसेणइयं निव्वाघायंसि सुहंसुहेणं परिवडिस्सइ ॥ ७८ ॥ तए णं तं दढपइन्नं दारगं अम्मापियरो साइरेगअट्ठवासजायगं जाणित्ता सोभणंसि तिहिकरणनक्खत्तमुहुत्तसि ण्हायं सव्वालंकारविभूसियं करेत्ता महया इड्डीसक्कारसमुदएणं कलायरियस्स उवणेहिन्ति । तए णं से कलायरिए तं दढपइन्नं दारगं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावत्तरि कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य गंथओ य करणओ य पसिक्खावेहिइ य सेहावेहिइ य । तं जहा-लेहं गणियं रूवं नर्से गीयं वाइयं सरगयं पोक्खरगयं समतालं जूयं जणवायं पासगं अट्ठावयं पोरेकच्चं दगमट्टियं अन्नविहिं पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं सयणविहिं अजं पहेलियं मागहियं निहाइयं गाहं गीइयं सिलोगं हिरण्णजुत्तिं सुवण्णजुत्तिं चुण्णजुत्तिं आभरणविहिं तरुणीपडिकम्मं इत्थिलक्खणं पुरिसलक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं गोणलक्खणं कुक्कुडलक्खणं छत्तलक्षणं दण्डलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं कागणिलक्खणं वत्थुविजं नगरमाणं खन्धावार चार पडिचारं वूहं पडिवूहं चक्कवूहं गरुलवूहं सगडवूहं जुद्धं निजुद्धं जुद्धाइजुद्धं लट्ठिजुद्धं मुट्ठिजुद्धं बाहुजुद्धं लयाजुद्धं ईसत्थं छरुप्पवायं धणुव्वेयं हिरण्णपागं सुवण्णपागं सुत्तखेड्डे वट्टखेड्डं नालियाखेडं पत्तच्छेज्जं कडगच्छेनं सज्जीवं निजीवं सउणरुयमिति । तए णं से कलायरिए तं दढपइन्नं दारगं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपजवसाणाओ बावत्तरिं कलाओ सुत्तओ य अत्थओ य गन्थओ य करणओ य सिक्खावेत्ता सेहावेत्ता अम्मापिऊणं उवणेहिइ । तए णं तस्स दढपइन्नस्स दारगस्स अम्मापियरो तं कलायरियं विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगन्धमल्लालंकारेणं सक्कारिस्सन्ति संमाणिस्सन्ति स०२ त्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलइस्सन्ति २ त्ता पडिविसजेहिन्ति ॥ ७९ ॥ तए णं से दढपइन्ने दारए उम्मुक्कबालभावे विनयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते बावत्तरिकलापण्डिए अट्ठारसविहदेसिप्पगारभासाविसारए नवङ्गसुत्तपडिबोहए गीयरई गन्धव्वनकुसले सिङ्गारागारचारुवेसे संगयगयहसियभणियचिट्ठियविलाससंलावनिउणजुत्तोवयारकुसले हयजोही गयजोही रहजोही बाहुजोही बाहुप्पमद्दी अलंभोगसमत्थे साहसिए वियालचारी यावि भविस्सइ । तए णं तं दढपइन्नं दारगं अम्मापियरो उम्मुक्कबालभावं जाव वियालचारिं च वियाणित्ता विउलेहिं अन्नभोगेहि य पाणभोगेहि य लेणभोगेहि य वत्थभोगेहि य सयणभोगेहि य उवनिमन्तेहिन्ति । तए णं से दढपइन्ने दारए तेहिं विउलेहिं अन्नभोगेहिं जाव सयणभोगेहिं नो सजिहिइ नो गिज्झिहिइ नो मुच्छिहिइ नो अज्झोववजिहिइ । से जहानामए पउमुप्पले इ वा पउमे इ वा जाव सयसहस्सपत्ते इ वा पङ्के जाए जले संवुड्ढे नोवलिप्पइ पङ्करएणं नोवलिप्पइ जलरएणं, एवामेव दढपइन्ने वि दारए Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसमत्ती] सुत्तागमे १०३ कामेहिं जाए भोगेहिं संवड्डिए नोवलिप्पिहिइ. मित्तनाइनियगसयणसंबन्धिपरिजणेणं । से णं तहारूवाणं थेराणं अन्तिए केवलं बोहिं बुज्झिहिइ २ त्ता मुण्डे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सइ । से णं अणगारे भविस्सइ, इरियासमिए जाव सुययासणे इव तेयसा जलन्ते । तस्स णं भगवओ अणुत्तरेणं नाणेणं एवं दंसणेणं चरित्तेणं आलएणं विहारेणं अजवेणं मद्दवेणं लाघवेणं खन्तीए गुत्तीए मुत्तीए अणुत्तरेणं सव्वसंजमतवसुचरियफलनिव्वाणमग्गेणं अप्पाणं भावमाणस्स अणन्ते अणुत्तरे कसिणे पडिपुण्णे निरावरणे निव्वाघाए केवलवरनाणदंसणे समुप्पजिहिइ । तए णं से भगवं अरहा जिणे केवली भविस्सइ, सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स परियागं जाणिहिइ । तं जहा-आगई गई ठिई चवणं उववायं तकं कडं मणोमाणसियं खइयं भुत्तं पडिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्म-अरहा अरहस्सभागी, तं तं मणवयकायजोगे वहमाणाणं सव्वलोए सव्वजीवाणं सव्वभावे जाणमाणे पासमाणे विहरिस्सइ । तए णं दढपइन्ने केवली एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे बहूई वासाइं केवलिपरियागं पाउणित्ता अप्पणो आउसेसं आभोएत्ता बहूई भत्ताई पच्चक्खाइस्सइ २ त्ता बहूई भत्ताई अणसणाए छेइस्सइ २ त्ता जस्सट्ठाए कीरइ जिणकप्पभावे थेरकप्पभावे मुण्डभावे केसलोए बम्भचेरवासे अण्हाणगं अदन्तवणं अणुवहाणगं भूमिसेजा फलहसेजा परघरपवेसो लद्धावलद्धाई माणावमाणाइं परेसिं हीलणाओ निंदणाओ खिंसगाओ तज्जणाओ ताडणाओ गरहणाओ उच्चावया विख्वरूवा बावीसं परीसहोवसग्गा गामकण्टगा अहियासिजन्ति तम8 आराहेहिइ २ त्ता चरिमेहिं उस्सासनिस्सासेहिं सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ मुञ्चिहिइ परिनिव्वाहिइ सव्वदुक्खाणमन्तं करेहिइ” ॥ ८० ॥ “सेवं भन्ते ! सेवं भन्ते” त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वन्दइ नमंसइ वं० २ त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ॥ ८१ ॥ ॥ निक्खेवो ॥ रायपसेणइयं समत्तं ॥ Page #179 --------------------------------------------------------------------------  Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं जीवाजीवाभिगमे णमो उस भाइयाणं चउवीसाए तित्थयराणं, इह खलु जिणमयं जिणाणुमयं जिणाणुलोमं जिणप्पणीयं जिणपरूवियं जिणक्खायं जिणाणुचिन्नं जिणपण्णत्तं जिणदेसियं जिणपसत्थं अणुव्वीइय तं सद्दहमाणा तं पत्तियमाणा तं रोएमाणा थेरा भगवंतो जीवाजीवाभिगमणाममज्झयणं पण्णवसु ॥ १ ॥ से किं तं जीवाजीवाभिगमे ? जीवाजीवाभिगमे दुविहे पत्ते, तंजहा - जीवाभिगमे य अजीवाभिगमे य ॥ २ ॥ से किं तं अजीवाभिगमे ? अजीवाभिगमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा—-रूविअजीवाभिगमे य अरुविअजीवाभिगमे य ॥ ३ ॥ से किं तं अरूविअजीवाभिगमे ? अरूविअजीवाभिगमे दसविहे प०, तंजहा - धम्मत्थिकाए एवं जहा पण्णवणाए जाव सेत्तं अरूविअजीवाभिगमे ॥ ४ ॥ से किं तं रूविअजीवाभिगमे ? रूविअजीवाभिगमे चडव्विहे पण्णत्ते, तंजहा - खंधा खंधदेसा खंधप्पएसा परमाणुपोग्गला, ते समासओ पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा - वण्णपरिणया गंध० रस० फास० संठाणपरिणया, एवं ते ५ जहा पण्णवणाए, सेतं रूविअजीवाभिगमे, सेत्तं अजीवाभिगमे ॥ ५ ॥ से किं तं जीवाभिगमे ? जीवाभिगमे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा - संसारसमावण्णगजीवाभिगमे य असंसारसमावण्णगजीवाभिगमे य ॥ ६ ॥ से किं तं असंसारसमावण्णगजीवाभिगमे ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा— अणंतरसिद्धासंसारसमावण्णगजीवाभिगमे य परंपरसिद्धासंसारसमावण्णगजीवाभिगमे य । से किं तं अणंतरसिद्धासंसारसमावण्णगजीवाभिगमे ? २ पण्णरसविहे पण्णत्ते, तंजहा - तित्थसिद्धा जाव अणेगसिद्धा, सेत्तं अणंतरसिद्धा । से किं तं परंपरसिद्धासंसारसमावण्णगजीवाभिगमे ? २ अणेगविहे पण्णत्ते, तंजहा— पढमसमयसिद्धा दुसमयसिद्धा जाव अनंतसमयसिद्धा, से तं परंपरसिद्धासंसारसमावण्णगजीवाभिगमे, सेतं असंसारसमावण्णगजीवाभिगमे ॥ ७ ॥ से किं तं संसारसमावन्नजीवाभिगमे ? संसारसमावण्णएसु णं जीवेसु इमाओ णव पडिवत्तीओ एवमाहिज्वंति, तं० - एगे एवमाहंसु - दुविहा संसारसमावण्णगा जीवा प०, एगे एवमाहंसु-तिविहा संसारसमावण्णगा जीवा प०, एगे एवमाहंसु - चउव्विहा Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे संसारसमावण्णगा जीवा प०, एगे एवमाहंसु-पंचविहा संसारसमावण्णगा जीवा प०, एएणं अभिलावेणं जाव दसविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ॥ ८॥ तत्थ णं जे एवमाहंसु 'दुविहा संसारसमावण्णगा जीवा प०' ते एवमाहंसु-तं०तसा चेव थावरा चेव ॥ ९ ॥ से किं तं थावरा ? २ तिविहा पन्नत्ता, तंजहापुढविकाइया १ आउकाइया २ वणस्सइकाइया ३ ॥ १०॥ से किं तं पुढविकाइया ? २ दुविहा प०, तं०-सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढविकाइया य ॥ ११॥ से किं तं सुहुमपुढविकाइया ? २ दुविहा प०, तं०-पज्जत्तगा य अपजत्तगा य । संगहणिगाहासरीरोगाहणसंघयणसंठाणकसाय तह य हुंति सण्णाओ। लेसिदियसमुग्घाओ, सन्नी वेए य पजत्ती ॥ १॥ दिट्ठी दंसणनाणे जोगुवओगे तहा किमाहारे। उववायठिई समुग्घायचवणगइरागई चेव ॥ २ ॥ १२ ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइसरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा! तओ सरीरगा प०, तं०-ओरालिए तेयए कम्मए॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा प० ? गो० ! जहन्नेणं अंगुलासंखेजइभाग उक्कोसेणवि अंगुलासंखेज्जइभागं ॥ तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरा किंसंघयणा. पण्णत्ता ? गोयमा ! छेवट्ठसंघयणा पण्णत्ता । तेसि णं भंते! सरीरा किंसंठिया प०? गोयमा ! मसूरचंदसंठिया पण्णत्ता ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ कसाया पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कसाया पण्णत्ता, तंजहा-कोहकसाए माणकसाए मायाकसाए लोहकसाए ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सण्णाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा! चत्तारि सन्नाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-आहारसण्णा जाव परिग्गहसन्ना ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ लेसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! तिन्नि लेस्साओ पन्नत्ताओ तंजहा-किण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ इंदियाई पण्णत्ताइं ? गोयमा ! एगे फासिंदिए पण्णत्ते ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ समुग्घाया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ समुग्घाया पण्णत्ता, तंजहा-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्याए मारणंतियसमुग्घाए ॥ ते णं भंते ! जीवा किं सन्नी असन्नी ? गोयमा! नो सन्नी असन्नी ॥ ते णं भंते ! जीवा किं इत्थिवेया पुरिसवेया णपुंसगवेया ? गोयमा ! णो इत्थिवेया णो पुरिसवेया णपुंसगवेया ॥ तेसि णं भंते!. जीवाणं कइ पजत्तीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! चत्तारि पज्जत्तीओ पण्णत्ताओ, तंजहाआहारपजत्ती सरीरपज्जत्ती इंदियपजत्ती आणपाणुपजत्ती । तेसि णं भंते ! जीवाणं. कइ अपजत्तीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि अपजत्तीओ पण्णत्ताओ, तंजहाआहारअपज्जत्ती जाव आणापाणुअपजत्ती ॥ ते णं भंते ! जीवा किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी नो सम्मा Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ सुहुमपुढवीकाइया] सुत्तागमे १०७ मिच्छादिट्री ॥ ते णं भंते ! जीवा किं चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी ओहिदंसणी केवलदसणी ? गोयमा! नो चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी नो ओहिदसणी नो केवलदसणी ॥ ते णं भंते ! जीवा किं नाणी अण्णाणी ? गोयमा ! नो नाणी अण्णाणी, नियमा दुअण्णाणी, तंजहा-मइअन्नाणी सुयअण्णाणी य ॥ ते णं भंते ! जीवा किं मणजोगी वयजोगी कायजोगी ? गोयमा ! नो मणजोगी नो वयजोगी कायजोगी ॥ ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि ॥ ते णं भंते ! जीवा किमाहारमाहारेंति ? गोयमा ! दव्वओ अणंतपएसियाई खेत्तओ असंखेज्जपएसोगाढाई कालओ अन्नयरसमयट्टिइयाइं भावओ वण्णमंताई गंधमंताई रसमंताई फासमंताई ॥ जाइं भावओ वण्णमंताई आ० ताई किं एगवण्णाइं आ० दुवण्णाई आ० तिवण्णाई आ० चउवण्णाइं आ० पंचवण्णाई आ० ? गोयमा ! ठाणमग्गणं पड्डुच्च एगवण्णाइंपि दुवण्णाइंपि तिवण्णाइंपि चउवण्णाइंपि पंचवण्णाइंपि आ०, विहाणमग्गणं पडुच्च कालाइंपि आ० जाव सुकिल्लाइंपि आ०, जाई वण्णओ कालाई आ० ताई कि एगगुणकालाई आ० जाव अणंतगुणकालाई आ० ? गोयमा ! एगगुणकालाइंपि आ० जाव अणंतगुणकालाइंपि आ० एवं जाव सुकिल्लाइं ॥ जाइं भावओ गंधमंताई आ० ताई. किं एगगंधाइं आ० दुगंधाइं आ० ? गोयमा ! ठाणमग्गणं पडुच्च एगगंधाइंपि आ० दुगंधाइंपि आ०, विहाणमग्गणं पडुच्च सुब्भिगंधाइंपि आ० दुब्भिगंधाइंपि आ०, जाइं गंधओ सुब्भिगंधाइं आ० ताइं किं एगगुणसुब्भिगंधाइं आ० जाव अणंतगुणसुरभिगंधाइं आ० ? गोयमा ! एगगुणसुब्भिगंधाइंपि आ० जाव अणंतगुणसुब्भिगंधाइंपि आ०, एवं दुब्भिगंधाइंपि ॥ रसा जहा वण्णा ॥ जाइं भावओ फासमंताई आ० ताई किं एगफासाइं आ० जाव अट्ठफासाइं आ० ? गोयमा ! ठाणमग्गणं पडुच्च नो एगफासाई आ० नो दुफासाइं आ० नो तिफासाइं आ० चउफासाइं आ० पंचफासाइंपि जाव अट्ठफासाइंपि आ०, विहाणमग्गणं पडुच्च कक्खडाइंपि आ० जाव लुक्खाइपि आ०, जाइं फासओ कक्खडाई आ० ताइं किं एगगुणकक्खडाइं आ० जाव अणंतगुणकक्खडाइं आ० ? गोयमा ! एगगुणकक्खडाइंपि आ० जाव अणंतगुणकक्खडाइंपि आ० एवं जाव लुक्खा णेयव्वा ॥ ताई भंते ! किं पुट्ठाई आ० अपुट्ठाई आ० ? गोयमा ! पुट्ठाई आ० नो अपुट्ठाई आ०, ताई भंते ! किं ओगाढाइं आ० अणोगाढाई आ० ? गोयमा ! ओगाढाइं आ० नो अणोगाढाई आ०, ताइं भंते ! किमणंतरोगाढाइं आ० परंपरोगाढाइं आ० ? गोयमा ! अणंतरोगाढाइं आ० नो परंपरोगाढाइं आ०, ताइं भंते ! किं अणूइं आ० बायराइं आ० ? गोयमा ! अणूइंपि Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे • बायराईपि आहारेंति, ताइं भंते! किं उड् आ० अहे आ० तिरियं आहारेंति ? गोमा ! उडुंपि आ० अहेवि आ० तिरियंपि आ०, ताई भंते! किं आई आ० मज्झे ० पज्जवसाणे आहारैति ? गोयमा ! आइपि आ० मज्झेवि आ० पज्जवसाणेवि आ०, ताई भंते! किं सविसए आ० अविसए आ० ? गोयमा ! सविसए आ० नो अविसए आ०, ताई भंते! किं आणुपुवि आ० अणाणुपुवि आहारेंति ? गोयमा ! आणुपुव्वि आहारेंति नो अणाणुपुवि आहारेंति, ताइं भंते ! किं तिदिसिं आहारेंति चउदिसिं आहारेंति पंचदिसिं आहारेंति छदिसिं आहारेंति ? गोयमा ! निव्वाघाएणं छदिसिं, वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं, उस्सन्नकारणं पहुच वण्णओ काल नील जाव सुक्किल्लाई, गंधओ सुब्भिगंवाई दुब्भिगंधाई, रसओ जाव तित्तमहुराई, फासओ कक्खडमउय जाव निद्धलुक्खाई, तेसिं पोराणे वण्णगुणे जाव फासगुणे विप्परिणामइत्ता परिपीलइत्ता परिसाडइत्ता परिविद्धंसइत्ता अण्णे अपुव्वे वण्णगुणे गंधगुणे जाव फागुणे उप्पात्ता आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले सव्वप्पणयाए आहारमाहाति ॥ ते णं भंते! जीवा कओहिंतो उववज्जंति ? किं नेरइएहिंतो उववज्जंति तिरिक्खमणुस्सदेवेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! नो नेरइएहिंतो उववज्जंति, तिरिक्खजोणिहिंतो उववजंति मणुस्सेहिंतो उववज्जंति, नो देवेहिंतो उववज्जंति, तिरिक्खजोणियपज्जत्तापजत्तेहिंतो असंखेज्जवासाउयवज्जेहिंतो उववज्जंति, मणुस्सेहिंतो अकम्म भूमिगअसंखेज्जवासाउथवज्जेहिंतो उववज्जंति, वक्कंतीउववाओ भाणियव्वो ॥ तेसि णं भंते! जीवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं ॥ ते णं भंते ! जीवा मारणंतियसमुग्धाएणं किं समोहया मरंति असमोहया मरंति ? गोयमा ! समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति ॥ ते णं भंते ! जीवा अनंतरं उव्वहिता कहिं गच्छेति ? कहिं उववज्जंति ? - किं नेरइएस उववजंति तिरिक्खजोगिएसु उ० मणुस्सेसु उ० देवेसु उवव० ?, गोयमा ! नो नेरइएस उववजंति तिरिक्खजोणिएस उ० मणुस्सेसु उ० णो देवेसु उवव० । जइ तिरिक्खजोणिएस उववज्जंति किं एर्गिदिएस उववजंति जाव पंचिदिएसु उ० ? गोयमा ! एगिदिएस. उववजंति जाव पंचेंदियतिरिक्खजोगिएसु उववजंति, असंखेज्जवासाउयवज्जेसु पजत्तापज्जत्तएसु उव०, मणुस्सेसु अकम्मभूमगअंतरदीवगअसंखेज्जवासाउयवज्जेसु पजत्तापज्जत्तएसु उव• ॥ ते णं भंते ! जीवा कइगइया कइआगइया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुगइया दुआगइया, परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता समणाउसो ! से त्तं सुहुमपुढविकाइया ॥ १३ ॥ से किं तं बायरपुढविकाइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - सण्हबायरपुढविक्काइया य खरबायरपुढविक्काइया य ॥ १४ ॥ से किं तं सहबायरपुढविकाइया ? २ सत्तविहा १०८ Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HHHHHHHHHHI HIHAUTHHTHE प० १ बायरवणस्सइका०] सुत्तागमे १०९ पण्णत्ता, तंजहा-कण्हमट्टिया, भेओ जहा पण्णवणाए जाव ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरगा प०, तंजहा-ओरालिए तेयए कम्मए, तं चेव सव्वं नवरं चत्तारि लेसाओ, अवसेसं जहा सुहुमपुढविक्काइयाणं आहारो जाव णियमा छद्दिसिं, उववाओ तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवेहितो, देवेहिं जाव सोहम्मेसाोहितो, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उकोसेणं बावीसं वाससहस्साइं । ते णं भंते ! जीवा मारणंतियसमुग्घाएणं किं समोहया मरंति असमोहया मरंति ? गोयमा ! समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति । ते णं भंते ! जीवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति ? कहिं उववजति ?-कि नेरइएसु उववजंति १०, पुच्छा, गो० नो नेरइएसु उववजंति तिरिक्खजोणिएसु उववजंति मणुस्सेसु उव० नो देवेसु उव० तं चेव जाव असंखेजवासाउयवजेहिंतो उ० । ते णं भंते ! जीवा कइगइया कइआगइया पण्णत्ता? गोयमा ! दुगइया तिआगइया परित्ता असंखेज्जा प० समणाउसो !, से तं बायरपुढविक्काइया । सेत्तं पुढविकाइया ॥ १५॥ से किं तं आउक्काइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सुहुमआउकाइया य वायरआउक्काइया य, सुहुमआउ० दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्ता य अपजत्ता य । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरया पण्णता ? गोयमा ! तओ सरीरया पण्णत्ता, तंजहा-ओरालिए तेयए कम्मए, जहेव सुहुमपुढविक्काइयाणं, णवरं थिबुगसंठिया पण्णत्ता, सेसं तं चेव जाव दुगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता । से तं सुहुमआउक्काइया ॥ १६ ॥ से किं तं बायरआउक्काइया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा--ओसा हिमे जाव जे यावन्ने तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—पजत्ता य अपजत्ता य, तं चेव सव्वं णवरं थिबुगसंठिया, चत्तारि लेसाओ, आहारो नियमा छद्दिसिं, उववाओ तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवेहितो, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सत्तवाससहस्साइं, सेसं तं चेव जहा बायरपुढविकाइया जाव दुगइया तिआगइया परित्ता असंखेजा पन्नत्ता समणाउसो !, सेत्तं बायरआऊ, सेत्तं आउक्काइया ॥१७॥ से किं तं वणस्सइकाइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सुहुमवणस्सइकाइया य बायरवणस्सइकाइया य । से किं तं सुहुमवणस्सइकाइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—पजत्तगा य अपजत्तगा य तहेव णवरं अणित्थंथ( संठाण )संठिया, दुगइया दुआगइया अपरित्ता अणंता, अवसेसं जहा पुढविक्काइयाणं, से तं सुहुमवणस्सइकाइया ॥ १८ ॥ से किं तं बायरवणस्सइकाइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया य साहारणसरीरबायरवणस्सइकाइया य Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे ॥ १९ ॥ से किं तं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया ? २. दुवालसविहा पण्णत्ता, तंजहा-रुक्खा गुच्छा गुम्मा लया य वल्ली य पव्वगा चेव । तणवलयहरियओसहिजलरुहकुहणा य बोद्धव्वा ॥१॥ से किं तं रुक्खा ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहाएगबीया य बहुबीया य । से किं तं एगबीया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहानिबंबजंबु जाव पुण्णागणागरुक्खे सीवण्णि तहा असोगे य, जे यावण्णे तहप्पगारा, एएसि णं मूलावि असंखेजजीविया, एवं कंदा खंधा तया साला पवाला पत्ता पत्तेयजीवा पुप्फाई अणेगजीवाई फला एगबीया, सेत्तं एगबीया । से किं तं बहुबीया? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-अत्थियतेंदुयउंबरकविढे आमलगफणसदाडिमणग्गोहकाउंबरीयतिलयलउयलोद्धे धवे, जे यावण्णे तहप्पगारा, एएसि णं मूलावि असंखेजजीविया जाव फला बहुबीयगा, सेत्तं बहुबीयगा, सेत्तं रुक्खा, एवं जहा पण्णवणाए तहा भाणियव्वं, जाव जे यावन्ने तहप्पगारा, सेत्तं कुहणा-नाणाविहसंठाणा रुक्खाणं एगजीविया पत्ता । खंघोवि एगजीवो तालसरलनालिएरीणं ॥१॥ 'जह सगलसरिसवाणं पत्तेयसरीराणं' गाहा ॥ २ ॥ 'जह वा तिलसक्कुलिया' गाहा ॥ ३ ॥ सेत्तं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया ॥ २० ॥ से किं तं साहारणसरीरबा. यरवणस्सइकाइया? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-आलुए मूलए सिंगबेरहिरिलिसिरिलिसिस्सिरिलिकिट्टिया छिरिया छिरियविरालिया कण्हकंदे वजकंदे सूरणकंदे खल्लूडे किमिरासिभद्दे मोत्थापिंडे हलिद्दा लोहारी णीहु[ठिहथिभुअस्सकण्णी सीहकनी सीउंढी मुसंढी जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पज्जत्तगा य अपजत्तगा य । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा! तओ सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा-ओरालिए तेयए कम्मए, तहेव जहा. बायरपुढविकाइयाणं, णवरं सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं साइरेगजोयणसहस्सं, सरीरगा अणित्थंथसंठिया, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं दसवाससहस्साइं, जाव दुगइया तिआगइया परित्ता अणंता पण्णत्ता, सेत्तं बायरवणस्सइंकाइया सेत्तं वणस्सइकाइया सेत्तं थावरा ॥ २१ ॥ से किं तं तसा ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-तेउक्काइया वाउक्काइया ओराला तसा पाणा ॥ २२ ॥ से किं तं तेउक्काइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सुहुमतेउक्काइया य बायरतेउक्काइया य ॥ २३ ॥ से किं तं सुहुमतेउक्काइया? २ जहा सुहुमपुढविक्काइया नवरं सरीरगा सूइकलावसंठिया, एगगइया दुआगइया परित्ता असंखेजा पण्णत्ता, सेसं तं चेव, सेत्तं सुहमतेउक्काइया ॥ २४ ॥ से किं तं बायरतेउक्काइया? अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-इंगाले जाले मुम्मुरे जाव सूरकंतमणिनिस्सिए, जे यावन्ने Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ बेइंदिया] सुत्तागमे १५१ तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पज्जत्ता य अपजत्ता य। तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरगा पण्णत्ता, तंजहाओरालिए तेयए कम्मए, सेसं तं चेव, सरीरगा सूइकलावसंठिया तिन्नि लेस्सा, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाई तिरियमणुस्सेहिंतो उववाओ, सेसं तं चेव एगगइया दुआगइया, परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता सेत्तं तेउक्काइया ॥ २५॥ से किं तं वाउक्काइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—सुहुमवाउक्काइया य बायरवाउक्काइया य, सुहुमवाउक्काइया जहा तेउक्काइया णवरं सरीरा पडागसंठिया एगगइया दुआगइया परित्ता असंखिज्जा, सेत्तं सुहुमवाउक्काइया । से किं तं बायरवाउक्काइया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-पाईणवाए पडीणवाए, एवं जे यावण्णे तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्ता य अपजत्ता य । तेसि णं भंते! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि सरीरगा पण्णत्ता, तंजहाओरालिए वेउबिए तेयए कम्मए, सरीरगा पडागसंठिया, चत्तारि समुग्घायावेयणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्घाए वेउव्वियसमुग्धाए, आहारो णिव्वाघाएणं छद्दिसिं वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिर्सि सिय पंचदिसिं. उववाओ देवमणुयनेरइएसु णत्थि, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साई, सेसं तं चेव एगगइया दुआगइया परित्ता असंखेजा पण्णत्ता समणाउसो !, सेत्तं बायरवाउक्काइया, सेत्तं वाउक्काइया ॥ २६ ॥ से किं तं ओराला तसा पाणा ? २ चउबिहा पण्णत्ता, तंजहा–बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया ॥ २७ ॥ से किं तं बेइंदिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा—पुलाकिमिया जाव समुद्दलिक्खा, जे यावण्णे तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पत्तणत्ता, तंजहापज्जत्ता य अपज्जत्ता य । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरगा पण्णत्ता, तंजहा-ओरालिए तेयए कम्मए । तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरओगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलासंखेजइभागं उक्कोसेणं बारसजोयणाई छेवठ्ठसंघयणा हुंडसंठिया, चत्तारि कसाया, चत्तारि सण्णाओ, तिणि लेसाओ, दो इंदिया, तओ समुग्घाया-वेयणा कसाया मारणंतिया, नोसन्नी असन्नी, णपुंसगवेयगा, पंच पजत्तीओ, पंच अपज्जत्तीओ, सम्मद्दिट्ठीवि मिच्छादिट्ठीवि नो सम्मामिच्छादिट्ठी, णो चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी णो ओहिदसणी णो केवलदसणी । ते णं भंते ! जीवा किं णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! णाणीवि अण्णाणीवि, जे णाणी ते नियमा दुण्णाणी, तंजहा-आमिणिबोहियणाणी सुयणाणी य, जे अन्नाणी ते नियमा दुअण्णाणी-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे य, नो मणजोगी वइजोगी कायजोगी, सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, आहारो नियमा छद्दिसिं, उववाओ तिरियमणुस्सेसु नेरइयदेवअसंखेज्जवासाउयवज्जेसु, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बारस संवच्छराणि, समोहयावि मरंति असमोहयावि मरंति, कहिं गच्छंति ? नेरइयदेव असंखेज्ज वा साउयवज्जेसु गच्छंति, दुगइया दुआगइया, परित्ता असंखेज्जा, सेत्तं बेइंदिया ॥ २८ ॥ से किं तं तेइंदिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा — उवइया रोहिणिया जाव हत्थिसोंडा, जे यावण्णे तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा -पजत्ता य अपजत्ता य, तहेव जहा बेइंदियाणं, नवरं सरीरोगाहणा उक्कोसेणं तिन्नि गाउयाई, तिन्नि इंदिया, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं एगूणपण्णराईदियाई, सेसं तहेव, दुगइया दुआगइया, परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता, सेतं तेइंदिया ॥ २९ ॥ से किं तं चउरिंदिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा— अंधिया पुत्तिया जाव गोमयकीडा, जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पज्जत्ता य अपज्जत्ता य, तेसि णं भंते! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरगा पण्णत्ता तं चेव, णवरं -सरीरोगाहणा उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई, इंदियाइं चत्तारि, चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी, ठिई उक्कोसेणं छम्मासा, सेसं जहा तेइंदियाणं जाव असंखेजा पण्णत्ता, से तं चउरिंदिया ॥ ३० ॥ से किं तं पंचेंदिया ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा - रइया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा ॥ ३१ ॥ से किं तं नेरइया ? २ सत्तविहा पण्णत्ता, तंजहा—रयणप्पभापुढविनेरइया जाव आहेसत्तमपुढविनेरइया, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तं० - पज्जत्ता य अपजत्ता य । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरगा पण्णत्ता, तंजहा वेडव्विए तेयए कम्मए । तेसि णं भंते ! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! विहा सरीरोगाहणा पण्णत्ता, तंजहा - भवधारणिजा य उत्तरवेउब्विया य, तत्थ जा सा भवधारणिजा सा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं पंचधणुसयाईं, तत्थ णं जा सा उत्तरवेउब्विया सा जहण्णेणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं उक्कोसेणं धणुसहस्सं । तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरा किंसंघयणी पण्णत्ता ? गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणी, शेवट्ठी णेव छिरा णेव ण्हारू व संघयणमत्थि, जे पोग्गला अट्ठा अकंता अप्पिया असुभा अमणुण्णा अमणामा ते तेसिं संघायत्ताए परिण-मंति । तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा -- भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हुंडसंठिया, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउव्त्रिया तेवि हुंडसंठिया पण्णत्ता, चत्तारि ११२ Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ जलयरा] सुत्तागमे ११३ कसाया चत्तारि सण्णाओ तिण्णि लेसाओ पंचेंदिया चत्तारि समुग्घाया आइला, सन्नी वि असन्नीवि, नपुंसगवेया, छप्पजत्तीओ छ अपजत्तीओ, तिविहा दिही, तिन्नि दसणा, णाणीवि अण्णाणीवि, जे णाणी ते नियमा तिन्नाणी, तंजहा--आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिनाणी, जे अण्णाणी ते अत्थेगइया दुअण्णाणी अत्थेगइया तिअण्णाणी, जे य दुअण्णाणी ते णियमा मइअण्णाणी सुयअण्णाणी य, जे तिअण्णाणी ते नियमा मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य विभंगणाणी य, तिविहे जोगे, दुविहे उवओगे, छद्दिसिं आहारो, ओसणं कारणं पड्डुच्च वण्णओ कालाई जाव आहारमाहारेंति, उववाओ तिरियमणुस्सेसु, ठिई जहन्नेणं दसवाससहस्साइंउकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, दुविहा मरंति, उव्वदृणा भाणियव्वा जओ आगया, णवरि संमुच्छिमेसु पडिसिद्धो, दुगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता समणाउसो !, से तं नेरइया ॥ ३२ ॥ से किं तं पंचेंदियतिरिक्सजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-समुच्छिमपंचंदियतिरिक्खजोणिया य गब्भवतियपंचिंदियतिरिक्खजोणिया य ॥ ३३ ॥ से किं तं समुच्छिमपंचेंदियतिरिक्ख जोणिया ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-जलयरा थलयरा खहयरा ॥ ३४ ॥ से किं तं जलयरा ? २ पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा--मच्छगा कच्छभा मगरा गाहा सुंसुमारा। से किं तं मच्छा ? एवं जहा पण्णवणाए जाव जे यावण्णे तहप्पगारा, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा–पजत्ता य अपजत्ता य । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरगा पण्णत्ता तंजहा--ओरालिए तेयए कम्मए, सरीरोगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं, छेवट्ठसंघयणी, हुंडसंठिया, चत्तारि कसाया, सण्णाओवि ४, लेसाओ तिनि, इंदिया पंच, समुग्घाया तिण्णि, णो सण्णी असण्णी, णपुंसगवेया, पजत्तीओ अपज्जत्ती ओ य पंच, दो दिट्ठीओ, दो दसणा, दो नाणा, दो अन्नाणा, दुविहे जोगे, दुविहे उवओगे, आहारो छदिसिं, उववाओ तिरियमणुस्सेहिंतो नो देवहितो नो नेरइएहितो, तिरिएहितो असंखेजवासाउयवज्जेहिंतो, अकम्मभूमगअंतरदीवगअसंखेजवासाउयवजेसु मणुस्सेसु, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुवकोडी, मारणंतियसमुग्घाएणं दुविहावि मरंति, अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं० ? नेरइएमुवि तिरिक्खजोणिएसुवि मणुस्सेसुवि देवेसुवि, नेरइएसु रयणप्पहाए, सेसेसु पडिसेहो, तिरिएसु सव्वेसु उववनंति संखेजवासाउएसुवि असंखेजवासाउएसुवि चउप्पएसु पक्खीसुवि मणुस्सेसु सव्वेसु कम्मभूमिएसु नो अकम्मभूमिएसु अंतरदीवएसुवि संखिजवासाउएसुवि असंखिज्जवासाउएसुवि पजत्तएसुवि अपजत्तएसुवि देवेसु जाव वाणमंतरा, चउगइया दुआगइया, परित्ता ८ सुत्ता Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे असंखेज्जा पण्णत्ता । से तं संमुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ॥ ३५ ॥ से किं तं थलयरसंमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा— चउप्पयथलयरसंमुच्छिमपंचेंदियति रिक्खजोणिया परिसप्पसंमु० ॥ से किं तं चउप्पयथलयरसंमुच्छिम० २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा—एगखुरा दुखुरा गंडीपया सणप्फया जाव जे यावणे तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - पज्जत्ता य अपज्जत्ता य, तओ सरीरगा ओगाहणा जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं ठिई जहणणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं चउरासीइवाससहस्साईं, सेसं जहा जलयराणं जाव चउगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता, सेत्तं चउप्पयथलयरसंमु०। से किं तं थलयरपरिसप्पसंमुच्छिमा ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - उरपरिसप्प संमुच्छिमा भुयपरिसप्पसंमुच्छिमा । से किं तं उरपरि सप्पसंमुच्छिमा ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा - अही अयगरा आसालिया महोरगा । से किं तं अही ? अही दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - दव्वीकरा मउलिणो य । से किं तं दव्वीकरा ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा—- आसीविसा जाव से तं दव्वीकरा । से किं तं मउलिणो ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा - दिव्वा गोणसा जाव से तं उलो, सेत्तं अही । से किं तं अयगरा २ एगागारा पण्णत्ता से तं अयगरा । से किं तं आसालिया ? २ जहा पण्णवणाए, से तं आसालिया । से किं तं महोरगा ? २ - जहा पण्णवणाए, से तं महोरगा । जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा -- पज्जत्ता य अपजत्ता य तं चेव, णवरि सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्ज० उक्कोसेणं जोयणपुहुत्तं, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तेवण्णं वाससहस्साईं, सेसं जहा जलयराणं जाव चउगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा, से तं उरपरिसप्पा ॥ से किं तं भुयपरिसप्पसंमुच्छिमथलयरा ? २ अगविहा पण्णत्ता, तंजहा - गोहा णउला जाव जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - प्रज्जत्ता य अपज्जत्ता य, सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलासंखेजं उक्कोसेणं धणुपुहत्तं, ठिई उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साई सेसं जहा जलयराणं जाव चउगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता, से तं भुयपरिसप्पसंमुच्छा, से तं थयरा ॥ से किं तं खहयरा ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहाचम्पक्खी लोमपक्खी समुग्गपक्खी विययपक्खी । से किं तं चम्मपक्खी ? २ अगवा पण्णत्ता, तंजहा — वग्गुली जाव जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं चम्मपक्खी । से किं तं लोमपक्खी ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा — ढंका कंका जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं लोमपक्खी । से किं तं समुग्गपक्खी ? २ एगागारा पण्णत्ता ११४ Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ चउप्पया] सुत्तागमे ११५ जहा पण्णवणाए, एवं विययपक्खी जाव जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा–पजत्ता य अपजत्ता य, णाणत्तं सरीरोगाहणा जह• अंगु० असं० उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं ठिई उक्कोसेणं बावत्तरि वाससहस्साइं, सेसं जहा जलयराणं जाव चउगइया दुआगइया परित्ता असंखेजा पण्णत्ता, से तं खहयरसंमुच्छिमतिरिक्खजोणिया, से तं समुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ॥ ३६ ॥ से किं तं गब्भवकंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहाजलयरा थलयरा खहयरा ॥ ३७ ॥ से किं तं जलयरा ? जलयरा पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा—मच्छा कच्छभा मगरा गाहा सुंसुमारा, सव्वेसिं भेदो भाणियव्वो तहेव जहा पण्णवणाए, जाव जे यावण्णे तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा–पजत्ता य अपजत्ता य, तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा-ओरालिए वेउव्विए तेयए. कम्मए, सरीरोगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज० उक्कोसेणं जोयणसहस्सं छव्विहसंघयणी पण्णत्ता, तंजहा-वइरोसभनारायसंघयणी उसभनारायसंघयणी नारायसंघयणी अद्धनारायसंघयणी कीलियासंघयणी सेवसंघयणी, छव्विहा संठिया पण्णत्ता, तंजहा-समचउरंससंठिया णग्गोहपरिमंडल. साइ० खुज० वामण. हुंड०, कसाया सव्वे सण्णाओ ४ लेसाओ ६ पंच इंदिया पंच समुग्घाया आइल्ला सण्णी नो असण्णी तिविहवेया छप्पज्जत्तीओ छअपज्जत्तीओ दिट्ठी तिविहावि तिण्णि दसणा णाणीवि अण्णाणीवि जे णाणी ते अत्थेगइया दुणाणी अत्थेगइया तिन्नाणी, जे दुन्नाणी ते नियमा आभिणिबोहियणाणी य सुयणाणी य, जे तिन्नाणी ते नियमा आभिणिबोहियणाणी सुय० ओहिणाणी, एवं अण्णाणीवि, जोगे तिविहे उवओगे दुविहे आहारो छद्दिसिं उववाओ नेरइएहिं जाव अहेसत्तमा तिरिक्खजोणिएसु सव्वेसु असंखेज्जवासाउयवज्जेसु मणुस्सेसु अकम्मभूमगअंतरदीवगअसंखेनवासाउयवज्जेसु देवेसु जाव सहस्सारो, ठिई जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी, दुविहावि मरंति, अणंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएसु जाव अहेसत्तमा तिरिक्खजोणिएसु मणुस्सेसु सव्वेसु देवेसु जाव सहस्सारो, चउगइया चउआगइया परित्ता असंखेज्जा पण्णत्ता, से तं जलयरा ॥३८॥ से किं तं थलयरा ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहाचउप्पया य परिसप्पा य । से किं तं चउप्पया ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहाएगखुरा सो चेव भेदो जाव जे यावन्ने तहप्पगारा ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्ता य अपजत्ता य, चत्तारि सरीरा ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज० उक्कोसेणं छ गाउयाई, ठिई ज० अं० उक्नोसेणं तिन्नि पलिओमाइं नवरं उव्वट्टित्ता Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे नेरइएसु चउत्थपुढविं ताव गच्छंति, सेसं जहा जलयराणं जाव चउगइया चउआगइया परित्ता असंखिजा पण्णत्ता, से तं चउप्पया । से किं तं परिसप्पा ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—उरपरिसप्पा य भुयपरिसप्पा य, से किं तं उरपरिसप्पा ? २ तहेव आसालियवज्जो भेदो भाणियव्वो, सरीरा चत्तारि, ओगाहणा जहणणेणं अंगुलस्स असंखे॰ उक्कोसेणं जोयणसहस्सं, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुध्वकोडी उव्वहिता नेरइएसु जाव पंचमं पुढविं ताव गच्छंति, तिरिक्खमणुस्सेसु सव्वेसु, देवेसु जाव सहस्सारा, सेसं जहा जलयराणं जाव चउगइया चउआगइया परित्ता असंखेज्जा से तं उरपरिसप्पा । से किं तं भुयपरिसप्पा ? २ भेदो तहेव, चत्तारि सरीरगा ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलासंखे ० उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी, सेसेसु ठाणेसु जहा उरपरिसप्पा, णवरं दोच्चं पुढविं गच्छंति, से तं भुयपरिसप्पा से तं थलयरा ॥ ३९ ॥ से किं तं खहयरा ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा — चम्मपक्खी तहेव भेदो, ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखे • उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागो, सेसं जहा जलयराणं, नवरं जाव तचं पुढविं गच्छति जाव से तं खहयरगब्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया, से तं तिरिक्खजोणिया ॥ ४० ॥ से किं तं मणुस्सा ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा -- संमुच्छिममणुस्सा य गब्भवकंतियमणुस्सा य ॥ कहि णं भंते! संमुच्छिममणुस्सा संमुच्छंति ? गोयमा ! अंतो मणुसखेत्ते जाव करेंति । तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिन्नि सरीरगा पन्नत्ता, तंजहा —–ओरालिए तेयए कम्मए से तं संमुच्छिममणुस्सा । से किं तं गब्भवकंतियमणुस्सा ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अंतरदीवगा, एवं माणुस्सभेदो भाणियव्वो जहा पण्णवणाए तहा णिरवसेसं भाणियव्वं जाव छउमत्था य केवली य, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहापजत्ता य अपजत्ता य । तेसि णं भंते! जीवाणं कइ सरीरा प० ? गोयमा ! पंच सरीरया प० तंजहा — ओरालिए जाव कम्मए । सरीरोगाहृणा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज • उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई छच्चेव संघयणा छस्संठाणा । ते णं भंते ! जीवा किं कोहकसाई जाव लोभकसाई अक्साई ? गोयमा ! सव्वेवि । ते णं भंते । जीवा किं आहारसन्नोवउत्ता जाव नोसन्नोवउत्ता ? गोयमा ! सव्वेवि । ते णं भंते ! जीवा किं कण्हलेसा जाव अलेसा ? गोयमा ! सव्वेवि । सोइंदियोवउत्ता जाव नोइंदियोवउत्तावि, सव्वे समुग्धाया, तंजहा - वेयणासमुग्धाए जाव केवलिसमुग्धाए, सन्नीवि नोसन्नी- असन्नीवि, इत्थिवेयावि जाव अवेयावि, पंच पज्जत्ती, तिविहाविदिट्ठी, I ११६ Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ देवा सुत्तागमे ११७ चत्तारि दंसणा, णाणीवि अण्णाणीवि, जे णाणी ते अत्थेगइया दुणाणी अत्थेगइया तिणाणी अत्थेगइया चउणाणी अत्थेगइया एगणाणी, जे दुण्णाणी ते नियमा आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी य, जे तिणाणी ते आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी य, अहवा आभिणिबोहियणाणी सुयनाणी मणपज्जवणाणी य, जे चउणाणी ते णियमा आभिणिबोहियणाणी सुय० ओहि० मणपज्जवणाणी य, जे एगणाणी ते नियमा केवलनाणी, एवं अन्नाणीवि दुअन्नाणी तिअण्णाणी, मणजोगीवि बडकायजोगीवि अजोगीवि, दुविहउवओगे आहारो छद्दिसिं उववाओ नेरइएहिं अहेसत्तमवजेहिं तिरिक्खजोणिएहितो, उववाओ असंखेजवासाउयवजेहिं मणुएहिं अकम्मभूमगअंतरदीवगअसंखेज्जत्रासाउयवजेहि, देवेहिं सव्वेहि, ठिई जहन्नेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं, दुविहावि मरंति, उबट्टित्ता नेरइयाइसु जाव अणुत्तरोववाइएमु, अत्थेगइया सिझंति जाव अंतं करेंति। ते णं भंते ! जीवा कइगइया कइआगइया पण्णत्ता ? गोयमा! पंचगइया चउआगइया परित्ता संखिजा पण्णत्ता, सेत्तं मणुस्सा ॥ ४१ ॥ से किं तं देवा ? देवा चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा-भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया।से किं तं भवणवासी ? २ दसविहा पण्णत्ता, तंजहाअसुरा जाव थणिया, से तं भवणवासी । से किं तं वाणमंतरा ? २ देवभेदो सव्वो भाणियव्वो जाव ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्ता य अपजत्ता य, तेसि णं तओ सरीरगा-वेउविए तेयए कम्मए । ओगाहणा दुविहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य, तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं उक्कोसेणं सत्त रयणीओ, उत्तरवेउव्विया जहन्नेणं अंगुलस्स संखेजइ० उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं, सरीरगा छण्हं संघयणाणं असंघयणी णेवट्ठी णेव छिराणेव हारू नेव संघयणमत्थि, जे पोग्गला इट्ठा कंता जाव ते तेर्सि संघायत्ताए परिणमंति, किंसंठिया ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते णं समचउरंससंठिया पण्णत्ता, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउव्विया ते णं नाणासंठाणसंठिया पण्णत्ता, चत्तारि कसाया चत्तारि सण्णा छ लेस्साओ पंच इंदिया पंच समुग्घाया सन्नीवि असन्नीवि इत्थिवेयावि पुरिसवेयावि नो नपुंसगवेया, पजत्ती अपज्जत्तीओ पंच, दिट्ठी तिन्नि, तिण्णि दसणा, णाणीवि अण्णाणीवि, जे नाणी ते नियमा तिण्णाणी अण्णाणी भयणाए, दुविहे उवओगे, तिविहे जोगे, आहारो णियमा छद्दिसिं, ओसन्नकारणं पडुच्च वण्णओ हालिहसुक्किल्लाइं जाव आहारमाहारेंति, उववाओ तिरियमणुस्सेसु, ठिई जहन्नेणं दस वाससहस्साइं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं, दुविहावि मरंति, उव्वटित्ता नो Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे नेरइएसु गच्छंति तिरियमणुस्सेसु जहासंभवं नो देवेसु गच्छंति, दुगइया दुआगइया परित्ता असंखेजा पण्णत्ता, से तं देवा, से तं पंचेंदिया, सेत्तं ओराला तसा पाणा ॥ ४२ ॥ थावरस्स णं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई ठिई पण्णत्ता ॥ तसस्स णं भंते! hasयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । थावरे णं भंते! थावरेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं अनंतं कालं अनंताओ उस्सप्पिणीओ अवसप्पिणीओ कालओ खेत्तओ अनंता लोया असंखेजा पुग्गलपरियट्टा, ते णं पुग्गल परियट्टा आवलियाए असंखेज्जइभागो ॥ तसे णं भंते! तसेत्ति कालओ केव चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं असंखेज्जाओ उस्सप्पिणीओ अवसप्पिणीओ कालओ खेत्तओ असंखेजा लोगा ॥ थावरस्स णं भंते! hasकालं अंतर होइ ? गोयमा ! जहा तससंचिट्ठणाए ॥ तसस्स णं भंते! केवइकालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वणस्सइकालो | एएसि णं भंते! तसाणं थावराण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवी तसा थावरा अनंतगुणा, से तं दुविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ॥ ४३ ॥ पढमा दुविहपडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ जे ते एवमाहंसु तिविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा - इत्थी पुरिसा णपुंसगा ॥ ४४ ॥ से किं तं इत्थीओ ? २ तिविहाओ पण्णताओ, तंजहा—तिरिक्खजोणित्थीओ मणुस्सित्थीओ देवित्थीओ। से किं तं तिरिक्खजोणित्थीओ ? २ तिविहाओ पण्णत्ताओ तंजहा - जलयरीओ थलयरीओ खहयरीओ । से किं तं जलयरीओ ? २ पंचविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहा— मच्छीओ जाव सुमारीओ से तं जलयरीओ । से किं तं थलयरीओ ? २ दुविहाओ पण्णत्ताओ तंजा - चउप्पईओ य परिसप्पीओ य । से किं तं चउप्पईओ ? २ चउव्विहाओ पण्णत्ताओ तंजहा—- एगखुरीओ जाव सणप्फईओ से तं चउप्पयथलयरति रिक्खजो - णित्थीओ। से किं तं परिसप्पीओ ? २ दुविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहा - उरपरिसपीओ य भुपरिसप्पीओ य । से किं तं उरपरिसप्पीओ ? २ तिविहाओ पण्णत्ताओ तंजा --- अहीओ अहिगरीओ महोरगीओ य, सेत्तं उरपरिसप्पीओ । से किं तं भुयपरिसप्पीओ ? २ अणेगविहाओ पण्णत्ताओ तंजहा— सेरडीओ सेरंधीओ गोहीओ उलीओ सेधाओ सरडीओ सिरसंधीओ भावीओ सोवीओ खारीओ पलवाइयाओ उप्पइयाओ मूसियाओ मुगुसियाओ घरोलियाओ गोहियाओ जोहियाओ चिरबिरा ११८ Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ मणुस्सित्थीओ] सुत्तागमे लियाओ सेत्तं भुयपरिसप्पीओ। से किं तं खहयरीओ ? चउव्विहाओ पण्णत्ताओ जहा–चम्मपक्खीओ जाव वियय० सेत्तं खहयरीओ, सेत्तं तिरिक्खजोणित्थीओ॥ से किं तं मणुस्सित्थीओ ? २ तिविहाओ पण्णत्ताओ तंजहा-कम्मभूमियाओ अकम्मभमियाओ अंतरदीवियाओ। से किं तं अंतरदीवियाओ ? २ अट्ठावीसइविहाओ पण्णताओ, तंजहा---एगूरुइयाओ आभासियाओ जाव सुद्धदंतीओ, सेत्तं अंतरदी० ॥ से किं तं अकम्मभूमियाओ ? २ तीसविहाओ पण्णत्ताओ तंजहा-पंचसु हेमवएसु पंचसु एरण्णवएसु पंचसु हरिवासेसु पंचसु रम्मगवासेसु पंचसु देवकुरासु पंचसु उत्तरकुरासु, सेत्तं अकम्म० । से किं तं कम्मभूमियाओ ? २ पण्णरसविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहापंचसु भरहेसु पंचसु एरवएसु पंचसु महाविदेहेसु, सेत्तं कम्मभूमगमणुस्सित्थीओ, सेत्तं मणुस्सित्थीओ ॥ से किं तं देवित्थियाओ? २ चउविहाओ पण्णत्ताओ तंजहाभवणवासिदेवित्थियाओ वाणमंतरदेवित्थियाओ जोइसियदेवित्थियाओ वेमाणियदेवित्थियाओ। से किं तं भवणवासिदेवित्थियाओ ? २ दसविहाओ पण्णत्ताओ तंजहाअसुरकुमारभवणवासिदेवित्थियाओ जाव थणियकुमारभवणवासिदेवित्थियाओ, से तं भवणवासिदेवित्थियाओ । से किं तं वाणमंतरदेवित्थियाओ ? २ अट्ठविहाओ पण्णताओ तंजहा–पिसायवाणमंतरदेवित्थियाओ जाव गंधव्व० से तं वाणमंतरदेवित्थियाओ। से किं तं जोइसियदेवित्थियाओ ? २ पंचविहाओ पण्णत्ताओ तंजहा-चंदविमाणजोइसियदेवित्थियाओ सूर० गह० नक्खत्त० ताराविमाणजोइसियदेवित्थिथाओ, सेत्तं जोइसियाओ। से किं तं वेमाणियदेवित्थियाओ? २ दुविहाओ प० तंजहा-सोहम्मकप्पवेमाणियदेवित्थियाओ ईसाणकप्पवेमाणियदेवित्थियाओ, सेत्तं वेमाणित्थीओ ॥ ४५ ॥ इत्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा एगेणं आएसेणं जहन्नेणं अंतोमुहुत उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं एकेणं आएसेणं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं नव पलिओवमाई एगेणं आएसेणं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाई एगेणं आएसेणं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पन्नासं पलिओवमाई ॥ ४६ ॥ तिरिक्खजोणित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गो० जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं। जलयरतिरिक्खजोणित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतो० उको० पुवकोडी । चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गो० जहा तिरिक्खजोणित्थीओ। उरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुवकोडी । एवं भुयपरिसप्प० । एवं खहयरतिरिक्खित्थीणं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागो ॥ मणुस्सित्थीणं Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जह० अंतो० उक्को. तिण्णि पलिओवमाइं, धम्मचरणं पडुच्च जह० अंतो० उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । कम्मभूमयमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं धम्मचरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं, धम्मचरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमु० उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतो० उक्कोसेणं पुव्वकोडी, धम्मचरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्यकोडी । अकम्मभूमगमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जम्मणं पडुच्च जहन्नेणं देसूणं पलिओवमं पलिओवमस्स असंखेजइभागऊणगं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई, संहरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । हेमवएरण्णवए जम्मणं पडुच्च जहन्नेणं देसूणं पलिओवमं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेण ऊणगं उक्कोसेणं पलिओवमं संहरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उनोसेणं देसूणा पुव्वकोडी । हरिवासरम्मयवासअकम्मभूमग-- मणुस्सित्थीण भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च जहन्नेणं देसूणाई दो पलिओवमाइं पलिओवमस्स असंखेजइभागेण ऊणयाइं उक्को. दो पलिओवमाइं, संहरणं पडुच्च जह• अंतो० उक्को० देसूणा पुवकोडी । देवकुरुउत्तरकुरुअम्मभूमगमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च जहन्नेणं देसूणाई तिण्णि पलिओवमाइं पलिओवमस्स असंखेजइभागेण ऊणयाई उको. तिन्नि पलिओवमाइं, संहरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्को० देसूणा पुवकोडी। अंतरदीवगअकम्मभूमगमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च जहन्नेणं देसूणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेण ऊणयं उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागं संहरणं पडुच्च जहन्नेणं अंतोमु० उक्को० देसूणा पुवकोडी ॥ देवित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं । भवणवासिदेवित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं अद्धपंचमाइं पलिओवमाइं। एवं असुरकुमारभवणवासिदेवित्थियाए, नागकुमारभवणवासिदेवित्थियाएवि जहन्नेणं दसवाससहस्साई उक्कोसेणं देसूणाई पलिओवमाइं, एवं सेसाणवि जाव थणियकुमाराणं । वाणमंतरीणं जहन्नेणं दसवास Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०२ पुष्ववि०अवरविदेहित्थी] सुत्तागमे १२१ सहस्साई उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं । जोइसियदेवित्थीणं भंते ! केवइयं कालं दिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमस्स अट्ठमं भागं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, चंदविमाणजोइसियदेवित्थियाए उदनेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं तं चेव, सूरविमाणजोइसियदेवित्थियाए जडनेणं चउभागपलिओवम उक्नोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिमब्भहियं, गटविमाणजोइसियदेवित्थीणं जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, णक्खत्तविमाणजोइसियदेवित्थीणं जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्नोसेणं चउभागपलिओवमं साइरेगं, ताराविमाणजोइसियदेवित्थियाए जहन्नेणं अट्ठभागं पलिओवमं उक्को० साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं । वेमाणियदेवित्थियाए जहण्णेणं पलिओवमं उल्कोसेणं पणपन्न पलिओवमाइं, सोहम्मकप्पवेमाणियदेवित्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई प०? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवम उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाइं, ईसाणदेवित्थीणं जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं उक्नोसेणं णव पलिओवमाइं ॥ ४७ ॥ इत्थी णं भंते ! इत्थित्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! एक्केणाएसेणं जहन्नेणं एक्नं समयं उक्कोसेणं दसुत्तरं पलिओवमसयं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियं । एक्केणाएसेणं जहन्नेणं एक समयं उक्कोसेणं अट्ठारस पलिओवमाइं पुवकोडीपुहुत्तमब्भहियाई । एक्जेणाएसेणं जहण्णेणं एक समयं उक्कोसेणं चउद्दस पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमभहियाई । एक्केणाएसेणं जह० एकं समयं उक्को० पलिओवमसयं पुव्वकोडीपुहुत्तमब्भहियं । एक्केणाएसेणं जह० एवं समयं उक्को० पलिओवमपुहुत्तं पुव्वकोडीपुहुत्तमभहियं ॥ तिरिक्खजोणित्थी णं भंते! तिरिक्खजोणित्थित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडी पुहुत्तमब्भहियाई, जलयरीए जहण्णेणं अंतोमुहुक्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडिपुहुत्तं । चउप्पयथलयरतिरिक्खजो० जहा ओहिया तिरिक्ख०, उरपरिसप्पीभुयपरिसप्पित्थी णं जहा जलयरीणं, खहयरि० जद्दण्णेणं अंतोमुहुतं उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागं पुव्वकोडिपुहुत्तमभहियं ॥ मणुस्सित्थी णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उको० तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमन्भहियाई, धम्मचरणं पडुच्च जह० एक समयं उक्नोसेणं देसूणा पुव्वकोडी, एवं कम्मभूमियावि भरहेरवयावि, णवरं खेत्तं पडुच्छ जह० अंतो० उक्नो० तिन्नि पलिओवमाइं देसूणपुव्वकोडीअब्भहियाई, धम्मंचरणं पडुच्च जह• एक समयं उक्को० देसृणा पुव्वकोडी। पुव्वविदेहअवरविदेहित्थी णं खेत्तं पडुच्च जह० अंतो० उक्को० पुव्वकोडीपुहुत्तं, धम्मचरणं पड्डुश्च जह• एवं समयं उक्नोसेणं देसूणा पुव्वकोडी ॥ Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२२ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे अकम्मभूमियमणुस्सित्थी णं भंते ! अकम्मभूमि० कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च जह० देसूणं पलिओवमं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणं उक्को. तिण्णि पलिओवमाइं । संहरणं पडुच्च जह० अंतो० उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई देसूणाए पुनकोडीए अब्भहियाई । हेमवएरण्णवए अकम्मभूमगमणुस्सित्थी णं भंते ! हेम० कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च जह० देसूणं पलि ओवमं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणगं, उक्नो० पलिओवमं । साहरणं पडुच्च जह० अंतोमु० उक्को० पलिओवमं देसूणाए पुव्वकोडीए अब्भहियं । हरिवासरम्मयअकम्मभूमगमणुस्सित्थी णं भंते !, जम्मणं पडुच्च जह० देसूणाई दो पलिओवमाई पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणगाई, उक्को० दो पलिओवमाइं । संहरणं पडुच्च जह० अंतोमु० उक्को० दो पलिओवमाई देसूणपुवकोडिमब्भहियाई । उत्तरकुरुदेवकुरूणं०, जम्मणं पडुच जहन्नेणं देसूणाई तिन्नि पलिओवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणगाई उक्नो० तिन्नि पलिओवमाइं। संहरणं पडुच्च जह• अंतोमु० उक्लो० ति न्नि पलिओवमाइं देसूणाए पुव्वकोडीए अब्भहियाइं । अंतरदीवाकम्मभूमगमणुस्सित्थी० ? गो० ! जम्मणं पडुच्च जह० देसूणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेण ऊणं उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागं । साहरणं पडुच्च जह• अंतोमु० उक्को० पलिओवमस्स असंखेजइभागं देसूणाए पुव्वकोडीए अब्भहियं ॥ देवित्थी णं भंते ! देवित्थित्ति काल०, जच्चेव संचिट्ठणा ॥ ४८ ॥ इत्थीणं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जह• अंतोमु० उक्को० अणंतं कालं, वणस्सइकालो, एवं सव्वासिं तिरिक्खत्थीणं । मणुस्सित्थीए खेत्तं पडुच्च जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, धम्मचरणं पडुच्च जह० एकं समयं उक्को० अणंतं कालं जाव अवड्डपोग्गलपरियह देसूणं, एवं जाव पुव्वविदेहअवरविदेहियाओ, अकम्मभूमगमणुस्सित्थीणं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जम्मणं पडुच्च जहन्नेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमन्भहियाई, उक्नो० वणस्सइकालो, संहरणं पडुच्च .जह• अंतोमु० उक्को० वणस्सइकालो, एवं जाव अंतरदीवियाओ। देवित्थियाणं सव्वासिं जह० अंतो० उक्नो० वणस्सइकालो ॥ ४९ ॥ एयासि णं भंते ! तिरिक्खजोणित्थियाणं मणुस्सित्थियाणं देवित्थियाणं कयरा २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ मणुस्सित्थियाओ तिरिक्खजोणित्थियाओ असंखेजगुणाओ देवित्थियाओ असंखेजगुणाओ ॥ एयासि णं भंते! तिरिक्खजोणित्थियाणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीण य कयरा २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ खयरतिरिक्खजो Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ तिरिक्खजोणियपुरिसा] सुत्तागमे १२३ णित्थियाओ थलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ जलयरतिरिक्ख० संखेजगुणाओ ॥ एयासि णं भंते ! मणुस्सित्थीणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाण य कयरा २ हिंतो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ अंतरदीवगअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ देवकुरूत्तरकुरुअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि तुल्लाओ संखेजगु०, हरिवासरम्मयवासअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि तुल्लाओ संखेजगु०, हेमवएरण्णवयअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि तुल्लाओ संखेजगु०, भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सि० दोवि तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ, पुत्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ॥ एयासि णं भंते ! देवित्थियाणं भवणवासीणं वाणमंतरीणं जोइसिणीणं वेमाणिणीण य कयरा २ तिो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ वेमाणियदेवित्थियाओ भवणवासिदेवित्थियाओ असंखेजगुणाओ वाणमंतरदेवित्थियाओ असंखेजगुणाओ जोइसियदेवित्थियाओ संखेजगुणाओ ॥ एयासि णं भंते ! तिरिक्खजोणित्थियाणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीणं मणुस्सित्थियाणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाणं देवित्थीणं भवणवासिणीणं वाणमंतरीणं जोइसिणीणं वेमाणिणीण य कयरा २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसे० ? गोयमा! सव्वत्थोवाओ अंतरदीवगअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि तुल्लाओ संखेजगुणाओ, हरिवासरम्मगवासअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोऽवि तुल्लाओ संखेजगु०, हेमवएरण्णवयअकम्मभूमग० दोऽवि तुल्लाओ संखेजगु०, भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सित्थीओ दोऽवि तुल्लाओ संखेजगु०, पुव्वविदेहअवरविदेसकम्मभूमगमणुस्सित्थि० दोऽवि संखेज्जगु०, वेमाणियदेवित्थियाओ असंखेजगु०, भवणवासिदेवित्थियाओ असंखेजगु०, खहयरतिरिक्खजोणित्थियाओ असंखेजगु०, थलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेजगु०, जलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेजगुणाओ, वाणमंतरदेवित्थियाओ संखेजगुणाओ, जोइसियदेवित्थियाओ संखेजगुणाओ॥५०॥ इत्थिवेयस्सणं भंते ! कम्मस्स केवइयं कालं बंधठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दिवड्डो सत्तभागो पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेण ऊणो उको० पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ, पण्णरस वाससयाइं अबाहा, अबाहूणिया कम्मठिई कम्मणिसेओ ॥ इत्थिवेए णं भंते ! किंपगारे पण्णत्ते ? गोयमा ! फुफुअग्गिसमाणे पण्णत्ते, सेत्तं इत्थियाओ. ॥ ५१ ॥ से किं तं पुरिसा ? पुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-तिरिक्खजोणियपुरिसा मणुस्सपुरिसा देवपुरिसा ॥ से किं तं तिरिक्खजोणियपुरिसा ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंज़हा-जलयरा थलयरा खहयरा Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे इत्थिभेदो भाणियब्बो जाव खहयरा, सेत्तं खहयरा सेत्तं तिरिक्खजोणियपुरिसा ॥ से किं तं मणुस्सपुरिसा? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अंतरदीवगा, सेत्तं मणुस्सपुरिसा ॥ से किं तं देवपुरिसा ? देवपुरिसा चउविहा पण्णत्ता, इत्थीभेओ भाणियव्बो जाव सव्वट्ठसिद्धा ॥ ५२ ॥ पुरिसस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाई। तिरिक्खजोणियपुरिसाणं मणुस्साणं जा चेव इत्थीणं ठिई सा चेव भाणियव्वा ॥ देवपुरिसाणवि जाव सव्वट्ठसिद्धाणं ति ताव ठिई जहा पण्णवणाए तहा भाणियव्वा ॥ ५३ ॥ पुरिसे णं भंते ! पुरिसेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतो० उको० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । तिरिक्खजोणियपुरिसे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतो० उक्नो० तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाई, एवं तं चेव, संचिठ्ठणा जहा इत्थीणं जाव खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसस्स संचिट्ठणा । मणुस्सपुरिसाणं भंते ! कालओ केवच्चिर होइ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जहन्नेणं अंतो० उक्को तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाई, धम्मचरणं पडुच्च जह० अंतो० उक्कोसेणं देसूणा पुव्वकोडी एवं सव्वत्थ जाव पुव्वविदेहअवरविदेह, अकम्मभूमगमणुस्सपुरिसाण जहा अकम्मभूमगमणुस्सित्थीणं जाव अंतरदीवगाणं जच्चेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणा जाव सव्वठ्ठसिद्धगाणं ॥ ५४ ॥ पुरिसस्स णं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जह० एकं समयं उक्को० वणस्सइकालो तिरिक्खजोणियपुरिसाणं जह० अंतोमु० उक्को० वणस्सइकालो एवं जाव खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसाणं ॥ मणुस्सपुरिसाणं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जह० अंतोमु० उक्को० वणस्सइकालो, धम्मचरणं पडुच्च जह• एवं समयं उक्नो० अणंतं कालं अणंताओ उस्स० जाव अवडपोग्गलपरियह देसूणं, कम्मभूमगाणं जाव विदेहो जाव धम्मचरणे एक्लो समओ सेसं, जहित्थीणं जाव अंतरदीवगाणं ॥ देवपुरिसाणं जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, भवणवासिदेवपुरिसाणं ताव जाव सहस्सारो, जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो । आणयदेवपुरिसाणं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ? गोयमा ! जह• वासपुहुत्तं उक्को० वणस्सइकालो, एवं जाव गेवेजदेवपुरिसस्सवि । अणुत्तरोववाइयदेवपुरिसस्स जह. वासपुहुत्तं उक्को० संखेजाइं सागरोवमाइं साइरेगाइं अणुत्तराणं अंतरे एक्को आलावओ ॥५५॥ अप्पाबहुयाणि जहेवित्थिीणं जाव एएसि णं भंते ! देवपुरिसाणं भवणवासीणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाण य कयरे२हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा वेमाणियदेवपुरिसा भवणवइदेवपुरिसा Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ मणुस्सणपुंसगा ] सुत्तागमे असंखे० वाणमंतरदेवपुरिसा असंखे० जोइसियदेवपुरिसा संखेज्जगुणा ॥ एएस भंते! तिरिक्खजोणियपुरिसाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं मणुस्सपुरिसाणं कम्मभूमगाणं अकम्मभूमगाणं अंतरदीव० देवपुरिसाणं भवणवासीणं वाणमन्तराणं जोइसियाणं वेमाणियाणं सोहम्माणं जाव सव्वट्टसिद्धगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुगा वा जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अंतरदीवगमणुस्सपुरिसा देवकुरूत्तरकुरुअक्रम्मभूमगमणुस्स पुरिसा दोवि संखेज्ज० हरिवासरम्मगवासअक० दोवि संखेज्जगुणा हेमवयहेरण्णवयअक्रम्म० दोवि संखे० भरहेरवयकम्मभूमगमणु० दोव संखे॰ पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभू० दोवि संखे० अणुत्तरोववाइयदेवपुरिसा असंखे ० उवरिमगेविज्जदेवपुरिसा संखेज्ज • मज्झिमगेविज्जदेवपुरिसा संखेज्ज० हेट्ठिमगेविज्जदेवपुरिसा संखेज • अच्चुयकप्पे देवपुरिसा संखे० जाव आणयकप्पे देवपुरिसा संखेज्ज • सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखे० महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखे० जाव माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखे० सणकुमारकप्पे देवपुरिसा असं० ईसाणकप्पे देवपुरिसा असंखे० सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखे० भवणवासिदेवपुरिसा असंखे० खहयरति - रिक्खजोणियपुरिसा असंखे० थलयरति रिक्खजोणियपुरिसा संखे० जलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा असंखे० वाणमंतरदेवपुरिसा संखे ० जोइसियदेवपुरिसा संखेज्जगुणा ॥ ५६ ॥ पुरिसवेयस्स णं भंते! कम्मस्स केवइयं कालं बंधट्टिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जह० अट्ठ संवच्छराणि, उक्को ० दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दसवाससयाई अवाहा, अबाहूणिया कम्मठिई कम्मणिसेओ ॥ पुरिसवेए णं भंते! किंपगारे पण्णत्ते ? गोयमा ! वणदवग्गिजालसमाणे पण्णत्ते, सेत्तं पुरिसा ॥ ५७ ॥ से किं तं णपुंसगा ? णपुंसगा तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-नेरइयनपुंसगा तिरिक्खजोणियनपुंसगा मणुस्सणपुंसगा ॥ से किं तं नेरइयनपुंसगा ? नेरइयनपुंसगा सत्तविहा पण्णत्ता, तंजहा - रयणप्पभापुढविनेरइयनपुंसगा सक्करप्पभापुढविनेरइयनपुंसगा जाव अहेसत्तमपुढविनेरइयणपुंसगा, सेतं नेरइयणपुंसगा ॥ से किं तं तिरिक्खजोणियणपुंसगा ? २ पंचविहा प० तं०एगिंदि ० बेइंदि० तेइंदि० चउ० पंचदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा ॥ से किं तं एगिंदि - यतिरिक्खजोणियनपुंसगा ? २ पञ्चविहा पण्णत्ता, तं० पु० आ० ते० वा० वा० से तं गिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा ॥ से किं तं बेइंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा ? २ अणेगविहा पण्णत्ता • सेतं बेइंदियति रिक्खजोणिय ०, एवं तेइंदियावि, चउरिंदियावि ॥ से किं तं पंचदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा - जलयरा थलयरा खहयरा । से किं तं जलयरा ? २ सो चेव पुव्वित्थिभेदो आसालियस हिओ आणियव्वो, से तं पंचेंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा ॥ से किं तं मणुस्सनपुंसगा ? २ १२५ Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२६ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अंतरदीवगा, भेदो जाव भा० ॥ ५८ ॥ णपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा! जह० अंतो. उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाइं॥ नेरइयनपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णता? गोयमा ! जह० दसवाससहस्साइं उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाइं, सव्वेसिं ठिई भाणियव्वा जाव अहेसत्तमापुढविनेरइया । तिरिक्खजोणियणपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई प०? गोयमा! जह० अंतो० उक्को० पुव्वकोडी । एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसग० जह० अंतो० उक्को० बावीसं वाससहस्साइं, पुढविकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगस्स णं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जह० अंतो० उक्को० बावीसं वाससहस्साइं, सव्वेसिं एगिदियणपुंसगाणं ठिई भाणियव्वा, बेइंदियतेइंदियचउरिंदियणपुंसगाणं ठिई भाणियव्वा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगस्स णं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्नो० पुबकोडी, एवं जलयरतिरिक्खचउप्पयथलयरउरपरिसप्पभुयपरिसप्पखहयरतिरिक्ख० सव्वेसिं जह• अंतो० उक्को० पुव्वकोडी । मणुस्सणपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! खेत्तं पडुच्च जह० अंतो० उक्को० पुव्वकोडी, धम्मचरणं पडुच्च जह• अंतो० उक्लो० देसूणा पुव्वकोडी । कम्मभूमगभरहेरवयपुव्वविदेहअवरविदेहमणुस्सणपुंसगस्सवि तहेव, अकम्मभूमगमणुस्सणपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जम्मणं पडुच्च जह• अंतो० उक्नो० अंतोमु० साहरणं पडुच्च जह० अंतो० उक्नो० देसूणा पुव्वकोडी, एवं जाव अंतरदीवगाणं॥णपुंसए णं भंते ! णपुंसएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं एवं समयं उक्को० तरुकालो। णेरइयणपुंसए णं भंते !०१ गोयमा ! जह० दस वाससहस्साई उक्को० तेत्तीस सागरोवमाई, एवं पुढवीए ठिई भाणियव्वा । तिरिक्खजोणियणपुंसए णं भंते ! ति० ? गोयमा! जह० अंतो• उक्को० वणस्सइकालो, एवं एगिंदियणपुंसगस्स णं, वणस्सइकाइयस्सवि एवमेव, सेसाणं जह• अंतो० उक्को० असंखेनं कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोया । बेइंदियतेइंदियचउरिंदियनपुंसगाण य जह• अंतो० उक्नो० संखेनं कालं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसए णं भंते !० गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० पुव्वकोडिपुहुत्तं । एवं जलयरतिरिक्खचउप्पयथलयरउरपरिसप्पभुयपरिसप्पमहोरगाणवि । मणुस्सणपुंसगस्स णं भंते !०? खेत्तं पडुच्च जह• अंतो० उक्को० पुव्वकोडिपुहुत्तं, धम्मचरणं पडुच्चं जह• एवं समयं उक्को० देसूणा पुवकोडी। एवं कम्मभूमगभरहेरवयपुव्वविदेहअवरविदेहेसुवि भाणियव्वं । अकम्मभूमगमणुस्सणपुंसए णं भंते !? Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०२णपुं०अप्पाबहुयं] सुत्तागमे १२७ गोगमा! जम्मणं पडुच्च जह० अंतो० उक्नो० मुहत्तपुहुत्तं, साहरणं पडुच्च जह० अंतो० को देसूणा पुव्वकोडी । एवं सव्वेसिं जाव अंतरदीवगाणं ॥ णपुंसगस्स ण भंते ! वडयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जह• अंतो० उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । णेरइयणपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं अंतर होइ ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० तरुकालो, रयणप्पभापुढवीनेरइयणपुंसगस्स जह० अंतो० उक्को० तरुकालो, एवं सव्वेसिं जाव अहेसत्तमा । तिरिक्खजोणियणपुंसगस्स जह• अंतो० उको सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगस्स जह० अंतो० उको दो सागरोवमसहस्साई संखेजवासमब्भहियाई, पुढविआउतेउवाऊणं जह० ... अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, वणस्सइकाइयाणं जह० अंतो० उक्नो० असंखेजं कालं जाव असंखेजा लोया, सेसाणं बेइंदियाईणं जाव खहयराणं जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो। मणुस्लणपुंसगस्स खेत्तं पडुच्च जह० अंतो० उक्कोसेणं वणस्सइकालो, धम्मचरणं पडुच्च जह० एगं समयं उक्नो० अणंतं कालं जाव अवडपोग्गलपरिय देसूणं, एवं कम्मभूमगस्सवि भरहेरवयस्स पुव्वविदेहअवरविदेहगस्सवि। अकम्मभूम गमणुस्सणपुंसगस्स णं भंते ! केवइयं कालं० ? गो० ! जम्मणं पडुच्च जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, संहरणं पडुच्च जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो एवं जाव अंतरदीवगत्ति ॥ ५९ ॥ एएसि णं भंते ! णेरइयणपुंसगाणं तिरिक्खजोणियनपुंसगाणं मणुस्सणपुंसगाण य कयरे कयरेहिन्तो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सणपुंसगा नेरइयनपुंसगा असंखेजगुणा तिरिक्खजोणियणपुंसगा अणतगुणा ॥ एएसि णं भंते ! रयणप्पहापुढविणेरइयणपुंसगाणं जाव अहेसत्तमपुढविणेरइयणपुंसगाण य कयरे २ हिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अहेसत्तमपुढविनेरइयणपुंसगा छठपुढविणेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा जाव दोच्चपुढविणेरइयणपुंसगा असंखेजगुणा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणियणपुंसगाणं एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं पुढविकाइय जाव वणस्सइकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं बेइंदियतेइंदियचउरिंदियपंचेंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं जलयराणं थलयराणं खहयराण य कयरे २ हिन्तो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा खहयरतिरिक्खजोणियणपुंसगा, थलयरतिरिक्खजोणियनपुंसगा संखेज. जलयरतिरिक्खजोणियनपुंसगा संखेज० चउरिंदियतिरि० विसेसाहिया तेइंदियति. विसेसाहिया बेइंदियति. विसेसा० तेउक्काइयएगिंदियतिरिक्ख० असंखेनगुणा पुढविक्काइयएगिदियतिरिक्खजोणिया विसेसाहिया, एवं आउवाउवणस्सइकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे अणंतगुणा ॥ एएसि णं भंते ! मणुस्सणपुंसगाणं कम्मभूमिणपुंसगाणं अकम्मभूमिणपुंसगाणं अंतरदीवगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अंतरदीवगअकम्मभूमगमणुस्सणपुंसगा देवकुरुउत्तरकुरुअ कम्मभूमग० दोवि संखेज्जगुणा एवं जाय पुव्वविदेह अवरविदेह कम्म० दोवि संखेज्जगुणा ॥ एएसि णं भंते ! णेरइयणपुंसगाणं रयणप्पभापुढविनेरइयनपुंसगाणं जाव अहेसत्तमापुढविणेरइयणपुंसगाणं तिरिक्खजोणियणपुंसगाणं एगिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगाणं पुढविकाइयएगिंदियति रिक्खजोणियणपुंसगाणं जाव वणस्सइकाइय० बेइंदियतेइंदियचउरिंदियपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं मणुस्सणपुंसगाणं कम्मभूमिगाणं अकम्मभूमिगाणं अंतरदीवगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा ४ ? गोमा ! सव्वत्थोवा आहेसत्तमपुढविणेरइयणपुंसगा छपुढ विनेरइयनपुंसगा असंखेज्ज० जाव दोच्चपुढविणेरइयणपुं० असंखे० अंतरदीवगमणुस्सणपुंसगा असंखेज्जगुणा, देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमग० दोवि संखेज्जगुणा जाव पुव्वविदेह अवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सणपुंसगा दोवि संखेज्जगुणा, रयणप्पभापुढविणेर इयणपुंसगा असंखे० खहयरपंचेंदियति रिक्खजोणियनपुंसगा असं० थलयर० संखेज • जलयर० संखे जगुणा चाउरिंदियतिरिक्खजोणिय • विसेसाहिया तेइंदिय० विसे० बेइंदिय० विसे० तेउका - इयएगिंदिय० असं० पुढविकाइयए गिंदिय० विसेसाहिया आउक्काइय० विसे० वाउकाइय० विसेसा • वणस्सइकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा अनंतगुणा ॥ ६० ॥ पुंसगवेयस्स णं भंते! कम्मस्स केवइयं कालं बंधठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जह० सागरोवमस्त दोन सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेण ऊणगा उक्को० वीसं सागरोवनकोडाकोडीओ, दोण्णि य वाससहस्साइं अबाहा, अबाहूणिया कम्मठिई कम्मणिसेगो । णपुंसगवेए णं भंते ! किंपगारे पण्णत्ते ? गोयमा ! महाणगरदाहसमाणे पण्णत्ते समणाउसो !, से तं णपुंसगा ॥ ६१ ॥ एएसि णं भंते ! इत्थीणं पुरिसाणं नपुंसगाण य कयरेर हिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुरिसा इत्थीओ संखे० णपुंसगा अनंत० । एएसि णं भंते! तिरिक्खजोणित्थीणं तिरिक्खजोणियपुरिसाणं तिरिक्खजोणियणपुंसगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तिरिक्खजोणियपुरिसा तिरिक्खजोणित्थीओ असंखे० तिरिक्खजो० णपुंसगा अनंतगुणा ॥ एएसि णं भंते! मणुस्सित्थीणं मणुस्तपुरिसाणं मसणपुंसगाण य कयरे २ हिन्तो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्व० मणुस्सपुरिसा मस्सित्थीओ संखे० मणुस्सणपुंसगा असंखेज्जगुणा ॥ एएसि णं भंते! देवित्थीणं देवपुरिसाणं णेरइयणपुंसगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा १२८ Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ वेयाणमप्पबहुत्तं] सुत्तागमे १२९ यणपंसगा देवपुरिसा असं० देवित्थीओ संखेजगुणाओ ॥ एएसि णं भंते ! निरिक्खजोणित्थीणं तिरिक्खजोणियपुरिसाणं तिरिक्खजो०णपुंसगाणं मणुस्सित्थीणं मणसपरिसाणं मणुस्सनपुंसगाणं देवित्थीणं देवपुरिसाणं णेरइयणपुंसगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सपुरिसा मणुस्सित्थीओ संखे० सणसणपुंसगा असं० णेरइयणपुंसगा असं० तिरिक्खजोणियपुरिसा असं० तिरि खजोणित्थियाओ संखेज० देवपुरिसा असं० देवित्थियाओ संखे० तिरिक्खजोणियणपंसगा अणंतगुणा ॥ एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणित्थीणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीणं तिरिक्खजोणियपुरिसाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं तिरिक्खजो०णपंसगाणं एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं पुढविकाइयएगिदियतिरिक्खजो०णपंसगाणं जाव वणस्सइकाइय० वेइंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं तेइंदिय० चउरिंदिय० पंचेंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं जलयराणं थलयराणं खयराणं कयरे २हिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा खहयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज० थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियपुरिसा संखे० थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणित्थियाओ संखे. जलयरतिरिक्खजो पुरिसा संखे० जलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेजगु० खहयरपंचिंदियतिरिक्खजो०•णपुंसगा असंखे० थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा संखे. जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा संखे० चउरिंदियतिरि० विसेसाहिया तेइंदियणपुंसगा विसेसाहिया बेइंदियणपुंसगा विसेसा० तेउक्काइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा असं० पुढवि०णपुंसगा विसेसाहिया आउ० विसेसाहिया वाउ० विसेसा० वणप्फइ०एगिन्दियणपुंसगा अणंतगुणा ॥ एएसि णं भंते ! मणुस्सित्थीणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाणं मणुस्सपुरिसाणं कम्मभूमगाणं अकम्मभूमगाणं अंतरदीवगाणं मणुस्सणपुंसगाणं कम्मभूमगाणं अकम्म० अंतरदीवगाण य कयरे २ हिन्तो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! अंतरदीविया मणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा य एए णं दोवि तुला सव्वत्थोवा देवकुरुउत्तरकुरुअम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा एए णं दोन्निवि तुला संखे० हरिवासरम्मगवासअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा य एए णं दोन्निवि तुल्ला संखे० हेमवयहेरण्णवयअकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसा य दोवि तुल्ला संखे० भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखे० भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि संखे० पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखे० पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दोवि संखे० अंतरदीवगमणुस्सणपुंसगा असंखे० देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभू ९सुत्ता. Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे - [जीवाजीवाभिगमे मगमणुस्सणपुंसगा दोवि संखेज्जगुणा एवं चेव जाव पुव्वविदेहकम्मभूमगमणुस्सणपंसगा दोवि संखेजगुणा ॥ एयासि णं भंते ! देवित्थीणं भवणवासिणीणं वाणमन्तरीणं जोइसिणीणं वेमाणिणीणं देवपुरिसाणं भवणवासीणं जाव वेमाणियाणं सोहम्मगाणं जाव गेवेजगाणं अणुत्तरोववाइयाणं णेरइयणपुंसगाणं रयणप्पभापुढविणेरइयणपुंसगाणं जाव अहेसत्तमपुढविनेरइय० कयरे २ हिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणुत्तरोववाइयदेवपुरिसा उवरिमगेवेजदेवपुरिसा संखेजगुणा तं चेव जाव आणए कप्पे देवपुरिसा संखेजगुणा अहेसत्तमाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेजगुणा छट्ठीए पुढवीए नेरइय० असंखेजगुणा सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा पंचमाए पुढवीए नेरइयणपुंसगा असंखेजगुणा लतए कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा चउत्थीए पुढवीए नेरइया असंखेजगुणा बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा तच्चाए पुढवीए नेरइय० असंखेज्जगुणा माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा सणंकुमारकप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा दोच्चाए पुढवीए नेरइया असंखेनगुणा ईसाणे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा ईसाणे कप्पे देवित्थियाओ संखेजगुणाओ सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज० सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ खे० भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा भवणवासिदेवित्थियाओ संखेजगुणाओ इमीसे रयणप्पभापुढवीए नेरइया असंखेजगुणा वाणमंतरदेवपुरिसा असंखेजगुणा वाणमंतरदेवित्थियाओ संखेनगुणाओ जोइसियदेवपुरिसा संखेनगुणा जोइसियदेवित्थियाओ संखेजगुणा ॥ एयासि णं भंते ! तिरिक्खजोणित्थीणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीणं तिरिक्खजोणियपुरिसाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं तिरिक्खजोणियणपुंसगाणं एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगाणं पुढविक्काइयएगिंदियति जो॰णपुंसगाणं आउक्काइयएगिंदियति०जो०णपुंसगाणं जाव वणस्सइकाइयएगिंदियति जो॰णपुंसगाणं बेइंदियति जो॰णपुंसगाणं तेइंदियति जो०णपुंसगाणं चउरिंदियति जो०णपुंसगाणं पंचेंदियति जो०णपुंसगाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं मणुस्सित्थीणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाणं मणुस्सपुरिसाणं कम्मभूमगाणं अकम्म० अंतरदीवयाणं मणुस्सणपुंसगाणं कम्मभूमगाणं अकम्मभूमगाणं अंतरदीवगाणं देवित्थीणं भवणवासिणीणं वाणमंतरीणं जोइसिणीणं वेमाणिणीणं देवपुरिसाणं भवणवासीणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाणं सोहम्मगाणं जाव गेवेजगाणं अणुत्तरोववाइयाणं नेरइयणपुंसगाणं रयणप्पभापुढविनेरइयणपुंसगाणं जाव अहेसत्तमपुढविणेरइयणपुंसगाण य कयरे २ हिन्तो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! अंतरदीवअकम्मभूमगमणुस्सित्थीओ मणुस्सपुरिसा य Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिविहपडिवत्तिसमत्ती] सुत्तागमे १३३ पण दोवि तुल्ला सव्वत्थोवा, देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमगमणुस्सइत्थीओ पुरिसा गए णं दोवि तुल्ला संखे० एवं हरिवासरम्मगवास० एवं हेमवयएरण्णवय० भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखे० भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सित्थीओ संखे० पुव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखे० पुव्वविदेहअवरविदेहकम्म०मणुस्सित्थियाओ दोवि संखे० अणुत्तरोववाइयदेवपुरिसा असंखेजगुणा उपरिमगेवेजदेवपुरिसा संखे० जाव आणए कप्पे देवपुरिसा संखे० अहेसत्तमाए पढवीए नेरइयणपुंसगा असंख्खे० छट्ठीए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असं० सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखे० महासुक्के कप्पे देव० असं० पंचमाए पुढवीए नेरइयनपंसगा असं० लंतए कप्पे देवपु० असं० चउत्थीए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असं० बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असं० तच्चाए पुढवीए नेरइयण० असं० माहिंदे कप्पे देवपु० असंखे० सणकुमारे कप्पे देवपुरिसा असं० दोच्चाए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असं अंतरदीवगअकम्मभूमगमणुस्सणपुंसगा असंखे० देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमगमणुस्सणपुंसगा दोवि संखे० एवं जाव विदेहत्ति, ईसाणे कप्पे देवपुरिसा असं० ईसाणकप्पे देवित्थियाओ संखे० सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखे० सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ संखेज० भवणवासि देवपुरिसा असंखे० भवणवासिदेवित्थियाओ संखेनगुणाओ इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयणपुंसगा असं० खयरतिरिक्खजोणियपुरिसा असंखेज्जगुणा खहयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखे० थलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखे० थलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखे. जलयरतिरिक्खपुरिसा संखे० जलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखे० वाणमंतरदेवपुरिसा संखे० वाणमंतरदेवित्थियाओ संखे० जोइसियदेवपुरिसा संखे० जोइसियदेवित्थियाओ संखे० खहयरपंचंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा संखे० थलयरणपुंसगा संखे० जलयरणपुंसगा संखे० चउरिंदियणपुंसगा विसेसाहिया तेइंदिय० विसेसा० बेइंदिय. विसेसा० तेउकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा असं० पुढवी. विसेसा० आउ० विसेसा० वाउ० विसेसा० वणप्फइकाइयएगिदियतिरिक्खजो०णपुंसगा अणंतगुणा ॥ ६२ ॥ इत्थीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णता ? गोयमा ! एगेणं आएसेणं जहा पुचि भणियं, एवं पुरिसस्सवि नपुंसगस्सवि, संचिट्ठणा पुणरवि तिण्हंपि जहापुट्वि भणिया, अंतरंपि तिहंपि जहापुचि भणियं तहा नेयव्वं ॥ ६३ ॥ तिरिक्खजोणित्थियाओ तिरिक्खजोणियपुरिसेहितो तिगुणाओ तिरूवाहियाओ मणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसेहिंतो सत्तावीसइगुणाओ सत्तावीसयरूवाहियाओ देवित्थियाओ देवपुरिसेहितो बत्तीसइगुणाओ बत्तीसइख्वाहियाओ सेत्तं तिविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ॥ Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३२ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे तिविहेसु होइ भेओ ठिई य संचिट्ठणंतरsप्पबहुं । वेयाण य बंधठिई वेओ तह किंपगारो उ ॥ १ ॥ ६४ ॥ दोच्चा तिविहा पडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ जे ते एवमाहंसु चउव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा— नेरइया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा ॥ ६५ ॥ से किं तं नेरइया ? २ सत्तविहा पण्णत्ता, तंजहा - पढमा पुढविनेरइया दोच्चापुढविनेरइया तच्चापुढविनेर ० चउत्थापुढवीनेर० पंचमापु०नेरइया छट्टापु ० नेर० सत्तमापु०नेरइया ॥ ६६ ॥ पढमा णं भंते! पुढवी किंनामा किंगोत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! णामेणं घम्मा गोत्तेणं रयणप्पभा । दोच्चा णं भंते! पुढवी किंनामा किंगोत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! णामेणं वंसा गोत्तेणं सकरप्पभा, एवं एएणं अभिलावेणं सव्वासिं पुच्छा, णामाणि इमाणि सेला तइया अंजणा चउत्थी रिट्ठा पंचमी मघा छट्ठी माघवई सत्तमा जाव तमतमागोत्तेणं पण्णत्ता ॥ ६७ ॥ इमा णं भंते! रयणप्पभापुढवी केवइया बाहल्लेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! इमा णं रयणप्पभापुढवी असिउत्तरं जोयणसयसहस्सं बाहल्लेणं पण्णत्ता, एवं एएणं अभिलावेणं इमा गाहा अणुगंतव्वा - आसीयं बत्तीसं अट्ठावीसं तहेव वीसं च । अट्ठारस सोलसगं अद्भुत्तरमेव हिट्ठिमिया ॥ १ ॥ ६८ ॥ इमा णं भंते! रयणप्पभापुढवी कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तंजहा— खरकंडे पंकबहुले कंडे आवबहुले कंडे ॥ इमीसे णं भंते! रय० पुढ० खरकंडे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! सोलसविहे पण्णत्ते, तंजहारयणकंडे १ वइरे २ वेरुलिए ३ लोहियक्खे ४ मसारगल्ले ५ हंसगब्भे ६ पुलए ७ सोगंधिए ८ जोइरसे ९ अंजणे १० अंजणपुलए ११ रथए १२ जायरूवे १३ अंके १४ फलिहे १५ रिट्ठे १६ कंडे ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्पभापुढवीए रयणकंडे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते, एवं जाव रिट्ठे । इमीसे णं भंते! रयणप्पभापुढवीए पंकबहुले कंडे कइविहे पण्णत्ते? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते । एवं आवबहुले कंडे कइविहे पण्णत्ते ? गोमा ! गागारे पण्णत्ते । सक्करप्पभा णं भंते! पुढवी कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! एगागारा पण्णत्ता, एवं जाव असत्तमा ॥ ६९ ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए केवइया निरयावाससय सहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! तीसं णिरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता, एवं एएणं अभिलावेणं सव्वासि पुच्छा, इमा गाहा अणुगंतव्वातीसा य पण्णवीसा पण्णरस दसेव तिण्णि य हवंति । पंचूणसयसहस्सं पंचेव अणुत्तरा गरगा ॥ १ ॥ जाव अहेसत्तमाए पंच अणुत्तरा महइमहालया महाणरगा पण्णत्ता, तंजहा— काले महाकाले रोरुए महारोरुए अपइट्ठाणे ॥ ७० ॥ अत्थि णं भंते! इमीसे रयणप्पा पुढवीए अहे घणोदहीइ वा घणवाएइ वा तणुवाएइ वा ओवासंतरेइ वा ? Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ णेरइयउ० १] सुत्तागमे १३३ ता अस्थि, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ ७१॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए सरकंडे केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते? गोयमा! सोलस जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पन्नत्ते॥ दमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए रयणकंडे केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते? गोयमा ! एकं सोयणसहस्सं बाहल्लेणं पण्णत्ते, एवं जाव रिटे । इमीसे णं भंते ! रय० पु. पंकबहुले कंडे केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते? गोयमा! चउरसीइजोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पण्णत्ते । डमीसे णं भंते ! रय० पु० आवबहुले कंडे केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते ? गोयमा ! असीइजोयणसहस्साई बाहल्लेणं पन्नत्ते । इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पु० घणोदही केवइयं बाहलेणं पन्नत्ते ? गोयमा ! वीसं जोयणसहस्साई बाहल्लेणं पण्णत्ते । इमीसे णं भंते ! रय. पु० घणवाए केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते ? गोयमा! असंखेजाई जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पण्णत्ते, एवं तणुवाएऽवि ओवासंतरेऽवि। सक्करप्प० भंते ! पु० घणोदही केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! वीसं जोयणसहस्साई बाहल्लेणं पण्णत्ते । सक्करप्प० पु० घणवाए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! असंखे० जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पण्णत्ते, एवं तणुवाएवि, ओवासंतरेवि जहा सक्करप्प० पु० एवं जाव अहेसत्तमा ॥ ७२ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए खेत्तच्छेएणं छिजमाणीए अत्थि दव्वाइं वण्णओ कालनीललोहियहालिद्दसुकिलाइं गंधओ सुरभिगंधाई दुब्भिगंधाइं रसओ तित्तकडुयकसायअंबिलमहुराई फासओ कक्खडमउयगरुयलहुसीयउसिणणिद्धलुक्खाई संठाणओ परिमंडलवतंसचउरंसआययसंठाणपरिणयाई अन्नमन्नबद्धाइ अण्णमण्णपुठ्ठाई अण्णमण्णओगाढाई अण्णमण्णसिणेहपडिबद्धाइं अण्णमण्णघडत्ताए चिट्ठति ? हंता अत्थि। इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पु० खरकंडस्स सोलसजोयणसहस्सबाहलस्स खेत्तच्छेएणं छिजमाणस्स अत्थि दव्वाइं वण्णओ काल जाव परिणयाई ? हंता अत्थि । इमीसे गं भंते ! रयणप्प० पु० रयणनामगस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहलस्स खेसच्छेएणं छिज० तं चेव जाव हंता अत्थि, एवं जाव रिट्ठस्स, इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु. पंकबहुलस्स कंडस्स चउरासीइजोयणसहस्सबाहलस्स खेत्ते तं चेव, एवं आवबहुलस्सवि असीइजोयणसहस्सबाहल्लस्स। इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० घणोदहिस्स वीसं जोयणसहस्सबाहल्लस्स खेत्तच्छेएण तहेव । एवं घणवायस्म अंसखेजजोयणसहस्सबाहलस्स तहेव, ओवासंतरस्सवि तं चेव ॥ सक्करप्पभाए णं भंते ! पु. बत्तीमुत्तरजोयणसयसहस्सबाहलस्स खेत्तच्छेएण छिजमाणीए अत्थि दव्वाइं वण्णओ जाव घडताए चिट्ठति ? हंता अत्थि, एवं घणोदहिस्स वीसजोयणसहस्सबाहलस्स घणवायस्स असंखेजजोयणसहस्सबाहलस्स, एवं जाव ओवासंतरस्स, जहा सक्करप्पभाए एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ ७३ ॥ Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे इमा णं भंते ! रयणप्प० पु० किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! झल्लरिसंठिया पण्णत्ता। इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु. खरकंडे किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! झल्लरिसंठिए पण्णत्ते । इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० रयणकंडे किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! झल्लरि संठिए पण्णत्ते, एवं जाव रिटे, एवं पंकबहुलेवि, एवं आवबहुलेवि घणोदहीवि घणवाएवि तणुवाएवि ओवासंतरेवि, सव्वे झल्लरिसंठिया पणत्ता । सक्करप्पभा णं भंते ! पुढवी किंसंठिया पपणत्ता ? गोयमा ! झल्लरिसंठिया पण्णत्ता, सक्करप्पभापुढवीए घणोदही किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! झल्लरिसंठिए पण्णत्ते, एवं जाव ओवासंतरे, जहा सक्करप्पभाए वत्तव्वया एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ ७४ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पुढवीए पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ केवइयं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते ? गोयमा ! दुवालसहिं जोयणेहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते, एवं दाहिणिल्लाओ पञ्चत्थिमिल्लाओ उत्तरिल्लाओ। सक्करप्प० पु० पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ केवइयं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते ? गोयमा ! तिभागूणेहिं तेरसहिं. जोयणेहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते, एवं चउद्दिसिंपि। वालुयप्प० पु० पुरथिमिल्लाओ पुच्छा, गोयमा ! सतिभागेहिं तेरसहिं जोयणेहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते, एवं चउद्दिसिंपि, एवं सव्वासिं चउसुवि दिसासु पुच्छियव्वं । पंकप्प० चोद्दसहिं जोयणेहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते। पंचमाए तिभागूणेहिं पन्नरसहिं जोयणोहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते। छट्ठीए सतिभागेहिं पन्नरसहिं जोयणेहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते । सत्तमीए सोलसहिं जोयणेहिं अबाहाए लोयंते पण्णत्ते, एवं जाव उत्तरिल्लाओ ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० पुरथिमिल्ले चरिमंते कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-घणोदहिवलए घणवायवलए तणुवायवलए । इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु. दाहिणिल्ले चरिमंते कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे पण्णत्ते, तंजहा-एवं जाव उत्तरिले, एवं सव्वासिं जाव अहेसत्तमाए उत्तरिल्ले ॥ ७५ ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्प० पुढवीए घणोदहिवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! छ जोयणाणि बाहल्लेणं पण्णत्ते । सक्करप्प० पु० घणोदहिवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते? गोयमा ! सतिभागाइं छजोयणाइं बाहल्लेणं पण्णत्ते। वालुयप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! तिभागूणाई सत्त जोयणाइं बाहल्लेणं प० । एवं एएणं अभिलावेणं पंकप्पभाए सत्त जोयणाइं बाहल्लेणं पण्णत्ते। धूमप्पभाए सतिभागाइं सत्त जोयणाई बा० पण्णत्ते । तमप्पभाए तिभागूणाइं अट्ठ जोयणाई। तमतमप्पभाए अट्ठ जोयणाई ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० घणवायवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! अद्धपंचमाइं जोयणाई बाहल्लेणं । सक्करप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! कोसूणाई पंच जोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते, एवं एएणं अभिलावेणं वालुयप्पभाए पंच जोयणाई Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ णेरइयउ० १ ] सुत्तागमे १३५ बाहल्लेणं पण्णत्ते, पंकप्पभाए सकोसाई पंच जोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते । धूमप्पभाए अद्धछाई जोयणाई बाहल्लेणं पन्नत्ते, तमप्पभाए कोसूणाई छजोयणाईं बाहल्लेणं पण्णत्ते, अहे सत्तमाए छजोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ते ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० तणुवायवलए केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! छक्कोसेणं बाहणं पण्णत्ते, एवं एएणं अभिलावेणं सक्करप्पभाए सतिभागे छक्कोसे बाहल्लेणं पण्णत्ते । वालुयप्पभाए तिभागूणे सत्तकोसे बालेणं पण्णत्ते । पंकप्पभाए पुढवीए सत्तकोसे बाहल्लेणं “पण्णत्ते । धूमप्पभाए सतिभागे सत्तकोसे । तमप्पभाए तिभागूणे अट्ठकोसे बाहल्लेणं पन्नत्ते । अहेसत्तमाए पुढवीए अट्ठकोसे बाहल्लेणं पण्णत्ते ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्प० पु० घणोदहिवलयस्स छज्जोयणबाहलस्स खेत्तच्छेएणं छिजमाणस्स अत्थि दव्बाई aurओ काल जाव हंता अस्थि । सक्करप्पभाए णं भंते! पु० घणो दहि वलयस्स सतिभागछजोयणबाहलस्स खेत्तच्छेएणं छिज्जमाणस्स जाव हंता अत्थि, एवं जाव असत्तमाए जं जस्स बाहलं । इमीसे णं भंते! रयणप्प० पु० घणवायचलयस्स अद्वपंचमजोयणबाहल्लस्स खेत्तछेएणं छि० जाव हंता अस्थि, एवं जाव आहेसत्तमाए जं जस्स बाहलं । एवं तणुवायवलयस्सवि जाव आहेसत्तमा जं जस्स बाहलं ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्पभा पुढवीए घणोदहिवलए किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! वट्टे वलयागारसंठाणसं ठिए पण्णत्ते जेणं इमं रयणप्पभं पुढविं सव्वओ० संपरिक्खिवित्ताणं चिट्ठइ, एवं जाव आहेसत्तमाए पु० घणोदहिवलए, णवरं अप्पणपणं पुढर्वि संपरिक्खिवित्तणं च । इमी णं रयणम० पु० घणवायवलए किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! वलयागारे तहेव जाव जेणं इमीसे रयणप्प० पु० घणोदहिवलयं सव्वओ समता संपरिक्खिवित्ताणं चिट्ठर एवं जाव अहेसत्तमाए घणवायवलए । इमीसेणं भंते! रयणप्प० पु० तणुवायवलए किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव जेणं इमीसे रयणप्प० पु० घणवायवलयं सव्वओ समंता संपरिक्खिवित्ताणं चिट्ठइ, एवं जाव अहेसत्तमाए तणुवायवलए ॥ इमा णं भंते ! प० पु० केवइयं आयामविक्खंभेणं प० ? गोयमा ! असंखेज्जाई जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णत्ता, एवं जाव अहे - सत्तमा ॥ इमाणं भंते ! रयणप्प० पु० अंते य मज्झे य सव्वत्थ समा बाहल्लेणं पण्णत्ता ? हंता गोयमा ! इमा णं रयण० पु० अंते य मज्झे य सव्वत्थ समा बाणं, एवं जाव असत्तमा ॥ ७६ ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्प० पु० सव्वजीवा उववरण पुव्वा ? सव्वजीवा उववण्णा ?, गोयमा ! इमीसे णं रय० पु० सव्वजीवा उववण्णपुव्वा नो चेव णं सव्वजीवा उववण्णा, एवं जाव अहेसत्तमाए पुडवीए । Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे इमा णं भंते ! रयण० पु० सव्वजीवेहिं विजढपुव्वा ? सव्वजीवेहिं विजढा ?, गोयमा ! इमा णं रयण० पु० सव्वजीवेहिं विजढपुव्वा नो चेव णं सव्वजीवविजढा, एवं जाव अहेसत्तमा ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० सव्वपोग्गला पविठ्ठपुव्वा ? सव्वपोग्गला पविट्ठा ?, गोयमा ! इमीसे णं रयण० पुढवीए सव्वपोग्गला पविठ्ठपुव्वा नो चेव णं सव्वपोग्गला पविट्ठा, एवं जाव अहेसत्तमाए पुढवीए ॥ इमा णं भंते ! रयणप्पभा पुढवी सबपोग्गलेहिं विजढपुव्वा ? सव्वपोग्ग० विजढा ?, गोयमा ! इमा णं रयणप्पभा पु० सव्वपोग्गलेहिं विजढपुवा नो चेव णं सव्वपोग्गलेहिं विजढा, एवं जाव अहेसत्तमा ॥ ७७ ॥ इमा णं भंते! रयणप्पभा पुढवी किं. सासया असासया ? गोयमा ! सिय सासया सिय असासया ॥ से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-सिय सासया सिय असासया ? गोयमा ! दव्वट्ठयाए सासया, वण्णपजवेहिं गंधपजवेहिं रसपज्जवेहिं फासपजवेहिं असासया, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-तं चेव जाव सिय असासया, एवं जाव अहेसत्तमा ॥ इमा णं भंते ! रयणप्पभा पु० कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! न कयाइ ण आसि ण कयाइ णत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुवा णियया सासया अक्खया अव्वया अवट्ठिया णिचा एवं जाव अहेसत्तमा ॥ ७८ ॥ [इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए उवरिल्लाओ चरिमंताओ हेदिल्ले चरिमंते एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! असिउत्तरं जोयणसयसहस्सं अबाहाए. अंतरे पण्णत्ते । इमीसे णं भंते! रयण० पु. उवरिल्लाओ चरिमंताओ खरस्सः कंडस्स हेहिले चरिमंते एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! सोलस जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते] इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए उवरिल्लाओ चरिमंताओ रयणस्स कंडस्स हेछिल्ले चरिमंते एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! एकं जोयणसहस्सं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु. उवरिल्लाओ चरिमंताओ वइरस्स कण्डस्स उवरिल्ले चरिमंते एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! एकं जोयणसहस्सं अबाहाए अंतरे प०॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० उवरिल्लाओ चरिमंताओ वइरस्स कंडस्स हेछिल्ले चरिमंते एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे प० ? गोयमा ! दो जोयणसहस्साइं इमीसे णं० अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, एवं जाव रिटुस्स उवरिल्ले पन्नरस जोयणसहस्साइं, हेहिल्ले चरिमंते सोलस जोयणसहस्साइं ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० उवरिल्लाओ चरिमंताओ पंकबहुलस्स कंडस्स उवरिल्ले चरिमंते एस णं अबाहाए केवइयं अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! सोलस जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । हेहिल्ले Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ णेरइयउ० २] सुत्तागमे १३७ चरिमंते एक जोयणसयसहस्सं आवबहुलस्स उवरि एवं जोयणसयसहस्सं हेट्ठिल्ले चरिमंते असीउत्तरं जोयणसयसहस्सं । घणोदहिउवरिल्ले असिउत्तरजोयणसयसहस्सं देटिले चरिमंते दो जोयणसयसहस्साइं । इमीसे णं भंते ! रयण पुढ० घणवायस्स वरिले चरिमंते दो जोयणसयसहस्साई । हेछिल्ले चरिमंते असंखेज्जाइं जोयणसयसइस्साई । इमीसे णं भंते ! रयण० पु० तणुवायस्स उवरिल्ले चरिमंते असंखेजाई जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे हेठिल्लेवि असंखेजाई जोयणसयसहस्साइं, एवं ओवासंतरेवि ॥ दोच्चाए णं भंते ! पुढवीए उवरिल्लाओ चरिमंताओ हेछिल्ले चरिमंते एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! बत्तीसुत्तरं जोयणसयसहस्सं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । सक्करप्प० पु० उवरि घणोदहिस्स हेछिल्ले चरिमंते बावष्णुत्तरं जोयणसयसहस्सं अबाहाए। घणवायस्स असंखेजाइं जोयणसयसहस्साई पण्णत्ताई । एवं जाव उवासंतरस्सवि जाव अहेसत्तमाए, णवरं जीसे जं बाहल्लं तेण घणोदही संबंधेयव्वो बुद्धीए । सक्करप्पभाए अणुसारेणं घणोदहिसहियाणं इमं पमाणं ॥ तच्चाए अडयालीसुत्तरं जोयणसयसहस्सं । पंकप्पभाए पुढवीए चत्तालीसुत्तरं जोयणसयसहस्सं । धूमप्पभाए पु० अकृतीसुत्तरं जोयणसयसहस्सं । तमाए पु० छत्तीसुत्तरं जोयणसयसहस्सं । अहेसत्तमाए पु० अट्ठावीसुत्तरं जोयणसयसहस्सं जाव अहेसत्तमाए णं भंते! पुढवीए उवरिल्लाओ चरिमंताओ उवासंतरस्स हेठिल्ले चरिमंते केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! असंखेज्जाई जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ ७९ ॥ इमा णं भंते ! रयणप्पभा पुढवी दोच्च पुढविं पणिहाय बाहल्लेणं किं तुल्ला विसेसाहिया संखेजगुणा ? वित्थरेणं किं तुला विसेसहीणा संखेजगुणहीणा ?, गोयमा ! इमा णं रयण० पु० दोच्चं पुढविं पणिहाय बाहल्लेणं नो तुल्ला विसेसाहिया नो संखेजगुणा, वित्यारेणं नो तुला विसेसहीणा णो संखेनगुणहीणा । दोच्चा णं भंते ! पुढवी तचं पुढविं पणिहाय बाहल्लेणं किं तुल्ला एवं चेव भाणियव्वं । एवं तच्चा चउत्थी पंचमी छट्ठी । छट्ठी णं भंते ! पुढवी सत्तमं पुढविं पणिहाय बाहल्लेणं किं तुला विसेसाहिया संखेजगुणा ? एवं चेव भाणियव्वं । सेवं भंते ! २ ॥ ८ ॥ पढमो नेरइयउद्देसो समत्तो।। ___ कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-रयणप्पभा जाव अहेसत्तमा ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि केवइयं ओगाहित्ता हेहा केवइयं वजित्ता मज्झे केवइए केवइया निरयावाससयसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! इमीसे णं रयण पु० असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठावि Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३८ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे एगं जोयणसहस्सं वज्जेत्ता मज्झे अडसत्तरी जोयणसयसहस्सा, एत्थ णं रयणप्पभाए पु० नेरइयाणं तीसं निरयावाससयसहस्साई भवंतित्तिमक्खाया ॥ ते णं णरगा अंतो वट्टा बाहिं चउरंसा जाव असुभा णरएसु वेयणा, एवं एएणं अभिलावेणं उवजुंजिऊण भाणियव्वं ठाणप्पयाणुसारेणं, जत्थ जं बाहलं जत्थ जत्तिया वा नरयावाससयसहस्सा जाव अहेसत्तमाए पुढवीए, अहेसत्तमाए मज्झिमं केवइए कइ अणुत्तरा महइमहालया महाणिरया पण्णत्ता एवं पुच्छियव्वं वागरेयव्वंपि तहेव छट्ठिसत्तमासु काऊ य अगणिवण्णाभा भाणियव्वा ॥ ८१ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए गरगा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—आवलियपविट्ठा य आवलियबाहिरा य, तत्थ णं जे ते आवलियपविट्ठा ते तिविहा पण्णत्ता, तंजहावटा तंसा चउरंसा, तत्थ णं जे ते आवलियबाहिरा ते णाणासंठाणसंठिया पण्णत्ता, तंजहा—अयकोट्ठसंठिया पिट्ठपयणगसंठिया कंडूसंठिया लोहीसंठिया कडाहसंठिया थालीसंठिया पिहडगसंठिया किमियडसंठिया किन्नपुडगसंठिया उडवसंठिया मुरवसंठिया मुयंगसंठिया नंदिमुयंगसंठिया आलिंगयसंठिया सुघोससंठिया दद्दरयसंठिया पणवसंठिया पडहसंठिया भेरिसंठिया झल्लरीसंठिया कुतुंबगसंठिया नालिसंठिया, एवं जाव तमाए ॥ अहेसत्तमाए णं भंते ! पुढवीए णरगा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-बट्टे य तंसा य ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नरगा केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! तिण्णि जोयणसहस्साई बाहल्लेणं पण्णत्ता, तंजहा–हेट्ठा घणा सहस्सं मज्झे झुसिरा सहस्सं उप्पिं संकुझ्या सहस्सं, एवं जाव अहेसत्तमाए॥इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० नरगा केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—संखेजवित्थडा य असंखेजवित्थडा य, तत्थ णं जे ते संखेजवित्थडा ते णं संखेज्जाइं जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं संखेनाइं जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णत्ता तत्थ णं जे ते असंखेज्जवित्थडा ते णं असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णत्ता एवं जाव तमाए, अहेसत्तमाए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—संखेजवित्थडे य असंखेजवित्थडा य, तत्थ णं जे ते संखेजवित्थडे से णं एक जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिन्नि जोयणसयसहस्साइं सोलस सहस्साइं. दोन्नि य सत्तावीसे जोयणसए तिन्नि कोसे य अठ्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धंगुलयं च किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते, तत्थ णं जे ते असंखेजवित्थडा ते णं असंखेज्जाई जोयणसयसहस्साई आयामविक्खंभेणं असंखेजाई जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ता ॥ ८२ ॥ इमीसे णं भंते ! रयण Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ णेरइयउ० २] सुत्तागमे १३९ भाए पुढवीए नरया केरिसया वण्णेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! काला कालोभासा भीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणया परमकिण्हा वण्णेणं पण्णत्ता, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए णरगा केरिसया गंधेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहाणामए अहिमडेइ वा गोमडेइ वा मुणगमडेइ वा मज्जारमडेइ वा मणस्समडेइ वा महिसमडेइ वा भूसगमडेइ वा आसमडेइ वा हत्थिमडेइ वा सीहमडेइ बावग्घमडेइ वा विगमडेइ वा दीवियमडेइ वा मयकुहियचिरविणकुणिमवावण्णइभिगंधे असुइविलीणविगयबीभत्थदरिसणिजे 'किमिजालाउलसंसत्ते, भवेयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए णरगा एत्तो अणिटुतरगा चेव अकंततरगा चेव जाव अमणामतरगा चेव गंधेणं पण्णत्ता, एवं जाव अहेसत्तमाए पुढवीए ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० णरया केरिसया फासेणं पण्णत्ता? गोयमा ! से जहानामए असिपत्तेइ वा खुरपत्तेइ वा कलंबचीरियापत्तेइ वा सत्तिग्गेइ वा कुंतग्गेइ वा तोमरग्गेइ वा नारायग्गेइ वा सूलग्गेइ वा लउलग्गेइ वा भिंडिमालग्गेइ वा सूइकलावेइ वा कवियच्छूइ वा विंचुयकंटएइ वा इंगालेइ वा जालेइ वा मुम्मुरेइ वा अच्चीइ वा अलाएइ वा सुद्धागणीइ वा, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए णरगा एत्तो अणिठ्ठतरगा चेव जाव अमणामतरगा चेव फासेणं पण्णत्ता, एवं जाव अहेसत्तमाए पुढवीए ॥ ८३ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नरगा केमहालया पण्णत्ता ? गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वन्भंतरए सव्वखुडाए वहे तेल्लापूवसंठाणसंठिए वहे रहचक्कवालसंठाणसंठिए बट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए वट्टे पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिए एक्कं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं जाव किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, देवे णं महिडिए जाव महाणुभागे जाव इणामेव इणामेवत्तिकटु इमं केवलकप्पं जंबुद्दीवं २ तिहिं अच्छरानिवाएहिं तिसत्तखुत्तो अणुपरियहित्ताणं हव्वमागच्छेजा, से णं देवे ताए उनिहाए तुरियाए चवलाए चंडाए सिग्याए उद्भुयाए जयणाए छेयाए दिव्वाए दिव्वगईए वीइवयमाणे २ जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्लोसेणं छम्मासेणं वीइवएजा, अत्थेगइए वीइवएजा अत्थेगइए नो वीइवएज्जा, एमहालया णं गोयमा ! इमीसे गं रयणप्पभाए पुढवीए णरगा पण्णत्ता, एवं जाव अहेसत्तमाए, णवरं अहेसत्तमाए अत्थेगइयं नरगं वीइवएजा, अत्थेगइए नरगे नो वीइवएजा ॥ ८४ ॥ इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए णरगा किंमया पण्णत्ता ? गोयमा ! सव्ववइरामया पण्णत्ता, तत्थ णं नरएसु बहवे जीवा य पोग्गला य अवकमंति विउक्कमति चयंति Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४० सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे उववजंति, सासया णं ते णरगा दव्वट्ठयाए वण्णपजवेहिं गंधपजवेहिं रसपज्जवेहिं फासपजवेहिं असासया, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ ८५ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइया कओहिंतो उववजंति किं असण्णीहिंतो उववजंति सरीसिवेहितो उववजंति पक्खीहिंतो उववजंति चउप्पएहिंतो उववनंति उरगेहिंतो उववजंति इत्थियाहिंतो उववजंति मच्छमणुएहिंतो उववजंति ? गोयमा! असण्णीहितो उववजंति जाव मच्छमणुएहितोवि उववजंति, असण्णी खलु पढमं दोच्चं च सरीसिवा तइय पक्खी । सीहा जंति चउत्थि उरगा पुण पंचमि जंति ॥ १ ॥ छढेि च इत्थियाओ मच्छा मणुया य सत्तमि जंति । जाव अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइया णो असंण्णीहिंतो उववजंति जाव णो इत्थियाहिंतो उववजंति मच्छमणुस्सेहिंतो उववजंति ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० जेरइया एकसमएणं केवइया उववजंति ? गोयमा! जहण्णेणं एको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववजंति, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पुढवीए णेरइया समए समए अवहीरमाणा अवहीरमाणा केवइकालेणं अवहिया सिया ? गोयमा ! ते णं असंखेज्जा समए समए अवहीरमाणा अवहीरमाणा असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति नो चेव णं अवहिया सिया जाव अहेसत्तमा ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० णेरइयाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा सरीरोगाहणा पण्णत्ता, तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउब्विया य, तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्नोसेणं सत्त धणूइं तिण्णि य रयणीओ छच्च अंगुलाई, तत्थ णं जे से उत्तरवेउव्विए से जह० अंगुलस्स संखेजइभागं उक्को० पण्णरस धणूइं अड्डाइजाओ रयणीओ, दोच्चाए भवधारणिजे जहण्णओ अंगुलासंखेजइभागं उक्को० पण्णरस धणूई अड्डाइजाओ रयणीओ उत्तरवेउव्विया जह० अंगुलस्स संखेजइभागं उक्को० एकतीसं धणूई एक्का रयणी, तच्चाए भवधारणिजे एकतीसं धणूइं एका रयणी, उत्तरवेउव्विया बासडिं धणूई दोण्णि रयणीओ, चउत्थीए भवधारणिजे बासडिं धणूई दोण्णि य रयणीओ, उत्तरवेउ व्विया पणवीसं धणुसयं, पंचमीए भवधारणिजे पणवीसं धणुसयं, उत्तरवे० अड्डाइज्जाई धणुसयाई, छट्ठीए भवधारणिज्जा अड्डाइजाई धणुसयाई, उत्तरवेउव्विया पंचधणुसयाई, सत्तमाए भवधारणिज्जा पंचधणुसयाई उत्तरवेउव्विए धणुसहस्सं ॥ ८६ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० णेरइयाणं सरीरया किंसंघयणी पण्णत्ता ? गोयमा ! छण्हं संघयणाणं असंघयणी, णेवट्ठी णेव छिरा णवि ण्हारू णेव संघयणमत्थि, जे पोग्गला अणिट्ठा जाव अमणामा ते तेसिं सरीरसंघायत्ताए परिणमंति, एवं जाव Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ णेरइयउ० २ ] सुत्तागमे अहेसत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० नेरइयाणं सरीरा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता तंजहा - भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते हुंडसंठिया पण्णत्ता, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउव्विया तेवि हुंडसंठिया पण्णत्ता, एवं जाव असत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते! रयण० पु० णेरइयाणं सरीरगा केरिसया वण्णेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! काला कालोभासा जाव परमकिण्हा वण्णेणं पण्णत्ता, एवं जाव आहेसत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते रयण० पु० नेरइयाणं सरीरया केरिसया गंधेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहानामए अहिमडेइ वा तं चैव जाव आहेसत्तमा । इमीसे णं भंते ! रयण० पु० नेरइयाणं सरीरया केरिसया फासेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! फुडियच्छविविच्छविया खरफरुसझामझुसिरा फासेणं पण्णत्ता, एवं जाव आहेसत्तमा ॥ ८७ ॥ इमसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए रइयाणं केरिसया पोग्गला ऊसासत्ताए परिणमंति ? गोयमा ! जे पोग्गला अणिट्ठा जाव अमणामा ते तेसिं ऊसासत्ताए परिणमंति, एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं आहारस्सवि सत्तस्रुवि ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० नेरइयाणं कइ लेसाओ पणत्ताओ ? गोयमा ! एक्का काउलेसा पण्णत्ता, एवं सक्करप्पभाएऽवि, वालुयप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! दो लेसाओ पण्णत्ताओ तं० - नीललेसा य काउलेसा य, तत्थ जे काउलेसा ते बहुतरा जे णीललेस्सा पण्णत्ता ते थोवा, पंकप्पभाए पुच्छा, एक्का नीलसा पण्णत्ता, धूमप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! दो लेस्साओ पण्णत्ताओ, तंजहाकिण्हलेस्सा य नीललेस्सा य, ते बहुतरगा जे नीललेस्सा, ते थोवतरगा जे किण्ह - लेसा, तमाए पुच्छा, गोयमा ! एक्का किण्हलेस्सा, अहेसत्तमाए एक्का परमकिन्हलेस्सा ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० नेरइया किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामि - च्छादिट्ठी ? गोयमा ! सम्मदिद्वीविमिच्छादिद्वीवि सम्मामिच्छादिट्ठीवि, एवं जाव अहे - सत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० णेरइया किं नाणी अण्णाणी ? गोयमा ! गाणीवि अण्णाणीवि, जेणाणी ते णियमा तिणाणी, तंजहा - आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी, जे अण्णाणी ते अत्थेगइया दुअण्णाणी अत्थेगइया तिअनाणी, जे दुअन्नाणी ते णियमा मइअन्नाणी य सुयअण्णाणी थ, जे तिअन्नाणी ते नियमा मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणीवि, सेसा णं णाणीवि अण्णाणीवि तिण्णि जाव अहेसत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते! रयण० पु० किं मणजोगी वइजोगी कायजोगी ? गो० ! तिणिवि, एवं जाव आहेसत्तमाए ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्पभापु ० नेरइया किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि, एवं जाव असत्तमाए पुढवीए ॥ [ इमीसे णं भंते! रयणप्प० पु० नेरइया ओहिणा १४१ Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४२ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे केवइयं खेत्तं जाणंति पासंति ? गोयमा! जहण्णेणं अछुट्टगाउयाई उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाइं। सक्करप्पभापु० जह• तिन्नि गाउयाई उक्को० अद्भुट्टाइं, एवं अद्धद्धगाउयं परिहायइ जाव अहेसत्तमाए जह• अद्धगाउयं उक्कोसेणं गाउयं] इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयाणं कइ समुग्घाया पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि समुग्धाया पण्णत्ता, तंजहा-वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए वेउव्वियसमुग्घाए, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ ८८ ॥ इमीसे गं भंते! रयणप्पभा० पु. नेरइया केरिसयं खुह प्पिवासं पचणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! एगमेगस्स णं रयणप्पभापुढविनेरइयस्स असन्भावपट्ठवणाए सव्वोदही वा सव्वपोग्गले वा आसगंसि पक्खिवेजा णो चेव णं से रयणप्प० पु० जेरइए तित्ते वा सिया वितण्हे वा सिया, एरिसया णं गोयमा ! रयणप्पभाए णेरइया खुहप्पिवासं पचणुभवमाणा विहरंति, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पु० नेरइया किं एगत्तं पभू विउव्वित्तए पुहुत्तपि पभू विउव्वित्तए ? गोयमा ! एगत्तपि पभू पुहुत्तंपि पभू विउवित्तए, एगत्तं विउव्वेमाणा एगं महं मोग्गररूवं वा एवं मुसुंढिकरवत्तअसिसत्तीहलगयामुसलचकणारायकुंततोमरसूललउडभिंडमाला य जाव भिंडमालरूवं वा पुहुत्तं विउव्वेमाणा मोग्गररूवाणि वा जाव भिंडमालरूवाणि वा ताई संखेजाइं णो असंखेजाइं संबद्धाइं नो असंबद्धाइं सरिसाई नो असरिसाइं विउव्वंति विउवित्ता अण्णमण्णस्स कायं अभिहणमाणा अभिहणमाणा वेयणं उदीरेंति उज्जलं विउलं पगाढं कक्कसं कडुयं फरुसं निट्ठर चंडं तिव्वं दुक्खं दुग्गं दुरहियासं, एवं जाव धूमप्पभाए पुढवीए । छठ्ठसत्तमासु णं पुढवीसु नेरइया बहू महंताई लोहियकुंथूरूवाई वइरामइतुंडाई गोमयकीडसमाणाई विउव्वति विउव्वित्ता अन्नमन्नस्स कायं समतुरंगेमाणा २ खायमाणा खायमाणा सयपोरागकिमिया विव चालेमाणा २ अंतो अंतो अणुप्पविसमाणा २ वेयणं उदीरंति उज्जलं जाव दुरहियासं ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु. नेरइया किं सीयवेयणं वेदेति उसिणवेयणं वेदेति सीओसिणवेयणं वेदेति ? गोयमा ! णो सीयं वेयणं वेदेति उसिणं वेयणं वेदेति नो सीओसिणं, एवं जाव वालुयप्पभाए, पंकप्पभाए पुच्छा, गोयमा ! सीयंपि वेयणं वेयंति, उसिणंपि वेयणं वेयंति, नो सीओसिणवेयणं वेयंति, ते बहुतरगा जे उसिणं वेयणं वेदेति, ते थोवतरगा जे सीयं वेयणं वेदेति । धूमप्पभाए पुच्छा, गोयमा! सीयंपि वेयणं वेदेति उसिणंपि वेयणं वेदेति णो सीओ०, ते बहुतरगा जे सीयवेयणं वेदेति ते थोवतरगा जे उसिणवेयणं वेदेति । तमाए पुच्छा, गोयमा! सीयं वेयणं वेदेति नो उसिणं वेयणं वेदेति नो सीओसिणं Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ णेरइयउ० २] सुत्तागमे वेयणं वेदेति, एवं अहेसत्तमाए णवरं परमसीयं ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० गेरइया केरिसयं णिरयभवं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! ते णं तत्थ णिचं भीया णिञ्च तसिया णिचं छुहिया णिच्चं उबिग्गा निचं उपप्पुया णिचं वहिया निच्चं परममसुभमउलमणुबद्धं निरयभवं पचणुभवमाणा विहरंति, एवं जाव अहेसत्तमाए णं पुढवीए पंच अणुत्तरा महइमहालया महाणरगा पण्णत्ता, तंजहा-काले महाकाले रोरुए महारोरुए अप्पइट्ठाणे, तत्थ इमे पंच महापुरिसा अणुत्तरेहिं दंडसमादाणेहिं कालमासे कालं किच्चा अप्पइट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववण्णा, तंजहा–रामे जमदग्निपुत्ते, दढाऊ लच्छइपुत्ते, वसू उवरिचरे, सुभूमे कोरव्वे, बंभदत्ते चुलणिसुए, ते णं तत्थ नेरइया जाया काला कालो० जाव परमकिण्हा वण्णेणं पण्णत्ता, तंजहाते णं तत्थ वेयणं वेदेति उज्जलं विउलं जाव दुरहियासं ॥ उसिणवेयणिज्जेसु णं भंते ! णरइएसु णेरइया केरिसयं उसिणवेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! से जहाणामए कम्मारदारए सिया तरुणे बलवं जुगवं अप्पायंके थिरग्गहत्थे दढपाणिपायपासपिटुंतरोरुसंघायपरिणए लंघणपवणजवणवग्गणपमद्दणसमत्थे तलजमलजुयलबहुफलिहणिभबाहू घणणिचियवलियवदृखंधे चम्मट्ठगदुहणमुट्ठियसमाहयणिचियगत्ते उरस्सबलसमण्णागए छेए दक्खे पढे कुसले णिउणे मेहावी णिउणसिप्पोवगए एग महं अयपिंडं उदगवारसमाणं गहाय तं ताविय ताविय कोट्टिय कोट्टिय उभिदिय उभिदिय चुण्णिय चुण्णिय जाव एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं अद्धमासं संहणेजा, से णं तं सीयं सीईभूयं अओमएणं संदसएणं गहाय असब्भावपट्ठवणाए उसिणवेयणिजेसु णरएसु पक्खिवेजा, से णं तं उम्मिसियणिमिसियंतरेणं पुणरवि पञ्चुद्धरिस्सामित्तिकद्दु पविरायमेव पासेज्जा पविलीणमेव पासेज्जा पविद्धत्थमेव पासेजा णो चेव णं संचाएइ अविरायं वा अविलीणं वा अविद्धत्थं वा पुणरवि पञ्चद्धरित्तए ॥ से जहा नामए मत्तमातंगे दुपए कुंजरे सट्ठिहायणे पढमसरयकालसमयंसि वा चरमनिदाघकालसमयंसि वा उपहाभिहए तण्हाभिहए दवग्गिजालाभिहए आउरे सुसिए पिवासिए दुब्बले किलंते एकं महं पुक्खरिणि पासेज्जा चाउकोणं समतीरं अणुपुव्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजलं संछण्णपत्तभिसमुणालं बहुउप्पलकुमुयगलिणसुभगसोगंधियपुंडरीयमहापुंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तकेसरफुल्लोवचियं छप्पयपरिभुजमाणकमलं अच्छविमलसलिलपुण्णं परिहत्थभमंतमच्छकच्छभं अणेगसउणगणमिहुणयविरइयसदुन्नइयमहुरसरणाइयं तं पासइ तं पासित्ता तं ओगाहइ ओगाहित्ता से णं तत्थ उण्हंपि पविणेजा तण्हंपि पविणेजा खुहंपि पविणेजा जरंपि पवि० दाहपि पवि० णिहाएज वा पयलाएज वा सई वा रइं वा धिई वा मई वा उवलभेजा, Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे सीए सीयभूए संकसमाणे संकसमाणे सायासोक्खबहुले यावि विहरेजा, एवामेव गोयमा! असब्भावपट्ठवणाए उसिणवेयणिज्जेहिंतो णरएहिंतो णेरइए उव्वहिए समाणे जाइं इमाई मणुस्सलोयंसि भवंति गोलियालिंगाणि वा सोंडियालिंगाणि वा भिंडियालिंगाणि वा अयागराणि वा तंबागराणि वा तउयागरा० सीसाग० रुप्पागरा० सुवन्नागराणि वा हिरण्णागरा० कुंभारागणीइ वा मुसागणीइ वा इट्टयागणीइ वा कवेल्लुयागणीइ वा लोहारंबरिसेइ वा जंतवाडचुल्लीइ वा हंडियलित्थाणि वा गोलियलित्थाणि वा सोंडियलि० णलागणीइ वा तिलागणीइ वा तुसागणीइ वा, तत्ताई समजोईभूयाइं फुल्लकिंसुयसमाणाई उक्कासहस्साई विणिम्मुयमाणाई जालासहस्साई पमुच्चमाणाई इंगालसहस्साई पविक्खरमाणाइं अंतो २ हुहुयमाणाई चिट्ठति ताई पासइ ताइं पासित्ता ताई ओगाहइ ताइं ओगाहित्ता से णं तत्थ उण्हंपि पविणेज्जा तण्हंपि पविणेजा खुहंपि पविणेजा जरंपि पविणेजा दाहंपि पविणेजा णिहाएज वा पयलाएज वा सई वा रइं वा धिई वा मई वा उवलभेजा, सीए सीयभूए संकसमाणे संकसमाणे सायासोक्खबहुले यावि विहरेजा, भवेयारूवे सिया?, णो इणढे समढे, गोयमा ! उसिणवेयणिज्जेसु णरएसु नेरइया एत्तो अणिद्वतरियं चेव उसिणवेयणं पच्चणुभवमाणा विहरति ॥ सीयवेयणिज्जेसु णं भंते णरएसु णेरइया केरिसयं सीयवेयणं पञ्चगुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! से जहाणामए कम्मारदारए सिया तरुणे जुगवं बलवं जाव सिप्पोवगए एगं महं अयपिंडं दगवारसमाणं गहाय ताविय ताविय कोट्टिय कोटिय जह० एकाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं मासं हणेजा, से णं तं उसिणं उसिणभूयं अओमएणं संदंसएणं गहाय असब्भावपट्ठवणाए सीयवेयणिज्जेसु णरएसु पक्खिवेजा, से तं उम्मिसियनिमिसियंतरेण पुणरवि पञ्चुद्धरिस्सामीतिकठ्ठ पविरायमेव पासेज्जा, तं चेव णं जाव णो चेव णं संचाएज्जा पुणरवि पञ्चद्धरित्तए, से णं से जहाणामए मत्तमायंगे तहेव जाव सोक्खबहुले यावि विहरेजा एवामेव गोयमा ! असब्भावपट्ठवणाए सीयवेयणेहिंतो णरएहिंतो नेरइए उव्वटिए समाणे जाई इमाई इहं माणुस्सलोए हवंति, तंजहा–हिमाणि वा हिमपुंजाणि वा हिमपडलाणि वा हिमपडलपुंजाणि वा तुसाराणि वा तुसारपुंजाणि वा हिमकुंडाणि वा हिमकुंडपुंजाणि वा सीयाणि वा ताई पासइ पासित्ता ताई ओगाहइ ओगाहित्ता से णं तत्थ सीयंपि पविणेजा तण्हंपि प० खुहंपि प० जरंपि प० दाहंपि प० निदाएज वा पयलाएज वा जाव उसिणे उसिणभूए संकसमाणे संकसमाणे सायासोक्खबहुले यावि विहरेजा, गोयमा ! सीयवेयणिज्जेसु नरएसु नेरइया एत्तो अणितरियं चेव सीयवेयणं पचणुभवमाणा विहरंति ॥ ८९॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० णेरइयाणं केवइयं Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ णेरइयउ० ३] सुत्तागमे १४५ कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जहण्णेणवि उक्कोसेणवि ठिई भाणियव्वा जाव अहेसत्तमाए ॥ ९० ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पु० णेरइया अणंतरं उव्वष्टिय कहिं गच्छति ? कहिं उववजंति ? किं नेरइएसु उववज्जंति? किं तिरिक्खजोणिएसु उववजंति ? एवं उव्वट्टणा भाणियव्वा जहा वकंतीए तहा इहवि जाव अहेसत्तमाए ॥९१ ॥ इमीसे णं भंते ! रयण० पु० नेरइया केरिसयं पुढविफासं पञ्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिटुं जाव अमणामं, एवं जाव अहेसत्तमाए, इमीसे णं भंते ! रयण० पु० नेरइया केरिसयं आउफासं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिटुं जाव अमणामं, एवं जाव अहेसत्तमाए, एवं जाव वणप्फइफासं अहेसत्तमाए पुढवीए। इमा णं भंते ! रयणप्पभापुढवी दोच्चं पुढविं पणिहाय सव्वमहंतिया बाहल्लेणं सव्व खुड्डिया सव्वंतेसु ? हंता गोयमा ! इमा णं रयणप्पभापुढवी दोच्च पुढविं पणिहाय जाव सबक्खुड्डिया सव्वतेसु, दोच्चा णं भंते ! पुढवी तच्च पुढविं पणिहाय सव्वमहंतिया बाहल्लेणं पुच्छा, हंता गोयमा ! दोच्चा णं पुढवी जाव सव्वक्खुड्डिया सव्वंतेसु, एवं एएणं अभिलावेणं जाव छट्ठिया पुढवी अहेसत्तमं पुढवि पणिहाय सव्वक्खुड्डिया सव्वंतेसु ॥ ९२ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्प० पु० तीसाए नरयावाससयसहस्सेसु इक्कमिकंसि निरयावासंसि सव्वे पाणा सव्वे भूया सव्वे जीवा सव्वे सत्ता पुढवीकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए नेरइयत्ताए उववन्नपुव्वा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो, एवं जाव अहेसत्तमाए पुढवीए णवरं जत्थ जत्तिया णरगा [इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पु० निरयपरिसामंतेसु जे पुढविक्काइया जाव वणप्फइकाइया ते गं भंते ! जीवा महाकम्मतरा चेव महाकिरियतरा चेव महाआसवतरा चेव महावेयणतरा चेव ? हंता गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए निरयपरिसामंतेसु तं चेव जाव महावेयणतरा चेव, एवं जाव अहेसत्तमा ] ॥ ९३ ॥ पुढविं ओगाहित्ता, नरगा संठाणमेव बाहलं । विक्खंभपरिक्खेवे वण्णो गंधो य फासो य ॥१॥ तेसिं महालयाए उवमा देवेण होइ कायव्वा । जीवा य पोग्गला वक्कमंति तह सासया निरया ॥ २ ॥ उववायपरीमाणं अवहारुच्चत्तमेव संघयणं । संठाणवण्णगंधा फासा ऊसासमाहारे ॥ ३ ॥ लेसा दिट्ठी नाणे जोगुवओगे तहा समुग्घाया। तत्तो खुहापिवासा विउव्वणा वेयणा य भए ॥ ४ ॥ उववाओ पुरिसाणं ओवम्म वेयणाऍ दुविहाए । उव्वट्टणपुढवी उ उववाओ सव्वजीवाणं ॥ ५ ॥ एयाओ संगहणिगाहाओ ॥ ९४ ॥ बीओ जेरइयउद्देसो समत्तो॥ __ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए नेरइया केरिसयं पोग्गलपरिणामं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! अणिढे जाव अमणामं, एवं जाव अहेसत्तमाए एवं १० सुत्ता Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४६ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे नेयव्वं गाहा-पोग्गलपरिणामे वेयणा य लेसा य नामगोए य । अरई भए य सोगे खुहापिवासा य वाही य ॥ १ ॥ उस्सासे अणुतावे कोहे माणे य मायलोभे य । चत्तारि य सण्णाओ नेरइयाणं तु परिणामे ॥ २ ॥ एत्थ किर अइवयंती नरवसभा केसवा जलयरा य । मंडलिया रायाणो जे य महारंभकोडंबी ॥ ३ ॥ भिन्नमुहुत्तो नरएसु होइ तिरियमणुएसु चत्तारि । देवेसु अद्धमासो उक्कोसविउव्वणा भणिया ॥ ४ ॥ जे पोग्गला अणिट्ठा नियमा सो तेसि होइ आहारो। संठाणं तु जहणं नियमा हुंडं तु नायव्वं ॥५॥ असुभा विउव्वणा खलु नेरइयाणं तु होइ सव्वेसिं। वेडव्वियं सरीरं असंघयणहुंडसंठाणं ॥ ६ ॥ अस्साओ उववण्णो अस्साओ चेव चयइ निरयभवं । सव्वपुढवीसु जीवो सव्वेसु ठिइविसेसेसुं ॥ ७ ॥ उववाएण व सायं नेरइओ देवकम्मुणा वावि । अज्झवसाणनिमित्तं अहवा कम्माणुभावेणं ॥ ८ ॥ नेरइयाणुप्पाओ उक्कोसं पंचजोयणसयाइं । दुक्खेणभिडुयाणं वेयणसयसंपगाढाणं ॥९॥ अच्छिनिमीलियमेत्तं नत्थि सुहं दुक्खमेव पडिबद्धं । नरए नेरइयाणं अहोनिसं पञ्चमाणाणं ॥१०॥ तेयाकम्मसरीरा सुहुमसरीरा य जे अपज्जत्ता। जीवेण मुक्कमेत्ता वच्चंति सहस्ससो भेयं ॥ ११ ॥ अइसीयं अइउण्हं अइतण्हा अइखुहा अइभयं वा । निरए नेरइयाणं दुक्खसयाई अविस्सामं ॥ १२ ॥ एत्थ य भिन्नमुहुत्तो पोग्गल असुहा य होइ अस्साओ। उववाओ उप्पाओ अच्छि सरीरा उ बोद्धव्वा ॥ १३ ॥ से तं नेरइया ॥ ९५ ॥ तइओ नेरइयउद्देसो समत्तो ॥ से किं तं तिरिक्खजोणिया ? तिरिक्खजोणिया पंचविहा पण्णत्ता, तंजहाएगिदियतिरिक्खजोणिया बेइंदियतिरिक्खजोणिया तेइंदियतिरिक्खजोणिया चउरिदियतिरिक्खजोणिया पंचिंदियतिरिक्खजोणिया य । से किं तं एगिदियतिरिक्खजोणिया ? २ पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा—पुढविकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणिया जाव वणस्सइकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणिया । से किं तं पुढविक्काइयएगिदियतिरिक्खजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—सुहुमपुढविकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणिया बाथरपुढविकाइयएगिदियतिरिक्खजोणिया य। से किं तं सुहुमपुढविकाइयएगिदियतिरि० ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तसुहुम० अपजत्तसुहुम० से तं सुहुम० । से किं तं बायरपुढविकाइय० ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तबायरपु० अपज्जत्तबायरपु०, से तं बाथरपुंढविकाइयएगिदिय०, से तं पुढवीकाइयएगिंदिय० । से किं तं आउक्काइयएगिदिय० ? २ दुविहा पण्णत्ता, एवं जहेव पुढविकाइयाणं तहेव, तेउकायभेदो एवं जाव वणस्सइकाइया से तं वणस्सइकाइयएगिदियतिरिक्ख० । से किं तं बेइंदियतिरिक्ख० १ २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तगबेइंदियति० अपजत्तग Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०३ ति० जो० उ०१] सुत्तागमे १४७ बेदियति०, से तं बेइंदियतिरि० एवं जाव चउरिंदिया। से किं तं पंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? २ तिविहा. पण्णत्ता, तंजहाजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया थलयरपंचेंदियतिरिक्खजो० खहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया। से किं तं जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा--संमुच्छिमजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया य गब्भवकंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया य । से किं तं समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तगसंमुच्छिम० अपज्जत्तगसंमुछिमजलयर०, से तं समुच्छिम०पंचिंदियतिरिक्ख० । से किं तं गब्भवकंतियजलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पज्जत्तगगब्भवकंतिय० अपज्जत्तगगब्भ० से तं गब्भवतियजलयर०, से तं जलयरपंचेंदियतिरि० । से किं तं थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहाचउप्पयथलयरपंचेंदिय० परिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया। से किं तं चउप्पयथलयरपंचिंदिय० ? चउप्पय० दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-समुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदिय० गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया य, जहेव जलयराणं तहेव चउक्कओ भेओ, सेत्तं चउप्पयथलयरपंचेंदिय० । से किं तं परिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्ख० १ २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-उरपरिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया भुयपरिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया । से किं तं उरपरिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? उरपरि० दुविहा पण्णत्ता, तंजहा--जहेव जलयराणं तहेव चउक्कओ मेओ, एवं भुयपरिसप्पाणवि भाणियव्वं, से तं भुयपरिसप्पथलयरपंचंदियतिरिक्खजोणिया, से तं थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया । से किं तं खहयरपंचंदियतिरिक्खजोणिया ? खहयर० दुविहा पण्णत्ता, तंजहा–संमुच्छिमखहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया गब्भवतियखहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया य । से किं तं समुच्छिमखहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? संमु० दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—पजत्तगसंमुच्छिमखहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया अपजत्तगसंमुच्छिमखहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया य, एवं गन्भवकंतियावि जाव पजत्तगगब्भवकंतियावि जाव अपज्जत्तगगब्भवतियावि । खहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! कइविहे जोणिसंगहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे जोणिसंगहे पण्णत्ते, तंजहा-अंडया पोयया संमुच्छिमा, अंडया तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-इत्थी पुरिसा णपुंसगा, पोयया तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-इत्थी पुरिसा णपुंसया, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे णपुंसगा ॥ ९६ ॥ एएसि णं भंते! जीवाणं कइ लेसाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! छल्लेसाओ पण्णत्ताओ, तंजहा—कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा ॥ ते णं भंते ! Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे जीवा किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! सम्मदिट्ठीवि मिच्छादिट्ठीवि सम्मामिच्छादिट्ठीवि ॥ ते णं भंते ! जीवा किं णाणी अण्णाणी? गोयमा! णाणीवि अण्णाणीवि ति णि णाणाई तिण्णि अण्णाणाई भयणाए॥ ते णं भंते ! जीवा किं मणजोगी वइजोगी कायजोगी? गोयमा ! तिविहावि ॥ ते णं भंते ! जीवा किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता? गोयमा! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्तावि ॥ ते णं भंते ! जीवा कओ उववति किं नेरइएहिंतो उव० तिरिक्खजोणिएहितो उव० ? पुच्छा, गोयमा! असंखेजवासाउयअकम्मभूमगअंतरदीवगवज्जेहिंतो उववजंति ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ समुग्घाया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच समुग्घाया पण्णत्ता, तंजहा-वेयणासमुग्घाए जाव तेयासमुग्घाए ॥ ते णं भंते! जीवा मारणंतियसमुग्घाएणं किं समोहया मरंति असमोहया मरंति? गोयमा! समोहयावि म० असमोहयावि मरंति ॥ ते णं भंते! जीवा अणंतरं उव्वहित्ता कहिं गच्छंति ? कहिं उववजंति ?-किं नेरइएसु उववजंति ? तिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा! एवं उव्वदृणा भाणियव्वा जहा वकंतीए तहेव ॥ तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ जाईकुलकोडिजोणीपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा! बारस जाईकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा प०॥भुयपरिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! कइविहे जोणीसंगहे पण्णत्ते ? गोयमा ! तिविहे जोणीसंगहे पण्णत्ते, तंजहा-अंडया पोयया संमुच्छिमा, एवं जहा खहयराणं तहेव, णाणत्तं जहन्नणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी, उव्वट्टित्ता दोच्च पुढविं गच्छंति, णव जाईकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा भवंतीति मक्खायं, सेसं तहेव ॥ उरपरिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! पुच्छा, जहेव भुयपरिसप्पाणं तहेव, णवरं ठिई जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी, उव्वष्टित्ता जाव पंचमिं पुढविं गच्छंति, दस जाईकुलकोडी० ॥ चउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा---जराउया (पोयया) य संमुच्छिमा य, से किं तं जराउया (पोयया)? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा—इत्थी पुरिसा णपुंसगा, तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे णपुंसया। तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ लेस्साओ पण्णत्ताओ ? सेसं जहा पक्खीणं, णाणत्तं ठिई जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं, उव्वट्टित्ता चउत्थिं पुढविं गच्छंति, दस जाईकुलकोडी० ॥ जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा, जहा भुयपरिसप्पाणं णवरं उव्वहित्ता जाव अहेसत्तमं पुढविं अद्धतेरस जाइकुलकोडीजोणीपमुह० प० ॥ चउरिंदियाणं भंते ! कइ जाईकुलकोडीजोणीप Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ अणुत्तरविमाणा] सुत्तागमे सयसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा! नव जाईकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा समखाया। तेइंदियाणं पुच्छा, गोयमा! अट्ठजाईकुल जाव मक्खाया। बेइंदियाणं ने! कइ जाई० पुच्छा, गोयमा! सत्त जाईकुलकोडीजोणीपमुह० ॥ ९७ ॥ दणं भंते ! गंधा पण्णत्ता? कइ णं भंते! गंधसया पण्णत्ता ?, गोयमा! सत्त गंधा मत्त गंधसया पण्णत्ता ॥ कइ णं भंते! पुप्फजाईकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा पाण्णता ? गोयमा! सोलसपुप्फजाईकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता, तंजहावत्तारि जलयाणं चत्तारि थलयाणं चत्तारि महारुक्खियाणं चत्तारि महागुम्मियाणं ॥ कडणं भंते ! वल्लीओ कइ वल्लिसया पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि वल्लीओ चत्तारि वल्लीसया पण्णत्ता ॥ कइ णं भंते ! लयाओ कइ लयासया पण्णत्ता ? गोयमा ! अट्ठ लयाओ अट्ठ लयासया पण्णत्ता ॥ कइ णं भंते ! हरियकाया हरियकायसया पण्णत्ता ? ' गोयमा ! तओ हरियकाया तओ हरियकायसया पण्णत्ता, फलसहस्सं च बिंटबद्धाणं फलसहस्सं च णालबद्धाणं, ते वि सव्चे हरियकायमेव समोयरंति, ते एवं समणुगम्ममाणा २ एवं समणुगाहिजमाणा २ एवं समणुपेहिज्जमाणा २ एवं समणुचिंतिज्जमाणा २ एएसु चेव दोसु काएसु समोयरंति, तंजहा--तसकाए चेव थावरकाए चेव, एवामेव सपुत्वावरेणं आजीवियदिटुंतेणं चउरासीइ जाइकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा भवंतीति मक्खाया ॥ ९८ ॥ अत्थि णं भंते ! विमाणाइं सोत्थियाणि सोत्थियावत्ताई सोत्थियपभाई सोत्थियकन्ताई सोत्थियवन्नाइं सोत्थियलेसाइं सोत्थियज्झयाई सोत्थियसिंगाराइं सोत्थियकूडाइं सोत्थियसिट्ठाई सोत्युत्तरवडिंसगाई? हंता अस्थि । ते णं भंते ! विमाणा केमहालया प०? गोयमा ! जावइए णं सूरिए उदेइ जावइए णं च सूरिए अत्थमइ एवइयाई तिण्णोवासंतराइं अत्थेगइयस्स देवस्स एगे विक्कमे सिया, से णं देवे ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव दिव्वाए देवगईए वीईवयमाणे २ जाव एगाहं वा दुयाहं वा उक्कोसेणं छम्मासा बीईवएजा, अत्थेगइया विमाणं वीईवएजा अत्थेगइया विमाणं नो वीईवएज्जा, एमहालया णं गोयमा! ते विमाणा पण्णत्ता, अस्थि णं भंते ! विमाणाई अञ्चीणि अच्चिरावत्ताइं तहेव जाव अच्चुत्तरवडिंसगाइं? हंता अत्थि, ते णं भंते ! विमाणा केमहालया पण्णत्ता? गोयमा! एवं जहा सोत्थी(याई)णि णवरं एवइयाइं पंच उवासंतराइं अत्थेगइयस्स देवस्स एगे विक्कमे सिया सेसं तं चेव ॥ अस्थि णं भंते ! विमाणाई कामाई कामावत्ताइं जाव कामुत्तरवडिंसयाइं? हंता अत्थि, ते णं भंते ! विमाणा केमहालया पण्णत्ता ? गोयमा ! जहा सोत्थीणि णवरं सत्त उवासंतराइं विक्कमे सेसं तहेव ॥ अस्थि णं भंते ? विमाणाई विजयाई वेजयंताई जयंताई अपराजियाई ? हंता अत्थि, ते णं भंते ! विमाणा के० ? गोयमा ! Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे जाइए णं सूरिए उदेइ० एवइयाइं नव ओवासंतराई, सेसं तं चेव, नो चेवणं ते विमाणे वीजा एमहालया णं ते विमाणा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ ९९ ॥ पढमो तिरिक्खजोणियउद्देसो समत्तो ॥ १५० कइविहाणं भंते ! संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! छव्विहा पण्णत्ता, तंजा - पुढविकाइया जाव तसकाइया । से किं तं पुढविकाइया ? पुढविकाइया दुविहा पण्णत्ता, तंजा --- सुहुमपुढविकाइया बायरपुढविकाइया य । से किं तं सुहुमढविकाइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा -पजत्तगा य अपजत्तगा य, सेत्तं सुहुपुढविकाइया । से किं तं बायरपुढविक्काइया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - पज्जत्तगा य अपजत्तगा य, एवं जहा पण्णवणापए, सण्हा सत्तविहा पण्णत्ता, खरा अणेगविहा पन्नत्ता जाव असंखेज्जा, सेत्तं बायरपुढविक्काइया, सेत्तं पुढविक्काइया, एवं चेव जहा पण्णवणाप तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव वणप्फइकाइया, एवं जाव जत्थेगो तत्थ सिय संखेज्जा सिय असंखेज्जा सिय अनंता, सेत्तं बायरवणप्फइकाइया, से तं वणस्सइकाइया । से किं तं तसकाइया ? २ चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया । से किं तं बेइंदिया ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, एवं जं चेव पण्णवणापए तं चेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव सव्वसिद्धगदेवा, से तं अणुत्तरोववाइया से तं देवा, से तं पंचेंदिया, से तं तसकाइया ॥ १०० ॥ कइविहा णं भंते ! पुढवी पण्णत्ता ? गोयमा ! छव्विहा पुढवी पण्णत्ता, तंजहा—सण्हापुढवी सुद्धपुढवी वालुयापुढवी मणोसिलापु० सक्करापु० खरपुढवी || सण्हापुढवीणं भंते ! hasयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्कोसेणं एगं वाससहस्सं । सुद्धपुढवीए पुच्छा, गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० बारस वाससहस्साइं । वालुयापुढवीपुच्छा, गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० चोइस वाससहस्साईं । मणोसिला - पुढवीणं पुच्छा, गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० सोलस वाससहस्साई । सक्करा - पुढवीए पुच्छा, गोयमा ! जह० अंतोमु• उक्को० अट्ठारस वाससहस्साई । खरपुढविपुच्छा, गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० बावीस वाससहस्साई ॥ नेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जह० दस वाससहस्साई उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई, एयं सव्वं भाणियव्वं जाव सव्वट्टसिद्धदेवत्ति ॥ जीवे णं भंते ! जीवेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वद्धं, पुढविकाइए णं भंते ! पुढविकाइति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वद्धं, एवं जाव तसकाइए ॥ १०१ ॥ पडुप्पन्नपुढविकाइया णं भंते ! केवइकालस्स णिल्लेवा सिया ? गोयमा ! जहण्णपए असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं, उक्कोसपए असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पि Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ३ ति० जो० उ० २ ] सुत्तागमे णीहिं, जहन्नपयाओ उक्कोसपए असंखेज्जगुणा, एवं जाव पडुप्पन्नवाउक्काइया ॥ पडुप्पन्नवणप्फइकाइया णं भंते ! केवइकालस्स निल्लेवा सिया ? गोयमा ! पडुप्पन्नवण• जहण्णपए अपया उक्कोसपए अपया, पडुप्पन्नवणप्फइकाइयाणं णत्थि निल्लेवणा ॥ पडुप्पन्नतसकाइयाणं पुच्छा, जहण्णपए सागरोवमसयपुहुत्तस्स उक्कोसपए सागरोवमसयपुहुत्तस्स, जहण्णपया उक्कोसपए विसेसाहिया ॥ १०२ ॥ अविमुद्धलेस्से णं भंते ! अणगारे असमोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेस्सं देवं देविं अणगारं जाणइ पासइ ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । अविसुद्धलेस्से णं भंते ! अणगारे असमोहएणं अप्पाणएणं विसुद्धलेस्सं देवं देविं अणगारं जाणइ पासइ ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । अविसुद्धलेस्से णं भंते ! अणगारे समोहएणं अप्पाणेणं अविसुद्धलेस्सं देवं देवि अणगारं जाणइ पासइ ? गोयमा ! नो इणट्ठे समद्रे | अविमुद्धलेस्से ० अणगारे समोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेस्सं देवं देविं अणगारं जाणइ पासइ ? नो इणट्ठे समट्ठे । अविसुद्धलेस्से णं भंते ! अणगारे समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं अविमुद्धलेस्सं देवं देविं अणगारं जाणइ पासइ ? नो इणट्ठे समट्ठे | अविमुद्धलेस्से॰ अणगारे समोहयासमोहएणं अप्पाणेणं विसुद्धलेस्सं देवं देवि अणगारं जाणइ पासइ ? नो इण्डे समट्ठे । विमुद्धलेस्से णं भंते! अणगारे असमोहएणं अप्पाणेणं अविमुद्धलेस्सं देवं देवि अणगारं जाणइ पासइ ? हंता जाणइ पासइ जहा अविसुद्धलेस्सेणं छ आलावगा एवं विसुद्धलेस्सेणवि छ आलावगा भाणि - यव्त्रा जाव विसुद्धलेस्से णं भंते ! अणगारे समोहयासमोहरणं अप्पाणेणं विसुद्धलेस्सं देवं देवं अणगारं जाणइ पासइ ? हंता जाणइ पासइ ॥ १०३ ॥ अण्णउत्थिया णं भंते । एवमाइक्खंति एवं भासेन्ति एवं पण्णवेंति एवं परूवेंति — एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, तंजहा सम्मत्तकिरियं च मिच्छत्तकिरियं च, जं समयं सम्मत्त किरियं पकरेड़ तं समयं मिच्छत्तकिरियं पकरेइ, जं समयं मिच्छत्तकिरियं पकरेइ तं समयं सम्मत्तकिरियं पकरेइ सम्मत्तकिरियापकरणयाए मिच्छत्तकिरियं पकड़ मिच्छत्तकिरियापकरणयाए सम्मत किरियं पकरेइ, एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेs, तंजहा सम्मत किरियं च मिच्छत्त किरियं च से कहमेयं भंते! एवं ? गोयमा ! जन्नं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति एवं भासंति एवं पणवेंति एवं परूवेंति एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, तहेव जाव सम्मत्तकिरियं च मिच्छतकिरियं च जे ते एवमाहंसु तं णं मिच्छा, अहं पुण गोयमा ! एवमाक्खामि जाव परुवेमि -- एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एगं किरियं पकड़, तंजहा सम्मत्तकिरियं वा मिच्छत्तकिरियं वा, जं समयं सम्मत्तकिरिय पकरेइ णो तं समयं मिच्छतकिरियं पकरेइ, तं चैव जं समयं मिच्छत्तकिरियं पकरेइ १५१ Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५२ सुत्तागमे . [जीवाजीवाभिगमे नोतं समयं सम्मत्तकिरियं पकरेइ, सम्मत्तकिरियापकरणयाए नो मिच्छत्तकिरियं पकरेइ मिच्छत्तकिरियापकरणयाए णो सम्मत्तकिरियं पकरेइ, एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एगं किरियं पकरेइ, तंजहा—सम्मत्तकिरियं वा मिच्छत्तकिरियं वा ॥ १०४ ॥ बीओ तिरिक्खजोणियउद्देसो समत्तो ॥ से किं तं मणुस्सा ? मणुस्सा दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-समुच्छिममणुस्सा य गब्भवतियमणुस्सा य ॥ १०५ ॥ से किं तं समुच्छिममणुस्सा ? २ एगागारा पण्णत्ता ॥ कहि णं भंते ! संमुच्छिममणुस्सा संमुच्छंति ? गोयमा ! अंतोमणुस्सखेत्ते. जहा पण्णवणाए जाव सेत्तं संमुच्छिममणुस्सा ॥ १०६ ॥ से किं तं गब्भववंतियमणुस्सा ? २ तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अंतरदीवगा ॥ १०७ ॥ से किं तं अंतरदीवगा ? २ अट्ठावीसइविहा पण्णत्ता, तंजहा-एगूरुया आभासिया वेसाणिया णंगोलिया हयकण्णा ४ आयंसमुहा ४ आसमुहा ४ आसकण्णा ४ उक्कामुहा ४ घणदंता जाव सुद्धदंता ॥ १०८ ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं एगोरुय-- मणुस्साणं एगोरुयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुलहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरपुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं तिन्नि जोयणसयाइं ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणिल्लाणं एगोरुयमणुस्साणं. एगूरुयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते तिन्नि जोयणसयाइं आयामविक्खंभेणं णव एगूणपण्णजोयणसए किंचि विसेसेण परिक्खेवेणं एगाए पउमवरवेइयाए एगेणं च वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते । सा णं पउमवरवेइया अट्ठ जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं एगूरुयदीवं सव्वओ समंता परिक्खेवेणं पण्णत्ता। तीसे णं पउमवरवेइयाए अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया निम्मा एवं वेश्यावण्णओ जहा रायपसेणईए तहा भाणियव्वो ॥ १०९ ॥ सा णं पउमवरवेइया एगेणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता । से णं वणसंडे देसूणाई दो जोयणाई चक्कवालविक्खंभेणं वेइयासमेणं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, से णं वणसंडे किण्हे किण्होभासे, एवं जहा रायपसेणइयवणसंडवण्ण) तहेव निरवसेसं भाणियव्वं, तणाण य वण्णगंधफासो सद्दो तणाणं वावीओ उप्पायपव्वया पुढविसिलापट्टगा य भाणियव्वा जाव तत्थ णं बहवे वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति जाव विहरंति ॥११०॥ एगोरुयदीवस्स णं दीवस्स अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए. आलिंगपुक्खरेइ वा एवं सयणिजे भाणियव्वे जाव पुढविसिलापट्टगंसि तत्थ णं बहवे एगूख्यदीवया मणुस्सा य मणुस्सीओ य आसयंति जाव विहरंति, एगूरुयदीवे णं दीवे तत्थ तत्थ देसे २ तहिं २ बहवे उद्दालया कोद्दालया कयमाला णयमाला Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ म०उ० तुडियंगवण्णणं] सुत्तागमे १५३ मसाला सिंगमाला संखमाला दंतमाला सेलमाला णाम दुमगणा पण्णत्ता समणा यो ! कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव बीयमंतो पत्तेहि य पुप्फेहि म अच्छण्णपडिच्छण्णा सिरीए अईव २ उवसोहेमाणा उवसोहेमाणा चिट्ठति, राज्यदीवे णं दीवे रुक्खा बहवे हेरुयालवणा भेरुयालवणा मेरुयालवणा सेरुयालवणा मालवणा सरलवणा सत्तवण्णवणा पूयफलिवणा खजूरिवणा णालिएरिवणा कुसविकुसवि० जाव चिति, एगृहयदीवे णं दीवे तत्थ २ देसे० बहवे तिलया लवया नग्गोहा जाव रायरुक्खा णंदिरुक्खा कुसविकुसवि० जाव चिट्ठति, एगूरुयदीवेणं दीवे तत्थ ''बहूओ पउमलयाओ जाव सामलयाओ निच्चं कुमुमियाओ एवं लयावण्णओ जहा उववाइए जाव पडिरूवाओ, एगोरुयदीवे णं दीवे तत्थ २ . बहवे सेरियागुम्मा जाव महाजाइगुम्मा ते णं गुम्मा दसवण्णं कुसुमं कुसुमंति विहूयग्गसाहा जेण वायविहूयग्गसाला एगोख्यदीवस्स बहुसमरमणिज्जभूमिभागं मुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं करेंति, एगोरुयदीवे ण दीवे तत्थ २..बहूओ वणराईओ पण्णत्ताओ, ताओ णं वणराईओ किण्हाओ किण्होभासाओ जाब रम्माओ महामेहणिउरुंबभूयाओ जाव महई गंधद्धणिं मुयंतीओ पासाईयाओ ४। एगूरुयदीवे णं दीवे तत्थ २. 'बहवे मत्तंगा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो ! जहा से चंदप्पभमणिसिलागसीहुवारुणिफलपत्तपुप्फचोयणिज्जा ससारवहुदव्वजुत्तसंभारकालसंधयासवा महुमेरगरिटाभदुद्धजाईपसन्नमेल्लगसयाउ खजूरमुद्दियासारकाविसायणमुपक्कखोयरसमुरावण्णरसगंधफरिसजुत्ता मज्जविहित्थबहुप्पगारा तदेवं ते मत्तंगयावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए मजविहीए उववेया फलेहिं पुण्णा वीसंदंति कुसविकुस विसुद्धरुक्खमूला जाव चिट्ठति १ । एगोरुयदीवे. तत्थ २. बहवो भिंगंगया णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो!, जहा से बारगघडकरगकलसकरिपायंकंचणिउदंकवद्धणिसुपविट्ठरपारीचसगभिंगारकरोडिसरगथरगपत्तीथालणत्थगववलियअवपदगवारयविचित्तवट्टगमणिवगसुत्तिचारुपिणयाकंचणमणिरयणभत्तिचित्ता भायणविहीए बहुप्पगारा तहेव ते भिंगंगयावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससाए परिणयाए भायणविहीए उववेया फलेहिं पुन्नाविव विसहति कुसविकुस० जाव चिट्ठति २। एगोख्यदीवे णं दीवे तत्थ २ . बहवे तुडियंगा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से आलिंगमुयंगपणवपडहदद्दरगकरडिडिंडिमभंभाहोरंभकण्णियारखरमुहिमुगुंदसंखियपरिलीवव्वगपरिवाइणिवंसावेणुवीणासुघोसविवंचिमहइकच्छभिरगसगातलतालकंसतालसुसंपउत्ता आओजविहीणिउणगंधव्वसमयकुसलेहिं फंदिया तिट्ठाणकरणसुद्धा तहेव ते तुडियंगयावि दुमगणा · अणेगबहुविविहवीससापरिणामाए ततविततघणझुसिराए चउव्विहाए Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे आओजविहीए उववेया फलेहिं पुण्णा विसदृन्ति कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला जाव चिट्ठति ३। एगोख्यदी० तत्थ २ . बहवे दीवसिहा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से संझाविरागसमए नवणिहिवइणो दीविया चकवालविंदे पभूयवट्टिपलित्ताणेहिं धणिउज्जालियति मिरमद्दए कणगणिगरकुसुमियपालियातयवणप्पगासो कंचणमणिरयणविमलमहरिहतवणिजुज्जलविचित्तदंडाहिं दीवियाहिं सहसा पज्जलिऊसवियणिद्धतेयदिप्पंतविमलगहगणसमप्पहाहिं वितिमिरकरसूरपसरिउल्लोयचिल्लियाहिं जावुजलपहसियाभिरामाहिं सोहेमाणा तहेव ते दीवसिहावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणामाए उज्जोयविहीए उववेया फलेहिं पुण्णा विसहति कुसविकुसवि० जाव चिट्ठति ४ । एगूरुयदीवे. तत्थ २ . 'बहवे जोइसिहा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से अचिरुग्गयसरयसूरमंडलपडंतउक्कासहस्सदिप्पंतविजुज्जलहुयवहनिद्भूमजलियनिद्धतधोयतत्ततवणिज्जकिंसुयासोयजावासुयणकुसुमविमउलियपुंजमणिरयणकिरणजच्चहिंगुलयणिगररूवाइरेगरूवा तहेव ते. जोइसिहावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए उजोयविहीए उववेया सुहलेस्सा मंदलेस्सा मंदायवलेस्सा कूडाय इव ठाणठिया अन्नमन्नसमोगाढाहिं लेस्साहिं साए पभाए सपएसे सव्वओ समंता ओभासंति उजोवेंति पभासेंति कुसविकुसवि० जाव चिट्ठति ५। एगूरुयदीवे. तत्थ २ . बहवे चित्तंगा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से पेच्छाघरे विचित्ते रम्मे वरकुसुमदाममालुज्जले भासंतमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिए विरल्लिविचित्तमल्लसिरिदाममल्लसिरिसमुदयप्पगब्भे गंथिमवेढिमपूरिमसंघाइमेण मल्लेण छेयसिप्पियं विभाग़रइएण सव्वओ चेव समणुबद्धे विरललवंतविप्पइटेहिं पंचवण्णेहिं कुसुमदामेहिं सोहमाणेहिं सोहमाणे वणमालयग्गए चेव दिप्पमाणे तहेव ते चित्तंगयावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए मल्लविहीए उववेया कुसविकुसवि० जाव चिट्ठति ६। एगूरुयदीवे. तत्थ २ . बहवे चित्तरसा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से सुगंधवरकलमसालितंदुलविसिट्ठणिरुवहयदुद्धरद्धे सारयघयगुडखंडमहुमेलिए अइरसे परमण्णे होज उत्तमवण्णगंधमंते रण्णो जहा वा चक्कवहिस्स होज्ज णिउणेहिं सूयपुरिसेहिं सज्जिएहिं चाउरकप्पसेयसित्ते इव ओयणे कलमसालिणिज्जत्तिएवि एक्के सव्वप्फमिउवसयसगसित्थे अणेगसालणगसंजुत्ते अहवा पडिपुण्णदव्युवक्खडेसु सक्कए वण्णगंधरसफरिसजुत्तबलवीरियपरिणामे इंदियबलपुढिवद्धणे खुप्पिवासमहणे पहाणे गुलकटियखंडमच्छंडियउवणीए पमोयगे सण्हसमियगन्भे हवेज परमइटुंगसंजुत्ते तहेव ते चित्तरसावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए भोयणविहीए उववेया कुसविकुसवि० जाव चिट्ठति । एगूरुयदीवे णं० तत्थ २..'बहवे Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ ए० मणुस्सवण्णओ ] सुत्तागमे मणियंगा नाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से हारद्धहारवट्टण गमउडकुंडलवासुत्तगहेमजालमणिजालकणगजालगमुत्तगउच्चिइयकडगाखुडियएगावलिकंठसुत्तमंगरिमउरत्थगेवेज्जसोणिसुत्तगचूलामणि कणगतिलगफुल्ल सिद्धत्थयकण्णवालिससिसूर उसभचक्कगतलभंगतुडियहत्थिमालगवलक्खदीणारमालिया चंदसूरमालिया हरिसयकेऊरवलयपालंबअंगुलेज्जगकंचीमेहलाकलावपयरगपायजालघंटियखिं खिणिरयणोरुजालत्थिगियवरणेउरचलणमालिया कणगणिगरमालिया कंचणमणिरयणभत्तिचित्ता भूसणविही बहुप्पगारा तहेव ते मणियंगाचि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए भूसणविहीए उववेया कुसवि० जाव चिड़ंति ८ । एगूरुयदीवे ० तत्थ २ . बहवे गेहागारा नाम दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से पागारट्टालगचरियदारगोपुरपासायागासतलमंडवएगसालबिसालगति सालगचउरं स च उसालगब्भघरमोहणघरवलभिघरचित्तसालमालयभत्तिघरवट्टतं सचउरंसणंदियावत्तसंठियाययपंडुरतलमुंडमालह म्मियं अहव णं धवलहर अद्धमागह विन्भ मसेलद्ध सेलसंठिय कूडागार सुविहिकोयुगअणेगघरसरणलेणआवणविडंगजालचंदणिज्जूहय पवर कवोयालिचंद सालिय रूवविभत्तिकलिया भवणविही बहुविगप्पा तहेव ते गेहागारावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए सुहारुहणे सुहोत्ताराए सुहनिक्खमणप्पवेसाए दद्दरसोवाणपंतिकलियाए पइरिक्काए सुहविहाराए मणोऽणुकूलाए भवणविहीए उववेया कुसवि० जाव चिद्वंति ९ । एगोरुयदीवे ० तत्थ २··· बहवे अणिगणा णामं दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो !, जहा से आईणगखोमतणुयकंबलदुगुलकोसेज्जकालमिगपट्टचीणं सुयअणहयनिउणनिप्पावियनिवगज्जियपंचवण्णा चरणातवारवणिगय थुणाभरणचित्तसहिणगकल्लाणगभिंगिमेहणीलकज्जलब १५५ हुवण्णरत्तपीयनीलसुकिल्लमक्खयमिगलोमहेमप्फरुण्णगअवसरत्तगसिंधुओसभदामिलवंगकलिंगनलिणतंतुमयभत्तिचित्ता वत्थविही बहुप्पगारा हवेज्ज वरपट्टणुग्गया वण्णराकलिया तव ते अणिगणावि दुमगणा अणेगबहुविविहवीससापरिणयाए वत्थवि - ही उववेया कुसविकुसवि० जाव चिह्नंति १० । एगोरुयदीवे णं भंते ! दीवे मणुयाणं केरिसए आगारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ते णं मणुया अणुवमतरसोमचारुरूवा भोगुत्तमगयलक्खणा भोगसस्सिरीया सुजायसव्वंगसुंदरंगा सुपइट्ठियकुम्मचारुचलणा रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालकोमलतला नगनगरसागरमगरचकंकवरंकलक्खणंकियचलणा अणुपुव्वसुसाहयंगुलीया उण्णयतणुतंबणिद्धणहा संठियसुसिलिट्ठगूढगुप्फा एणी कुरुविंदावत्तवाणुपुव्वजंघा समुग्गणिमग्गगूढजाणू गयस सणसुजायस ण्णिभोरू वरवारणमत्ततुलविक्कमविलसियगई सुजायवरतुरगगुज्झदेसा आइण्णहओव णिरुवलेवा पमुइयवरतुरियसीहअइरेगवयिकडी साहयसोर्णिदमुसलदप्पणणिगरियवर Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे कणगच्छरुसरिसवरवइरपलियमज्झा उजुयसमसहियसुजायजञ्चतणुकसिणणिद्धआदेजलडहसुकुमालमउयरमणिजरोमराई गंगावत्तपयाहिणावत्ततरंगभंगुररविकिरणतरुणबोहियअकोसायंतपउमगंभीरवियडणाभी झसविहगसुजायपीणकुच्छी झसोयरा सुइकरणा पम्हवियडणाभी सण्णयपासा संगयपासा सुंदरपासा सुजायपासा मियमाइयपीणरइयपासा अकरुंडुयकणगरुयगनिम्मलसुजायनिरुवहयदेहधारी पसत्थबत्तीसलक्खणधरा कणगसिलायलुजलपसत्थसमयलोवचियविच्छिन्नपिहुलवच्छा सिरिवच्छंकियवच्छा पुरवर फलिहवट्टियभुया भुयगीसरविउलभोगआयाणफलिहउच्छूढदीहबाहू जूयसन्निभपीणरइयपीवरपउट्ठसंठियसुसिलिट्ठविसिटघणथिरसुबद्धसुनिगूढपव्वसंधी रत्ततलोवइयमउयमंसलपसत्थलक्खणसुजायअच्छिद्दजालपाणी पीवरवट्टियसुजायकोमलवरंगुलीया तंबतलिणसुइरुइरणिद्धणक्खा चंदपाणिलेहा सूरपाणिलेहा संखपाणिलेहा चक्कपाणिलेहा दिसासोत्थियपाणिलेहा चंदसूरसंखचक्कदिसासोत्थियपाणिलेहा अणेगवरलक्खणुत्तमपसत्थसुइरइयपाणिलेहा वरमहिसवराहसीहसहूलउसभणागवरपडिपुन्नविउलउन्नयमइंदखंधा चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसगीवा अवट्ठियसुविभत्तसुजायचित्तमंसू मंसलसंठियपसत्थसहूलविपुलहणुया उवचियसिलप्पवालबिंबफलसन्निभाहरोठ्ठा पंडुरससिसगलविमलनिम्मलसंखगोखीरफेणदगरयमुणालिया धवलदंतसेढी अखंडदंता अफुडियदंता अविरलदंता सुजायदंता एगदंतसेढिव्व अणेगदंता हुयवहनिद्धतधोयतत्ततवणिजरत्ततलतालुजीहा गरुलाययउजुतुंगणासा अवदालियपोंडरीयणयणा कोयासियधवलपत्तलच्छा आणामियचावरुइलकिण्हपूराइयसंठियसंगयआययसुजायतणुकसिणनिद्धभुमया अल्लीणप्पमाणजुत्तसवणा सुस्सवणा पीणमंसलकवोलदेसभागा अचिरुग्गयबालचंदसंठियपसत्थविच्छिन्नसमणिडाला उडुवइपडिपुण्णसोमवयणा छत्तागारुत्तमंगदेसा घणणिचियसुबद्धलक्खणुण्णयकूडागारणिभपिंडियसीसे दाडिमपुप्फपगासतवणिज्जसरिसनिम्मलसुजायकेसंतकेसभूमी सामलिबोंडघणणिचियछोडियमिउविसयपसत्थसुहुमलक्खणसुगंधसुंदरभुयमोयगभिंगिणीलकजलपहट्ठभमरगणणिद्धणिउरुंबनिचियकुंचियचियपयाहिणावत्तमुद्धसिरया लक्खणवंजणगुणोववेया सुजायसुविभत्तसुरूवगा पासाइया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा, ते णं मणुया ओहस्सरा हंसस्सरा कोंचस्सरा० नंदिघोसा सीहस्सरा सीहघोसा मंजुस्सरा मंजुघोसा सुस्सरा सुस्सरणिग्घोसा छायाउज्जोइयंगमंगा वजरिसहनारायसंघयणा समचउरंससंठाणसंठिया सिणिद्धछवी णिरायंका उत्तमपसत्थअइसेसनिरुवमतणू जल्लमलकलंकसेयरयदोसवज्जियसरीरा निरुवलेवा अणुलोमवाउवेगा कंकरगहणी कवोयपरिणामा सउणिव्व पोसपिटुंतरोरुपरिणया विग्गहियउन्नयकुच्छी पउमुप्पलसरिसगंधणिस्साससुरभिवयणा Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ ए० मणुईवत्तव्वया] सुत्तागमे १५७ अट्ठधणुसयं ऊसिया, तेसिं मणुयाणं चउसढि पिढिकरंडगा पण्णत्ता समणाउसो!, ते णं मणुया पगइभद्दगा पगइविणीयगा पगइउवसंता पगइपयणुकोहमाणमायालोभा मिउमद्दवसंपण्णा अल्लीणा भद्दगा विणीया अप्पिच्छा असंनिहिसंचया अचंडा विडिमंतरपरिवसणा जहिच्छियकामगामिणो य ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । तेसि णं भंते ! मणुयाणं केवइकालस्स आहारट्टे समुप्पजइ ? गोयमा ! चउत्थभत्तस्स आहारढे समुप्पज्जइ, एगोख्यमणुईणं भंते ! केरिसए आगारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ताओ णं मणुईओ सुजायसव्वंगसुंदरीओ पहाणमहिलागुणेहिं जुत्ता अच्चतविसप्पमाणपउमसूमालकुम्मसंठियविसिठ्ठचलणा उज्जुमउयपीवरनिरंतरपुट्ठसाहियंगुलीया उण्णयरइयनलिणंव सुइणिद्धणक्खा रोमरहियवट्टलट्ठसंठियअजहण्णपसत्थलक्खणअकोप्पजंघजुयला सुणिम्मियसुगूढजाणुमंडलसुबद्धसंधी कयलिक्खंभाइरेगसंठियणिव्वणसुकुमालमउयकोमलअविरलसमसहियसुजायवठ्ठपीवरणिरंतरोरू अट्ठावयवीईपट्टसंठियपसत्थविच्छिन्नपिहुलसोणी वयणायामप्पमाणदुगुणियविसालमंसलसुबद्धज ह्णवरधारणीओ वजविराइयपसत्थलक्खणणिरोदरी तिवलिवलीयतणुणमियमज्झियाओ उजुयसमसहिथजच्चतणुकसिणणिद्धआदेजलडहसु विभत्तसुजायकंतसोहंतरुइलरमणिज्जरोमराई गंगावत्तपयाहिणावत्ततरंगभंगुररविकिरणतरुणबोहियअकोसायंतपउमवणगंभीरवियडणाभी अणुब्भडपसत्थपीणकुच्छी सण्णयपासा संगयपासा सुजायपासा मियमाइयपीणरइयपासा अकरंडुयकणगरुयगनिम्मलसुजायणिरुवहयगायलट्ठी कंचणकलससमपमाणसमसहियसुजायलठ्ठचूचुयआमेलगजमलजुयलवट्टियअब्भुण्णयरइयसंठियपओहराओभुयंगणुपुव्वतणुयगोपुच्छवट्टसमसहियणमियआएजललियबाहाओ तंबणहा मंसलग्गहत्था पीवरकोमलवरंगुलीओ णिद्धपाणिलेहा रविससिसंखचक्कसोत्थियसुविभत्तसुविरइयपाणिलेहा पीणुण्णयकक्खवत्थिदेसा पडिपुण्णगलकवोला चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसगीवा मंसलसंठियपसत्थहणुया दाडिमपुप्फप्पगासपीवरकुंचियवराधरा सुंदरोत्तरोठा दहिदगरयचंदकुंदवासंतिमउलअच्छिद्दविमलदसणा रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालतालुजीहा कणयरमुउलअकुडिलअब्भुग्गयउजुतुंगणासा सारयणवकमलकुमुयकुवलयविमुक्कदलणिगरसरिसलक्खणअंकियकंतणयणा पत्तलचवलायंततंबलोयणाओ आणामियचावरुइलकिण्हब्भराइसंठियसंगयआययसुजायतणुकसिणणिद्धभमुया अल्लीणपमाणजुत्तसवणा सुसवणा पीणमट्ठरमणिजगंडलेहा चउरंसपसत्थसमणिडाला कोमुइरयणियरविमलपडिपुन्नसोमवयणा छत्तुन्नयउत्तिमंगा कुडिलसुसिणिद्धदीहसिरया छत्तज्झयजुगदामिणिकमंडलुकलसवाविसोत्थियपडागजवमच्छकुम्मरहवरमगरसुयथालअंकुसअट्ठावयवीइसुपइट्ठगमऊरसिरिदामाभिसेयतोरणमेइणिउदहि Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे वरभवणगिरिवरआयं सललिय गयउसभसीहच मरउत्तमपसत्यबत्ती सलक्खणधराओ हंससरिसगईओ कोइलमहुरगिरसुस्सराओ कंता सव्वस्स अणुनयाओ ववगयवलि - पलिया वंगदुव्वण्णवाहीदोहग्गसोगमुक्काओ उच्चत्तेण य नराण थोवूणमूसियाओ सभावसिंगारागारचारुवेसा संगयगयहसिय भणियचेट्ठियविलाससंलावणिउणजुत्तोवयारकुसला सुंदरथणजहणवयणकरचलणणयणमाला वण्णलावण्णजोव्वणविलासकलिया नंदणवणविवरचारिणीउव्व अच्छराओ अच्छेरगपेच्छणिज्जा पासाईयाओ दरिसणिजाओ अभिरुवाओ पडिरूवाओ । तासि णं भंते! मणुईणं केवइकालस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! चउत्थभत्तस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ । ते णं भंते ! मणुया किमाहारमाहारेंति ? गोयमा ! पुढविपुप्फफलाहारा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । तीसे णं भंते! पुढवीए केरिसए आसाए पण्णत्ते ? गोयमा ! से जहाणामए गुलेइ वा खंडेइ वा सक्कराइ वा मच्छंडियाइ वा भिसकंदेइ वा पप्पडमोयएइ वा पुप्फउत्तराइ वा पउमुत्तराइ वा अकोसियाइ वा विजयाइ वा महाविजयाइ वा आयंसोवमाइ वा उवमाइ वा अणोवमाइ वा चाउरके गोखीरे चउठाणपरिणए गुडखंडमच्छंडिउवणीए मंदग्गिकडीए वण्णेणं उववेए जाव फासेणं, भवेयारूवे सिया ?, नो इणट्ठे समट्ठे, तीसे णं पुढवीए एत्तो इट्ठतराए चेव जाव मणामतराए चेव आसाए पण्णत्ते, तेसि णं भंते ! पुप्फफलाणं केरिसए आसाए पण्णत्ते ? गोयमा ! से जहानामए रन्नो चाउरंतचक्कवट्टिस्स कल्लाणे पवरभोयणे सयसहस्सनिफन्ने वण्णेणं उववेए गंधेणं उववेए रसेणं उववेए फासेणं उववेए आसायणिजे वीसायणिजे दीवणिजे बिंहणिजे दप्पणिजे मयणिजे सव्विंदियगायपल्हायणिज्जे, भवेयारूवे सिया ?, णो इणट्ठे समट्ठे, तेसि णं पुप्फफलाणं एत्तो इट्ठतराए चेव जाव आसाए पण्णत्ते । ते णं भंते! मणुया तमाहारमाहारिता कहिं वसहिं उवेंति ? गोयमा ! रुक्खगेहालया णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । ते णं भंते! रुक्खा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! कूडागारसंठिया पेच्छाघरसंठिया सत्तागारसंठिया झयसंठिया तोरणसंठिया गोपुरवेइयचोपायालगसंठिया अट्टालगसंठिया पासायसंठिया हम्मतलसंठिया गवक्खसंठिया वालग्गपोत्तियसंठिया वलभीसंठिया अण्णे तत्थ बहवे वरभवणसयणासणविसिद्धसंठाणसंठिया सुहसीयलच्छाया णं ते दुमगणा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ अत्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे दीवे गेहाणि वा गेहावणाणि वा ? णो इणट्ठे समट्ठे, रुक्खगेहालया णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अत्थि णं भंते! एगूरुयदीवे दीवे गामाइ वा नगराइ वा जाव सन्निवेसाइ वा ? णो इणट्ठे समट्ठे, जहिच्छियकामगामिणो ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अत्थि णं भंते ! १५८ Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ एगोरुयदीवसरूवं] सुत्तागमे १५९ एगूरुयदीवे. असीइ वा मसीइ वा कसीइ वा पणीइ वा वणिज्जाइ वा ? नो इणढे समहे, ववगयअसिमसिकिसिपणियवाणिज्जा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे० हिरण्णेइ वा सुवन्नेइ वा कंसेइ वा दूसेइ वा मणीइ वा मुत्तिएइ वा विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालसंतसारसावएजेइ वा ? हंता अस्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं तिव्वे ममत्तभावे समुप्पजइ । अस्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे० रायाइ वा जुवरायाइ वा ईसरेइ वा तलबरेइ वा माडंबियाइ वा कोडुंबियाइ वा इन्भाइ वा सेट्ठीइ वा सेणावईइ वा सत्थवाहाइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयइड्ढीसकारा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अस्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे दासाइ वा पेसाइ वा सिस्साइ वा भयगाइ वा भाइलगाइ वा कम्मगरपुरिसाइ वा ? नो इणढे समठे, ववगयआभिओगिया णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अस्थि णं भंते! एगोरुयदीवे दीवे मायाइ वा पियाइ वा भायाइ वा भइणीइ वा भज्जाइ वा पुत्ताइ वा धूयाइ वा सुण्हाइ वा? हंता अत्थि, नो चेव णं तेसि णं मणुयाणं तिव्वे पेमबंधणे समुप्पजइ, पयणुपेज्जबंधणा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो! अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवेअरीइ वा वेरिएइ वा घायगाइ वा वहगाइ वा पडिणीयाइ वा पच्चामित्ताइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयवेराणुबंधा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे. मित्ताइ वा वयंसाइ वा घडियाइ वा सहीइ वा सुहियाइ वा महाभागाइ वा संगइयाइ वा ? णो इणढे समटे, ववगयपेम्मा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे. आवाहाइ वा वीवाहाइ वा जग्गाइ वा सद्धाइ वा थालिपागाइ वा चोलोवणयणाइ वा सीमंतोवणयणाइ वा पिइ(मय)पिंडनिवेयणाइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयआवाहविवाहजण्णसद्धथालिपागचोलोवणयणसीमंतोवणयणपिइपिंडनिवेयणा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो!। अत्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे दीवे इंदमहाइ वा खंदमहाइ वा रुद्दमहाइ वा सिवमहाइ वा वेसमणमहाइ वा मुगुंदमहाइ वा णागमहाइ वा जक्खमहाइ वा भूयमहाइ वा कूवमहाइ वा तलायणइमहाइ वा दहमहाइ वा पव्वयमहाइ वा रुक्खरोवणमहाइ वा? णो इणढे समढे, ववगयमहमहिमा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे दीवे णडपेच्छाइ वा णट्टपेच्छाइ वा मल्लपेच्छाइ वा मुट्ठियपेच्छाइ वा विडंबगपेच्छाइ वा कहगपेच्छाइ वा पवगपेच्छाइ वा अक्खायगपेच्छाइ वा लासगपेच्छाइ वा लंखपे० मंखपे० तूणइलपे० तुंबवीणपे० कीवपे० मागहपे० जल्लपे०? णो इणढे समढे, ववगयकोउहल्ला णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो!। अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे सगडाइ वा रहाइ Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे वा जाणाइ वा जुग्गाइ वा गिल्लीइ वा थिल्लीइ वा पिपिल्लीइ वा पवहणाणि वा सिवियाइ वा संदमाणियाइ वा ? णो इणढे समढे, पायचारविहारिणो णं ते मणुस्सगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे. आसाइ वा हत्थीइ वा उट्टाइ वा गोणाइ वा महिसाइ वा खराइ वा घोडाइ वा अयाइ वा एलाइ वा? हंता अत्थि, नो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति । अत्थि णं भंते ! एगोरुयदीवे दीवे गावीइ वा महिसीइ वा उट्टीइ वा अयाइ वा एलगाइ वा ? हंता अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति । अत्थि णं भंते! एगूरुयदीवे दीवे सीहाइ वा वग्घाइ वा विगाइ वा दीवियाइ वा अच्छाइ वा परच्छाइ वा परस्सराइ वा तरच्छाइ वा सियालाइ वा बिडालाइ वा सुणगाइ वा कोलसुणगाइ वा कोकंतियाइ वा ससगाइ वा चित्तलाइ वा चिल्ललगाइ वा ? हंता अत्थि, नो चेव णं ते अण्णमण्णस्स तेसिं वा मणुयाणं किंचि आबाहं वा पबाहं वा उप्पायंति वा छविच्छेयं वा करेंति, पगइभद्दगाणं ते सावयगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते! एगूरुयदीवे दीवे सालीइ वा वीहीइ वा गोधूमाइ वा जवाइ वा तिलाइ वा इक्खूइ वा ? हंता अत्थि, नो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे गत्ताइ वा दरीइ वा धंसाइ वा भिगूइ वा उवाएइ वा विसमेइ वा विजलेइ वा धूलीइ वा रेणूइ वा पंकेइ वा चलणीइ वा? णो इणढे समढे, एगूरुयदीवे णं दीवे बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते समणाउसो! । अस्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे खाणूइ वा कंटएइ वा हीरएइ वा सक्कराइ वा तणकयवराइ वा पत्तकयवराइ वा असुईइ वा पूइयाइ वा दुब्भिगंधाइ वा अचोक्खाइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयखाणुकंटगहीरसक्करतणकयवरपत्तकयवरअसुइपूइयदुब्भिगंधमचोक्खपरिवजिए णं एगूरुयदीवे पण्णत्ते समणाउसो! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे ईसाइ वा मसगाइ वा पिसुयाइ वा जूयाइ वा लिक्खाइ वा ढंकुणाइ वा? णो इणढे समढे, ववगयदंसमसगपिसुयजूयलिक्खढंकुणपरिवज्जिए णं एगूरुयदीवे पण्णत्ते समणाउसो ! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे. अहीइ वा अयगराइ वा महोरगाइ वा ? हंता अस्थि, नो चेव णं ते अन्नमन्नस्स तेसिं वा मणुयाणं किंचि आबाहं वा पबाहं वा छविच्छेयं वा करेंति, पगइभद्दगा गं ते वालगगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे. गहदंडाइ वा गहमुसलाइ वा गहगज्जियाइ वा गहजुद्धाइ वा गहसंघाडगाइ वा गहअवसव्वाइ वा अब्भाइ वा अब्भरुक्खाइ वा संझाइ वा गंधवनगराइ वा गज्जियाइ वा विजुयाइ वा उक्कापायाइ वा दिसादाहाइ वा णिग्यायाइ वा पंसुवुट्ठीइ वा जुवगाइ वा जक्खालित्ताइ Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ ए० दीवसरूवं] सुत्तागमे वा धूमियाइ वा महियाइ वा रउग्घायाइ वा चंदोवरागाइ वा सूरोवरागाइ वा चंदपरिवेसाइ वा सूरपरिवेसाइ वा पडिचंदाइ वा पडिसूराइ वा इंदधणूइ वा उदगमच्छाइ वा अमोहाइ वा कविहसियाइ वा पाईणवायाइ वा पडीणवायाइ वा जाव सुद्धवायाइ वा गामदाहाइ वा नगरदाहाइ वा जाव सण्णिवेसदाहाइ वा पाणक्खयजणक्खयकुलक्खयधणक्खयवसणभूयमणारियाइ वा ? णो इणढे समढे । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे डिंबाइ वा डमराइ वा कलहाइ वा बोलाइ वां खाराइ वा वेराइ वा महावेराइ वा विरुद्धरजाइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयडिंबडमरकलहबोलखारवेरविरुद्धरजविवज्जिया णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे महाजुद्धाइ वा महासंगामाइ वा महासत्थपडणाइ वा महापुरिसपडणाइ वा महारुहिरपडणाइ वा नागवाणाइ वा खेणवाणाइ वा तामसवाणाइ वा दुब्भूइयाइ वा कुलरोगाइ वा गामरोगाइ वा णगररोगाइ वा मंडलरोगाइ वा सिरोवेयणाइ वा अच्छिवेयणाइ वा कण्णवेयणाइ वा णकवेयणाइ वा दंतवेयणाइ वा नहवेयणाइ वा कासाइ वा सासाइ वा जराइ वा दाहाइ वा कच्छूइ वा खसराइ वा कुद्धाइ वा कुडाइ वा दगराइ वा अरिसाइ वा अजीरगाइ वा भगंदराइ वा इंदग्गहाइ वा खंदग्गहाइ वा कुमारग्गहाइ वा जागरगहाइ वा जक्खग्गहाइ वा भूयग्गहाइ वा उव्वेयग्गहाइ वा धणुग्गहाइ वा एगाहियाइ वा बेयाहियाइ वा तेयाहियाइ वा चउत्थगाइ वा हिययसूलाइ वा मत्थगसूलाइ वा पाससूलाइ वा कुच्छिसूलाइ वा जोणिसूलाइ वा गाममारीइ वा जाव सन्निवेसमारीइ वा पाणक्खय जाव वसणभूयमणारियाइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयरोगायंका णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो! । अत्थि णं भंते! एगूरुयदीवे दीवे अइवासाइ वा मंदवासाइ वा सुवुट्ठीइ वा मंदबुट्ठीइ वा उदगवाहाइ वा उदगपवाहाइ वा दगुब्भेयाइ वा दगुप्पीलाइ वा गामवाहाइ वा जाव सन्निवेसवाहाइ वा पाणक्खय० जाव वसणभूयमणारियाइ वा ? णो इणढे समढे, ववगयदगोवद्दवा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! । अत्थि णं भंते ! एगूरुयदीवे दीवे अयागराइ वा तम्बागराइ वा सीसागराइ वा सुवण्णागराइ वा रयणागराइ वा वइरागराइ वा वसुहाराइ वा हिरण्णवासाइ वा सुवण्णवासाइ वा रयणवासाइ वा वइरवासाइ वा आभरणवासाइ वा पत्तवासाइ वा पुप्फवासाइ वा फलवासाइ वा बीयवासा० मल्लवासा० गंधवासा० वण्णवासा० चुण्णवासा० खीखुट्ठीइ वा रयणवुट्ठीइ वा हिरण्णवुट्ठीइ वा सुवण्ण० तहेव जाव चुण्णवुट्ठीइ वा सुकालाइ वा दुकालाइ वा सुभिक्खाइ वा दुभिक्खाइ वा अप्पग्धाइ वा महग्घाइ वा कयाइ वा महाविक्कयाइ वा अणिहाइ वा सण्णिहीइ वा संनिचयाइ वा ११ सुत्ता. Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे १६२ [जीवाजीवाभिगमे निहीइ वा निहाणाइ वा चिरपोराणाइ वा पहीणसामियाइ वा पहीणसेउयाइ वा पहीणगोत्तागाराइं वा जाइं इमाइं गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसनिवेसेसु सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउमुहमहापहपहेसु णगरणिद्धमणगामणिद्धमणसुसाणगिरिकंदरसन्तिसेलोवठ्ठाणभवणगिहेसु सन्निक्खित्ताई चिट्ठति ? नो इणढे समढे। एगूरुयदीवे णं भंते ! दीवे मणुयाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं असंखेजइभागेण ऊणगं उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं । ते णं भंते ! मणुया कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छंति कहिं उववजंति ? गोयमा ! ते णं मणुया छम्मासावसेसाउया मिहुणयाइं पसवंति अउणासीइं राइंदियाइं मिहुणाई सारक्खंति संगोविंति य, सारक्खित्ता संगोवित्ता उस्ससित्ता निस्ससित्ता कासित्ता छीइत्ता अकिट्ठा अव्वहिया अपरियाविया [ पलिओवमस्स असंखिज्जइभागं परियाविय ] सुहंसुहेणं कालमासे कालं किच्चा अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवन्ति, देवलोयपरिग्गहा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं आभासियमणुस्साणं आभासियदीवे णामं दीवे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे चुलहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणपुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं तिन्नि जोयण० सेसं जहा एगूरुयाणं णिरवसेसं भाणियव्वं ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं णंगोलियमणुस्साणं पुच्छा, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरपञ्चत्थिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं तिण्णि जोयणसयाई सेसं जहा एगूरुयमणुस्साणं ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं वेसाणियमणुस्साणं पुच्छा, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणपञ्चत्थिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुइं तिण्णि जोयण० सेसं जहा एगूरुयाणं ॥१११॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं हयकण्णमणुस्साणं हयकण्णदीवे णामं दीवे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगूरुयदीवस्स उत्तरपुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं चत्तारि जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणिल्लाणं हयकण्णमणुस्साणं हयकण्णदीवे णाम दीवे पण्णत्ते, चत्तारि जोयणसयाइं आयामविक्खंभेणं बारस जोयणसया पन्नट्ठी किंचिविसेसूणा परिक्खेवेणं, से णं एगाए पउमवरवेइयाए अवसेसं जहा एगूल्याणं । कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं गयकण्णमणुस्साणं पुच्छा, गोयमा ! आभासियदीवस्स दाहिणपुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं चत्तारि जोयणसयाई सेसं जहा हयकण्णाणं । एवं गोकण्णमणुस्साणं पुच्छा, वेसाणियदीवस्स दाहिणपञ्चत्थिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुहं चत्तारि जोयणसयाई सेसं जहा Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दे० उ०१] सुत्तागमे १६३ हयकण्णाणं । सक्कुलिकण्णाणं पुच्छा, गोयमा ! णंगोलियदीवस्स उत्तरपञ्चत्थिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं चत्तारि जोयणसयाई सेसं जहा हयकण्णाणं ॥ आयंसमुहाणं पुच्छा, हयकण्णयदीवस्स उत्तरपुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ पंच जोयणसयाई ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणिल्लाणं आयंसमुहमणुस्साणं आयंसमुहदीवे णामं दीवे पण्णत्ते, पंच जोयणसयाइं आयामविक्खंभेणं, आसमुहाईणं छ सया, आसकन्नाईणं सत्त, उक्कामुहाईणं अट्ठ, घणदंताईणं जाव नव जोयणसयाई, गाहा–एगूरुयपरिक्खेवो नव चेव सयाई अउणपन्नाइं । बारसपन्नट्ठाइं हयकण्णाईणं परिक्खेवो ॥ १ ॥ आयंसमुहाईणं पन्नरसेकासीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, एवं एएणं कमेणं उवउञ्जिऊण णेयव्वा चत्तारि चत्तारि एगपमाणा, णाणत्तं ओगाहे, विक्खंभे परिक्खेवे पढमबीयतइयचउक्काणं उग्गहो विक्खंभो परिक्खेवो भणिओ, चउत्थचउक्के छजोयणसयाई आयामविक्खंभेणं अट्ठारसत्ताणउए जोयणसए विक्खंभेणं । पंचमचउक्के सत्त जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं बावीसं तेरसोत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं । छठ्ठचउक्के अट्ठजोयणसयाई आयामविक्खंभेणं पणवीसं गुणतीसजोयणसए परिक्खेवेणं । सत्तमचउक्के नवजोयणसयाई आयामविक्खंभेणं दो जोयणसहस्साई अट्ठ पणयाले जोयणसए परिक्खेवेणं । जस्स य जो विक्खंभो उग्गाहो तस्स तत्तिओ चेव । पढमबीयाण परिरओ ऊणो सेसाण अहिओ उ ॥ १ ॥ सेसा जहा एगूरुयदीवस्स जाव सुद्धदंतदीवे देवलोगपरिग्गहा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ कहि णं भंते ! उत्तरिल्लाणं एगूरुयमणुस्साणं एगूरुयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं सिहरिस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरपुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ लवणसमुदं तिणि जोयणसयाई ओगाहित्ता एवं जहा दाहिणिल्लाण तहा उत्तरिल्लाण भाणियव्वं, णवरं सिहरिस्स वासहरपव्वयस्स विदिसासु, एवं जाव सुद्धदंतदीवेत्ति जाव सेत्तं अंतरदीवगा ॥ ११२ ॥ से किं तं अकम्मभूमगमणुस्सा ? २ तीसविहा पण्णत्ता, तंजहा-पंचहिं हेमवएहिं, एवं जहा पण्णवणापए जाव पंचहिं उत्तरकुरूहिं, सेत्तं अकम्मभूमगा । से किं तं कम्मभूमगा ? २ पण्णरसविहा पण्णत्ता, तंजहा-पंचहिं भरहेहिं पंचहिं एरवएहिं पंचहिं महाविदेहेहिं, ते समासओ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-आरिया मिलेच्छा, एवं जहा पण्णवणापए जाव सेत्तं आरिया, सेत्तं गब्भवकंतिया, सेत्तं मणुस्सा ॥ ११३ ॥ मणुस्सुद्देसो समत्तो॥ से किं तं देवा ? देवा चउव्विहा पण्णत्ता, तंजहा-भवणवासी वाणमंतरा जोइसिया वेमाणिया ॥ ११४ ॥ से किं तं भवणवासी ? २ दसविहा पण्णत्ता, तंजहा Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे असुरकुमारा जहा पण्णवणापए देवाणं भेओ तहा भाणियव्वो जाव अणुत्तरोववाइया पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा-विजयवेजयंत जाव सव्वट्ठसिद्धगा, सेत्तं अणुत्तरोववाइया ॥ ११५॥ कहि णं भंते ! भवणवासिदेवाणं भवणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! भवणवासी देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए, एवं जहा पण्णवणाए जाव भवणवासाइया, त(ए)त्थ णं भवणवासीणं देवाणं सत्त भवणकोडीओ बावत्तरि भवणावाससयसहस्सा भवंतित्तिमक्खाया, तत्थ णं बहवे भवणवासी देवा परिवसंति-असुरा नाग सुवन्ना य जहा पण्णवणाए जाव विहरंति ॥ ११६ ॥ कहि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं भवणा प० पुच्छा, एवं जहा पण्णवणाठाणपए जाव विहरंति ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिलाणं असुरकुमारदेवाणं भवणा पुच्छा, एवं जहा ठाणपए जाव चमरे तत्थ असुरकुमारिंदे असुरकुमारराया परिवसइ जाव विहरइ ॥ ११७ ॥ चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररन्नो कइ परिसाओप० ? गो० ! तओ परिसाओ प०, तं०समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झे चंडा बाहिं च जाया ॥ चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररन्नो अभितरपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? मज्झिमपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ ? बाहिरियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ ?, गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स २ अभितरपरिसाए चउवीसं देवसाहस्सीओ पण्णताओ, मज्झिमियाए परिसाए अट्ठावीसं देव०, वाहिरियाए परिसाए बत्तीसं देवसा० ॥ चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो अभितरियाए प० कइ देविसया पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ? बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ?, गोयमा ! चमरस्सणं असुरिंदस्स असुररण्णो अभितरियाए परिसाए अद्भुट्ठा देविसया प० मज्झिमियाए परिसाए तिन्नि देवि० बाहिरियाए अड्डाइजा देवि० । चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुररण्णो अभितरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परिसाए० बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? अभितरियाए परि० देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परि० देवीणं केवइयं० बाहिरियाए परि० देवीणं के० ?, गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स २ अभितरियाए परि० देवाणं अड्डाइजाई पलिओवमाई ठिई प० मज्झिमाए परिसाए देवाणं दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता बाहिरियाए परिसाए देवाणं दिवढं पलि० अभितरियाए परिसाए देवीणं दिवढे पलिओवमं ठिई पण्णत्ता मज्झिमियाए परिसाए देवीणं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता बाहिरियाए परि० देवीणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता ॥ से Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ धरणनागकुमा०] सुत्तागमे केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-चमरस्स असुरिंदस्स तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहा–समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया? गोयमा ! चमरस्स णं असुरिंदस्स असुररन्नो अभितरपरिसाए देवा वाहिया हव्वमागच्छंति णो अव्वाहिया, मज्झिमपरिसाए देवा वाहिया हव्वमागच्छंति अव्वाहियावि, बाहिरपरिसाए देवा अव्वाहिया हव्वमागच्छंति, अदुत्तरं च णं गोयमा ! चमरे असुरिंदे असुरराया अन्नयरेसु उच्चावएसु कजकोडंबेसु समुप्पन्नेसु अभितरियाए परिसाए सद्धिं संमइसंपुच्छणाबहुले विहरइ मज्झिमपरिसाए सद्धिं पयं एवं पवंचेमाणे २ विहरइ बाहिरियाए परिसाए सद्धिं पयंडेमाणे २ विहरइ, से तेण?णं गोयमा! एवं वुचइ-चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो तओ परिसाओ पण्णत्ताओ समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया ॥११८॥ कहि णं भंते ! उत्तरिल्लाणं असुरकुमाराणं भवणा पण्णत्ता? जहा ठाणपए जाव बली एत्थ वइरोयणिंदे वइरोयणराया परिवसइ जाव विहरइ ॥ बलिस्स णं भंते ! वयरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो कइ परिसाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! तिण्णि परिसाओ प०, तंजहा-समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया। बलिस्स णं भंते ! वइरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो अभितरियाए परिसाए कइ देवसहस्सा प० ? मज्झिमियाए परिसाए कइ देवसहस्सा जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ?, गोयमा ! बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स २ अभितरियाए परिसाए वीसं देवसहस्सा पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए चउवीसं देवसहस्सा पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए अट्ठावीसं देवसहस्सा पण्णत्ता, अभितरियाए परिसाए अद्धपंचमा देविसया पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए चत्तारि देविसया पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए अद्भुट्ठा देविसया पण्णत्ता, बलिस्स' ठिईए पुच्छा जाव बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?, गोयमा ! बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स २ अभितरियाए परिसाए देवाणं अद्भुट्ठपलिओवमा ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए तिन्नि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवाणं अड्डाइजाइं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता, अभितरियाए परिसाए देवीणं अड्डाइजाइं पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवीणं दिवढे पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, सेसं जहा चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो ॥ ११९ ॥ कहि णं भंते ! नागकुमाराणं देवाणं भवणा पण्णत्ता? जहा ठाणपए जाव दाहिणिलाणि पुच्छियव्वा जाव धरणे इत्थ नागकुमारिंदे नागकुमारराया परिवसइ जाव Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे विहरइ ॥ धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो कइ परिसाओ प० ? गोयमा ! तिण्णि परिसाओ, ताओ चेव जहा चमरस्स । धरणस्स णं भंते! णागकुमारिंदस्स णागकुमाररन्नो अभितरियाए परिसाए कइ देवसहस्सा पन्नत्ता जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ?, गोयमा! धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो अभितरियाए परिसाए सर्हि देवसहस्साई मज्झिमियाए परिसाए सत्तरं देवसहस्साई बाहिरियाए परिसाए असीइदेवसहस्साइं अभितरपरिसाए पण्णत्तरं देविसयं पण्णत्तं मज्झिमियाए परिसाए पण्णासं देविसयं पण्णत्तं बाहिरियाए परिसाए पणवीसं देविसयं पण्णत्तं । धरणस्स णं० रन्नो अभितरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? अभितरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?, गोयमा! धरणस्स० रण्णो अभितरियाए परिसाए देवाणं साइरेगं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवाणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवाणं देसूणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अभितरियाए परिसाए देवीणं देसूणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं साइरेगं चउब्भागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवाणं चउभागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अट्ठो जहा चमरस्स ॥ कहि णं भंते ! उत्तरिल्लाणं णागकुमाराणं जहा ठाणपए जाव विहरइ ॥ भूयाणंदस्स णं भंते ! णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो अभितरियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? मज्झिमियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ? बाहिरियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ?' अभितरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ? बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ?, गोयमा! भूयाणंदस्स णं नागकुमारिदस्स नागकुमाररन्नो अभितरियाए परिसाए पन्नासं देवसहस्सा पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए सद्धिं देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, बाहिरियाए परिसाए सत्तरि देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, अभितरियाए परिसाए दो पणवीसं देविसयाणं पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए दो देवीसया पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए पण्णत्तरं देविसयं पण्णत्तं । भूयाणंदस्स णं भंते! नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो अभितरियाए · परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता जाव बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता?, गोयमा ! भूयाणंदस्स णं० अभितरियाए परिसाए देवाणं Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ कालम०परिसादेविठिई] सुत्तागमे देसूणं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवाणं साइरेगं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवाणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अभितरियाए परिसाए देवीणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं देसूणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवीणं साइरेगं चउभागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अट्ठो जहा चमरस्स, अवसेसाणं वेणुदेवाईणं महाघोसपजवसाणाणं ठाणपयवत्तव्वया णिरवसेसा भाणियव्वा, परिसाओ जहा धरणभूयाणंदाणं (सेसाणं भवणवईणं) दाहिणिल्लाणं जहा धरणस्स उत्तरिल्लाणं जहा भूयाणंदस्स, परिमाणंपि ठिईवि ॥ १२० ॥ कहि णं भंते! वाणमंतराणं देवाणं भवणा (भोमेजा णगरा) पण्णत्ता ? जहा ठाणपए जाव विहरंति ॥ कहि णं भंते ! पिसायाणं देवाणं भवणा पण्णत्ता ? जहा ठाणपए जाव विहरंति कालमहाकाला य तत्थ दुवे पिसायकुमाररायाणो परिवसंति जाव विहरंति, कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं पिसायकुमाराणं जाव विहरंति काले य एत्थ पिसायकुमारिंदे पिसायकुमारराया परिवसइ महड्डिए जाव विहरइ ॥ कालस्स णं भंते ! पिसायकुमारिंदस्स पिसायकुमाररण्णो कइ परिसाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! तिण्णि परिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-ईसा तुडिया दढरहा, अभितरिया ईसा मज्झिमिया तुडिया बाहिरिया दढरहा । कालस्स णं भंते ! पिसायकुमारिंदस्स पिसायकुमाररण्णो अभितरपरिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता ?, गो० ! कालस्स णं पिसायकुमारिंदस्स पिसायकुमाररायस्स अभितरियपरिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ मज्झिमपरिसाए दस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ बाहिरियपरिसाए वारस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ अभितरियाए परिसाए एगं देविसयं पण्णत्तं मज्झिमियाए परिसाए एगं देविसयं पण्णत्तं बाहिरियाए परिसाए एगं देविसयं पण्णत्तं । कालस्स. णं भंते ! पिसायकुमारिंदस्स पिसायकुमाररण्णो अभितरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? मज्झिमियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? बाहिरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता जाव बाहिरियाए० देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?, गोयमा ! कालस्स णं पिसायकुमारिंदस्स पिसायकुमाररण्णो अभितरपरिसाए देवाणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परि० 'देवाणं देसूणं अद्धपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परि० देवाणं साइरेगं चउब्भागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अभंतरपरि० देवीणं साइरेगं चउब्भागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमपरि० देवीणं चउब्भागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे बाहिरपरिसाए देवीणं देसूणं चउब्भागपलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अट्ठो जो चेव चमरस्स, एवं उत्तरस्सवि, एवं णिरंतरं जाव गीयजसस्स ॥ १२१ ॥ कहि णं भंते ! जोइसियाणं देवाणं विमाणा पण्णत्ता ? कहि णं भंते ! जोइसिया देवा परिवसंति ?, गोयमा! उप्पिं दीवसमुद्दाणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ सत्तणउए जोयणसए उर्दू उप्पइत्ता दसुत्तरसया जोयणबाहल्लेणं, तत्थ णं जोइसियाणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा जोइसियविमाणावाससयसहस्सा भवंतीतिमक्खायं, ते णं विमाणा अद्धकविट्ठगसंठाणसंठिया एवं जहा ठाणपए जाव चंदमसूरिया य तत्थ णं जोइसिंदा जोइसरायाणो परिवसंति महिड्डिया जाव विहरंति ॥ सूरस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ परिसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! तिण्णि परिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-तुंबा तुडिया पव्वा अभितरया तुंबा मज्झिमिया तुडिया बाहिरिया पब्बा, सेसं जहा कालस्स परिमाणं, ठिईवि । अट्ठो जहा चमरस्स। चंदस्सवि एवं चेव ॥ १२२॥ कहि णं भंते ! दीवसमुद्दा ? केवइया णं भंते ! दीवसमुद्दा ? केमहालया णं भंते ! दीवसमुद्दा ? किं संठिया णं भंते! दीवसमुद्दा ? किमागारभावपडोयारा णं भंते ! दीवसमुद्दा पन्नत्ता?, गोयमा ! जंबुद्दीवाइया दीवा लवणाइया समुद्दा संठाणओ एगविहविहाणा वित्थारओ अणेगविहविहाणा दुगुणादुगुणे पडुप्पाएमाणा २ पवित्थरमाणा २ ओभासमाणवीईया बहुउप्पलपउमकुमुयणलिणसुभगसोगंधियपोंडरीयमहापोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तपप्फुल्लकेसरोवचिया पत्तेयं पत्तेयं पउमवरवेइयापरिक्खित्ता पत्तेयं पत्तेयं वणसंडपरिक्खित्ता अस्सि तिरियलोए असंखेज्जा दीवसमुद्दा सयंभुरमणपज्जवसाणा पण्णत्ता समणाउसो! ॥ १२३ ॥ तत्थ णं अयं जंबुद्दीवे णामं दीवे दीवसमुद्दाणं अभितरिए सव्वखुड्डाए वट्टे तेल्लापूयसंठाणसंठिए वढे रहचक्कवालसंठाणसंठिए बट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए वहे पडिपुन्नचंदसंठाणसंठिए एक जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं सोलस य सहस्साई दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस अंगुलाई अद्धंगुलयं च किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ॥ से णं एकाए जगईए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते ॥ सा णं जगई अट्ठ जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं मूले बारस जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं उपि चत्तारि जोयणाइं विक्खंभेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पि तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया णिम्मला णिप्पंका णिकंकडच्छाया सप्पभा सस्सिरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा ॥ सा णं जगई एक्केणं जालकडएणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ से णं Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ लयावण्णणं] सुत्तागमे १६९ जालकडए अद्धजोयणं उर्दू उच्चत्तेणं पंचधणुसयाई विक्खंभेणं सव्वरयणामए अच्छे सण्हे लण्हे घढे मढे णीरए णिम्मले णिप्पंके णिकंकडच्छाए सप्पभे [सस्सिरीए] समरीए सउज्जोए पासाईए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे ॥ १२४ ॥ तीसे णं जगईए उप्पिं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगा महई पउमवरवेइया प०, सा णं पउमवरवेइया अद्धजोयणं उर्दू उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं सव्वरयणामए जगईसमिया परिक्खेवेणं सव्वरयणामई० ॥ तीसे णं परमवरवेइयाए अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया नेमा रिठ्ठामया पइट्ठाणा वेरुलियामया खंभा सुवण्णरुप्पमया फलगा वइरामया संधी लोहियक्खमईओ सूईओ णाणामणिमया कडेवरा कडेवरसंघाडा णाणामणिमया रूवा नाणामणिमया रूवसंघाडा अंकामया पक्खा पक्खबाहाओ जोइरसामया वंसा वंसकवेळुया य रययामईओ पट्टियाओ जायरूवमईओ ओहाडणीओ वइरामईओ उवरि पुञ्छणीओ सव्वसेए रययामए छायणे ॥ सा णं पउमवरवेइया एगमेगेणं हेमजालेणं एगमेगेणं गवक्खजालेणं एगमेगेणं खिंखिणिजालेणं जाव मणिजालेणं (कणयजालेणं रयणजालेणं) एगमेगेणं पउमवरजालेणं सव्वरयणामएणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ ते णं जाला तवणिज्जलंबूसगा सुवण्णपयरगमंडिया णाणामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोभियसमुदया ईसिं अण्णमण्णमसंपत्ता पुव्वावरदाहिणउत्तरागएहिं वाएहिं मंदागं २ एजमाणा २ कंपिज्जमाणा २ लंबमाणा २ पझंझमाणा २ सद्दायमाणा २ तेणं ओरालेणं मणुण्णेणं कण्णमणणिव्वुइकरेणं सद्देणं सव्वओ समंता आपूरेमाणा सिरीए अईव २ उवसोभेमाणा उव० चिट्ठति ॥ तीसे णं पउमवरवेइयाए तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे हयसंघाडा गयसंघाडा नरसंघाडा किण्णरसंघाडा किंपुरिससंघाडा महोरगसंघाडा गंधव्वसंघाडा वसहसंघाडा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा लण्हा घट्टा मट्ठा णीरया णिम्मला णिप्पंका णिकंकडच्छाया सप्पभा समरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा । तीसे णं पउमवरवेइयाए तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे हयपंतीओ तहेव जाव पडिरूवाओ । एवं हयवीहीओ जाव पडिरूवाओ। एवं हयमिहुणाई जाव पडिरूवाइं ॥ तीसे णं पउमवरवेइयाए तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे पउमलयाओ नागलयाओ, एवं असोग० चंपग० चूयवण वासंति० अइमुत्तग० कुंद० सामलयाओ णिच्चं कुसुमियाओ जाव सुविहत्तपिंडमंजरिवडिंसगधरीओ सव्वरयणामईओ अच्छाओ सण्हाओ लण्हाओ घट्ठाओ मट्ठाओ णीरयाओ णिम्मलाओ णिप्पंकाओ णिकंकडच्छायाओ सप्पभाओ समरीयाओ सउज्जोयाओ पासाइयाओ दरिसणिज्जाओ अभिरुवाओ पडिरूवाओ ॥ तीसे णं पउमवरवेइयाए तत्थ तत्थ Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७० सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे देसे २ तहिं तहिं बहवे अक्खयसोत्थिया पण्णत्ता सव्वरयणामया अच्छा ॥ से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-पउमवरवेइया पउमवरवेइया ? गोयमा ! पउमवरवेइयाए तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं वेइयासु वेड्याबाहासु वेइयासीसफलएसु वेइयापुडंतरेसु खंभेसु खंभबाहासु खंभसीसेसु खंभपुडंतरेसु सूईसु सूईमुहेसु सूईफलएसु सूईपुडंतरेसु पक्खेसु पक्खबाहासु पक्खपेरंतेसु बहूई उप्पलाई पउमाई जाव सयसहस्सपत्ताई सव्वरयणामयाइं अच्छाई सण्हाइं लण्हाइं घट्ठाई मट्ठाई णीरयाइं णिम्मलाई निप्पंकाइं निकंकडच्छायाइं सप्पभाई समरीयाई सउज्जोयाइं पासाइयाई दरिसणिज्जाई अभिरूवाइं पडिरूवाइं महया २ वासिक्कच्छत्तसमाणाई पण्णत्ताई समणाउसो !, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-पउमवरवेइया २ ॥ पउमवरवेइया ण भंते ! किं सासया असासया ? गोयमा! सिय सासया सिय असासया ॥ से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइसिय सासया सिय असासया ? गोयमा ! दव्वट्ठयाए सासया वण्णपजवेहिं गंधपज्जवेहिं रसपज्जवेहिं फासपजवेहिं असासया, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-सिय सासया सिय असासया ॥ पउमवरवेइया णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ? गोयमा ! ण कयावि णासि ण कयावि णत्थि ण कयावि ण भविस्सइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुवा नियया सासया अक्खया अव्वया अवट्ठिया णिच्चा पउमवरवेइया ॥१२५॥ तीसे णं जगईए उप्पि बाहिं पउमवरवेइयाए एत्थ णं एगे महं वणसंडे पण्णत्ते देसूणाई दो जोयणाइं चकवालविक्खंभेणं जगईसमए परिक्खेवेणं, किण्हे किण्होभासे जाव अणेगसगडरहजाणजुग्गपरिमोयणे सुरम्मे पासाईए सण्हे लण्हे घढे मढे नीरए निप्पंके निम्मले निकंकडच्छाए सप्पभे समिरीए सउज्जोए पासाईए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे ॥ तस्स णं वणसंडस्स अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते से जहानामए-आलिंगपुक्खरेइ वा मुइंगपुक्खरेइ वा सरतलेइ वा करयलेइ वा आयंसमंडलेइ वा चंदमंडलेइ वा सूरमंडलेइ वा उरब्भचम्मेइ वा उसभचम्मेइ वा वराहचम्मेइ वा सीहचम्मेइ वा वग्घचम्मेइ वा विगचम्मेइ वा दीवियचम्मेइ वा अणेगसंकुकीलगसहस्सवियए आवडपञ्चावडसेढीपसेढीसोत्थियसोवत्थियपूसमाणवद्धमाणमच्छंडगमगरंडगजारमारफुल्लावलिपउमपत्तसागरतरंगवासंतिलयपउमलयभत्तिचित्तेहिं सच्छाएहिं समिरीएहिं सउज्जोएहिं नाणाविहपंचवण्णेहिं तणेहि य मणीहि य उवसोहिए तंजहा—किण्हेहिं जाव सुकिल्लेहिं ॥ तत्थ णं जे ते किण्हा तणा य मणी य तेसिणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए जीमूएइ वा अंजणेइ वा खंजणेइ वा कज्जलेइ वा मसीइ वा गुलियाइ वा गवलेइ वा गवलगुलियाइ वा भमरेइ वा भमरावलियाइ. वा भमरपत्तगयसारेइ वा जंबुफलेइ वा अद्दारिठेइ वा Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ३ सेयमणिवण्णणा] सुत्तागमे परपुट्ठएइ वा गएइ वा गयकलभेइ वा कण्हसप्पेइ वा कण्हकेसरेइ वा आगासथिगगलेइ वा कण्हासोएइ वा किण्हकणवीरेइ वा कण्हवंधुजीवएइ वा, भवे एयारूवे सिया ?, गोयमा ! णो इणढे समढे, तेसि णं कण्हाणं तणाणं मणीण य इत्तो इट्टतराए चेव कंततराए चेव पियतराए चेव मणुण्णतराए चेव मणामतराए चेव वण्णेणं पण्णत्ते ॥ तत्थ णं जे ते णीलगा तणा य मणी य तेसि णं इमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए-भिंगेइ वा भिंगपत्तेइ वा चासेइ वा चासपिच्छेइ वा सुएइ वा सुयपिच्छेइ वा णीलीइ वा णीलीभेएइ वा णीलीगुलियाइ वा सामाएइ वा उच्चंतएइ वा वणराईइ वा हलहरवसणेइ वा मोरग्गीवाइ वा पारेवयगीवाइ वा अयसिकुसुमेइ वा अंजणकेसिगाकुसुमेइ वा णीलप्पलेइ वा णीलासोएइ वा णीलकणवीरेइ वा णीलबंधुजीवएइ वा, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, तेसि णं णीलगाणं तणाणं मणीण य एत्तो इट्टतराए चेव कंततराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ते ॥ तत्थ णं जे ते लोहियगा तणा य मणी य तेसि णं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहाणामए–ससगरुहिरेइ वा उरब्भरुहिरेइ वा णररुहिरेइ वा वराहरुहिरेइ वा महिसरुहिरेइ वा बालिंदगोवएइ वा बालदिवागरेइ वा संझब्भरागेइ वा गुजद्धराएइ वा जाइहिंगुलएइ वा सिलप्पवालेइ वा पवालंकुरेइ वा लोहियक्खमणीइ वा लक्खारसएइ वा किमिरागेइ वा रत्तकंबलेइ वा चीणपिट्ठरासीइ वा जासुयणकुसुमेइ वा किंसुयकुसुमेइ वा पालियायकुसुमेइ वा रत्तुप्पलेइ वा रत्तासोगेइ वा रत्तकणयारेइ वा रत्तबंधुजीवेइ वा, भवे एयाख्वे सिया ?, नो इणढे समढे, तेसि णं लोहियगाणं तणाण य मणीण य एत्तो इट्टतराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ते ॥ तत्थ णं जे ते हालिद्दगा तणा य मणी य तेसि णं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहाणामएचंपएइ वा चंपगच्छल्लीइ वा चंपयभेएइ वा हालिद्दाइ वा हालिदभेएइ वा हालिद्दगुलियाइ वा हरियालेइ वा हरियालभेएइ वा हरियालगुलियाइ वा चिउरेइ वा चिउरंगरागेइ वा वरकगएइ वा वरकणगनिघसेइ वा सुवण्णसिप्पिएइ वा वरपुरिसवसणेइ वा सल्लइकुसुमेइ वा चंपगकुसुमेइ वा कुहुंडियाकुसुमेइ वा (कोरंटगदामेइ वा) तडउडाकुसुमेइ वा घोसाडियाकुसुमेइ वा सुवण्णजूहियाकुसुमेइ वा सुहरिन्नयाकुसुमेइ वा [ कोरिंटवरमल्लदामेइ वा ] बीयगकुसुमेइ वा पीयासोएइ वा पीयकणवीरेइ वा पीयवंधुजीएइ वा, भवे एयारूवे सिया?, नो इणढे समढे, ते णं हालिद्दा तणा य मणी य एत्तो इठ्ठयरा चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ता ॥ तत्थ णं जे ते सुकिल्लगा तणा य मणी य तेसि णं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, से जहानामए-अंकेइ वा संखेइ वा चंदेइ वा कुंदेइ वा कुसुमे(मुए)इ वा दयरएइ वा (दहिघणेइ वा खीरेइ वा खीरपूरेइ वा) Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७२ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे हंसावली वा कोंचावलीइ वा हारावलीइ वा बलायावलीइ वा चंदावलीइ वा सारइयबलाहएइ वा धंतधोयरुप्पपट्टेइ वा सालिपिट्ठरासीइ वा कुंदपुप्फरासीइ वा कुमुयरासीइ वा सुक्कछिवाडीइ वा पेहुणमिंजाइ वा बिसेइ वा मिणालियाइ वा गयदंतेइ वा लवंगदलेइ वा पोंडरीयदलेइ वा सिंदुवार मलदामेइ वा सेयासोएइ वा सेयकणवीरेइ वा सेयबंधुजीएइ वा भवे एयारूवे सिया ?, णो इणट्ठे समट्ठे, तेसि णं सुकिलाणं ताणं मणीण य एतो इट्ठतराए चेव जाव वण्णेणं पण्णत्ते ॥ तेसि णं भंते ! त य मणीण य केरिसए गंधे पण्णत्ते ? से जहाणामए –—— कोट्ठपुडाण वा पत्तपुडाण वा चोयपुडाण वा तगरपुडाण वा एलापुडाण वा [ किरिमेरिपुडाण वा ] चंदणपुडाण वा कुंकुमपुडाण वा उसीरपुडाण वा चंपगपुडाण वा मरुयगपुडाण वा दमणगपुडाण वा जाइपुडाण वा जूहियापुडाण वा मल्लियपुडाण वा णोमालियपुडाण वा वासंतिपुडाण वा केयइपुडाण वा कप्पूरपुडाण वा पाडलपुडाण वा अणुवायंसि उब्भिज्ज - माrाण वा णिब्भिज्जमाणाण वा कुट्टिज्जमाणाण वा रुविजमाणाण वा उक्किरिजमाणाण वा विकिरिज्जमाणाण वा परिभुज्जमाणाण वा भंडाओ वा भंड साहरिज्जमाणाणं ओराला मणुण्णा घाणमणणिव्वुइकरा सव्वओ समंता गंधा अभिणिस्सवंति, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणट्ठे समट्ठे, तेसि णं तणाणं मणीण य एत्तो उ इद्वतराए चेव जाव मणामतराए चेव गंधे पण्णत्ते ॥ तेसि णं भंते ! तणाण य मणीण य केरिसए फासे पण्णत्ते ? से जहाणामए – आईणेइ वा रूएइ वा बूरेइ वा णवणी इ वा हंसगब्भतूलीइ वा सिरीसकुसुमणिचएइ वा बालकुमुयपत्तरासीइ वा भवे एयावे सिया ?, णो इणट्ठे समट्ठे, तेसि णं तणाण य मणीण य एत्तो इट्ठतराए चेव जाव फासेणं पण्णत्ते ॥ तेसि णं भंते ! तणाणं पुव्वावरदाहिणउत्तरा गएहिं वाएहिं मंदा मंदायं एइयाणं वेइयाणं कंपियाणं खोभियाणं चालियाणं फंदियाणं घट्टियाण उदीरयाणं केरिसए सद्दे पण्णत्ते ? से जहाणामए – सिवियाए वा संदमाणियाए वा रहवरस्स वा सछत्तस्स सज्झयस्स सघंटयस्स सतोरणवरस्स सदिघोस स सखिंखिणिहेमजालपेरंतपरिखित्तस्स हेमवयचित्तविचित्ततिणिसकणगनिज्जुत्तदारुयागस्स सुपिणिद्वारयमंडलधुरागस्स कालायससुकयणेमिजंतकम्मस्स आइण्णवरतुरगसुसंपउत्तस्स कुसलणरछेयसार हिसुसं परिगहियस्स सरसयबत्तीसतोण (परि) मंडियस्स सकंकडवडिंसगस्स सचावसरपहरणावरण भरियस्स जोहजुद्धसज्जस्स रायंगणंसि वा अंतेउरंसि वा रम्मंसि वा मणिकोट्टिमतलंसि अभिक्खणं २ अभिघट्टिजमाणस्स वा णियट्टिज्जमाणस्स वा [ परूढवरतुरंगस्स चंडवेगाइट्ठस्स ] ओराला मण्णा कण्णमणणिव्वुइकरा सव्वओ समंता सदा अभिणिस्सवंति, भवे एयारूवे Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ तिसोवाणपडिरूवगा ] सुत्तागमे सिया ?, णो इण्ट्ठे समट्ठे, से जहाणामए – वेयालियाए वीणाए उत्तरमंदामुच्छियाए अंके सुपइट्टियाए चंदणसारकोणपडिघट्टियाए कुसलणरणारिसंपगहियाए पओसपच्चूसकालसमयंसि मंद मंद एइयाए वेश्याए खोभियाए उदीरियाए ओराला मणुण्णा कण्णमणणिव्वुइकरा सब्वओ समंता सहा अभिणिस्सवंति भवे एयारूवे सिया ?, णो इणट्ठे समट्ठे, से जहाणामए - किण्णराण वा किंपुरिसाण वा महोरगाण वा गंधव्वाण वा भद्दसालवणगयाण वा नंदणवणगयाण वा सोमणसवणगयाण वा पंडगवणगयाण वा हिमवंतमलयमंदरगिरिगुहसमण्णागयाण वा एगओ सहियाणं संमुहागयाणं समुविद्वाणं संनिविद्वाणं पमुइयपक्कीलियाणं गीयरइगंधव्वहरिसियमणाणं गेज्जं पज्जं कत्थं गेयं पयविद्धं पायविद्धं उक्खित्तयं पवत्तयं मंदायं रोइयावसाणं सत्तसर समण्णागयं अट्ठरससुसंपउत्तं छद्दोसविप्पमुक्कं एकारसगुणालंकारं अट्ठगुणोववेयं गुंजतवंसकुहरोवगूढं रक्तं तिट्ठाण करणमुद्धं महुरं समं सुललियं सकुहरगुंजतवंसतंतीतलताललयग्गहसुसंपउत्तं मणोहरं मउयरिभियपयसंचारं सुरई सुणई वरचारुरूवं दिव्वं नहं सज्जं गेयं पगीयाणं, भवे एयारूवे सिया ?, हंता गोयमा ! एवंभूए सिया ॥ १२६ ॥ तस्स णं वणसंडस्स तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे खुड्डा खुड्डियाओ वावीओ पुक्खरिणीओ गुंजालियाओ दीहियाओ ( सरसीओ) सरपंतियाओ सरसरपंतीओ बिलपंतीओ अच्छाओ सण्हाओ रययामयकूलाओ वइरामयपासाणाओ तवणिजमयतलाओ वेरुलियमणिफालियपडलपच्चोयडाओ सुवण्णसुन्भ (ज्झ ) रयय मणिवालुयाओ सुहोया उत्तराओ णाणामणितित्थमुवद्धाओ चार (चर) कोणाओ समतीराओ आणुपुव्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजलाओ संणपत्तभिसमुणालाओ बहुउप्पलकुमुयणलिणसुभगसोगंधियपोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तफुलकेसरोवचियाओ छप्पयपरिभुज्जमाणकमलाओ १७३ अच्छविमलसलिलपुण्णाओ परिहत्थभमंतमच्छकच्छभअणेगसउणमिहुणपविचरियाओ पत्तेयं पत्तेयं परमवरवेश्या परिक्खित्ताओ पत्तेयं पत्तेयं वणसंडपरिक्खिताओ अप्पेगइयाओ आसवोदाओ अप्पेगझ्याओ वारुणोदाओ अप्पेगइयाओ खीरोदाओ अप्पेगइयाओ घओदाओ अप्पेगइयाओ [ इक्खु खोदोदाओ ( अमयरससमरसोदाओ) अप्पेगइयाओ पाईए उदग ( अमय ) रसेणं पण्णत्ताओ पासाइयाओ ४, तासि णं खुड्डियाणं वावीणं जाव बिलपतियाणं तत्थ २ देसे २ तहिं २ जाव बहवे तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता । तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा - वइरामया नेमा रिट्ठामया पइद्वाणा वेरुलियामया खंभा सुवण्णरुप्पामया फलगा वइरामया संधी लोहियक्खमईओ सूईओ णाणामणिमया अवलंबणा अवलंबणबाहाओ पासाइयाओ ४ ॥ तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ पत्तेयं २ Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे तोरणा प० ॥ ते णं तोरणा णाणामणिमयखंभेसु उवणिविट्ठसण्णिविट्ठा विविहमुत्ततरोवचिया विविहतारारूवोवचिया ईहामियउसभतुरगणरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ता खंभुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामा विजाहरजमलजुयलजंतजुत्ताविव अच्चिसहस्समालणीया रूवगसहस्सकलिया भिसमाणा भिब्भिसमाणा चक्खुल्लोयणलेसा सुहफासा सस्सिरीयरूवा पासाईया ४ ॥ तेसि णं तोरणाणं उप्पिं बहवे अट्ठमंगलगा पण्णत्ता तं०-सोत्थियसिरिवच्छणंदियावत्तवद्धमाणभद्दासणकलसमच्छदप्पणा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं तोरणाणं उप्पि बहवे किण्हचामरज्झया नीलचामरज्झया लोहियचामरज्झया हालिद्दचामरज्झया सुकिल्लचामरज्झया अच्छा सण्हा रुप्पपट्टा वइरदंडा जलयामलगंधिया सुरुवा पासाइया ४ ॥ तेसि णं तोरणाणं उप्पि बहवे छत्ताइछत्ता पडागाइपडागा घंटाजुयला चामरजुयला उप्पलहत्थगा जाव सयसहस्सवत्तहत्थगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तासि णं खुड्डियाणं वावीणं जाव बिलपंतियाणं तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे उप्पायपव्वया णियइपव्वया जगइपव्वया दारुपव्वयगा दगमंडवगा दगमंचगा दगमालगा दगपासायगा ऊसडा खुल्ला खडहडगा अंदोलगा पक्खंदोलगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसु णं उप्पायपव्वएसु जाव पक्खंदोलएसु बहवे हंसासणाई कोंचासणाइं गरुलासणाइं उण्णयासणाइं पणयासणाइं दीहासणाई भद्दासणाई पक्खासणाई मगरासणाइं उसभासणाई सीहासणाई पउमासणाई दिसासोवत्थियासणाइं सव्वरयणामयाइं अच्छाइं सण्हाई लण्हाई घटाई मट्ठाई णीरयाई णिम्मलाई निप्पंकाई निकंकडच्छायाई सप्पभाई समिरीयाइं सउज्जोयाइं पासाइयाई दरिसणिजाइं अभिरूवाइं पडिरूवाइं ॥ तस्स णं वणसंडस्स तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे आलिघरा मालिघरा कयलिघरा लयाघरा अच्छणघरा पेच्छणधरा मजणघरगा पसाहणघरगा गब्भघरगा मोहणघरगा सालघरगा जालघरगा कुसुमघरगा चित्तघरगा गंधव्वघरगा आयंसघरगा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया णिम्मला णिप्पंका निकंकडच्छाया सप्पभा समिरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिजा अभिरुवा पडिरूवा ॥ तेसु ण आलिघरएसु जाव आयंसघरएसु बहूइं हंसासणाइं जाव दिसासोवत्थियासणाई सव्वरयणामयाइं जाव पडिरूवाइं ॥ तस्स णं वणसंडस्स तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहवे जाइमंडवगा जूहियामंडवगा मल्लियामंडवगा णवमालियामंडवगा वासंतीमंडवगा दधिवासुयामंडवगा सूरिल्लिमंडवगा तंबोलीमंडवगा मुद्दियामंडवगा णागलयामंडवगा अइमुत्तमंडवगा अप्फोयामंडवगा मालुयामंडवगा सामलयामंडवगा Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ विजयदारवण्णओ] सुत्तागमे सव्वरयणामया णिचं कुसुमिया णिचं जाव पडिरूवा ॥ तेसु णं जाइमंडवएसु जाव सामलयामंडवएसु बहवे पुढविसिलापट्टगा पण्णत्ता, तंजहा-अप्पेगइया हंसासणसंठिया अप्पे० कोंचासणसंठिया अप्पे० गरुलासणसंठिया अप्पे० उण्णयासणसंठिया अप्पे० पणयासणसंठिया अप्पे० दीहासणसंठिया अप्पे० भद्दासणसंठिया अप्पे० पक्खासणसंठिया अप्पे० मगरासणसंठिया अप्पे० उसभासणसंठिया अप्पे० सीहासणसंठिया अप्पे० पउमासणसंठिया अप्पे० 'दिसासोत्थियासणसंठिया० प०, तत्थ बहवे वरसयणासणविसिट्ठसंठाणसंठिया पण्णत्ता समणाउसो ! आइण्णगरूयबूरणवणीयतूलफासा मउया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तत्थ णं बहवे वाणमंतरा देवा देवीओ य आसयंति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुयति रमंति ललंति कीलंति मोहंति पुरापोराणाणं सुचिण्णाणं सुपरिकंताणं सुभाणं कल्लाणाणं कडाणं कम्माणं कल्लाणं फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणा विहरंति ॥ तीसे णं जगईए उप्पि अंतो पउमवरवेइयाए एत्थ णं एगे महं वणसंडे' पण्णत्ते देसूणाई दो जोयणाई विक्खंभेणं वेश्यासमएणं परिक्खेवेणं किण्हे किण्होभासे वणसंडवण्णओ मणितणसद्दविहूणो णेयव्यो, तत्थ णं बहवे वाणमंतरा देवा देवीओ य आसयंति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुयटंति रमंति ललंति कीडंति मोहंति पुरा पोराणाणं सुचिण्णाणं सुपरिकंताणं सुभाणं कल्लाणाणं कडाणं कम्माणं कल्लाणं फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणा विहरंति ॥ १२७ ॥ जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पण्णत्ता, तंजहा--विजए वेजयंते जयंते अपराजिए॥१२८॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवस्स दीवस्स विजए नामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं पणयालीसं जोयणसहस्साइं अबाहाए जंबुद्दीवे दीवे पुरच्छिमपेरंते लवणसमुद्दपुरच्छिमद्धस्स पचत्थिमेणं सीयाए महाणईए उप्पि एत्थ णं जंबुद्दीवस्स दीवस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं चत्तारि जोयणाइं विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेए वरकणगथूभियागे ईहामियउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ते खंभुग्गयवरवइरवेइयापरिगयाभिरामे विजाहरजमलजुयलजंतजुत्ते इव अच्चीसहस्समालिणीए रूवगसहस्सकलिए भिसमाणे भिब्भिसमाणे चक्खुल्लोयणलेसे सुहफासे सस्सिरीयरूवे वण्णो दारस्स तस्सिमो होइ तं०-वइरामया णिम्मा रिट्ठामया पइट्ठाणा वेरुलियामया खंभा जायरूवोवचियपवरपंचवण्णमणिरयणकोहिमतले हंसगब्भमए एलुए गोमेजमए इंदक्खीले लोहियक्खमईओ दारचेडीओ जोइरसामए उत्तरंगे वेरुलियामया कवाडा वइरामया संधी लोहियक्खमईओ सूईओ णाणामणिमया Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७६ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे समुग्गगा वइरामई अग्गलाओ अग्गलपासाया वइरामई आवत्तणपेढिया अंकुत्तरपासए णिरंतरियघणकवाडे भित्तीसु चेव भित्तीगुलिया छप्पण्णा तिण्णि होंति गोमाणसी तत्तिया णाणामणिरयणवालरूव गली लट्ठियसालिभंजियागे वइरामए कूडे रययामए उस्सेहे सव्वतवणिज्जमए उल्लोए णाणामणिरयणजालपंजरमणिवंसगलोहियक्खपडिवंसगरययभोम्मे अंकामया पक्खबाहाओ जोइरसामया वंसा वंसक - वेलुगा यरययामई पट्टियाओ जायरूवमई ओहाडणी वइरामई उवरि पुञ्छणी सव्वसेयरययामए छायणे अंकमयकणगकूडतवणिज्जथुभियाए सेए संखतलविमल'णिम्मलदहिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासे तिलगरयणद्धचंदचित्ते णाणामणिमयदामालं किए अंतो य बहिं च सण्हे तवणिज्जरइलवालुयापत्थडे सुहप्फासे सस्सि रूवे पासाई ४ ॥ विजयस दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो चंद कलसपरिवाडीओ पण्णत्ताओ, ते णं चंदणकलसा वरकमलपइडाणा सुरभिवरवारिपsिyण्णा चंदणकयचच्चागा आबद्धकंठेगुणा परमुप्पलपिहाणा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा महया महया महिंदकुंभसमाणा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो नागदंतपरिवाडीओ, ते णं णागदंतगा मुत्ताजालंतरूसियहेमजालगवक्खजालखिं खिणीघंटाजालपरिक्खित्ता अब्भुग्गया अभिणिसिद्धा तिरियं सुसंपगहिया अहेपण्णगद्धरुवा पण गवसंठाणसंठिया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा महया महया गयदंतसमाणा प० समणाउसो ! ॥ तेसु णं णागदंतसु बहवे किन्हसुत्तबद्धवग्घारियमलदामकलावा जाव सुक्किलसुत्तबद्धवग्वारियमलदामकलावा ॥ ते णं दामा तवणिज्जलंबूसगा सुवण्णपयरगमंडिया णाणामणिरयणविविहहारद्धहार ( उवसोभियसमुदया) जाव सिरीए अई अईव उवसोभेमाणा उवसोभेमाणा चिट्ठति ॥ तेसि णं णागदंतगाणं उवरिं अण्णाओ दो दो णागदंतपरिवाडीओ पण्णत्ताओ, तेसि णं णागदंतगाणं मुत्ताजालंतरूसिया तहेव जाव समणाउसो ! । तेसु णं णागदंतएसु बहवे रययामया 'सिक्कया पण्णत्ता, तेसु णं रययामएसु सिक्कएसु ब० वेरुलियामईओ धूवघडीओ पण्णत्ताओ, तंजहा - ताओ णं धूवघडीओ कालागुरुपवरकुंदरुक्कतुरुक्क धूव मघमघंतगं"बुद्धयाभिरामाओ सुगंधवरगंधगंधियाओ गंधवट्टिभूयाओ ओरालेणं मणुणेण घाणमणणिव्वुइकरेणं गंधेणं तप्पएसे सव्वओ समंता आपूरेमाणीओ आपूरेमाणीओ अई अईव सिरीए जाव चिद्वंति ॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ सीहियाए दो दो सालिभंजियापरिवाडीओ पण्णत्ताओ, ताओ णं सालभंजियाओ लीलट्ठियाओ सुपयट्ठियाओ सुअलंकियाओ णाणागारवसणाओ णाणामरूपिणद्धाओ Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ पासायवसिया] सुत्तागमे मुट्रीगेज्झमज्झाओ आमेलगजमलजुयलवटिअब्भुण्णयपीणरइयसंठियपओहराओ रत्तावंगाओ असियकेसीओ मिउविसयपसत्थलक्खणसंवेल्लियग्गसिरयाओ ईसिं असोगवरपायवसमुट्ठियाओ वामहत्थगहियग्गसालाओ ईसिं अद्धच्छिकडक्वविद्धिएहिं लूसेमाणीओ इव चक्खुल्लोयणलेसाहिं अण्णमण्णं खिज्जमाणीओ इव पुढविपरिणामाओ सासयभावमुवगयाओ चंदाणणाओ चंदविलासिणीओ चंदद्धसमनिडालाओ चंदाहियसोमदंसणाओ उक्का इव उज्जोएमाणीओ विजुघणमरीइसूरदिप्पंततेयअहिययरसंनिगासाओ सिंगारागारचारुवेसाओ पासाइयाओ ४ तेयसा अईव अईव सोभेमाणीओ सोभेमाणीओ चिट्ठति ॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो जालकडगा पण्णत्ता, ते णं जालकडगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो घंटापरिवाडीओ पण्णत्ताओ, तासि णं घंटाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा--जंबूणयमईओ घंटाओ वइरामईओ लालाओ णाणामणिमया घंटापासगा तवणिजमईओ संकलाओ रययामईओ रजूओ ॥ ताओ णं घंटाओ ओहस्सराओ मेहस्सराओ हंसस्सराओ कोंचस्सराओ णंदिस्सराओ णंदिघोसाओ सीहस्सराओ सीघोसाओ मंजुस्सराओ मंजुघोसाओ सुस्सराओ सुस्सरणिग्घोसाओ ते पएसे ओरालेणं मणुण्णेणं कण्णमणनिव्वुइकरेणं सद्देणं जाव चिट्ठति ॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो वणमालापरिवाडीओ पण्णत्ताओ, ताओ णं वणमालाओ णाणादुमलयाकिसलयपल्लवसमाउलाओ छप्पय परिभुज्जमाणकमलसोभंतसस्सिरीयाओ पासाइयाओ० ते पएसे उरालेणं जाव गंधेणं आपूरेमाणीओ जाव चिट्ठति ॥ १२९ ॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो पगंठगा पण्णत्ता, ते णं पगंठगा चत्तारि जोयणाइं आयामविक्खंभेणं दो जोयणाई बाहल्लेणं सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं पगंठगाणं उवरिं पत्तेयं पत्तेयं पासायवडिंसगा पण्णत्ता, ते णं पासायवडिंसगा चत्तारि जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं दो जोयणाइं आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसियाविव विविहमणिरयणभत्तिचित्ता वाउछुयविजयवेजयंतीपडागच्छत्ताइच्छत्तकलिया तुंगा गयणयलमभिलंघमाण(णुलिहंत)सिहरा जालंतररयणपंजरुम्मिलियव्व मणिकणगथूभियागा वियसियसयवत्तपोंडरीयतिलयरयणद्धचंदचित्ता णाणामणिमयदामालंकिया अंतो य बाहिं च सण्हा तवणिजरुइलवालुयापत्थडा सुहफासा सस्सिरीयस्वा पासाईया ४ ॥ तेसि णं पासायवडिंसगाणं उल्लोया पउमलया जाव सामलयाभत्तिचित्ता सव्वतवणिजमया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं पासायवडिंसगाणं पत्तेयं पत्तेयं अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे १२ सुत्ता० Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे १७८ [जीवाजीवाभिगमे पण्णत्ते, से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणीहिं उवसोभिए, मणीण गंधो वण्णो फासो य नेयव्वो ॥ तेसि णं बहुसमरमणिज्जाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वरयणामईओ जाव पडिरूवाओ, तासि णं मणिपेढियाणं उवरिं पत्तेयं २ सीहासणे पण्णत्ते, तेसि णं सीहासणाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-तवणिजमया चकवाला रययामया सीहा सोवण्णिया पाया णाणामणिमयाइं पायसीसगाइं जंबूणयमयाइं गत्ताइं वइरामया संधी नाणामणिमए वेच्चे, ते णं सीहासणा ईहामियउसभ जाव पउमलयभत्तिचित्ता ससारसारोवइयविविहमणिरयणपायपीढा अच्छरगमिउमसूरगनवतयकुसंतलिच्चसीहकेसरपञ्चुत्थयाभिरामा उवचियखोमदुगुल्लयपडिच्छायणा सुविरइयरयत्ताणा रत्तंसुयसंवुया सुरम्मा आईणगरूयबूरणवणीयतूलमउयफासा मउया पासाईया ४॥ तेसि णं सीहासणाणं उप्पिं पत्तेयं पत्तेयं विजयदूसे पण्णत्ते, ते णं विजयदूसा सेया संखंककुंददगरयअमयमहियफेणपुंजसन्निगासा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं विजयदूसाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं वइरामया अंकुसा पण्णत्ता, तेसु णं वइरामएसु अंकुसेसु पत्तेयं २ कुंभिक्का मुत्तादामा पण्णत्ता, ते णं कुंभिक्का मुत्तादामा अन्नेहिं चउहि चउहिं तदद्भुच्चत्तप्पमाणमेत्तेहिं अद्धकुंभिक्केहिं मुत्तादामेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, ते णं दामा तवणिज्जलंबूसगा सुवण्णपयरगमंडिया जाव चिट्ठति, तेसि णं पासायवडिंसगाणं उप्पिं बहवे अट्ठट्ठमंगलगा पण्णत्ता सोत्थिय तहेव जाव छत्ता ॥१३०॥ विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो तोरणा पण्णत्ता, ते णं तोरणा णाणामणिमया तहेव जाव अट्ठमंगलगा य छत्ताइछत्ता ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो सालभंजियाओ पण्णत्ताओ, जहेव णं हेट्ठा तहेव ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो णागदंतगा पण्णत्ता, ते णं णागदंतगा मुत्ताजालंतरूसिया तहेव, तेसु णं णागदंतएसु बहवे किण्हा सुत्तववग्धारियमल्लदामकलावा जाव चिट्ठति ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो हयसंघाडगा जाव उसभसंघाडगा पण्णत्ता सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, एवं पंतीओ वीहीओ मिहुणगा, दो दो पउमलयाओ जाव पडिरूवाओ, तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो अक्खयसोवत्थिया पण्णत्ता ते णं अक्खयसोवत्थिया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चंदणकलसा पण्णत्ता, ते णं चंदणकलसा वरकमलपइट्ठाणा तहेव सव्वरयणामया जाव पडिरूवा समणाउसो ! ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो भिंगारगा पण्णत्ता वरकमलपइ-- ट्ठाणा जाव सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा महया महया मत्तगयमुहागिइस Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ सीहासणवण्णओ] सुत्तागमे १७९ माणा पण्णत्ता समणाउसो! ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो आयंसगा पण्णत्ता, तेसि णं आयंसगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-तवणिजमया पगंठगा वेरुलियमया छरुहा (थंभया ) वइरामया वरंगा णाणामणिमया वलक्खा अंकमया मंडला अणोघसियनिम्मलासाए छायाए सव्वओ चेव समणुबद्धा चंदमंडलपडिणिगासा महया महया अद्धकायसमाणा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो वइरणामा थाला पण्णत्ता, ते णं थाला अच्छतिच्छडियसालितंदुलनहसंदट्ठबहुपडिपुण्णा चेव चिट्ठति सव्वजंबूणयामया अच्छा जाव पडिरूवा महया मया रहचकसमाणा प० समणाउसो!॥ तेसिणं तोरणाणं पुरओ दो दो पाईओ पण्णत्ताओ, ताओ णं पाईओ अच्छोदयपडिहत्थाओ णाणाविहपंचवण्णस्स फलहरियगस्स बहुपडिपुण्णाओ विव चिट्ठति सव्वरयणामईओ जाव पडिरूवाओ महया महया गोकलिंजगचक्कसमाणाओ पण्णत्ताओ समणाउसो! ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो सुपइट्ठगा पण्णत्ता, ते णं सुपइट्ठगा णाणाविहपंचवण्णपसाहणगभंडविरइया सव्वोसहिपडिपुण्णा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो मणोगुलियाओ पण्णत्ताओ ॥ तासु णं मणोगुलियासु बहवे सुवण्णरुप्पामया फलगा पण्णत्ता, तेसु णं सुवण्णरुप्पामएसु फलएसु बहवे वइरामया णागदंतगा मुत्ताजालंतरूसिया हेम जाव गयदंतसमाणा पण्णत्ता, तेसु णं वइरामएसु णागदंतएसु बहवे रययामया सिकया पण्णत्ता, तेसु णं रययामएसु सिक्कएसु बहवे वायकरगा पण्णत्ता ॥ ते णं वायकरगा किण्हसुत्तसिक्कगवत्थिया जाव सुकिलसुत्तसिक्कगवत्थिया सव्वे वेरुलियामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चित्ता रयणकरंडगा पण्णत्ता, से जहाणामए-रण्णो चाउरंतचक्कवहिस्स चित्ते रयणकरंडे वेरुलियमणिफालियपडलपच्चोयडे साए पभाए ते पएसे सव्वओ समंता ओभासइ उज्जोवेइ तावेइ पभासेइ, एवामेव ते चित्तरयणकरडगा पण्णत्ता वेरुलियपडलपच्चोयडा साए पभाए ते पएसे सव्वओ समंता ओभासेन्ति जाव पभासेन्ति ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो हयकंठगा जाव दो दो उसभकंठगा पण्णत्ता सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसु णं हयकंठएसु जाव उसभकंठएसु दो दो पुप्फचंगेरीओ, एवं मल्लगंधवण्णचुण्णवत्थाभरणचंगेरीओ. सिद्धत्थचंगेरीओ सव्वरयणामईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ॥ तासु णं पुप्फचंगेरीसु जाव सिद्धत्थचंगेरीसु दो दो पुप्फपडलाई जाव सि० सव्वरयणामयाइं जाव पडिरूवाइं ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो सीहासणाई पण्णत्ताई, तेसि णं सीहासणाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते तहेव जाव पासाईया Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे ४॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो रुप्पछदाछत्ता पण्णत्ता, ते णं छत्ता वेरुलियभिसंतविमलदंडा जंबूणयकन्नियावइरसंधी मुत्ताजालपरिगया अट्ठसहस्सवरकंचणसलागा दद्दरमलयसुगंधी सव्वोउयसुरभिसीयलच्छाया मंगलभत्तिचित्ता चंदागारोवमा वट्टा ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो चामराओ पण्णत्ताओ, ताओ णं चामराओ (चन्दप्पभवइरवेरुलियणाणामणिरयणखचियदंडा) गाणामणिकणगरयणविमलमहरिहतवणिज्जुज्जलविचित्तदंडाओ चिल्लियाओ संखंककुंददगरयअमयमहियफेणपुंजसण्णिगासाओ सुहुमरययदीहवालाओ सव्वरयणामयाओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ॥ तेसि णं तोरणाणं पुरओ दो दो तिल्लसमुग्गा कोठसमुग्गा पत्तसमुग्गा चोयसमुग्गा तगरसमुग्गा एलासमुग्गा हरियालसमुग्गा हिंगुलुयसमुग्गा मणोसिलासमुग्गा अंजणसमुग्गा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ १३१ ॥ विजए णं दारे अट्ठसयं चक्कज्झयाणं अट्ठसयं मिगज्झयाणं अट्ठसयं गरुडज्झयाणं अट्ठसयं जुगज्झयाणं (अट्ठसयं रुरुयज्झयाणं) अट्ठसयं छत्तज्झयाणं अट्ठसयं पिच्छज्झयाणं अट्ठसयं सउणिज्झयाणं अट्ठसयं सीहज्झयाणं अट्ठसयं उसभज्झयाणं अट्ठसयं सेयाणं चउविसाणाणं णागवरकेऊणं एवामेव सपुव्वावरेणं विजयदारे आसीयं केउसहस्सं भवइत्ति मक्खायं ॥ विजए णं दारे णव भोमा पण्णत्ता, तेसि णं भोमाणं अंतो बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा पण्णत्ता जाव मणीणं फासो, तेसि णं भोमाणं उप्पि उल्लोया पउमलया जाव सामलयाभत्तिचित्ता जाव सव्वतवणिजमया अच्छा जाव पडिरूवा, तेसि णं भोमाणं बहुमज्झदेसभाए जे से पंचमे भोम्मे तस्स णं भोमस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महं सीहासणे पण्णत्ते, सीहासणवण्णओ विजयदूसे जाव अंकुसे जाव दामा चिटुंति, तस्स णं सीहासणस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स चउण्हं सामाणियसहस्साणं चत्तारि भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तस्स णं सीहासणस्स पुरच्छिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स चउण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं चत्तारि भद्दासणा पण्णत्ता, तस्स णं सीहासणस्स दाहिणपुरत्थिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स अभितरियाए परिसाए अट्ठण्हं देवसाहस्सीणं अट्ठ भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तस्स णं सीहासणस्स दाहिणेणं विजयस्स देवस्स मज्झिमियाए परिसाए दसण्डं देवसाहस्सीणं दस भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तस्स णं सीहासणस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स बाहिरियाए परिसाए बारसण्हं देवसाहस्सीणं बारस भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ॥ तस्स णं सीहासणस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स सत्तण्हं अणियाहिवईणं सत्त भद्दासणा पण्णत्ता, तस्स णं सीहासणस्स पुरत्थिमेणं दाहिणेणं पञ्चत्थिमेणं Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३ वि० रा० बाहदारसंखा] सुत्तागमे उत्तरेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीणं सोलस भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुरत्थिमेणं चत्तारि साहस्सीओ, एवं चउसुवि जाव उत्तरेणं चत्तारि साहस्सीओ, अवसेसेसु भोमेसु पत्तेयं पत्तेयं भद्दासणा पण्णत्ता॥१३२॥ विजयस्स णं दारस्स उवरिमागारा सोलसविहेहिं रयणेहिं उवसोभिया, तंजहारयणेहिं वयरेहिं वेरुलिएहिं जाव रिटेहिं ॥ विजयस्स णं दारस्स उप्पिं बहवे अट्ठमंगलगा पण्णत्ता, तंजहा-सोत्थियसिरिवच्छ जाव दप्पणा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । विजयस्स णं दारस्स उप्पिं बहवे कण्हचामरज्झया जाव सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । विजयस्स णं दारस्स उप्पिं बहवे छत्ताइच्छत्ता तहेव ॥ १३३ ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-विजए दारे २ ? गोयमा ! विजए णं दारे विजए णामं देवे महिड्डिए महज्जुइए जाव महाणुभावे पलिओवमटिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चउण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं विजयस्स णं दारस्स विजयाए रायहाणीए अण्णेसिं च बहूणं विजयाए रायहाणीए वत्थव्वगाणं देवाणं देवीण य आहेवच्चं जाव दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-विजए दारे विजए दारे, अदुत्तरं च णं गोयमा ! विजयस्स णं दारस्स सासए णामधेजे पण्णत्ते जण्ण कयाइ णासी ण कयाइ णत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ जाव अवट्ठिए णिच्चे विजए दारे ॥ १३४ ॥ कहि णं भंते ! विजयस्स देवस्स विजया णाम रायहाणी पण्णत्ता ? गोयमा ! विजयस्स णं दारस्स पुरत्थिमेणं तिरियमसंखेजे दीवसमुद्दे वीइवइत्ता अण्णंमि जंबुद्दीवे दीवे बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं विजयस्स देवस्स विजया णाम रायहाणी प० बारस जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं सत्ततीसजोयणसहस्साइं नव य अडयाले जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं प० ॥ सा णं एगेणं पागारेणं सध्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ से णं पागारे सत्ततीसं जोयणाइं अद्धजोयणं च उर्दू उच्चत्तणं मूले अद्धतेरस जोयणाई विक्खंभेणं मज्झेत्थ सक्कोसाइं छजोयणाई विक्खंभेणं उप्पिं तिण्णि सद्धकोसाइं जोयणाई विक्खंभेणं मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पि तणुए बाहिं वट्टे अंतो चउरंसे गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वकणगामए अच्छे जाव पडिरूवे ॥ से णं पागारे णाणाविहपंचवण्णेहिं कविसीसएहिं उवसोभिए, तंजहा—किण्हेहिं जाव सुकिल्लेहिं ॥ ते णं कविसीसगा अद्धकोसं आयामेणं पंचधणुसयाई विक्खंभेणं देसूणमद्धकोसं उर्दू उच्चत्तेणं सव्वमणिमया अच्छा जाव पन्डिरूवा ॥ विजयाए णं रायहाणीए एगमेगाए बाहाए पणवीसं पणवीसं Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८२ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे .दारसयं भवतीति मक्खायं ॥ ते णं दारा बावडिं जोयणाई अद्धजोयणं च उडूं उच्चत्तेणं एकतीसं जोयणाई कोसं च विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा ईहामिय० तहेव जहा विजए दारे जाव तवणिजवालुयपत्थडा सुहफासा सस्सि(म)रीया सुरूवा पासाईया ४ । तेसि णं दाराणं उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो चंदणकलसपरिवाडीओ पण्णत्ताओ तहेव भाणियव्वं जाव वणमालाओ ॥ तेसि णं दाराणं उभओ पासिं दुहओ णिसीहियाए दो दो पगंठगा पण्णत्ता, ते णं पगंठगा एकतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खंभेणं पन्नरस जोयणाई अड्डाइजे कोसे बाहल्लेणं पण्णत्ता सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं पगंठगाणं उप्पिं पत्तेयं २ पासायवडिंसगा पण्णत्ता ॥ ते णं पासायवडिंसगा एकतीसं जोयणाई कोसं च उड्डूं उच्चत्तेणं पन्नरस जोयणाई अड्डाइज्जे य कोसे आयामविक्खंभेणं सेसं तं चेव जाव समुग्गया णवरं बहुवयणं भाणियव्वं । विजयाए णं रायहाणीए एगमेगे दारे अट्ठसयं चक्कज्झयाणं जाव अट्ठसयं सेयाणं चउविसाणाणं णागवरकेऊणं, एवामेव सपुवावरेणं विजयाए रायहाणीए एगमेगे दारे आसीयं २ केउसहस्सं भवतीति मक्खायं । विजयाए. णं रायहाणीए एगमेगे दारे (तेसि णं दाराणं पुरओ) सत्तरस भोमा पण्णत्ता, तेसि णं भोमाणं (भूमिभागा) उल्लोया (य) पउमलया भत्तिचित्ता ॥ तेसि णं भोमाणं बहुमज्झदेसभाए जे ते नवमनवमा भोमा तेसि णं भोमाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं २ सीहासणा पण्णत्ता, सीहासणवण्णओ जाव दामा जहा हेट्ठा, एत्थ णं अवसेसेसु भोमेसु पत्तेयं पत्तेयं भद्दासणा पण्णत्ता। तेसि णं दाराणं उत्तिमंगा( उवरिमा)गारा सोलसविहेहिं रयणेहिं उवसोहिया तं चेव जाव छत्ताइछत्ता, एवामेव पुव्वावरेण विजयाए रायहाणीए पंच दारसया भवंतीति मक्खाया ॥ १३५॥ विजयाए णं रायहाणीए चउद्दिसिं पंचजोयणसयाइं अबाहाए एत्थ णं चत्तारि वणसंडा पण्णत्ता, तंजहा–असोगवणे सत्तवण्णवणे चंपगवणे चूयवणे, पुरथिमेणं असोगवणे दाहिणेणं सत्तवण्णवणे पच्चत्थिमेणं चंपगवणे उत्तरेणं चूयवणे ॥ ते णं वणसंडा साइरेगाइं दुवालस जोयणसहस्साइं आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं पण्णत्ता पत्तयं पत्तेयं पागारपरिक्खित्ता किण्हा किण्होभासा वणसंडवण्णओ भाणियव्वो जाव बहवे वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुयति रमंति ललंति कीलंति मोहंति पुरापोराणाणं सुचिण्णाणं सुपरिकंताणं सुभाणं कम्माणं कडाणं कल्लाणं फलवित्तिविसेसं पञ्चणुभवमाणा विहरंति ॥ तेसि णं वणसंडाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं पासायवडिंसगा पण्णत्ता, ते णं पासायवडिंसगा Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ पासायवडिंसगा] सुत्तागमे १८३ बावलुि जोयणाइं अद्धजोयणं च उढे उच्चत्तेणं एकतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसिया तहेव जाव अंतो बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा पण्णत्ता उलोया पउमभत्तिचित्ता भाणियव्वा, तेसि णं पासायवडिंसगाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं सीहासणा पण्णत्ता वण्णावासो सपरिवारा, तेसि णं पासायवडिंसगाणं उप्पि बहवे अट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमहिइया परिवसंति, तंजहा–असोए सत्तवण्णे चंपए चूए ॥ तत्थ णं ते साणं साणं वणसंडाणं साणं साणं पासायवडिंसयाणं साणं साणं सामाणियाणं साणं साणं अग्गमहिसीणं साणं साणं परिसाणं साणं साणं आयरक्खदेवाणं आहेवच्चं जाव विहरन्ति ॥ विजयाए णं रायहाणीए अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव पंचवण्णेहिं मणीहिं उवसोहिए तणसद्दविहूणे जाव देवा य देवीओ य आसयंति जाव विहरंति । तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महं उवयारियालयणे पण्णत्ते वारस जोयणसयाई आयामविक्खंभेणं तिन्नि जोयणसहस्साइं सत्त य पंचाणउए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं अद्धकोसं बाहल्लेणं सव्वजंबूणयामएणं अच्छे जाव पडिस्वे ॥ से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते पउमवरवेइयाए वण्णओ वणसंडवण्णओ जाव विहरंति, से णं वणसंडे देसूणाई दो जोयणाई चक्कवालविक्खंभेणं उवयारियालयणसमपरिक्खेवणं ॥ तस्स णं उवयारियालयणस्स चउद्दिसिं चत्तारि 'तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता, वण्णओ, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं तोरणा पण्णत्ता छत्ताइछत्ता ॥ तस्स णं उवयारियालयणस्स उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीहिं उवसोभिए मणिवण्णओ, गंधो, फासो, तस्स गं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महं मूलपासायवडिंसए पण्णत्ते, से णं पासायवडिंसए बावढेि जोयणाइं अद्धजोयणं च उढे उच्चत्तेणं एकतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियप्पहसिए तहेव, तस्स णं पासायवडिंसगस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणिफासे उल्लोए ॥ तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं एगा महं मणिपेढिया पन्नत्ता, सा य एगं जोयणमायामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उवरिं एगे महं सीहासणे पन्नत्ते, एवं सीहासणवण्णओ सपरिवारो, तस्स णं पासायवडिंसगस्स उप्पिं बहवे अट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ से णं पासायवडिसए अण्णेहिं चउहिं तदद्भुच्चत्तप्पमाणमेत्तेहिं पासायवडिसएहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, ते णं पासायवडिंसगा Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे एकतीसं जोयणाई कोसं च उड्ढे उच्चत्तेणं अद्धसोलसजोयणाइं अद्धकोसं च आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गय० तहेव, तेसि णं पासायवडिंसयाणं अंतो बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा उल्लोया ॥ तेसि णं बहुसमरमणिज्जाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं सीहासणं पण्णत्तं, वण्णओ, तेसिं परिवारभूया बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं २ भद्दासणा पण्णत्ता, तेसि णं अट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ ते णं पासायवडिंसगा अण्णेहिं चउहिं चउहिं तदद्भुच्चत्तप्पमाणमेत्तेहिं पासायवडेंसएहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ ते णं पासायवडेंसगा अद्धसोलसजोयणाइं अद्धकोसं च उर्दू उच्चत्तेणं देसूणाई अट्ट जोयणाई आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गय० तहेव, तेसि णं पासायवडेंसगाणं अंतो बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा उल्लोया, तेसि णं बहुसमरमणिज्जाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं पउमासणा पन्नत्ता, तेसि णं पासायाणं अट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ ते णं पासायवडेंसगा अण्णेहिं चउहिं तदद्धचत्तप्पमाणमेत्तेहिं पासायवडेंसएहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ ते णं पासायवडेंसगा देसूणाई अट्ठ जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं देसूणाइं चत्तारि जोयणाइं आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गय ० भूमिभागा उल्लोया भद्दासणाइं उवरिं मंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ १३६ ॥ तस्स णं मूलपासायवडेंसगस्स उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स सभा सुहम्मा पण्णत्ता अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं छ सक्कोसाइं जोयणाइं विक्खंभेणं णव जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं, अणेगखंभसयसंनिविट्ठा अब्भुग्गयसुकयवइरवेइया तोरणवररइयसालभंजिया सुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थवेरुलियविमलखंभा णाणामणिकणगरयणखइयउज्जलबहुसमसुविभत्तचित्त(णिचिय)रमणिज्जकुटिमतलाईहामियउसभतुरगणरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ता थंभुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामा विजाहरजमलजुयलजंतजुत्ताविव अच्चिसहस्समालणीया रूवगसहस्सकलिया भिसमाणी भिब्भिसमाणी चक्खुल्लोयणलेसा सुहफासा सस्सिरीयरूवा कंचणमणिरयणथूभियागा नाणाविहपंचवण्णघंटापडागपरिमंडियग्गसिहरा धवला मिरीइकवयं विणिम्मुयंती लाउल्लोइयमहिया गोसीससरसरत्तचंदणददरदिन्नपंचंगुलितला उवचियचंदणकलसा चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागा आसत्तोसत्तविउलवटेवग्धारियमल्लदामकलावा पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिया कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवमघमघेतगंधुद्धयाभिरामा सुगंधवरगंधिया गंधवट्टिभूया अच्छरगणसंघसंविकिण्णा दिव्वतुडियमहुरसद्दसंपणाइया सुरम्मा सव्वरयणामई अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं सुहम्माए सभाए तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता तंजहा पुरत्थिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं ॥ ते णं दारा पत्तेयं पत्तेयं दो दो जोयणाई Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ नागदंतगा] सुत्तागमे १८५ उड्डे उच्चत्तेणं एग जोयणं विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालादारवन्नओ ॥ तेसि णं दाराणं पुरओ मुहमंडवा पण्णत्ता, ते णं मुहमंडवा अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं छजोयणाई सक्कोसाइं विक्खंभेणं साइरेगाई दो जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं मुहमंडवा अणेगखंभसयसंनिविट्ठा जाव उल्लोया भूमिभागवण्णओ ॥ तेसि णं मुहमंडवाणं उवरिं पत्तेयं पत्तेयं अट्ठट्ठ मंगला पण्णत्ता सोत्थिय जाव मच्छ० ॥ तेसि णं मुहमंडवाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं पेच्छाघरमंडवा पण्णत्ता, ते णं पेच्छाघरमंडवा अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं जाव दो जोयणाई उड़े उच्चत्तेणं जाव मणिफासो ॥ तेसि णं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तेयं वइरामयअक्खाडगा पण्णत्ता, तेसि णं वइरामयाणं अक्खाडगाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं २ मणिपीढिया पण्णत्ता, ताओ णं मणिपीढियाओ जोयणमेगं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ ॥ तासि णं मणिपीढियाणं उप्पिं पत्तेयं पत्तेयं सीहासणा पण्णत्ता, सीहासणवण्णओ जाव दामा परिवारो। तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं उप्पि अट्ठट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं पुरओ तिदिसिं तओ मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ ॥ तासि णं मणिपेढियाणं उप्पि पत्तेयं पत्तेयं महिंदज्झया अट्ठमाइं जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं अद्धकोसं उव्वेहेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं वइरामयवट्टलट्ठसंठियसुसिलिट्ठपरिघट्टमट्ठसुपइट्ठिया विसिट्ठा अणेगवरपंचवण्णकुडभीसहस्सपरिमंडियाभिरामा वाउछुयविजयवेजयंतीपडागा छत्ताइछत्तकलिया तुंगा गयणयलमभिलंघमाणसिहरा पासाईया जाव पडिरूवा ॥ तेसि णं महिंदज्झयाणं उप्पिं अट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ तेसि णं महिंदज्झयाणं पुरओ तिदिसिं तओ गंदाओ पुक्खरिणीओ प० ताओ णं पुक्खरिणीओ अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं सक्कोसाई छ जोयणाई विक्खंभेणं दसजोयणाइं उव्वेहेणं अच्छाओ सहाओ पुक्खरिणीवण्णओ पत्तेयं पत्तेयं परमवरवेइयापरिक्खित्ताओ पत्तेयं पत्तेयं वणसंडपरिक्खित्ताओ वण्णओ जाव पडिरूवाओ ॥ तेसि णं पुक्खरिणीणं पत्तेयं २ तिदिसिं तिसोवाणपडिरूवगा प०, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं वण्णओ, तोरणा भाणियव्वा जाव छत्ताइच्छत्ता। सभाए णं सुहम्माए छ मणोगुलियासाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तंजहा–पुरस्थिमेणं दो साहस्सीओ पञ्चत्थिमेणं दो साहस्सीओ दाहिणेणं एगसाहस्सी उत्तरेणं एगा साहस्सी, तासु णं मणोगुलियासु बहवे सुवण्णरुप्पामया फलगा पण्णत्ता, तेसु णं सुवण्णरुप्पामएसु फलगेसु बहवे वइरामया णागदंतगा पण्णत्ता, तेसु णं वइरामएसु नागदंतएसु. Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८६ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे बहवे किण्हसुत्तववग्धारियमल्लदामकलावा जाव सुक्किलसुत्तववग्घारियमल्लदामकलावा, ते णं दामा तवणिज्जलंबूसगा जाव चिट्ठति ॥ सभाए णं सुहम्माए छगोमाणसीसाहस्सीओ पण्णत्ताओ तंजहा—पुरस्थिमेणं दो साहस्सीओ, एवं पञ्चत्थिमेणवि दाहिणेणं सहस्सं एवं उत्तरेणवि, तासु णं गोमाणसीसु बहवे सुवण्णरुप्पमया फलगा प० जाव तेसु णं वइरामएसु नागदंतएसु बहवे रययामया सिक्कया पण्णत्ता, तेसु णं रययामएसु सिक्कएसु ब० वेरुलियामईओ धूवघडियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं धूवघडियाओ कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक जाव घाणमणणिव्वुइकरेणं गंधेणं सव्वओ समंता आपूरेमाणीओ चिट्ठति । सभाए णं सुहम्माए अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीणं फासो उल्लोया पउमलयभत्तिचित्ता जाव सव्वतवणिज्जमए अच्छे जाव पडिस्वे ॥ १३७ ॥ तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगा महामणिपेढिया प०, सा णं मणिपेढिया दो जोयणाइं आयामविक्खंभेणं जोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्थ णं एगे महं सीहासणे पण्णत्ते, सीहासणवण्णओ ॥ तीसे णं विदिसाए एत्थं णं एगा महं मणिपेढिया प० जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्थ णं एगे महं देवसयणिज्जे पण्णत्ते, तस्स णं देवसयणिज्जस्स अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहानाणामणिमया पडिपाया सोवण्णिया पाया नाणामणिमया पायसीसा जंवूणयमयाई गत्ताई वइरामया संधी णाणामणिमए चिच्चे रययामया तूली लोहियक्खमया बिब्बोयणा तवणिजमई गंडोवहाणिया, से णं देवसयणिजे उभओ बिब्बोयणे दुहओ उण्णए मज्झेणयगंभीरे सालिंगणवट्टिए गंगापुलिणवालुउद्दालसालिसए ओयवियक्खोमदुगुल्लपट्टपडिच्छायणे सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे आईणगरूयबूरणवणीयतूलफासमउए पासाईए ४ ॥ तस्स णं देवसयणिज्जस्स उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं महई एगा मणिपीढिया पण्णत्ता जोयणमेगं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं मणिपीढियाए उप्पिं एगे महं खुड्डए महिंदज्झए पण्णत्ते अट्ठमाइं जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं अद्धकोसं उव्वेहेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं वइरामयवट्टलट्ठसंठिए तहेव जाव मंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ तस्स णं खुड्डमहिंदज्झयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं विजयस्स देवस्स चुप्पालए नाम पहरणकोसे पण्णत्ते ॥ तत्थ णं विजयस्स देवस्स फलिहरयणपामोक्खा बहवे पहरणरयणा संनिक्खित्ता चिटुंति, उजलसुणिसियसुतिक्खधारा पासाईया ४ ॥ तीसे णं सभाए सुहम्माए उप्पि बहवे अट्ठमंगलगा झया छत्ताइछत्ता ॥ १३८ ॥ Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०३ नंदापुक्खरिणी] सुत्तागमे सभाए णं सुहम्माए उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं एगा महं उववायसभा पण्णत्ता जहा सुहम्मा तहेव जाव गोमाणसीओ उववायसभाएवि दारा मुहमंडवा सव्वं भूमिभागे तहेव जाव मणिफासो (सुहम्मासभावत्तव्वया भाणियव्वा जाव भूमीए फासो) ॥ तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगा महं मणिपेढिया पण्णत्ता जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा जाव पडिरूवा, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्थ णं एगे महं देवसयणिज्जे पण्णत्ते, तस्स णं देवसयणिज्जस्स वण्णओ. उववायसभाए णं उप्पिं अट्ठमगलगा झया छत्ताइछत्ता जाव उत्तिमागारा, तीसे णं उववायसभाए उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थ णं एगे महं हरए पण्णत्ते, से णं हरए अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं छकोसाइं जोयणाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेडेणं अच्छे सण्हे वण्णओ जहेव गंदाणं पक्खरिणीणं जाव तोरणवण्णओ तम्स हरयम्स उत्तरपुत्थिमण एत्थ ण एगा महं अभिसेयसभा पण्णत्ता जहा सभासुहम्मा तं चेव निरवसेसं जाव गोमाणसीओ भूमिभाए उल्लोए तहेव ॥ तस्स णं बहसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगा महं मणिपेढिया पण्णत्ता जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमया अच्छा० ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्थ णं महं एगे सीहासणे पण्णत्ते, सीहासणवण्णओ अपरिवारो ॥ तत्थ णं विजयस्स देवस्स सुबहु आभिसेके भंडे संणिक्खित्ते चिट्ठइ, अभिसेयसभाए उप्पि अट्ठट्ठमंगलगा जाव उत्तिमागारा सोलसविहेहिं रयणेहिं उवसोभिया, तीसे णं अभिसेयसभाए उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं एगा महं अलंकारियसभा पण्णत्ता अभिसेयसभावत्तव्वया भाणियव्वा जाव गोमाणसीओ मणिपेढियाओ जहा अभिसेयसभाए उप्प साहासण (स)अपरिवारं ॥ तत्थ णं विजयस्स देवस्स सुबह अलंकारिए भंडे सनिक्खित्ते चिठ्ठइ, अलंकारिय० उप्पिं मंगलगा झया जाव (छत्ताइछत्ता) उत्तिमागारा ॥ तीसे ण अलकारियसहाए उत्तरपुरस्थिमेणं एत्थ णं एगा महं ववसायसभा पण्णत्ता, अभिसेयसभावत्तव्वया जाव सीहासणं अपरिवारं ॥ तपोस्थ णं विजयस्स देवस्स एगे महं पोत्थयरयणे संनिक्खित्ते चिइ, तस्स णं पोत्थयरयणस्स अयमेयारवे वण्णावासे पन्नत्ते, तंजहा--रिट्ठामईओ कंबियाओ रिययामयाई पत्तगाई] तवणिजमए दोर णाणामणिमए गंठी (अंकमयाइं पत्ताई) वेरुलियमए लिप्पासणे तवणिजमई संकला रिटामए छायणे रिटामया मसी वइरामई लेहणी रिटामयाइं अक्खराइं धम्मिए सत्थे ववसायसभाए णं उप्पिं अट्रमंगलगा झया छत्ताइछत्ता उत्तिमागारात । तीसे णं ववसायसभाए उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थ णं एगा महं णंदापुक्खरिणी Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे पण्णत्ता जं चेव पमाणं हरयस्स तं चेव सव्वं ॥ १३९-१४० ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं विजए देवे विजयाए रायहाणीए उववायसभाए देवसयणिजंसि देवदूसंतरिए अंगुलस्स असंखेजइभागमेत्तीए बोंदीए विजयदेवत्ताए उववण्णे ॥ तए णं से विजए देवे अहुणोववण्णमेत्तए चेव समाणे पंचविहाए पजत्तीए पजत्तीभावं गच्छइ, तंजहा-आहारपजत्तीए सरीरपजत्तीए इंदियपजत्तीए आणापाणुपज्जत्तीए भासामणपजत्तीए ॥ तए णं से विजए देवे देवसयणिज्जाओ अब्भुट्टेइ २ त्ता दिव्वं देवदूसजुयलं परिहेइ २ ता देवसयणिज्जाओ पञ्चोरुहइ २ त्ता उववायसभाओ पुरस्थिमेणं दारेणं णिग्गच्छइ २ त्ता जेणेव हरए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता हरयं अणुपयाहिणं करेमाणे करेमाणे पुरत्थिमेणं तोरणेणं अणुप्पविसइ २ त्ता पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पञ्चोरुहइ २ त्ता हरयं ओगाहइ २ त्ता जलावगाहणं करेइ २ त्ता जलमजणं करेइ २ त्ता जलकिडे करेइ २ त्ता आयंते चोक्खे परमसुइभूए हरयाओ पञ्चुत्तरइ २ त्ता जेणामेव अभिसेयसभा तेणामेव उवागच्छइ २ त्ता अभिसेयसभं अणुपयाहिणं करेमाणे पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ २ त्ता जेणेव सए सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरच्छाभिमुहे सण्णिसण्णे ॥ तए णं तस्स विजयस्स देवस्स सामाणियपरिसोववण्णगा देवा आमिओगिए देवे सद्दावेंति २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! विजयस्स देवस्स महत्थं महग्धं महरिहं विउलं इंदाभिसेयं उवट्ठावेह ॥ तए णं ते आभिओगिया देवा सामाणियपरिसोववण्णेहिं एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव हियया करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं देवा तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति २ त्ता उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवकमंति २ त्ता वेउन्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ ता संखेज्जाई जोयणाई दंडं णिसरंति तं०-रयणाणं जाव रिट्ठाणं, अहाबायरे पोग्गले परिसाउंति २ त्ता अहासुहुमे पोग्गले परियायंति २ त्ता दोच्चंपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ त्ता अट्ठसहस्सं सोवणियाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं रुप्पामयाणं कलसाणं अट्ठसहस्सं मणिमयाणं अट्ठसहस्सं सुवण्णरुप्पामयाणं अट्ठसहस्सं सुवण्णमणिमयाणं अट्ठसहस्सं रुप्पामणिमयाणं अट्ठसहस्सं भोमेजाणं अट्ठसहस्सं भिंगारगाणं एवं आयंसगाणं थालाणं पाईणं सुपइट्ठगाणं चित्ताणं रयणकरंडगाणं अट्ठसयं सीहासणाणं छत्ताणं चामराणं अवपडगाणं बट्टगाणं तवसिप्पाणं खोरगाणं पीणगाणं तेल्लसमुग्गयाणं विउव्वंति ते साभाविए विउव्विए य कलसे य जाव तेल्लसमुग्गए य गेहंति गेण्हित्ता विजयाओ रायहाणीओ पडिनिक्खमंति २ ता ताए उक्किट्ठाए जाव उद्धृयाए दिव्वाए देवगईए तिरियमसंखे Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ विजयदेवाभिसेओ] सुत्तागमे १८९ जाणं दीवसमुद्दाणं मझंमज्झेणं वीईवयमाणा २ जेणेव खीरोए समुद्दे तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता खीरोदगं गिव्हंति गिण्हित्ता जाई तत्थ उप्पलाई जाव सयसहस्सपत्ताई ताई गिण्हंति २ त्ता जेणेव पुक्खरोदे समुद्दे तेणेव उवागच्छंति २ ता पुक्खरोदगं गेण्हंति पुक्खरोदगं गिण्हित्ता जाइं तत्थ उप्पलाई जाव सयसहस्सपत्ताई ताई गिण्हंति २ ता जेणेव समयखेत्ते जेणेव भरहेरवयाई वासाई जेणेव मागहवरदामपभासाइं तित्थाई तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता तित्थोदगं गिण्हंति २ त्ता तित्थमट्टियं गेण्हंति २ त्ता जेणेव गंगासिंधुरत्तारत्तवईसलिला तेणेव उवागच्छंति २ ता सरिओदगं गेण्हंति २ ता उभओ तडमट्टियं गेहंति गेण्हित्ता जेणेव चुल्लहिमवंतसिहरिवासहरपव्वया तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सव्वतूवरे य सव्वपुप्फे य सव्वगंधे य सव्वमल्ले य सव्वोसहिसिद्धत्थए य गिण्हंति सव्वोसहिसिद्धत्थए गिण्हित्ता जेणेव पउमद्दहपुंडरीयदहा तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता दहोदगं गेण्हंति २ त्ता जाइं तत्थ उप्पलाइं जाव सयसहस्सपत्ताई ताइं गेण्हंति ताइं गिण्हित्ता जेणेव हेमवयहेरण्णवयाई वासाइं जेणेव रोहियरोहियंससुवण्णकूलरुप्पकूलाओ तेणेव उवागच्छंति २ त्ता सलिलोदगं गेण्हति २ ता उभओ तडमट्टियं गिण्हति गेण्हित्ता जेणेव सद्दावाइमालवंतपरियागा वट्टवेयड्डपव्वया तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सव्वतुवरे य जाव सव्वोसहिसिद्धस्थए य गेहंति सव्वोसहिसिद्धत्थए गेण्हित्ता जेणेव महाहिमवंतरुप्पिवासहरपव्वया तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सव्वपुप्फे तं चेव जेणेव महापउमद्दहमहापुंडरीयद्दहा तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता जाइं तत्थ उप्पलाइं तं चेव जेणेव हरिवासे रम्मावासेति जेणेव हरिकंतहरिसलिलाणरकंतणारिकताओ सलिलामे तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सलिलोदगं गेहंति सलिलोदगं गेण्हित्ता जेणेव वियडावइगंधावइवट्टवेयपव्वया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता सव्वपुप्फे य तं चेव जेणेव णिसहणीलवंतवासहरपव्वया तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सव्वतूवरे य तहेव जेणेव तिगिच्छिदहकेसरिदहा तेणेव उवागच्छंति २ त्ता जाइं तत्थ उप्पलाई तं चेव जेणेव पुव्वविदेहावरविदेहवासाइं जेणेव सीयासीओयाओ महाणईओ जहा णईओ जेणेव सव्वचक्कवट्टिविजया जेणेव सव्वमागहवरदामपभासाई तित्थाई तहेव जहेव जेणेव सव्ववक्खारपव्वया सव्वतुवरे य जेणेव सव्वंतरणईओ सलिलोदगं गेण्हंति २ त्ता तं चेव जेणेव मंदरे पव्वए जेणेव भद्दसालवणे तेणेव उवागच्छंति सव्वतुवरे य जाव सव्वोसहिसिद्धत्थए य गिण्हंति २ त्ता जेणेव णंदणवणे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता सव्वतुवरे जाव सव्वोसहिसिद्धत्थे य सरसं च गोसीसचंदणं Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १९० सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे गिण्हंति २ त्ता जेणेव सोमणसवणे तेणेव उवागच्छंति तेणेव उवागच्छित्ता सव्वतुवरे य जाव सव्वोसहिसिद्धत्थए य सरसगोसीसचंदणं दिव्वं च सुमणदामं गेहंति गेण्हित्ता जेणेव पंडगवणे तेणामेव समुवागच्छंति तेणेव समुवागच्छित्ता सव्वतूवरे जाव सव्वोसहिसिद्धत्थए य सरसं च गोसीसचंदणं दिव्वं च सुमणोदामं दद्दरयमलयसुगंधिए य गंधे गेण्हंति २ त्ता एगओ मिलंति २ त्ता जंबुद्दीवस्स पुरथिमिल्लेणं दारेणं णिग्गच्छंति पुरथिमिल्लेणं दारेणं निग्गच्छित्ता ताए उकिट्ठाए जाव दिव्वाए देवगईए तिरियमसंखेजाणं दीवसमुद्दाणं मझमझेणं वीइवयमाणा २ जेणेव विजया रायहाणी तेणेव उवागच्छंति २ त्ता विजयं रायहाणिं अणुप्पयाहिणं करेमाणा २ जेणेव अभिसेयसभा जेणेव विजए देवे तेणेव उवागच्छंति २त्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु जएण विजएणं वद्धावेंति विजयस्स देवस्स तं महत्थं महग्धं महरिहं विउलं अभिसेयं उवट्ठति ॥. तए णं तं विजयदेवं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ चत्तारि अग्गमहिसीओ सपरिवाराओ तिण्णि परिसाओ सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीओ अन्ने य बहवे विजयरायहाणिवत्थव्वगा वाणमंतरा देवा य देवीओ य तेहिं साभाविएहिं उत्तरवेउव्विएहि य वरकमलपइट्ठाणेहिं सुरभिवरवारिपडिपुण्णेहिं चंदणकयचच्चागेहिं आविद्धकंठेगुणेहिं पउमुप्पलपिहाणेहिं करयलसुकुमालकोमलपरिग्गहिएहिं अट्ठसहस्साणं सोवणियाणं कलसाणं रुप्पमयाणं जाव अट्ठसहस्साणं भोमेजाणं कलसाणं सव्वोदएहिं सव्वमटियाहिं सव्वतुवरेहिं सव्वपुप्फेहिं जाव सव्वोसहिसिद्धत्थएहिं सव्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं सव्वविभूईए सव्वविभूसाए . सव्वसंभमेणं सव्वोरोहेणं सव्वणाडएहिं सव्वपुप्फगंधमल्लालंकारविभूसाए सव्वदिव्वतुडियणिणाएणं महया इड्डीए महया जुईए महया बलेणं महया समुदएणं महया तुरियजमगसमगपडुप्पवाइयरवेणं संखपणवपडहभेरिझल्लरिखरमुहिमुरवमुयंगदुंदुहिहुडुक्कणिग्योससंणिणाइयरवेणं महया महया इंदाभिसेगेणं अभिसिंचंति ॥ तए णं तस्स विजयस्स देवस्स मया महया इंदाभिसेगंसि वट्टमाणंसि अप्पेगइया देवा णच्चोदगं णाइमटियं पविरलपप्फुसियं दिव्वं सुरभिं रयरेणुविणासणं गंधोदगवासं वासंति, अप्पेगइया देवा णिहयरयं णट्ठरयं भट्ठरयं पसंतरयं उवसंतरयं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं रायहाणं सब्भितरबाहिरियं आसियसम्मजिओवलित्तं सित्तसुइसम्मट्ठरत्यंतरावणवीहियं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं रायहाणिं मंचाइमंचकलियं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं रायहाणिं णाणाविहरागरंजियऊसियजयविजयवेजयन्तीपडागाइपडागमंडियं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं रायहाणिं लाउल्लोइयमहियं करेंति, Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पं०३ विजयदेवाभिसेओ] सुत्तागमे अप्पेगइया देवा विजयं रा० गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिण्णपंचंगुलितलं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं० उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं० आसत्तोसत्तविउलवड्वग्घारियमल्लदामकलावं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं रायहाणिं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं करेंति, अप्पेगइया देवा विजयं० कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुकधूवडज्झंतमघमघेतगंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवटिभूयं करंति, अप्पेगइया देवा हिरण्णवासं वासंति, अप्पेगइया देवा सुवण्णवासं वासंति, अप्पेगइया देवा एवं रयणवासं वइरवासं पुप्फवासं मल्लवासं गंधवासं चुण्णवासं वत्थवासं आहरणवासं, अप्पेगइया देवा हिरण्णविहिं भाइंति, एवं सुवण्णविहिं रयणविहिं वइरविहिं पुप्फविहिं मल्लविहिं चुण्णविहिं गंधविहिं वत्थविहिं आभरणविहिं भाइंति ॥ अप्पेगइया देवा दुयं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा विलंबियं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा दुयविलंबियं णाम णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा अंचियं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा रिभियं णट्टविहिं उवदंसेंति अ० अंचियरिभियं णाम दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा आरभडं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा भसोलं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा आरभडभसोलं णाम दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति अप्पेगइया देवा उप्पायणिवायपवुत्तं संकुचियपसारियं रियारियं भंतसंभंतं णाम दिव्वं णट्टविहिं उवदंसेंति, अप्पेगइया देवा चउव्विहं वाइयं वाएंति, तंजहा—ततं विततं घणं झुसिरं, अप्पेगइया देवा चउव्विहं गेयं गायंति, तंजहा-उक्खित्तयं पवत्तयं मंदायं रोइयावसाणं, अप्पेगइया देवा चउव्विहं अभिणयं अभिणयंति, तंजहा-दिलृतियं पाउंतियं सामन्तोवणिवाइयं लोगमज्झावसाणियं, अप्पेगइया देवा पीणंति, अप्पेगइया देवा वुक्कारेंति, अप्पेगइया देवा तंडवेंति, अप्पे० लासेंति, अप्पेगइया देवा पीणंति वुक्कारेंति तंडवेंति लासंति, अप्पेगइया देवा बुक्कारेंति, अप्पेगइया देवा अप्फोडंति, अपपेगइया देवा वग्गंति, अप्पेगइया देवा तिवई छिंदति, अप्पेगइया देवा अप्फोडेंति वग्गंति तिवइं छिंदेंति, अप्पेगइया देवा हयहेसियं करेंति, अप्पेगइया देवा हत्थिगुलगुलाइयं करेंति, अप्पेगइया देवा रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया देवा हयहेसियं करेंति हत्थिगुलगुलाइयं करेंति रहघणघणाइयं करेंति, अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति, अप्पेगइया देवा पच्छोलेंति, [अप्पेगइया देवा उक्किटिं करेंति ] अप्पेगइया देवा उकिट्ठीओ करेंति, अप्पेगइया देवा उच्छोलेंति पच्छोलिंति उकिट्ठीओ करेंति, अप्पेगइया देवा सीहणायं करेंति, अप्पेगइया देवा पायदद्दरयं करेंति, अप्पेगइया देवा भूमिचवेडं दलयंति, अप्पेगइया देवा सीहनायं पायदद्दरयं भूमिचवेडं Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे १९२ [जीवाजीवाभिगमे दलयंति, अप्पेगइया देवा हक्कारेंति, अप्पेगइया देवा वुक्कारेंति, अप्पेगइया देवा थक्कारेंति, अप्पे० पुकारेंति, अप्पेगइया देवा नामाइं सावेंति, अप्पेगइया देवा हक्कारेंति वुक्कारेंति थक्कारेंति पुकारेंति णामाइं सावेंति, अप्पेगइया देवा उप्पयंति, अप्पेगइया देवा णिवयंति, अप्पेगइया देवा परिवयंति, अप्पेगइया देवा उप्पयंति "णिवयंति परिवयंति, अप्पेगइया देवा जलेंति, अप्पेगइया देवा तवंति, अप्पेगइया देवा पतवंति, अप्पेगइया देवा जलंति तवंति पतवंति, अप्पेगइया देवा गजेति, अप्पेगइया देवा विजुयायंति, अप्पेगइया देवा वासंति, अप्पेगइया देवा गजति विजुयायंति वासंति, अप्पेगइया देवा देवसन्निवायं करेंति, अप्पेगइया देवा देवुक्कलियं करेंति, अप्पेगइया देवा देवकहकहं करेंति, अप्पेगइया देवा देवदुहदुहं करेंति, अप्पेगइया देवा देवसन्निवायं देवउक्कलियं देवकहकहं देवदुहदुहं करेंति, अप्पेगइया देवा देवुज्जोयं करेंति, अप्पेगइया देवा विजुयारं करेंति, अप्पेगइया देवा चेलुक्खेवं करेंति, अप्पेगइया देवा देवुजोयं विजुयारं चेलुक्खेवं करेंति, अप्पेगइया देवा उप्पलहत्थगया जाव सहस्सपत्त० घंटाहत्थगया कलसहत्थगया जाव तेल्लसमुग्गयहत्थगया हटतुट्ठ जाव हरिसवसविसप्पमाणहियया विजयाए रायहाणीए सवओ समंता आधाति परिधावेंति ॥ तए णं तं विजयं देवं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ चत्तारि अग्गमहिसीओ सपरिवाराओ जाव सोलसआयरक्खदेवसाहस्सीओ अण्णे य बहवे विजयरायहाणीवत्थव्वा वाणमंतरा देवा य देवीओ य तेहिं वरकमलपइट्ठाणेहिं जाव अट्ठसएणं सोवणियाणं कलसाणं तं चेव जाव अट्ठसएणं भोमेजाणं कलसाणं सव्वो दगेहिं सव्वमट्टियाहिं सव्वतुवरेहिं सव्वपुप्फेहिं जाव सव्वोसहिसिद्धत्थएहिं सव्विडीए जाव निग्घोसनाइयरवेणं महया २ इंदाभिसेएणं अभिसिंचंति २ त्ता पत्तेयं २ सिरसावत्तं अंजलिं कटु एवं वयासी-जय जय नंदा ! जय जय भद्दा ! जय जय नंद भई ते अजियं जिणेहि जियं पालयाहि अजियं जिणेहि सत्तुपक्खं जियं पालेहि मित्तपक्खं जियमज्झे वसाहि तं देव ! निरुवसग्गं इंदो इव देवाणं चंदो इव ताराणं चमरो इव असुराणं धरणो इव नागाणं भरहो इव मणुयाणं बहूणि पलिओवमाई बहूणि सागरोवमाणि बहूणि पलिओवमसागरोवमाणि चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव आयरक्खदेवसाहस्सीणं विजयस्स देवस्स विजयाए रायहाणीए अण्णेसिं च बहूणं विजयरायहाणिवत्थव्वाणं वाणमंतराणं देवाणं देवीण य आहेवच्चं जाव आणाईसरसेणावचं कारेमाणे पालेमाणे विहाराहित्तिकड महया २ सद्देणं जयजयसदं पउंजंति ॥ १४१॥ तएणं से विजए देवे महया २ इंदाभिसेएणं अभिसित्ते समाणे सीहासणाओ अब्भुढेइ सीहासणाओ अब्भुढेत्ता अभिसेयसभाओ पुरथिमेणं दारेणं.पडिनिक्खमइ २ त्ता Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ सुहम्मसहागमणं] सुत्तागमे जेणामेव अलंकारियसभा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अलंकारियसभं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे २ पुरत्थिमेणं दारेणं अणुपविसइ पुरथिमेणं दारेणं अणुपविसित्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे, तए णं तस्स विजयस्स देवस्स सामाणियपरिसोववण्णगा देवा आभिओगिए देवे सद्दावेंति २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! विजयस्स देवस्स आलंकारियं भंडं उवणेह, तए णं ते आलंकारियं भंडं जाव उवट्ठवेति ॥ तए णं से विजए देवे तप्पढमयाए पम्हलसूमालाए दिव्वाए सुरभीए गंधकासाईए गायाइं लूहेइ गायाई लूहेत्ता सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाइं अणुलिंपइ सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अणुलिंपेत्ता तओऽणंतरं च णं नासाणीसासवायवोझं चक्खुहरं वण्णफरिसजुत्तं हयलालापेलवाइरेगं धवलं कणगखइयंतकम्मं आगासफलिहसरिसप्पभं अहयं दिव्वं देवदूसजुयलं णियंसेइ णियंसेत्ता हारं पिणिद्धेइ हारं पिणिद्धत्ता अद्धहारं पिणद्धेइ अद्ध० एवं एगावलि पिणिधइ एगावलिं पिणिधेत्ता एवं एएणं अभिलावेणं मुत्तावलि कणगावलिं रयणावलिं कडगाइं तुडियाई अंगयाइं केऊराइं दसमुद्दियाणतगं कडिसुत्तगं वेयच्छिसुत्तगं मुरविं कंठमुरविं पालंब कुंडलाइं चूडामणिं चित्तरयणसंकडं मउडं पिणिधेइ पिणिधित्ता गंठिमवेढिमपूरिमसंघाइमेणं चउव्विहेणं मल्लेणं कप्परुक्खयंपिव अप्पाणं अलंकियविभूसियं करेइ कप्परुक्खयंपिव अप्पाणं अलंकियविभूसियं करेत्ता दद्दरमलयसुगंधगंधिएहिं गंधेहिं गायाइं सुक्किडइ २ त्ता दिव्वं सुमणदामं पिणिद्धइ ॥ तए णं से विजए देवे केसालंकारेणं वत्थालंकारेणं मल्लालंकारेणं आभरणालंकारेणं चउव्विहेणं अलंकारेणं अलंकियविभूसिए समाणे पडिपुण्णालंकारे सीहासणाओ अब्भुढेइ २ त्ता अलंकारियसभाओ पुरच्छिमिल्लेणं दारेणं पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव ववसायसभा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता ववसायसभं अणुप्पयाहिणं करेमाणे २ पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ २ ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे । तए णं तस्स विजयस्स देवस्स आभिओगिया देवा पोत्थयरयणं उवणेति ॥ तए णं से विजए देवे पोत्थयरयणं गेण्हइ २ ता पोत्थयरयणं मुयइ पोत्थयरयणं मुएत्ता पोत्थयरयणं विहाडेइ पोत्थयरयणं विहाडेत्ता पोत्थयरयणं वाइ पोत्थयरयणं वाएत्ता धम्मियं ववसायं पगेण्हइ धम्मियं ववसायं पगेण्हित्ता पोत्थयरयणं पडिणिक्खिवेइ २ त्ता सीहासणाओ अब्भुढेइ २ त्ता ववसायसभाओ पुरथिमिल्लेणं दारेणं पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव सभा सुहम्मा तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से विजए देवे चउहि सामाणियसाहस्सीहिं जाव सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं सव्विड्डीए जाव निग्घोसनाइय १३ सुत्ता Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १९४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे रवेणं जेणेव सभा सुहम्मा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सभं सुहम्मं पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसइ २ त्ता जेणेव मणिपेढिया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरच्छाभिमुहे सण्णिसण्णे ॥ १४२ ॥ तए णं तस्स विजयस्स देवस्स चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरच्छिमेणं पत्तेयं २ पुव्वणत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति । तए णं तस्स विजयस्स देवस्स चत्तारि अग्गमहिसीओ पुरत्थिमेणं पत्तेयं २ पुव्वणत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति । तए णं तस्स विजयस्स देवस्स दाहिणपुरस्थिमेणं अभितरियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पत्तेयं २ जाव णिसीयंति । एवं दक्खिणेणं मज्झिमियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ जाव णिसीयंति । दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ पत्तेयं २ जाव णिसीयंति । तए णं तस्स विजयस्स देवस्स पचत्थिमेणं सत्त अणियाहिवई पत्तेयं २ जाव णिसीयंति । तए णं तस्स विजयस्स देवस्स पुरत्थिमेणं दाहिणणं पच्चत्थिमेणं उत्तरेणं सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीओ पत्तेयं २ पुव्वणत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति, तंजहा-पुरत्थिमेणं चत्तारि साहस्सीओ जाव उत्तरेणं च० ॥ ते णं आयरक्खा सन्नद्धबद्धवम्मियकवया उप्पीलियसरासणपट्टिया पिणद्धगेवेजविमलवरचिंधपट्टा गहियाउहप्पहरणा तिणयाई तिसंधीणि वइरामया कोडीणि धणूई अभिगिज्झ परियाइयकंडकलावा णीलपाणिणो पीयपाणिणो रत्तपाणिणो चावपाणिणो चारुपाणिणो चम्मपाणिणो खग्गपाणिणो दंडपाणिणो पासपाणिणो णीलपीयरत्तचावचारुचम्मखग्गदंडपासवरधरा आयरक्खा रक्खोवगा गुत्ता गुत्तपालिया जुत्ता जुत्तपालिया पत्तेयं २ समयओ विणयओ किंकरभूयाविव चिट्ठति ॥ विजयस्स णं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गो० ! एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, विजयस्स णं भंते ! देवस्स सामाणियाणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, एवंमहिड्डिए एवंमहजुइए एवंमहब्बले एवंमहायसे एवंमहासुक्खे एवंमहाणुभागे विजए देवे २ ॥ १४३ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवस्स २ वेजयंते णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं पणयालीसं जोयणसहस्साई अबाहाए जंबुद्दीवदीवदाहिणपेरंते लवणसमुद्ददाहिणद्धस्स उत्तरेणं एत्थ णं जंबुद्दीवस्स २ वेजयंते णामं दारे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं सच्चेव सव्वा वत्तव्वया जाव णिच्चे । कहि णं भंते !० रायहाणी ? दाहिणेणं जाव वेजयंते देवे २ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवस्स २ जयंते णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं पणयालीसं जोयणसहस्साई जंबुद्दीवपचत्थिमपेरंते लवणसमुद्दपच्चत्थिमद्धस्स पुरच्छिमेणं सीओयाए महाणईए उप्पिं एत्थ णं Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३ उत्तरकुरामणुस्सा] सुत्तागमे १९५ जंबुद्दीवस्स दीवस्स जयंते णामं दारे पण्णत्ते, तं चेव से पमाणं जयंते देवे पचत्थिमेणं से रायहाणी जाव महिड्डिए० ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवस्स २ अपराइए णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं पणयालीसं जोयणसहस्साइं अबाहाए जंबुद्दीवे २ उत्तरपेरंते लवणसमुदस्स उत्तरद्धस्स दाहिणेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे २ अपराइए णामं दारे पण्णत्ते तं चेव पमाणं, रायहाणी उत्तरेणं जाव अपराइए देवे, चउण्हवि अण्णंमि जंबुद्दीवे ॥ १४४ ॥ जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य दारस्स य एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! अउणासीइं जोयणसहस्साई बावण्णं च जोयणाई देसूणं च अद्धजोयणं दारस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ १४५ ॥ जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स पएसा लवणं समुदं पुट्ठा ? हंता पुट्ठा ॥ ते णं भंते ! किं जंबुद्दीवे २ लवणसमुद्दे ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे नो खलु • ते लवणसमुद्दे ॥ लवणस्स णं भते ! समुदस्स पएसा जंबुद्दीवं दीवं पुट्ठा ? हंता पुट्ठा । ते गं भंते ! किं लवणसमुद्दे जंबुद्दीवे दीवे? गोयमा ! लवणे णं ते समुद्दे नो खलु ते जंबुद्दीवे दीवे ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे जीवा उद्दाइत्ता २ लवणसमुद्दे पञ्चायति ? गोयमा ! अत्थेगइया पञ्चायति अत्थेगइया नो पञ्चायति ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे जीवा उद्दाइत्ता २ जंबुद्दीवे २ पञ्चायंति ? गोयमा ! अत्थेगइया पञ्चायति अत्थेगइया नो पञ्चायति ॥१४६॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जंबुद्दीवे २१ गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं गंधमायणस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं उत्तरकुरा णाम कुरा पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदीणदाहिणवित्थिण्णा अद्धचंदसंठाणसंठिया एकारस जोयणसहस्साइं अट्ठ बायाले जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभागे जोयणस्स विक्खंभेणं ॥ तीसे जीवा उत्तरओ पाईणपडीणायया दुहओ वक्खारपव्वयं पुट्ठा, पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा, पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा, तेवण्णं जोयणसहस्साई आयामेणं, तीसे धणुपटुं दाहिणेणं सहिँ जोयणसहस्साइं चत्तारि य अट्ठारसुत्तरे जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं पण्णत्ते ॥ उत्तरकुराए णं भंते ! कुराए केरिसए आगारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहा णामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव एवं एगूरुयदीववत्तव्वया जाव देवलोगपरिग्गहा णं ते मणुयगणा पण्णत्ता समणाउसो !, णवरि इमं णाणत्तं-छधणुसहस्समूसिया दोछप्पन्ना पिट्ठकरंडगसया अट्ठमभत्तस्स आहारटे समुप्पजइ तिण्णि पलिओवमाइं देसूणाई पलिओवमस्सासंखिज्जइभागेण ऊणगाई जहन्नेणं, तिन्नि पलिओवमाइं उक्कोसेणं, एगूणपण्णराइंदियाइं अणुपालणा, Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AHHHHHHHHINE सुंतागमे [जीवाजीवाभिगमे सेसं जहा एगूरुयाणं ॥ उत्तरकुराए णं कुराए छव्विहा मणुस्सा अणुसजंति, तंजहापम्हगंधा १ मियगंधा २ अममा ३ सहा ४ तेयालीसा ५ सणिचारी ६ ॥ १४७ ।। कहि णं भंते ! उत्तरकुराए कुराए जमगा नाम दुवे पव्वया पन्नत्ता? गोयमा ! नीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं अट्ठचोत्तीसे जोयणसए चत्तारि य सत्तभागे जोयणस्स अबाहाए सीयाए महाणईए (पुवपच्छिमेणं) उभओ कूले इत्थ णं उत्तरकुराए २ जमगा णाम दुवे पव्वया पण्णत्ता एगमेगं जोयणसहस्सं उड्ढे उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाणि उव्वेहेणं मूले एगमेगं जोयणसहस्सं आयामविक्खंभेणं मज्झे अट्ठमाइं जोयणसयाइं आयामविक्खंभेणं उवरिं पंचजोयणसयाई आयामविक्खंभेणं मूले तिणि जोयणसहस्साइं एगं च बावहिँ जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं मज्झे दो जोयणसहस्साई तिन्नि य बावत्तरे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पन्नत्ते उवरिं पन्नरस एक्कासीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं. पण्णत्ते, मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पि तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्वकणगामया अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा पत्तेयं २ पउमवरवेइयापरिक्खित्ता पत्तेयं २ वणसंडपरिक्खित्ता, वण्णओ दोण्हवि, तेसि णं जमगपव्वयाणं उप्पि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते वण्णओ जाव आसयंति० ॥ तेसि णं बहुसमरमणिजाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं २ पासायवडेंसगा पण्णत्ता, ते णं पासायवडेंसगा बावडिं जोयणाइं अद्धजोयणं च उर्दू उच्चत्तेणं एकत्तीसं जोयणाई कोसं च विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसिया वण्णओ भूमिभागा उल्लोया दो जोयणाइं मणिपेढियाओ वरसीहासणा सपरिवारा जाव जमगा चिट्ठति ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जमगा पव्वया २ ? गोयमा! जमगेसु णं पव्वएसु तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं बहुईओ खुड्डाखुड्डियाओ वावीओ जाव बिलपंतियाओ, तासु णं खुड्डाखुड्डियासु जाव बिलपंतियासु बहूइं उप्पलाइं जाव सयसहस्सपत्ताई जमगप्पभाई जमगवण्णाइं, जमगा य एत्थ दो देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्टिइया परिवसंति, ते णं तत्थ पत्तेयं पत्तेयं चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव जमगाणं पव्वयाणं जमगाण य रायहाणीणं अण्णेसिं च बहूणं वाणमंतराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं जाव पालेमाणा विहरंति, से तेणटेणं गोयमा ! एवं० जमगपव्वया २, अदुत्तरं च णं गोयमा ! जाव णिचा ॥ कहि णं भंते ! जमगाणं देवाणं जमगाओ नाम रायहाणीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! जमगाणं पव्वयाणं उत्तरेणं तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे वीइवइत्ता अण्णमि जंबुद्दीवे २ बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं जमगाणं देवाणं जमगाओ णाम रायहाणीओ पण्णत्ताओ बारसजोयणसहस्स जहा विजयस्स जाव महिड्डिया० Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०.३ पउमवण्णावासो] सुत्तागमे १९७ जमगा देवा जमगा देवा ॥ १४८ ॥ कहि णं भंते ! उत्तरकुराए २ नीलवंतहहे णामं दहे पण्णत्ते ? गोयमा ! जमगपव्वयाणं दाहिणेणं अठ्ठचोत्तीसे जोयणसए चत्तारि सत्तभागा जोयणस्स अबाहाए सीयाए महाणईए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं उत्तरकुराए २ नीलवंतद्दहे नाम दहे पन्नत्ते, उत्तरदक्षिणायए पाईणपडीणविच्छिन्ने एगं जोयणसहस्सं आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रययामयकूले चउक्कोणे समतीरे जाव पडिरूवे उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं वणसंडेहि य सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दोण्हवि वण्णओ ॥ नीलवंतदहस्स णं दहस्स तत्थ २ जाव बहवे तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता, वण्णओ भाणियव्वो जाव तोरणत्ति ॥ तस्स. णं नीलबंतद्दहस्स णं दहस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महं पउमे पण्णत्ते, जोयणं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ साइरेगाई दसद्धजोयणाई सव्वग्गेणं पण्णत्ते ॥ तस्स णं पउमस्स अयमेयारूवे बण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा—बइरामया मूला रिट्ठामए कंदे वेरुलियामए नाले वेरुलियामया बाहिरपत्ता जंबूणयमया अभितरपत्ता तवणिजमया केसरा कणगामई कणिया नाणामणिमया पुक्खरस्थिभुगा ॥ सा णं कण्णिया अखंजोयणं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं कोसं बाहल्लेणं सव्वप्पणा कणगामई अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं कण्णियाए उवरिं बहुसमरमणिज्जे देसभाए पण्णत्ते जाव मणीहिं० ॥ तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महं भवणे पण्णत्ते, कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणं कोसं उर्दू उच्चत्तणं अणेगखंभसयसंनिविठं जाव वण्णओ, तस्स णं भवणस्स तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता पुरथिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं, ते णं दारा पंचधणुसयाई उडे उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं धणुसयाइं विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालाउत्ति ॥ तस्स णं भवणस्स अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते से जहा नामए—आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणीणं वण्णओ ॥ तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं मणिपेढिया पण्णत्ता, पंचधणुसयाई आयामविक्खंभेणं अड्डाइज्जाइं धणुसयाइं बाहल्लेणं सव्वमणिमई० ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उवरि एत्थ णं एगे महं देवसयणिज्जे पण्णत्ते, देवसयणिज्जस्स वण्णओ ॥ से ण पउमे अण्णेणं अट्ठसएणं तदद्धुच्चत्तप्पमाणमेत्ताणं पउमाणं सव्वओ समंतां संपरिक्खित्ते ॥ ते णं. पंउमा अद्धजोयणं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं कोसं बाहल्लेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं कोसं ऊसिया जलंताओ साइरेगाई Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे दस जोयणाई सव्वग्गेणं पण्णत्ताई ॥ तेसि णं पउमाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-बइरामया मूला जाव णाणामणिमया पुक्खरस्थिभुगा ॥ ताओ णं कण्णियाओ कोसं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं स० परि० अद्धकोसं बाहल्लेणं सव्वकणगामईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ ॥ तासि णं कण्णियाणं उप्पिं बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा जाव मणीणं वण्णो गंधो फासो ॥ तस्स णं पउमस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरच्छिमेणं नीलवंतदहकुमारस्स देवस्स चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चत्तारि पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, एवं सव्वो परिवारो नवरि पउमाणं भाणियव्वो ॥ से णं पउमे अण्णेहिं तिहिं पउमवरपरिक्खेवेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, तंजहा-अभितरेणं मज्झिमेणं बाहिरएणं, अभितरए णं पउमपरिक्खेवे बत्तीसं पउमसयसाहस्सीओ प०, मज्झिमए णं पउमपरिक्खेवे चत्तालीसं पउमसयसाहस्सीओ प०, बाहिरए णं पउमपरिक्खेवे अडयालीसं पउमसयसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, एवामेव सपुव्वावरेणं एगा पउमकोडी वीसं च पउमसयसहस्सा भवंतीति मक्खाया ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-णीलवंतबहे दहे ? गोयमा ! णीलवंतहहे णं दहे तत्थ तत्थ० जाइं उप्पलाइं जाव सयसहस्सपत्ताइं नीलवंतप्पभाई नीलवंतवण्णाभाई नीलवंतद्दहकुमारे य एत्थ देवे जमगदेवगमो से तेणटेणं गोयमा ! जाव नीलवंतदहे २, णीलवंतस्स णं रायहाणी पुव्वाभिलावेणं एत्थ सो चेव गमो जाव णीलवंते देवे ॥ १४९ ॥ नीलवंतद्दहस्स पं० पुरथिमपञ्चत्थिमेणं दस जोयणाई अबाहाए एत्थ णं दस दस कंचणगपव्वया पण्णत्ता, ते णं कंचणगपव्वया एगमेगं जोयणसयं उर्दू उच्चत्तेणं पणवीसं २ जोयणाई उव्वेहेणं मूले एगमेगं जोयणसयं विक्खंभेणं मज्झे पण्णत्तरि जोयणाई [आयाम] विक्खंभेणं उवरिं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं मूले तिण्णि सोले जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं मज्झे दोन्नि सत्ततीसे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवणं उवरिं एगं अट्ठावण्ण जोयणसयं किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पिं तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्वकंचणमया अच्छा जाव पडिरूवा पत्तेयं २ पउमवरवेइया० पत्तेयं २ वणसंडपरिक्खित्ता । तेसि णं कंचणगपव्वयाणं उप्पि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे जाव आसयंति०, तेसि णं० पत्तेयं पत्तेयं पासायवडेंसगा सङ्घबावडिं जोयणाइं उ8 उच्चत्तेणं एकतीसं जोयणाई कोसं च विक्खंभेणं मणिपेढिया दोजोयणिया सीहासणं सपरिवारं ॥ से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-कंचणगपव्वया कंचणगपव्वया? गोयमा ! कंचणगेसु णं पव्वएसु तत्थ तत्थ० वावीसु० उप्पलाइं जाव कंचणगवण्णाभाई कंचणगा देवा महिड्डिया जावः विहरंति, उत्तरेणं कंचणगाणं कंचणियाओ रायहा Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ जं०सु०पु०सा०भवणवण्णण] सुत्तागमे १९९ णीओ अण्णमि जंबू० तहेव सव्वं भाणियव्वं ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरकुराए कुराए उत्तरकुरुद्दहे णामं दहे पण्णत्ते ? गोयमा ! नीलवंतद्दहस्स दाहिणेणं अद्धचोत्तीसे जोयणसए, एवं सो चेव गमो यन्वो जो णीलवंतद्दहस्स सव्वेसिं सरिसगो दहसरिनामा य देवा, सव्वेसिं पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं कंचणगपव्वया दस २ एगप्पमाणा उत्तरेणं रायहाणीओ अण्णंमि जंबुद्दीवे २ । चंदद्दहे एरावणदहे मालवंतहहे एवं एकेको णेयव्वो ॥ १५० ॥ कहि णं भंते ! उत्तरकुराए २ जंबूसुदंसणाए जंबुपेढे नाम पेढे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरच्छिमेणं नीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं गंधमायणस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं सीयाए महाणईए पुरथिमिल्ले कूले एत्थ णं उत्तरकुराए कुराए जंबूपेढे नाम पेढे पण्णत्ते पंचजोयणसयाई आयामविक्खंभेणं पण्णरस एक्कासीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं बहुमज्झदेसभाए बारस जोयणाई बाहल्लेणं तयाणंतरं च णं मायाए २ पएसे परिहाणीए सव्वेसु चरमंतेसु दो कोसे बाहल्लेणं पण्णत्ते सव्वजंबूणयामए अच्छे जाव पडिरूवें ॥ से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वण्णओ दोण्हवि । तस्स णं जंबुपेढस्स चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता तं चेव जाव तोरणा जाव छत्ता ॥ तस्स णं जंबूपेढस्स उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणि ॥ तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगा महं मणिपेढिया पण्णत्ता अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं चत्तारि जोयणाइं बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा सण्हा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उवरि एत्थ णं महं जंबूसुदंसणा पण्णत्ता अट्ठजोयणाई उढे उच्चत्तेणं अद्धजोयणं उव्वेहेणं दो जोयणाई खंधे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं छ जोयणाई विडिमा बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं साइरेगाइं अट्ठ जोयणाइं सव्वग्गेणं पण्णत्ता, वइरामयमूला रययसुपइट्ठियविडिमा रिटामयविउलकंदा वेरुलियरुइरक्खंधा सुजायवरजायख्वपढमगविसालसाला नाणामणिरयणविविहसाहप्पसाहवेरुलियपत्ततवणिजपत्तविंटा जंबूणयरत्तमउयसुकुमालपवालपल्लवंकुरधरा विचित्तमणिरयणसुरहिकुसुमा फलभारनमियसाला सच्छाया सप्पभा सस्सिरीया सउज्जोया अहियं मणोनिव्वुइकरा पासाईया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा ॥१५१॥ जंबूए णं सुदंसणाए चउद्दिसिं चत्तारि साला पण्णत्ता, तंजहा—पुरथिमेणं दक्खिणेणं पञ्चत्थिमेणं उत्तरेणं, तत्थ गंजे से पुरथिमिल्ले साले एत्थ णं एगे महं भवणे पण्णत्ते एगं कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूर्ण कोसं उर्दू उच्चत्तेणं अणेग Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगम खंभ० वण्णओ जाव भवणस्स दारं तं चेव पमाणं पंचधणुसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं अड्डाइजाई धणुसयाई विक्खंभेणं जाव वणमालाओ भूमिभागा उल्लोया मणिपेढिया पंचधणुसइया देवसयणिजं भाणियव् ॥ तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले साले एत्थ णं एगे महं पासायवडेंसए पण्णत्ते, कोसं उर्दू उच्चत्तेणं अद्धकोसं आयामविक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसिय० अंतो बहुसम० उल्लोया । तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए सीहासणं सपरिवार भाणियव्वं । तत्थ णं जे से पञ्चत्थिमिल्ले साले एत्थ णं पासायव.सए पण्णत्ते तं चेव पमाणं सीहासणं सपरिवारं भाणियव्वं, तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले साले एत्थ णं एगे महं पासायवडेंसए पण्णत्ते तं चेव पमाणं सीहासणं सपरिवारं । जंबू णं सुदंसणा सूले बारसहिं पउमवरवेइयाहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उड्ढे उच्चत्तेणं पंचधणुसयाई विक्खंभेणं वण्णओ ॥ जंबू णं सुदंसणा अण्णेणं अट्ठसएणं जंबूणं तय च्चत्तप्पमाणमेतेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ ताओ णं जंबूओ चत्तारि जोयणाई उडूं उच्चत्तेणं कोसं चोव्वेहेणं जोयणं खंधो कोसं विक्खंभेणं तिण्णि जोयणाई विडिमा बहुमज्झदेसभाए चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं साइरेगाइं चत्तारि जोयणाई सम्बग्गेणं वइरामयमूला सो चेव जंबूसुदंसणावण्णओ ॥ जंबूए णं सुदंसणाए अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं अणाढियस्स देवस्स चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चत्तारि जंबूसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, जंबूए णं सुदंसणाए पुरथिमेणं एत्थ णं अणाढियस्स देवस्स चउण्हं अग्गमहिसीणं चत्तारि जंबूओ पण्णत्ताओ, एवं परिवारो सव्वो णायव्वो जंबूए जाव आयरक्खाणं ॥ जंबू णं सुदंसणा तिहिं जोयणसएहिं वणसंडेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, तंजहा-पढमेणं दोच्चेणं तच्चेणं । जंबूए णं सुदंसणाए पुरथिमेणं पढमं वणसंडं पण्णासं जोयणाई ओगाहित्ता एत्थ णं एगे महं भवणे पण्णत्ते, पुरथिमिल्ले भवणसरिसे भाणियव्वे जाव सयणिजं, एवं दाहिणेणं पञ्चत्थिमेणं उत्तरेणं ॥ जंबूए णं सुदंसणाए उत्तरपुरस्थिमेणं पढमं वणसंडं पण्णासं जोयणाई ओगाहित्ता चत्तारि णंदापुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तंज़हा-पउमा पउमप्पभा चेव कुमुया कुमुयप्पभा । ताओ णं गंदाओ पुक्खरिणीओ कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं पंचधणुसयाइं उव्वेहेणं अच्छाओ सण्हाओ लण्हाओ घट्ठाओ मट्ठाओ णिप्पंकाओ णीरयाओ जाव पडिरूवाओ वण्णओ भाणियव्वो जाव तोरणत्ति छत्ताइछत्ता ॥ तासि णं णंदापुक्खरिणीणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं पासायवडेंसए पण्णत्ते कोसप्पमाणे अद्धकोसं विक्खंभो सो चेव वण्णओ जाव सीहासणं सपरिवारं । एवं दक्खिणपुरथिमेणवि पण्णासं जोयणा० चत्तारि गंदापुक्खरिणीओ उप्पलगुम्मा Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ३ जं० सु० णामधेज्जा] सुत्तागमे २०१ नलिणा उप्पला उप्पलुजला तं चेव पमाणं तहेव पासायवडेंसगो तप्पमाणो । एवं दक्खिणपञ्चत्थिमेणवि पण्णासं जोयणाणं नवरं-भिंगा भिंगणिभा चेव अंजणा कजलप्पभा, सेसं तं चेव । जंबूए णं सुदंसणाए उत्तरपुरस्थिमेणं पढमं वणसंडं पण्णासं जोयणाई ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि णंदाओ पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ तं०सिरिकता सिरिमहिया सिरिचंदा चेव तह य सिरिणिलया । तं चेव पमाणं तहेव पासायवडिंसओ ॥ जंबूए णं सुदंसणाए पुरथिमिल्लस्स भवणस्स उत्तरेणं उत्तरपुरस्थिमेणं पासायवडेंसगस्स दाहिणेणं एत्थ णं एगे महं कूडे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं मूले बारस जोयणाइं विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं उवरिं चत्तारि जोयणाई आयामविक्खंभेणं मूले साइरेगाइं सत्ततीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मज्झे साइरेगाइं पणवीसं जोयणाइं परिक्खेवेणं उवरिं साइरेगाइं बारस जोयणाइं परिक्खेवेणं मूले विच्छिन्ने मज्झे संखित्ते उप्पि तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वजंबूणयामए अच्छे जाव पडिरूवे, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दोण्हवि वण्णओ ॥ तस्स णं कूडस्स उवरि बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव आसयंति० ॥ जंबूए णं सुदंसणाए पुरत्थिमस्स भवणस्स दाहिणेणं दाहिणपुरथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं एत्थ णं एगे महं कूडे' पण्णत्ते तं चेव पमाणं । जंबूए णं सुदंसणाए दाहिणिल्लस्स भवणस्स पुरथिमेणं. दाहिणपुरस्थिमस्स पासायवडेंसगस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं एगे महं कूडे पण्णत्ते तं चेव पमाणं, जंबूए णं सु० दाहिणस्स भवणस्स पञ्चत्थिमेणं दाहिणपञ्चत्थिमिल्लस्स पासायवर्डिसगस्स पुरथिमेणं एत्थ णं एगे महं कूडे पण्णत्ते तं चेव पमाणं, जंबूओ पञ्चत्थिमिल्लस्स भवणस्स दाहिणेणं दाहिणपञ्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं एत्थ णं एगे महं कूडे प० तं चेव पमाणं, जंबूए० पञ्चत्थिमिल्लस्स भवणस्स उत्तरेणं उत्तरपञ्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स दाहिणेणं एत्थ णं एगे महं कूडे पण्णत्ते तं चेव पमाणं । जंबूए० उत्तरस्स भवणस्स पचत्थिमेणं उत्तरपञ्चत्थिमस्स पासायवडेंसगस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं एगे महं कूडे पण्णत्ते, तं चेव पमाणं। जंबूए. उत्तरभवणस्स पुरथिमेणं उत्तरपुरथिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं एगे महं कूडे पण्णत्ते, तं चेव पमाणं । जंबू णं सुदंसणा अण्णेहिं बहूहिं तिलएहिं लउएहिं जाव रायरुक्खेहिं हिंगुरुक्खेहिं जाव सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता । जंबूए गं सुदंसणाएं उवरिं बहवे अट्ठमंगलगा पण्णत्ता, तंजहा—सोत्थियसिरिवच्छ० किण्हा चामरज्झया जाव छत्ताईच्छत्ता ॥ जंबूए णं सुदंसणाए दुवालस णामधेज्जा पण्णत्ता, तंजहा. सुदंसणा अमोहा य, सुप्पबुद्धा जसोधरा । विदेहजंबू सोमणसा, Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०२ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे णियया णिच्चमंडिया ॥१॥ सुभद्दा य विसाला य, सुजाया सुमणीतिया । सुदंसणाए जंबूए, नामधेजा दुवालस ॥ २ ॥ से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-जंबूसुदंसणा २१ गोयमा ! जंबूए णं सुदंसणाए जंबूदीवाहिवई अणाढिए णामं देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव जंबूदीवस्स जंबूए सुदंसणाए अणाढियाए य रायहाणीए जाव विहरइ । कहि णं भंते ! अणाढियस्स जाव समत्ता वत्तव्वया रायहाणीए महिड्डिए । अदुत्तरं च णं. गोयमा! जंबुद्दीवे २ तत्थ तत्थ देसे २ तहिं २ बहवे जंबूरुक्खा जंबूवणा जंबूवणसंडा णिच्चं कुसुमिया जाव सिरीए अईव २ उवसोभेमाणा २ चिट्ठति, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-जंबुद्दीवे २, अदुत्तरं च णं गोयमा ! जंबुद्दीवस्स सासए णामधेजे पण्णत्ते, जन्न कयावि णासि जाव णिच्चे ॥ १५२ ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे कइ चंदा पभासिंसु वा पभासेंति वा पभासिस्संति वा ? कइ सूरिया तविंसु वा तवंति वा तविस्संति वा? कइ नक्खत्ता जोयं जोइंसु वा जोयंति वा जोएस्संति वा ? कइ महग्गहा चारं चरिंसु वा चरिंति वा चरिस्संति वा ? केवइयाओ तारागणकोडाकोडीओ सोहिंसु वा सोहंति वा सोहेस्संति वा?, गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे दो चंदा पभासिंसु वा ३ दो सूरिया तविंसु वा ३ छप्पन्नं नक्खत्ता जोगं जोएंसु वा ३ छावत्तरं गहसयं चारं चरिंसु वा ३-एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साइं। णव य सया पन्नासा तारागणकोडिकोडीणं ॥ १॥ सोभिंसु वा सोभंति वा सोभिसंति वा ॥ १५३ ॥ जंबुद्दीवं णाम दीवं लवणे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे किं समचक्कवालसंठिए विसमचक्कवालसंठिए? गोयमा! समचक्कवालसंठिए नो विसमचक्कवालसंठिए ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं चकवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे दो जोयणसयसहस्साइं चकवालविक्खंभेणं पन्नरस जोयणसयसहस्साइं एगासीइसहस्साई सयमेगूणचत्तालीसे किंचिविसेसूर्ण परिक्खेवेणं पण्णत्ते । से णं एकाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते चिट्ठइ, दोण्हवि वण्णओ । सा णं पउमवर० अद्धजोयणं उडुं० पंचधणुसयविक्खंभेणं लवणसमुद्दसमियपरिक्खेवेणं, सेसं तहेव । से णं वणसंडे देसूणाई दो जोयणाई जाव विहरइ ॥ लवणस्स णं भंते ! समुदस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि दारा पण्णत्ता, तंजहा—विजए वेजयंते जयंते अपराजिए ॥ कहि णं भंते ! लवणसमुद्दस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! लवणसमुदस्स पुरथिमपेरंते धायइखंडस्स दीवस्स पुरथिमद्धस्स पञ्चत्थिमेणं सीओयाए महानईए उप्पि एत्थ णं Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०३ महापायालकुड्डा सुत्तागमे लवणस्स समुदस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उर्दू उच्चत्तणं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं, एवं तं चेव सव्वं जहा जंबुद्दीवस्स विजयसरिसेवि (दारसरिसमेयंपि) रायहाणी पुरथिमेणं अण्णमि लवणसमुद्दे ॥ कहि णं भंते ! लवणसमुद्दे वेजयंते नामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! लवणसमुद्दे दाहिणपेरंते धायइसंडदीवस्स दाहिणद्धस्स उत्तरेणं सेसं तं चेव सव्वं । एवं जयंतेवि, णवरि सीयाए महाणईए उप्पिं भाणियव्वे । एवं अपराजिएवि, णवरं दिसीभागो भाणियव्वो ॥ लवणस्स गं भंते ! समुदस्स दारस्स य २ एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा!'तिण्णेव सयसहस्सा पंचाणउइं भवे सहस्साइं । दो जोयणसय असिया कोसं दारंतरे लवणे ॥१॥' जाव अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । लवणस्स णं पएसा धायइसंडं दीवं पुट्ठा, तहेव जहा जंबूदीवे धायइसंडेवि सो चेव गमो । लवणे णं भंते ! समुद्दे जीवा उद्दाइत्ता सो चेव विही, एवं धायइसंडेवि ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइलवणसमुद्दे २ ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे उदगे आविले रइले लोणे लिंदे खारए कडुए अप्पेजे बहूणं दुपयचउप्पयमियपसुपक्खिसरीसिवाणं नण्णत्थ तज्जोणियाणं सत्ताणं, सुटिए एत्थ लवणाहिवई देवे महिड्डिए पलिओवमटिइए, से णं तत्थ सामाणिय जाव लवणसमुद्दस्स सुट्ठियाए रायहाणीए अण्णेसिं जाव विहरइ, से एएणटेणं गो० ! एवं वुच्चइ लवणे णं समुद्दे २, अदुत्तरं च णं गो०! लवणसमुद्दे सासए जाव णिच्चे ॥१५४॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे कइ चंदा पभासिसु वा पभासिंति वा पभासिस्संति वा ? एवं पंचण्हवि पुच्छा, गोयमा ! लवणसमुद्दे चत्तारि चंदा पभासिंसु वा ३ चत्तारि सूरिया तविंसु वा ३ बारसुत्तरं नक्खत्तसयं जोगं जोएंसु वा ३ तिण्णि बावण्णा महग्गहसया चारं चरिंसु वा ३ दुण्णि सयसहस्सा सत्तहिं च सहस्सा नव य सया तारागणकोडाकोडीणं सोभं सोभिंसु वा ३ ॥ १५५॥ कम्हा णं भंते ! लवणसमुद्दे चाउद्दसट्टमुद्दिटपुण्णिमासिणीसु अइरेग २ वड्डइ वा हायइ वा ? गोयमा ! जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स चउद्दिसि बाहिरिल्लाओ वेइयंताओ लवणसमुदं पंचाणउइ २ जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि महालिंजरसंठाणसंठिया महइमहालया महापायाला पण्णत्ता, तंजहा-वलयामुहे केऊए जूवे ईसरे, ते णं महापायाला एगमेगं जोयणसयसहस्सं उव्वेहेणं मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं मज्झे एगपएसियाए सेढीए एगमेगं जोयणसयसहस्सं विक्खंभेणं उवरिं मुहमूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं ॥ तेसि णं महापायालाणं कुड्डा सव्वत्थ समा दसजोयणसयबाहल्ला पण्णत्ता सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तत्थ णं बहवे जीवा पोग्गला य अवकमंति विउक्कमति चयंति उवचयंति सासया णं ते कुड्डा दव्वट्ठयाए वण्णपज्ज Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे वेहि० असासया ॥ तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्टिइया परिवसंति, तंजहा—काले महाकाले लंबे पभंजणे ॥ तेसि णं महापायालाणं तओ तिभागा पण्णत्ता, तंजहा-हेडिल्ले तिभागे मज्झिल्ले तिभागे उवरिमे तिभागे ॥ ते णं तिभागा तेत्तीसं जोयणसहस्सा तिण्णि य तेत्तीसं जोयणसयं जोयणतिभागं च बाहल्लेणं । तत्थ णं जे से हेढिल्ले तिभागे एत्थ णं वाउकाओ संचिठ्ठइ, तत्थ णं जे से मज्झिल्ले तिभागे एत्थ णं वाउकाए य आउकाए य संचिट्ठइ, तत्थ णं जे से उवरिल्ले तिभागे एत्थ णं आउकाए संचिठ्ठइ, अदुत्तरं च णं गोयमा ! लवणसमुद्दे तत्थ २ देसे 'बहवे खुड्डालिंजरसंठाणसंठिया खुड्डपायालकलसा पण्णत्ता, ते णं खुड्डा पायाला एगमेगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं मूले एगमेगं जोयणसयं विक्खंभेणं मज्झे एगपएसियाए सेढीए एगमेगं जोयणसहस्सं विक्खंभेणं उप्पिं मुहमूले एगमेगं जोयणसयं विक्खंभेणं ॥ तेसि णं खुड्डागपायालाणं कुड्डा सव्वत्थ समा दस जोयणाई बाहल्लेणं पण्णत्ता सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिख्वा । तत्थ णं बहवे जीवा पोग्गला य जाव असासयावि, पत्तेयं २ अद्धपलिओवमट्टिइयाहिं देवयाहिं परिग्गहिया ॥ तेसि णं खुड्डागपायालाणं तओ तिभागा प०, तंजहा–हेटिल्ले तिभागे मज्झिल्ले तिभागे उवरिल्ले तिभागे, ते णं तिभागा तिणि तेत्तीसे जोयणसए जोयगतिभागं च बाहल्लेणं पण्णत्ता । तत्थ णं जे से हेढिल्ले तिभागे एत्थ णं वाउकाओ मज्झिल्ले तिभागे वाउकाए आउकाए य उवरिल्ले आउकाए, एवामेव सपुव्वावरेणं लवणसमुद्दे सत्त पायालसहस्सा अट्ठ य चुलसीया पायालसया भवंतीति मक्खाया ॥ तेसि णं महापायालाणं खुड्डागपायालाण य हेछिममज्झिमिल्लेसु तिभागेसु बहवे ओराला वाया संसेयंति संमुच्छिमंति एयंति चलंति कंपति खुब्भंति घट्टति फंदंति तं तं भावं परिणमंति तया णं से उदए उण्णामिज्जइ, जया णं तेसिं महापायालाणं खुड्डागपायालाण य हेडिल्लमज्झिल्लेसु तिभागेसु नो बहवे ओराला जाव तं तं भावं न परिणमंति तया णं से उदए नो उन्नामिजइ अंतरावि य णं ते वायं उदीरेंति अंतरावि य णं से उदगे उण्णामिजइ अंतरावि य ते वाया नो उदीरंति अंतरावि य णं से उदगे णो उण्णामिजइ, एवं खलु गोयमा ! लवणसमुद्दे चाउद्दसमुट्ठिपुण्णमासिणीसु अइरेगं २ वढइ वा हायइ वा ॥ १५६ ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे तीसाए मुहुत्ताणं कइखुत्तो अइरेगं २ वड्डइ वा हायई वा ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे तीसाए मुहुत्ताणं दुक्खुत्तो अइरेगं २ वडइ वा हायइ वा ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-लवणे णं समुद्दे तीसाए मुहुत्ताणं दुक्खुत्तो अइरेगं २ वड्डइ वा हायइ वा ? गोयमा ! उदुमंतेतु पायालेसु वड्डइ आपूरिएसु पायालेसु हायइ, से तेणटेणं गोयमा ! Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ३ गोथूभावासपव्वओ] सुत्तागमे २०५ लवणे णं समुद्दे तीसाए मुहुत्ताणं दुक्खुत्तो अइरेगं अइरेगं वड्डइ वा हायइ वा ॥ १५७ ॥ लवणसिहा णं भंते ! केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं अइरेगं २ वड्डइ वा हायइ वा ? गोयमा ! लवणसिहा णं दस जोयणसहस्साई चकवालविक्खंभेणं देसूणं अद्धजोयणं अइरेगं २ वड्डइ वा हायइ वा ॥ लवणस्स णं भंते ! समुद्दस्स कइ णागसाहस्सीओ अभितरियं वेलं धारंति ? कइ नागसाहस्सीओ बाहिरियं वेलं धरंति ? कइ नागसाहस्सीओ अग्गोदयं धरेंति ?, गोयमा ! लवणसमुदस्स बायालीसं णागसाहस्सीओ अभितरियं वेलं धारेंति, बावत्तरि णागसाहस्सीओ बाहिरियं वेलं धारेंति, सढेि णागसाहस्सीओ अग्गोदयं धारेंति, एवामेव सपुव्वावरेणं एगा णागसयसाहस्सी चोवत्तरिं च णागसहस्सा भवंतीति मक्खाया ॥ १५८ ॥ कइ णं भंते ! वेलंधरा णागराया पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि वेलंधरा णागराया पण्णत्ता, तंजहा-गोथूभे सिवए संखे मणोसिलए ॥ एएसि णं भंते ! चउण्हं वेलंधरणागरायाणं कइ आवासपव्वया पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि आवासपन्वया पण्णत्ता, तंजहा—गोथूभे उदगभासे संखे दगसीमए ॥ कहि णं भंते ! गोथूभस्स वेलंधरणागरायस्स गोथूभे णामं आवासपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबूदीवे दीवे मंदरस्स प० पुरथिमेणं लवणं समुदं बायालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं गोथूभस्स वेलंधरणागरायस्स गोथूभे णामं आवासपव्वए पण्णत्ते सत्तरसएकवीसाइं जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं चत्तारि तीसे जोयणसए कोसं च उव्वेहेणं मूले दसबावीसे जोयणसए आयामविक्खंभेणं मज्झे सत्ततेवीसे जोयणसए उवरिं चत्तारि चउवीसे जोयणसए आयामविक्खंभेणं मूले ति ण्णि जोयणसहस्साइं दोण्णि य बत्तीसुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं मज्झे दो जोयणसहस्साइं दोण्णि य छलसीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं उवरि एगं जोयणसहस्सं तिण्णि य ईयाले जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं मूले वित्थिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पि तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वकणगामए अच्छे जाव पडिरूवे ॥ से णं एगाए पउमवरवेश्याए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, दोण्हवि वण्णओ ॥ गोथूभस्स णं आवासपव्वयस्स उवरिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव आसयंति० ॥ तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महं पासायवडेंसए बावढं जोयणद्धं च उर्दू उच्चत्तेणं तं चेव पमाणं अद्ध आयामविक्खंभेणं वण्णओ जाव सीहासणं सपरिवारं ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-गोथूभे आवासपव्वए २ ? गोयमा ! गोथूमे णं आवासपव्वए तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहूओ खुड्डाखुड्डियाओ जाव गोथूभवण्णाई बहूइं उप्पलाइं तहेव जाव गोथूमे तत्थ देवे Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे महिड्डिए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउण्डं सामाणियसाहस्सीणं जाव गोथूभयस्स आवासपव्वयस्स गोथूभाए रायहाणीए जाव विहरइ, से तेणटेणं जाव णिचे ॥ रायहाणिपुच्छा, गोयमा ! गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पुरथिमेणं "तिरियमसंखेज्जे दीवसमुद्दे वीइवइत्ता अण्णमि लवणसमुद्दे तं चेव पमाणं तहेव सव्वं ॥ कहि णं भंते ! सिवगस्स वेलंधरणागरायस्स दओभासणामे आवासपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं लवणसमुई बायालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं सिवगस्स वेलंधरणागरायस्स दोभासे णामं आवासपव्वए पण्णत्ते, तं चेव पमाणं जं गोथूभस्स, गवरि सव्वअंकामए अच्छे जाव पडिरूवे जाव अट्ठो भाणियव्वो, गोयमा ! दओभासे णं आवासपव्वए लवणसमुद्दे अट्ठजोयणियखेत्ते दगं सव्वओ समंता ओभासेइ उज्जोवेइ तवइ पभासेइ सिवए इत्थ देवे महिड्डिए जाव रायहाणी से दक्खिणेणं सिविगा दओभासस्स सेसं तं चेव ॥ कहि णं भंते ! संखस्स वेलंधरणागरायस्स संखे णामं आवासपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं लवणसमुदं बायालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं संखस्स वेलंधर० संखे णामं आवासपव्वए प० तं चेव पमाणं णवरं सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे। से णं एगाए परमवरवेइयाए एगेपण य वणसंडेणं जाव अट्ठो बहूओ खुड्डाखुड्डियाओ जाव बहूइं उप्पलाई संखप्पभाई संखवण्णाइं संखवण्णप्पभाई संखे एत्थ देवे महिड्डिए जाव रायहाणीए पञ्चत्थिमेणं संखस्स आवासपवयस्स संखा नाम रायहाणी तं चेव पमाणं ॥ कहि णं भंते! मणोसिलगस्स वेलंधरणागरायस्स उदगसीमए णामं आवासपबए पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स प० उत्तरेणं लवणसमुई बायालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं मणोसिलगस्स वेलंधरणागरायस्स उदगसीमए णामं आवासपव्वए पण्णत्ते तं चेव पमाणं णवरि सव्वफलिहामए अच्छे जाव पडिरूवे अट्ठो, गोयमा ! दगसीमए णं आवासपव्वए सीयासीयोयगाणं महाणईणं तत्थ गओ सोए पडिहम्मइ से तेणढेणं जाव णिच्चे, मणोसिलए एत्थ देवे महिड्डिए जाव से णं तत्थ चउण्हं सामाणिय० जाव विहरइ ॥ कहि णं भंते! मणोसिलगस्स वेलंधरणागरायस्स मणोसिला णाम रायहाणी पण्णत्ता? गोयमा! दगसीमस्स आवासपव्वयस्स उत्तरेणं तिरि अण्णमि लवणे एत्थ णं मणोसिलिया णाम रायहाणी पण्णत्ता तं चेव पमाणं जाव मणोसिलए देवे-कणगंकरा ययफालियमया य वेलंधराणमावासा । अणुवेलंधरराईण पव्वया होंति रयणमय॥१॥१५९॥ कइणं भंते ! अणुवेलंधरनागरायाणो पण्णत्ता ? गोयमा! चत्तारि अणुवेलंधरणागरायाणो पण्णत्ता, तंजहा-कक्कोडए कद्दमए केलासे अरुणप्पभे ॥ एएसि णं Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ गोयमदीववण्णणं] सुत्तागमे २०७ भंते ! चउण्हं अणुवेलंधरणागरायाणं कइ आवासपव्वया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि आवासपव्वया पण्णत्ता, तंजहा—ककोडए १ कद्दमए २ कइलासे ३ अरुणप्पभे ४ ॥ कहि णं भंते ! ककोडगस्स अणुवेलंधरणागरायस्स ककोडए णामं आवासपव्वए पण्णत्ते? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरच्छिमेणं लवणसमुदं बायालीसं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं ककोडगस्स नागरायस्स कक्कोडए णामं आवासपव्वए पण्णत्ते सत्तरस एकवीसाइं जोयणसयाइं तं चेव पमाणं जं गोथूभस्स णवरि सव्वरयणामए अच्छे जाव निरवसेसं जाव सिंहासणं सपरिवारं अट्ठो से बहूइं उप्पलाइं० ककोडप्पभाई सेसं तं चेव णवरि ककोडगपव्वयस्स उत्तरपुरच्छिमेणं, एवं तं चेव सव्वं, कद्दमस्सवि सो चेव गमओ अपरिसेसिओ, णवरि दाहिणपुरच्छिमेणं आवासो विज्जुप्पभा रायहाणी दाहिणपुरथिमेणं, कइलासेवि एवं चेव, णवरि दाहिणपञ्चत्थिमेणं कइलासावि रायहाणी ताए चेव दिसाए, अरुणप्पभेवि उत्तरपचत्थिमेणं रायहाणीवि ताए चेव दिसाए, चत्तारि विगप्पमाणा सव्वरयणामया य ॥ १६० ॥ कहि णं भंते ! सुट्टियस्स लवणाहिवइस्स गोयमदीवे णामं दीवे पण्णत्ते ? गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पञ्चस्थिमेणं लवणसमुदं बारसजोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं सुट्टियस्स लवणाहिवइस्स गोयमदीवे. पण्णत्ते, बारसजोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं सत्ततीसं जोयणसहस्साइं नव य अडयाले जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं जंबूदीवंतेणं अद्धेगूणणउए जोयणाइं चत्तालीसं पंचणउइभागे जोयणस्स ऊसिए जलंताओ लवणसमुदंतेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ ॥ से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता तहेव वण्णओ दोण्हवि । गोयमदीवस्स णं दीवस्स अंतो जाव बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहानामए-आलिंग० जाव आसयंतिः । तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभागे एत्थ णं सुट्टियस्स लवणाहिवइस्स एगे महं अइक्कीलावासे नामं भोमेजविहारे पण्णत्ते बावडिं जोयणाइं अद्धजोयणं उर्दू उच्चत्तेणं एकतीसं जोयणाइं कोसं च विक्खंभेणं अणेगखंभसयसन्निविटे सव्वो भवणवण्णओ भाणियव्वो। अइक्कीलावासस्स णं भोमेजविहारस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीणं फासो। तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ एगा मणिपेडिया पण्णत्ता। सा णं मणिपेडिया दो जोयणाई आयामविक्खंभेणं जोयणबाहल्लेणं सव्वमणिमया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ तीसे णं मणिपेढियाए उवरि एत्थ णं देवसयणिज्जे पण्णत्ते वण्णओ॥ से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ-गोयमदीवे दीवे २? गोयमा ! गोयमदीवेणं दीवे तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहूई उप्पलाइं जाव गोयमप्पभाई से एएणटेणं Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०८ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे गोयमा! जाव णिच्चे। कहि णं भंते ! सुट्टियस्स लवणाहिवइस्स सुट्ठिया णामं रायहाणी पण्णत्ता? गोयमा ! गोयमदीवस्स पञ्चत्थिमेणं तिरियमसंखेजे जाव अण्णमि लवणसमुद्दे बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता, एवं तहेव सव्वं णेयव्वं जाव सुट्ठिए देवे॥१६१॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमेणं लवणसमुइं बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं जंबूदीवगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता, जंबुद्दीवंतेणं अद्धे गूणणउइजोयणाई चत्तालीसं पंचाणउइं भागे जोयणस्स ऊसिया जलंताओ लवणसमुदंतेणं दो कोसे ऊसिया जलंताओ बारस जोयणसहस्साई आयामविक्खंमेणं, सेसं तं चेव जहा गोयमदीवस्स परिक्खेवो पउमवरवेइया पत्तेयं २ वणसंडपरि० दोण्हवि वण्णओ बहुसमरमणिज्जा भूमिभागा जाव जोइसिया देवा आसयंतिः । तेसि णं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पासायवडेंसगा बावट्टि जोयणाइं० बहुमज्झ० मणिपेढियाओ दो जोयणाई जाव सीहासणा सपरिवारा भाणियव्वा तहेव अट्ठो, गोयमा ! बहूसु खुड्डासु खुड्डियासु बहूइं उप्पलाइं० चंदवण्णाभाई चंदा एत्थ देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्ठिश्या परिवसंति, ते णं तत्थ पत्तेयं पत्तेयं चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव चंददीवाणं चंदाण य रायहाणीणं अन्नसिं च बहूणं जोइसियाणं देवाणं देवीण य आहेवच्चं जाव विहरंति, से तेणटेणं गोयमा ! चंददीवा जाव णिच्चा । कहि णं भंते ! जंबुद्दीवगाणं चंदाणं चंदाओ नाम रायहाणीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चंददीवाणं पुरथिमेणं तिरियं जाव अण्णमि जंबुद्दीवे २ बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता तं चेव पमाणं जाव एमहिड्डिया चंदा देवा २ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवगाणं सूराणं सूरदीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पचत्थिमेणं लवणसमुदं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता तं चेव उच्चत्तं आयामविक्खंभेणं परिक्खेवो वेइया वणसंडा भूमिभागा जाव आसयंति० पासायवडेंसगाणं तं चेव पमाणं मणिपेढिया सीहासणा सपरिवारा अट्ठो उप्पलाइं० सूरप्पभाई सूरा एत्थ देवा जाव रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पञ्चत्थिमेणं अण्णमि जंबुद्दीवे दीवे सेसं तं चेव जाव सूरा देवा २ ॥ १६२ ॥ कहि णं भंते ! अभितरलावणगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं लवगसमुई बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं अभितरलावणगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता, जहा जंबुद्दीवगा चंदा तहा भाणियव्वा णवरि रायहाणीओ अण्णमि लवणे सेसं तं चेव । एवं अभितरलावणगाणं सूराणवि लवणसमुई बारस जोयणसहस्साई तहेव सव्वं जाव रायहाणीओ ॥ कहि णं भंते ! Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ पुक्खरवरसूरदीवा] सुत्तागमे बाहिरलावणगाणं चंदाणं चंददीवा० पण्णत्ता ? गोयमा ! लवणस्स समुहस्स पुरत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ लवणसमुदं पञ्चत्थिमेणं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं बाहिरलावणगाणं चंदाणं चंददीवा नाम दीवा पण्णत्ता धायइसंडदीवंतेणं अद्धे गूणणवइजोयणाइं चत्तालीसं च पंचणउइभागे जोयणस्स ऊसिया जलंताओ लवणसमुदंतेणं दो कोसे ऊसिया बारस जोयणसहस्साई आयामविक्खंभेणं पउमवरवेइया वणसंडा बहुसमरमणिजा भूमिभागा मणिपेढिया सीहासणा सपरिवारा सो चेव अट्ठो रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पुरथिमेणं तिरियमसं० अण्णमि लवणसमुद्दे तहेव सव्वं । कहि णं भंते ! बाहिरलावणगाणं सूराणं सूरदीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! लवणसमुद्दपच्चत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ लवणसमुदं पुरथिमेणं बारस जोयणसहस्साई धायइसंडदीवंतेणं अद्धेगूणणउइं जोयणाई चत्तालीसं च पंचनउइभागे जोयणस्स दो कोसे ऊसिया सेसं तहेव जाव रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पञ्चत्थिमेणं तिरियमसंखेज्जे लवणे चेव बारस जोयणा तहेव सव्वं भाणियव्वं ॥ १६३ ॥ कहि णं भंते ! धायइसंडदीवगाणं चंदाणं चंददीवा० पण्णत्ता ? गोयमा ! धायइसंडस्स दीवस्स पुरथिमिल्लाओ वेइयंताओ कालोयं णं समुदं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं धायइसंडदीवाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता, सव्वओ समंता दो कोसा ऊसिया जलंताओ बारस जोयणसहस्साइं तहेव विक्खंभपरिक्खेवो भूमिभागो पासायवडिंसया मणिपेढिया सीहासणा सपरिवारा अट्ठो तहेव रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पुरथिमेणं अण्णमि धायइसंडे दीवे सेसं तं चेव, एवं सूरदीवावि, नवरं धायइसंडस्स दीवस्स पञ्चत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ कालोयं णं समुदं बारस जोयण० तहेव सव्वं जाव रायहाणीओ सूराणं दीवाणं पञ्चत्थिमेणं अण्णम्मि धायइसंडे दीवे सव्वं तहेव ॥ १६४ ॥ कहि णं भंते ! कालोयगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! कालोयसमुद्दस्स पुरच्छिमिल्लाओ वेइयंताओ कालोयण्णं समुदं पच्चत्थिमेण बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं कालोयगचंदाणं चंददीवा०सव्वओ समंता दो कोसा ऊसिया जलंताओ सेसं तहेव जाव रायहाणीओ सगाणं दीव० पुर'च्छिमेणं अण्णमि कालोयगसमुद्दे बारस जोयणातं चेव सव्वं जाव चंदा देवा २ । एवं सूराणवि, णवरं कालोयगपञ्चत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ कालोयसमुद्दपुरच्छिमेणं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता तहेव रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पञ्चत्थिमेणं अण्णमिकालोयगसमुद्दे तहेव सव्वं । एवं पुक्खरवरगाणं चंदाणं पुक्खरवरस्स दीवस्स पुरत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ पुक्खरसमुदं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता चंददीवा अण्णमि पुक्खरवरे दीवे रायहाणीओ तहेव । एवं सूराणवि दीवा पुक्खरवरदीवस्स पच्चत्थि १४ सुत्ता. Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१० सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे मिल्लाओ वेइयंताओ पुक्खरोदं समुद्दं बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता तहेव सव्वं जाव रायहाणीओ दीविलगाणं दीवे समुद्दगाणं समुद्दे चेव एगाणं अभितरपासे एगाणं बाहिरपासे रायहाणीओ दीविलगाणं दीवेसु समुद्दगाणं समुद्देसु सरिसणामएसु ॥ १६५ ॥ इमे णामा अणुगंतव्वा - जंबुद्दीवे लवणे वायइ कालोद पुक्खरे वरुणे । खीर घय इक्खु[वरो य]णंदी अरुणवरे कुंडले रुयगे ॥ १ ॥ आभरणवत्थगंधे उप्पलतिलए य पुढवि णिहिरयणे । वासहरदहनईओ विजया वक्खारकप्पिदा ॥ २ ॥ पुरमंदरमावासा कूडा णक्खत्तचंदसूरा य। एवं भाणियव्वं ॥ १६६ ॥ कहि णं भंते ! देवद्दीवगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! देवदीवस्स देवोदं समुद्द बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता तेणेव कमेण पुरत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ जाव रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पुरत्थिमेणं देवद्दीवं समुद्दं असंखेजाइं जोयणसहस्साईं ओगाहित्ता एत्थ णं देवदीवयाणं चंदाणं चंदाओ णामं रायहाणीओ पण्णताओ, सेसं तं चेव, देवदीवचंदा दीवा, एवं सूराणवि, णवरं पच्चत्थिमिलाओ वेइयं - ताओ पच्चत्थिमेणं च भाणियव्वा तंमि चेव समुद्दे ॥ कहि णं भंते! देवसमुद्दगाणं चंदा चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! देवोदगस्स समुद्दस्स पुरथिमिलाओ asयंताओ देवोदगं समुद्दं पञ्चत्थिमेणं बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता तेणेव कमेणं जाव रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पञ्चत्थिमेणं देवोदगं समुद्दं असंखेजाई जोयणसहस्सा ओगाहित्ता एत्थ णं देवोदगाणं चंदाणं चंदाओ णामं रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं चैव सव्वं, एवं सूराणवि, णवरि देवोदगस्स पच्चत्थिमिलाओ वेइयंताओ देवोदगसमुद्दं पुरत्थिमेणं बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता रायहाणीओ सगाणं २ दीवाणं पुरत्थिमेणं देवोदगं समुदं असंखेज्जाई जोयणसहस्साई ॥ एवं जागे जक्खे भूएवि हं दीवसमुद्दा । कहि णं भंते ! सयंभूरमणदीवगाणं चंदाणं चंददीवा णामं दीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! सयंभुरमणस्स दीवस्स पुरत्थिमिलाओ वेइयंताओ सयंभुरमणोदगं समुद्दं बारस जोयणसहस्साइं तहेव रायहाणीओ सगाणं २ दीवाणं पुरत्थिमेणं सयंभुरमणोदगं समुद्दं पुरत्थिमेणं असंखेजाइं जोयण० तं चेव, एवं सूराणवि, सयंभूरमणस्स पच्चत्थिमिल्लाओ वेइयंताओ रायहाणीओ सगाणं २ दीवाणं पच्चत्थि - मिलाणं सयंभुरमोदं समुद्दे असंखेजा ० सेसं तं चेव । कहि णं भंते ! सयंभूरमणसमुद्दगाणं चंदाणं • ? गोयमा ! सयंभुरमणस्स समुहस्स पुरत्थिमिलाओ वेइयंताओ सयंभुरमणं समुद्दं पञ्चत्थिमेणं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता सेसं तं चेव । एवं सूराणवि, सयंभुरमणस्स पच्चत्थिमिलाओ सयंभुरमणोदं समुदं पुरत्थिमेणं बारस जोयणसहस्सा ओगाहित्ता. रायहाणीओ सगाणं दीवाणं पुरत्थिमेणं सयंभुरमणं समुद्दे Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे प०३ गोतित्थं] २१५ असंखेजाइं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं सयंभुरमण जाव सूरा देवा २ ॥१६७ ॥ अत्थि णं भंते ! लवणसमुद्दे वेलंधराइ वा णागरायाइ वा खन्नाइ वा अग्धाइ वा सिंहाइ वा विजाईइ वा हासवट्टीइ वा ? हंता अत्थि । जहा णं भंते ! लवणसमुद्दे अत्थि वेलंधराइ वा णागराया० अग्घा. सिंहा० विजाईइ वा हासवट्टीइ वा तहा णं बाहिरएसुवि समुद्देसु अत्थि वेलंधराइ वा णागरायाइ वा० अग्घाइ वा सीहाइ वा विजाईइ वा हासवट्टीइ वा ? णो इणढे समढे ॥ १६८ ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे किं ऊसिओदगे किं पत्थडोदगे किं खुभियजले किं अखुभियजले ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे ऊसिओदगे नो पत्थडोदगे खुभियजले नो अक्खुभियजले । जहा णं भंते ! लवणे समुद्दे ऊसिओदगे नो पत्थडोदगे खुभियजले नो अक्खुभियजले तहा णं बाहिरगा समुद्दा किं ऊसिओदगा पत्थडोदगा खुभियजला अक्खुभियजला ? गोयमा ! बाहिरगा समुद्दा नो उस्सिओदगा पत्थडोदगा नो खुभियजला अक्खुभियजला पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलटमाणा वोसट्टमाणा समभरघडत्ताए चिट्ठति ॥ अत्थि णं भंते ! लवणसमुद्दे बहवे ओराला बलाहगा संसेयंति संमुच्छंति वा वासं वासंति वा ? हंता अस्थि । जहा णं भंते! लवणसमुद्दे बहवे ओराला बलाहगा संसेयंति संमुच्छंति वासं वासंति वा तहा णं बाहिरएसुवि समुद्देसु बहवे ओराला बलाहगा संसेयंति संमुच्छंति वासं वासंति ? णो इणढे समठे, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-बाहिरगा णं समुद्दा पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलट्टमाणा वोसट्टमाणा समभरघडताए चिट्ठति ? गोयमा ! बाहिरएसु णं समुद्देसु बहवे उदगजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताए वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उवचयंति, से तेणटेणं एवं वुच्चइ-बाहिरगा समुद्दा पुण्णा पुण्ण० जाव समभरघडत्ताए चिट्ठति ॥ १६९ ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं उव्वेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते ? गोयमा ! लवणस्स णं समुदस्स उभओ पासिं पंचाणउइ २ पएसे गंता पएसं उन्वेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते, पंचाणउइ २ वालग्गाइं गंता वालग्गं उव्वेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते, एवं पं० २ लिक्खाओ गंता लिक्खं उव्वेहपरि० जूया० जवमज्झे० अंगुल० विहत्थि० रयणी० कुच्छी० धणु० उव्वेहपरिवुड्डीए प०, गाउय० जोयण जोयणसय० जोयणसहस्साइं गंता जोयणसहस्सं उन्वेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं उस्सेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते? गोयमा ! लवणस्स णं समुदस्स उभओ पासिं पंचाणउइं पएसे गंता सोलसपएसे उस्सेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते, एएणेव कमेणं जाव पंचाणउइं २ जोयणसहस्साई गंता सोलस जोयणसहस्साई उस्सेहपरिवुड्डीए पण्णत्ते ॥ १७० ॥ लवणस्स णं भंते ! समुदस्स केमहालए गोतित्थे पण्णत्ते ? गोयमा ! लवणस्स णं समुइस्स उभओ पासिं पंचाणउइं २ जोयणसहस्साइं गोतित्थं पण्णत्तं ॥ लवणस्स णं भंते! Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे समुद्दस्त केमहालए गोतित्थविरहिए खेत्ते पण्णत्ते ? गोयमा ! लवणस्स णं समुहस्स दस जोयणसहस्साइं गोतित्थविरहिए खेत्ते पण्णत्ते ॥ लवणस्स णं भंते ! समुहस्स केमहालए उदगमाले पण्णत्ते ? गोयमा ! दस जोयणसहस्साईं उदगमाले पण्णत्ते ॥ १७१ ॥ लवणे णं भंते! समुद्दे किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! गोतित्थसंठिए नावासंठाणसंठिए सिप्पिसंपुडसंठिए आसखंधसंठिए वलभिसंठिए वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए पण्णत्ते ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं ? केवइयं परिक्खेवेणं ? केत्रइयं उब्वेहेणं ? केवइयं उस्सेहेणं ? केवइयं सव्वग्गेणं पण्णत्ते ?, गोयमा ! लवणे णं समुद्दे दो जोयणसयसहस्साईं चक्कवालविक्खंभेणं पण्णरस जोयणसयसहस्साईं एक्कासीई च सहस्साई सयं च इगुयालं किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं एगं जोयणसहस्सं उब्वेहेणं सोलस जोयणसहस्साइं उस्सेहेणं सत्तरस जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं पण्णत्ते ॥ १७२ ॥ जइ णं भंते! लवणसमुद्दे दो जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पण्णरस जोयणसयसहस्साईं एक्कासीइ च सहस्साई सयं इगुयालं किंचि विसेसूणे परिक्खेवेणं एगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं सोलस जोयणसहस्साईं उस्सेहेणं सत्तरस जोयणसहस्साईं सव्वग्गेणं पण्णत्ते । कम्हा णं भंते ! लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं २ नो उवीलेइ नो उप्पीलेइ नो चेव णं एक्कोदगं करेइ ? गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे भरहेरवएसु वासेसु अरहंतचक्कवट्टिबलदेवा वासुदेवा चारणा विज्जाहरा समणा समणीओ सावया सावियाओ मणुया पगइभद्दया पगइविणीया पगइउवसंता पइपको हमाणमायालोभा मिउमद्दवसंपन्ना अल्लीणा भद्दगा विणीया, तेसि णं पणिहाए लवणे समुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो उवीलेइ नो उप्पीलेइ नो चेव णं एगोदगं करेइ, गंगासिंधुरत्तारत्तवसु सलिलासु देवयाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्ठियाओ परिवसंति, तासि णं पणिहाए लवणसमुद्दे जाव नो चेव णं एगोदगं करेइ, चुल्लहिमवंतसिहरेसु वासहरपव्वएसु देवा महिड्डिया ० तेसि णं पणिहाए०, हेमवएरण्णव सु वासेसु मणुया पगइभद्दगा०, रोहियंससुवण्णकूलरुप्पकूलासु सलिलासु देवयाओ महिड्डियाओ० तासिं पणि०, सद्दावइवियडावइवट्टवेयड्ढपव्वसु देवा महिड्डिया जाव पलिओम या परिव०, महाहिमवंतरुप्पीसु वासहरपव्वसु देवा महिड्डिया जाव पलिओ मट्ठिया०, हरिवासरम्मयवासेसु मणुया पगइभद्दगा०, गंधावइमालवंतपरियावेपव्वसु देवा महिड्डिया०, णिसढणीलवंतेसु वासहरपव्वसु देवा महिडिया०, सव्वाओ दहदेवयाओ भाणियव्वाओ, पउमद्दहतिगिच्छिकेसरिदहावसाणेसु देवयाओ महिड्डियाओ० तासिं पणिहाए०, पुव्वविदेहावरविदेहेसु वासेसु अरहंतचक्कवट्टिबलदेववासुदेवा चारणा विज्जाहरा समणा समणीओ सावगा सावियाओ मणुया २१२ Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ धायइसंडदीवो] सुत्तागमे २१३ पगइ० तेसिं पणिहाए लवण०, सीयासीओयगासु सलिलासु देवयाओ महिड्डिया०, देवकुरुउत्तरकुरूसु मणुया पगइभद्दगा०, मंदरे पव्वए देवयाओ महिड्डिया०, जंबूए य सुदंसणाए जंबूदीवाहिवई अणाढिए णामं देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ तस्स पणिहाए लवणसमुद्दे० नो उवीलेइ नो उप्पीलेइ नो चेव णं एक्कोदगं करेइ, अदुत्तरं च णं गोयमा ! लोगट्टिई लोगाणुभावे जण्णं लवणसमुद्दे जंबुद्दीवं दीवं नो उवीलेइ नो उप्पीलेइ नो चेव णमेगोदगं करेइ ॥ १७३ ॥ इइ मंदरोदेसो समत्तो॥ __ लवणसमुई धायइसंडे नामं दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिठ्ठइ, धायइसंडे णं भंते ! दीवे किं समचक्कवालसंठिए विसमचक्कवालसंठिए ? गोयमा ! समचक्कवालसंठिए नो विसमचक्कवालसंठिए ॥ धायइसंडे णं भंते ! दीवे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! चत्तारि जोयणसयसहस्साइं चकवालविक्खंभेणं एगयालीसं जोयणसयसहस्साई दसजोयणसहस्साई णवएगटे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं पण्णत्ते ॥ से णं एगाए पउमवरवेश्याए एगेणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दोण्हवि वण्णओ दीवसमिया परिक्खेवेणं ॥ धायइसंडस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पण्णत्ता, तं०-विजए वेजयंते जयंते अपराजिए॥ कहि णं भंते ! धायइसंडस्स दीवस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! धायइसंडपुरथिमपेरंते कालोयसमुद्दपुरथिमद्धस्स पञ्चत्थिमेणं सीयाए महाणईए उप्पि एत्थ णं धायइ० विजए णामं दारे पण्णत्ते तं चेव पमाणं, रायहाणीओ अण्णमि धायइसंडे दीवे, दीवस्स वत्तव्वया भाणियव्वा, एवं चत्तारिवि दारा भाणियव्वा ॥ धायइसंडस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य २ एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते? गोयमा ! दस जोयणसयसहस्साई सत्तावीसं च जोयणसहस्साई सत्तपणतीसे जोयणसए तिन्नि य कोसे दारस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ धायइसंडस्स णं भंते ! दीवस्स पएसा कालोयगं समुदं पुट्ठा ? हंता पुट्ठा ॥ ते णं भंते ! किं धायइसंडे दीवे कालोए समुद्दे ? ते धायइसंडे नो खलु ते कालोयसमुद्दे । एवं कालोयस्सवि। धायइसंडद्दीवेणं भंते ! जीवा उद्दाइत्ता २ कालोए समुद्दे पञ्चायंति? गोयमा! अत्थेगइया पञ्चायंति अत्थेगइया नो पञ्चायति । एवं कालोएवि अत्थे० प० अत्थेगइया णो पञ्चायति ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-धायइसंडे दीवे २ ? गोयमा ! धायइसंडे णं दीवे तत्थ तत्थ देसे २ तहिं २ बहवे धायहरुक्खा धायइवण्णा धायइसंडा णि कुसुमिया जाव उवसोभेमाणा २ चिट्ठति, धायइमहाधायइरुक्खेसु सुदंसण Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे पियदंसणा दुवे देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्ठिया परिवसंति से एएणट्टेणं, अदुत्तरं च गोयमा ! जाव णिच ॥ धायइसंडे णं भंते ! दीवे कइ चंदा पभासिंसु वा ३ ? कइ सूरिया तर्विसु वा ३ ? कइ महग्गहा चारं चरिंसु वा ३ ? कइ णक्खत्ता जोगं जोईसु वा ३ ? कइ तारागणकोडाकोडीओ सोमेंसु वा ३ ?, गोयमा ! बारस चंदा पभासिंसु वा ३, एवं चउवीसं ससिरविणो णक्खत्त सया य तिन्नि छत्तीसा । एगं च गहसहस्सं छप्पन्नं धायईसंडे ॥ १ ॥ अट्ठेव सयसहस्सा तिण्णि सहरसाईं सत्त य सयाई । धायइसंडे दीवे तारागणकोडिकोडीणं ॥ २ ॥ सोमे॑सु वा ३ १७४ ॥ धायइसंडं णं दीवं कालोदे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ, कालोदे णं समुद्दे किं समचक्कवालसंठाणसंठिए विसम० ? गोयमा ! समचक्कवाल० णो विसमचक्कवालसंठिए ॥ कालोदे णं भंते ! समुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! अट्ठ जोयणसय सहस्साईं चक्कवालविक्खंभेणं एक्काणउइजोयणसयसहस्साइं सत्तरि सहस्साईं छच्च पंचुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते ॥ से णं एगाए पउमवरवेश्याए एगेणं वणसंडेणं • दोहवि वण्णओ ॥ कालोयस्स णं भंते! समुद्दस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पण्णत्ता, तंजहा - विजए वैजयंते जयंते अपराजिए || कहि णं भंते! कालोदस्स समुहस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! कालोदे समुद्दे पुरत्थिमपेरंते पुक्खरवरदीवपुरत्थिमद्धस्स पच्चत्थिमेणं सीओयाए महाईए उप एत्थ णं कालोदस्स समुद्दस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते, अट्ठेव जोयणाईं तं चेव पमाणं जाव रायहाणीओ । कहि णं भंते ! कालोयस्स समुहस्स वेजयंते णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! कालोयसमुद्दस्स दक्खिणपेरंते पुक्खरवरदीवस दक्खिणद्धस्स उत्तरेणं एत्थ णं कालोयसमुद्दस्स वेजयंते नामं दारे पन्नत्ते । कहि णं भंते ! कालोयसमुद्दस्स जयंते नामं दारे पन्नत्ते ? गोयमा ! कालोय समुहस्स पञ्चत्थिमपेरंते पुक्खरवरदीवस्स पच्चत्थिमद्धस्स पुरत्थिमेणं सीयाए महाणईए उप जयंते नामं दारे पण्णत्ते । कहि णं भंते ! कालोयसमुद्दस्स अपराजिए नामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! कालोयसमुद्दस्स उत्तरद्धपेरंते पुक्खरवरदीवोत्तरद्धस्स दाहिणओ एत्थ णं कालोयसमुद्दस्स अपराजिए णामं दारे०, सेसं तं चेव ॥ कालोयस्स णं भंते! समुहस्स दारस्य २ एस णं केवइयं २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! - बावीस सयसहस्सा बाणउइ खलु भवे सहस्साइं । छच्च सया बायाला दारंतर तिन्नि कोसा य ॥ १ ॥ दारस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । कालोदस्स णं भंते ! समुद्दस पएसा पुक्खरवरदीव० तहेव, एवं पुक्खरवरदीवस्सवि जीवा उद्दाइत्ता २ २१४ Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ पुक्खर० सूरचंदाई] सुत्तागमे २१५ तहेव भाणियव्वं ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-कालोए समुद्दे २ ? गोयमा ! कालोयस्स णं समुद्दस्स उदए आसले मासले पेसले कालए भासरासिवण्णाभे पगईए उदगरसेणं पण्णत्ते, कालमहाकाला एत्थ दुवे देवा महिड्डिया जाव पलिओवमट्टिइया परिवसंति, से तेणटेणं गोयमा ! जाव णिच्चे ॥ कालोए णं भंते ! समुद्दे कइ चंदा पभासिंसु वा ३ ? पुच्छा, गोयमा ! कालोए णं समुद्दे बायालीसं चंदा पभासेंसु वा ३–बायालीसं चंदा बायालीसं च दिणयरा दित्ता ॥ कालोदहिम्मि एए चरंति संबद्धलेसागा ॥१॥ णक्खत्ताण सहस्सं एगं छावत्तरं च सयमणं । छच्च सया छण्णउया महागहा तिण्णि य सहस्सा ॥२॥ अट्ठावीसं कालोदहिम्मि बारस य सयसहस्साइं । नव य सया पन्नासा तारागणकोडिकोडीणं ॥३॥ सोभेसु वा ३ ॥१७५॥ कालोयं णं समुदं पुक्खरवरे णाम दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ.समंता संपरि० तहेव जाव समचकवालसंठाणसंठिए नो विसमचक्कवालसंठाणसंठिए । पुक्खरवरे णं भंते! दीवे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! सोलस जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं-एगा जोयणकोडी बाणउई खलु भवे सयसहस्सा । अउणाणउइं अट्ठ सया चउणउया य [ परिरओ ] पुक्खरवरस्स ॥ १॥ से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं० संपरि० दोण्हवि वण्णओ ॥ पुक्खरवरस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पण्णत्ता, तंजहा-विजए वेजयंते जयंते अपराजिए ॥ कहि णं भंते ! पुक्खरवरस्स दीवस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते ? गोयमा ! पुक्खरवरदीवपुरच्छिमपेरंते पुक्खरोदसमुद्दपुरच्छिमद्धस्स पचत्थिमेणं एत्थ णं पुक्खरवरदीवस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते तं चेव सव्वं, एवं चत्तारिवि दारा, सीयासीओया णत्थि भाणियव्वाओ ॥ पुक्खरवरस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य २ एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा !-अडयाल सयसहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साई। अगुणुत्तरा य चउरो दारंतर पुक्खरवरस्स ॥१॥ पएसा दोण्हवि पुट्ठा, जीवा दोसु भाणियव्वा ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-पुक्खरवरदीवे २? गो० ! पुक्खरवरे गं दीवे तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहवे पउमरुक्खा पउमवणसंडा णिच्चं कुसुमिया जाव चिट्ठति, पउममहापउमरुक्खा एत्थ णं पउमपुंडरीया णामं दुवे देवा महिड्डिया जाव पलिओवमद्विइया परिवसंति, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-पुक्खरवरदीवे २ जाव निच्चे ॥ पुक्खरवरे णं भंते ! दीवे केवइया चंदा पभासिंसु वा ३ ? एवं पुच्छा,चोयालं चंदसयं चउयालं चेव सूरियाण सयं । पुक्खरवरदीवंमि चरंति एए पभासेंता ॥ १॥ चत्तारि सहस्साई बत्तीसं चेव होंति णक्खत्ता । छच्च सया बावत्तर Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे महग्गहा बारह सहस्सा ॥२॥ छण्णउइ सयसहस्सा चत्तालीसं भवे सहस्साई। चत्तारि सया पुक्खर[वर]तारागणकोडिकोडीणं ॥ ३ ॥ सोमेंसु वा ३ ॥ पुक्खरवरदीवस्स णं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं माणुसुत्तरे नामं पव्वए पण्णत्ते वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जे णं पुक्खरवरं दीवं दुहा विभयमाणे २ चिठ्ठइ, तंजहाअभितरपुक्खरद्धं च बाहिरपुक्खरद्धं च ॥ अभितरपुक्खरद्धे णं भंते ! केवइयं चक्कवालेणं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! अट्ठ जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं-कोडी बायालीसा तीसं दोण्णि य सया अगुणवण्णा । पुक्खरअद्धपरिरओ एवं च मणुस्सखेत्तस्सं ॥ १॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-अभितरपुक्खरद्धे २ ? गोयमा ! अभितरपुक्खरद्धे णं माणुसुत्तरेणं पव्वएणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, से एएणटेणं गोयमा !• अभितरपुक्खरद्धे २, अदुत्तरं च णं जाव णिच्चे ॥ अभितरपुक्खरद्धे णं भंते ! केवइया चंदा पभासिंसु वा ३ सा चेव पुच्छा जाव तारागणकोडिकोडीओ०?, गोयमा!-बावत्तरिं च चंदा बावत्तरिमेव दिणयरा दित्ता। पुक्खरवरदीवड्ढे चरंति एए पभासेंता ॥ १ ॥ तिण्णि सया छत्तीसा छच्च सहस्सा महग्गहाणं तु । णक्खत्ताणं तु भवे सोलाइं दुवे सहस्साइं ॥ २ ॥ अडयाल सयसहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साइं। दोन्नि सय पुक्खरद्धे तारागणकोडिकोडी] ॥ ३ ॥ सोभेसु वा ३ ॥ १७६ ॥ समयखेत्ते णं भंते ! केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी जावभितरपुक्खरद्धपरिरओ से भाणियव्वो जाव अउणपण्णे ॥ से केपट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-माणुसखेत्ते २ ? गोयमा ! माणुसखेत्ते णं तिविहा मणुस्सा परिवसंति, तंजहा~-कम्मभूमगा अकम्मभूमगा अंतरदीवगा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-माणुसखेत्ते माणुसखेत्ते ॥ माणुसखेत्ते णं भंते ! कइ चंदा पभासेंसु वा ३ ? कइ सूरा तवइंसु वा ३१० गोयमा !--बत्तीसं चंदसयं बत्तीसं चेव सूरियाण सयं । सयलं मणुस्सलोयं चरेंति एए पभासेंता ॥ १ ॥ एकारस य सहस्सा छप्पि य सोला महग्गहाणं तु । छच्च सया छण्णउया णक्खत्ता तिण्णि य सहस्सा ॥ २॥ अडसीइ सयसहस्सा चत्तालीस सहस्स मणुयलोगंमि । सत्त य सया अणूणा तारागणकोडिकोडीणं ॥ ३ ॥ सोभं सोभेसु वा ३ ॥ एसो तारापिंडो सव्वसमासेण मणुयलोगंमि । बहिया पुण ताराओ जिणेहिं भणिया असंखेजा ॥१॥ एवइयं तारग्गं जं भणियं माणुसंमि लोगंमि । चारं कलंबुयापुप्फसंठियं जोइसं चरइ ॥ २ ॥ रविससिगहनक्खत्ता एवइया आहिया मणुयलोए । जेसिं नामागोयं न पागया पन्नवेहिति ॥ ३ ॥ छावट्ठी पिडगाइं चंदाइच्चाण मणुयलोगंमि । दो चंदा दो Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ सूर २ चंद २ अंतरं] सुत्तागमे सूरा य होंति एक्केक्कए पिडए ॥ ४ ॥ छावट्ठी पिडगाइं नक्खत्ताणं तु मणुयलोगंमि । छप्पन्नं नक्खत्ता य होंति एक्केकए पिडए ॥ ५॥ छावट्ठी पिडगाई महागहाणं तु मणुयलोगंमि । छावत्तरं गहसयं च होइ एकेक्कए पिडए ॥ ६ ॥ चत्तारि य पंतीओ चंदाइच्चाण मणुयलोगंमि । छावट्ठिय छावट्ठिय होइ य एकेकया पंती ॥ ७ ॥ छप्पन्नं पंतीओ नक्खत्ताणं तु मणुयलोगंमि । छावट्ठी छावट्ठी हवइ य एकेकया पंती ॥ ८ ॥ छावत्तरं गहाणं पंतिसयं होइ मणुयलोगंमि। छावट्ठी छावट्ठी य होइ एकेकया पंती ॥९॥ ते मेरु परियडन्ता पयाहिणावत्तमंडला सव्वे । अणवट्ठियजोगेहिं चंदा सूरा गहगणा य ॥ १० ॥ नक्खत्ततारगाणं अवट्ठिया मंडला मुणेयव्वा । तेऽविय पयाहिणावत्तमेव मेरुं अणुचरंति ॥ ११ ॥ रयणियरदिणयराणं उड्ढे व अहे व संकमो नत्थि । मंडलसंकमणं पुण अभितरबाहिरं तिरिए ॥ १२ ॥ रयणियरदिणयराणं नक्खत्ताणं महग्गहाणं च । चारविसेसेण भवे सुहदुक्खविही मणुस्साणं ॥ १३ ॥ तेसिं पविसंताणं तावक्खेत्तं तु वडए नियमा। तेणेव कमेण पुणो परिहायइ निक्खमंताणं ॥ १४ ॥ तेसिं कलंबुयापुप्फसंठिया होइ तावखेत्तपहा । अंतो य संकुया बाहि वित्थडा चंदसूरगणा ॥ १५॥ केणं वड्डइ चंदो परिहाणी केण होइ चंदस्स । कालो वा जोण्हो वा केणऽणुभावेण चंदस्स ? ॥ १६ ॥ किण्हं राहुविमाणं निच्चं चंदेण होइ अविरहियं । चउरंगुलमप्पत्तं हिट्ठा चंदस्स तं चरइ ॥ १७ ॥ बावडिं वावडिं दिवसे दिवसे उ सुक्कपक्खस्स । जं परिवड्डइ चंदो खवेइ तं चेव कालेणं ॥ १८ ॥ पन्नरसइभागेण य चंदं पन्नरसमेव तं वरइ । पन्नरसइभागेण य पुणोवि तं चेव तिकमइ ॥ १९ ॥ एवं वड्डइ चंदो परिहाणी एव होइ चंदस्स । कालो वा जोण्हा वा तेणणुभावेण चंदस्स ॥ २० ॥ अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति चारोवगा य उववण्णा । पञ्चविहा जोइसिया चंदा सूरा गहगणा य ॥ २१ ॥ तेण परं जे सेसा चंदाइच्चगहतारनक्खत्ता । नत्थि गई नवि चारो अवठिया ते मुणेयव्वा ॥ २२ ॥ दो चंदा इह दीवे चत्तारि य सागरे लवणतोए। धायइसंडे दीवे बारस चंदा य सूरा य ॥ २३ ॥ दो दो जंबुद्दीवे ससिसूरा दुगुणिया भवे लवणे । लावणिगा य तिगुणिया ससिसूरा धायईसंडे ॥ २४ ॥ धायइसंडप्पभिई उद्दिट्ठतिगुणिया भवे चंदा । आइल्लचंदसहिया अणंतराणंतरे खेत्ते ॥ २५ ॥ रिक्खग्गहतारग्गं दीवसमुद्दे जहिच्छसे नाउं । तस्स ससीहिं गुणियं रिक्खग्गहतारगाणं तु ॥ २६ ॥ चंदाओ सूरस्स य सूरा चंदस्स अंतरं होइ । पन्नास सहस्साइं तु जोयणाणं अणूणाई ॥२७॥ सूरस्स य सूरस्स य ससिणो ससिणो य अंतरं होइ । बहियाओ मणुस्सनगस्स जोयणाणं सयसहस्सं ॥ २८ ॥ सूरतरिया चंदा चंदंतरिया य दिणयरा दित्ता । Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१८ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे चित्तंतरलेसागा सुहलेसा मंदलेसा य ॥ २९ ॥ अट्ठासीइं च गहा अट्ठावीसं च होंति नक्खत्ता । एगससीपरिवारो एत्तो ताराण वोच्छामि ॥ ३० ॥ छावट्ठिसहस्साई नव चेव सयाई पंचसयराइं । एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं ॥ ३१ ॥ बहियाओ माणुसनगस्स चंदसूराणऽवट्ठिया जोगा। चंदा अभीइजुत्ता सूरा पुण होंति पुस्सेहिं ॥ ३२ ॥ १७७ ॥ माणुसुत्तरे णं भंते ! पव्वए केवइयं उर्दू उच्चत्तेणं ? केवइयं उव्वेहेणं ? केवइयं मूले विक्खम्भेणं ? केवइयं मज्झे विक्खंभेणं ? केवइयं सिहरे विक्खंभेणं ? केवइयं अंतो गिरिपरिरएणं ? केवइयं बाहिं गिरिपरिरएणं ? केवइयं मज्झे गिरिपरिरएणं ? केवइयं उवरि गिरिपरिरएणं ?, गोयमा ! माणुसुत्तरे णं पव्वए सत्तरस एकवीसाइं जोयणसयाई उर्दू उच्चत्तेणं चत्तारि तीसे जोयणसए कोसं च उव्वेहेणं मूले दसबावीसे जोयणसए विक्खंभेणं मज्झे सत्ततेवीसे जोयणसए विक्खंभेणं उवरि चत्तारिचउवीसे जोयणसए विक्खंभेणं अंतो गिरिपरिरएणं--एगा जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साई। तीसं च सहस्साइं दोण्णि य अउणापण्णे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, बाहिरगिरिपरिरएणं एगा जोयणकोडी वायालीसं च सयसहस्साई छत्तीसं च सहस्साइं सत्तचोइसोत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं, मज्झे गिरिपरिरएणं एगा जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साई चोत्तीसं च सहस्सा अट्ठतेवीसे जोयणसए परिक्खेवणं, उवरि गिरिपरिरएणं एगा जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साई बत्तीसं च सहस्साई नव य बत्तीसे जोयणसए परिक्खेवेणं, मूले विच्छिन्ने मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए अंतो सण्हे मज्झे उदग्गे बाहिं दरिसणिज्जे ईसिं सण्णिसण्णे सीहणिसाई अवद्धजवरासिसंठाणसंठिए सव्वजंबूणयामए अच्छे सण्हे जाव पडिरूवे, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वण्णओ दोण्हवि ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-माणुसुत्तरे पव्वए २ ? गोयमा ! माणुसुत्तरस्स णं पव्वयस्स अंतो मणुया उप्पिं सुवण्णा बाहिं देवा अदुत्तरं च णं गोयमा! माणुसुत्तरपव्वयं मणुया ण कयाइ वीइवइंसु वा वीइवयंति वा वीइवइस्संति वा णण्णत्थ चारणेहिं वा विज्जाहरेहिं वा देवकम्मुणा वावि, से तेणटेणं गोयमा !० अदुत्तरं च णं जाव णिच्चेत्ति ॥ जावं च णं माणुसुत्तरे पव्वए तावं च णं अस्सि लोएत्ति पवुच्चइ, जावं च णं वासाइं वा वासहराई वा तावं च णं अस्सि लोएत्ति पवुच्चइ, जावं च णं गेहाइ वा गेहावणाइ वा तावं च णं अस्सि लोएत्ति पवुच्चइ, जावं च णं गामाइ वा जाव रायहाणीइ वा तावं च णं आसं लोएत्ति पवुच्चइ, जावं च णं अरहंता चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा पडिवासुदेवा चारणा विजाहरा समणा समणीओ सावया सावि Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३ बाहिरगचंदाइपुच्छा] सुत्तागमे २१९ याओ मणुया पगइभद्दगा विणीया तावं च णं अस्सि लोएत्ति पवुञ्चइ, जावं च णं समयाइ वा आवलियाइ वा आणापाणूइ वा थोवाइ वा लवाइ वा मुहुत्ताइ वा दिवसाइ वा अहोरत्ताइ वा पक्खाइ वा मासाइ वा उदूइ वा अयणाइ वा संवच्छराइ वा जुगाइ वा वाससयाइ वा वाससहस्साइ वा वाससयसहस्साइ वा पुव्वंगाइ वा पुवाइ वा तुडियंगाइ वा, एवं तुडिए अडडे अववे हुहुए उप्पले पउमे णलिणे अच्छिणिउरे अउए णउए पउए चूलिया जाव सीसपहेलियंगेइ वा सीसपहेलियाइ वा पलिओवमेइ वा सागरोवमेइ वा उवसप्पिणीइ वा ओसप्पिणीइ वा तावं च णं अस्सि लोएत्ति पवुच्चइ, जावं च णं बायरे विजुयारे बायरे थणियसद्दे तावं च णं अस्सि०, जावं च णं बहवे ओराला बलाहगा संसेयंति संमुच्छंति वासं वासंति तावं च णं अस्सि लोए०, जावं च णं बायरे तेउकाए तावं च णं अस्सि लोए०, जावं च णं आगराइ वा णिहीइ वा तावं च णं अस्सिं लोएत्ति पवुच्चइ, जावं च णं अगडाइ वा णईइ वा तावं च णं अस्सि लोए०, जावं च णं चंदोवरागाइ वा सूरोवरागाइ वा चंदपरिवेसाइ वा सूरपरिवेसाइ वा पडिचंदाइ वा पडिसूराइ वा इंदधणूइ वा उदगमच्छेइ वा कविहसियाइ वा तावं च णं अस्सि लोएत्ति प०, जावं च णं चंदिमसूरियगहणक्खत्ततारारूवाणं अभिगमणनिग्गमणवुड्डिणित्रुड्डिअणवटियसंठाणसंठिई आधविजइ तावं च णं अस्सि लोएत्ति पवुच्चइ ॥ १७८ ॥ अंतो णं भंते ! मणुस्सखेत्तस्स जे चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवा ते णं भन्ते! देवा किं उड्डोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा चारद्विइया गइरइया गइसमावण्णगा ? गोयमा ! ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा णो कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा नो चारठुिइया गइरइया गइसमावण्णगा उड्डमुहकलंबुयपुप्फसंठाणसंठिएहिं जोयणसाहस्सिएहिं तावखेत्तेहिं साहस्सियाहिं बाहिरियाहिं वेउब्वियाहिं परिसाहिं महया हयनदृगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपड्डुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणा महया २ उक्कट्ठिसीहणायबोलकलकलसद्देण विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणा अच्छयपव्वयरायं पयाहिणावत्तमंडलयारं मेरुं अणुपरियडंति ॥ जया णं भंते ! तेसिं देवाणं इंदे चवइ से कहमिदाणिं पकरेंति ? गोयमा ! ताहे चत्तारि पंच सामाणिया तं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति जाव तत्थ अन्ने इंदे उववण्णे भवइ ॥ इंदट्ठाणे णं भंते ! केवइयं कालं विरहिए उववाएणं पण्णत्ते ? गोयमा ! 'जहण्णेणं एक समयं उक्कोसेणं छम्मासा ॥ बहिया णं भंते ! मणुस्सखेत्तस्स जे चंदिमसूरियगहणक्खत्ततारारूवा ते णं भंते ! देवा किं उड्डोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा चारढ़िइया गइरइया Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२० सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे गइसमावण्णगा? गोयमा ! ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा नो कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा नो चारोववण्णगा चारद्विइया नो गइरइया नो गइसमावण्णगा पक्किटगसंठाणसंठिएहिं जोयणसयसाहस्सिएहिं तावक्खेत्तेहिं साहस्सियाहि य बाहिराहिं वेउब्वियाहिं परिसाहिं मया हयणगीयवाइय० रवेणं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा जाव सुहलेस्सा सीयलेस्सा मंदलेस्सा मंदायवलेस्सा चित्तंतरलेसागा कूडा इव ठाणट्ठिया अण्णोण्णसमोगाढाहिं लेसाहिं ते पएसे सव्वओ समंता ओभासेंति उज्जोवेंति तवंति पभासेंति ॥ जया णं भंते ! तेसिं देवाणं इंदे चयइ से कहमिदाणिं पकरेंति ? गोयमा ! जाव चत्तारि पंच सामाणिया तं ठाणं उवसंपजित्ताणं विहरंति जाव तत्थ अण्णे इंदे उववण्णे भवइ । इंदट्ठाणे णं भंते ! केवइयं कालं विरहिए उववाएणं प० ? गोयमा ! जहण्णेणं एकं समयं उक्कोसेणं छम्मासा ॥ १७९ ॥ पुक्खरवरण्णं दीवं पुक्खरोदे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ ॥ पुक्खरोदे णं भंते ! समुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! संखेजाई जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं संखेजाइं जोयणसयसहस्साई परिक्खेवेणं पण्णत्ते ॥ पुक्खरोदस्स णं भंते ! समुद्दस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पण्णत्ता तहेव सव्वं पुक्खरोदसमुद्दपुरथिमपेरंते वरुणवरदीवपुरथिमद्धस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं पुक्खरोदस्स विजए नामं दारे पण्णत्ते, एवं सेसाणवि । दारंतरंमि संखेजाइं जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । पएसा जीवा य तहेव । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ—पुक्खरोदे समुद्दे २ ? गोयमा । पुक्खरोदस्स णं समुदस्स उदगे अच्छे पत्थे जच्चे तणुए फलिहवण्णाभे पगईए उदगरसेणं सिरिधरसिरिप्पभा य० दो देवा महिडिया जाव पलिओवमद्विइया परिवसंति, से एएणटेणं जाव णिच्चे । पुक्खरोदे णं भंते ! समुद्दे केवइया चंदा पभासिंसु. वा ३१० संखेजा चंदा पभासेंसु वा ३ जाव तारागणकोडिकोडीओ सोभेसु वा ३ ॥ पुक्खरोदण्णं समुई वरुणवरे णामं दीवे वट्टे वलयागार जाव चिठ्ठइ, तहेव समचक्कवालसंठिए० केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते? गोयमा! संखेजाई जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं संखेजाइं जोयणसयसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, पउमवरवेइयावणसंडवण्णओ दारंतरं पएसा जीवा तहेव सव्वं ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-वरुणवरे दीवे २ ? गोयमा ! वरुणवरे णं दीवे तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहूओ खुड्डाखुड्डियाओ जाव बिलपंतियाओ अच्छाओ० पत्तेयं २ पउमवरवेइयापरि० वण० वारुणोदगपडिहत्थाओ पासाइयाओ ४, तासु णं खुड्डाखुडियासु जाव बिलपंतियासु बहवे उप्पायपव्वया जाव खडहडगा सव्वफलिहामया Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ३ खीरोदुदयवण्णणं] सुत्तागमे २२१ अच्छा तहेव वरुणवरुणप्पभा य एत्थ दो देवा महिड्डिया० परिवसंति, से तेणटेणं जाव णिच्चे । जोइस सव्वं संखेजगेणं जाव तारागणकोडिकोडीओ । वरुणवरणं दीवं वारुणोदे णामं समुद्दे वट्टे वलया० जाव चिट्ठइ, समचक्क० विसमचक्कवालवि० तहेव सव्वं भाणियव्वं, विक्खंभपरिक्खेवो संखिजाइं जोयणसहस्साइं दारंतरं च पउमवर० वणसंडे पएसा जीवा अट्ठो-गोयमा ! वारुणोदस्स णं समुदस्स उदए से जहा नामएचंदप्पभाइ वा मणिसिलागाइ वा सीहूइ वा वारुणीइ वा पत्तासवेइ वा पुप्फासवेइ वा चोयासवेइ वा फलासवेइ वा महुमेरएइ वा जंबूफलपुट्ठवन्नाइ वा जाइप्पसन्नाइ वा खजूरसारेइ वा मुद्दियासारेइ वा कापिसायणाइ वा सुपक्कखोयरसेइ वा पभूयसंभारसंचिया पोसमाससयभिसयजोगवत्तिया निरुवहयविसिट्ठदिन्नकालोवयारा उक्कोसमयपत्ता अट्ठपिट्ठनिट्ठिया वण्णेणं उववेया गंधेणं उववेया रसेणं उववेया फासेणं उववेया, भवे एयारूवे सिया ?, गोयमा ! नो इणढे समढे, वारुणस्स णं समुदस्स उदए एत्तो इट्टतरे जाव 'आसाएणं पण्णत्ते तत्थ णं वारुणिवारुणकंता दो देवा महिड्डिया जाव परिवसंति, से एएणटेणं जाव णिचे, सव्वं जोइस संखिज्जकेण नायव्वं ॥ १८० ॥ वारुणोदण्णं समुदं खीरवरे णामं दीवे वट्टे जाव चिट्ठइ सव्वं संखेजगं विक्खंभे य परिक्खेवो य जाव अट्ठो० बहूओ खुड्डा० वावीओ जाव बिलपंतियाओ खीरोदगपडिहत्थाओ पासाइयाओ ४, तासु णं० खुड्डियासु जाव बिलपंतियासु बहवे उप्पायपव्वयगा सव्वरयणामया जाव पडिरूवा, पुंडरीगपुप्फदंता एत्थ दो देवा महिड्डिया जाव परिवसंति, से एएणटेणं जाव निच्चे जोइसं सव्वं संखेनं ॥ खीरवरणं दीवं खीरोए नामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव परिक्खित्ताणं चिट्ठइ, समचक्कवालसंठिए नो विसमचकवालसंठिए, संखेनाइं जोयणस० विक्खंभपरिक्खेवो तहेव सव्वं जाव अट्ठो, गोयमा ! खीरोयस्स णं समुदस्स उदगं से जहा णामएसुउसहीमारुपण्णअजुणतरुणसरसपत्तकोमलअत्थिरगत्तणग्गपोंडगवरुच्छुचारिणीणं लवंगपत्तपुप्फपल्लवककोलगसफलरुक्खबहुगुच्छगुम्मकलियमलट्ठिमहुपउरपिप्पलीफलियवल्लिवरविवरचारिणीणं अप्पोदगपिइरइसरसभूमिभागणिभयसुहोसियाणं सुपोसियसुहायाणं रोगपरिवज्जियाणं णिस्वहयसरीराणं कालप्पसविणीणं बिइयतइयसामप्पसूयाणं अंजणवरगवलवलयजलधरजञ्चजण रिट्ठभमरपभूयसमप्पभाणं गावीणं कुंडदोहणाणं वद्धत्थीपत्थुयाणं रूढाणं मधुमासकाले संगहिए होजचाउरकेव होज तासिं खीरे महुररसविवगच्छबहुदव्वसंपउत्ते पत्तेयं मंदग्गिसुकढिए आउत्ते खंडगुडमच्छंडिओववेए रण्णो चाउरंतचक्वहिस्स उवट्ठविए आसायणिज्जे विस्सायणिज्जे पीणणिजे जाव सव्विंदियगायपल्हायणिजे वण्णेणं उववेए जाव फासेणं उववेए, भवे एयारूवे Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे सिया ?, णो इणढे समढे, खीरोदस्स णं समुदस्स उदए एत्तो इठ्ठयराए चेव जाव आसाएणं पण्णत्ते, विमलविमलप्पभा एत्थ दो देवा महिड्डिया जाव परिवसंति, से तेणटेणं० संखेज्जा चंदा जाव तारा ॥ १८१ ॥ खीरोदण्णं समुई घयवरे णाम दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव परि० चिट्ठइ, समचक्कवाल० नो विसम० संखेजविक्खंभपरि० पएसा जाव अट्ठो, गोयमा ! घयवरे णं दीवे तत्थ २ . बहूओ खुड्डाखुड्डीओ वावीओ जाव घयोदगपडिहत्थाओ उप्पायपव्वयगा जाव खडहड० सव्वकंचणमया अच्छा जाव पडिरूवा, कणयकणयप्पभा एत्थ दो देवा महिड्डिया० चंदा संखेज्जा० ॥ घयवरण्णं दीवं घओदे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव चिट्ठइ, समचक्क० तहेव दारपएसा जीवा य अट्ठो, गोयमा ! घओदस्स णं समुद्दस्स उदए से जहा० सेजवग्गपप्फुल्लसल्लइविमुकुलकण्णियारसरसवसुविसुद्धकोरेंटदामपिंडियतरस्स निद्धगुणतेयदीवियनिरुवयविसिट्ठसुंदरतरस्स सुजायदहिमहियतदिवसगहियनवणीयपडुवणावियमुक्कड्डियउद्दावसज्जवीसंदियस्स अहियं पीवरसुरहिगंधमणहरमहरपरिणामदरिसणिजस्स पत्थनिम्मलसुहोवभोगस्स सरयकालंमि होज्ज गोघयवरस्स मंडए, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, गोयमा ! घओदस्स णं समुदस्स एत्तो इठ्ठयराए जाव आसाएणं प० कंतसुकंता एत्थ दो देवा महिड्डिया जाव परिवसंति सेसं तं चेव जाव तारागणकोडिकोडीओ ॥ घओदण्णं समुदं खोयवरे णामं दीवे वट्टे वलयागार जाव चिठ्ठइ तहेव जाव अट्ठो, खोयवरे णं दीवे तत्थ २ देसे २ तहिं २ खुड्डा० वावीओ जाव खोदोदगपडिहत्थाओ० उप्पायपन्वयगा सव्ववेरुलियामया जाव पडिरूवा, सुप्पभमहप्पभा य एत्थ दो देवा महिड्डिया जाव परिवसंति, से एएण० सव्वं जोइसं तं चेव जाव तारा० ॥ खोयवरणं दीवं खोदोदे नामं समुद्दे वट्टे वलया० जाव संखेजाइं जोयणसयसहस्साइं परिक्खेवेणं जाव अट्ठो, गोयमा ! खोदोदस्स णं समुद्दस्स उदए से जहा० आसलमासलपसत्थवासंतनिद्धसुकुमालभूमिभागे सुच्छिन्ने सुकट्ठलट्ठविसिठ्ठनिरुवहयाजीयवावीतसुकासजपयत्तनिउणपरिकम्मअणुपालियसुबुद्भिवुड्डाणं सुजायाणं लवणतणदोसवज्जियाणं णयायपरिवटियाणं निम्मायसुंदराणं रसेणं परिणयमउपीणपोरभंगुरसुजायमहुररसपुप्फविरइयाणं उवद्दवविवज्जियाणं सीयपरिफासियाणं अभिणवभग्गाणं अपालियाणं तिभायणिच्छोडियवाडिगाणं अवणियमूलाणं गंठिपरिसोहियाणं कुसलणरकप्पियाणं उच्छूढाणं जाव पोंडियाणं बलवगणरजत्तजन्तपरिगालियमेत्ताणं खोयरसे होजा वत्थपरिपूए चाउजायगसुवासिए अहियपत्थलहुए वण्णोववेए तहेव, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, खोदोदस्स णं समुदस्स उदए एत्तो इट्टयराए चेव जाव आसाएणं प० Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दहिमुहगपव्वया] सुत्तागमे २२३ पुण्णभद्दमाणिभद्दा य (पुण्णपुण्णभद्दा) इत्थ दुवे देवा जाव परिवसंति, सेसं तहेव, जोइसं संखेनं चंदा० ॥ १८२ ॥ खोदोदण्णं समुदं गंदीसरवरे णामं दीवे वट्टे वलयागारसंठिए तहेव जाव परिक्खेवो । पउमवर० वणसंडपरि० दारा दारंतरप्पएसे जीवा तहेव ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-नंदीसरवरदीवे २ ? गोयमा! नंदीसरवरदीवे २ तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहूओ खुड्डा० वावीओ जाव बिलपंतियाओ खोदोदगपडिहत्थाओ० उप्पायपव्वयगा सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिरूवा ॥ अदुत्तरं च णं गोयमा ! गंदीसरवरदीवचकवालविक्खंभबहुमज्झदेसभागे एत्थ णं चउहिसिं चत्तारि अंजणगपव्वया पण्णत्ता, ते णं अंजणगपव्वया चउरासीइजोयणसहस्साइं उद्धं उच्चत्तेणं एगमेगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं मूले साइरेगाई दस जोयणसहस्साई धरणियले दस जोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं तओऽणंतरं च णं मायाए २ पएसपरिहाणीए परिहायमाणा २ उवरिं एगमेगं जोयणसहस्सं आयामविक्खंभेणं मूले एकतीसं जोयणसहस्साइं छच्च तेवीसे जोयणसए किंचिविसेसाहिया परिक्खेवेणं धरणियले एकतीसं जोयणसहस्साई छच्च तेवीसे जोयणसए देसूणे परिक्खेवेणं सिहरतले तिण्णि जोयणसहस्साइं एगं च बावढं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ता मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पि तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्वंजणामया अच्छा जाव पत्तेयं २ पउमवरवेइयापरि० पत्तेयं २ वणसंडपरिक्खित्ता वण्णओ ॥ तेसि णं अंजणगपव्वयाणं उवरि पत्तेयं २ बहुसमरमणिज्जो भूमिभागो पण्णत्तो, से जहाणामए—आलिंगपुक्खरेइ वा जाव विहरंति ॥ तत्थ णं जे से पुरच्छिमिल्ले अंजणगपव्वए तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि णंदाओ पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तंजहा—णंदुत्तरा य णंदा आणंदा गंदिवद्धणा। (नंदिसेणा अमोघा य गोथूभा य सुदंसणा) ताओ णं णंदापुक्खरिणीओ अच्छाओ सण्हाओ० पत्तयं पत्तेयं पउमवरवेइया० पत्तेयं पत्तेयं वणसंडपरिक्खित्ता० तत्थ तत्थ जाव सोवाणपडिरूवगा तोरणा ॥ तासि णं पुक्खरिणीणं बहुमज्झदेसभाए पत्तेयं पत्तयं दहिमुहपव्वया चउसट्टि जोयणसहस्साइं उर्दू उच्चत्तेणं एगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं सव्वत्थसमा पल्लगसंठाणसंठिया दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं एकतीसं जोयणसहस्साइं छच्च तेवीसे जोयणसए परिक्खेवणं पण्णत्ता सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, तहा पत्तेयं पत्तेयं पउमवरवेइया० वणसंडवण्णओ बहुसम० जाव आसयंति सयंति० । तत्थ णं जे से दक्खिणिल्ले अंजणगपव्वए तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि णंदाओ पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-भद्दा य विसाला य कुमुया पुंडरीगिणी, (नन्दुत्तरा य नंदा य आनन्दा नन्दिवड्डणा) तं चेव दहिमुहा पव्वया तं चेव पमाणं जाव Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२४ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे विहरंति ॥ तत्थ णं जे से पच्चत्थिमिले अंजणगपव्वए तस्स णं चउदिसिं चत्तारि णंदा पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तंजहा - दिसेणा अमोहा य गोथूभा य सुदंसणा, ( भद्दा य विसाला य कुमुया पुंडरीगिणी) तं चेत्र सव्वं भाणियव्वं ॥ तत्थ णं जे से उत्तरिले अंजणगपव्त्रए तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारि णंदापुक्खरिणीओ प०, तंजहा – विजया 'वेजयंती य जयंती अपराजिया, तहेव दहिमुहगपव्वया तहेव जाव वणखंडा बहु० जाव विहरति । अदुत्तरं च णं गोयमा ! णंदीसरवरस्स णं दीवस्स चक्कवाल विक्खं - भस्स बहुमज्झदेसभाए चउसु विदिसासु चत्तारि रइकरगपव्वया प० तं० - उत्तरपुरच्छिमिले रइकरगपव्वए दाहिणपुरत्थिमिले रइकरगपव्वए दाहिणपञ्चत्थिमिले रइकरगपव्वए उत्तरपच्चत्थिमिल्ले रइकरगपव्वए, ते णं रइकरगपव्वया दसजोयणसयाई उ उच्चत्तेणं, दसगाउयसयाई उव्वेहेणं, सव्वत्थसमा झल्लरिसंठाणसंठिया, दसजोयणसहस्साईं विक्खंभेणं, एकतीसं जोयणसहस्साइं छच्चतेवीसे जोयणसए परिक्खेवेणं, सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तत्थ णं जे से उत्तरपुरच्छिमिल्ले रइकरगपव्वए तस्स णं चउद्दिसिमीसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ प० तं०- णंदोत्तरा णंदा उत्तरकुरा देवकुरा, कहाए कण्हराई कामाए कामरक्खियाए । तत्थ णं जे से दाहिणपुरच्छिमिले रइकरगपव्वए तस्स णं चउद्दिर्सि सक्क्स्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणाओ चत्तारि रायहाणीओ प० तं० - सुमणा सोमणसा अश्चिमाली मणोरमा, पउमाए सिवाए सईए अंजूए । तत्थ णं जे से दाहिणपच्चत्थिमिले रइकरगपव्वए तस्स णं चउद्दिर्सि सक्क्स्स देविंदस्स देवरण्णो चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ प० तं ० - भूया भूयवडिंसा गोथूभा सुदंसणा, अमलाए अच्छराए नवमिया रोहिणी । तत्थ णं जे से उत्तर पञ्चत्थिमिले रइकरगपव्वए तस्स णं चउदि - सिमीसाणस्स चउण्हमग्गमहिसीणं जंबुद्दीवप्पमाणमेत्ताओ चत्तारि रायहाणीओ प० तं ० - रयणा रयणोच्चया सव्वरयणा रयणसंचया, वसूए वसगुत्ताए वसुमित्ताए वसुंधराए । कलासहरिवाहाय तत्थ दुवे देवा महिड्डिया जाव पलिओवमद्विइया परिवसंति, से एएणणं गोयमा ! जाव णिचे जोइस संखेज्जं ॥ १८३ ॥ णंदीसरवरण्णं दीवं दसरोदे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव सव्वं तहेव अट्ठो जो खोदोदगस्स जाव सुमणसोमणसभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया जाव परिवसंति सेसं तव जाव तारग्गं ॥ १८४ ॥ णंदीसरोदं णं समुद्दं अरुणे णामं दीवे वट्टे वलयागार जाव संपरिक्खित्ताणं चिट्ठर । अरुणे णं भंते ! दीवे किं समचक्कवालसंठिए विसमचकवालसंठिए ? गोयमा ! समचक्कवालसंठिए नो विसमचक्कवालसंठिए, केवइयं Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ रुयगवरावभाससमुद्दो] सुत्तागमे २२५ चक्कवालवि० ? गोयमा ! संखेजाई जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं संखेजाई जोयणसयसहस्साइं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, पउमवर० वणसंडदारा दारंतरा य तहेव संखेजाइं जोयणसयसहस्साइं दारंतरं जाव अट्ठो, वावीओ० खोदोदगपडिहत्थाओ उप्पायपव्वयगा सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिरूवा, असोगवीयसोगा य एत्थ दुवे देवा महिड्डिया जाव परिवसंति, से तेण० जाव संखेनं सव्वं ॥ अरुणण्णं दीवं अरुणोदे णामं समुद्दे तस्सवि तहेव परिक्खेवो अट्ठो खोदोदगे णवरं सुभद्दसुमणभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया सेसं तहेव ॥ अरुणोदगं णं समुदं अरुणवरे णामं दीवे वढे वलयागारसंठाण तहेव संखेज्जगं सव्वं जाव अट्ठो० खोदोदगपडिहत्थाओ उप्पायपव्वयया सव्ववइरामया अच्छा जाव पडिरूवा, अरुणवरभद्दअरुणवरमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया०। एवं अरुणवरोदेवि समुद्दे जाव अरुणवरअरुणमहावरा य एत्थ दो देवा सेसं तहेव ॥ अरुणवरोदण्णं समुदं अरुणवरावभासे णामं दीवे वट्टे जाव अरुणवरावभासभद्दारुणवरावभासमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया० । एवं अरुणवरावभासे समुद्दे णवरि अरुणवरावभासवरारुणवरावभासमहावरा एत्थ दो देवा महिड्डिया० ॥ कुंडले दीवे कुंडलभद्दकुंडलमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया०, कुंडलोदे समुद्दे चक्खुसुभचक्खुकंता एत्थ दो देवा म० । कुंडलवरे दीवे कुंडलवरभकुंडलवरमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया०, कुंडलवरोदे समुद्दे कुंडलवर[वर कुंडलवरमहावरा एत्थ दो देवा म० ॥ कुंडलवरावभासे दीवे कुंडलवरावभासभकुंडलवरावभासमहाभद्दा एत्थ दो देवा० ॥ कुंडलवरोभासोदे समुद्दे कुंडलवरोभासवरकुंडलवरोभासमहावरा एत्थ दो देवा म० जाव पलिओवमट्ठिइया परिवसंति०॥ कुंडलवरोभासोदं णं समुदं रुयगे णामं दीवे वट्टे वलया. जाव चिट्ठइ, किं समचक्क० विसमचक्कवाल ? गोयमा ! समचक्कवाल० नो विसमचकवालसंठिए, केवइयं चक्कवाल० पण्णत्ते १० सव्वट्ठमणोरमा एत्थ दो देवा सेसं तहेव । स्यगोदे नामं समुद्दे जहा खोदोदे समुद्दे संखेजाई जोयणसयसहस्साइं चक्कवालवि० संखेजाई जोयणसयसहस्साइं परिक्खेवेणं दारा दारंतरंपि संखेजाइं जोइसपि सव्वं संखेनं भाणियव्वं, अट्ठोवि जहेव खोदोदस्स नवरि सुमणसोमणसा एत्थ दो देवा महिड्डिया तहेव रुयगाओ आढत्तं असंखेजं विक्खंभो परिक्खेवो दारा दारंतरं च जोइसं च सव्वं असंखेनं भाणियव्वं । रुयगोदण्णं समुदं ख्यगवरे णं दीवे वट्टे० रुयगवरभद्दस्यगवरमहाभद्दा एत्थ दो देवा० रुयगवरोदे स० रुयगवरख्यगवरमहावरा एत्थ दो देवा महिड्डिया० । रुयगवरावभासे दीवे रुयगवरावभासभद्दयगवरावभासमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया० । रुयगवरावभासे समुद्दे रुयगवरावभासवररुयगवरावभासमहावरा १५ सुत्ता. Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२६ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे एत्थ० ॥ हारदीवे हारभद्दहारमहाभद्दा एत्थ० । हारसमुद्दे हारवरहारवरमहावरा एत्थ दो देवा महिड्डिया० । हारवरोदे दीवे हारवरभद्दहारवरमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया० । हारवरोदे समुद्दे हारवरहारवरमहावरा एत्थ० । हारवरावभासे दीवे हारवरावभासभद्दहारवरावभासमहाभद्दा एत्थ० । हारवरावभासोदे समुद्दे हारवरावभासवरहारवरावभासमहावरा एत्थ० । एवं सब्वेवि तिपडोयारा णेयव्वा जाव सूरवरोभासोदे समुद्दे, दीवेसु भद्दनामा वरनामा होति उदहीसु, जाव पच्छिमभावं खोयवराईसु सयंभूरभणपजंतेसु वावीओ० खोदोदगपडिहत्थाओ पव्वयगा य सव्ववइरामया० । देवदीवे दीवे देवभद्ददेवमहाभद्दा एत्थ दो देवा महिड्डिया०, देवोदे समुद्दे देववरदेवमहावरा एत्थ० जाव सयंभूरमणे दीवे सयंभूरमणभद्दसयंभूरमणमहाभद्दा एत्य दो देवा महिड्डिया० । सयंभुरमणण्णं दीवं सयंभुरमणोदे नामं समुद्दे वट्टे वलया. जाव असंखेजाइं जोयणसयसहस्साइं परिक्खेवेणं जाव अट्ठो, गोयमा ! सयंभुरमणोदए उदए अच्छे पत्थे जच्चे तणुए फलिहवण्णाभे पगईए उदगरसेणं पण्णत्ते, सयंभुरमणवरसयंभुरमणमहावरा इत्थ दो देवा महिड्डिया सेसं तहेव जाव असंखेजाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभेसु वा ३ ॥ १८५ ॥ केवइया णं भंते ! जंबुद्दीवा दीवा णामधेजेहिं पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा जंबुद्दीवा २ नामधेजेहिं पण्णत्ता, केवइया णं भंते ! लवणसमुद्दा० पण्णत्ता ? गोयमा ! असंखेजा लवणसमुद्दा नामधेजेहिं पण्णत्ता, एवं धायइसंडावि, एवं जाव असंखेज्जा सूरदीवा नामधेजेहिं । एगे देवे दीवे पण्णत्ते एगे देवोदे समुद्दे पण्णत्ते, एवं णागे जक्खे भूए जाव एगे सयंभूरमणे दीवे एगे सयंभूरमणसमुद्दे णामधेज्जेणं पण्णत्ते ॥ १८६ ॥ लवणस्स णं भंते ! समुदस्स उदए केरिसए आसाएणं पण्णत्ते ? गोयमा! लवणस्स० उदए आविले रइले लिंदे लवणे कडुए अपेजे बहूणं दुपयचउप्पयमिगपसुपक्खिसरीसिवाणं णण्णत्थ तज्जोणियाणं सत्ताणं ॥ कालोयस्स णं भंते ! समुदस्स उदए केरिसए आसाएणं पण्णत्ते ? गोयमा ! आसले पेसले मासले कालए भासरासिवण्णाभे पगईए उदगरसेणं पण्णत्ते ॥ पुक्खरोदस्स णं भंते ! समुदस्स उदए केरिसए आ० पण्णत्ते ? गोयमा ! अच्छे जच्चे तणुए फालियवण्णाभे पगईए उदगरसेणं पण्णत्ते ॥ वारुणोदस्स णं भंते !०१ गोयमा ! से जहा णामए—पत्तासवेइ वा चोयासवेइ वा खजूरसारेइ वा मुद्दियासारेइ वा सुपक्कखोयरसेइ वा मेरएइ वा काविसायणेइ वा चंदप्पभाइ वा मणसिलाइ वा सीहूइ वा वारुणीइ वा अट्ठपिट्ठपरिणिट्ठियाइ वा जंबूफलकालियाइ वा पसण्णा उक्कोसमयप्पत्ता वण्णेणं उववेया जाव भवे एयारूवे सिया?, णो इणढे समढे, गोयमा ! वारुणोदए० इत्तो इट्ठतराए चेव जाव आसाएणं Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२७ प० ३ दीवसमुइसरूवपु०] सुत्तागमे प० । खीरोदस्स णं भंते !० उदए केरिसए आसाएणं पण्णत्ते ? गोयमा ! से जहा णामए-रन्नो चाउरंतचक्कवहिस्स चाउरके गोखीरे पयत्तमंदग्गिसुकढिए आउत्तरखंडमच्छंडिओववेए वण्णेणं उववेए जाव फासेणं उववेए, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, गोयमा ! खीरोयस्स० एत्तो इ8 जाव आसाएणं पण्णत्ते। घओदस्स णं० से जहा णामए-सारइयस्स गोघयवरस्स मंडे सल्लइकण्णियारपुप्फवण्णाभे सुकड्डियउदारसज्झवीसंदिए वण्णेणं उववेए जाव फासेणं उववेए, भवे एयारूवे सिया ?, णो इणढे समढे, इत्तो इट्टयरा०, खोदोदस्स० से जहा णामएउच्छृणं जच्चपुंडगाणं हरियालपिंडराणं भेरुंडछणाण वा कालपोराणं तिभागनिव्वाडियवाडगाणं बलवगणरजतपरिगालियमित्ताणं जे य रसे होजा वत्थपरिपूए चाउजायगसुवासिए अहियपत्थे लहुए वण्णेणं उववेए जाव भवेयारूवे सिया?, नो इणढे समढे, एत्तो इट्टयरा०, एवं सेसगाणवि समुदाणं भेदो जाव सयंभुरमणस्स, णवरि अच्छे जच्चे पत्थे जहा पुक्खरोदस्स ॥ कइ णं भंते ! समुद्दा पत्तेगरसा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि समुद्दा पत्तेगरसा पण्णत्ता, तंजहा--लवणे वारुणोदे खीरोदे घओदे ॥ कइ णं भंते ! समुद्दा पगईए उदगरसेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ समुद्दा पगईए उदगरसेणं पण्णत्ता, तंजहा-कालोदे पुक्खरोदे सयंभुरमणे, अवसेसा समुद्दा उस्सण्णं खोयरसा प० समणाउसो ! ॥ १८७ ॥ कइ णं भंते ! समुद्दा बहुमच्छकच्छभाइण्णा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ समुद्दा बहुमच्छकच्छभाइण्णा पण्णत्ता, तंजहा-लवणे कालोदे सयंभुरमणे, अवसेसा समुद्दा अप्पमच्छकच्छभाइण्णा पण्णत्ता समणाउसो! ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे कइ मच्छजाइकुलको डिजोणीपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त मच्छजाइकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता ॥ कालोदे णं भंते ! समुद्दे कइ मच्छजाइ० पण्णत्ता ? गोयमा ! नव मच्छजाइकुलकोडीजोणी० ॥ सयंभुरमणे णं भंते ! समुद्दे० ? गो०! अद्धतेरस मच्छजाइकुलकोडीजोणीपमुहसयसहस्सा पण्णत्ता ॥ लवणे णं भंते ! समुद्दे मच्छाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गो०! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं पंचजोयणसयाई ॥ एवं कालोदे उ० सत्त जोयणसयाइं ॥ सयंभूरमणे जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइ० उक्कोसेणं दस जोयणसयाइं ॥ १८८ ॥ केवइया णं भंते ! दीवसमुद्दा नामधेजेहिं पण्णत्ता ? गोयमा ! जावइया लोगे सुभा णामा सुभा वण्णा जाव सुभा फासा एवइया दीवसमुद्दा नामधेज्जेहिं पण्णत्ता ॥ केवइया णं भंते ! दीवसमुद्दा उद्धारसमएणं पण्णत्ता ? गोयमा ! जावइया अड्डाइजाणं सागरोवमाणं उद्धारसमया एवइया दीवसमुद्दा उद्धारसमएणं पन्नत्ता ॥ १८९ ॥ दीवसमुद्दा णं भंते ! किं Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुता [ जीवाजीवाभिगमे पुढविपरिणामा आउपरिणामा जीवपरिणामा पुग्गलपरिणामा ? गोयमा ! पुढविपरिणामावि आउपरिणामावि जीवपरिणामावि पुग्गलपरिणामावि ॥ दीवसमुद्देसु णं भंते! सव्वपाणा सव्वभूया सव्वजीवा सव्वसत्ता पुढविकाइयत्ताए जाव तसकाइयत्ताए उववण्णपुव्वा ! हंता गोयमा ! असई अदुवा अणतखुत्तो ॥ १९० ॥ इइ दीवसमुद्दा समत्ता ॥ कइविहे णं भंते! इंदियविसए पोग्गल परिणामे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियविसए पोग्गलपरिणामे पण्णत्ते, तंजहा – सोइंदियविसए जाव फासिंदियविसए । सोइंदियविसए णं भंते ! पोग्गलपरिणामे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तं जहा - सुब्भिसद्दपरिणामे य दुब्भिसद्दपरिणामे य, एवं चक्खिदियविसयाइएहिवि सुरूवपरिणामे य दुरूवपरिणामे य, एवं सुरभिगंधपरिणामे य दुरभिगंधपरिणामे य, एवं सुरसपरिणामे य दुरसपरिणामे य, एवं सुफासपरिणामे य दुफासपरिणामे य ॥ से नूणं भंते ! उच्चावसु सद्दपरिणामेसु उच्चावएसु रूवपरिणामेसु एवं गंधपरिणामेसु रसपरिणामेसु फासपरिणामेसु परिणममाणा पोग्गला परिणमंतीति वत्तव्वं सिया ? हंता गोमा ! उच्चावसु सद्दपरिणामेसु जाव परिणममाणा पोग्गला परिणमंतित्ति वत्तव्वं सिया, सेणूणं भंते! सुब्भिसद्दा पोग्गला दुब्भिसद्दत्ताए परिणमंति दुब्भिसद्दा पोग्गला सुभिसत्ता परिणमंति ? हंता गोयमा ! सुब्भिसद्दा पो० दुब्भिसद्दत्ताए परिणमंति दुब्भिसद्दा पो० सुब्भिसद्दत्ताए परिणमंति, से णूणं भंते ! सुरूवा पुग्गला दुरूवत्ताए परिणमंति दुखवा पुग्गला सुरूवत्ताए० ? हंता गोयमा !०, एवं सुब्भिगंधा पोग्गला दुब्भिगंधत्ता परिणमंति दुब्भिगंधा पोग्गला सुब्भिगंधत्ताए परिणमंति ? हंता गोयमा !०, एवं सुफासा दुफासत्ताए ? सुरसा दुरसत्ताए० ?, हंता गोयमा ! ० ॥ १९१॥ देवे णं भंते ! महिड्डिए जाव महाणुभागे पुव्वामेव पोग्गलं खिवित्ता पभू तमेव अणुपरिट्टत्ताणं गिहित्तए ? हंता पभू, से केणणं भंते ! एवं बुच्चइ – देवे णं महिड्डिए जाव गिहित्तए ? गोयमा ! पोग्गले खित्ते समाणे पुव्वामेव सिग्घगई भवत्ता तओ पच्छा मंदगई भवइ, देवे णं महिड्डिए जाव महाणुभागे पुव्वंपि पच्छावि सीहे सीहगई तुरिए तुरियगई चेव से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ जाव अणुपरियट्टित्ताणं गेण्हित्तए ॥ देवे णं भंते ! महिड्डिए० बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पुव्वामेव बालं अच्छित्ता अभेत्ता पभू गंठित्तए ? नो इणट्ठे समट्ठे १, देवे णं भंते ! महिड्डिए॰ बाहिरए पुग्गले अपरियाइत्ता पुव्वामेव बालं छित्ता भित्ता पभू गठित ? नो इट्ठे समट्ठे २, देवे णं भंते ! महिड्डिए० बाहिरए पुग्गले परियाइत्ता पुव्वामेव बालं अच्छित्ता अभित्ता पभू गंठित्तए ? नो इणट्ठे समट्ठे ३, देवे णं भंते ! २२८ Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ अबाहापुच्छा ] सुत्तागमे २२९ महिड्डिए जाव महाणुभागे बाहिरे पोग्गले परियाइत्ता पुव्वामेव बालं छेत्ता भेत्ता पभू गंठित्तए ? हंता पभू ४, तं चेव णं गठिं छउमत्थे ण जाणइ ण पासइ एवंसुहुमं चणं गढिया ३, देवे णं भंते ! महिड्डिए० पुव्वामेव बालं अच्छेत्ता अभेत्ता पभू दहीकरित वा हस्तीकरित्तए वा ? नो इणट्ठे समट्ठे ४, एवं चत्तारिवि गमा, पढमबिइयभंगेसु अपरियाइत्ता एगंतरियगा अच्छेत्ता अभेत्ता, सेसं तहेव, तं चेव सिद्धिं छउमत्थे ण जाणइ ण पासइ एसुहुमं च णं दीहीकरेज्ज वा हस्सीकरेज वा ॥ १९२॥ अत्थि णं भंते! चंदिमसूरियाणं हिट्ठिपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि समपि तारारूवा अपि तुलावि उप्पिपि तारारूवा अणुंपि तुलावि ? हंता अत्थि, सेकेणणं भंते! एवं वुच्चइ - अत्थि णं चंदिमसूरियाणं जाव उप्पिपि तारारूवा अणुंपि तुलावि ? गोयमा ! जहा जहा णं तेसिं देवाणं तवनियमबंभचेरवा साई [उक्कडाई] उस्सियाई भवंति तहा तहा णं तेसिं देवाणं एयं पण्णायइ अणुत्ते वा तुलत्वा, से एएणणं गोयमा !• अत्थि णं चंदिमसूरियाणं ० उपिपि तारारूवा अणुपि तुल्लाव ॥ १९३ ॥ एगमेगस्स णं भंते ! चंदिमसूरियस्स केवइओ णक्खत्तपरिवारो पण्णत्तो केवइओ महग्गहपरिवारो पण्णत्तो केवइओ तारागणकोडाकोडीओ परिवारो प० ? गोयमा ! एगमेगस्स णं चंदिमसूरियस्स अट्ठासी च गहा अट्ठावीसं च होइ नक्खत्ता | एससीपरिवारो एत्तो ताराण वोच्छामि ॥ १ ॥ छावद्विसहस्साईं णव चेव साई पंचसयराइँ । एगससीपरिवारो तारागणको डिकोडीणं ॥ २ ॥ १९४ ॥ जंबूदीवे णं भंते! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरिमंताओ केवइयं अबहाए जोइस चारं चरइ ? गोयमा ! एक्कारसहिं एक्कवीसेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसं चारं चरइ, एवं दक्खिणिलाओ पच्चत्थिमिलाओ उत्तरिल्लाओं एक्कारसहिं एकवीसेहिं जोयण ० जाव चारं चरइ || लोगंताओ भंते ! केवइयं अबाहाए जोइसे पण्णत्ते ? गोयमा ! एक्कारसहिं एक्कारेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसे पण्णत्ते ॥ इमीसे णं भंते! रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ केवइयं अबाहाए सव्वहेट्ठिल्ले तारारूवे चारं चरइ ? केवइयं अबाहाए सूरविमाणे चारं चरइ ? hari बहाए चंद विभाणे चारं चरइ ? केवइयं अबाहाए सव्वउवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ ?, गोयमा ! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणि० सत्तहिं उएहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसं सव्वहेट्ठिले तारारूवे चारं चरइ, अहिं जोयणएहिं अबहाए सूरविमाणे चारं चरइ, अट्ठहिं असीएहिं जोयणसएहिं अबाहाए चंदविमाणे चारं चरइ, नवहिं जोयणसएहिं अबाहाए सव्वउवरिले तारारूवे चारं चरइ ॥ सव्वहेट्ठिमिल्लाओ णं भंते! तारारूवाओ केवइयं अबाहाए सूरविमाणे Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३० सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे चारं चरइ ? केवइयं अबाहाए चंदविमाणे चारं चरइ ? केवइयं अबाहाए सव्व उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ ?, गोयमा ! सव्वहेहिलाओ णं० दसहिं जोयणेहिं सूरविमाणे चारं चरइ उईए जोयणेहिं अबाहाए चंदविमाणे चारं चरइ दसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वोवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ ॥ सूरविमाणाओ णं भंते ! केवइयं अबाहाए चंदविमाणे चारं चरइ ? केवइयं • सव्वउवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ ?, गोयमा ! सूरविमाणाओ णं असीए जोयणेहिं चंदविमाणे चारं चरइ, जोयणसयअबाहाए सव्वोवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ ॥ चंदविमाणाओ णं भंते! केवइयं अबाहाए सव्वउवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ ? गोयमा ! चंदविमाणाओ णं वीसाए जोयणेहिं अबहाए सव्ववरिले तारारूवे चारं चरइ, एवामेव सपुव्वावरेणं दसुत्तरसयजोयणबाहले तिरियमसंखेज्जे जोइसविसए पण्णत्ते ॥ १९५ ॥ जंबूदीवे णं भंते ! दीवे कयरे णक्खत्ते सव्वभितरिलं चारं चरइ ? कयरे नक्खत्ते सव्वबाहिरिल्लं चारं चरइ ? कयरे नक्खत्ते सव्बउवरिल्लं चारं चरइ ? कयरे नक्खत्ते सव्वहिडिलं चारं चरइ ?, गोयमा ! जंबूदीवे णं दीवे अभी इनक्खत्ते सव्वभितरिल्लं चारं चरइ मूले णक्खत्ते सव्वबाहिरिल्लं चारं चरइ साई णक्खत्ते सव्वोवरिलं चारं चरइ भरणी णक्खत्ते सव्वहेडिलं चारं चरइ ॥ १९६ ॥ चंदविमाणे णं भंते! किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! अद्धकविट्ठगसंठाणसं ठिए सव्व फालियामए अब्भुग्गयमूसिय पहसिए वण्णओ, एवं सूरविमाणेवि नक्खत्तविमाणेवि ताराविमाणेवि अद्धकविद्वसंठाणसंठिए ॥ चंदविमाणे णं भंते ! त्रयं आयामविक्खंभेणं ? केवइयं परिक्खेवेणं ? केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ?, गोयमा ! छप्पन्ने एगसद्विभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं अट्ठावीसं एगसद्विभागे जोयणस्स बाहल्लेणं पण्णत्ते ॥ सूरविमाणस्सवि सञ्चैव पुच्छा, गोयमा ! अडयालीसं एगसद्विभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं चउवीसं एगसट्टिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं पन्नते ॥ एवं गहविमाणेवि अद्धजोयणं आयमविक्खंभेणं सविसेसं परि० कोसं बाहल्लेणं प० ॥ णक्खत्तविमाणे णं कोसं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परि० अद्धको बाहलेणं प०, ताराविमाणे णं अद्धको आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परि० पंचवणुसयाई बाहल्लेणं पण्णत्ते ॥ १९७ ॥ चंदविमाणे णं भंते ! कइ देवसाहस्सीओ परिवहंति ? गोयमा ! चंदविमाणस्स णं पुरच्छिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं संखतलविमलनिम्मलदहिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासाणं (महुगुलियपिंगलक्खाणं) थिरलट्ठ [पउट्ठ] वहपीवरसुसिलिट्ठविसिद्वतिक्खदाढाविडंबियमुहाणं रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालतालुजीहाणं [पसत्थलट्ठवेरुलियभिसंतकक्कडनहाणं] विसालपीवरोरुपडि पुण्णविउलखंधाणं मिउवि - Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ चंदवाहणाणि ] २३१ सयपसत्थसुहुमलक्खणविच्छिण्णकेसरसडोवसोभियाणं चंकमियललिय पुलियधवलगव्वियगईणं उस्सियसुणिम्मियसुजाय अप्फोडियणंगूलाणं वइरामयणक्खाणं वइरामयदन्ताणं वयरामयदाढाणं तवणिज्जजीहाणं तवणिज्जतालुयाणं तवणिज्जजोत्तगसुजोइया कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं मणोहराणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमाणं महया अप्फोडियसीहनाइयबोलकलयलरवेणं महुरेणं मणहरेण य पूरिंता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ सीहरूवधा - रीणं देवाणं पुरच्छिमिलं बाहं परिवहंति । चंदविमाणस्स णं दक्खिणेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं संखतलविमलनिम्मलदहिघणगोखीरफेणरययणियरप्पगासाणं चइरामयकुंभजुयलसुट्ठियपीवरवरवइरसोंड वट्टियदित्तसुरत्तपउमप्पगासाणं अब्भुण्णयगुणा (मुहा) णं तवणिज्जविसालचंचलचलंतच वलकण्णविमलुज्जलाणं मधुवण्णभिसंतणिद्धपिंगलपत्तलतिवण्णमणिरयणलोयणाणं अब्भुग्गयमउलमल्लियाणं धवलसरिससंठियणिव्वणदढकसिणफालियामय सुजायदंतमुसलोवसो भियाणं कंचणकोसीपविट्ठदंतग्गविमलमणिरयणरुइलपेरंतचित्तरूवगविराइयाणं तव णिज्जविसालतिलग पमुहपरिमंडियाणं णाणामणिरयणगुलियगेवेज्जबद्धगलपवर भूसणाणं वेरुलियविचित्तदंडणिम्मलबालगंडाणं वइरामयतिक्खलट्ठअंकुसकुंभजुयलंतरोदियाणं तवणिज्जसुबद्धकच्छदप्पियबलुद्धराणं जंबूणयविमलघण मंडलवइरामयलीलाल लिय तालणाणामणिरयणघण्ट पासगरययामयरज्जूबद्धलंबियघंटाजुयलमहुरसरमणहराणं अल्लीण पमाणजुत्तवट्टियसुजायलक्खणपसंत्थतवणिज्जवालगत्तपरिपुच्छणाणं उवचियपडिपुण्णकुम्मचलणलहुविक्कमाण अंकामयणक्खाणं तवणिज्जतालुयाणं तवणिज्जजीहाणं तवणिज्जजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं मणोहराणं अमियगईणं अमियबल - वीरियपुरिसक्कारपरक्कमाणं महया गंभीरगुलगुलाइयरवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेन्ता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ गयख्ववारीणं देवाणं दक्खिणिलं बाहं परिवर्हति । चंदविमाणस्स णं पञ्चत्थिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं चंकमियललियपुलियचलचवलककुदसालीणं सण्णयपासाणं संगयपासाणं सुजायपासाणं मियमाइयपीणरइयपासाणं झसविहगसुजायकुच्छीणं पसत्थणिद्धमधुगुलियभिसंतपिंगलक्खाणं विसालपीवरोरुपडिपुण्णविउलखंधाणं वट्टपडिपुण्णविउलकण्णपासाणं घणणिचियसुबद्धलक्खणुण्णयईसिआणयवसभोद्वाणं चंकमियललिय पुलियचक्कवालचवलगव्वियगईणं पीवरोरुवट्टियसुसंठियकडीणं ओलंबपलंबलक्खणपमाणजुत्तपसत्थरमणिज्जवालगंडाणं समखुरवालधाराणं समलिहियतिक्खग्गसिंगाणं तणुसुहुमसुजायणिद्धलोमच्छविधराणं उवचियमंसलविसालपडि पुण्णखुद्दपमुहसुंदराणं (खंधपएससुंदराणं) सुत्तागमे Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३२ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे वेरुलियभिसंतकडक्खसुणिरिक्खणाणं जुत्तप्पमाणप्पहाणलक्खणपसत्थरमणिजगग्गरगलसोभियाणं घग्घरगसुबद्धकण्ठपरिमंडियाणं नाणामणिकणगरयणघण्टवेयच्छगसुकयरइयमालियाणं वरघंटागलगलियसोभंतसस्सिरीयाणं पउमुप्पलभसलसुरभिमालाविभूसियाणं वइरखुराणं विविहविखुराणं फालियामयदंताणं तवणिज्जजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिजजोत्तगसुजोत्तियाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं मणोहराणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसकारपरकमाणं महया गंभीरगज्जियरवेणं महुरेणं मणहरेण य पूरेता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ वसभरूवधारीणं देवाणं पचत्थिमिल्लं बाहं परिवहति । चंदविमाणस्स णं उत्तरेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं जच्चाणं वरमल्लिहायणाणं हरिमेलामदुलमल्लियच्छाणं घणणिचियसुबद्धलक्खणुण्णयाचंकमि(चंचुच्चि)यललियपुलियचलचवलचंचलगईणं लंघणवग्गणधावणधारणतिवइजइणसिक्खियगईणं संणयपासाणं संगयपासाणं सुजायपासाणं मियमाइयपीणरइयपासाणं झसविहगसुजायकुच्छीणं पीगपीवरवट्टियसुसंठियकडीणं ओलंबपलंबलक्खणपमाणजुत्तपसत्थरमणिजवालगंडाणं तणुसुहुमसुजायणिद्धलोमच्छविधराणं मिउविसयपसत्थसुहमलक्खणविकिण्णकेसरवालिधराणं ललियलासगगइ(ललंतथासगल)लाडवरभूसणाणं मुहमंडगोचूलचमरथासगपरिमंडियकडीणं तवणिजखुराणं तवणिजजीहाणं तवणिज्जतालुयाणं तवणिजजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं मणोहराणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कारपरकमाणं महया हयहेसियकिलकिलाइयरवेणं महुरेणं मणहरेण य पूरेता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ हयस्वधारीणं उत्तरिल्लं बाहं परिवहति ॥ एवं सूरविमाणस्सवि पुच्छा, गोयमा ! सोलस देवसाहस्सीओ परिवहति पुव्वकमेणं ॥ एवं गहविमाणस्सवि पुच्छा, गोयमा ! अट्ठ देवसाहस्सीओ परिवहंति पुवकमेणं, दो देवाणं साहस्सीओ पुरथिमिलं बाहं परिवहंति दो देवाणं साहस्सीओ दक्खिणिल्लं दो देवाणं साहस्सीओ पञ्चत्थिमं दो देवसाहस्सीओ हयरूवधारीणं उत्तरिल्लं बाहं परिवहति ॥ एवं णक्खत्तविमाणस्सवि पुच्छा, गोयमा ! चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, तंजहा-सीहरूवधारीणं देवाणं एगा देवसाहस्सी पुरथिमिलं बाहं परिवहइ, एवं चउद्दिसिंपि, एवं तारगाणवि णवरं दो देवसाहस्सीओ परिवहंति, तंजहा-सीहरूवधारीणं देवाणं पंचदेवसया पुरथिमिल्लं बाहं परिवहंति, एवं चउद्दिसिंपि ॥ १९८ ॥ एएसि णं भंते चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे कयरेहितो सिग्धगई वा मंदगई वा? गोयमा । चंदेहितो. सूरा सिग्धगई सूरेहिंतो गहा सिग्घगई गहेहिंतो णक्खत्ता सिग्घगई णक्खत्ते Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे प० ३ जोइसप्पाबहुयं] २३३ हिंतो तारा सिग्घगई, सव्वप्पगई चंदा सव्वसिग्धगईओ तारारूवा॥ १९९॥ एएसिणं भंते ! चंदिम जाव तारारूवाणं कयरे २ हिंतो अप्पिड्डिया वा महिड्डिया वा ? गोयमा! तारारूवेहिंतो णक्खत्ता महिड्डिया णक्खत्तेहिंतो गहा महिड्डिया गहेहिंतो सूरा महिविया सूरेहिंतो चंदा महिड्डिया, सव्वप्पड्डिया ताराख्वा सव्वमहिड्डिया चंदा ॥२००॥ जंबूदीवे णं भंते ! दीवे ताराख्वस्स २ य एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे अंतरे पण्णत्ते, तंजहा-वाघाइमे य निव्वाघाइमे य, तत्थ णं जे से वाघाइमे से जहण्णेणं दोण्णि य छावढे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साइं दोण्णि य बायाले जोयणसए तारारूवस्स २ य अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । तत्थ णं जे से णिव्वाघाइमे से जहण्णेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणं दो गाउयाई तारारूव जाव अंतरे पण्णत्ते ॥ २०१ ॥ चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरन्नो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवारे य, पभू णं तओ एगमेगा देवी अण्णाई चत्तारि २ देविसहस्साइं परिवार विउवित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, से तं तुडिए ॥ २०२ ॥ पभू णं भंते ! चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए चंदंसि सीहासणंसि तुडिएण सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए ? णो इणढे समठे। अदुत्तरं च णं गोयमा ! पभू चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए चंदंसि सीहासणंसि चउहि सामाणियसाहस्सीहिं जाव सोलसहिं आयरक्खदेवाणं साहस्सीहिं अन्नेहिं बहूहिं जोइसिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिवुडे महया हयणगीइवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए, केवलं परियारिड्डीए नो चेव णं मेहुणवत्तियं ॥२०३॥ सूरस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरन्नो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा—सूरप्पभा आयवाभा अच्चिमाली पभंकरा, एवं अवसेसं जहा चंदस्स णवरं सूरवडिंसए विमाणे सूरंसि सीहासणंसि, तहेव सव्वेसिपि गहाईणं चत्तारि अग्गमहिसीओ० तंजहा—विजया वेजयंती जयंती अपराजिया, तेसिंपि तहेव ॥ २०४ ॥ चंदविमाणे णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? एवं जहा ठिईपए तहा भाणियव्वा जाव ताराणं ॥ २०५ ॥ एएसि णं भंते ! चंदिमसूरियगहणक्खत्ततारारूवाणं कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! चंदिमसूरिया एए णं दोण्णिवि तुल्ला सव्वत्थोवा, संखेजगुणा णक्खत्ता, Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३४ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे संखेजगुणा गहा, संखेजगुणाओ तारगाओ ॥२०६॥ जोइसुद्देसओ समत्तो॥ कहि णं भंते ! वेमाणियाणं देवाणं विमाणा पण्णत्ता ? कहि णं भंते ! वेमाणिया देवा परिवसंति ?, जहा ठाणपए तहा सव्वं भाणियव्वं णवरं परिसाओ भाणियव्वाओ जाव सक्के० अन्नेसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं देवाण य देवीण य जाव विहरइ ॥ २०७ ॥ सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरन्नो कइ परिसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा! तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहा–समिया चंडा जाया, अभितरिया समिया मज्झिमिया चंडा बाहिरिया जाया ॥ सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरन्नो अभितरियाए परिसाए कइ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ ? मज्झिमियाए परि० तहेव बाहिरियाए पुच्छा, गोयमा ! सकस्स देविंदस्स देवरन्नो अभितरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ मज्झिमियाए परिसाए चउदस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ बाहिरियाए परिसाए सोलस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तहा अभितरियाए परिसाए सत्त देवीसयाणि मज्झिमियाए० छ देवीसयाणि बाहिरियाए० पंच देवीसयाणि पन्नत्ताणि ॥ सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरन्नो अभितरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? एवं मज्झिमियाए बाहिरियाएवि, गोयमा ! सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो अभितरियाए परिसाए देवाणं पंच पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए० चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, वाहिरियाए परिसाए देवाणं तिन्नि पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता, देवीणं ठिई-अभितरियाए परिसाए देवीणं तिन्नि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए० दुन्नि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए० एगं पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, अट्ठो सो चेव जहा भवणवासीणं ॥ कहि णं भंते ! ईसाणगाणं देवाणं विमाणा पण्णत्ता ? तहेव सव्वं जाव ईसाणे एत्थ देविंदे देव० जाव विहरइ । ईसाणस्स णं भंते ! देविंदस्स देवरण्णो कइ परिसाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! तओ परिसाओ पण्णत्ताओ, तंजहासमिया चंडा जाया, तहेव सव्वं णवरं अभितरियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ०, बाहिरियाए० चउद्दस देवसाहस्सीओ०, देवीणं पुच्छा, अभितरियाए० णव देवीसया पण्णत्ता मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवीसया पण्णत्ता बाहिरियाए परिसाए सत्त देवीसया पण्णत्ता, देवाणं ठिईपुच्छा, अभितरियाए परिसाए देवाणं सत्त पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता मज्झिमियाए० छ पलिओवमाइं० बाहिरियाए० पंच पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता। देवीणं पुच्छा, अभितरियाए० साइरेगाइं पंचप लिओवमाइं०, मज्झिमियाए परिसाए चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए तिण्णि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ सहस्सारदेवठिई ] सुत्तागमे २३५ अटो तहेव भाणियव्वो ॥ सणंकुमाराणं पुच्छा तहेव ठाणपयगमेणं जाव सणंकुमारस्स तओ परिसाओ समियाई तहेव, णवरं अभितरियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, बाहिरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, अभितरियाए परिसाए देवाणं अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए० अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए० अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं तिण्णि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, अट्ठो सो चेव ॥ एवं माहिंदस्सवि तहेव तओ परिसाओ णवरं अभितरियाए परिसाए छद्देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, बाहिरियाए० दस देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, ठिई देवाणं-अभितरियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं सत्त य पलिओ० ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाई छच्च पलिओवमाइं०, बाहिरियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं पंच य पलिओवमाइं ठिई प०, तहेव सव्वेसिं इंदाणं ठाणपयगमेणं विमाणा णेयव्वा तओ पच्छा परिसाओ पत्तेयं २ वुच्चंति ॥ बंभस्सवि तओ परिसाओ पण्णत्ताओ० अभितरियाए चत्तारि देवसाहस्सीओ मज्झिमियाए छ देवसाहस्सीओ बाहिरियाए अट्ठ देवसाहस्सीओ, देवाणं ठिई-अभितरियाए परिसाए अद्धणवमाई सागरोवमाई पंच य पलिओवमाई, मज्झिमियाए परिसाए अद्धनवमाइं चत्तारि पलिओवमाइं, बाहिरियाए० अद्धनवमाइं सागरोवमाइं तिण्णि य पलिओवमाइं अट्ठो सो चेव ॥ लंतगस्सवि जाव तओ परिसाओ जाव अभितरियाए परिसाए दो देव साहस्सीओ० मज्झिमियाए० चत्तारि देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ बाहिरियाए० छद्देवसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, ठिई भाणियव्वा-अभितरियाए परिसाए बारस सागरोवमाइं सत्त पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए बारस सागरोवमाइं छच्च पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए बारस सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता अट्ठो सो चेव ॥ महासुक्कस्सवि जाव तओ परिसाओ जाव अभितरियाए एगं देवसहस्सं मज्झिमियाए दो देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ बाहिरियाए चत्तारि देवसाहस्सीओ, अभितरियाए परिसाए अद्धसोलस सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं, मज्झिमियाए अद्धसोलस सागरोवमाइं चत्तारि पलिओवमाइं, बाहिरियाए अद्धसोलस सागरोवमाइं तिण्णि पलिओवमाइं, अट्ठो सो चेव ॥ सहस्सारे पुच्छा जाव अभितरियाए परिसाए पंच देवसया, मज्झिमियाए परि० एगा देवसाहस्सी, बाहिरियाए० दो देवसाहस्सीओ पन्नत्ता, ठिई-अभितरियाए अट्ठारस सागरोवमाई Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३६ [ जीवाजीवाभिगमे सत्त पलिओ माई ठिई पण्णत्ता एवं मज्झिमियाए अट्ठारस छप्पलिओ माई बाहिरियाए अद्वारस सागरोवमाई पंच पलिओवमाइं अट्ठो सो चेव ॥ आणयपाणयस्सवि पुच्छा जाव तओ परिसाओ णवरि अब्भितरियाए अड्डाइज्जा देवसया मज्झमियाए पंच देवसया बाहिरियाए एगा देवसाहस्सी, ठिई - अभितरियाए० एगूणवीस सागरोवमाई पंचय पलिओ माई एवं मज्झि• एगूणवीस सागरोवमाईं चत्तारि य पलि - ओ माई बाहिरिया परिसाए एगूणवीसं सागरोवमाई तिण्णि य पलिओ माई ठिई अट्ठो सो चेव ॥ कहि णं भंते! आरणअच्चुयाणं देवाणं तहेव अच्चुए सपरिवारे जाव विहरs, अच्चुयस्स णं देविंदस्स तओ परिसाओ पण्णत्ताओ अभितरपरि० देवाणं पणवीसं सयं मज्झिम० अड्ढाइज्जा सया बाहिरिय० पंचसया, अब्भितरियाए एक्कवीसं सागरोवमा सत्त य पलिओ माई मज्झि० एकवीससागरो० छप्पलि० बाहिरि० एगवीसं सागरो० पंच य पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता ॥ कहि णं भंते ! हेट्ठिमगेवेजगाणं देवाणं विमाणा पण्णत्ता ? कहि णं भंते! हे हिमगेवेज्जगा देवा परिवसंति ?, जहेव ठाणपए तहेव, एवं मज्झिमगेवेज्जा उवरिभगेविज्जगा अणुत्तरा य जाव अहमिंदा नामं ते देवा पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ २०८ ॥ पढमो वेमाणियउद्देसो समत्तो ॥ ग सोहम्मीसाणेसु णं भंते! कप्पेसु विमाणपुढवी किंपइट्टिया पण्णत्ता ? गोयमा !! घणोदहिपट्टिया प० । सणकुमारमाहिंदेसु ० कप्पेसु विमाणपुढवी किंपइट्ठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! घणवायपइट्टिया पण्णत्ता । बंभलोए णं भंते! कप्पे विभाणपुढवी पुच्छा, गो०! घणवायपइट्टिया पण्णत्ता । लंतए णं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! तदुभयपइडिया ० | महासुक्कसहस्सारेसुवि तदुभयपइट्ठिया । आणय जाव अएच्चुसु णं भंते ! कप्पेसु पुच्छा, गो० ! ओवासंतरपइट्ठिया० । गेविज्जविमाणपुढवीणं पुच्छा, गोयमा ! ओवासंतरपइद्विया० । अणुत्तरोववाइयपुच्छा, ओवासंतरपइट्ठिया ॥ २०९ ॥ सोहम्मीसाणकप्पेसु ० विमाणपुढवी केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्तावीसं जोयणसयाई बाहल्लेण पण्णत्ता, एवं पुच्छा, सणकुमारमाहिंदेसु छव्वीसं जोयणसयाई । बंभलंतए पंचवीसं । महासुक्कसंहस्सारेसु चउवीसं । आणयपाणयारणाच्चु एस तेवीसं सयाई । गेविज - `विमाणपुढवी बावीसं । अणुत्तरविमाणपुढवी एक्कवीसं जोयणसयाई बाहल्लेणं प०॥२१०॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु विमाणा केवइयं उडूं उच्चत्तेणं० ? गोयमा ! पंच जोयणसयाई उङ्कं उच्चत्तेणं प० । सणकुमारमाहिंदेसु छजोयणसयाई, बंभलंतएसु सत्त महासुक्कसहस्सारेसु अट्ठ, आणयपाणएस ४, नव गेवेज्जविमाणा णं भंते ! केवइयं उ उ० ? गो० ! दस जोयणसयाई, अणुत्तरविमाणा णं० एक्कारस जोयणसयाई उद्धुं उच्चत्तेणं प० ॥२११॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु विमाणा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ सोहम्मीसाणोववा० ] सुत्तागमे २३७ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा – आवलियपविट्ठा य आवलियबाहिरा य, तत्थ णं जे ते आवलियपविट्ठा ते तिविहा पण्णत्ता, तंजहा वहा तंसा चउरंसा, तत्थ णं जे ते लयबाहिरा तेाणासंठाणसंठिया पण्णत्ता, एवं जाव गेविज्जविमाणा, अणुत्तरोवायविमाणा दुविहा पण्णत्ता, तंजहा वट्टे य तंसा य ॥ २१२ ॥ सोहम्मीसाणेसु भंते! कप्पेसु विमाणा केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ता ?. गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा - संखेज्जवित्थडा य असंखेज्जवित्थडा य, जहा गरगा तहा जाव अणुत्तरोववाइया संखेज्जवित्थडे य असंखेज्जवित्थडा य, तत्थ णं जे से संखेज्जवित्थडे से जंबुद्दीवप्पमाणे असंखेज्जवित्थडा असंखेज्जाई जोयणसयाई जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ता ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु विमाणा कइवण्णा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचवण्णा पण्णत्ता, तंजहा - किण्हा नीला लोहिया हालिद्दा सुकिल्ला, सणकुमार माहिंदेसु चउवण्णा नीला जाव सुकिला, बंभलोगलंत एस तिवण्णा लोहिया जाव सुकिल्ला, महासुकसहस्सारेसु दुवण्णा --- हालिद्दा य सुकिल्ला य, आणयपाणयारणच्चुएसु सुकिल्ला, गेविज्जविमाणा सुकिल्ला, अणुत्तरोववाइयविमाणा परमसुकिल्ला वण्णेणं पण्णत्ता ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते! कप्पेसु विमाणा केरिसया पभाए पण्णत्ता ? गोयमा ! णिच्चालोया णिच्चुज्जोया सयं पभाए पण्णत्ता जाव अणुत्तरोववाइयविमाणा णिच्चालोया णिच्चुजोया सयं पभाए पण्णत्ता ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु विमाणा केरिसया गंधेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहा नामएकोडा वा एवं जाव एत्तो इट्ठतरागा चेव जाव गंधेणं पण्णत्ता, जाव अणुत्तरविमाणा ॥ सोहम्मीसाणेसु० विमाणा केरिसया फासेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहा गामए - आइइ वा रूएइ वा सव्वो फासो भाणियव्वो जाव अणुत्तरोववाइयविमाणा ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते! कप्पेसु विमाणा केमहालया पण्णत्ता ? गोमा ! अयणं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमुद्दाणं सो चेव गमो जाव छम्मासे वीइव - एजा जाव अत्थेगइया विमाणावासा वीइवएज्जा अत्थेगइया विमाणावासा नो वी - वजा जाव अणुत्तरोववाइय विमाणा अत्येगइयं विमाणं वीइवएजा अत्थे गइए० नो वीsagar || सोहम्मीसाणेसु णं भंते !० विमाणा किंमया पण्णत्ता ? गोयमा ! सव्वरयणामया पण्णत्ता, तत्थ णं बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उवचयंति, सासया णं ते विमाणा दव्वट्टयाए जाव फासपज्जवेहिं असासया Sara अणुत्ववाइया विमाणा ॥ सोहम्मीसाणेसु णं० देवा कओहिंतो उववज्जंति ? उववाओ नेयव्वो जहा वकंतीए तिरियमणुएस पंचेंदिएसु संमुच्छिमवज्जिएस, उववाओ वकंतीगमेणं जाव अणुत्तरो० ॥ सोहम्मीसाणेसु० देवा एगसमएणं केवइया Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३८ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे उववज्जंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेजा वा उववज्जंति, एवं जाव सहस्सारे, आणयाई गेवेज्जा अणुत्तरा य एको वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा उववजंति ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! - देवा समए २ अवहीरमाणा २ केवइएणं कालेणं अवहिया सिया ? गोयमा ! ते णं असंखेज्जा समए २ अवहीरमाणा २ असंखेज्जाहिं ओसप्पिणीहिं उस्सप्पिणीहिं अवहीरंति नो चेवणं अवहिया सिया जाव सहस्सारो, आणयाइएसु चउसुवि, गेवेजेसु अणुत्तरेसु य समए समए जाव केवइयकालेणं अवहिया सिया ? गोयमा ! असंखेजा समए २ अवहीर माणा २ पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमेत्तेणं अवहीरंति, नो चेत्र णं अवहिया सिया || सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु देवाणं केमहालया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा सरीरा पण्णत्ता, तंजहा—भवधा - रणिजा य उत्तरवेउव्विया य, तत्थ णं जे से भवधारणिज्जे से जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागो उक्कोसेणं सत्त रयणीओ, तत्थ णं जे से उत्तरवेउव्विए से जहणेणं अंगुलस्स संखेज्जइभागो उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं, एवं एक्केक्का ओसारेत्ताणं जाव अणुत्तराणं एक्का रयणी, गेविज्जणुत्तराणं एगे भवधारणिजे सरीरे उत्तरवेउव्विया नत्थि ॥२१३॥ सोहम्मीसाणेसु णं० देवाणं सरीरगा किंसंघयणी पण्णत्ता ? गोयमा ! छहं. संघयणाणं असंघयणी पण्णत्ता, नेवट्ठी नेव छिरा नवि ण्हारू व संघयणमत्थि, जे पोग्गला इट्ठा कंता जाव ते तेर्सि संघायत्ताए परिणमंति जाव अणुत्तरोववाइया ॥ सोहम्मीसाणेसु० देवाणं सरीरगा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा सरीरा प० तं ० - भवधारणिजा य उत्तरवेड व्विया य, तत्थ णं जे ते भवधारणिज्जा ते समचउरंसठाणसंठिया पण्णत्ता, तत्थ णं जे ते उत्तरवेउब्विया ते णाणासंठाणसंठिया पण्णत्ता जाव अच्चुओ, अवेउब्विया गेविज्जणुत्तरा, भवधारणिज्जा समचउरंससंठाणसंठिया उत्तरवेउब्विया णत्थि ॥ २१४ || सोहम्मीसाणेसु० देवा केरिसया audi पन्नत्ता ? गोयमा ! कणगत्तयरत्ताभा वण्णेणं पण्णत्ता । सणकुमारमाहिंदेसु णं० पउमपम्हगोरा वण्णेणं पण्णत्ता । बंभलोगे णं भंते ! ०? गोयमा ! अलमधुगवण्णाभा व पण्णत्ता, एवं जाव गेवेज्जा, अणुत्तरोववाइया परमसुकिल्ला वण्णेणं पन्नत्ता ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु देवाणं सरीरगा केरिसया गंधेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! से जहा णाम - कोपुडाण वा तहेव सव्वं जाव मणामतरगा चेव गंधेणं पण्णत्ता जाव अणुत्तरोववाइया ॥ सोहम्मीसाणेसु० देवाणं सरीरगा केरिसया फासेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! थिरमउयणिद्धसुकुमालच्छविफासेणं पण्णत्ता, एवं जाव अणुत्तरोववाइया ॥ सोहम्मीसाणदेवाणं • केरि सगा पुग्गला उस्सासत्ताए परिणमंति ? गोयमा ! जे पोग्गला ० Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ सो० देविडिपुच्छा] सुत्तागमे २३९ इट्ठा कंता जाव ते तेसिं उस्सासत्ताए परिणमंति जाव अणुत्तरोववाइया, एवं आहारत्ताएवि जाव अणुत्तरोववाइया ॥ सोहम्मीसाणदेवाणं० कइ लेस्साओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! एगा तेउलेस्सा पण्णत्ता । सणंकुमारमाहिं देसु एगा पम्हलेस्सा, एवं बंभलोगेवि पम्हा, सेसेसु एक्का सुक्कलेस्सा, अणुत्तरोववाइयाणं० एका परमसुक्कलेस्सा ॥ सोहम्मीसाणदेवा० किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! तिण्णिवि, जाव अंतिमगेवेज्जा देवा सम्मदिट्ठीवि मिच्छादिट्ठीवि सम्मामिच्छादिट्ठीवि, अणुत्तरोववाइया सम्मदिट्ठी णो मिच्छादिट्ठी णो सम्मामिच्छादिट्ठी ॥ सोहम्मीसाणा० किं णाणी अण्णाणी ? गोयमा ! दोवि, तिण्णि णाणा तिण्णि अण्णाणा णियमा जाव गेवेजा, अणुत्तरोववाइया नाणी नो अण्णाणी तिण्णि णाणा णियमा । तिविहे जोगे दुविहे उवओगे सव्वेसिं जाव अणुत्तरोववाइया ॥ २१५ ॥ सोहम्मीसाणदेवा० ओहिणा केवइयं खेत्तं जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं उक्कोसेणं ओही जाव रयणप्पभा पुढवी उड्डे जाव साई विमाणाई तिरियं जाव असंखेजा दीवसमुद्दा एवं—सक्कीसाणा पढमं दोचं च सणंकुमारमाहिंदा । तच्चं च बंभलंतग सुक्कसहस्सारग चउत्थी ॥ १ ॥ आणयपाणयकप्पे देवा पासंति पंचमिं पुढविं । तं चेव आरणच्चुय ओहीनाणेण पासंति ॥ २ ॥ छडिं हेढिममज्झिमगेवेजा सत्तमि च उवरिल्ला । संभिण्णलोगणालिं पासंति अणुत्तरा देवा ॥ ३ ॥ २१६ ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते !० देवाणं कइ समुग्घाया पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच समुग्घाया पण्णत्ता, तंजहा-वेयणासमुग्घाए कसाय० मारणंतिय० वेउव्विय० तेयासमुग्घाए०, एवं जाव अच्चुए। गेवेजअणुत्तराणं आइल्ला तिण्णि समुग्घाया पण्णत्ता ॥ सोहम्मीसाणदेवा० केरिसयं खुहप्पिवासं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! णत्थि खुहापिवासं पञ्चणुभवमाणा विहरंति जाव अणुत्तरोववाइया ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु देवा एगत्तं पभू विउव्वित्तए पुहुत्तं पभू विउव्वित्तए ? हंता पभू, एगत्तं विउव्वेमाणा एगिंदियरूवं वा जाव पंचिंदियख्वं वा पुहुत्तं विउव्वेमाणा एगिदियरूवाणि वा जाव पंचिंदियरूवाणि वा, ताइं संखेज्जाइंपि असंखेज्जाइंपि सरिसाइंपि असरिसाइंपि संबद्धाइंपि असंबद्धाइंपि रूवाइं विउव्वंति विउव्वित्ता अप्पणा जहिच्छियाई कजाई करेंति जाव अच्चुओ, गेवेज्जणुत्तरोववाइया. देवा किं एगत्तं पभू विउव्वित्तए पुहुत्तं पभू विउव्वित्तए ? गोयमा ! एगत्तपि पुहुत्तपि, नो चेव णं संपत्तीए विउव्विसु वा विउव्वंति वा विउव्विस्संति वा॥ सोहम्मीसाणदेवा० केरिसयं सायासोक्खं पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! मणुण्णा सद्दा जाव मणुण्णा फासा जाव गेविज्जा, अणुत्तरोववाइया अणुत्तरा सद्दा जाव फासा॥ सोहम्मीसाणेसु० Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४० सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे 'देवाणं केरिसगा इड्डी पण्णत्ता ? गोयमा ! महिड्डिया मह जुइया जाव महाणुभागा इड्डीए प० जाव अचुओ, गेवेजणुत्तरा य सव्वे महिड्डिया जाव सव्वे महाणुभागा अजिंदा जाव अहमिंदा णामं ते देवगणा पण्णत्ता समणाउसो! ॥ २१७ ॥ सोहम्मीसाणा० देवा केरिसया विभूसाए पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-वेउव्वियसरीरा य अवेउव्वियसरीरा य, तत्थ णं जे ते वेउव्वियसरीरा ते हारविराइयवच्छा जाव दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा जाव पडिरूवा, तत्थ णं जे ते अवेउव्वियसरीरा ते णं आभरणवसणरहिया पगइत्था विभूसाए पण्णत्ता ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु देवीओ केरिसियाओ विभूसाए पण्णत्ताओ? गोयमा ! दुविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-वेउव्वियसरीराओ य अवेउव्वियसरीराओ य, तत्थ णं जाओ वेउव्वियसरीराओ ताओ सुवण्णसद्दालाओ सुवण्णसद्दालाई वत्थाई पवरपरिहियाओ चंदाणणाओ चंदविलासिणीओ चंदद्धसमणिडालाओ सिंगारागारचारुवेसाओ संगय जाव पासाइयाओ जाव पडिरूवाओ, तत्थ णं जाओ अवेउव्वियसरीराओ ताओ णं आभरणवसणरहियाओ पगइत्थाओ विभूसाए पण्णत्ताओ, सेसेसु देवा देवीओ णत्थि जाव अच्चुओ, गेवेजगदेवा० केरिसया विभूसाए० ? गोयमा ! आभरणवसणरहिया, एवं देवी णत्थि भाणियव्वं, पगइत्था 'विभूसाए पण्णत्ता, एवं अणुत्तरावि ॥ २१८ ॥ सोहम्मीसाणेसु. देवा केरिसए कामभोगे पच्चणुभवमाणा विहरंति ? गोयमा ! इट्ठा सद्दा इट्ठा रूवा जाव फासा, एवं जाव गेवेजा, अणुत्तरोववाइयाणं अणुत्तरा सद्दा जाव अणुत्तरा फासा ॥ २१९ ॥ ठिई सव्वेसिं भाणियव्वा, देवित्ताएवि, अणंतरं चयंति चइत्ता जे जहिं गच्छंति तं भाणियव्वं ॥ २२० ॥ सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु सव्वपाणा सव्वभूया जाव सत्ता पुढविकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए देवत्ताए देवित्ताए आसणसयण जाव भंडोवगरणत्ताए उववण्णपुव्वा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो, सेसेसु कप्पेसु एवं चेव, णवरि नो चेव णं देवित्ताए जाव गेवेजगा, अणुत्तरोववाइएसुवि एवं, णो चेव णं देवित्ताए । सेत्तं देवा ॥ २२१ ॥ नेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं, एवं सव्वेसिं पुच्छा, तिरिक्खजोणियाणं जहन्नेणं अंतोमु० उक्कोसेणं तिन्नि 'पलिओवमाइं, एवं मणुस्साणवि, देवाणं जहा णेरइयाणं ॥ देवणेरइयाणं जा चेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणा, तिरिक्खजोणियस्स जहन्नेणं अंतोमुहुन्तं उक्कोसेणं वणस्सइकालो, मणुस्से णं भंते ! मणुस्सेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाइं ॥ णेरइयमणुस्स Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ४ ए० अप्पाबहुयपुच्छा ] सुत्तागमे देवाणं अंतरं जहन्नेणं अंतोमु० उक्कोसेणं वणस्सइकालो । तिरिक्खजोणियस्स अंतरं जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं ॥ २२२ ॥ एएसि णं भंते ! 'रइयाणं जाव देवाण य कयरे० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सा णेरइया असं० देवा असं० तिरिया अनंतगुणा, से तं चउव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ॥ २२३॥ बीओ वे० देवदेसो समत्तो ॥ तच्चा चउव्विहपडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु - पंचविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तं०- एगिंदिया बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचिंदिया । से किं तं एगिंदिया ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा—- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य, एवं जाव पंचिंदिया दुविहा प०, तं०10- पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । एगिंदियस्स णं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई, बेइंदिय० जहन्नेणं अंतोमु • उक्कोसेणं बारस संवच्छराणि, एवं तेइंदियस्स एगूणपण्णं राइंदियाणं, चउरिंदियस्स छम्मासा, पंचेंद्रियस्स जह० अंतोमु० उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई, • अपजत्तएगिंदियस्स णं० केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमु ० उक्कोसेणवि अंतो • एवं सव्वेसिंपि अपजत्तगाणं जाव पंचेंदियाणं, पज्जत्तेगिंदियाणं जाव ० ० चिन्दियाणं पुच्छा, गो० ! जहनेणं अंतो० उक्को • बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, एवं उक्कोसियावि ठिई अंतोमुहुत्तूणा सव्वेसिं पज्जत्ताणं कायव्वा ॥ एगिदिए णं भंते! एगिदिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमु० उक्को • - वणस्सइकालो । बेइंदिए णं भंते ! बेइदिएत्ति कालओ केवश्चिरं होइ ? गोयमा ! जह • अंतोमु • उक्कोसेणं संखेज्जं कालं जाव चउरिंदिए संखेज्जं कालं, पंचेंदिए भंते! पंचिदित्ति कालओ केवश्चिरं होइ ? गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० सागरोवमसहस्सं साइरेगं ॥ अपजत्तएगिदिए णं भंते ! • कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जनेणं अंतोमु • उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं जाव पंचिदियअपजत्तए । पज्जत्तगएगिंदिए भंते! ० कालओ केवश्चिरं होइ ? गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं संखिजाई वास सहरसाईं । एवं बेइदिएवि, णवरं संखेज्जाई वासाई । तेईदिए णं भंते !० संखेज्जा इंदिया । चउरिदिए णं० संखेजा मासा । पज्जत्तपंचिंदिए० सागरोवमस्य - पुहत्तं साइरेगं ॥ एगिंदियस्स णं भंते! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहअंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साइं संखेज्जवासमब्भहियाई । बेइंदियस्स गं० अंतरं कालओ केव चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वणस्सइकालो, एवं तेइंदियस्स चउरिदियस्स पंचेंदियस्स, अपजत्तगाणं एवं चेव, पज्जत्तगाणवि एवं चेव ॥ २२४ ॥ एएसि णं भंते! एगिंदि० बेइं० तेइं० चउ० पंचिं१६ सुत्ता० २४१ Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४२ [जीवाजीवाभिगमे दियाणं कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेंदिया चउरिंदिया विसेसाहिया तेइंदिया विसेसाहिया बेइंदिया विसेसाहिया एगिंदिया अणंतगुणा । एवं अपजत्तगाणं सव्वत्थोवा पंचेंदिया अपजत्तगा चउरिंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया तेइंदिया अपज्जत्तगा विसेसाहिया बेइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया एगिदिया अपजत्तगा अणंतगुणा सइंदिया अप० वि० ॥ सव्वत्थोवा चउरिंदिया पजत्तगा पंचेंदिया पजत्तगा विसेसाहिया बेइंदियपज्जत्तगा विसेसाहिया तेइंदियपजत्तगा. विसेसाहिया एगिंदियपज्जत्तगा अणंतगुणा सइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया ॥ एएसि णं भंते ! सइंदियाणं पजत्तगअपज्जत्तगाणं कयरे २ हिंतो० १ गोयमा ! सव्वत्थोवा सइंदिया अपजत्तगा सइंदिया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एवं एगिंदियावि ॥ एएसि णं भंते ! बेइंदियाणं पजत्तापज्जत्तगाणं कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा बेइंदिया पज्जत्तगा अपजत्तगा असंखेजगुणा, एवं तेंदियचउरिंदियपंचेंदियावि ॥ एएसि णं भंते ! एगिंदियाणं बेइंदि० तेइंदि० चउरिंदि० पंचेंदियाणं पज्जत्तगाणं अपज्जत्तगाण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा चउरिंदिया पजत्तगा पंचेंदिया पजत्तगा विसेसाहिया बेइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया तेइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया पंचेंदिया अपजत्तगा असंखेजगुणा चरिंदिया अपजत्ता विसेसाहिया तेइंदियअपजत्ता विसेसाहिया बेइंदिया अपजत्ता विसेसाहिया एगिंदियअपजत्ता अणंतगुणा सइंदिया अपज्जत्ता विसेसाहिया एगिदियपज्जत्ता संखेज्जगुणा सइंदियपजत्ता विसेसाहिया सइंदिया विसेसाहिया। सेत्तं पंचविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ॥२२५॥चउत्था पंचविहा पडिवत्ती समत्ता॥ _तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-छविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ते एवमाहंसु, तंजहा-पुढविकाइया आउक्काइया तेउ० वाउ० वणस्सइकाइया तसकाइया ॥ से किं तं पुढवि० ? पुढवि० दुविहा पण्णत्ता, तं०-सुहुमपुढविक्काइया बायरपुढविकाइया, सुहुमपुढविकाइया दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य, एवं बायरपुढविक्राइयावि, एवं चउक्कएणं भेएणं आउतेउवाउवणस्सइकाइया णेयव्वा । से किं तं तसकाइथा ? २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य. ॥ २२६ ॥ पुढविकाइयस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहगणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं, एवं सव्वेसि ठिई णेयव्वा, तसकाइयस्स जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं, अपज्जत्तगाणं सव्वेसिं जहन्नेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, पजत्तगाणं सव्वेसिं उक्कोसिया ठिई Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ५ पज्जत्तगाण ठिई] सुत्तागमे २४३ अंतोमुहत्तूणा कायव्वा ॥ २२७ ॥ पुढविकाइए णं भंते ! पुढविकाइएत्ति कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं असंखेनं कालं जाव असंखेजा लोया। एवं आउ० तेउ० वाउक्काइयाणं वणस्सइकाइयाणं अणंतं कालं जाव आवलियाए असंखेजइभागो ॥ तसकाइए णं भंते !• जहन्नेणं अंतोमु० उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साई संखेजवासमब्भहियाई। अपजत्तगाणं छण्हवि जहण्णेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, पजत्तगाणं-'वाससहस्सा संखा पुढविदगाणिलतरूण पजत्ता । तेऊ राइंदिसंखा तससागरसयपुहुत्ताई ॥ १ ॥' पजत्तगाणवि सव्वेसिं एवं ॥ पुढविकाइयस्स णं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वणप्फइकालो, एवं आउतेउवाउकाइयाणं वणस्सइकालो, तसकाइयाणवि, वणस्सइकाइयस्स पुढविकालो, एवं अपजत्तगाणवि वणस्सइकालो, वणस्सईणं पुढविकालो, पजत्तगाणवि एवं चेव वणस्सइकालो, पजत्तवणस्सईणं पुढविकालो ॥ २२८ ॥ अप्पाबहुयं-सव्वत्थोवा तसकाइया तेउक्काइया असंखेजगुणा पुढविकाइया विसेसाहिया आउकाइया विसेसाहिया वाउक्काइया विसेसाहिया वणस्सइकाइया अणंतगुणा एवं अपजत्तगावि पजत्तगावि ॥ एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं पज्जत्तगाणं अपजत्तगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा एवं जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइया अपजत्तगा पुढविकाइया पजत्तगा संखेजगुणा, एएसि णं भंते ! आ० सव्वत्थोवा आउक्काइया अपज्जत्तगा पजत्तगा संखेजगुणा जाव वणस्सइकाइया० सव्वत्थोवा तसकाइया पजत्तगा तसकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं जाव तसकाइयाणं पजत्तगअपज्जत्तगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा ४ ? गो० ! सव्वत्थोवा तसकाइया पजत्तगा, तसकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, तेउक्काइया अपज्जत्ता असंखेजगुणा, पुढविक्काइया आउक्काइया वाउकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, तेउक्काइया पज्जत्तगा संखेजगुणा, पुढविआउवाउपज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया अपजत्तगा अणंतगुणा, सकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा, सकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया ॥ २२९ ॥ सुहुमस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं एवं जाव सुहुमणिओयस्स, एवं अपजत्तगाणवि पजत्तगाणवि जहण्णेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं ॥ २३० ॥ सुहुमे णं भंते ! सुहुमेत्ति कालओ केत्रच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं असंखेजकालं जाव असंखेजा लोया, सव्वेसिं पुढविकालो जाव सुहुमणिओयस्स पुढविकालो, अपजत्तगाणं सव्वेसिं जहण्णेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं, एवं पज्जत्तगाणवि सव्वेसिं Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४४ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे जहण्णेणवि उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं ॥ २३१ ॥ सुहुमस्स णं भंते ! केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जद्वण्णेणं अंतोमु० उक्को० असंखेज्जं कालं कालओ असंखेज्जाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ खेत्तओ अंगुलस्स असंखेज्जइभागो, एवं सुहुमवणस्स इकाइयस्सवि सुहुमणिओयस्सवि जाव असंखेज्जा लोया असंखेज्जइभागो । पुढविकाइयाईणं वणस्सइकालो । एवं अपज्जत्तगाणं पज्जत्तगाणवि ॥ २३२॥ एवं अप्पाबहुगं, सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया सुहुमपुढविकाइया विसेसाहिया सुहुमआउवाऊ विसेसाहिया सुहुमणिओया असंखेज्जगुणा सुहुमवणस्सइकाइया अनंतगुणा सुहुमा विसेसाहिया, एवं अपजत्तगाणं, पज्जत्तगाणवि एवं चैव ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमा अपज्जत्तगा सुहुमा पज्जत्तगा संखेज्जगुणा, एवं जाव सुहुमणिगोया ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं जाव सुहुमणिओयाण य पज्जत्तापज्जत्ता० कयरे २ हिंतो ० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया सुहुमआउअपजत्ता विसेसाहिया सुहुमवाउअपज्जत्ता विसेसाहिया सुहुमते काइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा सुहुमपुढविआउवाउपज्जत्तगा विसेसाहिया सुहुमणिओया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा सुमणिओया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अनंतगुणा सुहुमअपज्जत्ता विसेसाहिया सुहुमवणस्सइपज्जत्तगा संखेज्जगुणा सुहुमा पज्जत्ता विसेसाहिया ॥ २३३ ॥ बायरस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमु • उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता, एवं बायरतसकाइयस्सवि, बायरपुढवीकाइयस्स बावीसवाससहस्साईं, बायरआउस्स सत्तवाससहस्सं, बायर उस तिणि राइंदिया, बायरवाउस्स तिण्णि वाससहस्साईं, बायरवण ० दसवाससहस्साईं, एवं पत्तेयसरीरबायरस्सवि, णिओयस्स जहन्नेणवि उक्कोसेणवि अंतोमु०, एवं बायरणिओयस्सवि, अपज्जत्तगाणं सव्वेसिं अंतोमुहुत्तं, पज्जत्तगाणं कोसिया ठिई अंतोमुहुत्तूणा कायव्वा सव्वेसिं ॥ २३४ ॥ बायरे णं भंते ! बायरेति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं असंखेज्जाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अंगुलस्स असंखेज्जइभागो; बायरपुढविकाइयआउतेउवाउ ० पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयस्स बायरनिओयस्स एएसिं जहणेणं अंतोमु० उक्कोसेणं सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ - संखाईयाओ समाओ अंगुलभागो तहा असंखेज्जा । ओहे य बायरतरुअणुबंधो सेसओ वोच्छं ॥ १ ॥ उस्सप्पिणि २ स्स अड्डाइयपोग्गलाण परियट्टा । बेउयहिसहस्सा खलु साहिया होंति तसकाए ॥ २ ॥ अंतोमुहुत्तकालो होइ अपज्जत्तगाण सव्वेसिं ॥ पज्जत्तबायरस्स Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ५ सुहुम० अप्पाबहुयपु.] सुत्तागमे २४५ य बायरतसकाइयस्सावि ॥ ३ ॥ एएसिं ठिई सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । तेउस्स संख राई[दिया] दुविहणिओए मुहुत्तमद्धं तु । सेसाणं संखेज्जा वाससहस्सा य सव्वेसिं ॥ ४ ॥ २३५ ॥ अंतरं बायरस्स बायरवणस्सइस्स णिओयस्स बायरणिओयस्स एएसिं चउण्हवि पुढविकालो जाव असंखेजा लोया, सेसाणं वणस्सइकालो । एवं पज्जत्तगाणं अपजत्तगाणवि अंतरं, ओहे य बायरतर ओघनिओए य बायरणिओए य । कालमसंखेनंतरं सेसाण वणस्सईकालो ॥ १ ॥ २३६ ॥ अप्पा० सव्वत्थोवा बायरतसकाइया बायरतेउकाइया असंखेज्जगुणा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० असंखेजगुणा बायरणिओया असंखे० बायरपुढवि० असंखे० आउवाउ० असंखेजगुणा बायरवणस्सइकाइया अणंतगुणा बायरा विसेसाहिया १ । एवं अपनत्तगाणवि २ । पज्जत्तगाणं सव्वत्थोवा बायरतेउक्काइया बायरतसकाइया असंखेज्जगुणा पत्तेगसरीरबायरा असंखेजगुणा सेसा तहेव जाव बायरा विसेसाहिया ३ । एएसि णं भंते ! बायराणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे २ हिंतो० ? गो० ! सव्वत्थोवा बायरा पज्जत्ता बायरा अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, एवं सव्वे जहा बायरतसकाइया ४ । एएसि णं भंते ! बायराणं बायरपुढविकाइयाणं जाव बायरतसकाइयाण य पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे २ हिंतो ? गोयमा! सव्वत्थोवा बायरतेउक्काइया पज्जत्तगा बायरतसकाइया पजत्तगा असंखेजगुणा बायरतसकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तगा असंखेजगुणा बायरणिओया पजत्तगा असंखेज. पुढविआउवाउपजत्तगा असंखेजगुणा बायरतेउअपज्जत्तगा असंखेनगुणा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ० अप० असंखे० बायरणिओया अपजत्तगा असंखे० बायरपुढवि आउवाउअपजत्तगा असंखेजगुणा बायरवणस्सइ० पजत्तगा अणंतगुणा बायरपजत्तगा विसेसाहिया बायरवणस्सइ० अपजत्ता असंखेजगुणा बायरा अपज्जत्तगा विसेसाहिया बायरा विसेसाहिया ५ । एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं जाव सुहुमनिगोदाणं बायराणं बायरपुढविकाइयाणं जाव बायरतसकाइयाण य कयरे २ हिंतो० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतसकाइया बायरतेउकाइया असंखेजगुणा पत्तेयसरीरबायरवण० असंखे० तहेव जाव बायरवाउकाइया असंखेजगुणा सुहुमतेउक्काइया असंखे० सुहुमपुढवि० विसेसाहिया सुहुमआउ० वि० सुहुमवाउ० विसेसा० सुहुमनिओया असंखेजगुणा बायरवणस्सइकाइया अणंतगुणा बायरा विसेसाहिया सुहुमवणस्सइकाइया असंखे० सुहुमा विसेसा०, एवं अपजत्तगावि पज्जत्तगावि, णवरि सव्वत्थोवा बायरतेउक्काइया पजत्ता बायरतसकाइया पजत्ता असंखेजगुणा पत्तेयसरीर० सेसं तहेव जाव सुहुमपजत्ता विसेसाहिया । एएसि णं भंते ! Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे २४६ [जीवाजीवाभिगमे सुहमाणं बायराण य पजत्ताणं अपज्जत्ताण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरा पजत्ता बायरा अपजत्ता असंखेज्जगुणा सुहुमा अपजत्ता असंखेजगुणा सुहुमपजत्ता संखेजगुणा, एवं सुहुमपुढविबायरपुढवि जाव सुहुमनिओया बायरनिओया नवरं पत्तेयसरीरबायरवण० सव्वत्थोवा पजत्ता अपजत्ता असंखेजगुणा, एवं बायरतसकाइयावि ॥ सव्वेसिं भंते ! पजत्तअपजत्तगाणं कयरे २ हिंतो अप्पा वा वहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउक्काइया पजत्ता वायरतसकाइया पजत्तगा असंखेजगुणा ते चेव अपजत्तगा असंखेजगुणा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइअपजत्तगा असंखे० बायरणिओया पजत्ता असंखेज० बायरपुडवि० पज्जत्ता असं० आउवाउपजत्ता असंखे० बायरतेउकाइयअपजत्ता असंखे० पत्तेय० अपजत्ता असंखे० बायरनिओयअपजत्ता असं० बायरपुढवि० आउवाउकाइ० अपजत्तगा असंखेजगुणा सुहुमतेउकाइया अपजत्तगा असं० सुहुमपुढविआउवाउअपजत्ता विसेसा० सुहुमतेउकाइयपज्जत्तगा संखेजगुणा सुहुमपुढविआउवाउपजत्तगा विसेसाहिया सुहुमणिगोया अपजत्तगा असंखेनगुणा सुहुमणिगोया पजत्तगा संखेजगुणा वायरवणस्सइकाइया पजत्तगा अणंतगुणा बायरा पजत्तगा विसेसाहिया वायरवणस्सइ० अपज्जत्ता असंखेजगुणा बायरा अपजत्ता विसे० बायरा विसेसाहिया सुहमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा सुहुमा अपजत्ता विसेसाहिया सुहुमवणस्सइकाइया पजत्ता संखेजगुणा सुहुमा पजत्तगा विसेसाहिया सुहुमा विसेसाहिया ॥ २३७ ॥ कइविहा णं भंते ! णिओया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा णिओया पण्णत्ता, तंजहा—णिओया य णिगोदजीवा य ॥ णिओया णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-सुहुमणिओया य बायरणिओया य ॥ सुहुमणिओया णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहापज्जत्तगा य अपजत्तगा य ॥ बायरणिओयावि दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य ॥ णिओयजीवा णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-सुहुमणिओयजीवा य बायरणिओयजीवा य । सुहमणिगोदजीवा दुविहा प०, तं०-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । बादरणिगोदजीवा दुविहा पन्नत्ता, तं०-पजत्तगा य अपज्जत्तगा य ॥ २३८ ॥ निगोदा णं भंते ! दव्वट्ठयाए किं संखेज्जा असंखेज्जा अणंता ? गोयमा ! नो संखेजा असंखेजा नो अणंता, एवं पजत्तगावि अपजत्तगावि ॥ सुहुमनिगोदा णं भंते ! दव्वट्ठयाए किं संखेजा असंखेजा अणंता ? गो० ! णो संखेज्जा असंखेजा णो अणंता, एवं पजत्तगावि अपजत्तगावि, एवं बायरावि पजत्तगावि अपज्जत्तगावि णो संखेज्जा Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पं० ५ निगोय० अप्पबहुत्तं ] सुत्तागमे असंखेजा णो अनंता ॥ णिगोदजीवा णं भंते ! दव्वट्टयाए किं संखेज्जा असंखेज्जा अनंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा नो असंखेज्जा अनंता, एवं पज्जत्तावि अपजत्तावि, एवं मणिजीवावि पज्जत्तगावि अपजत्तगावि, बादरणिगोदजीवावि पज्जत्तगावि अपजत्तगावि ॥ णिगोदा णं भंते! पएसट्टयाए किं संखेज्जा ० पुच्छा, गोयमा ! नो संखेजा नो असंखेज्जा अनंता, एवं पज्जत्तगावि अपजत्तगावि । एवं सुहुमणिओयावि पज्जत्तगावि अपजत्तगावि, पएसट्टयाए सव्वे अनंता, एवं बायरनिगोयावि पजत्तयावि अप्पज्जत्तयावि, परसट्टयाए सव्वे अनंता, एवं णिगोदजीवा नवविहावि पट्टयाए सव्वे अनंता । एएसि णं भंते ! णिओयाणं सुहुमाणं बायराणं पज्जत्तगाणं अपज्जत्तगाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वद्वप सट्टयाए कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया बा० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वायरणिओयपजत्तगा दव्वट्टयाए बादरनिगोदा अपज्जत्तगा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा सुहुमणिगोदा अपजत्तगा दव्वट्टयाए असंखेजगुणा सुहुमणिगोदा पज्जत्तगा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, एवं पएसट्टयाएवि ॥ दवस या सव्वत्थोवा बायरणिओया पज्जत्ता दव्वट्टयाए जाव सुहुमणि - गोदा पत्ता दव्वट्टयाएं संखेज्जगुणा, सुहुमणिओएहिंतो पज्जत्तएहिंतो दव्वट्टयाए बादरणिगोदा पज्जत्ता परसट्टयाए अनंतगुणा, बायरणिओया अपज्जत्ता परसट्टयाए असंखे • जाव सुहुमणिओया पज्जत्ता परसट्टयाए संखेज्जगुणा । एवं णिओयजीवावि, वरि संक्रमए जाव सुहुमणिओयजीवेहिंतो पज्जत्तएहिंतो दव्वट्टयाए बायरणिओयजीवा पज्ज० पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, सेसं तहेव जाव सुहुमणिओयजीवा पज्जत्ता पएसट्टयाए संखेज्जगुणा ॥ एएसि णं भंते! णिगोदाणं सुहुमाणं बायराणं पज्जत्ताणं अपजत्ताणं णिओयजीवाणं सुहुमाणं वायराणं पज्जत्तगाणं अपज्जत्तगाणं दव्वद्वयाए पर सट्टयाए दव्वद्वपए सट्टयाए कयरे २ हिंतो ० ? गो० ! सव्वत्थोवा बायरणिओया पज्जत्ता दव्वट्टयाए बायरणिओया अपजत्ता दव्वट्टयाए असते जगुणा सुहुमणिगोदा अप० दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा सुहुमणिगोदा पज्ज० दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा सुहु ० २४७ ओहिंतो व्याए बायरणिओयजीवा प्रज्जत्ता दव्वट्टयाए अनंतगुणा बायरणिओयजीवा अपजत्ता दव्त्रद्वयाए असंखेजगुणा सुहुमणिओयजीवा अपज्जता दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा सुहुमणिओयजीवा पज्जत्ता दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, पएसट्टयाए सव्व - त्थोवा बायरणिओयजीवा पज्जत्ता पसट्टयाए बायरणिओया अपज्जत्ता पएस याए असंखे • सुहुमणिओयजीवा अपज्जत्तगा पएसइयाए असंखेज्जगुणा सुहुमणिगोदजीवा पज्जत्ता परसट्टयाए संखेज्जगुणा सुहुमणिगोदजीवेहिंतो एसट्टयाए बादरणिगोदा पज्जत्ता पसट्टयाए अनंतगुणा बायरणिओया अपज्जत्तगा पएस० असंखेजगुणा जाव Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जीवाजीवाभिगमे सुहुमणिओया पज्जत्ता पसट्टयाए संखेज्जगुणा, दव्वट्ठपएसट्टयाए सव्वत्थोवा बायरणिओया पत्ता दव्वट्टयाए बायरणिओया अपजत्ता दव्वट्टयाए असंखेजगुणा जाव सुहुमणिगोदा पज्जत्ता दव्वट्टयाए संखेजगुणा सुहुमणिओयाहिंतो दव्वट्टयाए बायरणिओयजीवा पज्जत्ता दव्वट्टयाए अनंतगुणा सेसा तहेव जाव सुहुमणिओयजीवा पज्ज -- तगा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा सुहुमणिओयजीवेहिंतो पज्जत्तएहिंतो दव्वट्टयाए बायरणिओयजीवा पज्जत्ता पसट्टयाए असंखेज्जगुणा सेसा तहेव जाव सुहुमणिओया पज्जत्ता पट्टयाए संखेज्जगुणा ॥ सेत्तं छव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ॥ २३९ ॥ पंचमा छविवहा पडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु - सत्तविहा संसारसभावण्णगा जीवा प० ते एवमाहंसु, तंजा - नेरइया तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ मणुस्सा मणुस्सीओ देवा देवीओ || इस ठिई जहन्नेणं दसवाससहस्साइं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई,. तिरिक्खजोणियस्स ठिई जहणणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई, एवं तिरिक्खजोणिणीवि, मणुस्साणवि मणुस्सीणवि, देवाणं ठिई जहा णेरइयाणं, देवीणं ० जहण्णेणं दसवाससहस्साइं उक्कोसेणं पणपण्णपलिओवमाई || नेरइयदेवदेवीणं जव ठिई सच्चैव संचिणा । तिरिक्खजोणिए णं भंते ! तिरिक्खजोणिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वणस्सइकालो, तिरिक्खजोणिणीर्णः जहन्नेणं अंतोमु० उक्को तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडि पुहुत्तमब्भहियाइं । एवं मस्सस्स मणुस्सीएव ॥ णेरइयस्स अंतरं जह० अंतोमु • उक्कोसेणं वणस्सकालो । एवं सव्वाणं तिरिक्खजोणियवज्जाणं, तिरिक्खजोणियाणं जहण्णेणं अंतोमु • उक्को ०. सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं || अप्पाबहुयं सव्वत्थोवाओ मणुस्सीओ मणुस्सा असं -- खेज्जगुणा नेरइया असंखेज्जगुणा तिरिक्खजोणिणीओ असंखेज्जगुणाओ देवा असंखे-जगुणा देवीओ संखेज्जगुणाओ तिरिक्खजोणिया अनंतगुणा । सेत्तं सत्तविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ॥ २४० ॥ छुट्टी सत्तविहा पडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु —— अट्ठविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ते एवमाहंसु,. तं ० - पढमसमयनेरइया अपढमसमयनेरइया पढमसमयतिरिक्खजोणिया अपढमसम-. यतिरिक्खजोणिया पढमसमयमणुस्सा अपढमसमयमणुस्सा पढमसमयदेवा अपढमस-मयदेवा ॥ पढमसमयनेरइयस्स णं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! पढमसमयनेरइयस्स जह० एकं समयं उक्को० एकं समयं, अपढमसमयनेरइयस्स जह० दसवाससहस्साइं समऊणाई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समऊणाई । पढमसमयतिरिक्खजोणियस्स जह० एक्कं समयं उक्को • एक्कं समयं, अपढमसमयति- ० २४८ Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०८ नवविहा जीवा] सुत्तागमे रिक्खजोणियस्स जह० खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्को० तिन्नि पलिओवमाई समऊणाई, एवं मणुस्साणवि जहा तिरिक्खजोणियाणं, देवाणं जहा णेरइयाणं ठिई ॥ णेरइयदेवाणं जच्चेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणा दुविहाणवि । पढमसमयतिरिक्खजोणिए णं भंते ! पढ० कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह• एकं समयं उक्को० एकं समयं, अपढम० तिरिक्खजोणियस्स जह० खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्कोसेणं वणस्सइकालो। पढमसमयमणुस्साणं जह० उ० एकं समयं, अपढम० मणुस्साणं जह. खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्को० तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाइं ॥ अंतरं पढमसमयणेरइयस्स जह० दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं उक्को० वणस्सइकालो, अपढमसमय० जह• अंतोमु० उक्को० वणस्सइकालो । पढमसमयतिरिक्खजोणियस्स जह० दो खुड्डागभवग्गहणाइं समऊणाई उक्को० वणस्सइकालो, अपढमसमयतिरिक्खजोणियस्स जह० खुडागं भवग्गहणं समयाहियं उक्को० सागरोवमसयपुहत्तं साइरेगं । पढमसमयमणुस्सस्स जह• दो खुड्डाइं भवग्गहणाई समऊणाई उक्को० वणस्सइकालो, अपढमसमयमणुस्सस्स जह० खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं उक्को० वणस्सइकालो । देवाणं जहा नेरइयाणं जह० दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमन्महियाइं उक्को० वणस्सइकालो, अपढमसमय० जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो ॥ अप्पाबहु० एएसि णं भंते ! पढमसमयनेरइयाणं जाव पढमसमयदेवाण य कयरे २ हितो०? गोयमा! सव्वत्थोवा पढमसमयमणुस्सा पढमसमयणेरइया असंखेजगुणा पढमसमयदेवा असंखेजगुणा पढमसमयतिरिक्खजोणिया असंखेजगुणा ॥ अपढमसमयनेरइयाणं जाव अपढमसमयदेवाणं एवं चेव अप्पबहु० णवरि अपढमसमयतिरिक्खजोणिया अणंतगुणा ॥ एएसि णं भंते! पढमसमयनेरइयाणं अपढम० णेरइयाणं कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयणेरइया अपढमसमयनेरइया असंखेज्जगुणा, एवं सव्वे ॥ एएसि णं भंते ! पढमसमयणेरइयाणं जाव अपढमसमयदेवाण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयमणुस्सा अपढमसमयमणुस्सा असंखेजगुणा पढमसमयणेरइया असंखेजगुणा पढमसमयदेवा असंखेजगुणा पढमसमयतिरिक्खजोणिया असंखेनगुणा अपढमसमयनेरइया असंखे-- जगुणा अपढमसमयदेवा असंखेजगुणा अपढमसमयतिरिक्खजोणिया अणंतगुणा । सेत्तं अट्ठविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ॥ २४१ ॥ सत्तमा अट्टविहपडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-णवविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ते एवमाहंसु, तं०-पुढविक्काइया आउक्काइया तेउक्काइथा बाउक्काइया वणस्सइकाइया बेइंदिया Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५० सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे तेइंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया ॥ ठिई सव्वेसि भाणियव्वा ॥ पुढविक्काइयाणं संचिट्ठणा पुढविकालो जाव वाउक्काइयाणं, वणस्सईणं वणस्सइकालो, बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया संखेनं कालं, पंचेंदियाणं सागरोवमसहस्सं साइरेगं॥ अंतरं सव्वेसिं अणंतं कालं, वणस्सइकाइयाणं असंखेनं कालं ॥ अप्पाबहुगं, सव्वत्थोवा पंचिंदिया चउरिंदिया विसेसाहिया तेइंदिया विसेसाहिया बेइंदिया विसेसाहिया तेउक्काइया असंखे० पुढविका० आउ० वाउ० विसेसाहिया वणस्सइकाइया अणंतगुणा । सेत्तं णवविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता॥२४२॥ अट्टमा णवविहपडिवत्ती समत्ता॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-दसविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० ते एवमासु, तंजहा–पढमसमयएगिदिया अपढमसमयएगिंदिया पढमसमयबेइंदिया अपढमसमयबेइंदिया जाव पढमसमयपचिंदिया अपढमसमयपचिंदिया, पढमसमयएगिदियस्स णं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं एक समयं उक्को० एकं०, अपढमसमयएगिदियस्स जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गणं समऊणं उक्को० बावीसं वाससहस्साई समऊणाई, एवं सव्वेसिं पढमसमइयकालं जहण्णेणं एको समओ उक्कोसेणं एको समओ, अपढम० जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्कोसेणं जा जस्स ठिई सा समऊणा जाव पंचिंदियाणं तेत्तीसं सागरोवमाइं समऊणाइं ॥ संचिट्ठणा पढमसमइयस्स जहण्णेणं एकं समयं उकोसेणं एक समयं, अपढमसमयगाणं जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्कोसेणं एगिंदियाणं वणस्सइकालो, बेइंदियतेइंदियचडरिंदियाणं संखेनं कालं पंचेंदियाणं सागरोवमसहस्सं साइरेगं ॥ पढमसमयएगिदियाणं भंते ! कालओ केवइयं अंतरं होइ ? गोयमा! जहन्नेणं दो खुड्डागभवग्गहणाई समऊणाई उक्को० वणस्सइकालो, अपढम० एगिदिय० अंतरं जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं उक्को० दो सागरोवमसहस्साई संखेजवासमब्भहियाई, सेसाणं सव्वेसिं पढमसमइयाणं अंतरं जह• दो खुड्डाई भवग्गहणाई समऊणाई उक्को० वणस्सइकालो, अपढमसमइयाणं सेसाणं जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं उक्को. वणस्सइकालो ॥ पढमसमइयाणं सव्वेसिं सव्वत्थोवा पढमसमयपंचेंदिया पढम० चउरिंदिया विसेसाहिया पढम० तेइंदिया विसेसाहिया प० बेइंदिया विसेसाहिया प० एगिंदिया विसेसाहिया ॥ एवं अपढमसमइयावि णवरि अपढमसमयएगिंदिया अणंतगुणा । दोण्हं अप्पबहू, सध्वत्थोवा पढमसमयएगिंदिया अपढमसमयएगिंदिया अणंतगुणा सेसाणं सव्वत्थोवा पढमसमइया अपढम० असंखेज्जगुणा ॥ एएसि णं भंते ! पढमसमयएगिदियाणं अपढमसमयएगिंदियाणं जाव अपडमसमयपंचिंदियाण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयपंचेंदिया पढमसमयचरिंदिया विसेसाहिया पढम Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५१ स० ५० ५ अवेयगंतरपु०] सुत्तागमे समयतेइंदिया विसेसाहिया एवं हेट्ठामुहा जाव पढमसमयएगिंदिया विसेसाहिया अपढमसमयपंचंदिया असंखेजगुणा अपढमसमयचउरिंदिया विसेसाहिया जाव अपढमसमयएगिंदिया अणंतगुणा ॥ २४३ ॥ सेत्तं दसविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, सेत्तं संसारसमावण्णगजीवाभिगमे ॥ नवमा दसविहा पडिवत्ती समत्ता॥ से किं तं सव्वजीवाभिगमे ? सव्वजीवेसु णं इमाओ णव पडिवत्तीओ एवमाहिजंति एगे एवमाहंसु-दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता जाव दसविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा—सिद्धा चेव असिद्धा चेव इति ॥ सिद्धे णं भंते ! सिद्धेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइए अपज्जवसिए॥ असिद्धे णं भंते ! असिद्धेत्ति ? गोयमा ! असिद्धे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-अणाइए वा अपजवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए ॥ सिद्धस्स णं भंते ! केवइकालं अंतरं होइ ? गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ असिद्धस्स णं भंते ! केवइयं अंतरं होइ ? गोयमा ! अणाइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! सिद्धाणं असिद्धाण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा सिद्धा असिद्धा अणंतगुणा ॥ २४४ ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा—सइंदिया चेव अणिंदिया चेव । सइंदिए णं भंते !० कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सइंदिए दुविहे पण्णत्ते, तं०-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए, अणिं दिए साइए वा अपज्जवसिए, दोण्हवि अंतरं नत्थि । सव्वत्थोवा अणिंदिया सइंदिया अणंतगुणा । अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-सकाइया चेव अकाइया चेव एवं चेव, एवं सजोगी चेव अजोगी चेव तहेव, एवं सलेस्सा चेव अलेस्सा चेव ससरीरा चेव असरीरा चेव] संचिट्ठणं अंतरं अप्पाबहुयं जहा सइन्दियाणं ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहासवेदगा चेव अवेदगा चेव ॥ सवेदए णं भंते ! सवे० ? गोयमा ! सवेदए तिविहे पण्णत्ते, तंजहा—अणाइए अपज्जवसिए, अणाइए सपज्जवसिए, साइए सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जह• अंतोमु० उक्को० अणंतं कालं जाव खेत्तओ अवटुं पोग्गलपरियह देसूणं ॥ अवेदए णं भंते ! अवेदएत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! अवेदए दुविहे पण्णत्ते, तंजहा—साइए वा अपज्जवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहण्णेणं एकं समयं उक्को० अंतोमुहुत्तं ॥ सवेयगस्स णं भंते ! केवइकालं अंतरं होइ ? गोयमा ! अणाइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं, साइयस्स सपज्जवसियस्स जहण्णेणं एवं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं ॥ अवेयगस्स णं भंते ! Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५२ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे केवइयं कालं अंतरं होइ ? गोयमा ! साइयस्स अपजवसियस्स णत्थि अंतरं, साइयस्स सपज्जवसियस्स जह• अंतोमु० उक्कोसेणं अणंतं कालं जाव अवढे पोग्गलपरियह देसूणं । अप्पाबहुगं, सव्वत्थोवा अवेयगा सवेयगा अणंतगुणा । एवं सकसाई चेव अकसाई चेव २ जहा सवेयगे तहेव भाणियव्वे ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा प०, तं०-सलेसा य अलेसा य जहा असिद्धा सिद्धा, सव्वत्थोवा अलेसा सलेसा अणंतगुणा ॥२४५॥ अहवा० णाणी चेव अण्णाणी चेव ॥णाणी णं भंते ! णाणित्ति कालओ०? गोयमा ! णाणी दुविहे पन्नत्ते, तं०-साइए वा अपज्जवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपजवसिए से जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं छावठिसागरोवमाइं साइरेगाई, अण्णाणी जहा सवेदगा ॥ णाणिस्स अंतरं जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं अणंतं कालं अवटुं पोग्गलपरियह देसूणं । अण्णाणिस्स दोण्हवि आइल्लाणं णत्थि अंतरं, साइयस्स सपजवसियस्स जहण्णेणं अंतोमु० उक्कोसेणं छावडिं सागरोवमाइं साइरेगाइं । अप्पाबहुयं-सव्वत्थोवा णाणी अण्णाणी अणंतगुणा ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा पन्नत्ता, तं०-सागारोवउत्ता य अणागारोवउत्ता य, संचिट्ठणा अन्तरं च जहण्णेणं उक्कोसेणवि अन्तोमुहुत्तं, अप्पाबहु० सागारो० संखे० ॥ २४६ ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-आहारगा चेव अणाहारगा चेव ॥ आहारए णं भंते ! जाव केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! आहारए दुविहे पण्णत्ते, तंजहाछउमत्थआहारए य केवलिआहारए य, छउमत्थआहारए णं जाव केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं दुसमऊणं उक्को० असंखेनं कालं जाव कालओ,. खेत्तओ अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । केवलिआहारए णं जाव केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह ० अंतोमु० उक्को० देसूणा पुवकोडी ॥ अणाहारए णं भंते ! कइविहे ० १ गोयमा ! अणाहारए दुविहे पण्णत्ते, तंजहा–छउमत्थअणाहारए य केवलिअणाहारए य, छउमत्थअणाहारए णं जाव केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एक समयं उक्कोसेणं दो समया । केवलिअणाहारए दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-सिद्धकेवलिअणाहारए य भवत्थकेवलिअणाहारए य ॥ सिद्धकेवलिअणाहारए णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? गो०! साइए अपज्जवसिए॥ भवत्थकेवलिअणाहारए णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गो०! भवत्थकेवलि० दुविहे पण्णत्ते, तं०-सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए य अजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए य । सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए णं भंते ! कालओ केवञ्चिरं० १ गो०! अजहण्णमणुक्कोसेणं तिण्णि समया। अजोगिभवत्थकेवलि. जह० अंतो० उक्को० अंतोमुहुत्तं ॥ छउमत्थआहारगस्स० केवइयं कालं अंतरं० ? गोयमा ! जहण्णेणं एक समयं उक्को० दो समया। केवलिआहारगस्स अंतरं अजहण्णमणु Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स०प० २ सम्मामिच्छा०] सुत्तागमे २५३ कोसेणं तिण्णि समया ॥ छउमत्थअणाहारगस्स अंतरं जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं दुसमऊणं उक्को० असंखेनं कालं जाव अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । सिद्धकेवलिअणाहारगस्स साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारगस्स जह• अंतो० उक्कोसेणवि, अजोगिभवत्थकेवलिअणाहारगस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! आहारगाणं अणाहारगाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहु० १ गोयमा ! सव्वत्थोवा अणाहारगा आहारगा असंखेज० ॥ २४७ ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-सभासगा य अभासगा य ॥ सभासए णं भंते ! सभासएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं एवं समयं उक्को. अंतोमुहुत्तं ॥ अभासए णं भंते० ? गोयमा ! अभासए दुविहे पण्णत्ते, तं०-साइए वा अपजवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपजवसिए से जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं अणंताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ वणस्सइकालो ॥ भासगस्स णं भंते ! केवइकालं अंतरं होइ ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं वणस्सइकालो। अभासग० साइयस्स अपज्जवसियस्स णस्थि अंतरं. साइयसपज्जवसियस्स जहण्णेणं एकं समयं उक्को० अंतो० । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा भासगा अभासगा अणंतगुणा ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा प०, तं०-ससरीरी य असरीरी य० असरीरी जहा सिद्धा, सव्वत्थोवा असरीरी ससरीरी अणंतगुणा ॥ २४८ ॥ अहवा दुविहा सव्वजीवा पण्णता, तंजहा-चरिमा चेव अचरिमा चेव ॥ चरिमे णं भंते ! चरिमेत्ति कालओ केव चिरं होइ ? गोयमा ! चरिमे अणाइए सपजवसिए, अचरिमे दुविहे प०, तं.---अणाइए वा अपज्जवसिए साइए वा अपज्जवसिए, दोण्हंपि णत्थि अंतरं, अप्पाबहुयं-सव्वत्थोवा अचरिमा चरिमा अणंतगुणा । [ अहवा दुविहा सव्वजीवा प०, तं०-सागारोवउत्ता य अणागारोवउत्ता य, दोहंपि संचिट्ठणावि अंतरंपि जह० अंतो० उ० अंतो०, अप्पाबहु० सव्वत्थोवा अणागारोवउत्ता सागारोवउत्ता असंखेजगुणा] सेत्तं दुविहा सव्वजीवा पन्नत्ता॥२४९॥०॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसुतिविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा-सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी ॥ सम्मदिट्ठी णं भंते !• कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सम्मदिट्ठी दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-साइए वा अपज्जवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ जे ते साइए सपजवसिए से जह. अंतो० उक्को० छावढेि सागरोवमाई साइरेगाइं० मिच्छादिट्ठी तिविहे अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ जे ते साइए सपजवसिए से जह• अंतो० उक्को० अणंतं कालं जाव अवहूं पोग्गलपरियह देसूणं सम्मामिच्छादिट्ठी जह. अंतो० उक्को० Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५४ सुत्तागमे . [जीवाजीवाभिगमे अंतोमुहत्तं ॥ सम्मदिहिस्स अंतरं साइयस्स अपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं, साइयस्स सपज्जवसियस्स जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं जाव अवई पोग्गलपरियह देसूणं, मिच्छादिहिस्स अणाइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपजवसियस्स नत्थि अंतरं, साइयस्स सपजवसियस्स जह० अंतो० उक्को० छावट्टि सागरोवमाइं साइरेगाई, सम्मामिच्छादिहिस्स जह• अंतो० उक्को० अणंतं कालं जाव अवढे पोग्गलपरियह देसूणं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा सम्मामिच्छादिट्ठी सम्मदिट्ठी अणंतगुणा मिच्छादिट्ठी अणंतगुणा ॥ २५० ॥ अहवा तिविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तं०-परित्ता अपरित्ता नोपरित्तानोअपरित्ता । परित्ते णं भंते !० कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! परित्ते दुविहे पण्णत्ते, तं०-कायपरित्ते य संसारपरित्ते य । कायपरित्ते णं भंते !०१ गोयमा ! जह• अंतोमु० उक्को० असंखेनं कालं जाव असंखेना लोगा। संसारपरित्ते णं भंते ! संसारपरित्तेत्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गो० ! जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं जाव अवढे पोग्गलपरियह देसूणं । अपरित्ते णं भंते !? गो०! अपरित्ते दुविहे पण्णत्ते, तं०-कायअपरित्ते य संसारअपरित्ते य, कायअपरित्ते णं० जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं, वणस्सइकालो, संसारापरित्ते दुविहे पण्णत्ते, तंजहाअणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए, णोपरित्तेणोअपरित्ते साइए अपजवसिए। कायपरित्तस्स अंतरं जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, संसारपरित्तस्स णत्थि अंतरं, कायापरित्तस्स जह० अंतो० उक्को० असंखेजं कालं पुढविकालो । संसारापरित्तस्स अणाइयस्स अपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपज्जवसियस्स नत्थि अंतरं, णोपरित्तनोअपरित्तस्स वि णत्थि अंतरं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा परित्ता णोपरित्तानोअपरित्ता अणंतगुणा अपरित्ता अणंतगुणा ॥ २५१ ॥ अहवा तिविहा सव्वजीवा प०, तं०-पजत्तगा अपजत्तगा नोपजत्तगानोअपजत्तगा, पजत्तगे णं भंते !०१ गोयमा ! जह• अंतो० उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । अपजत्तगे णं भंते !०१ गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० अंतो०, नोपजत्तणोअपज्जत्तए साइए अपज्जवसिए । पजत्तगस्स अंतरं जह० अंतो० उक्को० अंतो०, अपजत्तगस्स जह• अंतो उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, तइयस्स णत्थि अंतरं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा. नोपजत्तगनोअपजत्तगा अपजत्तगा अणंतगुणा पजत्तगा संखेजगुणा ॥ २५२ ॥ अहवा तिविहा सव्वजीवा प०, तं०-हुमा बायरा नोसुहुमनोबायरा, सुहुमे णं भंते ! सुहुमेत्ति कालओ केवच्चिरं० ? गो०! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं असंखेज कालं पुढविकालो, बायरा' जह० · अंतो० उक्को० असंखेनं कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अंगुलस्स असंखेजइ Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स० ५० ३ पुरिसवे०] सुत्तागमे भागो, नोहुमनोबायरे साइए अपज्जवसिए, सुहुमस्स अंतरं बायरकालो, बायरस्स अंतरं सुहुमकालो, तइयस्स नोसुहुमणोबायरस्स अंतरं नत्थि । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा नोसुहमनोबायरा बायरा अणंतगुणा सुहुमा असंखेजगुणा ॥ २५३ ॥ अहवा तिविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा—सण्णी असण्णी नोसण्णीनोअसण्णी, सन्नी णं भंते !• कालओ० ? गो०! जह० अंतो० उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, असण्णी जह० अंतो० उको० वणस्सइकालो, नोसण्णीनोअसण्णी साइए अपज्जवसिए । सण्णिस्स अंतरं जह• अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, असण्णिस्स अंतरं जह• अंतो० उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, तइयस्स णत्थि अंतरं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा सण्णी नोसन्नीनोअसण्णी अणंतगुणा असण्णी अणंतगुणा ॥ २५४ ॥ अहवा तिविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहाभवसिद्धिया अभवसिद्धिया नोभवसिद्धियानोअभवसिद्धिया, अणाइया सपज्जवसिया भवसिद्धिया, अणाइया अपज्जवसिया अभवसिद्धिया, साइया अपज्जवसिया नोभवसिद्धियानोअभवसिद्धिया। तिण्हंपि नत्थि अंतरं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा अभवसिद्धिया णोभवसिद्धियाणोअभवसिद्धिया अणंतगुणा भवसिद्धिया अणंतगुणा ॥२५५॥ अहवा तिविहा सव्व० प०, तंजहा--तसा थावरा नोतसानोथावरा, तसस्स णं भंते ! ०१ गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० दो सागरोवमसहस्साइं साइरेगाई, थावरस्स संचिट्ठणा वणस्सइकालो, णोतसानोथावरा साइया अपज्जवसिया । तसस्स अंतरं वणस्सइकालो, थावरस्स अंतरं दो सागरोवमसहस्साइं साइरेगाई, णोतसणोथावरस्स णत्थि अंतरं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा तसा नोतसानोथावरा अणंतगुणा थावरा अणंतगुणा। से तं तिविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥ २५६॥०॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसुचउव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तं०-मणजोगी वइजोगी कायजोगी अजोगी । मणजोगी णं भंते !०? गोयमा ! जह० एकं समयं उक्को० अंतो०, एवं वइजोगीवि, कायजोगी जह• अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, अजोगी साइए. अपज्जवसिए । मणजोगिस्स अंतरं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्को० वणस्सइकालो, एवं वइजोगिस्सवि, कायजोगिस्स जह० एकं समयं उक्को० अंतो०, अजोगिस्स णत्थि अंतरं । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा मणजोगी वइजोगी असंखेजगुणा अजोगी अणंतगुणा कायजोगी अणंतगुणा ॥ २५७ ॥ अहवा चउन्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-इत्थिवेयगा पुरिसवेयगा नपुंसगवेयगा अवेयगा, इत्थिवेयए णं भंते ! इत्थिवेयएत्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! (एगेण आएसेण०) पलियसयं दसुत्तरं अट्ठारस चोद्दस पलियपुहुत्तं, समओ जहण्णो, पुरिसवेयस्स जह० अंतो० Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे उको० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, नपुंसगवेयस्स जह० एक समयं उक्को० अणंतं कालं वणस्सइकालो । अवेयए दुविहे प०, तं०-साइए वा अपज्जवसिए साइए वा सपजवसिए से जह. एकं स० उक्को० अंतोमु० । इत्थिवेयस्स अंतरं जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, पुरिसवेयस्स० जह० एगं समयं उको० वणस्सइकालो, नपुंसगवेयस्स जह• अंतो० उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, अवेयगो जहा हेट्ठा । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा पुरिसवेयगा इत्यिवेयगा संखेजगुणा अवेयगा अणंतगुणा नपुंसगवेयगा अणंतगुणा ॥२५८ ॥ अहवा चउव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी ओहिदसणी केवलदंसणी ॥ चक्खुदंसणी णं भंते !०१ गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० सागरोवमसहस्सं साइरेगं, अचक्खुदंसणी दुविहे पण्णत्ते, तं०-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपजवसिए। ओहिदंसणिस्स जह० इकं समयं उक्को० दो छावट्ठी सागरोवमाणं साइरेगाओ, केवलदंसणी साइए अपजवसिए ॥ चक्खुदसणिस्स अंतरं जह• अंतोमु० उक्को० वणस्सइकालो । अचक्खुदंसणिस्स दुविहस्स नत्थि अंतरं । ओहिदंसणिस्स जह• अंतोमु० उक्कोसेणं वणस्सइकालो । केवलदंसणिस्स णत्थि अंतरं । अप्पाबहुयं-सव्वत्थोवा ओहिदंसणी चक्खुदंसणी असंखेजगुणा केवलदसणी अणंतगुणा अचक्खुदंसणी अणंतगुणा ॥ २५९ ॥ अहवा चउव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा—संजया असंजया संजयासंजया नोसंजयानोअसंजयानोसंजयासंजया। संजए णं भंते !० ? गोयमा ! 'जह० एकं समयं उक्को० देसूणा पुनकोडी, असंजया जहा अण्णाणी, संजयासंजए जह० अंतोमु० उक्को० देसूणा पुचकोडी, नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजए साइए • अपज्जवसिए, संजयस्स संजयासंजयस्स दोण्हवि अंतरं जह० अंतोमु० उक्को० अवर्ल्ड पोग्गलपरियह देसूणं, असंजयस्स आइदुवे णत्थि अंतरं, साइयस्स सपज्जवसियस्स जह० एकं स० उक्को० देसूणा पुव्वकोडी, चउत्थगस्स णत्थि अंतरं ॥ अप्पाबहु० सव्वत्थोवा संजया संजयासंजया असंखेजगुणा णोसंजयणोअसंजयणोसंजयासंजया अणंतगुणा असंजया अणंतगुणा ॥ सेत्तं चउबिहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥ २६० ॥ तचा सव्वजीवच०पडिवत्ती समत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-पंचविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहाकोहकसाई माणकसाई मायाकसाई लोभकसाई अकसाई ॥ कोहकसाईमाणकसाईमायाकसाईणं जह० अंतो० उक्को० अंतोमु०, लोभकसाइस्स जह• एकं स० उक्को. अंतो०, अकसाई दुविहे जहा हेट्ठा ॥ कोहकसाईमाणकसाईमायाकसाईणं अंतरं जह. एकं स० उक्को० अंतो०, लोहकसाइस्स अंतरं जह• अंतो० उक्को० अंतो०, Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स०प०५ ओरालियसरीरंतरं] सुत्तागमे २५७ अक्साई तहा जहा हेट्ठा ॥ अप्पाबहुयं-अकसाइणो सव्वत्थोवा माणकसाई तहा अणंतगुणा। कोहे मायालोमे विसेसमहिया मुणेयव्वा ॥ १ ॥ २६१ ॥ अहवा पंचविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा–णेरइया तिरिक्खजोणिया मणुस्सा देवा सिद्धा । संचिठ्ठणंतराणि जह हेट्ठा भणियाणि । अप्पाबहु० सव्वत्थोवा मणुस्सा णेरइया असंखेनगुणा देवा असंखेजगुणा सिद्धा अणंतगुणा तिरिया अणंतगुणा। सेत्तं पंचविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥ २६२ ॥ चउत्था स०प० समत्ता ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-छव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहाआभिणिबोहियणाणी सुयणाणी ओहिणाणी मणपज्जवणाणी केवलणाणी अण्णाणी, आभिणिबोहियणाणी णं भंते ! आभिणिवोहियणाणित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह० अन्तोमुहुत्तं उक्को० छावहिँ सागरोवमाइं साइरेगाई, एवं सुयणाणीवि, ओहिणाणी णं भंते ! ? गोयमा ! जह० एकं समयं उक्को० छावहिँ सागरोवमाई साइरेगाई, मणपजवणाणी णं भंते !० ? गो० ! जह• एक समयं उक्को० देसूणा पुन्वकोडी, केवलनाणी णं भंते !० ? गो० ! साइए अपजवसिए, अन्नाणिणो तिविहा प०, तं.-अणाइए वा अपजवसिए अणाइए वा सपजवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ० साइए सपज्जवसिए से जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं अवर्ल्ड पुग्गलपरियह देसूणं । अंतरं आभिणिबोहियणाणिस्स जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं अवढे पुग्गलपरियह देसूणं, एवं सुय० अंतरं० मणपजव०, केवलनाणिणो णत्थि अंतरं, अन्नाणि० साइयसपजवसियस्स जह• अंतो० उक्को० छावहिँ सागरोवमाइं साइरेगाइं । अप्पा० सव्वत्थोवा मण० ओहि० असंखे० आभि० सुय० विसेसा० सट्ठाणे दोवि तुल्ला केवल० अणंत० अण्णाणी अणंतगुणा ॥अहवा छव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहाएगिंदिया बेंदिया तेंदिया चउरिंदिया पंचेंदिया अणिंदिया। संचिट्ठणंतरा जहा हेट्ठा । अप्पाबहुयं-सव्वत्थोवा पंचेंदिया चउरिंदिया विसेसा० तेइंदिया विसेसा० बैंदिया विसेसा० अणिंदिया अणंतगुणा एगिंदिया अणंतगुणा ॥ २६३ ॥ अहवा छव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-ओरालियसरीरी वेउब्वियसरीरी आहारगसरीरी तेयगसरीरी कम्मगसरीरी असरीरी ॥ ओरालियसरीरी णं भंते !• कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहण्णेणं खुट्टागं भवग्गहणं दुसमऊणं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं जाव अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, वेउव्वियसरीरी जह• एक समयं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमन्भहियाई, आहारगसरीरी जह० अंतो० उक्को० अंतो०, तेयगसरीरी दुविहे प०, तं०-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपजवसिए, एवं कम्मगसरीरीवि, असरीरी साइए अपज्जवसिए ॥ अंतरं ओरालियसरीरस्स जह० १७ सुत्ता Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २५८ [ जीवाजीवाभिगमे एक्कं समयं उक्को० तेत्तीसं सागरोवभाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, वेउव्वियसरीरस्स जह० अंतो● उक्को० अणंतं कालं वणस्सइकालो, आहारगसरीरस्स जह० अंतोο उक्को० अणतं कालं जाव अवढे पोग्गलपरियहं देसूणं, तेय० कम्मगसरीरस्स य दुहवि णत्थि अंतरं ॥ अप्पाबहु० सव्वत्थोवा आहारगसरीरी वेडव्वियसरीरी असंखेज्जगुणा ओरालियसरीरी असंखेज्जगुणा असरीरी अनंतगुणा तेयाकम्मगसरीरी दोवि तुला अनंतगुणा ॥ सेत्तं छव्विहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥ २६४ ॥ ० ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु- सत्तविहा सव्वजीवा प० ते एवमाहंसु, तंजहा --- पुढविकाइया आउकाइया तेउकाड्या वाउकाइया वणस्सइकाइया तसकाइया अकाइया । संचितरा जहा हेट्ठा | अप्पाबहु० सव्वत्थोवा तसकाइया तेउकाइया असंखेज्जगुणा पुढविकाइया विसे० आउ० विसे० वाउ० विसेसा • सिद्धा अणंतगुणा वणस्सइकाइया अनंतगुणा ॥ २६५ ॥ अहवा सत्तविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहाकण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा तेउलेस्सा पम्हलेस्सा सुक्कलेस्सा अलेस्सा ॥ कण्हलेसे णं भंते! कण्हलेसेत्ति कालओ केवश्चिरं होइ ? गोयमा ! ज० अंतो० उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, णीललेस्से गं० जह० अंतो० उक्को० दस सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमब्भहियाई, काउलेस्से णं भंते ! ०? गो० ! जह० अंतो० उक्को० तिन्नि सागरोवमाई पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमब्भहियाई, सुत्तागमे उस्से णं भंते! ०? गोयमा ! जह० अं० उक्को० दोणि सागरोवमाई पलिओ मस्स असंखेज्जइभागमब्भहियाई, पम्हलेसे णं भंते ! ० १ गोयमा ! जह० अंतो● उक्को• दस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, सुक्कलेसे णं भंते ! ०? गो० ! जहन्नेणं अंतो • उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, अलेस्से णं भंते ! • साइए अपज्जवसिए ॥ कण्हलेसस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह अंतो० उको० तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तम०, एवं नीललेसस्सवि, काउलेसस्सवि, तेउलेसस्स णं भंते ! अंतरं का० ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, एवं पहले सस्सवि सुक्कलेसस्सवि दोण्हवि एवमंतरं, अलेसस्स णं भंते ! अंतरं कालओ ० ? गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते । जीवाणं कण्हलेसाणं नीललेसाणं काउले ० तेउ० पम्ह० सुक्क० अलेसाण य कयरे २... ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुक्कलेस्सा पम्हलेस्सा संखेज्जगुणा तेउलेस्सा असंखेज्जगुणा अलेस्सा अनंतगुणा काउलेस्सा अनंतगुणा नीललेस्सा विसेसाहिया कण्हलेस्सा विसेसाहिया । सेत्तं सत्तविहा सव्वजीवा पन्नत्ता ॥ २६६ ॥ ● ॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु - अट्ठविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा - आभिणिबोहिय Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स०प० ७ सिद्ध० पुच्छा] सुत्तागमे नाणी सुय० ओहि० मण० केवल० मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी ॥ आभिणिबोहियणाणी णं भंते ! आभिणिबोहियणाणित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह• अंतो० उक्को० छावट्ठिसागरोवमाइं साइरेगाई, एवं सुयणाणीवि । ओहिणाणी णं भंते !०? गोयमा ! जह• एकं समयं उक्को० छावट्ठिसागरोवमाई साइरेगाई, मणपज्जवणाणी णं भंते !? गोयमा ! जह० एकं स० उक्को० देसूणा पुव्वकोडी, केवलणाणी णं भंते !०? गोयमा ! साइए अपजवसिए, मइअण्णाणी णं भंते !०१ गोयमा ! मइअण्णाणी तिविहे पण्णत्ते, तं०-अणाइए वा अपज्जवसिए अणाइए वा सपज्जवसिए साइए वा सपजवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जह० अंतो० उक्को० अणंतं कालं जाव अवटुं पोग्गलपरियह देसूणं, सुयअण्णाणी एवं चेव, विभंगणाणी णं भंते ! विभंग० ? गोयमा ! जह० एकं समयं उ० तेत्तीसं सागरोवमाई देसूणाए पुव्वकोडीए अब्भहियाइं ॥ आभिणिबोहियणाणिस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गोयमा ! जह• अंतो० उक्को० अणंतं कालं जाव अवहूं पोग्गलपरियह देसूणं, एवं सुयणाणिस्सवि, ओहिणाणिस्सवि, मणपज्जवणाणिस्सवि, केवलणाणिस्स णं भंते ! अंतरं० १ गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं । मइअण्णाणिस्स णं भंते ! अंतरं० ? गोयमा ! अणाइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं, अणाइयस्स सपजवसियस्स णत्थि अंतरं, साइयस्स सपज्जवसियस्स जह० अंतो० उको० छावहिँ सागरोवमाइं साइरेगाई, एवं सुयअण्णाणिस्सवि, विभंगणाणिस्स णं भंते ! अंतरं० ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो ॥ एएसि णं भंते ! आभिणिबोहियणाणीणं सुयणाणीणं ओहि. मण० केवल. मइअण्णाणीणं सुयअण्णाणीणं विभंगणाणीण य कयरे०? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मणपजवणाणी, ओहिणाणी असंखेजगुणा, आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी एए दोवि तुल्ला विसेसाहिया, विभंगणाणी असंखेजगुणा, केवलणाणी अणंतगुणा, मइअण्णाणी सुयअण्णाणी य दोवि तुल्ला अणंतगुणा ॥ २६७ ॥ अहवा अट्टविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-णेरइया तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ मणुस्सा मणुस्सीओ देवा देवीओ सिद्धा ॥ णेरइए णं भंते ! णेरइएत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं उ० तेत्तीसं सागरोवमाई, तिरिक्खजोणिए णं भंते !? गोयमा ! जह० अंतोमु० उक्को० वणस्सइकालो, तिरिक्खजोणिणी णं भंते !० ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाई, एवं मणूसे मणूसी, देवे जहा नेरइए, देवी णं भंते !० ? गो०! जह० दस वाससहस्साइं उ० पणपन्नं पलिओवमाई, सिद्धे Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६० सुत्तागमे . [जीवाजीवाभिगमे णं भंते ! सिद्धेत्ति ? गोयमा ! साइए अपज्जवसिए । णेरइयस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, तिरिक्खजोणियस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, तिरिक्खजोणिणी णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा ! जह ० अंतोमुहुत्तं उक्को० वणस्सइकालो, एवं मणुस्सस्सवि मणुस्सीएवि, देवस्सवि देवीएवि, सिद्धस्स णं भंते ! अंतरं० साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! णेरइयाणं तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीणं मणूसाणं मणूसीणं देवाणं देवीणं सिद्धाण य कयरे० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सीओ मणुस्सा असंखेजगुणा नेरइया असंखेनगुणा तिरिक्खजोणिणीओ असंखेजगुणाओ देवा संखेजगुणा देवीओ संखेजगुणाओ सिद्धा अणंतगुणा तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा । सेत्तं अट्ठविहा सबजीवा पण्णत्ता ॥२६८ ॥०॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-णवविहा सव्वजीवा प० ते एवमाहंसु, तंजहा---एगिदिया बैंदिया तेंदिया चउरिंदिया णेरड्या पंचेंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा देवा सिद्धा ॥ एगिदिए णं भंते ! एगिदिएत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जह• अंतोमु० उक्को० वणस्स०, बेंदिए णं भंते !०? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० संखेनं कालं, एवं तेइंदिएवि, चउ०, णेरइया णं भंते !? गो० ! जह० दस वाससहस्साई उको तेत्तीसं सागरोवमाइं, पंचेंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते !०? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को तिण्णि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाइं, एवं मणूसेवि, देवा जहा णेरइया, सिद्धे णं भंते !०? गो० ! साइए अपजवसिए ॥ एगिदियस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० दो सागरोवमसहस्साइं संखेजवासमब्भहियाई, बेंदियस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, एवं तेंदियस्सवि चउरिंदियस्सवि णेरइयस्सवि पंचेंदियतिरिक्खजोणियस्सवि मणूसस्सवि देवस्सवि सव्वेसिमेवं अंतरं भाणियव्वं, सिद्धस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गो० ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! एगिंदियाणं बेइंदि० तेइंदि० चउरिंदियाणं णेरइयाणं पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं मणूसाणं देवाणं सिद्धाण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सा णेरइया असंखेज्जगुणा देवा असंखेजगुणा पंचेंदियतिरिक्खजोणिया असंखेजगुणा चउरिंदिया विसेसाहिया तेइंदिया विसेसाहिया बेइंदिया विसे० सिद्धा अणंतगुणा एगिंदिया अणंतगुणा ॥ २६९ ॥ अहवा णवविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा-पढमसमयनेरइया अपढमसमयणेरइया पढमसमयतिरिक्खजोणिया अपढमसमयतिरिक्खजोणिया पढमसमयमणूसा Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स०प० ८ १० अप्पबहुत्तपुच्छा] सुत्तागमे २६१ अपढमसमयमणूसा पढमसमयदेवा अपढमसमयदेवा सिद्धा य ॥ पढमसमयणेरइयाणं भंते ! ? गोयमा ! एकं समयं, अपढमसमयणेरइयस्स णं भंते ! ? गो० ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई समऊणाई उक्को० तेत्तीसं सागरोवमाइं समऊणाई, पढमसमयतिरिक्खजोणियस्स णं भंते !० ? गो० ! एकं समयं, अपढमसमयतिरिक्खजोणियस्स णं भंते ! ? गो० ! जह० खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्को० वणस्सइकालो, पढमसमयमणूसे णं भंते !० ? गो० ! एकं समयं, अपढमसमयमणुस्से णं भंते !० ? गो! जह. खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्को तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाई, देवे जहा णेरइए, सिद्धे णं भंते ! सिद्धेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइए अपजवसिए ॥ पढमसमयणेरइयस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गोयमा ! जह० दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं उक्कोसेणं वणस्सइकालो, अपढमसमयणेरइयस्स णं भंते ! अंतरं० ? गोयमा ! जह• अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, पढमसमयतिरिक्खजोणियस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० १ गोयमा ! जह० दो खुड्डागाइं भवग्गहणाइं समऊणाई उक्को० वण०, अपढमसमयतिरिक्खजोणियस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गो० ! जह० खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं उ० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, पढमसमयमणूसस्स जहा पढमसमयतिरिक्खजोणियस्स, अपढमसमयमणूसस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गो० ! ज० खुड्डागं भवग्गहणं समयाहियं उ० वण०, पढमसमयदेवस्स जहा पढमसमयणेरइयस्स, अपढमसमयदेवस्स जहा अपढमसमयणेरइयस्स, सिद्धस्स णं भंते!० ? गो० ! साइयस्स अपजवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! पढमसमयनेरइयाणं पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं पढमसमयमणूसाणं पढमसमयदेवाण य कयरे० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयमणूसा पढमसमयणेरइया असंखेज्जगुणा पढमसमयदेवा असं० पढमसमयतिरिक्खजो० असं० । एएसि णं भंते ! अपढमसमयनेरइयाणं अपढमसमयतिरिक्खजोणि० अपढमसमयमणूसाणं अपढमसमयदेवाण य कयरे ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अपढमसमयमणूसा अपढमसमयनेरइया असं० अपढमसमयदेवा असं० अपढमसमयतिरि० अणंतगुणा। एएसि णं भंते ! पढमस नेरइयाणं अपढमसमयणेरइयाण य कयरे २...? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयणेरइया अपढमसमयणेरइया असंखेजगुणा, एएसि णं भंते ! पढमसमयतिरिक्खजो० अपढमसमयतिरिक्खजोणि० कयरे० ? गोयमा ! सव्व० पढमसमयतिरि० अपढमसमयतिरिक्खजोणिया अणंत०, मणुयदेवअप्पाबहुयं जहा णेरइयाणं । एएसि णं भंते ! पढमसमयणेरइ० पढमसतिरिक्खजो० पढमस ०मणूसाणं पढमसमयदेवाणं अपढमसमयनेरइ० अपढमसमयतिरिक्खजोणि० अपढमसमयम Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २६२ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे साणं अपढमसमयदेवाणं सिद्धाण य कयरे ? गोयमा ! सव्व० पढमस०मणूसा अपढमसमयमणु० असं० पढमसमयनेरइया असं० पढमसमयदेवा असंखे० पढमसमयतिरिक्खजो० असं० अपढमसमयनेर० असं० अपढमस०देवा असंखे० सिद्धा अणं. अपढमस तिरि० अणंतगुणा । सेत्तं नवविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥२७०॥०॥ तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-दसविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ते एवमाहंसु, तंजहा-पुढविकाइया आउकाइया तेउकाइया वाउकाइया वणस्सइकाइया बेइंदिया तेइंदिया चरिं. पंचे अणिंदिया ॥ पुढविकाइए णं भंते ! पुढविकाइएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह• अंतो० उक्को० असंखेज्जं कालं असंखेजाओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेजा लोया, एवं आउतेउवाउकाइए, वणस्सइकाइए णं भंते!? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, बेंदिए णं भंते!? गो०! जह० अंतो० उक्को० संखेनं कालं, एवं तेइंदिएवि चउरिदिएवि, पंचिंदिए णं भंते !० ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० सागरोवमसहस्सं साइरेगं, अणिदिए णं भंते !? गो० ! साइए अपज्जवसिए ॥ पुढविकाइयस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जह० अंतो० उक्को० वणस्सइकालो, एवं आउकाइयस्स तेउ० वाउ०, वणस्सइकाइयस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? जा चेव पुढविकाइयस्स संचिट्ठणा, बियतियचउरिंदियपंचेंदियाणं एएसिं चउण्हंपि अंतरं जह० अंतो० उक्को. वणस्सइकालो, अणिदियस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं आउ० तेउ० वाउ० वण. बेंदियाणं तेइंदियाणं चउरिं० पंचेंदियाणं अणिंदियाण य कयरे २... ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेंदिया चरिंदिया विसेसाहिया तेइंदिया विसे. बेंदिया विसे० तेउकाइया असंखेजगुणा पुढविकाइया वि० आउ० वि० वाउ० वि० अणिदिया अणंतगुणा वणस्सइकाइया अणंतगुणा ॥ २७१ ॥ अहवा दसविहा सव्वजीवा पण्णत्ता, तंजहा—पढमसमयणेरइया अपढमसमयणेरइया पढमसमयतिरिक्खजोणिया अपढमसमयतिरिक्खजोणिया पढमसमयमणूसा अपढमसमयमणूसा पढमसमयदेवा अपढमसमयदेवा पढमसमयसिद्धा अपढमसमयसिद्धा ॥ पढमसमयनेरइए णं भंते ! पढमसमयनेरइएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! एक समयं, अपढमसमयनेरइए णं भंते !०१ गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं समऊणाइं उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई समऊगाई, पढमसमयतिरिक्खजोणिए णं भंते !० ? गोयमा ! एकं समयं, अपढमसमयतिरिक्ख० जह० खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्को० वणस्सइकालो, पढमसमयमणूसे णं भंते !० ? गोयमा ! एकं समयं, अपढमस॰मणूसे णं भंते ! ? गोयमा ! Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स०प०९ प०स०० अ० पुच्छा] सुत्तागमे २६३ जह० खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उक्को० तिण्णि पलिओवमाइं पुन्वकोडिपुहत्तमब्भहियाई, देवे जहा णेरइए, पढमसमयसिद्धे णं भंते !० ? गोयमा ! एकं समयं, अपढमसमयसिद्धे णं भंते ! ०? गोयमा ! साइए अपज्जवसिए। पढमसमयणेर० भंते ! अंतरं कालओ० ? गोयमा ! ज० दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं उक्को० वण०, अपढमसमयणेर ० अंतरं कालओ केव० ? गोयमा ! जह० अंतो० उ० वण०; पढमसमयतिरिक्खजोणियस्स० अंतरं० केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! जह० दो खुड्डागभवग्गहणाई समऊणाई उक्को० वण०, अपढमसमयतिरिक्खजोणियस्स णं भंते !० ? गोयमा ! जह० खुड्डागभवग्गहणं समयाहियं उक्को० सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं, पढमसमयमणूसस्स णं भंते ! अंतरं कालओ० ? गो० ! जह० दो खुड्डागभवग्गहणाई समऊणाई उक्को० वण०, अपढमसमयमणूसस्स णं भंते ! अंतरं० ? गो० ! जह० खुड्डागं भव० समयाहियं उक्को० वणस्सइ०, देवस्स अंतरं जहा णेरइयस्स, पढमसमयसिद्धस्स णं भंते ! अंतरं० ? गो० ! णत्थि, अपढमसमयसिद्धस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं ॥ एएसि णं भंते ! पढमस०णेर० पढमसतिरिक्खजोणियाणं पढमसमयमणूसाणं पढमसमयदेवाणं पढमसमयसिद्धाण य कयरे २... ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयसिद्धा पढमसमयमणूसा असंखे० पढमस०णेरइया असंखेजगुणा पढमस देवा असं० पढमस तिरि० असं० । एएसि णं भंते ! अपढमसमयनेरइयाणं जाव अपढमसमयसिद्धाण य कयरे० ? गोयमा! सव्वत्थोवा अपढमस मणूसा अपढमस नेरइया असंखे० अपढमस० देवा असंखे० अपढमस० सिद्धा अणंतगुणा अपढमसतिरिक्खजो० अणंतगुणा। एएसि णं भंते ! पढमस०गेरइयाणं अपढमस०णेरइयाण य कयरे २... ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमस०णेरइया अपढमस०णेरइया असंखे०, एएसि णं भंते ! पढमसतिरिक्खजोणियाणं अपढमसतिरिक्खजोणियाण य कयरे २... ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयतिरिक्खजो० अपढमसतिरिक्खजोणिया अणंतगुणा, एएसि गं भंते ! पढमस०मणूसाणं अपढमसमयमणूसाण य कयरे २... ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयमणूसा अपढमस०मणूसा असंखे०, जहा मणूसा तहा देवावि, एएसि णं भंते ! पढमसमयसिद्धाणं अपढमसमयसिद्धाण य कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयसिद्धा अपढमसमयसिद्धा अणंतगुणा। एएसि णं भंते ! पढमसमयणेरइयाणं अपढमसमयणेरइयाणं पढमस०तिरिक्खजोणि० अपढमसतिरिक्खजो० प०समयमणू० अपढमस०मणू० पढमस० देवाणं अप०समयदेवाणं पढमसमयसिद्धाणं अपढमसमयसिद्धाण य कयरे २ हितो Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जीवाजीवाभिगमे अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसे०? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमस सिद्धा पढमस०मणूसा असं० अप०समयमणूसा असंखे० पढमसमयणेरइया असं० पढमस० देवा असं० पढमसतिरि० असं० अपढमस०णेर० असंखे० अपढमस०देवा असं० अपढमस०सिद्धा अणंत० अपढमसतिरि० अणंतगुणा। सेत्तं दसविहा सव्वजीवा पण्णत्ता ॥ सेत्तं सव्वजीवाभिगमे ॥ २७२ ॥ नवमा सवजीवदसविहपडिवत्ती समत्ता ॥ जीवाजीवाभिगमसुत्तं समत्तं ॥ Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्ताग तत्थ णं पण्णवणासुत्तं ववगयजरमरणभए सिद्धे अभिवंदिऊण तिविहेण । वंदामि जिणवरिंदं तेलोकगुरुं महावीरं ॥१॥ सुयरयणनिहाणं जिणवरेण भवियजणनिव्वुइकरेण । उवदंसिया भगवया पन्नवणा सव्वभावाणं ॥ २ ॥ वायगवरवंसाओ तेवीसइमेण धीरपुरिसेणं । दुद्धरधरेण मुणिणा पुव्वसुयसमिद्धबुद्धीण ॥ ३ ॥ सुयसागरा विणेऊण जेण सुयर-- यणमुत्तमं दिन्नं । सीसगणस्स भगवओ तस्स नमो अजसामस्स ॥ ४ ॥ अज्झयणमिणं चित्तं सुयरयणं दिठिवायणीसन्दं । जह वन्नियं भगवया अहमवि तह वन्नइस्सामि ॥ ५॥ पन्नवणा ठाणाई बहुवत्तव्वं ठिई विसेसा य । वक्वन्ती ऊसासो सन्ना जोणी य चरिमाई ॥ ६ ॥ भासा सरीर परिणाम कसाय इन्दिए पओगे य । लेसाः कायठिईया सम्मत्ते अन्तकिरिया य ॥ ७ ॥ ओगाहणसंठाणे किरिया कम्मे इयावरे । [कम्मस्स] बन्धए [कम्मस्स] वेद[ए]वेदस्स बन्धए वेयवेयए ॥ ८॥ आहारे उवओगे पासणया सन्नि सञ्जमे चेव । ओही पवियारण वेयणा य तत्तो समुग्घाए ॥९॥ से किं तं पन्नवणा? पन्नवणा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-जीवपन्नवणा य अजीवपन्नवणा य ॥ १ ॥ से किं तं अजीवपन्नवणा ? अजीवपन्नवणा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-रूविअजीवपन्नवणा य अरूविअजीवपन्नवणा य ॥ २॥ से किं तं. अरूविअजीवपन्नवणा ? अरूविअजीवपन्नवणा दसविहा पन्नत्ता। तंजहा-धम्मत्थिकाए, धम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पएसा, अधम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकायस्स देसे, अधम्मत्थिकायस्स पएसा, आगासत्थिकाए, आगासत्थिकायस्स देसे, आगासत्थिकायस्स पएसा, अद्धासमए । सेत्तं अरूविअजीवपन्नवणा ॥ ३ ॥ से किं तं रूविअजीवपन्नवणा ? रूविअजीवपन्नवणा चउव्विहा पन्नत्ता। तंजहा-१ खंधा, २ खंधदेसा, ३ खंधप्पएसा, ४ परमाणुपोग्गला। ते समासओ पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा-१ वनपरिणया, २ गंधपरिणया, ३ रसपरिणया, ४ फासपरिणया, ५. संठाणपरिणया ॥ ४ ॥ जे वनपरिणया ते पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा-१ कालवनपरिणया, २ नीलवनपरिणया, ३ लोहियवनपरिणया, ४ हालिद्दवन्नपरिणया,. Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं ५ सुकिल्लवन्नपरिणया । जे गंधपरिणया ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सुब्भिगंधपरिणया य दुब्भिगंधपरिणया य । जे रसपरिणया ते पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा१ तित्तरसपरिणया, २ कडयरसपरिणया, ३ कसायरसपरिणया, ४ अंबिलरसपरिणया, ५ महुररसपरिणया । जे फासपरिणया ते अट्ठविहा पन्नत्ता। तंजहा१ कक्खडफासपरिणया, २ मउयफासपरिणया, ३ गरुयफासपरिणया, ४ लहुयफासपरिणया, ५ सीयफासपरिणया, ६ उसिणफासपरिणया, ७ णिद्धफासपरिणया, ८ लुक्खफासपरिणया। जे संठाणपरिणया ते पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा-१ परिमंडलसंठाणपरिणया, २ वट्टसंठाण०, ३ तंससंठाण०, ४ चउरंससंठाण०, ५ आययसंठाण० ॥ ५ ॥ जे वण्णओ कालवण्णपरिगया ते गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसाया रसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणयवि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि। सण्ठाणओ परिमण्डलसण्ठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससण्ठाणपरिणया वि, चउरंससण्ठाणपरिणया वि, आययसण्ठाणपरिणया वि २० । जे वण्णओ नीलवण्णपरिणया ते गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि। रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि. गुरुयफासपरिणया वि, लहयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसण्ठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससण्ठाणपरिणया वि, चउरंससण्ठाणपरिणया वि, आययसण्ठाणपरिणया वि २० । जे वण्णओ लोहियवण्णपरिणया ते गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २० । जे वण्णओ हालिद्दवण्णपरिणया ते गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणयावि, दुब्भिगन्धपरिणयावि । रसओ तित्तरसपरिणया' Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ तित्तरसपरिणया ] सुत्तागमे वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, मुहुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणयावि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि। संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणयावि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २० । जे वण्णओ सुकिल्लवण्णपरिणया ते गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, मुहुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २०, १०० । जे गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, णीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गरुयफासपरिणया वि, लहयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि। संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे गन्धओ दुब्भिगन्धपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, णीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि, रसओ तित्तरसपरिणया वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणयावि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३, ४६ । जे रसओ तित्तरसपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, णीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं " सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वट्टसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २० । जे रसओ कडुयरसपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि दुब्भिगन्धपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफास परिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २० । जे रसओ कसायरसपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिलवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि दुभिगन्धपरिया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि गुरु फासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि। संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरि २६८ या वि, आययसंठाणपरिणया वि २० । जे रसओ अम्बिलरसपरिणया ते वण्णओ. कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वट्टसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि आययसंठाणपरिणया वि २० । जे रसओ महुररसपरिणया ते वण्णओ कालवण -- परिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिलवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहु फासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफास Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ य० १ लहुयफासपरिणया] सुत्तागमे २६९ परिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वट्टसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २०, १०० । जे फासओ कक्खडफासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, 'णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ मउयकासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि। रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि। संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणयावि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ गुरुयफासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्विलरसपरिणया वि, महररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ लहुयफासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुभिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महररसपरिणया वि । फासओ कक्खड Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं फासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ सीयफासपरिणया ते वण्णओ कालवप्रणपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ उसिणफासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुक्तिलवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ निद्धफासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि । संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वट्टसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३ । जे फासओ लुक्खफासपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि। रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयर Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ चउरंससंठाणपरिणया] सुत्तागमे सपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि। संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया वि, वसंठाणपरिणया वि, तंससंठाणपरिणया वि, चउरंससंठाणपरिणया वि, आययसंठाणपरिणया वि २३, १८४ । जे संठाणओ परिमण्डलसंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवग्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि २० । जे संठाणओ वट्टसंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिहवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कड्डयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि २० । जे संठाणओ तंससंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि २० । जे संठाणओ चउरंससंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि ।' गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगंधपरिणया वि। रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि। फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिगया वि, उसिणफासपरिणया वि, निद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि २० ।जे संठाणओ आययसंठाणपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, नीलवण्णपरिणया वि, लोहियवण्णपरिणया वि, हालिद्दवण्णपरिणया वि, सुकिल्लवण्णपरिणया वि । गन्धओ सुब्भिगन्धपरिणया वि, दुब्भिगन्धपरिणया वि । रसओ तित्तरसपरिणया वि, कडुयरसपरिणया वि, कसायरसपरिणया वि, अम्बिलरसपरिणया वि, महुररसपरिणया वि । फासओ कक्खडफासपरिणया वि, मउयफासपरिणया वि, गुरुयफासपरिणया वि, लहुयफासपरिणया वि, सीयफासपरिणया वि, उसिणफासपरिणया वि, णिद्धफासपरिणया वि, लुक्खफासपरिणया वि २०, १०० । सेत्तं रूविअजीवपन्नवणा । सेत्तं अजीवपन्नवणा ॥६॥ से किं तं जीवपन्नवणा ? जीवपन्नवणा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-संसारसमावण्णजीवपण्णवणा य असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा य ॥ ७ ॥ से किं तं असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा? असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-अणन्तरसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा य परम्परसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा य ॥ ८॥ से किं तं अणन्तरसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा? अणन्तरसिद्धअसंसा. रसमावण्णजीवपण्णवणा पण्णरसविहा पण्णत्ता । तंजहा-१ तित्थसिद्धा, २ अतित्थसिद्धा, ३ तित्थगरसिद्धा, ४ अतित्थगरसिद्धा, ५ सयंबुद्धसिद्धा, ६ पत्तेयबुद्धसिद्धा, ७ बुद्धबोहियसिद्धा, ८ इत्थीलिंगसिद्धा, ९ पुरिसलिंगसिद्धा, १० नपुंसगलिंगसिद्धा, ११ सलिंगसिद्धा, १२ अन्नलिंगसिद्धा, १३ गिहिलिंगसिद्धा, १४ एगसिद्धा, १५ अणेगसिद्धा । सेत्तं अणंतरसिद्ध० ॥ ९॥ से किं तं परम्परसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ? २ अणेगविहा पण्णत्ता, तंजहा-अपढमसमयसिद्धा, दुसमयसिद्धा, तिसमयसिद्धा, चउसमयसिद्धा जाव सङ्क्षिजसमयसिद्धा, असङ्खिजसमयसिद्धा, अणन्तसमयसिद्धा । सेत्तं परम्परसिद्धअसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा । सेत्तं असंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ॥ १० ॥ से किं तं संसारसमावण्णजीवपण्णवणा ? संसारसमावण्णजीवपण्णवणा पञ्चविहा पण्णत्ता । तंजहा-१ एगेंदियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा, २ बेइन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा, ३ तेइन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा, ४ चउरिन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा, ५ पश्चिन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ॥ ११ ॥ से किं तं एगेन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा ? एगेन्दियसंसारसमावण्णजीवपण्णवणा पञ्चविहा पन्नत्ता । तंजहा-पुढविकाइया, आउक्काइया, तेउक्काइया, वाउक्काइया, वणस्सइकाइया ॥ १२ ॥ से किं तं पुढविकाइया ? पुढविकाइया दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढविकाइया य ॥१३॥ Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७३ प० १ बायरउक्काइया] सुत्तागमे से किं तं सुहुमपुढविकाइया ? सुहुमपुढविकाइया दुविहा पण्णत्ता । तंजहा--पज्जत्तसहमपुढविकाइया य अपजत्तसुहुमपुढविकाइया य । सेत्तं सुहुमपुढविकाइया ॥ १४ ॥ से किं तं बायरपुढविकाइया ? बायरपुढविकाइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सण्हबायरपढविकाइया य खरबायरपुढविकाइया य॥१५॥ से किं तं सण्हबायरपुढविकाइया? सहबायरपुढविकाइया सत्तविहा पन्नत्ता । तंजहा-१ किण्हमटिया, २. नीलमटिया, ३ लोहियमटिया, ४ हालिमटिया, ५ सुकिल्लमट्टिया, ६ पाण्डुमट्टिया, ७ पणगमहिया । सेत्तं सण्हबायरपुढविकाइया ॥ १६ ॥ से किं तं खरबायरपुढविकाइया ? खरबायरपुदविकाइया अणेगविहा पण्णत्ता । तंजहा-१ पुढवी य २ सकरा ३ वालुया य ४ उवले ५ सिला य ६-७ लोणूसे । ८ अय ९ तंत्र १० तउय ११ सीसय १२ रुप्प १३ सुवन्ने य १४ वइरे य ॥१॥ १५ हरियाले १६ हिंगुलए १७ मणो'सिला १८-२० सासगंजणपवाले । २१-२२ अब्भपडलब्भवालुय बायरकाए मणि'विहाणा ॥२॥ २३ गोमेजए य २४ रुयए २५ अंके २६ फलिहे य २७ लोहियक्खे य। २८. मरगय २९ मसारगल्ले ३० भुयमोयग ३१ इन्दनीले य ॥ ३ ॥३२ चंदण ३३ गेरुय ३४ हंसगब्भ ३५ पुलए ३६ सोगन्धिए य बोद्धध्वे । ३७ चन्दप्पभ ३८ वेरुलिए ३९ जलकंते ४० सूरकंते य ॥४॥ जेयावन्ने तहप्पगारा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य । तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता। तत्थ णं जे ते पजत्तगा एएसिं वन्नादेसेणं, रसादेसेणं, गंधादेसेणं, फासा'देसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, सङ्केजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साई । पजत्तगणिस्साए अपजत्तगा वक्कमंति, जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेजा। सेत्तं स्वरबायरपुढविकाइया। सेत्तं बायरपुढविक्काइया । सेत्तं पुढविकाइया ॥१७॥ से किं तं आउक्काइया? आउकाइया दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-मुहुमआउक्काइया य बायरआउकाइया य ॥१८॥ से किं तं सुहुमआउक्काइया ? सुहुमाउकाइया दुविहा पन्नत्ता। लंजहा-पज्जत्तसुहुमआउकाइया य अपज्जत्तसहुमआउकाइया य । सेत्तं सुहुमआउकाइया ॥ १९ ॥ से किं तं बायरआउकाइया ? बायरआउकाइया अणेगविहा पञ्चता । तंजहा-उस्सा, हिमए, महिया, करए, हरतणुए, सुद्धोदए, सीओदए, उसिणोदए, खारोदए, खट्टोदए, अम्बिलोदए, लवणोदए, वारुणोदए, खीरोदए, घओदए, खोओदए, रसोदए, जे यावशे तहप्पगारा । ते समासो दुविहा पण्णता । जहा-पनत्तगा य अपज्जतगा य । तत्थ णं जे ते अपज्जत्तगा ते णं असंपत्ता। तत्थ णं जे ते पजन्तगा एएसिं घण्णादेसेणं गन्धादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सागसो विहाणाई, संखेजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साइं, पज्जत्तगनिस्साए अपज्जत्तगां वकमंति, जत्था एगों १८ सुत्ता Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७४ सुत्तागमे - [पण्णवणासुतं तत्थ नियमा असंखेजा। सेत्तं बायरआउक्काइया। सेत्तं आउकाइया ॥ २० ॥ से किं तं तेऊझाइया ? तेऊकाइया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-सुहुमतेऊकाइया य बायरतेऊकाइया य ॥ २१॥ से किं तं सुहुमतेऊकाइया ? सुहुमतेऊकाइया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य । सेत्तं सुहुमतेऊकाइया ॥ २२ ॥ से किं तं बायरतेऊकाइया? बायरतेऊकाइया अणेगविहा पण्णत्ता। तंजहा-इंगाले, जाला, मुम्मुरे, अच्ची, अलाए, सुद्धागणी, उक्का, विजू , असणी, णिग्याए, संघरिससमुट्ठिए, सूरकन्तमणिणिस्सिए, जेयावन्ने तहप्पगारा। ते समासओ दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-पन्जत्तगा य अपजत्तगा य। तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता । तत्थ णं जे ते पजत्तगा एएसि णं वन्नादेसेणं, गन्धादेसेणं, रसादेसेणं, फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाइं जोणिप्पमुहसयसहस्साइं। पजत्तगणिस्साए अपजत्तगा वकमंति. जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेज्जा, सेत्तं बायरतेऊकाइया। सेत्तं तेऊकाइया ॥२३॥ से किं तं वाउकाइया? वाउकाइया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-सुहमवाउकाइया य बायरवाउकाइया य ॥ २४ ॥ से किं तं सुहुमवाउकाइया ? सुहुमवाउकाइया दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-पजत्तगसुहुमवाउकाइया य अपज्जत्तगसुहुमवाउकाइया य । सेत्तं सुहुमवाउकाइया ॥२५॥ से किं तं बायरवाउकाइया ? बायरवाउकाइया अणेगविहा पण्णत्ता। तंजहा-पाईणवाए, पडीणवाए, दाहिणवाए, उदीणवाए, उडुवाए, अहोवाए, तिरियवाए, विदिसिवाए, वाउब्भामे, वाउक्कलिया, वायमंडलिया, उक्कलियावाए, मंडलियावाए, गुंजावाए, झंझावाए, संवट्टवाए, घणवाए, तणुवाए, सुद्धवाए, जेयावण्णे तहप्पगारा। ते समासओ दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य। तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता। तत्थ णं जे ते पजत्तगा एएसिणं वण्णादेसेणं, गन्धादेसेणं, रसादेसेणं, फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साइं। पज्जत्तगनिस्साए अपजत्तगा वक्कमंति, जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेजा। सेत्तं बायरवाउकाइया । सेत्तं वाउकाइया ॥ २६ ॥ से किं तं वणस्सइकाइया ? वणस्सइकाइया दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-सुहुमवणस्सइकाइया य बायरवणस्सइकाइया. य ॥ २७ ॥ से किं तं सुहुमवणस्सइकाइया ? सुहुमवणस्सइकाइया दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-पजत्तगहुमवणस्सइकाइया य अपजत्तगसुहुभवणस्सइकाइया य । सेत्तं सुहुमवणस्सइकाइया ॥ २८ ॥ से किं तं बायरवणस्सइकाइया ? बायरवणस्सइकाइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया य साहारणसरीरबायरवणस्सइकाइया य ॥ २९ ॥ से किं तं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया ? २ दुवालसविहा पन्नत्ता। तंजहा-१ रुक्खा २ गुच्छा ३ गुम्मा ४ लया Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०.१ लयाओ] सुत्तागमे २७५ य ५ वल्ली य ६ पव्वगा चेव । ७ तण ८ वलय ९ हरिय १० ओसहि ११ जलरुह १२ कुहणा य बोद्धव्वा ॥ ३० ॥ से किं तं रुक्खा ? रुक्खा दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-एगबीया य बहुबीयगा य ॥ ३१ ॥ से किं तं एगबीया ? एगबीया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा–णिबंबजंबुकोसंबसालअंकुल्लपीलु सेलू य । सल्लइमोयइमालुयबउलपलासे करंजे य ॥१॥ पुत्तंजीवयऽरिठे बिहेलए हरिडए य भिल्लाए । उबेभरियाखीरिणि बोद्धव्वे धायइपियाले ॥ २ ॥ पूइयनिंबकरंजे सण्हा तह सीसवा य असणे य। पुन्नागनागरुक्खे सीवण्णि तहा असोगे य ॥ ३ ॥ जेयावण्णे तहप्पगारा। एएसि णं मूला वि असंखेजजीविया, कंदा वि, खंधा वि, तया वि, साला वि, पवाला वि। पत्ता पत्तेयजीविया, पुप्फा अणेगजीविया, फला एगबीया । सेत्तं एगबीया ॥३२॥ से किं तं बहुबीयगा ? बहुबीयगा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा-अत्थियतेंदुकविढे अंबाडगमाउलिंग बिल्ले य । आमलगफणिसदालिमआसोटे उंबरवडे य ॥१॥ णग्गोहणंदिरुक्खे पिप्परों सयरी पिलुक्खरुक्खे य। काउंबरि कुत्थंभरि बोद्धव्वा देवदाली य ॥२॥ तिलए लउए छत्ताहसिरीसे सत्तवन्नदहिवन्ने । लोधवचंदणजुणणीमे कुडए कयंबे य ॥ ३ ॥ जेयावन्ने तहप्पगारा। एएसि णं मूला वि असंखेज्जजीविया, कंदा वि, खंधा वि, तया वि, साला वि, पवाला वि । पत्ता पत्तेयजीविया। पुप्फा अणेगजीविया। फला बहुबीयगा । सेत्तं बहुबीयगा । सेत्तं रुक्खा ॥ ३३ ॥ से किं तं गुच्छा ? गुच्छा अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा-वाइंगणिसल्लइथुण्डई य तह कच्छुरी य जासुमणा । रूवी आढइ णीली तुलसी तह माउलिंगी य ॥१॥ कच्छंभरि पिप्पलिया अयसी वल्ली य कायमाईया। वुच्चू पडोलकंदलि विउव्वा वत्थुले बयरे ॥२॥ पत्तउर सीयउरए हवइ तहा जवसए य बोद्धव्वे । णिग्गुंडिय कत्तुंबरि अत्थई चेव तालउडा ॥ ३ ॥ सणपाणकासमुद्दगअग्घाडगसामसिंदुवारे य । करमद्दअहरूसगकरीरएरावणमहित्थे ॥ ४॥ जाउलगमालपरिलीगयमारिणिकुव्वकारिया भंडी। जावइ केयइ तह गंज पाडला दासिअंकोल्ले ॥ ५ ॥ जेयावन्ने तहप्पगारा। सेत्तं गुच्छा ॥ ३४ ॥ से किं तं गुम्मा ? गुम्मा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा-सेरियए णोमालियकोरंटयबंधुजीवगमणोजे । पिइयपाणकणयरकुजय तह सिंदुवारे य ॥१॥ जाई मोग्गर तह जूहिया य तह मल्लिया य वासंती। वत्थुल कत्थुल सेवाल गंठि मगदंतिया चेव ॥ २ ॥ चंपगजाई णवणीइया य कुंदो तहा महाजाई । एवमणेगागारा हवंति गुम्मा मुणेयव्वा ॥ ३ ॥ सेत्तं गुम्मा ॥ ३५ ॥ से कि तं लयाओ ? लयाओ अणेगविहाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-पउमलया णागलयअंसोगचंपगलया य चूयलया। वणलयवासंतिलया अइमुत्तयकुंदसामलया॥जेयावन्ने तहप्पगारा। सेत्तं लयाओ॥३६॥ Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७६ तागमे [ पण्णवणासुतं से किं तं वल्लीओ ? वल्लीओ अणेगविहाओ पन्नताओ । तंजहा-पूसफली कालिंगी तुंबी उसी य एलवालुंकी । घोसाडइ पंडोला पंचंगुलिया य णीली य ॥ १ ॥ कंड्या कडुइया कोडई कारियलई सुभगा । कुयधाय वागुलीया पा[व] वल्ली देवदाली य ॥ २ ॥ अप्फोया अइमुत्तगणागलया कण्हसूरवल्ली य । संघट्टसुमणसाव य जासुवणकुविंदवल्ली य ॥ ३ ॥ मुद्दिय अंबावली छीरविराली जयंति गोवाली । पाणीमासावल्ली गुंजावल्ली य वच्छाणी ॥ ४ ॥ ससबिंदुगोत्तफुसिया गिरिकण्णइ मालुया अंजणई । दहिफोल कागणि मोगली य तह अक्कबोंदी य ॥ ५ ॥ जेयावन्ने तह - प्पगारा । सेत्तं वल्लीओ ॥ ३७ ॥ से किं तं पव्वगा ? पव्वगा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजा - इक्खू य इक्खुवाडी वीरण तह इकडे भमासे य । सुंठे सरे य वेत्ते तिमिरे सयपोरगणले य ॥ १ ॥ वंसे वेल्लू कणए कंकावंसे य चाववंसे य । उदए कुडए विम कंडावेलू य कला ॥ २ ॥ जेयावन्ने तहप्पगारा । सेन्तं पव्वगा ॥ ३८ ॥ से किं तं तणा ? तणा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - सेडियभंतियहोंति यदब्भकुसे पव्वए य पोडइला । अज्जुण असाढए रोहियंसें सुयवेयखीरभुसे ॥ १ ॥ एरंडे कुरुविंदे करकर मुट्ठे तहा विभंगू य । महुरतणछुरयसिप्पिय बोद्धव्वे संकलितणे य ॥ २ ॥ जेयावन्ने तहपगारा । सेत्तं तणा ॥ ३९ ॥ से किं तं वलया ? वलया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा— तालतमाले तक्कलि तोयलि साली य सारकलाणे । सरले जावइ केयइ कयली तह धम्मक्खे य ॥ १ ॥ भुयरक्खहिंगुस्क्खे लवंगरुक्खे य होइ बोद्धव्वे । पूयफली खज्जूरी बोद्धव्वा णालिएरी य ॥ २ ॥ जेयावन्ने तहम्पगारा । सेत्तं वलया ॥ ४० ॥ से किं तं हरिया ? हरिया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - अज्जोरुहवोडाणे हरियग तह तंदुलेज्जगतणे य । वत्थुलपोरग [अंजीर ] पोइवल्ली य पालक्का ॥ १ ॥ दगपिप्पली य दव्वी सोत्थियसाए तहेव बम्ही य । मूलगसरिसव अंबिलसाएय जियंतए चेव ॥ २ ॥ तुलसी कह उराले फणिजए अजए य भूयणए । चोरगदमणगमरुयग सयपुप्फिदीवरे यता ॥ ३ ॥ जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं हरिया ॥ ४१ ॥ से किं तं ओसहीओ ? ओसहीओ अणेगविहाओ पण्णत्ताओ । तंजहा—सालीवीहीगोहूमजवजवजवकलमसूरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलत्थआलिसंदसतीणपलिमंथगअयसीकुसुंभकोद्दवकंगूरालगवरा(रह)सामकोदूससणसरिसवमूलगबीया । जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं ओसहीओ ॥ ४२ ॥ से किं तं जलरुहा ? जलरुहा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा- उदए, अवए, पणए, सेवाले, कलंबुया, हढे, कसेरुया, कच्छ, भाणी, उप्पले, पउमे, कुमुए, णलिणे, सुभए, सोगंधिए, पोण्डरीयए, महापोण्डरीयए, सयपत्ते, सहस्सपत्ते, कल्हारे, कोकणदे, अरविंदे, तामरसे, भिसे, भिसमुणाले, पोक्खले, पोक्खलत्थलए, जेयावन्ने तहम्प Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ अणंतजीवबीयसरूवं ] सुत्तागमे २७७ गारा । से तं जलरुहा ॥ ४३-१ ॥ से किं तं कुहणा ? कुहणा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - आए, काए, कुहणे, कुणक्के, दव्वहलिया, सप्फाए, सज्झाए, छत्तोए, वंसी, गहिया, कुरए । जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं कुहणा । णाणाविहसंठाणा रुक्खाणं एगजीविया पत्ता । खंधा वि एगजीवा तालसरलणालिएरीणं ॥ १ ॥ जह सगलसरिसवाणं सिलेसमिस्साण वट्टिया वट्टी । पत्तेयसरीराणं तह होन्ति सरीरसंघाया ॥ २ ॥ जह वा तिलपप्पडिया बहुएहिं तिलेहि संहया संती । पत्तेयसरीराणं तह होंति सरीरसंघाया ॥ ३ ॥ सेत्तं पत्तेयसरीरबायरवणस्स इकाइया ॥ ४३-२ ॥ से किं तं साहारणसरीरबायरवणस्स इकाइया ? साहारणसरीरबायरवणस्सइकाइया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा— अवए पणए सेवालें लोहिणी [जाणिया ] थिहू थिभगा | अस्सकन्न साँहकन्नी सिउंढि तत्तो मुसुंदी य ॥ १ ॥ रुरुकुण्डरिया जीरू छीरविराली तहेव किट्टी य | हालिद्दा सिंगबेरे य आलुगा मूलए इय ॥ २ ॥ कंबूया कन्नुक्कड महुपोवलई तहेव महुसिंगी । णीरुहॉ सप्पसुगंधा छिन्नरुहा चेव बीयरुहा || ३ || पाढा मियवालुंकी महुररसा चेव रायवल्ली य । पउमा य माढरी दंती चंडी किद्वित्ति यावरा ॥ ४ ॥ मासपणि मुग्गपण्णी जीवियरसहे य रेणुया चेव । काओली खीरकाओली तहा भंगी नही इय ॥ ५ ॥ किमिरासि भद्दमुत्था णंगलई पेलुगा इय । किण्हे पउले य हढे हरतणुया चेव लोयाणी ॥ ६ ॥ कण्हकंदे वजे सूरणकंदे तहेव खलूडे । एए अनंतजीवा यावन्ने तहाविहा ॥ ७ ॥ तणमूलकंदमूले सीमूलेत्ति यावरे । संखिज्जमसंखिज्जा बोधव्वाणंतजीवाय ॥ ८ ॥ सिंघाडगस्स गुच्छो अणेगजीवो उ होइ नायव्वो । पत्ता पत्तेयजीया दोन्नि य जीवा फले भणिया ॥ ९ ॥ जस्स मूलस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसइ । अणंतजीवे उ से मूले जेयावन्ने तहाविहा ॥ १० ॥ जस्स कंदस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसइ । अनंतजीवे उसे कंदे जेयावन्ने तहाविहा ॥ ११ ॥ जस्स खंधस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसइ । अनंतजीवे उसे खंधे जेयावन्ने तहाविहा ॥ १२ ॥ जीसे. तयाए भग्गा समो भंगो पदीसए । अनंतजीवा तया सा उ जेयावन्ना तहाविहा | ॥ १३ ॥ जस्स सालस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अनंतजीवे य से साले जेयावने तहाविहा ॥ १४ ॥ जस्स पवालस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अनंतजीवे पवाले से जेयावन्ने तहाविहा ॥ १५ ॥ जस्स पत्तस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अनंतजीवे उसे पत्ते जेयावन्ने तहाविहा ॥ १६ ॥ जस्स पुप्फस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अनंतजीवे उसे पुप्फे जेयावन्ने तहाविहा ॥ १७ ॥ जस्स फलस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अनंतजीवे फले से उ जेयावन्ने तहाविहा ॥ १८ ॥ जस्स बीयस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अनंतजीवे उसे बीए जेया Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे २७८ [पण्णवणासुत्तं वन्ने तहाविहा ॥ १९ ॥ जस्स मूलस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए । परित्तजीवे उ से मूले जेयावन्ने तहाविहा ॥ २० ॥ जस्स कंदस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए। परित्तजीवे उ से कंदे जेयावन्ने तहाविहा ॥ २१ ॥ जस्स खंधस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए । परित्तजीवे उ से खंधे जेयावन्ने तहाविहा ॥२२॥ जीसे तयाए भग्गाए हीरो भंगो पदीसए । परित्तजीवा तया सा उ जेयावन्ना तहाविहा ॥ २३ ॥ जस्स सालस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए। परित्तजीवे उ से साले जेयावन्ने तहाविहा ॥२४॥ जस्स पवालस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए । परित्तजीवे पवाले उ जेयावन्ने तहाविहा ॥२५॥ जस्स पत्तस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए। परित्तजीवे उ से पत्ते जेयावन्ने तहाविहा ॥२६॥ जस्स पुप्फस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए। परित्तजीवे उ से पुप्फे जेयावन्ने तहाविहा ॥२७॥ जस्स फलस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए । परित्तजीवे फले से उ जेयावन्ने तहाविहा ॥ २८॥ जस्स बीयस्स भग्गस्स हीरो भंगो पदीसए । परित्तजीवे उ से बीए जेयावन्ने तहाविहा ॥ २९ ॥ जस्स मूलस्स कट्ठाओ छल्ली बहलयरी भवे। अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३०॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ छल्ली बहलयरी भवे । अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३१ ॥ जस्स खंधस्स कट्ठाओ छल्ली बहलयरी भवे । अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३२ ॥ जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली बहलयरी भवे । अणंतजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३३ ॥ जस्स मूलस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३४ ॥ जस्स कंदस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३५ ॥ जस्स खंधस्स कट्ठाओ छल्ली तणुयरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३६ ॥ जीसे सालाए कट्ठाओ छल्ली तणुयरी भवे । परित्तजीवा उ सा छल्ली जेयावन्ना तहाविहा ॥ ३७॥ चक्कागं भजमाणस्स गंठी चुण्णधणो भवे । पुढविसरिसभेएण अणंतजीवं वियाणहि ॥ ३८ ॥ गूढछिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होइ निच्छीरं । जं पि य पणट्ठसंधि अणंतजीवं वियाणाहि ॥ ३९ ॥ पुप्फा जलया थलया य बिंटबद्धा य नालबद्धा य । संखिजमसंखिजा बोद्धव्वाऽणंतजीवा य ॥ ४० ॥ जे केइ नालियाबद्धा पुप्फा संखिज्जजीविया भणिया। णिहुया अणंतजीवा जेयावन्ने तहाविहा ॥४१॥ पउमुप्पलिणीकंदे अंतरकंदे तहेव झिल्ली य। एए अणंतजीवा एगो जीवो बिसमुणाले ॥ ४२ ॥ पलंडू ल्हसुणकंदे य कंदली य कुटुंबए। एए परित्तजीवा जेयावन्ने तहाविहा ॥ ४३ ॥ पउमुप्पलनलिणाणं सुभगसोगंधियाण य । अरविंदकोकणाणं सयवत्तसहस्सपत्ताणं ॥४४ ॥ विटं बाहिरपत्ता य कनिया चेव एगजीवस्स । अभितरगा पत्ता Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ बेइंदियसरुवपुच्छा ] तामे पत्तेयं केसरा मिंजा ॥ ४५ ॥ वेणुनलइक्खुवाडियसमासइक्खू य इक्कडे रंडे । करकर सुंठि विहंगू तणाण तह पव्वगाणं च ॥ ४६ ॥ अच्छि पव्वं पलिमोडओ य एगस्स होंति जीवस्स । पत्तेयं पत्ताइं पुप्फाई अणेगजीवाई ॥ ४७ ॥ पुस्सफलं कालिंगं तुंबं तउसेलवालुवालुंकं । घोसाडयं पंडालं तिंदूयं चेव तेंदूसं ॥ ४८ ॥ विंटससारतया • एयाई हवंति एगजीवस्स । पत्तेयं पत्ताई सकेसरमकेसरं मिंजा ॥ ४९ ॥ सप्फाए सज्झाए उव्वेहलिया य कुहणकुंदुके । एए अनंतजीवा कुंदुक्के होइ भयणा उ ॥५०॥ बीए जोणिब्भूए जीवो वक्कमइ सो व अन्नो वा । जोऽवि य मूले जीवो सोऽवि य पत्ते पढमया ॥ ५१ ॥ सव्वोऽवि किसलओ खलु उग्गममाणो अनंतओ भणिओ । सो चेव विवडुंतो होइ परित्तो अणंतो वा ॥ ५२ ॥ समयं वकंताणं समयं तेसिं सरीरनिव्वत्ती । समयं आणुग्गहणं समयं ऊसासनीसासो ॥ ५३ ॥ इक्कस्स उ जं गहणं बहूण साहारणाण तं चेव । जं बहुयाणं गहणं समासओ तं पि इक्स्स ॥५४॥ साहारणमाहारो साहारणमाणुपाणगहणं च । साहारणजीवाणं साहारणलक्खणं एयं ॥ ५५ ॥ जह अयगोलो धंतो जाओ तत्ततवणिज्जसंकासो । सव्वो अगणिपरिओ निगोयजीवे तहा जाण ॥ ५६ ॥ एगस्स दोण्ह तिण्ह व संखिजाण व न पासिउं सक्का । दीसंति सरीराई निगोयजीवाणऽणंताणं ॥ ५७ ॥ लोगागासपए से निगोयजीव ठवेहि इक्किकं । एवं मविज्जमाणा हवंति लोगा अनंता उ ॥ ५८ ॥ लोगागासपए से परित्तजीवं ठवेहि इक्किक्कं । एवं मविज्जमाणा हवंति लोगा असंखिज्जा ॥ ५९ ॥ पत्तेया पज्जत्ता पयरस्स असंखभागमित्ता उ । लोगाऽसंखा पज्जत्तयाण साहारणमणंता ॥ ६० ॥ एएहिं सरीरेहिं पच्चक्खं ते परूविया जीवा । सुहुमा आणागिज्झा चक्खुप्फासं न ते इंति ॥ ६१ ॥ जेयावन्ने तहप्पगारा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । तत्थ णं जे ते अपजतगा ते णं असंपत्ता । तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा तेसि णं वन्नादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखिज्जाई जोणिप्पमुहसय सहस्साइं । "प्रज्जत्तगणिस्साए अपज्जत्तगा वक्कमंति । जत्थ एगो तत्थ सिय संखिज्जा, सिय अर्स - खिज्जा, सिय अनंता । एएसि णं इमाओ गाहाओ अणुगंतव्वाओ तंजहा - कंदा य कंदमूला य, रुक्खमूला इयावरे । गुच्छा य गुम्मा वल्ली य, वेणुयाणि तणाणि य ॥ १ ॥ उप्पल संघाडे हढ़े य सेवाल किण्हए पणए । अवए य कच्छ भाणी कंदुक्के गूणवीसइमे ॥ २ ॥ तयछल्लीपवालेसु पत्तपुप्फफलेसु य । मूलग्गमज्झबीएसु जोणी कस्सइ कित्तिया ॥ ३ ॥ सेत्तं साहारणसरीरबायरवणस्स इकाइय़ा । सेत्तं बायर वणस्सइकाइया । सेत्तं वणरसइकाइया । सेत्तं एगिंदिया ॥४३-३॥ से किं तं बेइंदिया ? २७९ Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं बेइंदिया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - पुलाकिमिया, कुच्छिकिमिया, गंड्यलगा गोलोमा, णउरा, सोमंगलगा, वंसीमुहा, सूइमुहा, गोजलोया, जलोया, जालाउया, संखा, संखणगा, चुला, खुल्ला, गुलया, खंधा, वराडा, सोत्तिया, मुत्तिया, कलुयावासा, एगओवत्ता, दुहओवत्ता, नंदियावत्ता, संबुक्का, माइवाहा, सिप्पिसं पुडा, चंदणा, समुद्दलिक्खा, जेयावन्ने तहप्पगारा । सव्वे ते संमुच्छिमा नपुंसगा । ते समासओ दुविहा पत्ता । तंजहा- पज्जत्तगा य अपजत्तगा य । एएसि णं एवमाइयाणं बेइंदियाणं पज्जत्तापजत्ताणं सत्त जाइकुलकोडि जोणीपमुहसय सहस्सा भवतीति मक्खायं । सेत्तं बेइंदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा ॥ ४४ ॥ से किं तं तेइंदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा ? तेइंदियसंसारसमावन्नजीवमन्नवणा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजा - ओवश्या, रोहिणिया, कुंथू, पिपीलिया, उद्दंसगा, उद्देहिया, उक्कलिया, उप्पाया, उप्पाडा, तणाहारा, कट्ठाहारा, मालुया, पत्ताहारा, तणर्बेटिया, पत्तबेंटिया, पुप्फबेंटिया, फलबेटिया, बीयबेटिया, तेबुरणमिंजिया, तओसिमिंजिया, कप्पासत्थिमिंजिया, हिलिया, झिल्लिया, झिंगिरा, किंगिरिडा, बाहुया, लहुया, सुभगा, सोवत्थिया, सुयबेटा, इंदकाइया, इंदगोवया, तुरुतुंबगा, कुच्छलवाहगा, जूया, हालाहला, पिसुया, सयवाइया, गोम्ही, हत्थिसोंडा, जेयावन्ने तहप्पगारा सव्ये. ते समुच्छिंमा नपुंसगा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - पज्जत्तगा य अपजत्तगा य । एएसि णं एवमाइयाणं तेइंदियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं अट्ठ जाईकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवतीति मक्खायं । सेत्तं ते इंदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा ।। ४५ ।। से किं तं चउरिंदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा ? २ अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा-अंधियपत्तियमच्छियमसगा कीडे तहा पयंगे य । ढंकुणकुक्कडकुक्कुहनंदावत् य सिंगिरडे ॥ किण्हपत्ता, नीलपत्ता, लोहियपत्ता, हालिहपत्ता, सुकिलपत्ता, चित्तपक्खा, विचित्त पक्खा, ओहंजलिया, जलचारिया, गंभीरा, णीणिया, तंतवा, अच्छिरोडा, अच्छिवेहा, सारंगा, नेउरा, दोला, भमरा, भरिली, जरुला, तोहा चिंछुया, पत्तविच्छुया, छाणविच्छुया, जलविच्छुया, पियंगाला, कणगा, गोमयकीडा, जेावने तहप्पंगारा ! सव्वे ते समुच्छिमा नपुंसगा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तेजहा - पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । एएसि णं एवमाइयाणं चउरिंदियाणं पज्जत्ताप ताणं भव जाइकुलकोडिज़ोणिप्पमुहसंयसहस्साइं भवतीति मक्खायं । सेत्तं चउरिंदियसंसारसमान्नजीवन्नवणां ॥ ४६ ॥ से किं तं पंचेन्दियसंसारसमावन्नजीवपन्न - वा ? उठिहा पन्नत्ता । तंजहा -नेरइयपंचिदियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा तिरिक्खजोणियपचिवियसंसारसभावन्नजीवपन्नमणा, मणुस्सपंचिन्दियसंसारसमावन्न २८० Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पं० १ एगखुरा ] २८१ ज़ीवपन्नवणा, देवपंचिन्दियसंसारसमावन्नजीवपन्नवणा ॥ ४७ ॥ से किं तं नेरइया ? नेरइया सत्तविहा पन्नत्ता । तंजहा - १ रयणप्पभापुढविनेरइया, २ संक्करप्पभापुढविनेरइया, ३ वालुयप्पभापुढविनेरइया, ४ पंकप्पभापुढविनेरइया, ५ धूमप्पभापुढविनेरइया, ६ तमप्पभापुंढविनेरइया, ७ तमतमप्पभापुढविनेरइया । ते समासओं दुविहा पन्नत्ता । तं जहा - पज्जत्तगा य अपतगा य । सेत्तं नेरइया ॥ ४८ ॥ से किं तं पंचेंदियतिरिक्खजोणिया ? पंचिंदियतिरिक्खजोणिया तिविहा पन्नत्ता । तंजहा१ जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया य, २ थलय रपंचिन्दियति रिक्ख जोणिया य, ३ खहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया य ॥ ४९ ॥ से किं तं जलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ? जलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा - १ मच्छा, २ कच्छभा, ३ गाहा, ४ मगरा, ५ सुंसुमारा । से किं तं मच्छा ? मच्छा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - सण्हमच्छा, खवल्लमच्छा, जुंगेमच्छा, विज्झडियमच्छा, हलिमच्छा, मगरिमच्छा, रोहियमच्छा, हलीसागरा, गांगरा, वडा, वडगरा, गब्भया, उसगारा, तिमी, तिमिंगिला, पक्का, तंदुलमच्छा, कणिक्कामच्छा, साली, सत्थियामच्छा, लंभणमच्छा, पडागा, पडागाइपडागा, जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं मच्छा । से किं तं कच्छभा ? कच्छभा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - अट्ठिकच्छभा य मंसकच्छभा य । सेत्तं कच्छभा । से किं तं गाहा ? गाहा पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा -- १ दिली, २. वेढगा, ३ मुद्धया, ४ पुलया, ५ सीमागारा । सेत्तं गाहा । से किं तं मगरा ? मगरा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - १ सोंडमगरा य, २ मट्ठमगरा य । सेत्तं मगरा । से किं तं सुंसुमारा? सुंसुमारा एगागारा पन्नत्ता । सेत्तं सुंसुमारा । जेयावन्ने तहप्पगारा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - संमुच्छिमा य गब्भवतिया य । तत्थ णं जे. ते समुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा । तत्थ णं जे ते गब्भवक्कंतिया ते तिविहा पन्नत्ता । तंजहा — इत्थी, पुरिसा, नपुंसंगा । एएसि णं एवमाइयाणं जलयरपंचिंदि - यतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापज्जत्ताणं अद्धतेरसजाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । सेत्तं जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ॥ ५० ॥ से किं तं थल - यरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ? थलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया दुबिहा पन्नत्ता तंजहा- चउप्पयथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया य परिसप्पथलयस्पंचिन्दियतिरिक्खजोणिया य । से किं तं चउप्पयथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ? चउप्पयथल-यरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया चउष्विहा पन्नत्ता । तंजहा- एगखुरा, बिखुरा, गंडी पया, सणफया । से किं तं एगखुरा ? एमखुरा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - अस्सा, अस्सतरा, घोडगा, गद्दभा, गोरक्खरा, कंदलगा, सिरिकंदलगा, आवत्तगा, जेयावन्ने तह सुत्तागमे Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८२ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं प्पगारा। सेत्तं एगखुरा । से किं तं दुखुरा ? दुखुरा अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा-उट्टा, गोणा, गवया, रोज्झा, पसया, महिसा, मिया, संबरा, वराहा, अया, एलगरुरुसरभचमरकुरंगगोकन्नमाई, जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं दुखुरा । से किं तं गंडीपया ? गंडीपया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा-हत्थी, हत्थीपूयणया, मंकुणहत्थी, खगा(ग्गा), गंडा, जेयावन्ने तहप्पगारा। सेत्तं गंडीपया। से किं तं सणप्फया ? सणप्फया अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा-सीहा, वग्धा, दीविया, अच्छा, तरच्छा, परस्सरा, सियाला, बिडाला, सुणगा, कोलसुणगा, कोकंतिया, ससगा, चित्तगा, चिल्ललगा, जेयावन्ने तहप्पगारा। सेत्तं सणप्फया। ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-समुच्छिमा य गब्भवक्कन्तिया य । तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा। तत्थ णं जे ते गब्भवतिया ते तिविहा पन्नत्ता। तंजहा-इत्थी, पुरिसा, नपुंसगा। एएसि णं एवमाइयाणं थलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणियाणं पज्जत्तापजत्ताणं दस जाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । सेत्तं चउप्पयथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ॥५१॥ से किं तं परिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ? परिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-उरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया य भुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया य ॥ ५२ ॥ से किं तं उरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ? उरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहा-अही, अयगरा, आसालिया, महोरगा। से किं तं अही ? अही दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-दव्वीकरा य मउलिणो य । से किं तं दव्वीकरा ? दव्वीकरा अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा-आसीविसा, दिट्ठीविसा, उग्गविसा, भोगविसा, तयाविसा, लालाविसा, उस्सासविसा, नीसासविसा, कण्हसप्पा, सेयसप्पा, काओदरा, दज्झपुप्फा, कोलाहा, मेलिमिंदा, सेसिंदा, जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं दव्वीकरा। से किं तं मउलिणो? मउलिणो अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा--दिव्वागा, गोणसा, कसाहीया, वइउला, चित्तलिणो, मंडलिणो, मालिणो, अही, अहिसलागा, वासपडागा, जेयावन्ने तहप्पगारा। सेत्तं मउलिणो। सेत्तं अही। से किं तं अयगरा ? अयगरा एगागारा पन्नत्ता । सेत्तं अयगरा ॥ ५३ ॥ से किं तं आसालिया ? कहि णं भंते ! आसालिया संमुच्छइ ?, गोयमा ! अंतो मणुस्सखेत्ते अड्डाइजेसु दीवेसु, निव्वाघाएणं पनरससु कम्मभूमीसु, वाघायं पडुच्च पंचसु महाविदेहेसु, चक्कवट्टिखंधावारेसु, वासुदेवखंधावारेसु, बलदेवखंधावारेसु, मंडलियखंधावारेसु, महामंडलियखंधावारेसु, गामनिवेसेसु, णगरनिवेसेसु, णिगमनिवेसेसु, खेडनिवेसेसु, कब्बडनिवेसेसु, मडंबनिवेसेसु, दोणमुहनिवेसेसु, पट्टणनिवेसेसु, आगरनिवेसेसु, आसमनिवेसेसु, संबाहनिवे Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ लोमपक्खी ] सुत्तागमे २८३ सेसु, रायहाणीनिवेसेसु, एएसि णं चेव विणासेसु एत्थ णं आसालिया संमुच्छइ । जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागमित्ताए ओगाहणाए, उक्कोसेणं बारसजोयणाई तयगुरुवं चणं विक्खंभबाहल्लेणं भूमिं दालित्ता णं समुट्ठेइ, असन्नी मिच्छादिट्ठी अण्णाणी अंतमुत्तद्वाउया चेव कालं करेइ । सेत्तं आसालिया ॥ ५४ ॥ से किं तं महोरगा ? महोरगा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - अत्थेगइया अंगुलं पि, अंगुलपुहुत्तिया वि, वियतिथपि, वियत्थपुहुत्तिया वि, रयणिं पि, रयणिपुहुत्तिया वि, कुच्छि पि, कुच्छ - हुत्तिया वि, धणुं पि, धणुपुहुत्तिया वि, गाउयं पि, गाउयपुहुत्तिया वि, जोयणं पि, जोयणपुहुत्तिया वि, जोयणसयं पि, जोयणसयपुहुत्तिया वि, जोयणसहस्सं पि । तेथले जाया, जलेऽवि चरंति थलेऽवि चरन्ति, ते णत्थि इहं, बाहिरएस दीवेसु समुद्दसु हवन्ति, जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं महोरगा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा— संमुच्छिमाय गब्भवकंतिया य । तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा । तत्थ णं जे ते गब्भवकंतिया ते तिविहा पन्नत्ता । तंजहा - इत्थी, पुरिसा, नपुंसगा। एएसि णं एवमाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं उरपरिसप्पाणं दसजाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । सेत्तं उरपरिसप्पा ॥ ५५ ॥ से किं तं भुयपरिसप्पा ? भुयपरिसप्पा अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - नउला, सेहा, सरडा, सल्ला, सरंठा, सारा, खोरा, घरोइला, विस्संभरा, मूसा, मंगुसा, पयलाइया, छीरविरालिया, जोहा, चउप्पाइया, जेयावन्ने तहप्पगारा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - संमुच्छिमाय गव्भवतिया य । तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा । तत्थ णं जे ते गब्भवक्कंतिया ते तिविहा पन्नत्ता । तंजहा - इत्थी, पुरिसा, नपुंसगा । एएसि णं एवमाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं भुयपरिसप्पाणं नव जाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । सेत्तं भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया । सेत्तं परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ॥ ५६ ॥ से किं तं खहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ? खहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहाचम्मपक्खी, लोमपक्खी, समुग्गपक्खी, विययपक्खी । से किं तं चम्मपक्खी ? चम्मपक्खी अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा- वग्गुली, जलोया, अडिला, भारंडपक्खी, जीवजीवा, समुद्दवायसा, कण्णत्तिया, पक्खिविरालिया, जेयावन्ने तहप्पगारा । सेत्तं चम्मपक्खी। से किं तं लोमपक्खी ? लोमपक्खी अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा — ढंका, कंका, कुरला, वायसा, चक्कागा, हंसा, कलहंसा, रायहंसा, पायहंसा, आडा, सेडी, बगा, बलागा, पारिप्पवा, कोंचा, सारसा, मेसरा, मसूरा, मऊरा, सत्तहत्था, गहरा, पोंडरिया, कागा, कामिंजुया, वंजुलया, तित्तिरा, वट्टगा, लावगा, कवोया, कविंजला, - Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८४ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं पारेवया, चिडगा, चासा, कुक्कुडा, सुगा, बरहिणा, मयणसलागा, कोइला, सेहा, वरिल्लगमाई । सेत्तं लोमपक्खी । से किं तं समुग्गपक्खी? समुग्गपक्खी एगागारा पन्नत्ता । ते णं नत्थि इहं, बाहिरएसु दीवसमुद्देसु भवन्ति । सेत्तं समुग्गपक्खी । से किं तं विययपक्खी ? विययपक्खी एगागारा पन्नत्ता । ते णं नत्थि इहं, बाहिरएसु. दीवसमुद्देसु भवन्ति । सेत्तं विययपक्खी । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहासंमुच्छिमा य गब्भवकंतिया य । तत्थ णं जे ते संमुच्छिमा ते सव्वे नपुंसगा। तत्थ णं जे ते गब्भवकंतिया ते तिविहा पन्नत्ता। तंजहा-इत्थी, पुरिसा, नपुंसगा। एएसि णं एवमाइयाणं खहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्ताणं बारस जाइकुलकोडिजोणिप्पमुहसयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । सत्तट्ठजाइकुलकोडिलक्ख नव अद्धतेरसाइं च । दस दस य होन्ति नवगा तह बारस चेव बोद्धव्वा । सेत्तं खहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिया । सेत्तं पंचिन्दियतिरिक्खजोणिया ॥ ५७ ॥ से किं. तं मणुस्सा ? मणुस्सा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा–संमुच्छिममणुस्सा य गब्भवक्कंतियमणुस्सा य ॥ ५८ ॥ से किं तं समुच्छिममणुस्सा? कहि णं भंते ! संमुच्छिममणुस्सा संमुच्छंति ?,. गोयमा ! अंतो मणुस्सखेत्ते पणयालीसाए जोयणसयसहस्सेसु, अट्ठाइजेसु दीवसमुद्देसु, पन्नरससु कम्मभूमीसु, तीसाए अकम्मभूमीसु, छप्पन्नाए अंतरदीवएसु गब्भवतियमणुस्साणं चेव उच्चारेसु वा, पासवणेसु वा, खेलेसु वा, सिंघाणएसु वा, वंतेसु वा, पित्तेसु वा, पूएसु वा, सोणिएसु वा, सुकेसु वा, सुक्कपुग्गलपरिसाडेसु वा, विगयजीवकलेवरेसु वा, थीपुरिससंजोएसु वा, णगरणिद्धमणेसु वा, सव्वेसु चेव असुइट्ठाणेसु, एत्थ णं संमुच्छिममणुस्सा संमुच्छंति अंगुलस्स असंखेजइभागमेत्ताए ओगाहणाए । असन्नी मिच्छादिट्ठी अण्णाणी सव्वाहिं पज्जत्तीहिं अपजत्तगा अंतोमुहुताउया चेव कालं करेंति । सेत्तं समुच्छिममणुस्सा ॥ ५९ ॥ से किं तं गन्भवतियमणुस्सा ? गब्भवकंतियमणुस्सा तिविहा पन्नत्ता । तंजहा-कम्मभूमगा, अकम्मभूमगा, अन्तरदीवगा ॥ ६० ॥ से किं तं अन्तरदीवगा ? अन्तरदीवगा अट्ठावीसविहा पन्नत्ता। तंजहा-१ एगोख्या, २ आभासिया, ३ वेसाणिया, ४ णंगोलिया, ५ हयकन्ना, ६ गयकन्ना, ७ गोकन्ना, ८ सक्कुलिकन्ना, ९ आयंसमुहा, १० मेंडमुहा, ११ अयोमुहा, १२. गोमुहा, १३ आसमुहा, १४ हत्थिमुहा, १५ सीहमुहा, १६ वग्धमुहा, १७ आसकन्ना, १८ हरिकन्ना, १९ अकना, २० कण्णपाउरणा, २१ उक्कामुहा, २२ मेहमुहा, २३ विजुमुहा, २४ विजुदंता, २५ घणदंता, २६ लट्ठदंता, २७ गूंढदंता, २८ सुद्धदंता । सेत्तं अन्तरदीवगा ॥ ६१ ॥ से किं तं अकम्मभूमगा ? अकम्मभूमगा तीसविहा पन्नत्ता । तंजहा-पंचहिं हेमवएहिं, पंचहिं Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० १ सिप्पारियसरूवपुच्छा] सुत्तागमे २८५ हेरण्णवएहिं, पंचहिं हरिवासेहिं, पंचहिं रम्मगवासेहि, पंचहिं देवकुरूहिं, पंचहिं उत्तरकुरूहिं । सेत्तं अकम्मभूमगा ॥६२॥ से किं तं कम्मभूमगा? कम्मभूमगा पन्नरसविहा पन्नत्ता । तंजहा-पंचहिं भरहेहि, पंचहिं एरवएहिं, पंचहिं महाविदेहेहिं । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-आरिया य मिलक्खू य ॥ ६३ ॥ से किं तं मिलक्खू ? मिलक्खू अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा-सगा जवणा चिलायसबरबब्बरकायमुरुंडोडभडगनिण्णगपक्कणियाकुलक्खगोंडसिंहलपारसगोधाकोंचअंबडइदमिलचिल्ललपुलिंदहारोसदोबवोकाणगन्धाहारगपहलियअज्झलरोमपासपउसामलयायबंधुयायसूयलिकुंकुणगमेयपल्हवमालवमग्गरआभासियाणक्कचीणल्हसियखसाघासियणद्दरमोंढडोंबिलगलओसपओसककेयअक्खागहूणरोमगभरुमरुयचिलायविसयवासी य एवमाई । सेत्तं मिलक्खू ॥ ६४ ॥ से किं तं आरिया ? आरिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-इड्डिपत्तारिया य अणिहिपत्तारिया य। से किं तं इडिपत्तारिया ? इड्डिपत्तारिया छव्विहा पन्नत्ता। तंजहा-१ अरहंता, २ चक्कवट्टी, ३ बलदेवा, ४ वासुदेवा, ५ चारणा, ६ विज्जाहरा । सेत्तं इडिपत्तारिया। से किं तं अणिड्डिपत्तारिया ? अणिड्डिपत्तारिया नवविहा 'पन्नत्ता । तंजहा-खेत्तारिया, जाइआरिया, कुलारिया, कम्मारिया, सिप्पारिया, भासारिया, नाणारिया, सणारिया, चरित्तारिया ॥६५॥ से किं तं खेत्तारिया ? खेत्तारिया अद्धछन्वीसइविहाणा पन्नत्ता । तंजहा-रायगिह मगह चंपा, अंगा तह तामलित्ति वंगा य । कंचणपुरं कलिंगा, वाणारसी चेव कासी य ॥ १॥ साएय कोसला गयपुरं च कुरु सोरियं कुसट्टा य । कंपिल्लं पंचाला, अहिछत्ता जंगला चेव ॥ २ ॥ बारवई सोरट्ठा, मिहिल विदेहा य वच्छ कोसंबी। नंदिपुरं संडिल्ला, भद्दिलपुरमेव मलया य ॥३॥ वइराड वच्छ वरणा, अच्छा तह मत्तियावइ दसण्णा। सोत्तियवई य चेदी, वीयभयं सिंधुसोवीरा ॥ ४॥ महुरा य सूरसेणा, पावा भंगा य मास पुरिवठ्ठा । सावत्थी य कुणाला, कोडीवरिसं च लाढा य ॥ ५॥ सेयविया वि य णयरी, केकयअद्धं च आरियं भणियं । इत्थुप्पत्ती जिणाणं, चक्कीणं रामकण्हाणं ॥ ६ ॥ सेत्तं खेत्तारिया ॥ ६६ ॥ से किं तं जाइआरिया ? जाइआरिया छव्विहा पन्नत्ता । तंजहा-अंबट्ठा य कलिंदा विदेहा वेदगा इ य । हरिया चुंचुणा चेव छ एया इन्भजाइओ ॥ सेत्तं जाइआरिया ॥ ६७ ॥ से किं तं कुलारिया ? कुलारिया छव्विहा पन्नत्ता । तंजहा-उग्गा, भोगा, राइन्ना, इक्खागा, णाया, कोरव्वा । सेत्तं कुलारिया ॥ ६८ ॥ से किं तं कम्मारिया ? कम्मारिया अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहादोसिया, सोत्तिया, कप्पासिया, सुत्तवेयालिया, भंडवेयालिया, कोलालिया, नरवाहणिया, जेयावने तहप्पगारा। सेत्तं कम्मारिया ॥ ६९ ॥ से किं तं सिप्पारिया ? Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८६: सुत्तागमे . [पण्णवणासुत्तं सिप्पारिया अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा-तुण्णागा, तंतुवाया, पट्टागारा, देयडा, वरुट्टा, छविया, कठ्ठपाउयारा, मुंजपाउयारा, छत्तारा, वज्झारा, पोत्थारा, लेप्पारा, चित्तारा, संखारा, दंतारा, भंडारा, जिज्झगारा, सेल्लारा, कोडिगारा, जेयावन्ने तहप्पगारा। सेत्तं सिप्पारिया ॥ ७० ॥ से किं तं भासारिया ? भासारिया जे णं अद्धमागहाए भासाए भासेंति, जत्थऽवि य णं बंभी लिवी पवत्तइ । बंभीए णं लिवीए अट्ठारसविहे लेक्खविहाणे पन्नत्ते । तंजहा-१ बंभी, २ जवणाणिया, ३ दोसापुरिया, ४ खरोटी, ५ पुक्खरसारिया, ६ भोगवइया, ७ पहराइया, ८ अंतक्खरिया, ९ अक्खरपुट्टिया, १० वेणइया, ११ निण्हइया, १२ अंकलिवी, १३ गणियलिवी, १४ गंधव्वलिवी, १५ आयंसलिवी, १६ माहेसरी, १७ दोमिलिवी, १८ पोलिन्दी। सेत्तं भासारिया ॥७१॥ से किं तं नाणारिया ? नाणारिया पंचविहा पन्नत्ता। तंजहा-आभिणिबोहियनाणारिया, सुयनाणारिया, ओहिनाणारिया, मणपजवनाणारिया, केवलनाणारिया। सेत्तं नाणारिया ॥७२॥ से किं तं दसणारिया ? दंसणारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहासरागदंसणारिया य वीयरागदसणारिया य ॥ ७३ ॥ से किं तं सरागदसणारिया ? सरागदंसणारिया दसविहा पन्नत्ता। तंजहा-निसग्गुवएसरुई आणाई सुत्तबीयरुइमेव । अभिगमवित्थाररुई किरियासंखेवधम्मरुई ॥१॥ भूयत्थेणाहिगया जीवाजीवे य पुण्णपावं च । सहसंमुइयाऽऽसवसंवरे य रोएइ उ निस्सग्गो ॥ २ ॥ जो जिणदिढे भावे चउबिहे सद्दहाइ सयमेव । एमेव नन्नहत्ति य निसग्गरुइत्ति नायव्वो ॥ ३ ॥ एए चेव उ भावे उवदिढे जो परेण सद्दहइ । छउमत्थेण जिणेण व उवएसइत्ति नायव्वो ॥ ४ ॥ जो हेउमयाणंतो आणाए रोयए पवयणं तु । एमेव नन्नहत्ति य एसो आणारुई नाम ॥ ५ ॥ जो सुत्तमहिज्जन्तो सुएण ओगाहई उ सम्मत्तं । अंगेण बाहिरेण व सो सुत्तरुइत्ति णायव्वो ॥ ६ ॥ एगेण अणेगाई पयाइं जो पसरई उ सम्मत्तं । उदए व्व तेल्लबिन्दू सो बीयरुइत्ति नायव्वो ॥ ७ ॥ सो होइ अभिगमरुई सुयनाणं जस्स अत्थओ दिटुं । इक्कारस अंगाई पइन्नगा दिट्ठिवाओ य ॥ ८ ॥ दव्वाण सव्वभावा सव्वपमाणेहिं जस्स उवलद्धा । सव्वाहिं नयविहीहिं वित्थाररुइत्ति नायव्वो ॥ ९ ॥ दंसणनाणचरित्ते तवविणए सव्वसमिइगुत्तीसु । जो किरियाभावरुई सो खलु किरियारुई नाम ॥ १० ॥ अणभिग्गहियकुदिट्ठी संखेवरुइत्ति होइ नायव्वो । अविसारओ पवयणे अणभिग्गहिओ य सेसेसु ॥ ११ ॥ जो अत्थिकायधम्मं सुयधम्म खलु चरित्तधम्मं च । सद्दहइ जिणाभिहियं सो धम्मरुइत्ति नायव्वो ॥ १२ ॥ परमत्थसंथवो वा सुदिट्ठपरमत्थसेवणा वावि । वावन्नकुदंसणवजणा य सम्मत्तसद्दहणा ॥ १३ ॥ निस्संकिय निकंखिय निवितिगिच्छा अमूढदिट्ठी य । Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १ स०केवलि०दसणारिया] सुत्तागमे २८७ उववूहथिरीकरणे वच्छल्लपभावणे अट्ठ ॥ १४ ॥ सेत्तं सरागर्दसणारिया ॥ ७४ ॥ से किं तं वीयरायदंसणारिया ? वीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहाउबसंतकसायवीयरायदंसणारिया य खीणकसायवीयरायदंसणारिया य । से किं तं उवसंतकसायवीयरायदंसणारिया ? उवसंतकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-पढमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया य अपढमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया य । अहवा चरिमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया य अचरिमसमयउवसंतकसायवीयरायदंसणारिया य । सेत्तं उवसंतकसायवीयरायदंसणारिया । से किं तं खीणकसायवीयरायदंसणारिया ? खीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-छउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य केवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । से किं तं छउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया ? छउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । से किं तं सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया ? सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अपढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । अहवा. चरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अचरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसंणारिया य। सेत्तं सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया । से किं तं बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया ? बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयबुद्धबोहियखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अपढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । अहवा चरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अचरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदसणारिया य । सेत्तं बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया । सेत्तं छउमत्थखीणकसायवीयरायदंसणारिया । से किं तं केवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया ? केवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । से किं तं सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया ? सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अपढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया यः। अहवा चरिमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अचरिमसमय Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८८ सुत्तागमे ... [पण्णवणासुतं सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । सेत्तं सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया । से किं तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया ? अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अपढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । अहवा चरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य अचरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया य । सेत्तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया । सेत्तं केवलिखीणकसायवीयरायदंसणारिया । सेत्तं खीणकसायवीयरायदंसणारिया । सेत्तं दंसणारिया ॥ ७५ ॥ से किं तं चरित्तारिया ? चरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सरागचरित्तारिया य वीयरागचरित्तारिया य । से किं तं सरागचरित्तारिया ? सरागचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा--सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया य बायरसंपरायसरागचरित्तारिया य । से किं तं सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया ? सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा ‘पन्नत्ता। तंजहा--पढमसमयसुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया य अपढमसमयसुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया य । अहवा चरिमसमयसुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया य अचरिमसमयसुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया य । अहवा सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-संकिलिस्समाणा य विसुज्झमाणा य। सेत्तं सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया। से किं तं बायरसंपरायसरागचरित्तारिया ? बायरसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयबायरसंपरायसरागचरित्तारिया य अपढमसमयबायरसंपरायसरागचरिस्तारिया य। अहवा चरिमसमयबायरसंपरायसरागचरित्तारिया य अचरिमसमयबायरसंपरायसरागचरित्तारिया य । अहवा बायरसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पडिवाई य अपडिवाई य। सेत्तं बायरसंपरायसरागचरित्तारिया ॥ ७६ ॥ से किं तं वीयरायचरित्तारिया ? वीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नता । तंजहा-उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य खीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । से किं तं उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया ? उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयउवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य अपढमसमयउवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य । अहवा चरिमसमयउवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य अचरिमसमयउपसंतकसायवीयरायचरित्तारिया य । सेक्तं उवसंतकसायवीयरायचरित्तारिया । से किं तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया.. खीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नता । तंजहाछउमत्थखीणकसाथवीयरायचरितारिया य केवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य। Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१ चरित्तारिया] सुत्तागमे से किं तं छउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया ? छउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । से किं तं सयंबुद्धछउमस्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया ? सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अपढमसमयसयंवुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । अहवा चरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अचरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । से किं तं बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया ? वुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-पढमसमयबुद्धवोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अपढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य। अहवा चरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अचरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य। सेत्तं बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया । सेत्तं छउमत्थखीणकसायवीयरायचरित्तारिया। से किं तं केवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया ? केवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहासजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । से किं तं सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया ? सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-पढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अपढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । अहवा चरिमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य 'अचरिमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य। सेत्तं सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया। से किं तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरितारिया ? अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहापढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अपढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । अहवा चरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य अचरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया य । सेत्तं अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया । सेत्तं केवलिखीणकसायवीयरायचरित्तारिया। सेत्तं खीणकसायवीयरायचरित्तारिया। सेत्तं वीयरायचरित्तारिया। अहवा चरित्तारिया पंचविहा पन्नत्ता। तंजहा—सामाइयचरित्तारिया, छेदोवट्ठावणियचरित्तारिया, परिहारविसुद्धियचरित्तारिया, सुहुमसंपरायचरित्तारिया, अहक्खायचरित्तारिया १९ सुत्ता. Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २९० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं य। से किं तं सामाइयचरित्तारिया ? सामाइयचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहाइत्तरियसामाइयचरित्तारिया य आवकहियसामाइयचरित्तारिया य । सेत्तं सामाइयचरित्तारिया। से किं तं छेदोवट्ठावणियचरित्तारिया ? छेदोवट्ठावणियचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-साइयारछेदोवट्ठावणियचरित्तारिया य निरइयारछेदोवट्ठावणियचरित्तारिया य । सेत्तं छेदोवठ्ठावणियचरित्तारिया। से किं तं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया ? परिहारविसुद्धियचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-निविस्समाणपरिहारविसुद्धियचरित्तारिया य निविठ्ठकाइयपरिहारविसुद्धियचरित्तारिया य । सेत्तं परिहारविसुद्धियचरित्तारिया । से किं तं सुहुमसंपरायचरित्तारिया ? सुहुमसंपरायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा—संकिलिस्समाणसुहुमसंपरायचरित्तारिया य विसुज्झमाणसु. हुमसंपरायचरित्तारिया य। से तं सुहुमसंपरायचरित्तारिया। से किं तं अहक्खायचरित्तारिया ? अहक्खायचरित्तारिया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-छउमत्थअहक्खायचरित्तारिया य केवलिअहक्खायचरित्तारिया य । सेत्तं अहक्खायचरित्तारिया। सेत्तं चरित्तारिया । सेत्तं अणि ड्डिपत्तारिया । सेत्तं कम्मभूमगा । सेत्तं गन्भवतिया । सेत्तं मणुस्सा ॥ ७७ ॥ से किं तं देवा ? देवा चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहा-भवणवासी, वाणमंतरा, जोइसिया, वेमाणिया। से किं तं भवणवासी ? भवणवासी दसविहा पन्नत्ता । तंजहा-असुरकुमारा, नागकुमारा, सुवन्नकुमारा, विजुकुमारा, अग्गिकुमारा, दीवकुमारा, उदहिकुमारा, दिसाकुमारा, वाउकुमारा, थणियकुमारा। ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य । सेत्तं भवणवासी। से किं. तं वाणमंतरा? वाणमंतरा अट्टविहा पन्नत्ता । तंजहा-किन्नरा, किंपुरिसा, महोरगा, गंधव्वा, जक्खा, रक्खसा, भूया, पिसाया । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । सेत्तं वाणमन्तरा । से किं तं जोइसिया ? जोइसिया पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा-चंदा, सूरा, गहा, नक्खत्ता, तारा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-पजत्तगा य अपज्जत्तगा य । सेत्तं जोइसिया ॥ से किं तं वेमाणिया ? वेमाणिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-कप्पोवगा य कप्पाईया य। से किं तं कप्पोवगा ? कम्पोवगा बारसविहा पन्नत्ता । तंजहा—सोहम्मा, ईसाणा, सणंकुमारा, माहिंदा, बंभलोया, लंतया, महासुक्का, सहस्सारा, आणया, पाणया, आरणा, अच्चुया। ते समासओ दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य । सेत्तं कप्पोवगा । से किं तं कप्पाईया ? कप्पाईया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-विजगा य अणुत्तरोववाइया य । से किं तं गेविजगा? गेविजगा नवविहा पन्नत्ता। तंजहा--हिटिमहिछिमगेविजगा, हिटिममज्झिमगेविनगा, हेहिमउवरि Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ बायरआउक्काइयठाणा] सुत्तागमे २९१ मगेविजगा, मज्झिमहेछिमगेविजगा, मज्झिममज्झिमगेविजगा, मज्झिमउवरिमगेविजगा, उवरिमहेट्ठिमगेविजगा, उवरिममज्झिमगेविजगा, उवरिमउवरिमगेविजगा। ते समासओ दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य । सेत्तं गेविजगा । से किं तं अणुत्तरोववाइया ? अणुत्तरोववाइया पंचविहा पन्नत्ता । तंजहाविजया, वेजयन्ता, जयन्ता, अपराजिया, सव्वट्ठसिद्धा । ते समासओ दुविहा पन्नत्ता। तंजहा~-पजत्तगा य अपजत्तगा य । सेत्तं अणुत्तरोववाइया । सेत्तं कप्पाईया । सेत्तं वेमाणिया । सेत्तं देवा । सेत्तं पंचिंदिया । सेत्तं संसारसमावन्नजीवपन्नवणा । सेत्तं जीवपन्नवणा । सेत्तं पन्नवणा ॥ ७८॥ पन्नवणाए भगवईए पढमं पन्नवणापयं समत्तं । कहि णं भंते ! बायरपुढविकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सट्ठाणेणं अट्ठतु पुढवीसु, तंजहा-रयणप्पभाए, सकरप्पभाए, वालुयप्पभाए, पंकप्पभाए, धूमप्पभाए, तमप्पभाए, तमतमप्पभाए, ईसिप्पन्भाराए; अहोलोए पायालेसु, भवणेसु, भवणपत्थडेसु, निरएसु, निरयावलियासु, निरयपत्थडेसु; उड्ढलोए कप्पेसु, विमाणेसु, विमाणावलियासु, विमाणपत्थडेसु; तिरियलोए टंकेसु, कूडेसु, सेलेसु, सिहरीसु, पब्भारेसु, विजएसु, वक्खारेसु, वासेसु, वासहरपव्वएसु, वेलासु, वेइयासु, दारेसु, तोरणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, एत्थ णं बायरपुढविकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ ७९ ॥ कहि णं भंते ! बायरपुढविक्काइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जत्थेव बायरपुढविक्काइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता तत्थेव बायरपुढविकाइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं सव्वलोए, समुग्घाएणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ ८० ॥ कहि णं भंते ! सुहुमपुढविकाइयाणं पजत्तगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सुहुमपुढविकाइया जे पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सव्वलोयपरियावन्नगा पन्नत्ता समणाउसो ! ॥ ८१ ॥ कहि णं भन्ते ! बायरआउकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सट्ठाणेणं सत्तसु घणोदहीसु, सत्तसु घणोदहिवलएसु, अहोलोए पायालेसु, भवणेसु, भवणपत्थडेसु, उड्डलोए कप्पेसु, विमाणेसु, विमाणावलियासु, विमाणपत्थडेसु, तिरियलोए अगडेसु, तलाएसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललएसु, पल्ललएसु, वप्पिणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएसु जलट्ठाणेसु, एत्थ णं बायर Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २९२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं आउकाइयाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे । कहि णं भंते ! बायरआउकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जत्थेव बायरआउकाइयपजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता तत्थेव बायरआउकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं सव्वलोए, समुग्घाएणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे । कहि णं भंते ! सुहुमआउकाइयाणं पजत्तगाणं अपज्जत्तगाण य ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सुहुमआउकाइया जे पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सव्वलोयपरियावन्नगा पन्नत्ता समणाउसो! ॥ ८२ ॥ कहि णं भंते ! बायरतेउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता? गोयमा ! सट्ठाणेणं अंतोमणुस्सखेत्ते अड्डाइजेसु दीवसमुद्देसु, निव्वाघाएणं पन्नरससु कम्मभूमीसु, वाघायं पडुच्च पंचसु महाविदेहेसु, एत्थ णं बायरतेउकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्टाणेणं लोयस्स असंखेज्जइभागे ॥ ८३ ॥ कहि णं भन्ते ! बायरतेउकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जत्थेव बायरतेउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा प० तत्थेव बायरतेउकाइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स दोसु उड्डकबाडेसु तिरियलोयतट्टे य, समुग्घाएणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ ८४ ॥ कहि णं भंते ! सुहुमतेउकाइयाणं पज्जत्तगाण य अपज्जत्तगाण य ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सुहुमतेउकाइया जे पज्जत्तगा जे य अपज्जत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सव्वलोयपरियावन्नगा पन्नत्तास मणाउसो! ॥ ८५ ॥ कहि णं भंते ! बायरवाउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सट्ठाणेणं सत्तसु घणवाएसु, सत्तसु घणवायवलएसु, सत्तसु तणुवाएसु, सत्तसु तणुवायवलएसु, अहोलोए पायालेसु, भवणेसु, भवणपत्थडेसु, भवणछिद्देसु, भवणनिक्खुडेसु, निरएसु, निरयावलियासु, निरयपत्थडेसु, निरयछिद्देसु, निरयनिक्खुडेसु, उडलोए कप्पेसु, विमाणेसु, विमाणावलियासु, विमाणपत्थडेसु, विमाणछिद्देसु, विमाणनिक्खुडेसु, तिरियलोए पाईणपडीणदाहिणउदीण-सव्वेसु चेव लोगागासछिद्देसु, लोगनिक्खुडेसु य, एत्थ णं वायरवाउकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेजेसु भागेसु, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजेसु भागेसु, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजेसु भागेसु ॥ ८६ ॥ कहि णं भंते ! अपजत्तबायरवाउकाइयाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जत्थेव बायरवाउकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा प० तत्थेव बायरवाउकाइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं सव्वलोए, समुग्याएणं सव्वलोए, सहाणेणं लोयस्स असंखेजेसु Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे प० २ तेइंदियठाणा] २९३ भागेसु ॥ ८७ ॥ कहि णं भंते ! सुहुमवाउकाइयाणं पज्जत्तगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सुहुमवाउकाइया जे पजत्तगा जे य अपजत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सबलोयपरियावन्नगा पन्नत्ता समणाउसो! ॥ ८८ ॥ कहि णं भंते ! बायरवणस्सइकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सहाणेणं सत्तसु घणोदहीसु, सत्तसु घणोदहिवलएसु, अहोलोए पायालेसु, भवणेसु, भवणपत्थडेसु; उड्डलोए कप्पेसु, विमाणेसु, विमाणावलियासु, विमाणपत्थडेसु; तिरियलोए अगडेसु, तडागेसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललेसु, पल्ललेसु, वप्पिणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएसु जलठाणेसु; एत्थ णं बायरवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं सव्वलोए, समुग्घाएणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ ८९ ॥ कहि णं भंते ! बायरवणस्सइकाइयाणं अपज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जत्थेव बायरवणस्सइकाइयाणं पजत्तगाणं ठाणा प० तत्थेव बायरवणस्सइकाइयाणं अपजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं सव्वलोए, समुग्धाएणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे॥९॥ कहि णं भंते ! सुहुमवणस्सइकाइयाणं पजत्तगाणं अपजत्तगाण य ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सुहुमवणस्सइकाइया जे पज्जत्तगा जे य अपजत्तगा ते सव्वे एगविहा अविसेसा अणाणत्ता सव्वलोयपरियावन्नगा पन्नत्ता समणाउसो! ॥ ९१ ॥ कहि णं भंते ! बेइंदियाणं पजत्तापज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता? गोयमा ! उड्ढलोए तदेकदेसभागे, अहोलोए तदेकदेसभागे, तिरियलोए अगडेसु, तलाएसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललेसु, पल्ललेसु, वप्पिणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएसु जलठाणेसु, एत्थ णं बेइंदियाणं पजत्तापज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोगस्स असंखेज्जइभागे, समुग्घाएणं लोगस्स असंखेजइभागे, सट्ठाणेणं लोगस्स असंखेजइभागे ॥ ९२ ॥ कहि णं भंते ! तेइंदियाणं पजत्तापज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! उड्डलोए तदेकदेसभाए, अहोलोए तदेकदेसभाए, तिरियलोए अगडेसु, तलाएसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललेसु, पल्ललेसु, वप्पिणेसु, दीवेसुः, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएसु जलठाणेसु, एत्थ णं तेइंदियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्धाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, सट्ठाणेणं Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २९४ सुत्तागमे . [पण्णवणासुत्तं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ ९३ ॥ कहि णं भंते ! चउरिंदियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पन्नता ? गोयमा ! उडलोए तदेकदेसभागे, अहोलोए तदेकदेसभागे, तिरियलोए अगडेसु, तलाएसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललेसु, पल्ललेसु, वप्पिणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएसु जलठाणेसु, एत्थ णं चउरिंदियाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्धाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ ९४ ॥ कहि णं भंते ! पंचिंदियाणं पजत्तापज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! उड्डलोए तदेकदेसभाए, अहोलोए तदेकदेसभाए, तिरियलोए अगडेसु, तलाएसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललेसु, पल्ललेसु, वप्पिणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएमु जलठाणेसु, एत्थ णं पंचिंदियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सहाणेणं लोयस्स असंखेजभागे ॥ ९५ ॥ कहि णं भंते ! नेरइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! नेरझ्या परिवसन्ति ?, गोयमा ! सट्ठाणेणं सत्तसु पुढवीसु, तंजहा-रयणप्पभाए, सकरप्पभाए, वालुयप्पभाए, पंकप्पभाए, धूमप्पभाए, तमप्पभाए, तमतमप्पभाए, एत्थ णं नेरइयाणं चउरासीइनिरयावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । तेणं नरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निच्चंधयारतमसा,ववगयगहचंदसरनक्खत्तजोइसियप्पहा. मेदवसापयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला. असुई [वीसा], परमदुब्भिगंधा, काउअगणिवण्णाभा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा नरगा, असुभा नरगेसु वेयणाओ, एत्थ णं नेरइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, एत्थ णं बहवे नेरइया परिवसंति। काला, कालोभासा, गंभीरलोमहरिसा, भीमा, उत्तासणगा, परमकण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो!। ते णं तत्थ निच्चं भीया, निच्चं तत्था, निच्चं तसिया, निश्चं उव्विग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं गरगभयं पञ्चणुभवमाणा विहरन्ति ॥ ९६ ॥ कहि णं भंते ! रयणप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! रयणप्पभापुढवीनेरइया परिवसन्ति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पु० असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि एगं जोयणसहस्समोगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयण Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २९५ १०२ वालुय०णरगवण्णणं] सुत्तागमे सहस्सं वजित्ता मज्झे अट्टहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं रयणप्पभापुढवीनेरइयाणं तीसं निरयावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं गरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निच्चंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरणक्खत्तजोइसप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला, असुई वीसा], परमदुब्भिगंधा, काउअगणिवण्णाभा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा णरगा, असुभा णरगेसु वेयणाओ, एत्थ णं रयणप्पभापुढवीनेरइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता, उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्धाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे। तत्थ णं बहवे रयणप्पभापुढवीनेरइया परिवसन्ति । काला, कालोभासा, गंभीरलोमहरिसा, भीमा, उत्तासणगा, परमकिण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो! । ते णं तत्थ निचं भीया, निञ्च तत्था, निच्च तसिया, निच्चं उबिग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं णरगभयं पचणुभवमाणा विहरन्ति ॥ ९७ ॥ कहि णं भंते ! सकरप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! सक्करप्पभापुढवीनेरइया परिवसन्ति ?, गोयमा ! सक्करप्पभापुढवीए बत्तीसुत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे तीसुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं सक्करप्पभापुढवीनेरइयाणं पणवीसं निरयावाससयसहस्सा हवन्तीति मक्खायं । ते णं णरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निच्चंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला, असुई[वीसा], परमदुब्भिगंधा, काउअगणिवण्णाभा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा णरगा, असुभा णरगेसु वेयणाओ, एत्थ णं सकरप्पभापुढवीनेरइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं०, समुग्धाएणं०, सटाणेणं लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे सकरप्पभापुढवीनेरइया परिवसन्ति । काला, कालोभासा, गंभीरलोमहरिसा, भीमा, उत्तासणगा, परमकिण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो! । ते णं तत्थ निच्चं भीया, निच्च तत्था, निच तसिया, निच्च उव्विग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं नरगभयं पञ्चणुभवमाणा विहरन्ति ॥ ९८ ॥ कहि णं भंते ! वालुयप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते! वालुयप्पभापुढवीनेरइया परिवसंति ?, गोयमा ! वालुयप्पभापुढवीए अट्ठावीसुत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे छव्वीसुत्तरजोयणसयसहस्से एत्थ णं वालुयप्पभापुढवीनेरइयाणं पन्नरसनरयावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं णरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निचंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला, असुई [वीसा], परमदुब्भिगंधा, काउअगणिवण्णाभा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा नरगा, असुभा नरगेसु वेयणाओ। एत्थ णं वालुयप्पभापुढवीनेरइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्धाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे वालुयप्पभापुढवीनेरइया परिवसंति । काला, कालोभासा, गंभीरलोमहरिसा, भीमा, उत्तासणगा, परमकिण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो ! । ते णं तत्थ निच्च भीया, निच्चं तत्था, निच्चं तसिया, निच्च उव्विग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं णरगभयं पञ्चणुभवमाणा विहरन्ति ॥ ९९ ॥ कहि णं भन्ते ! पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भन्ते ! पंकप्पभापुढवीनेरइया परिवसंति ? गोयमा ! पंकप्पभापुढवीए वीसुत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्ठारसुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं दस निरयावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं णरगा अंतो वट्टा, वाहिं चउरंसा, अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निचंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिललित्ताणुलेवणतला, असुई[वीसा], परमदुब्भिगंधा, काउअगणिवण्णाभा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा नरगा, असुभा नरगेसु. वेयणाओ, एत्थ णं पंकप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । उव-- वाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्टाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे पंकप्पभापुढवीनेरइया परिवसति । काला कालोभासा गंभीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणगा परमकिण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो ! । ते णं तत्थ णिञ्च भीया, णिचं तत्था, णिचं तसिया, णिचं उद्विग्गा, णिचं परममसुहसंबद्धं णरगभयं पञ्चणुभवमाणा विहरन्ति ॥ १०० ॥ कहि णं भन्ते ! धूमप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! धूमप्पभा-- पुढवीनेरइया परिवसन्ति ?, गोयमा! धूमप्पभापुढवीए अट्ठारसुत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे सोलसुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं धूमप्पभापुढवीनेरइयाणं तिन्नि निरयावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं णरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निबंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला, असुई [वीसा], परमदुब्भिगंधा, Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २९७ प० २ तमतमा०नेरइयठाणा] सुत्तागमे काउअगणिवण्णाभा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा नरगा, असुभा नरगेसु. वेयणाओ, एत्थ णं धूमप्पभापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सहाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे धूमप्पभापुढवीनेरइया परिवसन्ति । काला कालोभासा गंभीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणगा परमकिण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो!। ते णं तत्थ निच्चं भीया, निच्चं तत्था, निच्चं तसिया, निच्चं उबिग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं नरगभयं पच्चणुभवमाणा विहरन्ति ॥ १०१ ॥ कहि णं भंते ! तमापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! तमापुढवीनेरइया परिवसंति ?, गोयमा! तमाए पुढवीए सोलसुन्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एग जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे चउदसुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं तमप्पभापुढवीनेरइयाणं एगे पंचूणे णरगावाससयसहस्से भवतीति मक्खायं । ते णं णरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, अहे. खुरप्पसंठाणसंठिया, निच्चंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला, असुई [वीसा], परमदुभिगंधा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा नरगा, असुभा नरगेसु वेयणाओ, एत्थ णं तमापुढवीनेरइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्धाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे। तत्थ णं बहवे तमप्पभापुढवीनेरइया परिवसंति । काला कालोभासा गंभीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणगा परमकिण्हा वन्नेणं पन्नत्ता समणाउसो! । ते णं तत्थ निच्चं भीया, निच्चं तत्था, निच्चं तसिया, निच्चं उबिग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं नरगभयं पञ्चणुभवमाणा विहरन्ति ॥१०२॥ कहि णं भंते ! तमतमापुढवीनेरइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! तमतमापुढवीनेरइया परिवसंति ?, गोयमा ! तमतमाए पुढवीए अट्ठोत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं अद्धतेवन्नं जोयणसहस्साई ओगाहित्ता हिट्ठा वि अद्धतेवनं जोयणसहस्साई वजित्ता मज्झे तीसु जोयणसहस्सेसु एत्थ णं तमतमापुढवीनेरइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं पंचदिसि पंच अणुत्तरा महइमहालया महानिरया पन्नत्ता । तंजहा-काले महाकाले रोरुए महारोरुए अपइट्ठाणे । ते णं णरगा अंतो वट्टा, बाहिं चउरंसा, अहे खुरप्पसंठाणसंठिया, निच्चंधयारतमसा, ववगयगहचंदसूरनक्खत्तजोइसियप्पहा, मेदवसापूयपडलरुहिरमंसचिक्खिल्ललित्ताणुलेवणतला, असुई [वीसा], परमदुब्भिगंधा, कक्खडफासा, दुरहियासा, असुभा नरगा, असुभा. नरगेसु वेयणाओ, एत्थ णं तमतमापुढवीनेरइयाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्धाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सदाणे लोयस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे तमतमापुढवीनेरइया परिवसंति । काला कालोभासा गंभीरलोमहरिसा भीमा उत्तासणगा परमकिण्हा वनेणं पन्नत्ता समणाउसो ! । ते णं तत्थ निचं भीया, निच्चं तत्था, निच्चं तसिया, निचं उद्विग्गा, निच्चं परममसुहसंबद्धं णरगभयं पचणुभवमाणा विहरन्ति । आसीयं वत्तीसं अट्ठावीसं च हुँति वीसं च । अट्ठारससोलसगं अट्ठत्तरमेव हिटिमिया ॥ १ ॥ अडत्तरं च तीसं छन्वीसं चेव सयसहस्सं तु । अट्ठारस सोलसगं चउद्दसमहियं तु छट्ठीए ॥ २ ॥ अद्धतिवन्नसहस्सा उवरिमहे वज्जिऊण तो भणियं । मज्झे तिसहस्सेसुं होन्ति उ नरगा तमतमाए ॥ ३ ॥ तीसा य पन्नवीसा पन्नरस दसेव सयसहस्साइं । तिन्नि य पंचूणेगं पंचेव अणुत्तरा नरगा ॥ ४ ॥ १०३ ॥ कहि णं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! उड्डलोए तदेकदेसभाए, अहोलोए तदेकदेसभाए, तिरियलोए अगडेसु, तलाएसु, नईसु, दहेसु, वावीसु, पुक्खरिणीसु, दीहियासु, गुंजालियासु, सरेसु, सरपंतियासु, सरसरपंतियासु, बिलेसु, बिलपंतियासु, उज्झरेसु, निज्झरेसु, चिल्ललेसु, पाललेसु, वप्पिणेसु, दीवेसु, समुद्देसु, सव्वेसु चेव जलासएसु जलठाणेसु, एत्थ णं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पजत्तापजत्तगाणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं सव्वलोयस्स असंखेजइभागे, सट्ठाणेणं सव्वलोयस्स असंखेजइभागे ॥ १०४ ॥ कहि णं भंते ! मणुस्साणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! अंतो मणुस्सखेत्ते पणयालीसाए जोयणसयसहस्सेसु, अड्डाइजेसु दीवसमुद्देसु, पन्नरससु कम्मभूमीसु, तीसाए अकम्मभूमीसु, छप्पन्नाए अंतरदीवेसु, एत्थ णं मणुस्साणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं सव्वलोए, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे ॥ १०५ ॥ कहि णं भंते ! भवणवासीणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! भवणवासी देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अट्ठहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं भवणवासीणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं सत्त भवणकोडीओ बावत्तरि भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा, अन्तो चउरंसा, अहे पुक्खरकन्नियासंठाणसंठिया, उक्किनंतरविउलगंभीरखायफलिहा, पागारद्यालयकवाडतोरणपडिदुवारदेसभागा, जंतसयग्घिमुसलमुसंढिपरियारिया, अउज्झा, सयाजया, सयागुत्ता, अडयालकोटगरइया, अडयालकयवणमाला, खेमा, सिवा, किंकरामरदंडो Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२ असुरकुमारभवणा] सुत्तागमे २९९ वरक्खिया, लाउल्लोइयमहिया, गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितला, उवचियचंदणकलसा, चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागा, आसत्तोसत्तविउलववग्धारियमल्लदामकलावा, पंचवन्नसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिया, कालागुरुपवरकुंदुरुऋतुरुकधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामा, सुगंधवरगंधिया, गंधवटिभूया, अच्छरगणसंघसंविकिन्ना, दिव्वतुडियसद्दसंपणइया, सवरयणामया, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्ठा, मटा, णीरया, निम्मला, निप्पंका, निकंकडच्छाया, सप्पहा, सस्सिरीया, समरीइया, सउज्जोया, पासादीया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा। एत्थ णं भवणवासिदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे। तत्थ णं बहवे भवणवासी देवा परिवसंति । तंजहा-असुरा नाग सुवन्ना विजू अग्गी य दीव उदही य। दिसिपवणथणियनामा दसहा एए भवणवासी ॥ चूडामणिमउडरयणाभूसणणागफडगरुलवइरपुन्नकलसंकिउप्फेसा, सीहहयवरगयंकमगरवरवद्धमाणनिज्जुत्तचित्तचिंधगया, सुरूवा, महिड्डिया, महजुइया, महब्बला, महायसा, महाणुभावा, महासोक्खा, हारविराइयवच्छा, कडगतुडियर्थभियभुया, अंगदकुंडलमट्ठगंडतलकन्नपीढधारी, विचित्तहत्थाभरणा, विचित्तमालामउलिमउडा, कल्लाणगपवरवत्थपरिहिया, कल्लाणगपवरमल्लाणुलेवणधरा, भासुरबोंदी, पलंबवणमालधरा, दिव्वेणं वन्नेणं दिव्वेणं गंधेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघयणेणं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाए इड्डीए दिव्वाए जुईए दिव्वाए पभाए दिव्वाए छायाए दिव्वाए अच्चीए दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं साणं भवणावाससयसहस्साणं, साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं, साणं साणं तायत्तीसाणं, साणं साणं लोगपालाणं, साणं साणं अग्गमहिसीणं, साणं साणं परिसाणं, साणं साणं अणियाणं, साणं साणं अणियाहिवईणं, साणं साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं भवणवासीणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणा, पालेमाणा, महया हयनगीयवाइयतंतितलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति ॥ १०६ ॥ कहि णं भंते ! असुरकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! असुरकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरि एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अट्टहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं असुरकुमाराणं देवाणं चउसद्धिं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा, अंतो चउरंसा, Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं अहे पुक्खरकन्नियासंठाणसंठिया, उकिन्नंतरविउलगंभीरखायफलिहा, पागारद्यालयकवाडतोरणपडिदुवारदेसभागा, जंतसयग्घिमुसलमुसंढिपरियारिया, अउज्झा, सयाजया, सयागुत्ता, अडयालकोट्ठगरइया, अडयालकयवणमाला, खेमा, सिवा, किंकरामरदंडोवरक्खिया, लाउल्लोइयमहिया, गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितला, उवचियचंदणकलसा, चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागा, आसत्तोसत्तविउलवध्वग्धारियमल्लदामकलावा, पंचवन्नसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिया, कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुक्कडझंतधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामा, सुगंधवरगंधिया, गंधवट्टिभूया, अच्छरगणसंघसंविकिन्ना, दिव्वतुडियसहसंपणइया, सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्टा, मट्ठा, णीरया, निम्मला, निप्पंका, निकंकडच्छाया, सप्पभा, सस्सिरीया, समरीइया, सउज्जोया, पासादीया, दरिसणिजा, अभिरूवा, पडिरूवा; एत्थ णं असुरकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । उववाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेजइभागे, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे, तत्थ णं बहवे असुरकुमारा देवा परिवसंति । काला, लोहियक्खबिंबोटा, धवलपुप्फदंता, असियकेसा, वामेगकुंडलधरा, अद्दचंदणाणुलित्तगत्ता, ईसिसिलिंधपुप्फप्पगासाइं असंकिलिट्ठाई सुहुमाई वत्थाई पवरपरिहिया, वयं च पढमं समइकंताबिइयं च वयं असंपत्ता, भद्दे जोव्वणे वठ्माणा, तलभंगयतुडियपवरभूसणणिम्मल, मणिरयणमंडियभुया, दसमुद्दामंडियग्गहत्था, चूडामणिविचित्तचिंधगया, सुरूवा, महिड्डिया, महज्जुइया, महायसा, महब्बला, महाणुभागा, महासोक्खा, हारविराइयवच्छा, कडयतुडियथंभियभुया, अंगयकुंडलमट्ठगंडयलकनपीढधारी, विचित्तहत्थाभरणा, विचित्तमालामउलिमउडा, कल्लाणगपवरवत्थपरिहिया, कल्लाणगमल्लाणुलेवणधरा, भासुरवोंदी, पलंबवणमालधरा, दिव्वेणं वन्नेणं दिव्वेणं गंधेणं दिव्वेणं फासेणं दिव्वेणं संघयणेणं दिव्वेणं संठाणेणं दिव्वाए इड्डीए दिव्वाए जुईए दिव्वाए पभाए दिव्वाए छायाए दिवाए अच्चीए दिव्वेणं तेएणं दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा पभासेसाणा, ते णं तत्थ साणं साणं भवणावाससयसहस्साणं साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं साणं साणं तायत्तीसाणं साणं साणं लोगपालाणं साणं साणं अग्गमहिसीणं साणं २ परिसाणं साणं साणं अणियाणं साणं साणं अणियाहिवईणं साणं साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अन्नेसिं च बहूणं भवणवासीणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणा, पालेमाणा, महया हयनदृगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाई भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति । चमरबलिणो इत्थ दुवे असुरकुमारिंदा असुरकुमार Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ दा० असुरकुमारवण्णणं] सुत्तागमे रायाणो परिवसंति । काला, महानीलसरिसा, णीलगुलियगवलअयसिकुसुमप्पगासा, वियसियसयवत्तणिम्मलईसिसियरत्ततंबणयणा, गरुलाययउजुतुंगनासा, उवचियसिलप्पवालबिंबफलसंनिभाहरोठा, पंडुरससिसगलविमलनिम्मलदहिधणसंखगोक्खीरकुंददगरयमुणालियाधवलदंतसेढी, हुयवहनिद्धतधोयतत्ततवणिजरत्ततलतालुजीहा, अंजणघणकसिणगरुयगरमणिज्जणिद्धकेसा, वामेगकुंडलधरा, अद्दचंदणाणुलित्तगत्ता, ईसिसिलिंधपुप्फप्पगासाइं असंकिलिट्ठाई सुहुमाई वत्थाई पवरपरिहिया, वयं च पढमं समइक्ता, बिइयं च असंपत्ता, भद्दे जोव्वणे वट्टमाणा, तलभंगयतुडियपवरभूसण'णिम्मलमणिरयणमंडियभुया, दसमुद्दामंडियग्गहत्था, चूडामणिचित्तचिंधगया, सुरुवा, महिड्डिया, महजुईया, महायसा, महाबला, महाणुभागा, महासोक्खा, हारविराइयवच्छा, कडयतुडियर्थभियभुया, अंगदकुंडलमट्ठगंडतलकन्नपीढधारी, विचित्तहत्थाभरणा, विचित्तमालामउलिमउडा, कल्लाणगपवरवत्थपरिहिया, कल्लाणगपवरमल्लाणुलेवणधरा, भासुरबोंदी, पलंबवणमालधरा, दिव्वेणं वन्नेणं, दिवेणं गंधेणं, दिव्वेणं फासेणं, दिव्वेणं संघयणेणं, दिव्वेणं संठाणेणं, दिव्वाए इड्डीए, दिव्वाए जुईए, दिव्वाए पभाए, दिव्वाए छायाए, दिव्वाए अच्चीए, दिव्वेणं तेएणं, दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा, पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं साणं भवणावाससयसहस्साणं, साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं, साणं साणं तायत्तीसाणं, साणं साणं लोगपालाणं, साणं साणं अग्गमहिसीणं, साणं साणं परिसाणं, साणं साणं अणियाणं, साणं साणं अणियाहिवईणं, साणं साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं भवणवासीणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणा, पालेमाणा, महया हयनगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति ॥ १०७॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं असुरकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते! दाहिणिल्ला असुरकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अट्टहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं दाहिणिल्लाणं असुरकुमाराणं देवाणं चउत्तीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा, अंतो चउरंसा सो चेव वण्णओ जाव पडिरूवा । एत्थ णं दाहिणिल्लाणं असुरकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तीसुवि लोगस्स असंखेजइभागे। तत्थ णं बहवे दाहिजिल्ला असुरकुमारा देवा देवीओ य परिवसंति । काला, लोहियक्खा तहेव जाव Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३०२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं भुंजमाणा विहरंति । एएसि णं तहेव तायत्तीसगलोगपाला भवन्ति । एवं सव्वत्थ भाणियव्वं । भवणवासीणं चमरे इत्थ असुरकुमारिंदे असुरकुमारराया परिवसइ काले महानीलसरिसे जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ चउतीसाए भवणावाससयसहस्साणं, चउसकीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउन्हं लोगपालाणं, पंचण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिन्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणियाणं, सत्तण्हं अणियाहिवईणं, चउण्ह य चउसट्ठीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं बहूणं दाहिणिल्लाणं देवाणं देवीण य आहेवश्चं पोरेवचं जाव विहरइ ॥ १०८ ॥ कहि णं भंते! उत्तरलाणं असुरकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते! उत्तरिला असुरकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयण सय सहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मझे अत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं उत्तरिल्लाणं असुरकुमाराणं देवाणं तीसं भवणावाससय सहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा, अंतो चउरंसा, सेसं जहा दाहिणिल्लाणं जाव विहरंति । बली एत्थ वइरोयणिंदे वइरोयणराया परिवसइ, काले महानीलसरिसे जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ तीसा भवणावाससयसहस्साणं, सट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, उन्हं लोगपालाणं, पंचन्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिन्हं परिसाणं, सत्तह अणियाणं, सत्तण्हं अणियाहिवईणं, चउण्ह य सद्वीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं उत्तरिल्लाणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं कुवमाणे विहरइ ॥ १०९ ॥ कहि णं भंते ! नागकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पत्ता? कहि णं भंते! नागकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसय सहस्सबाहल्लाए उवरिं एवं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अद्वहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं नागकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं चुलसीइभवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वहा, अंतो चउरंसा जाव पडिरूवा । तत्थ गागकुमाराणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तीसु वि लोगस्स असंखेज्जइभागे । तत्थ णं बहवे नागकुमारा देवा परिवसंति, महिड्डिया, महज्जुइया, सेसं जहा ओहियाणं जाव विहरति । धरणभूयाणंदा एत्थ णं दुवे नागकुमारिंदा णागकुमाररायाणो परिवसंति महिडिया सेसं जहा ओहियाणं जाव विहरंति ॥ ११० ॥ कहि णं भंते! दाहिणिल्लाणं नागकुमाराणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२ दा०सुवण्ण०ठाणपुच्छा] सुत्तागमे ३०३ णं भंते ! दाहिणिल्ला नागकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हिट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वजित्ता मज्झे अट्रहत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं दाहिणिल्लाणं नागकुमाराणं देवाणं चउयालीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा जाव पडिरूवा । एत्थ णं दाहिणिलाणं नागकुमाराणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता, तीसु वि लोयस्स असंखेजइभागे, एत्थ णं दाहिणिला नागकुमारा देवा परिवसंति, महिड्डिया जाव विहरति । धरणे इत्थ नागकुमारिंदे नागकुमारराया परिवसइ, महिड्डिए जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ चउयालीसाए भवणावाससयसहस्साणं, छण्हं सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउण्हं लोगपालाणं, छण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणियाणं, सत्तण्हं अणियाहिवईणं, चउव्वीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं दाहिणिल्लाणं नागकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं कुवमाणे विहरइ ॥ १११ ॥ कहि णं भंते उत्तरिल्लाणं णागकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! उत्तरिल्ला णागकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए असीउत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उवरिं एगं जोयणसहस्सं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसहस्सं वज्जित्ता मज्झे अठ्ठहुत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं उत्तरिल्लाणं नागकुमाराणं देवाणं चत्तालीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा सेसं जहा दाहिणिल्लाणं जाव विहरंति । भूयाणंदे एत्थ नागकुमारिंदे नागकुमारराया परिवसइ, महिड्डिए जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ चत्तालीसाए भवणावाससयसहस्साणं आहेवच्चं जाव विहरइ ॥ ११२ ॥ कहि णं भंते ! सुवन्नकुमाराणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव एत्थ णं सुवन्नकुमाराणं देवाणं बावत्तीरं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा जाव पडिरूवा । तत्थ णं सुवन्नकुमाराणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता जाव तिसु वि. लोयस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति महिड्डिया सेसं जहा ओहियाणं जाव विहरति । वेणुदेवे वेणुदाली य इत्थ दुवे सुवण्णकुमारिंदा सुवण्णकुमाररायाणो परिवसंति, महिड्डिया जाव विहरंति ॥ ११३ ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं सुवण्णकुमाराणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! दाहि Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३०४ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं "णिल्ला सुवण्णकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे जाव मज्झे अहत्तरे जोयणसयसहस्से एत्थ णं दाहिणिलाणं सुवण्णकुमाराणं अठ्ठत्तीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा बाहिं वट्टा जाव पडिरूवा । एत्थ णं दाहिणिलाणं सुवण्णकुमाराणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । एत्थ णं वहवे सुवण्णकुमारा देवा परिवसंति । वेणुदेवे य इत्थ सुवन्नकुमारिन्दे सुवन्नकुमारराया परिवसइ, सेसं जहा नागकुमाराणं ॥ ११४ ॥ कहि णं भन्ते ! उत्तरिलाणं सुवन्नकुमाराणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! उत्तरिला सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए जाव एत्थ णं उत्तरिलाणं सुवन्नकुमाराणं चउतीसं भवणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा जाव एत्थ णं बहवे उत्तरिल्ला सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति, महिड्डिया जाव विहरंति । वेणुदाली इत्थ सुवनकुमारिंदे सुवन्नकुमारराया परिवसइ, महिड्डिए सेसं जहा नागकुमाराणं । एवं जहा सुवन्नकुमाराणं वत्तव्वया भणिया तहा सेसाण वि चउदसण्हं इंदाणं भाणियव्वा । नवरं भवणणाणत्तं इंदणाणत्तं वण्णणाणत्तं परिहाणणाणत्तं च इमाहिं गाहाहिं अणुगंतव्वं-चउसद्धिं असुराणं चुलसीयं चेव होंति नागाणं । बावत्तरि सुवन्ने वाउकुमाराण छन्नउई ॥ १ ॥ दीवदिसाउदहीणं विजुकुमारिंदथणियमग्गीणं । छण्हंपि जुयलयाणं छावत्तरिमो सयसहस्सा ॥ २ ॥ चउतीसा चउयाला अट्टत्तीसं च सयसहस्साइं । पन्ना चत्तालीसा दाहिणओ हुंति भवणाई ॥ ३ ॥ तीसा चत्तालीसा चउतीसं चेव सयसहस्साई । छायाला छत्तीसा उत्तरओ हुंति भवणाई ॥ ४ ॥ चउसट्ठी सट्ठी खलु छच सहस्साई असुरवज्जाणं । सामाणिया उ एए चउग्गुणा आयरक्खा उ ॥ ५ ॥ चमरे धरणे तह वेणुदेवें हरिकंतअग्गिसीहे य। पुन्ने जलकंते य अमियविलम्बे य घोसे य ॥ ६ ॥ बलिभूयाणंदे वेणुदालिहरिस्सहे अग्गिमाणवविसिढे । जलपह तहऽमियवाहणे पभंजणे य महाघोसे ॥ ७ ॥ उत्तरिल्लाणं जाव विहरति । काला असुरकुमारा नागा उदही य पंडुरा दो वि । वरकणगनिघसगोरा हुँति सुवन्ना . "दिसा थणिया ॥ ८ ॥ उत्तत्तकणगवन्ना विजू अग्गी य होति दीवा य । सामा 'पियंगुवन्ना वाउकुमारा मुणेयव्वा ॥ ९ ॥ असुरेसु हुँति रत्ता सिलिंधपुप्फप्पभा य नागुदही । आसासगवसणधरा होति सुवन्ना दिसा थणिया ॥ १० ॥ नीलाणुरागवसणा विजू अग्गी य हुति दीवा य । संझाणुरागवसणा वाउकुमारा मुणेयव्वा ॥ ११ ॥ ११५ ॥ कहि णं भंते ! वाणमंतराणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नता ? कहि णं भंते ! वाणमंतरा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ०२ वाणमंतरठाणा ] सुत्तागमे ३०५ पुढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहलस्स उबरिं एगं जोयणसयं ओगाहित्ता हिट्ठा वि एगं जोयणसयं वज्जित्ता मज्झे अट्ठसु जोयणसएस एत्थ णं वाणमंतराणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा भोमेज्जनयरावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भोमेजा गयरा बाहिं वहा, अंतो चउरंसा, अहे पुक्खरकन्नियासंठाणसंठिया, 'उक्किन्नंतर विउलगंभीरखाय फलिहा, पागारहालयकवाडतोरणपडिदुवार देसभागा, जंतसयग्धिमुसलमुसंढिपरिवारिया, अउज्झा, सयाजया, सयागुत्ता, अडयालकोट्ठगरइया, अडयालकयवणमाला, खेमा, सिवा, किंकरामरदंडोवरक्खिया, लाउलोइयमहिया, गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितला, उवचियचंदणकलसा, चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागा, आसत्तोसत्तविउलववग्वारियमल्लदामकलावा, पंचवण्णसरससु रहिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिया, कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्क धूवमघमघंतगंधुद्धुयाभिरामा, सुगंधवरगंधिया, गंधवट्टिभूया, अच्छरगणसंघसंविकिन्ना, दिव्वतुडियसद्दसंपणइया, पडागमालाउला भिरामा, सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, लहा, घट्टा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निक्कंकडच्छाया, सप्पहा, सस्सिरीया, समरीइया, सउज्जोया, पासाइया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा । एत्थ णं वाणमन्तराणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोयस्स असंखेज्जइभागे । तत्थ णं बहवे वाणमंतरा देवा परिवसंति । तंजहा -- पिसाया, भूया, जक्खा, रक्खसा, किंनरा, किंपुरिसा, भुयगवइणो महाकाया, गन्धव्वगणा य निरणगंधव्वगीयरइणो, अणवन्नियपणवन्नियइसिवाइयभूयवाइयकंदियमहाकंदिया य कुहंडपयंगदेवा, चंचलचलचवलचित्त कीलणदवप्पिया, गहिरहसियगीयणच्चणरई, वर्णमाला मेलमउडकुंडल सच्छंदविउब्वियाभरणचारुभूसणधरा, सव्वोउयसुरभिकुसुमसुरइयपलंबसोहंतकंतविहसंतचित्तवणमालरइयवच्छा, कामगमा [ कामकामा], कामरूवदेहधारी, णाणाविहवण्णरांगवरवत्थविचित्तचिललगनियंसणा, विविहदेसिनेवत्थगहियवेसा, पमुइयकंदप्पकलह के लिकोलाहलप्पिया, हासबोलबहुला, असिमुग्गरसत्तिकुंत हत्था, अणेगमणिरयणविविहणिज्जु त्तविचित्तचिधगया, महिड्डिया, महज्जुइया, महायसा, महाबला, महाणुभागा, महासुक्खा, हारविराइयवच्छा, कडयतुडिय - भयभुया, अंगयकुंडलमट्टगंडयलकन्नपीढधारी, विचित्तहत्थाभरणा, विचित्तमाला-मउलिउडा, कलाणगपवरवत्थपरिहिया, कल्लाणगपवरमल्लाणुलेवणधरा, भासुरबोंदी, पलंबवणमालधरा, दिव्वेणं वन्नेणं, दिव्वेणं गंधेणं, दिव्वेणं फासेणं, दिव्वेणं संघय णं, दिव्वेणं संठाणेणं, दिव्वाए इढीए, दिव्वाए जुईए, दिव्वाए पभाए, दिव्वाए छायाए, दिव्वा अच्चीए, दिव्वेणं तेएणं, दिव्त्राए लेस्साए दस दिसाओ उज्जोवे - २० सुत्ता० Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३०६ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं माणा, पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं साणं असंखेजभोमेजनयरावाससयसहस्साणं, साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं, साणं साणं अग्गमहिसीणं, साणं साणं परिसाणं, साणं साणं अणीयाणं, साणं साणं अणीयाहिवईणं, साणं साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं वाणमंतराणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणा, पालेमाणा, महया हयनट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति ॥ ११६ ॥ कहि णं भंते ! पिसायाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! पिसाया देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहल्लस्स उवरिं एगं जोयणसयं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं जोयणसयं वज्जित्ता मज्झे अट्ठसु जोयणसएसु एत्थ णं पिसायाणं देवाणं तिरियमसंखेजा भोमेजनयरावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । तेणं भोमेजनयरा बाहिं वटा जहा ओहिओ भवणवण्णओ तहा भाणियव्वो जाव पडिरूवा । एत्थं णं पिसायाणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ बहवे पिसाया देवा परिवसंति, महिड्डिया जहा ओहिया जाव विहरन्ति । कालमहाकाला इत्थ दुवे पिसाइंदा पिसायरायाणो परिवसंति, महिड्डिया महजुइया जाव विहरंति ॥ ११७ ॥ कहि णं भंते ! दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवाणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! दाहिणिला पिसाया देवा परिवसंति ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहल्लस्स उवरि एगं जोयणसयं ओगाहित्ता हेट्ठा चेगं. जोयणसयं वजित्ता मज्झे अट्ठसु जोयणसएसु एत्थ णं दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवाणं तिरियमसंखेजा भोमेजनयरावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं भवणा जहा ओहिओ भवणवण्णओ तहा भाणियव्वो जाव पडिरूवा । एत्थ णं दाहिणिल्लाणं पिसायाणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे दाहिणिल्ला पिसाया देवा परिवसंति, महिड्डिया जहा ओहिया जाव विहरंति । काले एत्थ पिसाइंदे पिसायराया परिवसइ, महिड्डिए जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ तिरियमसंखेजाणं भोमेजनयरावाससयसहस्साणं, चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं, चउण्ह य अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणियाणं, सत्तण्हं अणियाहिवईणं, सोलसहं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं दाहिणिल्लाणं वाणमंतराणं देवाण य देवीण य आहेवचं जाव विहरइ । उत्तरिलाणं पुच्छा। गोयमा ! जहेव दाहिणिल्लाणं वत्तव्वया तहेव उत्तरि Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ जोइसियविमाणवण्णओ] सुत्तागमे ३०७ लाणं पि । णवरं मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं । महाकाले एत्थ पिसाइंदे पिसायराया परिवसइ जाव विहरइ। एवं जहा पिसायाणं तहा भूयाणं पि जाव गंधव्वाणं । नवरं इंदेसु णाणत्तं भाणियव्वं इमेण विहिणा-भूयाणं सुरूवपडिरूवा, जक्खाणं पुण्णभद्दमाणिभद्दा, रक्खसाणं भीममहाभीमा, 'किन्नराणं किन्नरकिंपुरिसा, किंपुरिसाणं सप्पुरिसमहापुरिसा, महोरगाणं अइकायमहाकाया, गंधव्वाणं गीयरइगीयजसा जाव विहरन्ति । काले य महाकाले सुरूवपडिरूवपुण्णभद्दे य । तह चेव माणिभद्दे भीमे य तहा महाभीमे ॥ १॥ किन्नरकिंपुरिसे खलु सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे । अइकायमहाकाए गीयरई चेव गीयजसे ॥ २ ॥ ११८ ॥ कहि णं भंते ! अणवन्नियाणं देवाणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! अणवन्निया देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए रयणामयस्स कंडस्स जोयणसहस्सबाहलस्स उवरिं हेट्ठा य एगं जोयणसयं सयं वजेत्ता मज्झे अट्ठसु जोयणसएसु एत्थ णं अणवन्नियाणं देवाणं तिरियमसंखेजा णयरावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं जाव पडिरूवा । एत्थ णं अणवन्नियाणं देवाणं ठाणा पन्नत्ता। उववाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, समुग्घाएणं लोयस्स असंखेज्जइभागे, सट्ठाणेणं लोयस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे अणवन्निया देवा परिवसंति । महिड्डिया जहा पिसाया जाव विहरति । सण्णिहियसामाणा इत्थ दुवे अणवन्निंदा अणवन्नियरायाणो परिवसंति । महिड्डिया, एवं जहा कालमहाकालाणं दोण्हं पि दाहिणिल्लाणं उत्तरिल्लाण य भणिया तहा सण्णिहियसामाणाणं पि भाणियव्वा। संगहणीगाहा–अणवन्नियपणवन्नियइसिवाइयभूयवाइया चेव। कंदिय महाकंदिय कोहंड पयंगए चेव ॥१॥ इमे इंदा-संनिहिया सामाणा धायविधाए इसी य इसिवाले । ईसरमहेसरे विय हवइ सुवच्छे विसाले य ॥ २॥ हासे हासरई चेव सेए तहा भवे महासेए । पयए पयगवई विय नेयव्वा आणुपुव्वीए ॥ ३ ॥ ११९ ॥ कहि णं भंते ! जोइसियाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! जोइसिया देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्तणउए जोयणसए उड्ढे उप्पइत्ता दसुत्तरजोयणसयबाहल्ले तिरियमसंखेजे जोइसविसए । एत्थ णं जोइसियाणं देवाणं तिरियमसंखेजा जोइसियविमाणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं विमाणा अद्धकविठ्ठगसंठाणसंठिया, सव्वफालिहमया, अब्भुग्गयमूसियपहसिया इव विविहमणिकणगरयणभत्तिचित्ता, वाउद्भुयविजयवेजयंतीपडागाछत्ताइछत्तकलिया, . तुंगा, गगणतलमभिलंघमाणसिहरा, जालंतररयणपंजलुम्मिलियब्व मणिकणगथूभियागा, वियसियसयवत्तपुंडरीया, तिलयरयणड्डचंदचित्ता, नाणामणिमयदामालंकिया, Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुतागमे [ पण्णवणासुतं ३०८ अंतो बहिं च सण्हा, तवणिज्जरुइलवालुयापत्थडा, सुहफासा, सस्सिरीया, सुरुवा, पासाइया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा । एत्थ णं जोइसियाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेज्जइभागे । तत्थ णं बहवे जोइसिया देवा परिवसंति । तं जहा - बहस्सई, चंदा, सूरा, सुक्का, सणिच्छरा, राहू, धूमकेऊ, हा, अंगारगा, तत्ततवणिज्जकणगवण्णा जे य गहा जोइसम्मि चारं चरंति केऊ य गइरइया अट्ठावीस विहा नक्खत्तदेवयगणा, णाणासंठाणसंठियाओ पंचवन्नाओ तारयाओ ठियलेसाचारिणो, अविस्साममंडलगई, पत्तेयनामंकपागडियचिंधमउडा महिड्डिया जाव पभासेमाणा । ते णं तत्थ साणं साणं विमाणावास सय सहस्साणं, साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं साणं साणं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, साणं साणं परिसाणं, साणं साणं अणियाणं, साणं साणं अणियाहिवईणं, साणं साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं जोइसियाणं देवाणं देवीण य आहेवच्चं जाव विहरति । चंदिमसूरिया इत्थ दुवे जोइसिंदा जोइसियरायाणो परिवसंति, महिड्डिया जाव पभासेमाणा । तेणं तत्थ साणं साणं जोइसियविमाणावाससय सहस्साणं, चउन्हं सामाणियसाहस्सीणं, चउण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिन्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणीयाणं, सत्तण्हं अणीयाहिवईणं, सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं जोइसियाणं देवा देवीण य आहेवच्चं जाव विहरति ॥ १२० ॥ कहि णं भंते ! वैमाणियाणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! वेमाणिया देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ उड्डुं चंदिमसूरियगहणक्खत्ततारारूवाणं बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साइं बहूई जोयणसयसहस्साइं बहुगाओ जोयणकोडीओ बहुगाओ जोयणकोडाकोडीओ उड्डुं दूरं उपत्ता एत्थ णं सोहम्मीसाण सणकुमारमाहिंदबंभलोयलंतगमहासुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणच्चुयगेवेज्जणुत्तरेसु एत्थ णं वेमाणियाणं देवाणं चउरा सीइविमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउई च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवन्तीति मक्खायं । तेणं विमाणा सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्टा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निक्कंकडच्छाया, सप्पभा, सस्सिरीया, सउज्जोया, पासादीया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा । एत्थ णं वेमाणियाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोयस्स असंखेज्जइभागे । तत्थ णं बहवे वेमाणिया देवा परिवसंति । तंजा-सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलोगलंतगमहासुक्क सहस्सारआणयपाणयआरणच्चुयगेवेज्जणुत्तरोववाइया देवा, ते णं मिगमहिसवराहसीहछगलदद्दुरहयगयवइभुयगखग्गउसभविडिमपागडियचिंधमउडा, पसिढिलवरमउडकिरीडधारिणो, वरकुंड Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ सकिंदवत्तव्वया] सुत्तागमे लुजोइयाणणा, मउडदित्तसिरया, रत्ताभा, पउमपम्हगोरा, सेया, सुहवन्नगंधफासा, उत्तमवेउविणो, पवरवत्थगंधमल्लाणुलेवणधरा, महिड्डिया, महज्जुइया, महायसा, महाबला, महाणुभागा, महासोक्खा, हारविराइयवच्छा, कडयतुडियथंभियभुया, अंगदकुंडलमट्ठगंडतलकन्नपीढधारी, विचित्तहत्थाभरणा, विचित्तमालामउलिमउडा, कल्लाणगपवरवत्थपरिहिया, कल्लाणगपवरमल्लाणुलेवणा, भासुरबोंदी, पलंबवणमालधरा, दिव्वेणं वन्नेणं, दिव्वेणं गंधेणं, दिव्वेणं फासेणं, दिव्वेणं संघयणेणं, दिव्वेणं संठाणेणं, दिव्वाए इड्डीए, दिव्वाए जुईए, दिव्वाए पभाए, दिव्वाए छायाए, दिव्वाए अच्चीए, दिव्वेणं तेएणं, दिव्वाए लेसाए दस दिसाओ उज्जोवेमाणा, पभासेमाणा, ते णं तत्थ साणं साणं विमाणावाससयसहस्साणं, साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं, साणं साणं तायत्तीसगाणं, साणं साणं लोगपालाणं, साणं साणं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, साणं साणं परिसाणं, साणं साणं अणियाणं, साणं साणं अणियाहिवईणं, साणं साणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नसिं च बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं जाव दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरंति ॥१२१॥ कहि णं भंते ! सोहम्मगदेवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! सोहम्मगदेवा परिवसंति ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ जाव उड़े दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं सोहम्मे णामं कप्पे पन्नत्ते । पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे, अद्धचंदसंठाणसंठिए, अच्चिमालिभासरासिवण्णाभे, असंखेजाओ जोयणकोडीओ असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं, असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं, सव्वरयणामए, अच्छे जाव पडिरूवे । तत्थ णं सोहम्मगदेवाणं बत्तीसविमाणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं विमाणा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । तेसि णं विमाणाणं बहुमज्झदेसभागे पंच वडिंसया पन्नत्ता, तंजहा–असोगवडिंसए, सत्तवण्णवडिंसए, चंपगवडिंसए, चूयवडिंसए, मज्झे इत्थ सोहम्मवडिंसए । ते णं वडिंसया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । एत्थ णं सोहम्मगदेवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे सोहम्मगदेवा परिवसंति महिड्डिया जाव पभासेमाणा । ते णं तत्थ साणं साणं विमाणावाससयसहस्साणं, साणं साणं सामाणियसाहस्सीणं, एवं जहेव ओहियाणं तहेव एएसिं पि भाणियव्वं जाव आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं सोहम्मगकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवचं जाव विहरति । सक्के इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ, वजपाणी, पुरंदरे, सयकऊ, Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३१० [पण्णवणासुतं सहस्सक्खे, मघवं, पागसासणे, दाहिणड्डलोगाहिवई, बत्तीसविमाणावाससयसहस्साहिवई, एरावणवाहणे, सुरिंदे, अरयंबरवत्थधरे, आलइयमालमउडे, नवहेमचारुचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्जमाणगंडे, महिड्डिए जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसहस्साणं, चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउण्हं लोगपालाणं, अट्ठण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणीयाणं, सत्तण्डं अणीयाहिवईणं, चउण्हं चउरासीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं जाव कुव्वमाणे० विहरइ ॥ १२२ ॥ कहि णं भंते ! ईसाणाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! ईसाणगदेवा परिवसंति ?, गोयमा ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उद्धं चंदिमसूरियगहणक्खत्ततारारूवाणं बहूई जोयणसयाई बहूइं जोयणसहस्साइं जाव उई उप्पइत्ता एत्थ णं ईसाणे णामं कप्पे पन्नत्ते । पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे, एवं जहा सोहम्मे जाव पडिरूवे। तत्थ णं ईसाणगदेवाणं अट्ठावीसं विमाणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं विमाणा सव्वरयणामया जाव पडिरूवा । तेसि णं बहुमज्झदेसभागे पंच वडिंसया पन्नत्ता । तंजहा-अंकवडिंसए, फलिहवर्डिसए, रयणवडिंसए, जायख्ववडिंसए, मज्झे इत्थ ईसाणवडिंसए। ते णं वडिंसया सव्वरयणामया जाव पडिरूवा । एत्थ णं ईसाणगदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । सेसं जहा सोहम्मगदेवाणं जाव विहरति । ईसाणे इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ, सूलपाणी, वसहवाहणे, उत्तरकुलोगाहिवई, अट्ठावीसविमाणावाससयसहस्साहिवई, अरयंबरवत्थधरे, सेसं जहा सकस्स जाव पभासेमाणे । से णं तत्थ अट्ठावीसाए विमाणावाससयसहस्साणं, असीईए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउण्हं लोगपालाणं, अट्ठण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिहं परिसाणं, सत्तण्हं अणियाणं, सत्तण्हं अणियाहिवईणं, चउण्हं असीईणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं ईसाणकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवचं जाव विहरइ ॥ १२३ ॥ कहि णं भंते ! सणंकुमारदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि ण भंते ! सणंकुमारा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! सोहम्मस्स कप्पस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसिं बहूइं जोयणाई बहूइं जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साइं बहूइं जोयणसयसहस्साइं बहुगाओ जोयणकोडीओ बहुगाओ जोयणकोडाकोडीओ उद्धं दूर उप्पइत्ता एत्थ णं सणंकुमारे णामं कप्पे पन्नत्ते । Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ लंतगदेवठाणपुच्छा] सुत्तागमे ३११ पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे जहा सोहम्मे जाव पडिरूवे । तत्थ णं सणंकुमाराणं देवाणं बारस विमाणावाससयसहस्सा भवन्तीति मक्खायं । ते णं विमाणा सव्वरयणामया जाव पडिरूवा । तेसि णं विमाणाणं बहुमज्झदेसभागे पंच वडिंसगा पन्नत्ता। तंजहा–असोगवडिंसए, सत्तवन्नवडिंसए, चंपगवडिंसए, चूयवडिंसए, मज्झे एत्थ सणंकुमारवडिंसए । ते णं वडिंसया सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । एत्थ णं सणंकुमारदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता। तिसु वि लोगस्स असंखेज्जइभागे । तत्थ णं बहवे सणंकुमारदेवा परिवसंति, महिड्डिया जाव पभासेमाणा विहरंति । नवरं अग्गमहिसीओ णस्थि । सणंकुमारे इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ । अरयंबरवत्थधरे, सेसं जहा सक्कस्स । से णं तत्थ बारसण्हं विमाणावाससयसहस्साणं, बावत्तरीए सामाणियसाहस्सीणं सेसं जहा सक्कस्स अग्गमहिसीवजं । नवरं चउण्हं बावत्तरीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाव विहरइ ॥ १२४ ॥ कहि णं भंते ! माहिंददेवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा. पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! माहिंदगदेवा परिवसंति?, गोयमा! ईसाणस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं बहूइं जोयणाइं जाव बहुयाओ जोयणकोडाकोडीओ उड़े दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं माहिंदे नामं कप्पे पन्नत्ते पाईणपडीणायए जाव एवं जहेव सणंकुमारे । नवरं अट्ठ विमाणावाससयसहस्सा । वडिंसया जहा ईसाणे । नवरं मज्झे इत्थ माहिंदवडिंसए, एवं जहा सणंकुमाराणं देवाणं जाव विहरंति । माहिंदे इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ, अरयंबरवत्थधरे, एवं जहा सणंकुमारे जाव विहरइ । नवरं अट्ठण्हं विमाणावाससयसहस्साणं, सत्तरीए सामाणियसाहस्सीणं, चउहं सत्तरीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाव विहरइ ॥ १२५ ॥ कहि णं भंते ! बंभलोगदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! बंभलोगदेवा परिवसंति ?, गोयमा ! सणंकुमारमाहिदाणं कप्पाणं उप्पि सपक्खि सपडिदिसिं बहूइं जोयणाइं जाव उप्पइत्ता एत्थ णं बंभलोए नामं कप्पे पन्नत्ते, पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे, पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिए, अच्चिमालीभासरासिप्पभे, अवसेसं जहा सणंकुमाराणं । नवरं चत्तारि विमाणावाससयसहस्सा, वडिंसया जहा सोहम्मवडिंसया, नवरं मज्झे इत्थ बंभलोयवडिंसए । एत्थ णं बंभलोगदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता सेसं तहेव जाव विहरति । बंभे इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ, अरयंबरवत्थधरे, एवं जहा सणंकुमारे जाव विहरइ । नवरं चउण्हं विमाणावाससयसहस्साणं, सट्ठीए सामाणियसाहस्सीणं, चउण्हं सट्ठीए आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नसिं च बहूणं जाव विहरइ ॥ १२६ ॥ कहि णं भंते ! लंतगदेवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१२ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं कहि णं भंते ! लंतगदेवा परिवसंति ?, गोयमा ! बंभलोगस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं बहूई जोयणाई जाव बहुगाओ जोयणकोडाकोडीओ उड़े दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं लंतए नामं कप्पे पन्नत्ते पाईणपडीणायए, जहा बंभलोए । नवरं पण्णासं विमाणावाससहस्सा भवन्तीति मक्खायं । वडिंसगा जहा ईसाणवडिंसगा, नवरं मज्झे इत्थ लंतगवडिंसए, देवा तहेव जाव विहरंति । लंतए एत्थ देविंदे देवराया परिवसइ, जहा सणंकुमारे । नवरं पण्णासाए विमाणावाससहस्साणं, पण्णासाए सामाणियसाहस्सीणं, चउण्ह य पण्णासाणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नसिं च बहूणं जाव विहरइ ॥ १२७ ॥ कहि णं भंते ! महासुक्काणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! महासुक्का देवा परिवसंति ?, गोयमा ! लंतगस्स कप्पस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसिं जाव उप्पइत्ता एत्थ णं महासुक्के नामं कप्पे पन्नत्ते पाईणपडीणायए, उदीणदाहिणवित्थिण्णे, जहा बंभलोए । नवरं चत्तालीसं विमाणावाससहस्सा भवन्तीति मक्खायं । वडिंसगा. जहा सोहम्मवडिंसए जाव विहरंति । महासुक्के इत्थ देविंदे देवराया जहा सणंकुमारे । नवरं चत्तालीसाए विमाणावाससहस्साणं, चत्तालीसाए. सामाणियसाहस्सीणं, चउण्ह य चत्तालीसाणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं जाव विहरइ ॥ १२८ ॥ कहि णं भंते ! सहस्सारदेवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! सहस्सारदेवा परिवसंति ?, गोयमा ! महासुकस्स कप्पस्स उप्पि सपक्खि सपडिदिसिं जाव उप्पइत्ता एत्थ णं सहस्सारे नाम कप्पे पन्नत्ते । पाईणपडीणायए, जहा बंभलोए, नवरं छबिमाणावाससहस्सा भवन्तीति मक्खायं । देवा तहेव जाव वडिंसगा जहा ईसाणस्स वडिंसगा। नवरं मज्झे इत्थ सहस्सारवडिंसए जाव विहरंति । सहस्सारे इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ जहा सणंकुमारे । नवरं छहं विमाणावाससहस्साणं, तीसाए सामाणियसाहस्सीणं, चउण्ह य तीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं आहेवच्चं जाव कारेमाणे० विहरइ ॥ १२९॥ कहि णं भंते ! आणयपाणयाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते! आणयपाणया देवा परिवसंति ?, गोयमा! सहस्सारस्स कप्पस्स उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं जाव उप्पइत्ता एत्थ णं आणयपाणयनामा दुवे कप्पा पन्नत्ता । पाईणपडीणायया, उदीणदाहिणवित्थिण्णा, अद्धचंदसंठाणसंठिया, अच्चिमालीभासरासिप्पभा, सेसं जहा सणंकुमारे जाव पडिरूवा । तत्थ णं आणयपाणयदेवाणं चत्तारि विमाणावाससया भवन्तीति मक्खायं जाव पडिरूवा । वडिंसगा जहा सोहम्मे कप्पे। नवरं मज्झे इत्थ पाणयवडिंसए । ते णं वडिंसगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा । एत्थ णं, आणयपाणयदेवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१३ प० २ हेट्ठिमगेविज्जगदेवठाणा] सुत्तागमे लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे आणयपाणयदेवा परिवसंति महिड्डिया जाव पभासेमाणा । ते णं तत्थ साणं साणं विमाणावाससयाणं जाव विहरंति । पाणए इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ जहा सणंकुमारे । नवरं चउण्हं विमाणावाससयाणं, वीसाए सामाणियसाहस्सीणं, असीईए आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नसिं च बहूणं जाव विहरइ ॥ १३० ॥ कहि णं भंते ! आरणच्चुयाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! आरणच्चुया देवा परिवसंति ?, गोयमा आणयपाणयाणं कप्पाणं उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं एत्थ णं आरणच्चुया नाम दुवे कप्पा पन्नत्ता। पाईणपडीणायया, उदीणदाहिणवित्थिण्णा, अद्धचंदसंठाणसंठिया, अच्चिमालीभासरासिवण्णाभा, असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ आयामविक्खंभेणं, असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ परिक्खेवेणं, सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्टा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निकंकडच्छाया, सप्पभा, सस्सिरीया, सउजोया, पासादीया, दरिसणिजा, अभिरुवा, पडिस्वा । एत्थ णं आरणञ्चुयाणं देवाणं तिन्नि दिमाणावाससया भवन्तीति मक्खायं । ते णं विमाणा सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्ठा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निकंकडच्छाया, सप्पभा, सस्सिरीया, सउज्जोया, पासादीया, दरिसणिज्जा, अभिरुवा, पडिरूवा । तेसि णं विमाणाणं कप्पाणं बहुमज्झदेसभाए पंच वडिंसया पन्नत्ता । तंजहा-अंकवडिंसए, फलिहवडिंसए, रयणवडिंसए, जायरूववडिंसए, मज्झे एत्थ अच्चुयवडिंसए। ते णं वडिंसया सव्वरयणामया जाव पडिख्वा । एत्थ णं आरणच्चुयाणं देवाणं पजत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे आरणचुया देवा परिवसंति । अच्चुए इत्थ देविंदे देवराया परिवसइ, जहा पाणए जाव विहरइ । नवरं तिण्हं विमाणावाससयाणं, दसण्हं सामाणियसाहस्सीणं, चत्तालीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीणं आहेवच्चं जाव कुव्वमाणे० विहरइ । बत्तीस अट्ठवीसा बारस अट्ठ चउरो (य) सयसहस्सा । पन्ना चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे ॥१॥ आणय-. पाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणच्चुए तिन्नि । सत्त विमाणसयाई चउसु वि एएसु कप्पेसु ॥२॥ सामाणियसंगहणीगाहा-चउरासीइ असीई बावत्तरौं सत्तरी य सट्ठी य । पन्ना चत्तालीसा तीसा वीसा दस सहस्सा ॥१॥ एए चेव आयरक्खा चउरगुणा ॥ १३१॥ कहि णं भंते ! हिटिमगेविजगाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! हिडिमगेविजगा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! आरणच्चुयाणं कप्पाणं उप्पि जाव उर्दू दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं हिट्ठिमगेविजगाणं देवाणं तओ गेविजगविमाणपत्थडा पन्नत्ता। पाईणपडीणायया, उदीणदाहिणवित्थिण्णा, पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिया, अच्चिमा Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं लीभासरासिवण्णाभा, सेसं जहा बंभलोगे जाव पडिरूवा । तत्थ णं हेट्टिमगेविजगाणं देवाणं एकारसुत्तरे विमाणावाससए भवतीति मक्खायं । ते णं विमाणा सव्वरयणामया जाव पडिरूवा । एत्थ णं हेट्ठिमगेविजगाणं देवाणं पज्जत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे । तत्थ णं बहवे हेटिमगेविजगा देवा परिवसंति । सव्वे समिड्डिया, सव्वे समजुइया, सव्वे समजसा, सव्वे समबला, सव्वे समाणुभावा, महासुक्खा, अणिंदा, अपेस्सा, अपुरोहिया, अहमिंदा नाम ते देवगणा पन्नत्ता समणाउसो ! ॥ १३२ ॥ कहि णं भंते ! मज्झिमगाणं गेविजगाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! मज्झिमगेविजगा देवा परिवसंति ?, गोयमा ! हेट्ठिमगेविजगाणं उप्पिं सपक्खि सपडिदिसिं जाव उप्पइत्ता एत्थ णं मज्झिमगेविजगदेवाणं तओ गेविज्जगविमाणपत्थडा पन्नत्ता । पाईणपडीणायया जहा हेट्ठिमगेविजगाणं । नवरं सत्तुत्तरे विमाणावाससए भवतीति मक्खायं । ते णं विमाणा जाव पडिरूवा । एत्थ णं मज्झिमगेविजगाणं जाव तिसु वि लोगस्स असंखेजइभागे। तत्थ णं बहवे मज्झिमगेविजगा देवा परिवसंति जाव अहमिंदा नामं ते देवगणा पन्नत्ता समणाउसो ! ॥ १३३ ॥ कहि णं भंते ! उवरिमगेविजगाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! उवरिमगेविजगा देवा परिवसंति?, गोयमा! मज्झिमगेविज्जगाणं उप्पिं जाव उप्पइत्ता एत्थ णं उवरिमगेविनगाणं तओ गेविजगविमाणपत्थडा पन्नत्ता । पाईणपडीणायया, सेसं जहा हेछिमगेविजगाणं । नवरं एगे विमाणावाससए भवतीति मक्खायं, सेसं तहेव भाणियव्वं जाव अहमिंदा नामं ते देवगणा पन्नत्ता समणाउसो! । एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए । सयमेगं उवरिमए पंचेव अणुत्तरविमाणा ॥ १३४ ॥ कहि णं भंते ! अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं पजत्तापजत्ताणं ठाणा पन्नत्ता ? कहि णं भंते ! अणुत्तरोववाइया देवा परिवसंति ?, गोयमा ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ उर्दू चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं बहूइं जोयणसयाई, बहूइं जोयणसहस्साई, बहूई जोयणसयसहस्साइं, बहुगाओ जोयणकोडीओ, बहुगाओ जोयणकोडाकोडीओ, उड़े दूरं उप्पइत्ता सोहम्मीसाणसणंकुमार जाव आरणच्चुयकप्पा तिन्नि अट्ठारसुत्तरे गेविजगविमाणावाससए वीईवइत्ता तेण परं दूरं गया नीरया, निम्मला, वितिमिरा, विसुद्धा, पंचदिसिं पंच अणुत्तरा महइमहालया महाविमाणा पन्नत्ता । तंजहा—विजए, वेजयंते, जयंते, अपराजिए, सव्वट्ठसिद्धे । ते णं विमाणा सव्वरयणामया, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्ठा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निकंकडच्छाया, सप्पभा, Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २ सिद्धुकोसोगाहणा ] सुत्तागमे ३१५ सस्सिरीया, सउज्जोया, पासाइया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा । एत्थ णं अणुत्तरोववाइयाणं देवाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं ठाणा पन्नत्ता । तिसु वि लोगस्स असंखेइभागे । तत्थ णं बहवे अणुत्तरोववाइया देवा परिवसंति । सव्वे समिडिया... सव्वे समबला, सव्वे समाणुभावा, महासुक्खा, अणिंदा, अपेस्सा, अपुरोहिया, अहमिंदा नामं ते देवगणा पन्नत्ता समणाउसो ! ॥ १३५ ॥ कहि णं भंते! सिद्धाणं ठाणापन्नत्ता ? कहि णं भंते ! सिद्धा परिवसंति ?, गोयमा ! सव्वट्टसिद्धस्स महाविमाणस्स उवरिल्लाओ थूभियग्गाओ दुवालस जोयणे उड्डुं अबाहाए एत्थ णं ईसि - पब्भारा णामं पुढवी पन्नत्ता । पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं, एगा जोयणकोडी बायालीसं च सय सहस्साई तीसं च सयसहस्सा दोन्नि य अउणापणे जोयणसए किंचि विसेसाहिए परिक्खेवेणं पन्नत्ता । ईसिप्पब्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठ जोयणाई बाहल्लेणं पन्नत्ते । तओ अनंतरं च णं मायाए मायाए पएसपरिहाणीए परिहायमाणी परिहायमाणी सव्वेसु चरमंतेसु मच्छियपत्ताओ तणुययरी, अंगुलस्स असंखेज्जइभागं बाहल्लेणं पन्नत्ता । ईसिप्पब्भाराए णं पुढवीए दुवालस नामधिज्जा पन्नत्ता । तंजहा - ईसी इ वा, ईसि - प्पब्भारा इवा, तणू इ वा, तणुतणू इवा, सिद्धित्ति वा, सिद्धालए इ वा, मुत्तित्ति चा, मुत्तालए इ वा, लोयग्गेत्ति वा लोयग्गभियत्ति वा, लोयग्गपडिवुज्झणा इ वा, सव्वपाणभूयजीवसत्तसुहावहा इ वा । ईसिप्पब्भारा णं पुढवी सेया संखदलविमलसोत्थियमुणालदगरयतुसार गोक्खीरहारवण्णा, उत्ताणयछत्तसंठाणसंठिया, सव्वजणसुवण्णमई, अच्छा, सण्हा, लण्हा, घट्टा, मट्ठा, नीरया, निम्मला, निप्पंका, निक्कंकडच्छाया, सप्पभा, सस्सिरीया, सउज्जोया, पासाईया, दरिसणिज्जा, अभिरूवा, पडिरूवा । ईसिप्पब्भाराए णं पुढवीए सीआए जोयणम्मि लोगंतो तस्स जे से वरिले गाउए तस्स णं गाउयस्स जे से उवरिल्ले छन्भागे, एत्थ णं सिद्धा भगवंतो साइया अपज्जवसिया अणेगजाइजरामरणजोणिसंसारकलं कली भावपुणब्भवगब्भवासवसहीपवंचसमइकंता सासयमणागयद्धं कालं चिट्ठति । तत्थ विय ते अवेया अवेया निम्ममा असंगा य । संसारविप्पमुक्का पएसनिव्वत्तसंठाणा ॥ १ ॥ कहिं पहिया सिद्धा कहिं सिद्धा पइट्टिया । कहिं बोंदिं चइत्ता णं कत्थ गंतूण सिज्झइ ? ॥ २ ॥ अलोए पहिया सिद्धा लोयग्गे य पइडिया । इहं बोंदिं चइत्ता णं तत्थ गंतू सिज्झइ ॥ ३ ॥ दीहं वा हस्सं वा जं चरिमभवे हविज्ज संठाणं । तत्तो तिभागहीणा सिद्धाणोगाहणा भणिया ॥ ४ ॥ जं संठाणं तु इहं भवं चयंतस्स चरिमसमयंमि । आसी य पएसघणं तं संठाणं तहिं तस्स ॥ ५ ॥ तिन्नि सया Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं तित्तीसा धणुत्तिभागो य होइ नायव्वो । एसा खलु सिद्धाणं उक्कोसोगाहणा भणिया ॥ ६॥ चत्तारि य रयणीओ रयणी तिभागूणिया य बोद्धव्वा । एसा खलु सिद्धाणं मज्झिमओगाहणा भणिया ॥ ७॥ एगा य होइ रयणी अढेव य अंगुलाई साहि(य)या। एसा खलु सिद्धाणं जहन्नओगाहणा भणिया ॥ ८॥ ओगाहणाइ सिद्धा भवत्तिभागेण होंति परिहीणा । संठाणमणित्थंथं जरामरणविप्पमुक्काणं ॥९॥ जत्थ य एगो सिद्धो तत्थ अणंता भवक्खयविमुक्का । अन्नोऽन्नसमोगाढा पुट्ठा सव्वा वि लोगंते ॥ १० ॥ फुसइ अणंते सिद्धे सव्वपएसेहिं नियमसो सिद्धा । तेऽवि य असंखिजगुणा देसपएसेहिं जे पुट्ठा ॥ ११ ॥ असरीरा जीवघणा उवउत्ता दंसणे य नाणे य । सागारमणागारं लक्खणमेयं तु सिद्धाणं ॥ १२ ॥ केवलणाणुवउत्ता जाणंता सव्वभावगुणभावे । पासंता सव्वओ खलु केवलदिट्ठीहिऽणंताहिं ॥ १३ ॥ नवि अत्थि माणुसाणं तं सुक्खं नवि य सव्वदेवाणं । जं सिद्धाणं सुक्खं अव्वाबाहं उवगयाणं ॥ १४ ॥ सुरगणसुहं समत्तं सध्वद्धापिंडियं अणंतगुणं । नवि पावइ मुत्तिसुहं णंताहिं वग्गवग्गूहिं ॥ १५ ॥ सिद्धस्स सुहोरासी सव्वद्धापिंडिओ जइ हवेजा। सोऽणंतवग्गभइओ सव्वागासे न माइजा ॥ १६ ॥ जह णाम कोइ मिच्छो नगरगुणे बहुविहे वियाणंतो। न चएइ परिकहेडं उवमाए तहिं असंतीए ॥ १७ ॥ इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं नत्थि तस्स ओवम्मं । किंचि विसेसेणित्तो सारिक्खमिणं सुणह वोच्छं ॥ १८ ॥ जह सव्वकामगुणियं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोइ । तण्हाछुहाविमुक्को अच्छिज जहा अमियतित्तो ॥ १९ ॥ इय सव्वकालतित्ता अउलं निव्वाणमुवगया सिद्धा । सासयमव्वाबाहं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता ॥ २० ॥ सिद्धत्ति य बुद्धत्ति य पारगयत्ति व परंपरगयत्ति । उम्मुक्ककम्मकवया अजरा अमरा असंगा य ॥ २१ ॥ नित्थिन्नसव्वदुक्खा जाइजरामरणबंधणविमुक्का । अव्वाबाहं सोक्खं अणुहोंती सासयं सिद्धा ॥ २२ ॥ १३६ ॥ पनवणाए भगवईए बीयं ठाणपयं समत्तं ॥ - दिसिगइइंदियकाए जोए वेए कसायलेसा य । सम्मत्तनाणदंसणसंजयउवओगआहारे ॥१॥ भासगपरित्तपजत्तसुहुमसन्नी भवऽथिए चरिमे । जीवे य खित्तबन्धे पुग्गलमहदंडए चेव ॥ २ ॥ दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा जीवा पच्छिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया ॥ १३७ ॥ दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा पुढविक्काइया दाहिणेणं, उत्तरेणं विसेसाहिया, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, पच्छिमेणं विसेसाहिया। दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा आउक्काइया पच्छिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया। दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा तेउक्काइया दाहिणुत्तरेणं, पुरच्छिमेणं संखेजगुणा, पच्छिमेणं विसेसाहिया । दिसाणु Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०३ दा० १ पं० तिरिक्ख०] सुत्तागमे ३१७ वाएणं सव्वत्थोवा वाउक्काइया पुरच्छिमेणं, पच्छिमेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया पच्छिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया ॥ १३८ ॥ 'दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा बेइंदिया पच्छिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दक्खिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया पञ्चत्थिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा चउरिंदिया पञ्चत्थिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया ॥ १३९ ॥ दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा रयणप्पभापुढवीनेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा सक्करप्पभापुढवीनेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा वालुयप्पभापुढवीनेरइया पुरच्छिमपच्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा पंकप्पभापुढवीनेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्योवा धूमप्पभापुढवीनेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेज्जगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा तमप्पहापुढवीनेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा अहेसत्तमापुढवीनेरइया पुरच्छिमपचत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा। दाहिणेहिंतो अहेसत्तमापुढवीनेरइएहितो छट्ठीए तमाए पुढवीए नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेजगुणा, दाहिणिल्लेहिंतो तमापुढवीनेरइएहिंतो पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेज्जगुणा, दाहिणिल्लेहिंतो धूमप्पभापुढवीनेरइएहिंतो चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेजगुणा, दाहिणिल्लेहिंतो पंकप्पभापुढवीनेरइएहितो तइयाए वालुयप्पभाए पुढवीए नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेज्जगुणा, दाहिणिल्लेहिंतो वालुयप्पभापुढवीनेरइएहितो दोच्चाए सक्करप्पभाए पुढवीए नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेनगुणा, दाहिणिल्लेहिंतो सकरप्पभापुढवीनेरइएहिंतो इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइया पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेजगुणा ॥ १४० ॥ दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिंदिया तिरिक्खजोणिया पच्छिमेणं, पुरच्छिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया ॥ १४१ ॥ Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३१८ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा मणुस्सा दाहिणउत्तरेणं, पुरच्छिमेणं संखेजगुणा, पच्चत्थिमेणं विसेसाहिया ॥ १४२ ॥ दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा भवणवासी देवा पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, उत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा वाणमंतरा देवा पुरच्छिमेणं, पच्चत्थिमेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा जोइसिया देवा पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा सोहम्मे कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, उत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा ईसाणे कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, उत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा सणंकुमारे कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, उत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा माहिंदे कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, उत्तरेणं असंखेजगुणा, दाहिणेणं विसेसाहिया। दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा बंभलोए कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा लंतए कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेनगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा महासुके कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा सहस्सारे कप्पे पुरच्छिमपञ्चत्थिमउत्तरेणं, दाहिणेणं असंखेजगुणा । तेण परं बहुसमोववन्नगा समणाउसो ! ॥ १४३ ॥ दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा सिद्धा दाहिणउत्तरेणं, पुरच्छिमेणं संखेजगुणा, पञ्चत्थिमेणं विसेसाहिया ॥१ दारं ॥ १४४ ॥ एएसि णं भंते ! नेरइयाणं तिरिक्खजोणियाणं मणुस्साणं देवाणं सिद्धाण य पंचगइसमासेणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सा, नेरइया असंखेज्जगुणा, देवा असंखेजगुणा, सिद्धा अणंतगुणा, तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा ॥१४५॥ एएसि णं भंते ! नेरइयाणं तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीणं मणुस्साणं मणुस्सीणं देवाणं देवीणं सिद्धाण य अगइसमासेणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ मणुस्सीओ, मणुस्सा असंखेजगुणा, नेरइया असंखेजंगुणा, तिरिक्खजोणिणीओ असंखेनगुणाओ, देवा असंखेजगुणा, देवीओ संखेजगुणाओ, सिद्धा अणंतगुणा, तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा ॥ २ दारं ॥ १४६ ॥ एएसि णं भंते ! सइंदियाणं एगिदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिंदियाणं पंचिंदियाणं आणि दियाण य कयरे कयरेहितो. अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचिंदिया, चउरिंदिया विसेसाहिया, तेइंदिया विसेसाहिया, Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०३ दा० ३ सइंदिय० अप्पा०] सुत्तागमे बेइंदिया विसेसाहिया, अणिंदिया अणंतगुणा, एगिदिया अणंतगुणा, सइंदिया विसेसाहिया ॥ १४७ ॥ एएसि णं भंते ! सइंदियाणं एगिंदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिंदियाणं पंचिंदियाणं अपजत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचिंदिया अपजत्तगा, चउरिंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया, तेइंदिया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, बेइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया, एगिंदिया अपजत्तगा अणंतगुणा, सइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया ॥ १४८॥ एएसि णं भंते ! सइंदियाणं एगिदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिंदियाणं पंचिंदियाणं पजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा चउरिंदिया पज्जत्तगा, पंचिंदिया पजत्तगा विसेसाहिया, बेइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया, तेइंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिया, एगिदिया पजत्तगा अणंतगुणा, सइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया ॥ १४९ ॥ एएसि णं भंते ! सइंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सइंदिया अपज्जत्तगा, सइंदिया पजत्तगा संखेजगुणा । एएसि णं भंते ! एगिंदियाणं पजत्तापज्जत्ताण कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिदिया अपजत्तगा, एगिंदिया पजत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! बेइंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बेइंदिया पजत्तगा, बेइंदिया अपजत्तगा असंखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! तेइंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तेइंदिया पज्जत्तगा, तेइंदिया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! चरिंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा चउरिंदिया पज्जत्तगा. चरिंदिया अपजत्तगा असंखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! पंचिंदियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा पंचेंदिया पज्जत्तगा, पंचेंदिया अपजत्तगा असंखेजगुणा ॥ १५० ॥ एएसि णं भंते ! सइंदियाणं एगिदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिंदियाणं पंचिंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा चउरिंदिया पजत्तगा, पंचिंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिया, बेइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया, तेइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया, पंचिंदिया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, चउरिंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया, Page #395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२० सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं तेइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया, बेइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया, एगिंदिया अपजत्तगा अणंतगुणा, सइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया, एगिदिया पजत्तगा संखेजगुणा, सइंदिया पजत्तगा विसेसाहिया, सइंदिया विसेसाहिया ॥ ३ दारं ॥१५१॥ एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाणं अकाइयाण य कयरे कयरोहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया, तेउकाइया असंखेजगुणा, पुढविकाइया विसेसाहिया, आउकाइया विसेसाहिया, वाउकाइया विसेसाहिया, अकाइया अणंतगुणा, वणस्सइकाइया अणंतगुणा, सकाइया विसेसाहिया ॥ १५२ ॥ एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाणं अपजत्तगाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया अपज्जत्तगा, तेउकाइया अपजत्तगा असंखेज्जगुणा, पुढविकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया अपजत्तगा अणंतगुणा, सकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया ॥ १५३ ॥ एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाणं पज्जत्तगाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया पजत्तगा, तेउकाइया पजत्तगा असंखेज्जगुणा, पुढविकाइया पजत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया पजत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया पजत्तगा अणंतगुणा, सकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया ॥ १५४ ॥ एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पजत्तापजत्तगाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सकाइया अपजत्तगा, सकाइया पजत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं पजत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा । विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइया अपज्जत्तगा, पुढविकाइया पजत्तगा संखेनगुणा ॥ एएसि णं भंते ! आउकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसा हिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा आउकाइया अपजत्तगा, आउकाइया पजत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! तेउकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा तेउकाइया अपजत्तगा, तेउकाइया पजत्तगा संखेज्वगुणा ॥ एएसि णं भंते ! वाउकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा Page #396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दा०४ सुहुम० अप्प० पु.] सुत्तागमे ३२१ वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वाउकाइया अपजत्तगा, वाउकाइया पजत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते! वणस्सइकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपजत्तगा, वणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! तसकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गो० ! सव्वत्थोवा तसकाइया पजत्तगा, तसकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा ॥ १५५ ॥ एएसि णं भंते ! सकाइयाणं पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउकाइयाणं वाउकाइयाणं वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा, तसकाइया अपजत्तगा संखेज्जगुणा, तेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, पुढविकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, तेउकाइया पजत्तगा संखेजगुणा, पुढविकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, आउकाइया पजत्तगा विसेसाहिया, वाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा, सकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, वणस्सइकाइया पजत्तगा संखेजगुणा, सकाइया पजत्तगा विसेसाहिया, सकाइया विसेसाहिया ॥ १५६ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमनिओयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया, सुहुमपुढविकाइया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया विसेसाहिया, सुहुमनिओया असंखेजगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अणंतगुणा, सुहुमा विसेसाहिया ॥ १५७ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमअपज्जत्तगाणं सुहुमपुढविकाइयअपजत्तगाणं सुहुमआउकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमतेउकाइयअपजत्तगाणं सुहुमवाउकाइयअपजत्तगाणं सुहुमवणस्सइकाइयअपज्जत्तगाणं सुहुमनिओयअपज्जत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपजत्तगा, सुहुमपुढविकाइया अपजत्तगा विसेसा हिया, सुहुमआउकाइया अपज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया अपजत्तगा विसेसाहिया, सुहुमनिओया अपजत्तगा असंखेजगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा, सुहुमा अपजत्तगा विसेसाहिया ॥ १५८ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमपज्जत्तगाणं सुहुमपुढविकाइयपज्जत्तगाणं सुहुमआउकाइयपजत्तगाणं सुहुमतेउकाइयपज्जत्तगाणं सुहुमवाउकाइयपजत्तगाणं सुहुमवणस्सइकाइयपजत्तगाणं सुहुमनिओयपजत्तगाण य कयरे २१ सुत्ता. Page #397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया पज्जत्तगा, सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, सुहुमनिओया पज्जत्तगा असंखेज्जगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तगा अनंतगुणा, सुहुमपज्जत्तगा विसेसाहिया ॥ १५९ ॥ एएस णं भंते! सुहुमाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमअपज्जत्तगा, सुहुमपज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एएसि णं भंते! सुहुमपुढविकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तगा, सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एएसि ं भंते! सुहुमआउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमआउकाइया अपजत्तगा, सुहुमआउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एएस णं भंते! सुहुमतेउकाइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तगा, सुहुमतेउकाइया. पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एएसि णं भंते! सुहुमवाउकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं करे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमवाउकाइया अपजत्तगा, सुहुमवाउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एएसि णं भंते! सुहुमवणस्सइकाइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा, सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा । एएसि णं भंते! हुमनिओयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमनिओया अपज्जत्तगा, सुहुमनिओया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा ॥ १६०॥ एसि णं भंते! हुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमनिओयाण य पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा सुहुमतेउकाइया अपजत्तया, सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया अपजत्तया विसेसा - हिया, सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमते काइया पज्जत्तया संखेज्ज - गुणा, सुहुम पुढविकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया पजत्तया विसेसा - हिया, सुहुमवाउकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमनिओया अपज्जत्तया असंखेज्ज - गुणा, सुमनिओया पज्जत्तया संखेज्जगुणा, सुहुभवणस्सइकाइया अपजत्तया अनंतगुणा, सुहुमअपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा, सुहुमपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमा विसेसाहिया ॥ १६१ ॥ एएसि णं भंते ! बायराणं बायरपुढविकाइयाणं बायरआउकाइयाणं बायर उकाइयाणं बायरवाउ - Page #398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ३ दा० ४ बायरतेउ० पुच्छा] सुत्तागमे काइयाणं बायरवणस्सइकाइयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयाणं बायरनिओयाणं बायरतसकाइयाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतसकाइया, बायरतेउकाइया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया असंखेजगुणा, बायरनिओया असंखेजगुणा, बायरपुढविकाइया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया अणंतगुणा, बायरा विसेसाहिया ॥ १६२ ॥ एएसि णं भंते ! बायरपुढविकाइयअपजत्तगाणं बायरआउकाइयअपजत्तगाणं बायरतेउकाइयअपजत्तगाणं बायरवाउकाइयअपजत्तगाणं बायरवणस्सइकाइयअपजत्तगाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयअपज्जत्तगाणं बायरनिओयअपजत्तगाणं बायरतसकाइयअपजत्तगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतसकाइया अपजत्तगा, बायरतेउकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा, बायरनिओया अपजत्तगा असंखेनगुणा, बायरपुढविकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा, बायरआउकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया अपजत्तगा अणंतगुणा, बायरअपजत्तगा विसेसाहिया ॥ १६३ ॥ एएसि णं भंते ! बायरपज्जत्तयाणं बायरपुढवीकाइयपजत्तयाणं बायरआउकाइयपज्जत्तयाणं बायरतेउकाइयपज्जत्तयाणं बायरवाउकाइयपजत्तयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयपज्जत्तयाणं बायरनिओयपजत्तयाणं बायरतसकाइयपज्जत्तयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउकाइया पजत्तया, बायरतसकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरपुढवीकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया पज्जत्तया असंखेनगुणा, बायरवाउकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया पजत्तया अणंतगुणा, बायरपजत्तया विसेसाहिया ॥१६४॥ एएसि णं भंते ! बायराणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरपज्जत्तया, बायरअपजत्तया असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! बायरपुढवीकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरपुढवीकाइया पज्जत्तया, बायरपुढवीकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! बायरआउकाइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरआउकाइया पज्जत्तया, बायरआउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा। एएसि णं भंते ! बायरतेउकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो Page #399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३२४ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउकाइया पज्जत्तया, बायरतेउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! बायरवाउकाइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं क्यरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरवाउकाइया पज्जत्तया, बायरवाउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! बायरवणस्सइकाइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरवणस्सइकाइया पजत्तया, बायरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखेज्जगुणा। एएसि णं भंते ! पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयाणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! बायरनिओयाणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरनिओया पजत्ता, बायरनिओया अपजत्ता असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! बायरतसकाइयाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतसकाइया पज्जत्ता, बायरतसकाइया अपजत्ता असंखेजगुणा ॥ १६५ ॥ एएसि णं भंते ! बायराणं बायरपुढवीकाइयाणं बायरआउकाइयाणं बायरतेउकाइयाणं बायरवाउकाइयाणं बायरवणस्सइकाइयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयाणं बायरनिओयाणं बायरतसकाइयाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउकाइया पज्जत्तया, बायरतसकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरतसकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया पजत्तया असंखेज्जगुणा, बायरपुढवीकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरतेउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया अपजत्तया असंखेज्जगुणा, बायरपुढवीकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया पज्जत्तया अणंतगुणा, बायरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरअपजत्तया विसेसाहिया, बायरा विसेसाहिया ॥ १६६ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढवीकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमनिओयाणं बायराणं बायरपुढवीकाइयाणं बायरआउकाइयाणं बायरतेउकाइयाणं बायरवाउकाइयाणं बायरवणस्सइकाइयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयाणं बायरनिओयाणं तसकाइयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा Page #400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दा० ४ सु० अप्पबहुत्तं] सुत्तागमे ३२५ बायरतसकाइया, बायरतेउकाइया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया असंखेजगुणा, बायरनिओया असंखेजगुणा, बायरपुढवीकाइया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया असंखेनगुणा, सुहुमतेउकाइया असंखेजगुणा, सुहुमपुढवीकाइया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया विसेसाहिया, सुहुमनिओया असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया अणंतगुणा, बायरा विसेसाहिया, सुहुमवणस्सइकाइया असंखेनगुणा, सुहुमा विसेसाहिया ॥ १६७ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमअपज्जत्तयाणं सुहुमपुढवीकाइयाणं अपज्जत्तयाणं सुहुमआउकाइयाणं अपजत्तयाणं सुहुमतेउकाइयाणं अपजत्तयाणं सुहुमवाउकाइयाणं अपजत्तयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं अपजत्तयाणं सुहुमनिओयाणं अपजत्तयाणं बायरअपज्जत्तयाणं बायरपुढवीकाइयाणं अपजत्तयाणं बायरआउकाइयाणं अपज्जत्तयाणं बायरतेउकाइयाणं अपजत्तयाणं बायरवाउकाइयाणं अपजत्तयाणं बायरवणस्सइकाइयाणं अपजत्तयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयाणं अपजत्तयाणं बायरनिओयाणं अपज्जत्तयाणं बायरतसकाइयाणं अपज्जत्तयाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतसकाइया अपजत्तया, बायरतेउकाइया अपजत्तया असंखेज्जगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरपुढवीकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमतेउकाइया अपजत्तया असंखेज्जगुणा, सुहुमपुढवीकाइया अपजत्तया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया अपजत्तया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया अपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमनिओया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया अपजत्तया अणंतगुणा, बायरा अपजत्तया विसेसाहिया, सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेनगुणा, सुहुमा अपजत्तया विसेसाहिया ॥ १६८ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमपजत्तयाणं सुहुमपुढविकाइयपज्जत्तयाणं सुहुमआउकाइयपज्जत्तयाणं सुहुमतेउकाइयपज्जत्तयाणं सुहुमवाउकाइयपजत्तयाणं सुहुमवणस्सइकाइयपज्जत्तयाणं सुहुमनिओयपजत्तयाणं बायरपज्जत्तयाणं बायरपुढविकाइयपज्जत्तयाणं बायरआउकाइयपज्जत्तयाणं बायरतेउकाइयपजत्तयाणं बायरवाउकाइयपज्जत्तयाणं बायरवणस्सइकाइयपजत्तयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयपजत्तयाणं बायरनिओयपज्जत्तयाणं बायरतसकाइयपजत्तयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउकाइया पजत्तया, बायरतसकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया पज्जत्तया असंखेज्जगुणा, Page #401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं बायरपुढविकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमतेउकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमपुढविकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया पजत्तया विसेसाहिया, सुहुमनिओया पज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया पज्जत्तया अणंतगुणा, बायरपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहमवणस्सइकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमपजत्तया विसेसाहिया ॥ १६९ ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं बायराण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४१ गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरा पजत्तया, बायरा अपजत्तया असंखेज्जगुणा, सुहुमअपजत्तया असंखेनगुणा, सुहुमपज्जत्तया संखेज्जगुणा ॥ एएसि णं भंते ! सुहमपुढविकाइयाणं बायरपुढविकाइयाण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरपुढविकाइया पजत्तया, बायरपुढविकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमपुढविकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमपुढविकाइया पजत्तया संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमआउकाइयाणं बायरआउकाइयाण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरआउकाइया पजत्तया, बायरआउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमआउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमआउकाइया पज्जत्तया संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमतेउकाइयाणं बायरतेउकाइयाण य पज्जत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउकाइया पजत्तया, बायरतेउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमतेउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमतेउकाइया पजत्तया संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमवाउकाइयाणं बायरवाउकाइयाण य पज्जत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरवाउकाइया पजत्तया, बायरवाउकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमा तेउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमवाउकाइया पजत्तया संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमवणस्सइकाइयाणं बायरवणस्सइकाइयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरवणस्सइकाइया पजत्तया, बायरवणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखेज्जगुणा, सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तया संखेजगुणा ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमनिओयाणं बायरनिओयाण य पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरनिओया पजत्तया, बायरनिओया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमनिओया अपजत्तया Page #402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दा० ६ सवेयग० अ०] सुत्तागमे ३२७ असंखेजगुणा, सुहुमनिओया पजत्तया संखेज्जगुणा ॥ १७० ॥ एएसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढवीकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं सुहुमनिओयाणं बायराणं बायरपुढविकाइयाणं बायरआउकाइयाणं बायरतेउकाइयाणं बायरवाउकाइयाणं बायरवणस्सइकाइयाणं पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइयाणं बायरनिओयाणं बायरतसकाइयाण य पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बायरतेउकाइया पज्जत्तया, बायरतसकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरतसकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया पज्जत्तया असंखेनगुणा, बायरपुढविकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा. बायरआउकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरवाउकाइया पजत्तया असंखेजगुणा, बायरतेउकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरनिओया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरपुढवीकाइया अपजत्तया असंखेजगुणा, बायरआउकाइया अपज्जत्तया असंखेनगुणा, बायरवाउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमतेउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमपुढवीकाइया अपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया अपज्जत्तया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया अपजत्तया विसेसाहिया, सुहुमतेउकाइया पज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमपुढवीकाइया पजत्तया विसेसाहिया, सुहुमआउकाइया पजत्तया विसेसाहिया, सुहुमवाउकाइया पजत्तया विसेसाहिया, सुहुमनिओया अपजत्तया असंखेजगुणा, सुहुमनिओया पजत्तया संखेजगुणा, बायरवणस्सइकाइया पजत्तया अणंतगुणा, बायरपज्जत्तया विसेसाहिया, बायरवणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, बायरअपज्जत्तया विसेसाहिया, बायरा विसेसाहिया, सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा, सुहुमअपजत्तया विसेसाहिया, सुहुमवणस्सइकाइया पजत्तया संखेज्जगुणा, सुहुमपजत्तया विसेसाहिया, सुहुमा विसेसाहिया ॥ ४ दारं ॥ १७१ ॥ एएसि णं भन्ते ! जीवाणं सजोगीणं मणजोगीणं वइजोगीणं कायजोगीणं अजोगीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मणजोगी, वइजोगी असंखेजगुणा, अजोगी अणंतगुणा, कायजोगी अणंतगुणा, सजोगी विसेसाहिया ॥ ५ दारं ॥ १७२ ॥ एएसि णं भन्ते ! जीवाणं सवेयगाणं इत्थीवेयगाणं पुरिसवेयगाणं नपुंसगवेयगाणं अवेयगाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा पुरिसवेयगा, इत्थीवेयगा संखेजगुणा, अवेयगा अणंतगुणा, नपुंसगवेयगा अणंत HTHHTHHHHHHA Page #403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३२८ [पण्णवणासुत्तं गुणा, सवेयगा विसेसाहिया ॥ ६ दारं ॥ १७३ ॥ एएसि णं भंते ! सकसाईणं कोहकसाईणं माणकसाईणं मायाकसाईणं लोहकसाईणं अकसाईण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा अकसाई, माणकसाई अणंतगुणा, कोहकसाई विसेसाहिया, मायाकसाई विसेसाहिया, लोहकसाई विसेसाहिया, सकसाई विसेसाहिया ॥ ७ दारं ॥ १७४ ॥ एएसिणं भंते ! जीवाणं सलेस्साणं किण्हलेस्साणं नीललेस्साणं काउलेस्साणं तेउलेस्साणं पम्हलेस्साणं सुक्कलेस्साणं अलेस्साण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा सुक्कलेस्सा, पम्हलेस्सा संखेजगुणा, तेउलेस्सा संखेजगुणा, अलेस्सा अणंतगुणा, काउलेस्सा अणंतगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, सलेस्सा विसेसाहिया ॥ ८ दारं ॥ १७५ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सम्मट्ठिीणं मिच्छादिट्ठीणं सम्मामिच्छादिट्ठीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा सम्मामिच्छादिट्ठी, सम्मद्दिट्टी अणंतगुणा, मिच्छादिट्ठी अणंतगुणा ॥ ९ दारं ॥१७६ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं आभिणिबोहियणाणीणं सुयणाणीणं ओहिणाणीणं मण-- पज्जवणाणीणं केवलणाणीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मणपजवणाणी, ओहिणाणी असंखेजगुणा, आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी दोवि तुल्ला विसेसाहिया, केवलणाणी अणंतगुणा ॥ १७७ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं मइअन्नाणीणं सुयअन्नाणीणं विभंगणाणीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा विभंगणाणी, मइअन्नाणी सुयअन्नाणी दोवि तुल्ला अणंतगुणा ॥ १७८ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं आभिणिबोहियनाणीणं सुयनाणीणं ओहिनाणीणं मणपजवनाणीणं केवलनाणीणं मइअन्नाणीणं सुयअन्नाणीणं विभंगनाणीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मणपज्जवनाणी, ओहिनाणी असंखेजगुणा, आभिणिबोहियनाणी सुयनाणी दोवि तुल्ला विसेसाहिया, विभंगनाणी असंखेजगुणा, केवलनाणी अणंतगुणा, मइअन्नाणी सुयअन्नाणी य दोवि तुल्ला अणंतगुणा ॥ १० दारं ॥ १७९ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं चक्खुदंसणीणं अचक्खुदंसणीणं ओहिदसणीणं केवलदंसणीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा जीवा ओहिदंसणी, चक्खुदंसणी असंखेजगुणा, केवलदसणी अणंतगुणा, अचक्खुदंसणी अणंतगुणा ॥ ११ दारं ॥ १८० ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं Page #404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३ दा० २१ ध० अ० पु.] सुत्तागमे ३२९ संजयाणं असंजयाणं संजयासंजयाणं नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा संजया, संजयासंजया असंखेजगुणा, नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजया अणंतगुणा, असंजया अणंतगुणा ॥ १२ दारं ॥ १८१॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सागारोवउत्ताणं अणागारोवउत्ताण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा अणागारोवउत्ता, सागारोवउत्ता संखेजगुणा ॥ १३ दारं ॥ १८२ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं आहारगाणं अणाहारगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा अणाहारगा, आहारगा असंखेजगुणा ॥ १४ दारं ॥ १८३ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं भासगाणं अभासगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा भासगा, अभासगा अणंतगुणा ॥ १५ दारं ॥ १८४ ॥ एएसि गं भंते ! जीवाणं परित्ताणं अपरित्ताणं नोपरित्तनोअपरित्ताण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा परित्ता, नोपरित्तनोअपरित्ता अणंतगुणा, अपरित्ता अणंतगुणा ॥ १६ दारं ॥ १८५॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं पजत्ताणं अपजत्ताणं नोपज्जत्तानोअपज्जत्ताण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा नोपज्जत्तानोअपजत्तगा, अपजत्तगा अणंतगुणा, पजत्तगा संखेजगुणा ॥ १७ दारं ॥ ॥ १८६ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सुहुमाणं बायराणं नोहुमनोबायराण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा नोसुहुमनोबायरा, बायरा अणंतगुणा, सुहुमा असंखेजगुणा ॥ १८ दारं ॥ ॥ १८७ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सन्नीणं असन्नीणं नोसन्नीनोअसन्नीण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवजीवा सन्नी, नोसन्नीनोअसन्नी अणंतगुणा, असन्नी अणंतगुणा ॥ १९ दारं ॥ ॥ १८८ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं भवसिद्धियाणं अभवसिद्धियाणं नोभवसिद्धियानोअभवसिद्धियाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा अभवसिद्धिया, णोभवसिद्धियाणोअभवसिद्धिया अणंतगुणा, भवसिद्धिया अणंतगुणा ॥ २० दारं ॥ १८९ ॥ एएसि णं भंते ! धम्मत्थिकायअधम्मत्थिकायआगासत्थिकायजीवत्थिकायपोग्गलत्थिकाया अद्धासमयाणं दव्वट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसा Page #405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं हिया वा ? गोयमा ! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए एए णं तिन्निवि तुल्ला दव्वट्ठयाए सव्वत्थोवा, जीवत्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे, पोग्गलत्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे, अद्धासमए दव्वठ्ठयाए अणंतगुणे ॥ १९० ॥ एएसि णं भंते! धम्मत्थिकायअधम्मत्थिकायआगासत्थिकायजीवत्थिकायपोग्गलत्थिकायअद्धासमयाणं पएसठ्ठयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए एए णं दोवि तुल्ला पएसठ्ठयाए सव्वत्थोवा, जीवत्थिकाए पएसट्टयाए अणंतगुणे, पोग्गलत्थिकाए पएसट्टयाए अणंतगुणे, अद्धासमए पएसट्टयाए अणंतगुणे, आगासत्थिकाए पएसट्ठयाए अणंतगुणे ॥ १९१ ॥ एयस्स णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवे एगे धम्मत्थिकाए दव्वट्ठयाए, से चेव पएसट्टयाए असंखेजगुणे । एयस्स णं भंते ! अधम्मत्थिकायस्स दव्वट्ठपएसट्ठयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे एगे अधम्मत्थिकाए दव्वट्ठयाए, से चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणे । एयस्स णं भंते ! आगासत्थिकायस्स दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे एगे आगासत्थिकाए दव्वट्ठयाए, से चेव पएसठ्ठयाए अणंतगुणे । एयस्स णं भंते ! जीवत्थिकायस्स दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे जीवत्थिकाए दव्वट्ठयाए, से चेव पएसठ्ठयाए असंखेज्जगुणे । एयस्स णं भंते ! पोग्गलत्थिकायस्स दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पां वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे पोग्गलत्थिकाए दव्वट्ठयाए, से चेव पएसट्टयाए असंखेनगुणे । अद्धासमए न पुच्छिज्जइ, पएसाभावा ॥ १९२॥ एएसि णं भंते ! धम्मत्थिकायअधम्मत्थिकायआगासत्थिकायजीवत्थिकायपोग्गलत्थिकायअद्धासमयाणं दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए एए तिन्नि वि तुल्ला दव्वठ्ठयाए सव्वत्थोवा, धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए य एएसि णं दोन्नि वि तुल्ला पएसट्टयाए असंखेजगुणा, जीवत्थिकाए दव्वट्ठयाए अणंतगुणे, से चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणे, पोग्गलत्थिकाए दवट्ठयाए अणंतगुणे, से चेव पएसठ्ठयाए असंखेज्जगुणे, अद्धासमए दव्वट्ठपएसठ्ठयाए अणंतगुणे, आगासत्थिकाए पएसट्ठयाए अणंतगुणे ॥ २१ दारं ॥ १९३ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं चरिमाणं अचरिमाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! Page #406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दा० २४ वाणमंतरा] सुत्तागमे सव्वत्थोवा जीवा अचरिमा, चरिमा अणंतगुणा ॥ २२ दारं ॥ १९४ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं पोग्गलाणं अद्धासमयाणं सव्वदव्वाणं सव्वपएसाणं सव्वपजवाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा, पोग्गला अणंतगुणा, अद्धासमया अणंतगुणा, सव्वदव्वा विसेसाहिया, सव्वपएसा अणंतगुणा, सव्वपजवा अणंतगुणा ॥ २३ दारं ॥ १९५ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा जीवा उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलुक्के असंखेजगुणा, उड्ढलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ १९६ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा नेरइया तेलोक्के, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए असंखेजगुणा ॥ १९७ ॥ खेत्ताणुनाएणं सव्वत्थोवा तिरिक्खजोणिया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोके असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ तिरिक्खजोणिणीओ उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ, तेलोके संखेजगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणाओ, अहोलोए संखेजगुणाओ, तिरियलोए संखेजगुणाओ ॥ १९८ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा मणुस्सा तेलोक्के, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणा, उद्दलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेजगुणा । खेत्ताणुवाएणं, सव्वत्थोवाओ मणुस्सीओ तेलोके, उड्डलोयतिरियलोए संखेजगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणाओ, उड्डलोए संखेजगुणाओ, अहोलोए संखेजगुणाओ, तिरियलोए संखेज्जगुणाओ ॥ १९९ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा देवा उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोके संखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेजगुणा। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ देवीओ उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ, तेलोक्के संखेजगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए संखेज्जगुणाओ, अहोलोए संखेजगुणाओ, तिरियलोए संखेज्जगुणाओ ॥ २०० ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा भवणवासी देवा उड्डलोए, उडलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के खेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए असंखेजगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ भवणवासिणीओ देवीओ उड्डलोए, उडलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ, तेलोक्के संखेज्जगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ, तिरियलोए असंखेज्जगुणाओ, अहोलोए असंखेज्जगुणाओ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वाणमंतरा देवा उड्डलोए, उडलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के संखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए Page #407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३३२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं असंखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेजगुणा। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ वाणमंतरीओ देवीओ उड्डलोए, उडलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ, तेलोक्के संखेजगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ, अहोलोए संखेजगुणाओ, तिरियलोए संखेजगुणाओ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा जोइसिया देवा उडलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोके संखेज्जगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए असंखेजगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ जोइसिणीओ देवीओ उड्डलोए, उडलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ, तेलोक्के संखेज्जगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ, अहोलोए संखेजगुणाओ, तिरियलोए असंखेजगुणाओ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा उड्डलोयतिरियलोए, तेलोक्के संखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाओ वेमाणिणीओ देवीओ उड्डलोयतिरियलोए, तेलोक्के संखेजगुणाओ, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणाओ, अहोलोए संखेजगुणाओ, तिरियलोए संखेजगुणाओ, उडलोए असंखेनगुणाओ ॥ २०१॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखिजगुणा, तेलोक्के असंखिज्जगुणा, उड्डलोए असंखिजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा अपजत्तगा उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उडुलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा एगिदिया जीवा पजत्तगा उड्डूलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखिज्जगुणा, तेलोके असंखिज्जगुणा, उड्डलोए असंखिजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ २०२ ॥ खेत्तागुवाएणं सव्वत्थोवा बेइंदिया उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखिजगुणा, तेलुक्के असंखिज्जगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखिजगुणा, अहोलोए संखिज्जगुणा, तिरियलोए संखिजगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा बेइंदिया अपजत्तया उद्दलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोके असंखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा बेइंदिया पजत्ता उद्दलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखिजगुणा, तेलोके असंखिजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखिजगुणा, अहोलोए संखिजगुणा, तिरियलोए संखिजगुणा ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखिजगुणा, तेलोक्के असंखिजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखिजगुणा, Page #408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दा० २४ आउ० अप०] सुत्तागमे अहोलोए संखिजगुणा, तिरियलोए संखिज्जगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया अपजत्तया उड्डलोए, उडलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेइंदिया पजत्तया उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलुके असंखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा चउरिंदिया जीवा उडलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेजगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा चउरिंदिया जीवा अपज्जत्तया उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलुक्के असंखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए संखेज्जगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा चउरिंदिया जीवा पज्जत्तया उड्डलोए, उड्डलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, अहोलोयतिरियलोए असंखेनगुणा, अहोलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए संखेजगुणा ॥२०३॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिंदिया तेलुक्के, उडलोयतिरियलोए संखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणा, उद्दलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए असंखेजगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिंदिया अपजत्तया तेलोक्के, उड्डलोयतिरियलोए संखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणा, उडलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेज्जगुणा, तिरियलोए असंखेजगुणा। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पंचिंदिया पजत्ता उड्डलोएं, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, तेलुक्के संखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ॥ २०४ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पुढविकाइया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखिज्जगुणा, तेलोक्के असंखिजगुणा, उडलोए असंखिजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पुढविकाइया अपज्जत्तया उडलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उडलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पुढविकाइया पज्जत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलुके असंखेजगुणा, उडलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ २०५ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा आउकाइया उडलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलुक्के असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया। खेत्ताणु Page #409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३३४ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं वाएणं सव्वत्थोवा आउकाइया अपज्जत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उडुलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा आउकाइया पजत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ २०६ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेउकाइया उडलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेउकाइया अपजत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तेउकाइया पजत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ २०७ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वाउकाइया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोके असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वाउकाइया अपजत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोक्के असंखेजगुणा, उडलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वाउकाइया पजत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलुक्के असंखेजगुणा, उड्डलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ २०८ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलोके असंखेजगुणा, उडलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया। खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपजत्तया उडलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेजगुणा, तेलुके असंखेजगुणा, उडलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया पज्जत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोके असंखेजगुणा, उडलोए असंखेजगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥ २०९ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तसकाइया तेलोक्के, उड्डलोयतिरियलोए असंखेजगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा, उड्डलोए संखेजगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा । खेत्ताणु HHHHHHHHHHHI Page #410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३ दा० २६ परमाणु० अप्पा० ] सुत्तागमे वाएणं सव्वत्थोवा तसकाइया अपज्जत्तया तेलोक्के, उड्डलोय तिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा, उड्डलोए संखेज्जगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तया तेलोक्के, उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा, अहोलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा, उड्ढलोए संखेज्जगुणा, अहोलोए संखेजगुणा, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ॥ २४ दारं ॥ २१० ॥ एएसि णं भंते! जीवाणं आउयस्स कम्मस्स बंधगाणं अबंधगाणं पज्जत्ताणं अपजत्ताणं सुत्ताणं जागराणं समोहयाणं असमोहयाणं सायावेयगाणं असायावेयगाणं इंदिओवउत्ताणं नोइंदिओवउत्ताणं सागारोवउत्ताणं अणागारोवउत्ताण य कयरे करेहिंतो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आउयस्स कम्मस्स बंधगा १, अपजत्तया संखेजगुणा २, सुत्ता संखेजगुणा ३, समोहया संखेज्जगुणा ४, सायावेयगा संखेज्जगुणा ५, इंदिओवउत्ता संखेज्जगुणा ६, अणागारोवउत्ता संखेज्जगुणा ७, सागारोवउत्ता संखेजगुणा ८, नोइंदिओवउत्ता विसेसाहिया ९, असा यावेयगा विसेसाहिया १०, असमोहया विसेसाहिया ११, जागरा विसेसाहिया १२, पज्जत्तया विसेसाहिया १३, आउयस्स कम्मस्स अबंधया विसेसाहिया १४॥ २५ दारं ॥ २११ ॥ खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा पुग्गला तेलोक्के, उड्डलोयतिरियलोए अनंतगुणा, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा, अहोलोए विसेसाहिया । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा पुग्गला उड्ढदिसाए, अहोदिसाए विसेसाहिया, उत्तरपुरच्छिमेणं दाहिणपच्चत्थिमेण उ दोवि तुल्ला असंखेज्जगुणा, दाहिणपुरच्छिमेण उत्तरपञ्च्चत्थिमेण य दोवि विसेसाहिया, पुरच्छिमेणं असंखेज्जगुणा, पच्चत्थिमेणं विसेसाहिया, दाहिणेणं विसेसाहिया, उत्तरेणं विसेसाहिया । खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवाईं दव्बाई तेलोक्के, उड्ढलोयति रियलोए अणंतगुणाई, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहियाई, उड्डलोए असंखेज्जगुणाई, अहोलोए अनंतगुणाई, तिरियलोए संखेज्जगुणाई । दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवाइं दव्वाई अहोदिसाए, उड्ढदिसाए अनंतगुणाई, उत्तरपुरच्छिमेणं दाहिणपच्चत्थिमेण य दोवि तुलाई असंखेज्जगुणाई, दाहिणपुरच्छिमेणं उत्तरपञ्च्चत्थिमेण य दोवि तुलाई विसेसाहियाई, पुरच्छिमेणं असंखेज्जगुणाई, पच्चत्थिमेणं विसेसाहियाई, दाहिणेणं विसेसाहियाई, उत्तरेणं विसेसाहियाईं ॥ २१२ ॥ एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अनंतपएसियाण य खंधाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्व - पएस याए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा दव्वट्टयाए, परमाणुपोग्गला दव्वट्टयाए ३३५ Page #411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं अणंतगुणा, संखेजपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए संखेजगुणा, असंखपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा । पएसट्टयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा पएसठ्ठयाए, परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए अणंतगुणा, संखेजपएसिया खंधा पएसठ्ठयाए संखेजगुणा, असंखपएसिया खंधा पएसठ्ठयाए असंखेजगुणा । दव्वट्ठपएसठ्ठयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा, परमाणुपोग्गला दव्वट्ठअपएसठ्ठयाए अणंतगुणा, संखेजपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए संखेजगुणा, ते चेव पएसट्ठयाए संखेनगुणा, असंखपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए असंखेनगुणा, ते चेव पएसट्ठयाए असंखेजगुणा ॥२१३॥ एएसि णं भंते ! एगपएसोगाढाणं संखेजपएसोगाढाणं असंखेजपएसोगाढाण य पोग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला दवट्ठयाए, संखेजपएसोगाढा पोग्गला दव्वट्ठयाए संखेजगुणा, असंखेजपएसोगाढा पोग्गला दब्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, पएसट्ठयाएसव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए, संखेजपएसोगाढा पोग्गला पएसठ्ठयाए संखेजगुणा, असंखेजपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए असंखेजगुणा । दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा एगपएसोगाढा पुग्गला दवट्ठपएसट्टयाए, संखिजपएसोगाढा पुग्गला दव्वठ्याए संखिजगुणा, ते चेव पएसट्टयाए संखिज्जगुणा, असंखिज्जपएसोगाढा पुग्गला दन्वठ्ठयाए असंखिजगुणा, ते चेव पएसठ्ठयाए असंखिज्जगुणा ॥२१४॥ एएसि णं भन्ते ! एगसमयठिइयाणं संखिजसमयठिइयाणं असंखिजसमयठिझ्याणं पुग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दवट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगसमयठिइया पुग्गला दव्वट्ठयाए, संखिजसमयठिइया पुग्गला दवट्ठयाए संखिज्जगुणा, असंखिज्जसमयठिइया पुग्गला दव्वट्ठयाए असंखिजगुणा । पएसट्टयाए-सव्वत्थोवा एगसमयठिइया पुग्गला पएसठ्ठयाए, संखेजसमयठिझ्या पुग्गला पएसठ्ठयाए संखेजगुणा, असंखेजसमयठिइया पुग्गला पएसट्टयाए असंखेजगुणा। दव्वट्ठपएसठ्ठयाए-सव्वत्थोवा एगसमयठिइया पुग्गला दव्वठ्ठपएसठ्ठयाए, संखिज्जसमयठिझ्या पुग्गला दव्वट्ठयाए संखिज्जगुणा, ते चेव पएसट्टयाए संखिजगुणा । असंखिज्जसमयठिइया पुग्गला दव्वट्ठयाए असंखिजगुणा, ते चेव पएसठ्ठयाए असंखिजगुणा ॥ २१५ ॥ एएसि णं भंते ! एगगुणकालगाणं संखिजगुणकालगाणं असंखिजगुणकालगाणं अणंतगुणकालगाण य पुग्गलाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसठ्ठयाए य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! जहा पुग्गला तहा Page #412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पं० ३ दा० २७ महादंडयवण्णणं] सुत्तागमे ३३७ भाणियव्वा, एवं संखिजगुणकालगाण वि । एवं सेसावि वण्णा गंधा रसा फासा भाणियव्वा । फासाणं कक्खडमउयगुरुयलहुयाणं जहा एगपएसोगाढाणं भणियं तहा भाणियव्वं । अवसेसा फासा जहा वन्ना तहा भाणियव्वा ॥ २६ दारं ॥२१६॥ अह भंते ! सव्वजीवप्पबहुं महादण्डयं वन्नइस्सामि-सव्वत्थोवा गब्भवकंतिया मणुस्सा १, मणुस्सीओ संखिजगुणाओ २, बायरतेउकाइया पजत्तया असंखिजगुणा ३, अणुत्तरोववाइया देवा असंखिजगुणा ४, उवरिमगेविज्जगा देवा संखिजगुणा ५, मज्झिमगेविज्जगा देवा संखिजगुणा ६, हिटिमगेविजगा देवा संखिज्जगुणा ७, अच्चुए कप्पे देवा संखिजगुणा ८, आरणे कप्पे देवा संखिजगुणा ९, पाणए कप्पे देवा संखिजगुणा १०, आणए कप्पे देवा संखिजगुणा ११, अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइया असंखिजगुणा १२, छट्ठीए तमाए पुढवीए नेरइया असंखिजगुणा १३, सहस्सारे कप्पे देवा असंखिजगुणा १४, महासुक्के कप्पे देवा असंखिज्जगुणा १५, पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखिजगुणा १६, लंतए कप्पे देवा असंखिजगुणा १७, चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखिज्जगुणा १८, बंभलोए कप्पे देवा असंखिजगुणा १९, तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखिजगुणा २०, माहिदे कप्पे देवा असंखिजगुणा २१, सणंकुमारे कप्पे देवा असंखिज्जगुणा २२, दोच्चाए सक्करप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखिज्जगुणा २३, संमुच्छिमा मणुस्सा असंखिजगुणा २४, ईसाणे कप्पे देवा असंखिजगुणा २५, ईसाणे कप्पे देवीओ संखिज्जगुणाओ २६, सोहम्मे कप्पे देवा संखिजगुणा २७, सोहम्मे कप्पे देवीओ संखिजगुणाओ २८, भवणवासी देवा असंखिजगुणा २९, भवणवासिणीओ देवीओ संखिजगुणाओ ३०, इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखिजगुणा ३१, खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा असंखिजगुणा ३२, खयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखिजगुणाओ ३३, थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा संखिजगुणा ३४, थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखिजगुणाओ ३५, जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा संखिजगुणा ३६, जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखिजगुणाओ ३७, वाणमंतरा देवा संखिजगुणा ३८, वाणमंतरीओ देवीओ संखिजगुणाओ ३९, जोइसिया देवा संखिजगुणा ४०, जोइसिणीओ देवीओ संखिजगुणाओ ४१, खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया नपुंसगा संखिज्जगुणा ४२, थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया नपुंसगा संखिज्जगुणा ४३, जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया नपुंसगा संखिजगुणा ४४, चउरिंदिया पजत्तया संखिजगुणा ४५, पंचिंदिया पजत्तया २२ सुत्ता० Page #413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३३८ ... [पण्णवणासुत्तं विसेसाहिया ४६, बेइंदिया पजत्तया विसेसाहिया ४७, तेइंदिया पज्जत्तया विसेसाहिया ४८, पंचिंदिया अपजत्तया असंखिजगुणा ४९, चउरिंदिया अपजत्तया विसेसाहिया ५०, तेइंदिया अपज्जत्तया विसेसाहिया ५१, बेइंदिया अपजत्तया विसेसाहिया ५२, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया पजत्तया असंखिजगुणा ५३, बायरनिओया पज्जत्तया असंखिजगुणा ५४, बायरपुढवीकाइया पजत्तया असंखिजगुणा ५५, बायरआउकाइया पजत्तया असंखिजगुणा ५६, बायरवाउकाइया पजत्तया असंखिजगुणा ५७, बायरतेउकाइया अपज्जत्तया असंखिजगुणा ५८, पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ५९, बायरनिओया अपजत्तया असंखिजगुणा ६०, बायरपुढवीकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ६१, बायरआउकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ६२, बायरवाउकाइथा अपजत्तया असंखिजगुणा ६३, सुहुमतेउकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ६४, सुहुमपुढवीकाइया अपजत्तया विसेसाहिया ६५, सुहुमआउकाइया अपजत्तया विसेसाहिया ६६, सुहुमवाउकाइया अपजत्तया विसेसाहिया ६७, सुहुमतेउकाइया पज्जत्तया संखिजगुणा ६८, सुहुमपुढवीकाइया पजत्तया विसेसाहिया ६९, सुहुमआउकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया ७०, सुहुमवाउकाइया पजत्तया विसेसाहिया ७१, सुहुमनिओया अपजत्तया असंखिजगुणा ७२, सुहुमनिओया पजत्तया संखिजगुणा ७३, अभवसिद्धिया अणंतगुणा ७४, परिवडियसम्मट्ठिी अणंतगुणा ७५, सिद्धा अणंतगुणा ७६, बायरवणस्सइकाइया पज्जत्तया अणंतगुणा ७७, बायरपजत्तया विसेसाहिया ७८, बायरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखिजगुणा ७९, बायरअपजत्तया विसेसाहिया ८०, बायरा विसेसाहिया ८१, सुहुमवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखिज्जगुणा ८२, सुहुमअपजत्तया . विसेसाहिया ८३, सुहुमवणस्सइकाइया पजत्तया संखिजगुणा ८४, सुहुमपज्जत्तया विसेसाहिया ८५, सुहुमा विसेसाहिया ८६, भवसिद्धिया विसेसाहिया ८७, निओयजीवा विसेसाहिया ८८, वणस्सइजीवा विसेसाहिया ८९, एगिदिया विसेसाहिया ९०, तिरिक्खजोणिया विसेसाहिया ९१, मिच्छादिट्ठी विसेसाहिया ९२, अविरया विसेसाहिया ९३, सकसाई विसेसाहिया ९४, छउमत्था विसेसाहिया ९५, सजोगी विसेसाहिया ९६, संसारत्था विसेसाहिया ९७, सव्वजीवा विसेसाहिया ९८ ॥ २७ दारं ॥ २१७ ॥ पन्नवणाए भगवईए तइयं अप्पाबहुयपयं समत्तं ॥ नेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं। अपजत्तगनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? Page #414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ४ अप० त० णे० ठिइपुच्छा] सुत्तागमे ३३९ गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साइं. अंतोमुहुत्तूंणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अन्तोमुहुत्तूणाई ॥२१८ ॥ रयणप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं सागरोवमं । अपज्जत्तरयणप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तरयणप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तणाई, उक्कोसेणं सागरोवमं अंतोमुहुत्तूणं । सक्करप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं सागरोवमं, उक्कोसेणं तिन्नि सागरोवमाइं । अपजत्तयसक्करप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयसकरप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं तिन्नि सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । वालुयप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं तिन्नि सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाइं । अपज्जत्तयवालुयप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयवालयप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं तिन्नि सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई। पंकप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्त सागरोवमाई, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं । अपज्जत्तयपंकप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयपंकप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्त सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । 'धूमप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाइं । अपज्जत्तयधूमप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयधूमप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। तमप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तरस सागरोवमाइं, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाइं । अपजत्तयतमप्पभा Page #415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं पुढविनेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयतमप्पभापुढविनेरइयाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तरस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाईं अंतोमुहुत्तूणाईं । असत्तमापुढविनेरइयाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अपज्जत्तगअहे सत्तमपुढविनेरइयाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्त्रेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तगअहे सत्तमपुढविनेरइयाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २१९ ॥ देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई | अपज्जत्तयदेवाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयदेवाणं भंते! केवइयं कालं ठिई. पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । देवीणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साईं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाई । अपज्जत्तियदेवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्त्रेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियदेवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाईं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाई अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २२० ॥ भवणवासीणं देवाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहनेणं दस वाससहस्साईं, उक्कोसेणं साइरेगं सागरोवमं । अपजत्तयभवणवासीणं भंते! देवाण केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयभवणवासीणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं साइरेगं सागरोवमं अंतोमुतूणं । भवणवासिणीणं भंते! देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा !. जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं अद्धपंचमाई पलिओवमाई । अपज्जत्तियभवणवा - सिणीणं देवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्त्रेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अन्तोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं भंते ! भवणवासिणीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं अद्धपंचमाइं पलिओवमाइं अन्तोमुहुत्तूणाई ॥२२१॥ असुरकुमाराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साईं, उक्कोसेणं साइरेगं साग ३४० Page #416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४१ ५० ४ पुढवि० ठिइपुच्छा] सुत्तागमे रोवमं । अपजत्तयअसुरकुमाराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अन्तोमुहुत्तं । पज्जत्तयअसुरकुमाराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अन्तोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं साइरेगं सागरोवमं अन्तोमुहुत्तूणं । असुरकुमारीणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं, उक्कोसेणं अद्धपंचमाइं पलिओवमाइं । अपजत्तियाणं असुरकुमारीणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अन्तोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं असुरकुमारीणं देवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई उक्कोसेणं अद्धपंचमाइं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाइं ॥ २२२ ॥ नागकुमाराणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं, उक्कोसेणं दो पलिओवमाइं देसूणाई । अपजत्तयाणं भंते ! नागकुमाराणं० केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं भंते ! नागकुमाराणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं दो पलिओवमाइं देसूणाई अंतोमुहुत्तूणाई । नागकुमारीणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूणं पलिओवमं । अपजत्तियाणं भंते ! नागकुमारीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं भंते ! नागकुमारीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं देसूणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं ॥ २२३ ॥ सुवण्णकुमाराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं दो पलिओवमाइं देसूणाई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं दो पलिओवमाइं देसूणाई अंतोमुहत्तणाई । सुवण्णकुमारीणं देवीणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नणं दस वाससहस्साइं, उक्कोसेणं देसूणं पलिओवमं । अपजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं देसूणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं । एवं एएणं अभिलावेणं ओहियअपज्जत्तयपज्जत्तयसुत्तत्तयं देवाण य देवीण य नेयव्वं जाव थणियकुमाराणं जहा नागकुमाराणं ॥ २२४ ॥ पुढविकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं Page #417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३४२ [पण्णवणासुत्तं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई । अपजत्तयपुढविकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयपुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । सुहुमपुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । अपजत्तयसुहुमपुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयसुहुमपुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अन्तोमुहुत्तं । बायरपुढविकाइयाणं. पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं । अपजत्तयबायरपुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयबायरपुडविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २२५ ॥ आउकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साई । अपज्जत्तयआउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयआउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । सुहुमआउकाइयाणं ओहियाणं अपज्जत्तयाणं पज्जत्तयाण य जहा सुहुमपुढविकाइयाणं तहा भाणियव्वं । बायरआउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं। अपज्जत्तयबायरआउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाण य पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्त वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तणाइं ॥२२६॥ तेउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाण य पुच्छा । गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाइं अंतोमुहुत्तूणाई। सुहुमतेउकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तयाण य पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । बायरतेउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाई । अपजत्तयबायरतेउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि. उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २२७ ॥ वाउकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई। सुहुमवाउकाइयाणं. Page #418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ४ संमु० पजत्तयठिई] सुत्तागमे पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहनेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । बायरवाउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २२८ ॥ वणप्फइकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस वाससहस्साई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई । सुहुमवणप्फइकाइयाणं ओहियाणं अपज्जत्ताणं पजत्ताण य पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । बायरवणप्फइकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस वाससहस्साइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २२९ ॥ बेइंदियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारस संवच्छराइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्नोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बारस संवच्छराई अंतोमुहुत्तूणाई । तेइंदियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं एगूणवन्नं राइंदियाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं; उक्कोसेणं एगूणवन्नं राइंदियाइं अंतोमुहुत्तूणाई । चउरिंदियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा अंतोमुहुत्तूणा ॥ २३० ॥ पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं Page #419 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४४ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडी अंतोमुहुत्तूणा । गब्भवकंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥२३१॥ जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडी अंतोमुहुत्तूणा । समुच्छिमजलयरपांचंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । अपजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा । गब्भवकंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी। अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उकोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा ॥ २३२॥ चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं । अपज्जत्तयचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । संमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्त, उक्कोसेणं चउरासीवाससहस्साइं। अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं चउरासीवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । गब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाइं ॥ २३३ ॥ उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडी अंतोमुहुत्तूणा । संमुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं HTHHTHHTHANI Page #420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ४ प० म० ठिइपुच्छा] . सुत्तागमे तेवन्नं वाससहस्साइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तेवन्नं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । गब्भवकंतियउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा ॥ २३४ ॥ भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुन्चकोडी । अपज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा । संमुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साई । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । गब्भवकंतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी। अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उकोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडी अंतोमुहुत्तूणा ॥ २३५॥ खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गो० ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं अंतोमुहुत्तूणं । समुच्छिमखहयरपचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरी वाससहस्साई। अपजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरी वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई । गब्भवकंतियखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं अंतोमुहुत्तूणं ॥ २३६ ॥ मणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई ,। अपज्जत्तमणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तमणुस्साणं पुच्छा। HTHHTHHTHHTH Page #421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे - [पण्णवणासुत्तं गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । संमुच्छिममणुस्साणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । गब्भवतियमणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं। अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २३७ ॥ वाणमंतराणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा.! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं पलिओवमं । अपजत्तयवाणमंतराणं देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं पलिओवमं अंतोमुहत्तूणं । वाणमंतरीणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं । अपज्जत्तियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं वाणमंतरीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं ॥ २३८ ॥ जोइसियाणं देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागो, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं । अपज्जत्तयजोइसियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागो अंतोमुहुत्तूणो, उक्नोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं अंतोमुहुतूणं । जोइसिणीणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागो, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासवाससहस्समन्भहियं । अपजत्तियजोइसियदेवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तियजोइसियदेवीणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागो अंतोमुहुत्तूणो, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासवाससहस्समब्भहियं अंतोमुहुत्तूणं । चंदविमाणे णं भंते ! देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं । अपज्जत्तयाणं चंददेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं अंतोमुहुत्तूणं । चंदविमाणे णं० देवीणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पन्नासवाससहस्समन्भहियं । अपज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पन्नासवाससहस्समब्भहियं अंतोमुहुत्तूणं । सूरविमाणे णं भंते ! Page #422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ४ ता०प० देविठिई] सुत्तागमे देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं । अपजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं अंतोमुहुत्तूणं । सूरविमाणे णं भंते ! देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिमब्भहियं । अपज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिमब्भहियं अंतोमुहुत्तूणं । गहविमाणे णं भंते ! देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं । गहविमाणे देवीणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं । अपजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं । नक्खत्तविमाणे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं । नक्खत्तविमाणे देवीणं पुच्छा । गोथमा ! जहन्नेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगं चउभागपलिओवमं । अपज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं साइरेगं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं । ताराविमाणे देवाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं चउभागपलिओवमं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तगाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं चउभागपलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं । ताराविमाणे देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागं, उक्कोसेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं । ताराविमाणे अपज्जत्तियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पन्जत्तियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमट्ठभागं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं साइरेगं पलिओवमट्ठभागं अंतोमुहुत्तूणं ॥ २३९ ॥ Page #423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं वेमाणियाणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं. ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं अंतोमुहत्तणं, उकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहत्तूणाई। वेमाणियाणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाई । अपज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाइं ॥ २४० ॥ सोहम्मे णं भंते ! कप्पे देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । सोहम्मे कप्पे देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पन्नासं पलिओवमाइं । अपजत्तियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं अंतोमुहुतूणं, उक्कोसेणं पन्नासं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । सोहम्मे कप्पे परिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाइं । अपजत्तियपरिग्गहियदेवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । परिग्गहियाणं पज्जत्तियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं अंतोमुहुतूणं, उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । सोहम्मे कप्पे अपरिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पन्नासं पलिओवमाइं। अपजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पन्नासं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २४१ ॥ ईसाणे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाइं। अपज्जत्तयदेवाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। ईसाणे कप्पे देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं । ईसाणे कप्पे देवीणं अपजत्तियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । ईसाणे कप्पे पजत्तियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । Page #424 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ४ आ० क० देवटिइपु०] सुत्तागमे ईसाणे कप्पे परिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं नव पलिओवमाइं । अपज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । ईसाणे कप्पे पजत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं नव पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । ईसाणे कप्पे अपरिग्गहियदेवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपन्नाइं पलिओवमाइं । अपज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं पलिओवमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २४२ ॥ सणंकुमारे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दो सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दो सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । माहिंदे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाइं, उक्कोसेणं साइरेगाइं सत्त सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं दो सागरोवमाइं साइरेगाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई साइरेगाइं अंतोमुहुत्तूणाई । बंभलोए कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्त सागरोवमाइं, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्त सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । लंतए कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस सागरोवमाइं, उक्कोसेणं चउद्दस सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं चउद्दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । महासुक्के कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्ने] चउद्दस सागरोवमाइं, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउद्दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । सहस्सारे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तरस सागरोवमाई, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तरस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। आणए कप्पे देवाणं पुच्छा । Page #425 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३५० [ पण्णवणासुतं 1 गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठारस सागरोवमाई, उक्कोसेणं एगूणवीसं सागरोवमाई । अपजाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्त्रेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठारस सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं एगूणवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई | पाणए कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगूणवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमाई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगूणवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई | आरणे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं वीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं एकवीसं सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं वीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं एगवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई | अचुए कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहनेणं एगवीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं इक्वीसं सागरोवमाईं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं बावीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २४३ ॥ हेट्ठिमहेट्ठिमगेविज्जगदेवाणं पुच्छा ! गोयमा ! जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेवीसं सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाईं अंतोमुहुत्तूणाईं, उक्कोसेणं तेवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई । हेडि-ममज्झिमगेविजगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं तेवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाई । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्त्रेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं तेवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई । हेट्ठिमउवरिमगेविज्जगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं पणवीसं सागरोवमाई । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्त्रेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं पणवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई । मज्झिमहेट्ठिमगेविज्जगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पणवीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं छव्वीसं सागरोवमाई | अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्त्रेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पणवीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं छव्वीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई । मज्झिममज्झिमगेविज्जगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! Page #426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५ जीवपज्जवसं० पुच्छा] सुत्तागमे जहन्नेणं छव्वीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा! जहन्नणं छन्वीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई उक्कोसेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । मज्झिमउवरिमगेविजगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं अट्ठावीसं सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं अट्ठावीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। उवरिमहेछिमगेविजगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठावीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । उवरिममज्झिमगेविज्जगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगणतीसं सागरोवमाइं उक्कोसेणं तीसं सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुतूणाई, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । उवरिमउवरिमगेविजगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं तीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं एकतीसं सागरोवमाइं । अपज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं एकतीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ २४४ ॥ विजयवेजयंतजयंतअपराजिएसु णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एकतीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं । अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एकतीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! अजहन्नमणुक्कोसं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता । सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं अपजत्तयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । सव्वटसिद्धगदेवाणं० पजत्तयाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! अजहन्नमणुक्कोसं तेत्तीसं सागरोवमाई अंतोमुहुत्तूणाई ठिई पन्नत्ता ॥ २४५ ॥ पन्नवणाए भगवईए चउत्थं ठिइपयं समत्तं ॥ कइविहा णं भंते ! पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पजवा पन्नत्ता। तंजहाजीवपजवा य अजीवपजवा य ॥ २४६ ॥ जीवपजवा णं भंते ! किं संखिज्जा, Page #427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३५२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं असंखिज्जा, अनंता ? गोयमा ! नो संखिज्जा, नो असंखिज्जा, अनंता । से केणणं भंते! एवं बुच्चइ - 'जीवपज्जवा नो संखिज्जा, नो असंखिज्जा, अनंता' ? गोयमा ! असंखिजा नेरइया, असंखिज्जा असुरकुमारा, असंखिजा नागकुमारा, असंखिजा सुवण्णकुमारा, असंखिज्जा विज्जुकुमारा, असंखिज्जा अगणिकुमारा, असंखिजा दीवकुमारा, असंखिजा उदहिकुमारा, असंखिज्जा दिसीकुमारा, असंखिजा वाउकुमारा, असंखिज्जा थणियकुमारा, असंखिज्जा पुढविकाइया, असंखिज्जा आउकाइया, असंखिज्जा तेउकाइया, असंखिज्जा वाउकाइया, अनंता वणप्फइकाइया, असंखिज्जा बेइंदिया, असंखिज्जा तेइंदिया, असंखिज्जा चउरिंदिया, असंखिज्जा पंचिंदियतिरिक्खजोणिया, असंखिजा मणुस्सा, असंखिज्जा वाणमंतरा असंखिज्जा जोइसिया, असंखिज्जा वैमाणिया, अणंता सिद्धा, से एएणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ – ते णं नो संखिज्जा, नो असंखिजा, अनंता ॥ २४७ ॥ नेरइयाणं भंते! केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अनंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ – 'नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! नेरइए नेरइयस्स दव्वट्टयाए तुले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिज्जइभागहीणे वा संखिज्जइभागहीणे वा संखिज्ज - गुणहीणे वा असंखिज्जगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिज्जइभागमब्भहिए वा संखिज्जइभागमब्भहिए वा संखिज्जगुणमब्भहिए वा असंखिज्जगुणमब्भहिए वा । ठिईए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिज्जइभागही वा संखिज्जइभागहीणे वा संखिज्जगुणहीणे वा असंखिज्जगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिज्जभागमब्भहिए वा संखिज्जभागमब्भहिए वा संखिज्जगुणमब्भहिए वा असंखिज्जगुणमब्भहिए वा । कालवण्णपज्जवेहिं सिय हीणें सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे अणंतभागहीणे वा असंखेज्जभागहीणे वा संखेज्जभागहीणे वा संखेजगुणहवा असंखेजगुणहीणे वा अनंतगुणहीणे वा । अह अब्भहिए अणंतभागमब्भहिए वा असंखेज्जभागमब्भहिए वा संखेजभागमन्भहिए वा संखेज्जगुणमब्भहिए वा असंखेज्जगुणमब्भहिए वा अनंतगुणमब्भहिए वा । नीलवन्नपज्जवेहिं लोहियवन्नपज्जवेहिं हाद्दिवन्नपज्जवेहिं सुलिवन्नपज्जवेहिं छाणवडिए । सुब्भिगंधपज्जवेहिं दुब्भिaurat aडए । तित्तरसपज्जवेहिं कडुयरसपज्जवेहिं कसायरसपज्जवेहिं अंबिलरसपज्जवेहिं महुररसपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए । कक्खड फासपज्जवेहिं मउयफासपज्जवेहिं गरुयफासपज्जवेहिं लहुयफासपज्जवेहिं सीयफासपज्जवेहिं उसिणफासपज्जवेहिं निद्धफासपज्जवेहिं लुक्खफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए । आभिणिबोहियनाणपज्जवेहिं Page #428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. प०५ आउकाइय० वण्णणं] सुत्तागमे ३५३ सुयनाणपजवेहिं ओहिनाणपज्जवेहिं मइअन्नाणपज्जवेहिं सुयअन्नाणपज्जवहिं विभंगनाणपज्जवेहिं चक्खुदंसणपजवेहिं अचक्खुदंसणपनवेहिं ओहिदसणपजवेहिं छट्ठाणवडिए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'नेरइयाणं नो संखेजा, नो असंखेजा, अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ॥ २४८ ॥ असुरकुमाराणं भंते ! केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'असुरकुमाराणं अणंता पजवा पनत्ता' ? 'गोयमा ! असुरकुमारे असुरकुमारस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपजवेहिं छट्ठाणवडिए, एवं नीलवन्नपज्जवेहिं लोहियवन्नपजवेहि हालिद्दवन्नपज्जवेहिं सुकिल्लवन्नपज्जवेहि, सुब्भिगंधपज्जवहिं दुर्भिगंधपजवेहि, तित्तरसपजवेहिं कड्डयरसपज्जवहिं कसायरसपजवेहिं अंबिलरसपजवेहिं महुररसपजवेहिं, कक्खडफासपज्जवेहिं मउयफासपज्जवेहि गरुयफासपज्जवेहिं लहुयफासपजवेहिं सीयफासपज्जवेहिं उसिणफासपज्जवेहिं निद्धफासपज्जवेहिं लुक्खफासपज्जवेहिं आभिणिबोहियनाणपजवेहिं सुयनाणपजवेहिं ओहिनाणपजवेहिं मइअन्नाणपज्जवेहिं सुयअन्नाणपज्जवेहिं विभंगनाणपज्जवेहिं चक्खुदंसणपज्जवेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहिं ओहिदंसणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'असुरकुमाराणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' । एवं जहा नेरइया, जहा असुरकुमारा तहा नागकुमारा वि जाव थणियकुमारा ॥ २४९ ॥ पुढविकाइयाणं भंते ! केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'पुढविकाइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! पुढविकाइए पुडविकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिजइभागहीणे वा संखिज्जइभागहीणे वा संखिजइगुणहीणे वा असंखिज्जइगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिज्जइभागअब्भहिए वा संखिजइभागअब्भहिए वा संखिजगुणअब्भहिए वा असंखिजगुणअब्भहिए वा । ठिईए तिट्ठाणवडिए, सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए। जइ हीणे असंखिज्जभागहीणे वा संख्रिजभागहीणे वा संखिजगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिज्जइभागअब्भहिए वा संखिज्जइभागअब्भहिए वा संखिजगुणअब्भहिए वा । वन्नेहिं गंधेहिं रसेहिं फासेहिं मइअन्नाणपजवेहिं सुयअन्नाणपज्जवेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए ॥ २५० ॥ आउकाइयाणं भंते ! केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-'आउकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा! आउकाइए आउकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिढाणवडिए, वन्न २३ सुत्ता. Page #429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं गंधरसफासमइअन्नाणसुयअन्नाणअचक्खुदंसणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए ॥ २५१॥ तेउकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ'तेउकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! तेउकाइए तेउकाइयस्स दवट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासमइअन्नाणसुयअन्नाणअचक्खुदंसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए॥२५२॥ वाउकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! वाउकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ'वाउकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! वाउकाइए वाउकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासमइअन्नाणसुयअन्नाणअचक्खुदंसणपजवेहिं छट्ठाणवडिए॥२५३॥ वणस्सइकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ'वणस्सइकाइयाणं अणंता पज्जवा पनत्ता' ? गोयमा ! वणस्सइकाइए वणस्सइकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासमइअन्नाणसुयअन्नाणअचक्खुदंसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'वणस्सइकाइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ॥ २५४ ॥ बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ'बेइंदियाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! बेइंदिए बेइंदियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिजइभागहीणे वा संखिजइभागहीणे वा संखिजइगुणहीणे वा असंखिजइगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिजभागअन्भहिए वा संखिज्जइभागअब्भहिए वा संखिजगुणमब्भहिए वा असंखिज्जइगुणमब्भहिए वा । ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासआभिणिबोहियनाणसुयनाणमइअन्नाणसुयअन्नाणअचक्खुदंसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं तेइंदिया वि । एवं चउरिंदिया वि, नवरं दो दंसणा, चक्खुदंसणं अचक्खुदंसणं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पज्जवा जहा नेरइयाणं तहा भाणियव्वा ॥ २५५ ॥ मणुस्साणं भंते ! केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'मणुस्साणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! मणूसे मणूसस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासआभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणमणपज्जवनाणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, केवलनाणपज्जवेहिं तुल्ले, तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलदसणपजवेहिं तुल्ले । वाणमंतरा ओगाहणट्ठयाए ठिईए चउट्ठाणवडिया, वण्णाईहिं छट्ठाणवडिया। जोइसिया वेमाणिया वि एवं चेव, नवरं Page #430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ५ अजहण्ण० वण्णणं ] सुगमे ३५५ ठिए तिट्ठाणवडिया || २५६ ॥ जहन्नोगाहणगाणं भंते! नेरइयाणं केवइया पज्जवा 'पन्नत्ता ? गोयमा! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए नेरइए जहन्नोगाहणस्स नेरइयस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, पएसइयाए तुल्ले, गाहट्टयाए तुले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए । उक्कोसोगाहणगाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणद्वेणं भंते ! एवं बुच्चइ- 'उक्कोसोगाहणगाणं नेरइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! उक्कोसोगाहणए नेरइए उक्कोसोगाहणस्स नेरइयस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहगट्टयाए तुल्ले । ठिईए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिज्जभागहीणे वा संखिज्जभागहीणे वा, अह अब्भहिए असंखिज्जभागअब्भहिए वा संखिज्जभागअब्भहिए वा । वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं "तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए । अजहन्नमणुक्कोसोगाहणाणं भंते! नेरइयाणं केवइया पज्जवा 'पन्नत्ता ? गोयमा ! अनंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ - 'अजहन्नमणुक्कोसोगाहणाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए -नेरइए अजहन्नमणुक्कोसोगाहणस्स नेरइयस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिज्जभागहीणे वा संखिज्जभागहीणे वा संखिज्जगुणहीणे वा असंखिज्जगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिज्जभागअब्भहिए वा संखिज्जभागअब्भहिए वा संखिजगुणअब्भहिए वा असंखिज्जगुणअब्भहिए वा । ठिईए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ ही असंखिज्जभागहीणे वा संखिज्जभागहीणे वा संखिज्जगुणहीणे वा असंखिज्जगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिजभागअब्भहिए वा संखिज्जभागअब्भहिए वा संखिज्ज- गुणअब्भहिए वा असंखिज्जगुणअब्भहिए वा । वन्नगंधर सफासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्टाणवडिए, से एएणट्ठेणं गोयमा ! एवं बुच्च - “अजहन्नमणुक्को सो गाहणाणं नेरइयाणं अणंता पज्जवा पन्नता' ॥ २५७ ॥ जहन्नठिइयाणं भंते! नेरइयाणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अनंता जपवा पन्नत्ता | सेकेणणं भंते ! एवं वुच्चइ - ' जहन्नठिझ्याणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा `पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्न ठिइए नेरइए जहन्नटिइयस्स नेरइयस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, सट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वन्नगंधरसफासपज्जचेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोस ठिइए वि । अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे चउट्ठाणवडिए ॥ २५८ ॥ Page #431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं जहन्नगुणकालगाणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जहन्नगुणकालगाणं नेरइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए नेरइए जहन्नगुणकालगस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउठाणवडिए, कालवन्नपजवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं सणेहिं छट्ठाणवडिए, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'जहन्नगुणकालगाणं नेरइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' । एवं उक्कोसगुणकालए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं कालवन्नपजवेहिं छट्ठाणवडिए । एवं अवसेसा चत्तारि वन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा भाणियव्वा ॥ २५९ ॥ जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पजवा पन्नत्ता? गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं नेरइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं नेरइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियनाणी नेरइए जहन्नाभिणिबोहियनाणिस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, आभिणिबोहियनाणपज्जवहिं तुल्ले, सुयनाणपजवेहिं ओहिनाणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, तिहिं ईसणेहिं छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसाभिणिबोहियनाणी वि । अजहन्नमणुकोसाभिणिबोहियनाणी वि एवं चेव, नवरं आभिणिबोहियनाणपज्जवेहिं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं सुयनाणी ओहिनाणी वि, नवरं जस्स नाणा तस्स अन्नाणा नत्थि । जहा नाणा तहा अन्नाणा वि भाणियव्वा, नवरं जस्स अन्नाणा तस्स नाणा न भवंति । जहन्नचक्खुदंसणीणं भंते ! नेरइयाणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-'जहन्नचक्खुदंसणीणं नेरइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नचक्खुदंसणी णं नेरइए जहन्नचक्खुदंसणिस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं छट्ठाणवडिए, चक्खुदंसणपजवेहिं तुल्ले, अचक्खुदसणपज्जवहिं ओहिदंसणपज्जवेहिं छठ्ठाणवडिए । एवं उक्कोसचक्खुदंसणी वि । अजहन्नमणुक्कोसचक्खुदंसणी वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं अचक्खुदंसणी वि, ओहिदसणी वि ॥ २६० ॥ जहन्नोगाहणाणं भंते ! असुरकुमाराणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ'जहन्नोगाहणाणं असुरकुमाराणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए Page #432 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ५ अ० मइअण्णाणी०] सुत्तागमे असुरकुमारे जहन्नोगाहणस्स असुरकुमारस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नाईहिं छट्ठाणवडिए, आभिणिबोहियनाणपजवेहिं सुयनाणपज्जवहिं ओहिनाणपज्जवेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसोगाहणए वि । एवं अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि, नवरं सट्ठाणे चउट्ठाणवडिए। एवं जाव थणियकुमारा ॥ २६१ ॥ जहन्नोगाहणाणं भंते ! पुढविकाइयाणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जहन्नोगाहणाणं पुढविकाइयाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए पुढविकाइए जहन्नोगाहणस्स पुढविकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठः याए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खुदंसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसोगाहणए वि। अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं सहाणे चउट्ठाणवडिए। जहन्नठिइयाणं पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जहनठिइयाणं पुढविकाइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नठिइए पुढविकाइए जहन्नठिइयस्स पुढविकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणठ्याए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वन्नगंधरसफासपजवेहिं मइअन्नाणपज्जवेहिं सुयअन्नाणपजवेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि। अजहन्नमणुकोसठिइए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे तिट्ठाणवडिए । जहन्नगुणकालयाणं भंते ! पुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ'जहन्नगुणकालयाणं पुढविकाइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए पुढविकाइए जहन्नगुणकालयस्स पुढविकाइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसगुणकालए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं पंच वन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा भाणियव्वा । जहन्नमइअन्नाणीणं भंते ! पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पन्जवा पन्नत्ता। से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-'जहन्नमइअन्नाणीणं पुढविकाइयाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नमइअन्नाणी पुढविकाइए जहन्नमइअन्नाणिस्स पुढविकाइयस्स दव्वठ्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपजवेहिं छट्ठाणवडिए, मइअन्नाणपजवेहिं तुल्ले, सुयअन्नाणपजवेहिं अचक्खुदंसणपजवेहिं छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसमइअन्नाणी वि । अजहन्न Page #433 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३५८ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं मोसम अन्नाणी वि एवं चेत्र, नवरं सहाणे छट्टाणवडिए । एवं सुयअन्नाणी वि अक्खुदंसणी वि एवं चेव जाव वणप्फइकाइया ॥ २६२ ॥ जहन्नोगाहणगाणं भंते ! बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ‘जहन्नोगाहणगाणं बेइंदियाणं अणता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नो गाहणए बेइंदिए जहन्नोगाहणस्स बेइंदियस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, परसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए तुल्ले, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं दोहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहि य छाणवडिए । एवं उक्कोसोगाहणए वि, णवरं णाणा णत्थि । अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए जहा जहन्नोगाहणए, णवरं सट्ठाणे ओगाहणाए चउट्ठाणवडिए । जहन्नठिइयाणं भंते ! बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ - ' जहन्नठियाणं बेइंदियाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नठिए बेइं दिए जहन्नठिइयस्स बेइंदियस्स दव्वट्टयाए तुल्ले, पएसयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वन्नगंधर सफासपज्जवेहिं दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहि य छट्टाणवडिए । एवं उक्कोस ठिइए वि वरं दो णाणा अब्भहिया । अजहन्नमणुक्कोसठिइए जहा उक्कोसठिइए, णवरं ठिईए तिट्ठाणवडिए । जहन्नगुणकालगाणं बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! अनंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ - 'जहन्नगुणकालगाणं बेइंदियाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए बेइंदिए जहन्नगुणकालगस्स बेइंदियस्स. दव्वट्टयाए तुल्ले, पएसडयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं दोहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसगुणकालए वि । अजहन्नमणुक्को -- सगुणकालए वि एवं चेव । णवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं पंच वन्ना दो गंध पंच रसा अट्ठ फासा भाणियव्वा । जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं भंते ! बेइंदियाणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणद्वेणं भंते ! एवं बुच्चइ'जहन्ना भिणिबोहियनाणीणं बेइंदियाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियनाणी बेइं दिए जहन्नाभिणिबोहियनाणिस्स बेइंदियस्स दव्वट्टयाए तुल्ले,. पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपजवेहिं छट्ठाणवडिए, आभिणिबोहियनाणपज्जवेहिं तुल्ले, सुयनाणपजवेहिं छट्ठाप्रणवडिए, अचक्खुदंसणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसाभिणिबोहियनाणी वि । अन्नमणुक्कोसाभिणिबोहियनाणी वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं "सुमनाणी वि सुयअन्नाणी वि अचक्खुदंसणी वि, नवरं जत्थं नाणा तत्थ अन्नाणा नत्थि, 1 Page #434 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ५ जहण्णाभिणिबोहियणाणी० ] सुत्तागमे ३५९ जत्थ अन्नाणा तत्थ नाणा नत्थि, जत्थ दंसणं तत्थ नाणा वि अन्नाणा वि । एवं तेइंदियाण वि । चरिंदियाण वि एवं चेव, णवरं चक्खुदंसणं अब्भहियं ॥ २६३ ॥ जहन्नोगाहणगाणं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जहन्नोगाहणगाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए पंचिंदियतिरिक्खजोणिए जहन्नोगाहणयस्स पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपजवेहि दोहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं दोहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए । उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं तिहिं नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए । जहा उक्कोसोगाहणए तहा अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि, णवरं ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए। जहन्नठिइयाणं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जहन्नठिइयाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नठिइए पंचिंदियतिरिक्खजोणिए जहन्नठिइयस्स पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं दोहिं अन्नाणेहिं दोहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए। उक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं दो नाणा दो अन्नाणा दो दंसणा । अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए । तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा तिन्नि दंसणा। जहन्नगुणकालगाणं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए पंचिंदियतिरिक्खजोगिए जहन्नगुणकालगस्स पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपजवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं ईसणेहिं छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसगुणकालए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं पंच वन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा । जहन्नाभिणिबोहियणाणीणं भंते ! पचिंदियतिरिक्खजोणियाणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियणाणी पंचिंदियतिरिक्खजोणिए जहन्नाभिणिबोहियणाणिस्स पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, आभिणिबोहियणाणपज्जवेहिं तुल्ले, सुयणाण Page #435 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६० सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं पज्जवेहिं छहाणवडिए, चक्खुदसणपज्जवेहिं छठाणवडिए, अचक्खुदंसणपज्जवेहि छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसाभिणिबोहियणाणी वि, णवरं ठिईए तिहाणवडिए, तिन्नि नाणा तिन्नि दसणा, सहाणे तुल्ले, सेसेसु छट्ठाणवडिए । अजहन्नमणुक्कोसाभिणिबोहियनाणी जहा उक्कोसाभिणिबोहियनाणी, णवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए । सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं सुयणाणी वि। जहन्नोहिनाणीणं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नोहिनाणी पंचिंदियतिरिक्खजोणिए जहन्नोहिनाणिस्स पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपजवेहिं आभिणिबोहियनाणसुयनाणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, ओहिनाणपज्जवेहिं तुल्ले । अन्नाणा नत्थि । चक्खुदंसणपज्जवेहिं अचक्खुदंसणपजवेहिं ओहिदंसणपजवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसोहिनाणी वि। अजहन्नुक्कोसोहिनाणी वि एवं चेव, णवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । जहा आभिणिबोहियनाणी तहा मइअन्नाणी सुयअन्नाणी य, जहा ओहिनाणी तहा विभंगनाणी वि, चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी य जहा आभिणिबोहियनाणी, ओहिदंसणी जहा ओहिनाणी, जत्थ नाणा तत्थ अन्नाणा नत्थि, जत्थ अन्नाणा तत्थ नाणा नत्थि, जत्थ दंसणा तत्थ नाणा वि अन्नाणा वि अत्थित्ति भाणियव्वं ॥ २६४ ॥ जहन्नोगाहणगाणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ—'जहन्नोगाहणगाणं मणुस्साणं अणंता पजवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए मणूसे जहन्नोगाहणगस्स मणूसस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपजवेहिं तिहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए। उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं ठिईए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे असंखिजइभागहीणे, अह अब्भहिए असंखिजइभागअब्भहिए। दो नाणा दो अन्नाणा दो सणा । अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, णवरं ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, आइल्लेहिं चउहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलनाणपजवेहिं तुल्ले, तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलदसणपज्जवेहिं तुल्ले । जहन्नठिइयाणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० गोयमा ! जहन्नठिइए मणुस्से जहन्नठिइयस्स मणुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं दोहिं अन्नाणेहिं दोहिं दंसणेहिं Page #436 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०५ ओहिदसणी०] सुत्तागमे छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि, नवरं दो नाणा दो अन्नाणा दो दंसणा। अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, आइल्लेहिं चउहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलनाणपज्जवेहिं तुले, तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलदसणपज्जवेहिं तुल्ले । जहन्नगुणकालयाणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए मणूसे जहन्नगुणकालयस्स मणुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपजवेहिं छट्ठाणवडिए, चउहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलनाणपजवेहिं तुल्ले, तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, केवलदंसणपजवेहिं तुल्ले । एवं उक्कोसगुणकालए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं पंच वन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ट फासा भाणियव्वा । जहन्नाभिणिबोहियनाणीणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नाभिणिबोहियनाणी मणूसे जहन्नाभिणिबोहियनाणिस्स मणुस्सस्स दवट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, आभिणिबोहियनाणपज्जवेहिं तुल्ले, सुयनाणपज्जवेहिं दोहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसाभिणिबोहियनाणी वि, नवरं आभिणिबोहियनाणपज्जवेहिं तुल्ले, ठिईए तिढाणवडिए, तिहिं नाणेहिं तिहिं दसणेहिं छट्ठाणवडिए । अजहन्नमणुक्कोसाभिणिबोहियनाणी जहा उक्कोसाभिणिबोहियनाणी, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए, सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं सुयनाणी वि । जहन्नोहिनाणीणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा.! जहन्नोहिनाणी मणुस्से जहन्नोहिनाणिस्स मणूसस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए तिट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं दोहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिए, ओहिनाणपज्जवेहिं तुल्ले, मणनाणपजवेहिं छट्ठाणवडिए, तिहिं ईसणेहिं छटाणवडिए। एवं उक्कोसोहिनाणी वि । अजहन्नमणुक्कोसोहिनाणी वि एवं चेव, नवरं ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । जहा ओहिनाणी तहा मणपज्जवनाणी वि भाणियव्वे, नवरं ओगाहणट्ठयाए तिट्ठाणवडिए । जहा आभिणिबोहियनाणी तहा मइअन्नाणी सुयअन्नाणी वि भाणियव्वे । जहा ओहिनाणी तहा विभंगनाणी वि भाणियव्वे, चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी य जहा आभिणिबोहियनाणी, ओहिदसणी जहा Page #437 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं ओहिनाणी । जत्थ नाणा तत्थ अन्नाणा नत्थि, जत्थ अन्नाणा तत्थ नाणा नत्थि, जत्थ दसणा तत्थ नाणा वि अन्नाणा वि । केवलनाणीणं भंते ! मणुस्साणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ'केवलनाणीणं मणुस्साणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! केवलनाणी मणूसे केवलनाणिस्स मणूसस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तिट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छटाणवडिए, केवलनाणपज्जवेहिं केवलदसणपजवेहि य तुल्ले । एवं केवलदसणी वि मणूसे भाणियव्वे । वाणमंतरा जहा असुरकुमारा । एवं जोइसियवेमाणिया, नवरं सट्ठाणे ठिईए तिट्ठाणवडिए भाणियन्वे । सेत्तं जीवपज्जवा ॥ २६५ ॥ अजीवपजवा णं भंते ! कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-रूविअजीवपजवा य अरूविअजीवपज्जवा य ॥ २६६ ॥ अरूविअजीवपज्जवा णं भंते ! कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता । तंजहा-धम्मत्थिकाए, धम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पएसा, अहम्मत्थिकाए, अहम्मत्थिकायस्स देसे, अहम्मत्थिकायस्स पएसा, आगासत्थिकाए, आगासत्थिकायस्स देसे, आगासत्थिकायस्स पएसा, अद्धासमए ॥ २६७ ॥ रूविअजीवपज्जवा णं भंते ! कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहाखंधा, खंधदेसा, खंधपएसा, परमाणुपुग्गला । ते णं भंते ! किं संखेज्जा असंखेजा अणंता ? गोयमा ! नो संखेजा, नो असंखेज्जा, अणंता । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'नो संखेजा, नो असंखेज्जा, अणंता' ? गोयमा ! अणंता परमाणुपुग्गला, अणंता दुपएसिया खंधा जाव अणंता दसपएसिया खंधा, अणंता संखेजपएसिया खंधा, अणंता असंखेजपएसिया खंधा, अणंता अणंतपएसिया खंधा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'ते णं नो संखेजा, नो असंखेजा, अणंता' ॥ २६८ ॥ परमाणुपोग्गलाणं भंते ! केवइया पज्जवा पन्नत्ता ? गोयमा ! परमाणुपोग्गलाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-‘परमाणुपुग्गलाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' ? गोयमा ! परमाणुपुग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अन्भहिए। जइ हीणे असंखिज्जइभागहीणे वा संखिज्जइभागहीणे वा संखिज्जइगुणहीणे वा असंखिज्जइगुणहीणे वा । अह अब्भहिए असंखिज्जइभागअब्भहिए वा संखिज्जइभागअब्भहिए वा संखिजगुणअब्भहिए वा असंखिजगुणअब्भहिए वा। कालवन्नपज्जवेहिं सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे अणंतभागहीणे वा असंखिजइभागहीणे वा संखिज्जइभागहीणे वा संखिज्जगुणहीणे वा असंखिज्जगुणहीणे वा Page #438 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०५ संखिज्जपएसोगाढ०] सुत्तागमे अणंतगुणहीणे वा । अह अब्भहिए अणंतभागअब्भहिए वा असंखिजइभागअब्भहिए वा संखिजभागअन्भहिए वा संखिज्जगुणअब्भहिए वा असंखिजगुणअब्भहिए. वा अणंतगुणअब्भहिए वा । एवं अवसेसवन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए । फासाणं सीयउसिणनिद्धलुक्खेहिं छट्ठाणवडिए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ'परमाणुपोग्गलाणं अणंता पज्जवा पन्नत्ता' । दुपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! दुपएसिए दुपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसमब्भहिए। ठिईए चउट्ठाणवडिए. वन्नाईहिं उवरिल्लेहिं चउफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं तिपएसिए वि, नवरं ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे पएसहीणे वा दुपएसहीणे वा, अह अब्भहिए पएसमब्भहिए वा दुपएसमब्भहिए वा । एवं जाव दसपएसिए, नवरं ओगाहणाए पएसपरिवुड्डी कायव्वा जाव दसपएसिए, नवरं नवपएसहीण त्ति । संखेजपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! संखेजपएसिए संखेजपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए। जइ हीणे संखेजभागहीणे वा संखेजगुणहीणे वा, अह अब्भहिए एवं चेव । ओगाहणट्ठयाए वि दुट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिल्लचउफासपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए । असंखिजपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा! असंखिजपएसिए खंधे असंखिज्जपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए । अणंतपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! अणंतपएसिए खंधे अणंतपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसफासपजवेहिं छट्ठाणवडिए ॥२६९॥ एगपएसोगाढाणं पोग्गलाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणढेणं भंते ! एवं बुच्चइ० ? गोयमा! एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिलचउफासेहिं छट्ठाणवडिए। एवं दुपएसोगाढे वि । संखिजपएसोगाढाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! संखिजपएसोगाढे पोग्गले संखिज्जपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए Page #439 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं छठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए दुट्टाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए। असंखेजपएसोगाढाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! असंखेजपएसोगाढे पोग्गले असंखेजपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव्वठ्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइअट्ठफासेहिं छट्ठाणवडिए ॥२७०॥ एगसमयठिइयाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! एगसमयठिइए पोग्गले एगसमयठिइयस्स पोग्गलस्स दवट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वण्णाइअट्ठफासेहिं छट्ठाणवडिए। एवं जाव दससमयठिइए। संखेजसमयठिइयाणं एवं चेव, णवरं ठिईए दुट्ठाणवडिए । असंखेज्जसमयठिइयाणं एवं चेव, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए॥ २७१॥ एकगुणकालगाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! एकगुणकालए पोग्गले एकगुणकालगस्स पोग्गलस्स व्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छठ्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, अट्ठहिं फासेहिं छट्ठाणवडिए। एवं जाव दसगुणकालए। संखेजगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे दुट्ठाणवडिए । एवं असंखेजगुणकालए वि, नवरं सट्ठाणे चउट्ठाणवडिए। एवं अणंतगुणकालए वि, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं जहा कालवन्नस्स वत्तव्वया भणिया तहा सेसाण वि वन्नगंधरसफासाणं वत्तव्वया भाणियव्वा जाव अणंतगुणलुक्खे ॥ २७२ ॥ जहन्नोगाहणगाणं भंते ! दुपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए दुपएसिए खंधे जहन्नोगाहणस्स दुपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहि छट्ठाणवडिए, सेसवन्नगंधरसपजवेहिं छट्ठाणवडिए, सीयर सिणणिद्धलुक्खफासपज्जवेहि छट्ठाणवडिए, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-'जहन्नोगाहणगाणं दुपएसियाणं पोग्गलाणं अणंता पजवा पन्नत्ता'। उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव । अजहन्नमणुक्कोसोगाहणओ नत्थि । जहन्नोगाहणयाणं भंते ! तिपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहा दुपएसिए जहन्नोगाहणए, उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, एवं अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि । जहन्नोगाहणयाणं भंते ! चउपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहा जहन्नोगाहणए दुपएसिए तहा जहन्नोगाहणए चउप्पएसिए, एवं जहा उक्कोसोगाहणए दुपए सिए तहा उक्कोसोगाहणए Page #440 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ५ ज० दुपएसिय०] सुत्तागमे चउप्पएसिए वि। एवं अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि चउप्पएसिए,णवरं ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए। जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसअब्भहिए । एवं जाव दसपएसिए णेयव्वं, णवरं अजहण्णुक्कोसोगाहणए पएसपरिवुड्डी कायव्वा जाव दसपएसियस्स सत्त पएसा परिवड्डिजति। जहन्नोगाहणगाणं भंते ! संखेजपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए संखेजपएसिए जहन्नोगाहणगस्स संखेजपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए दुट्टाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइचउफासपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसोगाहणए वि । अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, णवरं सट्ठाणे दुट्ठाणवडिए। जहन्नोगाहणगाणं भंते ! असंखिज्जपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए असंखिज्जपएसिए खंधे जहन्नोगाहणगस्स असंखिज्जपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए चउठाणवडिए, ओगाहणट्टयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिल्लफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसोगाहणए वि। अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे चउट्ठाणवडिए । जहन्नोगाहणगाणं भंते ! अणंतपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए अणंतपएसिए खंधे जहन्नोगाहणस्स अणंतपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुले, पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्टयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिलचउफासेहिं छट्ठाणवडिए । उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं ठिईए वि तुल्ले। अजहन्नमणुक्कोसोगाहणगाणं भंते ! अणंतपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणढेणं भंते! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए अणंतपएसिए खंधे अजहन्नमणुकोसोगाहणगस्स अणंतपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छठाणवडिए, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए; ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइअट्ठफासेहिं छट्ठाणवडिए ॥ २७३ ॥ जहन्नट्ठिइयाणं भंते ! परमाणुपुग्गलाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नठिइए परमाणुपोग्गले जहन्नठिइयस्स परमाणुपोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणठ्याए तुल्ले, ठिईए तुल्ले, वण्णाइदुफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि । अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए । जहन्नठिइयाणं दुपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नठिइए दुपएसिए जहन्नठिइयस्स दुपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणा Page #441 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं ट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए। जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसअब्भहिए । ठिईए तुल्ले, वण्णाइचउफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि । अजहन्नमणुकोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए। एवं जाव दसपएसिए, नवरं पएसपरिवुड्डी कायव्वा । ओगाहणट्ठयाए तिसु वि गमएसु जाव दसपएसिए, एवं पएसा परिवड्डिजंति । जहन्नठिइयाणं भंते ! संखिज्जपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नठिइए संखिजपएसिए खंधे जहन्नठिझ्यस्स संखिजपएसियस्स खंधस्स दव्वयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए दुट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए दुट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वण्णाइचउफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि । अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेत्र, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए । जहन्नठिझ्याणं असंखिजपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पन्जवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नठिइए असंखिजपएसिए जहन्नठिइयस्स असंखिजपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए चउढाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उकोसठिइए वि। अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए चउट्ठाणवडिए । जहन्नठिइयाणं अणंतपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नठिइए अणंतपएसिए जहन्नठिइयस्स अणंतपएसियस्स दव्वठ्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणठ्याए चउठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वण्णाइअट्ठफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि । अजहन्नमणुक्कोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए चउठाणवडिए ॥ २७४ ॥ जहन्नगुणकालयाणं परमाणुपुग्गलाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए परमाणुपुग्गले जहन्नगुणकालयस्स परमाणुपुग्गलस्स दव्वठ्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपजवेहिं तुल्ले, अवसेसा वण्णा णत्थि । गंधरसदुफासपजवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसगुणकालए वि । एवमजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि, णवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। जहन्नगुणकालयाणं भंते ! दुपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए दुपएसिए जहन्नगुणकालयस्स दुपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए। जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसअब्भहिए । ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपजवेहिं तुल्ले, अवसेसवण्णाइउवरिलचउफासेहि य छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोस Page #442 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ५ ज० परमाणुपोग्गल०] सुत्तागमे ३६७ गुणकालए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं जाव दसपएसिए, नवरं पएसपरिवुड्डी ओगाहणाए तहेव। जहन्नगुणकालयाणं भंते ! संखिज्जपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए संखिजपएसिए जहन्नगुणकालयस्स संखिज्जपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए दुट्टाणवडिए, ओगाहणट्टयाए दुट्ठाणवडिए, ठिईए चउठाणवडिए, कालवन्नपजवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए । एवं अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। जहन्नगुणकालयाणं भंते ! असंखिज्जपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए असंखिजपएसिए जहन्नगुणकालयस्स असंखिज्जपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुले, अवसेसेहिं वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसगुणकालए 'वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। जहन्नगुणकालयाणं भंते ! अणंतपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता । से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए अणंतपएसिए जहन्नगुणकालयस्स अणंतपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छठ्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नाइअट्ठफासेहि य छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणकालए वि। अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं नीललोहियहालिसुकिल्लसुब्भिगंधदुन्भिगंधतित्तकडुकसायअंबिलमहुररसपज्जवेहि य वत्तव्वया भाणियव्वा, नवरं परमाणुपोग्गलस्स सुब्भिगंधस्स दुब्भिगंधो न भण्णइ, दुब्भिगंधस्स सुब्भिगंधो न भण्णइ, तित्तस्स अवसेसं न भण्णइ, एवं कडुयाईण वि, अवसेसं तं चेव । जहन्नगुणकक्खडाणं अणंतपएसियाणं खंधाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणकक्खडे अणंतपएसिए जहन्नगुणकक्खडस्स अणंतपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसेहिं छट्ठाणवडिए, कक्खडफासपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं सत्तफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणकक्खडे वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणकक्खडे वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं मउयगुरुयलहुए वि भाणियव्वे । जहन्नगुणसीयाणं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणसीए परमाणु Page #443 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुक्तं पोग्गले जहन्नगुणसीयस्स परमाणुपुग्गलस्स दव्वठ्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसेहिं छट्ठाणवडिए, सीयफासपज्जवेहि य तुल्ले, उसिणफासो न भण्णइ, निद्धलुक्खफासपजवेहि य छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणसीए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणसीए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। जहन्नगुणसीयाणं दुपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चइ० १ गोयमा ! जहन्नगुणसीए दुपएसिए जहन्नगुणसीयस्स दुपए सियस्स दव्वठ्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणठ्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए। जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसअब्भहिए। ठिईए चउट्ठाणवडिए, वन्नगंधरसपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, सीयफासपज्जवेहिं तुल्ले, उसिणनिद्धलुक्खफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणसीए वि । अजहन्नमणुक्कोसगुणसीए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। एवं जाव दसपएसिए, णवरं ओगाहणठ्ठयाए पएसपरिवुड्डी कायव्वा जाव दसपएसियस्स नव पएसा वुड्डिजति । जहन्नगुणसीयाणं संखिज्जपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणता पन्जवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणसीए संखिजपएसिए जहन्नगुणसीयस्स संखिज्जपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए दुट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए दुट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाईहिं छठ्ठाणवडिए, सीयफासपज्जवेहिं तुल्ले, उसिणनिद्धलुक्खेहिं छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणसीए वि। अजहन्नमणुक्कोसगुणसीए वि एवं चेव, नवरं सहाणे छट्ठाणवडिए। जहन्नगुणसीयाणं असंखिजपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणसीए असंखिजपएसिए जहन्नगुणसीयस्स असंखिजपएसियस्स दव्वळुयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, सीयफासपज्जवेहिं तुल्ले, उसिणनिद्धलुक्खफासपज्जवेहिं छठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणसीए वि। अजहन्नमणुक्कोसगुणसीए वि एवं चेव, णवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। जहन्नगुणसीयाणं अणंतपएसियाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता पजवा पन्नत्ता। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नगुणसीए अणंतपएसिए जहन्नगुणसीयस्स अणंतपएसियस्स दवट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, सीयफासपजवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं सत्तफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसगुणसीए वि। अजहन्नमणुक्कोसगुणसीए वि एवं चेव, नवरं सहाणे छठ्ठाणवडिए । एवं उसिणनिद्धलुक्खे जहा सीए । परमाणुपोग्गलस्स तहेव पडिवक्खो सव्वेसिं न भण्णइ त्ति Page #444 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३६९ प० ५ उक्कोसगुणकालय०] सुत्तागमे भाणियव्वं ॥ २७५ ॥ जहन्नपएसियाणं भंते ! खंधाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता मजवा पन्नत्ता । से केणटेणं भंते! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! जहन्नपएसिए खंधे जहन्नपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए । जइ हीणे पएसहीणे, अह अब्भहिए पएसअब्भहिए । ठिईए चउट्ठाणवडिए । वन्नगंधरसउवरिल्लचउफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए । उक्कोसपएसियाणं भंते ! खंधाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता० । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ० ? गोयमा ! उक्कोसपएसिए खंधे उक्कोसपएसियस्स खंधस्स दव्वठ्याए तुल्ले, पएसट्टयाए तुल्ले, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइअट्ठफासपजवेहि य छट्ठाणवडिए । अजहन्नमणुक्कोसपएसियाणं भंते ! खंधाणं केवइया पजवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता० । से केणटेणं० ? गोयमा ! अजहन्नमणुकोसपएसिए खंधे अजहन्नमणुक्कोसपएसियस्स खंधस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए छठाणबडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउठाणवडिए, वण्णाइअट्ठफासपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए ॥ २७६ ॥ जहन्नोगाहणगाणं भंते ! पोग्गलाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता० । से केपट्टेणं० ? गोयमा ! जहन्नोगाहणए पोग्गले जहन्नोगाहणगस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसठ्ठयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्टयाए तुल्ले, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइउवरिल्लफासेहि य छट्ठाणवडिए । उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं ठिईए तुल्ले । अजहन्नमणुक्कोसोगाहणगाणं भंते ! पोग्गलाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता० । से केणटेणं० ? गोयमा ! अजहन्नमणुक्कोसोगाहणए पोग्गले अजहन्नमणुक्कोसोगाहणगस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए, ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, वण्णाइअट्ठफासपज्जवेहि य छटाणवडिए ॥ २७७ ॥ जहन्नठिइयाणं भंते ! पोग्गलाणं पुच्छा । गोयमा ! अणंता० । से केपट्टेणं० ? गोयमा ! जहन्नठिइए पोग्गले जहन्नठिइयस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले, पएसट्ठयाए छठ्ठाणवडिए, ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए तुल्ले, वण्णाइअट्ठफासपजवेहि य छट्ठाणवडिए । एवं उक्कोसठिइए वि । अजहन्नमणुकोसठिइए वि एवं चेव, नवरं ठिईए वि चउट्ठाणवडिए ॥२७८॥ जहन्नगुणकालयाणं भंते ! पोग्गलाणं केवइया पनवा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता० । से केगटेणं० ? गोयमा ! जहन्नगुणकालए पोग्गले जहन्नगुणकालयस्स पोग्गलस्स दवट्ठयाए तुल्ले, पएसट्टयाए छठाणवडिए, ओगाहणठ्ठयाए चउट्ठाणवडिए, ठिईए चउट्ठाणवडिए, कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले, अवसेसेहिं वन्नगंधरसफासपजवेहि य छटाणवडिए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ–'जहन्नगुणकालयाणं पोग्गलाणं अणंता पन्जवा पन्नत्ता' । एवं २४ सुत्ता. Page #445 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं उक्कोसगुणकालए वि। अजहन्नमणुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । एवं जहा कालवन्नपज्जवाणं वत्तव्वया भणिया तहा सेसाण वि वन्नगंधरसफासाणं वत्तव्वया भाणियव्वा जाव अजहन्नमणुकोसलुक्खे सट्ठाणे छट्ठाणवडिए । सेत्तं रूविअजीवपज्जवा । सेत्तं अजीवपजवा ॥ २७९ ॥ पन्नवणाए भगवईए पंचमं विसेसपयं समत्तं ॥ बारस चउवीसाइं सअंतरं एगसमय कत्तो य । उव्वट्टण परभवियाउयं च अटेव आगरिसा ॥ १ ॥ निरयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एक समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता । तिरियगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता । मणुयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता । देवगई णं भंते ! केवइयं कालं. विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। सिद्धिगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया सिझणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा ॥ २८० ॥ निरयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उव्वट्टणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एकं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। तिरियगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उव्वट्टणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता । मणुयगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उव्वदृणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता । देवगई णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उव्वट्टणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता ॥ १ दारं ॥ २८१॥ रयणप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता । सक्करप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं सत्तराइंदियाणि । वालुयप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अद्धमासं । पंकप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं मासं । धूमप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं दो मासा। तमापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चत्तारि मासा। अहेसत्तमापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! Page #446 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ६ दा० २ आणयदेव० ] सुत्तागमे ३७१ जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा ॥ २८२ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। नागकुमारा णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता । एवं सुवन्नकुमाराणं विज्जुकुमाराणं अग्गिकुमाराणं दीवकुमाराणं दिसिकुमाराणं उदहिकुमाराणं वाउकुमाराणं थणियकुमाराण य पत्तेयं जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता ॥ २८३ ॥ पुढविकाइया णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! अणुसमयमविरहियं उववाएणं पन्नत्ता । एवं आउकाइया वि तेजकाइया वि वाउकाइया वि वणस्सइकाइया वि अणुसमयं अविरहिया उववाएणं पन्नत्ता ॥ २८४ ॥ बेइंदिया णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं। एवं ते इंदियचउरिंदिया ॥ २८५ ॥ संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । गब्भवक्कतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता ॥ २८६ ॥ समुच्छिममणुस्सा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता । गब्भवक्कंतियमणुस्सा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता ॥ २८७ ॥ वाणमंतराणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्लोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता जोइसियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता | सोहम्मे कप्पे देवा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहनेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। ईसाणे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता । सर्णकुमारे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं णव राइंदियाई वीसाई मुहुत्ताई । माहिंदे कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस राइंदियाई दस मुहुत्ताई । बंभलोए देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अद्धतेवीसं राईदियाई । लंगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं पणयालीसं राइंदियाई । महासुक्कदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असीई राइंदियाई । सहस्सारे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं राईदियसयं । आणयदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं संखेज्जा मासा । । , Page #447 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३७२ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं पाणयदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेजा मासा। आरणदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखिज्जा वासा। अच्चुयदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखिज्जा वासा। हिटिमगेविज्जाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखिज्जाइं वाससयाइं । मज्झिमगेविज्जाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखिजाई वाससहस्साई । उवरिमगेविज्जाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखिज्जाइं वाससयसहस्साई । विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवाणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेजं कालं । सव्वट्ठसिद्धगदेवा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स संखिजइभागं ॥ २८८ ॥ सिद्धा णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया सिज्झणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा ॥ २८९ ॥ रयणप्पभापुढदिनेरइया णं भंते ! केवइयं कालं विरहिया उव्वदृणाए पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं-चउव्वीसं मुहुत्ता । एवं सिद्धवजा उव्वट्टणा वि भाणियव्वा जाव अणुत्तरोववाइयत्ति, नवरं जोइसियवेमाणिएसु 'चयणं'ति अहिलावो कायव्वो ॥ २ दारं ॥ २९० ॥ नेरइया णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववति । तिरिक्खजोणिया णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववज्जति । मणुस्सा णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववज्जति । देवा णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववति ॥ २९१ ॥ रयणप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववजंति । एवं जाव अहेसत्तमाए संतरं पि उववज्जति, निरंतरं पि उववज्जति ॥ २९२॥ असुरकुमारा णं देवा णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववजंति । एवं जाव थणियकुमारा संतरं पि उववज्जति, निरंतरं पि उववज्जति ॥ २९३ ॥ पुढविकाइया णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! नो संतरं उववज्जंति, निरंतरं उववजंति । एवं जाव वणस्सइकाइया नो संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति । बेइंदिया णं भंते ! किं संतरं उववजंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववति । एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया ॥ २९४ ॥ मणुस्सा णं भंते ! किं Page #448 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ६ दा०५ णेरइय० पुच्छा] सुत्तागमे संतरं उववनंति, निरंतरं उववजंति ? गोयमा ! संतरं पि उववजंति, निरंतरं पि उववति । एवं वाणमंतरा जोइसिया सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलोयलंतगमहासुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणच्चुयहिटिमगेविजगमज्झिमगेविजगउवरिमगेविज्जगविजयवेजयंतजयंतअपराजियसव्वट्ठसिद्धदेवा य संतरं पि उववजंति निरंतरं पि उववजंति ॥ २९५ ॥ सिद्धा णं भंते ! किं संतरं सिज्झंति, निरंतरं सिज्झंति ? गोयमा ! संतरं पि सिझंति, निरंतरं पि सिज्झंति ॥ २९६ ॥ नेरइया णं भंते ! किं संतरं उव्वदृति, निरंतरं उव्वदंति ? गोयमा ! संतरं पि उव्वळंति, निरंतरं पि उव्वट्ठति। एवं जहा उववाओ भणिओ तहा उव्वट्टणा वि सिद्धवजा भाणियव्वा जाव वेमाणिया, नवरं जोइसियवेमाणिएसु 'चयणं'ति अहिलावो कायव्वो ॥ ३ दारं ॥ २९७ ॥ नेरइया णं भंते ! एगसमएणं केवइया उववजंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उववजंति, एवं जाव अहेसत्तमाए ॥ २९८ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! एगसमएणं केवइया उववजंति ? गोयमा! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेजा वा असंखेजा वा । एवं नागकुमारा जाव थणियकुमारा वि भाणियव्वा ॥ २९९ ॥ पुढविकाइया णं भंते ! एगसमएणं केवइया उववजति ? गोयमा ! अणुसमयं अविरहियं असंखेज्जा उववजंति, एवं जाव वाउकाइया । वणस्सइकाइया णं भंते ! एगसमएणं केवइया उववजंति ? गोयमा ! सट्ठाणुववायं पडुच्च अणुसमयं अविरहिया अणंता उववजंति, परट्ठाणुववायं पडुच्च अणुसमयं अविरहिया असंखेज्जा उववजंति । बेइंदिया णं भंते ! एगसमएणं केवइया उववजति ? गोयमा ! जहन्नेणं एगो वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेजा वा । एवं तेइंदिया चउरिंदिया । संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिया गब्भवकंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणिया संमुच्छिममणुस्सा वाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलोयलंतगमहासुक्कसहस्सारकप्पदेवा एए जहा नेरइया । गब्भवक्कंतियमणूसआणयपाणयआरणञ्चुयगेवेजगअणुत्तरोववाइया य एए जहन्नेणं इक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा उववजंति, न असंखेज्जा उववजंति ॥.३००॥ सिद्धा णं भंते ! एगसमएणं केवइया सिझंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं अट्ठसयं ॥३०१॥ नेरइया णं भंते ! एगसमएणं केवइया उव्वदंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा उव्वति, एवं जहा उववाओ भणिओ तहा उन्वट्टणा वि सिद्धवजा भाणियव्वा जाव अणुत्तरोववाइया, णवरं जोइसियवेमाणियाणं चयणेणं अहिलावो कायव्वो ॥ ४ दारं ॥ ३०२ ॥ नेरइया णं भंते ! कओहिंतो Page #449 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३७४ [पण्णवणासुतं उववजंति किं नेरइएहिंतो उववजंति, तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, मणुस्सेहिंतो उववजंति, देवेहिंतो उववज्जति ? गोयमा ! नो नेरइएहिंतो उववजंति, तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, मणुस्सेहिंतो उववजंति, नो देवेहिंतो उववजंति । जड तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति किं एगिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, बेइंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, तेइंदियतिरिक्वजोणिएहिंतो उववजंति, चउरिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ? गोयमा ! नो एगिंदिय०, नो बेइंदिय०, नो तेइंदिय०, नो चउरिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजंति, पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववति । जइ पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजति किं जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति, थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ? गोयमा ! जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ॥ ३०३ ॥ जइ जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजंति किं समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजंति, गब्भवक्कंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति ? गोयमा ! संमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, गब्भवऋतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति । जइ संमुच्छिमजल. यरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति किं पजत्तयसमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति, अपजत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ? गोयमा ! पजत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजन्ति, नो अपज्जत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति । जइ गब्भवकंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति किं पज्जत्तयगब्भवकंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, अपज्जत्तयगब्भवभूतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजति ? गोयमा ! पजत्तयगब्भवतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, नो अपज्जत्तयगब्भवकंतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववति ॥ ३०४ ॥ जइ थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति किं चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ? गोयमा ! चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो वि उववनंति । जइ चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति किं संमुच्छिमेहिंतो उववजंति, गब्भवकंतिएहिंतो उववजंति ? गोयमा ! संमुच्छिमचउप्पय Page #450 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०६ दा० ५ णेरइय०] सुत्तागमे ३७५ थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो वि उववजंति, गब्भवतंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो वि उववज्जति । जइ समुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति किं पज्जत्तगसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, अपजत्तगसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्ख जोणिएहिंतो उववज्जति ? गोयमा ! पजत्तगसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, नो अपज्जत्तगसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजति । जइ गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजन्ति किं संखेजवासाउयगब्भवतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति, असंखेजवासाउयगब्भवतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउएहिंतो उववजन्ति, नो असंखेजवासाउएहिंतो उववजन्ति । जइ संखेजवासाउयगब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति किं पजत्तगसंखेज्जवासाउयगब्भवतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति, अपजत्तगसंखेजवासाउयगब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! पज्जत्तेहिंतो उववजन्ति, नो अपज्जत्तसंखेज्जवासाउएहिंतो उववजन्ति । जइ परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति, भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! दोहितो वि उववजन्ति । जइ उरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं संमुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति, गब्भवक्तंतियउरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! समुच्छिमेहिंतो उववजन्ति, गब्भवकंतिएहितो वि उववजन्ति । जइ संमुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, अपजत्तएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! पजत्तयसमुच्छिमेहिन्तो उववजन्ति, नो अपजत्तयसंमुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति । जइ गब्भवकंतियउरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, अपजत्तएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! पजत्तयगब्भवऋतिएहिन्तो उववजन्ति, नो अपजत्तयगब्भवकंतियउरपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति । जइ भुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं समुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति, गब्भवकंतियभुयपरिसप्पथ Page #451 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं लयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववजन्ति । जइ समुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं पजत्तयसंमुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति, अपज्जत्तयसंमुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, नो अपजत्तएहिन्तो उववजन्ति । जइ गब्भवकंतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति किं पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, अपज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, नो अपजत्तएहिन्तो उववजन्ति ॥ ३०५॥ जइ खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववनंति किं संमुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, गब्भवतियखहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववजन्ति। जइ संमुच्छिमखहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजंति किं पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, अपजत्तएहिन्तो उववज्जति ? गोयमा ! पजत्तएहिन्तो उववज्जति, नो अपजत्तएहिंतो उववजंति । जइ पजत्तयगब्भवतियखहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजंति किं संखेजवासाउएहिन्तो उववजति, असंखेजवासाउएहिन्तो उववजंति ? गोयमा ! संखेजवा साउएहिन्तो उववजति, नो असंखेजत्रासाउएहिन्तो. उववति । जइ संखेजवासाउयगब्भवतियखहयरपंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजंति किं पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, अपज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! पज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति, नो अपज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति ॥ ३०६ ॥ जइ मणुस्सेहिन्तो उववजन्ति किं संमुच्छिममणुस्सेहिन्तो उववजन्ति, गब्भवकन्तियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! नो समुच्छिममणुस्सेहिन्तो उववजन्ति, गम्भवक्कंतियमणुस्से हिन्तो उववजन्ति । जइ गब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति किं कम्मभूमिगगब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति, अकम्मभूमिगगब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति, अंतरदीवगगब्भवकंतियमणुस्से हिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! कम्मभूमिगगब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति, नो अकम्मभूमिगगब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति, नो अंतरदीवगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति । जइ कम्भभूमिगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति किं संखेजवासाउएहिन्तो. उववजन्ति, असंखेजवासाउएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउयकम्मभूमिगगब्भवक्कन्तियमणूसेहिन्तो उववजन्ति, नो असंखेजवासाउयकम्मभूमिगगब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति । जइ संखेजवासाउयकम्मभूमिगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहिन्तो उववजन्ति किं. पजत्तेहिन्तो उववजन्ति, अपजत्तेहिन्तो उवव Page #452 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ६ दा० ५ असुरकुमार०] सुत्तागमे जन्ति ? गोयमा ! पजत्तएहिन्तो उववजन्ति, नो अपजत्तएहिन्तो उववजन्ति । एवं जहा ओहिया उववाइया तहा रयणप्पभापुढविनेरइया वि उववाएयव्वा ॥ ३०७ ॥ सक्करप्पभापुढविनेरइयाणं पुच्छा। गोयमा ! एए वि जहा ओहिया तहेवोववाएयव्वा, नवरं समुच्छिमेहिन्तो पडिसेहो कायव्वो। वालुयप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! कओहिन्तो उवत्रजन्ति ? गोयमा ! जहा सकरप्पभापुढविनेरइया, नवरं भुयपरिसप्पेहिन्तो पडिसेहो कायव्वो । पंकप्पभापुढविनेरइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहा वालुयप्पभापुढविनेरइया, नवरं खहयरेहिन्तो पडिसेहो कायव्वो। धूमप्पभापुढविनेरइयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहा पंकप्पभापुढविनेरइया, नवरं चउप्पएहिन्तो वि पडिसेहो कायव्वो। तमापुढविनेरइया णं भंते ! कओहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! जहा धूमप्पभापुढविनेरइया, नवरं थलयरेहिन्तो वि पडिसेहो कायव्वो । इमेणं अभिलावेणं जइ पंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजन्ति, किं जलयरपंचिन्दिएहिन्तो उववजन्ति, थलयरपंचिन्दिएहिन्तो उववजन्ति, खहयरपंचिन्दिएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! जलयरपंचिन्दिएहिन्तो उववजन्ति, नो थलयरेहिन्तो०, नो खहयरेहिन्तो उववजन्ति ॥ ३०८ ॥ जइ मणुस्सेहिन्तो उववजन्ति किं कम्मभूमिएहिन्तो उववजन्ति, अकम्मभूमिएहिन्तो उववजन्ति, अंतरदीवएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! कम्मभूमिएहिन्तो उवव जन्ति, नो अकम्मभूमिएहिन्तो उववजन्ति, नो अंतरदीवएहिन्तो उववजन्ति । जइ कम्मभूमिएहिन्तो उववजन्ति किं संखेजवासाउएहिन्तो उववजन्ति, असंखेजवासाउएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! संखेज्जवासाउएहिन्तो उववजन्ति, नो असंखेज्जवासाउएहिन्तो उववजन्ति । जइ संखेजवासाउएहिन्तो उववजन्ति किं पज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति, अपजत्तएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! पज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति, नो अपज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति । जइ पज्जत्तयसंखेज्जवासाउयकम्मभूमिएहिन्तो उववजन्ति किं इत्थीहिन्तो उववजन्ति, पुरिसेहिन्तो उववजन्ति, नपुंसएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! इत्थीहिन्तो उववजन्ति, पुरिसेहिन्तो उववजन्ति, नपुंसएहिन्तो वि उववजन्ति । अहेसत्तमापुढविनेरइया णं भंते ! कओहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! एवं चेव, नवरं इत्थीहिन्तो पडिसेहो कायव्वो। "अस्सन्नी खलु पढमं दोचं पि सिरीसवा तइय पक्खी। सीहा जन्ति चउत्थि उरगा पुण पंचमि पुढविं ॥ छढिं च इत्थियाओ मच्छा मणुया य सत्तमि पुढविं । एसो परमोवाओ बोद्धव्वो नरगपुढवीणं” ॥ ३०९ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! कओहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! नो नेरइएहितो उववजन्ति, तिरिक्खजोणिएहितो Page #453 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं ३७८ उववज्जन्ति, मणुस्सेहिंतो उववज्जन्ति, नो देवेहिंतो उववज्जन्ति । एवं जेहिंतो नेरइयाणं उववाओ तेहिंतो असुरकुमाराण वि भाणियव्वो, नवरं असंखेज्जवासाउयअक्रम्मभूमगअंतरदीवगमणुस्स तिरिक्ख जोणिएहिन्तो वि उववज्जन्ति, सेसं तं चेव । एवं जाव थणियकुमारा भाणियव्वा ॥ ३१० ॥ पुढविकाइया णं भंते ! कओहिन्तो उववज्जन्ति किं नेरइएहिन्तो उ० जाव देवेहिन्तो उववज्जन्ति ? गोयमा ! नो नेरइएहिन्तो उववज्जन्ति, तिरिक्खजोणिएहिन्तो उववज्जन्ति, मणुस्सेहिन्तो उववज्जन्ति, देवेहिन्तो वि उववज्जन्ति । जर तिरिक्खजोणिएहिन्तो उववज्जन्ति किं एगिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववज्जन्ति जाव पंचिन्दियतिरिक्खजोणिए हिन्तो उववज्जन्ति ? गोमा ! एगिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो वि उ० जाव पंचिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो वि उववज्जन्ति । जइ एगिन्दियतिरिक्खजोणिएहिन्तो उववज्जन्ति किं पुढविकाइएहिन्तो उ० जाव वणस्स इकाइएहिन्तो उववज्जन्ति ? गोयमा ! पुढविकाइए हिन्तो वि उ० जाव ं वणस्सइकाइएहिन्तो वि उववज्जन्ति । जइ पुढविकाइएहिन्तो उववज्जन्ति किं सुहुमपुढविकाइएहिन्तो उववज्जन्ति, बायरपुढविकाइएहिन्तो उववज्जन्ति ? गोयमा! दोहिन्तो वि उववज्जन्ति । जइ सुहुमपुढविकाइए हिन्तो उववज्जन्ति किं पज्जत्तसुहुमपुढविकाइएहिन्तो उववज्जन्ति, अपज्जत्तसुहुमपुढविकाइएहिन्तो उववज्जन्ति ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववजन्ति । जइ बायरपुढविकाइएहिन्तो उववज्जन्ति किं पज्जत्तएहिन्तो उववज्जन्ति, अपज्जत्तएहिन्तो उववज्जन्ति ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववज्जन्ति, एवं जाव वणस्सइकाइया चउक्कएणं भेएणं उववाएयव्वा ॥ ३११ ॥ जइ बेइंदियतिरिक्खजोणिए हिन्तो उववज्जन्ति किं पज्जत्तबेइं दिए हिन्तो उववज्जन्ति, अपज्जत्तबेइं दिएहिन्तो उववज्जन्ति ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववज्जन्ति । एवं तेइं दियचउरिन्दिएहिन्तो वि उववज्जन्ति । जइ पंचिन्दियतिरिक्खजोणिए हिन्तो उववज्जन्ति किं जलयरपंचिंन्दियतिरिक्खजोणिए हिन्तो उववज्जन्ति, एवं जेहिन्तो नेरइयाणं उववाओ भणिओ तेहिन्तो एएसि पि भाणियव्त्रो, नवरं पज्जत्तगअपजत्तगेहिन्तो वि उववज्जन्ति, सेसं तं चैव ॥ ३१२ ॥ जइ मणुस्सेहिन्तो उववज्जंति किं संमुच्छिममणुस्सेहिन्तो उववज्जंति, गब्भवक्कंतियमणुस्से हिन्तो उववज्जंति ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववज्जंति । जइ गब्भवकंतियमणुस्सेहिन्तो उववज्जंति किं कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहिन्तो उववज्जंति, अकम्मभूमगगब्भवकं तियमणुस्सेहिन्तो उववजंति ? सेसं जहा नेरइयाणं नवरं अपजत्तएहिंतो वि उववज्जंति ॥ ३१३ ॥ जइ देवेहिन्तो उववजंति किं भवणवासि • वाणमंतर • जोइस • वेमाणिएहिन्तो उववजंति ? गोयमा ! भवणवासिदे वेहिन्तो वि उववज्जंति जाव वेमाणियदेवेहिन्तो वि Page #454 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ६ दा० ५ मणुस्स० पुच्छा] सुत्तागमे ३७९ उववज्जति । जइ भवणवासिदेवेहिन्तो उववजति किं असुरकुमार देवेहिंतो उ० जाव थणियकुमारदेवेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! असुरकुमारदेवेहितो वि उववजति जाव थणियकुमारदेवेहितो वि उववजंति । जइ वाणमंतरदेवेहिन्तो उववजंति किं पिसाएहिंतो उ० जाव गंधव्वेहिंतो उववजति ? गोयमा ! पिसाएहितो वि उ० जाव गंधव्वेहितो वि उववजंति । जइ जोइसियदेवेहिंतो उववज्जति किं चंदविमाणेहितो उववजंति जाव ताराविमाणेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! चंदविमाणजोइसियदेवेहितो वि उ० जाव ताराविमाणजोइसियदेवहितो वि उववजति । जइ वेमाणियदेवेहितो उववजंति किं कप्पोवगवेमाणियदेवहितो उववजंति, कप्पातीतवेमाणियदेवेहिन्तो उववजंति ? गोयमा ! कप्पोवगवेमाणियदेवेहिंतो उववजंति, नो कप्पातीतवेमाणियदेवेहिंतो उववज्जति । जइ कप्पोवगवेमाणियदेवेहिंतो उववजंति किं सोहम्महिंतो उ० जाव अच्चुएहिन्तो उववजंति ? गोयमा! सोहम्मीसाणेहिंतो उववजंति, नो सणंकुमार जाव अच्चुएहिंतो उववजंति । एवं आउकाइया वि । एवं तेउवाउकाइया वि, नवरं देववजेहिंतो उववजंति । वणस्सइकाइया जहा पुढविकाइया । बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया एए जहा तेउवाऊ देववजेहिंतो भाणियव्वा ॥३१४॥ पांचंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! कओहिंतो उववजंति किं नेरइएहिंतो उववजंति जाव देवेहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! नेरइएहितो वि०, तिरिक्खजोणिएहितो वि०, मणुस्सेहितो वि०, देवेहितो वि उववजन्ति । जइ नेरइएहिंतो उववजंति किं रयणप्पभापुढविनेरइएहिंतो उ० जाव अहेसत्तमापुढविनेरइएहिंतो उववजति ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविनेरएहिंतो वि उववज्जति जाव अहेसत्तमापुढविनेरइएहितो वि उववजति । जइ तिरिक्खजोणिएहिन्तो उववजति किं एगिदिएहिंतो उववजंति जाव पंचिंदिएहिंतो उववजंति ? गोयमा! एगिदिएहितो वि उववज्जति जाव पंचिंदिएहितो वि उववति । जइ एगिदिएहिंतो उववजति किं पुढविकाइएहिंतो उववजन्तिएवं जहा पुढविकाइयाणं उववाओ भणिओ तहेव एएसि पि भाणियेवो, नवरं देवेहितो जाव सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवेहितो वि उववज्जति, नो आणयकम्पोवगवेमाणियदेवेहिंतो जाव अञ्चुएहिंतो उववज्जति ॥ ३१५ ॥ मणुस्सा णं भंते ! कओहिंतो उववजंति किं नेरइएहिंतो उववजंति जाव देवेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! नेरइएहितो वि उववजंति जाव देवेहितो वि उववज्जति । जइ नेरइएहितो उववजंति किं रयणप्पभापुढविनेरइएहिंतो उववजंति, सक्करप्पभापुढविनेरइएहितो उववजति, वालुयप्पभापुढविनेरइएहिंतो०, पंकप्पभा० नेरइएहिंतो०, धूमप्पभा०नेरइएहितो०, तमप्पभा नेरइएहितो०, अहेसत्तमापुढविनेरइएहिंतो उववजंति ? Page #455 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं गोयमा ! रयणप्पभापुढविनेरइएहितो वि उ० जाव तमापुढविनेरइएहिंतो वि उववजंति, नो अहेसत्तमापुढविनेरइएहिंतो उववज्जति । जइ तिरिक्खजोणिएहितो उववजति किं एगिदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजंति-एवं जेहिंतो पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं उववाओ भणिओ तेहिंतो मणुस्साण वि निरवसेसो भाणियव्वो, णवरं अहेसत्तमापुढविनेरइएहितो तेउवाउकाइएहिंतो ण उववनंति । सव्वदेवेहितो य उववाओ कायव्वो जाव कप्पातीतवेमाणियसव्वट्ठसिद्धदेवेहितो वि उववजावेयव्वा ॥ ३१६ ॥ वाणमंतरदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववजंति किं नेरइएहितो०, तिरिक्खजोणिएहितो०, मणुस्सेहिंतो०, देवेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! जेहिन्तो असुरकुमारा उववजन्ति तेहिन्तो वाणमन्तरा उववज्जावेयव्वा ॥ ३१७ ॥ जोइसिया देवा णं भंते ! कओहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! एवं चेव, नवरं संमुच्छिमअसंखिजवासाउयखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियवज्जेहिंतो अंतरदीवमणुस्सवजेहिंतो उववजावेयव्वा ॥ ३१८ ॥ वेमाणिया णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति किं णेरइएहिंतो०, तिरिक्खजोणिएहितो०, मणुस्सेहिंतो०, देवेहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! णो णेरइएहितो उववजंति, पचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववजंति, मणुस्सेहिंतो उववजंति, णो देवेहिंतो उववजंति । एवं सोहम्मीसाणगदेवा वि भाणियव्वा । एवं सणंकुमारदेवा वि भाणियव्वा, नवरं असंखेजवासाउयअकम्मभूमगवजेहिंतो उववजंति । एवं जाव सहस्सारकप्पोवगवेमाणियदेवा भाणियव्वा । आणयदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववजंति किं णेरइएहिंतो०, पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो०, मणुस्सेहिंतो०, देवेहितो उववजंति ? गोयमा ! णो णेरइएहिंतो उववजंति, णो तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, मणुस्सेहिंतो उववजंति, णो देवहिंतो उववजंति । जइ मणुस्सेहिंतो उववज्जति किं संमुच्छिममणुस्सहिंतो०, गन्भवकंतियमणुस्सेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! गब्भवकंतियमणुस्सेहिंतो०, नो संमुच्छिममणुस्सेहिंतो उववज्जति । जइ गब्भवकंतियमणुस्सेहिंतो उववजंति किं कम्मभूमिगेहिंतो०, अकम्मभूमिगेहितो०, अंतरदीवगेहिंतो उववजंति ? गोयमा ! णो अकम्मभूमिगेहिंतो०, णो अंतरदीवगेहिंतो उववजंति, कम्मभूमिगगब्भवक्रतियमणुस्सेहितो उववजंति । जइ कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसेहिंतो उववजंति किं संखेजवासाउएहिंतो०, असंखेज्जवासाउएहितो उववजंति ? गोयमा ! संखेजवासाउएहिंतो०, नो असंखेजवासाउएहिंतो उववजंति। जइ संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसेहिंतो उववजंति किं पजत्तएहितो उववजंति, अपज्जत्तएहितो उववजंति ? गोयमा ! पजत्तएहिंतो उववजन्ति, नो अपजत्तएहिन्तो उववति । जइ पज्जत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतिय Page #456 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ६ दा० ६ असुरकुमार० पुच्छा] सुत्तागमे ३८१ मणुस्सेहिंतो उववजन्ति किं सम्मट्ठिीपज्जत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमगेहिन्तो उववजन्ति, मिच्छट्ठिीपजत्तगेहिंतो उववज्जन्ति, सम्मामिच्छद्दिट्ठिपजत्तगेहिंतो उववजन्ति ? गोयमा ! सम्मदिट्ठीपज्जत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसेहिंतो उववजन्ति, मिच्छद्दिट्ठीपज्जत्तगेहिन्तो उववजन्ति, णो सम्मामिच्छद्दिछिपज्जत्तएहिन्तो उववजन्ति । जइ सम्मठ्ठिीपज्जत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसेहिन्तो उववजंति किं संजयसम्मट्ठिीहिन्तो०, असंजयसम्मट्टिीपजत्तएहिन्तो०, संजयासंजयसम्मट्ठिीपज्जत्तसंखेजवासाउएहिन्तो उववजंति ? गोयमा ! तीहिंतो वि उववजंति । एवं जाव अच्चुओ कप्पो । एवं चेव गेविज्जगदेवा वि, नवरं असंजयसंजयासंजया एए पडिसेहेयव्वा । एवं जहेव गेविज्जगदेवा तहेव अणुत्तरोववाइया वि, णवरं इमं णाणत्तं संजया चेव । जइ सम्मट्टिीसंजयपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसेहिन्तो उववजंति किं पमत्तसंजयसम्मट्ठिीपजत्तएहिन्तो०, अपमत्तसंजयसम्मविट्ठीपजत्तएहिन्तो उववजन्ति ? गोयमा ! अपमत्तसंजयपजत्तएहिन्तो उववजति, नो पमत्तसंजयपजत्तएहिंतो उववज्जति । जइ अपमत्तसंजएहिन्तो उववजन्ति किं इढिपत्तअपमत्तसंजएहिन्तो०, अणिड्डिपत्तअपमत्तसंजएहिन्तो ? गोयमा ! दोहिन्तो वि उववजन्ति ॥ ५ दारं ॥ ३१९ ॥ नेरइया णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छन्ति, कहिं उववज्जति ? किं नेरइएसु उववजन्ति, तिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति, मणुस्सेसु उववजन्ति, देवेसु उववजन्ति ? गोयमा ! नो नेरइएसु उववजन्ति, तिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति, मणुस्सेसु उववजन्ति, नो देवेसु उववजन्ति । जइ तिरिक्खजोणिएसु उववजंति किं एगिदिएसु उववजन्ति जाव पांचंदियतिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति ? गोयमा ! णो एगिदिएसु उ० जाव नो चउरिदिएसु उववजन्ति, एवं जेहिन्तो उववाओ भणिओ तेसु उव्वदृणा वि भाणियव्वा, नवरं समुच्छिमेसु न उववजन्ति । एवं सव्वपुढवीसु भाणियव्वं, नवरं अहेसत्तमाओ मणुस्सेसु न उववजन्ति ॥ ३२ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छन्ति, कहिं उववजन्ति ? किं नेरइएसु उ० जाव देवेसु उववजन्ति ? गोयमा! नो नेरइएसु उववजन्ति, तिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति, मणुस्सेसु उववजन्ति, नो देवेसु उववजन्ति । जइ तिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति किं एगिन्दिएसु उवत्रजंति जाव पंचिन्दियतिरिक्खजोणिएसु उवव जन्ति ? गोयमा ! एगिन्दियतिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति, नो बेइंदिएसु उ० जाव नो चउरिदिएसु उववजन्ति, पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति । जइ एगिन्दिएसु उववजन्ति किं पुढविकाइयएगिन्दिएसु उ० जाव वणस्सइकाइथएगिन्दिएसु उवव Page #457 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं जन्ति ? गोयमा ! पुढविकाइयएगिन्दिएसु वि०, आउकाइयएगिन्दिएसु वि उववजन्ति. नो तेउकाइएसु०, नो वाउकाइएसु उववजन्ति, वणस्सइकाइएसु उववजन्ति । जइ पुढविकाइएसु उववजन्ति किं सुहुमपुढविकाइएसु उववजन्ति, बायरपुढविकाइएसु उववजति ? गोयमा ! बायरपुढविकाइएमु उववजंति, नो सुहुमपुढविकाइएसु उववजंति । जइ बायरपुढविकाइएसु उवत्रजंति किं पजत्तगबायरपुढविकाइएसु उववजंति, अपज्जत्तगबायरपुढविकाइएसु उववजंति? गोयमा ! पजत्तएसु उववजंति, नो अपजत्तएसु उववजंति । एवं आउवणस्सइसु वि भाणियव्वं । पंचिन्दियतिरिक्खजोणियमणूसेसु य जहा नेरइयाणं उव्वणा संमुच्छिमवज्जा तहा भाणियव्वा । एवं जाव थणियकुमारा ॥ ३२१ ॥ पुढविकाइया णं भंते! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति, कहिं उववजंति ? किं नेरइएसु उ० जाव देवेसु० ? गोयमा ! नो नेरइएसु०, तिरिक्खजोणियमणूसेसु उववजंति, नो देवेसु उववजंति, एवं जहा एएसिं चेव उववाओ तहा उव्वट्टणा वि देववजा भाणियव्वा । एवं आउवणस्सइबेइंदियतेइंदियचउरिन्दिया वि। एवं तेउ० वाउ०, नवरं मणुस्सवजेसु उववजन्ति । पंचिन्दियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! अणंतरं उव्व हित्ता कहिं गच्छंति, कहिं उववजन्ति? गोयमा ! नेरइएसु उ० जाव देवेसु उववजन्ति । जइ नेरइएसु उववजन्ति किं रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववजन्ति जाव अहेसत्तमापुढविनेरइएसु उववजन्ति ? गोयमा! रयणप्पभापुढविनेरइएसु उववजन्ति जाव अहेसत्तमापुढविनेरइएसु उववजन्ति । जइ तिरिक्खजोणिएसु उववजन्ति किं एगिन्दिएसु उ० जाव पंचिन्दिएसु उववजन्ति ? गोयमा ! एगिन्दिएसु उ० जाव पंचिन्दिएसु उववजन्ति । एवं जहा एएसिं चेव उववाओ उव्वट्टणा वि तहेव भाणियचा, नवरं असंखेज्जवासाउएसु वि एए उववति । जइ मणुस्सेसु उववजन्ति किं समुच्छिममणुस्सेसु उववजन्ति, गब्भवतियमणूसेसु उववजन्ति ? गोयमा ! दोसु वि । एवं जहा उववाओ तहेव उव्वट्टणा वि भाणियव्वा, नवरं अकम्मभूमगअंतरदीवगगब्भवक्त्रंतियमणूसेसु असंखेजवासाउएसु वि एए उववज्जतीति भाणियव्वं । जइ देवेसु उववजन्ति किं भवणवईसु उववजन्ति जाव वेमाणिएसु उववजन्ति ? गोयमा ! सव्वेसु चेव उववजंति । जइ भवणवईसु० किं असुरकुमारेसु उववजन्ति जाव थणियकुमारेसु उववजन्ति ? गोयमा ! सव्वेसु चेव उववजन्ति । एवं वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु निरंतरं उववजन्ति जाव सहस्सारो कप्पोत्ति ॥ ३२२ ॥ मणुस्सा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति, कहिं उववजन्ति ? किं नेरइएसु उववजन्ति जाव देवेसु उववज्जति ? गोयमा ! नेरइएसु वि उववजन्ति जाव देवेसु वि Page #458 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ६ दा० ८ णे० आउयबंध० ] सुत्तागमे ३८३ उववज्जंति । एवं निरंतरं सव्वेसु ठाणेसु पुच्छा । गोयमा ! सव्वेसु ठाणेसु उववज्जन्ति, न कहिं च पडिसेहो कायव्वो जाव सव्वट्ठसिद्धदेवेसु वि उववज्जन्ति, अत्थेगइया सिज्झंति, बुज्झँति, मुञ्चंति, परिनिव्वायंति, सव्वदुक्खाणं अंतं करेंति । वाणमंतरजोइसियवेमाणियसोहम्मीसाणा य जहा असुरकुमारा, नवरं जोइसियाण य वेमाणि - याण य चयंतीति अभिलावो कायव्वो । सणकुमारदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहा असुरकुमारा, णत्ररं एगिदिएसु ण उववज्जति । एवं जाव सहस्सारगदेवा | आणय जाव अणुत्तरोववाइया देवा एवं चेव, नवरं नो तिरिक्खजोणिएसु उववज्जन्ति, मणुस्सेसु पज्जत्तसंखेज्जवासाउयक्रम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसेसु उववज्जन्ति ॥ ६ दारं ॥ ॥ ३२३ ॥ नेरइया णं भंते ! कइभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति ? गोयमा ! नियमा छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं । एवं असुरकुमारा वि, एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइया णं भंते! कइभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति ? गोयमा ! पुढविकाइया दुवापन्नत्ता । तंजहा — सोवक्कमाउया य निरुवकमाउया य । तत्थ णं जे ते निरुवकमाउया ते नियमा तिभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति । तत्थ णं जे ते सोवकमाउया ते सिय तिभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति, सिय तिभागतिभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति, सिय तिभागतिभागविभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति । आउतेउवाउवणप्फइकाइयाणं बेइंदियते इंदियचउरिन्दियाण वि एवं चैव ॥ ३२४ ॥ पंचिन्दियतिरिक्खजोणिया णं भंते! कइभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति ? गोयमा ! पंचिन्दियतिरिक्खजोणिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा—संखेज्जवासाज्या य असंखेज्जवासाउया य । तत्थ णं जे ते असंखेजवासाज्या ते नियमा छम्मासावसेसाज्या परभवियाउयं पकरेंति । तत्थ णं जे ते संखेज्जवासाउया ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहा- सोवक्कमाउया य निरुवकमाउया य । तत्थ णं जे ते निरुवकमाउया ते नियमा तिभागावसेसाउया परभवियाउयं पकरेंति । तत्थ णं जे ते सोवक्कमाउया ते णं सिय तिभागे परभवियाउयं पकरेंति, सिय तिभागतिभागे परभवियाउयं पकरेंति, सिय तिभागतिभाग तिभागावसेसाउया परभवियाजयं पकरेंति । एवं मणूसा वि । वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया ॥ ७ दारं ॥ ॥ ३२५ ॥ कइ विहे णं भंते ! आउयबंधे पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे आउयबंधे पन्नत्ते । तंजहा—१ जाइनामनिहत्ताउए, २ गइनामनिहत्ताउए, ३ ठिईनामनिहत्ताउए, ४ ओगाहणनामनिहत्ताउए, ५ पएसनामनिहत्ताउए, ६ अणुभावनामनिहत्ताउए । नेरइयाणं भंते ! कइविहे आउयबंधे पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे आउयबंधे पन्नत्ते । तंजहाजाइनाम निहत्ताउए, गइनामनिहत्ताउए, ठिईनाम निहत्ताउए, ओगाहणनामनिहत्ता I Page #459 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे HIHHEETHE ३८४ [पण्णवणासुतं उए, पएसनामनिहत्ताउए, अणुभावनामनिहत्ताउए, एवं जाव वेमाणियाणं ॥३२६॥ जीवा णं भंते ! जाइनामनिहत्ताउयं कइहिं आगरिसेहिं पगरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्केण वा दोहिं वा तीहि वा उक्कोसेणं अहिं । नेरइया णं भंते ! जाइनामनिहत्ताउयं कइहिं आगरिसेहिं पगरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एकेण वा दोहिं वा तीहिं वा, उक्कोसेणं अट्ठहिं । एवं जाव वेमाणिया। एवं गइनामनिहत्ताउए वि, ठिईनामनिहत्ताउए वि, ओगाहणनामनिहत्ताउए वि, पएसनामनिहत्ताउए वि, अणुभावनामनिहत्ताउए वि ॥ ३२७ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं जाइनामनिहत्ताउयं जहन्नेणं एक्कण वा दोहिं वा तीहिं वा उक्कोसेणं अट्ठहिं आगरिसेहिं पकरेमाणाणं कयरे कयरेहिन्तो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा जाइनामनिहत्ताउयं अट्ठहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा, सत्तहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा संखिजगुणा, छहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा संखिज्जगुणा, एवं पंचहिं संखिज्जगुणा, चउहिं संखिजगुणा, तीहिं संखिज्जगुणा, दोहिं संखिजगुणा, एगेणं आगरिसेणं पकरेमाणा संखिज्जगुणा । एवं एएणं अभिलावेणं जाव अणुभागनामनिहत्ताउयं, एवं एए छप्पिय अप्पाबहुदंडगा जीवाइया भाणियव्वा ॥ ८ दारं ॥ ३२८ ॥ पन्नवणाए भगवईए छटुं वकंतीपयं समत्तं ॥ नेरइया णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ? गोयमा ! सययं संतयामेव आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ॥ ३२९ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तण्हं थोवाणं, उक्कोसेणं साइरेगस्स पक्खस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ॥ नागकुमारा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तण्डं थोवाणं, उक्कोसेणं मुहुत्तपुहुत्तस्स, एवं जाव थणियकुमाराणं ॥३३०॥ पुढविकाइया णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! वेमायाए आणमंति वा जाव नीससंति वा । एवं जाव मणूसा। वाणमंतरा जहा नागकुमारा ॥३३१॥ जोइसिया णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं मुहुत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेण वि मुहत्तपुहुत्तस्स जाव नीससंति वा ॥ ३३२ ॥ वेमाणिया णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं मुहुत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा ॥ ३३३ ॥ सोहम्मदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं मुहत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं दोण्हं. पक्खाणं जाव नीससंति Page #460 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ७ मज्झिममज्झिम० पुच्छा] सुत्तागमे ३८५ वा । ईसाणगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगस्स मुहुत्तपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं साइरेगाणं दोण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा । सणंकुमारदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं दोण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं सत्तण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा । माहिंदगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं साइरेगं दोण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं साइरेगं सत्तण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा । बंभलोगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तहं पक्खाणं, उक्कोसेणं दसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा। लंतगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं दसण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं चउदसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा । महासुकदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं चउदसण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं सत्तरसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा । सहस्सारगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तरसण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं अट्ठारसण्हं पक्खाणं जाव नीससंति वा । आणयदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठारसण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं एगूणवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा। पाणयदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं एगूणवीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं वीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । आरणदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं वीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं एगवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । अच्चुयदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं एगवीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं बावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा ॥ ३३४ ॥ हिट्ठिमहिट्ठिमगेविज्जगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं बावीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं तेवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । हिटिममज्झिमगेविज्जगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं तेवीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं चउवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । हिट्ठिमउवरिमगेविज्जगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं चउवीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं पणवीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा। मज्झिमहिटिमगेविज्जगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं पणवीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं छव्वीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । मज्झिममज्झिमगेविजगदेवा णं २५ सुत्ता. Page #461 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमें ३८६ [पण्णवणासुतं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं छव्वीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं सत्तावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । मज्झिमउवरिमगेविज्जगदेवा गं भंते! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं सत्तावीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं अट्ठावीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । उवरिमहेट्ठिमगेविजगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठावीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं एगूणतीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । उवरिममज्झिमगेविजगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं एगूणतीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं तीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । उवरिमउवरिमगेविज्जगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा ! जहन्नेणं तीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं एकतीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा ॥ ३३५ ॥ विजयवेजयंतजयंतअपराजियविमाणेसु णं देवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा? गोयमा ! जहन्नेणं एकतीसाए पक्खाणं, उक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा । सव्वट्ठसिद्धगदेवा णं भंते ! केवइकालस्स जाव नीससंति वा ? गोयमा! अजहन्नमणुक्कोसेणं तेत्तीसाए पक्खाणं जाव नीससंति वा ॥ ३३६ ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तम ऊसासपयं समत्तं ॥ कइ णं भंते ! सन्नाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! दस सन्नाओ पन्नत्ताओ । तंजहाआहारसन्ना, भयसन्ना, मेहुणसन्ना, परिग्गहसन्ना, कोहसन्ना, माणसन्ना, मायासन्ना, लोहसन्ना, लोयसन्ना, ओघसन्ना ॥ ३३७ ॥ नेरइयाणं भंते ! कइ सन्नाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! दस सन्नाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-आहारसन्ना जाव ओघसन्ना । असुरकुमाराणं भंते ! कइ सन्नाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! दस सन्नाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-आहारसन्ना जाव ओघसन्ना, एवं जाव थणियकुमाराणं । एवं पुढविकाइयाणं जाव वेमाणियावसाणाणं नेयव्वं ॥ ३३८ ॥ नेरइया णं भंते ! किं आहारसन्नोवउत्ता, भयसन्नोवउत्ता, मेहुणसन्नोवउत्ता, परिग्गहसन्नोवउत्ता ? गोयमा ! ओसन्नं कारणं पडुच्च भयसन्नोवउत्ता, संतइभावं पडुच्च आहारसन्नोवउत्ता वि जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता वि । एएसि णं भंते ! नेरइयाणं आहारसन्नोवउत्ताणं भयसन्नोवउत्ताणं मेहुणसन्नोवउत्ताणं परिग्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नेरइया मेहुणसन्नोवउत्ता, आहारसन्नोवउत्ता संखिज्जगुणा, परिग्गहसन्नोवउत्ता संखिजगुणा, भयसन्नोवउत्ता संखिजगुणा ॥ ३३९ ॥ तिरिक्खजोणिया णं भंते ! किं आहारसन्नोवउत्ता जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता ? गोयमा ! ओसन्नं कारणं पडुच्च आहारसन्नोवउत्ता, संतइभावं पडुच्च Page #462 -------------------------------------------------------------------------- ________________ य० ९ ग० ति० जोणीपुच्छा] सुत्तागमे ३८७ आहारसन्नोवउत्ता वि जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता वि। एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणियाणं आहारसन्नोवउत्ताणं जाव परिग्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तिरिक्खजोणिया परिग्गहसन्नोवउत्ता, मेहुणसन्नोवउत्ता संखिजगुणा, भयसन्नोवउत्ता संखिज्जगुणा, आहारसन्नोवउत्ता संखिजगुणा ॥ ३४०॥ मणुस्सा णं भंते ! किं आहारसन्नोवउत्ता जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता ? गोयमा ! ओसन्नं कारणं पडुच्च मेहुणसन्नोवउत्ता, संतइभावं पडुच्च आहारसन्नोवउत्ता वि जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता वि । एएसि णं भंते ! मणुस्साणं आहारसन्नोवउत्ताणं जाव परिग्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?. गोयमा ! सव्वत्थोवा मणूसा भयसन्नोवउत्ता, आहारसन्नोवउत्ता संखिजगुणा, परिग्गहसन्नोवउत्ता संखिज्जगुणा, मेहुणसन्नोवउत्ता संखिजगुणा ॥ ३४१ ॥ देवा णं भंते ! किं आहारसन्नोवउत्ता जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता ? गोयमा ! ओसन्नं कारणं पडुच्च परिग्गहसन्नोवउत्ता, संतइभावं पडुच्च आहारसन्नोवउत्ता वि जाव परिग्गहसन्नोवउत्ता वि । एएसि णं भंते ! देवाणं आहारसन्नोवउत्ताणं जाव परिग्गहसन्नोवउत्ताण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा देवा आहारसन्नोवउत्ता, भयसन्नोवउत्ता संखेज्जगुणा, मेहुणसन्नोवउत्ता संखेजगुणा, परिग्गहसन्नोवउत्ता संखेज्जगुणा ॥ ३४२ ॥ पन्नवणाए भगवईए अट्टमं सन्नापयं समत्तं ॥ ___ कइविहा णं भंते ! जोणी पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पन्नत्ता। तंजहासीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ॥ ३४३ ॥ नेरइयाणं भंते ! किं -सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा! सीया वि जोणी, उसिणा वि जोणी, णो सीओसिणा जोणी । असुरकुमाराणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! नो सीया जोणी, नो उसिणा जोणी, सीओ"सिणा जोणी, एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! सीया वि जोणी, उसिणा वि जोणी, सीओसिणा वि जोणी । एवं आउवाउवणस्सइबेइंदियतेइंदियचउरिंदियाण वि पत्तेयं भाणियव्वं । तेउक्काइयाणं णो सीया, उसिणा, णो सीओसिणा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! सीया वि जोणी, उसिणा वि जोणी, सीओसिणा वि जोणी । संमुच्छिमपंचिंदिय. तिरिक्खजोणियाण वि एवं चेव । गब्भवतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! Page #463 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८८ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! णो सीया जोणी, णो उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी। मणुस्साणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! सीया वि जोणी, उसिणा वि जोणी, सीओसिणा वि जोणी। संमुच्छिममणुस्साणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! तिविहा जोणी । गब्भवकंतियमणुस्साणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी? गोयमा ! णो सीया, णो उसिणा, सीओसिणा जोणी। वाणमंतरदेवाणं भंते ! किं सीया जोणी, उसिणा जोणी, सीओसिणा जोणी ? गोयमा ! णो सीया, णो उसिणा, सीओसिणा जोणी। जोइसियवेमाणियाण वि एवं चेव ॥ ३४४ ॥ एएसि णं भंते ! सीयजोणियाणं उसिणजोणियाणं सीओसिणजोणियाणं अजोणियाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा, बहुया वा, तुल्ला वा. विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा सीओसिणजोणिया, उसिणजोणिया असंखेजगुणा, अजोणिया अणंतगुणा, सीयजोणिया अणंतगुणा ॥ ३४५ ॥ कइविहा णं भंते ! जोणी पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पन्नत्ता । तंजहा-सचित्ता, अचित्ता, मीसिया ॥ ३४६ ॥ नेरइयाणं भंते ! किं सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी ? गोयमा ! नो सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, नो मीसिया जोणी। असुरकुमाराणं भंते ! किं सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी? गोयमा! नो सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, नो मीसिया जोणी, एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढवीकाइयाणं भंते ! किं सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया जोणी ? गोयमा! सचित्ता जोणी, अचित्ता जोणी, मीसिया वि जोणी, एवं जाव चउरिंदियाणं । संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य एवं चेव । गब्भवतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं गब्भवकंतियमणुस्साण य नो सचित्ता, नो अचित्ता, मीसिया जोणी। वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं ॥ ३४७ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सचित्तजोणीणं अचित्तजोणीणं मीसजोणीणं अजोणीण यः कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा मीसजोणिया, अचित्तजोणिया असंखेजगुणा, अजोणिया अणंतगुणा, सचितजोणिया अणंतगुणा ॥ ३४८ ॥ कइविहा णं भंते ! जोणी पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पन्नत्ता। तंजहा—संवुडा जोपी, वियडा जोणी, संवुडवियडा जोणी ॥ ३४९॥ नेरइयाणं भंते ! किं संवुडा जोणी, वियडा जोणी, संवुडवियडा जोणी? गोयमा ! संवुडजोणी, नो वियडजोणी, नो संवुडवियडजोणी । एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! नो संवुडजोणी, वियडजोणी, नो संवुड Page #464 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०१० २० अचरम० अप्पाबहुयं] सुत्तागमे वियडजोणी । एवं जाव चउरिंदियाणं । संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य एवं चेव । गब्भवकंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं गब्भवनंतियमणुस्साण य नो संवुडा जोणी, नो वियडा जोणी, संवुडवियडा जोणी । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं ॥ ३५० ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं संवुडजोणियाणं वियडजोणियाणं संवुडवियडजोणियाणं अजोणियाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा संवुडवियडजोणिया, वियडजोणिया असंखिज्जगुणा, अजोणिया अणंतगुणा, संवुडजोणिया अणंतगुणा ॥ ३५१ ॥ कइविहा णं भंते ! जोणी पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पन्नत्ता । तंजहा—कुम्मुण्णया, संखावत्ता, वंसीपत्ता । कुम्मुण्णया णं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं । कुम्मुण्णयाए णं जोणीए उत्तमपुरिसा गब्भे वक्कमंति, तंजहाअरहंता, चक्कवट्टी, बलदेवा, वासुदेवा । संखावत्ता णं जोणी इत्थीरयणस्स, संखावत्ताए जोणीए बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उवचयंति, नो चेव णं णिप्फजंति। वंसीपत्ता णं जोणी पिहुजणस्स, वंसीपत्ताए णं जोणीए पिहुजणा गन्भे वक्कमंति ॥ ३५२ ॥ पन्नवणाए भगवईए नवमं जोणीपयं समत्तं ॥ कइ णं भंते ! पुढवीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ पुढवीओ पन्नत्ताओ। तंजहा-रयणप्पभा, सक्करप्पभा, वालुयप्पभा, पंकप्पभा, धूमप्पभा, तमप्पभा, तमतमप्पभा, ईसिप्पन्भारा ॥ ३५३ ॥ इमा णं भंते ! रयणप्पभा पुढवी किं चरमा, अचरमा, चरमाइं, अचरमाई, चरमंतपएसा, अचरमंतपएसा ? गोयमा ! इमा णं रयणप्पभा पुढवी नो चरमा, नो अचरमा, नो चरमाइं, नो अचरमाइं, नो चरमंतपएसा, नो अचरमंतपएसा, नियमाऽचरमं चरमाणि य, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य, एवं जाव अहेसत्तमा पुढवी, सोहम्माई जाव अणुत्तरविमाणाणं एवं चेव, ईसिप्पब्भारा वि एवं चेव, लोगे वि एवं चेव, एवं अलोगे वि ॥ ३५४ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं असंखेजगुणाई, अचरमं च चरमाणि य दो वि विसेसाहिया, पएसठ्ठयाए सव्वत्थोवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए चरमन्तपएसा, अचरमंतपएसा असंखेजगुणा, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दो वि विसेसाहिया, दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्थोवे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाई असंखेनगुणाई, अचरमं चरमाणि य HTHHTHHAHR Page #465 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९० सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं दो वि विसेसाहियाई, पएसट्टयाए चरमंतपएसा असंखेजगुणा, अचरमंतपएसा असंखेजगुणा, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दो वि विसेसाहिया । एवं जाव अहेसत्तमाए, सोहम्मस्स जाव लोगस्स एवं चेव ॥ ३५५ ॥ अलोगस्स णं भंते ! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपएसाण य अचरमन्तपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे अलोगस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं असंखेज्जगुणाई, अचरमं चरमाणि य दो वि विसेसाहियाइं; पएसठयाए सव्वत्थोवा अलोगस्स चरमन्तपएसा, अचरमन्तपएसा अणन्तगुणा, चरमन्तपएसा य अचरमन्तपएसा य दो वि विसेसाहिया; दव्वट्ठपएसठ्ठयाए सव्वत्थोवे. अलोगस्स एगे अचरमे, चरमाइं असंखेजगुणाई, अचरमं च चरमाणि य दो वि. विसेसाहियाई, चरमन्तपएसा असंखेज्जगुणा, अचरमन्तपएसा अणन्तगुणा, चरमन्तपएसा य अचरमन्तपएसा य दो वि विसेसाहिया ॥ ३५६ ॥ लोगालोगस्स णं भंते ! अचरमस्स य चरमाण य चरमन्तपएसाण य अचरमन्तपएसाण य दवट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसठ्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे लोगालोगस्स दव्वट्ठयाए एगमेगे अचरमे, लोगस्स चरमाइं असंखेजगुणाई, अलोगस्स चरमाइं विसेसाहियाई, लोगस्स य अलोगस्स य अचरमं चरमाणि य दो वि विसेसाहियाइं, पएसट्टयाए सव्वत्थोवा लोगस्स चरमन्तपएसा, अलोगस्स चरमन्तपएसा विसेसाहिया, लोगस्स अचरमन्तपएसा असंखेजगुणा, अलोगस्स अचरमन्तपएसा अणन्तगुणा, लोगस्स य अलोगस्स य चरमन्तपएसा य अचरमन्तपएसा य दो वि विसेसाहिया । दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्थोवे लोगालोगस्स दवट्ठयाए एगमेगे अचरमे, लोगस्स चरमाइं असंखेजगुणाई, अलोगस्स चरमाई विसे साहियाइं, लोगस्स य अलोगस्स य अचरमं चरमाणि य दो वि विसेसाहियाई, लोगस्स चरमन्तपएसा असंखेजगुणा, अलोगस्स य चरमन्तपएसा विसेसाहिया, लोगस्स अचरमन्तपएसा असंखेजगुणा, अलोगस्स अचरमंतपएसा अणंतगुणा, लोगस्स य अलोगस्स य चरमन्तपएसा य अचरमन्तपएसा य दो वि विसेसाहिया, सव्वदव्वा विसेसाहिया, सव्वपएसा अणंतगुणा, सव्वपजवा अणंतगुणा ॥ ३५७ ॥ परमाणुपोग्गले णं भंते ! किं चरमे १, अचरमे २, अव-- त्तव्वए ३, चरमाइं ४, अचरमाइं ५, अवत्तव्वयाइं ६, उदाहु चरमे य अचरमे य ७, उदाहु चरमे य अचरमाइं ८, उदाहु चरमाइं अचरमे य ९, उदाहु चरमाइं च अचरमाइं च १०, पढमा चउभंगी । उदाहु चरमे य अवत्तव्वए य ११, उदाहु Page #466 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १० पंचपएसिय० ] सुत्तागमे चरमे य अवत्तव्वयाइं च १२, उदाहु चरमाइं च अवत्तव्वए य १३, उदाहु चरमाइं च अवत्तव्वयाइं च १४, बीया चउभंगी। उदाहु अचरमे य अवत्तव्वए य १५, उदाहु अचरमे य अवत्तव्वयाइं च १६, उदाहु अचरमाइं च अवत्तव्वए य १७, उदाहु अचरमाइं च अवत्तव्वयाइं च १८, तइया चउभंगी। उदाहु चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, उदाहु चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाइं च २०, उदाहु चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वए य २१, उदाहु चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वयाइं च २२, उदाहु चरमाइं च अचरमे य अवत्तव्वए य २३, उदाहु चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वयाइं च २४, उदाहु चरमाइं च अचरमाइं च अवत्तव्वए य २५, उदाहु चरमाइं च अचरमाइं च अवत्तव्वयाइं च २६ । एए छव्वीसं भंगा । गोयमा ! परमाणुपोग्गले नो चरमे, नो अचरमे, नियमा अवत्तव्वए, सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा ॥ ३५८ ॥ दुपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा । गोयमा ! दुपएसिए खंधे सिय चरमे, नो अचरमे, सिय अवत्तव्वए । सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा ॥ ३५९ ॥ तिपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा । गोयमा ! तिपएसिए खंधे सिय चरमे १, नो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, नो चरमाइं ४, नो अचरमाइं ५, नो अवत्तव्वयाइं ६, नो चरमे य अचरमे य ७, नो चरमे य अचरमाइं ८, सिय चरमाइं च अचरमे य ९, नो चरमाइंच अचरमाइं च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा ॥ ३६० ॥ चउपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा। गोयमा ! चउपएसिए णं खंधे सिय चरमे १, नो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, नो चरमाइं ४, नो अचरमाइं ५, नो अवत्तव्वयाइं ६, नो चरमे य अचरमे य ७, नो चरमे य अचरमाइं च ८, सिय चरमाइं अचरमे य ९, सिय चरमाइं च अचरमाइं च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाइं च १२, नो चरमाइं च अवत्तव्वए य १३, नो चरमाइं च अवत्तव्वयाइं च १४, नो अचरमे य अवत्तव्वए य १५, नो अचरमे य अवत्तव्वयाइं च १६, नो अचरमाइं च अवत्तव्वए य १७, नो अचरमाइं च अवत्तव्वयाइं च १८, नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाई च २०, नो चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वए य २१, नो चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वयाइं च २२, सिय चरमाइं च अचरमे य अवत्तव्वए य २३ । सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा ॥ ३६१ ॥ पंचपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा । गोयमा ! पंचपएसिए खंधे सिय चरमे १, नो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, नो चरमाइं ४, नो अचरमाइं ५, नो अवत्तव्वयाइं ६, सिय चरमे य अचरमे य ७, नो चरमे य Page #467 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३९२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं अचरमाई च ८, सिय चरमाई च अचरमे य ९, सिय चरमाई च अचरमाई च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च १२, सिय चरमाई च अवत्तव्वए य १३, नो चरमाई च अवत्तव्वयाईं च १४, नो अचरमे य अवत्तव्वए य १५, नो अचरमे य अवत्तव्वयाइं च १६, नो अचरमाई च अवत्तव्वए य १७, नो अचरमाई च अवत्तव्वयाईं च १८, नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, नो चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाई च २०, नो चरमेय अचरमाई च अवत्तव्वए य २१, नो चरमे य अचरमाइं च अवत्तव्वयाई च २२, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वए य २३, सिय चरमाई च अचरमे य अत्तव्वयाई च २४, सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वए य २५, नो चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वयाई च २६ ॥ ३६२ ॥ छप्पएसिए णं भंते! पुच्छा । गोयमा ! छप्पए सिए णं खंधे सिय चरमे १, नो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, नो चरमाई ४, नो अचरमाई ५, नो अवत्तव्वयाई ६, सिय चरमे य अचरमे य ७, सिय चरमे य अचरमाई च ८, सिय चरमाई च अचरमे य ९, सिय चरमाई च अचरमाई च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च १२, सिय चरमाई च अवत्तव्वए य १३, सिय चरमाइं च अवत्तव्वयाई च १४, नो अचरमे य अवत्तव्वए य १५, नो अचरमेय अवत्तव्वयाई च १६, नो अचरमाई च अवत्तव्त्रए य १७, अचरमाई च अवत्तव्वयाई च १८, सिय चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, नो चरमेय अचरमेय अवत्तव्वयाई च २०, नो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वए य २१, नो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वयाईं च २२, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वए य २३, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वयाई च २४, सिय चरमाइं च अचरमाई च अवत्तव्वए य २५, सिय चरमाईं च अचरमाईं च अवत्तव्वयाई च २६ ॥ ३६३ ॥ सत्तपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा । गोयमा ! सत्तपएसिए णं खंधे सिय चरमे १, णो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, णो चरमाई ४, णो अचरमाई ५, णो अवत्तव्ययाई ६, सिय चरमे य अचरमे य ७, सिय चरमे य अचरमाई च ८, सिय चरमाई च अचरमे य ९, सिय चरमाई च अचरमाई च सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाई च १२, सिय चरमाईं च अवत्तव्वए य १३, सिय चरमाई च अवत्तव्वयाइं च १४, णो अचरमे न्य अवत्तव्वए य १५, णो अचरमे य अवत्तव्वयाई च १६, णो अचरमाई च अवत्तव्वए य १७, णो अचरमाई च अवत्तव्वयाई च १८, सिय चरमे य अचरमे १०, Page #468 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १० परिमंडलसं० पु० ] सुतागमे ३९३ य अवत्तव्वए य १९, सिय चरमे य अचरमेय अवत्तव्वयाई च २०, सिय चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वए य २१, णो चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वयाई च २२, सिय चरमाईं च अचरमे य अवत्तव्वए य २३, सिय चरमाईं च अचरमे य अवत्तव्वयाई च २४, सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वए य २५, सिय चरमाईं च अचरमाईं च अवत्तव्वयाइं च २६ ॥ ३६४ ॥ अट्ठएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा । गोयमा ! अट्ठपए सिए खंधे सिय चरमे १, नो अचरमे २, सिय अवत्तव्वए ३, नो चरमाई ४, नो अचरमाई ५, नो अवत्तव्वयाई ६, सिय चरमे य अचरमे य ७, सिय चरमेय अचरमाई च ८, सिय चरमाईं च अचरमे य ९, सिंय चरमाई च अचरमाई च १०, सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११, सिय चरमे य अवत्तव्वयाईं च १२, सिय चरमाई च अवक्तव्वए य १३, सिय चरमाईं च अवत्तव्वयाई च १४, णो अचरमे य अवत्तव्वए य १५, जो अचरमे य अवत्तव्वयाइं च १६, णो अचरमाई च अवत्तव्वए य १७, णो अचरमाई च अवत्तव्वयाइं च १८, सिय चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९, सिय चरमे य अचरमेय अवत्तव्वयाई च २०, सिय चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वए य २१, सिय चरमे य अचरमाई च अवत्तव्वयाई च २२, सिय चरमाई च अचरमेय अवत्तत्वए य २३, सिय चरमाई च अचरमे य अवत्तव्वयाई च २४, सिय चरमाइं च अचरमाई च अवत्तव्वए य २५, सिय चरमाई च अचरमाई च अवत्तव्वयाई च २६, संखेजपए सिए असंखेज्जपएसिए अनंतपएसिए खंधे जहेव अट्ठएसिए तहेव पत्तेयं भाणियव्वं । परमाणुम्मि य तइओ पढमो तइओ य होंति दुपएसे । पढमो तइओ नवमो एक्कारसमो य तिपएसे ॥ १ ॥ पढमो तइओ नवमो दसमो एक्कारसो य बारसमो । भंगा चउप्पएसे तेवीसइमो य बोद्धव्व ॥ २ ॥ पढमो तइओ सत्तमनवदसइक्कारबारतेरसभो । तेवीसचउव्वीसो पणवीस मोय पंचमए ॥ ३ ॥ बिचउत्थपंचछटुं पनरस सोलं च सत्तरद्वारं । वीसेक वीसबावीसगं च वज्जेज छटुंमि ॥ ४ ॥ बिचउत्थपंचछटुं पण्णर सोलं च सत्तरद्वारं । बावीसइमविहूणा सत्तपएसंमि खंधम्मि ॥ ५ ॥ बिच उत्थपंचछटुं पण्णर सोलं च सत्तरद्वारं । एए वज्जिय भंगा सेसा सेसेसु खंधे ॥ ६ ॥ ३६५ ॥ कणं भंते! संठाणापन्नत्ता ? गोयमा ! पंच संठाणा पन्नत्ता । तंजहा - परिमंडले, वट्टे, तंसे, चउरंसे, आयए य ॥ ३६६ ॥ परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं संखेज्जा, असंखेज्जा, अनंता ? गोयमा ! नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता । एवं जाव आया । परिमंडले णं भंते! संठाणे किं संखेज्जपएसिए,. असंखेज्जपएसिए, अनंतपए Page #469 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ... [पण्णवणासुतं सिए? गोयमा ! सिय संखेजपएसिए, सिय असंखेज्जपएसिए, सिय अणंतपएसिए । एवं जाव आयए । परिमंडले णं भंते ! संठाणे संखेजपएसिए किं संखेजपएसोगाढे, असंखेजपएसोगाढे, अणंतपएसोगाढे ? गोयमा ! संखेजपएसोगाढे, नो असंखेजपएसोगाढे. नो अणंतपएसोगाढे । एवं जाव आयए । परिमंडले णं भंते! संठाणे असंखेजपएसिए किं संखेजपएसोगाढे, असंखेजपएसोगाढे, अणंतपएसोगाढे ? गोयमा ! सिय संखेजपएसोगाढे, सिय असंखेजपएसोगाढे, नो अणंतपएसोगाढे । एवं जाव आयए। परिमंडले णं भंते ! संठाणे अणंतपएसिए किं संखेजपएसोगाढे, असंखेजपएसोगाढे. अणंतपएसोगाढे ? गोयमा ! सिय संखेजपएसोगाढे, सिय असंखेजपएसोगाढे, नो अणंतपएसोगाढे । एवं जाव आयए । परिमंडले णं भंते ! संठाणे संखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे किं चरमे, अचरमे, चरमाइं, अचरमाइं, चरमंतपएसा, अचरमंतपएसा ? गोयमा ! परिमंडले णं संठाणे संखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे नो चरमे, नो अचरमे, नो चरमाइं, नो अचरमाई, नो चरमंतपएसा, नियमं अचरमं चरमाणि य चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य। एवं जाव आयए । परिमंडले णं भंते ! संठाणे असंखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे किं चरमे० पुच्छा। गोयमा! असंखेजपएसिए संखेजपएसोगाढे जहा संखेजपएसिए । एवं जाव आयए। परिमंडले णं भंते ! संठाणे असंखेजपएसिए असंखेजपएसोगाढे किं चरमे० पुच्छा । गोयमा ! असंखेजपएसिए असंखेजपएसोगाढे नो चरमे, जहा संखेजपएसोगाढे, एवं जाव आयए। परिमंडले णं भंते ! संठाणे अणंतपएसिए संखेजपएसोगाढे किं चरमे० पुच्छा । गोयमा ! तहेव जाव आयए । अणंतपएसिए असंखेजपएसोगाढे जहा संखेजपएसोगाढे, एवं जाक आयए ॥ ३६७ ॥ परिमंडलस्स णं भंते ! संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं संखेजगुणाई, अचरमं चरमाणि य दोऽवि विसेसाहियाइं, पएसट्टयाए सव्वत्थोवा परिमंडलस्स संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स चरमंतपएसा, अचरमन्तपएसा संखेजगुणा, चरमन्तपएसा य अचरमन्तपएसा य दोऽवि विसेसाहिया, दव्वट्ठपएसठ्ठयाए सव्वत्थोवे परिमण्डलस्स. संठाणस्स संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं संखेज्जगुणाई, अचरमं च चरमाणि य दोऽवि विसेसाहियाई, चरमन्तपएसा संखेजगुणा, . अचरमन्तपएसा संखेजगुणा, चरमन्तपएसा य Page #470 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे पं० १० भवचरम०] ३९५ अचरमन्तपएसा य दोऽवि विसेसाहिया। एवं वट्टतंसचउरंसायएसु वि जोएयव्वं ॥ ३६८ ॥ परिमण्डलस्स णं भंते ! संठाणस्स असंखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स अचरमस्स चरमाण य चरमन्तपएसाण य अचरमन्तपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दव्वट्ठपएसठ्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स असंखेजपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं संखेजगुणाई, अचरमं च चरमाणि य दोऽवि विसेसाहियाइं, पएसट्टयाए सव्वत्थोवा परिमंडलसंठाणस्स असंखेज्जपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स चरमंतपएसा, अचरमंतपएसा संखेजगुणा, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोऽवि विसेसाहिया, दव्वट्ठपएसट्ठयाए-सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स असंखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं संखेजगुणाई,, अचरमं च चरमाणि य दोऽवि विसेसाहियाई, चरमंतपएसा संखेज्जगुणा, अचरमंतपएसा संखेज्जगुणा, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दोऽवि विसेसाहिया । एवं जाव आयए। परिमंडलस्स णं भंते ! संठाणस्स असंखेजपएसियस्स असंखेज्जपए-- सोगाढस्स अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कयरे कय रेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! जहा रयणप्पभाए अप्पाबहुयं तहेव निरवसेसं भाणियव्वं, एवं जाव आयए ॥ ३६९ ॥ परिमंडलस्स णं भंते ! संठाणस्स अणंतपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमंतपएसाण य दवट्ठयाए पएसठ्ठयाए दव्वट्ठपएसठ्ठयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! जहा संखेजपएसियस्स संखेजपएसोगाढस्स, नवरं संकमेणं अणंतगुणा, एवं जाव आयए। परिमंडलस्स णं भंते ! संठाणस्स अणंतपएसियस्स असंखेज्जपएसोगाढस्स अचरमस्स य ४ जहा रयणप्पभाए, नवरं संकमे अणंतगुणा, एवं जाव आयए ॥ ३७० ॥ जीवे णं भंते ! गइचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । नेरइए णं भंते ! गइचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! गइचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! ठिईचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! ठिईचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! भवचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वेमा Page #471 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३९६ [पण्णवणासुत्तं णिए । नेरइया णं भंते ! भवचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया। नेरइए णं भंते ! भासाचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे, एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! भासाचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि, एवं जाव एगिदियवजा निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! आणापाणुचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, 'सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! आणापाणुचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि। एवं निरंतरं जाव वेमाणिया। नेरइए णं भंते ! आहारचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! आहारचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! भावचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! भावचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा! चरमा वि अचरमा वि । एवं निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! वण्णचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए। नेरइया णं भंते ! वण्णचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि । एवं निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! गंधचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! गंधचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि । एवं निरंतरं जाव वेमाणिया । नेरइए णं भंते ! रसचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए । नेरइया णं भंते ! रसचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि । एवं निरंतरं जाव वेमाणिया। नेरइए णं भंते ! फासचरमेणं किं चरमे अचरमे ? गोयमा ! सिय चरमे, सिय अचरमे । एवं निरंतरं जाव वेमाणिए। नेरइया णं भंते ! फासचरमेणं किं चरमा अचरमा ? गोयमा ! चरमा वि अचरमा वि । एवं निरंतरं जाव वेमाणिया। संगहणीगाहा–“गइठिइभवे य भासा आणापाणुचरमे य बोद्धव्वा । आहारभावचरमे वण्णरसे गंधफासे य” ॥ ३७१ ॥ पन्नवणाए भगवईए दसमं चरमपयं समत्तं ॥ से णूणं भंते ! मण्णामीति ओहारिणी भासा, चिंतेमीति ओहारिणी भासा, अह मण्णामीति ओहारिणी भासा, अह चिंतेमीति ओहारिणी भासा, तह मण्णा Page #472 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ११ जा० इ० पण्णवणीपुच्छा ] सुत्तागमे ३९७ मीति ओहारिणी भासा, तह चिंतेमीति ओहारिणी भासा ? हंता गोयमा ! मण्णामीति ओहारिणी भासा, चिंतेमीति ओहारिणी भासा, अह मण्णामीति ओहारिणी भासा, अह चिंतेमीति ओहारिणी भासा, तह मण्णामीति ओहारिणी भासा, तह चिंतेमीति ओहारिणी भासा ॥ ३७२ ॥ ओहारिणी णं भंते ! भासा किं सच्चा, मोसा, सच्चामोसा, असच्चामोसा ? गोयमा ! सिय सच्चा, सिय मोसा, सिय सच्चामोसा, सिय असच्चामोसा । से केणद्वेणं भंते ! एवं बुच्चइ - 'ओहारिणी णं भासा सिय सच्चा, सिय मोसा, सिय सच्चामोसा, सिय असच्चामोसा' ? गोयमा ! आराहिणी सच्चा विराहिणी मोसा, आराहणविराहिणी सच्चामोसा, जा व आराहणी व विराहिणी णेवाराहणविराहिणी सा असच्चामोसा णामं चत्थी भासा, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ - 'ओहारिणी णं भासा सिय सच्चा, सिय मोसा, सिय सच्चामोसा, सिय असच्चामोसा' ॥ ३७३ ॥ अह भंते ! गाओ मिया पसू पक्खी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! जाय गाओ मिया पसू पक्खी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ॥ ३७४॥ अह भंते! जा य इत्थीवऊ, जा य पुमवऊ, जा य नपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! जा य इत्थीवऊ, जा य पुमवऊ, जा य नपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ॥ ३७५ ॥ अह भंते ! जाय इत्थिआणवणी, जा य पुमआणवणी, जा य नपुंसगआणवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! जा य इत्थिआणवणी, जा य पुमआणवणी, जा य नपुंसगआणवणी पण्णवणी णं एसा भासा ण एसा भासा मोसा ॥ ३७६ ॥ अह भंते ! जा य इत्थिपण्णवणी, जा य पुमपण्णवणी, जा य नपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! जाय इत्थिपण्णवणी, जा य पुमपण्णवणी, जा य नपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ॥ ३७७ ॥ अह भंते ! जा जाईइ इत्थिवऊ, जाई पुमवऊ, जाईइ णपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा, ण एस भासा मोसा ? हंता ! गोयमा ! जाईइ इत्थिवऊ, जाईइ पुमवऊ, जाईइ णपुंसगवऊ पण्णवणी एसा भासा ण एसा भासा मोसा ॥ ३७८ ॥ अह भंते ! जा जाईइ इत्थिआraणी, जाईइ पुमआणवणी, जाईइ णपुंसगाणवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! जाईइ इत्थिआणवणी, जाईइ पुमआणवणी, जाईइ णपुंसगाणवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ॥ ३७९ ॥ अह भंते ! जाईइ इत्थिपण्णवणी, जाईइ पुमपण्णवणी, जाईइ णपुंसगपण्णवणी Page #473 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ३९८ [पण्णवणासुत्तं यण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! जाईइ इस्थिपण्णवणी, जाईइ पुमपण्णवणी, जाईइ णपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ‘ण एसा भासा मोसा ॥ ३८० ॥ अह भंते ! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणइ बुयमाणे-अहमेसे बुयामीति ? गोयमा ! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो। अह भंते ! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणइ आहारं आहारेमाणे-अहमेसे आहारमाहारेमित्ति ? गोयमा ! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो । अह भंते ! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणइ-अयं मे अम्मापियरो? गोयमा ! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो। अह भंते ! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणइ-अयं मे अइराउलो, अयं मे अइराउलेत्ति ? गोयमा ! णो इणढे समढे, 'णण्णत्थ सण्णिणो । अह भंते ! मंदकुमारए वा मंदकुमारिया वा जाणइ-अयं मे भट्टिदारए, अयं मे भट्टिदारएत्ति ? गोयमा ! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो ॥ ३८१ ॥ अहं भंते ! उट्टे गोणे खरे घोडए अए एलए जाणइ बुयमाणे-अहमेसे बुयामि? गोयमा ! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो । अह भंते ! उट्टे जाव एलए जाणइ आहारं आहारेमाणे-अहमेसे आहारेमि ? गोयमा ! णो इणढे समझे, णण्णत्थ सण्णिणो । अह भंते ! उट्टे गोणे खरे घोडए अए एलए जाणइ-अयं मे अम्मापियरो? गोयमा ! णो इणढे समठे, णण्णत्थ सण्णिणो । अह भंते ! उट्टे जाव एलए जाणइ-अयं मे अइराउलेत्ति ? गोयमा ! णो इणढे समढे, णण्णत्थ सण्णिणो । अह भंते ! उट्टे जाव एलए जाणइ-अयं मे भट्टिदारए २ ? गोयमा ! णो इणढे समढे, ·णण्णत्थ सण्णिणो ॥ ३८२ ॥ अह भंते ! मणुस्से महिसे आसे हत्थी सीहे वग्घे विगे दीविए अच्छे तरच्छे परस्सरे सियाले विराले सुणए कोलसुणए कोकंतिए ससए चित्तए चिल्ललए जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वा सा एगवऊ ? हंता गोयमा ! मणुस्से जाव चिल्ललए जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वा सा एगवऊ । अह भंते ! मणुस्सा जाव चिल्ललगा जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वा सा बहुवऊ ? हंता गोयमा ! मणुस्सा जाव चिल्ललगा ''सव्वा सा बहुवऊ ॥ ३८३ ॥ अह भंते ! मणुस्सी महिसी वलवा हत्थिणिया सीही वग्घी विगी दीविया अच्छी तरच्छी परस्सरा रासभी सियाली विराली सुणिया कोलसुणिया कोकंतिया ससिया 'चित्तिया चिल्ललिया जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वा सा इत्थिवऊ ? हंता गोयमा ! मणुस्सी जाव चिल्ललिगा जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वा सा इत्थिवऊ। अह भंते ! मणुस्से जाव चिल्ललए जेयावन्ने तेहप्पगारा सव्वा सा पुमवऊ ? हंता गोयमा ! मणुस्से महिसे जाव चिल्ललए जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वा सा पुमवऊ। अह भंते ! Page #474 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० ११ पज्जत्तियमोसभासभेया] सुत्तागमे कंसं कंसोयं परिमंडलं सेलं जालं थालं तारं रूवं अच्छिपव्वं कुंडं पउमं दुद्धं दहिं णवणीयं असणं सयणं भवणं विमाणं छत्तं चामरं भिंगारं अंगणं णिरंगणं आभरणं रयणं जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वं तं णपुंसगवऊ ? हंता गोयमा ! कंसं जाव रयणं जेयावन्ने तहप्पगारा सव्वं तं णपुंसगवऊ ॥ ३८४ ॥ अह भंते ! पुढवी इत्थिवऊ आउत्ति पुमवऊ धण्णेत्ति नपुंसगवऊ पन्नवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा! पुढवित्ति इत्थिवऊ आउत्ति पुमवऊ धण्णेत्ति नपुंसगवऊ पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। अह भंते ! पुढवित्ति इत्थिआणवणी, आउत्ति पुमआणवणी, धण्णेत्ति नपुंसगाणवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! पुढवित्ति इत्थिआणवणी, आउत्ति पुमआणवणी, धण्णेत्ति नपुंसगाणवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा । अह भंते ! पुढवीति इत्थिपण्णवणी, आउत्ति पुमपण्णवणी, धण्णेत्ति णपुंसगपण्णवणी आराहणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! पुढवीति इत्थिपण्णवणी, आउत्ति पुमपण्णवणी, धण्णेत्ति णपुंसगपण्णवणी आराहणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। इच्चेवं भंते ! इत्थिवयणं वा पुमवयणं वा णपुंसगवयणं वा वयमाणे पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! इत्थिवयणं वा पुमवयणं वा णपुंसगवयणं वा वयमाणे पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ॥ ३८५ ॥ भासा णं भंते ! किमाइया, किंपवहा, किंसंठिया, किंपज्जवसिया ? गोयमा ! भासा णं जीवाइया, सरीरप्पभवा, वजसंठिया, लोगंतपज्जवसिया पण्णत्ता । भासा कओ य पभवइ ? कइहि व समएहि भासई भासं भासा कइप्पगारा? कई वा भासा अणुमया उ?॥ सरीरप्पभवा भासा, दोहि य समएहिं भासई भासं । भासा चउप्पगारा, दोण्णि य भासा अणुमया उ ॥ ३८६ ॥ कइविहा णं भंते ! भासा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा भासा पन्नत्ता । तंजहा-पज्जत्तिया य अपज्जत्तिया य । पज्जत्तिया णं भंते ! भासा कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा–सञ्चाः मोसा य ॥ ३८७ ॥ सच्चा णं भंते ! भासा पजत्तिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता । तंजहा-जणवयसच्चा १, सम्मयसच्चा २, ठवणसच्चा ३, नामसच्चा ४, रूवसच्चा ५, पडुच्चसच्चा ६, ववहारसच्चा ७, भावसच्चा ८, जोगसच्चा ९, ओवम्मसच्चा १० । “जणवय १ संमय २ ठवणा ३ नामे ४ रूवे ५ पडुच्चसच्चे ६ य । ववहार ७ भाव ८ जोगे ९ दसमे ओवम्मसच्चे य १०” ॥ ३८८ ॥ मोसा णं भंते ! भासा पज्जत्तिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता । तंजहा-कोहणिस्सिया १, माणणिस्सिया २, Page #475 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४०० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं मायाणिस्सिया ३, लोहणिस्सिया ४, पेजणि स्सिया ५, दोसणिस्सिया ६, हासणिस्सिया ७, भयणिस्सिया ८, अक्खाइयाणिस्सिया ९, उवघाइयणिस्सिया १० ॥ "कोहे माणे माया लोभे पिजे तहेव दोसे य । हास भए अक्खाइयउवघाइयणिस्सिया दसमा" ॥३८९ ॥ अपज्जत्तिया णं भंते ! कइविहा भासा पन्नत्ता ? गोयमा! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सच्चामोसा असच्चामोसा य । सच्चामोसा णं भंते ! भासा अपज्जत्तिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता । तंजहा-उप्पण्णमिस्सिया १, विगयमिस्सिया २, उप्पण्णविगयमिस्सिया ३, जीवमिस्सिया ४, अजीवमिस्सिया ५, जीवाजीवमिस्सिया ६, अणंतमिस्सिया ७, परित्तमिस्सिया ८, अद्धामिस्सिया ९, अद्धद्धामिस्सिया १० ॥३९०॥ असच्चामोसा णं भंते ! भासा अपजत्तिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुवालसविहा पन्नत्ता । तंजहा-आमंतणि १, आणमणी २, जायणि ३, तह पुच्छणी य ४, पण्णवणी ५ । पञ्चक्खाणी ६, भासा भासा इच्छागुलोमा ७ य ॥ अणभिग्गहिया भासा ८, भासा य अभिग्गहमि बोद्धव्वा ९ । संसयकरणी भासा १०, वोगड ११, अव्वोगडा चेव १२” ॥ ३९१ ॥ जीवा णं भंते ! किं भासगा, अभासगा? गोयमा ! जीवा भासगा वि, अभासगा वि । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जीवा भासगा वि, अभासगा वि' ? गोयमा ! जीवा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य । तत्थ णं जे ते असंसारसमावण्णगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं अभासगा। तत्थ णं जे ते संसारसमावण्णगा ते दुविहा पन्नत्ता। तंजहा—सेलेसीपडिवण्णगा य असेलेसीपडिवण्णगा य । तत्थ णं जे ते सेलेसीपडिवण्णगा ते णं अभासगा। तत्थ णं जे ते असेलेसीपडिवण्णगा ते दुविहा पन्नत्ता । तं जहा-एगिंदिया य अणेगिंदिया य । तत्थ णं जे ते एगिदिया ते णं अभासगा। तत्थ णं जे ते अणेगेंदिया ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहापजत्तगा य अपजत्तगा य । तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं अभासगा, तत्थ णं जे ते पजत्तगा ते णं भासगा, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'जीवा भासगा वि, अभासगा वि' ॥ ३९२ ॥ नेरइया भंते ! किं भासगा, अभासगा ? गोयमा । नेरइया भासगा वि, अभासगा वि । से केणढेणं भंते! एवं बुच्चइ-'नेरइया भासगा वि, अभासगा वि' ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पज्जत्तगा य अपजत्तगा य । तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं अभासगा, तत्थ णं जे ते पजत्तगा ते णं भासगा, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'नेरइया भासगा वि, अभासगा वि' । एवं एगिदियवजाणं निरंतरं भाणियव्वं ॥ ३९३ ॥ कइ णं भंते ! भासजाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि भासज्जाया पन्नत्ता । तंजहा-सच्चमेगं भासज्जायं, बिइयं मोसं, तइयं Page #476 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ११ दव्वाइं० वण्णओ] सुत्तागमे सच्चामोसं, चउत्थं असच्चामोसं । जीवा णं भंते ! किं सच्चं भासं भासंति, मोसं भासं भासंति, सच्चामोसं भासं भासंति, असच्चामोसं भासं भासंति ? गोयमा ! जीवा सच्चं पि भासं भासंति, मोसं पि भासं भासंति, सञ्चामोसं पि भासं भासंति, असच्चामोसं पि भासं भासंति । नेरइया णं भंते ! किं सच्चं भासं भासंति जाव असच्चामोसं भासं भासंति? गोयमा! नेरइया णं सच्चं पि भासं भासंति जाव असच्चामोसं पि भासं भासंति । एवं असुरकुमारा जाव थणियकुमारा । बेइंदियतेइंदियचउरिंदिया य नो सच्च०, नो मोसं०, नो सच्चामोसं भासं भासंति, असच्चामोसं भासं भासंति। पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! किं सच्चं भासं भासंति जाव असच्चामोसं भासं भासंति ? गोथमा ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णो सञ्चं भासं भासंति, णो मोसं भासं भासंति, णो सच्चामोसं भासं भासंति, एगं असच्चामोसं भासं भासंति, णण्णत्थ सिक्खापुव्वर्ग उत्तरगुणलद्धिं वा पडुच्च सच्चं पि भासं भासंति, मोसं पि०, सच्चामोसं पि०, असच्चामोसं पि भासं भासंति । मणुस्सा जाव वेमाणिया एए जहा जीवा तहा भाणियव्वा ॥ ३९४ ॥ जीवे णं भंते ! जाइं दव्वाइं भासत्ताए गिण्हइ ताई किं ठियाइं गिण्हइ, अठियाइं गिण्हइ ? गोयमा ! ठियाइं गिण्हइ, नो अठियाइं गिण्हइ । जाइं भंते ! ठियाई गिण्हइ ताई किं दव्वओ गिण्हइ, खेत्तओ गिण्हइ, कालओ गिण्हइ, भावओ गिण्हइ ? गोयमा ! दव्वओ वि गिण्हइ, खेत्तओ वि०, कालओ वि०, भावओ वि गिण्हइ। जाई भंते! दव्वओ गिण्हइ ताइं किं एगपएसियाई गिण्हइ, दुपएसियाइं जाव अणंतपएसियाई गिण्हइ ? गोयमा ! नो एगपएसियाइं गिण्हइ जाव नो असंखेजपएसियाइं गिण्हइ, अणंतपएसियाई गिण्हइ । जाइं खेत्तओ गेण्हइ ताई किं एगपएसोगाढाइं गेण्हइ, दुपएसोगाढाइं गेण्हइ जाव असंखेजपएसोगाढाइं गेण्हइ ? गोयमा ! नो एगपएसोगाढाइं गेण्हइ जाव नो संखेजपएसोगाढाइं गेण्हइ, असंखेजपएसोगाढाइं गेण्हइ । जाई कालओ गेण्हइ ताई किं एगसमय ठिइयाइं गेण्हइ, दुसमयठिइयाई गेण्हइ जाव असंखेजसमयठिंइयाइं गेण्हइ ? गोयमा ! एगसमयठिइयाइं पि गेण्हइ, दुसमयठिइयाई पि गेण्हइ जाव असंखेजसमयठिइयाइं पि गेण्हइ । जाइं भावओ गेण्हइ ताई किं वण्णमंताई गेण्हइ, गंधमंताइं०, रसमंताइं०, फासमंताई गेण्हइ ? गोयमा ! वण्णमंताई पि गे० जाव फासमंताई पि गेण्हइ। जाइं भावओ वण्णमंताई गेण्हइ ताई किं एगवण्णाइं गेण्हइ जाव पंचवण्णाइं गेण्हइ ? गोयमा ! गहणदव्वाइं पडुच्च एगवण्णाई पि गेण्हइ जाव पंचवण्णाई पि गेण्हइ, सव्वग्गहणं पडुच्च णियमा पंचवण्णाइं गेण्हइ, तंजहा-कालाइं नीलाई लोहियाई हालिद्दाइं सुकिल्लाइं । जाइं वण्णओ कालाई गेण्हइ ताई किं एगगुणकालाई गेण्हइ जाव अणंतगुणकालाइं गेण्हइ ? गोयमा ! २६ सुत्ता. Page #477 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४०२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं एगगुणकालाई पि गेण्हइ जाव अणंतगुणकालाई पि गेण्हइ । एवं जाव सुकिल्लाई पि । जाई भावओ गंधमंताई गिण्हइ ताई किं एगगंधाई गिण्हइ, दुगंधाइं गिण्हइ ? गोयमा ! गहणदव्वाइं पडुच्च एगगंधाइं पि० दुगंधाई पि गिण्हइ, सव्वग्गहणं पडुच्च नियमा दुगंधाइं गिण्हइ । जाइं गंधओ सुब्भिगंधाइं गिण्हइ ताई कि एगगुणसुब्भिगंधाइं गिण्हइ जाव अणंतगुणसुभिगंधाई गिण्हइ ? गोयमा! एगगुणसुब्भिगंधाई पि गि० जाव अणंतगुणसुब्भिगंधाई पि गिण्हइ । एवं दुब्भिगंधाई पि गेण्हइ । जाई भावओ रसमंताई गेण्हइ ताई किं एगरसाइं गेण्हइ जाव पंचरसाइं गेण्हइ ?? गोयमा ! गहणदव्वाइं पडुच्च एगरसाइं पि गेण्हइ जाव पंचरसाइं पि गिण्हइ, सव्वग्गहणं पडुच्च नियमा पंचरसाइं गेण्हइ । जाई रसओ तित्तरसाइं गेण्हइ ताई कि एगगुणतित्तरसाइं गिण्हइ जाव अणंतगुणतित्तरसाइं गिण्हइ ? गोयमा ! एगगुणतित्ताई पि गिण्हइ जाव अणंतगुणतित्ताई पि गिण्हइ, एवं जाव महुररसो। जाइं भावओ फासमंताई गेण्हइ ताइं किं एगफासाइं गेण्हइ जाव अट्ठफासाइं गेण्हइ ? गोयमा ! गहणदव्वाइं पडुच्च णो एगफासाइं गेण्हइ, दुफासाई गेण्हइ जाव चउफासाइं गेण्हइ, णो पंचफासाइं गेण्हइ जाव णो अट्ठफासाइं गेण्हइ, सव्वग्गहणं पडुच्च. नियमा चउफासाइं गेण्हइ, तंजहा-सीयफासाइं गेण्हइ, उसिणफासाइं०, निद्धफासाइं०, लुक्खफासाइं गेण्हइ । जाइं फासओ सीयाई गेण्हइ ताई कि एगगुणसीयाइं गेण्हइ जाव अणंतगुणसीयाइं गेण्हइ ? गोयमा! एगगुणसीयाई पि गेण्हइ जाव अणंतगुणसीयाई पि गेण्हइ, एवं उसिणणिद्धलुक्खाई जाव अणंतगुणाई पि गेहइ ॥ ३९५ ॥ जाइं भंते ! जाव अणंतगुणलुक्खाइं गेण्हइ ताई किं पुट्ठाइं गेण्हइ, अपुट्ठाइं गेण्हइ ? गोयमा ! पुट्ठाइं गेण्हइ, नो अपुट्ठाइं गेण्हइ । जाइं भंते ! पुट्ठाई गेण्हइ ताई किं ओगाढाइं गेण्हइ, अणोगाढाई गेण्हइ ? गोयमा ! ओगाढाइं गेण्हइ, नो अणोगाढाई गेण्हइ । जाई भंते ! ओगाढाई गेण्हइ ताई किं अणंतरोगाढाई गेण्हइ, परंपरोगाढाइं गेण्हइ ? गोयमा ! अणंतरोगाढाई गेण्हइ, नो परंपरोगाढाई गेण्हइ । जाइं भंते ! अणंतरोगाढाई गेण्हइ ताइं किं अणूइं गेण्हइ, बायराई गेण्हइ ? गोयमा ! अणूई पि गेण्हइ बायराइं पि गेण्हइ । जाइं भंते ! अणूइं गेण्हइ. ताई किं उडे गेण्हइ, अहे गेण्हइ, तिरियं गेण्हइ ? गोयमा ! उ8 पि गेण्हइ, अहे वि गेण्हइ, तिरियं पि गेण्हइ । जाइं भंते ! उर्ल्ड पि गेण्हइ अहे वि गेण्हइ तिरियं पि गेण्हइ ताइं किं आइं गेण्हइ, मज्झे गेण्हइ, पज्जवसाणे गेण्हइ ? गोयमा ! आई पि गेण्हइ, मज्झे वि गेण्हइ, पज्जवसाणे वि गेण्हइ । जाइं भंते ! आई पि गेण्हइ, मज्झे वि गेण्हइ, पजवसाणे वि गेण्हइ ताई किं सविसए गेण्हइ, अविसए गेण्हइ ? गोयमा ! Page #478 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ११ उक्करियाभेयसरूवं] सुत्तागमे सविसए गेण्हइ, नो अविसए गेण्हइ। जाइं भंते ! सविसए गेण्हइ ताइं किं आणुपुचि गेण्हइ, अणाणुपुट्विं गेण्हइ ? गोयमा ! आणुपुर्दिव गेण्हइ, नो अणाणुपुर्दिवं गेहइ । जाइं भंते ! आणुपुट्विं गेण्हइ ताई किं तिदिसिं गेण्हइ जाव छद्दिसिं गेण्हइ ? गोयमा ! नियमा छद्दिसिं गेण्हइ । “पुट्ठोगाढअणंतर अणू य तह बायरे य उड्डमहे । आइविसयाणुपुट्विं णियमा तह छद्दिसिं चेव" ॥३९६॥ जीवे णं भंते ! जाइं दव्वाइं भासत्ताए गेण्हइ ताई किं संतरं गेण्हइ, निरंतरं गेण्हइ ? गोयमा ! संतरं पि गेण्हइ, निरंतरं पि गेण्हइ । संतरं गेण्हमाणे जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेजसमए अंतरं कडे गेण्हइ, निरंतरं गेण्हमाणे जहण्णेणं दो समए, उक्कोसेणं असंखेजसमए अणुसमयं अविरहियं निरंतरं गेण्हइ । जीवे णं भंते ! जाइं दव्वाइं भासत्ताए गहियाई निसिरइ ताई किं संतरं निसिरइ, निरंतर निसिरइ ? गोयमा ! संतरं निसिरइ, नो निरंतरं निसिरइ। संतरं निस्सिरमाणे एगेणं समएणं गेण्हइ, एगेणं समएणं निसिरइ, एएणं गहणनिसिरणोवाएणं जहन्नेणं दुसमयं, उक्कोसेणं असंखेजसमयं अंतोमुहुत्तिगं गहणनिसिरणोवायं करेइ ॥ ३९७ ॥ जीवे णं भंते ! जाई दव्वाई भासत्ताए गहियाइं णिसिरइ ताइं किं भिण्णाइं णिसिरइ, अभिण्णाइं णिसिरइ ? गोयमा! भिन्नाइं पि णिस्सिरइ, अभिन्नाई पि णिस्सिरइ । जाइं भिन्नाई णिसिरइ ताई अणंतगुणपरिवुड्डीए णं परिवुड्डमाणाई लोयंतं फुसन्ति, जाइं अभिण्णाई णिसिरइ ताइं असंखेजाओ ओगाहणवग्गणाओ गंता भेयमावजंति, संखेजाई जोयणाई गंता विद्धंसमागच्छंति ॥ ३९८ ॥ तेसि णं भंते ! दव्वाणं कइविहे भेए पण्णत्ते ? गोयमा ! पञ्चविहे भेए पन्नत्ते । तंजहा-खंडाभेए, पयराभेए, चुण्णियाभेए, अणुतडियाभेए, उक्करियाभेए । से किं तं खंडाभेए ? २ जण्णं अयखंडाण वा तउयखंडाण वा तंबखंडाण वा सीसगखंडाण वा रययखंडाण वा जायस्वखंडाण वा खंडएणं भेए भवइ, से तं खंडाभेए १। से किं तं पयराभेए ? २ जण्णं वंसाण वा वेत्ताण वा नलाण वा कयलीथंभाण वा अब्भपडलाण वा पयरेणं भेए भवइ, से तं पयराभेए २ । से किं तं चुण्णियाभेए? २ जण्णं तिलचुण्णाण वा मुग्गचुण्णाण वा मासचुण्णाण वा पिप्पलीचुण्णाण वा मिरीयचुण्णाण वा सिंगबेरचुण्णाण वा चुण्णियाए भेए भवइ, से तं चुणियाभेए ३ । से किं तं अणुतडियाभेए ? २ जण्णं अगडाण वा तडागाण वा दहाण वा नईण वा वावीण वा पुक्खरिणीण वा दीहियाण वा गुंजालियाण वा सराण वा सरसराण वा सरपंतियाण वा सरसरपंतियाण वा अणुतडियाभेए भवइ, से तं अणुतडियाभेए ४ । से किं तं उक्करियाभेए ? २ जण्णं मूसाण वा मंडूसाण वा तिलसिंगाण वा मुग्गसिंगाण वा माससिंगाण वा एरंडबीयाण वा फुट्टिया Page #479 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुतागमे [ पण्णवणासुतं उक्करियाए भए भवइ, से तं उक्करियाभेए ५ ॥ ३९९ ॥ एएसि णं भंते! दव्वाणं खंडाभेएणं पयराभेएणं चुण्णियाभेएणं अणुतडियाभेएणं उक्करिया एण य भिज्जमाणाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाई दव्वाइं उक्करियामेएणं भिज्जमाणाई, अणुतडियाभेएणं भिजमाणाइं अनंतगुणाई, चुण्णियाभेएणं भिज्जमाणाइं अणंतगुणाई, पयराभेएणं भिज्जमाणाई अनंतगुणाई, खंडाभेएणं भिज्जमाणाइं अणंतगुणाईं ॥ ४०० ॥ नेरइए णं भंते ! जाई दव्वाई भासत्ताए गेण्हइ ताई किं ठियाई गेण्हर, अठियाई गेण्हइ ? गोयमा ! एवं चेव, जहा जीवे वत्तव्वया भणिया तहा नेरइयस्स वि जाव अप्पाबहुयं । एवं एगिंदियवज्जो दंडओ जाव वेमाणिया । जीवा णं भंते ! जाई दव्वाई भासत्ताए गेहंति ताइं किं ठियाई गेव्हंति, अठियाई गेण्हंति ? गोयमा ! एवं चेव, पुहुत्तेण वि णेयव्वं जाव वेमाणिया । जीवे णं भंते ! जाई दव्वाई सच्चभासत्ताए गेहइ ताई किं ठियाई गेण्हइ, अठियाई गेव्हइ ? गोयमा ! जहा ओहियदंडओ तहा एसोऽवि, णवरं विगलिंदिया ण पुच्छिज्जंति । एवं मोसाभासाए वि, सच्चामोसाभासाए वि, असच्चामोसाभासाए वि एवं चेव, नवरं असच्चामोसाभासाए विगलिंदिया पुच्छिज्जंति इमेणं अभिलावेणं - विगलिंदिए णं भंते ! जाईं दव्वाई असच्चामोसाभासत्ताए गेण्हइ ताई किं ठियाई गेण्हर, अठियाई गेण्हइ ? गोयमा ! जहा ओहियदंडओ, एवं एए एगत्तपुहुत्तेणं दस दंडगा भाणियव्वा ॥ ४०१ ॥ जीवे णं भंते ! जाई दव्वाई सच्चभासत्ताए गिण्हइ ताई किं सच्चभासत्ताए निसिरइ, मोसभासत्ताए निसिरइ, सच्चामोसभासत्ताए निसिरइ, असच्चामोसभासत्ताए निसिरइ ? गोयमा ! सच्चभासत्ताए निसिरइ, नो मोसभासत्ताए निसिरइ, नो सच्चामोसभासत्ताए निसिरइ, नो असच्चामोसभासत्ताए निसिरइ । एवं एर्गिदियविगलिंदियवज्जो दंडओ जाव वेमाणिया । एवं पुहुत्तेण वि । जीवे णं भंते ! जाईं दव्वाइं मोसभासत्ताए गिण्हइ ताई किं सच्चभासत्ताए निसिरइ, मोसभासत्ताए०, सच्चामोसभासत्ताए०, असच्चामोसभासत्ताए निसिरइ ? गोयमा ! णो सच्चभासत्ताए निसिरइ, मोसभासत्ताए निसिरइ, णो सच्चामोसभासत्ताए०, णो असच्चामोसभासत्ताए निसिरइ । एवं सचामोसभासत्ताए वि, असच्चामोसभासत्ताए वि एवं चेव, नवरं असच्चामोसभासत्ताए विगलिंदिया तव पुच्छिति, जाए चेव गिण्हइ ताए चेव निसिरइ । एवं एए एगत्तपुहुत्तिया अट्ठ दंडगा भाणियव्वा ॥ ४०२ ॥ कइविहे णं भंते ! वयणे पन्नत्ते ? गोयमा ! सोलसविहे वयणे पन्नत्ते । तंजहा – एगवयणे, दुवयणे, बहुवयणे, इत्थिवयणे, पुमवयणे, णपुंसगवयणे, अज्झत्थवयणे, उवणीयवयणे, अवणीयवयणे, उवणीया ४०४ Page #480 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० १२ वेउब्वियसरीरमुक्केलगा] सुत्तागमे ४०५ वणीयवयणे, अवणीओवणीयवयणे, तीतवयणे, पडुप्पन्नवयणे, अणागयवयणे, पच्चक्खवयणे, परोक्खवयणे । इच्चेइयं भंते ! एगवयणं वा जाव परोक्खवयणं वा वयमाणे पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ? हंता गोयमा ! इच्चेइयं एगवयणं वा जाव परोक्खवयणं वा वयमाणे पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा ॥ ४०३ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सच्चभासगाणं मोसभासगाणं सच्चामोसभासगाणं असच्चामोसभासगाणं अभासगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा सच्चभासगा, सच्चामोसभासगा असंखेजगुणा, मोसभासगा असंखेजगुणा, असच्चामोसभासगा असंखेजगुणा, अभासगा अणंतगुणा ॥ ४०४ ॥ पन्नवणाए भगवईए एक्कारसमं भासापयं समत्तं ॥ कइ णं भंते ! सरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पन्नत्ता । तंजहा-ओरालिए, वेउव्विए, आहारए, तेयए, कम्मए । नेरइयाणं भंते ! कइ सरीरया पन्नत्ता? गोयमा ! तओ सरीरया पन्नत्ता । तंजहा-वेउव्विए, तेयए, कम्मए । एवं असुरकुमाराण वि जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं भंते ! कइ सरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरया पन्नत्ता । तंजहा--ओरालिए, तेयए, कम्मए । एवं वाउकाइयवजं जाव चउरिंदियाणं । वाउकाइयाणं भंते ! कइ सरीरया पन्नत्ता? गोयमा ! चत्तारि सरीरया पन्नत्ता। तंजहा–ओरालिए, वेउबिए, तेयए, कम्मए । एवं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाण वि । मणुस्साणं भंते ! कइ सरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरया पन्नत्ता । तंजहा-ओरालिए, वेउव्विए, आहारए, तेयए, कम्मए । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नारगाणं ॥ ४०५-६ ॥ केवइया णं भंते ! ओरालियसरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहाबद्धेल्लया य मुक्केल्लया य । तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजा लोगा। तत्थ णं जे ते मुकेल्लया ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, अभवसिद्धिएहितो अणंतगुणा सिद्धाणंतभागो। केवइया णं भंते ! वेउव्वियसरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-बद्धेल्लगा य मुक्केलगा य । तत्थ णं जे ते बद्धेल्लगा ते णं असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजइभागो । तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, जहा ओरालियस्स मुक्केल्लगा तहेव वेउव्वियस्स वि भाणियव्वा Page #481 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं ४०६ केवइया णं भंते ! आहारगसरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहाबद्धेल्लया य मुक्केल्लया य । तत्थ णं जे ते बद्धलया ते णं सिय अत्थि, सिय नत्थि। जइ अत्थि जहण्णेणं एको वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहुत्तं । तत्थ णं जे ते मुक्केल्लया ते णं अणंता, जहा ओरालियस्स मुक्केल्लया तहेव भाणियव्वा । केवइया णं भंते ! तेयगसरीरया पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बद्धेलगा य मुक्केलगा य । तत्थ णं जे ते बद्धेल्लगा ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्वओ सिद्धेहितो अणंतगुणा सव्वजीवाणंतभागूणा । तत्थ णं जे ते मुक्केल्लगा ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्वओ सव्वजीवेहितो अणंतगुणा जीववग्गस्साणंतभागो । एवं कम्मगसरीराणि वि भाणियव्वाणि ॥ ४०७ ॥ नेरइयाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-बद्धेल्लगा य मुक्केलगा य । तत्थ णं जे ते बद्धेल्लगा ते णं णत्थि । तत्थ णं जे ते मुक्केल्लगा ते णं अणंता जहा ओरालियमुक्केलगा तहा भाणियव्वा । नेरइयाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहाबद्धलगा य मुकेल्लगा य। तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं असंखेज्जा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेज्जाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलपढमवग्गमूलं बिइयवग्गमूलपडुप्पण्णं, अहव णं अंगुलबिइयवग्गमूलघणप्पमाणमेत्ताओ सेढीओ। तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते णं जहा ओरालियरस मुक्केल्लगा तहा भाणियव्वा । नेरइयाणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-बद्धेल्लगा य मुक्केल्लगा य, एवं जहा ओरालिए बद्धलगा मुक्केल्लगा य भणिया तहेव आहारगा वि भाणियव्वा । तेयाकम्मगाइं जहा एएसिं चेव वेउव्वियाइं ॥ ४०८ ॥ असुरकुमाराणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहा नेरइयाणं ओरालियसरीरा भणिया तहेव एएसिं भाणियव्वा । असुरकुमाराणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-बद्धलगा य मुक्केलगा य। तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलपढमवग्गमूलस्स संखेज्जइभागो । तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते णं जंहा ओरालियस्स मुक्केलगा तहा भाणियव्वा । आहारगसरीरगा जहा एएसिं चेव ओरालिया तहेव दुविहा भाणियव्वा, तेयाकम्मगसरीरा दुविहा वि Page #482 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १२ पं० वेडव्वियसरीर० ] सुत्तागमे जहा एएसिं चेत्र वेउब्विया, एवं जाव थणियकुमारा ॥ ४०९ ॥ पुढविकाइयाणं ते ! केवइया ओरालि यसरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - बद्धेलगा य मुक्केलगाय । तत्थ णं जे ते बद्धेलगा ते णं असंखेज्जा, असंखेज्जाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा । तत्थ णं जे ते मुलगा ते णं अनंता, अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अनंता लोगा, अभवसिद्धिएहिंतो अणंतगुणा सिद्धाणं अनंतभागो । पुढविकाइयाणं भंते! केवइया वेडव्वियसरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पत्ता | तंजहा- बद्धेलगा य मुक्केलगा य । तत्थ णं जे ते बलगा ते णं णत्थि । तत्थ जे ते मुलगा ते णं जहा एएसिं चेव ओरालिया तहेव भाणियव्वा । एवं आहारगसरीरा वि। तेयाकम्मगा जहा एएसिं चेव ओर लिया । एवं आउकाइयते उकाइया वि ॥ ४१० ॥ वाउकाइयाणं भंते! केवइया ओरालियसरीरा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा- बद्धेलगा य मुक्केलगा य । दुविहा वि जहा पुढविकाइयाणं ओरालिया । वेउव्वियाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - बद्धेलगाय मुक्केलगाय । तत्थ णं जे ते बद्धेलगा ते णं असंखेज्जा, समए समए अवहीरमाणा २ पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमेत्तेणं कालेणं अवहीरंति, नो चेव णं अवहिया सिया । मुक्केलगा जहा पुढविकाइयाणं । आहारयतेयाकम्मा जहा पुढविकाइयाणं, वणप्फइकाइयाणं जहा पुढविकाइयाणं, णवरं तेयाकम्मगा जहा ओहिया तेयाकम्मगा ॥४११॥ इंदियाणं भंते! केवइया ओरालिया सरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता | तंजहा-बद्धेलगा य मुक्केलगाय, तत्थ णं जे ते बद्धेलगा ते णं असंखेज्जा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेज्जइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ असंखेज्जाईं सेढिवग्गमूलाई । बेइंदियाणं ओरालियसरीरेहिं बद्धेल्लगेहिं पयरो अवहीरइ, असंखेज्जाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं कालओ, खेत्तओ अंगुलपयरस्स आवलियाए य असंखेज्जइभागपलिभागेणं । तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते जहा ओहिया ओरालियमुलगा | वेउव्विया आहारगा य बद्धेलगा णत्थि । मुक्केलगा जहा ओहिया ओरालियमुक्केलगा । तेयाकम्मगा जहा एएसिं चेव ओहिया ओरालिया, एवं जाव चउरिंदिया । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं एवं चेव, नवरं वेडव्वियसरीरएसु इमो विसेसो- पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! केवइया वेउव्त्रियसरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तं ० - बद्धेलगा य मुक्केलगा य । तत्थ गंजे ते बद्धेलगा ते णं असंखेज्जा, जहा असुरकुमाराणं णवरं तासि णं सेढीणं ४०७ Page #483 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुक्तं विक्खंभसूई अंगुलपढमवग्गमूलस्स असंखेज्जइभागो । मुलगा तहेव ॥ ४१२ ॥ मणुस्साणं भंते ! केवइया ओरालिय सरीरगा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा- बद्धेलगा य मुक्केलगा य, तत्थ णं जे ते बद्धेलगा ते णं सिय संखेज्जा, सिय असंखेज्जा, जहण्णपए संखेज्जा, संखेज्जाओ कोडाकोडीओ, तिजमलपयस्स उवरिं चउजमलपयस्स हिट्ठा, अहव णं पंचमवग्गपडुप्पन्नो छट्टो वग्गो, अहव णं छष्णउईछेयणगदाइरासी, उक्कोसपए असंखेज्जा, असंखेज्जाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणी हिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ रूवपक्खित्तेहिं मणुस्सेहिं सेढी अवहीर, तीसे सेढीए आगासखेत्तेहिं अवहारो मग्गिज्जइ- असंखेजा, असंखेज्जाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं कालओ, खेत्तओ अंगुलपढमवग्गमूलं तइयवग्गमूलपडुप्पण्णं । तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते जहा ओरालिया ओहिया मुक्केलगा । वेउव्वियाणं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा- बद्धेलगा य मुक्केलगाय, तत्थ णं जे ते बद्धेलगा ते णं. संखेज्जा, समए २ अवहीरमाणा २ संखेज्जेणं कालेणं अवहीरंति, नो चेव णं अवहीरिया सिया । तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते णं जहा ओरालिया ओहिया । आहारगसरीरा जहा ओहिया । तेयाकम्मगा जहा एएसिं चेव ओरालिया वाणमंतराणं जहा नेरइयाणं ओरालिया आहारगा य । वेडव्वियसरीरगा जहा नेरइयाणं, नवरं तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई, संखेज्जजोयणसयवग्गपलिभागो पयरस्स । मुकेलया जहा ओरालिया, आहारगसरीरा जहा असुरकुमाराणं, तेयाकम्मया जहा एएसि णं चेव वेउव्विया । जोइसियाणं एवं चेव, नवरं तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई, विछप्पन्नंगुलसयवग्गपलिभागो पयरस्स । वेमाणियाणं एवं चेव, नवरं तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई, अंगुल बिइयवग्गमूलं तइयवग्गमूल पडुप्पन्नं, अहवणं अंगुलतइयवग्गमूलघणप्पमाणमेत्ताओ सेढीओ, सेसं तं चेव ॥ ४१३ ॥ पन्नवणाए भगवईए बारसमं सरीरपयं समत्तं ॥ कइविहे णं भंते! परिणामे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे परिणामे पन्नत्ते । तंजहाजीवपरिणामे य अजीवपरिणामे य । जीवपरिणामे णं भंते! कइ विहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दसविहे पन्नत्ते । तंजहा - गइपरिणामे १, इंदियपरिणामे २, कसायपरिणामे . ३, लेसापरिणामे ४, जोगपरिणामे ५, उवओगपरिणामे ६, णाणपरिणामे ७. दंसणपरिणामे ८, चरित परिणामे ९, वेयपरिणामे १० ॥ ४१४ ॥ गइपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउत्रिहे पन्नत्ते । तंजहा - नरयगइपरिणामे, तिरिय - गइपरिणामे, मणुयगइपरिणामे, देवगइपरिणामे १ । इंदियपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा- सोइंदियपरिणामे, चक्खिदियपरि ४०८ را Page #484 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १३ पुढवि० लेसा०] सुत्तागमे ४०९ णामे, घाणिंदियपरिणामे, जिभिदियपरिणामे, फासिंदियपरिणामे २ । कसायपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते । तंजहा-कोहकसायपरिणामे, माणकसायपरिणामे, मायाकसायपरिणामे, लोभकसायपरिणामे ३ । लेस्सापरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! छविहे पन्नत्ते । तंजहा-कण्हलेसापरिणामे, नीललेसापरिणामे, काउलेसापरिणामे, तेउलेसापरिणामे, पम्हलेसापरिणामे, सुक्कलेसापरिणामे ४ । जोगपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-मणजोगपरिणामे, वइजोगपरिणामे, कायजोगपरिणामे ५ । उवओगपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सागारोवओगपरिणामे, अणागारोवओगपरिणामे य ६ । णाणपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-आभिणिबोहियणाणपरिणामे, सुयणाणपरिणामे, ओहिणाणपरिणामे, मणपज्जवणाणपरिणामे, केवलणाणपरिणामे । अण्णाणपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-मइअण्णाणपरिणामे, सुयअण्णाणपरिणामे, विभंगणाणपरिणामे ७ । दसणपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-सम्मइंसणपरिणामे, मिच्छादसणपरिणामे, सम्मामिच्छादसणपरिणामे ८ । चरित्तपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-सामाइयचरित्तपरिणामे, छेदोवट्ठावणियचरित्तपरिणामे, परिहारविसुद्धियचरित्तपरिणामे, सुहुमसंपरायचरित्तपरिणामे, अहक्खायचरित्तपरिणामे ९। वेयपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते । तंजहाइत्थिवेयपरिणामे, पुरिसवेयपरिणामे, णपुंसगवेयपरिणामे १० ॥ ४१५॥ नेरइया गइपरिणामेणं निरयगइया, इंदियपरिणामेणं पंचिंदिया, कसायपरिणामेणं कोहकसाई वि जाव लोभकसाई वि, लेसापरिणामेणं कण्हलेसा वि नीललेसा वि काउलेसा वि, जोगपरिणामेणं मणजोगी वि वइजोगी वि कायजोगी वि, उवओगपरिणामेणं सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि, णाणपरिणामेणं आभिणिबोहियणाणी वि सुयणाणी वि ओहिणाणी वि, अण्णाणपरिणामणं मइअण्णाणी वि सुयअण्णाणी वि विभंगणाणी वि, दसणपरिणामेणं सम्मादिट्ठी वि मिच्छादिट्ठी वि सम्मामिच्छादिट्ठी वि, चरित्तपरिणामेणं नो चरित्ती, नो चरित्ताचरित्ती, अचरित्ती, वेयपरिणामेणं नो इत्थिवेयगा, नो पुरिसवेयगा, नपुंसगवेयगा। असुरकुमारा वि एवं चेव, नवरं देवगइया, कण्हलेसा वि जाव तेउलेसा वि, वेयपरिणामेणं इत्थिवेयगा वि, पुरिसवेयगा वि, नो नपुंसगवेयगा, सेसं तं चेव । एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइया गइपरिणामेणं तिरियगइया, इंदियपरिणामेणं एगिंदिया, सेसं जहा नेरइयाणं, नवरं लेसापरिणामेणं तेउलेसा वि, Page #485 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं जोगपरिणामेणं कायजोगी, णाणपरिणामो णत्थि, अण्णाणपरिणामेणं मइअण्णाणी. सुयअण्णाणी, दंसणपरिणामेणं मिच्छादिट्ठी, सेसं तं चेव । एवं आउवणस्सइकाइया वि। तेउवाऊ एवं चेत्र, नवरं लेसापरिणामेणं जहा नेरइया । बेइंदिया गइपरिणामेणं तिरियगइया, इंदियपरिणामेणं बेइंदिया, सेसं जहा नेरइयाणं । नवरं जोगपरिणामेणं वइजोगी, कायजोगी, णाणपरिणामेणं आभिणिबोहियणाणी वि, सुयणाणी वि, अण्णाणपरिणामेणं मइअण्णाणी वि, सुयअण्णाणी वि, नो विभंगणाणी, दंसणपरिणामेणं सम्मदिट्ठी वि, मिच्छादिट्ठी वि, नो सम्मामिच्छादिट्ठी, सेसं तं चेव । एवं जाव चउरिंदिया, नवरं इंदियपरिवुड्डी कायव्वा । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया गइपरिगामेणं तिरियगइया, सेसं जहा नेरइयाणं, नवरं लेसापरिणामेणं जाव सुक्कलेसा वि। चरित्तपरिणामेणं नो चरित्ती, अचरित्ती वि, चरित्ताचरित्ती वि, वेयपरिणामेणं इत्थिवेयगा वि, पुरिसवेयगा वि, नपुंसगवेयगा वि । मणुस्सा गइपरिणामेणं मणुस्सगइया, इंदियपरिणामेणं पंचिंदिया, आणिंदिया वि, कसायपरिणामेणं कोहकसाई वि जाव अकसाई वि, लेसापरिणामेणं कण्हलेसा वि जाव अलेसा वि, जोगपरिणामेणं मणजोगी वि जाव अजोगी वि, उवओगपरिणामेणं जहा नेरइया, णाणपरिणामेण आभिणिबोहियणाणी वि जाव केवलणाणी वि, अण्णाणपरिणामेणं तिण्णि वि अण्णाणा, दंसणपरिणामेणं तिण्णि वि दंसणा, चरित्तपरिणामेणं चरित्ती वि अचरित्ती वि चरित्ताचरित्ती वि, वेयपरिणामेणं इत्थिवेयगा वि पुरिसवेयगा वि नपुंसगवेयगा वि अवेयगा वि। वाणमंतरा गइपरिणामेणं देवगइया, जहा असुरकुमारा एवं जोइसिया वि, नवरं लेसापरिणामेणं तेउलेस्सा । वेमाणिया वि एवं चेव नवरं लेसापरिणामेणं तेउलेसा वि पम्हलेसा वि सुकलेसा वि, सेत्तं जीवपरिणामे ॥ ४१६ ॥ अजीवपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दसविहे पन्नत्ते । तंजहा-बंधणपरिणामे १, गइपरिणामे २, संठाणपरिणामे ३, भयपरिणामे ४, वण्णपरिणामे ५, गंधपरिणामे ६, रसपरिणामे ७, फासपरिणामे ८, अगुरुलहयपरिणामे ९, सद्दपरिणामे १० ॥ ४१७ ॥ बंधणपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-णिद्धबंधणपरिणामे, लुक्खबंधणपरिणामे य । समणिद्धयाए वंधो ण होइ समलुक्खयाए वि ण होइ । वेमायणिद्धलुक्खत्तणेण बंधो उ खंधाणं ॥ १ ॥ णिद्धस्स णि ण दुयाहिए णं लुक्खस्स लुक्खेण दुयाहिए णं । निद्धस्स लुक्खेण उवेइ बंधो जहण्णवज्जो विसमो समो वा ॥ २ ॥ गइपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-फुसमाणगइपरिणामे य अफुसमाणगइपरिणामे य अहवा दीहगइपरिणामे य हस्सगइपरिणामे य २ । संठाणपरिणामे णं Page #486 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १४ कम्मपगडिचिणणठाण.] सुत्तागमे भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-परिमंडलसंठाणपरिणामे जाव आययसंठाणपरिणामे ३ । भेयपरिणामे णं भंते ! कविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-खंडाभेयपरिणामे जाव उक्करियाभेयपरिणामे ४ । वण्णपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-कालवण्णपरिणामे जाव सुकिल्लवण्णपरिणामे ५ । गंधपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सुब्भिगंधपरिणामे य दुब्भिगंधपरिणामे य ६ । रसपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-तित्तरसपरिणामे जाव महुररसपरिणामे ७ । फासपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! अट्ठविहे पन्नत्ते । तंजहा-कक्खडफासपरिणामे य जाव लुक्खफासपरिणामे य ८ । अगुरुलहुयपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! एगागारे पन्नत्ते ९ । सद्दपरिणामे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सुब्भिसद्दपरिणामे य दुब्भिसद्दपरिणामे य १० । सेत्तं अजीवपरिणामे ॥४१८॥ पन्नवणाए भगवईए तेरसमं परिणामपयं समत्तं ॥ __कइ णं भंते ! कसाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कसाया पन्नत्ता । तंजहाकोहकसाए, माणकसाए, मायाकसाए, लोभकसाए । नेरइयाणं भंते ! कइ कसाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कसाया पन्नत्ता। तंजहा-कोहकसाए जाव लोभकसाए । एवं जाव वेमाणियाणं ॥४१९॥ कइपइट्ठिए णं भंते ! कोहे पन्नत्ते ? गोयमा! चउपइट्ठिए कोहे पन्नत्ते । तंजहा-आयपइट्ठिए, परपइट्टिए, तदुभयपइट्ठिए, अप्पइट्ठिए । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं दंडओ । एवं माणेणं दंडओ, मायाए दंडओ, लोभेणं दंडओ ॥ ४२० ॥ कइहिं णं भंते ! ठाणेहिं कोहुप्पत्ती भवइ ? गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं कोहुप्पत्ती भवइ, तंजहा-खेत्तं पडुच्च, वत्थु पडुच्च, सरीरं पडुच्च, उवहिं पडुच्च । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । एवं माणेण वि मायाए वि लोभेण वि, एवं एए वि चत्तारि दंडगा ॥ ४२१ ॥ कइविहे णं भंते ! कोहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे कोहे पन्नत्ते । तंजहा-अणंताणुबंधी कोहे, अपच्चक्खाणे कोहे, पच्चक्खाणावरणे कोहे, संजलणे कोहे । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । एवं माणेणं मायाए लोभेणं, एए वि चत्तारि दंडगा ॥ ४२२ ॥ कइविहे णं भंते ! कोहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे कोहे पन्नत्ते। तंजहा-आभोगनिव्वत्तिए, अणाभोगनिव्वत्तिए, उवसंते, अणुवसंते । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । एवं माणेण वि, मायाए वि, लोभेण वि चत्तारि दंडगा ॥ ४२३ ॥ जीवा णं भंते ! कइहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिंसु ? गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिंसु, तंजहा-कोहेणं, Page #487 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं 1 माणेणं, मायाए, लोभेणं । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । जीवा णं भंते ! कइहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणंति ? गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं०, तंजहा- कोहेणं, माणेणं, मायाए, लोभेणं । एवं नेरइया जाव वेमाणिया । जीवा णं भंते! कइहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिस्संति ? गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ चिणिस्संति, तंजहा-कोहेणं, माणेणं, मायाए, लोभेणं । एवं नेरइया जाव वेमाणिया । जीवाणं भंते! कहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ उवचिर्णिसु ? गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ उवचिणिसु, तंजहा- कोहेणं, माणेणं, मायाए, लोभेणं । एवं नेरइया जाव वेमाणिया । जीवा णं भंते !• पुच्छा । गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं उवचिणंति जाव लोभेणं, एवं नेरइया जाव वेमाणिया । एवं उवचिणिस्संति । जीवा णं भंते ! कइहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ बंधिंसु ? गोयमा ! चउहिं ठाणेहिं अट्ठ कम्मपगडीओ बंधिंसु, तंजहा- कोहेणं, माणेणं जाव लोभेणं, एवं नेरइया जाव वेमाणिया, बंधिसु, बंधंति, बंधिस्संति, उदीरेंसु, उदीरेंति, उदीरिस्संति, वेदिंसु, वेदेंति, वेदइस्संति, निज्जरिंसु, निज्जरेंति, निज्जरिस्संति, एवं एए जीवाइया वेमा - णियपज्जवसाणा अट्ठारस दंडगा जाव वेमाणिया निज्जरिंसु निज्जरेंति निज्जरित्संति । आयपइट्ठिय खेत्तं पडुच्च णंताणुबंधि आभोगे । चिण उवचिण बंध उदीर वेय तह निज्जरा चेव ॥ १ ॥ ४२४॥ पन्नवणाए भगवईए चोदसमं कसायपयं समत्तं ॥ संठाणं बाहलं पोहत्तं कइपएस ओगाढे । अप्पाबहु पुट्ठे पविट्ठ विसय अणगार आहारे ॥ १ ॥ अद्दाय असी य मणी दुद्ध पाणिय तेल्ल फाणिय तहा य । कंबल थूणा थिग्गल दीवोदहि लोगऽलोगे य ॥ २ ॥ कइ णं भंते! इंदिया पन्नत्ता ? गोमा ! पंच इंदिया पन्नत्ता । तंजहा- सोइंदिए, चक्खिदिए, घाणिंदिए, जिब्भिदिए, फासिंदिए ॥ ४२५ ॥ सोइंदिए णं भंते! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! कलंबुयापुप्फसंठाणसंठिए पन्नत्ते । चक्खिदिए णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! मसूर - चंदसंठाणसंठिए पन्नत्ते । घाणिदिए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! अइमुत्तगचंदसंठाणसंठिए पन्नत्ते । जिब्भिदिए णं पुच्छा । गोयमा ! खुरप्पसंठाणसंठिए पन्नत्ते । फार्सिदिए णं पुच्छा । गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए पन्न १ ॥ ४२६ ॥ सोइंदिए भंते! केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते ? गोयमा ! अंगुलस्स असंखेज्जइभागे बाहल्लेणं पन्नत्ते । एवं जाव फार्सिदिए २ । सोइंदिए णं भंते ! केवइयं पोहत्तेणं पन्नत्ते ? गोयमा ! अंगुलस्स असंखेजइभागं पोहत्तेणं पन्नत्ते । एवं चक्खिदिए वि घाणिंदिए वि । जिब्भिदिए णं पुच्छा । गोयमा ! अंगुलपुहुत्तेणं पन्नत्ते । फार्सिदिए णं पुच्छा । गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ते पोहत्तेणं पन्नत्ते ३ ॥ ४२७ ॥ सोइंदिए णं भंते ! कइपएसिए पन्नत्ते ? ४१२ Page #488 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १५ उ० १ ६० क० अप्प०] सुत्तागमे गोयमा ! अणंतपएसिए पन्नत्ते । एवं जाव फासिदिए ४॥ ४२८ ॥ सोइंदिए णं भंते ! कइपएसोगाढे पन्नत्ते ? गोयमा ! असंखेजपएसोगाढे पन्नत्ते । एवं जाव फासिंदिए ५ ॥ ४२९ ॥ एएसि णं भंते ! सोइंदियचक्खिदियघाणिदियजिभिदियफासिंदियाणं ओगाहणट्ठयाए पएसट्टयाए ओगाहणपएसट्ठयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवे चक्खिदिए ओगाहणट्ठयाए, सोइंदिए ओगाहणट्ठयाए संखेजगुणे, घाणिदिए ओगाहणठ्ठयाए संखेजगुणे, जिभिदिए ओगाहणठ्ठयाए असंखेजगुणे, फासिंदिए ओगाहणट्ठयाए संखेज्जगुणे, पएसठ्ठयाए-सव्वत्थोवे चक्खिदिए पएसट्टयाए, सोइंदिए पएसट्ठयाए संखेजगुणे, घाणिदिए पएसट्टयाए संखेज्जगुणे, जिभिदिए पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणे, फासिंदिए पएसठ्ठयाए संखेजगुणे, ओगाहणपएसठ्ठयाए-सव्वत्थोवे चक्खिदिए ओगाहणट्ठयाए, सोइंदिए ओगाहणठ्ठयाए संखेजगुणे, घाणिदिए ओगाहणट्ठयाए संखेज्जगुणे, जिभिदिए ओगाहणट्ठयाए असंखेजगुणे, फासिंदिए ओगाहणट्ठयाए संखेजगुणे, फासिंदियस्स ओगाहणट्ठयाहिंतो चक्खिदिए पएसट्टयाए अणंतगुणे, सोइंदिए पएसट्टयाए संखेजगुणे, धाणिदिए पएसट्ठयाए संखेजगुणे, जिभिदिए पएसठ्ठयाए असंखेजगुणे, फासिदिए पएसट्टयाए संखेजगुणे ॥ ४३० ॥ सोइंदियस्स णं भंते ! केवइया कक्खडगुरुयगुणा पन्नत्ता ? गोयमा! अणंता कक्खडगुरुयगुणा पन्नत्ता, एवं जाव फासिंदियस्स । सोइंदियस्स णं भंते ! केवइया मउयलहुयगुणा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता मउयलहुयगुणा पन्नत्ता, एवं जाव फासिंदियस्स ॥ ४३१ ॥ एएसि णं भंते ! सोइंदियचक्खिदियघाणिंदियजिभिदियफासिंदियाणं कक्खडगस्यगुणाणं मउयलहुयगुणाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवा चक्खिदियस्स कक्खडगरुयगुणा, सोइंदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, घाणिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, जिभिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा । मउयलहुयगुणाणं-सव्वत्थोवा फासिंदियस्स मउयलहुयगुणा, जिभिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, घाणिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, सोइंदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, चक्खिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा । कक्खडगरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य-सव्वत्थोवा चक्खिदियस्स कक्खडगरुयगुणा, सोइंदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, घाणिं दियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, जिभिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणेहिंतो तस्स चेव मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, जिभिदियस्स मउयलहुय Page #489 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं गुणा अणंतगुणा, घाणिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, सोइंदियस्स मउयलहग्रगुणा अणंतगुणा, चक्खिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा ॥ ४३२ ॥ नेरइयाणं भंते ! कइ इंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच, तंजहा-सोइन्दिए जाव फासिन्दिए। नेरइयाणं भंते ! सोइन्दिए किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! कलंबुयासंठाणसंठिए पन्नत्ते। एवं जहा ओहियाणं वत्तव्वया भणिया तहेव नेरइयाणं पि जाव अप्पाबहयाणि दोण्णि । नवरं नेरइयाणं भंते ! फासिन्दिए किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-भवधारणिजे य उत्तरवेउव्विए य । तत्थ णं जे से भवधारणिज्जे से णं हुंडसंठाणसंठिए पन्नत्ते, तत्थ णं जे से उत्तरवेउव्विए से वि तहेव, सेसं तं चेव ॥ ४३३ ॥ असुरकुमाराणं भंते ! कइ इन्दिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच, एवं जहा ओहियाणि जाव अप्पाबहुगाणि दोण्णि वि । नवरं फासिन्दिए दुविहे पन्नत्ते । तंजहाभवधारणिज्जे य उत्तरवेउव्विए य । तत्थ णं जे से भवधारणिज्जे से णं समचउरंससंठाणसंठिए पन्नत्ते, तत्थ णं जे से उत्तरवेउब्विए से णं णाणासंठाणसंठिए, सेसं तं चेव । एवं जाव थणियकुमाराणं ॥ ४३४ ॥ पुढविकाइयाणं भंते ! कइ इन्दिया पन्नत्ता ? गोयमा ! एगे फासिन्दिए पन्नत्ते । पुढविकाइयाणं भंते ! फासिन्दिए किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! मसूरचंदसंठाणसंठिए पन्नत्ते । पुढविकाइयाणं भंते ! फासिन्दिए केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते ? गोयमा ! अंगुलस्स असंखेजइभागं बाहल्लेणं पन्नत्ते । पुढविकाइयाणं भंते ! फासिन्दिए केवइयं पोहत्तेणं पन्नत्ते? गोयमा! सरीरप्पमाणमेत्ते पोहत्तेणं । पुढविकाइयाणं भंते ! फासिन्दिए कइपएसिए पन्नत्ते ? गोयमा ! अणंतपएसिए पन्नत्ते । पुढविकाइयाणं भंते ! फासिन्दिए कइपएसोगाढे पन्नत्ते ? गोयमा ! असंखेजपएसोगाढे पन्नत्ते । एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं फासिन्दियस्स ओगाहणट्ठयाए पएसट्टयाए ओगाहणपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवे पुढविकाइयाणं फासिन्दिए ओगाहणट्टयाए, से चेव पएसठ्ठयाए अणंतगुणे । पुढविकाइयाणं भंते ! फासिन्दियस्स केवइया कक्खडगरुयगुणा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता, एवं मउयलहुयगुणा वि । एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं फासिन्दियस्स कक्खडगरुयगुणाणं मउयलहुयगुणाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइयाणं फासिंदियस्स कक्खडगख्यगुणा, तस्स चेव मउयलहुयगुणा अणंतगुणा । एवं आउकाइयाण वि जाव वणप्फइकाइयाणं, णवरं संठाणे इमो विसेसो दट्ठव्वो-आउकाइयाणं थिवुगबिंदुसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तेउकाइयाणं सूइकलावसंठाणसंठिए पन्नत्ते । वाउकाइयाणं पडागासंठाणसंठिए पन्नत्ते । वणप्फइकाइयाणं णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते ॥ ४३५ ॥ Page #490 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १५ उ० १ सोइंदियविसय०] सुत्तागमे ४१५ बेइंदियाणं भंते ! कइ इंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! दो इंदिया पन्नत्ता । तंजहाजिभिदिए य फासिंदिए य । दोण्हं पि इंदियाणं संठाणं बाहल्लं पोहत्तं पएसा ओगाहणा य जहा ओहियाणं भणिया तहा भाणियव्वा, णवरं फासिंदिए हुंडसंठाणसंठिए पण्णत्तेत्ति इमो विसेसो । एएसि णं भंते ! बेइंदियाणं जिभिदियफासिंदियाणं ओगाहणठ्ठयाए पएसट्टयाए ओगाहणपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४१ गोयमा ! सव्वत्थोवे बेइंदियाणं जिभिदिए ओगाहणट्ठयाए, फासिंदिए ओगाहणट्ठयाए संखेजगुणे । पएसट्ठयाए-सव्वत्थोवे बेइंदियाणं जिब्भिदिए पएसट्ठयाए, फासिन्दिए संखेजगुणे । ओगाहणपएसठ्ठयाए-सव्वत्थोवे बेइंदियस्स जिभिदिए ओगाहणट्ठयाए, फासिन्दिए ओगाहणट्ठयाए संखेजगुणे, फासिंदियस्स ओगाहणट्ठयाएहिंतो जिभिदिए पएसट्ठयाए अणंतगुणे, फासिन्दिए पएसट्टयाए संखेजगुणे । बेइन्दियाणं भंते ! जिब्भिन्दियस्स केवइया कक्खडगरुयगुणा पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंता । एवं फासिन्दियस्स वि, एवं मउयलहुयगुणा वि । एएसि णं भंते ! बेइन्दियाणं जिभिदियफासिन्दियाणं कक्खडगरुयगुणाणं, मउयलहुयगुणाणं, कक्खडगरुयगुणाणं, मउयलहुयगुणाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बेइन्दियाणं जिभिदियस्स कक्खडगरुयगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणा अणंतगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणेहिंतो तस्स चेव मउयलहुयगुणा अणंतगुणा, जिभिदियस्स मउयलहुयगुणा अणंतगुणा । एवं जाव चउरिन्दियत्ति, नवरं इंदियपरिवुड्डी कायव्वा । तेइंदियाणं घाणिन्दिए थोवे, चउरिन्दियाणं चक्खिदिए थोवे, सेसं तं चेव । पंचिन्दियतिरिक्खजोणियाणं मणूसाण य जहा नेरइयाणं, नवरं फासिन्दिए छव्विहसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तंजहा-समचउरंसे निग्गोहपरिमंडले साई खुजे वामणे हुंडे । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं ॥ ४३६ ॥ पुट्ठाई भंते ! सद्दाई सुणेइ, अपुट्ठाई सद्दाइं सुणेइ ? गोयमा ! पुट्ठाइं सद्दाइं सुणेइ, नो अपुट्ठाई सद्दाइं सुणेइ । पुट्ठाई भंते ! रूवाइं पासइ, अपुट्ठाइं० पासइ ? गोयमा ! नो पुट्ठाई ख्वाइं पासइ, अपुट्ठाई रूवाई पासइ । पुट्ठाइं भंते ! गंधाइं अग्घाइ, अपुट्ठाई गंधाई अग्घाइ ? गोयमा ! पुट्ठाई गंधाइं अग्घाइ, नो अपुट्ठाइं० अग्घाइ। एवं रसाण वि फासाण वि, नवरं रसाई अस्साएइ, फासाई पडिसंवेदेइ त्ति अभिलावो कायव्वो । पविठ्ठाइं भंते ! सद्दाइं सुणेइ, अपविट्ठाई सद्दाइं सुणेइ ? गोयमा ! पविट्ठाई सद्दाइं सुणेइ, नो अपविट्ठाई सद्दाइं सुणेइ, एवं जहा पुढाणि तहा पविठ्ठाणि वि ॥ ४३७ ॥ सोइन्दियस्स णं भंते ! केवइए विसए पन्नत्ते ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागो, उक्कोसेणं बारसहिं जोयणेहिन्तो अच्छिण्णे पोग्गले पुढे पविट्ठाई Page #491 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं सद्दाइं सुणेइ । चक्खिन्दियस्स णं भंते ! केवइए विसए पन्नत्ते ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागो, उक्कोसेणं साइरेगाओ जोयणसयसहस्साओ अच्छिण्णे पोग्गले अपुढे अपविट्ठाई रूवाइं पासइ । घाणिन्दियस्स पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलअसंखेजइभागो, उक्कोसेणं नवहिं जोयणेहिन्तो अच्छिण्णे पोग्गले पटे पविट्ठाई गंधाइं अग्घाइ, एवं जिब्भिन्दियस्स वि फासिंदियस्स वि ॥ ४३८ ॥ अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयस्स जे चरमा णिजरापोग्गला, सुहुमा णं ते पोग्गला पण्णत्ता समणाउसो !, सव्वं लोगं पि य णं ते ओगाहित्ता णं चिटुंति ? हंता गोयमा ! अणगारस्स भावियप्पणो मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयस्स जे चरमा णिजरापोग्गला, सुहुमा णं ते पोग्गला पण्णत्ता समणाउसो !, सव्वं लोगं पि य णं ओगाहित्ता णं चिट्ठति । छउमत्थे णं भंते ! मणूसे तेसिं णिजरापोग्गलाणं किं आणत्तं वा णाणत्तं वा ओमत्तं वा तुच्छत्तं वा गरुयत्तं वा लहुयत्तं वा जाणइ पासइ ? गोयमा ! णो इणढे समढे । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'छउमत्थे णं मणूसे तेसिं णिजरापोग्गलाणं णो किंचि आणत्तं वा णाणत्तं वा ओमत्तं वा तुच्छत्तं वा गरुयत्तं वा लहुयत्तं वा जाणइ पासई' ? गोयमा ! देवे वि य णं अत्थेगइए जेणं तेसिं णिजरापोग्गलाणं णो किंचि आणत्तं वा णाणत्तं वा ओमत्तं वा तुच्छत्तं वा गरुयत्तं वा लहुयत्तं वा जाणइ पासइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-छउमत्थे णं मणूसे तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं णो किंचि आणत्तं वा जाव जाणइ पासइ, एवंसुहमा णं ते पोग्गला पण्णत्ता समणाउसो!, सव्वलोग पि य णं ते ओगाहित्ता णं चिट्ठति ॥ ४३९ ॥ नेरइया णं भंते ! ते णिज्जरापोग्गला किं जाणंति पासंति आहारेंति, उदाहु न जाणंति न पासंति आहारेंति ? गोयमा ! नेरइया 'णिज्जरापोग्गले न जाणंति न पासंति आहारेंति, एवं जाव पंचिन्दियतिरिक्खजोणियाणं ॥ ४४० ॥ मणूसा णं भंते ! ते णिज्जरापोग्गले किं जाणंति पासंति आहारेंति, उदाहु न जाणंति न पासंति आहारेंति ? गोयमा ! अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेंति, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेंति । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेंति, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेति' ? गोयमा ! मणूसा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सण्णिभूया य असण्णिभूया य । तत्थ णं जे ते असण्णिभूया ते णं न जाणंति न पासंति आहारेति । तत्थ णं जे ते सण्णिभूया ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहाउवउत्ता य अणुवउत्ता य । तत्थ णं जे ते अणुवउत्ता ते णं न जाणंति न पासंति आहारेति । तत्थ णं जे ते उवउत्ता ते णं जाणंति पासंति आहारेंति, से एएणटेणं Page #492 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १५ उ० १ जंबुद्दीव० ] तागमे गोयमा ! एवं वुच्चइ - 'अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेंति, अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेंति' । वाणमंतर जोइसिया जहा नेरइया ॥ ४४१ ॥ वेमाणिया णं भंते! ते णिज्जरापोग्गले किं जाणंति पासंति आहारेंति ? जहा मणूसा । नवरं वेमाणिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - माइमिच्छद्द्द्दिट्ठीउववण्णगा य अमाइसम्म - हिडीववण्णगा य । तत्थ णं जे ते माइमिच्छद्द्द्दिट्ठीउववण्णगा ते णं न जाणंति न पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते अमाइसम्मद्द्द्दिट्ठीउववण्णगा ते दुविहा पन्नत्ता । तं जहा - अणंतरोववण्णगा य परंपरोववण्णगा य । तत्थ णं जे ते अणंतरोववण्णगा ते णं न जाणंति न पासंति आहारेंति । तत्थ णं जे ते परंपरोववण्णगा ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य । तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं न जाणंति न पासंति आहारेंति । तत्थ णं जे ते पज्जत्तगा ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहाउवउत्ता य अणुवउत्ता य । तत्थ णं जे ते अणुवउत्ता ते णं न जाणंति न पासंति आहारेंति, तत्थ णं जे ते उवउत्ता ते णं जाणंति पासंति आहारेंति, से एएणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ - 'अत्थेगइया जाणंति जाव अत्थेगइया आहारेंति ॥ ४४२ ॥ अद्दायं भंते! पेहमाणे मणूसे अद्दायं पेहइ, अत्ताणं पेहइ, पलिभागं पेहइ ? गोयमा ! अद्दायं पेहइ, नो अप्पाणं पेहइ, पलिभागं पेहइ । एवं एएणं अभिलावेणं असिं मणिं दुद्धं पाणियं तेल्लं फाणियं ॥ ४४३ ॥ कंबलसाडए णं भंते ! आवेढियपरिवेढिए समाणे जावइयं उवासंतरं फुसित्ता णं चिट्ठा विरल्लिए वि समाणे तावइयं चेव उवासंतरं फुसित्ताणं चिट्ठर ? हंता गोयमा ! कंबलसाडए णं आवेढियपरिवेढिए समाणे जावइयं तं चेव । थूणा णं भंते! उड्ड ऊसिया समाणी जावइयं खेत्तं ओगाहइत्ता णं चिट्ठ, तिरियं पि य णं आयया समाणी तावइयं चेव खेत्तं ओगाहइत्ता चिgs ? हंता गोयमा ! थूणा णं उड्डुं ऊसिया तं चेव जाव चिट्ठइ ॥ ४४४ ॥ आगासथिग्गले णं भंते ! किंणा फुडे, करहिं वा काएहिं फुडे ? किं धम्मत्थिकाएणं फुडे, धम्मत्थिकायस्स देसेणं फुडे, धम्मत्थिकायस्स पएसेहिं फुडे ? एवं अधम्मत्थिकाएणं, आगासत्थिकाएणं एएणं भेएणं जाव पुढविकाएणं फुडे जाव तसकाएणं, अद्धासमएणं फुडे ?, गोयमा ! धम्मत्थिकाएणं फुडे, नो धम्मत्थिकायस्स देसेणं फुडे, धम्मत्थिकायस्स पएसेहिं फुडे, एवं अधम्मत्थिकाएण वि, नो आगासत्थिकाए ं फुडे, आगासत्थिकायस्स देसेणं फुडे, आगासत्थिकायस्स पएसेहिं जाव वणस्सइकाणं फुडे, तसकाएणं सिय फुडे, सिय नो फुडे, अद्धा समएणं देसे फुडे, देसे नो फुडे। जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे किंणा फुडे ? कइहिं वा काएहिं फुडे ? किं धम्मत्थिकाएणं जाव आगासत्थिकाएणं फुडे ० ?, गोयमा ! णो धम्मत्थिकाएणं फुडे, धम्मत्थि - २७ सुत्ता० ४१७ Page #493 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं कायस्स देसेणं फुडे, धम्मत्थिकायस्स पएसेहिं फुडे, एवं अवम्मत्थिकायस्स वि आगासत्थिकायस्स वि, पुढविकाएणं फुडे जाव वणस्सइकाएणं फुडे, तसकाएणं सिय फुडे सिय णो फुडे, अद्धासमएणं फुडे । एवं लवणसमुद्दे, धायइसंडे दीवे, कालोए समुद्दे, अभितरपुक्खरद्धे । बाहिरपुक्खर एवं चेव, नवरं अद्धासमएणं णो फुडे । एवं जाव सयंभूरमणसमुद्दे । एसा परिवाडी इमाहिं गाहाहि अणुगंतव्वा, तंजहा-"जंबुद्दीवे लवणे धायइ कालोय पुक्खरे वरुणे । खीरघयखोयणंदि य अरुणवरे कुण्डले रुयए ॥ १ ॥ आभरणवत्थगंधे उप्पलतिलए य पउमनिहिरयणे। वासहरदहनईओ विजया वक्खारकप्पिदा ॥ २॥ कुरु मंदर आवासा कूडा नक्खत्तचंदसूरा य । देवे णागे जक्खे भूए य सयंभुरमणे य ॥ ३ ॥ एवं जहा बाहिरपुक्खरद्धे भणिए तहा जाव सयंभूरमणसमुद्दे जाव अद्धासमएणं नो फुडे ॥ ४४५ ॥ लोगे णं भंते ! किंणा फुडे ? कइहिं वा काएहिं० ? जहा आगासथिग्गले । अलोए णं भंते ! किंणा फुडे, कइहिं वा काएहिं पुच्छा । गोयमा! नो धम्मत्थिकारणं फुडे जाव नो आगासत्थिकारणं फुडे, आगासत्थिकायस्स देसेणं फुडे, नो पुढविकाएणं फुडे जाव नो अद्धासमएणं फुडे । एगे अजीवदव्वदेसे अगुरुलहुए अणंतेहिं अगुरुलहुयगुणेहिं संजुत्ते सव्वागासअणंतभागूणे ॥ ४४६ ॥ पन्नवणाए भगवईए पन्नरसमस्स इंदियपयस्स पढमो उद्देसो समत्तो ॥ इंदियउवचय १ णिव्वत्तणा २ य समया भवे असंखेज्जा ३ । लद्धी ४ उवओगद्धं ५ अप्पाबहुए विसेसॉहिया ६ ॥ ओगाहणा ७ अवाए ८ ईहा ९ तह वंजणोगगहे १० चेव । दबिंदिय ११ भाविंदिय १२ तीया बद्धा पुरक्खडिया ॥ कइविहे णं भंते ! इंदियउवचए पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियउवचए पन्नत्ते । तंजहासोइंदियउवचए, चक्खिदियउवचए, घाणिंदियउवचए, जिब्भिन्दियउवचए, फासिन्दियउवचए । नेरइयाणं भंते ! कइविहे इन्दिओवचए पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इन्दिओवचए पन्नत्ते । तंजहा-सोइंदियउवचए जाव फासिन्दियउवचए, एवं जाव वेमाणियाणं । जस्स जइ इन्दिया तस्स तइविहो चेव इन्दियउवचओ भाणियव्वो १। कइविहा णं भंते ! इन्दियनिव्वत्तणा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियनिव्वत्तणा पन्नत्ता । तंजहा-सोइन्दियनिव्वत्तणा जाव फासिन्दियनिव्वत्तणा । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इन्दिया अत्थि. २ । सोइन्दियनिव्वत्तणा णं भंते कइसमइया पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखिज्जइसमइया अंतोमुहुत्तिया पन्नत्ता, एवं जाव फासिन्दियनिव्वत्तणा । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं ३ । कइविहा णं भते ! इन्दियलद्धी पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियलद्धी पन्नत्ता। तंजहा-सोइ Page #494 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १५ उ० २ वंजणोग्गहभेया] सुत्तागमे ४१९ न्दियलद्धी जाव फासिन्दियलद्धी। एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इन्दिया अत्थि तस्स तावइया भाणियव्वा ४ । कइविहा णं भंते । इन्दियउवओगद्धा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इन्दियउवओगद्धा पन्नत्ता । तंजहा-सोइन्दियउवओगद्धा जाव फासिन्दियउवओगद्धा । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इन्दिया अत्थि०५॥४४७ ॥ एएसिणं भंते ! सोइन्दियचक्खिन्दियघाणिन्दियजिब्भिदियफासिन्दियाणं जहण्णयाए उवओगद्धाए उक्कोसियाए उवओगद्धाए जहण्णुक्कोसियाए उवओगद्धाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा चक्खिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा, सोइन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिन्दियस्म जहण्णिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिब्भिन्दियस्स जहण्णिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, उक्कोसियाए उवओगद्धाए-सव्वत्थोवा चक्खिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा, सोइन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिब्भिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिन्दियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जहण्णउक्कोसियाए उवओगद्धाए-सव्वत्थोवा चक्खिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा, सोइन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिब्भिन्दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिंदियस्स जहण्णिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिंदियस्स जहणियाहिंतो उवओगद्धाहिंतो चक्खिदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, सोइंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, घाणिंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, जिभिदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया, फासिंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया ॥ ४४८ ॥ कइविहा णं भंते ! इंदियओगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा इंदियओगाहणा पन्नत्ता । तंजहा-सोइंदियओगाहणा जाव फासिंदियओगाहणा, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इंदिया अस्थि० ६ ॥ ४४९ ॥ कइविहे णं भंते ! इंदियअवाए पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियअवाए पन्नत्ते । तंजहा-सोइंदियअवाए जाव फासिंदियअवाए । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इंदिया अत्थि० ७ । कइविहा णं भंते ! ईहा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा ईहा पन्नत्ता । तंजहा-सोइंदियईहा जाव फासिंदियईहा । एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं जस्स जइ इंदिया० ८ । कइविहे णं भंते ! उग्गहे पन्नत्ते? गोयमा ! दुविहे उग्गहे पन्नत्ते। तंजहा-अत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य। वंजणोग्गहे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते । तंजहा Page #495 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४२० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं सोइंदियवंजणोग्गहे, घाणिंदियवंजणोग्गहे, जिभिदियवंजणोग्गहे, फासिंदियवंजणोग्गहे । अत्थोग्गहे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे पन्नत्ते । तंजहासोइंदियअत्थोग्गहे, चक्खिदियअत्थोग्गहे, घाणिं दियअत्थोग्गहे, जिभिदियअत्योग्गहे, फासिंदियअत्थोग्गहे, नोइंदियअत्थोग्गहे ॥ ४५० ॥ नेरइयाणं भंते ! कइविहे उग्गहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे उग्गहे पन्नत्ते । तंजहा-अत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य। एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं भंते ! कइविहे उग्गहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे उग्गहे पन्नत्ते । तं०-अत्थोग्गहे य वंजणोग्गहे य । पुढविकाइयाणं भंते ! वंजणोग्गहे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! एगे फासिंदियवंजणोग्गहे पन्नत्ते । पुढविकाइयाणं भंते! कइविहे अत्थोग्गहे पन्नत्ते? गोयमा ! एगे फासिंदियअत्थोग्गहे पन्नत्ते । एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । एवं बेइंदियाण वि, नवरं बेइंदियाणं वंजणोग्गहे दुविहे पन्नत्ते, अत्थोग्गहे दुविहे पन्नत्ते, एवं तेइंदियचउरिंदियाण वि, नवरं इंदियपरिवुड्डी कायव्वा। चउरिंदियाणं वंजणोग्गहे तिविहे पन्नत्ते, अत्थोग्गहे चउव्विहे पन्नत्ते, सेसाणं जहा नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं ९-१० ॥ ४५१ ॥ कइविहा णं भंते ! इंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-दबिंदिया य भाविंदिया य । कइ णं भंते ! दल्विंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! अट्ठ दबिंदिया पन्नत्ता । तंजहा-दो सोत्ता, दो णेत्ता, दो घाणा, जीहा, फासे । नेरइयाणं भंते ! कइ दबिंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! अट्ठ एए चेव, एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराण वि । पुढविकाइयाणं भंते ! कइ दविंदिया पन्नत्ता ? गोयमा! एगे फासिंदिए पन्नत्ते । एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं भंते ! कइ दट्विदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! दो ददिवदिया पन्नत्ता । तंजहा-फासिदिए य जिभिदिए य। तेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! चत्तारि दबिंदिया पन्नत्ता । तंजहा-दो घाणा, जीहा, फासे । चउरिंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! छ दबिदिया पन्नत्ता । तंजहा-दो णेत्ता, दो घाणा, जीहा, फासे । सेसाणं जहा नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं ॥ ४५२ ॥ एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया बद्धेल्लगा ? गोयमा ! अट्ठ । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! अट्ठ वा सोलस वा सत्तरस वा संखेजा वा असंखेजा वा अणंता वा । एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स केवइया दबिंदिया अतीता? गोयमा ! अणंता । केवइया बद्धलगा? गो० ! अट्ठ । केवइया पुरेक्खडा? गो० ! अट्ठ वा नव वा सत्तरस वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा। एवं जाव थणियकुमाराणं ताव भाणियव्वं । एवं पुढविकाइया आउकाइया वणस्सइकाइया वि, नवरं केवइया बद्धेल्लगत्ति पुच्छाए उत्तरं एक्के फासिं Page #496 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० १५ उ० २ णेरइय०] सुत्तागमे दियदविदिए । एवं तेउकाइयवाउकाइयस्स वि, नवरं पुरेक्खडा नव वा दस वा। एवं बेइंदियाण वि, णवरं बद्धेल्लगपुच्छाए दोण्णि । एवं तेइंदियस्स वि, नवरं बद्धेलगा चत्तारि । एवं चउरिंदियस्स वि, नवरं बद्धेल्लगा छ । पचिंदियतिरिक्खजोणियमणूसवाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणगदेवस्स जहा असुरकुमारस्स, नवरं मणूसस्स पुरेक्खडा कस्सइ अस्थि कस्सइ णत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा नव वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा । सणंकुमारमाहिंदबंभलंतगसुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणअचुयगेवेजगदेवस्स य जह! नेरइयस्स । एगमेगस्स णं भंते ! विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवस्स केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ? गो० ! अट्ठ, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेजा वा, सव्वट्ठसिद्धगदेवस्स अतीता अणंता, बल्लिगा अट्ठ, पुरेक्खडा अट्ठ। नेरइयाणं भंते ! केवइया दबिंदिया अतीता? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ? गोयमा ! असंखेज्जा, केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! अणंता । एवं जाव गेवेजगदेवाणं, नवरं मणसाणं बद्धलगा सिय संखेज्जा. सिय असंखेजा। विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवाणं पुच्छा। गोयमा ! अतीता अणंता, बद्धेल्लगा असंखेजा, पुरेक्खडा असंखेजा। सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! अतीता अणंता, बद्धेल्लगा संखेजा, पुरेक्खडा संखेज्जा ॥ ४५३ ॥ एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धलगा ? गोयमा! अट्ठ, केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेजा वा असंखेजा वा अणंता वा। एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स असुरकुमारत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ? गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा। एवं जाव थणियकुमारत्ति । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स पुढविकाइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ? गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि एको वा दो वा तिण्णि वा संखेजा वा असंखेज्जा वा अणंता वा, एवं जाव वणस्सइकाइयत्ते । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स बेइन्दियत्ते केवइया दविदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ? गोयमा ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि दो वा चत्तारि वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा । एवं तेइन्दियत्ते वि, नवरं पुरेक्खडा चत्तारि वा अट्ठ वा बारस वा Page #497 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा । एवं चउरिंदियत्ते वि, नवरं पुरेक्खडा छ वा बारस वा अट्ठारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । पंचिंदियति रिक्खजोणियत्ते जहा असुरकुमारत्ते । मणूसत्ते वि एवं चेव नवरं केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! अ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । सव्वेसिं मणूसवाणं पुरेक्खडा मणूसत्ते कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि एवं न बुच्च । वाण - मंतरजोइसियसोहम्मग जाव गेवेज्जगदेवत्ते अतीता अनंता, बद्धेलगा नत्थि, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ वा सोलस वा चवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स विजयवेजयं - तजयंतअपराजियदेवत्ते केवइया दव्विंदिया अतीता ? गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ वा सोलस वा सव्वसिद्धगदेवते अतीता णत्थि, बद्धेलगा णत्थि, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्स त्थि, जस्स अस्थि अट्ठ । एवं जहा नेरइयदंडओ नीओ तहा असुरकुमारेण वि नेयव्वो जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएणं, नवरं जस्स सहाणे जइ बद्धेलगा तस्स तइ भाणियव्वा ॥ ४५४ ॥ एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स नेरइयत्ते केवइया दव्विंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धे लगा ? गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! कसइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियत्ते, नवरं एगिंदियविगलिंदिएसु जस्स जइ पुरेक्खडा तस्स तत्तिया भाणियव्वा । एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स मणूसत्ते केवइया दव्विंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेलगा ? गोयमा ! अट्ठ, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणता वा । वाणमंतरजोइसिय जाव गेवेज्जगदेवत्ते जहा नेरइयत्ते । एगमेगस्स णं भंते ! मणूसस्स विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ वा सोलस वा । केवइया बद्धेलगा ? गो० ! नत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सऽत्थि अट्ठ वा सोलस वा । एगमेगस्स णं भंते! मणूसस्स सव्वद्वसिद्ध गदेवते केवइया दाव्वंदिया अतीता ? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि अट्ठ, केवइया बद्धेलगा ? गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ । वाणमंतर जोइसिए जहा नेरइए । सोहम्मगदेवे वि जहा नेरइए, नवरं सोहम्मग देवस्स विजय वेजयंत जयंतापराजियत्ते केवइया अतीता ? ४२२ Page #498 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०१५ उ०२ सुत्तागमे ४२३ गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ, केवइया बद्धेल्लगा ? गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अस्थि अट्ठ वा सोलस वा । सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते जहा नेरइयस्स, एवं जाव गेवेजगदेवस्स सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते ताव णेयव्वं ॥ ४५५ ॥ एगमेगस्स णं भंते ! विजयवेजयंतजयंतापराजियदेवस्स नेरइयत्ते केवइया दक्विंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धलगा? गो० णत्थि, केवइया पुरेक्खडा? गो० ! णत्थि। एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्ते। मणूसत्ते अतीता अणंता, बद्धेल्लगा णत्थि, पुरेक्खडा अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेजा वा । वाणमंतरजोइसियत्ते जहा नेरइयत्ते । सोहम्मगदेवत्तेऽतीता अणंता, बद्धेल्लगा णत्थि, पुरेक्खडा कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसा वा संखेज्जा वा। एवं जाव गेवेजगदेवत्ते। विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते अतीता कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ, केवइया बद्धेलगा ? गो०! अट्ठ, केवइया पुरेक्खडा ? गो०! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ। एगमेगस्स णं भंते! विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवस्स सबट्ठसिद्धगदेवत्ते केवइया दबिदिया अतीता ? गोयमा ! णत्थि, केवइया बद्धलगा ? गो०! नत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो०! कस्सइ अत्थि कस्सइ णत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ। एगमेगस्स णं भंते ! सव्वट्ठसिद्धगदेवस्स नेरइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता,केवइया बद्धेल्लगा ? गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! णत्थि । एवं मणूसवजं जाव गेवेजगदेवत्ते, नवरं मणूसत्ते अतीता अणंता, केवइया बद्धेल्लगा ? गो० ! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? अट्ठ । विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते अतीता कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि अट्ठ, केवइया बद्धेल्लगा ? गो! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! णत्थि । एगमेगस्स णं भंते ! सव्वट्ठसिद्धगदेवस्स सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते केवइया दविंदिया अतीता ? गोयमा ! णत्थि, केवइया बद्धेल्लगा ? गो०! अट्ठ, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! णस्थि ॥४५६ ॥ नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धलगा? गो०! असंखेजा, केवइया पुरेक्खडा? गो० ! अणंता। नेरइयाणं भंते ! असुरकुमारत्ते केवइया दबिंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धेलगा ? गो०! णत्थि, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! अणंता, एवं जाव गेवेजगदेवत्ते। नेरइयाणं भंते ! विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते केवइया दबिंदिया अतीता १० नत्थि, केवइया बद्धेल्लगा १० णत्थि, केवइया पुरेक्खडा १० असंखेजा, एवं सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते वि, एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते भाणियव्वं, नवरं वणस्सइकाइयाणं विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते य पुरेक्खडा Page #499 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४२४ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं अणंता, सव्वेसिं मणूससव्वट्ठसिद्धगवजाणं सट्ठाणे बद्धेल्लगा असंखेजा, परटाणे बद्धेल्लगा णत्थि। वणस्सइकाइयाणं बद्धलगा अणंता। मणूसाणं नेरइयत्ते अतीता अणंता, बद्धेल्लगा णत्थि, पुरेक्खडा अणंता । एवं जाव गेवेजगदेवत्ते, नवरं सटाणे अतीता अणंता, बद्धेल्लगा सिय संखेजा सिय असंखेजा, पुरेक्खडा अणंता । मणसाण भंते ! विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते केवइया दन्विदिया अतीता?० संखेजा. केवइया बद्धलगा?० णत्थि, केवइया पुरेक्खडा० सिय संखेज्जा सिय असंखेज्जा। एवं सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते अतीता णत्थि, बद्धेल्लगा णत्थि, पुरेक्खडा असंखेजा, एवं जाव गेवेजगदेवाणं । विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया दविदिया अतीता ? गोयमा! अणंता, केवइया बद्धेल्लगा?० णत्थि, केवइया पुरेक्खडा १० णत्थि। एवं जाव जोइसियत्ते वि, णवरं मणूसत्ते अतीता अणंता, केवइया बद्धेल्लगा?० णत्थि, पुरेक्खडा असंखेजा । एवं जाव गेवेजगदेवत्ते सट्ठाणे अतीता असंखेज्जा, केवइया बद्धेल्लगा १० असंखेज्जा, केवइया पुरेक्खडा १० असंखेजा। सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते अतीता नत्थि, बद्धलगा नत्थि, पुरेक्खडा असंखेज्जा । सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया ददिवदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धलगा?० नत्थि, केवइया पुरेक्खडा १० णत्थि । एवं मणूसवजं ताव गेवेजगदेवत्ते । मणुस्सत्ते अतीता अणंता, बद्धेल्लगा नत्थि, पुरेक्खडा संखेजा। विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवत्ते केवइया ददिवदिया अतीता ?० संखेजा, केवइया बद्धेल्लगा ?० णत्थि, केवइया पुरेक्खडा १० णत्थि । सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं भंते ! सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते केवइया दव्विंदिया अतीता १० णत्थि, केवइया बद्धलगा १० संखेजा, केवइया पुरेक्खडा ? गो० ! णत्थि ११॥ ४५७ ॥ कइ णं भंते ! भाविंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच भाविंदिया पन्नत्ता । तंजहा-सोइंदिए जाव फासिंदिए। नेरइयाणं भंते ! कइ भाविंदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच भाविंदिया पन्नत्ता। तंजहा-सोइंदिए जाव फासिंदिए । एवं जस्स जइ इंदिया तस्स तइ भाणियव्वा जाव वेमाणियाणं । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया भाविंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया बद्धलगा ?. पंच, केवइया पुरेक्खडा १० पंच वा दस वा एक्कारस वा संखेजा वा असंखेज्जा वा अणंता वा। एवं असुरकुमारस्स वि, नवरं पुरेक्खडा पंच वा छ वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा । एवं जाव थणियकुमारस्स वि । एवं पुढविकाइयआउकाइयवणस्सइकाइयस्स वि, बेइंदियतेइंदियचउरिंदियस्स वि। तेउकाइयवाउकाइयस्स वि एवं चेव, नवरं पुरेक्खडा छ वा सत्त वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स जाव ईसाणस्स जहा असुरकुमारस्स, नवरं मणूसस्स पुरेक्खडा कस्सइ Page #500 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १६ पुढवि० पओगो ] सुत्तागमे अस्थि कस्सइ नत्थित्ति भाणियव्वं । सणकुमार जाव गेवेज्जगस्स जहा नेरइयस्स । विजयवेजयंतजयंतअपराजियदेवस्स अतीता अनंता, बद्धेलगा पंच, पुरेक्खडा पंच वा दस वा पण्णरस वा संखेज्जा वा । सव्वसिद्धगदेवस्स अतीता अणंता, बद्धेलगा पंच, केवइया पुरेक्खडा १० पंच | नेरइयाणं भंते! केवइया भाविंदिया अतीता ? गोयमा ! अनंता, केवइया बद्धेलगा ?० असंखेज्जा, केवइया पुरेक्खडा १० अनंता । एवं जहा दविदिए पोहत्तेणं दंडओ भणिओ तहा भाविंदिएसु वि पोहत्तेणं दंडओ भाणियव्वो, नवरं वणस्सइकाइयाणं बद्धेलगा अनंता ॥ ४५८ ॥ एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया भाविंदिया अतीता ? गोयमा ! अणंता, के० बद्धेलगा ?० पंच, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि पंचवा द वा पण्णरस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । एवं असुरकुमाराणं जाव थणियकुमाराणं, नवरं बद्धेलगा नत्थि । पुढविकाइयत्ते जाव बेइंदियत्ते जहा दविदिया । तेइंदियत्ते तहेव, णवरं पुरेक्खडा तिंण्णि वा छ वा णव वा संखेज्जा वा असंखेजा वा अनंता वा । एवं चउरिंदियत्ते वि, नवरं पुरेक्खडा चत्तारि वा अट्ठ वा बारस वा संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । एवं एए चेव गमा चत्तारि जाणेयव्वा जे चेव दव्वि दिएसु, णवरं तइयगमे जाणियव्वा जस्स जइ इंदिया ते पुरेक्खडेसु मुणेयव्वा । चउत्थगमे जहेव दव्विंदिया जाव सव्वसिद्धगदेवाणं सव्वसिद्धगदेवत्ते केवइया भाविंदिया अतीता १० नत्थि, के० बद्धेलगा ?० संखेज्जा, के० पुरेक्खडा ?० णत्थि ॥ ४५९ ॥ समतो बीओ उद्देसो || पन्नवणाए भगवईए पन्नरसमं इन्दियपयं समत्तं ॥ कवि णं भंते ! पओगे पन्नत्ते ? गोयमा ! पण्णरसविहे पओगे पन्नत्ते । तंजहा - सच्चमणप्पओगे १, असच्च मणप्पओगे २, सच्चामोसमणप्पओगे ३, असच्चामोसमणप्पओगे ४, एवं वइप्पओगे वि चउहा ८, ओरालियसरीर कायप्पओगे ९, ओरालि - यमीससरीरकायप्पओगे १०, वेडव्वियसरीरकायप्पओगे ११, वेडव्वियमीससरीरकायप्पओगे १२, आहारगसरीरकायप्पओगे १३, आहारगमीससरीरकायप्पओगे १४, कम्मासरीरकायप्पओगे १५ ॥ ४६० ॥ जीवाणं भंते! कइविहे पओगे पण्णत्ते ? गोयमा ! पण्णरसविहे प० पण्णत्ते । तंजहा — सन्चमणप्पओगे जाव कम्मासरीरकायप्पओगे । नेरइयाणं भंते ! कइविहे पओगे पण्णत्ते ! गोयमा ! एक्कारसविहे पओगे पण्णत्ते । तंजहा— सच्चमणप्पओगे जाव असच्चामोसवइप्पओगे, वेडव्वियसरी - रकायप्पओगे, वेडव्वियमीससरीरकायप्पओगे, कम्मासरीरकायप्पओगे । एवं असुरकुमाराण वि जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! तिविहे पओगे 1 1 ४२५ Page #501 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ४२६ [पण्णवणासुतं पन्नत्ते । तंजहा–ओरालियसरीरकायप्पओगे, ओरालियमीससरीरकायप्पओगे. कम्मासरीरकायप्पओगे य। एवं जाव वणस्सइकाइयाणं, नवरं वाउकाइयाणं पञ्चविहे पओगे पन्नत्ते । तंजहा-ओरालिय० कायप्पओगे, ओरालियमीससरीरकायप्प ओगे, वेउव्विए दुविहे, कम्मासरीरकायप्पओगे य । बेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! चरबिहे पओगे पन्नत्ते । तंजहा-असच्चामोसवइप्पओगे, ओरालियसरीरकायप्पओगे, ओरालियमिस्ससरीरकायप्पओगे, कम्मासरीरकायप्पओगे। एवं जाव चउरिंदियाणं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! तेरसविहे पओगे पन्नत्ते। तंजहा—सच्चमणप्पओगे, मोसमणप्पओगे, सच्चामोसमणप्पओगे, असच्चामोसमणप्पओगे, एवं वइप्पओगे वि, ओरालियसरीरकायप्पओगे, ओरालियमीससरीरकायप्पओगे, वेउव्वियसरीरकायप्पओगे, वेउब्वियमीससरीरकायप्पओगे, कम्मासरीरकायप्पओगे । मणूसाणं पुच्छा। गोयमा ! पण्णरसविहे पओगे पन्नत्ते । तंजहासच्चमणप्पओगे जाव कम्मासरीरकायप्पओगे । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं ॥ ४६१ ॥ जीवा णं भंते! किं सच्चमणप्पओगी जाव कम्मासरीरकायप्पओगी ? गोयमा ! जीवा सव्वे वि ताव होज सच्चमणप्पओगी वि जाव वेउनियमीससरीरकायप्पओगी वि कम्मासरीरकायप्पओगी वि १३ । अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगमीससरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारगमीससरीरकायप्पओगिणो य ४ चउभङ्गो । अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीससरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य ४, एए जीवाणं अट्ठ १ ॥४६२ ॥ नेरइया णं भंते ! किं सच्चमणप्पओगी जाव कम्मासरीरकायप्पओगी ११ ? गोयमा ! नेरइया सव्वे वि ताव होज्जा सञ्चमणप्पओगी विजाव वेउव्वियमीसासरीरकायप्पओगी वि, अहवेगे य कम्मासरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २, एवं असुरकुमारा वि जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइया णं भंते ! किं ओरालियसरीरकायप्पओगी ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी कम्मासरीरकायप्पओगी? गोयमा ! पुढविकाइया ओरालियसरीरकायप्पओगी वि ओरालियमीससरीरकायप्पओगी वि कम्मासरीरकायप्पओगी वि, एवं जाव वणप्फइकाइयाणं। णवरं वाउकाइया वेउव्वियसरीरकायप्पओगी वि वेउबियमीसासरीरकायप्पओगी वि । बेइंदि Page #502 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १६ मणुस्स० भंगा ] सुत्तागमे या णं भंते ! किं ओरालियसरीरका यप्पओगी जाव कम्मासरीरकायप्पओगी ? गोयमा ! बेइन्दिया सव्वे वि ताव होज्जा असच्चामोसवइप्पओगी वि ओरालियसरीरकायप्पओगी वि ओरालियमीससरीरकायप्पओगी वि, अहवेगे य कम्मासरीरकायप्पओगी वि, अहवेगे य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य, एवं जाव चउरिंदिया वि । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया, नवरं ओरालियस रीरकायप्पओगी वि, ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी वि, अहवेगे य कम्मासरीर कायप्पओगी य अहवेगे य कम्मासरीरकायप्प ओगिणो य ॥ ४६३॥ मणूसा णं भंते ! किं सच्च मणप्पओगी जाव कम्मासरीरकायप्पओगी ? गोयमा ! मणूसा सव्वे वि ताव होजा सचमणप्पओगी वि जाव ओरालियसरीरकायप्पओगी वि, वेउग्वियसरीरकायप्पओगी वि, वेडव्त्रियमीससरीरका यप्पओगी वि, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी थ, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य, अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य कम्मगसरीरकायप्पओगी य, अहवेगे य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य २, एए अट्ठ भंगा पत्तेयं । अहवेगे य ओरालियमीससरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीर कायप्पओगी य ३, अहवे य ओरालियमीसासरीर कायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य ४ एवं एए चत्तारि भंगा, अहवेगे य ओरालियमी सासरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमी सासरीरकायप्पओगी य आहार - गमीसासरीरकाय पओगिणो य २, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्प ओगिणो य ४ चत्तारि भंगा, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरका यप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणौ य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ४ एए चत्तारि भंगा, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीर कायप्पओगी य ३, अहवेगे य ४२७ Page #503 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरका यप्पओगिणो य ४ चत्तारि भंगा, अहवेगे य आहारगसरीरका यप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ४ चउरो भङ्गा, अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ४ चउरो भङ्गा, एवं चउव्वीसं भङ्गा | अहवेगे य ओरालियमी सगसरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमी सगसरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य ओरालियमी सगसरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरका यप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगणो य ४, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य ५, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य ६, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य ७, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरका यप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य ८ एए अट्ठ भंगा, अहवेगे य ओरालियमीसास कायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ४, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मग सरीरकायप्पओगी य ५, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो 3 ४२८ Page #504 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०१६ मणुस्स० भंगा] सुत्तागमे ४२९ य ६, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ७, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ८, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ४, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ५, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ६, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ७, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ८, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मगसरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ४, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य ५, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मगसरीरकायप्पओगिणो य ६, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ७, अहवेगे य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ८। एवं एए तियसंजोएणं चत्तारि अट्ठ भंगा, सव्वे वि मिलिया बत्तीसं भंगा जाणियव्वा ३२। अहवेगे य ओरालियमिस्सासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य १, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य Page #505 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य २, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ३, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकाय. प्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ४, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य ५, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य ६, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ७, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगी य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्प ओगिणो य ८, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य ९, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य १०, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य ११, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगी य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य १२, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगी य १३, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगी य कम्मासरीरकायप्पओगिणो य १४, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्पओगी य १५, अहवेगे य ओरालियमीसासरीरकायप्पओगिणो य आहारगसरीरकायप्पओगिणो य आहारगमीसासरीरकायप्पओगिणो य कम्मासरीरकायप्प ओगिणो य १६ एवं एए चउसंजोएणं सोलस भंगा भवंति, सव्वेऽवि य णं संपिडिया असीइ भंगा भवंति । वाणमंतरजोइसवेमाणिया जहा असुरकुमारा ॥ ४६४ ॥ कइविहे णं भंते ! गइप्पवाए पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे गइप्पवाए पन्नत्ते । तंजहा Page #506 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १६ सिद्धखेत्तोववायगई ] सुत्तागमे ४३१ पओगगई १, ततगई २, बंधणछेयणगई ३, उववायगई ४, विहायगई ५ । से किं तं पओगगई ? पओगगई पण्णरसविहा पन्नत्ता । तंजहा - सच्चमणप्पओगगई, एवं जहा पओगो भणिओ तहा एसा वि भाणियव्वा जाव कम्मगसरीरकायप्पओगगई । जीवाणं भंते ! कइविहा पओगगई पन्नत्ता ? गोयमा ! पण्णरसविहा पन्नत्ता । तंजहा - सच्चमगप्पओगगई जाव कम्मगसरीरकायप्पओगगई । नेरइयाणं भंते ! कइविहा पओ - गगई पन्नत्ता ? गोयमा ! एक्कारसविहा पन्नत्ता । तंजहा - सच्चमणप्पओगगई, एवं उवउज्जिऊण जस्स जइविहा तस्स तइविहा भाणियव्वा जाव वेमाणियाणं । जीवा णं भंते ! सच्चमणप्पओगगई जाव कम्मगसरीर कायप्पओगगई ? गोयमा ! जीवा सव्वे वि ताव होज सच्चमणप्पओगगई वि, एवं तं चेव पुव्ववण्णियं भाणियव्वं, भंगा तहेव जाव वेमाणियाणं, से तं पओगगई १ ॥ ४६५ ॥ से किं तं ततगई ? ततगई जे णं जं गामं वा जाव सण्णिवेसं वा संपट्ठिए असंपत्ते अंतरापहे वह सेत्तं ततगई २ ॥ ४६६ ॥ से किं तं बंधणछेयणगई ? बंधणछेयणगई जीवो वा सरीराओ सरीरं वा जीवाओ, सेत्तं बंधणछेयणगई ३ | ४६७ ॥ से किं तं उववा - यगई ? उववायगई तिविहा पन्नत्ता । तंजहा - खेत्तोववायगई, भवोववायगई, नोभवो - ववायगई । से किं तं खेत्तोववायगई ? खेत्तोववायगई पंचविहा पन्नत्ता । तंजहानेरइयखेत्तोववायगई १, तिरिक्खजोणियखेत्तोववायगई २, मणूसखेत्तोववायगई ३, देवखेत्तोववायगई ४, सिद्धखेत्तोववायगई ५ । से किं तं नेरइयखेत्तोववायगई ? नेरइयखेत्तोववायगई सत्तविहा पन्नत्ता । तंजहा - रयणप्पभापुढविनेरइयखेत्तोववायगई जाव अहेसत्तमापुढविनेरइयखेत्तोववायगई । सेत्तं नेरइयखेत्तोववायगई १ । से किं तं तिरिक्खजोणियखेत्तोववायगई ? तिरिक्खजोणियखेत्तोववायगई पंचविहा पन्नत्ता । तंजहा- एगिंदियतिरिक्खजोणियखेत्तोववायगई जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियखेत्तोववायगई । सेत्तं तिरिक्ख जोणियखेत्तोववाय गई २ । से किं तं मणूसखेत्तोववायगई ? मणूसखेत्तोववायगई दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - संमुच्छिममणूसखेत्तोववाथगई, गब्भवकंतियमणूस खेत्तोववायगई । सेत्तं मणूसखेत्तोववायगई ३ । से किं तं देवखेत्तोववायगई ? देवखेत्तोववायगई चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहा - भवणवई० जाव वेमाणियदेवखेत्तोववायगई । सेत्तं देवखेत्तोववायगई ४ ॥ ४६८ ॥ से किं तं सिद्धखेत्तोव - वायगई ? सिद्धखेत्तोववायगई अणेगविहा पन्नत्ता । तंजहा - जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवयवासे सपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे चुल्लहिमवंतसिहरिवासहरपव्वयसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे हेमवयहेरण्णवाससपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे सद्दावइवियडावइवट्टवेयड्ड Page #507 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ४३२ [पण्णवणासुक्तं सपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे महाहिमवंतरुप्पिवासहरपव्वयसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे हरिवासरम्मगवाससपक्खि सपडिदिसिं सिद्धक्खेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे गंधावाइमालवंतपव्वयवट्टवेयड्डसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे णिसहणीलवंतवासहरपव्वयसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे पुव्वविदेहावरविदेहसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे देवकुरुउत्तरकुरुसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्वयस्स सपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, लवणे समुद्दे सपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, धायइसंडे दीवे पुरिमद्धपच्चत्थिमद्धमंदरपव्वयसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, कालोयसमुद्दसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, पुक्खरवरदीवद्धपुरस्थिमद्धभरहेरवयवाससपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्छिमद्धमंदरपव्वयसपक्खि सपडिदिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, से तं सिद्धखेत्तोववायगई ५... ॥४६९॥ से किं तं भवोववायगई ? भवोववायगई चउबिहा पन्नत्ता। तंजहा नेरइयभवोववायगई जाव देवभवोववायगई। से किं तं नेरइयभवोववायगई? नेरइयभवोववायगई सत्तविहा पन्नत्ता। तंजहा-एवं सिद्धवज्जो भेदो भाणियन्वो जो चेव खेत्तोववायगईए. सो चेव, से तं देवभवोववायगई। से तं भवोववायगई ॥ ४७० ॥ से किं तं नोभवोववायगई ? नोभवोववायगई दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पोग्गलनोभवोववायगई, सिद्धनोभवोववायगई। से किं तं पोग्गलनोभवोववायगई ? पोग्गलनोभवोववायगई जणं परमाणुपोग्गले लोगस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ पञ्चत्थिमिल्लं चरमंतं एगसमएणं गच्छइ, पञ्चस्थिमिल्लाओ वा चरमंताओ पुरथिमिल्लं चरमंतं एगसमएणं गच्छइ, दाहिणिलाओ वा चरमंताओ उत्तरिलं चरमंतं एगसमएणं गच्छइ, एवं उत्तरिल्लाओ दाहिणिल्लं, उवरिल्लाओ हेटिलं, हिछिल्लाओ उवरिल्लं, से तं पोग्गलनोभवोववायगई ॥ ४७१ ॥ से किं तं सिद्धणोभवोववायगई ? सिद्धणोभवोववायगई दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-अणंतरसिद्धणोभवोववायगई परंपरसिद्धणोभवोववायगई य । से किं तं अणंतरसिद्धणोभवोववायगई ? २ पण्णरसविहा पन्नत्ता । तंजहा-तित्थसिद्धअणंतरसिद्धणोभवोववायगई य जाव अणेगसिद्ध० णोभवोववायगई य । से किं तं परंपरसिद्धणोभवोववायगई ? २ अणेगविहा पन्नत्ता। तंजहा-अपढमसमयसिद्धणोभवोववायगई, एवं दुसमयसिद्धणोभवोववायगई जाव अणंतसमयसिद्धणोभवोववायगई, सेत्तं सिद्धणोभवोववायगई, से तं णोभवोववायगई, से तं उववायगई ४ ॥ ४७२ ॥ से किं तं विहायगई ? विहायगई सत्तरसविहा पन्नत्ता । तंजहा-फुसमाणगई १, Page #508 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १६ चउपुरिसपविभत्तगई ] सुत्तागमे ४३३ अफुसमा गई २, उवसंपज्जमांणगई ३, अणुवसंपज्ज माणगई ४, पोग्गलाई मंडूयाई ६, णावागई ७, नयगई ८, छायागई ९, छायाणुवायगई १०, लेसागई ११, लेसाणुवायगई १२, उद्दिस्सपविभत्तगई १३, चउपुरिसपविभत्तगई १४, वंकगई १५, पंकगई १६, बंधणविमोयणगई १७ ॥ ४७३ ॥ से किं तं फुसमाणगई ? फुसमाणगई जण्णं परमाणुपोग्गले (लं) दुपए सिय जाव अणं तपएसियाणं खंधाणं अण्णमण्णं फुसित्ता णं गई पवत्तइ, सेत्तं फुसमाणगई १ । से किं तं अफुसमाणगई ? अफुसमाणगई जण्णं एएसिं चेव अफुसित्ता णं गई पवत्त, सेतं अफुसमाणगई २ । से किं तं उवसंपजमाणगई ? २ जण्णं रायं वा जुवरायं वा ईसरं वा तलवरं वा माडंबियं वा कोडुंबियं वा इब्भं वा सेडिं वा सेवई वा सत्थवाहं वा उवसंपज्जित्ता गच्छइ, से तं उवसंपज्जमा गई ३ । से किं तं अणुवसंपज्जमाणगई ? २ जण्णं एएसिं चेव अण्णमण्णं अणुवसंपज्जित्ता गं गच्छइ, से तं अणुवसंपज्जमाणगई ४ । से किं तं पोग्गलगई ? २ जं णं परमाणुपोग्गलाणं जाव अणंतपएसियाणं खंधाणं गई पवत्तइ, से तं पोग्गलाई ५ । से किं तं मंडू गई ? २. जण्णं मंडूओ फिडित्ता गच्छइ, से तं मंड्यगई ६ । से किं तं णावागई ? जणं णावा पुव्ववेयालीओ दाहिणवेयालिं जलपहेणं गच्छइ, दाहिणवेयालीओ वा अवरवेयालिं जलपहेणं गच्छइ, से तं णावागई ७ । से किं तं णयगई ? २ जणं धोगमसंगहववहारउज्जुसुयसद्द समभिरूढएवंभूयाणं नयाणं जा गई, अहवा सव्वणया वि जं इच्छंति, से तं नयगई ८ । से किं तं छायागई ? २ जं णं हयछायं वा गयछायं वानरछायं वा किण्णरछायं वा महोरगच्छायं वा गंधव्वच्छायं वा उसहछायं वा रहछायं वा छत्तछायं वा उवसंपज्जित्ताणं गच्छा, से तं छायागई ९ । से किं तं -छायावायगई ? २ जेणं पुरिसं छाया अणुगच्छर, नो पुरिसे छायं अणुगच्छइ, से तं छायाणुवायगई १० । से किं तं लेस्सागई ? २ जण्णं किण्हलेसा नीललेसं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमइ, एवं नीललेसा काउलेसं पप्प तारूवत्ताए जाव ताफासत्ताए परिणमइ, एवं काउले - सा वि तेउलेसं तेउलेसा वि पम्हलेसं पम्हलेसा वि सुकलेसं पप्प तारूवत्ताए जाव परिणमइ, से तं लेस्सागई ११ । से किं तं लेसाणुवायगई ? २ जलेसाई दव्वाई परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेसेसु उववज्जइ, तंजहा - किण्हलेसेसु वा जाव सुकलेसेसु वा, से तं लेसाणुवायगई १२ । से किं तं उद्दिस्सपविभत्तगई ? २ जण्णं आयरियं वा उवज्झायं वा थेरं वा पवत्तिं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छेयं वा उद्दिसिय २ गच्छइ, से तं उद्दिस्सिय पविभत्तगई १३ । से किं तं चउपुरिसपविभत्तगई ? से २८ सुत्ता० Page #509 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं जहानामए चत्तारि पुरिसा समगं पज्जवट्ठिया समगं पट्ठिया १, समगं पज्जवटिया विसमगं पट्ठिया २, विसमं पज्जवट्ठिया विसमं पटिया ३, विसमं पज्जवट्ठिया समगं पट्टिया ४, से तं चउपुरिसपविभत्तगई १४ । से किं तं वंकगई ? २ चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहा-घट्टणया, थंभणया, लेसणया, पवडणया, से तं वंकगई १५ । से किं तं पंकगई ? २ से जहाणामए केइ पुरिसे पंकंसि वा उदयंसि वा कायं उविहिया २ गच्छइ, से तं पंकगई १६ । से किं तं बंधणविमोयणगई ? २ जण्णं अंबाण वा अंबाडगाण वा माउलुगाण वा बिल्लाण वा कविठ्ठाण वा भचाण वा फणसाण वा दालिमाण वा अक्खोलाण वा चाराण वा बोराण वा तिंदुयाण वा पक्काणं परियागयाणं बंधणाओ विप्पमुक्काणं निव्वाघाएणं अहे वीससाए गई पवत्तइ, से तं बंधण-- विमोयणगई १७ । से तं विहायोगई ५ ॥ ४७४ ॥ पन्नवणाए भगवईए सोलसमं पओगपयं समत्तं ॥ ___ आहार समसरीरा उस्सासे कम्मवन्नलेसासु । समवेयण समकिरिया समाउया चेव बोद्धव्वा ॥ १॥ नेरइया णं भंते ! सव्वे समाहारा, सव्वे समसरीरा, सव्वे समुस्सासनिस्सासा ? गोयमा ! णो इणढे समझे। से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ'नेरइया णो सव्वे समाहारा जाव णो सव्वे समुस्सासनिस्सासा' ? गोयमा ! णेरइया दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-महासरीरा य अप्पसरीरा य । तत्थ णं जे ते महासरीरा ते णं बहुतराए पोग्गले आहारेंति, बहुतराए पोग्गले परिणामेंति, बहुतराए पोग्गले उस्ससंति, बहुतराए पोग्गले नीससंति, अभिक्खणं आहारेंति, अभिक्खणं परिणामेंति, अभिक्खणं ऊससंति, अभिक्खणं नीससंति । तत्थ णं जे ते अप्पसरीरा ते णं अप्पतराए पोग्गले आहारेंति, अप्पतराए पोग्गले परिणामेंति, अप्पतराए पोग्गले ऊससंति, अप्पतराए पोग्गले नीससंति, आहच्च आहारेंति, आहच्च परिणामेंति, आहच्च ऊससंति, आहच्च नीससंति, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'नेरइया णो सव्वे समाहारा, णो सव्वे समसरीरा, णो सव्वे समुस्सासनिस्सासा' ॥ ४७५ ॥ नेरइया णं भंते ! सव्वे समकम्मा ? गोयमा ! नो इणढे समढे । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'नेरइया नो सव्वे समकम्मा'? गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहापुव्वोववन्नगा य पच्छोववनगा य । तत्थ णं जे ते पुव्वोववन्नगा ते णं अप्पकम्मतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं महाकम्मतरागा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'नेरइया नो सव्वे समकम्मा' ॥ ४७६ ॥ नेरइया णं भंते ! सव्वे समवन्ना ? गोयमा ! नो इणढे समढे । से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-'नेरइया नो सव्वे समवन्ना' ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पुव्वोववन्नगा य पच्छो Page #510 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १७ उ० १ ] सुतागमे ४३५ ववन्नगा य । तत्थ णं जे ते पुव्वोववन्नगा ते णं विसुद्धवन्नतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं अविसुद्धवन्नतरागा, से एएणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ - 'नेरइया नो सव्वे समवन्ना' । एवं जहेव वन्नेण भणिया तहेव लेसासु विसुद्धलेसतरागा अविसुद्धलेसतरागा य भाणियव्वा ॥ ४७७ ॥ नेरइया णं भंते ! सव्वे समवेयणा ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । से केणणं भंते ! एवं बुवइ - 'नेरइया नो सव्वे सम'वेयणा' ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - सन्निभूयाय असन्निभूया य । तत्थ णं जे ते सन्निभूया ते णं महावेयणतरागा, तत्थ णं जे ते असन्निभूया ते णं अप्पवेयणतरागा, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ - 'नेरइया नो सव्वे समवेयणा ॥ ४७८ ॥ नेरइया णं भंते! सव्वे समकिरिया ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ - 'नेरइया नो सव्वे समकिरिया' ? गोयमा ! नेरइया तिविहा पन्नत्ता। तंजहा-सम्मद्दिट्ठी, मिच्छद्द्द्दिट्ठी, सम्मामिच्छद्द्द्दिट्ठी । तत्थ णं जे ते सम्मद्दिट्ठी तेसि णं चत्तारि किरियाओ कज्जंति, तंजहा- आरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपच्चक्खाणकिरिया । तत्थ णं जे ते मिच्छद्दिट्ठी जे सम्मामिच्छद्दिट्ठी सिणं निययाओ पञ्च किरियाओ कजंति, तंजहा- आरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपञ्चक्खाणकिरिया, मिच्छादंसणवत्तिया, से तेणट्ठेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ - 'नेरइया नो सव्वे समकिरिया' ॥ ४७९ ॥ नेरइया णं भंते ! सव्वे समाउया, सव्वे समोववन्नगा ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । से केणणं भंते ! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! नेरइया चउव्विहा पन्नत्ता । तंजहा - अत्थेगइया समाज्या समोववन्नगा, अत्थेगइया समाउया विसमोववन्नगा, अत्थेगइया विसमाउया समोववन्नगा, अत्थेगइया विसमाउया विसमोववन्नगा, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ - 'नेरइया नो सव्वे समाउया, नो सव्वे समोववन्नगा' ॥ ४८० ॥ असुरकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा ? एवं सव्वे वि पुच्छा। गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । से केणट्ठेणं भंते ! एवं बुच्चइ० ? जहा नेरइया । असुरकुमारा णं भंते ! सव्वे समकम्मा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे । से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ० ? गोयमा ! असुरकुमारा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा - पुव्वोववनगा य पच्छोववन्नगा य । तत्थ जे ते पुव्वोववन्नगा ते णं महाकम्मतरा, तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं अप्पकम्मतरा, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुइ'असुरकुमारा णो सव्वे समकम्मा' । एवं वन्नलेस्साए पुच्छा । तत्थ णं जे ते पुव्वोववन्नगा ते णं अविसुद्धवन्नतरागा, तत्थ णं जे ते पच्छोववन्नगा ते णं विसुद्धवन्नतरागा, से तेणट्ठेणं गोयमा ! एवं वुच्चर - ' असुरकुमारा णं सव्वेणो समवन्ना' । एवं लेस्साए वि, वेयणाए जहा नेरइया, अवसेसं जहा नेरइयाणं । एवं Page #511 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं जाव थणियकुमारा ॥ ४८१ ॥ पुढविकाइया आहारकम्मवन्नलेस्साहिं जहा नेरइया । पुढविकाइया णं भंते ! सव्वे समवेयणा पन्नत्ता ? हंता गोयमा ! सव्वे समवेयणा । से केणटेणं० ? गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे असन्नी असन्निभूयं अणिययं वेयणं वेयन्ति, से तेणटेणं गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे समवेयणा । पुढविकाइया णं भंते ! सव्वे समकिरिया ? हंता गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे समकिरिया । से केणटेणं० ? गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे माइमिच्छादिट्ठी, तेसिं णियइयाओ पंच किरियाओ कजन्ति, तंजहाआरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अप्पच्चक्खाणकिरिया, मिच्छादसणवत्तिया य, से तेणटेणं गोयमा !० । एवं जाव चउरिंदिया। पंचेंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया, नवरं किरियाहिं सम्मट्ठिी मिच्छट्ठिी सम्मामिच्छद्दिट्टी। तत्थ णं जे ते सम्मट्टिी ते दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-असंजया य संजयासंजया य । तत्थ णं जे ते संजयासंजया तेसि णं तिन्नि किरियाओ कजन्ति, तंजहा-आरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया । तत्थ णं जे असंजया तेसि णं चत्तारि किरियाओ कन्जन्ति, तंजहाआरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपच्चक्खाणकिरिया। तत्थ णं जे ते मिच्छादिट्ठी जे य सम्मामिच्छट्टिी तेसि णं णियइयाओ पंच किरियाओ कन्जन्ति, तंजहाआरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपञ्चक्खाणकिरिया, मिच्छादसणवत्तिया, सेसं तं चेव ॥ ४८२ ॥ मणुस्सा णं भंते ! सव्वे समाहारा ? गोयमा ! णो इणढे समढे। से केणटेणं० ? गोयमा ! मणुस्सा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-महासरीरा य अप्पसरीरा य। तत्थ णं जे ते महासरीरा ते णं बहुतराए पोग्गले आहारेंति जाव बहुतराए पोग्गले नीससंति, आहच्च आहारेंति, आहच्च नीससंति । तत्थ णं जे ते अप्पसरीरा ते णं अप्पतराए पोग्गले आहारेंति जाव अप्पतराए पोग्गले नीससंति, अभिक्खणं आहारेंति जाव अभिक्खणं नीससंति, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'मणुस्सा सव्वे णो समाहारा' । सेसं जहा नेरइयाणं, नवरं किरियाहिं मणूसा तिविहा पन्नत्ता। तंजहा-सम्मट्टिी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी । तत्थ णं जे ते सम्मट्ठिी ते तिविहा पन्नत्ता । तंजहा-संजया, असंजया, संजयासंजया । तत्थ णं जे ते संजया ते दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-सरागसंजया य वीयरागसंजया य । तत्थ णं जे ते वीयरागसंजया ते णं अकिरिया, तत्थ णं जे ते सरागसंजया ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-पमत्तसंजया य अपमत्तसंजया य । तत्थ णं जे ते अपमत्तसंजया तेसिं एगा मायावत्तिया किरिया कजइ । तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया तेसिं दो किरियाओ कजंति-आरंभिया मायावत्तिया य । तत्थ णं जे ते संजयासंजया तेसिं तिन्नि किरियाओ कजंति, तंजहा-आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया । तत्थ णं जे ते Page #512 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४३७ प० १७ उ० २ णेरइयलेस्सा] सुत्तागमे असंजया तेसिं चत्तारि किरियाओ कज्जति, तंजहा-आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया अपच्चक्खाणकिरिया । तत्थ णं जे ते मिच्छादिट्ठी जे सम्मामिच्छादिट्ठी तेसिं नियइयाओ पंच किरियाओ कज्नति, तंजहा-आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया अपच्चक्खाणकिरिया मिच्छादसणवत्तिया, सेसं जहा नेरइयाणं ॥ ४८३ ॥ वाणमंतराणं जहा असुरकुमाराणं । एवं जोइसियवेमाणियाण वि, नवरं ते वेयणाए दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-माइमिच्छदिट्ठीउववन्नगा य अमाइसम्मदिट्ठीउववन्नगा य । तत्थ णं जे ते माइमिच्छदिट्ठीउववन्नगा ते णं अप्पवेयणतरागा, तत्थ णं जे ते अमाइसम्मदिट्ठीउववन्नगा ते णं महावेयणतरागा, से तेणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ० । सेसं तहेव ॥ ४८४ ॥ सलेसा णं भंते ! नेरइया सव्वे समाहारा, समसरीरा, समुस्सासनिस्सासा-सव्वे वि पुच्छा । गोयमा ! एवं जहा ओहिओ गमओ तहा सलेसागमओ वि निरवसेसो भाणियव्वो जाव वेमाणिया । कण्हलेसा णं भंते ! नेरइया सव्वे समाहारा-पुच्छा । गोयमा ! जहा ओहिया, नवरं नेरइया वेयणाए माइमिच्छदिट्ठीउववन्नगा य अमाइसम्मदिट्ठीउववन्नगा य भाणियव्वा, सेसं तहेव जहा ओहियाणं । असुरकुमारा जाव वाणमंतरा एए जहा ओहिया, नवरं मणुस्साणं किरियाहिं विसेसो-जाव तत्थ णं जे ते सम्मदिट्ठी ते तिविहा पन्नत्ता। तंजहा-संजया असंजया संजयासंजया य, जहा ओहियाणं । जोइसियवेमाणिया आइल्लियासु तिसु लेसासु ण पुच्छिज्जंति । एवं जहा किण्हलेसा विचारिया तहा नीललेसा वि विचारेयव्वा । काउलेसा नेरइएहितो आरब्भ जाव वाणमंतरा, नवरं काउलेसा नेरइया वेयणाए जहा ओहिया। तेउलेसाणं भंते ! असुरकुमाराणं ताओ चेव पुच्छाओ । गोयमा ! जहेव ओहिया तहेव, नवरं वेयणाए जहा जोइसिया। पुढविआउवणस्सइपंचेंदियतिरिक्खमणुस्सा जहा ओहिया तहेव भाणियव्वा, नवरं मणूसा किरियाहिं जे संजया ते पमत्ता य अपमत्ता य भाणियव्वा, सरागा वीयरागा नत्थि । वाणमंतरा तेउलेसाए जहा असुरकुमारा, एवं जोइसियवेमाणिया वि, सेसं तं चेव । एवं पम्हलेसा वि भाणियव्वा, नवरं जेसिं अस्थि । सुक्कलेस्सा वि तहेव जेसिं अत्थि, सव्वं तहेव जहा ओहियाणं गमओ, नवरं पम्हलेस्ससुक्कलेस्साओ पंचेंदियतिरिक्खजोणियमणूसवेमाणियाणं चेव, न सेसाणं ति ॥ ४८५ ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तरसमे लेस्सापए पढमो उद्देसओ समत्तो ॥ कइ णं भंते ! लेसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! छल्लेसाओ पन्नत्ताओ । तंजहाकण्हलेसा, नीललेसा, काउलेसा, तेउलेसा, पम्हलेसा, सुक्कलेसा ॥ ४८६ ॥ नेरइयाणं भंते ! कइ लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! तिन्नि० तंजहा-किण्हलेसा, Page #513 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४३८ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं नीललेसा, काउलेसा । तिरिक्खजोणियाणं भंते ! कइ लेस्साओ पन्नत्ताओ? गोयमा! छल्लेस्साओ पन्नत्ताओ । तंजहा-कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा । एगिंदियाणं भंते ! कह लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि लेसाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हलेसा जाव तेउलेसा । पुढविकाइयाणं भंते ! कइ लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! एवं चेव । आउवणस्सइकाइयाण वि एवं चेव । तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं जहा नेरइयाणं । पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! छल्लेसा-कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा । संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहा नेरइयाणं । गब्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! छल्लेसा-कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा । तिरिक्खजोणिणीणं पुच्छा । गोयमा ! छल्लेसा एयाओ चेव । मणूसाणं पुच्छा । गोयमा ! छल्लेसा एयाओ चेव । समुच्छिममणुस्साणं पुच्छा। गोयमा ! जहा नेरइयाणं । गब्भवकंतियमणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! छल्लेसाओ० तंजहा-कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा । मणुस्सीणं पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव । देवाणं पुच्छा । गोयमा ! छ एयाओ चेव । देवीणं पुच्छा । गोयमा ! चत्तारि-कण्हलेसा जाव तेउलेसा । भवणवासीणं भंते ! देवाणं पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव, एवं भवणवासिणीण वि । वाणमंतरदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव, एवं वाणमंतरीण वि । जोइसियाणं पुच्छा। गोयमा ! एगा तेउलेसा, एवं जोइसिणीण वि । वेमाणियाणं पुच्छा। गोयमा ! तिन्नि० तंजहा-तेउलेसा, पम्हलेसा, सुक्कलेसा । वेमाणिणीणं पुच्छा। गोयमा ! एगा तेउलेसा ॥ ४८७ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं सलेस्साणं कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साणं अलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा जीवा सुक्कलेस्सा, पम्हलेस्सा संखेज्जगुणा, तेउलेस्सा संखेजगुणा, अलेस्सा अणंतगुणा, काउलेस्सा अणंतगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, सलेस्सा विसेसाहिया ॥ ४८८ ॥ एएसि णं भंते ! नेरइयाणं कण्हलेसाणं नीललेसाणं काउलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नेरइया कण्हलेसा, नीललेसा असंखेजगुणा, काउलेसा असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४? गोयमा! सव्वत्थोवा तिरिक्खजोणिया सुक्कलेसा, एवं जहा ओहिया, नवरं अलेसवजा । एएसिं भंते ! एगिंदियाणं कण्हलेस्साणं नीललेस्साणं काउलेस्साणं तेउलेस्साण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिंदिया तेउलेस्सा, काउलेस्सा अणंतगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया । एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण य Page #514 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० १७ उ० २ सं० अप्प० सुत्तागमे ४३९ कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! जहा ओहिया एगिदिया, नवरं काउलेस्सा असंखेजगुणा । एवं आउकाइयाण वि । एएसि णं भंते ! तेउकाइयाणं कण्हलेस्साणं नीललेस्साणं काउलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा तेउकाइया काउलेस्सा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, एवं वाउकाइयाण वि । एएसि णं भंते ! वणस्सइकाइयाणं कण्हलेस्साणं जाव तेउलेस्साण य जहा एगिदियओहियाणं । बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिंदियाणं जहा तेउकाइयाणं ॥४८९ ॥ एएसि णं भंते! पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं एवं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! जहा ओहियाणं तिरिक्खजोणियाणं, नवरं काउलेसा असंखेज्जगुणा । संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा तेउकाइयाणं । गब्भवतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा ओहियाणं तिरिक्खजोणियाणं, नवरं काउलेसा संखेजगुणा, एवं तिरिक्खजोणिणीण वि । एएसिणं भंते ! संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं गब्भववंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा गब्भवक्त्रंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुकलेस्सा, पम्हलेस्सा संखेजगुणा, तेउलेस्सा संखेजगुणा, काउलेस्सा संखेजगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, काउलेस्सा संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया असंखेजगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया। एएसि णं भंते ! संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! जहेव पंचमं तहा इमं छठे भाणियव्यं । एएसि णं भंते ! गब्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा गब्भवतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुक्कलेसा, सुक्कलेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेजगुणाओ, पम्हलेसा गब्भवकंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, पम्हलेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेजगुणाओ, तेउलेसा तिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, तेउलेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेज्जगुणाओ, काउलेसा संखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसाओ संखेज्जगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ। एएसि णं भंते ! संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं गब्भवकंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कपरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा गन्भवतिया तिरिक्खजोणिया सुक्कलेसा, सुक्कलेसाओ तिरि० संखेजगुणाओ, पम्हलेसा गब्भवकंतिया तिरिक्ख Page #515 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं जोणिया संखेजगुणा, पम्हलेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेज्जगुणाओ, तेउलेसा गब्भवकंतिया तिरिक्खजोणिया संखेजगुणा, तेउलेसाओ तिरिक्खजोणिणीओ संखेज्जगुणाओ, काउलेसाओ संखेजगुणाओ, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसा संखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, काउलेसा संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया । एएसि णं भंते ! पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुक्कलेसा, सुक्कलेसाओ संखेज्जगुणाओ, पम्हलेसा संखेज्जगुणा, पम्हलेसाओ संखेजगुणाओ, तेउलेसा संखेजगुणा, तेउलेसाओ संखेजगुणाओ, काउलेसा संखेजगुणा, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ। एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! जहेव नवमं अप्पाबहुगं तहा इमं पि, नवरं काउलेसा तिरिक्खजोणिया अणंतगुणा । एवं एए दस अप्पाबहुगा तिरिक्खजोणियाणं ॥ ४९० ॥ एएसि णं भंते ! देवाणं कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा देवा मुक्कलेसा, पम्हलेसा असंखेजगुणा, काउलेसा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, तेउलेसा संखेजगुणा । एएसि णं भंते ! देवीणं कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४? गोयमा! सव्वत्थोवाओ देवीओ काउलेसाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेउलेसाओ संखेजगुणाओ । एएसि णं भंते ! देवाणं देवीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा देवा सुक्कलेसा, पम्हलेसा असंखेजगुणा, काउलेसा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसाओ देवीओ संखेजगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेउलेसा देवा संखेनगुणा, तेउलेसाओ देवीओ संखेजगुणाओ ॥ ४९१ ॥ एएसि णं भंते ! भवणवासीणं देवाणं कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवा भवणवासी देवा तेउलेसा, काउलेसा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया। एएसि णं भंते ! भवणवासिणीणं देवीणं कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! Page #516 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १७ उ०२ भवण० अप्पा०] सुत्तागमे ४४१ एवं चेव । एएसि णं भंते ! भवणवासीणं देवाणं देवीण य कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा भवणवासी देवा तेउलेसा, भवणवासिणीओ० तेउलेसाओ संखेजगुणाओ, काउलेसा भवणवासी देवा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसाओ भवणवासिणीओ देवीओ संखेजगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, एवं वाणमंतराणं, तिन्नेव अप्पाबहुया जहेव भवणवासीणं तहेव भाणियव्वा ॥ ४९२ ॥ एएसि णं भंते ! जोइसियाणं देवाणं देवीण य तेउलेस्साणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जोइसिया देवा तेउलेस्सा, जोइसिणीओ देवीओ तेउलेस्साओ संखेजगुणाओ ॥ ४९३ ॥ एएसि णं भंते ! वेमाणियाणं देवाणं तेउलेसाणं पम्हलेसाणं सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा माणिया देवा सुक्कलेसा, पम्हलेसा असंखेजगुणा, तेउलेसा असंखेजगुणा । एएसि णं भंते ! वेमाणियाणं देवाणं देवीण य तेउलेस्साणं पम्हलेस्साणं सुक्कलेस्साण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा सुक्कलेस्सा, पम्हलेस्सा असंखेजगुणा, तेउलेस्सा असंखेजगुणा, तेउलेस्साओ वेमाणिणीओ देवीओ संखेजगुणाओ ॥ ४९४ ॥ एएसि णं भंते ! भवणवासीदेवाणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाण य देवाण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा सुक्कलेसा, पम्हलेसा असंखेजगुणा, तेउलेसा असंखेजगुणा, तेउलेसा भवणवासी देवा असंखेज्जगुणा, काउलेसा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, तेउलेसा वाणमंतरा देवा असंखेजगुणा, काउलेसा असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, तेउलेसा जोइसिया देवा संखेजगुणा । एएसि णं भंते ! भवणवासिणीणं वाणमंतरीणं जोइ. सिणीणं वेमाणिणीण य कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४१ गोयमा ! सव्वत्थोवाओ देवीओ वेमाणिणीओ तेउलेसाओ,भवणवासिणीओ० तेउलेसाओ असंखेजगुणाओ, काउलेसाओ असंखेज्जगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेउलेसाओ वाणमंतरीओ देवीओ असंखेजगुणाओ, काउलेसाओ असंखेजगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेउलेसाओ जोइसिणीओ देवीओ संखेजगुणाओ ॥ ४९५ ॥ एएसि णं भंते ! भवणवासीणं जाव वेमाणियाणं देवाण य देवीण य कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा Page #517 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४४२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं सुक्कलेसा, पम्हलेसा असंखेजगुणा, तेउलेसा असंखेजगुणा, तेउलेसाओ वेमाणियदेवीओ संखेजगुणाओ, तेउलेसा भवणवासी देवा असंखेजगुणा, तेउलेसाओ भवणवासिणीओ देवीओ संखेजगुणाओ, काउलेसा भवणवासी० असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसाओ भवणवासिणीओ० संखेजगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेउलेसा वाणमंतरा० संखेजगुणा, तेउलेसाओ वाणमंतरीओ० संखेजगुणाओ, काउलेसा वाणमंतरा० असंखेजगुणा, नीललेसा विसेसाहिया, कण्हलेसा विसेसाहिया, काउलेसाओ वाणमंतरीओ० संखेजगुणाओ, नीललेसाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेसाओ विसेसाहियाओ, तेउलेसा जोइसिया० संखेज्जगुणा, तेउलेसाओ जोइसिणीओ० संखेजगुणाओ ॥ ४९६ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पड्डिया वा महड्डिया वा ? गोयमा ! कण्हलेसहिंतो नीललेसा महड्डिया, नीललेसेहिंतो काउलेसा महड्डिया, एवं काउलेसेहिंतो तेउलेसा महड्डिया, तेउलेसेहिंतो पम्हलेसा महड्डिया, पम्हलेसेहिंतो सुक्कलेसा महड्डिया, सव्वप्पड्डिया जीवा कण्हलेसा, सव्वमहडिया सुक्कलेसा ॥ ४९७ ॥ एएसि णं भंते ! नेरइयाणं कण्हलेसाणं नीललेसाणं काउलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पड्डिया वा महड्डिया वा? गोयमा ! कण्हलेसेहिंतो नीललेसा महड्डिया, नीललेसेहिंतो काउलेसा महड्डिया, सव्वप्पड्डिया नेरइया कण्हलेसा, सव्वमहड्डिया नेरइया काउलेसा ॥ ४९८ ॥ एएसि णं भंते ! तिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं जाव सुक्कलेसाण य कयरे कयरेहितो अप्पड्डिया वा महड्डिया वा ? गोयमा ! जहा जीवाणं । एएसि णं भंते ! एगिदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हलेसाणं जाव तेउलेसाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पड्डिया वा महड्डिया वा ? गोयमा ! कण्हलेसेहिंतो एगिदियतिरिक्खजोणिएहिंतो नीललेसा महड्डिया, नीललेसेहिंतो तिरिक्खजोणिएहिंतो काउलेसा महड्डिया, काउलेसेहितो तेउलेसा महड्डिया, सव्वप्पड्डिया एगेदियतिरिक्खजोणिया कण्हलेसा, सव्वमहड्डिया तेउलेसा । एवं पुढविकाइयाण वि । एवं एएणं अभिलावेणं जहेव लेस्साओ भावियाओ तहेव नेयव्वं जाव चउरिंदिया । पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीणं संमुच्छिमाणं गब्भवकंतियाण य सव्वेसिं भाणियव्वं जाव अप्पड्डिया वेमाणिया देवा तेउलेसा, सव्वमहड्डिया वेमाणिया सुक्कलेसा । केई भणंति-चउवीसं दंडएणं इड्डी भाणियव्वा ॥४९९ ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तरसमे लेस्सापए बीओ उद्देसओ समत्तो॥ नेरइए णं भंते ! नेरइएसु उववजइ, अनेरइए नेरइएसु उचवज्जइ ? गोयमा ! Page #518 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १७ उ० ३ पुढवि० ] सुत्तागमे ४४३ नेरइए नेरइएसु उववज्जइ, नो अनेरइए नेरइएसु उववज्जइ, एवं जाव वेमाणियाणं । नेरइए णं भंते! नेरइएहिंतो उववइ, अनेरइए नेरइए हिंतो उववदृइ ? गोयमा ! अनेरइए नेरइएहिंतो उबवहइ, नो नेरइए नेरइए हिंतो उववइ । एवं जाव वेमाणिए, नवरं जोइसियवेमाणिएसु ‘चयणं' ति अभिलावो कायव्वो ॥ ५०० ॥ से नूणं भंते ! कण्हलेसे नेरइए कण्हलेसेसु नेरइएसु उववज्जइ, कण्हलेसे उववदृइ, जल्लेसे उववज्जइ तल्लेसे उववइ ? हंता गोयमा ! कण्हलेसे नेरइए कण्हलेसेसु नेरइएस उववज्जइ, कण्हलेसे उववहइ, जलेसे उववज्जइ तल्लेसे उववहह, एवं नीललेसे वि, एवं काउलेसेवि । एवं असुरकुमाराण वि जाव थणियकुमारा, नवरं लेसा अब्भहिया । से नूणं भंते! कण्हलेसे पुढविकाइए कण्हलेसेसु पुढविकाइएसु उववज्जइ, कण्हलेसे उव्वदृइ, जल्लेसे उववज्जइ तलेसे उववहइ ? हंता गोयमा ! कण्हलेसे पुढविकाइए कण्हलेसेसु पुढविकाइएसु उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उववहर, सिय नीललेसे उववहह, सिय काउलेसे उववट्टइ, सिय जलेसे उववज्जइ तल्लेसे उववहह । एवं नीलकाउलेसासु वि। से नूणं भंते! तेउलेसेसु पुढविकाइएस उववज्जइ पुच्छा । हंता गोयमा ! तेउलेसे पुढविकाइए तेउलेसेसु पुढविकाइएस उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उववहह, सिय नीललेसे उववइ, सिय काउलेसे उववहह, तेउलेसे उववज्जइ, नो चेव णं उसे उवव । एवं आउकाइया वणस्सइकाइया वि । तेउवाऊ एवं चेव, नवरं एएसिं तेउलेसा नत्थि । बितियचउरिंदिया एवं चेव तिसु लेसासु । पंचेंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा य जहा पुढविकाइया आइल्लिया तिसु लेसासु भणिया तहा छसु वि लेसासु भाणियव्वा, नवरं छप्पि लेसाओ चारेयव्वाओ । वाणमंतरा जहा असुरकुमारा । से नूणं भंते! तेउलेस्से जोइसिए तेउलेस्सेसु जोइसिएस उववज्जइ ? जव असुरकुमारा । एवं वेमाणिया वि, नवरं दोण्हं पि चयंतीति अभिलावो ॥५०१ ॥ से नूणं भंते! कण्हलेसे नीललेसे काउलेसे नेरइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु नेरइएस उववज्जइ, कण्हलेसे नीललेसे काउलेसे उववइ, जलेसे उववज्जइ तलेसे उववहह ? हंता गोयमा ! कण्हनीलकाउलेसे उववज्जइ, जलेसे उववज्जइ तल्लेसे उव इ । से नूणं भंते ! कण्हलेसे जाव तेउलेसे असुरकुमारे कण्हलेसेसु जाव तेउलेसेसु असुरकुमारेसु उववज्जइ ? एवं जहेव नेरइए तहा असुरकुमारा वि जाव थणियकुमारा वि । से नूणं भंते ! कण्हलेसे जाव तेउलेसे पुढविक्काइए कण्हलेसेसु जाव तेउलेसेसु पुढविक्काइएसु उववज्जइ ? एवं पुच्छा जहा असुरकुमाराणं । हंता गोयमा ! कण्हलेसे जाव तेउलेसे पुढविक्काइए कण्हलेसेसु जाव तेउलेसेसु पुढविक्काइएसु उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उववट्टइ, सिय नीललेसे०, सिय काउलेसे उववहह, सिय जलेसे उववज्जइ Page #519 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं । तल्लेसे उववद्द्इ, तेउलेसे उववज्जइ, नो चेव णं तेउलेसे उववह । एवं आउकाइया वणस्सइकाइया वि भाणियव्वा । से नूणं भंते ! कण्हलेसे नीललेसे काउलेसे ते काइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु तेउकाइएस उववज्जइ, कण्हलेसे नीललेसे काउलेसे उaas, जलेसे उववज्जइ तलेसे उववहह ? हंता गोयमा ! कण्हलेसे नीललेसे काउलेसे तेउकाइए कण्हलेसेसु नीललेसेसु काउलेसेसु तेउकाइएसु उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उब्बट्टइ, सिय नीललेसे उबवहर, सिय काउलेसे उववदृइ, सिय जल्लेसे उववज्जइ तल्लेसे उववइ । एवं वाउकाइयबेइंदियते इंदियचउरिंदिया वि भाणियव्वा । से नूणं भंते ! कण्हलेसे जाव सुक्कलेसे पंचेंदियतिरिक्खजोणिए कण्हलेसेसु जाव सुक्कलेसेस पंचेंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जइ पुच्छा । हंता गोयमा ! कण्हलेसे जाव सुकलेसे पंचेंद्रियतिरिक्खजोणिए कण्हलेसेसु जाव सुक्कलेसेसु पंचेंदियतिरिक्खजोगिएसु उववज्जइ, सिय कण्हलेसे उववदृइ जाव सिय सुक्कलेसे उववइ, सिय जलेसे उववज्जइ तल्लेसे उववदृइ । एवं मणूसे वि । वाणमंतरा जहा असुरकुमारा । जोइसियवेमाणिया वि एवं चेव, नवरं जस्स जल्लेसा । दोह वि 'चयण' ति भाणियव्वं ॥ ५०२ ॥ कण्हलेसे णं भंते! नेरइए कण्हलेसं नेरइयं पणिहाए ओहिणा सव्वओ समंता समभिलोएमाणे २ केवइयं खेत्तं जाणइ, केवइयं खेत्तं पासइ ? गोयमा ! णो बहुयं खेत्तं जाणइ, णो बहुयं खेत्तं पास, णो दूरं खेत्तं जाणइ, णो दूरं खेत्तं पासइ, इत्तरियमेव खेत्तं जाणइ, इत्तरियमेव खेत्तं पासइ । से केणद्वेणं भंते ! एवं चुच्चइ - ' कण्हलेसे णं नेरइए तं चेव जाव इत्तरियमेव खेत्तं पास' ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे बहुसमरमणिज्जंसि भूमिभागंसि ठिच्चा सव्वओ समंता समभिलोएजा, तए णं से पुरिसे धरणितलगयं पुरिसं पणिहाए सव्वओ समंता समभिलोएमाणे २ णो बहुयं खेत्तं जाव पासइ जाव इत्तरियमेव खेत्तं पासइ, से तेणट्टेर्ण गोयमा ! एवं वुच्चइ - ' कण्हलेसे णं नेरइए जाव इत्तरियमेव खेत्तं पासइ' । नीलसे णं भंते! नेरइए कण्हलेसं नेरइयं पणिहाय ओहिणा सव्वओ समंता समभिलोएमाणे २ केवइयं खेत्तं जाणइ, केवइयं खेत्तं पासइ ? गोयमा ! बहुतरागं खेत्तं जाणइ, बहुतरागं खेत्तं पासइ, दूरतरं खेत्तं जाणइ, दूरतरं खेत्तं पासइ, वितिमिरतरागं खेत्तं जाणइ, वितिमिरतरागं खेत्तं पासइ, विसुद्धतरागं खेत्तं जाणइ, विसुद्धतरागं खेत्तं पासइ । से केणद्वेणं भंते! एवं बुच्चइ - 'नीललेसे णं नेरइए कण्हलेसं नेरइयं पणिहाय जाव विसुद्धतरागं खेत्तं जाणइ, विसुद्वतरागं खेत्तं पास ' ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ पव्वयं दुहिता सव्वओ समंता समभिलोएज्जा, तए णं से पुरिसे धरणितलगयं पुरिसं पणिहाय सव्वओ समंता समभिलोएमाणे २ बहुतरागं खेत्तं जाणइ जाव विसुद्धतरागं ४४४ Page #520 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पं० १७ उ० ४ कण्हलेस्सापु० ] सुत्तागमे खेत्तं पासइ, से तेणट्ठेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ – 'नीललेसे नेरइए कण्हलेसं जाव विसुद्धतरागं खेत्तं पासइ' । काउलेस्से णं भंते! नेरइए नीललेस्सं नेरइयं पणिहाय ओहिणा सव्वओ समंता समभिलोएमाणे २ केवइयं खेत्तं जाणइ० पासइ ? गोयमा ! बहुतरागं खेत्तं जाणइ० पासइ जाव विसुद्धतरागं खेत्तं पासइ । से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ–‘काउलेस्से णं नेरइए जाव विसुद्धतरागं खेत्तं पासइ' ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ पव्वयं दुरूहइ दुरूहित्ता दो वि पाए उच्चाविया (वइत्ता) सव्वओ समंता समभिलोएज्जा, तए णं से पुरिसे पव्वयगयं धरणितलगयं च पुरिसं पणिहाय सव्वओ समंता समभिलोएमाणे २ बहुतरागं खेत्तं जाणइ, बहुतरागं खेत्तं पासइ जाव वितिमिरतरागं खेत्तं पासइ, से ते गोयमा ! एवं बुचइ - ' काउलेस्से णं नेरइए नीललेस्सं नेरइयं पणिहाय तं चेव जाव वितिमिरतरागं खेत्तं पास ॥ ५०३ ॥ कण्हलेसे णं भंते ! जीवे कइसु नाणेसु होज्जा ? गोयमा ! दोसु वा तिसु वा चउसु वा नाणेसु होज्जा, दोसु होमाणे आभिणिबोहियसुयनाणे होजा, तिसु होमाणे आभिणिबोहियसुयनाणओहिनाणेसु होज्जा, अहवा तिसु होमाणे आभिणिबोहियसुयनाणमणपज्जवनाणेसु होजा, चउसु होमाणे आभिणिबोहियसुयओहि मणपज्जवनाणेसु होज्जा, एवं जाव पहले से । सुक्कलेसे णं भंते! जीवे कइसु नाणेसु होज्जा ? गोयमा ! एगंसि वा दोसु वा तिसु वा वां होना, दो होमाणे आभिणिबोहियनाण एवं जहेव कण्हलेसाणं तहेव भाणि - यव्वं जाव चउहिं। एगंमि नाणे होमाणे एगंमि केवलनाणे होजा ॥ ५०४ ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तरसमे लेस्सापए तइओ उद्देसओ समत्तो ॥ ४४५ परिणामवन्नरसगंधसुद्धअपसत्थसंकिलिड्डुण्हा । गइपरिणामपएसोगाढवग्गणठाणाणमप्पबहुं ॥ १ ॥ कइ णं भंते! लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! छल्लेसाओ पन्नत्ताओ । तंजा - कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा । से नूणं भंते ! कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमइ ? हंता गोयमा ! कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमइ । से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ —‘कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमइ' ? गोयमा ! से जहा नामए खीरे दूसिं पप्प सुद्धे वा वत्थे रागं पप्प तारूवत्ताए जाव ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमइ, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ – ' कण्हलेस्सा नीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणम । एवं एएणं अभिलावेणं नीललेसा काउलेसं पप्प, काउलेसा तेउलेसं पप्प, तेउलेसा पम्हलेसं पप्प, पम्हलेसा सुक्कलेसं पप्प जाव भुज्जो २ परिणमइ ॥ ५०५ ॥ से नृणं भंते ! कण्हलेसा नीलले सं Page #521 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं काउलेसं तेउलेसं पम्हलेसं सुक्कलेसं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमइ ? हंता गोयमा ! कण्हलेसा नीललेसं पप्प जाव सुक्कलेसं पप्प तारूवत्ताए तागंधत्ताए० ताफासत्ताए भुजो २ परिणमइ । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'कण्हलेसा नीललेसं जाव सुक्कलेसं पप्प तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमइ' ? गोयमा ! से जहानामए वेरुलियमणी सिया कण्हसुत्तए वा नीलसुत्तए वा लोहियसुत्तए वा हालिद्दसुत्तए वा सुकिल्लसुत्तए वा आइए समाणे तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमइ, से तेणटेणं गो० ! एवं वुच्चइ-'कण्हलेसा नीललेसं जाव सुक्कलेसं पप्प तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमइ ॥ ५०६ ॥ से नूणं भंते ! नीललेसा किण्हलेसं जाव सुक्कलेसं पप्प तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमइ ? हंता गोयमा ! एवं चेव, काउलेसा किण्हलेसं नीललेसं तेउलेसं पम्हलेसं सुक्कलेसं, एवं तेउलेसा किण्हलेसं नीललेसं काउलेसं पम्हलेसं सुक्कलेसं, एवं पम्हलेसा किण्हलेसं नीललेसं काउलेसं तेउलेसं सुक्कलेसं पप्प जाव भुजो २ परिणमइ ? हन्ता गोयमा ! तं चेव । से नूणं भंते ! सुक्कलेसा किण्हलेसं नीललेस काउलेसं तेउलेसं पम्हलेसं पप्प जाव भुजो २ परिणमइ ? हंता गोयमा ! तं चेव ॥ ५०७ ॥ कण्हलेस्सा णं भंते ! वन्नेणं केरिसिया पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए जीमूए इवा अंजणे इ वा खंजणे इ वा कज्जले इ वा गवले इ वा गवलवलए इ वा जंबूफले इ वा अद्दारिठ्ठपुप्फे इ वा परपुढे इ वा भमरे इ वा भमरावली इ वा गयकलमे इ वा किण्हकेसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा किण्हासोए इ वा कण्हकणवीरए इ वा कण्हबंधुजीवए इवा, भवे एयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, कण्हलेस्सा णं इत्तो अणिट्टतरिया चेव अकंततरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुन्नतरिया चेव अमणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ॥ ५०८ ॥ नीललेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए भिंगए इ वा भिंगपत्ते इ वा चासे इ वा चासपिच्छए इ वा सुए इ वा सुयपिच्छे इ वा सामा इ वा वणराई इ वा उच्चतए इ वा पारेवयगीवा इ वा मोरगीवा इ वा हलहरवसणे इ वा अयसिकुसुमे इ वा वणकुसुमे इ.वा अंजणकेसियाकुसुमे इ वा नीलुप्पले इ वा नीलासोए इ वा नीलकणवीरए इ वा नीलबंधुजीवे इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे० एत्तो जाव अमणामयरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ॥ ५०९ ॥ काउलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं. पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए खइरसारए इ वा कइरसारए इ वा धमाससारे इ वा तंबे इ वा तंबकरोडे इ वा तंबच्छिवाडियाए इ वा वाइंगणिकुसुमे इ वा कोइलच्छदकुसुमे इ वा जवासाकुसुमे इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समटे । Page #522 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०१७ उ० ४ कण्ह आसायवण्णणं] सुत्तागमे ४४७ काउलेस्सा णं एत्तो अणिठ्ठयरिया जाव अमणामयरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ॥५१०॥ तेउलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए ससरुहिरे इ वा उरब्भरुहिरे इ वा वराहरुहिरे इ वा संबररुहिरे इ वा मणुस्सरुहिरे इ वा इंदगोवे इ वा बालेंदगोवे इ वा बालदिवायरे इ वा संझारागे इ वा गुंजद्धरागे इ वा जाइहिंगुले इ वा पवालंकुरे इ वा लक्खारसे इ वा लोहियक्खमणी इ वा किमिरागकंबले इ वा गयतालुए इ वा चीणपिट्ठरासी इ वा पारिजायकुसुमे इ वा जासुमणकुसुमे इ वा किंसुयपुप्फरासी इ वा रत्तुप्पले इ वा रत्तासोगे इ वा रत्तकणवीरए इ वा रत्तबंधुजीवए इ वा, भवेयाख्वा ? गोयमा ! णो इणढे समढे। तेउलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ॥ ५११ ॥ पम्हलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए चंपे इ वा चंपयछल्ली इ वा चंपयभेए इ वा हालिद्दा इ वा हालिद्दगुलिया इ वा हालिद्दभेए इ वा हरियाले इ वा हरियालगुलिया इ वा हरियालभेए इ वा चिउरे इ वा चिउररागे इ वा सुवन्नसिप्पी इ वा वरकणगणिहसे इ वा वरपुरिसवसणे इ वा अल्लइकुसुमे इ वा चंपयकुसुमे इ वा कण्णियारकुसुमे इ वा कुहंडयकुसुमे इ वा सुवण्णजूहिया इ वा सुहिरन्नियाकुसुमे इ वा कोरेंटमल्लदामे इ वा पीयासोगे इ वा पीयकणवीरे इ वा पीयबंधुजीवए इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे । पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया जाव मणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ॥ ५१२ ॥ सुक्कलेस्सा णं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए अंके इ वा संखे इ वा चंदे इ वा कुंदे इ वा दगे इ वा दगरए इ वा दही इ वा दहिघणे इ वा खीरे इ वा खीरपूरए इ वा सुकच्छिवाडिया इ वा पेहुणभिंजिया इ वा धंतधोयरुप्पपट्टे इ वा सारयबलाहए इ वा कुमुयदले इ वा पोंडरीयदले इ वा सालिपिट्ठरासी इ वा कुडगपुप्फरासी इ वा सिंदुवारमल्लदामे इ वा सेयासोए इ वा सेयकणवीरे इ वा सेयबंधुजीवए इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! नो इणढे समढे । सुक्कलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव वन्नेणं पन्नत्ता ॥ ५१३ ॥ एयाओ णं भंते ! छल्लेस्साओ कइसु वन्नेसु साहिजंति ? गोयमा ! पंचसु वन्नेसु साहिजंति, तंजहाकण्हलेस्सा कालएणं वन्नेणं साहिज्जइ, नीललेस्सा नीलवन्नेणं साहिज्जइ, काउलेस्सा काललोहिएणं वन्नेणं साहिज्जइ, तेउलेस्सा लोहिएणं वन्नेणं साहिजइ, पम्हलेस्सा हालिद्दएणं वन्नेणं साहिजइ, सुक्कलेस्सा सुकिल्लएणं वन्नेणं साहिज्जइ ॥ ५१४ ॥ कण्हलेस्सा णं भंते ! केरिसिया आसाएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए निंबे इ. वा निंबसारे इ वा निंबछल्ली इ वा निंबफाणिए इ वा कुडए इ वा कुडगफलए इ वा Page #523 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं कुडगछल्ली इ वा कुडगफाणिए इ वा कडुगतुंबीइ वा कडुगतुंबिफले इ वा खारतउसी इ वा खारतउसीफले इ वा देवदाली इ वा देवदालीपुप्फे इ वा मियवालुंकी इ वा मियवालुंकीफले इ वा घोसाडए इ वा घोसाडईफले इ वा कण्हकंदए इ वा वज्जकंदए इ वा, भवेथारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, कण्हलेस्सा णं एत्तो अणिद्वतरिया चेव जाव अमणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥ ५१५ ॥ नीललेस्साए पुच्छा। गोयमा ! से जहानामए भंगी इ वा भंगीरए इ वा पाढा इ वा चविया इ वा चित्तामूलए इ वा पिप्पली इ वा पिप्पलीमूलए इ वा पिप्पलीचुण्णे इ वा मिरिए इ वा मिरियचुण्णए इ वा सिंगबेरे इ वा सिंगबेरचुण्णे इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, नीललेस्सा णं एत्तो जाव अमणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥५१६॥ काउलेस्साए पुच्छा । गोयमा ! से जहानामए अंबाण वा अंबाडगाण वा माउलुंगाण वा बिल्लाण वा कविट्ठाण वा भञ्चाण वा फणसाण वा दाडिमाण वा अक्खोडयाण वा चाराण वा बोराण वा तिंदुयाण वा अपक्काणं अपरिवागाणं वन्नेणं अणुववेयाणं गंधेणं अणुववेयाणं फासेणं अणुववेयाणं, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे जाव एत्तो अमणामतरिया चेव अस्साएणं पन्नत्ता ॥ ५१७ ॥ तेउलेस्सा णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! से जहानामए अंबाण वा जाव पक्काणं परियावन्नाणं वन्नेणं उववेयाणं पसत्थेणं जाव फासेणं जाव एत्तो मणामयरिया चेव तेउलेस्सा आसाएणं पन्नत्ता ॥ ५१८॥ पम्हलेस्साए पुच्छा। गोयमा! से जहानामए चंदप्पभा इ वा मणसिला इ वा सीहू इ वा वारुणी इ वा पत्तासवे इ वा पुप्फासवे इ वा फलासवे इ वा चोयासवे इ वा आसवे इ वा महू इ वा मेरए इ वा काविसायणे इ वा खजूरसारए इ वा मुद्दियासारए इ वा सुपक्कखोयरसे इ वा अपिट्ठणिट्ठिया इ वा जंबुफलकालिया इ वा पसन्ना इ वा उक्कोसमयपत्ता वन्नेणं उववेया जाव फासेणं उववेया दप्पणिज्जा मयणिज्जा, भवेयारूवा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥५१९॥ सुक्कलेस्सा णं भंते ! केरिसिया अस्साएणं पन्नत्ता ? गोयमा ! से जहानामए गुले इ वा खंडे इ वा सकरा इ वा मच्छंडिया इ वा पप्पडमोयए इ वा भिसकंदए इ वा पुप्फुत्तरा इ वा पउमुत्तरा इ वा आदंसिया इ वा सिद्धत्थिया इ वा आगासफालिओवमा इ वा उवमा इ वा अणोवमा इ वा, भवेयारूवे ? गोयमा ! णो इणढे समढे, सुक्कलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव० पियतरिया चेव० मणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता ॥५२०॥ कइ णं भंते ! लेस्साओ दुब्भिगंधाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा! तओ लेस्साओ दुब्भिगंधाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हलेस्सा, नीललेस्सा, काउलेस्सा । कइ णं भंते ! लेस्साओ Page #524 -------------------------------------------------------------------------- ________________ य० १७ उ० ४] सुत्तागमे सुब्मिगंधाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! तओ लेस्साओ सुब्भिगंधाओ पन्नत्ताओ। तंजहातेउलेस्सा, पम्हलेस्सा, सुक्कलेस्सा, एवं तओ अविसुद्धाओ, तओ विसुद्धाओ, तओ अप्पसत्थाओ, तओ पसत्थाओ, तओ संकिलिट्ठाओ, तओ असंकिलिट्ठाओ, तओ सीयलुक्खाओ, तओ निद्भुण्हाओ, तओ दुग्गइगामियाओ, तओ सुगइगामियाओ ॥ ५२१ ॥ कण्हलेस्सा णं भंते ! कइविहं परिणामं परिणमइ ? गोयमा ! तिविहं वा नवविहं वा सत्तावीसविहं वा एक्कासीइविहं वा बेतेयालीसतविहं वा बहुयं वा बहुविहं या परिणामं परिणमइ, एवं जाव सुक्कलेस्सा ॥ ५२२ ॥ कण्हलेस्सा णं भंते ! कइपएसिया पन्नत्ता ? गोयमा ! अणंतपएसिया पन्नत्ता, एवं जाव सुक्कलेस्सा। कण्हलेस्सा णं भंते ! कइपएसोगाढा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेजपएसोगाढा पन्नत्ता, एवं जाव सुक्कलेस्सा । कण्हलेस्साए णं भंते ! केवइयाओ वग्गणाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! अणंताओ वग्गणाओ०, एवं जाव सुक्कलेस्साए ॥५२३॥ केवइया णं भंते ! कण्हलेस्साठाणा पन्नत्ता ? गोयमा! असंखेज्जा कण्हलेस्साठाणा पन्नत्ता । एवं जाव सुक्कलेस्सा ॥५२४॥ एएसि णं भंते ! कण्हलेस्साठाणाणं जाव सुक्कलेस्साठाणाण य जहन्नगाणं दवट्ठयाए पएसट्टयाए दवट्ठपएसठ्ठयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जहन्नगा काउलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए, जहन्नगा नीललेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नगा कण्हलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नगा तेउलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नगा पम्हलेस्साठाणा दवट्ठयाए असंखेजगुणा, जहनगा सुक्कलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, पएसट्टयाए-सव्वत्थोवा जहन्नगा काउलेस्साठाणा पएसट्ठयाए, जहन्नगा नीललेस्साठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नगा कण्हलेस्साठाणा पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नगा तेउलेस्साए ठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा, जहन्नगा पम्हलेस्साठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा, जहनगा सुक्कलेसाठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा, दव्वट्ठपएसट्ठयाए-सव्वत्थोवा जह'नगा काउलेस्साठाणा दव्वठ्ठयाए, जहन्नगा नीललेस्साठाणा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, एवं कण्हलेस्सा, तेउलेस्सा, पम्हलेस्सा, जहन्नगा सुक्कलेस्साठाणा दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा, जहन्नएहितो सुक्कलेस्साठाणेहिंतो दव्वट्ठयाए जहन्नकाउलेस्साठाणा पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नया नीललेस्साठाणा पएसठ्ठयाए असंखेजगुणा, एवं जाव सुक्कलेस्साठाणा ॥ ५२५ ॥ एएसि णं भंते ! कण्हलेस्साठाणाणं जाव सुक्कलेस्साठाणाण य उकोसगाणं दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा उक्कोसगा काउलेस्साठाणा दव्वट्ठयाए, उक्कोसगा नीललेस्साठाणा दव्वठ्ठयाए असंखेजगुणा, एवं जहेव जहन्नगा तहेव उक्कोसगा वि, नवरं उकोसत्ति २९ सुत्ता. Page #525 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं अभिलावो ॥ ५२६ ॥ एएसि णं भंते ! कण्हलेसठाणाणं जाव सुक्कलेसठाणाण य जहन्नउक्कोसगाणं दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवा जहन्नगा काउलेसठाणा दव्वट्ठयाए, जहन्नगा नीललेसठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, एवं कण्हतेउपम्हलेसठाणा, जहन्नगा सुक्कलेसठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नएहिंतो सुक्कलेसठाणेहिंतो दव्वयाए उक्कोसा काउलेसठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, उक्कोसा नीललेसठाणा दव्वठ्ठयाए असंखेजगुणा, एवं कण्हतेउपम्हलेसट्ठाणा, उक्कोसा सुक्कलेसठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा । पएसट्टयाए-सव्वत्थोवा जहन्नगा काउलेसठाणा पएसठ्ठयाए, जहन्नगा नीललेसठाणा पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, एवं जहेव दव्वट्ठयाए तहेव पएसट्टयाए वि भाणियव्वं, नवरं पएसट्ठयाएत्ति अभिलावविसेसो । दव्वट्ठपएसट्ठयाए-सव्वत्थोवा जहन्नगा काउलेसठाणा दव्वठ्याए, जहन्नगा नीललेसठाणा दव्वट्ठयाए असंखेज-- गुणा, एवं कण्हतेउपम्हलेसट्ठाणा, जहन्नया सुक्कलेसठाणा दव्वठ्ठयाए असंखेजगुणा, जहन्नएहिंतो सुक्कलेसठाणेहिंतो दव्वट्ठयाए उक्कोसा काउलेसठाणा दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा, उक्कोसा नीललेसठाणा दवट्ठयाए असंखेजगुणा, एवं कण्हतेउपम्हलेसट्ठाणा, उक्कोसगा सुक्कलेसठाणा दव्वठ्ठयाए असंखेज्जगुणा, उक्कोसएहिंतो सुकलेसठाणेहितो दव्वट्ठयाए जहन्नगा काउलेसठाणा पएसट्टयाए अणंतगुणा, जहन्नगा नीललेसठाणा पएसठ्ठयाए असंखेजगुणा,एवं कण्हतेउपम्हलेसट्टाणा, जहन्नगा सुक्कलेसठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा, जहन्नएहितो सुक्कलेसठाणेहिंतो पएसठ्ठयाए उक्कोसा काउलेसठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा,उक्कोसया नीललेसठाणा पएसट्ठयाए असंखेजगुणा,एवं कण्हतेउ-- पम्हलेसट्टाणा,उक्कोसया सुक्कलेसठाणा पएसट्टयाए असंखेजगुणा ॥५२७॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तरसमस्स लेस्सापयस्स चउत्थो उद्देसओ समत्तो॥ कइ णं भंते ! लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! छल्लेसाओ पन्नत्ताओ। तंजहाकण्हलेसा जाव सुक्कलेसा । से नूणं भंते ! कण्हलेसा नीललेसं पप्प तारूवत्ताए तावन्नत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुजो भुजो परिणमइ ? इत्तो आढत्तं जहा चउत्थओ उद्देसओ तहा भाणियव्वं जाव वेरुलियमणिदिलुतोत्ति ॥५२८॥ से नूणं भंते ! कण्हलेसा नीललेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव णो ताफासत्ताए भुजो भुजो परिणमइ ? हंता गोयमा ! कण्हलेसा नीललेसं पप्प णो तारूवत्ताए, णो तावन्नत्ताए, णो तागंधत्ताए, णो तारसत्ताए, णो ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमइ । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ० ? गोयमा ! आगारभावमायाए वा से सिया, पलिभागभावमायाए वा से सिया। कण्हलेसा णं सा, णो खलु नीललेसा, तत्थ गया ओसक्कइ उस्सक्का Page #526 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० १७ उ० ६ पुक्खर०] सुत्तागमे ४५१ वा. से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'कण्हलेसा नीललेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमइ' । से नूणं भंते ! नीललेसा काउलेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमइ ? हंता गोयमा ! नीललेसा काउलेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिमणइ । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ–'नीललेसा काउलेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमई' ? गोयमा ! आगारभावमायाए वा सिया, पलिभागभावमायाए वा सिया । नीललेसा णं सा, णो खलु सा काउलेसा, तत्थगया ओसक्कइ उस्सकइ वा, से एएणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'नीललेसा काउलेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव भुजो २ परिणमइ' । एवं काउलेसा तेउलेसं पप्प, तेउलेसा पम्हलेसं पप्प, पम्हलेसा सुक्कलेसं पप्प । से नूणं भंते ! सुक्कलेसा पम्हलेसं पप्प णो तारूवत्ताए जाव परिणमइ ? हंता गोयमा ! सुक्कलेसा तं चेव । से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ–'सुक्कलेसा जाव णो परिणमइ' ? गोयमा ! आगारभावमायाए वा जाव सुक्कलेसा णं सा, णो खलु सा पम्हलेसा, तत्थ गया ओसक्कइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ—'जाव णो परिणमइ' ॥ ५२९ ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तरसमे लेस्सापए पंचमो उद्देसओ समत्तो॥ कइ णं भंते ! लेसा पन्नत्ता ? गोयमा ! छ लेसा पन्नत्ता । तंजहा–कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा। मणुस्साणं भंते ! कइ लेसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! छ लेसाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा। मणुस्सीणं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! छल्लेस्साओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हा जाव सुक्का । कम्मभूमयमणुस्साणं भंते ! कइ लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! छ लेसाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हा जाव सुक्का। एवं कम्मभूमयमणुस्सीण वि । भरहेरवयमणुस्साणं भंते ! कइ लेसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! छल्लेसाओ पन्नत्ताओ। तंजहा-कण्हा जाव सुक्का। एवं मणुस्सीण वि। पुव्वविदेहे अवरविदेहे कम्मभूमयमणुस्साणं कइ लेस्साओ० ? गो० ! छल्लेस्साओ० । तंजहा-कण्हा जाव सुक्का । एवं मणुस्सीण वि । अकम्मभूमयमणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! चत्तारि लेसाओ पन्नत्ताओ । तंजहा-कण्ह० जाव तेउलेसा, एवं अकम्मभूमगमणुस्सीण वि, एवं अंतरदीवगमणुस्साणं, मणुस्सीण वि । एवं हेमवयएरन्नवयअकम्मभूमयमणुस्साणं मणुस्सीण य कइ लेसाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि, तंजहा-कण्हलेसा जाव तेउलेसा । हरिवासरम्मयअकम्मभूमयमणुस्साणं मणुस्सीण य पुच्छा। गोयमा ! चत्तारि, तंजहा—कण्ह० जाव तेउलेसा । देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमयमणुस्सा एवं चेव, एएसिं चेव मणुस्सीणं एवं चेव, धायइसंडपुरिमद्धे वि एवं चेव, पच्छिमद्धे वि, एवं पुक्खरदीवे वि भाणियव्वं ॥ ५३० ॥ Page #527 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं कण्हलेसे णं भंते ! मणुस्से कण्हलेसं गभं जणेजा ? हंता गोयमा ! जणेजा। कण्हलेसे० मणुस्से नीललेसं गब्भं जणेजा ? हंता गोयमा ! जणेजा जाव सुक्कलेसं गन्मं जणेजा । नीललेसे० मणुस्से कण्हलेसं गन्भं जणेज्जा ? हंता गोयमा! जणेज्जा. एवं नीललेसे मणुस्से जाव सुकलेसं गब्भं जणेजा, एवं काउलेसेणं छप्पि आलावगा भाणियव्वा । तेउलेसाण वि पम्हलेसाण वि सुक्कलेसाण वि, एवं छत्तीसं आलावगा भाणियव्वा । कण्हलेसा० इत्थिया कण्हलेसं गभं जणेज्जा ? हंता गोयमा ! जणेजा। एवं एए वि छत्तीसं आलावगा भाणियव्वा । कण्हलेसे णं भंते ! मणुस्से कण्हलेसाए इत्थियाए कण्हलेसं गब्भं जणेजा ? हंता गोयमा ! जणेजा, एवं एए छत्तीसं आलावगा । कम्मभूमगकण्हलेसे णं भंते ! मणुस्से कण्हलेसाए इत्थियाए कण्हलेसं गभं जणेजा ? हंता गोयमा ! जणेज्जा, एवं एए छत्तीसं आलावगा । अकम्मभूमयकण्हलेसे. मणुस्से अकम्मभूमयकण्हलेसाए इत्थियाए अकम्मभूमयकण्हलेसं गम्भं जणेजा ? हंता गोयमा! जणेजा, नवरं चउसु लेसासु सोलस आलावगा, एवं अंतरदीवगाण वि ॥ ५३१ ॥ छट्टो उद्देसओ समत्तो ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तरसमं लेस्सापयं समत्तं ॥ जीव गइंदिय काए जोए वेए कसायलेसा य । सम्मत्तणाणदंसण संजय उवओग आहारे ॥ १॥ भासगपरित्त पज्जत्त सुहुम सन्नी भवऽत्थि चरिमे य । एएसिं तु पयाणं कायठिई होइ णायव्वा ॥ २ ॥ जीवे णं भंते ! जीवेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सव्वद्धं ॥ दारं १ ॥ ५३२ ॥ नेरइए णं भंते ! नेरइएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं । तिरिक्खजोणिए णं भंते ! तिरिक्खजोणिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ उस्सप्पिणिओस प्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, असंखेजा पोग्गलपरियट्टा, ते णं पुग्गलपरियट्टा आवलियाए असंखेजइभागे। तिरिक्खजोणिणी णं भंते ! तिरिक्खजोणिणित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुत्वकोडिपुहुत्तमन्महियाइं । एवं मणुस्से वि, मणुस्सी वि एवं चेव । देवे णं भंते ! देवेत्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! जहेव नेरइए । देवी णं भंते! देवित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं । सिद्धे णं भंते ! सिद्धेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइए अपज्जवसिए । नेरइयअपजत्तए णं भंते ! नेरइयअपजत्तएत्ति कालओ केवच्चिर होइ ? गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं, एवं जाव देवी अपजत्तिया । नेरइयपज्जत्तए णं Page #528 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०१८ दा० ४ पुढवि० पु.] सुत्तागमे ४५३ भंते ! नेरइयपज्जत्तएत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमहत्तूणाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । तिरिक्खजोणियपज्जत्तए णं भंते ! तिरिक्खजोणियपजत्तएत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई । एवं तिरिक्खजोणिणिपज्जत्तिया वि, एवं मणुस्से वि, मणुस्सी वि एवं चेव। देवपजत्तए जहा नेरइयपज्जत्तए । देवीपजत्तिया णं भंते ! देवीपजत्तियत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तणाई, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई ॥ दारं २॥५३३॥ सइंदिए णं भंते ! सइंदिएत्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! सइंदिए दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपजवसिए। एगिदिए णं भंते ! एगिदिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणतं कालं वणस्सइकालो । बेइंदिए णं भंते ! बेइंदिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेनं कालं । एवं तेइंदियचउरिदिए वि। पंचिंदिए णं भंते ! पंचिंदिएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसहस्सं साइरेगं । अणिदिए णं पुच्छा । गोयमा ! साइए अपज्जवसिए। सइंदियअपज्जत्तए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । एवं जाव पंचिंदियअपज्जत्तए । सइंदियपजत्तए णं भंते ! सइंदियपज्जत्तएत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । एगिदियपजत्तए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साइं । बेइंदियपजत्तए | पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेजवासाइं । तेइंदियपजत्तए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं राइंदियाइं। चउरिंदियपज्जत्तए णं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जा मासा । पंचिंदियपज्जत्तए णं भंते ! पंचिंदियपज्जत्तएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं ॥ दारं ३ ॥ ५३४ ॥ सकाइए णं भंते ! सकाइएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा! सकाइए दुविहे पन्नत्ते। तंजहा-~-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपजवसिए, तत्थ णं जे से अ० स० से जहन्नणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साइं संखेजवासमब्भहियाइं । अकाइए णं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! अकाइए साइए अपजवसिए । सकाइयअपजत्तए णं पुच्छा । गोयमा ! जहनेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं, एवं जाव तसकाइयअपज्जत्तए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । पुढविकाइए णं पुच्छा। Page #529 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५४ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं, असंखेज्जाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेजा लोगा । एवं आउतेउवाउकाइया वि । वणस्सइकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं अणंत कालं, अणंताओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, असंखेज्जा पुग्गलपरियट्टा, ते णं पुग्गलपरियट्टा आवलियाए असंखेज्जइभागो। पुढविकाइए पजत्तए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साइं, एवं आऊ वि । तेउकाइए पजत्तए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेजाई राइंदियाइं । वाउकाइयपजत्तए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं संखेजाइं वाससहस्साइं । वणस्सइकाइयपजत्तए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साई । तसकाइयपज्जत्तए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं ॥५३५॥ सुहुमे णं भंते ! सुहुमेत्ति कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उनोसेणं असंखेजं कालं, असंखेज्जाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा। सुहुमपुढविकाइए, सुहुमआउकाइए, सुहुमतेउकाइए, सुहुमवाउकाइए, सुहुमवणप्फइकाइए सुहुमनिगोदे वि जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेजं कालं, असंखेजाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा। सुहुमे णं भंते ! अपज्जत्तएत्ति पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पुढविकाइयआउकाइयतेउकाइयवाउकाइयवणप्फइकाइयाण य एवं चेव, पजत्तयाण वि एवं चेव। बायरे णं भंते ! बायरेत्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं, असंखेजाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अंगुलस्स असंखेजइभागं । बायरपुढविकाइए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ । एवं बायरआउक्काइए वि बायरतेउकाइए वि, बायरवाउकाइए वि । बायरवणप्फइकाइए णं० बायर० पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं जाव खेत्तओ अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । पत्तेयसरीरबायरवणप्फइकाइए णं भंते ! पुच्छा । गोथमा ! जहनेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ। निगोए णं भंते ! निगोएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अड्डाइजा पोग्गल। परियट्टा । बादरनिगोदे णं भंते ! बादरनिगोदेत्ति पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरि सागरोवमकोडाकोडीओ। बायरतसकाइए णं भंते ! Page #530 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० १८ दा० ६ पुरिस०] सुत्तागमे ४५५ बायरतसकाइएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साई संखेज्जवासमब्भहियाई। एएसिं चेव अपज्जत्तगा सव्वे वि जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । बायरपजत्तए णं भंते ! बायरपज्जत्तएत्ति पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । बायरपुढविकाइयपज्जत्तए णं भंते ! बायर० पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साइं। एवं आउकाइए वि । तेउकाइयपजत्तए णं भंते ! तेउकाइयपजत्तएत्ति पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेजाइं राइंदियाइं । वाउकाइयवणस्सइकाइयपत्तेयसरीरबायरवणप्फइकाइए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेजाइं वाससहस्साइं। निओयपज्जत्तए बायरनिओयपज्जत्तए पुच्छा। गोयमा ! दोण्ह वि जहन्नेणं अन्तोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । बायरतसकाइयपज्जत्तए णं भंते ! बायरतसकाइयपज्जत्तएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहत्तं साइरेगं ॥ दारं ४ ॥ ५३६ ॥ सजोगी णं भंते ! सजोगित्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? गोयमा ! सजोगी दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए । मणजोगी णं भंते ! मणजोगित्ति कालओ केव च्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एकं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । एवं वइजोगी वि । कायजोगी णं भंते ! कायजोगि० ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वणप्फइकालो। अजोगी णं भंते ! अजोगित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइए अपज्जवसिए ॥ दारं ५॥ ॥ ५३७ ॥ सवेदए णं भंते ! सवेदएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सवेदए तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए, साइए वा सपज्जवसिए । तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अवढे पोग्गलपरियह देसूणं । इत्थिवेदए णं भंते ! इत्थिवेदएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! एगेणं आएसेणं जहन्नेणं एकं समयं, उक्कोसेणं दसुत्तरं पलिओवमसयं पुव्वकोडिपुहुत्तमभहियं १, एगेणं आएसेणं जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अट्ठारसपलिओवमाई पुवकोडिपुहुत्तमब्भहियाइं २, एगेणं आएसेणं जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउदस पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियाइं ३, एगेणं आएसेणं जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं पलिओवमसयं पुवकोडिपुहुत्तमब्भहियं ४, एगेणं आएसेणं जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं पलिओवमपुहुत्तं पुव्वकोडिपुहुत्तमब्भहियं ५ । पुरिसवेदए णं भंते ! पुरिसवेदएत्ति० ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइ Page #531 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५६ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं रेगं । नपुंसगवेदए णं भंते ! नपुंसगवेदएत्ति पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं वणस्सइकालो । अवेयए णं भंते ! अवेयएत्ति पुच्छा । गोयमा ! अवेयए दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-साइए वा अपजवसिए, साइए वा सपज्जवसिए । तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं ॥ दारं ६ ॥५३८॥ सकसाई णं भंते ! सकसाइत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सकसाई तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपजवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए, साइए वा सपजवसिए जाव अवटुं पोग्गलपरियह देसूणं । कोहकसाई णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं, एवं जाव माणमायाकसाई । लोभकसाई णं भंते ! लोभकसाइत्ति पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं एवं समयं, उक्नोसेणं अंतोमुहुत्तं । अकसाई णं भंते ! अकसाइत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! अकसाई दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—साइए वा अपज्जवसिए साइए वा सपजवसिए। तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहत्तं ।। दारं ७ ॥ ५३९ ॥ सलेसे णं भंते ! सलेसेत्ति पुच्छा । गोयमा ! सलेसे दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपजवसिए, अणाइए वा सपजवसिए । कण्हलेसे णं. भंते ! कण्हलेसेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाइं । नीललेसे णं भंते ! नीललेसेत्ति पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं पलिओवमासंखिजइभागमभहियाइं । काउलेसे णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं. तिण्णि सागरोवमाइं पलिओवमासंखिज्जइभागमब्भहियाइं । तेउलेसे णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं पलिओवमासंखिज्जइभागमब्भहियाइं । पम्हलेसे णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तमन्भहियाइं । सुक्कलेसे णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तमष्भहियाइं । अलेसे णं पुच्छा । गोयमा ! साइए अपज्जवसिए ॥ दारं ८ ॥ ५४० ॥ सम्मट्ठिी णं भंते ! सम्मदिद्वित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! सम्मद्दिट्ठी दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—साइए वा अपज्जवसिए, साइए वा सपज्जवसिए । तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं. अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं छावहिँ सागरोचमाइं साइरेगाइं । मिच्छादिट्ठी णं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! मिच्छादिट्ठी तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपजवसिए, अणाइए वा सपजवसिए, साइए वा सपजवसिए । तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ उस्सप्पिणिओसप्पि Page #532 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५७ प० १८ दा० १४ आहारयभेया] सुत्तागमे णीओ कालओ, खेत्तओ अवढे पोग्गलपरियह देसूणं । सम्मामिच्छादिट्ठी णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं ॥ दारं ९ ॥ ५४१ ॥ णाणी णं भंते ! णाणित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! णाणी दुविहे पन्नत्ते । तंजहासाइए वा अपज्जवसिए, साइए वा सपज्जवसिए । तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छावहिँ सागरोवमाइं साइरेगाइं । आभिणिबोहियणाणी णं पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव, एवं सुयणाणी वि, ओहिणाणी वि एवं चेव, णवरं जहण्णेणं एगं समयं । मणपज्जवणाणी णं भंते ! मणपज्जवणाणित्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं देसूणा पुवकोडी । केवलणाणी णं पुच्छा । गोयमा! साइए अपजवसिए । अण्णाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी पुच्छा । गोयमा ! अण्णाणी, मइअण्णाणी, सुयअण्णाणी तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए, साइए वा सपज्जवसिए। तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अवड्डपोग्गलपरियह देसूणं । विभंगणाणी णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं देसूणाए पुव्वकोडीए अब्भहियाइं ॥ दारं १० ॥ ५४२ ॥ चक्खुदंसणी णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसहस्सं साइरेगं । अचक्खुदसणी णं भंते ! अचक्खुदंसणित्ति कालओ० ? गोयमा ! अचक्खुदंसणी दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए । ओहिदसणी णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं दो छावट्ठीओ सागरोवमाणं साइरेगाओ। केवलदसणी णं पुच्छा । गोयमा ! साइए अपजवसिए ॥ दारं ११ ॥ ५४३ ॥ संजए णं भंते ! संजएत्ति पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं देसूणं पुवकोडिं । असंजए णं भंते ! असंजएत्ति पुच्छा। गोयमा ! असंजए तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए, साइए वा सपजवसिए। तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं, अणंताओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अवढे पोग्गलपरियटं देसूणं । संजयासंजए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं देसूणं पुव्वकोडिं । नोसंजए-नोअसंजए-नोसंजयासंजए णं पुच्छा । गोयमा ! साइए अपज्जवसिए ॥ दारं १२ ॥ ५४४ ॥ सागारोवओगोवउत्ते णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । अणागारोवउत्ते वि एवं चेव ॥ दारं १३ ॥ ५४५ ॥ आहारए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! आहारए Page #533 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्त दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-छउमत्थआहारए य केवलिआहारए य । छउमत्थाहारए णं भंते ! छउमत्थाहारएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं खुड्डागभवग्गहणं दुसमयऊणं, उक्कोसेणं असंखेजं कालं, असंखेजाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ कालओ. खेत्तओ अंगुलस्स असंखेजइभागं । केवलिआहारए णं भंते ! केवलिआहारएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं देसूणं पुवकोडिं । अणाहारए णं भंते ! अणाहारएत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! अणाहारए दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-छउमत्थअणाहारए य केवलिअणाहारए य । छउमत्थअणाहारए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं दो समया। केवलिअणाहारए णं भंते ! केवलि० ? गोयमा ! केवलिअणाहारए दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सिद्धकेवलिअणाहारए य भवत्थकेवलिअणाहारए य । सिद्धकेवलिअणाहारए णं पुच्छा। गोयमा ! साइए अपजवसिए । भवत्थकेवलिअणाहारए णं भंते ! पुच्छा। गोयमा ! भवत्थकेवलिअणाहारए दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए य अजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए य । सजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! अजहण्णमणुकोसेणं तिण्णि समया । अजोगिभवत्थकेवलिअणाहारए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं ॥ दारं १४॥ ॥५४६ ॥ भासए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । अभासए णं पुच्छा । गोयमा ! अभासए तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, अणाइए वा सपज्जवसिए, साइए वा सपज्जवसिए । तत्थ णं जे से साइए वा सपज्जवसिए से जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वणप्फइकालो ॥ दारं १५ ॥५४७॥ परित्ते णं पुच्छा । गोयमा ! परित्ते दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-कायपरित्ते य संसारपरित्ते य । कायपरित्ते णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुढविकालो, असंखेजाओ उस्सप्पिणिओसप्पिणीओ । संसारपरित्ते णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अणंतं कालं जाव अवढे पोग्गलपरियह देसूणं । अपरित्ते णं पुच्छा। गोयमा ! अपरित्ते दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-कायअपरित्ते य संसारअपरित्ते य । कायअपरित्ते णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं वणस्सइकालो। संसारअपरित्ते णं पुच्छा । गोयमा ! संसारअपरित्ते दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-अणाइए वा अपजवसिए, अणाइए वा सपजवसिए । नोपरित्ते-नोअपरित्ते णं पुच्छा । गोयमा ! साइए अपज्जवसिए ॥ दारं १६ ॥५४८॥ पजत्तए णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । अपज्जत्तए णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । नोपजत्तए-नोअपजत्तए णं Page #534 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०२० जे० मणू०] सुत्तागमे ४५९ पच्छा । गोयमा ! साइए अपज्जवसिए ॥ दारं १७ ॥५४९ ॥ सुहुमे णं भंते ! सुहुमेत्ति पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुढविकालो। बायरे णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं जाव खेत्तओ अंगुलस्स असंखेजइभागं । नोसुहुमनोबायरे णं पुच्छा। गोयमा ! साइए अपजवसिए ॥ दारं १८ ॥ ५५० ॥ सण्णी णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, 'उक्लोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं । असण्णी णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं . अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं वणस्सइकालो। नोसण्णीनोअसण्णी णं पुच्छा। गोयमा ! साइए अपज्जवसिए ॥ दारं १९ ॥ ५५१ ॥ भवसिद्धिए णं पुच्छा। गोयमा ! अणाइए सपजवसिए । अभवसिद्धिए णं पुच्छा । गोयमा ! अणाइए अपजवसिए। नोभवसिद्धिए-नोअभवसिद्धिए णं पुच्छा । गोयमा ! साइए अपजवसिए॥ दारं २०॥ ॥ ५५२ ॥ धम्मत्थिकाए णं पुच्छा । गोयमा ! सव्वद्धं, एवं जाव अद्धासमए ॥ दारं २१ ॥ ५५३ ॥ चरिमे णं पुच्छा। गोयमा ! अणाइए सपज्जवसिए । अचरिमे णं पुच्छा। गोयमा ! अचरिमे दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-अणाइए वा अपज्जवसिए, साइए वा अपज्जवसिए ॥ दारं २२ ॥ ५५४ ॥ पन्नवणाए भगवईए अट्ठारसमं कायटिइनामपयं समत्तं ॥ जीवा णं भंते ! किं सम्मदिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी ? गोयमा ! जीवा सम्मदिट्ठी वि, मिच्छादिट्ठी वि, सम्मामिच्छादिट्ठी वि । एवं नेरइया वि । असुरकुमारा वि एवं चेव जाव थणियकुमारा। पुढवीकाइया णं पुच्छा। गोयमा ! पुढवीकाइया णो सम्मदिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, णो सम्मामिच्छादिट्ठी, एवं जाव वणस्सइकाइया। बेइंदिया णं पुच्छा । गोयमा ! बेइंदिया सम्मदिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, णो सम्मामिच्छादिट्ठी । एवं जाव चउरिंदिया । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणुस्सा वाणमंतरजोइसियवेमाणिया य सम्मदिट्ठी वि मिच्छादिट्ठी वि सम्मामिच्छादिट्ठी वि । सिद्धा णं पुच्छा। गोयमा ! सिद्धा सम्मदिट्ठी, णो मिच्छादिट्ठी, णो सम्मामिच्छादिट्ठी॥५५५॥ पन्नवणाए भगवईए एगूणवीसइमं सम्मत्तपयं समत्तं ॥ नेरइय अंतकिरिया अणन्तरं एगसमय उव्वट्टा । तित्थगरचक्किबलवासुदेवमंडलियरयणा य ॥ दारगाहा ॥ जीवे णं भंते ! अंतकिरियं करेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए करेज्जा, अत्थेगइए णो करेजा । एवं नेरइए जाव वेमाणिए । नेरइए णं भंते ! नेरइएसु अंतकिरियं करेजा ? गोयमा ! णो इणढे समठे। नेरइया णं भंते ! असुरकुमारेसु अंतकिरियं करेजा ? गोयमा ! णो इणढे समढे । एवं जाव वेमाणिएसु । नवरं मणूसेसु अंतकिरियं करेजत्ति पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगइए Page #535 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं करेजा, अत्थेगइए णो करेजा । एवं असुरकुमारा जाव वेमाणिए । एवमेव चउवीसं २ दण्डगा भवन्ति ॥५५६ ॥ नेरइया णं भंते ! किं अणंतरागया अंतकिरियं पकरेंति,परंपरागया अंतकिरियं पकरेंति? गोयमा ! अणंतरागया वि अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया वि अंतकिरियं पकरेंति । एवं रयणप्पभापुढविनेरइया वि जाव पंकप्पभापुढवीनेरइया । धूमप्पभापुढवीनेरइया णं पुच्छा । गोयमा ! णो अणंतरागया अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया अंतकिरियं पकरेंति, एवं जाव अहेसत्तमापुढवीनेरइया । असुरकुमारा जाव थणियकुमारा पुढवीआउवणस्सइकाइया य अणन्तरागया वि अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया वि अंतकिरियं पकरेंति । तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिंदिया णो अणंतरागया अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया अंतकिरियं पकरेंति । सेसा अणंतरागया वि अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया वि अंतकिरियं पकरेंति ॥ ५५७ ॥ अणंतरागया० नेरइया एगसमए केवइया अंतकिरियं पकरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एगो वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं दस । रयणप्पभापुढवीनेरइया वि एवं चेव जाव वालुयप्पभापुढवीनेरइया । अणंतरागया णं भंते ! पंकप्पभापुढवीनेरइया एगसमएणं केवइया अंतकिरियं पकरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं चत्तारि । अणन्तरागया णं भंते ! असुरकुमारा एगसमए केवइया अंतकिरियं पकरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं दस । अणंतरागयाओ णं भंते ! असुरकुमारीओ एगसमए केवइया अंतकिरियं पकरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं पंच। एवं जहा असुरकुमारा सदेवीया तहा जाव थणियकुमारा। अणंतरागया णं भंते ! पुढविकाइया एगसमए केवइया अंतकिरियं पकरेंति ? गोयमा ! जहन्नेणं एको वा दो वा तिन्नि वा, उक्कोसेणं चत्तारि । एवं आउकाइया वि चत्तारि, वणस्सइकाइया छच्च, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया दस, तिरिक्खजोणिणीओ दस, मणुस्सा दस, मणुस्सीओ वीसं, वाणमंतरा दस, वाणमंतरीओ पंच, जोइसिया दस, जोइसिणीओ वीसं, वेमाणिया अट्ठसयं, वेमाणिणीओ वीसं ॥५५८॥ नेरइए णं भंते ! नेरइएहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा! नो इणढे समढे। नेरइए णं भंते ! नेरइएहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता असुरकुमारेसु उववज्जेजा ? गोयमा ! नो इणढे समढे । एवं निरंतरं जाव चउरिदिएसु पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समढे । नेरइए णं भंते ! नेरइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववजेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेजा, अत्थेगइए णो उववज्जेजा। जे णं भंते ! नेरइएहिंतो अणंतरं उ० पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववजेज्जा से णं भंते ! केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए ? Page #536 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २० असुरकुमार० पु.] सुत्तागमे ४६१ गोयमा ! अत्थेगइए लभेजा, अत्थेगइए णो लभेजा । जे णं भंते ! केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए से णं केवलिं बोहिं बुज्झेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए बुज्झेजा, अत्थेगइए णो बुज्झेजा। जे णं भंते ! केवलिं बोहिं बुज्झेजा से णं सद्दहेजा यत्तिएजा रोएज्जा ? गोयमा ! सद्दहेजा, पत्तिएज्जा, रोएज्जा । जे णं भंते ! सद्दहेजा पत्तिएज्जा रोएज्जा से णं आभिणिबोहियनाणसुयनाणाइं उप्पाडेजा ? हंता गोयमा ! उप्पाडेजा । जे णं भंते ! आभिणिबोहियनाणसुयनाणाई उप्पाडेजा से णं संचाएजा सीलं वा वयं वा गुणं वा वेरमणं वा पचक्खाणं वा पोसहोववासं वा पडिवजित्तए ? गोयमा ! अत्थेगइए संचाएजा, अत्थेगइए णो संचाएजा । जे णं भंते ! संचाएजा सीलं वा जाव पोसहोववासं वा पडिवज्जित्तए से णं ओहिनाणं उप्पाडेजा? गोयमा ! अत्थेगइए उप्पाडेजा, अत्थेगइए णो उप्पाडेजा। जे णं भंते ! ओहिनाणं उप्पाडेजा से णं संचाएजा मुण्डे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ? गोयमा ! नो इणढे समढे ॥ ५५९ ॥ नेरइए णं भंते ! नेरइएहितो अणंतरं उब्वहित्ता मणुस्सेसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववजेजा, अत्थेगइए णो उववजेजा। जे णं भंते ! उववज्जेज्जा से णं केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए ? गोयमा ! जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु जाव जे णं भंते ! ओहिनाणं उप्पाडेजा से णं संचाएजा मुण्डे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ? गोयमा ! अत्थेगइए संचाएजा, अत्थेगइए णो संचाएजा । जे णं भंते ! संचाएजा मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए से णं मणपजवनाणं उप्पाडेजा ? गोयमा अत्थेगइए उप्पाडेजा, अत्थेगइए णो उप्पाडेजा । जे णं भंते ! मणपज्जवनाणं उप्पाडेजा से णं केवलनाणं उप्पाडेजा? गोयमा ! अत्थेगइए उप्पाडेजा, अत्थेगइए णो उप्पाडेजा । जे णं भंते ! केवलनाणं उप्पाडेज्जा से णं सिज्झेजा बुज्झेजा मुच्चेज्जा सव्वदुक्खाणं अंतं करेजा ? गोयमा ! सिझेजा जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेजा । नेरइए णं भंते ! नेरइएहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु उववजेजा ? गोयमा ! नो इणढे समढे ॥५६०॥ असुरकुमारे णं भंते ! असुरकुमारेहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएसु उववजेज्जा ? गोयमा ! नो इणढे समढे। असुरकुमारे णं भंते ! असुरकुमारेहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता असुरकुमारेसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! नो इणढे समढे । एवं जाव थणियकुमारेसु । असुरकुमारे णं भंते ! असुरकुमारेहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता पुढविकाइएसु उववज्जेज्जा ? हन्ता गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा, अत्थेगइए णो उववजेजा। जे णं भंते ! उववजेज्जा से णं केवलिपन्नत्तं धम्म लभेजा सवणयाए ? गोयमा ! नो इणढे समढे। एवं आउवणस्सइसु वि । असुर Page #537 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६२ सुता [ पण्णवणासुतं 1 कुमारे णं भंते ! असुरकुमारेहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिंदिए उववज्जेज्जा ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । अवसेसेसु पंचसु पचिंदियतिरिक्खजोणियाइसु असुरकुमारेसु जहा नेरइओ, एवं जाव थणियकुमारा ॥ ५६१ ॥ पुढवीकाइए णं भंते! पुढवीकाइएहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएसु उववज्जेजा ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । एवं असुरकुमारेसु वि जाव थणियकुमारेसु वि । पुढवीकाइए णं भंते! पुढवीकाइएहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता पुढवीकाइएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अत्थेiइए उववज्जेज्जा, अत्थेगइए णो उववज्जेज्जा । जे णं भंते! उववज्जेजा से णं केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । एवं आउक्काइयाइसु निरंतरं भाणियव्वं जाव चउरिदिए । पंचिंदियति रिक्खजोणियमणुस्सेसु जहा नेरइए । वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु पडिसेहो । एवं जहा पुढवीकाइओ भणिओ तव आउक्काइओ वि जाव वणस्सइकाइओ वि भाणियव्वो ।। ५६२ ॥ तेउकाइए णं भंते! ते काइएहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! नो इट्ठे समट्ठे । एवं असुरकुमारेसु वि जाव थणियकुमारेसु । पुढवीकाइयआउतेउवाउवणबेइंदियतेइंदियचउरिदिए अत्थेगइए उववज्जेज्जा, अत्थेगइए णो उववजेजा । जेणं भंते! उववज्जेजा से णं केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । तेडक्काइए णं भंते! तेउकाइएहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववजेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा, अत्थेगइए जेजा। जेसे णं केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए ? गोयमा ! अत्थेगइए लभेज्जा, अत्थेगइए णो लभेजा । जे णं भंते! केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए से णं केवलिं बोहिं बुज्झेजा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे । मणुस्तवाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु पुच्छा । गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे । एवं जहेव तेउक्काइए निरंतरं एवं वाउकाइए वि ॥ ५६३ ॥ बेईदिए णं भंते ! बेईदिएहिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएस उववज्जेज्जा ? गोयमा ! जहा पुढवीकाइया नवरं मणुस्सेसु जाव मणपज्जवनाणं उप्पाडेजा । एवं तेइंदिया चउरिंदिया वि जाव मणपज्जवनाणं उप्पाडेजा । जे णं मणपज्जवनाणं उप्पाडेजा से णं केवलनाणं उप्पाडेजा ? गोयमा ! नो इणट्टे समट्ठे | पंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! पंचिंदियतिरिक्खजोणिए हिंतो अनंतरं उव्वट्टित्ता नेरइएसु उववज्जेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए उववज्जेज्जा, अत्थेगइए णो उववज्जेज्जा । जे···से णं केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए ? गोयमा ! अत्थेगइए लभेजा, अत्थेगइए णो लभेज्जा । जे णं केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेजा सवणयाए से णं केवलिं बोहिं बुज्झेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए बुज्झेज्जा, अत्थेगइए णो बुज्झेजा । Page #538 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २० सोहम्मग० ति० पु.] सुत्तागमे ४६३ जेणं भंते ! केवलिं बोहिं बुज्झेजा से णं सद्दहेजा पत्तिएज्जा रोएज्जा ? हंता गोयमा ! जाव रोएज्जा । जे णं भंते ! सद्दहेजा ३ से णं आभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणाई उप्पाडेजा? हंता गोयमा ! जाव उप्पाडेजा। जे णं भंते ! आभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणाई उप्पाडेजा से णं संचाएजा सीलं वा जाव पडिवज्जित्तए ? गोयमा ! नो इणढे समढे । एवं असुरकुमारेसु वि जाव थणियकुमारेसु । एगिदियविगलिंदिएसु जहा पुढवीकाइए । पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु मणुस्सेसु य जहा नेरइए । वाणमंतरजोइसियवेमाणिएसु जहा नेरइएसु उववजेज्जा पुच्छा भणिया एवं मणुस्से वि । वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जहा असुरकुमारे ॥ ५६४ ॥ रयणप्पभापुढवीनेरइए णं भंते ! रयणप्पभापुढवीनेरइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए लभेजा, अत्थेगइए णो लभेजा । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ–'अत्थेगइए लभेज्जा, अत्थेगइए णो लभेज्जा' ? गोयमा ! जस्स णं रयणप्पभापुढवीनेरइयस्स तित्थगरनामगोयाई कम्माइं बद्धाइं पुट्ठाइं निधत्ताई कडाई पट्टवियाई निविट्ठाइं अभिनिविट्ठाइं अभिसमन्नागयाइं उदिन्नाई, णो उवसंताई हवंति, से णं रयणप्पभापुढवीनेरइए रयणप्पभापुढवीनेरइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरतं लभेजा, जस्स णं रयणप्पभापुढवीनेरइयस्स तित्थगरनामगोयाइं० णो बद्धाई जाव णो उदिन्नाइं, उवसंताई हवंति, से णं रयणप्पभापुढवीनेरइए रयणप्पभापुढवीनेरइएहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं णो लभेजा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'अत्थेगइए लभेजा, अत्थेगइए णो लभेजा' । एवं सक्करप्पभा जाव वालुयप्पभापुढवीनेरइएहिंतो तित्थगरत्तं लभेजा। पंकप्पभापुढवीनेरइए णं भंते ! पंकप्पभा०नेरइएहिंतो अणंतरं उव्वटित्ता तित्थगरत्तं लभेजा ? गोयमा ! नो इणढे समढे, अंतकिरियं पुण करेजा। धूमप्पभापुढवीनेरइए पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समढे, सव्वविरई पुण लभेजा । तमप्पभापुढवी-पुच्छा । नो विरयाविरइं पुण लभेजा। अहेसत्तमपुढवी-पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समढे, सम्मत्तं पुण लभेजा। असुरकुमारस्स पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समटे, अंतकिरियं पुण करेजा । एवं निरंतरं जाव आउकाइए। तेउकाइए णं भंते ! तेउक्काइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता तित्थगरत्तं लभेजा ? गोयमा ! नो इणढे समढे, केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज्जा सवणयाए । एवं वाउकाइए वि । वणस्सइकाइए णं पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समढे, अंतकिरियं पुण करेजा । बेइंदियतेइंदियचउरिदिए णं पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समढे, मणपजवनाणं उप्पाडेजा । पांचंदियतिरिक्खजोणियमणूसवाणमंतरजोइसिए णं पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समढे, अंतकिरियं पुण करेजा । सोहम्मगदेवे णं Page #539 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ४६४ [पण्णवणासुतं भंते ! अणंतरं चयं चइत्ता तित्थगरत्तं लभेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए लभेजा. अत्थेगइए णो लभेजा, एवं जहा रयणप्पभापुढविनेरइए, एवं जाव सव्वट्ठसिद्धगदेवे ॥५६५॥ रयणप्पभापुढविनेरइए णं भंते! अणंतरं उव्वट्टित्ता चक्कवट्टित्तं लभेजा ? गोयमा ! अत्थेगइए लभेज्जा, अत्थेगइए नो लभेजा । से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ. ? गोयमा ! जहा रयणप्पभापुढविनेरइयस्स तित्थगरत्तं । सक्करप्पभा० नेरइए० अणंतरं उव्वट्टित्ता चक्वट्टित्तं लभेजा ? गोयमा ! नो इणढे समढे । एवं जाव अहेसत्तमापुढविनेरइए । तिरियमणुएहितो पुच्छा । गोयमा ! नो इणढे समट्टे । भंवणवइवाणमंतरजोइसियवेमाणिएहिंतो पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगइए लभेजा, अत्थेगइए णो लभेजा । एवं बलदेवत्तं पि, नवरं सक्करप्पभापुढविनेरइए वि लभेजा । एवं वासुदेवत्तं दोहितो पुढवीहिंतो वेमाणिएहिंतो य अणुत्तरोववाइयवजेहिंतो, सेसेसु नो इणद्वे समढे । मंडलियत्तं अहेसत्तमातेउवाउवजेहिंतो । सेणावइरयणत्तं गाहावइरयणत्तं वड्डइरयणत्तं पुरोहियरयणत्तं इत्थिरयणत्तं च एवं चेव, णवरं अणुत्तरोववाइयवज्जेहिंतो। आसरयणत्तं हत्थिरयणत्तं रयणप्पभाओ णिरंतरं जाव सहस्सारो अत्थेगइए लभेजा, अत्थेगइए णो लभेजा। चक्करयणत्तं छत्तरयणत्तं चम्मरयणत्तं दंडरयणत्तं असिरयणत्तं मणिरयणत्तं कागिणिरयणत्तं एएसि णं असुरकुमारेहिंतो आरद्ध निरंतरं जाव ईसाणाओ उववाओ, सेसेहिंतो नो इणढे समढे ॥ ५६६ ॥ अह भंते ! असंजयभवियदव्वदेवाणं, अविराहियसंजमाणं, विराहियसंजमाणं, अविराहियसंजमासंजमाणं, विराहियसंजमासंजमाणं, असण्णीणं, तावसाणं, कंदप्पियाणं, चरगपरिव्वायगाणं, किदिवसियाणं, तिरिच्छियाणं, आजीवियाणं, आभिओगियाणं, सलिंगीणं दंसणवावण्णगाणं देवलोगेसु उववजमाणाणं कस्स कहिं उववाओ पण्णत्तो ? गोयमा ! असंजयभवियदव्वदेवाणं जहण्णेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं उवरिमगेवेज्जएसु; अविराहियसंजमाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे, उक्कोसेणं सव्वट्ठसिद्धे; विराहियसंजमाणं जहन्नेणं भवणवासीतु, उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे; अविराहियसंजमासंजमाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे, उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे; विराहियसंजमासंजमाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं जोइसिएसु; असन्नीणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं वाणमंतरेसु; तावसाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं जोइसिएसु; कंदप्पियाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं सोहम्मे कप्पे; चरगपरिव्वायगाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं बंभलोए कप्पे; किब्बिसियाणं जहन्नेणं सोहम्मे कप्पे, उक्कोसेणं लंतए कप्पे; तिरिच्छियाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं सहस्सारे कप्पे; आजीवियाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे; एवं आभिओ Page #540 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २१ ति० पं० ओ० सरीरभेया] सुत्तागमे ४६५ गाण वि, सलिंगीणं दंसणवावण्णगाणं जहन्नेणं भवणवासीसु, उक्कोसेणं उवरिमगेवेजएस ॥ ५६७ ॥ कइविहे णं भंते ! असण्णियाउए पन्नत्ते ? गोयमा ! चउबिहे असण्णियाउए पन्नत्ते । तंजहा–नेरइयअसण्णियाउए जाव देवअसण्णियाउए। असण्णी णं भंते ! जीवे किं नेरइयाउयं पकरेइ जाव देवाउयं पकरेइ ? गोयमा ! नेरइयाउयं पकरेइ जाव देवाउयं पकरेइ । नेरइयाउं पकरेमाणे जहन्नेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं पकरेइ। तिरिक्खजोणियाउयं पकरेमाणे जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागं पकरेइ । एवं मणुस्साउयं पि । देवाउयं जहा नेरइयाउयं । एयस्स णं भंते ! नेरइयअसण्णिआउयस्स जाव देवअसण्णिआउयस्स कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवे देवअसण्णिआउए, मणूसअसण्णिआउए असंखेजगुणे, तिरिक्खजोणियअसण्णिआउए असंखेजगुणे, नेरइयअसण्णिआउए असंखेजगुणे ॥ ५६८ ॥ पन्नवणाए भगवईए वीसइमं अंतकिरियापयं समत्तं ॥ विहिसंठाणपमाणे पोग्गलचिणणा सरीरसंजोगो । दव्वपएसऽप्पबहुं सरीरोगाहणऽप्पबहुं ॥ कइ णं भंते ! सरीरया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरया पन्नत्ता। तंजहा-ओरालिए १, वेउव्विए २, आहारए ३, तेयए ४, कम्मए ५ । ओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-एगिंदियओरालियसरीरे जाव पंचिंदियओरालियसरीरे । एगिदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-पुढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरे जाव वणप्फइकाइयएगिदियओरालियसरीरे । पुढविकाइयएगिदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सुहुमपुढविकाइयएगिदियओरालियसरीरे य बायरपुढविकाइयएगिदियओरालियसरीरे य। सुहुमपुढविकाइयएगिदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते। तंजहा—पजत्तगसुहुमपुढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तगसुहुमपुढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरे य । बायरपुढविकाइया वि एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइयएगिंदियओरालियसरीरेत्ति । बेइंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—पज्जत्तगबेइंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तगबेइंदियओरालियसरीरे य । एवं तेइंदिया चउरिंदिया वि । पंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य मणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरे य । तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे ३० सुत्ता. Page #541 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६६ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं 1 1 पन्नत्ते। तंजहा—जलयरति रिक्खजोणियपंचिंदियओरा लियसरीरे य थलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य खहयर तिरिक्ख जोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य । जलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा -- संमुच्छिमजलय रति रिक्ख जोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य गब्भवक्कंतियजलयरति रिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य । संमुच्छि मजलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओ लियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! विपन्न । जहा - पज्जत्तगसंमुच्छिमतिरिक्ख जोणियपंचिं दियओरा लियसरीरे य अपज्जत्तगसंमुच्छिमतिरिक्खजोणिय पंचिंदियओरालियसरीरे य, एवं गब्भवतिए वि । थलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य परिसप्पथलयरतिरिक्खजोणिय पंचेन्दियओरालियसरीरे य । चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरा लियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—संमुच्छिमच उप्पयथलय र तिरिक्खजोणिय पंचेंदियओरालियसरीरे य गब्भवतियचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य । संमुच्छिम चउप्पय० तिरिक्ख जोणियपंचिंदियओरालियसरीरे० कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - पज्जत्तसंमुच्छिमच उप्पयथलयरतिरिक्खजोणिय - पंचिंदियओरालियसरीरे य अपजत्तसंमुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य । एवं गब्भवनंतिए वि । परिसप्पथलयरति रिक्ख जोणियपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहाउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरा लियसरीरे य भुयपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे य । उरपरिसप्पथलयर तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - संमुच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरा लियस रीरे य गब्भवक्कंतियउरपरिसप्पथलयरतिरिक्ख जोणिय पंचिंदियओरालियसरीरे य । संमुच्छिमे दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-अपज्जत्तसंमुच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपांचिंदियओरालियसरीरे य पजत्तसंमुच्छिमउरपरि सप्पथलयरतिरिक्खजो णियपंचिंदियओरालियसरीरे य, एवं गब्भवक्कंतियउरपरिसप्पे चउक्कओ भेओ । एवं भुयपरिसप्पा वि संमुच्छिमगब्भवकंतिया पज्जत्ता अपज्जत्ता य । खहयरा दुविहा पन्नत्ता । तंजहासंमुच्छिमा य गब्भवतिया य । संमुच्छिमा दुविहा पन्नत्ता - पज्जत्ता अपज्जत्ता य भवतिया विपत्ता अपजत्ता य । मणूसपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! Page #542 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २१ संठाणा ] सुता कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - संमुच्छिममणूस पंचिंदियओरालियसरीरे य गब्भवकंतियमणूस पंचिंदियओरा लियसरीरे य । गब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहापज्जत्तगगब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियओरालियसरीरे य ॥ ५६९ ॥ ओरालियसरीरे णं भंते! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते | एगिंदियओरालियस रीरे० किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए पन्नते । पुढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरे ० किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! मसूरचंदसंठाणसंठिए पत्ते । एवं सुहुमपुढविका - इयाण वि बायराण वि एवं चेव, पज्जत्तापज्जत्ताण वि एवं चेव, आउक्वाइयएगिंदियओरालियासरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! थिबुयबिंदुसंठाणसंठिए पन्नत्ते । एवं सुहुमबायरपज्जत्तापज्जत्ताण वि । उक्काइयएगिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! सूईकलावसंठाणसंठिए पन्नत्ते । एवं सुहुमबायरपज्जत्तापज्जत्ताण वि। वाउक्काइयाण वि पडागासंठाणसंठिए, एवं सुहुमबायरपज्जत्तापज्जत्ताण वि । वणप्फइकाइयाणं णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते, एवं सुहुमबायरपज्जत्तापज्जत्ताण वि । बेइंदियओरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! हुंडठाणसंठिए पन्नत्ते, एवं पज्जत्तापजत्ताण वि, एवं तेइंदियचउरिंदियाण वि । पंचिंदियतिरिक्खजोणियओरालियसरीरे णं भंते! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तंजहा - समचउरंससंठाणसंठिए वि जाव हुंडसंठाणसंठिए वि, एवं पज्जत्तापज्जत्ताण वि ३ । संमुच्छिमतिरिक्खजोणियपचिंदियओरालियस रीरे णं भंते! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! हुंडसंठाणसंठिए पन्नत्ते, एवं पज्जत्तापजत्ताण वि । गब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालिय सरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तंजहा - समचउरंस ० जाव हुंडठाणसंठिए । एवं पज्जत्तापज्जत्ताण वि ३ । एवमेए तिरिक्खजोणियाणं ओहियाणं णव आलावगा । जलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालि यसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तंजहा - समचउरंसे जाव हुंडे, एवं पज्जत्तापज्जत्ताण वि। संमुच्छिमजलयरा हुंडसंठाणसंठिया, एएसिं चेव पज्जत्ता अपज्जत्ता वि एवं चेव । गब्भवक्कंतियजलयरा छव्विहसंठाणसंठिया, एवं पज्जत्तापज्जत्ताण वि । एवं थलयराण वि णव सुत्ताणि, एवं चउप्पयथलयराण वि उरपरिसप्पथलयराण वि भुयपरिसप्पथलयुराण वि । एवं खहयराण वि णव सुत्ताणि, णवरं सव्वत्थ संमुच्छिमा हुंडसंठाणसंठिया भाणियव्वा, इयरे ४६७ Page #543 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६८ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं छसु वि । मणूसपंचिंदियओरालियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तंजहा-समचउरंसे जाव हुंडे, पजत्तापज्जत्ताण वि एवं चेव, गब्भवतियाण वि एवं चेव, पजत्तापजत्ताण वि एवं चेव । संमुच्छिमाणं पुच्छा। गोयमा ! हुंडसंठाणसंठिया पण्णत्ता ॥ ५७० ॥ ओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं । एगिदियओरालियस्स वि एवं चेव जहा ओहियस्स । पुढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, एवं अपजत्तयाण वि पजत्तयाण वि । एवं सुहुमाणं पजत्तापज्जत्ताणं, बायराणं पज्जत्तापजत्ताण वि । एवं एसो णवओ भेओ जहा पुढविक्काइयाणं तहा आउक्काइयाण वि तेउक्काइयाण वि वाउक्काइयाण वि । वणस्सइकाइयओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं । अपज्जत्तगाणं जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं, पजत्तगाणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं । बायराणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्स, पजत्ताण वि एवं चेव । अपजत्ताणं जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । सुहुमाणं पजत्तापजत्ताण य तिण्ह वि जहन्नेण वि उकोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । बेइंदियओरालियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं बारस जोयणाइं । एवं सव्वत्थ वि अपजत्तगाणं अंगुलस्स असंखेजइभागं जहण्णेण वि उक्कोसेण वि । पजत्तगाणं जहेव ओरालियस्स ओहियस्स । एवं तेइंदियाणं तिण्णि गाउयाई, चउरिंदियाणं चत्तारि गाउयाई, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं उक्कोसेणं जोयणसहस्सं ३, एवं संमुच्छिमाणं ३, गब्भवकंतियाण वि ३, एवं चेव णवओ मेओ भाणियव्वो । एवं जलयराण वि जोयणसहस्सं णवओ भेओ, थलयराण वि णव भेया ९, उक्कोसेणं छ गाउया, पज्जत्तगाण वि एवं चेव, संमुच्छिमाणं पजत्तगाण य उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं ३, गब्भवभूतियाणं उक्कोसेणं छ गाउयाइं पजत्ताण य २, ओहियचउप्पयपज्जत्तगगब्भवकंतियपजत्तयाण वि उक्कोसेणं छ गाउयाइं । समुच्छिमाणं पज्जत्ताण य गाउयपुहुत्तं उक्कोसेणं, एवं उरपरिसप्पाण वि । ओहियगब्भवतियपजत्तगाणं जोयण सहस्सं, संमुच्छिमाणं पजत्ताण य जोयणपुहुत्तं, भुयपरिसप्पाणं ओहियगब्भवकंतियाण य उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं, Page #544 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २१ ति० वे० सरीरपुच्छा ] सुगमे ४६९ संमुच्छिमाणं धणुपुहुत्तं, खहयराणं ओहियगब्भवकंतियाणं संमुच्छिमाण य तिह वि उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं । इमाओ संग्रहणीगाहाओ — जोयणसहस्सं छग्गाउयाई तत्तो य जोयणसहस्सं । गाउयपुहुत्त भुयए धणुहपुहुत्तं च पक्खीसु ॥ १ ॥ जोयणसहस्सं गाउयपुहुत्त तत्तो य जोयणपुहुत्तं । दोहं तु धणुपुहुत्तं समुच्छि होइ उच्चत्तं ॥ २ ॥ मणूसोरा लियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई । एवं अपज्जत्ताणं जहन्त्रेण वि उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । संमुच्छिमाणं जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं, गब्भवक्कंतियाणं पज्जत्ताण य जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई ॥ ५७१ ॥ वेउव्वियसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तं जहा - एगिंदियवेउव्वियसरीरे य पंचिंदियवेड व्वियसरीरे य । जइ एगिंदियवेड व्वियसरीरे किं वाउक्काइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे, अवाउक्काइयएगिंदियवेड व्वियसरीरे ? गोयमा ! वाउक्काइयएगिंदियवेडव्वियसरीरे, नो अवाउक्काइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे । जइ वाउक्काइयएगिंदियवेडव्वियसरीरे किं सुहुमवाउक्काइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे, बायरवाउक्काइयएगिंदियवेडव्वियसरीरे ? गोयमा ! नो सुहुमवाउक्काइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे, बायरवाउक्काइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे । जइ बायरवाउक्काइयएगिंदियवेडव्वियसरीरे किं पज्जत्तबायरवाउक्काइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे, अपजत्तबायरवाउक्काइय एगिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! पज्जत्तबायरवाउक्काइयएगिंदियवेडव्वियसरीरे, नो अपज्जत्तबायरवा उक्वाइयएगिंदियवेउव्वियसरीरे । जइ पंचिंदियवेडव्वियसरीरे किं नेरइयपंचिंदियवेडव्वियसरीरे जाव देवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! नेरइयपंचिंदिय वेउव्वियसरीरे वि जाव देवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे वि । जइ नेरइयपंचिंदियवेव्वियसरीरे किं रयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेउब्वियसरीरे जाव अहेसत्तमापुढविनेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेव्वियसरीरे वि जाव अहेसत्तमापुढविनेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे वि । जइ रयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे किं पज्जत्तगरयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, अपज्जत्तगरयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदिय वेड व्वियसरीरे ? गोयमा ! पज्जत्तगरयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, अपज्जत्तगरयणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, एवं जाव अहेसत्तमाए दुगओ भेओ भाणियव्वो । जइ तिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे किं संमुच्छिमतिरिक्खजोणियपंचिंदिय वेडव्वियसरीरे, Page #545 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४७० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं गब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे ? गोयमा ! नो संमच्छिमतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे, गब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवे. उब्वियसरीरे । जइ गब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे किं संखेजवासाउयगब्भवकंतिय०पंचिंदियवेउव्वियसरीरे, असंखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे ? गोयमा ! संखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, नो असंखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे । जइ संखेजवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्धियसरीरे किं पजत्तगसंखेजवासाउयगन्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, अपजत्तगसंखेजवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्बियसरीरे ? गोयमा! पजत्तगसंखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे, नो अपजत्तगसंखेज्जवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्बियसरीरे। जइ संखेजवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे, किं जलयरसंखेज्जवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, थलयरसंखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउन्वियसरीरे, खहयरसंखेजवासाउयगब्भवतंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे ? गोयमा ! जलयरसंखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे वि, थलयरसंखेजवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे वि, खयरसंखेजवासाउयगन्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे वि । जइ जलयरसंखेजवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे किं पज्जत्तगजलयरसंखेजवासाउयगब्भवकंतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे, अपजत्तगजलयरसंखेजवासाउयगब्भवक्रतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! पजत्तगजलयरसंखेजवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे, नो अपजत्तगजलयरसंखेज्जवासाउयगब्भवतियतिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे । जइ थलयरतिरिक्खजोणियपंचिंदिय जाव सरीरे किं चउप्पय जाव सरीरे, परिसप्प जाव सरीरे ? गोयमा ! चउप्पय जाव सरीरे वि, परिसप्प जाव सरीरे वि । एवं सव्वेसिं णेयव्वं जाव खहयराणं पज्जत्ताणं, नो अपजत्ताणं । जइ मणूसपंचिंदियवेउब्वियसरीरे किं संमुच्छिममणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, गब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेउब्वियसरीरे ? गोयमा ! णो समुच्छिममणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, गब्भवतियमणूसपंचिंदियवेउब्वियसरीरे । जइ गब्भवतियमणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे किं कम्मभूमगगब्भवऋतियमणूसपंचिंदियवेउब्वियसरीरे, अक Page #546 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २१ ने० वे० सरीर० ] सुतागमे म्मभूमगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेउ व्वियसरीरे, अंतरदीवगगब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! कम्मभूमग गव्भवक्तंतियमणूसपंचिं दियवेड व्वियसरीरे, णो अकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेडव्वियसरीरे, णो अंतरदीवगगब्भवकंतियमणूसपंचिन्दियवेव्वियसरीरे । जइ कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे किं संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, असंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेड व्वियसरीरे ? गोयमा ! संखेजवा साउयकम्मभूमगगब्भवकंतिय मणूसपंचिं दियवेडव्वियसरीरे, नो असंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेडव्वियसरीरे । जइ संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेडव्वियसरीरे किं पज्जत्तयसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगमणूसपंचिंदियवेड व्त्रिय सरीरे, अपज्जत्तयसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसपंचिंदियवेड व्वियसरीरे ? गोयमा ! पज्जत्तयसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियवेडव्वियसरीरे, नो अपज्जत्तयसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसपंचिंदियवेउव्वियसरीरे । जइ देवपंचिंदियवेउब्वियसरीरे किं भवणवासिदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे जाव वेमाणियदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! भवणवासिदेवपंचिंदियवेव्वियसरीरे वि जाव वैमाणियदेवपंचिंदियवेडव्वियसरीरे वि । जइ भवणवा सिदेवपंचिंदियवेव्वियसरीरे किं असुरकु मारभवणवासिदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे जाव थणियकुमारभवणवासिदेवपचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! असुरकुमार० वि जाव थणियकुमारदेवपंचिन्दिय वेउ व्वियसरीरे वि । जइ असुरकुमारभवणवासि देवपंचिंदियवेडव्वियसरीरे किं पज्जत्तगअसुरकुम।रभवणवासिदेवपचिंदियवेउव्वियसरीरे, अपज्जत्तगअसुरकुमारभवणवासिदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ? गोयमा ! पजत्तगअसुरकुमारभवणवासिदेवपांचिंदियवेड व्वियसरीरे वि, अपज्जत्तगअसुरकुमारभवणवा सिदेवपांचिंदियवेउव्वियसरीरे वि, एवं जाव थणियकुमाराणं दुगओ भेओ । एवं वाणमंतराणं अट्ठविहाणं, जोइसियाणं पंचविहाणं । वेमाणिया दुविहा- कप्पोवगा कप्पातीता य । कप्पोवगा बारसविहा, तेसिं पि एवं चेत्र दुहओ भेओ । कप्पातीता दुविहाए - गेवेज्जगा य अणुत्तरोववाइया य, गेवेज्जगा णवविहा, अणुत्तरोववाइया पंचविहा, एएसिं पज्जत्तापजत्ताभिलावेणं ओ ओ भाणि ॥ ५७२ ॥ वेउव्वियसरीरे णं भंते! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते । वाउक्काइयएगिंदियवेडव्वियसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! पडागासंठाणसंठिए पन्नत्ते । नेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे णं भंते! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! नेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरे ४७१ Page #547 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४७२ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-भवधारणिजे य उत्तरवेउव्विए य । तत्थ णं जे से भवधारणिजे से णं हुंडसंठाणसंठिए पन्नत्ते । तत्थ णं जे से उत्तरवेउव्विए से वि हुंडसंठाणसंठिए पन्नत्ते । रयणप्पभापुढविनेरइयांचंदिय वेउब्वियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविनेरइयाणं दुविहे सरीरे पन्नत्ते । तंजहाभवधारणिजे य उत्तरवेउव्विए य । तत्थ णं जे से भवधारणिजे से णं हुंडे, जे से उत्तरवेउव्विए से वि हुंडे । एवं जाव अहेसत्तमापुढविनेरइयवेउव्वियसरीरे। तिरिक्खजोणियपंचिंदियवेउब्वियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते । एवं जाव जलयरथलयरखहयराण वि । थलयराण वि चउप्पयपरिसप्पाण वि, परिसप्पाण वि उरपरिसप्पभुयपरिसप्पाण वि । एवं मणुस्सपंचिंदियवेउव्वियसरीरे वि । असुरकुमारभवणवासिदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे णं भंते ! किंसंठाणसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! असुरकुमाराणं देवाणं दुविहे सरीरे पन्नत्ते । तंजहा-भवधारणिज्जे य उत्तरवेउबिए य । तत्थ णं जे से भवधारणिज्जे से णं समचउरंससंठाणसंठिए पन्नत्ते, तत्थ णं जे से उत्तरवेउव्विए से णं णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते, एवं जाव थणियकुमारदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरे, एवं वाणमंतराण वि, णवरं ओहिया वाणमंतरा पुच्छिजंति, एवं जोइसियाण वि ओहियाणं, एवं सोहम्मे जाव अच्चुयदेवसरीरे । गेवेजगकप्पातीतवेमाणियदेवपंचिंदियवेउब्वियसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! गेवेजगदेवाणं एगे भवधारणिजे सरीरे, से णं समचउरंससंठाणसंठिए पन्नत्ते, एवं अणुत्तरोववाइयाण वि ॥ ५७३ ॥ वेउव्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसयसहस्सं । वाउकाइयएगिंदियवेडब्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । नेरइयपंचिंदियवेउव्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउब्विया य । तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं पंचधणुसयाइं। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्स संखेजइभाग, उक्कोसेणं धणुसहस्सं । रयणप्पभापुढविनेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य । तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं सत्त धणूइं तिण्णि रयणीओ छच्च अंगुलाई। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्स संखेज्जइभाग, Page #548 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४७३ प० २१ मणूसाहारगसरीरपु०] सुत्तागमे उक्कोसेणं पण्णरस धणूई अड्डाइजाओ रयणीओ। सक्करप्पभाए पुच्छा। गोयमा ! जाव तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं पण्णरस धणूई अड्डाइजाओ रयणीओ । तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं एकतीसं धणूई एक्का य रयणी । वालुयप्पभाए भवधारणिज्जा एकतीसं धणूइं एका रयणी, उत्तरवेउव्विया बासहिँ धणूइं दो रयणीओ। पंकप्पभाए भवधारणिज्जा बासटिं धणूइं दो रयणीओ, उत्तरवेउव्विया पणवीसं धणुसयं । धूमप्पभाए भवधारणिज्जा पणवीसं धणुसयं, उत्तरवेउब्विया अड्डाइजाइं धणुसयाई। तमाए भवधारणिज्जा अड्डाइजाइं धणुसयाई, उत्तरवेउव्विया । पंच धणुसयाइं । अहेसत्तमाए भवधारणिज्जा पंच धणुसयाई, उत्तर वेउव्विया धणुसहस्सं एवं उक्कोसेणं । जहन्नेणं भवधारणिज्जा अंगुलस्स असंखेजइभागं, उत्तरवेउव्विया अंगुलस्स संखेजइभागं । तिरिक्खजोणियपचिंदियवेउव्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स संखेजइभाग, उक्कोसेणं जोयणसयपुहुत्तं । मणुस्सपंचिंदियवेउब्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं, उक्कोसेणं. साइरेगं जोयणसयसहस्सं । असुरकुमारभवणवासिदेवपचिंदियवेउव्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! असुरकुमाराणं देवाणं दुविहा सरीरोगाहणा पन्नत्ता । तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य । तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं सत्त रयणीओ। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा जहन्नेणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं, उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं । एवं जाव थणियकुमाराणं, एवं ओहियाणं वाणमंतराणं एवं जोइसियाण वि, सोहम्मीसाणदेवाणं एवं चेव, उत्तरवेउव्विया जाव अच्चुओ कप्पो, णवरं सणंकुमारे भवधारणिज्जा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं छ रयणीओ। एवं माहिंदे वि, बंभलोयलंतगेसु पंच रयणीओ, महासुक्कसहस्सारेसु चत्तारि रयणीओ, आणयपाणयआरणञ्चुएसु तिण्णि रयणीओ। गेविजगकप्पातीतवेमाणियदेवपंचिंदियवेउव्वियसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! गेवेजगदेवाणं एगा भवधारणिज्जा सरीरोगाहणा पन्नत्ता । सा जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं दो रयणी । एवं अणुत्तरोववाइयदेवाण वि, णवरं एका रयणी ॥ ५७४ ॥ आहारगसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! एगागारे पन्नत्ते । जइ एगागारे प० किं मणूसआहारगसरीरे, अमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! मणूसआहारगसरीरे, नो अमणूसआहारगसरीरे । जइ मणूसआहारगसरीरे किं समुच्छिममणूसआहारग-- Page #549 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४७४ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं सरीरे, गब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! नो समुच्छिममणूसआहारगसरीरे, गम्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे । जइ गब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे किं कम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे, अकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे, अंतरदीवगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा! कम्मभूमगगब्भवकंतिय०, नो अकम्मभूमगगब्भवकंतिय०, नो अंतरदीवगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे । जइ कम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे किं संखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्रतियमणूसआहारगसरीरे, असंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! संखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे, नो असंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे । जइ संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे किं पजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, अपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! पजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, नो अपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे। जइ पजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे किं सम्मट्टिीपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, मिच्छट्ठिीपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे, सम्मामिच्छट्टिीपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! सम्मट्टिीपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, नो मिच्छट्टिीपज्जत्त०, नो सम्मामिच्छट्टिीपजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे । जइ सम्मट्ठिीपज्जत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे किं संजयसम्मट्टिीपज्जत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे, असंजयसम्मट्ठिीपज्जत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, संजयासंजयसम्मद्दिट्टीपजत्तसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! संजयसम्मद्दिट्ठीपज्जत्तसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, नो असंजयसम्मट्टिीपज्जत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे, नो संजयासंजयसम्मपिट्ठीपजत्त.. आहारगसरीरे । जइ संजयसम्मद्दिट्ठीपजत्तसंखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे किं पमत्तसंजयसम्मट्टिी०संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे, अपमत्तसंजयसम्मद्दिट्टी०संखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे ? गोयमा ! पमत्तसंजयसम्मट्टिीपज्जत्तसंखेज्जवासाउयकम्म Page #550 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० २१ बेइंदिय० पुच्छा] सुत्तागमे भूमगगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे, नो अपमत्तसंजयसम्मट्ठिी०कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे। जइ पमत्तसंजयसम्मद्दिट्टी०संखेजवासाउयकम्मभूमग०मणूसआहारगसरीरे किं इड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्म ट्ठिी०कम्मभूमगसंखेज्जवासाउयगब्भवतियमणूसआहारगसरीरे, अणिड्डिपत्तपमत्तसंजय०कम्मभूमगसंखेजवासाउयगब्भवक्कंतिय०आहारगसरीरे ? गोयमा ! इड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्मट्टिी०संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूसआहारगसरीरे नोअणिड्डिपत्तपमत्तसंजयसम्मट्टिी०संखेजवासाउयकम्मभूमगगब्भवकंतियमणूसआहारगसरीरे। आहारगसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! समचउरंससंठाणसंठिए पन्नत्ते । आहारगसरीरस्स णं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं देसूणा रयणी, उक्कोसेणं पडिपुण्णा रयणी ॥५७५॥ तेयगसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा—एगिदियतेयगसरीरे जाव पांचंदियतेयगसरीरे। एगिदियतेयगसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-पुढविकाइय० जाव वणस्सइकाइयएगिदियतेयगसरीरे । एवं जहा ओरालियसरीरस्स भेओ भणिओ तहा तेयगस्स वि जाव चउरिंदियाणं। पांचंदियतेयगसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते । तंजहा-नेरइयतेयगसरीरे जाव देवतेयगसरीरे, नेरइयाणं दुगओ भेओ भाणियव्वो जहा वेउब्वियसरीरे । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणूसाण य जहा ओरालियसरीरे भेओ भणिओ तहा भाणियव्वो। देवाणं जहा वेउव्वियसरीरभेओ भणिओ तहा भाणियव्वो जाव सव्वट्ठसिद्धदेवत्ति । तेयगसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते । एगिदियतेयगसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा णाणासंठाणसंठिए पन्नत्ते। पुढविकाइयएगिंदियतेयगसरीरे णं भंते ! किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! मसूरचंदसंठाणसंठिए पन्नत्ते, एवं ओरालियसंठाणाणुसारेण भाणियव्वं जाव चउरिदियाण वि । नेरइयाणं भंते ! तेयगसरीरे किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! जहा वेउब्वियसरीरे । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मणूसाणं जहा एएसिं चेव ओरालियत्ति । देवाणं भंते ! तेयगसरीरे किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! जहा वेउब्बियस्स जाव अणुत्तरोववाइयत्ति ॥ ५७६ ॥ जीवस्स णं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं लोगंताओ लोगंते । एगिदियस्स णं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! एवं चेव जाव पुढवि० आउ० तेउ० वाउ० वणप्फइकाइयस्स । बेइंदियस्स Page #551 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं तिरियलोगाओ लोगंते । एवं जाव चउरिंदियस्स । नेरइयस्स णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा प० ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहन्नेणं सांइरेगं जोयणसहस्सं अहे, उक्कोसेणं जाव अहेसत्तमा पुढवी, तिरियं जाव सयंभुरमणे समुद्दे, उड्डुं जाव पंडगवणे पुक्खरिणीओ । पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स णं भंते ! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा० ? गोयमा ! जहा बेइंदियसरीरस्स । मणुस्सस्स णं भंते ! मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा • ? गोयमा ! समयखेत्ताओ लोगंतो । असुरकुमारस्स णं भंते ! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा० ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आयामे जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं अहे जाव तच्चाइ पुढवीए हिडिले चरमंते, तिरियं जाव सयंभुरमणसमुद्दस्स बाहिरिले वेइयंते, उड्डुं जाव ईसिप्पब्भाराः पुढवी, एवं जाव थणियकुमारतेयगसरीरस्स । वाणमंतरजोइसियसोहम्मीसाणगा य एवं चैव। सणकुमारदेवस्स णं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा० ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आया मेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं अहे जाव महापायालाणं दोघे तिभागे,. तिरियं जाव सयंभुरमणे समुद्दे, उद्धुं जाव अच्चुओ कप्पो । एवं जाव सहस्सारदेवस्स ।. आण देवसणं भंते! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहयस्स तेयासरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा० ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खभबाहल्लेणं, आयामेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं जाव अहोलोइयगामा, तिरियं जाव मणूस खेत्तं, उ जाव अच्चुओ कप्पो, एवं जाव आरणदेवस्स । अच्चुयदेवस्स एवं चेव, णवरं उड जाव सयाईं विमाणाइं । गेविज्जगदेवस्स णं भंते! मारणंतिय समुग्धाएणं समोहयस्स तेयगसरीरस्स केमहालिया सरीरोगाहणा० ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ता विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहन्नेणं विज्जाहरसेढीओ, उक्कोसेणं जाव अहोलोइयगामा, तिरियं जाव मणूसखेत्ते, उद्धुं जाव सगाई विमाणाइं, अणुत्तरोववाइयस्स वि एवं चेव । कम्मगसरीरे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा - एगिंदियकम्मगसरीरे जाव पचिदियकम्मगसरीरे य । एवं जहेव तेयगसरीरस्स भेओ संठाणं ओगाहणा य भणिया तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव अणुत्तरोववाइयत्ति ॥ ५७७ ॥ । ४७६ Page #552 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २१ ओरालिय० अप्पाबहुयं ] सुत्तागमे ओरालियसरीरस्स णं भंते ! कइदिसिं पोग्गला चिज्जंति ? गोयमा ! निव्वाघाएणं छद्दिसिं, वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं, सिय चउद्दिसिं, सिय पंचदिसिं । वेडव्वियसरीरस्स णं भंते ! कइ दिसिं पोग्गला चिजंति ? गोयमा ! णियमा छद्दिसिं । एवं आहारगसरीरस्स वि, तेयाकम्मगाणं जहा ओरालियसरीरस्स । ओरालियसरीरस्स णं भंते! कइदिसिं पोग्गला उवचिजंति ? गोयमा ! एवं चेव जाव कम्मगसरीरस्स एवं उवचिजंति, अवचिज्जंति ॥ ५७८ ॥ जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरं तस्स वेडव्वियसरीरं, जस्स वेडव्वियसरीरं तस्स ओरालियसरीरं ? गोयमा ! जस्स ओरालियसरीरं तस्स वेउव्वियसरीरं सिय अस्थि सिय नत्थि, जस्स वेड व्वियसरीरं तस्स ओरालि यसरीरं सिय अत्थि सिय नत्थि । जस्स णं भंते ! ओरालि यसरीरं तस्स आहारगसरीरं, जस्स आहारगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं ? गोयमा ! जस्स ओरालियसरीरं तस्स आहारगसरीरं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण आहारगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं णियमा अत्थि । जस्स णं भंते ! ओरालियसरीरं तस्स तेयगसरीरं, जस्स तेयगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं ? गोयमा ! जस्स ओरालियसरीरं तस्स तेयगसरीरं ज़ियमा अत्थि, जस्स पुण तेयगसरीरं तस्स ओरालियसरीरं सिय अत्थि सिय णत्थि एवं कम्मगसरीरं पि । जस्स णं भंते ! वेउव्वियसरीरं तस्स आहारगसरीरं, जस्स आहारगसरीरं तस्स वेडव्वियसरीरं ? गोयमा ! जस्स वेडव्वियसरीरं तस्स आहारगसरीरं णत्थि, जस्स वि आहारगसरीरं तस्स वि वेउव्वियसरीरं णत्थि । तेथाकम्माई जहा ओरालिएण समं तहेव आहारगसरीरेण वि समं तेयाकम्मगाईं चारेयव्वाणि । जस्स णं भंते ! तेयगसरीरं तस्स कम्मगसरीरं, जस्स कम्मगसरीरं तस्स तेयगसरीरं ? गोयमा ! जस्स तेयगसरीरं तस्स कम्मगसरीरं णियमा अत्थि, जस्स वि कम्मगसरीरं तस्स वि तेयगसरीरं नियमा अत्थि ॥ ५७९ ॥ एएसि णं भंते ! ओरालियवेडन्नियआहारगतेयगकम्मगसरीराणं दव्वट्टयाए पसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा आहारगसरीरा दव्वट्टयाए, वेउव्वियसरीरा दव्वट्टयाए असंखेजगुणा, ओरालियसरीरा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, तेयाकम्मगसरीरा दोवि तुल्ला दव्वट्टयाए अणंतगुणा । पएसट्टयाए- सव्वत्थोवा आहारगसरीरा पएसट्टयाए, वेडव्वियसरीरा पएसट्टयाए असंखेजगुणा, ओरालियसरीरा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, तेयगसरीरा सट्टयाए अनंतगुणा, कम्मगसरीरा पएसट्टयाए अनंतगुणा । दव्वट्ठपएसट्टयाएसंव्वत्थोवा आहारगसरीरा दव्वट्टयाए, वेडव्वियसरीरा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, ओरालि यसरीरा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, ओरालियसरीरेहिंतो दव्वट्टयाएहिंतो आहा ४७७ Page #553 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४७८ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं रगसरीरा पएसट्टयाए अणंतगुणा, वेउव्वियसरीरा पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, ओरालियसरीरा पएसट्टयाए असंखेजगुणा, तेयाकम्मा दोवि तुल्ला दव्वठ्ठयाए अणंतगुणा, तेयगसरीरा पएसठ्ठयाए अणंतगुणा, कम्मगसरीरा पएसठ्ठयाए अणंतगुणा ॥५८०॥ एएसि णं भंते ! ओरालियवेउव्वियआहारगतेयगकम्मगसरीराणं जहणियाए ओगाहणाए उक्कोसियाए ओगाहणाए जहण्णुकोसियाए ओगाहणाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४१ गोयमा ! सव्वत्थोवा ओरालियसरीरस्स जहणिया ओगाहणा, तेयाकम्मगाणं दोण्ह वि तुल्ला जहणिया ओगाहणा विसेसाहिया, वेउव्वियसरीरस्स जहण्णिया ओगाहणा असंखेजगुणा, आहारगसरीरस्स जहणिया ओगाहणा असंखेजगुणा। उक्कोसियाए ओगाहणाए-सव्वत्थोवा आहारगसरीरस्स उक्कोसिया ओगाहणा, ओरालियसरीरस्स उक्कोसिया ओगाहणा संखेजगुणा, वेउव्वियसरीरस्स उक्कोसिया ओगाहणा संखेनगुणा, तेयाकम्मगाणं दोण्ह वि तुल्ला उक्कोसिया ओगाहणा असंखेजगुणा । जहण्णुकोसियाए ओगाहणाए-सव्वत्थोवा ओरालियसरीरस्स जहणिया ओगाहणा, तेयाकम्माणं दोण्ह वि तुल्ला जहण्णिया ओगाहणा विसेसाहिया, वेउब्वियसरीरस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा, आहारगसरीरस्स जहण्णिया ओगाहणा असंखेजगुणा, आहारगसरीरस्स जहणियाहिंतो ओगाहणाहिंतो तस्स चेव उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया, ओरालियसरीरस्स उक्कोसिया ओगाहणा संखेजगुणा, वेउब्वियसरीरस्स उक्कोसिया ओगाहणा संखेजगुणा, तेयाकम्मगाणं दोण्ह वि तुल्ला उक्कोसिया ओगाहणा असंखेजगुणा ॥ ५८१ ॥ पन्नवणाए भगवईए एगवीसइमं ओगाहणासंठाणपयं समत्तं ॥ कइ णं भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-काइया १, अहिगरणिया २, पाओसिया ३, पारियावणिया ४, पाणाइवायकिरिया ५ । काइया णं भंते ! किरिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-अणुवरयकाइया य दुप्पउत्तकाइया य । अहिगरणिया णं भंते ! 'किरिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-संजोयणाहिगरणिया य निव्वत्तणाहिगरणिया य । पाओसिया णं भंते ! किरिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा पन्नत्ता । तंजहा-जेणं अप्पणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा असुभं मणं संपधारेइ, सेत्तं पाओसिया किरिया । पारियावणिया णं भंते ! किरिया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा पन्नत्ता । तंजहा-जेणं अप्पणो वा परस्स वा तदुभयस्स वा अस्सायं वेयणं उदीरेइ, सेत्तं पारियावणिया किरिया । पाणाइवायकिरिया णं भंते! कइविहा पन्नत्ता? गोयमा ! तिविहा पन्नत्ता । तंजहा-जेणं अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा जीवियाओ Page #554 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २२ पुढवि.] सुत्तागमे ४७९ ववरोवेइ, सेत्तं पाणाइवायकिरिया ॥ ५८२ ॥ जीवा णं भंते ! किं सकिरिया अकिरिया? गोयमा ! जीवा सकिरिया वि अकिरिया वि । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ'जीवा सकिरिया वि अकिरिया वि'? गोयमा ! जीवा दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-संसारसमावण्णगा य असंसारसमावण्णगा य । तत्थ णं जे ते असंसारसमावण्णगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं अकिरिया । तत्थ णं जे ते संसारसमावण्णगा ते दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सेलेसिपडिवण्णगा य असेलेसिपडिवण्णगा य । तत्थणं जे ते सेलेसिपडिवण्णगा तेणं अकिरिया, तत्थ णं जे ते असेलेसिपडिवण्णगा ते णं सकिरिया, से तेण?णं गोयमा! एवं वुच्चइ-'जीवा सकिरिया वि अकिरिया वि' ॥ ५८३ ॥ अत्थि णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कजइ ? हंता गोयमा ! अस्थि । कम्हि णं भंते ! जीवाणं पाणाइवाएणं किरिया कज्जइ ? गोयमा ! छसु जीवनिकाएसु । अत्थि णं भंते ! नेरइयाणं पाणाइवाएणं किरिया कजइ ? गोयमा ! एवं चेव । एवं निरंतरं जाव वेमाणियाणं । अत्थि णं भंते ! जीवाणं मुसावाएणं किरिया कज्जइ ? हंता ! अस्थि । कम्हि णं भंते ! जीवाणं मुसावाएणं किरिया कन्जइ ? गोयमा ! सव्वदव्वेसु, एवं निरंतरं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । अस्थि णं भंते ! जीवाणं अदिन्नादाणेणं किरिया कज्जइ ? हंता ! अत्थि । कम्हि णं भंते ! जीवाणं अदिन्नादाणेणं किरिया कज्जइ ? गोयमा ! गहणधारणिज्जेसु दव्वेसु, एवं नेरइयाणं निरंतरं जाव वेमाणियाणं । अस्थि णं भंते ! जीवाणं मेहुणेणं किरिया कज्जइ ? हंता ! अस्थि । कम्हि णं भंते ! जीवाणं मेहुणेणं किरिया कजइ ? गोयमा ! रूवेसु वा रूवसहगएसु वा दव्वेसु, एवं नेरइयाणं निरंतरं जाव वेमाणियाणं । अत्थि णं भंते ! जीवाणं परिग्गहेणं किरिया कज्जइ ? हंता ! अत्थि। कम्हि णं भंते ! जीवाणं परिग्गहेणं किरिया कजइ ? गोयमा ! सव्वदव्वेसु एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । एवं कोहेणं माणेणं मायाए लोभेणं पेजेणं दोसेणं कलहेणं अब्भक्खाणेणं पेसुन्नेणं परपरिवाएणं अरइरईए मायामोसेणं मिच्छादसणसल्लेणं । सव्वेसु जीवनेरइयभेएणं भाणियव्वा निरंतरं जाव वेमाणियाणं ति, एवं अट्ठारस एए दंडगा १८ ॥ ५८४ ॥ जीवे णं भंते ! पाणाइवाएणं कइ कम्मपगडीओ बंधइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहवंधए वा । एवं नेरइए जाव निरंतरं वेमाणिए। जीवा णं भंते ! पाणाइवाएणं कइ कम्मपगडीओ बंधंति 2 गोयमा ! सत्तविहबंधगा वि अट्ठविहबंधगा वि । नेरइया णं भंते ! पाणाइवाएणं कइ कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबंधगा, अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य, अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य । एवं असुरकुमारा वि जाव थणियकुमारा पुढवि Page #555 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४८० सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं आउतेउवाउवणप्फइकाइया य एए सव्वे वि जहा ओहिया जीवा, अवसेसा जहा नेरइया । एवं ते जीवेगिदियवज्जा तिण्णि तिण्णि भंगा सव्वत्थ भाणियव्वत्ति जाव मिच्छादंसणसल्ले, एवं एगत्तपोहत्तिया छत्तीसं दंडगा होंति ॥ ५८५ ॥ जीवे णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं बंधमाणे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए, एवं नेरइए जाव वेमाणिए । जीवा णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं बंधमाणा कइकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया, सिय चउकिरिया, सिय पंचकिरिया वि, एवं नेरइया निरंतरं जाव वेमाणिया । एवं दरिसणावरणिजं वेयणिजं मोहणिजं आउयं नाम गोत्तं अंतराइयं च अट्ठविहकम्मपगडीओ भाणियवाओ, एगत्तपोहत्तिया सोलस दंडगा भवन्ति ॥ ५८६ ॥ जीवे णं भंते ! जीवाओ कइकिरिए ?.गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए, सिय अकिरिए । जीवे णं भंते ! नेरइयाओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय अकिरिए, एवं जाव थणियकुमाराओ । पुढविकाइयाओ आउकाइयाओ तेउक्काइयाओ वाउक्काइयवणप्फइकाइयबेइंदियतेइंदियचउरिंदियपंचिंदियतिरिक्खजोणियमणुस्साओ जहा जीवाओ, वाणमंतरजोइसियवेमाणियाओ जहा नेरइयाओ । जीवे णं भंते ! जीवेहिंतो कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए, सिय अकिरिए । जीवे णं भंते ! नेरइएहिंतो कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिए अकिरिए, एवं जहेव पढमो दंडओ तहा एसो बिइओ भाणियव्वो । जीवा णं भंते ! जीवाओ कइकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया वि, सिय चउकिरिया वि, सिय पंचकिरिया वि, सिय अकिरिया वि । जीवा णं भंते ! नेरइयाओ कइकिरिया ? गोयमा ! जहेव आइल्लदंडओ तहेव भाणियव्वो जाव वेमाणियत्ति । जीवा णं भंते ! जीवेहिंतो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि, अकिरिया वि । जीवा णं भंते ! नेरइएहितो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, अकिरिया वि । असुरकुमारेहिंतो वि एवं चेव जाव वेमाणिएहितो, ओरालियसरीरेहितो जहा जीवहितो । नेरइए णं भंते ! जीवाओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए । नेरइए णं भंते ! नेरइयाओ कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए । एवं जाव वेमाणिएहितो, नवरं नेरइयस्स नेरइएहिंतो देवेहिंतो य पंचमा किरिया नत्थि। नेरइया णं भंते ! जीवाओ कइकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया, सिय चउकिरिया, सिय पंचकिरिया, एवं जाव वेमाणियाओ, नवरं नेरइयाओ देवाओ य पंचमा किरिया नत्थि । नेरइया णं भंते ! जीवहिंतो कइकिरिया ? Page #556 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २२ ] सुत्तागमे गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि । नेरइया णं भंते ! नेरइएहिंतो कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि चउकिरिया वि । एवं जाव वेमाणिएहिंतो, नवरं ओरालियसरीरेहिंतो जहा जीवेहिंतो । असुरकुमारे णं भंते ! जीवाओ कइकिरिए ? गोयमा ! जहेव नेरइए चत्तारि दंडगा तहेव असुरकुमारेवि चत्तारि दंडगा भाणियव्वा, एवं च उवउजिऊणं भावेयव्वं ति । जीवे मणूसे य अकिरिए बुच्चइ, सेसा अकिरिया न बुचंति । सव्वजीवा ओरालियसरीरेहिंतो पंचकिरिया । नेरइयदेवेहिंतो पंचकिरिया ण वुञ्चति । एवं एक्केकजीवपए चत्तारि चत्तारि दंडगा भाणियव्वा एवं एयं दंडगसयं सव्वे वि य जीवाइया दंडगा ॥ ५८७ ॥ कइ णं भंते! किरियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ । तंजहाकाइया जाव पाणाइवायकिरिया | नेरइयाणं भंते ! कइ किरियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ । तंजहा - काइया जाव पाणाइवायकिरिया, एवं जाव वैमाणियाणं । जस्स णं भंते! जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स अहिगरणिया किरिया कज्जइ, जस्स अहिगरणिया किरिया कज्जइ तस्स काइया किरिया कइ ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स अहिगरणिया किरिया नियमा कज्जइ, जस्स अहिगरणिया किरिया कज्जइ तस्स वि काइया किरिया नियमा कज्जइ । जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स पाओसिया किरिया कज्जइ, जस्स पाओसिया किरिया कज्जइ तस्स काइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! एवं चेव । जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ, जस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ तस्स काइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स पारियावणिया ० सिय कज्जइ, सिय नो कज्जइ, जस्स पुण पारियावणिया किरिया कज्जइ तस्स काइया ० नियमा कज्जइ, एवं पाणाइवाय किरिया वि । एवं आइल्लाओ परोप्परं नियमा तिण्णि कज्जति । जस्स आइल्लाओ तिणि कज्जंति तस्स उवरिल्लाओ दोन्नि सिय कज्जंति, सिय नो कज्जंति, जस्स उवरिल्लाओ दोण्णि कज्जंति तस्स आइल्लाओ नियमा तिण्णि कज्जति । जस्स गं भंते ! जीवस्स पारियावणिया किरिया कजइ तस्स पाणाइवायकिरिया कज्जइ, जस्स पाणाइवाय किरिया कज्जइ तस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स पारियावणिया किरिया कज्जइ तस्स पाणाइवायकिरिया सिय कज्जइ, सिय नो, जस्स पुण पाणाइवायकिरिया कज्जइ तस्स पारियावणिया किरिया नियमा कज्जइ । जस्स णं भंते! नेरइयस्स काइया किरिया कज्जइ तस्स अहिगरणिया किरिया कजइ ? गोयमा ! जहेव जीवस्स तहेव नेरइयस्स वि, एवं निरंतरं जाव ३१ सुत्ता० ४८१ Page #557 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४८२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं वेमाणियस्स ॥५८८ ॥ जं समयं णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया कज्जइ तं समयं अहिगरणिया किरिया कजइ, जं समयं अहिगरणिया० कजइ तं समयं काइया किरिया कजइ ? एवं जहेव आइलओ दंडओ तहेव भाणियव्वो जाव वेमाणियस्स । जं देसं णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया तं देसं णं अहिगरणिया किरिया तहेव जाव वेमाणियस्स । जं पएसं णं भंते ! जीवस्स काइया किरिया तं पएसं णं अहिगरणिया किरिया एवं तहेव जाव वेमाणियस्स । एवं एए जस्स जं समयं जं देसं जं पएसं णं चत्तारि दंडगा होंति ॥ ५८९ ॥ कइ णं भंते ! आओजियाओ किरियाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! पंच आओजियाओ किरियाओ पण्णत्ताओ । तंजहा-काइया जाव पाणाइवायकिरिया, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । जस्स णं भंते ! जीवस्स काइया आओजिया किरिया अस्थि तस्स अहिंगरणिया आओजिया किरिया अस्थि, जस्स अहिगरणिया आओजिया किरिया अत्थि तस्स काइया आओजिया किरिया अत्थि ? एवं एएणं अभिलावेणं ते चेव चत्तारि दंडगा भाणियव्वा, जस्स जं समयं जं देसं जं जाव वेमाणियाणं ॥ ५९० ॥ जीवे णं भंते ! जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुढे तं समयं पारियावणियाए पुढे, पाणाइवायकिरियाए पुढे ? गोयमा ! अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुढे तं समयं पारियावणियाए किरियाए पुढे, पाणाइवायकिरियाए पुढे १, अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए किरियाए पुढे तं समयं पारियावणियाए किरियाए पुढे, पाणाइवायकिरियाए अपुढे २, अत्थेगइए जीवे एगइयाओ जीवाओ जं समयं काइयाए अहिगरणियाए पाओसियाए• पुढे तं समयं पारियावणियाए 'किरियाए अपुढे, पाणाइवायकिरियाए अपुढे ३ ॥ ५९१ ॥ कइ णं भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ? गोयमा! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-आरंभिया, परिग्गहिया, मायावत्तिया, अपच्चक्खाणकिरिया, मिच्छादसणवत्तिया । आरंभिया णं भंते! किरिया कस्स कजइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि पमत्तसंजयस्स । परिग्गहिया णं भंते ! किरिया कस्स कज्जइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि संजयासंजयस्स । मायावत्तिया णं भंते ! किरिया कस्स कन्जइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि अपमत्तसंजयस्स । अपञ्चक्खाणकिरिया णं भंते ! कस्स कजइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि अपच्चक्खाणिस्स । मिच्छादसणवत्तिया णं भंते ! किरिया कस्स कन्जइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि मिच्छादंसणिस्स ॥ ५९२ ॥ नेरइयाणं भंते ! कइ किरियाओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! पंच किरियाओ पन्नत्ताओ। Page #558 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २२ जीव० पुच्छा] सुत्तागमे ४८३ तंजहा-आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया । एवं जाव वेमाणियाणं । जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ तस्स परिग्गहिया० कजइ जस्स परिग्गहिया किरिया कज्जइ तस्स आरंभिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ तस्स परिग्गहिया० सिय कज्जइ, सिय नो कजइ, जस्स पुण परिग्गहिया किरिया कजइ तस्स आरंभिया किरिया णियमा कजइ । जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कज्जइ तस्स मायावत्तिया किरिया कजइ पुच्छा। गोयमा ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया कजह तस्स मायावत्तिया "किरिया नियमा कज्जइ, जस्स पुण मायावत्तिया किरिया कजइ तस्स आरंभिया किरिया सिय कज्जइ, सिय नो कन्जइ । जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया पुच्छा । गोयमा ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया कन्जइ तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया सिय कन्जइ, सिय नो कन्जइ, जस्स पुण अपञ्चक्खाणकिरिया कज्जइ तस्स आरंभिया किरिया णियमा कज्जइ । एवं मिच्छादंसणवत्तियाए वि समं । एवं परिग्गहिया वि तिहिं उवरिल्लाहिं समं संचारेयव्वा । जस्स मायावत्तिया किरिया कज्जइ तस्स उवरिल्लाओ दो वि सिय कजंति, सिय नो कजंति, जस्स उवरिलाओ दो कजंति तस्स मायावत्तिया० णियमा कजइ । जस्स अपचक्खाणकिरिया कज्जइ तस्स मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कन्जइ, सिय नो कज्जइ, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया० तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया 'णियमा कजइ । नेरइयस्स आइल्लियाओ चत्तारि परोप्परं नियमा कजन्ति, जस्स एयाओ चत्तारि कति तस्स मिच्छादसणवत्तिया किरिया भइज्जइ, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कजइ तस्स एयाओ चत्तारि नियमा कजंति, एवं जाव थणियकुमारस्स । पुढवीकाइयस्स जाव चउरिंदियस्स पंच वि परोप्परं नियमा कज्जति । पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स आइल्लियाओ तिण्णि वि परोप्परं नियमा कजंति, जस्स एयाओ कजंति तस्स उवरिल्लिया दोण्णि भइज्जति, जस्स उवरिल्लाओ दोण्णि कज्जति तस्स एयाओ तिणि वि णियमा कति । जस्स अपञ्चक्खाणकिरिया० तस्स मिच्छादसणवत्तिया० सिय कन्जइ, सिय नो कजइ, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ तस्स अपच्चक्खाणकिरिया नियमा कजइ, मणूसस्स जहा जीवस्स, वाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स जहा नेरइयस्स । जं समयण्णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ तं समयं परिग्गहिया किरिया कजइ ? एवं एए जस्स जं समयं जं देसं जं पएसेण य चत्तारि दंडगा णेयव्वा, जहा नेरइयाणं तहा सव्वदेवाणं नेयव्वं जाव वेमाणियाणं ॥ ५९३ ॥ अस्थि Page #559 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे | पण्णवणासुतं णं भंते! जीवाणं पाणाइवायवेरमणे कज्जइ ? हंता ! अत्थि । कम्हि णं भंते! जीवाणं पाणाइवायवेरमणे कज्जइ ? गोयमा ! छसु जीवनिकाए । अत्थि णं भंते ! नेरइयाणं पाणाइवायवेरमणे कज्जइ ? गोयमा ! नो इणट्ठे समट्ठे । एवं जा वेमाणियाणं, णवरं मणूसाणं जहा जीवाणं । एवं मुसावाएणं जाव मायामोसेणं जीवस्स य मणूसस्स य, सेसाणं नो इणट्ठे समट्ठे । णवरं अदिन्नादाणे गहणवारणिज्जेसु दव्वेसु, मेहुणे रूवेसु वा रूवसहगएसु वा दव्वेसु, सेसाणं सव्वेसु दव्वेसु । अत्थि णं भंते! जीवाणं मिच्छादंसणसल्लवेरमणे कज्जइ ? हंता ! अत्थि । कहि णं भंते ! जीवाणं मिच्छादंसणसल्लवेरमणे कज्जइ ? गोयमा ! सव्वदव्वेसु, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं, णवरं एगिंदियविगलेंदियाणं नो इणट्ठे समट्ठे ॥ ५९४ ॥ पाणाइवायविरए णं भंते ! जीवे कइ कम्मपगडीओ बंधइ ? गोयमा !: सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा । एवं मणूसे वि भाणियव्वे । पाणाइवायविरया णं भंते ! जीवा कइ कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य १, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य २, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य ३, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगे य ४, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगाय ५, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधए य ६, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधगा य ७, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधए य १, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगाय अट्ठविहबंधए य छव्विहबंधगा य २ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगाय अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधए य ३, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य ४, अहवा सत्तविहबंधगा य एवहबंधगाय अट्ठविहबंध य अबंधए य १, अहवा सत्तविहबंधगाय एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए य अबंधगा य २ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधए य ३, एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधगा य ४ । अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगे य अबंधए य १, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधए य अबंधगा य २ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधए य ३, अहवा सत्तविहबंधगा य एग विहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधगा य ४ | अहवा सत्तविहबंधगा य एग अहवा सत्तविहबंधगा य ४८४ Page #560 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २२ मिच्छा० वि० जी० पुच्छा] सुत्तागमे ४८५ विहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधए य अबंधए य १, अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधए यं छव्विहबंधए य अबंधगा य २, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य छव्विहबन्धगा य अबन्धए य ३, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य छविहबन्धगा य अबन्धगा य ४, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य अबन्धए य ५, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य अबन्धगा य ६, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छविहबन्धगा य अबन्धए य ७, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य अबन्धगा य ८, एवं एए अट्ठ भंगा, सव्वे वि मिलिया सत्तावीसं भंगा भवंति । एवं मणूसाण वि एए चेव सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा, एवं मुसावायविरयस्स जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स य मणूसस्स य । मिच्छादसणसल्लविरए णं भंते ! जीवे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा छव्विहबन्धए वा एगविहबन्धए वा अवन्धए वा । मिच्छादसणसल्लविरए णं भंते ! नेरइए कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिए । मणूसे जहा जीवे । वाणमंतरजोइसियवेमाणिए जहा नेरइए । मिच्छादसणसल्लविरया णं भंते ! जीवा कइ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा! ते चेव सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा । मिच्छादसणसल्लविरया णं भंते ! नेरइया कइ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज सत्तविहबन्धगा, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एवं जाव वेमाणिया, णवरं मणूसाणं जहा जीवाणं ॥ ५९५ ॥ पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवस्स किं आरंभिया किरिया कजइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! पाणाइवायविरयस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया सिय कन्जइ, सिय नो कज्जइ । पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवस्स परिग्गहिया किरिया कजइ ? गोयमा ! णो इणढे समढे। पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवस्स मायावत्तिया किरिया कजइ ? गोयमा ! सिय कज्जइ, 'सिय नो कन्जइ । पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवस्स अपञ्चक्खाणवत्तिया 'किरिया कजइ ? गोयमा ! णो इणढे समढे । मिच्छादसणवत्तियाए पुच्छा । गोयमा ! णो इणढे समढे । एवं पाणाइवायविरयस्स मणूसस्स वि, एवं जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स मणूसस्स य । मिच्छादसणसल्लविरयस्स णं भंते ! जीवस्स किं Page #561 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! मिच्छादसणसल्लविरयस्स जीवस्स णं आरंभिया किरिया सिय कन्जइ, सिय नो कजा. एवं जाव अपञ्चक्खाणकिरिया । मिच्छादसणवत्तिया किरिया न कज्जइ । मिच्छादंसणसल्लविरयस्स णं भंते ! नेरइयस्स किं आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणवत्तिया किरिया कजइ ? गोयमा ! आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अपच्चक्खाणकिरिया वि कज्जइ, मिच्छादंसणवत्तिया किरिया नो कज्जइ । एवं जाव थणियकुमारस्स । मिच्छादसणसल्लविरयस्स णं भंते ! पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स एवमेव पुच्छा । गोयमा ! आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मायावत्तिया किरिया कन्जइ, अपच्चक्खाणकिरिया सिय कजइ, सिय नो कज्जइ, मिच्छादसणवत्तिया किरिया नो कजइ । मणूसस्स जहा जीवस्स । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयस्स ॥ ५९६ ॥ एयासि णं भंते ! आरंभियाणं जाव मिच्छादंसणवत्तियाण य कयरा कयराहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवाओ मिच्छादंसणवत्तियाओ किरियाओ, अपञ्चक्खाणकिरियाओ विसेसाहियाओ, परिग्गहियाओ० विसेसाहियाओ, आरंभियाओ किरियाओ विसेसाहियाओ, मायावत्तियाओ० विसेसाहियाओ॥५९७ ॥ पन्नवणाए भगवईए बावीसइमं किरियापयं समत्तं ॥ कइ पगडी कह बन्धइ कइहि वि ठाणेहिं बन्धए जीवो। कइ वेएइ य पयडी अणुभावो कइविहो कस्स ॥ कइ णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ। तंजहा—णाणावरणिजं १, सणावरणिजं २, वेयणिज्ज ३, मोहणिजे ४, आउयं ५, नामं ६, गोयं ७, अंतराइयं ८ । नेरइयाणं भंते ! कइ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! एवं चेव, एवं जाव वेमाणियाणं १ ॥ ५९८ ॥ कहं णं भंते ! जीवे अट्ठ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! नाणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं दरिसणावरणिजं कम्मं णियच्छइ, दंसणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं दसणमोहणिज कम्मं णियच्छइ, दंसणमोहणिजस्स कम्मस्स उदएणं मिच्छत्तं णियच्छइ, मिच्छत्तेणं उदिएणं गोयमा ! एवं खलु जीवो अट्ठ कम्मपगडीओ बन्धइ। कहं णं भंते ! नेरइए अट्ठ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! एवं चेव, एवं जाव वेमाणिए । कहण्णं भंते ! जीवा अट्ठ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा ! एवं चेव, एवं जाव वेमाणिया ॥ ५९९ ॥ जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्जं कम्मं कइहिं ठाणेहिं बंधइ ? गोयमा ! दोहिं ठाणेहि, तंजहा-रागेण य दोसेण य। रागे दुविहे पन्नत्ते। तंजहा—माया य लोभे य । दोसे दुविहे पन्नत्ते । तंजहा--कोहे य माणे य, इच्चेएहिं चउहि ठाणेहिं विरिओवग्गहिएहिं एवं खलु जीवे णाणावरणिजं कम्मं बन्धइ, Page #562 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २३ उ० १ दंसणा० अणु०] सुत्तागमे ४८७ एवं नेरइए जाव वेमाणिए। जीवा णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं कइहिं ठाणेहिं बन्धन्ति ? गोयमा ! दोहिं ठाणेहिं एवं चेव, एवं नेरइया जाव वेमाणिया । एवं दंसणावरणिज जाव अंतराइयं, एवं एए एगत्तपोह त्तिया सोलस दंडगा ॥ ६०० ॥ जीवे णं भंते ! णाणावरणिज्जं कम्मं वेएइ ? गोयमा ! अत्थेगइए वेएइ, अत्थेगइए नो वेएइ । नेरइए णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं वेएइ ? गोयमा ! नियमा वेएइ, एवं जाव वेमाणिए, णवरं मणूसे जहा जीवे । जीवा णं भंते ! णाणावरणिजं कम्म वेदेति ? गोयमा ! एवं चेव, एवं जाव वेमाणिया। एवं जहा णाणावरणिजं तहा दसणावरणिज्जं मोहणिजं अंतराइयं च, वेयणिज्जाउनामगोयाइं एवं चेव, नवरं मणूसे वि नियमा वेएइ, एवं एए एगत्तपोहत्तिया सोलस दंडगा ॥ ६०१ ॥ णाणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स पुट्ठस्स बद्धफासपुट्ठस्स संचियस्स चियस्स उवचियस्स आवागपत्तस्स विवागपत्तस्स फलपत्तस्स उदयपत्तस्स जीवेणं कयस्स जीवेणं निव्वत्तियस्स जीवेणं परिणामियस्स सयं वा उदिण्णस्स परेण वा उदीरियस्स तदुभएण वा उदीरिजमाणस्स गई पप्प ठिइं पप्प भवं पप्प पोग्गलपरिणामं पप्प कइविहे अणुभावे पन्नत्ते ? गोयमा ! णाणावरणिजस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प दसविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा-सोयावरणे, सोयविण्णाणावरणे, णेत्तावरणे, णेत्तविण्णाणावरणे, घाणावरणे, घाणविण्णाणावरणे, रसावरणे, रसविण्णाणावरणे, फासावरणे, फासविण्णाणावरणे, जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएणं जाणियव्वं ण जाणइ, जाणिउकामे वि ण जाणइ, जाणित्ता वि ण जाणइ, उच्छन्नणाणी यावि भवइ णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं, एस णं गोयमा ! णाणावरणिज्जे कम्मे, एस णं गोयमा ! णाणावरणिजस्स कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प दसविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०२ ॥ दरिसणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प कइविहे अणुभावे पन्नत्ते ? गोयमा ! दरिसणावरणिज्जस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प णवविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा—णिद्दा, णिहाणिद्दा, पयला, पयलापयला, थीणद्धी, चक्खुदंसणावरणे, अचक्खुदंसणावरणे, ओहिदंसणावरणे, केवलदसणावरणे, जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएणं पासियव्वं ण पासइ, पासिउकामे वि ण पासइ, पासित्ता वि ण पासइ, उच्छन्नदंसणी यावि भवइ दरिसणावरणिजस्स कम्मस्स उदएणं, एस णं गोयमा ! दरिसणावरणिज्जे कम्मे, एस णं गोयमा ! दरिसणावरणिजस्स कम्मस्स Page #563 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ४८८ [पण्णवणासुतं जीवेणं वद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प णवविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०३ ॥ सायावेयणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पोग्गलपरिणामं पप्प कइविहे अणुभावे पन्नत्ते ? गोयमा ! सायावेयणिजस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव अट्ठविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा-मणुण्णा सद्दा १, मणुण्णा रूवा २, मणुण्णा गंधा ३, मणुण्णा रसा ४, मणुण्णा फासा ५, मणोसुहया ६, वयसुहया ७, कायसुहया ८, जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएणं सायावेयाणिजं कम्मं वेएइ, एस णं गोयमा ! सायावेयणिजे कम्मे, एस णं गोयमा ! सायावेयणिज्जस्स जाव अट्ठविहे अणुभावे पन्नत्ते । असायावेयणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं तहेव पुच्छा उत्तरं च, णवरं अमणुण्णा सद्दा जाव कायदुहया, एस णं गोयमा ! असायावेयणिज्जे कम्मे, एस णं गोयमा ! असायावेयणिज्जस्स जाव अट्ठविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०४ ॥ मोहणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव कइविहे अणुभावे पन्नत्ते ? गोयमा ! मोहणिजस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पंचविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा-सम्मत्तवेयणिजे, मिच्छत्तवेयणिजे, सम्मामिच्छत्तवेयणिजे, कसायवेयणिज्जे, नोकसायवेयणिजे । जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणामं तेसिं वा उदएणं मोहणिजं कम्मं वेएइ, एस णं गोयमा ! मोहणिजस्स कम्मस्स जाव पंचविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०५ ॥ आउयस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं तहेव पुच्छा। गोयमा ! आउयस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव चउविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहानेरइयाउए, तिरियाउए, मणुयाउए, देवाउए, जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेर्सि वा उदएणं आउयं कम्मं वेएइ, एस णं गोयमा ! आउए कम्मे, एस णं गोयमा ! आउयकम्मस्स जाव चउव्विहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०६ ॥ सुहणामस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं पुच्छा। गोयमा ! सुहणामस्स णं कम्मस्स जीवेणं. 'चउद्दसविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा–इट्ठा सद्दा १, इट्टा रूवा २, इट्ठा गंधा ३, इट्ठा रसा ४, इट्ठा फासा ५, इट्ठा गई ६, इट्ठा ठिई ७, इढे लावण्णे ८, इट्ठा जसोकित्ती ९, इढे उट्ठाणकम्मबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमे १०, इट्ठस्सरया ११, कंतस्सरया १२, पियस्सरया १३, मणुण्णस्सरया १४, जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणामं तेसिं वा उदएणं सुहणामं कम्म वेएइ, एस णं गोयमा ! सुहणामकम्मे, एस णं गोयमा! सुहणामस्स कम्मस्स जाव चउद्दसविहे अणुभावे पन्नत्ते । दुहनामस्स णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव, Page #564 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२३ उ० २ दं० मो० पु.] सुत्तागमे ४८९ णवरं अणिट्ठा सहा जाव हीणस्सरया, दीणस्सरया, अकंतस्सरया, जं वेएइ सेसं तं चेव जाव चउद्दसविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०७ ॥ उच्चागोयस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं पुच्छा । गोयमा ! उच्चागोयस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव अट्ठविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा-जाइविसिट्ठया १, कुलविसिट्ठया २, बलविसिट्ठया ३, रूवविसिट्ठया ४, तवविसिठ्ठया ५, सुयविसिट्ठया ६, लाभविसिट्ठया ७, इस्सरियविसिठ्ठया ८, जं वेएइ पोग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएणं जाव अट्ठविहे अणुभावे पन्नत्ते । णीयागोयस्स गं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव, णवरं जाइविहीणया जाव इस्सरियविहीणया, जं वेएइ पुग्गलं वा पोग्गले वा पोग्गलपरिणामं वा वीससा वा पोग्गलाणं परिणाम तेसिं वा उदएणं जाव अट्ठविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०८ ॥ अंतराइयस्स णं भंते ! कम्मस्स जीवेणं पुच्छा । गोयमा ! अंतराइयस्स णं कम्मस्स जीवेणं बद्धस्स जाव पंचविहे अणुभावे पन्नत्ते । तंजहा-दाणंतराए लाभंतराए भोगतराए उवभोगंतराए वीरियंतराए, जं वेएइ पोग्गलं वा जाव वीससा वा पोग्गलाणं परिणामं तेसिं वा उदएणं अंतराइयं कम्मं वेएइ, एस णं गोयमा ! अंतराइए कम्मे, एस णं गोयमा ! जाव पंचविहे अणुभावे पन्नत्ते ॥ ६०९ ॥ पन्नवणाए भगवईए तेवीसइमस्स पयस्स पढमो उद्देसो समत्तो॥ ___ कइ णं भंते ! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ । तंजहा–णाणावरणिजं जाव अंतराइयं । णाणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा—आभिणिबोहियनाणावरणिज्जे जाव केवलनाणावरणिजे ॥६१० ॥ सणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—निद्दापंचए य सणचउक्कए य । निद्दापंचए णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा—निद्दा जाव थीणद्धी । दसणचउक्कए णं पुच्छा । गोयमा ! चउबिहे पन्नत्ते। तंजहा–चक्खुदंसणावरणिज्जे जाव केवलदसणावरणिजे ॥ ६११ ॥ वेयणिजे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—सायावेयणिज्जे य असायावेयाणिज्जे य । सायावेयणिजे णं भंते ! कम्मे पुच्छा । गोयमा ! अट्ठविहे पन्नत्ते । तंजहा—मणुण्णा सद्दा जाव कायसुहया । असायावेयणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा! अट्ठविहे पन्नत्ते । तंजहा-अमणुण्णा सद्दा जाव कायदुहया ॥ ६१२ ॥ मोहणिजे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहादंसणमोहणिजे य चरित्तमोहणिजे य । दसणमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइविहे Page #565 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४९० सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-सम्मत्तवेयणिज्जे, मिच्छत्तवेयणिजे. सम्मामिच्छत्तवेयणिज्जे । चरित्तमोहणिजे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-कसायवेयणिजे, नोकसायवेयणिज्जे । कसायवेयणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! सोलसविहे पन्नत्ते। तंजहा-अणंताणुबंधी कोहे, अणंताणुबंधी माणे, अणन्ताणुबंधी माया, अणन्ताणुबंधी लोमे, अपच्चक्खाणे कोहे, एवं माणे, माया, लोभे, पञ्चक्खाणावरणे कोहे, एवं माणे, माया, लोमे, संजलणकोहे, एवं माणे, माया, लोभे । नोकसायवेयणिजे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! णवविहे पन्नत्ते । तंजहा-इत्थीवेयवेयणिज्जे, पुरिसवेयवेयणिजे, नपुंसगवेयवेयणिजे, हासे, रई, अरई, भए, सोगे, दुगुंछा ॥ ६१३ ॥ आउए णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते । तंजहानेरइयाउए जाव देवाउए ॥ ६१४ ॥ णामे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! बायालीसइविहे पन्नत्ते । तंजहा-गइणामे १, जाइणामे २, सरीरणामे ३, सरीरोवंगणामे ४, सरीरबंधणणामे ५, सरीरसंघयणणामे ६, संघायणणामे ७, संठाणणामे ८, वण्णणामे ९, गंधणामे १०, रसणामे ११, फासणामे १२, अगुरुलधुणामे १३, उवघायणामे १४, पराघायणामे १५, आणुपुविणामे १६, उस्सासणामे १७, आयवणामे १८, उज्जोयणामे १९, विहायगइणामे २०, तसणामे २१, थावरणामे २२, सुहुमणामे २३, बायरणामे २४, पजत्तणामे २५, अपजत्तणामे २६, साहारणसरीरणामे २७, पत्तेयसरीरणामे २८, थिरणामे २९, अथिरणामे ३०, सुभणामे ३१, असुभणामे ३२, सुभगणामे ३३, दुभगणामे ३४, सूसरणामे ३५, दूसरणामे ३६, आदेजणामे ३७, अणादेजणामे ३८, जसोकित्तिणामे ३९, अजसोकित्तिणामे ४०, णिम्माणणामे ४१, तित्थगरणामे ४२ । गइनामे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउविहे पन्नत्ते । तंजहा-निरयगइनामे, तिरियगइनामे, मणुयगइनामे, देवगइनामे । जाइणामे णं भंते ! कम्मे पुच्छा । गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-एगिंदियजाइणामे जाव पंचिंदियजाइणामे । सरीरनामे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते। तंजहा-ओरालियसरीरनामे जाव कम्मगसरीरनामे। सरीरोवंगनामे णं भंते !० कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-ओरालियसरीरोवंगनामे, वेउव्वियसरीरोवंगनामे, आहारगसरीरोवंगनामे । सरीरबंधणनामे णं भंते !० कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-ओरालियसरीरबंधणनामे जाव कम्मगसरीरबंधणनामे । सरीरसंघायनामे णं भंते !० कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे Page #566 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २३ उ० २ साया०] सुत्तागमे पन्नत्ते । तंजहा-ओरालियसरीरसंघायनामे जाव कम्मगसरीरसंघायनामे । संघयणनामे णं भंते !० कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा! छविहे पन्नत्ते । तंजहा-वइरोसभनारायसंघयणनामे, उसहनारायसंघयणनामे, नारायसंघयणनामे, अद्धनारायसंघयणनामे, कीलियासंघयणनामे, छेवट्ठसंघयणनामे । संठाणनामे णं भंते !० कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! छविहे पन्नत्ते। तंजहा-समचउरंससंठाणनामे, निग्गोहपरिमंडलसंठाणनामे, साइसंठाणनामे, वामणसंठाणनामे, खुजसंठाणनामे, हुंडसंठाणनामे । वण्णनामे णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहाकालवण्णनामे जाव सुकिल्लवण्णनामे । गंधनामे णं भंते ! कम्मे पुच्छा । गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा-सुरभिगंधनामे, दुरभिगंधनामे । रसनामे णं पुच्छा । गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-तित्तरसनामे जाव महुररसनामे । फासनामे णं पुच्छा । गोयमा ! अट्ठविहे पन्नत्ते ! तंजहा-कक्खडफासनामे जाव लहुयफासनामे । अगुरुलहुयनामे एगागारे पन्नत्ते । उवघायनामे एगागारे पन्नत्ते, पराघायनामे एगागारे पन्नत्ते । आणुपुवीणामे चउविहे पन्नत्ते । तंजहा नेरइयआणुपुव्वीणामे जाव देवाणुपुवीणामे । उस्सासनामे एगागारे पन्नत्ते, सेसाणि सव्वाणि एगागाराइं पण्णत्ताई जाव तित्थगरणामे । नवरं विहायगइनामे दुविहे पन्नत्ते । तंजहा–पसत्थविहायगइनामे, अपसत्थविहायगइनामे य ॥ ६१५ ॥ गोए णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा—उच्चागोए य नीयागोए य । उच्चागोए णं भंते !• कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! अट्ठविहे पन्नत्ते । तंजहा—जाइविसिट्ठया जाव इस्सरियविसिठ्ठया, एवं नीयागोए वि, णवरं जाइविहीणया जाव इस्सरियविहीणया ॥६१६ ॥ अंतराइए णं भंते ! कम्मे कइविहे पन्नत्ते? गोयमा ! पंचविहे पन्नत्ते । तंजहा-दाणंतराइए जाव वीरियंतराइए ॥ ६१७ ॥ णाणावरणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, ति ण्णि य वाससहस्साई अबाहा, अबाहूणिया कम्मठिई कम्मनिसेगो ॥ ६१८ ॥ निद्दापंचगस्स णं भंते ! कम्मस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स तिणि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणिया, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिण्णि य वाससहस्साई अबाहा, अबाहूणिया कम्मट्टिई कम्मनिसेगो । दंसणचउक्कस्स णं भंते ! कम्मस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिण्णि य वाससहस्साइं अबाहा ॥ ६१९ ॥ सायावेयणिजस्स इरियावहियं बंधगं पडुच्च अजहण्णमणुक्कोसेणं दो समया, संपराइयबंधगं पडुच्च जहन्नेणं Page #567 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ४९२ [पण्णवणासुत्तं बारस मुहत्ता, उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ, पण्णरस वाससयाई अबाहा । असायावेयणिजस्स जहन्नेणं सागरोवमस्स तिण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिण्णि य वाससहस्साइं अबाहा ॥ ६२० ॥ सम्मत्तवेय णिजस्स पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छावहिँ सागरोवमाइं साइरेगाइं । मिच्छत्तवेयणिज्जस्स जहन्नेणं सागरोवमं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेण ऊणगं, उक्कोसेणं सत्तरि कोडाकोडीओ, सत्त य वाससहस्साइं अबाहा, अबाहूणिया० । सम्मामिच्छत्तवेयणिजस्स जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । कसायबारसगस्स जहन्नेणं सागरोवमस्स चत्तारि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं चत्तालीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, चत्तालीसं वाससयाई अबाहा जाव निसेगो । कोहसंजलणे पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं दो मासा, उक्कोसेणं चत्तालीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, चत्तालीसं वाससयाइं अबाहा जाव निसेगो । माणसंजलणाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं मासं, उक्कोसेणं जहा कोहस्स । मायासंजलणाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अद्धं मासं, उकोसेणं जहा कोहस्स । लोहसंजलणाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं जहा कोहस्स । इत्थिवेयस्स पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दिवढं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेण ऊणयं, उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ, पण्णरस वाससयाइं अबाहा । पुरिसवेयस्स णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठ संवच्छराई, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस वाससयाइं अबाहा जाव निसेगो । णपुंसगवेयस्स णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दोण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसइ वाससयाइं अबाहा। हासरईणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स एवं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणं, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस वाससयाई अबाहा। अरइभयसोगदुगुंछाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दोण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसं वाससयाई अबाहा ॥ ६२१ ॥ नेरइयाउयस्स णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं पुव्वकोडीतिभागमब्भहियाइं । तिरिक्खजोणियाउयस्स पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई पुवकोडीतिभागमभहियाई, एवं मणूसाउयस्स वि । देवाउयस्स जहा नेरइयाउयस्स ठिइत्ति ॥ ६२२ ॥ निरयगइनामए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसह Page #568 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २३ उ० २ णाराय० णाम.] सुत्तागमे ४९३ स्सस्स दो सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसं वाससयाई अबाहा। तिरियगइनामए जहा नपुंसगवेयस्स। मणुयगइनामए पुच्छा। गो० ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दिवढे सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणगं, उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ, पण्णरसवाससयाई अबाहा । देवगइनामए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं जहा पुरिसवेयस्स । एगिदियजाइनामए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दोण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसइ वाससयाइं अबाहा । बेइंदियजाइनामाए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स नव पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, अट्ठारस य वाससयाई अबाहा । तेइंदियजाइनामए णं जहण्णेणं एवं चेव, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, अट्ठारस वाससयाइं अबाहा । चउरिंदियजाइनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स णव पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, अट्ठारस वाससयाई अबाहा। पंचिंदियजाइनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दोणि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीस य वाससयाई अबाहा । ओरालियसरीरनामाए वि एवं चेव । वेउव्वियसरीरनामाए णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स दो सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसइ वाससयाइं अबाहा । आहारगसरीरनामाए जहन्नेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ, उक्कोसेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ। तेयाकम्मसरीरनामाए जहण्णेणं दोण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीस य वाससयाइं अबाहा । ओरालियवेउव्वियआहारगसरीरोवंगनामाए तिण्णि वि एवं चेव, सरीरबंधणनामाए वि पंचण्ह वि एवं चेव, सरीरसंघायनामाए पंचण्ह वि जहा सरीरनामाए कम्मस्स ठिइत्ति, वइरोसभनारायसंघयणनामाए जहा रइनामाए । उसभनारायसंघयणनामाए पुच्छा । गोयमा ! ज० सागरोवमस्स छ पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उकोसेणं बारस सागरोवमकोडाकोडीओ, बारस वाससयाई अबाहा । नारायसंघयणनामस्स जहन्नेणं सागरोवमस्स सत्त पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं चोद्दस सागरोवमकोडाकोडीओ चउद्दस वाससयाई अबाहा । Page #569 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे "४९४ [पण्णवणासुत्तं अद्धनारायसंघयणनामस्स जहन्नेणं सागरोवमस्स अट्ठ पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं सोलस सागरोवमकोडाकोडीओ, सोलस वाससयाई अबाहा । खीलियासंघयणे णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स नव पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, अट्ठारस वाससयाई अबाहा । छेवट्ठसंघयणनामस्स पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दोणि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उकोसेणे वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीस य वाससयाई आबाहा, एवं जहा संघयणनामाए छब्भणिया एवं संठाणा वि छब्माणियव्वा । सुकिल्लवण्णणामए पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणगं, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस वाससयाई अबाहा । हालिद्दवण्णणामए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स पंच अट्ठावीसइभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अद्धतेरससागरोवमकोडाकोडी, अद्धतेरस वाससयाइं अबाहा । लोहियवण्णणामए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स छ अट्ठावीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेहिं ऊणया, उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ, पण्णरस वाससयाई अबाहा । नीलवण्णनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स सत्त अट्ठावीसइभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, अट्ठारस वाससयाई अबाहा । कालवण्णनामाए जहा छेवट्ठसंघयणनामस्स । सुब्भिगंधणामए पुच्छा । गोयमा ! जह सुकिल्लवण्णणामस्स, दुब्भिगंधणामाए जहा छेवट्ठसंघयणस्स, रसाणं महुराईणं जहा वण्णाणं भणियं तहेव परिवाडीए भाणियव्वं, फासा जे अपसत्था तेसिं जहा छेवट्ठस्स, जे पसत्था तेसिं जहा सुकिल्लवण्णनामस्स, अगुरुलहुनामाए जहा छेवट्ठस्स, एवं उवघायनामाए वि, पराघायनामाए वि एवं चेव । निरयाणुपुन्वीनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स दो सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसं वाससयाइं अबाहा । तिरियाणुपुवीए पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दो सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीसइ वाससयाइं अबाहा। मणुयाणपुव्वीनामाए णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दिवई सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ, पण्णरस वाससयाइं अबाहा। देवाणुपुव्वीनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्स असं Page #570 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २३ उ० २ एगिदि० असाया०] सुत्तागमे खेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस य वाससयाई अबाहा । ऊसासनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहा तिरियाणुपुवीए, आयवनामाए वि एवं चेव । उज्जोयनामाए वि पसत्थविहायोगइनामाए वि पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगं सागरोवमस्स सत्तभागं, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस वाससयाई अबाहा। अपसत्थविहायोगइनामस्स पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दोण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, वीस य वाससयाइं अबाहा । तसनामाए थावरनामाए य एवं चेव । सुहुमनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स णव पणतीसइभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ, अट्ठारस य वाससयाइं अबाहा। बायरनामाए जहा अपसत्थविहायोगइनामस्स । एवं पज्जत्तनामाए वि, अपजत्तनामाए जहा सुहुमनामस्स । पत्तेयसरीरनामाए वि दो सत्तभागा, साहारणसरीरनामाए जहा सुहुमस्स, थिरनामाए एगं सत्तभागं, अथिरनामाए दो, सुभनामाए एगो, असुभनामाए दो, सुभगनामाए एगो, दूभगनामाए दो, सूसरनामाए एगो, दूसरनामाए दो, आदिजनामाए एगो, अणादिजनामाए दो, जसोकित्तिनामाए जहन्नेणं अट्ठ मुहुत्ता, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस वाससयाइं अबाहा। अजसोकित्तिनामाए पुच्छा । गोयमा ! जहा अपसत्थविहायोगइनामस्स, एवं निम्माणनामाए वि । तित्थगरणामाए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ, उक्कोसेण वि अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ। एवं जत्थ एगो सत्तभागो तत्थ उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस वाससयाइं अबाहा, जत्थ दो सत्तभागा तत्थ उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ वीस य वाससयाइं अबाहा ॥ ६२३ ॥ उच्चागोयस्स णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठ मुहुत्ता, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस य वाससयाइं अबाहा । नीयागोत्तस्स पुच्छा। गोयमा ! जहा अपसत्थविहायोगइनामस्स ॥ ६२४ ॥ अंतराइए णं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिण्णि य वाससहस्साई अबाहा, अबाहूणिया कम्मट्ठिई कम्मनिसेगो ॥ ६२५ ॥ एगिंदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिजस्स कम्मस्स कि बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स तिण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधति । एवं निद्दापंचगस्स वि, दंसणचउक्कस्स वि । एगिदिया णं भंते !० सायावेयणिजस्स कम्मस्स किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स दिवढे सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । असायावेयणिज्जस्स Page #571 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे १९६ [पण्णवणासुत्तं जहा णाणावरणिजस्स। एगिदिया णं भंते ! जीवा सम्मत्तवेयणिजस्स किं बंधति ? गोयमा ! णत्थि किंचि बंधति । एगिदिया णं भंते ! जीवा 'मिच्छत्तवेयणिज्जस्स कम्मरस किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणं, उक्कोसेणं तं चेत्र पडिपुण्णं बंधंति । एगिदिया णं भंते ! जीवा सम्मामिच्छत्तवेयणिजस्स० किं बंधंति ? गोयमा! णस्थि किंचि बन्धन्ति । एगिंदिया णं भंते ! जीवा कसायबारसगस्स किं बंधति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमस्स चत्तारि सत्तभागे पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधति, एवं जाव कोहसंजलणाए वि जाव लोभसंजलणाए वि । इत्थिवेयस्स जहा सायावेयणिजस्स । एगिंदिया पुरिसवेयस्स कम्मस्स जहन्नेणं सागरोवमस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधति । एगिदिया नपुंसगवेयस्स कम्मस्स जहन्नेणं सागरोवमस्स दो सत्तभागे पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति । हासरईए जहा पुरिसवेयस्स, अरइभयसोगदुगुंछाए जहा नपुंसगवेयस्स । नेरइयाउयदेवाउयनिरयगइनामदेवगइनामवेउवियसरीरनामआहारगसरीरनामनेरइयाणुपुग्विनामदेवाणुपुविनामतित्थगरनाम-एयाणि णव पयाणि ण बंधंति । तिरिक्खजोणियाउयस्स जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी सत्तहिं वाससहस्सेहिं वाससहस्सइभागेण य अहियं बंधंति । एवं मणुस्साउयस्स वि । तिरियगइनामाए जहा नपुंसगवेयस्स। मणुयगइनामाए जहा सायावेयणिजस्स । एगिदियनामाए पंचिंदियजाइनामाए य जहा नपुंसगवेयस्स । बेइंदियतेइंदियजाइनामाए पुच्छा। जहन्नेणं सागरोवमस्स नव पणतीसइभागे पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति । चउरिंदियनामाए वि जहन्नेणं सागरोवमस्स णव पणतीसइभागे पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधति । एवं जत्थ जहण्णगं दो सत्तभागा तिन्नि वा चत्तारि वा सत्तभागा अट्ठावीसइभागा भवंति, तत्थ णं जहण्णेणं ते चेव पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणगा भाणियव्वा, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति । जत्थ णं जहण्णेणं एगो वा दिवड्डो वा सत्तभागो तत्थ जहन्नेणं तं चेव भाणियव्वं उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । जसोकित्तिउच्चागोयाणं जहण्णेणं सागरोवमस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । अंतराइयस्स णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! जहा णाणावरणिज्जस्स जाव उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति ॥ ६२६ ॥ बेइंदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधंति ? गोयमा जहन्नेणं सागरोवमपणवीसाए Page #572 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०२३उ०२असण्णी०पं० तिरियाउ०] सुत्तागमे ४९७ तिण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति, एवं निद्दापंचगस्स वि । एवं जहा एगिदियाणं भणियं तहा बेइंदियाण वि भाणियव्वं, नवरं सागरोवमपणवीसाए सह भाणियव्वा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणा, सेसं तं चेव पडिपुण्ण बंधंति । जत्थ एगिदिया न बंधंति तत्थ एए वि न बंधंति । बेइंदिया ण भंते ! जीवा मिच्छत्तवेयणिज्जस्स० किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमपणवीसं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । तिरिक्खजोणियाउयस्स जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडिं चउहिं वासेहिं अहियं बंधंति । एवं मणुयाउयस्स वि, सेसं जहा एगिदियाणं जाव अंतराइयस्स ॥६२७॥ तेइंदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिज्जस्स० किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमपण्णासाए तिण्णि सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधति, एवं जस्स जइ भागा ते तस्स सागरोवमपण्णासाए सह भाणियव्वा । तेइंदिया णं भंते !० मिच्छत्तवेयणिजस्स कम्मस्स किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमपण्णासं पलिओवमस्सासंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । तिरिक्खजोणियाउयस्स जहन्नणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडिं सोलसेहिं राइदिएहिं राइंदियतिभागेण य अहियं बंधति, एवं मणुस्साउयस्स वि, सेसं जहा बेइंदियाणं जाव अंतराइयस्स ॥ ६२८ ॥ चउरिंदिया णं भंते ! जीवा णाणावरणिजस्स० किं बंधति ? गोयमा! जहन्नेणं सागरोवमसयस्स तिणि सत्तभागे पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति, एवं जस्स जइ भागा तस्स सागरोवमसएण सह भाणियव्वा । तिरिक्खजोणियाउयस्स कम्मस्स जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडिं दोहिं मासेहिं अहियं । एवं मणुस्साउयस्स वि, सेसं जहा बेइंदियाणं, णवरं मिच्छत्तवेयणिजस्स जहन्नेणं सागरोवमसयं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति, सेसं जहा बेइंदियाणं जाव अंतराइयस्स ॥ ६२९ ॥ असण्णी णं भंते ! जीवा पंचिंदिया णाणावरणिजस्स कम्मस्स किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स तिणि सत्तभागे पलिओवमस्सासंखेज्जइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति, एवं सो चेव गमो जहा बेइंदियाणं, णवरं सागरोवमसहस्सेण समं भाणियव्वं जस्स जइ भागत्ति । मिच्छत्तवेयणिजस्स जहन्नेणं सागरोवमसहस्सं पलिओवमस्सासंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं । नेरइयाउयस्स जहन्नेणं दस वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागं पुव्वकोडितिभागब्भहियं बंधंति । एवं तिरिक्ख ३२ सुत्ता. Page #573 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४९८ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं जोणियाउयस्स वि, णवरं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, एवं मणुयाउयस्स वि, देवाउयस्स जहा नेरइयाउयस्स । असण्णी णं भंते ! जीवा पंचिंदिया निरयगइनामाए कम्मस्स किं बंधंति ? गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स दो सत्तभागे पलिओवमस्स. असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे०, एवं तिरियगइनामाए वि । मणुयगइनामाए वि एवं चेव, नवरं जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स दिवढे सत्तभागं पलि ओवमस्सासंखेज्जइभागेणं ऊणं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । एवं देवगइनामाए वि, नवरं जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्सासंखेजइभागेणं ऊणं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति । वेउव्वियसरीरनामाए पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं सागरोवमसहस्सस्स् दो सत्तभागे पलिओवमस्सासंखेज्जइभागेणं ऊणे, उक्कोसेणं दो पडिपुण्णे बंधति। सम्मत्तसम्मामिच्छत्तआहारगसरीरनामाए तित्थगरनामाए न किंचि वि बंधंति । अवसिटुं जहा बेइंदियाणं, णवरं जस्स जत्तिया भागा तस्स ते सागरोवमसहस्सेण सह भाणियव्वा सव्वेसिं आणुपुव्वीए जाव अंतराइयस्स ॥ ६३० ॥ सण्णी णं भंते ! जीवा पंचिंदिया णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स किं बंधति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिणि वाससहस्साई अबाहा । सण्णी णं भंते !० पंचिंदिया णिद्दापंचगस्स किं बंधति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, तिण्णि य वाससहस्साई अबाहा । दंसणचउक्कस्स जहा णाणावरणिजस्स। सायावेयणिज्जस्स जहा ओहिया ठिई भणिया तहेव भाणियव्वा, इरियावहियबंधयं पडुच्च संपराइयबंधयं च । असायावेयणिज्जस्स जहा णिहापंचगस्स। सम्मत्तवेयणिजस्स सम्मामिच्छत्तवेयणिज्जस्स जा ओहिया ठिई भणिया तं बंधति । मिच्छत्तवेयणिजस्स जहन्नेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ, उक्कोसेणं सत्तीरं सागरोवमकोडाकोडीओ, सत्तरि य वाससहस्साइं अबाहा। कसायबारसगस्स जहन्नेणं एवं चेव, उक्कोसेणं चत्तालीसं सागरोवमकोडाकोडीओ, चत्तालीस य वाससयाई अबाहा। कोहमाणमायालोभसंजलणाए य दो मासा, मासो, अद्धमासो, अंतोमुहुत्तो, एवं जहन्नगं; उक्कोसगं पुण जहा कसायबारसगस्स । चउण्ह वि आउयाणं जा ओहिया ठिई भणिया तं बंधति । आहारगसरीरस्स तित्थगरनामाए य जहण्णेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ, उक्कोसेणं अंतोसागरोवमकोडाकोडीओ। पुरिसवेयणिजस्स जहन्नेणं अट्ठ संवच्छराई, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ, दस य वाससयाई अबाहा । जसोकित्तिणामाए उच्चागोत्तस्स एवं चेव, नवरं जहन्नेणं अट्ठ मुहुत्ता । अंतराइयस्स जहा णाणावरणिजस्स, सेसएसु सव्वेसु ठाणेसु संघयणेसु संठाणेसु वन्नेसु गंधेसु य जहन्नेणं अंतोसा Page #574 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २३ उ० २ उ० म० ] सुत्तागमे गरोवमको डाकोडीओ, उक्कोसेणं जा जस्स ओहिया ठिई भणिया तं बंधति, णवरं इमं णाणत्तं - अबाहा अबाहूणिया ण वुच्चइ ।' आणुपुव्वीए सव्वेसिं जाव अंतराइयस्स ताव भाणियव्वं ॥ ६३१ ॥ णाणावरणिजस्स णं भंते! कम्मस्स जहण्ण ठिईबंधए के ? गोयमा ! अण्णयरे सुहुमसंपराए उवसामए वा खवगए वा, एस णं गोयमा ! णाणावरणिज्जस्स कम्मस्स जहण्णठिईबंधए, तव्वइरित्ते अजहण्णे, एवं एएणं अभिलावेणं मोहाउयवज्जाणं सेसकम्माणं भाणियव्वं । मोहणिज्जस्स णं भंते! कम्मस्स जहण्णठिईबंधए के ? गोयमा ! अन्नयरे बायरसंपराए उवसामए वा खवए वा, एस णं गोयमा ! मोहणिज्जस्स कम्मस्स जहण्णठिईबंधए, तव्वइरित्ते अजहण्णे । आउयस्स णं भंते! कम्मस्स जहण्णठिईबंधए के ? गोयमा ! जे णं जीवे असंखेप्पद्धापविट्ठे, सव्वनिरुद्धे से आउए, सेसे सव्वमहंतीए आउयबंधद्धाए, तीसे णं आउयबंधद्धाए चरिमकालसमयंसि सव्वजहण्णियं ठिइं पजत्तापज्जत्तियं निव्वत्तेइ, एस णं गोयमा ! आउयकम्मस्स जहण्णठिईबंधए, तव्वइरित्ते अजहणे ॥ ६३२ ॥ उक्कोसका लट्ठियं णं भंते ! णाणावरणिजं ० किं नेरइओ बंधइ, तिरिक्खजोणिओ बंधइ, तिरिक्खजो - णि बंध, मणुस्सो बंधइ, मणुस्सिणी बंधइ, देवो बंधइ, देवी बंधइ ? गोयमा ! नेरइओ वि बंधइ जाव देवी वि बंधइ | केरिसए णं भंते ! नेरइए उक्कोसका लट्ठिइयं णाणावर णिज्जं कम्मं बंधइ ? गोयमा ! सण्णी पंचिदिए सव्वाहिं पजत्तीहिं पज्जत्ते सागारे जागरे सुत्तो (ओ) वउत्ते मिच्छा दिट्ठी कण्हलेसे य उक्कोससंकिलिट्ठपरिणामे ईसिमज्झिमपरिणामे वा, एरिसए णं गोयमा ! नेरइए उक्कोसकालट्ठिइयं णाणावरणिज्जं कम्मं बंधइ | केरिसए णं भंते ! ति रिक्खजोणिए उक्कोसकालट्ठिइयं गाणावरणिज्जं कम्मं बंधइ ? गोयमा ! कम्मभूमए वा कम्मभूमगपलिभागी वा सण्णी पंचिंदिए सव्वाहिं पज्जत्तीहिं पजत्तए सेसं तं चेव जहा नेरइयस्स । एवं तिरिक्खजोगिणी वि मणूसेवि मणूसी वि, देवदेवी जहा नेरइए, एवं आउयवजाणं सत्त कम्माणं । उक्कोसकालट्ठिइयं णं भंते ! आउयं कम्मं किं नेरइओ बंधइ जाव देवी बंधइ ? गोयमा ! नो नेरइओ बंधइ, तिरिक्खजोणिओ बंधइ, नो तिरिक्खजोणिणी बंधइ, मणुस्से वि बंधइ, मणुस्सी वि बंधइ, नो देवो बंधइ, नो देवी बंधइ | केरिसए णं भंते! तिरिक्खजोणिए उक्कोसकालट्ठिइयं आउयं कम्मं बंधइ ? गोयमा ! कम्मभूमए वा कम्मभूमगपलिभागी वा सण्णी पंचिदिए सव्वाहिं पज्जत्तीहिं पजत्तए सागारे जागरे सुत्तोवउत्ते मिच्छद्दिट्ठी परमकण्हलेसे उक्कोससं किलिट्ठपरिणामे, एरिसए गोयमा ! तिरिक्खजोणिए उक्कोसकालट्ठिइयं आउयं कम्मं बंधइ | केरिसए णं भंते ! मणूसे उक्कोसकालट्ठियं आउयं कम्मं बंधइ ? गोयमा ! कम्मभूमए वा कम्मभूमग ४९९ Page #575 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं पलिभागी वा जाव सुत्तो(तो)वउत्ते सम्मदिट्ठी वा मिच्छद्दिट्ठी वा कण्हलेसे वा सुक्कलेसे वा णाणी वा अण्णाणी वा उक्कोससंकिलिट्ठपरिणामे वा असंकिलिट्ठपरिणामे वा तप्पाउग्गविसुज्झमाणपरिणामे वा, एरिसए णं गोयमा ! मणूसे उक्कोसकालढिइयं आउयं कम्मं बन्धइ । केरिसिया णं भंते ! मणुस्सी उक्कोसकालट्ठिइयं आउयं कम्मं बन्धइ ? गोयमा ! कम्मभूमिया वा कम्मभूमगपलिभागी वा जाव सुत्तोवउत्ता सम्मादिट्ठी सुक्कलेसा तप्पाउग्गविसुज्झमाणपरिणामा, एरिसिया णं गोयमा ! मणूसी उक्कोसकालट्ठिइयं आउयं कम्म बन्धइ, अंतराइयं जहा णाणावरणिज्जं ॥ ६३३ ॥ बीओ उद्देसो समत्तो ॥ पन्नवणाए भगवईए तेवीसइमं कम्मपगडीपयं समत्तं ॥ कइ णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ । तंजहा-णाणावरणिज जाव अंतराइयं । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । जीवे णं भंते! णाणावरणिजं कम्मं बन्धमाणे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा छव्विहबन्धए वा । नेरइए णं भंते ! णाणावरणिजं कम्मं बन्धमाणे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा, एवं जाव वेमाणिए, णवरं मणुस्से जहा जीवे । जीवा णं भंते ! गाणावरणिजं कम्मं बन्धमाणा कइ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छविहबन्धगा य । णेरइया णं भंते ! णाणावरणिजं कम्मं बन्धमाणा कइ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबन्धगा, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य तिण्णि भंगा, एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइया णं पुच्छा । गोयमा ! सत्तविहबन्धगा वि अट्ठविहबन्धगा वि, एवं जाव वणस्सइकाइया। विगलाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तियभंगो-सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबन्धगा, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य । मणूसा णं भंते ! णाणावरणिजस्स पुच्छा । गोयमा! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबन्धगा १, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य २, अहह्वा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य ३, अहवा सत्तविहबन्धगा य छव्विहबन्धए य ४, अहवा सत्तविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य ५, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य छव्विहबन्धगे य ६, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य छव्विहबन्धगा य ७, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छविहबन्धगे य ८, अहवा सत्तविहबन्धगा य Page #576 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २५ जीव.] सुत्तागमे अट्टविहवंधगा य छव्विहबन्धगा य ९, एवं एए नव भंगा। सेसा वाणमंतराइया जाव वेमाणिया जहा नेरइया सत्तविहाइबन्धगा भणिया तहा भाणियव्वा । एवं जहा णाणावरणं बन्धमाणा जहिं भणिया सणावरणं पि बन्धमाणा तहिं जीवाइया एगत्तपोहत्तएहिं भाणियव्वा ॥ ६३४ ॥ वेयणिजं० बंधमाणे जीवे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा छव्विहबन्धए वा एगविहबन्धए वा, एवं मणूसे वि । सेसा नारगाइया सत्तविहबन्धगा वा अट्ठविहबन्धगा वा जाव वेमाणिए । जीवा णं भंते ! वेयणिज कम्मं पुच्छा । गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबन्धए य, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य, अवसेसा नारगाइया जाव वेमाणिया जाओ णाणावरणं बंधमाणा बंधन्ति ताहिं भाणियव्वा । नवरं मणूसा णं भंते ! वेयणिज कम्मं बन्धमाणा कइ कम्मपगडीओ बंधंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य १, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य २, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य ३, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य ४, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य ५, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य छव्विहबन्धए य ६, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य छव्विहबन्धगा य ७, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य ८, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विबन्धगा य ९, एवं एए नव भंगा भाणियव्वा ॥ ६३५ ॥ मोहणिजं० बन्धमाणे जीवे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो। जीवेगिंदिया सत्तविहबन्धगा वि अट्ठविहबन्धगा वि । जीवे णं भंते ! आउयं कम्म बन्धमाणे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ गोयमा ! नियमा अट्ट, एवं नेरइए जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेण वि । णामगोयंतराइयं० बन्धमाणे जीवे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! जाओ णाणावरणिजं कम्मं बन्धमाणे बन्धइ ताहि भाणियव्वो, एवं नेरइए वि जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेण वि भाणियव्वं ॥ ६३६ ॥ पन्नवणाए भगवईए चउवीसइमं कम्मबन्धपयं समत्तं ॥ ___ कइ णं भंते ! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ। तंजहा–णाणावरणिज जाव अंतराइयं, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । जीवे णं भंते ! णाणावरणिजं कम्मं बन्धमाणे कइ कम्मपगडीओ वेएइ ? गोयमा ! नियमा Page #577 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं अट्ठ कम्मपगडीओ वेएइ । एवं नेरइए जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेण वि । एवं वेयणिज्जवजं जाव अंतराइयं । जीवे गं भंते ! वेयणिजं कम्मं बन्धमाणे कइ कम्मपगडीओ वेदेइ ? गोयमा ! सत्तविहवेदए वा अट्ठविहवेदए वा चउ व्विहवेदए वा. एवं मणूसे वि । सेसा नेरइयाई एगत्तेणं पुहुत्तेण वि नियमा अट्ठ कम्मपगडीओ वेदंति जाव वेमाणिया । जीवा णं भंते ! वेयणिजं कम्मं बन्धमाणा कइ कम्मपगडीओ वेदेति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होजा अट्ठविहवेदगा य चउव्विहवेदगा य १, अहवा अट्ठविहवेदगा य चउव्विहवेदगा य सत्तविहवेदगे य २, अहवा अट्ठविहवेदगा य चउव्विवेदगा य सत्तविहवेदगा य ३, एवं मणूसा वि भाणियव्वा ॥६३७॥ पन्नवणाए भगवईए कम्मवेयणामं पणवीसइमं पयं समत्तं ॥ ___ कइ णं भंते ! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ। तंजहा—णाणावरणिजं जाव अंतराइयं । एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । जीवे णं भंते ! णाणावरणिजं कम्मं वेयमाणे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा छव्विहबन्धए वा एगविहबन्धए वा । नेरइए णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं वेयमाणे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबन्धए वा अट्ठविहबन्धए वा, एवं जाव वेमाणिए, एवं मणूसे जहा जीवे । जीवा णं भंते ! णाणावरणिज कम्मं वेएमाणा कइ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबंधगा य १, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य २, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य ३, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धए य ४, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य ५, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धए य एगविहबन्धए य ६, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धए य एगविहबन्धगा य ७, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य एगविहबन्धए य ८, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य एगविहबन्धगा य ९, एवं एए नव भंगा। अवसेसाणं एगिंदियमणूसवज्जाणं तियभंगो जाव वेमाणियाणं । एगिदिया णं सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य । मणूसाणं पुच्छा । गोयमा ! सव्वे वि ताव होज सत्तविहबन्धगा १, अवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगे य २, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य ३, अहवा सत्तविहबन्धगा य छव्विहबन्धए य ४, एवं छव्विहबन्धएण वि समं दो भंगा ५, एगविहबन्धएण वि समं दो भंगा ६-७, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य छव्वि Page #578 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २७ णेरइय० ] सुताग ५०३ हंबन्धए य चउभंगो १, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य एगविहबन्धगे य चउभंगो २, अहवा सत्तविहबन्धगा य छव्विहवन्धए य एगविहबन्धए य चउभंगो ३, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धए य छव्विहबन्धए य एगविहबन्धए य भंगा अg, एवं एए सत्तावीसं भंगा। एवं जहा णाणावरणिजं तहा दंसणावरणिजं पि अंतराइयं पि ॥ ६३८ ॥ जीवे णं भंते ! वेयणिज्जं कम्मं वेएमाणे कइ कम्मपगडीओ बन्धइ ? गोयमा ! सत्तविहबंधए वा छव्विहबन्धए वा एगविहबन्धए वा अबंधए वा, एवं मणूसे वि । अवसेसा णारयाइया सत्तविहबन्धगा अट्ठविहबन्धगा य, एवं जाव वैमाणिया । जीवा णं भंते! वेयणिज्जं कम्मं वेएमाणा कइ कम्मपगडीओ बन्धन्ति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होजा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य १, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबंधगे य २, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबन्धगा य ३, अबंधगेण वि समं दो भंगा भाणियव्वा ५, अहवा सत्तविहबन्धगा य अट्ठविहबन्धगा य एगविहबन्धगा य छव्विहबन्धगे य अबंधगे य चउभंगो, एवं एए नव भंगा । एगिंदियाणं अभंगयं नारगाईणं तियभंगा जाव वेमाणियाणं । नवरं मणूसाणं पुच्छा । सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य एगविहबन्धगा य, अहवा सत्तविहबन्धगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधए य अट्ठविहबंधए य अबंधए य, एवं एए सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा, एवं जहा वेयणिज्जं तहा आउयं नामं गोयं च भाणि - यव्वं । मोहणिज्जं वेएमाणे जहा णाणावरणिजं तहा भाणियव्वं ॥ ६३९ ॥ पन्नव ए भगवईए छवीसइमं कम्मवेयबन्धपर्यं समत्तं ॥ कइ णं भंते ! कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पन्नत्ताओ । तंजहा-णाणावरणं जाव अंतराइयं, एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं । जीवे णं भंते ! गाणावरणिज्जं कम्मं वेएमाणे कइ कम्मपगडीओ वेएइ ? गोयमा ! सत्तविहवेयए वा अविहवेयए वा, एवं मणूसे वि । अवसेसा एगत्तेण वि पुहुत्तेण वि णियमा अट्ठ कम्मपगडीओ वेदेंति जाव वेमाणिया । जीवा णं भंते ! णाणावरणिजं० वेएमाणा कइ कम्मपगडीओ वेएंति ? गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा अट्ठविहवेयगा १, अहवा अट्ठविहवेयगा य सत्तविहवेयगे य २, अहवा अट्ठविहवेयगा य सत्तविहवेयगा य ३, एवं मणूसा वि । दरिसणावरणिज्जं अंतराइयं च एवं चेव भाणियव्वं । वेयणिज्जं आउयनामगोत्ताइं वेएमाणे कइ कम्मपगडीओ वेएइ ? गोयमा ! जहा बंधवेयगस्स 'वेयणिज्जं तहा भाणियव्वाणि । जीवे णं भंते ! मोहणिजं कम्मं वेएमाणे कइ कम्मपगडीओ वेएइ ? गोयमा ! नियमा अट्ठ कम्मपगडीओ वेएइ, एवं नेरइए जाव Page #579 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०४ सुता [ पण्णवणासुतं वेमाणिए, एवं पुहुत्तेण वि ॥ ६४० ॥ पन्नवणाए भगवईए सत्तावीस मं कम्मवेयवेयपयं समत्तं ॥ सच्चित्ताहारट्ठी केव किं वावि सव्वओ चेव । कइभागं सव्वे खलु परिणामे चैव बोद्धव्वे ॥१॥ एगिंदियसरीराई लोमाहारो तहेव मणभक्खी। एएसिं तु पयाणं विभावणा होइ कायव्वा ॥२॥ नेरइया णं भंते! किं सचित्ताहारा, अचित्ताहारा, मीसाहारा ? गोयमा ! नो सचित्ताहारा, अचित्ताहारा, नो मीसाहारा, एवं असुरकुमारा जाव वैमाणिया । ओरालियसरीरा जाव मणूसा सचित्ताहारा वि अचित्ताहारा वि मीसाहारा वि । नेरइया णं भंते! आहारट्ठी ? हन्ता ! आहारट्ठी । नेरइया णं भंते! केवइकालस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! नेरइयाणं दुविहे आहारे पन्नत्ते । तंजा - आभोगनिव्वत्तिए य अणाभोगनिव्वत्तिए य । तत्थ णं जे से अणाभोगनिव्वत्तिए से णं अणुसमयमविरहिए आहारट्ठे समुप्पज्जइ । तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से णं असंखिज्जसमइए अंतोमुहुत्तिए आहारट्ठे समुप्पजइ ॥ ६४१ ॥ नेरइया णं भंते! किमाहारमाहारेंति ? गोयमा ! दव्वओ अनंतपए सियाई, खेत्तओ असंखेजपएसो गाढाई, कालओ अण्णयर द्विइयाई, भावओ वण्णमंताइं गंधमंताई रसमंताई फासताई | जाई भंते! भावओ वण्णमंताई आहारेंति ताई किं एगवण्णाई आहारेंति जाव पंचवण्णाई आहारैति ? गोयमा ! ठाणमग्गणं पडुच्च एगवण्णाई पि आहात जाव पंचवण्णाई पि आहारेंति, विहाणमग्गणं पडुच्च कालवण्णाई पि आहारें जाव सुकिल्लाई पि आहारेंति । जाइं० वण्णओ कालवण्णाई आहारेंति ताई किं एगगुणकालाई आहारेंति जाव दसगुणकालाई आहारेंति, संखिज्जगुणकालाईं, असंखिज्जगुणकालाई, अणंतगुणकालाई आहारेंति ? गोयमा ! एगगुणकालाई पि आहा -- रेंति जाव अनंतगुणकालाई पि आहारेंति, एवं जाव सुकिल्लाई पि, एवं गंधओ वि सओ वि । जाई भावओ फासमंताई आहारेंति ताइं नो एगफासाई आहारेंति, नो दुफासाई आहारेंति, नो तिफासाइं आहारेन्ति, चउफासाई पि आहारेन्ति जाव अट्ठफासाई पि आहारेन्ति, विहाणमग्गणं पडुञ्च कक्खडाई पि आहारेन्ति जाव लुक्खाई। जाई. फासओ कक्खडाई आहारेन्ति ताई किं एगगुणकक्खडाई आहारेन्ति जाव अनंतगुणकक्खडाई आहारेन्ति ? गोयमा ! एगगुणकक्खडाई पि आहारेन्ति जाव अनंतगुणकक्खडाई पि आहारेन्ति, एवं अट्ठ वि फासा भाणियव्वा जाव अनंतगुणक्खाई पि आहारेन्ति । जाई भंते ! अनंतगुणलुक्खाई आहारेन्ति ताइं किं पुट्ठाई आहारेन्ति अपुट्ठाई आहारेन्ति ? गोयमा ! पुट्ठाई आहारेन्ति, नो अपुट्ठाई आहारेन्ति, जहा भासुद्देसए जाव णियमा छद्दिसिं आहारेन्ति, ओसण्णं कारणं Page #580 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०५ प० २८ उ० १ पुढवि०] सुत्तागमे पडुच्च वण्णओ कालनीलाई, गंधओ दुब्भिगंधाइं, रसओ तित्तकडयाई, फासओ कक्खडगुरुयसीयलुक्खाई, तेसिं पोराणे वण्णगुणे गंधगुणे रसगुणे फासगुणे विपरिणामइत्ता परिपीलइत्ता परिसाडइत्ता परिविद्धंसइत्ता अण्णे अपुव्वे वण्णगुणे गंधगुणे रसगुणे फासगुणे उप्पाइत्ता आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले सव्वप्पणयाए आहारं आहारेन्ति । नेरड्या णं भंते ! सव्वओ आहारेन्ति, सव्वओ परिणामेंति, सव्वओ ऊससंति, सव्वओ नीससंति, अभिक्खणं आहारेन्ति अभिक्खणं परिणामेंति, अभिक्खणं उससंति, अभिक्खणं नीससंति, आहच आहारेन्ति, आहच्च परिणामात, आहच ऊससंति, आहच्च नीससंति ? हंता गोयमा ! नेरइया सव्वओ आहारन्ति एवं तं चेव जाव आहच्च नीससंति ॥ ६४२ ॥ नेरइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हति ते णं तेसिं पोग्गलाणं सेयालंसि कइभागं आहारेन्ति, कइभागं आसाएंति ? गोयमा ! असंखेजइभागं आहारेन्ति, अणंतभागं अस्साएंति । नेरइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हंति ते किं सव्वे आहारेन्ति, नो सव्वे आहारेंति ? गोयमा! ते सव्वे अपरिसेसए आहारेन्ति । नेरइया णं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए गिण्हंति ते णं पोग्गला तेसिं कीसत्ताए भुजो भुज्जो परिणमंति ? गोयमा ! सोइंदियत्ताए जाव फासिंदियत्ताए अणिट्टत्ताए अकंतत्ताए अप्पियत्ताए असुभत्ताए अमणुण्णत्ताए अमणामत्ताए अणिच्छियत्ताए अ(ण)भिज्झियत्ताए अहत्ताए नो उद्धृत्ताए दुक्खत्ताए नो सुहत्ताए तेसिं भुजो भुजो परिणमंति ॥ ६४३ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! आहारट्ठी ? हंता ! आहारट्ठी। एवं जहा नेरइयाणं तहा असुरकुमाराण वि भाणियव्वं जाव तेसिं भुजो भुजो परिणमति । तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से णं जहण्णेणं चउत्थभत्तस्स, उक्कोसेणं साइरेगवाससहस्सस्स आहारटे समुप्पज्जइ । ओसण्णं कारणं पडुच्च वण्णओ हालिहसुकिल्लाइं, गंधओ सुब्भिगंधाई, रसओ अंबिलमहुराई, फासओ मउयलहुयनिद्धुण्हाइं, तेसिं पोराणे वण्णगुणे जाव फासिंदियत्ताए जाव मणामत्ताए इच्छियत्ताए भिज्झियत्ताए उद्धृत्ताए नो अहत्ताए सुहत्ताए नो दुहत्ताए तेसिं भुज्जो भुज्जो परिणमंति, सेसं जहा नेरइयाणं, एवं जाव थणियकुमाराणं, नवरं आभोगनिव्वत्तिए उक्कोसेणं दिवसपुहत्तस्स आहारटे समुप्पज्जइ ॥ ६४४ ॥ पुढविकाइया णं भंते ! आहारट्ठी ? हंता! आहारट्ठी। पुढविकाइया णं भंते ! केवइकालस्स आहारहे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! अणुसमयमविरहिए आहारट्टे समुप्पज्जइ । पुढविकाइया णं भंते ! किमाहारमाहारेन्ति ? एवं जहा नेरइयाणं जाव ताई कइदिसिं आहारेन्ति ? गोयमा ! निव्वाघाएणं छद्दिसिं, वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय Page #581 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०६ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं पंचदिसिं, नवरं ओसन्नकारणं न भण्णइ । वण्णओ कालनीललोहियहालिहसुक्किलाई गंधओ सुब्भिगंधदुब्भिगंधाइं, रसओ तित्तरसकडुयरसकसायरसअंबिलमहराई. फासओ कक्खडफासमउयगुरुयलहुयसीयउण्हणिद्धलुक्खाइं, तेसिं पोराणे वण्णगुणे सेसं जहा नेरइयाणं जाव आहच्च नीससंति । पुढविकाइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हति तेसिं भंते ! पोग्गलाणं सेयालंसि कइभागं आहारेन्ति, कइभागं आसाएंति ? गोयमा ! असंखेजइभागं आहारेन्ति, अणंतभागं आसाएंति । पुढविकाइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हति ते किं सव्वे आहारेन्ति, नो सव्वे आहारेन्ति ? जहेव नेरइया तहेव । पुढविकाइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हंति ते णं पुग्गला तेसिं कीसत्ताए भुजो भुज्जो परिणमंति ? गोयमा ! फासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुजो भुज्जो परिणमंति, एवं जाव वणस्सइकाइया ॥ ६४५ ॥ बेइंदिया णं भंते ! आहारट्ठी ? हन्ता ! आहारट्ठी । बेइंदिया णं भंते ! केवइकालस्स आहारटे समुप्पजइ ? जहा नेरइयाणं, नवरं तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से णं असंखिज्जसमइए अंतोमुहुत्तिए वेमायाए आहारटे समुप्पज्जइ, सेसं जहा पुढविकाइयाणं जाव आहच्च नीससंति, नवरं नियमा छद्दिसिं । बेइंदियाणं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिण्हंति ते णं तेसिं पुग्गलाणं सेयालंसि कइभागं आहारेन्ति कइभागं आसाएंति ? एवं जहा नेरइयाणं । बेइंदिया णं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए गिण्हंति ते किं सव्वे आहारेन्ति, णो सव्वे आहारेन्ति ? गोयमा ! बेइंदियाणं दुविहे आहारे पन्नत्ते । तंजहा–लोमाहारे य पक्खेवाहारे य, जे पोग्गले लोमाहारत्ताए गिण्हन्ति ते सव्वे अपरिसेसे आहारेन्ति, जे पोग्गले पक्खेवाहारत्ताए गेहंति तेसिमसंखेजइभागमाहारेन्ति, अणेगाइं च णं भागसहस्साई अफासाइजमाणाई अणासाइजमाणाइं विद्धंसमागच्छंति । एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं अणासाइजमाणाणं अफासाइजमाणाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणासाइजमाणा, अफासाइजमाणा अणंतगुणा । बेइंदिया णं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए-पुच्छा । गोयमा ! जिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुजो भुजो परिणमंति । एवं जाव चउरिंदिया, णवरं णेगाइं च णं भागसहस्साइं अणाघाइज्जमाणाई अणासाइजमाणाइं अफासाइजमाणाई विद्धंसमागच्छंति । एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं अणाघाइजमाणाणं अणासाइजमाणाणं अफासाइजमाणाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४१ गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला अणाघाइज्जमाणा, अणासाइजमाणा अणंतगुणा, अफासाइजमाणा अणंतगुणा ॥ ६४६ ॥ तेइंदिया णं भंते ! जे पोग्गला-पुच्छा । गोयमा ! ते णं पोग्गला घाणिंदियजिभि Page #582 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० २८ उ० १ हि० उ०] सुत्तागमे दियफासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुजो भुजो परिणमंति । चउरिंदियाणं चक्खिदियघाणिं दियजिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुजो भुजो परिणमंति, सेसं जहा तेइंदियाणं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा तेइंदियाणं, णवरं तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए से जहण्णेणं अंतोमुहुत्तस्स, उक्कोसेणं छट्ठभत्तस्स आहारट्टे समुप्पजइ। पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! जे पोग्गला आहारत्ताए-पुच्छा । गोयमा ! सोइंदियचक्खिदियघाणिंदियजिभिदियफासिंदियवेमायत्ताए तेसिं भुजो भुजो परिणमंति । मणूसा एवं चेव, नवरं आभोगनिव्वत्तिए जहन्नेणं अंतोमुहुत्तस्स, उक्कोसेणं अट्ठमभत्तस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ । वाणमंतरा जहा नागकुमारा, एवं जोइसिया वि, नवरं आभोगनिव्वत्तिए जहन्नेणं दिवसपुहुत्तस्स, उक्कोसेणं दिवसपुहुत्तस्स आहारट्टे समुप्पजइ, एवं वेमाणिया वि, नवरं आभोगनिव्वत्तिए जहन्नेणं दिवसपुहुत्तस्स, उकोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं आहारटे समुप्पज्जइ, सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव तेसिं भुजो भुजो परिणमंति। सोहम्मे आभोगनिव्वत्तिए जहन्नेणं दिवसपुत्तस्स, उक्कोसेणं दोण्हं वाससहस्साणं आहारट्टे समुप्पज्जइ। ईसाणे पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दिवसपुहुत्तस्स साइरेगस्स, उक्कोसेणं साइरेग दोण्हं वाससहस्साणं । सणकुमाराणं पुच्छा। गोयमा ! जहन्नेणं दोण्हं वाससहस्साणं, उक्कोसेणं सत्तण्हं वाससहस्साणं । माहिंदे पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दोण्हं वाससहस्साणं साइरेगाणं, उक्कोसेणं सत्तण्हं वाससहस्साणं साइरेगाणं । बंभलोए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तण्हं वाससहस्साणं, उक्कोसेणं दसण्हं वाससहस्साणं । लंतए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं दसण्हं वाससहस्साणं, उक्कोसेणं चउदसण्हं वाससहस्साणं । महासुक्के णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउदसण्हं वाससहस्साणं, उक्कोसेणं सत्तरसहं वाससहस्साणं । सहस्सारे पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तरसण्हं वाससहस्साणं, उक्कोसेणं अट्ठारसण्डं वाससहस्साणं । आणए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठारसण्हं वाससहस्साणं, उक्कोसेणं एगूणवीसाए वाससहस्साणं । पाणए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगूणवीसाए वाससहस्साणं, उक्कोसेणं वीसाए वाससहस्साणं । आरणे णं पुच्छा । गोयमा ! जहनेणं वीसाए वाससहस्साणं, उक्कोसेणं एकवीसाए वाससहस्साणं । अच्चुए णं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एक्कवीसाए वाससहस्साणं, उक्कोसेणं बावीसाए वाससहस्साणं । हिडिमहिट्ठिमगेविजगाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं बावीसाए वाससहस्साणं, उक्कोसेणं तेवीसाए वाससहस्साणं, एवं सव्वत्थ सहस्साणि भाणियव्याणि जाव सव्वटुं । हिटिममज्झिमगाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं तेवीसाए, उक्कोसेणं चउवीसाए। हिहिमउवरिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं चउवीसाए, उक्कोसेणं पणवीसाए । Page #583 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५०८ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं मज्झिमहेट्ठिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं पणवीसाए, उक्कोसेणं छव्वीसाए । मज्झिममज्झिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं छव्वीसाए, उक्कोसेणं सत्तावीसाए। मज्झिमउवरिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं सत्तावीसाए, उक्कोसेणं अट्ठावीसाए । उवरिमहेट्ठिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अट्ठावीसाए, उक्कोसेणं एगूणतीसाए। उवरिममज्झिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगूणतीसाए, उक्कोसेणं तीसाए। उवरिमउवरिमाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं तीसाए, उक्कोसेणं एगतीसाए । विजयवेजयंतजयंतअपराजियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं एगतीसाए, उक्कोसेणं तेत्तीसाए । सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! अजहण्णमणुक्कोसेणं तेत्तीसाए वाससहस्साणं आहारट्टे समुप्पज्जइ ॥ ६४७ ॥ नेरइया णं भंते ! किं एगिदियसरीराई आहारेन्ति जाव पंचिंदियसरीराइं आहारेन्ति ? गोयमा ! पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च एगिदियसरीराइं पि आहारेन्ति जाव पंचिंदिय०, पडुप्पण्णभावपण्णवणं पडुच्च नियमा पंचिंदियसरीराइं आहारेन्ति, एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! पुन्वभावपण्णवणं पडुच्च एवं चेव, पड्डुप्पण्णभावपण्णवणं पडुच्च नियमा एगिदियसरीराई आहारेन्ति । बेइंदिया पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च एवं चेव, पड्डुप्पण्णभावपण्णवणं पडुच्च नियमा बेइंदियाणं सरीराइं आहारेन्ति, एवं जाव चउरिंदिया जाव पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च, एवं पडुप्पण्णभावपण्णवणं पडुच्च नियमा जस्स जइ इंदियाइं तइइंदियाई सरीराइं आहारेन्ति, सेसा जहा नेरइया, जाव वेमाणिया। नेरइया णं भंते ! किं लोमाहारा पक्खेवाहारा ? गोयमा ! लोमाहारा, नो पक्खेवाहारा, एवं एगिदिया सव्वे देवा य भाणियव्वा जाव वेमाणिया । बेइंदिया जाव मणूसा लोमाहारा वि पक्खेवाहारा वि ॥ ६४८ ॥ नेरइया णं भंते ! किं ओयाहारा मणभक्खी ? गोयमा ! ओयाहारा, णो मणभक्खी, एवं सव्वे ओरालियसरीरा वि । देवा सव्वे वि जाव वेमाणिया ओयाहारा वि मणभक्खी वि । तत्थ णं जे ते मणभक्खी देवा तेसि णं इच्छामणे समुप्पज्जइ ‘इच्छामो णं मणभक्खणं करित्तए', तए णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे खिप्पामेव जे पोग्गला इट्ठा कंता जाव मणामा ते तेसिं मणभक्खत्ताए परिणमंति, से जहानामए सीया पोग्गला सीयं पप्प सीयं चेव अइवइत्ताणं चिट्ठति, उसिणा वा पोग्गला उसिणं पप्प उसिणं चेव अइवइत्ताणं चिट्ठति, एवामेव तेहिं देवेहिं मणभक्खीकए समाणे से इच्छामणे खिप्पामेव अवेइ ॥ ६४९ ॥ पन्नवणाए भगवईए अट्ठावीसइमे आहारपए पढमो उद्देसो समत्तो॥ आहार भविय सण्णी लेसा दिट्ठी य संजय कसाए । णाणे जोगुवओगे वेए य सरीर पजत्ती। जीवे णं भंते ! किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय Page #584 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २८ उ० २ कण्ह०] सुत्तागमे ५०९ अणाहारए, एवं नेरइए जाव असुरकुमारे जाव वेमाणिए । सिद्धे णं भंते ! किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! नो आहारए, अणाहारए । जीवा णं भंते ! किं आहारया अणाहारया ? गोयमा ! आहारया वि अणाहारया वि । नेरइयाणं पुच्छा। गोयमा ! सव्वे वि ताव होज्जा आहारया १, अहवा आहारगा य अणाहारए य २, अहवा आहारगा य अणाहारगा य ३, एवं जाव वेमाणिया, णवरं एगिंदिया जहा जीवा । सिद्धाणं पुच्छा। गोयमा ! नो आहारगा, अणाहारगा ॥ दारं १॥ भवसिद्धिए णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए, एवं जाव वेमाणिए । भवसिद्धिया णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा? गोयमा ! जीवोगंदियवजो तियभंगो, अभवसिद्धिए वि एवं चेव । नोभवसिद्धिएनोअभवसिद्धिए णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! णो आहारए, अणाहारए, एवं सिद्धे वि। नोभवसिद्धियनोअभवसिद्धिया णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा ? गोयमा ! नो आहारगा, अणाहारगा, एवं सिद्धा वि ॥ दारं २॥ सण्णी णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए, एवं जाव वेमाणिए, नवरं एगिदियविगलिंदिया नो पुच्छिजति । सण्णी णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा ? गोयमा ! जीवाइओ तियभंगो जाव वेमाणिया। असण्णी णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए, एवं णेरइए जाव वाणमंतरे। जोइसियवेमाणिया ण पुच्छिज्जति । असण्णी णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा? गोयमा ! आहारगा वि अणाहारगा वि एगो भंगो। असण्णी णं भंते ! णेरइया किं आहारया अणाहारया ? गोयमा ! आहारगा वा १, अणाहारगा वा २, अहवा आहारए य अणाहारए य ३, अहवा आहारए य अणाहारया य ४, अहवा आहारगा य अणाहारए य ५, अहवा आहारगा य अणाहारगा य ६, एवं एए छब्भंगा, एवं जाव थणियकुमारा । एगिदिएसु अभंगयं, बेइंदिय जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु तियभंगो, मणूसवाणमंतरेसु छब्भंगा। नोसण्णीनोअसण्णी णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए य, एवं मणूसे वि। सिद्धे अणाहारए, पुहुत्तेणं नोसण्णीनोअसण्णी जीवा आहारगा वि अणाहारगा वि, मणूसेसु तियभंगो, सिद्धा अणाहारगा ॥ दारं ३ ॥ ६५० ॥ सलेसे णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए, एवं जाव वेमाणिए । सलेसा णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा ? गोयमा ! जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, एवं कण्हलेसा वि नीललेसा वि काउलेसा वि जीवेगिंदियवजो Page #585 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं तियभंगो। तेउलेसाए पुढविआउवणस्सइकाइयाणं छन्भंगा, सेसाणं जीवाइओ तियभंगो जेसिं अत्थि तेउलेसा, पम्हलेसाए सुक्कलेसाए य जीवाइओ तियभंगो, अलेसा जीवा मणुस्सा सिद्धा य एगत्तेण वि पुहुत्तेण वि नो आहारगा अणाहारगा॥ दारं ४॥ ६५१ ॥ सम्मद्दिट्टी णं भंते ! जीवा किं आहारगा अणाहारगा ? गोयमा ! सिय आहारगा, सिय अणाहारगा। बेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया छब्भंगा, सिद्धा अणाहारगा, अवसेसाणं तियभंगो, मिच्छादिट्ठीसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो। सम्मामिच्छादिट्ठीणं भंते !० किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! आहारए, नो अणाहारए, एवं एगिंदियविगलिंदियवजं जाव वेमाणिए, एवं पुहुत्तेण वि ॥ दारं ५ ॥ ६५२ ॥ संजए णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए, एवं मणूसे वि, पुहुत्तेणं तियभंगो। असंजए पुच्छा । सिय आहारए, सिय अणाहारए, पुहुत्तेणं जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, संजयासंजए णं जीवे पंचिंदियतिरिक्खजोणिए मणूसे य ३ एए एगत्तेण वि पुहुत्तेण वि आहारगा नो अणाहारगा, नोसंजए-नोअसंजए-नोसंजयासंजए जीवे सिद्धे य एए एगत्तेण पोहत्तेण वि नो आहारगा अणाहारगा ॥ दारं ६ ॥ ६५३ ॥ सकसाई णं भंते ! जीवे किं आहारए अणाहारए ? गोयमा ! सिय आहारए, सिय अणाहारए, एवं जाव वेमाणिया, पुहुत्तर्ण जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, कोहकसाईसु जीवाईसु एवं चेव, नवरं देवेसु छन्भंगा, माणकसाईसु मायाकसाईसु य देवनेरइएसु छन्भंगा, अवसेसाणं जीवेगिंदियवजो तियभंगो, लोहकसाईसु नेरइएसु छन्भंगा, अवसेसेसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, अकसाई जहा णोसण्णीणोअसण्णी ॥ दारं ७ ॥ ६५४ ॥ णाणी जहा सम्मट्टिी। आभिणिबोहियणाणी सुयणाणी य बेइंदियतेइंदियचउरिदिएसु छन्भंगा, अवसेसेसु जीवाइओ तियभंगो जेसिं अस्थि । ओहिणाणी पांचं दियतिरिक्खजोणिया आहारगा, णो अणाहारगा, अवसेसेसु जीवाइओ तियभंगो जेसिं अत्थि ओहिनाणं, मणपज्जवनाणी जीवा मणूसा य एगत्तेण वि पुहुत्तेण वि आहारगा, णो अणाहारगा। केवलनाणी जहा नोसण्णीनोअसण्णी ॥ दारं ८-१॥ अण्णाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी जीवेगिदियवजो तियभंगो । विभंगणाणी पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा य आहारगा, णो अणाहारगा, अवसेसेसु जीवाइओ तियभंगो ॥ दारं ८-२॥ ६५५॥ सजोगीसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो। मणजोगी वइजोगी जहा सम्मामिच्छट्ठिी, नवरं वइजोगो विगलिंदियाण वि । कायजोगीसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, अजोगी जीवमणूससिद्धा अणाहारगा॥दारं ९॥सागाराणागारोवउत्तेसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, सिद्धा अणाहारगा॥ दारं १०॥ सवेयए जीवेगिंदियवजो तियभंगो, इत्थिवेययपुरिस Page #586 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० २९ णे० अणागारोवओग० ] सुत्तागमे वेयएसु जीवाइओ तियभंगो, नपुंसगवेयए य जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, अवेयए जहा केवलणाणी ॥ दारं ११ ॥ ६५६ ॥ ससरीरी जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, ओरालियसरीरीजीवमणूसेसु तियभंगो, अवसेसा आहारगा, नो अणाहारगा जेसिं अथ ओरालियसरीरं, वेउव्वियसरीरी आहारगसरीरी य आहारगा, नो अणाहारगा जेसिं अत्थि, तेयकम्मसरीरी जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, असरीरी जीवा सिद्धा य नो आहारगा, अणाहारगा ॥ दारं १२ ॥ आहारपजत्तीए पज्जत्तए सरीरपज्जत्तीए पजत्तए इंदियपज्जत्तीए पजत्तए आणापाणुपज्जत्तीए पज्जत्तए भासामणपजत्तीए पज्जत्तए एयासु पंचसु वि पज्जत्तीसु जीवेसु मणूसेसु य तियभंगो, अवसेसा आहारगा, नो अणाहारगा, भासामणपज्जत्ती पंचिंदियाणं, अवसेसाणं नत्थि । आहारपजत्तीअपज्जत्तए णो आहारए, अणाहारए एगत्तेण वि पुहुत्तेण वि, सरीरपज्जत्तीअपजत्तए सिय आहारए सिय अणाहारए, उवरिल्लियासु चउसु अपज्जत्तीसु नेरइयदेवमणूसेसु छब्भंगा, अवसेसाणं जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो, भासामणपज्जत्तएसु जीबेसु पंचिंदियतिरिक्खजोगिएसु य तियभंगो, नेरइयदेवमणुएस छब्भंगा । सव्वपएस एगत्तपोहत्तेणं जीवाइया दंडगा पुच्छाए भाणियव्वा जस्स जं अत्थि तस्स तं पुच्छिजइ, जस्स जं णत्थि तस्स तं ण पुच्छिनइ जाव भासामणपज्जत्तीअपज्जत्तएसु नेरइयदेवमणुएसु छब्भंगा, सेसेसु तियभंगो ॥ ६५७ ॥ दारं १३ ॥ बिइओ उद्देसो समत्तो ॥ पन्नवणाए भगवईए अट्ठावीसइमं आहारपयं समत्तं ॥ कइविहे णं भंते ! उवओगे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे उवओगे पन्नत्ते । तंजहा - सागारोवओगे य अणागारोवओगे य । सागारोवओगे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! अट्ठविहे पन्नत्ते । तंजहा - आभिणिबोहियणाणसागारोवओगे, सुयणाणसागारोवओगे, ओहिणाणसागारोवओगे, मणपज्जवणाणसागारोवओगे, केवलणाणसागारोवओगे, मइअण्णाणसागारोवओगे, सुयअण्णाणसागारोवओगे, विभंगणाणसागारोवओगे | अणागारोवओगे णं भंते ! कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पन्नते । तंजहा- चक्खुदंसणअणागारोवओगे, अचक्खुदंसणअणागारोवओगे, ओहिदंसणअणागारोवओगे, केवलदंसणअणागारोवओगे य । एवं जीवाणं ॥ ६५८ ॥ नेरइयाणं भंते ! कइविहे उवओगे पन्नत्ते ? गोगमा ! दुविहे उवओगे पन्नत्ते । तंजहा - सागारोव - ओगे य अणागारोवओगे य । नेरइयाणं भंते ! सागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! छव्विहे पन्नत्ते । तंजहा - मइणाणसागारोवओगे, सुयणाणसागारोवओगे, ओहिणाणसागारोवओगे, मइअण्णाणसागारोवओगे, सुयअण्णाणसागारोवओगे, विभंगणाणसा गारोवओगे । नेरइयाणं भंते! अणागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! ५११ Page #587 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५१२ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं तिविहे पन्नत्ते । तंजहा-चक्खुदंसणअणागारोवओगे, अचक्खुदंसणअणागारोवओगे, ओहिदंसणअणागारोवओगे, एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहे उवओगे पन्नत्ते । तंजहा - सागारोवओगे अणागारोवओगे य । पुढविकाइयाणं॰ सागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - मइअण्णाणसागारोवओगे, सुयअण्णाणसागारोवओगे य । पुढविकाइयाणं० अणागारोवओगे कहविहे पन्नत्ते? गोयमा ! एगे अचक्खुदंसणअणागारोवओगे पन्नत्ते, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! दुविहे उवओगे पन्नत्ते । तंजहा - सागारोव - ओगे अणागारोवओगे य । बेइंदियाणं भंते! सागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! 'चविपन्नत्ते । तं जहा - आभिणिबोहियणाण०, सुयणाण०, मइअण्णाण ०, सुथअण्णाणसागारोवओगे। बेइंदियाणं भंते! अणागारोवओगे कइविहे पन्नत्ते ? गोयमा ! 'गे अक्खु दंसणअणागारोवओगे, एवं तेइंदियाण वि । चउरिंदियाण वि एवं चेव, नवरं अणागारोवओगे दुविहे पन्नत्ते । तंजहा - चक्खुदंसणअणगारोवओगे, अचक्खुदंसणअणागारोवओगे । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा नेरइयाणं । मणुस्साणं जहा ओहिए उवओगे भणियं तहेव भाणियव्वं । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा `णेरइयाणं ॥ ६५९ ॥ जीवा णं भंते! किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्ता वि । से केणटुणं भंते ! एवं बुच्चइ - ' जीवा सागा - रोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि' ? गोयमा ! जेणं जीवा आभिणिबोहियणाणसुयणाणओहिणाणमणपज्जवणाणकेवलणाणमइ अण्णाणसुयअण्णाणविभंगणाणोवउत्ता जीवा सागारोवउत्ता, जेणं जीवा चक्खुदंसणअचक्खुदंसणओहिदंसणकेवलदंसणोउत्ता तेणं जीवा अणागारोवउत्ता, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ – 'जीवा - सागारोवउत्तावि अणागारोवउत्ता वि' । नेरइया णं भंते ! किं सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता ? गोयमा ! नेरइया सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि । सेकेण भंते ! एवं वच्चइ० ? गोयमा ! जेणं नेरइया आभिणिबोहियनाणसुयनाणओहिनाणमइअन्नाणसुयअन्नाणविभंगनाणोवउत्ता तेणं नेरइया सागारोवउत्ता, जेणं नेरइया चक्खुदंसणअचक्खुदंसणओहिदंसणोवउत्ता तेणं नेरइया अणागारोवउत्ता, से तेण - तेणं गोयमा ! एवं च - जाव 'सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि', एवं जाव अणियकुमारा । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! तहेत्र जाव जेणं पुढविकाइया · मइअण्णाणसुयअण्णाणोवउत्ता तेणं पुढविकाइया सागारोवउत्ता, जेणं पुढविकाइया अचक्खुदंसणोवउत्ता तेणं पुढविकाइया अणागारोवउत्ता, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं च जाव वणफइकाइया । बेइंदियाणं भंते! अट्ठसहिया तहेव पुच्छा । Page #588 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५१३ २०३० सागारपस्सी० जीवा] सुत्तागमे गोयमा ! जाव जेणं बेइंदिया आभिणिबोहियणाणसुयणाणमइअण्णाणसुयणाणोवउत्ता तेणं बेइंदिया सागारोवउत्ता, जेणं बेइंदिया अचक्खुदंसणोवउत्ता तेणं अणागारोवउत्ता, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ०, एवं जाव चउरिंदिया, णवरं चक्खुदसणं अब्भहियं चउरिंदियाणं ति । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया, मणूसा जहा जीवा, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया ॥ ६६० ॥ पन्नवणाए भगवईए एगूणतीसइमं उबओगपयं समत्तं ॥ ___ कइविहा णं भंते ! पासणया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पासणया पन्नत्ता । तंजहा-सागारपासणया, अणागारपासणया। साग्शरपासणया णं भंते ! कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! छव्विहा पन्नत्ता। तंजहा-सुयणाण० पासणया, ओहिणाण०पासणया, मणपज्जवणाण०पासणया, केवलणाण०पासणया, सुयअण्णाणसागारपासणया, विभंगणाणसागारपासणया । अणागारपासणया णं भंते ! कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा पन्नत्ता । तंजहा-चक्खुदंसणअणागारपासणया, ओहिदंसणअणागारपासणया, केवलदसणअणागारपासणया, एवं जीवाणं पि । नेरइयाणं भंते ! कइविहा पासणया पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-सागारपासणया, अणागारपासणया । नेरइयाणं भंते ! सागारपासणया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! चउन्विहा पन्नत्ता। तंजहा-सुयणाणपासणया, ओहिणाण०पासणया, सुयअण्णाण० पासणया, विभंगणाण पासणया। नेरइयाणं भंते ! अणागारपासणया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-चक्खुदंसण० ओहिदंसण०, एवं जाव थणियकुमारा। पुढविकाइयाणं भंते ! कइविहा पासणया पन्नत्ता ? गोयमा ! एगा सागारपासणया प० । पुडविकाइयाणं भंते ! सागारपासणया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा! एगा सुयअन्नाणसागारपासणया पन्नत्ता, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं भंते ! कइविहा पासणया पन्नत्ता ? गोयमा ! एगा सागारपासणया पन्नत्ता। बेइंदियाणं भंते ! सागारपासणया कइविहा ‘पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता। तंजहा-सुयणाणसागारपासणया, सुयअण्णाणसागारपासणया, एवं तेइंदियाण वि। चउरिंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सागारपासणया य अणागारपासणया य। सागारपासणया जहा बेइंदियाणं । चउरिंदियाणं भंते ! अणागारपासणया कइविहा पन्नत्ता ? गोयमा ! एगा चक्खुदंसणअणागारपासणया पन्नत्ता । मणूसाणं जहा जीवाणं, सेसा जहा नेरइया जाव वेमाणियाणं ॥ ६६१ ॥ जीवा णं भंते ! किं सागारपस्सी, अणागारपस्सी ? गोयमा ! जीवा सागारपस्सी वि अणागारपस्सी वि । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जीवा सागारपस्सी वि अणागारपस्सी वि' ? गोयमा ! जेणं जीवा ३३ सुत्ता. Page #589 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं सुयणाणी ओहिणाणी मणपजवणाणी केवलणाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी तेणे जीवा सागारपस्सी, जेणं जीवा चक्खुदंसणी ओहिदसणी केवलदसणी तेणं जीवा अणागारपस्सी, से एएणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'जीवा सागारपस्सी वि अणागारपस्सी वि' । नेरइया णं भंते ! किं सागारपस्सी, अणागारपस्सी ? गोयमा ! एवं चेव, नवरं सागारपासणयाए मणपजवनाणी केवलनाणी न वुच्चइ, अणागारपासणयाए केवलदसणं नत्थि, एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! पुढविकाइया सागारपस्सी, णो अणागारपस्सी । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ.? गोयमा ! पुढविकाइयाणं एगा सुयअण्णाणसागारपासणया पन्नत्ता, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! सागारपस्सी, णो अणागारपस्सी । से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ० ? गोयमा ! बेइंदियाणं दुविहा सागारपासणया पनत्ता । तंजहा-सुयणाणसागारपासणया, सुयअण्णाणसागारपासणया, से एएणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ० । एवं तेइंदियाण वि। चउरिंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! चउरिंदिया सागारपस्सी वि अणागारपस्सी वि। से केणटेणं० ? गोयमा ! जेणं चउरिंदिया सुयणाणी सुयअण्णाणी तेणं चउरिंदिया सागारपस्सी, जेणं चउरिंदिया चक्खुदंसणी तेणं चउरिंदिया अणागारपस्सी, से एएणतुणं गोयमा ! एवं बुच्चइ० । मणूसा जहा जीवा, अवसेसा जहा नेरइया जाव वेमाणिया ॥ ६६२ ॥ केवली णं भंते! इमं रयणप्पभं पुढवि आगारोहिं हेऊहिं उवमाहिं दिटुंतेहिं वण्णेहिं संठाणेहिं पमाणेहिं पडोयारेहिं जं समयं जाणइ तं समयं पासइ, जं समयं पासइ तं समयं जाणइ ? गोयमा! नो इणढे समढे। से केणढणं भंते! एवं वुच्चइ- केवली णं इमं रयणप्पभं पुढविं आगारेहिं० जं समयं जाणइ नो तं समयं पासइ, जं समयं पासइ नो तं समयं जाणइ ? गोयमा ! सागारे से णाणे भवइ, अणागारे से दंसणे भवइ, से तेणटेणं जाव नो तं समयं जाणइ, एवं जाव अहेसत्तमं । एवं सोहम्मकप्पं जाव अच्चुयं, गेविजगविमाणा अणुत्तरविमाणा, ईसिप्पन्भारं पुढविं, परमाणुपोग्गलं दुपएसियं खंधं जाव अणंतपएसियं खंधं । केवली णं भंते ! इमं रयणप्पभं पुढविं अणागारेहिं अहेऊहिं अणुवमाहिं अदिढतेहिं अवण्णेहिं असंठाणेहिं अपमाणेहिं अपडोयारेहिं पासइ न जाणइ ? हंता गोयमा ! केवली णं इमं रयणप्पभं पुढविं अणागारेहिं जाव पासइ न जाणइ । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-केवली णं इमं रयणप्पभं पुढविं अणागारेहिं जाव पासइ न जाणई' ? गोयमा ! अणागारे से दंसणे भवइ, सागारे से नाणे भवइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-केवली णं इमं रयणप्पभं पुढविं अणागारेहिं जाव पासइ न जाणइ', एवं जाव ईसिप्पन्भारं Page #590 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प० ३३ णे० ओहि० ] सुता पुढविं परमाणुपोग्गलं अनंतपएसियं खंधं पासइ, न जाणइ ॥ ६६३ ॥ पन्नवणाए भगवईए तीसइमं पासणयापयं समत्तं ॥ जीवाणं भंते! किं सण्णी, असण्णी, नोसण्णीनोअसण्णी ? गोयमा ! जीवा सण्णी वि असण्णी वि नोसण्णीनोअसण्णी वि । नेरइयाणं पुच्छा । गोयमा ! नेरया सण्णी वि असण्णी वि नो नोसण्णीनोअसण्णी । एवं असुरकुमारा जाव थणियकुमारा । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! नो सण्णी, असण्णी, नो नोसण्णीनोअसण्णी । एवं बेइंदियतेइं दियचउरिंदिया वि, मणूसा जहा जीवा, पंचिंदियतिरिक्खजोणिया वाणमंतरा य जहा नेरइया, जोइसियवेमाणिया सण्णी, नो असण्णी, नो नोसण्णीनोअसण्णी | सिद्धाणं पुच्छा । गोयमा ! नो सण्णी, नो असण्णी, नोसण्णीनोअसण्णी । नेरइयतिरियमणुया य वणयरगसुराइ सणसणी य। विगलिंदिया असण्णी जोइसवेमाणिया सण्णी ॥ ६६४ ॥ पन्नवणाए भगवईए इगतीसइमं सण्णीयं समत्तं ॥ जीवा णं भंते! किं संजया, असंजया, संजयासंजया, नोसंजयनोअसंजयनोसंजया संजया ? गोयमा ! जीवा संजया वि १, असंजया वि २, संजया संजया वि ३, नोसंजयनोअसंजयनोसंजया संजया वि ४ । नेरइया णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! नेरइया नो संजया, असंजया, नो संजयासंजया, नो नोसंजयनोअसंजयनोसंजय संजया । एवं जाव चउरिंदिया । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया नो संजया, असंजया वि, संजयासंजया वि, नो नोसंजयनोअसंजयनोसंजयासंजया वि । मणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! मणूसा संजया वि असंजया वि संजया संजया वि, नो नोसंजयनोअसंजयनोसंजया संजया । वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया । सिद्धाणं पुच्छा । गोयमा ! सिद्धा नो संजया १, नो असंजया २, नो संजयासंजया ३, नोसंजय नोअसंजयनोसंजया संजया ४। गाहा-“संजयअसंजयमीसगा य जीवा तहेव मणुया य । संजयरहिया तिरिया सेसा अस्संजया होंति” ॥ ६६५ || पन्नवणाए भगवईए बत्तीसइमं संजयपर्यं समत्तं ॥ ५१५ भेयविसयसंठाणे अब्भितरबाहिरे य देसोही । ओहिस्स य खयवुड्ढी पडिवाई चेव अपडिवाई ॥ कइविहा णं भंते ! ओही पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा ओही पन्नत्ता । तंजहाभवपच्चइया य खओवसमिया य, दोन्हं भवपञ्चइया, तंजहा- देवाण य नेरइयाण य, दोहं खओवसमिया, तंजहा - मणूसाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाण य ॥ ६६६ ॥ नेरइया णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहन्नेणं अद्ध Page #591 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं गाउयं, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाइं ओहिणा जाणंति पासंति । रयणप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहन्नेणं अद्धट्ठाई गाउयाई, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाइं ओहिणा जाणंति पासंति । सक्करप्पभापुढविनेरइया जहन्नेणं तिण्णि गाउयाई, उक्कोसेणं अद्भुट्ठाई गाउयाइं ओहिणा जाणंति पासंति । वालुयप्पभापुढविनेरइया जहन्नेणं अड्डाइजाइं गाउयाई, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई ओहिणा जाणंति पासंति । पंकप्पभापुढविनेरइया जहन्नेणं दोणि गाउयाई, उक्कोसेणं अड्डाइजाइं गाउयाइं ओहिणा जाणंति पासंति । धूमप्पभापुढविनेरइया जहन्नेणं दिवढे गाउयाई, उक्कोसेणं दो गाउयाइं ओहिणा जाणंति पासंति । तमापुढविनेरइया जहन्नेणं गाउयं, उक्कोसेणं दिवढे गाउयं ओहिणा जाणंति पासंति । अहेसत्तमाए पुच्छा । गोयमा ! जहन्नेणं अद्धं गाउयं, उक्कोसेणं गाउयं ओहिणा जाणंति पासंति ॥ ६६७ ॥ असुरकुमारा णं भंते ! ओहिणा केवइयं खेत्तं जाणंति पासंति? गोयमा! जहन्नेणं पणवीसं जोयणाई, उक्कोसेणं असंखेजे दीवसमुद्दे ओहिणा जाणंति पासंति । नागकुमारा णं जहन्नेणं पणवीसं जोयणाई, उक्कोसेणं संखेने दीवसमुद्दे ओहिणा जाणंति पासंति, एवं जाव थणियकुमारा । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं असंखेजे दीवसमुद्दे० । मणूसा णं भंते ! ओहिणा केवइयं खेत्तं जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं असंखेजाइं अलोए लोयप्पमाणमेत्ताइं खंडाइं ओहिणा जाणंति पासंति । वाणमंतरा जहा नागकुमारा ॥ ६६८ ॥ जोइसिया णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहन्नेणं संखेजे दीवसमुद्दे, उक्कोसेण वि संखेजे दीवसमुद्दे । सोहम्मगदेवा णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा ! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं अहे जाव इमीसे रयणप्पभाए हिटिल्ले चरमंते, तिरियं जाव असंखेजे दीवसमुद्दे, उढे जाव सगाइं विमाणाइं ओहिणा जाणंति पासंति, एवं ईसाणगदेवा वि । सणंकुमारदेवा वि एवं चेव, नवरं जाव अहे दोच्चाए सक्करप्पभाए पुढवीए हिट्ठिल्ले चरमंते, एवं माहिंददेवा वि । बंभलोयलंतगदेवा० तच्चाए पुढवीए हिटिल्ले चरमंते, महासुक्कसहस्सारगदेवा० चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए हेडिल्ले चरमंते, आणयपाणयआरणच्चुयदेवा अहे जाव पंचमाए धूमप्पभाए० हेडिल्ले चरमंते, हेछिममज्झिमगेवेजगदेवा अहे जाव छठाए तमाए पुढवीए हेटिल्ले चरमंते । उवरिमगेविजगदेवा णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा! जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं अहेसत्तमाए. Page #592 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३४ असुरकुमार० पुच्छा] सुत्तागमे हेहिले चरमंते, तिरियं जाव असंखेजे दीवसमुद्दे, उट्ठे जाव सयाइं विमाणाई ओहिणा जाणंति पासंति । अणुत्तरोववाइयदेवा णं भंते ! केवइयं खेत्तं ओहिणा जाणंति पासंति ? गोयमा ! संभिन्नं लोगनालिं ओहिणा जाणंति पासंति ॥ ६६९ ॥ नेरइयाणं भंते ! ओही किंसंठिए पन्नत्ते ? गोयमा ! तप्पागारसंठिए पन्नत्ते । असुरकुमाराणं पुच्छा । गोयमा ! पल्लगसंठिए, एवं जाव थणियकुमाराणं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! णाणासंठाणसंठिए, एवं मणूसाण वि । वाणमंतराणं पुच्छा । गोयमा ! पडहगसंठाणसंठिए । जोइसियाणं पुच्छा । गोयमा ! झल्लरिसंठाणसंठिए पन्नत्ते । सोहम्मगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! उड्डमुयंगागारसंठिए पन्नत्ते, एवं जाव अच्चुयदेवाणं । गेवेजगदेवाणं पुच्छा । गोयमा ! पुप्फचंगेरिसंठिए पन्नत्ते । अणुत्तरोववाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जवनालियासंठिए ओही पन्नत्ते ॥ ६७० ॥ नेरइया णं भंते ! ओहिस्स किं अंतो, बाहिं ? गोयमा ! अंतो, नो बाहिं, एवं जाव थणियकुमारा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! नो अंतो, बाहिं । मणूसाणं पुच्छा । गोयमा ! अंतो वि बाहिं पि । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं ॥ ६७१ ॥ नेरइयाणं भंते ! किं देसोही, सव्वोही ? गोयमा ! देसोही, नो सव्वोही, एवं जाव थणियकुमारा। पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! देसोही, नो सव्वोही। मणूसाणं पुच्छा । गोयमा ! देसोही वि सव्वोही वि । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं ॥ ६७२ ॥ नेरइयाणं भंते ! ओही किं आणुगामिए, अणाणुगामिए, वड्डमाणए, हीयमाणए, पडिवाई, अप्पडिवाई, अवट्ठिए, अणवट्ठिए ? गोयमा ! आणुगामिए, नो अणाणुगामिए, नो वड्डमाणए, नो हीयमाणए, नो पडिवाई, अप्पडिवाई, अवट्ठिए, नो अणवट्ठिए, एवं जाव थणियकुमाराणं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! आणुगामिए वि जाव अणवट्ठिए वि, एवं मणूसाण वि । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं ॥ ६७३ ॥ पन्नवणाए भगवईए तेत्तीसइमं ओहिपयं समत्तं ॥ __ अणंतरागयाहारे १ आहारे भोयणाइ य २ । पोग्गला नेव जाणंति ३ अज्झवसाणा ४ य आहिया ॥१॥ सम्मत्तस्साहिगमे ५ तत्तो परियारणा ६ य बोद्धव्वा । काए फासे रूवे सद्दे य मणे य अप्पबहुं ७ ॥२॥ नेरइया णं भंते ! अणंतराहारा, तओ निव्वत्तणया, तओ परियाइणया, तओ परिणामया, तओ परियारणया, तओ पच्छा विउव्वणया ? हंता गोयमा! नेरइया णं अणंतराहारा, तओ निव्वत्तणया, तओ परियाइणया, तओ परिणामया, तओ परियारणया, तओ पच्छा विउव्वणया । असुरकुमारा णं भंते ! अणंतराहारा, तओ निव्वत्तणया, तओ परियाइणया, तओ परिणा Page #593 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पण्णवणासुतं मया, तओ विउव्वणया, तओ पच्छा परियारणया ? हंता गोयमा ! असुरकुमारा अणंतराहारा, तओ निव्वत्तणया जाव तओ पच्छा परियारणया, एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइयाणं भंते! अणंतराहारा, तओ निव्वत्तणया, तओ परियाइणया, तओ परिणामया, तओ परियारणया, तओ विउव्वणया ? हंता गोयमा ! तं चेव जाव परियारणया, नो चेव णं विउव्वणया । एवं जाव चउरिंदिया, नवरं वाउक्काइया पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा य जहा नेरइया, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा ॥ ६७४ ॥ नेरइयाणं भंते! आहारे किं आभोगनिव्वत्तिए, अणाभोगनिव्वत्तिए ? गोयमा ! आभोगनिव्वत्तिए वि अणाभोगनिव्वत्तिए वि । एवं असुरकुमाराणं जाव वैमाणियाणं, णवरं एगिंदियाणं नो आभोगनिव्वत्तिए, अणाभोगनिव्वत्तिए । नेरइया णं भंते ! जे पोग्गले आहारत्ताए गिव्हंति ते किं जाणंति पासंति आहारेंति, उदाहु न जाणंति न पासंति आहारेंति ? गोयमा ! न जाणंति न पासंति आहारेंति, एवं जाव तेइंदिया । चउरिंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! अत्थे - इया न जाणंति पासंति आहारेंति, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेंति । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेंति १, अत्थेगइया जाणंति न पासंति आहारेंति २, अत्थेगइया न जाणंति पासंति आहारेंति ३, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेंति ४, एवं जाव मणुस्साण वि । वाणमंतरजोइसिया जहा नेरइया । वेमाणियाणं पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेन्ति, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेन्ति । से णणं भंते ! एवं चर - 'वेमाणिया अत्थेगइया जाणंति पासंति आहारेन्ति, अत्थेगइया न जाणंति न पासंति आहारेन्ति' ? गोयमा ! वेमाणिया दुविहा पन्नत्ता | तंजहा-माइमिच्छद्दिट्ठिउववन्नगा य अमाइसम्म द्दिविवन्नगा य, एवं जहा इंदियउद्देसए पढमे भणियं तहा भाणियव्वं जाव से एएणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ० ॥ ६७५॥ नेरइयाणं भंते! केवइया अज्झवसाणा पन्नत्ता ? गोयमा ! असंखेज्जा अज्झवसाणा पन्नत्ता । ते णं भंते! किं पसत्था अपसत्था ? गोयमा ! पसत्था वि अपसत्था वि, एवं जाव वैमाणियाणं । नेरइया णं भंते! किं सम्मत्ताभिगमी, मिच्छत्ताभिगमी, सम्मामिच्छत्ताभिगमी ? गोयमा ! सम्मत्ताभिगमी वि मिच्छत्ताभिगमी व सम्मामिच्छत्ताभिगमी वि, एवं जाव वैमाणियाण वि । नवरं एगिंदियविगलिंदिया णो सम्मत्ताभिगमी, मिच्छत्ताभिगमी, नो सम्मामिच्छत्ताभिगमी ॥ ६७६ ॥ देवा णं भंते ! सदेवीया सपरियारा, सदेवीया अपरियारा, अदेवीया सपरियारा, अदेवीया अपरियारा ? गोयमा ! अत्थेगइया देवा सदेवीया सपरियारा, अत्थेगइया देवा ५१८ Page #594 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३४ स्वपरि०] सुत्तागमे अदेवीया सपरियारा, अत्थेगइया देवा अदेवीया अपरियारा, नो चेव णं देवा सदेवीया अपरियारा । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'अत्थेगइया देवा सदेवीया सपरियारा, तं चेव जाव नो चेव णं देवा सदेवीया अपरियारा ? गोयमा ! भवणवइवाणमंतरजोइससोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवा सदेवीया सपरियारा, सर्णकुमारमाहिंदबंभलोगलंतगमहासुक्कसहस्सारआणयपाणयआरणच्चुएसु कप्पेसु देवा अदेवीया सपरियारा, गेवेजअणुत्तरोववाइया देवा अदेवीया अपरियारा, नो चेव णं देवा सदेवीया अपरियारा, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'अत्थेगइया देवा सदेवीया सपरियारा, तं चेब, नो चेव णं देवा सदेवीया अपरियारा' ॥ ६७७ ॥ कइविहा णं भंते ! परियारणा पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा परियारणा पन्नत्ता । तंजहा-कायपरियारणा, फासपरियारणा, रूवपरियारणा, सद्दपरियारणा, मणपरियारणा । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-पंचविहा परियारणा पन्नत्ता। तंजहाकायपरियारणा जाव मणपरियारणा ? गोयमा ! भवणवइवाणमंतरजोइससोहम्मीसाणेसु कप्पेसु देवा कायपरियारगा, सणंकुमारमाहिदेसु कप्पेसु देवा फासपरियारगा, बंभलोयलंतगेसु देवा स्वपरियारगा, महासुक्कसहस्सारेसु देवा सद्दपरियारगा, आणयपाणयआरणञ्चुएसु कप्पेसु देवा मणपरियारगा, गेवेजअणुत्तरोववाइया देवा अपरियारगा, से तेणटेणं गोयमा ! तं चेव जाव मणपरियारगा । तत्थ णं जे ते कायपरियारगा देवा तेसि णं इच्छामणे समुप्पजइ-'इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं कायपरियारं करेत्तए', तए णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे खिप्पामेव ताओ अच्छराओ ओरालाई सिंगाराइं मणुण्णाइं मणोहराई मणोरमाइं उत्तरवेउव्वियख्वाइं विउव्वंति विउव्वित्ता तेसिं देवाणं अंतियं पाउब्भवंति, तए णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं कायपरियारणं करेंति । से जहाणामए सीया पोग्गला सीयं पप्प सीयं चेव अइवइत्ताणं चिट्ठति, उसिणा वा पोग्गला उसिणं पप्प उसिणं चेव अइवइत्ताणं चिट्ठति, एवमेव तेहिं देवेहिं ताहिं अच्छराहिं सद्धिं कायपरियारणे कए समाणे से इच्छामणे खिप्पामेव अवेइ ॥ ६७८ ॥ अत्थि णं भंते ! तेसिं देवाणं सुक्कपोग्गला ? हंता ! अस्थि । ते णं भंते ! तासिं अच्छराणं कीसत्ताए भुजो भुजो परिणमंति ? गोयमा! सोइंदियत्ताए चक्खुइंदियत्ताए घाणिं दियत्ताए रसिंदियत्ताए फासिंदियत्ताए इट्टत्ताए कंतत्ताए मणुन्नत्ताए मणामत्ताए सुभगत्ताए सोहग्गरूवजोव्वणगुणलावन्नत्ताए ते तासिं भुजो भुजो परिणमंति ॥ ६७९ ॥ तत्थ णं जे ते फासपरियारगा देवा तेसि णं इच्छामणे समुप्पजइ, एवं जहेव कायपरियारगा तहेव निरवसेसं भाणिन्यव् । तत्थ णं जे ते रूवपरियारगा देवा तेसि णं इच्छामणे समुप्पज्जइ Page #595 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२० सुत्तागमे [पण्णवणासुतं 'इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं रूवपरियारणं करेत्तए', तए णं तेहिं देवहिं एवं मणसीकए समाणे तहेव जाव उत्तरवेउव्वियाइं रूवाइं विउव्वित्ता जेणामेव ते देवा तेणामेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता तेसिं देवाणं अदूरसामंते ठिच्चा ताइं उरालाई जाव मणोरमाइं उत्तरवेउब्बियाई रूवाइं उवदंसेमाणीओ २ चिट्ठति, तए णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं रूवपरियारणं करेंति, सेसं तं चेव जाव भुजो भुजो परिणमन्ति । तत्थ णं जे ते सद्दपरियारगा देवा तेसि णं इच्छामणे समुप्पज्जइ'इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं सहपरियारणं करेत्तए', तए णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे तहेव जाव उत्तरवेउब्बियाई रूवाई विउव्वंति विउव्वित्ता जेणामेव ते देवा तेणामेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता तेसिं देवाणं अदूरसामंते ठिच्चा अणुत्तराई उच्चावयाई सद्दाइं समुदीरेमाणीओ २ चिट्ठति, तए णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं सद्दपरियारणं करेन्ति, सेसं तं चेव जाव भुजो भुजो परिणमंति । तत्थ णं जे ते मणपरियारगा देवा तेसिं इच्छामणे समुप्पज्जइ-'इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धिं मणपरियारणं करेत्तए', तए णं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे खिप्पामेव ताओ अच्छराओ तत्थ-गयाओ चेव समाणीओ अणुत्तराई उच्चावयाई मणाइं संपहारेमाणीओ २ चिट्ठति, तए णं ते देवा ताहिं अच्छराहिं सद्धिं मणपरियारणं करेंति, सेसं णिरवसेसं तं चेव जाव भुजो भुजो परिणमंति ॥ ६८०॥ एएसि णं भंते ! देवाणं कायपरियारगाणं जाव मणपरियारगाणं, अपरियारगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा देवा अपरियारगा, मणपरियारगा संखेजगुणा, सद्दपरियारगा असंखेजगुणा, स्वपरियारगा असंखेजगुणा, फासपरियारगा असंखेजगुणा, कायपरियारगा असंखेजगुणा ॥ ६८१॥ पन्नवणाए भगवईए चउत्तीसइमं परियारणापयं समत्तं ॥ सीया य दव्व सरीरा साया तह वेयणा भवइ दुक्खा । अब्भुवगमोवकमिया निदा य अणिदा य नायव्वा ॥१॥ सायमसायं सव्वे सुहं च दुक्खं अदुक्खमसुहं च । माणसरहियं विगलिंदिया उसेसा दुविहमेव ॥ २॥ कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता? गोयमा ! तिविहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-सीया, उसिणा, सीओसिणा । नेरइया णं भंते ! किं सीयं वेयणं वेदेति, उसिणं वेयणं वेदेति, सीओसिणं वेयणं वेदेति ?: । गोयमा ! सीयं पि वेयणं वेदेति, उसिणं पि वेयणं वेदेति, नो सीओसिणं वेयणं वेदेति । केई एक्केकपुडवीए वेयणाओ भणंति । रयणप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! नो सीयं वेयणं वेदेति, उसिणं वेयणं वेदेति, नो सीओसिणं वेयणं वेदेति, एवं जाव वालुयप्पभापुढविनेरइया । पंकप्पभापुढविनेरइयाणं पुच्छा। Page #596 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३५ णे० वेयणा०] सुत्तागमे गोयमा ! सीयं पि वेयणं वेदेति, उसिणं पि वेयणं वेदेति, नो सीओसिणं वेयणं वेदेति । ते बहुयतरागा जे उसिणं वेयणं वेदेति, ते थोवतरागा जे सीयं वेयणं वेदेति । धूमप्पभाए एवं चेव दुविहा, नवरं ते बहुतरागा जे सीयं वेयणं वेदेति, ते थोवतरागा जे उसिणं वेयणं वेदेति । तमाए य तमतमाए य सीयं वेयणं वेदेति, नो उसिणं वेयणं वेदेति, नो सीओसिणं वेयणं वेदेति । असुरकुमाराणं पुच्छा । गोयमा ! सीयं पि वेयणं वेदेति, उसिणं पि वेयणं वेदेति, सीओसिणं पि वेयणं वेदेति, एवं जाव वेमाणिया ॥ ६८२ ॥ कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-दव्वओ खेत्तओ कालओ भावओ। नेरइया णं भंते ! किं दव्वओ वेयणं वेदेति जाव भावओ वेयणं वेदेति ? गोयमा ! दव्वओ वि वेयणं वेदेति जाव भावओ वि वेयणं वेदेति, एवं जाव वेमाणिया। कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-सारीरा, माणसा, सारीरमाणसा । नेरइया णं भंते ! किं सारीरं वेयणं वेदेति, माणसं वेयणं वेदेति, सारीरमाणसं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! सारीरं पि वेयणं वेदेति, माणसं पि वेयणं वेदेति, सारीरमाणसं पि वेयणं वेदेति । एवं जाव वेमाणिया, नवरं एगिदियविगलिंदिया सारीरं वेयणं वेदेति, नो माणसं वेयणं वेदेति, नो सारीरमाणसं वेयणं वेदेति । कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-साया, असाया, सायासाया । नेरइया णं भंते ! किं सायं वेयणं वेदेति, असायं वेयणं वेदेति, सायासायं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! तिविहं पि वेयणं वेदेति, एवं सव्वजीवा जाव माणिया । कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-दुक्खा, सुहा, अदुक्खमसुहा । नेरइया णं भंते ! किं दुक्खं वेयणं वेदेति पुच्छा । गोयमा ! दुक्खं पि वेयणं वेदेति, सुहं पि वेयणं वेदेति, अदुक्खमसुहं पि वेयणं वेदेति, एवं जाव वेमाणिया ॥ ६८३ ॥ कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-अब्भोवगमिया य उवक्कमिया य । नेरइया णं भंते ! अब्भोवगमियं वेयणं वेदेति, उवक्कमियं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! नो अब्भोवगमियं वेयणं वेदेति, उवक्कमियं वेयणं वेदेति, एवं जाव चउरिंदिया। पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा य दुविहं पि वेयणं वेदेति, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया ॥ ६८४ ॥ कइविहा णं भंते ! वेयणा पन्नत्ता ? गोयमा ! दुविहा वेयणा पन्नत्ता । तंजहा-निदा य अणिदा य । नेरइया णं भंते ! किं निदायं वेयणं वेदेति, अणिदायं वेयणं वेदेति ? गोयमा ! निदायं पि वेयणं वेदेति, अणिदायं पि Page #597 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२२ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं वेयणं वेदेति । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'नेरइया निदायं पि० अणिदायं पि वेयणं वेदेति' ? गोयमा ! नेरइया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-सण्णीभूया य असण्णीभया य । तत्थ णं जे ते सण्णीभूया ते णं निदायं वेयणं वेदेति, तत्थ णं जे ते असण्णीभूया ते णं अणिदायं वेयणं वेदेति, से तेणढेणं गोयमा ! एवं. नेरइया निदायं पि वेयणं वेदेति अणिदायं पि वेयणं वेदेति, एवं जाव थाणियकुमारा। पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! नो निदायं वेयणं वेदेति, अणिदायं वेयणं वेदेति । से केणढेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'पुढविकाइया नो निदायं वेयणं वेदेति, अणिदायं वेयणं वेदेति' ? गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे असण्णी असण्णिभूयं अणिदायं वेयणं वेदेति, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-पुढविकाइया नो निदायं वेयणं वेदेति, अणिदायं वेयणं वेदेति, एवं जाव चउरिंदिया । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया मणूसा वाणमंतरा जहा नेरइया । जोइसियाणं पुच्छा । गोयमा ! निदायं पि वेयणं वेदेति, अणिदायं पि वेयणं वेदेति । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'जोइसिया निदायं पि वेयणं वेदेति, अणिदायं पि वेयणं वेति' ? गोयमा ! जोइसिया दुविहा पन्नत्ता । तंजहा-माइमिच्छद्दिट्टिउववण्णगा य अमाइसम्मद्दिट्ठिउववण्णगा य । तत्थ णं जे ते माइमिच्छद्दिट्ठिउववण्णगा ते णं अणिदायं वेयणं वेदेति, तत्थ णं जे ते अमाइसम्मद्दिट्ठिउववण्णगा ते णं निदायं वेयणं वेदेति, से एएणटेणं गोयमा! एवं वुच्चइ 'जोइसिया दुविहं पि वेयणं वेदेति', एवं वेमाणिया वि ॥ ६८५ ॥ पन्नवणाए भगवईए पणतीसइमं वेयणापयं समत्तं ॥ वेयणकसायमरणे वेउवियतेयए य आहारे । केवलिए चेव भवे जीवमणुस्साण सत्तेव ॥ कइ णं भंते ! समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! सत्त समुग्घाया पन्नत्ता। तंजहा-वेयणासमुग्घाए १, कसायसमुग्घाए २, मारणंतियसमुग्धाए ३, वेउ वियसमुग्घाए ४, तेयासमुग्घाए ५, आहारगसमुग्घाए ६, केवलिसमुग्घाए ७ । वेयणासमुग्घाए णं भंते ! कइसमइए पन्नत्ते ? गोयमा ! असंखेजसमइए अंतोमुहुत्तिए पन्नत्ते, एवं जाव आहारगसमुग्घाए । केवलिसमुग्घाए णं भंते ! कइसमइए पन्नत्ते ? गोयमा ! अट्ठसमइए पन्नत्ते । नेरइयाणं भंते ! कइ समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि समुग्धाया पन्नत्ता । तंजहा-वेयणासमुग्धाए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्याए, वेउव्वियसमुग्घाए । असुरकुमाराणं भंते ! कइ समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच समुग्घाया पन्नत्ता। तंजहा-वेयणासमुग्घाए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्याए, वेउब्वियसमुग्याए, तेयासमुग्याए, एवं जाव थणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं भंते ! कइ समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! तिण्णि समुग्घाया पन्नत्ता। ! Page #598 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३६ वणस्सइ० पुच्छा] सुत्तागमे ५२३ तंजहा-वेयणासमुग्घाए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्घाए, एवं जाव चउरिंदियाणं । नवरं वाउकाइयाणं चत्तारि समुग्घाया पन्नत्ता । तंजहा-वेयणासमुग्धाए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्घाए, वेउव्वियसमुग्घाए । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जाव वेमाणियाणं भंते ! कइ समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंच समुग्घाया पन्नत्ता। तंजहा-वेयणासमुग्घाए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्घाए, वेउव्वियसमुग्घाए, तेयासमुग्घाए । नवरं मणूसाणं सत्तविहे समुग्घाए पन्नत्ते । तंजहा-वेयणासमुग्याए, कसायसमुग्धाए, मारणंतियसमुग्घाए, वेउव्वियसमुग्घाए, तेयासमुग्याए, आहारगसमुग्घाए, केवलिसमुग्घाए ॥६८६॥ एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया वेयणासमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्स त्थि तस्स जहण्णेणं एको वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेजा वा असंखेजा वा अणंता वा । एवमसुरकुमारस्स वि निरंतरं जाव वेमाणियस्स, एवं जाव तेयगसमुग्धाए, एवमेए पंच चउवीसा दंडगा। एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया आहारगसमुग्घाया अतीता ?. कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि तस्स जहन्नेणं एक्को वा दो वा, उक्कोसेणं तिण्णि । केवइया पुरेक्खडा ?० कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं चत्तारि, एवं निरंतरं जाव वेमाणियस्स, नवरं मणूसस्स अतीता वि पुरेक्खडा वि जहा नेरइयस्स पुरेक्खडा । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया केवलिसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! नत्थि । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि एक्को, एवं जाव वेमाणियस्स, नवरं मणूसस्स अतीता कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि एको, एवं पुरेक्खडा वि॥६८७ ॥ नेरइयाणं भंते ! केवइया वेयणासमुग्घाया अतीता? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! अणंता, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव तेयगसमुग्घाए, एवं एए वि पंच चउवीसदंडगा । नेरइयाणं भंते ! केवइया आहारगसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! असंखेज्जा । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! असंखेजा, एवं जाव वेमाणियाणं । नवरं वणस्सइकाइयाणं मणूसाण य इमं णाणत्तंवणस्सइकाइयाणं भंते ! केवइया आहारगसमुग्धाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । मणूसाणं भंते! केवइया आहारगसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! सिय संखेजा, सिय असंखेजा, एवं पुरेक्खडा वि । नेरइयाणं भंते ! केवइया केवलिसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! णत्थि । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! असंखेज्जा, एवं जाव वेमाणियाणं । नवरं वणस्सइमणूसेसु इमं नाणत्तं-वणस्सइकाइयाणं भंते ! केवइया Page #599 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२४ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं केवलिसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! णत्थि । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! अणंता। मणूसाणं भंते ! केवइया केवलिसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! सिय अत्थि सिय नत्थि, जइ अत्थि जहण्णेणं एको वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सयपुहुत्तं । केवइया पुरेक्खडा १० सिय संखेजा, सिय असंखेजा ॥ ६८८ ॥ एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया वेयणासमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अणंता वा । एवं असुरकुमारत्ते जाव वेमाणियत्ते । एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स नेरइयत्ते केवइया वेयणासमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि तस्स सिय संखेज्जा वा सिय असंखेजा वा सिय अणंता वा । एगमेगस्स णं भंते ! असुरकुमारस्स असुरकुमारत्ते केवइया वेयणासमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेजा वा अणंता वा, एवं नागकुमारत्ते वि जाव वेमाणियत्ते, एवं जहा वेयणासमुग्याएणं असुरकुमारे नेरइयाइवेमाणियपजवसाणेसु भणिओ तहा नागकुमाराइया अवसेसेसु सट्ठाणेसु परहाणेसु भाणियव्वा जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते। एवमेए चउव्वीसं चउव्वीसा दंडगा भवंति ॥ ६८९॥ एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया कसायसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि एगुत्तरियाए जाव अणंता । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स असुरकुमारत्ते केवइया कसायसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता, केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि सिय संखेजा, सिय असंखेजा, सिय अणंता, एवं जाव नेरइयस्स थणियकुमारत्ते । पुढविकाइयत्ते एगुत्तरियाए नेयव्वं, एवं जाव मणुयत्ते, वाणमंतरत्ते जहा असुरकुमारत्ते । जोइसियत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि सिय असंखेज्जा, सिय अणंता, एवं वेमाणियत्ते वि सिय असंखेना, सिय अणंता । असुरकुमारस्स नेरइयत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि सिय संखेजा, सिय असंखेजा, सिय अणंता । असुरकुमारस्स असुरकुमारत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा एगुत्तरिया, एवं नागकुमारत्ते जाव निरंतरं वेमाणियत्ते जहा नेरइयस्स भणियं तहेव भाणियव्वं, एवं जाव थणियकुमारस्स वि वेमाणियत्ते, नवरं सव्वेसिं सट्ठाणे एगुत्तरियाए, परट्ठाणे Page #600 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२५ प० ३६ रइय० ] जहेव असुरकुमारस्स । पुढविकाइयस्स नेरइयत्ते जाव थणियकुमारत्ते अतीता अनंता, पुरेक्खडा कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि सिय संखेज्जा, सिय असंखेजा, सिय अनंता । पुढविकाइयस्स पुढविकाइयत्ते जाव मणूसत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि एगुत्तरिया । वाणमंतरत्ते जहा पेरइयत्ते । जोइसियवेमाणियत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्स अत्थि सिय असंखेज्जा, सिय अनंता, एवं जाव मणूसे वि नेयव्वं । वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा, गवरं सहाणे एगुत्तरियाए भाणियव्वे जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते । एवं एए चउव्वीसं चउव्वीसा दंडगा ॥ ६९० ॥ मारणंतियसमुग्धाओ सट्टाणे वि परद्वाणे वि एगुत्तरियाए नेयव्वो जाव वेमाणियस्स वेमाणियत्ते, एवमेए चउवीसं चउवीसदंडगा भाणियव्वा । वेउब्वियसमुग्धाओ जहा कसायसमुघाओ तहा निरवसेसो भाणियव्वो, नवरं जस्स नत्थि तस्स न बुच्चइ, एत्थ विचउवीसं चवीसा दंडगा भाणियव्वा । तेयगसमुग्धाओ जहा मारणंतियसमुग्धाओ, वा, वरं जस्सऽत्थि, एवं एए वि चउव्वीसं चउव्वीसा दंडगा भाणियव्वा ॥ ६९१ ॥ एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया आहारगसमुग्धाया अतीता ? गोमा ! णत्थि । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! णत्थि एवं जाव वेमाणियत्ते, नवरं मणूसत्ते अतीता कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो उक्कोसेणं तिन्नि । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जहनेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं चत्तारि, एवं सव्वजीवाणं मणुस्साणं भाणियव्वं । मणूसस्स मणूसत्ते अतीता कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जहन्नेणं एक्को वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं चत्तारि, एवं पुरेक्खडा वि । एवमेए चउवीसं चउवीसा दंडगा जाव वेमाणियते ॥ ६९२ ॥ एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया केवलिसमुग्धाया अतीता ? गोयमा ! णत्थि । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! नत्थि, एवं जाव वेमाणियत्ते, नवरं मणूसत्ते अतीता थ, पुक्खडा कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि इक्को, मणूसस्स मणूसत्ते अतीता कस्स अस्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि एक्को, एवं पुरेक्खडा वि । एवमेए चउव्वीसं चउव्वीसा दंडगा ॥ ६९३ ॥ नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया वेयणासमुग्धाया अतीता ? गोयमा ! अनंता । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! अनंता, एवं जाव वेमाणियत्ते, एवं सव्वजीवाणं भाणियव्वं जाव वेमाणियाणं वेमाणियत्ते, एवं जाव तेयगसमुग्धाया, णवरं उवउ जिऊण णेयव्वं जस्सत्थि वेउव्वियतेयगा ॥ ६९४ ॥ नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया आहारगसमुग्धाया अतीता ? गोयमा ! नत्थि । Page #601 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पण्णवणासुत्तं केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! णत्थि, एवं जाव वेमाणियत्ते । णवरं मणूसत्ते अतीता असंखेजा, पुरेक्खडा असंखेजा, एवं जाव वेमाणियाणं । णवरं वणस्सइकाइयाणं मणूसत्ते अतीता अणंता, पुरेक्खडा अणंता । मणूसाणं मणूसत्ते अतीता सिय संखेजा, सिय असंखेज्जा, एवं पुरेक्खडा वि । सेसा सव्वे जहा नेरइया, एवं एए चउवीसं चउवीसा दंडगा ॥ ६९५ ॥ नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया केवलिसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! नत्थ । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! नत्थि, एवं जाव वेमाणियत्ते । णवरं मणूसत्ते अतीता णत्थि, पुरेक्खडा असंखेजा, एवं जाव वेमाणिया, नवरं वणस्सइकाइयाणं मणूसत्ते अतीता नत्थि, पुरेक्खडा अणंता । मणूसाणं मणूसत्ते अतीता सिय अत्थि सिय णत्थि, जइ अत्थि जहन्नेणं एको वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सयपुहुत्तं । केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! सिय संखेज्जा, सिय असंखेज्जा, एवं एए चउव्वीसं चउव्वीसा दंडगा सव्वे पुच्छाए भाणियव्वा जाव वेमाणियाणं वेमाणियत्ते ॥ ६९६ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं वेयणासमुग्धाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउव्वियसमुग्घाएणं तेयगसमुग्घाएणं आहारगसमुग्घाएणं केवलिसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा आहारगसमुग्घाएणं समोहया, केवलिसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, तेयगसमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया अणंतगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, असमोहया असंखेजगुणा ॥ ६९७ ॥ एएसि णं भंते ! नेरइयाणं वेयणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नेरइया मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया, वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया संखेजगुणा । एएसि णं भंते ! असुरकुमाराणं वेयणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउव्वियसमुग्घाएणं तेयगसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा! सव्वत्थोवा असुरकुमारा तेयगसमुग्घाएणं समोहया, मारणंतियसमुग्घाएणं समोया असंखेज्जगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया असंखेजगुणा, एवं जाव थणियकुमारा । एएसि णं भंते ! पुढविकाइयाणं Page #602 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० ३६ णे० कोहसमु०] सुत्तागमे वेयणा० कसाय० मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइया मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, असमोहया असंखेजगुणा । एवं जाव वणस्सइकाइया, णवरं सव्वत्थोवा वाउक्काइया वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया, मारणंतियसमुग्धाएणं समोहया असंखेजगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेयणासमुग्धाएणं समोहया विसेसाहिया, असमोहया असंखेज्जगुणा । बेइंदियाणं भंते ! वेयणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बेइंदिया मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया, वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेनगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया असंखेनगुणा, असमोहया संखेजगुणा, एवं जाव चउरिंदिया। पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! वेयणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउब्वियसमुग्घाएणं तेयासमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पंचिंदियतिरिक्खजोणिया तेयासमुग्घाएणं समोहया, वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया संखेजगुणा। मणुस्साणं भंते ! वेयणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउव्वियसमुग्घाएणं तेयगसमुग्घाएणं आहारगसमुग्घाएणं केवलिसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा मणुस्सा आहारगसमुग्घाएणं समोहया, केवलिसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, तेयगसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेनगुणा, असमोहया असंखेजगुणा । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा असुरकुमाराणं ॥ ६९८ ॥ कइ णं भंते ! कसायसमुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा! चत्तारि कसायसमुग्घाया पन्नत्ता । तंजहा-कोहसमुग्घाए, माणसमुग्घाए, मायासमुग्घाए, लोहसमुग्घाए । नेरइयाणं भंते ! कइ कसायसमुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कसायसमुग्धाया पन्नत्ता० एवं जाव वेमाणियाणं । एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स केवइया कोहसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अत्थि कस्सइ नत्थि, जस्सत्थि जहण्णेणं एको वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं संखेज्जा वा असं Page #603 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५२८ सुत्तागमे [पण्णवणासुतं खेजा वा अणंता वा, एवं जाव वेमाणियस्स, एवं जाव लोहसमुग्घाए, एए चत्तारि दंडगा । नेरइयाणं भंते ! केवइया कोहसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता । केवइया पुरेक्खडा? गोयमा ! अणंता । एवं जाव वेमाणियाणं, एवं जाव लोहसमुग्घाए, एवं एए वि चत्तारि दंडगा। एगमेगस्स णं भंते ! नेरइयस्स नेरइयत्ते केवइया कोहसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता। एवं जहा वेयणासमुग्घाओ भणिओ तहा कोहसमुग्घाओ वि निरवसेसं जाव वेमाणियत्ते । माणसमुग्घाए मायासमुग्घाए वि निरवसेसं जहा मारणंतियसमुग्घाए, लोहसमुग्धाओ जहा कसायसमुग्धाओ, नवरं सव्वजीवा असुराइनेरइएसु लोहकसाएणं एगुत्तरियाए नेयव्वा । नेरइयाणं भंते ! नेरइयत्ते केवइया कोहसमुग्घाया अतीता ? गोयमा ! अणंता। केवइया पुरेक्खडा ? गोयमा ! अणंता, एवं जाव वेमाणियत्ते, एवं सट्ठाणपरट्ठाणेसु सव्वत्थ भाणियव्वा, सव्वजीवाणं चत्तारि वि समुग्घाया जाव लोहसमुग्घाओ जाव वेमाणियाणं वेमाणियत्ते ॥६९९ ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं कोहसमुग्घाएणं माणसमुग्घाएणं मायासमुग्घाएणं लोभसमुग्घाएण य समोहयाणं अकसायसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा अकसायसमुग्घाएणं समोहया, माणसमुग्घाएणं समोहया अणंतगुणा, कोहसमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, मायासमुग्याएणं समोहया विसेसाहिया, लोभसमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, असमोहया संखेजगुणा । एएसि णं भंते ! नेरइयाणं कोहसमुग्घाएणं माणसमुग्धाएणं मायासमुग्धाएणं लोभसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवा नेरइया लोभसमुग्घाएणं समोहया, मायासमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, माणसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, कोहसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया संखेजगुणा । असुरकुमाराणं पुच्छा। गोयमा ! सव्वत्थोवा असुरकुमारा कोहसमुग्घाएणं समोहया, माणसमुग्घाएणं समो हया संखेजगुणा, मायासमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, लोभसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया संखेज्जगुणा, एवं सव्वदेवा जाव वेमाणिया । पुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! सव्वत्थोवा पुढविकाइया माणसमुग्घाएणं समोहया, कोहसमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, मायासमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, लोभसमुग्घाएणं समोहया विसेसाहिया, असमोहया संखेजगुणा । एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया, मणुस्सा जहा जीवा, णवरं माणसमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा ॥७००॥ कइ णं भंते ! छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता? गोयमा ! छ छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता । तंजहा-वेयणासमुग्याए, कसायसमुग्घाए, मारणंतिय Page #604 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प०३६ जीव० मा० खे०] सुत्तागमे समुग्याए, वेउव्वियसमुग्घाए, तेयासमुग्घाए, आहारगसमुग्घाए । नेरइयाणं भंते ! कइ छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता । तंजहा-वेयणासमुग्धाए, कसायसमुग्धाए, मारणंतियसमुग्घाए, वेउव्वियसमग्घाए। असुरकुमाराणं पुच्छा । गोयमा ! पंच छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता । तंजहा-वेयणासमुग्याए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्याए, वेउव्वियसमुग्धाए, तेयासमुग्घाए । एगिदियविगलिंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! तिण्णि छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता । तंजहा-वेयणासमुग्याए, कसायसमुग्याए, मारणंतियसमुग्घाए, णवरं वाउकाइयाणं चत्तारि समुग्घाया पन्नत्ता । तं०-वे० क० मा० वेउ० । पं० पुच्छा। गो० ! पंच स० प० । तंजहा-वेयणासमुग्घाए, कसायसमुग्घाए, मारणंतियसमुग्घाए, वेउव्वियसमुग्घाए, तेयगसमुग्घाए । मणूसाणं भंते ! कइ छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता? गोयमा ! छ छाउमत्थिया समुग्घाया पन्नत्ता। तंजहा-वेयणासमुग्घाए, कसायसमुग्याए, मारणंतियसमुग्घाए, वेउब्वियसमुग्घाए, तेयगसमुग्घाए, आहारगसमुग्याए ॥ ७०१ ॥ जीवे णं भंते ! वेयणासमुग्घाएणं समोहए समोहणित्ता जे पोग्गले निच्छुभइ तेहि णं भंते ! पोग्गलेहिं केवइए खेत्ते अप्फुण्णे, केवइए खेत्ते फुडे ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभबाहल्लेणं नियमा छद्दिसिं एवइए खेत्ते अप्फुण्णे, एवइए खेत्ते फुडे । से णं भंते ! खेत्ते केवइकालस्स अप्फुण्णे, केवइकालस्स फुडे ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं एवइयकालस्स अप्फुण्णे, एवइयकालस्स फुडे । ते णं भंते ! पोग्गले केवइकालस्स निच्छुभइ ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तस्स, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तस्स । ते णं भंते ! पोग्गला निच्छूढा समाणा जाई तत्थ पाणाइं भूयाई जीवाइं सत्ताइं अभिहणंति वत्तेति लेसेंति संघाएंति संघट्टेति परियाति किलामेंति उद्दवेंति तेहिंतो णं भंते ! से जीवे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चरकिरिए, 'सिय पंचकिरिए । ते णं भंते ! जीवा ताओ जीवाओ कइकिरिया ? गोयमा ! सिय तिकिरिया, सिय चउकिरिया, सिय पंचकिरिया। से णं भंते ! जीवे ते य जीवा अण्णेसिं जीवाणं परंपराघाएणं कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि चउकिरिया वि पंचकिरिया वि ॥ ७०२ ॥ नेरइए णं भंते! वेयणासमुग्घाएणं समोहए एवं जहेव जीवे, नवरं नेरइयाभिलावो, एवं निरवसेसं जाव वेमाणिए । एवं कसायसमुग्घाओ वि भाणियव्वो । जीवे णं भंते ! मारणंतियसमुग्धाएणं समोहणइ समोहणित्ता जे पोग्गले णिच्छुभइ तेहि णं भंते ! पोग्गलेहिं केवइए खेत्ते अप्फुण्णे, केवइए खेत्ते फुडे ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं असंखेजाई जोयणाई एगदिसिं एवइए ३४ सुत्ता. Page #605 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५३० [पण्णवणासुतं खेत्ते अप्फुण्णे, एवइए खेत्ते फुडे । से णं भंते ! खेत्ते केवइकालस्स अप्फुण्णे, केवडकालस्स फुडे ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विरगहेणं एवइकालस्स अप्फुण्णे, एवइकालस्स फुडे, सेसं तं चेव जाव पंचकिरिया वि । एवं नेरइए वि, णवरं आयामेणं जहण्णेणं साइरेगं जोयणसहस्सं, उक्कोसेणं असंखेज्जाइं जोयणाइं एगदिसिं एवइए खेत्ते अप्फुण्णे, एवइए खेत्ते फुडे, विग्गहेणं एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा, नवरं चउसमइएण वा न भन्नइ, सेसं तं चेव जाव पंचकिरिया वि । असुरकुमारस्स जहा जीवपए, णवरं विग्गहो तिसमइओ जहा नेरइयस्स, सेसं तं चेव जहा असुरकुमारे, एवं जाव वेमाणिए, नवरं एगिदिए जहा जीवे निरवसेसं ॥ ७०३ ॥ जीवे णं भंते ! वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहए समोहणित्ता जे पुग्गले निच्छुभइ तेहि णं भंते ! पोग्गलेहिं केवइए खेत्ते अप्फुण्णे, केवइए खेत्ते फुडे ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहन्नेणं अंगुलस्स संखेन्जइभागं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं जोयणाई एगदिसिं विदिसिं वा एवइए खेत्ते अप्फुण्णे, एवइए खेत्ते फुडे । से णं भंते ! केवइकालस्स अप्फुण्णे, केवइकालस्स फुडे ? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा विग्गहेणं एवइकालस्स अप्फुण्णे, एवइकालस्स फुडे, सेसं तं चेव जाव पंचकिरिया वि, एवं नेरइए वि, नवरं आयामेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं संखेजाइं जोयणाई एगदिसिं । एवइए खेत्ते केवइकालस्स ? तं चेव जहा जीवपए, एवं जहा नेरइयस्स तहा असुरकुमारस्स, नवरं एगदिसिं विदिसिं वा, एवं जाव थणियकुमारस्स । वाउकाइयस्स जहा जीवपए, णवरं एगदिसि । पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स निरवसेसं जहा नेरइयस्स । मणूसवाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स निरवसेसं जहा असुरकुमारस्स ॥ ७०४ ॥ जीवे णं भंते ! तेयगसमुग्घाएणं समोहए समोहणित्ता जे पोग्गले निच्छुभइ तेहि णं भंते ! पोग्गलेहिं केवइए खेत्ते अप्फुण्णे, केवइए खेत्ते फुडे ? एवं जहेव वेउविए समुग्घाए तहेव, नवरं आयामेणं जहन्नेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, सेसं तं चेव, एवं जाव वेमाणियस्स, णवरं पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स एगदिसिं एवइए खेत्ते अप्फुण्णे, एवइए खेत्ते फुडे ॥ ७०५ ॥ जीवे णं भंते ! आहारगसमुग्घाएणं समोहए समोहणित्ता जे पोग्गले निच्छुभइ तेहि णं भंते ! पोग्गलेहिं केवइए खेत्ते अप्फुण्णे, केवइए खेत्ते फुडे ? गोयमा ! सरीरप्पमाणमेत्ते विक्खंभबाहल्लेणं, आयामेणं जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, उक्कोसेणं संखेन्जाइं जोयणाई एगदिसिं, एवइए खेत्ते एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा Page #606 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तांगमे ५० ३६ णिज्जरापोग्गला] विग्गहेणं एवइकालस्स अप्फुण्णे, एवइकालस्स फुडे । ते णं भंते ! पोग्गला केवइकालस्स निच्छुभंति ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तस्स, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तस्स ॥ ७०६ ॥ ते णं भंते ! पोग्गला निच्छूढा समाणा जाई तत्थ पाणाई भूयाइं जीवाइं सत्ताई अभिहणंति जाव उद्दवेंति, ते(हिणं भंते! जीवे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए, सिय चउकिरिए, सिय पंचकिरिए । ते णं भंते !० जीवाओ कइकिरिया ? गोयमा! एवं चेव । से णं भंते ! जीवे ते य जीवा अण्णेसिं जीवाणं परंपराघाएणं कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरिया वि चउकिरिया वि पंचकिरिया वि, एवं मणूसे वि ॥ ७०७ ॥ अणगारस्स णं भंते ! भावियप्पणो केवलिसमुग्घाएणं समोहयस्स जे चरमा णिज्जरापोग्गला सुहुमा णं ते पोग्गला पन्नत्ता समणाउसो ! सव्वलोग पि य णं ते फुसित्ताणं चिट्ठति ? हंता गोयमा ! अणगारस्स भावियप्पणो केवलिसमुग्घाएणं समोहयस्स जे चरमा णिजरापोग्गला सुहमा णं ते पोग्गला पन्नत्ता समणाउसो! सव्वलोगं पिय णं ते फुसित्ताणं चिद्रंति ॥ ७०८ ॥ छउमत्थे णं भंते ! मणूसे तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं गंधेणं गंधं रसेणं रसं फासेण वा फासं जाणइ पासइ ? गोयमा ! णो इणढे समढे । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'छमत्थे णं मणूसे तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं णो किंचि वण्णेणं वणं गंधेणं गंधं रसेणं रसं फासेणं फासं जाणइ पासइ' ? गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे दीवे सव्वदीवसमुदाणं सव्वन्भंतराए सव्वखुड्डाए वहे तेल्लापूयसंठाणसंठिए वट्टे रहचकवालसंठाणसंठिए वट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए वट्टे पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिए एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिणि जोयणसयसहस्साइं सोलस सहस्साइं दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धंगुलं च किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पन्नत्ते । देवे णं महिड्डिए जाव महासोक्खे एगं महं सविलेवणं गंधसमुग्गयं गहाय तं अवदालेइ, तं महं एगं सविलेवणं गंधसमुग्गयं अवदालइत्ता इणामेव कडे केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं तिहिं अच्छराणिवाएहिं तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टित्ताणं हव्वमागच्छेजा, से नूणं गोयमा ! से केवलकप्पे जंबुद्दीवे दीवे तेहिं घाणपोग्गलेहिं फुडे ? हंता ! फुडे, छउमत्थे णं गोयमा ! मणूसे तेसिं घाणपुग्गलाणं किंचि वण्णेणं वण्णं गंधेणं गंधं रसेणं रसं फासेणं फासं जाणइ पासइ ? भगवं! नो इणढे समढे, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'छउमत्थे णं मणूसे तेसिं णिज्जरापोग्गलाणं णो किंचि वण्णेणं वण्णं गंधेणं गंधं रसेणं रसं फासेणं फासं जाणइ पासइ, एसुहुमा णं ते पोग्गला पन्नत्ता समणाउसो ! सव्वलोगं पि य णं फुसित्ता Page #607 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५३२ [पण्णवणासुत्तं णं चिट्ठति' ॥ ७०९ ॥ कम्हा णं भंते ! केवली समुग्घायं गच्छइ ? गोयमा ! केवलिस्स चत्तारि कम्मंसा अक्खीणा अवेइया अणिज्जिण्णा भवंति, तंजहा-वेयणिज्जे, आउए, नामे, गोए, सव्वबहुप्पएसे से वेयणिज्जे कम्मे हवइ, सव्वत्थोवे आउए कम्मे हवइ, विसमं समं करेइ बंधणेहिं ठिईहि य, विसमसमीकरणयाए बंधणेहिं ठिईहि य एवं खलु केवली समोहणइ, एवं खलु० समुग्घायं गच्छइ । सव्वे वि णं भंते ! केवली समोहणंति, सव्वे वि णं भंते ! केवली समुग्घायं गच्छंति ? गोयमा ! णो इणट्टे समढे । जस्साउएण तुल्लाई, बंधणेहिं ठिईहि य । भवोवग्गहकम्माइं, समुघायं से ण गच्छइ ॥ १॥ अगंतूणं समुग्धायं, अणंता केवली जिणा । जरमरणविप्पमुक्का, सिद्धिं वरगई गया ॥ २ ॥ ७१० ॥ कइसमइए णं भंते ! आउज्जीकरणे पन्नत्ते ? गोयमा ! असंखेजसमइए अंतोमुहुत्तिए आउज्जीकरणे पन्नत्ते । कइसमइए णं भंते ! केवलिसमुग्घाए पन्नत्ते ? गोयमा ! अट्ठसमइए० पन्नत्ते । तंजहा-पढमे समए दंडं करेइ, बीए समए कवाडं करेइ, तइए समए मंथं करेइ, चउत्थे समए लोगं पूरेइ, पंचमे समए लोयं पडिसाहरइ, छठे समए मंथं पडिसाहरइ, सत्तमए समए कवाडं पडिसाहरइ, अट्ठमे समए दंडं पडिसाहरइ, दंडं पडिसाहरेत्ता तओ पच्छा सरीरत्थे भवइ ॥ ७११ ॥ से णं भंते ! तहा समुग्घायगए किं मणजोगं झुंजइ, वइजोगं जुंजइ, कायजोगं जुजइ ? गोयमा ! नो मणजोगं झुंजइ, नो वइजोगं जुंजइ, कायजोगं जुजइ । कायजोगं णं भंते ! जुंजमाणे किं ओरालियसरीरकायजोगं झुंजइ, ओरालियमीसासरीरकायजोगं जुजइ, वेउव्वियसरीरकायजोगं जुजइ, वेउव्वियमीसासरीरकायजोगं जुजइ, आहारगसरीरकायजोगं०, आहारगमीसासरीरकायजोगं जुजइ, कम्मगसरीरकायजोगं जुजइ ? गोयमा ! ओरालियसरीरकायजोगं पि जुंजइ, ओरालियमीसासरीरकायजोगं पि जुंजइ, नो वेउव्वियसरीरकायजोगं०, नो वेउव्वियमीसासरीरकायजोगं०, नो आहारगसरीरकायजोगं०, नो आहारगमीसासरीरकायजोग०, कम्मगसरीरकायजोगं पि जुंजइ, पढमट्ठमेसु समएसु ओरालियसरीरकायजोगं झुंजइ, बिइयछट्ठसत्तमेसु समएसु ओरालियमीसासरीरकायजोगं झुंजइ, तइयचउत्थपंचमेसु समएसु कम्मगसरीरकायजोगं जुजइ ॥ ७१२ ॥ से णं भंते ! तहा समुग्घायगए सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिनिव्वाइ सव्वदुक्खाणं अंतं करेइ ? गोयमा ! नो इणढे समढे। से णं तओ पडिनियत्तइ पडिनियत्तइत्ता तओ पच्छा मणजोगं पि जुंजइ, वइजोगं पि जुंजइ, कायजोगं पि जुंजइ । मणजोगं जुजमाणे किं सच्चमणजोगं झुंजइ, मोसमणजोगं झुंजइ, सच्चामोसमणजोगं जुजइ, असच्चामोसमणजोगं झुंजइ ? गोयमा ! सच्चमणजोगं०, नो मोसम Page #608 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे समत्ती णजोगं०, नो सच्चामोसमणजोगं जुजइ, असच्चामोसमणजोगं जुजइ, वइजोगं जुजमाणे किं सच्चवइजोगं मुंजइ, मोसवइजोगं जुंजइ, सच्चामोसवइजोगं०, असच्चामोसवइजोगं जुंजइ ? गोयमा ! सच्चवइजोगं०, नो मोसवइजोगं०, नो सच्चामोसवइजोगं०, असच्चामोसवइजोगं पि जुंजइ, कायजोगं जुजमाणे आगच्छेज वा गच्छेज वा चिटेज वा निसीएज वा तुयहेज वा उलंघेज वा पलंघेज वा, पाडिहारियं पीढफलगसेजासंथारगं पच्चप्पिणेजा ॥ ७१३ ॥ से णं भंते ! तहा सजोगी सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? गोयमा ! नो इणढे समढे । से णं पुवामेव सण्णिस्स पंचिंदियपज्जत्तयस्स जहण्णजोगिस्स हेट्ठा असंखेजगुणपरिहीणं पढमं मणजोगं निरंभइ, तओ अणंतरं बेइंदियपजत्तगस्स जहण्णजोगिस्स हेट्ठा असंखेजगुणपरिहीणं दोच्चं वइजोगं निरंभइ, तओ अणंतरं च णं सुहुमस्स पणगजीवस्स अपजत्तयस्स जहण्णजोगिस्स हेढा असंखेजगुणपरिहीणं तच्चं कायजोगं निरंभइ, से णं एएण उवाएणं-पढम मणजोगं निरंभइ, मणजोगं निरूभित्ता वइजोगं निरंभइ, वइजोगं निलंभित्ता कायजोगं निरंभइ, कायजोगं निरंभित्ता जोगनिरोहं करेइ, जोगनिरोहं करेत्ता अजोगत्तं पाउणइ, अजोगत्तं पाउणित्ता ईसिं हस्सपंचक्खरुच्चारणद्धाए असंखेज्जसमइयं अंतोमुहुत्तियं सेलेसिं पडिवजइ, पुव्वरइयगुणसेढीयं च णं कम्म, तीसे सेलेसिमद्धाए असंखेजाहिं गुणसेढीहिं असंखेजे कम्मखंधे खवयइ, खवइत्ता वेयणिजाउणामगोत्ते इच्चेए चत्तारि कम्मंसे जुगवं खवेइ, जुगवं खवेत्ता ओरालियतेयाकम्मगाइं सव्वाहिं विप्पजहणाहिं विप्पजहइ, विप्पजहित्ता उज्जुसेढीपडिवण्णो अफुसमाणगईए एगसमएणं अविग्गहेणं उर्दू गंता सागारोवउत्ते सिज्झइ बुज्झइ०, तत्थ सिद्धो भवइ । ते णं तत्थ सिद्धा भवंति असरीरा जीवघणा दंसणणाणोवउत्ता णिट्ठियट्ठा णीरया णिरेयणा वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयद्धं कालं चिट्ठति । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-'ते णं तत्थ सिद्धा भवंति असरीरा जीवघणा दंसणणाणोवउत्ता णिट्ठियट्ठा णीरया णिरेयणा वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयद्धं कालं चिट्ठति' ? गोयमा ! से जहाणामए बीयाणं अग्गिदड्डाणं पुणरवि अंकुरुप्पत्ती ण भवइ, एवामेव सिद्धाण वि कम्मबीएसु दड्वेसु पुणरवि जम्मुप्पत्ती ण भवइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-'ते णं तत्थ सिद्धा भवंति असरीरा जीवघणा दंसणणाणोवउत्ता णिट्ठियट्ठा णीरया णिरेयणा वितिमिरा विसुद्धा सासयमणागयद्धं कालं चिट्ठति' त्ति। निच्छिbणसव्वदुक्खा जाइजरामरणबन्धणविमुक्का । सासयमव्वाबाहं चिट्ठति सुही सुहं पत्ता ॥ १ ॥ ७१४ ॥ पनवणाए भगवईए छत्तीसइमं समुग्धायपयं समत्तं ॥ पण्णवणासुत्तं समत्तं ॥ Page #609 --------------------------------------------------------------------------  Page #610 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं जंबुद्दीवपण्णत्ती णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं । तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णामं णयरी होत्था, रिद्धत्थिमियसमिद्धा वण्णओ। तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एत्थ णं माणिभद्दे णाम उज्जाणे होत्था, वण्णओ । जियसत्तू राया, धारिणी देवी, वण्णओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया ॥ १॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेढे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमगोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणे जाव [ तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ २ त्ता वंदइ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता] एवं वयासी-कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे २ ? केमहालए णं भंते ! जंबुद्दीवे २ ? किंसंठिए णं भंते ! जंबुद्दीवे २ ? किमायारभावपडोयारे णं भंते ! जंबुद्दीवे २ पण्णत्ते ?, गोयमा ! अयण्णं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वभंतराए सव्वखुड्डाए वट्टे तेल्लापूयसंठाणसंठिए वट्टे रहचकवालसंठाणसंठिए वट्टे पुक्खरकण्णियासंठाणसंठिए बट्टे पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिए एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिणि जोयणसयसहस्साइं सोलस सहस्साइं दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धंगुलं च किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते ॥ २-३ ॥ से णं एगाए वइरामईए जगईए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, सा णं जगई अट्ठ जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं मूले बारस जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं उवरिं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं मूले विच्छिन्ना मज्झे संखित्ता उवरिं तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया णिम्मला णिप्पंका णिकंकडच्छाया सप्पभा समिरीया सउज्जोया पासादीया दरिसणिजा अभिरूवा पडिरूवा, सा णं जगई एगेणं महंतगवक्खकडएणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता, से णं गवक्खकडए अद्धजोयणं उर्छ उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं सव्वरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे, तीसे णं जगईए उप्पि Page #611 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५३६ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महई एगा पउमवरवेइया पण्णत्ता, अद्धजोयणं उद्धं उच्चतेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं जगईसमिया परिक्खेवेणं सव्वरयणामई अच्छा जाव पडित्वा । तीसे णं परमवरवेइयाए अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया णेमा एवं जहा जीवाभिगमे जाव अट्ठो जाव धुवा णियया सासया जाव णिच्चा ॥ ४ ॥ तीसे णं जगईए उप्पि बाहिं पउमवरवेइयाए एत्थ णं महं एगे वणसंडे पण्णत्ते, देसूणाई दो जोयणाई विक्खंभेणं जगईसमए परिक्खेवेणं वणसंडवण्णओ णेयव्वो ॥ ५ ॥ तस्स णं वणसंडस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामएआलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहिं उवसोभिए, तंजहाकिण्हेहिं एवं वण्णो गंधो रसो फासो सद्दो पुक्खरिणीओ पव्वयगा घरगा मंडवगा पुढविसिलावट्या य णेयव्वा, तत्थ णं बहवे वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुयति रमंति ललंति कीलंति मोहंति पुरापोराणाणं सुपरवंताणं सुभाणं कल्लागाणं कडाणं कम्माणं कल्लाणफलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणा विहरति । तीसे णं जगईए उप्पि अंतो पउमवरवेइयाए एत्थ णं एगे महं वणसंडे पण्णत्ते, देसूणाई दो जोयणाइं विक्खंभेणं वेइयासमएण परिक्खेवेणं किण्हे जाव तणविहूणे णेयव्वे ॥ ६ ॥ जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पण्णत्ता ? गो० ! चत्तारि दारा प०, तं०-विजए १ वेजयंते २ जयंते ३ अपराजिए ४ ॥ ७ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवस्स दीवस्स विजए णामं दारे पण्णत्ते ? गो० ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं पणयालीसं जोयणसहस्साई वीइवइत्ता जंबुद्दीवदीवपुरथिमपेरंते लवणसमुद्दपुरत्थिमद्धस्स पच्चत्थिमेणं सीयाए महाणईए उप्पि एत्थ णं जंबुद्दीवस्स० विजए णामं दारे पण्णत्ते, अट्ठ जोयणाई उडूं उच्चत्तेणं चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं, सेए वरकणगथूभियाए जाव दारस्स वण्णओ जाव रायहाणी । एवं चत्तारि वि दारा सरायहाणिया भाणियव्वा ॥ ८ ॥ जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य दारस्स य केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गो० ! अउणासीइं जोयणसहस्साई बावण्णं च जोयणाई देसूणं च अद्धजोयणं दारस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, गाहाअउणासीइ सहस्सा बावण्णं चेव जोयणा हंति । ऊणं च अद्धजोयण दारंतर जंबुद्दीवस्स ॥ १ ॥ ९ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे णामं वासे पण्णत्ते ? गो० ! चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं दाहिणलवणसमुद्दस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पच्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे भरहे णामं वासे पण्णत्ते, खाणुबहुले कंटगबहुले विसमबहुले दुग्गबहुले Page #612 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० १ वेयड्डपव्वयवण्णण] सुत्तागमे पव्वयवहुले पवायबहुले उज्झरबहुले णिज्झरवहुले खड्डाबहुले दरिबहुले गईबहुले दहबहुले रुक्खबहुले गुच्छबहुले गुम्मबहुले लयाबहुले वल्लीबहुले अडवीबहुले सावयबहुले तणबहुले तक्करबहुले डिम्बबहुले डमरबहुले दुब्भिक्खबहुले दुक्कालबहुले पासंडबहुले किवणबहुले वणीमगबहुले ईतिबहुले मारिवहुले कुबुट्ठिबहुले अणावुट्ठिबहुले रायबहुले रोगबहुले संकिलेसबहुले अभिक्खणं अभिक्खणं संखोहबहुले पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिष्णे उत्तरओ पलियंकसंठाणसंठिए दाहिणओ धणुपिट्ठसंठिए तिहा लवणसमुदं पुढे गंगासिंधूहिं महाणईहिं वेयड्डेण य पव्वएण छन्भागपविभत्ते जंबुद्दीवदीवणउयसयभागे पंचछव्वीसे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणं । भरहस्स णं वासस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं वेयड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते, जे णं भरहं वासं दुहा विभयमाणे २ चिट्ठइ, तं०-दाहिणड्डभरहं च उत्तरड्डभरहं च ॥१०॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डे भरहे णामं वासे पण्णत्ते ? गो० ! वेयड्डस्स पव्वयस्स दाहिणेणं दाहिणलवणसमुद्दस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुदस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डभरहे णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे अद्धचंदसंठाणसंठिए तिहा लवणसमुई पुढे गंगासिंधूहिं महाणईहिं तिभागपविभत्ते दोण्णि अट्ठतीसे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसइभागे जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिलं लवणसमुदं पुट्ठा पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिलं लवणसमुदं पुट्ठा णव जोयणसहस्साइं सत्त य अडयाले जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं, तीसे धणुपुढे दाहिणेणं णव जोयणसहस्साई सत्तछावढे जोयणसए इक्कं च एगूणवीसइभागे जोयणस्स किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, दाहिणड्डभरहस्स णं भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपञ्चवण्णेहिं मणीहिं तणेहिं उवसोभिए, तंजहा-कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, दाहिणड्डभरहे णं भंते ! वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ते णं मणुया बहुसंघयणा बहुसंठाणा बहुउच्चत्तपज्जवा बहुआउपजवा बहूई वासाइं आउं पालेंति पालित्ता अप्पेगइया णिरयगामी अप्पेगइया तिरियगामी अप्पेगइया मणुयगामी अप्पेगइया देवगामी अप्पेगइया सिझंति बुज्झति मुच्चंति परिणिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं करेंति ॥ ११॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे २ भरहे वासे वेयले णामं पव्वए पण्णत्ते? गो० ! उत्तरडभरहवासस्स दाहिणेणं दाहिणड्ड-- भरहवासस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुर Page #613 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५३८ [जंबुद्दीवपणत्ती त्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे २ भरहे वासे वेयड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिलं लवणसमुदं पुढे पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिल्लं लवणसमुदं पुढे, पणवीसं जोयणाई उड़ उच्चत्तेणं छस्सकोसाइं जोयणाई उव्वेहेणं पण्णासं जोयणाइं विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं चत्तारि अट्ठासीए जोयणसए सोलस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं पन्नत्ता, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुह पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पञ्चत्थिमिलाए कोडीए पच्चस्थिमिलं लवणसमुदं पुट्ठा दस जोयणसहस्साइं सत्त य वीसे जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स आयामेणं, तीसे धणुपट्टे दाहिणेणं दस जोयणसहस्साइं सत्त य तेयाले जोयणसए पण्णरस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं ख्यगसंठाणसंठिए सव्वरययामए अच्छे सण्हे लढे घटे मढे णीरए णिम्मले णिप्पंके णिकंकडच्छाए सप्पभे समिरीए पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे । उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते । ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उद्धं उच्चत्तेणं पंचधणुसयाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं वण्णओ भाणियव्वो । ते णं वणसंडा देसूणाई दो जोयणाई विक्खंभेणं पउमवरवेइयासमगा आयामेणं किण्हा किण्होभासा वण्णओ । वेयड्डस्स णं पव्वयस्स पुरच्छिमपञ्चच्छिमेणं दो गुहाओ पण्णत्ताओ, उत्तरदाहिणाययाओ पाईणपडीणवित्थिण्णाओ पण्णासं जोयणाई आयामेणं दुवालस जोयणाई विक्खंभेणं अट्ठ जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं वइरामयकवाडोहाडियाओ जमलजुयलकवाडघणदुप्पवेसाओ णिचंधयारतिमिस्साओ ववगयगचंदसूरणक्खत्तजोइसपहाओ जाव पडिरूवाओ, तंजहा-तमिसगुहा चेव खंडप्पवायगुहा चेव, तत्थ णं दो देवा महिड्डिया महज्जुइया महाबला महायसा महासुक्खा महाणुभागा पलिओवमट्टिइया परिवसंति, तंजहा–कयमालए चेव णट्टमालए चेव । तेसि णं वणसंडाणं बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ वेयबुस्स पव्वयस्स उभओ पासिं दस दस जोयणाइं उर्दू उप्पइत्ता । एत्थ णं दुवे विजाहरसेढीओ पण्णत्ताओ, पाईणपडीणाययाओ उदीणदाहिणविच्छिण्णाओ दस दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिं वणसंडेहिं संपरिक्खित्ताओ, ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उ8 उच्चत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं वण्णओ णेयव्वो, वणसंडा वि पउमवरवेइयासमगा आयामेणं वण्णओ। विजाहरसेढीणं भंते ! भूमीणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमर Page #614 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० १ वे० सिहरतलवण्णओ] सुत्तागमे मणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहिं उवसोभिए, तंजहा-कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तत्थ णं दाहिणिल्लाए विजाहरसेढीए गगणवल्लभपामोक्खा पण्णासं विजाहरणगरावासा पण्णत्ता, उत्तरिल्लाए विजाहरसेढीए रहनेउरचक्कवालपामोक्खा सर्व्हि विजाहरणगरावासा पण्णत्ता, एवामेव सपुवावरेणं दाहिणिल्लाए उत्तरिल्लाए विजाहरसेढीए एगं दसुत्तरं विजाहरणगरावाससयं भवतीतिमक्खायं, ते विजाहरणगरा रिद्धत्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया जाव पडिख्वा, तेसु णं विजाहरणगरेसु विजाहररायाणो परिवसंति महयाहिमवंतमलयमंदरमहिंदसारा रायवण्णओ भाणियव्वो । विजाहरसेढीणं भंते ! मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ते णं मणुया बहुसंघयणा बहुसंठाणा बहुउच्चत्तपजवा बहुआउपजवा जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, तासि णं विजाहरसेढीणं बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ वेयड्स्स पव्वयस्स उभओ पासिं दस दस जोयणाइं उर्दू उप्पइत्ता एत्थ णं दुवे आभिओगसेढीओ पण्णत्ताओ, पाईणपडीणाययाओ उदीणदाहिणविच्छिण्णाओ दस दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेझ्याहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ताओ वण्णओ दोण्ह वि पव्वयसमियाओ आयामेणं, आभिओगसेढीणं भंते ! केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव तणेहिं उवसोभिए वण्णाइं जाव तणाणं सहोत्ति, तासि णं आभिओगसेढीणं तत्थ तत्थ देसे २ तहिं तहिं जाव वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति सयंति जाव फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणा विहरंति, तासु णं आभिओगसेढीसु सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमजमवरुणवेसमणकाइयाणं आमिओगाणं देवाणं बहवे भवणा पण्णत्ता, ते णं भवणा बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा वण्णओ जाव अच्छरघणसंघसंविकिण्णा जाव पडिख्वा, तत्थ णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोमजमवरुणवेसमणकाइया बहवे आभिओगा देवा महिड्डिया महजुइया जाव महासुक्खा पलिओवमट्टिइया परिवसंति । तासि णं आभिओगसेढीणं बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ वेयडस्स पव्वयस्स उभओ पासिं पंच २ जोयणाइं उर्ल्ड उप्पइत्ता एत्थ णं वेयडस्स पव्वयस्स सिहरतले पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्वयसमगे आयामेणं, से णं इक्काए पउमवरवेइयाए इक्केणं वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, पमाणं वण्णगो दोहंपि, वेयड्डस्स णं भंते ! पव्वयस्स सिहरतलस्स केरिसए आगारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से Page #615 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ जंबुद्दीवपण्णत्ती जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं उवसोभिए जाव वावीओ पुक्खरिणीओ जाव वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति जाव भुंजमाणा विहरंति, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे भारहे वासे वेयड्डपव्वए कइ कूडा प० ? गो० ! णव कूडा प०, तं० - सिद्धकूडे १ दाहिणड्डूभरहकूडे २ खंडप्पवायगुहाकूडे ३ माणिभद्दकूडे ४ वेयढकूडे ५ पुण्णभद्दकूडे ६ तिमिसगुहाकूडे ७ उत्तरड्डभरहकूडे ८ वेसमणकूडे ९ ॥ १२ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे २ भारहे वासे वेयपव्वए सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! पुरच्छिमलवणसमुद्दस्स पच्चच्छिमेणं दाहिणड्डूभरहकूडस्स पुरच्छिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वेयड्ढे पव्वए सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, छ सकोसाई जोयणाई उड्डुं उच्चत्तेणं मूले छ सक्कोसाई जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे देसूणाई पंच जोयणाइं विक्खंभेणं उवरि साइरेगाईं तिण्णि जोयणाई विक्खंभेणं मूले देसूणाई बावीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मज्झे देसूणाईं पण्णरस जोयणाईं परिक्खेवेणं उवरिं साइरेगाईं णव जोयणाईं परिक्खेवेणं, मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए; सव्वरयणामए अच्छे सण्हे जाव पडिरूवे । से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, पमाणं वणओ दोण्हंपि, सिद्धकूडस्स णं उप्पि बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते से जहाणामएआलिंगपुक्खरेइ वा जाव वाणमंतरा देवा य जाव विहरति ॥ १३ ॥ कहि णं भंते ! वेयढे पव्वए दाहिणभरहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! खंडप्पवाकूडस्स पुरच्छिमेणं सिद्धकूडस्स पञ्चच्छिमेणं एत्थ णं वेयड्ढपव्वए दाहिणड्डूभरहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, सिद्धकूडप्पमाणसरिसे जाव तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे पासायवडिसए पण्णत्ते, कोसं उद्धुं उच्चत्तेर्णं अद्धकोसं विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिए जाव पासाईए ४, तस्स णं पासायवडिंसगस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगा मणिपेढिया पण्णत्ता, पंच धणुयाई आयामविक्खंभेणं अड्डाइज्जाईं धणुसयाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई०, तीसेणं. मणिपेढियाए उपि सिंहासणं पण्णत्तं सपरिवारं भाणियव्वं, से केणणं भंते ! एवं बुच्चइ-दाहिणड्डूभरहकूडे २ ? गो० ! दाहिणड्डभरहकूडे णं दाहिणभरहे णामं देवे महिडिए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउन्हें सामाणियसाहस्त्रीणं चन्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिन्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणिया हिवईणं सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं दाहिणभरहकूडस्स दाहिणढाए रायहाणीए असिं च बहूणं देवाण य देवीण य जाव विहरइ ॥ कहि णं भंते ! ५४० ग Page #616 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० १ उ० भरहवासजीवा०] सुत्तागमे दाहिणड्डभरहकूडस्स देवस्स दाहिणड्डा णामं रायहाणी पण्णत्ता ? गो० ! मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं तिरियमसंखेजदीवसमुद्दे वीईवइत्ता अण्णमि जंबुद्दीवे दीवे दक्खिणेणं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं दाहिणड्डभरहकूडस्स देवस्स दाहिणड्डभरहा णामं रायहाणी भाणियव्वा जहा विजयस्स देवस्स, एवं सव्वकूडा णेयव्वा जाव वेसमणकूडे परोप्परं पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं, इमेसिं वण्णावासे गाहा-मज्झे वेयड्डस्स उ कणयमया तिण्णि होति कूडा उ । सेसा पव्वयकूडा सव्वे रयणामया होंति ॥१॥माणिभद्दकूडे १ वेयङ्ककूडे २ पुण्णभद्दकूडे ३ एए तिण्णि कडा कणगामया सेसा छप्पि रयणामया. दोण्हं विसरिसणामया देवा कयमालए चेव णमालए चेव, सेसाणं छण्हं सरिसणामया-जण्णामया य कूडा तण्णामा खलु हवंति ते देवा । पलिओवमट्टिईया हवंति पत्तेयपत्तेयं ॥ १॥ रायहाणीओ जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं तिरियं असंखेजदीवसमुद्दे वीईवइत्ता अण्णमि जंबुद्दीवे दीवे बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं रायहाणीओ भाणियवाओ , विजयरायहाणीसरिसयाओ ॥ १४ ॥ से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-वेयड्ढे पव्वए वेयड्ढे पव्वए ? गोयमा ! वेयड्ढे णं पव्वए भरहं वासं दुहा विभयमाणे २ चिठ्ठइ, तंजहा-दाहिणखभरहं च उत्तरड्वभरहं च, वेयड्ढगिरिकुमारे यमहिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-वेयड्डे पव्वए २, अदुत्तरं च णं गोयमा ! वेयड्डस्स पव्वयस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते जंण कयाइ ण आसि ण कयाइ ण अत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुवे णियए सासए अक्खए अव्वए अवट्ठिए णिचे ॥ १५॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरढभरहे णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा ! चुल्लहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं वेयबस्स पव्वयस्स उत्तरेणं पुरच्छिमलवणसमुद्दस्स पञ्चच्छिमेणं पञ्चच्छिमलवणसमुदस्स पुरच्छिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे उत्तरडभरहे णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुई पुढे पुरच्छिमिल्लाए कोडीए पुरच्छिमिल्लं लवणसमुदं पुढे पच्चच्छिमिल्लाए जाव पुढे गंगासिंधूहिं महाणईहिं तिभागपविभत्ते दोणि अद्वतीसे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसइभागे जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरच्छिमपञ्चच्छिमेणं अट्ठारस बाणउए जोयणसए सत्त य एगूणवीसइभागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुहं पुट्ठा तहेव जाव चोइस जोयणसहस्साइं चत्तारि य एकहत्तरे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स किंचिविसेसूणे आयामेणं पण्णत्ता, तीसे धणुपट्टे दाहिणेणं चोइस जोयणसहस्साइं पंच अट्ठावीसे Page #617 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५४२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती जोयणसए एक्कारस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं । उत्तरडभरहस्स भंते ! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहि चेव, उत्तरढभरहे णं भंते ! वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! ते णं मणुया बहुसंघयणा जाव अप्पेगइया सिझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति ॥ १६ ॥ कहि णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरकभरहे वासे उसभकूडे णाम पव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! गंगाकुंडस्स पञ्चत्थिमेणं सिंधुकुंडस्स पुरच्छिमेणं चुलहिमवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे वासे उसहकूडे णामं पव्वए पण्णत्ते, अट्ठ जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं, दो जोयणाई उव्वेहेणं, मूले अट्ठ जोयणाइं विक्खंभेणं मज्झे छ जोयणाई विक्खंभेणं उवरि चत्तारि जोयणाई विक्खंभेणं, मूले साइरेगाइं पणवीसं जोयणाइं परिक्खेवणं मझे साइरेगाइं अट्ठारस जोयणाइं परिक्खेवेणं उवरिं साइरेगाइं दुवालस जोयणाइं परिक्खेवेणं, (पाढंतरं-मूले बारस जोयणाइं विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं उप्पिं चत्तारि जोयणाइं विक्खंभेणं, मूले साइरेगाइं सत्ततीसं जोयणाइं परिक्खेवेणं मज्झे साइरेगाइं पणवीसं जोयणाइं परिक्खेवेणं उप्पिं साइरेगाइं बारस जोयणाई परिक्खेवेणं) मूले विच्छिण्णे मज्झे संखिस्ते उप्पिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वजंबूणयामए अच्छे सण्हे जाव पडिरूवे, से णं एगाए पउमवरवेइयाए तहेव जाव भवणं कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसऊणं कोसं उर्दू उच्चत्तेणं, अट्ठो तहेव, उप्पलाणि पउमाणि जाव उसमे य एत्थ देवे महिड्डिए जाव दाहिणेणं रायहाणी तहेव मंदरस्स पव्वयस्स जहा विजयस्स अविसेसियं ॥ १७ ॥ पढमो वक्खारो समत्तो॥ ___ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे कइविहे काले पण्णत्ते ? गो० ! दुविहे काले पण्णत्ते, तंजहा-ओसप्पिणिकाले य उस्सप्पिणिकाले य, ओसप्पिणिकाले णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गो० ! छविहे पण्णत्ते, तं०-सुसमसुसमकाले १ सुसमाकाले २ सुसमदुस्समकाले ३ दुस्समसुसमाकाले ४ दुस्समाकाले ५ दुस्समदुस्समाकाले १ विजाहरसमणदसणओ, कम्माणं खओवसमविचित्तयाए जाइसरणेणं, चक्कवट्टिकाले अणुग्घाडियगुहाजुयलावट्ठाणेणं (सयं गमणा), चकिकाले य तत्थुववण्णा वि इह तित्थयराइपासे धम्मसवणाइणा लद्धबोही अणुक्कमेणं पत्तकेवला तत्थ वि सिझंति अहवा तव्वासवासिणो इहमागंतूण तहाविहधम्ममायरित्तु सिझंति अदुवा साहरणं पडुच्च तत्थ सिद्धी संभवेइत्ति । Page #618 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०२ पलिओवमपरूवणा] सुत्तागमे ५४३ ६, उस्सप्पिणिकाले णं भंते ! कइविहे प० ? गो० ! छव्विहे पण्णत्ते, तं०-दुस्समदुस्समाकाले १ जाव सुसमसुसमाकाले ६ । एगमेगस्स णं भंते ! मुहुत्तस्स केवइया उस्सासद्धा वियाहिया ? गोयमा ! असंखिजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा आवलियत्ति वुच्चइ संखिज्जाओ आवलियाओ ऊसासो संखिजाओ आवलियाओ नीसासो, गाहा-हट्ठस्स अणवगल्लस्स, णिरुवकिट्ठस्स जंतुणो। एगे ऊसासनीसासे, एस पाणुत्ति वुच्चई ॥ १ ॥ सत्त पाणूइं से थोवे, सत्त थोवाइं से लवे । लवाणं सत्तहत्तराँए, एस मुहुत्तेत्ति आहिए ॥ २॥ तिण्णि सहस्सा सत्त य सयाई तेवत्तरिं च ऊसासा । एस मुहुत्तो भणिओ सव्वेहि अणंतनाणीहिं ॥ ३ ॥ एएणं मुहुत्तप्पमाणेणं तीसं मुहुत्ता अहोरत्तो पण्णरस अहोरत्ता पक्खो दो पक्खा मासो दो मासा उऊ तिण्णि उऊ अयणे दो अयणा संवच्छरे पंचसंवच्छरिए जुगे वीसं जुगाई वाससए दस वाससयाइं वाससहस्से सयं वाससहस्साणं वाससयसहस्से चउरासीई वाससयसहस्साइं से एगे पुवंगे चउरासीई पुव्वंगसयसहस्साइं से एगे पुत्वे एवं बिगुणं बिगुणं णेयव्वं तुडियंगे २ अडडंगे २ अववंगे २ हूहुयंगे २ उप्पलंगे २ पउमंगे २ णलिणंगे २ अच्छिणिउरंगे २ अउयंगे २ नउयंगे २ पउयंगे २ चूलियंगे २ जाव चउरासीइं सीसपहेलियंगसयसहस्साइं सा एगा सीसपहेलिया एताव ताव गणिए एताव ताव गणियस्स विसए तेण परं ओवमिए ॥ १८ ॥ से किं तं ओवमिए ? २ दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-पलिओवमे य सागरोवमे य, से किं तं पलिओवमे ? पलिओवमस्स परूवणं करिस्सामि, परमाणू दुविहे पण्णत्ते, तंजहासहुमे य वावहारिए य, अणंताणं सुहुमपरमाणुपुग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं वावहारिए परमाणू णिप्फजइ तत्थ णो सत्यं कमइ-सत्येण सुतिक्खेणवि छेत्तुं भित्तुं च ज ण किर सक्का । तं परमाणु सिद्धा वयंति आई पमाणाणं ॥ १॥ वावहारियपरमाणूणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा उस्सण्हसण्हियाइ वा सण्हसण्हियाइ वा उड्डरेणूइ वा तसरेणूइ वा रहरेणूइ वा वालग्गेइ वा लिक्खाइ वा जूयाइ वा जवमज्झेइ वा उस्सेहंगुलेइ वा, अट्ठ उस्सण्हसण्हियाओ सा एगा सहसण्हिया अट्ठ सण्हसण्हियाओ सा एगा उड्ढरेणू अट्ठ उड्ढरेणूओ सा एगा तसरेणू अट्ठ तसरेणूओ सा एगा रहरेणू अट्ठ रहरेणूओ से एगे देवकुरूत्तरकुराण मणुस्साणं वालग्गे अट्ठ देवकुरूत्तरकुराण मणुस्साण वालग्गा से एगे हरिवासरम्मयवासाण मणुस्साणं वालग्गे एवं हेमवयहेरण्णवयाण मणुस्साणं पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साण वालग्गा सा एगा लिक्खा अट्ठ लिक्खाओ सा एगा जूया अट्ठ जूयाओ से एगे जवमज्झे अट्ठ जवमज्झा से एगे अंगुले एएणं अंगुलप्पमाणेणं Page #619 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती छ अंगुलाई पाओ बारस अंगुलाई विहत्थी चउवीसं अंगुलाई रयणी अडयाली अंगुलाई कुच्छी छण्णउइ अंगुलाई से एगे अक्खेइ वा दंडेइ वा धणूइ वा जुगेड वा मुसलेइ वा णालियाइ वा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साई गाउयं चत्तारि गाउयाइं जोयणं, एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयामविक्खंभेणं जोयणं उर्दू उच्चत्तेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेहियतेहिय उक्कोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं संमढे सण्णिचिए भरिए वालग्गकोडीणं । ते णं वालग्गा णो कुत्थेजा णो परिविद्धंसेज्जा, णो अग्गी डहेजा, णो वाए हरेजा, णो पूइत्ताए हव्वमागच्छेज्जा, तओ णं वाससए २ एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे णीरए णिल्लेवे णिट्ठिए भवइ से तं पलिओवमे । एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया । तं सागरोवमस्स उ एगस्स भवे परीमाणं ॥ १॥ एएणं सागरोवमप्पमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा १ तिण्णि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा २ दो सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमदुस्समा ३ एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिया कालो दुस्समसुसमा ४ एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समा ५ एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समदुस्समा ६, पुणरवि उस्स प्पिणीए एकवीसं वाससहस्साई कालो दुस्समदुस्समा १ एवं पडिलोमं णेयव्वं जाव चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा ६, दससागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी दससागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणी वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणीउस्सप्पिणी ॥ १९ ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहे वासे इमीसे उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमकठ्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गो० ! बहुसमरमणिजे भूमिभागे होत्था से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव णाणाविहपंचवण्णेहिं तणेहि य मणीहि य उवसोभिए, तंजहा-किण्हेहिं जाव सुकिल्लेहिं, एवं वण्णो गंधो फासो सद्दो य तणाण य मणीण य भाणियव्वो जाव तत्थ णं बहवे मणुस्सा मणुस्सीओ य आसयंति सयंति चिट्ठति णिसीयंति तुयति हसंति रमंति ललंति, तीसे णं समाए भरहे वासे बहवे उद्दाला कुद्दाला मुद्दाला कयमाला णट्टमाला दंतमाला नागमाला सिंगमाला संखमाला सेयमाला णामं दुमगणा पण्णत्ता, कुसविकुसविसुद्धक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव बीयमंतो पत्तेहि य पुप्फेहि य फलेहि य उच्छण्णपडिच्छण्णा सिरीए अईव २ उवसोभेमाणा २ चिट्ठति, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ तत्थ 'बहवे भेरुतालवणाई हेरुतालवणाई मेस्तालवणाई पभयालवणाई सालवणाई सरलवणाई सत्तिवण्णवणाई पूयफलिवणाई Page #620 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०२ मणुईवण्णणा] सुत्तागमे ५४५ खजरीवणाई णालिएरीवणाई कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूलाई जाव चिट्ठति, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ तत्थ 'बहवे सेरियागुम्मा णोमालियागुम्मा कोरंटयगुम्मा बंधजीवगगुम्मा मणोजगुम्मा बीयगुम्मा बाणगुम्मा कणइरगुम्मा कुजायगुम्मा सिंदवारगुम्मा भोग्गरगुम्मा जूहियागुम्मा मल्लियागुम्मा वासंतियागुम्मा वत्थुलगुम्मा कत्थुलगुम्मा सेवालगुम्मा अगत्थिगुम्मा मगदंतियागुम्मा चंपगगुम्मा जाईगुम्मा णवणीइयागुम्मा कुंदगुम्मा महाजाइगुम्मा रम्मा महामेहणिउरंबभूया दसद्धवण्णं कुसुमं कुसुमेंति जे णं भरहे वासे बहुसमरमणिजं भूमिभागं वायविधुयग्गसाला मकपुप्फपुंजोवयारकलियं करेंति, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ २. तहिं तहिं बहईओ पउमलयाओ जाव सामलयाओ णिच्चं कुसुमियाओ जाव लयावण्णओ, तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ २ . "तहिं २ बहुईओ वणराईओ पण्णत्ताओ, किण्हाओ किण्होभासाओ जाव मणोहराओ रयमत्तगछप्पयकोरगभिंगारगकोंडलगजीवंजीवगनंदीमुहकविलपिंगलक्खगकारंडवचक्कवायगकलहंसहंससारसअणेगसउणगणमिहुणपवियरियाओ सढुण्णइयमहुरसरणाइयाओ संपिंडिय० णाणाविहगुच्छ० वावीपुक्ख'रिणीदीहियासु अ सुणि० विचित्त० अभित० साउ० णिरोगक० सव्वोउयपुप्फफलसमिद्धाओ पिंडिम जाव पासाइयाओ ४ । तीसे णं समाए भरहे वासे तत्थ तत्थ तहिं तहिं मत्तंगा णामं दुमगणा पण्णत्ता, से जहा० चंदप्पभा जाव छण्णपडिच्छण्णा चिटुंति, एवं जाव अणिगणा णामं दुमगणा पण्णत्ता ॥२०॥ तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे 'पण्णत्ते? गो०! ते णं मणुया सुपइट्ठियकुम्मचारुचलणा जाव लक्खणवंजणगुणोववेया सुजायसुविभत्तसंगयंगा पासादीया जाव पडिरूवा । तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुईणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! ताओ णं मणुईओ सुजायसव्वंगसुंदरीओ पहाणमहिलागुणेहिं जुत्ताओ अइकंतविसप्पमाणमउयाओ सुकुमालकुम्मसंठियविसिट्ठचलणाओ उज्जुमउयपीवरसुसाहयंगुलीओ अब्भुण्णयरइयतलिणतंबसुइणिद्धणक्खाओ रोमरहियवट्टलट्ठसंठियअजहण्णपसत्थलक्खणअकोप्पजंघजुयलाओ सुणिम्मियसुगूढसुजण्णुमंडलसुबद्धसंधीओ कयलीखंभाइरेगसंठियणिव्वणसुकुमालमउयमंसलअविरलसमसंहियसुजायवट्टपीवरणिरंतरोरू अट्ठावयवीइयपट्ठसंठियपसत्थविच्छिण्णपिहुलसोणीओ वयणायामप्पमाणदुगुणियविसालमंसलसुबद्धजहणवरधारिणीओ वज्जविराइयपसत्थलक्खणनिरोदरतिवलियवलियतणुणयमज्झिमाओ उजुयसमसहियजच्चतणुकसिणणिद्धआइजलडहसुजायसुविभत्तकंतसोभतरुइलरमणिज्जरोमराईओ गंगावत्तपयाहिणावत्ततरंगभंगुररविकिरणतरुणबोहियआकोसायंतपउमगं ३५ सुत्ता Page #621 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती भीरवियडणाभीओ अणुब्भडपसत्थपीणकुच्छीओ सण्णयपासाओ संगयपासाओ सुजायपासाओ मियमाइयपीणरइयपासाओ अकरंडुय कणगरुयगणिम्मलसुजायणिरुवहयगायलट्ठीओ कंचणकलसप्पमाण समसहियलट्ठचुच्चुयामेलगजमलजुयलवट्टियअब्भुण्णयपीणरइयपीवरपओहराओ भुयंगअणुपुव्वतणुयगोपुच्छ्वट्टसंहियणमियआइज्जललियबाहाओ तंबणहाओ मंसलग्गहत्थाओ पीवरकोमलवरंगुलियाओ णिद्धपाणिरेहाओ रविससिसंखचक्कसोत्थियसुविभत्तसुविरइयपाणिलेहाओ पीणुण्णय करकक्खवत्थिप्पए-साओ पडिपुण्णगलकवोलाओ चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसगीवाओ मंसलसंठियपसत्थहणुगाओ दाडिमपुप्फप्पगासपीवरपलंबकुंचियवराधराओ सुंदरुत्तरोट्ठाओ दहि-दगरयचंदकुंदवासंतिमउलधवलअच्छिद्दविमलदसणाओ रतुप्पलपत्तमउयसुकुमालता-लुजीहाओ कणवीरमउलकुडिलअब्भुग्गयउज्जुतुंगणासाओ सारयणवकमलकुमुयकुवलयविमलदलणियरसरिसलक्खणपसत्थअजिम्हकंतणयणाओ पत्तलधवलायय आतंबलोयणाओ आणामियचावरुइलकिण्हब्भराइसंगयसुजायभुमगाओ अल्लीणपमाणजुत्तसवणाओ सुसवणाओ पीणमट्टगंडलेहाओ चउरंसपसत्थसमणिडालाओ कोमुईरयणिय-रविमलपडिपुण्णसोमवयणाओ छत्तुण्णयउत्तमंगाओ अकविलसुसिणिद्धसुगंधदीहसिरयाओ छत्त १ ज्झय २ जूय ३ दामणि ४ कमंडलु ५ कलस ६ वावि ७ सोत्थिय ८ पडाग ९ जव १० मच्छ ११ कुम्म १२ रहवर १३ मगरज्झय १४ अंक १५. सुय १६ थाल १७ अंकुस १८ अट्ठावय १९ सुपरट्ठग २० मऊर २१ सिरिअभिसेय २२ तोरण २३ मेइणि २४ उदहि २५ वरभवण २६ गिरि २७ वरआयंस २८ सलीलगय २९ उसभ ३० सीह ३१ चामर ३२ उत्तमपसत्यबत्तीसलक्खणधरीओ हँससरिसगईओ कोइलमहुरगिरसुस्सराओ कंताओ सव्वस्स अणुमयाओ ववगयवलिपलियवंगदुव्वण्णवाहिदोहग्गसोगमुक्काओ उच्चत्तेण य णराण थोवूणमुस्सियाओ सभावसिंगारचारुवेसाओ संगयगय हसियभणियचिट्ठियविलाससंलावणिउणजुत्तोवयारकुसलाओ सुंदरथणजहणवयणकरचलणणयणलावण्णरूवजोव्वणविलासकलियाओ णंदणवणविवरचारिणीउव्व अच्छराओ भरहवासमाणुसच्छराओ अच्छेरगपेच्छणिज्जाओ पासाइयाओ जाव पडिरूवाओ, ते णं मणुया ओहस्सरा हंसस्सरा कोंचस्सरा दिस्सरा णंदिघोसा सीहस्सरा सीहघोसा सुस्सरा सूसरणिग्घोसा छायायवोज्जोवियंगमंगा वज्जरिसहनारायसंघयणा समचउरंससंठाणसंठिया छविणिरायंका अणुलोमवाउवेगा कंकग्गहणी कवोयपरिणामा सउणिपोसपिद्वंतरोरुपरिणया छद्धणुसहस्समूसिया, सि या बेछप्पण्णा पिट्ठकरंडगसया पण्णत्ता समणाउसो !, पउमुप्पलगन्धसरिसणीसाससुरभिवयणा, ते णं मणुया पगईउवसंता पाईपयणुकोहमाणमाया लोभा ५४६ Page #622 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ दास० पुच्छा ] सुत्तागमे मिउमद्दवसंपन्ना अल्लीणा भद्दगा विणीया अप्पिच्छा असण्णिहिसंचया विडिमंतरपरिवसणा जहिच्छियकामका मिणो ॥ २१ ॥ तेसि णं भंते! मणुयाणं केवइकालस्स आहारट्ठे समुपज्जइ ? गोयमा ! अट्ठमभत्तस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ, पुढवीपुप्फफलाहाराणं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, तीसे णं भंते !० पुढवीए केरिसए आसाए पण्णत्ते ? गो० ! से जहाणामए - गुलेइ वा खंडेड् वा सक्कराइ वा मच्छंडियाई वा पप्पडमोयएइ वा भिसेइ वा पुप्फुत्तराइ वा परमुत्तराइ वा विजयाइ वा महाविजयाइ वा आगासियाइ वा आदंसियाइ वा आगासफालिओवमाइ वा उग्गाइ वा अणो माइ वा इमेए अज्झोववणाए, भवे एयारूवे ?, णो इणट्ठे समट्ठे, सा णं पुढवी इत्तो इट्ठतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव आसाएणं पण्णत्ता । तेसि णं भंते ! पुप्फफलाणं केरिसए आसाए पण्णत्ते ? गोयमा ! से जहाणामए- रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स कल्लाणे भोयणजाए सयसहस्सनिप्फन्ने वण्णेणुववेए जाव फासेणं उववेए आसायणिज्जे विस्सायणिज्जे दिप्पणिज्जे दप्पणिजे मयणिजे [ विग्घणिजे ] बिंहणिजे सव्विंदियगायपल्हायणिज्जे, भवे एयारूवे ?, णो इणट्ठे समट्ठे, तेसि णं पुप्फफलाणं एत्तो इतराए चेव जाव आसाए पण्णत्ते ॥ २२ ॥ ते णं भंते ! मणुया तमाहारमाहारेत्ता कहिं वसि उवेंति ? गोयमा ! स्क्खगेहालया णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, तेसि णं भंते! रुक्खाणं केरिसए आयारभाव पडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! कूडागारसंठिया पेच्छाछत्तज्झयतोरणगोयरवेश्याचोप्फालगअट्टालगपासायहम्मियगवक्खवालग्गपोइयावलभीघरसंठिया अत्थण्णे इत्थ बहवे वरभवणविसिट्ठसंठाणसंठिया दुमगणा सुहसीयलच्छाया पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ २३ ॥ अत्थि णं भंते ! तीसे समाए भरहे वासे गेहाइ वा गेहावणाइ वा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे, स्क्खगेहालया णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते ! तीसे समाए भरहे वासे गामाइ वा जाव संणिवेसाइ वा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे, जहिच्छियकामगामिणो णं ते मणुया पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !• असीइ वा मसीइ वा किसीइ वा वणिएत्ति वा पणिएत्ति वा वाणिज्जेइ वा ? गो० ! णो इणट्ठे समट्ठे, ववगयअसिमसिकिसिवणियपणियवाणिज्जा णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते ! ० हिरण्णेइ वा सुवण्णेइ वा कंसेइ वा दूसेइ वा मणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसावइजेइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेवणं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छइ । अत्थि णं भंते ! - भरहे ० रायाइ वा जुवरायाइ वा ईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियइब्भसेट्ठिसेणावइसत्थवाहाइ वा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे, ववगयइढिसकारा णं ते मणुया०, अस्थि णं भंते !० भरहे वासे दासेइ वा पेसेइ वा सिस्सेइ वा भयगेइ वा भाइलाइ वा ५४७ Page #623 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती कम्मरएइ वा ? ० णो इणट्ठे समट्ठे, ववगयआभिओगा णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते! तीसे समाए भरहे वासे मायाइ वा पियाइ वा भाया ० भगिणी० भज्जा ० पुत्त० धूया० सुण्हाइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तिव्वे पेम्म - बंधणे समुप्पज्जइ, अत्थि णं भंते ! • भरहे वासे अरीइ वा वेरिएइ वा घायएइ वा वहएइ वा पडिणीयएइ वा पच्चामित्तेइ वा ? गो० ! णो इणट्ठे समट्ठे, ववगयवेराणुसया णं ते मया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते !• भरहे वासे मित्ताइ वा वयंसाह वा णाय वा संघाडिएर वा सहाइ वा सुहीइ वा संगइएइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं तिव्वे रागबंधणे समुप्पज्जइ, अत्थि णं भंते !० भरहे वासे आवाहाइ वा वीवाहाइ वा जण्णाइ वा सद्धाइ वा थालीपागाइ वा मियपिंडनिवेयणाइ वा ? गो इणट्ठे समट्ठे, वयगयआवाहवीवाहजण्णसद्धथालीपागमियपिंड निवेयणा णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते !• भरहे वासे इंदमहाइ वा खंद० णाग० जक्ख • भूय० अगड• तडाग ० दह० णइ० रुक्ख • पव्वयमहाइ वा ? गो० ! णो इणट्टे समट्ठे, ववगयमहिमा णं ते मणुया प० स०, अत्थि णं भंते ! • भरहे वासे गडपेच्छाइ वा णट्ट० जल्ल० मल्ल० मुट्ठिय० वेलंबग० कहग० पवग० लासगपेच्छाइ वा ? गो० ! णो इणट्ठे समट्ठे, ववगयको हल्ला णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, अत्थि णं भंते ! • भरहे वासे सगडाइ वा रहाइ वा जाणाइ वा जुग्गा० गिल्ली ० थिल्ली० सीया० संदमाणियाइ वा १० णो इणट्ठे समट्ठे, पायचारविहारा णं ते मणुया प० समणाउसो !, अत्थि णं भंते !• भरहे वासे गावीइ वा महिसीइ वा अयाइ वा एलगाइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थि णं भंते ! • भरहे वासे आसाइ वा हत्थी ० उद्या० गोणा० गवया० अया० एलगा ० पसया • मिया ० वराहा० रुरु० सरभा० चमरा० कुरंगगोकण्णमाइया ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थि णं भंते ! - भर वासे सीहाइ वा वग्धाइ वा विगदीविगअच्छत रच्छसियालबिडालसुणगकोकंतियकोलसुणगाइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेर्सि मणुयाणं आबाहं वा वाबाह वा छविच्छेयं वा उप्पा एंति, पगइभद्दया णं ते सावयगणा प० समणाउसो !, अस्थि णं भंते !• भरहे वासे सालीइ वा वीहिगोहूमजवजवजवाइ वा कलममसूरमुग्गमासतिलकुलत्थणिप्फावआलिसंदगअयसिकुसुंभकोद्दवकंगुवरगरालगसणसरिसवमूलगबीयाइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, अत्थि णं भंते ! • भरहे वासे गड्ढाइ वा दरीओवायपवायविसमविज्जलाइ वा १० णो इणट्ठे समट्ठे, भरहे वासे बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते से जहाणामए-आलिंग ५४८ Page #624 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ सुसमावण्णणं] सुत्तागमे ५४९ पुक्खरेइ वा०, अत्थि णं भंते !० भरहे वासे खाणूइ वा कंटगतणक्यवराइ वा पत्तकयवराइ वा ?. णो इणढे समढे, ववगयखाणुकंटगतणकयवरपत्तकयवरा णं सा समा पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !० भरहे वासे डंसाइ वा मसगाइ वा जूयाइ वा लिक्खाइ वा ढिंकुणाइ वा पिसुयाइ वा १० णो इणढे समठे, ववगयडंसमसगजूयलिक्खढिंकुणपिसुया उवद्दवविरहिया णं सा समा पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !० भरहे. अहीइ वा अयगराइ वा ? हंता ! अत्थि, णो चेव णं तेसिं मणुयाणं आबाहं वा जाव पगइभद्दया णं ते वालगगणा पण्णत्ता०, अत्थि णं भंते !० भरहे. डिंबाइ वा डमराइ वा कलहबोलखारवइरमहाजुद्धाइ वा महासंगामाइ वा महासत्थपडणाइ वा महापुरिसपडणाइ वा ? गोयमा ! णो इणढे समढे, ववगयवेराणुबंधा णं ते मणुया पण्णत्ता स० !, अत्थि णं भंते !० भरहे वासे दुभूयाणि वा कुलरोगाइ वा गामरोगाइ वा मंडलरोगाइ वा पोट्टवे० सीसवेयणाइ वा कण्णोठ्ठअच्छिणहदंतवेयणाइ वा कासाइ वा सासाइ वा सोसाइ वा दाहाइ वा अरिसाइ वा अजीरगाइ वा दओदराइ वा पंडुरोगाइ वा भगंदराइ वा एगाहियाइ वा बेयाहियाइ वा तेयाहियाइ वा चउत्थाहियाइ वा इंदग्गहाइ वा धणुग्गहाइ वा खंदग्गहाइ वा कुमारग्गहाइ वा जक्खग्गहाइ वा भूयग्गहाइ वा मच्छसूलाइ वा हिययसूलाइ वा पोट्ट० कुच्छि० जोणिसूलाइ वा गाममारीइ वा जाव सण्णिवेसमारीइ वा पाणिक्खया जणक्खया कुलक्खया वसणब्भूयमणारिया ? गोयमा ! णो इणढे समढे, ववगयरोगायंका णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो ! ॥ २४ ॥ तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जहण्णेणं देसूणाई तिण्णि पलिओवमाइं उक्कोसेणं देसूणाई तिण्णि पलिओवमाई, तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे मणुयाणं सरीरा केवइयं उच्चत्तणं पण्णत्ता? गोयमा ! जहन्नेणं तिण्णि गाउयाई उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाइं. ते णं भंते ! मणुया किंसंघयणी पण्णत्ता? गोयमा ! वइरोसभणारायसंघयणी पण्णत्ता, तेसि णं भंते ! मणुयाणं सरीरा किंसंठिया पण्णत्ता ? गोयमा ! समचउरंससंठाणसंठिया, तेसि णं मणुयाणं बेछप्पण्णा पिट्ठकरंडयसया पण्णत्ता समणाउसो!, ते णं भंते ! मणुया कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छंति कहिं उववजंति ? गो० ! छम्मासावसेसाउया जुयलगं पसवंति, एगूणपण्णं राइंदियाइं सारक्खंति संगोवेति सा० २ त्ता कासित्ता छीइत्ता जंभाइत्ता अकिट्ठा अव्वहिया अपरियाविया कालमासे कालं किच्चा देवलोएसु उववजंति, देवलोयपरिग्गहा णं ते मणुया पण्णत्ता०, तीसे णं भंते ! समाए भारहे वासे कइविहा मणुस्सा अणुसज्जित्था ? गो० ! छव्विहा प०, तं०-पम्हगंधा १ मियगंधा २ अममा ३ तेयतली ४ सहा ५ सणिचारी ६ ॥ २५ ॥ तीसे णं समाए Page #625 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुता [ जंबुद्दीवपण्णत्ती चउहिँ सागरोवमकोडाकोडीहिं काले वीइकंते अनंतेहिं वण्णपज्जवेहिं अणतेहिं गंधपज्जवेहिं अणंतेहिं रसपज्जवेहिं अणंतेहिं फासपज्जवेहिं अणंतेहिं संघयणपज्जवेहिं अणंतेहिं संठाणपज्जवेहिं अणंतेहिं उच्चत्तपज्जवेहिं अणंतेहिं आउपज्जवेहिं अणंतेहिं गुरुलहुपज्जवेहिं अणंतेहिं अगुरुलहुज्जवेहिं अनंतेहिं उट्ठाणकम्मबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमपज्जवेहिं अणंतगुणपरिहाणीए परिहायमाणे २ एत्थ णं सुसमा णामं समाकाले पडिवजिंसु समणाउसो !, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमाए समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा तं चेव जं सुसमसुसमाए पुव्ववण्णियं णवरं णाणत्तं - चउधणुसहस्समूसिया, एगे अट्ठावीसे पिट्टकरंडयसए, छट्ठभत्तस्स आहारट्ठे, चउसट्ठि राइंदियाई सारक्खंति, दो पलिओवमाई आऊ, सेसं तं चेव, तीसे णं समाए चउव्विहा मणुस्सा अणुसज्जित्था, तंजहा- एगा १ पउरजंघा २ कुसुमा ३ सुसमणा ४ ॥ २६ ॥ तीसे णं समाए तिहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं काले वीइकंते अनंतेहिं वण्णपज्जवेहिं जाव अनंतगुणपरिहाणीए परिहायमाणी २ एत्थ णं सुसमदुस्समा णामं समा पडिवज्जिसु समणाउसो !, साणं समा तिहा विभज्जइ - पढमे तिभाए १ मज्झिमे तिभाए २ पच्छिमे तिभाए ३, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमदुस्समाए समाए पढममज्झिमेसु तिभाएसु भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पुच्छा, गोयमा ! बहुसमरमणिजे भूमिभागे होत्था, सो चेव गमो णेयव्वो णाणत्तं दो धणुसहस्साइं उ उच्चत्तेणं, तेसिं च मणुयाणं चउसट्ठिपिट्ठकरंडगा चउत्थभत्तस्स आहारट्ठे समुप्पज्जइ ठिई पलिओवमं एगूणा सीइं राइंदियाई सारक्खंति संगोवेंति जाव देवलोगपरिग्गहिया णं ते मणुया पण्णत्ता समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए पच्छिमे तिभाए भरस्स वासस्स केरिसए आयारभाव पडोयारे होत्था ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहाणामए - आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणीहिं उवसोभिए, तं जहा - कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तीसे णं भंते ! समाए पच्छिमे तिभागे भर वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! तेसिं मणुयाणं छवि संघयणे छवि संठाणे बहूणि धणुसयाणि उड्नुं उच्चत्तेणं जहण्णेणं संखिज्जाणि वासाणि उक्कोसेणं असंखिजाणि वासाणि आउयं पालंति पालित्ता अप्पेगइया णिरयगामी अप्पेगइया तिरियगामी अप्पेगइया मणुस्सगामी अप्पेगइया देवगामी अप्पेगइया सिज्झंति जाव सव्वदुक्खाणमंत करेंति ॥ २७ ॥ तीसे णं समाए पच्छिमे तिभाए पलिओवमट्टभागावसेसे एत्थ णं इमे पण्णरस कुलगरा समुप्पजित्था, तंजहा - सुमई १ ५५० Page #626 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ उसहसामिणिक्खमणं] सुत्तागमे पडिस्सुई २ सीमंकरे ३ सीमंधरे ४ खेमंकरे ५ खेमंधरे ६ विमलवाहणे ७ चक्खुमं ८ जसमं ९ अभिचंदे १० चंदाभे ११ पसेणई १२ मरुदेवे १३ णाभी १४ उसमे १५ त्ति ॥ २८ ॥ तत्थ णं सुमइपडित्सुइसीमंकरसीमंधरखेमंकराणं एएसिं पंचण्हं कुलगराणं हकारे णामं दण्डणीई होत्था, ते णं मणुया हक्कारेणं दंडेणं हया समाणा लज्जिया विलज्जिया वेड्डा भीया तुसिणीया विणओणया चिट्ठति, तत्थ णं खेमंधरविमलवाहणचक्खुमजसमअभिचंदाणं एएसि णं पंचण्हं कुलगराणं मक्कारे णामं दंडणीई होत्या, ते णं मणुया मक्कारेणं दंडेणं हया समाणा जाव चिट्ठति, तत्थ णं चंदाभपसेणइमरुदेवणाभिउसभाणं एएसिणं पंचण्हं कुलगराणं धिक्कारे णामं दंडणीई होत्था, ते णं मणुया धिक्कारेणं दंडेणं हया समाणा जाव चिट्ठति ॥ २९ ॥ णाभिस्स णं कुलगरस्स मरुदेवाए भारियाए कुच्छिसि एत्थ णं उसहे णामं अरहा कोसलिए पढमराया पढमजिणे पढमकेवली पढमतित्थयरे पढमधम्मवरचक्कवट्टी समुप्पज्जित्था, तए णं उसमे अरहा कोसलिए वीसं पुव्वसयसहस्साइं कुमारवासमज्झे वसइ वसइत्ता तेवडिं पुव्वसयसहस्साई महारायवासमज्झे वसइ, तेवढिं पुव्वसयसहस्साइं महारायवासमज्झे वसमाणे लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणस्यपज्जवसाणाओ बावत्तरि कलाओ चोसढि महिलागुणे सिप्पसयं च कम्माणं तिण्णिवि पयाहियाए उवदिसइ उवदिसित्ता पुत्तसयं रजसए अभिसिंचइ अभिसिंचित्ता तेसीइं पुव्वसयसहस्साई महारायवासमज्झे वसइ वसित्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स णवमीपक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भागे चइत्ता हिरण्णं चइत्ता सुवण्णं चइत्ता कोसं कोट्ठागारं चइत्ता बलं चइत्ता वाहणं चइत्ता पुरं चइत्ता अंतेउरं चइत्ता विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावइज्जं विच्छड्डइत्ता विगोवइत्ता दायं दाइयाणं परिभाएत्ता सुदंसणाए सीयाए सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे संखिदचक्कियणंगलियमुहमंगलियपूसमाणववद्धमाणगआइक्खगलंखमंखघंटियगणेहिं ताहिं इठ्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिज्जाहिं हिययपल्हायणिजाहिं कण्णमणणिव्वुइकराहिं अपुणरुत्ताहिं अट्ठसइयाहिं वग्गूहि अणवरयं अभिणंदंता य अभिथुणंता य एवं वयासी-जय जय नंदा! जय जय भद्दा ! धम्मेणं अभीए परीसहोवसग्गाणं खंतिखमे भयभेरवाणं धम्मे ते अविग्धं भवउत्तिकट्ठ अभिणंदंति य अभिथुणंति य । तए णं उसमे अरहा कोसलिए णयणमालासहस्सेहिं पिच्छिन्जमाणे २ एवं जाव णिग्गच्छइ जहा उववाइए जाव आउलबोलबहुलं णभं करते विणीयाए रायहाणीए मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छद Page #627 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५५२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती आसियसंमज्जियसित्तसुइकपुप्फोवयारकलियं सिद्धत्थवणविउलरायमग्गं करेमाणे हयगयरहपहकरेण पाइक्कचडकरेण य मंदं २ उद्धतरेणुयं करेमाणे २ जेणेव सिद्धत्थवणे उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ २ त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ २ त्ता सयमेवाभरणालंकारं ओमुयइ २ त्ता सयमेव चउहि मुट्ठीहिं लोयं करेइ २ त्ता छटेणं भत्तेणं अपाणएणं आसाढाहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं उग्गाणं भोगाणं राइन्नाणं खत्तियाणं चउहिं सहस्सेहिं सद्धिं एगं देवदूसमादाय मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥ ३० ॥ उसभे णं अरहा कोसलिए संवच्छरं साहियं चीवरधारी होत्था, तेण परं अचेलए। जप्पभियं च णं उसभे अरहा कोसलिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तप्पभिइं च णं उसमे अरहा कोसलिए णिचं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा, उप्पजंति तं०-दिव्वा वा जाव पडिलोमा वा अणुलोमा वा, तत्थ पडिलोमा वेत्तेण वा जाव कसेण वा काए आउट्टेजा अणुलोमा वंदेज वा नमंसेज वा जाव पजुवासेज वा ते (उप्पन्न) सव्वे सम्मं सहइ जाव अहियासेइ, तए णं से भगवं समणे जाए इरियासमिए जाव पारिट्ठावणियासमिए मणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते जाव गुत्तबंभयारी अकोहे जाव अलोहे संते पसंते उवसंते परिणिव्वुडे छिण्णसोए निरुवलेवे संखमिव निरंजणे जच्चकणगं व जायरूवे आदरिसपडिभागे इव पागडभावे कुम्मो इव गुत्तिंदिए पुक्खरपत्तमिव निरुवलेवे गगणमिव निरालंबणे अणिले इव णिरालए चंदो इव सोमदंसणे सूरो इव तेयंसी विहग इव अपडिबद्धगामी सागरो इव गंभीरे मंदरो इव अकंपे पुढवी विव सव्वफासविसहे जीवो विव अप्पडिहयगइत्ति । णत्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिबंधे, से पडिबंधे चउ-- विहे भवइ, तंजहा-दव्वओ खित्तओ कालओ भावओ, दव्वओ इह खलु माया मे पिया मे भाया मे भगिणी मे जाव संगंथसंथुया मे हिरणं मे सुवणं मे जाव उवगरणं मे अहवा समासओ सचित्ते वा अचित्ते वा मीसए वा दव्वजाए सेवं तस्स ण भवइ, खित्तओ गामे वा णयरे वा अरण्णे वा खेत्ते वा खले वा गेहे वा अंगणे वा एवं तस्स ण भवइ, कालओ थोवे वा लवे वा मुहुत्ते वा अहोरत्ते वा पक्खे वा मासे वा उऊए वा अयणे वा संवच्छरे वा अण्णयरे वा दीहकालपडिबंधे एवं तस्स ण भवइ, भावओ कोहे वा जाव लोहे वा भए वा हासे वा एवं तस्स ण भवइ, से णं भगवं वासावासवजं हेमंतगिम्हासु गामे एगराइए णगरे पंचराइए ववगयहाससोगअरइभयपरित्तासे णिम्ममे णिरहंकारे लहुभूए अगंथे वासीतच्छणे दुअढे चंदणाणुलेवणे अरत्ते लेटुंमि कंचणमि य समे इह लोए अपडिबद्ध जीविय Page #628 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ उ० अंतेवासी] सुत्तागमे मरणे निरवकंखे संसारपारगामी कम्मसंगणिग्घायणट्ठाए अब्भुट्ठिए विहरइ। तस्स णं भगवंतस्स एएणं विहारेणं विहरमाणस्स एगे वाससहस्से विइक्ते समाणे पुरिमतालस्स णयरस्स बहिया सगडमुहंसि उजाणंसि णग्गोहवरपायवस्स अहे झाणंतरियाए वमाणस्स फग्गुणबहुलस्स इक्कारसीए पुव्वण्हकालसमयंसि अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं उत्तरासाढाणक्खत्तेणं जोगमुवागएणं अणुत्तरेणं नाणेणं जाव चरित्तेणं अणुत्तरेणं तवेणं बलेणं वीरिएणं आलएणं विहारेणं भावणाए खंतीए गुत्तीए मुत्तीए तुट्ठीए अजवेणं मद्दवेणं लाघवेणं सुचरियसोवचियफलनिव्वाणमग्गेणं अप्पाणं भावेमाणस्स अणंते अणुत्तरे णिव्वाघाए णिरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरनाणदंसणे समुप्पण्णे जिणे जाए केवली सव्वष्णू सव्वदरिसी सणेरइयतिरियणरामरस्स लोगस्स पज्जवे जाणइ पासइ, तंजहा-आगइं गई ठिइं उववायं भुत्तं कडं पडिसेवियं आवीकम्म रहोकम्मं तं तं कालं मणवयकाए जोगे एवमाई जीवाणवि सव्वभावे अजीवाणवि सव्वभावे मोक्खमग्गस्स विसुद्धतराए भावे जाणमाणे पासमाणे एस खलु मोक्खमग्गे मम अण्णेसिं च जीवाणं हियसुह णिस्सेसकरे सव्वदुक्खविमोक्खणे परमसुहसमाणणे भविस्सइ । तए णं से भगवं समणाणं णिग्गंथाण य णिग्गंथीण य पंच महव्वयाई सभावणगाइं छच्च जीवणिकाए धम्मं देसमाणे विहरइ, तंजहा-पुढविकाइए भावणागमेणं पंच महव्वयाई सभावणगाइं भाणियव्वाइं। उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स चउरासी गणा गणहरा होत्था, उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स उसभसेणपामोक्खाओ चुलसीइं समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था, उसभस्स णं० बंभीसुंदरीपामोक्खाओ तिण्णि अज्जियासयसाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया होत्था, उसभस्स णं० सेजंसपामोक्खाओ तिण्णि समणोवासगसयसाहस्सीओ पंच य साहस्सीओ उकोसिया समणोवासगसंपया होत्था, उसभस्स णं० सुभद्दापामोक्खाओ पंच समणोवासियासयसाहस्सीओ चउपण्णं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियासंपया होत्था, उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसण्णिवाईणं जिणो विव अवितहं वागरमाणाणं चत्तारि चउद्दसपुव्वीसहस्सा अट्ठमा य सया उक्कोसिया चउदसपुव्वीसंपया होत्था, उसभस्स णं० णव ओहिणाणिसहस्सा उक्कोसिया०, उसभस्स गं० वीसं जिणसहस्सा० वीसं वेउव्वियसहस्सा छच्च सया उक्कोसिया. बारस विउलमईसहस्सा छच्च सया पण्णासा० बारस वाईसहस्सा छच्च सया पण्णासा०, उसभस्स णं० गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमेसिभद्दाणं बावीसं अणुत्तरोववाइयाणं सहस्सा णव य सया०, उसभस्स णं० वीसं समणसहस्सा सिद्धा, चत्तालीसं अजियासहस्सा सिद्धा, सट्टि अंतेवासीसहस्सा सिद्धा, उसभस्स णं Page #629 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती अरहओ० बहवे अंतेवासी अणगारा भगवंतो अप्पेगइया मासपरियाया जहा उववाइए सव्वओ अणगारवण्णओ जाव उडुंजाणू अहोसिरा झाणकोट्ठोवगया संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति, उसमस्स णं अरहओ० दुविहा अंतकरभूमी होत्था, तंजहा-जुगंतकरभूमी य परियायतकरभूमी य, जुगंतकरभूमी जाव असंखेजाइं पुरिसजुगाई, परियायतकरभूमी अंतोमुहुत्तपरियाए अंतमकासी ॥३१॥ उसमे णं अरहा० पंचउत्तरासाढे अभीइछठे होत्था, तंजहा-उत्तरासाढाहिं चुए चइत्ता गब्भं वकंते उत्तरासाढाहिं जाए उत्तरासाढाहिं रायाभिसेयं पत्ते उत्तरासाढाहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए उत्तरासाढाहिं अणंते जाव समुप्पण्णे, अभीइणा परिणिब्बुए ॥ ३२ ॥ उसमे णं अरहा कोसलिए वज्जरिसहनारायसंघयणे समचउरंससंठाणसंठिए पंच धणुसयाई उद्धं उच्चत्तेणं होत्था । उसमे णं अरहा० वीसं पुन्वसयसहस्साइं कुमारवासमज्झे वसित्ता तेवढिं पुव्वसयसहस्साइं महारजवासमज्झे वसित्ता तेसीइं पुव्वसयसहस्साई अगारवासमज्झे वसित्ता मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पब्बइए, उसमे णं अरहा० एगं वाससहस्सं छउमत्थपरियायं पाउणित्ता एगं पुव्वसयसहस्सं वाससहस्सूणं केवलिपरियायं पाउणित्ता एगं पुव्वसयसहस्सं बहुपडिपुण्णं सामण्णपरियायं पाउणित्ता चउरासीइं पुव्वसयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता जे से हेमंताणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे माहबहुले तस्स णं माहबहुलस्स तेरसीपक्खेणं दसहिं अणगारसहस्सेहिं सद्धिं संपरिवुडे अट्ठावयसेलसिहरंसि चोइसमेणं भत्तणं अपाणएणं संपलियंकणिसण्णे पुव्वण्हकालसमयंसि अभीइणा णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं सुसमदूसमाए समाए एगूणणवउईहिं पक्खेहिं सेसेहिं कालगए वीइकंते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे । जं समयं च णं उसमे अरहा कोसलिए कालगए वीइकंते समुजाए छिण्णजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे तं समयं च णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो आसणे चलिए, तए णं से सक्के देविंदे देवराया आसणं चलियं पासइ पासित्ता ओहिं पउंजइ २ त्ता भयवं तित्थयरं ओहिणा आभोएइ २ त्ता एवं वयासी-परिणिव्वुए खलु जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे उसहे अरहा कोसलिए, तं जीयमेयं तीयपचुप्पण्णमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं तित्थगराणं परिनिव्वाणमहिमं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भगवओ तित्थगरस्स परिनिव्वाणमहिमं करेमित्तिकटु वंदइ णमंसइ वं० २ त्ता चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तायत्तीसएहिं चउहिं लोगपालेहिं जाव चउहिं चउरासीईहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहि अण्णेहि य बहूहिं सोहम्मकप्पवासीहिं वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिखुडे ताए उक्किट्ठाए जाव तिरियमसंखेज्जाणं Page #630 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ देवकयणिव्वाणमहिमा] सुत्तागमे दीवसमुदाणं मझंमज्झेणं जेणेव अट्ठावयपव्वए जेणेव भगवओ तित्थगरस्स सरीरए तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता विमणे णिराणंदे चिठ्ठइ । तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविंदे देवराया उत्तरड्डलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणसयसहस्साहिवई सूलपाणी वसहवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्थधरे जाव विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ, तए णं तस्स ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो आसणं चलइ, तए णं से ईसाणे जाव देवराया आसणं चलियं पासइ २ त्ता ओहिं पउंजइ २ त्ता भगवं तित्थगरं ओहिणा आभोएइ २ त्ता जहा सक्के नियगपरिवारेणं भाणेयव्वो जाव चिट्ठइ, एवं सव्वे देविंदा जाव अच्चुए णियगपरिवारेणं आणेयव्वा, एवं जाव भवणवासीणं वीस इंदा वाणमंतराणं सोलस जोइसियाणं दोण्णि णियगपरिवारा णेयव्वा । तए णं सक्के देविंदे देवराया ते बहवे भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिए देवे एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! गंदणवणाओ सरसाइं गोसीसवरचंदणकट्ठाई साहरह २ त्ता तओ चिइगाओ रएह-एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं । तए णं ते० भवणवइ जाव वेमाणिया देवा णंदणवणाओ सरसाइं गोसीसवरचंदणकट्ठाइं साहरंति २ ता तओ चिइगाओ रएंति, एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं, तए णं से सके देविंदे देवराया आभिओगे देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! खीरोदगसमुद्दाओ खीरोदगं साहरह, तए णं ते आभिओगा देवा खीरोदगसमुद्दाओ खीरोदगं साहरंति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया तित्थगरसरीरगं खीरोदगेणं ग्रहाणेइ २ त्ता सरसेणं गोसीसवरचंदणेणं अणुलिंपइ २ त्ता हंसलक्खणं पडसाडयं णियंसेइ २ त्ता सव्वालंकारविभूसियं करेइ, तए णं ते० भवणवइ जाव वेमाणिया० गणहरसरीरगाइं अणगारसरीरगाइपि खीरोदगेणं ण्हावेंति २ त्ता सरसेणं गोसीसवरचंदणेणं अणुलिपति २ त्ता अहयाइं दिव्वाइं देवदूसजुयलाई णियंसेंति २ त्ता सव्वालंकारविभूसियाइं करेंति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिए देवे एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! ईहामिगउसभतुरय जाव वणलयभत्तिचित्ताओ तओ सिबियाओ विउव्वह, एगं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं, तए णं ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिया० तओ सिबियाओ विउव्वंति, एगं भगवओ · तित्थगरस्स एगं गणहराणं एर्ग अवसेसाणं अणगाराणं, तए णं से सके देविंदे देवराया विमणे णिराणंदे भगवओ तित्थगरस्स विणट्ठजम्मजरामरणस्स सरीरगं सीयं आरुहेइ २ त्ता चिइगाए ठवेइ, तए णं ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिया देवा गणहराणं अणगाराण य विणट्ठ Page #631 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुडीवपण्णत्ती जम्मजरामरणाणं सरीरगाईं सीयं आरुति २ त्ता चिइगाए ठवेंति, तए णं से सके देविंदे देवराया ते बहवे भवणवर जाव वैमाणिए देवे एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए अगुरुतुरुक्कघयं च कुंभग्गसो य भारग्गसो य साहरह, तए णं ते० भवणवइ जाव वेमाणिया देवा तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए जाव भारग्गसो य साहरंति, तए णं से सक्के देविंदे देवराया अग्गिकुमारे देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए अगणिकायं विउव्वह २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चष्पिणह, तए णं ते अग्गिकुमारा देवा विमणा णिराणंदा तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए अगणिकायं विउव्वंति, तए णं से सके देविंदे देवराया वाउकुमारे देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! तित्थगरचिइगाए जाव अणगारचिइगाए वाउक्कायं विउव्वह २ त्ता अगणिकायं उज्जालेह तित्थगरसरीरगं गणहरसरीरगाईं अणगारसरीरगाईं च झामेह, तए णं ते वाकुमारा देवा विमणा णिराणंदा तित्थगरचिइगाए जाव विउव्वंति अगणिकार्य उज्जालेंति तित्थगरसरीरगं जाव अणगारसरीरगाणि य झामेंति, तए णं ते बहवे भवणवइ जाव वेमाणिया देवा तित्थगरस्स परिणिव्वाणमहिमं करेंति २ त्ता जेणेव साईं साई विमाणाई जेणेव साइं २ भवणाई जेणेव साओ २ सभाओ सुहम्माओ तेणेव उवागच्छंत २ त्ता विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति ॥ ३३ ॥ तीसे णं समाए दोहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं काले वीइकंते अणतेहिं वण्णपज्जवेहिं तहेव जाव अणंतेहिं उट्ठाणकम्म जाव परिहायमाणे २ एत्थ णं दूसमसुसमा णामं समाकाले पडिवजिंसु समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्त वासस्स के रिसए आगारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाण|मए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव मणीहिं उवसोभिए, तंजहा - कित्तिमेहिं चेव०, तीसे णं भंते ! समाए भरहे • मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे प० ? गोयमा ! तेसिं मणुयाणं छव्विहे संघयणे छव्विहे संठाणे बहूइं धणूई उच्छृं उच्चत्तेणं जहणेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडीआउयं पार्लेति २ त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव देवगामी अप्पेगइया सिज्झंति बुज्झंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, तीसे णं समाए तओ वंसा समुप्पज्जित्था, तंजहा - अरहंतवंसे चक्कवट्टिवंसे दसारवंसे, तीसे णं समाए तेवीसं तित्थयरा इक्कारस चक्कवट्टी णव बलदेवा णव वासुदेवा समुप्पज्जित्था ॥ ३४ ॥ तीसे णं समाए एक्काए सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणियाए काले वीइकंते अणतेहिं वण्णपज्जवेहिं तहेव जाव परिहाणीए परिहायमाणे २ ५५६ Page #632 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ छहारयव०] सुत्तागमे ५५७ एत्थ णं दूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो!, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे भविस्सइ से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा मुइंगपुक्खरेइ वा जाव णाणामणिपंचवण्णेहिं कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! तेसिं मणुयाणं छविहे संघयणे छव्विहे संठाणे बहुईओ रयणीओ उड़े उच्चत्तेणं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं साइरेगं वाससयं आउयं पालेंति २ त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, 'तीसे णं समाए पच्छिमे तिभागे गणधम्मे पासंडधम्मे रायधम्मे जायतेए धम्मचरणे य वोच्छिजिस्सइ ॥ ३५ ॥ तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले विइकते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं गंध० रस० फासपज्जवेहिं जाव परिहायमाणे २ एत्थ णं दूसमदूसमा णामं समाकाले पडिवजिस्सइ समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए उत्तमकठ्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! काले भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए कोलाहलभूए समाणुभावेण य खरफरुसधूलिमइला दुव्विसहा वाउला भयंकरा य वाया संवगा य वाइंति, इह अभिक्खणं २ धूमाहिति य दिसाओ समंता रउस्सला रेणुकलुसतमपडलणिरालोया समयलुक्खयाए णं अहियं चंदा सीयं मोच्छिहिंति अहियं सूरिया तविस्संति, अदुत्तरं च णं गोयमा ! अभिक्खणं २ अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खत्तमेहा अग्गिमेहा विजुमेहा विसमेहा अजवणिजोदगा वाहिरोगवेयणोदीरणपरिणामसलिला अमणुण्णपाणियगा चंडाणिलपहयतिक्खधाराणिवायपउरं वासं वासिहिंति, जेणं भरहे वासे गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमगयं जणवयं चउप्पयगवेलए खहयरे पक्खिसंघे गामारण्णप्पयारणिरए तसे य पाणे बहुप्पयारे रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लिपवालंकुरमाइए तणवणस्सइकाइए ओसहीओ य विद्धंसेहिंति पव्वयगिरिडोंगरुत्थलभट्ठिमाइए य वेयङगिरिवजे विरावहिंति, सलिलबिलविसमगत्तणिण्णुण्णयाणि य गंगासिंधुवजाइं समीकरेहिंति, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स भूमीए केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! भूमी भविस्सइ इंगालभूया मुम्मुरभूया छारियभूया तत्तकवेल्लुयभूया तत्तसमजोइभूया धूलिबहुला रेणुबहुला पंकबहुला पणयबहुला चलणिबहुला बहूणं धरणिगोयराणं सत्ताणं दुन्निकमा यावि भविस्सइ । तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! मणुया भविस्संति दुरूवा दुवण्णा दुगंधा दुरसा दुफासा अणिट्ठा अकंता अप्पिया असुभा Page #633 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती अमणुण्णा अमणामा हीणस्सरा दीणस्सरा अणिट्ठस्सरा अकंतस्सरा अप्पियस्सरा अमणामस्सरा अमणुण्णस्सरा अणादेजवयणपञ्चायाया णिल्लज्जा कूडकवडकलहबंधवेरणिरया मजायाइक्कमप्पहाणा अकज्जणिच्चुजया गुरुणिओगविणयरहिया य विकलरूवा परूढणहकेसमंसुरोमा काला खरफरुससमावण्णा फुटसिरा कविलपलियकेसा बहुण्हारुणिसंपिणदुइंसणिज्जरूवा संकुडियवलीतरंगपरिवेढियंगमंगा जरापरिणयव्व थेरगणरा पविरलपरिसडियदंतसेढी उब्भडघडमुहा विसमणयणवंकणासा वंकवली विगयभेसणमुहा (विकिटिभसिब्भफुडियफरुसच्छवी चित्तलंगमंगा कच्छूखसराभिभूया खरतिक्खणक्खकंडूइयविकयतणू टोलगइविसमसंधिबंधणा उक्कड्डयट्ठियविभत्तदुब्बलकुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिया कुरुवा कुट्ठाणासणकुसेज्जकुभोइणो असुइणो अणेगवाहिपीलियंगमंगा खलंतविन्भलगई णिरुच्छाहा सत्तपरिवजिया विगयचेट्टा नद्रतेया अभिक्खणं २ सीउण्हखरफरुसवायविज्झडियमलिणपंसुरओगुंडियंगमंगा बहुकोहमाणमायालोमा बहुमोहा असुभदुक्खभागी ओसणं धम्मसण्णसम्मत्तपरिभट्ठा उकोसेणं रयणिप्पमाणमेत्ता सोलसवीसइवासपरमाउसो बहुपुत्तणत्तुपरियालपणयबहुला गंगासिंधूओ महाणईओ वेयहूं च पव्वयं णीसाए बावत्तरं णिगोयवीयं बीयमेत्ता बिलवासिणो मणुया भविस्संति, ते णं भंते ! मणुया किमाहारिस्संति ? गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं गंगासिंधूओ महाणईओ रहपहमित्तवित्थराओ अक्खसो-- यप्पमाणमेत्तं जलं वोज्झिहिंति, सेविय णं जले बहुमच्छकच्छभाइण्णे, णो चेव णं आउबहुले भविस्सइ, तए णं ते मणुया सूरुग्गमणमुहुत्तसि य सूरत्थमणमुहुत्तसि य बिलहितो णिद्धाइस्संति बिले० २ त्ता मच्छकच्छभे थलाइं गाहेहिंति मच्छकच्छभे थलाई गाहेत्ता सीयायवतत्तेहिं मच्छकच्छभेहिं इक्कवीसं वाससहस्साई वित्तिं कप्पेमाणा विहरिस्संति। ते णं भंते! मणुया णिस्सीला णिव्वया णिग्गुणा णिम्मेरा णिप्पच्चक्खाणपोसहोववासा ओसण्णं मंसाहारा मच्छाहारा खुड्डाहारा कुणिमाहारा. कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिंति कहिं उववजिहिंति ? गो० ! ओसण्णं णरगतिरिक्खजोणिएसुं उववजिहिंति । तीसे णं भंते ! समाए सीहा वग्घा विगा दीविया अच्छा तरच्छा परस्सरा सरभसियालबिरालसुणगा कोलसुणगा ससगा चित्तगा चिल्ललगा ओसण्णं मंसाहारा मच्छाहारा खोद्दाहारा कुणिमाहारा कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिंति कहिं उववजिहिंति ? गो० ! ओसणं णरगतिरिक्खजोणिएसुं उववजिहिंति, ते णं भंते ! ढंका कंका पीलगा मग्गुगा सिही ओसणं मंसाहारा जाव कहिं गच्छिहिंति कहिं उववजिहिंति ? गोयमा ! ओसणं णरगतिरिक्खजोणिएसुं उववज्जिहिंति ॥ ३६ ॥ तीसे णं समाए इक्कवीसाए . Page #634 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० २ उ० दूसमा ] सुत्तागमे ५५९ वाससहस्सेहिं काले वीइकंते आगमिस्साए उस्सप्पिणीए सावणबहुलपडिवए बालवकरणंसि अभीइणक्खत्ते चोइसपढमसमए अणंतेहिं वण्णपज्जवेहिं जाव अणंतगुणपरिवुड्डीए परिवुड्ढेमाणे २ एत्थ णं दूसमदूसमा णामं समाकाले पडिवजिस्सइ समणाउसो ! । तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! काले भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए एवं सो चेव दूसमदूसमावेढओ णेयव्वो, तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले विइक्कंते अणंतेहिं वण्णपजवेहिं जाव अणंतगुणपरिवुड्डीए परिवुड्डेमाणे २ एत्थ णं दूसमा णामं समाकाले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो ! ॥ ३७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पुक्खलसंवट्टए णामं महामेहे पाउन्भविस्सइ भरहप्पमाणमित्ते आयामेणं तयणुस्वं च णं विक्खंभबाहल्लेणं, तए णं से पुक्खलसंवट्टए महामेहे खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ खिप्पामेव पतणतणाइत्ता त्रिप्पामेव पविज्जुयाइस्सइ खिप्पामेव पविजुयाइत्ता खिप्पामेव जुगमुसलमुट्ठिप्पमाणमित्ताहिं धाराहि ओघमेघं सत्तरत्तं वासं वासिस्सइ, जेणं भरहस्स वासस्स भूमिभागं इंगालभूयं मुम्मुरभूयं छारियभूयं तत्तकवेल्लुगभूयं तत्तसमजोइभूयं णिव्वाविस्सइ, तंसि च णं पुक्खलसंवट्टगंसि महामेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि एत्थ णं खीरमेहे णामं महामेहे पाउब्भविस्सइ भरहप्पमाणमेत्ते आयामेणं तयणुरुवं च णं विक्खंभबाहल्लेणं, तए णं से खीरमेहे णामं महामेहे खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ जाव खिप्पामेव जुगमुसलमुट्ठि जाव सत्तरत्तं वासं वासिस्सइ, जेणं भरहवासस्स भूमीए वणं गंधं रसं फासं च जणइस्सइ, तंसि च णं खीरमेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि इत्थ णं घयमेहे णामं महामेहे पाउब्भविस्सइ, भरहप्पमाणमेत्ते आयामेणं, तयणुरूवं च णं विक्खंभबाहल्लेणं, तए णं से घयमेहे. महामेहे खिप्पामेव पतणतणाइस्सइ जाव वासं वासिस्सइ, जेणं भरहस्स वासस्स भूमीए सिणेहभावं जणइस्सइ, तंसि च णं घयमेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समाणंसि एत्थ णं अमयमेहे णामं महामेहे पाउन्भविस्सइ भरहप्पमाणमित्तं आयामेणं जाव वासं वासिस्सइ, जेणं भरहे वासे रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वगहरियगओसहिपवालंकुरमाइए तणवणस्सइकाइए जणइस्सइ, तंसि च णं अमयमेहंसि सत्तरत्तं णिवइयंसि समागंसि एत्थ णं रसमेहे णामं महामेहे पाउब्भविस्सइ भरहप्पमाणमित्ते आयामेणं जाव वासं वासिस्सइ, जेणं तेसिं बहूणं रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियगओसहिपवालंकुरमाईणं तित्तकडुयकसायअंबिलमहुरे पंचविहे रसविसेसे जणइस्सइ, तए णं भरहे वासे भविस्सइ परूढरुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियगओसहिए, उवचियतयपत्तपवालंकुरपुप्फफलसमुइए सुहोवभोगे यावि भविस्सइ ॥३८॥ Page #635 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५६० [ जंबुद्दीवपण्णत्ती तए णं ते मणुया भरहं वासं परूढरुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियगओसहियं उवचियतयपत्तपवालपल्लवंकुरपुप्फफलसमुइयं सुहोवभोगं जायं २ चावि पासिहिति पासित्ता बिलेहिंतो णिद्धाइस्संति णिद्धाइत्ता हतुट्ठा अण्णमण्णं सद्दाविस्संति २ त्ता एवं वइस्संति-जाए णं देवाणुप्पिया ! भरहे वासे परूढरुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपव्वयगहरियग जाव सुहोवभोगे, तं जेणं देवाणुप्पिया ! अम्हं केइ अजप्पभिइ असुभं कुणिमं आहारं आहारिस्सइ से णं अणेगाहिं छायाहिं वजणिज्जेत्तिकटु संठिई ठवेस्संति २ त्ता भरहे वासे सुहंसुहेणं अभिरममाणा २ विहरिस्संति ॥ ३९ ॥ तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे भविस्सइ जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तीसे णं भंते ! समाए मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! तेसि णं मणुयाणं छब्बिहे संघयणे छबिहे संठाणे बहुईओ रयणीओ उट्ठे उच्चत्तेणं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं साइरेगं वाससयं आउयं पालेहिंति २ त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव अप्पेगइया देवगामी, ण सिझंति । तीसे णं समाए एकवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपज्जवेहिं जाव परिवुड्डेमाणे २ एत्थ णं दुसमसूसमा णामं समाकाले पडिवजिस्सइ समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! बहुसमरमणिजे जाव अकित्तिमेहिं चेव, तेसि णं भंते ! मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गो० ! तेसि णं मणुयाणं छव्विहे संघयणे छव्विहे संठाणे बहूई धणूई उड्ढे उच्चत्तेणं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडीआउयं पालिहिंति २ त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव अंतं करेहिंति, तीसे गं समाए तओ वंसा समुप्पजिस्संति, तं०-तित्थगरवंसे चक्कवहिवंसे दसारवंसे, तीसे णं समाए तेवीसं तित्थगरा एक्कारस चक्कवट्टी णव बलदेवा णव वासुदेवा समुप्पज्जिस्संति, तीसे णं समाए सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणियाए काले वीइक्कते अणंतेहिं वण्णपज्जवेहिं जाव अणंतगुणपरिवुड्डीए परिवुड्डमाणे २ एत्थ णं सुसमदूसमा णामं समाकाले पडिवजिस्सइ समणाउसो !, सा णं समा तिहा विभजिस्सइ, पढमे तिभागे मज्झिमे तिभागे पच्छिमे तिभागे, तीसे णं भंते ! समाए पढमे तिभाए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे भविस्सइ ? गोयमा ! बहुसमरमणिजे जाव भविस्सइ, मणुयाणं जा चेव ओसप्पिणीए पच्छिमे तिभागे वत्तव्वया सा भाणिग्रव्वा, कुलगरवजा उसभसामिवज्जा, अण्णे पढंति-तीसे णं समाए पढमे तिभाए इमे पण्णरस कुलगरा समुप्पजिस्संति, तंजहा-सुमई जाव उसभे, सेसं तं चेव, दंड Page #636 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे व०३ भरहरायवण्णणं] णीईओ पडिलोमाओ णेयव्वाओ, तीसे णं समाए पढमे तिभाए रायधम्मे जाव धम्मचरणे य वोच्छिज्जिस्सइ, तीसे णं समाए मज्झिमपच्छिमेसु तिभागेसु जा पढममज्झिमेसु वत्तव्वया ओसप्पिणीए सा भाणियव्वा, सुसमा तहेव सुसमासुसमावि तहेव जाव छव्विहा मणुस्सा अणुसज्जिस्संति जाव सणिचारी ॥ ४० ॥ बीओ वक्खारो समत्तो।। से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-भरहे वासे २ ? गोयमा ! भरहे णं वासे वेयड्स्स पव्वयस्स दाहिणेणं चोद्दसुत्तरं जोयणसयं एगारस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अबाहाए दाहिणलवणसमुदस्स उत्तरेणं चोदसुत्तरं जोयणसयं एक्कारस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अबाहाए गंगाए महाणईए पञ्चत्थिमेणं सिंधूए महाणईए पुरथिमेणं दाहिणड्डभरहमज्झिल्लतिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं विणीया णामं रायहाणी पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा दुवालसजोयणायामा णवजोयणविच्छिण्णा धणवइमइणिम्माया चामीयरपागारा णाणामणिपञ्चवण्णकविसीसगपरिमंडियाभिरामा अलकापुरीसंकासा पमुइयपक्कीलिया पच्चक्खं देवलोगभूया रिद्धिस्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया जाव पडिरूवा ॥४१॥ तत्थ णं विणीयाए रायहाणीए भरहे णामं राया चाउरंतचक्कवट्ठी समुप्पज्जित्था, महयाहिमवंतमहंतमलयमंदर जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ। बिइओ गमो राय पणगस्त इमो-तत्थ असंखेजकालवासंतरेण उप्पजए जसंसी उत्तमे अभिजाए सत्तवीरियपरक्कमगुणे पसत्थवण्णसरसारसंघयणतणुगबुद्धिधारणमेहासंठाणसीलप्पगई पहाणगारवच्छायागइए अणेगवयणप्पहाणे तेयआउबलवीरियजुत्ते अझुसिरघणणिचियलोहसंकलणारायवइरउसहसंघयणदेहधारी झंस १ जुग २ भिंगार ३ वद्धमाणग ४ भद्दमाणग ५ संख ६ छत्त ७ वीयणि ८ पडाग ९ चक्क १० णंगल ११ मुसल १२ रह १३ सोत्थिय १४ अंकुस १५ चंदाइच १६-१७ अग्गि १८ जूय १९ सागर २० इंदज्झय २१ पुहवि २२ पउम २३ कुंजर २४ सीहासण २५ दंड २६ फुम्भ २७ गिरिवर २८ तुरगवर २९ वरमउड ३० कुंडल ३१ णंदावत्त ३२ धणु ३३ कोंत ३४ गागर ३५ भवणविमाण ३६-अणेगलक्खणपसत्थसुविभत्तचित्तकरचरणदेसभाए उड्डामुहलोमजालसुकुमालणिद्धमउआवत्तपसत्थलोमविरइयसिरिवच्छच्छण्णविउलवच्छे देसखेत्तसुविभत्तदेहधारी तरुणरविरस्सिबोहियवरकमलविबुद्धगब्भवण्णे हयपोसणकोससण्णिभपसत्थपिटुंतणिरुवलेवे पउमुप्पलकुंदजाइजूहियवरचंपगणागपुप्फसारंगतुल्लगंधी छत्तीसाहियपसत्थपत्थिवगुणेहिं जुत्ते अव्वोच्छिण्णायवत्ते पागडउभयजोणी विसुद्धणियगकुलगयणपुण्णचंदे चंदे इव सोमयाए णयण ३६ सुत्ता. Page #637 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६२ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती मणणिव्वुइकरे अक्खोभे सागरो व थिमिए धणवइव्व भोगसमुदय सद्दव्वयाए समरे अपराइए परमविक्कमगुणे अमरवइसमाणसरिसरूवे मणुयवई भरहचक्कवट्टी भरहं भुंजइ पण्णट्ठसत्तू ॥ ४२ ॥ तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अण्णया कयाइ आउहघरसालाए दिव्वे चक्करयणे समुप्पजित्था, तए णं से आउहघरिए भरहस्स रण्णो आउहघरसालाए दिव्वं चक्करयणं समुप्पण्णं पासइ पासित्ता हतुट्ठचित्तमाणंदिए दिए पीइमणे परमसोमस्सिए हरिसवस विसप्पमाणहियए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणामेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणामेव भरहे राया तेणामेव उवागच्छइ २ त्ता करयल जाव जणं विजएणं वद्धावेइ २ त्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पियाणं आउहघरसालाए दिव्वे चक्करयणे समुप्पण्णे तं एयण्णं देवाणुप्पियाणं पियट्टयाए पियं णिवेएमि पियं भे भवउ, तए णं से भरहे राया तस्स आउहघरियस्स अंतिए महं सोचा णिसम्म हट्ठ जाव सोमणस्सिए वियसियवर कमलणयणवयणे तस्स आउहघरियस्स अहामालियं मउडवजं ओमोयं दलयइ २ त्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ २ त्ता सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता पडिविसज्जेइ । तए णं से भरहे राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! विणीयं रायहाणिं साब्भंतरबाहिरियं आसियसंमज्जियसित्तसुइगरत्थंतरवीहियं मंचाइमंचकलियं णाणाविहरागवसणऊसियझयपडागाइपडागमंडियं लाउलोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदणकलसं चंदणघडसुकय जाव गंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह करेत्ता कारवेत्ता य एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबिय - पुरिसा भरणं रण्णा एवं वृत्ता समाणा हट्ठ० करयल जाव एवं सामित्ति आणाए विणणं वयणं पडिसुति २ त्ता भरहस्स० अंतियाओ पडिणिक्खमति २ त्ता विणीयं रायहाणि जाव करेत्ता कारवेत्ता य तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति । तए णं से भरहे राया जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मज्जणघरं अणुपविसइ २ त्ता समुत्तजालाकुलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमतले रमणिज्जे ण्हाणमंडवंसि णाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि ण्हाणपीढंसि सुहणिसण्णे सुहोदएहि गंधोदएहिं पुप्फोदएहिं सुद्धोदएहि य पुण्णे कल्लाणगपवरमज्जणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हलसुकुमाल गंधकासाइयलूहियंगे सरससुरहिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंकुडे सुइमालावण्णगविलेवणे. आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरियपालंबपलंबमाणकडि सुत्तसुकयसोहे पिणद्धगेविज्जगअंगुलिजगल लियगथललियकयाभरणे णाणामणिकडगतुडियथंभियभुए अहियसस्सिरीए कुंडल उज्जो - याणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालंबलंबमाणसुकयपडउत्तरिजे Page #638 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ कोडुंबियपुरिससद्दावणं] सुत्तागमे ५६३ मुद्दियापिंगलंगुलीए णाणामणिकणगविमलमहरिहणिउणोविय मिसिमिसिंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थआविद्धवीरवलए, किं बहुणा ?, कप्परुक्खए चेव अलंकियविभूसिए परिंदे सकोरंट जाव चउचामरवालवीइयंगे मंगलजयजयसद्दकयालोए अणेगगणणायगदंडणायग जाव दूयसंधिवालसद्धिं संपरिवुडे धवलमहामेहणिग्गए इव जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव आउहघरसाला जेणेव चक्करयणे तेणामेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बहवे ईसरपभिइओ भरहं रायाणं पिट्ठओ २ अणुगच्छंति । तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बहुईओ-खुजा चिलाइ वामणिवडभीओ बब्बरी वरसियाओ । जोणियपल्हवियाओ ईसिणियथारुगिणियाओ ॥१॥ लासियलउसियदमिली सिंहलि तह आरबी पुलिंदी य । पक्कणि बहलि मुरुंडी सबरीओ पारसीओ य ॥ २ ॥ भरहं रायाणं पिट्ठओ २ अणुगच्छंति, तए णं से भरहे राया सव्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं सव्वविभूईए सव्वालंकारविभूसाए सव्वतुडियसद्दसण्णिणाएणं महया इड्डीए जाव महया वरतुडियजमगसमगप्पवाइएणं संखपणवपडहमेरिझल्लरिखरमुहिमुरयमुइंगदुंदुहिणिग्घोसणाइएणं जेणेव आउहघरसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता चक्करयणं पासइ २ त्ता आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे सण्णिसीयइ २ त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उस्सुक्कं उक्कर उकिट्ठ अदिजं अमिजं अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं अधरिमं गणियावरणाडइजकलियं अणेगतालायराणुचरियं अणु यमुइंगं अमिलायमल्लदामं पमुइयपक्कीलियसपुरजणजाणवयं विजयवेजइयं चक्करयणस्स अट्ठाहियं महामहिमं करेह २ त्ता ममेयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह, तए णं ताओ अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ भरहेणं रन्ना एवं वुत्ताओ समाणीओ हट्ठ जाव विणएणं वयणं पडिसुणेति २ त्ता भरहस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमेन्ति २ त्ता उस्सुकं उकरं जाव करेंति य कारवेंति य क० २ त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति ॥ ४३ ॥ तए णं से दिव्वे चक्करयणे अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउह'घरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिखुडे दिव्वतुडियसहसण्णिणाएणं आपूरेते चेव अंबरतलं विणीयाए रायहाणीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ २ त्ता गंगाए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरत्थिमं दिसिं मागहतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं गंगाए Page #639 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरत्थिमं दिसिं मागहतित्थाभिमुहं पयायं पासइ २ त्ता हतुट्ठ जाव हियए कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! आभिसेकं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेण्णं सण्णाहेह, एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए णं ते कोडुंबिय जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मजणघरं अणुपविसइ २ त्ता समुत्तजालाकुलाभिरामे तहेव जाव धवलमहामेहणिग्गए इव जाव ससिव्व पियदंसणे गरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता हयगयरहपवरवाहणभडचडगरपहगरसंकुलाए सेणाए पहियकित्ती जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेके हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवइं णरवई दुरूढे। तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे कुंडलउज्जोइयाणणे मउडदित्तसिरए णरसीहे णरवई णरिंदे णरवसहे मरुयरायवसभकप्पे अब्भहियरायतेयलच्छीए दिप्पमाणे पसत्थमंगलसएहिं संथुव्वमाणे जयरसद्दकयालोए हत्थिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्धुव्वमाणीहिं २ जक्खसहस्ससंपरिवुडे वेसमणे चेव धणवई अमरवइसण्णिभाइ इड्डीए पहियकित्ती गंगाए महाणईए. दाहिणिल्लेणं कूलेणं गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसहस्समंडियं थिमियमेइणीयं वसुहं अभिजिणमाणे २ अग्गाइं वराइं रयणाई पडिच्छमाणे २ तं दिव्वं चक्करयणं अणुगच्छमाणे २ जोयणंतरियाहिं वसहीहिं वसमाणे २ जेणेव मागहतित्थे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मागहतित्थस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायाम णवजोयणविच्छिण्णं वरणगरसरिच्छं विजयखंधावारणिवेसं करेइ २ त्ता वड्डइरयणं सद्दावेइ सद्दावइत्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! ममं आवासं पोसहसालं च करेहि करेत्ता ममेयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि, तए णं से वडइरयणे भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हतुट्ठचित्तमाणंदिए पीइमणे जाव अंजलिं कडु एवं सामी तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ २ त्ता भरहस्स रण्णो आवसहं पोसहसालं च करेइ २ त्ता एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणइ, तए णं से भरहे राया आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ २ त्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पोसहसालं अणुपविसइ २ त्ता पोसहसालं पमज्जइ २ त्ता दब्भसंथारगं संथरइ २ त्ता. दब्भसंथारगं दुरूहइ २ त्ता मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ त्ता पोसहसालाए पोसहिए ईव बंभयारी उम्मुक्कमणिसुवण्णे ववगयमालावण्णगविलेवणे १ रूढिसद्दोऽयं। २ णो पोसहिएत्ति अट्ठो पोसहे तहाविहदेवचिंतणवजणिजत्तणओ। Page #640 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ मागहतित्थाहिवइ०] सुत्तागमे ५६५ णिक्खित्तसत्थमुसले दम्भसंथारोवगए एगे अबीए अट्ठमभत्तं पडिजागरमाणे २ विहरइ । तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! हयगयरहपवरजोहकलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेह चाउग्घंटं आसरहं पडिकप्पेहत्तिक? मज्जणघरं अणुपविसइ २ त्ता समुत्त तहेव जाव धवलमहामेहणिग्गए जाव मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता हयगयरहपवरवाहण जाव पहियकित्ती जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउरघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चाउरघंटं आसरहं दुख्ढे ॥४४॥ तए णं से भरहे राया चाउरघंटं आसरहं दुरूढे समाणे हयगयरहपवरजोहकलियाए सद्धिं संपरिखुडे महयाभडचडगरपहगरवंदपरिक्खित्ते चक्करयणदेसियमग्गे अणेगरायवरसहस्साणुयायमग्गे महया उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलरवेणं पक्खुभियमहासमुद्दरवभूयं पिव करेमाणे पुरथिमदिसाभिमुहे मागहतित्थेणं लवणसमुई ओगाहइ जाव से रहवरस्स कुप्परा उल्ला, तए णं से भरहे राया तुरगे निगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २ त्ता धणुं परामुसइ, तए णं तं अइस्ग्गयबालचंदइंदधणुसंकासं वरमहिसदरियदप्पियदढघणसिंगरइयसारं उरगवरपवरगवलपवरपरहुयभमरकुलणीलिणिद्धधंतधोयपढें णिउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं तडितरुणकिरणतवणिज्जबद्धचिंधं दद्दरमलय गिरिसिहरकेसरचामरवालद्धचंदचिंधं कालहरियरत्तपीयसुकिल्लबहुण्हारुणिसंपिणद्धजीवं जीवियंतकरणं चलजीवं धणुं गहिऊण से णरवई उसुं च वरवइरकोडियं वइरसारतोंडं कंचणमणिकणगरयणधोइट्ठसुकयपुंखं अणेगमणिरयणविविहसुविरइयणामचिंधं वइसाहं ठाइऊण ठाणं आययकण्णाययं च काऊण उसुमुदारं इमाई वयणाई तत्थ भाणीअ से णरवई-हंदि सुगंतु भवंतो बाहिरओ खलु सरस्स जे देवा। णागासुरा सुवण्णा तेसिं खु णमो पणिवयामि ॥ १ ॥ हंदि सुणंतु भवतो अभितरओ सरस्स जे देवा । णागासुरा सुवण्णा सव्वे मे ते विसयवासी ॥ २॥ इतिकट्ट उसुं णिसिरइत्ति-परिगरणिगरियमज्झो वाउ यसोभमाणकोसेजो। चित्तेण सोभए धणुवरेण इंदोव्व पञ्चक्खं ॥ ३ ॥ तं चंचलायमाणं पंचमिचंदोवमं महाचावं । छजइ वामे हत्थे णरवइणो तंमि विजयंमि ॥ ४ ॥ तए णं से सरे भरहेणं रण्णा णिसढे समाणे खिप्पामेव दुवालस जोयणाई गंता मागहतित्थाहिवइस्स देवस्स भवणंसि निवइए, तए णं से मागहतित्थाहिवई देवे भवणंसि सरं णिवइयं पासइ २ त्ता आसुरुत्ते रुढे चंडिक्किए कुविए मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिउडिं णिडाले साहरइ २ त्ता एवं वयासी-केस णं भो! एस अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे हीणपुण्ण(सेउचा Page #641 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती हिरिसिरिपरिवज्जिए जे णं मम इमाए एयाणुरुवाए दिव्वाए देविड्डीए दिव्वाए देवजुईए दिव्वेणं दिव्वाणुभावेणं लद्धाए पत्ताए अभिसमण्णागयाए उप्पिं अप्पुस्सुए भवणसि सरं णिसिरइत्तिकटु सीहासणाओ अब्भुढेइ २ त्ता जेणेव से णामाहयंके सरे तेणेव उवागच्छइ २ ता तं णामाहयंकं सरं गेण्हइ णामकं अणुप्पवाएइ णामकं अणुप्पवाएमाणस्स इमे एयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पजित्था-उप्पण्णे खलु भो ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरहे णामं राया चाउरंतचक्कवट्टी तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं मागहतित्थकुमाराणं देवाणं राईणमुवत्थाणियं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भरहस्स रण्णो उवत्थाणियं करेमित्तिकट्टु एवं संपेहेइ संपेहेत्ता हारं मउडं कुंडलाणि य कडगाणि य तुडियाणि य वत्थाणि य आभरणाणि य सरं च णामाहयंकं मागहतित्थोदगं च गेण्हइ गिण्हित्ता ताए. उकिट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए जइणाए सीहाए सिग्घाए उद्भुयाए दिव्वाए. देवगईए वीईवयमाणे २ जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे सखिंखिणियाइं पंचवण्णाइं वत्थाई पवरपरिहिए करयलपरिग्गहियं दसणहं सिर जाव अंजलिं कटु भरहं रायं जएणं विजएणं वद्धावेइ २ त्ता एवं वयासीअभिजिए णं देवाणुप्पिएहिं केवलकप्पे भरहे वासे पुरच्छिमेणं मागहतित्थमेराए तं अहण्णं देवाणुप्पियाणं विसयवासी अहण्णं देवाणुप्पियाणं आणतीकिंकरे अहण्णं देवाणुप्पियाणं पुरच्छिमिल्ले अंतवाले तं पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! ममं इमेयारूवं पीइदाणंतिकटु हारं मउडं कुंडलाणि य कडगाणि य जाव मागहतित्थोदगं च उवणेइ. तए णं से भरहे राया मागहतित्थकुमारस्स देवस्स इमेयारूवं पीइदाणं पडिच्छइ २ त्ता मागहतित्थकुमारं देवं सकारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता पडिविसज्जेइ, तए णं से भरहे राया रहं परावत्तेइ २ त्ता मागहतित्थेणं लवणसमुद्दाओ पञ्चुत्तरइ २ त्ता जेणेव विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तुरए णिगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २ ता रहाओ पञ्चोरुहइ २ त्ता जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मज्जणधरं अणुपविसइ २ त्ता जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव भोयणमंडवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ २ त्ता भोयणमंडवाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवठ्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे णिसीयइ २ त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ २ त्ता एवं क्यासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उस्सुक्कं उक्करं जाव मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठाहियं महामहिमं करेह २ त्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए णं ताओ अट्ठारस Page #642 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ वड्डइरयणवण्णओ] सुत्तागमे सेणिप्पसेणीओ भरहेणं रण्णा एवं वुत्ताओ समाणीओ हट्ट जाव करेंति २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से दिव्वे चक्करयणे वइरामयतुंबे लोहियक्खामयारए जंबूणयणेमीए णाणामणिखुरप्पथालपरिगए मणिमुत्ताजालभूसिए सणंदिघोसे सखिंखिणीए दिव्वे तरुणरविमंडलणिमे णाणामणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्ते सव्वोउयसुरभिकुसुमआसत्तमल्लदामे अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिबुडे दिव्वतुडियसहसण्णिणाएणं पूरेंते चेव अंबरतलं णामेण य सुदंसणे णरवइस्स पढमे चक्करयणे मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता दाहिणपञ्चत्थिमं दिसिं वरदामतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था ॥४५॥ तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं दाहिणपञ्चत्थिमं दिसिं वरदामतित्थाभिमुहं पयायं चावि पासइ २ त्ता हट्ठतुह० कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हयगयरहपवर० चाउरंगिणिं सेण्णं सण्णाहेह आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेहत्तिकटु मजणघरं अणुपविसइ २ त्ता तेणेव कमेणं जाव धवलमहामेहणिग्गए जाव सेयवरचामराहिं उद्धुव्वमाणीहिं २ माइयवरफलयपवरपरिगरखेडयवरवम्मकवयमाढीसहस्सकलिए उक्कडवरमउडतिरीडपडागझयवेजयंतिचामरचलंतछत्तंधयारकलिए असिखेवणिखग्गचावणारायकणयकप्पणिसूललउडभिंडिमालधणुहतोणसरपहरणेहि य कालणीलरुहिरपीयसुकिल्लअणेगचिंधसयसण्णिविटे अप्फोडियसीहणायछेलिययहेसियहत्थिगुलुगुलाइयअणेगरहसयसहस्सघणघणेतणीहम्ममाणसद्दसहिएण जमगसमगभंभाहोरंभकिणितखरमुहिमुगुंदसंखियपरिलिवच्चगपरिवाइणिवंसवेणुविपंचिमहइकच्छभिरिगिसिगियकलतालकंसतालकरधाणुत्थिएण महया सद्दसण्णिणाएण सयलमवि जीवलोगं पूरयंते बलवाहणसमुदएणं एवं जक्खसहस्सपरिवुडे वेसमणे चेव धणवई अमरवइसण्णिभाइ इड्डीए पहियकित्ती मामागरणगरखेडकब्बड तहेव सेसं जाव विजयखंधावारणिवेसं करेइ २ त्ता वड्डइरयणं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! मम आवसहं पोसहसालं च करेहि, ममेयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि ॥ ४६ ॥ तए णं से आसमदोणमुहगामपट्टणपुरवरखंधावारगिहावणविभागकुसले एगासीइपएसु सव्वेसु चेव वत्थूसु णेगगुणजाणए पंडिए विहिण्णू पणयालीसाए देवयाणं वत्थुपरिच्छाए णेमिपासेसु भत्तसालासु कोट्टणीसु य वासघरेसु य विभागकुसले छेजे वेज्झे य दाणकम्मे पहाणबुद्धी जलयाणं भूमियाण य भायणे जलथलगुहासु जंतेसु परिहासु य कालनाणे तहेव सद्दे वत्थुप्पएसे पहाणे गब्भिणिकण्णरुक्खवल्लिवेढियगुणदोसवियाणए गुणड्डे सोलसपासायकरणकुसले चउसट्ठिविकप्पवित्थियमई णंदावत्ते य वद्धमाणे सोत्थियख्यग तह सव्वओ Page #643 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५६८ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती भद्दसण्णिवेसे य बहुविसेसे उइंडियदेवकोट्ठदारुगिरिखायवाहणविभागकुसले इय तस्स बहुगुणड्डे थवई रयणे णरिंदचंदस्स । तवसंजमणिविढे किं करवाणीतुवट्ठाई ॥१॥ सो देवकम्मविहिणा खंधावारं णरिंदवयणेणं । आवसहभवणकलियं करेइ सव्वं मुहत्तेणं ॥ २॥ करेत्ता पवरपोसहघरं करेइ २ ता जेणेव भरहे राया जाव एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणइ, सेसं तहेव जाव मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ ॥ ४७ ॥ तए णं तं धरणितलगमणलहुं तओ बहुलक्खणपसत्थं हिमवंतकंदरंतरणिवायसंवडियचित्ततिणिसदलियं जंबूणयसुकयकूबरं कणयदंडियारं पुलयवरिंदणीलसासगपवालफलिहवररयणलेट्ठमणिविडुमविभूसियं अडयालीसाररइयतवणिज्जपट्टसंगहियजुत्ततुंब पघसियपसियणिम्मियणवपट्टपुट्ठपरिणिठियं विसिठ्ठलट्ठणवलोहबद्धकम्मं हरिपहरणरयणसरिसचक्कं कक्केयणइंदणीलसासगसुसमाहियबद्धजालकडगं पसत्थविच्छिण्णसमधुरं पुरवरं च गुत्तं सुकिरणतवणिजजुत्तकलियं कंकटयणिजुत्तकप्पणं पहरणाणुजायं खेडगकणगधणुमंडलग्गवरसत्तिकोंततोमरसरसयबत्तीसतोणपरिमंडियं कणगरयणचित्तं जुत्तं हलीमुहबलागगयदंतचंदमोत्तियतणसोल्लियकुंदकुडयवरसिंदुवारकंदलवरफेणाणगरहारकासप्पगासधवलेहिं अमरमणपवणजइणचवलसिग्घगामीहिं चउहिं चामराकणगविभूसियंगेहिं तुरगेहिं सच्छत्तं सज्झयं सघंटं सपडागं सुक्यसंधिकम्मं सुसमाहियसमरकणगगंभीरतुल्लघोसं वरकुप्परं सुचकं वरणेमीमंडलं वरधारातोंडं वरवइरबद्धतुंबं वरकंचणभूसियं वरायरियणिम्मियं वरतुरगसंपउत्तं वरसारहिसुसंपग्गहियं वरपुरिसे वरमहारहं दुरूढे आरूढे पवररयणपरिमंडियं कणयखिंखिणीजालसोभियं अउज्झं सोयामणिकणगतवियपंकयजासुयणजलणजलियसुयतोडरागं गुंजद्धबंधुजीवगरत्तहिंगुलगणिगरसिंदूररुइलकुंकुमपारेवयचलणणयणकोइलदसणावरणरइयाइरेगरत्तासोगकणगकेसुयगयतालुसुरिंदगोवगसमप्पभप्पगासं बिंबफलसिलप्पवालउटुिंतसूरसरिसं सव्वोउयसुरहिकुसुमआसत्तमल्लदामं ऊसियसेयज्झयं महामेहरसियगंभीरणिद्धघोसं सत्तुहिययकंपणं पभाए य सस्सिरीयं णामेणं पुहविविजयलभंति विस्सुयं लोगविस्सुयजसोऽहयं चाउग्घंटं आसरहं णरवई दुरूढे, तए णं से भरहे राया चाउरघंटे आसरहं दुरूढे समाणे सेसं तहेव दाहिणाभिमुहे वरदामतित्थेणं लवणसमुदं ओगाहइ जाव से रहवरस्स कुप्परा उल्ला जाव पीइदाणं से, णवरं चूडामणिं च दिव्वं उरत्थगेविज्जगं सोणियसुत्तगं कडगाणि य तुडियाणि य जाव दाहिणिल्ले अंतवाले जाव अट्ठाहियं महामहिमं करेंति २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणति, तए णं से दिव्वे चक्करयणे वरदामतित्यकुमारस्स देवस्स अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए Page #644 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ भ० मजणघरपवेसो] सुत्तागमे आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जाव पूरते चेव अंबरतलं उत्तरपञ्चत्थिमं दिसिं पभासतित्थाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव उत्तरपञ्चत्थिमं दिसिं तहेव जाव पञ्चत्थिमदिसाभिमुहे पभासतित्थेणं लवणसमुदं ओगाहेइ २ त्ता जाव से रहवरस्स कुप्परा उल्ला जाव पीइदाणं से, णवरं मालं मउडिं मुत्ताजालं हेमजालं कडगाणि य तुडियाणि य आभरणाणि य सरं च णामाहयंकं पभासतित्थोदगं च गिण्हइ २ त्ता जाव पञ्चत्थिमेणं पभासतित्थमेराए अहण्णं देवाणुप्पियाणं विसयवासी जाव पच्चत्थिमिल्ले अंतवाले, सेसं तहेव जाव अट्ठाहिया णिवत्ता ॥४८-४९॥ तए णं से दिव्वे चक्करयणे पभासतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जाव पूरेते चेव अंबरतलं सिंधूए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरच्छिमं दिसिं सिंधुदेवीभवणाभिमुहे पयाए यावि होत्था । तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं सिंधूए महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं पुरत्थिमं दिसिं सिंधुदेवीभवणाभिमुहं पयायं पासइ २ त्ता हट्टतुट्ठचित्त तहेव जाव जेणेव सिंधूए देवीए भवणं तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सिंधूए देवीए भवणस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायामं णवजोयणविच्छिण्णं वरणगरसारिच्छं विजयखंधावारणिवेसं करेइ जाव. सिंधुदेवीए अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ त्ता पोसहसालाए पोसहिए इव बंभयारी जाव दब्भसंथारोवगए अट्ठमभत्तिए सिंधुदेविं मणसि करेमाणे २ चिट्ठइ । तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि सिंधूए देवीए आसणं चलइ, तए णं सा सिंधुदेवी आसणं चलियं पासइ २ त्ता ओहिं पउंजइ २ त्ता भरहं राय ओहिणा आभोएइ २ त्ता इमे एयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-उप्पण्णे खलु भो ! जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरहे णामं राया चाउरंतचकवट्टी, तं जीयमेयं तीयपचुप्पण्णमणागयाणं सिंधूणं देवीणं भरहाणं राईणं उवस्थाणियं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भरहस्स रण्णो उवत्थाणियं करेमित्तिकछु कुंभट्ठसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणगरयणभत्तिचित्ताणि य दुवे कणगभद्दासणाणि य कडगाणि य तुडियाणि य जाव आभरणाणि य गेण्हइ २ त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव एवं वयासी-अभिजिए णं देवाणुप्पिएहिं केवलकप्पे भरहे वासे अहणं देवाणुप्पियाणं विसयवासिणी अहण्णं देवाणुप्पियाणं आणत्तिकिंकरी तं पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया! मम इमं एयारूवं पीइदाणंतिकडे कुंभट्ठसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणगकडगाणि य जाव सो चेव गमो जाव पडिविसज्जेइ, तए णं से भरहे राया पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव मजणघरे तेणेव Page #645 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५७० सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती उवागच्छइ २ त्ता हाए सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरे मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ ता जेणेव भोयणमंडवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं परियादियइ जाव सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ २ त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ २ त्ता जाव अट्ठाहियाए महामहिमाए तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति ॥५०॥ तए णं से दिव्वे चक्करयणे सिंधूए देवीए अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ तहेव जाव उत्तरपुरच्छिमं दिसिं वेयड्ढपव्वयाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया जाव जेणेव वेयड्ढपव्वए जेणेव वेयड्डस्स पव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता वेयड्डस्स पव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे दुवालसजोयणायामं णवजोयणविच्छिण्णं वरणगरसरिच्छं विजयखंधावारणिवेसं करेइ २ ता जाव वेयड्डगिरिकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ त्ता पोसहसालाए जाव अट्ठमभत्तिए वेयडगिरिकुमारं देवं मणसि करेमाणे २ चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि वेयवगिरिकुमारस्स देवस्स आसणं चलइ, एवं सिंधुगमो णेयव्वो पीइदाणं आभिसेकं रयणालंकारं कडगाणि य तुडियाणि य वत्थाणि य आभरणाणि य गेण्हइ २ त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव अट्ठाहियं जाव पच्चप्पिणंति । तए णं से दिव्वे चक्करयणे अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए जाव पञ्चत्थिमं दिसिं तिमिसगुहाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव पञ्चत्थिमं दिसिं तिमिसगुहाभिमुहं पयायं पासइ २ त्ता हतुट्ठचित्त जाव तिमिसगुहाए अदूरसामंते दुवालसजोयणायामं णवजोयणविच्छिण्णं जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ त्ता पोसहसालाए पोसहिए इव बंभयारी जाव क्यमालगं देवं मणसि करेमाणे २ चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि कयमालस्स देवस्स आसणं चलइ तहेव जाव वेयड्ढगिरिकुमारस्स णवरं पीइदाणं इत्थीरयणस्स तिलगचोद्दसं भंडालंकारं कडगाणि य जाव आभरणाणि य गेण्हइ २ त्ता ताए उकिट्ठाए जाव सकारेइ सम्माणेइ स० २ ता पडिविसज्जेइ जाव भोयणमंडवे, तहेव महामहिमा कयमालस्स पञ्चप्पिणंति ॥ ५१ ॥ तए णं से भरहे राया कयमालस्स० अठ्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावई सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छाहि णं भो देवाणुप्पिया ! सिंधूए महाणईए पञ्चत्थिमिल्लं णिक्खुडं ससिंधुसागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेहि ओअवेत्ता अग्गाई वराइं रयणाई पडिच्छाहि अग्गाई० पडिच्छित्ता ममेयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि, तए णं से सेणावई बलस्स णेया भरहे वासंमि विस्सुयजसे Page #646 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०३ सुसेणेण सिंधुप० णिक्खुडसाहण०] सुत्तागमे ५७१ महाबलपरक्कमे महप्पा ओयंसी तेयलक्खणजुत्ते मिलक्खुभासाविसारए चित्तचारुभासी भरहे वासंमि णिक्खुडाणं णिण्णाण य दुग्गमाण य दुप्पवेसाण य वियाणए अत्थसत्थकुसले रयणं सेणावई सुसेणे भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हटतुट्ठचित्तमाणंदिए जाव करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ २ त्ता भरहस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव सए आवासे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! आभिसेकं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर जाव चाउरंगिणिं सेण्णं सण्णाहेहत्तिका जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मज्जणघरं अणुपविसइ २ त्ता पहाए सण्णद्धबद्धवम्मियकवए उप्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेविज्जबद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टे गहियाउहप्पहरणे अणेगगणणायगदंडणायग जाव सद्धिं संपरिबुडे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं मंगलजयरसद्दकयालोए मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेक्के हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता आभिसेकं हत्थिरयणं दुरूढे । तए णं से सुसेणे सेणावई हत्थिखंधवरगए सकोरंटमलदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिबुडे महयाभडचडगरपहगरवंदपरिक्खित्ते महया उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलसद्देणं समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे सव्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं जाव निग्घोसनाइएणं जेणेव सिंधू महाणई तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चम्मरयणं परामुसइ, तए णं तं सिरिवच्छसरिसरूवं मुत्ततारद्धचंदचित्तं अयलमकंपं अभेजकवयं जंतं सलिलासु सागरेसु य उत्तरणं दिव्वं चम्मरयणं सणसत्तरसाइं सव्वधण्णाई जत्थ रोहंति एगदिवसेण वावियाई, वासं णाऊण चक्कवट्टिणा परामुढे दिव्वे चम्मरयणे दुवालस जोयणाई तिरियं पवित्थरइ तत्थ साहियाई, तए णं से दिव्वे चम्मरयणे सुसेणसेणावइणा परामुढे समाणे खिप्पामेव णावाभूए जाए यावि होत्था, तए णं से सुसेणे सेणावई सखंधावारबलवाहणे णावाभूयं चम्मरयणं दुरूहइ २ त्ता सिंधुं महाणइं विमलजलतुंगवीइं णावाभूएणं चम्मरयणेणं सबलवाहणे ससेणे समुत्तिण्णे, तओ महाणइमुत्तरित्तु सिंधु अप्पडिहयसासणे सेणावई कहिंचि गामागरणगरपव्वयाणि खेडकब्बडमडंबाणि पट्टणाणि सिंहलए बब्बरए य सव्वं च अंगलोयं बलायालोयं च परमरम्मं जवणदीवं च पवरमणिरयणकणगकोसागारसमिद्धं आरबए रोमए य अलसंडविसयवासी य पिक्खुरे कालमुहे जोणए य उत्तरवेयङसंसियाओ य मेच्छजाई बहुप्पगारा दाहिणअवरेण जाव सिंधुसागरंतोत्ति सव्वपवरकच्छं च ओअवेऊण पडिणियत्तो Page #647 -------------------------------------------------------------------------- ________________ પ૭૨ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती बहुसमरमणिज्जे य भूमिभागे तस्स कच्छस्स सुहणिसण्णे, ताहे ते जणवयाण णगराण पट्टणाण य जे य तहिं सामिया पभूया आगरवई य मंडलवई य पट्टणवई य सव्वे घेत्तूण पाहुडाई आभरणाणि य भूसणाणि य रयणाणि य वत्थाणि य महरिहाणि अण्णं च जं वरिठं रायारिहं जं च इच्छियव्वं एयं सेणावइस्स उवणेति मत्थयकयंजलिपुडा, पुणरवि काऊण अंजलिं मत्थयंमि पणया तुन्भे अम्हेऽत्थ सामिया देवयं व सरणागया मो तुब्भं विसयवासिणोत्ति विजयं जंपमाणा सेणावइणा जहारिहं ठविय सक्कारिय विसजिया णियत्ता सगाणि णगराणि पट्टणाणि अणुपविट्ठा, ताहे सेणावई सविणओ घेत्तूण पाहुडाइं आभरणाणि भूसणाणि रयणाणि य पुणरवि तं सिंधुणामधेजं उत्तिण्णे अणहसासणबले, तहेव भरहस्स रण्णो णिवेएइ णिवेइत्ता य अप्पिणित्ता य पाहुडाई सक्कारियसम्माणिए सहरिसे विसज्जिए सगं पडमंडवमइगए, तए णं सुसेणे सेणावई हाए जिमियभुत्तुत्तरागए समाणे जाव सरसगोसीसचंदणुक्खित्तगायसरीरे उप्पिं पासायवरगए फुटमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं बत्तीसइबद्धेहिं णाडएहिं वरतरुणीसंपउत्तेहिं उवणच्चिजमाणे २ उवगिजमाणे २ उवलालि(लभि )जमाणे २ मया हयणट्टणीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं इठे सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे भुंजमाणे विहरइ ॥ ५२ ॥ तए णं से भरहे राया अण्णया कयाइ सुसेणं सेणावई सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीगच्छ णं खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेहि २ त्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहित्ति, तए णं से सुसेणे सेणावई भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हतुट्ठचित्तमाणदिए जाव करयलपरिग्गहियं० सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कद्दु जाव पडिसुणेइ २ त्ता भरहस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव सए आवासे जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता दब्भसंथारगं संथरइ जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ पोसहसालाए पोसहिए इव बंभयारी जाव अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पहाए सुद्धप्पावेसाई मंगलाइं वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स सुसेणस्स सेणावइस्स बहवे राईसरतलवरमाडंबिय जाव सत्थवाहप्पभियओ सुसेणं सेणावई पिट्ठओ २ अणुगच्छंति, तए णं तस्स सुसेणस्स सेणावइस्स बहुईओ खुजाओ चिलाइयाओ जाव इंगियचिंतियपत्थियवियाणियाओ णिउणकुसलाओ विणीयाओ जाव अणुगच्छंति । तए णं से सुसेणे सेणावई सव्विड्डीए सव्वजुईए Page #648 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०३ कागणिरयणव०] सुत्तागमे ५७३ जाव णिग्घोसणाइएणं जेणेव तिमिसगुहाए दाहिणिल्हस्स दुवारस्स कवाडा तेणेव उवागच्छइ २ ता दंडरयणं परामुसइ, तए णं तं दंडरयणं पंचलइयं वइरसारमइयं विणासणं सव्यसत्तुसेण्णाणं खंधावारे णरवइस्स गड्डदरिविसमपब्भारगिरिवरपवायाणं समीकरणं संतिकरं सुभकरं हियकरं रण्णो हियइच्छियमणोरहपूरगं दिव्वमप्पडिहयं दंडरयणं गहाय सत्तट्ठ पयाई पच्चोसक्कइ पच्चोसक्कित्ता तिमिस्सगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडे दंडरयणेणं महया २ सद्देणं तिक्खुत्तो आउडेइ, तए णं तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सुसेणसेणावइणा दंडरयणेणं महया २ सद्देणं तिखुत्तो आउडिया समाणा महया २ सद्देणं कोंचारवं करेमाणा सरसरस्स सगाई २ ठाणाई पच्चोसक्कित्था, तए णं से सुसेणे सेणावई तिमिसगुहाए दाहिणिलस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेइ २ त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव भरहं रायं करयलपरिग्गहियं जएणं विजएणं वद्धावेइ २ ता एवं वयासी-विहाडिया णं देवाणुप्पिया ! तिमिसगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा एयण्णं देवाणुप्पियाणं पियं णिवेएमि पियं मे भवउ, तए णं से भरहे राया सुसेणस्स सेणावइस्स अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिए जाव हियए सुसेणं सेणावइं सकारेइ सम्माणेइ सक्कारिता सम्माणित्ता कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेकं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर तहेव जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवरं णरवई दुरूढे ॥५३॥ तए णं से भरहे राया मणिरयणं परामुसइ तोतं चउरंगुलप्पमाणमित्तं च अणग्घं तंसियं छलंसं अणोवमजुइं दिव्वं मणिरयणपइसमं वेरुलियं सव्वभूयकंतं जेण य मुद्धागएणं दुक्खं ण किंचि जाव हवइ आरोग्गे य सव्वकालं तेरिच्छियदेवमाणुसकया य उवसग्गा सव्वे ण करेंति तस्स दुक्खं, संगामेऽवि असत्थवज्झो होइ णरो मणिवरं धरेतो ठियजोव्वणकेसअवट्ठियणहो हवइ य सव्वभयविप्पमुक्को, तं मणिरयणं गहाय से णरवई हत्थिरयणस्स दाहिणिल्लाए कुंभीए णिक्खिवइ, तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जाव अमरवइसण्णिभाए इड्डीए पहियकित्ती मणिरयणकउज्जोए चक्करयणदेसियमग्गे अणेगरायसहस्साणुयायमग्गे महया उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलरवेणं समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे जेणेव तिमिसगुहाए दाहिणिल्ले दुवारे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तिमिसगुहं दाहिणिल्लेणं दुवारेणं अईइ ससिव्व मेहंधयारणिवहं । तए णं से भरहे राया छत्तलं दुवालसंसियं अट्ठकण्णियं अहिगरणिसंठियं अट्ठसोवण्णियं कागणिरयणं परामुसइ । तए णं तं चउरंगुलप्पमाणमित्तं अट्ठसुवण्णं च विसहरणं अउलं चउरंससंठाणसंठियं समतलं माणुम्माणजोगा जओ लोगे चरंति सव्वजणपण्णवगा, ण इव चंदो ण इव Page #649 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५७४ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती तत्थ सूरे ण इव अग्गी ण इव तत्थ मणिणो तिमिरं णासेंति अंधयारे जत्थ तयं दिव्वं भावजुत्तं दुवालसजोयणाई तस्स लेसाउ विवढंति तिमिरणिगरपडिसेहियाओ, रत्तिं च सव्वकालं खंधावारे करेइ आलोयं दिवसभूयं जस्स पभावेण चक्कवट्टी, तिमिसगुहं अईइ सेण्णसहिए अभिजेत्तुं बिइयमद्धभरहं रायवरे कागणिं गहाय तिमिसगुहाए पुरच्छिमिल्लपञ्चत्थिमिल्लेसु कडएसुं जोयणंतरियाई पंचधणुसयविक्खंभाई जोयणुज्जोयकराइं चक्कणेमीसंठियाइं चंदमंडलपडिणिगासाइं एगूणपण्णं मंडलाइं आलिहमाणे २ अणुप्पविसइ, तए णं सा तिमिसगुहा भरहेणं रण्णा तेहिं जोयणंतरिएहिं जाव जोयणुजोयकरहिं एगूणपण्णाए मंडलेहिं आलिहिज्जमाणेहिं २ खिप्पामेव आलोगभूया उज्जोयभूया दिवसभूया जाया यावि होत्था ॥५४॥ तीसे णं तिमिसगुहाए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं उम्मग्गणिमग्गजलाओ णामं दुवे महाणईओ पण्णत्ताओ, जाओ णं तिमिसगुहाए पुरच्छिमिल्लाओ भित्तिकडगाओ पवूढाओ समाणीओ पञ्चत्थिमेणं सिंधुं महाणई समप्पेंति, से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-उम्मग्गणिमरगजलाओ महाणईओ ? गोयमा ! जण्णं उम्मग्गजलाए महाणईए तणं वा पत्तं वा कटं वा सक्करं वा आसे वा हत्थी वा रहे वा जोहे वा मणुस्से वा पक्खिप्पइ तण्णं उम्मग्गजला महाणई तिक्खुत्तो आहुणिय २ एगंते थलंसि एडेइ, जण्णं णिमग्गजलाए महाणईए तणं वा पत्तं वा कटुं वा सक्करं वा जाव मणुस्से वा पक्खिप्पइ तण्णं णिमग्गजला महाणई तिक्खुत्तो आहुणिय २ अंतो जलंसि णिमज्जावेइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-उम्मग्गणिमग्गजलाओ महाणईओ, तए णं से भरहे राया चक्करयणदेसियमग्गे अणेगराय० महया उक्किट्ठिसीहणाय जाव करेमाणे सिंधूए महाणईए पुरच्छिमिल्लेणं कूलेणं जेणेव उम्मउगजला महाणई तेणेव उवागच्छइ २ त्ता वड्डइरयणं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! उम्मग्गणिमग्गजलासु महाणईसु अणेगखंभसयसण्णिविटे अयलमकंपे अभेजकवए सालंबणबाहाए सव्वरयणामए सुहसंकमे करेहि करेत्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणाहि, तए णं से वड्डइरयणे भरहेणं रण्णा एवं चुत्ते समाणे हद्वतुट्ठचित्तमाणंदिए जाव विणएणं० पडिसुणेइ २ त्ता खिप्पामेव उम्मग्गणिमग्गजलासु महाणईसु अणेगखंभसयसण्णिविढे जाव सुहसंकमे करेइ २ त्ता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणइ, तए णं से भरहे राया सखंधावारबले उम्मग्गणिमग्गजलाओ महाणईओ तेहिं अणेगखंभसयसण्णिवितुहिं जाव सुहसंकमेहिं उत्तरइ, तए णं तीसे तिमिस्सगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सयमेव महया २ कोंचारवं करेमाणा सरसरस्स सगाई २ ठाणाई पच्चोसक्कित्था ॥५५॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उत्तरड्डभरहे वासे बहवे आवाडा णाम चिलाया परि Page #650 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०३ आसरयणवण्णणा] सुत्तागमे ५७५ वसंति अड्डा दित्ता वित्ता विच्छिण्णविउलभवणसयणासणजाणवाहणाइण्णा बहुधणबहुजायरूवरयया आओगपओगसंपउत्ता विच्छड्डियपउरभत्तपाणा बहुदासीदासगोमहिसगवेलगप्पभूया बहुजणस्स अपरिभूया सूरा वीरा विकंता विच्छिण्णविउलवलवाहणा बहुसु समरसंपराएसु लद्धलक्खा यावि होत्था, तए णं तेसिमावाडचिलायाणं अण्णया कयाई विसयंसि बहूई उप्पाइयसयाई पाउन्भवित्था, तंजहा-अकाले गज्जियं अकाले विजुया अकाले पायवा पुप्फति अभिक्खणं २ आगासे देवयाओ णचंति, तए णं ते आवाडचिलाया विसयंसि बहूइं उप्पाइयसयाइं पाउब्भूयाइं पासंति पासित्ता अण्णमण्णं सद्दावेंति २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं विसयंसि बहूई उप्पाइयसयाई पाउन्भूयाइं तंजहा-अकाले गजियं अकाले विजया अकाले पायवा पुप्फंति अभिक्खणं २ आगासे देवयाओ णञ्चति, तं ण णज्जइ णं देवाणुप्पिया ! अम्हं विसयस्स के मन्ने उवद्दवे भविस्सइत्तिकडे ओहयमणसंकप्पा चिंतासोगसागरं पविट्ठा करयलपल्हत्थमुहा अज्झाणोवगया भूमिगयदिट्ठिया झियायंति, तए णं से भरहे राया चक्करयणदेसियमग्गे जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे तिमिसगुहाओ उत्तरिल्लेणं दारेणं णीइ ससिव्व मेहंधयारणिवहा, तए णं ते आवाडचिलाया भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं एजमाणं पासंति २ त्ता आसुरुत्ता रुट्ठा चंडिकिया कुविया मिसिमिसेमाणा अण्णमण्णं सद्दावेंति २ त्ता एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया ! केइ अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे हीणपुण्णचाउद्दसे हिरिसिरिपरिवजिए जे णं अम्हं विसयस्स उवरिं विरिएणं हव्वमागच्छइ तं तहा णं घत्तामो देवाणुप्पिया ! जहा णं एस अम्हं. विसयस्स उवरिं विरिएणं णो हव्वमागच्छइत्तिकटु अण्णमण्णस्स अंतिए एयमढें पडिसुणेति २ त्ता सण्णद्धबद्धवम्मियकवया उप्पीलियसरासणपट्टिया पिणद्धगेविजा बद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टा गहियाउहप्पहरणा जेणेव भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं तेणेव उवागच्छंति २ त्ता भरहस्स रण्णो अग्गाणीएण सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था, तए णं ते आवाडचिलाया भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं हयमहियपवरवीरघाइयविवडियचिंधद्धयपडागं किच्छप्पाणोवगयं दिसोदिसिं पडिसेहिति ॥ ५६ ॥ तए णं से सेणाबलस्स णेया वेढो जाव भरहस्स रण्णो अग्गाणीयं आवाडचिलाएहिं हयमहियपवरवीर जाव दिसोदिसिं पडिसेहियं पासइ २ त्ता आसुरुत्ते स्टे चंडिकिए कुविए मिसिमिसेमाणे कमलामेलं आसरयणं दुरूहइ २ त्ता तए णं तं असीइमंगुलमूसियं णवणउइमंगुलपरिणाहं अट्ठसयमंगुलमाययं बत्तीसमंगुलमूसियसिरं चउरंगुलकण्णागं वीसइअंगुलबाहागं चउरंगुलजाणूकं सोलसअंगुलजंघागं चउरंगुलमूसियखुरं मुत्तोलीसंवत्तवलियमझं ईसिं अंगुलपणयपटुं संणयपटुं संगयपटुं सुजायपटुं पसत्थ Page #651 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५७६ [जंबुद्दीवपण्णत्ती पढें विसिट्टपर्ट एणीजाणुण्णयवित्थयथद्धपढें वित्तलयकसणिवायअंकेल्लणपहारपरिवजियंग तवणिज्जथासगाहिलाणं वरकणगसुफुल्लथासगविचित्तरयणरजुपासं कंचणमणिकणगपयरगणाणाविहघंटियाजालमुत्तियाजालएहिं परिमंडिएणं पढेण सोभमाणेण सोभमाणं कक्केयणइंदणीलमरगयमसारगल्लमुहमंडणरइयं आविद्धमाणिक्कसुत्तगविभूसियं कणगामयपउमसुकयतिलयं देवमइविगप्पियं सुरवरिंदवाहणजोग्गावयं सुरूवं दूइज्जमाणपंचचारुचामरामेलगं धरेंतं अणब्भवाहं अभेलणयणं कोकासियबहलपत्तलच्छं सयावरणणवकणगतवियतवणिज्जतालुजीहासयं सिरिआभिसेयघोणं पोक्खरपत्तमिव सलिलबिंदुजुयं अचंचलं चंचलसरीरं चोक्खचरगपरिव्वायगो विव हिलीयमाणं २ खुरचलणचच्चपुडेहिं धरणियलं अभिहणमाणं २ दोवि य चलणे जमगसमगं मुहाओ विणिग्गमंत व सिग्घयाए मुणालतंतुउदगमवि णिस्साए पक्कमंतं जाइकुलरूवपच्चयपसत्थबारसावत्तगविसुद्धलक्खणं सुकुलप्पसूर्य मेहाविभद्दयविणीयं अणुयतणुयसुकुमाललोमणिद्धच्छविं सुजायअमरमणपवणगरुलजइणचवलसिग्घगामि इसिमिव खंतिखमए सुसीसमिव पञ्चक्खयाविणीयं उदगहुयवहपासाणपंसुकद्दमससक्करसवालुइल्लतडकडगविसमपब्भारगिरिदरीसुलंघणपिल्लणणित्थारणासमत्थं अचंडपाडियं दंडयाइं अणंसुपाइं अकालतालुं च कालहेसि जियणि इंगवेसगं जियपरिसहं जच्चजाईयं मल्लिहाणं सुगपत्तसुवण्णकोमलं मणाभिरामं कमलामेलं णामेणं आसरयणं सेणावई कमेण समभिरूढे कुवलयदलसामलं च रयणियरमंडलणिभं सत्तुजणविणासणं कणगरयणदंडं णवमालियपुप्फसुरहिगंधिं णाणामणिलयभत्तिचित्तं च पहोयमिसिमिसिंततिक्खधारं दिव्वं खग्गरयणं लोए अणोवमाणं तं च पुणो वंसरुक्खसिंगट्ठिदंतकालायसविउललोहदंडयवरवइरमेयगं जाव सव्वत्थअप्पडियं किं पुण देहेसु जंगमाणं गाहा-पण्णासंगुलदीहो सोलस से अंगुलाई विच्छिण्णो । अद्धंगुलसोणीको जेठुपमाणो असी भणिओ ॥ १॥ असिरयणं णरवइस्स हत्थाओ तं गहिऊण जेणेव आवाडचिलाया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता आवाडचिलाएहिं सद्धिं संपलग्गे यावि होत्था। तए णं से सुसेणे सेणावई ते आवाडचिलाए हयमहियपवरवीरघाइय जाव दिसोदिसिं पडिसेहेइ ॥ ५७ ॥ तए णं ते आवाडचिगया सुसेणसेणावइणा हयमहिय जाव पडिसेहिया समाणा भीया तत्था वहिया उव्विग्गा संजायभया अत्थामा अबला अवीरिया अपुरिसक्कारपरकमा अधारणिज्जमितिकडु अणेगाइं जोयणाई अवक्कमंति २ त्ता एगयओ मिलायंति २ त्ता जेणेव सिंधू महाणई तेणेव उवागच्छंति २ त्ता वालुयासंथारए संथरेंति २ त्ता वालयासंथारए दुरूहंति २ त्ता अट्ठमभत्ताई पगिण्हंति २ त्ता वालुयासंथारोवगया उत्ताणगा अवसणा अट्ठमभत्तिया जे तेसिं कुलदेवया मेहमुहा णामं णागकु Page #652 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०३ मेहमुह० वुट्ठी] सुत्तागमे मारा देवा ते मणसीकरेमाणा २ चिट्ठति । तए णं तेसिमावाडचिलायाणं अट्ठमभत्तसि परिणममाणंसि मेहमुहाणं णागकुमाराणं देवाणं आसणाई चलंति, तए णं ते मेहमुहा णागकुमारा देवा आसणाई चलियाई पासंति २ त्ता ओहिं पउंजंति २ त्ता आवाडचिलाए ओहिणा आभोएंति २ त्ता अण्णमण्णं सद्दाति २ त्ता एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरड्डभरहे वासे आवाडचिलाया सिंधूए महाणईए वालुयासंथारोवगया उत्ताणगा अवसणा अट्ठमभत्तिया अम्हे कुलदेवए मेहमुहे णागकुमारे देवे मणसीकरेमाणा २ चिटुंति, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं आवाडचिलायाणं अंतिए पाउब्भवित्तएत्तिकट्ठ अण्णमण्णस्स अंतिए एयमट्ठ पडिसुणेति पडिसुणेत्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव वीइवयमाणा २ जेणेव जंबुद्दीवे दीवे उत्तरडभरहे वासे जेणेव सिंधू महाणई जेणेव आवाडचिलाया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता अंतलिक्खपडिवण्णा सखिखिणियाइं पंचवण्णाई वत्थाई पवरपरिहिया ते आवाडचिलाए एवं वयासी-हं भो आवाडचिलाया! जणं तुम्मे देवाणुप्पिया! वालुयासंथारोवगया उत्ताणगा अवसणा अट्ठमभत्तिया अम्हे कुलदेवए मेहमुहे णागकुमारे देवे मणसीकरेमाणा २ चिठ्ठह तए णं अम्हे मेहमुहा णागकुमारा देवा तुब्भं कुलदेवया तुम्हं अंतियण्णं पाउब्भूया, तं वदह णं देवाणुप्पिया! किं करेमो के व मे मणसाइए?, तए णं ते आवाडचिलाया मेहमुहाणं णागकुमाराणं देवाणं अंतिए एयमढे सोचा णिसम्म हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिया जाव हियया उट्ठाए उद्वेति २ त्ता जेणेव मेहमुहा णागकुमारा देवा तेणेव उवागच्छंति २ त्ता करयलपरिग्गहियं जाव मत्थए अंजलिं कटु मेहमुहे णागकुमारे देवे जएणं विजएणं वद्धावेंति २ त्ता एवं वयासीएस णं देवाणुप्पिया! केइ अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे जाव हिरिसिरिपरिवजिए जे णं अम्हं विसयस्स उवरि विरिएणं हव्वमागच्छइ, तं तहा णं घत्तेह देवाणुप्पिया! जहा णं एस अम्हं विसयस्स उवरिं विरिएणं णो हव्वमागच्छइ, तए णं ते मेहमुहा णागकुमारा देवा ते आवाडचिलाए एवं वयासी-एस णं भो देवाणुप्पिया! भरहे णामं राया चाउरंतचक्कवट्टी महिड्डिए महज्जुइए जाव महासोक्खे, णो खलु एस सक्को केणइ देवेण वा दाणवेण वा किण्णरेण वा किंपुरिसेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा सत्थप्पओगेण वा अग्गिप्पओगेण वा मंतप्पओगेण वा उदृवित्तए पडिसेहित्तए वा, तहाविय णं तुब्भं पियट्टयाए भरहस्स रण्णो उवसग्गं करेमोत्तिक? तेसिं आवाडचिलायाणं अंतियाओ अवकमंति २ त्ता वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ त्ता मेहाणीयं विउव्वंति २ त्ता जेणेव भरहस्स रण्णो विजयक्खंधावारणिवेसे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता उप्पिं विजयक्खंधावारणिवेसस्स खिप्पामेव पतणतणायंति २ त्ता ३७ सुत्ता Page #653 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती खिप्पामेव विजुयायंति २ ता खिप्पामेव जुगमुसलमुट्ठिप्पमाणमेत्ताहिं धाराहिं ओघमेघ सत्तरत्तं वासं वासिउं पवत्ता यावि होत्था ॥ ५८ ॥ तए णं से भरहे राया उप्पिं विजयक्खंधावारस्स जुगमुसलमुट्टिप्पमाणमेत्ताहिं धाराहिं ओघमेघ सत्तरत्तं वासं वासमाणं पासइ २ त्ता चम्मरयणं परामुसइ, तए णं तं सिरिवच्छसरिसरुवं वेढो भाणियव्वो जाव दुवालसजोयणाई तिरियं पवित्थरइ तत्थ साहियाई, तए णं से भरहे राया सखंधावारबले चम्मरयणं दुरूहइ २ त्ता दिव्वं छत्तरयणं परामुसइ, तए णं णवणउइसहस्सकंचणसलागपरिमंडियं महरिहं अउज्झं णिव्वणसुपसत्थविसिट्ठलट्ठकंचणसुपुट्ठदंडं मिउराययवट्टलट्ठअरविंदकण्णियसमाणरूवं. वत्थिपएसे य पंजरविराइयं विविहभत्तिचित्तं मणिमुत्तपवालतत्ततवणिजपंचवणियधोयरयणरूवरइयं रयणमरीईसमोप्पणाकप्पकारमणुरंजिएल्लियं रायलच्छिचिं, अजुणसुवण्णपंडुरपञ्चत्युयपट्ठदेसभागं तहेव तवणिजपट्टधम्मतपरिगयं अहियसस्सिरीयं सारयरयणियरविमलपडिपुण्णचंदमंडलसमाणरूवं णरिंदवामप्पमाणपगइवित्थडं कुमुयसंडधवलं रण्णो संचारिमं विमाणं सूरायववायवुट्ठिदोसाण य खयकरं तवगुणेहिं लद्धंअहयं बहुगुणदाणं उऊण विवरीयसुहकयच्छायं । छत्तरयणं पहाणं सुदुल्लहं अप्पपुण्णाणं ॥ १ ॥ पमाणराईण तवगुणाण फलेगदेसभागं विमाणवासेवि दुलहतरं वग्धारियमल्लदामकलावं सारयधवलब्भरययणिगरप्पगासं दिव्वं छत्तरयणं महिवइस्स धरणियलपुण्णइंदो । तए णं से दिव्वे छत्तरयणे भरहेणं रण्णा परामुढे समाणे खिप्पामेव दुवालस जोयणाई पवित्थरइ साहियाइं तिरियं ॥ ५९ ॥ तए णं से भरहे राया छत्तरयणं खंधावारस्सुवरिं ठवेइ २ त्ता मणिरयणं परामुसइ वेढो जाव छत्तरयणस्स वत्थिभागंसि ठवेइ, तस्स य अणइवरं चारुरूवं सिलणिहिअत्थमंतमेत्तसालिजवगोहूममुग्गमासतिलकुलत्थसट्ठिगनिप्फावचणगकोदवकोत्थंभरिकंगुवरगरालगअणेगधण्णावरणहारियगअल्लगमूलगहलिद्दलाउयतउसतुंबकालिंगकविठ्ठअंबअंबिलियसव्वणिप्फायए सुकुसले गाहावइरयणेत्ति सव्वजणवीसुयगुणे । तए णं से गाहावइरयणे भरहस्स रण्णो तद्दिवसप्पइण्णणिप्फाइयपूइयाणं सव्वधण्णाणं अणेगाई कुंभसहस्साइं उवट्ठवेइ, तए णं से भरहे राया चम्मरयणसमारूढे छत्तरयणसमोच्छण्णे मणिरयणकउज्जोए समुग्गयभूएणं सुहंसुहेणं सत्तरत्तं परिवसइ–णवि से खुहा ण विलियं णेव भयं णेव विजए दुक्खं । भरहाहिवस्स रण्णो खंधावारस्सवि तहेव ॥१॥६० ॥ तए णं तस्स भरहस्स रण्णो सत्तरत्तंसि परिणममाणंसि इमेयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पजित्था केस णं भो ! अपत्थियपत्थए दुरंतपंतलक्खणे जाव परिवजिए जे णं ममं इमाए एयाणुरूवाए जाव Page #654 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ आवाडचिलाय०] सुत्तागमे अभिसमण्णागयाए उप्पिं विजयखंधावारस्स जुगमुसलमुट्ठि जाव वासं वासइ । तए णं तस्स भरहस्स रण्णो इमेयारूवं अब्भत्थियं चिंतियं पत्थियं मणोगयं संकप्पं समुप्पण्णं जाणित्ता सोलस देवसहस्सा सण्णज्झिउं पवत्ता यावि होत्था, तए णं ते देवा सण्णद्धबद्धवम्मियकवया जाव गहियाउहप्पहरणा जेणेव ते मेहमुहा णागकुमारा देवा तेणेव उवागच्छंति २ त्ता मेहमुहे णागकुमारे देवे एवं वयासी-हं भो मेहमुहा णागकुमारा देवा ! अपत्थियपत्थगा जाव परिवजिया किण्णं तुब्भे ण जाणह भरहं रायं चाउरंतचक्कवहि महिड्डियं जाव उद्दवित्तए वा पडिसेहित्तए वा तहा वि णं तुन्भे भरहस्स रण्णो विजयखंधावारस्स उप्पिं जुगमुसलमुट्ठिप्पमाणमित्ताहिं धाराहिं ओघमेधं सत्तरत्तं वासं वासह, तं एवमवि गए इत्तो खिप्पामेव अवकमह अहव णं अज पासह चित्तं जीवलोगं, तए णं ते मेहमुहा णागकुमारा देवा तेहिं देवेहिं एवं वुत्ता समाणा भीया तत्था वहिया उव्विग्गा संजायभया मेहाणीयं पडिसाहरंति २ त्ता जेणेव आवाडचिलाया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता आवाडचिलाए एवं वयासी-एस णं देवाणुप्पिया! भरहे राया महिड्डिए जाव णो खलु एस सको केणइ देवेण वा जाव अग्गिप्पओगेण वा जाव उद्दवित्तए वा पडिसेहित्तए वा तहावि य णं अम्हेहिं देवाणुप्पिया ! तुभं पियट्टयाए भरहस्स रण्णो उवसग्गे कए, तं गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! व्हाया उल्लपडसाडगा ओचूलगणियच्छा अग्गाइं वराई रयणाइं गहाय पंजलिउडा पायवडिया भरहं रायाणं सरणं उवेह, पणिवइयवच्छला खलु उत्तमपुरिसा णत्थि भे भरहस्स रण्णो अंतियाओ भयमितिकट्ठ एवं वइत्ता जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया। तए णं ते आवाडचिलाया मेहमुहेहिं णागकुमारेहिं देवेहिं एवं वुत्ता समाणा उठाए उढेति २ त्ता ण्हाया उल्लपडसाडगा ओचूलगणियच्छा अग्गाइं वराई रयणाइं गहाय जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता करयलपरिग्गहियं जाव मत्थए अंजलिं कुटु भरहं रायं जएणं विजएणं वद्धाविंति २ त्ता अग्गाइं वराइं रयणाइं उवणेति २ त्ता एवं वयासी-वसुहर गुणहर जयहर, हिरिसिरिधीकित्तिधारगणरिंद। लक्खणसहस्सधारग रायमिदं णे चिरं धारे ॥ १॥ हयवइ गयवइ णरवइ णवणिहिवइ भरहवासपढमवई । बत्तीसजणवयसहस्सराय सामी चिरं जीव ॥२॥ पढमणरीसर ईसर हियईसर महिलियासहस्साणं । देवसयसाहसीसर चोद्दसरयणीसर जसंसी ॥ ३ ॥ सागरगिरिमेरागं उत्तरवाईणमभिजियं तुमए । ता अम्हे देवाणुप्पियस्स विसए परिवसामो ॥ ४ ॥ अहो णं देवाणुप्पियाणं इड्डी जुई जसे बले वीरिए पुरिसक्कारपरकमे दिव्वा देवजुई दिव्वे देवाणुभावे लद्धे पत्ते अभिसमण्णागए, तं दिट्ठा णं देवा Page #655 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती णुप्पियाणं इड्डी एवं चेव जाव अभिसमण्णागए, तं खामेमु णं देवाणुप्पिया ! खमंत णं देवाणुप्पिया ! खंतुमरहंति णं देवाणुप्पिया ! णाइ भुजो २ एवंकरणयाएत्तिक पंजलिउडा पायवडिया भरहं रायं सरणं उविंति। तए णं से भरहे राया तेसिं आवाडचिलायाणं अग्गाइं वराइं रयणाइं पडिच्छइ २ त्ता ते आवाड चिलाए एवं वयासी-गच्छह णं भो तुब्भे ममं बाहुच्छायापरिग्गहिया णिब्भया णिरुव्विग्गा सुहंसुहेणं परिवसह, णत्थि भे कत्तोवि भयमत्थित्तिकटु सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्मणेत्ता पडिविसज्जेइ । तए णं से भरहे राया सुसेणं सेणावई सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छाहि णं भो देवाणुप्पिया! दोच्चंपि सिंधूए महाणईए पञ्चत्थिमं णिक्खुडं ससिंधुसागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेहि २ त्ता अग्गाई वराई रयणाइं पडिच्छाहि २ त्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणाहि जहा दाहिणिलस्स ओअवणं तहा सव्वं भाणियव्वं जाव पच्चणुभवमाणे विहरइ ॥ ६१॥ तए णं दिव्वे चक्करयणे अण्णया कयाइ आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता अंतलिक्खपडिवण्णे जाव उत्तरपुरच्छिमं दिसिं चुल्लहिमवंतपव्वयाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव चुल्लहिमवंतवासहरपव्वयस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायामं जाव चुल्लहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ, तहेव जहा मागहतित्थस्स जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे उत्तरदिसाभिमुहे जेणेव चुल्लहिमवंतवासहरपव्वए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चुल्लहिमवंतवासहरपव्वयं तिक्खुत्तो रहसिरेणं फुसइ फुसित्ता तुरए णिगिण्हइ णिगिण्हित्ता तहेव जाव आययकण्णाययं च काऊण उसुमुदारं इमाणि वयणाणि तत्य भाणीअ से णरवई जाव सव्वे मे ते विसयवासित्तिकट्ट उडूं वेहासं उसु णिसिरइ परिगरणिगरियमज्झे जाव तए णं से सरे भरहेणं रण्णा उर्ले वेहासं णिसढे समाणे खिप्पामेव बावत्तरि जोयणाई गंता चुलहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स मेराए णिवइए, तए णं से चुल्लहिमवंतगिरिकुमारे देवे मेराए सरं णिवइयं पासइ २ त्ता आसुरुत्ते रुढे जाव पीइदाणं सव्वोसहिं मालं गोसीसचंदणं च कडगाणि जाव दहोदगं च गेण्हइ २ ता ताए उकिट्ठाए जाव उत्तरेणं चुल्लहिमवंतगिरिमेराए अहण्णं देवाणुप्पियाणं विसयवासी जाव अहण्णं देवाणुप्पियाणं उत्तरिल्ले अंतवाले जाव पडिविसज्जेइ ॥ ६२ ॥ तए णं से भरहे राया तुरए णिगिण्हइ २ त्ता रहं परावत्तेइ २ त्ता जेणेव उसहकूडे तेणेव उवागच्छइ २ ता उसहकूडं पव्वयं तिक्खुत्तो रहसिरेणं फुसइ २ त्ता तुरए निगिण्हइ २ त्ता रहं ठवेइ २ त्ता छत्तलं दुवालसंसियं अट्ठकपिणयं अहिगरणिसंठियं सोवण्णियं कागणिरयणं परामुसइ २ त्ता उसभकूडस्स Page #656 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०३ च० गंगा० भ० पयाणं] सुत्तागमे ५८१ पव्वयस्स पुरथिमिल्लंसि कडगंसि णामगं आउडेइ-ओसप्पिणीइमीसे तइयाएँ समाइ पच्छिमे भाए। अहमंसि चक्कवट्टी भरहो इय नामधिजेणं॥ १ ॥ अहमंसि पढमराया अहयं भरहाहिवो णरवरिंदो । णत्थि महं पडिसत्तू जियं मए भारहं वासं ॥ २ ॥ तिकडु णामगं आउडेइ णामगं आउडित्ता रहं परावत्तेइ २ त्ता जेणेव विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव चुल्लहिमवंतगिरिकुमारस्स देवस्स अट्टाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जाव दाहिणदिसिं वेयड्डपव्वयाभिमुहे पयाए यावि होत्था ॥ ६३॥ तए णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं जाव वेयड्डस्स पव्वयस्स उत्तरिल्ले णियंबे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता वेयबुस्स पव्वयस्स उत्तरिल्ले णियंबे दुवालसजोयणायामं जाव पोसहसालं अणुपविसइ जाव णमिविणमीणं विजाहरराईणं अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ त्ता पोसहसालाए जाव णमिविणमिविज्जाहररायाणो मणसीकरेमाणे २ चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि णमिविणमीविजाहररायाणो दिव्वाए मईए चोइयमई अण्णमण्णस्स अंतियं पाउब्भवंति २ त्ता एवं वयासी-उप्पण्णे खलु भो देवाणुप्पिया! जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरहे राया चाउरंतचक्कवट्टी तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पण्णमणागयाणं विज्जाहरराईणं चक्कवट्टीणं उवत्थाणियं करेत्तए, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया! अम्हेवि भरहस्स रण्णो उवत्थाणियं करेमोत्तिक विणमी णाऊणं चक्कवहि दिव्वाए मईए चोइयमई माणुम्माणप्पमाणजुत्तं तेयस्सिं रूवलक्खणजुत्तं ठियजुव्वणकेसवट्ठियणहं इच्छियसीउण्हफासजुत्तं-तिसु तणुयं तिसु तंबं तिवलीगइउण्णयं तिगंभीरं । तिसु कालं तिसु सेयं तियाययं तिसु य विच्छिण्णं ॥१॥ समसरीरं भरहे वासंमि सव्वमहिलप्पहाणं सुंदरथणजहणवरकरचलणणयणसिरसिजदसणजणहिययरमणमणहरि सिंगारागार जाव जुत्तोवयारकुसलं अमरवहूणं सुरूवं रूवेणं अणुहरंतिं सुभई भइंमि जोव्वणे वट्टमाणिं इत्थीरयणं णमी य रयणाणि य कडगाणि य तुडियाणि य गेण्हइ २ त्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए जाव उद्धृयाए विजाहरगईए जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता अंतलिक्खपडिवण्णा सखिखिणियाइं जाव जएणं विजएणं वद्धावेंति २ त्ता एवं वयासी-अभिजिए णं देवाणुप्पिया! जाव अम्हे देवाणुप्पियाणं आणत्तिकिंकरा इतिकटु तं पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया! अम्हं इमं जाव विणमी इत्थीरयणं णमी रयणाणि. समप्पेइ। तए णं से भरहे राया जाव पडिविसज्जेइ २ त्ता पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता मजणघरं अणुपविसइ २ ता. भोयणमंडवे जाव णमिविणमीणं विजाहरराईणं अट्ठाहियमहामहिमा, तए णं से दिव्वे चक्करयणे आउहघरसालाओ पडिणि Page #657 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૫૮૨ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती क्खमइ जाव उत्तरपुरथिमं दिसिं गंगादेवीभवणाभिमुहे पयाए यावि होत्था. सच्चेव सव्वा सिंधुवत्तव्वया जाव णवरं कुंभट्ठसहस्सं रयणचित्तं णाणामणिकणगरयणभत्तिचित्ताणि य दुवे कणगसीहासणाई सेसं तं चेव जाव महिमत्ति ॥ ६४ ॥ तए णं से दिव्वे चक्करयणे गंगाए देवीए अठ्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए आउघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जाव गंगाए महाणईए पञ्चत्थिमिल्लेणं कूलेणं दाहिणदिसिं खंडप्पवायगुहाभिमुहे पयाए यावि होत्था, तए णं से भरहे राया जाव जेणेव खंडप्पवायगुहा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सव्वा कयमालगवत्तव्वया णेयव्वा णवरं णट्टमालगे देवे पीइदाणं से आलंकारियभंडं कडगाणि य सेसं सव्वं तहेव जाव अट्ठाहिया महाम० । तए णं से भरहे राया णट्टमालगस्स देवस्स अट्ठाहियाए म० णिव्वत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावई सद्दावेइ २ त्ता जाव सिंधुगमो णेयव्वो जाव गंगाए महाणईए पुरथिमिल्लं णिक्खुडं सगंगासागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेइ २ त्ता अग्गाणि वराणि रयणाणि पडिच्छइ २ त्ता जेणेव गंगा महाणई तेणेव उवागच्छइ २ ता दोच्चंपि सक्खंधावारबले गंगामहाणई विमलजलतुंगवीइं णावाभूएणं चम्मरयणेणं उत्तरइ २ त्ता जेणेव भरहस्स रण्णो विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ २ ता अग्गाई वराई रयणाई गहाय जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता करयलपरिग्गहियं जाव अंजलिं कटु भरहं रायं जएणं विजएणं वद्धावेइ २ त्ता अग्गाई वराई रयणाई उवणेइ । तए णं से भरहे राया सुसेणस्स सेणावइस्स अग्गाइं वराई रयणाई पडिच्छइ २ त्ता सुसेणं सेणावई सकारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता पडिविसज्जेइ, तए णं से सुसेणे सेणावई भरहस्स रण्णो सेसंपि तहेव जाव विहरइ, तए णं से भरहे राया अण्णया कयाइ सुसेणं सेणावइरयणं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छ णं भो देवाणुप्पिया ! खंडगप्पवायगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेहि २ त्ता जहा तिमिसगुहाए तहा भाणियव्वं जाव पियं भे भवउ सेसं तहेव जाव भरहो उत्तरिल्लेणं दुवारेणं अईइ ससिव्व मेहंधयारणिवहं तहेव पविसंतो मंडलाइं आलिहइ, तीसे णं खंडगप्पवायगुहाए बहुमज्झदेसभाए जाव उम्मग्गणिमग्गजलाओ णामं दुवे महाणईओ तहेव णवरं पञ्चत्थिमिल्लाओ कडगाओ पवूढाओ समाणीओ पुरत्थिमेणं गंगं महाणइं समप्पेंति, सेसं तहेव णवरं पञ्चत्थिमिल्लेणं कूलेणं गंगाए संकमवत्तव्वया तहेवत्ति, तए णं खंडगप्पवायगुहाए दाहिणिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सयमेव महया २ कोंचारवं करेमाणा सरसरस्स सगाई २ ठाणाई पच्चोसक्कित्था, तए णं से भरहे राया Page #658 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ भ० सु० गंगा०आणा] सुत्तागमे ५८३ चक्करयणदेसियमग्गे जाव खंडगप्पवायगुहाओ दक्खिणिल्लेणं दारेणं णीणेइ ससिव्व मेहंधयारणिवहाओ ॥६५॥ तए णं से भरहे राया गंगाए महाणईए पचत्थिमिल्ले कूले दुवालसजोयणायाम णवजोयणविच्छिण्णं जाव विजयक्खंधावारणिवेसं करेइ, अवसिढें तं चेव जाव णिहिरयणाणं अट्ठमभत्तं पगिण्हइ, तए णं से भरहे राया पोसहसालाए जाव णिहिरयणे मणसि करेमाणे करेमाणे चिठ्ठइ, तस्स य अपरिमियरत्तरयणा धुयमक्खयमव्वया सदेवा लोकोपचयंकरा उवगया णव णिहओ लोगविस्सुयजसा, तंजहा–णेसप्पे १ पंडुयए २ पिंगलए ३ सव्वरयण ४ महपउमे ५। काले ६ य महाकाले ७ माणवगे महाणिही ८ संखे ९ ॥ १ ॥णेसप्पंमि णिवेसा गामागरणगरपट्टणाणं च । दोणमुहमडंबाणं खंधावारावणगिहाणं ॥ १ ॥ गणियस्स य उप्पत्ती माणुम्माणस्स जं पमाणं च । धण्णस्स य बीयाण य उप्पत्ती पंडुए भणिया ॥ २॥ सव्वा आभरणविही पुरिसाणं जा य होइ महिलाणं । आसाण य हत्थीण य पिंगलगणिहिंमि सा भणिया ॥३॥ रयणाई सव्वरयणे चउदसवि वराइं चक्कवट्टिस्स । उप्पजते एगिदियाई पंचिंदियाई च ॥ ४ ॥ वत्थाण य उप्पत्ती णिप्फत्ती चेव सव्वभत्तीणं । रंगाण य धोव्वाण य सव्वाएसा महापउमे ॥ ५॥ काले कालण्णाणं सव्वपुराणं च तिसुवि वंसेसु । सिप्पसयं कम्माणि य तिणि पयाए हियकराणि ॥ ६॥ लोहस्स य उप्पत्ती होइ महाकालि आगराणं च । रुप्पस्स सुवण्णस्स य मणिमुत्तसिलप्पवालाणं ॥ ७ ॥ जोहाण य उप्पत्ती आवरणाणं च पहरणाणं च । सव्वा य जुद्धणीई माणवगे दंडणीई य ॥ ८॥ णविही णाडगविही कव्वस्स य चरव्विहस्स उप्पत्ती । संखे महाणिहिंमि तुडियंगाणं च सव्वेसिं ॥ ९ ॥ चक्कठ्ठपइट्ठाणा अट्ठस्सेहा य णव य विक्खंभा । बारसदीहा मंजूससंठिया जण्हवीइ मुहे ॥ १० ॥ वेरुलियमणिकवाडा कणगमया विविहरयणपडिपुण्णा । ससिसूरचक्कलक्खण अणुसमवयणोववत्ती या ॥ ११ ॥ पलिओवमट्टिईया णिहिसरिणामा य तत्थ खलु देवा । जेसिं ते आवासा अकिज्जा आहिवच्चा य ॥ १२॥ एए णव णिहिरयणा पभूयधणरयणसंचयसमिद्धा । जे वसमुवगच्छंति भरहाहिवचक्कवट्टीणं ॥ १३ ॥ तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ, एवं मजणघरपवेसो जाव सेणिप्पसेणिसद्दावणया जाव णिहिरयणाणं अट्ठाहियं महामहिमं क०, तए णं से भरहे राया णिहिरयणाणं अट्ठाहियाए महामहिमाए णिव्वत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावइरयणं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छ णं भो देवाणुप्पिया ! गंगामहाणईए पुरथिमिल्लं णिक्खुडं दुचंपि सगंगासागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य Page #659 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५८४ [जंबुद्दीवपण्णत्ती ओअवेहि २ ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहित्ति । तए णं से सुसेणे तं चेव पव्ववण्णियं भाणियव्वं जाव ओअवित्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणइ पडिविसजेइ जाव भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ । तए णं से दिव्वे चकरयणे अन्नया कयाइ आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ २ ता अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिखुडे दिव्वतुडिय जाव आपूरेते चेव० विजयक्खंधावारणिवेसं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ० दाहिणपञ्चत्थिमं दिसिं विणीयं रायहाणिं अभिमुहे पयाए यावि होत्था । तए णं से भरहे राया जाव पासइ २ त्ता हतुट्ठ जाव कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेकं जाव पञ्चप्पिणंति ॥ ६६ ॥ तए णं से भरहे राया अज्जियरज्जो णिजियसत्तू उप्पण्णसमत्तरयणे चक्करयणप्पहाणे णवणिहिवई समिद्धकोसे बत्तीसरायवरसहस्साणुयायमग्गे सट्ठीए वरिससहस्सेहिं केवलकप्पं भरहं वासं ओअवेइ ओअवेत्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेकं हत्थिरयणं हयगयरह तहेव जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवइं णरवई दुरूढे । तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आभिसेक्कं हत्थिरयणं दुरूढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तंजहा-सोत्थियसिरिवच्छ जाव दप्पणे, तयणंतरं च णं पुण्णकलस-- भिंगार दिव्वा य छत्तपडागा जाव संपट्ठिया, तयणंतरं च णं वेरुलियभिसंतविमलदंडं जाव अहाणुपुव्वीए संपढ़ियं, तयणंतरं च णं सत्त एगिंदियरयणा पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तं०- चक्करयणे १ छत्तरयणे २ चम्मरयणे ३ दंडरयणे ४ असिरयणे ५ मणिरयणे ६ कागणिरयणे ७, तयणंतरं च णं णव महाणिहओ पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तंजहा—णेसप्पे पंडुयए जाव संखे, तयणंतरं च णं सोलस देवसहस्सा पुरी अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बत्तीसं रायवरसहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं सेणावइरयणे पुरओ अहा-- णुपुवीए संपट्ठिए, एवं गाहावइरयणे वड्डइरयणे पुरोहियरयणे, तयणंतरं च णं इत्थिरयणे पुरओ अहाणुपुव्वीए०, तयणंतरं च णं बत्तीसं उडुकल्लाणियासहस्सा पुरओ अहाणुपुव्वीए०, तयणंतरं च णं बत्तीसं जणवयकल्लाणियासहस्सा पुरओ अहाणुपुव्वीए०, तयणंतरं च णं बत्तीसं बत्तीसइबद्धा णाडगसहस्सा पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं तिण्णि सट्टा सूयसया पुरओ अहाणुपुवीए०, तयणंतरं च णं अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ पुरओ०, तयणंतरं च णं चउरासीइं आससयसहस्सा पुरओ०, तयणंतरं च णं चउरासीई हत्यिसयसहस्सा पुरओ अहाणुपुव्वीए०, तयणंतरं च णं चउरासीइं रहसयसहस्सा पुरओ अहाणुपुव्वीए०,. तयणंतरं च Page #660 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५८५ व०३ भ० विणीया० अणुपवेस०] सुत्तागमे णं छण्णउई मणुस्सकोडीओ पुरओ अहाणुपुब्बीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बहवे राईसरतलवर जाव सत्यवाहप्पभिइओ पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बहवे असिग्गाहा लट्ठिग्गाहा कुंतग्गाहा चावग्गाहा चामरग्गाहा पासग्गाहा फलगग्गाहा परसुग्गाहा पोत्थयग्गाहा वीणग्गाहा कूयग्गाहा हडप्फग्गाहा दीवियग्गाहा सएहिं सएहिं रूवेहि, एवं वेसेहिं चिंधेहिं निओएहिं सएहिं २ वत्थेहिं पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तयणंतरं च णं बहवे दंडिणो मुंडिणो सिहंडिणो जडिणो पिच्छिणो हासकारगा खेड्डकारगा दवकारगा चाडुकारगा कंदप्पिया कुक्कुइया मोहरिया गायंता य दीवंता य (वायंता) नचंता य हसंता य रमंता य कीलंता य सासेंता य सावेंता य जावेंता य रावेंता य सो ता य सोभावेंता य आलोयंता य जयजयसई च पउंजमाणा पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, एवं उववाइयगमेणं जाव तस्स रण्णो पुरओ महआसा आसधरा उभओ पासिं णागा णागधरा पिट्ठओ रहा रहसंगेल्ली अहाणुपुवीए संपट्ठिया। तए णं से भरहाहिवे णरिंदे हारोत्थयसुकयरइयवच्छे जाव अमरवइसण्णिभाए इड्डीए पहियकित्ती चक्करयणदेसियमग्गे अणेगरायवरसहस्साणुयायमग्गे जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणे सव्विड्डीए सव्वजुईए जाव णिग्घोसणाइयरवेणं गामागरणगरखेडकब्बडमडंब जाव जोयणंतरियाहिं वसहीहिं वसमाणे २ जेणेव विणीया रायहाणी तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता विणीयाए रायहाणीए अदूरसामंते दुवालसजोयणायामं णवजोयणविच्छिण्णं जाव खंधावारणिवेसं करेइ २ त्ता वड्डइरयणं सद्दावेइ २ त्ता जाव पोसहसालं अणुपविसइ २ त्ता विणीयाए रायहाणीए अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ त्ता जाव अट्ठमभत्तं पडिजागरमाणे २ विहरइ । तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता तहेव जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवइं णरवई दुरुढे तं चेव सव्वं जहा हेट्ठा णवरं णव महाणिहओ चत्तारि सेणाओ ण पविसंति सेसो सो चेव गमो जाव णिग्घोसणाइएणं विणीयाए रायहाणीए मज्झंमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव भवणवरवडिंसगपडिदुवारे तेणेव पहारेत्थ गमणाए, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो विणीयं रायहाणिं मझमज्झेणं अणुपविसमाणस्स अप्पेगइया देवा विणीयं रायहाणिं सब्भंतरबाहिरियं आसियसम्मज्जिओवलितं करेंति, अप्पेगइया० मंचाइमंचकलियं करेंति, एवं सेसेसुवि पएसु, अप्पेगइया० णाणाविहरागवसणुस्सियधयपडागामंडियभूमियं०, अप्पेगइया० लाउल्लोइयमहियं करेंति, अप्पेगइया जाव गंधवटिभूयं करेंति, अप्पेगइया० हिरण्णवासं वासिंति० सुवण्णरयणवइरआभरणवासं वासेंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो विणीयं रायहाणिं मज्झमज्झेणं अणुपवि Page #661 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५८६ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती समाणस्स सिंघाडग जाव महापहपहेसु बहवे अत्थत्थिया कामत्थिया भोगत्थिया लाभत्थिया इद्धिसिया किब्बिसिया कारोडिया कारवाहिया संखिया चक्किया णंगलिया मुहमंगलिया पूसमाणया वद्धमाणया लंखमंखमाइया ताहिं ओरालाहिं इटाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं सिवाहिं धण्णाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिजाहिं हिययपल्हायणिजाहिं वग्गूहिं अणवरयं अभिणंदंता य अभिथुणंता य एवं वयासीजय जय गंदा ! जय जय भद्दा ! भदं ते अजियं जिणाहि जियं पालयाहि जियमझे वसाहि इंदो विव देवाणं चंदो विव ताराणंचम रो विव असुराणं धरणो विव नागाणं बहूई पुव्वसयसहस्साइं बहुईओ पुव्वकोडीओ बहुईओ पुव्वकोडाकोडीओ विणीयाए रायहाणीए चुलहिमवंतगिरिसागरमेरागस्स य केवलकप्पस्स भरहस्स वासस्स गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसण्णिवेसेसु सम्मं पयापालणोवज्जियलद्धजसे महया जाव आहेवच्चं पोरेवच्चं जाव विहराहित्तिकटु जयजयसदं पउंजंति, तए णं से भरहे राया णयणमालासहस्सेहिं पिच्छिज्जमाणे २ वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वमाणे २ हिययमालासहस्सेहिं उण्णंदिजमाणे २ मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिप्पमाणे २ कंतिरूवसोहग्गगुणेहिं पिच्छिज्जमाणे २ अंगुलिमालासहस्सेहिं दाइजमाणे २ दाहिणहत्थेणं बहूणं णरणारीसहस्साणं अंजलिमालासहस्साइं पडिच्छेमाणे २ भवणपंतीसहस्साई समइच्छमाणे २ तंतीतलतुडियगीयवाइयरवेणं महुरेणं मणहरेणं मंजुमंजुणा घोसेणं पडिबुज्झमाणे २ जेणेव सए गिहे जेणेव सए भवणवरवडिंसयदुवारे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता आभिसेकं हत्थिरयणं ठवेइ २ त्ता आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पच्चोरुहइ २ त्ता सोलस देवसहस्से सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता बत्तीसं रायसहस्से सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता सेणावइरयणं सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता एवं गाहावइरयणं वड्डइरयणं पुरोहियरयणं सकारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता तिणि सढे सूयसए सकारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सक्कारेइ सम्माणेइ स०२त्ता अण्णेवि बहवे राईसर जाव सत्थवाहप्पभिइओ सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता पडिविसज्जेइ, इत्थीरयणेणं बत्तीसाए उडुकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए जणवयकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धेहिं णाडयसहस्सेहिं सद्धिं संपरिखुडे भवणवरवडिंसगं अईइ जहा कुबेरोव्व देवराया केलाससिहरिसिंगभूयंति, तए णं से भरहे राया मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणं पञ्चुवेक्खइ २ त्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव मजणघराओ पडिणिक्खमइ.२ त्ता जेणेव भोयणमंडवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ २ त्ता उप्पि पासायवरगए फुटमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं बत्तीसइबद्धेहिं णाडएहिं उवलालिजमाणे २ Page #662 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ आ० सीहासणविउव्वणा] सुत्तागमे ५८७ उवणञ्चिजमाणे २ उवगिजमाणे २ महया जाव भुंजमाणे विहरइ ॥ ६७ ॥ तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अण्णया कयाइ रजधुरं चिंतेमाणस्स इमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-अभिजिए णं मए णियगबलवीरियपुरिसक्कारपरकमेण चुल्लहिमवंतगिरिसागरमेराए केवलकप्पे भरहे वासे तं सेयं खलु मे अप्पाणं महया २ रायाभिसेएणं अभिसेएणं अभिसिंचावित्तएत्तिकडे एवं संपेहेइ २ त्ता कलं पाउप्पभायाए जाव जलंते जेणेव मजणघरे जाव पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे णिसीयइ णिसीइत्ता सोलस देवसहस्से बत्तीसं रायवरसहस्से सेणावइरयणे जाव पुरोहियरयणे तिणि सढे सूयसए अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ अण्णे य बहवे राईसरतलवर जाव सत्यवाहप्पभियओ सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-अभिजिए णं देवाणुप्पिया ! मए णियगबलवीरिय जाव केवलकप्पे भरहे वासे तं तुब्मे णं देवाणुप्पिया ! ममं महयारायाभिसेयं वियरह, तए णं ते सोलस देवसहस्सा जाव पभिइओ भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हतुह० करयल० मत्थए अंजलिं कडे भरहस्स रण्णो एयमहें सम्मं विणएणं पडिसुणेति, तए णं से भरहे राया जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव अट्ठमभत्तिए पडिजागरमाणे २ विहरइ, तए णं से भरहे राया अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि आभिओगिए देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! विणीयाए रायहाणीए उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एगं महं अभिसेयमण्डवं विउव्वेह २ त्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए णं ते आभिओगा देवा भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव एवं सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेति पडिसुणित्ता विणीयाए रायहाणीए उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमति २ त्ता वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति २ त्ता संखिज्जाई जोयणाई दंडं णिसिरंति, तंजहा-रयणाणं जाव रिट्ठाणं अहाबायरे पुग्गले परिसाडेंति २ त्ता अहासुहुमे पुग्गले परियादियंति २ ता दुचंपि वेउब्वियसमुग्घाएणं जाव समोहणंति २ त्ता बहुसमरमणि भूमिभागं विउव्वंति से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा०, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगं अभिसेयमण्डवं विउव्वंति अणेगखंभसयसण्णिविढे जाव गंधवट्टिभूयं पेच्छाघरमंडववण्णगोत्ति, तस्स णं अभिसेयमंडवस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगं अभिसेयपेढं विउव्वंति अच्छं सण्हं०, तस्स णं अभिसेयपेढस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवए विउव्वंति, तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते जाव तोरणा, तस्स णं अभिसेयपेढस्स बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं Page #663 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झ देसभाए एत्थ णं महं एगं सीहासणं विउव्वंति, तस्स सीहासणस्स अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते जाव दामवण्णगं समत्तंति।तए णं ते देवा अभिसेयमंडवं विउव्वंति २ त्ता जेणेव भरहे राया जाव पश्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया आभिओगाणं देवाणं अंतिए एयमहं सोच्चा णिसम्म हट्ठतु जाव पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेह २ ता हयगय जाव सण्णाहेत्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया मज्जणघरं अणुपविसइ जाव अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवईं णरवई दुरूढे, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आभिसेकं हत्थिरयणं दुरूढस्स समाणस्स इमे अटुटुमंगलगा जो चेव गमो विणीयं पविसमाणस्स सो चेव णिक्खममाणस्व जाव पडिबुज्झमाणे २ विणीयं रायहाणिं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ २ त्ता जेणेव विणीयाए रायहाणीए उत्तरपुरत्थि मे दिसीभाए अभिसेयमंडवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अभिसेयमंडवदुवारे आभिसेक्कं हत्थिरयणं ठावेइ २ त्ता आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पचरुइ २ त्ता इत्थीरयणेणं बत्तीसाए उडुकल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए जणवयकक्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धेहिं णाडगसहस्सेहिं सद्धिं संपरिवुडे अभिसेयमंडवं अणुपविसइ २ त्ता जेणेव अभिसेयपेढे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अभिसेयपेढें अप्पयाहिणीकरेमाणे २ पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं दुरूहइ २ त्ता जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पुरत्थाभिमुहे सण्णसण्णे । तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बत्तीसं रायसहस्सा जेणेव अभिसेयमण्डवे तेणेव उवागच्छंत २ ता अभिसेयमंडवं अणुपविसंति २ त्ता अभिसेयपेढं अणुप्पयाहिणीकरेमाणा २ उत्तरिलेणं तिसोवाणपडिरूवएणं जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छति २ त्ता करयल जाव अंजलिं कट्टु भरहं रायाणं जएणं विजएणं वद्धावेंति २ ता भरहस्स रण्णो णच्चासणे णाइदूरे सुस्सूसमाणा जाव पज्जुवासंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो सेणावरयणे जाव सत्थवाहप्पभिइओ तेऽवि तह चेव णवरं दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं जाव पज्जुवासंति, तए णं से भरहे राया आभिओगे देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! ममं महत्थं महग्घं महरिहं महारायाभिसेयं उवटूवेह, तणं ते आभिओइया देवा भरहेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्ठचित्त जाव उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमंति अवक्कमित्ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहपंति, एवं जहा विजयस्स तहा इत्थंपि जाव पंडगवणे एगओ मिलायंति एगओ मिलाइत्ता जेणेव दाहिणड्डूभर हे वासे जेणेव विणीया रायहाणी तेणेव उवागच्छंत २ ता ५८८ Page #664 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च० ३ भरह० ] सुत्तागमे विणीयं रायहाणिं अणुप्पयाहिणीकरेमाणा २ जेणेव अभिसेयमंडवे जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छंत २ त्ता तं महत्थं महग्घं महरिहं महारायाभिसेयं उववेंति, तए णं तं भरहं रायाणं बत्तीसं रायसहस्सा सोभणंसि तिहिकरण दिवसणक्खत्तमुहुत्तंसि उत्तरपोट्ठवयाविजयंसि तेहिं साभाविएहि य उत्तरवेउव्विएहि य वरकमलपइट्ठाणेहिं सुरभिवरवारिपडिपुण्णेहिं जाव महया महया रायाभिसेएणं अभिसिंचंति, अभिसेओ जहा विजयस्स, अभिसिंचित्ता पत्तेयं २ जाव अंजलिं कट्टु ताहिं इट्ठाहिं जहा पविसंतस्स॰ भणिया जाव विहराहित्तिकट्टु जयजयसद्दं परंजंति । तए णं तं भरहं रायाणं सेणावइरयणे जाव पुरोहियरयणे तिण्णि य सट्टा सूयसया अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ अण्णे य बहवे जाव सत्थवाहप्पभिइओ एवं चेव अभिसिंचंति तेहिं वरकमलपइट्ठाणेहिं तहेव जाव अभिधुणंति य सोलस देवसहस्सा एवं चेव णवरं पम्हलसुकुमालाए जाव मउडं पिणद्धेति, तयणंतरं च णं दद्दरमलयसुगंधिएहिं गंधेहिं गायाईं अब्भुक्खेंति दिव्वं च सुमणोदामं पिणद्धेति, किं बहुणा ?, गंठिमवेढिम जाव बिभूसियं करेंति, तए णं से भरहे राया महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचिए समाणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हत्थि - खंधवरगया विणीयाए रायहाणीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर जाव महापहपहेसु महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ उस्सुक्कं उक्करं उकिडं अदिजं अमिजं अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं जाव सपुरजणजाणवयं दुबालससंवच्छरियं पमोयं घोसेह २त्ता ममेयमाणत्तियं पञ्चपिणहत्ति, तए णं ते कोडुंबियपुरिसा भरहेणं रण्णा एवं वृत्ता समाणा हट्टतुट्ठचित्तमाणंदिया पीइमणा० हरिसवसविसप्पमाणहियया विणएणं वयणं पडिसुर्णेति २ त्ता खिप्पामेव हत्थिखंधवरगया जाव घोसेंति २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से भरहे राया महया २ रायाभिसेएणं अभिसित्ते समाणे सीहासणाओ अब्भुट्ठेइ २ ता इत्थिरयणेणं जाव णाडगसहस्सेहिं सद्धिं संपरिवुडे अभिसेयपेढाओ पुरत्थिमिलेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पचोरुहइ २ त्ता अभिसेयमंडवाओ पडिणिक्खमइ २ ता जेणेव आभिसेक्वे हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अंजणगिरिकूडसण्णिभं गयवई जाव दुरूढे, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो बत्तीसं रायसहस्सा अभिसेयपेढाओ उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पञ्चोरुहंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो सेणावइरयणे जाव सत्थवाहप्पभिइओ अभिसेयपेढाओ दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पचोरुहंति, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आभिसेक्कं हत्थियणं दुरूढस्स समाणस्स इमे अमंगलगा पुरओ जाव संपट्ठिया, जोऽविय अइगच्छमाणस्स गमो पढमो कुबेरावसाणो सो चेव इहंपि कमो सकारजढो णेयव्वो जाव कुबेरोव्व देवराया ५८९ Page #665 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५९० सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती केलासं सिहरिसिंगभूयंति । तए णं से भरहे राया मजणघरं अणुपविसइ २ ता जाव भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ २ त्ता भोयणमंडवाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता उप्पि पासायवरगए फुटमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं जाव भुंजमाणे विहरइ, तए णं से भरहे राया वालससंवच्छरियंसि पमोयंसि णिव्वत्तंसि समाणंसि जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जाव सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ २ त्ता सोलस देवसहस्से सकारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता पडिविसजेइ २ त्ता बत्तीसं रायवरसहस्सा सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ ता० सेणावइरयणं सकारेइ सम्माणेइ स० २त्ता जाव पुरोहियरयणं सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता एवं तिण्णि सढे सूयारसए अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सक्कारेइ सम्माणेइ स०२त्ता० अण्णे य बहवे राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिइओ सक्कारेइ सम्माणेइ स० २ त्ता पडिविसज्जेइ २ त्ता उप्पिं पासायवरगए जाव विहरइ ॥ ६८-१॥ भरहस्स रण्णो चक्करयणे १ दंडरयणे २ असिरयणे ३ छत्तरयणे ४ एए णं चत्तारि एगिंदियरयणा आउहघरसालाए समुप्पण्णा, चम्मरयणे १ मणिरयणे २ कागणिरयणे ३ णव य महाणिहओ एए णं सिरिघरंसि समुप्पण्णा, सेणावइरयणे १ गाहावइरयणे २ वडइरयणे ३ पुरोहियरयणे ४ एए णं चत्तारि मणुयरयणा विणीयाए रायहाणीए समुप्पण्णा, आसरयणे १ हत्थिरयणे २ एए णं दुवे पंचिंदियरयणा वेयडगिरिपायमूले समुप्पण्णा, सुभद्दा इत्थीरयणे उत्तरिल्लाए विजाहरसेढीए समुप्पण्णे ॥ ६८-२ ॥ तए णं से भरहे राया चउदसण्हं रयणाणं णवण्हं महाणिहीणं सोलसण्हं देवसाहस्सीणं बत्तीसाए रायसहस्साणं बत्तीसाए उडुकल्लाणियासहस्साणं बत्तीसाए जणवयकल्लाणियासहस्साणं बत्तीसाए बत्तीसइबद्धाणं णाडगसहस्साणं तिण्हं सट्ठीणं सूयारसयाणं अट्ठारसण्हं सेणिप्पसेणीणं चउरासीईए आससयसहस्साणं चउरासीईए दंतिसयसहस्साणं चउरासीईए रहसयसहस्साणं छण्णउईए मणुस्सकोडीणं बावत्तरीए पुरवरसहस्साणं बत्तीसाए जणवयसहस्साणं छण्णउईए गामकोडीणं णवणउईए दोणमुहसहस्साणं अडयालीसाए पट्टणसहस्साणं चउव्वीसाए कब्बडसहस्साणं चउव्वीसाए मडंबसहस्साणं वीसाए आगरसहस्साणं सोलसण्हं खेडसहस्साणं चउदसण्हं संवाहसहस्साणं छप्पण्णाए अंतरोदगाणं एगूणपण्णाए कुरजाणं विणीयाए रायहाणीए चुल्लहिमवंतगिरिसागरमेरागस्स केवलकप्पस्स भरहस्स वासस्स अण्णेसिं च बहूणं राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिईणं आहेवचं पोरेवच्चं भट्टित्तं सामित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे ओहयणिहएसु कंटएसु उद्धियमलिएसु सव्वसत्तूसु णिज्जिएसु भरहाहिवे णरिंदे वरचंदण Page #666 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ३ भरहचरित्तसमत्ती] सुत्तागमे चच्चियंगे वरहाररइयवच्छे वरमउडविसिट्ठए वरवत्थभूसणधरे सव्वोउग्रसुरहिकुसुमवरमल्लसोभियसिरे वरणाडगणाडइज्जवरइत्थिगुम्मसद्धिं संपरिवुडे सव्वोसहिसव्वरयणसव्वसमिइसमग्गे संपुण्णमणोरहे हयामित्तमाणमहणे पुवकयतवप्पभावणिविठ्ठसंचियफले भुंजइ माणुस्सए सुहे भरहे णामधेजेत्ति ॥ ६९ ॥ तए णं से भरहे राया अण्णया कयाइ जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव ससिव्व पियदंसणे णरवई मजणघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव आयंसघरे जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे णिसीयइ २ त्ता आयंसघरंसि अत्ताणं देहमाणे २ चिठ्ठई, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो सुमेणं परिणामेणं पसत्थेहिं अज्झवसाणेहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं २ ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स तयावरणिज्जाणं कम्माणं खएणं कम्मरयविकिरणकर अपुव्वकरणं पविट्ठस्स अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरनाणदंसणे समुप्पण्णे, तए णं से भरहे केवली सयमेवाभरणालंकारं ओमुंयइ २ त्ता सयमेव पंचमुठियं लोयं करेइ २ त्ता आयंसघराओ पडिणिक्खमइ २ त्ता अंतेउरमझमझेणं णिग्गच्छइ २ ता दसहिं रायवरसहस्सेहिं सद्धिं संपरिखुडे विणीयं रायहाणिं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ २ त्ता मज्झदेसे सुहंसुहेणं विहरइ २ त्ता जेणेव अट्ठावए पव्वए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अट्ठावयं पव्वयं सणियं २ दुरूहइ २ त्ता मेघघणसण्णिगासं देवसण्णिवायं पुढविसिलावट्यं पडिलेहेइ २ त्ता संलेहणाझूसणाझसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरइ, तए णं से भरहे केवली सत्तत्तरिं पुव्वसयसहस्साइं कुमारवासमज्झे वसित्ता एगं वाससहस्सं मंडलियरायमज्झे वसित्ता छ पुव्वसयसहस्साई वाससहस्सूणगाइं महारायमज्झे वसित्ता तेसीइपुव्वसयसहस्साई अगारवासमझे वसित्ता एगं पुव्वसयसहस्सं देसूणगं केवलिपरियायं पाउणित्ता तमेव बहुपडिपुण्णं सामण्णपरियायं पाउणित्ता चउरासीइपुव्वसयसहस्साइं सव्वाउयं पाउणित्ता मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं सवणेणं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं खीणे वेयणिजे आउए णामे गोए कालगए वीइकंते समुजाए छिण्णजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते परिणिव्वुडे अंतगडे सव्वदुक्खप्पहीणे ॥ ७० ॥ इइ भरहचकिचरियं समत्तं ॥ १ तहिमप्पाणमवलोयंतस्स तस्सेगंगुलीए गलियमंगुलिज्जयं, सो य तं पडतं ण जाणइ, अणुक्कमेण बुंदि पेहमाणे तमंगुलिमसोहंतियमवलोएइ ताहे हारक्कडगाइसव्वमाभरणमवणेइ । २ गत्तअसारत्तभावणारूवजीवपरिणईए। ३ सयमेवाभरणभूयमलंकारं वत्थमल्लरूवमोमुयइत्ति अट्ठो । Page #667 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५९२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती भरहे य इत्थ देवे महिड्डिए महज्जुइए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से एएणतुणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-भरहे वासे २ इति । अदुत्तरं च णं गो० ! भरहस्स वासस्स सासए णामधेजे पण्णत्ते जं ण कयाइ ण आसि ण कयाइ णत्थि ण कयाइ ण भविस्सइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुवे णियए सासए अक्खए अव्वए अवढिए णिच्चे भरहे वासे ॥ ७१ ॥ तइओ वक्खारो समत्तो॥ - कहि णं भंते ! जम्बुद्दीवे २ चुल्लहिमवंते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! हेमवयस्स वासस्स दाहिणेणं भरहस्स वासस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुहस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे चुल्लहिमवंते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिलं लवणसमुदं पुढे पञ्चस्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिल्लं लवणसमुहं पुढे एगं जोयणसयं उड्ढे उच्चत्तेणं पणवीसं जोयणाई उव्वेहेणं एगं जोयणसहस्सं बावण्णं च जोयणाई दुवालस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणंति, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं पंच जोयणसहस्साई तिण्णि य पण्णासे जोयणसए पण्णरस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया जाव पचत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा चउव्वीसं जोयणसहस्साइं णव य बत्तीसे जोयणसए अद्धभागं च किंचिविसेसूणा आयामेणं पण्णत्ता, तीसे धणुपट्टे दाहिणेणं पणवीस जोयणसहस्साई दोण्णि य तीसे जोयणसए चत्तारि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं पण्णत्ते, रुयगसंठाणसंठिए सव्वकणगामए अच्छे सण्हे तहेव जाव पडिरूवे, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते दुल्हवि पमाणं वण्णगोत्ति । चुल्लहिमवन्तस्स वासहरपव्वयस्स उवरिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव बहवे वाणमंतरा देवा य देवीओ य आसयंति जाव विहरंति ॥ ७२ ॥ तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए इत्थ णं इके महं पउमद्दहे णामं दहे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे इक्कं जोयणसहस्सं आयामेणं पंच जोयणसयाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रययामयकूले जाव पासाईए जाव पडिरूवेत्ति, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वेइयावणसंडवण्णओ भाणियन्वोत्ति, तस्स णं पउमद्दहस्स चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता, वण्णावासो भाणियव्वोत्ति। तेसि णं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ पत्तेयं २ तोरणा पण्णत्ता, ते णं तोरणा Page #668 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ब० ४ पउम०]] सुत्तागमे ५९३ णाणामणिमया०, तस्स णं पउमद्दहस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थं महं एगे पउमे पण्णत्ते, जोयणं आयामविक्खंभेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ साइरेगाइं दसजोयणाइं सव्वग्गेणं पण्णत्ते, से णं एगाए जगईए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते जम्बुद्दीवजगइप्पमाणा गवक्खकडएवि तह चेव पमाणेगंति, तस्स णं पउमस्स अयमेयास्वे वण्णावासे प०, तं०-वइरामया मूला रिट्ठामए कंदे वेरुलियामए णाले वेरुलियामया बाहिरपत्ता जम्बूणयामया आभितरपत्ता तवणिजमया केसरा णाणामणिमया पोक्खरवीयभाया कणगामई कणिया, सा णं० अद्धजोयणं आयामविक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं सव्वकणगामई अच्छा०, तीसे गं कण्णियाए उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंग०, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे भवणे प० कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणगं कोसं उ8 उच्चत्तेणं अणेगखंभसयसण्णिविढे पासाईए दरिसणिजे०, तस्स णं भवणस्स तिदिसिं तओ दारा प०, ते णं दारा पञ्चधणुसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं धणुसयाई विक्खंभेणं तावइयं चेव पवेसेणं सेया वरकणगथूभियागा जाव वणमालाओ णेयव्वाओ, तस्स णं भवणस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए-आलिंग०, तस्सणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महई एगा मणिपेढिया प०, सा णं मणिपेढिया पंचधणुसयाई आयामविक्खंभेणं अड्डाइजाइंधणुसयाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई अच्छा०, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पिं एत्थ णं महं एगे सय णिज्जे पण्णत्ते, सयणिज्जवण्णओ भाणियव्वो । से णं पउमे अण्णेणं अट्ठसएणं पउमाणं तदद्धच्चत्तप्पमाणमित्ताणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, ते णं पउमा अद्धजोयणं आयामविक्खंभेणं कोसं वाहल्लेणं दसजोयणाइं उव्वेहेणं कोसं ऊसिया जलंताओ साइरेगाइं दसजोयणाइं उच्चत्तेणं, तेसि णं पउमाणं अयमेयाख्वे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया मूला जाव कणगामई कण्णिया, सा णं कण्णिया कोसं आयामेणं अद्धकोसं वाहल्लेणं सव्वकणगामई अच्छा इति, तीसे णं कण्णियाए उप्पिं बहुसमरमणिज्जे जाव मणीहिं उवसोभिए, तस्स णं पउमस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं सिरीए देवीए चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं चत्तारि पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तस्स णं पउमस्स पुरथिमेणं एत्थ णं सिरीए देवीए चउण्हं महत्तरियाणं चत्तारि पउमा प०, तस्स णं पउमस्स दाहिणपुरस्थिमेणं सिरीए देवीए अभितरियाए परिसाए अट्ठण्हं देवसाहस्सीणं अट्ठ पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, दाहिणेणं मज्झिमपरिसाए दसण्हं देवसाहस्सीणं दस पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरियाए परिसाए बारसण्हं देवसाहस्सीणं बारस पउमसाह ३८ सुत्ता० Page #669 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५९४ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती स्सीओ पण्णत्ताओ, पञ्चत्थिमेणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं सत्त पउमा पण्णत्ता, तस्स णं पउमस्स चउद्दिसिं सव्वओ समंता इत्थ णं सिरीए देवीए सोलसण्हं आयरक्खदेवसाहस्सीणं सोलस पउमसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, से णं तीहिं पउमपरिक्खेवेहि सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, तं०-अभितरएणं मज्झिमएणं बाहिरएणं, अभितरए पउमपरिक्खेवे बत्तीसं पउमसयसाहस्सीओ पण्णत्ताओ मज्झिमए पउमपरिक्खेवे चत्तालीसं पउमसयसाहस्सीओ पण्णत्ताओ बाहिरए पउमपरिक्खेवे अडयालीसं पउमसयसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, एवामेव सपुत्वावरेणं तिहिं पउमपरिक्खेवेहिं एगा पउमकोडी वीसं च पउमसयसाहस्सीओ भवंतीति मक्खायं । से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-पउमद्दहे २ ? गोयमा ! पउमद्दहे णं० तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहवे उप्पलाई जाव सयसहस्सपत्ताइं पउमद्दहप्पभाई पउमदहवण्णाभाई सिरी य इत्थ देवी महिड्डिया जाव पलिओवमट्ठिइया परिवसइ, से एएणटेणं जाव अदुत्तरं च णं गोयमा ! पउमदहस्स सासए णामधेज्जे पण्णत्ते ण कयाइ णासि ण० ॥ ७३ ॥ तस्स णं पउमदहस्स पुरथिमिल्लेणं तोरणेणं गंगा महाणई पबूढा समाणी पुरत्याभिमुही पञ्च जोयणसयाइं पव्वएणं गंता गंगावत्तणकूडे आवत्ता समाणी पञ्च तेवीसे जोयणसए तिण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, गंगा महाणई जओ पवडइ इत्थ णं महं एगा जिब्भिया पण्णत्ता, सा णं जिब्भिया अद्धजोयणं आयामेणं छ सकोसाइं जोयणाइं विक्खंभेणं अद्धकोसं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा सण्हा, गंगा महाणई जत्थ पवडइ एत्थ णं महं एगे गंगप्पवायकुंडे णाम कुंडे पण्णत्ते सहिँ जोयणाई आयामविक्खंभेणं णउयं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं दस जोयणाइं उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रथयामयकूले समतीरे वइरामयपासाणे वइरतले सुवण्णसुब्भरययामयवालुयाए वेरुलियमणिफालियपडलपच्चोयडे सुहोयारे सुहोत्तारे णाणामणितित्थसुबद्धे वट्टे अणुपुव्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजले संछण्णपत्तभिसमुणाले बहुउप्पलकुमुयणलिणसुभगसोगंघियपोंडरीयमहापोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तसयसहस्सपत्तपप्फुल्लकेसरोवचिए छप्पयमहुयरपरिभुजमाणकमले अच्छविमलपत्थसलिले पुण्णे पडिहत्थभमन्तमच्छकच्छभअणेगसउणगणमिहुणपवियरियसढुण्णइयमहुरसरणाइए पासाईए० । से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसण्डेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वेइयावणसंडगाणं पउमाणं वण्णओ भाणियव्वो, तस्स णं गंगप्पवायकुंडस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवगा प०, तंजहा-पुरस्थिमेणं दाहिणेणं पञ्चत्थिमेणं, तेसि णं तिसोवाणपडि Page #670 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ गंगावमहाणईण्णण] सुत्तागमे रूवगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते, तंजहा-वइरामया णेम्मा रिट्ठामया पइट्ठाणा वेरुलियामया खंभा सुवण्णरुप्पमया फलया लोहियक्खमईओ सूईओ वयरामया संधी णाणामणिमया आलंबणा आलंबणबाहाओत्ति, तेसि णं तिसोवाणपडिस्वगाणं पुरओ पत्तेयं पत्तेयं तोरणा पण्णत्ता, ते णं तोरणा णाणामणिमया णाणामणिमएसु खंभेसु उवणिविट्ठसंणिविट्ठा विविहमुत्तरोवचिया विविहतारास्वोवचिया ईहामियउसहतुरगणरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्ता खंभुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामा विजाहरजमलजुयलजंतजुत्ताविव अच्चीसहस्समालणीया रूवगसहस्सकलिया भिसमाणा भिब्भिसमाणा चक्खुल्लोयणलेसा सुहफासा सस्सिरी. यरूवा घंटावलिचलियमहुरमणहरसरा पासाईया०, तेसि णं तोरणाणं उवरिं बहवे अट्ठमंगला प०, तं०-सोत्थिए सिरिवच्छे जाव पडिरुवा, तेसि णं तोरणाणं उवरिं बहवे किण्हचामरज्झया जाव सुकिल्लचामरज्झया अच्छा सण्हा रुप्पपट्टा वइरामयदण्डा जलयामलगंधिया सुरम्मा पासाईया ४, तेसि णं तोरणाणं उप्पिं बहवे छत्ताइच्छत्ता पडागाइपडागा घंटाजुयला चामरजुयला उप्पलहत्थगा पउमहत्थगा जाव सयसहस्सपत्तहत्थगा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा, तस्स णं गंगप्पवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे गंगादीवे णामं दीवे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं पणवीसं जोयणाई परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्ववयरामए अच्छे सण्हे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते वण्णओ भाणियव्यो, गंगादीवस्स णं दीवस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं गंगाए देवीए एगे भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं देसूणगं च कोसं उर्छ उच्चत्तेणं अणेगखंभसयसण्णिविढे जाव बहुमज्झदेसभाए मणिपेढियाए सयणिजे, सेकेणटेणं जाव सासए णामधेजे पण्णत्ते, तस्स णं गंगप्पवायकुंडस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं गंगामहाणई पबूढा समाणी उत्तरड्डभरहवासं एज्जेमाणी २ सत्तहिं सलिलासहस्सेहिं आऊरेमाणी २ अहे खण्डप्पवायगुहाए वेयड्डपव्वयं दालइत्ता दाहिणड्डभरहवासं एजेमाणी २ दाहिणड्डभरहवासस्स बहुमज्झदेसभागं गंता पुरत्याभिमुही आवत्ता समाणी चोद्दसहिं सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पुरत्थिमेणं लवणसमुई समप्पेइ, गंगा गं महाणई पवहे छ सकोसाइं जोयणाइं विक्खंभेणं अद्धकोसं उव्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए २ परिवड्डमाणी २ मुहे बासद्धिं जोयणाई अद्धजोयणं च विक्खंभेणं सकोसं जोयणं उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिं वणसंडेहिं Page #671 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ५९६ [जंबुद्दीवपण्णत्ती संपरिक्खित्ता वेइयावणसंडवण्णओ भाणियब्वो, एवं सिंधूएवि णेयव्वं जाव तस्स णं पउमदहस्स पञ्चत्थिमिल्लेणं तोरणेणं सिंधुआवत्तणकूडे दाहिणाभिमुही सिंधुप्पवायकुंडं सिंधुद्दीवो अट्ठो सो चेव जाव अहेतिमिसगुहाए वेयड्डपव्वयं दालइत्ता पञ्चत्थिमाभिमुही आवत्ता समाणा चोद्दससलिला अहे जगई पञ्चत्थिमेणं लवणसमुह जाव समप्पेइ, सेसं तं चेव । तस्स णं पउमदहस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं रोहियंसा महाणई पवूढा समाणी दोण्णि छावत्तरे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, रोहियंसा णामं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिब्भिया पण्णत्ता, सा णं जिब्भिया जोयणं आयामेणं अद्धतेरसजोयणाई विक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा०, रोहियंसा महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एगे रोहियंसापवायकुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते सवीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं तिण्णि असीए जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं दसजोयणाई उव्वेहेणं अच्छे कुंडवण्णओ जाव तोरणा, तस्स णं रोहियंसापवायकुंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे रोहियंसा णामं दीवे पण्णत्ते सोलस जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं पण्णासं जोयणाइं परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्वरयणामए अच्छे सण्हे सेसं तं चेव जाव भवणं अट्ठो य भाणियव्वो, तस्स णं रोहियंसप्पवायकुंडस्स उत्तरिफ्लेणं तोरणेणं रोहियंसा महाणई पवूढा समाणी हेमवयं वासं एज्जेमाणी २ चउद्दसहिं सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी २ सद्दावइवट्टवेयड्पवयं अद्धजोयणेणं असंपत्ता समाणी पच्चत्थाभिमुही आवत्ता समाणी हेमवयं वासं दुहा विभयमाणी २ अट्ठावीसाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पञ्चत्थिमेणं लवणसमुई समप्पेइ, रोहियंसा णं० पवहे अद्धतेरसजोयणाई विक्खंभेणं कोसं उव्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए २ परिवड्डमाणी २ मुहमूले पणवीसं जोयणसयं विक्खंभेणं अड्डाइजाइं जोयणाइं उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता ॥ ७४ ॥ चुलहिमवन्ते णं भन्ते ! वासहरपव्वए कइ कूडा प० ? गोयमा ! इक्कारस कूडा प०, तं०सिद्धकूडे १ चुल्लहिमवन्तकूडे २ भरहकूडे ३ इलादेवीकूडे ४ गंगादेवीकूडे ५ सिरिकूडे ६ रोहियंसकूडे ७ सिन्धुदेवीकूडे ८ सुरदेवीकूडे ९ हेमवयकूडे १० वेसमणकूडे ११ । कहि णं भन्ते ! चुल्लहिमवन्ते वासहरपव्वए सिद्धकूडे णामं कूडे प० ? गोयमा ! पुरच्छिमलवणसमुदस्स पच्चत्थिमेणं चुल्लहिमवन्तकूडस्स पुरथिमेणं एत्थ णं सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते पंच जोयणसयाइं उ8 उच्चत्तेणं मूले पंच जोय Page #672 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ चुल्ल० वासहरपव्वय०] सुत्तागमे णसयाई विक्खंभेणं मज्झे तिण्णि य पण्णत्तरे जोयणसए विक्खंभेणं उप्पि अड्डाइजे जोयणसए विक्खंभेणं मूले एगं जोयणसहस्सं पंच य एगासीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं मज्झे एगं जोयणसहस्सं एगं च छलसीयं जोयणसयं किंचिविसेसूणं परिक्खेवेणं उप्पिं सत्तइक्काणउए जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं, मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उप्पि तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, सिद्धस्स कूडस्स णं उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव विहरति । कहि णं भन्ते ! चुलहिमवन्ते वासहरपव्वए चुल्लहिमवन्तकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गो० ! भरहकूडस्स पुरथिमेणं सिद्धकूडस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं चुल्लहिमवन्ते वासहरपव्वए चुलहिमवन्तकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, एवं जो चेव सिद्धकूडस्स उच्चत्तविक्खंभपरिक्खेवो जाव ब० भू० प० वण्णओ, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे पासायव.सए पण्णत्ते बासहिँ जोयणाइं अद्धजोयणं च उच्चत्तेणं इक्कतीसं जोयणाई कोसं च विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसियपहसिए विव विविहमणिरयणभत्तिचित्ते वाउद्धयविजयवेजयंतीपडागच्छत्ताइच्छत्तकलिए तुंगे गगणतलमभिलंघमाणसिहरे जालंतररयणपंजरुम्मीलिएव्व मणिरयणथूभियाए वियसियसयवत्तपुंडरीयतिलयरयणद्धचंदचित्ते णाणामणिमयदामालंकिए अंतो बहिं च सण्हे वइरतवणिजाइलवालुयापत्थडे सुहफासे सस्सिरीयस्वे पासाईए जाव पडिरूवे, तस्स णं पासायवडेंसगस्स अंतो बहुसमरमणिजे भूमिभागे प० जाव सीहासणं सपरिवारं, से केणटेणं भन्ते! एवं वुच्चइ-चुल्लहिमवन्तकूडे २ ? गो०!...चुल्लहिमवन्ते णामं देवे महिड्डिए जाव परिवसइ, कहि णं भन्ते ! चुल्लहिमवन्तगिरिकुमारस्स देवस्स चुलमिवन्ता णामं रायहाणी प० ? गो० ! चुल्लहिमवन्तकूडस्स दक्खिणेणं तिरियमसंखेजे दीवसमुद्दे वीईवइत्ता अयण्णं जम्बुद्दीवं २ दक्खिणेणं बारस जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता इत्थ णं चुलहिमवन्तस्स गिरिकुमारस्स देवस्स चुल्लहिमवन्ता णामं रायहाणी प० बारस जोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं, एवं विजयरायहाणीसरिसा भाणियव्वा,...एवं अवसेसाणवि कूडाणं वत्तव्वया णेयव्वा, आयामविक्खंभपरिक्खेवपासायदेवयाओ सीहासणपरिवारो अट्ठो य देवाण य देवीण य रायहाणीओ णेयव्वाओ, चउसु देवा चुल्लहिमवन्त १ भरह २ हेमवय ३ वेसमणकूडेसु ४, सेसेसु देवयाओ, से केणद्वेणं भन्ते ! एवं बुच्चइ-चुल्लहिमवन्ते वासहरपव्वए २ ? गो० ! 'महाहिमवन्तवासहरपव्वयं पणिहाय आयामुच्चत्तुव्वेहविक्खंभपरिक्खेवं पडुच्च ईसिं खुडुतराए चेव हस्सतराए चेव णीयतराए चेव, चुल्लहिमवन्ते य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएणटेणं Page #673 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती गो० ! एवं बुच्चइ — चुल्लहिमवन्ते वासहरपव्वए २, अदुत्तरं च णं गो० ! चुल्लहिमवन्तस्स॰ सासए णामधेजे पण्णत्ते जं ण कयाइ णासि० ॥ ७५ ॥ कहि णं भन्ते ! जंबुद्दीवे दीवे हेमवए णामं वासे प० ? गो० ! महाहिमवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं चुल्लहिमवन्तस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पच्च त्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुहस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जंबुद्दीवे दीवे हेमवए णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुद्दं पुट्ठे पुरत्थिमिल्लाए कोडीए पुरत्थिमिलं लवणसमुद्दं पुट्ठे पच्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिल्लं लवणसमुद्दं पुट्ठे दोणि जोयणसहस्साई एगं च पंचुत्तरं जोयणसयं पंच य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरत्थिमपञ्च्चत्थिमेणं छज्जोयणसहस्साइं सत्त य पणपणे जोयणसए तिणि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहओ लवणसमुद्दं पुट्ठा पुरत्थिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिलं लवणसमुद्दे पुट्ठा पच्चत्थिमिल्लाए जाव पुट्ठा सत्ततीसं जोयणसहस्साइं छच्च चउवत्तरे जोयणसए सोलस य एगुणवीसइभाए जोयणस्स किंचिविसेसुणे आयामेणं, तस्स धणुं दाहिणेणं अट्ठतीसं जोयणसहस्साइं सत्त य चत्ताले जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, हेमवयस्स णं भन्ते! वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गो० ! बहुसमर मणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं तइयसमाणुभावो यव्वोत्ति ॥ ७६ ॥ कहि णं भन्ते ! हेमवए वासे सद्दावई णामं वट्टवेयडुपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! रोहियाए महाणईए पञ्चच्छिमेणं रोहियंसाए महाणईए पुरत्थिमेणं हेमवयवासस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं सद्दावई णामं वट्टवेयढपव्वए पण्णत्ते एगं जोयणसहस्सं उड्डुं उच्चत्तेणं अड्ढाइज्जाईं जोयणसयाइं उव्वेहेणं सव्वत्थसमे पल्लगसंठाणसंठिए एगं जोयणसहस्सं आयाम विक्खंभेणं तिण्णि जोयणसहस्साई एगं च बावद्वं जोयणसयं किंचिविसेसा - हियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, सव्वरयणामए अच्छे ०, से णं एगाए पउमवर वेश्याए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, वेइयावणसंडवण्णओ भाणियव्वो, सद्दावइस्स णं वट्टवेयढपव्वयस्स उवरिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे पासायवडेंसए पणत्ते बावहिं जोयणाई अद्धजोयणं च उडूं उच्चत्तेणं इकतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खंभेणं जाव सीहासणं सपरिवारं, से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ - सद्दावई वट्टवेयढपव्वए २ ? गोयमा ! सद्दावइवट्टवेयढपव्वए णं खुड्डाखुड्डियासु वावीसु जाव बिलपंतियासु बहवे उप्पलाई पउमाई सद्दावइप्पभाई सद्दावइवण्णाई सद्दावइवण्णाभाई ५९८ Page #674 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ रोहियामहाणई] सुत्तागमे सद्दावई य इत्थ देवे महिड्डिए जाव महाणुभावे पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव रायहाणी मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं अण्णंमि जम्बुद्दीवे दीवे० ॥ ७७ ॥ से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-हेमवए वासे २ ? गोयमा! 'चुलहिमवन्तमहाहिमवन्तेहिं वासहरपव्वएहिं दुहओ समवगूढे णिचं हेमं दलइ णिच्चं हेमं दलइत्ता णिचं हेमं पगासइ हेमवए य इत्थ देवे महिड्डिए० पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-हेमवए वासे हेमवए वासे ॥ ७८॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ महाहिमवन्ते णामं वासहरपव्वए प०? गो० ! हरिवासस्स दाहिणेणं हेमवयस्स वासस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुदस्स पञ्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाहिमवंते णाम वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए जाव पुढे पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चस्थिमिल्लं लवणसमुदं पुढे दो जोयणसयाइं उर्छ उच्चत्तेणं पण्णासं जोयणाइं उव्वेहेणं चत्तारि जोयणसहस्साइं दोण्णि य दसुत्तरे जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खंभेणं, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं णव जोयणसहस्साइं दोण्णि य छावत्तरे जोयणसए णव य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पञ्चत्थिमिल्लाए जाव पुट्ठा तेवण्णं जोयणसहस्साइं णव य एगतीसे जोयणसए छच एगूणवीसइभाए जोयणस्स किंचिविसेसाहिए आयामेणं, तस्स धणुं दाहिणेणं सत्तावष्णं जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेणउए जोयणसए दस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, रुयगसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे० उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते । महाहिमवन्तस्स णं वासहरपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव णाणाविहपञ्चवण्णेहि मणीहि य तणेहि य उवसोभिए जाव आसयंति सयंति य ॥ ७९ ॥ महाहिमवंतस्स णं० बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं एगे महापउमद्दहे णामं दहे पण्णत्ते दो जोयणसहस्साइं आयामेणं एगं जोयणसहस्सं विक्खंभेणं दस जोयणाइं उन्वेहेणं अच्छे० रययामयकूले एवं आयामविक्खंभविहूणा जा चेव पउमद्दहस्स वत्तव्वया सा चेव णेयव्वा, पउमप्पमाणं दो जोयणाइं अट्ठो जाव महापउमद्दहवण्णाभाई हिरी य इत्थ देवी जाव पलिओवमट्ठिइया परिवसइ, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ०, अदुत्तरं च णं गोयमा ! महापउमद्दहस्स सासए णामधेजे प० जं ण कयाइ णासी ३..", तस्स णं महापउमदहस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं रोहिया महाणई पवूढा समाणी सोलस Page #675 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती पंचुत्तरे जोयणसए पंच य एगूणवीसइभाए जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्ताबलिहारसंठिएणं साइरेगदोजोयणसइएणं पवाएणं पवडड. रोहिया णं महाणई जओ पवङइ एत्थ णं महं एगा जिब्भिया प०, सा णं जिब्भिया जोयणं आयामेणं अद्धतेरसजोयणाई विक्खंभेणं कोसं बाहल्लेणं मगरमुहविउद्वसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा०, रोहिया णं महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एगे रोहियप्पवायकुंडे णाम कुंडे प० सवीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं पण्णत्तं तिण्णि असीए जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे सो चेव वण्णओ वइरतले वट्टे समतीरे जाव तोरणा, तस्स णं रोहियप्पवायकुण्डस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे रोहियदीवे णामं दीवे पण्णत्ते सोलस जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं पण्णासं जोयणाइं परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्ववइरामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, रोहियदीवस्स णं दीवस्स उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं सेसं तं चेव पमाणं च अट्ठो य भाणियव्वो । तस्स णं रोहियप्पवायकुण्डस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं रोहिया महाणई पवूढा समाणी. हेमवयं वासं एज्जेमाणी २ सद्दावई वट्टवेयड्पव्वयं अद्धजोयणेणं असंपत्ता पुरत्थाभिमुही आवत्ता समाणी हेमवयं वासं दुहा विभयमाणी २ अट्ठावीसाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पुरत्थिमेणं लवणसमुदं समप्पेइ, रोहिया णं० जहा रोहियंसा तहा पवाहे य मुहे य भाणियव्वा जाव संपरिक्खित्ता । तस्स णं महापउमद्दहस्स उत्तरिलेणं तोरणेणं हरिकंता महाणई पवूढा समाणी सोलस पंचुत्तरे जोयणसए पंच य एगूणवीसइभाए जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं मुत्तावलिहारसंठिएणं साइरेगदुजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, हरिकंता णं महाणई जओ पवडइ एत्थ णं महं एगा जिब्भिया प० दो जोयणाई आयामेणं पणवीसं जोयणाइं विक्खंभेणं अद्धं जोयणं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सव्वरयणामई अच्छा०, हरिकंता णं महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एगे हरिकंतप्पवायकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते दोण्णि य चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं सत्तअउणढे जोयणसए परिक्खेवेणं अच्छे एवं कुण्डवत्तव्वया सव्वा णेयव्वा जाव तोरणा, तस्स णं हरिकंतप्पवायकुण्डस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे हरिकंतदीवे णामं दीवे प० बत्तीसं जोयणाई आयामविक्खंभेणं एगुत्तरं जोयणसयं परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्वरयणामए अच्छे०, से णं एगाए पउ-. Page #676 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ हरिवास० वि० पुच्छा] सुत्तागमे मवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं जाव संपरिक्खित्ते वण्णओ भाणियव्वोत्ति, पमाणं च सयणिज्जं च अट्ठो य भाणियव्वो। तस्स णं हरिकंतप्पवायकुण्डस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं जाव पवूढा समाणी हरिवस्सं वासं एजेमाणी २ वियडावई वट्टवेयई जोयणेणं असंपत्ता पच्चत्थाभिमुही आवत्ता समाणी हरिवासं दुहा विभयमाणी २ छप्पण्णाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जगई दालइत्ता पञ्चत्थिमेणं लवणसमुई समप्पेइ, हरिकंता णं महाणई पवहे पणवीसं जोयणाई विक्खम्भेणं अद्धजोयणं उव्वेहेणं तयणंतरं च णं मायाए २ परिवड्डमाणी २ मुहमूले अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खम्भेणं पञ्च जोयणाई उव्वेहेणं, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता ॥ ८०॥ महाहिमवन्ते णं भन्ते ! वासहरपव्वए कइ कूडा प० ? गो० ! अट्ठ कूडा प०, तं०-सिद्धकूडे १ महाहिमवन्तकूडे २ हेमवयकूडे ३ रोहियकूडे ४ हिरिकूडे ५ हरिकंतकूडे ६ हरिवासकूडे ७ वेरुलियकूडे ८, एवं चुल्लहिमवंतकूडाणं जा चेव वत्तव्वया सच्चेव णेयव्वा, से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-महाहिमवंते वासहरपव्वए २ ? गोयमा ! महाहिमवंते णं वासहरपव्वए चुलहिमवंतं वासहरपव्वयं पणिहाय आयामुच्चत्तुव्वेहविक्खम्भपरिक्खेवेणं महंततराए चेव दीहतराए चेव, महाहिमवंते य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ ...॥ ८१ ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे हरिवासे णामं वासे प०? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं महाहिमवन्तवासहरपव्वयस्स उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुहस्स पञ्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे २ हरिवासे णामं वासे पण्णत्ते एवं जाव पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चस्थिमिलं लवणसमुइं पुढे अट्ठ जोयणसहस्साइं चत्तारि य एगवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स विक्खम्भेणं, तस्स बाहा पुरथिमपच्चत्थिमेणं तेरस जोयणसहस्साई तिण्णि य एगसटे जोयणसए छच्च एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणंति, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिलं जाव लवणसमुदं पुट्ठा तेवत्तरि जोयणसहस्साइं णव य एगुत्तरे जोयणसए सत्तरस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स धणुं दाहिणेणं चउरासीइं जोयणसहस्साइं सोलस जोयणाई चत्तारि एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं । हरिवासस्स णं भन्ते ! वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे प०? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव मणीहिं तणेहि य उवसोभिए एवं मणीणं तणाण य वण्णो गन्धो फासो सद्दो भाणियव्वो, हरिवासे णं० तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहवे खुड्डाखुड्डियाओ एवं जो सुसमाए अणुभावो सो चेव अपरिसेसो वत्तव्वो । कहिं णं भन्ते !. Page #677 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६०२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती हरिवासे वासे वियडावई णामं वट्टवेयड्डपव्वए पण्णत्ते ? गो० ! हरीए महाणईए पञ्चत्थिमेणं हरिकंताए महाणईए पुरत्थिमेणं हरिवासस्स २ बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं वियडावई णामं वट्टवेयडपव्वए पण्णत्ते, एवं जो चेव सद्दावइस्स विक्खंभुच्चत्तु वेहपरिक्खेवसंठाण वण्णावासो य सो चेव वियडावइस्सवि भाणियव्वो, णवरं अरुणो देवो पउमाई जाव वियडावइवण्णाभाई अरुणे य इत्थ देवे महिड्डिए एवं जाव दाहिगेणं रायहाणी णेयव्वा, से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-हरिवासे हरिवासे ? गोयमा ! हरिवासे णं वासे मणुया अरुणा अरुणोभासा सेया णं संखदलसण्णिगासा हरिवासे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से तेणढेणं गोयमा! एवं वुच्चइ... ॥ ८२॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ णिसहे णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते? गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स दक्खिणेणं हरिवासस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुदस्स पच्चत्थिमेणं पचत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे णिसहे णाम वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिमिल्लाए जाव पुढे पञ्चस्थिमिल्लाए जाव पुढे चत्तारि जोयणसयाई उद्धं उच्चत्तेणं चत्तारि गाउयसयाइं उव्वेहेणं सोलस जोयणसहस्साइं अट्ठ य बायाले जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खम्भेणं, तस्स बाहा पुरथिमपचत्थिमेणं वीसं जोयणसहस्साई एगं च पणटुं जोयणसयं दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं जाव चउणवइं जोयणसहस्साई एगं च छप्पण्णं जोयणसयं दुणि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणंति, तस्स धणुं दाहिणेणं एगं जोयणसयसहस्सं चउवीसं च जोयणसहस्साइं तिण्णि य छायाले जोयणसए णव य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं रुयगसंठाणसंठिए सव्वतवणिजमए अच्छे०, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं जाव संपरिक्खित्ते, णिसहस्स णं वासहरपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव आसयंति सयंति..., तस्स णं बहुसमरमाणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे तिगिंछिद्दहे णामं दहे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे चत्तारि जोयणसहस्साई आयामेणं दो जोयणसहस्साई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं अच्छे सण्हे रययामयकूले०, तस्स णं तिगिच्छिद्दहस्स चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा प० एवं जाव आयामविक्खम्भविहूणा जा चेव महापउमद्दहस्स वत्तव्वया सा चेव तिगिंछिद्दहस्सवि वत्तव्वया तं चेव पउमद्दहप्पमाणं अट्ठो जाव तिगिंछिवण्णाई, धिई य इत्थ देवी पलिओवमट्ठिइया परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-तिगिंछिद्दहे तिगिंछिद्दहे ॥८३॥ तस्स णं तिगिछिद्दहस्स दक्खिणिल्लेणं तोरणेणं हरिमहाणई पवूढा समाणी सत्त Page #678 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च० ४ णिसढ० कूडपुच्छा ] सुत्तागमे ६०३ जोयणसहस्साइं चत्तारि य एक्कवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स दाहिणाभिमुही पव्वणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं जाव साइरेगचउजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, एवं जा चेव हरिकन्ताए वत्तव्वया सा चेव हरीएवि यव्वा, जिब्भियाए कुंडस्स दीवस्स भवणस्स तं चेव पमाणं अट्ठोऽवि भाणियव्वो जाव अहे जगईं दालइत्ता छप्पण्णाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरत्थिमं लवणसमुद्द समप्पे, तं चेव पवहे य मुहमूले य पमाणं उव्वेहो य जो हरिकन्ताए जाव वणसंडसंपरिक्खित्ता, तस्स णं तिगिंछिद्दहस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं सीओया महाणई पवूढा समाणी सत्त जोयणसहस्साइं चत्तारि य एगवीसे जोयणसए एगं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स उत्तराभिमुही पव्वएणं गंता महया घडमुहपवित्तिएणं जाव साइरेगचउजोयणसइएणं पवाएणं पवडइ, सीओया णं महाणई जओ पवडइ एत्थ महं एगा जिब्भिया पण्णत्ता चत्तारि जोयणाई आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं जोयणं बाहल्लेणं मगरमुहविउट्ठसंठाणसंठिया सव्ववइरामई अच्छा ०, सीओया णं महाणई जहिं पवडइ एत्थ णं महं एगे सीओयप्पवायकुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते चत्तारि असीए जोयणसए आयामविक्खंभेणं पण्णरसअट्ठारे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं अच्छे एवं कुंडवत्तव्वया णेयव्वा जाव तोरणा । तस्स णं सीओयप्पवायकुण्डस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे सीओयदीवे णामं दीवे पण्णत्ते चउसद्धिं जोयणाई आयामविक्खंभेणं दोण्णि बिउत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं दो कोसे ऊसिए जलंताओ सव्ववइरामए अच्छे सेसं तहेव वेइयावणसंडभूमिभागभवणसय णिज्जअट्ठो भाणियव्वो, तस्स णं सीओयप्पवायकुण्डस्स उत्तरिल्लेणं तोरणेणं सीओया महाणई पबूढा समाणी देवकुरुं एज्जेमाणी २ चित्तविचित्तकूडे पव्वए निसढदेवकुरुसूरसुलसविज्जुप्पभदहे य दुहा विभयमाणी २ चउरासीए सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी २ भद्दसालवणं एजेमाणी २ मंदरं पव्वयं दोहिं जोयणेहिं असंपत्ता पच्चत्थिमाभिमुही आवत्ता समाणी अहे विज्जुप्पभं वक्खारपव्वयं दारइत्ता मन्दरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमेणं अवरविदेहं वासं दुहा विभयमाणी २ एगमेगाओ चक्कवहिविजयाओ अट्ठावीसाए २ सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी २ पञ्चहिं सलिलासयस हस्सेहिं दुतीसाए य सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे जयंतस्स दारस्स जगईं दालइत्ता पञ्चत्थिमेणं लवणसमुद्दं समप्पेइ, सीओया णं महाणई पवहे पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं जोयणं उव्वेहेणं, तयणंतरं च णं मायाए २ परिवड्ढमाणी २ मुहमूले पञ्च जोयणसयाइं विक्खम्भेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता । णिसढे णं भन्ते ! वासहरपव्वए Page #679 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६०४ [जंबुद्दीवपण्णत्ती कइ कूडा पण्णत्ता ? गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता, तंजहा-सिद्धकूडे १ णिसढकूडे २ हरिवासकूडे ३ पुव्वविदेहकूडे ४ हरिकूडे ५ धिईकूडे ६ सीओयाकूडे ७ अवरविदेहकूडे ८ रुयगकूडे ९ जो चेव चुलहिमवंतकूडाणं उच्चत्तविक्खम्भपरिक्खेवो पुव्ववण्णिओ रायहाणी य सच्चेव इहपि णेयव्वा, से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइणिसहे वासहरपव्वए २ ? गोयमा ! णिसहे णं वासहरपव्वए बहवे कूडा णिसहसंठाणसंठिया उसमसंठाणसंठिया, णिसहे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमटिइए परिवसइ, से तेणढेणं गोयमा! एवं वुच्चइ-णिसहे वासहरपव्वए २...॥ ८४॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे णामं वासे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए दुहा लवणसमुदं पुढे पुरथिम जाव पुढे पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चथिमिल्लं जाव पुढे तेत्तीसं जोयणसहस्साइं छच्च चुलसीए जोयणसए चत्तारि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खम्भेणंति, तस्स बाहा पुरथिमपञ्चत्थिमेणं तेत्तीसं जोयणसहस्साई सत्त य सत्तसढे जोयणसए सत्त य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणंति, तस्स जीवा बहुमज्झदेसभाए पाईणपडीणायया दुहा लवणसमुदं पुट्ठा पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिलं जाव पुट्ठा एवं पञ्चत्थिमिल्लाए जाव पुट्ठा एगं जोयणसयसहस्सं आयामेणंति, तस्स धणुं उभओ पासिं उत्तरदाहिणेणं एगं जोयणसयसहस्सं अट्ठावण्णं जोयणसहस्साइं एगं च तेरसुत्तरं जोयणसयं सोलस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स किंचिविसेसाहिए परिक्खेवणंति, महाविदेहे णं वासे चउविहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते, तंजहा-पुव्वविदेहे १ अवरविदेहे २ देवकुरा ३ उत्तरकुरा ४, महाविदेहस्स णं भन्ते ! वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे पण्णत्ते? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव । महाविदेहे णं भन्ते ! वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते १० तेसि णं मणुयाणं छव्विहे संघयणे छव्विहे संठाणे पञ्चधणुसयाई उड्डे उच्चत्तेणं जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडीआउयं पालेन्ति पालेत्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव अप्पेगइया सिझंति जाव अंतं करेन्ति । से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-महाविदेहे वासे २ ? गोयमा ! महाविदेहे णं वासे भरहेरवयहेमवयहेरण्णवयहरिवासरम्मगवासेहितो आयामविक्खम्भसंठाणपरिणाहेणं विच्छिण्णतराए चेव विपुलतराए चेव महंततराए चेव सुप्पमाणतराए चेव महाविदेहा य इत्थ मणूसा परिवसंति, महाविदेहे य इत्थ देवे Page #680 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ गंधमायणवक्खारप०] सुत्तागमे ६०५ महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणढेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-महाविदेहे वासे २, अदुत्तरं च णं गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स सासए णामधेजे पण्णत्ते जंण कयाइ णासि ३... ॥ ८५॥ कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे गन्धमायणे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं गंधिलावइस्स विजयस्स पुरच्छिमेणं उत्तरकुराए पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे गन्धमायणे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे तीसं जोयणसहस्साई दुण्णि य णउत्तरे जोयणसए छच्च य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं णीलवंतवासहरपव्वयंतेणं चत्तारि जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं चत्तारि गाउयसयाइं उव्वेहेणं पञ्च जोयणसयाई विक्खम्भेणं तयणंतरं च णं मायाए २ उस्सेहुव्वेहपरिवड्डीए परिवड्ड. माणे २ विक्खम्भपरिहाणीए परिहायमाणे २ मंदरपव्वयंतेणं पञ्च जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं पञ्च गाउयसयाइं उव्वेहेणं अंगुलस्स असंखिजइभागं विक्खम्भेणं पण्णत्ते गयदन्तसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे०, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते, गन्धमायणस्स णं वक्खारपव्वयस्स उप्पिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे जाव आसयन्ति । गन्धमायणे णं० वक्खारपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गो० ! सत्त कूडा प०, तंजहा-सिद्धकूडे १ गन्धमायणकूडे २ गंधिलावईकूडे ३ उत्तरकुरुकूडे ४ फलिहकूडे ५ लोहियक्खकूडे ६ आणंदकूडे ७ । कहि णं भन्ते ! गंधमायणे वक्खारपव्वए सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं गंधमायणकूडस्स दाहिणपुरथिमेणं एत्थ णं गंधमायणे वक्खारपव्वए सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते, जं चेव चुल्लहिमवन्ते सिद्धकूडस्स पमाणं तं चेव एएसिं सव्वेसिं भाणियव्वं, एवं चेव विदिसाहिं तिण्णि कूडा भाणियव्वा, चउत्थे तइयस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं पञ्चमस्स दाहिणेणं, सेसा उ उत्तरदाहिणेणं, फलिहलोहियक्खेसु भोगंकरभोगवईओ देवयाओ सेसेसु सरिसणामया देवा, छसुवि पासायवडेंसगा रायहाणीओ विदिसासु, से केणतुणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-गंधमायणे वक्खारपव्वए २ ? गो० ! गंधमायणस्स णं वक्खारपव्वयस्स गंधे से जहाणामए-कोट्ठपुडाण वा जाव पीसिज्जमाणाण वा उक्रिरिज्जमाणाण वा विकिरिजमाणाण वा परिभुज्जमाणाण वा जाव ओराला मणुण्णा जाव गंधा अभिणिस्सवन्ति, भवे एयारूवे ?, णो इणढे समढे, गंधमायणस्स णं इत्तो इतराए चेव जाव गंधे पण्णत्ते, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-गंधमायणे वक्खारपव्वए २, गंधमायणे य इत्थ देवे महिड्डिए परिवसइ, अदुत्तरं च णं० सासए णामधेजे Page #681 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती ...॥ ८६ ॥ कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे उत्तरकुरा णामं कुरा प० ? गो. ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं गन्धमायणस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं मालवन्तस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं उत्तरकरा णामं करा पण्णत्ता. पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा अदचंदसंठाणसंठिया इक्कारस जोयणसहस्साइं अट्ठ य बायाले जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खम्मेणंति, तीसे जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया दहा वक्खारपव्वयं पुट्ठा, तंजहा-पुरथिमिलाए कोडीए पुरथिमिलं वक्खारपव्वयं पुट्ठा एवं पञ्चत्थिमिल्लाए जाव पञ्चत्थिमिल्लं वक्खारपव्वयं पुट्ठा तेवण्णं जोयणसहस्साई आयामेणंति, तीसे णं धणुं दाहिणेणं सडिं जोयणसहस्साइं चत्तारि य अट्ठारसे जोयणसए दुवालस य एगूणवीसइभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, उत्तरकुराए णं भन्ते ! कुराए केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, एवं पुव्ववण्णिया जच्चेव सुसमसुसमावत्तव्वया सच्चेव णेयव्वा जाव पउमगंधा १ मियगंधा २ अममा ३ सहा ४ तेयतली ५ सणिचारी ६ ॥ ८७ ॥ कहि णं भन्ते ! उत्तरकुराए २ जमगा णामं दुवे पव्वया पणत्ता ? गोयमा ! णीलवंतस्स वासहरंपव्वयस्स दक्खिणिल्लाओ चरिमन्ताओ अट्ठजोयणसए चोत्तीसे चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीयाए महाणईए उभओ कूले एत्थ णं जमगा णामं दुवे पव्वया पण्णत्ता जोयणसहस्सं उर्दू उच्चत्तेणं अढाइजाइं जोयणसयाइं उव्वेहेणं मूले एग जोयणसहस्सं आयामविक्खम्भेणं मज्झे अट्ठमाइं जोयणसयाई आयामविक्खम्भेणं उवरिं पंच जोयणसयाई आयामविक्खम्भेणं मूले तिण्णि जोयणसहस्साइं एगं च बावढं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं मज्झे दो जोयणसहस्साई तिण्णि बावत्तरे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं उवरि एगं जोयणसहस्सं पञ्च य एकासीए जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पिं तणुया जमगसंठाणसंठिया सव्वकणगामया अच्छा सण्हा० पत्तेयं २ पउमवरवेइयापरिक्खित्ता पत्तेयं २ वणसंडपरिक्खित्ता, ताओ णं पउमवरवेइयाओ दो गाउयाई उर्दू उच्चत्तेणं पञ्च धणुसयाई विक्खम्भेणं, वेइयावणसण्डवण्णओ भाणियव्वो, तेसि णं जमगपव्वयाणं उप्पि बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते जाव तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं दुवे पासायवडेंसगा प०, ते णं पासायवडेंसगा बावडिं जोयणाइं अद्धजोयणं च उट्ठे उच्चत्तेणं इक्कतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खंभेणं पासायवण्णओ भाणियव्वो, सीहासणा सपरिवारा जाव एत्थ णं जमगाणं देवाणं सोलसण्हं Page #682 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ पासायवडिंसओ ] सुत्तागमे ६०७ आयरक्खदेवसाहस्सीणं सोलस भद्दासणसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-जमगा पव्वया २ ? गोयमा ! जमगपव्वएसु णं तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहवे खुड्डाखुड्डिड्यासु बावीसु जाव बिलपतियासु बहवे उप्पलाई जाव जमगवण्णाभाई जमगा य इत्थ दुवे देवा महिड्डिया०, ते णं तत्थ चउन्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव भुञ्जमाणा विहरंति, से तेणट्टेणं गो० ! एवं वुञ्चइ - जमगपव्वया २, अदुत्तरं च णं सासए णामवेज्जे जाव जमगपव्वया २ । कहि णं भन्ते ! जमगाणं देवाणं जमिगाओ रायहाणीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं अण्णंमि जम्बुद्दीवे २ बारस जोयणसहस्साई ओगाहित्ता एत्थ णं जमगाणं देवाणं जमिगाओ रायहाणीओ पण्णत्ताओ बारस जोयणसहस्साइं आयामविक्खम्भेणं सत्ततीसं जोयणसहस्साइं णव य अडयाले जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, पत्तेयं २ पायारपरिक्खित्ता, ते णं पागारा सत्ततीसं जोयणाई अद्धजोयणं च उ उच्चत्तेणं मूले अद्धतेरसजोयणाई विक्खम्भेणं मज्झे छ सकोसाई जोयणाई विक्खम्भेणं उवरिं तिण्णि सअद्धकोसाईं जोयणाई विक्खम्भेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उपि तणुया बाहिं वट्टा अंतो चउरंसा सव्वरयणामया अच्छा०, ते णं पागारा णाणामणिपञ्चवण्णेहिं कविसीसएहिं उवसोहिया, तंजहा - किण्हेहिं जाव सुकिलेहिं, ते णं कवि - सीसगा अद्धकोसं आयामेणं देणं अद्धकोसं उ उच्चत्तेणं पञ्च धणुसयाई बाहल्लेणं सव्वमणिमया अच्छा॰, जमिगाणं रायहाणीणं एगमेगाए बाहाए पणवीसं पणवीसं दारसयं पण्णत्तं, ते णं दारा बावट्ठि जोयणाई अद्धजोयणं च उड्डुं उच्चत्तेणं इकतीसं जोयणाइं कोसं च विक्खम्भेणं तावइयं चेव पवेसेणं, सेया वरकणगथूभियागा एवं रायप्पसेणइज्जविमाणवत्तव्वयाए दारवण्णओ जाव अट्ठट्ठमंगलगाईति, जमियाणं रायहाणीणं चउद्दिसिं पञ्च पञ्च जोयणसए अबाहाए चत्तारि वणसण्डा पण्णत्ता, तंजहा - असोगवणे १ सत्तिवण्णवणे २ चंपगवणे ३ चूयवणे ४, ते णं वडा साइरेगाइं बारसजोयणसहस्साइं आयामेणं पञ्च जोयणसयाई विक्खम्भेणं पत्तेयं २ पागारपरिक्खित्ता किण्हा वणसण्डवण्णओ भूमीओ पासायवडेंसगा य भाणियव्वा, जमिगाणं रायहाणीणं अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते वण्णगोत्ति, सिणं बहुसमरमणिज्जाणं भूमिभागाणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं दुवे उवयारियालयणा पण्णत्ता बारस जोयणसयाई आयामविक्खम्भेणं तिण्णि जोयणसहस्साई सत्त पञ्चाणउए जोयणसए परिक्खेवेणं अद्धकोसं च बाहल्लेणं सव्वजंबूणयामया अच्छा०, पत्तेयं पत्तेयं पउमवरवेइयापरिक्खित्ता, पत्तेयं पत्तेयं वणसंडवण्णओ भाणियव्वो, तिसोवाणपडिरूवगा तोरणचउद्दिसिं भूमिभागा य भाणियव्वत्ति, तस्स णं बहुमज्झ Page #683 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे .. [जंबुद्दीवपण्णत्ती देसभाए एत्थ णं एगे पासायवडेंसए पण्णत्ते बावढि जोयणाई अद्धजोयणं च उर्दू उच्चत्तेणं इक्कतीसं जोयणाई कोसं च आयामविक्खम्भेणं वण्णओ उल्लोया भूमिभागा सीहासणा सपरिवारा, एवं पासायपंतीओ एत्थ पढमा पंती ते णं पासायवडिंसगा एकतीसं जोयणाई कोसं च उर्दू उच्चत्तेणं साइरेगाइं अद्धसोलसजोयणाइं आयामविक्खम्भेणं बिइयपासायपंती ते णं पासायवडेंसया साइरेगाइं अद्धसोलसजोयणाई उड़े उच्चत्तणं साइरेगाइं अट्ठमाइं जोयणाई आयामविक्खम्भेणं तइयपासायपंती ते णं पासायवडेंसया साइरेगाइं अट्ठमाइं जोयणाइं उड़े उच्चत्तेणं साइरेगाइं अटूजोयणाई आयामविक्खम्भेणं वण्णओ सीहासणा सपरिवारा, तेसि णं मूलपासायवडिंसयाणं उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए एत्थ णं जमगाणं देवाणं सहाओ सुहम्माओ पण्णत्ताओ अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं छस्सकोसाइं जोयणाई विक्खम्भेणं णव जोयणाई उड्डूं उच्चत्तेणं अणेगखम्भसयसण्णिविट्ठा सभावण्णओ, तासि णं सभाणं सुहम्माणं तिदिसिं तओ दारा पण्णत्ता, ते णं दारा दो जोयणाई उडू उच्चत्तणं जोयणं विक्खम्भेणं तावइयं चेव पवेसेणं, सेया वण्णओ जाव वणमाला, तेसि णं दाराणं पुरओ पत्तेयं २ तओ मुहमंडवा पण्णत्ता, ते णं मुहमंडवा अद्धतेरसजोयणाई आयामेणं छस्सकोसाइं जोयणाइं विक्खम्भेणं साइरेगाइं दो जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं जाव दारा भूमिभागा य त्ति, पेच्छाघरमंडवाणं तं चेव पमाणं भूमिभागो मणिपेढियाओत्ति, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खम्भेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं सव्वमणिमइया सीहासणा भाणियव्वा, तेसि णं पेच्छाघरमंडवाणं पुरओ तओ मणिपेढियाओ पण्णत्ताओ, ताओ णं मणिपेढियाओ जोयणं आयामविक्खम्भेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं, तासि णं उप्पि पत्तेयं २ महिंदज्झया पण्णत्ता, ते णं अट्ठमाई जोयणाइं उर्दू उच्चत्तेणं अद्धकोसं उव्वेहेणं अद्धकोसं बाहल्लेणं वइरामयवदृ वण्णओ वेश्यावणसंडतिसोवाणतोरणा य भाणियव्वा, तासि णं सभाणं सुहम्माणं छच्चमणोगुलियासाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पुरत्थिमेणं दो साहस्सीओ पण्णत्ताओ पच्चत्थिमेणं दो साहस्सीओ दक्खिणेणं एगा साहस्सी उत्तरेणं एगा जाव दामा चिट्ठतित्ति, एवं गोमाणसियाओ, णवरं धूवघडियाओत्ति, तासि णं सुहम्माणं सभाणं अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, मणिपेढिया सीहासणा सपरिवारा विदिसाए सयणिज्जवण्णओ, सयणिजाणं उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए खुड्डगमहिंदज्झया मणिपेढियाविहूणा महिंदज्झयप्पमाणा, तेसिं अवरेणं चोप्फाला पहरणकोसा, तत्थ णं बहवे फलिहरयणपामुक्खा जाव चिट्ठति, सुहम्माणं. उप्पिं अट्ठट्ठमंगलगा, एवं अवसेसाणवि सभाणं जाव उववायसभाए सयणिज्जं हरओ य, Page #684 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ जंबूसुदंसणावण्णओ] सुत्तागमे अभिसेयसभाए बहु आभिसेक्के भंडे, अलंकारियसभाए बहु अलंकारियभंडे चिठ्ठइ, ववसायसभासु पुत्थयरयणा, गंदा पुक्खरिणीओत्ति,-उववाओ जमगाणं अभिसेयविहूसणा य ववसाओ । अवरं च सुहम्मगमो जहा य परिवारणाइड्डी ॥१॥ जावइयंमि पमाणंमि हुँति जमगाओं णीलवंताओ । तावइयमन्तरं खलु जमगदहाणं दहाणं च ॥ २॥ ८८ ॥ कहि णं भन्ते! उत्तरकुराए २ णीलवन्तद्दहे णामं दहे पण्णत्ते ? गोयमा ! जमगाणं० दक्षिणिलाओ चरिमन्ताओ अट्ठसए चोत्तीसे चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीयाए महाणईए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं णीलवन्तद्दहे णामं दहे पण्णत्ते, दाहिणउत्तरायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जहेव पउमद्दहे तहेव वण्णओ णेयव्वो, णाणत्तं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते, णीलवन्ते णामं णागकुमारे देवे सेसं तं चेव णेयव्वं, णीलवन्तद्दहस्स पुव्वावरे पासे दस २ जोयणाइं अबाहाए एत्थ णं वीसं कंचणगपव्वया पण्णत्ता, एगं जोयणसयं उझे उच्चत्तेणं-मूलंमि जोयणसयं पण्णत्तरि जोयणाई मज्झमि । उवरितले कंचणगा यण्णासं जोयणा हुंति ॥१॥ मूलंमि तिण्णि सोले सत्तत्तीसाइं दुण्णि मज्झमि । अट्ठावण्णं च सयं उवरितले परिरओ होइ ॥ २ ॥ पढमित्थ नीलवन्तो १ बिइओ उत्तरकुरू २ मुणेयव्वो। चंदद्दहोत्थ तइओ ३ एरावय ४ मालवन्तो य ५ ॥ ३ ॥ एवं वण्णओ अट्ठो पमाणं पलिओवमट्ठिइया देवा ॥ ८९ ॥ कहि णं भन्ते ! उत्तरकुराए २ जम्बूपेढे णामं पेढे पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं मन्दरस्स० उत्तरेणं मालवन्तस्स वक्खारपव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं सीयाए महाणईए पुरथिमिल्ले कूले एत्थ णं उत्तरकुराए कुराए जम्बूपेढे णामं पेढे पण्णत्ते पञ्च जोयणसयाइं आयामविक्खम्भेणं पण्णरस एक्कासीयाई जोयणसयाई किंचिविसेसाहियाई परिक्खेवेणं बहुमज्झदेसभाए बारस जोयणाइं बाहल्लेणं तयणन्तरं च णं मायाए २ पएसपरिहाणीए परिहायमाणे २ सव्वेसु णं चरिमपेरंतेसु दो दो माउयाई बाहल्लेणं सव्वजम्बूणयामए अच्छे०, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते दुहंपि वण्णओ, तस्स णं जम्बूपेढस्स चउद्दिसि एए चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता वण्णओ जाव तोरणाइं, तस्स णं जम्बूपेढस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं मणिपेढिया पण्णत्ता अट्ठजोयणाइं आयामविक्खम्भेणं चत्तारि जोयणाइं बाहल्लेणं, तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्थ णं जम्बूसुदंसणा पण्णत्ता अट्ठ जोयगाई उद्धं उच्चत्तेणं अद्धजोयणं उव्वेहेणं, तीसे णं खंधो दो जोयणाई उड्ढ उच्चत्तेणं अद्धजोयणं बाहल्लेणं, तीसे णं साला छ जोयणाई उई उच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई आयामविक्खंभेणं साइरेगाइं अट्ठ जोयणाई सव्वग्गेणं, तीसे णं अय ३९ सुत्ता Page #685 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१० सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती मेयारूवे वण्णावासे प०,तं० - वइरामया मूला रययसुपइट्ठियविडिमा जाव अहियमणणिव्वुइकरी पासाईया दरिसणिज्जा ०, जंबूए णं सुदंसणाए चउद्दिसिं चत्तारि साला प०, तत्थ णं जे से पुरत्थिमिल्ले साले एत्थ णं भवणे पण्णत्ते कोसं आयामेणं एवमेव णवरमित्थ सयणिज्जं सेसेसु पासायवडेंसया सीहासणा य सपरिवारा इति । जम्बू णं० बारसहिं पउमवरवेइयाहिं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ता, वेइयाणं वण्णओ, जम्बू णं॰ अण्णेणं अट्ठसएणं जम्बूणं तदद्धुच्चत्ताणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ता, तासि णं वण्णओ, ताओ णं जम्बूओ छहिं परमवर वेइयाहिं संपरिक्खित्ता, जम्बूए णं सुदंसणाए उत्तरपुरत्थिमेणं उत्तरेणं उत्तरपच्चत्थिमेणं एत्थ अणाढयस्स देवस्स चउन्हं सामाणियसाहस्सीणं चत्तारि जम्बूसाहस्सीओ पण्णत्ताओ, तीसे णं पुरत्थिमेणं चउण्हं अग्गमहिसीणं चत्तारि जम्बूओ पण्णत्ताओ, - दाहिणपुरत्थिमे दक्खिणेण तह अवरदक्खिणं च । अट्ठ दस बारसेव य भवन्ति जम्बूसहस्साइं ॥ १ ॥ अणियाहिवाण पञ्चत्थिमेण सत्तेव होंति जम्बूओ । सोलस साहस्सीओ चउद्दिर्सि आयरक्खाणं ॥ २ ॥ जम्बू णं० तिहिं सइएहिं वणसंडेहिं सव्वओ समन्ता संप - रिक्खित्ता, जम्बूए णं० पुरत्थिमेणं पण्णासं जोयणाई पढमं वणसंडं ओगाहित्ता एत्थ णं भवणे पण्णत्ते को आयामेणं सो चेव वण्णओ सयणिजं च, एवं सेसा सुवि दिसासु भवणा, जम्बूए णं० उत्तरपुरत्थिमेणं पढमं वणसण्डं पण्णासं जोयणाईं ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि पुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तंजहा - पउमा १ पउमप्पभा २ कुमुया ३ कुमुयप्पभा ४, ताओ णं कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खम्भे पञ्चधणुसयाई उव्वेहेणं वण्णओ, तासि णं मज्झे पासायवडेंसगा कोसं आयामेणं अद्धकोसं विक्खम्भेणं देसूणं कोसं उङ्कं उच्चत्तेणं वण्णओ सीहासणा सपरिवारा, एवं सेसासु विदिसासु, गाहा - पउमा पउमप्पभा चेव, कुमुया कुमुयप्पहा । उप्पलगुम्मा णलिणा, उप्पला उप्पलुज्जला ॥ १ ॥ भिंगा भिंगप्पभा चेव, अंजणा कज्जलप्पभा । सिरिकंता सिरिमहिया, सिरिचंदा चेव सिरिणिलया ॥ २ ॥ जम्बूए ० पुरथिमिलस्स भवणस्स उत्तरेणं उत्तरपुरत्थिमिलस्स पासायवडेंसगस्स दक्खिणं एत्थ णं कूडे पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उड्डुं उच्चत्तेणं दो जोयणाई उव्वेहेणं मूले अट्ठ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं बहुमज्झदेसभाए छ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं उवरिं चत्तारि जोयणाई आयामविक्खम्भेणं- पणवीसद्वारस बारसेव मूले य मज्झि उवरिं च । सविसेसाई परिरओ कूडस्स इमस्स बोद्धव्वो ॥ १ ॥ मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उवरिं तणुए सव्वकणगामए अच्छे ० वेइयावणसंडवण्णओ, एवं सावि कूड इति । जम्बू णं सुदंसणाए दुवालस णामधेज्जा प०, तं० - सुदंसणा १ अमोहा Page #686 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ हरिस्सहकूडपुच्छा] सुत्तागमे २ य, सुप्पबुद्धा ३ जसोहरा ४ । विदेहजम्बू ५ सोमणसा ६, 'णियया ७ णिच्चमंडिया ८ ॥ १ ॥ सुभद्दा य ९ विसाला य १०, सुजाया ११ सुमणा १२ विया । सुदंसणाए जम्बूए, णामधेज्जा दुवालस ॥२॥ जम्बूए गं० अट्ठमंगलगा०, से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-जम्बू सुदंसणा २ ? गोयमा ! जम्वूए णं सुदंसणाए अणाढिए णामं देवे जम्बुद्दीवाहिवई परिवसइ महिड्डिए०, से णं तत्थ चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव आयरक्खदेवसाहस्सीणं जम्बुद्दीवस्स णं दीवस्स जम्बूए सुदंसणाए अणाढियाए रायहाणीए अण्णेसिं च बहूणं देवाण य देवीण य जाव विहरइ, से तेणटेणं गो०! एवं बुच्चइ०, अदुत्तरं च णं गोयमा! जम्बूसुदंसणा जाव भुविं च ३ धुवा णियया सासया अक्खया जाव अवट्ठिया । कहि णं भन्ते ! अणाढियस्स देवस्स अणाढिया णामं रायहाणी पण्णत्ता ? गोयमा ! जम्बुद्दीवे २ मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं जं चेव पुव्ववणियं जमिगापमाणं तं चेव णेयव्वं जाव उववाओ अभिसेओ य निरवसेसोत्ति ॥ ९० ॥ से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-उत्तरकुरा २ ? गोयमा ! उत्तरकुराए० उत्तरकुरू णामं देवे परिवसइ महिड्डिए जाव पलिओवमट्ठिइए, से तेणटेणं गोयमा एवं बुच्चइ-उत्तरकुरा २, अदुत्तरं च णं जाव सासए । कहि णं भन्ते ! महादिदेहे वासे मालवंते णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं उत्तरकुराए० पुरत्थिमेणं वच्छस्स चक्कवट्टिविजयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे मालवंते णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जं चेव गंधमायणस्स पमाणं विक्खम्भो य णवरमिमं णाणत्तं सव्ववेरुलियामए अवसिटुं तं चेव जाव गोयमा ! नव कूडा पण्णत्ता, तंजहा-सिद्धकूडे०, सिद्धे य मालवन्ते उत्तरकुरु कच्छसागरे रयए। सीओय पुण्णभद्दे हरिस्सहे चेव बोद्धव्वे ॥ १॥ कहि णं भन्ते ! मालवन्ते वक्खारपव्वए सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरस्थिमेणं मालवंतस्स कूडस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं एत्थ णं सिद्धकूडे णामं कूडे पण्णत्ते पंच जोयणसयाई उडूं उच्चत्तेणं अवसिटुं तं चेव जाव रायहाणी, एवं मालवन्तस्स कूडस्स उत्तरकुरुकूडस्स कच्छकूडस्स, एए चत्तारि कूडा दिसाहिं पमाणेहिं णेयव्वा,कूडसरिसणामया देवा,कहिणं भन्ते! मालवन्ते सागरकूडे णामं कूडे पण्णत्ते? गोयमा ! कच्छकूडस्स उत्तरपुरत्थिमेणं रययकूडस्स दक्खिणेणं एत्थ णं सागरकूडे णामं कूडे पण्णत्ते पंच जोयणसयाइं उढे उच्चत्तेणं अवसिटुं तं चेव सुभोगा देवी रायहाणी उत्तरपुरथिमेणं रययकूडे भोगमालिणी देवी रायहाणी उत्तरपुरथिमेणं, अवसिट्ठा कूडा उत्तरदाहिणेणं णेयव्वा एक्कणं पमाणेणं ॥ ९१ ॥ कहि णं भन्ते ! Page #687 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१२ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती मालवन्ते हरिस्सहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते? गोयमा ! पुण्णभद्दस्स उत्तरेणं णीलवन्तस्स दक्खिणेणं एत्थ णं हरिस्सहकूडे णामं कूडे पण्णत्ते एगं जोयणसहस्सं उड्डे उच्चत्तेणं जमगप्पमाणेणं णेयव्वं, रायहाणी उत्तरेणं असंखेजे दीवे अण्णमि जम्बुद्दीवे दीवे उत्तरेणं वारसजोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं हरिस्सहस्स देवस्स हरिस्सहा णामं रायहाणी पण्णत्ता चउरासीइं जोयणसहस्साइं आयामविक्खम्भेणं बे जोयणसयसहस्साई पण्णटिं च सहस्साइं छच्च छत्तीसे जोयणसए परिक्खेवेणं, सेसं जहा चमरचञ्चाए रायहाणीए तहा पमाणं भाणियव्वं, महिड्डिए महज्जुइए, से केणढेणं भन्ते ! एवं वुच्चइमालवन्ते वक्खारपव्वए २ ? गोयमा ! मालवन्ते णं वक्खारपव्वए तत्थ तत्थ देसे २ तहिं २ बहवे सेरियागुम्मा णोमालियागुम्मा जाव मगदन्तियागुम्मा, ते णं गुम्मा दसद्धवण्णं कुसुमं कुसुमेंति, जे णं तं मालवन्तस्स वक्खारपव्वयस्स बहुसमरमणिज्ज भूमिभागं वायविधुयग्गसालामुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं करेन्ति, मालवंते य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ०, अदुत्तरं च णं जाव णिच्चे ॥ ९२॥ कहि णं भन्ते! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे कच्छे णाम विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे कच्छे णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे पलियंकसंठाणसंठिए गंगासिंधूहि महाणईहिं वेयद्वेण य पव्वएणं छब्भागपविभत्ते सोलस जोयणसहस्साइं पंच य बाणउए जोयणसए दोणि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं दो जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेरसुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसूणे विक्खंभेणति । कच्छस्स णं विजयस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं वेयड्ढे णामं पव्वए पण्णत्ते जे णं कच्छं विजयं दुहा विभयमाणे २ चिट्ठइ, तंजहा–दाहिणद्धकच्छं च उत्तरद्धकच्छं चेति, कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे दाहिणद्धकच्छे णामं विजए प० ? गोयमा ! वेयड्स्स पव्वयस्स दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं मालवंतस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे दाहिणद्धकच्छे णामं विजए प०, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे अट्ठ जोयणसहस्साइं दोण्णि य एगसत्तरे जोयणसए एकं च एगूणवीसइभागं जोयणस्स आयामेणं दो जोयणसहस्साइं दोणि य तेरसुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसूणे विक्खम्भेणं पलियंकसंठाणसंठिए, दाहिणद्धकच्छस्स णं भन्ते ! विजयस्स केरिसए आयारभावपंडोयारे पण्णत्ते? गोयमा ! बहुसमरमणिजे भूमिभागे पण्णत्ते, तंजहाजाव कित्ति Page #688 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०४ उ०क०वि०गंगाकुंडपु०] सुत्तागमे ६१३ मेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, दाहिणद्धकच्छे णं भन्ते ! विजए मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे पण्णत्ते ? गोयमा ! तेसि णं मणुयाणं छविहे संघयणे जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति । कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे कच्छे विजए वेयड्ढे णामं पव्वए प० ? गोयमा ! दाहिणद्धकच्छविजयस्स उत्तरेणं उत्तरद्धकच्छस्स दाहिणेणं चित्तकूडस्स० पञ्चत्थिमेणं मालवन्तस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं कच्छे विजए वेयड्डे णामं पव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे दुहा वक्खारपव्वए पुढे पुरथिमिल्लाए कोडीए जाव दोहि वि पुढे भरहवेयड्सरिसए णवरं दो बाहाओ जीवा धणुपटुं च ण कायव्वं, विजयविक्खम्भसरिसे आयामेणं, विक्खम्भो उच्चत्तं उव्वेहो तहेव य विजाहरआभिओगसेढीओ तहेव, णवरं पणपण्णं २ विजाहरणगरावासा प०, आभिओगसेढीए उत्तरिल्लाओ सेढीओ सीयाए ईसाणस्स सेसाओ सक्कस्सत्ति, कूडा-सिद्धे १ कच्छे २ खंडग ३ माणी ४ वेयड्ड ५ पुण्ण ६ तिमिसगुहा ७ । कच्छे ८ वेसमणे वा ९ वेयड्ढे होंति कूडाइं ॥१॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे उत्तरद्धकच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! वेयड्ढस्स पव्वयस्स उत्तरेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं मालवन्तस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे जाव सिज्झन्ति तहेव णेयव्वं सव्वं, कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे उत्तरद्धकच्छे विजए सिंधुकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते ? गोयमा ! मालवन्तस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं उसभकूडस्स० पञ्चत्थिमेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे उत्तरद्धकच्छविजए सिंधुकुंडे णामं कुंडे पण्णत्ते सहिँ जोयणाइं आयामविक्खम्भेणं जाव भवणं अट्ठो रायहाणी य णेयव्वा, भरहसिंधुकुंडंसरिसं सव्वं णेयव्वं जाव तस्स णं सिंधुकुण्डस्स दाहिणिल्लेणं तोरणेणं सिंधुमहाणई पवूढा समाणी उत्तरद्धकच्छविजयं एजेमाणी २ सत्तहिं सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी २ अहे तिमिसगुहाए वेयड्ढपव्वयं दालइत्ता दाहिणकच्छविजयं एजेमाणी २ चोद्दसहिं सलिलासहस्सेहिं समग्गा दाहिणेणं सीयं महाणई समप्पेइ, सिंधुमहाणई पवहे य मूले य भरहसिंधुसरिसा पमाणेणं जाव दोहिं वणसंडेहिं संपरिक्खित्ता । कहि णं भन्ते ! उत्तरद्धकच्छविजए उसभकूडे णाम पव्वए पण्णत्ते? गोयमा ! सिंधुकुंडस्स पुरथिमेणं गंगाकुण्डस्स पचत्थिमेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं उत्तरद्धकच्छविजए उसहकूडे णामं पव्वए पण्णत्ते अट्ठ जोयणाई उढे उच्चत्तेणं तं चेव पमाणं जाव रायहाणी से णवरं उत्तरेणं भाणियव्वा । कहि णं भन्ते ! उत्तरद्धकच्छे विजए गंगा Page #689 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१४ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती कुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते ? गोयमा ! चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पचत्थिमेणं उसहकूडस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियंबे एत्थ णं उत्तरद्धकच्छे० गंगाकुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते सद्धिं जोयणाइँ आयामविक्खम्भेणं तहेव जहा सिंधू जाव वणसंडेण य संपरिक्खित्ता । से केणट्ठेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-कच्छे विजए कच्छे विजए ? गोयमा ! कच्छे विजए वेयड्ढस्स पव्वयस्स दाहणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं गंगाए महाणईए पञ्चत्थिमेणं सिंधूए महाणईए पुरत्थिमेणं दाहिणद्धकच्छविजयस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं खेमा णामं रायहाणी प० विणीयारायहाणीसरिसा भाणियव्वा, तत्थ णं खेमाए रायहाणीए कच्छे णामं राया समुप्पज्जइ, महयाहिमवन्त जाव सव्वं भरहोअवणं भाणियव्वं णिक्खमणवज्जं सेसं सव्वं भाणियव्वं जाव भुंजए माणुस्सए सुहे, कच्छणामधेजे य कच्छे इत्थ देवे महिड्डिए जाव पओिवमट्ठिइए परिवसर, से एएणद्वेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-कच्छे विजए कच्छे विजए जाव णिचे ॥ ९३ ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे चित्तकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं कच्छविजयस्स पुरत्थिमेणं सुकच्छविजयस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे चित्तकूडे णामं वक्खारपव्व पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सोलसजोयणसहस्साइं पञ्च य बाणउए जोयणसए दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं पञ्च जोयणसयाइं विक्खम्भेणं णीलवन्तवा सहरपव्वयंतेणं चत्तारि जोयणसयाई उ उच्चत्तेणं चत्तारि गाउयसयाई उव्वेहेणं तयणंतरं च मायाए २ उस्सेहुव्वेहपरिबुड्ढी परिवमाणे २ सीयामहाणईअंतेणं पञ्च जोयणसयाई उडुं उच्चत्तेणं पञ्च गाउयसयाई उव्वेहेणं अस्सखन्धसंठाणसंठिए संव्वरयणामए अच्छे सण्हे जाव पडिवे उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहि य वणसंडेहिं संपरिक्खित्ते, वण्णओ दुहवि, चित्तकूडस्स णं वक्खारपव्वयस्स उप्पि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव आसयन्ति०, चित्तकूडे णं भन्ते ! वक्खारपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि कूडा पण्णत्ता, तंजहा—सिद्धकूडे चित्तकूडे कच्छकूडे सुकच्छकूडे, समा उत्तरदाहि णं परुष्परंति, पढमं सीयाए उत्तरेणं चउत्थए नीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणं एत्थ णं चित्तकूडे णामं देवे महिडिए जाव रायहाणी सेत्ति ॥ ९४ ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सुकच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! सीयाए महाणईए उत्तरेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं गाहावईए महाणईए पच्चत्थिमेण चित्तकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं Page #690 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च० ४ दहावई महाई ] सुत्तागमे ६१५ जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सुकच्छे णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए जहेव कच्छे विजए तहेव सुकच्छे विजए, णवरं खेमपुरा रायहाणी सुकच्छे राया समुप्पज्जइ तहेव सव्वं । कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे गाहावइकुंडे • पण्णत्ते ? गो० ! सुकच्छविजयस्स पुरत्थिमेणं महाकच्छस्स विजयस्स पचत्थिमेणं णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणिल्ले णियम्बे एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे गाहावइकुंडे णामं कुण्डे पण्णत्ते, जहेव रोहियंसाकुण्डे तहेव जाव गाहावइदीवे भवणे, तस्स गंगाहावइस कुण्डस्स दाहिणिल्लेणं तोरणेणं गाहावई महाणई पवूढा समाणी सुकच्छमहाकच्छविजए दुहा विभयमाणी २ दाहिणेणं सीयं महाणां समप्पे, गाहावई णं महाणई पवहे य मुहे य सव्वत्थ समा पणवीसं जोयणसयं विक्खम्भेणं अड्डाइज्जाई जोयणाई उव्वेहेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेश्याहिं दोहि य वणसण्डेहिं जाव दुण्हवि वण्णओ, कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे महाकच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं पम्हकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पचत्थिमेणं गाहावईए महाणईए पुरत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे महाकच्छे णामं विजए पण्णत्ते, सेसं जहा कच्छविजयस्स ( णवरं अरिट्ठा रायहाणी) जाव महाकच्छे इत्थ देवे महिड्डिए... अट्ठो य भाणियव्वो । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे पम्हकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स॰ दक्खिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं महाकच्छस्स पुरत्थिमेणं कच्छावईए पच्चत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे पम्हकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सेसं जहा चित्तकूडस्स जाव आसयन्ति०, पम्हकूडे चत्तारि कूडा प०, तं०-सिद्धकूडे पम्हकूडे महाकच्छकूडे कच्छावइकूडे एवं जाव अट्ठो, पम्हकूडे य इत्थ देवे महिड्डिए• पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से तेणद्वेणं गोयमा ! एवं ० । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे कच्छगावई णामं विजए प० ? गो० ! पीलवन्तस्स • दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं दहावईए महाणईए पत्थमेणं पम्हकूडस्स॰ पुरत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे कच्छगावई णामं विजए प०, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सेसं जहा कच्छस्स विजयस्स जाव कच्छगावई य इत्थ देवे०, कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे दहावईकुण्डे णामं कुण्डे पण्णत्ते ? गोयमा ! आवत्तस्स विजयस्स पच्चत्थिमेणं कच्छगावईए विजयस्स पुरत्थिमेणं णीलवन्तस्स • दाहिणिले णियंबे एत्थ णं महाविदेहे वासे दहावईकुण्डे णामं कुण्डे प० -सेसं जहा गाहावईकुण्डस्स जाव अट्ठो, तस्स णं दहावईकुण्डस्स दाहिणेणं तोरणेणं दहावई महाणई पवूढा समाणी कच्छावईआवत्ते विजए दुहा विभयमाणी २ दाहिणेणं ० Page #691 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती सीयं महाणइं समप्पेइ, सेसं जहा गाहावईए । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे आवत्ते णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स वासहरपव्वयस्स दाहिणेणं सीयाए महाणईए उत्तरेणं णलिणकूडस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं दहावईए महाणईए. पुरथिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे आवत्ते णामं विजए पण्णत्ते, सेसं जहा कच्छस्स विजयस्स इति । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे णलिणकूडे णामं वक्खारपब्वए पण्णत्ते ? गो० ! णीलवन्तस्स दाहिणेणं सीयाए उत्तरेणं मंगलावइस्स विजयस्स पञ्चत्थिमेणं आवत्तस्स विजयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे णलिणकूडे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सेसं जहा चित्तकूडस्स जाव आसयन्ति०, णलिणकूडे णं भन्ते !० कइ कूडा प० ? गोयमा ! चत्तारि कूडा पण्णत्ता, तंजहा-सिद्धकूडे णलिणकूडे आवत्तकूडे मंगलावत्तकूडे, एए कूडा पञ्चसइया रायहाणीओ उत्तरेणं । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे मंगलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते? गोयमा ! णीलवन्तस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं णलिणकूडस्स पुरथिमेणं पंकावईए पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं मंगलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते, जहा कच्छस्स विजए तहा एसोभाणियन्वो जाव मंगलावत्ते य इत्थ देवे० परिवसइ, से एएण?णं० । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे पंकावईकुंडे णामं कुण्डे पण्णत्ते ? गोयमा ! मंगलावत्तस्स ०. पुरथिमेणं पुक्खलविजयस्स पचत्थिमेणं णीलवन्तस्स दाहिणे णियंबे एत्थ णं पंका-- वई जाव कुण्डे पण्णत्ते तं चेव गाहावइकुण्डप्पमाणं जाव मंगलावत्तपुक्खलावत्तविजए दुहा विभयमाणी २ अवसेसं तं चेव जं चेव गाहावईए । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे पुक्खलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स दाहिणेणं सीयाए उत्तरेणं पंकावईए पुरथिमेणं एगसेलस्स वक्खारपव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं पुक्खलावत्ते णामं विजए पण्णत्ते जहा कच्छविजए तहा भाणियवं जाव पुक्खले य इत्थ देवे महिड्डिए० पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएणटेणं०, कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे एगसेले णामं वक्खारपव्वए प० ? गो० ! पुक्खलावत्तचक्कवट्टिविजयस्स पुरथिमेणं पोक्खलावईचक्कवट्टिविजयस्स पचत्थिमेणं णीलवन्तस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं एत्थ णं एगसेले णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते चित्तकूडगमेणं णेयव्वो जाव देवा आसयन्ति०, चत्तारि कूडा, तं०-सिद्धकूडे एगसेलकूडे पुक्खलावत्तकूडे पुक्खलावईकूडे, कूडाणं तं चेव पञ्चसइयं परिमाणं जाव एगसेले य० देवे महिड्एि० । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे पुक्खलावई णामं चक्कवट्टिविजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णीलवन्तस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं उत्तरि-- लस्स सीयामुहवणस्स पञ्चत्थिमेणं एगसेलस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं. Page #692 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ महावच्छविजय०] सुत्तागमे महाविदेहे वासे पुक्खलावई णामं विजए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए एवं जहा कच्छविजयस्स जाव पुक्खलावई य इत्थ देवे० परिवसइ, से एएणटेणं । कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे सीयाए महाणईए उत्तरिल्ले सीयामुहवणे णामं वणे प० ? गोयमा ! णीलवन्तस्स दक्खिणेणं सीयाए उत्तरेणं पुरथिमलवणसमुदस्स पञ्चत्थिमेणं पुक्खलावइचकवाट्टिविजयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं सीयामुहवणे णामं वणे पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे सोलसजोयणसहस्साइं पञ्च य बाणउए जोयणसए दोण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स आयामेणं सीयाए महाणईए अन्तेणं दो जोयणसहस्साइं णव य बावीसे जोयणसए विक्खम्भेणं तयणंतरं च णं मायाए २ परिहायमाणे २ णीलवन्तवासहरपव्वयंतेणं एगं एगूणवीसइभागं जोयणस्स विक्खंभेणंति, से णं एगाए परमवरवेइयाए एगेण य वणसण्डेणं संपरिक्खित्ते वण्णओ सीयामुहवणस्स जाव देवा आसयन्ति०, एवं उत्तरिल्लं पासं समत्तं । विजया भणिया। रायहाणीओ इमाओ-खेमा १ खेमपुरा २ चेव, रिट्ठा ३ रिट्रपुरा ४ तहा । खग्गी ५ मंजूसा ६ अविय, ओसही ७ पुंडरीगिणी ८ ॥१॥ सोलस विजाहरसेढीओ तावइयाओ आभिओगसेढीओ सव्वाओ इमाओ ईसाणस्स, सव्वेसु विजएसु कच्छवत्तव्वया जाव अट्ठो रायाणो सरिसणामगा विजएसु सोलसण्हं वक्खारपव्वयाणं चित्तकूडवत्तव्वया जाव कूडा चत्तारि २ बारसप्हं गईणं गाहावइवत्तव्वया जाव उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं वणसण्डेहि य० वण्णओ ॥९५॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सीयाए महाणईए दाहिणिल्ले. सीयामुहवणे णामं वणे पण्णत्ते ? एवं जह चेव उत्तरिल्लं सीयामुहवणं तह चेव दाहिणंपि भाणियव्वं, णवरं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणं पुरत्थिमलवणसमुदस्स पञ्चत्थिमेणं वच्छस्स विजयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सीयाए महाणईए दाहिणिल्ले सीयामुहवणे णामं वणे प०, उत्तरदाहिणायए तहेव सव्वं णवरं णिसहवासहरपव्वयंतेणं एगमेगूणवीसइभागं जोयणस्स विक्खम्भेणं किण्हे किण्होभासे जाव महया गन्धद्धणिं मुयंते जाव आसयन्ति० उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं० वणवण्णओ इति । कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे वच्छे णामं विजए पण्णत्ते ? गोयमा ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं सीयाए महाणईए दाहिणेणं दाहिणिल्लस्स सीयामुहवणस्स पञ्चत्थिमेणं तिउडस्स वक्खारपव्वयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे वच्छे णामं विजए पण्णत्ते तं चेव पमाणं सुसीमा रायहाणी १, तिउडे वक्खारपव्वए सुवच्छे विजए कुण्डला रायहाणी २, तत्तजला गई महा Page #693 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१८ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती वच्छे विजए अपराजिया रायहाणी ३, वेसमणकूडे वक्खारपव्वए वच्छावई विजए पभंकरा रायहाणी ४, मत्तजला णई रम्मे विजए अंकावई रायहाणी ५, अंजणे वक्खारपव्वए रम्मगे विजए पम्हावई रायहाणी ६, उम्मत्तजला महाणई रमणिजे विजए सुभा रायहाणी ७, मायंजणे वक्खारपव्वए मंगलावई विजए रयणसंचया रायहाणीति ८, एवं जह चेव सीयाए महाणईए उत्तरं पासं तह चेव दक्खिणिलं भाणियव्वं, दाहिणिलसीयामुहवणाइ, इमे वक्खारकूडा, तं०-तिउडे १ वेसमणकूडे २ अंजणे ३ मायंजणे ४, [णईउ तत्तजला १ मत्तजला २ उम्मत्तजला ३,] विजया, तं०-वच्छे सुवच्छे महावच्छे, चउत्थे वच्छगावई । रम्मे रम्मए चेव, रमणिज मंगलावई ॥ १॥ रायहाणीओ, तंजहा-सुसीमा कुण्डला चेव, अवराइय पहंकरा ! अंकावई पम्हावई, सुभा रयणसंचया ॥ २ ॥ वच्छस्स विजयस्स णिसहे दाहिणेणं सीया उत्तरेणं दाहिणिल्लसीयामुहवणे पुरत्थिमेणं तिउडे पञ्चत्थिमेणं सुसीमा रायहाणी पमाणं तं चेवेति, वच्छाणंतरं तिउडे तओ सुवच्छे विजए एएणं कमेणं तत्तजला णई महावच्छे विजए वेसमणकूडे वक्खारपव्वए वच्छावई 'विजए मत्तजला णई रम्मे विजए अंजणे वक्खारपव्वए रम्मए विजए उम्मत्तजला गई रमणिज्जे विजए मायंजणे वक्खारपव्वए मंगलावई विजए ॥ ९६ ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे सोमणसे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं मन्दरस्स पव्वयस्स दाहिणपुरत्थिमेणं मंगलावईविजयस्स पञ्चत्थिमेणं देवकुराए० पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे सोमणसे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते, उत्तरदाहिणायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जहा मालवन्ते वक्खारपव्वए तहा णवरं सव्वरययामए अच्छे जाव पडिरूवे, णिसहवासहरपव्वयंतेणं चत्तारि जोयणसयाई उड्डे उच्चत्तेणं चत्तारि गाउयसयाई उव्वेहेणं सेसं तहेव सव्वं णवरं अट्ठो से गोयमा ! सोमणसे णं वक्खारपव्वए बहवे देवा य देवीओ य सोमा सुमणा सोमणसे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव परिवसइ, से एएणटेणं गोयमा ! जाव णिच्चे। सोमणसे णं भंते ! वक्खारपव्वए कइ कूडा प०१ गो० ! सत्त कूडा प०, तं०-सिद्धे १ सोमणसे २ विय बोद्धव्वे मंगलावईकूडे ३ । देवकुरु ४ विमल ५ कंचण ६ वसिट्ठकूडे ७ य बोद्धव्वे ॥१॥ एवं सव्वे पञ्चसइया कूडा, एएसिं पुच्छा दिसिविदिसाए भाणियव्वा जहा गन्धमायणस्स, विमलकञ्चणकूडेसु णवरं देवयाओ सुवच्छा वच्छमित्ता य अवसिढेसु कूडेसु सरिसणामया देवा रायहाणीओ दक्खिणेणंति। कहि णं भन्ते ! महाविदेहे वासे देवकुरा णामं कुरा पण्णत्ता ? गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं Page #694 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ वि० व० पव्व० कूडा] सुत्तागमे विज्जुप्पहस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं सोमणसवक्खारपव्वयस्स पञ्चत्थिमेणं एत्थ णं महाविदेहे वासे देवकुरा णामं कुरा पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उदीणदाहिणविच्छिण्णा इक्कारस जोयणसहस्साइं अट्ठ य बायाले जोयणसए दुण्णि य एगूणवीसइभाए जोयणस्स विक्खम्भेणं जहा उत्तरकुराए वत्तव्वया जाव अणुसज्जमाणा पम्हगन्धा मियगन्धा अममा सहा तेयतली सणिचारीति ६ ॥ ९७ ॥ कहि णं भन्ते ! देवकुराए २ चित्तविचित्तकूडा णाम दुवे पव्वया प० ? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरिल्लाओ चरिमंताओ अठ्ठचोत्तीसे जोयणसए चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीओयाए महाणईए पुरथिमपञ्चत्थिमेणं उभओकूले एत्थ णं चित्तविचित्तकूडा णाम दुवे पव्वया प०, एवं जच्चेव जमगपव्वयाणं० सच्चेव०, एएसिं रायहाणीओ दक्खिणेणंति ॥ ९८ ॥ कहि णं भन्ते ! देवकुराए २ णिसढद्दहे णामं दहे पण्णत्ते ? गो० ! तेसिं चित्तविचित्तकूडाणं पव्वयाणं उत्तरिल्लाओ चरिमन्ताओ अट्ठचोत्तीसे जोयणसए चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीओयाए महाणईए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं णिसहहहे णामं दहे पण्णत्ते, एवं जच्चेव णीलवंतउत्तरकुरुचन्देरावयमालवंताणं वत्तव्वया सच्चेव णिसहदेवकुरुसूरसुलसविज्जुप्पभाणं गेयव्वा, रायहाणीओ दक्खिणेणंति ॥ ९९ ॥ कहि णं भन्ते ! देवकुराए २ कूडसामलिपेढे णामं पेढे पण्णत्ते ? गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं विज्जुप्पभस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं सीओयाए महाणईए पञ्चत्थिमेणं देवकुरुपञ्चत्थिमद्धस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं देवकुराए कुराए कूडसामलीपेढे णामं पेढे प०, एवं जच्चेव जम्बूए सुदंसणाए वत्तव्वया सच्चेव सामलीएवि भाणियव्वा णामविहूणा गरुलदेवे रायहाणी दक्खिगेणं अवसिढें तं चेव जाव देवकुरू य इत्थ देवे० पलिओवमट्ठिइए परिवसइ, से तेणढेणं गो० ! एवं वुच्चइ-देवकुरा २, अदुत्तरं च णं० देवकुराए० ॥ १०० ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे विज्जुप्पमे णामं वक्खारपव्वए पण्णत्ते ? गो० ! णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं मन्दरस्स पव्वयस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं देवकुराए० पञ्चत्थिमेणं पम्हस्स विजयस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे विज्जुप्पभे० वक्खारपव्वए प०, उत्तरदाहिणायए एवं जहा मालवन्ते णवरि सव्वतवणिजमए अच्छे जाव देवा आसयन्ति । विज्जुप्पभे णं भन्ते ! वक्खारपव्वए कइ कूडा प० ? गो० ! णव कूडा प०, तं०-सिद्धकूडे विज्जुप्पभकूडे देवकुरुकूडे पम्हकूडे कणगकूडे सोवत्थियकूडे सीओयाकूडे सयजलकूडे हरिकूडे । सिद्धे य विज्जुणामे देवकुरू पम्हकणगसोवत्थी । सीओया य सयज Page #695 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२० सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती लहरिकूडे चेव बोद्धव्वे ॥ १॥ एए हरिकूडवजा पञ्चसइया णेयव्वा, एएसि कूडाणं पुच्छा दिसिविदिसाओ णेयव्वाओ जहा मालवन्तस्स हरिस्सहकूडे तह चेव हरिकूडे रायहाणी जह चेव दाहिणेणं चमरचंचा रायहाणी तह णेयव्वा, कणगसोवत्थियकूडेसु वारिसेणबलाहयाओ दो देवयाओ अवसिढेसु कूडेसु कूडसरिसणामया देवा रायहाणीओ दाहिणेणं, से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-विज्जुप्पमे वक्खारपव्वए २ ? गोयमा ! विजुप्पमे णं वक्खारपव्वए विज्जुमिव सव्वओ समन्ता ओभासेइ उज्जोवेइ पभासइ विज्जुप्पभे य इत्थ देवे जाव पलिओवमट्ठिइए परिवसइ. से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-विज्जुप्पभे० २, अदुत्तरं च णं जाव 'णिच्चे ॥१०१॥ एवं पम्हे विजए अस्सपुरा रायहाणी अंकावई वक्खारपव्वए १, सुपम्हे विजए सीहपुरा रायहाणी खीरोया महाणई २, महापम्हे विजए महापुरा रायहाणी पम्हावई वक्खारपव्वए ३, पम्हगावई विजए विजयपुरा रायहाणी सीयसोया महाणई ४, संखे विजए अवराइया रायहाणी आसीविसे वक्खारपव्वए ५, कुमुए विजए अरया रायहाणी अंतोवाहिणी महाणई ६, णलिणे विजए असोगा रायहाणी सुहावहे वक्खारपव्वए ७, णलिणावई विजए वीयसोगा रायहाणी ८ दाहिणिल्ले सीओयामुहवणसंडे, उत्तरिल्लेवि एमेव भाणियव्वे जहा सीयाए, वप्पे विजए विजया रायहाणी चन्दे वक्खारपव्वए १, सुवप्पे विजए जयन्ती रायहाणी उम्मिमालिणी णई २, महावप्पे विजए जयन्ती रायहाणी सूरे वक्खारपव्वए ३, वप्पावई विजए अपराइया रायहाणी फेणमालिणी गई ४, वग्गू विजए चक्कपुरा रायहाणी णागे वक्खारपव्वए ५, सुवग्गू विजए खग्गपुरा रायहाणी गंभीरमालिणी अंतरणई ६, गन्धिले विजए अवज्झा रायहाणी देवे वक्खारपव्वए ७, गंधिलावई विजए अओज्झा रायहाणी ८, एवं मन्दरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमिल्लं पासं भाणियव्वं तत्थ ताव सीओयाए णईए दक्खिणिल्ले णं कूले इमे विजया, तं०-पम्हे सुपम्हे महापम्हे, चउत्थे पम्हगावई । संखे कुमुए णलिणे, अट्ठमे णलिणावई ॥ १ ॥ इमाओ रायहाणीओ, तं०-आसपुरा सीहपुरा महापुरा चेव हवइ विजयपुरा । अवराइया य अरया असोग तह वीयसोगा य ॥२॥ इमे वक्खारा, तंजहा-अंके पम्हे आसीविसे सुहावहे, एवं इत्थ परिवाडीए दो दो विजया कूडसरिसणामया भाणियव्वा दिसा विदिसाओ य भाणियव्वाओ, सीओयामुहवणं च भाणियव्वं सीओयाए दाहिणिल्लं उत्तरिलं च, सीओयाए उत्तरिल्ले पासे इमे विजया, तंजहा-वप्पे सुवप्पे महावप्पे, चउत्थे वप्पयावई । वग्गू य सुवग्गू य, गंधिले गंधिलावई ॥१॥ रायहाणीओ इमाओ, तंजहा-विजया वेजयन्ती जयन्ती अपरा Page #696 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ४ णंदापुक्खरिणीओ] सुत्तागमे जिया । चक्कपुरा खरगपुरा हवइ अवज्झा अउज्झा य ॥२॥ इमे वक्खारा, तंजहा-चन्दपव्वए १ सूरपव्वए २ णागपव्वए ३ देवपव्वए ४, इमाओ गईओ सीओयाए महाणईए दाहिणिल्ले कूले-खीरोया सीहसोया अंतरवाहिणीओ णईओ ३, उम्मिमालिणी १ फेणमालिणी २ गंभीरमालिणी ३ उत्तरिल्लविजयाणन्तराउत्ति, इत्थ परिवाडीए दो दो कूडा विजयसरिसणामया भाणियव्वा, इमे दो दो कूडा अवट्ठिया, तंजहा-सिद्धकूडे पव्वयसरिसणामकूडे ॥ १०२ ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ महाविदेहे वासे मन्दरे णामं पव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! उत्तरकुराए दक्खिणेणं देवकुराए उत्तरेणं पुव्वविदेहस्स वासस्स पञ्चत्थिमेणं अवरविदेहस्स वासस्स पुरथिमेणं जम्बुद्दीवस्स २ बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरे णामं पव्वए पण्णत्ते णवणउइजोयणसहस्साई उड्ढे उच्चत्तेणं एगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं मूले दसजोयणसहस्साई णवइं च जोयणाई दस य एगारसभाए जोयणस्स विक्खम्भेणं धरणियले दस जोयणसहस्साइं विक्खम्भेणं तयणन्तरं च णं मायाए २ परिहायमाणे परिहायमाणे उवरितले एगं जोयणसहस्सं विक्खंभेणं मूले एकतीसं जोयणसहस्साइं णव य दसुत्तरे जोयणसए तिण्णि य एगारसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं धरणियले एक्कतीसं जोयणसहस्साइं छच्च तेवीसे जोयणसए परिक्खेवेणं उवरितले तिण्णि जोयणसहस्साइं एगं च बावढं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णे मज्झे संखित्ते उवरिं तणुए गोपुच्छसंठाणसंठिए सव्वरयणामए अच्छे सण्हेत्ति । से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते वण्णओत्ति, मन्दरे णं भन्ते ! पव्वए कइ वणा प० ? गो० ! चत्तारि वणा प०, तं०-भद्दसालवणे १ णन्दणवणे २ सोमणसवणे ३ पंडगवणे ४, कहि णं भन्ते ! मन्दरे पव्वए भद्दसालवणे णामं वणे प० ? गोयमा ! धरणियले एत्थ णं मन्दरे पव्वए भद्दसालवणे णामं वणे पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे सोमणसविज्जुप्पहगंधमायणमालवंतेहिं वक्खारपव्वएहिं सीयासीओयाहि य महाणईहिं अट्ठभागपविभत्ते मन्दरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं बावीसं बावीसं जोयणसहस्साइं आयामेणं उत्तरदाहिणेणं अड्डाइजाई अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खम्भेणंति, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते दुण्हवि वण्णओ भाणियव्बो किण्हे किण्होभासे जाव देवा आसयन्ति सयन्ति०, मन्दरस्स णं पव्वयस्स उत्तरपुरथिमेणं भद्दसालवणं पण्णासं जोयणाइं ओगाहित्ता एत्थ णं चत्तारि णन्दापुक्खरिणीओ पण्णत्ताओ, तं०-पउमा १ पउमप्पभा २ चेव, कुमुया ३ कुमुयप्पभा ४, ताओ णं पुक्खरिणीओ पण्णासं जोयणाइं आयामेणं पणवीसं जोयणाई Page #697 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६२२ [जंबुद्दीवपण्णत्ती विक्खम्भेणं दसजोयणाई उव्वेहेणं वण्णओ वेइयावणसंडाणं भाणियव्वो, चउहिसि तोरणा जाव तासि णं पुक्खरिणीणं बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो पासायवडिंसए पण्णत्ते पञ्चजोयणसयाइं उढे उच्चत्तेणं अड्डाइजाई जोयणसयाई विक्खंभेणं अब्भुग्गयमूसिय एवं सपरिवारो पासायवडिंसओ भाणियवो. मंदरस्स णं एवं दाहिणपुरत्थिमेणं पुक्खरिणीओ उप्पलगुम्मा णलिणा उप्पला उप्पलुजला तं चेव पमाणं मज्झे पासायवडिंसओ सक्कस्स सपरिवारो तेणं चेव पमाणेणं दाहिणपञ्चत्थिमेणवि पुक्खरिणीओ-भिंगा भिंगणिभा चेव, अंजणा अंजणप्पभा। पासायवडिंसओ सक्कस्स सीहासणं सपरिवारं । उत्तरपुरत्थिमेणं पुक्खरिणीओ-सिरिकंता १ सिरिचन्दा २ सिरिमहिया ३ चेव सिरिणिलया ४ । पासायवडिंसओ ईसाणस्स सीहासणं सपरिवारंति । मन्दरे णं भन्ते ! पव्वए भद्दसालवणे कइ दिसाहत्थिकूडा प० ? गो० ! अट्ठ दिसाहत्थिकूडा पण्णत्ता, तंजहा-पउमुत्तरे १ णीलवन्ते २, सुहत्थी ३ अंजणागिरी ४ । कुमुए य ५ पलासे य ६, वडिंसे ७ रोयणागिरी ८ ॥ १॥ कहि णं भन्ते ! मन्दरे पव्वए भद्दसालवणे पउमुत्तरे णामं दिसाहत्थिकूडे प० ? गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरत्थिमेणं पुरथिमिल्लाए सीयाए उत्तरेणं एत्थ णं पउमुत्तरे णामं दिसाहत्थिकूडे पण्णत्ते पञ्चजोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं पञ्चगाउयसयाई उव्वेहेणं एवं विक्खम्भपरिक्खेवो भाणियव्वो चुल्लहिमवन्तसरिसो, पासायाण य तं चेव पउमुत्तरो देवो रायहाणी उत्तरपुरत्थिमेणं १, एवं णीलवन्तदिसाहत्थिकूडे मन्दरस्स दाहिणपुरथिमेणं पुरथिमिल्लाए सीयाए दक्खिणेणं एयस्सवि णीलवन्तो देवो रायहाणी दाहिणपुरथिमेणं २, एवं सुहत्थिदिसाहत्थिकूडे मंदरस्स दाहिणपुरथिमेणं दक्खिणिलाए सीओयाए पुरथिमेणं एयस्सवि सुहत्थी देवो रायहाणी दाहिणपुरत्थिमेणं ३, एवं चेव अंजणागिरिदिसाहत्थिकूडे मन्दरस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं दक्खिणिल्लाए सीओयाए पञ्चत्थिमेणं एयस्सवि अंजणागिरी देवो रायहाणी दाहिणपञ्चत्थिमेणं ४, एवं कुमुए विदिसाहत्थिकूडे मन्दरस्स दाहिणपञ्चत्थिमेणं पञ्चस्थिमिल्लाए सीओयाए दक्खिणेणं एयस्सवि कुमुओ देवो रायहाणी दाहिणपञ्चत्थिमेणं ५, एवं पलासे विदिसाहत्थिकूडे मन्दरस्स उत्तरपञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमिलाए सीओयाए उत्तरेणं एयस्सवि पलासो देवो रायहाणी उत्तरपञ्चत्थिमेणं ६, एवं वडेंसे विदिसाहत्थिकूडे मन्दरस्स० उत्तरपञ्चत्थिमेणं उत्तरिल्लाए सीयाए महाणईए पञ्चत्थिमेणं एयस्सवि वडेंसो देवो रायहाणी उत्तरपञ्चत्थिमेणं ७, एवं रोयणागिरी दिसाहत्थिकूडे मंदरस्स उत्तरपुरथिमेणं उत्तरिल्लाए' सीयाए पुरत्थिमेणं एयस्सवि रोयणागिरी देवो रायहाणी उत्तरपुरत्थिमेणं ८ ॥१०३॥ कहि णं भन्ते ! मन्दरे पव्वए णंदणवणे णाम Page #698 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२३ व० ४ सोमणसवण० ] सुत्तागमे वणे पण्णत्ते ? गो० ! भद्दसालवणस्स बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ पञ्चजोयणसयाई उड्नुं उप्पइत्ता एत्थ णं मन्दरे पव्वए णन्दणवणे णामं वणे पण्णत्ते पञ्चजोयणसयाई चक्कवालविक्खम्भेणं वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जे णं मन्दरं पव्वयं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइत्ति णवजोयणसहस्साइं णव य चउप्पण्णे जोयणसए बेगारसभाए जोयणस्स बाहिं गिरिविक्खम्भो एगत्तीसं जोयणसहस्साइं चत्तारि य अउणासीए जोयणसए किंचिविसे साहिए बाहिं गिरिपरिरएणं अट्ठ जोयणसहस्साईं णव य चरप्पण्णे जोयणसए छच्चेगारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिविक्खम्भो अट्ठावीसं जोयणसहस्साइं तिण्ण य सोलसुत्तरे जोयणसए अट्ठ य इकारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिपरिरएणं, से णं एगाए पउमवरवेश्याए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते वणओ जाव देवा आसयन्ति ०, मंदरस्स पव्वयस्स विदिसासु पुक्खरिणीओ तं चेव पमाणं पुक्खरिणीणं पासायवर्डिसगा तह चेव सक्केसाणाणं तेणं चेव पमाणेणं, दवणे णं भन्ते ! कइ कूडा प० ? गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता, तंजहा - णन्दणवणकूडे १ मन्दरकूडे २ णिसहकूडे ३ हिमवयकूडे ४ रययकूडे ५ रुयगकूडे ६ सागरचित्तकूडे ७ वइरकूडे ८ बलकूडे ९ । कहि णं भन्ते ! णन्दणवणे णंदणवणकूडे मं कूडे प० ? गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरत्थिमिलस्स पासायवडेंसयस्स दक्खिणं एत्थ णं णन्दणवणे णंदणवणे णामं कूडे पण्णत्ते ० पञ्चसइया कूडा पुव्ववणिया भाणियव्वा, देवी मेहंकरा रायहाणी विदिसाएत्ति १ एयाहिं चेव पुव्वाभिलावेणं णेयव्वा इमे कूडा इमाहिं दिसाहिं दाहिणपुरत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स उत्तरेणं मन्दरे कूडे मेहवई देवी रायहाणी पुव्वेणं २ दाहिणपुरत्थिमिलस्स पासायवडेंसगस्स पञ्चत्थिमेणं णिस कूडे सुमेहा देवी रायहाणी दक्खिणेणं ३ दक्खिणपच्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पुरत्थिमेणं हेमवए कूडे हेममालिणी देवी रायहाणी दक्खिणं ४ दाहिणपच्चत्थिमिलस्स पासायव डेंसगस्स उत्तरेणं रयए कूडे सुवच्छा देवी रायहाणी पच्चत्थिमेणं ५ उत्तरपच्चत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स दक्खिणेणं रुयगे कूडे वच्छमित्ता देवी रायहाणी पच्चत्थिमेणं ६ उत्तरपच्चत्थिमिलस्स पासायवडेंसगस्स पुरत्थिमेणं सागरचित्ते कूडे वइरसेणा देवी रायहाणी उत्तरेणं ७ उत्तरपुरत्थिमिल्लस्स पासायवडेंसगस्स पच्चत्थिमेणं वइरकूडे बलाहया देवी रायहाणी उत्तरेणंति ८, कहि णं भन्ते ! णन्दणवणे बलकूडे णामं कूडे पण्णत्ते ? गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स उत्तरपुरत्थिमेणं एत्थ णं णन्दणवणे बलकूडे णामं कूडे प०, एवं जं चेव हरिस्सहकूडस्स पमाणं रायहाणी य तं चेव बलकूडस्सवि, णवरं बलो देवो रायहाणी उत्तरपुरत्थिमेणंति ॥ १०४ ॥ कहि णं भंते ! मन्दरए पव्वए सोमणसवणे णामं वणे प० ? गोयमा ! णन्दणवण Page #699 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२४ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ अद्धतेवहिँ जोयणसहस्साइं उड़े उप्पइत्ता एत्थ णं मन्दरे पव्वए सोमणसवणे णामं वणे पण्णत्ते पञ्चजोयणसयाइं चकवालविक्खम्भेणं वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जे णं मन्दरं पव्वयं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ चत्तारि जोयणसहस्साई दुण्णि य बावत्तरे जोयणसए अट्ठ य इक्कारसभाए जोयणस्स बाहिं गिरिविक्खम्भेणं तेरस जोयणसहस्साइं पञ्च य एक्कारे जोयणसए छच्च इक्कारसभाए जोयणस्स बाहिं गिरिपरिरएणं तिण्णि जोयणसहस्साइं दुण्णि य बावत्तरे जोयणसए अट्ठ य इक्कारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिविक्खम्भेणं दस जोयणसहस्साई तिण्णि य अउणापण्णे जोयणसए तिण्णि य इक्कारसभाए जोयणस्स अंतो गिरिपरिरएणंति । से णं एगाए पउमवरवेश्याए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते वण्णओ किण्हे किण्होभासे जाव आसयन्ति० एवं कूडवज्जा सच्चेव णन्दणवणवत्तव्वया भाणियव्वा, तं चेव ओगाहिऊण जाव पासायवडेंसगा सक्कीसाणाणंति ॥ १०५ ॥ कहि णं भंते ! मन्दरपव्वए पंडगवणे णामं वणे प० ? गो० ! सोमणसवणस्स बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ छत्तीसं जोयणसहस्साई उड़े उप्पइत्ता एत्थ णं मन्दरे पव्वए सिहरतले पंडगवणे णामं वणे पण्णत्ते चत्तारि चउणउए जोयणसए चकवालविक्खंभेणं वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए, जे णं मंदरचूलियं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ तिण्णि जोयणसहस्साइं एगं च बावढं जोयणसयं किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं, से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं जाव किण्हे. देवा आसयन्ति०, पंडगवणस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं मंदरचूलिया णामं चूलिया पण्णत्ता चत्तालीसं जोयणाई उर्दू उच्चत्तेणं मूले बारस जोयणाई विक्खंभेणं मज्झे अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं उप्पि चत्तारि जोयणाइं विक्खंभेणं मूले साइरेगाई सत्ततीसं जोयणाइं परिक्खेवेणं मज्झे साइरेगाइं पणवीसं जोयणाई परिक्खेवणं उप्पि साइरेगाइं बारस जोयणाइं परिक्खेवेणं मूले विच्छिण्णा मज्झे संखित्ता उप्पि तणुया गोपुच्छसंठाणसंठिया सव्ववेरुलियामई अच्छा०, सा णं एगाए पउमवरवेइयाए जाव संपरिक्खित्ता इति उप्पिं बहुसमरमणिजे भूमिभागे जाव विहरंति, एवं जच्चेव सोमणसे पुत्ववण्णिओ गमो पुक्खरिणीणं पासायवडेंसगाण य सो चेव णेयव्वो जाव सक्कीसाणवडेंसगा तेणं चेव परिमाणेणं ॥ १०६ ॥ पण्डगवणे णं भन्ते ! वणे कइ अभिसेयसिलाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! चत्तारि अभिसेयसिलाओ प०, तं०-पंडुसिला १ पण्डुकंबलसिला २ रत्तसिला ३ रत्तकम्बलसिलेति ४ । कहि णं भन्ते ! पण्डगवणे पण्डुसिला णामं सिला पण्णत्ता 2 गोयमा ! मन्दरचूलियाए पुरथिमेणं पंडगवणपुरथिमपेरंते एत्थ णं पंडगवणे पंडसिला णामं सिला पण्णत्ता, Page #700 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च० ४ मं० प० हिट्टिलकंडपगारा ] सुत्तागमे उत्तरदाहिणाया पाईणपडीणविच्छिण्णा अद्धचन्दसंठाणसंठिया पंचजोयणसयाई आयामेणं अड्डाइजाइं जोयणसयाई विक्खम्भेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वकगामई अच्छा वेश्यावणसंडेणं सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ता वण्णओ, तीसे गं पण्डुसिलाए चउद्दिसिं चत्तारि तिसोवाणपडिरूवगा पण्णत्ता जाव तोरणा वण्णओ, तीसे णं पण्डुसिलाए उप्पि बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते जाव देवा आसयन्ति०, तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए उत्तरदाहिणेणं एत्थ णं दुवे सीहासणा पण्णत्ता पञ्च धणुसयाई आयामविक्खम्भेणं अड्डाइज्जाई धणुसयाई बाहल्लेणं सीहासणवण्णओ भाणियव्वो विजयदूसवजोत्ति । तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले सीहासणे तत्थ णं बहूहिं भवणवइवाणमन्तरजोइसियवेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य कच्छाइया तित्थयरा अभिसिन्च्चन्ति तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले सीहासणे तत्थ गं बहूहिं भवण जाव वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य वच्छाइया तित्थयरा अभिसिचन्ति कहि णं भन्ते ! पण्डगवणे पण्डुकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता ? गोयमा ! मन्दरचूलियाए दक्खिणेणं पण्डगवणदाहिणपेरंते एत्थ णं पंडगवणे पंडुकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता, पाईणपडीणायया उत्तरदाहिणविच्छिण्णा एवं तं चेव पमाणं वत्तव्वया य भाणियव्वा जाव तस्स णं बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स - बहुमज्झदेसभा एत्थ णं महं एगे सीहासणे प० तं चेव सीहासणप्पमाणं तत्थ णं बहूहिं भवणवइ जाव भारहगा तित्थयरा अहिसिच्चन्ति कहि णं भन्ते ! पण्डव रत्तसिला णामं सिला प० ? गो० ! मन्दरचूलियाए पच्चत्थिमेणं पण्डगवणपञ्च्चत्थिमपेरं एत्थ णं पण्डगवणे रत्तसिला णामं सिला पण्णत्ता, उत्तरदाहिणायया पाईण - पडीणविच्छिण्णा जाव तं चैव पमाणं सव्वतवणिज्जमई अच्छा० उत्तरदाहिणेणं एत्थ दुवे सीहासणा पण्णत्ता, तत्थ णं जे से दाहिणिल्ले सीहासणे तत्थ णं बहूहिं भवण० पम्हाइया तित्थयरा अहिसिन्च्चन्ति तत्थ णं जे से उत्तरिल्ले सीहासणे तत्थ बहूहिं भवण जाव वप्पाझ्या तित्थयरा अहिसिच्वंति, कहि णं भन्ते ! पण्डगवणे रत्तकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता ? गोयमा ! मंदरचूलियाए उत्तरेणं पंडगवणउत्तरचरिमंते एत्थ णं पंडगवणे रत्तकंबलसिला णामं सिला पण्णत्ता, पाईणपडीणा-यया उदीणदाहिणविच्छिण्णा सव्वतवणिजमई अच्छा जाव मज्झदेसभाए सीहासणं, तत्थ णं बहूहिं भवणवर जाव देवेहिं देवीहि य एरावयगा तित्थयरा अहिसिचन्ति ॥ १०७ ॥ मन्दरस्स णं भन्ते ! पव्वयस्स कइ कण्डा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ कंडा पण्णत्ता, तंजहा-हिट्ठिल्ले कंडे मज्झिल्ले कण्डे उवरिल्ले कण्डे, मन्दरस्स णं भन्ते ! पव्वयस्स हिडिले कण्डे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पण्णत्ते, तंजहा - पुढवी १ उवले २ ४० सुत्ता० ६२५ Page #701 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२६ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती वइरे ३ सक्करा ४, मज्झिमिल्ले णं भन्ते ! कण्डे कइविहे प० ? गोयमा ! चउबिहे पण्णत्ते, तंजहा-अंके १ फलिहे २ जायरूवे ३ रयए ४, उवरिल्ले० कण्डे कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगागारे पण्णत्ते सव्वजम्बूणयामए, मन्दरस्स णं भन्ते ! पव्वयस्स हेछिल्ले कण्डे केवइयं बाहल्लेणं प० ? गोयमा ! एगं जोयणसहस्सं बाहल्लेणं पण्णत्ते, मज्झिमिल्ले० कण्डे पुच्छा, गोयमा ! तेवढि जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं प०, उवरिले पुच्छा, गोयमा ! छत्तीसं जोयणसहस्साई बाहल्लेणं प०, एवामेव सपुव्वावरेणं मन्दरे पव्वए एग जोयणसयसहस्सं सव्वग्गेणं पण्णत्ते ॥ १०८ ॥ मन्दरस्स णं भन्ते ! पव्वयस्स कइ णामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! सोलस णामधेजा पण्णत्ता, तंजहा-मन्दर १ मेरु २ मणोरम ३ सुदंसण ४ सयंपमे य ५ गिरिराया ६। रयणोच्चय ७ सिलोच्चय ८ मज्झे लोगस्स ९ णाभी य १० ॥ १ ॥ अच्छे य ११ सूरियावत्ते १२, सूरियावरणे १३ तिया। उत्तमे १४ य दिसादी य १५, वडेंसेति १६ य सोलसे ॥ २ ॥ से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-मन्दरे पव्वए २ ? गोयमा ! मन्दरे पव्वए मन्दरे णामं देवे परिवसइ महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-मन्दरे पव्वए २, अदुत्तरं तं चेवत्ति ॥ १०९ ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे णीलवन्ते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! महाविदेहस्स वासस्स उत्तरेणं रम्मगवासस्स दक्खिणेणं पुरथिमिल्ललवणसमुहस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे २ णीलवन्ते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे णिसहवत्तव्वया. णीलवन्तस्स भाणियव्वा, णवरं जीवा दाहिणेणं धणुं उत्तरेणं एत्थ णं केसरिद्दहो, दाहिणेणं सीया महाणई पवूढा समाणी उत्तरकुरुं एजेमाणी २ जमगपत्रए णीलवन्तउत्तरकुरुचन्देरावयमालवन्तद्दहे य दुहा विभयमाणी २ चउरासीए सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी २ भद्दसालवणं एजेमाणी २ मन्दरं पव्वयं दोहिं जोयणेहि असंपत्ता पुरत्थाभिमुही आवत्ता समाणी अहे मालवन्तवक्खारपव्वयं दालइत्ता मन्दरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं पुव्वविदेहवासं दुहा विभयमाणी २ एगमेगाओ चक्कवट्टिविजयाओ अट्ठावीसाए २ सलिलासहस्सेहिं आपूरेमाणी २ पञ्चहिं सलिलासयसहस्सेहिं बत्तीसाए य सलिलासहस्सेहिं समग्गा अहे विजयस्स दारस्स जगई दालइत्ता पुरस्थिमेणं लवणसमुई समप्पेइ, अवसिडें तं चेवत्ति । एवं णारिकतावि उत्तराभिमुही णेयव्वा, णवरमिमं णाणत्तं गन्धावइवट्टवेयड्डपव्वयं जोयणेणं असंपत्ता पञ्चत्थाभिमुही आवत्ता समाणी अवसिटुं तं चेव पवहे य मुहे य जहा हरिकन्तासलिला इति । णीलवन्ते णं भन्ते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गोयमा ! णव कूडा प०, Page #702 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे व० ४ हेरण्णवयवास०] ६२७ तंजहा-सिद्धकूडे०, सिद्धे १ णीले २ पुव्वविदेहे ३ सीया य ४ कित्ति ५ णारी य ६ । अवरविदेहे ७ रम्मगकूडे ८ उवदंसणे चेव ९ ॥ १॥ सव्वे एए कूडा पञ्चसइया रायहाणीउ उत्तरेणं । से केणढेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-णीलवन्ते वासहरपव्वए २? गोयमा ! णीले णीलोभासे णीलवन्ते य इत्थ देवे महिड्डिए जाव परिवसइ सव्ववेरुलियामए णीलवन्ते जाव णिच्चेति ॥ ११० ॥ कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ रम्मए णामं वासे पण्णत्ते ? गो० ! णीलवन्तस्स उत्तरेणं रुप्पिस्स दक्खिणेणं पुरस्थिमलवणसमुदस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एवं जह चेव हरिवासं तह चेव रम्मयं वासं भाणियव्वं, णवरं दक्खिणेणं जीवा उत्तरेणं धणुं अवसेसं तं चेव । कहि णं भन्ते ! रम्मए वासे गन्धावई णामं वट्टवेयडपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! णरकन्ताए पञ्चत्थिमेणं णारीकन्ताए पुरत्थिमेणं रम्मगवासस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं गन्धावई णामं वटवेयड्डपव्वए पण्णत्ते, जं चेव वियडावइस्स तं चेव गन्धावइस्सवि वत्तव्वं, अट्ठो बहवे उप्पलाई जाव गंधावईवण्णाइं गन्धावइप्पभाई पउमे य इत्थ देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, रायहाणी उत्तरेणंति । से केणटेणं भन्ते ! एवं बुच्चइ-रम्मए वासे २ ? गोयमा ! रम्मगवासे णं रम्मे रम्मए रमणिजे रम्मए य इत्थ देवे जाव परिवसइ, से तेणटेणं० । कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ रुप्पी णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते ? गोयमा ! रम्मगवासस्स उत्तरेणं हेरण्णवयवासस्स दक्खिणेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पचत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे रुप्पी णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते, पाईणपडीणायए उदीणदाहिणविच्छिण्णे, एवं जा चेव महाहिमवन्तवत्तव्वया सा चेव रुप्पिस्सवि, णवरं दाहिणेणं जीवा उत्तरेणं धणुं अवसेसं तं चेव महापुण्डरीए दहे णरकन्ता णई दक्खिणेणं णेयव्वा जहा रोहिया पुरत्थिमेणं गच्छइ, रुप्पकूला उत्तरेणं णेयव्वा जहा हरिकन्ता पञ्चत्थिमेणं गच्छइ, अवसेसं तं चेवत्ति । रुप्पिमि णं भन्ते ! वासहरपव्वए कइ कूडा प०? गो० ! अट्ठ कूडा प०, तं०-सिद्धे १ रुप्पी २ रम्मग ३ णरकन्ता ४ बुद्धि ५ रुप्पकूला य ६ । हेरण्णवय ७ मणिकंचण ८ अट्ठ य रुप्पिमि कूडाइं ॥ १ ॥ सव्वेवि एए पंचसइया रायहाणीओ उत्तरेणं । से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-रुप्पी वासहरपव्वए २ ? गोयमा ! रुप्पीणामवासहरपव्वए रुप्पी रुप्पपट्टे रुप्पोभासे सव्वरुप्पामए रुप्पी य इत्थ देवे...पलिओवमटिइए परिवसइ, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइत्ति । कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे २ हेरण्णवए णामं वासे पण्णत्ते ? गो० ! रुप्पिस्स उत्तरेणं सिहरिस्स दक्खिणेणं पुरत्थिमलवणसमुदस्स पञ्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे हेरण्णवए णाम Page #703 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६२८ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती वासे पण्णत्ते, एवं जह चेव हेमवयं तह चेव हेरण्णवयपि भाणियव्वं, णवरं जीवा दाहि. णेणं उत्तरेणं धणुं अवसिटुं तं चेवत्ति । कहि णं भन्ते ! हेरण्णवए वासे मालवन्तपरियाए णामं वट्टवेयड्ढपव्वए प० ? गो० ! सुवण्णकूलाए पचत्थिमेणं रुप्पकूलाए पुरथिमेणं एत्थ णं हेरण्णवयस्स वासस्स बहुमज्झदेसभाए मालवन्तपरियाए णामं वट्टवेयड्डपव्वए प० जह चेव सद्दावइ० तह चेव मालवंतपरियाएवि, अट्ठो उप्पलाइं पउमाई मालवन्तप्पभाई मालवन्तवण्णाइं मालवन्तवण्णाभाई पभासे य इत्थ देवे महिड्डिए... पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से एएणढेणं०, रायहाणी उत्तरेणंति । से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-हेरण्णवए वासे २ ? गोयमा ! हेरण्णवए णं वासे रुप्पीसिहरीहिं वासहरपव्वएहिं दुहओ समवगूढे णिचं हिरणं दलइ णिच्चं हिरणं मुंचइ णिचं हिरण्णं पगासइ हेरण्णवए य इत्थ देवे परिवसइ०, से एएणटेणंति । कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे सिहरी णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते? गोयमा ! हेरण्णवयस्स उत्तरेणं एरावयस्स दाहिणेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्स० पच्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरत्थिमेणं, एवं जह चेव चुलहिमवन्तो तह चेव सिहरीवि णवरं जीवा दाहिणेणं धणुं उत्तरेणं अवसिटुं तं चेव पुण्डरीए दहे सुवण्णकूला महाणई दाहिणेणं णेयव्वा जहा रोहियंसा पुरथिमेणं गच्छइ, एवं जह चेव गंगासिन्धूओ तह चेव रत्तारत्तवईओ णेयव्वाओ पुरथिमेणं रत्ता पच्चत्थिमेणं रत्तवई अवसिटुं तं चेव [अवसेसं भाणियव्वंति] । सिहरिम्मि णं भन्ते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता ? गो० ! इक्कारस कूडा प०, तं०-सिद्धकूडे १ सिहरिकुडे २ हेरण्णवयकूडे ३ सुवण्णकूलाकूडे ४ सुरादेवीकूडे ५ रत्ताकूडे ६ लच्छीकूडे ७ रत्तवईकूडे ८ इलादेवीकूडे ९ एरवयकूडे १० तिगिच्छिकूडे ११, एवं सव्वेवि कूडा पंचसइया रायहाणीओ उत्तरेणं । से केणटेणं भन्ते ! एवमुच्चइ-सिहरिवासहरपव्वए २ ? गोयमा ! सिहरिंमि वासहरपव्वए बहवे कूडा सिह रिसंठाणसंठिया सव्वरयणामया सिहरी य इत्थ देवे जाव परिवसइ, से तेणटेणं०, कहि णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे एरावए णामं वासे पण्णत्ते ? गोयमा ! सिहरिस्स० उत्तरेणं उत्तरलवणसमुदस्स दक्खिणेणं पुरथिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्थिमेणं पञ्चत्थिमलवणसमुदस्स पुरथिमेणं एत्थ णं जम्बुद्दीवे दीवे एरावए णामं वासे पण्णत्ते, खाणुबहुले कंटगबहुले एवं जच्चेव भरहस्स वत्तव्वया सच्चेव सव्वा णिरवसेसा णेयव्वा सओअवणा सणिक्खमणा सपरिनिव्वाणा णवरं एरावओ चक्कवट्टी एरावओ देवो, से तेणटेणं० एरावए वासे २ ॥ १११ ॥ चउत्थो वक्खारो समत्तो॥ जया णं एकमेक्के चकवट्टिविजए भगवन्तो तित्थयरा समुप्पजन्ति तेणं कालेणं तेणं समएणं अहोलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ सएहिं २ कूडेहिं Page #704 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ५ अ० दिसा० थुई] सुत्तागमे ६२९ सएहिं २ भवणेहिं सएहिं २ पासायव.सएहिं पत्तेयं २ चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहिं महत्तरियाहिं सपरिवाराहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवईहि सोलसएहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अण्णेहि य बहूहिं भवणवइवाणमन्तरेहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिवुडाओ महया हयणगीयवाइय जाव भोगभोगाइं भुंजमाणीओ विहरंति, तंजहा-भोगंकरा १ भोगवई २, सुभोगा ३ भोगमालिणी ४ । तोयधारा ५ विचित्ता य ६, पुप्फमाला ७ अणिदिया ८ ॥ १॥ तए णं तासिं अहेलोगवत्थव्वाणं अट्ठण्हं दिसाकुमारीणं मयहरियाणं पत्तेयं पत्तेयं आसणाइं चलंति, तए णं ताओ अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीओ महत्तरियाओ पत्तेयं २ आसणाई चलियाई पासन्तिर त्ता ओहिं पउंजंति पउंजित्ता भगवं तित्थयरं ओहिणा आभोएंति २ त्ता अण्णमण्णं सदाविंति २ त्ता एवं वयासी-उप्पण्णे खलु भो! जम्बुद्दीवे दीवे भयवं तित्थयरे तं जीयमेयं तीयपञ्चुप्पण्णमणागयाणं अहेलोगवत्थव्वाणं अट्ठण्हं दिसाकुमारीमहत्तरियाणं भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करेत्तए, तं गच्छामो णं अम्हेवि भगवओ जम्मणमहिमं करेमोत्तिकछु एवं वयंति २ ता पत्तेयं २ आभिओगिए देवे सद्दावेंति २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! अणेगखम्भसयसण्णिविढे लीलट्ठिय० एवं विमाणवण्णओ भाणियव्वो जाव जोयणविच्छिण्णे दिव्वे जाणविमाणे विउव्वित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणहत्ति, तए णं ते आभिओगा देवा अणेगखम्भसय जाव पञ्चप्पिणंति, तए णं ताओ अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ हद्वतुट्ट० पत्तेयं २ चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चटहिं महत्तरियाहिं जाव अण्णेहिं बहूहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिखुडाओ ते दिव्वे जाणविमाणे दुल्हति दुरूहित्ता सव्विड्डीए सव्वजुईए घणमुइंगपणवपवाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए जेणेव भगवओ तित्थगरस्स जम्मणणगरे जेणेव० तित्थयरस्स जम्मणभवणे तेणेव उवागच्छन्ति २ ता भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणस्स उत्तरपुरथिमे दिसीभाए इसिं चउरंगुलमसंपत्ते धरणियले ते दिव्वे जाणविमाणे ठविंति ठवित्ता पत्तेयं २ चउहि सामाणियसाहस्सीहिं जाव सद्धिं संपरिखुडाओ दिव्वेहितो जाणविमाणेहिंतो पञ्चोरुहंति २ त्ता सव्विड्डीए जाव णाइएणं जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च तिखुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेंति २ त्ता पत्तेयं २ करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कडे एवं वयासी-णमोऽत्यु ते रयणकुच्छिधारिए जगप्पईवदाईए सव्वजगमंगलस्स चक्खुणो य मुत्तस्स सव्वजगजीववच्छलस्स हियकारगमग्गदेसियवागिद्धिविभुपभुस्स जिणस्स णाणिस्स णायगस्स बुहस्स बोहगस्स सव्वलोगणाहस्स Page #705 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६३० [जंबुद्दीवपण्णत्ती णिम्ममस्स पवरकुलसमुब्भवस्स जाईए खत्तियस्स जंसि लोगुत्तमस्स जणणी धण्णासि तं पुण्णासि कयत्थासि अम्हे णं देवाणुप्पिए ! अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकमारीमहत्तरियाओ भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करिस्सामो तण्णं तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिक? उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवकमन्ति २ त्ता वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहणंति २ त्ता संखिज्जाइं जोयणाई दंडं णिसिरंति, तंजहा-रयणाणं जाव संवट्टगवाए विउव्वंति २ ता तेणं सिवेणं मउएणं मारुएणं अणु एणं भूमितलविमलकरणेणं मणहरेणं सव्वोउयसुरहिकुसुमगन्धाणुवासिएणं पिण्डिमणीहारिमेणं गन्धुद्धएणं तिरियं पवाइएणं भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणस्स सव्वओ समन्ता जोयणपरिमण्डलं से जहाणामए-कम्मगरदारए सिया जाव तहेव जं तत्थ तणं वा पत्तं वा कटुवा कयवरं वा असुइमचोक्खं पूइयं दुब्भिगन्धं तं सव्वं आहुणिय २ एगन्ते एडेंति २ त्ता जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमायाए य अदूरसामन्ते आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति ॥११२॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उड्डलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सएहिं २ कूडेहिं सएहिं २ भवणेहिं सएहिं २ पासायवडेंसएहिं पत्तेयं २ चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं एवं तं चेव पुव्ववण्णियं जाव विहरंति, तंजहा-मेहंकरा १ मेहवई २, सुमेहा ३ मेहमालिणी ४ । सुवच्छा ५ वच्छमित्ता य ६, वारिसेणा ७ बलाहगा ८॥ १ ॥ तए णं तासिं उड्डलोगवत्थव्वाणं अट्ठण्हं दिसाकुमारीमहत्तरियाणं पत्तेयं २ आसणाई चलन्ति, एवं तं चेव पुव्ववण्णियं भाणियव्वं जाव अम्हे णं देवाणुप्पिए ! उड्ढलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ जेणं भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करिस्सामो तेणं तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकट्ठ उत्तरपुरथिमं दिसीभागं अवक्कमन्ति २ त्ता जाव अब्भवद्दलए विउव्वन्ति २ त्ता जाव तं णिहयरयं णहरयं भट्ठरयं पसंतरयं उवसंतरयं करेंति २ त्ता खिप्पामेव पञ्चुवसमन्ति, एवं पुप्फवद्दलंसि पुप्फवासं वासंति वासित्ता जाव कालागुरुपवर जाव सुरवराभिगमणजोग्गं करेंति २ त्ता जेणेव भयवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता जाव आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठति ॥ ११३ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पुरत्थिमरुयगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सएहिं २ कूडेहिं तहेव जाव विहरंति, तंजहा-णंदुत्तरा य १ णन्दा २ आणन्दा ३ णंदिवद्धणा ४ । विजया य ५ वेजयन्ती ६, जयन्ती ७ अपराजिया ८ ॥ १ ॥ सेसं तं चेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकटु भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमायाए य पुरत्थिमेणं आयंसहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठन्ति । तेणं Page #706 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च० ५ रु०तित्थ० सी० णिसीयावणं ] सुत्तागमे ६३१ कालेणं तेणं समएणं दाहिणस्यगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारी महत्तरियाओ तहेव जाव विहरंति, तंजहा - समाहारा १ सुप्पइण्णा २, सुप्पबुद्धा ३ जसोहरा ४ । लच्छि - मई ५ सेसवई ६, चित्तगुत्ता ७ वसुंधरा ८ ॥ १ ॥ तहेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकट्टु भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य दाहिणेणं भिंगारहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठन्ति । तेणं कालेणं तेणं समएणं पच्चत्थिमरुयगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमहत्तरियाओ सएहिं २ जाव विहरंति, तं०इलादेवी १ सुरादेवी २, पुहवी ३ पउमावई ४ । एगणासा ५ णवमिया ६, भद्दा ७ सीयाय ८ अट्ठमा ॥ १ ॥ तहेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकट्टु जाव भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य पच्चत्थिमेणं तालियंटहत्थगयाओ आगायमा ओ परिगायमाणीओ चिट्ठन्ति । तेणं कालेणं तेणं समएणं उत्तरिल्लरुयगवत्थव्वाओ जाव विहरंति, तंजहा - अलंबुसा १ मिस्सकेसी २, पुण्डरीया य ३ वारुणी ४ । हासा ५ सव्वप्पभा ६ चेव, सिरि ७ हिरि ८ चेव उत्तरओ ॥ १ ॥ तहेव जाव वन्दित्ता भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य उत्तरेणं चामरहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठन्ति । तेणं कालेणं तेणं समएणं विदिसि - रुयगवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीमहत्तरियाओ जाव विहरंति, तंजहा - चित्ता य १ चित्तकणगा २, सतेरा ३ य सोदामिणी ४ । तहेव जाव ण भाइयव्वंतिक भगवओ तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए य चउसु विदिसासु दीवियाहत्थगयाओ आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठन्तित्ति । तेणं कालेणं तेणं समएणं मज्झिमरुयगवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारी महत्तरियाओ सएहिं २ कूडेहिं तहेव जाव विहरंति, तंजहा- रूया ख्यासिया चेव, सुख्या रूयगावई । तहेव जाव तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकछु भगवओ तित्थयरस्स चउरंगुलवज्जं णाभिणालं कप्पन्ति कप्पेत्ता वियरगं खणन्ति खणित्ता वियरगे णाभिं णिहणंति णिहणित्ता रयणाण य वइराण य पूति २त्ता हरियालियाए पेढं बन्धंति २ त्ता तिदिसिं तओ कयलीहरए विउव्वंति, तए णं तेसिं कयलीहरगाणं बहुमज्झदेसभाए तओ चाउस्सालए विउव्वन्ति, तए णं तेसिं चाउस्सालगाणं बहुमज्झदेसभाए तओ सीहासणे विउव्वन्ति, तेसि णं सीहासणाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते सव्वो वण्णगो भाणियव्वो । तए णं ताओ रुयगमज्झवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारीओ महत्तराओ जेणेव भयवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हन्ति तित्थयरमायरं च बाहाहिं गिण्हन्ति २ त्ता जेणेव दाहिणिले कयलीहरए जेणेव चाउस्सालए जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छन्ति २ ता भगवं Page #707 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३२ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती तित्थयरं तित्थयरमायरं च सीहासणे णिसीयावेंति २ त्ता सयपागसहस्सपागेहिं तिल्लेहिं अब्भंगेति २ त्ता सुरभिणा गन्धवट्टएणं उव्वर्हेति २ त्ता भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं तित्थयरमायरं च बाहासु गिण्हन्ति २ त्ता जेणेव पुरत्थिमिल्ले कयलीहरए जेणेव चाउस्सालए जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छन्ति उवागच्छित्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च सीहासणे णिसीयावेंति २ त्ता तिहिं उदएहिं मज्जावेंति, तंजा - गन्धोदणं १ पुप्फोदएणं २ सुद्धोदएणं ३, मज्जावित्ता सव्वालंकारविभूसियं करेंति २ त्ता भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं तित्थयरमायरं च बाहाहिं गिण्हन्ति २ ता जेणेव उत्तरिल्ले कयलीहरए जेणेव चाउस्सालए जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च सीहासणे णिसीयाविंति २ ता आभिओगे देवे सद्दाविन्ति २ त्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चुल्लहिमवन्ताओ वासहरपव्वयाओ गोसीसचंदणकट्ठाई साहरह, तए णं ते आभिओगा देवा ताहिं रुयगमज्झवत्थव्वाहिं चउहिं दिसाकुमारीमहत्तरियाहिं एवं वृत्ता समाणा हट्ठ जाव विणणं वयणं पडिच्छन्ति २ त्ता खिप्पामेव चुल्लहिमवन्ताओ वास -- हरपव्वयाओ सरसाईं गोसीसचन्दणकट्ठाई साहरन्ति, तए णं ताओ मज्झिमरुयगवत्थव्वाओं चत्तारि दिसाकुमारी महत्तरियाओ सरगं करेन्ति २ त्ता अरणिं घडें अरणिं घडित्ता सरएणं अरणिं महिंति २ त्ता अग्गिं पाडेंत २ त्ता अगिंग संधुक्खंति २ त्ता गोसीसचन्दणकट्ठे पक्खिवन्ति २ ता अरिंग उज्जालंति २ त्ता भूइकम्म करेंति २ त्ता रेक्खापोट्टलियं बंधन्ति बन्धेत्ता णाणामणिरयणभत्तिचित्ते दुविह्ने पाहाणवट्ट्गे गहाय भगवओ तित्थयरस्स कण्णमूलंमि टिट्टियाविन्ति भवउ भयवं पव्वयाउए २ । तए णं ताओ रुयगमज्झवत्थव्वाओ चत्तारि दिसाकुमारी महत्तरि-याओ भयवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं तित्थयरमायरं च बाहाहिं गिण्हन्ति गिव्हित्ता जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणे तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता तित्थयरमायरं सयणिजंसि णिसीयाविंति णिसीयावित्ता भयवं तित्थयरं माऊए पासे ठवेंति ठवित्ता आगायमाणीओ परिगायमाणीओ चिट्ठन्तीति ॥ ११४ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के णामं देविंदे देवराया वज्जपाणी पुरंदरे सयकेऊ सहस्सक्खे मघवं पागसासणे दाहिणढलोगहिवई बत्तीसविमाणावाससयसहस्सा हिवई एरावणवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्थधरे आलइयमालमउडे णवहेमचारुचित्तचंचलकुण्डलविलि हिज्ज माणगंडे भासुरबोंदी पलम्बवणमाले महिड्डिए महजुइए महाबले महायसे महाणुभागे महा १ जेण कम्मेण कट्ठाई भस्सरूवाईं भवंति तं तारिसं । २ भस्सेति वा भप्पेति वा भूईति वा रक्खाति वा एगट्ठा। ३ जीयंति काऊण बंधिजंती भस्सपोट्टलिया तं 1 Page #708 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ५ सक्कसंकप्पसमुप्पत्ती] सुत्तागमे ६३३ सोक्खे सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सकसि सीहासणंसि से गं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसाहस्सीणं चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं चउण्हं लोगपालाणं अट्ठण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं तिण्हं परिसाणं सत्तण्हं अणियाणं सत्तण्हं अणियाहिवईणं चउण्हं चउरासीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं अण्णेसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे महया हयणगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडपडहवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ। तए णं तस्स सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो आसणं चलइ, तए णं से सक्के जाव आसणं चलियं पासइ २ त्ता ओहिं पउंजइ पउंजित्ता भगवं तित्थयरं ओहिणा आभोएइ २ त्ता हतुट्ठचित्ते आणदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए धाराहयक्यंबकुसुमचंचुमालइयऊसवियरोमकूवे वियसियवरकमलणयणवयणे पयलियवरकडगतुडियकेऊरमउडे कुण्डलहारविरायंतवच्छे पालम्बपलम्बमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं सुरिंदे सीहासणाओ अब्भुढेइ २ त्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ त्ता वेरुलियवरिटरिटुअंजणणिउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणमंडियाओ पाउयाओ ओमुयइ २ त्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ २ त्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे तित्थयराभिमुहे सत्तट्ठ पयाइं अणुगच्छइ २ त्ता वामं जाणुं अंचेइ २ त्ता दाहिणं जाणुं धरणीयलंसि साहड तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि णिवेसेइ २ त्ता ईसिं पञ्चुण्णमइ २ त्ता कडगतुडियथंभियाओ भुयाओ साहरइ २त्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ठ एवं वयासी—णमोऽत्थु णं अरहंताणं भगवन्ताणं, आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुण्डरीयाणं पुरिसवरगन्धहत्थीणं, लोगुत्तमाणं लोगणाहाणं लोगहियाणे लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं, अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं, धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मणायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरन्तचक्कवट्टीणं, दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा अप्पडिहयवरनाणदंसणधराणं वियदृछउमाणं, जिणाणं जावयाणं तिण्णाणं तारयाणं बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं, सव्वण्णूणं सव्वदरिसीणं सिवमयलमरुयमणन्तमक्खयमव्वाबाहमपुणरावित्तिसिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपत्ताणं णमो जिणाणं जियभयाणं, णमोऽत्थु णं भगवओ तित्थगरस्स आइगरस्स जाव संपाविउकामस्स, वंदामि णं भगवन्तं तत्थगयं इहगए, पासउ मे भयवं ! तत्थगए इहगयंतिकट्ठ वन्दइ णमंसइ वं० २ त्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे, तए णं तस्स सक्कस्स देविंदस्स Page #709 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३४ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती देवरण्णो अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पजित्था-उप्पण्णे खलु भो ! जम्बुद्दीवे दीवे भगवं तित्थयरे तं जीयमेयं तीयपञ्चुप्पण्णमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं तित्थयराणं जम्मणमहिमं करेत्तए, तं गच्छामि णं अहंपि भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करेमित्तिकट्ट एवं संपेहेइ २ त्ता हरिणेगमेसिं पायत्ताणीयाहिवइं देवं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सभाए सुहम्माए मेघोघरसियगंभीरमहुरयरसई जोयणपरिमण्डलं सुघोसं सूसरं घंटे तिक्खुत्तो उल्लालेमाणे २ महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणे २ एवं वयाहि-आणवेइ णं भो! सक्के देविंदे देवराया गच्छइ णं भो! सके देविंदे देवराया जम्बुद्दीवे २ भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करित्तए, तं तुन्भेवि णं देवाणुप्पिया ! सव्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं सव्वविभूईए सव्वसंभमेणं सव्वणाडएहिं सव्वोवरोहेहिं सव्वालंकारविभूसाए सव्वदिव्वतुडियसइसण्णिणाएणं महया इड्डीए जाव रवेणं णिययपरियालसंपरिवुडा सयाइं २ जाणविमाणवाहणाई दुरूढा समाणा अकालपरिहीणं चेव सक्कस्स जाव अंतियं पाउब्भवह, तए णं से हरिणेगमेसी देवे पायत्ताणीयाहिवई सक्केणं ३ जाव एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ जाव एवं देवोत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ २ त्ता सकस्स ३ अंतियाओ पडिणिक्खमइ २ त्ता जेणेव सभाए सुहम्माए मेघोघरसियगम्भीरमहुरयरसद्दा जोयणपरिमण्डला सुघोसा घण्टा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं मेघोघरसियगम्भीरमहुरयरसइं जोयणपरिमण्डलं सुघोसं घण्टं तिक्खुत्तो उल्लालेइ, तए णं तीसे मेघोघरसियगम्भीरमहुरयरसदाए जोयणपरिमण्डलाए सुघोसाए घण्टाए तिक्खुत्तो उल्लालियाए समाणीए सोहम्मे कप्पे अण्णेहिं एगूणेहिं बत्तीसविमाणावाससयसहस्सेहिं अण्णाइं एगूणाई बत्तीसं घण्टासयसहस्साइं जमगसमगं कणकणारावं काउं पयत्ताइं चावि हुत्था, तए णं सोहम्मे कप्पे पासायविमाणणिक्खुडावडियसद्दसमुट्ठियघण्टापडंसुयासयसहस्ससंकुले जाए यावि होत्था, तए णं तेसिं सोहम्मकप्पवासीणं बहूणं वेमाणियाणं देवाण य देवीण य एगन्तरइपसत्तणिच्चप्पमत्तविसयसुहमुच्छियाणं सूसरघण्टारसियविउलबोलपूरियचवलपडिबोहणे कए समाणे घोसणकोऊहलदिण्णकण्णएगग्गचित्तउवउत्तमाणसाणं से पायत्ताणीयाहिवई देवे तंसि घण्टारवंसि णिसंतपडिसंतंसि समाणंसि तत्थ तत्थ देसे २ तहिं २ महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणे २ एवं वयासी-हन्त ! सुणंतु भवंतो बहवे सोहम्मकप्पवासी वैमाणियदेवा देवीओ य सोहम्मकप्पवइणो इणमो वयणं हियसुहत्थं-आणवेइ णं भो ! सक्के तं चेव जाव अंतियं पाउब्भवहत्ति, तए णं ते देवा देवीओ य एयमढे सोचा हट्ट जाव हियया अप्पेगइया वन्दणवत्तियं एवं णमंस Page #710 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे व० ५ दामवत्तव्वया] णवत्तियं सकारवत्तियं सम्माणवत्तियं दंसणवत्तियं जिणभत्तिरागेणं अप्पेगइया तं जीयमेयं एवमाइत्तिकटु जाव पाउब्भवंतित्ति । तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते वेमाणिए देवे देवीओ य अकालपरिहीणं चेव अंतियं पाउब्भवमाणे पासइ २ त्ता हट्ठ० पालयं णामं आभिओगियं देवं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अणेगखम्भसयसण्णिविलृ लीलट्ठियसालभंजियाकलियं ईहामियउसभतुरगणरमगरविहगवालगकिण्णररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं खंभुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामं विजाहरजमलजुयलजंतजुत्तंपिव अच्चीसहस्समालिणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिब्भिसमाणं चक्खुल्लोयणलेसं सुहफासं सस्सिरीयस्वं घण्टावलियमहुरमणहरसरं सुहं कन्तं दरिसणिज्जं णिउणोवियमिसिमिसिंतमणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं जोयणसहस्सविच्छिण्णं पञ्चजोयणसयमुव्विद्धं सिग्घं तुरियं जइणणिव्वाहि-दिव्वं जाणविमाणं विउव्वाहि २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि ।।११५॥ तए णं से पालयदेवे सक्केणं देविंदेणं देवरण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठ जाव वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणित्ता तहेव करेइ इति, तस्स णं दिव्वस्स जाणविमाणस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवगा वण्णओ, तेसि णं पडिस्वगाणं पुरओ पत्तेयं २ तोरणा वण्णओ जाव पडिरूवा, तस्स णं जाणविमाणस्स अंतो बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे०, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा जाव दीवियचम्मेइ वा अणेगसंकुकीलगसहस्सवियए आवडपच्चावडसेढिप्पसे ढिसुत्थियसोवत्थियवद्धमाणपूसमाणवमच्छंडगमगरंडगजारमारफुल्लावलिपउमपत्तसागरतरंगवसंतलयपउमलयभत्तिचित्तेहिं सच्छाएहिं सप्पभेहिं समरीइएहिं सउज्जोएहिं णाणाविहपञ्चवण्णेहिं मणीहिं उवसोभिए, तेसि णं मणीणं वण्णे गन्धे फासे य भाणियव्वे जहा रायप्पसेणइजे, तस्स णं भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए पेच्छाघरमण्डवे अणेगखम्भसयसण्णिविढे वण्णओ जाव पडिरूवे, तस्स उल्लोए पउमलयभत्तिचित्ते जाव सव्वतवणिजमए जाव पडिरूवे, तस्स णं मण्डवस्स बहुसमरमणिजस्स भूमिभागस्स बहुमज्झ देसभागंसि महं एगा मणिपेढिया० अट्ठ जोयणाई आयामविक्खम्भेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं सव्वमणिमई बण्णओ, तीए उवरिं महं एगे सीहासणे वण्णओ, तस्सुवरिं महं एगे विजयदूसे सव्वरयणामए वण्णओ, तस्स मज्झदेसभाए एगे वइरामए अंकुसे, एत्थ णं महं एगे कुम्भिक्के मुत्तादामे, से णं अण्णेहिं तदद्भुच्चत्तप्पमाणमित्तेहिं चउहिं अद्धकुम्भिक्केहि मुत्तादामेहि सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते, ते णं दामा तवणिज्जलंबूसगा सुवण्णपयरगमण्डिया गाणामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोभियसमुदया ईसिं अण्णमण्णमसंपत्ता पुव्वाइएहिं वाएहिं मन्दं २ एइजमाणा जाव निव्वुइकरेणं सद्देणं ते पएसे आपूरेमाणा २ Page #711 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६३६ [जंबुद्दीवपण्णत्ती जाव अईव २ उवसोभेमाणा २ चिट्ठति, तस्स णं सीहासणस्स अवरुत्तरेणं उत्तरेणं उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं सक्कस्स० चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं चउरासीइभद्दासणसाहस्सीओ पुरत्थिमेणं अट्ठण्हं अग्गमहिसीणं एवं दाहिणपुरथिमेणं अभितरपरिसाए दुवालसण्हं देवसाहस्सीणं दाहिणेणं मज्झिमाए० चउदसण्हं देवसाहस्सीणं दाहिणपञ्चत्थिमेणं बाहिरपरिसाए सोलसण्हं देवसाहस्सीणं पञ्चत्थिमेणं सत्तण्हं अणियाहिवईणंति, तए णं तस्स सीहासणस्स चउद्दिसिं चउण्हं चउरासीणं आयरक्खदेवसाहस्सीणं एवमाई विभासियव्वं सूरियाभगमेणं जाव पञ्चप्पिणन्तित्ति ॥ ११६ ॥ तए णं से सक्के हट्ट जाव हियए दिव्वं जिणेदाभिगमणजुग्गं सव्वालंकारविभूसियं उत्तरवेउव्वियं रूवं विउव्वइ २ त्ता अट्ठहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं णट्टाणीएणं गन्धव्वाणीएण य सद्धिं तं विमाणं अणुप्पयाहिणीकरेमाणे २ पुव्विल्लेणं तिसोवाणेणं दुल्हइ २ ता जाव सीहासणंसि पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णेत्ति, एवं चेव सामाणियावि उत्तरेणं तिसोवाणेणं दुरूहित्ता पत्तेयं २ पुव्वण्णत्थेसु भद्दासणेसु णिसीयंति, अवसेसा देवा य देवीओ य दाहिणिल्लेणं तिसोवाणेणं दुरूहित्ता तहेव जाव णिसीयंति, तए णं तस्स सक्कस्स तंसि० दुरूढस्स० इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुवीए संपट्ठिया०, तयणंतरं च णं पुण्णकलसभिंगारं दिव्वा य छत्तपडागा सचामरा य दंसणरइयआलोयदरिसणिज्जा वाउ यविजयवेजयन्ती य समूसिया गगणतलमणुलिहंती पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तयणन्तरं "छत्तभिंगारं०, तयणंतरं च णं वइरामयवलट्ठसंठियसुसिलिट्ठपरिघट्टमट्ठसुपइट्ठिए विसिढे अणेगवरपञ्चवण्णकुडभीसहस्सपरिमण्डियाभिरामे वाउछुयविजयवेजयन्तीपडागाछत्ताइच्छत्तकलिए तुंगे गयणयलमणुलिहंतसिहरे जोयणसहस्समूसिए महइमहालए महिंदज्झए पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिए, तयणन्तरं च णं सरूवणेवत्थपरियच्छियसुसज्जा सव्वालंकारविभूसिया पञ्च अणिया पञ्च अणियाहिवइणो जाव संपट्ठिया, तयणन्तरं च णं बहवे आभिओगिया देवा य देवीओ य सएहिं सएहिं रूवेहिं जाव णिओगेहिं सकं देविंदं देवरायं पुरओ य मग्गओ य अहा०, तयणन्तरं च णं बहवे सोहम्मकप्पवासी देवा य देवीओ य सब्बिड्डीए जाव दुरूढा समाणा० मग्गओ य जाव संपट्ठिया, तए णं से सक्के तेणं पञ्चाणियपरिक्खित्तेणं जाव महिंदज्झएणं पुरओ पकड्डिजमाणेणं चउरासीए सामाणिय जाव परिवुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं सोहम्मस्स कप्पस्स मज्झमज्झेणं तं दिव्वं देविढेि जाव उवदंसेमाणे २ जेणेव सोहम्मस्स कप्पस्स उत्तरिल्ले निजाणमग्गे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता जोयणसयसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं ओवयमाणे २ ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए वीईवयमाणे २ तिरियमसंखिज्जाणं दीवसमुद्दाणं मझमज्झेणं जेणेव Page #712 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ५ णाणत्तगाहा] सुत्तागमे गन्दीसरवरे दीवे जेणेव दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता एवं जा चेव सूरियाभस्स वत्तव्वया णवरं सक्काहिगारो वत्तव्यो जाव तं दिव्वं देविड्ढेि जाव दिव्वं जाणविमाणं पडिसाहरमाणे २ जाव जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणगरे जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणस्स उत्तरपुरथिमे दिसीभागे चउरंगुलमसंपत्तं धरणियले तं दिव्वं जाणविमाणं ठवेइ २ त्ता अट्ठहिं अग्गमहिसीहिं दोहिं अणीएहिं गन्धव्वाणीएण य णट्टाणीएण य सद्धिं ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहइ, तए णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो चउरासीइसामाणियसाहस्सीओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पच्चोरुहंति, अवसेसा देवा य देवीओ य ताओ दिव्वाओ जाणविमाणाओ दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पञ्चोरुहंतित्ति । तए णं से सके देविन्दे देवराया चउरासीए सामाणियसाहस्सिएहिं जाव सद्धिं संपरिखुडे सव्विड्डीए जाव दुंदुहिणिग्घोसणाइयरवेणं जेणेव भगवं तित्थयरे तित्थयरमाया य तेणेव उवागच्छइ २ त्ता आलोए चेव पणामं करेइ २ त्ता भगवं तित्थयरं तित्थयरमायरं च तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ त्ता करयल जाव एवं वयासी-णमोऽत्थु ते रयणकुच्छिधारिए एवं जहा दिसाकुमारीओ जाव धण्णासि पुण्णासि तं कयत्थासि, अहण्णं देवाणुप्पिए ! सक्के णाम देविन्दे देवराया भगवओ तित्थयरस्स जम्मणमहिमं करिस्सामि, तं गं तुब्भाहिं ण भाइयव्वंतिकट्ठ ओसोवणिं दलयइ २ त्ता तित्थयरपडिरूवगं विउव्वइ २ त्ता तित्थयरमाउयाए पासे ठवेइ २ त्ता पञ्च सके विउव्वइ विउव्वित्ता एगे सके भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हइ एगे सके पिट्ठओ आयवत्तं धरेइ दुवे सक्का उभओ पासिं चामरुक्खेवं करेन्ति एगे सक्के पुरओ वजपाणी पकड्डइत्ति, तए णं से सक्के देविन्दे देवराया अण्णेहिं बहूहिं भवणवइवाणमन्तरजोइसवेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिखुडे सव्विड्डीए जाव णाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जाव वीईवयमाणे २ जेणेव मन्दरे पव्वए जेणेव पंडगवणे जेणेव अभिसेयसिला जेणेव अभिसेयसीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णेत्ति ॥ ११७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविन्दे देवराया सूलपाणी वसभवाहणे सुरिन्दे उत्तरडलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणवाससयसहस्साहिवई अरयंबरवत्थधरे एवं जहा सक्के इमं णाणत्तं-महाघोसा घण्टा लहुपरक्कमो पायत्ताणियाहिवई पुप्फओ विमाणकारी दक्खिणे निजाणमग्गे उत्तरपुरथिमिल्लो रइकरगपव्वओ मन्दरे समोसरिओ जाव पजुवासइत्ति, एवं अवसिट्ठावि इंदा भाणियव्वा जाव अच्चुओत्ति, इमं णाणत्तं Page #713 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६३८ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती चउरासीइ असीई बावत्तरि सत्तरी य सट्ठी य । पण्णा चत्तालीसा तीसा वीसा दस सहस्सा ॥ १ ॥ एए सामाणियाणं, बत्तीसठ्ठावीसा बारमट्ठ चउरो सयसहस्सा । पण्णा चत्तालीसा छच सहस्सा सहस्सारे ॥ १॥ आणयपाणयकप्पे चत्तारि सयाऽऽरणच्चुए तिण्णि । एए विमाणाणं, इमे जाणविमाणकारी देवा, तंजहा-पालय १ पुप्फे य २ सोमणसे ३ सिरिवच्छे य ४ णंदियावत्ते ५ । कामगमे ६ पीइगमे ७. मणोरमे ८ विमल ९ सव्वओभद्दे १० ॥ १॥ सोहम्मगाणं सणंकुमारगाणं बंभलोयगाणं महासुक्कयाणं पाणयगाणं इंदाणं सुघोसा घण्टा हरिणेगमेसी पायत्ताणीयाहिवई उत्तरिल्ला णिजाणभूमी दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए, ईसाणगाणं माहिंदलंतगसहस्सारअञ्चुयगाण य इंदाण महाघोसा घण्टा लहुपरक्कमो पायत्ताणीयाहिवई दक्खिणिल्ले णिजाणमग्गे उत्तरपुरथिमिल्ले रइकरगपव्वए, परिसा णं जहा जीवाभिगमे आयरक्खा सामाणियचउग्गुणा सव्वेसिं जाणविमाणा सव्वेसिं जोयणसयसहस्सविच्छिण्णा उच्चत्तेणं सविमाणप्पमाणा महिंदज्झया सव्वेसिं जोयणसाहस्सिया, सक्कवजा मन्दरे समोयरंति जाव पजुवासंतित्ति ॥ ११८ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं चमरे असुरिन्दे असुरराया चमरचञ्चाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तायत्तीसेहिं चउहिं लोगपालेहिं पञ्चहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवईहिं चउहिं चउसट्ठीहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अण्णेहि य जहा सक्के णवरं इमं णाणत्तं-दुमो पायत्ताणीयाहिवई ओघस्सरा घण्टा विमाणं पण्णासं जोयणसहस्साई महिन्दज्झओ पञ्चजोयणसयाइं विमाणकारी आभिओगिओ देवो अवसिटुं तं चेव जाव मन्दरे समोसरइ पजुवासइत्ति । तेणं कालेणं तेणं समएणं बली असुरिन्दे असुरराया एवमेव णवरं सट्ठी सामाणियसाहस्सीओ चउगुणा आयरक्खा महादुमो पायत्ताणीयाहिवई महाओहस्सरा घण्टा सेसं तं चेव परिसाओ जहा जीवाभिगमे। तेणं कालेणं तेणं समएणं धरणे तहेव णाणत्तं-छ सामाणियसाहस्सीओ छ अग्गमहिसीओ चउग्गुणा आयरक्खा मेघस्सरा घण्टा भइसेणो पायत्ताणीयाहिवई विमाणं पणवीसं जोयणसहस्साइं महिंदज्झओ अड्डाइज्जाइं जोयणसयाइं एवमसुरिन्दवज्जियाणं भवणवासिइंदाणं, णवरं असुराणं ओघस्सरा घण्टा णागाणं मेघस्सरा सुवण्णाणं हंसस्सरा विजूणं कोंचस्सरा अग्गीणं मंजुस्सरा दिसाणं मंजुघोसा उदहीणं सुस्सरा दीवाणं महुरस्सरा वाऊणं णंदिस्सरा थणियाणं णंदिघोसा, चउसट्ठी सट्ठी खलु छच्च सहस्सा उ असुरवज्जाणं । सामाणिया उ एए चउरगुणा आयरक्खा उ ॥१॥ दाहिणिल्लाणं पायत्ताणीयाहिवई भद्दसेणो उत्तरिल्लाणं दक्खोत्ति। वाणमन्तरजोइसिया णेयव्वा, एवं Page #714 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ५ अञ्चुयकयाभिसेओ] सुत्तागमे ६३९ चेव, णवरं चत्तारि सामाणियसाहस्सीओ चत्तारि अग्गमहिसीओ सोलस आयरक्खसहस्सा विमाणा सहस्सं महिन्दज्झया पणवीसं जोयणसयं घण्टा दाहिणाणं मंजुस्सरा उत्तराणं मंजुघोसा पायत्ताणीयाहिवई विमाणकारी य आभिओगा देवा जोइसियाणं सुस्सरा सुस्सरणिरघोसाओ घण्टाओ मन्दरे समोसरणं जाव पजुवासंतित्ति ॥ ११९॥ तए णं से अचुए देविन्दे देवराया महं देवाहिवे आभिओगे देवे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! महत्थं महग्धं महरिहं विउलं तित्थयराभिसेयं उवट्ठवेह, तए णं ते अभिओगा देवा हट्टतुट्ठ जाव पडिसुणित्ता उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमन्ति २ त्ता वेउव्वियसमुग्घाएणं जाव समोहणित्ता अट्ठसहस्सं सोवण्णियकलसाणं एवं रुप्पमयाणं मणिमयाणं सुवण्णरुप्पमयाणं सुवण्णमणिमयाणं रुप्पमणिमयाणं सुवण्णरुप्पमणिमयाणं अट्ठसहस्सं भोमिजाणं अट्ठसहस्सं चन्दणकलसाणं एवं भिंगाराणं आयंसाणं थालाणं पाईणं सुपइट्ठगाणं चित्ताणं रयणकरंडगाणं वायकरगाणं विउव्वंति २ त्ता सीहासणछत्तचामरतेल्लसमुग्ग जाव सरिसवसमुग्गा तालियंटा जाव वीयणा विउव्वंति विउव्वित्ता साहाविए वेउव्विए य कलसे जाव वीयणे य गिण्हित्ता जेणेव खीरोदए समुद्दे तेणेव आगम्म खीरोदगं गिण्हन्ति २ त्ता जाई तत्थ उप्पलाइं पउमाइं जाव सहस्सपत्ताई ताइं गिण्हंति, एवं पुक्खरोदाओ जाव भरहेरवयाणं मागहाइतित्थाणं उदगं मट्टियं च गिण्हन्ति २ त्ता एवं गंगाईणं महाणईणं जाव चुल्लहिमवन्ताओ सव्वतुवरे सव्वपुप्फे सव्वगन्धे सव्वमल्ले जाव सव्वोसहीओ सिद्धत्थए य गिण्हन्ति २ त्ता पउमद्दहाओ दहोदगं उप्पलाईणि य०, एवं सव्वकुलपव्वएसु वट्टवेयड्डेसु सव्वमहद्दहेसु सव्ववासेसु सव्वचक्करट्टिविजएसु वक्खारपव्वएसु अंतरणईसु विभासिज्जा जाव उत्तरकुरुसु जाव सुदंसणभद्दसालवणे सव्वतुवरे जाव सिद्धत्थए य गिण्हन्ति, एवं णन्दणवणाओ सव्वतुवरे जाव सिद्धत्थए य सरसं च गोसीसचन्दणं दिव्वं च सुमणदामं गेण्हन्ति, एवं सोमणसपंडगवणाओ य सव्वतुवरे जाव सुमणदामं दद्दरमलयसुगन्धे य गिण्हन्ति २ ता एगओ मिलंति २ त्ता जेणेव सामी तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता महत्थं जाव तित्थयराभिसेयं उवट्ठवेंतित्ति ॥ १२० ॥ तए णं से अचुए देविन्दे दसहिं सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तायत्तीसएहिं चउहि लोगपालेहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवईहिं चत्तालीसाए आयरक्खदेवसाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुडे तेहिं साभाविएहिं वेउव्विएहि य वरकमलपइट्ठाणेहिं सुरभिवरवारिपडिपुण्णेहिं चन्दणकयचच्चाएहिं आविद्धकण्ठेगुणेहिं पउमुप्पलपिहाणेहिं करयलसुकुमालपरिग्गहिएहिं अट्ठसहस्सेणं सोवण्णियाणं कलसाणं जाव अट्ठसहस्सेणं भोमेजाणं जाव सव्वोदएहिं सव्वमट्टि Page #715 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४० सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती याहिं सव्वतुवरेहिं जाव सव्वोसहि सिद्धत्थ एहिं सव्विदीए जाव रवेणं महया २ तित्थ - यराभिसेएणं अभिसिंचाइ, तए णं सामिस्स महया २ अभिसेयंसि माणंस इंदाइया देवा छत्तचामरकलसहत्थगया हट्ठट्ठ जाव वज्जसूलपाणी पुरओ चिति पंजलिउड इति, एवं विजयाणुसारेण जाव अप्पेगड्या देवा आसियसंमज्जिओवलित्तसित्तसुइसम्मट्ठरत्थंतरावणवीहियं करेन्ति जाव गन्धवट्टिभूयंति अप्पेग ० हिरण्णवासं वासिंति एवं सुवण्णरयणवइरआभरणपत्तपुप्फफलबीय मलगन्धवण्ण जाव चुण्णवासं वासंति, अप्पेगइया हिरण्णविहिं भाइंति एवं जाव चुण्णविहिं भाइंति, अप्पेगइया चउन्विहं वजं वाएन्ति, तंजहा-ततं १ विततं २ घणं ३ झुसिरं ४, अप्पेइया चउव्विहं गेयं गायन्ति, तंजहा - उक्खित्तं १ पायत्तं २ मन्दाइयं ३ रोइयावसाणं ४, अप्पेगइया चउव्विहं ण णच्चन्ति तं० - अंचियं १ दुयं २ आरभडं ३ भसोलं ४, अप्पेगइया चउव्विहं अभिणयं अभिणएंति, तं०-दिद्वंतियं पाडिस्सुइयं सामण्णोवणिवाइयं लोगमज्झावसाणियं, अप्पेगइया बत्तीसइविहं दिव्वं विहिं उवदंसेन्ति, अप्पेगइया उप्पयनिवयं निवयउप्पयं संकुचियपसारियं जाव भन्तसंभन्तणामं दिव्वं णट्टविहिं उवदंसन्तीति, अप्पेगइया तंडवेंति अप्पेगइया ·लासेन्ति, अप्पेगइया पीणेन्ति, एवं बुक्कारेन्ति अप्फोडेन्ति वग्गन्ति सीहणायं णदन्ति अप्पे० सव्वाईं करेन्ति, अप्पे० हयहेसियं एवं हत्थिगुलुगुलाइयं रहघणघणायं अप्पे० तिणिवि, अप्पे० उच्छोलन्ति अप्पे ० पच्छोलन्ति अप्पे ० तिवई छिंदन्ति पायदद्दरयं करेन्ति भूमिचवेडे दलयन्ति अप्पे • महया २ सद्देणं रावेंति एवं संजोगा विभासियव्वा, अप्पे० हक्कारेन्ति, एवं पुक्कारेन्ति थक्कारेन्ति ओवयंति उप्पयंति परिवयंति जलन्ति तवंति पतवंति गज्जंति विजुयायंति वासिंति ... अप्पेगइया देवकलियं करेंति एवं देवकहकहगं करेंति अप्पे ० दुहुदुहुगं करेंति अप्पे० विकियभूयाई रुवाईं विउव्वित्ता पणचंति एवमाइ विभासेज्जा जहा विजयस्स जाव सव्वओ समन्ता आधावेंति परिवावेंतित्ति ॥ १२१ ॥ तए से अच्चुइंदे सपरिवारे सामिं तेणं महया महया अभिसेएणं अभिसिंचइ २ ता करयल परिग्गहियं जाव मत्थए अंजलिं कट्टु जएणं विजएणं वद्धावेइ २ ता ताहिं इट्ठाहिं जाव जयजयसद्दं परंजइ परंजित्ता जाव पम्हलसुकुमालाए सुरभीए गन्धकासाईए गायाई लहेइ २ त्ता एवं जाव कप्परुक्खगंपिव अलंकियविभूसियं करेइ २ ता जाव णट्टविहिं उवदंसेइ २ त्ता दसंगुलियं अंजलिं करिय मत्थयमि 'पयओ अट्ठसयविसुद्धगन्थजुत्तेहिं महावित्तहिं अपुणरुत्तेहिं अत्थजुत्तेहिं संथुणइ २ ता जणुं अंचे २ ता जाव करयलपरिग्गहियं • मत्थए अंजलिं कड्ड एवं वयासी Page #716 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ५ स० वेसमणदेवसद्दावणं] सुत्तागमे ६४१ णमोऽत्थु ते सिद्धबुद्धणीरयसमणसमाहियसमत्तसमजोगिसल्लगत्तणणिब्भयणीरागदोसणिम्ममणिस्संगणीसल्लमाणमूरणगुणरयणसीलसागरमणंतमप्पमेयभवियधम्मवरचाउरंतचकवट्टी णमोऽत्थु ते अरहओत्तिकहु एवं वन्दइ णमंसइ वं० २ त्ता णञ्चासण्णे णाइदूरे सुस्सूसमाणे जाव पजुवासइ, एवं जहा अञ्चुयस्स तहा जाव ईसाणस्स भाणियव्वं, एवं भवणवइवाणमन्तर जोइसिया य सूरपज्जवसाणा सएणं परिवारेणं पत्तेयं २ अभिसिंचंति, तए णं से ईसाणे देविन्दे देवराया पञ्च ईसाणे विउव्वइ २ त्ता एगे ईसाणे भगवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हइ २ त्ता सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सण्णिसण्णे एगे ईसाणे पिट्ठओ आयवत्तं धरेइ दुवे ईसाणा उभओ पासिं चामरुक्खेवं करेन्ति एगे ईसाणे पुरओ सूलपाणी चिट्ठइ, तए णं से सक्के देविन्दे देवराया आभिओगे देवे सद्दावेइ २ त्ता एसोवि तह चेव अभिसेयाणत्तिं देइ तेऽवि तह चेव उवणेन्ति, तए णं से सके देविन्दे देवराया भगवओ तित्थयरस्स चउद्दिसिं चत्तारि धवलवसमे विउन्वेइ सेए संखदलविमलणिम्मलदधिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासे पासाईए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे, तए णं तेसिं चउण्हं धवलवसभाणं अट्ठहिं सिंगेहिंतो अट्ठ तोयधाराओ णिग्गच्छन्ति, तए णं ताओ अट्ट तोयधाराओ उर्दू वेहासं उप्पयन्ति २ त्ता एगओ मिलायन्ति २ त्ता भगवओ तित्थयरस्स मुद्धाणंसि णिवयंति । तए णं से सक्के देविन्दे देवराया चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं एयस्सवि तहेव अभिसेओ भाणियन्वो जाव णमोऽत्यु ते अरहओत्तिका वन्दइ णमंसइ जाव पजुवासइ ॥ १२२ ॥ तए णं से सक्के देविंदे देवराया पंच सके विउव्वइ २ त्ता एगे सक्के भयवं तित्थयरं करयलसंपुडेणं गिण्हइ एगे सके पिट्ठओ आयवत्तं धरेइ दुवे सक्का उभओ पासिं चामरुक्खेवं करेंति एगे सके वजपाणी पुरओ पकड्डइ, तए णं से सक्के चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं जाव अण्णेहि य० भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं संपरिबुडे सव्विड्डीए जाव णाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जेणेव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणणयरे जेणेव० जम्मणभवणे जेणेव तित्थयरमाया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता भगवं तित्थयरं माऊए पासे ठवेइ २ त्ता तित्थयरपडिरूवगं पडिसाहरइ २ त्ता ओसोवाणिं पडिसाहरइ २ त्ता एगं महं खोमजुयलं कुंडलजुयलं च भगवओ तित्थयरस्स उस्सीसगमूले ठवेइ २ ता एगं महं सिरिदामगंडं तवणिजलंबूसगं सुवण्णपयरगमंडियं णाणामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोहियसमुदयं भगवओ तित्थयरस्स उल्लोयंसि णिक्खिवइ तण्णं भगवं तित्थयरे अणिमिसाए दिट्ठीए देहमाणे २ सुहंसुहेणं अभिरममाणे २ चिठ्ठइ, तए णं से सक्के देविंदे देवराया वेसमणं देवं सद्दावेइ २ त्ता ४१ सुत्ता. Page #717 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४२ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बत्तीसं हिरण्णकोडीओ बत्तीसं सुवण्णकोडीओ बत्तीसं णंदाई बत्तीसं भद्दाई सुभगे सुभगरूवजुव्वणलावण्णे य भगवओ तित्थयररस जम्मणभवणंसि साहराहि २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणाहि, तए णं से वेसमणे देवे सक्केणं जाव विणएणं वयणं पडिसुणेइ २ त्ता जंभए देवे सहावेइ २ ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बत्तीसं हिरण्णकोडीओ जाव भगवओ तित्थयरस्स जम्मणभवणंसि साहरह साहरित्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह, तए णं जंभगा देवा वेसमणेणं देवेणं एवं वृत्ता समाणा हट्ट जाव खिप्पामेव. बत्तीसं हिरण्णकोडीओ जाव भगवओ तित्थगरस्स जम्मणभवणंसि साहति २ त्ता जेणेव वेसमणे देवे तेणेव जाव पच्चप्पिणंति, तए णं से वेसमणे देवे जेणेव सके देविंदे देवराया जाव पञ्चपिणइ । तए णं से सके देविंदे देवराया ३ आभिओगे देवे. सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! भगवओ तित्थय रस्स जम्मणणयरंसि सिंघाडग जाव महापहपहेसु महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं वदह - हंदि सुतु भवंतो बहवे भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिया देवा य देवीओ य जेणं देवाणुप्पिया !• तित्थयरस्स तित्थयरमाऊए वा असुभं मणं पधारेइ तस्स णं अज्जगमंजरिया इव सयहा मुद्धाणं फुट्टउत्तिक घोसेह २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणहत्ति, तए णं ते आभिओगा देवा जाव एवं देवोत्ति आणाए विणएणं वयणं परिसुति २ त्ता सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमंत २ ता खिप्पामेव भगवओ तित्थगरस्स जम्मणणगरंसि सिंघाडग जाव एवं वयासी - हंदि सुतु भवंतो बहवे भवणवइ जाव जे णं देवाणुप्पिया !• तित्थयरस्स जाव फुट्टिही - तिकड्छु घोसणगं घोसेंति २ त्ता एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं ते बहवे भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिया देवा भगवओ तित्थगरस्स जम्मणमहिमं करेंति २ ता जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया ॥ १२३ ॥ पंचमो वक्खारो समत्तो ॥ जंबुद्दीवस्स णं भंते ! दीवस्स पएसा लवणसमुद्दं पुट्ठा ? हंता ! पुट्ठा, ते णं भंते ! किं जंबुद्दीवे दीवे लवणसमुद्दे ? गोयमा ! जंबुद्दीवे णं दीवे णो खलु लवणसमुद्दे, एवं लवणसमुद्दस्सवि पएसा जंबुद्दीवे २ पुट्ठा भाणियव्वा । जंबुद्दीवे णं भंते !० जीवा उद्दाइत्ता २ लवणसमुद्दे पच्चायंति ? गो० ! अत्थेगइया पच्चायंति अत्थेगइया नो पच्चायंति, एवं लवणसमुद्दस्सवि जंबुद्दीवे दीवे यव्वमिति ॥ १२४ ॥ खंडा १ जोयण २ वासा ३. पव्वय ४ कूडा ५ य तित्थ ६ सेढीओ ७ । विजय ८ द्दह ९ सलिलाओ १० पिंड होइ संगहणी ॥ १ ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहप्पमाणमेत्तेहिं खंडे हिं केवइयं खंडगणिएणं प० ? गो० ! णउयं खंडसयं खंडगणिएणं पण्णत्ते । जंबुद्दी Page #718 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ६ जंबुद्दीव २ महाणईसंखा] सुत्तागमे ६४३ णं भंते ! दीवे केवइयं जोयणगणिएणं पण्णत्ते ? गोयमा! सत्तेव य कोडिसया णउया छप्पण्ण सयसहस्साइं। चउणवइं च सहस्सा सयं दिवढे च गणियपयं ॥ १ ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे कइ वासा पण्णत्ता ? गोयमा ! सत्त वासा प०, तंजहा-भरहे एरवए हेमवए हेरण्णवए हरिवासे रम्मगवासे महाविदेहे, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया वासहरा पण्णत्ता केवइया मंदरा पव्वया पण्णत्ता केवइया चित्तकूडा केवइया विचित्तकूडा केवइया जमगपव्वया केवइया कंचणगपव्वया केवइया वक्खारा केवइया दीहवेयड्डा केवइया वट्टवेयड्डा पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ छ वासहरपव्वया एगे मंदरे पव्वए एगे चित्तकूडे एगे विचित्तकूडे दो जमगपव्वया दो कंचणगपव्वयसया वीसं वक्खारपव्वया चोत्तीसं दीहवेयड्डा चत्तारि वट्टवेयड्डा०, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे दुण्णि अउणत्तरा पव्वयसया भवतीतिमक्खायं । जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया वासहरकूडा केवइया वक्खारकूडा केवइया वेयड्डकूडा केवइया मंदरकूडा प०? गो० !..'छप्पण्णं वासहरकूडा छण्णउइं वक्खारकूडा तिण्णि छलुत्तरा वेयड्डकूडसया णव मंदरकूडा पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे २ चत्तारि सत्तट्ठा कूडसया भवन्तीतिमक्खायं । जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भरहे वासे कइ तित्था प० ? गो० ! तओ तित्था प०, तं०-मागहे वरदामे पभासे, जंबुद्दीवे. एरवए वासे कइ तित्था प० ? गो० ! तओ तित्था प०, तं०-मागहे वरदामे पभासे, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे महाविदेहे वासे एगमेगे चकवट्टिविजए कइ तित्था प० ? गो० ! तओ तित्था प०, तं०-मागहे वरदामे पभासे, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे २ एगे बिउत्तरे तित्थसए भवतीतिमक्खायं । जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयाओ विजाहरसेढीओ केवइयाओ आभिओगसेढीओ प० ? गो० ! जंबुद्दीवे दीवे अट्ठसट्ठी विजाहरसेढीओ अट्ठसट्ठी आभिओगसेढीओ पण्णत्ताओ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे छत्तीसे सेढीसए भवतीतिमक्खायं, जंबुद्दीवेणं भंते ! दीवे केवइया चक्कवट्टिविजया केवइयाओ रायहाणीओ केवइयाओ तिमिसगुहाओ केवइयाओ खंडप्पवायगुहाओ केवइया कयमालया देवा केवइया णट्टमालया देवा केवइया उसभकूडा० प० ? गो० ! जंबुद्दीवे दीवे चोत्तीसं चक्कवट्टिविजया चोत्तीसं रायहाणीओ चोत्तीसं तिमिसगुहाओ चोत्तीसं खंडप्पवायगुहाओ चोत्तीसं कयमालया देवा चोत्तीसं णट्टमालया देवा चोत्तीसं उसभकूडा पव्वया प०, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया महदहा प० ? गो० ! सोलस महदहा पण्णत्ता, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयाओ महाणईओ वासहरपवहाओ केवइयाओ महाणईओ कुंडप्पवहाओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ चोद्दस महाणईओ वासहरपवहाओ छावत्तरिं महाणईओ कुंडप्पवहाओ०, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे Page #719 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४४ सुताग [ जंबुद्दीवपण्णत्ती दीवे णउईं महाणईओ भवतीति मक्खायं । जंबुद्दीवेभरहेरवएसु वासेसु कई महाणईओ प० ? गोयमा ! चत्तारि महाणईओ पण्णत्ताओ, तं० गंगा सिंधू रत्ता रत्तवई, तत्थ णं एगमेगा महाणई चउद्दसहिं सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं लवणसमुद्दं समप्पेइ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएस वासेसु छप्पण्णं सलिला सहस्सा भवंतीतिमक्खायं, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे हेमवयहेरण्णवएसु वासेसु कइ महाणईओ पण्णत्ताओ ? गो० ! चत्तारि महाणईओ पण्णत्ताओ, तंजहा - रोहिया रोहियंसा सुवण्णकूला रुप्पकूला, तत्थ णं एगमेगा महाणई अट्ठावीसाए अट्ठावीसाए सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरत्थिमपन्चत्थिमेणं लवणसमुहं समप्पेइ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे २ हेमवयहेरण्णवएसु वासेसु बारसुत्तरे सलिलासयसहस्से भवतीतिमक्खायं । जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे हरिवासरम्भगवासेसु कइ महाणईओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि महाणईओ पण्णत्ताओ, तंजहा – हरी हरिकंता परकंता णारिकंता, तत्थ णं एगमेगा महाणई छप्पण्णाए २ सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरत्थिमपच्चत्थि - मेणं लवणसमुद्दं समप्पेइ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे २ हरिवासरम्मगवासेसु दो चउवीसा सलिलासय सहस्सा भवतीतिमक्खायं, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे महाविदेहे वासे कइ महाणईओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! दो महाणईओ पण्णत्ताओ, तंजा -सीया य सीओया य, तत्थ णं एगमेगा महाणई पंचहिं २ सलिलासयसहस्सेहिं बत्तीसाए य सलिलासहस्सेहिं समग्गा पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं लवणसमुद्दं समप्पेइ, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे दस सलिलासयसहस्सा चउसद्धिं च सलिलासहस्सा भवन्तीति मक्खायं । जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दक्खिणेणं केवइया सलिलासयसहस्सा पुरत्थिमपचत्थिमाभिमुहा लवणसमुद्दं समप्पेंति ? गो० ! एगे छण्णउए सलिलासयसहस्से पुरत्थिमपच्चत्थिमाभिमु लवणसमुद्दे समप्पेइ, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरेणं केवइया सलिलासयसहस्सा पुरत्थिमपच्चत्थिमाभिमुहा लवणसमुहं समप्पेंति ? गो० ! एगे छण्णउए सलिलासयसहस्से पुरत्थिमपच्चत्थिमाभिमुहे जाव समप्पेइ, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे केवइया सलिलासयसहस्सा पुरत्थाभिमुहा लवणसमुहं समप्पेंति ? गोयमा ! सत्त सलिलासयसहस्सा अट्ठावीसं च सहस्सा जाव समप्पेंति, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे केवइया सलिलासय सहस्सा पच्चत्थिमाभिमुहा लवणसमुद्दं समप्पेंति ? गोयमा ! सत्त सलिलासयसहस्सा अट्ठावीसं च सहस्सा जाव समप्पेंति, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे चोइस सलिलासयसहस्सा छप्पण्णं च सहस्सा भवतीतिमक्खायं ॥ १२५ ॥ छट्ठो वक्खारो समत्तो ॥ Page #720 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ दा० ५] सुत्तागमे जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे कइ चंदा पभासिंसु पभासंति पभासिस्संति कइ सूरिया तवइंसु तवेंति तविस्संति केवइया णक्खत्ता जोगं जोइंसु जोयंति जोइस्संति केवइया महग्गहा चारं चरिंसु चरंति चरिस्संति केवइयाओ तारागणकोडाकोडीओ सोभिंसु सोभंति सोभिस्तंति ? गोयमा ! दो चंदा पभासिंसु ३ दो सूरिया तवइंसु ३ छप्पण्णं णक्खत्ता जोगं जोइंसु ३ छावत्तरं महग्गहसयं चारं चरिंसु ३-एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साइं। णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं ॥१॥ ति ॥ १२६ ॥ कइ णं भंते ! सूरमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! एगे चउरासीए मंडलसए पण्णत्ते । जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयं ओगाहित्ता केवइया सूरमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! जंबुद्दीवे २ असीयं जोयणसयं ओगाहित्ता एत्थ णं पण्णट्ठी सूरमंडला पण्णत्ता, लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं ओगाहित्ता केवइया सूरमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! लवणे समुद्दे तिण्णि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता एत्थ णं एगूणवीसे सूरमंडलसए पण्णत्ते, एवामेव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दीवे लवणे य समुद्दे एगे चुलसीए सूरमंडलसए भवतीतिमक्खायं १ ॥ १२७ ॥ सव्वभंतराओ णं भंते ! सूरमंडलाओ केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए सूरमंडले प० ? गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए सूरमंडले पण्णत्ते २॥ १२८ ॥ सूरमंडलस्स णं भंते ! सूरमंडलस्स य केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दो जोयणाइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ३ ॥ १२९ ॥ सूरमंडले णं भंते ! केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! अडयालीसं एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं चउवीसं एगसद्विभाए जोयणस्स बाहल्लेणं पण्णत्ते इति ४ ॥ १३० ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वभंतरे सूरमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य वीसे जोयणसए अबाहाए सव्वन्भंतरे सूरमंडले पण्णत्ते, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइअबाहाए सव्वभंतराणंतरे सूरमंडले पण्णत्ते ? गो० ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य बावीसे जोयणसए अडयालीसं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स अबाहाए अब्भंतराणंतरे सूरमंडले प०, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए अब्भंतरतच्चे सूरमंडले पण्णत्ते ? गो० ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य पणवीसे जोयणसए पणतीसं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स अबाहाए अब्भंतरतच्चे सूरमंडले पण्णत्ते, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयणंतराओ मंडलाओ तयणंतरं मंडलं संकममाणे २ दो दो जोयणाई अडयालीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले अबाहावुढेि अभिवड्वेमाणे २ सव्वबाहिरं Page #721 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४६ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइत्ति, जंबुद्दीवे णं भंते! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केव - याए अबाहाए सव्वबाहिरे सूरमंडले प० ? गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य तीसे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरे सूरमंडले प०, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिराणंतरे सूरमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पणयालीसं जोयणसहस्साइं तिण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तेरस य एगसभाए जोयणस्स अबाहाए बाहिराणंतरे सूरमंडले पण्णत्ते, जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए बाहिरतच्चे सूरमंडले पण्णत्ते ? गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साईं तिष्णि य चउवीसे जोयणसए छव्वीसं च एगसट्ठिभाए जोय - णस्स अबाहाए बाहिरतचे सूरमंडले पण्णत्ते, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तथाणंतरं मंडलं संकममाणे संकममाणे दो दो जोयणाइं अडयालीसं च एगसहिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले अबाहावुडिं णिवुड्ढेमाणे २ सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ ५ ॥ १३१ ॥ जंबुद्दीवे दीवे सव्वब्भंतरे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गो० ! णवणउई जोयणसहस्साइं छच्च चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साईं पण्णरस य जोयणसहस्साइं एगूणणउई च जोयणाईं किंचिविसेसाहियाई परिक्खेवेणं०, अब्भंतराणंतरे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! णवणउई जोयणसहस्साइं छच्च पणयाले जोयणसए पणतीसं च एगसट्टिभाए जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साईं पण्णरस य जोयणसहस्साईं एगं सत्तुत्तरं जोयणसयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, अब्भंतरतच्चे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं प० ? गो० ! णवणउई जोयणसहस्साइं छच्च एक्कावणे जोयणसए णव य एगसट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साईं पण्णरस जोयणसहस्साइं एगं च पणवीसं जोयणसयं परिक्खेवेणं, एवं खलु एएणं उवाएणं क्खिममाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं उवसंकममाणे २ पंच २ जोयणाई पणतीसं च एगसट्टिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुड्ढि अभिवड्ढेमाणे २ अट्ठारस २ जोयणाई परिरयवुद्धिं अभिवडेमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, सव्वबाहिरए णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! एगं जोयणसय सहस्सं छच्च सट्ठे जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साईं अट्ठारस य सहस्साइं तिण्णि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं०, बाहिराणंतरे णं भंते ! Page #722 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च० ७ दा०७] सुत्तागमे ६४७ सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्च चउप्पण्णे जोयणसए छन्वीसं च एगसट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस य सहस्साइं दोण्णि य सत्ताणउए जोयणसए परिक्खेवेणंति, बाहिरतच्चे णं भंते ! सूरमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्च अडयाले जोयणसए बावण्णं च एगस ट्ठिभाए जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस य सहस्साइं दोण्णि य अउणासीए जोयणसए परिक्खेवेणं०, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे २ पंच पंच जोयणाई पणतीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुद्धिं णिवुड्डमाणे २ अट्ठारस २ जोयणाई परिरयवुद्धिं णिवुड्डेमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ ६ ॥ १३२ ॥ जया णं भंते ! सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं दोण्णि य एगावण्णे जोयणसए एगूणतीसं च सद्विभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिं एगवीसाए य जोयणस्स सद्विभाएहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि सव्वभंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए अभंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं दोण्णि य एगावण्णे जोयणसए सीयालीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं एगूणासीए जोयणसए सत्तावण्णाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगस ट्ठिहा छेत्ता एगूणवीसाए चुण्णियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभंतरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए अभंतरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं दोण्णि य बावण्णे जोयणसए पंच य सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं छण्णउईए जोयणेहिं तेत्तीसाए सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता दोहिं चुण्णियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ मंड Page #723 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६४८ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती लाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे संकममाणे अट्ठारस २ सहिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहुत्तगई अभिवुड्डेमाणे अभिवुड्डेमाणे चुलसीइं २ सयाइं जोयणाई पुरिसच्छायं णिवुड्ढमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ। जया णं भंते ! सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य पंचुत्तरे जोयणसए पण्णरस य सद्विभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स एगतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एगत्तीसेहिं जोयणसएहिं तीसाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चे छम्मासे अयमाणे पढमंसि अहोरत्तसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउरुत्तरे जोयणसए. सत्तावण्णं च सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स एगत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं णवहि य सोलसुत्तरेहिं जोयणसएहिं इगुणालीसाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता सट्ठीए चुण्णियाभागेहि सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया ण भंते ! सूरिए बाहिरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउरुत्तरे जोयणसए इगुणालीसं च सद्विभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुयस्स एगाहिएहिं बत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं एगूणपण्णाए. य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगसट्ठिहा छेत्ता तेवीसाए चुण्णियाभाएहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे २ अट्ठारस २ सट्ठिभाए जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहुत्तगई निवड्वेमाणे २ साइरेगाइं पंचासीइं २ जोयणाइं पुरिसच्छायं अभिवड्डेमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे पण्णत्ते ७ ॥ १३३ ॥ जया णं भंते ! सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहण्णिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं Page #724 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ दा० ८] सुत्तागमे ६४९ संवच्छर अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए अभंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहि. य एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहियत्ति, से णिक्खममाणे सरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि जाव चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहियत्ति, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे २ दो दो एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं मंडले दिवसखेत्तस्स निवुड्ढमाणे २ रयणिखेत्तस्स अभिवड्डेमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइत्ति, जया णं सूरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वब्भंतरमंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं. राइंदियसएणं तिण्णि छावढे एगट्ठिभागमुहुत्तसए दिवसखेत्तस्स निवुड्डेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिवुड्ढेत्ता चारं चरइत्ति, जया णं भंते ! सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइत्ति, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे। से पविसमाणे सूरिए दोच्च छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सरिए दोचंसि अहोरत्तसि बाहिरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भंते ! सृरिए बाहिरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं केमहालए दिवसे केमहालिया राई भवइ ? गोयमा ! तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए इति, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे संकममाणे दो दो एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं एगमेगे मंडले रयणिखेत्तस्स निवुड्डेमाणे २ दिवसखेत्तस्स अभिवुड्डेमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइत्ति, जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं Page #725 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिण्णि छावढे एगट्ठिभागमुहुत्तसए रयणिखेत्तस्स णिवुड्वेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिवड्वेत्ता चारं चरइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दुच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे पण्णत्ते ८ ॥ १३४ ॥ जया णं भंते ! सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं किंसंठिया तावखेत्तसंठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! उड्ढीमुहकलंबुयापुप्फसंठाणसंठिया तावखेत्तसंठिई पण्णत्ता, अंतो संकुया बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सगडुद्धीमुहसंठिया, उत्तरपासे णं तीसे दो बाहाओ अवट्ठियाओ हवंति पणयालीसं २ जोयणसहस्साई आयामेणं, दुवे य णं तीसे बाहाओ अणवट्ठियाओ हवंति, तंजहा-सव्वब्भंतरिया चेव बाहा सव्वबाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सव्वब्भंतरिया बाहा मंदरपव्वयंतेणं णवजोयणसहस्साइं चत्तारि छलसीए जोयणसए णव य दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, एस णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएज्जा ? गोयमा ! जे णं मंदरस्स० परिक्खेवे तं परिक्खेवं तिहिं गुणेत्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, तीसे णं सव्वबाहिरिया बाहा लवणसमुइंतेणं चउणवई जोयणसहस्साइं अट्ठसढे जोयणसए चत्तारि य दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, से णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएज्जा ? गोयमा ! जे णं जंबुद्दीवस्स २ परिक्खेवे तं परिक्खेवं तिहिं गुणेत्ता दसहिं छेत्ता दसभागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा। तया णं भंते ! तावखेत्ते केवइयं आयामेणं प० ? गोयमा! अठ्ठहत्तरि जोयणसहस्साई तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए जोयणस्स तिभागं च आयामेणं पण्णत्ते, मेस्स मज्झयारे जाव य लवणस्स रुंदछब्भागो । तावायामो एसो सगडुद्धीसंठिओ णियमा ॥ १॥ तया णं भंते ! किंसंठिया अंधयारसंठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! उड्ढीमुहकलंबुयापुप्फसंठाणसंठिया अंधयारसंठिई पण्णत्ता, अंतो संकुया बाहिं वित्थडा तं चेव जाव तीसे णं सव्वभंतरिया बाहा मंदरपव्वयंतेणं छज्जोयणसहस्साई तिण्णि य चउवीसे जोयणसए छच्च दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणंति, से णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएज्जा ? गोयमा ! जे णं मंदरस्स पव्वयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेवं दोहिं गुणेत्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, तीसे णं सव्वबाहिरिया बाहा लवणसमुदंतेणं तेसट्ठी जोयणसहस्साइं दोण्णि य पणयाले जोयणसए छच्च दसभाए जोयणस्स परिक्खेवेणं, से णं भंते ! परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा? गोयमा ! जे णं जंबुद्दीवस्स २ परि Page #726 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे व० ७ दा० १४] ६५१ क्खेवे तं परिक्खेवं दोहिं गुणेत्ता जाव तं चेव तया णं भंते! अंधयारे केवइए आयामेणं प० ? गोयमा ! अट्ठहत्तरि जोयणसहस्साइं तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए तिभागं च आयामेणं प० । जया णं भंते ! सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं किंसंठिया तावखेत्तसंठिई प० ? गो० ! उड्डीमुहकलंबुयापुप्फसंठाणसंठिया० पण्णत्ता, तं चेव सव्वं णेयव्वं णवरं णाणत्तं जं अंधयारसंठिईए पुव्ववण्णियं पमाणं तं तावखेत्तसंठिईए णेयव्वं, जं तावखेत्तसंठिईए पुव्ववणियं पमाणं तं अंधयारसंठिईए णेयव्वंति ९ ॥ १३५ ॥ जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति मज्झतियमुहुत्तसि मूले य दूरे य दीसंति अत्थमणमुहुत्तसि दूरे य मूले य दीसंति ? हंता गोयमा ! तं चेव जाव दीसंति, जम्बुद्दीवे णं भन्ते !० सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि य मज्झंतियमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं ? हंता तं चेव जाव उच्चत्तेणं, जइ णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तंसि य मज्झं० अत्थ० सव्वत्थ समा उच्चत्तेणं कम्हा णं भन्ते ! जम्बुद्दीवे दीवे सूरिया उग्गमणमुहुत्तसि दूरे य मूले य दीसंति ? गोयमा! लेसापडिघाएणं उग्गमणमुहुत्तसि दूरे य मूले य दीसंति लेसाहितावेणं मज्झंतियमुहुत्तसि मूले य दूरे य दीसंति लेसापडिघाएणं अत्थमणमुहुत्तंसि दूरे य मूले य दीसंति, एवं खलु गोयमा ! तं चेव जाव दीसंति १०॥ १३६ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे सूरिया किं तीयं खेत्तं गच्छन्ति पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छन्ति अणागयं खेत्तं गच्छन्ति ? गोयमा ! णो तीयं खेत्तं गच्छन्ति पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छन्ति णो अणागयं खेत्तं गच्छन्तित्ति, तं भन्ते ! किं पुटुं गच्छन्ति जाव नियमा छद्दिसिंति, एवं ओभासेंति, तं भन्ते ! किं पुढं ओभासेंति० ? एवं आहारपयाई णेयव्वाई पुट्ठोगाढमणंतरअणुमहआइविसयाणपुव्वी य जाव णियमा छद्दिसिं, एवं उजोवेंति तवेंति पभासेंति ११ ॥ १३७ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे सूरियाणं किं तीए खेत्ते किरिया कजइ पडुप्पण्णे० अणागए० ? गो० ! णो तीए खेत्ते किरिया कज्जइ पडुप्पण्णे० कजइ णो अणागए०, सा भन्ते ! किं पुट्ठा कज्जइ० ? गोयमा ! पुट्ठा० णो अणापुट्ठा कजइ जाव णियमा छद्दिसिं १२ ॥ १३८ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे सूरिया केवइयं खेत्तं उडुं तवयन्ति अहे तिरियं च ? गोयमा ! एगं जोयणसयं उर्दू तवयन्ति अट्ठारससयजोयणाई अहे तवयन्ति सीयालीसं जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेवढे जोयणसए एगवीसं च सद्विभाए जोयणस्स तिरियं तवयन्तित्ति १३ ॥ १३९ ॥ अंतो णं भन्ते ! माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवा ते णं भन्ते ! देवा किं उड्डोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा Page #727 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६५२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती चारद्विइया गइरइया गइसमावण्णगा ? गोयमा ! अंतो णं माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चन्दिमसूरिय जाव ताराख्वा ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा णो कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा णो चारद्विइया गइरइया गइसमावण्णगा उड्डीमुहकलंवुयापुप्फसंठाणसंठिएहिं जोयणसाहस्सिएहिं तावखेत्तेहिं साहस्सियाहिं वेउव्वियाहिं बाहिराहिं परिसाहिं महया हयणगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा महया उक्किट्ठिसीहणायबोलकलकलरवेणं अच्छं पव्वयरायं पयाहिणावत्तमण्डलचारं मेरे अणुपरिय{ति १४ ॥ १४० ॥ तेसि णं भन्ते ! देवाणं जाहे इंदे चुए भवइ से कहमियाणि पकरेंति ? गोयमा ! ताहे चत्तारि पंच वा सामाणिया देवा तं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति जाव तत्थ अण्णे इंदे उववण्णे भवइ । इंदट्ठाणे णं भंते ! केवइयं कालं उववाएणं विरहिए ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं छम्मासे उववाएणं विरहिए । बहिया णं भन्ते ! माणुसुत्तरस्स पव्वयस्स जे चंदिम जाव तारारूवा तं चेव णेयव्वं णाणत्तं विमाणोववण्णगा णो चारोववण्णगा चारढिइया णो गइरइया णो गइसमावण्णगा पक्किगसंठाणसंठिएहिं जोयणसयसाहस्सिएहिं तावखेत्तेहिं सयसाहस्सियाहिं वेउव्वियाहिं बाहिराहिं परिसाहिं महया हयणट्ट जाव भुंजमाणा सुहलेसा मन्दलेसा मन्दायवलेसा चित्तंतरलेसा अण्णोण्णसमोगाढाहिं लेसाहिं कूडाविव ठाणठिया सव्वओ समन्ता ते पएसे ओभासंति उज्जोवेंति पभासेन्तित्ति । तेसि णं भन्ते ! देवाणं जाहे इंदे चुए भवइ से कहमियाणिं पकरेन्ति जाव जहण्णेणं एवं समयं उक्कोसेणं छम्मासा इति १५ ॥ १४१ ॥ कइ णं भन्ते ! चंदमण्डला प० ? गो० ! पण्णरस चंदमण्डला पण्णत्ता । जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे केवइयं ओगाहित्ता केवइया चन्दमण्डला प०? गो० ! जम्बुद्दीवे २ असीयं जोयणसयं ओगाहित्ता पंच चंदमण्डला पण्णत्ता, लवणे णं भन्ते ! पुच्छा, गोयमा ! लवणे णं समुद्दे तिण्णि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता एत्थ णं दस चंदमण्डला पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं जम्बुद्दीवे दीवे लवणे य समुद्दे पण्णरस चंदमण्डला भवन्तीतिमक्खायं ॥ १४२ ॥ सव्वभंतराओ णं भन्ते ! चंदमंडलाओ केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए चंदमंडले प०? गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए चंदमंडले पण्णत्ते ॥ १४३ ॥ चंदमंडलस्स णं भन्ते ! चंदमंडलस्स य एस णं केवइयाए अबाहाए अंतरे प० ? गोयमा ! पणतीसं २ जोयणाइं तीसं च एगसद्विभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए चंदमंडलस्स चंदमंडलस्स अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ १४४ ॥ चंदमंडले णं भन्ते ! केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परि Page #728 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ स० चं० आयामाइपुच्छा] सुत्तागमे ६५३ क्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! छप्पण्णं एगसद्विभाए जोयणस्स आयामविक्खम्भेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं अठ्ठावीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स बाहल्लेणं० ॥ १४५ ॥ जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वभंतरए चन्दमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य वीसे जोयणसए अबाहाए सव्वब्भन्तरे चन्दमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे 'मन्दरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए अब्भंतराणन्तरे चन्दमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य छप्पण्णे जोयणसए पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए अबाहाए अब्भंतराणन्तरे चन्दमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे. दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए अब्भंतरतच्चे चंदमंडले प० ? गोयमा! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य बाणउए जोयणसए एगावणं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुणियामागं अबाहाए अब्भंतरतच्चे चंदमंडले पण्णत्ते, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चंदे तयाणन्तराओ मंडलाओ तयाणन्तरं मंडलं संकममाणे २ छत्तीसं छत्तीसं जोयणाइं पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए एगमेगे मंडले अबाहाए वुद्धिं अभिवड्वेमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ। जम्बुद्दीवे० दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरे चंदमंडले प० ? गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य तीसे जोयणसए अबाहाए सव्ववाहिरए चंदमंडले प०, जम्बुद्दीवे. दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए बाहिराणन्तरे चंदमंडले पण्णत्ते ? गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साइं दोण्णि य तेणउए जोयणसए पणतीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता तिण्णि चुण्णियाभाए अबाहाए बाहिराणन्तरे चंदमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे. दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए बाहिरतच्चे चंदमंडले प० ? गो० ! पणयालीसं जोयणसहस्साइं दोण्णि य सत्तावण्णे जोयणसए णव य एगसद्विभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता छ चुण्णियाभाए अबाहाए बाहिरतच्चे चंदमंडले प० । एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे चंदे तयाणंतराओ मंडलाओ तयाणंतरं मंडलं संकममाणे २ छत्तीसं २ जोयणाइं पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोयणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णियाभाए एगमेगे मंडले अवाहाए बुढेि णिवुड्डेमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ ॥ १४६ ॥ सव्वभंतरे णं भन्ते ! चंदमंडले केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवणं Page #729 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६५४ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती पण्णत्ते ? गोयमा ! णवणउई जोयणसहस्साई छच्चचत्ताले जोयणसए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं पण्णरस जोयणसहस्साइं अउणाणउइं च जोयणाई किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं प०, अब्भन्तराणंतरे सा चेव पुच्छा, गोयमा ! णवणउइं जोयणसहस्साई सत्त य बारसुत्तरे जोयणसए एगावणं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुण्णियामागं आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं पण्णरस सहस्साई तिणि य एगूणवीसे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं, अब्भन्तरतच्चे णं जाव प० ? गो० ! णवणउइं जोयणसहस्साई सत्त य पञ्चासीए जोयणसए इगतालीसं च एगट्ठिभाए जोयणस्स एगट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता दोण्णि य चुण्णियाभाए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साई पण्णरस जोयणसहस्साइं पंच य इगुणापण्णे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणंति, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चंदे जाव संकममाणे २ बावत्तरि २ जोयणाई एगावण्णं च एगट्ठिभाए जोयणस्स एगट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं च चुण्णियामागं एगमेगे मंडले विक्खम्भवुद्धिं अभिवड्डेमाणे २ दो दो तीसाइं जोयणसयाई परिरयवुद्धिं अभिवड्वेमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ। सव्वबाहिरए णं भन्ते ! चन्दमंडले केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्चसढे जोयणसए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस सहस्साइं तिण्णि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं०, बाहिराणन्तरे णं पुच्छा, गो० ! एगं जोयणसयसहस्सं पञ्च सत्तासीए जोयणसए णव य एगट्ठिभाए जोयणस्स एगट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता छ चुण्णियाभाए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस सहस्साइं पंचासीइंच जोयणाई परिक्खेवेणं०, बाहिरतच्चे णं भन्ते ! चन्दमण्डले० प० ? गो० ! एग जोयणसयसहस्सं पंच य चउदसुत्तरे जोयणसए एगूणवीसं च एगट्ठिभाए जोयणस्स एगट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता पंच चुण्णियाभाए आयामविक्खम्भेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साई सत्तरस सहस्साइं अट्ठ य पणपण्णे जोयणसए परिक्खेवेणं०, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे चन्दे जाव संकममाणे २ बावत्तरि २ जोयणाइं एगावणं च एगद्विभाए जोयणस्स एगट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुण्णियाभागं एगमेगे मण्डले विक्खम्भवुड्ढि णिबुड्ढेमाणे २ दो दो तीसाइं जोयणसयाइं परिरयवुडिं णिवुड्डेमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ ॥ १४७ ॥ जया णं भन्ते ! चन्दे सव्वब्भन्तरमण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं तेवत्तरिं च जोयणाई सत्तत्तरि Page #730 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०७स०ण०स०बा०ण०अबाहापुच्छा सुत्तागमे च चोयाले भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं सहस्सेहिं सत्तहि य पणवीसेहिं सएहिं छेत्ता इति, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिं एगवीसाए य सट्ठिभाएहिं जोयणस्स चन्दे चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ । जया णं भन्ते ! चन्दे अब्भन्तराणन्तरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ जाव केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गो० ! पंच जोयणसहस्साइं सत्तत्तरिं च जोयणाइं छत्तीसं च चोवत्तरे भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं सहस्सेहिं जाव छेत्ता, जया णं भन्ते! चन्दे अभंतरतचं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं असीइं च जोयणाइं तेरस य भागसहस्साइं तिण्णि य एगूणवीसे भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं जाव छेत्ता इति । एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चन्दे तयाणन्तराओ जाव संकममाणे २. तिण्णि २ जोयणाई छण्णउइं च पंचावण्णे भागसए एगमेगे मण्डले मुहुत्तगई अभिवड्वेमाणे २ सव्वबाहिरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं भन्ते! चन्दे सव्वबाहिरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं एगं च पणवीसं जोयणसयं अउणत्तरि च णउए भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं भागसहस्सेहिं सत्तहि य जाव छेत्ता इति, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एकतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एगत्तीसेहिं जोयणसएहिं चन्दे चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, जया णं भन्ते ! बाहिराणन्तरं पुच्छा, गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं एकं च एकवीसं जोयणसयं एकारस य सढे भागसहस्से गच्छइ मण्डलं तेरसहिं जाव छेत्ता, जया णं भंते ! बाहिरतच्चं पुच्छा, गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं एगं च अट्ठारसुत्तरं जोयणसयं चोद्दस य पंचुत्तरे भागसए गच्छइ मंडलं तेरसहिं सहस्सेहिं सत्तहिं पणवीसेहिं सएहिं छेत्ता, एवं खलु एएणं उवाएणं जाव संकममाणे २ तिण्णि २ जोयणाई छण्णउइं च पंचावण्णे भागसए एगमेगे मण्डले मुहुत्तगई णिवुड्डेमाणे २ सव्वब्भंतरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ ॥१४८॥ कइ णं भंते ! णक्खत्तमण्डला प०? गोयमा ! अट्ठ णक्खत्तमण्डला पण्णत्ता। जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइयं ओगाहित्ता केवइया णक्खत्तमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! जम्बुद्दीवे दीवे असीयं जोयणसयं ओगाहेत्ता एत्थ णं दो णक्खत्तमंडला पण्णत्ता, लवणे णं भंते ! समुद्दे केवइयं ओगाहेत्ता केवइया णक्खत्तमंडला पण्णत्ता ? गोयमा ! लवणे णं समुद्दे तिणि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता एत्थ णं छ णक्खत्तमंडला पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं जम्बुद्दीवे दीवे लवणसमुद्दे अट्ठ णक्खत्तमंडला भवंतीतिमक्खायं । सव्वभंतराओ णं भंते ! णक्खत्तमंडलाओ केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए Page #731 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती णक्खत्तमंडले पण्णत्ते? गोयमा ! पंचदसुत्तरे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते, णक्खत्तमंडलस्स णं भन्ते ! णक्खत्तमंडलस्स य एस णं केवइयाए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दो जोयणाइं णक्खत्तमंडलस्स य णक्खत्तमंडलस्स य अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । णक्खत्तमंडले णं भंते ! केवइयं आयामविक्खम्भेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं बाहल्लेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! गाउयं आयामविक्खम्भेणं तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं अद्धगाउयं बाहलेणं पण्णत्ते । जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वन्भंतरे णक्खत्तमंडले पण्णते ? गोयमा ! चोयालीसं जोयणसहस्साइं अट्ठ य वीसे जोयणसए अबाहाए सव्वब्भंतरे णक्खत्तमंडले पण्णत्ते, जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे मंदरस्स पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते ? गोयमा ! पणयालीसं जोयणसहस्साई तिण्णि य तीसे जोयणसए अबाहाए सव्वबाहिरए णक्खत्तमंडले पण्णत्ते । सव्वब्भंतरे णं भंते ! णक्खत्तमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं प० ? गोयमा ! णवणउइं जोयणसहस्साई छच्चचत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि य जोयणसयसहस्साइं पण्णरस जोयणसहस्साइं एगूणणवई च जोयणाई किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते, सव्वबाहिरए णं भंते! णक्खत्तमंडले केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं पण्णत्ते ? गोयमा ! एगं जोयणसयसहस्सं छच्च सटे जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिणि य जोयणसयसहस्साई अट्ठारस य जोयणसहस्साई तिणि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं प०, जया णं भंते ! णक्खत्ते सव्वन्भंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साइं दोण्णि य पण्णढे जोयणसए अट्ठारस य भागसहस्से दोण्णि य तेवढे भागसए गच्छइ मंडलं एकवीसाए भागसहस्सेहिं णवहि य सट्टेहिं सएहिं छेत्ता । जया णं भंते! णक्खत्ते सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ ? गोयमा ! पंच जोयणसहस्साई तिणि य एगूणवीसे जोयणसए सोलस य भागसहस्सेहिं तिण्णि य पणढे भागसए गच्छइ मंडलं एगवीसाए भागसहस्सेहिं णवहि य सतुहिं सएहिं छेत्ता, एए णं भंते ! अट्ठ णक्खत्तमंडला कइहिं चंदमंडलेहिं समोयरंति ? गोयमा ! अट्ठहिं चंदमंडलेहिं समोयरंति, तंजहा-पढमे चंदमंडले तइए० छठे. सत्तमे० अट्ठमे० दसमे० इक्कारसमे० पण्णरसमे चंदमंडले, एगमेगेणं भन्ते ! मुहुत्तेणं केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? गोयमा ! जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स २ मंडलपरिक्खेवस्स सत्तरस अट्ठे भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं Page #732 -------------------------------------------------------------------------- ________________ च०७ पमाणसंवच्छर०] सुत्तागमे अट्ठाणउईए य सएहिं छेत्ता इति । एगमेगेणं भन्ते ! मुहुत्तेणं सूरिए केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? गोयमा ! जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स २ मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारसतीसे भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेहिं अट्ठाणउईए य सएहिं छेत्ता, एगमेगेणं भंते ! मुहुत्तेणं णक्खत्ते केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? गोयमा ! जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स तस्स मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारस पणतीसे भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईए य सएहिं छेत्ता ॥१४९॥ जम्बुद्दीवे णं भंते! दीवे सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छ पाईणदाहिणमागच्छति १ पाईणदाहिणमुग्गच्छ दाहिणपडीणमागच्छंति २ दाहिणपडीणमुग्गच्छ पडीणउदीणमागच्छंति ३ पडीणउदीणमुग्गच्छ उदीणपाईणमागच्छंति ४ ? हंता गोयमा ! जहा पंचमसए पढमे उद्देसे जाव णेवत्थि उस्सप्पिणी अवढिए णं तत्थ काले प० समणाउसो !, इच्चेसा जम्बुद्दीवपण्णत्ती सूरपण्णत्ती वत्थुसमासेणं सम्मत्ता भवइ । जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे चंदिमा उदीणपाईणमुग्गच्छ पाईणदाहिणमागच्छंति जहा सूरवत्तव्वया जहा पंचमसयस्स दसमे उद्देसे जाव अवट्ठिए णं तत्थ काले पण्णत्ते समणाउसो !, इच्चेसा जम्बुद्दीवपण्णत्ती चंदपण्णत्ती वत्थुसमासेणं सम्मत्ता भवइ ॥ १५० ॥ कइ णं भन्ते ! संवच्छरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच संवच्छरा प०, तं०-णक्खत्तसंवच्छरे जुगसंवच्छरे पमाणसंवच्छरे लक्खणसंवच्छरे सणिच्छरसंवच्छरे । णक्खत्तसंवच्छरे णं भन्ते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुवालसविहे प०, तं०-सावणे भद्दवए आसोए जाव आसाढे, जं वा विहप्फई महग्गहे दुवालसेहिं संवच्छराह सव्वणक्खत्तमंडलं समाणेइ सेत्तं णक्खत्तसंवच्छरे । जुगसंवच्छरे णं भन्ते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे प०, तंजहा-चंदे चंदे अभिवड्डिए चंदे अभिवड्डिए चेवेति, पढमस्स णं भन्ते ! चन्दसंवच्छरस्स कइ पव्वा पण्णत्ता ? गोयमा! चउव्वीसं पव्वा पण्णत्ता, बिइयस्स णं भन्ते ! चन्दसंवच्छरस्स कइ पव्वा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्वीसं पव्वा पण्णत्ता, एवं पुच्छा तइयस्स, गोयमा! अभिवड्डियसंवच्छरस्स छन्वीसं पव्वा प०, चउत्थस्स० चन्दसंवच्छरस्स. चोव्वीसं पव्वा०, पंचमस्स णं. अभिवद्रियस्स० छन्वीसं पव्वा पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं पंचसवच्छारए जुए एग चउव्वीसे पव्वसए पण्णत्ते,सेत्तं जुगसंवच्छरे। पमाणसंवच्छरे णं भन्ते ! कइविहे पण्णत्ते? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा–णक्खत्ते चन्दे उऊ आइच्चे अभिवड्डिए, सेत्तं १ आइल्लदीवस्स जहावट्ठियसरूवणिरूविगा गंथपद्धई-तीए । २ सूरियाहिगारप'डिबद्धापयपद्धई। ३ मंडलसंखाईणं सूरियपण्णत्तीआइमहागंथावेक्खाए संखेवो तेण । ४ चंदाहिगार० । ५ मंढलसंखाईणं चंदपण्णत्तीआइ० । ४२ सत्ता Page #733 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती पमाणसंवच्छरे। लक्खणसंवच्छरे णं भन्ते! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा- "समयं णक्खत्ता जोगं जोयंति समयं उऊ परिणमंति । णचुण्ड णाइसीओ बहूदओ होइ णक्खत्ते ॥ १॥ ससि समगपुण्णमासिं जोएन्ति विसमचारिणक्खत्ता । कडुओ बहूदओ य तमाहु संवच्छरं चन्दं ॥ २ ॥ विसमं पवालिणो परिणमन्ति अणुऊसु दिति पुप्फफलं । वासं न सम्म वासइ तमाहु संवच्छरं कम्म ॥ ३ ॥ पुढविदगाणं च रसं पुप्फफलाणं च देइ आइच्चो । अप्पेणवि वासेणं सम्मं निप्फज्जए सस्सं ॥ ४ ॥ आइञ्चतेयतविया खणलवदिवसा उऊ परिणमन्ति । पूरेइ य णिण्णथले तमाहु अभिवडियं जाण ॥ ५॥" सणिच्छरसंवच्छरे णं भन्ते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! अट्ठावीसइविहे पण्णत्ते, तंजहा-अभिई सवणे धणिट्ठा सयभिसया दो य होंति भद्दवया । रेवइ अस्सिणि भरणी कत्तिय तह रोहिणी चेव ॥१॥ जाव उत्तराओ आसाढाओ जं वा सणिञ्चरे महग्गहे तीसाए संवच्छरेहिं सव्वं णक्खत्तमण्डलं समाणेइ सेत्तं सणिच्चरसंवच्छरे ॥ १५१ ॥ एगमेगस्स णं भन्ते ! संवच्छरस्स कइ मासा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुवालस मासा पण्णत्ता, तेसि णं दुविहा णामधेज्जा प०, तं०-लोइया लोउत्तरिया य, तत्थ लोइया णामा इमे, तं०-सावणे भद्दवए जाव आसाढे, लोउत्तरिया णामा इमे, तंजहा-अभिणदिए पइटे य, विजए पीइवद्धणे । सेयंसे य सिवे चेव, सिसिरे य सहेमवं ॥ १ ॥णवमे वसंतमासे, दसमे कुसुमसंभवे । एक्कारसे निदाहे य, वणविरोहे य बारसे ॥ २॥ एगमेगस्स णं भन्ते ! मासस्स कइ पक्खा पण्णत्ता ? गोयमा ! दो पक्खा पण्णत्ता, तं०-बहुलपक्खे य सुक्कपक्खे य । एगमेगस्स णं भन्ते ! पक्खस्स कइ दिवसा पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस दिवसा पण्णत्ता, तं०-पडिवादिवसे बिइयादिवसे जाव पण्णरसीदिवसे, एएसि णं भंते ! पण्णरसण्हं दिवसाणं कइ णामधेजा पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस णामधेज्जा पण्णत्ता, तं०-पुव्वंगे सिद्धमणोरमे य तत्तो मणोरहे चेव । जसभद्दे य जसधरे छठे सव्वकामसमिद्धे ॥ १॥ इंदमुद्धाभिसित्ते य सोमणस धणंजए य बोद्धव्वे । अत्यसिद्ध अभिजाए अच्चसणे सयंजए चेव ॥ २॥ अग्गिवेसे उसमे दिवसाणं होंति णामाई । एएसि णं भंते! पण्णरसण्हं दिवसाणं कइ तिही पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस तिही पण्णत्ता, तं०-णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पंचमी, पुणरवि गंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स दसमी, पुणरवि गंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पण्णरसी, एवं ते तिगुणाओ तिहीओ सव्वेसिं दिवसाणंति । एगमेगस्स णं भंते ! पक्खस्स कइ राईओ पण्णत्ताओ? गोयमा । पण्णरस राईओ पण्णत्ताओ, तं०-पडिवाराई जाव पण्णरसीराई, एयासि णं भंते ! पण्णरसण्हं Page #734 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ करणाहिगारो] सुत्तागमे राईणं कइ णामधेज्जा पण्णत्ता ? गोयमा ! पण्णरस णामधेजा पण्णत्ता, तंजहाउत्तमा य सुणक्खत्ता, एलावच्चा जसोहरा । सोमणसा चेव तहा, सिरिसंभूया य बोद्धव्वा ॥ १॥ विजया य वेजयन्ति जयंति अपराजिया य इच्छा य । समाहारा चेव तहा तेया य तहा अईतेया ॥२॥ देवाणंदा णिरई रयणीणं णामधिज्जाइं। एयासि णं भंते ! पण्णरसण्हं राईणं कइ तिही प० ? गोयमा! पण्णरस तिही प०, तं.-उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, एवं तिगुणा एए तिहीओ सव्वेसिं राईणं, एगमेगस्स णं भंते ! अहोरत्तस्स कइ मुहुत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! तीसं मुहुत्ता प०, तं०-रुद्दे सेए मित्ते वाउ सुबीए तहेव अभिचंदे। माहिंद बलव बंभे बहुसच्चे चेव ईसाणे ॥ १ ॥ तढे य भावियप्पा वेसमणे वारुणे य आणंदे । विजए य वीससेणे पायावचे उवसमे य ॥२॥ गंधव्व अग्गिवेसे सयवसहे आयवे य अममे य । अणवं भोमे वसहे सव्वढे रक्खसे चेव ॥ ३ ॥१५२॥ कइ णं भन्ते ! करणा पण्णत्ता ? गोयमा ! एक्कारस करणा पण्णत्ता, तंजहा-बवं बालवं कोलवं थीविलोयणं गराइ वणिजं विट्ठी सउणी चउप्पयं णागं किंथुग्धं, एएसि णं भन्ते ! एक्कारसण्हं करणाणं कइ करणा चरा कइ करणा थिरा पण्णत्ता? गोयमा ! सत्त करणा चरा चत्तारि करणा थिरा पण्णत्ता, तंजहा–बवं बालवं कोलवं थीविलोयणं गराइ वणिजं विट्ठी, एए णं सत्त करणा चरा, चत्तारि करणा थिरा प०, तं०-सउणी चउप्पयं णागं किंथुग्धं, एए णं चत्तारि करणा थिरा पण्णत्ता, एए णं भन्ते ! चरा थिरा वा कया भवन्ति ? गोयमा ! सुक्कपक्खस्स पडिवाए राओ बवे करणे भवइ, 'बिइयाए दिवा बालवे करणे भवइ, राओ कोलवे करणे भवइ, तइयाए दिवा थीविलोयणं करणं भवइ, राओ गराइकरणं भवइ, चउत्थीए दिवा वणिज राओ विट्ठी पंचमीए दिवा बवं राओ बालवं छठ्ठीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं सत्तमीए दिवा गराइ राओ वणिजं अट्ठमीए दिवा विट्ठी राओ बवं णवमीए दिवा बालवं राओ कोलवं दसमीए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ एक्कारसीए दिवा वणिजं राओ विट्ठी बारसीए दिवा बवं राओ बालवं तेरसीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं चउद्दसीए दिवा गराइकरणं राओ वणिजं पुण्णिमाए दिवा विट्ठीकरणं राओ बवं करणं भवइ, बहुलपक्खस्स पडिवाए दिवा बालवं राओ कोलवं बिइयाए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ तइयाए दिवा वणिज राओ विट्ठी चउत्थीए दिवा बवं राओ बालवं पंचमीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं छट्ठीए दिवा गराइ राओ वणिज सत्तमीए दिवा विट्ठी राओ बवं अट्ठमीए दिवा बालवं राओ कोलवं Page #735 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६० सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती णवमीए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ दसमीए दिवा वणिज राओ विट्ठी एकारसीए दिवा बवं राओ बालवं बारसीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं तेरसीए दिवा गराइ राओ वणिजं चउद्दसीए दिवा विट्ठी राओ सउणी अमावासाए दिवा चउप्पयं राओ गागं सुक्कपक्खस्स पाडिवए दिवा किंथुग्धं करणं भवइ ॥ १५३ ॥ किमाइया णं भन्ते ! संवच्छरा किमाइया अयणा किमाइया उऊ किमाइया मासा किमाइया पक्खा किमाइया अहोरत्ता किमाइया मुहुत्ता किमाइया करणा किमाइया णक्खत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! चंदाइया संवच्छरा दक्खिणाइया अयणा पाउसाइया उऊ सावणाइया मासा बहुलाइया पक्खा दिवसाइया अहोरत्ता रोदाइया मुहुत्ता बालवाइया करणा अभिजियाइया णक्खत्ता पण्णत्ता समणाउसो ! इति । पंचसंवच्छरिए णं भन्ते ! जुगे केवइया अयणा केवइया उऊ एवं मासा पक्खा अहोरत्ता केवइया मुहुत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचसंवच्छरिए णं जुगे दस अयणा तीसं उऊ सट्ठी मासा एगे वीसुत्तरे पक्खसए अट्ठारसतीसा अहोरत्तसया चउप्पण्णं मुहुत्तसहस्सा णव सया पण्णत्ता॥१५४॥ गाहा-जोगा १ देवय २ तारग्ग ३ गोत्त ४ संठाण ५ चंदरविजोगा ६ । कुल ७ पुण्णिम अमवस्सा य ८ सण्णिवाए ९ य णेया य १०॥१॥ कइ णं भन्ते! णक्खत्ता प० ? गोयमा ! अट्ठावीसं णक्खत्ता प०, तं०-अभिई १ सवणो २ धणिट्ठा ३ सयभिसया ४ पुव्वभद्दवया ५ उत्तरभद्दवया ६ रेवई ७ अस्सिणी ८ भरणी ९ कत्तिया १० रोहिणी ११ मियसिर १२ अद्दा १३ पुणव्वसू १४ पूसो १५ अस्सेसा १६ मघा १७ पुव्वफागुणी १८ उत्तरफागुणी १९ हत्थो २० चित्ता २१ साई २२ विसाहा २३ अणुराहा २४ जेट्ठा २५ मूलं २६ पुव्वासाढा २७ उत्तरासाढा २८ इति ॥ १५५ ॥ एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं सया चन्दस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि उत्तरेणवि पमपि जोगं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणंपि पमइंपि जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं सया चन्दस्स पमई जोयं जोएंति ? गोयमा ! एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा-संठाण १ अद्द २ पुस्सो ३ ऽसिलेस ४ हत्थो ५ तहेव मूलो य ६ । बाहिरओ बाहिरमंडलस्स छप्पेत णक्खत्ता ॥ १॥ तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चन्दस्स उत्तरेणं जोगं जोएंति ते णं बारस, तं०-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वभद्दवया उत्तरभद्दवया रेवई अस्सिणी भरणी पुव्वाफग्गुणी उत्तराफागुणी साई, तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चन्दस्स दाहिण Page #736 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०७ णक्खत्तसंठाणवण्णणं] सुत्तागमे ओवि उत्तरओवि पमपि जोगं जोएंति ते णं सत्त, तंजहा-कत्तिया रोहिणी पुणव्वसू मघा चित्ता विसाहा अणुराहा, तत्थ णं जे ते णक्खत्ता जे णं सया चन्दस्स दाहिणओवि पमइंपि जोगं जोएंति ताओ णं दुवे आसाढाओ सव्वबाहिरए मंडले जोगं जोइंसु वा ३, तत्थ णं जे से णक्खत्ते जे णं सया चन्दस्स पमई० जोएइ सा णं एगा जेट्ठा इति ॥ १५६ ॥ एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णक्खत्ते किंदेवयाए पण्णत्ते ? गोयमा! बम्हदेवयाए पण्णत्ते, सवणे णक्खत्ते विण्हुदेवयाए पण्णत्ते, धणिट्ठा० वसुदेवयाए पण्णत्ते, एएणं कमेणं णेयव्वा अणुपरिवाडी इमाओ देवयाओ-बम्हा विण्हू वसू वरुणे अए अभिवड्डी पूसे आसे जमे अग्गी पयावई सोमे रहे अदिई वहस्सई सप्पे पिऊ भगे अजम सविया तट्ठा वाऊ इंदग्गी मित्तो इंदे णिरई आऊ विस्सा य, एवं णक्खत्ताणं एसा परिवाडी णेयव्वा जाव उत्तरासाढा किंदेवया पण्णत्ता ? गोयमा! विस्सदेवया पण्णत्ता ॥ १५७ ॥ एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कइतारे पण्णत्ते ? गोयमा ! तितारे प०, एवं णेयव्वा जस्स जइयाओ ताराओ, इमं च तं तारग्गं-तिगतिगपंचगसयदुग दुगबत्तीसगतिगं तह तिगं च । छप्पंचगतिगएकगपंचगतिग छक्कगं चेव ॥१॥ सत्तगद्गदुग पंचग एकेकग पंच चउतिगं चेव । एक्कारसग चउक्कं चउक्कगं चेव तारग्गं ॥ २ ॥ ति ॥ १५८ ॥ एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिई णक्खत्ते किंगोत्ते प०? गोयमा ! मोग्गलायणसगोत्ते०, गाहा-मोग्गल्लायण १ संखायणे २ य तह अग्गभाव ३ कण्णिल्ले ४ । तत्तो य जाउकण्णे ५ धणंजए ६ चेव बोद्धव्वे ॥ १ ॥ पुस्सायणे ७ य अस्सायणे य ८ भग्गवेसे ९ य अग्गिवेसे १० य । गोयम ११ भारद्दाए १२ लोहिच्चे १३ चेव वासिढे १४ ॥ २ ॥ ओमजायण १५ मंडव्वायणे १६ य पिंगायणे १७ य गोवल्ले १८ । कासव १९ कोसिय २० दब्भा २१ य चामरच्छाय २२ सुंगा य २३ ॥ ३ ॥ गोवल्लायण २४ तेगिच्छायणे २५ य कच्चायणे २६ हवइ मूले । तत्तो य वज्झियायण २७ वग्घावच्चे य गोत्ताई २८ ॥ ४ ॥ एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! गोसीसावलिसंठिए प०, गाहा-गोसीसावलि १ काहार २ सउणि ३ पुप्फोवयार ४ वावी य ५-६ । णावा ७ आसक्खंधग ८ भग ९ छुरघरए १० य सगडुद्धी ११ ॥१॥ मिगसीसावलि १२ रुहिरबिंदु १३ तुल्ल १४ वद्धमाणग १५ पडागा १६ । पागारे १७ पलियंके १८-१९ हत्थे २० मुहफुल्लए २१ चेव ॥ २ ॥ खीलग २२ दामणि २३ एगावली २४ य गयदंत २५ विच्छुअयले य २६ । गयविक्कमे २७ य तत्तो सीहणिसीही य २८ संठाणा ॥ ३ ॥ १५९ ॥ Page #737 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कइमुहुत्ते चन्देण सद्धिं जोगं जोएइ ? गोयमा ! णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तद्विभाए मुहुत्तस्स चन्देण सद्धिं जोगं जोएइ, एवं इमाहिं गाहाहिं अणुगन्तव्वं-अभिइस्स चन्दजोगो सत्तहिँखंडिओ अहोरत्तो । ते टुति णव मुहुत्ता सत्तावीसं कलाओ य ॥ १ ॥ सयभिसया भरणीओ अद्दा अस्सेस साइ जेट्ठा य । एए छण्णक्खत्ता पण्णरसमुहुत्तसंजोगा ॥२॥ तिण्णेव उत्तराई पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य । एए छण्णक्खत्ता पणयालमुहुत्तसंजोगा ॥ ३ ॥ अवसेसा णक्खत्ता पण्णरसवि हुँति तीसइमुहुत्ता । चन्दमि एस जोगो णक्खत्ताणं मुणेयव्वो ॥ ४ ॥ एएसि णं भन्ते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कइ अहोरत्ते सूरेण सद्धिं जोगं जोएइ ? गोयमा ! चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोगं जोएइ, एवं इमाहिं गाहाहिं णेयव्वं-अभिई छच्च मुहुत्ते चत्तारि य केवले अहोरत्ते । सूरेण समं गच्छइ एत्तो सेसाण वोच्छामि ॥ १॥ सयभिसया भरणीओ अद्दा अस्सेस साइ जेट्टा य । वच्चंति मुहुत्ते इक्कवीस छच्चेवऽहोरत्ते ॥२॥ विण्णेव उत्तराई पुणव्वसू रोहिणी विसाहा य । वच्चंति मुहुत्ते तिण्णि चेव वीसं अहोरत्ते ॥३॥ अवसेसा णक्खत्ता पण्णरंसवि सूरसहगया जंति । बारस चेव मुहुत्ते तेरस य समे अहोरत्ते ॥ ४॥ १६० ॥ कइ णं भन्ते ! कुला कइ उवकुला कइ कुलोवकुला पण्णत्ता ? गोयमा ! बारस कुला बारस उवकुला चत्तारि कुलोवकुला पण्णत्ता, बारस कुला, तंजहा–धणिट्ठाकुलं १ उत्तरभद्दः वयाकुलं २ अस्सिणीकुलं ३ कत्तियाकुलं ४ मिगसिरकुलं ५ पुस्सो कुलं ६ मघाकुलं ७ उत्तरफागुणीकुलं ८ चित्ताकुलं ९ विसाहाकुलं १० मूलो कुलं ११ उत्तरासाढाकुलं १२ । मासाणं परिणामा होति कुला उवकुला उ हेट्ठिमगा। होति पुण कुलोवकुला अभीइसय अद्द अणुराहा ॥ १ ॥ बारस उवकुला, तं०-सवणो उवकुलं १ पुव्वभद्दवया उवकुलं २ रेवई उवकुलं ३ भरणी उवकुलं ४ रोहिणी उवकुलं ५ पुणव्वसू उवकुलं ६ अस्सेसा उवकुलं ७ पुव्वफग्गुणी उवकुलं ८ हत्थो उवकुलं ९ साई उवकुलं १० जेट्ठा उवकुलं ११ पुव्वासाढा उवकुलं १२ । चत्तारि कुलोवकुला, तंजहा-अभिई कुलोवकुला १ सयभिसया कुलोवकुला २ अद्दा कुलोवकुला ३ अणुराहा कुलोवकुला ४ । कइ णं भन्ते ! पुण्णिमाओ कइ अमावासाओ पण्णताओ? गोयमा! बारस पुण्णिमाओ बारस अमावासाओ प०, तं०-साविट्ठी पोट्ठवई आसोई कत्तिगी मग्गसिरी पोसी माही फग्गुणी चेत्ती वइसाही जेट्टामूली आसाढी, साविट्टिणं भन्ते ! पुण्णिमासिं कइ णक्खत्ता जोगं जोएंति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता जोगं जोएंति, तं०-अभिई सवणो धणिट्ठा । पोट्ठवइण्णं भंते ! Page #738 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व०७ आसोईअमावास० पुच्छा] सुत्तागमे पणिमं कइ णक्खत्ता जोगं जोएंति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता. जोएंति, तं०संयभिसया पुव्वभद्दवया उत्तरभद्दवया, अस्सोइण्णं भंते ! पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोगं जोएंति ? गोयमा ! दो जोएंति, तं०-रेवई अस्सिणी य, कत्तिइण्णं दो-भरणी कत्तिया य, मग्गसिरिणं दो-रोहिणी मग्गसिरं च, पोसिं णं तिण्णि-अद्दा पुणव्वसू पस्सो, माघिण्णं दो-अस्सेसा मघा य, फग्गुणिं णं दो-पुव्वाफग्गुणी य उत्तराफरगुणी य, चेत्तिण्णं दो-हत्थो चित्ता य, विसाहिण्णं दो-साई विसाहा य, जेट्ठामलिण्णं तिण्णि-अणुराहा जेट्ठा मूलो, आसाढिण्णं दो-पुव्वासाढा उत्तरासाढा । साविद्विण्णं भन्ते ! पुण्णिमं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? गोयमा । कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे धणिट्ठा णक्खत्ते जोएइ उवकुलं जोएमाणे सवणे णक्खत्ते जोएइ कुलोवकुलं जोएमाणे अभिई णक्खत्ते जोएइ, साविटिण्णं पुण्णिमासिं कुलं वा जोएइ जाव कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता कुलोवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी पुण्णिमा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, पोट्ठवइण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं जोएइ ३ पुच्छा, गोयमा ! कुलं वा० उवकुलं वा० कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे उत्तरभद्दवया णक्खत्ते जोएइ उ० पुव्वभवया० कुलोव० सयभिसया णक्खत्ते जोएइ, पोट्ठवइण्णं पुण्णिमं कुलं वा जोएइ जाव कुलोवकुलं वा जोएइ कुलेण वा जुत्ता जाव कुलोवकुलेण वा जुत्ता पोट्ठवई पुण्णमासी जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, अस्सोइण्णं भन्ते ! पुच्छा, गो० ! कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो लब्भइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे अस्सिणीणक्खत्ते जोएइ उवकुल जोएमाणे रेवइणक्खत्ते जोएइ, अस्सोइण्णं पुण्णिमं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता अस्सोई पुण्णिमा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, कत्तिइण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं. 'पुच्छा, गोयमा ! कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो कुलोवकुलं जोएइ, कुलं जोएमाणे कत्तियाणक्खत्ते जोएइ उव० भरणी०, कत्तिइण्णं जाव वत्तव्वं०, मग्गसि रिण्णं भंते ! पुण्णिमं किं कुलं तं चेव दो जोएइ णो भवइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे मग्गसिरणक्खत्ते जोएइ उ० रोहिणी०, मग्गसिरिणं पुण्णिमं जाव वत्तव्वं सिया इति । एवं सेसियाओऽवि जाव आसाढिं, पोसिं जेट्ठामूलिं च कुलं वा उ० कुलोवकुलं वा, सेसियाणं कुलं वा उवकुलं वा कुलोवकुलं ण भण्णइ । साविटिण्णं भंते ! अमावासं कइ णक्खत्ता जोएंति ? गोयमा ! दो णक्खत्ता जोएंति, तं०-अस्सेसा य महा य, पोट्ठवइण्णं भंते ! अमावासं कइ णक्खत्ता जोएंति ? गोयमा.! दो "पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी. य, अस्सोइएणं भंते !": Page #739 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६४ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती दो-हत्थे चित्ता य, कत्तिइण्णं दो-साई विसाहा य, मग्गसिरिणं तिण्णि-अणुराहा जेट्ठा मूलो य, पोसिणं दो-पुव्वासाढा उत्तरासाढा, माहिण्णं तिण्णि-अभिई सवणो धणिट्ठा, फग्गुणिं णं तिण्णि-सयभिसया पुव्वभद्दवया उत्तरभद्दवया, चेत्तिण्णं दो-रेवई अस्सिणी य, वइसाहिण्णं दो-भरणी कत्तिया य, जेट्ठामूलिण्णं दो-रोहिणी मग्गसिरं च, आसाढिण्णं तिण्णि-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो इति । साविट्टिण्णं भंते ! अमावासं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? गोयमा ! कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो लब्भइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे महाणक्खत्ते जोएइ उवकुलं जोएमाणे अस्सेसाणक्खत्ते जोएइ, साविट्ठिण्णं अमावासं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी अमावासा जुत्तत्ति वत्तव्वं सिया, पोट्ठवइण्णं भंते ! अमावासं तं चेव दो जोएइ कुलं वा जोएइ उवकुलं०, कुलं जोएमाणे उत्तराफग्गुणी णक्खत्ते जोएइ उव० पुव्वाफग्गुणी, पोट्ठवइण्णं अमावासं जाव वत्तव्वं सिया, मग्गसिरिणं तं चेव कुलं मूले णक्खत्ते जोएइ उ० जेट्ठा कुलोवकुलं अणुराहा जाव जुत्तत्ति वत्तव् सिया, एवं माहीए फग्गुणीए आसाढीए कुलं वा उवकुलं वा कुलोवकुलं वा, अवसेसियाणं कुलं वा उवकुलं वा जोएइ ॥ जया णं भन्ते ! साविट्ठी पुण्णिमा भवइ तया णं माही अमावासा भवइ जया णं माही पुणिमा भवइ तया णं साविट्ठी अमावासा भवइ ? हंता गोयमा ! जया. णं साविट्ठी तं चेव वत्तव्वं, जया णं भन्ते ! पोट्ठवई पुण्णिमा भवइ तया णं फग्गुणी अमावासा भवइ जया णं फरगुणी पुण्णिमा भवइ तया णं पोट्ठवई अमावासा भवइ ? हंता गोयमा ! तं चेव, एवं एएणं अभिलावेणं इमाओ पुण्णिमाओ अमावासाओ णेयवाओ-अस्सिणी पुण्णिमा चेत्ती अमावासा कत्तिगी पुण्णिमा वइसाही अमावासा मग्गसिरी पुणिमा जेट्ठामूली अमावासा पोसी पुण्णिमा आसाढी अमावासा ॥ १६१ ॥ वासाणं भंते ! पढमं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? गोयमा ! चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तं०-उत्तरासाढा अभिई सवणो धणिट्ठा, उत्तरासाढा चउद्दस अहोरत्ते णेइ, अभिई सत्त अहोरत्ते णेइ, सवणो अट्ठऽहोरत्ते णेइ, धणिट्ठा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमदिवसे दो पया चत्तारि य अंगुला पोरिसी भवइ । वासाणं भन्ते ! दोच्चं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? गोयमा ! चत्तारि०, तं०-धणिट्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभवया, धणिट्ठा णं चउद्दस अहोरत्ते णेइ, सयभिसया सत्त अहोरत्ते णेइ, पुव्वाभवया अट्ठ अहोरत्ते णेइ, उत्तराभदवया एग०, तंसि च णं मासंसि अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियटइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पया अट्ठ य अंगुला Page #740 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ गिम्हदोच्चमास० "०] सुत्तागमे ६६५ पोरिसी भवइ । वासाणं भन्ते ! तइयं मासं कइ णक्खत्ता णेंति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-उत्तरभद्दवया रेवई अस्सिणी, उत्तरभद्दवया चउद्दस राइदिए णेइ, रेवई पण्णरस० अस्सिणी एगं०, तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियटइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ । वासाणं भन्ते ! चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि०, तं०अस्सिणी भरणी कत्तिया, अस्सिणी चउद्दस० भरणी पण्णरस० कत्तिया एगं०, तंसि च णं मासंसि सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं चत्तारि अंगुलाई पोरिसी भवइ । हेमन्ताणं भन्ते ! पढमं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि०, तं०-कत्तिया रोहिणी मिगसिरं, कत्तिया चउद्दस० रोहिणी पण्णरस० मिगसिरं एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाइं अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, हेमंताणं भन्ते ! दोचं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तंजहा-मिगसिरं अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, मिगसिरं चउद्दस राइंदियाइं णेइ, अद्दा अट्ठ० णेइ, पुणव्वसू सत्त राइंदियाइं०, पुस्सो एगं राइंदियं णेइ, तया णं चउव्वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि लेहट्ठाई चत्तारि पयाई पोरिसी भवइ, हेमन्ताणं भंते ! तच्च मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोथमा ! तिण्णि०,तं०-पुस्सो असिलेसा महा, पुस्सो चोद्दस राइंदियाइं गेइ, असिलेसा पण्णरस० महा एकं०, तया णं वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाइं अटुंगुलाई पोरिसी भवइ । हेमंताणं भन्ते ! चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि ण०, तं०-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी, महा चउद्दस राइंदियाई णेइ, पुव्वाफग्गुणी पण्णरस राइंदियाइं णेइ, उत्तराफग्गुणी एगं राइंदियं णेइ, तया णं सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाइं चत्तारि अंगुलाई पोरिसी भवइ । गिम्हाणं भन्ते ! पढमं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता णति, तं०-उत्तराफरगुणी हत्थो चित्ता, उत्तराफरगुणी चउद्दस राइंदियाइं णेइ, हत्थो पण्णरस राइंदियाइं णेइ, चित्ता एगं राइंदियं णेइ, तया णं दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि लेहट्ठाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ, गिम्हाणं भन्ते ! दोच्चं मासं कइ णक्खत्ता णेंति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता Page #741 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६६६ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती णेति, तं०-चित्ता साई विसाहा, चित्ता चउद्दस राइंदियाइं णेइ, साई पण्णरस राइंदियाइं णेइ, विसाहा एगं राइंदियं णेइ, तया णं अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि दो पयाई अटुंगुलाई पोरिसी भवइ । गिम्हाणं भन्ते ! तच्चं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तंजहा--विसाहाऽणुराहा जेट्ठा मूलो, विसाहा चउद्दस राइंदियाइं णेइ, अणुराहा अट्ट राइंदियाइं गेइ, जेट्ठा सत्त राइंदियाइं णेइ, मूलो एक राइंदियं०, तया णं चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियटइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि दो पयाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवइ । गिम्हाणं भन्ते ! चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? गोयमा ! तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा, मूलो चउद्दस राइंदियाइं गेइ, पुव्वासाढा पण्णरस राइंदियाइं णेइ, उत्तरासाढा एगं राइंदियं णेइ, तया णं वट्टाए समचउरंससंठाणसंठियाए णग्गोहपरिमण्डलाए सकायमणुरंगियाए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स जे से चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि लेहट्ठाई दो पयाई पोरिसी भवइ । एएसि णं पुव्ववणियाणं पयाणं इमा संगहणी, तं०-जोगो देवयतारग्गगोत्तसंठाण चन्दरविजोगो। कुलपुण्णिमअमवस्सा णेया छाया य बोद्धव्वा ॥१॥१६२॥ गाहा--हिहिँ ससिपरिवारो मन्दरऽबाहा तहेव लोगते । धरणितलाओं अबाहा अंतो बाहिं च उड्डमुहे ॥ १ ॥ संठाणं च पमाणं वहंति सीहगई इड्डिमन्ता य । तारंतरऽग्गमहिसी तुडिय पहु ठिई य अप्पबहू ॥ २॥ अत्थि णं भन्ते ! चंदिमसूरियाणं हिडिंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि समेवि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि उपिपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि ? हंता गोयमा ! तं चेव उच्चारेयव्वं, से केण?णं भन्ते ! एवं बुच्चइ-अत्थि णं. जहा जहा णं तेसिं देवाणं तवणियमबंभचेराई ऊसियाई भवन्ति तहा तहा णं तेसि णं देवाणं एवं पण्णायए, तंजहा-अणुत्ते वा तुल्लत्ते वा, जहा जहा णं तेसिं देवाणं तवणियमबंभचेराइं णो ऊसियाइं भवंति तहा तहा गं तेसिं देवाणं एवं णो पण्णायए, तं०-अणुत्ते वा तुल्लत्ते वा ॥ १६३ ॥ एगमेगस्स णं भन्ते ! चन्दस्स केवइया महग्गहा परिवारो केवइया णक्खत्ता परिवारो केवइयाओ तारागणकोडाकोडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठासीइमहग्गहा परिवारो अट्ठावीसं णक्खत्ता परिवारो छावठ्ठिसहस्साइं णव सया पण्णत्तरा तारागणकोडाकोडीओ पण्णत्ताओ ॥ १६४ ॥ मन्दरस्स णं भन्ते ! पव्वयस्स केवइयाए अबाहाए जोइसं चारं चरइ ? गोयमा ! इक्कारसहिं इक्कवीसेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसं चार चरइ, लोगंताओ णं भन्ते ! केवइयाए अबाहाए जोइसे Page #742 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ चंदविमाणद०बाहावाहगा] सुत्तागमे पण्णत्ते ? गोयमा ! एक्कारस एकारसेहिं जोयणसएहिं अबाहाए जोइसे पण्णत्ते । धरणितलाओ णं भन्ते !० सत्तहिं णउएहिं जोयणसएहिं जोइसे चारं चरइत्ति, एवं सूरविमाणे अट्ठहिं सएहि, चंदविमाणे अट्ठहिं असीएहिं, उवरिल्ले तारारूवे णवहिं जोयणसएहिं चारं चरइ। जोइसस्स णं भन्ते ! हेछिल्लाओ तलाओ केवइयाए अबाहाए सूरविमाणे चार चरइ ? गोयमा ! दसहिं जोयणेहिं अबाहाए चारं चरइ, एवं चन्दविमाणे णउईए जोयणेहिं चारं चरइ, उवरिल्ले तारारूवे दसुत्तरे जोयणसए चार चरइ, सूरविमाणाओ चन्दविमाणे असीईए जोयणेहिं चारं चरइ, सूरविमाणाओ जोयणसए उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ, चन्दविमाणाओ वीसाए जोयणेहिं उवल्लेि णं तारारूवे चारं चरइ ॥ १६५ ॥ जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ते सव्वभंतरिलं चारं चरइ ? कयरे णक्खत्ते सव्वबाहिरं चारं चरइ ? कयरे० सव्वहिहिलं चारं चरइ ? कयरे० सव्वउवरिलं चारं चरइ ?, गोयमा ! अभिई णक्खत्ते सव्वब्भंतरं चारं चरइ, मूलो सव्वबाहिरं चारं चरइ, भरणी सव्वहिडिल्लगं० साई सव्वुवरिल्लगं चारं चरइ। चन्दविमाणे णं भंते ! किंसंठिए पण्णत्ते ? गोयमा ! अद्धकविट्ठसंठाणसंठिए सव्वफालियामए अब्भुग्गयमूसिए एवं सव्वाई णेयव्वाई, चन्दविमाणे णं भन्ते ! केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं बाहल्लेणं ? गो० !-छप्पण्णं खलु भाए विच्छिण्णं चन्दमंडलं होइ । अट्ठावीसं भाए बाहल्लं तस्स बोद्धव्वं ॥ १ ॥ अडयालीसं भाए विच्छिण्णं सूरमण्डलं होइ। चउवीसं खलु भाए बाहलं तस्स बोद्धव्वं ॥ २॥ दो कोसे य गहाणं णक्खत्ताणं तु हवइ तस्सद्धं । तस्सद्धं ताराणं तस्सद्धं चेव बाहलं ॥३॥ १६६ ॥ चन्दविमाणं णं भन्ते ! कइ देवसाहस्सीओ परिवहति ? गोयमा ! सोलस देवसाहस्सीओ परिवहति । चन्दविमाणस्स णं पुरत्थिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं संखतलविमलणिम्मलदहिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासाणं थिरलट्ठपउट्ठवपीवरसुसिलिट्ठविसिट्ठतिक्खदाढाविडंबियमुहाणं रत्तुप्पलपत्तमउयसूमालतालुजीहाणं महुगुलियपिंगलक्खाणं पीवरवरोरुपडिपुण्णविउलखंधाणं मिउविसयसुहुमलक्खणपसत्थवरवण्णकेसरसडोवसोहियाणं ऊसियसुणमिथसुजायअप्फोडियलंगूलाणं वइरामयणक्खाणं वइरामयदाढाणं वइरामयदन्ताणं तवणिज्जजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिज्जजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कारपरकमाणं महया अप्फोडियसीहणायबोलकलकलरवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ सीहरूवधारीणं पुरथिमिल्लं बाहं परिवहति । चंदविमाणस्स णं दाहिणेणं सेयाणं सुभगाणं Page #743 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ जंबुद्दीवपण्णत्ती सुप्पभाणं संखतलविमलणिम्मलदहिघणगोखीरफेणरययणिगरप्पगासाणं वइरामयकुंभजुयलसुट्ठियपीवरवरवइरसोंडवट्टियदित्तसुरत्त पउमप्पगासाणं अब्भुण्णयमुहाणं तवणिज्जविसालकण्णचंचलचलंतविमलुज्जलाणं महुवण्णभिसंतणिद्धपत्तलनिम्मलतिवण्णमणिरयणलोयणाणं अब्भुग्गयमउलम लियाधवलसरिससंठियणिव्वणदढकसिणफालियामयसुजायदन्तमुसलोवसोभियाणं कंचणकोसीपविट्ठदन्तग्गविमलमणिरयणरुइलपेरंतचित्तरूवगविराइयाणं तवणिज्जविसालतिलगप्पमुहपरिमण्डियाणं नाणामणिरयणमुद्धगेविज्जबद्धगलयवरभूसणाणं वेरुलिय विचित्तदण्डणिम्मलवइरामयतिक्खलट्ठ अंकुस - कुंभजुयलयंतरोडियाणं तवणिज्जसुबद्धकच्छदप्पियबलुद्धराणं विमलघणमण्डलवइरामयलालाललियतालणाणं णाणामणिरयणघण्टपासगरययामयबद्धलज्जुलंबियघंटाजुयलमहुरसरमणहराणं अलीणपमाणजुत्तवट्टियसुजायलक्खणपसत्थरमणिज्जवालगत्तपरिपुंछणाणं उवचियपडिपुण्णकुम्मचलणलहुविक्कमाणं अंकमयणक्खाणं तवणिज्जजीहाणं तवणिज्जतालुयाणं तवणिज्जजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कारपरक्कमाणं महया गंभीरगुलुगुलाइयरवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेंता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ गयख्वधारीणं देवाणं दक्खिणिलं बाहं परिवहंति । चन्दविमाणस्स णं पचत्थिमेण सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं चलचवलककुहसालीणं घणणिचियसुबद्धलक्खणुण्णयईसियाणयवसभोट्ठाणं चंकमियललिय पुलियचलचवलगव्वियगईणं सण्णयपासाणं संगयपासाणं सुजायपासाणं पीवरवट्टियसुसंठियकडीणं ओलंब पलंबलक्खणपमाणजुत्तरमणिज्जवालगण्डाणं समखुरवालिघाणाणं समलिहियसिंगतिक्खग्गसंगयाणं तणुसुहुमसुजायणिद्धलोमच्छविधराणं उवचियमंसलविसालपडिपुण्णखंधपएससुंदराणं वेरुलियभिसंतकडक्खसुणिरिक्खणाणं जुत्तपमाणपहाणलक्खणपसत्थरमणिज्जगग्गरगलसोभियाणं घरघरगसुसद्दबद्धकंठपरिमण्डियाणं णाणामणिकणगरयणघण्टियावेगच्छ्गिसुकयमालियाणं वरघण्टागलयमालुज्जलसिरिधराणं पउमुप्पलसगलसुरभिमालाविभूसियाणं वइरखुराणं विविहविक्खुराणं फालियामयदन्ताणं तवणिज्जजीहाणं तवणिजतालुयाणं तवणिज्जजोत्तगजोइयाणं कामगमाणं पीइगमाणं मणोगमाणं मणोरमाणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कार परकमाणं महया गज्जियगंभीररवेणं महुरेणं मणहरेणं पूरेंता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ वसहरूवधारीणं देवाणं पचतिथमिल्लं बाहं परिवहति । चन्दविमाणस्स णं उत्तरेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं तरमल्लिहायणाणं हरिमेलमउलमल्लियच्छाणं चंचुच्चियललियपुलियचलचवलचंचलगईणं लंघणवग्गणधावणधोरणतिवइजइणसिक्खियगईणं ललंतला मगलला यवरभूसणाणं सण्ण ६६८ Page #744 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ चंदपहुत्तणं] सुत्तागमे यपासाणं संगयपासाणं सुजायपासाणं पीवरवट्टियसुसंठियकडीणं ओलंबपलबलक्खणपमाणजुत्तरमणिजवालपुच्छाणं तणुसुहुमसुजायणिद्धलोमच्छविहराणं मिउविसयसुहुमलक्खणपसत्थविच्छिण्णकेसरवालिहराणं ललंतथासगललाडवरभूसणाणं मुहमण्डगओचूलगचामरथासगपरिमण्डियकडीणं तवणिज्जखुराणं तवणिज्जजीहाणं तवणिज्जतालुयाणं तवणिजजोत्तगसुजोइयाणं कामगमाणं जाव मणोरमाणं अमियगईणं अमियबलवीरियपुरिसक्कारपरकमाणं महया हयहेसियकिलकिलाइयरवेणं मणहरेणं पूरेता अंबरं दिसाओ य सोभयंता चत्तारि देवसाहस्सीओ हयस्वधारीणं देवाणं उत्तरिल्लं बाहं परिवहति । गाहा–सोलसदेवसहस्सा हवंति चंदेसु चेव सूरेसु । अढेव सहस्साइं एकेकंमी गहविमाणे ॥ १॥ चत्तारि सहस्साइं णक्खत्तमि य हवंति इकिक्के । दो चेव सहस्साई ताराख्वेक्कमेकंमि ॥ २ ॥ एवं सूरविमाणाणं जाव तारारूवविमाणाणं, णवरं एस देवसंघाएत्ति ॥ १६७ ॥ एएसि णं भन्ते ! चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे सव्वसिग्घगई कयरे सव्वसिग्घतराए चेव ? गोयमा ! चन्देहिंतो सूरा सिग्घगई, सूरेहिंतो गहा सिग्घगई, गहेहिंतो णक्खत्ता सिग्घगई, णक्खत्तेहिंतो ताराख्वा सिग्घगई, सव्वप्पगई चंदा, सव्वसिग्धगई तारारूवा इति ॥१६८॥ एएसिणं भन्ते! चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे सव्वमहिड्डिया कयरे सव्वप्पड्डिया ? गो० ! तारारूवेहिंतो णक्खत्ता महिड्डिया, णक्खत्तेहिंतो गहा महिड्डिया, गहेहितो सूरिया महिड्डिया, सूरेहिंतो चन्दा महिड्डिया, सव्वप्पिड्डिया तारारूवा, सव्वमहिड्डिया चन्दा ॥१६९ ॥जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे तारारुवस्स य तारारुवस्स य केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे प०, तं०-वाघाइए य निव्वाघाइए य, निव्वाघाइए जहण्णेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणं दो गाउयाई, वाघाइए जहण्णेणं दोण्णि छावढे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साइं दोण्णि य बायाले जोयणसए तारारुवस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ १७० ॥ चन्दस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं०-चन्दप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, तओ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि २ देवीसहस्साइं परिवारो पण्णत्तो, पभू णं ताओ एगमेगा देवी अन्नं देवीसहस्सं विउव्वित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस देवीसहस्सा, सेत्तं तुडिए । पहू णं भंते ! चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडेंसए विमाणे चन्दाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए तुहिएणं सद्धिं महया यणगीयवाइय जाव दिव्वाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए ? गोयमा ! णो इणढे समढे, पभू णं चंदे सभाए सुहम्माए चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं एवं जाव दिव्वाइं भोग Page #745 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६७० [ जंबुद्दीवपण्णत्ती भोगाई भुंजमाणे विहरित्तए केवलं परियारिड्डीए, णो चेव णं मेहुणवत्तियं । विजया १ वेजयंती २ जयंती ३ अपराजिया ४ सव्वेसिं गहाईणं एयाओ अग्गमहिसीओ, छावत्तरस्सवि गहसयस्स एयाओ अग्गमहिसीओ वत्तव्वाओ, इमाहि गाहाहितिइंगालए १ वियालए २ लोहियंके ३ सणिच्छरे चेव ४ । आहुणिए ५ पाहुणिए ६ कणगसणामा य पंचेव ११॥ १॥ सोमे १२ सहिए १३ आसासणे य १४ कजोवए १५ य कब्बुरए १६ । अयकरए १७ दुंदुभए संखसणामेवि तिण्णेव २०॥ २ ॥ एवं भाणियव्वं जाव भावकेउस्स अग्गमहिसीओत्ति ॥ १७१॥ गाहा-बम्हा विण्हू य वसू वरुणे अय वुड्डौं पूस आस जमे । अग्गि पयावइ सोमे रहे अदिई वहस्सई सप्पे ॥ १॥ पिउ भगअजमसविया तट्ठा वाऊ तहेव इंदग्गी । मित्ते इंदे णिरई आऊ विस्सा य बोद्धव्वे ॥ २ ॥ १७२ ॥ चंदविमाणे णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गो० ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं, चंदविमाणे णं० देवीणं. जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उ० अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिमब्भहियं, सूरविमाणे देवाणं ज० चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं, सूरविमाणे देवीणं जहण्णेणं चउब्भागपलिओवम उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिं अब्भहियं, गहविमाणे देवाणं जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं, गहविमाणे देवीणं जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, णक्खत्तविमाणे देवाणं जहण्णेणं चउभागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, णक्खत्तविमाणे देवीणं जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं साहियं चउब्भागपलिओवमं, ताराविमाणे देवाणं जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवम उक्कोसेणं चउब्भागपलिओवमं, ताराविमाणदेवीणं जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं ॥ १७३॥ एएसि णं भंते ! चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गो ! चंदिमसूरिया दुवे तुला सव्वत्थोवा, णक्खत्ता संखेजगुणा, गहा संखेजगुणा, तारारूवा संखेजगुणा इतिः ॥ १७४ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे जहण्णपए वा उक्कोसपए वा केवइया तित्थयरा सव्वग्गेणं प० ? गो० ! जहण्णपए चत्तारि उक्कोसपए चोत्तीसं तित्थयरा सव्वग्गेणं पण्णत्ता । जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे जहण्णपए वा उक्कोसपए वा केवइया चक्कवट्टी सव्वग्गेणं प० ? गो० ! जहण्णपए चत्तारि उक्कोसपए तीसं चकवट्टी सव्वग्गेणं पण्णत्ता इति, बलदेवा तत्तिया चेव जत्तिया चकवट्टी, वासुदेवावि तत्तिया चेवत्ति । जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइया णिहिरयणा Page #746 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व० ७ जंबूदीवणामहेऊ] सुत्तागमे ६७१ सव्वग्गेणं प० ? गो० ! तिण्णि छलुत्तरा णिहिरयणसया सव्वग्गेणं प०, जम्बुद्दीवे ६ भंते ! दीवे केवइया णिहिरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गो० ! जहण्णपए छत्तीसं उक्कोसपए दोण्णि सत्तरा णिहिरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छति, जम्बुद्दीवे. केवइया पंचिंदियरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता ? गो० ! दो दसुत्तरा पंचिंदियरयणसया सव्वग्गेणं पण्णत्ता, जम्बुद्दीवे. जहण्णपए वा उक्कोसपए वा केवइया पंचिंदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ? गो० ! जहण्णपए अट्ठावीसं उक्कोसपए दोणि दसुत्तरा पंचिंदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे केवइया एगिंदियरयणसया सव्वग्गेणे प० ? गो० ! दो दसुत्तरा एगिदियरयणसया सव्वग्गेणं प०, जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे केवइया एगिदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छन्ति ? गो० ! जहण्णपए अट्ठावीसं उक्कोसेणं दोण्णि दसुत्तरा एगिदियरयणसया परिभोगत्ताए हव्वमागच्छंति ॥ १७५ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं केवइयं उव्वेहेणं केवइयं उर्छ उच्चत्तेणं केवइयं सव्वग्गेणं प० ? गो० ! जम्बुहीवे २ एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं सोलस य सहस्साइं दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाइं अद्धंगुलं च किंचिविसेसाहियं परिक्खेवेणं प०, एगं जोयणसहस्सं उव्वेहेणं णवणउइं जोयणसहस्साइं साइरेगाइं उ8 उच्चत्तेणं साइरेगं जोयणसयसहस्सं सव्वग्गेणं पण्णत्ते ॥ १७६ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे किं सासए असासए ? गोयमा ! सिय सासए सिय असासए, से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-सिय सासए सिय असासए ? गो० ! दव्वट्ठयाए सासए वण्णपजवेहिं गंध० रस० फासपज्जवेहिं असासए, से तेणढेणं गो० ! एवं वुच्चइ-सिय सासए सिय असासए । जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! ण कयावि णासि ण कयावि णत्थि ण कयावि ण भविस्सइ भुविं च भवइ य भविस्सइ य धुवे णिइए सासए अव्वए अवट्ठिए णिच्चे जम्बुद्दीवे दीवे पण्णत्ते इति ॥ १७७ ॥ जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे किं पुढविपरिणाम आउपरिणामे जीवपरिणामे पोग्गलपरिणामे ? गोयमा ! पुढविपरिणामेवि आउपरिणामेवि जीवपरिणामेवि पुग्गलपरिणामेवि । जम्बुद्दीवे णं भन्ते ! दीवे सव्वपाणा सव्वजीवा सव्वभूया सव्वसत्ता पुढविकाइयत्ताए आउकाइयत्ताए तेउकाइयत्ताए वाउकाइयत्ताए वणस्सइकाइयत्ताए उववण्णपुव्वा ? हंता गो० ! असई अदुवा अणंतखुत्तो ॥ १७८ ॥ से केणटेणं भन्ते ! एवं वुच्चइ-जम्बुद्दीवे २ ? गो० ! जम्बुद्दीवे णं दीवे तत्थ २ देसे २ तहिं २ बहवे Page #747 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७२ सुत्तागमे [जंबुद्दीवपण्णत्ती जम्बूरुक्खा जम्बूवणा जम्बूवणसंडा णिचं कुसुमिया जाव पिंडिममंजरिवडेंसगधरा सिरीए अईव २ उवसोभेमाणा २ चिट्ठति, जम्बूए० सुदंसणाए अणाढिए णामं देवे महिड्डिए जाव पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणटेणं गोयमा ! एयं बुच्चइ-जम्बुदीवे दीवे इति ॥ १७९ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे मिहिलाए णयरीए माणिभद्दे उजाणे बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवाणं बहूणं देवीणं मज्झगए एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ. जम्बूदीवपण्णत्ती णामत्ति अज्जो! अज्झयणे अटुं च हेउं च पसिणं च कारणं च वागरणं च भुज्जो २ उवदंसेइत्तिबेमि ॥ १८० ॥ सत्तमो वक्खारो समत्तो ॥ जंबुद्दीवपण्णत्तिसुत्तं समत्तं ॥ Page #748 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं चंदपण्णत्ती जयइ णवणलिणकुवलयवियसियसयवत्तपत्तलदलच्छो । वीरो गयंदमयगलसललियगयविकमो भयवं ॥ १॥ नमिऊण सुरअसुरगरुलभुयगपरिवंदिए गयकिलेसे । अरिहे सिद्धायरिए उवज्झाय सव्वसाहू य ॥ २ ॥ फुडवियडपागडत्थं वुच्छं पुव्वसुयसारणीसंदं । सुहुमगणिणोवइ8 जोइसगणरायपण्णत्तिं ॥ ३ ॥ णामेण इंदभूइत्ति गोयमो वंदिऊण तिविहेणं । पुच्छइ जिणवरवसहं जोइसगणरायपण्णत्तिं ॥ ४ ॥ कइ मंडलाइ बच्चइ १, तिरिच्छा किं च गच्छइ २ । ओभासइ केवइयं ३, सेयाई किं ते संठिई ४ ॥ ५ ॥ कहिं पडिहया लेसा ५, कहिं ते ओयसंठिई ६ । के सूरियं वरयए ७, कहं ते उदयसंठिई ८ ॥ ६ ॥ कहं कट्ठा पोरिसिच्छाया ९, लोगे किं ते व आहिए १० । किं ते संवच्छरेणाई ११, कइ संवच्छराइ य १२ ॥ ७ ॥ कहं चंदमसो वुड्डी १३, कया ते दोसिणा बहू १४ । केइ सिग्धगई वुत्ते १५, कहं दोसिणलक्खणं १६ ॥ ८ ॥ चयणोववाय १७ उच्चत्ते १८, सूरिया कइ आहिया १९ । अणुभावे के व संवुत्ते २०, एवमेयाइं वीसई ॥९॥ वड्डोवड्डी मुहुत्ताणं १, अद्धमंडलसंठिई २ । के ते चिण्णं परियरइ ३, अंतरं किं चरंति य ४॥ १०॥ उग्गाहइ केवइयं ५, केवइयं च विकंपइ ६ । मंडलाण य संठाणे ७, विक्खंभो ८ अट्ठ पाहुडा ॥ ११॥ छप्पंच य सत्तेव य अट्ठ तिण्णि य हवंति पडिवत्ती । पढमस्स पाहुडस्स हवंति एयाउ पडिवत्ती ॥ १२ ॥ पडिवत्तीओ उदए, तहा अत्थमणेसु य । भियवाए कण्णकला, मुहुत्ताण गईइ य ॥ १३ ॥ णिक्खममाणे सिग्घगई, पविसंते मंदगईइ य । चुलसीइसयं पुरिसाणं, तेसिं च पडिवत्तीओ ॥ १४ ॥ उदयम्मि अट्ठ भणिया मेयग्घाए दुवे य पडिवत्ती। चत्तारि मुहुत्तगईए हुंति तइयम्मि पडिवत्ती ॥१५॥ आवलिय १ मुहुत्तग्गे २, एवंभागा य ३ जोगस्सा ४ । कुलाइं ५ पुण्णमासी ६ य, सण्णिवाए ७ य संठिई ८ ॥ १६ ॥ तार(य)ग्गं च ९ णेया य १०, चंदमग्गत्ति ११ यावरे । देवयाण य अज्झयणे १२, मुहुत्ताणं णामया इय १३ ॥ १७ ॥ दिवसा राइ वुत्ता य १४, तिहि १५ गोत्ता १६ भोयणाणि १७ य । ४३ सुत्ता. Page #749 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ चंदपण्णत्ती आइञ्चवार १८ मासा १९ य, पंच संवच्छरा इय २० ॥ १८ ॥ जोइसस्स य दाराई २१, णक्खत्तविजए विय २२ । दसमे पाहुडे एए, बावीसं पाहुडपाहुडा ॥ १९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णामं णयरी होत्था रिद्धत्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवया···पासादीया ४ ॥ १ ॥ तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए माणिभद्दे णामं उज्जाणे होत्था वण्णओ ॥ २ ॥ तीसे णं मिहिलाए ए जियसत्तू णामं या होत्था वण्णओ ॥ ३ ॥ तस्स णं जियसत्तुस्स रणो धारिणी णामं देवी होत्था वण्णओ ॥ ४ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं तम्मि उज्जाणे सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया जाव राया जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥ ५ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्ठे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमे गोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वज्जरिसहणारायसंघयणे जाव एवं वयासी - ता कहं ते वड्ढोवड्ढी मुहुत्ताणं आहितेति वएज्जा ? ता अट्ठएगूणवीसे मुहुत्तसए सत्तावीसं च सद्विभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएज्जा ॥ ६ ॥ ता जया णं सुरिए सव्वब्भंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ एस णं अद्धा केवइयं राइंदियग्गेणं आहितेति वएज्जा ? ता तिण्णि छावट्ठे राईदियसए राईदियग्गेणं आहितेति वएजा ॥ ७ ॥ ता एयाए अद्धाए सूरिए कई मंडलाई चरइ, कइ मंडलाई दुक्खुत्तो चरइ, कइ मंडलाई एगक्खुत्तो चरइ ? ता चुलसीयं मंडलसयं चरइ, बासी मंडलसयं दुक्खुत्तो चरइ, तंजहा - णिक्खममाणे चेव पविसमाणे चेव, दुवे य खलु मंडलाई सई चरई, तंजहा - सव्वब्भंतरं चेव मंडलं सव्वबाहिरं चेव मंडलं ॥ ८ ॥ जइ खलु तस्सेव आइबस्स संवच्छरस्स सयं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ स अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ सयं दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ सई दुवालसमुहुत्ता राई भवर, पढमे छम्मासे अत्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे, अत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे, णत्थि दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, दोचे छम्मा अत्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई, अत्थि दुवालसमुहुत्ता राई, णत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, पढमे वा छम्मासे दोच्चे वा छम्मासे णत्थि पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णत्थि पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, तत्थ णं कं हेडं वजा ? ता अण्णं जंबूदीवे २ सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वब्भंतराए जाव विसेसा - हिए परिक्खेवेणं पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तथा णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया ६७४ Page #750 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा०१पा०१दोच्चछम्मासपज्जवसाणं ] सुत्तागमे ६७५ दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए आभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ० मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ दो २ एगट्ठिभागमुहुत्ते एगमेगे मंडले दिवसखेत्तस्स णिवुड्डेमाणे २ रयणिखेत्तस्स अभिवुड्डेमाणे २ सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वब्भतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वन्भंतरमंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिण्णिछावट्ठएगट्ठिभागमुहुत्ते सए दिवसखेत्तस्स णिवुड्डित्ता रयणिक्खेत्तस्स अभिवुड्डित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे । से पविसमाणे सूरिए दोच्च छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए। एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ दो दो एगट्ठिभागमुहुत्ते एगमेगे मंडले रयणिखेत्तस्स णिबुड्डेमाणे २ दिवसखेत्तस्स अभिवड्डेमाणे २ सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं तिण्णिछावढे एगट्ठिभागमुहुत्तसए रयणिखेत्तस्स निवुडित्ता दिवसखेत्तस्स अभिवड्डित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दुच्चस्स छम्मा Page #751 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती सस्स पज्जवसाणे, एस णं आइञ्चे संवच्छरे, एस णं आइञ्चस्स संवच्छरस्स पज्जवसाणे, इइ खलु तस्सेवं आइच्चस्स संवच्छरस्स सइं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, सई अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, सयं दुवालसमुहुत्ते. दिवसे भवइ, संयं दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पढमे छम्मासे अस्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, अत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे, णत्थि दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, दोच्चे छम्मासे अस्थि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णत्थि अट्ठारसमुहुत्ता राई, अत्थि दुवालसमुहुत्ता राई, णत्थि दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, पढमे वा छम्मासे दोचे वा छम्मासे णत्थि पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णत्थि पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, णण्णत्थ राइंदियाणं वड्डोवड्डीए मुहुत्ताण वा चओवचएणं, णण्णत्थ वा अणुवायगईए० गाहाओ भाणियव्वाओ॥९॥ पढमस्स पाहुडस्स पढमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १-१॥ - ता कहं ते अद्धमंडलसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमा दुविहा अद्धमंडलसंठिई पण्णत्ता, तंजहा-दाहिणा चेव अद्धमंडलसंठिई उत्तरा चेव अद्धमंडलसंठिई। ता कहं ते दाहिणअद्धमंडलसंठिई आहिताति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे दीवे सव्वदीवसमुद्दाणं जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सब्भंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि दाहिणाए अंतराए भागाए तस्साइपएसाए अभितराणंतरं उत्तरद्धमंडलं संठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ, जया णं सूरिए अभितराणंतरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते(हिं) दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई० दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तसि उत्तराए अंतराए भागाए तस्साइपएसाए अभितरं तच्चं दाहिणं अद्धमंडलं संठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ । ता जया णं सूरिए अभितरं तच्चं दाहिणं अद्धमंडलं संठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयणंतराओऽणंतरंसि तंसि २ देसंसि तं तं अद्धमंडलसंठिई संकममाणे २ दाहिणाए २ अंतराए भागाए तस्साइपएसाए सव्वबाहिरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकठ्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ । एस णं Page #752 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १ पा०३ भारहेरवयसूरिया] सुत्तागमे ६७७ पढमे छम्मासे, एस णं पढमछम्मासस्स पज्जवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि उत्तराए अंतरभागाए तस्साइपएसाए बाहिराणंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं दाहिणअद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि दाहिणाए अंतराए भागाए तस्साइपएसाए बाहिरंतरं तच्च उत्तरं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरं तच्च उत्तरं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं० तंसि २ देसंसि तं तं अद्धमंडलसंठिई संकममाणे २ उत्तराए अंतराभागाए तस्साइपएसाए सव्वब्भंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिई उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं दाहिणं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइञ्चसंवच्छरस्स पज्जवसाणे ॥ १० ॥ ता कहं ते उत्तरा अद्धमंडलसंठिई आहिताति वएज्जा ? ता अयं णं जंबूदीवे दीवे सव्वदीव जाव परिक्खेवेणं, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं उत्तरं अद्धमंडलसंठिइं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकठ्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, जहा दाहिणा तहा चेव णवरं उत्तरट्ठिओ अभितराणंतरं दाहिणं उवसंकमइ, दाहिणाओ अभितरं तच्चं उत्तरं उवसंकमइ, एवं खलु एएणं उवाएणं जाव सव्वबाहिरं दाहिणं उवसंकमइ सव्वबाहिरं दाहिणं उवसंकमित्ता दाहिणाओ बाहिराणंतरं उत्तरं उवसंकमइ, उत्तराओ बाहिरं तच्चं दाहिणं तच्चाओ दाहिणाओ संकममाणे २ जाव सव्वन्भंतरं उवसंकमइ, तहेव । एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे, गाहाओ ॥ ११ ॥ पढमस्स पाहुडस्स बीयं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १-२॥ ता के ते चिण्णं पडिचरइ आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमे दुवे सूरिया पन्नत्ता, तंजहा-भारहे चेव सूरिए एरवए चेव सूरिए, ता एए णं दुवे सूरिया पत्तेयं २ तीसाए २ मुहुत्तेहिं एगमेगं अद्धमंडलं चरंति, सट्ठीए २ मुहुत्तेहिं एगमेगं Page #753 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६७८ सुत्तागमे [ चंदपण्णत्ती मंडलं संघायंति, ता णिक्खममाणा खलु एए दुवे सूरिया णो अण्णमण्णस्स चिणं पडिचरंति, पविसमाणा खलु एए दुवे सूरिया अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, तं सयमेगं चोयालं, तत्थ के हेऊ ति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे २ जाव परिक्खेवेणं, तत्थ णं अयं भारहए चेव सूरिए जंबूदीवस्स २ पाईणपडीणाययउदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरत्थिमिल्लंसि च - भागमंडलंसि बाणउइयसूरियमयाई जाई अप्पणा चेव चिण्णाई पडिचरइ, उत्तरपच्चत्थिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि एक्काणउई सूरियमयाई जाई सूरिए अप्पणो चेव चिणं पडिचरइ, तत्थ णं अयं भारहे सूरिए एरवयस्स सूरियस्स जंबूदीवस्स २ पाईण - पडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता उत्तरपुरत्थिमिल्ल॑सि चउभागमंडलंसि बाणउई सूरियमयाई जाव सूरिए परस्स चिणं पडिचरइ, दाहिणपञ्चत्थिमिनंसि चउभागमंडलंस एगूणण उई सूरियमयाई जाई सूरिए परस्स चेव चिणं पडिचरइ, तत्थ णं अयं एरवए सूरिए जंबूदीवस्स २ पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता उत्तरपुरत्थिमिल्लंसि चउब्भागमंडलंसि बाणउई सूरियमयाई जाव सूरिए अप्पणो चेव चिण्णं पडिचरइ, दाहिणपुरत्थिमिलंसि चउभागमंडलंसि एक्काणउई सूरियमयाई जाव सूरिए अप्पणो चेव चिण्णं पडिचरइ, तत्थ णं अयं एरवइए सूरिए भारहस्स सूरियस्स जंबूदीवस्स २ पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउवीसएणं सएणं छेत्ता दाहिणपञ्चत्थिमिलंसि चउभागमंडलंसि बाणउई सूरियमयाई सूरिए परस्स चिण्णं पडिचरइ, उत्तरपुरत्थिमिलंसि चउभागमंडलंसि एक्काणउई सूरियमयाई जाई सूरिए परस्स चेव चिण्णं पडिन्चरइ, ता णिक्खममाणा खलु एए दुवे सूरिया णो अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, पविसमाणा खलु एए दुवे सूरिया अण्णमण्णस्स चिण्णं पडिचरंति, सयमेगं चोयालं । गाहाओ ॥ १२ ॥ पढमस्स पाहुडस्स तइयं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १-३ ॥ ता केवइयं एए दुवे सूरिया अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु चारं चरंति आहिताति वजा ? तत्थ खलु इमाओ छ पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तंजहा- तत्थ एगे एवमाहंसु - ता एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु सूरिया चारं चरंति आहिताति वएज्जा एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च चउतीसं जोयणसयं अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु सूरिया चारं चरंति आहिताति वजा एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च पणतीसं जोयणसयं अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु सूरिया चारं चरंति Page #754 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १ पा० ४ पविसमाण० ] सुतागमे ६७९ आहितात वजा एगे एवमाहंसु ३, एवं एगं दीवं एगं समुद्दे अण्णमण्णस्स अंतरं कं ४, एगे दो दी दो समुद्दे अण्णमण्णस्स अंतरं कहु सूरिया चारं चरंति आहितात वजा एगे एवमाहंसु ५, एगे तिण्णि दीवे तिण्णि समुद्दे अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु सूरिया चारं चरंति आहिताति वएज्जा एगे एवमाहंसु ६, वयं पुण एवं वयामो-ता पंच पंच जोयणाई पणतीसं च एगट्टिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले अण्णमण्णस्स अंतरं अभिवमाणा वा निवड्ढे माणा वा सूरिया चारं चरंति० । तत्थ णं को हेऊ आहिएति वएज्जा ? ता अयण्णं जंबूदीवे २ जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वमंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणउइजोयणसहस्साई छच्चचत्ताले जोयणसए अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु चारं चरंति आहिताति वएजा, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहण्णिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ते णिक्खममाणा सूरिया णवं संवच्छरं अयमाणा पढमंसि अहोरत्तंसि अब्भितराणंतरं मंडल उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया अब्भितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणवई जोयणसहस्साई छच्च पणयाले जोयणसए पणवीसं च एगद्विभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कहु चारं चरंति आहिताति वएज्जा, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्टिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्टिभागमुहुत्तेहिं अहिया, ते णिक्खममाणा सूरिया दोचंसि अहोरत्तंसि अब्भितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया अब्भितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं वणणवई जोयणसहस्साइं छचक्कावणे जोयणसए णव य एगद्विभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कट्टु चारं चरंति आहितात वजा, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगविभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्टिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणुवाणं णिक्खममाणा एए दुवे सूरिया तओऽणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणा २ पंच २ जोयणाई पणतीसं च एगद्विभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले अण्णमण्णस्स अंतरं अभिवमाणा २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च सट्ठे जोयणसए अण्णमण्णस्स अंतरं कहु चारं चरंति, तया णं उत्तमकट्टपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पजवसाणे, ते पविसमाणा सूरिया दोघं छम्मासं अयमाणा पढमंसि अहोरत्तंसि Page #755 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८० सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च चउप्पण्णे जोयणसए छत्तीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कडे चार चरंति आहिताति वएजा, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, ते पविसमाणा सूरिया दोचंसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं एग जोयणसयसहस्सं छच्च अडयाले जोयणसए बावण्णं च एगट्ठिभागे जोयणस्स अण्णमण्णस्स अंतरं कटु चारं चरंति, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए। एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणा एए दुवे सूरिया तओऽणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं उवसंकममाणा २ पंच २ जोयणाई पणतीसे एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले अण्णमण्णस्संतरं णिवुड्डेमाणा २ सव्वभंतरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं णवणउइजोयणसहस्साइं छच चत्ताले जोयणसए अण्णमण्णस्स अंतरं कट्ट चारं चरंति, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवई, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोचे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चसंवच्छरस्स पज्जवसाणे ॥१३॥ पढमस्स पाहुडस्स चउत्थं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १-४॥ - ता केवइयं ते दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थ एगे एवमाहंसुता एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ...१, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च चउत्तीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च पणतीसं जोयणसयं दीवं वा समुई वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता अवड्ढे दीवं वा समुहं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता णो किंचि दीवं वा समुई वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ...५, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं दीवं वा समुदं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया Page #756 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १ पा० ६ चउत्थपडिवत्ती] सुत्तागमे णं जंबूदीवं २ एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ तया णं लवणसमुदं एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ । एवं चोत्तीसं जोयणसयं । एवं पणतीसं जोयणसयं । तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अवई दीवं वा समुहं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं अवढे जंबूदीवं २ ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं सब्वबाहिरएवि, णवरं अवटुं लवणसमुई, तया णं राइंदियं तहेव, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता णो किंचि दीवं वा समुहं वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं णो किंचि दीवं वा समुई वा ओगाहित्ता सूरिए चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तहेव एवं सव्वबाहिरए मंडले णवरं णो किंचि लवणसमुइं ओगाहित्ता चारं चरइ, राइंदियं तहेव, एगे एवमाहंसु ५ ॥ १४ ॥ वयं पुण एवं वयामो-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं जंबूदीवं २ असीयं जोयणसयं ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं सव्वबाहिरेवि, णवरं लवणसमुई तिणि तीसे जोयणसए ओगाहित्ता चारं चरइ, तया णं उत्तमकठ्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, गाहाओ भाणियव्वाओ ॥ १५ ॥ पढमस्स पाहुडस्स पंचमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥१-५॥ ता केवइयं (ते) एगमेगेणं राइंदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ सत्त पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०–तत्थेगे एवमाहंसुता दो जोयणाई अद्धदुचत्तालीसं तेसीयसयभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता अड्डाइ. जाइं जोयणाई एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिभागूणाई तिण्णि जोयणाइं एगमेगेणं राइंदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि जोयणाई अद्धसीयालीसं च तेसीइसयभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंप Page #757 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६८२ [चंदपण्णत्ती इत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता अद्धटाई जोयणाई एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु ५. एगे पुण एवमाहंसु-ता चउब्भागूणाइं चत्तारि जोयणाई एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमाहंसु ६, एगे पुण एवमाहंसु-ता चत्तारि जोयणाई अद्धबावण्णं च तेसीइसयभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ० एगे एवमासु ७ । वयं पुण एवं वयामो-ता दो जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगं मंडलं एगमेगेणं राइंदिएणं विकंपइत्ता २ सूरिए चारं चरइ०, तत्थ णं को हेऊ ति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे २ जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से 'णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दो जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता चारं चरइ, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया । से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ तया णं पंच जोयणाइं पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स दोहिं राइदिएहिं विकंपइत्ता २ चारं चरइ, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ दो २ जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगं मंडलं एगमेगेणं राइदिएणं विकंपमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वब्भंतरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं पंचदसुत्तरजोयणसए विकंपइत्ता २ चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्टपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमछम्मासे, एस णं पढमछम्मासस्स पज्जवसाणे, से य पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दो दो जोयणाई अडयालीसं Page #758 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १ पा० ८ मंडल०बाहल्लाइपुच्छा] सुत्तागमे ६८३ च एगद्विभागे जोयणस्स एगेणं राइदिएणं विकंपइत्ता २ चारं चरइ, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरतञ्चसि मंडलंसि उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच जोयणाइं पणतीसं च एगद्विभागे जोयणस्स दोहिं राइदिएहिं विकंपइत्ता २ चारं चरइ, राईदिए तहेव, एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तओऽणंतराओ तयाणंतरं च णं मंडलं संकममाणे २ दो २ जोयणाई अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं राइदिएणं विकंपमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं पंचदसुत्तरे जोयणसए विकंपइत्ता २ चारं चरइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोचे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे ॥ १६ ॥ पढमस्स पाहुडस्स छटुं पाहुइपाहुडं समत्तं ॥१-६॥ ता कहं ते मंडलसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया समचउरंससंठाणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया विसमचउरंससठाणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया समचउक्कोणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया विसमचउक्कोणसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया समचक्कवालसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ५, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया विसमचक्कवालसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ६, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया चक्कद्धचक्कवालसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ७, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया छत्तागारसंठिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ८, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया छत्तागारसंठिया पण्णत्ता एएणं णएणं णायव्वं, णो चेव णं इयरेहिं, पाहुडगाहाओ भाणियव्वाओ ॥ १७ ॥ पढमस्स पाहुडस्स सत्तमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १-७॥ .. ता सव्वावि णं मंडलवया केवइयं बाहल्लेणं केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं Page #759 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८४ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती परिक्खेवेणं आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ तिण्णि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-तत्थेगे एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया जोयणं बाहल्लेणं एगं जोयणसहस्सं एगं च तेत्तीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसहस्साई तिण्णि य णवणउए जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वावि णं मंडलवया जोयणं बाहल्लेणं एगं जोयणसहस्सं एगं च चउतीसं जोयणसयं आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसहस्साई चत्तारि बिउत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता० जोयणं बाहल्लेणं एग जोयणसहस्सं एगं च पणतीसं जोयणसयं आयामविक्खंमेणं तिण्णि जोयणसहस्साइं चत्तारि य पंचुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ३, वयं पुण एवं वयामो-ता सव्वावि णं मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं अणियया आयामविक्खंभेणं परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तत्थ णं को हेऊ ति वएजा ? ता अयण्णं जंबूदीवे २ जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउई जोयणसहस्साइं छच्च चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरसजोयणसहस्साई एगूणणउइं जोयणाइं किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं०, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउइजोयणसहस्साइं छच पणयाले जोयणसए पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पन्नरस य सहस्साइं एगं चउत्तरं जोयणसयं किंचिविसेसूणं परिक्खेवेणं०, तया णं दिवसराइप्पमाणं तहेव । से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउइजोयणसहस्साई छच्च एक्कावण्णे जोयणसए णव य एगट्ठिभागा जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य सहस्साइं एगं च पणवीसं जोयणसयं परिक्खेवेणं पण्णत्ता, तया णं दिवसराई तहेव, एवं खलु एएणं णएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं उवसंकममाणे २ पंच जोयणाई Page #760 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा०१पा०८मंडलंतरियविक्खंभो] सुत्तागमे ६८५ पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुढेि अभिवड्वेमाणे २ अट्ठारस २ जोयणाई परिरयवुद्धिं अभिवड्वेमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागा जोयणस्स बाहल्लेणं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च सटे जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारस सहस्साई तिण्णि य पण्णरसुत्तरे जोयणसए परिक्खेवेणं०, तया णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च चउप्पण्णे जोयणसए छव्वीसं च.एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारससहस्साइं दोण्णि य सत्ताणउए जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता, तया णं राइंदियं तहेव, से पविसमाणे सूरिए दोचंसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं एगं जोयणसयसहस्सं छच्च अडयाले जोयणसए बावण्णं च एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तिणि जोयणसयसहस्साइं अट्ठारससहस्साइं दोण्णि य अउयणातीसे जोयणसए परिक्खेवेणं पण्णत्ता, दिवसराई तहेव, एवं खलु एएणुवाएणं से पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ पंच २ जोयणाई पणतीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले विक्खंभवुड्ढेि णिवुड्डेमाणे २ अट्ठारस जोयणाइं परिरयवुद्धिं णिवुड्ढेमाणे २ सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सा मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं णवणउई जोयणसहस्साइं छच्च चत्ताले जोयणसए आयामविक्खंभेणं तिण्णि जोयणसयसहस्साइं पण्णरस य सहस्साइं अउणाउइं च जोयणाई किंचिविसेसाहियाइं परिक्खेवेणं पण्णत्ता, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोचे छम्मासे, एस णं दोचस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे, ता सव्वावि णं मंडलवया अडयालीसं च एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं, सव्वावि णं मंडलंतरिया दो Page #761 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ६८६ [चंदपण्णत्ती जोयणाई विक्खंभेणं, एस णं अद्धा तेसीयसयपडुप्पण्णो पंचदसुत्तरे जोयणसए आहिताति वएज्जा, ता अभितराओ मंडलवयाओ बाहिरं मंडलवयं बाहिराओ वा. अभितरं मंडलवयं एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वएज्जा ? ता पंचदसुत्तरजोयणसए आहिताति वएज्जा, ता अभितराए मंडलवयाए बाहिरा मंडलवया बाहिराओ मंडलवयाओ अभितरा मंडलवया एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वएज्जा ? ता पंचदसुत्तरे जोयणसए अडयालीसं च एगढिभागे जोयणस्स आहिताति वएज्जा, ता अभंतराओ मंडलवयाओ बाहिरमंडलवया बाहिराओ० अब्भंतरमंडलवया एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वएजा ? ता पंचणवुत्तरे जोयणसए तेरस य एगट्ठिभागे जोयणस्स आहिताति वएज्जा, ता अभितराए मंडलवयाए बाहिरा मंडलवया बाहिराए मंडलवयाए अब्भितरमंडलवया एस णं अद्धा केवइयं आहिताति वएज्जा ? ता पंचदसुत्तरे जोयणसए आहिताति वएजा ॥ १८॥ पढमस्स पाहुडस्स अट्रमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १-८॥ पढमं पाहुडं समत्तं ॥१॥ ___ता कहं तेरिच्छगई आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता पुरच्छिमाओ लोयंताओ पाओ मरीई आगासंसि उत्तिइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ तिरियं करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतसि सायंमि रायं आगासंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरच्छिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करित्ता पञ्चत्थिमंसि लोयंतंसि सूरिए आगासंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्ठइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करित्ता पञ्चत्थिमंसि लोयंसि सायं सूरिए आगासं अणुपविसइ २ त्ता अहे पडियागच्छइ अहे पडियागच्छेत्ता पुणरवि अवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिइ एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमाओ लोगंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिट्ठइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पचत्थिमिल्लंसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकायंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पञ्चत्थिमंसि लोयंतंसि सायं सूरिए पुढविकायंसि अणुपविसइ अणुपविसित्ता अहे पडियागच्छइ २ त्ता पुणरवि अवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए पुढविकायंसि उत्तिइ एगे एवमाहंसु ५, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमिल्लाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायंसि उत्तिठ्ठइ, से णं इमं तिरियं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतंसि Page #762 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा०२पा०२पढमपडिवत्तिदोसो] सुत्तागमे पाओ सूरिए आउकायंसि विद्धंसइ एगे एवमाहंसु ६, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरत्थिमाओ लोगंताओ पाओ सरिए आउकासि उत्तिट्रइ, से णं इमं तिरिय लोय तारय करेइ करेत्ता पच्चत्थिमंसि लोयंतसि सायं सूरिए आउकायंसि अणुपविसइ २ त्ता अहे पडियागच्छइ २ त्ता पुणरवि अवरभूपुरत्थिमाओ लोयंताओ पाओ सूरिए आउकायसि उत्तिइ एगे एवमाहंसु ७, एगे पुण एवमाहंसु-ता पुरथिमाओ लोयंताओ बहूई जोयणाई बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साइं उड़े दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिट्टइ, से णं इमं दाहिणटुं लोयं तिरियं करेइ करेत्ता उत्तरडलोयं तमेव राओ, से णं इमं उत्तरलोयं तिरियं करेइ २ त्ता दाहिणड्डलोयं तमेव राओ, से णं इमाई दाहिणुत्तरडलोयाई तिरियं करेइ करेत्ता पुरत्थिमाओ लोयंताओ बहूइं जोयणाइं बहूइं जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साई उर्दू दूरं उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ सूरिए आगासंसि उत्तिठुइ एगे एवमाहंसु ८ । वयं पुण एवं वयामो-ता जंबूदीवस्स २ पाईणपडीणाययउदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरच्छिमंसि उत्तरपच्चत्थिमंसि य चंउब्भागमंडलंसि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ अट्ठ जोयणसयाई उद्धं उप्प-- इत्ता एत्थ णं पाओ दुवे सूरिया० उत्तिटुंति, ते णं इमाइं दाहिणुत्तराई जंबूदीवभागाइं तिरियं करेंति २ त्ता पुरथिमपञ्चत्थिमाइं जंबूदीवभागाइं तामेव राओ, ते णं इमाइं पुरच्छिमपञ्चत्थिमाइं जंबूदीवभागाइं तिरियं करेंति २ त्ता दाहिणुत्तराई जंवूदीवभागाइं तामेव राओ, ते णं इमाई दाहिणुत्तराई पुरच्छिमपञ्चत्थिमाइं च जंबूदीवभागाइं तिरियं करेंति २ ता जंबूदीवस्स २ पाईणपडीणाययउदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरच्छिमिलंसि उत्तरपञ्चस्थिमिल्लसि य चउभागमंडलंसि इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ अट्ठ जोयणसयाइं उर्दू उप्पइत्ता एत्थ णं पाओ दुवे सूरिया आगासंसि उत्तिटुंति ॥ १९॥ बिझ्यस्स पाहुडस्स पढम पाहुडपाहुडं समत्तं ॥२-१ ॥ __ता कहं ते मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए चारं चरइ आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ दुवे पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए भेयघाएणं संकमइ० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसुता मंडलाओ मंडलं संक्रममाणे २ सूरिए कण्णकलं णिव्वेढेइ ...२, तत्थ (णं) जे ते एवमाहंसु-ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए भेयघाएणं संकमइ, तेसि णं अयं दोसे, ता जेणंतरेणं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए भेयघाएणं संकमइ एवइयं च णं अद्धं पुरओ ण गच्छइ, पुरओ अगच्छमाणे मंडलकालं परिहवेइ, तेसि Page #763 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६८८ सुत्तागमे [ चंदपण्णत्ती णं अयं दोसे, तत्थ जे ते एवमाहंसु - ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए कण्णकलं णिव्वेढेइ, तेसि णं अयं विसेसे, ता जेणंतरेणं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए कण्णकलं णिव्वेढेइ एवइयं च णं अद्धं पुरओ गच्छइ, पुरओ गच्छमाणे मंडलकालं ण परिहवेइ, तेसि णं अयं विसेसे, तत्थ जे ते एवमाहंसु - ता मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ सूरिए कण्णकलं णिव्वेढेइ, एएणं णएणं णेयव्वं, णो चेव णं इयरेणं ॥ २० ॥ बिइयस्स पाहुडस्स बिइयं पाहुडपाहुड समत्तं ॥ २-२ ॥ ता केवइयं ते खेत्तं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ चत्तारि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं० - तत्थ एगे एवमाहंसु - ता छ छ जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता पंच पंच जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु - ता चत्तारि २ जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छ• एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु - ता छवि पंचवि चत्तारिवि जोयणसहस्साईं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ० एगे एवमाहंसु ४, तत्थ खलु जे ते एवमाहंसु-ता छ छ जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, एवमाहंसु - ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्टपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तंसि च णं दिवसंसि एगं जोयणसयसहस्सं अट्ठ य जोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, तंसि च णं दिवसंसि बावत्तरिं जोयणसहस्साईं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं छ छ जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु - ता पंच पंच जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, तहेव दिवसराइप्पमाणं, तंसि चणं दिवसंसि तावक्खेत्तं णउइजोयणसहस्साईं, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं तं चेव राईदियप्पमाणं, तंसि च णं दिवसंसि सट्ठि जोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं पंच पंच जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता चत्तारि २ जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वव्यंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दिवसराई तहेव, तंसि च णं दिवसंसि बावतरं Page #764 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा०२पा०३ णिक्खममाणसू०] सुत्तागमे ६८९ जोयणसहस्साई तावक्खेत्ते पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं राइंदियं तहेव, तंसि च णं दिवसंसि अडयालीसं जोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं चत्तारि २ जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता छवि पंचवि चत्तारिवि जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, ते एवमाहंसु-ता सूरिए णं उग्गमणमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य सिग्धगई भवइ, तया णं छ छ जोयणसहस्साइं एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, मज्झिमतावक्खेत्तं समासाएमाणे २ सूरिए मज्झिमगई भवइ, तया णं पंच पंच जोयणसहस्साइं एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, मज्झिम २ तावक्खेत्तं संपत्ते सूरिए मंदगई भवइ, तया णं चत्तारि जोयणसहस्साइं एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तत्थ को हेऊ ति वएज्जा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दिवसराई तहेव, तंसि च णं दिवसंसि एकाणउइं जोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं राइंदियं तहेव, तस्सि च णं दिवसंसि एगद्विजोयणसहस्साइं तावक्खेत्ते पण्णत्ते, तया णं छवि पंचवि चत्तारिवि जोयणसहस्साइं सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ एगे एवमाहंसु । वयं पुण एवं वयामो-ता साइरेगाई पंच पंच जोयणसहस्साई सूरिए एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ०, तत्थ को हेऊ.ति वएज्जा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ "परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच २ जोयणसहस्साइं दोण्णि य एक्कावण्णे जोयणसए एगूणतीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणुस्सस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य तेवढेहिं जोयणसएहिं एकवीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं दिवसे राई तहेव, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच पंच जोयणसहस्साइं दोणि य एक्कावण्णे जोयणसए सीयालीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं अउणासीए य जोयणसए सत्तावण्णाए सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सद्विभागं च एगट्ठिहा छेत्ता अउणावीसाए चुण्णियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं 'दिवसराई तहेव, से णिक्खममाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि अभितरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरइ, ता जया णं सूरिए अभितरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं ४४ सुत्ता० AITHHHHHITH Page #765 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती पंच २ जोयणसहस्साई दोणि य बावण्णे जोयणसए पंच य सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं छण्णउईए य जोयणेहिं तेत्तीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगविहा छेत्ता दोहिं चुण्णियाभागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं दिवसराई तहेव, एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ अट्ठारस २ सद्विभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहत्तगई अभिवुड्डेमाणे २ चुलसीइं साइरेगाइं जोयणाई पुरिसच्छायं णिवुड्डेमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरमंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं पंच २ जोयणसहस्साई तिण्णि य पंचुत्तरे जोयणसए पण्णरस य सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एकतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहिं एकतीसेहिं जोयणसएहिं तीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं उत्तमकठ्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पढमे छम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे । से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंक्रमित्ता चारं चरइ तया णं पंच २ जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउरुत्तरे जोयणसए सत्तावण्णं च सद्विभाए जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एकतीसाए जोयणसहस्सेहिं णवहि य सोलेहिं जोयणसएहिं एगूणयालीसाए सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगट्ठिहा छेत्ता सट्ठिए चुण्णियाभागे सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, तया णं राइंदियं तहेव, से पविसमाणे सूरिए दोच्चंसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तथा णं पंच पंच जोयणसहस्साइं तिण्णि य चउत्तरे जोयणसए ऊयालीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ, तया णं इहगयस्स मणूसस्स एगाहिगेहिं बत्तीसाए जोयणसहस्सेहिं एकावण्णाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सट्ठिभागं च एगठिहा छेत्ता तेवीसाए चुण्णियामागेहिं सूरिए चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ, राइंदियं तहेव, एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ अट्ठारस २ सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगे मंडले मुहत्तगई 'णिवुड्डेमाणे २ साइरेगाइं पंचासीइं २ जोयणाइं पुरिसच्छायं अभिवुड्डेमाणे २ सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं Page #766 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० ३ सूरियदुगोभासणाई] सुत्तागमे ६९७ पंच २ जोयणसहस्साइं दोण्णि य एक्कावणे जोयणसए अट्टतीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स एगमेगेणं मुहुत्तेणं गच्छइ तया णं इहगयस्स मणूसस्स सीयालीसाए जोयणसहस्सेहिं दोहि य दोवढेहिं जोयणसएहिं एकवीसाए य सट्ठिभागेहिं जोयणस्स सूरिए चक्खुप्फास हव्वमागच्छइ, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पजवसाणे ॥ २१॥ बिइयस्स पाहुडस्स तइयं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥२-३॥ बिइयं पाहुडं समत्तं ॥२॥ ___ता केवइयं खेत्तं चंदिमसूरिया ओभासंति उज्जोवेंति तवेंति पगासंति आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ बारस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसुता एगं दीवं एगं समुई चंदिमसूरिया ओभासंति उज्जोवेंति तवेंति पगासेंति...१, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि दीवे तिणि समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता अद्धचउत्थे दीवसमुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता सत्त दीवे सत्त समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता दस दीवे दस समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति “एगे एवमाहंसु ५, एगे पुण एवमाहंसु-ता बारस दीवे बारस समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति...६, एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवे बायालीसं समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति एगे एवमाहंसु ७, एगे पुण एवमाहंसुता बावत्तरिं दीवे बावत्तरिं समुद्दे चंदिमसूरिया ओभासंति एगे एवमाहंसु ८, एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवसयं बायालीसं समुद्दसयं चंदिमसूरिया ओभासंति ... एगे एवमाहंसु ९, एगे पुण एवमाहंसु-ता बावत्तरिं दीवसयं बावत्तरिं समुद्दसयं चंदिमसूरिया ओभासंति एगे एवमासु १०, एगे पुण एवमाहंसु-ता बायालीसं दीवसहस्सं बायालं समुद्दसहस्सं चंदिमसूरिया ओभासंति 'एगे एवमाहंसु ११, एगे पुण एवमाहंसु-ता बावत्तरिं दीवसहस्सं बावत्तरिं समुद्दसहस्सं चंदिमसूरिया ओभासंति “एगे एवमाहंसु १२, वयं पुण एवं वयामो-ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमुदाणं जाव परिक्खेवेणं पण्णत्ते, से णं एगाए जगईए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते, सा णं जगई तहेव जहा जंबूदीवपण्णत्तीए जाव एवामेव सपुत्वावरेणं जंबुद्दीवे २ चोदससलिलासयसहस्सा छप्पण्णं च सलिलासहस्सा भवंतीति मक्खाया, जंबुद्दीवे णं दीवे पंचचक्कभागसंठिए आहिएति वएजा, ता कहं जंबुद्दीवे २ पंचचक्कभागसंठिए आहिएति वएजा? ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वभंतरं मंडलं Page #767 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं जंबुद्दीवस्स २ तिण्णि पंचचकभागे ओभासंति..., तंजहा-एगेवि एगं दिवढं पंचचक्कभागं ओभासइ..", एगेवि एगं दिवढे पंचचक्कभागं ओभासेइ..", तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं एए दुवे सूरिया सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरंति तया णं जंबुद्दीवस्स २ दोणि चक्कभागे ओभासंति "ता एगेवि सूरिए एगं पंचचक्कवालभागं ओभासइ उजोवेइ तवेइ पभासेइ, एगेवि एगं पंचचक्कवालभागं ओभासइ..", तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ ॥ २२ ॥ तइयं पाहुडं समत्तं ॥३॥ ता कहं ते सेयाए संठिई आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमा दुविहा संठिई पण्णत्ता, तंजहा-चंदिमसूरियसंठिई य तावक्खेत्तसंठिई य, ता कहं ते चंदिमसूरियसंठिई आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ सोलस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता समचउरंससंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता विसमचउरंससंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता० २, एवं एएणं अभिलावेणं समचउक्कोणसंठिया ३, विसमचउक्कोणसंठिया ४, समचक्कवालसंठिया ५, विसमचक्कवालसंठिया ६,ता चक्कद्धचक्कवालसंठिया .. "पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ७, एगे पुण एवमाहंसु-ता छत्तागारसंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता० ८, एवं गेहसंठिया ९, गेहावणसंठिया १०, पासायसंठिया ११, गोपुरसंठिया १२, पेच्छाघरसंठिया १३, वलभीसंठिया १४, हम्मियतलसंठिया १५, एगे पुण एवमाहंसु-ता वालग्गपोइयासंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता० १६, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता समचउरंससंठिया णं चंदिमसूरियसंठिई पण्णत्ता०, एवं एएणं णएणं णेयव्वं णो चेवणं इयरेहिं । ता कहं ते तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएजा? तत्थ खलु इमाओ सोलस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थ णं एगे एवमाहंसु-ता गेहसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता एवं जाव वालग्गपोइयासंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई०, एगे पुण एवमाहंसु-ता जस्संठिए णं जंबुद्दीवे २ तस्संठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ९, एगे पुण एवमाहंसु-ता जस्संठिए णं भारहे वासे तस्संठिया० पण्णत्ता० १०, एवं उजाणसंठिया निजाणसंठिया एगओ णिसहसंठिया दुहओ णिसहसंठिया सेयणगसंठिया० एगे एवमाहंसु १५, एगे पुण एवमाहंसु-ता सेणगपट्ठसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता एगे एवमाहंसु १६, वयं पुण एवं वयामो-ता उड्ढीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई पण्णत्ता, अंतो संकुडा बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहुला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सत्थिमुहसंठिया, उभओ पासेणं Page #768 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० ४ ता० सं० संठाणपुच्छा] सुत्तागमे ६९३ तीसे दुवे बाहाओ अवट्ठियाओ भवंति पणयालीसं २ जोयणसहस्साई आयामेणं, तीसे दुवे बाहाओ अणवठ्ठियाओ भवंति, तंजहा-सव्वभंतरिया चेव बाहा सव्वबाहिरिया चेव बाहा, तत्थ को हेऊ०ति वएजा ? ' ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उड्ढीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया णं तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएज्जा, अंतो संकुडा बाहिं वित्थडा अंतो वट्टा बाहिं पिहुला अंतो अंकमुहसंठिया बाहिं सत्थिमुहसंठिया, दुहओ पासेणं तीसे तहेव जाव सव्वबाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सव्वभंतरिया बाहा मंदरपव्वयंतेणं णव जोयणसहस्साइं चत्तारि य छलसीए जोयणसए णव य दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तासे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएज्जा ? ता जे णं मंदरस्स पव्वयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेवं तिहिं गुणित्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएज्जा, तीसे णं सव्वबाहिरिया बाहा लवणसमुदंतेणं चउणउइं जोयणसहस्साइं अट्ठ य अट्ठसढे जोयणसए चत्तारि य दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तासे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा ? ता जेणं जंबुद्दीवस्स २ परिक्खेवे तिहिं गुणित्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएज्जा, तीसे णं तावक्खेत्ते केवइयं आयामेणं आहिएति वएजा ? ता अट्ठत्तरि जोयणसहस्साई तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए जोयणतिभागे य आयामेणं आहिएति वएज्जा, तया णं किंसंठिया अंधयारसंठिई आहिताति वएज्जा ? ता उड्डीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया तहेव जाव बाहिरिया चेव बाहा, तीसे णं सव्वब्भंतरिया बाहा मंदरपव्वयंतेणं छज्जोयणसहस्साई तिण्णि य चउवीसे जोयणसए छच्च दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तीसे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएजा? ता जे णं मंदरस्स पव्वयस्स परिक्खेवे तं परिक्खेवं दोहिं गुणेत्ता सेसं तहेव, तीसे णं सव्वबाहिरिया बाहा लवणसमुदंतेणं तेवट्ठिजोयणसहस्साइं दोण्णि य पणयाले जोयणसए छच्च दसभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं आहिताति वएजा, तासे णं परिक्खेवविसेसे कओ आहिएति वएज्जा ? ता जे णं जंबुद्दीवस्स २ परिक्खेवे तं परिक्खेवं दोहिं गुणित्ता दसहिं छेत्ता दसहिं भागे हीरमाणे एस णं परिक्खेवविसेसे आहिएति वएजा, ता से णं अंधयारे केवइयं आयामेणं आहिएति वएजा ? ता अट्ठत्तरिं जोयणसहस्साई तिण्णि य तेत्तीसे जोयणसए जोयणतिभागं च आयामेणं आहिएति वएजा, तया णं उत्तमकट्ठपत्ते अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहण्णिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिर मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं Page #769 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती किंसंठिया तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएज्जा ? ता उड्डीमुहकलंबुयापुप्फसंठिया तावक्खेत्तसंठिई आहिताति वएज्जा, एवं जं अभितरमंडले अंधयारसंठिईए पमाणं तं बाहिरमंडले तावक्खेत्तसंठिईए जं तहिं तावक्खेत्तसंठिईए तं बाहिरमंडले अंधयारसंठिईए भाणियव्वं जाव तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, ता जंबुद्दीवे २ सूरिया केवइयं खेत्तं उडुं तवंति केवइयं खेत्तं अहे तवंति केवइयं खेत्तं तिरियं तवंति ? ता जंबुद्दीवे णं दीवे सूरिया एगं जोयणसयं उहूं तवंति अट्ठारस जोयणसयाइं अहे तवंति सीयालीसं जोयणसहस्साई दुण्णि य तेवढे जोयणसए एगवीसं च सट्ठिभागे जोयणस्स तिरियं तवंति ॥ २३ ॥ चउत्थं पाहुडं समत्तं ॥४॥ ता कस्सि णं सूरियस्स लेस्सा पडिहया आहिताति वएना ? तत्थ खलु इमाओ वीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता मंदरंसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया आहिताति वएज्जा एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता मेरुसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया आहिताति वएजा एगे एवमाहंसु २, एवं एएणं अभिलावेणं भाणियव्वं-ता मणोरमंसि णं पव्वयंसि, ता सुदंसणंसि णं पव्वयंसि, ता सयंपमंसि णं पव्वयंसि, ता गिरिरायंसि णं पव्वयंसि, ता रयणुच्चयंसि णं पव्वयंसि, ता सिलुच्चयंसि णं पव्वयंसि, ता लोयमज्झंसि णं पव्वयंसि, ता लोयणाभिंसि णं पव्वयंसि, ता अच्छंसि णं पव्वयंसि, ता सूरियावत्तंसि णं पव्वयंसि, ता सूरियावरणंसि णं पव्वयंसि, ता उत्तमंसि णं पव्वयंसि, ता दिसाइंसि णं पव्वयंसि, ता अवयंसंसि णं पव्वयंसि, ता धरणिखीलंसि णं पव्वयंसि, ता धरणिसिंगंसि णं पव्वयंसि, ता पव्वइंदसि णं पव्वयंसि, ता पव्वयरायसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिया आहिताति वएजा, एगे एवमाहंसु २० । वयं पुण एवं वयामो-ता मंदरेवि पवुच्चइ जाव पव्वयराया० पवुच्चइ, ता जे णं पुग्गला सूरियस्स लेस्सं फुसंति ते णं पुग्गला सूरियस्स लेस्सं पडिहणंति, अदिट्ठावि णं पोग्गला सूरियस्स लेस्सं पडिहणंति, चरिमलेस्संतरगयावि णं पोग्गला सूरियस्स लेस्सं पडिहणंति० ॥२४॥ पंचमं पाहुडं समत्तं ॥५॥ - ता कहं ते ओयसंठिई आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अणुसमयमेव सूरियस्स ओया अण्णा उप्पज्जइ अण्णा अवेइ एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुमुहुत्तमेव सूरियस्स ओया अण्णा उप्पज्जइ अण्णा अवेइ० २, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वाता अणुराइंदियमेव, ता अणुपक्खमेव, ता अणुमासमेव, ता अणुउडुमेव, ता अणु Page #770 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० ६ सूरियचारो] सुत्तागमे ६९५ अयणमेव, ता अणुसंवच्छरमेव, ता अणुजुगमेव, ता अणुवाससयमेव, ता अणुवाससहस्समेव, ता अणुवाससयसहस्समेव, ता अणुपुव्वमेव, ता अणुपुव्वसयमेव, ता अणुपुव्वसहस्समेव, ता अणुपुव्वसयसहस्समेव, ता अणुपलिओवममेव, ता अणुपलिओवमसयमेव, ता अणुपलिओवमसहस्समेव, ता अणुपलिओवमसयसहस्समेव, ता अणुसागरोवममेव, ता अणुसागरोवमसयमेव, ता अणुसागरोवमसहस्समेव, ता अणुसागरोवमसयसहस्समेव, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुउस्सप्पिणिओसप्पिणिमेव सूरियस्स ओया अण्णा उप्पज्जइ अण्णा अवेइ, एगे एवमाहंसु २५ । वयं पुण एवं वयामो-ता तीसं २ मुहुत्ते सूरियस्स ओया अवट्ठिया भवइ, तेण परं सूरियस्स ओया अणवट्ठिया भवइ, छम्मासे सूरिए ओयं णिवुड्डेइ छम्मासे सूरिए ओयं अभिवड्वेइ, णिक्खममाणे सूरिए देसं णिवुड्ढेइ पविसमाणे सूरिए देसं अभिवुड्ढेइ, तत्थ को हेऊ०ति वएजा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ सव्वदीवसमु० जाव परिक्खेवेणं०, ता जया णं सूरिए सव्वब्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, से णिक्खममाणे सूरिए णवं संवच्छरं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तंसि अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सृरिए अभितराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगेणं राइदिएणं एगं भागं ओयाए दिवसखेत्तस्स णिबुड्डित्ता रयणिखेत्तस्स अभिवडित्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं सएहिं छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, से णिक्खममाणे सूरिए दोचंसि अहोरत्तसि अभितरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए अमितरतच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं दोहिं राइदिएहिं दो भागे ओयाए दिवसखेत्तस्स णिवुद्वित्ता रयणिखेत्तस्स अभिवड्वेत्ता चार चरइ मंडलं अट्ठारसतीसेहिं सएहिं छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणे, दुवालसमुहुत्ता राई भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिया, एवं खलु एएणुवाएणं णिक्खममाणे सृरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ एगमेगे मंडले एगमेगेणं राइदिएणं एगमेगं भागं ओयाए दिवसखेत्तस्स णिवुड्डेमाणे २ रयणिखेत्तस्स अभिवड्डमाणे २ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सृरिए सव्वभंतराओ मंडलाओ सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वभंतरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं एगं तेसीयं भागसयं ओयाए दिवसखेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिवुड्वेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठा Page #771 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६९६ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती रसहिं तीसेहिं० छेत्ता, तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ. जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एस णं पडमछम्मासे, एस णं पढमस्स छम्मासस्स पज्जवसाणे, से पविसमाणे सूरिए दोच्चं छम्मासं अयमाणे पढमंसि अहोरत्तसि बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगेणं राइदिएणं एगं भागं ओयाए रयणिक्खेत्तस्स णिबुड्ढेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिवड्वेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं० छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ दोहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, से पविसमाणे सूरिए दोचंसि अहोरत्तंसि बाहिरं तच्चं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए बाहिरतचं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तथा णं दोहिं राइदिएहिं दो भाए ओयाए रयणिखेत्तस्स णिवुड्वेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिवुड्वेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसहिं तीसेहिं० छेत्ता, तया णं अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ चउहिँ एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं ऊणा, दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ चउहिं एगट्ठिभागमुहुत्तेहिं अहिए, एवं खलु एएणुवाएणं पविसमाणे सूरिए तयाणंतराओ तयाणंतरं मंडलाओ मंडलं संकममाणे २ एगमेगेणं राइदिएणं एगमेगं भागं ओयाए रयणिखेत्तस्स णिवुड्डेमाणे २ दिवसखेत्तस्स अभिवड्डमाणे २ सव्वमंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिराओ मंडलाओ सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं सव्वबाहिरं मंडलं पणिहाय एगेणं तेसीएणं राइंदियसएणं एगं तेसीयं भागसयं ओयाए रयणिखेत्तस्स णिवुड्वेत्ता दिवसखेत्तस्स अभिवड्वेत्ता चारं चरइ मंडलं अट्ठारसतीसेहिं सएहिं छेत्ता, तया णं उत्तमकठ्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एस णं दोच्चे छम्मासे, एस णं दोच्चस्स छम्मासस्स पजवसाणे, एस णं आइच्चे संवच्छरे, एस णं आइच्चस्स संवच्छरस्स पज्जवसाणे ॥२५॥ छटुं पाहुडं समत्तं ॥६॥ ता के ते सूरियं वरंति आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ वीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता मंदरे णं पव्वए सूरियं वरयइ. आहितेति वएजा एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता मेरू णं पव्वए सूरियं वरइ आहितेति वएजा० २, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं जाव पव्वयराए णं पव्वए सूरियं वरयइ आहितेति वएज्जा एगे एवमाहंसु २०, वयं पुण एवं वयामो-ता मंदरेवि पवुच्चइ तहेव जाव पव्वयराएवि पवुच्चइ, ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं फुसंति ते णं पोग्गला सूरियं वरयंति, अदिट्ठावि णं पोग्गला Page #772 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० ८ दा० उ० दिवसराइप्पमाणं] सुत्तागमे सूरियं वरयंति, चरमलेसंतरगयावि णं पोग्गला सूरियं वरयंति० ॥ २६ ॥ सत्तम पाहुडं समत्तं ॥ ७॥ ता कहं ते उदयसंठिई आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ तिण्णि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्डे अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डेवि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढे अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्लेवि सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्डे सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि सत्तरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, एवं (एएणं अभिलावेणं) परिहावेयव्वं, सोलसमुहुत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ते दिवसे चउद्दसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहुत्ते दिवसे जाव जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे बारसमुहुत्ते दिवसे. तया णं उत्तरवेवि बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढे बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं दाहिणड्डे बारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमपञ्चत्थिमेणं सया पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, सया पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, अवट्ठिया णं तत्थ राइंदिया पण्णत्ता समणाउसो ! एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरडेवि अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, एवं परिहावेयव्वं, सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ सोलसमुहुत्ताणंतरे०, पण्णरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ चोद्दसमुहुत्ताणंतरे०, तेरसमुहुत्ताणंतरे०, जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्डे बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरडेवि बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे०, जया णं उत्तरड्ढे बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्डेवि बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं णो सया पण्णरसमुहत्ते दिवसे भवइ, णो सया पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, अणव ट्ठिया णं तत्थ राइंदिया प० समणाउसो ! एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्डे अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, जया णं उत्तरड्डे अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढे बारसमुहुत्ता राई भवइ, जया णं दाहिगड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढे बारसमुहुत्ता राई भवइ, जया णं उत्तरड्ढे अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढे बारसमुहुत्ता राई Page #773 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६९० सुत्तागमे [दपण्णत्ती भवइ, एवं णेयव्वं सगलेहि य अणंतरेहि य एक्कक्के दो दो आलावगा सव्वेहिं दुवालसमुहुत्ता राई भवइ जाव ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्डे बारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, जया णं उत्तरड्ढे दुवासलमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ तया णं दाहिणड्ढे दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं णेवत्थि पण्णरसमुहुत्ते दिवसे भवइ, णेवत्थि पण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, वोच्छिण्णा णं तत्थ राइंदिया प० समणाउसो ! एगे एवमाहंसु ३ । वयं पुण एवं वयामो-ता जंबुद्दीवे २ सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छंति पाईणदाहिणमागच्छंति पाईणदाहिणमुग्गच्छंति दाहिणपडीणमागच्छंति दाहिणपडीणमुग्गच्छंति पडीणउदीणमागच्छंति पडीणउदीणमुग्गच्छंति उदीणपाईणमागच्छंति, ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्ढे० दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्डे. तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमपञ्चच्छिमेणं राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं दिवसे भवइ तया णं पच्चच्छिमेणवि दिवसे भवइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं राई भवइ, ता जया णं० दाहिणड्ढे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डेवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्डे तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमपञ्चत्थिमेणं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं पञ्चत्थिमेणवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, एवं एएणं गमेणं णेयव्वं, अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, साइरेगदुवालसमुहुत्ता राई भवइ, सत्तरसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहुत्ता राई, सत्तरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, साइरेगतेरसमुहुत्ता राई भवइ, सोलसमुहुत्ते दिवसे भवइ, चोद्दसमुहुत्ता राई भवइ, सोलसमुहुत्ताणंतरे दिवसे भवइ, साइरेगचोड्समुहुत्ता राई भवइ, पण्णरसमुहुत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई, पण्णरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे० साइरेगपण्णरसमुहुत्ता राई भवइ, चउद्दसमुहुत्ते दिवसे सोलसमुहुत्ता राई, चोद्दसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगसोलसमुहुत्ता राई, तेरसमुहुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राई, तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे साइरेगसत्तरसमुहुत्ता राई, ता जया णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डे जहण्णए दुवालसमुहुत्तए दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डे. जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, ता जया. णं उत्तरड्ढे जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स Page #774 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० ८ धा० दा० उ० दि० ] सुत्तागमे पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं पञ्च्चत्थि - मेणवि जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं जहण्णए दुवाल - समुहुत्ते दिवसे भवइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स ० उत्तरदाहिणेणं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवजइ तया णं उत्तर देवि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमपचत्थिमेणं अंणतरपुरक्खडकालसमयंसि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ, ता जया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमेणं वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ तया णं पञ्चत्थि - मेणवि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ, जया णं पञ्चत्थिमेणं वासाणं पढमे समए पंडिवज्जइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरउत्तरदाहिणेणं अणंतरपच्छाकडकालसमयंसि वासाणं पढमे समए पडिवण्णे भवइ, जहा समओ एवं आवलिया आणापाणू थोवे लवे मुहुत्ते अहोरत्ते पक्खे मासे ऊऊ, एवं दस आलावगा जहा वासाणं एवं हेमंताणं गिम्हाणं च भाणियव्वा, ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणड्ढे पढमे अयणे पडिवज्जइ तया णं उत्तरदेवि पढमे अयणे पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढे पढमे अयणे पडिवज्जइ तया णं दाहिणड्ढेवि पढमे अयणे पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढे पढमे अयणे पडिवज्जइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं अनंतरपुरक्खडकालसमयंसि पढमे अयणे पडिवज्जइ, ता जया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं पढमे अयणे पडिवज्जइ तया णं पञ्चत्थिमेणवि पढमे अयणे पडिवज्जइ, जया णं पच्चत्थिमेणं पढमे अयणे पडिवज्जइ तया णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं अनंतर पच्छा कडकालसमयंसि पढमे अयणे पडिवण्णे भवइ, जहा अयणे तहा संवच्छरे जुगे वाससए, एवं वाससहस्से वाससयसहस्से पुगे पुव्वे एवं जाव सीसपहेलिया पलिओवमे सागरोवमे, ता जया णं जंबुद्दीवे २ दाहिणढे उस्सप्पिणी पडिवज्जइ तथा णं उत्तरदेवि उस्सप्पिणी पडिवज्जइ, जया णं उत्तरड्ढे उस्सप्पिणी पडिवजइ तथा णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमपच्चत्थिमेणं णेवत्थि उस्सप्पिणी णेव अत्थि ओसप्पिणी अवट्ठिए णं तत्थ काले पण्णत्ते समणाउसो ! • एवं ओस्सप्पिणीवि । ता जया णं लवणे समुद्दे दाहिण दिवसे भवइ तया णं लवणसमुद्दे उत्तरढे • दिवसे भवइ, जया णं उत्तरड्ढे दिवसे भव तया णं लवणसमुद्दे पुरच्छिमपन्चत्थिमेणं राई भवइ, जहा जंबूदीवे २ तहेव जाव उस्सप्पिणी, तहा धायइसंडे णं दीवे सूरिया उदीण० तहेव, ता जया णं धायइसंडे ६९९ Page #775 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती दीवे दाहिणड्ढे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डेवि दिवसे भवइ, जया णं उत्तरडे दिवसे भवइ तया णं धायइसंडे दीवे मंदराणं पव्वयाणं पुरथिमपञ्चत्थिमेणं राई भवइ. एवं जबुद्दीवे २ जहा तहेव जाव उस्सप्पिणी०, कालोए णं जहा लवणे समुद्दे तहेव, ता अब्भतरपुक्खरद्धे णं सूरिया उदीणपाईणमुग्गच्छ तहेव, ता जया णं अब्भंतरपुक्खरद्धे णं दाहिणड्ढे दिवसे भवइ तया णं उत्तरड्डेवि दिवसे भवइ, जया णं उत्तरडे दिवसे भवइ तया णं अभितरपुक्खरद्धे मंदराणं पव्वयाणं पुरथिमपञ्चत्थिमेणं राई भवइ, सेसं जहा जंबुद्दीवे २ तहेव जाव उस्सप्पिणीओसप्पिणीओ ॥ २७ ॥ अदमं पाहुडं समत्तं ॥ ८॥ ता कइकडं ते सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहितेति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ तिणि पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं फुसंति ते णं पोग्गला संतप्पंति, ते णं पोग्गला संतप्पमाणा तयणंतराई बाहिराइं पोग्गलाई संतावेंतीति एस णं से समिए तावक्खेत्ते एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं फुसंति ते णं पोग्गला णो संतप्पंति, ते णं पोग्गला असंतप्पमाणा तयणंतराई बाहिराई पोग्गलाई णो संतावेंतीति एस णं से समिए तावक्खेत्ते एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता जे णं पोग्गला सूरियस्स लेसं फुसंति ते णं पोग्गला अत्थेगइया संतप्पंति अत्थेगइया णो संतप्पंति, तत्थ अत्थेगइया संतप्पमाणा तयणंतराई बाहिराइं पोग्गलाइं संतावेंति अत्थेगइया असंतप्पमाणा तयणंतराइं बाहिराइं पोग्गलाइं णो संतावेंति, एस णं से समिए तावक्खेत्ते एगे एवमाहंसु ३ । वयं पुण एवं वयामो-ता जाओ इमाओ चंदिमसूरियाणं देवाणं विमाणेहिंतो लेसाओ बहिया [उच्छूढा] अभिणिसट्ठाओ पतावेंति, एयासि णं लेसाणं अंतरेसु अण्णयरीओ छिण्णलेसाओ संमुच्छंति, तए णं ताओ छिण्णलेसाओ संमुच्छियाओ समाणीओ तयणंतराइं बाहिराइं पोग्गलाई संतावेंति इइ एस णं से समिए तावक्खेत्ते ॥ २८ ॥ ता कइकठे ते सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अणुसमयमेव सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहितेति वएज्जा एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुमुहुत्तमेव सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहितेति वएजा० २, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं, ता जाओ चेव ओयसंठिईए पणवीसं पडिवत्तीओ ताओ चेव णेयव्वाओ जाव अणुउस्सप्पिणी०मेव सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहिताति वएजा, एगे एवमाहंसु २५ । वयं पुण एवं वयामो-ता सूरियस्स णं उच्चत्तं च लेसं च पडुच्च छाउद्देसे Page #776 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० ९ दोच्चदोच्चापडिवती] सुत्तागमे ७०१ उच्चत्तं च छायं च पडुच्च लेसुद्देसे लेसं च छायं च पडुच्च उच्चत्तुद्देसे, तत्थ खलु इमाओ दुवे पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए चउपोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ, अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता अस्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ, अस्थि णं से दिवसे जंसि० दिवसंसि सूरिए णो किंचि पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ० २, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए चउपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दोपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए चउपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, तं०-उग्गमणमुहुत्तसि य अत्थमणमुहुत्तसि य, लेसं अभिवड्डमाणे णो चेव णं णिवुड्डेमाणे, ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, तं०-उग्गमणमुहुत्तसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य, लेसं अभिवुड्डेमाणे णो चेव णं णिवुड्ढे. माणे० १, तत्थ णं जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिवत्तेइ, अत्थि णं से दिवसे जंसि च णं दिवसंसि सूरिए णो किंचि पोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता जया णं सूरिए सव्वभंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकट्ठपत्ते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, तं०-उग्गमणमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तंसि य, लेसं अभिवड्वेमाणे णो चेव णं णिवुड्वेमाणे०, .."ता जया णं सूरिए सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं उत्तमकठ्ठपत्ता उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवइ, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ, तंसि च णं दिवसंसि सूरिए णो किंचि पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ, तं०-उग्गमणमुहुत्तंसि य अत्थमणमुहुत्तसि य, णो चेव णं लेसं अभिवुड्डेमाणे वा णिवुड्डेमाणे वा० २, ता कइकट्ठे ते सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ छण्णउई पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमार्हसु-ता अत्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए एगपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ० एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु-ता अत्थि णं से देसे जंसि च णं देससि Page #777 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ०, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं जाव छण्णउई पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से देसे जंसि च णं देससि सूरिए एगपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता सूरियस्स णं सव्वहेट्ठिमाओ सूरप्पडिहीओ बहिया अभिणिसट्ठाहिं लेसाहिं ताडिजमाणीहिं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ जावइयं सूरिए उर्दू उच्चत्तेणं एवइयाए एगाए अद्धाए एगेणं छायाणुमाणप्पमाणेणं उमाए तत्थ से सूरिए एगपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता सूरियस्स णं सव्वहेट्ठिमाओ सूरियप्पडिहीओ बहिया अभिणिसट्ठियाहिं लेसाहिं ताडिज्जमाणीहिं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ जावइयं सूरिए उर्दू उच्चत्तेणं एवइयाहिं दोहिं अद्धाहिं दोहिं छायाणुमाणप्पमाणेहिं उमाए एत्थ णं से सूरिए दुपोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, एवं णेयव्वं जाव तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अत्थि णं से देसे जंसि च णं देसंसि सूरिए छण्णउई पोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ, ते एवमाहंसु-ता सूरियस्स णं सव्वहिटिमाओ सूरप्पडिहीओ बहिया अभिणिसट्टाहिं लेसाहिं ताडिजमाणीहिं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ जावइयं सूरिए उडूं उच्चत्तेणं एवइयाहिं छण्णवईए छायाणुमाणप्पमाणाहिं उमाए एत्थ णं से सूरिए छण्णउइं पोरिसियं छायं णिव्वत्तेइ एगे एवमाहंसु, वयं पुण एवं वयामो-ता साइरेगअउणट्ठिपोरिसीणं सूरिए पोरिसिच्छायं णिव्वत्तेइ०, ता अवड्डपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं. गए वा सेसे वा ? ता तिभागे गए वा सेसे वा, ता पोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता चउब्भागे गए वा सेसे वा, ता दिवड्डपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता पंचमभागे गए वा सेसे वा, एवं अद्धपोरिसिं छोढुं पुच्छा दिवसस्स भागं छोढुं वागरणं जाव ता अद्धअउणासट्ठिपोरिसीछाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता एगूणवीससयभागे गए वा सेसे वा, ता अउणासट्ठिपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा ? ता बावीससहस्सभागे गए वा सेसे वा, ता साइरेगअउणासट्ठिपोरिसी णं छाया दिवसस्स किं गए वा सेसे वा? ता णत्थि किंचि गए वा सेसे वा, तत्थ खलु इमा पणवीसणिविट्ठा छाया प०, तं०खंभच्छाया रज्जुच्छाया पागारच्छाया पासायच्छाया उवग्गच्छाया उच्चत्तच्छाया अणुलोमच्छाया आरुभिया समा पडिहया खीलच्छाया पक्खच्छाया पुरओउदया पुरिमकंठभाउवगया पच्छिमकंठभाउवगया छायाणुवाइणी किट्ठाणुवाइणीछाया छायछाया १७ गोलछाया, तत्थ णं गोलच्छाया अट्ठविहा पण्णत्ता,तंजहा-गोलच्छाया अवड्ड. Page #778 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १०पा० २पणयालमुहुत्तसंजोगा ] सुत्तागमे गोलच्छाया गाढलगोलच्छाया अवड्डगाढलगोलच्छाया गोलावलिच्छाया अवड्ढगोलाबलिच्छाया गोलपुंजच्छाया अवड्डगोलपुंजच्छाया २५ ॥ २९ ॥ णवमं पाहुडं समन्तं ॥ ९ ॥ ता जोगेति वत्थुस्स आवलियाणिवाए आहितेति वएज्जा, ता कहं ते जोगेति वत्थुस्स आवलियाणिवाए आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं० - तत्थेगे एवमाहंसु-ता सव्वेवि णं णक्खत्ता कत्तियाइया भरणिपज्जवसाणा प० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वेवि णं णक्खत्ता महाइया - अस्सेसपज्जवसाणा पण्णत्ता एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु - ता सव्वेविणं णक्खत्ता धणिट्ठाइया सवणपज्जवसाणा पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसुता सव्वेवि णं णक्खत्ता अस्सिणीआइया रेवइपज्जवसाणा प० एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता सव्वेवि णं णक्खत्ता भरणीआइया अस्सिणीपज्जवसाणा • एगे एवमाहं ५, वयं पुण एवं वयामो-ता सव्वेवि णं णक्खत्ता अभिईआइया उत्तरासाढापज्जवसाणा पण्णत्ता, तंजहा-अभिई सवणो जाव उत्तरासाठा ॥ ३० ॥ दसमस्स पाहुडस्स पढमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०१ ॥ ता कहं ते मुहुत्ता आहितेति वएज्जा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्तार्णं अत्थि णक्खत्ते जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, अत्थि णक्खत्ता जे गं पण्णरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अथ क्खत्ता जेणं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं पणयालीसे मुहुत्ते चंदेण सार्द्धं जोयं जोएंति, ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खताणं कयरे णक्खत्ते जे णं णवमुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्टिभाए मुहुत्तस्स चंदे सद्धिं जोयं जोएइ, कयरे णक्खत्ता जे णं पण्णरसमुहुत्ते चंदेण सार्द्धं जोयं जोएंति, करे णक्खत्ता जेणं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जेणं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ जे से णक्खत्ते जेणं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ से णं एगे अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पण्णरसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तं०-सयभिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्ठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेणं तीसं मुहुत्तं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं पण्णरस, तं०-सवणे धणिट्ठा पुव्वाभद्दवया रेवई अस्सिणी कत्तिया मिगसिरपुस्सा महा पुव्वा गुणी हत्थो चित्ता अणुराहा मूलो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेणं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा - उत्तराभद्दवया रोहिणी ७०३ Page #779 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७०४ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती पुणव्वसू उत्तराफरगुणी विसाहा उत्तरासाढा ॥ ३१ ॥ ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अस्थि णक्खत्ते जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएइ, अत्थि णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसं च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारस य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ते जे णं चत्तारि अहोरत्ते छ्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ, कयरे णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसमुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारस मुहुत्ते. सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ जे से णक्खत्ते जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ से णं एगे अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसं च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा-सयभिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्ठा, तत्थ जे ते.. तेरस अहोरत्ते दुवालस य मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं पण्णरस, तंजहासवणो धणिट्ठा पुव्वाभदवया रेवई अस्सिणी कत्तिया मिगसिरं पूसो महा पुव्वाफगुणी हत्थो चित्ता अणुराहा मूलो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिणि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं छ, तंजहा-उत्तराभवया रोहिणी पुणव्वसू उत्तराफग्गुणी विसाहा उत्तरासाढा ॥ ३२ ॥ दसमस्स पाहुडस्स बिइयं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-२॥ ता कहं ते एवंभागा आहिताति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्खत्ता पुव्वंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प०, अत्थि णक्खत्ता पच्छंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प०, अत्थि णक्खत्ता णत्तंभागा अवड्ढक्खेत्ता पण्णरसमुहुत्ता प०, अत्थि णक्खत्ता उभयंभागा दिवडक्खेत्ता पणयालीसं मुहुत्ता प०, ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता० पुव्वंभागा समक्खेत्ता तीसइमहत्ता प० जाव कयरे णक्खत्ता० उभयंभागा दिवदुक्खेत्ता पणयालीसइमुहुत्ता प०? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता पुव्वंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प० ते णं छ, तंजहा-पुव्वापोट्ठवया कत्तिया महा पुव्वाफग्गुणी मूलो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता. पच्छंभागा समक्खेत्ता तीसइमुहुत्ता प० ते णं दस, तंजहाअभिई सवणो धणिट्ठा रेवई अस्सिणी मिगसिरं पूसो हत्थो चित्ता अणुराहा, तत्थ जे ते णक्खत्ता० णत्तंभागा अवडक्खेत्ता पण्णरसमुहुत्ता प० ते णं छ, तंजहा Page #780 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या० १० पा० ४ अस्सिणीण] सुत्तागमे सयभिसया भरणी अद्दा अस्सेसा साई जेट्टा, तत्थ जे ते णक्खत्ता० उभयंभागा दिवड्डक्खेत्ता पणयालीसं मुहुत्ता प० ते णं छ, तंजहा-उत्तरापोठुवया रोहिणी पुणव्वसू उत्तराफरगुणी विसाहा उत्तरासाढा ॥ ३३ ॥ दसमस्स पाहुडस्स तइयं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥१०-३॥ ता कहं ते जोगस्स आई आहिताति वएज्जा ? ता अभीईसवणा खलु दुवे णक्खत्ता पच्छाभागा समक्खेत्ता साइरेगऊयालीसइमुहुत्ता तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, तओ पच्छा अवरं साइरेयं दिवसं, एवं खलु अभिईसवणा दुवे णक्खत्ता एगराइं एगं च साइरेगं दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियति जोयं अणुपरियट्टित्ता सायं चंदं धणिट्ठाणं समप्पेंति, ता धणिट्ठा खलु णक्खत्ते पच्छंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता तओ पच्छा राई अवरं च दिवसं, एवं खलु धणिट्ठा णक्खत्ते एगं च राई एगं च दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोएत्ता जोयं अणुपरियइ जोयं अणुपरियट्टित्ता सायं चंदं सयभिसयाणं समप्पेइ, ता सयभिसया खलु णक्खत्ते णत्तंभागे अवड्ढक्खेत्ते पण्णरसमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ णो लभइ अवरं दिवसं, एवं खलु सयभिसया णक्खत्ते एगं राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियट्टइ जोयं अणुपरियहित्ता पाओ चंदं पुव्वाणं पोट्ठवयाणं समप्पेइ, ता पुव्वापोट्ठवया खलु णक्खत्ते पुव्वंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा अवरराइं, एवं खलु पुव्वापोट्टवया णक्खत्ते एगं च दिवसं एगं च राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियदृइ २ त्ता पाओ चंदं उत्तरापोट्ठवयाणं समप्पेइ, ता उत्तरापोठुवया खलु णक्खत्ते उभयंभागे दिवड्डक्खेत्ते पणयालीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ अवरं च राइं तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु उत्तरापोट्टवया णक्खत्ते दो दिवसे एगं च राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ अवरं च राइं तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु उत्तरापोट्ठवया णक्खत्ते दो दिवसे एगं च राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोइत्ता जोयं अणुपरियट्टइ २ त्ता सायं चंदं रेवईणं समप्पेइ, ता रेवई खलु णक्खत्ते पच्छंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु रेवई णक्खत्ते एगं राइं एगं च दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियदृइ २ त्ता सायं चंदं अस्सिणीणं समप्पेइ, ता अस्सिणी खलु णक्खत्ते पच्छंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पढमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा अवरं दिवसं, एवं खलु अस्सिणी णक्खत्ते एगं च ४५ सुत्ता. Page #781 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती राइं एगं च दिवसं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियट्टइ २ त्ता सायं चंदं भरणीणं समप्पेइ, ता भरणी खलु णक्खत्ते णत्तंभागे अवडक्खेत्ते पण्णरसमुहुत्ते तप्पडमयाए सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, णो लभइ अवरं दिवसं, एवं खलु भरणी णक्खत्ते एग राइं चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियट्टइ २ त्ता पाओ चंदं कत्तियाणं समप्पेइ, ता कत्तिया खलु णक्खत्ते पुव्वंभागे समक्खेत्ते तीसइमुहुत्ते तप्पडमयाए पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, तओ पच्छा राई, एवं खलु कत्तिया णक्खत्ते एगं च दिवसं एगं च राई चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियट्टइ २ त्ता पाओ चंदं रोहिणीणं समप्पेइ, रोहिणी जहा उत्तरभद्दवया मिगसिरं जहा धणिट्ठा अद्दा जहा सयभिसया पुणव्वसू जहा उत्तराभवया पुस्सो जहा धणिट्ठा अस्सेसा जहा सयभिसया महा जहा पुव्वाफग्गुणी पुव्वाफग्गुणी जहा पुव्वाभद्दवया उत्तराफरगुणी जहा उत्तराभद्दवया हत्थो चित्ता य जहा धणिट्ठा साई जहा सयभिसया विसाहा जहा उत्तराभवया अणुराहा जहा धणिट्ठा सयभिसया मूला पुव्वासाढा य जहा पुव्वाभद्दवया उत्तरासाढा जहा उत्तराभद्दवया ॥ ३४ ॥ दसमस्स पाहुडस्स चउत्थं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-४ ॥ ता कहं ते कुला उवकुला कुलोवकुला आहिताति वएज्जा? तत्थ खलु इमे बारस कुला बारस उवकुला चत्तारि कुलोवकुला प०, बारस कुला०, तंजहा-धणिट्ठाकुलं उत्तराभवयाकुलं अस्सिणीकुलं कत्तियाकुलं संठाणाकुलं पुस्साकुलं महाकुलं उत्तराफरगुणीकुलं चित्ताकुलं विसाहाकुलं मूलाकुलं उत्तरासाढाकुलं, बारस उवकुला०, तंजहासवणो उवकुलं पुवापुट्ठवयाउवकुलं रेवईउवकुलं भरणीउवकुलं रोहिणीउवकुलं पुणव्वसूउवकुलं अस्सेसाउवकुलं पुव्वाफग्गुणीउवकुलं हत्थाउवकुलं साईउवकुलं जेट्ठाउवकुलं पुव्वासाढाउवकुलं, चत्तारि कुलोवकुला०, तंजहा-अभीईकुलोवकुलं सयभिसयाकुलोवकुलं अद्दाकुलोवकुलं अणुराहाकुलोवकुलं ॥ ३५ ॥ दसमस्स पाहुडस्स पंचमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-५॥ ता कहं ते पुण्णिमासिणी आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ बारस पुण्णिमासिणीओ बारस अमावासाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-साविट्ठी पोट्ठवई आसोया कत्तिया मग्गसिरी पोसी माही फागुणी चेत्ती वेसाही जेट्ठामूली आसाढी, ता साविट्टिणं पुण्णिमासिं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा, ता पुट्ठवइण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-सयभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोठुवया, ता आसोइण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोणि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा Page #782 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १० पा० ६ साविट्टिपुण्णिम०] सुत्तागमे ७०७ रेवई य अस्सिणी य, ता कत्तियण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-भरणी कत्तिया य, ता मग्गसिरीपुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-रोहिणी मिगसिरो य, ता पोसिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, ता माहिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अस्सेसा महा य, ता फग्गुणिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-पुव्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी य, ता चेत्तिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि०, तं०-हत्यो चित्ता य, ता वेसाहिणं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोणि णक्खत्ता जोएंति, तं०-साई विसाहा य, ता जेट्ठामूलिण्णं पुण्णिमासिणिं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अणुराहा जेट्ठा मूलो, ता आसाढिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दो णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-पुव्वासाढा उत्तरासाढा ॥ ३६ ॥ [णाउमिह अमावासं जइ इच्छसि कम्मि होइ रिक्खम्मि । अवहारं ठाविजा तत्तियरूवेहि संगुणए ॥ १ ॥ छावट्ठी य मुहुत्ता बिसट्ठिभागा य पंच पडिपुण्णा । बासट्ठिभागसत्तट्ठिगो य इक्को हवइ भागो ॥ २ ॥ एयमवहाररासिं इच्छअमावाससंगुणं कुज्जा । णक्खत्ताणं एत्तो सोहणगविहिं णिसामेह ॥ ३ ॥ बावीसं च मुहुत्ता छायालीसं बिसट्ठिभागा य । एयं पुणव्वसुस्स य सोहयव्वं हवइ बुच्छं ॥ ४ ॥ बावत्तरं सयं फग्गुणीणं वाणउइय बे विसाहासु । चत्तारि य बायाला सोज्झा उ उत्तरासाढा ॥ ५॥ एयं पुणव्वसुस्स य बिसट्ठिभागसहियं तु सोहणगं । इत्तो अभिईआई बिइयं वुच्छामि सोहणगं ॥ ६ ॥ अभिइस्स णव मुहुत्ता बिस ट्ठिभागा य हुंति चउवीसं । छावट्ठी असमत्ता भागा सत्तट्ठिछेयकया ॥ ७ ॥ उगुणटुं पोट्टवयाइसु चेव णवोत्तरं च रोहिणिया । तिसु णवणवएसु भवे पुणव्वसू फग्गुणीओ य ॥ ८ ॥ पंचेव उगुणपण्णं सयाइ उगुणुत्तराई छच्चेव । सोज्झाणि विसाहासुं मूले सत्तेव चोयाला ॥ ९ ॥ अट्ठसय उगुणवीसा सोहणगं उत्तराण साढाणं । चउवीसं खलु भागा छावट्ठी चुण्णियाओ य ॥ १० ॥ एयाइ सोहइत्ता जं सेसं तं हवेइ णक्खत्तं । इत्थं करेइ उडुवइ सूरेण समं अमावासं ॥ ११ ॥ इच्छापुण्णिमगुणिओ अवहारो सोत्थ होइ कायव्वो । तं चेव य सोहणगं अभिईआई तु कायव्वं ॥ १२॥ सुद्धमि य सोहणगे जं सेसं तं भविज णक्खत्तं । तत्थ य करेइ उडुवइ पडिपुण्णो पुण्णिमं विउलं ॥ १३ ॥ ] ता साविट्ठिण्णं पुण्णिमासिणिं किं कुलं जोएइ उवकुलं ज़ोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा Page #783 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७०८ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती जोएइ, कुलं जोएमाणे धणिट्ठा णक्खत्ते०, उवकुलं जोएमाणे सवणे णक्खत्ते जोएइ, कुलोवकुलं जोएमाणे अभिई णक्खत्ते जोएइ, ता साविट्ठि० पुण्णिमं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता कुलोवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, ता पोट्टवइण्णं पुण्णिमं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलं जोएमाणे उत्तरापोठुवया णक्खत्ते जोएइ, उवकुलं जोएमाणे पुन्वापुट्ठवया णक्खत्ते जोएइ, कुलोवकुलं जोएमाणे सयभिसया णक्खत्ते जोएइ, पोट्ठवइण्णं पुण्णमासिणिं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता ३ पुट्ठवया पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, ता आसोई णं पुण्णिमासिणिं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलंपि जोएइ उवकुलंपि जोएइ णो लब्भइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे अस्सिणी णक्खत्ते जोएइ, उवकुलं जोएमाणे रेवई णक्खत्ते जोएइ, आसोई णं पुण्णिमं कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता अस्सोई णं पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, एवं णेयव्वाउ, पोसं पुण्णिमं जेठामूलं पुण्णिमं च कुलोवकुलंपि जोएइ, अवसेसासु णत्थि कुलोवकुलं जाव आसाढी पुण्णिमा जुत्ताति वत्तव्वं सिया । ता साविष्टुिं णं अमावासं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-अस्सेसा य महा य, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं, पोट्ठवयं दो णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-पुव्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी, अस्सोई दो० हत्थो चित्ता य, कत्तियं० साई विसाहा य, मग्गसिरं० अणुराहा जेट्ठा मूलो, पोसिं० पुव्वासाढा उत्तरासाढा, माहिं० अभीई सवणो धणिट्ठा, फरगुणि० सयभिसया पुवापोठुवया उत्तरापोट्ठवया, चेत्तिं० रेवई अस्सिणी य, विसाहिं ० भरणी कत्तिया य, जेट्ठामूलं० रोहिणी मिगसिरं च, ता आसाढिं णं अमावासिं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, ता साविलुि णं अमावासं किं कुलं जोएइ उवकुलं जोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ णो लब्भइ कुलोवकुलं, कुलं जोएमाणे महा णक्खत्ते जोएइ, उवकुलं जोएमाणे असिलेसा० जोएइ, कुलेण वा जुत्ता उवकुलेण वा जुत्ता साविट्ठी अमावासा जुत्ताति वत्तव्वं सिया, एवं णेयव्वं, णवरं मग्गसिराए माहीए फग्गुणीए आसाढीए य अमावासाए कुलोवकुलंपि जोएइ, सेसेसु णत्थि जाव आसाढी अमावासा जुत्ताति वत्तव्वं सिया ॥ ३७॥ दसमस्त पाहुडस्स छट्टै पाहुडपाहुडं समत्तं ॥१०-६॥ Page #784 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ता कहं ते सणवा आहिएति वएज्जा ? ता जया णं साविट्ठी पुण्णिमा भवइ तया णं माही अमावासा भवइ, जया णं माही पुण्णिमा भवइ तया णं साविट्ठी अमावासा भवइ, जया णं पुट्ठवई पुण्णिमा भवइ तया णं फग्गुणी अमावासा भवइ, जया णं फग्गुणी पुण्णिमा भवइ तया णं पुट्ठवई अमावासा भवइ, जया आसोई पुणमा भवतया णं चेत्ती अमावासा भवइ, जया णं चेत्ती पुण्णिमा भवइ तया णं पा० १० पा० ९ तारा० ] ७०९ सोई अमावासा भवइ, जया णं कत्तिई पुण्णिमा भवइ तया णं वेसाही अमावासा भवइ, जया णं वेसाही पुण्णिमा भवइ तया णं कत्तिया अमावासा भवइ, जया णं मग्गसिरी पुण्णिमा भवइ तया णं जेट्ठामूली अमावासा भवइ, जया णं जेट्ठामूली पुण्णमा भवइ तया णं मग्गसिरी अमावासा भवइ, जया णं पोसी पुण्णिमा भवइ तया णं आसाढी अमावासा भवइ, जया णं आसाढी पुण्णिमा भवइ तथा णं पोसी अमावासा भवइ ॥ ३८ ॥ दसमस्स पाहुडस्स सत्तमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०७ ॥ ता कहते णक्खत्तसंठिई आहितेति वएज्जा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभीईणक्खत्ते किंसंठिए पण्णत्ते ? ता गोसीसावलिसंठिए पण्णत्ते, ता सवणे णक्खत्ते किंसंठिए पण्णत्ते ? ता काहारसंठिए प०, धणिट्ठाणक्खत्ते सउणिपलीणगसंठिए, सयभिसयाणक्खत्ते पुप्फोवयार संठिए, पुव्वापोट्ठवयाणक्खत्ते अवड्ढवासिंठिए, एवं उत्तरावि, रेवईणक्खत्ते णावासंठिए, अस्सिणीणक्खत्ते आसक्खंधसंठिए, भरणीणक्खत्ते भगसंठिए, कत्तियाणक्खत्ते छुरघरगसंठिए, रोहिणीणक्खत्ते सगडुद्धिसंठिए, मिगसिराणक्खत्ते मिगसीसावलिसंठिए, अद्दाणक्खत्ते रुहिरबिंदुसंठिए, पुणव्वसूणक्खत्ते तुलासंठिए, पुप्फे णक्खत्ते वद्धमाणसंठिए, अस्सेसाणक्खत्ते पडागसंठिए, महाणक्खत्ते पागारसंठिए, पुव्वा फग्गुणीणक्खत्ते अद्धपलियंकसंठिए, एवं उत्तरावि, हत्थे णक्खत्ते हत्थसंठिए, चित्ताणक्खत्ते मुहफुल्लसंठिए, साईणक्खत्ते खीलगसंठिए, विसाहाणक्खत्ते दामणिसंठिए, अणुराहाणक्खत्ते एगावलिसंठिए, जेाणक्खत्ते गयदंतसंठिए, मूले णक्खत्ते विच्छुयलंगोलसंठिए, पुव्वासाढाणक्खत्ते गयविक्कमसंठिए, उत्तरासाढाणक्खत्ते साइयसंठिए प० ॥ ३९ ॥ दसमस्स पाहुडस्स अट्ठमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-८॥ ता कहं ते तारग्गे आहिएति वएज्जा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभीणक्खत्ते कइतारे १० ? ता तितारे पण्णत्ते, सवणे णक्खत्ते तितारे, वणिट्ठाणक्खत्ते पणतारे, सयभिसयाणक्खत्ते सयतारे, पुण्वापोट्ठवयाणक्खत्ते दुतारे, एवं उत्तरावि, रेवई० बत्तीसइतारे, अस्सिणीणक्खत्ते तितारे, भरणी तितारे, कत्तिया छतारे, Page #785 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती रोहिणी पंचतारे, मिगसिरे तितारे, अद्दा एगतारे, पुणव्वसू पंचतारे, पुस्से तितारे, अस्सेसा छत्तारे, महा सत्ततारे, पुव्वाफग्गुणी दुतारे, एवं उत्तरावि, हत्थे पंचतारे, चित्ता एगतारे, साई एगतारे, विसाहा पंचतारे, अणुराहा चउतारे, जेट्ठा तितारे, मूले एगतारे, पुव्वासाढा चउतारे, उत्तरासाढा चउत्तारे ॥ ४० ॥ दसमस्स पाहुडस्स णवम पाहुडपाहुडं समत्तं ॥१०-९॥ ता कहं ते णेया आहितेति वएजा ? ता वासाणं पढमं मासं कइ णक्खत्ता णेति ? ता चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तंजहा-उत्तरासाढा अभिई सवणो धणिट्ठा, उत्तरासाढा चोद्दस अहोरत्ते णेइ, अभिई सत्त अहोरत्ते णेइ, सवणे अट्ठ अहोरत्ते णेइ, धणिट्ठा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पायाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता वासाणं दोच्चं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता चत्तारि णक्खत्ता 0ति, तंजहा-धणिट्ठा सयभिसया पुवापोठुवया उत्तरापोठुवया, धणिट्ठा चोदस अहोरत्ते णेइ, सयभिसया सत्त अहोरत्ते णेइ, पुव्वापोट्टवया अट्ठ अहोरत्ते णेइ, उत्तरापोळुवया एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पयाइं अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता वासाणं तइयं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-उत्तरापोट्ठवया रेवई अस्सिणी, उत्तरापोट्टवया चोदस अहोरत्ते णेइ, रेवई पण्णरस अहोरत्ते णेइ, अस्सिणी एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमदिवसे लेहट्ठाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ, ता वासाणं चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-अस्सिणी भरणी कत्तिया, अस्सिणी चउद्दस अहोरत्ते णेइ, भरणी पण्णरस अहोरत्ते णेइ, कत्तिया एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि सोलसंगुलाए पोरिसिच्छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवइ । ता हेमंताणं पढमं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-कत्तिया रोहिणी संठाणा, कत्तिया चोदस अहोरत्ते णेइ, रोहिणी पण्णरस अहोरत्ते णेइ, संठाणा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता हेमंताणं दोच्चं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता चत्तारि णक्खत्ता ऐति, तं०-संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, संठाणा चोइस अहोरत्ते णेइ, अद्दा सत्त अहोरत्ते णेइ, पुणव्वसू अट्ठ अहोरत्ते णेइ, Page #786 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १० पा० ११ चंदमग्गा] सुत्तागमे पुस्से एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउवीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियटइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं चत्तारि पयाइं पोरिसी भवइ, ता हेमंताणं तइयं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-पुस्से अस्सेसा महा, पुस्से चोद्दस अहोरत्ते णेइ, अस्सेसा पंचदस अहोरत्ते णेइ, महा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वीसंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे प्तण्णि पयाइं अटुंगुलाई पोरिसी भवइ, ता हेमंताणं चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता णति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी, महा चोद्दस अहोरत्ते णेइ, पुव्वाफरगुणी पण्णरस अहोरत्ते णेइ, उत्तराफग्गुणी एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि सोलसअंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिण्णि पयाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी भवइ । ता गिम्हाणं पढमं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता, उत्तराफग्गुणी चोदस अहोरत्ते णेइ, हत्थो पण्णरस अहोरत्ते णेइ, चित्ता एग अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ, ता गिम्हाणं बिइयं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-चित्ता साई विसाहा, चित्ता चोइस अहोरत्ते णेइ, साई पण्णरस अहोरत्ते णेइ, विसाहा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि अटुंगुलाए पोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पयाई अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी भवइ, ता गिम्हाणं तइयं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिणक्खत्ता ऐति, तं०-विसाहा अणुराहा जेट्ठामूलो, विसाहा चोइस अहोरत्ते णेइ, अणुराहा पण्णरस०, जेट्ठामूलो एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पयाणि य चत्तारि अंगुलाणि पोरिसी भवइ, ता गिम्हाणं चउत्थं मासं कइ णक्खत्ता ऐति ? ता तिण्णि णक्खत्ता ऐति, तं०-मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा, मूलो चोइस अहोरत्ते णेइ, पुव्वासाढा पण्णरस अहोरत्ते णेइ, उत्तरासाढा एगं अहोरत्तं णेइ, तंसि च णं मासंसि वट्टाए समचउरंससंठियाए णग्गोहपरिमंडलाए सकायमणुरंगिणीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं दो पयाइं पोरिसी भवइ ॥४१॥ दसमस्स पाहुडस्स दसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१०॥ ___ता कहं ते चंदमग्गा आहितेति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं Page #787 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ७१२ [चंदपण्णत्ती सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि उत्तरेणवि पमइंपि जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि पमहंपि जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ते जे णं सया चंदस्स पमई जोयं जोएइ, ता एएसिणं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति तहेव जाव कयरे णक्खत्ते जे णं सया चंदस्स पमई जोयं जोएइ ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं जे णं णक्खत्ता सया चंदस्स दाहिणेणं जोयं जोएंति ते णं छ, तं०-संठाणा अद्दा पुस्सो अस्सेसा हत्थो मूलो, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तरापोठुवया रेवई अस्सिणी भरणी पुव्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी साई १२, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि उत्तरेणवि पमईपि जोयं जोएंति ते णं सत्त, तंजहा-कत्तिया रोहिणी पुणव्वसू महा चित्ता विसाहा अणुराहा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चंदस्स दाहिणेणवि पमइंपि जोयं जोएंति ताओ णं दो आसाढाओ सव्वबाहिरे मंडले जोयं जोएंसु वा जोएंति वा जोएस्संति वा, तत्थ जे से णक्खत्ते जे णं सया चंदस्स पमई जोयं जोएइ सा णं एगा. जेठा ॥ ४२ ॥ ता कइ ते चंदमंडला पण्णत्ता ? ता पण्णरस चंदमंडला पण्णत्ता, ता एएसि णं पण्णरसण्हं चंदमंडलाणं अत्थि चंदमंडला जे णं सया णक्खत्तेहिं अविरहिया०, अत्थि चंदमंडला जे णं रविससिणक्खत्ताणं सामण्णा भवंति, अत्थि चंदमंडला जे णं सया आइच्चेहिं विरहिया, ता एएसि णं पण्णरसण्हं चंदमंडलाणं कयरे चंदमंडला जे णं सया णक्खत्तेहिं अविरहिया जाव कयरे चंदमंडला जे णं सया आइञ्चविरहिया ? ता एएसि णं पण्णरसण्हं चंदमंडलाणं तत्थ जे ते चंदमंडला जे णं सया णक्खत्तेहिं अविरहिया ते णं अट्ठ, तंजहा-पढमे चंदमंडले तइए चंदमंडले छठे चंदमंडले सत्तमे चंदमंडले अट्ठमे चंदमंडले दसमे चंदमंडले एक्कारसमे चंदमंडले पण्णरसमे चंदमंडले, तत्थ जे ते चंदमंडला जे णं सया णक्खत्तेहिं विरहिया ते णं सत्त, तंजहा-बिइए चंदमंडले चउत्थे चंदमंडले पंचमे चंदमंडले णवमे चंदमंडले बारसमे चंदमंडले तेरसमे चंदमंडले चउद्दसमे चंदमंडले, तत्थ जे ते चंदमंडला जे णं रविससिणक्खत्ताणं सामण्णा भवंति ते णं चत्तारि, तंजहा-पढमे चंदमंडले बीए चंदमंडले इक्कारसमे चंदमंडले पण्णरसमे चंदमंडले, तत्थ जे ते चंदमंडला जे णं सया आइञ्चविरहिया ते णं पंच, तंजहा-छठे चंदमंडले सत्तमे चंदमंडले अट्ठमे चंदमंडले णवमे चंदमंडले दसमे चंदमंडले॥४३॥ दसमस्स पाहुडस्स एक्कारसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-११ ॥ Page #788 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १० पा० १५ तिहीभेया] सुत्तागमे ७१३ ता कहं ते देवयाणं अज्झयणा आहिताति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते किंदेवयाए पण्णत्ते ? ता बंभदेवयाए पण्णत्ते, सवणे० विण्हु०, धणिट्ठाणक्खत्ते वसुदेवयाए०, सयभिसयाणक्खत्ते वरुण०, पुव्वापोट्ठ० अयदे०, उत्तरापोठुवयाणक्खत्ते अभिवड्डि०, एवं सव्वेवि पुच्छिजंति, रेवई पुस्सदेवया०, अस्सिणी अस्सदेवया०, भरणी जमदेवया०, कत्तिया अग्गिदेवया०, रोहिणी पयावइदेवया०, संठाणा सोमदेवयाए०, अद्दा रुद्ददेवयाए०, पुणव्वसू अदिति०, पुस्सो बहस्सइ०, अस्सेसा सप्प०, महा पिइ०, पुव्वाफग्गुणी भग०, उत्तराफरगुणी अजम०, हत्थे सविया०, चित्ता तट्ठ०. साई वाउ०, विसाहा इंदग्गी०, अणुराहा मित्त०, जेट्ठा इंद०, मूले णिरइ०, पुव्वासाढा आउ०, उत्तरासाढा० विस्सदेवयाए पण्णत्ते ॥४४॥ दसमस्स पाहुडस्स बारसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१२ ॥ __ता कहं ते मुहुत्ताणं नामधेज्जा आहिताति वएज्जा ? ता एगमेगस्स णं अहोरत्तस्स तीसं मुहत्ता प०, तंजहा-रुद्दे सेए मित्ते वाउ सुगी(पी)ए तहेव अभिचंदे । माहिंद बलव बंभे बहुसच्चे चेव ईसाणे ॥ १॥ तढे य भावियप्पा वेसमणे वारुणे य आणंदे । विजए य वीससेणे पयावई चेव उवसामे ॥ २ ॥ गंधव्व अग्गिवेसे सयरिसहे आयवं च अममे य । अणवं भोमे रिसहे सव्वढे रक्खसे चेव ॥ ३ ॥ ४५ ॥ दसमस्स पाहुडस्स तेरसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१३॥ ता कहं ते दिवसा आहिताति वएज्जा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस दिवसा पण्णत्ता, तं०-पडिवादिवसे बिइयादिवसे जाव पण्णरसीदिवसे, ता एएसि णं पण्णरसण्हं दिवसाणं पण्णरस णामधेज्जा प०, तं०-पुव्वंगे सिद्धमणोरमे य तत्तो मणोरहे(हरे) चेव । जसभद्दे य जसोधर य सव्वकामसमिद्धे ॥१॥ इंदमुद्धाभिसित्ते य सोमणस धणंजए य बोद्धव्वे । अत्थसिद्ध अभिजाए अच्चसणे सयंजए चेव ॥ २ ॥ अग्गिवेसे उवसमे दिवसाणं णामधेज्जाइं । ता कहं ते राईओ आहिताति वएज्जा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस राईओ पण्णत्ताओ, तंजहा-पडिवाराई बिइयाराई जाव पण्णरसीराई, ता एयासि णं पण्णरसण्हं राईणं पण्णरस णामधेजा पण्णत्ता, तं०-उत्तमा य सुणक्खत्ता, एलावच्चा जसोधरा। सोमणसा चेव तहा सिरिसंभूया य बोद्धव्वा ॥१॥ विजया य वेजयंति जयंति अपराजिया य इच्छा य। समाहारा चेव तहा तेया य तहा य अइतेया ॥ १ ॥ देवाणंदा णिरई रयणीणं णामधेजाई ॥ ४६ ॥ दसमस्स पाहुडस्स चउद्दसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१४॥ ता कहं ते तिही आहितेति वएज्जा ? तत्थ खल्लु इमा दुविहा तिही पण्णत्ता, Page #789 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७१४ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती तंजहा-दिवसतिही य राईतिही य, ता कहं ते दिवसतिही आहितेति वएज्जा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस २ दिवसतिही पण्णत्ता, तं०-णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पंचमी पुणरवि गंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स दसमी पुणरवि गंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पण्णरसी, एवं ते तिगुणा तिहीओ सव्वेसिं दिवसाणं, ता कहं ते राईतिही आहितेति वएजा ? ता एगमेगस्स णं पक्खस्स पण्णरस राईतिही प०, तं०-उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा, एए तिगुणा तिहीओ सव्वासिं राईणं ॥ ४७ ॥ दसमस्स पाहुडस्स पण्णरसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१५॥ ता कहं ते गोत्ता आहिताति वएज्जा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते किंगोत्ते प० ? ता मोग्गल्लायणसगोत्ते पण्णत्ते, सवणे० संखायण०, धणिट्ठा० अग्गितावस०, सयभिसया० कण्णिलायणसगोत्ते, पुव्वापोट्ठवया० जोउकण्णियसगोत्ते, उत्तरापोठुवया० धणंजयसगोत्ते, रेवईणक्खत्ते पुस्सायणसगोत्ते, अस्सिणीणक्खत्ते अस्सायणसगोत्ते, भरणीणक्खत्ते भग्गवेससगोत्ते, कत्तियाणक्खत्ते अग्गिवेससगोत्ते, रोहिणीणक्खत्ते गोयम०, संठाणाणक्खत्ते भारदायसगोत्ते, अहाणक्खत्ते लोहिच्चायणसगोत्ते, पुणव्वसूणक्खत्ते वासिट्ठसगोत्ते, पुस्से० उमज्जायणसगोत्ते, अस्सेसाणक्खत्ते मंडव्वायणसगोत्ते, महाणक्खत्ते पिंगायणसगोत्ते, पुव्वाफग्गुणीणक्खत्ते गोवल्लायणसगोत्ते, उत्तराफरगुणीणक्खत्ते कासव०, हत्थे० कोसिय०, चित्ताणक्खत्ते दभियाणस्सगोत्ते, साईणक्खत्ते चामरच्छायणसगोत्ते, विसाहाणक्खत्ते सुंगायणसगोत्ते, अणुराहाणक्खत्ते गोलव्वायणसगोत्ते, जेठाणक्खत्ते तिगिच्छायणसगोत्ते, मूले णक्खत्ते कच्चायणसगोत्ते, पुव्वासाढाणक्खत्ते वज्झियायणसगोत्ते, उत्तरासाढाणक्खत्ते वग्घाबच्चसगोत्ते ॥ ४८ ॥ दसमस्स पाहुडस्स सोलसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१६॥ ___ता कहं ते भोयणा आहिताति वएजा ? ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कत्तियाहिं दहिणा भोच्चा कजं साधेति, रोहिणीहिं मुग्गं भोच्चा कजं साधेति, संठाणाहिं कत्थूरिं भोच्चा कजं साधेति, अद्दाहिं णवणीएण भोच्चा कजं साधेति, पुणव्वसुणा घएण भोच्चा कज्जं साधेति, पुस्सेणं खीरेण भोच्चा कजं साधेति, अस्सेसाए णालिऐरं भोच्चा कजं साधेति, महाहिं कसोति भोच्चा कजं साधेति, पुव्वाहिं फग्गुणीहिं एलाफैलं भोच्चा कजं साधेति, उत्तराफरगुणीहिं दुद्धणं भोच्चा कजं साधेति, १ पके हुए मूंग, २ नारियलकी गिरी, ३ खाद्यविशेष, ४ आबजोश इलायची। Page #790 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १० पा० २० संवच्छरा] सुत्तागमे ७१५ हत्थेणं वत्थाणीएणं भोचा कजं साधेति, चित्ताहिं मुग्गसूवेणं भोचा कजं साधेति, साइणा फलोइं भोच्चा कजं साधेति, विसाहाहिं आसित्तियाओ भोच्चा कजं साधेति, अणुराहाहिं मिस्साकूर भोच्चा कजं साधेति, जेट्ठाहिं लट्ठिएणं भोच्चा कजं साधेति, मूलेणं मूलगेणं भोच्चा कजं साधेति, पुव्वाहिं आसाढाहिं आमलगं भोच्चा कजं साधेति, उत्तराहिं आसाढाहिं बिल्लफैलेहिं [णिम्मियं] भोच्चा कजं साधेति, अभीइणा पुप्फेहिं [निम्मियं] भोच्चा कजं साधेति, सवणेणं खीरेणं भोच्चा कजं साधेति, धणिवाहिं जूसेणं भोच्चा कजं साधेति, सयभिसयाए तुवराउ भोच्चा कजं साधेति, पुव्वाहिं पुठ्ठवयाहिं कारियल्लएहिं भोच्चा कजं साधेति, उत्तरापुट्ठवयाहिं वंसरोयणं भोच्चा कजं साधेति, रेवईहिं सिंघाडगं भोच्चा कजं साधेति, अस्सिणीहिं तित्तफलं भोच्चा कजं साधेति, भरणीहिं तिलतंडुलयं भोच्चा कजं साधेति ॥ ४९ ॥ दसमस्स पाहुडस्स सत्तरसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१७ ॥ __ता कहं ते चारा आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमे दुविहा चारा पण्णत्ता, तं०-आइञ्चचारा य चंदचारा य, ता कहं ते चंदचारा आहिताति वएज्जा ? ता पंच संवच्छरिए णं जुगे अभीइणक्खत्ते सत्तसहिचारे चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, सवणे णक्खत्ते सत्तसद्विचारे चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ, एवं जाव उत्तरासाढाणक्खत्ते सत्तसद्विचारे चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ । ता कहं ते आइञ्चचारा आहितेति वएजा ? ता पंच संवच्छरिए णं जुगे अभीईणक्खत्ते पंचचारे सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ, एवं जाव उत्तरासाढाणक्खत्ते पंचचारे सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ ॥ ५० ॥ दसमस्स पाहुडस्स अट्ठारसमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१८॥ ता कहं ते मासा आहिताति वएज्जा? ता एगमेगस्स णं संवच्छरस्स बारस मासा पण्णत्ता, तेसिं च दुविहा णामधेजा पण्णत्ता, तं०-लोइया य लोउत्तरिया य, तत्थ लोइया णामा०, तं०-सावणे भद्दवए आसोए जाव आसाढे, लोउत्तरिया णामा०, तं०-अभिणंदे पइढे य, विजए पीइवद्धणे । सेज्जंसे य सिवे यावि, सिसिरेवि य हेमवं ॥ १॥ णवमे वसंतमासे, दसमे कुसुमसंभवे । एक्कारसमे णिदाहो, वणविरोही य बारसे ॥ २ ॥ ५१ ॥ दसमस्स पाहुडस्स एगूणवीसइमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-१९॥ ता कहं ते संवच्छरा आहिताति वएज्जा ? ता पंच संवच्छरा आहिताति वएजा, __ १ खाद्यविशेष, २ त्रिफला, ३ खाद्यविशेष, ४ खाद्यविशेष, ५ शाकविशेष, ६ बेलफलका मुरब्बा, ७ गुलकंद, ८ करेले का शाक, ९ वंशलोचन, १० सूखा सिंघाडा, ११ त्रिकुटा सोंठ-काली मिर्च-पीपल । Page #791 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती तं०-णक्खत्तसंवच्छरे जुगसंवच्छरे पमाणसंवच्छरे लक्खणसंवच्छरे सणिच्छरसंवच्छरे ॥ ५२ ॥ ता णक्खत्तसंवच्छरे णं कइविहे प० ? ता णक्खत्तसंवच्छरे णं दुवालसविहे पण्णत्ते, तं०-सावणे भद्दवए जाव आसाढे, जं वा बहस्सइमहग्गहे दुवालसहिं संवच्छरेहिं सव्वं णक्खत्तमंडलं समाणेइ ॥ ५३ ॥० ता जुगसंवच्छरे णं पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-चंदे चंदे अभिवड्डिए चंदे अभिवडिए चेव, ता पढमस्स णं चंदसंवच्छरस्स चउवीसं पव्वा प०, दोच्चस्स णं चंदसंवच्छरस्स चउवीसं पव्वा प०, तच्चस्स णं अभिवड्डियसंवच्छरस्स छव्वीसं पव्वा प०, चउत्थस्स णं चंदसंवच्छरस्स चउवीसं पव्वा प०, पंचमस्स णं अभिवड्डियसंवच्छरस्स छव्वीसं पव्वा पण्णत्ता, एवामेव सपुव्वावरेणं पंचसंवच्छरिए जुगे एगे चउवीसे पव्वसए भवतीति मक्खायं ॥ ५४ ॥० ता पमाणसंवच्छरे णं पंचविहे प०, तंजहा-णक्खत्ते चंदे उडू आइच्चे अभिवड्डिए ॥ ५५ ॥० ता लक्खणसंवच्छरे णं पंचविहे प०, तं०-समगं णक्खत्ता जोयं जोएंति समगं उऊ परिणमंति । णचुण्ह णाइसीए बहुउदए होइ णक्खत्ते ॥ १॥ ससि समग पुण्णिमासिं जोइंता विसमचारिणक्खत्ता । कडुओ बहूदओ य तमाहु संवच्छरं चंदं ॥ २ ॥ विसमं पवालिणो परिणमंति अणुऊसु दिति पुप्फफलं । वासं न सम्म वासइ तमाहु संवच्छरं कम्मं ॥ ३ ॥ पुढविदगाणं च रसं पुप्फफलाणं च देइ आइच्चे । अप्पेणवि वासेणं सम्मं निप्फज्जए सस्सं ॥४॥ आइच्चतेयतविया खणलवदिवसा उऊ परिणमंति । पूरेइ णिण्णथलए तमाहु अभिवड्डियं जाण ॥ ५ ॥० ता सणिच्छरसंवच्छरे णं अट्ठावीसइविहे प०, तं०-अभीई सवणे जाव उत्तरासाढा, जं वा सणिच्छरे महग्गहे तीसाए संवच्छरेहि सव्वं णक्खत्तमंडलं समाणेइ ॥ ५६ ॥ दसमस्स पाहुडस्स वीसइमं पाहुङपाहुडं समत्तं ॥ १०-२०॥ ___ता कहं ते जोइसस्स दारा आहिताति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता कत्तियाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता महाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता धणिट्ठाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता अस्सिणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता भरणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता० ५। तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता कत्तियाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसु-तं०कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो अस्सेसा, महाइया णं सत्त णक्खत्ता Page #792 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा०१० पा० २१ पंचमपडिवत्ती] सुत्तागमे ७१७ दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी हत्थो चित्ता साई विसाहा, अणुराहाइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहाअणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभिई सवणो, धणिट्ठाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्टवया रेवई अस्सिणी भरणी । तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता महाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसु-तंजहा-महा पुव्वाफरगुणी हत्थो चित्ता साई विसाहा, अणुराहाइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-अणुराहा जेट्ठा मूले पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभिई सवणे, धणिट्ठाइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्ठवया रेवई अस्सिणी भरणी, कत्तियाझ्या णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो अस्सेसा । तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता धणिट्ठाइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसुतंजहा-धणिठ्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभवया रेवई अस्सिणी भरणी, कत्तियाइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो अस्सेसा, महाइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता साई विसाहा, अणुराहाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभीई सवणो । तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अस्सिणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता ते एवमाहंसु-तंजहा-अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू , पुस्साइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-पुस्सा अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता, साईआइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तंजहा-साई विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा, अभीईआइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभवया रेवई । तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता भरणीआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया पण्णत्ता, ते एवमाहंसु-तंजहा-भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, अस्सेसाइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तंजहा-अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता साई, विसाहाइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तं०-विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभिई, सवणाइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, Page #793 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७१८ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती तं०-सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्टवया रेवई अस्सिणी, एए एवमाहंसु, वयं पुण एवं वयामो-ता अभिईआइया णं सत्त णक्खत्ता पुव्वदारिया प०, तंजहा-अभिई सवणो धणिट्ठा सयभिसया पुव्वापोठुवया उत्तरापोट्ठवया रेवई, अस्सिणीआइया णं सत्त णक्खत्ता दाहिणदारिया पण्णत्ता, तं०-अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुणव्वसू , पुस्साइया णं सत्त णक्खत्ता पच्छिमदारिया पण्णत्ता, तं०-पुस्सो अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता, साईआइया णं सत्त णक्खत्ता उत्तरदारिया पण्णत्ता, तं०-साई विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूले पुव्वासाढा उत्तरासाढा ॥ ५७ ॥ दसमस्स पाहुडस्स एकवीसइमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥१०-२१॥ ता कहं ते णक्खत्तविजए आहिएति वएज्जा ? ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ जाव परिक्खेवेणं०, ता जंबुद्दीवे णं दीवे दो चंदा पभासेंसु वा पभासेंति वा पभासिस्संति वा, दो सूरिया तर्विसु वा तवेंति वा तविस्संति वा, छप्पण्णं णक्खत्ता जोयं जोएंसु वा ३, तंजहा-दो अभीई दो सवणा दो धणिट्ठा दो सयभिसया दो पुव्वापोट्ठवया दो उत्तरापोहवया दो रेवई दो अस्सिणी दो भरणी दो कत्तिया दो रोहिणी दो संठाणा दो अद्दा दो पुणव्वसू दो पुस्सा दो अस्सेसाओ दो महा दो पुव्वाफरगुणी दो उत्तराफरगुणी दो हत्था दो चित्ता दो साई दो विसाहा दो अणुराहा दो जेट्ठा दो मूला दो पुव्वासाढा दो उत्तरासाढा, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्खत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं पण्णरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं तीसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं पण्णरसमुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, कयरे णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति? ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पण्णरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-दो सयभिसया दो भरणी दो अद्दा दो अस्सेसा दो साई दो जेट्ठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं तीसं, तंजहा-दो सवणा दो Page #794 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १० पा० २२ सीमाविक्खंभो] सुत्तागमे धणिट्ठा दो पुव्वाभद्दवया दो रेवई दो अस्सिणी दो कत्तिया दो संठाणा दो पुस्सा दो महा दो पुव्वाफग्गुणी दो हत्था दो चित्ता दो अणुराहा दो मूला दो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-दो उत्तरापोट्ठवया दो रोहिणी दो पुणव्वसू दो उत्तराफरगुणी दो विसाहा दो उत्तरासाढा, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरिएण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसं च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारसमुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, अत्थि णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जे णं तं चेव उच्चारेयव्वं, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एकवीसं च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-दो सयभिसया दो अद्दा दो अस्सेसा दो साई दो विसाहा दो जेठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारसमुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं तीसं, तंजहा-दो सवणा जाव दो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण साद्धं जोयं जोएंति ते णं बारस, तंजहा-दो उत्तरापोट्ठवया जाव दो उत्तरासाढा ॥ ५८ ॥ ता कहं ते सीमाविक्खंभे आहिएति वएज्जा ? ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं अत्थि णक्खत्ता जेसि णं छ सया तीसा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, अत्थि णक्खत्ता जेसि णं सहस्सं पंचोत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, अत्थि णक्खत्ता जेसि णं दो सहस्सा दसुत्तरा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, अत्थि णक्खत्ता जेसि णं तिसहस्सं पंचदसुत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो, ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता जेसि णं छ सया तीसा तं चेव उच्चारेयव्वं जाव कयरे णक्खत्ता जेसि णं तिसहस्सं पंचदसुत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ? ता एएसि ण छप्पण्णाए णक्खत्ताणं तत्थ जे ते णक्खत्ता जेसि णं छ सया तीसा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं दो अभीई, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेसि णं सहस्सं पंचुत्तरं सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं बारस, तंजहा-दो सयभिसया जाव दो जेट्ठा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेसि णं दो सहस्सा दसुत्तरा सत्तट्ठिभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं तीसं, तंजहा-दो सवणा Page #795 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२० सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती जाव दो पुव्वासाढा, तत्थ जे ते णक्खत्ता जेसि णं तिण्णि सहस्सा पण्णरसुत्तरा सत्तद्विभागतीसइभागाणं सीमाविक्खंभो ते णं बारस, तं०-दो उत्तरापोट्टवया जाव दो उत्तरासाढा ॥ ५९ ॥ ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं किं सया पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, किं सया सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, किं सया दुहओ पविसिय २ चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ? ता एएसि णं छप्पण्णाए णक्खत्ताणं ण किमवि तं जं सया पाओ चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, णो सया सायं चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, णो सया दुहओ पविसित्ता २ चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति, णत्थि राइंदियाणं वुड्ढोवुड्डीए मुहुत्ताणं च चओवचएणं णण्णत्थ दोहिं अभीईहिं, ता एएणं दो अभीई पायंचिय पायंचिय चोत्तालीसं २ अमावासं जोएंति, णो चेव णं पुण्णिमासिणिं ॥ ६० ॥ तत्थ खलु इमाओ बावडिं पुण्णिमासिणीओ बावडिं अमावासाओ पण्णत्ताओ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदे चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणि जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे पढमं पुण्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चं पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदे पढमं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउवीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे दोचं पुण्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि गं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदो दोच्चं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे तच्चं पुण्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दुवालसमं पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदे तचं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दोण्णि अट्ठासीए भागसए उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे दुवालसमं पुण्णिमासिणि जोएइ, एवं खलु एएणुवाएणं ताओ २ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता तंसि २ देसंसि तं तं पुण्णिमासिणिं चंदे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणिं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंबुद्दीवस्स णं० पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणिलंसि चउब्भागमंडलंसि सत्तावीसं चउभागे उवाइणावेत्ता अट्ठावीसइभागे वीसहा छेत्ता अट्ठारसभागे उवाइणावेत्ता तिहिं भागेहिं दोहि य कलाहिं पच्चस्थिमिलं चउ Page #796 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या० १० पा० २२ चंद० अमावास०] सुत्तागमे भागमंडलं असंपत्ते एत्थ णं से चंदे चरिमं बावट्ठि पुण्णिमा सिणिं जोएइ ॥ ६१ ॥ ता एएसि णं पंचहं संवच्छराणं पढमं पुष्णिमासिणि सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि सूरे चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणवई भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरिए पढमं पुणिमा सिणि जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोचं पुण्णिमासिणिं सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि सूरे पढमं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुणिमा सिणिट्ठाणाओ मंडलं चउवीसेणं सएणं छेत्ता दो चउणवइभागे उवाइणावेत्ता एत्थ से सूरे दो पुण्णिमासिणि जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं पुणिमा सिणि सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि सूरे दो पुण्णिमासिणि जोएइ ताओ पुण्णिमा सिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चरणउ भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे तच्चं पुष्णिमासिणिं जोएइ, ता एएसि णं पंच संवच्छराणं दुवालसमं पुष्णिमासिणि सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि सूरे तच्चं पुण्णिमा सिणि जोएइ ताओ पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सणं छेत्ता अट्ठछत्ताले भागसए उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे दुवालसमं पुण्णमासिणिं जोएइ, एवं खलु एएणुवाएणं ताओ २ पुष्णिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणउइ २ भागे उवाइणावेत्ता तंसि २ देसंसि तं तं पुण्णिमा सिणि सूरे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावहिं पुष्णिमासिणिं सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंबुद्दीवस्स णं० पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता पुरच्छिमिलंसि चउभागमंडलंसि सत्तावीसं भागे उवाइणावेत्ता अट्ठावीसइमं भागं वीसहा छेत्ता अट्ठारसभागे उवाइणावेत्ता तिहिं भागेहिं दोहि य कलाहिं दाहिणिलं चउभागमंडलं असंपत्ते एत्थ णं सूरे चरिमँ बाट्ठि पुणिमंजोएइ ॥ ६२ ॥ ता एएसि णं पंचन्हं संवच्छराणं पढमं अमावासं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदे चरिमबावट्ठि अमावासं जोएइ ताओ अमावासद्वाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दुबत्तीसं भागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से चंदे पढमं अमावासं जोएइ, एवं जेणेव अभिलावेणं चंदस्स पुण्णिमासिणीओ० तेणेव अभिलावेणं अमावासाओवि भाणियव्वाओ - बिइया तइया दुवालसमी, एवं खलु एएणुवाएणं ताओ २ अमावासद्वाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सणं छेत्ता दुबत्तीसं २ भागे उवाइणावेत्ता तंसि २ देसंसि तं तं अमावासं ० चंदे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावट्ठि अमावासं चंदे कंसि देसंसि जोइ ? ता जंसि णं देसंसि चंदे चरिमं बावहिं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ ४६ सुत्ता० ७२१ Page #797 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२२ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती पुण्णिमासिणिट्ठाणाओ मडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता सोलसभागे उक्कोवइत्ता एत्थ णं से चंदे चरिमं बावहिँ अमावासं जोएइ ॥ ६३ ॥ ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं अमावासं सूरे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंसि णं देसंसि सूरे चरिमं बावर्हि अमावासं जोएइ ताओ अमावासट्टाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणउइभागे उवाइणावेत्ता एत्थ णं से सूरे पढमं अमावासं जोएइ, एवं जेणेव अभिलावेणं सूरियस्स पुण्णिमासिणीओ० तेणेव अमावासाओवि०, तंजहा-बिइया तइया दुवालसमी, एवं खलु एएणुवाएणं ताओ अमावासट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता चउणउई २ भागे उवाइणावेत्ता तंसि २ देसंसि तं २ अमावासं० सरे जोएइ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावहिँ अमावासं पुच्छा, ता जंसि णं देसंसि सूरे चरिमं बावडिं पुण्णिमासिणिं जोएइ ताओ पुणिमासिणिट्ठाणाओ मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता सत्तालीसं भागे उक्कोवइत्ता एत्थ णं से सूरे चरिमं बावडिं अमावासं जोएइ॥६४॥ ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं पुण्णमासिणिं चंदे केणं णक्खत्तेणं (जोयं) जोएइ ? ता धणिवाहि, धणिट्ठाणं तिण्णि मुहुत्ता एगूणवीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता पण्णढिं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरिए केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुव्वाफग्गुणीहिं, पुव्वाफग्गुणीणं अट्ठावीसं मुहुत्ता अद्वतीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता दुबत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चं पुण्णिमासिाणं चंदे केणं णक्खत्तणं जोएइ ? ता उत्तराहिं पोट्ठवयाहिं, उत्तराणं पोट्टवयाणं सत्तावीसं मुहुत्ता चोड्स य बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावडिं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं फरगुणीहिं, उत्तराफरगुणीणं सत्त मुहुत्ता तेत्तीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता एकवीसं चुणियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं पुण्णिमासिणिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अस्सिणीहिं, अस्सिणीणं एकवीसं मुहुत्ता णव य एगठ्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेवहिँ चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता चित्ताहिं, चित्ताणं एको मुहुत्तो अठ्ठावीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तीसं चुण्णियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दुवालसमं पुण्णिमासिणिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं छदुवीसं मुहुत्ता छदुवीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता चउप्पण्णं चुण्णियाभागा सेसा,, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स सोलसमु Page #798 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२३ पा० १० पा० २२ चंद० णक्खत्त०] सुत्तागमे हुत्ता अट्ठय बावट्ठभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता वीसं चुण्णियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावट्ठि पुण्णिमासिणिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरमसमए, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुस्सेणं, पुस्सस्स एगूणवीसं मुहुत्ता तेयालीसं च बावट्टिभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा ॥ ६५ ॥ ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अस्सेसाहिं, अस्सेसाणं एक्के मुहुत्ते चत्तालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावहिं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अस्सेसाहिं चेव, अस्सेसाणं एक्को मुहुत्तो चत्तालीसं च बावट्टिभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावहिं चुण्णियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोचं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं फग्गुणीहिं, उत्तराणं फग्गुणीणं चत्तालीसं मुहुत्ता पणती बावट्टिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता पण्णद्धिं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं चेव फग्गुणीहिं, उत्तराणं फग्गुणीणं जहेव चंदस्स । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तचं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता हत्थेणं, हत्थस्स चत्तारि मुहुत्ता तीसं च बावट्ठभागा मुहुत्तस्स बावट्टिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावट्ठि चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता हत्थेणं चेव, हत्थस्स जहा चंदस्स, ता एएसि णं पंचहं संवच्छराणं दुवालसमं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अद्दाहिं, अद्दाणं चत्तारि मुहुत्ता दस य बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्टिभागं च सत्तहा छेत्ता चप्पण्णं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अद्दाहिं चेव, अद्दाणं जहा चंदस्स । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चरिमं बावहिं अमावासं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स बावीसं मुहुत्ता बायालीसं च बासट्ठिभागा मुहुत्तस्स सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा चेव, पुणव्वसुस्स णं जहा चंदस्स ॥ ६६ ॥ ताजे अज्जणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि सेणं इमाई अट्ठ एगूणवीसाईं मुहुत्त - सयाईं चउवीसं च बावद्विभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बावहिं चुणियाभागे उवाइणावेत्ता पुणरवि से चंदे अण्णेणं सरिसएणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ अण्णंसि देसंसि, ता जेणं अज्जणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि सेणं इमाई सोस अट्ठत्तीसे मुहुत्तसयाई अउणापण्णं च बावद्विभागे मुहुत्तस्स बावट्टिभागं Page #799 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२४ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती च सत्तट्ठिहा छेत्ता पण्णहिँ चुण्णियाभागे उवाइणावेत्ता पुणरवि से णं चंदे तेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ अण्णंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जसि देसंसि से णं इमाई चउप्पण्णमुहुत्तसहस्साइं णव य मुहुत्तसयाई उवाइणावेत्ता पुणरवि से चंदे अण्णेणं तारिसएणं चेव. जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं चंदे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं एगं लक्खं णव य सहस्से अट्ठ य मुहुत्तसए उवाइणावेत्ता पुणरवि से चंदे तेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तणं सूरे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं तिण्णि छावट्ठाई राइंदियसयाइं उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरिए अण्णेणं तारिसएणं चेव णक्खत्तणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं सूरे जोयं जोएइ तंसि देसंसि से णं इमाई सत्तदुवीसं राइंदियसयाइं उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरे तेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं सूरे जोयं जोएइ जंसि देसंसि से णं इमाइं अट्ठारस वीसाइं राइंदियसयाइं उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरे अण्णेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि, ता जेणं अजणक्खत्तेणं सूरे जोयं जोएइ जंसि देसंसि तेणं इमाइं छत्तीसं सट्ठाइं राइंदियसयाई उवाइणावेत्ता पुणरवि से सूरे तेणं चेव णक्खत्तेणं जोयं जोएइ तंसि देसंसि ॥ ६७ ॥ ता जया णं इमे चंदे गइसमावण्णए भवइ तया णं इयरेवि चंदे गइसमावण्णए भवइ, जया णं इयरे चंदे गइसमावण्णए भवइ तया णं इमेवि चंदे गइसमावण्णए भवइ, ता जया णं इमे सूरिए गइसमावण्णे भवइ तया णं इयरेवि सूरिए गइसमावण्णे भवइ, जया णं इयरे सूरिए गइसमावण्णे भवइ तया णं इमेवि सूरिए गइसमावण्णे भवइ, एवं गहेवि णक्खत्तेवि, ता जया णं इमे चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ तया णं इयरेवि चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ, जया णं इयरे चंदे जुत्ते जोगेणं भवइ तया णं इमेवि चंदे - जुत्ते जोगेणं भवइ, एवं सूरेवि गहेवि णक्खत्तेवि, सयावि णं चंदा जुत्ता जोगेहिं सयावि णं सूरा जुत्ता जोगेहिं सयावि णं गहा जुत्ता जोगेहिं सयावि णं णक्खत्ता जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं चंदा जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं सूरा जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं गहा जुत्ता जोगेहिं दुहओवि णं णक्खत्ता जुत्ता जोगेहि, मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउयाए सएहिं छेत्ता । इच्चेस णक्खत्ते खेत्तपरिभागे णक्खत्तविजए पाहुडेति आहिएत्ति-बेमि ॥ ६८ ॥ दसमस्स पाहुडस्स बावीसइमं पाहुडपाहुडं समत्तं ॥ १०-२२ ॥ दसमं पाहुडं समत्तं ॥ १०॥ ता कहं ते संवच्छराणाई आहिएति वएजा ? तत्थ खलु इमे पंच संवच्छरा पण्णत्ता, तंजहा-चंदे २ अभिवड्डिए चंदे अभिवड्डिए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छ Page #800 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा०११ च० ० पजवसाणपुच्छा] सुत्तागमे ७२५ राणं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएजा ? ता जे णं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स पज्जवसाणे से णं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं पज्जवसिए आहिएति वएज्जा ? ता जे णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स आई से णं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं (जोगं) जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं छदुवीसं मुहुत्ता छदुवीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता चउप्पण्णं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स सोलस मुहुत्ता अट्ठ य बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता वीसं चुण्णियाभागा सेसा । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएज्जा ? ता जे णं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स पजवसाणे से णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं पज्जवसिए आहिएति वएज्जा ? ता जे णं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स आई से णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुव्वाहिं आसाढाहिं, पुव्वाणं आसाढाणं सत्त मुहुत्ता तेवण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता इगतालीसं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं [जोयं] जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स णं बायालीसं मुहुत्ता पणतीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता सत्त चुण्णियाभागा सेसा । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएज्जा ? ता जे णं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स पज्जवसाणे से णं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं पज्जवसिए आहिएति वएजा ? ता जे णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स आई से णं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं तेरस मुहुत्ता तेरस य बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता सत्तावीसं च चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स दो मुहुत्ता छप्पण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता सट्ठी चुणियाभागा सेसा । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएज्जा ? ता जे णं तच्चस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स पजवसाणे से णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं Page #801 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७२६ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती पज्जवसिए आहिएति वएज्जा ? ता जे णं चरिमस्स अभिवडियसंवच्छरस्स आई से णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चत्तालीसं मुहुत्ता चत्तालीसं च बासट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता चउसट्ठी चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुणव्वसुणा, पुणव्वसुस्स अउणतीसं मुहुत्ता एकवीसं बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता सीयालीसं चुणियाभागा सेसा । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स के आई आहिएति वएज्जा ? ता जे णं चउत्थस्स चंदसंवच्छरस्स पज्जवसाणे से णं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स आई अणंतरपुरक्खडे समए, ता से णं किं पजवसिए आहिएति वएज्जा ? ता जे णं पढमस्स चंदसंवच्छरस्स आई से णं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स पज्जवसाणे अणंतरपच्छाकडे समए, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं. चरमसमए, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुस्सेणं, पुस्सस्स णं एकवीसं मुहुत्ता तेयालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा ॥ ६९ ॥ एकारसमं पाहुडं समत्तं ॥ ११॥ ता कइ णं संवच्छरा आहिताति वएज्जा ? तत्थ खलु इमे पंच संवच्छरा पण्णत्ता, तंजहा-णक्खत्ते चंदे उडू आइच्चे अभिवड्डिए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमस्स णक्खत्तसंवच्छरस्स णक्खत्तमासे तीसइमुहुत्तेणं अहोरत्तेणं मिज्जमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता सत्तावीसं राइंदियाइं एकवीसं च सत्तट्ठिभागा राइंदियस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता अट्ठसए एगूणवीसे मुहुत्ताणं सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा णक्खत्ते संवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा? ता तिणि सत्तावीसे राइंदियसए एक्कावण्णं च सत्तट्ठिभागे राइंदियस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा? ता णन मुहुत्तसहस्सा अट्ट य बत्तीसे मुहुत्तसए' छप्पण्णं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा। ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चस्स चंदसंवच्छरस्स चंदे मासे तीसइमुहुत्तेणं अहोरत्तेणं गणिजमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता एगूणतीसं राइंदियाई बत्तीसं बावट्ठिभागा राइंदियस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्त Page #802 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १२ णोजुगराइंदि० पुच्छा] सुत्तागमे ७२७ गेणं आहिएति वएज्जा ? ता अट्ठपंचासए मुहुत्ते तेत्तीसं च छावट्ठिभागे मुहत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा चंदे संवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा ? ता तिण्णि चउप्पण्णे राइंदियसए दुवालस य बावट्ठिभागा राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता दस मुहुत्तसहस्साइं छच्च पणवीसे मुहुत्तसए पण्णासं च बावट्ठिभागे मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा। ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चस्स उडुसंवच्छरस्स उडुमासे तीसइमुहुत्तेणं० गणिजमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता तीसं राइंदियाणं राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता णव मुहुत्तसयाई मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा उडू संवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता तिण्णि सढे राइंदियसए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता दस मुहुत्तसहस्साइं अट्ठ य सयाई मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा । ता एएसि णं पंचण्हं संबच्छराणं चउत्थस्स आइच्चसंवच्छरस्स आइच्चे मासे तीसइमुहुत्तेणं अहोरत्तेणं गणिज्जमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता तीसं राइंदियाइं अवड्डभागं च राइंदियस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता णव पण्णरस मुहुत्तसए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा आइच्चे संवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता तिण्णि छावढे राइंदियसए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता दस मुहुत्तस्स सहस्साइं णव असीए मुहुत्तसए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा । ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पंचमस्स अभिवड्डियसंवच्छरस्स अभिवड्डिए मासे तीसइमुहुत्तेणं गणिज्जमाणे केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता एकतीसं राइंदियाइं एगूणतीसं च मुहुत्ता सत्तरस बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता णव एगूणसढे मुहुत्तसए सत्तरस बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा अभिवड्डियसंवच्छरे, ता से णं केवइए राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता तिणि तेसीए राइंदियसए एकवीसं च मुहुत्ता अट्ठारस बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता एकारस मुहुत्तसहस्साइं पंच य एक्कारस मुहुत्तसए अट्ठारस बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ॥ ७० ॥ ता केवइयं ते नोजुगे राइंदियग्गेणं आहिएति Page #803 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती वएज्जा ? ता सत्तरस एकाणउए राइंदियसए एगूणवीसं च मुहुत्तं सत्तावण्णे बावद्विभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता पणपण्णं चुण्णियामागे राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता तेपण्णमुहुत्तसहस्साइं सत्त य अउणापण्णे मुहुत्तसए सत्तावण्णं बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता पणपण्णं चुण्णियाभागा मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता केवइए णं ते जुगप्पत्ते राइंदियग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता अट्ठतीसं राइंदियाइं दस य मुहुत्ता चत्तारि य बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तढिहा छेत्ता दुवालस चुण्णियाभागे राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा? ता एक्कारस पण्णासे मुहुत्तसए चत्तारि य बावट्ठिभागे बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता दुवालस चुण्णियाभागे मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता केवइयं जुगे राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा? ता अट्ठारसतीसे राइंदियसए राइंदियग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ? ता चउप्पण्णं मुहुत्तसहस्साई णव य मुहत्तसयाइं मुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा, ता से णं केवइए बावट्ठिभागमुहुत्तग्गेणं आहिएति वएज्जा ? ता चउत्तीसं सयसहस्साइं अट्ठतीसं च बावट्ठिभागमुहुत्तसए बावट्ठिभागमुहुत्तग्गेणं आहिएति वएजा ॥ ७१ ॥ ता कया णं एए आइच्चचंदसंवच्छरा समाइया समपजवसिया आहितेति वएजा ? ता सहिँ एए आइञ्चमासा वावडिं एए चंदमासा, एस णं अद्धा छक्खुत्तकडा दुवालसभइया तीसं एए आइच्चसंवच्छरा एकतीसं एए चंदसंवच्छरा, तया णं एए आइच्चचंदसंवच्छरा समाइया समपजवसिया आहिताति वएजा । ता कया णं एए आइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपज्जवसिया आहितेति वएज्जा ? ता सहिँ एए आइच्चमासा एगढिं एए उडुमासा बावढिं एए चंदमासा सत्तहिँ एए णक्खत्तमासा, एस णं अद्धा दुवालसक्खुत्तकडा दुवालसभइया सहिँ एए आइच्चा संवच्छरा एगहिँ एए उडुसंवच्छरा बावहिँ एए चंदा संवच्छरा सत्तढिं एए णक्खत्ता संवच्छरा, तया णं एए आइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपज्जवसिया आहितेति वएजा । ता कया णं एए अभिवड्डियआइचउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपज्जवसिया आहितेति वएज्जा ? ता सत्तावण्णं मासा सत्त य अहोरत्ता एक्कारस य मुहुत्ता तेवीसं बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स एए अभिवड्डिया मासा सहिँ एए आइच्चमासा एगढिं एए उडुमासा बावट्ठी एए चंदमासा सत्तहिँ एए णक्खत्तमासा, एस णं अद्धा छप्पण्णसयक्खुत्तकडा दुवालसभइया सत्त सया चोत्ताला एए णं अभिवडिया संवच्छरा, सत्त सया असीया एए णं आइच्चा संवच्छरा, सत्त सया तेणउया एए णं उडुसंवच्छरा अट्ठसया छलुत्तरा Page #804 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १२ चं० पं० वा० ण.] सुत्तागमे ७२९ एए णं चंदा संवच्छरा, एकसत्तरी अट्ठसया एए णं णक्खत्ता संवच्छरा, तया णं एए अभिवड्डिया आइच्चउडुचंदणक्खत्ता संवच्छरा समाइया समपजवसिया आहितेति वएज्जा, ता णयट्ठयाए णं चंदे संवच्छरे तिण्णि चउप्पण्णे राइंदियसए दुवालस य बावट्ठिभागे राइंदियस्स आहिएति वएजा, ता अहातच्चेणं चंदे संवच्छरे तिण्णि चउप्पण्णे राइंदियसए पंच य मुहुत्ते पण्णासं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहिएति वएज्जा ॥ ७२ ॥ तत्थ खलु इमे छ उडू पण्णत्ता, तंजहा-पाउसे वरिसारत्ते सरए हेमंते वसंते गिम्हे, ता सव्वेवि णं एए चंदउडू दुवे २ मासाइ चउप्पण्णेणं २ आयाणेणं गणिज्जमाणा साइरेगाइं एगूणसहि २ राइंदियाइं राइंदियग्गेणं आहितेति वएज्जा, तत्थ खलु इमे छ ओमरत्ता पण्णत्ता, तंजहा-तइए पव्वे सत्तमे पव्वे एक्कारसमे पव्वे पण्णरसमे पव्वे एगूणवीसइमे पव्वे तेवीसइमे पव्वे, तत्थ खलु इमे छ अइरत्ता प०, तं०-चउत्थे पव्वे अट्ठमे पव्वे बारसमे पव्वे सोलसमे पव्वे वीसइमे पव्वे चउवीसइमे पव्वे । छच्चेव य अइरत्ता आइच्चाओ हवंति माणाई । छच्चेव ओमरत्ता चंदाहि हवंति माणाहिं ॥ १ ॥ ७३ ॥ तत्थ खलु इमाओ पंच वासिकीओ पंच हेमंताओ आउट्टीओ पण्णत्ताओ, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं वासिक्किं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता अभीइणा, अभीइस्स पढमसमएणं, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स एगूणवीसं मुहुत्ता तेत्तालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेत्तीसं चुणियाभागा सेसा, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोच्चं वासिक्किं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता संठाणाहिं, संठाणाणं एक्कारसमुहुत्ते ऊयालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेपण्णं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स णं तं चेव जं पढमाए, ता एएसि णं पंचण्डं संवच्छराणं तच्चं वासिक्किं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता विसाहाहिं, विसाहाणं तेरस मुहुत्ता चउप्पण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता चत्तालीसं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स तं चेव, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चउत्थं वासिक्किं आउट्टि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता रेवईहिं, रेवईणं पणवीसं मुहुत्ता बासट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता बत्तीसं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स तं चेव, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पंचमं वासिक्किं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पुव्वाहिं फरगुणीहिं, पुव्वाफग्गुणीणं बारस मुहुत्ता सत्तालीसं च बावट्ठिभागा Page #805 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३० सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती मुहत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता तेरस चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स तं चेव ॥ ७४ ॥ ता एएसिणं पंचण्हं संवच्छराणं पढमं हेमंतिं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता हत्थेणं, हत्थस्स णं पंच मुहुत्ता पण्णासं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्टिहा छेत्ता सद्धिं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं दोचं हेमंतिं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता सयभिसयाहिं, सयभिसयाणं दुण्णि मुहुत्ता अट्ठावीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता छत्तालीसं चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं हेमंतिं आउहि चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता पूसेणं, पूसस्स एगूणवीसं मुहुत्ता तेयालीसं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता तेत्तीसं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं चउत्थि हेमंतिं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता मूलेणं, मूलस्स छ मुहुत्ता अट्ठावण्णं च बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावट्ठिभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता वीसं चुणियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्वत्तेणं जोएड् ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं पंचमं हेमंतिं आउटिं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता कत्तियाहिं, कत्तियाणं अट्ठारस मुहुत्ता छत्तीसंच बावट्ठिभागा मुहुत्तस्स बावद्विभागं च सत्तट्ठिहा छेत्ता छ चुण्णियाभागा सेसा, तं समयं च णं सूरे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं, उत्तराणं आसाढाणं चरिमसमए ॥ ७५ ॥ तत्थ खलु इमे दसविहे जोए पण्णत्ते, तंजहा-वसभाणुजोए वेणुयाणुजोए मंचे मंचाइमंचे छत्ते छत्ताइछत्ते जुयणद्धे घणसंमद्दे पीणिए मंडगप्पुत्ते णामं दसमे, ता एएसि णं पंचण्हं संवच्छराणं छत्ताइच्छत्तं जोयं चंदे कंसि देसंसि जोएइ ? ता जंबुद्दीवस्स २ पाईणपडीणाययाए उदीणदाहिणाययाए जीवाए मंडलं चउव्वीसेणं सएणं छेत्ता दाहिणपुरच्छिमिल्लंसि चउभागमंडलंसि सत्तावीसं भागे उवाइणावेत्ता अट्ठावीसइभागं वीसहा छेत्ता अट्ठारसभागे उवाइणावेत्ता तिहिं भागेहिं दोहिं कलाहिं दाहिणपुरच्छिमिलं चउब्भागमंडलं असंपत्ते एत्थ णं से चंदे छत्ताइच्छत्तं जोयं जोएइ, उप्पिं चंदो मज्झे णक्खत्ते हेढा आइच्चे, तं समयं च णं चंदे केणं णक्खत्तेणं जोएइ ? ता चित्ताहिं, चरमसमए ॥ ७६ ॥ बारसमं पाहुडं समत्तं ॥१२॥ Page #806 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १३ पढमायणगयचंदो] सुत्तागमे __ता कहं ते चंदमसो वड्डोवड्डी आहितेति वएजा ? ता अट्ठ पंचासीए मुहुत्तसए तीसं च बावढिभागे मुहुत्तस्स, ता दोसिणापक्खाओ अंधयारपक्खमयमाणे चंदे चत्तारि बायालसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स जाई चंदे रजइ, तंजहापढमाए पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, चरिमसमए चंदे रत्ते भवइ, अवसेसे समए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, इयण्णं अमावासा, एत्थ णं पढमे पव्वे अमावासा, ता अंधयारपक्खो, तो णं दोसिणापक्खं अयमाणे चंदे चत्तारे बायाले मुहुत्तसए छायालीसं च बावद्विभागा मुहुत्तस्स जाई चंदे विरज्जइ, तं०-पढमाए पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, चरिमे समए चंदे विरत्ते भवइ, अवसेससमए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, इयण्णं पुण्णिमासिणी, एत्थ णं दोच्चे पव्वे पुण्णिमासिणी ॥ ७७ ॥ तत्थ खलु इमाओ बावडिं पुण्णिमासिणीओ बावढि अमावासाओ पण्णत्ताओ, बावहिं एए कसिणा रागा, बावडिं एए कसिणा विरागा, एए चउव्वीसे पव्वसए, एए चउव्वीसे कसिणरागविरागसए, जावइया णं पंचण्हं संवच्छराणं समया एगेणं चउव्वीसेणं समयसएणूणगा एवइया परित्ता असंखेजा देसरागविरागसया भवंतीति मक्खाया, ता अमावासाओ णं पुण्णिमासिणी चत्तारि बायाले मुहुत्तसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, ता पुण्णिमासिणीओ णं अमावासा चत्तारि बायाले मुहुत्तसए छत्तालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, ता अमावासाओ णं अमावासा अट्ठपंचासीए मुहत्तसए तीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएज्जा, ता पुण्णिमासिणीओ णं पुण्णिमासिणी अट्ठपंचासीए मुहुत्तसए तीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स आहितेति वएजा, एस णं एवइए चंदे मासे एस णं एवइए सगले जुगे ॥ ७८ ॥ ता चंदेणं अद्धमासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोद्दस चउब्भागमंडलाइं चरइ, एगं च चउव्वीससयभागं मंडलस्स, ता आइच्चेणं अद्धमासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता १४ १४ मंडलाइं चरइ, ता णक्खत्तेणं अद्धमासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाई चरइ, तेरस सत्तट्ठिभागं मंडलस्स, तया अवराइं खलु दुवे अट्ठगाइं जाइं चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविद्वित्ता २ चारं चरइ, कयराइं खलु ताई दुवे अट्ठगाइं जाइं चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविद्वित्ता २ चारं चरइ ? ता इमाई खलु ते बे अट्ठगाई जाई चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविट्ठित्ता २ चारं चरइ, तंजहा-णिक्खममाणे चेव अमावासंतेणं पविसमाणे चेव पुण्णिमासिंतेणं, एयाइं खलु दुवे अठ्ठगाइं जाई चंदे केणइ असामण्णगाइं सयमेव पविट्टित्ता २ चारं चरइ, ता पढमायणगए चंदे Page #807 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३२ सुत्तागमे [ चंदपण्णत्ती दाहिणाए भागाए पविसमाणे सत्त अद्धमंडलाई जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, कयराई खलु ताई सत्त अद्धमंडलाई जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ ? इमाई खलु ताई सत्त अद्धमंडलाई जाई चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, तंजहा - बिइए अद्धमंडले चउत्थे अद्धमंडले छट्ठे अद्धमंडले अट्ठमे अद्धमंडले दसमे अद्धमंडले बारसमे अद्धमंडले चउदसमे अद्धमंडले, एयाईं खलु ताईं सत्त अद्धमंडलाई जाईं चंदे दाहिणाए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, ता पढमायणगए चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे छ अद्धमंडलाई तेरस य सत्तट्टिभागाई अद्धमंडलस्स जाई चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, कयराई खलु ताई छ अद्धमंडलाई तेरस य सत्तट्ठिभागाईं अद्धमंडलस्स जाईं चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ ? इमाई खलु ताई छ अद्धमंडलाई तेरस य सत्तट्ठिभागाई अद्धमंडलस्स जाई चंदे उत्तराए भागाए पविसमा चारं चरइ, तंजहा - तइए अद्धमंडले पंचमे अद्धमंडले सत्तमे अद्धमंडले णवमे अद्धमंडले एक्कारसमे अद्धमंडले तेरसमे अद्धमंडले पण्णरसमस्स अद्धमंडलस्स तेरस सत्त भागाई, एयाई खलु ताई छ अद्धमंडलाई तेरस य सत्तट्ठिभागाईं अद्धमंडल स जाईं चंदे उत्तराए भागाए पविसमाणे चारं चरइ, एतावता य पढमे चंदाय समत्ते भवइ, ता णक्खत्ते अद्धमासे नो चंदे अद्धमासे नो चंदे अद्धमासे णक्खते अद्धमासे, ता णक्खत्ताओ अद्धमासाओ से चंदे चंदेणं अद्धमासेणं किमहियं चरइ ? ता एवं अद्धमंडलं चरइ चत्तारि य सद्विभागाईं अद्धमंडलस्स सत्तद्विभागं एगतीसाए छेत्ता णव भागाई, ता दोच्चायणगए चंदे पुरच्छिमाए भागाए णिक्खममाणे सच उप्पण्णाई जाई चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, सत्त तेरसगाईं जाई चंदे अप्पणो चिणं पचिरइ, ता दोच्चायणगए चंदे पच्चत्थिमाए भागाए णिक्खममाणे चउप्पण्णाई जाईं चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, छ तेरसगाई• चंदे अप्पणी चिण्णं पडिचरइ, अवरगाईं खलु दुवे तेरसगाईं जाईं चंदे केणइ असामण्णगाई सयमेव पविद्वित्ता २ चारं चरइ, कयराई खलु ताईं दुवे तेरसगाई जाई चंदे केणइ असामण्णगाईं सयमेव पविद्वित्ता २ चारं चरइ ? इमाई खलु ताई दुवे तेरसगाई जाई चंदो केणइ असामण्णगाई सयमेव पविद्वित्ता २ चारं चरइ, तं० - सव्वब्यंतरे चैव मंडले सव्वबाहिरे चेव मंडले, एयाई खलु ताई दुवे तेरसगाई जाई चंदे केणइ जाव चारं चरइ, एतावता दोचे चंदायणे समत्ते भवइ, ता णक्खत्ते मासे णो चंदे मासे चंदे मासे णो णक्खत्ते मासे, ता णक्खत्ते मासे चंदेणं मासेणं किं अहियं चरइ ? ता दो अद्धमंडलाई चरइ अट्ठ य सत्तट्ठिभागाईं अद्धमंडलस्स Page #808 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १४ अंधयारबहुत्तं ] सुता ७३३ सत्तद्विभागं च एकतीसहा छेत्ता अट्ठारस भागाई, ता तच्चायणगए चंदे पञ्चत्थिमाए भागाए पविसमा बाहिराणंतरस्स पच्चत्थिमिलस्स अद्धमंडलस्स ईयालीसं सत्ताभागाईं जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णं पडिचरइ, तेरस सत्तट्ठिभागाई जाई चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, तेरस सत्तट्ठिभागाईं चंदे अप्पणो परस्स चिणं पडिचरइ, एतावता बाहिराणंतरे पच्चत्थिमिले अद्धमंडले समत्ते भवइ, ता तच्चायणगए चंदे पुरच्छिमाए भागाए पविसमाणे बाहिरतच्चस्स पुरच्छिमिलस्स अद्धमंडलस्स ईयालीसं सत्तट्ठिभागाईं जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णं पडिचरइ, तेरस सत्तद्विभागाईं जाई चंदे परस्स चिण्णं पडिचरइ, तेरस सत्तट्ठिभागाईं जाई चंदे अप्पणी परस्स चिण्णं पडिचरइ, एतावताव बाहिरतचे पुरच्छिमिल्ले अद्धमंडले समत्ते भवइ, ता तच्चायणगए चंदे पच्चत्थिमाए भागाए पविसमा बाहिर उत्थस्स पच्चत्थिमिलस्स अद्धमंडलस्स अद्धसत्तट्ठिभागाईं च एकतीसहा छेत्ता अट्ठारस भागाईं जाईं चंदे अप्पणो परस्य चिण्णं पडिचरइ, एतावताव बाहिरच उत्थपञ्चत्थिमिले अद्धमंडले समत्ते भवइ । एवं खलु चंदेणं मासेणं चंदे तेरस चउप्पण्णगाईं दुवे तेरसगाईं जाई चंदे परस्स चिणं पडिचरइ, तेरस तेरसगाईं जाई चंदे अप्पणो चिण्णं पडिचरइ, दुवे ईयालीसगाईं अट्ठ सत्तट्ठिभागाईं सत्तट्टिभागं च एकतीसहा छेत्ता अट्ठारसभागाईं जाई चंदे अप्पणी परस्स य चिण्णं पडिचरइ, अवराई खलु दुवे तेरसगाईं जाई चंदे केणइ असामण्णगाईं सयमेव पविट्ठित्ता २ चारं चरइ, इश्च्चेसो चंदमासोऽभिगमणणिक्खमणवुड्ढिणिवुड्ढि अणवट्ठिय संठाण संठिई विउव्वणगिड्डिपत्ते रूवी चंदे देवे २ आहिएति वएजा ॥ ७९ ॥ तेरसमं पाहुडं समत्तं ॥ १३ ॥ ता कया ते दोसिणा बहू आहितेति वएजा ? ता दोसिणापक्खे णं दोसिणा बहू आहितेति वएज्जा, ता कहं ते दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहितेति वएज्जा ? ता अंधयारपक्खाओ णं॰ दोसिणा बहू आहिताति वएज्जा, ता कहं ते अंधयारपक्खाओ दोसणापक्खे दोसिणा बहू आहिताति वएज्जा ? ता अंवयारपक्खाओ णं दोसिणापक्खं अयमाणे चंदे चत्तारि बायाले मुहुत्तसए छत्तालीसं च बावद्विभागे मुहुत्तस्स जाई चंदे विरज्जइ, तं० - पढमाए पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, एवं खलु अंधयार पक्खाओ दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिताि वएज्जा, ता केवइया णं दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिताति वएज्जा ? ता परित्ता असंखेज्जा भागा । ता कया ते अंधयारे बहू आहिएति वएज्जा ? ता अंधयारपक्खे णं अंधयारे बहू आहिएति वएज्जा, ता कहं ते अंधयारपक्खे० बहू आहि वएज्जा ? ता दोसिणापक्खाओ णं अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएज्जा, Page #809 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती ता कहं ते दोसिणापक्खाओ अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएजा ? ता दोसिणापक्खाओ णं अंधयारपक्खं अयमाणे चंदे चत्तारि बायाले मुहुत्तसए बायालीसं च वावट्ठिभागे मुहुत्तस्स जाइं चंदे रज्जइ, तं०-पढमाए पढमं भागं बिइयाए बिइयं भागं जाव पण्णरसीए पण्णरसमं भागं, एवं खलु दोसिणापक्खाओ अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएज्जा, ता केवइए णं अंधयारपक्खे अंधयारे बहू आहिएति वएज्जा ? ता परित्ता असंखेजा भागा ॥८०॥ चोदसमं पाहुडं समत्तं ॥१४॥ ता कहं ते सिग्घगई वत्थू आहितेति वएजा ? ता एएसि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्ततारारूवाणं चंदेहितो सूरा सिग्घगई सूरेहितो गहा सिग्घगई गहेहिंतो णक्खत्ता सिग्धगई णक्खत्तेहिंतो तारा० सिग्घगई, सव्वप्पगई चंदा सव्वसिग्घगई तारा०, ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं चंदे केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स २ मंडलपरिक्खेवस्स सत्तरस अडसद्धिं भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईसएहिं छेत्ता, ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं सूरिए केवइयाइं भागसयाइं गच्छइ ? ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स २ मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारस तीसे भागसए गच्छइ मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईसएहिं छेत्ता, ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं णक्खत्ते केवइयाई भागसयाइं गच्छइ ? ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तस्स २ मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारस पणतीसे भागसए गच्छद मंडलं सयसहस्सेणं अट्ठाणउईसएहिं छेत्ता ॥८१॥ ता जया णं चंदं गइसमावण्णं सूरे गइसमावण्णे भवइ से णं गइमायाए केवइयं विसेसेइ ? ता बावट्ठिभागे विसेसेइ, ता जया णं चंदं गइसमावण्णं णक्खत्ते गइसमावण्णे भवइ से णं गइमायाए केवइयं विसेसेइ ? ता सत्तढ़ि भागे विसेसेइ, ता जया णं सूरं गइसमावणं णक्खत्ते गइसमावण्णे भवइ से णं गइमायाए केवइयं विसेसेइ ? ता पंचभागे विसेसेइ, ता जया णं चंदं गइसमावण्णं अभीईणक्खत्ते गइसमावण्णे पुरच्छिमाए भागाए समासादेइ पुरच्छिमाए भागाए समासादित्ता णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तद्विभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ जोयं जोएत्ता जोयं अणुपरियट्टइ जोयं अणुपरियट्टित्ता विप्पजहइ २ ता विगयजोई यावि भवइ, ता जया णं चंदं गइसमावण्णं सवणे णक्खत्ते गइसमावण्णे पुरच्छिमाए भागाए समासादेइ पुरच्छिमाए भागाए समासादेत्ता तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियट्टइ जो० २ त्ता विप्पजहइ. विगयजोई यावि भवइ, एवं एएणं अभिलावेणं णेयव्वं, पण्णरसमुहुत्ताइं तीसइमुहुत्ताई पणयालीसमुहुत्ताइं भाणियव्वाइं जाव उत्तरासाढा० । ता जया णं चंदं गइसमावण्णं गहे गइसमावण्णे पुरच्छिमाए भागाए समासादेइ पुर० २ त्ता चंदेणं सद्धिं जोगं Page #810 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १५ अ० मा० ण० मं०] सुत्तागमे झुंजइ २ त्ता जोगं अणुपरियट्टइ २ त्ता विप्पजहइ० विगयजोई यावि भवइ । ता जया णं सूरं गइसमावण्णं अभीईणक्खत्ते गइसमावण्णे पुरच्छिमाए भागाए समासादेइ पुर० २ त्ता चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ २ त्ता जोयं अणुपरियइ २ त्ता विप्पजहइ० विगयजोई यावि भवइ, एवं अहोरत्ता छ एकवीसं मुहुत्ता य तेरस अहोरत्ता बारस मुहुत्ता य वीसं अहोरत्ता तिण्णि मुहुत्ता य सव्वे भाणियव्वा जाव जया णं सूरं गइसमावण्णं उत्तरासाढाणक्खत्ते गइसमावण्णे पुरच्छिमाए भागाए समासादेइ पु० २ त्ता वीसं अहोरत्ते तिण्णि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएइ जो० २ त्ता जोयं अणुपरियट्टइ जो० २ त्ता विप्पजहइ० विगयजोई यावि भवइ, ता जया णं सूरं गइसमावण्णं णक्खत्ते गइसमावण्णे पुरच्छिमाए भागाए समासादेइ पु० २ ता सूरेण सद्धिं जोयं जुंजइ २ त्ता जोयं अणुपरियट्टइ २ त्ता जाव विगयजोई यावि भवइ ॥ ८२ ॥ ता णक्खत्तेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ तेरस य सत्तट्ठिभागे मंडलस्स, ता णक्खत्तेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ चोत्तालीसं च सत्तट्ठिभागे मंडलस्स, ता णक्खत्तेणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता तेरस मंडलाइं चरइ अद्धसीयालीसं च सत्तट्ठिभागे मंडलस्स, ता चंदेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोद्दस चउभागाइं मंडलाइं चरइ एगं च चउव्वीससयभागं मंडलस्स, ता चंदेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस चउभागूणाई मंडलाइं चरइ एगं च चउवीससयभागं मंडलस्स, ता चंदेणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस चउभागूणाई मंडलाइं चरइ छच्च चउवीससयभागे मंडलस्स, ता उडुणा मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोद्दस मंडलाइं चरइ तीसं च एगट्ठिभागे मंडलस्स, ता उडुणा मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस मंडलाइं चरइ, ता उडुणा मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ? ता पण्णरस मंडलाइं चरइ पंच य बावीससयभागे मंडलस्स, ता आइच्चेणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता चोइस मंडलाइं चरइ एकारसभागे मंडलस्स, ता आइच्चेणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस चउभागाहियाइं मंडलाई चरइ, ता आइच्चेणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता पण्णरस चउभागाहियाइं मंडलाइं चरइ पंचतीसं च चउवीससयभागमंडलाइं चरइ, ता अभिवड्डिएणं मासेणं चंदे कइ मंडलाइं चरइ ? ता पण्णरस मंडलाइं० तेसीइं छलसीयसयभागे मंडलस्स, ता अभिवड्डिएणं मासेणं सूरे कइ मंडलाइं चरइ ? ता सोलस मंडलाइं चरइ तिहिं भागेहिं ऊणगाई दोहिं अडयालेहिं सएहिं मंडलं छेत्ता, ता अभिवड्डिएणं मासेणं णक्खत्ते कइ मंडलाइं चरइ ? ता Page #811 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३६ सुतागमे [ चंदपण्णत्ती सोलस मंडलाई चरइ सीयालीस एहिं भागेहिं अहियाई चोद्दसहिं अट्ठासीएहिं मंडलं छेत्ता ॥ ८३ ॥ ता एगमेगेणं अहोरत्तेणं चंदे कइ मंडलाई चरइ ? ता एवं अद्धमंडलं चरइ एकतीसाए भागेहिं ऊणं णवहिं पण्णरसेहिं अद्धमंडलं छेत्ता, ता एगमेगेणं अहोरत्तेणं सूरिए कइ मंडलाई चरइ ? ता एवं अद्धमंडलं चरइ, ता एगमेगेणं अहो - रत्तेणं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता एवं अद्धमंडलं चरइ दोहिं भागेहिं अहियं सत्तहिं बत्तीसेहिं सएहिं अद्धमंडलं छेत्ता, ता एगमेगं मंडलं चंदे काहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ एकतीसाए भागेहिं अहिएहिं चउहिं चोयाले हिं सएहिं राईदिएहिं छेत्ता, ता एगमेगं मंडलं सूरे कइहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ, ता एगमेगं मंडलं णक्खत्ते कइहिं अहोरत्तेहिं चरइ ? ता दोहिं अहोरत्तेहिं चरइ दोहिं ऊणेहिं तिहिं सत्तट्ठेहिं सएहिं राईदिएहिं छेत्ता, ता जुगेणं चंदे कइ मंडलाई चरइ ? ता अट्ठ चुलसीए मंडलसए चरइ, ता जुगेणं सूरे कइ मंडलाई चरइ ? ता णवपण्णरसमंडलसए चरइ, ता जुगेणं णक्खत्ते कइ मंडलाई चरइ ? ता अट्ठारस पणतीसे दुभागमंडलसए चरइ । इच्चेसा मुहुत्तगई रिक्खाइमा - सराइंदियजुगमंडलपविभत्ता सिग्घगई वत्थू आहितेति ( वजा ) बेमि ॥ ८४ ॥ पण्णरसमं पाहुडं समत्तं ॥ १५ ॥ ता कहं ते दोसिणालक्खणे आहिएति वएज्जा ? ता चंदलेसाइ य दोसिणाइ य दोसिणाइ य चंदलेसाइ य के अट्ठे किं लक्खणे ?, ता एगट्ठे एगलक्खणे, ता कहं ते सूरलक्खणे आहिएति एज्जा ? ता सूरलेस्साइ य आयवेइ य आयवेइ य सूरलेस्साइ य के अट्ठे किं लक्खणे ?, ता एगट्ठे एगलक्खणे, ता कहं ते छायालक्खणे आहिति एजा ? ता अंधारेइ य छायाइ य छायाइ य अंध्यारेइ य के अट्ठे किं लक्खणे ?, ता एगट्ठे एगलक्खणे ॥ ८५ ॥ सोलसमं पाहुडं समत्तं ॥ १६ ॥ ता कहं ते चयणोववाया आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडि - वत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थ एगे एवमाहंसु-ता अणुसमयमेव चंदिमसूरिया अण्णे चयंति अण्णे उववजंति० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुमुहुत्तमेव चंदिमसूरिया अण्णे चयंति अण्णे उववज्जंति२, एवं जहेव हेट्ठा तहेव जाव ता एगे पुण एवमाहंसु-ता अणुउस्सप्पिणिओसप्पिणिमेव चंदिमसूरिया अण्णे चयंति अण्णे उववजंति • एगे एवमाहंसु २५, वयं पुण एवं वयामो-ता चंदिमसूरिया णं जोइसिया देवा महिड्डिया महज्जुइया महाबला महाजसा महासोक्खा महाणुभावा वरवत्थधरा वरमल्लधरा वरगंधधरा वराभरणधरा अवोच्छित्तिणयट्टयाए काले अण् चयंति अण्णे उववज्जंति० ॥ ८६ ॥ सन्त्तरसमं पाहुडं समन्तं ॥ १७ ॥ Page #812 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १८ जोइसविसओ] सुत्तागमे ७३७ ता कह ते उच्चत्ते आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ पणवीसं पडिवत्तीओ प०, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता एगं जोयणसहस्सं सूरे उर्दू उच्चत्तेणं दिवढं चंदे एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता दो जोयणसहस्साइं सूरे उर्दू उच्चत्तेणं अड्डाइजाइं चंदे एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि जोयणसहस्साई सूरे उड़े उच्चत्तेणं अद्भुट्ठाइं चंदे एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-ता चत्तारि जोयणसहस्साइं सूरे उर्दू उच्चत्तेणं अद्धपंचमाइं चंदे एगे एवमाहंसु ४, एगे पुण एवमाहंसु-ता पंच जोयणसहस्साइं सूरे उट्ठे उच्चत्तेणं अद्धछट्ठाइं चंदे एगे एवमाहंसु ५, एगे पुण एवमाहंसु-ता छ जोयणसहस्साइंसूरे उर्दू उच्चत्तेणं अद्धसत्तमाइं चंदे एगे एवमाहंसु ६, एगे पुण एवमाहंसु-ता सत्त जोयणसहस्साई सूरे उर्दू उच्चत्तेणं अट्ठमाई चंदे एगे एवमाहंसु ७, एगे पुण एवमाहंसु-ता अट्ठ जोयणसहस्साइं सूरे उडूं उच्चत्तेणं अद्धणवमाइं चंदे एगे एवमाहंसु ८, एगेपुण एवमाहंसु-ता णवजोयणसहस्साइं सूरे उर्दू उच्चत्तेणं अद्धदसमाइं चंदे एगे एवमाहंसु ९, एगे पुण एवमाहंसु-ता दस जोयणसहस्साइं सूरे उड्ढे उच्चत्तेणं अद्धएकारस चंदे एगे एवमाहंसु १०, एगे पुण एवमाहंसु-ता एकारस जोयणसहस्साई सूरे उड़े उच्चत्तेणं अद्धबारस चंदे...११, एएणं अभिलावेणं णेयव्वं बारस सूरे अद्धतेरस चंदे १२, तेरस सूरे अद्धचोइस चंदे १३, चोदस सूरे अद्धपण्णरस चंदे १४, पण्णरस सूरे अद्धसोलस चंदे १५, सोलस सूरे अद्धसत्तरस चंदे १६, सत्तरस सूरे अद्धअट्ठारस चंदे १७, अट्ठारस सूरे अद्धएगूणवीसं चंदे १८, एगूणवीसं सूरे अद्धवीसं चंदे १९, वीसं सूरे अद्धएकवीसं चंदे २०, एकवीसं सूरे अद्धबावीसं चंदे २१, बावीसं सूरे अद्धतेवीसं चंदे २२, तेवीसं सूरे अद्धचउवीसं चंदे २३, चउवीसं सूरे अद्धपणवीसं चंदे एगे एवमाहंसु २४, एगे पुण एवमाहंसु-ता पणवीसं जोयणसहस्साई सूरे उर्दू उच्चत्तेणं अद्धछव्वीसं चंदे एगे एवमाहंसु २५ । वयं पुण एवं वयामो-ता इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ सत्तणउइजोयणसए उडु उप्पइत्ता हेहिले ताराविमाणे चारं चरइ अट्ठजोयणसए उर्दू उप्पइत्ता सूरविमाणे चारं चरइ अट्ठअसीए जोयणसए उड़े उप्पइत्ता चंदविमाणे चारं चरइ णव जोयणसयाइं उर्दू उप्पइत्ता उवरिं ताराविमाणे चारं चरइ, हेढिल्लाओ ताराविमाणाओ दसजोयणाइं उड़े उप्पइत्ता सूरविमाणे चारं चरइ णउइं जोयणाई उड़े उप्पइत्ता चंदविमाणे चारं चरइ दसोत्तरं जोयणसयं उट्ठे उप्पइत्ता उवरिल्ले तारारूवे चार चरइ, सूरविमाणाओ असीइं जोयणाई उड्डे उप्पइत्ता चंदविमाणे चार चरइ जोयणसयं उड़े उप्पइत्ता उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ, चंदविमाणाओ णं वीसं जोयणाई उड्ढे उप्पइत्ता उवरिल्ले तारारूवे चारं चरइ, एवामेव सपुव्वावरेणं दसुत्तर ४७ सुत्ता० Page #813 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७३८ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती जोयणसयं बाहल्ले तिरियमसंखेजे जोइसविसए जोइसं चारं चरइ आहितेति वएजा ॥ ८७ ॥ ता अस्थि णं चंदिमसूरियाणं देवाणं हिट्ठपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि समंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि उप्पिपि ताराख्वा अणुंपि तुल्लावि ? ता अत्थि. ता कहं ते चंदिमसूरियाणं देवाणं हिट्ठपि ताराख्वा अणुंपि तुल्लावि समंपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि उप्पिपि ताराख्वा अणुंपि तुल्लावि ? ता जहा जहा णं तेसि णं देवाणं तवणियमबंभचेराई उस्सियाई भवंति तहा तहा णं तेसिं देवाणं एवं भवइ, तंजहा-अणुत्ते वा तुल्लत्ते वा, ता एवं खलु चंदिमसूरियाणं देवाणं हिटुंपि ताराख्वा अणुंपि तुल्लावि तहेव जाव उप्पिपि तारारूवा अणुंपि तुल्लावि ॥ ८८ ॥ ता एगमेगस्स णं चंदस्स देवस्स केवइया गहा परिवारो प०, केवइया णक्खत्ता परिवारो पण्णत्तो, केवइया तारा परिवारो पण्णत्तो ? ता एगमेगस्स णं चंदस्स देवस्स अट्ठासीइगहा परिवारो पण्णत्तो, अट्ठावीसं णक्खत्ता परिवारो पण्णत्तो, छावट्टिसहस्साइं णव चेव सयाई पंचुत्तराई [पंचसयराइं] । एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं ॥ १॥ परिवारो प० ॥ ८९ ॥ ता मंदरस्स णं पव्वयस्स केवइयं अबाहाए जोइसे चारं चरइ ? ता एकारस एकवीसे जोयणसए अबाहाए जोइसे चारं चरइ, ता लोयंताओ णं केवइयं अबाहाए जोइसे प० ? ता एकारस एकारे जोयणसए अबाहाए जोइसे प० ॥९०॥ ता जंबुद्दीवे णं दीवे कयो गक्खत्ते सव्वन्भंतरिलं चारं चरइ, कयरे णक्खत्ते सव्वबाहिरिलं चार चरइ, कयरे णक्खत्ते सव्वुवरिलं चारं चरइ, कयरे णक्खत्ते सव्वहिट्ठिलं चारं चरइ ? ता अभीई णक्खत्ते सव्वभितरिलं चारं चरइ, मूले णक्खत्ते सव्वबाहिरिल्लं चारं चरइ, साई णक्खत्ते सव्वुवरिलं चारं चरइ, भरणी णक्खत्ते सव्वहेटिलं चारं चरइ ॥ ९१ ॥ ता चंदविमाणे णं किंसंठिए प० ? ता अद्धकविट्ठगसंठाणसंठिए सव्वफालियामए अब्भुग्गयमूसियपहसिए विविहमणिरयणभत्तिचित्ते जाव पडिरूवे, एवं सूरविमाणे गहविमाणे णक्खत्तविमाणे ताराविमाणे । ता चंदविमाणे णं केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवणं केवइयं बाहल्लेणं प० ? ता छप्पण्णं एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं अट्ठावीसं एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं पण्णत्ते, ता सूरविमाणे णं केवइयं आयामविक्खंभेणं पुच्छा, ता अडयालीसं एगट्ठिभागे जोयणस्स आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं चउव्वीसं एगट्ठिभागे जोयणस्स बाहल्लेणं प०, ता णक्खत्तविमाणे णं केवइयं पुच्छा, ता कोसं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं अद्धकोसं बाहल्लेणं प०, ता ताराविमाणे णं केवइयं पुच्छा, ता अद्धकोसं आयामविक्खंभेणं तं तिगुणं सविसेसं परिरएणं पंचधणुसयाइं बाहल्लेणं Page #814 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १८ चंदपहुत्तणपुच्छा] सुत्तागमे प० । ता चंदविमाणं णं कइ देवसाहस्सीओ परिवहति ? ता सोलस देवसाहस्सीओ परिवहंति, तं०-पुरच्छिमेणं सीहरूवधारीणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, दाहिणेणं गयरूवधारीणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, पचत्थिमेणं वसहरूवधारीणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, उत्तरेणं तुरगस्वधारीणं चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, एवं सूरविमाणंपि, ता गहविमाणे णं कइ देवसाहस्सीओ परिवहंति ? ता अट्ठ देवसाहस्सीओ परिवहंति, तं०-पुरच्छिमेणं सीहरूवधारीणं देवाणं दो देवसाहस्सीओ परिवहंति, एवं जाव उत्तरेणं तुरगरूवधारीणं०, ता णक्खत्तविमाणे णं कइ देवसाहस्सीओ परिवहति ? ता चत्तारि देवसाहस्सीओ परिवहंति, तं०-पुरच्छिमेणं सीहरूवधारीणं देवाणं एका देवसाहस्सी परिवहइ, एवं जाव उत्तरेणं तुरगस्वधारीणं देवाणं०, ता ताराविमाणे णं कइ देवसाहस्सीओ परिवहति ? ता दो देवसाहस्सीओ परिवहंति, तं०-पुरच्छिमेणं सीहरूवधारीणं देवाणं पंच देवसया परिवहंति, एवं जावुत्तरेणं तुरगरूवधारीणं० ॥ ९२ ॥.ता एएसि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्तताराख्वाणं कयरे २ हिंतो सिग्घगई वा मंदगई वा ? ता चंदेहितो सूरा सिग्घगई, सूरेहितो गहा सिग्घगई, गहेहिंतो णक्खत्ता सिग्घगई, णक्खत्तेहिंतो तारा० सिग्घगई, सव्वप्पगई चंदा, सव्वसिग्घगई तारा० । ता एएसि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्तताराख्वाणं कयरे २ हिंतो अप्पिड्डिया वा महिड्डिया वा ? ता तारा हिंतो णक्खत्ता महिड्डिया, णक्खत्तेहिंतो गहा महिड्डिया, गहेहिंतो सूरा महिड्डिया, सूरेहिंतो चंदा महिड्डिया, सव्वप्पड्डिया तारा०, सव्वमहिड्डिया चंदा ॥ ९३ ॥ ता जंबुद्दीवे णं दीवे तारारुवस्स य २ एस णं केवइए अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? ता दुविहे अंतरे प०, तं०-वाघाइमे य निव्वाघाइमे य, तत्थ णं जे से वाघाइमे से णं जहण्णेणं दोण्णि बावढे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साइं दोण्णि बायाले जोयणसए ताराख्वस्स य २ अबाहाए अंतरे पण्णत्ते, तत्थ णं जे से निव्वाघाइमे से णं जहण्णेणं पंच धणुसयाई उक्कोसेणं अद्धजोयणं तारारूवस्स य २ अबाहाए अंतरे प० ॥ ९४ ॥ ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? ता चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं०-चंदप्पभा दोसिणाभा अन्चिमाली पभंकरा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि देवीसाहस्सी परिवारो पण्णत्तो, पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णाइं चत्तारि २ देवीसहस्साइं परिवार विउवित्तए, एवामेव सपुव्वावरेणं सोलस. देवीसहस्सा, सेत्तं तुडिए, ता पभू णं चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए तुडिएणं सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए ? णो इणढे समढे, पभू णं चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिंसए विमाणे Page #815 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७४० सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती सभाए सुहम्माए चंदसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवईहिं सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अण्णेहि य बहूहिं जोइसिएहिं देवेहिं देवीहि य सद्धिं महया हयणगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्वाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए केवलं परियारणिड्डीए णो चेव णं मेहुणवत्तियाए । ता सूरस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ प० ? ता चत्तारि अग्गमहिसीओ प०, तंजहा-सूरप्पभा आयवा अच्चिमाला पभंकरा, सेसं जहा चंदस्स गवरं सूरवडेंसए विमाणे जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियाए ॥ ९५ ॥ ता जोइसियाणं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? ता जहण्णेणं अडभागपलिओवम उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं, ता जोइसिणीणं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, ता चंदविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं, ता चंदविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं, ता सूरविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं, ता सूरविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं चउन्भागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिं अब्भहियं, ता गहविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई प०? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं पलिओवमं, ता गहविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प०? ता जहण्णेणं चउब्भागपलिओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, ता णक्खत्तविमाणे णं देवाणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं चउब्भागपलि ओवमं उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं, ता णक्खत्तविमाणे णं देवीणं केवइयं कालं ठिई प० ? ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं चउब्भागपलिओवमं, ता ताराविमाणे णं देवाणं पुच्छा, ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं चउब्भागपलिओवमं, ता ताराविमाणे णं देवीणं पुच्छा, ता जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं उक्कोसेणं साइरेगअट्ठभागपलिओवमं ॥ ९६ ॥ ता एएसि णं चंदिमसूरियगहगणणक्खत्तताराख्वाणं कयरे २ हिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? ता चंदा य सूरा य एए णं दो वि तुल्ला सव्वत्थोवा, णक्खत्ता संखिजगुणा, गहा संखिजगुणा, तारा० संखिजगुणा ॥ ९७ ॥ अट्ठारसमं पाहुडं समत्तं ॥१८॥ Page #816 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १९ लवणसमुद्द० चंदाई] सुत्तागमे ७४१ ता कइ णं चंदिमसूरिया सव्वलोयं ओभासंति उज्जोएंति तवेंति पभासेंति आहितेति वएज्जा ? तत्थ खलु इमाओ दुवालस पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता एगे चंदे एगे सूरे सव्वलोयं ओभासइ उज्जोएइ तवेइ पभासेइ० एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता तिण्णि चंदा तिण्णि सूरा सव्वलोयं ओभासेंति ४. एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु-ता आउटिं चंदा आउटिं सूरा सव्वलोयं ओभासेंति ४.एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहंसु-एएणं अभिलावेणं णेयव्वं सत्त चंदा सत्त सूरा दस चंदा दस सूरा बारस चंदा बारस सूरा बायालीसं चंदा २ बावत्तरिं चंदा २ बायालीसं चंदसयं २ बावत्तरं चंदसयं बावत्तरं सूरसयं बायालीसं चंदसहस्सं बायालीसं सूरसहस्सं बावत्तरं चंदसहस्सं बावत्तरं सूरसहस्सं सव्वलोयं ओभासेंति ४..एगे एवमाहंसु १२, वयं पुण एवं वयामो-ता अयण्णं जंबुद्दीवे २ जाव परिक्खेवेणं०, ता जंबुद्दीवे २ केवइया चंदा पभासिंसु वा पभासिंति वा पभासिस्संति वा ? केवइया सूरा तविंसु वा तवेंति वा तविस्संति वा ? केवइया णक्खत्ता जोयं जोइंसु वा जोएंति वा जोइस्संति वा ? केवइया गहा चारं चरिंसु वा चरंति वा चरिस्संति वा ? केवइयाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा सोभेति वा सोभिस्संति वा ? ता जंबुद्दीवे २ दो चंदा पभासेंसु वा ३, दो सूरिया तवइंसु वा ३, छप्पण्णं णक्खत्ता जोयं जोएंसु वा ३, छावत्तरि गहसयं चारं चरिंसु वा ३, एगं सयसहस्सं तेत्तीसं च सहस्सा णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं सोभं सोभेसु वा ३, “दो चंदा दो सूरा णक्खत्ता खलु हवंति छप्पण्णा । छावत्तरं गहसयं जंबुद्दीवे विचारीणं ॥ १॥ एगं च सयसहस्सं तेत्तीसं खलु भवे सहस्साइं। णव य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं ॥ २ ॥” ता जंबुद्दीवं णं दीवं लवणे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ, ता लवणे णं समुद्दे किं समचक्कवालसंठिए विसमचक्कवालसंठिए ? ता लवणसमुद्दे समचक्कवालसंठिए णो विसमचक्कवालसंठिए, ता लवणसमुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा ? ता दो जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पण्णरस जोयणसयसहस्साई एकासीयं च सहस्साई सयं च ऊयालं किंचिविसेसूर्ण परिक्खेवणं आहिएति वएजा, ता लवणसमुद्दे केवइयं चंदा पभासेंसु वा ३ ? एवं पुच्छा जाव केवइयाउ तारागणकोडिकोडीओ० सोभिंसु वा ३ ?, ता लवणे णं समुद्दे चत्तारि चंदा पभासेंसु वा ३, चत्तारि सूरिया तवइंसु वा ३, बारस णक्खत्तसयं जोयं जोएंसु वा ३, तिण्णि बावण्णा महग्गहसया चारं चरिंसु वा ३, दो सयसहस्सा सत्तद्धिं च सहस्सा णव य सया तारागणकोडिकोडीणं० सोभिंसु Page #817 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ चंदपण्णत्ती वा ३ । पण्णरस सयसहस्सा एक्कासीयं सयं च ऊयालं । किंचिविसेसेणूणो लवणोदहिणो परिक्खेवो ॥ १ ॥ चत्तारि चेव चंदा चत्तारि य सूरिया लवणतोए । बारस णक्खत्तसयं गहाण तिण्णेव बावण्णा ॥ २ ॥ दो चेव सयसहस्सा सत्तद्धिं खलु भवे सहस्साइं । णव य सया लवणजले तारागणकोडिकोडीणं ॥ ३ ॥ ता लवणसमुद्द० धायईसंडे णामं दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए तहेव जाव णो विसमचक्कवालसंठिए, धायईसंडे णं दीवे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा ? ता चत्तारि जोयणसयसहस्साईं चक्कवाल विक्खंभेणं ईयालीसं जोयणसयसहस्साई दस य सहस्साई णव य एगट्ठे जोयणसए किंचिविसेसूणे परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा, धायईसंडे ० दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा तहेव, ता धायईसंडे गं दीवे बारस चंदा पभासेंसु वा ३, बारस सूरिया तवेंसु वा ३, तिण्णि छत्तीसा णक्खत्तसया जोयं जोएंसु वा ३, एगं छप्पण्णं महग्गहसहस्सं चारं चरिंसु वा ३, अट्ठेव सयसहस्सा तिणि सहस्साईं सत्त य सयाईं । एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीओ ॥ १ ॥ सोभं सोभैंसु वा ३ - धायईसंडपरिरओ ईयाल दसुत्तरा सयसहस्सा । णव सया य एगट्ठा किंचिविसेसपरिहीणा ॥ १ ॥ चउवीसं ससिरविणो णक्खत्तसया य तिण्णि छत्तीसा । एगं च गहसहस्सं छप्पण्णं धायईसंडे ॥ २ ॥ अद्वेव सथसहस्सा तिण्णि सहस्साई सत्त य सयाई । धायईसंडे दीवे तारागणकोडिकोडीणं ॥ ३ ॥ ता धायईसंडं णं दीवं कालोए णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए जाव णो विसमचक्कवालसंठाणसंठिए, ता कालोए णं समुद्दे केवइयं चक्क - वालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा ? ता कालोए णं समुद्दे अट्ठ जोयणसयसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते एक्काणउई जोयणसयसहस्साइं सत्तरिं च सहस्साइं छच्च पंचुत्तरे जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा, ता कालोए णं समुद्दे केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा, ता कालोए समुद्दे बायालीसं चंदा पभासेंसु वा बायालीसं सूरिया तवेंसु वा ३, एक्कारस बावत्तरा णक्खत्तसया जोयं जोइंसु वा ३, तिणि सहस्सा छच्च छण्णउया महग्गहसया चारं चरिंसु वा ३, बारस सयसहस्साइं अट्ठावीसं च सहस्साइं णव य सयाई पण्णासा तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोमेंसु वा सोभंति वा सोभिस्संति वा, "एक्काणउई सयराईं सहस्साइं परिरओ तस्स । अहियाई छच्च पंचुत्तराई कालोयहिवरस्स ॥ १ ॥ बायालीसं चंदा बयालीसं च दिणयरा दित्ता । कालोयहिंमि एए चरंति संबद्धले सागा ॥ २ ॥ णक्खत्तसहस्सं एगमेव छावत्तरं च सयमण्णं । छच्च सया छण्णउया मह - रंगा तिणि य सहस्सा ॥ ३ ॥ अट्ठावीसं कालोयहिंमि बारस य सहस्साईं । णव ७४२ Page #818 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १९ समयक्खेत्तायामवि०प०] सुत्तागमे ७४३ य सया पण्णासा तारागणकोडिकोडीणं ॥ ४ ॥" ता कालोयं णं समुदं पुक्खरवरे णामं दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ, ता पुक्खरवरे णं दीवे किं समचक्कवालसंठिए विसमचकवालसंठिए ? ता समचकवालसंठिए णो विसमचक्वालसंठिए, ता पुक्खरवरे णं दीवे केवइयं समचक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं० ? ता सोलस जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बाणउइं च सयसहस्साई अउणावण्णं च सहस्साई अट्ठचउणउए जोयणसए परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता पुक्खरवरे णं दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा तहेव, ता चोयालचंदसयं पभासेंसु वा ३, चोत्तालं सूरियाणं सयं तवइंसु वा ३, चत्तारि सहस्साइं बत्तीसं च णक्खत्ता जोयं जोएंसु वा ३, बारस सहस्साइं छच्च बावत्तरा महग्गहसया चारं चरिंसु वा ३, छण्णउइसयसहस्साई चोयालीसं सहस्साइं चत्तारि य सयाई तारागणकोडिकोडीणं सोभं सोभिंसु वा ३, "कोडी बागउई खलु अउणाणउई भवे सहस्साइं । अट्ठसया चउणउया य परिरओ पोक्खरवरस्स ॥ १ ॥ चोत्तालं चंदसयं चत्तालं चेव सूरियाण सयं । पोक्खरवरदीवम्मि चरंति एए पभासंता॥२॥ चत्तारि सहस्साइं छत्तीसं चेव हुंति णक्खत्ता। छच्च सया बावत्तर महग्गहा बारह सहस्सा ॥३॥ छण्णउइ सयसहस्सा चोत्तालीसं खलु भवे सहस्साइं। चत्तारि य सया खलु तारागणकोडिकोडीणं ॥ ४॥" ता पुक्खरवरस्स णं दीवस्स० बहुमज्झदेसभाए माणुसुत्तरे णामं पव्वए वलयागारसंठाणसंठिए जे णं पुक्खरवरं दीवं दुहा विभयमाणे २ चिठ्ठइ, तंजहा-अभितरपुक्खरद्धं च बाहिरपुक्खरद्धं च, ता अभितरपुक्खरद्धे णं किं समचक्कवालसंठिए विसमचकवालसंठिए ? ता समचक्कवालसंठिए णो विसमचक्कवालसंठिए, ता अभितरपुक्खरद्धे णं केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा ? ता अट्ठ जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं एका जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साइं तीसं च सहस्साइं दो अउणापण्णे जोयणसए परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा, ता अभितरपुक्खरद्धे णं केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ केवइया सूरा तविंसु वा ३ पुच्छा, ता बावत्तरिं चंदा पभासिंसु वा ३, बावत्तरिं सूरिया तवइंसु वा ३, दोण्णि सोला णक्खत्तसहस्सा जोयं जोएंसु वा ३, छ महग्गहसहस्सा तिण्णि य बत्तीसा चारं चरेंसु वा ३, अडयालीससयसहस्सा बावीसं च सहस्सा दोण्णि य सया तारागणकोडिकोडीणं सोभं सोभिंसु वा ३ । ता समयक्खेत्ते णं केवइयं आयामविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएजा ? ता पणयालीसं जोयणसयसहस्साइं आयामविक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बायालीसं च सयसहस्साई दोण्णि य Page #819 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती अउणापण्णे जोयणसए परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता समयक्खेत्ते णं केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा तहेव, ता बत्तीसं चंदसयं पभासेंसु वा ३, बत्तीसं सूरियाण सयं तवइंसु वा ३, तिणि सहस्सा छ्च छण्णउया णक्खत्तसया जोयं जोएंसु. वा ३, एक्कारस सहस्सा छच्च सोलस महग्गहसया चारं चरिंसु वा ३, अट्ठासीई सयसहस्साई चत्तालीसं च सहस्सा सत्त य सया तारागणकोडिकोडीणं सोभं सोभिंसु वा ३, अद्वेव सयसहस्सा अभितरपुक्खरस्स विक्खंभो । पणयालसयसहस्सा माणुसखेत्तस्स विक्खंभो ॥ १॥ कोडी बायालीसं सहस्स दुसया य अउणपण्णासा । माणुसखेत्तपरिरओ एमेव य पुक्खरद्धस्स ॥ २ ॥ बावत्तरिं च चंदा बावत्तरिमेव दिणयरा दित्ता । पुक्खरवरदीवड्ढे चरंति एए पभासेंता ॥३॥ तिण्णि सया छत्तीसा छच्च सहस्सा महग्गहाणं तु । णक्खत्ताणं तु भवे सोलाई दुवे सहस्साई ॥ ४ ॥ अडयालसयसहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साइं । दो य सय पुक्खरद्धे तारागणकोडिकोडीणं ॥ ५ ॥ बत्तीसं चंदसयं बत्तीसं चेव सरियाण सयं । सयलं माणुसलोयं चरंति एए पभासेंता ॥ ६ ॥ एक्कारस य सहस्सा छप्पि य सोला महग्गहाणं तु । छच्च सया छण्णउया णक्खत्ता तिण्णि य सहस्सा ॥ ७ ॥ अट्ठासीइ चत्ताई सयसहस्साई मणुयलोगंमि । सत्त य सया अणूणा तारागणकोडिकोडीणं ॥ ८ ॥ एसो तारापिंडो सव्वसमासेण मणुयलोयंमि । बहिया पुण ताराओ जिणेहिं भणिया असंखेजा ॥ ९ ॥ एवइयं तारग्गं जं भणियं माणुसंमि लोगंमि । चारं कलंबुयापुप्फसंठियं जोइस चरइ ॥ १० ॥ रविससिगहणक्खत्ता. एवइया आहिया मणुयलोए । जेसिं णामागोत्तं ण पागया पण्णवेहिति ॥ ११ ॥ छावहिँ पिडगाई चंदाइचाण मणुयलोयम्मि। दो चंदा दो सूरा य हुंति एक्केकए. पिडए ॥ १२ ॥ छावटि पिडगाइं णक्खत्ताणं तु मणुयलोयम्मि । छप्पण्णं णक्खत्ता हुंति एकेक्कए पिडए ॥ १३ ॥ छावलुि पिडगाइं महग्गहाणं तु मणुयलोयंमि । छावत्तरं गहसयं होइ एकेकए पिडए ॥ १४ ॥ चत्तारि य पंतीओ चंदाइञ्चाण मणुयलोयम्मि । छावलुि २ च होइ एक्किक्किया पंती ॥ १५॥ छप्पण्णं पंतीओ णक्खत्ताणं तु मणुयलोयंमि । छावढेि २ हवंति एक्कक्किया पंती ॥ १६ ॥ छावत्तरं गहाणं पंतिसयं हवइ मणुयलोयंमि । छावढेि २ हवइ य एक्ककिया पंती ॥ १७ ॥ ते मेरुमणुचरंता पयाहिणावत्तमंडला सव्वे । अणवट्ठियजोगेहिं चंदा सूरा गहगणा य ॥ १८ ॥ णक्खत्ततारगाणं अवट्ठिया मंडला मुणेयव्वा। तेवि य पयाहिणावत्तमेव मेलं अणुचरंति ॥ १९ ॥ रयणियरदिणयराणं उर्दू च अहे व संक्रमो णत्थि । मंडलसंकमणं पुण सब्भितरबाहिर तिरिए ॥ २० ॥ रयणियरदिणयराणं. Page #820 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० १९ अंतो-मणुस्सखेत्तचंदाई ] सुत्तागमे ७४५ णक्खत्ताणं महग्गहाणं च । चारविसेसेण भवे सुहदुक्खविही मणुस्साणं ॥ २१ ॥ तेसिं पविसंताणं तावक्खेत्तं तु वड्डए णिययं । तेणेव कमेण पुणो परिहायइ णिक्खमंताणं ॥ २२ ॥ तेसिं कलंबुयापुप्फसंठिया हुँति तावखेत्तपहा। अंतो य संकुडा बाहि वित्थडा चंदसूराणं ॥ २३॥ केणं वड्डइ चंदो ? परिहाणी केण होइ चंदस्स? । कालो वा जोण्हो वा केणऽणुभावेण चंदस्स ॥ २४ ॥ किण्हं राहुविमाणं णिचं चंदेण होइ अविरहियं । चउरंगुलमसंपत्तं हिच्चा चंदस्स तं चरइ ॥२५॥ बावढेि २ दिवसे २ उ सुकपक्खस्स । जं परिवड्डइ चंदो खवेइ तं चेव कालेणं ॥२६॥ पण्णरसइभागेण य चंदं पण्णरसमेव तं वरइ । पण्णरसइभागेण य पुणोवि तं चेव वक्कमइ ॥ २७ ॥ एवं वड्डइ चंदो परिहाणी एव होइ चंदस्स। कालो वा जुण्हो वा एवऽणुभावेण चंदस्स ॥ २८ ॥ अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति चारोवगा उ उववण्णा । पंचविहा जोइसिया चंदा सूरा गहगणा य ॥ २९ ॥ तेण परं जे सेसा चंदाइञ्चगहतारणक्खत्ता । णत्थि गई णवि चारो अवट्ठिया ते मुणेयव्वा ॥ ३० ॥ एवं जंबुद्दीवे दुगुणा लवणे चउग्गुणा हुँति । लावणगा य तिगुणिया ससिसूरा धायईसंडे ॥ ३१॥ दो चंदा इह दीवे चत्तारि य सायरे लवणतोए। धायइसंडे दीवे बारस चंदा य सूरा य ॥३२॥ धायइसंडप्पभिइसु उद्दिट्ठा तिगुणिया भवे चंदा । आइल्लचंदसहिया अणंतराणंतरे खेत्ते ॥ ३३ ॥ रिक्खग्गहतारग्गं दीवसमुद्दे जहिच्छसी णाउं । तस्ससीहिं तग्गुणियं रिक्खग्गहतारगग्गं तु ॥ ३४ ॥ बहिया उ माणुसणगस्स चंदसूराणऽवट्ठिया जोण्हा । चंदा अभीइजुत्ता सूरा पुण हुंति पुस्सेहिं ॥ ३५॥ चंदाओ सूरस्स य सूरा चंदस्स अंतरं होइ । पण्णाससहस्साइं तु जोयणाणं अणूणाई ॥३६ ॥ सूरस्स य २ ससिणो २ य अंतरं होइ । बाहिं तु माणुसणगस्स जोयणाणं सयसहस्सं ॥ ३७ ॥ सूरंतरिया चंदा चंदंतरिया य दिणयरा दित्ता । चित्तंतरलेसागा सुहलेसा मंदलेसा य ॥ ३८ ॥ अट्ठासीइं च गहा अट्ठावीसं च हुंति णक्खत्ता । एगससीपरिवारो एत्तो ताराण वोच्छामि ॥ ३९ ॥ छावट्ठिसहस्साई णव चेव सयाई पंचसयराइं। एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं ॥४०॥ ता अंतो मणुस्सखेत्ते जे चंदिमसूरिया गहगणणक्खत्तताराख्वा ते णं देवा किं उड्डोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा चारढ़िइया गइरइया गइसमावण्णगा ? ता ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा णो कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारोववण्णगा णो चारठिइया गइरइया गइसमावण्णगा उड्डामुहकलंबुयापुप्फसंठाणसंठिएहिं जोयणसाहस्सिएहिं तावक्खेत्तेहिं साहस्सिएहिं बाहिराहि य वेउब्वियाहिं परिसाहिं महया हयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं महया उक्किट्ठिसीहणायकल Page #821 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती कलरवेणं अच्छं पव्वयरायं पयाहिणावत्तमंडलचारं मेरुं अणुपरियति, ता तेसिणं देवाणं जाहे इंदे चयइ से कहमियाणिं पकरेंति ? ता चत्तारि पंच सामाणियदेवा तं ठाणं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति जाव अण्णे इत्थ इंदे उववण्णे भवइ, ता इंदट्ठाणे णं केवइएणं कालेणं विरहिए पण्णत्ते ? ता जहण्णेणं इक्कं समयं उक्कोसेणं छम्मासे, ता बहिया णं माणुस्सक्खेत्तस्स जे चंदिमसूरियगह जाव तारारूवा ते णं देवा किं उद्दोववण्णगा कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा चारद्विइया गइरइया गइसमावण्णगा ? ता ते णं देवा णो उड्डोववण्णगा णो कप्पोववण्णगा विमाणोववण्णगा णो चारोववण्णगा चारद्विइया णो गइरइया णो गइसमावण्णगा पक्किगसंठाणसंठिएहिं जोयणसयसाहस्सिएहिं तावक्खेत्तेहिं सयसाहस्सियाहिं बाहिराहिं वेउव्वियाहिं परिसाहिं महया हयणगीयवाइय जाव रवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणा विहरंति, सुहलेसा मंदलेसा मंदायवलेसा चित्तंतरलेसा अण्णोण्णसमोगाढाहिं लेसाहिं कूडा इव ठाणठिया ते पएसे सव्वओ समंता ओभासंति उज्जोवेंति तवेंति पभासेंति, ता तेसि णं देवाणं जाहे इंदे चयइ से कहमियाणि पकरेंति ? ता चत्तारि पंच सामाणियदेवा तं ठाणं तहेव जाव छम्मासे ॥ ९८ ॥ ता पुक्खरवरं णं दीवं पुक्खरोदे णामं समुद्दे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्व जाव चिठ्ठइ, ता पुक्खरोदे णं समुद्दे किं समचक्कवालसंठिए जाव णो विसमचक्कवालसंठिए, ता पुक्खरोदे णं समुद्दे केवइयं चक्कवालविक्खंमेणं केवइयं परिक्खेवेणं आहिएति वएजा ? ता संखेज्जाइं जोयणसहस्साइं आयामविक्खंभेणं संखेज्जाई जोयणसहस्साइं परिक्खेवेणं आहिएति वएज्जा, ता पुक्खरवरोदे णं समुद्दे केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा तहेव, ता पुक्खरोदे णं समुद्दे संखेजा चंदा पभासेंसु वा ३ जाव संखेजाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा ३ । एएणं अभिलावेणं वरुणवरे दीवे वरुणोदे समुद्दे ४ खीरवरे दीवे खीरवरे समुद्दे ५ घयवरे दीवे घओदे समुद्दे ६ खोयवरे दीवे खोओदे समुद्दे ७ णंदिस्सरे दीवे णंदिस्सरवरे समुद्दे ८ अरुणोदे दीवे अरुणोदे समुद्दे ९ अरुणवरे दीवे अरुणवरे समुद्दे १० अरुणवरोभासे दीवे अरुणवरोभासे समुद्दे ११ कुंडले दीवे कुंडलोदे समुद्दे १२ कुंडलवरे दीवे कुंडलवरोदे समुद्दे १३ कुंडलवरोभासे दीवे कुंडलवरोभासे समुद्दे १४ सव्वेसिं विक्खंभपरिक्खेवो जोइसाई पुक्खरोदसागरसरिसाइं । ता कुंडलवरोभासण्णं समुई रुयए दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ जाव चिठ्ठइ, ता स्यए णं दीवे किं समचक्कवाल जाव णो विसमचक्कवालसंठिए, ता रुयए णं दीवे केवइयं समचक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवणं आहिएति वएज्जा ? ता असंखेज्जाइं जोयणसह Page #822 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० २० दोच्चा पडिवत्ती] सुत्तागमे ७४७ स्साइं चक्कवालविक्खंभेणं असंखेज्जाई जोयणसहस्साई परिक्खेवणं आहिएति वएज्जा, ता रुयगे णं दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा, ता रुयगे णं दीवे असंखेजा चंदा पभासेंसु वा ३ जाव असंखेजाओ तारागणकोडिकोडीओ सोभं सोभेसु वा ३, एवं रुयगे समुद्दे रुयगवरे दीवे ख्यगवरोदे समुद्दे ख्यगवरोभासे दीवे रुयगवरोभासे समुद्दे, एवं तिपडोयारा णेयव्वा जाव सूरे दीवे सूरोदे समुद्दे सूरवरे दीवे सूरवरे समुद्दे सूरवरोभासे दीवे सूरवरोभासे समुद्दे, सव्वेसिं विक्खंभपरिक्खेवजोइसाइं रुयगवरदीवसरिसाइं, ता सूरवरोभासोदण्णं समुदं देवे णामं दीवे वट्टे वलयागारसंठाणसंठिए सव्वओ समंता संपरिक्खित्ताणं चिट्ठइ जाव णो विसमचक्कवालसंठिए, ता देवे णं दीवे केवइयं चक्कवालविक्खंभेणं केवइयं परिक्खेवणं आहिएति वएज्जा ? ता असंखेजाइं जोयणसहस्साइं चक्कवालविक्खंभेणं असंखेज्जाइं जोयणसहस्साई परिक्खेवेणं आहिएति वएजा, ता देवे णं दीवे केवइया चंदा पभासेंसु वा ३ पुच्छा तहेव, ता देवे णं दीवे असंखेजा चंदा पभासेंसु वा ३ जाव असंखेज्जाओ तारागणकोडिकोडीओ० सोभेसु वा ३ । एवं देवोदे समुद्दे णागे दीवे णागोदे समुद्दे जक्खे दीवे जक्खोदे समुद्दे भूए दीवे भूओदे समुद्दे सयंभुरमणे दीवे सयंभुरमणे समुद्दे सव्वे देवदीवसरिसा ॥ ९९-१००-१०१ ॥ एगूणवीसइमं पाहुडं समत्तं ॥१९॥ - ता कहं ते अणुभावे आहिएति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ दो पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता चंदिमसूरिया णं णो जीवा अजीवा णो घणा झुसिरा णो बादरबोंदिधरा कलेवरा णत्थि णं तेसिं उठाणेइ वा कम्मेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कारपरक्कमेइ वा ते णो विजुं लवंति णो असणि लवंति णो थणियं लवंति, अहे य णं बायरे वाउकाए संमुच्छइ अहे य णं बायरे वाउकाए समुच्छित्ता विजुपि लवंति असणिंपि लवंति थणियपि लवंति एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता चंदिमसूरिया णं जीवा णो अजीवा घणा णो झुसिरा बादरबुदिधरा कलेवरा अत्थि णं तेसिं उठाणेइ वा० ते विखंपि लवंति ३ एगे एवमाहंसु २, वयं पुण एवं वयामो-ता चंदिमसूरिया णं देवा महिड्डिया जाव महाणुभागा वरवत्थधरा वरमल्लधरा० वराभरणधारी अवोच्छित्तिणयट्ठयाए अण्णे चयंति अण्णे उववजंति० ॥ १०२ ॥ ता कहं ते राहुकम्मे आहिएति वएजा ? तत्थ खलु इमाओ दो पडिवत्तीओ पण्णत्ताओ, तं०-तत्थेगे एवमाहंसु-ता अत्थि णं से राहू देवे जे णं चंदं वा सूरं वा गिण्हइ एगे एवमाहंसु १, एगे पुण एवमाहंसु-ता णत्थि णं से राहू देवे जे णं चंदं वा सूरं वा गिण्हइ० २, Page #823 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता अत्थि णं से राहू देवे जे णं चंदं वा सूरं वा गिण्हइ, ते एवमाहंसु-ता राहू णं देवे चंदं वा सूरं वा गेण्हमाणे बुद्धतेणं गिण्हित्ता बुद्धंतेणं मुयइ बुद्धतेणं गिण्हित्ता मुद्धतेणं मुयइ मुद्धतेणं गिण्हित्ता मुद्धतेणं मुयइ, वामभुयंतेणं गिण्हित्ता वामभुयंतेणं मुयइ वामभुयंतेणं गिण्हित्ता दाहिणभुयंतेणं मुयइ दाहिणभुयंतेणं गिण्हित्ता वामभुयंतेणं मुयइ दाहिणभुयंतेणं गिण्हित्ता दाहिणभयंतेणं मुयइ, तत्थ जे ते एवमाहंसु-ता णत्थि णं से राहू देवे जे णं चंदं वा सूरं वा गेण्हइ, ते एवमाहंसु-तत्थ णं इमे पण्णरस कसिणपोग्गला प०,तं०-सिंघाणए जडिलए खरए खयए अंजणे खंजणे सीयले हिमसीयले केलासे अरुणाभे परिजए णभसूरए ऋविलए पिंगलए राहू, ता जया णं एए पण्णरस कसिणा पोग्गला सया चंदस्स वा सूरस्स वा लेसाणुबद्धचारिणो भवंति तया णं माणुसलोयंसि माणुसा एवं वयंति—एवं खलु राहू चंदं वा सूरं वा गेण्हइ २, ता जया णं एए पण्णरस कसिणा पोग्गला णो सया चंदस्स वा सूरस्स वा लेसाणुबद्धचारिणो भवंति तया णं माणुसलोयम्मि मणुस्सा एवं वयंति-एवं खलु राहू चंदं वा सूरं वा गेण्हइ०, एए एवमाहंसु, वयं पुण एवं वयामो-ता राहू णं देवे महिड्डिए. महाणुभावे वरवत्थधरे जाव वराभरणधारी, राहुस्स णं देवस्स णव णामधेजा प०, तं०-सिंघाडए जडिलए खरए खेत्तए ढड्डरे मगरे मच्छे कच्छभे किण्हसप्पे, ता राहुस्स णं देवस्स विमाणा पंचवण्णा प०, तं०-किण्हा णीला लोहिया हालिद्दा सुकिल्ला, अत्थि कालए राहुविमाणे खंजणवण्णाभे प०, अत्थि णीलए राहुविमाणे लाउयवण्णाभे पण्णत्ते, अत्थि लोहिए राहुविमाणे मंजिट्ठावण्णाभे पण्णत्ते, अत्थि हालिइए राहुविमाणे हालिद्दावण्णाभे प०, अत्थि सुकिल्लए राहुविमाणे भासरासिवण्णाभेप०, ता जया णं राहुदेवे आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वेमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेस्सं पुरच्छिमेणं आवरित्ता पचत्थिमेणं वीईवयइ तया णं पुरच्छिमेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ पञ्चत्थिमेणं राहू , जया णं राहुदेवे आगच्छेमाणे वा गच्छेमाणे वा विउव्वेमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं दाहिणेणं आवरित्ता उत्तरेणं वीईवयइ तया णं दाहिणेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ उत्तरेणं राहू, एएणं अभिलावणं पञ्चत्थिमेणं आवरित्ता पुरच्छिमेणं वीईवयइ उत्तरेणं आवरित्ता दाहिणेणं वीईवयइ, जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वेमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं दाहिणपुरच्छिमेणं आवरित्ता उत्तरपञ्चत्थिमेणं वीईवयइ तया णं दाहिणपुरच्छिमेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ उत्तरपञ्चत्थिमेणं राहू, जया मं राहू देवे आगच्छमाणे वा गच्छमाणे वा विउव्वमाणे वा परियारेमाणे वा चंदस्स . Page #824 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० २० चंदग्गमहिसीओ] सुत्तागमे ७४९ वा सूरस्स वा लेसं दाहिणपञ्चत्थिमेणं आवरित्ता उत्तरपुरच्छिमेणं वीईवयइ तया णं दाहिणपञ्चत्थिमेणं चंदे वा सूरे वा उवदंसेइ उत्तरपुरच्छिमेणं राहू , एएणं अभिलावणं उत्तरपञ्चत्थिमेणं आवरेत्ता दाहिणपुरच्छिमेणं वीईवयइ, उत्तरपुरच्छिमेणं आवरेत्ता दाहिणपञ्चत्थिमेणं वीईवयइ, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेमाणे चिठ्ठइ [आवरेत्ता वीईवयइ], तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु राहुणा चंदे वा सूरे वा गहिए०, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ता पासेणं वीईवयइ तया णं मणुस्सलोयंमि मणुस्सा वयंति-एवं खलु चंदेण वा सूरेण वा राहुस्स कुच्छी भिण्णा०, ता जया णं राहुदेवे आगच्छमाणे वा चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ता पच्चोसक्कइ तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति-एवं खलु राहुणा चंदे वा सूरे वा वंते. राहुणा० २, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे वा० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ता मज्झंमज्झेणं वीईवयइ तया णं मणुस्सलोए मणुस्सा वयंति० राहुणा चंदे वा सूरे वा वीइयरिए. राहुणा० २, ता जया णं राहू देवे आगच्छमाणे० चंदस्स वा सूरस्स वा लेसं आवरेत्ताणं अहे सपक्खिं सपडिदिसि चिट्ठइ तया णं मणुस्सलोयंसि मणुस्सा वयंति. राहुणा चंदे वा० घत्थे• राहुणा० २ । ता कइविहे णं राहू प० ? ता दुविहे प०, तं०-धुवराहू य पव्वराहू य, तत्थ णं जे से धुवराहू से णं बहुलपक्खस्स पाडिवए पण्णरसइभागेणं भागं चंदस्स लेसं आवरेमाणे० चिठ्ठइ, तं०-पढमाए पढमं भागं जाव पण्णरसमं भागं, चरमे समए चंदे रत्ते भवइ, अवसेसे समए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, तमेव सुक्कपक्खे उवदंसेमाणे २ चिट्ठइ, तं०-पढमाए पढमं भागं जाव चंदे विरत्ते भवइ, अवसेसे समए चंदे रत्ते य विरत्ते य भवइ, तत्थ णं जे से पव्वराहू से जहण्णेणं छण्हं मासाणं, उक्कोसेणं बायालीसाए मासाणं चंदस्स अडयालीसाए संवच्छराणं सूरस्स ॥ १०३ ॥ ता कहं ते चंदे ससी २ आहिएति वएजा ? ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो मियंके विमाणे कंता देवा कंताओ देवीओ कंताई आसणसयणखंभभंडमत्तोवगरणाई अप्पणावि य णं चंदे देवे जोइसिंदे जोइसराया सोमे कंते सुभगे पियदंसणे सुरूवे ता एवं खलु चंदे ससी चंदे ससी आहिएति वएजा । ता कहं ते सूरिए आइच्चे सूरे २ आहिएति वएजा ? ता सूराइया णं समयाइ वा आवलियाइ वा आणापाणूइ वा थोवेइ वा जाव उस्स प्पिणिओसप्पिणीइ वा, एवं खलु सूरे आइच्चे २ आहिएति वएज्जा ॥ १०४ ॥ ता चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ? ता चंदस्स० चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं०-चंदप्पभा Page #825 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [चंदपण्णत्ती दोसिणाभा अच्चिमाली पभंकरा, जहा हेट्ठा तं चेव जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं, एवं सूरस्सवि णेयव्वं, ता चंदिमसूरिया णं जोइसिंदा णं जोइसरायाणो केरिसए कामभोगे पञ्चणुभवमाणा विहरंति ? ता से जहाणामए-केइ पुरिसे पढमजोव्वणुट्ठाणबलसमत्थे पढमजोव्वणुट्ठाणबलसमत्थाए भारियाए सद्धिं अचिरवत्तविवाहे अत्थत्थी अत्थगवेसणयाए सोलसवासविप्पवसिए से णं तओ लढे कयकज्जे अणहसमग्गे पुणरवि णियघरं हन्वमागए ण्हाए सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे मणुण्णं थालीपागसुद्धं अट्ठारसवंजणाउलं भोयणं भुत्ते समाणे तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अंतो बाहिरओ दूमियघट्ठमढे विचित्तउल्लोयचिल्लियतले बहुसमसुविभत्तभूमिभाए मणिरयणपणासियंधयारे कालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवमघमघतगंधुद्धयाभिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूए तंसि तारिसगंसि सयणिजंसि दुहओ उण्णए मज्झोणयगंभीरे सालिंगणवट्टिए पण्णत्तगंडविब्बोयणे सुरम्मे गंगापुलिणवालुयाउद्दालसालिसए सुविरइयरयत्ताणे ओयवियखोमियखोमदुगूलपट्टपडिच्छायणे रत्तंसुयसंवुडे सुरम्मे आईणगख्यबूरणवणीयतूलफासे सुगंधवरकुसुमचुण्णसयणोवयारकलिए ताए तारिसाए भारियाए सद्धिं सिंगारागारचारुवेसाए संगयगयहसियभणियचिट्ठियसलावविलासणिउणजुत्तोवयारकुसलाए अणुरत्ताविरत्ताए मणाणुकूलाए एगंतरइपसत्ते अण्णत्थ कच्छइ मणं अकुव्वमाणे इढे सद्दफरिसरसख्वगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पचणुभवमाणे विहरिजा, ता से णं पुरिसे विउसमणकालसमयंसि केरिसयं सायासोक्खं पञ्चणुभवमाणे विहरइ ? उरालं समणाउसो !, ता तस्स णं पुरिसस्स कामभोगेहिंतो एत्तो अणंतगुणविसिट्ठतरा चेव वाणमंतराणं देवाणं कामभोगा, वाणमंतराणं देवाणं कामभोगाहिंतो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव असुरिंदवजियाणं भवणवासीणं देवाणं कामभोगा, असुरिंदवज्जियाणं० देवाणं कामभोगेहिंतो अणंतगुणविसिट्ठतरा चेव असुरकुमाराणं इंदभूयाणं देवाणं कामभोगा, असुरकुमाराणं० देवाणं कामभोगेहितो. गहगणणक्खत्ततारारूवाणं कामभोगा, गहगणणक्खत्ततारारूवाणं कामभोगेहिंतो अणंतगुणविसिट्टतरा चेव चंदिमसूरियाणं देवाणं कामभोगा, ता एरिसए णं चंदिमसूरिया जोइसिंदा जोइसरायाणो कामभोगे पञ्चणुभवमाणा विहरंति ॥ १०५॥ तत्थ खलु इमे अट्ठासीई महग्गहा पण्णत्ता, तं०-इंगालए वियालए लोहियंके सणिच्छरे आहुणिए पाहुणिए कणे कणए कणकणए कणवियाणए १० कणगसंताणे सोमे सहिए आसासणे कजोवए कव्वरए अयकरए दुंदुभए संखे संखणाभे २० संखवण्णाभे कंसे कंसणाभे कंसवण्णामे णीले णीलोभासे रुप्पे रुप्पोभासे भासे भासरासी ३० तिले तिलपुप्फवण्णे दगे दगवण्णे काए बंधे इंदग्गी धूमकेऊ हरी पिंगलए ४० बुहे Page #826 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समापणा] सुत्तागमे सुक्के बहस्सई राहू अगत्थी माणवए कामफासे धुरे पमुहे वियडे ५० विसंधी कप्पेलए पइल्ले जडियालए अरुणे अग्गिल्लए काले महाकाले सोत्थिए सोवत्थिए ६० वद्धमाणगे पलंबे णिचालोए णिच्चुज्जोए सयंपभे ओभासे सेयंकरे खेमंकरे आभंकरे पभंकरे ७० अरए विरए असोगे विसोगे विमले विवत्ते विवत्थे विसाले साले सुव्वए ८० अणियट्टी अणाविए एगजडी दुजडी करकरिए रायग्गले पुप्फकेऊ भावकेऊ ८८ ॥ १०६ ॥ वीसइमं पाहुडं समत्तं ॥ २०॥ ___ इइ एस पाहुडत्था अभव्वजणहिययदुल्लहा इणमो। उक्कित्तिया भगवया जोइसरायस्स पण्णत्ती ॥ १ ॥ एस गहियावि संता थद्धे गारवियमाणिपडिणीए । अबहुस्सुए ण देया तव्विवरीए भवे देया ॥ २ ॥ सद्धाधिइउट्ठाणुच्छाहकम्मबलवीरियपुरिसकारेहिं । जो सिक्खिओवि संतो अभायणे परिकहेजाहि ॥ ३॥ सो पवयणकुलगणसंघबाहिरो णाणविणयपरिहीणो । अरहंतथेगणहरमेरं किर होइ वोलीणो ॥ ४ ॥ तम्हा धिइउट्ठाणुच्छाहकम्मबलवीरियसिक्खियं णाणं । धारेयव्वं णियमा ण य अविणीएसु दायव्वं ॥ ५॥ वीरवरस्स भगवओ जरमरणकिलेसदोसरहियस्स । वंदामि विणयपणओ सोक्खुप्पाए सया पाए ॥६॥१०७॥चंदपण्णत्ती समत्ता॥ Page #827 --------------------------------------------------------------------------  Page #828 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं सूरियपण्णत्ती णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं । तेणं कालेणं तेणं समएणं मिहिला णामं णयरी होत्था रिद्धत्थिमियसमिद्धा पमुइयजणजाणवयापासादीया ४ । तीसे णं मिहिलाए णयरीए बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए माणिभद्दे णामं उज्जाणे होत्था वण्णओ। तीसे णं मिहिलाए णयरीए जियसत्त णामं राया होत्था वण्णओ। तस्स णं जियसत्तुस्स रण्णो धारिणी णामं देवी होत्था वण्णओ। तेणं कालेणं तेणं समएणं तम्मि उजाणे सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया जाव राया जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥ १ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेटे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे गोयमे गोत्तेणं सत्तुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वजारसहणारायसंघयणे जाव एवं वयासी-कइ मंडलाइ वच्चइ १, तिरिच्छा किं च गच्छइ २ । ओभासइ केवइयं ३, सेयाई किं ते संठिई ४ ॥ १ ॥ कहिं पडिहया लेसा ५, कहिं ते ओयसंठिई ६। के सूरियं वरयए ७, कहं ते उदयसंठिई ८ ॥ २ ॥ कहं कट्ठा पोरिसिच्छाया ९, जोगे किं ते व आहिए १० । किं ते संवच्छराणाई ११, कइ संवच्छराइ य १२॥३॥ कहं चंदमसो वुड्डी १३, कया ते दोसिणा बहू १४ । केइ सिग्घगई वुत्ते १५, कहं दोसिणलक्खणं १६ ॥ ४ ॥ चयणोववाय १७ उच्चत्ते १८, सूरिया कइ आहिया १९ । अणुभावे के व संवुत्ते २०, एवमेयाई वीसई ॥ ५ ॥ २ ॥ वड्डोवड्डी मुहुत्ताणं १, अद्धमंडलसंठिई २ । के ते चिण्णं परियरइ ३, अंतरं किं चरंति य ४ ॥६॥ उग्गाहइ केवइयं ५, केवइयं च विकंपइ ६ । मंडलाण य संठाणे ७, विक्खंभो ८ अट्ठ पाहुडा ॥ ७ ॥ छप्पंच य सत्तेव य अट्ठ तिण्णि य हवंति पडिवत्ती । पढमस्स पाहुडस्स हवंति एयाउ पडिवत्ती ॥ ८॥ ३ ॥ पडिवत्तीओ उदए, तहा अत्थमणेसु य । भियवाए कण्णकला, मुहुत्ताण गईइ य॥९॥ णिक्खममाणे सिग्घगई, पविसंते मंदगईइ य । चुलसीइसयं पुरिसाणं, तेसिं च पडिवत्तीओ ॥ १० ॥ उदयम्मि अट्ठ ४८ सुत्ता० Page #829 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [सूरियपण्णत्ती भणिया भेयग्घाए दुवे य पडिवत्ती । चत्तारि मुहत्तगईए हुति तइयम्मि पडिवत्ती ॥ ११ ॥ ४ ॥ आवलिय १ मुहुत्तग्गे २, एवंभागा य ३ जोगस्सा ४ । कुलाई ५ पुण्णमासी ६ य, सण्णिवाए ७ य संठिई ८ ॥ १२ ॥ तार(य)ग्गं च ९ णेया य १०, चंदमग्गत्ति ११ यावरे। देवयाण य अज्झयणे १२, मुहुत्ताणं णामया इय १३ ॥ १३ ॥ दिवसा राइ वुत्ता य १४, तिहि १५ गोत्ता १६ भोयणाणि १७ य , आइचवार १८ मासा १९ य, पंच संवच्छरा २० इय ॥ १४ ॥ जोइसस्स दाराई २१, णक्खत्तविजए विय २२। दसमे पाहुडे एए बावीसं पाहुडपाहुडा ॥ १५॥५॥ एसो कमविसेसो ताव सूरियपण्णत्तीए अवसेसो अपरिसेसो भावियवो जहा चंदपण्णत्तीए जाव अंतिमा गाहत्ति ॥ सूरियपण्णत्ती समत्ता ॥ Page #830 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं निरयावलियाओ [कप्पिया] तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्था, रिद्धिस्थिमियसमिद्धे०।... गुणसिलए नामं उज्जाणे 'वण्णओ। असोगवरपायवे। पुढविसिलापट्टए वण्णओ॥१॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अन्तेवासी अजसुहम्मे नाम अणगारे जाइसंपन्ने जहा केसी जाव पञ्चहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे जेणेव रायगिहे नयरे जाव अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं जाव विहरइ । परिसा निग्गया। धम्मो कहिओ। परिसा पडिगया ॥ २ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अजसुहम्मस्स अणगारस्स अन्तेवासी जम्बू नामं अणगारे समचउरंससंठाणसंठिए जाव संखित्तविउलतेउलेस्से अजसुहम्मस्स अणगारस्स अदूरसामन्ते उर्बुजाणू जाव विहरइ । तए णं से जम्बू जायसवे जाव पजुवासमाणे एवं वयासी-उवङ्गाणं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं एवं उवङ्गाणं पञ्च वग्गा पन्नत्ता, तंजहा-निरयावलियाओ, कप्पवडिसियाओ, पुफियाओ, पुप्फचूलियाओ, वण्हि, दसाओ ॥ ३ ॥ जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं पञ्च वग्गा पन्नत्ता, तंजहा-निरयावलियाओ जाव वण्हिदसाओ, पढमस्स णं भन्ते ! वग्गस्स उवङ्गाणं निरयावलियाणं समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पन्नत्ता ? एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं पढमस्स वग्गस्स निरयावलियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा—काले सुकाले महाकाले कण्हे सुकण्हे तहा महाकण्हे । वीरकण्हे य बोद्धव्वे रामकण्हे तहेव य ॥ १॥ पिउसेणकण्हे नवमे दसमे महासेणकण्हे उ। जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं पढमस्स वग्गस्स निरयावलियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भन्ते ! अज्झयणस्स निरयावलियाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे चम्पा नामं नयरी होत्था, Page #831 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ७५६ [निरयावलियाओ रिद्ध० । पुण्णभद्दे उजाणे । तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए कूणिए नामं राया होत्था, महया० । तस्स णं कूणियस्स रन्नो पउमावई नामं देवी होत्था, सोमालपाणिपाया जाव विहरइ ॥ ४ ॥ तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भज्जा कूणियस्स रन्नो चुल्लमाउया काली नामं देवी होत्था, सोमाल. जाव सुरूवा। तीसे णं कालीए देवीए पुत्ते काले नाम कुमारे होत्था, सोमाल० जाव सुरूवे ॥ ५॥ तए णं से काले कुमारे अन्नया कयाइ तिहिं दन्तिसहस्सेहिं तिहिं रहसहस्सेहिं तिहिं आससहस्सेहिं तिहिं मणुयकोडीहिं गरुलवूहे एकारसमेणं खण्डेणं कूणिएणं रन्ना सद्धिं रहमुसलं संगामं ओयाए ॥ ६ ॥ तए णं तीसे कालीए देवीए अन्नया कयाइ कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु ममं पुत्ते कालकुमारे तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव ओयाए, से मन्ने किं जइस्सइ ? नो जइस्सइ ? जीविस्सइ ? नो जीविस्सइ ? पराजिणिस्सइ ? नो पराजिणिस्सइ ? काले णं कुमारे अहं जीवमाणं पासिज्जा ? ओहयमण० जाव झियाइ ॥ ७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसरिए। परिसा निग्गया । तए णं तीसे कालीए देवीए इमीसे कहाए लट्ठाए समाणीए अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पजित्था-एवं खलु समणे भगवं० पुव्वाणुपुर्दिव जाव विहरइ, तं महाफलं खलु तहारूवाणं जाव विउलस्स अट्ठस्स गहणयाए, तं गच्छामि णं समणं जाव पजुवासामि, इमं च णं एयारूवं वागरणं पुच्छिस्सामित्तिक टु एवं संपेहेइ २ त्ता कोडम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह उवट्ठवित्ता जाव पञ्चप्पिणन्ति ॥ ८॥ तए णं सा काली देवी व्हाया अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा बहूहिं खुजाहिं जाव महत्तरगविन्दपरिक्खित्ता अन्तेउराओ निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ २ त्ता नियगपरियालसंपरिवुडा चम्पं नयरिं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव पुण्णभद्दे उजाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता छत्ताईए जावधम्मियं जाणप्पवरं ठवेइ २ त्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ २ त्ता बहूहिं खुजाहिं जाव विन्दपरिक्खित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वन्दइ २ त्ता ठिया चेव सपरिवारा सुस्सूसमाणी नमसमाणी अभिमुहा विणएणं पञ्जलिउडा पजुवासइ ॥ ९ ॥ तए णं समणे भगवं जाव कालीए देवीए तीसे य महइमहालियाए धम्मकहा भाणियव्वा जाव समणोवासए वा समणोवासिया वा विहरमाणे आणाए आराहए भवइ Page #832 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १ रायगिहवण्णणं] सुत्तागमे ७५७ ॥ १० ॥ तए णं सा काली देवी समणस्स भगवओ महावीरस्स अन्तियं धम्म सोचा निसम्म हट्ठ जाव हियया समणं भगवं तिक्खुत्तो जाव एवं वयासी-एवं खलु भन्ते ! मम पुत्ते काले कुमारे तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव रहमुसलं संगामं ओयाए, से णं भन्ते ! किं जइस्सइ ? नो जइस्सइ जाव काले णं कुमारे अहं जीवमाणं पासिज्जा ? कालीइ समणे भगवं. कालिं देवि एवं वयासी-एवं खलु काली! तव पुत्ते काले कुमारे तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव कूणिएणं रन्ना सद्धिं रहमुसलं संगामं संगामेमाणे हयमहियपवरवीरघाइयनिवडियचिन्धज्झयपडागे निरालोयाओ दिसाओ करेमाणे चेडगस्स रन्नो सपक्खं सपडिदिसिं रहेणं पडिरहं हव्वमागए, तए णं से चेडए राया कालं कुमारं एजमाणं पासइ २ त्ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे धणुं परामुसइ २ त्ता उसुं परामुसइ २ त्ता वइसाहं ठाणं ठाइ २ ता आययकण्णाययं उसुं करेइ २ त्ता कालं कुमारं एगाहच्चं कूडाहच्चं जीवियाओ ववरोवेइ, तं कालगए णं काली ! काले कुमारे, नो चेव णं तुमं कालं कुमारं जीवमाणं पासिहिसि ॥ ११ ॥ तए णं सा काली देवी समणस्स भगवओ महावीरस्स अन्तियं एयमढे सोच्चा निसम्म महया पुत्तसोएणं अप्फुन्ना समाणी परसुनियत्ता विव चम्पगलया धसत्ति धरणीयलंसि सव्वङ्गेहिं संनिवडिया। तए णं सा काली देवी मुहुत्तन्तरेणं आसत्था समाणी उठाए उढेइ २ त्ता समणं भगवं० वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-एवमेयं भन्ते ! तहमेयं भन्ते ! अवितहमेयं भन्ते ! असंदिद्धमेयं भन्ते ! सच्चे णं भन्ते ! एसमढे जहेयं तुन्भे वयहत्तिकटु समणं भगवं० वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ २ त्ता जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया ॥ १२ ॥ भन्ते ! त्ति भगवं गोयमे जाव वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-काले णं भन्ते ! कुमारे तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव रहमुसलं संगाम संगामेमाणे चेडएणं रन्ना एगाहचं कूडाहच्चं जीवियाओ ववरोविए समाणे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववन्ने ? गोयमाइ समणे भगवं० गोयमं एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! काले कुमारे तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव जीवियाओ ववरोविए समाणे कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पङ्कप्पभाए पुढवीए हेमामे नरगे दससागरोवमट्ठिइएसु नेरइएसु नेरइयत्ताए उववन्ने ॥ १३ ॥ काले णं भन्ते! कुमारे केरिसएहिं आरम्भेहिं केरिसएहिं समारम्भेहिं केरिसएहिं आरम्भसमारम्भेहिं केरिसएहिं भोगेहिं केरिसएहिं संभोगेहिं केरिसएहिं भोगसंभोगेहिं केरिसेण वा असुभकडकम्मपन्भारेणं कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पङ्कप्पभाए पुढवीए जाव नेरइयत्ताए उववन्ने ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्था, रिद्धत्थिमियसमिद्धे० । Page #833 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [निरयावलियाओ तत्थ णं रायगिहे नयरे सेणिए नाम राया होत्था, महया० । तस्स णं सेणियस्स रन्नो नन्दा नामं देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरइ । तस्स णं सेणियस्स रन्नो पुत्ते नन्दाए देवीए अत्तए अभए नाम कुमारे होत्था, सोमाल० जाव सुरूवे, सामदाणभेयदण्ड० जहा चित्तो जाव रजधुराए चिन्तए यावि होत्था । तस्स णं सेणियस्स रन्नो चेल्लणा नाम देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरइ ॥ १४ ॥ तए णं सा चेल्लणा देवी अन्नया कयाइ तंसि तारिसयंसि वासघरंसि जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, जहा पभावई जाव सुमिणपाढगा पडिविसज्जिया जाव चेल्लणा से वयणं पडिच्छित्ता जेणेव सए भवणे तेणेव अणुपविट्ठा ॥ १५ ॥ तए णं तीसे चेल्लणाए देवीए अन्नया कयाइं तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे दोहले पाउब्भूएधन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव जम्मजीवियफले जाओ णं सेणियस्स रन्नो उयरवलीमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च जाव पसन्नं च आसाएमाणीओ जाव परिभाएमाणीओ दोहलं पविणेन्ति । तए णं सा चेल्लणा देवी तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि सुक्का भुक्खा निम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा नित्तेया दीणविमणवयणा पण्डुइयमुही ओमन्थियनयणवयणकमला जहोचियं पुप्फवत्थगन्धमल्लालंकारं अपरिभुञ्जमाणी करयलमलियव्व कमलमाला ओहयमणसंकप्पा जाव झियाइ ॥ १६ ॥ तए णं तीसे चेल्लणाए देवीए अङ्गपडियारियाओ चेल्लणं देविं सुक्कं भुक्खं जाव झियायमाणिं पासन्ति २ त्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अञ्जलिं कुटु सेणियं रायं एवं वयासी-एवं खलु सामी! चेल्लणा देवी न याणामो केणइ कारणेणं सुक्का भुक्खा जाव झियाइ ॥ १७ ॥ तए णं से सेणिए राया तासिं अङ्गपडियारियाणं अन्तिए एयमढे सोचा निसम्म तहेव संभन्ते समाणे जेणेव चेल्लणा देवी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चेल्लणं देविं सुकं भुक्खं जाव झियायमाणिं पासित्ता एवं वयासी-किं णं तुमं देवाणुप्पिए ! सुक्का भुक्खा जाव झियासि ? ॥ १८ ॥ तए णं सा चेल्लणा देवी सेणियस्स रन्नो एयमद्वं नो आढाइ नो परिजाणाइ, तुसिणीया संचिठ्ठइ । तए णं से सेणिए राया चेल्लणं देविं दोच्चंपि तचंपि एवं वयासी-किं णं अहं देवाणुप्पिए ! एयमट्ठस्स नो अरिहे सवणयाए जं णं तुमं एयमढें रहस्सीकरेसि ? ॥ १९ ॥ तए णं सा चेल्लणा देवी सेणिएणं रन्ना दोच्चंपि तच्चंपि एवं वुत्ता समाणी सेणियं रायं एवं वयासी-नत्थि णं सामी ! से केइ अढे जस्स णं तुब्भे अणरिहा सवणयाए, नो चेव णं इमस्स अट्ठस्स सवणयाए, एवं खलु सामी ! ममं तस्स ओरालस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे दोहले पाउन्भूए-धन्नाओ णं ताओ Page #834 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १ ठाणिजपुरिस०] सुत्तागमे अम्मयाओ जाओ णं तुब्भं उयरवलिमंसेहिं सोल्लएहि य जाव दोहलं विणेन्ति, तए णं अहं सामी! तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि सुक्का भुक्खा जाव झियामि ॥२०॥ तए णं से सेणिए राया चेल्लणं देवि एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए ! ओहय० जाव झियाहि, अहं णं तहा जत्तिहामि जहा णं तव दोहलस्स संपत्ती भविस्सइत्तिकुटु चेल्लणं देविं ताहिं इठ्ठाहिं कन्ताहिं पियाहिं मणुन्नाहिं मणामाहिं ओरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मङ्गल्लाहिं मियमहुरसस्सिरीयाहिं वग्गूहि समासासेइ २ त्ता चेल्लणाए देवीए अन्तियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे निसीयइ २ त्ता तस्स दोहलस्स संपत्तिनिमित्तं बहूहिं आएहिं उवाएहि य उप्पत्तियाए य वेणइयाए य कम्मियाए य पारिणामियाए य परिणामेमाणे २ तस्स दोहलस्स आयं वा उवायं वा ठिइं वा अविन्दमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियाइ ॥२१॥ इमं च णं अभए कुमारे एहाए अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरे सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सेणियं रायं ओहय० जाव झियायमाणं पासइ २ त्ता एवं वयासी-अन्नया णं ताओ ! तुब्भे ममं पासित्ता हट्ठ जाव हियया भवह किं णं ताओ ! अज तुब्मे ओहय० जाव झियाह ? तं जइ णं अहं ताओ ! एयमट्ठस्स अरिहे सवणयाए तो णं तुम्भे मम एयमढें जहाभूयमवितहं असंदिद्धं परिकहेह, जा णं अहं तस्स अट्ठस्स अन्तगमणं करेमि ॥ २२ ॥ तए णं से सेणिए राया अभयं कुमारं एवं वयासी-नत्थि णं पुत्ता ! से केइ अढे जस्स णं तुमं अणरिहे सवणयाए, एवं खलु पुत्ता ! तव चुल्लमाउयाए चेलणाए देवीए तस्स ओरालस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव जाओ णं मम उयरवलीमंसेहिं सोल्लेहि य जाव दोहलं विणेन्ति, तए णं सा चेल्लणा देवी तंसि दोहलंसि अविणिजमाणंसि सुक्का जाव झियाइ, तए णं अहं पुत्ता ! तस्स दोहलस्स संपत्तिनिमित्तं बहूहिं आएहि य जाव ठिई वा अविन्दमाणे ओहय० जाव झियामि ॥ २३ ॥ तए णं से अभए कुमारे सेणियं रायं एवं वयासी-मा णं ताओ ! तुन्भे ओहय० जाव झियाह, अहं णं तहा जत्तिहामि जहा णं मम चुल्लमाउयाए चेल्लणाए देवीए तस्स दोहलस्स संपत्ती भविस्सइत्तिक? सेणियं रायं ताहिं इटाहिं जाव वग्गूहिं समासासेइ २ त्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अब्भिन्तरए रहस्सियए ठाणिजे पुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्मे देवाणुप्पिया ! सूणाओ अल्लं मंसं रुहिरं बत्थिपुडगं च गिण्हह ॥ २४ ॥ तए णं ते ठाणिज्जा पुरिसा Page #835 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६० सुत्तागमे [ निरया बलियाओ.. अभएणं कुमारेणं एवं वृत्ता समाणा हट्टतुट्ठ० जाव पडिसुणेत्ता अभयस्स कुमार अन्तियाओ पडिनिक्खमन्ति २ त्ता जेणेव सूणा तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता अल्लं मंसं रुहिरं बत्थिपुडगं च गिण्हन्ति २ त्ता जेणेव अभए कुमारे तेणेव उवागच्छन्ति २ ता करयल ० तं अलं मंसं रुहिरं बत्थिपुडगं च उवन्ति ॥ २५ ॥ तए णं से अभए कुमारे तं अलं मंसं रुहिरं कप्पणी[ अप्प ]कप्पियं करेइ २ त्ता जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सेणियं रायं रहस्सिगयं सयणिज्जंसि उत्ताणयं निवज्जावेइ २ त्ता सेणियस्स उयरवलीसु तं अल्लं मंसं रुहिरं विरवेइ २त्ता बत्थिपुडएणं वेढेइ २ त्ता सवन्तीकरणेणं करेइ २ त्ता चेल्लणं देविं उपि पासाए अवलोयणवरगयं ठवावेइ २ त्ता चेल्लणाए देवीए अहे सपक्खं सपडिदिसिं सेणियं राय सयणिज्जंसि उत्ताणगं निवज्जावेर, सेणियस्स रन्नो उयरवलिमंसाईं कप्प[णि]णी-कप्पियाई करेइ २त्ता से य भायणंसि पक्खिवइ । तए णं से सेणिए राया अलिय - मुच्छियं करेइ २ त्ता मुहुत्तन्तरेणं अन्नमन्त्रेण सद्धिं संलवमाणे चिट्ठइ । तए णं से अभयकुमारे सेणियस्स रन्नो उयरवलिमंसाई गिण्हेइ २ त्ता जेणेव चेलणा देवी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चेल्लणाए देवीए उवणेइ । तए णं सा चेलणा देवी सेणियस्स रन्नो तेहिं उयरवलिमंसेहिं सोल्लेहिं जाव दोहलं विणेइ । तए णं सा चेल्लणा देवी संपुण्णदोहला एवं संमाणियदोहला विच्छिन्नदोहला तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहइ ॥ २६ ॥ तए णं तीसे चेलणाए देवीए अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकाल - समयंसि अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था - जइ ताव इमेणं दारएणं गब्भगएणं चेव पिउणो उयरवलिमंसाणि खाइयाणि, तं सेयं खलु मए एयं गब्भं साडित्तए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा विद्धंसित्तए वा, एवं संपेहेइ २ त्ता तं गब्भं बहूहिं गब्भसाडणेहि य गब्भपाडणेहि य गब्भगालणेहि य गब्भविद्धंसणेहि य इच्छइ तं गब्भं सात्तिए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा विद्धंसित्तए वा, नो चेव णं से गब्भे सडइ वा पडइ वा गलइ वा विद्धंसइ वा । तए णं सा चेल्लणा देवी तं गब्भं जा नो संचाएइ बहूहिं गब्भसाडणेहि य जाव गब्भविद्धंसणेहि य साडित्तए वा जाव विद्धंसित्तए वा ताहे सन्ता तन्ता परितन्ता निव्विण्णा समाणी अकामिया अवसवसा अट्टवसद्द्दुहवा तं गब्भं परिवहइ ॥ २७ ॥ तए णं सा चेलणा देवी नवहं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव सोमालं सुरूवं दारगं पयाया । तए णं तीसे चेल्लणाए देवीए इमे एारूवे जाव समुप्पजित्था - जइ ताव इमेणं दारएणं गब्भगएणं चेव पिउणो उयरवलिमंसाई खाइय इं, तं न नज्जइ णं एस दारए संवड्ढमाणे अम्हं कुलस्स अन्तकरे भविस्सइ, तं सेयं खलु अम्हं एयं दारगं एगन्ते उक्कुरुडियाए Page #836 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १. कूणियनामकरणं] सुत्तागमे उज्झावित्तए, एवं संपेहेइ २ त्ता दासचेडिं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छ णं तुमं देवाणुप्पिए ! एवं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झाहि ॥ २८ ॥ तए णं सा दासचेडी चेल्लणाए देवीए एवं वुत्ता समाणी करयल० जाव चेल्लणाए देवीए एयमढे विणएणं पडिसुणेइ २ त्ता तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ २ त्ता जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं दारगं एगन्ते उकुरुडियाए उज्झाइ । तए णं तेणं दारगेणं एगन्ते उक्कुरुडियाए उज्झिएणं समाणेणं सा असोगवणिया उज्जोविया यावि होत्था ॥ २९ ॥ तए णं से सेणिए राया इमीसे कहाए लढे समाणे जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं दारगं एगन्ते उकुरुडियाए उज्झियं पासेइ २ त्ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ २ त्ता जेणेव चेल्लणा देवी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चेल्लणं देविं उच्चावयाहिं आओसणाहिं आओसइ २ त्ता उच्चावयाहिं निब्भच्छणाहिं निब्भच्छेइ एवं उद्धंसणाहिं उद्धंसेइ २ त्ता एवं वयासी-किस्स णं तुमं मम पुत्तं एगन्ते उक्कुरुडियाए उज्झावेसि ? त्तिकट्ट चेल्लणं देविं उच्चावयसवहसावियं करेइ २ त्ता एवं वयासी-तुमं. णं देवाणुप्पिए ! एयं दारगं अणुपुव्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवड्डेहि ॥ ३० ॥ तए णं सा चेल्लणा देवी सेणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणी लजिया विलिया विड्डा करयलपरिग्गहियं० सेणियस्स रन्नो विणएणं एयमढे पडिसुणेइ २ त्ता तं दारगं अणुपुव्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवड्डेइ ॥ ३१ ॥ तए णं तस्स दारगस्स एगते उक्कुरुडियाए उज्झिजमाणस्स अग्गङ्गुलिया कुक्कुडपिच्छएणं दूमिया यावि होत्था, अभिक्खणं अभिक्खणं पूयं च सोणियं च अभिनिस्सवइ । तए णं से दारए वेयणाभिभूए समाणे महया महया सद्देणं आरसइ । तए णं सेणिए राया तस्स दारगस्स आरसियस इं सोचा निसम्म जेणेव से दारए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ २ त्ता तं अग्गङ्गुलियं आसयंसि पक्खिवइ २ त्ता पूयं च सोणियं च आसएणं आमुसइ । तए णं से दारए निव्वुए निव्वेयणे तुसिणीए संचिठ्ठइ । जाहे वि य णं से दारए वेयणाए अभिभूए समाणे महया महया सद्देणं आरसइ ताहे वि य णं सेणिए राया जेणेव से दारए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ तं चेव जाव निव्वेयणे तुसिणीए संचिठ्ठइ ॥ ३२ ॥ तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो तइए दिवसे चन्दसूरदरिसणियं करेन्ति जाव संपत्ते बारसाहे दिवसे अयमेयारूवं गुणनिप्फन्नं नामधेनं करेन्ति-जम्हा णं अम्हं इमस्स दारगस्स एगन्ते उकुरुडियाए उज्झिजमाणस्स अङ्गुलिया कुक्कुडपिच्छएणं दूमिया तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेनं कूणिए २ । तए णं तस्स दार Page #837 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [निरयावलियाओ गस्स अम्मापियरो नामधेजं करेन्ति 'कूणिय' त्ति । तए णं तस्स कूणियस्स आणुपुव्वेणं ठिइवडियं च जहा मेहस्स जाव उप्पि पासायवरगए विहरइ, अट्ठओ दाओ ॥ ३३ ॥ तए णं तस्स कूणियस्स कुमारस्स अन्नया० पुव्वरत्ता० जाव समुप्पजित्थाएवं खलु अहं सेणियस्स रन्नो वाघाएणं नो संचाएमि सयमेव रजसिरिं करेमाणे पालेमाणे विहरित्तए, तं सेयं खलु मम सेणियं रायं नियलबन्धणं करेत्ता अप्पाणं महया महया रायाभिसेएणं अभिसिञ्चावित्तएत्तिकट्ठ एवं संपेहेइ २ त्ता सेणियस्स रन्नो अन्तराणि य छिड्डाणि य विरहाणि य पडिजागरमाणे २ विहरइ ॥ ३४ ॥ तए णं से कूणिए कुमारे सेणियस्स रन्नो अन्तरं वा जाव मम्मं वा अलभमाणे अन्नया कयाइ कालाईए दस कुमारे नियघरे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे सेणियस्स रन्नो वाघाएणं नो संचाएमो सयमेव रजसिरिं करेमाणा पालेमाणा विहरित्तए, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं सेणियं रायं नियलबन्धणं करेत्ता रजं च रट्टं च बलं च वाहणं च कोसं च कोट्ठागारं च जणवयं च एकारसभाए विरिञ्चित्ता सयमेव रजसिरिं करेमाणाणं पालेमाणाणं जाव विहरित्तए ॥ ३५ ॥ तए णं ते कालाईया दस कुमारा कूणियस्स कुमारस्स एयमढे विणएणं पडिसुणन्ति । तए णं से कूणिए कुमारे अन्नया कयाइ सेणियस्स रन्नो अन्तरं जाणइ २ त्ता सेणियं रायं नियलबन्धणं करेइ २ त्ता अप्पाणं महया महया रायाभिसेएणं अभिसिञ्चावेइ । तए णं से कूणिए कुमारे राया जाए महया० ॥ ३६॥ तए णं से कूणिए राया अन्नया कयाइ ण्हाए सव्वालंकारविभूसिए चेल्लणाए देवीए पायवन्दए हव्वमागच्छइ । तए णं से कूणिए राया चेलणं देविं ओहय० जाव झियायमाणिं पासइ २ त्ता चेल्लणाए देवीए पायग्गहणं करेइ २ त्ता चेल्लणं देवि एवं वयासी-किं णं अम्मो ! तुम्हं न तुट्ठी वा न ऊसए वा न हरिसे वा न आणन्दे वा, जं णं अहं सयमेव रजसिरिं जाव विहरामि ? ॥ ३७ ॥ तए णं सा चेल्लणा देवी कूणियं रायं एवं वयासी-कहं णं पुत्ता ! ममं तुट्ठी वा ऊसए वा हरिसे वा आणन्दे वा भविस्सइ जं णं तुमं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजणगं अच्चन्तनेहाणुरागरत्तं नियलबन्धणं करित्ता अप्पाणं महया २ रायाभिसेएणं अभिसिञ्चावेसि ? ॥ ३८॥ तए णं से कूणिए राया चेल्लणं देविं एवं वयासी-घाएउकामे णं अम्मो ! मम सेणिए राया, एवं मारेउ० बन्धिउ० निच्छुभिउकामे णं अम्मो ! ममं सेणिए राया, तं कहं णं अम्मो ! ममं सेणिए राया अञ्चन्तनेहाणुरागरत्ते ? ॥ ३९ ॥ तए णं सा चेल्लणा देवी कूणियं कुमारं एवं वयासीएवं खलु पुत्ता ! तुमंसि ममं गब्भे आभूए समाणे तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं ममं अयमेयारूवे दोहले पाउन्भूए-धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव अंगपडिचारि Page #838 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १ वेहल्लगंधहत्थि०] सुत्तागमे याओ निरवसेसं भाणियव्वं जाव जाहे वि य णं तुमं वेयणाए अभिभूए महया जाव तुसिणीए संचिट्ठसि, एवं खलु तव पुत्ता ! सेणिए राया अचन्तनेहाणुरागरत्ते ॥४०॥ तए णं से कूणिए राया चेल्लणाए देवीए अन्तिए एयमढे सोच्चा निसम्म चेलणं देविं एवं वयासी-दुटू णं अम्मो ! मए कयं सेणियं रायं पियं देवयं गुरुजणगं अचन्तनेहाणुरागरत्तं 'नियलबन्धणं करन्तेणं, तं गच्छामि णं सेणियस्स रन्नो सयमेव नियलाणि छिन्दामित्तिकट्ठ परसुहत्थगए जेणेव चारगसाला तेणेव पहारेत्थ गमणाए ॥४१॥ तए णं सेणिए राया कूणियं कुमारं परसुहत्थगयं एजमाणं पासइ २ त्ता एवं वयासी-एस णं कूणिए कुमारे अपत्थियपत्थिए जाव सिरिहिरिपरिवजिए परसुहत्थगए इह हव्वमागच्छइ, तं न नजइ णं ममं केणइ कुमारेणं मारिस्सइत्तिक? भीए जाव संजायभए तालपुडगं विसं आसगंसि पक्खिवइ । तए णं से सेणिए राया तालपुडगविसंसि आसगंसि पक्खित्ते समाणे मुहुत्तन्तरेणं परिणममाणंसि निप्पाणे निच्चेटे जीवविप्पजढे ओइण्णे ॥ ४२ ॥ तए णं से कूणिए कुमारे जेणेव चारगसाला तेणेव उवागए, सेणियं रायं निप्पाणं निचेटुं जीवविप्पजढं ओइण्णं पासइ २ त्ता महया पिइसोएणं अप्फुण्णे समाणे परसुनियत्ते विव चम्पगवरपायवे वसत्ति धरणीयलंसि सव्वङ्गेहिं संनिवडिए । तए णं से कूणिए कुमारे मुहुत्तन्तरेण आसत्थे समाणे रोयमाणे कन्दमाणे सोयमाणे विलवमाणे एवं वयासी-अहो णं मए अधन्नेणं अपुण्णेणं अकयपुण्णेणं दुकयं सेणियं रायं पियं देवयं अञ्चन्तनेहाणुरागरत्तं नियलबन्धणं करन्तेणं, मममूलागं चेव णं सेणिए राया कालगएत्तिक? ईसरतलवर जाव संधिवालसद्धिं संपरिवुडे रोयमाणे ३ महया इड्डीसक्कारसमुदएणं सेणियस्स रन्नो नीहरणं करेइ २ त्ता बहूई लोइयाइं मयकिच्चाई करेइ। तए णं से कूणिए कुमारे एएणं महया मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे अन्नया कयाइ अन्तेउरपरियालसंपरिखुडे सभण्डमत्तोवगरणमायाए रायगिहाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव चम्पा-नयरी तेणेव उवागच्छइ, तत्थवि णं विउलभोगसमिइसमन्नागए कालेणं अप्पसोए जाए यावि होत्था ॥४३॥ तए णं से कूणिए राया अन्नया कयाइ कालाईए दस कुमारे सद्दावेइ २ त्ता रजं च जाव जणवयं च एक्कारसभाए विरिश्चइ २ त्ता सयमेव रजसिरिं करेमाणे पालेमाणे विहरइ ॥ ४४ ॥ तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए कूणियस्स रन्नो सहोयरे कणीयसे भाया वेहल्ले नामं कुमारे होत्था, सोमाले जाव सुरूवे । तए णं तस्स वेहल्लस्स कुमारस्स सेणिएणं रन्ना जीवंतएणं चेव सेयणए गन्धहत्थी अट्ठारसवंके य हारे पुव्वदिन्ने । तए णं से वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गन्धहत्थिणा अन्तेउरपरियालसंपरिबुडे चम्पं नयरिं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता अभिक्खणं २ गङ्गं Page #839 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ निरयावलियाओ महाणई मज्जणयं ओयरइ । तए णं सेयणए गन्धहत्थी देवीओ सोण्डाए गिण्हइ २ ता अप्पेगइयाओ पुढे ठवेइ, अप्पेगइयाओ खन्धे ठवेइ, एवं कुम्भे ठवेइ, सीसे ठवेइ, दन्तमुसले ठवेइ, अप्पेगइयाओ सोंडाए गहाय उड्डुं वेहासं उव्विहइ, अप्पेगइयाओ सोण्डागयाओ अन्दोलावेइ, अप्पेगइयाओ दन्तन्तरेसु नीणेइ, अप्पेगइयाओ सीभरेणं ण्हाणे, अप्पेगइयाओ अणेगेहिं कीलावणेहिं कीलावेइ । तए णं चम्पाए नयरीए सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरमहा पहपहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ जाव परूds - एवं खलु देवाणुप्पिया ! वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गन्धहत्थिणा अन्तेउर • तं चेव जाव अणेगेहिं कीलावणएहिं कीलावेइ, तं एस णं वेहल्ले कुमारे रज्जसिरिफलं पच्चणुभवमाणे विहरइ, नो कूणिए राया ॥ ४५ ॥ तए णं तीसे पउमावईए देवीए इमीसे कहाए लद्धट्ठाए समाणीए अयमेयारूवे जाव समुप्पजित्था - एवं खलु वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गन्धहत्थिणा जाव अणेगेहिं कीलावणएहिं कीलावेइ, एस वेहल्ले कुमारे रज्जसिरिफलं पचणुभवमाणे विहरइ, नो कूणिए राया, तं किं णं अम्हं रज्जेण वा जाव जणवएण वा जइ णं अम्हं सेयणगे गन्धहत्थी नत्थि ? तं सेयं खलु ममं कूणियं रायं एयमहं विन्नवित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेइ - त्ता जेणेव कूणिए राया तेणेव उवागच्छइ २ त्ता करयल० जाव एवं वयासी - एवं खलु सामी ! वेहल्ले कुमारे सेयणएणं गन्धहत्थिणा जाव अणेगेहिं कीलावणएहिं कीलावेइ, तं किं णं अम्हं रज्जेण वा जाव जणवएण वा जइ णं अम्हं सेयणए गन्धहत्थी नत्थि ? ॥ ४६ ॥ तए णं से कूणिए राया परमावईए० एयमहं नो आढाइ नो परिजाणार, सिणी संचि । तए णं सा पउमावई देवी अभिक्खणं २ कूणियं रायं एयमहूं विन्नवेइ । तए णं से कूणिए राया पउमावईए देवीए अभिक्खणं २ एयमहं विन्नविज्जमाणे अन्नया कयाइ वेहलं कुमारं सद्दावेइ २ त्ता सेयणगं गन्धहत्थि अट्ठारसर्वकं च हारं जायइ ॥ ४७ ॥ तए णं से वेहल्ले कुमारे कूणियं रायं एवं वयासी एवं खलु सामी ! सेणिएणं रन्ना जीवन्तेणं चेव सेयणए गन्धहत्थी अट्ठारसवंके य हारे दिने, तं जइ णं सामी ! तुब्भे ममं रज्जस्स य जाव जणवयस्स य अद्धं दलयह तो णं अहं तुब्भं सेयणगं गन्धहत्थि अट्ठारसवंकं च हारं दलयामि । तए णं से कूणिए राया हल्लरस कुमारस्स एयमहं नो आढाइ नो परिजाणई, अभिक्खणं २ सेयणगं गन्धहत्थि अट्ठारसवंकं च हारं जायइ ॥ ४८ ॥ तए णं तस्स वेहल्लस्स कुमारस्स कूणिएणं रन्ना अभिक्खणं २ सेयणगं गन्धहत्थि अट्ठारसवंकं च हारं एवं खलु अक्खिविउकामे णं गिहिउकामे णं उद्दालेउकामे णं ममं कूणिए राया सेयणगं गन्धहथि अट्ठारसवंकं च हारं, तं जाव न उद्दालेइ ममं कूणिए राया ताव ( सेयं मे ) ७६४ Page #840 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १ चेडयकूणियदूयसंवाओ] सुत्तागमे सेयणगंगन्धहत्थिं अट्ठारसर्वकं च हारं गहाय अन्तेउरपरियालसंपरिखुडस्स सभण्डमत्तोवगरणमायाए चम्पाओ नयरीओ पडिनिक्खमित्ता वेसालीए नयरीए अज्जगं चेडयं रायं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, एवं संपेहेइ २ त्ता कूणियस्स रन्नो अन्तराणि जाव पडिजागरमाणे २ विहरइ । तए णं से वेहल्ले कुमारे अन्नया कयाइ कूणियस्स रन्नो अन्तरं जाणइ २ त्ता सेयणगं गन्धहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं गहाय अन्तेउरपरियालसंपरिखुडे सभण्डमत्तोवगरणमायाए चम्पाओ नयरीओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव वेसाली नयरी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता वेसालीए नयरीए अजगं चेडयं रायं उवसंपजित्ताणं विहरइ ॥ ४९ ॥ तए णं से कूणिए राया इमीसे कहाए लढे समाणे-एवं खलु वेहल्ले कुमारे ममं असंविदिएणं सेयणगं गन्धहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं गहाय अन्तेउरपरियालसंपरिबुडे जाव अजगं चेडयं रायं उवसंपजित्ताणं विहरइ, तं सेयं खलु ममं सेयणगं गन्धहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं आणेउं दूयं पेसित्तए, एवं संपेहेइ २ त्ता दूयं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी—गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया ! वेसालिं नयरिं, तत्थ णं तुमं ममं अजं चेडगं रायं करयल० वद्धावेत्ता एवं वयाहि-एवं खलु सामी ! कूणिए राया विन्नवेइ-एस णं वेहल्ले कुमारे कूणियस्स रन्नो असंविदिएणं सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं गहाय इह हव्वमागए, तए णं तुब्भे सामी ! कूणियं रायं अणुगिण्हमाणा सेयणगं० अट्ठारसर्वकं च हारं कूणियस्स रन्नो पञ्चप्पिणह वेहल्लं कुमारं च पेसेह ॥ ५० ॥ तए णं से दूए कूणिएणं० करयल० जाव पडिसुणित्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जहा चित्तो जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! कूणिए राया विन्नवेइ-एस णं वेहल्ले कुमारे तहेव भाणियव्वं जाव वेहल्लं कुमारं च पेसेह ॥ ५१ ॥ तए णं से चेडए राया तं दूयं एवं वयासी-जह चेव णं देवाणुप्पिया ! कूणिए राया सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए ममं नत्तुए तहेव णं वेहल्लेवि कुमारे सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए मम नत्तुए, सेणिएणं रन्ना जीवन्तेणं चेव वेहल्लस्स कुमारस्स सेयणगे गन्धहत्थी अट्ठारसवंके य हारे पुव्वविइण्णे, तं जइ णं कूणिए राया वेहल्लस्स रजस्स य० जणवयस्स य अद्धं दलयइ तो णं अहं सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं कूणियस्स रन्नो पञ्चप्पिणामि वेहल्लं च कुमारं पेसेमि । तं दूयं सकारेइ संमाणेइ पडिविसज्जेइ ॥ ५२ ॥ तए णं से दूए चेडएणं रन्ना पडिविसज्जिए समाणे जेणेव चाउग्घण्टे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चाउग्घण्टं आसरहं दुरूहइ २ त्ता वेसालिं नयरिं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता सुमेहिं वसहीहिं पायरासेहिं जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! चेडए राया आणवेइ-जह चेव णं Page #841 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७६६ सुत्तागमे . [निरयावलियाओ कूणिए राया सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेलणाए देवीए अत्तए मम नत्तुए, तं चेव भाणियव्वं जाव वेहल्लं च कुमारं पेसेमि, तं न देइ णं सामी ! चेडए राया सेयणगं० अट्ठारसर्वकं च हारं वेहल्लं च नो पेसेइ ॥ ५३ ॥ तए णं से कूणिए राया दोच्चंपि दूयं सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! वेसालिं नयरिं, तत्थ णं तुमं मम अजगं चेडगं रायं जाव एवं वयाहि-एवं खलु सामी ! कूणिए राया विन्नवेइ-जाणि काणि रयणाणि समुप्पजन्ति सव्वाणि ताणि रायकुलगामीणि, सेणियस्स रन्नो रजसिरिं करेमाणस्स पालेमाणस्स दुवे रयणा समुप्पन्ना, तंजहासेयणए गन्धहत्थी अट्ठारसवंके हारे, तं णं तुब्भे सामी ! रायकुलपरंपरागयं ठिइयं अलोवेमाणा सेयणगं गन्धहत्थि अट्ठारसवंकं च हारं कूणियस्स रन्नो पञ्चप्पिणह, वेहल्लं कुमारं पेसेह ॥ ५४ ॥ तए णं से दूए कूणियस्स रन्नो तहेव जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एवं खलु सामी ! कूणिए राया विनवेइ-जाणि काणि जाव वेहल्लं कुमारं पेसेह । तए णं से चेडए राया तं दूयं एवं वयासी-जह चेव णं देवाणुप्पिया ! कूणिए राया सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए जहा पढमं जाव वेहल्लं च कुमारं पेसेमि। तं दूयं सकारेइ संमाणेइ पडिविसज्जेइ ॥ ५५ ॥ तए णं से दूए जाव कूणियस्स रन्नो वद्धावेत्ता एवं वयासी-चेडए राया आणवेइ-जह चेव णं देवाणुप्पिया ! कूणिए राया सेणियस्स रन्नो पुत्ते चेल्लणाए देवीए अत्तए जाव वेहल्लं कुमारं पेसेमि, तं न देइ णं सामी ! चेडए राया सेयणगं गन्धहत्थिं अट्ठारसवंकं च हारं, वेहल्लं कुमारं नो पेसेइ ॥ ५६ ॥ तए णं से कूणिए राया तस्स दूयस्स अन्तिए एयमढे सोच्चा निसम्म आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तचं दूयं सहावेइ २ त्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! वेसालीए नयरीए चेडगस्स रन्नो वामेणं पाएणं पाय[वी पीढं अकमाहि २ त्ता कुन्तग्गेणं लेहं पणावेहि २ त्ता आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिउडिं निडाले साहव चेडगं रायं एवं वयाहि-हं भो चेडगराया ! अपत्थियपत्थिया! दुरन्त० जाव परिवज्जिया ! एस णं कूणिए राया आणवेइ-पच्चप्पिणाहि णं कूणियस्स रन्नो सेयणगं० अट्ठारसवंकं च हारं वेहल्लं च कुमारं पेसेहि अहवा जुद्धसजो चिट्ठाहि, एस णं कूणिए राया सबले सवाहणे सखन्धावारे णं जुद्धसज्जे इह हव्वमागच्छइ ॥ ५७ ॥ तए णं से दूए करयल० तहेव जाव जेणेव चेडए० तेणेव उवागच्छइ २ ता करयल० जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एस णं सामी ! ममं विणयपडिवत्ती, इयाणिं कूणियस्स रन्नो आणत्ति चेडगस्स रन्नो वामेणं पाएणं पायपीढं अक्कमइ २ त्ता आसुरुत्ते कुन्तग्गेण लेहं पणावेइ तं चेव सबलखन्धावारे णं इह हव्वमागच्छङ् ॥ ५८ ॥ तए णं से Page #842 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १ कूणियस्स जुज्झट्ठागमणं ] सुत्तागमे चेडए राया तस्स दूयस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म आसुरुत्ते जाव साहटु एव वयासी-न अप्पिणामि णं कूणियस्स रन्नो सेयणगं अट्ठारसवंकं हारं वेहल्लं च कुमार नो पेसेमि, एस णं जुद्धसज्जे चिट्ठामि । तं दूयं असक्कारियं असंमाणियं अवदारेणं निच्छुहावेइ ॥ ५९ ॥ तए णं से कूणिए राया तस्स दूयस्स अन्तिए ए[अ]यमढें सोच्चा निसम्म आसुरुत्ते कालाईए दस कुमारे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! वेहल्ले कुमारे ममं असंविदिएणं सेयणगं गन्धहत्थिं अट्ठारसर्वकं हारं अन्तेउरं सभण्डं च गहाय चम्पाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता वेसालिं अजगं जाव उवसंपजित्ताणं विहरइ, तए णं मए सेयणगस्स गन्धहत्थिस्स अट्ठारसवंकस्स० अट्ठाए दूया पेसिया, ते य चेडएण रन्ना इमेणं कारणेणं पडिसेहिया, अदुत्तरं च णं ममं तचे दूए असक्कारिए असंमाणिए अवदारेणं निच्छुहावेइ, तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं चेडगस्स रन्नो जुत्तं गिण्हित्तए । तए णं कालाईया दस कुमारा कूणियस्स रन्नो एयमर्स्ट विणएणं पडिसुणेन्ति ॥ ६० ॥ तए णं से कूणिए राया कालाईए दस कुमारे एवं वयासी-गच्छह णं तुन्भे देवाणुप्पिया ! सएसु सएसु रजेसु पत्तेयं पत्तेयं ण्हाया हत्थिखन्धवरगया पत्तेयं पत्तेयं तिहिं दन्तिसहस्सेहिं एवं तिहिं रहसहस्सेहिं तिहिं आससहस्सेहिं तिहिं मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरिवुडा सव्विड्डीए जाव रवेणं सएहिन्तो २ नयरेहिन्तो पडिनिक्खमह २ ता ममं अन्तियं पाउब्भवह ॥ ६१ ॥ तए णं ते कालाईया दस कुमारा कूणियस्स रन्नो एयमढे सोच्चा सएसु सएसु रज्जेसु पत्तेयं २ व्हाया हत्थि जाव तिहिं मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरिबुडा सव्विड्डीए जाव रवेणं सएहिन्तो २ नयरेहिन्तो पडिनिक्खमन्ति २ त्ता जेणेव अङ्गा जणवए जेणेव चम्पा नयरी जेणेव कूणिए राया तेणेव उवागया करयल० जाव वद्धावेन्ति ॥ ६२ ॥ तए णं से कूणिए राया कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेकं हत्थिरयणं पडिकप्पेह, हयगयरहजोहचाउरङ्गिणिं सेणं संनाहेह, ममं एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह जाव पञ्चप्पिणन्तिः । तए णं से कूणिए राया जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ जाव पडिनिग्गच्छित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जाव नरवई दुरूढे ॥ ६३ ॥ तए णं से कूणिए राया तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव रवेणं चम्पं नयरिं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव कालाईया दस कुमारा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता कालाइएहिं दसहिं कुमारेहिं सद्धिं एगओ मेलायन्ति । तए णं से कूणिए राया तेत्तीसाए दन्तिसहस्सेहिं तेत्तीसाए आससहस्सेहिं तेत्तीसाए रहसहस्सेहिं तेत्तीसाए मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरिखुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं सुभेहिं वसहीहिं सुभेहिं पायरासेहिं नाइविगिटेहिं अन्तरावासेहिं वसमाणे २ Page #843 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ निरयावलियाओ अङ्गजणवयस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव विदेहे जणवए जेणेव वेसाली नयरी तेणेव पहारेत्थ गमणा ॥ ६४ ॥ तए णं से चेडए राया इमीसे कहाए लट्ठे समाणे नव मल्लई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! वेहल्ले कुमारे कूणियस्स रन्नो असंविदिएणं सेयणगं० अट्ठारसर्वकं च हारं हाय इहं हव्वमागए, तए णं कूणिएणं सेयणगस्स अट्ठार सर्वकस्स य अट्ठाए तओ दूया पेसिया, ते य मए इमेणं कारणेणं पडिसेहिया, तए णं से कूणिए ममं एयमहं अपडिसुणमाणे चाउरङ्गिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे जुज्झसज्जे इहं हव्वमागच्छइ, तं किं णं देवाणुप्पिया ! सेयणगं अट्ठारसवंकं (च) कूणियस्स रन्नो पच्चप्पिणामो ? वेहलं कुमारं पेसेमो ? उदाहु जुज्झित्था ॥ ६५ ॥ तए णं नव मलई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो चेडगं रायं एवं वयासी-न एयं सामी ! जुत्तं वा पत्तं वा रायसरिसं वा जं णं सेयणगं अट्ठार - सर्वकं कूणियस्स रन्नो पन्चप्पिणिज्जइ वेहल्ले य कुमारे सरणागए पेसिज्जइ, तं जइ णं कूणिए राया चाउरङ्गिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे जुज्झसज्जे इहं हव्वमागच्छ, तणं अम्हे कूणिएणं रन्ना सद्धिं जुज्झामो ॥ ६६ ॥ तए णं से चेडए राया ते नव मलई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो एवं वयासी - जइ णं देवाप्पिया ! तुभे कूणिएणं रन्ना सद्धिं जुज्झह तं गच्छह णं देवाणुप्पिया ! सएसु २ रज्जेसु ण्हाया जहा कालाईया जाव जएणं विजएणं वद्धावेन्ति । तए णं से चेडए राया कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी - आभिसेकं जहा कूणिए जाव दुरूढे ॥ ६७ ॥ तए णं से चेडए राया तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जहा कूणिए जाव वेसालिं नयरिं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ ता जेणेव ते नव मल्लई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो तेणेव उवागच्छइ । तए णं से चेडए राया सत्तावन्नाए दन्तिसहस्सेहिं सत्तावन्नाए आससहस्सेहिं सत्तावन्नाए रहस हस्सेहिं सत्तावन्नाए मणुस्सकोडीहिं सद्धिं संपरिवुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं सुभेहिं वसहीहिं पायरासेहिं नाइविगिट्ठेहिं अन्तरेहिं वसमाणे २ विदेहं जणवयं मज्झमज्झेणं जेणेव देसपन्ते तेणेव उवागच्छइ २ त्ता खन्धावारनिवेसणं करेइ २ त्ता कूणियं रायं पडिवालेमाणे जुज्झसज्जे चिट्ठइ ॥ ६८ ॥ तए णं से कूणिए राया सव्विड्डीए जाव रवेणं जेणेव देसपन्ते तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चेडयस्स रन्नो जोयणन्तरियं खन्धावारनिवेसं करेइ ॥ ६९ ॥ तए णं ते दोन्निवि रायाणो रणभूमिं सज्जावेन्ति २ ता रणभूमिं जयन्ति । तए णं से कूणिए राया तेत्तीसाए दन्तिसहस्सेहिं जाव मणुस्सकोडीहिं गरुलवूहं रएइ २ त्ता गरुलवूहेणं रहमुसलं संगामं उवायाए । तए ૦૨૮ Page #844 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बिइयऽज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे णं से चेडगे राया सत्तावन्नाए दन्तिसहस्सेहिं जाव सत्तावन्नाए मणुस्सकोडीहिं सगडवूहं रएइ २ त्ता सगडवूहेणं रहमुसलं संगामं उवायाए । तए णं ते दोण्हवि राईणं अणीया संनद्ध० जाव गहियाउहपहरणा मंगइएहिं फलएहिं निकट्ठाहिं असीहिं अंसागएहिं तोणेहिं सजीवेहिं धणूहिं समुक्खित्तेहिं सरेहिं समुल्लालियाहिं डावाहिं ओसारियाहिं ऊरुघण्टाहिं छिप्पतूरेणं वजमाणेणं महया उक्किट्ठसीहनायबोलकलकलरवेणं समुद्दरवभूयं पिव करेमाणा सव्विड्डीए जाव रवेणं हयगया हयगएहिं गयगया गयगएहिं रहगया रहगएहिं पायत्तिया पायत्तिएहिं अन्नमन्नेहिं सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था । तए णं ते दोण्हवि रायाणं अणीया नियगसामीसासणाणुरत्ता मह[या]न्तं जणक्खयं जणवहं जणप्पमई जणसंवट्टकप्पं नचन्तकबन्धवारभीमं रुहिरकद्दमं करेमाणा अन्नमन्नेणं सद्धिं जुज्झन्ति ॥ ७० ॥ तए णं से काले कुमारे तिहिं दन्तिसहस्सेहिं जाव मणूसकोडीहिं गरुलवूहेणं एकारसमेणं खन्धेणं कूणिएणं रन्ना सद्धिं रहमुसलं संगामं संगामेमाणे हयमहिय० जहा भगवया कालीए देवीए परिकहियं जाव जीवियाओ ववरोविए ॥ ७१ ॥ तं एयं खलु गोयमा ! काले कुमारे एरिसएहिं आरम्भेहिं जाव एरिसएणं असुभकडकम्मपन्भारेणं कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पङ्कप्पभाए पुढवीए हेमामे नरए नेरइयत्ताए उववन्ने ॥ ७२ ॥ काले णं भन्ते ! कुमारे चउत्थीए पुढवीए...अणन्तरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववजिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे जाइं कुलाइं भवन्ति अड्डाइं जहा दढपइन्नो जाव सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ जाव अन्तं काहिइ ॥ ७३ ॥ तं एवं खलु जम्बू ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं निरयावलियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते-त्तिबेमि ॥ ७४ ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ १ ॥ १॥ जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं निरयावलियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते, दोच्चस्स णं भन्ते ! अज्झयणस्स निरयावलियाणं समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा नामं नयरी होत्था । पुण्णभद्दे उज्जाणे । कूणिए राया । पउमावई देवी । तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भज्जा कूणियस्स रन्नो चुल्लमाउया सुकाली नामं देवी होत्था, सुकुमाल० । तीसे णं सुकालीए देवीए पुत्ते सुकाले नामं कुमारे होत्था, सुकुमाल० । तए. णं से सुकाले कुमारे अन्नया कयाइ तिहिं दन्तिसहस्सेहि जहा कालो कुमारो निरवसेसं तं चेव भाणियव्वं जाव महाविदेहे वासे...अन्तं काहिइ । निक्खेवो ॥ ७५ ॥ बीयं अज्झयणं समत्तं ॥ १ ॥२॥ ४९ सुत्ता Page #845 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७७० सुत्तागमे [निरयावलियाओ एवं सेसावि अट्ठ अज्झयणा नेयव्वा पढमसरिसा, नवरं मायाओ सरिसनामाओ। निक्खेवो सव्वेसिं भाणियन्वो तहा ॥ ७६ ॥१ । १०॥ निरयावलियाओ समत्ताओ ॥ पढमो वग्गो समत्तो ॥१॥ Page #846 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं कप्पवडिंसियाओ जइ णं भन्ते! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं पढमस्स वग्गस्स निरयावलियाणं अयमढे पन्नत्ते, दोच्चस्स णं भन्ते ! वग्गस्स कप्पवडिंसियाणं समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पन्नत्ता? एवं खलु जम्बू ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कप्पवडिंसियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा-पउमे १, महापउमे २, भद्दे ३, सुभद्दे ४, पउमभद्दे ५, पउमसेणे ६, पउमगुम्मे ७, नलिणिगुम्मे ८,आणन्दे ९, नन्दणे १० ॥७७॥ जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं कप्पवडिंसियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भन्ते ! अज्झयणस्स कप्पवडिंसियाणं समजेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा नामं नयरी होत्था । पुण्णभद्दे उज्जाणे । कूणिए राया । पउमावई देवी । तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भज्जा कूणियस्स रन्नो चुलमाउया काली नामं देवी होत्था, सुउमाल० । तीसे णं कालीए देवीए पुत्ते काले नामं कुमारे होत्था, सुउमाल० । तस्स णं कालस्स कुमारस्स पउमावई नामं देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरइ ॥ ७८ ॥ तए णं सा पउमावई देवी अन्नया कयाई तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अब्भिन्तरओ सचित्तकम्मे जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा । एवं जम्मणं जहा महाबलस्स जाव नामधेजं-जम्हा णं अम्हं इमे दारए कालस्स कुमारस्स पुत्ते पउमावईए देवीए अत्तए तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेज्जं पउमे पउमे, सेसं जहा महाबलस्स, अट्ठओ दाओ जाव उप्पिं पासायवरगए विहरइ । सामी समोसरिए । परिसा निग्गया । कूणिए निग्गए । पउमेवि जहा महाबले निग्गए तहेव अम्मापिइआपुच्छणा जाव पव्वइए अणगारे जाए जाव गुत्तबम्भयारी ॥ ७९ ॥ तए णं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाझ्याइं एकारस अङ्गाइं अहिजइ २ त्ता बहूहिँ चउत्थछट्ठम० जाव विहरइ ॥ ८०॥ तए णं से पउमे अणगारे तेणं ओरालेणं जहा मेहो तहेव धम्मजागरिया चिन्ता एवं जहेव मेहो तहेव समणं भगवं. आपुच्छित्ता विउले जाव पाओ Page #847 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ कप्पवडिसियाओ वगए समाणे तहारूवार्णं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अङ्गाई बहुपडिपुण्णाईं पञ्च वासाईं सामण्णपरियाए, मासियाए संलेहणाए सहिं भत्ताई० आणुपुव्वी कालगए । थेरा ओइण्णा । भगवं गोयमे पुच्छर, सामी कहेइ जाव सहिं भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कन्ते उड्डुं चन्दिम० सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववन्ने । दो सागराई ॥ ८१ ॥ से णं भन्ते ! पउमे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं पुच्छा । गोयमा ! महाविदेहे वासे जहा दढपइन्नो जाव अन्तं काहि । तं एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेणं कप्पवर्डिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्तेत्तिबेमि ॥ ८२ ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ २ ॥ १ ॥ ७७२ जइ णं भन्ते! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कप्पवर्डिसियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते, दोच्चस्स णं भन्ते ! अज्झयणस्स के अट्ठे पन्नत्ते ! एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा नामं नयरी होत्था । पुण्णभद्दे उज्जाणे । कूणिए राया । पउमावई देवी । तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भजा कूणियस्स रन्नो चुलमाउया सुकाली नामं देवी होत्था • । तीसे णं सुकालीए पुत् सुकाले नामं कुमारे० । तस्स णं सुकालस्स कुमारस्स महापउमा नामं देवी होत्था, सुउमाल० ॥ ८३ ॥ तए णं सा महापउमा देवी अन्नया कयाई तंसि तारिसगंसि एवं तव महापउमे नामं दारए जाव सिज्झिहिर, नवरं ईसाणे कप्पे उववाओ उक्कोसट्ठिइओ । निक्खेवो ॥ ८४ ॥ बीयं अज्झयणं समत्तं ॥ २ । २॥ एवं सावि अट्ठनेयव्वा । मायाओ सरिसनामाओ । कालाईणं दसहं पुत्ताणं अणुपुव्वीए - दोहं च पञ्च चत्तारि तिन्हं तिण्हं च होन्ति तिष्णेव । दोण्हं च दोन्नि वासा सेणियनत्तूण परियाओ ॥ १ ॥ उववाओ आणुपुव्वीए - पढमो सोहम्मे, बिइओ ईसाणे, तइओ सणकुमारे, चउत्थो माहिन्दे, पञ्चमो बम्भलोए, छट्ठो लन्तए, सत्तमो महासुक्के, अट्टमो सहस्सारे, नवमो पाणए, दसमो अच्चुए । सव्वत्थ उक्कोसट्टिई भाणियव्वा । महाविदेहे सिज्झिहिंति ॥ ८५ ॥ २ । १० ॥ कप्पवाडंसियाओ समत्ताओ ॥ बीओ वग्गो समत्तो ॥ २ ॥ Page #848 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं पुफियाओ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं दोच्चस्स० कप्पवडिंसियाणं अयमढे पन्नत्ते, तच्चस्स णं भन्ते ! वग्गस्स उवङ्गाणं पुफियाणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! समणेणं जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं तच्चस्स वग्गस्स पुफियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा— चंदे सूरे सुक्के बहुपुत्तिय पुण्ण माणिभद्दे य । दत्ते सिवे बले या अणाढिए चेव बोद्धव्वे ॥ १ ॥ जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव संपत्तेणं पुफियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भन्ते ! 'समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे । गुणसिलए उजाणे । सेणिए राया। तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे । परिसा निग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएणं चन्दे जोइसिन्दे जोइसराया चन्दवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए चन्दसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जाव विहरइ। इमं च णं केवलकप्पं जम्बुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे २ यासइ २ त्ता समणं भगवं महावीरं जहा सूरियाभे आभिओगे देवे सद्दावेत्ता जाव सुरिन्दाभिगमणजोग्गं करेत्ता तमाणत्तियं पञ्चप्पिणन्ति । सूसरा घण्टा जाव विउव्वणा, नवरं जाणविमाणं जोयणसहस्सवित्थिण्णं अद्धतेवट्ठिजोयणसमूसियं, महिन्दज्झओ पणुवीसं जोयणमूसिओ, सेसं जहा सूरियाभस्स जाव आगओ, नविही तहेव पडिगओ ॥ ८६ ॥ भन्ते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं० पुच्छा। कूडागारसाला । सरीरं अणुपविट्ठा । पुव्वभवो । एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सावत्थी नामं नयरी होत्था । कोट्ठए उजाणे । तत्थ णं सावत्थीए. अङ्गई नामं गाहावई होत्था, अड्ढे जाव अपरिभूए । तए णं से अङ्गई गाहावई सावस्थीए नयरीए बहूणं नगरनिगम० जहा आणन्दो ॥ ८७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे णं अरहा पुरिसादाणीए आइगरे जहा महावीरो नवुस्सेहे सोलसेहि समणसाहस्सीहिं अट्ठतीसाए अजियासहस्सेहिं जाव कोट्ठए समोसढे । परिसा निग्गया ॥ ८८ ॥ तए णं से अङ्गई गाहावई इमीसे कहाए लढे समाणे हढे जहा Page #849 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुगमे [ पुफियाओ कत्तिओ सेट्ठी तहा निग्गच्छइ जाव पज्जुवासइ, धम्मं सोच्चा निसम्म • जं नवरं देवाणुपिया ! पुत्तं कुडुम्बे ठावेमि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं जाव पव्वयामि, जहा गङ्गदत्ते तहा पव्वइए जाव गुत्तबम्भयारी ॥ ८९ ॥ तए णं से अङ्गई अणगारे पास स अरहओ तहाख्वाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाईं एक्कारस अङ्गाई अहिज्जइ २ ता बहूहिं चत्थ जाव भावेमाणे बहूई वासाईं सामण्णपरियागं पाउणइ २ त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए तीसं भत्ताई अणसणाए छेइत्ता विराहियसामण्णे कालमा से कालं किच्चा चन्दवडिंसए विमाणे उववा (य) इयाए सभाए देवसयणिज्जंसि देवदूसन्तरिए चन्दे जोइसिन्दत्ताए उववन्ने ॥ ९० ॥ तए णं से चन्दे जोइसिन्दे जोइ [स]सराया अहुणोववन्ने समाणे पञ्चविहाए पज्जत्तीए पजत्तीभावं गच्छइ, तंजहा - आहारपज्जत्तीए. सरीरपज्जत्तीए इन्दियपज्जत्तीए सासोसासपज्जत्तीए भासामणपजत्तीए ॥ ९१ ॥ चन्दस्स णं भन्ते ! जोइसिन्दस्स जोइसरन्नो केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं । एवं खलु गोयमा ! चन्दस्स जाव जोइसरन्नो सा दिव्वा देविड्डी० । चन्दे णं भन्ते ! जोइसिन्दे जोइसराया ताओ देवलोगाओ आउक्खणं ३ चइत्ता कहिं गच्छिहिर २ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ ५ । निक्खेवओ ॥ ९२ ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ ३ । १ ॥ २७७४ जइ णं भन्ते ! समणेणं भगवया जाव पुफियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते, दोच्चस्स णं भन्ते ! अज्झयणस्स पुफियाणं समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अट्ठे पन्नत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे । गुणसलिए उज्जाणे । सेणिए राया । समोसरणं । जहा चन्दो तहा सूरोवि आगओ जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगओ । पुव्वभवपुच्छा । सावत्थी नयरी । पट्ठे नामं गाहावई होत्था, अड्ढे जहेव अङ्गई जाव विहरइ । पासो समोसढो, जहा अङ्गई तहेव पव्वइए, तहेव विराहियसामण्णे जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहि जाव अन्तं करेहिइ । निक्खेवओ ॥ ९३ ॥ बिइयं अज्झयणं समत्तं ॥ ३॥२॥ - जइ णं भंते ! जाव संपत्तेणं उक्खेवओ भाणियव्वो । रायगिहे नयरे । गुणसिलए उज्जाणे । सेणि राया । सामी समोसढे । परिसा निग्गया । तेणं कालेणं तेणं समएणं सुक्के महग्गहे सुकवसिए विमाणे सुक्कंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जव चन्दो तहेव आगओ, नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगओ । भन्ते ! त्ति । कूडागार - साला। पुव्वभवपुच्छा। एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी नामं न होत्या । तत्थ णं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे परिवसइ, अड्डे जाव अपरिभूए, रिउव्वेय जाव सुपरिनिट्ठिए । पासे समोसढे । परिसा पज्जुवासइ ॥ ९४ ॥ Page #850 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ०३ सोमिलसंकप्पो] सुत्तागमे ७७५ तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इमीसे कहाए लट्ठस्स समाणस्स इमे एयारूवे अज्झथिए०-एवं खलु पासे अरहा पुरिसादाणीए पुव्वाणुपुच्चि जाव अम्बसालवणे विहरइ, तं गच्छामि णं पासस्स अरहओ अन्तिए पाउब्भवामि, इमाइं च णं एयारूवाई अट्ठाई हेऊई जहा पण्णत्तीए। सोमिलो निग्गओ खण्डियविहूणो जाव एवं वयासीजत्ता ते भन्ते ! जवणिजं च ते ? पुच्छा । सरिसवया मासा कुलत्था एगे भवं जाव संबुद्धे सावगधम्म पडिवजित्ता पडिगए ॥९५॥ तए णं पासे णं अरहा अन्नया कयाइ वाणारसीओ नयरीओ अम्बसालवणाओ उजाणाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ । तए णं से सोमिले माहणे अन्नया कयाइ असाहुदंसणेण य अपज्जुवासणयाए य मिच्छत्तपजवेहिं परिवड्डमाणेहिं २ सम्मत्तपनवेहि परिहायमाणेहिं २ मिच्छत्तं च पडिवन्ने ॥ ९६॥ तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झ- . थिए जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे अञ्चन्तमाहणकुलप्पसूए, तए णं मए वयाई चिण्णाई, वेया य अहीया, दारा आहूया, पुत्ता जणिया, इड्डीओ समाणीयाओ, पसुव[बन]धा कया, जन्ना जेट्ठा, दक्खिणा दिन्ना, अतिही पूइया, अग्गी हूया, जूवा निक्खित्ता, तं सेयं खलु मम इयाणिं कल्लं जाव जलन्ते वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अम्बारामा रोवावित्तए, एवं माउलिङ्गा बिल्ला कविट्ठा चिच्चा पुप्फारामा रोवावित्तए, एवं संपेहेइ २ त्ता कल्लं जाव जलन्ते वाणारसीए नयरीए बहिया अम्बारामे य जाव पुप्फारामे य रोवावेइ । तए णं बहवे अम्बारामा य जाव पुप्फारामा य अणुपुव्वेणं सारक्खिजमाणा संगोविजमाणा संवड्डिजमाणा आरामा जाया किण्हा किण्होभासा जाव रम्मा महामेहनिकुरम्बभूया पत्तिया पुफिया फलिया हरियगरेरिजमाणसिरीया अईव २ उवसोभेमाणा २ चिट्ठन्ति ॥ ९७ ॥ तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पजित्था—एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणे अचन्तमाहणकुलप्पसूए, तए णं मए वयाइं चिण्णाई जाव जूवा निक्खित्ता, तए णं मए वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अम्बारामा जाव पुप्फारामा य रोवाविया, तं सेयं खलु ममं इयाणिं कल्लं जाव जलन्ते सुबहुं लोह कडाहकडुच्छुयं तम्बियं तावसभण्डं घडावेत्ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं 'मित्तनाइ ''आमन्तेत्ता तं मित्तनाइनियग० विउलेणं असण० जाव संमाणेत्ता तस्सेव मित्त० जाव जेट्टपुत्तं कुडुम्बे ठवेत्ता तं मित्तनाइ जाव आपुच्छित्ता सुबहुं लोहकडाहकडच्छुयं तम्बियं तावसभण्डगं गहाय जे इमे गङ्गाकूला वाणपत्था Page #851 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ७७६ [पुफियाओ तावसा भवन्ति, तंजहा-होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जन्नई सडई थालई हुम्बउटा दन्तुक्खलिया उम्मजगा संमजगा निमजगा संपक्खालगा दक्षिणकूला उत्तरकूला संखधमा कूलधमा मियलुद्धया हत्थितावसा उद्दण्डा दिसापोक्खिणो वक्तवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो रुक्खमूलिया अम्बुभक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कन्दाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुप्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडियकन्दमूलतयपत्तपुप्फफलाहारा जलाभिसेयकढिणगायभूया आयावणाहिं पञ्चग्गितावेहिं इङ्गालसोल्लियं कन्दुसोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा विहरन्ति, तत्थ णं जे ते दिसापोक्खिया तावसा तेसिं अन्तिए दिसापोक्खियत्ताए पव्वइत्तए, पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हिस्सामि-कप्पइ मे जावज्जीवाए छटुंछटेणं अणिक्खित्तेणं दिसाचक्कवालेणं तवोकम्मेणं उड़े बाहाओ पगिज्झिय २ सूराभिमुहस्स आयावणभूमीए आयावेमाणस्स विहरित्तएत्तिकट्ठ एवं संपेहेइ २ त्ता कल्लं जाव जलन्ते सुबहुं लोह० जाव दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइए । पव्वइए वि य णं समाणे इमं एयारूत्रं अभिग्गहं जाव अभिगिण्हित्ता पढमं छट्ठक्खमणं उवसंपजित्ताणं विहरइ॥९८॥ तए णं सोमिले माहणे रिसी पढमछट्टक्खमणपारणंसि आयावणभूमीए पञ्चोरुहइ २ त्ता वागलवत्थनियत्थे जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता किढिणसंकाइयं गेण्हइ २ त्ता पुरत्थिमं दिसिं पुक्खेइ २ त्ता पुरथिमाए दिसाए सोमे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरक्खउ सोमिलमाहणरिसिं, जाणि य तत्थ कन्दाणि य मूलाणि य तयाणि य पत्ताणि य पुप्फाणि य फलाणि य बीयाणि य हरियाणि य ताणि अणुजाणउत्तिकट्ठ पुरत्थिमं दिसं पसरइ २ त्ता जाणि य तत्थ कन्दाणि य जाव हरियाणि य ताइं गेण्हइ २ त्ता किढिणसंकाइयगं भरेइ २ त्ता दम्भे य कुसे य पत्तामोडं च समिहाकट्ठाणि य गेण्हइ २ त्ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता कि ढिणसंकाइयगं ठवेइ २ त्ता वेई वड्डेइ २ त्ता उवलेवणसंमजणं करेइ २ त्ता दब्भकलसहत्थगए जेणेव गङ्गा महाणई तेणेव उवागच्छइ २ त्ता गङ्गं महाणइं ओगाहइ २ त्ता जलमजणं करेइ २ त्ता जलकिट्ठे करेइ २ त्ता जलाभिसेयं करेइ २ त्ता आयन्ते चोक्खे परमसुइभूए देवपिउकयकजे दब्भकलसहत्थगए गङ्गाओ महाणईओ पञ्चुत्तरइ २ त्ता जेणेव सए उडए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता दब्भेहि य कुसेहि य वालुयाए य वेइं रएइ २ त्ता सरयं करेइ २ त्ता अरणिं करेइ २ त्ता सरएणं अराणि महेइ २ त्ता अग्गि पाडेइ २ त्ता अग्गि संधुक्खेइ २ त्ता समिहाकट्ठाइं पक्खिवइ २ त्ता अग्गिं उजालेइ २ त्ता अग्गिस्स दाहिणे पासे सत्तङ्गाइं समादहे। तंजहा-सकत्थं वकलं ठाणं, सेजभण्डं कमण्डलु । दण्डदारं तहप्पाणं, अह ताइं समादहे॥१॥ महुणा य घएण य तन्दु Page #852 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३ सो० देवपाउब्भावो] सुत्तागमे ७७७ लेहि य अग्गि हुणइ, चरुं साहेइ २ त्ता बलिवइस्सदेवं करेइ २ ता अतिहिपूयं करेइ २ त्ता तओ पच्छा अप्पणा आहारं आहारेइ ॥ ९९ ॥ तए णं से सोमिले माहणरिसी दोच्चंसि छठ्ठक्खमणपारणगंसि तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव आहारं आहारेइ, नवरं इमं नाणत्तं-दाहिणाए दिसाए जमे महाराया पत्थाणे पत्थियं अभिरक्खउ सोमिलं माहणरिसिं, जाणि य तत्थ कन्दाणि य जाव अणुजाणउत्तिकट्ठ दाहिणं दिसिं पसरइ। एवं पञ्चत्थिमेणं वरुणे महाराया जाव पचत्थिमं दिसिं पसरइ । उत्तरेणं वेसमणे महाराया जाव उत्तरं दिसिं पसरइ । पुव्वदिसागमेणं चत्तारि विदिसाओ भाणियव्वाओ जाव आहारं आहारेइ॥१००॥ तए णं तस्स सोमिलमाहणरिसिस्स अन्नया कयाइ पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अणिच्चजागरियं जागरमाणस्स अथमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था—एवं खलु अहं वाणारसीए नयरीए सोमिले नामं माहणरिसी अञ्चन्तमाहणकुलप्पसूए, तए णं मए वयाई चिण्णाइं जाव जूवा निक्खित्ता, तए णं मए वाणारसीए जाव पुप्फारामा य जाव रोविया, तए णं मए सुबहुं लोह० जाव घडावेत्ता जाव जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठवेत्ता जाव जेट्टपुत्तं आपुच्छित्ता सुबहुं लोह० जाव गहाय मुण्डे जाव पव्वइए, पव्वइए वि य णं समाणे छटुंछटेणं जाव विहरामि, तं सेयं खलु ममं इयाणिं कल्लं जाव जलन्ते बहवे तावसे दिट्ठाभट्टे य पुव्वसंगइए य परियायसंगइए य आपुच्छित्ता आसमसंसियाणि य बहूइं सत्तसयाई अणुमाणइत्ता वागलवत्थनियत्थस्स किढिणसंकाइयगहियसभण्डोवगरणस्स कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धित्ता उत्तरदिसाए उत्तराभिमुहस्स महपत्थाणं पत्थावेत्तए; एवं संपेहेइ २ त्ता कल्लं जाव जलन्ते बहवे तावसे य दिट्ठाभट्टे य पुव्वसंगइए य तं चेव जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ २ त्ता अयमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-जत्थेव णं अहं जलंसि वा एवं थलंसि वा दुग्गंसि वा निन्नंसि वा पव्वयंसि वा विसमंसि वा गड्डाए वा दरीए वा पक्खलिज वा पवडिज वा, नो खलु मे कप्पइ पञ्चुट्टित्तएत्तिक? अयमेयाख्वं अभिग्गहं अभिगिण्हइ २ ता उत्तराए दिसाए उत्तराभिमुहपत्थाणं पत्थिए से सोमिले माहणरिसी पुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागए, असोगवरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ २ त्ता वेई वड्डेइ २ त्ता उवलेवणसंमजणं करेइ २ त्ता दब्भकलसहत्थगए जेणेव गङ्गा महाणई जहा सिवो जाव गङ्गाओ महाणईओ पञ्चुत्तरइ २ त्ता जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता दब्भेहि य कुसेहि य वालुयाए य वेइं रएइ २ त्ता सरगं करेइ २ त्ता जाव बलिवइस्सदेवं करेइ २ त्ता कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ २ त्ता तुसिणीए संचिठ्ठइ ॥ १०१ ॥ तए णं तस्स सोमिलमाहणरिसिस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अन्तियं Page #853 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पुफियाओ पाउब्भूए । तए णं से देवे सोमिलमाहणं एवं वयासी-हं भो सोमिलमाहणा! पव्वइया ! दुप्पव्वइयं ते । तए णं से सोमिले तस्स देवस्स दोच्चंपि तच्चंपि एयमटुं नो आढाइ नो परिजाणइ जाव तुसिणीए संचिठ्ठइ । तए णं से देवे सोमिलेणं माहणरिसिणा अणाढाइजमाणे जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए । तए णं से सोमिले कलं जाव जलन्ते वागलवत्थनियत्थे किढिणसंकाइयं गहाय गहियभण्डोवगरणे कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ २ त्ता उत्तराभिमुहे संपत्थिए ॥ १०२॥ तए णं से सोमिले बिइयदिवसम्मि पुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव सत्तवण्णे तेणेव उवागए, सत्तवण्णस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ २ त्ता वेइं वड्डेइ जहा असोगवरपायवे जाव अग्गि हुणइ, कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ, तुसिणीए संचिठ्ठइ । तए णं तस्स सोमिलस्स पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि एगे देवे अन्तियं पाउब्भूए । तए णं से देवे अन्तलिक्खपडिवन्ने जहा असोगवरपायवे जाव पडिगए । तए णं से सोमिले कलं जाव जलन्ते वागलवत्थनियत्थे किढिणसंकाइयं गेण्हइ २ त्ता कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ २ त्ता उत्तरदिसाए उत्तराभिमुहे संपत्थिए ॥ १०३ ॥ तए णं से सोमिले तइयदिवसम्मि पुव्वा (पच्छा)वरण्हकालसमयंसि जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता असोगवरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ २ ता वेई वड्डेइ जाव गङ्गं महाणइं पञ्चुत्तरइ २ त्ता जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता असोगवरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ २ त्ता वेइं रएइ २ त्ता कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ २ त्ता तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं तस्स सोमिलस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले एगे देवे अन्तियं पाउब्भवित्था, तं चेव भणइ जाव पडिगए। तए णं से सोमिले जाव जलन्ते वागलवत्थनियत्थे किढिणसंकाइयं जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ २ त्ता उत्तराए दिसाए उत्तराभिमुहे संपत्थिए ॥ १०४ ॥ तए णं से सोमिले चउत्थदिवसपुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव वडपायवे तेणेव उवागए, वडपायवस्स अहे किढिण० ठवेइ २ त्ता वेई वड्वेइ, उवलेवणसंमजणं करेइ जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ, तुसिणीए संचिठ्ठइ। तए णं तस्स सोमिलस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले एगे देवे अन्तियं पाउब्भवित्था, तं चेव भणइ जाव पडिगए । तए णं से सोमिले जाव जलन्ते वागलवत्थनियत्थे कि ढिणसंकाइयं जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ. 'उत्तराए. उत्तराभिमुहे संपत्थिए ॥ १०५॥ तए णं से सोमिले पञ्चमदिवसम्मि पुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव उम्बरपायवे तेणेव उवागच्छइ, उम्बरपायवस्स अहे किढिणसंकाइयं ठवेइ, वेई वड्लेइ जाव कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं तस्स सोमिलमाहणस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले एगे देवे जाव एवं वयासी-हं भो सोमिला ! Page #854 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ४ परिसा निग्गया] सुत्तागमे ७७९ पव्वइया ! दुप्पव्वइयं ते, पढमं भणइ तहेव तुसिणीए संचिठ्ठइ । देवो दोच्चंपि तच्चपि वयइ-सोमिला ! पव्वइया ! दुप्पव्वइयं ते । तए णं से सोमिले तेणं देवेणं दोच्चंपि तच्चंपि एवं वुत्ते समाणे तं देवं एवं वयासी-कहं णं देवाणुप्पिया! मम दुप्पव्वइयं ? । तए णं से देवे सोमिलं माहणं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! तुमं पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अन्तियं पञ्चाणुव्वए सत्तसिक्खावए दुवालसविहे सावयधम्मे पडिवन्ने, तए णं तव अन्नया कयाइ असाहुदंसणेण० पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जाव पुव्वचिन्तियं देवो उच्चारेइ जाव जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छसि २ ता किढिणसंकाइयं जाव तुसिणीए संचिट्ठसि, तए णं पुव्वरत्तावरत्तकाले तव अन्तियं पाउब्भवामि, हं भो सोमिला ! पव्वइया! दुप्पव्वइयं ते, तह चेव देवो नियवयणं भणइ जाव पञ्चमदिवसम्मि पुव्वावरण्हकालसमयंसि जेणेव उम्बरपायवे तेणेव उवागए कि ढिणसंकाइयं ठवेसि, वेइं वड्डेसि, उवलेवणं० करेसि २ त्ता कट्ठमुद्दाए मुहं बन्धेसि २ त्ता तुसिणीए संचिट्ठसि, तं एवं खलु देवागुप्पिया! तव दुप्पव्वइयं ॥ १०६॥ तए णं से सोमिले तं देवं एवं वयासी-कहं णं देवाणुप्पिया ! मम सुपव्वइयं ? । तए णं से देवे सोमिलं एवं वयासी-जइ णं तुम देवाणुप्पिया ! इयाणि पुव्वपडिवन्नाइं पञ्च अणुव्वयाइं० सयमेव उवसंपज्जित्ताणं विहरसि तो णं तुज्झ इयाणि सुपव्वइयं भवेजा। तए णं से देवे सोमिलं वन्दइ नमंसइ वं० २ त्ता जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए । तए णं सोमिले माहणरिसी तेणं देवेणं एवं वुत्ते समाणे पुव्वपडिवन्नाइं पञ्च अणुव्वयाइं० सयमेव उवसंपजित्ताणं विहरइ ॥ १०७ ॥ तए णं से सोमिले बहूहिं चउत्थछट्ठम जाव मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोवहाणेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहूई वासाइं समणोवासगपरियागं पाउणइ २ त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसेइ २ त्ता तीसं भत्ताई अणसणाए छेएइ २ त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कन्ते विराहियसम्मत्ते कालमासे कालं किच्चा सुक्कवडिंसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिजंसि जाव ओगाहणाए सुक्कमहग्गहत्ताए उववन्ने ॥ १०८ ॥ तए णं से सुक्के महग्गहे अहुणोववन्ने समाणे जाव भासामणपज्जत्तीए... । एवं खलु गोयमा ! सुक्केणं० सा दिव्वा जाव अभिसमन्नागया। एगं पलिओवमं ठिई। सुक्के णं भन्ते! महग्गहे तओ देवलोगाओ आउक्खएणं० कहिं गच्छिहिइ २ ? गोयमा ! महाविदेहे चासे सिज्झिहिइ ५ । निक्खेवओ ॥ १०९ ॥ तइयं अज्झयणं समत्तं ॥३।३॥ जइ णं भंते ! उक्खेवओ । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे । गुणसिलए उज्जाणे । सेणिए राया। सामी समोसढे । परिसा निग्गया Page #855 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पुफियाओ ॥ ११० ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं बहुपुत्तिया देवी सोहम्मे कप्पे बहुपुत्तिए विमाणे सभाए सुहम्माए बहुपुत्तियंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहि महत्तरियाहिं जहा सूरियाभे जाव भुञ्जमाणी विहरइ, इमं च णं केवलकप्पं जम्बुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणी २ पासइ २ ता समणं भगवं महावीरं जहा सूरियाभो जाव नमंसित्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहा संनिसण्णा । आभिओगा जहा सूरियाभस्स, सूसरा घण्टा, आभिओगियं देवं सहावेइ, जाणविमाणं जोयणसहस्सवित्थिण्णं, जाणविमाणवण्णओ जाव उत्तरिल्लेणं निजाणमग्गेणं जोयणसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं आगया जहा सूरियाभे। धम्मकहा सम्मत्ता । तए णं सा बहुपुत्तिया देवी दाहिणं भुयं पसारेइ देवकुमाराणं अट्ठसयं, देवकुमारियाण य वामाओ भुयाओ अट्ठसयं, तयाणन्तरं च णं बहवे दारगा य दारियाओ य डिम्भए य डिम्भियाओ य विउव्वइ, नट्टविहिं जहा सूरियाभो उवदंसित्ता पडिगया ॥ १११ ॥ भन्ते ! त्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वन्दइ नमसइ । कूडागारसाला । बहुपुत्तियाए णं भन्ते ! देवीए सा दिव्वा देविड्डी पुच्छा जाव अभिसमन्नागया ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणारसी नामं नयरी, अम्बसालवणे उज्जाणे । तत्थ णं वाणारसीए नयरीए भद्दे नामं सत्थवाहे होत्था, अड्ढे जाव अपरिभूए। तस्स णं भद्दस्स सुभद्दा नाम भारिया सुउमाल० वञ्झा अवियाउरी जाणुकोप्परमाया यावि होत्था ॥ ११२ ॥ तए णं तीसे सुभद्दाए सत्थवाहीए अन्नया कयाई पुव्वरत्तावरत्तकाले कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए इमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पजित्था—एवं खलु अहं भद्देणं सत्थवाहेणं सद्धिं विउलाइं भोगभोगाई भुञ्जमाणी विहरामि, नो चेव णं अहं दारगं वा दारियं वा पयाया, तं धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव सुलद्धे णं तासिं अम्मयाणं मणुयजम्मजीवियफले, जासिं मन्ने नियकुच्छिसंभूयगाई थणदुद्धलुद्धगाई महुरसमुल्लावगाणि मम्मण(मंजुल)प्पजम्पियाणि थणमूलकक्खदेसभागं अभिसरमाणगाणि पण्हयन्ति, पुणो य कोमलकमलोवमेहिं हत्थेहिं गिहिऊणं उच्छङ्गनिवेसियाणि देन्ति, समुल्लावए सुमहुरे पुणो पुणो मम्मणप्पभणिए, अहं णं अधन्ना अपुण्णा अकयपुण्णा एत्तो एगमवि न पत्ता, ओहय० जाव झियाइ ॥ ११३ ॥ तेणं कालेणं २ सुव्वयाओ णं अज्जाओ इरियासमियाओ भासासमियाओ एसणासमियाओ आयाणभण्डमत्तनिक्खेवणासमियाओ उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिद्वावणासमियाओ मणगुत्तीओ वयगुत्तीओ कायगुत्तीओ गुत्तिन्दियाओ गुत्तबम्भयारिणीओ बहुस्सुयाओ बहुपरिवाराओ पुव्वाणुपुट्विं चरमाणीओ गामाणुगामं दूइज्जमाणीओ जेणेव वाणारसी नयरी तेणेव उवागया उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं । Page #856 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ४ बहुपुत्तियापुव्वभवो] सुत्तागमे ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा० विहरन्ति ॥ ११४ ॥ तए णं तासिं सुव्वयाणं अजाणं एगे संघाडए वाणारसीनयरीए उच्चनीयमज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे भद्दस्स सत्थवाहस्स गिहं अणुपविढे । तए णं सुभद्दा सत्थवाही ताओ अजाओ एज्जमाणीओ पासइ २ त्ता हट्ठ० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुटेइ २ त्ता सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ २ त्ता वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता एवं वयासी—एवं खलु अहं अजाओ ! भद्देणं सत्थवाहेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं भुञ्जमाणी विहरामि, नो चेव णं अहं दारगं वा दारियं वा पयायामि, तं धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव एत्तो एगमवि न पत्ता, तं तुब्भे अज्जाओ! बहुणायाओ बहुपढियाओ बहूणि गामागरनगर जाव संनिवेसाइं आहिण्डह, बहूणं राईसरतलवर जाव सत्थवाहप्पभिईणं गिहाई अणुपविसह, अत्थि से केइ कहिंचि विजापओए वा मन्तप्पओए वा वमणं वा विरेयणं वा बत्थिकम्मं वा ओसहे वा भेसज्जे वा उवलद्धे, जेणं अहं दारगं वा दारियं वा पयाएज्जा ? ॥ ११५ ॥ तए णं ताओ अज्जाओ सुभदं सत्थवाहिं एवं वयासीअम्हे णं देवाणुप्पिए ! समणीओ निग्गन्धीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबम्भयारिणीओ, नो खलु कप्पइ अम्हं एयमढें कण्णेहिवि निसामेत्तए किमङ्ग पुण उद्दिसित्तए वा समायरित्तए वा, अम्हे णं देवाणुप्पिए ! नवरं तव विचित्तं केवलिपन्नत्तं धम्म परिकहेमो ॥ ११६ ॥ तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही तासिं अजाणं अन्तिए धम्म सोचा निसम्म हजुतुहा ताओ अजाओ तिक्खुत्तो वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-सदहामि णं अजाओ ! निग्गन्थं पावयणं, पत्तियामि णं रोएमि णं अजाओ! निग्गन्थं पावयणं, एवमेयं तहमेयं अवितहमेयं जाव सावगधम्म पडिवजए, अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबन्धं करेह, तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही तासिं अजाणं अन्तिए जाव पडिवजइ २ त्ता ताओ अजाओ वन्दइ नमंसइ वं० २ त्ता पडिविसज्जइ । तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही समणोवासिया जाया जाव विहरइ ॥ ११७ ॥ तए णं तीसे सुभद्दाए समणोवासियाए अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्प. जित्था—एवं खलु अहं भद्देणं सत्थवाहेणं० विउलाई भोगभोगाइं जाव विहरामि, नो चेव णं अहं दारगं वा..", तं सेयं खलु ममं कलं जाव जलन्ते भद्दस्स आपुच्छित्ता सुव्वयाणं अजाणं अन्तिए अजा भवित्ता आगाराओ जाव पव्वइत्तए, एवं संपेहेइ २ त्ता कल्ले. 'जेणेव भद्दे सत्थवाहे तेणेव उवागया करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया! तुब्भेहिं सद्धिं बहूई वासाइं विउलाई Page #857 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७८२ सुत्तागमे [पुफियाओ भोगभोगाई जाव विहरामि, नो चेव णं दारगं वा दारियं वा पयायामि, तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणी सुव्वयाणं अजाणं जाव पव्वइत्तए ॥ ११८ ॥ तए णं से भद्दे सत्थवाहे सुभदं सत्थवाहिं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए ! इयाणिं मुण्डा जाव पव्वयाहि, भुञ्जाहि ताव देवाणुप्पिए ! मए सद्धिं विउलाई भोगभोगाई, तओ पच्छा भुत्तभोई सुव्वयाणं अजाणं जाव पव्वयाहि । तए णं सुभद्दा सत्थवाही भद्दस्स० एयमढें नो० परियाणइ । दोचंपि तच्चपि सुभद्दा सत्थवाही भई सत्थवाहं एवं वयासी-इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं अब्भणुनाया समाणी जाव पव्वइत्तए । तए णं से भद्दे सत्थवाहे जाहे नो संचाएइ वहूहिं आघवणाहि य एवं पन्नवणाहि य सन्नवणाहि य विन्नवणाहि य आघवित्तए वा जाव विनवित्तए वा ताहे अकामए चेव सुभद्दाए निक्खमणं अणुमन्नित्था ॥ ११९ ॥ तए णं से भद्दे सत्थवाहे विउलं असणं ४ उवक्खडावेइ, मित्तनाइ..."तओ पच्छा भोयणवेलाए जाव मित्तनाइसक्कारेइ संमाणेइ, सुभदं सत्थवाहिं ण्हायं सव्वालंकारविभूसियं पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूहेइ । तओ सा सुभद्दा सत्थवाही मित्तनाइ जाव संबन्धिसंपरिचुडा सब्बिड्डीए जाव रवेणं वाणारसीनयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव सुव्वयाणं अजाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं ठवेइ, सुभदं सत्थवाहिं सीयाओ पच्चोरहेइ ॥ १२० ॥ तए णं भद्दे सत्थवाहे सुभई सत्थवाहिं पुरओ काउं जेणेव सुव्वया अजा तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सुव्वयाओ अजाओ वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सुभद्दा सत्थवाही मम भारिया इट्ठा कन्ता जाव मा णं वाइया पित्तिया सिम्भिया संनिवाइया विविहा रोगायङ्का फुसन्तु, एस णं देवाणुप्पिया ! संसारभउव्विग्गा भीया जम्म(ण)मरणाणं देवाणुप्पियाणं अन्तिए मुण्डा भवित्ता जाव पव्वयाइ, तं एयं अहं देवाणुप्पियाणं सीसिणीभिक्खं दलयामि, पडिच्छन्तु णं देवाणुप्पिया ! सीसिणीभिक्खं । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबन्धं करेह ॥ १२१॥ तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही सुव्वयाहिं अजाहिं एवं वुत्ता समाणी हट्ठ० सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ २ त्ता सयमेव पञ्चमुट्ठियं लोयं करेइ २ त्ता जेणेव सुव्वयाओ अजाओ तेणेव उवागच्छइ २ ता सुव्वयाओ अजाओ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणेणं वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-आलित्ते णं भन्ते 'जहा देवाणन्दा तहा पव्वइया जाव अज्जा जाया जाव गुत्तबम्भयारिणी ॥ १२२ ॥ तए णं सा सुभद्दा अजा अन्नया कयाइ बहुजणस्स चेडरूवे संमुच्छिया जाव अज्झोववन्ना अब्भङ्गणं च उव्वणं च फायपाणं च अलत्तगं च ककणाणि य अञ्जणं च वण्णगं च चुण्णगं च खेलणगाणि Page #858 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ४ बहुपुत्तियापुत्वभवो] सुत्तागमे य खजल्लगाणि य खीरं च पुप्फाणि य गवसइ गवेसित्ता बहुजणस्स दारए वा दारिया वा कुमारे य कुमारियाओय डिम्भए य डिम्भियाओ य अप्पेगइयाओ अब्भङ्गेइ, अप्पेगइयाओ उव्वट्टेइ, एवं फासुयपाणएणं ण्हावेइ, अप्पेगइयाणं पाए रयइ, ओढे रयइ, अच्छीणि अओइ, उसुए करेइ,. तिलए करेइ, अप्पेगइयाओ दिगिंदलए करेइ, अप्पेगइयाणं पन्तियाओ करेइ, अप्पेगगाई छिजाइं करेइ, अप्पेगइया वण्णएणं समालभइ, चुण्णएणं समालभइ, अप्पेगइयाणं खेल्लणगाई दलयइ, खज्जलगाई दलयइ, अप्पेगइयाओ खीरभोयणं भुञ्जावेइ, अप्पेगइयाणं पुप्फाइं ओमुयइ, अप्पेगइयाओ पाएसु ठवेइ, जंघासु करेइ, एवं ऊरूसु उच्छङ्गे कडीए पिढे उरसि खन्धे सीसे य करयलपुडेणं गहाय हलउलेमाणी २ आगायमाणी २ परिगायमाणी २ पुत्तपिवासं च धूयपिवासं च नत्तुयपिवासं च नत्तिपिवासं च पञ्चणुभवमाणी विहरइ ॥ १२३ ॥ तए णं ताओ सुब्बयाओ अजाओ सुभदं अजं एवं वयासी-अम्हे णं देवाणुप्पिए ! समणीओ निग्गन्थीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबम्भयारिणीओ, नो खलु अम्हं कप्पइ जातककम्मं करेत्तए, तुमं च णं देवाणुप्पिए! बहुजणस्स चेडरूवेसु मुच्छिया जाव अज्झोववन्ना अब्भङ्गणं जाव नत्तिपिवासं वा पञ्चणुभवमाणी विहरसि, तं णं तुम देवाणुप्पिए ! एयरस ठाणस्स आलोएहि जाव पाय[प]च्छित्तं पडिवजाहि ॥ १२४ ॥ तए णं सा सुभद्दा अजा सुव्वयाणं अजाणं एयमद्वं नो आढाइ नो परिजाणइ अणाढायमाणी अपरिजाणमाणी विहरइ । तए णं ताओ समणीओ निग्गन्थीओ सुभई अजं हीलेन्ति निन्दन्ति खिंसन्ति गरहन्ति अभिक्खणं २ एयमढं निवारेन्ति ॥ १२५ ॥ तए णं ती[ए]से सुभद्दाए अजाए समणीहिं निग्गन्थीहिं हीलिजमाणीए जाव अभिक्खणं २ एयमढें निवारिज्जमाणीए अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-जया णं अहं अगारवासं वसामि तया णं अहं अप्पवसा, जप्पभिई च णं अहं मुण्डा भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइया तप्पभिई च णं अहं परवसा, पुट्विं च समणीओ निग्गन्थीओ आढेन्ति परिजाणेन्ति इयाणिं नो आढाएन्ति नो परिजाणन्ति, तं सेयं खलु मे कलं जाव जलन्ते सुव्वयाणं अजाणं अन्तियाओ पडिनिक्खमित्ता पाडिएकं उवस्सयं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, एवं संपेहेइ २ त्ता कल्लं जाव जलन्ते सुव्वयाणं अजाणं अन्तियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता पाडिएकं उवस्सयं उवसंपजित्ताणं विहरइ । तए णं सा सुभद्दा अजा अजाहिं अणोहट्टिया अणिवारिया सच्छन्दमई बहुजणस्स चेडरूवेसु मुच्छिया जाव अब्भङ्गणं च जाव नत्तिपिवासं च पच्चणुभवमाणी विहरइ ॥ १२६ ॥ तए णं सा सुभद्दा पासत्था पासत्थविहारिणी एवं ओसन्ना ओसन्नविहारिणी कुसीला कुसीलविहारिणी संसत्ता संसत्तविहारिणी Page #859 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ पुष्फियाओ अहाछन्दा अहाछन्दविहारिणी बहूई वासाई सामण्णपरियागं पाउणइ २ त्ता अद्धमासियाए संलेहणाए अत्ताणं तीसं भत्ताइं अणसणाए छेइत्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कन्ता कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे बहुपुत्तियाविमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि देवसन्तरिया अङ्गुलस्स असंखेज्जभागमेत्ताए ओगाहणाए बहुपुत्तियदेवित्ताए उववन्ना ॥ १२७ ॥ तए णं सा बहुपुत्तिया देवी अहुणोववन्नमेत्ता समाणी पञ्चविहाए पज्जत्तीए जाव भासामणपज्जत्तीए, एवं खलु गोयमा ! बहुपुत्तियाए देवीए सा दिव्वा देविड्वी जाव अभिसमन्नागया ॥ १२८ ॥ से केणद्वेणं भन्ते! एवं बुच्चइबहुपुत्तिया देवी २ ? गोयमा ! बहुपुत्तिया णं देवी जाहे जाहे सक्कस्स देविन्दस्स देवरन्नो उवत्थाणियणं करेइ ताहे २ बहवे दारए य दारियाओ य डिम्भए य डिम्भियाओ य विउव्वइ २ त्ता जेणेव सक्के देविन्दे देवराया तेणेव उवागच्छइ २ ता सक्क्स्स देविन्दस्स देवरन्नो दिव्वं देविड्ढि दिव्वं देवज्जुई दिव्वं देवाणुभावं उवदंसेइ, से तेणट्ठेणं गोयना ! एवं वुच्चइ - बहुपुत्तिया देवी २ | बहुपुत्तियाए णं भन्ते ! देवीए केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि पलिओ माई ठिई पन्नत्ता । बहुपुत्तिया णं भन्ते ! देवी ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं ठिइक्खएणं भवक्खएणं अणन्तरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिह ? गोयमा ! इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे विञ्झगिरिपायमूले विभेलसंनिवेसे माहणकुलंसि दारियत्ताए पच्चायाहि ॥ १२९ ॥ तए णं तीसे दारियाए अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे वीइक्कन्ते जाव बारसेहिं दिवसेहिं वीइक्कन्तेहिं अयमेयारूवं नामधेजं करेन्ति — होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए नामधेजं सोमा ॥ १३० ॥ तए णं सोमा उम्मुक्कबालभावा विन्नयपरिणयमेत्ता जोव्वणगमणुप्पत्ता रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा जाव भविस्सइ । तए गं तं सोमं दारियं अम्मापियरो उम्मुकबालभावं विन्नयपरिणयमेत्तं जोव्वणगमणुप्पत्तं पडिकूविएणं सुक्केणं पडिरूवएणं नियगस्स भाइणेज्जस्स रट्ठकूडस्स भारियत्ताए दलइस्सर । सा णं तस्स भारिया भविस्सइ इट्ठा कन्ता जाव भण्डकरण्डगसमाणा तेलकेला इव सुसंगोविया चेलपे ( ला ) डा इव सुसंपरिग्गहिया रयणकरण्डगो विव सुसार क्खिया सुसंगोविया मा णं सीयं जाव विविहा रोगायङ्का फुसन्तु ॥ १३१ ॥ तणं सा सोमा माहणी रट्ठकूडेणं सद्धिं विउलाई भागभोगाई भुलमाणी संवच्छरे २ जलगं पयायमाणी सोलसेहिं संवच्छरेहिं. बत्तीसं दारगरूवे पयायइ । तए णं सा सोमा माहणी तेहिं बहूहिं दारगेहि य दारियाहि य कुमारेहि य कुमारियाहि य डिम्भएहि य डिम्भयाहि य अप्पेगइएहिं उत्ताणसेज्जएहि य अप्पेगइएहिं थणियाएहि य अप्पे एहिं पीहगपाएहिं अप्पेगइएहिं परंगणएहिं अप्पेगइएहिं परक्कममा हिं ७८४ Page #860 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ४ ब० आगामिभवो]] सुत्तागमे अप्पेगइएहिं पक्खोलणएहि अप्पेगइएहिं थणं मग्गमाणेहिं अप्पेगइएहिं खीरं मग्गमाणेहिं अप्पेगइएहिं खेल्लणयं मग्गमाणेहिं अप्पेगइएहिं खजगं मग्गमाणेहिं अप्पेगइएहिं कूरं मग्गमाणेहिं पाणियं मग्गमाणेहिं हसमाणेहिं रूसमाणेहिं अक्कोसमाणेहिं अक्कुस्समाणेहिं हणमाणेहिं विप्पलायमाणेहिं अणुगम्ममाणेहिं रोवमाणेहिं कन्दमाणेहिं विलवमाणेहिं कूवमाणेहिं उक्कूवमाणेहिं निदायमाणेहिं पलंबमाणेहिं दहमाणेहिं दंसमाणेहिं वममाणेहिं छेरमाणेहिं मुत्तमाणेहिं मुत्तपुरीसवमियसुलित्तोवलित्ता मइलवसणपुच्चडा जाव असुइबीभच्छा परमदुग्गन्धा नो संचाएइ रटकूडेणं सद्धिं विउलाई भोगभोगाई भुञ्जमाणी विहरित्तए ॥ १३२ ॥ तए णं तीसे सोमाए माहणीए अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुम्बजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं इमेहिं बहूहिं दारगेहि य जाव डिम्भियाहि य अप्पेगइएहिं उत्ताणसेजएहि य जाव अप्पेगइएहिं मुत्तमाणेहिं दुजाएहिं दुजम्मएहिं हयविप्पहयभग्गेहिं एगप्पहारपडिएहिं जेणं मुत्तपुरीसवमियसुलित्तोवलित्ता जाव परमदुब्भिगन्धा नो संचाएमि रटकूडेणं सद्धिं जाव भुञ्जमाणी विहरित्तए, तं धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव जीवियफले जाओ णं वञ्झाओ अवियाउरीओ जाणुकोप्परमायाओ सुरभिसुगन्धगन्धियाओ विउलाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुञ्जमाणीओ विहरन्ति, अहं णं अधन्ना अपुण्णा अकयपुण्णा नो संचाएमि रट्ठकूडेणं सद्धिं विउलाइं जाव विहरित्तए ॥१३३॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सुव्वयाओ नाम अजाओ इरियासमियाओ जाव बहुपरिवाराओ पुव्वाणुपुविजेणेव विभेले संनिवेसे ... अहापडिरूवं उग्गहं जाव विहरन्ति । तए णं तासिं सुव्वयाणं अजाणं एगे संघाडए विभेले संनिवेसे उच्चनीय० जाव अडमाणे रट्ठकूडस्स गिहं अणुपविढे । तए णं सा सोमा माहणी ताओ अजाओ एजमाणीओ पासइ २ त्ता हट्ठ० खिप्पामेव आसणाओ अब्भुढेइ २ त्ता सत्तठ्ठपयाइं अणुगच्छइ २ त्ता वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता विउलेणं असण ४ पडिलाभेइ २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु अहं अजाओ ! रहकूडेणं सद्धिं विउलाई जाव संवच्छरे २ जुगलं पयामि, सोलसहिं संवच्छरेहिं बत्तीसं दारगरूवे पयाया, तए णं अहं तेहिं बहूहिं दारएहि य जाव डिम्भियाहि य अप्पेगइएहिं उत्ताणसेजएहिं जाव मुत्तमाणेहिं दुजाएहिं जाव नो संचाएमि विहरित्तए, तं इच्छामि णं अहं अजाओ ! तुम्हं अन्तिए धम्मं निसामेत्तए । तए णं ताओ अजाओ सोमाए माहणीए विचित्तं केवलिपन्नत्तं धम्म परिकहेन्ति ॥ १३४ ॥ तए णं सा सोमा माहणी तासिं अजाणं अन्तिए धम्मं सोचा निसम्म हट्ठ जाव हियया ताओ अजाओ वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-सद्दहामि णं अजाओ ! ५० सुत्ता० Page #861 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पुफियाओ निग्गन्थं पावयणं जाव अब्भुटेमि णं अजाओ! निग्गन्थं पावयणं, एवमेयं अजाओ! जाव से जहेयं तुब्भे वयह, जं नवरं अजाओ ! रट्ठकूडं आपुच्छामि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अन्तिए मुण्डा जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडि. बन्धं । तए णं सा सोमा माहणी ताओ अजाओ वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता पडिविसज्जेइ ॥ १३५ ॥ तए णं सा सोमा माहणी जेणेव रटकूडे तेणेव उवागया करयल० "एवं वयासी-एवं खलु मए देवाणुप्पिया ! अज्जाणं अन्तिए धम्मे निसन्ते, से वि य णं धम्मे इच्छिए जाव अभिरुइए, तए णं अहं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहि अब्भणुन्नाया सुव्वयाणं अजाणं जाव पव्वइत्तए ॥ १३६ ॥ तए णं से रट्ठकूडे सोमं माहणिं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए! इयाणि मुण्डा भवित्ता जाव पव्वयाहि, भुञ्जाहि ताव देवाणुप्पिए ! मए सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं, तओ पच्छा भुत्तभोई सुव्वयाणं अजाणं अन्तिए मुण्डा जाव पव्वयाहि ॥ १३७ ॥ तए णं सा सोमा माहणी ण्हाया अप्पमहरघाभरणालंकियसरीरा चेडियाचकवालपरिकिण्णा साओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता विभेलं संनिवेसं मझमज्झेणं जेणेव सुव्वयाणं अजाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सुव्वयाओ अजाओ वन्दइ नमसइ पजुवासइ । तए णं ताओ सुव्वयाओ अजाओ सोमाए माहणीए विचित्तं केवलिपन्नत्तं धम्मं परिकहेन्ति जहा जीवा बज्झन्ति । तए णं सा सोमा माहणी सुव्वयाणं. अजाणं अन्तिए जाव दुवालसविहं सावगधम्म पडिवज्जइ २ ता सुव्वयाओ अजाओ वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया। तए पं. सा सोमा माहणी समणोवासिया जाया अभिगय० जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ। तए णं ताओ सुव्वयाओ अजाओ अन्नया कयाइ विभेलाओ संनिवेसाओ पडिनिक्खमन्ति २ त्ता बहिया जणवयविहारं विहरन्ति ॥ १३८ ॥ तए णं ताओ सुव्बयाओ अज्जाओ अन्नया कयाइ पुव्वाणुपुट्विं जाव विहरन्ति । तए णं सा सोमा माहणी इमीसे कहाए लट्ठा समाणी हट्ट. एहाया तहेव निग्गया जाव वन्दइ नमसइ वं०२ त्ता धम्मं सोचा जाव नवरं रहकूडं आपुच्छामि, तए णं पव्वयामि। अहासुहं । तए णं सा सोमा माहणी सुव्वयं अजं वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता सुव्वयाणं अन्तियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव सए गिहे जेणेव रट्ठकूडे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता करयल० तहेव आपुच्छइ जाव पव्वइत्तए। अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबन्धं । तए णं से रट्ठकूडे विउलं असणं तहेव जाव पुव्वभवे सुभद्दा जाव अजा जाया इरियासमिया जाव गुत्तबम्भयारिणी ॥ १३९ ॥ तए. णं सा सोमा अजा सुव्वयाणं अजाणं अन्तिए सामाइयमाइयाइं एकारस Page #862 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंचमज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे ७८७ अङ्गाई अहिज्जइ २ त्ता बहूहिं छट्टमदसमदुवालस जाव भावमाणी बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ २ त्ता मासियाए संलेहणाए सहिँ भत्ताई अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिकन्ता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा सक्कस्स देविन्दस्स देवरन्नो सामाणियदेवत्ताए उववजिहिइ । तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दो सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, तत्थ णं सोमस्सवि देवस्स दो सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता ॥ १३९ ॥ से णं भन्ते ! सोमे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववजिहिइ ? गोयमा! महाविदेहे वासे जाव अन्तं काहिइ । निक्खेवओ ॥ १४० ॥ चउत्थं अज्झयणं समत्तं ॥ ३॥ ४॥ जइ णं भंते ! समणेणं० उक्खेवओ। एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे । गुणसिलए उज्जाणे । सेणिए राया । सामी समोसरिए । परिसा निग्गया ॥ १४१॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पुण्णभद्दे देवे सोहम्मे कप्पे पुण्णभद्दे विमाणे सभाए सुहम्माए पुण्णभइंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा सूरियाभो जाव बत्तीसइविहं नट्टविहिं उवदंसित्ता जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए। कूडागारसाला । पुव्वभवपुच्छा । एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे मणिवइया नामं नयरी होत्था, रिद्ध० । चन्दो राया। ताराइण्णे उज्जाणे । तत्थ णं मणिवइयाए नयरीए पुण्णभद्दे नाम गाहावई परिवसइ, अड्डे । तेणं कालेणं तेणं समएणं थेरा भगवन्तो जाइसंपन्ना जाव जीवियासमरणभयविप्पमुक्का बहुस्सुया बहुपरिवारा पुव्वाणुपुट्विं जाव समोसढा । परिसा निग्गया। तए णं से पुण्णभद्दे गाहावई इमीसे कहाए लढे० हट्ठ० जाव जहा पण्णत्तीए गङ्गदत्ते तहेव निग्गच्छइ जाव निक्खन्तो जाव गुत्तबम्भयारी ॥ १४२ ॥ तए णं से पुण्णभद्दे अणगारे भगवन्ताणं अन्तिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अङ्गाइं अहिजइ २ त्ता बहूहिं चउत्थछट्ठम जाव भावित्ता बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ २ त्ता मासियाए संलेहणाए सर्हि भत्ताइं अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कन्ते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे पुण्णभद्दे विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव भासामणपजत्तीए ॥ १४२ ॥ एवं खलु गोयमा ! पुण्णभद्देणं देवेणं सा दिव्वा देविड्डी जाव अभिसमन्नागया । पुण्णभद्दस्स णं भन्ते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! दो सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता । पुण्णभद्दे णं भन्ते ! देवे ताओ देवलोयाओ जाव कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अन्तं काहिइ । निक्खेवओ ॥ १४३ ॥ पंचमं अज्झयणं समत्तं ॥ ३ ॥५॥ Page #863 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुतागमे [ पुफियाओ जइ णं भंते! समणेणं॰ उक्खेवओ । एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं राग नरे । गुणसिलए उज्जाणे । सेणिए राया । सामी समोसरिए ॥ १४४ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं माणिभद्दे देवे सभाए सुहम्माए माणिभद्दंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहा पुण्णभद्दो तहेव आगमणं, नट्टविही, पुव्वभवपुच्छा | मणिवई नयरी, माणिभद्दे गाहावई, थेराणं अन्तिए पव्वज्जा, एक्कारस अङ्गाई अहिज्जइ, बहूई वासाईं परियाओ, मासिया संलेहणा, सट्ठि भत्ताई०, माणिभद्दे विमाणे उववाओ, दो सागरोवमाई ठिई, महाविदेहे वासे सिज्झिहिर । निक्खे - ओ ॥ १४५ ॥ छ्टुं अज्झयणं समत्तं ॥ ३ ॥ ६॥ ७८८ एवं दत्ते ७, सिवे ८, बले ९, अणाढिए १०, सव्वे जहा पुण्णभद्दे देवे । सव्वेसिं दो सागरोवमाई ठिई । विमाणा देवसरिसनामा । पुव्वभवे दत्ते चन्दणानामाए, सिवे मिहिलाए, बले हत्थिणपुरे नयरे, अणाढिए काकन्दीए । उज्जाणाई जहा संगहणीए ॥ १४६ ॥ ३ ॥ १० ॥ पुष्फियाओ समत्ताओ ॥ तइओ वग्गो समत्तो ॥ ३ ॥ Page #864 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं पुप्फचूलियाओ जइ णं भन्ते ! समणेणं भगवया उक्खेवओ जाव दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा–सिरि-हिरि-धिइ-कित्तीओ बुद्धी लच्छी य होइ बोद्धव्वा । इलादेवी सुरादेवी रसदेवी गन्धदेवी य ॥ १॥ जइ णं भन्ते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवङ्गाणं चउत्थस्स वग्गस्स पुप्फचूलियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भन्ते ! उक्खेवओ । एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे, गुणसिलए उजाणे, सेणिए राया। सामी समोसढे, परिसा निग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएणं सिरिदेवी सोहम्मे कप्पे सिरिवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए सिरिंसि सीहासणंसि चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहि महत्तरियाहिं० जहा बहुपुत्तिया जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगया। नवरं [दारय]दारियाओ नत्थि। पुव्वभवपुच्छा। एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे, गुणसिलए उजाणे, जियसत्तू राया। तत्थ णं रायगिहे नयरे सुदंसणे नामं गाहावई परिवसइ, अड्डे । तस्स णं सुदंसणस्स गाहावइस्स पिया नाम भारिया होत्था, सोमाल० । तस्स णं सुदंसणस्स गाहावइस्स धूया पियाए गाहावइणीए अत्तिया भूया नामं दारिया होत्था वुबुिड्ढा वुडकुमारी जुण्णा जुण्णकुमारी पडियपुयत्थणी वरगपरिवज्जिया यावि होत्था ॥१४७॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जाव नवरयणिए वण्णओ सो चेव, समोसरणं । परिसा निग्गया ॥ १४८ ॥ तए णं सा भूया दारिया इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणी हट्टतुट्ठ. जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु अम्मताओ! पासे अरहा पुरिसादाणीए पुव्वाणुपुष्वि चरमाणे जाव गणपरिवुडे विहरइ, तं इच्छामि णं अम्मताओ ! तुब्भेहिं अब्भणुनाया समाणी पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स पायवन्दिया गमित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबन्धं ॥ १४९ ॥ तए णं सा भूया दारिया ण्हाया अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा चेडीचक्कवालपरिकिण्णा साओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता धम्मियं जाणप्पवरं दुरूढा । तए णं सा Page #865 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [पुप्फचूलियाओ भूया दारिया निययपरिवारपरिवुडा रायगिहं नयरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव गुणसिलए उजाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता छत्ताईए तित्थयराइसए पासइ २ त्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरु[भि]हइ २ त्ता चेडीचकवालपरिकिण्णा जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागच्छइ २ ता तिक्खुत्तो जाव पज्जुवासइ ॥ १५० ॥ तए णं पासे अरहा पुरिसादाणीए भूयाए दारियाए महइ० धम्मकहा, धम्मं सोचा निसम्म हट्ठ० वन्दइ नमंसइ वं० २ त्ता एवं वयासीसदहामि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं जाव अब्भुटेमि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं, से जहेयं तुब्मे वयह, जं नवरं भन्ते ! अम्मापियरो आपुच्छामि, तए णं अहं जाव पव्वइत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिए । ० ॥ १५१ ॥ तए णं सा भूया दारिया तमेव धम्मियं जाणप्पवरं जाव दुरूहइ २ त्ता जेणेव रायगिहे नयरे तेणेव उवागया, रायगिहं नयरं मज्झंमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागथा, रहाओ पञ्चोरुहित्ता जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागया, करयल० जहा जमाली आपुच्छइ। अहासुहं देवाणुप्पिए ! ॥ १५२ ॥ तए णं से सुदंसणे गाहावई विउलं असणं ४ उवक्खडावेइ मित्तनाइ० आमन्तेइ २ त्ता जाव जिमियभुत्तुत्तरकाले सुईभूए निक्खमणमाणेत्ता कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! भूयादारियाए पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं उवठ्ठवेह २ त्ता जाव पञ्चप्पिणह । तए णं ते जाव पञ्चप्पिणन्ति ॥ १५३ ॥ तए णं से सुदंसणे गाहावई भूयं दारियं ण्हायं स० विभूसियसरीरं पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूहेइ २ त्ता मित्तनाइ० जाव रवेणं रायगिहं नयरं मज्झंमज्झेणं जेणेव गुणसिलए उजाणे तेणेव उवागए छत्ताईए तित्थयराइसए पासइ २ त्ता सीयं ठावेइ २ त्ता भूयं दारियं सीयाओ पच्चोरुहेइ ॥ १५४ ॥ तए णं तं भूयं दारियं अम्मापियरो पुरओ काउं जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागया तिक्खुत्तो वन्दन्ति नमंसन्ति वं० २ त्ता एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! भूया दारिया अम्हं एगा धूया इट्ठा०, एस णं देवाणुप्पिया! संसारभउव्विग्गा भीया जाव देवाणुप्पियाणं अन्तिए मुण्डा जाव पव्व [या] यइ, तं एयं णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं दलयामो, पडिच्छन्तु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं । अहासुहं देवाणुप्पिया !• ॥ १५५ ॥ तए णं सा भूया दारिया पासेणं अरहया एवं वुत्ता समाणी हट्ठ० उत्तरपुरत्थिमं सयमेव आभरणमल्लालंकार ओ उम्]मुयइ जहा देवाणन्दा पुप्फचूलाणं अन्तिए जाव गुत्तबम्भयारिणी ॥१५६ ॥ तए णं सा भूया अजा अन्नया कयाइ सरीरबाओसिया जाया यावि होत्था, अभिक्खणं २ हत्थे धोवइ, पाए धोवइ, एवं सीसं धोवइ, मुहं धोवइ, थणगन्तराई Page #866 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समत्ती] सुत्तागमे ७९५ धोवइ, कक्खन्तराई धोवइ, गुज्झन्तराई धोवइ, जत्थ जत्थ वि य णं ठाणं वा सेजं वा निसीहियं वा चेएइ, तत्थ तत्थ वि य णं पुवामेव पाणएणं अब्भुक्खेइ, तओ पच्छा ठाणं वा सेजं वा निसीहियं वा चेएइ ॥ १५७ ॥ तए णं ताओ पुप्फचूलाओ अजाओ भूयं अजं एवं वयासी-अम्हे णं देवाणुप्पिए ! समणीओ निग्गन्थीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबम्भयारिणीओ, नो खलु कप्पइ अम्हं सरीरबाओसियाणं होत्तए, तुमं च णं देवाणुप्पिए ! सरीरबाओसिया अभिक्खणं २ हत्थे धोवसि जाव निसीहियं चेएसि, तं गं तुमं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोएहित्ति, सेसं जहा सुभद्दाए जाव पाडिएकं उवस्सयं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । तए णं सा भूया अज्जा अणोहटिया अणिवारिया सच्छन्दमई अभिक्खणं २ हत्थे धोवइ जाव चेएइ ॥ १५८ ॥ तए णं सा भूया अजा बहूहिं चउत्थछट्ठ० बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकन्ता कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सिरिवर्डिसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिजसि जाव ओगाहणाए सिरिदेवित्ताए उववन्ना पञ्चविहाए पजत्तीए जाव भासामणपजत्तीए पजत्ता । एवं खलु गोयमा ! सिरीए देवीए एसा दिव्वा देविड्डी लद्धा पत्ता। एगं पलिओवमं ठिई । सिरी णं भन्ते ! देवी जाव कहिं गच्छिहिइ० ?.."महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । निक्खेवओ ॥ १५९ ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥४।१॥ ___ एवं सेसाणवि नवण्हं भाणियव्वं । सरिसनामा विमाणा। सोहम्मे कप्पे। पुव्वभवे नयरउजाणपियमाईणं अप्पणो य नामाई जहा संगहणीए । सव्वा पासस्स अन्तिए निक्खन्ता। ताओ पुप्फचूलाणं सिस्सिणियाओ सरीरबाओसियाओ सव्वाओ अणन्तरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे सिज्झिहिन्ति ॥ १६० ॥ ४॥ १०॥ पुप्फचू[ला लियाओ समत्ताओ॥ चउत्थो वग्गो समत्तो ॥४॥ Page #867 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं वहिदसाओ जइ णं भन्ते ! उक्खेवओ जाव दुवालस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा-निसढे मायणि-वह-वहे पगया जुत्ती दसरहे दढरहे य । महाधणू सत्तधणू दसधणू नामे सयधणू य ॥ १ ॥ जइ णं भन्ते ! समणेणं जाव दुवालस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भन्ते ! उक्खेवओ । एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई नामं नयरी होत्था, दुवालसजोयणायामा जाव पञ्चक्खं देवलोयभूया पासादीया दरिसणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा ॥ १६१॥ तीसे णं बारवईए नयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए एत्थ णं रेवए नामं पव्वए होत्था, तुङ्गे गयणयलमणुलिहन्तसिहरे नाणाविहरुक्खगुच्छगुम्मलयावल्लीपरिगयाभिरामे हंसमियमयूरकोञ्चसारसचक्कवागमयणसालाकोइलकुलोववेए तडकडगवियरओज्झरपवायपब्भारसिहरपउरे अच्छरगणदेवसंघचारणविजाहरमिहुणसंनिचिण्णे निचच्छणए दसारवरवीरपुरिसतेल्लोक्कबलवगाणं सोमे सुभए पियदंसणे सुरुवे पासाईए जाव पडिरूवे ॥ १६२ ॥ तस्स णं रेवयगस्स पव्वयस्स अदूरसामन्ते एत्थ णं नन्दणवणे नामं उजाणे होत्था, सव्वोउयपुप्फ० जाव दरिसणिज्जे ॥ १६३ ॥ तत्थ णं बारवईए नयरीए कण्हे नाम वासुदेवे राया होत्था जाव पसासेमाणे विहरइ । से णं तत्थ समुद्दविजयपामोक्खाणं. दसण्हं दसाराणं, बलदेवपामोक्खाणं पञ्चण्हं महावीराणं, उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसण्हं राईसाहस्सीणं, पजुण्णपामोक्खाणं अछुट्टाणं कुमारकोडीणं, सम्बपामोक्खाणं सट्ठीए दुइन्तसाहस्सीणं, वीरसेणपामोक्खाणं एकवीसाए वीरसाहस्सीणं, महासेणपामोक्खाणं छप्पन्नाए बलवगसाहस्सीणं, रुप्पिणिपामोक्खाणं सोलसण्हं देवीसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं राईसर जाव सत्थवाहप्पभिईणं वेयडगिरिसागरमेरागस्स दाहिणड्डभरहस्स आहेवच्चं जाव विहरइ ॥ १६४ ॥ तत्थ णं बारवईए नयरीए बलदेवे नामं राया होत्था, महया जाव रज पसासेमाणे विहरइ। तस्स णं बलदेवस्स रन्नो रेवई नामं देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरइ। तए णं सा रेवई देवी अन्नया कयाइ तंसि तारिसगंसि सयणिज्जंसि जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं..', एवं सुमिणदंसण Page #868 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निसढपुव्वभवो] सुत्तागमे ७९३ परिकहणं, कलाओ जहा महाबलस्स, पन्नासओ दाओ, पन्नासरायकन्नगाणं एगदिवसेणं पाणिग्गहणं..., नवरं निसढे नामं जाव उप्पि पासाए विहरइ ॥ १६५ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी आइगरे दस धणूइं वण्णओ जाव समोसरिए । परिसा निग्गया ॥ १६६ ॥ तए णं से कण्हे वासुदेवे इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हतुढे० कोडुम्बियपुरिसं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव देवाणुप्पिया ! सभाए सुहम्माए सामुदाणियं भेरिं तालेह । तए णं से कोडुम्बियपुरिसे जाव पडिसुणित्ता जेणेव सभाए सुहम्माए सामुदाणिया भेरी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सामुदाणियं भारें महया २ सद्देणं तालेइ ॥ १६७ ॥ तए णं तीसे सामुदाणियाए भेरीए महया २ सद्देणं तालियाए समाणीए समुद्दविजयपामोक्खा दस दसारा देवीओ(उण) भाणियव्वाओ, अन्ने य बहवे राईसर जाव सत्थवाहप्पभिइओ व्हाया सव्वालंकारविभूसिया जहाविभवइड्ढीसक्कारसमुदएणं अप्पेगइया हयगया जाव पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छन्ति २ त्ता करयल० कण्हं वासुदेवं जएणं विजएणं वद्धान्ति। तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुम्बियपुरिसे एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कह त्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर जाव पञ्चप्पिणन्ति । तए णं से कण्हे वासुदेवे मजणघरे जाव दुरूढे, अट्ठ मङ्गलगा, जहा कूणिए, सेयवरचामरेहि उद्धुव्वमाणेहिं २ समुद्दविजयपामोक्खेहिं दसहिं दसारेहिं जाव सत्थवाहप्पभिईहिं सद्धिं संपरिखुडे सव्विदीए जाव रवेणं बारावई नयरिं मज्झंमज्झेणं.. सेसं जहा कूणिओ जाव पज्जुवासइ ॥ १६८ ॥ तए णं तस्स निसढस्स कुमारस्स उप्पिं पासायवरगयस्स तं महया जणसइं च जहा जमाली जाव धम्मं सोचा निसम्म वन्दइ नमसइ वं० २ त्ता एवं वयासी-सद्दहामि णं भन्ते ! निग्गन्थं पावयणं जहा चित्तो जाव सावगधम्म पडिवजइ २ त्ता पडिगए ॥ १६९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहओ अरिहनेमिस्स अन्तेवासी वरदत्ते नामं अणगारे उराले जाव विहरइ। तए णं से वरदत्ते अणगारे निसढं कुमारं पासइ २ त्ता जायसड्ढे जाव पजुवासमाणे एवं वयासी-अहो णं भन्ते ! निसढे कुमारे इढे इट्टरूवे कन्ते कन्तरूवे, एवं पिए० मणुन्नए० भणामे मणामरूवे सोमे सोमरूवे पियदंसणे सुरूवे, निसढेणं भन्ते ! कुमारेणं अयमेयारूवा माणुयइड्ढी किण्णा लद्धा किण्णा पत्ता ? पुच्छा जहा सूरियाभस्स । एवं खलु वरदत्ता ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे रोहीडए नामं नयरे होत्था, रिद्ध०...। मेहवण्णे उजाणे । तत्थ णं रोहीडए नयरे महब्बले नामं राया, पउमावई नामं देवी, अन्नया कयाइ तंसि तारिसगंसि सयणिजंसि सीहं सुमिणे.., एवं जम्मणं भाणियव्वं जहा महाबलस्स, Page #869 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [वण्हिदसाओ नवरं वीरगओ नाम बत्तीसओ दाओ, बत्तीसाए रायवरकन्नगाणं पाणिं जाव उवगिजमाणे २ पाउसवरिसारत्तसरयहेमन्तवसन्तगिम्हपज्जन्ते छप्पि उऊ जहाविभवेणं भुंजमाणे २ कालं गालेमाणे इढे सद्द जाव विहरइ ॥ १७० ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सिद्धत्था नाम आयरिया जाइसंपन्ना जहा केसी, नवरं बहुस्सुया बहुपरिवारा जेणेव रोहीडए नयरे जेणेव मेहवण्णे उज्जाणे तेणेव उवागया अहापडिरूवं जाव विहरन्ति । परिसा निग्गया ॥ १७१ ॥ तए णं तस्स वीरङ्गयस्स कुमारस्स उप्पि पासायवरगयस्स तं महया जणसई 'जहा जमाली निग्गओ धम्मं सोचा .. जं नवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि जहा जमाली तहेव निक्खन्तो जाव अणगारे जाए जाव गुत्तबम्भयारी ॥ १७२ ॥ तए णं से वीरङ्गए अणगारे सिद्धत्थाणं आयरियाणं अन्तिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अङ्गाई अहिजइ २ त्ता बहूहिं चउत्थ जाव अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाइं पणयालीसवासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता दोमासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सवीसं भत्तसयं अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिकन्ते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा बम्भलोए कप्पे मणोरमे विमाणे देवत्ताए उववन्ने । तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दससागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता ॥ १७३ ॥ से णं वीरङ्गए देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव अणन्तरं चयं चइत्ता इहेव बारवईए नयरीए बलदेवस्स रन्नो रेवईए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववन्ने । तए णं सा रेवई देवी तंसि तारिसगंसि सयणिज्जसि सुमिणदंसणं जाव उप्पिं पासायवरगए विहरइ । तं एवं खलु वरदत्ता ! निसढेणं कुमारेणं अयमेयारूवा उराला मणुयइड्ढी लद्धा ३ ॥ १७४ ॥ पभू णं भन्ते ! निसढे कुमारे देवाणुप्पियाणं अन्तिए जाव पव्वइत्तए ? हन्ता ! पभू । से एवं भन्ते ! २ इय वरदत्ते अणगारे जाव अप्पाणं भावमाणे विहरइ । तए णं अरहा अरिठ्ठनेमी अन्नया कयाइ बारवईओ नयरीओ जाव बहिया जणवयविहारं विहरइ। निसढे कुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव विहरइ ॥ १७५ ॥ तए णं से निसढे कुमारे अन्नया कयाइ जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव दब्भसंथारोवगए विहरइ । तए णं तस्स निसढस्स कुमारस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था-धन्ना णं ते गामागर जाव संनिवेसा जत्थ णं अरहा अरिटुनेमी विहरइ, धन्ना णं ते राईसर जाव सत्थवाहप्पभिइओ जे णं अरिटुनेमि वन्दन्ति नमंसन्ति जाव पज्जुवासन्ति, जइ णं अरहा अरिट्ठनेमी पुव्वाणुपुट्विं...नन्दणवणे विहरेजा तो णं अहं अरहं अरिट्टनेमिं वन्दिजा जाव पज्जुवासिजा ॥ १७६ ॥ तए णं अरहा Page #870 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १ निसढागामिभवो] सुत्तागमे ७९५ अरिहनेमी निसढस्स कुमारस्स अयमेयाख्वमज्झत्थियं जाव वियाणित्ता अट्ठारसहिं समणसहस्सेहिं जाव नन्दणवणे उज्जाणे समोसढे। परिसा निग्गया। तए णं निसढे कुमारे इमीसे कहाए लढे समाणे हट्ट. चाउरघण्टेणं आसरहेणं निग्गए जहा जमाली जाव अम्मापियरो आपुच्छित्ता पव्वइए अणगारे जाए जाव गुत्तबम्भयारी ॥१७७॥ तए णं से निसढे अणगारे अरहओ अरिहनेमिस्स तहारूवाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अङ्गाई अहिज्जइ २ त्ता बहूहिं चउत्थछट्ठ जाव विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाइं नव वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ २ त्ता बायालीसं भत्ताई अणसणाए छेएइ, आलोइयपडिक्कन्ते समाहिपत्ते आणुपुव्वीए कालगए ॥ १७८ ॥ तए णं से वरदत्ते अणगारे निसढं अणगारं कालगयं जाणित्ता जेणेव अरहा अरिट्ठनेमी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अन्तेवासी निसढे नामं अणगारे पगइभद्दए जाव विणीए, से णं भन्ते ! निसढे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववन्ने ? ॥ १७९ ॥ वरदत्ताइ अरहा अरिट्ठनेमी वरदत्तं अणगारं एवं वयासी-एवं खलु वरदत्ता ! ममं अन्तेवासी निसढे नामं अणगारे पगइभद्दे जाव विणीए ममं तहारूवाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अङ्गाइं अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाइं नव वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता बायालीसं भत्ताइं अणसणाए छेइत्ता आलोइयपडिक्कन्ते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उर्दू चन्दिमसूरियगहगणणक्खत्तताराख्वाणं सोहम्मीसाणं जाव अच्चुए तिण्णि य अट्ठारसुत्तरे गेविजविमाणावाससए वीइवइत्ता सव्वट्ठसिद्धविमाणे देवत्ताए उववन्ने, तत्थ णं देवाणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता, तत्थ णं निसढस्सवि देवस्स तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता ॥ १८० ॥ से णं भन्ते ! निसढे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणन्तरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववजिहिइ ? वरदत्ता ! इहेव जम्बुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे उन्नाए नयरे विसुद्धपिइवंसे रायकुले पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । तए णं से उम्मुक्कबालभावे विनयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते तहारूवाणं थेराणं अन्तिए केवलबोहिं बुज्झिहिइ २ त्ता अगाराओ अणगारियं पव्वजिहिइ । से णं तत्थ अणगारे भविस्सइ इरियासमिए जाव गुत्तबम्भयारी । से णं तत्थ बहूहिं चउत्थछट्टमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणिस्सइ २ त्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झुसिहिइ २ त्ता सहिँ भत्ताई अणसणाए छेइहिइ, जस्सट्टाए कीरइ थेरकप्पभावे जिणकप्पभावे मुण्डभावे अण्हाणए जाव अदन्तवणए अच्छत्तए अणोवाहणए फलहसेजा कट्ठसेज्जा केसलोए बम्भचेर Page #871 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [वण्हिदसाओ वासे परघरपवेसे पिण्डवाओ लद्धावलद्धे उच्चावया य गामकण्टगा अहियासिज्जन्ति तमढें आराहेइ २ त्ता चरिमेहिं उस्सासनिस्सासेहिं सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणं अन्तं काहिइ । निक्खेवओ ॥ १८१॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥५॥१॥ एवं सेसावि एकारस अज्झयणा नेयव्वा संगहणीअणुसारेण अहीणमइरित्तं एक्कारससुवि तिबेमि ॥ १८२ ॥५। १२॥ वण्हिदसाओ समत्ताओ ॥ पञ्चमो वग्गो समत्तो ॥ ५॥ निरयावलियाइसुयक्खन्धो समत्तो ॥ समत्ताणि उवङ्गाणि ॥ निरियावलियाइउवङ्गाणं एगो सुयक्खन्धो, पञ्च वग्गा, पञ्चसु दिवसेसु उद्दिस्सन्ति, तत्थ चउसु वग्गेसु दस दस उद्देसगा, पञ्चमवग्गे बारस उद्देसगा ॥ ॥ निरयावलियाइसुत्ताइं समत्ताई ॥ तेसिं समत्तीए बारस उवंगाइं समत्ताई ॥ सव्वसिलोगसंखा २५००० ॥ Page #872 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे चउछेयसुत्ताई तत्थ णं ववहारो पढमो उद्देसओ जे भिक्खू मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं ॥ १॥ जे भिक्खू दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं ॥ २ ॥ जे भिक्खू तेमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं ॥ ३ ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं ॥ ४ ॥ जे भिक्खू पंचमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं ॥ ५॥ तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ ६ ॥ जे भिक्खू बहुसो वि मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं ॥ ७ ॥ जे भिक्खू बहुसो वि दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं ॥ ८॥ जे भिक्खू बहुसो वि तेमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं ॥ ९॥ जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं ॥ १० ॥ जे भिक्खू बहुसो वि पंचमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं ॥ ११॥ तेण परं पलिउंचिए Page #873 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ववहारो वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १२ ॥ जे भिक्खू मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १३ ॥ जे भिक्खू बहुसो वि मासियं वा बहुसो वि दोमासियं वा बहुसो वि तेमासियं वा बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १४ ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १५ ॥ जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा बहुसो वि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १६ ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज ठवइत्ता करणिज्ज वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पुट्विं पडिसेवियं पुचि आलोइयं, पुट्वि पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुट्वि आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए Page #874 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १ ब० पारि० अपारि०] सुत्तागमे ७९९ पट्ठविए निव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया ॥ १७ ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, पलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज ठवइत्ता करणिजं वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पुट्विं पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्ठविए निव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया ॥ १८ ॥ जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा बहुसो वि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज्जं ठवइत्ता करणिजं वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पुट्विं पडिसेवियं पुल्विं आलोइयं, पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्ठविए निव्विसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया ॥ १९ ॥ जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा बहुसो वि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसो वि पंचमासियं वा बहुसो वि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, पलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिज ठवइत्ता करणिजं वेयावडियं, ठविए वि पडिसेवित्ता से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पुट्विं पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पुदि पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुव्वि आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पठ्ठवणाए पट्टविए निविसमाणे पडिसेवेइ से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया ॥ २० ॥ बहवे पारिहारिया बहवे अपारिहारिया इच्छेन्जा एगयओ अभिनिसेज वा अभिनिसीहियं वा चेएत्तए, नो ण्डं कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता एगयओ अभिनिसेजं वा अभिनिसीहियं वा चेएत्तए, कप्पइ ण्हं थेरे आपुच्छित्ता एगयओ अभिनिसेजं वा Page #875 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ववहारो अभिनिसीहियं वा एत्तए, थेरा य ण्हं से वियरेज्जा एव ण्हं कप्पइ एगयओ अभिनिसेज्जं वा अभिनिसीहियं वा चेएत्तए, थेरा य ण्हं से नो वियरेज्जा एव ह नो कप्पर एगयओ अभिनिसेज्जं वा अभिनिसीहियं वा चेएत्तए, जो णं थेरेहिं अविइण्णे अभिनिसेज्जं वा अभिनिसीहियं वा चेएइ, से संतरा छेए वा परिहारे ८०० ॥ २१ ॥ परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेज्जा, थेरा य से सरेज्जा, कप्पर से एगराइयाए पडिमाए जण्णं २ दिसं अण्णे साहम्मिया विहरंति तण्णं २ दिसं उवलित्तए, नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएज्जा - वसा हि अज ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पर परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसई से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ २२ ॥ परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य नो सरेज्जा, कप्पर से निव्विसमाणस्स एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसिं अन्ने साहम्मिया विहरंति तण्णं तणं दिसं उवलित्तए, नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पर से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएज्जा - वसा हि अज्जो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पर एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पर परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ २३ ॥ परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य से सरेज्जा वा नो सरेज्जा, कप्पर से निव्विसमाणस्स एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसं अन्ने साहम्मिया विहरंति तणं तण्णं दिसं उवलित्तए, नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पड़ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएज्जा-वसाहि अजो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसई से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ २४ ॥ जे भिक्खू य गणाओ अवकम्म एगल्लविहारपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेज्जा से य नो संथरेजा से य इच्छेजा दोच्चं पितमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, पुणो आलोएज्जा पुणो पडिक्कमेज्जा पुणो छेयपरिहारस्स उवद्वाएजा ॥ २५ ॥ गणावच्छेइए य गणाओ अवक्कम्म एगल्लविहार पडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा से य नो संथरेजा से य इच्छेजा दोघं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, पुणो आलोएज्जा पुणो वा वसई, Page #876 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे उ० १ आलोयणाइविही] ८०१ पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा ॥ २६ ॥ एवं आयरियउवज्झाए य गणाओ अवक्कम्म एगल्लविहारपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरेज्जा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, पुणो आलोएज्जा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएज्जा ॥ २७ ॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म पासत्थविहारं उवसंपजित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्च पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अत्थि याइं थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा ॥ २८ ॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म अहाछंदविहारं उवसंपज्जित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेज्जा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अत्थि याई थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा ॥ २९ ॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म कुसीलविहारं उवसंपजित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेज्जा दोचं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, अस्थि याइं थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएना ॥ ३० ॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म ओसण्णविहारं उवसंपजित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, अत्थि याइं थ सेसे, पुणो आलोएज्जा पुणो पडिकमेजा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा ॥ ३१ ॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म संसत्तविहारं उवसंपज्जित्ताणं विहरेज्जा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, अत्थि याई थ सेसे, पुणो आलोएजा पुणो पडिक्कमेज्जा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएज्जा ॥ ३२-१ ॥ भिक्खू य गणाओ अकम्म परपासंडं उवसंपजित्ताणं विहरेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नत्थि णं तस्स तप्पत्तियं केइ छेए वा परिहारे वा णण्णत्थ एगाए आलोयणाएं ॥ ३२-२ ॥ भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म ओहावेजा, से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नत्थि णं तस्स केइ छए वा परिहारे वा णण्णत्थ एगाए सेहोवट्ठावणियाए ॥ ३३ ॥ भिक्खू य अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं (पडि)सेवित्ता इच्छेज्जा आलोएत्तए, जत्थेव अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेजा, तेसंतियं आलोएजा पडिक्कमेज्जा निंदेजा गरहेजा विउद्देजा विसोहेजा अकरणयाए अब्भुटेजा अहारिहं तवोकम्मं पायच्छित्तं पडिवजेजा ॥ ३४ ॥ नो चेव अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेजा, जत्थेव संभोइयं साहम्मियं पासेजा बहुस्सुयं १ फुडीकरणमेयस्स विवाहपण्णत्तिपणवीसइमसयणियंठवत्तव्वया-ठाणचउभंगीओ तह इमस्स चेव ववहारस्स दसमुद्देसाओ णायव्वं । २ पाढंतरं-कप्पइ से तस्संतियं आलोइत्तए वा पडिक्कमित्तए वा जाव पडिवज्जित्तए । ५१ सुत्ता Page #877 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८०२ सुत्तागमे [ववहारो बब्भागमं, तस्संतियं आलोएजा जाव पडिवजेज्जा ॥ ३५ ॥ नो चेव णं संभोइयं साहम्मियं. 'जत्थेव अन्नसंभोइयं साहम्मियं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागमं, तस्संतियं आलोएजा जाव पडिवजेज्जा ॥ ३६ ॥ नो चेव णं अन्नसंभोइयं. जत्थेव सारूवियं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागम, तस्संतियं आलोएज्जा जाव पडिवजेजा ॥ ३७-१॥ नो चेव णं सारूवियं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागम, जत्थेव समणोवासगं पच्छाकडं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागमं, कप्पइ से तस्संतिए आलोएत्तए वा पडिक्कमेत्तए वा जाव पायच्छित्तं पडिवजेत्तए वा ॥ ३७-२ ॥ नो चेव णं समणोवासगं पच्छाकडं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागमं, जत्थेव समभावियं णाणि' पासेजा, कप्पइ से तस्संतिए आलोएत्तए वा पडिक्कमेत्तए वा जाव पायच्छित्तं पडिवजेत्तए वा ॥ ३८॥ नो चेव समभावियं णाणिं पासेजा, बहिया गामस्स वा नगरस्स वा निगमस्स वा रायहाणीए वा खेडस्स वा कब्बडस्स वा मडंबस्स वा पट्टणस्स वा दोणमुहस्स वा आसमस्स वा संवाहस्स वा संनिवेसस्स वा पाईणाभिमुहे वा उदीणाभिमुहे वा करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कडु एवं वएजा-एवइया मे अवराहा, एवइक्खुत्तो अहं अवरद्धो । अरहंताणं सिद्धाणं अंतिए आलोएना जाव पडिवज्जेज्जासि ॥ ३९ ॥ त्ति-बेमि ॥ ववहारस्स पढमो उद्देसओ समत्तो ॥१॥ ववहारस्स बिइओ उद्देसओ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, एगे तत्थ अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएज्जा, ठवणिजं ठवइत्ता करणिज्जं वेयावडियं ॥ ४० ॥ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, दो वि ते अण्णयरं अकिञ्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएज्जा, एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता एगे निव्विसेज्जा, अह पच्छा से वि निव्विसेज्जा ॥ ४१ ॥ बहवे साहम्मिया एगयओ विहरंति, एगे तत्थ अण्णयरं अकिञ्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, ठवणिज ठवइत्ता करणिज वेयावडियं ॥ ४२ ॥ बहवे साहम्मिया एगयओ विहरंति, सव्वे वि ते अण्णयरं अकिञ्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएन्जा, एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता अवसेसा निव्विसेज्जा, अह पच्छा से वि निव्विसेज्जा ॥ ४३ ॥ परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू गिलायमाणे अण्णयरं अकिच्चट्ठाणं पडिसेवेत्ता आलोएजा, से य संथेरजा ठवणिज ठवइत्ता करणिज वेयावडियं ॥ ४४ ॥ से य नो संथरेजा अणुपरिहारिएणं करणिज्ज वेयावडियं, से तं अणुपरिहारिएणं कीरमाणं वेयावडियं साइजेजा, से वि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया ॥ ४५ ॥ परिहारकप्पट्ठियं भिक्खु गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निजूहित्तए, अगिलाए तस्स १ गिहत्थं अदुवा देवं पुव्वपालियसंजमाणुभावा जाणियपायच्छित्तविहिं । Page #878 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० २ अट्ठ० ग०] सुत्तागमे ८०३ करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥ ४६ ॥ अणवठ्ठप्पं भिक्खू गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥ ४७ ॥ पारंचियं भिक्खु गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥४८॥ खित्तचित्तं भिक्खु गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियन्वे सिया ॥ ४९ ॥ दित्तचित्तं भिक्खु गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्ज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नाम ववहारे पट्टवियत्वे सिया ॥ ५० ॥ जक्खाइ8 भिक्खू गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निजहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥ ५१ ॥ उम्मायपत्तं भिक्खुं गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥५२॥ उवसग्गपत्तं भिक्खू गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥५३ ॥ साहिगरणं भिक्खू गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्ठवियव्वे सिया ॥ ५४ ॥ सपायच्छित्तं भिक्खु गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्ठवियव्वे सिया ॥ ५५ ॥ भत्तपाणपडियाइक्खित्तं भिक्खु गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥ ५६ ॥ अट्ठजायं भिक्खू गिलायमाणं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स निजूहित्तए, अगिलाए तस्स Page #879 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८०४ सुत्तागमे. [ववहारो करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥ ५७ ॥ अणवठ्ठप्पं भिक्खुं अगिहिभूयं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवठ्ठावेत्तए ॥ ५८ ॥ अणवठ्ठप्पं भिक्खुं गिहिभूयं कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए ॥ ५९ ॥ पारंचियं भिक्खु अगिहिभूयं नो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए ॥ ६० ॥ पारंचियं भिक्खुं गिहिभूयं कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए ॥ ६१॥ अणवठ्ठप्पं भिक्खं अगिहिभूयं वा गिहिभूयं वा कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए, जहा तस्स गणस्स पत्तियं सिया ॥ ६२ ॥ पारंचियं भिक्खुं अगिहिभूयं वा गिहिभूयं वा कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स उवट्ठावेत्तए, जहा तस्स गणस्स पत्तियं सिया ॥ ६३ ॥ दो साहम्मिया एगओ विहरंति, एगे तत्थ अण्णयरं अकिञ्चट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा-अहं णं भंते ! अमुगेणं साहुणा सद्धिं इमम्मि कारणम्मि पडिसेवी, से य पुच्छियव्वे, किं पडिसेवी ? से य वएजा-पडिसेवी, परिहारपत्ते, से य वएजा-नो पडिसेवी, नो परिहारपत्ते, जं से पमाणं वयइ से पमाणाओ घेयव्वे, से किमाहु भंते (!)? सच्चपइन्ना ववहारा॥६४॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म ओहाणुप्पे(हिए)ही वजे(गच्छे)जा, से य (आहच्च) अणोहाइए इच्छेजा दोचं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, तत्थ णं थेराणं इमेयारूवे विवाए समुप्पजित्था-इमं भो! जाणह किं पडिसेवी ? से य पुच्छियव्वे, किं पडिसेवी? से य वएज्जा-पडिसेवी, परिहारपत्ते, से य वएजा-नो पडिसेवी, नो परिहारपत्ते, जं से पमाणं वयइ से पमाणाओ घेयव्वे, से किमाहु भंते ? सच्चपइन्ना ववहारा ॥ ६५ ॥ एगपक्खियस्स भिक्खुस्स कप्पइ आयरियउवज्झायाणं इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, जहा वा तस्स गणस्स पत्तियं सिया ॥ ६६ ॥ बहवे परिहारिया बहवे अपरिहारिया इच्छेजा एगयओ एगमासं वा दुमासं वा तिमासं वा चउमासं वा पंचमासं वा छम्मासं वा वत्थए, ते अण्णमण्णं संभुंजंति अण्णमण्णं नो संभुंजंति (एग) मासं(..'मासंते), तओ पच्छा सव्वे वि एगयओ संभुंजंति ॥ ६७ ॥ परिहारकप्पट्ठियस्स भिक्खुस्स नो कप्पइ असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दाउं वा अणुप्पदाउं वा, थेरा य गं वएज्जा-इमं ता अज्जो ! तुमं एएसिं देहि वा अणुप्पएहि वा, एवं से कप्पइ दाउं वा अणुप्पदाउं वा, कप्पइ से लेवं अणुजाणावेत्तए, अणुजाणह तं लेवाए ? एवं से कप्पइ लेवं अणुजाणावेत्तए ॥ ६८ ॥ परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू सएणं पडिग्गहेणं बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेज्जा, थेरा य णं वएज्जा-पडिग्गाहे (हि) अजो ! अहं पि भोक्खामि वा पाहामि वा, एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए, तत्थ नो कप्पइ Page #880 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ०३ पंचवासपरिया०] सुत्तागमे ८०५ अपरिहारिएणं परिहारियस्स पडिग्गहंसि असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा भोत्तए वा पायए वा, कप्पइ से सयंसि वा पडिग्गहंसि पाणिसि वा उखुटु उद्धृढ भोत्तए वा पायए वा, एस कप्पो अपरिहारियस्स परिहारियाओ ॥ ६९ ॥ परिहारकप्पट्ठिए भिक्खू थेराणं पडिग्गहएणं बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, थेरा य णं वएजा-पडिग्गाहे अज्जो ! तुमं पि पच्छा भोक्खसि वा पाहिसि वा, एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए, तत्थ नो कप्पइ परिहारिएणं अपरिहारियस्स पडिग्गहंसि असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा भोत्तए वा पायए वा, कप्पइ से सयंसि वा पडिग्गहंसि पाणिसि वा उद्घङ उद्घनु भोत्तए वा पायए वा, एस[लेस] कप्पो परिहारियस्स अपरिहारियाओ ॥ ७० ॥ त्ति-बेमि ॥ ववहारस्स बिइओ उद्देसओ समत्तो ॥२॥ ववहारस्स तइओ उद्देसओ भिक्खू य इच्छेजा गणं धारेत्तए, भगवं च से अपलिच्छन्नेि)ए, एवं नो से कप्पइ गणं धारेत्तए, भगवं च से पलिच्छन्ने, एवं से कप्पइ गणं धारेत्तए ॥ ७१ ॥ भिक्खू य इच्छेज्जा गणं धारेत्तए, नो से कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता गणं धारेत्तए, कप्पइ से थेरे आपुच्छित्ता गणं धारेत्तए, थेरा य से वियरेज्जा, एवं से कप्पइ गणं धारेत्तए, थेरा य से नो वियरेजा, एवं से नो कप्पइ गणं धारेत्तए, जणं थेरेहिं अविइण्णं गणं धारेजा, से संतरा छेओ वा परिहारो वा (.."साहम्मिया उठाए विहरंति नत्थि णं तेसिं केइ छए वा परिहारे वा) ॥ ७२ ॥ तिवासपरियाए समणे णिग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पण्णत्तिकुसले संगहकुसले उवग्गहकुसले अक्खयायारे अभिन्नायारे असबलायारे असंकिलिट्ठायारचि(चरि)त्ते बहुस्सुए बब्भागमे जहण्णेणं आयारपकप्पधरे कप्पइ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ७३ ॥ सच्चेव णं से तिवासपरियाए समणे णिग्गंथे नो आयारकुसले नो संजमकुसले नो पवयणकुसले नो पण्णत्तिकुसले नो संगहकुसले नो उवग्गहकुसले खयायारे भिन्नायारे सबलायारे संकिलिट्ठायारचित्ते अप्पसुए अप्पागमे नो कप्पइ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ७४ ॥ पंचवासपरियाए समणे णिग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पण्णत्तिकुसले संगहकुसले उवग्गहकुसले अक्खयायारे अभिन्नायारे असबलायारे असंकिलिट्ठायारचित्ते बहुस्सुए बब्भागमे जहण्णेणं द[स]साकप्पववहारधरे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ७५॥ सच्चेव णं से पंचवासपरियाए समणे णिग्गंथे नोआयारकुसले नो संजमकुसले नो पवयणकुसले नो पण्णत्तिकुसले नो संगहकुसले नो उवग्गहकुसले खयायारे भिन्नायारे सबलायारे संकिलिट्ठायारचित्ते अप्पसुए अप्पागमे नो कप्पइ Page #881 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ववहारो आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ७६ ॥ अठ्ठवासपरियाए समणे णिग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पण्णत्तिकुसले संगहकुसले उवग्गहकुसले अक्खयायारे अभिन्नायारे असबलायारे असंकिलिट्ठायारचित्ते बहुस्सुए बब्भागमे जहण्णेणं ठाणसमवायधरे कप्पइ आयरियत्ताए जाव गणावच्छेइयत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ७७ ॥ सच्चेव णं से अट्ठवासपरियाए समणे णिग्गंथे नो आयारकुसले नो संजमकुसले नो पवयणकुसले नो पण्णत्तिकुसले नो संगहकुसले नो उवग्गहकुसले खयाथारे भिन्नायारे सबलायारे संकिलिट्ठायारचित्ते अप्पसुए अप्पागमे नो कप्पइ आयरियत्ताए जाव गणावच्छेइयत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ७८ ॥ निरुद्धपरियाए समणे जिग्गंथे कप्पइ तद्दिवसं आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए, से किमाहु भंते ? अत्थि णं थेराणं तहारूवाणि कुलाणि कडाणि पत्तियाणि थेजाणि वेसासियाणि संमयाणि सम्मुइकराणि अणुमयाणि बहमयाणि भवंति, तेहिं कडेहिं तेहिं पत्तिएहि तेहिं थेजेहिं तेहिं वेसासिएहिं तेहिं संमएहिं तेहिं सम्मुइकरेहिं तेहिं अणुमएहिं तेहिं बहुमएहिं जं से निरुद्धपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्ताए तद्दिवसं ॥ ७९ ॥ निरुद्धवासपरियाए समणे णिग्गंथे कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए समुच्छेयकप्पंसि, तस्स णं आयारपकप्पस्स देसे अवट्ठिए, से य अहिज्जिस्सामित्ति अहिज्जेज्जा, एवं से कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए, से य अहिजिस्सामित्ति नो अहिजेजा, एवं से नो कप्पइ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ ८० ॥ णिग्गंथस्स णं नवडहरतरुणस्स आयरियउवज्झाए वी(सु)संभेजा, नो से कप्पइ अणायरियउवज्झायस्स होत्तए, कप्पइ से पुव्वं आयरियं उद्दिसावेत्ता तओ पच्छा उवज्झायं, से किमाहु भंते ? दुसंगहिए समणे णिग्गंथे, तंजहा-आयरिएणं उवज्झाएण य ॥ ८१ ॥ णिग्गंथीए णं नवडहरतरुणीए आयरियउवज्झाए प(वि)वत्तिणी य वीसंभेजा, नो से कप्पइ अणायरियउवज्झाइयाए अपवत्तिणीए होत्तए, कप्पइ से पुव्वं आयरियं उद्दिसावेत्ता तओ उवज्झायं तओ पच्छा पवत्तिणिं, से किमाहु भंते ? तिसंगहिया समणी णिग्गंथी, तंजहा-आयरिएणं उवज्झाएणं पवत्तिणीए य ॥ ८२॥ भिक्खू गणाओ अणिक्खिवित्ता मेहुणधम्म पडिसेविजा, जावजीवाए तस्स तप्पत्तियं नो से कप्पइ आयरियत्तं वा उवज्झायत्तं वा पवत्तित्तं वा थेरत्तं वा गणित्तं वा गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारित्तए वा ॥ ८३ ॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म मेहुणधम्म पडिसेवेजा, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरेहिं वीइकंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि प(उव)ट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स (णिव्विकारस्स) एवं से Page #882 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ३ आयरियउव० ] सुत्तागमे कप्पर आयरियतं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ८४ ॥ गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता मेहुणधम्मं पडिसेवेज्जा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ८५ ॥ गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं णिक्खिवित्ता मेहुणधम्मं पडिसेवेज्जा, तिणि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरेहिं वीइकंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पद्वियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ८६ ॥ आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता मेहुणधम्मं पडिसेवेज्जा, जावजीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ८७ ॥ आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता मेहुणधम्मं पडिसेवेजा, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरेहिं वीइकंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स एवं से कप्पर आयरियत्तं वा व गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ८८ ॥ भिक्खू य गाओ अवकम्म ओहायइ, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरेहिं वीक्क हिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स एवं ८०७ atus आयरियतं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ८९ ॥ गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता ओहाएजा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दित्तिए वा धारेत्तए वा ॥ ९० ॥ गणावच्छेइए गणावच्छेइयत्तं णिक्खिवित्ता ओहाएज्जा, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पर आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं संवच्छरेहिं वीइकंतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स एवं से कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दि - सित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९१ ॥ आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता ओहाएज्जा, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा वारेत्तए वा ॥ ९२ ॥ आयरियउवज्झाए आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता ओहाएज्जा, तिण्णि संवच्छराणि तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसत्तए वा धारेत्तए वा, तिहिं Page #883 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ववहारो संवच्छरेहिं वीइकतेहिं चउत्थगंसि संवच्छरंसि पट्ठियंसि ठियस्स उवसंतस्स उवरयस्स पडिविरयस्स एवं से कंप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९३ ॥ भिक्खू य बहुस्सुए बब्भागमे बहुसो बहुआगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावजीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पड़ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९४ ॥ गणावच्छेइए बहुस्सुए बब्भागमे बहुसो बहुआगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसाबाई असुई पावजीवी, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९५ ॥ आयरियउवज्झाए बहुस्सुए बब्भागमे बहुसो बहुआगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावज्जीवाए तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९६ ॥ बहवे भिक्खुणो बहुस्सुया बब्भागमा बहुसो बहुआगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावजीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९७ ॥ बहवे गणावच्छेइया बहुस्सुया बब्भागमा बहुसो बहुआगाढागाढेसुः कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावजीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९८ ॥ बहवे आयरियउवज्झाया बहस्सुया बब्भागमा बहुसो बहुआगाडागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावज्जीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ ९९ ॥ बहवे भिक्खुणो बहवे गणावच्छेइया बहवे आयरियउवज्झाया बहुस्सुया बब्भागमा बहुसो बहुआगाढागाढेसु कारणेसु माई मुसावाई असुई पावजीवी, जावजीवाए तेसिं तप्पत्तियं नो कप्पइ. आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तएं वा धारेत्तए वा ॥ १०० ॥ ति-बेमि ॥ ववहारस्स तइओ उद्देसओ समत्तो ॥३॥ . ववहारस्स चउत्थो उद्देसओ - नो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स एगाणियस्स हेमन्तगिम्हासु चरि(त्त)ए॥१०१॥ कप्पइ आयरियउवज्झायस्स अप्पबिइयस्स हेमंतगिम्हासु चरि(चार)ए ॥ १०२ ॥ नो कप्पइ गणावच्छेइयस्स अप्पबिइयस्स हेमंतगिम्हासु चरिए ॥ १०३ ॥ कप्पइ गणावच्छेइयस्स अप्पतइयस्स हेमंतगिम्हासु चरिए ॥ १०४ ॥ नो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स अप्पबिइयस्स वासावासं वत्थए ॥ १०५ ॥ कप्पइ आयरियउवज्झायस्सं अंप्पतइयस्स वासावासं वत्थए ॥ १०६ ॥ नो कप्पइ गणावच्छेइयस्स Page #884 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ आ० गिलाय.] सुत्तागमे ८०९ अप्पतइयस्स वासावासं वत्थए ॥ १०७ ॥ कप्पइ गणावच्छेइयस्स अप्पचउत्थस्स वासावासं वत्थए ॥ १०८ ॥ से गामंसि वा नगरंसि वा निगमंसि वा रायहाणीए वा खेडंसि वा कब्बडंसि वा मडंबंसि वा पट्टणंसि वा दोणमुहंसि वा आसमंसि वा संवाहंसि वा संनिवेसंसि वा बहूणं आयरियउवज्झायाणं अप्पबिइयाणं बहूणं गणावच्छेइयाणं अप्पतइयाणं कप्पइ हेमंतगिम्हासु चरिए अण्णमण्णं निस्साए ॥ १०९ ॥ से गामंसि वा नगरंसि वा निगमंसि वा रायहाणीए वा खेडंसि वा कब्बडंसि वा मडंबंसि वा पट्टणंसि वा दोणमुहंसि वा आसमंसि वा संवाहंसि वा संणिवेसंसि वा बहूणं आयरियउवज्झायाणं अप्पतइयाणं बहूणं गणावच्छेइयाणं अप्पचउत्थाणं कप्पइ वासावासं वत्थए अण्णमण्णं निस्साए ॥ ११० ॥ गामाणुगामं दूइजमा(णे )णो भिक्खू य जं पुरओ कटु विह (रेजा से य)रइ आहच्च वीसंभेजा, अत्थि याइं थ अण्णे केइ उवसंपजणारिहे कप्पइ से( 0 ) उपसंपज्जि(त्ताणं विहरित्तए )यव्वे, नत्थि याइं थ अण्णे केइ उवसंपजणारिहे, तस्स अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ से एगराइयाए पडिमाए जणं जण्णं दि(सिं)सं अण्णे साहम्मिया विहरंति तणं तण्णं दिसं उवलित्तए, नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएजावसाहि अजो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १११॥ वासावासं पजोसवि(ए)ओ भिक्खू य जं पुरओ कट्ठ विहरइ आहच वीसंभेजा, अत्थि याइं थ अण्णे केइ उवसंपज्जणारिहे से उवसंपजियव्वे, नत्थि याइं थ अण्णे केइ उवसंपजणारिहे, तस्स अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ से एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसं अण्णे साहम्मिया विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएजा-वसाहि अजो ! एगरायं वा दुरायं वा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ ११२॥ आयरियउवज्झाए गिलायमाणे अण्णयरं वएजा-अजो ! ममंसि णं कालगयंसि समाणंसि अयं समुक्कसियव्वे, से य समुक्कसणारिहे समुक्कसियव्वे से य नो समुक्कसणारिहे नो समुक्कसियव्वे, अत्थि याइं थ अण्णे केइ समुक्कसणारिहे से समुक्कसियव्वे, नत्थि याइं. थ अण्णे केइ समुक्कसणारिहे से चेव समुक्कसियव्वे, तंसि च णं समुकिटंसि परो Page #885 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१० सुत्तागमे [ववहारो वएज्जा-दुस्समुक्किटुं ते अजो ! निक्खिवाहि, तस्स णं निक्खिवमाणस्स नत्थि केड छेए वा परिहारे वा, जे (तं) साहम्मिया अहाकप्पेणं नो उठाए विहरं (अब्भुढ़ें) ति (तेसिं) सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा ॥ ११३ ॥ आयरियउवज्झाए ओहायमाणे अण्णयरं वएजा-अजो! ममंसि णं ओहावियंसि समाणंसि अयं समुक्कसियव्वे, से य समुक्कसणारिहे समुक्कसियव्वे, से य नो समुक्कसणारिहे नो समुक्कसियव्वे, अत्थि याइं थ अण्णे केइ समुक्कसणारिहे समुक्कसियव्वे, नत्थि याइं थ अण्णे केइ समुक्कसणारिहे से चेव समुक्कसियव्वे, तंसि च णं समुक्किट्ठसि परो वएजा-दुस्समुक्किळं ते अज्जो ! निक्खिवाहि, तस्स णं निक्खिवमाणस्स नत्थि केइ छेए वा परिहारे वा, जे साहम्मिया अहाकप्पेणं नो उठाए विहरति सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा ॥ ११४ ॥ आयरियउवज्झाए सरमाणे (परं) जाव चउरायपंचरायाओ कप्पागं भिक्खुं नो उवट्ठावेइ, कप्पाए अत्थि याइं थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, नत्थि से केइ छेए वा परिहारे वा, नत्थि याइं थ से केइ माणणिजे कप्पए, से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ ११५॥ आयरियउवज्झाए असरमाणे परं चउ(पंच)रायाओ कप्पागं भिक्खु नो उवठ्ठावेइ, कप्पाए अत्थि याइं थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, नत्थि से केइ छए वा परिहारे वा, नत्थि याई थ से केइ माणणिजे कप्पाए, से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ ११६ ॥ आयरियउवज्झाए सरमाणे वा असरमाणे वा परं दसरायकप्पाओ कप्पागं भिक्खु नो उवट्ठावेइ, कप्पाए अत्थि याइं थ से केइ माणणिजे कप्पाए, नत्थि से केइ छेए वा परिहारे वा, नत्थि याइं थ से केइ माणणिजे कप्पाए, संवच्छरं तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं (जाव) उद्दिसित्तए (०)॥११७॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म अण्णं गणं उवसंपजित्ताणं विहरेजा, तं च केइ साहम्मिए पासित्ता वएज्जा-कं अज्जो ! उवसंपज्जित्ताणं विहरसि ? जे तत्थ सत्वराइणिए तं वएजा, राइणिए तं वएज्जा। अह भंते ! कस्स कप्पाए ? जे तत्थ सव्वबहुस्सुए तं वएजा, जं वा से भगवं वक्खइ तस्स आणाउववायवयणणिइसे चिहिस्सामि ॥ ११८ ॥ बहवे साहम्मिया इच्छेन्जा एगयओ अभिणिचारियं चारए, कप्पइ नो ण्हं थेरे अणापुच्छित्ता एगयओ अभिणिचारियं चारए, कप्पइ ण्हं थेरे आपुच्छित्ता एगयओ अभिणिचारियं चारए, थेरा य से वियरेज्जा ए(वं)वण्हं कप्पइ एगयओ अभिणिचारियं चारए, थेरा य से नो वियरेजा एव ण्हं नो कप्पइ एगयओ अभिणिचारियं चारए, जं तत्थ थेरेहिं अविइण्णे अभिणिचारियं चरंति, से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ ११९॥ चरियापविढे १ णाणाइयणिमित्तं । Page #886 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ ब० मि०] सुत्तागमे भिक्खू जाव चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा, सञ्चेव आलोयणा सच्चेव पडिक्कमणा सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिठ्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे ॥ १२० ॥ चरियापविढे भिक्खू परं चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा, पुणो आलोएज्जा पुणो पडिक्कमेज्जा पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा, भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्च पि ओग्गहे अणुण्णवेयव्वे सिया, अणुजाणह भंते ! मिओग्गहं अहालंदं धुवं नि(च्छइ)तियं वेउट्टियं, तओ पच्छा कायसंफासं ॥ १२१ ॥ चरियानियट्टे भिक्खू जाव चउरायपंचरायाओ थेरे पासेजा, सच्चेव आलोयणा सच्चेव पडिक्कमणा सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे ॥ १२२ ॥ चरियानियहे भिक्खू परं चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा, पुणो आलोएज्जा, पुणो पडिक्कमेजा, पुणो छेयपरिहारस्स उवट्ठाएजा, भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि ओग्गहे अणुण्णवेयव्वे सिया । अणुजाणह भंते ! मिओग्गहं अहालंदं धुवं नितियं वेउट्टियं, तओ पच्छा कायसंफासं ॥ १२३ ॥ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, तंजहा-सेहे य राइणिए य, तत्थ सेहतराए पलिच्छण्णे, राइणिए अपलिच्छण्णे, सेहतराएणं राइणिए उवसंपज्जियव्वे, भिक्खोववायं च दलयइ कप्पागं ॥ १२४ ॥ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, तंजहा-सेहे य राइणिए य, तत्थ राइणिए पलिच्छण्णे, सेहतराए अपलिच्छण्णे, इच्छा राइणिए सेहतरागं उवसंपज्जइ इच्छा नो उवसंपज्जइ, इच्छा भिक्खोववायं दलयइ कप्पागं इच्छा नो दलयइ कप्पागं ॥ १२५ ॥ दो भिक्खुणो एगयओ विहरंति, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए ॥ १२६ ॥ दो गणावच्छेइया एगयओ विहरंति, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए ॥ १२७ ॥ दो आयरियउवज्झाया एगयओ विहरंति, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए ॥ १२८ ॥ बहवे भिक्खुणो एगयओ विहरंति, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए ॥ १२९ ॥ बहवे गणावच्छेइया एगयओ विहरंति, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए ॥ १३० ॥ बहवे आयरियउवज्झाया एगयओ विहरंति, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए ॥ १३१ ॥ बहवे भिक्खुणो बहवे गणावच्छेइया बहवे आयरियउवज्झाया एगयओ विहरंति, Page #887 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१२ सुत्तागमे [ववहारो नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए (वासावासं वत्थए कप्पइ प०), कप्पइ ण्हं अहाराइणियाए अण्णमण्णं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए (हेमंतगिम्हासु) ॥ १३२ ॥ त्ति-बेमि ॥ ववहारस्स चउत्थो उद्देसओ समत्तो ॥४॥ - ववहारस्स पंचमो उद्देसओ नो कप्पइ पवत्तिणीए अप्पबिइयाए हेमंतगिम्हासु चारए ॥ १३३ ॥ कप्पई पवत्तिणीए अप्पतइयाए हेमंतगिम्हासु चारए ॥ १३४ ॥ नो कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पतइयाए हेमंतगिम्हासु चारए ॥ १३५॥ कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पचउत्थाएं हेमंतगिम्हासु चारए ॥ १३६ ॥ नो कप्पइ पवत्तिणीए अप्पतइयाए वासावास वत्थए ॥ १३७ ॥ कप्पइ पवत्तिणीए अप्पचउत्थाए वासावासं वत्थए ॥ १३८ । नो कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पचउत्थाए वासावासं वत्थए ॥ १३९ ॥ कप्पइ गणावच्छेइणीए अप्पपंचमाए वासावासं वत्थए ॥ १४० ॥ से गामंसि वा नगरंसि वा निगमंसि वा रायहाणिंसि वा बहूणं पवत्तिणीणं अप्पतइयाणं बहूणं गणावच्छेइणीणं अप्पचउत्थाणं कप्पइ हेमंतगिम्हासु चारए अण्णमण्णं नी(निर)साए ॥ १४१॥ से गामंसि वा नगरंसि वा निगमंसि वा रायहाणिसि वा बहूणं पवत्तिणीणं अप्पचउत्थाणं बहूणं गणावच्छेइणीणं अप्पपंचमाणं कप्पइ वासावासं वत्थए अण्णमण्णं नीसाए ॥ १४२ ॥ गामाणुगामं दूइज्जमाणी 'णिग्गंथी य जं पुरओ (कट्ठ) काउं विह(रेजा)रइ सा आहच्च वीसंभेजा, अत्थि याइं थ काइ अण्णा उवसंपजणारिहा सा उवसंपज्जियव्वा, नत्थि याई थ काइ अण्णा उवसंपज्जणारिहा तीसे य अप्पणो कप्पाए असमत्ते (एवं) कप्पइ सा एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसं अण्णाओ साहम्मिणीओ विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, नो सा कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ सा तत्थ कारणवत्तियं वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएजा-वसाहि अजो! एगरायं वा दुरायं वा, एवं सा कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो सा कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, सा संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १४३ ॥ वासावासं पजोसविया णिग्गंथी य जं पुरओ काउं विहरइ सा आहच्च वीसंभेज्जा, अत्थि याइं थ काइ अण्णा उवसंपज्जणारिहा सा उवसंपजियव्वा, नत्थि याइं थ काइ अण्णा उवसंपजणारिहा तीसे य अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ सा एगराइयाए पडिमाए जण्णं जण्णं दिसं अण्णाओ साहम्मिणीओ विहरंति तण्णं तण्णं दिसं उवलित्तए, नो सा कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ सा तत्थ कारणवत्तिय वत्थए, तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएजा-वसाहि अजो ! एगरायं वा Page #888 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ५ नि० न० आयारपक० ] सुत्तागमे ८१३ दुरायं वा, एवं सा कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो सा कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसई, सा संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १४४ ॥ पवत्तिणी य गिलायमाणी अण्णयरं वजा - मए णं अजो ! कालगयाए समाणीए अयं समुकसियव्वा, सा य समुक्कसणारिहा समुक्कसियव्वा, सा य नो समुक्कसणारिहा नो समुक्कसियव्वा, अत्थि याई थ अण्णा काइ समुकसणारिहा सा समुक्कसियव्वा, नत्थि याई थ अण्णा काइ समुक्कसणारिहा सा चेव समुक्कसियव्वा, ताए व णं समुक्किट्ठाए परो वएजा - दुस्समुक्कटं ते अज्जे ! निक्खिवाहि ताए णं निक्खिवमाणाए नत्थि केइ छेए वा परिहारे वा, जाओ साहम्मिणीओ अहाकप्पं नो उट्ठाए विहरंति सव्वासिं तासिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा ॥ १४५ ॥ पवत्तिणी य ओहायमाणी अण्णयरं वएना - मए णं अजो ! ओहावियाए समाणीए अयं समुक्कसियव्वा, साय समुक्कसणारिहा समुकसियव्वा, सायनो समुक्कसणारिहा नो समुक्कसियव्वा, अत्थि याई थ अण्णा काइ समुक्कसणारिहा सा समुक्कसियव्वा, नत्थि याइं थ अण्णा काइ समुक्कसणारिहा सा चेव समुक्कसियव्वा, ताए व णं समुक्किट्ठाए परो वएज्जा - दुस्समुक्किडं ते अजे ! निक्खिवाहि, ताए णं निक्खिवमाणाए नत्थि केइ छेए वा परिहारे वा, जाओ साहम्मिणीओ अहाकप्पं नो उट्ठाए विहरंति सव्वासिं तासिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा ॥ १४६ ॥ निग्गंथस्स (णं) नवडहरतरुण ( ग )स्स आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भट्ठे सिया, से य पुच्छियव्वे, केण ते अज्जो ! कारणेणं आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भट्ठे, किं आबाहेणं पमाएणं ? से य वएज्जा-नो आबाहेणं पमाएणं, जावज्जी (वाए ) वं तस्स तप्पत्तियं नो कप्पर आयरियतं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तएवा धारेत्तए वा, से य वएज्जा - आबाहेणं नो पमाएणं, से य संठवेस्सामीति संठवेज्जा, एवं से कप्पर आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दित्तिए वा धारेत्तए वा, से य संठवेस्सामीति नो संठवेज्जा, एवं से नो कप्पर आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १४७ ॥ निग्गंथीए (i) नवडहरतरु (णिया ) णाए आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भट्ठे सिया, साय पुच्छियव्वा, केण भे कारणेणं (अज्जा ! ) आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भट्ठे, किं बाहेणं पमाएणं ? सा य वएजा-नो आबाहेणं पमाएणं, जावज्जीवं तीसे तप्पत्तियं नो कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, साय वजा - आबाहेणं नो पमाएणं, सा य संठवेस्सामीति संठवेज्जा, एवं से कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, सा य संठवेस्सा Page #889 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१४ सुत्तागमे [ववहारो मीति नो संठवेजा, एवं से नो कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा॥ १४८॥ थेराणं थेरभूमिपत्ताणं आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिन्भटे सिया, कप्पइ तेसिं संठवेत्ताण वा असंठवेत्ताण वा आयरियत्तं वा जाव गणावच्छेइयत्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १४९ ॥ थेराणं थेरभूमिपत्ताणं आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भटे सिया, कप्पइ तेसिं संनिसण्णाण वा संतुयट्टाण वा उत्ताणयाण वा पासिल्लयाण वा आयारपकप्पं नामं अज्झयणं दोच्चं पि तच्चं पि पडिपुच्छित्तए वा पडिसारेत्तए वा ॥ १५० ॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, नो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णस्स अंतिए आलोएत्तए, अत्थि याइं (थ) ण्हं केइ आलोयणारिहे, कप्पइ ण्हं तस्स अंतिए आलोइत्तए, नत्थि याइं ण्हं केइ आलोयणारिहे, एव ण्हं कप्पइ अण्णमण्णस्स अंतिए आलोएत्तए ॥ १५१॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, नो ण्हं कप्पइ अण्णम(ण्णस्स अंतिए)ण्णेणं वेयावच्चं कारवेत्तए, अस्थि याइं ण्हं केइ वेयावच्चकरे कम्पइ ग्रहं वेयावच्चं कारवेत्तए, नत्थि याइं ण्हं केइ वेयावच्चकरे एव ण्हं कप्पइ अण्णमण्णेणं वेयावच्चं कारवेत्तए ॥१५२॥ णिग्गंथं च णं राओ वा वियाले वा दीहपट्ठो लूसेज्जा, इत्थी वा पुरिसस्स ओमावेजा पुरिसो वा इत्थीए ओमावेजा, एवं से कप्पइ, एवं से चिट्ठइ, परिहारं च से न(णो) पाउणइ-एस कप्(पो)पे थेरकप्पियाणं, एवं से नो कप्पइ, एवं से नो चिट्ठइ, परिहारं च नो पाउणइ-एस कप्पे जिणकप्पियाणं ॥ १५३ ॥ ति-बेमि ॥ ववहारस्स पंचमो उद्देसओ समत्तो ॥ ५॥ ववहारस्स छट्टो उद्देसओ भिक्खू य इच्छेना नायविहं एत्तए, नो (से) कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता नायविहं एत्तए, कप्पइ (से) थेरे आपुच्छित्ता नायविहं एत्तए, थेरा य से वियरेजा, एवं से कप्पइ नायविहं एत्तए, थेरा य से नो वियरेज्जा, एवं से नो कप्पइ नायविहं एत्तए, जं (जे) तत्थ थेरेहिं अविइण्णे नायविहं एइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १५४ ॥ नो से कप्पइ अप्पसुयस्स अप्पागमस्स एगाणियस्स नायविहं एत्तए ॥ १५५ ॥ कप्पइ से जे तत्थ बहुस्सुए बब्भागमे तेण सद्धिं नायविहं एत्तए ॥ १५६ ॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते भिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिग्गा(हि)हेत्तए, नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए॥ १५७ ॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं पुवाउत्ते भिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए, नो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहेत्तए ॥ १५८ ॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं दो वि पुवाउत्ते कप्पइ से दो वि पडिग्गाहेत्तए ॥ १५९ ॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं दो वि पच्छाउत्ते नो से कप्पइ दो वि पडिग्गाहेत्तए ॥ १६० ॥ जे से तत्थ पुव्वा Page #890 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ६ सु० १७५] सुत्तागमे गमणेणं पुवाउत्ते से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए । १६१ ॥ जे से तत्थ पुवागमणेणं पच्छाउत्ते नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ १६२ ॥ आयरियउवज्झायस्स गणंसि पंच अइसेसा पण्णत्ता, तंजहा-(१) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स पाए निगिज्झिय २ पप्फोडेमाणे वा पमजेमाणे वा नो अ(णा)इक्कमइ ॥ १६३ ॥ (२) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स उच्चारपासवणं विगिंचमाणे वा विसोहेमाणे वा नो अइकमइ ॥ १६४ ॥ (३) आयरियउवज्झाए पभू वेयावडियं इच्छा करेजा इच्छा नो करेजा ॥ १६५ ॥ (४) आयरियउवज्झाए अंतो उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ ॥ १६६ ॥ (५) आयरियउवज्झाए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ ॥ १६७ ॥ गणाचच्छेइयस्स णं गणंसि दो अइसेसा प०, तं०-(१) गणावच्छेइए अंतो उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ॥१६८ ॥ (२) गणावच्छेइए बाहिं उवस्सयस्स एगरायं वा दुरायं वा वसमाणे नो अइक्कमइ ॥ १६९ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणि(सण्णिवेसं)सि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए णो कप्पइ बहूणं अगडसुयाणं एगयओ वत्थए, अत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे णत्थि याइं ण्हं केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे से (सव्वेसिं तेसिं) संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १७० ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसणाए णो कप्पइ बहूण वि अगडसुयाणं एगयओ वत्थए, अत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे जे तत्तियं रयणि संवसइ णत्थि याइं ण्हं केइ छेए वा परिहारे वा, णत्थि याइं ण्हं केइ आयारपकप्पधरे जे तत्तियं रयणिं संवसइ सव्वेसिं तेसिं तप्पत्तियं छेए वा परिहारे वा ॥ १७१ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसणाए णो कप्पइ बहुमुयस्स बब्भागमस्स एगाणियस्स भिक्खुस्स वत्थए, किमंग-पुण अप्पागमस्स अप्पस्सुयस्स? ॥ १७२ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिं सि वा एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए कप्पइ बहुसुयस्स बब्भागमस्स एगाणियस्स भिक्खुस्स वत्थए दुह(उभ)ओ कालं भिक्खुभावं पडिजागरमाणस्स ॥ १७३ ॥ ज(जे तत्थ एए बहवे इत्थीओ य पुरिसा य पण्हावेंति तत्थ से समणे णिग्गंथे अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि सुक्कपोग्गले णिग्याएमाणे हत्थकम्मपडिसेवणपत्ते आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ १७४ ॥ जत्थ एए बहवे इत्थीओ य पुरिसा य पण्हावेंति तत्थ से समणे णिग्गंथे अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि सुक्पोग्गले णिग्घाएमाणे मेहुणपडिसेवणपत्ते आवज्जइ चाउम्मासियं परि Page #891 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ८१६ [ववहारो हारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ १७५ ॥ णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा णिग्गंथिं (अण्णगणाओ आगयं) खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स अणालोयावेत्ता अपडिकमावत्ता आनिंदावेत्ता अगरहावेत्ता अविउट्टावेत्ता अविसोहावेत्ता अकरणाए अणब्भुट्ठावेत्ता अहारिहं पायच्छित्तं अपडिवजावेत्ता (पुच्छित्तए वा वाइत्तए वा) उवट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा तेसिं (तीसे) इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १७६ ॥ कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा णिग्गंथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता पडिकमावेत्ता निंदावेत्ता गरहावेत्ता विउट्टावेत्ता अकरणाए अब्भुट्ठावेत्ता अहारिहं पायच्छित्तं पडिवज्जावेत्ता उवट्ठावेत्तए वा संभंजित्तए वा संवसित्तए वा तेसिं इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १७७ ॥ ति-बेमि ॥ ववहारस्स छट्ठो उद्देसओ समत्तो ॥६॥ ववहारस्स सत्तमो उद्देसओ ___ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, नो कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथे अणापुच्छित्ता णिग्गथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स अणालोयावेत्ता जाव पायच्छित्तं अपडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभंजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १७८ ॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंधीओ य संभोइया सिया, कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथे आपुच्छित्ता णिग्गंथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता जाव पायच्छित्तं पडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवठ्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १७९ ॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंथीओ आपुच्छित्ता वा अणापुच्छित्ता वा णिग्गंथिं अण्णगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिण्णायारं संकिलिट्ठायारचित्तं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता जाव पायच्छित्तं पडिवजावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा, तं च णिग्गंथीओ नो इच्छेज्जा, सेव(सय)मेव नियं ठाणं १ अण्णे आयरिसे सुत्तदुगमहिगमुवलन्भइ १७६-१७७ सरिसं, णवरं “णिग्गंथिं" ठाणे "णिग्गंथं" ति। Page #892 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ७ तिवासपरिया०] सुत्तागमे ८१७ ॥ १८० ॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, नो ण्हं कप्पइ (णिग्गंथे) पारोक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, कप्पइ ण्हं पच्चक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, जत्थेव अण्णमण्णं पासेज्जा तत्थेव एवं वएजा-अह णं अजो! तु(म)माए साद्धिं इमम्मि कारणम्मि पच्चक्खं संभोगं विसंभोगं करेमि, से य पडितप्पेजा एवं से नो कप्पइ पच्चक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, से य नो पडितप्पेज्जा एवं से कप्पइ पञ्चक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए ॥ १८१॥ जाओ णिग्गंथीओ वा णिग्गंथा वा संभोइया सिया, नो ण्हं कप्पइ (णिग्गंथीओ) पच्चक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, कप्पइ ण्हं पारोक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, जत्थेव ताओ अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेज्जा, तत्थेव एवं वएजा-अह णं भंते ! अमुगीए अजाए सद्धिं इमम्मि कारणम्मि पारोक्खं पाडिएकं संभोगं विसंभोगं करेमि, सा य से पडितप्पेज्जा एवं से नो कप्पइ पारोक्खं पाडिएकं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए, सा य से नो पडितप्पेज्जा एवं से कप्पइ पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोगं करेत्तए ॥ १८२ ॥ नो कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंथिं अप्पणो अट्ठाए पव्वावेत्तए वा मुंडावेत्तए वा (सिक्खावेत्तए वा) सेहावेत्तए वा उवट्ठावेत्तए वा संवसित्तए वा संभुंजित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १८३ ॥ कप्पइ णिग्गंथाणं णिग्गंथिं अण्णेसिं अट्ठाए पव्वावेत्तए वा जाव संभुजित्तए वा तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १८४ ॥ नो कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथं अप्पणो अट्ठाए पव्वावेत्तए वा मुंडावेत्तए वा जाव उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १८५॥ कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गंथं णिग्गंथाणं अट्ठाए पव्वावेत्तए वा मुंडावेत्तए वा जाव उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥१८६॥ नो कप्पइ णिग्गंथीणं विइकिट्ठियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १८७॥ कप्पइ णिग्गंथाणं विइकिट्ठियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा ॥ १८८॥नो कप्पइ णिग्गंथाणं विइकिट्ठाई पाहुडाई विओसवेत्तए॥१८९॥ कप्पइ णिग्गंथीणं विइकिट्ठाई पाहुडाइं विओसवेत्तए ॥ १९० ॥ नो कप्पइ णिग्गंथा(ण वा णिग्गंथीण वा)णं विइकिट्ठए काले सज्झायं (उद्दिसित्तए वा) करेत्तए (वा) ॥ १९१ ॥ कप्पइ णिग्गंधीणं विइकिट्ठए काले सज्झायं करेत्तए णिग्गंथणिस्साए ॥ १९२ ॥ नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा असज्झाइए सज्झायं करेत्तए ॥ १९३ ॥ कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सज्झाइए सज्झायं करेत्तए ॥ १९४ ।। नो कप्पइ णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करेत्तए, कप्पइ ण्हं अण्णमण्णस्स वायणं दलइत्तए ॥ १९५ ॥ तिवासपरियाए समणे णिग्गंथे ५२ सुत्ता Page #893 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८१८ सुत्तागमे [ववहारो तीसं वासपरियाए समणीए णिग्गंथीए कप्पइ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ १९६ ॥ पंचवासपरियाए समणे णिग्गंथे सहिवासपरियाए समणीए णिग्गंथीए कप्पइ आयरिय(ताए)उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए ॥ १९७ ॥ गामाणुगामं दूइज्जमाणे भिक्खू य आहच्च वीसंभेजा तं च सरीरगं केइ साहम्मिए पासेज्जा, कप्पइ से तं सरीरगं से न (मा) सागारियमिति कट्ठ (... एगंते अचित्ते०) थंडिल्ले बहुफासुए पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिद्ववेत्तए, अत्थि याइं थ केइ साहम्मियसंतिए उवगरणजाए परिहरणारिहे, कप्पइ से सागारकडं गहाय दोच्चं पि ओग्गहं अणुण्णवेत्ता परिहारं परिहारेत्तए ॥ १९८ ॥ सागारिए उवस्सयं वकएणं पउंजेज्जा, से य वक्कइयं वएजाइमं(म्हि)मि य इमंमि य ओवासे समणा णिग्गंथा परिवसंति, से सागारिए पारिहारिए, से य नो (एवं) वएजा, बक्कइए वएज्जा(०), से सागारिए पारिहारिए, दो वि ते (एव) वएजा (जाव), दो वि सागारिया पारिहारिया ॥ १९९ ॥ सागारिए उवस्सयं विक्किणेजा, से य कइयं वएज्जा-इमंमि य इमंमि य ओवासे समणा णिग्गंथा परिवसंति, से सागारिए पारिहारिए, से य नो वएज्जा, कइए वएजा, से सागारिए पारिहारिए, दो वि ते वएज्जा, दो वि सागारिया पारिहारिया ॥ २०० ॥ विहवधूया ना(नि)यकुलवासिणी, सा वि यावि ओग्गहं अणुण्णवेयव्वा, किमंग-पुण पिया वा भाया वा पुत्ते वा, से (य) वि या(दो)वि ओ(उ)ग्ग(ह)हे ओगेण्हिय(व्वा)व्वे ॥ २०१॥ पहिए वि ओग्गहं अणुण्णवेयव्वे ॥ २०२ ॥ से रज(राय)परियट्टेसु संथडेसु अव्वोगडेसु अव्वोच्छिण्णेसु अपरपरिग्गहिएसु सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठइ अहालंदमवि ओग्गहे ॥ २०३ ॥ से रजपरियट्टेसु असंथडेसु वोगडेसु वोच्छिण्णेसु परपरिग्गहिएसु भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चं पि ओग्गहे अणुण्णवेयव्वे सिया ॥ २०४ ॥ ति-बेमि ॥ ववहारस्स सत्तमो उद्देसओ समत्तो ॥७॥ ववहारस्स अट्ठमो उद्देसओ गाहा(गिह)उ(ड)दूपज्जोसविए, ताए गाहाए ताए पएसाए ताए उवासंतराए जमिणं २ सेज्जासंथारगं लभेजा तमिणं तमिणं ममेव सिया, थेरा य से अणुजाणेजा, तस्सेव सिया, थेरा य से नो अणुजाणेजा, (णो तस्सेव सिया) एवं से कप्पइ आहाराइणियाए सेज्जासंथारगं पडिग्गाहेत्तए ॥ २०५ ॥ से अहालहुसगं सेजासंथारगं गवेसेज्जा, जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगि(ज्झिय २)ज्झ जाव एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा (अद्धाणं) परिवहित्तए, एस मे हेमंतगिम्हासु भविस्सइ ॥ २०६ ॥ से य अहालहुसगं सेज्जासंथारगं गवेसेज्जा, जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगिज्झ जाव एगाहं (०) अद्धाणं परिवहित्तए, एस मे वासावासासु भविस्सइ Page #894 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ८ परिभट्ठवगरण०] सुत्तागमे ॥ २०७ ॥ से अहालहुसगं सेज्जासंथारगं जाए(गवेसे)जा जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगिज्झ जाव एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा चउयाहं वा पं(चाहं वा दूरमवि)चगाहं वा अद्धाणं परिवहित्तए, एस मे वुड्डावासासु भविस्सइ ॥ २०८ ॥ थेराणं थेरभूमिपत्ताणं कप्पइ दंडए वा भंडए वा मत्तए वा चेले वा चेलचिलमिली वा अविरहिए ओवासे ठवेत्ता गाहावइकुलं पिंडवायपडिया(भत्ताए वा पाणा)ए (वा) पविसित्तए वा णिक्खमित्तए वा, कप्पइ ण्हं संणियहचारीणं दोच्चं पि ओग्गहं अणुण्णवेत्ता (परिहारं) परिहरित्तए ॥ २०९ ॥ नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेजासंथारगं दोचं पि ओग्गहं अणणुण्णवेत्ता बहिया नीहरित्तए ॥ २१० ॥ कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेज्जासंथारगं दोच्चं पि ओग्गहं अणुण्णवेत्ता बहिया नीहरित्तए ॥ २११॥ नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेज्जासंथारगं सव्वप्पणा अ(पच्च)प्पिणित्ता दोच्चं पि (तमेव) ओग्गहं अणणुण्णवेत्ता अहिद्वित्तए, कप्पइ (०) अणुण्णवेत्ता (०)॥ २१२ ॥ नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पुव्वामेव ओग्गहं ओगिण्हित्ता तओ पच्छा अणुण्णवेत्तए ॥ २१३ ॥ कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पुव्वामेव ओग्गहं अणुण्णवेत्ता तओ पच्छा ओगिण्हित्तए ॥ २१४ ॥ अह पुण एवं जाणेजा, इह खलु णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा नो सुलभे पाडिहारिए सेज्जासंथारए त्ति कट्ठ एव ण्हं कप्पइ पुवामेव ओग्गहं ओगिण्हित्ता तओ पच्छा अणुण्णवेत्तए, मा व(दु)ह(ओ)उ अज्जो० व(त्तियं)इ अणुलोमेणं अणुलोमेयव्वे सिया ॥ २१५॥ णिग्गंथस्स णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स अहालहुसए उवगरणजाए परिब्भटे सिया, तं च केइ साहम्मिए पासेज्जा, कप्पइ से सागारकडं गहाय जत्थेव (ते) अण्णमण्णं पासेज्जा तत्थेव एवं वएजा-इ(मं ते)मे भे अजो ! किं परिणाए ? से य वएजा-परिणाए, तस्सेव पडिणिज्जाएयव्वे सिया, से य वएजा-नो परिणाए, तं नो अप्पणा परि (जए)जेजा नो अ(ण्णेसिं)ण्णमणस्स दावए, एगते बहुफासुए (पएसे पडिलेहित्ता) थंडिल्ले परिटवेयव्वे सिया॥२१६ ॥ णिग्गंथस्स णं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमिं वा णिक्खंतस्स अहालहुसए उवगरणजाए परिब्भटे सिया, तं च केइ साहम्मिए पासेज्जा, कप्पइ से सागारकडं गहाय जत्थेव अण्णमण्णं पासेज्जा तत्थेव एवं वएजा-इमे (ते) मे अज्जो ! किं परिण्णाए? से य वएना-परिण्णाए, तस्सेव पडिणिज्जाएयव्वे सिया, से य वएजा-नो परिणाए, तं नो अप्पणा परिभुंजेजा नो अण्णमण्णस्स दावए, एगंते बहुफासुए थंडिल्ले परिटवेयव्वे सिया ॥ २१७ ॥ Page #895 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ववहारो णिग्गंथस्स णं गामाणुगामं दूइज्जमाणस्स अण्णयरे उवगरणजाए परिब्भट्ठे सिया, तं च केइ साहम्मिए पासेज्जा, कप्पइ से सागारकडं गहाय दूर ( मवि) मेवयद्धाणं परिवहित्तए, जत्थेव अण्णमण्णं पासेज्जा तत्थेव एवं वएज्जा - इमे भे अज्जो ! किं परिण्णाए ? से य वएज्जा - परिण्णाए, तस्सेव पडिणिजाएयव्वे सिया, से य वएजानो परिण्णाए, तं नो अप्पणा परिभुंजेजा नो अण्णमण्णस्स दावए, एगंते बहुफासुए थंडिले परिट्ठवेयव्वे सिया ॥ २१८ ॥ कप्पर णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अइरेगपडिग्गहं अण्णमण्णस्स अट्ठाए (दूरमवि अद्धाणं परिवहित्तए) धारेत्तए वा परिग्गहित्तए वा सो वाणं धारेस्सइ अहं वा णं धारेस्सामि अण्णो वा णं धारेस्सइ, नो से कप्पइ ते अणापुच्छिय अणामंतिय अण्णमण्णेसिं दारं वा अणुप्पयाडं वा, कप्पइ से ते आपुच्छिय आमंतिय अण्णमण्णेसिं दाउँ वा अणुप्पयाडं वा ॥ २१९ ॥ अट्ठ कवलप्पमाणमेत्ते आहारं आहारेमाणे (समणे) णिग्गंथे अप्पाहारे, बार(दुवाल)स कवलप्पमाणमेत्ते आहारं आहारेमाणे णिग्गंथे अवड्ढोमोयरिया, सोलस कवलप्पमाणमेत्ते आहारं आहारेमाणे णिग्गंथे दुभागपत्ते, चउवीसं कवलप्पमाणमेत्ते आहारं आहारेमाणे णिग्गंथे ओ(पत्तो ) मोयरिया, एगतीसं कवलप्पमाणमेत्ते आहारं आहारेमाणे णिग्गंथे किंचूणोमोयरिया, बत्तीसं कवलप्पमाणमेत्ते आहारं आहारेमाणे णिग्गंथे पमाणपत्ते, एत्तो एगेण वि कउले (घासे) णं ऊणगं आहारं आहारेमाणे समणे णिग्गंथे णो पकामरसभोइ-त्ति वत्तव्वं सिया ॥ २२० ॥ ति- बेमिं ॥ ववहारस्स अट्टमो उद्देसओ समत्तो ॥ ८ ॥ ८२० ववहारस्स णवमो उद्देसओ सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजइ निट्ठिए नि (सि) सट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२१ ॥ सागारियस्स आएसे अंतो वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्टे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२२ ॥ सागारियस्स आएसे बाहिं वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्ठे पाडिहारिए, तम्हा दावए, नो से कप्पर पडिगाहेत्तए ॥ २२३ ॥ सागारियस्स आए से बा वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्ठे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेतए ॥ २२४ ॥ सागारियस्स दासे वा वेसे वा भयए वा भइण्णए वा अंतो वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्ठे पाडिहारिए, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२५ ॥ सागारियस्स दासे (इ) वा वेसे वा भयए वा भइण्णए (पेसे) वा अंतो वगडाए भुंज निट्ठिए निसट्ठे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पर पडिगाहेत्तए ॥ २२६ ॥ सागारियस्स दासे वा वेसे वा भयए वा भइण्णए वा बाहिं वगडाए Page #896 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ९ सागारिय०] सुत्तागमे भुंजइ निट्ठिए निसट्टे पाडिहारिए, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥२२७॥ सागारियस्स दासे वा वेसे वा भयए वा भइण्णए वा बाहिं वगडाए मुंजइ निट्ठिए निसढे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२८ ॥ सागारिय(स्स)णायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो (सागारियस्स) एगपयाए सागारियं चो(च उ)वजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २२९ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३० ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स एगवगडाए बाहिं एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३१ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स एगवगडाए बाहिं अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३२ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए अंतो एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३३ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए अंतो अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३४ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए बाहिं एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३५॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए बाहिं अभिणिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३६ ॥ सागारियस्स चकियासाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३७ ॥ सागारियस्स चक्कियासाला णिस्साहारणवकयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३८ ॥ सागारियस्स गोलियसाला साहारणवकयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २३९ ॥ सागारियस्स गोलियसाला णिस्साहारणवकयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४० ॥ सागारियस्स वो(बो)धियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४१॥ सागारियस्स वोधियसाला णिस्साहारणवकयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४२ ॥ सागारियस्स दोसियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४३ ॥ सागारियस्स दोसियसाला णिस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४४ ॥ सागारियस्स सोत्तियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से Page #897 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ ववहारो कप्पइ पडिगात्त ॥ २४५ ॥ सागारियस्स सोत्तियसाला णिस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पर पडिगाहेत्तए ॥ २४६ ॥ सागारियस्स बोडियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४७ ॥ सागारियस्स बोडियसाला णिस्साहारणवक्कयपत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २४८ ॥ सागारियस्स गंधियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, से कप्प पडगात्तए ॥ २४९ ॥ सागारियस्स गंधियसाला णिस्साहारणवक्कयपत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५० ॥ सागारियस्स सोडियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५१ ॥ सागारियस्स सोडियसाला णिस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५२ ॥ सागारियस्स ओसहीओ संथडाओ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५३ ॥ सागारियस्स ओसहिओ असंथडाओ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५४ ॥ सागारियस्स अंबफला संथडा, तम्हा दावए, णो से कप्पर पडिगाहेत्तए । २५५ ॥ सागारियस्स अंबफला असंथडा, तम्हा दाए, एवं से कप्पर डिगात्तए ॥ २५६ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स एगवयू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५७ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स एगवगडाए एगदुवाराए एगणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स अभिणिवयू सागारियं च उवजीवर, तम्हा दावए, णो से कप्पर पडिगाहेत्तए ॥ २५८ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवाराए अभिणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स एगवयू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ॥ २५९ ॥ सागारियणायए सिया सागारियस्स अभिणिव्वगडाए अभिणिदुवारा अभिणिक्खमणपवेसाए सागारियस्स अभिणिवयू सागारियं च उवजीवइ, तम्हा दावए, णो से कप्पर पडिगाहेत्तए ॥ २६० ॥ सत्तसत्तमिया णं भिक्खुपडिमा (i) एगूणपण्णाए राईदिएहिं एगेण छण्णउएणं भिक्खासएणं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं अहासम् (मकाएणं ) मं फासि (त्ता ) या पालिया (साहित्ता) तीरिया कट्टिया (आणाए ) अणुपालिया भवइ ॥ २६१ ॥ अट्ठअट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा चउसट्ठीए राइदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासएहिं अहासुतं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं अहासम्मं फासिया पालिया तीरिया किट्टिया अणुपालिया भवइ ॥ २६२ ॥ णवणवमिया णं भिक्खुपडिमा एगासीए राईदिएहिं चउहि य पंचुत्तरेहिं . भिक्खासएहिं अहासुतं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं अहासम्मं फासिया पालिया ८२२ Page #898 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १० पडिमादुगं] सुत्तागमे ८२३ तीरिया किट्टिया अणुपालिया भवइ ॥ २६३ ॥ दसदसमिया णं भिक्खुपडिमा एगेणं राइंदियसएणं अद्धछठेहि य भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं अहासम्म फासिया पालिया तीरिया किट्टिया अणुपालिया भवइ ॥२६४ ॥ दो पडिमाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-खुड्डिया वा (चेव) मोयपडिमा महल्लिया वा मोयपडिमा, खुड्डियण्णं मोयपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ पढ(मेसरद)मणिदाहकालसमयंसि वा चरिमणिदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए (संणिवेसंसि) वा वर्णसि वा वणदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वयदुग्गंसि वा, भोच्चा आरुभइ चोद्दसमेणं पारेइ, अभोच्चा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ, एवं खलु एसा खुड्डिया मोयपडिमा अहासुत्तं जाव अणुपालित्ता भवइ ॥२६५॥ महल्लियण्णं मोयपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स कप्पइ से पढमणिदाहकालसमयंसि वा चरिमणिदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा वणंसि वा वणदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वयदुग्गंसि वा, भोच्चा आरुभइ, सोलसमेणं पारेइ, अभोच्चा आरुभइ, अट्ठारसमेणं पारेइ, एवं खलु एसा महलिया मोयपडिमा अहासुत्तं जाव अणुपालित्ता भवइ ॥ २६६ ॥ संखादत्तियस्स णं (भिक्खुस्स पडिग्गहधारिस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स) जावइयं केइ अंतो पडिग्गहंसि उ(वित्ता)वइत्तु दलएजा तावइयाओ (ताओ) दत्तीओ वत्तव्वं सिया, तत्थ से केइ छ[प्प]व्वएण वा दू(दुस्)सएण वा वालएण वा अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलएजा, सा (सव्वा) वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया, तत्थ से बहवे भुजमाणा सव्वे ते सयं (२) पिं(डसाहणियं)डं अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया ॥ २६७ ॥ (संखादत्तियस्स णं भिक्खुस्स) पाणिपडिग्गहियस्स णं (गा०) जावइयं केइ अंतो पाणिंसि उवइत्तु दलएजा तावइयाओ दत्तीओ वत्तव्वं सिया, तत्थ से केइ छव्वएण वा दूसएण वा वालएण वा अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा, सा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया, तत्थ से वहवे भुंजमाणा सव्वे ते सयं (..."एग) पिं(ड)डं अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया ॥ २६८ ॥ तिविहे उवहडे पण्णत्ते, तंजहा-सुद्धोवहडे फलिओवहडे संसट्ठोवहडे ॥ २६९ ॥ तिविहे ओग्गहिए पण्णत्ते, तंजहा-जं च ओगिण्हइ, जं च साहरइ, जं च आसगंसि पक्खिवइ, एगे एवमाहंसु ॥२७० ॥ (एगे पुण एव माहंसु) दुविहे ओग्गहिए पण्णत्ते, तंजहा-जं च ओगिण्हइ, जं च आसगंसि पक्खिवइ ॥२७१॥ त्ति-बेमि ॥ ववहारस्स णवमो उद्देसओ समत्तो ॥९॥ ववहारस्स दसमो उद्देसओ दो पडिमाओ पण्णत्ताओ, तंजहा-जवमज्झा य चंदपडिमा वइरमज्झा य Page #899 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२४ सुत्तागमे [ववहारो चंदपडिमा, जवमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स निञ्च (मासं) वोसट्टकाए. चियत्तदेहे जे केइ परीसहो(उ)वसग्गा समु(उ)प्पज्जति दिव्वा वा माणुस्सगा वा तिरिक्खजोणिया वा(अणुलोमा वा...), ते (सव्वे) उप्पण्णे सम्मं स(हेजा)हइ खमइ तितिक्खेइ अहियासेइ ॥ २७२ ॥ जवमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स सुक्कपक्खस्स से पाडिवए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए एगा पाणस्स, (सव्वेहिं दुपयचउप्पयाइएहिं आहारकंखीहिं सत्तेहिं पडिणियत्तेहिं) अण्णायउंछं सुद्धोवहडं णिहित्ता बहवे समणमाहणअइहिकिवणवणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहेत्तए, णो दोण्हं णो तिण्डं णो चउण्हं णो पंचण्हं, णो गुव्विणीए णो बालवत्थाए णो दारगं पेजमाणीए, णो (से कप्पइ) अंतो एलुयस्स दो वि पाए साहटु दलमाणीए, (पडिगाहित्तए अह पुण एवं जाणिजा) णो बाहिं एलुयस्स दो वि पाए साहटु दलमाणीए, एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलयं विक्खंभइत्ता (एयाए एसणाए एसमाणे लब्भेजा आहारे० एयाए एसणाए एसमाणे णो लब्भेजा णो आहारेजा) एवं दलयइ, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए, एवं णो दलयइ, एवं से णो कप्पइ पडिगाहेत्तए, बिइजाए से कप्पइ दोण्णि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए दोण्णि पाणस्स (सव्वेहि...), तइयाए से कप्पइ तिणि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए तिण्णि पाणस्स, चउत्थीए से कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चउपाणस्स, पंचमीए से कप्पइ पंचदत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पंचपाणस्स, छट्ठीए से कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए छ पाणस्स, सत्तमीए से कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए सत्त पाणस्स, अट्ठमीए से कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए अट्ठ पाणस्स, णवमीए से कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए णव पाणस्स, दसमीए से कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए दस पाणस्स, एगार(सी)समीए से कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए एगारस पाणस्स, बारसमीए से कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए बारस पाणस्स, तेरसमीए से कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए तेरस पाणस्स, चोद्दसमीए से कप्पइ चोइस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चोद्दस पाणस्स, पण्णरसमी(पुण्णिमा)ए से कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पण्णरस पाणस्स, बहुलपक्खस्स से पाडिवए कप्पंति चोइस (दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए चोद्दस पाणस्स सव्वेहिं दुप्पय जाव णो आहारेजा), बिइयाए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए तेरस पाणस्स जाव णो आहारेज्जा, तइयाए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए बारस पाणस्स जाव णो आहारेज्जा, चउत्थीए Page #900 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १० वइरमज्झचंदपडिमा] सुत्तागमे ८२५ कप्पइ एक्कारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, पंचमीए कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, छट्ठीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, सत्तमीए कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अट्ठमीए कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, णवमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, दसमीए कप्पइ पंच दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, एकारसीए कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, बारसीए कप्पइ तिदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, तेरसीए कप्पइ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा. चउद्दसीए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स जाव णो आहारेजा, अमावासाए से य अभत्तढे भवइ, एवं खलु एसा जवमज्झचंदपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं जाव अणुपालित्ता भवइ ॥ २७३ ॥ वइरमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स मासं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ परिसहोवसग्गा समुप्पजंति, तंजहा-दिव्वा वा माणुस्सगा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा, तत्थ अणुलोमा वा ताव वंदेजा वा नमसेज्जा वा सक्कारेजा वा सम्माणेजा वा कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेज्जा, तत्थ पडिलोमा वा अण्णयरेणं दंडेण वा लट्ठीण वा मुट्ठीण वा जोत्तेण वा वेत्तेण वा कसेण वा काए आउटेज्जा, ते सव्वे उप्पण्णे सम्मं सहेजा खमेजा तिइक्खेजा अहियासेज्जा ॥ २७४ ॥ वइरमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवण्णस्स अणगारस्स बहुलपक्खस्स पाडिवए कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए पण्णरस पाणगस्स सव्वेहिं दुप्पयचउप्पयाइएहिं आहारकंखेहि जाव णो आहारेजा, बिइयाए से कप्पइ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए जाव णो आहारेज्जा, तइयाए कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउत्थीए कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, पंचमीए कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, छट्ठीए कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, सत्तमीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अट्ठमीए कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, णवमीए कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, दसमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, एगारसीए कप्पइ पंच दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, बारसीए कप्पइ चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, तेरसीए कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउदसीए कप्पइ दो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अमावासाए कप्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए जाव णो आहारेजा, सुक्कपक्खस्स पाडिवए से कप्पइ दो Page #901 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८२६ सुगमे [ववहारो दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, बिइयाए से कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, तइयाए से कप्पर चउदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, चउत्थीए से कप्पर पंचदत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, पंचमीए कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, छट्ठीए कप्पइत् दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, सत्तमीए कप्पर अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, अट्ठमीए कप्पइ णव दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, णवमीए कप्पर दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, दसमीए कप्पर एगारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहा रेज्जा, एगारसीए कप्पर बारस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, बारसीए कप्पर तेरस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेजा, तेरसीए कप्पइ चउद्दस दत्तीओ भोयणस्स जाव णो आहारेज्जा, चउद्दसीए कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पण्णरस पाणगस्स पडिगाहेत्तए, सव्वेहिं दुप्पयचउप्पय जाव णो लभेजा णो आहारेजा, पुणिमा भट्ठे भवइ, एवं खलु एसा वइरमज्झा चंदपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं जाव अणुपालित्ता भवइ ॥ २७५ ॥ पंचविहे ववहारे पण्णत्ते, तंजहा - आगमे सुए आणा धारणा जीए । जत्थेव तत्थ आगमे सिया, आगमेणं ववहारं पट्टवेजा, से तत्थ आगमे सिया, जहा से तत्थ सुए सिया, सुएणं वबहारं पट्ठवेज्जा, णो से तत्थ सुए सिया, जहा से तत्थ आणा सिया, आणाए ववहारं पट्टवेज्जा, णो से तत्थ आणा सिया, जहा से तत्थ धारणा सिया, धारणाए बवहारं पट्ठवेज्जा, णो से तत्थ धारणा सिया, जहा से तत्थ जीए सिया, जीएणं ववहारं पट्टवेज्जा, एएहिं पंचहिं ववहारेहिं ववहारं पट्टवेजा, तंजहा- आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं, जहा .से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा तहा ववहारे पट्टवेज्जा, से किमाहु भंते ? आगमबलिया समणा निग्गंथा, इच्चेयं पंचविहं ववहारं जया जया जहिं जहिं तहा तहा तहिं तहिं अणिसिओवरस्सियं ववहारं ववहारेमाणे समणे णिग्गंथे आणाए आराहए भवइ ॥ २७६ ॥ चत्तारि पुरिस [जा] जाया पण्णत्ता, तंजहा - अटकरे णा (ममे ) मंएगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरे वि माणकरे वि, एगे णो अट्ठकरे णो माणकरे ॥ २७७ ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजा - गणgकरे णामं एगे जो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणटुकरे, एगे गणकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणटुकरे णो माणकरे ॥ २७८ ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं० - गणसंगहकरे णामं एगे जो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणसंगहकरे, एगे गणसंगहकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणसंगहकरे णो Page #902 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १० धम्मंतेवासीच उभंगो ] सुतागमे माणकरे ॥ २७९ ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा - गणसो (भ) हकरे णामं एगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणसोहकरे, एगे गणसोहकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणसोहकरे णो माणकरे ॥ २८० ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं० सोहिकरे णामं एगे णो माणकरे, माणकरे णामं एगे णो गणसोहिकरे, एगे गणसोहिकरे वि माणकरे वि, एगे णो गणसोहिकरे णो माणकरे ॥ २८१ ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा - रूवं णामेगे जहइ णो धम्मं, धम्मं णामेगे जहइ नो रूवं, एगे रूवं पि जहइ धम्मं पि जहइ, एगे णो रूवं जहर णो धम्मं जहइ ॥ २८२ ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा-धम्मं णामेगे जहइ णो गणसंठिडं, गणसंठिई णामेगे जहइ णो धम्मं, एगे गणसंठिई पि जहइ धम्मं पि जहइ, एगे णो गणसंठिइं जहइ णो धम्मं जहइ ॥ २८३ ॥ चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तंजहा - पियधम्मे णामेगे णो दढमे, दढधम्मे णामेगे णो पियधम्मे, एगे पियधम्मे विद वि, एगे जो पियधम्मे णो दढम्मे ॥ २८४ ॥ चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तंजापव्वावणायरिए णामेगे णो उवद्वावणायरिए, उवद्वावणाथरिए णामेगे णो पव्वावणायरिए, एगे पव्वावणायरिए वि उवट्ठावणायरिए वि, एगे णो पव्वावणायरिए णो उवट्ठावणायरिए ॥ २८५ ॥ चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तंजहा - उद्देसणायरिए णामेगे णो वायणायरिए, वायणायरिए णामेगे णो उद्देसणायरिए, एगे उद्देसणायरिए वि वाणायरिवि, एगे णो उद्देसणायरिए णो वायणायरिए ॥ २८६ ॥ धम्मायरियस्स चत्तारि अंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा - पव्वावणंतेवासी णामेगे णो उवद्वावणंतेवासी, उवद्वावणंतेवासी णामेगे णो पव्वावणंतेवासी, एगे पव्वावणंतेवासी वि उव ८२७ वणवासी वि, एगे णो पव्वावणंतेवासी णो उवद्वावणंतेवासी ॥ २८७ ॥ चत्तारि अंतेवासी पण्णत्ता, तं० - उद्देसणंतेवासी णामेगे णो वायणंतेवासी, वायणंतेवासी णामेगे णो उद्देसणंतेवासी, एगे उद्देसणंतेवासी वि वायणंतेवासी वि, एगे णो उद्देसणंतेवासी णो वायणंतेवासी ॥ २८८ ॥ चत्तारि धम्मायरिया पण्णत्ता, तंजहापव्वावणधम्मायरिए णामेगे णो उवद्वावणधम्मायरिए, उवद्वावणधम्मायरिए णामेगे गोव्वावणधमारिए, एगे पव्वावणथम्मायरिए वि उवद्वावणधम्मायरिए वि, एगे ण पावणथम्मारिए णो उवद्वावणधम्मायरिए ॥ २८९ ॥ चत्तारि धम्मायरिया पण्णत्ता, तं०–उद्देसणधम्मायरिए णामेगे णो वायणधम्मायरिए, वायणधम्मायरिए णामेगे णो उद्देसण धम्मायरिए, एगे उद्देसणधम्मायरिए वि वायणधम्मायरिए वि, एगे जो उसणथम्मारिए णो वायणवम्मायरिए ॥ २९० ॥ चत्तारि धम्मंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा-पव्वावणधम्मंतेवासी णामेगे णो उवद्वावणधम्मंतेवासी, उवडावण Page #903 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ववहारो धम्मंतेवासी णामेगे णो पव्वावणधम्मंतेवासी, एगे पव्वावणधम्मंतेवासी वि उवट्ठावणमंतेवासी वि, एगे जो पव्वावणधम्मंतेवासी णो उवद्वावणधम्मंतेवासी ॥ २९१ ॥ चत्तारि धम्मंतेवासी पण्णत्ता, तंजहा - उद्देसणधम्मंतेवासी णामेगे णो वायणधम्मंतेवासी, वायणधम्मंतेवासी णामेगे णो उद्देसणधम्मंतेवासी, एगे उद्देसणधम्मंतेवासी वि वायणधम्मंतेवासी वि, एगे णो उद्देसणधम्मंतेवासी णो वायणधम्मंतेवासी ॥ २९२ ॥ तओ थेरभूमीओ पण्णत्ताओ, तंजहा - जाइथेरे सुयथेरे प(वज्जा)रियायथेरे । सट्ठिवा (वरि ) सजाए (समणे णिग्गंथे) जाइथेरे, ( ठाण) समवायंगं जाव सुयधारए सुयथेरे, वीसवासपरियार परियायथेरे ॥ २९३ ॥ तओ सेहभूमीओ पण्णत्ताओ, तं० - सत्तराइंदिया चाउम्मासिया छम्मासिया, छम्मासिया उक्कोसिया, चाउम्मासिया मज्झमिया, सत्तराइणो जहणिया ॥ २९४ ॥ णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुड्डगं वा खुड्डियं वा ऊणद्ववासजायं उवट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा ॥ २९५ ॥ कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुड्डगं वा खुड्डिड्यं वा साइरेगट्ठवासजायं उट्ठावेत्तए वा संभुंजित्तए वा ॥ २९६ ॥ णो कप्पर णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा अव्वंजणजायस्स आयारपकप्पे णामं अज्झयणे उद्दित्तिए ॥ २९७ ॥ कप्पर णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा वंजणजायस्स आयारपकप्पे णामं अज्झयणे उद्दित्तिए ॥ २९८ ॥ तिवासपरियायस्स समणस्स णिग्गंथस्स कप्पर आयारपकप्पे णामं अज्झयणे उद्दि - सित्तए ॥ २९९ ॥ चउवासपरिया ( यस्स ... ) ए कप्पइ सूयगडे णामं अंगे उद्दिसित्तए ॥ ३०० ॥ पंचवासपरियाए कप्पर दसाकप्पववहारे ( णाममज्झयणे) उद्दिसित्तए ॥ ३०१ ॥ अट्ठवासपरियाए कप्पर ठाणसमवाए ( णामं अंगे) उद्दित्तिए ॥ ३०२ ॥ दसवास परियाए कप्पइ वि (वाहे) याहे णामं अंगे उद्दित्तिए ॥ ३०३ ॥ एक्कारसवासपरियाए कप्पइ खुड्डिया विमाणपविभत्ती महल्लिया विमाणपविभत्ती अंगचूलिया व (वं)गचूलिया वियाहचूलिया णामं अज्झयणे उद्दित्तिए ॥ ३०४ ॥ बारसवासपरियाए कप्पइ गरुलोववाए धरणोववाए वेसमणोववाए वेलंधरोववाए णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ॥ ३०५ ॥ तेरसवासपरियाए कप्पर उट्ठाण (सु) परियावणिए समुद्वाणसुए देविंदोववाए णागपरियावणिए णामं अज्झयणे उद्दित्तिए ॥ ३०६ ॥ चोद्द ( चउद) सवासपरियाए कप्पइ सि (सु) मिणभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ॥ ३०७ ॥ पण्णरसवासपरियाए कप्पर चार ( णा ) णभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ॥ ३०८ ॥ सोलसवासपरियाए कप्पर तेयणीसंगे णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ॥ ३०९ ॥ सत्तरसवासपरियाए कप्पइ आसीविसभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ८२८ Page #904 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसमत्ती] सुत्तागमे ८२९ ॥३१० ॥ अट्ठारसवासपरियागस्स समणस्स णिग्गंथस्स कप्पइ दिट्ठीविसभावणा णामं अज्झयणे उद्दिसित्तए ॥ ३११॥ एगूणवीसवासपरियाए कप्पइ दिट्ठिवाए णाम अंगे उद्दिसित्तए ॥ ३१२ ॥ वीसवासपरियाए समणे णिग्गंथे सव्वसुयाणुवाई भवइ ॥ ३१३ ॥ दसविहे वेयावच्चे पण्णत्ते, तंजहा-आयरियवेयावच्चे उवज्झायवेयावच्चे थेरवेयावच्चे सेहवेयावच्चे गिलाणवेयावच्चे तवस्सिवेयावच्चे साहम्मियवेयावच्चे कुलवेयावच्चे गणवेयावच्चे संघवेयावच्चे ॥ ३१४ ॥ आयरियवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिज्जरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३१५ ॥ उवज्झायवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३१६ ॥ थेरवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिज्जरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३१७ ॥ तवस्सिवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापजवसाणे भवइ ॥ ३१८ ॥ सेहवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिज्जरे महापजवसाणे भवइ ॥ ३१९ ॥ गिलाणवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३२० ॥ साहम्मियवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३२१ ॥ कुलवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३२२ ॥ गणवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ ॥ ३२३ ॥ संघवेयावच्चं करेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिज्जरे महापजवसाणे भवइ ॥ ३२४ ॥ त्ति-बेमि ॥ ववहारस्स दसमो उद्देसओ समत्तो ॥ १०॥ ववहारसुत्तं समत्तं ॥ YANKS Page #905 --------------------------------------------------------------------------  Page #906 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोsस्थ णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं बिहकप्पसुत्तं पढमो उद्देसओ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा आमे तालपलेम्बे अभिन्ने पडि ( गाहि) - गात् ॥ १ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा आमे ताल लम्बे भिन्ने डिग्गात् ॥ २ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं पक्के तालपलम्बे भिन्ने वा अभिन्ने वा डिग्गात्तए ॥ ३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं पक्के तालपलम्बे अभिन्ने पडिग्गाहेत्तए ॥ ४ ॥ कप्पइ निग्गन्थीणं पक्के तालपलम्बे भिन्ने पडिग्गाहेत्तए, से वि य विहिभिन्ने, नो (चेव-णं) अविहिभिन्ने ॥ ५ ॥ से गामंसि वा नगरंसि वा खेडंसि वा कव्वडंसि वा मडम्बंसि वा पट्टणंसि वा आगरंसि वा दोणमुहंसि वा निगमंसि वा रायहाणिंसि वा आसमंसि वा संनिवेसंसि वा संवाहंसि वा घोसंसि वा अंसियंसि वा पुडभेयणंसि वा सपरिक्खेवंसि अबाहिरियंसि कप्पइ निग्गन्थाणं हेमन्तगिम्हासु एवं मासं वत्थए ॥ ६ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा सपरिक्खेवंसि सबाहिरियंसि कप्पइ निग्गन्थाणं हेमन्तगिम्हासु दो मासे वत्थए, अन्तो एगं मासं वाहिं एगं मासं; अन्तो वसमाणाणं अन्तोभिक्खायरिया बाहिं वसमाणाणं बाहिंभिक्खायरिया ॥ ७ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा सपरिक्खेवंसि अबाहिरियंसि कप्पर निग्गन्थीणं हेमन्त गम्हासु दो मासे वत्थए ॥ ८ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिसि वा सपरिक्खेवंसि सबाहिरियंसि कप्पइ निग्गन्थीणं हेमन्तगिम्हासु चत्तारि मासे वत्थए, अन्तो दो मासे, बाहिं दो मासे; अन्तो वस ( न्ती ) माणीणं अन्तोभिक्खायरिया बाहिं वसमाणीणं बाहिंभिक्खायरिया ॥ ९ ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा गडा एगदुवारा एगनिक्खमणपवेसाए नो कप्पइ निग्गन्थाण य निग्गन्धीण य एगयओ वत्थ ॥ १० ॥ से गामंसि वा जाव रायहाणिंसि वा अभिनिव्वगडाए अभिनिद्दुवाराए अभिनिक्खमणपवेसाए कप्पइ निग्गन्थाण य निग्गन्थीण य एगयओ १ कयलीफले । Page #907 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३२ सुता [ बिहक्कप्पसुतं वत्थए ॥ ११ ॥ नो कप्पइ निग्गन्धीणं आवणगिहंसि वा र ( त्था ) च्छामुहंसि वा सिङ्घाडगंसि वा तियंसि वा चउक्कंसि वा चच्चरंसि वा अन्तरावणंसि वा वत्थए ॥ १२ ॥ sues निग्गन्थाणं. आवणगिहंसि वा जाव अन्तरावणंसि वा वत्थए ॥ १३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं अवजयदुवारिए उवस्सए वत्थए, एगं पत्थारं अन्तो किच्चा एगं पत्थारं बाहिं किच्चा ओहाडिय (चेल) चिलिमिलियागंसि ए (वं णं ) व हं कप्पइ वत्थए ॥ १४ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं अवşयदुवारिए उवस्सए वत्थ ॥ १५ ॥ कप्पड़ निग्गन्थीणं अन्तोलित्तयं घडिमत्तयं धारेत्तए वा परिहरितए वा ॥ १६ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाणं अन्तोलित्तयं घडिमत्तयं धारेत्तए वा परिहरितए वा ॥ १७ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा चलचिलिमि (लि) णियं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ १८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा दगतीरंसि चिट्ठित्तए वा निसी - इत्तए वा तुयट्टित्तए वा निद्दाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारमाहा(रि) रेत्तए ( वा), उच्चारं वा पासवणं वा खेलं वा सिङ्घाणं वा परिट्ठ(वि)वेत्तए, सज्झायं वा करेत्तए, (धम्मजागरियं वा जाग ( रे ) रित्तए) झाणं वा झाइत्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइए ॥ १९ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सचित्तकम्मे उवस्सए वत्थए ॥ २० ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अचित्तकम् मे उवस्सए वत्थए ॥ २१ ॥ नो कप्पड़ निग्गन्थीणं सागारियअनिस्साए वत्थए ॥ २२ ॥ कप्पइ निग्गन्थीणं सागारियनिस्साए वत्थए ॥ २३ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं सागारियनिस्साए वा अनिस्साए वा वत्थए ॥ २४ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्धीण वा सागारिए उवस्सए वत्थए ॥ २५ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अप्पसागारिए उवस्सए वत्थए ॥ २६ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाणं इत्थिसागारिए उवस्सए वत्थए ॥ २७ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं पुरिससागारिए उवस्सए वत्थए ॥ २८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं पुरिससागारिए उवस्सए वत्थए ॥ २९ ॥ कप्पइ निग्गन्थीणं इत्थिसागारिए उवस्सए वत्थए ॥ ३० ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाणं पडिब (द्ध )द्वार सेजाए वत्थए ॥ ३१ ॥ कप्पर निग्गन्थीणं पबिद्धाए जाए वत्थए ॥ ३२ ॥ नो कप्पर निग्गन्थाणं गाहावइकुलस्स मज्झंमझेणं गन्तुं वत्थ ॥ ३३ ॥ कप्पइ निग्गन्थीणं गाहावइकुलस्स मज्झमज्झेणं गन्तुं वत्थ ॥ ३४ ॥ भिक्खू य अहिगरणं कट्टु तं अहिगरणं अविओसवेत्ता अविओसवियपाहुडे-इच्छाए परो आढाएज्जा, इच्छाए परो नो आढाएजा; इच्छाए परो अब्भुट्ठेजा, इच्छाए परो नो अब्भुट्ठेजा; इच्छाए परो वन्देज्जा, इच्छाए परो नो वन्देज्जा; इच्छाए परो संभुजेज्जा, इच्छाए परो नो संभुजेज्जा; इच्छाए परो संवसेज्जा, Page #908 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १ ब० निग्गंथेगल्लगमणनिसेहो] सुत्तागमे ८३३ इच्छाए परो नो संवसेज्जा; इच्छाए परो उवसमेजा, इच्छाए परो नो उवसमेजा; जे (जो) उवसमइ तस्स अत्थि आराहणा, जे न उवसमइ तस्स नत्थि आराहणा; तम्हा अप्पणा चेव उवसमियव्यं, से किमाहु भन्ते (!) ? उवसमसारं सामण्णं ॥ ३५॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा वासावासासु चार(चरित्त)ए ॥ ३६ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा हेमन्तगिम्हासु चारए ॥ ३७ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा वेरजविरुद्धरजंसि सजं गमणं सजं आगमणं सजं गमणागमणं क(रि)रेत्तए जे (जो) खलु निग्गन्थो)थे वा निग्गन्थी वा वेरजविरुद्धरज्जसि सजं गमणं सजं आगमणं सजं गमणागमणं करेइ क(रं-रिं)रेन्तं वा साइजइ, से दुहओ(वि) वीइक्कममाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्घाइयं ॥ ३८ ॥ निग्गन्थं च णं गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविलु केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुञ्छणेण वा उवनिमन्तेजा, कप्पड़ से सागारकडं गहाय आयरियपायमूले ठवेत्ता दोच्च पि ओग्गहं अणुन्नवेत्ता परिहारं परिहरित्तए॥३९॥ निग्गन्थं च णं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा निक्खन्तं समाणं केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुञ्छणेण वा उवनिमन्तेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय आयरियपायमूले ठवेत्ता दोच्चं पि ओग्गहं अणुन्नवेत्ता परिहारं परिहरित्तए ॥ ४० ॥ निग्गन्थि च णं गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविर्ट केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुञ्छणेण वा उवनिमन्तेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय प(वि)वत्ति(णि)णीपायमूले ठवेत्ता दोचं पि ओग्गहं अणुन्नवेत्ता परिहारं परिहरित्तए ॥४१॥ निग्गन्धिं च णं बहिया वियारभूमि वा विहारभूमि वा निक्खन्तं समाणिं केइ वत्थेण वा पडिग्गहेण वा कम्बलेण वा पायपुञ्छणेण वा उवनिमन्तेजा, कप्पइ से सागारकडं गहाय पवत्तिणीपायमूले ठवेत्ता दोचं पि ओग्गहं अणुन्नवेत्ता परिहारं परिहरित्तए ॥ ४२ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा राओ वा वियाले वा असणं वा ४ पडिग्गाहेत्तए नन्न(थे)थ एगेणं पुव्वपडिलेहिएणं सेजासंथारएणं ॥ ४३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा राओ वा वियाले वा वत्थं वा पडिग्गहं वा कम्बलं वा पायपुञ्छणं वा पडिग्गाहेत्तए, नन्नत्थ एगाए हरियाह(रि)डियाए, सा वि (य) याइं परिभुत्ता वा धोया वा रत्ता वा घट्ठा वा मट्ठा वा संपधूमिया वा ॥ ४४ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा राओ वा वियाले वा अद्धाणगम(णाए)णं एत्तए, (नो...) संखडि संखडिपडियाए एत्तए ॥ ४५ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थस्स एगाणियस्स राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, कप्पइ से अप्पबिइयस्स वा अप्पतइयस्स वा राओ ५३ सुत्ता Page #909 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३४ सुत्तागमे [ बिहक्कप्प वा वियाले वा बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ ४६ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए एगाणियाए राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, कप्पड़ से अप्पबिइयाए वा अप्पतइयाए वा अप्पचउत्थीए वा राओ वा वियाले वा बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ ४७ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पुरत्थिमेणं जाव अङ्गमगहाओ एत्तए, दक्खिणेणं जाव कोसम्बीओ एत्तए, पचत्थिमेणं जाव थूणाविसयाओ एत्तए, उत्तरेणं जाव कुणालाविसयाओ एत्तए; एयावयाव कप्पइ, एयावयाव आरिए खेत्ते; नो से कप्पइ एत्तो बाहिं, तेण परं जत्थ नाणदंसणचरित्ताई उस्सप्पन्ति ॥ ४८ ॥ त्ति बेमि ॥ बिहक्कप्पे पढमो उद्देसओ समत्तो ॥ १ ॥ बिडओ उद्देसओ उवस्सयस्स अन्तो वगडाए सालीणि वा वीहीणि वा मुग्गाणि वा मासाणि वा तिलाणि वा कुलत्थाणि वा गोहूमाणि वा जवाणि वा जवजवाणि वा ओखि (त्ता)ण्णाणि वा वि ( कि ) क्खिण्णाणि वा विइगिण्णाणि वा विप्पइण्णाणि वा, नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए ॥ ४९ ॥ अह पुण एवं जाणेज्जानो ओखिणाई नो विक्खिण्णाई नो विइगिण्णाई नो विप्पइण्णाई, रासिकडाणि वा पुञ्जकाणिवा भित्तिकडाणि वा कुलियकडाणि वा लञ्छियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा, कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्धीण वा हेमन्त गिम्हासु वत्थए ॥ ५० ॥ अह पुण एवं जाणेज्जा - नो रासिकडाई नो पुञ्जकडाईं नो भित्तिकडाई नो कुलियकडाई, कोद्वाउत्ताणि वा पलाउत्ताणि वा मचाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि वा ओलि - ताणि वा वित्ताणि वा लञ्छियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा, कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा वासावासं वत्थए ॥ ५१ ॥ उवस्सयस्स अन्तो वगडाए सुरावियडकुम्भे वा सोवीरयवियडकुम्भे वा उवनिक्खित्ते सिया, नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्स्यं पडिलेहमाणे नो लभेजा, एवं से कप्पर एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पर परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं व(सइ)सेज्जा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा ॥ ५२ ॥ उवस्सयस्स अन्तो वगडाए. सीओदगविडकुम्भे वा उसिणोदगवियडकुम्भे वा उवनिक्खित्ते सिया, नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमा नो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पर परं Page #910 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० २ सागारियपिंड०] सुत्तागमे एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसेज्जा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा ॥ ५३ ॥ उवस्सयस्स अन्तो वगडाए सव्वरा(ई)इए जोई झियाएज्जा, नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे नो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसेजा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा ॥ ५४ ॥ उवस्सयस्स अन्तो वगडाए सव्वराइए पईये दिप्पेजा, नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे नो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसेज्जा, से सन्तरा छेए वा परिहारे वा ॥ ५५॥ उवस्सयस्स अन्तो वगडाए पिण्डए वा लोयए वा खी(रे)रं वा दहिं वा सप्पिं वा नवणीए वा तेल्ले वा फाणि(ए)यं वा पूर्व वा सक्कली वा सिहरिणी वा ओखिण्णाणि वा विक्खिण्णाणि वा विइगिण्णाणि वा विप्पइण्णाणि वा, नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अहालन्दमवि वत्थए ॥ ५६ ॥ अह पुण एवं जाणेजा-नो ओखिण्णाई ४, रासिकडाणि वा पुञ्जकडाणि वा भित्तिकडाणि वा कुलियकडाणि वा लञ्छियाणि वा मुद्दिया णि वा पिहियाणि वा, कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा हेमन्तगिम्हासु वत्थए ॥५७ ॥ अह पुण एवं जाणेजा-नो रासिकडाइं ४, कोहाउत्ताणि वा पल्लाउत्ताणि वा मञ्चाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि वा कुम्भिउत्ताणि वा करभिउत्ताणि वा ओलित्ता णि वा विलित्ताणि वा लञ्छियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा, कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा वासावासं वत्थए ॥ ५८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्धीणं अहे आगमणगिहंसि वा वियडगिहंसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अब्भावगासियंसि वा वत्थए ॥ ५९॥ कप्पइ निग्गन्थाणं अहे आगमणगिहंसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अन्भावगासियंसि वा वत्थए ॥ ६० ॥ एगे सागारिए पारिहारिए, दो(नि) तिण्णि चत्तारि पञ्च सागारिया पारिहारिया; एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता अवसेसे निव्विसेजा ॥६१॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सागारियपिण्डं बहिया अनीहडं (असंसटुं वा) संसटुं-पडिग्गाहेत्तए ॥ ६२ ॥ नो कप्पद निग्गन्थाण वा निग्गन्धीण वा सागारियपिण्डं बहिया अनीहडं असंसर्से पडिग्गाहेत्तए ॥ ६३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सागारियपिण्डं बहिया नीहडं असंसट्ठ पडिग्गाहेत्तए ॥ ६४ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सागारियपिण्डं बहिया नीहडं संसर्ट Page #911 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८३६ सुत्तागमे [ बिहकप्पसुतं डिग्गात् ॥ ६५ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सागारिय पिण्डं बहिया नीहडं असंसद्धं संसद्वं करेत्तए, जे खलु निग्गन्थे वा निग्गन्थी वा सागारियपिण्डं बहिया नीहडं असंसई संसद्वं करेइ करेन्तं वा साइज्जइ, से दुहओ वीइकममाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ ६६ ॥ सागारियस्स आहडिया सागारिए(ण)णं पडिग्गाहि (या) त्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ६७ ॥ सागारियस्स आहडिया सागारिएणं अपडिग्गाहित्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्प पडग्गात्तए ॥ ६८ ॥ सागारियस्स नीहडिया परेण अपडिग्गाहित्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ६९ ॥ सागारियस्स नीहडिया परेण पडिग्गाहित्ता, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ७० ॥ सागारियस्स अंसियाओ अविभत्ताओ अव्वोच्छिन्नाओ अव्वोगडाओ अनिजूढाओ, ( एवं से) तम्हा दाव, नो से कप्पइ पडिग्गा हत्तए ॥ ७१ ॥ सागारियस्स अंसियाओ विभत्ताओ वोच्छिन्नाओ वोगडाओ निजूढाओ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ७२ ॥ सागारियस्स पूंयाभत्ते उद्देसिए चेईए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजा निट्ठिए निसट्ठे प (पा) डिहारिए, तं सागारिओ दे ( जा ) इ, सागारियस्स परिजनो देइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ७३ ॥ सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निट्ठिए नि (सि)सट्ठे पडिहारिए, तं नो सागारिओ देइ, नो सागारियस्स परिजणो देइ, सागारियस्स पूया देश, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए ॥ ७४ ॥ सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निट्ठिए निसट्टे अपडिहारिए, तं सागारिओ देइ, सागारियस परिजणो देइ, तम्हा दावए, नो से कप्पर पडिग्गाहेत्तए ॥ ७५ ॥ सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निट्ठिए निसट्ठे अपरिहारिए, तं नो सागारिओ देइ, नो सागारियस्स परिजणो देइ, सागारियस्स पूया देइ, तम्हा दाव़ए, एवं से कप्पर पंडिग्गाहेत्तए ॥ ७६ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा ( पश्चिमाणि) इमाई पञ्च वत्था (णि)इं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा — जङ्गिए खोमिए साणए पोत्तए तिरीडपट्टे ना (मं) म पञ्चमे ॥७७॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा इमाई प ( चेव) ञ्च रयहरणाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा, तंजहा - ओणिए ओडि ( उट्टि ) ए साणए बब्बा पिच्चि (वच्चाचिप्प)ए मुञ्जपिच्चिए नाम पञ्चमे ॥ ७८ ॥ त्ति - बेमि ॥ बिहकप्पे विइओ उद्देसओ समत्तो ॥ २॥ १ पूया -सामिकलायरियाइणो तयट्ठा भत्ते पूयाभत्ते । २ कए । Page #912 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ०३ सेज्जासंथारयगहण०] सुत्तागमे ८३७ तइओ उद्देसओ नो कप्पइ निग्गन्थाणं निग्गन्थीणं उवस्स(यंसि)ए आसइत्तए वा चिट्ठित्तए वा निसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा निदाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा ४ आहारमाहारेत्तए, उच्चारं वा पासवणं वा खेलं वा सिङ्घाणं वा परिवेत्तए, सज्झायं वा करेत्तए, झाणं वा झाइत्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए ॥ ७९ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं निग्ग(थ)थाणं उवस्सए आसइत्तए जाव ठाइत्तए ॥ ८० ॥ नो कप्पड़ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा कसिणाई वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ८१॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अकसिणाई वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ८२ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अभिन्नाइं वत्थाइं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ८३ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा भिन्नाइं वत्थाई धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ८४ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाणं ओ(उ)रगहणन्तगं वा ओग्गहणपट्टगं वा धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ८५ ॥ कप्पइ निग्गन्थीणं ओग्गहणन्तगं वा ओग्गहणपट्टगं वा धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ ८६ ॥ निग्गन्थीए य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठाए चेलटे समुप्पज्जेजा, नो से कप्पइ अप्पणो नीसाए चेलं पडिग्गाहेत्तए; कप्पइ से पवत्तिणीनीसाए चेलं पडिग्गाहेत्तए ॥ ८७ ॥ नो (य से) ज(त)त्थ पवत्तिणी समा(णा)णी सिया, जे तत्थ समाणे आयरिए वा उवज्झाए वा प(वि)वत्ती वा थेरे वा गणी वा गणहरे वा गणावच्छेइए वा (जं चऽन्नं पुरओ कट्टु विहरइ), कप्पइ से तं(तेसिं)नी(निस)साए चेलं पडिग्गाहेत्तए ॥ ८८ ॥ निग्गन्थस्स (य) णं तप्पढमयाए संपव्वयमाणस्स कप्पइ रयहरणपडिग्गहगोच्छगमायाए ति(हिं)हि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए, से य पुचोवट्ठविए सिया, एवं से नो कप्पइ रयहरणपडिग्गहगोच्छगमायाए तिहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए; कप्पइ से अहापरिग्गहियाइं वत्थाइं गहाय आयाए संपव्वइत्तए ॥ ८९ ॥ निग्गन्थीए णं तप्पढमयाए संपन्वयमाणीए कप्पइ रयहरणपडिग्गहगोच्छगमायाए चउहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए, सा य पुव्वोवट्ठविया सिया, एवं से नो कप्पइ रयहरणपडिग्गहगोच्छगमायाए चउहि य कसिणेहिं वत्थेहिं आयाए संपव्वइत्तए; कप्पइ से अहापरिग्गहियाइं वत्थाई गहाय आयाए संपव्वइत्तए ॥ ९० ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पढमसमोसरणुद्देसपत्ताई चेला(चीवरा)इं पडिग्गाहेत्तए ॥ ९१ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा दोचसमोसरणुद्देसपत्ताई चेलाइं पडिग्गाहेत्तए ॥ ९२ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा आ(अ)हाराइणियाए चेलाइं पडिग्गाहेत्तए ॥ ९३ ॥ कप्पइ निग्ग Page #913 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [बिहक्कप्पसुत्त न्थाण वा निग्गन्थीण वा आहाराइणियाए सेज्जासंथारयं पडिग्गाहेत्तए ॥ ९४ ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा आहाराइणियाए किइकम्मं करेत्तए ॥ ९५ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अन्त(रा)रगिहंसि आसइत्तए वा चिट्ठित्तए वा निसीइत्तए वा तुयट्टित्तए वा निद्दाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, असणं वा ४ आहारमाहारेत्तए, उच्चारं वा ४ परिद्ववेत्तए, सज्झायं वा करेत्तए, झाणं वा झाइत्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए, अह पुण एवं जाणेजा-जराजुण्णे वाहिए (थेरे) तवस्सी दुब्बले किलन्ते (...जजरिए) मुच्छेन्ज वा पवडेज वा, एवं से कप्पइ अन्तरगिहंसि आसइत्तए वा जाव ठाणं वा ठाइत्तए ॥ ९६ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अन्तरगिहंसि जाव चउगाहं वा पञ्चगाहं वा आइक्खित्तए वा विभावेत्तए वा किट्टित्तए वा पवेइत्तए वा, नन्नत्थ एगनाएण वा एगवागरणेण वा एगगाहाए वा एगसिलोएण वा, से वि य ठिच्चा, नो चेव णं अट्ठिच्चा ॥ ९७ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा अन्तरगिहंसि इमाइं ( च णं) पञ्च महव्वयाई सभावणाई आइक्खित्तए वा जाव पवेइत्तए चा, नन्नत्थ एगनाएण वा जाव एगसिलोएण वा, से वि य ठिच्चा, नो चेव णं अ(ठि)ट्ठिच्चा ॥ ९८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पडिहारियं (वा सागारियसंतियं) सेज्जासंथारयं आयाए अपडिहटु संपव्वइत्तए ॥ ९९ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सागारियसन्तियं सेज्जासंथारयं आयाए अहिगरणं कठ्ठ संपव्वइत्तए ॥ १०० ॥ कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पडिहारियं वा सागारियसन्तियं वा सेजासंथारयं आयाए विगरणं कटु संपव्वइत्तए ॥ १०१॥ इह खलु निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पडिहारिए वा सागारियसन्तिए वा सेजासंथारए (विप्पण(से)सिज्जा) परिब्भटे सिया, से य अणुगवेसियव्वे सिया; से य अणुगवेसमाणे लभेजा, तस्सेव अणुप्प(पडि)दायव्वे सिया; से य अणुगवेसमाणे नो लभेजा, एवं से कप्पइ दोच्चं पि ओग्गहं ओगिण्हि(अणुन्न()वि)त्ता परिहारं परिहरित्तए ॥१०२ ॥ जद्दि(जं दि)वसं च णं समणा निग्गन्था सेज्जासंथारयं विप्पजहन्ति, तद्दि(तं दि)वसं च णं अवरे समणा निग्गन्था हव्वमागच्छेन; सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणु(न्ना-व)न्नवणा चिट्ठइ अहालन्दमवि ओग्गहे ॥१०३ ॥अत्थि याइं थ केइ उवस्सयपरियाव(नाए)न्ने अचित्ते परिहरणारिहे, सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुन्नवणा चिट्ठइ अहालन्दमवि ओग्गहे ॥१०४॥ से वत्थूसु अव्वावडेसु अव्वोगडेसु अपरपरिग्गहिएसु अमरपरिग्गहिएसु सच्चेव ओग्गहस्स पुन्वाणुन्नवणा चिठ्ठइ अहालन्दमवि ओग्गहे ॥ १०५ ॥ से वत्थूसु वावडेसु वोगडेसु परपरिग्गहिएसु भिक्खुभावस्सट्ठाए दोच्च पि ओग्गहे अणुन्नवेयव्वे Page #914 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ प० प० असण० J सुत्तागमे ८३९ सिया ( अहालंदमवि उग्गहे ) ॥ १०६ ॥ से अणुकुड्डेसु वा अणुभित्तीसु वा अणुचरियासु वा अणुफरिहासु वा अणुपन्थेसु वा अणुमेरासु वा सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणु - नवणा चिट्ठर अहालन्दमवि ओग्गहे ॥ १०७ ॥ से गा ( मस्स) मंसि वा जाव (रायहाणीए ) संनिवेसंसि वा बहिया सेणं संनिविद्धं पेहाए कप्पर निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा तद्दिवसं भिक्खायरियाए गन्तूणं पडि (ए) नियत्तए, नो से कप्पइ ( सा रयणी) तं रयणिं तत्थेव उवा (य) इणा (वि) वेत्तए, जे खलु निग्गन्थे वा निग्गन्थी वा तं रयणिं तत्थेव उवाइणावेइ उवाइणावेन्तं वा साइज्जइ, से दुहओ वीइक्कममाणे आवज्जइ चाउमा सियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं ॥ १०८ ॥ से गामंसि वा जाव संनिवेसंसि वा कम्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा सव्वओ समन्ता सकोसं atri ओग्गहं ओगिव्हित्ताणं परिहारं परिहरि ( चिट्ठि) तए ॥ १०९ ॥ त्ति - बेमि ॥ बिहकप्पे तइओ उद्देसओ समत्तो ॥ ३ ॥ चउत्थो उद्देसओ तओ अणुग्घाइ (मा)या पन्नत्ता, तंजहा - हत्थकम्मं करेमाणे, मेहुणं पडिसेवमाणे, राईभोयणं भुञ्जमा ॥ ११० ॥ तओ पारञ्चिया पन्नत्ता, तंजहा दुट्ठे पारञ्चिए, पत्ते पारञ्चिए, अन्नमन्नं करेमाणे पारञ्चि ॥ १११ ॥ तओ अणवटुप्पा पन्नत्ता, तं जहा- साहम्मि (य) याणं ते (णियं ) न्नं करेमाणे, अन्नध ( पर - ह ) म्मि (य) याणं तेन्नं करेमाणे, हत्(थता ) थायालं दलमाणे ॥ ११२ ॥ तओ नो कम्पन्ति पव्वावेत्तए, तंजा-पण्डए कीवे वा (हि) इए, एवं मुण्डावेत्तए सिक्खावेत्तए उवडावेत्तए संभुञ्जित्तए सं(वा) वसित्तए॥ ११३ ॥ तओ नो कप्पन्ति वा (इ) एत्तए, तंजहा - अविणीए विगई'पडिबद्धे अविओसवियपाहुडे ॥ ११४ ॥ तओ कम्पन्ति वात्तए, तंजहा - विणीए नो विगईपडिबद्धे विओसवियपाहुडे ॥ ११५ ॥ तओ दुस्सन्नप्पा पन्नत्ता, तंजहादुट्ठे मूढे वुग्गाहिए ॥११६ - १॥ तओ सुरसन्नप्पा पन्नत्ता, तंजहा - अदुट्ठे अमूढे अबुग्गाहिए ॥११६-२॥ निग्गन्थिं च णं गिलायमाणिं माया वा भगिणी वा धूया ( पिया वा भाया वा पुत्ते) वा पलिस्सएज्जा, तं च निग्गन ( थी ) थे साइज (जइ) जेज्जा, मेहुणपडिसेवण (त्ता) ते आवज्जइ चाउम्मा सियं परिहारद्वाणं अणुग्धाइयं ॥ ११७ ॥ निग्गन्थं च णं गिलायमाणं पिया वा भाया वा पुत्ते वा ( माया वा भगिणी वा धूया वा) पलिस्सएजा, तं च निग्ग ( थे ) थी साइजेजा, मेहुणपडिसेवण प (ते) त्ता आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं ॥ ११८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा असणं वा ४ पढमाए पो (रि-र ) रुसीए पडिग्गाहेत्ता (चउ-त्थं तिथ) पच्छिमं पोरुसिं उवाइणावेत्तए, से य आहच उवाइणाविए सिया, तं नो अप्पणा भुजेज्जा नो अन्नेसिं Page #915 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ बिहक्कप्पसुतं अणुप्पदेजा; एग (न्तमन्ते बहुफासुए (पएसे ) थण्डिले पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिवेयव्वे सिया; तं अप्पणा भुञ्जमाणे अन्नेसिं वा अणुप्पदेमाणे आवज्जइ चाउम्मा सियं परिहारद्वाणं उ (अणु) ग्घाइयं ॥ ११९ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा असणं वा ४ परं अद्धजोयणमे (रं) राए उवाइणावेत्तए, से य आहच्च उवाइणाविए सिया, तं नो अप्पणा भुञ्जेजा नो अन्नेसिं अणुप्पदेज्जा, एगन्ते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिवेयव्वे सिया; तं अप्पणा भुञ्जमाणे अन्नेसिं वा अणुप्पदेमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारद्वाणं उग्घाइयं ॥ १२० ॥ निग्गन्थेण य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविद्वेणं अन्नयरे अचित्ते अणेसणिज्जे पाणभोयणे डिग्गाहिए सिया, अत्थि याइं थ केइ सेह ( - ) तराए अणुवट्ठावियए, कप्पर से तस्स दावा अणुप्पदा वा ; नत्थि याइं थ केइ सेहतराए अणुवट्ठावियए (सिया), तं नो अप्पणा भुञ्जजा नो अन्नेसिं अणुप्पदेजा; एगन्ते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता मजित्ता परिवेयव्वे सिया ॥ १२१ ॥ जे कडे कप्पट्ठियाणं नो से कप्पइ कप्पट्ठियाणं, जे कडे कप्पट्ठियाणं कप्पर से अकप्पट्ठियाणं; जे कडे अकम्पट्ठियाणं नो से कप्पर कप्पट्ठियाणं, जे कडे अकम्पट्ठियाणं कप्पर से अकप्पट्ठियाणं; कप्पट्टिया विकप्पे ठिया कप्पडिया, अकप्पे ठिया अकप्पट्टिया ॥ १२२ ॥ भिक्खू य गणा ( ओ अ ) यवक्कम्म इच्छेजा अ (न्न )न्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता (पं) आयरियं वा उवज्झायं वा पवत्तिं वा थेरं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कम्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, ते य से विय ( रेज्जा) र न्ति, एवं से कप्पइ अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरितए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए । १२३ ॥ गणावच्छेइए य गणायवक्कम्म इच्छेना अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो कप्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं अनिक्खिवित्ता अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कम्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं निक्खिवित्ता अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरितए; कप्पड़ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरन्ति एवं से कप्पर अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरितए; ते य से नो वियरन्ति एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित ॥ १२४ ॥ आयरियउवज्झाए य गणायवक्कम्म इच्छेजा अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरिय ८४० Page #916 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ आयरियउवज्झाय०] सुत्तागमे ८४१ उवज्झायत्तं अनिक्खिवित्ता अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं निक्खिवित्ता अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए ॥ १२५ ॥ भिक्खू य गणायवकम्म इच्छेजा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा उवज्झायं वा पवत्तिं वा थेरं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेज्जा, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; जत्युत्तरियं धम्मविणयं नो लभेजा, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए ॥ १२६ ॥ गणावच्छेइए य गणायवक्कम्म इच्छेज्जा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो कप्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं अनिक्खिवित्ता अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; कम्पइ गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं निक्खिवित्ता अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेजा, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं नो लभेजा, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए ॥ १२७ ॥ आयरि(ओ)यउवज्झाए य गणायवकम्म इच्छेना अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए. नो कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं अनिक्खिवित्ता अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कम्पइ आयरि Page #917 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [बिहक्कप्पसुत्तं यउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं निक्खिवित्ता अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विह रित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्युत्तरियं धम्मविणयं लभेजा, एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए; जत्युत्तरियं धम्मविणयं नो लभेजा, एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए ॥ १२८॥ भिक्खू य इच्छेज्ना अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; नो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, कप्पइ से तेसिं कारणं दीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए ॥ १२९ ॥ गणावच्छेइए य इच्छेजा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, (...) नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; नो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, कप्पइ से तेसिं कारणं दीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए ॥ १३० ॥ आयरियउवज्झाए य इच्छेज्जा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, (..) नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, ते य से वियरन्ति, एवं से कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; ते य से नो वियरन्ति, एवं से नो कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए; नो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए, कप्पइ से तेसिं कारणं दीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावेत्तए ॥ १३१॥ भिक्खू य राओ वा वियाले Page #918 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ तण.] सुत्तागमे ८४३ वा आहच्च वीसुम्(भि)भेजा, तं च सरीरगं (केइ) वेयावच्चक(रा-रे भिक्खू)रा इ(च्छि)च्छेजा एगन्ते बहुफासुए (पएसे) थण्डिले परिटुवेत्तए, अत्थि याइं थ केइ सागारियसन्तिए उवगरणजाए अचित्ते परिहरणारिहे, कप्पइ से सागा(रि)रकडं गहाय तं सरीरगं एगन्ते बहुफासुए थण्डिले परिढवेत्ता तत्थेव उवनिक्खेवियव्वे सिया ॥ १३२ ॥ भिक्खू य अहिगरणं कछु तं अहिगरणं अविओसवेत्ता-नो से कप्पइ गाहावइकुलं (पिण्डवायपडियाए) भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, नो से कप्पइ बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमि वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, नो से कप्पइ गामाणुगामं (वा) दूइज्जित्तए, (गणाओ वा गणं संकमित्तए वासावासं वा वत्थए) जत्थेव अप्पणो आयरि(ओ)यउवज्झायं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागम, कप्पइ से तस्स(अ)न्ति(यं)ए आलो(इज्जा)एत्तए पडिक्कमित्तए निन्दित्तए गरहित्तए विउट्टित्तए विसोहित्तए अकरणाए अब्भुद्वित्तए अहारिहं पायच्छित्तं (तवोकम्म) पडिवजित्तए; से य सुएणं पट्ठविए आइयव्वे सिया, से य सुएणं नो पट्टविए नो आइयव्वे सिया; से य सुएणं पट्टविजमाणे नो आइयइ, से निजूहियव्वे सिया ॥ १३३॥ परिहारकप्पट्ठियस्स णं भिक्खुस्स कप्पइ (आयरियउवज्झा(या)एणं) तदिवसं ए(गंसि)गगिहंसि पिण्डवायं दवावे(पडिग्गाहे)त्तए, तेण परं नो से कप्पइ असणं वा ४ दाउं वा अणुप्पदाउं वा, कप्पइ से अन्नयरं वेयावडियं करेत्तए, तंजहा-उट्ठावणं वा अणुट्ठावणं वा निसीयावणं वा तुयट्टावणं वा, उच्चा(रं)रपासवणखेलजल्लसिङ्घाणविगिश्वणं वा विसोहणं वा करेत्तए, अह पुण एवं जाणेजा-छिन्नावाएसु पन्थेसु (आउरे जजरि(झिंझि)ए पिवासिए) तवस्सी दुब्बले किलन्ते मु(च्छि)च्छेज वा पव(डि)डेज वा, एवं से कप्पइ असणं वा ४ दाउं वा अणुप्पदाउं वा ॥ १३४ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा इमाओ पञ्च (महण्णवाओ) महानईओ उद्दिट्ठाओ गणियाओ वञ्जियाओ अन्तो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा, तंजहा-गङ्गा जउणा सरयू (एरावई) कोसिया मही, अह पुण एवं जाणेज्जाए(रा)रवई कुणालाए-जत्थ चक्किया एगं पायं जले किच्चा एगं पायं थले किच्चा, एवं से कप्पइ अन्तो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा; जत्थ नो एवं चकिया, एवं से नो कप्पइ अन्तो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा ॥ १३५॥ से तणेसु वा तणपुजेसु वा पलालेसु वा पलालपु सु वा अप्पण्डेसु अप्पपाणेसु अप्पबीएसु अप्पहरिएसु अप्पोस्सेसु अप्पुत्तिङ्गपणगदगमट्टि(य)यामक(डग)डासंताणएसु अहेसवणमायाए नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा तहप्पगारे उवस्सए हेमन्तगिम्हासु वत्थए ॥ १३६ ॥ से तणेसु Page #919 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४४ सुत्तागमे [बिहक्कप्पसुत्तं वा जाव ०संताणएसु; उप्पिसवणमायाए कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा तहप्पगारे उवस्सए हेमन्तगिम्हासु वत्थए ॥ १३७ ॥ से तणेसु वा जाव संताणएसु अहेरयणिमुक्कमउडे(सु) नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा तहप्पगारे उवस्सए वासावासं वत्थए ॥ १३८ ॥ से तणेसु वा जाव संताणएसु उप्पिरयणिमुक्कमउडे कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा तहप्पगारे उवस्सए वासावासं वत्थए ॥ १३९ ॥ त्ति-बेमि ॥ बिहकप्पे चउत्थो उद्देसओ समत्तो॥४॥ पञ्चमो उद्देसओ देवे य इत्थिरूवं विउ वित्ता निग्गन्थं पडिग्गाहे(गेण्हे)जा, तं च निग्गन्थे साइज जइ)जेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्धाइयं ॥ १४० ॥ देवे य पुरिसरूवं विउ वित्ता निग्गन्थि पडिग्गाहेजा, तं च निग्गन्थी साइजेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ता आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं ॥ १४१ ॥ देवी य इत्थिरूवं विउव्वित्ता निग्गन्थं पडिग्गाहेजा, तं च निग्गन्थे साइजेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुरघाइयं ॥ १४२ ॥ देवी य पुरिसरुवं विउव्वित्ता निग्गन्थि पडिग्गाहेजा, तं च निग्गन्थी साइजेजा, मेहुणपडिसेवणपत्ता आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुरघाइयं ॥ १४३ ॥ भिक्खू य अहिगरणं कटु तं अहिगरणं अविओसवेत्ता इच्छेज्जा अ(न)नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ तस्स पञ्च राइन्दि(यं)याइं छेयं कह परिणि(व्वा)व्वविय २ तामेव गणं पडिनिजाएयव्वे सिया, जहा वा तस्स गणस्स पत्तियं सिया ॥ १४४ ॥ भिक्खू य उग्गयवित्तीए अणथमियसंकप्पे संथडिए निम्विइ(गिंछा-गिच्छा-समावन्ने)गिच्छे असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा, से जं च (आसयंसि) मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्ग(हयंसि)हे तं विगिश्चमाणे (वा) विसोहेमाणे ना(नो अ)इक्कमइ; तं अप्पणा भुञ्जमाणे अन्नेसिं वा (दलमाणे) अणुप्पदेमाणे (राइभोयणपडिसेणपवत्ते) आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ १४५॥ भिक्खू य उग्गयवित्तीए अणथमियसंकप्पे संथडिए विइगिच्छासमावन्ने असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा, से जं च मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिश्चमाणे विसोहेमाणे नाइक्कमइ; तं अप्पणा भुञ्जमाणे अन्नेसि वा अणुप्पदेमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्धाइयं ॥ १४६ ॥ भिक्खू य उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए निव्विइगिच्छे असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुग्गए सूरिए Page #920 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ५ ब० निग्गथीएगाणिय०नि०] सुत्तागमे अत्थमिए वा, से जं च मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिञ्चमाणे विसोहेमाणे नाइक्कमइ; तं अप्पणा भुञ्जमाणे अन्नेसि वा अणुप्पदेमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ १४७ ॥ भिक्खू य उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए विइगिच्छासमावन्ने असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता आहारमाहारेमाणे अह पच्छा जाणेजा-अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा, से जं च मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिञ्चमाणे विसोहेमाणे नाइकमइ; तं अप्पणा भुजमाणे अन्नेसिं वा अणुप्पदेमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ १४८ ॥ इह खल्लु निग्गन्थस्स वा निग्गन्थीए वा राओ वा वियाले वा सपाणे सभोयणे उग्गाले आगच्छेजा, तं विगिश्चमाणे विसोहेमाणे नाइकमइ; तं उग्गिलित्ता पच्चोगिलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुरघाइयं ॥ १४९ ॥ निग्गन्थस्स य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स अन्तो (०) पडिग्गहंसि पा(णाणि)णे वा बी(याणि)ए वा रए वा परियावजेजा, तं च संचाएइ विगिञ्चित्तए वा विसोहेत्तए वा, (तं पुव्वामेव आलो० विसोहि-य-या-तं) तओ संजयामेव भुजेज वा पिएज वा; तं च नो संचाएइ विगिञ्चित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं नो अप्पणा भुजेजा (तं) नो अन्नेसिं अणुप्पदेजा; एगन्ते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता पमज्जित्ता परिठ्ठवेयव्वे सिया ॥ १५० ॥ निग्गन्थस्स य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स अन्तो पडिग्ग(हगं)हंसि दए वा दगरए वा दगफुसिए वा परियावजेजा, से य उसि(णे)णभोयणजाए, परिभोत्तव्ये सिया; से य (नो उसिणे) सीयभोयणजाए, तं नो अप्पणा भुजेज्जा नो अन्नेसिं अणुप्पदेजा; एगन्ते बहुफासुए थण्डिले पडिलेहित्ता पमजित्ता परिडवेयव्वे सिया ॥ १५१ ॥ निग्गन्थीए य राओ वा वियाले वा उच्चारं वा पासवणं वा विगिञ्चमाणीए वा विसोहेमाणीए वा अन्नयरे पसुजाईए वा पक्खिजाईए वा अन्नयरइन्दियजाए तं परामुसेजा, तं च निग्गन्थी साइजेजा, हत्थकम्मपडिसेवणपत्ता आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुरघाइयं ॥ १५२ ॥ निग्गन्थीए य राओ वा वियाले वा उच्चारं वा पासवणं वा विगिश्चमाणीए वा विसोहेमाणीए वा अन्नयरे पसुजाईए वा पक्खिजाईए वा अन्नयरंसि सोयंसि ओगाहेजा, तं च निग्गन्थी साइज(जइ)जेज्जा, मेहुणपडिसेवणपत्ता आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्घाइयं ॥ १५३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए एगाणियाए होत्तए ॥ १५४ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए एगाणियाए गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ १५५ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए एगाणियाए बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमि वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ १५६ ॥ Page #921 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८४६ सुत्तागमे [बिहक्कप्पसुत्तं नो कप्पइ निग्गन्थीए एगाणियाए गामाणुगामं दूइजित्तए (वासावासं (वा) वत्थए) ॥ १५७ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए अचेलियाए होत्त(हुंत)ए ॥ १५८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए अपाइयाए होत्तए ॥ १५९ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए वोसट्ठकाइयाए होत्तए ॥ १६०॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए बहिया गामस्स वा जाव (रायहाणीए) संनिवेसस्स वा उई बाहाओ पगिज्झिय २ सूराभिमु(ही)हाए एगपाइयाए ठिच्चा आयावणाए आयावेत्तए ॥ १६१ ॥ कप्पइ से उवस्सयस्स अन्तो वगडाए संघाडिपडिबद्धाए समतलपाइयाए ठिच्चा आयावणाए आयावेत्तए ॥ १६२ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए ठाणाइयाए होत्तए ॥ १६३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए पडिमट्ठावियाए होत्तए ॥ १६४ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए ठाणुक्कडियासणियाए होत्तए ॥ १६५॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए ने(सि)सज्जियाए होत्तए ॥ १६६ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए वीरासणियाए होत्तए ॥ १६७ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए दण्डा(ई)सणियाए (पलम्बियबाहाए) होत्तए ॥ १६८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए लगण्डसाइयाए होत्तए ॥ १६९ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए ओमंथियाए होत्तए ॥ १७० ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए उत्ता(णसाइ)णियाए होत्तए ॥१७१॥ नो कप्पइ निग्गन्थीए अम्बखुजियाए होत्तए ॥ १७२ ॥ नो कम्पइ निग्गन्थीए एगपासियाए होत्तए ॥ १७३ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं आउञ्चणपट्टगं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ १७४ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं आउञ्चणपट्टगं धारेत्तए वा परिहरि(वहि)त्तए वा ॥ १७५ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं सा(वा)वस्सयंसि आस(णयं)णंसि आसइ(चिट्ठि)त्तए वा तुयटि(निसिइ)त्तए वा ॥ १७६ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं सावस्सयंसि आसणंसि आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा ॥ १७७ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं सविसा(णयं)णंसि फलगंसि वा पी(ढगं)ढंसि वा चिट्ठित्तए वा निसीइत्तए वा (आसइत्तए वा तुयट्टित्तए वा) ॥ १७८ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं जाव निसीइत्तए वा ॥ १७९ ॥ नो कप्पड निग्गन्थीणं (सना(ला)लयाई पायाई अहिट्टित्तए) सवेण्टयं लाउयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ १८० ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं सवेण्टयं लाउयं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ १८१॥ नो कप्पइ निग्गन्थीणं स(विट्ट)वे(ढिया-ओ)ण्टयं पायकेसरि(याओ)यं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ १८२॥ कप्पइ निग्गन्थाणं सवेण्टयं पायकेसरियं धारेत्तए वा परिहरित्तए वा ॥ १८३ ॥ नो १ जत्था भिणवसंकडमुहे अलाउए हत्थो ण माइ तस्स अलाउणो जमुञ्चत्तं तप्पमाणो दंडो किजइ, तस्सग्गभागे बद्धा जा पञ्चुवेक्खणिया सा पायकेसरिया सविंटया भण्णइ। Page #922 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ६ पाणाइकड्डू० ] कम्पइ निग्गन्थीणं दारुदण्डयं पायपुञ्छणं धारेत्तए वा परिहरितए वा ॥ १८४ ॥ कप्पइ निग्गन्थाणं दारुदण्डयं पायपुञ्छणं धारेत्तए वा परिहरितए वा ॥ १८५ ॥ नो कम्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पारियासि (ए भोयणजाए ) यस्स आहारस्स जावत (इ) यप्पमाणमेत्तमवि भूइप्पमाणमेत्तमवि बिन्दुप्पमाणमेत्तमवि आहारमाहारेत्तए, नन्नत्थ आ(गाढा)गाढे (सु) हिं रोगायङ्केहिं ॥ १८६ ॥ नो कप्पर निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पारियासिएणं आलेवणजाएणं गा (यं ) याई आलिम्पित्तए वा विलिम्पित्तए वा, नन्नत्थ आगाढेहिं रोगायङ्केहिं ॥ १८७ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा पारियासिएणं तेल्लेण वा घएण वा गायाई अब्भङ्गेत्तए वा म ( क्खि ) खेत्तए वा नन्नत्थ आगाढेहिं रोगायङ्केहिं ॥ १८८ ॥ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा कक्केण वा लोद्धेण वा अन्नयरेण वा आलेवणजाएणं गाया उवत्तए वा उव्वट्टित्तए वा, नन्नत्थ आगाढेहिं रोगायङ्केहिं ॥ १८९ ॥ परिहार कप्पट्ठिए णं भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, से य आह अइकमेज्जा, तं च थेरा जाणेज अप्पणो आगमेणं अन्नेसिं वा अन्तिए सोच्चा, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नाम ववहारे पट्टवियव्वे सिया ॥ १९० ॥ निग्गन्थीए य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठाए अन्नयरे पुलागभत्ते पडिग्गाहिए सिया, साय संथरेजा, एवं से कप्पर (तं दिवसं) तेणेव भत्तद्वेणं पज्जोसवेत्तए; सायनो संथरे, एवं से कप्पइ दोच्चं पि गाहावइकुलं (पिण्डवायपडियाए अ० ) भत्ता वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ १९१ ॥ ति-बेमि ॥ विकप्पे पञ्चमो उद्देसओ समत्तो ॥ ५ ॥ छट्टो उद्देसओ ग ८४७ नो कप्पइ निग्गन्थाण वा निग्गन्थीण वा इमाई छ अव ( यणा) त्तव्वाई वइत्तए, तं जहा - अलियवयणे हीलियवयणे खिंसियवयणे फरुसवयणे गारत्थियवयणे, वि ( उ ) - ओसवियं वा पुणो उदी (रि) रेत ॥ १९२ ॥ छ कप्परस पत्थारा पन्नत्ता, तंजहापाणाइवायरस वायं वयमाणे, मुसावायस्स वायं वयमाणे, अदिन्नादाणस्स वायं वयमाणे, अविरइ (य) यावायं वयमाणे, अपुरिसवायं वयमाणे, दासवायं वयमाणे, इच्चेए कप्पस्स छप्पत्थारे पत्थरेत्ता सम्मं अप्पडिपूरेमाणे तट्ठाणपत्ते सिया ॥ १९३॥ निग्गन्थस्स य अहे पायंसि खा (णू ) णुए वा क ( णू ) ण्टए वा ही (सक्क) रे वा परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन्थे नो संचाएइ नीहरितए वा विसोहेत्तए वा, तं (च) निग्गन्थी नीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा नाइकमइ ॥ १९४ ॥ निग्गन्थस्स य १ नीरसे भोयणे । Page #923 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ बिकपतं अच्छिसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन (थो) थे नो संचाए( जा ) इ नीहरितए वा विसोहेत्तए वा, तं निग्गन्धी नीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा नाइक्कमइ ॥ १९५॥ निग्गन्थीए य अहे पायंसि खाणूए वा कण्टए वा ही (रए ) रे वा (सक्करे वा) परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन्थी नो संचाए नीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं निग्गन्थे नहरमाणे वा विसोहेमाणे वा नाइक्कमइ ॥ १९६ ॥ निग्गन्थीए य अच्छिसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावज्जेज्जा, तं च निग्गन्थी नो संचाएइ हरित वा विसोत् वा, तं निग्गन्थे नीहरमाणे वा विसोहेमाणे वा नाइकमर ॥ १९७॥ निग्गन्थे निग्गन्थि दुग्गंसि वा विसमंसि वा पव्वयंसि वा पक (खु) खलमाणि वा पवडमाणि वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ १९८ ॥ निग्गन्थे निग्गन्थि सेयंसि वा पङ्कंसि वा पणगंसि वा उदयंसि वा ओक (उक्क) समाणि वा ओबु (झ) ब्भमाणं वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ १९९ ॥ निग्गन्थे निग्गन्थिं नावं आ (रोह) रुममाणि वा ओ (उ-रोह) रुभमाणि वा गेव्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइक्कमइ ॥ २०० ॥ खित्तचित्तं निग्गन्थिं निग्गन्थे गे(गि)ग्रहमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ २०१ ॥ दित्तचित्तं निग्गन्थिं निग्गन्थे गेहमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥ २०२ ॥ जखाइ ( ० ) उम्मायपत्तं (०) उवसग्गपत्तं (०) साहिगरणं (०) सपायच्छित्तं (०) भत्तपाणपडियाइ क्खियं अजा ( यम्मि) यं निग्गन्थि निग्गन्थे गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ ॥२०३॥ छ कप्पस्स पलिमन्थ पन्नत्ता, तंजहा कोक्कुइए संजमस्स पलिमन्थू, मोहरिए सच्चवयणस्स पलिमन्थू, तिन्ति (णी ) णिए एसणागोयरस्स पलिमन्यू, चक्खुलोलुए इरियावहियाए पलिमन्धू, इच्छालो (भ-ल-ए) भे मुत्तिमग्गस्स पलिमन्यू, (भिजा ) भुजो भुज्जो नियाणकरणे सिद्धि (मोक्ख ) मग्गस्स पलिमन्थू, सव्वत्थ भगवया अनियाणया पसत्था ॥ २०४ ॥ छव्विहा कप्पट्ठिई पन्नत्ता, तंजहा - सामाइयसंजयकप्पट्ठिई, छेओवद्वावणिय संजय कप्पट्ठिई, निव्विसमाणकप्पट्ठिई, निव्विहकाइय कप्पट्टिई, जि - कप्पट्ठिई, थेरकप्पट्ठिई ॥ २०५ ॥ ति- बेमि ॥ बिहकप्पे छट्टो उद्देसओ समत्तो ॥ ६ ॥ विक्कष्पसुत्तं समत्तं ॥ -८४८ Page #924 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं णिसीहसुत्तं पढमो उद्देसो जे भिक्खू हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १॥ जे भिक्खू अंगादाणं कटेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा संचालेइ संचालेंतं वा साइजइ ॥२॥ जे भिक्खू अंगादाणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमदेंतं वा साइज्जइ ॥३॥ जे भिक्खू अंगादाणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा अभंगेंतं वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ४ ॥ जे भिक्खू अंगादाणं कक्केण वा लोद्धेण वा पउमचुण्णेण वा ण्हाणेण वा सिणाणेण वा चुण्णेहिं वा वण्णेहिं वा उव्वट्टेइ वा परिवठूइ वा उव्वटेंतं वा परिवढेतं वा साइजइ ॥ ५॥ जे भिक्खू अंगादाणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥ ६॥ जे भिक्खू अंगादाणं णिच्छल्लेइ णिच्छल्लेतं वा साइजइ ॥ ७॥ जे भिक्खू अंगादाणं जिं(जिर)घइ जिंघेतं वा साइज्जइ ॥ ८॥ जे भिक्खू अंगादाणं अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयंसि अणुप्पवेसेत्ता सुक्कपोग्गले णिग्याएइ णिग्घायंतं वा साइजइ ॥ ९॥ जे भिक्खू सचि(त्तं)त्तपइट्ठियं गंधं जिंघइ जिंघतं वा साइज्जइ ॥ १० ॥ जे भिक्खू पयमग्गं वा संक्रमं वा अवलंबणं वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइज्जइ ॥ ११ ॥ जे भिक्खू दगवीणियं अण्णउत्थिएहिं वा गारथिएहिं वा कारेइ कारेंतं वा साइज्जइ ॥ १२ ॥ जे भिक्खू सिक्कगं वा सिक्कगणंतगं वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइज्जइ ॥ १३॥ जे भिक्खू सोत्तियं वा रज्जुयं वा चिलिमिलिं वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ ॥ १४ ॥ जे भिक्खू सूईए उत्तरकरणं अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ ॥ १५ ॥ जे भिक्खू पिप्पलगस्स उत्तरकरणं अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ ॥ १६ ॥ जे भिक्खू णखच्छेयणगस्सुत्तरकरणं अण्णउत्थिएण वा गारथिएण ५४ सुत्ता. Page #925 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८५० सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वा कारेइ कारेंतं वा साइजइ ॥ १७ ॥ जे भिक्खू कण्णसोहणगस्सुत्तरकरणं अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइज्जइ ॥ १८॥ जे भिक्खू अणट्ठाए सूई जायइ जायंतं वा साइज्जइ ॥ १९॥ जे भिक्खू अणट्ठाए पिप्पलगं जायइ जायंतं वा साइजइ ॥२०॥ जे भिक्खू अणट्ठाए कण्णसोहणगं जायइ जायंतं वा साइजइ ॥२१॥ जे भिक्खू अणट्ठाए णखच्छेयणगं जायइ जायंतं वा साइज्जइ ॥ २२ ॥ जे भिक्खू अविहीए सूई जायइ जायंतं वा साइज्जइ ॥ २३ ॥ जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ २४ ॥ जे भिक्खू अविहीए णहच्छेयणगं जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ २५ ॥ जे भिक्खू अविहीए कण्णसोहणयं जायइ जायंतं वा साइज्जइ ॥ २६ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं सूई जाइत्ता वत्थं सिव्विस्सामित्ति पायं सिव्वइ सिव्वंतं वा साइजइ ॥ २७ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं पिप्पलयं जाइत्ता वत्थं छिंदिस्सामित्ति पायं छिंदइ छिंदंतं वा साइजइ ॥ २८ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं णहच्छेयणयं जाइत्ताणहं छिंदिस्सामित्ति सल्लुद्धरणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ २९ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं कण्णसोहणगं जाइत्ता कण्णमलं णीहरिस्सामित्ति दंतमलं वा णखमलं वा णीहरेइ णीहरेंतं वा साइजइ ॥ ३० ॥ जे भिक्खू अप्पणो एकस्स अट्ठाए सूई जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइज्जइ ॥ ३१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो एकस्स अट्ठाए पिप्पलयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइजइ ॥ ३२ ॥ जे भिक्खू अप्पणो एकस्स अट्ठाए णहच्छेयणयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदैतं वा साइज्जइ ॥ ३३ ॥ जे भिक्खू अप्पणो एकस्स अट्ठाए कण्णसोहणयं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पदेइ अणुप्पदेंतं वा साइज्जइ ॥३४॥ जे भिक्खू सूई अविहीए पच्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ ॥ ३५ ॥ जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ ॥ ३६ ॥ जे भिक्खू अविहीए णहच्छेयणगं पञ्चप्पिणइ पचप्पिणंतं वा साइज्जइ ॥३७॥ जे भिक्खू अविहीए कण्णसोहणयं पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ ॥ ३८ ॥ जे भिक्खू लाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिघट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो कारणयाए सुहुममवि णो कप्पइ जाणमाणे सरमाणे अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ ॥ ३९ ॥ जे भिक्खू दंडयं वा अवलेहणियं वा वेणुसूइयं वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिघट्टावेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा अलमप्पणो कारणयाए सुहुममवि णो कप्पइ जाणमाणे सरमाणे अण्णमण्णस्स वियरइ. वियरंतं वा साइजइ ॥ ४० ॥ जे भिक्खू पायस्स एकं तुंडियं १ थेरावेक्खाए, तेसिं कप्पइ त्ति । Page #926 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० २ मासियमुग्वाइयं ] सुत्तागमे तड्डेइ ततं वा साइज्जइ ॥ ४१ ॥ जे भिक्खू पायस्स परं तिण्हं तुड्डियाणं तड्डेइ ततं वा साइज्जइ ॥ ४२ ॥ जे भिक्खू पायं अविहीए बंधइ बंधतं वा साइजइ ॥ ४३ ॥ जे भिक्खू पायं एगेण बंधेण बंधइ बंधतं वा साइज्जइ ॥ ४४ ॥ जे भिक्खू पायं परं तिह बंधाणं बंधइ बंधतं वा साइज्जइ ॥ ४५ ॥ जे भिक्खू अइरेगबंधणं पायं दिवढाओ मासाओ परेण धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ४६ ॥ जे भिक्खू वत्थस्स एवं पडियाणियं देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ४७ ॥ जे भिक्खू वत्थस्स परं तिन्हं पडियाणियाणं देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ४८ ॥ जे भिक्खू अविहीए वत्थं सिव्वाइ सिव्वंतं वा साइज्जइ ॥ ४९ ॥ जे भिक्खू वत्थस्सेगं फालियगठियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ५० ॥ जे भिक्खू वत्थस्स परं तिन्हं फालियगठियाणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ५१ ॥ (वि० दे० साइज्जइ परं तिन्हं . ) जे भिक्खू वत्थं अविहीए गंठेइ गंठतं वा साइज्जइ ॥ ५२ ॥ जे भिक्खू अतजाएणं गहेइ गतं वा साइज्जइ ॥ ५३ ॥ जे भिक्खू अइरेगगहियं वत्थं परं दिवड्ढाओ मासाओ धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ५४ ॥ जे भिक्खू गिहधूमं अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा परिसाडावेइ परिसाडावेंतं वा साइज्जइ ॥ ५५ ॥ जे भिक्खू पूइकम्मं भुंजइ भुंजत वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं ॥ ५६ ॥ णिसीहऽज्झणे पढमो उद्देसो समत्तो ॥ १ ॥ बिइओ उसो ८५१ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणयं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ५७ ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं गेण्हइ गेण्हतं वा साइज्जइ ॥ ५८ ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ५९ ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं वियर वियरंतं वा साइज्जइ ॥ ६० ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं परिभाएइ परिभाएंतं वा साइज्जइ ॥ ६१ ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणं परिभुंजइ परिभुंजतं वा साइज्जइ ॥ ६२ ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायेंपुंछणं परं दिवढाओ मासाओ धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ६३ ॥ जे भिक्खू दारुदंडयं पायपुंछणयं विसुयावेइ विसुयावेंतं वा साइज्जइ ॥ ६४ ॥ जे भिक्खू अचित्तपइट्ठियं गंधं जिंघई जिघंतं वा १ बिप्पे ' कप्पर णिग्गंथाणं दारुदंडयं पायपुंछणयं धारितए' त्ति एत्थ धारगस्स पायच्छित्तं ति विरोहाभासो, णेवं, तत्थ 'दारुदंडयं पायपुंछणयं' इच्चयस्स सदंडियं रयहरणिं ति अट्ठो, जा साहूणं कप्पइ णो साहुणीणं, 'पूंजणी' ति भासा, इत्थ दारुदंडण पायपुंछणेण वत्थावेढणरहियस्स रयहरणस्स गहणं ति । २ सकारणं कप्पइ दिवङ्ङ्कुमासदारुदंडयपायपुंछणयधारणं ति । Page #927 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८५२ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं साइजइ ॥ ६५ ॥ जे भिक्खू पयमग्गं वा संकमं वा आलंबणं वा सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ६६ ॥ जे भिक्खू दगवीणियं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ६७ ॥ जे भिक्खू सिक्कगं वा सिक्कगणंतगं वा सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ६८ ॥ जे भिक्खू सोत्तियं वा रज्जुयं वा चिलिमिलिं वा सयमेव करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ६९ ॥ जे भिक्खू सूईए उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ७० ॥ जे भिक्खू पिप्पलयस्स उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइज्जइ॥१॥ जे भिक्खू णहच्छेयणगस्स उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ७२ ॥ जे भिक्खू कण्णसोहणयस्स उत्तरकरणं सयमेव करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७३ ॥ जे भिक्खू लहुसगं फरुसं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ७४ ॥जे भिक्खू लहुसगं मुसं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ७५ ॥ जे भिक्खू लहुसगं अदत्तं आदियइ आदियंतं वा साइज्जइ ॥ ७६ ॥ जे भिक्खू लहुसएण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा हत्थाणि वा पायाणि वा कण्णाणि वा अच्छीणि वा दंताणि वा णहाणि वा (मुहं वा) उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइज्जइ ॥ ७७ ॥ जे भिक्खू कसिणाई वत्थाई धरेइ धरतं वा साइजइ ॥ ७८ ॥ जे भिक्खू अभिण्णाइं वत्थाई धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ७९ ॥ जे भिक्खू लाउयपायं वा दारुयपायं वा मट्टियापायं वा सयमेवे परिघट्टेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा परिघट्टेतं वा संठवेंतं वा जमातं वा साइजइ ॥ ८० ॥ जे भिक्खू दंडगं वा अवलेहणं वा वेणुसूइयं वा सयमेव परियट्टेइ वा संठवेइ वा जमावेइ वा परियटेंतं वा संठवेंतं वा जमावंतं वा साइज्जइ ॥ ८१ ॥ जे भिक्खू णियगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेतं वा साइज्जइ ॥ ८२ ॥ जे भिक्खू परगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ८३ ॥ जे भिक्खू वरगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ८४ ॥ जे भिक्खू बलगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ८५ ॥ जे भिक्खू लवंगवेसियगं पडिग्गहगं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ८६ ॥ जे भिक्खू नितियं अग्गपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ ८७ ॥ जे भिक्खू नितियं पिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥८८॥जे भिक्खू नितियं अवभागं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ॥ ८९॥ जे भिक्खू नितियं भागं भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ९० ॥ जे भिक्खू नितियं उवढभागं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ९१ ॥ जे भिक्खू नितियावासं वसई वसंतं वा साइजइ ॥९२ ॥ जे भिक्खू पुरेसंथवं वा पच्छासंथवं वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ९३ ॥ जे भिक्खू समाणे वा वसमाणे वा गामाणुगाम वा दूइजमाणे पुरेसंथु १ विभूसाए। २ सोहाए। ३ गुरुआणाइ विणा । Page #928 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० २ मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे याणि वा पच्छासंथुयाणि वा कुलाइं पुव्वामेव भिक्खायरियाए अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ ॥ ९४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अपरिहारिए वा अपरिहारिएण सद्धिं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए णिक्खमइ वा अणुपविसइ वा णिक्खमंतं वा अणुपविसंतं वा साइजइ ॥ ९५॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ वा अपरिहारिएण सद्धिं बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइज्जइ ॥९६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ अपरिहारिएहिं सद्धिं गामाणुगामं दूइज्जइ दूइजतं वा साइजइ ॥ ९७ ॥ जे भिक्खू अण्णयरं पाणगजायं पडिगाहित्ता पुप्फगं पुप्फगं आइयइ कसायं २ परिवेइ परिवेंतं वा साइज्जइ ॥९८ ॥ जे भिक्खू अण्णयरं भोयणजायं पडिगाहित्ता सुब्भि २ भुंजइ दुभि २ परिढुवेइ परिहवेंतं वा साइजइ ॥ ९९ ॥ जे भिक्खू मणुण्णं भोयणजायं पडिगाहेत्ता बहुपरियावण्णं सिया अदूरे तत्थ साहम्मिया संभोइया समणुण्णा अपरिहारिया संता परिवसंति ते अणापुच्छि(य)या अणिमंतिया परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइजइ ॥१००॥ जे भिक्खू सागारियं पिंडं गिण्हइ गिण्हतं वा साइजइ ॥ १०१॥ जे भिक्खू सागारियं पिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ १०२ ॥ जे भिक्खू सागारियं कुलं अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय पुव्वामेव पिंडवायपडियाए अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइज्जइ ॥ १०३॥ जे भिक्खू सागारियनीसाए असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ १०४ ॥ जे भिक्खू उडुबद्धियं सेज्जासंथारयं परं पज्जोसवणाओ उवाइणाइ उवाइणंतं वा साइजइ ॥ १०५॥ जे भिक्खू वासावासियं सेज्जासंथारयं परं दसरायकप्पाओ उवाइणाइ उवाइणंतं वा साइज्जइ ॥ १०६ ॥ जे भिक्खू उडुबद्धियं वा वासावासियं वा सेज्जासंथारगं उवरि सिज्जमाणं पेहाए न ओसारेइ न ओसारेंतं वा साइजइ ॥ १०७ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं सेज्जासंथारयं अणणुण्णवेत्ता बाहिं णीणेइ णीणेतं वा साइजइ ॥ १०८ ॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं सेज्जासंथारयं अणणुण्णवेत्ता बाहिं णीणेइ णीणेतं वा साइज्जइ ॥ १०९ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं सागारियसंतियं वा सेजासंथारयं दोच्चंपि अणणुण्णवेत्ता बाहिं णीणेइ णीणेतं वा साइज्जइ ॥ ११० ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं सेज्जासंथारयं आदाय अप्पडिह९ संपव्वयइ संपव्वयंतं वा साइजइ ॥ १११॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं सेजासंथारयं आदाय अहिगरणं कठ्ठ अणप्पिणेत्ता संपव्वयइ संपव्वयंतं वा साइजइ ॥ ११२ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेज्जासंथारयं विप्पणटुं ण गवसइ ण गवसंतं वा साइजइ Page #929 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं ॥ ११३ ॥ जे भिक्खू इत्तरियपि उवहिं ण पडिलेहेइ ण पडिलेहेंतं वा साइज्जइ। तं सेवमाणे आवजइ मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥ ११४ ॥ णिसीहऽज्झयणे बीओ उद्देसो समत्तो ॥२॥ तइओ उद्देसो जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा असणं वा ४ ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ ११५॥ एवं अण्णउत्थिया वा गारत्थिया वा, अण्णउत्थिणी वा गारत्थिणी वा, अण्णउत्थिणीओ वा गारत्थिणीओ वा असणं वा ४ ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ ११६-११७-११८ ॥ जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा कोउहल्लपडियाए पडियागयं समाणं अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा, अण्णउत्थिया वा गारत्थिया वा, अण्णउत्थिणी वा गारत्थिणी वा, अण्णउत्थिणीओ वा गारत्थिणीओ वा असणं वा ४ ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ ११९-१२०-१२१-१२२ ॥ जे जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा, अण्णउत्थिएहि वा गारथिएहि वा, अण्णउत्थिणीए वा गारत्थिणीए वा, अण्णउत्थिणीहि वा गारत्थिणीहि वा असणं वा ४ अभिहडं आहट दिजमाणं पडिसेहेत्ता तमेव अणुवत्तिय २ परिवेढिय २ परिजविय २ ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ १२३-१२४-१२५-१२६ ॥ जे भिक्खू गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविढे पडियाइक्खिए समाणे दोच्च(पि) तमेव कुलं अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइजइ ॥ १२७ ॥ जे भिक्खू संखडिपलोयणाए असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२८ ॥ जे भिक्खू गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविढे समाणे परं तिघरंतराओ असणं वा ४ अभिहडं आहठ दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२९ ॥ जे भिक्खू अप्पणो पाएं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ ॥ १३० ॥ जे भिक्खू अप्पणो पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ १३१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा अब्भंगेज वा मक्खेंतं वा अभंगेंतं वा साइजइ ॥ १३२ ॥ जे भिक्खू अप्पणो पाए लोद्धेण वा कक्केण वा (०) उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥ १३३ ॥ जे भिक्खू अप्पणो - १ सोभाए। ........ HHHHHHHHI THHTHHTHHTHERE HHHHHHHin Page #930 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ३ मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ८५५ पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥ १३४ ॥ जे भिक्खू अप्पणो पाए फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ १३५॥ जे भिक्खू अप्पणो कायं आमजेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइज्जइ ॥ १३६ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कार्य संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमदे॒तं वा साइजइ ॥ १३७ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइज्जइ ॥ १३८ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥ १३९ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥ १४० ॥ जे भिक्खू अप्पणो कार्य फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ १४१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि वणं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ १४२॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ १४३ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ १४४ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि वणं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वāतं वा साइजइ ॥ १४५ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥१४६॥जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि वणं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ १४७ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदंतं वा विच्छिदंतं वा साइजइ ॥ १४८ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥ १४९ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता (पू०) णीहरित्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइज्जइ ॥ १५० ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा अंसियं वा Page #931 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८५६ सुत्तागमे [णिसीहसुतं भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपंतं वा साइजई ॥ १५१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायंसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अब्भंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइजइ ॥ १५२ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पलियं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूवेतं वा पधूवेंतं वा साइजइ ॥ १५३ ॥ जे भिक्खू अप्पणो पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय २ णीहरइ णीहरंतं वा साइजइ ॥१५४ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १५५॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाई जंघरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १५६ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाई कक्खरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १५७ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाई मंसुरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥१५८॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाई णासारोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ १५९॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं चक्खुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेंतं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १६० ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाई कण्णरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १६१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दंते आघंसेज वा पघंसेज वा आघंसंतं वा पघंसंतं वा साइजइ ॥ १६२ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दंते' सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥ १६३ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दंते फूमेज वा. रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ १६४ ॥ जे भिक्खू अप्पणो उढे आमज्जेज्ज वा फ्मज्जेज वा आमजंतं वा पमजतं वा साइजइ ॥ १६५॥ जे भिक्खू अप्पणो उठे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमहतं वा साइज्जइ ॥ १६६ ॥ जे भिक्खू अप्पणो उढे तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज्ज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥ १६७ ॥ जे भिक्खू अप्पणो उठे लोद्धेण १ गंडाइछेयणे कयाइ घाओ, असज्झाइयं, रोगवित्थाराइदोस त्ति पायच्छित्तठाणं । २ सोहाणिमित्तं । ३ विहूसाए। Page #932 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ३ मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ८५७. वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वटेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइज्जइ ॥ १६८ ॥ जे भिक्खू अप्पणो उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ ॥ १६९ ॥ जे भिक्खू अप्पणो उढे झूमेज वा रएन वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥१७० ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं उत्तरोट्ठरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेंतं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १७१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं अच्छिपत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ १७२ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि आमजेज वा पमज्जेज वा आमजतं वा पमजतं वा साइज्जइ ॥ १७३ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइज्जइ ॥१७४ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥ १७५ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि लोद्धेण वा ककेण वा उल्लोलेज वा उबट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ १७६ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइज्जइ ॥ १७७ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ १७८ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं भुमगरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ १७९ ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं पासरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥१८० ॥ जे भिक्खू अप्पणो दीहाई केसरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ १८१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो कायाओ सेयं वा जलं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥ १८२ ॥ जे भिक्खू अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ ॥ १८३ ॥ जे भिक्खू गामाणुगामं दूइजमाणे अप्पणो सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥१८४॥ जे भिक्खू सणकप्पा(सा)सओ वा उण्णकप्पासओ वा पोण्डकप्पासओ वा अमिलकप्पासओ वा वसीकरणसोत्तियं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १८५ ॥ जे भिक्खू गिहंसि वा गिहमुहंसि वा गिहदुवारियसि वा गिहपडिदुवारियसि वा गिहेलुयंसि वा गिहंगणंसि वा गिहवच्चंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिद्ववेतं वा साइजइ ॥१८६॥ जे भिक्खू मडगगिहंसि वा मडगछारियसि वा मडगथूभियंसि वा मडगासयंसि वा मडगलेणंसि वा मडगथंडिलंसि वा मडगवच्चंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिहवेइ परिहवेंतं वा साइजइ ॥ १८७ ॥ जे भिक्खू Page #933 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं इंगालदाहंसि वा खारदाहंसि वा गायदाहंसि वा तुसदाहंसि वा ऊसदाहंसि वा उच्चारं वा पासवर्णं वा परिवेइ परिद्ववेंतं वा साइज्जइ ॥ १८८ ॥ जे भिक्खु अभिणवियासु वा गोहणियासु अभिणवियासु वा मट्टियाखाणीसुं वा परिभुज्जमाणियासु वा अपरिभुजमाणियासु वा उच्चारं वा पासवणं वा परिद्ववेइ परिट्ठवेंतं वा साइज्जइ ॥ १८९ ॥ जे भिक्खू सेयायणंसि वा पंकंसि वा पणगंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ ॥ १९० ॥ जे भिक्खू उंबरवचंसि वा णग्गोहवच्चंसि वा अस्सत्थवचंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिद्ववेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ ॥ १९१॥ जे भिक्खू डागवश्चंसि वा सागवच्चंसि वा मूलयवच्चंसि वा कोत्युं (बरी ) भरिवचंसि वा खारवचंसि वा जीरयवच्चंसि वा दमण ( ग ) वच्चंसि वा मरुगवश्चंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिद्ववेंतं वा साइज्जइ ॥ १९२ ॥ जे भिक्खू इक्खुवणंसि वा सालिवणंसि वा कुसुंभवणंसि वा कप्पासवणंसि वा उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ परिट्टतं वा साइज्जइ ॥ १९३ ॥ जे भिक्खू असोगवणंसि वा सत्तिवण्णवर्णसि वा चंपगवणंसि वा चूयवणंसि वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु वा पत्तोवएसु पुप्फोवएसु फलोवएसु बी (छाओ)योवएसु उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिद्ववेंतं वा साइज्जइ ॥ १९४॥ जे भिक्खू सपायंसि वा परपायंसि वा दिया वा राओ वा वियाले वा उब्बाहिज्जमाणे सपायं गहाय परपायं जाइत्ता वा उच्चारं पासवणं वा परिद्ववेत्ता अणुग्गए सूरिए एडेइ एडेंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥ १९५ ॥ णिसीहऽज्झयणे तइओ उद्देसो समत्तो ॥ ३ ॥ उत्थो उसो ८५८ जे भिक्खू राय अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ १९६ ॥ जे भिक्खू रायारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ ॥ १९७ ॥ जे भिक्खू णगरारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ १९८ ॥ जे भिक्खू णिगमार क्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ १९९ ॥ जे भिक्खू देसारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २०० ॥ जे भिक्खू सव्वारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ ॥ २०१ ॥ जे भिक्खू रायं अचीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २०२ ॥ जे भिक्खु रायारक्खियं अचीकरेइ अबीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २०३ ॥ जे भिक्खू नगरार क्खियं अच्चीकरे अच्चीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २०४ ॥ जे भिक्खू णिगमारक्खियं अच्चीकरेइ अवीरें वा साइज्जइ ॥ २०५ ॥ जे भिक्खू देसारक्खियं अचीकरेइ अचीकरें तं वा साइज्जइ ॥ २०६ ॥ जे भिक्खू सव्वार क्खियं अचीकरेइ अचीकरेंतं वा साइज्जइ १ पसंसेइ । Page #934 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ॥ २०७॥ जे भिक्खू रायं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ ॥ २०८ ॥ जे भिक्खू रायारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २०९ ॥ जे भिक्खु णगरारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २१० ॥ जे भिक्खू णिगमारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ ॥ २११ ॥ जे भिक्खू देसारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २१२ ॥ जे भिक्खू सव्वारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ ॥ २१३ ॥ जे भिक्खू कसिणाओ ओसहीओ आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ ॥ २१४ ॥ जे भिक्खू आयरिएहिं अदिण्णं आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ ॥ २१५ ॥ जे भिक्खू आयरियोवज्झाएहिं अविदिण्णं विगई आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ ॥ २१६ ॥ जे भिक्खू ठवणाकुलाई अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय पुव्वामेव पिंडवायपडियाए अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइज्जइ ॥ २१७ ॥ जे भिक्खू णिग्गंथीणं उवस्सयंसि अविहीए अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइजइ ॥ २१८ ॥ जे भिक्खू णिग्गंधीणं आगमणपहंसि दंडगं वा रयहरणं वा मुहपोत्तियं वा अण्णयरं वा उवगरणजायं ठवेइ ठवेंतं वा साइजइ ॥ २१९ ॥ जे भिक्खू णवाई अणुप्पण्णाई अहिगरणाई उप्पाएइ उप्पाएंतं वा साइजइ ॥ २२० ॥ जे भिक्खू पोराणाई अहिगरणाई खामिय विओसवियाई पुणो उदीरेइ उदीरेंतं वा साइजइ ॥ २२१ ॥ जे भिक्खू मुहं विप्फालिय हसइ हसंतं वा साइजइ ॥ २२२॥ जे भिक्खू पासत्थस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ ॥ २२३ ॥ जे भिक्खू पासत्थस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ २२४ ॥ जे भिक्खू ओसण्णस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ ॥ २२५ ॥ जे भिक्खू ओसण्णस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥ २२६ ॥ जे भिक्खू कुसीलस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ ॥ २२७ ॥ जे भिक्खू कुसीलस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ २२८ ॥ जे भिक्खू नितियस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइजइ ॥ २२९ ॥ जे भिक्खू नितियस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ २३० ॥ जे भिक्खु संसत्तस्स संघाडयं देइ देंतं वा साइज्जइ ॥ २३१ ॥ जे भिक्खू संसत्तस्स संघाडयं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ २३२ ॥ जे भिक्खू उदओल्लेण वा ससिणिर्तण वा हत्थेण वा दव्वीए वा भायणेण वा असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ २३३ ॥ जे भिक्खू ससरक्खेण वा मट्टियासंसटेण वा ऊसासंसटेण वा लोणियसंसटेण वा हरियालसंसट्टेण वा मणोसिलसंसटेण वा लोद्धसंसटेण वा गेरुयसंसटेण वा सेढियसंसटेण वा हिंगुलसंसट्टेण वा अंजणसंसटेण वा कुक्कुससंसट्टेण वा पिट्ठसंसटेण वा कंतवसंसढेण वा कंदमूलसंसट्टेण वा सिंगवेरसंसट्टेण वा पुप्फसंसटेण Page #935 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुतं वा उक्कुट्ठसंसढेण वा असंसढेण वा हत्थेण वा दव्वीए वा भायणेण वा असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ २३४ ॥ जे भिक्खू गामारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ ॥ २३५ ॥ जे भिक्खू गामारक्खियं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइजइ ॥ २३६ ॥ जे भिक्खू गामारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइज्जइ ॥ २३७ ॥ जे भिक्खू सीमारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ ॥ २३८ ॥ जे भिक्खू सीमारक्खियं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइजइ ॥२३९॥ जे भिक्खू सीमारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ ॥ २४० ॥ जे भिक्खू रण्णारक्खियं अत्तीकरेइ अत्तीकरेंतं वा साइजइ ॥ २४१ ॥ जे भिक्खू रण्णारक्खियं अच्चीकरेइ अच्चीकरेंतं वा साइजइ ॥ २४२ ॥ जे भिक्खू रण्णारक्खियं अत्थीकरेइ अत्थीकरेंतं वा साइजइ ॥ २४३ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए आमजेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ ॥ २४४ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमहेंतं वा साइजइ ॥ २४५ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ २४६ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥ २४७ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ २४८ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पाए फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ २४९ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं आमजेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥२५०॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमहेंतं वा साइज्जइ ॥ २५१ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥ २५२ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइज्जइ ॥ २५३ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेंज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ २५४ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ २५५ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं आमज्जेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ ॥ २५६ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा साइज्जइ ॥२५७ ॥ Page #936 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ४ मासियमुग्धाइयं ] सुत्तागमे जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज्ज वा मक्तं वा भिलिंगेतं वा साइज्जइ ॥ २५८ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं लोण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वट्टेतं वा साइज्जइ ॥ २५९ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ २६० ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि वणं फूमेज वा रएज्ज वा फूमेंतं वा रतं वा साइजइ ॥ २६१ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कार्यंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज्ज वा विच्छिदेज वा अच्छिदेंतं वा विच्छिदेतं वा साइज्जइ ॥ २६२ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज्ज वा णीहरेंतं वा विसोर्हेतं वा साइज्जइ ॥ २६३ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्य जाणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहित्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएं वा साइज्जइ ॥ २६४ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता हरित्ता विसोत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपेतं वा विलिंपेतं वा साइज्जइ ॥ २६५ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाणं अच्छिदत्ता विच्छेदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज्ज वा अब्भंत वा मक्तं वा साइज्जइ ॥ २६६ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कार्यंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पथोएत्ता आलिंपित्ता विलिंपित्ता अब्भंगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज्ज वा पधूवेज्ज वा धूवंतं वा पधूवंतं वा साइज्जइ ॥ २६७ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय २ णीहरइ णीहरंतं वा साइज्जइ ॥ २६८ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २६९ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाईं जंघ ८६१ Page #937 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६२ सुत्तागमे [मिसीहसुतं रोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २७० ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई कक्खरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ २७१ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाइं मंसुरोमाई कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २७२ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई णासारोमाई कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेतं वा साइज्जइ ॥ २७३ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई चक्खुरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २७४ - १ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई कण्णरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २७४ -२ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दंते आघंसेज्ज वा पसेज वा आघंसंतं वा पघंसंतं वा साइज्जइ ॥ २७५ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दंते उच्छोलेज वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ २७६ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दंते फूमेज्ज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ २७७ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्ठे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंत वा पमर्जतं वा साइज्जइ ॥ २७८ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्ठे संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवातं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ २७९ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्ठे तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज वा मक्र्खेतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ ॥ २८० ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्ठे लोद्वेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वर्हेतं वा साइज्जइ ॥ २८१ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्ठे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइज्जइ ॥ २८२ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स उट्ठे फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रतं वा साइजइ ॥ २८३ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाइं उत्तरोद्वरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २८४ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाई अच्छि - पत्ताइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ २८५ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जंत वा साइज्जइ ॥ २८६ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमद्दतं वा साइज्जइ ॥ २८७ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज वा मक्तं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ ॥ २८८ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि लोण वा कक्केण वा उल्लोलेज्ज वा उव्वट्टेज्ज वा उल्लोलेंतं वा उव्वर्हेतं वा साइज्जइ Page #938 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ५ मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ८६३ ॥ २८९ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ २९० ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ २९१ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाइं भुमगरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ २९२ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स दीहाइं पासरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेंतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥२९३-१॥ ''केसरोमाई...॥२९३-२॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥२९४ ॥ जे भिक्खू अण्णमण्णस्स कायाओ सेयं वा जलं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ ॥ २९५॥ जे भिक्खू गामाणुगा[मियं] मं दूइजमाणे अण्णमण्णस्स सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥२९६ ॥ जे भिक्खू साणुप्पए उच्चारपासवणभूमिं साणुप्पए ण पडिलेहइ ण पडिलेहंतं वा साइज्जइ ॥२९७ ॥जे भिक्खू तओ उच्चारपासवणभूमीओण पडिलेहेइ ण पडिलेहंतं वा साइजइ ॥२९८॥ जे भिक्खू खुड्डागंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइजइ ॥२९९ ॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं अविहीए परिट्ठवेइ परिठ्ठवेंतं वा साइज्जइ ॥३००॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिद्ववेत्ता ण पुंछइ ण पुंछंतं वा साइजइ ॥३०१॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिद्ववेत्ता कट्टेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा पुंछइ पुंछंतं वा साइज्जइ ॥ ३०२ ॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिट्ठवेत्ता णायमइ णायमंतं वा साइज्जइ ॥ ३०३ ॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिट्ठवेत्ता तत्थेव आयमइ आयमंतं वा साइजइ ॥ ३०४ ॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिठ्ठवेत्ता दूरे आयमइ आयमंतं वा साइजइ ॥ ३०५ ॥ जे भिक्खू उच्चारपासवणं परिट्ठवेत्ता णावापूराणं आयमइ आयमंतं वा साइजइ ॥ ३०६ ॥ जे भिक्खू अपरिहारिएण परिहारियं वएज्जाएहि अज्जो! तुमं च अहं च एगओ असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता तओ पच्छा पत्तेयं २ भोक्खामो वा पाहामो वा, जे तं एवं वयइ वयंतं वा साइजइ । तं सेवमाणे आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥ ३०७ ॥ णिसीहऽज्झयणे चउत्थो उद्देसो समत्तो॥४॥ पंचमो उद्देसो जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा आलोएज वा पलोएज वा आलोएंतं वा १ कयाइ एगट्ठाणे केण वि कारणेण पारिट्ठावणाऽवसरो ण होज तो दोच्चं तच्चं ठाणं उवओगी होउ त्ति तिण्णि ठाणाई वुत्ताई ति । Page #939 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६४ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं पलोएंतं वा साइजइ ॥ ३०८ ॥जे भिक्खू सचित्तक्खमूलंसि ठिच्चा ठाणं वा सेजं वा निसीहियं वा तुयट्टणं वा चेएइ चेएतं वा साइजइ ॥३०९ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिचा असणं वा ४ आहारेइ आहारेंतं वा साइज्जइ ॥३१०॥जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा उच्चारपासवणं परिवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ ॥ ३११॥जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ३१२ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूले ठिच्चा सज्झायं उद्दिसइ उद्दिसेंतं वा साइज्जइ ॥ ३१३॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूले ठिच्चा सज्झायं समुद्दिसइ समुद्दिसंतं वा साइज्जइ ॥ ३१४ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिचा सज्झायं अणुजाणइ अणुजाणंतं वा साइज्जइ ॥ ३१५ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलसि ठिच्चा सज्झायं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ ३१६ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ३१७ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खमूलंसि ठिच्चा सज्झायं परियट्टेइ परियटेंतं वा साइज्जइ ॥ ३१८ ॥ जे भिक्खू अप्पणो संघाडि अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा सागारिएण वा सिव्वावेइ सिव्वातं वा साइजइ ॥ ३१९ ॥ जे भिक्खू अप्पणो संघाडिए दीहसुत्ताई करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ३२० ॥ जे भिक्खू पिउमंदपलासयं वा पडोलपलासयं वा बिलपलासयं वा सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा संफाणिय २ आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ ॥ ३२१ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं पायपुंछणं जाइत्ता तमेव रयणिं पञ्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ ॥ ३२२ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं पायपुंछणं जाइत्ता सुए पञ्चप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणिं पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणतं वा साइजइ ॥ ३२३ ॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं पायपुंछणं जाइत्ता तमेव रयणिं पञ्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणतं वा साइज्जड ॥३२४ ॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं पायपुंछणं जाइत्ता सुए पञ्चप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणि पञ्चप्पिणइ पच्चप्पिणंतं वा साइज्जइ ॥ ३२५ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं दंडयं वा अवलेहणियं वा वेलुसूई वा जाइत्ता तमेव रयणिं • पञ्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ ॥ ३२६ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं दंडयं वा अवलेहणियं वा वेलुसूई वा जाइत्ता सुए पञ्चप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणिं पञ्चप्पिणइ पचप्पिणंतं वा साइज्जइ ॥ ३२७ ॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं दंडयं वा अवलेहणियं वा वेलुसूइं वा जाइत्ता तमेव रयणिं पञ्चप्पिणिस्सामित्ति सुए पचप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइजइ ॥ ३२८ ॥ जे भिक्खू सागारियसंतियं दंडयं वा अवलेहणियं वा वेलसूई वा जाइत्ता सुए पचप्पिणिस्सामित्ति तमेव रयणिं . १ संझं। Page #940 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ५ मासियमुग्धाइयं ] सुत्तागमे पञ्चप्पिणइ पञ्चप्पिणंतं वा साइज्जइ ॥ ३२९ ॥ जे भिक्खू पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेज्जासंथारयं पञ्चप्पिणित्ता दोचंपि अणणुण्णविय अहिट्ठेइ अहितं वा साइज्जइ ॥ ३३० ॥ जे भिक्खू सणकप्पासओ वा उण्णकप्पासओ वा पोण्डकप्पासओ 'वा अमिलकप्पासओ वा दीहसुत्ताई करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३१ ॥ जे भिक्खू सचित्ताइं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३२ ॥ जे भिक्खू सचित्तारं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ तं वा साइज्जइ ॥ ३३३ ॥ जे भिक्खू चित्ताइं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३४ ॥ जे भिक्खू चित्तारं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ३३५ ॥ जे भिक्खू विचित्ताई दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३६ ॥ जे भिक्खू विचित्ताईं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ३३७ ॥ जे भिक्खू सचित्ताई दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुंजतं वा साइज्जइ ॥ ३३८ ॥ जे भिक्खू चित्ताई दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ३३९॥ जे भिक्खू विचित्ताईं दारुदंडाणि वा वेलुदंडाणि वा वेत्तदंडाणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ३४० ॥ जे भिक्खू णवगणिवेसंसि वा गामंसि वा जाव सण्णिवेसंसि वा अणुप्पविसित्ता असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गार्हतं वा साइज्जइ ॥ ३४१ ॥ जे भिक्खू णवगणिवेसंसि वा अयागरंसि वा तंत्रागरंसि वा तज्यागरंसि वा सीसागरंसि वा हिरण्णागरंसि वा सुवण्णागरंसि वा ( रयणागरंसि वा ) वइरागरंसि वा अणुष्पविसित्ता असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गार्हेतं वा साइज्जइ ॥ ३४२ ॥ जे भिक्खू मुहवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४३ ॥ जे भिक्खू दंतवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४४ ॥ जे भिक्खू उट्टवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४५ ॥ जे भिक्खू णासावीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४६ ॥ जे भिक्खू कक्खवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४७ ॥ जे भिक्खू हत्थ - वीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४८ ॥ जे भिक्खू णहवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३४९ ॥ जे भिक्खू पत्तवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५० ॥ जे भिक्खु पुप्फवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५१ ॥ जे भिक्खू फलवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५२ ॥ जे भिक्खू बीयवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५३ ॥ जे भिक्खू हरियवीणियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३५४ ॥ जे भिक्खू मुहवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३५५ ॥ जे ५५ सुत्ता० ८६५ Page #941 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६६ सुत्तागमे [ मिसीहसुतं भिक्खू दंतवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३५६ ॥ जे भिक्खू उट्ठवीणियं वाइ वातं वा साइज्जइ ॥ ३५७ ॥ जे भिक्खू णासावीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३५८ ॥ जे भिक्खू कक्खवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३५९ ॥ जे भिक्खू हत्थवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३६० ॥ जे भिक्खु णहवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३६१ ॥ जे भिक्खू पत्तवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३६२ ॥ जे भिक्खू पुप्फवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३६३ ॥ जे भिक्खू फलवणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३६४ ॥ जे भिक्खू बीय वीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ ३६५ ॥ जे भिक्खू हरियवीणियं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ( एवं अण्णय राणि वा तहप्पगाराणि वा अणुदिण्णाई सद्दाईं उदीरेइ उदीरेंतं वा साइज्जइ) ॥ ३६६ ॥ जे भिक्खू उद्देसियं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ ॥ ३६७ ॥ जे भिक्खू सपाहुडियं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ ॥ ३६८ ॥ जे भिक्खू सपरिकम्मं सेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ ॥ ३६९ ॥ जे भिक्खू णत्थि संभोगवत्तिया किरियत्ति वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ३७० ॥ जे भिक्खू लाउयपायं वा दारुपायं वा मट्टियापायं वा अलं थिरं धुवं धारणिजं परिभिंदिय परिछिंदिय परिट्ठवे परिद्ववेंतं वा साइज्जइ ॥ ३७१ ॥ जे भिक्खू वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा अलं थिरं धुवं धारणिजं पलिछिंदिय परिद्ववेइ परिद्ववेंतं वा साइज्जइ ॥ ३७२ ॥ जे भिक्खू दंडगं वा अवले - हणियं वा वे सूई वा पलिभंजिय २ परिवेइ परिद्ववेंतं वा साइज्जइ ॥ ३७३ ॥ जे भिक्खू अइरेयमाणं रयहरणं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ३७४ ॥ जे भिक्खू सुमाई रयहरणसी साइं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ३७५ ॥ जे भिक्खू रयहरणस्स एक बंधं देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ३७६ ॥ जे भिक्खू रयहरणं कंड्सगबंधेणं बंध बंधतं वा साइज्जइ ॥ ३७७ ॥ जे भिक्खू रयहरणं अविहीए बंधइ बंधतं वा साइज्जइ ॥ ३७८ ॥ जे भिक्खू स्यहरणं एगेण बंधेण बंधइ बंधतं वा साइज्जइ ॥ ३७९ ॥ जे भिक्खू रयहरणस्स परं तिन्हं बंधाणं देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ३८० ॥ जे भिक्खू रयहरणं अणिसद्वं धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ३८१ ॥ जे भिक्खू रयहरणं वोसट्टं धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ३८२ ॥ जे भिक्खू रयहरणं अभिक्खणं २ अहि अहितं वा साइज्जइ ॥ ३८३ ॥ जे भिक्खू रयहरणं उस्सीसमूले ठवेइ ठतं वा साइज्जइ ॥ ३८४ ॥ जे भिक्खू रयहरणं तुयट्टेइ तुयट्टेतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥ ३८५ ॥ णिसीहऽज्झयणे पंचमो उद्देसो समत्तो ॥ ५ ॥ Page #942 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६७ उ० ६ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे छट्ठो उद्देसो जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणपडियाए विण्णवेइ विण्णवेंतं वा साइज्जइ ॥ ३८६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणपडियाए हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ३८७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणपडियाए अंगादाणं कद्वेण वा किलिंचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा संचालेइ संचालतं वा साइजइ ॥ ३८८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणपडियाए अंगादाणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ३८९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा अन्भंगेतं वा मक्खेतं वा साइजइ ॥ ३९० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं कक्केण वा लोद्धेण वा पउमचुण्णेण वा ण्हाणेण वा सिणाणेण वा चुण्णेहिं वा वण्णेहिं वा उव्वट्टेइ वा परिवट्टेइ वा उव्वटेंतं वा परिवटेंतं वा साइजइ ॥ ३९१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ३९२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं णिच्छल्लेइ णिच्छल्लेत वा साइज्जइ ॥ ३९३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं जिग्घइ जिग्छतं वा साइज्जइ ॥ ३९४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं अण्णयरंसि अचित्तंसि सोयसि अणुपवेसेत्ता सुक्कपोग्गले णिग्घायइ णिग्यायंतं वा साइजइ ॥ ३९५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणवडियाए (अवाउडिं) सयं कुज्जा सयं बूया करेंतं वा (बूएंतं वा) साइज्जइ ॥ ३९६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कलहं कुज्जा कलहं बूया कलहवडियाए गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ ॥ ३९७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए लेहं लिहइ लेहं लिहावेइ लेहवडियाए वा गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ ॥ ३९८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोय(तं) वा पोसंतं वा भ(लि)लायएण उप्पाएइ उप्पाएंतं वा साइजइ ॥ ३९९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयं वा पोसंतं वा भल्लायएण उप्पाएत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥४०० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयं वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएता अण्णयरेण आलेवणजाएणं आलिंपेज्ज वा विलिंपेज वा आलिंपेतं वा विलिंपेंतं वा साइजइ ॥ ४०१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोर्य वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा अब्भंगेंतं वा Page #943 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८६८ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं मक्खेंतं वा साइजइ ॥ ४०२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पिटुंतं वा सोयं वा पोसंतं वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता अब्भंगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूवेंतं वा पधूवेंतं वा साइजइ ॥ ४०३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कसिणाई वत्थाई धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥ ४०४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अहयाई वत्थाइं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ४०५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए धोवरत्ताई वत्थाई धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ४०६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्ताई वत्थाइं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ४०७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए विचित्ताई वत्थाई धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥ ४०८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमजंतं वा साइज्जइ ॥ ४०९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए संवाहेज्ज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमहेंतं वा साइजइ ॥ ४१० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइज्जइ ॥ ४११ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वत वा साइजइ ॥ ४१२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ४१३ ॥ मे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पाए फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ४१४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं आमजेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जतं वा साइजइ ॥ ४१५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा साइजइ ॥ ४१६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ४१७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ ४१८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं सीओदगवियडेण वा उसिगोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ४१९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायं फूमेज वा रएज Page #944 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ६ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ४२० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि वणं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ४२१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि वणं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ४२२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण. वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइज्जइ ॥ ४२३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि वणं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वèतं वा साइजइ ॥ ४२४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ४२५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि वणं फूमेज. वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ४२६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदेंतं वा विच्छिदेंतं वा साइजइ ॥ ४२७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ ॥ ४२८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज. वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ४२९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपेंतं वा विलितं वा साइज्जइ ॥ ४३० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं. सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ताः आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण. वा. अब्भंगेज़ वा मक्खेज, वा अभंगेतं वा मक्खेंतं वा साइजइ ॥ ४३१ ॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुण Page #945 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७० सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वडियाए अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता विलिंपेत्ता अभिगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूवेंतं वा पधूवेंतं वा साइजइ ॥ ४३२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय २ णीहरेइ णीहरेंतं वा साइज्जइ ॥ ४३३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ४३४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाइं जंघरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४३५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो० कक्खरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ४३६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो० मंसुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ४३७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो णासारोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४३८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो० चक्खुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ४३९-१॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो० कण्णरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४३९-२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते आघंसेज वा पधंसेज वा आघंसंतं वा पसंतं वा साइजइ ॥ ४४० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ४४१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दंते फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ४४२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे आमज्जेज्ज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ४४३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ४४४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ४४५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उठे लोद्धेण वा कोण वा उल्लोलेज वा उव्वद्वेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइज्जइ ॥ ४४६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा Page #946 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ७ चाउम्मासियमणुग्धाइयं ] सुत्तागमे साइज्जइ ॥ ४४७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणी उट्ठे फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ ४४८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणडियाए अप्पणी दीहाई उत्तरोद्वरोमाई कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४४९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई अच्छि - पत्ताई कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि आमज्जेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ ॥ ४५१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणी अच्छीणि संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइज्जइ ॥ ४५२ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिंगेज्ज वा मक्तं वा भिलिंगतं वा साइज्जइ ॥ ४५३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि लोद्वेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेन वा उल्लोलेंतं वा उव्वट्टेतं वा साइज्जइ ॥ ४५४ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ४५५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रतं वा साइज्जइ ॥ ४५६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहाई भुमगरोमाईं कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५७ ॥ जे भिक्खु, माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो दीहू इं पासरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५८-१ ॥ केसरामाई ॥ ४५८-२ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा हमलं वा णीहरेज वा विसोहेज्ज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥ ४५९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वाणीहरेज वा विसोहेज्ज वा णीहरेंतं वा विसोर्हेतं वा साइज्जइ ॥ ४६० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए गामानुगामं दूइजमाणे सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइ'ज्जइ ॥ ४६१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए खीरं वा दहिं वा णवणीयं वा सपि वा गुलं वा खंडं वा सक्करं वा मच्छंडियं वा अण्णयरं वा पणीयं आहारं आहारे आहारेंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्धाइयं ॥ ४६२ ॥ णिसीहऽज्झयणे छट्टो उद्देसो समत्तो ॥ ६ ॥ सत्तमो उद्देसो ... जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा वेत्त ८७१ Page #947 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ८७२ [णिसीहसुतः मालियं वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा पोंडियदंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा भिंडमालियं वा कठ्ठमालियं वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालियं वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ४६३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा वेत्तमालियं वा मथणमालियं वा पिंछमालियं वा पोंडियदंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा भिंडमालियं वा कट्ठमालियं वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालियं वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ४६४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा वेत्तमालियं वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा पोंडियदंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा भिंडमालियं वा कठ्ठमालियं वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालियं वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा पिण[]द्धइ पिणद्धतं वा साइजइ ॥ ४६५॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसगलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ४६६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहणवडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसगलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ ४६७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसगलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइजइ ॥ ४६८॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावली वा मुत्तावली वा कणगावली वा रयणावली वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ४६९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावली वा मुत्तावली वा कणगावली वा रयणावली वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥४७० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावली वा मुत्तावली वा कणगावली वा रयणावली वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ ॥ ४७१॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयरा(वा)णि Page #948 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ०७ चाउम्मासियमणुग्घाइयं] सुत्तागमे ८७३ वा कोयर(व)पावराणि वा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मि(मा)हासामाणि वा उट्टाणि वा उट्टलेस्साणि वा वग्याणि वा विवग्याणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगुल्ला णि वा (तिरीडपट्टाणि वा) पतु[ल्ला]ण्णाणि वा आवरंताणि वा वी(ची)णाणि वा अंसुयाणि वा कणककंताणि वा कणगखचियाणि वा कणगचित्ताणि वा कणगविचित्ताणि वा आभरणविचित्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ४७२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपावराणि वा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उट्टाणि वा उद्यलेस्साणि वा वग्घाणि वा विवग्घाणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकलाणि वा खोमाणि वा दुगुल्लाणि वा पतुण्णाणि वा (पणलाणि वा) आवरंताणि वा वीणाणि वा अंसुयाणि वा कणककंताणि वा कणगचित्ताणि वा कणगविचित्ताणि वा आभरणविचित्ताणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥ ४७३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबला णि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपावराणि वा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उद्याणि वा उद्यलेस्साणि वा वग्याणि वा विवग्याणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगुल्लाणि वा पतुण्णाणि वा आवरंताणि वा वीणाणि वा अंसुयाणि वा कणकताणि वा कणगचित्ताणि वा कणगविचित्ताणि वा आभरणविचित्ताणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ ॥ ४७४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अ(क्खि)क्खंसि वा ऊरंसि वा उयरंसि वा थणंसि वा गहाय संचालेइ संचालतं वा साइजइ ॥ ४७५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए आमजेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमजतं वा साइजइ ॥ ४७६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमतं वा साइज्जइ ॥ ४७७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ ॥ ४७८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वटेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइज्जइ ॥ ४७९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ४८० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स. मेहुण Page #949 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुता [ मिसीहसुतं वडिया अण्णमण्णस्स पाए फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्ज ॥ ४८१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्य आमजेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ ॥ ४८२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस मेहुणवडिया अण्णमण्णस्स कार्य संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमर्द्देतं वा साइज्जइ ॥ ४८३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्य तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्र्खेतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ४८४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडिया अण्णमण्णस्स कायं लोद्रेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज्ज वा उल्लोलेंतं वा उब्वतं वा साइज्जइ ॥ ४८५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए torture कार्य सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोएन वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ४८६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्य फूमेज्ज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ ४८७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्यसि वणं आमजेज्ज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ ॥ ४८८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस मेहुणवडिया अण्णमण्णस्स कायंसि वणं संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिमद्देतं वा साइज्जइ ॥ ४८९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमणस कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज्ज वा मक्र्खेतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ ॥ ४९० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमणस्स कार्यसि वर्ण लोद्रेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज्ज वा उल्लोलेंतं वा उव्वट्टेतं वा साइज्जइ ॥ ४९१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि वर्णं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पथोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ४९२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडिया अण्णमण्णस्स कायंसि वणं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रतं वा साइज्जइ ॥ ४९३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्यसि गंड वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदेंतं वा विच्छिदेतं वा साइज्जइ ॥ ४९४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्यंसि गंड वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोर्हेतं वा साइज्जइ ॥ ४९५ ॥ जे भिक्खु माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कार्यंसि गंड वा ८७४ Page #950 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७५ उ० ७ चाउम्मासियमणुग्घाइयं] सुत्तागमे पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ४९६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइजइ ॥ ४९७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज वा अभंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइजइ ॥ ४९८॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायंसि गंडं वा पिलगंवा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरेत्ता विसोहेत्ता उच्छोलेत्ता पधोएत्ता आलिंपेत्ता अब्भंगेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज्ज वा धूवेंतं वा पधूवेंतं वा साइजइ ॥ ४९९ ॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय २ णीहरइ णीहरंतं वा साइज्जइ ॥५००॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेंतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥५०१॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं जंघरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥५०२ ॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं कक्खरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ५०३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई मंसुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥५०४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई णासारोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्पेंतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ५०५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई चक्खुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ५०६-१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई कण्णरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥५०६-२॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दंते आघंसेज वा पघंसेज वा आघसंतं वा पघंसंतं वा साइजइ ॥ ५०७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए Page #951 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ८७६ [णिसीहसुत्तं अण्णमण्णस्स दंते उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ५०८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दंते फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ५०९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ ॥ ५१० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उट्टे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा साइजइ ॥५११॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उठे तेल्लेण वा धएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥५१२॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उठे लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उन्वटेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ ५१३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ५१४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स उढे फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ५१५॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई उत्तरोट्ठरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥५१६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाइं अच्छिपत्ताइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ५१७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ५१८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ५१९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ५२० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥ ५२१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ५२२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ५२३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स दीहाई भुमगरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ५२४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए Page #952 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ७ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे ८७७ अण्णमण्णस्स दीहाइं पासरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥५२५-१॥ केसरोमाई..॥५२५-२॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वाणीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥५२६ ॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ॥५२७॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णमण्णस्स गामाणुगामं दूइजमाणे सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ५२८ ॥जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अणंतरहियाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयद्यावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयट्टावेंतं वा साइज्जइ ॥५२९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए ससिणिद्धाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयद्यावेंतं वा साइजइ ॥ ५३० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए ससरक्खाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयद्यावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयट्टावेंतं वा साइज्जइ ॥ ५३१॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए महि]ट्टियाकडाए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयट्टावेतं वा साइजइ ॥ ५३२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्तमंताए पुढवीए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयावेंतं वा साइज्जइ ॥ ५३३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्तमंताए सिलाए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयट्टावेंतं वा साइजइ ॥ ५३४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए चित्तमंताए लेलए णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयट्टावेंतं वा साइजइ ॥ ५३५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओसे सउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमक्कडासंताणगंसि णिसीयावेज वा तुयट्टावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयट्टावेंतं वा साइज्जइ ॥ ५३६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंकंसि वा पलियंकसि वा णिसीयावेज वा तुयटावेज वा णिसीयावेतं वा तुयट्टावेंतं वा साइज्जइ ॥ ५३७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंकंसि वा पलियंकंसि वा णिसीयावेत्ता वा तुयट्टावेत्ता वा असणं वा ४ अणुरघासेज वा अणुपाएज वा अणुग्घासेंतं वा अणुपाएंतं वा साइजइ ॥ ५३८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा णिसीयावेज वा तुयद्यावेज वा णिसीयावेंतं वा तुयटावेंतं वा साइज्जइ ॥ ५३९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु Page #953 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७८ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वा णिसीयावेत्ता वा तुयट्टावेत्ता वा असणं वा ४ अणुग्घासेज वा अणुपाएज वा अणुग्घासेंतं वा अणुपाएंतं वा साइजइ ॥ ५४० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं तेइच्छं आउदृइ आउटुंतं वा साइजइ ॥ ५४१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अमणुण्णाइं पोग्गलाई अवणीहरइ णीहरंतं वा साइजइ ॥ ५४२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए मणुण्णाई पोग्गलाई उवकिरइ उवकिरतं वा साइजइ ॥ ५४३ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं पसुजाई वा पक्खिजाई वा पायंसि वा पक्खंसि वा पुंछंसि वा सीसंसि वा गहाय (उजिहइ वा पविहइ वा) संचालेइ (उजिहेंतं वा पविहेंतं वा) संचालतं वा साइजइ ॥ ५४४ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं पसुजायं वा पक्खिजायं वा सोयंसि कर्ट वा कलिंचं वा अंगुलियं वा सलागं वा अणुप्पवेसित्ता संचालेइ संचालेंतं वा साइजइ ॥ ५४५ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरं पसुजायं वा पक्खिजायं वा अयमित्थित्तिकट्ठ आलिंगेज वा परिस्सएज वा परिचुंबेज वा विच्छेदेज वा आलिंगंतं वा परिस्सयंतं वा परिचुंबतं वा विच्छेदंतं वा साइज्जइ ॥ ५४६ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए असणं वा ४ देइ देंतं वा साइजइ ॥ ५४७ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए असणं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ५४८ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा देइ देंतं वा साइजइ ॥ ५४९ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए वत्थं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ५५० ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए सज्झायं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ ५५१ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ५५२ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अण्णयरेणं इंदिएणं आकारं करेइ करेंतं वा साइजइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ ५५३ ॥ णिसीहऽज्झयणे सत्तमो उद्देसो समत्तो ॥७॥ अहमो उद्देसो जे भिक्खू आगंतारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा एगो एगाए इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिहवेइ अण्णयरं वा अणारियं णिहुरे (पिहुणं) अस्सव(म)णपाओग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५५४ ॥ जे भिक्खू उजाणंसि वा उजाणगिहसि वाः उजाणसालंसि वा णिज्जाणंसि वा णिज्जाणगिहंसि वा णिजाणसालंसि वा एगो Page #954 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ८ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे ८७९ एगाए इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहणं अस्समणपाओग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्जइ ॥ ५५५ ॥ जे भिक्खू असि वा अट्टालयंसि वा चारियसि वा पागारंसि वा दारंसि वा गोपुरंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिटवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५५६ ॥ जे भिक्ख दगंसि वा दगमगंसि वा दगपहंसि वा दगतीरंसि वा दगठाणंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५५७ ॥ जे भिक्खू सुण्णगिहंसि वा सुण्णसालंसि वा भिण्णगिहंसि वा भिण्णसालंसि वा कूडागारंसि वा कोट्ठागारंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिहवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्जइ ॥५५८॥ जे भिक्खू तणगिहंसि वा तणसालंसि वा तुसगिहंसि वा तुससालंसि वा भुसगिहंसि वा भुससालंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्जइ ॥ ५५९ ॥ जे भिक्खू जाणसालंसि वा जाणगिहंसि वा जुग्गसालंसि वा जुग्गगिहंसि वा एगो० इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्जइ ॥ ५६० ॥ जे भिक्खू पणियसालंसि वा पणियगिहंसि वा परियासालंसि वा परियागिहंसि वा कम्मियसालंसि वा कम्मियगिहंसि वा एगो० इत्थीए सद्धिं विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवर्ण वा परिहवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५६१ ॥ जे भिक्खू गोणसालंसि वा गोणगिहंसि वा महाकुलंसि वा महागिहंसि वा एगो० इत्थीए सद्धि विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५६२ ॥ जे भिक्खू राओ वा वियाले वा इस्थिमज्झगए इत्थिसंसत्ते इत्थिपरिवुडे कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५६३ ॥ जे भिक्खू सगणिन्चियाए वा परगणिच्चियाए वा णिग्गंथीए सद्धिं Page #955 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८० सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं गामाणुग्गामं दूइज्जमाणे पुरओ गच्छमाणे पिट्ठओ रीयमाणे ओहयमणसंकप्पे चिंतासोयसागरसंपविढे करयलपल्हत्थमुहे अज्झाणोवगए विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५६४ ॥ जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासयं वा अणुवासयं वा अंतो उवस्सयस्स अद्धं वा राई कसिणं वा राई संवसावेइ (तं न पडियाइक्खइ तं पडुच्च निक्खमइ वा पविसइ वा) संवसावेंतं वा साइजइ ॥ ५६५ ॥ जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासयं वा अणुवासयं वा अंतो उवस्सयस्स अद्धं वा राई कसिणं वा राई संवसावेइ तं पडुच्च निक्खमइ वा पविसइ वा निक्खमंतं वा पविसंतं वा साइज्जइ ॥ ५६६ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं संवायमहेसु वा पिंडमहेसु वा जाव असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ५६७ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं उत्तरसालंसि वा उत्तरगिहंसि वा रीयमाणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५६८ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं यसालागयाण वा गयसालागयाण वा मंतसालागयाण चा गुज्झसालागयाण वा रहस्ससालागयाण वा मेहुणसालागयाण वा असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५६९ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं सन्निहिसंनिचयाओ खीरं वा दहिं वा णवणीयं वा सप्पिं वा गुलं वा खंडं वा सक्करं वा मच्छंडियं वा अण्णयरं वा भोयणजाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५७० ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं उस्सट्ठपिंडं वा संसठ्ठपिंडं वा अणाहपिंडं वा किविणपिंडं वा वणीमगपिंडं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ। तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ ५७१ ॥ णिसीहऽज्झयणे अट्ठमो उद्देसो समत्तो॥८॥ णवमो उद्देसो जे भिक्खू रायपिंडं गेण्हइ गेण्हतं वा साइजइ ॥ ५७२ ॥ जे भिक्खू रायपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ५७३ ॥ जे भिक्खू रायंतेउरं पविसइ पविसंतं वा साइजइ ॥ ५७४ ॥ जे भिक्खू रायंतेपुरियं वदेजा-'आउसो ! रायंतेपुरिए णो खलु अम्हं कप्पइ रायंतेपुरं णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, इमम्हं तुमं पडिग्गहगं गहाय रायंतेपुराओ असणं वा ४ अभिहडं आहढ दलयाहि' जो तं एवं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ५७५ ॥ जे भिक्खू णो वएजा, रायंतेपुरिया वएजा-'आउसंतो ! समणा णो खलु तुझं कप्पइ रायंतेपुरं णिक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, आहरेयं Page #956 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ९ चाउम्मासियमणुग्घाइयं ] सुत्तागमे पडिग्गहगं जाए अम्हं रायंतेपुराओ असणं वा ४ अभिहडं आहख दलयामि' जो तं एवं वयंतं पडिसुणेइ पडिसुणेतं वा साइजइ ॥५७६ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं दुवारियभत्तं वा पसुभत्तं वा भयगभत्तं वा बलभत्तं वा कयगभत्तं वा हयभत्तं वा गयभत्तं वा कंतारभत्तं वा दुब्भिक्खभत्तं वा दमगभत्तं वा गिलाणभत्तं वा वद्दलियाभत्तं वा पाहुणभत्तं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ५७७ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इमाइं छद्दोसाययणाई अजाणि(य)त्ता अपुच्छिय अगवेसिय परं चउरायपंचरायाओ गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइजइ, तंजहाकोट्ठागारसालाणि वा भंडागारसालाणि वा पाणसालाणि वा खीरसालाणि वा गंजसालाणि वा महाणससालाणि वा ॥ ५७८ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं अइगच्छमाणाण वा णिग्गच्छमाणाण वा पयमवि चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥५७९ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इत्थीओ सव्वालंकारविभूसियाओ पयमवि चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ५८० ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं मंस(क)खाया[f]ण वा मच्छखायाण वा छविखायाण वा बहिया णिग्गयाणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५८१॥जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं अण्णयरं उववूहणियं समीहियं पेहाए तीसे परिसाए अणुट्टियाए अभिण्णाए अव्वोच्छिण्णाए जो तमण्णं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥५८२ ॥ अह पुण एवं जाणेज्ज ‘इहज रायखत्तिए परिवुसिए' जे भिक्खू ताए गिहाए ताए पएसाए ताए उवासंतराए विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणं वा ४ आहारेइ उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ अण्णयरं वा अणारियं पिहुणं अस्समणपाउग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइजइ ॥ ५८३ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं बहिया जत्तासं(पट्ठि)ठियाणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५८४ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं बहिया जत्तापडिणियत्ताणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५८५ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं णइजत्ता(सं)पट्ठियाणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥५८६ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं णइजत्तापडिणियत्ताणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ५८७ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं गिरिजत्तापट्ठियाणं असणं वा ४ पडिग्गा ५६ सुत्ता Page #957 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८२ सुत्तागमे [णिसीहसुतं हेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ५८८ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं गिरिजत्तापडिणियत्ताणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥५८९ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं महाभिसेयंसि वमाणंसि णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइज्जइ ॥ ५९० ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इमाओ दस अभिसेयाओ रायहाणीओ उद्दिवाओ गणियाओ वजियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंतं वा पविसंतं वा साइजइ, तंजहा-चंपा महुरा वाणारसी सावत्थी साएयं कंपिल्लं कोसंबी मिहिला हत्थि(णा)णपुरं रायगिहं ॥ ५९१॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ, तंजहा-खत्तियाण वा राईण वा कुराईण वा रायसंसियाण वा रायपेसियाण वा ॥ ५९२॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइनइ, तंजहा-णडाण वा णटाण वा कच्छुयाण वा जल्लाण वा मल्लाण वा मुट्ठियाण वा वेलंबगाण वा कहगाण वा पवगाण वा लासगाण वा दोखलयाण वा छत्ताणुयाण वा ॥५९३॥जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स. णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहा-आसपोसयाण वा हत्थिपोसयाण वा महिसपोसयाण वा वसहपोसयाण वा सीहपोसयाण वा वग्धपोसयाण वा अयपोसयाण वा पोयपोसयाण वा मिगपोसयाण वा सुण्हपोसयाण वा सूयरपोसयाण वा मेंढपोसयाण वा कुक्कुडपोसयाण वा तित्तिरपोसयाण वा वयपोसयाण वा लावयपोसयाण वा चीर[]ल्लपोसयाण वा हंसपोसयाण वा मऊरपोसयाण वा सुयपोसयाण वा ॥ ५९४ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहा-आस(महा)दमगाण वा हत्थिदमगाण वा ॥ ५९५ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहाआसमिठाण वा हत्थिमिठाण वा ॥ ५९६ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहा-आसरोहाण वा हत्थिरोहाण वा ॥ ५९७ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ, तंजहा-सत्थवाहाण वा संवाहावयाण वा अभंगावयाण वा उव्वट्टावयाण वा मज्जावयाण वा मंडावयाण वा छत्तरगहाण वा चमरग्गहाण वा हडप्परगहाण, Page #958 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १० चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे ८८३ वा परियव्यग्गहाण वा दीवियग्गहाण वा असिग्गहाण वा धणुग्गहाण वा सत्तिग्गहाण वा कोतग्गहाण वा ॥ ५९८ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ, तंजहा-वरिसधराण वा कंचुइजाण वा दोवारियाण वा दं[डं]डारक्खियाण वा ॥ ५९९ ॥ जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं असणं वा ४ परस्स णीहडं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेतं वा साइजइ, तंजहा-खुजाण वा चिलाइयाण वा वामणीण वा घडभीण वा बब्बरीण वा प[पा]उसीण वा जोणियाण वा पल्हवियाण वा ईसणीण वा थारुगिणीण वा लउसीण वा लासीण वा दमिलीण वा सिंहलीण वा आलवीण वा पुलिंदीण वा... सबरीण वा पारसी परिसिणी]ण वा । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्घाइयं ॥ ६०० ॥ णिसीहऽज्झयणे णवमो उद्देसो समत्तो ॥९॥ दसमो उद्देसो जे भिक्खू भदंतं आगाढं वयइ वयंतं वा साइजइ ।। ६०१ ॥ जे भिक्खू भदंतं फरुसं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ६०२ ॥ जे भिक्खू भदंतं आगाढं फरुसं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ६०३ ॥ जे भिक्खू भदंतं अण्णयरीए अच्चासायणाए अच्चासाएइ अच्चासाएंतं वा साइजइ ॥ ६०४ ॥ जे भिक्खू अणंतकायसंजुत्तं आहारं आहारेइ आहारेंतं वा साइज्जइ ॥ ६०५ ॥ जे भिक्खू आहाकम्मं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ ६०६ ॥ (..लाभातित्तं नि० कहेइ कहतं वा सा०) जे भिक्खू पडुप्पण्णं निमित्तं वागरेइ वागरेंतं वा साइजइ ॥ ६०७ ॥ जे भिक्खू अणागयं निमित्तं वागरेइ वागरेंतं वा साइजइ ॥ ६०८ ॥ जे भिक्खू सेहं अवहरइ अवहरंतं वा साइजइ ॥ ६०९ ॥ जे भिक्खू सेहं विप्परिणामेइ विप्परिणामेंतं वा साइजइ ॥ ६१० ॥ जे भिक्खू दिसं अवहरइ अवहरंतं वा साइज्जइ ॥ ६११ ॥ जे भिक्खू दिसं विप्परिणामेइ विप्परिणामेंतं वा साइजइ ॥ ६१२ ॥ जे भिक्खू बहियावासियं आएसं परं तिरायाओ अविफालेत्ता संवसावेइ संवसावेंतं वा साइजइ ॥ ६१३ ॥ जे भिक्खू साहिगरणं अविओसवियपाहुडं अकडपायच्छित्तं परं तिरायाओ विप्फालिय अविप्फालिय संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ ॥ ६१४ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयं अणुग्घाइयं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ६१५॥ जे भिक्खू अणुग्घाइयं उग्घाइयं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ६१६ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयं अणुग्घाइयं देइ देंतं वा साइज्जइ ॥ ६१७ ॥ जे भिक्खू अणुग्धाइयं उग्घाइयं देइ देंतं वा साइजइ ॥ ६१८ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुंजंतं वा साइजइ ॥ ६१९ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयहेउं सोचा णच्चा संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ ॥ ६२० ॥ जे भिक्खू Page #959 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८८४ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं उग्घाइयसंकप्पं सोचा णच्चा संभंजइ संभुंजतं वा साइजइ ॥ ६२१ ॥ जे भिक्खू उग्धाइयं उग्घाइयहेडं वा उग्घाइयसंकप्पं वा सोचा णचा संभुंजइ संभुजंतं वा साइजइ ॥ ६२२ ॥ जे भिक्खू अणुग्घाइयं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुंजंतं वा साइजइ ॥ ६२३ ॥ जे भिक्खू अणुग्घाइयहेउं सोचा णचा संभुंजइ संभुंजंतं वा साइजइ ॥ ६२४ ॥ जे भिक्खू अणुग्घाइयसंकप्पं सोचा णच्चा संभुंजइ संभुजंतं वा साइज्जइ ॥ ६२५ ॥ जे भिक्खू अणुग्घाइयं अणुग्घाइयहेउं वा अणुग्घाइयसंकप्पं वा सोचा णच्चा संभुंजइ सं जंतं वा साइज्जइ ॥ ६२६ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयं वा अणुग्धाइयं वा सोच्चा णच्चा संभंजइ सं जंतं वा साइज्जइ ॥ ६२७ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयहेउं वा अणुग्घाइयहेउं वा सोच्चा णच्चा संभुंजइ संभुजंतं वा साइजइ ॥ ६२८ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयसंकप्पं वा अणुग्घाइयसंकप्पं वा सोचा णच्चा संभुंजइ संभुंजंतं वा साइजइ ॥ ६२९ ॥ जे भिक्खू उग्घाइयं वा अणुग्घाइयं वा उग्घाइयहेउं वा अणुग्घाइयहेडं वा उग्घाइयसंकप्पं वा अणुग्घाइयसंकप्पं वा सोच्चा णच्चा संभुंजइ संभुंजंतं वा साइजइ ॥ ६३० ॥ जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणत्थमियमणसंकप्पे संथडिए णिव्वितिगिच्छासमावण्णेणं अप्पाणेणं असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता संभुंजइ संभुंजंतं वा साइजइ । अह पुण एवं जाणेजा "अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से जं च (आसयंसि) मुहे जं च पाणिंसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचिय विसोहिय तं परिहवेमाणे (धम्म) णाइक्कमइ । जो तं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ६३१ ॥ जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे संथडिए वितिगिच्छाए समावण्णेणं अप्पाणेणं असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ । अह पुण एवं जाणेजा “अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से जं च मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचिय विसोहिय तं परिढवेमाणे णाइक्कमइ । जो तं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ६३२ ॥ जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणत्थमियसंकप्पे असंथडिए णिव्वितिगिच्छासमावण्णेणं अप्पाणेणं असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ । अह पुण एवं जाणेजा “अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से जं च मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिंचिय विसोहिय तं परिढुवेमाणे णाइक्कमइ । जो तं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ६३३ ॥ जे भिक्खू उग्गयवित्तीए अणथमियसंकप्पे असंथडिए वितिगिच्छासमावण्णेणं अप्पाणेणं असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता संभुंजइ सं जंतं वा साइजइ । अह पुण एवं जाणेजा "अणुग्गए सूरिए अत्थमिए वा” से जं च मुहे जं च पाणिसि जं च पडिग्गहे तं विगिचिय विसोहिय तं परिटुवेमाणे णाइक्कमइ । (तं Page #960 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ११ चाउम्मासियमणुग्घाइयं] सुत्तागमे ८८५ अप्पणा भुंजमा० अण्णेसिं वा दलमाणे राइभोयणपडिसेवणपत्ते) जो तं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ६३४ ॥ जे भिक्खू राओ वा वियाले वा सपाणं सभोयणं उग्गालं उग्गिलित्ता पच्चोगिलइ पञ्चोगिलंतं वा साइजइ ॥ ६३५ ॥ जे भिक्खू गिलाणं सोचा ण गवेसइ ण गवसंतं वा साइजइ ॥ ६३६ ॥ जे भिक्खू गिलाणं सोचा. उम्मग्गं वा पडिपहं वा गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ ॥ ६३७ ॥ जे भिक्खू गिलाणवेयावच्चे अब्भुट्ठियस्स सएण लाभेण असंथरमाणस्स जो तस्स न पडितप्पइ न पडितप्पंतं वा साइज्जइ ॥ ६३८ ॥ जे भिक्खू गिलाणवेयावच्चे अब्भुट्ठिए गिलाणपाउग्गे दव्बजाए अलब्भमाणे जो तं न पडियाइक्खइ न पडियाइक्खंतं वा साइज्जइ ॥६३९ ॥ जे भिक्खू पढमपाउसम्मि गामाणुग्गामं दूइज्जइ दूइज्जंतं वा साइज्जइ ॥ ६४० ॥ जे भिक्खू वासावासं पज्जोसवियंसि दूइज्जइ दूइज्जतं वा साइज्जइ ॥ ६४१ ॥ जे भिक्खू अपजोसवणाए पज्जोसवेइ पज्जोसवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६४२ ॥ जे भिक्खू पजोसवणाए ण पज्जोसवेइ ण पज्जोसवेंतं वा साइजइ ॥ ६४३ ॥ जे भिक्खू पजोसवणाए गोलोमाइं-पि वा(बा)लाई उवाइणाइ उवाइणंतं वा साइजइ ॥ ६४४ ॥ जे भिक्खू पजोसवणाए इत्तिरियं पा(पि-आ)हारं आहारेइ आहारेंतं वा साइज्जइ ॥ ६४५ ॥ जे भिक्खू गारत्थियं पज्जोसवेई पजोसवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६४६ ॥ जे भिक्खू पढमसमोसरणुद्देसे पत्ताई चीवराई पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं अणुग्घाइयं ॥ ६४७ ॥ णिसीहऽज्झयणे दसमो उद्देसो समत्तो ॥ १० ॥ एक्कारसमो उद्देसो जे भिक्खू अयपाथाणि वा तंबपायाणि वा तउयपायाणि वा कंसपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा जायरूवपायाणि वा मणिपायाणि वा कायपायाणि वा दंतपायाणि वा सिंगपायाणि वा चम्मपायाणि वा चेलपायाणि वा संखपायाणि वा वइरपायाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ६४८ ॥ जे भिक्खू अयपायाणि वा तंबपायाणि वा तउयपायाणि वा कंसपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा जायरूवपायाणि वा मणिपायाणि वा कायपायाणि वा दंतपायाणि वा सिंगपायाणि वा चम्मपायाणि वा चेलपायाणि वा संखपायाणि वा वइरपायाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ६४९ ॥ जे भिक्खू अयपायाणि वा तंबपायाणि वा तउयपायाणि वा कंसपायाणि वा रुप्पपायाणि वा सुवण्णपायाणि वा जायरूवपायाणि वा मणिपायाणि वा कायपायाणि वा दंतपायाणि वा सिंगपायाणि वा चम्मपायाणि १ पज्जोसवणाए (संवच्छरीए) पडिक्कमणं करावेइ करावेंतं..। Page #961 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वा चेलपायाणि वा संखपायाणि वा वइरपायाणि वा परिभुजइ परिभुंजंतं वा साइजइ ॥ ६५० ॥ जे भिक्खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणाणि वा जायख्वबंधणाणि वा मणिबंधणाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइरबंधणाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ६५१ ॥ जे भिक्खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणाणि वा जायरूवबंधणाणि वा मणिबंधगाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइरबंधणाणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ६५२ ॥ जे भिक्खू अयबंधणाणि वा तंबबंधणाणि वा तउयबंधणाणि वा कंसबंधणाणि वा रुप्पबंधणाणि वा सुवण्णबंधणाणि वा जायरूवबंधणाणि वा मणिबंधणाणि वा कायबंधणाणि वा दंतबंधणाणि वा सिंगबंधणाणि वा चम्मबंधणाणि वा चेलबंधणाणि वा संखबंधणाणि वा वइरबंधणाणि वा परिभुजइ परिभुजंतं वा साइजइ ॥ ६५३ ॥ जे भिक्खू परं अद्धजोयणमेराओ पायपडियाए गच्छइ गच्छंतं वा साइजइ ॥ ६५४ ॥ जे भिक्खू परमद्धजोयणमेराओ सपञ्चवायंसि पायं अभिहडं आह९ दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ६५५ ॥ जे भिक्खू धम्मस्स अवण्णं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ६५६ ॥ जे भिक्खू अधम्मस्स वणं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ६५७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ६५८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमहतं वा साइजइ ॥ ६५९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ६६० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ ६६१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ६६२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए फूमेज वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ६६३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायं आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमज्जंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ६६४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा Page #962 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ११ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे ८८७ गारत्थियस्स वा कायं संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ ॥ ६६५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ ॥ ६६६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ ६६७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ६६८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ६६९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि वणं आमजेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमजंतं वा साइजइ ॥ ६७० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कार्यसि वणं संवाहेज्ज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिम तं वा साइजइ ॥ ६७१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥ ६७२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि वणं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वटेंतं वा साइजइ ॥ ६७३॥जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥६७४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि वणं फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ ॥६७५॥जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदेज वा विच्छिदेज वा अच्छिदेंतं वा विच्छिदेंतं वा साइजइ ॥ ६७६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूर्य वा सोणियं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥६७७॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विञ्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ६७८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं Page #963 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ मिसीहसुतं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं विलिंपंतं वा साइज्जइ ॥ ६७९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायंसि गंड वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेत्ता पथोएत्ता अण्णयरेणं आले. वणजाएणं आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेज वा मक्खेज़ वा अब्भंगतं वा मक्तं वा साइज्जइ ॥ ६८० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कार्यंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरेत्ता विसोहेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेत्ता पधोएत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपित्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगेत्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज्ज वा पधूवेज्ज वा धूवेंतं वा पधूवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय २ णीहरेइ णीहरेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८२ ॥ जे भिक्खु अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई जंघरोमाईं कप्पेज्ज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठतं वा साइज्जइ ॥ ६८४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाईं कक्खरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाइं मंसुरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाइं णासारोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई चक्खुरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८८-१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई कण्णरोमाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्पेतं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६८८-२ ॥ भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दंते आघंसेज्ज वा पघंसेज्ज वा आघंसंतं वा पघंसंतं वा साइज्जइ ॥ ६८९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दंते उच्छोलेज वा ८८८ Page #964 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० ११ चाउम्मासियमणुग्धाइयं] सुत्तागमे ८८९ पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएतं वा साइज्जइ ॥ ६९० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दंते फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजइ ॥ ६९१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उढे आमज्जेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमजतं वा साइज्जइ ॥ ६९२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उढे संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमबेतं वा साइजइ ॥ ६९३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उढे तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ६९४ ॥जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उठे लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उन्वटेतं वा साइजइ ॥ ६९५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ६९६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा उढे फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइज्जइ ॥ ६९७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाइं उत्तरोट्ठरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६९८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाइं अच्छिपत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ६९९॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि आमज्जेज वा पमजेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइजइ ॥७०० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्दतं वा साइजइ ॥ ७०१ ॥जे भिक्ग्बू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मग्वेज्ज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ७०२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलेज वा उव?ज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ ॥ ७०३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छादन वा पधोएज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ७०४ ॥ जे भिक्खू अण्णउन्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छीणि फूमेज वा रएज वा फूमेंतं वा रएंतं वा साइजह ॥७०५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई भुमगरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ७०६ ॥ जे भिक्त अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा दीहाई पासरोमाइं कप्पेज वा संठवेज था कप्पन वा संठवेंतं वा साइजइ ॥ ७०७-१ ॥'केसरोमाइं॥ ७०७-२॥ Page #965 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ८९० [णिसीहसुत्तं जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ ॥ ७०८॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइज्जइ ॥ ७०९ ॥ जे भिक्खू गामाणुगामं दूइजमाणे अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा सीसदुवारियं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ७१० ॥ जे भिक्खू अप्पाणं बीभावेइ बीभावेंतं वा साइजइ ॥ ७११ ॥ जे भिक्खू परं बीभावेइ बीभावेंतं वा साइज्जइ ॥ ७१२ ॥ जे भिक्खू अप्पाणं विम्हावेइ विम्हावेंतं वा साइजइ ॥ ७१३ ॥ जे भिक्खू परं विम्हावेइ विम्हावेंतं वा साइजइ ॥ ७१४ ॥ जे भिक्खू अप्पाणं विप्परियासेइ विप्परियासेंतं वा साइजइ ॥ ७१५ ॥ जे भिक्खू परं विप्परियासेइ विप्परियासेंतं वा साइजइ ॥ ७१६ ॥ जे भिक्खू मुहवण्णं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ७१७ ॥ जे भिक्खू वेरजविरुद्धरजंसि सजं गमणं सजं आगमणं सजं गमणागमणं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ७१८ ॥ जे भिक्खू दियाभोयणस्स अवण्णं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ७१९ ॥ जे भिक्खू राइभोयणस्स वण्णं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ७२० ॥ जे भिक्खू दिया असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ ७२१॥ जे भिक्खू दिया असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता रत्तिं भुंजइ भुजंतं वा साइज्जइ ॥ ७२२॥ जे भिक्खू रत्तिं असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ भुजंतं वा साइज्जइ ॥ ७२३॥ जे भिक्खू रत्तिं असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता रत्तिं भुंजइ. ॥ ७२४ ॥जे भिक्खू असणं वा ४ परिवासेइ परिवासेंतं वा साइजइ ॥ ७२५॥ जे भिक्खू परिवासियस्सै असणस्स वा ४ तयप्पमाणं वा भूइप्पमाणं वा बिंदुप्पमाणं वा आहारं आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ ॥ ७२६॥ जे भिक्खू आहेणं वा पहेणं वा संमेलं वा हिंगोलं वा अण्णयरं वा तहप्पगारं विरूवरूवं हीरमाणं पेहाए ताए आसाए ताए पिवासाए तं रयर्णि अण्णत्थ उवाइणावेइ उवाइणावेंतं वा साइजइ ॥ ७२७ ॥ जे भिक्खू णिवेयणपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइज्जइ ॥ ७२८ ॥ जे भिक्खू अहाछंदं पसंसइ पसंसंतं वा साइज्जइ ॥ ७२९ ॥ जे भिक्खू अहाछंदं वंदइ वंदंतं वा साइज्जइ ॥ ७३० ॥ जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा अणलं पव्वावेइ पव्वावेंतं वा साइजइ ॥ ७३१ ॥ जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा अगलं उवट्ठावेइ उवट्ठावेंतं वा साइज्जइ ॥ ७३२ ॥ जे भिक्खू अणलेणं वेयावच्चं १ दिया घेत्तुं निसिं संवासेतुं तं बिइयदिणे भुंजमाणस्स पढमभंगो भवइ । २ अकारणं-...णण्णत्थ आगाढेहिं रोगायंकेहिं ति बिहक्कप्पे । Page #966 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १२ चाउम्मासिय[मणु ] मुग्धाइयं ] सुत्तागमे ८९१ कारावे कारावेंतं वा साइज्जइ ॥ ७३३ ॥ जे भिक्खू सचेले सचेलगाणं मज्झे संवसइ संवसंतं वा साइज्जइ ॥ ७३४ ॥ जे भिक्खू सचेले अचेलगाणं मज्झे संवसइ संवसंतं वा साइज्जइ ॥ ७३५ ॥ जे भिक्खू अचेले सचेलगाणं मज्झे संवसइ संवसंतं वा साइज्जइ ॥ ७३६ ॥ जे भिक्खू अचेले अचेलगाणं मज्झे संवसर संवसंत वा साइज्जई ॥ ७३७ ॥ जे भिक्खू पारियासियं पिप्पलिं वा पिप्पलिचुण्णं वा सिंगबेरं वा सिंगबेरचुणं वा बिलं वा लोणं उब्भियं वा लोणं आहारेइ आहारेंतं वा साइजइ ॥ ७३८ || जे भिक्खू गिरिपडणाणि वा मरुपडणाणि वा भिगुपडणाणि वा तरुपडणाणि वा गिरिपक्खंदणाणि वा मरुपक्खंदणाणि वा भिगुपक्खंदणाणि वा तरुपक्खंदाणि वा जलपवेसाणि वा जलणपवेसाणि वा जलपक्खंदणाणि वा जलणपक्खंदणाणि वा विसभक्खणाणि वा सत्योपाडणाणि वा वलयमरणाणि वा वसहाणि वा तब्भवाणि वा अंतोसल्लाणि वा वेहाणसाणि वा गिद्धपिट्ठाणि वा जाव अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि बालमरणाणि पसंसइ पसंसंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं अणुग्घाइयं ॥ ७३९ ॥ णिसीहऽज्झयणे एक्कारसमो उद्देसो समत्तो ॥ ११ ॥ बारसमो उद्देसो जे भिक्खू अण्णयरिं तसपाणजाई तणपासएण वा मुंजपासएण वा कटुपासएण वा चम्पासएण वा वेत्तपासएण वा सुत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा बंधइ बंधतं वा साइज्जइ ॥ ७४०-१ ॥ जे भिक्खू अण्णयरिं तसपाणजाई तणपासएण वा मुंजपासएण वा कट्टपासएण वा चम्मपासएण वा वेत्तपासएण वा सुत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा बद्धेयं मुंच (मुय )इ मुंचं (-यं) तं वा साइज्जइ ॥ ७४०-२ ॥ जे भिक्खू अभिक्खणं २ पञ्चक्खाणं भंजइ भंजतं वा साइज्जइ ॥ ७४१ ॥ जे भिक्खू परित्तकायसंजुत्तं ० आहारे आहारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७४२ ॥ जे भिक्खू तणपीढगं वा पलालपीढगं वा छगणपीढगं वा कपीढगं वा परैवत्थेणोच्छण्णं अहिट्ठेइ अहितं वा साइज्जइ ॥ ७४३ ॥ जे भिक्खू णिग्गंथीए संघाडि अण्णउत्थिएण वा गारत्थि एण वा सिव्वावेइ सिव्वावेंतं वा साइज्जइ ॥ ७४४ ॥ जे भिक्खू पुढवीकायस्स वा आउक्कायस्स वा अगणिकायस्स वा वाउकायरस वा वणप्फइकायस्स वा कलमायमवि समा(रं)रभइ समारभंतं वा साइज्जइ ॥ ७४५ ॥ जे भिक्खू सचित्तरुक्खं दुरूहइ दुख्द्दंतं वा साइज्जइ ॥ ७४६ ॥ जे भिक्खू गिहिमत्ते भुंजइ भुंजंतं वा १ संजईणं । २ जिणकप्पीणं । ३ थेरकप्पीणं । ४ जिणकप्पिणो कस साहेनं च्छंति अओ एगल्ला विहरंति त्ति । ५ 'हित्य' । Page #967 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८९२ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं साइजइ ॥ ७४७ ॥ जे भिक्खू गिहिवत्थं परिहेइ परिहेंतं वा साइजइ ॥ ७४८ ॥ जे भिक्खू गिहिणिसेजं वाहेइ वाहेंतं वा साइजइ ॥ ७४९ ॥ जे भिक्खू गिहितेइच्छं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७५० ॥ जे भिक्खू पुराकम्मकडेण हत्थेण वा मत्तेण वा द[व्वि]व्वीएण वा भायणेण वा असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ७५१॥ जे भिक्खू गिहत्थाण वा अण्ण(उ)तित्थियाण वा सीओदगपरिभोगेण हत्थेण वा मत्तेण वा दव्वीएण वा भायणेण वा असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ७५२ ॥ जे भिक्खू वप्पाणि वा फलिहाणि वा उप्पलाणि वा पल्ललाणि वा उज्झराणि वा णिज्झराणि वा वावीणि वा पोक्खराणि वा दीहियाणि वा सराणि वा सरपंतियाणि वा सरसरपंतियाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ ॥ ७५३ ॥ जे भिक्खू कच्छाणि वा गहणाणि वा णूमाणि वा वणाणि वा वणविदुग्गाणि वा पव्वयाणि वा पव्वयविदुग्गाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज्जइ ॥ ७५४ ॥ जे भिक्खू गामाणि वा णगराणि वा खेडाणि वा कब्बडाणि वा मडंबाणि वा दोणमुहाणि वा पट्टणाणि वा आगराणि वा संवाहाणि वा सण्णिवेसाणि वा चक्खु[६]दसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज्जइ ॥ ७५५ ॥ जे भिक्खू गाममहाणि वा णगरमहाणि वा खेडमहाणि वा कब्बडमहाणि वा मडंबमहाणि वा दोणमुहमहाणि वा पट्टणमहाणि वा आगरमहाणि वा संवाहमहाणि वा सण्णिवेसमहाणि वा चक्खुदसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ ७५६ ॥ जे भिक्खू गामवहाणि वा णगरवहाणि वा खेडवहाणि वा कब्बडवहाणि वा मडंबवहाणि वा दोणमुहवहाणि वा पट्टणवहाणि वा आगरवहाणि वा संवाहवहाणि वा संणिवेसवहाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ ७५७ ॥ जे भिक्खू गामपहाणि वा णगरपहाणि वा खेडपहाणि वा कब्बडपहाणि वा मडंबपहाणि वा दोणमुहपहाणि वा पट्टणपहाणि वा आगरपहाणि वा संवाहपहाणि . वा सण्णिवेसपहाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७५८ ॥ जे भिक्खू गामदाहाणि वा जाव सण्णिवेसदाहाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ ७५९ ॥ जे भिक्खू आसकरणाणि वा हत्थिकरणाणि वा उद्दकरणाणि वा गोणकरणाणि वा महिसकरणाणि वा सूयरकरणाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ ७६० ॥ जे भिक्खू आसजुद्धाणि वा हत्थिजुद्धाणि वा उजुद्धाणि वा गोणजुद्धाणि वा महिसजुद्धाणि वा सूयरजुद्धाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं Page #968 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८९३ उ० १२ चाउम्मासिय-मुग्धाइयं ] सुत्तागमे वा साइज्जइ ॥ ७६१ ॥ जे भिक्खू उज्जूहिय[हा] ठाणाणि वा हयजूहियठाणाणि वा गयजूहियठाणाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७६२ ॥ जे भिक्खू अ ( भिसे) ग्वायठाणाणि वा अक्खाइयठाणाणि वा माणुम्माणियठाणाणि वा महया हयण गीयवाइयतंतीतलतालतु डियपड्डप्पवाइयठाणाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७६३ ॥ जे भिक्खू कटुकम्माणि वा चित्तकम्माणि वा ( लेवकम्माणि वा ) पोत्थकम्माणि वा दंतकम्माणि वा मणिकम्माणि वा सेलकम्माणि वा गंठिमाणि वा वेढिमाणि वा पूरिमाणि वा संघाइमाणि वा पत्तच्छेज्जाणि वा वाहीणि वा वेहिमाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७६४ ॥ जे भिक्खू डिम्बाणि वा डमराणि वा खाराणि वा वेराणि वा महाजुद्धाणि वा महासंगामाणि वा कलहाणि वा बोलाणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७६५ ॥ जे भिक्खू विरूवरूवेसु महुस्सवेसु इत्थीणि वा पुरिसाणि वा थेराणि वा मज्झिमाणि वा डहराणि वा अणलंकियाणि वा सुअलंकि - याणि वा. गायंताणि वा वार्यताणि वा णचंताणि वा हसंताणि वा रमंताणि वा मोहंताणि वा विउलं असणं वा ४ परिभायंताणि वा परिभुंजंताणि वा चक्खुदंसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ ७६६ ॥ जे भिक्खू इहलोइएस चारुवेसु परलोइएस वा रूवेसु दिट्ठेसु वा रूवेसु अदिट्ठेसु वा रूवेसु सुसु वा रूवेसु असुसु वा रूवे विणासु वा रूवेसु अविण्णाएसु वा रूवेसु सज्जइ रज्जइ गिज्झइ अज्झोववज्जइ सज्जंतं रज्जंतं गिज्झतं अज्झोववज (जमाणं ) जंतं वा साइज्जइ ॥ ७६७ ॥ जे भिक्खू पढमाए पोरिसीए असणं वा ४ पडिग्गाहेत्ता पच्छिमं पोरिसिं उवाइणावेइ उवाइणावेंतं वा साइजइ ॥ ७६८ ॥ जे भिक्खू परं अद्धजोयणमेराओ असणं वा ४ उवाइणावेइ उवाइणावेंतं वा साइज्जइ ॥ ७६९ ॥ जे भिक्खू दिया गोमयं पडिग्गात्ता दिया कार्यसि वणं आलिंपेज्ज वा विलिंपेज्ज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइज्जइ ॥ ७७० ॥ जे भिक्खू दिया गोमयं पडिग्गाहेत्ता रतिं कार्यंसि वणं आलिंपेज्ज वा विलिंपेज्ज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइज्जइ ॥ ७७१ ॥ जे भिक्खू रतिं गोमयं पडिग्गाहेत्ता दिया कार्यंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइज्जइ ॥ ७७२ ॥ जे भिक्खू रत्तिं गोमयं पडिग्गाहेत्ता रतिं कार्यंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइजइ ॥ ७७३ ॥ जे भिक्खू दिया आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता दिया कार्यसि वर्ण आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइजइ ॥ ७७४ ॥ Page #969 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८९४ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं जे भिक्खू दिया आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता रत्तिं कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइजइ ॥ ७७५ ॥ जे भिक्खू रत्तिं आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता दिया कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपंतं वा साइजइ ॥ ७७६ ॥ जे भिक्खू रत्तिं आलेवणजायं पडिग्गाहेत्ता रत्तिं कायंसि वणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपतं वा विलिंपतं वा साइजइ ॥ ७७७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा उवहिं वहावेइ वहावेंतं वा साइजइ ॥ ७७८ ॥ जे भिक्खू तण्णीसाए असणं वा ४ देइ देंतं वा साइजइ ॥ ७७९ ॥ जे भिक्खू इमाओ पंच महण्णवाओ महाणईओ उद्दिवाओ गणियाओ वजियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरइ वा संतरइ वा उत्तरंतं वा संतरंतं वा साइज्जइ, तंजहा-गंगा जउणा सरऊ एरावई मही । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उ[अणुग्याइयं ॥ ७८० ॥ णिसीहऽज्झयणे बारसमो उद्देसो समत्तो ॥ १२॥ तेरहमो उद्देसो जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढधीए ठाणं वा सेजं वा अणिसेजं वा णिसीहियं वा चेएइ चेएंतं वा साइजइ ॥ ७८१ ॥ जे भिक्खू ससिणिद्धाए पुढवीए ठाणं वा... साइजइ ॥ ७८२ ॥ जे भिक्खू मट्टियाकडाए पुढवीए ठाणं वा साइजइ ॥ ७८३ ॥ जे भिक्खू ससरक्खाए पुढवीए ठाणं वा साइजइ ॥ ७८४ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए ठाणं वा साइजइ ॥ ७८५ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए सिलाए ठाणं वा "साइजइ ॥ ७८६ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए लेलूए ठाणं वा... साइजइ ॥ ७८७ ॥ जे भिक्खू कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओस्से सउदए सउत्तिंगपणगदगम[ट्टी]ट्टियमक्कडासंताणगंसि ठाणं वा साइज्जइ ॥७८८॥जे भिक्खू थूणसि वा गिहेलुयंसि वा उसु[का]यालंसि वा कामजलंसि वा दुब्बद्धे दुणि क्खित्ते अणिकंपे चलाचले ठाणं वा 'साइजइ ॥ ७८९ ॥ जे भिक्खू कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लेलुसि वा अंतरिक्खजायंसि वा दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले ठाणं वा 'साइजइ ॥ ७९० ॥ जे भिक्खू खंधसि वा फलिहंसि वा मंचंसि वा मंडवंसि वा मालंसि वा पासायंसि वा हम्मतलंसि वा दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले ठाणं वा 'साइजइ ॥ ७९१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा सिप्पं वा सिलोगं वा अट्ठावयं वा कक्कडगं वा वुर[गा]गहंसि वा सलाहत्थयंसि वा सिक्खावेइ सिक्खावेंतं वा साइजइ ॥ ७९२॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा आगाढं वयइ वयंतं वा साइजइ Page #970 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १३ चाउम्मा सिय-मुग्धाइयं ] सुत्तागमे ॥ ७९३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा फरसं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ७९४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा आगाढं फरुसं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ७९५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा अण्णयरीए अच्चासायणाए अच्चासाएइ अच्चासाएंतं वा साइज्जइ ॥ ७९६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिया वा गारत्थियाण वा कोउगकम्मं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७९७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा भूइकम्मं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७९८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा पसिणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ७९९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा पसिणापसिणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८०० ॥ (जे पसिणं कहेइ कहेंतं पसिणापसिणं) जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा तीयं निमित्तं क(हे ) रेड करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८०१ ॥ ( पडुप्पण्णं आगमिस्सं ) जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा लक्खणं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ८०२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा वंजणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८०३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा सुमिणं करेइ करेंतं वा साइजइ || ८०४ || जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा विज्जं पउंजइ पउंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८०५ || जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा मंतं परंजइ पउंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८०६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा जोगं परंजइ परंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८०७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा मग्गं वा पवेएइ संधिं वा पवेएइ (मग्गाओ वा संधि पवेएइ) संधीओ वा मग्गं पवेऐइ पवेएंतं वा साइज्जइ ॥ ८०८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा धाउं पवेएइ पवेतं वा साइज्जइ ॥ ८०९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियाण वा गारत्थियाण वा हिं पवेइ पवेतं वा साइज्जइ ॥ ८१० ॥ जे भिक्खू मत्त अप्पा ) त्ताणं देहइ देहंतं वा ( पलोएइ पलोएतं वा ) साइज्जइ ॥ ८११ ॥ जे भिक्खू अद्दाए अप्पा देह देतं वा साइज्जइ ॥ ८१२ ॥ जे भिक्खू असीए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइज्जइ ॥ ८१३ ॥ जे भिक्खू मणीए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइज्जइ ॥ ८१४ ॥ जे भिक्खू कुंडपाणिए अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइज्जइ ॥ ८१५ ॥ जे भिक्खू तेले अप्पाणं देहइ देहंतं वा साइजइ ॥ ८१६ ॥ जे भिक्खू सप्पिए अप्पाणं देहइ देहतं वा साइज्जइ ॥ ८१७ || जे भिक्खू फाणिए अप्पाणं देहइ देहंतं वा १ फुडीकरणमेयस्सायारबिइयसुयक्खं धिरियज्झयणाओ णायव्वं । ८९५ Page #971 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं साइजइ ॥ ८१८ ॥ जे भिक्खू वमणं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ८१९ ॥ जे भिक्खू विरेयणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ८२० ॥ जे भिक्खू वमणविरेयणं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ८२१ ॥ जे भिक्खू अरोगियपडिकम्मं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ८२२ ॥ जे भिक्खू पासत्थं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८२३ ॥ जे भिक्खू पासत्थं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ ॥ ८२४ ॥ जे भिक्खू कुसीलं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८२५ ॥ जे भिक्खू कुसीलं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ ॥ ८२६ ॥ जे भिक्खू ओसण्णं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८२७ ॥ जे भिक्खू ओसण्णं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ ॥ ८२८ ॥ जे भिक्खू संसत्तं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८२९ ॥ जे भिक्खू संसत्तं पसंसइ पसंसंतं वा साइज्जइ ॥ ८३० ॥ जे भिक्खू नितियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८३१ ॥ जे भिक्खू नितियं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ ॥ ८३२ ॥ जे भिक्खू काहियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८३३ ॥ जे भिक्खू काहियं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ ॥ ८३४ ॥ जे भिक्खू पासणियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८३५ ॥ जे भिक्खू पासणियं पसंसइ पसंसंतं वा साइज्जइ ॥ ८३६ ॥ जे भिक्खू मामगं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८३७ ॥ जे भिक्खू मामगं पसंसइ पसंसंतं वा साइजइ ॥ ८३८ ॥ जे भिक्खू संपसारियं वंदइ वंदंतं वा साइजइ ॥ ८३९ ॥ जे भिक्खू संपसारियं पसंसइ पसंसंतं वा साइज्जइ ॥ ८४० ॥ जे भिक्खू धा(इ)ईपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८४१ ॥ जे भिक्खू दुईपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइज्जइ ॥ ८४२ ॥ जे भिक्खू णिमित्तपिंड भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८४३ ॥ जे भिक्खू आजीवियपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८४४ ॥ जे भिक्खू वणीमगपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ ८४५ ॥ जे भिक्खू तिगिच्छापिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइज्जइ ॥ ८४६ ॥ जे भिक्खू को(ह)वपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८४७ ॥ जे भिक्खू माणपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ ८४८ ॥ जे भिक्खू मायापिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८४९ ॥ जे भिक्खू लोभपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥ ८५० ॥ जे भिक्खू विज्जापिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८५१॥ जे भिक्खू मंतपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ ८५२ ॥ जे भिक्खू चुण्णयपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८५३ ॥ जे भिक्खू अंतद्धाणपिंडं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ८५४ ॥ जे भिक्खू जोगपिंडं भुंजइ भुजंतं वा साइजइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उ-ग्घाइयं ॥ ८५५ ॥ णिसीहऽज्झयणे तेरहमो उद्देसो समत्तो ॥ १३ ॥ Page #972 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८९७ उ०१४ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे चउद्दसमो उद्देसो जे भिक्खू पडिग्गहं किणइ किणावेइ कीयमाड दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ८५६ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहं पामिच्चेइ पामिचावेइ पामिच्चमाह दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८५७ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहं परियटेइ परियट्टावेइ परियट्टियमाहटु दिजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८५८ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहं अ(च्छि)च्छेजं अणिसिटुं अभिहडमाह९ दि[दे]जमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८५९ ॥ जे भिक्खू अइरेगपडिग्गहं गणिं उद्दिसिय गणिं समुद्दिसिय तं गणिं अणापुच्छिय अणामंतिय अण्णमण्णस्स वियरइ वियरंतं वा साइजइ ॥ ८६० ॥ जे भिक्खू अइरेगं पडिग्गहं खुड्गस्स वा खुड्डियाए वा थेरगस्स वा थेरियाए वा अहत्थच्छिण्णस्स अपायच्छिण्णस्स अणासाछिण्णस्स अकण्णच्छिण्णस्स अणोद्वैच्छिण्णस्स सत्तस्स देइ देंतं वा साइजइ ॥ ८६१ ॥ जे भिक्खू अइरेगं पडिग्गहं खुड्डगस्स वा खुड्डियाए वा थेरगस्स वा थेरियाए वा हित्थच्छिण्णस्स [आपायच्छिण्णस्स आिणासाछिण्णस्स [अ]कण्णच्छिण्णस्स [अण] @च्छिण्णस्स असक्कस्स न देइ न देंतं वा साइज्जइ ॥ ८६२ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहं अणलं अथिरं अधुवं अधारणिजं धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ८६३ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहं अलं थिरं धुवं धारणिजं न धरेइ न धरतं वा साइजइ ॥ ८६४ ॥ जे भिक्खू वण्णमंतं पडिग्गहं विवण्णं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ८६५॥जे भिक्खू विवण्णं पडिग्गेहं वण्णमंतं करेइ करेंतं वा साइजइ॥ ८६६ ॥ जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकट्ठ तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ॥ ८६७ ॥ जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकड लोण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उच्छोलेज वा उव्वलेज वा उच्छोलेंतं वा उव्वलेंतं वा साइजइ ॥ ८६८ ॥ जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकड सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइज्जइ ॥ ८६९ ॥ जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिक? बहु(दि)देवसिएण [वा] तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइजइ ।। ८७० ॥ जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकड बहुदेवसिए(णं)ण लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वलेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वलेंतं वा साइज्जइ ॥ ८७१ ॥ जे भिक्खू णो णवए मे पडिग्गहे लद्धेत्तिक? बहुदेवसिएण १ सोभाणिमित्तं । ५७ सुत्ता Page #973 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८९८ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ८७२ ॥ जे भिक्खू दुन्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकट्ट तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइज्जइ ॥ ८७३ ॥ जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिक? लोद्धेण वा ककेण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वलेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वलेंतं वा साइज्जइ ॥ ८७४ ॥ जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिक? सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ८७५ ॥ जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिकटु बहुदेवसिएण तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेतं वा साइजइ ॥ ८७६ ॥ जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धत्तिक१ बहु देवसिएण लोद्धेण वा कक्केण वा चुण्णेण वा वण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वलेन ‘वा उल्लोलेंतं वा उव्वलेतं वा साइजइ ॥ ८७७ ॥ जे भिक्खू दुब्भिगंधे मे पडिग्गहे लद्धेत्तिक? बहुदेवसिएण सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोएज वा उच्छोलेंतं वा पधोएंतं वा साइजइ ॥ ८७८ ॥ जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढवीए दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेंतं वा साइजइ ॥ ८७९ ॥ जे भिक्खू ससिणिद्धाए पुढवीए दुब्बद्धे दुण्णि क्खित्ते अणिकंपे चलाचले. पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेतं वा पयावेंतं वा साइज्जइ ॥ ८८० ॥ जे भिक्खू ससरक्खाए पुढवीए दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयात वा पयावेंतं वा साइजइ ॥ ८८१ ॥ जे भिक्खू मट्टियाकडाए पुढवीए दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेंतं वा साइजइ ॥ ८८२ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइजइ ॥ ८८३ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए सिलाए दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते आणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयावेंतं वा पयावेंतं वा साइजइ ॥ ८८४ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए लेलूए दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले. पडिग्गहं आयावेज्ज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइजइ ॥ ८८५ ।। जे भिक्खू कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओस्से सउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमकडासंताण(ए)गंसि दुब्बंधे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा HHHHHHHH Page #974 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १४ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ८९९ साइजइ ॥ ८८६ ॥ जे भिक्खू थूणंसि वा गिहेलुयंसि वा उसुयालंसि वा का[झा]म[व]जलंसि वा दुब्बद्धे दुण्णि क्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेतं वा साइज्जइ ॥ ८८७ ॥ जे भिक्खू कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लेलुसि वा अंत(रि)लिक्खजायंसि वा दुब्बद्ध दुण्णि क्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आयातं वा पयावेंतं वा साइजइ ॥ ८८८ ॥ जे भिक्खू खंधसि वा फलहंसि वा मंचंसि वा मंडवंसि वा मालंसि वा पासायसि वा दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले पडिग्गहं आयावेज वा पयावेज वा आया-तं वा पयावेंतं वा साइज्जइ ॥ ८८९ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहाओ पुढवीकायं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहह देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८९० ॥ जे भिक्खू पडिग्गहाओ आउक्कायं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहटु देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८९१ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहाओ तेउकायं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहट्ठ देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८९२ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहाओ कंदाणि वा मूलाणि वा पत्ताणि वा पुप्फाणि वा फलाणि वा णीहरइ णीहरावइ णीहरियं आइटु देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ८९३ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहाओ ओसहिबीयाणि णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहङ देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८९४ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहाओ तसपाणजाइं णीहरइ णीहरावेइ णीहरियं आहटु देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ ८९५ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहगं कोरेइ कोरावेइ कोरियं आहछु देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ८९६ ॥ जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा गामंतरंसि वा गामपहंतरंसि वा पडिग्गहं ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइजइ ॥ ८९७ ॥ जे भिक्खू णायगं वा अणायगं वा उवासगं वा अणुवासगं वा परिसामज्झाओ उट्ठवेत्ता पडिग्गहं ओभासिय २ जायइ जायंतं वा साइज्जइ ॥ ८९८॥जे भिक्खू पडिग्गहणीसाए उडुबद्धं वसइ वसंतं वा साइजइ॥ ८९९ ॥ जे भिक्खू पडिग्गहणीसाए वासावासं वसइ वसंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं उग्घाइयं ॥ ९०० ॥ णिसीहऽज्झयणे चउद्दसमो उद्देसो समत्तो ॥ १४ ॥ पण्णरसमो उद्देसो जे भिक्खू भिक्खूणं आगाढं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ ९०१ ॥ जे भिक्खू० फरुसं बयइ वयंतं वा साइजइ ॥९०२॥ जे भिक्खू भिक्खूणं आगाढं फरुसं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ ९०३ ॥ जे भिक्खू भिक्खूणं अण्णयरीए अच्चासायणाए Page #975 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०० सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं अच्चासाएइ अचासाएंतं वा साइजइ ॥ ९०४ ॥ जे भिक्खू सचित्तं अंबं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ॥९०५॥ जे भिक्खू सचित्तं अंबं वि(ड)डसइ विडसंतं वा साइजइ ॥ ९०६ ॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंबं भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥९०७॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंबं विडसइ विडसंतं वा साइज्जइ ॥ ९०८ ॥ जे भिक्खु सचित्तं अंबं वा अंबपे(सियं)सिं वा अंबभि(त्ति)त्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ ९०९॥ जे भिक्खू सचित्तं अंबं वा अंबपेसि वा अंबभित्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ ॥ ९१० ॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंबं वा अंबपेसिं वा अंबभित्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥९११॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंबं वा अंबपेसिं वा अंब भित्तं वा अंबसालगं वा अंबडालगं वा अंबचोयगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ ॥ ९१२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए आमज्जावेज वा पमज्जावेज वा आमज्जावेंतं वा पमज्जावेंतं वा साइजइ ॥ ९१३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेंतं वा पलिमहावेंतं वा साइजइ ॥ ९१४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेंतं वा भिलिंगावेंतं वा साइजइ ॥ ९१५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए लोद्धण वा कक्केण वा उल्लोलावेज वा उव्वट्टावेज वा उल्लोलावेंतं वा उव्वद्यावेंतं वा साइजइ ॥ ९१६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो पाए सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोवावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोवावेंतं वा साइजइ ॥ ९१७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो पाए फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेंतं वा रयावेंतं वा साइज्जइ ॥९१८॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो कायं आमज्जावेज वा पमजावेज वा आमज्जावेंतं वा पमज्जावेंतं वा साइज्जइ ॥९१९॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेंतं वा पलिमद्दावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९२० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेंतं वा भिलिंगावेंतं वा साइजइ ॥ ९२१॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलावेज वा उव्वद्यावेज वा उल्लोलावेंतं वा उव्वद्यावेतं वा साइजइ Page #976 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १५ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ९०१ ॥ ९२२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोवावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९२३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायं फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेंतं वा रयातं वा साइजइ ॥ ९२४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि वणं आमज्जावेज वा पमजावेज वा आमजावेंतं वा पमजावेंतं वा साइजइ ॥ ९२५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि वणं संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेंतं वा. पलिमद्दावेंतं वा साइजइ ॥ ९२६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि वणं तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेंतं वा भिलिंगावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९२७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि वणं लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलावेज वा उव्वट्टावेज वा उल्लोलावेंतं वा उव्वद्यावेतं वा साइज्जइ ॥ ९२८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि वणं सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोवावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोवावेंतं वा साइजइ ॥ ९२९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि वणं फूमावेज वा रयावेज वा फूमातं वा रयातं वा साइजइ ॥ ९३० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदावेज वा विच्छिदावेज वा अच्छिदावेंतं वा विच्छिदावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९३१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्थजाएणं अच्छिदावित्ता विच्छिदावित्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहरावेज वा विसोहावेज वा णीहरावेंतं वा विसोहावेंतं वा साइजइ ॥ ९३२॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्थजाएणं अच्छिदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूर्व वा सोणियं वा णीहरावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोयावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोयावेतं वा साइज्जइ ॥ ९३३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खणं सत्यजाएणं अच्छिदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण HTHHTHHTHHA Page #977 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ मिसीहसुत्तं वा उच्छोलावेत्ता पधोयावेत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपावेज वा विलिंपावेज वा आलिंपावेंतं वा विलिंपावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९३४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थि एण वा गारत्थि एण वा अप्पणो कार्यसि गंड वा पिलगं वा अरइयं वा अंसिय वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिंदावेत्ता विच्छिंदावेत्ता पूर्यं वा सोणियं वा णीहरावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेत्ता पधोयावेत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपावेत्ता विलिंपावेत्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगावेज वा मक्खावेज वा अभंगावेंतं वा मक्खावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९३५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो कार्यसि गंड वा पिलगं वा अरइयं वा अंसियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिंदावेत्ता विच्छिदावेत्ता पूयं वा सोणियं वा णीहरावेत्ता विसोहावेत्ता सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेत्ता पधोयावेत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपावेत्ता विलिंपावेत्ता तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा अब्भंगावेत्ता मक्खावेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवावेज्ज वा पधूवावेज्ज वा धूवावेंतं वा पधूवावेंतं वा साइजइ ॥ ९३६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थि एण वा० पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसाविय २ णीहरावेइ हरावतं वा साइज्जइ ॥ ९३७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा० हाओ हसिहाओ कप्पावेज वा संठवावेज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९३८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थि एणा वा ० : दीहाई जंघरोमाई कप्पावेज वा संठवावेज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९३९ ॥ जे भिक्खू अण्णउथिए वा गार थिएण वा० दीहाई कक्खरोमाईं कप्पावेज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा० दीहाई मसुरोमाई कप्पावेज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा० दीहा णासारोमाई कप्पावेज वा संठवावेज्ज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिए वा गारत्थिएण वा० दीहाई चक्खुरोमाई कप्पावेज्ज वा संठवा - वेज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४३-१ ॥ जे भिक्खुदीहाई कण्णरोमाई··· साइजइ ॥ ९४३-२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणी दंते आघंसावेज वा पघंसावेज वा आघंसावेंतं वा पघंसावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो दंते उच्छोलावेज वा पधोयावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोयावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थि एण ९०२ Page #978 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १५ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ९०३ वा गारथिएण वा अप्पणो दंते फूमावेज वा रयावेज वा फूमातं वा रयातं वा साइज्जइ ॥ ९४६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उठे आमज्जावेज वा पमजावेज वा आमजावेंतं वा पमजावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४७ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उढे संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेंतं वा पलिमद्दावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९४८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उढे तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेंतं वा भिलिंगावेंतं वा साइजइ ॥ ९४९ ।। जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उठे लोद्धेण वा कक्केण वा उल्लोलावेज वा उव्वट्टावेज वा उल्लोलावेंतं वा उव्वद्यावेंतं वा साइजइ ॥ ९५० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उठे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोयावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोयावेंतं वा साइज्जइ ॥९५१॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो उढे फूमावेज वा रयावेज वा फूमातं वा रयातं वा साइज्जइ ॥ ९५२ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाइं उत्तरोट्ठरोमाइं कप्पावेज वा संठवावेज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइजइ ॥ ९५३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाइं अच्छिपत्ताई कप्पावेज वा संठवावेज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइजइ ॥ ९५४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि आमज्जावेज वा पमजावेज वा आमज्जावेंतं वा पमज्जावेंतं वा साइज्जइ ॥ ९५५॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो अच्छीणि संवाहावेज वा पलिमद्दावेज वा संवाहावेंतं वा पलिमद्दावेंतं वा साइजइ ॥ ९५६ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा णवणीएण वा मक्खावेज वा भिलिंगावेज वा मक्खावेंतं वा भिलिंगावेंतं वा साइज्जइ॥९५७ ॥ जे भिक्खू अण्णउथिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि लोद्धेण वा कोण वा उल्लोलावेज वा उव्वद्यावेज वा उल्लोलावेंतं वा उव्वद्यावेंतं वा साइजइ ॥ ९५८ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलावेज वा पधोयावेज वा उच्छोलावेंतं वा पधोयावेंतं वा साइजइ ॥ ९५९ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा अप्पणो अच्छीणि फूमावेज वा रयावेज वा फूमावेंतं वा रयातं वा साइज्जइ ॥९६०॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाई भुमगरोमाई कप्पावेज वा संठवावेज वा. कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइजइ Page #979 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०४ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं ॥ ९६१॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो दीहाई पासरोमाई कप्पावेज वा संठवावेज वा कप्पावेंतं वा संठवावेंतं वा साइजइ ॥९६२-१॥ केसरोमाई...॥९६२-२॥जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो अच्छिमलं. वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरावेज वा विसोहावेज वा णीहरावेंतं वा विसोहावेंतं वा साइजइ ॥ ९६३ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरावेज वा विसोहावेज वा णीहरावेंतं वा विसोहावेंतं वा साइजइ॥९६४ ॥जे भिक्खू अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा गामाणुगामं दूइज्जमाणे अप्पणो सीसदुवारियं कारवेइ कारवेंतं वा साइजइ ॥९६५॥जे भिक्खू आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा उच्चारपासवणं परिढवेइ परिहवेंतं वा साइजइ ॥ ९६६ ॥ जे भिक्खू उजाणंसि वा उजाणगिहंसि वा उज्जाणसालंसि वा णिजाणंसि वा णिज्जाणगिहंसि वा णिजाणसालंसि वा उच्चारपासवणं परिढुवेइ परिवेंतं वा साइज्जइ ॥ ९६७ ॥ जे भिक्खू अमुसि वा अट्टालयंसि वा चरियंसि वा पागारंसि वा दारंसि वा गोपुरंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ९६८ ॥ जे भिक्खू दगंसि वा दगमगंसि वा दगपहंसि वा दगतीरंसि वा दगाहा ठाणंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिट्ठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ९६९ ॥ जे भिक्खू सुण्णगिहंसि वा सुण्णसालंसि वा भिन्नगिहंसि वा भिण्णसालंसि वा कूडागारंसि वा कोट्ठागारंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ ॥ ९७० ॥ जे भिक्खू तणगिहंसि वा तणसालंसि वा तुसगिहंसि वा तुससालंसि वा छु(भु)सगिहंसि वा छुससालंसि वा उच्चारपासवणं परिढुवेइ परिट्ठवेंतं वा साइज्जइ ॥ ९७१ ॥ जे भिक्खू जाणगिहंसि वा जाणसालंसि वा जुग्गगिहंसि वा जुग्गसालंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ ॥९७२ ॥ जे भिक्खू पणियसालंसि वा पणियगिहंसि वा परियासालंसि वा परियागिहंसि वा कुवियसालंसि वा कुवियगिहंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिवेंतं वा साइजइ ॥ ९७३ ॥ जे भिक्खू गोणसालंसि वा गोणगिहंसि वा महाकु(लसा)लंसि वा महागिहंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिवेंतं वा साइजइ ॥ ९७४ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा असणं वा ४ देइ देंतं वा साइजइ ॥ ९७५ ॥ जे भिक्खू पासस्थस्स असणस्स]णं वा ४ देइ देंतं वा साइजइ ॥ ९७६ ॥ जे भिक्खू पासत्थस्स असणं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ९७७ ॥ जे भिक्खू ओसण्णस्स असणं वा ४. देइ देंतं वा साइजइ ॥ ९७८ ॥ जे भिक्खू ओसण्णस्स असणं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ९७९ ॥ जे भिक्खू कुसीलस्स असणं वा Page #980 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १६ चाउम्मासियमुग्घाइयं ] सुत्तागमे ४ देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९८० ॥ जे भिक्खू कुसीलस्स असणं वा ४ पडिच्छइ पच्छिंतं वा साइजइ ॥ ९८१ ॥ जे भिक्खू णितियस्स असणं वा ४ देइ देतं वा साइजइ ॥ ९८२ ॥ जे भिक्खू णितियस्स असणं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ९८३ ॥ जे भिक्खू संसत्तस्स असणं वा ४ देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९८४ ॥ जे भिक्खू संसत्तस्स असणं वा ४ पडिच्छर पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ ९८५ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा वत्थं वा पडिग्गहं वा कंवलं वा पायपुंछणं वा देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९८६ ॥ जे भिक्खू पासथस्स वत्थं वा ४ देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९८७ ॥ जे भिक्खू पासत्थस्स वत्थं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥ ९८८ ॥ जे भिक्खू ओसण्णस्स वत्थं वा ४ देइ ९०५. तं वा साइज ॥ ९८९ ॥ जे भिक्खू ओसण्णस्स वत्थं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज ॥ ९९० ॥ जे भिक्खू कुसीलस्स वत्थं वा ४ देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९९१ ॥ जे भिक्खू कुसीलस्स वत्थं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥ ९९२ ॥ जे भिक्खू नितियस्स वत्थं वा ४ देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९९३ ॥ जे भिक्खू नितियस्स वत्थं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥ ९९४ ॥ जे भिक्खू संसत्तस्स वत्थं वा ४ देइ देतं वा साइज्जइ ॥ ९९५ ॥ जे भिक्खू संसत्तस्स वत्थं वा ४ पडिच्छ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥ ९९६ ॥ जे भिक्खू जायणवत्थं वा निमंतणावत्थं वा अजाणिय अपुच्छिय अगवेसिय पडिग्गाहेइ पडिग्गार्हतं वा साइज्जइ से यवत्थे चरण्हं अण्णयरे सिया, तंजहा - णिच्चणियंसणिए म [ज्झण्हि ] ज्जणिए छणूसविए यदुवारि ॥ ९९७ ॥ जे भिक्खू विभूसापडियाए अप्पणो पाए आमजेज वा पमज्जेज वा आमजंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ ॥ ९९८ ॥ एवं जाव सीस दुवारियं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ १०५१ ॥ जे भिक्खू विभूसापडिया वत्थं वा ४ अणयरं वा उवगरणजायं धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ ॥ १०५२ ॥ जे भिक्खू विभूसापडिया वत्थं वा ४ अण्णयरं वा उवगरणजायं धोवेइ धोवेंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्धाइयं ॥ १०५३ ॥ णिसीहऽज्झयणे पण्णरसमो उद्देसो समत्तो ॥ १५ ॥ सोलसमो उसो जे भिक्खू सागारियसेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ ॥ १०५४ ॥ जे भिक्खु, स (सी) उदगं सेज्जं उवागच्छइ उवागच्छंतं वा साइज्जइ ॥ १०५५ ॥ जे भिक्खू सअगणिसेज्जं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइज्जइ ॥ १०५६ ॥ जे भिक्खू, सचित्तं उच्छु भुंजइ भुंजंतं वा साइज्जइ ॥ १०५७ ॥ जे भिक्खु सचित्तं Page #981 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०६ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं उच्छु विडसइ विडसंतं वा साइज्जइ ॥ १०५८ ॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं उच्छु भुंजइ भुजंतं वा साइजइ ॥ १०५९ ॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं उच्छु विडसइ विडसंतं वा साइजइ ॥ १०६० ॥ जे भिक्खू सचित्तं अंतरुच्छुयं वा उच्छुखंडियं वा उच्छुचोयगं वा उच्छुमेरगं वा उच्छुसालगं वा उच्छुडालगं वा भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ १०६१ ॥ जे भिक्खू सचित्तं अंतरुच्छुयं वा 'उच्छुडालगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ ॥ १०६२॥ जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंतरुच्छुयं वा उच्छुडालगं वा भुंजइ भुंजतं वा साइजइ॥१०६३ ॥जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंतरुच्छुयं वा 'उच्छुडालगं वा विडसइ विडसंतं वा साइजइ ॥१०६४ ॥ जे भिक्खू आरण्णाणं वगंधाणं अडवीजत्तासंप[इ]ट्ठियाणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १०६५ ॥ जे भिक्खू आ(अ)रण्ण(य)ाणं वगंधाणं अडवीजत्ताओ पडिणियत्ताणं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १०६६ ॥ जे भिक्खू वसु(वुसि)राइयं अ(वुसि)वसुराइयं वयइ वयंतं वा साइजइ ॥ १०६७ ॥ जे भिक्खू अबुसिराइयं वुसिराइयं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥ १०६८ ॥ जे भिक्खू बुसिराइयगणाओ अवुसिराइयं गणं संकमइ संकमंतं वा साइजइ ॥ १०६९ ॥ जे भिक्खू बुग्गहवताणं असणं वा ४ देइ देंतं वा साइजइ ॥ १०७० ॥ जे भिक्खू बुग्गहवकंताणं असणं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १०७१ ॥ जे भिक्खू बुग्गहवकंताणं वत्थं वा ४ देइ देंतं वा साइजइ ॥ १०७२ ॥ जे भिक्खू बुग्गहवकंताणं वत्थं वा ४ पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १०७३ ॥ जे भिक्खू वुग्गहवक्ताणं वसहिं देइ देंतं वा साइजइ ॥ १०७४ ॥ जे भिक्खू बुग्गहवकंताणं वसहिं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १०७५ ॥ जे भिक्खू बुग्गहवक्कंताणं वसहिं अणुपविसइ अणुपविसंतं वा साइजइ ॥ १०७६ ॥ जे भिक्खू बुग्गहवकंताणं सज्झायं देइ देंतं वा साइजइ ॥ १०७७ ॥ जे भिक्खू वुग्गहवक्ताणं सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १०७८ ॥ जे भिक्खू विहं अणेगाहगमणिज सइ लाढे विहाराए संथरमाणेसु जणवएसु विहारपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ १०७९ ॥ जे भिक्खू विरूवरूवाइं दसुयायणाई अणारियाइं मिलक्खूई पच्चंतियाइ सइ लाढे विहाराए संथरमाणेसु जणवएसु विहारपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ १०८० ॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १०८१ ॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु वत्थं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ १०८२ ॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु वसहिं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १०८३ ॥ जे भिक्खू Page #982 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०७ उ० १७ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे दुगुंछियकुलेसु सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १०८४ ॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं उद्दिसइ उद्दिसंतं वा साइजइ ॥ १०८५॥ ( ...समुद्दिसइ... अणुजाणइ... ) जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १०८६ ॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १०८७ ॥ (..: परियट्टइ... ) जे भिक्खू असणं वा ४ पुढवीए णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइजइ ॥ १०८८ ॥ जे भिक्खू असणं वा ४ संथारए णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइज्जइ ॥ १०८९ ॥ जे भिक्खू असणं वा ४ वेहासे णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइजइ ॥ १०९० ॥ जे भिक्खू अण्ण(उत्थिएण)तित्थीहिं वा गार(त्थिएण)त्थीहिं वा सद्धिं भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ १०९१ ॥ जे भिक्खू अण्णतित्थीहिं वा गारत्थीहिं वा सद्धिं आवेढिय परिवेढिय भुंजइ भुंजंतं वा साइजइ ॥ १०९२ ॥ जे भिक्खू आयरियउवज्झायाणं सेज्जासंथारगं पाएणं संघद्देत्ता हत्थेणं अणणुण्णवेत्ता धा(रे)रयमा(णे)णो गच्छइ गच्छंतं वा साइज्जइ ॥ १०९३ ॥ जे भिक्खू पमाणाइरित्तं वा गणणाइरित्तं वा उवहिं धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥ १०९४ ॥ जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढवीए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओस्से सउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमक्कडासंताणगंसि चलाचले उच्चारपासवणं परिढुवेइ परिटुवेंतं वा साइजइ ॥ १०९५॥ जे भिक्खू ससिणिद्धाए पुढवीए जाव साइज्जइ ॥१०९६॥ जे भिक्खू ससरक्खाए पुढवीए जाव साइज्जइ ॥ १०९७॥ जे भिक्खू मट्टियाकडाए पुढवीए जाव साइजइ ॥ १०९८ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए पुढवीए जाव साइजइ ॥ १०९९ ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए सिलाए जाव साइज्जइ ॥ ११०० ॥ जे भिक्खू चित्तमंताए लेलूए जाव साइजइ ॥ १९०१ ॥ जे भिक्खू कोलावासंसि वा दारुए जाव साइजइ ॥ ११०२॥ जे भिक्खू थूणसि वा गिहेलुयंसि वा उसुयालंसि वा कामजलंसि वा चलाचले उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिट्ठवेंतं वा साइजइ ॥ ११०३ ॥ जे भिक्खू कुलियंसि वा भित्तिसि वा सिलंसि वा लेलुसि वा अन्तलिक्खजायंसि वा चलाचले उच्चारपासवणं परिटुवेइ परिट्ठवेंतं वा साइजइ ॥ ११०४ ॥ जे भिक्खू खंधंसि वा फलहंसि वा मंचंसि वा मंडवंसि वा मालंसि वा पासायंसि वा (अण्णयरंसि वा अंतरिक्खजायंसि ) उच्चारपासवणं परिवेइ परिहवेंतं वा साइजइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥११०५॥ णिसीहऽज्झयणे सोलसमो उद्देसो समत्तो ॥ १६ ॥ सत्तरसमो उद्देसो जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अण्णयरं तसपाणजायं तणपासएण वा मुंजपासएण Page #983 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९०८ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वा कट्टपासएण वा चम्मपासएण वा वेत्तपासएण वा रज्जुपासएण वा सुत्तपासएण वा बंधइ बंधतं वा साइजइ ॥ ११०६ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अण्णयरं तसपाणजायं तणपासएण वा जाव सुत्तपासएण वा बंधेल्लगं मुयइ मुयंतं वा साइजइ ॥ ११०७ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा मुंजमालियं वा भिंडमालियं वा मयणमालियं वा पिंछमालियं वा दंतमालियं वा सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा कट्ठमालियं वा पत्तमालियं वा पुप्फमालियं वा फलमालियं वा बीयमालियं वा हरियमालियं वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ ११०८ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ ११०९ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए तणमालियं वा जाव हरियमालियं वा पिणद्धइ पिणद्धतं वा साइजइ ॥ १११० ॥ (परिभुंजइ "") जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा तंबलोहाणि वा तउयलोहाणि वा सीसलोहाणि वा रुप्पलोहाणि वा सुवण्णलोहाणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ ११११॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा धरेइ धरेतं वा साइजइ ॥ १११२ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए अयलोहाणि वा जाव सुवण्णलोहाणि वा परिभुज[पिणद्ध]इ परिभुजंतं वा साइज्जइ ॥ १११३ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा रयणावलिं वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ १११४ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥१११५॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा पिणद्धइ पिणद्धतं वा साइज्जइ ॥ १११६ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा आईणपावराणि वा कंबलाणि वा कंबलपावराणि वा कोयराणि वा कोयरपावराणि वा कालमियाणि वा णीलमियाणि वा सामाणि वा मिहासामाणि वा उट्टाणि वा उट्टलेस्साणि वा वग्घाणि वा विवग्याणि वा परवंगाणि वा सहिणाणि वा सहिणकल्लाणि वा खोमाणि वा दुगूलाणि वा पतुण्णाणि वा आवरंताणि वा वीणाणि वा अंसुयाणि वा कणगकंताणि वा कणगखचियाणि वा कणगचित्ताणि वा० आभरणविचित्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १११७ ॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा धरेइ धरेंतं वा साइजइ ॥ १११८॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा परिभुंजइ परिभुंजंतं वा साइजइ ॥ १११९ ॥ जा (जे भिक्खू ) णि(नि)ग्गं(थे)थी णि-गंथस्स पाए अण्ण Page #984 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १७ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ९०९ उत्थिएण वा गारत्थिएण वा आमज्जावेज वा पमज्जावेज वा आमज्जावेंतं वा पमज्जातं वा साइजइ ॥ ११२० ॥ जाव जा णिग्गंथी "सीसदुवारियं कारवेइ कारवेंतं वा साइजइ ॥ ११७२ ॥ जे णिग्गंथे णिग्गंथीए पाए अण्णउत्थिएण वा गारत्थिएण वा जाव सीसदुवारियं कारवेइ कारवेंतं वा साइजइ ॥ १२२५॥ जे णिग्गंथे णिग्गंथस्स सरिसगस्स संते ओवासे अंते ओवासे ण देइ ण देंतं वा साइजइ ॥ १२२६ ॥ जा णिग्गंथी णिग्गंथीए सरिसियाए संते ओवासे अंते ओवासे ण देइ ण देंतं वा साइजइ ॥ १२२७ ॥ जे भिक्खू मालोहडं असणं वा ४ उभिदिय देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२२८॥ जे भिक्खू कोट्ठियाउत्तं असणं वा ४ उक्कुन्जिय निक्कुजिय उहरिय देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२२९ ॥ जे भिक्खू मट्टिओलित्तं असणं वा ४ उभिदिय णिभिदिय देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२३० ॥ जे भिक्खू (असणं वा ...) पुढविपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ॥ १२३१॥ जे भिक्खू आउपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ १२३२ ॥जे भिक्खू तेउपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२३३ ॥ जे भिक्खू वणस्सइकायपइट्ठियं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२३४ ॥ जे भिक्खू अञ्चुसिणं असणं वा ४ सुप्पेण वा विहुयणेण वा तालियंटेण वा पत्तण वा पत्तभंगेण वा साहाए वा साहाभंगेण वा पिहुणेण वा पिहुणहत्थेण वा लेण वा चेलकण्णेण वा हत्थेण वा मुहेण वा फूमित्ता वीइत्ता आह्हु देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२३५ ॥ जे भिक्खू असणं वा ४ उसिणुसिणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२३६ ॥ जे भिक्खू उस्सेइमं वा संसेइमं वा चाउलोदगं वा वालोदगं वा तिलोदगं वा तुसोदगं वा जवोदगं वा आयामं वा सोवीरं वा अंबकंजियं वा सुद्धवियडं वा अहुणाधोयं अणंबिलं अपरिणयं अवकंतजीवं अविद्धत्थं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥१२३७ ॥ जे भिक्खू अप्पणो आयरियत्ताए लक्खणाई वागरेइ वागरेंतं वा साइज्जइ ॥ १२३८ ॥ जे भिक्खू गाएज वा (हसेज वा) वाएज वा णच्चेज वा अभिणवेज वा हयहेसियं वा हत्थिगुलगुलाइयं वा उ[कु(क्कि)] कट्ठिसीहणायं वा करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १२३९ ॥ जे भिक्खू भेरिसद्दाणि वा पडहसद्दाणि वा मुरवसद्दाणि वा मुइंगसद्दाणि वा णंदिसद्दाणि वा झल्लरिसदाणि वा वल्लरिसद्दाणि वा डमरु(य)गसदाणि वा मड्डयसद्दाणि वा सदुयसदाणि वा पएससद्दाणि वा गोलुइसद्दाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि वितयाणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ १२४० ॥ जे भिक्खू वीणासद्दाणि वा विवंचिसद्दाणि वा तुणसद्दाणि Page #985 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुक्तं वा वव्वीसगसद्दाणि वा वीणाइयसहाणि वा तुंबवीणासदाणि वा झोडयसहाणि वा ढंकुणसद्दाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि तयाणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ ॥ १२४१ ॥ जे भिक्खू तालसदाणि वा कंसतालसद्दाणि वा लित्तियसद्दाणि वा गोहियसद्दाणि वा मकरियसहाणि वा कच्छभिसहाणि वा महइसहाणि वा सणालियासहाणि वा वालियासदाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि घणाणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ १२४२ ॥ जे भिक्खू संखसहाणि वा वंससद्दाणि वा वेणुसद्दाणि वा खरमुहिसहाणि वा परिलिसद्दाणि वा वेवासदाणि वा अण्णयराणि वा तहप्पगाराणि झुसिराणि सद्दाणि कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ १२४३ ॥ जे भिक्खू वप्पाणि वा फलिहाणि वा उप्पलाणि वा पल्ललाणि वा उज्झराणि वाणिज्झराणि वा वावीणि वा पोक्खराणि वा दीहियाणि वा सराणि वा सरपंतियाणि वा सरसरपंतियाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज्जइ ॥ १२४४ ॥ जे भिक्खू कच्छाणि वा गहणाणि वा णूमाणि वा वणाणि वा वणविदुग्गाणि वा पव्वयाणि वा पव्वयविदुग्गाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ ॥ १२४५ ॥ जे भिक्खू गामाणि वा णगराणि वा खेडाणि वा कब्बडाणि वा मडंबाणि वा दोणमुहाणि वा पट्टणाणि वा आगराणि वा संवाहाणि वा संणिवेसाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ १२४६ ॥ जे भिक्खू गाममहाणि वा जाव सण्णिवेसमहाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ ॥ १२४७ ॥ जे भिक्खू गामवहाणि वा णगरवहाणि वा खेडवहाणि वा कब्बडवहाणि वा जाव सण्णिवेसवहाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज्जइ ॥ १२४८ ॥ जे भिक्खू गामपहाणि वा जाव सण्णिवेसपहाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ॥ १२४९-१ ॥... गामदाहाणि वा जाव सण्णिवेसदाहाणि वा ॥१२४९-२ ॥ जे भिक्खू आसकरणाणि वा हत्थिकरणाणि वा उट्टकरणाणि वा गोणकरणाणि वा महिसकरणाणि वा मऊसूयोरकरणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ ॥ १२५० ॥ जे भिक्खू आसजुद्धाणि वा हत्थिजुद्धाणि वा उजुद्धाणि वा गोणजुद्धाणि वा महिसजुद्धाणि वा० कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज्जइ ॥ १२५१ ॥ जे भिक्खू उजूहियट्ठाणाणि वा हयजूहियट्ठाणाणि वा गयजूहियट्ठाणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ Page #986 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० १८ चाउम्मासियमुग्धाइयं] सुत्तागमे ॥ १२५२ ॥ जे भिक्खू अभिसेय(ठा)ट्ठाणाणि वा अक्खाइयट्ठाणाणि वा माणुम्माणट्ठाणाणि वा महया हयणगीयवाइयतंतीतलतालतुडियपडुप्पवाइयट्ठाणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ ॥ १२५३ ॥ जे भिक्खू डिंबाणि वा डमराणि वा खाराणि वा वेराणि वा महाजुद्धाणि वा महासंगामाणि वा कलहाणि वा बोलाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ ॥ १२५४ ॥ जे भिक्खू विरूवरूवेसु महुस्सवेसु इत्थीणि वा पुरिसाणि वा थेराणि वा मज्झिमाणि वा डहराणि वा अणलकियाणि वा सुअलंकियाणि वा गायंताणि वा वायंताणि वा णचंताणि वा हसंताणि वा रमंताणि वा मोहंताणि वा विउलं असणं वा ४ परिभायंताणि वा परिभुंजंताणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइज्जइ ॥ १२५५ ॥ जे भिक्खू इहलोइएसु वा सद्देसु परलोइएसु वा सद्देसु दिढेसु वा सद्देसु अदिढेसु वा सद्देसु सुएसु वा सद्देसु असुएसु वा सद्देसु विण्णाएसु वा सद्देसु. सज्जइ रजइ गिज्झइ अज्झोववजइ सज्जंतं रजंतं गिझंतं अज्झोववजंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥ १२५६ ॥ णिसीहऽज्झयणे सत्तरसमो उद्देसो समत्तो ॥ १७ ॥ अट्ठारसमो उद्देसो __ जे भिक्खू अणट्ठाए णावं दुरूहइ दुरुहंतं वा साइजइ ॥ १२५७ ॥ जे भिक्खू णावं किणइ किणावेइ कीयं आहठ्ठ देजमाणं दुरूहइ दुरुहंतं वा साइजइ ॥ १२५८॥ जे भिक्खू णावं पामिच्चइ पामिच्चावेइ पामिच्चं आहह देजमाणं दुरूहइ दुरुहंतं वा साइजइ ॥ १२५९ ॥ जे भिक्खू णावं परियट्टेइ परियडावेइ परियह आह१ देजमाणं दुरूहइ दुव्हतं वा साइजइ ॥ १२६० ॥ जे भिक्खू णावं अच्छेजं अणिसिटुं अभिहडं आह९ देजमाणं दुरूहइ दुरूहंतं वा साइज्जइ ॥ १२६१ ॥ जे भिक्खू थलाओ णावं जले ओकसावेइ ओकसावेंतं वा साइजइ ॥ १२६२ ॥ जे भिक्खू जलाओ णावं थले उकसावेइ उकसावेंतं वा साइजइ ॥ १२६३ ॥ जे भिक्खू पुण्णं णावं उस्सिचइ उस्सिचंतं वा साइजइ ॥ १२६४ ॥ जे भिक्खू सणं णावं उप्पिलावेइ उप्पिलावेंतं वा साइजइ ॥ १२६५ ॥ जे भिक्खू उबद्धियं णावं उत्तिंगं वा उदगं वा आसिंचमाणिं वा उवरुवरि वा कज्जलावेमाणिं पेहाए हत्थेण वा पाएण वा असिपत्तेण वा कुसपत्तेण वा मट्टियाए वा चेलेण वा पडिपिहेइ पडिपिहेंतं वा साइजइ ॥ १२६६ ॥ जे भिक्खू पडिणावियं कुटु णावाए दुल्हइ दुरूहंतं वा साइजइ ॥ १२६७ ॥ जे भिक्खू उडुगामिणिं वा णावं अहोगामिणिं वा णावं दुरूहइ दुरूहंतं Page #987 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९१२ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं वा साइजइ ॥ १२६८ ॥ जे भिक्खू जोयणवेलागामिणिं वा अद्धजोयणवेलागामिणिं वा णावं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ ॥ १२६९ ॥ जे भिक्खू णावं आकसइ आकसावेइ आकसावेंतं वा साइजइ ॥ १२७० ॥ जे भिक्खू णावं खेवावेइ खेवावेंतं वा साइजइ ॥ १२७१॥ जे भिक्खू णावं रजुणा वा कटेण वा कड्ढइ कतं वा साइजइ ॥ १२७२ ॥ जे भिक्खू णावं अलित्तएण वा पप्फिडएण वा वंसेण वा बलेण वा वाहेइ वाहेंतं वा साइजइ ॥ १२७३ ॥ जे भिक्खू णावाओ उदगं भायणेण वा पडिग्गहणेण वा मत्तेण वा णावाउस्सिंचणेण वा उस्सिंचइ उस्सिचंतं वा साइज्जइ ॥ १२७४ ॥ जे भिक्खू णावं उत्तिंगेण उद्गं आसवमाणं उवरुवरिं कजलावेमाणं (पेहाए) पलोय हत्थेण वा पाएण वा आसत्थ(असि)पत्तेण वा कुसपत्तेण वा मट्टियाए वा चेलकण्णेण वा पडिपिहेइ पडिपिहेंतं वा साइज्जइ ॥ १२७५ ॥ जे भिक्खू णावाओ णावागयस्स असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ १२७६ ॥ जे भिक्खू णावाओ जलगयस्स असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२७७ ॥ जे भिक्खू णावाओ पंकगयस्स असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ १२७८ ॥ जे भिक्खू णावाओ थलगयस्स असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजई ॥ १२७९ ॥ जे भिक्खू वत्थं किणइ किणावेइ कीयं आहटु देजमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ ॥ १२८० ॥ (इओ आरब्भ चउद्दसमुद्देसस्स सयलाणिवि सुत्ताणि पडिग्गहठाणे वत्थमुवजुंजिय वत्तव्वाणि जाव) जे भिक्खू वत्थणीसाए वासावासं वसइ वसंतं वा साइज्जइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उग्घाइयं ॥ १३२४ ॥ णिसीहऽज्झयणे अट्ठारसमो उद्देसो समत्तो ॥१८॥ एगूणवीसहमो उद्देसो जे भिक्खू चउहिं संझाहिं सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ, तंजहा-पुव्वाए संझाए पच्छिमाए संझाए अवरण्हे अडरत्ते ॥ १३२५ ॥ जे भिक्खू कालियसुयस्स परं तिण्हं पृच्छाणं पुच्छइ पुच्छंतं वा साइजइ ॥ १३२६ ॥ जे भिक्खू दिठिवायस्स परं सत्तण्हं पुच्छाणं पुच्छइ पुच्छंतं वा साइजइ ॥ १३२७ ॥ जे भिक्खू चउसु महापाडिवएसु सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ तंजहा-सुगिम्हय(चेत्तपुण्णिमाओ-वइसाहकिण्ह)पाडिवए, आसाढी(पुण्णिमाओ-सावणकिण्ह)पाडिवए, (भद्दवय १ अण्णे आयरिसे सोलसभंगा। २ पुच्छा-अपुणरुत्तं जावइयं कड्डिङ पुच्छंति सा एगा पुच्छा । अहवा जत्तियं आयरिएण तरइ उच्चारियं घेत्तुं सा एगा पुच्छा। अहवा जत्थ पगयं समप्पइ थोवं वा बहुं वा सा एगा पुच्छा । Page #988 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० २० पायच्छित्तविही] सुत्तागमे ९१३ पुण्णिमाओ-)आसोय(किण्ह)पाडिवए, कत्तिय(पुण्णिमाओ-मग्गसिरकिण्ह)पाडिवए [वा] ॥ १३२८ ॥ जे भिक्खू पोरिसिं सज्झायं उवाइणावेइ उवाइणावेंतं वा साइज्जइ ॥१३२९ ॥ जे भिक्खू चउकालं सज्झायं न करेइ न करेंतं वा साइज्जइ ॥१३३०॥ जे भिक्खू असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १३३१ ॥ जे भिक्खू अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंतं वा साइजइ ॥ १३३२ ॥ जे भिक्खू हेटिलाइं समोसरणाई अवाएत्ता उवरिल्लाइं समोसरणाई वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १३३३ ॥ जे भिक्खू णव बंभचेराई अवाएत्ता उवरिं सुयं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १३३४ ॥ जे भिक्खू अपत्तं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १३३५ ॥ जे भिक्खू पत्तं ण वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १३३६ ॥ जे भिक्खू अव्वत्तं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥ १३३७ ॥ जे भिक्खू वत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइजइ ॥ १३३८॥जे भिक्खू दोण्हं सरिसगाणं एक सं(सि)चिक्खावेइ एक ण संचिक्खावेइ 'एक वाएइ एक ण वाएइ तं करंतं वा साइज्जइ ॥ १३३९ ॥ जे भिक्खू आयरियउवज्झाएहिं अविदिण्णं गिरं आइयइ आइयंतं वा साइज्जइ ॥ १३४० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियगारत्थियं वाएइ वाएंतं वा साइजई ॥ १३४१ ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियगारत्थियं (वायणं) पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजई॥ १३४२ ॥ जे भिक्खू पासत्थं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥१३४३॥ जे भिक्खू पासत्थं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥१३४४ ॥ जे भिक्खू ओसण्णं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥१३४५ ॥ जे भिक्खू ओसणं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥१३४६॥जे भिक्खू कुसीलं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥१३४७॥ जे भिक्खू कुसीलं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १३४८॥ जे भिक्खू णितियं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १३४९ ॥ जे भिक्खू णितियं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ ॥ १३५० ॥ जे भिक्खू संसत्तं वाएइ वाएंतं वा साइजइ ॥ १३५१॥ जे भिक्खू संसत्तं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ । तं सेवमाणे आवजइ चाउम्मासियं परिहारहाणं उग्घाइयं ॥ १३५२ ॥ णिसीहऽज्झयणे एगूणवीसइमो उद्देसो समत्तो ॥ १९ ॥ वीसइमो उद्देसो जे भिक्खू मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं ॥ १३५३ ॥ जे भिक्खू १ अण्णधम्मिओ वाइजंतो वायणाए दुरुवओगं करेजत्ति पायच्छित्तठाणं । २ आगमट्ठो दुरहिगमो परहम्मिओ आगमाणमणहिगमणिज्जा अट्ठविवजासं कुणेजत्ति पायच्छित्तं । ५८ सुत्ता. Page #989 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९१४ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स ते(ति)मासियं ॥ १३५४ ॥ जे भिक्खू तेमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चउमासियं ॥ १३५५ ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चउमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं ॥ १३५६ ॥ जे भिक्खू पंचमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं ॥ १३५७ ॥ तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते (तं) चेव छम्(मासिय)मासा ॥ १३५८ ॥ जे भिक्खू बहुसोवि मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं ॥ १३५९ ॥ जे भिक्खू बहुसोवि दोमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं ॥ १३६० ॥ जे भिक्खू बहुसोवि तेमासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स तेमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स चउमासियं ॥ १३६१ ॥ जे भिक्खू बहुसोवि चाउम्मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चउमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं ॥ १३६२॥ जे भिक्खू बहुसोवि पंचमासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय आलोएमापस्स पंचमासियं, पलिउंचिय आलोएमाणस्स छम्मासियं ॥ १३६३ ॥ तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १३६४ ॥ जे भिक्खू मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चउमासियं वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासियं वा चउमासियं वा पंचमासियं वा छम्मासियं वा ॥ १३६५-१॥ तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १३६५-२॥ जे भिक्खू बहुसोवि मासियं वा बहुसोवि दोमासियं वा बहुसोवि तेमासियं वा बहुसोवि चाउम्मासियं वा बहुसोवि पंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अपलिउंचिय (बहुसोवि) आलोएमाणस्स मासियं वा दोमासियं वा तेमासियं वा चउमासियं वा पंचमासियं वा, पलिउंचिय (बहुसोवि) आलोएमाणस्स दोमासियं वा तेमासियं वा चउमासियं वा पंचमासियं वा छम्मासियं वा ॥ १३६६ ॥ जे भिक्खू चाउम्मा Page #990 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उ० २० पायच्छित्तविही] सुत्तागमे ९१५ सियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणसं चाउम्मासियं वा साइरेगं वा पंचमासियं वा साइरेगं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा साइरेगं वा छम्मासियं वा ॥ १३६७-१॥ तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १३६७-२॥ जे भिक्खू बहुसोवि चाउम्मासियं वा बहुसोवि साइरेगचाउम्मासियं वा बहुसोवि पंचमासियं वा बहुसोवि साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारहाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणस्स बहुसोवि चाउम्मासियं वा बहुसोवि साइरेगं वा बहुसोवि पंचमासियं वा बहुसोवि साइरेग वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स बहुसोवि पंचमासियं वा बहुसोवि साइरेगं वा बहुसोवि छम्मासियं वा ॥ १३६८-१॥ तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा ॥ १३६८-२ ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं वा साइरेगचाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेगपंचमासियं वा एएसिं परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अपलिउंचिय आलोएमाणे ठवणिजं ठवइत्ता करणिजं वेयावडियं, ठविएवि पडिसेवित्ता सेवि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया, पुब्धि पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पुट्विं पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पुट्विं आलोइयं, पच्छा पडिसेवियं पच्छा आलोइयं, अपलिउंचिए अपलिउंचियं, अपलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए अपलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स सव्वमेयं सकयं साहणिय जे एयाए पट्ठवणाए पट्ठविए णिव्विसमाणे पडिसेवेइ सेवि कसिणे तत्थेव आरुहेयव्वे सिया ॥ १३६९ ॥ जे भिक्खू बहुसोवि चाउम्मासियं वा बहुसोवि साइरेगचाउम्मासियं वा (जहा हेट्ठा णवरं बहुसोवि) जाव आरुहेयव्वे सिया एयं पलिउंचिए ॥ १३७० ॥ जे भिक्खू चाउम्मासियं वा.. आलोएजा, पलिउंचिय आलोएमाणे (जहा हेट्ठा) जाव पलिउंचिए पलिउंचियं, पलिउंचिए पलिउंचियं आलोएमाणस्स''आरुहेयव्वे सिया ॥ १३७१ ॥ जे भिक्खू बहुसोवि चाउम्मासियं वा (जहा हेट्ठा णवरं बहुसोवि) जाव आरुहेयव्वे सिया ॥ १३७२ ॥ छम्मासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा दोमासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अहावरा वीसइराइया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेडं सकारणं अहीणमइरित्तं, तेण परं सवीसइराइया दो मासा ॥ १३७३ ॥ पंचमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दो मासा ॥ १३७४ ॥ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दो मासा ॥ १३७५ ॥ तेमासियं परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) जाव दो मासा ॥ १३७६ ॥ दोमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) Page #991 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [णिसीहसुत्तं जाव दो मासा ॥ १३७७ ॥ मासियं परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) जाव दो मासा ॥ १३७८ ॥ सवीसइराइयं दोमासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे (जहा हेट्ठा) जाव अहीणमइरित्तं, तेण परं सदसराया तिणि मासा ॥ १३७९ ॥ सदसरायतेमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव तेण परं चत्तारि मासा ॥ १३८० ॥ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव तेण परं सवीसइराया चत्तारि मासा ॥ १३८१ ॥ सवीसइरायचाउम्मासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव तेण परं सदसराया पंच मासा ॥ १३८२ ॥ सदसरायपंचमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव तेण परं छम्मासा ॥ १३८३ ॥ छम्मासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेडं सकारणं अहीणमइरित्तं, तेण परं दिवड्डो मासो ॥ १३८४ ॥ पंचमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्डो मासो ॥ १३८५ ॥ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्डो मासो ॥ १३८६ ॥ तेमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्डो मासो ॥ १३८७ ॥ दोमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्डो मासो ॥ १३८८ ॥ मासियं परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) जाव दिवड्डो मासो ॥ १३८९ ॥ दिवड्डमासियं परिहारहाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा, अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेडं सकारणं अहीणमइरित्तं, तेण परं दो मासा ॥ १३९० ॥ दोमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अड्डाइज्जा मासा ॥ १३९१॥ अट्ठाइजमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं तिण्णि मासा ॥ १३९२ ॥ तेमासियं परिहारहाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अद्भुट्ठा मासा ॥ १३९३ ॥ अद्भुट्ठमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं चत्तारि मासा ।। १३९४ ॥ चाउम्मासियं परिहारहाणं (जहा हेढा) णवरं अड्डपंचमा मासा ॥ १३९५ ॥ अहपंचमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं पंच मासा ॥ १३९६॥ पंचमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं अद्धछट्ठा मासा ॥ १३९७ ॥ अद्धछट्ठमासियं परिहारट्ठाणं (जहा हेट्ठा) णवरं छम्मासा ॥ १३९८ ॥ दोमासियं परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएजा, अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेउं सकारणं अहीणमइरित्तं, तेण परं अड्डाइज्जा मासा ॥ १३९९ ॥ अड्डाइजमासियं. 'अंतरा दोमासियं अहावरा वीसिया आरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं सपंचराइया तिण्णि मासा ॥ १४०० ॥ सपंचरायतेमासियं. अंतरा मासियं ''अहावरा पक्खिया आरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं सवीसइराइया तिण्णि मासा Page #992 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसमापणा] सुत्तागमे ९१७ ॥ १४०१॥ सवीसइरायतेमासियं "अंतरा दोमासियं. 'अहावरा वीसइराइया अरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं सदसराया चत्तारि मासा ॥ १४०२ ॥ सदसरायचाउम्मासियं 'अंतरा मासियं. 'अहावरा पक्खिया आरोवणा (जहा हेट्ठा), तेण परं पंचूणा पंच मासा ॥ १४०३ ॥ पंचूणपंचमासिय अंतरा दोमासियं अहावरा वीसइराइया आरोवणा ( जहा हेट्ठा), तेण परं अद्धछट्ठा मासा ॥ १४०४ ॥ अद्धछट्टमासियं . अंतरा मासियं. अहावरा पक्खिया आरोवणा (जहा हेढा), तेण परं छम्मासा ॥ १४०५॥ णिसीहऽज्झयणे वीसइमो उद्देसो समत्तो॥२०॥ णिसीहसुत्तं समत्तं ॥ Page #993 --------------------------------------------------------------------------  Page #994 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सत्तागम तत्थ णं दसाहयक्खंधो पढमा दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं वी[बी]सं असमाहि[ठा]ट्ठाणा पण्णत्ता, कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं बीसं असमाहिट्ठाणा पण्णत्ता ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं वीसं असमाहिढाणा पण्णत्ता । तंजहा-दवदवचारी यावि भवइ ॥ १ ॥ अ(प)पमज्जियचारी यावि भवइ ॥ २ ॥ दुपमज्जियचारी यावि भवइ ॥ ३ ॥ अइरित्तसेज्जासणिए ॥ ४ ॥ राइणियपरिभासी ॥ ५॥ थेरोवघाइए ॥ ६ ॥ भूओवघाइए ॥ ७ ॥ संजलणे ॥ ८ ॥ कोहणे ॥ ९॥ पिट्ठिमंसिए ॥ १० ॥ अभिक्खणं अभिक्खणं ओहा(रि)रइत्ता भवइ ॥ ११॥ णवाणं अहिगरणाणं अणुप्पण्णाणं उप्पाइत्ता भवइ ॥ १२ ॥ पोराणाणं अहिगरणाणं खामिय विउसवियाणं पुणो(उ)दी(रि)रेत्ता भवइ ॥ १३ ॥ अकालसज्झायकारए यावि भवइ ॥ १४ ॥ ससरक्खपाणिपाए ॥ १५ ॥ सद्दकरे (भेयकरे) ॥ १६ ॥ झंझकरे ॥ १७ ॥ कलहकरे ॥ १८ ॥ सूरप्पमाणभोई ॥ १९ ॥ एसणाऽसमिए यावि भवइ ॥ २० ॥ एए खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं वीसं असमाहिट्ठाणा पण्णत्ता ॥ २१ ॥ ति-बेमि ॥ पढमा दसा समत्ता ॥१॥ बिइया दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता, कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता ? इमे खल ते थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता । तंजहा-हत्थकम्मं करेमाणे सबले ॥ २२ ॥ मेहुणं पडिसेवमाणे सबले ॥ २३ ॥ राइभोयणं भुंजमाणे सबले ॥ २४ ॥ आहाकम्मं भुंजमाणे सवले ॥ २५॥ रायपिंडं भुंजमाणे सबले ॥२६॥ (उद्देसियं) कीयं वा पामिच्चं वा अच्छिजं वा अणिसिटुं वा आइ१ दिजमाणं वा भुंजमाणे सवले ॥ २७ ॥ अभिक्खणं अभिक्खणं पडियाइक्खेत्ताणं भुंजमाणे सबले ॥२८॥ १ अण्णे आयरिसे पारंभे पंच णमोकारोऽहिगो लब्भइ। .. Page #995 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९२० सुत्तागमे [. दासुखंध अंतो छण्हं मासाणं गणाओ गणं संकममाणे सबले ॥ २९ ॥ अंतो मासस्स तओ दगलेवे करेमाणे सबले ॥ ३० ॥ अंतो मासस्स तओ मा [ ईठा ] इट्ठा करे (सेव) माणे सबले ॥ ३१ ॥ सा[ग]गारियपिंडं भुंजमाणे सबले ॥ ३२ ॥ आउट्टियाए पाणाइवायं करेमाणे सबले ॥ ३३ ॥ आउट्टियाए मुसावायं वयमाणे सबले ॥ ३४ ॥ आउट्टियाए अदिण्णादाणं गिण्हमाणे सबले || ३५ || आउट्टियाए अणंतरहियाए पुढवी ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चे [त ] एमाणे सबले ॥ ३६ ॥ एवं ससिणिद्धा पुढवीए एवं ससरक्खाए पुढवीए ॥ ३७ ॥ एवं आउट्टियाए चित्तमंताए सिलाए चित्तमंताए लूए कोलावासंसि वा दारुए जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउस्से सउदगे सउत्तिंगे पणगदगम (ट्टिय ) ट्टीए मक्कडा संताणए तहप्पगारं ठाणं वा सिज्जं वा निसीहियं वा चेएमाणे सबले ॥ ३८ ॥ आउट्टियाए मूलभोयणं वा कंदभोयणं वा खंधभोयणं वा तयाभोयणं वा पवालभोयणं वा पत्तभोयणं वा पुप्फभोयणं वा फलभोयणं वा बीयभोयणं वा हरियभोयणं वा भुंजमाणे सबले ॥ ३९ ॥ अंतो संवच्छरस्स दस दगलेवे करेमाणे सबले ॥ ४० ॥ अंतो संवच्छरस्स दस माइट्ठाणाई करेमाणे सबले ॥ ४१ ॥ आउट्टियाए सीओदयवियडवग्घारिय (पाणिणा)-- हत्थेण वा मत्तेण वा द[विष्ण]व्वीए वा भायणेण वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता भुंजमाणे सबले ॥ ४२ ॥ एए खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं. गवी सबला पण्णत्ता ॥ ४३ ॥ ति-बेमि ॥ बिइया दसा समत्ता ॥ २ ॥ तइया दसा सुयं मे आउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं ते[ती]त्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं असायणाओ पण्णत्ताओ ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीस आसायणाओ पण्णत्ताओ । तंजहा- सेहे रा [य] इणियस्स पुरओ गंता भवइ आसाणा सेहस्स ॥ ४४-४५ ॥ सेहे राइणियस्स सपक्खं गंता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ४६ ॥ सेहे राइणियस्स आसन्नं गंता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ४७ ॥ सेहे राइणिस्स पुरओ चिट्ठित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ४८ ॥ सेहे राइणियस्स सपक्खं चिट्ठित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ४९ ॥ सेहे राइणियस्स आसन्नं (ठिच्चा) चिट्ठित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५० ॥ सेहे राइणियस्स पुरओ निसीइत्ता भवइ आसायणा सेहस्सं ॥ ५१ ॥ सेहे राइणियस्स सपक्खं निसीइत्ता भवइ आसा - यणा सेहस्स ॥ ५२ ॥ सेहे राइणियस्स आसन्नं निसीइत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५३ ॥ सेहे राइणिएणं सद्धिं बहिया वियारभूमिं [वा ] निक्खंते समाणे तत्थ सेहे Page #996 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० ३ एक्कतीसइमा आसायणा] सुत्तागमे ९२१ पुव्वतरागं आयमइ पच्छा राइणिए भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५४ ॥ सेहे राइणिएणं सद्धिं बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमि वा निक्खंते समाणे तत्थ सेहे पुव्वतरागं आलोएइ पच्छा राइणिए भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५५ ॥ केई राइणियस्स पुव्वसंलवित्तए सिया, तं सेहे पुव्वतरागं आलवइ पच्छा राइणिए भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५६ ॥ सेहे राइणियस्स राओ वा वियाले वा वाहरमाणस्स अजो! के सु(त्ते)त्ता के जाग(रे)रा ? तत्थ सेहे जागरमाणे राइणियस्स अपडिसुणेत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५७ ॥ सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता तं पु[व्वव्वामेव सेहतरागस्स आलोएइ पच्छा राइणियस्स भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५८ ॥ सेहे असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता तं पुवामेव सेहतरागस्स उवदंसेइ पच्छा राइणियस्स भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ५९ ॥ सेहे असणं वा...पडिगाहित्ता तं पुत्वामेव सेहतरागं उवणिमंतेइ पच्छा राइणि ए]यं भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६० ॥ सेहे राइणिएण सद्धिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता तं राइणियं अणापुच्छित्ता जस्स जस्स इच्छइ तस्स तस्स खद्धं [खंध] २ तं दलयइ आसायणा सेहस्स ॥ ६१ ॥ सेहे असणं वा ४ पडिगाहित्ता राइणिएणं सद्धिं भुजमाणे तत्थ सेहे खद्धं २ डागं डागं ऊसढं ऊसढं रसियं रसियं मणुन्नं मणुन्नं मणामं मणामं निद्धं निद्धं लुक्खं लुक्खं आहारित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६२ ॥ सेहे राइणियस्स वाहर(आलव)माणस्स अपडिसुणित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६३ ॥ सेहे राइणियस्स वाहरमाणस्स तत्थ गए चेव पडिसुणित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥६४॥ सेहे राइणियस्स किंति-वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥६५॥ सेहे राइणियं तुमंतिवत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६६ ॥ सेहे राइणियं खद्धं खद्धं वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६७ ॥ सेहे राइणियं तजाएणं [२] पडिहणित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६८ ॥ सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स इति एवं वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ६९ ॥ सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स णो सुमरसीति वत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७० ॥ सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स णो सुमणसे भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७१ ॥ सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स परिसं भेत्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७२ ॥ सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स कहं अच्छिदित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७३ ॥ सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए अणुट्ठियाए अभिन्नाए अवुच्छिन्नाए अवोगडाए दो(दु)चंपि तच्चपि तमेव कहं कहित्ता भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७४ ॥ सेहे राइणियस्स सिजासंथारगं Page #997 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९२२ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो पाएणं संघट्टित्ता हत्थेण अणणुतावित्ता (अणणु(ण्णवे)वित्ता) गच्छइ भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७५ ॥ सेहे राइणियस्स सिज्जासंथारए चिट्ठित्ता वा निसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७६ ॥ सेहे राइणियस्स उच्चासणंसि वा समासणंसि वा चिट्ठित्ता वा निसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ आसायणा सेहस्स ॥ ७७ ॥ एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ ॥ ७८॥ त्ति-बेमि ॥ तइया दसा समत्ता ॥३॥ चउत्था दसा सुयं मे आउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता, कयरा खलु अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता? इमा खलु अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता । तंजहा-आयारसंपया १, सुयसंपया २, सरीरसंपया ३, वयणसंपया ४, वायणासंपया ५, मइसंपया ६, पओगसंपया ७, संगहपरिन्ना(नाम) अट्ठमा ८ । से किं तं आयारसंपया ? आयारसंपया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहासंजमधुवजोगजुत्ते यावि भवइ, असंपगहियअप्पा, अणिययवित्ती, वुडसीले यावि भवइ । से तं आयारसंपया ॥ ७९ ॥ से किं तं सुयसंपया ? सुयसंपया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा-बहुसु(त्ते)ए यावि भवइ, परिचियसुए यावि भवइ, विचित्तसुए यावि भवइ, घोसविसुद्धिकारए यावि भवइ । से तं सुयसंपया ॥ ८० ॥ से किं तं सरीरसंपया ? सरीरसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-आरोहपरिणाहसंपन्ने यावि भवइ, अणोतप्पसरीरे, थिरसंघयणे, बहुपडिपुण्णिदिए यावि भवइ । से तं सरीरसंपया ॥ ८१ ॥ से किं तं वयणसंपया ? वयणसंपया चउबिहा पण्णत्ता । तंजहा-आदेयवयणे यावि भवइ, महुरवयणे यावि भवइ, अणिस्सियवयणे यावि भवइ, असंदिद्धवयणे यावि भवइ । से तं वयणसंपया ॥ ८२ ॥ से किं तं वायणासंपया ? वायणासंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-विजयं उद्दिसइ, विजयं वाएइ, परिनिव्वावियं वाएइ, अत्थनिजावए यावि भवइ । से तं वायणासंपया ॥ ८३ ॥ से किं तं मइसंपया ? मइसंपया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा-उग्गहमइसंपया, ईहामइसंपया, अवायमइसंपया, धारणामइसंपया । से किं तं उग्गहमइसंपया ? उग्गहमइसंपया छव्विहा पण्णत्ता । तंजहा-खिप्पं उगिण्हेइ, बहु उगिण्हेइ, बहुविहं उगिण्हेइ, धुवं उगिण्हेइ, अणिस्सियं उगिण्हेइ, असंदिद्धं उगिण्हेइ । से तं उग्गहमइसंपया । एवं ईहामइवि । एवं अवायमइवि । से किं तं धारणामइसंपया ? धारणामइसंपया छव्विहा पण्णत्ता । तंजहाबहु धरेइ, बहुविहं धरेइ, पोराणं धरेइ, दुद्धरं धरेइ, अणिस्सियं धरेइ, असंदिद्धं धरेइ। से तं धारणामइसंपया ॥ ८४ ॥ से किं तं पओगमइसंपया ? पओगमइसंपया Page #998 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० ४ वण्णसंजलणया] सुत्तागमे ९२३ चउब्विहा पण्णत्ता । तंजहा-आयं विदाय वायं पउंजित्ता भवइ, परिसं विदाय वायं पउंजित्ता भवइ, खेत्तं विदाय वायं पउंजित्ता भवइ, वत्थु विदाय वायं पउंजित्ता भवइ । से तं पओगमइसंपया ॥ ८५॥ से किं तं संगहपरिन्ना नामं संपया ? संगहपरिन्ना नामं संपया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा-वासावासेसु खेत्तं पडिलेहित्ता भवइ बहुजणपाउग्गयाए, बहुजणपाउग्गयाए पाडिहारियपीढफलगसेज्जासंथारयं उगिण्हित्ता भवइ, कालेणं कालं समाणइत्ता भवइ, अहागुरु संपूएत्ता भवइ । से तं संगपरिन्ना नामं संपया ॥ ८६ ॥ आयरिओ अंतेवासी इमाए चउव्विहाए विणयपडिवत्तीए विणइत्ता भवइ निरणत्तं गच्छइ । तंजहा-आयारविणएणं, सुयविणएणं, विक्खेवणाविणएणं, दोसनिग्घायणविणएणं ॥ ८७ ॥ से किं तं आयारविणए ? आयारविणए चउविहे पण्णत्ते। तंजहा-संजमसा(स)मायारी यावि भवइ, तवसामायारी यावि भवइ, गणसामायारी यावि भवइ, एगल्लविहारसामायारी यावि भवइ । से तं आयारविणए ॥ ८८॥ से किं तं सुयविणए ? सुयविणए चउविहे पण्णत्ते । तंजहा-सुत्तं वाएइ, अत्थं वाएइ, हियं वाएइ, निस्सेसं वाएइ । से तं सुयविणए ॥ ८९ ॥ से किं तं विक्खेवणाविणए ? विक्खेवणाविणए चउव्विहे पण्णत्ते । तंजहा-अदिट्ठधम्म दिट्ठपुव्वगत्ताए विणएइत्ता भवइ, दिट्ठपुव्वगं साहम्मियत्ताए विणएइत्ता भवइ, चुय-धम्माओ धम्मे ठावइत्ता भवइ, तस्सेव धम्मस्स हियाए सुहाए खमाए निस्सेसाए अणुगामियत्ताए अब्भुटेत्ता भवइ । से तं विक्खेवणाविणए ॥ ९० ॥ से किं तं दोसनिग्घायणाविणए ? दोसनिग्घायणाविणए चउविहे पण्णत्ते । तंजहा—कुद्धस्स कोहविणएत्ता भवइ, दुट्ठस्स दोसं णिगिण्हित्ता भवइ, कंखियस्स कंखं छिंदित्ता भवइ, आयासुप्पणिहिए यावि भवइ । से तं दोसनिग्घायणाविणए ॥ ९१ ॥ तस्सेवं गुणजाइयस्स अंतेवासिस्स इमा चउव्विहा विणयपडिवत्ती भवइ । तंजहा-उवगरणउप्पायणया, साहिल्लया, वण्णसंजलणया. भारपच्चोरहणया ।। ९२ ॥ से किं तं उवगरणउप्पायणया ? उवगरणउप्पायणया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा-अणुप्पण्णाणं उवगरणाणं उप्पाइत्ता भवइ, पोराणाणं उवगरणाणं सारक्खित्ता संगोवित्ता भवइ, परित्तं जाणित्ता पञ्चद्धरित्ता भवइ, अहाविहि संविभइत्ता भवइ । से तं उवगरणउप्पायणया ॥ ९३ ॥ से किं तं साहिल्ल्या ? साहिल्लया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा-अणुलोमवइसहिए यावि भवइ, अणुलोमकायकिरियत्ता, पडिरूवकायसंफासणया, सव्वत्थेसु अपडिलोमया। से तं साहिल्लया ॥ ९४ ॥ से किं तं वण्णसंजलणया ? वण्णसंजलणया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा--अहातच्चाणं वण्णवाई भवइ, अवण्णवाई पडिहणित्ता भवइ, वण्णवाई अणुबूहित्ता भवइ, आयवुहसेवी यावि भवइ । से तं वण्णसंजलणया Page #999 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९२४ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो ॥९५॥ से किं तं भारपञ्चोरहणया ? भारपच्चोरुहणया चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहाअसंगहियपरिजणसंगहित्ता भवइ, सेहं आयारगोयर-संगाहित्ता भवइ, साहम्मियस्स गिलायमाणस्स अहाथामं वेयावच्चे अब्भुट्टित्ता भवइ, साहम्मियाणं अहिगरणंसि उप्पण्णंसि तत्थ अणिस्सिओवस्सिए [वसित्तो] अपक्ख[ गहिय]गाही मज्झत्थभावभूए सम्म ववहरमाणे तस्स अहिगरणस्स खमावणाए विउसमणयाए सयासमियं अब्भुद्वित्ता भवइ, कहं नु साहम्मिया अप्पसद्दा अप्पझंझा अप्पकलहा अप्पकसाया अप्पतुमंतुमा संजमबहुला संवरबहुला समाहिबहुला अप्पमत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणाणं एवं च णं विहरेजा। से तं भारपञ्चोरहणया ॥ ९६॥ एसा खलु थेरेहिं भगवंतेहिं अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता ॥९७॥ ति-बेमि ॥ चउत्था दसा समत्ता ॥४॥ पंचमा दसा सुयं मे आउस ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं दस चित्तसमाहिठाणा पण्णत्ता, कयरे खलु ते थेरेहि भगवंतेहिं दस चित्तसमाहिठाणा पण्णत्ता ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस चित्तसमाहिठाणा पण्णत्ता । तंजहातेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियगामे णयरे होत्या, एत्थं णयरवण्णओ भाणियव्यो। तस्स णं वाणियगामस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए दूइपलासए णामं उजाणे होत्था, वण्णओ। जियसत्तू राया, तस्स धारणी नामं देवी, एवं सव्वं समोसरणं भाणियव्वं जाव पुढवीसिलापट्टए सामी समोसढे, परिसा निग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया ॥ ९८ ॥ अजो! [६]ति समणे भगवं महावीरे समणा निग्गंथा निग्गंथीओ य आमंतित्ता एवं वयासी-"इह खलु अजो ! निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा इरियासमियाणं भासासमियाणं एसणासमियाणं आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमियाणं उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिठावणियासमियाणं मणसमियाणं वा वा] यसमियाणं कायसमियाणं मणगुत्तीणं वायगुत्तीणं कायगुत्तीणं गुत्तिदियाणं गुत्तबंभयारीणं आयट्ठीणं आयहियाणं आयजोईणं आयपरकमाणं सुसमाहिपत्ताणं झियायमाणाणं इमाइं दस चित्तसमाहिठाणाई असमुप्पण्णपुव्वाइं समुप्पजेज्जा । तंजहा-धम्मचिंता वा से असमुप्पण्णपुव्वा समुप्पजेज्जा सव्वं धम्म जाणित्तए ॥ ९९ ॥ सुमिणदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजेजा अहातचं सुमिणं पासित्तए ॥१००॥ सण्णिजाइसरणेणं सण्णिणा(णे)णं वा से असमुप्पण्णपुग्वे समुप्पज्जेजा (पुव्वभवे) अप्पणो पोराणियं जाइं सुमरित्तए ॥ १०१॥ देवदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजेजा दिवं देवि४ि दिव्वं देवजुइं दिव्वं देवाणुभावं पासित्तए ॥ १०२ ॥ ओहिणाणे वा से असमुप्पन्नपुव्वे समुप्पजेजा ओहिणा लोगं जाणित्तए Page #1000 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० ६ एक्कारसुवासगपडिमा] सुत्तागमे ९२५ ॥ १०३ ॥ ओहिदंसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेज्जा ओहिणा लोयं पासित्तए ॥ १०४ ॥ मणपज्जवणाणे वा से असमुप्पण्णपुत्वे समुप्पज्जेजा अंतो मणुस्सक्खित्तेसु अड्डाइजेसु दीवसमुद्देसु सण्णीणं पांचंदियाणं पजत्तगाणं मणोगए भावे जाणित्तए ॥ १०५॥ केवलणाणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पजेजा केव(लं)लकप्पं लो(ग)यालोयं जाणित्तए ॥ १०६॥ केवलदसणे वा से असमुप्पण्णपुव्वे समुप्पज्जेजा केवलकप्पं लोयालोयं पासित्तए ॥ १०७॥ केव(लि)लमर(णं)णे वा से असमुप्पण्णपुग्वे समुप्पजे(मरि)जा सव्वदुक्खपही हा]णाए ॥ १०८॥ ओयं चित्तं समादाय, झाणं समुप्पजइ। धम्मे ठिओ अविमणो, निव्वाणमभिगच्छइ ॥१०९॥ण इमं चित्तं समादाय, भुजो लोयंसि जायइ । अप्पणो उत्तमं ठाणं, सण्णिणाणेण जाणइ॥ ११० ॥ अहातचं तु सुमिणं, खिप्पं पासेइ संवुडे । सव्वं वा ओहं तरइ, दुक्खदोय विमुच्चइ ॥ १११॥ पंताई भयमाणस्स, विवित्तं सयणासणं । अप्पाहारस्स दंतस्स, देवा दंसेति ताइणो ॥ ११२ ॥ सव्वकामविरत्तस्स, खमणो भयभेरवं । तओ से ओही भवइ, संजयस्स तवस्सिणो ॥ ११३ ॥ तवसा अवहट्टलेस्सस्स, दंसणं परिसुज्झइ । उर्दू अहे तिरियं च, सव्वं समणुपस्सइ ॥ ११४ ॥ सुसमाहियलेस्सस्स, अवितक्कस्स भिक्खुणो। सव्वओ विप्पमुक्कस्स, आया जाणाइ पजवे ॥ ११५ ॥ जया से णाणावरणं, सव्वं होइ खयं गयं । तओ लोगमलोगं च, जिणो जाणइ केवली ॥ ११६ ॥ जया से दरिसणावरणं, सव्वं होइ खयं गयं । तओ लोगमलोगं च, जिणो पासइ केवली ॥ ११७ ॥ पडिमाए विसुद्धाए, मोहणिज्जं खयं ग[य]ए। असेसं लोगमलोगं च, पासेइ सुसमाहिए ॥ ११८ ॥ जहा मत्थय-सूईए, हंताए हम्मइ तले। एवं कम्माणि हम्मंति, मोहणिजे खयं गए ॥ ११९ ॥ सेणावइंमि निहए, जहा सेणा पणस्सह । एवं कम्माणि णस्संति, मोहणिजे खयं गए ॥ १२० ॥ धूमहीणो जहा अग्गी, खीयइ से निरिंधणे। एवं कम्माणि खीयंति, मोहणिज्जे खयं गए ॥ १२१ ॥ सुक्काले जहा रुक्खे, सिंचमाणे ण रोहइ। एवं कम्मा ण रोहंति, मोहणिज्जे खयं गए ॥ १२२ ॥ जहा दड्डाणं बीयाणं, न जायंति पुर्णकुरा । कम्मबीएसु दड्डेसु, न जायंति भवंकुरा ॥ १२३ ॥ चिच्चा ओरालियं बोंदि, नामगो(तं)यं च केवली। आउयं वेयणिज्जं च, छित्ता भवइ नीरए ॥१२४ ॥ एवं अभिसमागम्म, चित्तमादाय आउसो । सेणिसुद्धिमुवागम्म, आया सुद्धि(सोहि)मुवागइ ॥ १२५ ॥ त्ति-बेमि ॥ पंचमा दसा समत्ता ॥५॥ छट्ठा दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया महावीरेणं एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं Page #1001 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९२६ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो ए(इ)कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एकारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ।तंजही-अकिरियवाई यावि भवइ, नाहियवाई, नाहियपण्णे, नाहियदिट्ठी, णो सम्मावाई, णो णितियावाई, ण संति परलोगवाई, णत्थि इहलोए, णत्थि परलोए, णत्थि माया, णत्थि पिया, णत्थि अरिहंता, णत्थि चक्कवट्टी, णत्थि बलदेवा, णत्थि वासुदेवा, णत्थि णिरया, णत्थि णेरइया, णत्थि सुकडदुक्कडाणं फलवित्तिविसेसो, णो सुचिण्णा कम्मा सुचिण्णा फला भवंति, णो दुचिण्णा कम्मा दुचिण्णा फला भवंति, अफले कल्लाणपावए, णो पञ्चायति जीवा, णत्थि णिरए, णत्थि सिद्धी, से एवंवाई एवंपण्णे एवंदिट्ठी एवंछंदरागमइणिविटे यावि भवइ ॥ १२६॥ से भवइ महिच्छे महारंभ महापरिग्गहे अहम्मिए अहम्माणुए अहम्मसेवी अहम्मिटे अहमक्खाई अहम्मरागी अहम्मपलोई अहम्मजीवी अहम्मपलजणे अहम्मसीलसमुदायारे अहम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणे विरहइ ॥ १२७॥ "हण छिंद भिंद" विकत्तए लोहियपाणी चंडे रुद्दे खुद्दे असमिक्खियकारी साहस्सिए उकंचणवंचणमाइनियडिकूड ०साइसंपओगबहुले दुस्सीले दुप्परिचए दुचरिए दुरणुणेए दुव्वए दुप्पडियाणंदे निस्सीले निव्वए निग्गुणे निम्मेरे निप्पञ्चक्खाणपोसहोववासे असाहू ॥ १२८ ॥ सव्वाओ पाणाइवायाओ अप्पडिविरया जावजीवाए जाव सव्वाओ परिग्गहाओ, एवं जाव सव्वाओ कोहाओ सव्वाओ माणाओ सव्वाओ मायाओ सव्वाओ लोभाओ पेजाओ दोसाओ कलहाओ अब्भक्खाणाओ पेसुण्णपरपरिवायाओ अरइरइमायामोसाओ मिच्छादसणसल्लाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए ॥ १२९ ॥ सव्वाओ कसायदंतकट्टण्हाणमद्दणविलेवणसद्दफरिसरसरूवगंधमल्लाऽलंकाराओ अप्पडिविरया जावजीवाए, सव्वाओ सगडरहजाणजुगगिल्लिथिल्लिसीयासंदमाणियासयणासणजाणवाहणभोयणपवित्थरविहीओ अप्पडिविरया जावजीवाए॥१३०॥ असमिक्खियकारी सव्वाओ आसहत्थिगोमहिसाओ गवेलयदासदासीकम्मकरपोरुस्साओ अप्पडिविरया जावजीवाए, सव्वाओ क्यविकयमासद्धमासरूवगसंववहाराओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ हिरण्णसुवण्णधणधन्नमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ कूडतुलकूडमाणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ आरंभसमारंभाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ पयणपयावणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ करणकरावणाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए, सव्वाओ कुट्टणपिट्टणाओ १ पासह एक्कारसमं समवायं । २ विसेसो सूयगडबिइयसुयक्खंधबिइयऽज्झयणपढमकिरियट्ठाणऽहम्मपक्खाओ णायव्यो । Page #1002 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० ६ णाहियवण्णणं] सुत्तागमे ९२७ तज्जणतालणाओ वहबंधपरिकिलेसाओ अप्पडिविरया जावजीवाए, जेयावण्णे तहप्पगारा सावज्जा अबोहिया कम्मा कजति परपाणपरियावणक[डा]रा कज्जति तओवि य अप्पडिविरया जावजीवाए ॥ १३१ ॥ से जहानामए-केइ पुरिसे कलममसूरतिलमुग्गमासनिप्फावकुलत्थआलिसंदगजवजवा एवमाइएहिं अयत्ते कूरे मिच्छादंडं पउंजइ एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए तित्तिरवट्टगलावयकवोयकविंजलमियमहिसवराहगाहगोहकुम्मसरिसवाइएहिं अयत्ते कूरे मिच्छादंडं पउंजइ ॥ १३२ ॥ जावि य से वाहिरिया परिसा भवइ, तंजहा-दासेइ वा पेसेइ वा भितएइ वा भाइल्लेइ वा कम्मकरेइ वा भोगपुरिसेइ वा तेसिपि य णं अण्णयरगंसि अहालहुयंसि अवराहसि सयमेव गरुयं दंडं वत्तेइ, तंजहा-इमं दंडेह, इमं मुंडेह, इमं तजेह, इमं तालेह, इमं अंदुयबंधणं करेह, इमं नियलबंधणं करेह, इमं हडिबंधणं करेह, इमं चारगबंधणं करेह, इमं नियलजुयलसंकोडियमोडियं करेह, इमं हत्थछिन्नयं करेह, इमं पायछिनयं करेह, इमं कन्नछिन्नयं करेह, इमं नक्कछिन्नयं करेह, इमं उछिन्नयं करेह, इमं सीसछिन्नयं करेह, इमं मुहछिन्नयं करेह, इमं वेयछिन्नयं करेह, इमं हियउप्पाडियं करेह, एवं नयण-वसण-दंसण-वयण- जिभु)भ-उप्पाडियं करेह, इमं उल्लंबियं करेह, इमं घासियं०, इमं घोलियं०, इमं सूला[का(पो)यत]इयं०, इमं सूलाभिन्नं०, इमं खारवत्तियं करेह, इमं दब्भवत्तियं करेह, इमं सीहपुच्छ्यं करेह, इमं वसभपुच्छयं करेह, इमं दवग्गिदड्वयं करेह, इमं काक(णि)णीमंसखावियं करेह, इमं भत्तपाणनिरुद्धयं करेह, जावज्जीववंधणं करेह, इमं अन्नयरेणं असुभकुमारेणं मारेह ॥ १३३॥ जावि य से अभितरिया परिसा भवइ, तंजहा-मायाइ वा पियाइ वा भायाइ वा भगिणीइ वा भज्जाइ वा धूयाइ वा सुण्हाइ वा तेसिंपि य णं अण्णयरंसि अहालहुयंसि अवराहसि सयमेव गरुयं दंडं वत्तेइ, तंजहा-सीओदगवियडंसि कायं बोलित्ता भवइ, उसिणोदगवियडेण कायं सिंचित्ता भवइ, अगणिकाएण कायं उड्डहित्ता भवइ, जोत्तेण वा वेत्तेण वा नेत्तेण वा कसेण वा छिवाडीए वा लयाए वा पासाई उद्दालित्ता भवइ, दंडेण वा अट्ठीण वा मुट्ठीण वा लेलुएण वा कवालेण वा कायं आउट्टित्ता भवइ, तहप्पगारे पुरिसजाए संवसमाणे दुम्मणा भवंति, तहप्पगारे पुरिसजाए विप्पवसमाणे सुमणा भवंति ॥ १३४ ॥ तहप्पगारे पुरिसजाए दंडमासी दंडगरुए दंडपुरेक्खडे अहिए अस्सि लोयंसि अहिए परंसि लोयंसि । ते दुक्खेति सोयंति एवं झूरंति तिप्पंति पिढेंति परितप्पंति, ते दुक्खणसोयणझूरणतिप्पणपिट्टणपरितप्पणवहवंधपरिकिलेसाओ अप्पडिविरया भवंति ॥ १३५ ॥ एवामेव ते इत्थिकामभोगेहिं मुच्छिया गिद्धा गढिया अज्झोववन्ना जाव वासाइं चउपंच[मा] छदसमाणि वा Page #1003 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५९२८ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो अप्पतरो वा भुज्जतरो वा कालं भुंजित्ता कामभोगाइं पसेवित्तावे राययणाई संचिणित्ता बहुयं पावाई कम्माइं उसन्नं संभारकडेण कम्मुणा से जहानामए-अयगोलेइ वा सेलगोलेइ वा उदयंसि पक्खित्ते समाणे उदगतलमइवइत्ता अहे धर(णि)णीयले पइट्टाणे भवइ एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए वजबहुले धुत्तबहुले पंकबहुले वेरबहुले दंभनियडिसाइबहुले आसायणाबहुले अयसबहुले अप्पत्तियबहुले उस्सण्णं तसपाणघाई कालमासे कालं किच्चा धरणीयलमइवइत्ता अहे नरगधरणीयले पइट्ठाणे भवइ ॥ १३६ ॥ ते णं नरगा अंतो वट्टा बाहिं चउरसा अहे खुरप्पसंठाणसंठिया निच्चंधयारतमसा ववगयगहचंदसूरणक्खत्तजोइसप्पहा मेदवसामंसरहिरपूयपडलचिक्खल्ल'लित्ताणुलेवणतला असु(ई)इ[वि]वीसा परमदुब्भिगंधा काउयअगणिवण्णाभा कक्खडफासा दुरहियासा असुभा नरगा असुभा नरएसु वेयणा, नो चेव णं नरए नेरइया निहायंति वा पयलायति वा सुई वा रइं वा धिई वा मई वा उवलभंति, ते णं तत्थ उजलं विउलं पगाढं ककसं कडुयं चंडं दुक्खं दुग्गं तिक्खं तिव्वं दुक्खिारहियासं नरएसु नेरइया नरयवेयणं पच्चणुभवमाणा विहरंति ॥ १३७ ॥ से जहानागएरुक्खे सिया पव्वयग्गे जाए मूलछिन्ने अग्गे गरुए जओ निन्नं जओ दुग्गं जओ विसमं तओ पवडइ एवामेव तहप्पगारे पुरिसजाए गब्भाओ गब्भं जम्माओ जम्मं माराओ मारं दुक्खाओ दुक्खं दाहिणगामिनेरइए कण्हपक्खिए आगमेस्साणं दुल्लभबोहिए यावि भवइ । से तं अकिरियावाई [यावि भवइ] ॥ १३८ ॥ से किं तं किरियावाई [यावि भवइ] ? तंजहा-आहियावाई, आहियपण्णे, आहिय'दिट्ठी, सम्मावाई, नियावाई, संति परलोगवाई, अत्थि इहलोगे, अत्थि परलोगे, अत्थि माया, अस्थि पिया, अत्थि अरिहंता, अत्थि चक्कवट्टी, अत्थि बलदेवा, अत्थि वासुदेवा, अस्थि सुकडदुक्कडाणं कम्माणं फलवित्तिविसेसे, सुचिण्णा कम्मा सुचिण्णा फला भवंति, दुचिण्णा कम्मा दुचिण्णा फला भवंति, सफले कल्लाणपावए, पञ्चायति जीवा, अत्थि नेरइया जाव अत्थि देवा, अत्थि सिद्धी, से एवंवाई एवंपन्ने एवंदिट्ठीछंदरागमइनिविटे यावि भवइ । से भवइ महिच्छे जाव उत्तरगामिए नेरइए सुक्कपक्खिए आगमेस्साणं सुलभबोहिए यावि भवइ । से तं किरियावाई ॥ १३९ ॥ सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासाइं नो सम्मं पट्टवियपुव्वाई भवंति, एवं उवासगस्स पढमा दंसणपडिमा ॥ १४० ॥ अहावरा दोच्चा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासाई सम्मं पट्टवियाई भवंति, से णं सामाइयं देसावगासियं नो सम्म अणुपालित्ता भवइ, दोच्चा उवासग Page #1004 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दु० ६ नवमा उवासगपडिमा ] सुत्तागमे पडिमा ॥ १४२ -१ ॥ अहावरा तच्चा उवासंगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोस होववासाईं सम्मं पवियाई भवंति से णं सामाइयं देसावगासियं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं चउ (६) दसि - अट्ठमि उद्दिपुण्ण मासिणीसु पडिपुण्णं पोसहोववासं नो सम्मं अणुपालित्ता भवइ, तच्चा उवासगपडिमा ॥ १४२ -२ ॥ अहावरा चत् [ थी ] था उवासगपडिमा - सव्वधम्म यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं सम्मं पवियाईं भवंति से णं सामाइयं देसावगासियं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, सेणं चउद्दसिअहमि द्दिपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, सेणं एगराइयं उवासगपडिमं नो सम्मं अणुपालित्ता भवइ, चउत्था उवासगपडिमा ॥ १४३ ॥ अहावरा पंचमा उवास गपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ, तस्स णं बहूई सीलवय जाव सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं सामाइयं... तहेव, सेणं चउद्दसि तहेव, से णं एगराइयं उवासगपडिमं सम्मं अणुपालित्ता भवइ, से णं असिणाणए वियडभोई मउलिकडे दिया बंभयारी रत्तिपरिमाणकडे, से णं एयारूवे[ण]णं विहारेणं विहरमाणे जहण्णेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं पंच मा[सं]से विहरइ, पंचमा उवासगपडिमा ॥ १४४ ॥ अहावरा छ[]ा उवास पडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवड़ जाव से णं एगराइयं उवासगपडिमं० अणुपालित्ता भवइ, से णं असिणाणए वियडभोई मउलिकडे दिया वा • राओ वा वंभयारी, सचित्ताहारे से अपरिण्णाए भवइ, से णं एयाख्वेणं विहारेणं विहरमाणे जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा [ जाव] उक्कोसेणं छमासे विहरेज्जा, छट्ठा उवसगपडिमा ॥ १४५ ॥ अहावरा सत्तमा उवासगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ जाव राओवरायं वा वंभयारी, सचित्ताहारे से परिण्णा भवइ, से णं एयारुवेणं विहारेणं विहरमाणे जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं सत्त मासे विहरेजा, से तं सत्तमा उवासगपडिमा ॥ १४६ ॥ अहावरा अट्टमा उवास गपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ जाव राओवरायं भयारी, सचित्ताहारे से परिण्णाए भवइ, आरंभ से परिण्णाए भवइ, पेसारंभे से अपरिणाए भवइ, से णं एयारुवेणं विहारेणं विहरमाणे [ जाव] जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं अट्ठ मासे विहरेजा, से तं अट्टमा उवासगपडिमा ॥ १४७ ॥ अहावरा नवमा उवासगपडिमा - सव्वधम्मरुई यावि भवइ जाव ओवरायं वंभयारी, सचित्ताहारे से परिण्णाए भवइ, आरंभे से परिण्णाए भवइ, पेसारंभे से परिणाए भवइ, उद्दिभत्ते से अपरिण्णाए भवइ, से णं एयारूवेणं ५९ सुत्ता० ९२९ Page #1005 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे . [दसासुयक्खंधो विहारेणं विहरमाणे जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं नव मासे विहरेज्जा, से तं नवमा उवासगपडिमा ॥ १४८॥ अहावरा दसमा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरुई यावि भवइ जाव उद्दिट्ठभत्ते से परिण्णाए भवइ, से णं खुरमुंडए वा सिहाधारए वा, तस्स णं आभट्ठस्स समाभट्ठस्स वा कप्पंति दुवे भासाओ भासित्तए, जहा-जाणं वा जाणं अजाणं वा णो जाणं, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं दस मासे विहरेजा, से तं दसमा उवासगपडिमा ॥ १४९ ॥ अहावरा एकाद]कारसमा उवासगपडिमा-सव्वधम्मरुई यावि भवइ जाव उद्दिट्ठभत्ते से परिण्णाए भवइ, से णं खुरमुंडए वा लुत्तसिरए वा गहियायारभंडगनेवत्थे, जारिसे समणाणं निग्गंथाणं धम्मे पण्णत्ते । तंजहा-सम्मं काएण फासेमाणे पालेमाणे पुरओ जुगमायाए पेहमाणे दह्ण तसे पाणे उद्दु पाए री(रि)एजा, साहठ्ठ पाए रीएजा, तिरिच्छं वा पायं कुटु रीएज्जा, सइ परक्कमे जा,] संजयामेव परक्कमेजा, नो उज्जुयं गच्छेजा, केवलं से नायए पेजबंधणे अवोच्छिन्ने भवइ, एवं से कप्पइ नायविहिं वइत्तए ॥ १५० ॥ तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते भिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडि[ग]गाहित्तए, नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहित्तए । तत्थ [णं] से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते भिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिग्गाहित्तए, नो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहित्तए। तत्थ से पुव्वागमणेणं दोवि पुवाउत्ताई कप्पंति दोवि पडिग्गाहित्तए । तत्थ से पच्छागमणेणं दोवि पच्छाउत्ताई णो से कप्पंति दोवि पडिग्गाहित्तए । जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते से कप्पइ पडिग्गाहित्तए । जे से तत्थ पुव्वागसणेणं पच्छाउत्ते से नो कप्पइ पडिग्गाहित्तए ॥ १५१ ॥ तस्स णं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुप्पविट्ठस्स कम्पइ एवं वइत्तए “समणोवासगस्स पडिमापडिवनस्स भिक्खं दलयह" तं चेव एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे णं केइ पासित्ता वइज्जा-"केइ आउसो ! तुमं वत्तव्वं सिया” “समणोवासए पडिमापडिवन्नए अहमंसीति' वत्तव्वं सिया, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे जहन्नेणं एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा उक्कोसेणं एकारस मासे विहरेजा, ए(गा)कारसमा उवासगपडिमा ॥ १५२ ॥ एयाओ खल ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं एक्कारस उवासगपडिमाओ पण्णत्ताओ॥ १५३ ॥ त्ति-बेमि ॥ छ(ट्ठी)हा दसा समत्ता ॥६॥ सत्त[मी]मा दसा सुयं मे आउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं बारस. Page #1006 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द०७ प० भासा०] सुत्तागमे भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ, कयरा खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ । तंजहा-मासिया भिक्खुपडिमा १, दोमासिया भिक्खुपडिमा २, तिमासिया भिक्खुपडिमा ३, च()उ(म)मासिया भिक्खुपडिमा ४, पंचमासिया भिक्खुपडिमा ५, छ(म)मासिया भिक्खुपडिमा ६, सत्तमासिया भिक्खुपडिमा ७, पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा ८, दोच्चा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा ९, तच्चा सत्तराईदिया भिक्खुपडिमा १०, अहोरा(इ)इंदिया भिक्खुपडिमा ११, एगराइया भिक्खुपडिमा १२ ॥ १५४ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उववजंति, तंजहा-दिव्वा वा, माणुसा वा, तिरिक्खजोणिया वा, ते उप्पण्णे सम्मं (काएणं) सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ ॥ १५५ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स कम्पइ एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहित्तए एगा पाणगस्स, अण्णायउञ्छ सुद्धोवहडं निहित्ता बहवे दु[प]पयचउप्पयसमणमाणअतिहिकिवणवणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहित्तए, णो दुण्हंणो तिण्हं णो चउण्हं णो पंचण्हं, णो गुम्विणीए, णो बालवच्छाए, णो दारगं पेजमाणीए, णो अंतो एलुयस्स दोवि पाए साइटु दलमाणीए, णो बा[व]हिं एलुयस्स दोवि पाए साथै दलमाणीए, एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलुयं विक्खंभइत्ता एवं दलयइ एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, एवं से नो दलयइ एवं से नो कप्पइ पडिगाहित्तए ॥ १५६ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स तओ गोयरकाला पन्नत्ता । तंजहा-आ[दि]इमे म[ज्झे]ज्झिमे चरिमे, आइमे चरेजा, नो मज्झे चरेजा, नो चरिमे चरेजा १, मज्झे चरेजा, नो आइमे चरेजा, नो चरिमे चरेजा २, चरिमे चरेजा, नो आइमे चरेजा, नो मज्झिमे चरेजा ३ ॥ १५७ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स अणगारस्स छव्विहा गो-यर-चरिया पन्नत्ता । तंजहा-पेला, अद्धपेला, गोमुत्तिया, पतंगवीहिया, संवुक्कावट्टा, गत्तु (गंतु)पच्चागया ॥ १५८ ॥ मासियं. णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स जत्थ णं केइ जाणइ कप्पइ से तत्थ 'एगरा(इं)इयं वसित्तए, जत्थ णं केइ न जाणइ कप्पइ से तत्थ एगरायं वा दुरायं वा वसित्तए, नो से कप्पइ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १५९ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स० कप्पइ चत्तारि भासाओ भासित्तए, तंजहा-जायणी, पुच्छणी, अणुण्णवणी, १ वण्णणविसेसमेयासिं ठाणतच्चठाणभगवईअंतगडाईहिंतो जाणियव्वं । Page #1007 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ दसासुयक्खंधो पुट्ठस्स वागरणी ॥ १६० ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० कम्पइ तओ उवस्सया पडिलेहित्तए, तंजहा-अहे आरामगिहंसि वा, अहे वियडगिहंसि वा, अहे रुक्खमूलगिहंसि वा । मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० कप्पइ तओ उवस्सया अणुण्णवेत्तए, तं०-अहे आरामगिहें, अहे वियडगिहं, अहे रुक्खमूलगिहं । मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० कप्पइ तओ उवस्सया उवाइ(णावि)णित्तए, तं चेव ॥ १६१॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स० कप्पइ तओ संथारगा पडिलेहित्तए, तंजहा-पुढवीसिलं वा, कट्ठसिलं वा, अहासंथडमेव । मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० कप्पइ तओ संथारगा अणुण्णवेत्तए, तं चेव । मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स० कप्पइ तओ संथारगा उवाइणित्तए, तं चेव ॥ १६२ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स० इत्थी वा पुरिसे वा उवस्सयं उवागच्छेजा, से इत्थी वा पुरिसे वा नो से कप्पइ तं पडुच्च निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ १६३ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० केइ उवस्सयं अगणिकाएणं झामेजा नो से कप्पइ तं पडुच्च निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, तत्थ णं केइ बाहाए गहा[ए]य आगसेज्जा नो से कप्पइ तं अवलंबित्तए वा पलंबित्तए वा, कप्पइ से अहारियं रीइ[रिय]त्तए॥ १६४ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवन्नस्स० पायंसि खाणू वा कंटए वा हीरए वा सक्करए वा अणुपविसेज्जा नो से कप्पइ नीहरित्तए वा विसोहित्तएं वा, कम्पइ से अहारियं रीइत्तए॥ १६५ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स जाव अच्छिसि पा[णाणि]णे वा बी याणि]ए वा रए वा परियावजेजा, नो से कप्पइ नीहरित्तए वा विसोहित्तए वा, कप्पइ से अहारियं रीइत्तए ॥ १६६ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० जत्थेव सूरिए अत्थमेजा तत्थ एव जलं(सुकजलासयं)सि वा थलंसि वा दुग्गंसि वा निन्नंसि वा पव्वयंसि वा विसमंसि वा गड्डाए वा दरीए वा कप्पइ से तं रयणी तत्थेव, उवायणावित्तए नो से कप्पइ पयमवि गमित्तए, कप्पइ से कलं पाउप्पभाए रयणीए जाव जलंते पाईणाभिमुहस्स वा दाहिणाभिमुहस्स वा पडीणाभिमुहस्स वा उत्तराभिमुहस्स वा अहारियं रीइत्तए॥ १६७ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवण्णस्स णो से कप्पइ अणंतरहियाए पुढवीए निदाइत्तए वा पयलाइत्तए वा, केवली बूया आयाणमेयं, से तत्थ निद्दायमाणे वा पयलायमाणे वा हत्थेहिं भूमिं परामुसेजा, अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए णिक्खमित्तए वा, उच्चारपासवणेणं उ[प्पा]ब्बाहिजा नो से कप्पइ उगिण्हित्तए [वा], कप्पइ से पुव्वपडिलेहिए थंडिले उच्चारपासवणं परिठवित्तए, तमेव उवस्सयं आगम्म अहाविहि ठाणं ठाइत्तए ॥ १६८ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स० नो कप्पइ ससरक्खेणं काएणं गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए Page #1008 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० ७ अहोराइंदिया भिक्खुपडिमा सुत्तागमे ९३३ वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, अह पुण एवं जाणेज्जा ससरक्खे से अत्ताए वा जल्लत्ताए वा मलत्ताए वा पंकत्ताए वा विद्धत्थे से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ १६९ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० नो कप्पइ सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा हत्थाणि वा पायाणि वा दंताणि वा अच्छीणि वा मुहं वा उच्छोलित्तए वा पधोइत्तए वा, णण्णत्थ लेवालेवेण वा भत्तमासेण वा ॥ १७० ॥ मासियं णं भिक्खुपडिम पडिवन्नस्स० नो कप्पइ आसस्स वा हत्थिस्स वा गोणस्स वा महिसस्स वा कोलसुणगस्स वा सुणस्स वा वग्धस्स वा दुट्ठस्स वा आवयमाणस्स पयमवि पच्चोसक्कित्तए, अदुट्ठस्स आवयमाणस्स कप्पइ जुगमित्तं पच्चोसक्त्तिए ॥ १७१ ॥ मासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० नो कप्पइ छायाओ सीयंति उण्हं इयत्तए, उण्हाओ उण्हति छायं इयत्तए । जं जत्थ जया सिया तं तत्थ तया अहियासए ॥ १७२ ॥ एवं खलु मासियं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं काएणं फासित्ता पालित्ता सोहित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आराहइत्ता आणाए अणुपा(ले)लित्ता भवइ ॥१॥ १७३ ॥ दोमासियं णं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स० निच्चं वोसट्ठकाए जाव दो दत्तीओ ॥ २॥ १७४ ॥ तिमासियं तिण्णि दत्तीओ ॥ ३ ॥ १७५ ॥ चउमासियं चत्तारि दत्तीओ ॥४॥ १७६ ॥ पंचमासियं पंच दत्तीओ ॥५॥ १७७ ॥ छमासियं छ दत्तीओ ॥ ६॥ १७८ ॥ सत्तमासियं सत्त दत्तीओ ॥ ७ ॥ जेत्तिया मासिया तेत्तिया दत्तीओ ॥ १७९ ॥ पढमं सत्तराइंदियं भिक्खुपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स निच्चं वोसट्टकाए जाव अहियासेइ, कप्पइ से चउत्थेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा उत्ताणगस्स वा पासिल्लगस्स वा नेसज्जियस्स वा ठाणं ठाइत्तए, तत्थ दिव्या वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा उवसग्गा समुप्पज्जेजा तेणं उवसग्गा पयलिन वा पवडेज वा णो से कप्पइ पयलित्तए वा पवडित्तए वा, तत्थ णं उच्चारपासवणं उब्वाहिज्जा णो से कप्पइ उच्चारपासवणं उगिण्हित्तए, कप्पइ से पुव्वपडिलेहियंसि थंडिलंसि उच्चारपासवणं परिठवित्तए, अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए, एवं खलु एसा पढमा सत्तराइंदिया भिक्खुपडिमा अहासु[य]त्तं जाव आणाए अणुपालित्ता भवइ ॥ ८॥१८०॥ एवं दोच्चा सत्तराइंदिया [या]वि नवरं दंडा[य]इयस्स वा लग[डसाइडाइयस्स वा उक्कुडुयस्स वा ठाणं ठाइत्तए, सेसं तं चेव जाव अणुपालित्ता भवइ ॥९॥१८१॥ एवं तच्चा सत्तराइंदियावि, नवरं गोदोहियाए वा वीरासणियस्स वा अंबखुजस्स वा ठाणं ठाइत्तए तं चेव जाव अणुपालित्ता भवइ ॥१०॥१८२॥ एवं अहोराइंदियावि, नवरं छटेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए Page #1009 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९३४ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो वा ईसिं दोवि पाए साहठ वग्घारियपाणिस्स ठाणं ठाइत्तए, सेसं तं चेव जाव अणुपालित्ता भवइ ॥ ११ ॥ १८३ ॥ एगराइयं णं भिक्खुपडिमं पडिवनस्स अणगारस्स निच्चं वोसठ्ठकाए णं जाव अहियासेइ, कप्पइ से [f] अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं बहिया गामस्स वा जाव रायहाणीए वा ईसिं पब्भारगएणं काएणं एगपोग्गल[ठिती]गयाए दिट्ठीए अणिमिसनयणे अहापणिहिएहिं गाएहिं सबिदिएहिं गुत्तेहिं दोवि पाए साहह वग्घारियपाणिस्स ठाणं ठाइत्तए, तत्थ से दिव्या माणुस्सा तिरिक्खजोणिया जाव अहियासेइ, से णं तत्थ उच्चारपासवणं उब्बाहिजा नो से कप्पइ उच्चारपासवणं उगिण्हित्तए, कप्पइ से पुव्वपडिलेहियंसि थंडिलंसि उच्चारपासवर्ण परिठवित्तए, अहाविहिमेव ठाणं ठाइत्तए ॥ १८४ ॥ एगराइयं णं भिक्खुपडिमं अणणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा अहियाए असुभाए अक्खमाए अणिस्सेसाए अणाणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा-उम्मायं वा ल[भेजा, दीहकालियं वा रोगायक पाउणेज्जा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भ[सि] सेज्जा ॥१८५ ॥ एगराइयं णं भिक्खुपडिमं सम्म अणुपालेमाणस्स अणगारस्स इमे तओ ठाणा हियाए सुहाए खमाए निस्सेसाए अणुगामियत्ताए भवंति, तंजहा-ओहिनाणे वा से समुप्पज्जेजा, मणपज्जवनाणे वा से समुप्पज्जेज्जा, केवलनाणे वा से असमुप्पन्नपुव्वे समुप्पजेजा, एवं खलु एसा एगराइया भिक्खुपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं काएण फासित्ता पालित्ता सोहित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आराहित्ता आणाए अणुपालित्ता यावि भवइ ॥ १८६ ॥ एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं बारस भिक्खुपडिमाओ पण्णत्ताओ ॥ १८७ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति भिक्खुपडिमा णामं सत्तमा दसा समत्ता ॥७॥ अट्ठमा दसा तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्युत्तरे यावि होत्था, तंजहा-हत्थुत्तराहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते १ हत्युत्तराहिं गब्भाओ गन्भं साहरिए २ हत्युत्तराहिं जाए ३ हत्युत्तराहिं मुंडे भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइए ४ हत्युत्तराहिं अणंते अणुत्तरे नि(अ)व्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरनाणदसणे समुप्पण्णे ५ साइणा परिणिव्वुए भगवं जाव भुजो २ उवदंसेइ ॥ १८८ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति पज्जोस(णं)णा णामं अट्ठमा दसा समत्ता ॥ ८॥ नवमा दसा तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा ना[म]मं नयरी होत्था, वण्णओ। पुण्णभद्दे नाम उजाणे, वण्णओ । कोणियराया, धारिणी देवी, सामी समोसढे, परिसा निग्गया, धम्मो Page #1010 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० ९ वीसइमं म० मो० ठाणं ] सुत्तागमे ९३५ कहिओ, परिसा पडिगया ॥ १८९ ॥ अजो ! ति समणे भगवं महावीरे बहवे निग्गंथा य निग्गंधीओ य आमंतेत्ता एवं वयासी - "एवं खलु अजो ! तीसं मोहणिजठाणाई जाई इमाई इत्थी [ओ] वा पुरिसो वा अभिक्खणं अभिक्खणं आ[यारे]यरमाणे वा समायरमाणे वा मोहणिज्जत्ताए कम्मं पकरेइ, तंजहा - जे (यावि) केइ तसे पाणे, वारिमज्झे विगाहिया । उदएणक्कम्म मारे (ई) इ, महामोहं पकुव्व ॥ १९० ॥ पाणिणा संपिहित्ताणं, सोयमावरिय पाणिणं । अंतोनदंतं मारेइ, महामोहं पकुव्व ॥ १९१॥ जायतेयं समारब्भ, बहुं ओरंभिया जणं । अंतो धूमेण मारे (ज्जा ) इ, महामोहं पकुव्वइ ॥ १९२॥ सीसम्मि जो (जे) पहणइ, उ (त्ति)त्तमंगम्मि चेयसा । विभज्ज मत्थयं फाले, महामोहं पकुव्व ॥ १९३ ॥ सीसं वेढेण जे केइ, आवेढेइ अभिक्खणं । तिव्वासुभसमायारे, महामोहं पकुव्व ॥ १९४ ॥ पुणो पुणो पणिहिए, हणित्ता उवहसे जणं । फलेणं अदुव दंडेणं, महामोहं पकुव्वइ ॥ १९५ ॥ गूढायारी निगूहिज्जा, मायं मायाए छायए । असच्चवाई णिण्हाइ, महामोहं पकुव्वइ ॥ १९६ ॥ धंसेइ जो अभूएणं, अक्म्मं अत्तकम्मुणा । अदुवा तुमकासित्ति, महामोहं पकुव्वइ ॥ १९७ ॥ जाणमाणो परि[सओ] साए, सच्चामोसाणि भासइ । अक्खीणझंझे पुरिसे, महामोहं पकुव्व ॥ १९८ ॥ अणायगस्स नयवं, दारे तस्सेव धंसिया । विउलं विक्खोभरत्ताणं, किच्चा णं पडिवाहिरं ॥ १९९ ॥ उवगसंतंपि पित्ता, पडिलोमाहिं वग्गुहिं । भोगभोगे वियारेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥ २०० ॥ अकुमारभूए जे केइ, कुमारभूति हं वए । इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुव्वइ ॥ २०१ ॥ अवभयारी जे केइ, बंभयारिति हं वए । गद्दहेव गवां मज्झे, विस्सरं नयई नदं ॥ २०२ ॥ अप्पणो अहिए बाले, मायामोस बहुं भसे । इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुव्वइ ॥ २०३ ॥ जं निस्सिए उव्वहइ, जससाहिगमेण वा । तस्स लुब्भइ वित्तंमि, महामोहं कुव्व ॥ २०४ ॥ ईसरेण अदुवा गामेणं, अणि (स् ) सरे ईसरीकए । तस्स संपहीणस्स, सिरी अतुलमागया ॥ २०५ ॥ ई (इस्) सादोसेण आविट्ठे, क्लुसाविलचेयसे । जे अंतरायं चेएइ, महामोहं पकुव्वइ ॥ २०६ ॥ सप्पी जहा अंडरडं, भत्तारं जो विहिंसइ । सेणावई पसत्थारं, महामोहं पकुव्व ॥ २०७ ॥ जे नायगं च रस्स, नेयारं निगमस्स वा । सेट्ठि बहुरवं हंता, महामोहं पकुव्व ॥ २०८ ॥ बहुजणस्स यारं, दी (वं ) व ताणं च पाणिणं । एयारिसं नरं हंता, महामोहं पकुव्वइ ॥ २०९ ॥ उवद्वियं पडिविरयं, संजयं सुतवस्सियं । विउ (वु) कम्म धम्माओ भंसेइ, महामोहं पकुव्व ॥ २१० ॥ तहेवाणंतणाणीणं, जिणाणं वरदंसिणं । तेसिं अवण्णवं वाले, महामोहं पकुव्व ॥ २११ ॥ नेया (इ) उयस्स मग्गस्स, दुट्ठे अवयरई बहुं । Page #1011 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो तं तिप्पयंतो भावेइ, महामोहं पकुव्वइ ॥ २१२ ॥ आयरियउवज्झाएहिं, सुयं विणयं च गाहिए। ते चेव खिंसइ बाले, महामोहं पकुव्वइ ॥ २१३ ॥ आयरियउवज्झायाणं, सम्मं नो पडितप्पइ । अप्पडिपूयए थद्धे, महामोहं पकुव्वइ ॥२१४ ॥ अबहुस्सुए य जे केइ, सुएण पविकत्थइ । सज्झायवायं वयइ, महामोहं पकुव्वइ ॥२१५॥ अतवस्सी[ए] य जे केइ, तवेण पविकत्थइ । सव्वलोयपरे तेणे, महामोहं पकुव्वइ ॥२१६ ॥ साहारणट्ठा जे केइ, गिलाणम्मि उवट्ठिए। पभू न कुणइ किच्चं, मज्झंपि से न कुव्वइ ॥ २१७ ॥ सढे नियडीपण्णाणे, कलुसाउलचेयसे । अप्पणो य अबोही(य)ए, महामोहं पकुव्वइ ॥ २१८ ॥ जे कहाहिगरणाइं, संपउंजे पुणो पुणो। सव्वतित्थाण भेयाणं, महामोहं पकुव्वइ ॥ २१९ ॥ जे य आहम्मिए जोए, संप(ओ)उंजे पुणो पुणो । सहाहेउं सहीहेडं, महामोहं पकुव्वइ ॥ २२० ॥ जे य माणुस्सए भोए, अदुवा पारलोइए। तेऽतिप्पयंतो आसयइ, महामोहं पकुव्वइ ॥२२१॥ इड्डी जुई जसो वण्णो, देवाणं बलवीरियं । तेसिं अवण्णवं बाले, महामोहं पकुव्वइ ॥ २२२ ॥ अपस्समाणो पस्सामि, दे(वे)वजक्खे य गुज्झगे। अण्णाणी जिणपूयट्ठी महामोहं पकुव्वइ ॥ २२३ ॥ एए मोहगुणा वुत्ता, कम्मंता चित्तवद्धणा । जे उ. भिक्खू विवजेजा, चरिजत्तगवेसए ॥ २२४ ॥ जंपि जाणे इओ पुव्वं, किच्चाकिच्चं बहु जढं। तं वंता ताणि सेविजा, जेहिं आयारवं सिया ॥ २२५ ॥ आयारगुत्तो सुद्धप्पा, धम्मे ठिच्चा अणुत्तरे। तओ वमे सए दोसे, विसमासीविसो जहा ॥२२६॥ सुचत्तदोसे सुद्धप्पा, धम्मट्ठी विदितापरे। इहेव ल(ड)भए कित्तिं, पेच्चा य सुगइं वरं ॥ २२७ ॥ एवं अभिसमागम्म, सूरा दढपरक्कमा । सव्वमोहविणिम्मुक्का, जाइमरणमइच्छिया ॥ २२८ ॥ ति-बेमि ॥ मोहणिजठाणणाम नवमा दसा समत्ता ॥९॥ दसमा दसा तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्था, वण्णओ। गुणसिलए उज्जाणे सेणिए राया होत्था, रायवण्णओ जहा उववाइए जाव चेल्लणाए। विहरइ । तए णं से सेणिए राया अण्णया कयाइ बहाए कंठे मालकडे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तयसुकयसोभे पिणद्धगेवेजअंगुलेजग जाव कप्परुक्खए चेव अलंकियविभूसिए णरिंदे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं जाव ससिव्व पियदंसणे नरवई जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेक सिंहासणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सिं(सी)हासणवरंसि पुरत्याभिमुहे निसीयइ २ त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ ता एवं वयासी-गच्छह णं तु० देवाणुप्पिया ! जाई Page #1012 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० १० म० से. वीरागमणणिवेयण०] सुत्तागमे इमाइं रायगिहस्स णयरस्स बहिया तंजहा-आरामाणि य उजाणाणि य आएसणाणि य सभाओ य पवाओ य पणियगिहाणि य पणियसालाओ य छुहाकम्मंताणि य वाणियकम्मंताणि य कट्ठकम्मंताणि य इंगालकम्मंताणि य वणकम्मंताणि य दब्भकम्मंताणि य जे त[व]त्थ महत्तरगा अण्णया चिट्ठति ते एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! सेणिए राया भंभसारे आणवेइ-जया णं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव संपाविओकामे पुव्वाणुपुव्वि च[२]रमाणे गामाणुगा मे] मं दू(दु)इज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरि(इह आगच्छेजा इह समोसरे)जा तया णं तुम्हे भगवओ महावीरस्स अहापडिरूवं उग्गहं अणुजाणह अहापडिरूवं उग्गहं अणुजाणेत्ता सेणियस्स रन्नो भंभसारस्स एयमढे पियं णिवेएह ॥ २२९ ॥ ततो]ए णं ते कोडंवियपुरिसा सेणिएणं रन्ना भंभासारेणं एवं वुत्ता समाणा हद्वतुट्ठ जाव हियया जाव एवं सामि(तह)त्ति आणाए विणएणं पडिसुणेति २ त्ता [एवं-ते] सेणियस्स रन्नो अंतियाओ पडिनिक्खमंति २ त्ता रायगिहं नयरं मझमज्झेणं निग्गच्छंति २ त्ता जाइं इमाइं-भवंति रायगिहस्स बहिया आरामाणि वा जाव जे तत्थ महत्तरगा अण्णया चिट्ठति ते एवं वयंति जाव सेणियस्स रन्नो एयमलृ पियं निवेएजा पियं भे भवउ दोच्चंपि तच्चपि एवं वयंति २ त्ता जाव] जामेव दि[सं]सिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया ॥ २३० ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव गामाणुगामं दूइजमाणे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं रायगिहे णयरे सिंघाडगतियचउकचच्चर एवं जाव परिसा निग्गया जाव पजुवा(से)सइ ॥ २३१ ॥ तए णं ते महत्तरगा जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छंति २ त्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो वंदति नमसंति वंदित्ता नमंसित्ता नामगोयं पुच्छंति नामगोयं पुच्छित्ता नामगोयं पधारंति० पधारित्ता एगओ मिलंति एगओ मिलित्ता एगंतमवकमंति एगंतमवक्कमित्ता एवं वयासी-जस्स णं देवाणुप्पिया! सेणिए राया भंभसारे दंसणं कंखइ जस्स णं देवाणुप्पिया ! सेणिए राया दंसणं पीहेइ जस्स णं देवाणुप्पिया ! सेणिए राया दंसणं पत्थेइ 'अभिलसइ जस्स णं देवाणुप्पिया ! सेणिए राया नामगोत्तस्सवि सवणयाए हतुट्ठ जाव भवइ से णं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थयरे जाव सव्वण्णू सव्वदंसी पुव्वाणुपुट्वि चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे इह आगए इह समोसढे इह संपत्ते जाव अप्पाणं भावेमाणे [सम्म] विहरइ, तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! सेणियस्स रण्णो एयमढं निवेएमो पियं भे भवउत्तिक? अण्णमण्णस्स वयणं Page #1013 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो पडिसुणंति २ त्ता रायगिहं नगरं मज्झमज्झेणं जेणेव सेणियस्स रन्नो गिहे जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता सेणियं रायं करयलपरिग्गहियं जाव जएणं विजएणं वद्धावेंति वद्धावित्ता एवं वयासी-"जस्स णं सामी! दंसणं कंखइ जाव से णं समणे भगवं महावीरे गुणसि ले]लए उज्जाणे जाव विहरइ, एयं [तस्स] णं देवाणुप्पियाणं पियं निवेएमो पियं मे भवउ” ॥ २३२ ॥ तए णं से सेणिए राया तेसिं पुरिसाणं अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हतुह जाव हियए सीहासणाओ अब्भुढेइ २ ता जहा कोणिओ जाव बंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता ते पुरिसे सकारेइ सम्माणेइ सक्कारिता सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ २ त्ता पडिविसज्जेइ पडिविसज्जित्ता नगरगुत्तियं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! रायगिहं नगरं सम्भितरवाहिरयं आसियसंमजिओवलित्तं जाव करित्ता० पञ्चप्पिणंति ॥ २३३ ॥ तए णं से सेणिए राया बलवाउयं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! हयगयरहजोह कलियं चाउरंगिणिं सेणं सण्णाहेह जाव से वि पञ्चप्पिणइ ॥ २३४ ॥ तए णं से सेणिए राया जाणसालियं सदावेइ २ त्ता एवं वयासी-"भो देवाणुप्पिथा ! खिप्पामेव धम्मियं जाणप्पवरं जुत्तामेव उवट्ठवेह उवट्ठवित्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह" । तए णं से जाणसालिए सेणिएणं रन्ना एवं वुत्ते समाणे हद्वतुट्ठ जाव हियए जेणेव जाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ ता जाणसालं अणुप्पविसइ २ त्ता जाणगं पञ्चुवेक्खइ २ त्ता जाणं पच्चोरुभइ २ त्ता दूसं पवी पीहणेइ २त्ता जाणगं संपमजइ संपमजित्ता जाणगं णीणेइ २ त्ता जाणाई समलंकरेइ २ त्ता जाणाइं वरमंडियाइं करेइ २ ता जाणाइं संवेढेइ २ त्ता जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता वाहणसालं अणुप्पविसइ २ त्ता वाहणाइं पञ्चुवेक्खइ २ त्ता वाहणाइं संपमज्जइ २ त्ता वाहणाई अप्फालेइ २ त्ता वाहणाई णीणेइ २ त्ता दूसं पवीणेइ २ त्ता वाहणाई समलंकरेइ २ त्ता वरभंडगमंडियाई करेइ २ त्ता वाहणाइं जाणगं जोएइ २ त्ता वट्टमग्गं गोहेइ २ त्ता पओयलढिं पओयधरे य समं आरोहइ २ त्ता अंतरासमपयंसि जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ २ ता करयल जाव एवं वयासी-जुत्ते ते सामी! धम्मिए जाणप्पवरे आइडे भदंतु' वग्गूहिं गाहित्ता ॥२३५॥ तए णं सेणिए राया भंभसारे जाणसालियस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव मजणघरं अणुप्पविसइ २ त्ता जाव कप्परुक्खे चेव अलंकियविभूसिए णरिंदे जाव मजणघराओ पडिनिक्खमइ २ ता जेणेव चे(चि)लणादेवी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता चेल्ल(णं)णादेविं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए ! समणे भगवं महावीरे आइगरे Page #1014 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० १० भ० नि० नियाणभावुप्पत्ति० पुच्छा] सुत्तागमे तित्थयरे जाव पुव्वाणुपुब्बिं चरमाणे जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ, तं म(हा)हप्फलं. देवाणुप्पिए ! तहारूवाणं अर]रिहंताणं जाव तं गच्छामो णं देवाणुप्पिए! समणं भगवं महावीरं वंदामो नमंसामो सकारेमो सम्माणेमो कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामो, एयं णे इहभवे य परभवे य हियाए सुहाए खमाए निस्से(य)साए जाव अणुगामियत्ताए भविस्सइ । तए णं सा चेल्लणादेवी सेणियस्स रण्णो अंतिए एयमढें सोचा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव पडिसुणेइ २ त्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता ण्हाया किं ते वरपायपत्तनेउरा मणिमेहलाहाररइयउवचिया कडगखड्डुगएगावलिकंठसुत्तमरगवतिसरयवरवलयहेमसुत्तयकुंडलउजोवियाणणा रयणविभूसियंगी चीणंसुयवत्थपरिहिया दुगुल्लसुकुमालकंतरमणिजउत्तरिजा सव्वोउयसुरभिकुसुमसुंदररइयपलंबसोहणकंतविकसंतचित्तमाला वरचंदणचच्चिया वराभरणविभूसियंगी कालागुरुधूवधूविया सिरिसमाणवेसा बहूहिं खुजाहिं० चिलाइयाहिं जाव महत्तरगविंदपरिक्खित्ता जेणेव वाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सेणि[य]ए राया तेणेव उवागच्छइ। तए णं से सेणिए राया चेल्लणादेवीए सद्धिं धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ २ त्ता सकोरिंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं उववाइ(य)गमेणं णेयव्वं जाव पजुवासइ, एवं चेलणादेवी जाव महत्तरगपरिक्खित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ सेणियं रायं पुरओ काउं ठिइया चेव जाव पज्जुवासइ ॥ २३६ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे सेणियस्स रन्नो भंभसारस्स चेल्लणादेवीए तीसे य महइमहालियाए परिसाए इसिपरिसाए मुणिपरिसाए मणु(य)स्सपरिसाए देवपरिसाए अणेगसयाए जाव धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया, सेणि[य]ओ राया पडिगओ ॥२३७ ॥ तत्थेगइयाणं निग्गंथाणं निग्गंधीण य सेणियं रायं चेल्लणं च देविं पासित्ताणं इमे एयारूवे अज्झत्थिए जाव संकप्पे समुप्पज्जित्था-अहो णं सेणिए राया महिड्डिए जाव महासुक्खे जे णं ण्हाए सव्वालंकारविभूसिए चेलणादेवीए सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ, जइ इमस्स सुचरियस्स तवनियमसंजमवंभचेरगुत्तिफलवित्तिविसेसे अत्थि तया वयमवि आगमेस्साणं इमाइं ताइं उरालाई एयाख्वाइं माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणा विहरामो, से तं साहु ॥ २३८ ॥ अहो णं चेल्लणादेवी महिड्डिया जाव महासुक्खा जा णं व्हाया सव्वालंकारविभूसिया सेणिएणं रण्णा सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरइ, जइ इमस्स सुचरियस्स तवनियमसंजमवंभचेरवासस्स कल्लाणे फलवित्तिविसेसे अस्थि वयमवि आगमिस्साणं इमाइं एयारूवाइं उरालाइं जाव विहरामो, से तं साहुणी] ॥२३९॥अजो ! त्ति समणे भगवं महावीरे ते बहवे निग्गं Page #1015 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो था (य) निग्गंथीओ य आमंतेत्ता एवं वयासी-“सेणियं रायं चेल्लणादेविं पासित्ता इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-अहो णं सेणिए राया महिड्डिए जाव सेत्तं साहु, अहो णं चेल्लणादेवी महिड्डिया सुंदरा जाव साहु, से णूणं अज्जो ! अढे समढे ?" हंता ! अत्थि ॥ २४०॥ एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इ[णा]णमेव निग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे पडिपुण्णे केव[ले] लिए संसुद्धे णेयाउए सल्लगत्तणे सिद्धिमग्गे मुत्तिमग्गे निजाणमग्गे निव्वाणमग्गे अवितहमविसंदिद्धे सव्वदुक्खप्पहीणमग्गे इत्थं ठिया जीवा सिझंति बुझंति मुञ्चति परिनिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंतं क(र)रेंति ॥ २४१ ॥ जस्स णं धम्मस्स निग्गंथे सिक्खाए उवट्ठिए विहरमाणे पुरा-दिगिंछाए पुरा-पिवासाए पुरा-वायाऽयवेहिं पुरा-पुढे विरूवरूवेहिं परिसहोवसग्गेहिं उदिण्ण. कामजाए विहरिजा, से य परकमेज्जा, से य परकममाणे पासेज्जा-जे इमे उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाउया, तेसिं अण्णयरस्स अइजायमाणस्स निजायमाणस्स पुरओ महं दासीदासकिंकरकम्मकरपुरिसाणं अं(तो)ते परिक्खित्तं छत्तं भिंगारं गहाय निग्गच्छंति ॥२४२ ॥ तयाणंतरं च णं पुरओ म(ह)हाआसा आस(ध)वरा उभओ ते(पा)सिं नागा नाग-वरा पिट्ठओ र(ह)हा रहवरा संगेल्लि से तं उ(च्छि)द्धरियसेय(च)छत्ते अब्भुग्गयभिंगारे पग्गहियतालियंटे प(वीइय)वियन्न सेयचामरा बालवीयणीए अभिक्खणं अभिक्खणं अइजाइ य निजाइ य, सप्पभा सपुव्वावरं च णं ण्हाए सव्वालंकारविभूसिए महइमहालियाए कूडागारसालाए महइमहालयंसि सिंहासणंसि जाव सव्वरा [त्तिणी इ(णि)एणं जोइणा झियायमाणेणं इत्थिगुम्मपरिखुडे महारवे हयनगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमु(यं)इंगमद्दलपडुप्पवाइयरवेणं उरालाई माणुस्सगाई कामभोगाई भुंजमाणे विहरइ॥२४३ ॥ तस्स णं एगमवि आणवेमाणस्स जाव चत्तारि पंच अवुत्ता चेव अब्भुटुंति-भण देवाणुप्पिया ! किं करेमो ? किं उवणेमो ? किं आहरेमो ? किं आविद्धामो ? किं भे हियइच्छियं ? किं ते आसगस्स सयइ ? जंपासित्ता णिग्गंथे णियाणं करेइ-जइ इमस्स तवनियमसंजमबंभचेरवासस्स तं चेव जाव साहु। एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथे णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिकंते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरे देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ महिडिएसु जाव चिरट्टिइएसु, से णं तत्थ देवे भवइ म[ह] हिडिए जाव चिरट्ठिइए, तओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता जे इमे उग्गपुत्ता महा. माउया भोगपुत्ता महामाउया एएसि णं अन्नयरंसि कुलंसि पुत्तत्ताए पञ्चायाइ ॥२४४ ॥ से णं तत्थ दारए भवइ सुकुमालपाणिपाए जाव सुरूवे, तए णं से दारए १ विसेसट्ठा देक्खह सूयगडदोच्चसुयक्खंधदुइयज्झयणं । Page #1016 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० १० बिइयं नियाणकम्मं ] सुत्तागमे ० उम्मुकबालभावे विण्णायपरिणय [[म] मेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते सयमेव पेइयं पडिवज्जइ, तस्स णं अइजायमाणस्स वा० पुरओ महं दासीदास जाव किं ते आसगस्स सयइ ?॥ २४५ ॥ तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स तहारूवे समणे वा माहणे वा उभओ कालं केवलिपन्नत्तं धम्ममाइक्खेज्जा ? हंता ! आइक्खेज्जा, से णं पडिसुणेज्जा ? णो इणट्ठे समट्ठे, अभविए णं से तस्स धम्मस्स सर्व [णा ] याए, से य भवइ महिच्छे महारंभे महापरिग्गहे अहम्मिए जाव दाहिणगामी नेरइए आग (मे) मिस्साणं दुलहबोहिए यावि भवइ, तं एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे • फलविवागे जं णो संचाएइ केवलिपन्नत्तं धम्मं पडिणित ॥ २४६ ॥ एवं खलु समणाउसो ! म धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, जस्स णं धम्मस्स निग्गंथी सिखाए उवट्ठिया विहरमाणी पुरा - दिगिंछाए ... उदिणका माया विहरेज्जा, सा य परक्कमेज्जा, साय परकममाणी पासेज्जा - से जा इमा इत्थिया भवइ एगा एगजाया एगाभरणपिहिणा तेलपेला इव सुसंगोविया चेलपेला इव सुसंपरिग्गहिया रयणकरंडगसमा [णी]णा, तीसे णं अइजायमाणीए वा निज्जायमाणीए चा पुरओ महं दासीदास तं चेव जाव किं भे आसगस्स सयइ ? जं पासित्ता णिग्गंथी णियाणं करेइ-जइ इमस्स सुचरियस्स तवनियमसंजमबंभचेर जाव भुंजमाणी विहरामि, से (त्तं) तं साहु । एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंधी णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएस देवत्ताए स्ववत्तारो भवइ महिडिएसु जाव सा गं तत्थ देवे भवइ जाव भुंजमाणी विहरइ, सा णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अनंतरं चयं चइत्ता जे इमे भवंति उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाज्या एएसि णं अण्णयरंसि कुलंसि दारियत्ताए पच्चायाइ, सा णं तत्थ दारिया भवइ सुकुमाला जाव सुरूवा ॥ २४७ ॥ तए णं तं दारियं अम्मापियरो उ[आ] मुकबालभावं विष्णायपरिणयमेत्तं जोव्वणगमणुप्पत्तं पडिरूवेण सुक्केण पडिरूवस्स भत्तारस्स भारियत्ताए दलयंति, सा ர் तस्स भारिया भवइ एगा एगजाया इट्ठा कंता जाव रयणकरंडगसमाणा, तीसे अजायमाणी वा निज्जायमाणीए वा पुरओ महं दासीदास जाव किं ते आसगस्स सयइ ? ॥ २४८ ॥ तीसे णं तहप्पगाराए इत्थियाए तहारूवे समणे वा माहणे वा उभयकाल केवलिपन्नत्तं धम्मं आइक्खेज्जा ? हंता ! आइक्खेज्जा, सा णं भंते ! डिसुजा ? णो इणट्ठे समट्ठे, अभविया णं सा तस्स धम्मस्स सवणयाए, सा य भवइ महिच्छा महारंभा महापरिग्गहा अहम्मिया जाव दाहिणगामि० णेरइ० आगमि - सावए ति अट्ठो । ९४१ Page #1017 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ दसासुखंधो स्साए दुल्लभबोहिया यावि भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावकम्म फलविवागे णो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्मं पडिणित्तए ॥ २४९ ॥ एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव निग्गंथे पावयणे जाव अंतं करेंति, जस्स णं धम्मस्स सिक्खाए निग्गंथे उवट्ठिए विहरमाणे पुरा - दिगिंछाए जाव से य परक्कममाणे पासिज्जा-इमा इत्थिया भवइ एगा एगजाया जाव किं ते आसगस्स सयइ ? जं पासित्ता निग्गंथे नियाणं करेइ - दुक्खं खलु पुमत्ताए, जे इमे उग्गपुत्ता महामाया भोगपुत्ता महामाउया एएसि णं अण्णयरेसु उच्चावसु महासमरसंगामेसु उच्चावयाई सत्थाई उ (रं) रसि चेव पडिसंवेदेति, तं दुक्खं खलु पुमत्ताए, इत्थि [तणयं ]त्तं साहु, जइ इमस्स तवनियमसंजमबंभचेरवासस्स फलवित्तिविसेसे अत्थि वयमवि आगमेस्साणं इमेयारूवाई उरालाई इत्थिभोगाई भुंजिस्सामो, से तं साहु । एवं खलु समाउसो ! णिग्गंथे णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंते जाव अपडिवज्जित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ..., से णं तत्थ देवे भवइ महिड्डिए जाव विहरइ, से णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं जाव अनंतरं चयं चइत्ता अण्णयरंसि कुलंसि दारित्ताए पच्चाया जाव तेणं तं दारियं जाव भारियत्ताए दलयंति, सा णं तस्स भारिया भवइ एगा एगजाया जाव तहेव सव्वं भाणियव्वं, तीसे णं अइजायमाणीए वा निजायमाणी वा जाव किं ते आसगस्स सयइ ? ॥ २५० ॥ तीसे णं तहप्पगाराए इत्थियाए तहारूवे समणे वा माहणे वा० धम्मं आइक्खेज्जा ? हंता ! आइक्खेज्जा, साणं पडिसुणेज्जा ? णो इणट्ठे समट्ठे, अभविया णं सा तस्स धम्मस्स सवणयाए, सा य भवइ महिच्छा जाव दाहिणगामि० णेरइ० आगमेस्साणं दुल्लभबोहिया यावि भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जं णो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्मं पडिणित्तए । २५१ ॥ एवं खलु समणाउसो ! मए धम् पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे सच्चे सेसं तं चेव जाव अंतं करेंति, जस्स णं धम्मस् ग्गिंथी सिक्खाए उवद्विया विहरमाणी पुरा - दिगिंछाए पुरा जाव उदिष्ण का मजाया विहरेज्जा, साय परकमेज्जा, साय परक्कममाणी पासेज्जा - जे इमे उग्गपुत्ता महामाउया भोगपुत्ता महामाउया, तेसि णं अण्णयरस्स अइजायमाणस्स वा जाव किं ते आसगस्स सयइ ? जं पासित्ता णिग्गंथी णियाणं करेइ - दुक्खं खलु इत्थि [त (त) - ]त्तं, दुस्संचराई गामंतराई जाव सन्निवेसंतराई, से जहानामए - अंबपेसियाइ वा माउलुंगपेसियाइ वा अंबाडगपेसियाइ वा उच्छुखंडियाई वा संबलि [ फा ] फलियाइ वा बहुजणस्स आसायणिज्जा पत्थणिज्जा पीहणिज्जा अभिलसणिजा एवामेव इत्थियावि ९४२ Page #1018 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० १० पंचमं नियाणं ] सुत्तागमे ९४३ बहुजणस्स आसाय णिज्जा जाव अभिलसणिज्जा, तं दुक्खं खलु इत्थित्तं, पुम [ताएणं ] - तयं साहु, जइ इमस्स तवनियम जाव अत्थि वयमवि आगमेस्साणं इमेयारूवाई ओरालाई पुरिसभोगाई भुंजमाणा विहरिस्सामो, से तं साहु । एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथी णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिक्कंता जाव अपडिवजित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएस देवत्ताए उववत्तारो भवइ, साणं तत्थ देवे भवइ महिड्दिए जाव महासुक्खे, साणं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं अनंतरं चयं चत्ता जे इमे भवंति उग्गपुत्ता तहेव दारए जाव किं ते आसगस्स सयइ ? ॥ २५२ ॥ तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स जाव अभविए णं से तस्स धम्मस्स सवणयाए, से य भवइ महिच्छे जाव दाहिणगामिए जाव दुल्लभबोहिए यावि भवइ, एवं खलु जाव पडिणित्तए ॥ २५३ ॥ एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव निग्गंथे पावयणे तहेव, जस्स णं धम्मस्स निग्गंथे वा निग्गंथी वा सिक्खाए उवट्ठिए विहरमाणे पुरा - दिगिंछाए जाव उदिण्णकामभोगे विहरेजा, से य परक्कमेज्जा, सेय परक्कममाणे माणुस्सेहिं कामभोगेहिं निव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा अणितिया असासया सडणपडणविद्धंसणधम्मा उच्चारपासवणखेलजलसिंघाणगवंतपित्तसुक्क सोणियसमुब्भवा दुरूवउस्सासनिस्सासा दुरंतमुत्तपुरीसपुण्णा वंतासवा पित्तासवा खेलासवा (जल्ला ० ) पच्छा पुरं च णं अवस्सं विप्पजहणिज्जा, संति उद्धुं देवा देवलोगंसि ते णं तत्थ अण्णेसिं देवाणं देवीओ अभिजुंजिय २ परियारेंति, अप्पणी चेव अप्पाणं विउव्विय २ परियारेंति, अप्पणिज्जियाओ देवीओ अभिजुंजिय २ परियारेंति, [संति] जइ इमस्स तवनियम जाव तं चैव सव्वं भाणियव्वं जाव वयमवि आगमेस्साणं इमाई एयारूवाई दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरामो, से तं साहु । एवं खलु समणाउसो ! निग्गंथो वा निग्गंथी वा नियाणं किच्चा तस्स ठाण अणालय अप्पक्कं ते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएस देवत्ताए उववतारो भवइ, तंजहा- महिडिएस महज्जुइएसु जाव पभासमाणे अण्णेसिं देवाणं अण्ण देवितं चेत्र जाव परियारेइ से णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं तं चेव जाव पुमत्ताए पच्चाया जाव किं ते आसगस्स सयइ ? ॥ २५४ ॥ तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स तहारूवे समणे वा माहणे वा जाव पडिसुणिज्जा ? हंता ! पडिणिज्जा, से सहेजा पत्तिएजा रोएज्जा ? णो इणट्ठे समट्ठे, अभविए णं से तस्स • सद्दहणयाए०, से य भवइ महिच्छे जाव दाहिणगामी णेरइए आगमेस्साणं दुल्लभवोहिए यावि भवइ, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जं णो संचाइ केवलिपण्णत्तं धम्मं सद्दहित्तए वा पत्ति[य] इत्तए वा रोइत्तए वा ॥ २५५ ॥ Page #1019 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४४ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते तं चेव, से य परकमेजा, परकममाणे माणुस्सएसु कामभोगेसु निव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा अणितिया तहेव जाव संति उड्डूं देवा देवलोगंसि ते णं तत्थ णो अण्णेसिं देवाणं अण्णं देविं अभिजुंजिय २ परियारेति, अप्पणो चेव अप्पाणं विउव्वित्ता परियारेंति, अप्पणिज्जियाओवि देवीओ अभिमुंजिय २ परियारेंति, जइ इमस्स तवनियम तं चेव सव्वं जाव से णं सद्दहेजा पत्तिएजा रोएजा ? णो इणढे समढे ॥ २५६ ॥ अण्णरुई रुइमादाए से य भवइ, से जे इमे आरण्णिया आवसहिया गामंतिया कण्हुइ रहस्सिया णो बहुसंजया णो बहुविरया सव्वपाणभूयजीवसत्तेसु अप्पणो सच्चामोसाई एवं विपडिवदंति-अहं ण हंतव्वो अण्णे हंतव्वा अहं ण अज्जावेयव्वो अण्णे अजावेयव्वा अहं ण परियावेयव्वो अण्णे परियावेयव्वा अहं ण परिघेत्तव्वो अण्णे परिघेत्तव्वा अहं ण उ[व]वेयव्वो अण्णे उद्दवेयव्वा, एवामेव इत्थिकामेहिं मुच्छिया गढिया गिद्धा अज्झोववन्ना जाव कालमासे कालं किच्चा अण्णयराइं असुराई किदिवसियाई ठाणाइं उववत्तारो भवंति, तओ वि(प्प)मुच्चमाणा भुजो २ एलमूयत्ताए पञ्चायंति, एवं खलु समणाउसो ! तस्स णियाणस्स जाव णो संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्म सद्दहित्तए वा० ॥२५७ ॥ एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते जाव माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा तहेव, संति उडूं देवा देवलोगंसि० णो अण्णेसिं देवाणं [अण्णे देवे] अण्णं देविं अभिमुंजिय २ परियारेति, णो अप्पणो चेव अप्पाणं विउब्धिय परियारेति, अप्पणिज्जियाओ० देवीओ अभिमुंजिय २ परियारेंति, जइ इमस्स तवनियम "तं चेव सव्वं जाव एवं खलु समणाउसो! णिग्गंथो वा जिग्गंथी वा णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिकते तं चेव जाव विहरइ, से णं तत्थ णो अण्णेसिं देवाणं अण्णं देविं अभिमुंजिय २ परियारेइ, णो अप्पणा चेव अप्पाणं विउव्बिय परियारेइ, अप्पणिजाओ देवीओ अभिमुंजिय २ परियारेइ, से णं तओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं तहेव वत्तव्वं, णवरं हंता ! सद्दहेजा पत्तिएजा रोएजा, से णं सीलव्वयगुणवेरमणपञ्चक्खाणपोसहोववासाइं पडिवजेज्जा ? णो इणढे समढे, से णं सणसावए भवइ-अभिगयजीवाजीवे जाव अद्विमिंजपेम्माणुरागरत्ते अयमाउसो ! निग्गंथे पावयणे अढे एस (अयं) परमढे सेसे अणढे, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे बहूई वासाइं समणोवासगपरियागं पाउणइ २ ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोगेसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, एवं खलु समणाउसो! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावए फलविवागे जं १ विसेसाय सूयगडे २ सु० अ० २ वारसमं किरियहाणं दहव्वं । Page #1020 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द० १० नवमं नियाणं] सुत्तागमे ९४५ गो संचाएइ सीलव्वयगुण[व्वय] वेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं पडिवजित्तए ॥ २५८ ॥ एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते तं चेव सव्वं जाव से य 'परकममाणे दिव्वमाणुस्सएहिं कामभोगेहिं निव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा जाव विप्पजहणिजा, दिव्वावि खलु कामभोगा अधुवा अणितिया असासया चलाचल[ण] धम्मा पुणरागमणिज्जा पच्छा पुव्वं च णं अवस्सं विप्पजहणिजा, जइ इमस्स तवनियम जाव आगमेस्साणं जे इमे भवंति उग्गपुत्ता महामाउया जाव पुमत्ताए पञ्चायति तत्थ णं समणोवासए भविस्सामि-अभिगयजीवाजीवे उवलद्धपुण्णपावे फासुयएसणिजं असणपाणखाइमसाइमं पडिलाभेमाणे विहरिस्सामि, से तं साहु । एवं खलु समणाउसो ! निग्गंथो वा निग्गंथी वा नियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय जाव देवलोएसु देवत्ताए उववजइ जाव किं ते आसगस्स सयइ ? ॥ २५९ ॥ तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसजायस्स जाव पडिसुणिजा? हंता! पडिसुणिज्जा, से णं सद्दहेज्जा जाव रोएजा ? हंता! सद्दहेजा०, से णं सीलव्वय जाव पोसहोववासाइं पडिवजेजा ? हंता ! पडिवजेजा, से णं मुंडे भवित्ता अ[आ]गाराओ अणगारियं पव्वएज्जा ? णो इणढे समढे ॥ २६० ॥ से णं समणोवासए भवइ-अभिगयजीवाजीवे जाव पडिलाभेमाणे विहरइ, से णं एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणे बहूणि वासाणि समणोवासगपरियागं पाउणइ २ त्ता बहूई भत्ताई पच्चक्खाइ? हंता ! पच्चक्खाइ २ त्ता आबाहसि उप्पन्नंसि वा अणुप्पन्नंसि वा बहूई भत्ताइं अणसणाई छेएइ २ त्ता आलोइयपडिकंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, एवं खलु समणाउसो! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावफलविवागे जेणं णो संचाएइ सव्वओ सव्वत्ताए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ॥ २६१ ॥ एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते जाव से य परक्कममाणे दिव्वमाणुस्सएहिं कामभोगेहिं निव्वेयं गच्छेजा, माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा० असासया जाव विप्पजहणिज्जा, दिव्वावि खलु कामभोगा अधुवा जाव पुणरागमणिज्जा, जइ इमस्स तवनियम जाव वयमवि आगमेस्साणं जाइं इमाइं (कुलाई) भवंति (तं०)-अंतकुलाणि वा पंतकुलाणि वा तुच्छकुलाणि वा दरिदकुलाणि वा किवणकुलाणि वा भिक्खागकुलाणि वा, एसि णं अण्णयरंसि कुलंसि पुमत्ताए एस मे आया परियाए सुणीहडे भविस्सइ, से तं साहु । एवं खलु समणाउसो ! निग्गंथो वा निग्गंथी वा नियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिकंते सव्वं तं चेव, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अ[णा]णगारियं पव्वइज्जा ? हंता ! पव्वइजा, से णं तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झेजा जाव सव्वदुक्खाणं अंतं करेजा ? णो इणढे समढे ॥२६२॥ से णं भवइ से जे अणगारा भगवंतो ६० सुत्ता० Page #1021 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९४६ सुत्तागमे [दसासुयक्खंधो इरियासमिया भासासमिया जाव बंभयारी तेणं विहारेणं विहरमाणे बहूई वासाई परियागं पाउणइ २ त्ता आबाहंसि उप्पन्नंसि वा जाव भत्ताई पच्चक्खाएजा ? हंता! पच्चक्खाएजा, बहूई भत्ताइं अणसणाइं छेइज्जा ? हंता ! छेइजा, आलोइयपडिकते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवइ, एवं खलु समणाउसो! तस्स णियाणस्स इमेयारूवे पावफलविवागे जं णो संचाएइ तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झित्तए जाव सव्वदुक्खाणमंतं करित्तए ॥ २६३ ॥ एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव णिग्गंथे पावयणे जाव से य परक्कमेजा, सव्वकामविरत्ते सव्वरागविरत्ते सव्वसंगातीते सव्वहा सव्वसिणेहाइकंते सव्वचरित्तपरिवुड्डेडे ॥२६४॥ तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं नाणेणं अणुत्तरेणं दंसणेणं अणुत्तरेणं परिनिव्वाणमग्गेणं अप्पाणं भावेमाणस्स अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरा. वरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरनाणदंसणे समुप्पज्जेज्जा ॥ २६५ ॥ तए णं से भगवं अरहा भवइ जिणे केवली सव्वण्णू सव्व(दरि)दंसी, सदेवमणुयासुराए जाव बहूई वासाइं केवलिपरियागं पाउणइ २ त्ता अप्पणो आउसेसं आभोएइ २ त्ता भत्तं पच्चक्खाएइ २ त्ता बहूई भत्ताई अणसणाइं छेएइ २ त्ता तओ पच्छा चरमेहिं ऊसासनीसासेहिं सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेइ, एवं खलु समणाउसो! तस्स अणियाणस्स इमेयारूवे कल्लाणफलविवागे जं तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ॥ २६६ ॥ तए णं बहवे निग्गंथा य निग्गंथीओ य समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए एयमढं सोचा निसम्म समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसंति वंदित्ता नमंसित्ता तस्स ठाणस्स आलोयंति पडिकमंति जाव अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवजंति ॥ २६७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे रायगिहे नयरे गुणसिलए उजाणे बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवाणं बहूणं देवीणं सदेवमणुयासुराए परिसाए मज्झगए एवमाइक्खइ एवं भासइ एवं परूवेइ आयइठाणं णाम अजो ! अज्झयणं सअटुं सहेउं सकारणं सुत्तं च अत्थं च तदुभयं च भुजो भुजो उवदंसेइ ॥ २६८ ॥ त्ति-बेमि ॥ आयइठाणं णामं दसमा दसा समत्ता ॥ १०॥ ॥दसासुयक्खंधसुत्तं समत्तं ॥ तस्समत्तीए चउछेयसुत्ताइं समत्ताई ॥ सव्वसिलोगसंखा ४५०० ॥ Page #1022 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे चत्तारि मूलसुत्ताई तत्थ णं दसवेयालियसुत्तं दुमपुफिया णामं पढममज्झयणं vt धम्मो मंगलमुकिटं, अहिंसा संजमो तवो । देवा वि तं नमसंति, जस्स धम्मे सया मणो ॥ १ ॥ जहा दुमस्स पुप्फेसु, भमरो आवियइ रसं । न य पुप्फं किलामेइ, सो य पीणेइ अप्पयं ॥ २ ॥ एमेए समणा मुत्ता, जे लोए संति साहुणो । विहंगमा व पुप्फेसु, दाणभत्तेस रया ॥ ३ ॥ वयं च वित्तिं लब्भामो, न य कोइ उवहम्मइ । अहागडे यंते, पुष्फेसु भमरा जहा ॥ ४ ॥ महुगारसमा बुद्धा, जे भवंति अणि - स्सिया । नाणापिंडरया दंता, तेण वुच्चंति साहुणो ॥ ५ ॥ त्ति - बेमि ॥ इति दुमपुफिया णामं पढममज्झयणं समत्तं ॥ १ ॥ अह सामण्णपुव्वयं णामं दुइयमज्झयणं कहं नु कुज्जा सामण्णं, जो कामे न निवारए । पए पए विसीयंतो, संकप्पस्स वसं गओ ॥ १ ॥ वत्थगंधमलंकारं इत्थीओ सयणाणि य । अच्छंदा जे न भुंजंति, न से चाइत्ति वुच्च ॥ २ ॥ जे य कंते पिए भोए, लद्धे विपिट्ठि - कुव्वइ । साह चय भए, से हु चाइत्ति वुच्चइ ॥ ३ ॥ समाइ पेहाइ परिव्वयंतो, सिया मणो निस्सरई बहिद्धा । "न सा महं नो वि अहं पि तीसे", इच्चेव ताओ विणएज्ज रागं ॥ ४ ॥ आयावयाही चय सोगमल, कामे कमाही कमियं खु दुक्खं । छिंदाहि दोसं विणएज रागं, एवं सुही होहिसि संपराए ॥ ५ ॥ पक्खंदे जलियं जोई, धूमकेडं दुरासयं । नेच्छंति व॑तयं भोक्तुं कुले जाया अगंधणे ॥ ६ ॥ धिरत्थु तेऽजसोकामी, Page #1023 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [दसवेयालियसुत्तं जो तं जीवियकारणा। वंतं इच्छसि आवेउं, सेयं ते मरणं भवे ॥ ७ ॥ अहं च भोगरायस्स, तं चऽसि अंधगवण्हिणो। मा कुले गंधणा होमो, संजमं निहुओ चर ॥ ८॥ जइ तं काहिसि भावं, जा जा दिच्छसि नारिओ। वायाविद्धोव्व हडो, अट्ठिअप्पा भविस्ससि ॥ ९ ॥ तीसे सो वयणं सोचा, संजयाइ सुभासियं । अंकुसेण जहा नागो, धम्मे संपडिवाइओ॥१०॥ एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा। विणियति भोगेसु, जहा से पुरिसुत्तमो ॥ ११॥ त्ति-बेमि ॥ इति सामण्णपुव्वयं णाम दुइयमज्झयणं समत्तं ॥२॥ अह खुड्डियायारकहा णामं तइयमज्झयणं -rosarcoसंजमे सुट्ठिअप्पाणं, विप्पमुक्काण ताइणं । तेसिमेयमणाइण्णं, निग्गंथाणं महेसिणं ॥१॥ उद्देसियं कीयगडं, नियागं अभिहडाणि य । राइभत्ते सिणाणे य, गंध मल्ले य वीर्यणे ॥ २॥ सन्निहीं गिहिमत्त य, रायपिंडे किमिच्छए। संवाही दंतपहोयणा य, संपुच्छणा देहपलोयणाँ य ॥ ३ ॥ अट्टाएँ य नालीए, छत्तस्सैं य धारणढाए । तेगिच्छे पाहणा पाए, समारंभं च जोइणो ॥ ४ ॥ सेज्जायरैपिण्डं च, आसंदीपलियंकएँ । गिहतरनिसेजों य, गायस्सुव्व?णाणि य ॥ ५ ॥ गिहिणो वेयविडियं, जा य आजीववत्तियों । तत्तानिव्वुडभोइत्तं, आउरस्सरणीणि य ॥ ६ ॥ मूलए सिंगबेरै य, उच्छुखंडे अनिव्वुडे । कंदै मूले य सच्चित्ते, फले बीए य आमए ॥ ७ ॥ सोवचले सिंधवे लोणे, रोमालोणे य आमए । सौमुद्दे पंसुखौरे य, कालीलोणे य आमए ॥ ८॥ धूवणेत्ति वमणे य, वत्थीकम्म विरेयणे । अंजणे दंतवणे य, गायभंग विभूसणे ॥ ९ ॥ सव्वमेयमणाइण्णं, निग्गंथाण महेसिणं। संजमम्मि य जुत्ताणं, लहुभूयविहारिणं ॥ १० ॥ पंचासवपरिणाया, तिगुत्ता छसु संजया। पंचनिग्गहणा धीरा, निग्गंथा उज्जुदंसिणो ॥ ११ ॥ आयावयंति गिम्हेसु, हेमंतेसु अवाउडा । वासासु पडिसंलीणा, संजया सुसमाहिया ॥ १२ ॥ परीसहरिऊदंता, धूयमोहा जिइंदिया । सव्वदुक्खप्पहीणट्ठा, पक्कमंति महेसिणो ॥ १३ ॥ दुक्कराई करित्ताणं, दुस्सहाई सहित्तु य । केइऽत्थ देवलोएसु, केइ सिझंति नीरया ॥ १४ ॥ खवित्ता पुव्वकम्माई, संजमेण तवेण य। सिद्धिमग्गमणुप्पत्ता, ताइणो परिणिव्वुडा ॥ १५॥ ति-बेमि ॥ इति खुड्डियायारकहा णामं तइयमज्झयणं समत्तं ॥३॥ - - Page #1024 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ०४ पढममहव्वयव ९४९ अह छज्जीवणिया णामं चउत्थमज्झयणं सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु छज्जीवणिया नामज्झयणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपन्नत्ता सेयं मे अहिन्जिङ अज्झयणं धम्मपण्णत्ती ॥ १ ॥ कयरा खलु सा छजीवणिया नामज्झयणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपन्नत्ता सेयं मे अहिजिउं अज्झयणं धम्मपण्णत्ती ॥ २॥ इमा खलु सा छज्जीवणिया नामज्झयणं समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया सुअक्खाया सुपन्नत्ता सेयं मे अहिजिउं अज्झयणं धम्मपण्णत्ती । तंजहा-पुढविकाइया १, आउकाइया २, तेउकाइया ३, वाउकाइया ४, वणस्सइकाइया ५, तसकाइया ६ । पुढवी चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं १ । आऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं २ । तेऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं ३ । वाऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं ४ । वणस्सई चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं । तंजहा–अग्गबीया, मूलबीया, पोरबीया, खंधबीया, बीयरुहा, सम्मुच्छिमा, तणलया वणस्सइकाइया, सबीया, चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं ५ । से जे पुण इमे अणेगे बहवे तसा पाणा तंजहा-अंडया, पोयया, जराउया, रसया, संसेइमा, संमुच्छिमा, उब्भिया, उववाइया, जेसिं केसि च पाणाणं, अभिकंतं, पडिकंतं, संकुचियं, पसारियं, स्यं, भंतं, तसियं, पलाइयं, आगइगइविन्नाया, जे य कीडपयंगा जा य कुंथुपिपीलिया, सव्वे बेइंदिया, सव्वे तेइंदिया, सव्वे चउरिंदिया सव्वे पंचिंदिया, सव्वे तिरिक्खजोणिया, सव्वे नेरइया, सव्वे मणुया, सव्वे देवा, सव्वे पाणा परमाहम्मिया, एसो खलु छट्ठो जीवनिकाओ तसकाउत्ति पवुच्चइ ६॥३॥ इच्चेसि छण्हं जीवनिकायाणं नेव सयं दंडं समारंभिजा, नेवन्नेहिं दंडं समारंभाविजा, दंडं समारंभंते वि अन्ने न समणुजाणिज्जा । जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समगुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ ४ ॥ पढमे भंते ! महव्वए पाणाइवायाओ वेरमणं । सव्वं भंते! पाणाइवायं पञ्चक्खामि । से सुहम वा, बायरं वा, तसं वा, थावरं वा, नेव सयं पाणे अइवाइज्जा, नेवऽन्नेहिं पाणे अइवायाविज्जा, पाणे अइवायंते वि अन्ने न समणुजाणिज्जा । जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करंतं पि Page #1025 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ९५० [दसवेयालियसुत्त अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि । पढमे भंते ! महव्वए उवढिओमि सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं ॥ १ ॥ ५ ॥ अहावरे दुच्चे भंते ! महव्वए मुसावायाओ वेरमणं । सव्वं भंते ! मुसावायं पञ्चक्खामि । से कोहा वा, लोहा वा, भया वा, हासा वा, नेव सयं मुसं वइजा, नेवऽनेहिं मुसं वायाविज्जा, मुसं वयंते वि अन्ने न समणुजाणिजा । जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि । दुच्चे भंते ! महव्वए उवढिओमि सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं ॥ २ ॥ ६ ॥ अहावरे तच्चे भंते ! महत्वए अदिन्नादाणाओ वेरमणं । सव्वं भंते ! अदिन्नादाणं पञ्चक्खामि । से गामे वा, नगरे वा, रण्णे वा, अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, नेव सयं अदिन्नं गिव्हिज्जा, नेवऽन्नेहि अदिन्नं गिहाविजा, अदिन्नं गिण्हते वि अन्ने न समणुजाणिजा । जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि । तच्चे भंते ! महन्वए उवढिओमि सव्वाओ अदिन्नादाणाओ वेरमणं ॥ ३ ॥ ७ ॥ अहावरे चउत्थे भंते ! महव्वए मेहुणाओ वेरमणं । सव्वं भंते! मेहुणं पञ्चक्खामि । से दिव्वं वा, माणुसं वा, तिरिक्खजोणियं वा, नेव सयं मेहुणं सेविजा, नेवऽन्नेहिं मेहुणं सेवाविजा, मेहुणं सेवंते वि अन्ने न समणुजाणिज्जा। जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि। चउत्थे भंते ! महव्वए उवढिओमि सव्वाओ मेहुणाओ वेरमणं ॥ ४ ॥ ८ ॥ अहावरे पंचमे भंते ! महव्वए परिग्गहाओ वेरमणं । सव्वं भंते ! परिग्गहं पञ्चक्खामि । से अप्पं वा, बहुं वा, अणुं वा, थूलं वा, चित्तमंतं वा, अचित्तमंतं वा, नेव सयं परिग्गहं परिगिव्हिज्जा, नेवऽन्नेहिं परिग्गहं परिगिण्हाविज्जा, परिग्गहं परिगिण्हते वि अन्ने न समणुजाणिज्जा । जावजीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिक्कमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि । पंचमे भंते ! महव्वए उवढिओमि सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं ॥ ५॥ ९॥ अहावरे छठे भंते ! वए राइभोयणाओ वेरमणं । सव्वं भंते ! राइभोयणं पच्चक्खामि । से असणं वा, पाणं वा, खाइमं वा, साइमं वा, नेव सयं राइं भुंजिज्जा, नेवऽन्नेहिं राइं मुंजाविजा, राई Page #1026 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ४ तेडक्कायजीवरक्खाव० ] सुत्तागमे भुंजते वि अन्ने न समणुजाणिज्जा । जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काणं न करेमि न कारवेमि करंतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि । छट्ठे भंते! वए उवट्ठिओमि सव्वाओ राइभोयणाओ वेरमणं ॥ ६ ॥ १० ॥ इच्याई पंच महव्वयाई राइभोयणवेरमणछट्ठाई अत्तहियाए उवसंपजित्ताणं विहरामि ॥ ११ ॥ से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरय पडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से पुढविं वा, भित्तिं वा, सिलं वा, लेलं वा, ससरक्खं वा कार्य, ससरक्खं वा वत्थं, हत्थेण वा, पाएण वा, कट्ठेण वा, किलिंचेण वा, अंगुलियाए वा, सलागाए वा, सलागहत्थेण वा, न आलिहिज्जा, न विलिहिज्जा, न घट्टिज्जा, न भिंदिजा, अन्नं न आलिहाविज्जा, न विलिहाविज्जा, न घाविज्जा, न भिंदाविज्जा, अन्नं आलिहंतं वा, विलिहंतं वा, घट्टतं वा, भिदंतं वा, न समणुजा णिज्जा । जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं न करेमि न कारवेम करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते! पडिक्कमामि निंदामि रिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ १ ॥ १२ ॥ से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से उदगं वा, ओसं वा, हिमं वा, महियं वा, करगं वा, हरितणुगं वा, सुद्धोदगं वा, उदउल्लं वा कार्य, उदउल्लं वा वत्थं, ससिणिद्धं वा कायं, ससिणिद्धं वा वत्थं, न आमुसिज्जा, न संफुसिज्जा, न आवीलिजा, न पवीलिज्जा, न अक्खोडिज्जा, न पक्खोडिज्जा, न आयाविज्जा, न पयाविज्जा, अन्नं न आमुसाविज्जा, न संफुसाविज्जा, न आवीलाविज्जा, न पवीलाविज्जा, न अक्खोडाविज्जा, न पक्खोडाविज्जा, न आयाविज्जा, न पयाविज्जा, अन्नं आमुसंतं वा, संसंतं वा, आवलंत वा, पवीलंत वा, अक्खोडतं वा, पक्खोडतं वा, आयावंतं वा, पयातं वा, न समणुजा णिज्जा । जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं न करेमि न कारवेम करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते! पडिकमा मि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ २ ॥ १३ ॥ से भिक्खू वा, भिक्खुणी परिसावा, संजयविरयपडिहयपच्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, गओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से अगणिं वा, इंगालं वा, मुम्मुरं वा, अि जालं अलायं वा, वा, सुद्धागणं वा, उक्कं वा, न उंजिज्जा, न घट्टिज्जा, न भिंदिजा, न उजालिजा, न पज्जालिजा, न निव्वाविजा, अन्नं न उंजाविज्जा, न घट्टा विज्जा, न भिंदाविज्जा, न उज्जालाविज्जा, न पजालाविजा, न निव्वाविज्जा, वा, ९५१ Page #1027 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ९५२ [दसवेयालियसुक्तं अन्नं उज्जतं वा, घटुंतं वा, भिंदंतं वा, उजालंतं वा, पजालंतं वा, निव्वावंतं वा, न समणुजाणिज्जा । जावज्जीवाए ति विहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ ३ ॥ १४॥ से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से सिएण वा, विहुयणेण वा, तालियंटेण वा, पत्तण वा, पत्तभंगेण वा, साहाए वा, साहाभंगेण वा, पिहुणेण वा, पिहुणहत्थेण वा, चेलेण वा, चेलकण्णेण वा, हत्थेण वा, मुहेण वा, अप्पणो वा कायं, बाहिरं वावि पुग्गलं, न फूमिजा, न वीइज्जा, अन्नं न फूमाविज्जा, न वीयाविजा, अन्नं फूमंतं वा, वीयंतं वा, न समणुजाणिज्जा । जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ ४ ॥ १५ ॥ से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपचक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा,, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से बीएसु वा, बीयपइटेसु वा,, रूढेसु वा, रूढपइटेसु वा, जाएसुवा, जायपइढेसु वा, हरिएसु वा, हरियपइटेसु वा, छिन्नेसु वा, छिन्नपइट्टेसु वा, सचित्तेसु वा, सचित्तकोलपडिनिस्सिएसु वा, न गच्छिज्जा, न चिट्ठिजा, न निसीइजा, न तुयट्टिजा, अन्नं न गच्छाविजा, न चिट्ठाविज्जा, न निसीयाविजा, न तुयट्टाविज्जा, अन्नं गच्छंतं वा, चिट्ठतं वा, निसीयंतं वा, तुयस॒तं वा, न समणुजाणिज्जा । जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं मणेणं वायाए कारणं न करेमि न कारवेमि करतं पि अन्नं न समणुजाणामि । तस्स भंते ! पडिकमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ ५ ॥ १६ ॥ से भिक्खू वा, भिक्खुणी वा, संजयविरयपडिहयपञ्चक्खायपावकम्मे, दिआ वा, राओ वा, एगओ वा, परिसागओ वा, सुत्ते वा, जागरमाणे वा, से कीडं वा, पयंगं वा, कुंथु वा, पिपीलियं वा, हत्थंसि वा, पायंसि वा, बाहुंसि वा, उरुंसि वा, उदरंसि वा, सीसंसि वा, वत्थंसि वा, पडिग्गहंसि वा, कंबलंसि वा, पायपुच्छणंसि वा, रयहरणंसि वा, गुच्छगंसि वा, उडुगंसि वा, दंडगंसि वा, पीढगंसि वा, फलगंसि वा, सेजसि वा, संथारगंसि वा, अन्नयरंसि वा तहप्पगारे उवगरणजाए तओ संजयामेव पडिलेहिय पडिलेहिय पमज्जिय पमज्जिय एगंतमवणिज्जा, नो णं संघायमावजिज्जा ॥ ६॥ १७ ॥ अजयं चरमाणो (य) उ, पाणभूयाइं हिंसइ । बंधइ पावयं कम्म, तं से होइ कडुयं फलं. १ फुडीकरणमेयस्स णिसीहऽज्झयणाओ णायव्वं । Page #1028 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ४ सुलहसुगई ] सुत्तागमे ९५३ ॥ १ ॥ अजयं चिट्ठमाणो उ, पाणभूयाई हिंसइ । बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं ॥ २ ॥ अजयं आसमाणो उ, पाणभूयाई हिंसइ । बंधइ पावयं कस्म, तं से होइ कडुयं फलं ॥ ३ ॥ अजयं सयमाणो उ, पाणभूयाई हिंसइ । बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं ॥ ४ ॥ अजयं भुंजमाणो उ, पाणभूयाई हिंसइ । वंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं ॥ ५ ॥ अजयं भासमाणो उ, पाणभूयाई हिंसइ | बंधइ पावयं कम्मं तं से होइ कडुयं फलं ॥ ६ ॥ कहं चरे ? कहं चिट्ठे ?, हमासे ? कहं सए ? | कहं भुंजतो भासतो, पावकम्मं न बंधइ ? ॥ ७ ॥ जयं चरे जयं चिट्ठे, जयमासे जयं सए । जयं भुंजंतो भासतो, पावकम्मं न बंधइ ॥ ८ ॥ सव्वभूयप्पभूयस्स, सम्मं भूयाइ पासओ । पिहियासवस्स दंतस्स, पावकम्मं न बंधइ ॥ ९ ॥ पढमं नाणं तओ दया, एवं चिट्ठइ सव्वसंजए । अन्नाणी किं काही ?, किं वा नाहिइ सेयपावगं ? ॥ १० ॥ सोचा जाणइ कलाणं, सोच्चा जाणइ पावगं । उभयं पि जाणइ सोच्चा, जं सेयं तं समायरे ॥ ११ ॥ जो जीवे विन याणेइ, अजीवे विन याइ । जीवाजीवे अयाणंतो, कहं सो नाहिइ संजमं ? ॥ १२ ॥ जो जीवे विवियाणेइ, अजीवे वि वियाणइ । जीवाजीवे वियाणंतो, सो हु नाहिइ संजमं ॥ १३ ॥ जया जीवमजीवे य, दो वि एए वियाणइ । तया गई बहुविहं, सव्वजीवाण जाणइ ॥ १४ ॥ जया गईं बहुविहं सव्वजीवाण जाणइ । तया पुण्णं च पावंच, बंधं मुक्खं च जाणइ ॥ १५ ॥ जया पुण्णं च पावं च, बंधं मुक्खं च ts | तया निव्विंदए भोए, जे दिव्वे जे य माणुसे ॥ १६ ॥ जया निव्विदए भोए, जे दिव्वे जे य माणुसे । तया चयइ संजोगं, सब्भितरबाहिरं ॥ १७ ॥ जया चयइ संजोगं, सब्भितरबाहिरं । तया मुंडे भवित्ताणं पव्वइए अणगारियं ॥ १८ ॥ जया मुंडे भवित्ताणं, पव्वइए अणगारियं । तया संवरमुक्किडं, धम्मं फासे अणुत्तरं ॥ १९ ॥ जया संवरमुक्किडं, धम्मं फासे अणुत्तरं । तया धुणइ कम्मरयं, अवोहिकलसं कडं ॥ २० ॥ जया धुणइ कम्मरयं, अवोहिकलसं कडं । तया सव्वत्तगं नाणं, दंसणं चाभिगच्छइ ॥ २१ ॥ जया सव्वत्तगं नाणं, दंसणं चाभिगच्छइ । तया लोगमलोगं च, जिणो जाणइ केवली ॥ २२ ॥ जया लोगमलोगं च, जिणो जाइ केवली । तया जोगे निरुंभित्ता, सेलेसिं पडिवज्जइ ॥ २३ ॥ जया जोगे निरंभित्ता, सेलेसिं पडिवज्जइ । तया कम्मं खवित्ताणं, सिद्धिं गच्छइ नीरओ ॥ २४ ॥ जया कम्मं खवित्ताणं, सिद्धिं गच्छइ नीरओ । तया लोगमत्थयत्थो, सिद्धो हवाइ सासओ ॥ २५ ॥ सुहसायगस्स समणस्स, सायाउलगस्स निगामसाइस्स । उच्छोलणापहोयस्स, दुल्लहा सुगइ तारिसगस्स ॥ २६ ॥ तवोगुणपहाणस्स, उज्जु Page #1029 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [दसवेयालियसुत्तं मइ-खंतिसंजमरयस्स । परीसहे जिणंतस्स, सुलहा सुगइ तारिसगस्स ॥ २७ ॥ पच्छा वि ते पयाया, खिप्पं गच्छंति अमरभवणाई । जेसिं पिओ तवो संजमो य, खंती य बंभचेरं च ॥ २८ ॥ इच्चेयं छज्जीवणियं, सम्मट्ठिी सया जए । दुल्लहं लहित्तु सामण्णं, कम्मुणा न विराहिज्जासि ॥ २९ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति छज्जीवणिया णामं चउत्थमज्झयणं समत्तं ॥४॥ अह पिंडेसणा णामं पंचममज्झयणं पढमो उद्देसो ___ संपत्ते भिक्खकालम्मि, असंभंतो अमुच्छिओ । इमेण कमजोगेण, भत्तपाणं गवेसए ॥ १॥ से गामे वा नगरे वा, गोयरग्गगओ मुणी। चरे मंदमणुव्विग्गो, अवक्खित्तेण चेयसा ॥ २॥ पुरओ जुगमायाए, पेहमाणो महिं चरे। वजंतो बीयहरियाई, पाणे य दगमट्टियं ॥ ३ ॥ ओवायं विसमं खाणु, विजलं परिवजए । संकमेण न गच्छिज्जा, विजमाणे परकमे ॥ ४ ॥ पवडते व से तत्थ, पक्खलंते व संजए । हिंसेज पाणभूयाई, तसे अदुव थावरे ॥ ५॥ तम्हा तेण न गच्छिज्जा, संजए सुसमाहिए। सइ अन्नेण मग्गेण, जयमेव परक्कमे ॥ ६॥ इंगालं छारियं रासिं, तुसरासिं च गोमयं । ससरक्खेहिं पाएहिं, संजओ तं नइक्कमे ॥ ७ ॥ न चरेज वासे वासंते, महियाए व पडंतिए। महावाए व वायंते, तिरिच्छसंपाइमेसु वा ॥ ८॥ न चरेज वेससामंते, वंभचेरवसाणुए। बंभयारिस्स दंतस्स, होज्जा तत्थ विसोत्तिया ॥ ९ ॥ अणायणे चरंतस्स, संसग्गीए अभिक्खणं । होज वयाणं पीला, सामण्णम्मि य संसओ ॥ १०॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवड्ढणं । वज्जए वेससामंतं, मुणी एगंतमस्सिए ॥ ११॥ साणं सूइयं गाविं, दित्तं गोणं हयं गयं । संडिब्भं कलहं जुद्धं, दूरओ परिवज्जए ॥ १२ ॥ अणुन्नए नावणए, अप्पहिढे अणाउले । इंदियाई जहाभागं, दमइत्ता मुणी चरे ॥ १३ ॥ दवदवस्स न गच्छेजा, भासमाणो य गोयरे । हसंतो नाभिगच्छेज्जा, कुलं उच्चावयं सया ॥ १४ ॥ आलोयं थिग्गलं दारं, संधि दगभवणाणि य । चरंतो न विणिज्झाए, संकट्ठाणं विवज्जए ॥ १५ ॥ रन्नो गिहवईणं च, रहस्सारक्खियाणि य । संकिलेसकरं ठाणं, दूरओ परिवजए ॥ १६॥ पडिकुटकुलं न पविसे, मामगं परिवज्जए। अचियत्तकुलं न पविसे, चियत्तं पविसे कुलं ॥ १७ ॥ साणीपावारपिहियं, अप्पणा नावपंगुरे। कवाडं नो पणुल्लिजा, उग्गहंसि Page #1030 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ५ उ० १ संकियभत्तपाणणिसेहो ] सुत्तागमे अजाइया ॥ १८ ॥ गोयरग्गपविट्ठो य, वच्चमुत्तं न धारए । ओगासं फासूयं नच्चा, अणुन्नविय वोसिरे ॥ १९ ॥ नीयं दुवारं तमसं, कुट्टगं परिवज्जए । अचक्खुविसओ जत्थ, पाणा दुप्पडिलेहगा ॥ २० ॥ जत्थ पुप्फाई बीयाई, विप्पइण्णाई कोट्ठए । अहुणोवलित्तं उल्लं, दहूणं परिवज्जए ॥ २१ ॥ एलगं दारगं साणं, वच्छगं वावि कोए । उल्लंघिया न पविसे, विउहित्ताण व संजए ॥ २२ ॥ असंसत्तं पलोइज्जा, नाइदूरावलोयए । उप्फुलं न विणिज्झाए, नियट्टिज्ज अयंपिरो ॥ २३ ॥ अइभूमिं न गच्छेजा, गोयरग्गगओ मुणी । कुलस्स भूमिं जाणित्ता, मियं भूमिं परकमे ॥ २४ ॥ तत्थेव पडिले हिजा, भूमिभागं वियक्खणो । सिणाणस्स य वच्चस्स, संलोगं परिवज्जए ॥ २५ ॥ दगमट्टियआयाणे, वीयाणि हरियाणि य । परिवज्जंतो चिट्ठिजा, सव्विंदिय समाहिए ॥ २६ ॥ तत्थ से चिट्ठमाणस्स आहरे पाणभोयणं । अकप्पियं न गिव्हिज्जा, पडिगाहि कप्पियं ॥ २७ ॥ आहरंती सिया तत्थ, परिसाडिज भोयणं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं” ॥ २८ ॥ संमद्दमाणी पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य । असंजमकरिं नच्चा, तारिसिं परिवज्जए ॥ २९ ॥ साह निक्खिवित्ताणं, सचित्तं घाण । तव समणट्ठाए, उदगं संपणुलिया ॥ ३० ॥ ओगाहइत्ता चलइत्ता, आहरे पाणभोयणं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पर तारिसं" ॥ ३१ ॥ पुरेकमेण हत्थे, दव्वी भायणेण वा । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं” ॥ ३२ ॥ एवं उदउल्ले ससिणिद्धे, ससरक्खे मट्टिया ऊसे । हरियाले हिंगुलए, मणोसिला अंजणे लोणे ॥ ३३ ॥ गेरुय वण्णिय सेढिय, सोरट्ठिय पिट्ठ कुक्कुस कए य । उक्किमसंसट्टे, संसट्टे चेव बोद्धव्वे ॥ ३४ ॥ असंसट्टेण हत्थेण, दव्वीए भायणेण वा । दिजमाणं न इच्छिज्जा, पच्छाकम्मं जहिं भवे ॥ ३५ ॥ संसद्वेण य हत्थेण, दव्वी भायणेण वा । दिज्जमाणं पडिच्छिना, जं तत्थेसणियं भवे ॥ ३६ ॥ दुहं तु भुंजमाणाणं, एगो तत्थ निमंतए । दिजमाणं न इच्छिजा, छंद से पडिलेहए ॥ ३७ ॥ दुहं तु भुंजमाणाणं, दो वि तत्थ निमंतए । दिज्जमाणं पडिच्छिजा, जं तत्थेसणियं भवे ॥ ३८ ॥ गुव्विणीए उवन्नत्थं, विविहं पाणभोयणं । भुंजमाणं विवजिज्जा, भुत्तसेसं पडिच्छए ॥ ३९ ॥ सिया य समणट्ठाए, गुव्विणी कालमासिणी । उडिया वा निसीइज्जा, निसन्ना वा पुणुट्ठए ॥ ४० ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, "न मे कप्पर तारि ॥ ४१ ॥ थणगं पिज्ज - माणी, दारगं वा कुमारियं । तं निक्खवित्तु रोअंतं, आहरे पाणभोयणं ॥ ४२ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं" ॥ ४३ ॥ जं भवे भत्तपाणं तु, कप्पाकप्पम्मि संकियं । दितियं पडियाइक्खे, “न मे 1 ९५५ Page #1031 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९५६ सुत्तागमे [ दसवेयालियसुतं कप्पइ तारिसं” ॥ ४४ ॥ दगवारेण पिहियं, नीसाए पीढएण वा । लोढेण वावि लेवेण सिलेसेण व केणइ ॥ ४५ ॥ तं च उब्भिदिया दिज्जा, समणट्ठाए व दावए । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पर तारिसं" ॥ ४६ ॥ असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा। जं जाणिज्ज सुणिज्जा वा, "दाणट्ठा पगडं इमं ॥ ४७ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं” ॥ ४८ ॥ असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा । जं जाणिज्ज सुणिज्जा वा, "पुण्णट्ठा पगडं इमं” ॥ ४९ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पड़ तारिसं” ॥ ५० ॥ असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा । जं जाणिज सुणिज्जा वा, "वणिमट्ठा पगडं इमं ॥ ५१ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकपियं । दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं ॥ ५२ ॥ असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा । जं जाणिज्ज सुणिज्जा वा, "समणट्ठा पगडं इमं” ॥ ५३ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पर तारिसं” ॥ ५४ ॥ उद्देसियं कीयगडं, पूइकम्मं च आहडं । अज्झोयर पामिचं, मीस - जायं. विवज्जए ॥ ५५ ॥ उग्गमं से य पुच्छिज्जा, कस्सट्ठा केण वा कडं ? । सुच्चा निस्संकियं सुद्धं, पडिगाहिज संजए ॥ ५६ ॥ असगं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा । पुप्फेसु हुज्ज उम्मीसं, बीएस हरिएसु वा ॥ ५७ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं” ॥ ५८ ॥ असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा । उद्गंमि हुज्ज निक्खित्तं, उत्तिंगपणगेसु वा ॥ ५९ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं" ॥ ६० ॥ असणं पाणगं वावि, खाइमं साइमं तहा । अगणिम्मि होज्ज निक्खित्तं, तं संघट्टिया दए ॥ ६१ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दिंतियं पडियाइक्खे, "न मे कप्पर तारिसं" ॥ ६२ ॥ एवं उस्सक्किया ओसक्किया, उज्जालिया पज्जालिया निव्वाविया । उस्सिंचिया निस्सिंचिया, उव्वत्तिया ओयारिया दए ॥ ६३ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दितियं पडियाइक्खे, "न मे कप्पइ तारिसं" ॥ ६४ ॥ हुज कट्ठे सिलं वावि, इट्टालं वावि एगया । ठवियं संकमट्ठाए, तं च हुज्ज चलाचलं ॥ ६५ ॥ न तेण भिक्खू गच्छिज्जा, दिट्ठो तत्थ असंजमो । गंभीरं झुसिरं चेव, सव्विंदियसमाहिए ॥ ६६ ॥ निस्सेणिं फलगं पीढं, उस्सवित्ता मारुहे। मंचं कीलं च पासायं, समणट्ठाए व दावए ॥ ६७ ॥ दुरुह्माणी पवडिजा, हत्थं पायं व लसए । पुढविजीवे वि हिंसेज्जा, जे य तं निस्सिया जगे ॥ ६८ ॥ एयारिसे महादोसे, जाणिऊण महेसिणो । तम्हा मालोहडं भिक्खं, न पडिगिण्हंति Page #1032 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ५ उ० १ आलोयणविही] सुत्तागमे ९५७ संजया ॥ ६९ ॥ कंद मूलं पलंबं वा, आमं छिन्नं च सन्निरं । तुंबागं सिंगबेरं च, आमगं परिवजए ॥ ७० ॥ तहेव सत्तुचुण्णाई, कोलचुण्णाइं आवणे । सक्कुलिं फाणियं पूयं, अन्नं वावि तहाविहं ॥ ७१ ॥ विकायमाणं पसढं, रएण परिफासियं । दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं" ॥ ७२ ॥ बहुअट्ठिों पुग्गल, अणमिसं वा बहुकंटयं । अत्थियं तिंदुयं बिलं, उच्छुखंड व सिंबलिं ॥ ७३ ॥ अप्पे सिया भोयगजाए, बहुउज्झियधम्मिए। दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं” ॥७४ ॥ तहेवुच्चावयं पाणं, अदुवा वारधोयणं । संसेइमं चाउलोदगं, अहणाधोयं विवजए ॥ ७५ ॥ जं जाणेज चिराधोयं, मईए दंसणेण वा । पडिपुच्छिऊण सुच्चा वा, जं च निस्संकियं भवे ॥ ७६ ॥ अजीवं परिणयं नच्चा, पडिगाहिज्ज संजए। अह संकियं भविजा, आसाइत्ताण रोयए ॥ ७७ ॥ “थोवमासायणट्ठाए, हत्थगम्मि दलाहि मे। मा मे अचंबिलं पूर्य, नालं तिण्हं विणित्तए" ॥ ७८ ॥ तं च अचंबिलं पूर्य, नालं तिण्हं विणित्तए । दितियं पडियाइक्खे, "न मे कप्पइ तारिसं" ॥ ७९ ॥ तं च हुज्ज अकामेणं, विमणेण पडिच्छियं । तं अप्पणा न पिबे, नो वि अन्नस्स दावए ॥ ८० ॥ एगंतमवक्कमित्ता, अचित्तं पडिलेहिया। जयं परिढविजा, परिठ्ठप्प पडिक्कमे ॥ ८१॥ सिया य गोयरग्गओ, इच्छिजा परिभुत्तुयं । कुट्ठगं भित्तिमूलं वा, पडिलेहित्ताण फासुयं ॥ ८२ ॥ अणुन्नवित्तु मेहावी, पडिच्छन्नम्मि संवुडे । हत्थगं संपमज्जित्ता, तत्थ भुजिज्ज संजए ॥ ८३॥ तत्थ से भुंजमाणस्स, अट्ठिअं कंटओ सिया । तणकट्ठसक्करं वावि, अन्नं वावि तहाविहं ॥ ८४ ॥ तं उक्खिवित्तु न निक्खिवे, आसएण न छड्डए । हत्थेण तं गहेऊण, एगंतमवक्कमे ॥ ८५ ॥ एगंतमवक्कमित्ता, अचित्तं पडिलेहिया। जयं परिढविजा, परिठ्ठप्प पडिक्कमे ॥ ८६॥ सिया य भिक्खू इच्छिजा, 'सिज्जमागम्म भुत्तुयं । सपिंडपायमागम्म, उंडुयं पडिलेहिया ॥ ८७ ॥ विणएण पविसित्ता, सगासे गुरुणो मुणी । इरियावहियमायाय, आगओ य पडिकमे ॥ ८८ ॥ आभोइत्ताण नीसेसं, अइयारं जहकमं । गमणागमणे चेव, भत्तपाणे व संजए ॥ ८९ ॥ उजुप्पन्नो अणुव्विग्गो, अव्वक्खित्तेण चेयसा । आलोए गुरुसगासे, जं जहा गहियं _१ बहुअट्ठिअं=बहुगट्ठियं-गट्ठिया 'गुठली' ति भासाए, वहुईओ गट्ठियाओ ठियाओ जम्मि तंव०,गकारयकारलोवो,एवं बहुअट्ठिअस्स निप्फत्ती। बहुबीयगं ति अट्ठो। अहवा बहुअट्ठिअं-बहुअ+ट्ठिअं-बहुयाइं बीयाई ठियाइं जंसि तं तारिसं फलं । २ पुग्गलं-प+ उग्गलं-पगरिसेण उग्गलणारिहं-पक्खेवणजुग्गं विजए जंसि तं तारिसं फलविसेसं । ३ अणमिसं ति वा अणण्णासं ति वा एगट्ठा। ४ पणसफलाइयं। ५ अगत्थियरुक्खफलं, अगत्थियस्सऽज्झाहारो अत्थियं । ६ सिद्धी जहा हेट्ठा, णवरं लिंगभेओ पाइयत्तणओ। Page #1033 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ९५८ [दसवेयालियसुत्तं भवे ॥९० ॥ न सम्ममालोइयं हुज्जा, पुवि पच्छा व जं कडं। पुणो पडिक्कमे तस्स, वोसट्ठो चिंतए इमं ॥९१ ॥ अहो जिणेहिऽसावज्जा, वित्ती साहूण देसिया। मुक्खसाहणहेउस्स, साहुदेहस्स धारणा ॥ ९२॥ नमुक्कारेण पारित्ता, करित्ता जिणसंथवं । सज्झायं पट्ठवित्ताणं, वीसमेज खणं मुणी ॥ ९३ ॥ वीसमंतो इमं चिंते, हियमद्वं लाभमट्ठिओ । जइ मे अणुग्गहं कुज्जा, साहू हुज्जामि तारिओ ॥ ९४ ॥ साहवो तो चियत्तेणं, निमंतिज जहक्कमं । जइ तत्थ केइ इच्छिज्जा, तेहिं सद्धिं तु भुंजए ॥९५॥ अह कोइ न इच्छिज्जा, तओ भुंजिज एगओ। आलोए भायणे साहू', जयं अपरिसाडियं ॥ ९६ ॥ तित्तगं व कडुयं व कसायं, अंबिलं व महुरं लवणं वा । एयलद्धमन्नत्थपउत्तं, महुघयं व भुंजिज्ज संजए ॥ ९७ ॥ अरसं विरसं वावि, सूइयं वा असूइयं । उल्लं वा जइ वा सुकं, मंथकुम्मासभोयणं ॥ ९८ ॥ उप्पन्नं नाइहीलिज्जा, अप्पं वा बहु फासुयं । मुहालद्धं मुहाजीवी, भुंजिजा दोसवज्जियं ॥ ९९ ॥ दुलहा उ मुहादाई, मुहाजीवी वि दुल्लहा। मुहादाई मुहाजीवी, दो वि गच्छंति सुग्गई ॥१०० ॥ ति-बेमि ॥ इति पिंडेसणाए पढमो उद्देसो समत्तो॥५-१॥ अह पिंडेसणाए बीओ उद्देसो पडिग्गहं संलिहिताणं, लेवमायाइ संजए । दुगंधं वा सुगंधं वा, सव्वं भुंजे न छड्डए ॥ १ ॥ सेज्जा निसीहियाए, समावन्नो य गोयरे । अयावयट्ठा भुच्चाणं, जइ तेणं न संथरे ॥ २ ॥ तओ कारणसमुप्पन्ने, भत्तपाणं गवेसए। विहिणा पुव्वउत्तेणं, इमेणं उत्तरेण य ॥ ३ ॥ कालेण निक्खमे भिक्खू , कालेण य पडिक्कमे । अकालं च विवजित्ता, काले कालं समायरे ॥ ४ ॥ “अकाले चरसि भिक्खू , कालं न पडिलेहसि । अप्पाणं च किलामेसि, सन्निवेसं च गरिहसि" ॥ ५॥ सइ काले चरे भिक्खू , कुजा पुरिसकारियं । “अलाभो” त्ति न सोइज्जा, "तो" त्ति अहियासए ॥६॥ तहेवुच्चावया पाणा, भत्तट्ठाए समागया । तं उज्जुयं न गच्छिज्जा, जयमेव परक्कमे ॥ ७ ॥ गोयरग्गपविठ्ठो य, न निसीइज कत्थइ । कहं च न पबंधिजा, चिट्टित्ताण व संजए ॥ ८ ॥ अग्गलं फलिहं दारं, कवाडं वावि संजए । अवलंबिया न चिट्ठिजा, गोयरग्गगओ मुणी ॥ ९॥ समणं माहणं वावि, किविणं वा वणीमगं। उवसंकमंतं भत्तट्ठा, पाणट्ठाए व संजए ॥ १० ॥ तं अइक्कमित्तु न पविसे, न चिट्ठे चक्खुगोयरे । एगंतमवक्कमित्ता, तत्थ चिट्ठिज संजए ॥ ११ ॥ वणीमगस्स वा तस्स, दायगस्सुभयस्स वा । अप्पत्तियं सिया हुजा, लहुत्तं पवयणस्स वा ॥ १२॥ Page #1034 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ५ उ० २ तेणवण्णणं] सुत्तागमे ९५९ पडिसेहिए व दिन्ने वा, तओ तम्मि नियत्तिए । उवसंकमिज भत्तट्ठा, पाणट्ठाए व संजए ॥ १३ ॥ उप्पलं पउमं वावि, कुमुयं वा मगदंतियं । अन्नं वा पुप्फसञ्चित्तं, तं च संलंचिया दए ॥ १४ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं" ॥ १५ ॥ उप्पलं पउमं वावि, कुमुयं वा मगदंतियं । अन्नं वा पुप्फसच्चित्तं, तं च संमद्दिया दए ॥ १६ ॥ तं भवे भत्तपाणं तु, संजयाण अकप्पियं । दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं” ॥ १७ ॥ सालयं वा विरालियं, कुमुयं उप्पलनालियं । मुणालियं सासवनालियं, उच्छुखंडं अनिव्वुडं ॥ १८ ॥ तरुणगं वा पवालं, रुक्खस्स तणगस्स वा। अन्नस्स वावि हरियस्स, आमगं परिवजए ॥ १९ ॥ तरुणियं वा छिवाडिं, आमियं भज्जियं सइं। दितियं पडियाइक्खे, “न मे कप्पइ तारिसं" ॥ २० ॥ तहा कोलमणुस्सिन्नं, वेलुयं कासवनालियं । तिलपप्पडगं नीम, आमगं परिवजए ॥ २१ ॥ तहेव चाउलं पिटुं, वियडं वा तत्तनिव्वुडं । तिलपिट्ठपूइपिण्णागं, आमगं परिवज्जए ॥ २२ ॥ कविटुं माउलिंगं च, मूलगं मूलगत्तियं । आमं असत्थपरिणयं, मणसा वि न पत्थए ॥ २३ ॥ तहेव फलमंथूणि, बीयमंथूणि जाणिया । बिहेलगं पियालं च, आमगं परिवज्जए ॥ २४ ॥ समुयाणं चरे भिक्खू , कुलं उच्चावयं सया । नीयं कुलमइकम्म, ऊसढं नाभिधारए ॥ २५ ॥ अदीणो वित्तिमेसिज्जा, न विसीएज पंडिए । अमुच्छिओ भोयणम्मि, मायने एसणारए ॥ २६ ॥ बहुं परघरे अत्थि, विविहं खाइमसाइमं । न तत्थ पंडिओ कुप्पे, इच्छा दिज परो न वा ॥ २७ ॥ सयणासणवत्थं वा, भत्तं पाणं च संजए । अदितस्स न कुप्पिज्जा, पञ्चक्खे वि य दीसओ ॥ २८ ॥ इत्थियं पुरिसं वावि, डहरं वा महल्लगं । वंदमाणं न जाइजा, नो य णं फरुसं वए ॥ २९ ॥ जे न वंदे न से कुप्पे, वंदिओ न समुक्कसे । एवमन्नेसमाणस्स, सामण्णमणुचिट्ठइ ॥ ३० ॥ सिया एगइओ लर्बु, लोभेण विणिगृहइ । “मामेयं दाइयं संतं, दटूणं सयमायए" ॥ ३१ ॥ अत्तट्ठा गुरुओ लुद्धो, बहुं पावं पकुव्वइ । दुत्तोसओ य से होइ, निव्वाणं च न गच्छइ ॥ ३२ ॥ सिया एगइओ लछ, विविहं पाणभोयणं । भद्दगं भद्दगं भोच्चा, विवण्णं विरसमाहरे ॥ ३३ ॥ जाणंतु ता इमे समणा, “आययट्ठी अयं मुणी । संतुट्ठो सेवए पंतं, लूहवित्ती सुतोसओ” ॥ ३४ ॥ पूयणट्टा जसोकामी, माणसंमाणकामए । बहुं पसवई पावं, मायासलं च कुव्वइ ॥ ३५ ॥ सुरं वा मेरगं वावि, अन्नं वा मजगं रसं । ससक्खं न पिबे भिक्खू, जसं सारक्खमप्पणो ॥ ३६॥ पियए एगओ तेणो, “न मे कोइ वियाणइ”। तस्स पस्सह दोसाई, नियडिं च सुणेह मे ॥ ३७ ॥ वड्डइ सुंडिया तस्स, मायामोसं Page #1035 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [दसवेयालियसुत्तं च भिक्खुणो । अयसो य अनिव्वाणं, सययं च असाहुया ॥ ३८ ॥ निचुबिग्गो जहा तेणो, अत्तकम्मेहिं दुम्मई । तारिसो मरणंते वि, नाराहेइ संवरं ॥ ३९ ॥ आयरिए नाराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था वि णं गरिहंति, जेण जाणंति तारिसं ॥ ४० ॥ एवं तु अगुणप्पेही, गुणाणं च विवज्जए । तारिसो मरणंते वि, नाराहेइ संवरं ॥ ४१ ॥ तवं कुव्वइ मेहावी, पणीयं वज्जए रसं । मज्जप्पमायविरओ, तवस्सी अइउक्कसो ॥ ४२ ॥ तस्स पस्सह कल्लाणं, अणेगसाहुपूइयं । विउलं अत्थसंजुत्तं, कित्तइस्सं सुणेह मे ॥ ४३ ॥ एवं तु गुणप्पेही, अगुणाणं च विवजए। तारिसो मरणंते वि, आराहेइ संवरं ॥ ४४ ॥ आयरिए आराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था वि णं पूयंति, जेण जाणंति तारिसं ॥ ४५ ॥ तवतेणे वयतेणे, रूवतेणे य जे नरे । आयारभावतेणे य, कुव्वइ देवकिविसं ॥ ४६ ॥ लण वि देवत्तं, उववन्नो देवकिव्विसे । तत्थावि से न याणाइ, “किं मे किच्चा इमं फलं ?" ॥ ४७ ॥ तत्तो वि से चइत्ताणं, लब्भइ एलमूयगं । नरगं तिरिक्खजोणिं वा, बोही जत्थ सुदुलहा ॥ ४८ ॥ एयं च दोसं दद्रूणं, नायपुत्तेण भासियं । अणुमायं पि मेहावी, मायामोसं विवज्जए ॥ ४९ ॥ सिक्खिऊण भिक्खेसणसोहिं, संजयाण बुद्धाण सगासे । तत्थ भिक्खू सुप्पणिहिंदिए, तिव्वलज्जगुणवं विहरिजासि ॥ ५० ॥ त्ति-बेमि ॥ इति पिंडेसणाए बीओ उद्देसो समत्तो ॥ ५-२ ॥ इति पिंडेसणा णामं पंचममज्झयणं समत्तं ॥५॥ @GOOD अह महल्लियायारकहा(धम्मत्थकाम)णामं छट्टमज्झयणं reaterनाणदंसणसंपन्नं, संजमे य तवे रयं । गणिमागमसंपन्नं, उजाणम्मि समोसढं ॥ १॥ रायाणो रायमचा य, माहणा अदुव खत्तिया । पुच्छंति निहुयप्पाणो, कहं भे आयारगोयरो? ॥ २॥ तेसिं सो निहुओ दंतो, सव्वभूयसुहावहो। सिक्खाए सुसमाउत्तो, आयक्खइ वियक्खणो ॥ ३॥ हंदि धम्मत्थकामाणं, निग्गंथाणं सुणेह मे । आयारगोयरं भीम, सयलं दुरहिट्ठियं ॥ ४ ॥ नन्नत्थ एरिसं वुत्तं, जं लोए परमदुच्चरं । विउलट्ठाणभाइस्स, न भूयं न भविस्सई ॥ ५ ॥ सखुड्डगवियत्ताणं, वाहियाणं च जे गुणा । अखंडफुडिया कायव्वा, तं सुणेह जहा तहा ॥ ६ ॥ दस अट्ठ य ठाणाई, जाई बालोऽवरज्झइ । तत्थ अण्णयरे ठाणे, निग्गंथत्ताओ भस्सइ ॥ ७ ॥ वयर्छकं कार्यछक्कं, अप्पो गिहिौयणं । पलियंक निसिज्जा य, १६ Page #1036 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ६ आउकायरक्खाहिगारो] सुत्तागमे सिणाणं सोहवजणं ॥ ८ ॥ (१) तत्थिमं पढमं ठाणं, महावीरेण देसियं । अहिंसा निउणा दिट्ठा, सव्वभूएसु संजमो ॥ ९ ॥ जावंति लोए पाणा, तसा अदुव थावरा । ते जाणमजाणं वा, न हणे नो वि घायए ॥ १० ॥ सव्वे जीवा वि इच्छंति, जीविउं न मरिजिउं । तम्हा पाणिवहं घोरं, निग्गंथा वज्जयंति णं ॥ ११ ॥ (२) अप्पणट्ठा परट्ठा वा, कोहा वा जइ वा भया। हिंसगं न मुसं बूया, नो वि अन्नं वयावए ॥ १२ ॥ मुसावाओ य लोगंमि, सव्वसाहूहिं गरिहिओ। अविस्सासो य भूयाणं, तम्हा मोसं विवजए ॥ १३ ॥ (३) चित्तमंतमचित्तं वा, अप्पं वा जइ वा बहुं । दंतसोहणमित्तं पि, उग्गहंसि अजाइया ॥ १४ ॥ तं अप्पणा न गिण्हंति, नो वि गिण्हावए परं । अन्नं वा गिण्हमाणं पि, नाणुजाणंति संजया ॥ १५ ॥ (४) अवंभचरियं घोरं, पमायं दुरहिट्ठियं । नायरंति मुणी लोए, भेयाययणवज्जिणो ॥ १६ ॥ मूलमेयमहम्मस्स, महादोससमुस्सयं । तम्हा मेहुणसंसग्गं, निग्गंथा वज्जयंति णं ॥ १७ ॥ (५) विडमुब्भेइमं लोणं, तिलं सप्पिं च फाणियं । न ते सन्निहिमिच्छंति, नायपुत्तवओरया ॥ १८ ॥ लोहस्सेस अणुप्फासे, मन्ने अन्नयरामवि । जे सिया सन्निहीकामे, गिही पव्वइए न से ॥ १९ ॥ जंपि वत्थं व पायं वा, कंबलं पायपुंछणं । तं पि संजमलजट्ठा, धारंति परिहरंति य ॥ २० ॥ न सो परिग्गहो वुत्तो, नायपुत्तेण ताइणा । “मुच्छा परिग्गहो वुत्तो”, इइ वुत्तं महेसिणा ॥ २१ ॥ सव्वत्थुवहिणा बुद्धा, संरक्खणपरिग्गहे । अवि अप्पणो वि देहमि, नायरंति ममाइयं ॥ २२ ॥ (६) अहो निच्चं तवोकम्मं, सव्ववुद्धेहिं वण्णियं । जा य लज्जासमा वित्ती, एगभत्तं च भोयणं ॥ २३ ॥ संतिमे सुहुमा पाणा, तसा अदुव थावरा । जाइं राओ अपासंतो, कहमेसणियं चरे ॥ २४ ॥ उदउल्लं बीयसंसत्तं, पाणा निव्वडिया महिं । दिया ताइं विवजिज्जा, राओ तत्थ कहं चरे ॥ २५ ॥ एयं च दोसं दट्टणं, नायपुत्तेण भासियं । सव्वाहारं न भुजंति, निग्गंथा राइभोयणं ॥ २६ ॥ (१) पुढविकायं न हिंसंति, मणसा वयसा कायसा । तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया ॥ २७ ॥ पुढविकायं विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए । तसे य विविहे पाणे, चक्खुसे य अचक्खुसे ॥ २८ ॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवडणं । पुढविकायसमारंभ, जावजीचाए वज्जए ॥ २९ ॥ (२) आउकायं न हिंसंति, मणसा वयसा कायसा । तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया ॥ ३० ॥ आउकायं विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए । तसे य विविहे पाणे, चक्खुसे य अचक्खुसे ॥ ३१ ॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवढणं । आउकायसमा१ फासुयं। ६१ सुत्ता. Page #1037 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ९६२ [ दसवेयालियसुतं रंभ, जावज्जीवाए वज्जए ॥ ३२ ॥ (३) जायतेयं न इच्छंति, पावगं जलइत्तए । तिक्खमन्नयरं सत्थं, सव्वओ वि दुरासयं ॥ ३३ ॥ पाईणं पडिणं वावि, उर्दू अणुदिसामवि । अहे दाहिणओ वावि, दहे उत्तरओ वि य ॥ ३४ ॥ भूयाणमेसमाघाओ, हव्ववाहो न संसओ । तं पईवपयावट्ठा, संजया किंचि नारभे ॥ ३५ ॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवड्डणं । तेउकायसमारंभ, जावज्जीवाए वजए ॥ ३६ ॥ (४) अणिलस्स समारंभ, बुद्धा मन्नति तारिसं । सावजबहुलं चेयं, नेयं ताईहिं सेवियं ॥३७॥ तालियंटेण पत्तेण, साहाविहुयणेण वा । न ते वीइउमिच्छंति, वीयावेऊण वा परं ॥ ३८ ॥ जं पि वत्थं व पायं वा, कंवलं पायपुंछणं । न ते वायमुईरंति, जयं परिहरंति य ॥ ३९ ॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवड्डणं । वाउकायसमारंभ, जावज्जीवाए वजए ॥ ४० ॥ (५) वणस्सई न हिंसंति, मणसा वयसा कायसा । तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया ॥ ४१ ॥ वणस्सई विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए । तसे य विविहे पाणे, चक्खुसे य अचक्खुसे ॥ ४२ ॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवढणं । वणस्सइसमारंभ, जावज्जीवाए वजए ॥ ४३ ॥ ( ६-१२ ) तसकायं न हिंसंति, मणसा वयसा कायसा । तिविहेण करणजोएण, संजया सुसमाहिया ॥ ४४ ॥ तसकायं विहिंसंतो, हिंसई उ तयस्सिए। तसे य विविहे पाणे, चक्खुसे य अचक्खुसे ॥ ४५ ॥ तम्हा एयं वियाणित्ता, दोसं दुग्गइवडणं । तसकायसमारंभ, जावज्जीवाए वजए ॥ ४६ ॥ (१३) जाइं चत्तारिऽभुजाई, इसिणाहारमाइणि । ताइं तु विवज्जतो, संजमं अणुपालए ॥ ४७ ॥ पिंड सिजं च वत्थं च, चउत्थं पायमेव य । अकप्पियं न इच्छिज्जा, पडिगाहिज कप्पियं ॥ ४८ ॥ जे नियागं ममायंति, कीयमुद्देसियाहडं । वहं ते समणुजाणंति, इइ वुत्तं महेसिणा ॥ ४९ ॥ तम्हा असणपाणाई, कीयमुद्देसियाहडं । वजयंति ठियप्पाणो, निग्गंथा धम्मजीविणो ॥ ५० ॥ (१४) कंसेसु कंसपाएसु, कुंडमोएसु वा पुणो । भुंजतो असणपाणाई, आयारा परिभस्सइ ॥५१॥ सीओदगसमारंभे, मत्तधोयणछड्डणे । जाई छंनंति भूयाई, दिट्ठो तत्थ असंजमो ॥ ५२ ॥ पच्छाकम्मं पुरेकम्मं, सिया तत्थ न कप्पइ । एयमढें न भुंजंति, निग्गंथा गिहिभायणे ॥ ५३ ॥ (१५) आसंदीपलियंकेसु, मंचमासालएसु वा । अणायरियमजाणं, आसइत्तु सइत्तु वा ॥ ५४ ॥ नासंदीपलियंकेस, न निसिज्जा न पीढए । निग्गंथाऽपडिलेहाए, बुवुत्तमहिट्ठगा ॥ ५५ ॥ गंभीरविजया एए, पाणा दुप्पडिलेहगा। आसंदी-पलियको य, एयमढें विवज्जिया ॥ ५६ ॥ (१६) गोयरग्गपविट्ठस्स, निसिज्जा जस्स कप्पइ। इमेरिसमणायारं, आवजइ अबोहियं ॥ ५७ ॥ विवत्ती Page #1038 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९६३ अ० ७ संकियभासाणिसेहो] सुत्तागमे बंभचेरस्स, पाणाणं च वहे वहो। वणीमगपडिग्घाओ, पडिकोहो अगारिणं ॥ ५८ ॥ अगुत्ती बंभचेरस्स, इत्थीओ वावि संकणं । कुसीलवड्डणं ठाणं, दूरओ परिवजए ॥ ५९ ॥ तिण्हमन्नयरागस्स, निसिज्जा जस्स कप्पइ । जराए अभिभूयस्स, वाहियेस्स तवस्सैिणो ॥ ६०॥ (१७ ) वाहिओ वा अरोगी वा, सिणाणं जो उ पत्थए। वुकंतो होइ आयारो, जढो हवइ संजमो ॥ ६१ ॥ संतिमे सुहुमा पाणा, घसासु भिलगासु य । जे य भिक्खू सिणायंतो, वियडेणुप्पिलावए ॥ ६२ ॥ तम्हा ते न सिणायंति, सीएण उसिणेण वा । जावजीवं वयं घोरं, असिणाणमहिठ्ठगा ॥ ६३ ॥ सिणाणं अदुवा ककं, लोद्धं पउमगाणि य । गायस्सुव्वट्टणट्ठाए, नायरंति कयाइ वि ॥ ६४ ॥ (१८) नगिणस्स वावि मुंडस्स, दीहरोमनहंसिणो । मेहुणा उवसंतस्स, किं विभूसाए कारियं ॥ ६५॥ विभूसावत्तियं भिक्खू, कम्मं बंधइ चिक्कणं । संसारसायरे घोरे, जेणं पडइ दुरुत्तरे ॥ ६६ ॥ विभूसावत्तियं चेयं, बुद्धा मन्नति तारिस । सावजबहुलं चेयं, नेयं ताईहिं सेवियं ॥ ६७ ॥ खवेंति अप्पाणममोहदंसिणो, तवे रया संजमअजवे गुणे । धुणंति पावाइं पुरेकडाइं, नवाइं पावाइं न ते करेंति ॥ ६८ ॥ सओवसंता अममा अकिंचणा, सविजविजाणुगया जसंसिणो । उउप्पसन्ने विमले व चंदिमा, सिद्धिं विमाणाई उति ताइणो ॥ ६९ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति महल्लियायारकहा णामं छट्टमज्झयणं समत्तं ॥ ६॥ अह सुवकसुद्धी णामं सत्तममज्झयणं चउण्हं खलु भासाणं, परिसंखाय पन्नवं । दुण्हं तु विणयं सिक्खे, दो न भासिज्ज सव्वसो ॥ १ ॥ जा य सच्चा अवत्तव्वा, सच्चामोसा य जा मुसा। जा य बुद्धेहिऽणाइण्णा, न तं भासिज्ज पन्नवं ॥ २॥ असच्चमोसं सच्चं च, अणवजमककसं । समुप्पेहमसंदिद्धं, गिरं भासिज्ज पन्नवं ॥ ३ ॥ एयं च अट्ठमन्नं वा, जंतु नामेइ सासयं । स भासं सच्चमोसं च, तं पि धीरो विवजए ॥ ४ ॥ वितहं पि तहामुत्ति, जं गिरं भासए नरो। तम्हा सो पुट्ठो पावेणं, किं पुण जो मुसं वए ॥ ५॥ तम्हा "गच्छामो वक्खामो, अमुगं वा णे भविस्सइ । अहं वा णं करिस्सामि, एसो वा णं करिस्सइ” ॥६॥ एवमाइ उ जा भासा, एसकालम्मि संकिया। संपयाईयमढे वा, तं पि धीरो विवज्जए ॥ ७ ॥ अईयम्मि य कालम्मि, पञ्चुप्पन्नमणागए। जमढे तु न जाणिज्जा, “एवमेयं” ति नो वए॥ ८ ॥ अईयम्मि य कालम्मि, पञ्चुप्पन्नमणागए। जत्थ संका भवे तं तु, "एवमेयं" ति नो वए ॥ ९॥ अईयम्मि य कालम्मि, Page #1039 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ दसवेयालियसुतं पच्चुप्पन्नमणागए । निस्संकियं भवे जंतु, “एवमेयं" ति निद्दिसे ॥ १० ॥ तहेव फरुसा भासा, गुरुभूओवघाइणी । सच्चा विसा न वक्तव्वा, जओ पावस्स आगमो ॥ ११॥ तहेव काणं “काणे" त्ति, पंडगं “पंडगे" त्ति वा । वाहियं वावि "रोगि” त्ति, तेणं “चोरे” त्ति नो वए ॥ १२ ॥ एएणनेण अद्वेण, परो जेणुवहम्मइ । आयारभावदोसन्नू, न तं भासिज्ज पन्नवं ॥ १३ ॥ तहेव “होले” “गोलि” त्ति, "साणे” वा “वसुले” त्ति य । “दमए" "दुहए" वावि, न तं भासिज पन्नवं ॥ १४॥ अजिए पजिए बावि, अम्मो माउसियत्ति य | पिउसिए भाइणिज्जत्ति, धूए नत्तु यति ॥ १५ ॥ हले हले त्ति अन्ने त्ति, भट्टे सामिणि गोमिणि । होले गोले वसुले त्ति, इत्थियं नेवमालवे ॥ १६ ॥ नामधिज्जेण णं बूया, इत्थीगुत्तेण वा पुणो । जहारिहमभिगिज्झ, आलविज्ज लविज्ज वा ॥ १७ ॥ अजए पज्जए वावि, बप्पो चुल्ल पिउत्ति य । माउलो भाइणिज्जत्ति, पुत्ते नत्तुणियत्ति य ॥ १८ ॥ हे हो हलित्ति अन्नत्ति, भट्टा सामिय गोमिय । होल गोल वसुलित्ति, पुरिसं नेवमालवे ॥ १९ ॥ नामधिजेण णं बूया, पुरिसगुत्तेण वा पुणो । जहारिहमभिगिज्झ, आलविज्ज लविज्ज वा ॥ २० ॥ पंचिंदियाण पाणाणं, “एस इत्थी अयं पुमं" । जाव णं न विजाणिज्जा, ताव जाइत्ति आवे ॥ २१ ॥ तहेव माणुसं पसुं, पक्खि वावि सरीसिवं । “थूले पमेइले वज्झे, पायमि” त्ति य नो वए ॥ २२ ॥ परिवूढत्ति णं बूया, वूया उवचिए त्ति य। संजाए पीणिए वावि, महाकायत्ति आलवे ॥ २३ ॥ तहेव गाओ दुज्झाओ, दम्मा गोरहगत्ति य । वाहिमा रहजोग्गत्ति, नेवं भासिज्ज पन्नवं ॥ २४ ॥ जुवं गवि - त्ति णं ब्रूया, धेणुं रसदयत्ति य । रहस्से महल्लए वावि, वए संवहणित्तिय ॥ २५ ॥ तहेव गंतुमुज्जाणं, पव्वयाणि वणाणि य । रुक्खा महल पेहाए, नेवं भासिज्ज पन्नवं ॥ २६ ॥ अलं पासायखंभाणं, तोरणाणि गिहाणि य । फलिहग्गलनावाणं, अलं उदगोणिणं ॥ २७ ॥ पीढए चंगबेरे य, नंगले मइयं सिया । जंतलट्ठी व नाभी वा, गंडिया व अलं सिया ॥ २८ ॥ आसणं सयणं जाणं, हुज्जा वा किंचुवस्सए । भूओवघाइणिं भासं, नेवं भासिज्ज पन्नवं ॥ २९ ॥ तहेव गंतुमुज्जाणं, पव्वयाणि वणाणि य । रुक्खा महल्ल पेहाए, एवं भासिज्ज पन्नवं ॥ ३० ॥ जाइमंता इमे रुक्खा, दीहवहा महालया । पयायसाला विडिमा, वए दरिसणित्ति य ॥ ३१ ॥ तहा फलाई पक्काई, पायखज्जाई नो वए । वेलोइयाई टालाई, वेहिमाई ति नो वए ॥ ३२ ॥ असंथडा इमे अंबा, बहुनिव्वडिमा फला । वइज्ज बहुसंभूया, भूयरूवत्ति वा पुणो ॥ ३३ ॥ तवोसहीओ पक्काओ, नीलियाओ छवी इ य । लाइमा भजिमाउत्ति, पिहुखज्जत्ति नो वए ॥ ३४ ॥ रूढा बहुसंभूया, थिरा ऊसढा वि य । गब्भियाओ पसूयाओ, संसाराउ - ९६४ Page #1040 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सत्तमज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे ९६५ त्ति आलवे ॥ ३५ ॥ तहेव संखडिं नच्चा, किच्चं कजं ति नो वए । तेणगं वावि वज्झित्ति, सुतित्थित्ति य आवगा ॥ ३६ ॥ संखडिं संखडिं बूया, पणियत्ति तेणगं । बहुसमाणि तित्थाणि, आवगाणं वियागरे॥३७॥ तहा नईओ पुण्णाओ, कायतिजत्ति नो वए । नावाहिं तारिमाउत्ति, पाणिपिजत्ति नो वए ॥ ३८ ॥ बहुवाहडा अगाहा, बहुसलिलुप्पिलोदगा। बहुवित्थडोदगा यावि, एवं भासिज पन्नवं ॥ ३९ ॥ तहेव सावजं जोगं, परस्सट्ठाए निट्ठियं । कीरमाणं ति वा नच्चा, सावजं नालवे मुणी ॥ ४० ॥ सुकडित्ति सुपक्कित्ति, सुच्छिन्ने सुहडे मडे । सुनिट्ठिए सुलट्ठित्ति, सावज वजए मुणी ॥ ४१ ॥ पयत्तपक्कत्ति व पक्कमालवे, पयत्तछिन्नत्ति व छिन्नमालवे । पयत्तलट्ठित्ति व कम्महेउयं, पहारगाढत्ति व गाढमालवे ॥ ४२ ॥ सव्वुकसं परग्धं वा, अउलं नत्थि एरिसं । अविक्कियमवत्तव्वं, अचियत्तं चेव नो वए ॥४३॥ "सव्वमेयं वइस्सामि, सव्वमेयं” ति नो वए। अणुवीइ सव्वं सव्वत्थ, एवं भासिज्ज पन्नवं ॥४४॥ सुक्कीयं वा सुविक्कीयं, अकिजं किज्जमेव वा । “इमं गिण्ह इमं मुंच, पणियं" नो वियागरे ॥ ४५ ॥ अप्पग्घे वा महग्घे वा, कए वा विक्कए वि वा । पणियढे समुप्पन्ने, अणवजं वियागरे ॥ ४६ ॥ तहेवासंजयं धीरो, “आस एहि करेहि वा । सयं चिट्ठ वयाहि” त्ति, नेवं भासिज्ज पनवं ॥ ४७ ॥ बहवे इमे असाहू, लोए बुच्चंति साहुणो। न लवे असाहुं साहुत्ति, साहुं साहुत्ति आलवे ॥ ४८ ॥ नाणदंसणसंपन्नं, संजमे य तवे रयं । एवं गुणसमाउत्तं, संजय साहुमालवे ॥ ४९ ॥ देवाणं मणुयाणं च, तिरियाणं च बुग्गहे । अमुगाणं जओ होउ, मा वा होउ त्ति नो वए ॥५०॥ वाओ वुटुं व सीउण्हं, खेमं धायं सिवं ति वा । कया णु हुज एयाणि, मा वा होउ त्ति नो वए ॥५१॥ तहेव मेहं व णहं व माणवं, न देव देवत्ति गिरं वइजा । संमुच्छिए उन्नए वा पओए, वइज वा वुट्ठ बलायत्ति ॥५२॥ अंतलिक्खत्ति णं बूया, गुज्झाणुचरियत्ति य । रिद्धिमंतं नरं दिस्स, रिद्धिमंतं ति आलवे ॥ ५३ ॥ तहेव सावजणुमोयणी गिरा, ओहारिणी जा य परोवघाइणी । से कोहलोहभयहासमाणओ, न हासमाणो वि गिरं वइज्जा ॥ ५४ ॥ सुवक्कसुद्धिं समुपेहिया मुणी, गिरं च दुटुं परिवज्जए सया। मियं अदुटुं अणुवीइ भासए, सयाण मज्झे लहई पसंसणं ॥ ५५ ॥ भासाइ दोसे य गुणे य जाणिया, तीसे य दुढे परिवज्जए सया। छसु संजए सामणिए सया जए, वइज बुद्धे हियमाणुलोमियं ॥५६॥ परिक्खभासी सुसमाहिइंदिए, चउक्कसायावगए अणिस्सिए। स निद्भुणे धुन्नमलं पुरेकडं,आराहए लोगमिणं तहा परं ॥ ५७॥ ति-बेमि ॥ इति सुवक्कसुद्धी णामं सत्तममज्झयणं समत्तं ॥ ७ ॥ Page #1041 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९६६ सुत्तागमे [दसवेयालियसुत्तं अह आयारपणिही णामं अहममज्झयणं आयारपणिहिं लद्धं, जहा कायव्व भिक्खुणा । तं भे उदाहरिस्सामि, आणुपुब्बि सुणेह मे ॥ १ ॥ पुढविदगअगणिमारुय, तणरुक्खसबीयगा । तसा य पाणा जीवत्ति, इइ वुत्तं महेसिणा ॥ २॥ तेसिं अच्छणजोएण, निच्चं होयव्वयं सिया । मणसा काय वक्केण, एवं हवइ संजए ॥ ३ ॥ पुढविं भित्तिं सिलं लेखें, नेव भिंदे न संलिहे। तिविहेण करणजोएण, संजए सुसमाहिए ॥ ४ ॥ सुद्धपुढविं न निसीए, ससरक्खम्मि य आसणे । पमजित्तु निसीइज्जा, जाइत्ता जस्स उग्गहं ॥ ५ ॥ सीओदगं न सेविज्जा, सिलावुलु हिमाणि य । उसिणोदगं तत्तफासुयं, पडिगाहिज संजए ॥ ६ ॥ उदउल्लं अप्पणो कार्य, नेव पुंछे न संलिहे । समुप्पेह तहाभूयं, नो णं संघट्टए मुणी ॥ ७ ॥ इंगालं अगणिं अचिं, अलायं वा सजोइयं । न उंजिजा न घहिजा, नो णं निव्यावए मुणी ॥ ८॥ तालियंटेण पत्तेण, साहाए विहुयणेण वा । न वीइज्ज अप्पणो कार्य, बाहिरं वावि पुग्गलं ॥ ९ ॥ तणरुक्खं न छिंदिजा, फलं मूलं च कस्सइ । आमगं विविहं बीयं, मणसा वि न पत्थए ॥ १० ॥ गहणेसु न चिट्ठिज्जा, बीएसु हरिएसु वा । उदगंमि तहा निच्चं, उत्तिंगपणगेसु वा ॥११॥ तसे पाणे न हिंसिज्जा, वाया अदुव कम्मुणा । उवरओ सव्वभूएसु, पासेज विविहं जगं ॥ १२ ॥ अट्ठ सुहमाई पेहाए, जाइं जाणित्तु संजए । दयाहिगारी भूएसु, आस चिट्ठ सएहि वा ॥ १३ ॥ कयराइं अट्ठ सुहुमाइं ?, जाइं पुच्छिज्ज संजए । इमाइं ताई मेहावी, आइक्खिन वियक्खणो ॥ १४ ॥ सिणेहं पुप्फसुहुमं च, पाणुत्तिर्ग तहेव य । पणगं बीय हरियं च, अंड(हुमं च अट्ठमं ॥ १५॥ एवमेयाणि जाणित्ता, सव्वभावेण संजए। अप्पमत्तो जए निच्चं, सव्विदियसमाहिए ॥ १६ ॥ धुवं च पडिलेहिज्जा, जोगसा पायकंबलं । सिज्जमुच्चारभूमिं च, संथारं अदुवासणं ॥ १७ ॥ उच्चारं पासवणं, खेलं सिंघाणजल्लियं । फासुयं पडिलेहित्ता, परिठ्ठाविज संजए ॥ १८॥ पविसित्तु परागारं, पाणट्ठा भोयणस्स वा । जयं चिढ़े मियं भासे, न य रूवेसु मणं करे ॥ १९ ॥ बहुं मुणेइ कण्णेहिं, बहुं अच्छीहिं पिच्छइ । न य दिलै सुयं सव्वं, भिक्खू अक्खाउमरिहइ ॥ २० ॥ सुयं वा जइ वा दिहूँ, न लविज्जोवघाइयं । न य केण उवाएणं, गिहिजोगं समायरे ॥२१॥ निट्ठाणं रसनिजूढं, भद्दगं पावगं ति वा । पुट्ठो वावि अपुट्ठो वा, लाभालाभं न निद्दिसे ॥ २२ ॥ न य भोयणम्मि गिद्धो, चरे उंछं अयंपिरो। अफासुयं न भुजिजा, कीयमुद्देसियाहडं ॥ २३ ॥ सन्निहिं च न कुविज्जा, अणुमायं पि संजए । मुहाजीवी असंबद्धे, हविज जगनिस्सिए ॥ २४ ॥ लूहवित्ती सुसंतुढे, Page #1042 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ८ साहुभासावण्णणं] सुत्तागमे अप्पिच्छे सुहरे सिया । आसुरत्तं न गच्छिज्जा, सुच्चा णं जिणसासणं ॥ २५ ॥ कण्णसुक्खेहिं सद्देहिं, पेमं नाभिनिवेसए । दारुणं कक्कसं फासं, काएण अहियासए ॥ २६ ॥ खुहं पिवासं दुस्सिजं, सीउण्हं अरइं भयं । अहियासे अव्वहिओ, देहदुक्खं महाफलं ॥ २७ ॥ अत्थंगयंमि आइच्चे, पुरत्था य अणुग्गए । आहारमाइयं सव्वं, मणसा वि न पत्थए ॥ २८ ॥ अतिंतिणे अचवले, अप्पभासी मियासणे । हविज्ज उयरे दंते, थोवं लद्धं न खिसए ॥ २९ ॥ न बाहिरं परिभवे, अत्ताणं न समुक्कसे । सुयलाभे न मजिजा, जच्चा तवस्सिबुद्धिए ॥ ३० ॥ से जाणमजाणं वा, कटु आहम्मियं पयं । संवरे खिप्पमप्पाणं, बीयं तं न समायरे ॥ ३१ ॥ अणायारं परक्कम्म, नेव गूहे न निण्हवे । सुई सया वियडभावे, असंसत्ते जिइंदिए ॥ ३२ ॥ अमोहं वयणं कुन्जा, आयरियस्स महप्पणो । तं परिगिज्झ वायाए, कम्मुणा उववायए ॥ ३३ ॥ अधुवं जीवियं नच्चा, सिद्धिमग्गं वियाणिया। विणियट्टिज भोगेसु, आउं परिमियमप्पणो ॥ ३४ ॥ बलं थामं च पेहाए, सद्धामारुग्गमप्पणो । खेत्तं कालं च विनाय, तहप्पाणं निजुंजए ॥ ३५ ॥ जरा जाव न पीडेइ, वाही जाव न वड्डइ । जाविंदिया न हायंति, ताव धम्म समायरे ॥ ३६ ॥ कोहं माणं च मायं च, लोभं च पाववड्ढणं । वमे चत्तारि दोसे उ, इच्छंतो हियमप्पणो ॥ ३७ ॥ कोहो पीइं पणासेइ, माणो विणयनासणो। माया मित्ताणि नासेइ, लोभो सव्वविणासणो॥ ३८ ॥ उवसमेण हणे कोहं, माणं मद्दवया जिणे । मायं चजवभावेण, लोभं संतोसओ जिणे ॥ ३९ ॥ कोहो य माणो य अणिग्गहीया, माया य लोभो य पवढमाणा । चत्तारि एए कसिणा कसाया, सिंचंति मूलाई पुणब्भवस्स ॥ ४० ॥ राइणिएसु विणयं पउंजे, धुवसीलयं सययं न हावइज्जा । कुम्मुव्व अल्लीणपलीणगुत्तो, परक्कमिज्जा तवसंजमम्मि ॥४१॥ निदं च न बहु मन्निज्जा, सप्पहासं विवजए। मिहो कहाहिं न रमे, सज्झायम्मि रओ सया ॥ ४२ ॥ जोगं च समणधम्मम्मि, मुंजे अणलसो धुवं । जुत्तो य समणधम्मम्मि, अटुं लहइ अणुत्तरं ॥ ४३ ॥ इहलोगपारत्तहियं, जेणं गच्छइ सुग्गइं। बहुसुयं पजुवासिजा, पुच्छिज्जत्थविणिच्छयं ॥ ४४ ॥ हत्थं पायं च कायं च, पणिहाय जिइंदिए । अल्लीणगुत्तो निसिए, सगासे गुरुणो मुणी ॥ ४५ ॥ न पक्खओ न पुरओ, नेव किच्चाण पिट्ठओ । न य ऊरं समासिज्जा, चिट्ठिजा गुरुणंतिए ॥ ४६ ॥ अपुच्छिओ न भासिजा, भासमाणस्स अंतरा । पिट्ठिमंसं न खाइजा, मायामोसं विवज्जए ॥ ४७ ॥ अप्पत्तियं जेण सिया, आसु कुप्पिज वा परो। सव्वसो तं न भासिज्जा, भासं अहियगामिणिं ॥ ४८ ॥ दिद्वं मियं असंदिद्धं, पडिपुण्णं वियं जियं । अयंपिरमणुव्विग्गं, भासं निसिर अत्तवं Page #1043 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९६८ सुत्तागमे [दसवेयालियसुतं ॥ ४९ ॥ आयारपन्नत्तिधरं, दिट्ठिवायमहिजगं । वायविक्खलियं नच्चा, न तं उवहसे मुणी ॥५०॥ नक्खत्तं सुमिणं जोगं, निमित्तं मंतभेसजं । गिहिणो तं न आइक्खे, भूयाहिगरणं पयं ॥५१॥ अन्नद्वं पगडं लयणं, भइज सयणासणं । उच्चारभूमिसंपन्नं, इत्थीपसुविवज्जियं ॥ ५२ ॥ विवित्ता य भवे सिज्जा, नारीणं न लवे कहं । गिहिसंथवं न कुजा, कुजा साहूहिं संथवं ॥५३ ॥ जहा कुक्कुडपोयस्स, निच्चं कुललओ भयं । एवं खु बंभयारिस्स, इत्थीविग्गहओ भयं ॥ ५४ ॥ चित्तभित्तिं न निज्झाए, नारिं वा सुअलंकियं । भक्खरं पिव दटूणं, दिहिँ पडिसमाहरे ॥ ५५ ॥ हत्थपायपडिच्छिन्नं, कण्णनासविगप्पियं । अवि वाससयं नारिं, बंभयारी विवजए ॥ ५६ ॥ विभूसा इत्थिसंसग्गो, पणीयरसभोयणं । नरस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा ॥ ५७ ॥ अंगपञ्चंगसंठाणं, चारुल्लवियपेहियं । इत्थीणं तं न निज्झाए, कामरागविवड्डणं ॥ ५८ ॥ विसएसु मणुन्नेसु, पेम नाभिनिवेसए । अणिचं तेसिं विनाय, परिणामं पोग्गलाण य ॥ ५९ ॥ पोग्गलाणं परिणामं, तेसिं नच्चा जहा तहा। विणीयतण्हो विहरे, सीईभूएण अप्पणा ॥ ६० ॥ जाइ सद्धाइ निक्खंतो, परियायठाणमुत्तमं । तमेव अणुपालिज्जा, गुणे आयरियसम्मए ॥ ६१ ॥ तवं चिमं संजमजोगयं च, सज्झायजोगं च सया अहिट्ठए । सूरे व सेणाइ समत्तमाउहे, अलमप्पणो होइ अलं परेसिं ॥६२ ॥ सज्झायसज्झाणरयस्स ताइणो, अपावभावस्स तवे रयस्स । विसुज्झई जं सि मलं पुरेकडं, समीरियं रुप्पमलं व जोइणा ॥ ६३ ॥ से तारिसे दुक्खसहे जिइंदिए, सुएण जुत्ते अममे अकिंचणे । विरायई कम्मघणम्मि अवगए, कसिणब्भपुडावगमे व चंदिमे ॥ ६४ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति आयारपणिही णामं अट्टममज्झयणं समत्तं ॥ ८॥ अह विणयसमाही णामं णवममज्झयणं पढमो उद्देसो थंभा व कोहा व मयप्पमाया, गुरुस्सगासे विणयं न सिक्खे । सो चेव उ तस्स अभूइभावो, फलं व कीयस्स वहाय होइ ॥ १ ॥ जे यावि मंदित्ति गुरुं विइत्ता, डहरे इमे अप्पसुए त्ति नच्चा । हीलंति मिच्छं पडिवजमाणा, करंति आसायणं ते गुरूणं ॥२॥ पगईए मंदा वि भवंति एगे, डहरा वि य जे सुयबुद्धोववेया । आयारमंता गुणसुट्ठियप्पा, जे हीलिया सिहिरिव भास कुज्जा ॥ ३ ॥ जे यावि Page #1044 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ९ उ० २ अविणयदोसा] सुत्तागमे नागं डहरं ति नच्चा, आसायए से अहियाय होइ । एवायरियं पि हु हीलयंतो, नियच्छई जाइपहं खु मंदो ॥ ४ ॥ आसीविसो वावि परं सुरुट्ठो, किं जीवनासाउ परं नु कुज्जा । आयरियपाया पुण अप्पसन्ना, अबोहिआसायण नत्थि मुक्खो ॥ ५ ॥ जो पावगं जलियमवकमिज्जा, आसीविसं वावि हु कोवइज्जा । जो वा विसं खायइ जीवियट्ठी, एसोवमाऽऽसायणया गुरूणं ॥६॥ सिया हु से पावय नो डहिज्जा, आसीविसो वा कुविओ न भक्खे । सिया विसं हालहलं न मारे, न यावि मुक्खो गुरुहीलणाए ॥ ७ ॥ जो पव्वयं सिरसा भित्तुमिच्छे, सुत्तं व सीहं पडिबोहइज्जा । जो वा दए सत्तिअग्गे पहारं, एसोवमाऽऽसायणया गुरूणं ॥ ८॥ सिया हु सीसेण गिरिं पि भिंदे, सिया हु सीहो कुविओ न भक्खे। सिया न भिंदिज व सत्तिअग्गं, न यावि मुक्खो गुरुहीलणाए ॥ ९ ॥ आयरियपाया पुण अप्पसन्ना, अबोहिआसायण नत्थि मुक्खो । तम्हा अणाबाहसुहाभिकंखी, गुरुप्पसायाभिमुहो रमिज्जा ॥ १०॥ जहाहिअग्गी जलणं नमसे, नाणाहुईमंतपयाभिसित्तं । एवायरियं उवचिठ्ठइजा, अणंतनाणोवगओ वि संतो ॥११॥ जस्संतिए धम्मपयाई सिक्खे, तस्संतिए वेणइयं पउंजे। सकारए सिरसा पंजलीओ, कायग्गिरा भो मणसा य निच्चं ॥ १२ ॥ लज्जादयासंजमबंभचेरं, कल्लाणभागिस्स विसोहिठाणं । जे मे गुरू सययमणुसासयंति, ते हं गुरू सययं पूययामि ॥ १३ ॥ जहा निसंते तवणच्चिमाली, पभासई केवलभारहं तु । एवायरिओ सुयसीलबुद्धिए, विरायई सुरमज्ञ व इंदो ॥ १४ ॥ जहा ससी कोमुइजोगजुत्तो, नक्खत्ततारागणपरिवुडप्पा। खे सोहई विमले अब्भमुक्के, एवं गणी सोहइ भिक्खुमज्झे ॥ १५॥ महागरा आयरिया महेसी, समाहिजोगे सुयसीलबुद्धिए । संपाविउकामे अणुत्तराई आराहए तोसइ धम्मकामी ॥ १६ ॥ सुच्चाण मेहावि सुभासियाई, सुस्सूसए आयरियऽप्पमत्तो । आराहइत्ताण गुणे अणेगे, सो पावई सिद्धिमणुत्तरं ॥ १७ ॥ ति-बेमि ॥ इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे पढमो उद्देसो समत्तो ॥ ९-१॥ अह णवमज्झयणे बीओ उद्देसो मूलाउ खंधप्पभवो दुमस्स, खंधाउ पच्छा समुविंति साहा। साहप्पसाहा विरुहंति पत्ता, तओ सि पुष्पं च फलं रसो य ॥ १॥ एवं धम्मस्स विणओ, मूलं परमो से मुक्खो । जेण कित्तिं सुयं सिग्धं, निस्सेसं चाभिगच्छइ ॥२॥ जे य चंडे मिए थद्धे, दुव्वाई नियडी सढे । वुज्झइ से अविणीयप्पा, कळं सोयगयं जहा Page #1045 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ दसवेयालियसुत्तं ॥ ३ ॥ विणयं पि जो उवाएणं, चोइओ कुप्पई नरो । दिव्वं सो सिरिमिज्जंतिं, दंडे डिसेह ॥ ४ ॥ तहेव अविणीयप्पा, उववज्झा हया गया । दीसंति दुहमेहंता, आभिओगमुवट्ठिया ॥ ५ ॥ तहेव सुविणीयप्पा, उववज्झा हया गया । दीसंति सुहमेहंता, इड्डि पत्ता महायसा ॥ ६ ॥ तहेव अविणीयप्पा, लोगंसि नरनारिओ । दीसंति दुहमेहंता, छाया ते विगलिंदिया ॥ ७ ॥ दंडसत्थपरिज्जुण्णा, असम्भवयणेहि य । कलुणा विवन्नछंदा, खुप्पिवासाइपरिगया ॥ ८ ॥ तहेव सुविणीयप्पा, लोगंसि नरनारिओ । दीसंति सुहमेहंता, इड्डि पत्ता महायसा ॥ ९ ॥ तहेव अविणीयप्पा, देवा जक्खा य गुज्झगा । दीसंति दुहमेहंता, आभिओगमुट्ठा ॥ १० ॥ तहेव सुविणीयप्पा, देवा जक्खा य गुज्झगा । दीसंति सुह मेहता, इड्डि पत्ता महायसा ॥ ११ ॥ जे आयरियउवज्झायाणं, सुस्सूसाariकरा । तेसिं सिक्खा पवडुंति, जलसित्ता इव पायवा ॥ १२ ॥ अप्पणट्ठा परट्ठा वा, सिप्पा नेउणियाणि य। गिहिणो उपभोगट्ठा, इहलोगस्स कारणा ॥ १३ ॥ जेण बंधं वहं घोरं, परियावं च दारुणं । सिक्खमाणा नियच्छंति, जुत्ता ते लिइंदिया ॥ १४ ॥ ते वि तं गुरुं पूयंति, तस्स सिप्पस कारणा । सक्कारंति णमंसंति, तुट्ठा निद्देसवत्तिणो ॥ १५ ॥ किं पुण जे सुयग्गाही, अणंतहिय कामए । आयरिया जं वए भिक्खू, तम्हा तं नाइवत्तए ॥ १६ ॥ नीयं सिज्जं गई ठाणं, नीयं च आसणाणि य । नीयं च पाए वंदिज्जा, नीयं कुज्जा य अंजलिं ॥ १७ ॥ संघइत्ता काएणं, तहा उवहिणामवि । " खमेह अवराहं मे", वडज “न पुणु " त्ति य ॥ १८ ॥ दुग्गओ वा पओएणं, चोइओ वहइ रहं । एवं दुबुद्धि किच्चाणं, वृत्तो वृत्तो पकुव्व ॥ १९ ॥ आलवंते लवंते वा न निसिजाए पडिस्सुणे । मुत्तूण आसणं धीरो, सुस्साए पडिस्सुणे ॥ २० ॥ कालं छंदोवयारं च, पडिलेहित्ताण उहिं । तेहिं तेहिं उवाएहिं तं तं संपडिवायए ॥ २१ ॥ विवत्ती अविणीयस्स, संपत्ती विणियस्स य । जस्सेयं दुहओ नायं, सिक्खं से अभिगच्छइ ॥ २२ ॥ जे यावि चंडे मइइड्डिगारवे, पिसुणे नरे साहसहीणपेसणे | अदिवम्मे विणए अकोविए, असंविभागी न हु तस्स मुक्खो ॥ २३ ॥ णिद्देसवत्ती पुण जे गुरूणं, सुयत्थधम्मा विणयंमि कोविया । तरित्तु ते ओहमिणं दुरुत्तरं खवित्तु कम्मं गइ मुत्तमं गया ॥ २४ ॥ ति- बेमि ॥ इति विणयसमा हिणामणवमज्झयणे बीओ उद्देस समत्तो ॥ ९-२ ॥ ९७० Page #1046 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९७१ अ० ९ उ० ४ च० विणयसमाहिठाणा] सुत्तागमे अह णवमज्झयणे तइओ उद्देसो आयरियग्गिमिवाहिअग्गी, सुस्सूसमाणो पडिजागरिजा । आलोइयं इंगियमेव नच्चा, जो छंदमाराहयई स पुजो ॥१॥ आयारमट्ठा विणयं पउंजे, सुस्सूसमाणो परिगिज्झ वकं । जहोवइट्ठ अभिकंखमाणो, गुरुं तु नासाययई स पुज्जो ॥ २ ॥ राइणिएसु विणयं पउंजे, डहरा वि य जे परियायजिट्ठा । नीयत्तणे वइ सच्चवाई, ओवायवं वककरे स पुजो ॥ ३ ॥ अन्नायउंछं चरई विसुद्धं, जवणट्ठया समुयाणं च निच्चं । अलद्धयं नो परिदेवइज्जा, लद्धं न विकत्थयई स पुज्जो॥४॥ संथारसिज्जाऽऽसणभत्तपाणे, अप्पिच्छया अइलाभे वि संते । जो एवमप्पाणभितोसइजा, संतोसपाहन्नरए स पुज्जो ॥ ५ ॥ सक्का सहेडं आसाइ कंटया, अओमया उच्छहया नरेणं । अणासए जो उ सहिज कंटए, वईमए कण्णसरे स पुज्जो ॥ ६ ॥ मुहुत्तदुक्खा उ हवंति कंटया, अओमया ते वि तओ सुउद्धरा । वायादुरुत्ताणि दुरुद्धराणि, वेराणुबंधीणि महब्भयाणि ॥ ७॥ समावयंता वयणाभिघाया, कण्णं गया दुम्मणियं जणंति। धम्मुत्ति किच्चा परमग्गसूरे, जिइंदिए जो सहई स पुजो ॥ ८ ॥ अवण्णवायं च परंमुहस्स, पञ्चक्खओ पडिणीयं च भासं । ओहारिणिं अप्पियकारिणिं च, भासं न भासिज्ज सया स पुज्जो ॥ ९ ॥ अलोलुए अकुहए अमाई, अपिसुणे यावि अदीणवित्ती । नो भावए नो वि य भावियप्पा, अकोउहल्ले य सया स पुजो ॥ १० ॥ गुणेहि साहू अगुणेहिऽसाहू, गिण्हाहि साहू गुण मुंचऽसाहू । वियाणिया अप्पगमप्पएणं, जो रागदोसेहिं समो स पुजो ॥११॥ तहेव डहरं च महल्लगं वा, इत्थी पुमं पव्वइयं गिहिं वा । नो हीलए नो वि य खिसइज्जा, थंभं च कोहं च चए स पुज्जो ॥ १२ ॥ जे माणिया सययं माणयंति, जत्तेण कन्नं व निवेसयंति । ते माणए माणरिहे तवस्सी, जिइंदिए सच्चरए स पुज्जो ॥ १३ ॥ तेसिं गुरूणं गुणसायराणं, सुच्चाण मेहावि सुभासियाई। चरे मुणी पंचरए तिगुत्तो, चउक्कसायावगए स पुज्जो ॥ १४ ॥ गुरुमिह सययं पडियरिय मुणी, जिणवयनिउणे अभिगमकुसले । धुणिय रयमलं पुरेकडं, भासुरमउलं गई गय ॥ १५॥ त्ति-बेमि ॥ इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे तइओ उद्देसो समत्तो ॥ ९-३॥ अह णवमज्झयणे चउत्थो उद्देसो सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि Page #1047 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ दसवेयालियसुतं विणय समाहिट्ठाणापन्नत्ता, कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि विणयसमाहिट्ठाणा पन्नत्ता ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं चत्तारि विणयसमाहिद्वाणा पन्नत्ता, तंजहाविणयसमाही १, सुयसमाही २, तवसमाही ३, आयारसमाही ४ । विणए सुए य तवे, आयारे निच्च पंडिया । अभिरामयंति अप्पाणं, जे भवंति जिइंदिया ॥ १ ॥ चउव्विहा खलु विणयसमाही भवइ, तंजहा - अणुसासिज्जंतो सुस्सूसइ १, सम्म संपडिवज्जइ २, वेयमाराहयइ ३, न य भवइ अत्तसंपग्गहिए ४ चउत्थं पयं भवइ । भवइ य इत्थ सिलोगो-पेहेइ हियाणुसासणं, सुस्सूसइ तं च पुणो अहिट्ठिए । न य माणमएण मज्जइ, विणयसमाही आययट्ठिए || २ || चउव्विहा खलु सुयसमाही भव, तंजा - सुयं मे भविस्सइ त्ति अज्झाइयव्वं भवइ १, एगग्गचित्तो भविस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ २, अप्पाणं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ ३, ठिओ परं ठावइस्सामि त्ति अज्झाइयव्वं भवइ ४ चउत्थं पयं भवइ । भवइ य इत्थ सिलोगो - नाणमेगग्गचित्तो य, ठिओ य ठावइ परं । सुयाणि य अहिज्जित्ता, रओ सुयसमा - हिए ॥ ३ ॥ चउव्विहा खलु तवसमाही भवइ, तंजहा - नो इहलोगट्टयाए तवमहि - द्विजा १, नो पर लोगट्टयाए तवमहिट्ठिज्जा २, नो कित्तिवन्नसहसिलोगट्टयाए तव - महिट्ठिज्जा ३, नन्नत्थ निज्जरट्टयाए तवमहिट्ठिज्जा ४ चउत्थं पर्यं भवइ । भवइ य इत्थ सिलोगो - विविहगुणतवोरए निचं भवइ निरासए निज्जरट्ठिए । तबसा धुणइ पुराणपावगं, जुत्तो सया तवसमाहिए ॥ ४ ॥ चउव्विहा खलु आयारसमाही भवइ, तं जहा - नो इहलोगgयाए आयारमहिद्विजा १, नो परलोगट्टयाए आयारम हिद्विजा २, नो कित्तिवन्नसद्दसि लोगट्टयाए आयारमहिट्ठिज्जा ३, नन्नत्थ आरहंतेहिं ऊहिं आयारमहिट्ठिजा ४ चउत्थं पयं भवइ । भवइ य इत्थ सिलोगो - जिणवयणरए अतिंतिणे, पडिपुण्णाययमाययट्ठिए । आयारसमाहिसंवुडे, भवइ य दंते भावसंघए ॥ ५ ॥ अभिगम चउरो समाहिओ, सुविसुद्ध सुसमाहियप्पओ । विउलहियं सुहावहं पुणो, कुव्वइ सो पयखेममप्पणो ॥ ६ ॥ जाइमरणाओ मुच्चइ, इत्थत्थं च चएइ सव्वसो। सिद्धे वा हवइ सासए, देवे वा अप्परए महिडिए ॥ ७ ॥ ति- बेमि ॥ इति विणयसमा हिणामणवमज्झयणे चउत्थो उद्देसो समत्तो ॥ ९-४ ॥ णवममज्झयणं समत्तं ॥ ९ ॥ अह सभिक्खू णामं दसममज्झयणं निक्खम्ममाणाइ य बुद्धवयणे, णिचं चित्तसमाहिओ हविज्जा । इत्थीण वसं न ९७२ Page #1048 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १० भावभिक्खुगई] सुत्तागमे ९७३ यावि गच्छे, वंतं नो पडिआयइ जे स भिक्खू ॥ १ ॥ पुढविं न खणे न खणावए, सीओदगं न पिए न पियावए । अगणिसत्थं जहा सुनिसियं, तं न जले न जलावए जे स भिक्खू ॥२॥ अनिलेण न वीए न वीयावए, हरियाणि न छिंदे न छिंदावए। बीयाणि सया विवजयंतो, सचित्तं नाहारए जे स भिक्खू ॥ ३॥ वहणं तसथावराण होइ, पुढवीतणकट्ठनिस्सियाणं । तम्हा उद्देसियं न भुंजे, नो वि पए न पयावए जे स भिक्खू ॥ ४ ॥ रोइयनायपुत्तवयणे, अप्पसमे मन्निज छप्पि काए। पंच य फासे महव्वयाई, पंचासवसंवरे जे स भिक्खू ॥५॥ चत्तारि वमे सया कसाए, धुवजोगी य हविज बुद्धवयणे । अहणे निजायरूवरयए, गिहिजोगं परिवज्जए जे स भिक्खू ॥ ६ ॥ सम्मदिट्ठी सया अमूढे, “अस्थि हु नाणे तवे संजमे य" । तवसा धुणइ पुराणपावगं, मणवयकायसुसंवुडे जे स भिक्खू ॥ ७ ॥ तहेव असणं पाणगं वा, विविहं खाइमसाइमं लभित्ता । "होही अट्ठो सुए परे वा," तं न निहे न निहावए जे स भिक्खू ॥ ८॥ तहेव असणं पाणगं वा, विविहं खाइमसाइमं लभित्ता । छंदिय साहम्मियाण मुंजे, भोच्चा सज्झायरए जे स भिक्खू ॥ ९॥ न य वुग्गहियं कहं कहिज्जा, न य कुप्पे निहुइंदिए पसंते। संजमधुवजोगजुत्ते, उवसंते अविहेडए जे स भिक्खू ॥ १० ॥ जो सहइ हु गामकंटए, अक्कोसपहारतज्जणाओ य । भयभेरवसद्दसप्पहासे, समसुहदुक्खसहे य जे स भिक्खू ॥११॥ पडिमं पडिवजिया मसाणे, नो भीयए भयभेरवाई दिस्स । विविहगुणतवोरए य निच्चं, न सरीरं चाभिकंखए जे स भिक्खू ॥ १२ ॥ असई वोसट्टचत्तदेहे, अकुढे व हए व लूसिए वा । पुढविसमे मुणी हविज्जा, अनियाणे अकोउहल्ले जे स भिक्खू ॥ १३ ॥ अभिभूय काएण परीसहाई, समुद्धरे जाइपहार अप्पयं । विइत्तु जाईमरणं महब्भयं, तवे रए सामणिए जे स भिक्खू ॥ १४ ॥ हत्थसंजए पायसंजए, वायसंजए संजइंदिए । अज्झप्परए सुसमाहियप्पा, सुत्तत्थं च वियाणइ जे स भिक्खू ॥ १५॥ उवहिम्मि अमुच्छिए अगिद्धे, अन्नायउच्छं पुलनिप्पुलाए । कयविक्कयसन्निहिओ विरए, सव्वसंगावगए य जेस भिक्खू ॥ १६॥ अलोल भिक्खू न रसेसु गिज्झे, उंछं चरे जीविय नाभिकंखे । इड्डिं च सकारणपूयणं च, चए ठियप्पा अणिहे जे स भिक्खू ॥ १७ ॥ न परं वइजासि "अयं कुसीले', जेणं च कुप्पिज न तं वइजा । जाणिय पत्तेयं पुण्णपावं, अत्ताणं न समुक्कसे जे स भिक्खू ॥ १८ ॥ न जाइमत्ते न य रूवमत्ते, न लाभमत्ते न सुएण मत्ते। मयाणि सव्वाणि विवजइत्ता, धम्मज्झाणरए जे स भिक्खू ॥ १९॥ पवेयए अजपयं महामुणी, धम्मे ठिओ ठावयई परं पि। निक्खम्म वजिज कुसीललिंगं, न यावि हासं कुहए जे स भिक्खू ॥ २० ॥ तं देहवासं असुइं असासयं, Page #1049 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ दसवेयालियसुत्तं सया चए निच्चहियट्ठियप्पा । छिंदित्तु जाईमरणस्स बंधणं, उवेइ भिक्खू अपुणागमं गईं ॥ २१ ॥ ति-बेमि ॥ इति सभिक्खू णामं दसममज्झयणं समत्तं ॥ १० ॥ ९७४ अह रइवक्का णामा पढमा चूलिया , ८, इह खलु भो ! पव्वणं उप्पन्न दुक्खेणं संजमे अरइसमावन्नचित्तेणं ओहाणुप्पेहिणा अणोहाइएणं चेव हयर स्सिगयंकुसपोयपडागाभूयाई इमाई अट्ठारस ठाणाई सम्मं संपडिलेहियव्वाइं भवंति, तंजहा - हं भो ! दुस्समाए दुप्पजीवी १, लहुस्सगा इत्तरिया गिहीणं कामभोगा २, भुजो य साइबहुला मणुस्सा ३, इमे य मे दुक्खे न चिरकालोवट्ठाई भविस्सइ ४, ओमजणपुरक्कारे' वंतस्स य पडिआयणं ६, अहरगइ-वासोवसंपया ७, दुल्ल खलु भो ! गिहीणं धम्मे गिहिवासमझे वसंताणं आयंके से वहाय होइ ९, संकप्पे से वहाय होइ १०, सोवक्केसे गिहिवासे निरुवक्के से परियाए ११, बंधे गिहिवासे मुक्खे परियाए १२, सावज्जे गिहिवासे अणवज्जे परियाए १३, बहुसाहारणा गिहीणं कामभोगा १४, पत्तेयं पुण्णपावं १५, अणि खलु भो ! मणुयाण जीविए कुसग्गजलबिंदुचंचले १६, बहुं च खलु भो ! पावं कम्मं पगडं १७, पावाणं च खलु भो ! कडाणं कम्माणं पुव्विं दुश्चिण्णाणं दुपडिकंताणं वेत्ता मुक्खो नत्थि अवेइत्ता तवसा वा झोसइत्ता १८ अट्ठारसमं पयं भवइ । भवइ य इत्थ सिलोगो – जया य चयई धम्मं, अणज्जो भोगकारणा । से तत्थ मुच्छिए बाले, आयइं नावबुज्झई ॥ ॥ जया ओहाविओ होइ, इंदो वा पडिओ छमं । सव्वधम्मपरिब्भट्ठो, स पच्छा परितप्पई ॥ २ ॥ जया य वंदिमो होइ, पच्छा होइ अवदिमो । देवया व चुया ठाणा, स पच्छा परितप्पई ॥ ३ ॥ जया य पूइमो होइ, पच्छा होइ अपूइमो । राया व रज्जपब्भट्ठो, स पच्छा परितप्पई ॥ ४ ॥ जया य माणिमो होइ, पच्छा होइ अमाणिमो । सेट्टिव्व कब्वडे छूढो, स पच्छा परितप्पई ॥ ५ ॥ जया य थेरओ होइ, समइकंतजुव्वणो । मच्छुव्व गलं गिलित्ता, स पच्छा परितप्पई ॥ ६ ॥ जया य कुकुडंबस्स, कुतत्तीहिं विहम्मई । हत्थी व बंधणे बद्धो, स पच्छा परितप्पई ॥ ॥ पुतदारपरिकिण्णो, मोहसंताणसंतओ | पंकोसन्नो जहा नागो, स पच्छा परितप्पई ॥ ८ ॥ " अज्ज याहं गणी तो, भाविप्पा बहुस्सु । जइ हं रमंतो परियाए, सामण्णे जिणदेसिए" ॥ ९ ॥ देवलोगसमाणो य, परियाओ महेसिणं । रयाणं अरयाणं च महानरयसारिसो॥ १०॥ अमरोवमं जाणिय सुक्खमुत्तमं रयाण परियाए तहारयाणं । निरओवमं जाणिय د Page #1050 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चू० २ सेटमुणिसंगाभावे किच्चं] सुत्तागमे ९७५ दुक्खमुत्तमं, रमिज तम्हा परियाए पंडिए ॥ ११ ॥ धम्माउ भटुं सिरिओववेयं, जन्नग्गि विज्झायमिवप्पतेयं । हीलंति णं दुविहियं कुसीला, दाढड्डियं घोरविसं व नाग ॥ १२ ॥ इहेवऽधम्मो अयसो अकित्ती, दुन्नामधिजं च पिहुज्जणम्मि । चुयस्स धम्माउ अहम्मसेविणो, संभिन्नवित्तस्स य हिट्ठओ गई ॥ १३ ॥ भुंजित्तु भोगाई पसज्झ चेयसा, तहाविहं कटु असंजमं बहुं । गइं च गच्छे अणहिज्झियं दुहं, बोही य से नो सुलहा पुणो पुणो ॥ १४ ॥ “इमस्स ता नेरइयस्स जंतुणो, दुहोवणीयस्स किलेसवत्तिणो । पलिओवमं झिज्झइ सागरोवमं, किमंग पुण मज्झ इमं मणोदुहं ? ॥ १५ ॥ न मे चिरं दुक्खमिणं भविस्सइ, असासया भोगपिवास जंतुणो । न चे सरीरेण इमेणऽविस्सइ, अविस्सई जीवियपजवेण मे" ॥ १६ ॥ जस्सेवमप्पा उ हविज निच्छिओ, चइज देहं न हु धम्मसासणं । तं तारिसं नो पइलिंति इंदिया, उविंतिवाया व सुदंसणं गिरिं ॥ १७ ॥ इच्चेव संपस्सिय बुद्धिमं नरो, आयं उवायं विविहं वियाणिया। काएण वाया अदु माणसेणं, तिगुत्तिगुत्तो जिणवयणमहिट्ठिजासि ॥ १८ ॥ त्ति-बेमि ॥ इय रइवक्का णामा पढमा चूलिया समत्ता ॥१॥ अह विवित्तचरिया णामा बीया चूलिया चूलियं तु पवक्खामि, सुयं केवलिभासियं । जं सुणित्तु सुपुण्णाणं, धम्मे उप्पजए मई ॥ १ ॥ अणुसोयपट्ठिए बहुजणम्मि, पडिसोयलद्धलक्खेणं । पडिसोयमेव अप्पा, दायव्वो होउ कामेणं ॥ २ ॥ अणुसोयसुहो लोओ, पडिसोओ आसवो सुविहियाणं । अणुसोओ संसारो, पडिसोओ तस्स उत्तारो ॥ ३ ॥ तम्हा आयारपरक्कमेण, संवरसमाहिवहुलेणं । चरिया गुणा य नियमा य, हुंति साहूण दट्ठव्वा ॥ ४ ॥ अणिएयवासो समुयाणचरिया, अन्नायउंछं पइरिक्कया य । अप्पोवही कलहविवजणा य, विहारचरिया इसिणं पसत्था ॥ ५॥ आइण्णओमाणविवजणा य, ओसन्नदिट्ठाहडभत्तपाणे । संसठ्ठकप्पेण चरिज भिक्खू, तज्जायसंसट्ठ जई जइज्जा ॥ ६ ॥ अमज्जमंसासि अमच्छरीया, अभिक्खणं निव्विगइं गया य । अभिक्खणं काउस्सग्गकारी, सज्झायजोगे पयओ हविज्जा ॥ ७ ॥ न पडिन्नविजा सयणासणाई, सिजं निसिज्जं तह भत्तपाणं । गामे कुले वा नगरे व देसे, ममत्तभावं न कहिं पि कुजा ॥ ८ ॥ गिहिणो वेयावडियं न कुजा, अभिवायणं वंदणपूयणं वा । असंकिलिटेहिं समं वसिज्जा, मुणी चरित्तस्स जओ न हाणी ॥९॥ न या लभेजा निउणं सहायं, गुणाहियं वा गुणओ समं वा । इक्को वि पावाई Page #1051 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९७६ सुत्तागमे [ दसवेयालियसुत्त विवजयंतो, विहरिज कामेसु असज्जमाणो ॥ १० ॥ संवच्छरं वावि परं पमाणं, बीयं च वासं न तहिं वसिजा । सुत्तस्स मग्गेण चरिज भिक्खू, सुत्तस्स अत्थो जह आणवेइ ॥ ११ ॥ जो पुव्वरत्तावरत्तकाले, संपेहए अप्पगमप्पएणं । “किं मे कडं ? किं च मे किच्चसेसं ?, किं सक्कणिजं न समायरामि ? ॥ १२ ॥ किं मे परो पासइ किं च अप्पा, किं वाहं खलियं न विवज्जयामि ?” । इच्चेव सम्मं अणुपासमाणो, अणागयं नो पडिबंध कुजा ॥ १३ ॥ जत्थेव पासे कइ दुप्पउत्तं, काएण वाया अदु माणसेणं । तत्थेव धीरो पडिसाहरिज्जा, आइण्णओ खिप्पमिव क्खलीणं ॥ १४ ॥ जस्सेरिसा जोग जिइंदियस्स, धिईमओ सप्पुरिसस्स निच्चं । तमाहु लोए “पडिबुद्धजीवी", सो जीवइ संजमजीविएणं ॥ १५ ॥ अप्पा खलु सययं रक्खियव्वो, सव्विदिएहिं सुसमाहिएहिं । अरक्खिओ जाइपहं उवेइ, सुरक्खिओ सव्वदुहाण मुच्चइ. ॥ १६ ॥ त्ति-बेमि ॥ इय विवित्तचरिया णामा बीया चूलिया समत्ता ॥२॥ ॥ दसवेयालियसुत्तं समत्तं ॥ NAHS PEOPORN Page #1052 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ जयपुत्तमहावीर सुत्तागमे तत्थ णं उत्तरज्झयणसुत्तं _ econ अह विणययं णामं पढममज्झयणं संजोगा विप्पमुक्कस्स, अणगारस्स भिक्खुणो। विणयं पाउकरिस्सामि, आणुपुट्विं सुणेह मे ॥ १ ॥ आणानिद्देसकरे, गुरूणमुववायकारए । इंगियागारसंपन्ने, से विणीए त्ति वुच्चई ॥ २ ॥ आणाऽनिद्देसकरे, गुरूणमणुववायकारए । पडिणीए असंबुद्धे, अविणीए त्ति वुच्चई ॥ ३ ॥ जहा सुणी पूइकण्णी, निक्कसिज्जई सव्वसो। एवं दुस्सीलपडिणीए, मुहरी निक्कसिजई ॥ ४ ॥ कणकुण्डगं चइत्ताणं, विट्ठ भुंजइ सूयरे । एवं सीलं चइत्ताणं, दुस्सीले रमई मिए ॥५॥ सुणिया भावं साणस्स, सूयरस्स नरस्स य । विणए ठवेज अप्पाणं, इच्छंतो हियमप्पणो ॥ ६ ॥ तम्हा विणयमेसिज्जा, सीलं पडिलभेजओ। बुद्धपुत्त नियागट्ठी, न निक्कसिज्जइ कण्हुई ॥ ७ ॥ निस्संते सियाऽमुहरी, बुद्धाणं अंतिए सया । अठ्ठजुत्ताणि सिक्खिजा, निरट्ठाणि उ वजए ॥ ८ ॥ अणुसासिओ न कुप्पिज्जा, खतिं सेविज पंडिए । खुड्डेहिं सह संसग्गि, हासं कीडं च वजए॥ ९॥ मा य चंडालियं कासी, बहुयं मा य आलवे । कालेण य अहिजित्ता, तओ झाइज्ज एगगो ॥ १० ॥ आहच्च चंडालियं कटु, न निण्हविज कयाइ वि । कडं कडे त्ति भासेज्जा, अकडं नो कडे त्ति य ॥ ११॥ मा गलियस्सेव कसं, वयणमिच्छे पुणो पुणो। कसं व दट्ठमाइण्णे, पावगं परिवजए॥१२॥ अणासवा थूलवया कुसीला, मिउं पि चंडं पकरंति सीसा। चित्ताणुया लहु दक्खोववेया, पसायए ते हु दुरासयं पि ॥ १३ ॥ नापुट्ठो वागरे किंचि, पुट्ठो वा नालियं वए । कोहं असच्चं कुव्वेजा, धारेज्जा पियमप्पियं ॥ १४ ॥ अप्पा चेव दमेयव्वो, अप्पा हु खलु दुद्दमो । अप्पा दंतो सुही होइ, अस्सि लोए परत्थ य ॥ १५॥ वरं मे अप्पा दंतो, संजमेण तवेण य । माहं परेहि दम्मंतो, बंधणेहिं वहेहि य ॥१६॥ पडिणीयं च बुद्धाणं, वाया अदुव कम्मुणा । आवी वा जइ वा रहस्से, नेव कुज्जा ६२ सुत्ता. Page #1053 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९७८ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं कयाइ वि ॥ १७ ॥ न पक्खओ न पुरओ, नेव किच्चाण पिट्ठओ। न मुंजे ऊरुणा ऊरं, सयणे नो पडिस्सुणे ॥ १८ ॥ नेव पल्हत्थियं कुज्जा, पक्खपिंडं च संजए । पाए पसारिए वावि, न चिटे गुरुणंतिए ॥ १९ ॥ आयरिएहिं वाहित्तो, तुसिणीओ न कयाइ वि । पसायपेही नियागट्ठी, उवचिढे गुरुं सया ॥ २० ॥ आलवंते लवंते वा, न निसीएज कयाइ वि । चइऊणमासणं धीरो, जओ जुत्तं पडिस्सुणे ॥२१॥ आसणगओ न पुच्छेज्जा, नेव सेज्जागओ कयाइ वि । आगम्मुक्कुडुओ संतो, पुच्छिन्जा पंजलीउडो ॥ २२ ॥ एवं विणयजुत्तस्स, सुत्तं अत्थं च तदुभयं । पुच्छमाणस्स सीसस्स, वागरिज जहासुयं ॥ २३ ॥ मुसं परिहरे भिक्खू, न य ओहारिणिं वए । भासादोसं परिहरे, मायं च वजए सया ॥ २४ ॥ न लवेज पुट्ठो सावजं, न निरटुं न मम्मयं । अप्पणट्ठा परट्ठा वा, उभयस्संतरेण वा ॥ २५॥ समरेसु अगारेसु, संधीसु य महापहे । एगो एगित्थिए सद्धिं, नेव चिढे न संलवे ॥२६॥ जं मे बुद्धाऽणुसासंति, सीएण फरसेण वा । मम लाभो त्ति पेहाए, पयओ तं पडिस्सुणे ॥ २७ ॥ अणुसासणमोवायं, दुक्कडस्स य चोयणं । हियं तं मण्णई पण्णो, वेसं होइ असाहुणो ॥ २८ ॥ हियं विगयभया बुद्धा, फरुसं पि अणुसासणं । वेसं तं होइ सूढाणं, खंतिसोहिकरं पयं ॥ २९ ॥ आसणे उवचिढेजा, अणुच्चे अकुए थिरे । अप्पुट्ठाई निरुट्ठाई, निसीएजप्पकुक्कुए ॥ ३० ॥ कालेण निक्खमे भिक्खू, कालेण य पडिक्कमे । अकालं च विवजित्ता, काले कालं समायरे ॥ ३१ ॥ परिवाडीए न चिटेजा, भिक्खू दत्तेसणं चरे । पडिरूवेण एसित्ता, मियं कालेण भक्खए ॥ ३२ ॥ नाइदूरमणासन्ने, नऽन्नसिं चक्खुफासओ । एगो चिटेज भत्तट्ठा, लंपित्ता तं नऽइक्कमे ॥ ३३ ॥ नाइउच्चे व नीए वा, नासन्ने नाइदूरओ । फासुयं परकडं पिंडं, पडिगाहेज संजए ॥ ३४ ॥ अप्पपाणेऽप्पबीयम्मि, पडिच्छन्नम्मि संवुडे । समयं संजए भुंजे, जयं अपरिसाडियं ॥ ३५ ॥ सुकडित्ति सुपक्कित्ति, सुच्छिन्ने सुहडे मडे । सुणिट्ठिए सुलट्ठित्ति, सावजं वजए मुणी ॥ ३६ ॥ रमए पंडिए सासं, हयं भई व वाहए । बालं सम्मइ सासंतो, गलियस्सं व वाहए ॥ ३७॥ खड्डया मे चवेडा मे, अक्कोसा य वहा य मे । कल्लाणमणुसासंतो, पावदिट्ठित्ति मन्नई ॥ ३८ ॥ पुत्तो मे भाय नाइत्ति, साहू कल्लाण मन्नई । पावदिट्ठि उ अप्पाणं, सासं दासित्ति मन्नई ॥ ३९ ॥ न कोवए आयरियं, अप्पाणं पि न कोवए । बुद्धोवघाई न सिया, न सिया तोत्तगवेसए ॥ ४० ॥ आयरियं कुवियं नच्चा, पत्तिएण पसायए। विज्झवेज पंजलीउडो, वएज न पुणो त्ति य ॥ ४१ ॥ धम्मज्जियं च ववहारं, बुद्धेहायरियं सया । तमायरंतो ववहारं, गरहं नाभिगच्छई ॥ ४२ ॥ मणोगयं HHHHHHHHHHI Page #1054 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २ पिवासापरिसहवण्णण] सुत्तागमे ९७९ वक्तगयं, जाणित्तायरियस्स उ । तं परिगिज्झ वायाए, कम्मुणा उववायए ॥ ४३ ॥ वित्ते अचोइए निच्चं, खिप्पं हवइ सुचोइए । जहोवइ8 सुकयं, किच्चाई कुव्वई सया ॥ ४४ ॥ नच्चा नमइ मेहावी, लोए कित्ती से जायए। हवई किच्चाणं सरणं, भूयाणं जगई जहा ॥ ४५ ॥ पुज्जा जस्स पसीयंति, संबुद्धा पुव्वसंथुया। पसन्ना लाभइस्संति, विउलं अट्ठियं सुयं ॥ ४६ ॥ स पुजसत्थे सुविणीयसंसए, मणोरुई चिट्ठइ कम्मसंपया । तवोसमायारिसमाहिसंवुडे, महजुई पंच वयाई पालिया ॥ ४७ ॥ स देवगंधव्वमणुस्सपूइए, चइत्तु देहं मलपंकपुव्वयं । सिद्धे वा हवइ सासए, देवे वा अप्परए महिड्डिए॥४८॥ त्ति-बेमि ॥ इति विणयसुयंणामं पढममज्झयणं समत्तं ॥१॥ अह परिसहणामं दुइयमज्झयणं सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया जे भिक्खू सोचा नच्चा जिच्चा अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्वयंतो पुट्ठो नो विनिहन्नेजा, कयरे खलु ते बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया जे भिक्खू सोचा नच्चा जिच्चा अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्वयंतो पुट्ठो नो विनिहन्नेज्जा ? इमे खलु ते बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया जे भिक्खू सोचा नच्चा जिच्चा अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्वयंतो पुट्ठो नो विनिहन्नेजा, तंजहा-दिगिंछापरीसहे १, पिवासापरीसहे २, सीयपरीसहे ३, उसिणपरीसहे ४, दंसमसयपरीसहे ५, अचेलपरीसहे ६, अरइपरीसहे ७, इत्थीपरीसहे ८, चरियापरीसहे ९, निसीहियापरीसहे १०, सेज्जापरीसहे ११, अक्कोसपरीसहे १२, वहपरीसहे १३, जायणापरीसहे १४, अलाभपरीसहे १५, रोगपरीसहे १६, तणफासपरीसहे १७, जल्लपरीसहे १८, सकारपुरकारपरीसहे १९, पन्नापरीसहे २०, अन्नाणपरीसहे २१, दसणपरीसहे २२ । परीसहाणं पविभत्ती, कासवेणं पवेइया । तं मे उदाहरिस्सामि, आणुपुट्विं सुणेह मे ॥ १॥ (१) दिगिंछापरिगए देहे, तवस्सी भिक्खू थामवं । न छिंदे न छिंदावए, न पए न पयावए ॥ २ ॥ कालीपव्वंगसंकासे, किसे धमणिसंतए । मायने असणपाणस्स, अदीणमणसो चरे ॥ ३ ॥ (२) तओ पुट्ठो पिवासाए, दोगुंछी लज्जसंजए। सीओदगं न सेविजा, वियडस्सेसणं चरे ॥ ४ ॥ छिन्नावाएसु पंथेसु, आउरे सुपिवासिए । परिसुक्कमुहाऽदीणे, तं तितिक्खे परीसहं ॥५॥ Page #1055 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८० सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं (३) चरंतं विरयं लूह, सीयं फुसइ एगया। नाइवेलं मुणी गच्छे, सोचाणं जिणसासणं ॥ ६ ॥ न मे निवारणं अत्थि, छवित्ताणं न विजई । अहं तु अग्गि सेवामि, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ ७ ॥ (४) उसिणं परियावेणं, परिदाहेण तजिए। प्रिंसु वा परियावेणं, सायं नो परिदेवए ॥ ८॥ उण्हाहितत्तो मेहावी, सिणाणं नो वि पत्थए । गायं नो परिसिंचेजा, न वीएजा य अप्पयं ॥ ९ ॥ (५) पुट्ठो य दंसमसएहिं, समरे व महामुणी। नागो संगामसीसे वा, सूरो अभिहणे परं ॥१०॥ न संतसे न वारेजा, मणं पि न पओसए । उवेहे न हणे पाणे, भुंजते मंससोणियं ॥ ११॥ (६) परिजुण्णेहिं वत्थेहिं, होक्खामि त्ति अचेलए । अदुवा सचेले होक्खामि, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ १२॥ एगयाऽचेलए होइ, सचेले आवि एगया। एयं धम्मं हियं नचा, नाणी नो परिदेवए ॥ १३ ॥ (७) गामाणुगामं रीयंतं, अणगारं अकिंचणं । अरई अणुप्पवेसेज्जा, तं तितिक्खे परीसहं ॥ १४ ॥ अरई पिट्ठओ 'किच्चा, विरए आयरक्खिए । धम्मारामे निरारम्भे, उवसंते मुणी चरे ॥ १५॥ (८) संगो एस मणूसाणं, जाओ लोगम्मि इथिओ । जस्स एया परिनाया, सुकडं तस्स सामण्णं ॥ १६ ॥ एवमादाय मेहावी, पंकभूया उ इथिओ। नो ताहिं विणिहन्नेजा, चरेजऽत्तगवेसए ॥ १७ ॥ (९) एग एव चरे लाढे, अभिभूय परीसहे। गामे वा नगरे वावि, निगमे वा रायहाणिए ॥ १८ ॥ असमाणे चरे भिक्खू, नेव कुजा परिग्गहं । असंसत्तो गिहत्थेहिं, अणिएओ परिव्वए ॥ १९ ॥ (१०) सुसाणे सुन्नगारे वा, रुक्खमूले व एगओ। अकुक्कुओ निसीएजा, न य वित्तासए परं ॥ २०॥ तत्थ से चिट्ठमाणस्स, उवसग्गाभिधारए । संकाभीओ न गच्छेज्जा, उद्वित्ता अन्नमासणं ॥ २१॥ (११) उच्चावयाहिं सेजाहिं, तवस्सी भिक्खू थामवं । नाइवेलं विहन्निज्जा, पावदिट्ठी विहन्नई ॥ २२ ॥ पइरिकवस्सयं लर्छ, कल्लाणमदुव पावयं । किमेगराइं करिस्सइ, एवं तत्थऽहियासए ॥ २३ ॥ (१२) अक्कोसेजा परे भिक्खु, न तेसिं पडिसंजले । सरिसो होइ वालाणं, तम्हा भिक्खू न संजले ॥ २४ ॥ सोचाणं फरुसा भासा, दारुणा गामकंटगा। तुसिणीओ उवेहेजा, न ताओ मणसीकरे ॥ २५ ॥ (१३) हओ न संजले भिक्खू, मणं पि न पओसए। तितिक्खं परमं नच्चा, भिक्खू धम्मं विचिंतए ॥ २६ ॥ समणं संजयं दंतं, हणिज्जा कोइ कत्थई । नत्थि जीवस्स नासुत्ति, एवं पेहेज संजए ॥ २७ ॥ (१४) दुक्करं खलु भो निच्चं, अणगारस्स भिक्खुणो। सव्वं से जाइयं होइ, नत्थि किंचि अजाइयं ॥ २८ ॥ गोयरग्गपविठ्ठस्स, पाणी नो सुप्पसारए। सेओ अगारवासुत्ति, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ २९ ॥ (१५) परेसु घासमेसेज्जा, भोयणे परिणिट्ठिए। लद्धे पिंडे अलद्धे Page #1056 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३ मणुस्सत्तदुल्लहया ] सुत्तागमे वा, नाणुतप्पेज पंडिए ॥ ३० ॥ अज्जेवाहं न लब्भामि, अवि लाभो सुए सिया । जो एवं पडिसंचिक्खे, अलाभो तं न तज्जए ॥ ३१ ॥ (१६) नच्चा उप्पइयं दुक्खं, वेणा दुहट्ठिए । अदीणो थावए पन्नं, पुट्ठो तत्थऽहियासए ॥ ३२ ॥ तेइच्छं नाभिनंदेजा, संचिक्खत्तगवेसए । एवं खु तस्स सामण्णं, जं न कुज्जा न कारवे ॥ ३३ ॥ (१७) अचेलगस्स लूहस्स, संजयस्स तवस्सिणो । तणेसु सयमाणस्स, हुजा गायविराहणा ॥ ३४ ॥ आयवस्स निवारण, अउला हवइ वेयणा । एवं नच्चा न सेवंति, तंतुजं तणतज्जिया ॥ ३५ ॥ (१८) किलिन्नगाए मेहावी, पंकेण व रएण वा । घिसु वा परियावेण, सायं नो परिदेवए ॥ ३६ ॥ वेएज निज्जरापेही, आरियं धम्मऽणुत्तरं । जाव सरीरभेउत्ति, जल्लं कारण धारए ॥ ३७ ॥ (१९) अभिवायण ९८१ भुट्ठाणं, सामी कुजा निमंतणं । जे ताइं पडिसेवंति, न तेसिं पीहए मुणी ॥ ३८ ॥ अणुक्कसाई अप्पिच्छे, अन्नाएसी अलोलुए । रसेसु नाणुगिज्झेजा, नाणुतप्पेज पन्नवं ॥ ३९ ॥ (२०) से नूणं मए पुव्वं, कम्माऽणाणफला कडा । जेणाहं नाभिजाणामि, पुट्ठो केइ कण्हुई ॥ ४० ॥ अह पच्छा उइज्जति, कम्माऽणाणफला कडा । एवमस्सासि अप्पाणं, नच्चा कम्मविवागयं ॥ ४१ ॥ (२१) निरट्ठगम्मि विरओ, मेहुणाओ सुसंवुडो । जो सक्खं नाभिजाणामि, धम्मं कलाणपावगं ॥ ४२ ॥ तवोवहाणमादाय, पडिमं पडिवज्जओ । एवं पि विहरओ मे, छउमं न नियई ॥ ४३ ॥ (२२) नत्थि नू परे लो, इड्डी वावि तवस्सिणो । अदुवा वंचिओमित्ति, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ ४४ ॥ अभू जिणा अस्थि जिणा, अदुवा वि भविस्सइ । मुसं ते एवमाहंसु, इइ भिक्खू न चिंतए ॥ ४५ ॥ एए परीसहा सव्वे, कासवेण पवेइया । जे भिक्खू नं विहन्नेज्जा, पुट्ठो केइ कण्हुई ॥ ४६ ॥ ति- बेमि ॥ इति परिसहणामं दुइयमज्झयणं समत्तं ॥ २ ॥ अह चाउरंगिज्जं णाम तइयमज्झयणं bocsfes 3 चत्तारि परमंगाणि, दुलहाणीह जंतुणो । माणुसत्तं सुई सद्धा, संज वीरियं ॥ १ ॥ समावन्नाण संसारे, नाणागोत्तासु जाइसु । कम्मा नाणांविहा कट्टु, पुढो विसंभया या ॥ २ ॥ एगया देवलोएसु, नरएसु वि एगया । एगया आसुरं कार्य, अहाकम्मेहिं गच्छइ ॥ ३ ॥ एगया खत्तिओ होइ, तओ चंडालबुक्सो । तओ कीडपयंगो य, तओ कुंथुपिवीलिया ॥ ४ ॥ एवमावजोणीसु, पाणिणो कम्मकिव्विसा । न निविज्वंति संसारे, सव्वद्वेसु व खत्तिया ॥ ५ ॥ कम्मसंगेहिं संमूढा, Page #1057 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुतं दुखिया बहुवेणा । अमाणुसासु जोणीसु, विणिहम्मंति पाणिणो ॥ ६ ॥ कम्माणं तु पहाणार, आणुपुव्वी कयाइ उ । जीवा सोहिमणुप्पत्ता, आययंति मणुस्सर्यं ॥ ७ ॥ माणुस्सं विग्गहं लद्धुं, सुई धम्मस्स दुल्लहा । जं सोच्चा पडिवज्जंति, तवं खंतिम हिंसयं ॥ ८ ॥ आहच्च सवणं लड्डु, सद्धा परमदुलहा । सोच्चा नेयाज्यं मग्गं, बहवे परिभस्सई ॥ ९ ॥ सुईं च लद्धुं सद्धं च वीरियं पुण दुल्लहं । बहवे रोयमाणा वि, नो य णं पडिवज्जए ॥ १० ॥ माणुसत्तमि आयाओ, जो धम्मं सोच्च सद्दहे । तवस्सी वीरियं लड्डु, संवुडे निद्धुणे रयं ॥ ११ ॥ सोही उज्जयभूयस्स, धम्मो सुद्धस्स चिट्ठई । निव्वाणं परमं जाइ, घयसित्तिव्व पाव ॥ १२ ॥ विगिंच कम्मुणो हेउं, जसं संचिणु खंतिए । सरीरं पाढवं हिच्चा, उद्धुं पक्कमई दिसं ॥ १३ ॥ विसालिसेहिं सीलेहिं, जक्खा उत्तरउत्तरा । महासुक्का व दिप्पंता, मन्नंता अपुणच्चवं ॥ १४ ॥ अप्पिया देवकामार्ण, कामरूवविउव्विणो । उङ्कं कप्पेसु चिद्वंति, पुव्वा वाससया बहू ॥ १५ ॥ तत्थ ठिच्चा जहाठाणं, जक्खा आउक्खए चुया । उवेंति माणुस जोणिं, से दसंगेऽभिजायए ॥ १६ ॥ खेत्तं वत्युं हिरण्णं च पसव दासपोरुसं । चत्तारि कामखंधाणि, तत्थ से उववज्जई ॥ १७ ॥ मित्तर्वं 19 ८ ९ १० नायवँ होइ, उच्चागोएं य वण्णवं । अप्पायंके महापन्ने, अभिजाए जसो बले ॥ १८॥ भुचा माणुस भोए, अप्पाडरूवे अहाउयं । पुव्वं विसुद्धसद्धम्मे, केवलं बोहि बुज्झिया ॥ १९ ॥ चउरंगं दुल्लहं नच्चा, संजमं पडिवज्जिया । तवसा धुयकम्मंसे, सिद्धे हवइ सासए ॥ २० ॥ त्ति - बेमि ॥ इति चाउरंगिजं णाम तइयमज्झयणं समत्तं ॥ ३ ॥ ९८२ अह असंखयं णाम चउत्थमज्झरणं affe असंखयं जीविय मा पमायए, जरोवणीयस्स हु नत्थि ताणं । एवं वियाणाहि जणे पमत्ते, किं नु विहिंसा अजया गहिंति ॥ १ ॥ जे पावकम्मेहिं धणं मणूसा, समाययंती अमई गहाय । पहाय ते पासपयट्टिए नरे, वेराणुबद्धा नरयं उवेंति ॥ २ ॥ तेणे जहा संधिमुहे गहीए, सकम्मुणा किच्च पावकारी । एवं पया पेच इह च लोए, कडाण कम्माण न मुक्ख अत्थि ॥ ३ ॥ संसारमावन्न परस्स अट्ठा, साहारणं जं च करेइ कम्मं । कम्मस्स ते तस्स उ वेयकाले, न बंधवा बंधवयं उवेंति ॥ ४ ॥ वित्तेण ताणं न लमे प्रमत्ते, इमंमि लोए अदुवा परत्था । दीवप्पर्णद्वेष अणंतमोहे, नेयाउयं दद्रुमदद्रुमेव ॥ ५ ॥ सुतेसु यावी पडिबुद्धजीवी, न Page #1058 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ५ अकाममरणफलं] सुत्तागमे ९८३ वीससे पंडिऍ आसुपण्णे । घोरा मुहत्ता अबलं सरीरं, भारंडपक्खीव चरेऽप्पमत्ते ॥ ६ ॥ चरे पयाई परिसंकमाणो, जं किंचि पास इह मन्नमाणो । लाभंतरे जीविय बूहइत्ता, पच्छा परिन्नाय मलावधंसी ॥ ७ ॥ छंदं निरोहेण उवेइ मोक्खं, आसे जहा सिक्खियवम्मधारी । पुव्वाइं वासाई चरेऽप्पमत्तो, तम्हा मुणी खिप्पमुवेइ मोक्खं ॥ ८ ॥ स पुव्वमेवं न लभेज पच्छा, एसोवमा सासयवाइयाणं । विसीयई सिढिले आउयम्मि, कालोवणीए सरीरस्स भेए ॥ ९ ॥ खिप्पं न सक्केइ विवेगमेउं, तम्हा समुठ्ठाय पहाय कामे । समिच्च लोयं समया महेसी, आयाणुरक्खी चरेऽप्पमत्तो ॥ १० ॥ मुहं मुहं मोहगुणे जयंतं, अणेगरूवा समणं चरंतं । फासा फुसंति असमंजसं च, न तेसि भिक्खू मणसा पउस्से ॥ ११ ॥ मंदा य फासा बहुलोहणिजा, तहप्पगारेसु मणं न कुजा। रक्खिज्ज कोहं विणएज माणं, मायं न सेवेज पहेज लोहं ॥ १२ ॥ जेऽसंखया तुच्छपरप्पवाई, ते पिज्जदोसाणुगया परज्झा । एए अहम्मे त्ति दुगुंछमाणो, कंखे गुणे जाव सरीरभेउ ॥ १३ ॥ त्तिबेमि ॥ इति असंखयं णाम चउत्थमज्झयणं समत्तं ॥ ४॥ अह अकाममरणिज्जं णामं पंचममज्झयणं अण्णवंसि महोहंसि, एगे तिण्णे दुरुत्तरे । तत्थ एगे महापन्ने, इमं पण्हमुदाहरे ॥१॥ संतिमे य दुवे ठाणा, अक्खाया मरणंतिया । अकाममरणं चेव, सकाममरणं तहा ॥२॥ बालाणं अकामं तु, मरणं असइं भवे । पंडियाणं सकामं तु, उक्कोसेण सई भवे ॥ ३ ॥ तत्थिमं पढमं ठाणं, महावीरेण देसियं । कामगिद्धे जहा बाले, भिसं कुराई कुव्वई ॥ ४ ॥ जे गिद्धे कामभोगेसु, एगे कूडाय गच्छई । न मे दिढे परे लोए, चक्खुदिट्ठा इमा रई ॥ ५॥ हत्थागया इमे कामा, कालिया जे अणागया। को जाणइ परे लोए, अत्थि वा नत्थि वा पुणो ॥ ६ ॥ जणेण सद्धिं होक्खामि, इइ वाले पगब्भई । कामभोगाणुराएणं, केसं संपडिवजई ॥ ७ ॥ तओ से दंडं समारभई, तसेसु थावरेसु य । अट्ठाए य अणट्ठाए, भूयगामं विहिंसई ॥ ८ ॥ हिंसे वाले मुसावाई, माइल्ले पिसुणे सढे । भुंजमाणे सुरं मंसं, सेयमेयं ति मन्नई ॥ ९ ॥ कायसा वयसा मत्ते, वित्ते गिद्धे य इत्थिसु । दुहओ मलं संचिणइ, 'सिसुणागुव्व मट्टियं ॥ १० ॥ तओ पुट्ठो आयंकेणं, गिलाणो परितप्पई । अभीओ परलोगस्स, कम्माणुप्पेहि अप्पणो ॥ ११॥ सुया मे नरए ठाणा, असीलाणं च जा गई । बालाणं कूरकम्माणं, पगाढा जत्थ वेयणा ॥ १२ ॥ तत्थोववाइयं ठाणं, जहा Page #1059 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८४ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं मेयमणुस्सुयं । अहाकम्मेहिं गच्छंतो, सो पच्छा परितप्पई ॥ १३ ॥ जहा सागडिओ जाणं, समं हिच्चा महापहं । विसमं मग्गमोइण्णो, अक्खे भग्गम्मि सोयई ॥ १४ ॥ एवं धम्मं विउक्कम्म, अहम्मं पडिवजिया । बाले मच्चुमुहं पत्ते, अक्खे भग्गे व सोयई ॥ १५॥ तओ से मरणंतम्मि, बाले संतसई भया । अकाममरणं मरइ, धुत्ते व कलिणा जिए ॥ १६ ॥ एयं अकाममरणं, बालाणं तु पवेइयं । इत्तो सकाममरणं, पंडियाणं सुणेह मे ॥ १७ ॥ मरणं पि सपुण्णाणं, जहा मेयमणुस्सुयं । विप्पसण्णमणाघायं, संजयाण वुसीमओ ॥ १८ ॥ न इमं सव्वेसु भिक्खूसु, न इमं सव्वेसुऽगारिसु । नाणासीला अगारत्था, विसमसीला य भिक्खुणो ॥ १९ ॥ संति एगेहिं भिक्खूहि, गारत्था संजमुत्तरा । गारत्थेहि य सव्वेहि, साहवो संजमुत्तरा ॥ २० ॥ चीराजिणं नगिणिणं, जडी संघाडि मुंडिणं । एयाणि वि न तायंति, दुस्सीलं परियागयं ॥ २१ ॥ पिंडोलएव्व दुस्सीले, नरगाओ न मुच्चई । भिक्खाए वा गिहत्थे वा, सुव्वए कम्मई दिवं ॥ २२ ॥ अगारि सामाइयंगाणि, सड्ढी काएण फासए । पोसहं दुहओ पक्खं, एगरायं न हावए ॥ २३ ॥ एवं सिक्खासमावन्ने, गिहिवासे वि सुव्वए । मुच्चई छविपव्वाओ, गच्छे जक्खसलोगयं ॥ २४ ॥ अह जे संबुडे भिक्खू, दोण्हं अन्नयरे सिया । सव्वदुक्खपहीणे वा, देवे वावि महिडिए ॥ २५ ॥ उत्तराई विमोहाई, जुईमंताऽणुपुव्वसो । समाइण्णाई जक्खेहिं, आवासाइं जसंसिणो ॥ २६ ॥ दीहाउया इढिमंता, समिद्धा कामरूविणो । अहुणोववन्नसंकासा, भुज्जो अच्चिमालिप्पभा ॥ २७ ॥ ताणि ठाणाणि गच्छंति, सिक्खित्ता संजमं तवं । भिक्खाए वा गिहत्थे वा, जे संति परिनिव्वुडा ॥ २८ ॥ तेसिं सोच्चा सपुजाणं, संजयाण वुसीमओ। न संतसंति मरणंते, सीलवंता बहुस्सुया ॥ २९ ॥ तुलिया विसेसमादाय, दयाधम्मस्स खंतिए। विप्पसीएज मेहावी, तहाभूएण अप्पणा ॥ ३० ॥ तओ काले अभिप्पेए, सड्ढी तालिसमंतिए। विणएज लोमहरिसं, भेयं देहस्स कंखए ॥३१॥ अह कालम्मि संपत्ते, आघायाय समुस्सयं । सकाममरणं मरई, तिण्हमन्नयरं मुणी ॥३२॥ ति-बेमि ॥ इति अकाममरणिजं णामं पंचममज्झयणं समत्तं ॥ ५ ॥ अह खुड्डागणियंठिज्जं णामं छट्ठमज्झयणं जावंतऽविजापुरिसा, सव्वे ते दुक्खसंभवा । लुप्पंति बहुसो मूढा, संसारंमि अणंतए ॥ १ ॥ समिक्ख पंडिए : तम्हा, पासजाइपहे बहू । अप्पणा सच्चमेसेज्जा, मेत्तिं भूएसु कप्पए ॥ २ ॥ माया पिया ण्हुसा भाया, भज्जा पुत्ता य ओरसा । Page #1060 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८५ अ० ७ अहम्मियलक्खणाणि] सुत्तागमे नालं ते मम ताणाए, लुप्पंतस्स सकम्मुणा ॥ ३ ॥ एयमढें सपेहाए, पासे समियदंसणे । छिंदे गिद्धिं सिणेहं च, न कंखे पुव्वसंथवं ॥ ४ ॥ गवासं मणिकुंडलं, पसवो दासपोरुसं । सव्वमेयं चइत्ताणं, कामरूवी भविस्ससि ॥ ५॥ (थावरं जंगमं चेव, धणं धन्नं उवक्खरं । पच्चमाणस्स कम्मेहिं, नालं दुक्खाओ मोयणे ॥) अज्झत्थं सव्वओ सव्वं, दिस्स पाणे पियायए । न हणे पाणिणो पाणे, भयवेराओ उवरए ॥ ६ ॥ आयाणं नरयं दिस्स, नायएज तणामवि । दोगुंछी अप्पणो पाए, दिन्नं भुंजेज भोयणं ॥ ७ ॥ इहमेगे उ मन्नंति, अप्पच्चक्खाय पावगं । आयरियं विदित्ताणं, सव्वदुक्खा विमुच्चई ॥ ८ ॥ भयंता अकरेंता य, बंधमोक्खपइण्णिणो । वायाविरियमेत्तेण, समासासेंति अप्पयं ॥ ९॥ न चित्ता तायए भासा, कुओ विजाणुसासणं । विसन्ना पावकम्मेहि, बाला पंडियमाणिणो ॥ १०॥ जे केइ सरीरे सत्ता, वण्णे रूवे य सव्वसो । मणसा कायवक्केणं, सव्वे ते दुक्खसंभवा ॥ ११ ॥ आवन्ना दीहमद्धाणं, संसारंमि अणंतए । तम्हा सव्वदिसं पस्सं, अप्पमत्तो परिव्वए ॥ १२ ॥ बहिया उड्डमादाय, नावकंखे कयाइ वि । पुव्वकम्मक्खयहाए, इमं देहं समुद्धरे ॥ १३ ॥ विगिंच कम्मुणो हेउं, कालकंखी परिव्वए । मायं पिंडस्स पाणस्स, कडं लभ्रूण भक्खए ॥ १४ ॥ सन्निहिं च न कुव्वेजा, लेवमायाए संजए। पक्खीपत्तं समादाय, निरवेक्खो परिव्वए ॥ १५ ॥ एसणासमिओ लजू , गामे अणियओ चरे । अप्पमत्तो पमत्तेहिं, पिंडवायं गवेसए ॥ १६ ॥ एवं से उदाहु अणुत्तरनाणी, अणुत्तरदंसी अणुत्तरनाणदंसणधरे । अरहा नायपुत्ते भगवं, वेसालिए वियाहिए ॥ १७ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति खुड्डागणियंठिचं णामं छ?मज्झयणं समत्तं ॥६॥ अह एलइज्जणामं सत्तममज्झयणं जहाएसं समुद्दिस्स, कोइ पोसेज एलयं । ओयणं जवसं देजा, पोसेज्जा वि सयंगणे ॥ १ ॥ तओ से पुढे परिवूढे, जायमेए महोदरे । पीणिए विउले देहे, आएसं परिकंखए ॥ २ ॥ जाव न एइ आएसे, ताव जीवइ से दुही । अह पत्तम्मि आएसे, सीसं छेत्तूण भुजई ॥ ३ ॥ जहा से खलु उरब्भे, आएसाए समीहिए । एवं वाले अहम्मिटे, ईहई नरयाउयं ॥ ४ ॥ हिंसे बाले मुसावाई, अद्धाणंमि विलोवए। अन्नदत्तहरे तेणे, माई कं नु हरे सढे ॥ ५॥ इत्थीविसयगिद्धे य, महारंभपरिग्गहे।' भुंजमाणे सुरं मंसं, परिवूढे परंदमे ॥ ६ ॥ अयकक्करभोई य, तुंदिल्ले चियलोहिए । Page #1061 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८६ ता [ उत्तरज्झयणसुतं आउ नरए कंखे, जहाएस व एलए ॥ ७ ॥ आसणं सयणं जाणं, वित्तं कामाणि भुंजिया । दुस्साह धणं हिच्चा, बहुं संचिणिया रयं ॥ ८ ॥ तओ कम्मगुरू जंतू, पचुप्पन्नपरायणे । अयव्व आगयाएसे, मरणंतम्मि सोयई ॥ ९ ॥ तओ आउपरिक्खीणे, चुयदेहा विहिंसगा । आसुरीयं दिसं बाला, गच्छंति अवसा तमं ॥ १० ॥ जहा कागिणिए हेउ, सहस्सं हारए नरो । अपत्थं अंबगं भोच्चा, राया रजं तु हार ॥ ११ ॥ एवं माणुस्सगा कामा, देवकामाण अंतिए । सहस्सगुणिया भुज्जो, आउं कामा य दिव्विया ॥ १२ ॥ अगवासानउया जा सा पन्नवओ ठिई । जाणि जयंति दुम्मेहा, ऊणे वासस्याउ ॥ १३ ॥ जहा य तिन्नि वाणिया, मूलं तू नग्गया । गोत्थ लहई लाभं, एगो मूलेण आगओ ॥ १४ ॥ एगो मूलं पि हारिता, आगओ तत्थ वाणिओ । ववहारे उवमा एसा, एवं धम्मे वियाणह ॥ १५ ॥ माणुसत्तं भवे मूलं, लाभो देवगई भवे । मूलच्छेएण जीवाणं, नरगतिरिक्खत्तणं धुवं ॥ १६ ॥ दुहओ गई बालस्स, आवई वहमूलिया । देवत्तं माणुसतं च, जं जिए लोलयासढे ॥ १७ ॥ तओ जिए सई होइ, दुविहं दुग्गई गए । दुलहा तस्स उम्मग्गा, अद्धाए सुचिरादवि ॥ १८ ॥ एवं जियं सपेहाए, तुलिया वालं च पंडियं । मूलियं ते पवेसंति, माणुर्सि जोणिमेंति जे ॥ १९ ॥ वेमायाहिं सिक्खाहिं, जे नरा गिहिसुव्वया । उवेंति माणुस जोणिं, कम्मसच्चा हु पाणिणो ॥ २० ॥ जेसिं तु विउला सिक्खा, मूलियं ते अइच्छिया । सीलवंता सविसेसा, अदीणा जंत देवयं ॥ २१ ॥ एवमदीणवं भिक्खू, अगारिं च वियाणिया । कहण्णु जिच्च मे - लिक्खं, जिच्चमाणे न संविदे ॥ २२ ॥ जहा कुसग्गे उदगं, समुद्देण समं मिणे । एवं माणुस्सा कामा, देवकामाण अंतिए ॥ २३ ॥ कुसग्गमेत्ता इमे कामा, सन्निरुद्धम्म आउए । कस्स हेउं पुराकाउं, जोगक्खेमं न संविदे ॥ २४ ॥ इह कामाहिस्स, अत्तट्ठे अवरज्झई । सोच्चा नेयाउयं मग्गं, जं भुज्जो परिभस्सई ॥ २५ ॥ इह कामणिहस्स, अत्तट्ठे नावरज्झई । पूइदेहनिरोहेणं, भवे देवे त्ति मे सुयं ॥ २६ ॥ इड्ढी जुई जसो वण्णो, आउं सुहमणुत्तरं । भुज्जो जत्थ मणुस्सेसु तत्थ से उवजई ॥ २७ ॥ बालस्स पस्स बालतं, अहम्मं पडिवज्जिया । चिचा धम्मं अहम्मिट्ठे, नरएसूववज्जई ॥ २८ ॥ धीरस्स पस्स धीरतं, सव्वधम्माणुवत्तिणो । चिच्चा अधम्मं धम्मिट्ठे, देवेसु उववज्जई ॥ २९ ॥ तुलियाण बालभावं, अबालं चेव पंडिए । चइऊण बालभावं, अबालं सेवए मुणि ॥ ३० ॥ त्ति - बेमि ॥ इति एलइजणामं सत्तममज्ज यणं समत्तं ॥ ७ ॥ Page #1062 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८७ अट्ठमज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे अह काविलियं णामं अहममज्झयणं अधुवे असासयम्मि, संसारंमि दुक्खपउराए। किं नाम होज तं कम्मयं, जेणारं दुग्गई न गच्छेजा ? ॥१॥ विजहित्तु पुव्वसंजोयं, न सिणेहं कहिंचि कुव्वेजा। असिणेहसिणेहकरेहि, दोसपओसेहि मुच्चए भिक्खू ॥२॥ तो नाणदंसणसमग्गो, हियनिस्सेसाए सव्वजीवाणं । तेसिं विमोक्खणट्ठाए. भासइ मुणिवरो विगयमोहो ॥ ३ ॥ सव्वं गंथं कलहं च, विप्पजहे तहाविहं भिक्खू । सव्वेसु कामजाएमु, पासमाणो न लिप्पई ताई ॥ ४ ॥ भोगामिसदोसविसन्ने, हियनिस्सेयसबुद्धिवोचत्थे । बाले य मंदिए मूढे, बज्झइ मच्छिया व खेलम्मि ॥५॥ दुप्परिच्चया इमे कामा, नो सुजहा अधीरपुरिसेहिं । अह संति सुव्वया साहू , जे तरंति अतरं वणिया वा ॥ ६॥ समणा मु एगे वयमाणा, पाणवहं मिया अयाणंता । मंदा निरयं गच्छंति, बाला पावियाहिं दिट्ठीहिं ॥ ७ ॥ न हु पाणवहं अणुजाणे, मुच्चेज कयाइ सव्वदुक्खाणं । एवमायरिएहिं अक्खायं, जेहिं इमो साहुधम्मो पन्नत्तो ॥ ८ ॥ पाणो य नाइवाएजा, से समीइत्ति बुच्चई ताई । तओ से पावयं कम्मं, निजाइ उदगं व थलाओ ॥९॥ जगनिस्सिएहिं भूएहिं, तसनामेहिं थावरेहिं च । नो तेसिमारभे दंडं, मणसा वयसा कायसा चेव ॥ १० ॥ सुद्धसणाओ नचाणं, तत्थ ठवेज भिक्रव अप्पाणं । जायाए घासमेसेज्जा, रस गिद्धे न सिया भिक्खाए ॥ ११॥ पंताणि चेव सेवेजा, सीयपिंडं पुराणकुम्मासं । अटु बुक्कसं पुलागं वा, जवणढाए निसेवए मंधुं ॥ १२ ॥ जे लक्खणं च मुविणं च, अंगविजं च जे पउंजंति । न हु ते समणा बुचंति, एवं आयरिएहिं अक्खायं ॥ १३॥ इह जीवियं अणियमेत्ता, पन्भट्ठा समाहिजोएहिं । ते कामभोगरस गिद्धा, उबवनंति आमुरे काए॥१४॥ तत्तो वि य उव्यट्टित्ता, संसारं बहु अणुपरियडंति । बहुकम्मलेवलिताणं, बोही होइ सुदुलहा तेसिं ॥ १५ ॥ कसिणं पि जो इमं लोयं, पडिपुण्णं दलेज इकस्स । तेणावि से न संतुस्से, इइ दुप्पूरए इमे आया ॥ १६ ॥ जहा लाहो तहा लोहो, लाहा लोहो पवहुई । दोमासकयं कर्ज, कोडीए वि न निहियं ॥ १७ ॥ नो रक्खसीसु गिजझेजा, गंडवच्छामुऽणेगचित्तामु । जाओ पुरिसं पलोभित्ता, हति जहा व दासेहिं ॥१८॥ नारीनु नोवगिझेजा, इत्थी विष्पजहे अणागारे । धम्म च पेसलं नचा, तत्थ ठवेज भिक्खू अप्पाणं ॥ १९ ॥ इइ एस धम्मे अक्खाए, कविलेणं च विमुद्धपमेणं । तरिहिंति जे उ काहिंति, तेहिं आराहिया दुवे लोग ॥ २० ॥ त्ति-बेमि ॥ इति काविलियं णाम अट्टममजायणं समतं ॥ ८॥ Page #1063 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९८८ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं अह समेपब्वज नामं नवममज्झयणं चइऊण देवलोगाओ, उववन्नो माणुसंमि लोगंमि । उवसंतमोहणिज्जो, सरई पोराणियं जाइं ॥१॥ जाई सरित्तु भयवं, सयंसंबुद्धो अणुत्तरे धम्मे । पुत्तं ठवेत्तु रज्जे, अभिणिक्खमई नमी राया ॥ २॥ सो देवलोगसरिसे, अंतेउरवरगओ वरे भोए । भुंजित्तु नमी राया, बुद्धो भोगे परिचयई ॥ ३ ॥ मिहिलं सपुरजणवयं, बलमोरोहं च परियणं सव्वं । चिच्चा अभिनिक्खंतो, एगंतमहिडिओ भयवं ॥ ४ ॥ कोलाहलगभूयं, आसी मिहिलाए पव्वयंतमि । तइया रायरिसिमि, नमिमि अभिणिक्खमंतंमि ॥ ५॥ अब्भुट्ठियं रायरिसिं, पवन्नाठाणमुत्तमं । सक्को माहणरूवेण, इमं वयणमब्बवी ॥ ६ ॥ किं नु भो! अज मिहिलाए, कोलाहलगसंकुला। सुव्वंति दारुणा सद्दा, पासाएसु गिहेसु य ॥ ७ ॥ एयमझु निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ ८ ॥ मिहिलाए चेईए वच्छे, सीयच्छाए मणोरमे । पत्तपुप्फफलोवेए, बहूणं बहुगुणे सया ॥ ९॥ वाएण हीरमाणम्मि, चेइँयम्मि मणोरमे । दुहिया असरणा अत्ता, एए कंदंति भो! खगा ॥ १० ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ ११ ॥ एस अग्गी य वाऊ य, एयं डज्झइ मंदिरं । भयवं अंतेउरं तेणं, कीस णं नावपेक्खह ॥ १२ ॥ एयमढें निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ १३ ॥ सुहं वसामो जीवामो, जेसिं मो नत्थि किंचणं । मिहिलाए डज्झमाणीए, न मे उज्झइ किंचणं ॥ १४ ॥ चत्तपुत्तकलत्तस्स, निव्वावारस्स भिक्खुणो । पियं न विजई किंचि, अप्पियं पि न विज्जई ॥ १५ ॥ बहुं खु मुणिणो भई, अणगारस्स भिक्खुणो । सव्वओ विप्पमुक्कस्स, एगंतमणुपस्सओ॥ १६ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ १७ ॥ पागारं कारइत्ताणं, गोपुरट्टालगाणि य । उस्सूलगसयग्घीओ, तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ १८ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ १९ ॥ सद्धं नगरं किच्चा, तवसंवरमग्गलं । खंतिं निउणपागारं, तिगुत्त दुप्पधंसयं ॥ २० ॥ धj परकम किच्चा, जीवं च इरियं सया । धिइं च केयणं किच्चा, सच्चेणं पलिमंथए ॥ २१ ॥ तवनारायजुत्तेण, भित्तूणं कम्मकंचुयं । मुणी विगयसंगामो, भवाओ परिमुच्चए ॥ २२ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमि रायरिसिं, १ उजाणे। २ 'रुक्ख। Page #1064 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ९ तण्हाऽणतया] सुत्तागमे देविंदो इणमब्बवी ॥ २३ ॥ पासाए कारइत्ताणं, बद्धमाणगिहाणि य । वालग्गपोइयाओ य, तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ २४ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ २५ ॥ संसयं खलु सो कुणई, जो मग्गे कुणई घरं । जत्थेव गंतुमिच्छेज्जा, तत्थ कुब्वेज सासयं ॥२६॥ एयमढे निसाभित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ २७ ॥ आमोसे लोमहारे य, गंठिभेए य तकरे । नगरस्स खेमं काऊणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ २८ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ २९ ॥ असई तु मणुस्सेहि, मिच्छा दंडो पजुजई । अकारिणोऽत्थ बज्झंति, मुच्चई कारओ जणो ॥ ३० ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नर्मि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ ३१ ॥ जे केइ पत्थिवा तुज्झं, नानमंति नराहिवा । वसे ते ठावइत्ताणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ ३२ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ ३३ ॥ जो सहस्सं सहस्साणं, संगामे दुजए जिणे । एगं जिणेज अप्पाणं, एस से परमो जओ ॥ ३४ ॥ अप्पाणमेव जुज्झाहि, किं ते जुज्झेण बज्झओ। अप्पाणमेव अपाणं, जइत्ता मुहमेहए ॥ ३५ ॥ पंचिंदियाणि कोहं, माणं मायं तहेव लोहं च । दुजयं चेव अप्पाणं, सव्वमप्पे जिए जियं ॥ ३६ ॥ एयमद्वं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ ३५ ॥ जइत्ता विउले जन्ने, भोइत्ता समणमाहणे । दचा भोचा य जिट्टा य, तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ ३८ ॥ एयमढं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ ३९ ॥ जो सहस्सं सहस्साणं, मासे मासे गवं दए । तस्स वि संजमो सेओ, अदितस्स वि किंचणं ॥ ४० ॥ एयमद्वं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥४१॥ घोरासमं चइत्ताणं, अन्नं पत्थेसि आसमं । इहेब पोसहरओ, भवाहि मणुयाहिबा ! ॥ ४२ ॥ एयमहँ निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बबी ॥ ४३॥ मासे मासे न जो बालो, कुसग्गेणं तु भुंजए । न सो मुअक्खायधम्मम्ग, कलं अग्घइ सोलगि ॥ ४ ॥ एयमढे निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमि रायरिसिं, देविंदो इणमानवी ॥ ४५ ॥ हिरणं मुबण्णं मणिमुक्तं, कंसं दसं च वाहणं । कोसं वडावः नाणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ ४६॥ एयमहूँ निमामित्ता, हेऊकारणचोदओ। नओ नभी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ ४७ ॥ सुवण्णरु पस्स उ पचया भवे, मिया हु केलाससमा असंखया । नरस्म लुद्धस्स न तहि किंचि, इच्छा हु आगागगमा Page #1065 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरक्षयणसुत्तं अणंतिया ॥ ४८ ॥ पुढवी साली जवा चेव, हिरण्णं पसुभिस्सह । पडिपुर्णं नाल मेगस्स, इइ विज्जा तवं चरे ॥ ४९ ॥ एयमहं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमिं रायरिसिं, देविंदो इणमब्बवी ॥ ५० ॥ अच्छेरयमब्भुदए, भोए चयि पत्थिवा । असंते कामे पत्थेसि, संकप्पेण विहम्मसि ॥ ५१ ॥ एयमहं निसामित्ता, हेऊकारणचोइओ । तओ नमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी ॥ ५२ ॥ सलं कामा विसं कामा, कामा आसीविसोवमा । कामे पत्थेमाणा, अकामा जंति दोग्गईं ॥ ५३ ॥ अहे वयइ कोहेणं, माणेणं अहमा गई। माया गईपडिग्घाओ, लोभाओ दुहओ भयं ॥ ५४ ॥ अवउज्झिऊण माहणरूवं, विउव्विऊण इंदत्तं । वंदइ अभिथुतो माहिं महुराहिं वग्गूहिं ॥ ५५ ॥ अहो ते निजिओ कोहो, अहो माणो पराजिओ । अहो ते निरक्किया माया, अहो लोभो वसीकओ ॥ ५६ ॥ अहो ते अज्जवं साहु, अहो ते साहु मद्दवं । अहो ते उत्तमा खंती, अहो ते मुत्ति उत्तमा ॥ ५७ ॥ इहं सि उत्तमो भंते !, पच्छा होहिसि उत्तमो । लोगुत्तमुत्तमं ठाणं, सिद्धिं गच्छसि नीरओ ॥ ५८ ॥ एवं अभित्थुणतो, रायरिसिं उत्तमाए सद्धाए । पयाहिणं करेंतो, पुणो पुणो वंदई सक्को ॥ ५९ ॥ तो वंदिऊण पाए, चक्कंकुसलक्खणे मुणिवरस्स । आगासेणुप्पइओ, ललियचवलकुंडलतिरीडी ॥ ६० ॥ नमी नमेइ अप्पाणं, सक्खं सक्केण चोइओ । चइऊण गेहं च वेदेही, सामण्णे पज्जुवट्ठिओ ॥ ६१ ॥ एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा । विणियति भोगेसु, जहा से नमी रायरिसि ॥ ६२ ॥ त्ति - बेमि ॥ इति नमपव्वज्जा नामं नवममज्झयणं समत्तं ॥ ९ ॥ ९९० अह दुमपत्तयं णामं दसममज्झयणं दुमपत्तए पंडुयए जहा, निवडइ राइगणाण अचए । एवं मणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमाय ॥ १ ॥ कुसग्गे जह ओसबिंदुए, थोवं चिट्ठइ लंबमाणए । एवं मणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २ ॥ इइ इत्तरियम्मि आउए जीवियए बहुपचवायए । विहुणाहि रयं पुरे कडं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३ ॥ दुलहे खलु माणुसे भवे, चिरकालेण वि सव्वपाणिणं । गाढा य विवाग कम्मुणो, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ४ ॥ पुढविक्कायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ५ ॥ आउकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संबसे । कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ६ ॥ उक्कायमइगओ, Page #1066 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १० चत्तवत्थुअग्गहणोवएसो] सुत्तागमे ९९१ उकोसं जीवो उ संवसे। कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ७ ॥ वाउकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ८॥ वणस्सइकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालमणंतदुरंतयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ९ ॥ बेइंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संबसे । कालं संखिज्जसन्नियं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १० ॥ तेइंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखिजसन्नियं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ११ ॥ चरिंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं संखिजसन्नियं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १२॥ पंचिंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । सत्तभवगहणे, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १३ ॥ देवे नेरइए य अइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । इक्केकभवगहणे, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १४ ॥ एवं भवसंसारे, संसरइ सुहासुहेहिं कम्महिं। जीवो पमायबहुलो, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १५ ॥ लण वि माणुसत्तणं, आरियत्तं पुणरवि दुलहं । बहवे दसुया मिलक्वुया, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १६ ॥ लद्रूण वि आरियत्तणं, अहीणपंचेंदियया हु दुल्लहा । विगलिंदियया हु दीसई, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १७ ॥ अहीणपंचंदियत्तं पि से लहे, उत्तमधम्मसुई हु दुल्लहा। कुतिथिनिसेवए जणे, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १८ ॥ लद्धण वि उत्तमं सुई, सद्दहणा पुणरावि दुलहा । मिच्छत्तनिसेवए जणे, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ १९ ॥ धम्म पि हु सद्दहंतया, दुल्लहया कारण फासया। इहकामगुणेहि मुच्छिया, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २० ॥ परिज़रइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते । से सोयबले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २१ ॥ परिजूरइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते । से चक्युबले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २२ ॥ परिजरइ ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते । से घाणवले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २३ ॥ परिजूद ते सरीरयं, केसा पंडुरया हवंति ते । से जिव्भवले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २४ ॥ परिज़रइ ते सरीरयं, केसा पंदुरया हवंति ते । से फासबले य हायई, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २५ ॥ परिजरद ते गरीरयं, केगा पंग्या हवनि ते । से सव्वबले य हायई, समयं गोयम : मा पमायए ॥ २६ ॥ अरई गई विसइया, आयंका विविहा फुसंति ते । विहइइ विद्धंसइ ते सरीरयं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २७ ॥ वोच्छिद सिणेहमप्पणो, कुमुयं सारदयं व पाणियं । से सवामणेहवजिए, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २८ ॥ चियाण धणं च भारियं, पव्वइओ हि सि अणगारियं । मा वंतं पुणो वि आविए, समयं गोयम ! मा पमायए. Page #1067 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९९२ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं ॥ २९ ॥ अवउज्झिय मित्तबंधवं, विउलं चेव धणोहसंचयं । मा तं बिइयं गवेसए, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३० ॥ न हु जिणे अज दिस्सई, बहुमए दिस्सइ मग्गदेसिए । संपइ नेयाउए पहे, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३१ ॥ अवसोहिय कंटगापहं, ओइण्णो सि पहं महालयं । गच्छसि मग्गं विसोहिया, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३२ ॥ अबले जह भारवाहए, मा मग्गे विसमेऽवगाहिया । पच्छा पच्छाणुतावए, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३३ ॥ तिण्णो हु सि अण्णवं महं, किं पुण चिट्ठसि तीरमागओ । अभितुर पारं गमित्तए, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३४ ॥ अकलेवरसेणिं उस्सिया, सिद्धिं गोयम ! लोयं गच्छसि । खेमं च सिवं अणुत्तरं, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३५ ॥ बुद्धे परिनिव्वुडे चरे, गामगए नगरे व संजए । संतीमग्गं च बूहए, समयं गोयम ! मा पमायए ॥ ३६ ॥ बुद्धस्स निसम्म भासियं, सुकहियमट्ठपओवसोहियं । रागं दोसं च छिंदिया, सिद्धिगई गए गोयमे ॥ ३७ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति दुमपत्तयं णामं दसममज्झयणं समत्तं ॥१०॥ अह बहुस्सुयपुजं णामं एगारसममज्झयणं . संजोगा विप्पमुक्कस्स, अणगारस्स भिक्खुणो । आयारं पाउकरिस्सामि, आणुपुवि सुणेह मे ॥ १॥ जे यावि होइ निविजे, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे । अभिक्खणं उल्लवई, अविणीए अबहुस्सुए ॥२॥ अह पंचहिं ठाणेहिं, जेहिं सिक्खा न लब्भई । थम्भा कोही पमाएँणं, रोगेणाऽलस्सएण य ॥ ३ ॥ अह अहिं ठाणेहिं, सिक्खासीले त्ति वुच्चई । अहस्सिरे सया दंते, न य मम्ममुदाहरे ॥ ४ ॥ नासीले न विसीले, न सिया अइलोलुएँ । अकोहणे सच्चरएँ, सिक्खासीले त्ति बुच्चई ॥ ५ ॥ अह चोद्दसहि ठाणेहिं, वट्टमाणे उ संजए । अविणीए वुच्चई सो उ, निव्वाणं च न गच्छई ॥ ६॥ अभिक्खणं कोही हवई, पबंधं च पकुव्वेई । मेत्तिजमाणो वमैई, सुयं लद्भूण मर्जेई ॥ ७ ॥ अवि पावपरिक्खेवी, अवि मित्तेसु कुप्पई । सुप्पियस्लावि मित्तस्स, रहे भासइ पावयं ॥ ८ ॥ पइण्णवाई दुहिले, थद्धे लुद्धे अणिग्गहै । असंविभागी अवियत्ते, अविणीए त्ति वुच्चई ॥ ९॥ अह पन्नरसहिं ठाणेहिं, सुविणीए त्ति वुच्चई । नीयावित्ती अचवेले, अमाई अकुऊहले ॥ १० ॥ अप्पं च अहिक्खिवई, पबंधं च न कुर्वई । मेत्तिज्जमाणो भयई, सुयं लद्धं न मर्जई ॥ ११ ॥ न य पावपरिक्खेवी, न य मित्तेसु कुप्पई । अप्पियस्सावि मित्तस्स, रहे कल्लाण भासई ॥ १२॥ Page #1068 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १२ ह. भि० बं० जण्णसालागमणं] सुत्तागमे ९९३ कलहडमरवजिए, बुद्धे अभिजाइए । हिरिमं पडिसंलीणे, सुविणीए त्ति बुच्चई ॥ १३ ॥ वसे गुरुकुले निच्चं, जोगवं उवहाणवं । पियंकरे पियंवाई, से सिक्खं लद्भुमरिहई ॥ १४ ॥ जहा संखंमि पयं, निहियं दुहओ वि विरायइ । एवं बहुस्सुए भिक्खू , धम्मो कित्ती तहा सुयं ॥ १५ ॥ जहा से कंबोयाणं, आइण्णे कंथए सिया । आसे जवेण पवरे, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ १६ ॥ जहाइण्णसमारूढे, सूरे दढपरक्कमे । उभओ नंदिघोसेणं, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ १७ ॥ जहा करेणुपरिकिण्णे, कुंजरे सढिहायणे । बलवंते अप्पडिहए, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ १८ ॥ जहा से तिक्खसिंगे, जायखंधे विरायई । वसहे जूहाहिवई, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ १९ ॥ जहा से तिक्खदाढे, उदग्गे दुप्पहंसए । सीहे मियाण पवरे, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २०॥ जहा से वासुदेवे, संखचक्कगयाघरे । अप्पडिहयवले जोहे, एवं हवइ बहुस्नुए ॥ २१ ॥ जहा से चाउरते, चक्कवट्टी महिडिए । चोद्दसरयणाहिवई, एवं हवड़ बहुस्सुए ॥ २२ ॥ जहा से सहस्सक्खे, वजपाणी पुरंदरे । सके देवाहिबई, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २३ ॥ जहा से तिमिरविद्धंसे, उचिटुंते दिवायरे । जलंते इव तेएण, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २४ ॥ जहा से उडुवई चंदे, नक्खत्तपरिवारिए । पडिपुण्णो पुण्णमासीए, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २५ ॥ जहा से सामाझ्याणं, कोटागारे सुरक्खिए । नाणाधनपद्धिपुण्णे, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २६ ॥ जहा सा दुमाण पवरा, जंबू नाम सुदंसणा । अणाढियस्स देवस्स, एवं हवइ बहुस्सए ॥ २५ ॥ जहा सा नईण पवरा, सलिला सागरंगमा। सीया नीलवंतपवहा, एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २८ ॥ जहा से नगाण पवरे, सुमहं मंदरे गिरी । नाणोसहिपजलिए, एवं हवद बहुस्मए ॥ २९ ॥ जहा से सयंभुरमणे, उदही अक्खओदए। नाणारयणपडिपुण्णे, एवं ह्वइ बहुस्सए ॥ ३० ॥ समुद्दगंभीरसमा दुरासया, अचकिया केणइ दुप्पहंसया । नुयस्स पुण्णा विउलस्स ताइणो, खवितु कम्मं गइमुत्तमं गया ॥ ३१ ॥ तम्हा नयमहिडिजा, उत्तमट्ठगवेसए। जेणापाणं परं चंब, सिद्धि संपाउणेजालि ॥ ३२ ॥ त्ति-ब्रेमि ॥ इति बहुस्सुयपुजं णामं एगारसममज्झयणं समत्तं ॥११॥ अह हरिएसिज्जं णाम दुवालसममज्झयणं सोवागकुलसंभूओ. गुणुत्तरधरो मुणी । हरिणगबलो नाम, आनि निम्न जि. दिओ ॥ १ ॥ इरिएमणभागाए, उगारसमिईन य । जओ आयानिवे, मंजी मुसमाहिओ ॥ २ ॥ मणगुत्तो वयगुत्तो, कायगुती जिदिओ । मिक्सट्टा भ Page #1069 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९९४ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं इज्जम्मि, जन्नवाडे उवढिओ ॥ ३ ॥ तं पासिऊणमेजंतं, तवेण परिसोसियं । पंतोवहिउवगरणं, उवहसंति अणारिया ॥ ४ ॥ जाइमयपडिथद्धा, हिंसगा अजिइंदिया । अबंभचारिणो बाला, इमं वयणमब्बवी ॥ ५॥ कयरे आगच्छइ दित्तरूवे, काले विकराले फोकनासे । ओमचेलए पंसुपिसायभूए, संकरदूसं परिहरिय कंठे ॥ ६ ॥ कयरे तुम इय अदंसणिजे ?, काए व आसा इहमागओ सि? । ओमचेलया पंसुपिसायभूया, गच्छक्खलाहि किमिहं ठिओ सि?॥ ७ ॥ जक्खे तहिं तिंदुयरुक्खवासी, अणुकंपओ तस्स महामुणिस्स । पच्छायइत्ता नियगं सरीरं, इमाई वयणाइमुदाहरित्था ॥ ८ ॥ समणो अहं संजओ बंभयारी, विरओ धणपयणपरिग्गहाओ । परप्पवित्तस्स उ भिक्खकाले, अन्नस्स अट्ठा इहमागओमि ॥ ९ ॥ वियरिजइ खज्जइ भुजई य, अन्नं पभूयं भवयाणमेयं । जाणाहि मे जायणजीविणुत्ति, सेसावसेसं लभऊ तवस्सी ॥ १० ॥ उवक्खडं भोयण माहणाणं, अत्तट्ठियं सिद्धमिहेगपक्खं । नऊ वयं एरिसमन्नपाणं, दाहामु तुज्झं किमिहं ठिओ सि ? ॥ ११॥ थलेसु बीयाइ ववंति कासगा, तहेव निन्नेसु य आससाए। एयाए सद्धाए दलाह मज्झं, आराहए पुण्णमिणं खु खित्तं ॥ १२ ॥ खेत्ताणि अम्हं विइयाणि लोए, जहिं पकिण्णा विरुहंति पुण्णा । जे माहणा जाइविजोववेया, ताई तु खेत्ताई सुपेसलाई ॥ १३ ॥ कोहो य माणो य वहो य जेसिं, मोसं अदत्तं च परिग्गहं च । ते माहणा जाइविज्जाविहूणा, ताई तु खेत्ताई सुपावयाइं ॥ १४ ॥ तुभेत्थ भो ! भारधरा गिराणं, अटुं न जाणेह अहिज्ज वेए। उच्चावयाई मुणिणो चरंति, ताई तु खेत्ताइं सुपेसलाई ॥ १५ ॥ अज्झावयाणं पडिकूलभासी, पभाससे किं नु सगासि अम्हं ? । अवि एयं विणस्सउ अन्नपाणं, न यणं दाहामु तुमं नियंठा ॥ १६ ॥ समिईहि मज्झं सुसमाहियस्स, गुत्तीहि गुत्तस्स जिइंदियस्स । जइ मे न दाहित्थ अहेसणिजं, किमज्ज जन्नाण लहित्थ लाह ॥ १७ ॥ के इत्थ खत्ता उवजोइया वा, अज्झावया वा सह खंडिएहिं । एयं खु दंडेण फलेण हता, कंठंमि घेत्तूण खलेज जो णं ॥ १८ ॥ अज्झावयाणं वयणं सुणेत्ता, उद्धाइया तत्थ बहू कुमारा। दंडेहिं वित्तेहिं कसेहिं चेव, समागया तं इसि तालयंति ॥ १९ ॥ रन्नो तहिं कोसलियस्स धूया, भद्दत्ति नामेण अणिंदियंगी । तं पासिया संजय हम्ममाणं, कुद्धे कुमारे परिनिव्ववेइ ॥ २० ॥ देवाभिओगेण निओइएणं, दिन्नामु रन्ना मणसा न झाया । नरिंददेविंदभिवंदिएणं, जेणामि वंता इसिणा स एसो ॥ २१ ॥ एसो हु सो उग्गतवो महप्पा, जिइंदिओ संजओ बंभयारी । जो मे तया नेच्छइ दिजमाणिं, पिउणा सयं कोसलिएण रन्ना ॥ २२ ॥ महाजसो एस महाणुभागो, घोरव्वओ घोरपरक्कमो य । मा एयं हीलेह Page #1070 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १२ बं० ह० जोइजोइठाणपुच्छा ] सुत्तागमे अहीलणिज, मा सव्वे तेएण भे निद्दहेजा ॥ २३ ॥ एयाइं तीसे वयणाइं सोचा, पत्तीइ भद्दाइ सुभासियाइं । इसिस्स वेयावडियट्ठयाए, जक्खा कुमारे विणिवारयति ॥ २४ ॥ ते घोररूवा ठिय अंतलिक्खे,ऽसुरा तहिं तं जण तालयंति । ते भिन्नदेहे रुहिरं वमंते, पासित्तु भद्दा इणमाहु भुजो ॥ २५॥ गिरि नहेहिं खणह, अयं दंतेहिं खायह । जायतेयं पाएहि हणह, जे भिक्खु अवमन्नह ॥ २६ ॥ आसीविसो उग्गतवो महेसी, घोरव्वओ घोरपरकमो य । अगणिं व पक्खंद पयंगसेणा, जे भिक्खुयं भत्तकाले बहेह ॥ २७ ॥ सीसेण एयं सरणं उवेह, समागया सव्वजणेण तुब्भे । जइ इच्छह जीवियं वा धणं वा, लोग पि एसो कुविओ डहेजा ॥ २८ ॥ अवहेडियपिट्ठिसउत्तमंगे, पसारिया वाहु अकम्मचिट्ठे । निब्भेरियच्छे रुहिरं वमंते, उटुंमुहे निग्गयजीहनेत्ते ॥ २९ ॥ ते पासिया खंडिय कहभूए, विमणो विखण्णो अह माहणो सो । इसिं पसाएइ सभारियाओ, हीलं च निंदं च खमाह भंते ! ॥ ३० ॥ बालेहिं मूढेहिं अयाणएहिं, जं हीलिया तस्स खमाह भंते ! । महप्पसाया इसिणो हवंति, न हु मुणी कोवपरा हवंति ॥ ३१ ॥ पुचि च इहि च अणागयं च, मणप्पओसो न मे अत्थि कोइ । जक्खा हु वेयावडियं करेंति, तम्हा हु एए निहया कुमारा ॥ ३२ ॥ अत्थं च धम्मं च वियाणमाणा, नुब्भे न वि कुप्पह भूइपन्ना । तुब्भं तु पाए सरणं उवेमो, समागया सव्वजणेण अम्हे ॥ ३३ ॥ अञ्चेमु ते महाभाग!, न ते किंचि न अचिमो । भुंजाहि मालिमं करं, नाणावंजणसंजुयं ॥ ३४ ॥ इमं च मे अत्थि पभूयमन्नं, तं भुंजस्, अम्ह अणुग्गहट्टा । बाढं ति पडिच्छइ भत्तपाणं, मासस्स ऊ पारणए महापा ॥ ३', ॥ नहियं गंधोदयपुप्फवासं, दिव्या तहिं वसुहारा य बुट्ठा । पहयाओ दुंदुहीओ मुरेहि, आगामे अहो दाणं च घुढे ॥ ३६ ॥ सकरवं ग्नु दीसद नवोविसेसो, न दीसई जाइविमेस कोई । सोवागपुत्तं हरिएससाहुं, जस्सेरिमा इहि महाणुभागा ॥ ३ ॥ किं माहणा! जोइसमारभंता, उदएण सोहि बहिया विमग्गहा ? । जं मग्गहा बाहि. रियं विमोहिं, न तं मुइलु कुसला वयंति ॥ ३८ ॥ कुसं च नृवं तणकटमरिंग, सायं च पायं उदगं फुसंता । पाणाइ भूयाइ विहेडयंता, भुजो वि मंदा! पकरेह पावं ॥ ३९ ॥ कहं चरे भिक्षु ! वयं जयामो, पाबाइ कम्माइ पणु-यामो । अक्वाहि णे संजय ! जक्खपूइया, कहं मुजटुं कुसला वयंति ॥ ४० ॥ जीवकाए असमारभंना, मोसं अदत्तं च असेवमाणा। परिग्गहं थिओ माणमायं, पर परिवार चरति दंता ॥४१॥ मुसंत्रुडा पंचर्हि संवरेहिं, इह जीवियं अणवलमाणा । बीगढ़काया सुइन्चत्तदेहा, महाजयं जयद जन्नसिढें ॥ ४२ ॥ के ते जोई के व ते जोइठाणे !, Page #1071 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९९६ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणतं का ते सुया किं च ते कारिसंगं ? । एहा य ते कयरा संति भिक्खू ?, कयरेण होमेण हुणास जोई ? ॥ ४३ ॥ तवो जोई जीवो जोइठाणं, जोगा सुया सरीरं कारिसंगं । कम्मेहा संजमजोगसंती, होमं हुणामि इसिणं पसत्थं ॥ ४४ ॥ के ते हरए के य ते संतितित्थे ?, कहिं सिणाओ व रयं जहासि ? । आइक्ख णे संजय ! जक्खपूइया, इच्छामो नाउं भवओ सगासे ॥ ४५ ॥ धम्मे हर बंभे संतितित्थे, अणाविले अत्तपसन्नलेसे । जहिं सिणाओ विमलो विसुद्धो, सुसीइओ पजहामि दोसं ॥ ४६ ॥ एयं सिणाणं कुसले हि दिहूं, महासिणाणं इसिणं पसत्थं । जहिं सिणाया विमला विसुद्धा, महारिसी उत्तमं ठाणं पत्ता ॥ ४७ ॥ ति- बेमि ॥ इति हरिए सिजं णामं दुवालसममज्झयणं समत्तं ॥ १२ ॥ अह चित्तसंभूइज्जणामं तेरहममज्झयणं z+OO+===== जाईपराजिओ खलु, कासि नियाणं तु हत्थिणपुरम्मि । चुलणीए बंभदत्तो, उववन्नो पउमगुम्माओ ॥ १ ॥ कंपिल्ले संभूओ, चित्तो पुण जाओ पुरिमतालम्मि । सेट्ठिकुलम्मि विसाले, धम्मं सोऊण पव्वइओ ॥ २ ॥ कंपिलम्मि य नयरे, समागया दो वि चित्तसंभूया | सुहदुक्ख फलविवागं, कहेंति ते एकमेक्स्स ॥ ३ ॥ चक्कवट्टी महिड्डीओ, बंभदत्तो महायसो । भायरं बहुमाणेणं, इमं वयणमब्बवी ॥ ४ ॥ आसिमो भायरा दो वि, अन्नमन्नवसाणुगा । अन्नमन्नमणूरत्ता, अन्नमन्नहिए सिणो ॥ ५ ॥ दासा . दसणे आसी, मिया कालिंजरे नगे । हंसा मयंगतीरे, सोवागा कासिभूमिए ॥ ६ ॥ देवा य देवलोगम्मि, आसि अम्हे महिड्डिया । इमा णो छट्टिया जाई, अन्नमन्त्रेण जा विणा ॥ ७ ॥ कम्मा नियाणपगडा, तुमे राय ! विचिंतिया । तेसिं फल विवागेण, विप्पओगमुवागया ॥ ८ ॥ सच्च सोयप्पगडा, कम्मा भए पुरा कडा । ते अज्ज परिभुंजामो, किं नु चित्ते वि से तहा ? ॥ ९ ॥ सव्वं सुचिण्णं सफलं नराणं, कडाण कम्माण न मोक्ख अत्थि । अत्थेहि कामेहि य उत्तमेहिं आया ममं पुण्णफलोववेए ॥ १० ॥ जाणासि संभूय ! महाणुभागं, महिड्डियं पुण्णफलोववेयं । चित्तं पि जाणाहि तहेव रायं !, इड्डी जुई तस्स वि य प्पभूया ॥ ११ ॥ महत्थरूवा वयणsप्पभूया, गाहाणुगीया नरसंघमज्झे । जं भिक्खुणो सीलगुणोववेया, इह जयंते समणोमि जाओ ॥ १२ ॥ उच्चोयए महु कक्के य बंभे, पवेइया आवसहा य रम्मा । इमं हिं चित्त ! धणप्पभूयं, पसाहि पंचालगुणोववेयं ॥ १३ ॥ नेहि गीएहि य वाइएहिं, नारीजणाई परिवारयंतो । भुंजाहि भोगाइ इमाइ भिक्खू !, मम रोयई पव्वज्जा हु Page #1072 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १३ बंभदत्तणरयगमणं ] सुत्तागमे ९९७ दुक्खं ॥ १४ ॥ तं पुव्वनेहेण कयाणुरागं, नराहिवं कामगुणेसु गिद्धं । धम्म स्सिओ तस्स हियाणुपेही, चित्तो इमं वयणमुदाहरित्था ॥ १५ ॥ सव्वं विलवियं गीयं, सव्वं न विडंबियं । सव्वे आभरणा भारा, सव्वे कामा दुहावहा ॥ १६ ॥ बालाभिरामेसु दुहावहेसु, न तं सुहं कामगुणेसु रायं ! । विरत्तकामाण तवोधणाणं, भिक्खुणं सीलगुणे रयाणं ॥ १७ ॥ नरिंद ! जाई अहमा नराणं, सोवागजाई दुहओ गयाणं । जहिं वयं सव्वजणस्स वेस्सा, वसीअ सोवागनिवेसणेसु ॥ १८ ॥ तीसे य जाईइ उ पावियाए, वुच्छामु सोवागनिवेसणेसु । सव्वस्स लोगस्स दुगंछणिज्जा, इहं तु कम्माई पुरे कडाई ॥ १९ ॥ सो दाणिसिं राय ! महाणुभागो, महिडिओ पुण्णफलोववेओ । चइत्तु भोगाई असासयाई, आदाणहेउं अभिणिक्खमाहि ॥ २० ॥ इह जीविए राय ! असासयम्मि, धणियं तु पुण्णाई अकुव्वमाणो । से सो महोवणी, धम्मं अकाऊण परंमि लोए ॥ २१ ॥ जहेह सीहो व मियं हाय, मच्छू नरं नेइ हु अंतकाले । न तस्स माया व पिया व भाया, कालम्मि तम्मंसहरा भवंति ॥ २२ ॥ न तस्स दुक्खं विभयंति नाइओ, न मित्तत्रग्गा न सुयान बंधवा । एक्को सयं पञ्चणुहोइ दुक्खं, कत्तारमेव अणुजाइ कम्मं ॥ २३ ॥ चिचादुपयं च चउप्पयं च, खेत्तं सिंहं श्रणधनं च सव्वं । सकम्मबीओ अवसो पयाइ, परं भवं सुंदर पावगं वा ॥ २४ ॥ तं एक्कगं तुच्छसरीरगं से, चिईंगयं दहिय उ पावगेणं । भज्जा य पुत्तो वि य नायओ वा, दायारमन्नं अणुसंकर्मति ॥ २५ ॥ उवणिज्जई जीवियमप्पमायं, वण्णं जरा हरइ नरस्स रायं ! | पंचालराया ! वयणं सुणाहि मा कासि कम्माई महालयाई || २६ || अहं पि जाणामि जहेह साहू, मे तुमं साहसिकमेयं । भोगा इमे संगकरा हवंति, जे दुज्जया अज ! अम्हारिसेहि ॥ २७ ॥ हथिणपुरम्मि चित्ता !, दहूणं नरवई महिदियं । कामभोगेस गिद्रेणं, नियामहं कई ॥ २८ ॥ तस्स मे अपडिकंतरस, इमं एयारिसं फलं । जाणमाणो वि जं श्रम्मं, कामभोगेस मुच्छिओ ॥ २९ ॥ नागो जहा पंकजलावरानो, दई थ नाभिसमेइ तीरं । एवं वयं कामगुणेस गिट्टा, न भिक्खुणी मग्गसव्वामी ॥ ३० ॥ अचेर कालो तुरंत राइओ, न यावि भोगा परिमाण निया । उवि भोगा पुरिसं चयंति, दुमं जहा खीणफलं व पक्खी ॥ ३१ ॥ जइ तंसि भोगे च असतो, अजाई कम्माई करेहि रायं । धम्मेदिओ सव्वपाणुकंपी, तो होहित देव ओ विव ॥ ३२ ॥ न तुज्न भोगे चढऊण बुद्धी, गिल्लो सि आरंभपरिग्गोस । मोह ओ तिर पिलावो, गच्छामि राय ! आमंतिओ सि ॥ ३३ ॥ पंचाळया वि य भदत्तो, साहुस्स तस वयणं अकाएं। अणुनरे भुंजिय कामभोगे, अणुत्तरे Page #1073 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं सो नरए पविट्ठो ॥ ३४ ॥ चित्तो वि कामेहि विरत्तकामो, उदग्गचारित्ततवो महेसी । अणुत्तरं संजम पालइत्ता, अणुत्तरं सिद्धिगई गओ ॥ ३५॥ त्ति-बेमि ॥ इति चित्तसंभूइजणामं तेरहममज्झयणं समत्तं ॥ १३॥ अह उसुयारिज णाम चउद्दसममज्झयणं देवा भवित्ताण पुरे भवम्मि, केई चुया एगविमाणवासी । पुरे पुराणे उसुयारनामे, खाए समिद्धे सुरलोगरम्मे ॥ १॥ सकम्मसेसेण पुराकएणं, कुलेसु दग्गेसु य ते पसूया। निविण्णसंसारभया जहाय, जिणिंदमग्गं सरणं पवन्ना ॥ २ ॥ पुमत्तमागम्म कुमार दो वी, पुरोहिओ तस्स जसा य पत्ती । विसालकित्ती य तहेसुयारो, रायत्थ देवी कमलावई य ॥ ३ ॥ जाईजरामचुभयाभिभूया, बहिं विहाराभिनिविट्ठचित्ता । संसारचक्कस्स विमोक्खणट्ठा, दळूण ते कामगुणे विरत्ता ॥ ४ ॥ पियपुत्तगा दोन्नि वि माहणस्स, सकम्मसीलस्स पुरोहियस्स । सरित्तु पोराणिय तत्थ जाई, तहा सुचिण्णं तवसंजमं च ॥ ५॥ ते कामभोगेसु असजमाणा, माणुस्सएसुं जे यावि दिव्वा । मोक्खाभिकंखी अभिजायसड्डा, तायं उवागम्म इमं उदाहु ॥ ६ ॥ असासयं दट्ट इमं विहारं, बहुअंतरायं न य दीहमाउं । तम्हा गिहंसि न रई लभामो, आमंतयामो चरिस्सामु मोणं ॥ ७ ॥ अह तायगो तत्थ मुणीण तेसिं, तवस्स वाघायकरं वयासी । इमं वयं वेयविओ वयंति, जहा न होई असुयाण लोगो ॥ ८॥ अहिज वेए परिविस्स विप्पे, पुत्ते परिठ्ठप्प गिहंसि जाया ! । भोच्चाण भोए सह इत्थियाहिं, आरण्णगा होह मुणी पसत्था ॥ ९॥ सोयरिंगणा आयगुणिंधणेणं, मोहाणिला पजलणाहिएणं । संतत्तभावं परितप्पमाणं, लालप्पमाणं बहुहा बहुंच ॥१०॥ पुरोहियं तं कमसोऽणुणंतं, निमंतयंतं च सुए धणेणं । जहक्कम कामगुणेहि चेव, कुमारगा ते पसमिक्ख वकं ॥ ११॥ या अहीया न भवंति ताणं, भुत्ता दिया निति तमं तमेणं । जाया य पुत्ता न हवंति ताणं, को णाम ते अणुमन्नेज एयं ॥१२॥ खणमित्तसुक्खा बहुकालदुक्खा, पगामदुक्खा अणिगामसुक्खा। संसारमोक्खस्स विपक्खभूया, खाणी अणत्थाण उ कामभोगा ॥ १३ ॥ परिव्वयंते अणियत्तकामे, अहो य राओ परितप्पमाणे । अन्नप्पमत्ते धणमेसमाणे, पप्पोति मधु पुरिसे जरं च ॥ १४ ॥ इमं च मे अत्थि इमं च नत्थि, इमं च मे किच्च इमं अकिञ्चं । तं एवमेवं लालप्पमाणं, हरा हरंति त्ति कहं पमाओ ॥ १५ ॥ धणं पभूयं सह इत्थियाहिं, सयणा तहा कामगुणा पगामा । तवं कए तप्पइ जस्स लोगो, तं सव्व Page #1074 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १४ कमलावईए रायपडिबोहो ] सुत्तागमे साहीणमिव तुब्भं ॥ १६ ॥ धणेण किं धम्मधुराहिगारे, सयणेण वा कामगुणेहिं चेव । समणा भविस्सामु गुणोहधारी, वहिंविहारा अभिगम्म भिक्खं ॥ १७ ॥ जहा य अग्गी अरणी असंतो, खीरे घयं तेलमहातिलेसु । एमेव जाया सरीरंसि सत्ता, संमुच्छई नासइ नावचिट्ठे ॥ १८ ॥ नो इंदियग्गेज्झ अमुत्तभावा, अमुत्तभावा विय होइ निच्च । अज्झत्थहेउं निययस्स बंधो, संसारहेउं च वयंति बंध ॥ १९ ॥ जहा वयं धम्ममजाणमाणा, पावं पुरा कम्ममकासि मोहा। ओरब्भमाणा परिरक्खयंता, तं नेव भुज्जो वि समायरामो ॥ २० ॥ अव्भाहयम्मि लोगम्मि, Roas परिवार | अमोहाहिं पडतीहिं, गिहंसि न रई लभे ॥ २१ ॥ केण अब्भाहओ लोगो ?, केण वा परिवारिओ ? । का वा अमोहा वृत्ता ?, जाया चिंतावरो हुमे ॥ २२ ॥ मचुणाऽब्भाहओ लोगो, जराए परिवारिओ । अमोहा रयणी कुत्ता, एवं ताय विजाणह ॥ २३ ॥ जा जा वच्चइ रयणी, न सा पडिनियत्त । अहम्मं कुणमाणस्स, अफला जंति राइओ ॥ २४ ॥ जा जा वच्चइ रयणी, नसा पडिनियत्तई । धम्मं च कुणमाणस्स, सफला जंति राइओ ॥ २५ ॥ एगओ संवसित्ताणं, दुहओ सम्मत्तसंजुया । पच्छा जाया ! गमिस्सामो, भिक्खमाणा कुले कुले ॥ २६ ॥ जस्सत्थि मन्त्रणा सक्खं, जस्स वsत्थि पलायणं । जो जाणे न मरिस्सामि, सो हु कंखे मुए सिया ॥ २७ ॥ अज्जेव धम्मं पडिवज्जयामो, जहि पवन्ना न पुणब्भवामो | अणागयं नेव य अस्थि किंची, सद्धाखमं णे विणइत्तु रागं ॥ २८ ॥ पहीणपुत्तस्स हु नत्थि वासो, वासिद्धि ! भिक्खायरियाइ कालो । साहाहि रुक्खो लहई समाहिं, छिन्नाहि साहाहि तमेव खाणुं ॥ २९ ॥ पंखाविहूणोव्व जहेब पक्खी, भिच्चव्विहूणोव्व रणे नरिंदो । विवन्नसारो वणिओव्व पोए, पहीणपुतोमि तहा अहं पि ॥ ३० ॥ सुसंभिया कामगुणा इमे ते, संपिंडिया अग्गरसप्पभूया । भुंजामु ता कामगुणे पगामं, पच्छा गमिस्सामु पहाणमगं ॥ ३१ ॥ भुता रसा भो ! जहा णे वओ, न जीविया पजहामि भोए । लाभं अलाभं च मुहं न दुक्खं, संचिक्खमाणो चरिस्सामि मोणं ॥ ३२ ॥ मा हू तुमं सोयरियाण संभरे, जुण्णो व हंसो पडसोत्तगामी । भुंजाहि भोगाइ भए समाणं, दुक्खं खु भिक्खायरियाविहारो ॥ ३३ ॥ जहा य भोई तणुयं भुयंगो, निम्मोयणि हिच पलेइ मुक्तो । एमेए जाया पयर्हति भोए, ते हं कहं नाणुगमिस्समेको ? ॥ ३४ ॥ छिंदितु जालं अबलं व रोहिया, मच्छा जहा कामगुणे पहाय । धोरेयसीला तवसा उदारा, धीरा हु भिक्वायरियं चरति ॥ ३५ ॥ नत्र कुंचा समइकमंता, तयाणि जालाणि दलितु हंसा । पर्लिति पुता य पई य मज्जं, ते हं कहं नानुगमिस्समेक्का ! ॥ ३६ ॥ पुरोहियं तं समुयं सदार, ९९९ Page #1075 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००० सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं सोचाऽभिनिक्खम्म पहाय भोए । कुटुंबसारं विउलुत्तमं च, रायं अभिक्खं समुवाय देवी ॥ ३७ ॥ वंतासी पुरिसो रायं !, न सो होइ पसंसिओ । माहणेण परिच्चत्तं, धणं आदाउमिच्छसि ॥ ३८ ॥ सव्वं जगं जइ तुहं, सव्वं वावि धणं भवे । सव्वं पि ते अपजत्तं, नेव ताणाय तं तव ॥ ३९ ॥ मरिहिसि रायं! जया तया वा, मणोरमे कामगुणे पहाय । एको हु धम्मो नरदेव ! ताणं, न विजई अन्नमिहेह किंचि ॥ ४० ॥ नाहं रमे पक्खिणि पंजरे वा, संताणछिन्ना चरिस्सामि मोणं । अकिंचणा उजुकडा निरामिसा, परिग्गहारंभनियत्तदोसा ॥ ४१ ॥ दवग्गिणा जहा रण्णे, डज्झमाणेसु जंतुसु । अन्ने सत्ता पमोयंति, रागद्दोसवसं गया ॥ ४२ ॥ एवमेव वयं मूढा, कामभोगेसु मुच्छिया। डज्झमाणं न बुज्झामो, रागद्दोसग्गिणा जगं ॥४३॥ भोगे भोच्चा वमित्ता य, लहुभूयविहारिणो । आमोयमाणा गच्छंति, दिया कामकमा इव ॥ ४४ ॥ इमे य बद्धा फंदंति, मम हत्थऽजमागया। वयं च सत्ता कामेसु, भविस्सामो जहा इमे ॥ ४५ ॥ सामिसं कुललं दिस्स, बज्झमाणं निरामिसं । आमिसं सव्वमुज्झित्ता, विहरिस्सामि निरामिसा ॥ ४६ ॥ गिद्धोवमा उ नच्चाणं, कामे संसारवड्डणे । उरगो सुवण्णपासेव्व, संकमाणो तणुं चरे ॥ ४७ ॥ नागोव्व बंधणं छित्ता, अप्पणो वसहिं वए । एयं पत्थं महारायं, उस्सुयारित्ति मे सुयं ॥४८॥ चइत्ता विउलं रजं, कामभोगे य दुच्चए । निव्विसया निरामिसा, निन्नेहा निप्परिग्गहा ॥ ४९ ॥ सम्मं धम्मं वियाणित्ता, चिच्चा कामगुणे वरे । तवं पगिज्झहक्खायं, घोरं घोरपरकमा ॥५०॥ एवं ते कमसो बुद्धा, सव्वे धम्मपरायणा । जम्ममच्चुभउबिग्गा, दुक्खस्संतगवेसिणो ॥ ५१ ॥ सासणे विगयमोहाणं, पुचि भावणभाविया । अचिरेणेव कालेण, दुक्खस्संतमुवागया ॥ ५२ ॥ राया सह देवीए, माहणो य पुरोहिओ । माहणी दारगा चेव, सव्वे ते परिनिव्वुडा ॥ ५३॥ ति-बेमि ॥ इति उसुयारिजं णामं चउद्दसममज्झयणं समत्तं ॥ १४ ॥ - अह सभिक्खू णामं पण्णरसममज्झयणं Recococcoor मोणं चरिस्सामि समिञ्च धम्मं, सहिए उन्जुकडे नियाणछिन्ने । संथवं जहिज्ज अकामकामे, अन्नायएसी परिव्वए स भिक्खू ॥१॥राओवरयं चरेज लाढे, विरए वेयवियायरक्खिए । पन्ने अभिभूय सव्वदंसी, जे कम्हि वि न मुच्छिए स भिक्खू ॥ २ ॥ अक्कोसवहं विइत्तु धीरे, मुणी चरे लाढे निच्चमायगुत्ते । अव्वग्गमणे असं १ वेयं-णेयं (ज्ञेयं) जाणइ सो। २ समपासी । Page #1076 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १६ दसबंभचेरसमाहिठाणा] सुत्तागमे पहिहे, जे कसिणं अहियासए स भिक्खू ॥ ३ ॥ पंतं सयणासणं भइत्ता, सीउण्हं विविहं च दंसमसगं । अव्वग्गमणे असंपहिढे, जे कसिणं अहियासए स भिक्खू ॥ ४ ॥ नो सक्कइमिच्छई न पूर्य, नो वि य बंदणगं कुओ पसंसं । से संजए सुव्वए तवस्सी, सहिए आयगवेसए स भिक्खू ॥ ५ ॥ जेण पुण जहाइ जीवियं, मोहं वा कसिणं नियच्छई । नरनारिं पजहे सया तवस्सी, न य कोऊहलं उवेइ स भिक्खू ॥६॥ छिन्नं सरं भोमं अंतलिक्खं, सुमिणं लक्खणदंडवत्थुविजं । अंगवियारं सरस्स विजयं, जे विजाहिं न जीवइ स भिक्खू ॥ ७ ॥ मंतं मूलं विविहं वेजचिंतं, वमणविरेयणधूमणेत्तसिणाणं । आउरे सरणं तिगिच्छियं च, तं परिन्नाय परिव्वए स भिक्खू ॥ ८ ॥ खत्तियगणउग्गरायपुत्ता, माहण भोइय विविहा य सिपिणो । नो तेसिं वयइ सिलोगपूर्य, तं परिन्नाय परिव्वए स भिक्खू ॥ ९ ॥ गिहिणो जे पव्वइएण दिट्ठा, अप्पव्वइएण व संथुया हविज्जा । तेसिं इहलोइयफलट्ठा, जो संथवं न करेइ स भिक्खू ॥ १० ॥ सयणासणपाणभोयणं, विविहं खाइमं साइमं परेसिं । अदए पडिसेहिए नियंठे, जे तत्थ न परस्सई स भिवखू ॥ ११॥ जं किंचि आहारपाणगं, विविहं खाइमं साइमं परेसिं लर्छ । जो तं तिविहेण नाणुकंपे, मणवयकायमुसंबुडे स भिक्ख ॥ १२ ॥ आयामगं चेव जवोदणं च, सीयं सोवीरजबोदगं च । नो हीलए पिंडं नीरसं तुः, पंतकुलाई परिव्वए स भिक्रत ॥ १३ ॥ सदा विविहा भवंति लोए, दिव्या माणुस्सगा तिरिच्छा । भीमा भयभरवा उराला, जो सोचा न विहि नई स भिक्खू ॥ १४ ॥ वायं विविहं समिन लोए, सहिए खेयाणुगए य कोवियप्पा । पन्ने अभिभूय सव्वदंसी, उवसंते अविहेडाए म भिवग्बू ॥ १ ॥ असिप्पजीवी अगिहे अमित्ते, जिइंदिए सव्वओं विष्पमुक । अणुकगाई लहुअप्पभक्खी, चिचा गिह एगचरे स भिस्व ॥ १६॥ ति-वमि ॥ इति समिक्त्र णामं पण्णरसममज्झयणं समत्तं ॥ १५॥ अह बंभचेरसमाहिठाणा णामं सोलसममज्झयणं मयं में आइसं ! तणं भगवथा एवमस्खायं । इह खट थेरेहिं भगवंतात दस बंभरगमाहिठाणा पन्नत्ता, जे भिकन गोगा निसम्म संत्रमबहुल मंचर वाले 1 न स भिक्खुत्ति सेगो, अहवा नाणुकंपे ना+अणुकंधे "ना" गारिकों गिहत्यगिहुवल विमुद्धाहारादणा बालबुद्धगिलाणसंजयाणमयरिमणुक.पं का नया वथं करेइति । २ मिनगनुवनिए रागदोगरहिए ति अहो । Page #1077 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिदिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेज्जा । कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पन्नत्ता, जे भिक्खू सोच्चा निसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिदिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पन्नत्ता, जे भिक्खू सोचा निसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिदिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेज्जा । तंजहा-विवित्ताई सयणासणाइं सेवित्ता हवइ से निग्गंथे । नो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्ता हवइ से निग्गंथे । तं कहमिति चे। आयरियाह । निग्गंथस्स खलु इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पजिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ [वा] धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा नो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्ता हवइ से निग्गंथे ॥ १ ॥ नो इत्थीणं कहं कहित्ता हवइ से निग्गंथे । तं कहमिति चे। आयरियाह । निग्गंथस्स खलु इत्थीणं कहं कहेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पजिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेज्जा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेजा। तम्हा [खलु] नो इत्थीणं कहं कहेजा ॥ २॥ नो इत्थीणं सद्धिं सन्निसेज्जागए विहरित्ता हवइ से निग्गंथे । तं कहमिति चे । आयरियाह। निग्गंथस्स खलु इत्थीहिं सद्धिं सन्निसेज्जागयस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पजिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेजा । तम्हा खलु नो निग्गंथे इत्थीहिं सद्धिं सन्निसेजागए विहरेजा ॥ ३ ॥ नो इत्थीणं इंदियाइं मणोहराई मणोरमाई आलोइत्ता निज्झाइत्ता हवइ से निग्गंथे । तं कहमिति चे । आयरियाह । निग्गंथस्स खलु इत्थीणं इंदियाइं मणोहराई मणोरमाइं आलोएमाणस्स निज्झायमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पजिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेजा। तम्हा खलु नो निग्गंथे इत्थीणं इंदियाई मणोहराई मणोरमाई आलोएज्जा निज्झाएज्जा ॥ ४ ॥ नो इत्थीणं कुटुंतरंसि वा दूसंतरंसि वा भित्तंतरंसि वा कूइयसई वा रुइयसई वा गीयसई वा हसियसई वा थणियसई वा कंदियसई वा विलवियसई वा सुणेत्ता हवइ से निग्गंथे । तं कह मिति चे । आयरियाह । निग्गंथस्स खलु इत्थीणं कुटुंतरंसि वा दूसंतरंसि वा भित्तंतरंसि वा Page #1078 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १६ दसमबं० स० ठाणवण्णणं ] सुत्तागमे । इयसद्दं वा रुसद्दं वा गीयसद्दं वा हसियसद्दं वा थणियसद्दं वा कंदियस वा विलविय सद्दं वा सुणेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुपज्जिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउ णिज्जा, दीहकालियं वा रोगार्थकं हवेज्जा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा खलु नो निग्गंथे इत्थीणं कुटुंतरंसि वा दूसंतरंसि वा भित्तंतरंसि वा कूइयसद्दं वा रुइयसद्दं वा गीयसद्दं वा हसियसद्दं वा थणियसद्दं वा कंदियसद्दं वा विलवियसद्दं वा सुणेमाणे विहरेजा ॥ ५ ॥ नो इत्थीणं पुव्वरयं पुव्वकीलियं अणुसरित्ता हवाइ से निग्गंथे । तं कहमिति चे । आयरियाह । निग्गंथस्स खलु इत्थीणं पुव्वरयं पुव्वकीलियं अणुसरमाणस्स वंभया - रिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायकं हवेज्जा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा खलु नो निग्गंथे इत्थीणं पुव्वरयं पुव्त्रकीलियं अणुसरेज्जा ॥ ६ ॥ नो पणीयं आहारं आहा रित्ता हवइ से निग्गंथे । तं कहमिति चे । आयरियाह । निग्गंथस्स खलु पणीयं आहारं आहारेमाणस्स बंभयारिस्स वंभचेरे संका वा कंखा वा विइगच्छा वा समुपजिजा, भेदं वा लभेज्जा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायकं हवेज्जा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा खलु नो निग्गंथे पणीयं आहारं आहारेजा ॥ ७ ॥ नो अइमायाए पाणभोयणं आहारेत्ता हवइ से निग्गंथे । तं कह मिति चे । आयरियाह । निग्गंथस्स खलु अइमायाए पाणभोयणं आहारेमाणस्स भयारिस्स वंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुपजज्जा, भेदं वा लभेज्जा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा खलु नो निग्गंथे अइमायाए पाणभोयणं आहा रेजा ॥ ८ ॥ नो विभूसाणुवाई हवड़ से निग्गंथे । तं कहमिति चे । आयरियाह । विभूसावत्तिए विभूसियसरीरे इत्थिजणस्स अभिलमणिजे हवइ । तओ णं इत्थिजणेणं अभिलसिजमाणस्स भयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विगच्छा वा समुप्पजिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालिये वा रोगायक हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा खलु नो निग्गंथे विभूसाणुबाई हजा ॥ ९ ॥ नो सरूवर सफासावाई हवर से निग्गंथे । तं कट्टमिति चे । आयरियाह । निथस खलु सवरसगंधफासावाइस्स भयारिस्स वंभचेरे संका वा कला वा विगच्छा वा समुपजिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउपिज्जा, वीहकालियं वा रोगायकं वेज्जा, कंवलिपन्नताओ धम्माओ भंसेजा । तम्हा सल नो 'मद्दस्वरसगंधफासाणुवाई भवेजा से निग्गंथे । दसमे बंभचेरसमाहिठाणे हवः ॥ १० ॥ १००३ Page #1079 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं हवंति इत्थ सिलोगा। तंजहा-जं विवित्तमणाइण्णं, रहियं इत्थिजणेण य । बंभचेरस्स रक्खट्ठा, आलयं तु निसेवए ॥ १॥ मणपल्हायजणणी, कामरागविवड्डणी । बंभचेररओ भिक्खू, थीकहं तु विवजए ॥ २॥ समं च संथवं थीहिं, संकहं च अभिक्खणं । बंभचेररओ भिक्खू , निच्चसो परिवजए ॥ ३ ॥ अंगपञ्चंगसंठाणं, चारुल्लवियपेहियं । बंभचेररओ थीणं, चक्खुगिज्झं विवज्जए ॥ ४ ॥ कूइयं रुइयं गीयं, हसियं थणियकंदियं । बंभचेररओ थीणं, सोयगिज्झं विवज्जए ॥ ५॥ हासं किडं रइं दप्पं, सहसावित्तासियाणि य । बंभचेररओ थीणं, नाणुचिंते कयाइ वि ॥ ६ ॥ पणीयं भत्तपाणं तु, खिप्पं मयविवड्डणं । बंभचेररओ भिक्खू , निच्चसो परिवजए ॥ ७ ॥ धम्मलद्धं मियं काले, जत्तत्थं पणिहाणवं । नाइमत्तं तु भुंजेज्जा, बंभचेररओ सया ॥ ८॥ विभूसं परिवजेजा, सरीरपरिमंडणं । बंभचेररओ भिक्खू , सिंगारत्थं न धारए ॥ ९॥ सद्दे स्वे य गंधे य, रसे फासे तहेव य। पंचविहे कामगुणे, निच्चसो परिवजए ॥ १० ॥ आलओ थीजणाइण्णो, थीकहा य मणोरमा। संथवो चेव नारीणं, तासिं इंदियदरिसणं ॥ ११ ॥ कूइयं रुइयं गीय, हासभुत्ताऽs. सियाणि य । पणीयं भत्तपाणं च, अइमायं पाणभोर्यणं ॥ १२ ॥ गत्तभूसणेमिटुं च, कामभोगा य दुजयाँ । नरस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा ॥ १३ ॥ दुज्जए कामभोगे य, निच्चसो परिवज्जए। संकट्ठाणाणि सव्वाणि, वजेज्जा पणिहाणवं ॥१४॥ धम्माराम चरे भिक्खू, धिइमं धम्मसारही । धम्मारामे रए दंते, बंभचेरसमाहिए ॥ १५॥ देवदाणवगंधव्वा, जक्खरक्खसकिन्नरा । बंभयारिं नमसंति, दुकरं जे करंति तं ॥ १६॥ एस धम्मे धुवे निच्चे, सासए जिणदेसिए । सिद्धा सिझंति चाणेण, सिज्झिस्संति तहावरे॥१७॥ त्ति-बेमि ॥ इति बंभचेरसमाहिठाणा णाम सोलसममज्झयणं समत्तं ॥१६॥ अह पावसमणिजं णाम सत्तरसममज्झयणं जे केइ उ पव्वइए नियंठे, धम्म सुणित्ता विणओववन्ने । सुदुल्लहं लहिउं बोहिलाभ, विहरेज पच्छा य जहासुहं तु ॥ १॥ सेज्जा दढा पाउरणमि अत्थि, उप्पजई भोत्तु तहेव पाउं । जाणामि जं वइ आउसुत्ति, किं नाम काहामि सुएण भंते ! ॥२॥ जे केई उ पव्वइए, निद्दासीले पगामसो । भुच्चा पिच्चा सुहं सुवई, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ३ ॥ आयरियउवज्झाएहिं, सुयं विणयं च गाहिए। ते चैव खिंसई बाले, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ ४ ॥ आयरियउवज्झायाणं, सम्मं न पडितप्पई । Page #1080 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० १८ रायहयमियमुणिदसणं] सुत्तागमे १००५ अप्पडिपूयए थद्धे, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ५॥ सम्मइमाणे पाणाणि, बीयाणि हरियाणि य । असंजए संजयमन्नमाणे, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ६ ॥ संथारं फलगं पीढं, निसेजं पायकवलं । अपमजियमारुहई, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ ७ ॥ दवदवस चरई, पमत्ते य अभिक्खणं । उल्लंघणे य चंडे य, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ८ ॥ पडिलेहेइ पमत्ते, अवउज्झइ पायकंवलं । पडिलेहा अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुचई ॥ ९ ॥ पडिलेहेइ पमत्ते, से किंचि हु निसामिया। गुरुपरिभावए निचं, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ १० ॥ बहुमाई पमुहरी, थद्धे लुद्धे अणिग्गहे । असंविभागी अवियत्ते, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ ११ ॥ विवादं च उदीरेइ, अहम्मे अत्तपन्नहा । बुग्गहे कलहे रत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १२॥ अथिरासणे कुकुइए, जत्थ तत्थ निसीयई। आसणम्मि अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १३ ॥ ससरक्खपाए सुबई, सेजं न पडिलेहई । संथारए अणाउत्ते, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १४ ॥ दुद्धदही विगईओ, आहारेइ अभिक्खणं । अरए य तबोकम्मे, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ १५ ॥ अत्तम्मि य सूरम्मि, आहारेइ अभिक्खणं । चोइओ पडिचोएइ, पावसमणे त्ति वुच्चई ॥ १६॥ आयरियपरिच्चाई, परपासंडसेवए । गाणंगणिए दुब्भूए, पावसमणे त्ति बुम्बई ॥१७॥ सयं गेहं परिच्चज, परगेहंसि वावरे । निमित्तेण य ववहरई, पावसमणे त्ति बुबई ॥ १८ ॥ सन्नाइपिंडं जेमेइ, नेच्छइ सामुदाणियं । गिहिनिसेजं च वाहेइ, पावसमणे त्ति बुच्चई ॥ १९ ॥ एयारिसे पंचकुसीलसंवुडे, रूबंधरे मुणिपवराण हेहिमे । अयंसि लोए विसमेव गरहिए, न से इहं नेव परत्थ लोए ॥ २० ॥ जे बजए एए सया र दोसे, से मुव्वए होइ मुणीण मज्झे । अयंसि लोए अमयं व पूढए, आराहए लोगमिणं तहा परं ॥ २१ ॥ ति-बेमि ॥ इति पावसमणिशं णाम सत्तरसममज्झयणं समत्तं ॥ १७ ॥ अह संजइजणामं अट्ठारसममज्झयणं कंपिल्ले नयरे राया, उदिण्णबलवाहणे । नामेणं संजए नाम, मिगव्वं उणिगए ॥ १ ॥ हयाणीए गयाणीए, रहाणीए नहेब य । पायत्ताणीए महया, गया परिवारिए ॥ २॥ मिए छुहित्ता हयगओ, कंपिहजाणकेगरे। भीए संने मिए नत्य, बहेद रसमुच्छिए ॥ ३ ॥ अह कंगम्मि उजाणे, अणगारे नवोधणे । गायज्झाणसंजुत्ते, धम्मसाणं झियायद॥४॥ अ.फोवमंडमि, आयद विभाग। तस्सागए मिगे पासं, वहेइ से नराहिये ॥ ॥ अह आसगओ राया, सिमागम्म Page #1081 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००६ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं सोहं । ए मिए उपासित्ता, अणगारं तत्थ पासई || ६ || अह राया तथ संत, अणगारो मणाहओ । मए उ मंदपुण्णेणं, रसगिद्वेण घत्तुणा ॥ ७ ॥ आसं विसज्जइत्ताणं, अणगारस्स सो निवो। विणएण वंदए पाए, भगवं ! एत्थ मे खमे ॥ ८ ॥ अह मोणेण सो भगवं, अणगारे झाणमस्सिए । रायाणं न पडिमंते, तओ राया भयद्दुओ ॥ ९ ॥ संजओ अहमम्मीति, भगवं । वाहराहि मे । कुद्धे तेण अणगारे, डहेज नरकोडिओ ॥ १० ॥ अभओ पत्थिवा ! तुब्भं, अभयदाया भवाहि य । अणिच्चे जीवलोगंमि, किं हिंसाए पसज्जसी ? ॥ ११ ॥ जया सव्वं परिच्चज्ज, गंतव्वमवसस्स ते । अणिच्चे जीवलोगंमि, किं रज्जमि पसज्जसी ? ॥ १२ ॥ जीवियं चेव रूवं च विज्जुसंपायचंचलं । जत्थ तं मुज्झसी रायं !, पेच्चत्थं नावबुज्झसे ॥ १३ ॥ दारामि य सुया चेव, मित्ता य तह बंधवा । जीवंतमणुजीवंति, मयं नाणुव्वति ॥ १४ ॥ नीहरंति मयं पुत्ता, पियरं परमदुक्खिया । पियरो वि ता पुत्ते, बंधू रायं ! तवं चरे ॥ १५ ॥ तओ तेणजिए दव्वे, दारे य परिरक्खिए । कीलंतिऽन्ने नरा रायं !, हट्टतुट्ठमलंकिया ॥ १६ ॥ तेणावि जं कयं कम्मं, सुहं वा जइ वा दुहं । कम्मुणा तेण संजुत्तो, गच्छई उ परं भवं ॥ १७॥ सोऊण तस्स सो धम्मं, अणगारस्स अंतिए । महया संवेगनिव्वेयं, समावन्नो नराहिवो ॥ १८ ॥ संजओ चइउं रज्जं, निक्खंतो जिणसासणे । गद्दभालिस्स भगवओ, अणगारस्स अंतिए ॥ १९ ॥ चिच्चा रटुं पव्चइए, खत्तिए परिभासई । जहा ते दी सई रूवं, पसन्नं ते तहा मणो ॥ २० ॥ किं नामे किं गोत्ते, कस्सद्वाए व माह । कहं पडियरसी बुद्धे, कहं विणीए त्ति वुच्चसी ? २१ ॥ संजओ नाम नाणं, तहा गोत्तेण गोयमो । गद्दभाली ममायरिया, विज्जाचरणपारगा ॥ २२ ॥ किरियं अकिरियं विणयं, अन्नाणं च महामुणी । एएहिं चउहिं ठाणेहिं, मेयने किं पभासई ॥ २३ ॥ इइ पाउकरे बुद्धे, नायए परिणिव्वए । विज्जाचरणसंपन्ने, सच्चे सच्चपरक्कमे ॥ २४ ॥ पडंति नरए घोरे, जे नरा पावकारिणो । दिव्वं च गई गच्छंति, चरित्ता धम्ममारियं ॥ २५ ॥ मायाबुइयमेयं तु, मुसा भासा निरत्थिया । संजममाणो वि अहं, वसामि इरियामि य ॥ २६ ॥ सव्वेए विश्या मज्झं, मिच्छाfast अणारिया । विजमाणे परे लोए, सम्मं जाणामि अप्पयं ॥ २७ ॥ अहमासि महापाणे, जुइमं वरिससओवमे । जा सा पालिमहापाली, दिव्वा वरिससओवमा ॥ २८ ॥ से चुए बंभलोगाओ, माणुसं भवमागए । अप्पणो य परेसिं च, आउं जाणे जहा तहा ॥ २९ ॥ नाणारुई च छंदं च परिवज्जेज्ज संजए । अणट्ठा जे य सव्वत्था, इह विज्जामणुसंचरे ॥ ३० ॥ पडिक्कमाणि परिणाणं, परमंतेहिं वा पुणो । Page #1082 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अट्ठारसमज्झयणसमत्ती ] सुत्तागमे अहो उट्ठिए अहोरा, इइ विज्जा तवं चरे ॥ ३१ ॥ जं च मे पुच्छसी काले, सम्म सुद्वेण चेयसा । ताई पाउकरे बुद्धे, तं नाणं जिणसासणे ॥ ३२ ॥ किरियं च रोयई धीरे, अकिरियं परिवज्जए । दिट्टीए दिट्टिसंपन्ने, धम्मं चर सुदुच्चरं ॥ ३३ ॥ एयं पुण्णपयं सोच्चा, अत्थधम्मोवसोहियं । भरहो वि भारहं वासं, चिच्चा कामाइ पव्व ॥ ३४ ॥ सगरो वि सागरंतं, भरहवासं नराहियो । इस्सरियं केवलं हिन्चा, दयाइ परिनिव्वुडे ॥ ३५ ॥ चइत्ता भारहं वासं, चक्कवट्टी महिडिओ | पव्वजमभुवगओ, मघवं नाम महाजसो ॥ ३६ ॥ सर्णकुमारो मणुस्सिदो, चक्कवट्टी महिडिओ । पुत्तं रज्जे ठवेऊणं, सो वि राया तवं चरे ॥ ३७ ॥ चइत्ता भारहं वासं, चकवट्टी महिडिओ । संती संतिकरे लोए, पत्तो गइमणुत्तरं ॥ ३८ ॥ इक्खागरायवसभो, कुंथू नाम नरीसरो । विक्खायकित्ती भगवं, पत्तो गइमगुत्तरं ॥ ३९ ॥ सागरं चत्ताणं, भरहं नरवरीसरो। अरो य अरयं पत्तो पत्तो गइमणुत्तरं ॥ ४० ॥ चइत्ता भारहं वासं, चइत्ता बलवाहणं । चइत्ता उत्तमे भोए, महापउमे तवं चरे ॥ ४१ ॥ एगच्छत्तं पसाहित्ता, महिं माणनिसूरणो । हरिसेणो मणुस्सिदो, पत्तो इमगुत्तरं ॥ ४२ ॥ अनिओ रायसहस्सेहिं, सुपरिचाई दमं चरे । जयनामो जिणखायं, पत्तो गमणुत्तरं ॥ ४३ ॥ दसणरजं मुदियं, चइत्ताणं मुणी चरे । दसणभद्दो निक्खतो, सक्खं सकेण चोइओ ॥ ४४ ॥ नमी नमेइ अप्पाणं, सक्तं सक्केण चोइओ । चइऊण गेहं वइदेही, सामण्णे पजुवडिओ ॥ ४५ ॥ करकंड कलिंगेसु, पंचालेसु य दुम्मुहो । नमी राया विदेहेस, गंधारेय नगई ॥ ४६ ॥ एए नरिंदेवसभा, निक्खता जिणसासणे । पुत्ते रजे ठवेऊणं, सामण्णे पज्जुवडिया ॥ ४७ ॥ सोवीररायवसभो, चइत्ताणं मुणी चरे । उदायण पव्वदओं, पत्तो गड़मत्तरं ॥ ४८ ॥ तव कासिया वि, सेओ सपरमे । कामभोगे परिचज, पण कमावणं ॥ ४९ ॥ तदेव विजओ राया, अणहाकित्ति पव्वए । रक्षं तु गुणसमिद्धं परहितु महाजसो ॥ ५० ॥ तहेवुग्गं तवं किया, अव्यक्तिग चेसा | महव्वलो रायरिसी, आदाय सिरसा सिरिं ॥ ५१ ॥ कहं धीरो अहेऊहिं. उम्मत्तो व महिं चरे ? । एए विसेसमादाय, सूरा परकमा ॥ ५२ ॥ अयंतनियाणखमा, सच्चा भासिया वई । अतरसु तरंगे, तरिरसंति अणागया ॥ ५३ ॥ कहिं धीरे अहेऊहिं, अत्ताणं परियावसे । गव्यसंगविनिम्भुणे, सिके भवद नीरए ॥ ५४ ॥ ति-वेमि ॥ इति संजइजणामं अट्टारसममज्ययणं समत्तं ॥ १८ ॥ १००७ Page #1083 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००८ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं अह मियापुत्तीयं णामं एगूणवीसइमं अज्झयणं सुग्गीवे नयरे रम्मे, काणणुज्जाणसोहिए। राया बलभहित्ति, मिया तस्सग्गमाहिसी ॥ १॥ तेसिं पुत्ते बलसिरी, मियापुत्ते त्ति विस्सुए । अम्मापिऊण दइए, जुवराया दमीसरे ॥ २॥ नंदणे सो उ पासाए, कीलए सह इत्थिहिं । देवे दोगुंदगे चेव, निच्चं मुइयमाणसो ॥ ३ ॥ मणिरयणकोट्टिमतले, पासायालोयण ढिओ । आलोएइ नगरस्स, चउक्कत्तियचच्चरे ॥ ४ ॥ अह तत्थ अइच्छंतं, पासई समणसंजयं। तवनियमसंजमधरं, सीलड़े गुणआगरं ॥ ५॥ तं देहई मियापुत्ते, 'दिट्ठीए आणिमिसाए उ । कहिं मन्नेरिसं रूवं, दिट्ठपुव्वं नए पुरा ॥ ६ ॥ साहुस्स दरिसणे तस्स, अज्झवसाणम्मि सोहणे । मोहं गयस्स संतस्स, जाईसरणं समुप्पन्नं ॥ ७ ॥ [ देवलोगचुओ संतो, माणुसं भवमागओ। सन्निनाणे समुप्पन्ने, जाइं सरइ पुराणियं ॥] जाईसरणे समुप्पन्ने, मियापुत्ते महिड्डिए । सरई पोराणियं जाई, सामण्णं च पुरा कयं ॥ ८ ॥ विसएहि अरजंतो, रजंतो संजमंमि य । अम्मापियरमुवागम्म, इस वयणमब्बवी ॥ ९॥ सुयाणि मे पंच महव्वयाणि, नरएसु दुक्खं च तिरिक्खजोणिसु । निविण्णकामोमि महण्णवाओ, अणुजाणह पव्वइस्सामि अम्मो! ॥१०॥ अम्मताय ! मए भोगा, भुत्ता विसफलोवमा । पच्छा कडुयविवागा, अणुवंधदुहावहा ॥ ११ ॥ इमं सरीरं अणिचं, असुइं असुइसंभवं । असासयावासमिणं, दुक्खकेसाण भायणं ॥ १२ ॥ असासए सरीरंमि, रई नोवलभामहं । पच्छा पुरा व चइयव्वे, फेणबुब्बुयसन्निभे ॥ १३ ॥ माणुसत्ते असारंमि, वाहीरोगाण आलए । जरामरणघत्थंमि, खणं पि न रमामहं ॥ १४ ॥ जम्मं दुक्खं जरा दुक्खं, रोगा य मरणाणि य । अहो दुक्खो हु संसारो, जत्थ कीसंति जंतुणो ॥ १५॥ खेत्तं वत्) हिरण्णं च, पुत्तदारं च बंधवा । चइत्ताणं इमं देहं, गंतव्वमवसस्स मे ॥ १६ ॥ जहा किंपागफलाणं, परिणामो न सुंदरो। एवं भुत्ताण भोगाणं, परिणामो न सुंदरो ॥ १७ ॥ अद्धाणं जो महंतं तु, अप्पाहेओ पवज्जई। गच्छंतो सो दुही होइ, छुहातण्हाए पीडिओ ॥ १८॥ एवं धम्मं अकाऊणं, जो गच्छइ परं भवं । गच्छंतो सो दुही होइ, वाहीरोगेहिं पीडिओ ॥ १९ ॥ अद्धाणं जो महंतं तु, सपाहेओ पवजई । गच्छंतो सो सुही होइ, छुहातण्हाविवजिओ ॥ २० ॥ एवं धम्म पि काऊणं, जो गच्छइ परं भवं । गच्छंतो सो सुही होइ, अप्पकम्मे अवेयणे ॥ २१ ॥ जहा गेहे पलित्तम्मि, तस्स गेहस्स जो पहू । सारभंडाणि नीणेइ, असारं अवउज्झइ ॥ २२ ॥ एवं लोए पलित्तम्मि, जराए मरणेण य । अप्पाणं तारइस्सामि, तुन्भेहिं अणुमन्निओ Page #1084 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १००९ अ० १९ णिरयदुहवत्तव्वया] सुत्तागमे ॥ २३ ॥ तं बिंतम्मापियरो, सामण्णं पुत्त ! दुच्चरं । गुणाणं तु सहस्साइं, धारेयव्वाइं भिक्खुणा ॥ २४ ॥ समया सव्वभूएसु, सत्तुमित्तेसु वा जगे। पाणाइवायविरई, जावज्जीवाए दुकरं ॥ २५ ॥ निच्चकालऽप्पमत्तेणं, मुसावायविवज्जणं । भासियव्वं हियं सञ्च, निच्चाउत्तेण दुकरं ॥ २६ ॥ दंतसोहणमाइस्स, अदत्तस्स विवजणं । अणवजेसणिजस्स, गिण्हणा अवि दुक्करं ॥ २७ ॥ विरई अवंभचेरस्स, कामभोगरसन्नुणा । उग्गं महव्वयं वंभ, धारेयव्वं सुदुकरं ॥ २८ ॥ धणधन्नपेसवग्गेसु, परिग्गहविवजणं । सव्वारंभपरिच्चाओ, निम्ममत्तं सुदुक्करं ॥ २९ ॥ चउबिहे वि आहारे, राईभोयणवजणा। सन्निहीसंचओ चेव, वजेयव्वो सुदुक्करं ॥ ३० ॥ छुहा तण्हा य सीउण्हं, दंसमसगवेयणा । अक्कोसा दुक्खसेज्जा य, तणफासा जल्लमेव य ॥ ३१ ॥ तालणा तज्जणा चेव, वहबंधपरीसहा । दुक्खं भिक्खायरिया, जायणा य अलाभया ॥ ३२ ॥ कावोया जा इमा वित्ती, केसलोओ य दारुणो । दुक्खं बंभव्वयं घोरं, धारेउं च महप्पणो ॥ ३३ ॥ सुहोइओ तुमं पुत्ता !, सुकुमालो सुमजिओ । न हु सि पभू तुमं पुत्ता !, सामण्णमणुपालिया ॥ ३४ ॥ जावजीवमविस्सामो, गुणाणं तु मह भरो। गुरुओ लोहमारुव्व, जो पुत्ता होइ दुव्वहो ॥ ३५ ॥ आगासे गंगसोउव्व, पडिसोउब्ब दुत्तरो। बाहाहिं सागरो चेव, तरियव्वो गुणोदही ॥ ३६ ॥ वालुया कवले चेव, निरस्साए उ संजमे। असिधारागमणं चेव, दुक्करं चरिउं तवो ॥३७॥ अहीवेगंतदिट्ठीए, चरित्ते पुत्त ! दुक्करे। जवा लोहमया चेव, चावेयव्वा सदुकर ॥ ३८ ॥ जहा अग्गिसिहा दित्ता, पाउं होइ सुदुक्करा। तहा दुकरं करेउं जे, तारुण्णे समणत्तणं ॥ ३९ ॥ जहा दुक्खं भरेउं जे, होइ वायस्स कोत्थलो। तहा दुक्खं करेउं जे, की[वे] बेणं समणत्तणं ॥ ४० ॥ जहा तुलाए तोलेडं, दुकरो मंदरो गिरी। तहा निहुयं नीसंकं, दुकरं समणत्तणं ॥ ४१ ॥ जहा भुयाहिं तरिडं, दुकरं रयणायरो। तहा अणुवसंतेणं, दुक्करं दमसागरो ॥ ४२ ॥ भुंज माणुस्सए भोए, पंचलक्खणए तुमं । भुत्तभोगी तओ जाया !, पच्छा धम्म चरिस्ससि ॥ ४३ ॥ सो बेइ अम्मापियरो, एवमेयं जहा फुडं। इह लोए निम्पिवासस्स, नत्थि किंचिवि दुक्करं ॥ ४४ ॥ सारीरमाणसा चेव, वेयणाओ अणंतसो । मए सोढाओ भीमाओ, असई दुक्खभयाणि य ॥ ४५ ॥ जरामरणकंतारे, चाउरते भयागरे । मया मोढाणि भीमाणि, जम्माणि मरणाणि य ॥ ४६ ॥ जहा इहं अगणी उण्हो, एत्तोऽणंतगुणो तहिं । नरएम बयणा उण्हा, असाया बेइया मए ॥ ४७ ॥ जहा इहं इमं सीयं, एत्तोऽणतगुणों नहिं । नरएमु वेयणा सीया, असाया वेइया मए ॥ ४८ ॥ कंदंतो कंदुकुंभीम, उपाओ अहोसिरो। हुयासणे जलंतम्मि, पकापुव्वो अणंतमो ॥ ४९ ॥ महादवग्गिसंकासे, ६४ मुत्ता. Page #1085 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१० सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुर्त मरुमि वइरवालुए। कलंबवालयाए य, दड्डपुत्वो अणंतसो॥ ५० ॥रसंतो कंदुकुंभीसु, उड़े बद्धो अबंधवो। करवत्तकरकयाईहिं, छिन्नपुव्वो अणंतसो ॥५१॥ अइतिक्खकंटगाइण्णे, तुंगे सिंबलिपायवे । खेवियं पासबद्धेणं, कड्डोकड्ढाहिं दुक्करं ॥ ५२ ॥ महाजतेसु उच्छू वा, आरसंतो सुभेरवं । पीलिओमि सकम्मेहिं, पावकम्मो अणंतसो ॥ ५३ ॥ कूवंतो कोलसुणएहिं, सामेहिं सबलेहि य । पाडिओ फालिओ छिन्नो, विप्फुरंतो अणेगसो ॥ ५४ ॥ असीहि अयसिवण्णाहिं, भल्लेहिं पट्टिसेहि य । छिन्नो भिन्नो विभिन्नो य, ओइण्णो पावकम्मुणा ॥ ५५ ॥ अवसो लोहरहे जुत्तो, जलंते समिलाजुए। चोइओ तोत्तजुत्तेहिं, रोज्झो वा जह पाडिओ ॥ ५६ ॥ हुयासणे जलंतम्मि, चियासु महिसो विव। दड्डो पक्को य अवसो, पावकम्मेहि पाविओ॥५७ ॥ बला संडासतुंडेहिं, लोहतुंडेहिं पक्खिहिं । विलुत्तो विलवंतो हं, ढंकगिद्धेहिंऽणंतसो ॥ ५८ ॥ तण्हाकिलंतो धावतो, पत्तो वेयरणिं नइं । जलं पाहिं ति चिंतंतो, खुरधाराहिं विवाइओ ॥ ५९ ॥ उण्हाभितत्तो संपत्तो, असिपत्तं महावणं । असिपत्तेहिं पडंतेहिं, छिन्नपुव्वो अणेगसो ॥ ६० ॥ मुग्गरेहिं मुसंढीहिं, सृलेहिं मुसलेहि य । गयासंभग्गगत्तेहिं, पत्तं दुक्खं अणंतसो ॥ ६१ ॥ खुरेहिं तिक्खधाराहिं, छुरियाहिं कप्पणीहि य । कप्पिओ फालिओ छिन्नो, उक्वित्तो य अणेगसो ॥ ६२ ॥ पासेहिं कूडजालेहिं, मिओ वा अवसो अहं । वाहिओ बद्धरुद्धो वा, बहुसो चेव विवाइओ ॥ ६३ ॥ गलेहिं मगरजालेहिं, मच्छो वा अवसो अहं । उल्लिओ फालिओ गहिओ, मारिओ य अणंतसो ॥ ६४ ॥ वीदंसएहिं जालेहिं, लेप्पाहिं सउणो विव। गहिओ लग्गो बद्धो य, मारिओ य अणंतसो ॥ ६५ ॥ कुहाडफरसुमाईहिं, वड्डईहिं दुमो विव । कुट्टिओ फालिओ छिन्नो, तच्छिओ य अणंतसो ॥ ६६ ॥ चवेडमुट्ठिमाईहिं, कुमारेहिं अयं पिव। ताडिओ कुट्टिओ भिन्नो, चुण्णिओ य अणंतसो॥६७ ॥ तत्ताइं तंबलोहाइं, तउयाई सीसयाणि य । पाइओ कलकलंताई, आरसंतो सुभेरवं ॥ ६८ ॥ तुहं पियाई मंसाई, खंडाइं सोल्लगाणि य । खाविओमि समंसाई, अग्गिवण्णाइंऽणेगसो ॥ ६९ ॥ तुहं पिया सुरा सीहू , मेरओ य महूणि य। पाइओमि जलंतीओ, वसाओ रुहिराणि य ॥ ७० ॥ निच्च भीएण तत्थेण, दुहिएण वहिएण । परमा दुहसंबद्धा, वेयणा वेइया मए ॥ ७१ ॥ तिव्वचंडप्पगाढाओ, घोराओ अइदुस्सहा । महब्भयाओ भीमाओ, नरएसु वेइया मए ॥ ७२ ॥ जारिसा माणुसे लोए, ताया ! दीसंति वेयणा । एत्तो अणंतगुणिया, नरएसु दुक्खवेयणा ॥ ७३ ॥ सव्वभवेसु अस्साया, वेयणा वेइया मए। निमेसंतरमित्तं पि, जं साया नत्थि वेयणा ॥ ७४ ॥ तं बिंतम्मापियरो, छंदेणं पुत्त ! पव्वया। नवरं पुण सामण्णे, दुक्खं Page #1086 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुणवसमयणसमत्ती ] सुत्तागमे निप्पडिकम्मया ॥ ७५ ॥ सो बेइ अम्मापियरो !, एवमेयं जहा फुडं । पडिक मं को कुणई, अरण्णे मियपक्खिणं ॥ ७६ ॥ एगब्भूए अरण्णे व, जहा उ चरई मिगे । एवं धम्मं चरिस्सामि, संजमेण तवेण य ॥ ७७ ॥ जहा मिगस्स आयंको महार मि जायई । अच्छंतं रुक्खमूलंमि, को णं ताहे तिगिच्छई ॥ ७८ ॥ को वा से ओहं देइ ?, कोवा से पुच्छई सुहं ? । को से भत्तं च पाणं वा, आहरित्तु पणामए ? ॥ ७९ ॥ जया य से सुही होइ, तया गच्छइ गोयरं । भत्तपाणस्स अट्ठाए, वल्लराणि सराणि य ॥ ८० ॥ खाइत्ता पाणियं पाउं, वलरेहिं सरेहि य । मिगचारियं चरित्ताणं, गच्छई मिगचारियं ॥ ८१ ॥ एवं समुट्ठिओ भिक्खू, एवमेव अगए । मिगचारियं चरित्ताणं, उड्डुं पक्कमई दिसं ॥ ८२ ॥ जहा मिए एग अणेगचारी, अणेगवासे धुवगोयरे य । एवं मुणी गोयरियं पविट्ठे, नो हीलए नो वि य खिंसएजा ॥ ८३ ॥ मिगचारियं चरिस्सामि, एवं पुत्ता ! जहासुहं । अम्मा पिऊहिंऽणुन्नाओ, जहाइ उवहिं तहा ॥ ८४ ॥ मिगचारियं चरिस्सामि, सव्वदुक्खविमोक्खणिं । तुब्मेहिं अब्भणुनाओ, गच्छ पुत्त ! जहासुहं ॥ ८५ ॥ एवं सो अम्मापियरो, अणुमाणित्ताण बहुविहं । ममत्तं छिंदई ताहे, महानागोव्व कंचुयं ॥ ८६ ॥ इष्टी वित्तं च मित्ते य, पुत्तदारं च नायओ । रेणुयं व पडे लग्गं, निद्धुणित्ताण निगओ ॥ ८७ ॥ पंचमहव्वयजुत्तो, पंचसमिओ तिगुत्तिगुत्तो य । सब्भितरबाहिरए, तवोक्रम्मंमि उज्जुओ ॥ ८८ ॥ निम्ममो निरहंकारो, निस्संगो चत्तगारवो। समो य सव्वभूएस, तसेसु थावरेमु य ॥ ८९ ॥ लाभालाभे मुहे दुक्खे, जीविए मरणे तहा । समो निंदापसंसासु, तहा माणावमाणओ ॥ ९० ॥ गारवेसु कंसाएम, दंडसलभएमु य । नियत्तो हाससोगाओ, अनियाणो अबंत्रणो ॥ ९१ ॥ अणिस्सिओ इहं लोए, परलोए अणिस्सिओ । वासीचंदणकप्पो य, असणे असणे ता ॥ ९२ ॥ अप्पसत्थेहिं दारेहिं सव्वओ पिहियासवे । अज्झप्पज्झाणजोगेहिं, पसत्थदमसासणे ॥ ९३ ॥ एवं नाणेण चरणेण, दंसणेण तवेण य । भावणाहि य सुद्धाहिं, सम्मं भवित्तु अप्पयं ॥ ९४ ॥ बहुयाणि उ वासाणि, सामण्णमणुपालिया । मासिएण उभतेण सिद्धिं पत्तो अणुत्तरं ॥ ९५ ॥ एवं करंति संयुद्धा, पंडिया परियक्खणा । विणियति भोगेम, मियापुत्ते जहा रिसी ॥ ९६ ॥ महापभावस्स महाजसस्य, मियाइपुत्तस्स निसम्म भासियं । तवप्पहाणं चरियं च उत्तमं गइहाणं च तिलोगविस्मयं ॥ ९७ ॥ वियाणिया दुक्खविवद्धणं वणं, ममत्तबंधं च महाभयावहं । मुद्दाहं धम्मधुरं अणुत्तरं, धारेज निव्वाणगुणावहं महं ॥ ९८ ॥ ति बेमि ॥ इति मियापत्तीयं णामं पगूणवीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ १९ ॥ १०११ Page #1087 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१२ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं अह महानियंठिजनामं नीमहमं अज्झयणं सिद्धाणं नमो किच्चा, संजयाणं च भावओ। अत्थधम्मगई तच्चं, अणुसढि मुणेह मे ॥ १॥ पभूयरयणो राया, सेणिओ मगहाहिवो । विहारजत्तं निजाओ, मंडिकुच्छिसि चेईए ॥२॥ नाणादुमलयाइण्णं, नाणापक्खिनिसेवियं । नाणाकुसुमसंछन्नं, उजाणं नंदणोवमं ॥ ३ ॥ तत्थ सो पासई साहुँ, संजयं सुसमाहियं । निसन्नं रुक्खमूलम्मि, सुकुमालं सुहोइयं ॥ ४ ॥ तस्स रूवं तु पासित्ता, राइणो तम्मि संजए । अञ्चतपरमो आसी, अउलो रूवविम्हओ ॥ ५॥ अहो! वण्णो अहो ! रूवं, अहो ! अज्जस्स सोमया । अहो! खंती अहो ! मुत्ती, अहो ! भोगे असंगया ॥६॥ तस्स पाए उ वंदित्ता, काऊण य पयाहिणं । नाइदूरमणासन्ने, पंजली पडिपुच्छई ॥ ७ ॥ तरुणो सि अजो ! पव्वइओ, भोगकालम्मि संजया। उवढिओ सि सामण्णे, एयमढे सुणेमि ता ॥ ८॥ अणाहोमि महाराय !, नाहो मज्झ न विज्जई । अणुकंपगं सुहिं वावि, कंचि नाभिसमेमहं ॥ ९ ॥ तओ सो पहसिओ राया, सेणिओ मगहाहिवो । एवं ते इडिमंतस्स, कहं नाहो न विजई ॥ १० ॥ होमि नाहो भयंताणं, भोगे भुंजाहि संजया !। मित्तनाईपरिवुडो, माणुस्सं खु सुदुल्लहं ॥ ११ ॥ अप्पणा वि अणाहो सि, सेणिया! मगहाहिवा! । अप्पणा अणाहो संतो, कहं नाहो भविस्ससि ! ॥ १२ ॥ एवं वुत्तो नरिंदो सो, सुसंभंतो सुविम्हिओ। वयणं अस्सुयपुव्वं, साहुणा विम्हयन्निओ ॥ १३ ॥ अस्सा हत्थी मणुस्सा मे, पुरं अंतेउरं च मे । भुंजामि माणुसे भोए, आणा इस्सरियं च मे ॥ १४ ॥ एरिसे संपयग्गम्मि, सव्वकामसमप्पिए । कहं अणाहो भवई, मा हु भंते ! मुसं वए ॥ १५ ॥ न तुमं जाणे अणाहस्स, अत्थं पोत्थं च पत्थिवा! । जहा अणाहो भवई, सणाहो वा नराहिवा! ॥१६॥ सुणेह मे महाराय!, अव्वक्खित्तेण चेयसा। जहा अणाहो भवई, जहा मेयं पवत्तिये ॥ १७ ॥ कोसंबी नाम नयरी, पुराणपुरमेयणी । तत्थ आसी पिया मज्झ, पभूयधणसंचओ ॥१८॥ पढमे वए महाराय!, अउला मे अच्छिवेयणा । अहोत्था विउलो दाहो, सव्वगत्तेसु पत्थिवा ! ॥ १९॥ सत्थं जहा परमतिक्खं, सरीरविवरंतरे । आवीलिज अरी कुद्धो, एवं मे अच्छिवेयणा ॥ २० ॥ तियं मे अंतरिच्छं च, उत्तमंगं च पीडई । इंदासणिसमा घोरा, वेयणा परमदारुणा ॥ २१ ॥ उवट्ठिया मे आयरिया, विज्जामंततिगिच्छगा। अबीया सत्थकुसला, मंतमूलविसारया ॥ २२ ॥ ते मे तिगिच्छं कुव्वंति, चाउप्पायं जहाहियं । न य दुक्खा विमोयंति, एसा मज्झ १ उजाणे । Page #1088 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २० अणाहयालक्खणाइं] सुत्तागमे १०१३ अणाहया ॥ २३ ॥ पिया मे सव्वसारं पि, दिजाहि मम कारणा । न य दुक्खा विमोएइ, एसा मज्झ अणाहया ॥ २४ ॥ माया वि मे महाराय !, पुत्तसोगदुह ट्टिया। न य दुक्खा विमोएइ, एसा मज्झ अणाहया ॥ २५ ॥ भायरा मे महाराय!, सगा जेट्ठकणिट्ठगा । न य दुक्खा विमोयंति, एसा मज्झ अणाहया ॥ २६ ॥ भइणीओ मे महाराय !, सगा जेट्ठकणिट्ठगा। न य दुक्खा विमोयंति, एसा मज्झ अणाहया ॥ २७ ॥ भारिया मे महाराय !, अणुरत्ता अणुव्वया । अंसुपुण्णेहिं नयणेहि, उरं मे परिसिंचई ॥ २८ ॥ अन्नं पाणं च पहाणं च, गंधमल्लविलेवणं । मए नायमनायं वा, सा बाला नेव भुंजई ॥ २९ ॥ खणं पि मे महाराय !, पासाओ वि न फिटई । न य दुक्खा विमोएइ, एसा मज्झ अणाहया ॥ ३० ॥ तओ हं एवमाहंसु, दुक्खमा हु पुणो पुणो । वेयणा अणुभविउं जे, संसारम्मि अणंतए ॥ ३१ ॥ सई च जइ मुच्चेज्जा, वेयणा विउला इओ। खंतो दंतो निरारंभो, पव्वए अणगारियं ॥ ३२ ॥ एवं च चिंतइत्ताणं, पसुत्तोमि नराहिवा! । परियत्तेतीए राईए, वेयणा मे खयं गया ॥ ३३ ॥ तओ कल्ले पभायंमि, आपुच्छित्ताण बंधवे । खंतो दंतो निरारंभो, पव्वइओऽणगारियं ॥ ३४ ॥ तो हं नाहो जाओ, अप्पणो य परस्स य । सन्वेसिं चेव भूयाणं, तसाणं थावराण य ॥ ३५ ॥ अप्पा नई वेयरणी, अप्पा मे कूडसामली। अप्पा कामदुहा घेणू, अप्पा मे नंदणं वणं ॥ ३६ ॥ अप्पा कत्ता विकत्ता य, दुहाण य मुहाण य । अप्पा मित्तममित्तं च, दुप्पट्ठिय सुपढिओ ॥ ३७ ॥ इमा हु अन्ना वि अणाहया निवा!, तमेगचित्तो निहुओ सुणेहि । नियंठधम्म लहियाण वी जहा, सीयंति एगे बहु कायरा नरा ॥ ३८ ॥ जो पव्वइत्ताण महव्वयाई, सम्मं च नो फासयई पमाया । अनिग्गहप्पा य रसेम गिद्धे, न मूलओ छिन्नइ बंधणं से ॥ ३९ ॥ आउत्तया जस्स न अस्थि काइ, इरियाए भासाए तहेसणाए । आयाणनिक्वेवदुगुंछणाए, न वीरजायं अणुजाइ मग्गं ॥ ४० ॥ चिरं पि से मुंडरुई भवित्ता, अथिरव्बए तवनियमेहिं भटे। चिरं पि अप्पाण किलेखदत्ता, न पारए होइ हु संपराए ॥४१॥ पोल्ले व मुट्ठी जह से असारे, अयंतिए कूड कहावणे वा । राडामणी वेरुलियप्पगासे, अमहग्घए होइ हु जाणएम् ॥ ४२ ॥ कुसीललिंगं यह धारदत्ता, इसिज्मयं जीविय बृहइत्ता । असंजए संजयलप्पमाणे, विणिघायमागच्छद से चिरं पि ॥४३॥ विसं तु पीयं जह कालकूडं, हणाइ सत्थं जह कुरगहीयं । एसो वि धम्मो विसओबवन्नो, हणाइ वेयाल इवाविवन्नो ॥ ४४ ॥ जे लक्षणं मुविण पउंजमाणे, निमित्तकोऊलसंपगाळे । कुहेडविजासबदारजीवी, न गच्छई सरणं तम्मि काले ॥ ४५ ॥ तमंतमेणेव उ से असीले, सया दुही विप्परियामुवेद । संधावई नरगति Page #1089 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं रिक्खजोणिं, मोणं विराहेत्तु असाहुरूवे ॥ ४६ ॥ उद्देसियं कीयगडं नियागं, न मुंचई किंचि अणेसणिज । अग्गी विवा सव्वभक्खी भवित्ता, इत्तो चुए गच्छइ कट्ट पावं ॥४७॥ न तं अरी कंठछेत्ता करेइ, जं से करे अप्पणिया दुरप्पया। से नाहिई मच्चुमुहं तु पत्ते, पच्छाणुतावेण दयाविहूणो ॥ ४८ ॥ निरट्ठिया नग्गरुई उ तस्स, जे उत्तमढे विवज्जासमेइ । इमे वि से नत्थि परे वि लोए, दुहओ वि से झिज्झइ तत्थ लोए ॥ ४९ ॥ एमेवऽहाछंदकुसीलरूवे, मग्गं विराहित्तु जिणुत्तमाणं । कुररी विवा भोगरसाणुगिद्धा, निरट्ठसोया परियावमेइ ॥५०॥ सोचाण मेहावि ! सुभासियं इमं, अणुसासणं नाणगुणोववेयं । मग्गं कुसीलाण जहाय सव्वं, महानियंठाण वए पहेणं ॥५१॥ चरित्तमायारगुणन्निए तओ, अणुत्तरं संजम पालियाणं । निरासवे संखवियाण कम्मं, उवेइ ठाणं विउलुत्तमं धुवं ॥ ५२ ॥ एवुग्गदंते वि महातवोधणे, महामुणी महापइन्ने महायसे । महानियंठिजमिणं महासुयं, से कहेई महया वित्थरेणं ॥ ५३ ॥ तुट्ठो य सेणिओ राया, इणमुदाहु कयंजली । अणाहत्तं जहाभूयं, सुट्ठ मे उवदंसियं ॥ ५४ ॥ तुझं सुलद्धं खु मणुस्सजम्मं, लाभा सुलद्धा य तुमे महेसी । तुब्भे सणाहा य सबंधवा य, जं भे ठिया मग्गें जिणुत्तमाणं ॥ ५५ ॥ तं सि नाहो अणाहाणं, सव्वभूयाण संजया। खामेमि ते महाभाग!, इच्छामि अणुसासिउं ॥ ५६ ॥ पुच्छिऊण भए तुभं, झाणविग्यो उ जो कओ। निमंतिया य भोगेहिं, तं सव्वं मरिसेहि मे ॥ ५७ ॥ एवं थुणित्ताण स रायसीहो, अणगारसीहं परमाइ भत्तिए । सओरोहो सपरियणो सबंधवो, धम्माणुरत्तो विमलेण चेयसा॥५८॥ ऊससियरोमकूवो, काऊण य पयाहिणं । अभिवंदिऊण सिरसा, अइयाओ नराहिवो ॥५९ ॥ इयरो वि गुणसमिद्धो, तिगुत्तिगुत्तो तिदंडविरओ य। विहग इव विप्पमुक्को, विहरइ वसुहं विगयमोहो ॥ ६०॥ त्ति-बेमि ॥ इति महानियंठिजनामं वीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥२०॥ अह स:६पालीयं णामं एगवीसइमं अज्झयणं चंपाए पालिए नाम, सावए आसि वाणिए । महावीरस्स भगवओ, सीसे सो उ महप्पणो ॥ १ ॥ निग्गंथे पावयणे, सावए से वि कोविए । पोएण ववहरते, पिहुंडं नगरमागए ॥ २ ॥ पिहुंडे ववहरंतस्स, वाणिओ देइ धूयरं । तं ससत्तं पइगिज्झ, सदेसमह पत्थिओ ॥ ३ ॥ अह पालियस्स घरणी, समुद्दम्मि पसवई । अह बालए ... १ निरओ जिणकप्पो वि । Page #1090 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एगवीसइमज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे १०१५ तहिं जाए, समुद्दपालित्ति नामए ॥ ४ ॥ खेमेण आगए चंपं, सावए वाणिए घरं । संवड्डई तस्स घरे, दारए से सुहोइए ॥ ५ ॥ बावत्तरी कलाओ य, सिक्खई नीइकोविए । जोव्वणेण य संपन्ने, सुरूवे पियदंसणे ॥ ६ ॥ तस्स स्ववइं भजं, पिया आणेइ रूविणिं । पासाए कीलए रम्मे, देवो दोगुंदओ जहा ॥ ७ ॥ अह अन्नया कयाई, पासायालोयणे ठिओ। वज्झमंडणसोभागं, बझं पासइ वज्झगं ॥ ८ ॥ तं पासिऊण संविग्गो, समुद्दपालो इणमब्बवी । अहोऽसुभाण कम्माणं, निजाणं पावगं इमं ॥ ९॥ संबुद्धो सो तहिं भयवं, परमसंवेगमागओ। आपुच्छऽम्मापियरो, पव्वए अणगारियं ॥ १० ॥ जहित्तु सग्गंथ महाकिलेसं, महंतमोहं कसिणं भयावहं । परियायधम्मं चऽभिरोयएजा, वयाणि सीलाणि परीसहे य ॥ ११ ॥ अहिंससच्चं च अतेणगं च, तत्तो य बंभं अपरिग्गहं च । पडिवज्जिया पंचमहव्वयाणि, चरिज धम्मं जिणदेसियं विदू ॥ १२ ॥ सव्वेहिं भूएहिं दयाणुकंपी, खंतिक्खमे संजयवंभयारी । सावजजोगं परिवज्जयंतो, चरिज भिक्खू सुसमाहिइंदिए ॥ १३ ॥ कालेण कालं विहरेज रहे, बलावलं जाणिय अप्पणो य। सीहो व सद्देण न संतसेजा, वयजोग सुच्चा न असब्भमाहु ॥ १४ ॥ उवेहमाणो उ परिव्वएज्जा, पियमप्पियं सव्व तितिक्खएज्जा । न सव्व सव्वत्थऽभिरोयएज्जा, न यावि पूर्व गरहं च संजए ॥ १५॥ अणेगछंदा इह माणवेहिं, जे भावओ संपगरेइ भिक्खू । भयभेरवा तत्थ उइंति भीमा, दिव्या मणुस्सा अदुवा तिरिच्छा ॥ १६ ॥ परीसहा दुव्विसहा अणेगे, सीयंति जत्था बहुकायरा नरा । से तत्थ पत्ते न वहिज भिक्खू , संगामसीसे इव नागराया ॥ १७ ॥ सीओसिणा दंसमसा य फासा, आयंका विविहा फुसंति देहं । अकुकुओ तत्थऽहियासएज्जा, रयाई खेवेज पुराकयाई ॥ १८ ॥ पहाय रागं च तहेब दोसं, मोहं च भिक्खू सययं वियक्खणो। मेरुव्व बाएण अकंपमाणो, परीसहे आयगुत्ते सहेजा ॥ १९ ॥ अणुन्नए नावणए महेसी, न ग्रावि पूर्य गरहं च संजए । स उजुभावं पडिवज संजए, निव्वाणमग्गं विरए उवेइ ॥ २० ॥ अरइरइसहे पहीणसंथवे, विरए आयहिए पहाणवं । परमट्टपपर्हि चिट्ठई, छिन्नसोए अममे अकिंचणे ॥ २१ ॥ विवित्तलयणाइ भएज ताई, निरोवलेवाइ असंथडाई। इसीहिं चिण्णाई महायसेहि, कारण फासेज परीसहाई ॥ २२ ॥ सन्नाणनाणावगए महेसी, अणुत्तरं चरिडं धम्मसंचयं । अणुत्तरे नाणधरे जसंसी, ओभासई सरिए बंतलिक्रये ॥ २३ ॥ दुविहं खवेऊण य पुण्णपावं, निरंगणे सबओ विप्पमुके । नरित्ता समुई व महाभवोघं, समुद्दपाले अपुणागमं गए ॥ २४ ॥ ति-ब्रेमि ॥ इति समुद्दपालीयं णाम एगवीसइमं अज्झयणं समतं ॥ २१ ॥ Page #1091 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुतं अह रहनेमिजनामं बावीसइमं अज्झयणं । सोरियपुरम्मि नयरे, आसि राया महिड्डिए । वसुदेवुत्ति नामेणं, रायलक्खणसंजुए ॥ १॥ तस्स भन्जा दुवे आसी, रोहिणी देवई तहा। तासिं दोण्हं दुवे पुत्ता, इट्ठा रामकेसवा ॥ २ ॥ सोरियपुरम्मि नयरे, आसि राया महिड्डिए । समुद्दविजए नामं, रायलक्खणसंजुए ॥ ३ ॥ तस्स भज्जा सिवा नाम, तीसे पुत्तो महायसो । भगवं अरिट्टनेमित्ति, लोगनाहे दमीसरे ॥ ४ ॥ सोऽरिट्टनेमिनामो उ, लक्खणस्सरसंजुओ । अट्ठसहस्सलक्खणधरो, गोयमो कालगच्छवी ॥ ५ ॥ वज्जरिसहसंघयणो, समचउरंसो झसोयरो। तस्स रायमईकनं, भजं जायइ केसवो ॥ ६ ॥ अह सा रायवरकन्ना, सुसीला चारुपेहणी । सव्वलक्खणसंपन्ना, विजसोयामणिप्पभा॥७॥ अहाह जणओ तीसे, वासुदेवं महिड्डियं । इहागच्छउ कुमारो, जा से कन्नं ददामि हं ॥ ८॥ सव्वोसहीहिं छह विओ, कयकोउयमंगलो। दिव्वजुयलपरिहिओ, आभरणेहिं विभूसिओ ॥९॥ मत्तं च गंधहत्थिं च, वासुदेवस्स जेट्टगं । आरूढो सोहए अहियं, सिरे चूडामणी जहा ॥ १० ॥ अह ऊसिएण छत्तेण, चामराहि य सोहिओ। दसारचक्केण य सो, सव्वओ परिवारिओ ॥ ११॥ चउरंगिणीए सेणाए, रइयाए जहकमं । तुरियाण सन्निनाएणं, दिव्वेणं गगणं फुसे ॥ १२ ॥ एयारिसीए इड्डीए, जुत्तीए उत्तमाइ य । नियगाओ भवणाओ, निजाओ वहिपुंगवो ॥१३॥ अह सो तत्थ निजतो, दिस्स पाणे भयदुए। वाडेहिं पंजरेहिं च, संनिरुद्धे सुदुक्खिए ॥ १४ ॥ जीवियंतं तु संपत्ते, मंसट्ठा भक्खियव्वए । पासित्ता से महापन्ने, सारहिं इणमब्बवी ॥१५॥ कस्स अट्ठा इमे पाणा, एए सव्वे सुहेसिणो। वाडेहिं पंजरेहिं च, सन्निरुद्धा य अच्छहि ॥ १६॥ अह सारही तओ भणइ, एए भद्दा उ पाणिणो । तुझं विवाहकजम्मि, भोयावेउं बहुं जणं ॥ १७ ॥ सोऊण तस्स वयणं, बहुपाणिविणासणं । चिंतेइ से महापन्ने, साणुकोसे जिएहि ऊ॥१८॥ जइ मज्झ कारणा एए, हम्मति सुबहू जिया। न मे एयं तु निस्सेसं, परलोगे भविस्सई ॥ १९ ॥ सो कुंडलाण जुयलं, सुत्तगं च महायसो । आभरणाणि य सव्वाणि, सारहिस्स पणामए ॥ २० ॥ मणपरिणामो य कओ, देवा य जहोइयं समोइण्णा । सव्विड्डीइ सपरिसा, निक्खमणं तस्स काउं जे ॥ २१ ॥ देवमणुस्सपरिवुडो, सीयारयणं तओ समारूढो। निक्खमिय बारगाओ, रेवययम्मि ठिओ भगवं ॥ २२ ॥ उजाणं संपत्तो, ओइण्णो उत्तमाउ सीयाओ । साहस्सीइ परिवुडो, १ कोउयं-मुसलाइणा णिलाडफासो, मंगलं-दहिअक्खयदुव्वाचंदणाइणा किज्जंतं. विहाणं, तस्समयपचलियवेवाहियरीइकुलमेराणुसारकयकिञ्चो ति अट्ठो। Page #1092 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २१ रा० रहनेमिथिरीकरण] सुत्तागमे १०१७ अह निक्खमई उ चित्ताहिं ॥ २३ ॥ अह से सुगंधगंधीए, तुरियं मउयकुंचिए । सयमेव लुचई केसे, पंचमुट्ठीहिं समाहिओ ॥ २४ ॥ वासुदेवो य णं भणइ, लुत्तकेसं जिइंदियं । इच्छियमणोरहं तुरियं, पावसु तं दमीसरा ! ॥ २५ ॥ नाणेणं दंसणेणं च, चरित्तेण तहेव य । खंतीए मुत्तीए, वड्डमाणो भवाहि य ॥ २६ ॥ एवं ते रामकेसवा, दसारा य बहू' जणा । अरिट्ठणेमि वंदित्ता, अइगया बारगापुरि ॥ २७ ॥ सोऊण रायकन्ना, पव्वजं सा जिणस्स उ। नीहासा य निराणंदा, सोगेण उ समुच्छिया ॥ २८ ॥ राईमई विचिंतेइ, धिरत्यु मम जीवियं । जाऽहं तेण परिच्चत्ता, सेयं पव्वइडं मम ॥ २९॥ अह सा भमरसन्निभे, कुञ्चफणगसाहिए। सयमेव लुचई केसे, धिइमंता ववस्सिया ॥ ३० ॥ वासुदेवो य णं भणइ, लुत्तकेसं जिइंदियं । संसारसागरं घोरं, तर कन्ने ! लहुं हुं ॥ ३१ ॥ सा पव्वइया संती, पव्वावेसी तहिं वहुं । सयणं परियणं चेव, सीलवंता बहुस्सुया ॥ ३२ ॥ गिरिं रेवययं जंती, वासेपुल्ला उ अंतरा । वासंते अंधयारेमि, अंतो लयणस्स सा ठिया ॥ ३३ ॥ चीवराई विसारंती, जहाजायत्ति पासिया। रहनेमी भग्गचित्तो, पच्छा दिट्ठो य तीइ वि ॥ ३४ ॥ भीया य सा तहिं दह, एगते संजयं तयं । बाहाहिं काउं संगोप्फं, वेवमाणी निसीयई ॥ ३५ ॥ अह सो वि रायपुत्तो, समुद्दविजयंगओ। भीयं पवेवियं दहूं, इमं वकमुदाहरे ॥ ३६ ॥ रहनेमी अहं भद्दे !, सुरूवे ! चारुभासिणी ! । ममं भयाहि सुयणु!, न ते पीला भविस्सई ॥ ३७ ॥ एहि ता भुजिमो भोए, माणुस्सं खु सुदुल्लहं । भुत्तभोगी तओ पच्छा, जिणमग्गं चरिस्समो ॥ ३८ ॥ दट्टण रहनेमि तं, भरगुज्जोयपराजियं । राईमई असंभंता, अप्पाणं संवरे तहिं ॥ ३९ ॥ अह सा रायवरकन्ना, सुट्ठिया नियमव्वए। जाई कुलं च सीलं च, रक्खमाणी तयं वए ॥ ४० ॥ जइऽसि रूवेण वेसमणो, ललिएण नलकूबरो । तहा वि ते न इच्छामि, जइऽसि सक्खं पुरंदरो ॥ ४१ ॥ पक्खंदे जलियं जोई, धूमकेडं दुरासयं । नच्छति वंतयं भोत्तुं, कुले जाया अगंधणे ॥ ४२ ॥ धिरत्यु तऽजसोकामी, जो तं जीवियकारणा । वंतं इच्छसि आवेडं, सेयं ते मरणं भवे ॥ ४३ ॥ अहं च भोगरायस्स, तं च सि अंधगवहिणो । मा कुले गंधणा होमो, संजमं निहुओ चर ॥ ४४ ॥ जद तं का हिसि भावं, जा जा दिच्छसि नारिओ । वायाविद्धोव्व हढो, अहि.पा भविस्ससि ॥ ४५ ॥ गोवालो भंडबालो वा, जहा तद्दव्वणिस्तरो। एवं अणिस्लरो तं पि, सामण्णस्स भविस्ससि ॥ ४६ ॥ कोहं माणं निगिण्हित्ता, मायं लोभं च सव्वगो । इंदियाई वसे काउं, अपाणं उवसंहरे ॥ ४५ ॥ तीस सो वयणं गोगा, संजयाए मुभासियं । अंकुसेण जहा नागो, धम्मे संपडिवाइओ ॥ ४८ ॥ मणगुप्तो वयगुत्तो, LHHHHHHHHHHH Page #1093 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं कायगुत्तो जिइंदिओ। सामण्णं निच्चलं फासे, जावज्जीवं दढव्वओ ॥ ४९ ॥ उग्गं तवं चरित्ताणं, जाया दोण्णि वि केवली । सव्वं कम्मं खवित्ताणं, सिद्धिं पत्ता अणुत्तरं ॥ ५० ॥ एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा । विणियदृति भोगेसु, जहा सो पुरिसोत्तमो ॥ ५१ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति रहनेमिजनामं बावीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २२॥ अह केसिगोयमिजणामं तेवीसइमं अज्झयणं जिणे पासित्ति नामेणं, अरहा लोगपूइओ। संबुद्धप्पा य सव्वन्नू, धम्मतित्थयरे जिणे ॥ १॥ तस्स लोगपईवस्स, आसि सीसे महायसे । केसी कुमारसमणे, विज्जाचरणपारगे ॥ २॥ ओहिनाणसुए बुद्धे, सीससंघसमाउले । गामाणुगामं रीयंते, सावत्थिं पुरमागए ॥ ३ ॥ तिंदुयं नाम उजाणं, तम्मी नगरमंडले । फासुए सिज्जसंथारे, तत्थ वासमुवागए ॥ ४ ॥ अह तेणेव कालेणं, धम्मतित्थयरे जिणे । भगवं वद्धमाणित्ति, सव्वलोगमि विस्सुए ॥ ५॥ तस्स लोगपईवस्स, आसि सीसे महायसे । भगवं गोयमे नाम. विज्जाचरणपारए ॥ ६ ॥ बारसंगविऊ बुद्धे, सीससंघसमाउले । गामाणुगामं रीयंते, सो वि सावत्थिमागए ॥ ७ ॥ कोट्ठगं नाम उजाणं, तम्मी नगरमंडले । फासुए सिज्जसंथारे, तत्थ वासमुवागए ॥ ८ ॥ केसी कुमारसमणे, गोयमे य महायसे । उभओ वि तत्थ विहरिंसु, अल्लीणा सुसमाहिया ॥ ९ ॥ उभओ सीससंघाणं, संजयाणं तवस्सिणं । तत्थ चिंता समुप्पन्ना, गुणवंताण ताइणं ॥ १०॥ केरिसो वा इमो धम्मो, इमो धम्मो व केरिसो । आयारधम्मपणिही, इमा वा सा व केरिसी? ॥ ११ ॥ चाउज्जामो य जो धम्मो, जो इमो पंचसिक्खिओ। देसिओ वद्धमाणेण, पासेण य महामुणी ॥ १२ ॥ अचेलओ य जो धम्मो, जो इमो संतरुत्तरो। एग कजपवन्नाणं, विसेसे किं नु कारणं? ॥ १३ ॥ अह ते तत्थ सीसाणं, विन्नाय पवितक्कियं । समागमे कयमई, उभओ केसिगोयमा ॥१४॥ गोयमे पडिरूवन्नू , सीससंघसमाउले। जेठं कुलमवेक्खंतो, तिंदुयं वणमागओ ॥१५॥ केसी कुमारसमणे, गोयमं दिस्समागयं । पडिरूवं पडिवत्तिं, सम्मं संपडिवज्जई ॥ १६ ॥ पलालं फासुयं तत्थ, पंचमं कुसतणाणि य । गोयमस्स निसेज्जाए, खिप्पं संपणामए ॥ १७ ॥ केसी कुमारसमणे, गोयमे य महायसे । उभओ निसण्णा सोहंति, चंदसूरसमप्पभा ॥ १८ ॥ समागया बहू तत्थ, पासंडा कोउगा मिया । १ संताणीयसिस्से त्ति अट्ठो। २ अण्णाणिणो। Page #1094 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०१९ अ० २३ के० गो० साहुवाओ] सुत्तागमे गिहत्थाणं अणेगाओ, साहस्सीओ समागया ॥ १९ ॥ देवदाणवगंधव्वा, जक्खरक्खसकिन्नरा । अदिस्साणं च भूयाणं, आसी तत्थ समागमो ॥ २० ॥ पुच्छामि ते महाभाग!, केसी गोयममब्बवी । तओ केसिं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ २१ ॥ पुच्छ भंते ! जहिच्छं ते, केसि गोयममब्बवी । तओ केसी अणुन्नाए, गोयमं इणमब्बवी ॥ २२ ॥ चाउज्जामो य जो धम्मो, जो इमो पंचसिक्खिओ। देसिओ वद्धमाणेण, पासेण य महामुणी ॥ २३ ॥ एगकजपवन्नाणं, विसेसे किं नु कारणं ? । धम्मे दुविहे मेहावी, कहं विप्पच्चओ न ते? ॥ २४ ॥ तओ केसिं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी । पन्ना समिक्खए धम्म, तत्तं तत्तविणिच्छियं ॥ २५ ॥ पुरिमा उजुजडा उ, वंकजडा य पच्छिमा । मज्झिमा उजुपन्ना उ, तेण धम्मे दुहा कए ॥ २६ ॥ पुरिमाणं दुव्विसोज्झो उ, चरिमाणं दुरणुपालओ । कप्पो मज्झिमगाणं तु, सुविसोज्झो सुपालओ ॥ २७ ॥ साहु गोयम! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो । अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥ २८ ॥ अचेलगो य जो धम्मो, जो इमो संतरुत्तरो। देसिओ वद्धमाणेण, पासेण य महाजसा ॥ २९ ॥ एगकजपवन्नाणं, विसेसे किं नु कारणं । लिंगे दुविहे मेहावी, कहं विप्पच्चओ न त? ॥ ३० ॥ केसिमेवं बुवाणं तु, गोयमो इणमब्बवी । विन्नाणेण समागम्म, धम्मसाहणमिच्छियं ॥ ३१ ॥ पच्चयत्थं च लोगस्स, नाणाविहविगप्पणं । जत्तत्थं गहणत्थं च, लोगे लिंगपओयणं ॥ ३२ ॥ अह भवे पइन्ना उ, मोक्खसब्भूयसाहणा । नाणं च दंसणं चेव, चरित्तं चेव निच्छए ॥ ३३ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो । अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहमु गोयमा! ॥ ३४ ॥ अणगाणं सहस्साणं, मज्झे चिट्ठसि गोयमा! । ते य ते अहिगच्छंति, कहं ते निजिया तुमे ? ॥ ३५ ॥ एगे जिए जिया पंच, पंच जिए जिया दस । दसहा उ जिणित्ताणं, सव्वसत्तु जिणामहं ॥ ३६ ॥ सत्तू य इह के बुत्ते?, केसी गोयममब्बवी। तओ केसि बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ३७ ॥ एगप्पा अजिए सत्तु , कसाया इंदियाणि य । ते जिणित्तु जहानायं, विहरामि अहं मुणी ॥ ३८ ॥ साहु गोयम ! पना ते, छिन्नो मे संसओ इमे । अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहमु गोयमा ! ॥ ३० ॥ दीसंति बहवे लोए, पासबद्धा सरीरिणो । मुकपासो लहुन्भूओ, कहं तं विहरसी मुणी? ॥ ४० ॥ ते पासे सव्वसो छित्ता, निहंतृण उवायओ । मुक्कापामो लहुभूओ, विहरामि अहं मुणी! ॥ ४१ ॥ पासा य इइ के वुत्ता ?, केसी गोयममध्यवी। केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ४२ ॥ रागद्दोसादओ तिव्वा, नेहपामा भयंकरा । ते छिंदित्तु जहानायं, विहरामि जहरूमं ॥ ४३ ॥ साहु गोयम ! पन्ना Page #1095 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२० सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं ते, छिन्नो मे संसओ इमो । अन्नो वि संसओ मझं, तं मे कहसु गोयमा! ॥४४॥ अंतोहिययसंभूया, लया चिठ्ठइ गोयमा! । फलेइ विसभक्खीणि, सा उ उद्धरिया कहं ? ॥ ४५ ॥ तं लयं सव्वसो छित्ता, उद्धरित्ता समूलियं । विहरामि जहानायं, मुक्कोमि विसभक्खणं ॥४६॥ लया य इइ का वुत्ता ?, केसी गोयममब्बवी । केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ४७ ॥भवतण्हा लया वुत्ता, भीमा भीमफलोदया। तमुच्छिन्तु जहानायं, विहरामि जहासुहं ॥ ४८ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो । अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥ ४९ ॥ संपन्जलिया घोरा, अग्गी चिट्ठइ गोयमा ! । जे डहति सरीरत्था, कहं विज्झाविया तुमे ? ॥५०॥ महामेहप्पसूयाओ, गिज्झ वारि जलुत्तमं । सिंचामि सययं देहं, सित्ता नो डहति मे ॥५१॥ अग्गी य इइ के वुत्ता ?, केसी गोयममब्बवी । केसिमेव बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥५२॥ कसाया अग्गिणो वुत्ता, सुयसीलतवो जलं । सुयधाराभिहया संता, भिन्ना हु न डहंति मे ॥५३॥ साहु गोयम! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो। अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥५४ ॥ अयं साहसिओ भीमो, दुट्ठस्सो परिधावई । जंसि गोयम ! आरूढो, कहं तेण न हीरसि? ॥५५॥ पधावंतं निगिण्हामि, सुयरस्सीसमाहियं । न मे गच्छइ उम्मग्गं, मग्गं च पडिवज्जई ॥५६ ॥ आसे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी । केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ५७ ॥ मणो साहसिओ भीमो, दुट्ठस्सो परिधावई । तं सम्मं तु निगिण्हामि, धम्मसिक्खाइ कंथगं ॥ ५८ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो । अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥ ५९ ॥ कुप्पहा बहवो लोए, जेहिं नासंति जंतुणो । अदाणे कह वर्सेतो, तं न नाससि गोयमा ? ॥ ६० ॥ जे य मग्गेण गच्छंति, जे य उम्मग्गपट्ठिया । ते सव्वे वेइया मज्मं, तो न नस्सामहं मुणी ! ॥ ६१ ॥ मग्गे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी । केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ६२ ॥ कुप्पवयणपासंडी, सव्वे उम्मग्गपट्ठिया। सम्मग्गं तु जिणक्खायं, एस मग्गे हि उत्तमे ॥ ६३ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो । अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥ ६४ ॥ महाउदगवेगेण, वुज्झमाणाण पाणिणं, सरणं गई पइट्ठा य, दीवं कं मन्नसी मुणी ? ॥ ६५ ॥ अत्थि एगो महादीवो, वारिमज्झे महालओ। महाउदगवेगस्स, गई तत्थ न विजई ॥६६॥ दीवे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी । केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ६७ ॥ जरामरणवेगेणं, वुज्झमाणाण पाणिणं । धम्मो दीवो पइट्ठा य, गई सरणमुत्तमं ॥६८ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो। अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु Page #1096 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २४ भट्ठपवयणमायाओ] सुत्तागमे १०२१ गोयमा ! ॥ ६९ ॥ अण्णवंसि महोहंसि, नावा विपरिधावई । जंसि गोयम ! आरूढो, कहं पारं गमिस्ससि ? ॥ ७० ॥ जा उ अस्साविणी नावा, न सा पारस्स गामिणी । जा निरस्साविणी नावा, सा उ पारस्स गामिणी ॥७१॥ नावा य इइ का वुत्ता? । केसी गोयममब्ववी । केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्ववी ॥ ७२ ॥ सरीरमाहु नावत्ति, जीवो वुच्चइ नाविओ। संसारो अण्णवो वुत्तो, जं तरंति महेसिणो॥७३॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो। अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥ ७४ ॥ अंधयारे तमे घोरे, चिट्ठति पाणिणो बहू । को करिस्सइ उज्जोयं ?, सव्वलोयम्मि पाणिणं ॥ ७५ ॥ उग्गओ विमलो भाणू, सव्वलोयपभंकरो। सो करिस्सइ उज्जोयं, सव्वलोयंमि पाणिणं ॥ ७६ ॥ भाणू य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी । केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमव्ववी ॥ ७७ ॥ उग्गओ खीणसंसारो, सव्वन्नू जिणभक्खरो । सो करिस्सइ उज्जोयं, सव्वलोयंमि पाणिणं ॥ ७८ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो। अन्नो वि संसओ मज्झं, तं मे कहसु गोयमा ! ॥ ७९ ॥ सारीरमाणसे दुक्खे, बज्झमाणाण पाणिणं । खेमं सिवमणावाहं, ठाणं किं मन्नसी मुणी ? ॥ ८० ॥ अस्थि एगं धुवं ठाणं, लोगग्गंमि दुरारुहं । जत्थ नत्थि जरा मञ्चू, वाहिणो वेयणा तहा ॥ ८१ ॥ ठाणे य इइ के वुत्ते ?, केसी गोयममब्बवी। केसिमेवं बुवंतं तु, गोयमो इणमब्बवी ॥ ८२ ॥ निव्वाणं ति अवाहं ति, सिद्धी लोगग्गमेव य । खेमं सिवं अणाबाहं, जं चरंति महेसिणो ॥ ८३ ॥ तं ठाणं सासयं वासं, लोयग्गमि दुरारुहं । जं संपत्ता न सोयंति, भवोहंतकरा मुणी ! ॥ ८४ ॥ साहु गोयम ! पन्ना ते, छिन्नो मे संसओ इमो । नमो ते संसयातीत !, सव्वमुत्तमहोयही ॥ ८५ ॥ एवं तु संसए छिन्ने, केसी घोरपरकमे। अभिवंदित्ता सिरसा, गोयमं तु महायसं ॥ ८६ ॥ पंचमहव्वयधम्म, पडिबजइ भावओ। पुरिमस्स पच्छिमंमि, मग्गे तत्थ मुहावहे ॥ ८७॥ केसीगोयमओ निचं, तमि आसि समागमे। मुयसीलसमुक्करिसो, महत्थत्यविणिच्छओ॥ ८८ ॥ तोसिया परिसा सव्वा, सम्मग्गं समुवट्ठिया । संथुया ते पसीयंतु, भयवं केसिगोयमे ॥ ८९ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति केसिगोयमिजणामं तेवीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २३ ॥ अह समिईओ णामं चउवीसइमं अज्झयणं अट्ठ पवयणमायाओ, समिई गुत्ती तहेब य । पंचेव य समिओ, तओ गुतीय आहिया ॥१॥ इरियाभासेमणादाणे, उचारे समिई इय । मणगुत्ती वयगुती, कागती Page #1097 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुतं य अट्टमा ॥ २ ॥ एयाओ अट्ठ समिईओ, समासेण वियाहिया । दुवालसंगं जिणक्खायं, मायं जत्थ उ पवयणं ॥ ३ ॥ (१) आलंबणेणे काले, मग्गेण जयणाई य । चउकारणपरिसुद्धं, संजए इरियं रिए ॥ ४ ॥ तत्थ आलंबणं नाणं, दंसणं चरणं तहा । काले य दिवसे वुत्ते, मग्गे उप्पहवज्जिए ॥ ५ ॥ दव्वओ खेत्तओ चेव, कालओ भावओ तहा। जया चव्हावुत्ता, तं मे कित्तयओ सुण ॥ ६ ॥ दव्वओ चक्खुसा पेहे, जुगमित्तं चखेत्तओ । कालओ जाव रीइज्जा, उवउत्ते य भावओ ॥ ७ ॥ इंदियत्थे विवज्जित्ता, सज्झायं चेव पंचहा । तम्मुत्ती तप्पुरक्कारे, उवउत्ते रियं रिए ॥ ८ ॥ (२) कोहे माणे य मायाएँ, लोर्भे य उवउत्तया । हौसे भएँ मोहरिएँ, विकहासुं तहेव य ॥ ९ ॥ एयाई अठाणाई, परिवज्जितु संजए । असावज्जं मियं काले, भासं भासिज्ज पन्नवं ॥ १० ॥ (३) गवेसणाएं गर्हणे य, परिभोगेसणा य जा । आहारोवेहिसेज्जाएँ, एए तिन्नि विसोहए ॥ ११ ॥ उग्गमुप्पायणं पढमे, बीए सोहेज एसणं । परिभोयम्मि चउक्कं, विसोहेज जयं जई ॥ १२ ॥ (४) ओहोवैहोवग्गैहियं, भंडगं दुविहं मुणी । गिण्हंतो निक्खिवंतोय, परंजेज्ज इमं विहिं ॥ १३ ॥ चक्खुसा पडिलेहित्ता, पमज्जेज जयं जई । आइए निक्खिवेज्जा वा, दुहओऽवि समिए सया ॥ १४ ॥ (५) उच्चारं पासवणं, खेलं सिंघाणजल्लियं । आहारं उबहिं देहं, अन्नं वावि तहाविहं ॥ १५ ॥ अणावायमसंलोएं, अणावाए चेव होइ संलोएँ। आवायमसंलोएँ, आवाए चैव संलोएँ ॥ १६ ॥ अणावायमसंलोए, परस्सऽणुवघाइए । समे अज्झसिरे वावि, अचिरकालकयम्मि य ॥ १७॥ वित्थिण्णे दूरमोगाढे, नासन्ने बिलवज्जिए । तसपाणबीयरहिए, उच्चाराईणि वोसिरे ॥ १८ ॥ एयाओ पंच समिईओ, समासेण वियाहिया । एत्तो य तओ गुत्तीओ, वोच्छामि अणुपुव्वसो ॥ १९ ॥ (६) सच्चा तहेव मोसा य, सच्चामोसा तहेव य । चउत्थी असचमोस य, मणगुत्ती चउव्विहा ॥ २० ॥ संरंभसमारंभे, आरंभम्मि तहेव य । मणं पवत्तमाणं तु, नियत्तेज्ज जयं जई ॥ २१ ॥ ( ७ ) सच्चा तहेव मोसा य, सच्चामोसा तहेव य। चउत्थी असच्चमोसा य, वइगुत्ती चउव्विहा ॥ २२ ॥ संरंभसमारंभे, आरंभम्म तव य । वयं पवत्तमाणं तु, नियत्तेज जयं जई ॥ २३ ॥ ( ८ ) ठाणे निसीयणे चेव, तहेव य तु । उल्लंघणपल्लंघणे, इंदियाण य जुंजणे ॥ २४ ॥ संरंभसमारंभे, आरंभम्मि तव य । कायं पवत्तमाणं तु, नियत्तेज्ज जयं जई ॥ २५ ॥ एयाओ पंच समिईओ, चरणस्स य पवत्तणे । गुत्ती नियत्तणे वुत्ता, असुभत्थेसु सव्वसो ॥ २६ ॥ एया पवयणमाया, जे सम्मं आयरे मुणी । सो खिप्पं सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिए ॥ २७॥ त्ति-बेमि ॥ इति समिईओ णामं चउवीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २४ ॥ १०२२ Page #1098 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२३ अ० २५ माहणलक्खणाणि] सुत्तागमे अह जन्नइजनामं पंचवीसइमं अज्झयणं माहणकुलसंभूओ, आसि विप्पो महायसो । जायाई जमजन्नंमि, जयघोसित्ति नामओ ॥ १ ॥ इंदियग्गामनिग्गाही, मग्गगामी महामुणी । गामाणुगामं रीयंते, पत्तो वाणारसिं पुरिं ॥ २ ॥ वाणारसीए बहिया, उजाणंमि मणोरमे । फासुए सेजसंथारे, तत्थ वासमुवागए ॥ ३ ॥ अह तेणेव कालेणं, पुरीए तत्थ माहणे । विजयघोसित्ति नामेण, जन्नं जयइ वेयवी ॥ ४ ॥ अह से तत्थ अणगारे, मासक्खमणपारणे । विजयघोसस्स जन्नंमि, भिक्खमट्ठा उवहिए ॥ ५॥ समुवट्ठियं तहिं संतं, जायगो पडिसेहए। न हु दाहामि ते भिक्खं, भिक्खू ! जायाहि अन्नओ॥ ६ ॥ जे य वेयविऊ विप्पा, जन्नट्ठा य जे दिया । जोइसंगविऊ जे य, जे य धम्माण पारगा ॥ ७ ॥ जे समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य । तेसिं अन्नमिणं देयं, भो भिक्खू ! सव्वकामियं ॥ ८ ॥ सो तत्थ एवं पडिसिद्धो, जायगेण महामुणी । नवि रुटो नवि तुट्ठो, उत्तमट्टगवेसओ ॥ ९ ॥ ननढे पाणहेउं वा, नवि निव्वाहणाय वा । तेसिं विमोक्खणट्टाए, इमं वयणमब्बवी ॥१०॥ नवि जाणासि वेयमुहं, नवि जन्माण जं मुहं । नक्खत्ताण मुहं जं च, जं च धम्माण वा मुहं ॥ ११ ॥ जे समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य । न ते तुमं वियाणासि, अह जाणासि तो भण॥ १२ ॥ तस्सक्खेवपमोक्खं तु, अचयंतो तहिं दिओ। सपरिसो पंजली होउं, पुच्छई तं महामुणिं ॥ १३ ॥ वेयाणं च मुहं बूहि, बूहि जन्नाण जं मुहं । नक्खत्ताण मुहं बूहि, बेहि धम्माण वा मुहं ॥ १४ ॥ जे समत्था समुद्ध, परमप्पाणमेव य । एयं मे संमयं सव्वं, साह ! कहनु पुच्छिओ ॥ १५ ॥ अग्गिहुत्तमुद्दा वैया, जन्नट्ठी वेयमा मुहं । नक्खत्ताण मुहं चंदो, धम्माण कासवो मुहं ॥ १६ ॥ जहा चंदं गहाईया, चिट्ठति पंजलीउडा । वंदमाणा नमसंता, उत्तमं मणहारिणो ॥ १७ ॥ अजाणगा जन्नवाई, विजामाणसंपया । गृढा सज्झायतबगा, भासच्छन्ना इव ग्गिणो ॥ १८ ॥ जो लोए बंभणो वुत्तो, अग्गी व महिओ जहा । सया कुसलसंदिलु, नं वयं वृम माहणं ॥ १९ ॥ जो न सजह आगंतं, पव्वयंतो न सोयह। रमट अन्नवयणमि, तं वयं वूम माहणं ॥ २० ॥ जायसवं जहामढे, निद्धतमलपावगं । रागदोसभन्याईयं, तं वयं बूम मादणं ॥ २१ ॥ तस्मियं किसं दंतं, अवचियमंगोणियं । सुव्वयं पत्तनिव्वाणं, तं वयं बूम माहणं ॥ २२ ॥ नसपाणे बियाणता, संगहेण य थावरे । जो न हिंसइ तिविहेण, तं वयं बूम माहणं ॥ २३ ॥ कोहा वा जावा हासा, लोहा वा जइ वा भया । मुसं न वयई जो उ, नं वयं बृम माहणं ॥ २४ ॥ Page #1099 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२४ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं चित्तमंतमचित्तं वा, अप्पं वा जइ वा बहुं । न गिण्हइ अदत्तं जे, तं वयं वूम माहणं ॥ २५ ॥ दिव्वमाणुस्सतेरिच्छं, जो न सेवइ मेहुणं । मणसा कायवक्केणं, तं वयं बूम माहणं ॥ २६ ॥ जहा पोमं जले जायं, नोवलिप्पइ वारिणा । एवं अलित्तं कामेहिं, तं वयं बूम माहणं ॥ २७ ॥ अलोलुयं मुहाजीविं, अणगारं अकिंचणं । असंसत्तं गिहत्थेसु, तं वयं बूम माहणं ॥ २८ ॥ जहित्ता पुव्वसंजोगं, नाइसंगे य बंधवे । जो न सज्जइ भोगेसु, तं वयं बूम माहणं ॥ २९ ॥ पसुबंधा सव्ववेया, जटुं च पावकम्मुणा । न तं तायंति दुस्सीलं, कम्माणि बलवंति हि ॥ ३० ॥ न वि मुंडिएण समणो, न ओंकारेण बंभणो । न मुणी रण्णवासेणं, कुसचीरेण न तावसो ॥ ३१ ॥ समयाए समणो होइ, बंभचेरेण बंभणो । नाणेण य मुणी होइ, तवेण होइ तावसो ॥ ३२ ॥ कम्मुणा बंभणो होइ, कम्मुणा होइ खत्तिओ। वइस्सो कम्मुणा होइ, सुद्दो हवइ कम्मुणा ॥ ३३ ॥ एए पाउकरे बुद्धे, जेहिं होइ सिणायओ। सव्वकम्मविणिम्मुकं, तं वयं बूम माहणं ॥ ३४ ॥ एवं गुणसमाउत्ता, जे भवंति दिउत्तमा । ते समत्था समुद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य ॥ ३५ ॥ एवं तु संसए छिन्ने, विजयघोसे य माहणे । समुदाय तओ तं तु, जयघोसं महामुणिं ॥ ३६ ॥ तुढे य विजयघोसे, इणमुदाहु कयंजली । माहणत्तं जहाभूयं, सुटु मे उवदंसियं ॥ ३७ ॥ तुब्भे जइया जन्नाणं, तुब्भे वेयविऊ विऊ । जोइसंगविऊ तुब्भे, तुब्भे धम्माण पारगा ॥ ३८ ॥ तुब्भे समत्था उद्धत्तुं, परमप्पाणमेव य । तमणुग्गहं करेहऽम्हं, भिक्खेणं भिक्खुउत्तमा !॥ ३९ ॥न कजं मज्झ भिक्खेण, खिप्पं निक्खमसू दिया । मा भमिहिसि भयावटे, घोरे संसारसागरे ॥ ४० ॥ उवलेवो होइ भोगेसु, अभोगी नोवलिप्पई । भोगी भमइ संसारे, अभोगी विप्पमुच्चई ॥ ४१ ॥ उल्लो सुक्खो य दो छूढा, गोलया मट्टियामया। दो वि आवडिया कुड्डे, जो उल्लो सोऽत्थ लग्गई ॥ ४२ ॥ एवं लग्गति दुम्मेहा, जे नरा कामलालसा । विरत्ता उ न लग्गति, जहा से सुक्कगोलए ॥ ४३ ॥ एवं से विजयघोसे, जयघोसस्स अंतिए । अणगारस्स निक्खंतो, धम्म सोचा अणुत्तरं ॥ ४४ ॥ खवित्ता पुव्वकम्माई, संजमेण तवेण य । जयघोसविजयघोसा, सिद्धिं पत्ता अणुत्तरं ॥ ४५ ॥ ति-बेमि ॥ इति जन्नइज्जनामं पंचवीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २५ ॥ अह सामायारी णामं छव्वीसइमं अज्झयणं सामायारिं पवक्खामि, सव्वदुक्खविमोक्खणिं । जं चरित्ताण निग्गंथा, तिण्णा Page #1100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २६ वत्थपडिलेहणाविही] सुत्तागमे १०२५ संसारसागरं ॥ १ ॥ पढमा आवस्सिया नाम, बिइया य निसीहिया । आपुच्छणा य तइया, चउत्थी पडिपुच्छणा ॥ २ ॥ पंचमी छंदणा नाम, इच्छाकारो य छट्टओ। सत्तमो मिच्छाकारो य, तहकारो य अट्ठमो ॥ ३ ॥ अब्भुट्टाणं च नवमं, दसमी उवसंपया । एसा दसंगा साहूणं, सामायारी पवेइया ॥ ४ ॥ गमणे आवस्सियं कुज्जा, ठाणे कुज्जा निसीहियं । आपुच्छणं सयंकरणे, परकरणे पडिपुच्छणं ॥ ५॥ छंदणा दव्वजाएणं, इच्छाकारो य सारणे । मिच्छाकारो य निदाए, तहकारो पडिस्सुए ॥ ६ ॥ अब्भुट्ठाणं गुरुपूया, अच्छणे उवसंपया। एवं दुपंचसंजुत्ता, सामायारी पवेइया ॥ ७ ॥ पुव्विल्लंमि चउन्माए, आइचंमि समुट्ठिए । भंडयं पडिलेहित्ता, वंदित्ता य तओ गुरुं ॥ ८ ॥ पुच्छिन्ज पंजलीउडो, किं कायव्वं मए इह । इच्छं निओइउं भंते !, वेयावच्चे व सज्झाए ॥ ९॥ वेयावच्चे निउत्तेण, कायव्वं अगिलायओ । सज्झाए वा निउत्तेण, सव्वदुक्ख विमोक्खणे ॥ १०॥ दिवसस्स चउरो भागे, भिक्खू कुजा वियक्खणो । तओ उत्तरगुणे कुजा, दिणभागेसु चउसु वि ॥ ११ ॥ पढमं पोरिसि सज्झायं, बीयं झाणं झियायई । तइयाए भिक्खायरियं, पुणो चउत्थीइ सज्झायं ॥ १२ ॥ असाढे मासे दुपया, पोसे मासे चउप्पया । चित्तासोएमु मासेसु, तिप्पया हवइ पोरिसी ॥ १३ ॥ अंगुलं सत्तरत्तेणं, पक्खेणं च दुअंगुलं । वहुए हायए वावि, मासेणं चउरंगुलं ॥ १४ ॥ आसाढबहुलपक्खे, भद्दवए कत्तिए य पोसे य । फरगुणवइसाहेसु य, बोद्धव्या ओमरत्ताओ ॥ १५ ॥ जेट्टामूले आसाढसावणे, छहिं अंगुलेहिं पडिलेहा । अट्ठहिं बीयतयंमि, तइए दस अट्ठहिं चउत्थे ॥ १६ ॥ रत्तिं पि चउरो भागे, भिक्खू कुजा वियक्खणो । तओ उत्तरगुणे कुजा, राइभाएमु चउसु वि ॥ १७ ॥ पढमं पोरिसि सज्झायं, यीयं झाणं झियायई । तइयाए निमोक्खं तु, चउत्थी भुजो वि सज्झायं ।। १८॥ जं नेइ जया रत्तिं, नक्वत्तं तंमि नहचउन्माए । संपत्ते विरमेजा, सज्झायं पओसकालंमि ॥ १९ ॥ तम्मेव य नक्वत्ते, गयणचउभागसावसेसंमि । वेरत्तियं पि कालं, पडिलेहिता मुणी कुज्जा ॥ २० ॥ पुट्विटंमि चउभाए, पडिलेहिताण भंडयं । गुरुं बंदित्तु सज्झायं, कुजा दुक्खविमोक्षणं ॥ २१ ॥ पोरिसीए चउम्भाए, बंदित्ताण तओ गुरुं । अपडिकमित्ता कालस्म, भायणं पडिलेहए ॥ २२ ॥ मुहपोत्ति पडिलेहित्ता, पडिलेहिज्ज गोच्छगं । गोच्छगलइयंगुलिओ, वत्थाई पडिलेहए ॥ २३ ॥ उर्दू थिरे अतुरियं, पुव्वं ता वत्यमेव पडिलेहे । तो बिइयं पाफोडे, तइयं च पुणो पमजिजा ॥ २४ ॥ अणयावियं १ सज्झायकालाओ अणिवित्तो होऊण । सुत्ता०६५ Page #1101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२६ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं अवलियं, अणाणुबंधिममोसलिं चेव । छप्पुरिमा नव खोडा, पाणीपाणिविसोहणं ॥ २५ ॥ आरभडा सम्मद्दा, वजेयव्वा य मोसली तइया। पप्फोडणा चउत्थी, विक्खित्ता वेइया छट्ठी ॥ २६ ॥ पसिढिलपलंबलोला, एगामोसा अणेगरूवधुणा । कुणइ पमाणपमायं, संकिय गणणोवगं कुजा ॥ २७ ॥ अणूणाइरित्तपडिलेहा, अविवच्चासा तहेव य । पढमं पयं पसत्थं, सेसाणि उ अप्पसत्थाई ॥ २८ ॥ पडिलेहणं कुणतो, मिहो कहं कुणइ जणवयकहं वा । देइ व पञ्चक्खाणं, वाएइ सयं पडिच्छइ वा ॥ २९ ॥ पुढवीआउक्काए, तेऊवाऊवणस्सइतसाणं । पडिलेहणापमत्तो, छण्हं पि विराहओ होइ ॥ ३० ॥ पुढवीआउक्काए, तेऊवाऊवणस्सइतसाणं । पडिलेहणाआउत्तो, छण्हं संरक्खओ होइ ॥ ३१ ॥ तइयाए पोरिसीए, भत्तं पाणं गवेसए । छण्हं अन्नयरागंमि, कारणमि समुट्ठिए ॥ ३२ ॥ वेयण वेयावच्चे, इरियट्ठाए य संजमट्ठाए । तह पाणवत्तियाए, छटुं पुण धम्मचिंताए ॥ ३३ ॥ निग्गंथो धिइमंतो, निग्गंथी वि न करेज छहिं चेव । ठाणेहिं उ इमेहिं, अणइक्कमणाइ से होइ ॥ ३४ ॥ आयंके उवसग्गे, तितिक्खया बंभचेरगुत्तीसु । पाणिदया तवहेलं, सरीरवोच्छेयणट्ठाए ॥ ३५ ॥ अवसेसं भंडगं गिज्झ, चक्खुसा पडिलेहए। परमद्धजोयणाओ, विहारं विहरए मुणी ॥ ३६ ॥ चउत्थीए पोरिसीए, निक्खिवित्ताण भायणं । सज्झायं तओ कुज्जा, सव्वभावविभावणं ॥ ३७ ॥ पोरिसीए चउब्भाए, वंदित्ताण तओ गुरुं । पडिक्कमित्ता कालस्स, सेजं तु पडिलेहए ॥ ३८ ॥ पासवणुचारभूमिं च, पडिलेहिज जयं जई । काउस्सग्गं तओ कुज्जा, सव्वदुक्खविमोक्खणं ॥ ३९ ॥ देवसियं च अइयारं, चिंतिज्जा अणुपुव्वसो । नाणे य दंसणे चेव, चरित्तमि तहेव य ॥ ४० ॥ पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं । देवसियं तु अइयारं, आलोएज जहक्कमं ॥ ४१ ॥ पडिक्कमित्तु निस्सल्लो, वंदित्ताण तओ गुरुं । काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं ॥ ४२ ॥ पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं । थुइमंगलं च काऊण, कालं संपडिलेहए ॥४३॥ पढमं पोरिसि सज्झायं, बिइयं झाणं झियाथई । तइयाए निद्दमोक्खं तु, सज्झायं तु चउत्थिए ॥ ४४ ॥ पोरिसीए चउत्थीए, कालं तु पडिलेहिया । सज्झायं तु तओ कुजा, अबोहंतो असंजए ॥ ४५ ॥ पोरिसीए चउब्भाए, वंदिऊण तओ गुरुं । पडिक्कमित्तु कालस्स, कालं तु पडिलेहए ॥ ४६ ॥ आगए कायवोस्सग्गे, सव्वदुक्खविमोक्खणे । काउस्सग्गं तओ कुजा, सव्वदुक्खविमोक्खणं ॥ ४७ ॥ राइयं च अईयारं, चिंतिज्ज अणुपुव्वसो । नाणंमि दंसणंमि य, चरित्तमि तवंमि य ॥ ४८ ॥ पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं । राइयं तु अईयारं, आलोएज जहक्कम ॥ ४९ ॥ पडिक्कमित्तु Page #1102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सत्तावीसइमज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे १०२७ निस्सलो, वंदित्ताण तओ गुरुं । काउस्सग्गं तओ कुन्ना, सव्वदुक्खविमोक्खणं ॥ ५० ॥ किं तवं पडिवजामि, एवं तत्थ विचिंतए । काउस्सग्गं तु पारित्ता, करिज्जा जिणसंथवं ॥ ५१ ॥ पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण तओ गुरुं । तवं संपडिवज्जेत्ता, कुजा सिद्धाण संथवं ॥ ५२ ॥ एसा सामायारी, समासेण वियाहिया । जे चरित्ता बहू जीवा, तिण्णा संसारसागरं ॥ ५३ ॥ ति-बेमि ॥ इति सामायारी णामं छव्वीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २६॥ अह खलंकिजणामं सत्तवीसइमं अज्झयणं 000000000 थेरे गणहरे गग्गे, मुणी आसि विसारए । आइण्णे गणिभावंमि, समाहिं पडिसंधए ॥ १ ॥ वहणे वहमाणस्स, कंतारं अइवत्तई । जोगे वहमाणस्स, संसारो अइवत्तई ॥ २ ॥ खलंके जो उ जोएइ, विहम्माणो किलिस्सई । असमाहिं च वेएइ, तोत्तओ से य भजई ॥ ३ ॥ एग डसइ पुच्छंमि, एगं विंधइऽभिक्खणं । एगो भंजइ समिलं, एगो उप्पहपट्ठिओ ॥ ४ ॥ एगो पडइ पासेणं, निवेसइ निवज्जई । उछुद्दई उप्फिडई, सढे बालगवी वए ॥ ५ ॥ माई मुद्धेण पडई, कुद्धे गच्छइ पडिप्पहं । मयलक्खेण चिट्ठई, वेगेण य पहावई ॥ ६ ॥ छिन्नाले छिंदई सेल्लिं, दुईतो भंजए जुगं । से वि य सुस्सुयाइत्ता, उजहित्ता पलायए ॥ ७ ॥ खलंका जारिसा जोज्जा, दुस्सीसा वि हु तारिसा । जोइया धम्मजाणंमि, भज्जती धिइदुब्बला ॥ ८ ॥ इडीगारविए एगे, एगेऽत्थ रसगारवे । सायागारविए एगे, एगे सुचिरकोहणे ॥ ९॥ भिक्खालसिए एगे, एगे ओमाणभीरुए। थद्धे एगेऽणुसासंमि, हेऊहिं कारणेहि य ॥ १० ॥ सो वि अंतरभासिल्लो, दोसमेव पकुव्वई । आयरियाणं तु वयणं, पडिकूलेइऽभिक्खणं ॥ ११ ॥ न सा ममं वियाणाइ, न वि सा मज्स दाहिई । निग्गया होहिई मन्ने, साह अन्नोऽत्थ व[ज] चउ ॥ १२ ॥ पेसिया पलिउंचंति, ते परियंति समंतओ । रायवेटिं च मन्नंता, करेंति भिउडिं मुहे ॥ १३ ॥ वाइया संगहिया चेव, भत्तपाणेण पोसिया। जायपक्खा जहा हंसा, पक्षमति दिसो दिर्सि ॥ १४ ॥ अद्द सारही विचिंतेइ, खलंकेहिं समागओ । किं मम दुट्ठसीसेहिं, अप्पा मे अवसीयई ॥ १५॥ जारिसा मम सीसा उ, तारिसा गलिगद्दहा । गलिगद्दहे जहिताणं, दटं पगिण्हई तवं ॥ १६ ॥ मिउमद्दवसंपन्नो, गंभीरो मुरामाहिओ । विहरद महिं महप्पा, सीलभूएण अप्पणा ॥ १७ ॥ ति-बेमि ॥ इति खलुकिजणामं सत्तवीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २७ ।। Page #1103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०२८ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं अह मोक्खमग्गगई णामं अट्ठावीसइमं अज्झयणं मोक्खमग्गगई तच्चं, सुणेह जिणभासियं । चउकारणसंजुत्तं, नाणदंसणलक्खणं ॥१॥ नाणं च दंसणं चेव, चरित्तं च तवो तहा। एस मरगुत्ति पन्नत्तो, जिणेहिं वरदंसिहि ॥ २॥ नाणं च दंसणं चेव, चरित्तं च तवो तहा । एयं मग्गमणुप्पत्ता, जीवा गच्छंति सोग्गइं ॥ ३ ॥ तत्थ पंचविहं नाणं, सुयं आभिनिबोहियं । ओहिनाणं तु तइयं, मणनाणं च केवलं ॥ ४॥ एवं पंचविहं नाणं, दव्वाण य गुणाण य । पज्जवाणं च सव्वेसिं, नाणं नाणीहि देसियं ॥ ५॥ गुणाणमासओ दव्वं, एगदव्वस्सिया गुणा । लक्खणं पजवाणं तु, उभओ अस्सिया भवे ॥ ६॥ धम्मो अहम्मो आगासं, कालो पुग्गलजंतवो । एस लोगो त्ति पन्नत्तो, जिणेहिं वरदंसिहिं ॥ ७ ॥ धम्मो अहम्मो आगासं, दव्वं इकिकमाहियं । अणंताणि य दव्वाणि, कालो पुग्गलजंतवो ॥ ८ ॥ गइलक्खणो उ धम्मो, अहम्मो ठाणलक्खणो । भायणं सव्वदव्वाणं, नहं ओगाहलक्खणं ॥ ९ ॥ वत्तणालक्खणो कालो, जीवो उवओगलक्खणो । नाणेणं दंसणेणं च, सुहेण य दुहेण य ॥ १० ॥ नाणं च दंसणं चेव, चरित्तं च तवो तहा। वीरियं उवओगो य, एयं जीवस्स लक्खणं ॥ ११ ॥ सहधयारउज्जोओ, पहा छायाऽऽतवो इ वा । वण्णरसगंधफासा, पुग्गलाणं तु लक्खणं ॥ १२ ॥ एगत्तं च पुहत्तं च, संखा संठाणमेव य । संजोगा य विभागा य, पजवाणं तु लक्खणं ॥ १३ ॥ जीवाजीवा य बंधो य, पुण्णं पावाऽऽसवो तहा। संवरो निजरा मोक्खो, संतेए तहिया नव ॥ १४ ॥ तहियाणं तु भावाणं, सब्भावे उवएसणं । भावेणं सद्दहंतस्स, सम्मत्तं तं वियाहियं ॥ १५॥ निस्सग्गुवएसरुई, आणरुई सुत्तबीयरुइमेव । अभिगम-वित्थाररुई, किरिया-संखेव-धम्मरुई ॥ १६ ॥ भूयत्थेणाहिगया, जीवाजीवा य पुण्णपावं च । सहसम्मइयासवसंवरो य, रोएइ उ निस्सग्गो ॥ १७ ॥ जो जिणदिढे भावे, चउविहे सद्दहाइ सयमेव । एमेव नन्नहत्ति य, स निसग्गरुइत्ति नायव्वो ॥ १८॥ एए चेव उ भावे, उवइटे जो परेण सद्दहई । छउमत्थेण जिणेण व, उवएसरुइत्ति नायव्वो ॥ १९॥ रागो दोसो मोहो, अन्नाणं जस्स अवगयं होइ । आणाए रोयंतो, सो खलु आणारुई नामं ॥ २० ॥ जो सुस्तमहिजंतो, सुएण ओगाहई उ सम्मत्तं । अंगेण बाहिरेण व, सो सुत्तरुइत्ति नायव्चो ॥ २१ ॥ एगेण अणेगाई, पयाइं जो पसरई उ सम्मत्तं । उदएव्व तेल्लबिंदू, सो बीयरुइत्ति नायव्वो ॥ २२ ॥ सो होइ अभिगमरुई, सुयनाणं जेण अत्थओ दिहूँ । एक्कारस अंगाई, पइण्णगं दिठिवाओ य ॥ २३ ॥ दव्वाण सव्वभावा, सव्वपमाणेहि Page #1104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २९ तिहत्तरिपण्हणामणिद्देसो ] सुत्तागमे जस्स उवलद्धा । सव्वाहिं नयविहीहिं, वित्थाररुइत्ति नायव्व ॥ २४ ॥ दंसणनाणचरित्ते, तवविणए सच्चसमिइगुत्तीसु । जो किरियाभावरुई, सो खलु किरिया रुई नाम ॥ २५ ॥ अणभिग्गहियकुदिट्ठी, संखेवरइत्ति होइ नायव्वो । अविसारओ पवयणे, अणभिग्गहिओ य सेसेसु ॥ २६ ॥ जो अस्थिकायधम्मं, सुयधम्मं खलु चरित्तधम्मं च । सद्दहइ जिणाभिहियं, सो धम्मरुइत्ति नायव्व ॥ २७ ॥ परमत्थसंथवो वा, सुपरमत्थसेवणं वावि । वावन्नकुदंसणवज्जणा, य सम्मत्तसद्दणा ॥ २८ ॥ नत्थि चरित्तं सम्मत्तविहूणं, दंसणे उ भइयव्वं । सम्मत्तचरित्ताई, जुगवं पुव्वं व सम्मत्तं ॥ २९ ॥ नादंसणिस्स नाणं, नाणेण विणा न हुंति चरणगुणा । अगुणिस्स नत्थि मोक्खो, नत्थि अमोक्खस्स निव्वाणं ॥ ३० ॥ निस्संकिय निक्कंखिय, निव्विति - गिच्छा अमूढदिट्ठी य । उवबूह थिरीकरणे, वच्छल पभावणे अट्ठ ॥ ३१ ॥ सामाइयत्थ पढमं, छेओवट्टावणं भवे बीयं । परिहारविसुद्धीयं, सुहुमं तह संपरायं च ॥ ३२ ॥ अकसायमहक्खायं, छउमत्थस्स जिणस्स वा । एयं चयरित्तकरं, चारितं होइ आहियं ॥ ३३ ॥ तवो य दुविहो वृत्तो, बाहिरब्भंतरो तहा । बाहिरो छव्विहो वृत्तो, एवमभंत तवो ॥ ३४ ॥ नाणेण जाणई भावे, दंसणेण य सहे । चरितेण निगिण्हाइ, तवेण परिमुज्झाई ॥ ३५ ॥ खवेत्ता पुव्वकम्माई, संजमेण तवेण य । सव्वदुक्खपहीणट्ठा, पक्कमंति महेसिणो ॥ ३६ ॥ त्ति - बेमि ॥ इति मोक्खमग्गगई णामं अट्ठावीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ २८ ॥ अह सम्मत्तपरक्कमणामं एगूणतीसइमं अज्झयणं १०२९ सुयं मे आउ ! ते भगवया एवमक्खायं । इह खलु सम्मत्तपरकमे नाम अज्झयणे समणं भगवया महावीरेण कासवेणं पवेइए जं सम्मं सद्दहित्ता पत्तिइत्ता रोयता फासिता पालइत्ता तीरित्ता कित्तइत्ता सोहइत्ता आराहित्ता आणाए अणुपालड़ता बहवे जीवा सिज्यंति बुज्नंति मुचंति परिनिव्वायंति सव्वदुक्खाणमंत करेंति । तस्य णं अयम एवमाहिजइ । तंजहा संवेगे १ निव्वेए २ धम्मसद्धा ३ गुरुसाहम्मियस्सणया ४ आलोयणया ५ निंदणया ६ गरिहणया ७ सामाइए ८ satara ९ वंदणे १० पडिकमणे ११ काउसो १२ पञ्चक्खाणे १३ rayaमंगले १४ कालपडिलेहणया १५ पायच्छितकरणे १६ खमावणया १७ सज्झाए १८ वायणया १९ पुच्चणया २० परियहणया २१ अणुप्पेहा २२ धम्मका २३ सुस्त आराहणया २४ एगग्गमणसंनिवेसणया २५ संजमे २६ Page #1105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३० सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुतं तवे २७ वोदाणे २८ सुहसाए २९ अप्पडिबद्धया ३० विवित्तसयणासणसेवणया ३१ विणियदृणया ३२ संभोगपच्चक्खाणे ३३ उवहिपच्चक्खाणे ३४ आहारपच्चक्खाणे ३५ कसायपच्चक्खाणे ३६ जोगपच्चक्खाणे ३७ सरीरपञ्चक्खाणे ३८ सहायच्चक्खाणे ३९ भत्तपच्चक्खाणे ४० सब्भावपच्चक्खाणे ४१ पडिवणया ४२ वेयावच्चे ४३ सव्वगुणसंपन्नया ४४ वीयरागया ४५ खंती ४६ मुत्ती ४७ मध्ये ४८ अजवे ४९ भावसच्चे ५० करणसच्चे ५१ जोगसच्चे ५२ मणगुत्तया ५३ वयगुत्तया ५४ कायगुत्तया ५५ मणसमाधारणया ५६ वयसमाधारणया ५७ काय समाधारणया ५८ नाणसंपन्नया ५९ दंसणसंपन्नया ६० चरित्तसंपन्नया ६१ सोइंदियनिग्गहे ६२ चक्खिदियनिग्गहे ६३ घाणिदियनिग्गहे ६४ जिब्भिदिय - निग्गहे ६५ फार्सिदियनिग्गहे ६६ कोहविजए ६७ माणविजए ६८ मायाविजए ६९ लोह विज ७० पेज्जदो समिच्छादंसणविजए ७१ सेलेसी ७२ अम्मया ७३ ॥ संवेगेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? संवेगेणं अणुत्तरं धम्मसद्धं जणयइ । अणुत्तराए धम्मसद्धाए संवेगं हव्वमागच्छइ । अणंताणुबंधिको हमाणमायालोभे खवेइ | नवं चकम्मं न बंधइ । तप्पच्चइयं च णं मिच्छत्तविसोहिं काऊण दंसणाराहए भवइ । दंसणविसोहीए य णं विसुद्धाए अत्थेगइए तेणेव भवग्गहणेणं सिज्झइ । विसोहीए य णं विसुद्धा तचं पुणो भवग्गहणं नाइकमइ ॥ १ ॥ निव्वेएणं भंते! जीवे किं जणयइ ? निव्वेएणं दिव्वमाणुसतेरिच्छिएसु कामभोगेसु निव्वेयं हव्वमागच्छइ । सव्वविसएस विरज्जइ । सव्वविसएस विरज्जमाणे आरंभपरिच्चायं करेइ । आरंभपरिच्चायं करेमाणे संसारमग्गं वोच्छिदइ, सिद्धिमग्गं पडिवन्ने य हवइ ॥ २ ॥ धम्मसद्धाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? धम्मसद्धाए णं सायासोक्खेसु रजमाणे विरज्जइ । आगारधम्मं च णं चयइ । अणगारिए णं जीवे सारीरमाणसाणं दुक्खाणं छेयणभेयणसंजोगाईणं वोच्छेयं करेइ । अव्वाबाहं च सुहं निव्वत्तेइ ॥ ३॥ गुरुसाहम्मियसुस्सूसणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? गुरुसाहम्मियसुस्सूणयाए विडिवत्तिं जणयइ । विणयपडिवन्ने य णं जीवे अणच्चासायणसीले नेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवदुग्गईओ निरुंभइ । वण्णसंजलणभत्तिबहुमाणयाए मणुस्सदेवसुगईओ निबंधइ । सिद्धिं सोग्गइं च विसोहेइ । पसत्थाई च णं विणयमूलाई सव्वकज्जाई साहेइ | अन्ने य बहवे जीवा विणिइत्ता भवइ ॥ ४ ॥ आलोयणाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? आलोयणाए णं मायानियाणमिच्छादंसणसक्लाणं मोक्खमग्गविग्घाणं अणंतसंसारबंधणाणं उद्धरणं करेइ । उज्जुभावं च जणयइ । उज्जुभावपडिवन्ने य णं जीवे अमाई इत्थीवेयनपुंसगवेयं च न बंधड़ । पुव्वबद्धं च णं Page #1106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २९ वायणाफलं] सुत्तागमे १०३१ निजरेइ ॥५॥ निंदणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? निंदणयाए णं पच्छाणुतावं जणयइ । पच्छाणुतावेणं विरज्जमाणे करणगुणसेढिं पडिवज्जइ । करणगुणसेढीपडिवन्ने य णं अणगारे मोहणिज कम्मं उग्घाएइ ॥ ६ ॥ गरहणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? गरहणयाए णं अपुरस्कार जणयइ । अपुरकारगए णं जीवे अप्पसत्थेहितो जोगेहिंतो नियत्तेइ, पसत्थे य पडिवज्जइ। पसत्थजोगपडिवन्ने य णं अणगारे अणंतघाइपज्जवे खवेइ ॥ ७ ॥ सामाइएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सामाइएणं सावजजोगविरइं जणयइ॥८॥चउव्वीसत्थएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? चउव्वीसत्थएणं दसणविसोहिं जणयइ ॥ ९ ॥ वंदणएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? वंदणएणं नीयागोयं कम्म खवेइ । उच्चागोयं कम्मं निबंधइ । सोहग्गं च णं अपडिहयं आणाफलं निव्वत्तेइ । दाहिणभावं च णं जणयइ ॥ १० ॥ पडिक्कमणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पडिक्कमणेणं वयछिद्दाणि पिहेइ । पिहियवयछिद्दे पुण जीवे निरुद्धासवे असबलचरित्ते अट्ठसु पबयणमायासु उवउत्ते अपुहत्ते सुप्पणिहिए विहरइ ॥ ११ ॥ काउस्सग्गेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? काउस्सग्गेणं तीयपडप्पन्नं पायच्छित्तं विसोहेइ । विसुद्धपायच्छित्ते य जीवे निव्वुयहियए ओहरियभरुव्ब भारबहे पसत्यशाणोवगए सुहमुहेणं विहरइ ॥ १२ ॥ पञ्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पच्चक्खाणेणं आसवदाराइं निरंभइ । पखाणेणं इच्छानिरोहं जणयइ। इच्छानिरोहं गए य णं जीवे सब्बदव्येनु विणीयतण्हे सीइभए विहरइ ॥ १३ ॥ थवथुइमंगलेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? थवथुइमंगलेणं नाणदंसणचरित्तबोहिलाभं जणयइ। नाणदंसणचरितबोहिलाभसंपन्ने य णं जीवे अंतकिरियं कम्पविमाणोववत्तियं आराहणं आराहेइ ॥ १४ ॥ कालपटिलेहणयाए णं भंते ! जीवे कि जणयइ ? कालपडिलेहणयाए णं नाणावरणिज कम्म खवेइ ॥ १५ ॥ पायच्छित्तकरणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पायच्छित्तकरणणं पावकम्मविसोहिं जणयइ, निरझ्यारे यावि भवद । सम्मं च णं पायच्छित्तं पडिबजमाणे मग्गं च मग्गफलं च विसोहेइ, आयारं च आयारफलं च आराहेइ ॥ १६ ॥ खमावणयाए णं भंते ! जीव किं जणयह ? खमा. वणयाए णं पल्हायणभावं जणयइ । पल्हायणभावमुबगए य सव्वपाणभूयजीवसत्तेमु मित्तीभावमुपाएइ । मित्तीभावमुवगा य जीवे भावविसोहि काऊण निभए भवद ॥ १७ ॥ सज्झाएणं भंते ! जीवे कि जणग्रह ? समाएणं नाणावरणिज कम्म खवेइ ॥ १८ ॥ वायणाए णं भंते ! जावे कि जणयद ? वायणाए णं निजरं जणयइ । मयस्स य अणुसजणाए अणासायणाए वए । मुयस्स अणुसजणाए अणासायणाए वमाणे तित्थधम्म अवलंबइ । तित्ययम्मं अवलंबमाणे महानिजरे Page #1107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुतं महापज्जवसाणे भवइ ॥ १९ ॥ पडिपुच्छणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पडिपुच्छणयाए णं सुत्तत्थतदुभयाई विसोहेइ । कंखामोहणिज कम्मं वोच्छिदइ ॥ २० ॥ परियट्टणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? परियट्टणयाए णं वंजणाई जणयइ, वंजणलद्धिं च उप्पाएइ ॥ २१॥ अणुप्पेहाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? अणुप्पेहाए णं आउयवजाओ सत्तकम्मप्पगडीओ धणियबंधणबद्धाओ सिढिलवंधणबद्धाओ पकरेइ । दीहकालट्ठिइयाओ हस्सकालट्ठिइयाओ पकरेइ । तिव्वाणुभावाओ मंदाणुभावाओ पकरेइ। बहुपएसग्गाओ अप्पपएसग्गाओ पकरेइ । आउयं च णं कम्म सिया बंधइ, सिया नो बंधइ । असायावेयणिजं च णं कम्मं नो भुज्जो भुज्जो उवचिणाइ। अणाइयं च णं अणवदग्गं दीहमद्धं चाउरतं संसारकंतारं खिप्पामेव वीइवयइ ॥ २२ ॥ धम्मकहाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? धम्मकहाए णं निजरं जणयइ । धम्मकहाए णं पवयणं पभावेइ । पवयणपभावेणं जीवे आगमेसस्स भद्दत्ताए कम्मं निबंधइ ॥ २३ ॥ सुयस्स आराहणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सुयस्स आराहणयाए णं अन्नाणं खवेइ, न य संकिलिस्सइ ॥ २४ ॥ एगग्गमणसंनिवेसणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? एगग्गमणसंनिवेसणयाए णं चित्तनिरोहं करेइ ॥ २५ ॥ संजमेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? संजमेणं अणण्हयत्तं जणयइ ॥ २६ ॥ तवेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? तवेणं वोदाणं जणयइ ॥ २७ ॥ वोदाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? वोदाणेणं अकिरियं जणयइ । अकिरियाए भवित्ता तओ पच्छा सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिनिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ॥ २८ ॥ सुहसाएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सुहसाएणं अणुस्सुयत्तं जणयइ । अणुस्सुयाए णं जीवे अणुकंपए अणुब्भडे विगयसोगे चरित्तमोहणिज कम्म खवेइ ॥ २९ ॥ अप्पडिबद्धयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? अप्पडिबद्धयाए णं जीवे निस्संगत्तं जणयइ । निस्संगत्तेणं जीवे एगग्गचित्ते दिया य राओ य असज्जमाणे अप्पडिबद्धे यावि विहरइ ॥ ३० ॥ विवित्तसयणासणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? विवित्तसयणासणयाए णं जीवे चरित्तगुत्तिं जणयइ । चरित्तगुत्ते य णं. जीवे विवित्ताहारे दढचरित्ते एगंतरए मोक्खभावपडिवन्ने अट्ठविहकम्मगंठिं निजरेइ ॥ ३१ ॥ विणियट्टणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? विणियट्टणयाए णं जीवे पावकम्माणं अकरणयाए अब्भुढेइ । पुव्वबद्धाण य निज्जरणयाए पावं नियत्तेइ । तओ पच्छा चाउरंतं संसारकंतारं वीइवयइ ॥ ३२ ॥ संभोगपञ्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणयइ? संभोगपञ्चक्खाणेणं जीवे आलंबणाई खवेइ । निरालंबणस्स य आययट्ठिया योगा भवंति । सएणं लाभेणं संतुस्सइ, परलाभं नो आसाएइ नो तक्केइ नो पीहेइ नो- पत्थेइ नो अभिलसइ । परलाभं अणस्साएमाणे अतकेमाणे Page #1108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३३ अ० २९ मुत्तीफलं ] सुत्तागमे अपीहेमाणे अपत्थेमाणे अणभिलसमाणे दुष्च्चं सुहसेज्जं उवसंपजित्ताणं विहरइ ॥ ३३ ॥ उवहिपच्चक्खाणेणं भंते! जीवे किं जणयइ ? उवहिपञ्चक्खाणेणं जीवे अपलिमंथं जणयइ । निरुवहिए णं जीवे निक्कंखी उवहिमंतरेण य न संकिलिस्सइ ॥ ३४ ॥ आहार पच्चक्खाणं भंते! जीवे किं जणयइ ? आहारपच्चक्खाणेणं जीवे जीविया - संसप्पओगं वोच्छिदइ । जीविया संसप्पओगं वोच्छिदित्ता जीवे आहारमंतरेण न संकिलिस्सइ ॥ ३५ ॥ कसायपच्चक्खाणं भंते! जीवे किं जणयइ ? कसायपच्चक्खाणेणं जीवे वीयरागभावं जणयइ । वीयरागभावपडिवन्ने वि य णं जीवे समसुहदुक्खे भवइ ॥ ३६ ॥ जोगपञ्चक्खाणेणं भंते! जीवे किं जणयइ ? जोगपच्चक्खाणेणं जीवे अजोगत्तं जणयइ । अजोगी णं जीवे नवं कम्मं न बंधइ, पुव्वबद्धं निज्जरेइ ॥ ३७ ॥ सरीरपच्चक्खाणेणं भंते! जीवे किं जणयइ ? सरीरपञ्चक्खाणेणं जीवे सिद्धाइसयगुणकित्तणं निव्वत्तेइ । सिद्धाइसयगुणसंपन्ने य णं जीवे लोगग्गमुवगए परमसुही भवइ ॥ ३८ ॥ सहायपचक्खाणं भंते! जीवे किं जणयइ ? सहायपच्चक्खाणेणं जीवे एगीभावं जणयइ । एगीभावभूए वि य णं जीवे एगत्तं भावेमाणे अप्पसद्दे अप्पझंझे अप्पकलहे अम्पकसाए अप्पतुमतुमे संजमबहुले संवरबहुले समाहिए यात्रि भवइ ॥ ३९ ॥ भत्तपचक्खाणं भंते! जीवे किं जणयइ ? भत्तपच्चक्खाणं जीवे अगाई भवसयाई निभइ ॥ ४० ॥ सम्भावपच्चक्खाणं भंते! जीवे किं जणयइ ? सब्भावपच्चक्खाणं जीवे अनियहिं जणयइ । अनियट्टिमडियन्ने य अणगारे चत्तारि केवलिकम्मंसे खवेइ । तंजहा — वैयणिज्जं आउयं नामं गोयं । तओ पच्छा सिज्झइ बुज्झइ मुच परिनिब्वाय सव्वदुक्खाणमंत करेइ ॥ ४१ ॥ पडिवयाए णं भंते ! जीव किं जणय ? पडिम्बयाए णं जीवें लाघवियं जणयन् । लघुभए णं जीवे अप्पमते पागडलिंगे पत्थलिंगे विमुद्धसम्मत्ते सत्तसमिइसमते सव्वपाणभूयजीवसत्तेसु बीससणिजम् अप्पडिलेहे जिइंदिए विउलतवसमिसमन्नागए यावि भवइ ॥ ४२ ॥ वेयात्रष्येणं अंत ! जीवे किं जणयइ ? वैयावचेणं जीवे तित्थयरनामगोतं कम्मं निबंधइ ॥ ४३ ॥ सव्वगुणसंपन्नयाए णं भंते! जीवे किं जणयइ ! सव्वगुणसंपन्नयाए णं जीचे अपुणरावतिं जणयइ । अपुणरावतिं पत्तए य णं जीव सारी माणसाणं दुक्खाणं नो भागी भवः ॥ ४४ ॥ वीयरागयाए णं भंते ! जीवे किं जयइ ? वीयरागयाए णं जीवे नेहाणुवंधणाणि तव्हाणुबंधणाणि य वोच्छिंदर, मणुनामणुन्नेसु सद्दफरिसस्वरसगंधेमु (सचित्ताचितमीसएस ) चैत्र विरज्जइ ॥ ४५ ॥ खंतीए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? खंतीए णं जीवे परीस हे जिइ ॥ ४६ ॥ मुक्तीए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मुतीए णं जीव अकिंचणं जणयइ । अकिंचणे य जीवे Page #1109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं अत्थलोलाणं पुरिसाणं अपत्थणि(जे)जो भवइ ॥ ४७ ॥ अजवयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? अजवयाए णं जीवे काउज्जुययं भावुजुययं भासुज्जुययं अविसंवायणं जणयइ । अविसंवायणसंपन्नयाए णं जीवे धम्मस्स आराहए भवइ ॥ ४८ ॥ मद्दवयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? महवयाए णं जीवे अणुस्सियत्तं जणयइ । अणुस्सियत्तेण जीवे मिउमद्दवसंपन्ने अट्ठमयट्ठाणाई निट्ठावेइ ॥ ४९ ॥ भावसच्चेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? भावसच्चेणं जीवे भावविसोहिं जणयइ । भावविसो[ही]हिए वट्टमाणे जीवे अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स आराहणयाए अब्भुढेइ । अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स आराहणयाए अब्भुट्टित्ता परलोगधम्मस्स आराहए भवइ ॥ ५० ॥ करणसच्चेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? करणसच्चेणं जीवे करणसत्तिं जणयइ । करणसच्चे वट्टमाणे जीवे जहावाई तहाकारी यावि भवइ ॥ ५१ ॥ जोगसच्चेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? जोगसच्चेणं जीवे जोगं विसोहेइ ॥ ५२ ॥ मणगुत्तयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मणगुत्तयाए णं जीवे एगग्गं जणयइ । एगग्गचित्ते णं जीवे मणगुत्ते संजमाराहए भवइ ॥ ५३ ॥ वयगुत्तयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? वयगुत्तयाए णं जीवे निव्वियारत्तं जणयइ । निव्वियारे णं जीवे वइगुत्ते अज्झप्पजोगसाहणजुत्ते यावि भवइ ॥ ५४ ॥ कायगुत्तयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? कायगुत्तयाए णं जीवे संवरं जणयइ । संवरेणं कायगुत्ते पुणो पावासवनिरोहं करेइ ॥ ५५ ॥ मणसमाहारणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मणसमाहारणयाए णं जीवे एगग्गं जणयइ । एगग्गं जणइत्ता नाणपज्जवे जणयइ । नाणपज्जवे जणइत्ता सम्मत्तं विसोहेइ, मिच्छत्तं च निजरेइ ॥ ५६ ॥ वयसमाहारणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? वयसमाहारणयाए णं जीवे वयसाहारणदंसणपज्जवे विसोहेइ । वयसाहारणदंसणपज्जवे विसोहित्ता सुलहबोहियत्तं निव्वत्तेइ, दुलहबोहियत्तं निजरेइ ॥ ५७ ॥ कायसमाहारणयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? कायसमाहारणयाए णं जीवे चरित्तपज्जवे विसोहेइ । चरित्तपज्जवे विसोहित्ता अहक्खायचरित्तं विसोहेइ । अहक्खायचरित्तं विसोहेत्ता चत्तारि केवलिकम्मंसे खवेइ । तओ पच्छा सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिनिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ॥ ५८ ॥ नाणसंपन्नयाए णं भंते ! जीवे किं जणथइ ? नाणसंपन्नयाए णं जीवे सव्वभावाहिगमं जणयइ । नाणसंपन्ने णं जीवे चाउरंते संसारकंतारे न विणस्सइ। गाहा-जहा सूई ससुत्ता, पडिया न विणस्सइ। तहा जीवे ससुत्ते, संसारे न विणस्सइ ॥ १॥ नाणविणयतवचरित्तजोगे संपाउणइ, ससमयपरसमयविसारए य असंघायणिज्जे भवइ ॥ ५९ ॥ दंसणसंपन्नयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सणसंपन्नयाए णं जीवे भवमिच्छत्तछेयणं करेइ, परं न विज्झायइ। Page #1110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० २९ पेज्जदोसमिच्छादसणविजयफलं] सुत्तागमे परं अविज्झाएमाणे अणुत्तरेणं नाणदंसणेणं अप्पाणं संजोएमाणे सम्मं भावमाणे विहरइ ॥ ६० ॥ चरित्तसंपन्नयाए णं भंते ! जीवे किं जणयइ ? चरित्तसंपन्नयाए णं जीवे सेलेसीभाव जणयइ । सेलेसिं पडिवन्ने य अणगारे चत्तारि केवलिकम्मंसे खवेइ। तओ पच्छा सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिनिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ॥ ६१ ॥ सोइंदियनिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? सोइंदियनिग्गहेणं जीवे मणुन्नामणुन्नेसु सद्देसु रागदोसनिग्गहं जणयइ । तप्पच्चइयं च णं कम्मं न बंधइ, पुव्ववद्धं च निजरेइ ॥६२॥ चक्खिदियनिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? चक्खिदियनिग्गहेणं जीवे मणुन्नामणुन्नेसु रूवेसु रागदोसनिग्गहं जणयइ। तप्पच्चइयं च णं कम्मं न बंधइ, पुव्वबद्धं च निजरेइ ॥ ६३ ॥ घाणिंदियनिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयह ? पाणिंदियनिग्गहेणं जीवे मणुन्नामणुन्नेसु गंधेमु रागदोसनिग्गहं जणयइ । तप्पच्चइयं च णं कम्मं न बंधइ, पुव्वबद्धं च निजरेइ ॥ ६४ ॥ जिभिदियनिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? जिभिदियनिग्गहेणं जीवे मणुन्नामणुन्नेसु रसेलु रागदोस निग्गहं जणयइ । तप्पच्चइयं च णं कम्मं न बंधइ, पुन्वबद्धं च निजरेइ ॥ ६५ ॥ फासिंदियनिग्गहेणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? फासिंदियनिग्गहेणं जीवे मणुन्नामणुन्नेसु फासेसु रागदोसनिग्गहं जणयइ । तप्पच्चइयं च णं कम्मं न बंधइ, पुव्ववद्धं च निजरेइ ॥ ६६ ॥ कोहविजएणं भंते ! जीवे कि जणयइ ? कोहविजएणं जीवे खेति जणयइ । कोहवेयणिज कम्मं न बंधइ, पुव्वबद्धं च निजरेइ ॥ ६७ ॥ माणविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? माणविजएणं जीवे मद्दवं जणयइ । माणवेयणिज्जं कम्मं न बंधइ, पुव्ववद्धं च निजरेइ ॥ ६८ ॥ मायाविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? मायाविजएणं जीवे अजवं जणयइ। मायावेयणिज्जं कम्मं न बंधइ, पुव्वबद्धं च निजरेइ ॥ ६९॥ लोभविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? लोभविजएणं जीवे संतोसं जणयइ । लोभवेयणिज कम्मं न बंधइ, पुव्ववद्धं च निजरेद ॥ ७० ॥ पिजदोसमिच्छादंसणविजएणं भंते ! जीवे किं जणयइ ? पिज्जदोसमिच्छादसणविजएणं जीवे नाणदंसणचरित्ताराहणयाए अब्भुढेइ । अविहस्स कम्मस्स कम्मगंठिविमोयणयाए तप्पटमयाए जहाणुपुवीए अट्ठावीसइविहं मोहणिज कम्मं उग्याएइ, पंचविहं नाणावरणिज, नवविहं दंसणावरणिजं, पंचविहं अंतराइयं, एए तिन्नि वि कम्मंसे जुगवं खर्वइ । तओ पच्छा अणुत्तरं कसिणं पडिपुण्णं निरावरणं वितिमिरं विसुद्धं लोगालोगप्पभावं केवलबरनाणदंसणं समुप्पाडेइ । जाव सजोगी भवद ताव इरियावहियं कम्मं निबंध मुहफरिसं दुसमयठिइयं, तं पढमसमए बद्धं बिझ्यसमए वेइयं तझ्यसमए निजिण्णं तं बद्धं पुढं उदीरियं वेइयं निजिण्णं सेयाले य अकम्मं चावि भवद ॥ १ ॥ Page #1111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं अह आउयं पालइत्ता अंतोमुहुत्तद्धावसेसाए जोगनिरोहं करेमाणे सुहमकिरियं अप्पडिवाई सुक्कज्झाणं झायमाणे तप्पडमयाए मणजोगं निरंभइ, वइजोगं निरंभइ, कायजोगं निरंभइ, आणपाणनिरोहं करेइ । ईसि-पंचरहस्सक्खरुच्चारणद्धाए य णं अणगारे समुच्छिन्नकिरियं अनियट्टिसुक्कज्झाणं झियायमाणे वेयणिजं आउयं नामं गोत्तं च एए चत्तारि कम्मंसे जुगवं खवेइ ॥७२॥ तओ ओरालियतेयकम्माइं सव्वाहिं विप्पजहणाहिं विप्पजहित्ता उजुसेढिपत्ते अफुसमाणगई उर्दू एगसमएणं अविग्गहेणं तत्थ गंता सागारोवउत्ते सिज्झइ बुज्झइ मुच्चइ परिनिव्वायइ सव्वदुक्खाणमंतं करेइ ॥ ७३ ॥ एस खलु सम्मत्तपरकमस्स अज्झयणस्स अट्ठे समणेणं भगवया महावीरेणं आघविए पन्नविए परूविए दंसिए निदंसिए उवदंसिए ॥ त्ति-बेमि ॥ इति सम्मत्तपरकमणामं एगूणतीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥२९॥ अह तवमग्गणामं तीसइमं अज्झयणं जहा उ पावगं कम्मं, रागदोससमज्जियं । खवेइ तवसा भिक्खू, तमेगग्गमणो सुण ॥ १ ॥ पाणिवहमुसावाया, अदत्तमेहुणपरिग्गहा विरओ। राईभोयणविरओ, जीवो भवइ अणासवो ॥२॥ पंचसमिओ तिगुत्तो, अकसाओ जिइंदिओ । अगारवो य निस्सल्लो, जीवो होइ अणासवो ॥ ३ ॥ एएसिं तु विवच्चासे, रागदोससमज्जियं । खवेइ उ जहा भिक्खू , तमेगग्गमणो सुण ॥ ४ ॥ जहा महातलायस्स, संनिरुद्ध जलागमे । उस्सिंचणाए तवणाए, कमेणं सोसणा भवे ॥ ५॥ एवं तु संजयस्सावि, पावकम्मनिरासवे । भवकोडीसंचियं कम्मं, तवसा निजरिजइ ॥ ६ ॥ सो तवो दुविहो वुत्तो, बाहिरब्भतरो तहा । बाहिरो छव्विहो वुत्तो, एवमभंतरो तवो ॥ ७ ॥ अणसर्णमूणोयरियाँ, भिक्खायरियाँ य रसपरिचाओ । कायकिलेसो संलीणयाँ, य बज्झो तवो होइ ॥ ८ ॥ (१) इत्तरिय मरणकालो य, अणसणा दुविहा भवे । इत्तरिय सावकंखा, निरवकंखा उ बिइज्जिया ॥ ९॥ जो सो इत्तरियतवो, सो समासेण छविहो । सेढितवो पयरतेवो, घेणो य तह होइ वग्गो य ॥ १० ॥ तत्तो य वग्गवग्गो, पंचमो छट्ठओ पइण्णतँवो । मणइच्छियचित्तत्थो, नायव्वो होइ इत्तरिओ ॥ ११ ॥ जा सा अणसणा मरणे, दुविहा सा वियाहिया। सवियारमवियारो, कायचिट्ठ पई भवे ॥ १२ ॥ अहवा सपरिकम्मो, अपरिकम्मो य आहिया । नीहारिमनीहोरी, आहारच्छेओ दोसु वि ॥ १३ ॥ (२) ओमोयरणं पंचहा, समासेण वियाहियं । दवेओ खेत्तैकालेणं, आँवणं पजेवेहि य ॥ १४ ॥ Page #1112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तीसइमज्झयणसमत्ती] सुत्तागमे जो जस्स उ आहारो, तत्तो ओमं तु जो करे । जहन्नेणेगसित्थाई, एवं दव्वेण ऊ भवे ॥ १५ ॥ गामे नगरे तह रायहाणि, निगमे य आगरे पल्ली । खेडे कब्बडदोणमुह-, पट्टणमडंबसंवाहे ॥ १६ ॥ आसमपए विहारे, सन्निवेसे समायघोसे य। थलिसेणाखंधारे, सत्थे संवट्टकोट्टे य ॥ १७ ॥ वाडेसु व रत्थासु व, घरेलु वा एवमित्तियं खेत्तं । कप्पइ उ एवमाई, एवं खेत्तेण ऊ भवे ॥ १८॥ पेडी य अद्धपेडो, गोमैंत्तिपयंगवीहियों चेव । संयुकावटोयय-, गंतुं पञ्चागर्यां छट्ठा ॥ १९ ॥ दिवसस्स पोरुसीणं, चउण्हं पि उ जत्तिओ भवे कालो । एवं चरमाणो खलु, कालोमाणं मुणेयव्वं ॥ २० ॥ अहवा तइयाए पोरिसीए, ऊणाइ घासमेसंतो । चउभागूणाए वा, एवं कालेण ऊ भवे ॥ २१ ॥ इत्थी वा पुरिसो वा, अलंकिओ वा नलंकिओ वावि । अन्नयरवयत्थो वा, अन्नयरेणं व वत्थेणं ॥ २२ ॥ अनेण विसेसेणं, वण्णेणं भावमणुमुयंते उ। एवं चरमाणो खलु, भावोमाणं मुणेयव्वं ॥ २३ ॥ दव्वे खेत्ते काले, भावंमि य आहिया उ जे भावा। एएहि ओमचरओ, पज्जवचरओ भवे भिक्खू ॥ २४ ॥ (३) अट्ठविहगोयरग्गं तु, तहा सत्तेव एसणा । अभिग्गहा य जे अन्ने, भिक्खायरियमाहिया ॥ २५ ॥ (४) खीरदहिसप्पिमाई, पणीयं पाणभोयणं । परिवजणं रसाणं तु, भणियं रसविवज्जणं ॥ २६ ॥ (५) ठाणा वीरासणाईया, जीवस्स उ मुहावहा । उग्गा जहा धरिजंति, कायकिलेसं तमाहियं ॥ २७ ॥ (६) एगंतमणावाए, इत्थीपसुविवज्जिए । सयणासणसेवणया, विवित्तसयणासणं ॥ २८ ॥ एसो बाहिरगं तवो, समासेण वियाहिओ । अभितरं तवं एत्तो, बुच्छामि अणुपुव्वसो ॥ २९ ॥ पायच्छित्तं विणओ, वेयावैच्चं तहेव सज्झाओ । झाणं च विउस्स गो, एसो अभितरो तवो ॥ ३० ॥ (१) आलोयणारिहाईयं, पायच्छित्तं तु दसविहं । जे भिक्खू वहई सम्मं, पायच्छित्तं तमाहियं ॥ ३१ ॥ (२) अब्भुटाणं अंजलिकरणं, तहेवासणदायणं । गुरुभत्तिभावमुस्सूसा, विणओ एस वियाहिओ ॥ ३२ ॥ (३) आयरियमाईए, वेयावयमि दसविहे । आसेवणं जहाथामं, वेयावचं तमाहियं ॥ ३३ ॥ ( ४ ) वायणी पुन्छणी चेव, तहेव परियणा । अणुप्पेही धम्मकहा, सज्झाओ पंचहा भवे ॥ ३४ ॥ (५) अदृरुद्दौणि वज्जित्ता, झाएजा सुसमाहिए । धम्मैमुकाइं साणाई, साणं तं तु बुद्दा वए ॥ ३५ ॥ (६) सयणासणठाणे वा, जे उ भिक्खू न वावरे । कायस्म विउस्सग्गो, छटो सो परिकित्तिओ ॥ ३६ ॥ एवं तवं तु दुविहं, जे मम्मं आयरे मुणी । सो खिप्पं सव्वसंसारा, विप्पमुञ्चद. पंडिओ ॥ ३७ ॥ सि-बेमि ॥ इति तवमग्गणामं तीसइमं अज्झयर्ण समत्तं ॥ ३०॥ H Page #1113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०३८ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं अह चरणविहिणामं एगतीसइमं अज्झयणं चरणविहिं पवक्खामि, जीवस्स उ सुहावहं । जं चरित्ता बहू जीवा, तिण्णा संसारसागरं ॥१॥ एगओ विरई कुजा, एगओ य पवत्तणं । असंजमे नियत्तिं च, संजमे य पवत्तणं ॥ २॥ रागदोसे य दो पावे, पावकम्मपवत्तणे । जे भिक्खू रंभई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ ३ ॥ दंडाणं गारवाणं च, सल्लाणं च तियं तियं । जे भिक्खू चयई निचं, से न अच्छइ मंडले ॥ ४ ॥ दिव्वे य जे उवसग्गे, तहा तेरिच्छमाणुसे । जे भिक्खू सहई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥५॥ विगहाकसायसन्नाणं, झाणाणं च दुयं तहा। जे भिक्खू वजई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ ६ ॥ वएसु इंदियत्थेसु, समिईसु किरियासु य । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ ७ ॥ लेसासु छसु काएसु, छक्के आहारकारणे । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ ८ ॥ पिंडोग्गहपडिमासु, भयट्ठाणेसु सत्तसु । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ ९ ॥ मएसु बंभगुत्तीसु, भिक्खुधम्मम्मि दसविहे । जे. भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १० ॥ उवासगाणं पडिमासु, भिक्खूणं पडिमासु य । जे भिक्खू जयई निचं, से न अच्छइ मंडले ॥११॥ किरियासु भूयगामेसु, परमाहम्मिएसु य । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १२ ॥ गाहासोलसएहि, तहा असंजमंमि य । जे भिक्खू जयई निच्च, से न अच्छइ मंडले ॥ १३ ॥ बंभंमि नायज्झयणेसु, ठाणेसु असमाहिए । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १४ ॥ एगवीसाए सबले, बावीसाए परीसहे । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १५॥ तेवीसाइ सूयगडे, रूवाहिएसु सुरेसु य । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १६ ॥ पणवीसभावणासु, उद्देसेसु दसाइणं । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १७ ॥ अणगारगुणेहिं च, पगप्पंमि तहेव य । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १८॥ पावसुयपसंगेसु, मोहठाणेसु चेव य । जे भिक्खू जयई निच्चं, से न अच्छइ मंडले ॥ १९ ॥ सिद्धाइगुणजोगेसु, तेत्तीसासायणासु य । जे भिक्खू जयई निचं, से न अच्छइ मंडले ॥ २० ॥ इय एएसु ठाणेसु, जे भिक्खू जयई सया। खिप्पं सो सव्वसंसारा, विप्पमुच्चइ पंडिओ ॥ २१ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति चरणविहिणाम एगतीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥३१॥ Page #1114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३२ श्रीभासत्तिपरिच्चायफलं ] सुत्तागमे १०३९ अह पमायट्टाणणामं बत्तीसइमं अज्झयणं अचंतकालस्स समूलस्स, सव्वस्स दुक्खस्स उ जो पमोक्खो । तं भासओ मे पडिपुण्णचित्ता, सुणेह एगंतहियं हियत्थं ॥ १ ॥ नाणस्स सव्वस्स पगासणाए, अन्ना मोहस्स विवजणाए । रागस्स दोसस्स य संखएणं, एगंतसोक्खं समुवेइ मोक्खं ॥ २ ॥ तस्सेस मग्गो गुरुविद्धसेवा, विवज्जणा बालजणस्स दूरा। सज्झायएतानि सेवणाय, सुत्तत्थसंचिंतणया धिई य ॥ ३ ॥ आहारमिच्छे मियमेस णिज्जं, सहायमिच्छे निउणत्थबुद्धिं । निकेयमिच्छेज विवेगजोग्गं समाहिकामे समणे तवस्सी ॥ ४ ॥ न वा लभेजा निउणं सहायं, गुणाहियं वा गुणओ समं वा । एगो वि पावाई विवज्जयंतो, विहरेज कामेसु असजमाणो ॥ ५ ॥ जहा य अंडप्पभवा बलागा, अंडं बलागप्पभवं जहा य । एमेव मोहाययणं खु तण्हा, मोहं च तण्हाययणं वयंत ॥ ६ ॥ रागो य दोसो वि य कम्मबीयं, कम्मं च मोहप्पभवं वयंति । कम्मं चजाईमरणस्स मूलं, दुक्खं च जाईमरणं वयंति ॥ ७ ॥ दुक्खं हयं जस्स न होइ मोहो, मोहो हओ जस्स न होइ तण्हा । तण्हा हया जस्स न होइ लोहो, लोहो हओ जस्स न किंचणाई ॥ ८ ॥ रागं च दोसं च तहेव मोह, उद्धत्तुकामेण समृलजालं । जे जे वाया पडिवजियव्वा, ते कित्तइस्सामि अहाणुपुव्वि ॥ ९ ॥ रसा पगामं न निसेवियव्वा, पायं रसादित्तिकरा नराणं । दित्तं च कामा समभिद्दवंति, दुमं जहा साउफलं व पक्खी ॥ १० ॥ जहा दवग्गी पडविणे वणे, समारुओ नोवसमं उवेइ । एवंदियग्गी वि पगामभोइणो, न भयारिस्स हियाय कस्सई ॥ ११ ॥ विवित्तसेज्जासणजंतियाणं, ओमासणाणं दमिइंदियाणं । न रागसत्तू धरिसेइ चित्तं, पराइओ बाहिरिवोस हेहिं ॥ १२ ॥ जहा बिरालावसहस्स मूले, न मूसगाणं वसही पसत्था। एमेव इत्थीनिलयस्स मज्झे, न बंभयारिस्स खमो निवासो ॥ १३ ॥ न स्वलावण्णविलासंहासं, न जंपियं इंगियपेहियं वा । इत्थीण चित्तंसि निवेसरत्ता, दहुं वस्से समणे तबस्सी ॥ १४ ॥ असणं चेत्र अपत्थणं च, अचितणं चेत्र अकित्तणं च । इत्थीजणस्सारियक्षाणजुग्गं, हियं सया बंभवए रयाणं ॥ १५ ॥ कामं तु देवीहि विभूसियाहिं, न चाइया खोभइतिगुता । तहा वि एगंतहियं ति नचा, विवित्तवासो मुणिणं पसत्थो ॥ १६ ॥ मोक्खाभिकंखिस्स उ माणवस्स, संसारभीरुस्त ठियस्स धम्मे । नेयारिसं दुत्तरमत्थि लोए, जहित्थिओ बालमणोहराओ ॥ १७ ॥ एए य संगे समकमिता दुतरा चैव भवंति सेसा । जहा महासागरमुत्तरित्ता, नई भवे अवि गंगासमाणा ॥ १८ ॥ कामादिपभवं दुक्खं सव्वस्त लोगस्स सदेवगस्स । जं काइयं माणसिय Page #1115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४० सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं च किंचि, तस्संतगं गच्छइ वीयरागो ॥ १९ ॥ जहा य किंपागफला मणोरमा, रसेण वण्णेण य भुजमाणा । तं खुड्डए जीविय पच्चमाणा, एओवमा कामगुणा विवागे ॥ २० ॥ जे इंदियाणं विसया मणुन्ना, न तेसु भावं निसिरे कयाइ । न यामणुन्नेसु मणं पि कुजा, समाहिकामे समणे तवस्सी ॥ २१ ॥ (१) चक्खुस्स रूवं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुन्नमाहु । तं दोसहेउं अमणुन्नमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो ॥ २२ ॥ रूवस्स चक्खं गहणं वयंति, चक्खुस्स रूवं गहणं वयंति । रागस्स हेउं समणुन्नमाहु, दोसस्स हेउं अमणुन्नमाहु ॥ २३ ॥ रूवेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं । रागाउरे से जह वा पयंगे, आलोयलोले समुवेइ मच्चु ॥ २४ ॥ जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं । दुइंतदोसेण सएण जंतू, न किंचि रूवं अवरज्झई से ॥ २५ ॥ एगंतरत्ते रुइरंसि स्वे, अतालिसे से कुणई पओसं। दुक्खस्स संपीलमुवेइ वाले, 'न लिप्पई तेण मुणी विरागो ॥ २६ ॥ रूवाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगरूवे । चित्तेहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तद्वगुरू किलिटे ॥ २७॥ स्वाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसन्निओगे । वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलामे ॥ २८ ॥ रूवे अतित्ते य परिग्गहमि, सत्तोवसत्तो न उवेइ तुहिँ । अतुढिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं ॥ २९ ॥ तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, रूवे अतित्तस्स परिग्गहे य । मायामुसं वड्डइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा न विमुच्चई से ॥३०॥ मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते । एवं अदत्ताणि समाययंतो, रूवे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ॥ ३१ ॥ रूवाणुरत्तस्स नरस्स एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि । तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, निव्वत्तई जस्स कएण दुक्खं ॥ ३२ ॥ एमेव वंमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ। पदुट्ठचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे ॥ ३३ ॥ रूवे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण । न 'लिप्पए भवमझे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं ॥ ३४ ॥ (२) सोयस्स सदं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुन्नमाहु । तं दोसहेउं अमणुनमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो ॥ ३५ ॥ सहस्स सोयं गहणं वयंति, सोयस्स सदं गहणं वयंति । रागस हेउं समणुन्नमाहु, दोसस्स हेडं अमणुनमाहु ॥ ३६ ॥ सद्देसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं । रागाउरे हरिणमिगे व मुद्धे, सद्दे अतित्ते समुवेइ मच्चु ॥ ३७ ॥ जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं । दुइंतदोसेण सएण जंतू, न किंचि सई अवरज्झई से ॥ ३८ ॥ Page #1116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३२ गंधासत्तिफलं] सुत्तागमे १०४१ एगंतरत्ते रुइरंसि सद्दे, अतालिसे से कुणई पओसं । दुक्खस्स संपीलमुवेइ वाले, न 'लिप्पई तेण मुणी विरागो ॥ ३९ ॥ सद्दाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगरूवे । चित्तेहि ते परितावेइ वाले, पीलेइ अत्तद्वगुरू किलिटे ॥ ४० ॥ सद्दाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसन्निओगे। वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे ॥ ४१ ॥ सद्दे अतित्ते य परिग्गहंमि, सत्तोवसत्तो न उवेइ तुढिं। अतुढ़िदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं ॥ ४२ ॥ तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, सद्दे अतित्तस्स परिग्गहे य । मायामुसं वड्डइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा न विमुच्चई से ॥ ४३ ॥ मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते । एवं अदत्ताणि समाययंतो, सद्दे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ॥ ४४ ॥ सद्दाणुरत्तस्स नरस्स एवं, कत्तो सुहं होज्ज कयाइ किंचि। तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, निव्वत्तई जस्स कएण दुक्खं ॥ ४५ ॥ एमेव सइंमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ । पदुद्वचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे ॥ ४६ ॥ सद्दे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण । न लिप्पए भवमझे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं ॥४७॥ (३) घाणस्स गंधं गणं वयंति, तं रागहेडं तु मणुन्नमाहु । तं दोसहेउं अमणुन्नमाहु, समो य जो तेमु स वीयरागो ॥ ४८ ॥ गंधस्स घाणं गहणं वयंति, घाणस्स गंधं गहणं वयंति । रागस्स हेउं समणुन्नमाहु, दोसस्स हेडं अमणुन्नमाहु ॥ ४९ ॥ गंधेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावद से विणासं । रागाउरे ओसहगंधगिद्धे, सप्पे बिलाओ विव निक्खमंते ॥ ५० ॥ जे यावि दोसं समुवेइ तिब्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं । दुइंतदोसेण सएण जंतृ., न किंचि गंधं अवरज्झई से ।। ५.१ ॥ एगंतरते रुइरंसि गंधे, अतालिसे से कुणई पओसं । दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, न लिपई तेण मुणी विरागो ॥ ५२ ।। गंधाणुगामाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइऽणेगावे । चित्तहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तगुरू किलिडे ॥ ५३ ॥ गंधाशुवारण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्षणसनिओगे । वए विओगे य कहं मुहं से, संभोगकाले य अतित्तलामे ॥ ४ ॥ गंधे अतिते य परिग्गहंमि, सत्तोवसस्तो न उवेइ तुहि । अतुढिदोसेण दुही परस्ग, लोभाविले आययई अदत्तं ॥ ५५ ॥ तण्हाभिभूयस्म अदत्तहारिणो, गंधे अतिनस्य परिग्गहे य । मायामुसं वहइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा न विमुबई से ।। ५६ ॥ मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते । एवं अदनाणि ममाययतो, गंधे अतिसो दुहिओ अणिस्सो ॥ १.७ ॥ गंधाणुरत्तस्य नरस्म एवं, कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि । तत्थोवभोगे वि किलेगदुक्खं, निव्वत्तई जस्म कएण Page #1117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुतं दुक्खं ॥ ५८ ॥ एमेव गंधमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ । पदुट्ठचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे ॥ ५९ ॥ गंधे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण । न लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं ॥ ६० ॥ (४) जिब्भाए रसं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुन्नमाहु। तं दोसउं अमणुन्नमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो ॥ ६१ ॥ रसस्स जिन्भं गहणं वयंति, जिब्भाए रसं गहणं वयंति । रागस्स हेउं समणुन्नमाहु, दोसस्स हेउ अमणुन्नमाहु ॥ ६२ ॥ रसेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं । रागाउरे वडिसविभिन्नकाए, मच्छे जहा आमिस भोगगिद्धे ॥ ६३ ॥ जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं । दुद्दंतदोसेण सएण जंतू न किंचि रसं अवरज्झई से ॥ ६४ ॥ एतरते रुइरंसि रसे, अतालिसे से कुणई पओसं । दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, न लिप्पई तेण मुणी विरागो ॥ ६५ ॥ रसाणुगासागए य जीवे, चराचरे हिंसइणेगरूवे । चित्तेहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तगुरु किलिट्ठे ॥ ६६ ॥ रसाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसन्निओगे । १०४२ विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे ॥ ६७ ॥ रसे अतित्ते य परिग्गहंमि, सत्तोवसत्तो न उवेइ तुद्धिं । अतुट्ठिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आययई अदत्तं ॥ ६८ ॥ तण्हाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, रसे अतित्तस्स परिग्गहे य । मायामुखं वढ्ढइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा न विमुच्चाई से ॥ ६९ ॥ मोसस्स. पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते । एवं अदत्ताणि समाययंतो, रसे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ॥ ७० ॥ रसाणुरत्तस्स नरस्स एवं कत्तो मुहं होज़ कयाइ किंचि । तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं, निव्वत्तई जस्स कएण दुक्खं ॥ ७१ ॥ एमेव रसम्मि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ । पट्ठचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे ॥ ७२ ॥ रसे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण । न लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं ॥ ७३ ॥ (५) कायस्स फासं गहणं वयंति, तं रागहेडं तु मणुन्नमाहु | तं दोसउं अमणुन्नमाहु, समो य जो तेसु स वीयरागो ॥ ७४ ॥ फासस्स कायं गहणं वयंति, कायस्स फासं गहणं वयंति । रागस्स हेउं समणुन्नमाहु, दोसस्स हेउं अमणुन्नमाहु ॥ ७५ ॥ फासेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं । रागाउरे सीयजलावसन्ने, गाहग्गहीए महिसे विवन्ने ॥ ७६ ॥ जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं, तंसि क्खणे से उ उवेइ दुक्खं । दुद्दंतदोसेण सएण जंतू, न किंचि फासं अवरज्झई से ॥ ७७ ॥ एगंतरत्ते रुइरंसि फासे, अतालिसे से Page #1118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३२ भावपओसफलं ] सुत्तागमे १०४३ कुणई पओसं । दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, न लिप्पई तेण मुणी विरागो ॥ ७८ ॥ फासाणुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसइणेगरूवे । चित्तेहि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तट्ठगुरू किलिट्टे ॥ ७९ ॥ फासाणुवाएण परिग्गहेण, उप्पायणे रक्खणसन्निओगे । वए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे ॥ ८० ॥ फासे अतित्ते य परिग्गहंमि, सत्तोवसत्तो न उवेइ तुहिं । अतुट्ठिदोसेण दुही परस्स, लोभाविले आयई अदत्तं ॥ ८१ ॥ तहाभिभूयस्स अदत्तहारिणो, फासे अतित्तस्स परिहेय । मायामु वढाइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा न विमुच्चई से ॥ ८२ ॥ मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य, पओगकाले य दुही दुरंते । एवं अदत्ताणि समाययेतो, फासे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ॥ ८३ ॥ फासाणुरत्तस्स नरस्स एवं कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि । तत्थोवभोगे वि किलेसदुक्खं निव्वत्तई जस्स कएण दुक्खं ॥ ८४ ॥ एमेव फासंमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोहपरंपराओ । पट्ठचित्तो य चिणाइ कम्मं, जं से पुणो होइ दुहं विवागे ॥ ८५ ॥ फासे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण । न लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं ॥ ८६ ॥ (६) मणस्स भावं गहणं वयंति, तं रागहेउं तु मणुन्नमाह । तं दोसहेउं अमणुन्नमाहु, समोय जो तेसु स वीयरागो ॥ ८७ ॥ भावस्स मणं गहणं वयंति, मणस्स भावं गहणं वयंति । रागस्स हेउं समणुन्नमाहु, दोसस्स हेउं अमणुन्नमाहु ॥ ८८ ॥ भावेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं, अकालियं पावइ से विणासं । रागाउरे कामगुणेसु गिद्धे, करेणुमग्गावहिए गजे वा ॥ ८९ ॥ जे यावि दोसं समुवेइ तिब्वं, तंसि क्खणे से उ उवे दुक्खं । दुर्द्दतदोसेण सएण जंतू, न किंचि भावं अवरज्झई से ॥ ९० ॥ एगंतर रुइरंसि भावे, अतालिसे से कुणई पओसं । दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले, न लिप्पई तेण मुणी विरागो ॥ ९१ ॥ भावानुगासाणुगए य जीवे, चराचरे हिंसes | चित्ते हि ते परितावेइ बाले, पीलेइ अत्तगुरु किलिडे ॥ ९२ ॥ भावाणुवाण परिग्गण, उत्पायणे रक्खणसन्निओगे । बए विओगे य कहं सुहं से, संभोगकाले य अतित्तलाभे ॥ ९३ ॥ भावे अतित्ते य परिग्गर्हमि, सत्तोवसत्तो न उवेद तुहिं । अनुद्विदोसेण दुही परस्त, लोभाविले आययई अदतं ॥ ९४ ॥ तव्हा भिभूयस्स अदत्तहारिणों, भावे अतित्तस्स परिग्गहे य । मायामुसं बढइ लोभदोसा, तत्थावि दुक्खा न विमुई से ॥ ९५ ॥ मोसस्स पच्छाय पुरत्थओ य, पओगकाले यदुही दुरं । एवं अदाणि समाययंतो, भावे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ॥ ९६ ॥ भावारतस्य नरस्स एवं कत्तो सुहं होज कयाइ किंचि । तत्थोवभोगे वि किलेस दुक्खं, निव्वतई जस्स कएण दुक्खं ॥ ९७ ॥ एमेव भावमि गओ पओसं, उवेइ दुक्खोह Page #1119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४४ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं परंपराओ। पदुद्दचित्तो य चिणाइ कम्म, जं से पुणो होइ दुहं विवागे ॥ ९८ ॥ भावे विरत्तो मणुओ विसोगो, एएण दुक्खोहपरंपरेण । न लिप्पई भवमज्झे वि संतो, जलेण वा पोक्खरिणीपलासं ॥ ९९ ॥ एविंदियत्था य मपास्स अत्था, दुक्खस्स हेउं मणुयस्स रागिणो। ते चेव थोवं पि कयाइ दुक्खं, न वीयरागस्स करेंति किंचि ॥१०॥ न कामभोगा समयं उर्वति, न यावि भोगा विगइं उर्वति । जे तप्पओसी य परिग्गही य, सो तेसु मोहा विगई उवेइ ॥ १०१॥ कोहं च माणं च तहेव मायं, लोहं दुगुंछं अरइं रइं च । हासं भयं सोगपुमित्थिवेयं, नपुंसवेयं विविहे य भावे ॥१०२॥ आवजई एवमणेगरूवे, एवंविहे कामगुणेसु सत्तो । अन्ने य एयप्पभवे विसेसे, कारुण्णदीणे हिरिमे वइस्से ॥ १०३ ॥ कप्पं न इच्छिज्ज सहायलिच्छू, पच्छाणुतावे न तवप्पभावं । एवं वियारे अमियप्पयारे, आवजई इंदियचोरवस्से ॥ १०४ ॥ तओ से जायंति पओयणाई, निमजिउं मोहमहण्णवंमि। सुहेसिणो दुक्खविणोयणट्ठा, तप्पच्चयं उज्जमए य रागी ॥ १०५ ॥ विरजमाणस्स य इंदियत्था, सद्दाइया तावइयप्पगारा । न तस्स सव्वे वि मणुन्नयं वा, निव्वत्तयंती अमणुन्नयं वा ॥ १०६ ॥ एवं ससंकप्पविकप्पणासु, संजायई समयमुवट्ठियस्स । अत्थे य संकप्पयओ तओ से, पहीयए कामगुणेसु तण्हा ॥ १०७ ॥ स वीयरागो कयसव्वकिच्चो, खवेइ नाणावरणं खणेणं । तहेव जं दंसणमावरेइ, जं चंतरायं पकरेइ कम्मं ॥ १०८ ॥ सव्वं तओ जाणइ पासए य, अमोहणे होइ निरंतराए । अणासवे झाणसमाहिजुत्ते, आउक्खए मोक्खमुवेइ सुद्धे ॥ १०९ ॥ सो तस्स सव्वस्स दुहस्स मुक्को, जं वाहई सययं जंतुमेयं । दीहामयं विप्पमुक्को पसत्थो, तो होइ अचंतसुही कयत्थो ॥ ११० ॥ अणाइकालप्पभवस्स एसो, सव्वस्स दुक्खस्स पमोक्खमग्गो। वियाहिओ जं समुविच्च सत्ता, कमेण अच्चंतसुही भवंति ॥ १११ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति पमायट्ठाणणामं बत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥३२॥ अह कम्मप्पयडी णामं तेत्तीसइमं अज्झयणं अट्ठ-कम्माइं वोच्छामि, आणुपुब्बि जहक्कम । जेहिं बद्धो अयं जीवो, संसारे परिवट्टई ॥ १॥ नाणस्सावरणिजं, दंसणावरेणं तहा । वेयणिनं तहा मोहं, आउकम्म तहेव य ॥ २ ॥ नामकम्मं च गोयं च, अंतरायं तहेव य । एवमेयाइ कम्माई, अढेव उ समासओ ॥ ३ ॥ (१) नाणावरणं पंचविहं, सुयं आभिणिबोहियं । ओहिनौणं च तइयं, मणनाणं च केलं ॥ ४ ॥ (२) निद्दी तहेव पयलो, निद्दानिद्दा पय Page #1120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४५ अ० ३४ लेसाओ] सुत्तागमे लपयला य । तत्तो य थीणगिद्धी उ, पंचमा होइ नायव्वा ॥५॥ चक्खुमचक्षू ओहिस्सै, दंसणे केवले य आवरणे । एवं तु नवविगप्पं, नायव्वं दसणावरणं ॥ ६ ॥ (३) वेयणीयं पि य दुविहं, सायमसायं च आहियं । सायस्स उ बहू भेया, एमेव असायस्स वि ॥ ७ ॥ (४) मोहणिजे पि दुविहं, सणे चरणे तहा । दसणे तिविहं वुत्तं, चरणे दुविहं भवे ॥ ८ ॥ सम्मेत्तं चेव मिच्छेत्तं, सम्मामिच्छत्तमेवं य । एयाओ तिन्नि पयडीओ, मोहणिजस्स दंसणे ॥ ९॥ चरित्तमोहणं कम्म, दुविहं तु वियाहियं । कसायमोहणिज तु, नोकसौयं तहेव य ॥ १० ॥ सोलसविहभेएणं, कम्मं तु कसायजं । सत्तविहं नवविहं वा, कम्मं च नोकसायजं ॥ ११ ॥ (५) नेरइयतिरिक्खाउं, मणुस्साउं तहेव य। देवाउयं चउत्थं तु, आउकम्मं चउन्विहं ॥ १२ ॥ (६) नामकम्मं तु दुविहं, सुहमसेहं च आहियं । सुहस्स उ बहू भेया, एमेव असुहस्स वि ॥ १३ ॥ (७) गोयं कम्मं दुविहं, उच्च नीयं च आहियं । उच्चं अट्ठविहं होइ, एवं नीयं पि आहियं ॥ १४ ॥ (८) दाणे लाभे य भोगे य, उर्वभोगे वीरिऍ तहा। पंचविहमंतरायं, समासेण वियाहियं ॥ १५ ॥ एयाओ मूलपयडीओ, उत्तराओ य आहिया। पएसग्गं खेत्तकाले य, भावं च उत्तरं सुण ॥ १६ ॥ सव्वेसिं चेव कम्माणं, पएसग्गमणंतगं । गठियसत्ताईयं, अंतो सिद्धाण आहियं ॥ १७ ॥ सव्वजीवाण कम्मं तु, संगहे छद्दिसागयं । सव्वेतु वि पएसेमु, सव्वं सव्वेण बद्धगं ॥ १८ ॥ उदहीसरिसनामाण, तीसई कोडिकोडिओ । उक्कोसिया ठिई होइ, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १९ ॥ आवरणिज्जाण दुण्हं पि, वेयणिज्जे तहेव य । अंतराए य कम्मम्मि, ठिई एसा वियाहिया ॥ २० ॥ उदहीसरिसनामाण, सत्तरि कोडिकोडिओ । मोहणिजस्स उक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहनिया ॥ २१ ॥ तेत्तीससागरोवमा, उकोसेण वियाहिया । ठिई उ आउकम्मस्स, अंतोमुहुत्तं जहनिया ॥ २२ ॥ उदहीसरिसनामाण, वीसई कोडिकोडिओ । नामगोत्ताणं उक्कोसा, अट्ठमुहुत्ता जह, निया ॥ २३ ॥ सिद्धाणणंतभागो य, अणुभागा हवंति उ। सव्वेस वि पएसरगं सञ्चजीवे अइच्छियं ॥ २४ ॥ तम्हा एएसि कम्माणं, अणुभागा वियाणिया। एएसि संवरे चेव, खवणे य जए बुहो ॥ २५ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति कम्मप्पयडी णामं तेतीसाइमं अज्झयणं समत्तं ॥ ३३ ॥ अह लेसज्झयणणामं चोत्तीसइमं अज्झयणं लेसज्ञयणं पवक्खामि, आणुपुब्बि जहशमं । छण्हं पि कम्मलेसाणं, अणुभावे Page #1121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४६ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं सुणेह मे ॥ १॥ नामाइं वण्णरसगंध-, फासपरिणामलक्खणं । ठाणं ठिई गई चाउं, लेसाणं तु' सुणेह मे ॥२॥ किण्हा नीला य काऊँ य, तेऊँ पम्हा तहेव य । सुक्कलेसा य छट्ठा य, नामाइं तु जहक्कमं ॥ ३ ॥ (१) जीमूयनिद्धसंकासा, गवलरिट्ठगसन्निभा। खंजंजणनयणनिभा, किण्हलेसा उ वण्णओ ॥ ४ ॥ (२) नीलासोगसंकासा, चासपिच्छसमप्पभा । वेरुलियनिद्धसंकासा, नीललेसा उ वण्णओ ॥ ५ ॥ (३) अयसीपुप्फसंकासा, कोइलच्छदसन्निभा। पारेवयगीवनिभा, काउलेसा उ वण्णओ ॥ ६ ॥ ( ४ ) हिंगुलयधाउसंकासा, तरुणाइच्चसन्निभा । सुयतुंडपईवनिभा, तेऊलेसा उ वण्णओ ॥ ७ ॥ (५) हरियालभेयसंकासा, हलिद्दाभेयसमप्पभा । सणासणकुसुमनिभा, पम्हलेसा उ वण्णओ ॥ ८ ॥ (६) संखंककुंदसंकासा, खीरपूरसमप्पभा । रययहारसंकासा, सुक्कलेसा उ वण्णओ ॥ ९ ॥ (१) जह कडुयतुंबगरसो, निंबरसो कडयरोहिणिरसो वा । एत्तो वि अणंतगुणो, रसो य किण्हाए नायव्वो ॥ १० ॥ (२)जह तिगडुयस्स य रसो, तिक्खो जह हत्थिपिप्पलीए वा । एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ नीलाए नायव्वो ॥ ११ ॥ (३) जह तरुणअंबगरसो, तुवरकविट्ठस्स वावि जारिसओ। एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ काऊए नायव्वो ॥१२॥ (४)जह परिणयंबगरसो, पक्ककविट्ठस्स वावि जारिसओ। एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ तेऊए नायव्वो ॥१३॥ (५)जह वारुणीए व रसो, विविहाण व आसवाण जारिसओ। महुमेरयस्स व रसो, एत्तो पम्हाए परएणं ॥ १४ ॥ (६) खजूरमुद्दियरसो, खीररसो खंडसकररसो वा । एत्तो वि अणंतगुणो, रसो उ सुक्काए नायव्वो ॥ १५ ॥ जह गोमडस्स गंधो, सुणगमडस्स व जहा अहिमडस्स । एत्तो वि अणंतगुणो, लेसाणं अप्पसत्थाणं ॥ १६ ॥ जह सुरहिकुसुमगंधो, गंधवासाण पिस्समाणाणं । एत्तो वि अणंतगुणो, पसत्थलेसाण तिण्हं पि ॥ १७ ॥ जह करगयस्स फासो, गोजिब्भाए य सागपत्ताणं । एत्तो वि अणंतगुणो, लेसाणं अप्पसत्थाणं ॥ १८ ॥ जह बूरस्स व फासो, नवणीयस्स व सिरीसकुसुमाणं । एत्तो वि अणंतगुणो, पसत्थलेसाण तिण्हं पि ॥१९॥ तिविहो व नवविहो वा, सत्तावीसइविहेक्कसीओ वा। दुसओ तेयालो वा, लेसाणं होइ परिणामो॥२०॥ (१) पंचासवप्पवत्तो, तीहिं अगुत्तो छसुं अविरओ य । तिव्वारंभपरिणओ, खुद्दो साहसिओ नरो॥२१॥ निद्धंधसपरिणामो, निस्संसो अजिइंदिओ। एयजोगसमाउत्तो, किण्हलेसं तु परिणमे ॥ २२ ॥ (२) इस्सा अमरिस अतवो, अविज्जमाया अहीरिया । गिद्धी पओसे य सढे, पमत्ते रसलोलुए ॥ २३ ॥ सायगवेसए थे। आरंभाओ अविरओ, खुद्दो १ ‘गजपीपल' इति भासाए । २ गाहागिपयमिणं । HATHI Page #1122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३४ देवलेसठिई.] सुत्तागमे १०४७ साहस्सिओ नरो । एयजोगसमाउत्तो, नीललेसं तु परिणमे ॥ २४ ॥ (३) वंके वंकसमायारे, नियडिल्ले अणुजुए । पलिउंचगओवहिए, मिच्छादिट्ठी अणारिए ॥२५॥ उपफालगदुट्टवाई य, तेणे यावि य मच्छरी । एयजोगसमाउत्तो, काउलेसं तु परिणमे ॥२६॥ (४) नीयावित्ती अचवले, अमाई अकुऊहले । विणीयविणए दंते, जोगवं उवहाणवं ॥ २७ ॥ पियधम्मे दढधम्मे,ऽवज्जभीरू हिएसए । एयजोगसमाउत्तो, तेऊलेसं तु परिणमे ॥ २८ ॥ (५) पयणुकोहमाणे य, मायालोभे य पयणुए । पसंतचित्ते दंतप्पा, जोगवं उवहाणवं ॥ २९ ॥ तहा पयणुवाई य, उवसंते जिइंदिए । एयजोगसमाउत्तो, पम्हलेसं तु परिणमे ॥ ३० ॥ (६) अट्टरुद्दाणि वज्जित्ता, धम्मसुक्काणि झायए । पसंतचित्ते दंतप्पा, समिए गुत्ते य गुत्तिमु ॥ ३१॥ सरागे वीयरागे वा, उवसंते जिइंदिए । एयजोगसमाउत्तो, सुक्कलेसं तु परिणमे ॥ ३२ ॥ असंखिजाणोसप्पिणीण, उस्सप्पिणीण जे समया । संखाईया लोगा, लेमाण हवंति ठाणाइं ॥ ३३ ॥ मुहुत्तद्धं तु जहम्ना, तेत्तीसा सागरा मुहुत्तहिया । उक्कोसा होइ ठिई, नायव्वा किण्हलेसाए ॥ ३४ ॥ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, दस उदही पलियमसंखभागमब्भहिया । उकोसा होइ ठिई, नायव्वा नीललेसाए ॥ ३५ ॥ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, तिण्णुदही पलियमसंखभागमब्भहिया । उक्कोसा होइ ठिई, नायव्वा काउलेसाए ॥ ३६ ॥ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, दोण्णुदही पलियमसंखभागमभहिया । उक्कोसा होइ ठिई, नायव्वा तेउलेखाए ॥ ३७ ॥ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, दस होति य सागरा मुहुत्तहिया । उक्कोसा होइ ठिई, नायव्वा पम्हलेगाए ॥ ३८ ॥ मुहुत्तद्धं तु जहन्ना, तेत्तीसं सागरा मुहुत्तहिया । उक्कोसा होद ठिई, नायव्वा सुक्कलेसाए ॥ ३९ ॥ एसा खल लेसाणं, ओहेण ठिई उ वणिया होइ । चउम् वि गईसु एत्तो, लेमाण टिई तु वोच्छामि ॥ ४० ॥ दस बाससहस्साई, काऊए ठिई जहनिया होइ । तिण्णुदही पलिओवम-, असंखभागं च उकोमा ॥ ४१ ॥ तिण्णुदही पलिओबम-, असंखभागो जहन्नेण नीलठिई । दग उदही पलिओबम-, असंखभागं च उनोसा ॥ ४२ ॥ दस उदही पलिओवम-,असंखभागं जहनिया होइ । तेत्तीयसागराई उद्योसा, होइ किण्हाए लेंगाए ॥ ४३ ॥ एगा नेरयाणं, लेसाण ठिई र वणिया होद । तेण परं वोच्छामि, तिरियमणुस्माण देवाणं ॥ ४४ ॥ अंतोमुत्तमद्धं, लेमाण ठिई जहिं जहिं जा उ । तिरियाण नराणं वा, वजित्ता केवलं लेसं ॥ ४५ ॥ मुहुनद्रं तु जहन्ना, उद्योगा होइ पुव्वकोडीओ। नवहि वरिसेहि ऊणा, नायव्वा सुशालेगाए ॥ ४६॥ एगा तिरियनराणं, लेमाण ठिई उ वणिया होद । तेण परं बोच्छामि, लेमाण ठिई उ देवाणं Page #1123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४८ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं ॥ ४७ ॥ दस वाससहस्साइं, किण्हाए ठिई जहन्निया होइ । पलियमसंखिज्जइमो, उक्कोसो होइ किण्हाए ॥ ४८ ॥ जा किण्हाए ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमब्भहिया । जहन्नेणं नीलाए, पलियमसंखं च उक्कोसा ॥ ४९ ॥ जा नीलाए ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमब्भहिया । जहन्नेणं काऊए, पलियमसंखं च उक्कोसा ॥ ५० ॥ तेण परं वोच्छामि, तेउलेसा जहा सुरगणाणं । भवणवइवाणमंतर-, जोइसवेमाणियाणं च ॥ ५१ ॥ पलिओवमं जहन्ना, उक्कोसा सागरा उ दुन्नहिया । पलियमसंखेज्जेणं, होइ भागेण तेऊए ॥ ५२ ॥ दसवाससहस्साई, तेऊए ठिई जहन्निया होइ । दुन्नुदही पलिओवम-,असंखभागं च उक्कोसा ॥ ५३ ॥ जा तेऊए ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमब्भहिया । जहन्नेणं पम्हाए, दस उ मुहुत्ताहियाइ उक्कोसा ॥ ५४ ॥ जा पम्हाए ठिई खलु, उक्कोसा सा उ समयमब्भहिया । जहन्नेणं सुक्काए, तेत्तीसमुहुत्तमब्भहिया ॥ ५५ ॥ किण्हा नीला काऊ, तिन्नि वि एयाओ अहम्मलेसाओ । एयाहि तिहि वि जीवो, दुग्गइं उववजई ॥ ५६ ॥ तेऊ पम्हा सुक्का, तिन्नि वि एयाओ धम्मलेसाओ। एयाहि तिहि वि जीवो, सुग्गइं उववजई ॥ ५७ ॥ लेसाहिं सव्वाहिं, पढमे समयंमि परिणयाहिं तु । न हु कस्सइ उववाओ, परे भवे अस्थि जीवस्स ॥ ५८ ॥ लेसाहिं सव्वाहि, चरिमे समयंमि परिणयाहिं तु । न हु कस्सइ उववाओ, परे भवे होइ जीवस्स ॥ ५९ ॥ अंतमुहुत्तमि गए, अंतमुहुत्तमि सेसए चेव । लेसाहिं परिणयाहिं, जीवा गच्छंति परलोयं ॥६० ॥ तम्हा एयासि लेसाणं, आणुभावे वियाणिया । अप्पसत्थाओ वजित्ता, पसत्थाओऽहिट्ठिए मुणि ॥ ६१ ॥ त्ति-बेमि ॥ इति लेसज्झयणणाम चोत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ ३४॥ अह अणगारज्झयणं णाम पंचतीसइमं अज्झयणं सुणेह मे एगग्गमणा, मग्गं बुद्धेहि देसियं । जमायरंतो भिक्खू, दुक्खाणंतकरे भवे ॥ १॥ गिहवासं परिच्चज, पवजामस्सिए मुणी । इमे संगे वियाणिज्जा, जेहिं सजंति माणवा ॥ २ ॥ तहेव हिंसं अलियं, चोज अबंभसेर्वेणं । इच्छाकामं च लोभं च, संजओ परिवजए ॥ ३ ॥ मणोहरं चित्तघरं, मल्लधूवेण वासियं । सकवार्ड पंडुरुल्लोयं, मणसा वि न पत्थए ॥ ४॥ इंदियाणि उ भिक्खुस्स, तारिसंमि उवस्सए । दुक्कराइं निवारेउं, कामरागविवडणे ॥ ५॥ सुसाणे सुन्नगारे वा, रुक्खमूले व एगओ। पइरिक्के परकडे वा, वासं तत्थाभिरोयए ॥६॥ फासुयंमि Page #1124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३६ खेत्तओ अरुवी अजीवा ] सुत्तागमे अणावाहे, इत्थीहिं अणभिहुए । तत्थ संकप्पए वासं, भिक्खू परमसंजए ॥ ७ ॥ न स गिहाई कुव्विज्जा, णेव अन्नेहिं कारए । गिहकम्मसमारंभे, भूयाणं दिस्सए वहो ॥ ८ ॥ तसाणं थावराणं च सुहुमाणं वादराण य । तम्हा गिहसमारंभ, संजओ परिवज्जए ॥ ९ ॥ तहेव भत्तपाणेसु, पयणे पयावणेसु य । पाणभूयदयट्ठाए, न पए न पयावए ॥ १० ॥ जलवन्ननिस्सिया जीवा, पुढवीकट्ठनिस्सिया । हम्मंति भत्तपाणेसु, तम्हा भिक्खू न पयावए ॥ ११ ॥ विसप्पे सव्वओ धारे, बहुपाणि - विणासणे । नत्थि जोइसमे सत्थे, तम्हा जोइं न दीवए ॥ १२ ॥ हिरण्णं जायस्वं च, मणसा वि न पत्थए । समलेडुकंचणे भिक्खू विरए कयविक्क ॥ १३ ॥ किणतो कइओ होइ, विक्किणंतो य वाणिओ । कयविक्रयंमि वट्टंतो, भिक्खू न भवइ तारो ॥ १४ ॥ भक्खियव्वं न केयव्वं, भिक्खुणा भिक्खवत्तिणा । कयविक्कओ महादोसो, भिक्खावित्ती सुहावहा ॥ १५ ॥ समुयाणं उंछमेसिज्जा, जहासुत्तमििदयं । लाभालाभंमि संतु, पिंडवायं चरे मुणी ॥ १६ ॥ अलोले न रसे गिद्धे, जिब्भाते अमुच्छिए । न रसट्टाए भुंजिजा, जवणट्ठाए महामुणी ॥ १७ ॥ अच्णं रयणं चेव, वंदणं पूयणं तहा । इड्डीसक्कारसम्माणं, मणसा वि न पत्थए ॥ १८ ॥ सुक्कज्झाणं झियाएज्जा, अणियाणे अकिंचणे । वोसहकाए विहरेज्जा, जाव कालस्स पज्जओ ॥ १९ ॥ निज्जूहिऊण आहारं कालधम्मे उबहिए । जहिऊण माणुसं बोदि, पहू दुक्खा विमुच ॥ २० ॥ निम्ममे निरहंकारे, वीयरागो अणासो | संपत्तो केवलं नाणं, सासयं परिणि ॥ २१ ॥ तिमि ॥ इति अणगारज्झयणं णाम पंचतीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ ३५ ॥ १०४९ अह जीवाजीवविभत्ती णामं छत्तीसहमं अज्झयणं 0 जीवाजीवविभक्ति मे, सुगमणा इओ । जं जाणिऊण भिक्खु, सम्मं जयइ संजमे ॥ १ ॥ जीवा चैव अजीवा य, एस लोए वियाहिए । अजीवदेसमागासे, अलोगे से वियाहिए ॥ २ ॥ दव्यओ खेतओ चेव कालओ भावओ तहा । पवणा तेभि भवे, जीवाणमजीवाण य ॥ ३ ॥ रूविणो चेवsवी य, अजीवा दुविहा भवे । अवदसा बुता, रूविणो य चउत्रिहा ॥ ४ ॥ धम्मत्थिकाए तसे, तम्पएसे य, आहिए | अहम्मे तस्स देसे य, तप्पएसे य आहिए || ५ || आगासे तस्स देसे य, पसे य आहिए | अद्धासमए चेव, अम्वी दहा भवे ॥ ६ ॥ धम्माम्मे य दो चैत्र, लोगमित्ता वियाहिया । लोगालोगे य आगासे, समए समयखेत्तिए ॥ ७ ॥ Page #1125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५० सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं धम्माधम्मागासा, तिन्नि वि एए अणाइया। अपज्जवसिया चेव, सव्वद्धं तु वियाहिया ॥ ८ ॥ समए वि संतई पप्प, एवमेव वियाहिए। आएसं पप्प साईए, सपज्जवसिए वि य ॥ ९॥ खंधा य खंधदेसा य, तप्पएसा तहेव य । परमाणुणो य बोधव्वा, रूविणो य चउव्विहा ॥ १०॥ एगत्तेण पुहत्तेण, खंधा य परमाणु य । लोगेगदेसे लोए य, भइयव्वा ते उ खेत्तओ ॥ ११॥ सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा । इत्तो कालविभागं तु, तेसिं बुच्छं चउव्विहं ॥ १२ ॥ संतई पप्प तेऽणाई, अपज्जवसिया वि य। ठिइं पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ १३ ॥ असंखकालमुक्कोसं, एको समओ जहन्नयं । अजीवाण य रूवीणं, ठिई एसा वियाहिया ॥ १४ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, एक्को समओ जहन्नयं । अजीवाण य रूवीणं, अंतरेयं वियाहियं ॥१५॥ वण्णओ गंधओ चेव, रसओ फासओ तहा। संठाणओ य विन्नेओ, परिणामो तेसि पंचहा ॥ १६॥ वण्णओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया। किण्हा नीला य लोहिया, हलिद्दा सुकिला तहा ॥ १७ ॥ गंधओ परिणया जे उ, दुविहा ते वियाहिया । सुब्भिगंधपरिणामा, दुब्भिगंधा तहेव य ॥ १८ ॥ रसओ परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया । तित्तकडुयकसाया, अंबिला महुरा तहा ॥ १९॥ फासओ परिणया जे उ, अट्टहा ते पकित्तिया । कक्खडा मउया चेव, गरुया लहुया तहा ॥ २० ॥ सीया उण्हा य निद्धा य, तहा लुक्खा य आहिया । इय फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया ॥ २१ ॥ संठाणओ परिणया जे उ, पंचहा ते पक्रित्तिया । परिमंडला य वट्टा य, तंसा चउरंसमायया ॥ २२ ॥ वण्णओ जे भवे किण्हे, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २३ ॥ वण्णओ जे भवे नीले, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २४ ॥ वण्णओ लोहिए जे उ, भइए से उ गंधओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २५ ॥ वण्णओ पीयए जे उ, भइए से उ गंधओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २६ ॥ वण्णओ सुक्किले जे उ, भइए से उ गंधओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २७ ॥ गंधओ जे भवे सुब्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २८ ॥ गंधओ जे भवे दुब्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ २९ ॥ रसओ तित्तए जे उ, भइए से उ वपणओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३० ॥ रसओ कडुए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३१ ॥ रसओ कसाए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३२ ॥ रसओ अंबिले जे उ, भइए से उ Page #1126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३६ ईसिपब्भारवण्णणं] सुत्तागमे वण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३३ ॥ रसओ महुरए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३४ ॥ फासओ कक्खडे जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३५ ॥ फासओ मउए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३६ ॥ फासओ गुरुए जे उ, भइए से उ वण्णओ : गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३७ ॥ फासओ लहुए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३८ ॥ फासओ सीयए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ३९ ॥ फासओ उण्हए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ४० ॥ फासओ निद्धए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चव, भइए संठाणओ वि य ॥ ४१ ॥ फासओ लुक्खए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥ ४२ ॥ परिमंडलसंठाणे, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥ ४३ ॥ संठाणओ भवे बट्टे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥ ४४ ॥ संठाणओ भवे तंसे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥ ४५ ॥ संठाणओ जे चउरंसे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेब, भइए फासओ वि य ॥ ४६ ॥ जे आययसंठाणे, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए फासओ वि य ॥ ४७ ॥ एसा अजीव विभत्ती, समासेण वियाहिया । इत्तो जीवविभत्ति, बुच्छामि अणुपुव्वसो ॥ ४८ ॥ संसारत्था य सिद्धा य, दुविहा जीवा विमाहिया । सिद्धा णेगविहा बुत्ता, तं मे कित्तयओ मुण ॥ ४९ ॥ इत्थी-पुरिससिद्धा य, तहेव य नपुंगगा । सलिंगे अन्नलिंगे य, गिहिलिंगे तहेव य ॥ ५० ॥ उकोसोगाहणाए य, जहन्नमज्झिमाइ य । उहूं अहे य तिरियं च, गमुद्दमि जलंमि य ॥५१॥ दय य नपुंसएसु, वीसं इत्थियाम य । पुरिसेम य अट्टमयं, गमएणेगेण सिज्झई ॥५२॥ चत्तारि य गिहलिंगे, अन्नलिंगे दसेव य । सलिंगण असायं, समएणेगेण सिमई ॥५३॥ उक्कोसोगाहणाए य, सिज्झत जुगवं दुवे । चत्तारि जहन्नाए, मज्झे अत्तरं सयं ॥ १४ ॥ चउरुङ्गलोए य दुवे समुद्दे, तओ जले धीसमह तहेव य। सयं च अत्तरं तिरियलोए, समएणेगेण सिज्झई ध्रुवं ॥ ५५ ॥ कहिं परिहया सिद्धा ?, कहिं सिद्धा पइडिया ? । कहिं बोदि चइत्ताणं ?, कत्ल गंतृण सिज्झई ? ॥५६॥ अलोए पडिया सिद्धा, लोयग्गे य पइट्ठिया । इहं बोदि चइत्ताणं, तत्थ गंतृण सिज्मई ॥ ७ ॥ बारसहिं जोयणेहिं, सव्वट्ठस्नुवरिं भवे । इसिपब्भारनामा उ, पुढवी छत्तसंठिया Page #1127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५२ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं ॥ ५८ ॥ पणयालसयसहस्सा, जोयणाणं तु आयया । तावइयं चेव वित्थिण्णा, तिगुणो साहियपरिरओ ॥ ५९ ॥ अट्ठजोयणबाहल्ला, सा मज्झंमि वियाहिया । परिहायंती चरिमंते, मच्छिपत्ताउ तणुयरी ॥ ६० ॥ अजुणसुवण्णगमई, सा पुढवी निम्मला सहावेण । उत्ताणगच्छत्तगसंठिया य, भणिया जिणवरेहिं ॥ ६१ ॥ संखंककुंदसंकासा, पंडुरा निम्मला सुहा । सीयाए जोयणे तत्तो, लोयंतो उ वियाहिओ ॥ ६२ ॥ जोयणस्स उ जो तत्थ, कोसो उवरिमो भवे । तस्स कोसस्स छब्भाए, सिद्धाणोगाहणा भवे ॥ ६३ ॥ तत्थ सिद्धा महाभागा, लोगग्गंमि पइट्ठिया । भवपवंचओ मुक्का, सिद्धिं वरगइं गया ॥ ६४ ॥ उस्सेहो जस्स जो होइ, भवंमि चरिमंमि उ । तिभागहीणो तत्तो य, सिद्धाणोगाहणा भवे ॥६५॥ एगत्तेण साईया, अपज्जवसिया वि य । पुहत्तेण अणाईया, अपजवसिया वि य ॥ ६६ ॥ अरूविणो जीवघणा, नाणदंसणसन्निया । अउलं सुहं संपत्ता, उवमा जस्स नत्थि उ ॥ ६७ ॥ लोगेगदेसे ते सव्वे, नाणदंसणसन्निया । संसारपारनित्थिण्णा, सिद्धिं वरगई गया ॥ ६८ ॥ संसारत्था उ जे जीवा, दुविहा ते वियाहिया । तसा य थावरा चेव, थावरा तिविहा तहिं ॥ ६९ ॥ पुढवी आउजीवा य, तहेव य वणस्सई । इच्चेए थावरा तिविहा, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ ७० ॥ दुविहा य पुढवीजीवा, सुहुमा बायरा तहा। पजत्तमपजत्ता, एवमेव दुहा पुणो ॥ ७१ ॥ बायरा जे उ पजत्ता, दुविहा ते वियाहिया। सण्हा खरा य बोधव्वा, सण्हा सत्तविहा तहिं ॥ ७२ ॥ किण्हा नीला य रुहिरा य, हालिद्दा सुकिला तहा । पंडुपणगमट्टिया, खरा छत्तीसईविहा ॥७३॥ पुढवी य सक्करा वालुया य, उवले सिला य लोणूसे । अयतंबतउयसीसग-, रुप्पसुवण्णे य वइरे य ॥ ७४ ॥ हरियाले हिंगुलए, मणोसिला सासगंजणपवाले। अब्भपडलब्भवालय, बायरकाए मणिविहाणे ॥ ७५ ॥ गोमेज्जए य रुयगे, अंके फलिहे य लोहियक्खे य । मरगयमसारगल्ले, भुयमोयगइंदनीले य ॥ ७६ ॥ चंदणगेरुयहंसगब्भे, पुलए सोगंधिए य बोधव्वे । चंदप्पहवेरुलिए, जलकंते सूरकंते य ॥ ७७ ॥ एए खरपुडवीए, भेया छत्तीसमाहिया। एगविहमणाणत्ता, हुमा तत्थ वियाहिया ॥ ७८ ॥ सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा । इत्तो कालविभागं तु, वुच्छं तेसिं चउव्विहं ॥ ७९ ॥ संतई पप्पडणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ ८० ॥ बावीससहस्साई, वासाणुकोसिया भवे । आउठिई पुढवीणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ ८१ ॥ असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया । कायठिई पुढवीणं, तं कायं तु अमुंचओ ॥ ८२ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढंमि सए काए, पुढविजीवाण Page #1128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३६ तेजीवभेया ] सुत्तागमे १०५३ अंतरं ॥ ८३ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ 'वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ ८४ ॥ दुविहा आउजीवा उ, सुहुमा बायरा तहा । पज्जत्तमज्जत्ता, एवमे दुहा पुणो ॥ ८५ ॥ बायरा जे उपजत्ता, पंचहा ते पकित्तिया । सुद्धोदए य उस्से य, हरतणू महिया हि मे ॥ ८६ ॥ एगविहमणाणत्ता, मुहुमा तत्थ वियाहिया । सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा ॥ ८७ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपज्जवसिया विय ॥ ८८ ॥ सत्तेव सहस्साईं, वासाणुकोसिया भवे । आउठिई आऊणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ ८९ ॥ असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया । कायठिई आऊणं, तं कायं तु अमुंचओ ॥ ९० ॥ अनंतकालमुक्कसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढंमि सए काए, आऊजीवाण अंतरं ॥ ९१ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्सो ॥ ९२ ॥ दुविहा वणस्सईजीवा, सुहुमा बायरा तहा । पज्जत्तम पज्जत्ता, एवमेए दुहा पुणो ॥ ९३ ॥ बायरा जे उपजत्ता, दुविहा ते वियाहिया । साहारणसरीरा य, पत्तेगा य तहेव य ॥ ९४ ॥ पत्तेगसरीराओ, ऽणेगहा ते पकित्तिया । क्खा गुच्छाय गुम्मा य, लया वल्ली तणा तहा ॥ ९५ ॥ वलया पव्वगा कुहुणा, जलरुहा ओसही तहा । हरियकाया वोद्धव्वा, पत्तेगाइ वियाहिया ॥ ९६ ॥ साहारणसराओ, गहा ते पकित्तिया । आलुए मूलए चेव, सिंगबेरे तहेव य ॥ ९७ ॥ हरिली सिरिली सस्सिरिली, जावई केयकंदली । पलंडुलसणकंदे य, कंदली य कुहुव्वए ॥ ९८ ॥ लोहिणी हूयथी हूय, कुहगा य तहेव य । कण्हे य वज्जकंदे य, कंदे सूरए तहा ॥ ९९ ॥ अस्सकण्णी य बोधव्वा, सीहकण्णी तहेव य । मुसुंडी य हलद्दा यहा एवमायओ ॥ १०० ॥ एगविहमणाणत्ता, सुहुमा तत्थ वियाहिया । सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा ॥ १०१ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजत्रसिया वि य ठिई पहुच साईया, सपजबसिया विय ॥ १०२ ॥ दस चेत्र सहरसाई, वासाणुकोसिया भवे । वणप्कईण आऊं तु, अंतोमुहुतं जहन्निया ॥ १०३ ॥ अतकालमुकोसा, अंतोमुहुतं जहनिया । कायठिई पणगाणं, तं कायं तु अमुचओ ॥ १०४ ॥ असंखकालमुक्कोसं, अंतोमुहुतं जहन्नयं । विजमि सए काए, पणगजीवाण अंतरं ॥ १०५ ॥ एएर्सि वण्णओ चेव, गंवओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणारं सहस्सो ॥ १०६ ॥ इथे थावरा तिविहा, समासेण वियाहिया । इतो उ तसे तिविहे, बुच्छामि अणुपुव्वसो ॥ १०७ ॥ तेक बाऊ य बोधव्वा, उराला य तसा तहा। इथेए तसा तिविहा, तेसिं भेए मुह मे ॥ १०८ ॥ दुविहा ऊर्जावा उ, मुहुमा बायरा तहा । पजतमपजत्ता, एवमे दहा पुणो ॥ १०५ ॥ Page #1129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं बायरा जे उ पजत्ता,ऽणेगहा ते वियाहिया । इंगाले मुम्मुरे अगणी, अच्चि जाला तहेव य ॥ ११० ॥ उक्का विजू य बोधव्वा,ऽणेगहा एवमायओ। एगविहमणाणत्ता, सुहुमा ते वियाहिया ॥ १११ ॥ सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा । इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउविहं ॥ ११२ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ ११३ ॥ तिण्णेव अहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया। आउठिई तेऊणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥११४ ॥ असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया। कायठिई तेऊणं, तं कायं तु अमुंचओ ॥ ११५ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढंमि सए काए, तेऊजीवाण अंतरं ॥ ११६ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ। संठाणादेसओ वावि, विहाणाइं सहस्ससो ॥ ११७ ॥ दुविहा वाउजीवा उ, सुहुमा बायरा तहा । पजत्तमपजत्ता, एवमेए दुहा पुणो ॥ ११८ ॥ बायरा जे उ पज्जत्ता, पंचहा ते पकित्तिया । उक्कलिया मंडलिया, घणगुंजा सुद्धवाया य ॥ ११९ ॥ संवट्टगवाया य,ऽणेगहा एवमायओ। एगविहमणाणत्ता, सुहुमा तत्थ वियाहिया ॥ १२० ॥ सुहुमा सव्वलोगंमि, लोगदेसे य बायरा । इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउन्विहं ॥ १२१ ॥ संतइं पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ १२२ ॥ तिण्णेव सहस्साइं, वासाणुकोसिया भवे । आउठिई वाऊणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १२३ ॥ असंखकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया । कायठिई वाऊणं, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १२४ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजडंमि सए काए, वाऊजीवाण अंतरं ॥ १२५ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १२६ ॥ उराला तसा जे उ, चउहा ते पकित्तिया । बेइंदिय तेइंदिय, चउरो पंचिंदिया तहा ॥ १२७ ॥ बेइंदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया । पजत्तमपज्जत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १२८ ॥ किमिणो सोमंगला चेव, अलसा माइवाहया । वासीमुहा य सिप्पिया, संखा संखणगा तहा ॥ १२९ ॥ पल्लोयाणुल्लया चेव, तहेव य वराडगा। जलूगा जालगा चेव, चंदणा य तहेव य ॥ १३० ॥ इइ बेइंदिया एए,ऽणेगहा एवमायओ । लोगेगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया ॥ १३१ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ १३२ ॥ वासाइं बारसा चेव, उक्कोसेण वियाहिया। बेइंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १३३ ॥ संखिज्जकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया। बेइंदियकायठिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १३४ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुक्तं Page #1130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३६ ने० कालविभागपरूवणा० ] सुत्तागमे १०५५ जहन्नयं । बेइंदियजीवाणं, अंतरं च वियाहियं ॥ १३५ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाइं सहस्ससो ॥ १३६ ॥ तेइंदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया । पजत्तमपज्जता, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १३७ ॥ कुंथुपिवीलिउइंसा, उक्कलद्देहिया तहा । तणहारकट्टहारा य, मालूगा पत्तहारगा ॥ १३८ ॥ कप्पासत्थिीमजा य, तिंदुगा तउसमिंजगा । सदावरी य गुम्मी य, वोधव्वा इंदगाइया ॥ १३९ ॥ इंदगोवगमाईया,ऽणेगहा एवमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया ॥ १४० ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ १४१ ॥ एगूणपण्णहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया । तेइंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १४२ ॥ संखिज्जकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया । तेइंदियकायठिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १४३ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । तेइंदियजीवाणं, अंतरं तु वियाहियं ॥ १४४ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ। संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १४५ ॥ चउरिंदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया । पज्जत्तमपज्जत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १४६ ॥ अंधिया पोत्तिया चेव, मच्छिया मसगा तहा । भमरे कीडपयंगे य, टिंकुणे कंकणे तहा ॥ १४७ ॥ कुकडे सिंगिरीडी य, नंदावते य विच्छुए । डोले भिंगिरीडी य, विरली अच्छिवेहए ॥१४८॥ अच्छिले माहए अच्छि(रोडए), विचित्ते चित्तपत्तए । उहिंजलिया जलकारी य, नीयया तंबगाझ्या ॥ १४९ ॥ इय चउरिंदिया एए,ऽणेगहा एवमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया ॥ १५० ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ १५१ ॥ छच्चेव य मासाऊ, उक्कोसेण वियाहिया । चटरिंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १५२ ॥ संखिजकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहनिया । चरिंदियकायटिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १५३ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । चउरिदियजीवाणं, अंतरं च वियाहियं ॥ १५४ ॥ एएसि वण्णओ चंब, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १.५५ ॥ पंचिंदिया उ जे जीवा, चउविहा ते वियाहिया । नेरइया तिरिक्खा य, मणुया देवा य आहिया ॥ १५६ ॥ नेरदया सत्तविहा, पुढवीमु सत्तम् भवे । रयणाभसकाराभा, बाल्दयाभा य आहिया ॥ १५७ ।। पंकामा धूमाभा, तमा तमतमा तहा । दइ नेरदया एए, मनहा परिकिनिया ॥ १५८ ॥ लोगस्स एगदेसं मि, ते सव्वे उ वियाहिया । एनो काल पाढंतरं-१ लोगस्स एगदसंमि, ते सव्वे परिकिनिआ। २ विजम्मि गए काए। Page #1131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ THEHTHHTHHELHI १०५६ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं विभागं तु, वोच्छं तेसिं चउव्विहं ॥ १५९ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य । ठिइं पडुच्च साईया, सपज्जवसिया वि य ॥ १६० ॥ सागरोवममेगं तु, उक्कोसेण वियाहिया। पढमाए जहन्नेणं, दसवाससहस्सिया ॥ १६१ ॥ तिण्णेव सागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया । दोच्चाए जहन्नेणं, एगं तु सागरोवमं ॥ १६२ ॥ सत्तेव सागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया । तइयाए जहन्नेणं, तिण्णेव सागरोवमा ॥ १६३ ॥ दससागरोवमा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया । चउत्थीए जहन्नेणं, सत्तेव सागरोवमा ॥ १६४ ॥ सत्तरससागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया । पंचमाए जहन्नेणं, दस चेव सागरोवमा ॥ १६५ ॥ बावीससागरा ऊ, उकोसेण वियाहिया । छट्ठीए जहन्नेणं, सत्तरससागरोवमा ॥ १६६ ॥ तेत्तीससागरा ऊ, उक्कोसेण वियाहिया । सत्तमाए जहन्नेणं, बावीसं सागरोवमा ॥ १६७ ॥ जा चेव य आउठिई, नेरइयाणं वियाहिया । सा तेसिं कायठिई, जहन्नुक्कोसिया भवे ॥ १६८ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढंमि सए काए, नेरइयाणं तु अंतरं ॥ १६९ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १७० ॥ पंचिंदियतिरिक्खाओ, दुविहा ते वियाहिया । समुच्छिमतिरिक्खाओ, गब्भवकंतिया तहा ॥ १७१ ॥ दुविहा ते भवे तिविहा, जलयरा थलयरा तहा। नहयरा य बोधव्वा, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १७२ ॥ मच्छा य कच्छभा य, गाहा य मगरा तहा । सुंसुमारा य बोधव्वा, पंचहा जलयराहिया ॥ १७३ ॥ लोएगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया । इत्तो कालविभागं तु, वोच्छं तेसिं च उव्विहं ॥ १७४ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ १७५ ॥ एगा य पुव्वकोडी, उक्कोसेण वियाहिया । आउठिई जलयराणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १७६ ॥ पुवकोडिपुहत्तं तु, उक्कोसेण वियाहिया । कायठिई जलयराणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १७७ ॥ अणंतकालमुक्कोस, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढंमि सए काए, जलयराणं तु अंतरं ॥ १७८ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १७९ ॥ चउप्पया य परिसप्पा, दुविहा थलयरा भवे । चउप्पया चउविहा, ते मे कित्तयओ सुण ॥१८०॥ एगखुरा दुखुरा चेव, गंडीपयसणप्फया । हयमाई गोणमाई, गयमाइसीहमाइणो ॥ १८१ ॥ भुओरगपरिसप्पा य, परिसप्पा दुविहा भवे। गोहाई अहिमाई य, एकेकाऽणेगहा भवे ॥ १८२ ॥ लोएगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया । एत्तो कालविभागं तु, वोच्छं तेसिं चउव्विहं ॥ १८३ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिइं पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य Page #1132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३६ जोइसभेया ] सुत्तागमे ॥ १८४ ॥ पलिओवमाइं तिण्णि उ, उक्कोसेण वियाहिया । आउठिई थलयराणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १८५ ॥ पुव्वकोडिपुहुत्तेणं, उक्कोसेण वियाहिया । कायठिई थलयराणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १८६ ॥ कालमणंतमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजमि सए काए, थलयराणं तु अंतरं ॥ १८७ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ सफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १८८ ॥ चम्मे उ लोमपक्खी य, तइया समुग्गपक्खिया । विययपक्खी य वोधव्वा, पक्खिणो य चव्विा ॥ १८९ ॥ लोगेगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया । इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वोच्छं चव्विहं ॥ १९० ॥ संतई पप्पsणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपज्जवसिया विय ॥ १९१ ॥ पलिओवमस्स भागो, असंखेज्जइमो भवे । आउठिई खहयराणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १९२॥ असंखभागो पलियस्स, उक्कोसेण उ साहिया । पुव्यकोडीपुहत्तेणं, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १९३ ॥ कायठिई खहयराणं, अंतरं तेसिमं भवे । अनंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं ॥ १९४ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ बाबि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १९५ ॥ मणुया दुविहभेया उ, ते मे कित्तयओ सुण । संमुच्छिमा य मणुया, गब्भवक्कंतिया तहा ॥ १९६ ॥ गन्भवतिया जे उ, तिविहा ते वियाहिया । क्रम्म अक्रम्मभूमा य, अंतरद्दीवया तहा ॥ १९७ ॥ पन्नरसती सविहा, भेया अडवीसई । संखा उ कमसो तेसिं, इइ एसा वियाहिया ॥ १९८ ॥ संमुच्छ्रिमाण एसेव, भेओ होइ वियाहिओ | लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे विवियाहिया ॥ १९९ ॥ संतई पप्पाईया, अपजवसिया वि य | ठि पहुच साईया, सपज्जवसिया विय ॥ २०० ॥ पलिओ माई तिण्णि वि, उक्कोसेण बियाहिया । आउठिई मणुयाणं, अंतोमुहुतं जहन्निया ॥ २०१ ॥ पलिओ माई तिष्णि उ, उक्कोसेण वियाहिया । पुव्वकोडिपुहत्तेणं, अंतोमुहुतं जहन्निया ॥ २०२ ॥ काटिई मणुयाणं, अंतरं तेसिमं भवे । अनंतकालमुक्कसं, अंतोमुहुत्तं जन्नयं ॥ २०३ ॥ एएसं वण्णओ चेत्र, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ २०४ ॥ देवा चउव्हिा कुत्ता, ते मे कितयओ सुण । भोमिज वाणमंतर, जोइस वेमाणिया तहा ॥ २०५ ॥ दसहा उभवणवासी, वचारिणो | पंचविहा जोइसिया, दुविद्या वैमाणिया तहा ॥ २०६ ॥ असुरा नागअनुहा सुवण्णा, विज्जू अग्गी वियाहिया । दीवोदहिदिसा बाया, थणिया भवणवासिणो ॥ २०७ ॥ पिसायभूया जक्खा य, रक्खसा किन्नरा किंपुरिया । महोरगा य गंधव्वा, अविहा वाणमंतरा ॥ २०८ ॥ चंदा सरा य नक्खता, गहा तारागणा तहा । ६७ सुत्ता० १०५७ Page #1133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०५८ सुत्तागमे [उत्तरज्झयणसुत्तं दिसा विचारिणो चेव, पंचहा जोइसालया ॥ २०९ ॥ वेमाणिया उ जे देवा, दुविहा ते वियाहिया । कप्पोवगा य बोधव्वा, कप्पाईया तहेव य ॥ २१० ॥ कप्पोवगा बारसहा, सोहम्मीसाणगा तहा । सणंकुमारमाहिंदा, भलोगा य लंतगा ॥ २११॥ महासुक्का सहस्सारा, आणया पाणया तहा। आरणा अञ्चुया चेव, इइ कप्पोवगा सुरा ॥ २१२ ॥ कप्पाईया उ जे देवा, दुविहा ते वियाहिया । गेविजाणुत्तरा चेव, गेविजा नवविहा तहिं ॥ २१३ ॥ हेछिमाहेट्ठिमा चेव, हेहिमामज्झिमा तहा । हेट्ठिमाउवरिमा चेव, मज्झिमाहेट्ठिमा तहा ॥ २१४ ॥ मज्झिमामज्झिमा चेव, मज्झिमाउवरिमा तहा। उवरिमाहेट्ठिमा चेव, उवरिमामज्झिमा तहा ॥ २१५ ॥ उवरिमाउवरिमा चेव, इय गेविजगा सुरा । विजया वेजयंता य, जयंता अपराजिया ॥ २१६ ॥ सव्वत्थसिद्धगा चेव, पंचहाणुत्तरा सुरा । इय वेमाणिया एए, ऽणेगहा एवमायओ ॥ २१७ ॥ लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे वि वियाहिया। इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउव्विहं ॥ २१८ ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपज्जवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ २१९ ॥ साहियं सागरं एकं, उक्कोसे(णं)ण ठिई भवे । भोमेजाणं जहन्नणं, दसवाससहस्सिया ॥ २२० ॥ [पलिओवम दो ऊणा, उक्कोसेण वियाहिया । असु(रे)रिंदवजेताण, जहन्ना दससहस्सगा ॥] पलिओवममेगं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । वंतराणं जहन्नेणं, दसवाससहस्सिया ॥ २२१ ॥ पलिओवममेगं तु, वासलक्खेण साहियं । पलिओवमट्ठभागो, जोइसेसु जहन्निया ॥ २२२ ॥ दो चेव सागराई, उक्कोसेण वियाहिया । सोहम्मम्मि जहन्नेणं, एगं च पलिओवमं ॥ २२३ ॥सागरा साहिया दुन्नि, उन्कोसेण वियाहिया । ईसाणम्मि जहन्नेणं, साहियं पलिओवमं ॥ २२४ ॥ सागराणि य सत्तेव, उक्कोसेण ठिई भवे । सणंकुमारे जहन्नेणं, दुन्नि ऊ सागरोवमा ॥ २२५ ॥ साहिया सागरा सत्त, उक्कोसेण ठिई भवे । माहिदम्मि जहन्नेणं, साहिया दुन्नि सागरा ॥ २२६ ॥ दस चेव सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । बंभलोए जहन्नेणं, सत्त ऊ सागरोवमा ॥ २२७ ॥ चउद्दस सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । लंतगम्मि जहन्नेणं, दस उ सागरोवमा ॥ २२८ ॥ सत्तरस सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । महासुक्के जहन्नेणं, चोद्दस सागरोवमा ॥ २२९ ॥ अट्ठारस सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । सहस्सारम्मि जहन्नेणं, सत्तरस सागरोवमा ॥ २३० ॥ सागरा अउणवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । आणयम्मि जहन्नेणं, अट्ठारस सागरोवमा ॥ २३१ ॥ वीसं तु सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे । पाणयम्मि जहन्नेणं, सागरा अउणवीसई ॥ २३२ ॥ सागरा इक्कवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । आरणम्मि जह Page #1134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० ३६ कंदप्पाइअसब्भावणाओ ] सुत्तागमे नेणं, वसई सागरोवमा ॥ २३३ ॥ बावीसं सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । अच्चुयम्मि जहनेणं, सागरा इक्कीसई ॥ २३४ ॥ तेवीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । पढमंमि जहन्नेणं, बावीसं सागरोवमा ॥ २३५ ॥ चउवीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । विइयंमि जहन्नेणं, तेवीसं सागरोवमा ॥ २३६ ॥ पणवीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । इयंमि जहन्नेणं, चउवीसं सागरोवमा ॥ २३७ ॥ छव्वीस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । चउत्थंमि जहनेणं, सागरा पणुवीसई ॥ २३८ ॥ सागरा सत्तवीसं तु, उक्कोण ठिई भवे । पंचमंमि जहन्नेणं, सागरा उ छवीसई ॥ २३९ ॥ सागरा अवीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । छटुंमि जहन्नेणं, सागरा सत्तवीसई ॥ २४० ॥ सागरा अणती तु, उक्कोसेण ठिई भवे । सत्तमंमि जहन्नेणं, सागरा अट्टवीसई ॥ २४१ ॥ तीसं तु सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । अनुमंमि जहन्त्रेणं, सागरा अउ - तीस ॥ २४२ ॥ सागरा इकतीसं तु, उक्कोसेण ठिई भवे । नवमंमि जहनेणं, तीस सागरोवमा ॥ २४३ ॥ तेत्तीसा सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे । चउसुं पि विजयाईमु, जहनेणेकतीसई ॥ २४४ ॥ अजहन्नमणुकोसा, तेत्तीसं सागरोवमा । महाविमाणे सव्वट्टे, ठिई एसा वियाहिया ॥ २४५ ॥ जा चेव उ आउठिई, देवाणं तु वियाहिया । सा तेसिं कायठिई, जहन्नमुकोसिया भवे ॥ २४६ ॥ अनंतकाल - मुक्कसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । विजढंमि सए काए, देवाणं हुज अंतरं ॥ २४७ ॥ अनंतकालमुक्कसं, वासपुहुत्तं जहन्नयं । आणयाईण कप्पाण, गेविजाणं तु अंतरं ॥ २४८ ॥ संखििज्जसागरुक्कोसं वासपुहुत्तं जहन्नयं । अणुत्तराणं देवाणं, अंतरेयं वियाहियं ॥ २४९ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसकासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई. सहस्सो ॥ २५० ॥ संसारत्था य सिद्धा य, इय जीवा वियाहिया । रूणि चेरूवी य, अजीवा दुविहा विय ॥ २५१ ॥ इ जीवमजीवे य, सोचा सद्दहिऊण य । सव्वनयाणमणुमए, रमेज संजमे मुणी ॥ २५२ ॥ तओ बहूणि वासाणि, सामण्ण मणुपालिया । इमेण कमजोगेण, अप्पाणं संलिहे मुणी ॥ २५३ ॥ बारसेव उवासाई, संदेहुकोसिया भवे । संवच्छरं मज्जिमिया, छम्मासा य जहनिया ॥ २५४ ॥ पढने वासच उम, विगईनिज्जृहणं करे । बिइए वासचउकमि, विवित्तं तु तवं चरे ॥ २५५ ॥ एगंतरमायामं क संवछरे दुवे । तओ संच्छर तु, नाइविहिं तवं चरे ॥ २५६ ॥ तओ संबद्धं तु, विहिं तु तवं चरे । परिमियं चेव आयामं, तंमि संच्छरे करे ॥ २५७ ॥ कोडीग हियमायाम, 飛 संच्छरे मुणी । मासमासिएणं तु, आहारेण तवं चरे ॥ २५८ ॥ कंदष्पमाभिओगं च, किव्विसिय मोहमासुरतं च । एयाउ दुग्गईओ, मरणंमि विराहिया होति ॥ २५९ ॥ १०५९ Page #1135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ उत्तरज्झयणसुत्तं मिच्छादंसणरत्ता, सनियाणा उ हिंसगा । इय जे मरंति जीवा, तेसिं पुण दुल्लहा बोही ॥ २६० ॥ सम्मद्दंसणरत्ता, अनियाणा सुक्कलेसमोगाढा । इय जे मरंति जीवा, तेसिं सुलहा भवे बोही ॥ २६१ ॥ मिच्छादंसणरत्ता, सनियाणा कण्हलेसमोगाढा । इय जे मरंति जीवा, तेसिं पुण दुलहा बोही ॥ २६२ ॥ जिणवयणे अणुरत्ता, जिणवयणं जे करेंति भावेण । अमला असंकिलिट्ठा, ते होंति परित्तसंसारी ॥ २६३ ॥ वालमरणाणि बहुसो, अकाममरणाणि चेव य बहूणि । मरिहंति ते वराया, जिणवयणं जे न जाणंति ॥ २६४॥ बहुआगमविन्नाणा, समाहिउप्पायगा य गुणगाही । एएणं कारणेणं, अरिहा आलोयणं सोउं ॥ २६५ ॥ कंदप्पकुक्कुयाई, तह सीलसहावहासविगहाई । विम्हावेंतो य परं, कंदप्पं भावणं कुणइ ॥ २६६ ॥ मंताजोगं काउं, भूईकम्मं च जे पउंजंति । सायरसइड्डिहेडं, अभिओगं भावणं कुणइ ॥ २६७ ॥ नाणस्स केवलीणं, धम्मायरियस्स संघसाहूणं । माई अवण्णवाई, किव्विसियं भावणं कुणइ ॥ २६८ ॥ अणुबद्धरोसपसरो, तह य निमित्तंमि होइ पडिसेवी । एएहिं कारणेहिं, आसुरियं भावणं कुणइ ॥ २६९ ॥ सत्थगहणं विसभक्खणं च, जलणं च जलपवेसो य । अणायारभंडसेवी, जम्मणमरणाणि बंधंति ॥ २७० ॥ इइ पाउकरे बुद्धे, नायए परिनिव्वए । छत्तीसं उत्तरज्झाए, भवसिद्धीयसं [वुडे ] मए ॥ २७१ ॥ त्ति - बेमि ॥ इति जीवाजीवविभत्ती णामं छत्तीसइमं अज्झयणं समत्तं ॥ ३६ ॥ ॥ उत्तरज्झयणसुत्तं समत्तं ॥ .१०६० Page #1136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं नंदीसुत्तं जयइ जगजीवजोणी-,वियाणओ जगगुरू जगाणंदो । जगणाहो जगबंधू , जयइ जगप्पियामहो भयवं ॥१॥ जयइ सुआणं पभवो, तित्थयराणं अपच्छिमो जयइ । जयइ गुरू लोगाणं, जयइ महप्पा महावीरो ॥ २॥ भदं सव्वजगुजोयगस्स, भई जिणस्स वीरस्स । भई सुरासुरनमंसियस्स, भई धुयरयस्स ॥ ३ ॥ गुणभवणगहण सुयरयणभरिय, दंसणविसुद्धरत्थागा । संघनगर ! भई ते, अखंडचारित्तपागारा ॥ ४ ॥ संजमतवतुंबारयस्स, नमो सम्मत्तपारियलस्स । अप्पडिचक्कस्स जओ, होउ सया संघचक्कस्स ॥५॥ भई सीलपडागूसियस, तवनियमतुरयजुत्तस्स । संघरहस्स भगवओ, सज्झायसुनंदिघोसस्स ॥ ६॥ कम्मरयजलोहविणिग्गयस्स, सुयरयणदीहनालस्स । पंचमहन्वयथिरकन्नियस्स, गुणकेसरालस्स ॥ ७ ॥ सावगजणमहुअरिपरिवुडस्स, जिणसूरतेयबुद्धस्स । संघपउमस्स भई, समणगणसहस्सपत्तस्स ॥ ८ ॥ तवसंजममयलंछण!, अकिरियराहुमुहदुद्धरिस ! निच्चं । जय संघचंद ! निम्मल-, सम्मत्तविमुद्धजोण्हागा ! ॥९॥ परतित्थियगहपहनासगस्स, तवतेयदित्तलेसस्स । नाणुजोयस्स जए, भई दमसंघसूरस्स ॥ १० ॥ भई धिइवेलापरिगयस्स, सज्झायजोगमगरस्स । अक्खोहस्स भगवओ, संघसमुदस्स रुंदस्स ॥ ११ ॥ सम्मईसणवरबइरदढमढगाढावगाढपेढस्स । धम्मवररयणमंडियचामीयरमेहलागस्स ॥ १२ ॥ नियमूसियक्रणयसिलायलुजलजलंतचित्तकूडस्स । नंदणवणमणहरसुरभिसीलगंधुसुमायस्स ॥ १३ ॥ जीवदयामुंदरकंदरुद्दरियमुणिवरमइंदइन्नस्स । हेउसयधाउपगलंतरयणदित्तोसहिगुहस्स ॥ १४ ॥ संवरवरजलपगलियउज्झरपविरायमाणहारस्स । सावगजणपउररवंतमोरनचंतकुहरस्स ॥ १५ ॥ विणयनयपवरमुणिवरफुरंतविजुजलंतसिहरस्स । विविहगुणकप्परक्खगफलभरकुममाउलवणस्स ॥ १६ ॥ नाणवररयणदिपंत-कंतवेरुलियविमलचूलस्स । वंदामि विणयपणओ, संघमहामंदरगिरिस्स ॥ १७ ॥ [गुणरयणुजलकडयं, सीलसुगंधितवमंडिउद्देसं । मुराचारमंगसिहरं, संघमहामंदरं वंदे ॥ १८॥ नगररहचक्कपउमे, चंदे सूरे समुद्दमेरुम्मि । जो उवमिजद Page #1137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६२ सुत्तागमे [ नंदीसुत्तं सययं, तं संघगुणायरं वंदे ॥ १९ ॥] [वंदे] उसभं अजियं संभव-,मभिनंदणसुमइसुप्पभसुपासं । ससिपुप्फदंतसीयल-,सिजंसं वासुपुजं च ॥ २० ॥ विमलमणंत य धम्मं, संतिं कुंथु अरं च मल्लिं च । मुनिसुव्वयनमिनेमि, पासं तह वद्धमाणं च ॥ २१ ॥ पढमित्थ इंदभूई, बीए पुण होइ अग्गिभूइत्ति । तइए य वाउभूई, तओ वियत्ते सुहम्मे य ॥ २२ ॥ मंडियमोरियपुत्ते, अकंपिए चेव अयलभाया य । मेयजे य पहासे [य], गणहरा हुँति वीरस्स ॥ २३ ॥ निव्वुइपहसासणयं, जयइ सया सव्वभावदेसणयं । कुसमयमयनासणयं, जिणिंदवरवीरसासणयं ॥ २४ ॥ सुहम्म अग्गिवेसाणं, जंबूनामं च कासवं । पभवं कच्चायणं वंदे, वच्छं सिजंभवं तहा ॥ २५ ॥ जसभदं तुंगियं वंदे, संभूयं चेव माढरं । भद्दबाहुं च पाइन्नं, थूलभदं च गोयमं ॥ २६ ॥ एलावच्चसगोत्तं, वंदामि महागिरिं सुहत्थिं च । तत्तो कोसियगोत्तं, बहुलस्स सरिव्वयं वंदे ॥ २७ ॥ हारियगुत्तं साइं, च वंदिमो हारियं च सामजं । वंदे कोसियगोत्तं, संडिल्लं अजजीयधरं ॥ २८ ॥ तिसमुद्दखायकित्ति, दीवसमुद्देसु गहियपेयालं । वंदे अज्जसमुई, अक्खुभियसमुद्दगंभीरं ॥ २९॥ भणगं करगं झरगं, पभावगं णाणदंसणगुणाणं । वंदामि अज्जमगुं, सुयसागरपारगं धीरं ॥ ३० ॥ विंदामि अजधम्म, तत्तो वंदे य भगुत्तं च । तत्तो य अजवइरं, तवनियमगुणेहिं वइरसमं ॥ ३१ ॥ वंदामि अजरक्खिय-,खमणे रक्खियचरित्तसव्वस्से । रयणकरंडगभूओ, अणुओगो रक्खिओ जेहिं ॥ ३२ ॥] नाणम्मि दंसणम्मि य, तविणए णिच्चकालमुज्जुत्तं । अजं नंदिलखमणं, सिरसा वंदे पसन्नमणं ॥ ३३ ॥ वटर वायगवंसो, जसवंसो अजनागहत्थीणं । वागरणकरणभंगिय-,कम्मप्पयडीपहाणाणं ॥ ३४ ॥ जञ्चजणधाउसमप्पहाण, मुद्दियकुवलयनिहाणं । वड्डउ वायगवंसो, रेवइनक्खत्तनामाणं ॥ ३५॥ अयलपुरा णिक्खंते, कालियसुयआणुओगिए धीरे । बंभद्दीवगसीहे, वायगपयमुत्तमं पत्ते ॥ ३६ ॥ जेसि इमो अणुओगो, पयरइ अन्जावि अड्डभरहम्मि । बहुनयरनिग्गयजसे, ते वंदे खंदिलायरिए ॥ ३७॥ तत्तो हिमवंतमहंतविक्कमे, धिइपरक्कममणंते । सज्झायमणंतधरे, हिमवंते वंदिमो सिरसा ॥ ३८ ॥ कालियसुयअणुओगस्स धारए, धारए य पुव्वाणं । हिमवंतखमासमणे, वंदे णागज्जुणायरिए ॥ ३९ ॥ मिउमद्दवसंपन्ने, आणुपुव्विवायगत्तणं पत्ते । ओहसुयसमायारे, नागजुणवायए वंदे ॥ ४० ॥ [गोविंदाणंपि नमो, अणुओगे विउलधारिणिंदाणं । णिचं खंतिदयाणं, परूवणे दुल्लभिंदाणं ॥ ४१ ॥ तत्तो य भूयदिन्नं, निच्चं तवसंजमे अनिविणं । पंडियजणसामण्णं, वंदामो संजमविहिण्णु ॥ ४२ ॥] वरकणगतवियचंपग-,विमउलवरकमलगब्भसरिवने। भवियजणहिययदइए, दयागुण Page #1138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६३ ओहिनाणभेया] सुत्तागमे विसारए धीरे ॥ ४३ ॥ अड्डभरहप्पहाणे, बहुविहसज्झायसुमुणियपहाणे । अणु ओगियवरवसभे, नाइलकुलवंसनंदिकरे ॥ ४४ ॥ भूयहियअप्पगब्भे, वंदेऽहं भूयदिन्नमायरिए । भवभयबुच्छेयकरे, सीसे नागजुणरिसीणं ॥ ४५ ॥ सुमुणियनिच्चानिचं, मुमुणियसुत्तत्थधारयं वंदे । सब्भावुब्भावणया-,तत्थं लोहिच्चणामाणं ॥४६॥ अत्थमहत्थक्खाणिं, सुसमणवक्खाणकहणनिव्वाणिं । पयईए महुरवाणिं, पयओ पणमामि दूसगणिं ॥ ४७ ॥ [तवनियमसच्चसंजम-,विणयजवखंतिमद्दवरयाणं । सीलगुणगद्दियाणं, अणुओगजुगप्पहाणाणं ॥ ४८ ॥] सुकुमालकोमलतले, तेसिं पणमामि लक्खणपसत्थे । पाए पावयणीणं, पडिच्छयसएहिं पणिवइए ॥ ४९ ॥ जे अन्ने भगवंते, कालियसुयआणुओगिए धीरे। ते पणमिऊण सिरसा, नाणस्स परूवणं बोच्छं ॥ ५० ॥ सेलघण १ कुडग २ चालणि ३, परिपूणग ४ हंस ५ महिस ६ मेसे ७ य । मसग ८ जलूग ९ बिराली १०, जाहग ११ गो १२ भेरी १३ आभीरी १४ ॥ ५१ ॥ सा समासओ तिविहा पन्नत्ता, तंजहा-जाणिया, अजाणिया, दुब्बियहा । जाणिया जहा-खीरमिव जहा हंसा, जे घुटंति इह गुरुगुणसमिद्धा । दोसे य विवति, तं जाणसु जाणियं परिसं ॥ ५२ ॥ अजाणिया जहा-जा होइ पगइमहुरा, मियछावयसीहकुक्कुडयभूया । रयणमिव असंठविया, अजाणिया सा भवे परिसा ॥ १३ ॥ दुव्वियवा जहा-न य कत्थइ निम्माओ, न य पुच्छइ परिभवस्स दोसेणं । वस्थिव्व वायपुण्णो, फुट्टइ गामिल्य(दुबि)वियड्डो ॥ ५४ ॥ नाणं पंचविहं पन्नत्तं, तंजहा-आभिणिबोहियनाणं, सुयनाणं, ओहिनाणं, मणपज्जवनाणं, केवलनाणं ॥१॥ तं समासओ दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-पचक्खं च परोक्खं च ॥२॥ से कि तं पञ्चक्खं? पच्चक्खं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-इंदियपचक्खं नोइंदियपचक्खं च ॥३॥ से किं नं इंदियपच्चक्खं ? इंदियपचक्खं पंचविहं पण्णत्तं, तंजहा-सोइंदियपचक्वं चक्खिदियपच्चरव घाणिंदियपञ्चकन्वं जिभिदिय पञ्चरखं फासिंदियपञ्चकग्वं, से तं इंदियपञ्चक्वं ॥ ४॥ से किं तं नो इंदियपचक्खं ? नोइंदियपवाक्खं तिविहं पण्णत्तं, जहा ओहिनाणपञ्चकन्वं मणपजवनाणपन्चक्खं केवलनाणपञ्चक्खं ॥५॥ से किं तं ओहिनाणपचक्खं ? ओहिनाणपञ्चक्खं दुविहं पण्णतं, तंजहा-भवपचढ्यं च खाओवस मियं च ॥ ६ ॥ से किं तं भवपन्चइयं? भवपचइयं दुण्हं, तंजहा-देवाण य नेरझ्याण य ॥ ७ ॥ से किं तं खाओवसमियं ? खाओवममियं दुण्हं, तंजहा-मणूमाण य पंचंदियतिरिक्खजोणियाण य । को हेऊ खाओवसमियं? खाओवसामियं तयावरणिजाणं कम्माणं उदिण्णाणं खएणं अणुदिण्णाणं उवसमेणं ओहिनाणं समुपजद ॥ ८ ॥ अहबा गुणपडिवनस्स अणगारस्स ओहिनाणं समुप्पजद, तं समासओ छव्हिं Page #1139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६४ सुत्तागमे [ नंदीसुतं पण्णत्तं, तंजहा - आणुगामियं १, अणाणुगामियं २, वमाणयं ३, हयमाणयं ४, पडिवाइयं ५, अपडिवाइयं ६ ॥ ९ ॥ से किं तं आणुगामियं ओहिनाणं ? आगामियं ओहिनाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा- अंतगयं च मज्झगयं च । से किं तं अंतगयं ? अंतगयं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा - पुरओ अंतगयं, मग्गओ अंतगयं, पासओ अंतगयं । से किं तं पुरओ अंतगयं ? पुरओ अंतगयं से जहानामए के पुर उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मर्णि वा पईवं वा जोई वा पुरओ काउं पणुलेमाणे २ गच्छेजा, से तं पुरओ अंतगयं । से किं तं मग्गओ अंतगयं ? मग्गओ अंतगयंसे जहानामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोई वा मग्गओ काउं अणुकड्डेमाणे २ गच्छिना, से तं मंग्गओ अंतगयं । से किं तं पासओ अंतगयं ? पासओ अंतगयं से जहानामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा वाणि वा पवं वा जोईं वा पासओ काउं परिकडेमाणे २ गच्छिज्जा, से. तं पासओ अंतगयं; से तं अंतगयं । से किं तं मज्झगयं ? मज्झगयं से जहानामए केइ पुरिसे उकं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोईं वा मत्थए काउं समुव्हमाणे २ गच्छिना, से तं मज्झगयं । अंतगयस्स मज्झगयस्स य को पइविसेसो ? पुरओ अंतगएणं ओहिनाणेणं पुरओ चेव संखिजाणि वा असंखिजाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ । मग्गओ अंतगएणं ओहिनाणेणं मग्गओ चैव संखिजाणि वा असंखिजाणिवा जोयणाई जाणइ पासइ । पासओ अंतगएणं ओहिनाणेणं पासओ चेव संखिज्जाणि वा असंखिजाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ । मज्झगएणं ओहिनाणं सव्वओ समंता संखिज्जाणि वा असंखिज्जाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ । से तं आगामियं ओहिनाणं ॥ १० ॥ से किं तं अणाणुगामियं ओहिनाणं ? अणाणुगामियं ओहिना से जहानामए केइ पुरिसे एगं महंतं जोइट्ठाणं काउं तस्सेव जोइद्वाणस्स परिपेरं तेहिं परिपेरं तेहिं परिघोलेमाणे परिघोलेमाणे तमेव जोइद्वाणं पासइ, अन्नत्थ गए [न जाणइ ] न पासइ, एवामेव अणाणुगामियं ओहिनाणं जत्थेव समुप्पजड़ तत्थेव संखेजाणि वा असंखेजाणि वा संबद्धाणि वा असंबद्धाणि वा जोयणाई जाणइ पासइ; अन्नत्थ गए ण पासइ । सेत्तं अणाणुगामियं ओहिनाणं ॥ ११ ॥ से किं तं - माणयं ओहिनाणं ? वढमाणयं ओहिनाणं पसत्थेसु अज्झवसायासु वमाणस्स व माणचरित्तस्स विमुज्झमाणस्स विसुज्झमाणचरित्तरस सव्वओ समंता ओही इजावइया तिसमयाहारगस्स, सुहुमस्स पणगजीवस्स । ओगाहणा जहन्ना, ओही खित्तं जहन्नं तु ॥ ५५ ॥ सव्वबहुअगणिजीवा, निरंतरं जत्तियं भरिजंसु । खित्तं सव्वदिसागं, परमोही खेत्तनि ॥ ५६ ॥ अंगुलमावलियाणं, भागमसंखिज्ज दोसु संखिज्जा । Page #1140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ओहिनाणीविसओ] सुत्तागमे अंगुलमावलियंतो, आवलिया अंगुलपुहुत्तं ॥ ५७ ॥ हत्थम्मि मुहुत्तंतो, दिवसंतो गाउयम्मि बोद्धव्वो । जोयणदिवसपुहुत्तं, पक्खंतो पन्नवीसाओ ॥ ५८ ॥ भरहम्मि अद्धमासो, जम्बूदीवम्मि साहिओ मासो । वासं च मणुयलोए, वासपुहुत्तं च रुयगम्मि ॥ ५९ ॥ संखिज्जम्मि उ काले, दीवसमुद्दावि हुंति संखिज्जा । कालम्मि असंखिज्जे, दीवसमुद्दा उ भइयव्वा ॥ ६० ॥ काले चउण्ह वुड्डी, कालो भइयव्वु खित्तवुड्डीए । वुट्टिए दव्वपज्जव, भइयव्वा खित्तकाला उ ॥ ६१ ॥ सुहुमो य होइ कालो, तत्तो सुहुमयरं हवइ खित्तं । अंगुलसेढीमित्ते, ओसप्पिणिओ असंखिज्जा ॥ ६२ ॥ सेत्तं वड्डमाणयं ओहिनाणं ॥ १२ ॥ से किं तं हीयमाणयं ओहिनाणं ? हीयमाणयं ओहिनाणं अप्पसत्थेहिं अज्झवसायट्ठाणेहिं वट्टमाणस्स वट्टमाणचरित्तस्स संकिलिस्समाणस्स संकिलिस्समाणचरित्तस्स सव्वओ समंता ओही परिहायइ । सेत्तं हीयमाणयं ओहिनाणं ॥ १३ ॥ से किं तं पडिवाइओहिनाणं ? पडिवाइओहिनाणं जहण्णेणं अंगुलस्स असंखिज्जयभागं वा संखिज्जयभागं वा, वालग्गं वा वालग्गपुहुत्तं वा, लिक्खं वा लिक्खपुहुत्तं वा, जूयं वा जयपुहुत्तं वा, जवं वा जवपुहुत्तं वा, अंगुलं वा अंगुलपुहुत्तं वा, पायं वा पायपुहुत्तं वा, विहत्थि वा विहत्थिपुहुत्तं वा, रयणि वा रयणिपुहुत्तं वा, कुच्छि वा कुच्छिपुहुत्तं वा, धणुं वा धणुपुहुत्तं वा, गाउयं वा गाउयपुहुत्तं वा, जोयणं वा जोयणपुहुत्तं वा, जोयणसयं वा जोयणसयपुहुत्तं वा, जोयणसहस्सं वा जोयणसहस्सपुहुत्तं वा, जोयणलक्खं वा जोयणलक्खपुहुत्तं वा, [जोयणकोडिं वा जोयणकोडिपुहुत्तं वा, जोयणकोडाकोडिं वा जोयणकोडाकोडिपुहुत्तं वा, जोयणसंखिज्ज वा जोयणसंखिज्जपुहुत्तं वा, जोयणअसंखेज वा जोयणअसंखेजपुहुत्तं वा] उक्कोसेणं लोगं वा पासित्ताणं पडिवइज्जा । सेत्तं पडिवाइओहिनाणं ॥ १४ ॥ से किं तं अपडिवाइओहिनाणं ? अपडिवाइओहिनाणं जेणं अलोगस्स एगमवि आगामपएसं जाणइ पासइ, तेण परं अपडिवाइओहिनाणं । सेत्तं अपडिवाइओहिनाणं ॥ १'॥ तं समासओ चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहा-दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावा । तत्थ दव्वओ णं ओहिनाणी जहशेणं अणंताई रूपविदव्वाई जाणइ पासइ, उकोसेणं सव्वाइं रूविदव्वाई जाणइ पासइ । खिनओ णं ओहिनाणी जहनेणं अंगुलस्स असंखिजइभागं जाणइ पासद, उकोसेणं असंखिजाएं अलोगे लोगप्रमाणमित्ताई खंडाई जाणइ पासइ । कालओ णं ओहिनाणी जहन्नेणं आवलियाए असंखिजइभागं जाणद पासइ, उक्कोसेणं असंखिजाओ उस्सप्पिणीओ अवसप्पिणीओ अश्यमणागयं च कालं जाण पासइ। भावओ णं ओहिनाणी जहन्नेणं अणते भावे जाणद पासइ, उकोसेणवि अणते भावे जाणइ पासइ । सव्वभावाणमणंतभागं जाणइ पासद ॥ १६ ॥ Page #1141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६६ सुत्तागमे [ नंदीसुतं ओही भवपच्चइओ, गुणपच्चइओ य वण्णिओ दुविहो । तस्स य बहू विगप्पा, दव्वे खित्ते य काले य ॥ ६३ ॥ नेरइय देवतित्थंकरा य, ओहिस्सऽवाहिरा हुंति । पासंति सव्वओखल, सेसा देसेण पाति ॥ ६४ ॥ सेत्तं ओहिनाणपञ्चक्खं ॥ से किं तं मणपज्जवनाणं ? मणपज्जवनाणे णं भंते! किं मणुस्साणं उप्पज्जइ अमणुस्साणं ? गोयमा ! मणुस्साणं नो अमणुस्साणं । जइ मणुस्साणं किं संमुच्छिममणुस्साणं गब्भवतिय मणुस्साणं ? गोयमा ! नो संमुच्छिममणुस्साणं उप्पज्जइ गव्भवक्कंतियमस्साणं । जइ गब्भवक्कंतियमणुस्साणं, किं कम्मभूमियगव्भवकंतियमणुस्साणं, अकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, अंतरदीवगगब्भवक्कंतिय मणुस्साणं ? गोयमा ! कम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, नो अकम्मभूमियगव्भवक्कंतियमणुस्साणं, नो अंतरदीवगगब्भवकंतियमणुस्साणं । जइ कम्मभूमियगव्भवकंतियमणुस्साणं, किं संखिज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भववंतियमणुस्साणं, असंखिज्जवासाज्यकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! संखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, नो असंखेज्जवासा उयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं । जइ संखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कं तियमणुस्साणं, किं पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवतियमणुस्साणं, अपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमियगब्भवक्कंतिय मणुस्साणं ? गोयमा ! पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, नो अपजत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कं तियमणुस्साणं । जइ पज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमियगब्भवतियमणुस्साणं, किं सम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, मिच्छद्दिट्ठिपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, सम्मामिच्छद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमिग्र गब्भवकंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! सम्म द्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, नो मिच्छद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, नो सम्मामिच्छद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमियगब्भवतियमणुस्साणं, जइ सम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेजवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, किं संजयसम्म द्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, असंजयसम्म द्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, संजया संजय सम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेजवा साउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! संजयसम्म द्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवक्कंतियमणुस्साणं, नो असंजयसम्म द्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवतियमणुस्साणं, नो संजयासंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्त गसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं । जइ संजयसम्मद्दिट्ठिपजत्तगसंखेज्जवासाज्य Page #1142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६७ सजोगिभवत्थ केवलनाणभेया ] सुता कम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, किं पमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्त गसंखेजवा साउथकम्मभूमियगब्भवकंतियमणुस्साणं, अपमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगव्भवकंतियमणुस्साणं ? गोयमा ! अपमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवतिय मणुस्साणं, नो पमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवतियमणुस्साणं । जइ अपमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपजत्तगसंखेज्जवासा उय कम्मभूमियगच्भवकंतियमणुस्साणं, किं इड्डीपत्तअपमत्तसंजयसम्मद्दिट्टि - पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकं तिश्रमणुस्साणं, अणिढीपत्तअपमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमियगब्भवतियमणुस्साणं ? गोयमा ! इड्डीपत्तअप्रमत्तसंजय सम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयकम्मभूमियगब्भवकंतिय मणुस्साणं, नो अणिढीपत्तअप्रमत्तसंजयसम्मद्दिद्विपज्जत्तगसंखे जवासाउयकम्मभूमियगव्भवकंतियमस्साणं मणपज्जवनाणं समुप्पज्जइ ॥ १७ ॥ तं च दुविहं उप्पज्जइ, तं जहा - उजुमई यविलमई य, तं समासओ चउन्विहं पन्नत्तं, तंजहा- दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ । तत्थ दव्वओ णं उज्जुमई अणंते अनंत एसिए खंधे जाणइ पासइ, ते चेव बिउलाई अब्भहियतराए विउलतराए विमुद्धतराए वितिमिरतराए जाणइ पासइ । खित्तओ णं उज्जुमई य जहन्त्रेणं अंगुलस्स असंखेज्जयभागं, उक्कोसेणं अहे जाव इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उवरिमहेडिले खडगपयरे, उद्धुं जाव जोइसस्स उवरिमतले, तिरियं जाव अंतोमणुस्सखित्ते अढाइजेसु दीवसमुद्देसु पन्नरससु कम्मभूमिस तीसाए अकम्मभूमिसु छप्पन्नाए अंतरदीवगेसु सन्निपचंदियाणं पजत्तयाणं मणोगए भावे जाणइ पासइ, तं चेत्र बिउलमई अड्डाइजेहिमंगुलेहिं अब्भहियतरं विउलतरं विमुद्धतरं वितिमिरतरागं खेत्तं जाणइ पासइ । कालओ णं उजुमई जहन्नेणं पलिओ मस्स असंखिजयभागं उक्कोसेणवि पलिओवमस्स असंखिजयभागं अयमणायं वा कालं जाणइ पास, तं चैव विलमई अमहियतरागं बिउलतरागं विमुद्धरागं वितिमिरतरागं जाणइ पास | भावओ णं उज्जुमई अनंत भाव जाणइ पासइ, सव्वभावाणं अनंतभागं जाणइ पासइ, तं चेत्र बिउलाई अमहियतरागं विउलतरागं विमुद्धतरागं वितिमिरतरागं जाणइ पासइ । मणपजवनाणं पुण, जणमणपरिचितियत्थपागडणं । माणुस खित्तनिबद्धं, गुणपचइयं चरितवओ ॥ ६५ ॥ सेतं मणपज्जवनाणं ॥ १८ ॥ से किं तं केवलनाणं ? केवलनाणं दुविहं पन्ननं, तंजा—भवत्थकेवलनाणं च सिद्ध केवलनाणं च । से किं तं भवत्थकेवलनाणं ? भवत्थ केवनाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहाराजोगि भवत्थ केवलनाणं च अजोगिभवत्थकेवलनाणं न्च । से किं तं सजोगिभवत्थकेवलनाणं ? सजोगिमवत्थकेवलनाणं दुविहं Page #1143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०६८ सुत्तागमे [नंदीसुतं पण्णत्तं, तंजहा-पढमसमयसजोगिभवत्थकेवलनाणं च अपढमसमयसजोगिभवत्थकेवलनाणं च, अहवा चरमसमयसजोगिभवत्थकेवलनाणं च अचरमसमयसजोगिभवत्थकेवलनाणं च, सेत्तं सजोगिभवत्थकेवलनाणं । से किं तं अजोगिभवत्थकेवलनाणं ? अजोगिभवत्थकेवलनाणं दुविहं पन्नत्तं, तंजहा-पढमसमयअजोगिभवत्थकेवलनाणं च अपढमसमयअजोगिभवत्थकेवलनाणं च, अहवा चरमसमयअजोगिभवत्थकेवलनाणं च अचरमसमयअजोगिभवत्थकेवलनाणं च, सेत्तं अजोगिभवत्थकेवलनाणं, सेत्तं भवत्थकेवलनाणं ॥ १९॥ से किं तं सिद्धकेवलनाणं ? सिद्धकेवलनाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-अणंतरसिद्धकेवलनाणं च परंपरसिद्धकेवलनाणं च ॥ २० ॥ से किं तं अणंतरसिद्ध केवलनाणं? अणंतरसिद्धकेवलनाणं पन्नरस विहं पण्णत्तं, तंजहा-तित्थसिद्धा १ अतित्थसिद्धा २ तित्थयरसिद्धा ३ अतित्थयरसिद्धा ४ सयंबुद्धसिद्धा ५ पत्तेयबुद्धसिद्धा ६ बुद्धबोहियसिद्धा ७ इथिलिंगसिद्धा ८ पुरिसलिंगसिद्धा ९ नपुंसगलिंगसिद्धा १० सलिंगसिद्धा ११ अन्नलिंगसिद्धा १२ गिहिलिंगसिद्धा १३ एगसिद्धा १४ अणेगसिद्धा १५, सेत्तं अणंतरसिद्धकेवलनाणं । से कि तं परंपरसिद्धकेवलनाणं ? परंपरसिद्धकेवलनाणं अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-अपढमसमयसिद्धा, दुसमयसिद्धा, तिसमयसिद्धा, चउसमयसिद्धा जाव दससमयसिद्धा, संखिजसमयसिद्धा, असंखिजसमयसिद्धा, अणंतसमयसिद्धा, सेत्तं परंपरसिद्धकेवलनाणं । सेत्तं सिद्धकेवलनाणं ॥ २१ ॥ तं समासओ चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहादव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ। तत्थ दबओ णं केवलनाणी सव्वदव्वाई जाणइ पासइ। खित्तओ णं केवलनाणी सव्वं खित्तं जाणइ पासइ। कालओ णं केवलनाणी सव्वं कालं जाणइ पासइ । भावओ णं केवलनाणी सव्वे भावे जाणइ पासइ । अह सव्वदव्वपरिणाम-,भावविण्णत्तिकारणमणंतं । सासयमप्पडिवाई, एगविहं केवलं नाणं ॥ ६६ ॥ २२ ॥ केवलनाणेणऽत्थे, नाउं जे तत्थ पण्णवणजोगे। ते भासइ तित्थयरो, वइजोगसुयं हवइ सेसं ॥ ६७ ॥ सेत्तं केवलनाणं । सेत्तं नोइंदियपश्चक्खं । सेत्तं पञ्चक्खनाणं ॥ २३ ॥ से किं तं परोक्खनाणं ? परोक्खनाणं दुविहं पन्नत्तं, तंजहा-आभिणिबोहियनाणपरोक्खं च सुयनाणपरोक्खं च, जत्थ आभिणियोहियनाणं तत्थ सुयनाणं, जत्थ सुयनाणं तत्थाभिणिबोहियनाणं, दोऽवि एयाई अण्णमण्णमणुगयाइं, तहवि पुण इत्थ आयरिया नाणत्तं पण्णवयंति-अभिनियुज्झइत्ति आभिणिबोहियनाणं, सुणेइत्ति सुयं, मइपुव्वं जेण सुयं, न मई सुयपुब्विया ॥ २४ ॥ अविसेसिया मई-मइनाणं च मइअन्नाणं च । विसेसिया-सम्मद्दिट्ठिस्स मई मइनाणं, मिच्छद्दिहिस्स मई मइअन्नाणं । अविसेसियं सुयं-सुथनाणं च सुयअन्नाणं च । विसे Page #1144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे वंजणुग्गहभेया] सियं सुयं-सम्मद्दिहिस्स सुयं सुयनाणं, मिच्छद्दिद्विस्स सुयं सुयअन्नाणं ॥ २५॥ से किं तं आभिणिबोहियनाणं ? आभिणिवोहियनाणं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-सुयनिस्सियं च, अस्सुयनिस्सियं च । से किं तं अस्सुयनिस्सियं ? अस्मयनिस्सियं चरव्विहं पण्णत्तं, तंजहा-उप्पत्तिया १ वेणइया २, कम्मया ३, परिणामिया ४ । बुद्धी चउव्विहा वुत्ता, पंचमा नोवलब्भइ ॥ ६८ ॥२६॥ पुव्वमदिट्ठमस्सुय--,मवेइयतक्खणविसुद्धगहियत्था। अव्वायफलजोगा, बुद्धी उप्पत्तिया नाम ॥ ६९ ॥ भरहसिल १ मिंढ २ कुकुड ३, तिल ४ वालय ५ हत्थि ६ अगड ७ वणसंडे ८ । पायस ९ अइया १० पत्ते ११, खाडहिला १२ पंच पियरो य १३ ॥ ७० ॥ भरहसिल १ पणिय २ रुक्खे ३, खुङग ४ पड ५ सरड ६ काय ७ उच्चारे ८ । गय ९ घयण १० गोल ११ खंभे १२, खुङग १३ मग्गि १४ स्थि १५ पइ १६ पुत्ते १७ ॥ ७१ ॥ महुसित्थ १८ मुद्दि १९ अंके २०, य नाणए २१ भिक्खु २२ चेडगनिहाणे २३ । सिक्खा २४ य अत्थसत्थे २५, इत्थी य महं २६ सयसहस्से २७ ॥ ७२ ॥ भरनित्थरणसमत्था, तिवग्गसुत्तत्थगहियपेयाला । उभओ-लोगफलवई, विणयसमुत्था हवइ बुद्धी ।। ७३ ॥ निमित्ते १ अत्थसत्थे य २, लेहे ३ गणिए ४ य कूब ५ अस्से ६ य । गद्दभ ७ लक्खण ८ गंठी ९, अगए १० रहिए ११ य गणिया १२ य ॥ ७४ ॥ सीया साडी दीहं, च तणं अवसव्वयं च कुंचस्स १३ । निव्वोदए १४ य गोणे, घोडगपडणं च रुक्खाओ १५ ॥ ४५ ॥ उवओगदिह्रसारा, कम्मपसंगपरिघोलणविसाला । साहुकारफलवई, कम्मसमुत्था हवइ बुद्धी ॥ ७६ ॥ हेरण्णिए १ करिसए २, कोलिय ३ डोवे ४ य मुत्ति ५ घय ६ पवए ७ । तुन्नाए ८ वटुइय ९, पृथइ १० घड ११ चित्तकारे १२ य ॥ ७७ ॥ अणुमाणहेउदिटुंतसाहिया, वयविवागपरिणामा । हियनिस्सेयसफलवई, बुद्धी परिणामिया नाम ॥ ७८ ॥ अभए १ सिटि २ कुमारे ३, देवी ४ उदिओदए हवइ राया ५ । साहू य नंदिसेणे ६, धणदत्ते ७ सावग ८ अमधे ९ ॥ ७९ ॥ खमए १० अमञ्चपुत्ते ११, चाणके १२ चेव थूलभद्दे १३ य । नासिकसुंदरिनंद १४, वइरे १५ परिणामिया बुद्धी ॥ ८० ॥ चलणाहण १६ आमंडे १७, मणी १८ य सप्पे १९. य खरिंग २० जाणिज्जा । परिणामियबुद्धीए, एवमाई उदाहरणा ॥ ८१ ॥ सेत्तं अस्मयनिस्सियं ॥ से कि तं सुयनिस्सियं ? मुयनिस्सियं चउ व्विहं पण्णत्तं, तंजहा-उग्गहे १, ईहा २, अवाओ ३, धारणा ४ ॥ २७ ॥ से किं तं उग्गहे ? उग्गहे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-अत्युगहे य बंजणुग्गहे य ॥ २८ ॥ से किं तं बंजणुग्गहे ? बंजणुग्गहे चविहे पण्णत्ते, तंजहा-सोइंदियवंजणुग्गहे, घाणिदियवंजणुग्गहे, जिभिदियवंजणुग्गहे, फागिंदियवं Page #1145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ नंदीसुतं जणुग्गहे । सेत्तं वंजणुग्गहे ॥ २९ ॥ से किं तं अत्युग्गहे ? अत्युग्गहे छव्विहे पण्णत्ते, तंजहा—सोइंदियअत्युग्गहे, चक्खिदिय अत्थुग्गहे, घाणिदियअत्थुग्गहे, जिन्भिदियअत्युग्गहे, फासिंदियअत्युग्गहे, नोइंदियअत्युग्गहे ॥ ३० ॥ तस्स णं इमे एगट्टिया नाणाघोसा नाणावंजणा पंच नामधिज्जा भवंति, तंजहा-ओगेण्हणया, उवधारणया, सर्वणया, अवलंबणया, मेहा । सेत्तं उग्गहे ॥ ३१ ॥ से किं तं ईहा ? हा छव्विहा पण्णत्ता, तंजहा- सोइंदियईहा, चक्खिदियईहा, घाणिदियईहा, जिब्भिदियईहा, फासिंदियईहा, नोइंदियईहा । तीसे णं इमे एगडिया नाणाघोसा नाणावंजणा पंच नामधिज्जा भवंति, तंजहा - आभोगणया, मग्गणया, गवेसणया, चिंता, वीमंसा । सेत्तं ईहा ॥ ३२ ॥ से किं तं अवाए ? अवाए छव्विहे पण्णत्ते, तंजहा-सोइंदियअवाए, चक्खिदियअवाए, घाणिंदियअवाए, जिब्भिदियअवाए, फासिंदियअवाए, नोइंदियअवाए । तस्स णं इमे एगट्टिया नाणाधोसा नाणाचंजणा पंच नामधिज्जा भवन्ति, तंजहा-आउट्टणया, पच्चाउट्टणया, अवाए, बुद्धी, विष्णाणे । सेत्तं अवाए ॥ ३३ ॥ से किं तं धारणा ? धारणा छव्विहा पण्णत्ता, तंजहासोइंदियधारणा, चक्खिदियधारणा, घाणिदियधारणा, जिब्भिदियधारणा, फासिंदि - यधारणा, नोइंदियधारणा । तीसे णं इमे एगट्टिया नाणाघोसा नाणावंजणा पंच नामधिज्जा भवंति, तंजहा - धारणा, साधारणा, ठवणा, पट्टा, कोट्ठे । सेत्तं धारणा ॥ ३४ ॥ उग्गहे इक्कसमइए, अंतोमुहुत्तिया ईहा, अंतोमुहुत्तिए अवाए, धारणा संखेज्जं वा कालं असंखेजं वा कालं ॥ ३५ ॥ एवं अट्ठावीसइविहस्स आभिणिवो - हियमाणस्स वंजणुग्गहस्स परूवणं करिस्सामि पडिबोहगदिहंतेणं, मलगदितेण य । से किं तं पडिबोहगदितेणं ? पडिवोहगदितेणं से जहानामए केइ पुरिसे कंचि पुरिसं सुत्तं पडिवोहिजा, अमुगा अमुगत्ति, तत्थ चोयगे पन्नवयं एवं वयासी-किं एगसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? दुसमयपविद्वा पुग्गला गहणमागच्छंति जाव दससमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ? संखिज्जसमयपविद्वा पुग्गला गहण मागच्छंति ? असंखिज्जसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति ?, एवं वयंतं atri पण्णव एवं वयासी - नो एगसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, नो दुसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति जाव नो दससमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, नो संखिज्जसमयपविट्ठा पुग्गला गहणमागच्छंति, असंखिज्जसमयपविद्वा पुग्गला गहणमागच्छंति, सेत्तं पडिबोहगदितेणं । से किं तं मलगदितेणं ? मलगदिनं तेणं से जहानामए केइ पुरिसे आवागसीसाओ मल्लगं गहाय तत्थेगं उदगबिंदुं पक्खेविज्जा, से नट्ठे, अण्णेवि पक्खित्ते, सेऽवि नट्ठे, एवं पक्खिप्पमाणेसु पक्खिप्पमाणेसु १०७० Page #1146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आभिणिबोहियनाणीविसओ] सुत्तागमे १०७१ होही से उदगविंदू जे णं तं मल्लगं रावेहिइत्ति, होही से उदगबिंदू जे णं तंसि मल्लगंसि ठाहिइ, होही से उदगबिंदू जेणं तं मल्लगं भरिहिइ, होही से उदगबिंदू जेणं तं मल्लगं पवाहेहिइ, एवामेव पक्खिप्पमाणेहिं पक्खिप्पमाणेहिं अणंतेहिं पुग्गलेहिं जाहे तं वंजणं पूरियं होइ ताहे हुँति करेइ, नो चेव णं जाणइ के वेस सद्दाइ ? तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस सद्दाइ; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखिज्जं वा कालं असंखिजं वा कालं । से जहानामए केइ पुरिसे अव्वत्तं सई सुणिजा, तेणं सहोत्ति उग्गहिए, नो चेव णं जाणइ के वेस सद्दाइ; तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस सद्दे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखेनं वा कालं असंखेनं वा कालं । से जहानामए केइ पुरिसे अव्वत्तं रूवं पासिज्जा, तेणं रूवत्ति उग्गहिए, नो चेव णं जाणइ के वेस रूवत्ति; तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस रूवे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखेज वा कालं असंखेज वा कालं । से जहानामए केइ पुरिसे अव्वत्तं गंधं अग्घाइज्जा, तेणं गंधति उग्गहिए, नो चेव णं जाणइ के वेस गंधेत्ति; तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस गंधे; तओ अवार्य पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखेनं वा कालं असंखेज वा कालं । से जहानामए केइ पुरिसे अव्बत्तं रसं आसाइजा, तेणं रसोत्ति उग्गहिए, नो चव णं जाणइ के वेस रसेत्ति; तओ ईहं पविसइ, तओ जाणइ अमुगे एस रसे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उवगयं हवइ; तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेइ संखिज्जं वा कालं असंखिजं वा कालं । से जहानामए केइ पुरिसे अव्वत्तं फासं पडिसंवेइज्जा, तणं फासेत्ति उग्गहिए, नो चंब णं जाणइ के वेस फासओत्ति; तओ ईहं पविसइ तओ जाणइ अमुगे एस फासे; तओ अवायं पविसइ, तओ से उबगयं हवदः तओ धारणं पविसद, तओ णं धारेइ संखेज वा कालं असंखेनं वा कालं । से जहानामए केइ पुरिसे अव्वत्तं मुमिणं पासिजा, तेणं मुमिणेति उग्गहिए, नो चव णं जाणइ के वेस सुमिणत्ति; तओ ईहं पविमइ, तओ जाणइ अमुगे एस मुमिणे; नओ अवायं पविगइ, तओं से उवगयं हवदः तओ धारणं पविसइ, तओ णं धारेन संखेचं वा कालं असंखेज वा कालं । सत्तं मगदिटुंतणं ॥ ३६ ॥ तं समास चउवि पण्णते, तंजहा-दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ। तत्थ दव्वओ णं आभिणिवाहियनाणी आएसणं सव्वाई दवाई जाणइ, न पासइ । खेत्तओ णं आभिणिबोहियनाणी आएमेणं सव्वं खत्तं Page #1147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २०७२ सुत्तागमे [ नंदीसुत्तं जाणइ, न पासइ । कालओ णं आभिणिबोहियनाणी आएसेणं सव्वं कालं जाणइ, न पासइ । भावओ णं आभिणिबोहियनाणी आएसेणं सव्वे भावे जाणइ, न पासइ । उग्गह ईहाऽवाओ, य धारणा एव हुँति चत्तारि । आभिणिवोहियनाणस्स, भेयवत्थू समासेणं ॥ ८२॥ अत्थाणं उग्गहणम्मि उग्गहो, तह वियालणे ईहा । ववसायम्मि अवाओ, धरणं पुण धारणं बिंति ॥ ८३ ॥ उग्गह इकं समयं, ईहावाया मुहुत्तमद्धं तु । कालमसंखं संखं, च धारणा होइ नायव्वा ॥ ८४ ॥ पुढे सुणेइ सदं, रूवं पुण पासइ अपुढे तु । गंधं रसं च फासं च, वद्धपुढे वियागरे ॥ ८५ ॥ भासासममेढीओ, सई जं सुणइ मीसियं सुणइ । वीसेढी पुण सइं, सुणेइ नियमा पराघाए ॥८६॥ ईहा अपोह वीमंसा, मग्गणा य गवसणा । सन्ना सई मई पन्ना, सव्वं आभिणिबोहियं ॥ ८७ ॥ सेत्तं आभिणिबोहियनाणपरोक्खं [सेत्तं मइनाणं] ॥ ३७॥ से किं तं सुयनाणपरोक्खं ? सुयनाणपरोक्खं चोद्दसविहं पण्णत्तं, तंजहा-अक्खरसुयं १, अणक्खरसुयं २, सण्णिसुयं ३, असण्णिसुयं ४, सम्मसुयं ५, मिच्छसुयं ६, साइयं ७, अणाइयं ८, सपज्जवसियं ९, अपज्जवसियं १०, गमियं ११, अगमियं १२, अंगपविढे १३, अणंगपविढे १४ ॥ ३८ ॥से किं तं अक्खरसुयं ? अक्खरसुयं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा-सन्नक्खरं, वंजणक्खरं, लद्धिअक्खरं । से किं तं सन्नक्खरं ? सन्नक्खरं अक्खरस्स संठाणागिई, सेत्तं सन्नक्खरं । से किं तं वंजणक्खरं ? वंजणक्खरं अक्खरस्स वंजणाभिलावो, सेत्तं वंजणक्खरं । से किं तं लद्धिअक्खरं ? लद्धिअक्खरं अक्खरलद्धियस्स लद्धिअक्खरं समुप्पज्जइ, तंजहा-सोइंदियलद्धिअक्खरं, चक्खिदियलद्धिअक्खरं, घाणिंदियलद्धिअक्खरं, रसणिदियलद्धिअक्खरं, फासिंदियलद्धिअक्खरं, नोइंदियलद्धिअक्खरं, सेत्तं लद्धिअक्खरं । सेत्तं अक्खरसुयं ॥ से किं तं अणक्खरमुयं ? अणक्खरसुयं अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-ऊससियं नीससियं, निच्छूढं खासियं च छीयं च । निस्सिवियमणुसार, अणक्खरं छेलियाईयं ॥ ८८ ॥ सेत्तं अणक्खरसुयं ॥ ३९ ॥ से किं तं सण्णिसुयं ? सण्णिसुयं तिविहं पण्णत्तं, तंजहा-कालिओवएसेणं, हेऊवएसेणं, दिट्ठिवाओवएसेणं । से किं तं कालिओवएसेणं ? कालिओवएसेणं जस्स णं अत्थि ईहा, अवोहो, मग्गणा, गवेसणा, चिंता, वीमंसा, से णं सण्णीति लब्भइ, जस्स णं नत्थि ईहा, अवोहो, मग्गणा, गवेसणा, चिंता, वीमंसा, से गं असण्णीति लब्भइ, सेत्तं कालिओवएसेणं । से किं तं हेऊवएसेणं ? हेऊवएसेणं जस्स णं अत्थि अभिसंधारणपुव्विया करणसत्ती से णं सण्णीति लब्भइ, जस्स णं नत्थि १ पाढंतरगाहा-अत्थाणं उग्गहणं, च उग्गहं तह वियालणं ईहं । ववसायं च अवायं, धरणं पुण धारणं बिंति ॥ १॥ Page #1148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सा० स० अणाइयमपजवसियं] सुत्तागमे १०७३ अभिसंधारणपुव्विया करणसत्ती से णं असण्णीति लब्भइ, सेत्तं हेऊवएसेणं । से किं तं दिठिवाओवएसेणं ? दिठिवाओवएसेणं सण्णिसुयस्स खओवसमेणं सण्णी लब्भइ, असण्णिसुयस्स खओवसमेणं असण्णी लब्भइ, सेत्तं दिट्ठिवाओवएसेणं । सेत्तं सण्णिसुयं । सेत्तं असण्णिसुयं ॥ ४० ॥ से किं तं सम्मसुयं ? सम्मसुयं जं इमं अरहंतेहिं भगवंतेहिं उप्पण्णनाणदंसणधरेहिं तेलुकनिरिक्खियमहियपूइएहिं तीयपडुप्पण्णमणागयजाणएहिं सव्वण्णूहिं सव्वदरिसीहिं पणीयं दुवालसंगं गणिपिडगं, तंजहा-आयारो १ सूयगडो २ ठाणं ३ समवाओ ४ विवाहपण्णत्ती ५ नायाधम्मकहाओ ६ उवासगदसाओ ७ अंतगडदसाओ ८ अणुत्तरोववाइयदसाओ ९ पण्हावागरणाई १० विवागसुयं ११ दिट्ठिवाओ १२, इच्चेयं दुवालसंगं गणिपिडगं चोद्दसपुव्विस्स सम्मसुयं, अभिण्णदसपुव्विस्स सम्मसुयं, तेण परं भिण्णेसु भयणा, सेत्तं सम्मसुयं ॥ ४१ ॥ से किं तं मिच्छासुयं ? मिच्छासुयं जं इमं अण्णाणिएहिं मिच्छादि ट्ठिएहिं सच्छंदबुद्धिमइविगप्पियं, तंजहा-भारहं, रामायणं, भीमासुरुक्खं, कोडिल्लयं, सगडभदियाओ, खोड( घोडग )मुहं, कप्पासियं, नागसुहुमं, कणगसत्तरी, वइसेसियं, बुद्धवयणं, तेरासियं, काविलियं, लोगाययं, सद्वितंतं, माढरं, पुराणं, वागरणं, भागवयं, पायंजली, पुस्सदेवयं, लेहं, गणियं, सउणरुयं, नाडयाई, अहवा बावत्तरिकलाओ, चत्तारि य वेया संगोवंगा, एयाई मिच्छदिहिस्स मिच्छत्तपरिग्गहियाई मिच्छासुयं, एयाई चेव सम्मदिद्विस्स सम्मत्तपरिग्गहियाई सम्ममुयं, अहवामिच्छादिहिस्सवि एयाई चेव सम्ममयं, कम्हा ? सम्मत्तहेउत्तणओ जम्हा ते मिन्छादि ट्ठिया तेहिं चेव समएहिं चोइया समाणा केइ सुपक्खदिट्ठीओ चयंति, सत्तं मिच्छामुयं ॥ ४२ ॥ से किं तं साइयं सपज्जवसियं, अणाझ्यं अपज्जवसियं च ? इञ्चेदयं दुवालसंगं गणिपिडगं बुच्छित्तिनयठ्याए साइयं सपज्जवसियं, अबुच्छित्तिनययाए अणाइयं अपजवसियं, तं समासओ चउव्विहं पण्णत्तं, तंजहा-दव्वओ खितओ कालओ भावओ, तत्थ दबओ णं सम्मसुयं एगं पुरिसं पडुच साइयं सपजवसियं, बहवे पुरिसे य पडुच्च अणाइयं अपज्जवसियं, खेत्तओ णं पंच भरहाई पंचेरवयाई पडुश्च साइयं सपज्जवसियं, पंच महाविदेहाई पटुच अणाइयं अपज्जवसियं, कालओ णं उस्मप्पिणि ओसप्पिणिं च पडच साइयं सपज्जवसियं, नोउस्स पिणि नोओगप्पिणिं च पश्च अणाइयं अपज्जवसिंयं, भावओ णं जे जया जिण पन्नता भावा आविजंति, पनविनंति, पविजंति, दंसिज्जति, निदंसिजंति, उवदंसिर्जति, ते तया भावे पाय माइयं सपजवसियं, खाओसमियं पुण भावं पटुन अणाइयं अपजवासियं, अहवा भवसिद्धियस्स मुयं साइयं सपज्जवसियं च, अभवसिद्धियस्म ६८ मुत्ता Page #1149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७४ सुत्तागमे [नंदीसुतं सुयं अणाइयं अपज्जवसियं च, सव्वागासपएसग्गं सव्वागासपएसेहिं अणंतगुणियं पज्जवक्खरं निप्फज्जइ, सव्वजीवाणंपि य णं अक्खरस्स अणंतभागो निच्चुग्याडिओ जइ पुण सोऽवि आवरिजा तेणं जीवो अजीवत्तं पाविजा,-"सुझुवि मेहसमुदए, होइ पभा चंदसूराणं' सेत्तं साइयं सपज्जवसियं, सेत्तं अणाइयं अपजवसियं ॥ ४३ ॥ से किं तं गमियं ? गमियं दिट्ठिवाओ, से किं तं अगमियं ? अगमियं कालियं सुयं, सेत्तं गमियं, सेत्तं अगमियं । अहवा तं समासओ दुविहं पण्णत्तं, तंजा-अंगपविलु, अंगबाहिरं च । से किं तं अंगबाहिरं ? अंगबाहिरं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-आवस्सयं च, आवस्सयवइरित्तं च । से किं तं आवस्सयं ? आवस्सयं छव्विहं पण्णत्तं, तंजहासामाइय, चउवीसत्थओ, वंदणयं, पडिक्कमणं, काउस्सग्गो, पच्चक्खाणं; सेत्तं आवस्सयं । से किं तं आवस्सयवइरित्तं ? आवस्सयवइरित्तं दुविहं पण्णत्तं, तंजहा-कालियं च उकालियं च । से किं तं उक्कालियं ? २ अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-दसवेयालियं, कप्पियाकप्पियं, चुल्लकप्पसुयं, महाकप्पसुयं, उववाइयं, रायपसेणियं, जीवाभिगमो, पण्णवणा, महापण्णवणा, पमायप्पमायं, नंदी, अणुओगदाराई, देविंदत्थओ, तंदुलवेयालियं, चंदाविज्झयं, सूरपण्णत्ती, पोरिसिमण्डलं, मण्डलपवेसो, विजाचरणविणिच्छओ, गणिविजा, झाणविभत्ती, मरणविभत्ती, आयविसोही, वीयरागसुयं, संलेहणा. सुयं, विहारकप्पो, चरणविही, आउरपच्चक्खाणं, महापच्चक्खाणं, एवमाइ; सेत्तं उक्कालियं । से किं तं कालियं ? कालियं अणेगविहं पण्णत्तं, तंजहा-उत्तरज्झयणाई, दसाओ, कप्पो, ववहारो, निसीहं, महानिसीहं, इसिभासियाई, जम्बूदीवपन्नत्ती, दीवसागरपन्नत्ती, चंदपन्नत्ती, खुड्डिया-विमाणपविभत्ती, मह छिया-विमाणपविभत्ती, अंगचूलिया, वग्गचूलिया, विवाहचूलिया, अरुणोववाए, वरुणोववाए, गरुलोबवाए, धरणोववाए, वेसमणोववाए, वेलंधरोववाए, देविंदोववाए, उट्ठाणसुए, समुठ्ठाणमुए, नागपरियावलियाओ, निरयावलियाओ, कप्पियाओ, कप्पवडिंसियाओ, पुफियाओ, पुप्फचूलियाओ, वण्हीदसाओ, [आसीविसभावणाणं, दिट्ठिविसभावणाणं, सुमिणभावणाणं, महासुमिणभावणाणं, तेयग्गिनिसग्गाणं,] एवमाइयाई चउरासीई पइन्नगसहस्साई भगवओ अरहओ उसहसामिस्स आइतित्थयरस्स, तहा संखिज्जाई पइन्नगसहस्साई मज्झिमगाणं जिणवराणं, चोद्दस-पइन्नगसहस्साई भगवओ वद्धमाणसामिस्स, अहवा जस्स जत्तिया सीसा उप्पत्तियाए वेणइयाए कम्मयाए पारिणामियाए चउ विहाए बुद्धीए उववेया तस्स तत्तियाइं पइण्णगसहस्साई, पत्तेयबुद्धावि तनिया चेव, सेत्तं कालियं, सेत्तं आवस्सयवइरित्तं, सेत्तं अणंगपविढे ॥ ४४ ॥ से किं तं अंगपविटुं ? अंगपविढे दुवालसविहं पण्णत्तं, तंजहा-आयारो १, सृयगडो २, Page #1150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणवण्णणं] सुत्तागमे १०७५ ठाणं ३, समवाओ ४, विवाहपन्नत्ती ५, नायाधम्मकहाओ ६, उवासगदसाओ ७, अंतगडदसाओ ८, अणुत्तरोववाइयदसाओ ९, पण्हावागरणाई १०, विवागसुयं ११, दिद्विवाओ १२ ॥ ४५ ॥ से किं तं आयारे ? आयारे णं समणाणं निग्गंथाणं आयारगोयरविणयवेणइयसिक्खाभासाअभासाचरणकरणजायामायावित्तीओ आघविजंति, से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-नाणायारे, दंसणायारे, चरित्तायारे, तवायारे, वीरियायारे, आयारे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखिज्जाओ निजुत्तीओ, संखिज्जाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्ठयाए पढमे अंगे, दो सुयक्खंधा, पणवीसं अज्झयणा, पंचासीइ उद्देसणकाला, पंचासीइ समुद्देसणकाला, अट्ठारस पयसहस्साई पयग्गेणं, संखिज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, पनविज्जति, परूविजंति, दंसिज्जति, निदंसिज्जति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जइ, सेत्तं आयारे १ ॥ ४६ ॥ से किं तं सृयगडे ? सूयगडे णं लोए सूइज्जइ, अलोए सूइज्जइ, लोयालोए सूइज्जइ, जीवा सृइजंति, अजीवा सूइज्जति, जीवाजीवा सृइजंति, ससमए सूइज्जइ, परसमए सूइज्जइ, ससमयपरसमए सूइजइ, सूयगडे णं असीयस्स किरियावाइसयस्स, चउरासीईए अकिरियावाईणं, सत्तट्ठीए अण्णाणियवाईणं, बत्तीसाए वेणइयवाईणं, तिण्हं तेसट्टाणं पासंडियसयाणं चूहं किच्चा ससमए ठाविजइ, सूयगडे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखिजाओ निजुत्तीओ, संखिजाओ संगहणीओ, संखिज्जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्याए बिइए अंगे, दो सुयक्वंधा, तेवीसं अज्झयणा, तित्तीसं उद्देसणकाला, तित्तीसं समुद्देसणकाला, छत्तीसं पयसहस्साई पयग्गेणं, संखिजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, पन्नविजंति, परूविजंति, दंसिजंति, निदंसिर्जति, उवदंसिज्जति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपवणा आघविजइ, सेत्तं सूयगडे २॥ ४७ ॥ से किं तं ठाणे ? ठाणे णं जीवा ठाविजंति, अजीवा ठाविजंति, जीवाजीवा ठाविजंति, ससमए ठाविज्जइ, परसमए ठाविजइ, ससमयपरसमए ठाविनइ, लोए ठाविजइ, अलोए ठाविजइ, लोयालोए ठाविजइ । ठाणे णं टंका, कुडा, सेला, सिहरिणो, पब्भारा, कुंडाइं, गुहाओ, आगरा, दहा, नईओ, आघविनंति । ठाणे णं एगाइयाए एगुत्तरियाए बुडीए दसट्टाणगविवडियाणं भावाणं Page #1151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०७६ सुत्तागमे [नंदीसुत्तं परूवणा आघविजइ । ठाणे णं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ निजुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ । से णं अंगठ्ठयाए तइए अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अज्झयणा, एगवीसं उद्देसणकाला, एकवीसं समुद्देसणकाला, बावत्तरि पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, पन्नविनंति, परूविज्जति, दसिज्जंति, निदंसिजंति, उवदंसिज्जति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ । सेत्तं ठाणे ३ ॥ ४८ ॥ से किं तं समवाए ? समवाए णं जीवा समासिजंति, अजीवा समासिज्जंति, जीवाजीवा समासिज्जंति, ससमए समासिज्जइ, परसमए समासिज्जइ, ससमयपरसमए समासिज्जइ, लोए समासिज्जइ, अलोए समासिज्जइ, लोयालोए समासिज्जइ । समवाए णं एगाइयाणं एगुत्तरियाणं ठाणसयविवड्डियाणं भावाणं परूवणा आघविज्जइ, दुवालसविहस्स य गणिपिडगस्स पल्लव[]गे समासिजइ । समवायस्स णं परित्ता वायणा, संखिज्जा अणुओगदारा, संखिज्जा वेढा, संखिज्जा सिलोगा, संखिजाओ निजुत्तीओ, संखिज्जाओ संगहणीओ, संखिज्जाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगठ्ठयाए चउत्थे अंगे, एगे सुयक्खंधे, एगे अज्झयणे, एगे उद्देसणकाले, एगे समुद्देसणकाले, एगे चोयाले सयसहस्से पयग्गेणं, संखेजा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, पन्नविनंति, परूविजंति, दंसिजति, निदंसिजंति, उवदंसिजति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ । सेत्तं समवाए ४ ॥ ४९ ॥ से किं तं विवाहे ? विवाहे णं जीवा वियाहिजंति, अजीवा वियाहिजंति, जीवाजीवा वियाहिज्जंति, ससमए वियाहिजइ, परसमए वियाहिजइ, ससमयपरसमए वियाहिजइ, लोए वियाहिजइ, अलोए वियाहिजइ, लोयालोए वियाहिज्जइ, विवाहस्स णं परित्ता वायणा, संखिज्जा अणुओगदारा, संखिज्जा वेढा, संखिज्जा सिलोगा, संखिजाओ निजुत्तीओ, संखिज्जाओ संगहणीओ, संखिज्जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्याए पंचमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, एगे साइरेगे अज्झयणसए, दस उद्देसगसहस्साई, दस समुद्देसगसहस्साई, छत्तीसं वागरणसहस्साइं, दो लक्खा अट्ठासीइं पयसहस्साई पयग्गेणं, संखिज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जति, पन्नविनंति, परूविजंति, दंसिजंति, निदंसिज्जति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं Page #1152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अंतगड सापुच्छा ] सुत्तागमे विष्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जइ, सेत्तं विवाहे ५ ॥ ५० ॥ से किं तं नायाथम्मकहाओ ? नायाधम्मकहासु णं नायाणं नगराई, उज्जाणाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिच्चाया, पव्वज्जाओ, परियाया, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, संलेहणाओ, भत्तपश्च्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुकुलपच्चायाईओ, पुणवोहिलाभा, अंतकिरियाओ य आघविज्जंति, दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ णं एगमेगाए धम्काए पंच पंच अक्खाइयासयाई, एगमेगाए अक्खाइयाए पंच पंच उवक्खाइ - यासयाई, एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच पंच अक्खाइयउवक्खाइयासयाई, एवामेव सपुव्वावरेणं अद्भुट्ठाओ कहाणगकोडीओ हवंतित्ति समक्खायं । नायाधम्मकहाणं परित्ता वायणा, संखिज्जा अणुओगदारा, संखिज्जा वेढा, संखिज्जा सिलोगा, संखिज्जाओ निज्जुत्तीओ, संखिज्जाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवतीओ। से णं अंगट्टयाए छट्ठे अंगे, दो सुयक्खंधा, एगूणवीसं अज्झयणा, एगूणवीसं उद्देसणकाला, एगूणवीसं समुद्देसणकाला, संखेज्जा पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अनंता गमा, अनंता पज्जवा, परिता तसा, अनंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पन्नविज्जंति, परुविज्जंति, दंसिज्जंति, निदं - सिज्जंति, उवदंसिजंति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जइ । सेत्तं नायाथम्मकहाओ ६ ॥ ५१ ॥ से किं तं उवासगदसाओ ? उवासगदसासु णं समणोवासयाणं नगराई, उज्जाणाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापयरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिचाया, पव्वज्जाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तत्रोवहाणाई, सीलव्त्रयगुणवेरमणपचक्खाणपोस होववासपडिवज्जणया, पडिमाओ, उवसग्गा, संलेहणाओ, भप्तपश्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, देवलोगगमणारं, मुकुलपचायाईओ, पुणबोहिलाभा, अंतकिरियाओ य आघविज्जंति । उवासगदसाणं परित्ता वायणा, संखेजा अणुओगदारा, संखेज्जा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेज्जाओ निजतीओ, संखेज्जाओ संग्रहणीओ, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ। से णं अंगट्टयाए सत्तमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, दस अक्षयणा, दस उद्देसणकाला, दस समुद्देसणकाला, संखेजा पयसहस्या पयागेणं, संखेज्जा अक्सरा, अनंता गमा, अनंता पज्जया, परिता तसा, अता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भात्रा आघविजंति, पन्नविजंति, पविजंति, दंसिजंति, निदंसिज्जंति, उवदंसिज्र्जति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ । सेतं उवासगदसाओ ७ ॥ ५२ ॥ से १०७७ Page #1153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ नंदीसुतं किं तं अंतगडदसाओ ? अंतगडदसासु णं अंतगडाणं नगराई, उज्जाणाई, समोसर - गाईं, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिच्चागा, पव्वज्जाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, संलेहगाओ, भत्तपच्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, अंतकिरियाओ आघविज्जंति, अंतगडदसासु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेजाओ निजुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगया अमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, अट्ठ वग्गा, अट्ठ उद्देसणकाला, अट्ठ समुद्देसणकाला, संखेज्जा पयसहस्सा पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अनंता गमा, अनंता पजवा, परित्ता तसा, अनंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, पन्नविजंति, परूविज्जंति, दंसिजंति, निदंसिज्जंति, उवदंसिज्जंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जइ, सेत्तं अंतगडदसाओ ८ ॥ ५३ ॥ से किं तं अणुत्तरोववाइयदसाओ ? अणुत्तरोववाइयदसासु णं अणुत्तरोववाइयाणं नगराई, उज्जाणाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, भोगपरिच्चागा, पव्वज्जाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, पडिमाओ, उवसग्गा, संलेहणाओ, भत्तप=चक्खाणाईं, पाओवगमणाई, अणुत्तरोववाइयत्ति उववत्ती, सुकुल पच्चायाईओ, बोहिलाभा, अंत किरियाओ आघविज्जंति, अणुत्तरोववाइयदसामु णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेज्जाओ निज्जुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगट्टयाए नवमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, तिन्नि वग्गा, तिन्नि उद्देसणकाला, तिन्नि समुद्देसणकाला, संखेज्जाइं पयसहस्साईं पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अनंता पज्जवा, परित्ता तसा, अता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पन्नविज्जंति,. परूविज्जंति, दंसिज्जंति, निदंसिज्जंति, उवदंसिजंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जर, सेप्तं अणुत्तरोववाइयदसाओ ९॥ ५४ ॥ से किं तं पण्हावागरणाई ? पण्हावागरणेसु णं अद्भुत्तरं पसिणसयं, अट्टुत्तरं अपसिणसयं, अह्रुत्तरं पसिणापसिणसयं, तंजहा - अंगुद्वपसिणाई, बाहुपसिणाईं, अद्दागपसिणाई, अन्नेवि विचित्ता विज्जाइसया, नागसुवण्णेहिं सद्धि दिव्वा संवाया आघविज्जंति, पण्हावागरणाणं परित्ता वायणा, , संखेज्जा अणुओगदारा, संखेजा वेढा, संखेजा सिलोगा, संखेजाओ निज्जुत्तीओ, संखेजाओ संगहणीओ, संखेजाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्याए दसमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, पणयालीसं पुण १०७८ Page #1154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सिद्धसेणिया परिकम्मभेया ] सुत्तागमे अज्झयणा, पणयालीसं उद्देसणकाला, पणयालीसं समुद्देसणकाला, संखेज्जाई पयसहस्साइं पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अनंता गमा, अनंता पज्जवा, परित्ता तसा, अनंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पन्नविज्जंति, परूविज्जंति, दंसिज्जंति, निदंसिज्जंति, उवदंसिजंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया एवं चरणकरणपरूवणा आघविज्जइ, सेत्तं पण्हावागरणाई १० ॥ ५५ ॥ से किं तं विवागसुयं ? विवागसुए णं सुकडदुक्कडाणं कम्माणं फलविवागे आघविज्जइ, तत्थ णं दस दुहविवागा दस सुहविवागा । से किं तं दुहविवागा ? दुहविवासु णं दुहविवागाणं नगराई, उज्जाणाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा, निरयगमणाईं, संसारभवपवंचा, दुहपरंपराओ, दुकुलपच्चायाईओ, दुलहबोहियत्तं आघविज्जइ, सेत्तं दुहविवागा | से किं तं सुहविवागा ? सुहविवागेसु णं सुहविवागाणं नगराई, उज्जाणाई, समोसरणाई, रायाणो, अम्मापियरो, धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया १०७९ विसा, भोगपरिच्चागा, पव्वज्जाओ, परियागा, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, संलेहणाओ, भत्तपच्चक्खाणाई, पाओवगमणाई, देवलोगगमणाई, सुहपरंपराओ, मुकुलपच्चायाईओ, पुणबोहिलाभा, अंतकिरियाओ आघविज्जति । विवागसुयस्स णं परिता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखिज्जाओ निज्जुत्तीओ, संखिज्जाओ संगहणीओ, संखिजाओ पडिवत्तीओ । से णं अंगट्टयाए इकारसमे अंगे, दो सुक्खंधा, वीसं अज्झयणा, वीसं उद्देसणकाला, वीसं समुद्दे - सणकाला, संखिजाई पयसहस्साई पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अनंता गमा, अनंता पजवा, परित्ता तसा, अनंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पन्नविजंति, परुविज्जति, दंसिजंति, निदंसिज्जंति, उवदंसिजंति, से एवं आया, एवं नाया, एवं विष्णाया, एवं चरणकरणपव्वणा आघविज्जर, सेत्तं विभागसुर्य ११ ॥ ५६ ॥ से किं तं दिठिवाए ? दिडिवाए णं सव्वभावपरूवणा आघविजय से समासओ पंचविहे पण्णत्ते, तंजद्दा - परिकम् मे १, सुत्ताई २, पुव्यगए ३, अणुओगे ४, चूलिया ५ । से किं तं परिक्रम्मे ? परिक्रम्मे सत्तविहे पण्णत्ते, तंजहासिद्धसेणियापरिकमे १, मणुस्ससेणियापरिकम्मे २ पुसेणियापरिकम्मे ३, ओगाठसुणिया परिकम्मे ४, उवसंपज्जणसेणिया परिकम्मे ५, विप्प जहण सेणिया परिकम्मे ६, चुयानुयसंणियापरिकम्मे ७ । से किं तं सिद्धसेणियापरिकम्मे ? सिद्धसेणिया परिकम्मे सपिण्णत्ते, तंजहा- माडगापयाई १ एगद्वियपयाई २ अनुयाई ३ पाटोआगासपाई केभूयं ५ रासिबद्धं ६ एगगुणं ७ दुगुणं ८ तिगुणं ९ केडभूयं १० Page #1155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [नंदीसुतं पडिग्गहो ११ संसारपडिग्गहो १२ नंदावत्तं १३ सिद्धावत्तं १४, सेत्तं सिद्धसेणियापरिकम्मे १ । से किं तं मणुस्ससेणियापरिकम्मे ? मणुस्ससेणियापरिकम्मे चउद्दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-माउयापयाई १ एगट्ठियपयाई २ अट्ठपयाइं ३ पाढोआगासपयाइं ४ केउभूयं ५ रासिबद्धं ६ एगगुणं ७ दुगुणं ८ तिगुणं ९ केउभूयं १० पडिग्गहो ११ संसारपडिग्गहो १२ नंदावत्तं १३ मणुस्सावत्तं १४, सेत्तं मणुस्ससेणियापरिकम्मे २ । से किं तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे ? पुट्ठसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाइं १ केउभूयं २ रासिबद्धं ३ एगगुणं ४ दुगुणं ५ तिगुणं ६ केउभूयं ७ पडिग्गहो ८ संसारपडिग्गहो ९ नंदावत्तं १० पुट्ठावत्तं ११, सेत्तं पुट्ठसेणियापरिकम्मे ३ । से किं तं ओगाढसेणियापरिकम्मे ? ओगाढसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाई १ केउभूयं २ रासिबद्धं ३ एगगुणं ४ दुगुणं ५ तिगुणं ६ केउभूयं ७ पडिग्गहो ८ संसारपडिग्गहो ९ नंदावत्तं १० ओगाढावत्तं ११, सेत्तं ओगाढसेणियापरिकम्मे ४ । से किं तं उवसंपजणसेणियापरिकम्मे ? उवसंपज्जणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाइं १ केउभूयं २ रासिबद्धं ३ एगगुणं ४ दुगुणं ५ तिगुणं ६ केउभूयं ७ पडिग्गहो ८ संसारपडिग्गहो ९ नंदावतं १०. उवसंपज्जणावत्तं ११, सेत्तं उवसंपजणसेणियापरिकम्मे ५ । से किं तं विप्पजहणसेणियापरिकम्मे ? विप्पजहणसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाई १ केउभूयं २ रासिबद्धं ३ एगगुणं ४ दुगुणं ५ तिगुणं ६ केउभूयं ७ पडिग्गहो ८ संसारपडिग्गहो ९ नंदावत्तं १० विप्पजहणावत्तं ११, सेत्तं विप्पजणसेणियापरिकम्मे ६ । से किं तं चुयाचुयसेणियापरिकम्मे ? चुयाचुयसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पन्नत्ते, तंजहा-पाढोआगासपयाइं १ केउभूयं २ रासिबद्धं ३ एगगुणं ४ दुगुणं ५ तिगुणं ६ केउभूयं ७ पडिग्गहो ८ संसारपडिग्गहो ९ नंदावतं १० चुयाचुयवत्तं ११, सेत्तं चुयाचुयसेणियापरिकम्मे ७ । छ चउक्कनइयाई, सत्त तेरासियाई, सेत्तं परिकम्मे १ ।से किं तं सुत्ताइं? सुत्ताई बावीसं पन्नत्ताई, तंजहा-उजुसुयं १ परिणयापरिणयं २ बहुभंगियं ३ विजयचरियं ४ अणंतरं ५ परंपरे ६ मासाणं ७ संजूहं ८ संभिण्णं ९ आहच्चायं १० सोवत्थियावत्तं ११ नंदावत्तं १२ बहुलं १३ पुट्ठापुढे १४ वियावत्तं १५ एवंभूयं १६ दुयावत्तं १७ वत्तमाणप्पयं १८ समभिरूढं १९ सव्वओभई २० पस्सासं २१ दुप्पडिग्गहं २२, इच्छेइयाई बावीसं सुत्ताई छिन्नच्छेयनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए, इच्छेइयाइं बावीसं सुत्ताई अच्छिन्नच्छेयनइयाणि आजीवियसुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाइं बावीसं सुत्ताइं तिगणइयाणि Page #1156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गंडियाणुओगवत्तव्वया] सुत्तागमे १०८१ तेरासियसुत्तपरिवाडीए, इच्चेइयाइं बावीसं सुत्ताई चउक्कनइयाणि ससमयसुत्तपरिवाडीए, एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठासीई सुत्ताई भवंतित्ति मक्खायं, सेत्तं सुत्ताई २ । से किं तं पुव्वगए ? पुव्वगए चउद्दसविहे पण्णत्ते, तंजहा-उप्पायपुव्वं १, अग्गाणीयं २, वीरियं ३, अत्थिनत्थिप्पवायं ४, नाणप्पवायं ५, सञ्चप्पवायं ६, आयप्पवायं ७, कम्मप्पवायं ८, पच्चक्खाणप्पवायं (पञ्चक्खाणं) ९, विजाणुप्पवायं १०, अवंझं ११, पाणाऊ १२, किरियाविसालं १३, लोकबिंदुसारं १४ । उप्पायपुवस्स णं दस वत्थू, चत्तारि चूलियावत्थू पण्णत्ता । अग्गाणीयपुव्वस्स णं चोइस वत्थू, दुवालस चूलियावत्थू पण्णत्ता । वीरियपुव्वस्स णं अट्ठ वत्थू , अट्ठ चूलियावत्थू पण्णत्ता । अत्थिनत्थिप्पवायपुव्वस्स णं अट्ठारस वत्थू, दस चूलियावत्थू पण्णत्ता । नाणप्पवायपुव्वस्स णं वारस वत्थू पण्णत्ता । सच्चप्पवायपुव्वस्स णं दोण्णि वत्थू पण्णत्ता। आयप्पवायपुव्वस्स णं सोलस वत्थू पण्णत्ता । कम्मप्पवायपुव्वस्स णं तीसं वत्थू पण्णत्ता । पच्चक्खाणपुव्वस्स णं वीसं वत्थू पण्णत्ता । विजाणुप्पवायपुव्वस्स णं पन्नरस वत्थू पण्णत्ता । अवंझपुव्वस्स णं वारस वत्थू पण्णत्ता । पाणाउपुव्वस्स णं तेरस वत्थू पण्णत्ता । किरियाविसालपुवस्स णं तीसं वत्थू पण्णत्ता । लोकविंदुसारपुव्वस्त णं पणुवीसं वत्थू पण्णत्ता, गाहा-दस १ चोद्दस २ अट्ठ ३ ऽहा-,रसेव ४ बारस ५ दुवे ६ य वत्थूणि । सोलस ७ तीसा ८ वीसा ९, पन्नरस १० अणुप्पवायम्मि ॥ ८९ ॥ बारस इकारसमे, बारसमे तेरसेव वत्थूणि । तीसा पुण तेरसमे, चोद्दसमे पण्णवीसाओ ॥९० ॥ चत्तारि १ दुवालस २ अट्ठ ३ चेव, दस ४ चेव चुलवत्णि । आइल्लाण चउण्हं, सेसाणं चूलिया नस्थि ॥ ९१ ॥ सेत्तं पुव्वगए ३ ॥ से किं तं अणुओगे ? अणुओगे दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-मूलपढमाणुओगे, गंडियाणुओगे य । से किं तं मूलपढमाणुओगे ? मूलपढमाणुओगे णं अरहंताणं भगवंताणं पुन्वभवा, देवगमणाई, आउं, चवणाई, जम्मणाणि, अभिसेया, रायवरसिरीओ, पव्वजाओ, तवा य उग्गा, केवलनाणुप्पयाओ, तित्थपवत्तणाणि य, सीसा, गणा, गणहरा, अजपवत्तिणीओ, संघस्स चउन्विहस्स जं च परिमाणं, जिणमणपज्जवओहिनाणी, सम्मत्तमुयनाणिणो य, वाई, अणुत्तरगई य, उत्तर वेउविणो य मुणिणो, जत्तिया सिद्धा, सिद्धिपहो जह देसिओ, जचिरं च कालं, पाओवगया जे जहिं जत्तियाई भत्ताई अणसणाए छेइत्ता अंतगडे, मुणिवरुत्तमे, तिमिरओघविप्पमुक्के, मुक्खमुहमणुत्तरं च पत्ते, एवमन्ने य एवमाइभावा मृलपटमाणुओगे कहिया, सेक्तं मूलपढमाणुओगे । से किं तं गंडियाणुओगे ? गंडियाणुओगे कुलगरगंडियाओ, तित्थयरगंडियाओ, चकवट्टिगंडियाओ, दसारगंडियाओ, बल Page #1157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे १०८२ [नंदीसुतं देवगंडियाओ, वासुदेवगंडियाओ, गणधरगंडियाओ, भद्दबाहुगंडियाओ, तवोकम्मगंडियाओ, हरिवंसगंडियाओ, उस्सप्पिणीगंडियाओ, ओसप्पिणीगंडियाओ, चित्तंतरगंडियाओ, अमरनरतिरियनिरयगइगमणविविद्द परियट्टणेसु एवमाइयाओ गंडियाओ आघविनंति, पन्नविजंति, सेत्तं गंडियाणुओगे, सेत्तं अणुओगे ४ । से किं तं चूलियाओ ? चूलियाओ-आइल्लाणं चउण्हं पुव्वाणं चूलिया, सेसाई पुव्वाइं अचूलियाई, सेत्तं चूलियाओ ५ । दिट्ठिवायस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणु ओगदारा, संखेजा वेढा, संखेज्जा सिलोगा, संखेजाओ पडिवत्तीओ, संखेजाओ निजुत्तीओ, संखेज्जाओ संगहणीओ । से णं अंगठ्ठयाए बारसमे अंगे, एगे मुयक्खंधे, चोद्दस पुव्वाई, खेजा वत्थू , संखेज्जा चूलवत्थू , संखेजा पाहुडा, संखेजा पाहुडपाहुडा, संखेजाओ पाहुडियाओ, संखेजाओ पाहुडपाहुडियाओ, संखेजाई पयसहस्साइं पयग्गेणं, संखेज्जा अक्खरा, अणंता गमा, अणंता पजवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपण्णत्ता भावा आघविजंति, पन्नविनंति, परूविजंति, दंसिज्ति, निदंसिज्जंति, उवदंसिजति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणा आघविजइ । सेत्तं दिट्ठिवाए १२ ॥.५७ ॥ इच्चेइयंमि दुवालसंगे गणिपिडगे अणंता भावा, अणंता अभावा, अणंता हेऊ, अणंता अहेऊ, अणंता कारणा, अणंता अकारणा, अणंता जीवा, अणंता अजीवा, अणंता भवसिद्धिया, अणंता अभवसिद्धिया, अणंता सिद्धा, अणंता असिद्धा पण्णत्ता-भावमभावा हेउमहेऊ, कारणमकारणे चेव । जीवाजीवा भविय-,मभविया सिद्धा असिद्धा य ॥ ९२ ॥ इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं तीए काले अणंता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियटिंसु । इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं पडुप्पण्णकाले परित्ता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियति । इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अणंता जीवा आणाए विराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं अणुपरियट्टिस्संति । इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं तीए काले अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं वीईवइंसु । इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं पडुप्पण्णकाले परित्ता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरतं संसारकंतारं वीईवयंति । इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं अणागए काले अणंता जीवा आणाए आराहित्ता चाउरंतं संसारकंतारं वीईवइस्संति । इच्चेइयं दुवालसंग गणिपिडगं न कयाइ नासी, न कयाइ न भवइ, न कयाइ न भविस्सइ, भुविं च, भवइ य, भविस्सइ य, धुवे, नियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए, निच्चे । से जहानामए पंचत्थिकाए न कयाइ नासी, न कयाइ Page #1158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसमापणा] सुत्तागमे १०८३ नत्थि, न कयाइ न भविस्सइ, भुविं च, भवइ य, भविस्सइ य, धुवे, नियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए, निच्चे, एवामेव दुवालसंगं गणिपिडगं न कयाइ नासी, न कयाइ नत्थि, न कयाइ न भविस्सइ, भुविं च, भवइ य, भविस्सइ य, धुवे, नियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए, निच्चे । से समासओ चउविहे पण्णत्ते, तंजहा-दव्वओ, खित्तओ, कालओ, भावओ । तत्थ दव्वओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्वदव्वाइं जाणइ पासइ। खित्तओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्वं खेत्तं जाणइ पासइ । कालओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्वं खेत्तं जाणइ पासइ । भावओ णं सुयनाणी उवउत्ते सव्वे भावे जाणइ पासइ ॥ ५८ ॥ अक्खर सन्नी सम्म, साइयं खलु सपज्जवसियं च । गमियं अंगपविटुं, सत्तवि एए सपडिवक्खा ॥ ९३ ॥ आगमसत्थग्गहणं, जं बुद्धिगुणेहिं अहिं दिढे । बिति सुयनाणलंभं, तं पुव्वविसारया धीरा ॥ ९४ ॥ मुस्सूसइ १ पडिपुच्छइ २ सुणेइ ३ गिण्हइ ४ य ईहए यावि ५ । तत्तो अपोहए ६ वा, धारेइ ७ करेइ वा सम्मं ८ ॥ ९५ ॥ मूयं हुंकारं वा, बाढक्कारं पडिपुच्छ वीमंसा । तत्तो पसंगपारायणं च, परिणि सत्तमए ॥ ९६ ॥ सुत्तत्थो खलु पढमो, बीओ निजुत्तिमीसिओ भणिओ। तइओ य निरवसेसो, एस विही होइ अणुओगे ॥ ९७ ॥ सेत्तं अंगपविट्ठ । सेत्तं मुयनाणं । सेत्तं परोक्खनाणं । सेत्तं नंदी ॥ ५९ ॥ ॥ नंदीसुत्तं समत्तं ॥ Page #1159 --------------------------------------------------------------------------  Page #1160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं अणुओगदारसुत्तं नाणं पंचविहं पण्णत्तं । तंजहा—आभिणिबोहियनाणं १ सुयनाणं २ ओहिनाणं ३ मणपज्जवनाणं ४ केवलनाणं ५॥ १ ॥ तत्थ चत्तारि नाणाई ठप्पाइं ठवणिज्जाई, णो उद्दिसिज्जति,' णो समुद्दिसिजंति, णो अणुण्णविनंति । मुयनाणस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ ॥ २ ॥ जइ सुयनाणस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ, किं अंगपविट्ठस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पबत्तइ ? किं अंगबाहिरस्स उद्देसो, समुद्देसो, अणुण्णा, अणुओगो य पवत्तइ ? अंगपविट्ठस्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ, अणंगपविट्ठस्स वि उद्देसो जाव पवत्तइ । इमं पुण पठ्ठवणं पडुच्च अणंगपविट्ठस्से अणुओगो ॥ ३ ॥ जइ अणंगपविठ्ठस्स अणुओगो, किं कालियस्स अणुओगो ? उकालियस्स अणुओगो ? कालियस्स वि अणुओगो, उक्कालियस्स वि अणुओगो । इमं पुण पढवणं पडुच्च उकालियस्स अणुओगो ॥ ४ ॥ जइ उकालियस्स अणुओगो, किं आवस्सगस्स अणुओगो ? आवस्सगवरित्तस्स अणुओगो ? आवस्सगस्स वि अणुओगो, आवस्सगवदरित्तस्स वि अणुओगो। इमं पुण पट्ठवणं पड्डुच आवस्सगस्स अणुओगो ॥ ५ ॥ जइ आवस्तगस्स अणुओगो, किं णं अंगं ? अंगाई ? सुयखंधो ? सुयखंधा ? अज्झयणं ? अज्झयणाई ? उद्देसो ? उद्देसा ? आवस्यं णं नो अंगं, नो अंगाई, सुयखंधो, नो मुयखंधा, नो अज्झयणं, अज्झयणाई, नो उद्देसो, नो उद्देसा ॥ ६ ॥ तम्हा आवस्मयं निक्खिविस्सामि, सुयं निक्सिविस्सामि, खंध निक्खिविस्सामि, अज्झयणं निविखविस्सामि । गाहा-जत्थ य जं जाणेजा, निक्वेवं निक्खिवे निरवसेसं । जत्थ वि य न जाणेजा, चउकगं निक्खिये तत्थ ॥१॥ ७ ॥ से किं नं आवस्मयं ? आवस्मयं चम्विहं पण्णनं । तंजहानामावस्मयं १ ठवणावस्मयं २ दव्यावस्सयं ३ भावावस्मयं ४ ॥ ८ ॥ से किं तं नामावस्मयं ? नामावस्मयं--- पाढतरं-१ उद्दिसति । २ समुद्दिति । ३ अंगबाहिरस्स वि । ४ अंगवाहिरस्स । ५ अंगवाहिरस्स । ६ आवस्मयं किं । ७ आवस्सयस्त । Page #1161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं जस्स णं जीवस्स वा, अजीवस्स वा, जीवाण वा, अजीवाण वा, तदुभयस्स वा, तदुभयाण वा, 'आवस्सए' त्ति नामं कजइ । सेत्तं नामावस्सयं ॥ ९॥ से किं तं ठवणावस्सयं ? ठवणावस्सयं-जं णं कठकम्मे वा, पोत्थकम्मे वा, चित्तकम्मे वा, लेप्पकम्मे वा, गंथिमे वा, वेढिमे वा, पूरिमे वा, संघाइमे वा, अक्खे वा, वराडए वा, एगो वा, अणेगो वा, सब्भावठवणा वा, असब्भावठवणा वा, 'आवस्सए' त्ति ठवणा ठविजइ । सेत्तं ठवणावस्सयं ॥ १०॥ नामट्ठवणाणं को पइविसेसो ? नामं आवकहियं, ठवणा इत्तरिया वा होज्जा, आवकहिया वा ॥ ११ ॥ से किं तं व्वावस्सयं ? दव्वावस्सयं दुविहं पण्णत्तं । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ ॥१२॥ से किं तं आगमओ दव्वावस्सयं ? आगमओ दव्वावस्सयं-जस्स णं 'आवस्सए' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं, नामसमं, घोससमं, अहीणक्खरं, अणञ्चक्खरं, अव्वाइद्धक्खरं, अक्खलियं, अमिलियं, अवच्चामेलियं, पडिपुण्णं, पडिपुण्णघोसं, कंठोट्ठविप्पमुकं, गुरुवायणोवगयं, से णं तत्थ वायणाए, पुच्छणाए, परियट्टणाए, धम्मकहाए, णो अणुप्पेहाए । कम्हा ? 'अणुवओगो' दव्वमिति कछु । नेगमस्स णं एगो अणुवउत्तो, आगमओ एगं दव्वावस्सयं, दोण्णि अणुवउत्ता, आगमओ दोण्णि दव्वावस्सयाई, तिण्णि अणुवउत्ता, आगमओ तिण्णि दव्वावस्सयाई, एवं जावइया अणुवउत्ता आगमओ तावइयाई दवावस्सयाई। एवमेव ववहारस्स वि । संगहस्स णं एगो वा अणेगो वा अणुवउत्तो वा अणुवउत्ता वा आगमओ दव्वावस्सयं दव्वावस्सयाणि वा, से एगे दव्वावस्सए । उज्जुसुयस्स एगो अणुवउत्तो आगमओ एर्ग दव्वावस्सयं, पुहुत्तं नेच्छइ । तिण्हं सद्दनयाणं जाणए अणुवउत्त अवत्थु। कम्हा ? जइ जाणए, अणुवउत्तं न भवइ, जइ अणुवउत्तं, जाणए न भवइ, तम्हा णत्थि आगमओ दव्वावस्सयं । सेत्तं आगमओ दव्यावस्सयं ॥ १३-१४॥ से किं तं नोआगमओ दव्वावस्सयं ? नोआगमओ व्वावस्सयं तिविहं पण्णत्तं । तंजहा-जाणयसरीरदव्वावस्सयं १ भवियसरीरदव्वावस्सयं २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्तं दव्वावस्सयं ३ ॥ १५॥ से किं तं जाणयसरीरदव्वावस्सयं ? जाणयसरीरदव्वावस्सयं- 'आवस्सए' त्ति पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं, जीवविप्पजढं, सिज्जागयं वा, संथारगयं वा, निसीहियागयं वा, सिद्धसिलातलगयं वा पासित्ता णं कोई भणे(वए)जा-अहो ! णं इमेणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिटेणं भावेणं आवस्सए' त्ति पयं आघवियं, पण्णवियं, परूवियं, दंसियं, निदंसियं, उवदंसियं । जहा को दिटुंतो ? अयं महुकुंभे आसी, अयं घयकुंभे आसी । से तं जाणयसरीरदव्वावस्सयं ॥ १६ ॥ से किं तं भवियसरीरदव्वावस्सयं ? Page #1162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नोआगमओ भावावस्सयभैया ] सुत्तागमे भविय सरीरदव्वावस्सयं-जे जीवे जोणिजम्मणनिक्खंते, इमेणं चेव आत्तएणं सरीरसमुस्सएणं जिणोवदिद्वेणं भावेणं 'आवस्सए' त्ति पयं सेयकाले सिक्खिस्सइ न ताव सिक्ख । जहा को दितो ? अयं महुकुंभे भविस्सर, अयं घयकुंभे भविस्सइ । सेत्तं भवियसरीरव्वावस्यं ॥ १७ ॥ से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्तं दव्वावस्वयं ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्तं दव्वावस्सयं तिविहं पण्णत्तं । तंजहा - लोइयं १ कुप्पावयणियं २ लोउत्तरियं ३ ॥ १८ ॥ से किं तं लोइयं दव्वावस्सयं ? लोइयं व्यावसयं - जे इमे राईसर तलवरमा डंबिय कोडुं वियइब्भसे द्विसेणावइसत्थवाहपभिइओ कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए सुविमलाए फुल्लुप्पल कमल कोमलुम्मिलियम्नि अहापंडुरे पभाए रत्तासोगपगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसे कमला गरनलिणिसंडबोहए उद्वियम्मि सूरे सहस्सरस्सिम्मि दिणयरे तेयसा जलंते मुहधोयणदं तपक्खालणतेल्लफणिसिद्धत्थयह रियालियअद्दागधूवपुप्फमलगंधतंबोलवत्थाइयाई दव्वावस्सयाई करेंति, तओ पच्छा रायकुलं वा देवकुलं वा आरामं वा उज्जाणं वा सभं वा पर्व वा गच्छेति । सेत्तं लोइयं दव्वावस्सयं ॥ १९ ॥ से किं तं कुप्पावयणियं दव्वावस्वयं ? कुप्पावयणियं दव्वावस्सयं-जे इमे चरगचीरिंगचम्मखंडिय भिक्खोंड पंडुरंगगोयमगोव्यइयगिहिधम्मधम्मचिंतग अविरुद्धविरुद्धबुद्धुसावर्गपभिइओ पासंडत्था कलं पाउप्पभायाए रयणीए जाव तेयसा जलंते, इंदस्स वा, खंदस्स वा, रुद्दस्स वा, सिवस्स वा, वेसमणस्स वा, देवस्स वा, नागस्स वा, जक्खस्स वा, भूयस्स वा, मुकुंद बा, अजाए वा, दुग्गाए वा, कोहकिरियाए वा, उबलेवणसंमज्जणआवरिसणवपुष्पगंधमलाइयाई दव्वावस्सयाई करेंति । सेत्तं कुप्पावयणियं दव्वाचस्सयं ॥ २० ॥ से किं तं लोगुत्तरियं दव्वावस्सयं ? लोगुत्तरियं दव्वावस्सयं-जे इमे समणगुणमुकजोगी, छक्कायनिरणुकंपा, हया इव उद्दामा, गया इव निरंकुसा, घट्टा, मट्टा, तुपा, पंडुरपडपाउरणा, जिणाणमणाणाए सच्छंद विहारऊण उभओ-कालं आबस्वयरस उबर्हति । सेत्तं लोगुत्तरियं दव्वावस्मयं । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरितं दव्यासयं । सेत्तं नोआगमओ दव्वावस्सयं । सेत्तं दव्वावस्सयं ॥ २१ ॥ से किं तं भावावस्यं ? भावावस्यं दुविहं पण्णत्तं । जहा - आगमओ य १ नोआगमओ य २ ॥ २२ ॥ से किं तं आगमओ भावावस्ययं ? आगमओ भावावस्सयं जाणए उ । तं आगमओ भावावस्यं ॥ २३ ॥ से किं तं नोआगमओ भावावस्त्रयं ? नोआगमओ भावावसयं तिविहं पण्णत्तं । तेजहा - लोइयं १ कुपावयणियं २ लोगु १०८७ १ भरहसमए जेण कश्या सावया पच्छा बंभणा जाया तेण वंभणा बहुसाव गतिति । २ देवीणाममिमं । Page #1163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं त्तरियं ३ ॥ २४ ॥ से किं तं लोइयं भावावस्सयं ? लोइयं भावावस्सयं-पुव्वण्हे भारहं, अवरण्हे रामायणं । सेत्तं लोइयं भावावस्सयं ॥ २५ ॥ से किं तं कुप्पावयणियं भावावस्सयं ? कुप्पावयणियं भावावस्सयं-जे इमे चरगचीरिग जाव पासंडत्था इजंजलिहोभजपोन्दुरुक्कनमुक्कारमाइयाइं भावावस्सयाइं करेंति । सेत्तं कुप्पावयणियं भावावस्सयं ॥२६॥ से किं तं लोगुत्तरियं भावावस्सयं ? लोगुत्तरियं भावावस्सयं-जे (ज)णं इमेसमणे वा, समणी वा, सावओ वा, साविया वा, तच्चित्ते, तम्मणे, तल्लेसे, तदज्झबसिए, तत्तिव्वज्झवसाणे, तदट्ठोवउत्ते', तदप्पियकरणे, तब्भावणाभाविए, अण्णत्थ कत्थइ मणं अकरेमाणे उभओ-कालं आवस्सयं करे[न्ति]इ । सेत्तं लोगुत्तरियं भावावस्मयं । सेत्तं नोआगमओ भावावस्सयं । सेत्तं भावावस्सयं ॥ २७ ॥ तस्स णं इमे एगट्ठिया णाणाघोसा णाणावंजणा णामधेजा भवंति, तंजहा-गाहा-आवस्यं अवस्संकरणिज, धुवनिग्गैहो विसोही य । अज्झयणछक्कवग्गो, नाओ आराहणा मग्गो ॥१॥ समणेणं सावएण य, अवस्स कायव्ययं हवइ जम्हा । अंतो अहोनिसस्स य, तम्हा 'आवस्सयं' नाम ॥२॥ सेत्तं आवस्सयं ॥ २८॥ से किं तं सुयं ? सुयं चडव्विहं पण्णत्तं। तंजहा-नामसुयं १ ठवणासुयं २ दव्वसुयं ३ भावसुयं ४ ॥ २९ ॥ से किं तं नामसुयं ? नामसुयं-जस्स णं जीवस्स वा जाव 'सुए' त्ति नामं कजइ। सेत्तं नामसुयं ॥ ३०॥ से किं तं ठवणासुयं ? ठवणासुयं-जं णं कठ्ठकम्मे वा जाव ठवणा ठविजइ । सेत्तं ठवणासुयं ॥ ३१ ॥ नामठवणाणं को पइविसेसो ? नामं आवकहियं, ठवणा इत्तरिया वा होजा, आवकहिया वा ॥ ३२ ॥ से किं तं दव्वसुयं ? दव्यमुग्रं दुविहं पण्णत्तं । तंजहा-आगमओ य १ नो आगमओ य २ ॥३३॥ से किं तं आगमओ दव्वसुयं ? आगमओ दव्वसुयं-जस्स णं 'सुए' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं जाव णो अणुप्पेहाए । कम्हा? 'अणुवओगो' दव्वमिति कठ्ठ । नेगमस्स णं एगो अणुवउत्तो आगमओ एगं दव्वसुयं जाव तिण्हं सद्दनयाणं जाणए अणुवउत्ते अवत्थु । कम्हा ? जइ जाणए, अणुवउत्ते न भवइ, जइ अणुवउत्ते, जाणए न भवइ, तम्हा णस्थि आगमओ दव्वसुयं । सेत्तं आगमओ दव्वसुयं ॥ ३४ ॥ से किं तं नोआगमओ दव्वसुयं ? नोआगमओ दव्वसुयं तिविहं पण्णत्तं । तंजहा-जाणयसरीरदव्वसुयं १ भवियसरीरदव्वसुयं २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्तं दव्वसुयं ३ ॥ ३५ ॥ से कि तं जाणयसरीरदव्वसुयं ? जाणयसरीरदव्वसुयं- 'सुय' त्ति पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं जाव पासित्ता णं कोई भणेज्जा-अहो! णं इमेणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिटेणं भावेणं 'सुय' त्ति पयं आघवियं जाव अयं १ जिणवयणधम्माणुरागरत्तमणे । Page #1164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुयनामधेजा ] सुत्तागमे घयकुंभे आसी । सेत्तं जाणयसरीरदव्वसुयं ॥ ३६ ॥ से किं तं भवियसरीरदव्यमुयं ! भवियसरीरदव्वसुयं - जे जीवे जोणिजम्मण निक्खंते जाव जिणोवदिद्वेणं भावेणं 'सुय'त्ति पयं से काले सिक्खिस्सइ जाव अयं घयकुंभे भविस्सइ । सेत्तं भवियसरीरदव्वसुयं ॥ ३७ ॥ से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरखइरित्तं दव्वसुयं ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्तं दव्वसुयं पत्तयपोत्थयलिहियं । अहवा जाणयसरीरभवियस रीरवइरित्तं दव्यं पंचविहं पण्णत्तं । तंजहा- अंडयं १ वोडयं २ कीडयं ३ वालयं ४ वागयं ५ । से किं तं अंडयं ? अंडयं हंसगब्भाइ । से किं तं बोंडयं ? बोंडयं कप्पासमाइ । से किं तं कीडयं ? कीडयं पंचविहं पण्णत्तं । तंजहा पट्टे १ मलए २ अंसुए ३ चीणंसुए ४ किमि - रागे ५ । से किं तं वालयं ? वालयं पंचविहं पण्णत्तं । तंजहा - उणिए १ उट्टिए २ मियलोमिए ३ कोतवे ४ किट्टिसे ५ । से किं तं वागयं ? वागयं सैणमाइ । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्तं दव्वसुयं । सेत्तं नोआगमओ दव्वसुयं । सेत्तं दव्वसुयं ॥ ३८ ॥ से किं तं भावसुयं ? भावसुयं दुविहं पण्णत्तं । तंजहा - आगमओ य १ नोआगमओ य २ ॥ ३९ ॥ से किं तं आगमओ भावसुयं ? आगमओ भावसुयं जाणए उवउत्ते । सेतं आगमओ भावसुयं ॥ ४० ॥ से किं तं नोआगमओ भावसुयं ? नोआगमओ भावसुयं दुविहं पण्णत्तं । तंजहा - लोइयं १ लोगुत्तरियं च २ ॥ ४१ ॥ से किं तं लोइयं नोआगमओ भावसुयं ? लोइयं नोआगमओ भावसुयं-जं इमं अण्णाणिएहिं मिच्छदिहिं सच्छंदबुद्धिमविगप्पियं तंजहा- भारहं, रामायणं, भीमासुरुकं, कोडिलयं, घोडमुहं सगडभद्दियाउ, कप्पासियं, णागमुहुमं, कणगरात्तरी, वेसियं, वइसेसियं, बुद्धसासणं, काविलं, लोगायतं, सहियंतं, माढरपुराणवागरणनाडगाई, अहवा बावत्तरिकलाओ, चत्तरि वेया संगोवंगा । सेत्तं लोइयं नोआगमओ भावसुयं ॥ ४२ ॥ से किं तं लोउत्तरियं नोआगमओ भावसुयं ? लोउत्तरियं नोआगमओ भावसुयं-जं इमं अरिहंतेहिं भगवंतेर्हि, उप्पण्णणाणदंसणधरेहिं, तीयपचुप्पण्णमणागयजाणएहिं, सव्वहिं सव्वद रिसीहिं, तिलुक्कवहियैमहियपइएहिं, अप्पडियवरनाणदंसणधरेहिं, पणीयं दुवासंगं गणिपिङगं । तंजहा - आयारो १ सयगड २ ठाणं ३ सगवाओ ४ विवाहपण्णत्ती ५ णायाथम्मकछाओ ६ उवासगदसाओ ७ अंतगडदसाओ ८ अणुत वाइयदसाओ ९ पहावागरणाई १० विवागसूर्य ११ दिद्विवाओ य १२ । सेत्तं लोउत्तरियं नोआगमओ भावसुयं । सेतं नोआगमओ भावसुयं । सेतं भावसुयं ॥ ४३ ॥ तस्म णं इसे एगडिया णाणाघोसा णाणावंजणा नामभेजा भवति, तंजहागाहा-यमुत्तसिद्धंनसागणे, आणवयण उवएसे । पन्नवण आगमे वि य, एगडा १ अलसिमाइ । २ 'निरिक्खिय' । ६९ सुत्ता० १०८९ Page #1165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुभगदारसुतं जवा सुते ॥ १ ॥ सेत्तं सुयं ॥ ४४ ॥ से किं तं खंधे ? खंधे चउव्विहे पण्णत्ते । तं जहा - नामखंधे १ ठेवणाखंधे २ दव्वखंधे ३ भावखंधे ४ ॥ ४५ ॥ नामहवणाओ पुव्वभणियाणुकमेण भाणियव्वाओ ॥ ४६ ॥ से किं तं दव्वखंधे ? दव्वखंधे दुवि पण्णत्ते । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ दव्वखंधे ? आगमओ दव्वखंधे - जस्स णं 'खंधे' त्ति पयं सिक्खियं जाव सेत्तं भविय सरीर दव्वसंधे नवरं खंधाभिलावो । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वखंधे ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वखंधे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा - सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए ३ ॥ ४७ ॥ से किं तं सचित्ते दव्वखंधे ? सचित्ते दव्वखंधे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहाहयखंधे, गयखंधे, किन्नरखंधे, किंपुरिसखंधे, महोरगखंधे, गंधव्वखंधे, उसभसंधे । सेत्तं सचित्ते दव्वखंधे ॥ ४८ ॥ से किं तं अचित्ते दव्वखंधे ? अचित्ते दव्वसंधे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा - दुपए सिए, तिपए सिए जाव दसपएसिए, संखिजपए सिए, असं खिजपए सिए, अणतपए सिए । सेत्तं अचित्ते दव्वखं ॥ ४९ ॥ से किं तं मीसए दव्वखंधे ? मीसए दव्वखंधे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा - सेणाए अग्गिमे खंधे, सेणाए मज्झिमे खंधे, सेणा पच्छिमे खंधे । सेत्तं मीसए दव्वसंवे ॥ ५० ॥ अहवा जाणयसरीरभविथसरीरवइरित्ते दव्वखंधे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा - कसिणसंधे १ अकसिणखंधे २ अगदवियखंधे ३ ॥ ५१ ॥ से किं तं कसिणखंधे ? कसिणसंधे-से चेत्र हयखंधे, गयखंधे जाव उसभखंधे । सेत्तं कसिणखंधे ॥ ५२ ॥ से किं तं अकसिणसंधे ? अकसिणखंधे-से चेव दुपएसियाइ खंधे जाव अनंतपए सिए खंधे । सेतं अकसिणखंधे ॥ ५३ ॥ से किं तं अगद वियखंधे ? अणेगदवियखंधे-तस्स चेत्र देसे अवचिए तस्स चेव देसे उवचिए । सेत्तं अगदवियखंधे । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वखंधे । सेत्तं नोआगमओ दव्वखंधे । सेत्तं दव्वसंधे ॥ ५४ ॥ से किं तं भावखंधे ? भावखं दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - आगमओ य १ नोआगमओ य २ ॥ ५५ ॥ से किं तं आगमओ भावखंधे ? आगमओ भावखंधे जाणए उवउत्ते । सेतं आगमओ भावखंधे ॥ ५६ ॥ से किं तं नोआगमओ भावखंधे ? नोआगमओ भावसंधेएएसिं चेव सामाइयमाइयाणं छण्हं अज्झयणाणं समुदयसमिइसमागमेणं आवस्सयसुखंधे 'भावखंधे' त्ति लब्भइ । सेत्तं नोआगमओ भावखंधे । सेत्तं भावखंधे ॥ ५७ ॥ तस्स णं इमे एगट्टिया णाणाघोसा णाणावंजणा नामधेज्जा भवंति, तंजहा- गाहागण काय निकाए, खंधे वग्गे तहेव रासी य । पुंजे पिंडे निगरे, संघाए आउल समूहे ॥ १ ॥ सेन्तं खंधे ॥ ५८ ॥ आवस्सगस्स णं इमे अत्थाहियारा भवंति, तंजहा-गाहा-सावज्जजोगविरई, उत्तिण गुणवओ य पडित । खलिय २ १०९० Page #1166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भ० नो० भावोवक्कम०] सुत्तागमे निंदणा, वणतिगिच्छ गुणधारणा चेव ॥ १॥ ५९॥ गाहा-आवस्सयस्स एसो, पिंडत्थो वण्णिओ समासेणं । एत्तो एकेकं पुण, अज्झयणं कित्तइस्सामि ॥ १ ॥ तंजहा-सामाइयं १ चउवीसत्थओ २ वंदणयं ३ पडिक्कमणं ४ काउस्सग्गो ५ पच्चक्खाणं ६ । तत्थ पढमं अज्झयणं सामाइयं । तस्स णं इमे चत्तारि अणुओगदारा भवंति, तंजहा-उवक्कमे १ निक्खेवे २ अणुगमे ३ नए ४ ॥ ६० ॥ से किं तं उवक्कमे ? उवक्कमे छबिहे पण्णत्ते । तंजहा-णामोवक्कमे १ ठवणोवक्कमे २ दव्योवक्रमे ३ खेत्तोवक्कमे ४ कालोवक्कमे ५ भावोवक्कमे ६ । णामठवणाओ गयाओ । से किं तं दव्वोवक्कमे ? दव्वोवकमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ जाव सेत्तं भवियसरीरदव्योवक्कमे । से किं तं जाणगसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वोवकमे ? जाणगसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वोवक्कमे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए ३ ॥ ६१॥ से किं तं सचित्ते दव्वोवक्कमे ? सचित्ते दव्योवक्कमे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-दुप(ए)याणं १ चउप्पयाणं २ अपयाणं ३ । एकेके पुण दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-परिकमे य १ वत्थुविणासे य २ ॥ ६२ ॥ से किं तं दुपयाणं उवक्कमे ? दुपयाणं-नडाणं, नहाणं, जल्लाणं, मलाणं, मुट्ठियाणं, लंबगाणं, कहगाणं, पवगाणं, लासगाणं, आइक्खगाणं, लंखाणं, मंखाणं, तृणइलाणं, तुंबवीणियाणं, का(वडि)वोयाणं, मागहाणं । सेत्तं दुपयाणं उवक्कमे । ॥६३ ॥ से किं तं चउप्पयाणं उवक्कमे ? चउप्पयाणं-आसाणं, हत्थीणं, इच्चाइ । सेत्तं चउम्पयाणं उबकामे ॥ ६४ ॥ से किं तं अपयाणं उवक्कमे ? अपयाणं-अंवाणं, अंबाडगाणं, इचाइ । सेत्तं अपओवक्कमे । सेत्तं सचित्तदव्योवक्कमे ॥ ६५ ॥ से किं तं अचित्तदव्योवकमे ? अचित्तदव्वोवक्कमे- खंडाईणं, गुडाईणं, मच्छंडीणं । सेत्तं अचित्तदव्योवक्रमे ॥६६॥ से किं तं मीसए व्वोवकमे? मीसए दव्वोवकमेसे चेत्र थासगआयंसगाइमंडिए आसाइ। सेत्तं मीसए दव्योवकमे । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ने दव्योवकमे । सेत्तं नोआगमओ दबोवकामे । सेत्तं दव्योवकमे ॥ ६७ ॥ से किं तं खेत्तोवक्कमे ? खेत्तोवकमे-जं णं हलकुलियाईहिं खेत्ताई उवकमिजंति । सेत्तं खेत्तोवकमे ॥ ६८ ॥ से किं तं कालोवकमे ? कालोवकामेजं णं नालियाईहिं कालस्सोवकमणं कीरद । सेत्तं कालोवक्रमे ॥ ६९ ॥ से किं तं भावोवामे ? भावोबकमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ । तत्य आगमओ जाणए उवउते । से किं तं नोआगमओ भावोवामे ? नोआगमओ भावोवक्रमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-पसत्थे य १ अपसत्थे य २ । से किं तं अपसत्थे नोआगमओ भावोवक्कमे ? अपसत्थे नोआगमओ भावोवकमे डोडिणिगणियाअमचा Page #1167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०९२ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं ईणं । से किं तं पसत्थे नोआगमओ भावोवक्कमे ? पसत्थे • गुरुमाईणं । सेत्तं नोआगमओ भावोवक्कमे । सेत्तं भावोवक्कमे । सेत्तं उवक्कमे ॥ ७० ॥ अहवा उवक्कमे छव्विहे पण्णत्ते । तंजा - आणुपुव्वी १ नामं २ पमाणं ३ वत्तव्वया ४ अत्थाहिगारे ५ समोयारे ६ ॥ ७१ ॥ से किं तं आणुपुव्वी ? आणुपुव्वी दसविहा पण्णत्ता । तंजहा - नामाणुपुव्वी १ ठवणाणुपुव्वी २ दव्वाणुपुव्वी ३ खेत्ताणुपुव्वी ४ कालाणुपुव्वी ५ उत्तिणाणुपुव्वी ६ गणणाणुपुव्वी ७ संठाणाणुपुव्वी ८ सामायारीआणुपुव्वी ९ भावाणुपुव्वी १० ॥ ७२ ॥ नामठवणाओ गयाओ । से किं तं दव्वाणुपुथ्वी ? दव्वाणुपुव्वी दुविहा पण्णत्ता । तं जहा - आगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ दव्वाणुपुथ्वी ? आगमओ दव्वाणुपुव्वी - जस्स णं 'आणुपुव्वि' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव नो अणुप्पेहाए । कम्हा ? 'अणुवओगो' दव्वमिति कहु । णेगमस्स णं एगो अणुवत्तो आगमओ एगा दव्वाणुपुव्वी जाव जाणए अणुवउत्ते अवत्थु । कम्हा ? जइ जाणए, अणुवउत्ते न भवइ, जइ अणुवउत्ते, जाणए न भवइ, तम्हा नत्थि आगमओ दव्वाणुपुव्वी । सेत्तं आगमओ दव्वाणुपुव्वी । से किं तं नोआगमओ दव्वाणुपुवी ? नोआगमओ दव्वाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा- जाणयसरीरदव्वाणुपुव्वी १ भवियसरीरदव्वाणुपुव्वी २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वाणुपुवी ३ । से किं तं जाणयसरीरदव्वाणुपुव्वी ? 'आणुपुव्वि' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं सेसं जहा दव्वावस्सए तहा भाणियव्वं जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वाणुपुव्वी । से किं तं भवियसरीरदव्वाणुपुव्वी ? भवियसरीरदव्वाणुपु०वी - जे जीवे जोणीजम्मणनिक्खंते सेसं जहा दव्वावस्सए जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वाणुपुव्वी । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वाणुपुब्बी ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वाणुपुव्वी दुविहा पण्णत्ता । तंजहा उवणिहिया य १ अवणिहियाय २ । तत्थ 'जा सा उवणिहिया सा ठप्पा । तत्थ णं जा सा अणोवणिहिया सा दुविहा पण्णत्ता । तं जहा - नेगमववहाराणं १ संगहरूस य २ ॥ ७३ ॥ से किं तं नेगमववहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी ? नेगमववहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता । तंजहा - अट्ठपय परूवणया १ भंगसमुत्तिणया २ भंगोवदंसणया ३ समोयारे ४ अणुगमे ५ ॥ ७४ ॥ से किं तं नेगमववहाराणं अट्ठपय परूवणया ? नेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया - तिपएसिए जाव दसपएसिए आणुपुव्वी, संखिज्जपएसिए आणुपुव्वी, असंखिज्जपएसिए आणुपुव्वी, अनंतपएसिए आणुपुव्वी, परमाणुपोग्गले अणाणुपुव्वी, दुपए सिए अवत्तव्वए, तिपएसिया आणुवीओ जाव अणतपए सियाओ आणुपुव्वीओ, परमाणुपोग्गला अणाणुपुव्वीओ, 1 Page #1168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नेगमववहारभंगोवदंसणया] सुत्तागमे १०९३ दुपएसियाई अवत्तव्वयाइं । सेत्तं नेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया ॥ ७५ ॥ एयाए णं नेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं ? एयाए णं नेगमववहाराणं अपयपरूवणयाए भंगसमुक्कित्तणया कज्जइ ॥ ७६ ॥ से किं तं नेगमववहाराणं भंगसमुकित्तणया ? नेगमववहाराणं भंगसमुकित्तणया-अत्थि आणुपुव्वी १ अत्थि अणाणुपुव्वी २ अत्थि अवत्तव्वए ३ अत्थि आणुपुव्वीओ ४ अत्थि अणाणुपुव्वीओ ५ अस्थि अवत्तव्वयाइं ६ । अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य १ अहवा अस्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वीओ य २ अहवा अत्थि आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वी य ३ अहवा अत्थि आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वीओ य ४ अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अवत्तव्वए य ५ अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च ६ अहवा अस्थि आणुपुव्वीओ य अवत्तव्बए य ७ अहवा अत्थि आणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाइं च ८ अहवा अस्थि अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य ९ अहबा अस्थि अणाणुपुन्वी य अवत्तव्धयाइं च १० अहवा अत्थि अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्यए य ११ अहवा अत्थि अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाइं च १२ । अहया अस्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य १ अह्वा अस्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाई च २ अहवा अत्थि आणुपुवी य अणाणपुव्वीओ य अवत्तव्वए य३ अहवा आत्थि आणपुव्धी य अणाणपुव्वीओ य अवत्तव्ययाइं च ४ अहवा अत्थि आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य', अहवा अत्थि आणुपुव्वीओ य अणाणुपुब्बी य अवत्तव्वयाइं च ६ अहवा अस्थि आणुपुव्वीओ य अणाणपुव्वीओ य अवत्तव्बए य ७ अहवा अस्थि आणुपुवीओ य अणागुपुवीओ य अवत्तव्ययाइं च ८ तिसंजोगे एए अ(ड)भंगा। एवं मब्वेऽवि छव्वीसं भंगा । सेत्त नेगमबवहाराणं भंगसमुक्त्तिणया ॥ ७ ॥ एयाए णं नंगमववहाराणं भंगसमुक्त्तिणयाए कि पओयणं ? एयाए णं नेगमववहाराणं भंगनमुकित्तणयाए भंगोवदंसणया कीरङ् ॥ ७८ ॥ से किं तं नेगमववहाराणं भंगोवदंगणया ? नेगमववहाराणं भंगोवदंसणया-तिपएसिए आणुपुव्वी १ परमाणुपोग्गले अगाणुपुब्बी २ दुपएसिए अवत्तव्यए ३ अहवा तिपएसिया आणुपुव्वीओ ४ परमाणुपोग्गला अणापुव्वीओ ५ दुपएसिया अवत्तव्वयाई ६ । अहवा तिपासिए य परमाणुपुग्गले य आणुपुब्बी य अणाणुपुव्वी य चउभगो ४ । अहवा तिपएसिए य दुपएसिए य आणुपुच्ची य अवत्तव्यए य चउभंगो ८ । अहवा परमागुपोग्गले य दुपएसिए य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य चउभंगो १२ । अहवा १ अण्णायरिसे बारसभंगुल्लेहो लव्भद । Page #1169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं तिपएसिए य परमाणुपोग्गले य दुपएसिए य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य १ अहवा तिपएसिए य परमाणुपोग्गले य दुपएसिया य आणुपुव्वी अणाणुपुवीय अवत्तन्वयाई च २ अहवा तिपएसिए य परमाणुपुग्गला य दुपसि य आणुपुवीय अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य ३ अहवा तिपएसिए परमाणुपोग्ला यदुपएसिया य आणुपुव्वीय अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाई च ४ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य दुपएसिए य आणुपुव्वीओ य अणुपुवीओ य अवत्तव्वए य ५ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य दुपएसिया य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वयाई च ६ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला यदुपए सिए य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य ७ अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुव्वीओ य अणुपुवीओ य अवत्तव्वयाई च ८ । सेत्तं नेगमववहाराणं भंगोवदंसणया ॥ ७९ ॥ से किं तं समोयारे ? समोयारे ( भणिज्जइ ) । नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति । नेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? नो आणुपुव्वदव्वेहिं समोयरंति, अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्ययदव्वेहिं समोयरंति । नेगमववहाराणं अवत्तव्वयदव्वाई कहिं समोयरंति ? आणुपुव्वी'दव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? नो आणुपुव्वदव्वेहिं समोयरंति, नो अणाणुपुव्वीदव्वेर्हि समोयरंति, अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति । सेत्तं समोयारे ॥ ८० ॥ से किं तं अणुगमे ? अणुगमे नवविहे `पण्णत्ते । तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया, दव्वपमाणं च खित्तै फुसणी य । कोलो .१०९४ अंतरं भाग, भावे अप्पाबंहुं चैव ॥ १ ॥ ८१ ॥ नेगमववहाराणं आणुपुथ्वीदव्वाई किं अत्थि नत्थि ? णियमा अत्थि । नेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाई किं अत्थि नत्थि ? णियमा अत्थि । नेगमववहाराणं अवत्तव्वयदव्वाई किं अत्थि नत्थ ? यिमा अत्थि ॥ ८२ ॥ नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई किं संखिज्जाएं ? 'असंखिज्जाई ? अनंताई ? नो संखिज्जाई, नो असंखिजाई, अनंताइं । एवं अणा पुव्वदव्वाई अवत्तव्वगदव्वाइं च अनंताई भाणियव्वाई ॥ ८३ ॥ नेगमववहाराणं आणुपुव्वदव्वाई लोगस्स किं संखिज्जइभागे होजा ? असंखिज्जइभागे होज्जा ? Page #1170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णेगमववहाराणाणुपुत्वीदव्वाइं] सुत्तागमे १०९५ संखेज्जेसु भागेसु होज्जा ? असंखेजेसु भागेसु होज्जा ? सव्वलोए होज्जा ? एगं दव्वं पडुच्च संखिजइभागे वा होजा, असंखिज्जइभागे वा होज्जा, संखेजेसु भागेसु वा होज्जा, असंखेजेसु भागेसु वा होजा, सव्वलोए वा होज्जा । णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए होज्जा । नेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाइं किं लोयस्स संखिजइभागे होजा जाव सव्वलोए होज्जा ? एगं दव्वं पडुच नो संखिज्जइभागे होजा, असंखिज्जइभागे होज्जा, नो संखेजेसु भागेसु होजा, नो असंखेज्जेसु भागेसु होजा, नो सव्वलोए होजा । णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए होजा । एवं अवत्तव्यगदव्वाइं भाणियव्वाइं ॥ ८४ ॥ नेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाइं लोगस्स किं संखेजइभार्ग फुसंति ? असंखेजइभागं फुसंति ? संखेजे भागे फुसंति ? असंखेने भागे फुसंति ? सव्वलोगं फुसंति? एगं दव्वं पडच्च लोगस्स संखेजइभागं वा फुसंति जाव सबलोगं वा फुसति । णाणादव्वाई पडुच्च नियमा सव्वलोगं फुसंति । नेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाइं लोगस्स किं संखिज्जइभागं फुसंति जाव सबलोग फुसंति ? एगं दव्वं पडुच्च नो संखिजइभागं फुसंति, असंखिजइभागं फुसंति, नो संखिज्जे भागे फुसंति, नो असंखिजे भागे फुसंति, नो सबलोयं फुसंति । णाणादव्वाई पड्डुच्च नियमा सव्वलोयं फुसंति । एवं अवत्तव्वगदव्वाइं भाणियव्वाइं ॥ ८५ ॥ णेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाई कालओ केवच्चिरं होंति ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एग समयं, उकोसेणं असंखेनं कालं । णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सम्बद्धा । अणाणुपुब्बीदव्वाइं अवत्तव्यगदव्वाइं च एवं चेव भाणियव्वाइं ॥ ८६ ॥ णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाणं अंतरं कालओ केव चिरं होइ ? एगं दव्वं पडच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अणं(तं)तकालं । णाणादव्वाइं पडुच्च णस्थि अंतरं । णेगमववहाराणं अणाणुपुव्बीदव्याणं अंतरं कालओ केवञ्चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उनोसेणं असंखेनं कालं । णाणादव्बाई पडुच णत्थि अंतरं । णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्याणं अंतरं कालओ केव चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहणणं एगं समयं, उक्कोसेणं अणंतकालं । णाणादव्वाई पड्डुच्च णस्थि अंतरं ॥ ८७ ॥णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई सेसदव्वाणं कइभागे होजा? किं संखिजइभागे होजा? असंखिजइभागे होजा? संखेजेनु भागेम होजा? असंखेजेनु भागेमु होजा ? नो संखिजइभागे होजा, नो असं खिजइभागे होजा, नो संखेजेसु भागेम होजा, नियमा असंखेजेसु भागेनु होजा । गमववहाराणं अणाणुपुथ्वीदव्वाई सेपदव्वाणं कइभागे होजा? किं संखेजइभागे होजा? असंग्वेजइभागे होजा? संखेन्जेमु भागेम होजा? असंखेन्जेमु भागेम होजा? नो संखेजइभागे Page #1171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं होजा, असंखेजइभागे होजा, नो संखेजेसु भागेसु होज्जा, नो असंखेजेसु भागेसु होजा । एवं अवत्तव्वगदव्वाणि वि भाणियव्वाणि ॥ ८८ ॥ णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं कयरंमि भावे होजा ? किं उदइए भावे होज्जा ? उवसमिए भावे होजा ? खइए भावे होजा ? खओवसमिए भावे होज्जा ? पारिणामिए भावे होजा ? सन्निवाइए भावे होज्जा ? णियमा साइपारिणामिए भावे होज्जा । अणाणुपुव्वीदव्वाणि अवत्तव्वगदव्वाणि य एवं चेव भाणियब्वाणि ॥ ८९ ॥ एएसिं भंते ! णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाणं अणाणुपुव्वीदव्वाणं अवत्तव्वगदव्वाण य दव्वठ्ठयाए पएसठ्ठ. याए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवाइं गमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाई दव्वट्ठयाए, अणाणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए विसेसाहियाई, आणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई। पएसठ्ठयाए-णेगमववहाराणं सव्वत्थोवाइं अणाणुपुत्वीदव्वाइं पएसट्टयाए, अवत्तव्यगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुत्वीदव्वाइं पएसठ्ठयाए अणंतगुणाई। दव्वट्ठपएसट्ठयाए-सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दव्वयाए, अणाणुपुव्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए अपएसठ्ठयाए विसेसाहियाई, अवत्तव्वगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुत्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई, ताई चेव पएसट्टयाए अणंतगुणाई । सेत्तं अणुगमे । सेत्तं णेगमववहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी ॥ ९० ॥ से किं तं संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी ? संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता । तंजहा-अट्ठपयपरूवणया १ भंगसमुक्त्तिणया २ भंगोवदंसणया ३ समोयारे ४ अणुगमे ५॥ ९१ ॥ से किं तं संगहस्स अट्टपत्यपरूवणया ? संगहस्स अट्ठपयपख्वणया-तिपएसिए आणुपुव्वी, चउप्पएसिए आणुपुव्वी जाव दसपएसिए आणुपुव्वी, संखिजपएसिए आणुपुव्वी, असंखिजपएसिए आणुपुव्वी, अणंतपएसिए आणुपुव्वी, परमाणुपोग्गले अणाणुपुव्वी, दुपएसिए अवत्तव्वए । सेत्तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ॥ ९२ ॥ एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं ? एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुक्तित्तणया कजइ । से किं तं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया ? संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया-अस्थि आणुपुत्वी १ अत्थि अणाणुपुव्वी २ अत्थि अवत्तव्वए ३ अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य ४ अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अवत्तव्वए य ५ अहवा अस्थि अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य ६ अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुवी य अवत्तव्वए य ७ एवं सत्तभंगा । सेत्तं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया। एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणयाए किं पओयणं ? एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणयाए भंगोवदं Page #1172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संगहाणुपुत्वीदव्वभावपुच्छा] सुत्तागमे सणया कीरइ ॥ ९३ ॥ से किं तं संगहस्स भंगोवदंसणया ? संगहस्स भंगोवदंसणयातिपएसिया आणुपुब्वी १ परमाणुपोग्गला अणाणुपुव्वी २ दुपएसिया अवत्तव्वए ३ अहवा तिपएसिया य परमाणुपुग्गला य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य ४ अहवा तिपएसिया य दुपएसिया य आणुपुव्वी य अवत्तव्वए य ५ अहवा परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य अणाणुपुची य अवत्तव्वए य ६ अह्वा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य ७ । सेत्तं संगहस्स भंगोवदंसणया ॥ ९४ ॥ से किं तं संगहस्स समोयारे ? संगहस्स समोयारे (भणिजइ) । संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुचीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाइं आणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति, नो अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति । एवं दोन्नि वि सट्टाणे सट्टाणे समोयरंति । सेत्तं समोयारे ॥ ९५ ॥ से किं तं अणुगमे ? अणुगमे अट्टविहे पण्णत्ते। तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया, देव्वपमाणं च खित्तै फुसौँ य । कालो य अंतरं भाग, भांवे अप्पावडं नत्थि ॥१॥ संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाइं किं अत्थि नस्थि ? णियमा अस्थि । एवं दोन्नि वि । संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाइं किं संखिजाई ? असंखिजाई ? अणंताई ? नो संखिजाई, नो असंखिज्जाई, नो अणंताई, नियमा एगो रासी । एवं दोन्नि वि । संगहस्स आणुपुब्बीदव्वाइं लोगस्स कइभागे होजा? कि संखिजइभागे होजा ? असंखिज्जइभागे होजा ? संखेजेस भागेसु होजा? असंखेजेसु भागेसु होजा ? सव्वलोए होजा ? नो संखिजइभागे होजा' नो असं खिजइभागे होजा, नो संखेजेसु भागेम होजा, नो असंखेजेसु भागेसु होजा, नियमा सव्वलोए होज्जा । एवं दोन्नि वि । संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई लोगस्स कि संखेजइभागं फुसंति ? असंखेजइभागं फुसंति ? संखेने भागे फुसंति ? असंबजे भागे फुसंति ? सव्वलोगं फुसंति ? नो संखेजइभागं फुसंति जाब णियमा सबलोगं फुसंति । एवं दोनि वि । संगहस्स आणुपुव्वीदवाई कालओ केवचिरं होति ? (नियमा) सव्वदा । एवं दोनि वि । संगहस्स आणुपुव्वीव्वाणं कालओ कश्चिरं अंतर होइ ? पत्थि अंतरं । एवं दोन्नि वि। संगहस्स आणुपुब्बीदव्वाई सेमदव्याणं कइभागे होज्जा ? किं संखिजइभागे होजा? असं खिजइभागे होजा ? संबजे भागेम होजा ? असंखेजेमु भागेमु होजा? नो संखिजइभागे होजा, नो असं खिजइभागे होजा, नो संखेजेमु भागेन होजा, नो असंग्वेजेस भागेग होजा, नियमा तिभागे होजा । एवं दोनि वि । संगहस्स आणावीदबाएं Page #1173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०९८ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं कयरम्मि भावे होज्जा ? नियमा साइपारिणामिए भावे होजा। एवं दोन्नि वि । अप्पाबहुं नत्थि । सेत्तं अणुगमे । सेत्तं संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी । सेत्तं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी ॥ ९६ ॥ से किं तं उवणिहिया दव्वाणुपुव्वी ? उवणिहिया दव्वाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुव्वी य ३ ॥९७ ॥ से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुव्वी-धम्मत्थिकाए १ अधम्मत्थिकाए २ आगासत्थिकाए ३ जीवत्थिकाए ४ पोग्गलत्थिकाए ५ अद्धासमए ६ । सेत्तं पुव्वाणुपुवी। से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुव्वी-अद्धासमए ६ पोग्गलत्थिकाए ५ जीवत्थिकाए ४ आगासत्यिकाए ३ अधम्मत्थिकाए २ धम्मत्थिकाए १। सेत्तं पच्छाणुपुवी। से किं तं अणाणुपुवी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छेगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो। सेत्तं अणाणुपुव्वी ॥ ९८ ॥ अहवा उवणिहिया दव्वाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहापुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुन्वी ३ । से किं तं पुव्वाणुपुवी ? पुव्वाणुपुव्वी-परमाणुपोग्गले १ दुपएसिए २ तिपएसिए ३ जाव दसपएसिए १० संखिजपएसिए ११ असंखिज्जपएसिए १२ अणंतपएसिए १३ । सेत्तं पुवाणुपुव्वी । से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुव्वी-अणंतपएसिए १३ जाव परमाणुपोग्गले १ । सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुव्वी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए अणंतगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो। सेत्तं अणाणुपुव्वी। सेत्तं उवणिहिया दव्वाणुपुव्वी। सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वाणुपुवी। सेत्तं नोआगमओ दव्वाणुपुव्वी । सेत्तं दवाणुपुव्वी ॥ ९९ ॥ से किं तं खेत्ताणुपुव्वी ? खेत्ताणुपुव्वी दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-उवणिहिया य अणोवणिहिया य ॥ १०० ॥ तत्थ णं जा सा उवणिहिया सा ठप्पा । तत्थ णं जा सा अणोवणिहिया सा दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-णेगमववहाराणं १ संगहस्स य २ ॥ १०१॥ से किं तं गमववहाराणं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी ? णेगमववहाराणं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुटवी पंचविहा पण्णत्ता । तंजहा-अट्ठपयपरूवणया १ भंगसमुक्कित्तणया २ भंगोवदंसणया ३ समोयारे ४ अणुगमे ५ । से किं तं गमववहाराणं अठ्ठपयपरूवणया ? णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया-तिपएसोगाढे आणुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आणुपुव्वी, संखिजपएसोगाढे आणुपुव्वी, असंखिजपएसोगाढे आणुपुव्वी, एगपएसोगाढे अणाणुपुव्वी, दुपएसोगाढे अवत्तव्वए, तिपएसोगाढा आणुपुवीओ जाव दसपएसोगाढा आणुपुत्वीओ, असंखिज्जपएसोगाढा आणुपुव्वीओ, . १ 'समूह' । २ पच्चंतरे एसो पाढो नत्थि । THHTHHTHHTHHTHHE Page #1174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णे० ववहाराणुपु० दव्वफुसणापु०] सुत्तागमे एगपएसोगाढा अणाणुपुत्वीओ, दुपएसोगाढा अवत्तव्वगाइं । सेत्तं णेगमववहाराणं अपयपख्वणया । एयाए णं णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं ? एयाए० णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए णेगमववहाराणं भंगसमुकित्तणया कन्जइ । से किं तं णेगमववहाराणं भंगसमु कित्तणया ? णेगमववहाराणं भंगसमुक्त्तिणयाअस्थि आणुपुव्वी १ अस्थि अणाणुपुव्वी २ अत्थि अवत्तव्वए ३ एवं दव्वाणुपुव्वीगमेणं खेत्ताणुपुव्वीए वि ते चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव सेत्तं णेगमववहाराणं भंगसमुक्तित्तणया । एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमु कित्तणयाए किं पओयणं ? एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्त्तिणयाए भंगोवदंसणया कीरइ । से किं तं गमववहाराणं भंगोवदंसणया? णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया-तिपएसोगाढे आणुपुव्वी १ एगपएसोगाढे अणाणुपुव्वी २ दुपएसोगाढे अवत्तव्वए ३ तिपएसोगाढा आणुपुव्वीओ ४ एगपएसोगाढा अणाणुपुवीओ ५ दुपएसोगाढा अवत्तव्यगाई ६ अहवा तिपएसोगाढे य एगपएसोगाढे य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य एवं तहा चेव दव्वाणुपुव्वीगमेणं छब्बीसं भंगा भाणियव्वा जाब सेत्तं णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया । से किं तं समोयारे ? समोयारे-णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ?. आणुपुत्वीदव्वाई आणुपुत्वीदव्वेहिं समोयरंति, नो अणाणुपुब्बीदव्येहिं समोयरंति, नो अवत्तव्ययदव्वेहिं समोयरंति । एवं दोन्नि वि सहाणे सट्टाणे समोयरंति । सेत्तं समोयारे। से किं तं अणुगमे ? अणुगमे नवविहे पण्णत्ते । तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया, दैव्वपमाणं च खित्त फुसणी य । कालो य अंतरं भाग, भावे अप्पाहुं चैव ॥ १ ॥णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं किं अत्थि नत्थि ? णियमा अस्थि । एवं दोन्नि वि । णेगमववहाराणं आणपुव्वीदव्वाइं किं संखिज्जाई? असंखिजाई ? अणंताई ? नो संखिजाई, नो असंखिज्जाई, अणंताई। एवं दोन्नि वि। णेगमववहाराणं आणुपुब्बीदव्वाई लोगस्स किं संखिजइभागे होजा? असंखिजइभागे होजा ? जाव सब्बलोए होना ? एगं दव्यं पडुन संखिज्जइभागे वा होजा, असंखिजाभागे वा होजा, संग्वेजेग्नु भागेनु वा होजा, असंखेज्जेमु भागेमु वा होजा, देसूणे वा लोए होजा । णाणादव्वाई पडुश्च नियमा सव्वलोए होजा । णेगमववहाराणं अणाणुपुथ्वीदवाणं पुच्छाए-एगं दथ्वं पडच नो संखिजइभागे होजा, असंखिजइभागे होजा, नो संखेजेनु भागेसु होजा, नो असंखेज्जेमु भागेनु होजा, नो सव्यलोए होजा । णाणादव्वाइं पडुश्च नियमा सव्वलोए होजा। एवं अवत्तव्यगदव्याणि वि भाणियव्याणि । गमववहाराणं आणुपुब्वीदव्वाइं लोगस्स कि संखि Page #1175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं जइभागं फुसंति ? असंखिज्जइभागं फुसंति ? संखेज्जे भागे फुसंति ? असंखेज्जे भागे फुसंति ? सव्वलोगं फुसंति ? एगं दव्वं पडुच्च संखिज्जइभागं वा फुसइ, असंखिज्जइभागं वा फुसइ, संखेजे भागे वा फुसइ, असंखेज्जे भागे वा फुसइ, देसृणं वा लोगं फुसइ । णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोयं फुसंति । अणाणुपुव्वीदव्वाइं अवत्तव्ययदव्वाइं च जहा खेत्तं नवरं फुसणा भाणियव्वा । णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं कालओ केवच्चिरं होंति ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेजं कालं । णाणादव्वाइं पडुच्च णियमा सव्वद्धा । एवं दुणि वि । णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाणमंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेनं कालं । नाणादव्वाइं पडुच्च णत्थि अंतरं । णेगमववहाराणं आणुपुवीदव्वाइं सेसदव्वाणं कइभागे होजा ? तिणि वि जहा दव्वाणुपुब्बीए । णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं कयरम्मि भावे होज्जा ? नियमा साइपारिणामिए भावे होजा। एवं दोन्नि वि । एएसि णं भंते ! णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाणं अणाणुपुवीदव्वाणं अवत्तव्वगदव्वाणं च दव्वट्ठयाए पएसट्टयाए दव्वठ्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवाई णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाई दव्वट्ठयाए, अणाणुपुव्वीदव्वाई दव्वट्ठयाए विसेसाहियाई, आणुपुत्वीदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेजगुणाई, पएसट्टयाए-सव्वत्थोवाईणेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्बाई अपएसठ्ठयाए, अवत्तव्वगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुव्वीदव्वाइं पएसट्ठयाए असंखेजगुणाई, दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवाइं णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दव्वट्टयाए, अणाणुपुवीदव्वाइं दव्वठ्ठयाए अपएसट्टयाए विसेसाहियाई, अवत्तव्वगदव्वाइं पएसट्टयाए विसेसाहियाई, आणुपुव्वीदव्याई दबढ़याए असंखेजगुणाई, ताई चेव पएसट्टयाए असंखेजगुणाई । सेत्तं अणुगमे । सेतं णेगमववहाराणं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी ॥ १०२ ॥ से किं तं संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी ? संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता। तंजहा-अठ्ठपयपरूवणया १ भंगसमुक्तित्तणया २ भंगोवदंसणया ३ समोयारे ४ अणुगमे ५ । से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ? संगहस्स अट्ठपयपरूवणयातिपएसोगाढे आणुपुव्वी, चउप्पएसोगाढे आणुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आणुपुव्वी, संखिज्जपएसोगाढे आणुपुव्वी, असंखिजपएसोगाढे आणुपुव्वी, एगपएसोगाढे अणाणुपुव्वी, दुपएसोगाढे अवत्तव्वए । सेत्तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया । एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं १० संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया कज्जइ । से किं तं संगहस्स भंगसमुक्तित्तणया ? संगहस्स भंग Page #1176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ति० खे० पुव्वाणुपुव्वी] सुत्तागमे समुकित्तणया-अत्थि आणुपुव्वी १ अत्थि अणाणुपुव्वी २ अत्थि अवत्तव्बए ३ अहवा अत्थि आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य एवं जहा दव्वाणुपुव्वीए संगहस्स तहा भाणियव्वा जाव सेत्तं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणया । एयाए णं संगहस्स भंगसमुकित्तणयाए किं पओयणं ? एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्त्तिणयाए भंगोवदंसणया कजइ । से किं तं संगहस्स भंगोवदंसणया ? संगहस्स भंगोवदंसणया-तिपएसोगाढे आणुपुव्वी १ एगपएसोगाढे अणाणुपुवी २ दुपएसोगाढे अवत्तव्वए ३ अहवा तिपएसोगाढे य एगपएसोगाढे य आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य एवं जहा दव्वाणुपुवीए संगहस्स तहा खेत्ताणुपुवीए वि भाणियव्वं जाव सेत्तं संगहस्स भंगोवदंसणया । से किं तं समोयारे ? समोयारे-संगहस्स आणुपुत्वीदव्वाइं कहिं समोयरंति ? किं आणपुव्वीदव्वेहि समोयरंति ? अणाणुपुब्धीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति ? तिण्णि वि सट्ठाणे समोयरंति । सेत्तं समोयारे । से किं तं अणुगमे ? अणुगमे अढविहे पण्णत्ते। तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया, दैव्वपमाणं च खित्तै फुसणा य । कालो य अंतरं भाग़, भावे अप्पावहुं णत्थि ॥ १ ॥ संगहस्स आणुपुव्वीदव्याई कि अस्थि णत्थि? णियमा अस्थि । एवं दुण्णि वि । सेसगदाराइं जहा दवाणुपुवीए संगहस्स तहा खेत्ताणुपुवीए वि भाणियव्वाई जाव सेत्तं अणुगमे । सेत्तं संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुवी । सेत्तं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुब्बी ॥ १०३ ॥ से किं तं उवणिहिया खेत्ताणुपुब्बी ? उवणिहिया खेत्ताणुपुब्बी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुब्बी २ अणाणुपुब्बी य ३ । से किं तं पुवाणुपुब्बी ? पुव्वाणुपुब्बी-अहोलोए १ तिरियलोए २ उहलोए ३ । सेत्तं पुयाणपुची । से किं तं पच्छाणुपुब्बी ? पच्छाणुपुवी-उडलोए ३ तिरियलोए २ अहोलोए १ । सेत्तं पन्छाणपुवी । से किं तं अणाणुपुब्बी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए तिगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवृणो । सेत्तं अणाणुपुची । अहोलोयखेत्तागुपुब्बी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-पुव्वाणपुवी १ पच्छाणपुयी २ अणाणपुब्धी ३ । से किं ते पुव्वाणपुब्बी ? पुव्वाणुपुब्बी-रयणप्पभा १ सघारप्पभा २ वालयप्पभा ३ पंकप्पभा ४ धूमप्पभा ५ तमप्पभा ६ तमतमप्पभा ७ । सेत्तं पुयाणपुब्बी । से कि तं पच्छाशुपुब्बी ? पच्छाणुपुबी-तमतमध्यभा ७ जाव रयणप्पमा १ । सेत्तं पच्छाणुपुत्री । से किं तं अणाणुपुब्बी ? अणाणुपुवी-गयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए सत्तगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुम्वृगो । सेतं अणाणपुब्धी । तिरियलोयसेत्ताणुपुवी तिविहा पण्णत्ता । जहा-पुयाणपुब्बी १ पन्छागुपुब्बी २ अणाणुपुब्बी ३ । से किं पुव्वाणुपुब्बी ? पुव्वाणुपुब्बी Page #1177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं गाहाओ - जंबूदीवे लवणे, धायइ कालोय पुक्खरे वरुणे । खीर घय खोय नंदी, अरुणवरे कुंडले रुयगे ॥ १ ॥ आभरण वत्थ गंधे, उप्पल तिलए य पुढवि निहि रयणे । वासहर दह नईओ, विजया वक्खार कप्पिंदा ॥ २ ॥ कुरु मंदर आवासा, कूडा नक्खत्त चंद सूरा य। देवे नागे जक्खे, भूए य सयंभुरमणे य ॥ ३ ॥ सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी । से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुव्वी - सयंभूरमणे य जाव जंबूदीवे । सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुव्धी ? अगाणुपुव्वी - एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखेज्जगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुस्वणो । सेत्तं अणाणुपुव्वी । उढलोयखेत्ताणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा- पुव्वाणुपुच्ची १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुव्वी ३ । से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुव्वीसोहम् मे १ ईसाणे २ सणकुमारे ३ माहिंदे ४ बंभलोए ५ लंतए ६ महासुके ७ सहस्सारे ८ आणए ९ पाणए १० आरणे ११ अच्चुए १२ गेवेज्जविमाणे १३ अणुत्तरविमाणे १४ ईसिप भारा १५ । सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी । से किं तं पच्छाणुपुच्ची ? पच्छाणुपु०वी - ईसिप भारा १५ जाव सोहम् मे १ । सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुव्वी - एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए पन्नरसगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवणो । सेत्तं अणाणुपुब्वी । अहवा उवणिहिया खेताणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा - पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुन्वी य ३ । से किं तं पुव्वाणुपुथ्वी ? पुव्वाणुपुव्वी- एगपए सोगाढे, दुपएसोगाढे जात्र दसपएसोगाढे जाव संखिजपए सोगाढे, असंखिज्जपएसोगाढे । सेत्तं पुव्वाणुपुच्ची । से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुव्वी - असं खिज्जपए सोगाढे, संखि जपए सोगाढे जाव एगपएसोगाढे । सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुब्बी ? अणाणुपुब्वी - एयाए वएगाइयाए एगुत्तरियाए असंखिजगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो । सेत्तं अणाणुपुव्वी। सेत्तं उवणि हिया खेत्ताणुपुव्वी । सेत्तं खेत्ताणुपुव्वी ॥ १०४ ॥ से किं तं कालाणुपुव्वी ? कालाणुपुव्वी दुबिहा पण्णत्ता । तंजहा-उवणिहिया य १ अणोवणहिया य २ ॥ १०५ ॥ तत्थ णं जा सा उवणिहिया सा ठप्पा । तत्थ णं जा सा अणोवणिहिया सा दुविहा पण्णत्ता । तंजहा - णेगमववहाराणं १ संगहस्स य २ ॥ १०६ ॥ से किं तं णेगमववहाराणं अणोवणिहिया कालाणुपुच्ची ? णेगमवत्रहाराणं अणोवणिहिया कालाणुपुव्वी पंचविहा पण्णत्ता । तंजहा - अट्टपयपरूवणया १ भंगसमु वित्तणया २ भंगोवदंसणया ३ समोयारे ४ अणुगमे ५ ॥ १०७ ॥ से किं ११०२ १ जंबुद्दीवाओ खलु, निरंतरा सेसया असंखइमा । भुयगवर कुसवराविय, कोंचवराभरणमाई य ॥ वायणंतरे एसा गाहा वि लब्भइ । Page #1178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णे० णाणादव्वाइं पडुच्च] सुत्तागमे तं गमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया ? णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया-तिसमयठिइए आणुपुव्वी जाव दससमयट्ठिइए आणुपुव्वी, संखिज्जसमयटिइए आणुपुव्वी, असंखिजसमयढिइए आणुपुव्वी, एगसमयट्टिइए अणाणुपुव्वी, दुसमयट्टिइए अवत्तव्वए, तिसमय ढिइयाओ आणुपुव्वीओ, एगसमयट्टिइयाओ अणाणुपुव्वीओ, दुसमयहिइयाई अवत्तव्वगाई। सेत्तं णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया । एयाए णं णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं ?० णेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए णेगमववहाराणं भंगसमुक्त्तिणया कजइ ॥ १०८ ॥ से किं तं गमववहाराणं भंगसमुकित्तणया ? णेगमववहाराणं भंगसमुक्त्तिणया-अत्थि आणुपुबी १ अस्थि अणाणुपुव्वी २ अस्थि अवत्तव्वए ३ एवं दव्वाणुपुवीगमेणं कालाणुपुव्वीए वि ते चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव सेत्तं णेगमववहाराणं भंगसमु. कित्तणया । एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुक्त्तिणयाए किं पओयणं ? एयाए णं णेगमववहाराणं भंगसमुनित्तणयांए णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया कज्जइ ॥ १०९ ॥ से किं तं गमववहाराणं भंगोवदंसणया ? णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया-तिसमयट्ठिइए आणुपुव्वी १ एगसमयट्ठिइए अणाणुपुव्वी २ दुसमयढिइए अवत्तत्रए ३ तिसमयट्ठिश्याओ आणुपुब्बीओ ४ एगसमयढ़िइयाओ अणाणुपुव्वीओ ५ दुसमयढिइयाई अवत्तव्वगाइं ६ । अह्वा तिसमय ट्ठिइए य एगसमयट्ठिइए य आणुपुब्बी य अणाणुपुत्री य एवं तहा दव्वाणुपुवीगमेणं छठवीसं भंगा भाणियव्या जाव सत्तं णेगमववहाराणं भंगोवदंसणया ॥ ११० ॥ से किं तं समोयारे ? समोयारे गमववहाराणं आणुपुचीदव्वाइं कहिं समोयरंति ? किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरति ? अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति ? अवत्तव्वयदव्वेहि समोयरंति ? एवं तिण्णि वि सहाणे समोयरंति इति भाणियव्वं । सेत्तं समोयारे ॥१११॥ से किं तं अणुगमे ? अणुगमे नवविहे पण्णत्ते। तंजहा-गाहा-संतपयपरूवणया,दव्वपमाणं च खित्तै फुसणा य । कालो य अंतरं भाग, भावे अप्पाहुं चेव ॥ १॥णेगमववहाराणं आणुपुवी. दव्याई कि अस्थि णस्थि ? णियमा तिण्णि वि अस्थि । णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्याई कि संखिज्जाई ? असंखिज्जाई ? अणंताई ? नो संखिजाई, नियमा असंखिजाई, नो अणंताई । एवं दुण्णि वि । णेगमववहाराणं आणुपुब्बीदव्बाई लोगस्स कि संखिजइभागे होजा? असंखिज्जइभागे होजा? संखेजेसु भागेसु होजा ? असंखेजेग भागेमु होजा ? सव्वलोए होज्जा ? एगं दव्यं पङ्घय संखिजदभागे वा होजा, असंखिजइभागे पा होजा, संखेजेसु भागेमु वा होजा, असंखेजेसु भागेसु वा होजा, (प)दमृणे वा लोए होज्जा । णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए होजा । (आए Page #1179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुतागमे [ अणुभगदारसुतं 1 संतरेण वा सव्त्रपुच्छासु होजा) एवं अणाणुपुव्वीदव्वाणि अवत्तव्वगदव्वाणि व जहा खेत्ताणुपुव्वी । एवं फुसणा कालाणुपुव्वीए वि तहा चेव भाणियव्वा । गमववहाराणं आणुपुव्वदव्वाई कालओ केवश्विरं होंति ? एगं दव्वं पहुच जणेणं तिण्णि समया, उक्कोसेणं असंखेजं कालं । णाणादव्वाइं पडुच्च सव्वद्धा । णेगमववहाराणं अणाणुपुग्वदव्वाइं कालओ केवश्चिरं होंति ? एगं दव्वं पडुच अजहष्णमणुकोसेणं एकं समयं णाणादव्वाई पडुच्च सव्वद्धा । अवत्तव्वगदव्वाणं पुच्छा ? एगं दव्वं पडुच्च अजहण्णमणुक्कोसेणं दो समया, णाणादव्वाई पच्च सव्वद्धा । गमववहाराणं आणुपुव्वदव्वाणमंतरं कालओ केवश्चिरं होइ ? एगं दव्वं पहुन्च जहणणं एगं समयं उक्कोसेणं दो समया । णाणादव्वाइं पडुच्च णत्थि अंतरं । णेगमववहाराणं अणाणुपुव्वदव्वाणं अंतरं कालओ केवश्चिरं होइ ? एगं दव्वं पडुच्च जहणणं दो समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं । णाणादव्वाई पडुच्च णत्थि अंतरं । णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाणं पुच्छा ? एगं दव्वं पच्च जहणणेणं एवं समयं उक्कोसेणं असंखेजं कालं । णाणादव्वाई पडुच्च णत्थि अंतरं । भागभावअप्पाबहुं चेव जहा खेत्ताणुपुत्रीए तहा भाणियव्वाई जावसेत्तं अणुगमे । सेत्तं णेगमववहाराणं अणोवणिहिया कालापुव्व ॥ ११२ ॥ से किं तं संगहस्स अणोवणिहिया कालाणुपुथ्वी ? संगहस्स अवणिहिया कालापुव्वी पंचविहा पण्णत्ता । तं जहा - अट्ठपयपरूवणया १ भंगसमुवित्तणया २ भंगोवदंसणया ३ समोयारे ४ अणुगमे ५ ॥ ११३ ॥ से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया ? संगहस्स अट्ठपयपरूवणया- एयाइं पंच विदाराई जहा खेत्ताणुपुवीए संगहरू कालाणुपुव्वीए वि तहा भाणियव्वाणि । णवरं ठिङ्-अभिलावो जावसेत्तं अणुगमे । सेत्तं संगहस्स अणोवणिहिया कालाणुपुव्वी ॥ ११४ ॥ से किं तं उवणिहिया कालाणुपुव्वी ? उवणिहिया कालाणुपुब्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजा - पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुव्वी ३ । से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुवी - समए १ आवलिया २ आणापाणू ३ थोवे ४ लवे ५ मुहुत्ते ६ अहोरत्ते ७ पक्खे ८ मासे ९ उऊ १० अयणे ११ संवच्छरे १२ जुगे १३ वाससए १४ वाससहस्से १५ वाससयसहस्से १६ पुव्वंगे १७ पुव्वे १८ तुडियंगे १९ तुडिए २० अडडंगे २१ अडडे २२ अववंगे २३ अववे २४ हुहुयंगे २५ हुहुए २६ उप्पलंगे २७ उप्पले २८ पउमंगे २९ पउमे ३० णलिणंगे ३१ णलिणे ३२ अत्थनिउरंगे ३३ अत्थनिउरे ३४ अउयंगे ३५ अउए ३६ नउयंगे ३७ नउए ३८ पउयंगे ३९ पउए ४० चूलियंगे ४१ चूलिया ४२ सीसपहेलियंगे ४३ सीसपहेलिया ४४ पलिओवमे ४५ सागरोवमे ४६ ओसप्पिणी ४७ उस्सप्पिणी ४८ पोग्गलपरि ११०४ Page #1180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सं० पुव्वाणुपुव्वी] सुत्तागमे य? ४९ अतीतद्धा ५० अणागयद्धा ५१ सव्वद्धा ५२ । सेत्तं पुव्वाणुपुवी। से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुची-सव्वद्धा ५२ अणागयद्धा ५१ जाव समए १। सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुवी ? अणाणुपुवी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए अणंतगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो। सेत्तं अणाणुपुव्वी। अहवा उवणिहिया कालाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुब्बी ३ । से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुव्वी-एगसमयटिइए, दुसमयटिइए, तिसमयटिइए जाव दससमयट्ठिइए, संखिज्जसमयटिइए, असंखिज्जसमयट्टिइए । सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी। से किं तं पच्छाणुपुव्वी? पच्छाणुपुब्बी-असंखिजसमयट्ठिइए जाव एगसमयट्ठिइए । सेत्तं पच्छाणुपुब्बी। से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुव्वी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखिजगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो । सेत्तं अणाणुपुवी । सेत्तं उवणिहिया कालाणुपुव्वी । सेत्तं कालाणुपुवी ॥ ११५ ॥ से किं नं उछित्तणाणुपुवी ? उकित्तणाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुब्बी य ३ । से किं तं पुव्वाणुपुब्बी ? पुव्याणपुवी-उसभे १ अजिए २ संभवे ३ अभिणंदणे ४ सुमई ५ पउमप्पहे ६ सुपासे ७ चंदप्पहे ८ मुविही ९. सीयले १० सेजसे ११ वामुपुज्जे १२ विमले १३ अणंते १४ धम्मे १५ संती १६ कुंथू १७ अरे १८ मल्ली १९ मुणिसुव्वए २० णमी २१ अरिटणेमी २२ पाने २३ वद्धमाणे २४ । सेत्तं पुव्वाणषुब्बी। से किं तं पच्छाणुपुब्बी ? पच्छाणुघुब्बी-बद्रमाणे २४ जाब उसभे १ । सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुब्बी ? अणागुपुब्बी-एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए चउवीसगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णभासो नुवृणो । सेत्तं अणाणुपुब्बी। सेत्तं उकित्तणाणुपुब्बी॥११६ ॥ से किं नं गणणाणुपुवी ? गणणाणुपुब्बी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-पुवाणुपुव्वी १ पच्छागुपुची २ अशाणुपुब्बी ३ । से किं तं पुवाणुपुब्बी ? पुव्वाणुपुवी-एगो, दस, सयं, महरन, दगमहरमाई, सयसहस्सं, दसरायसहस्साई, कोडी, दसकोडीओ, कोडीसयं, दमकोडिगयाई । सेत्तं पुव्याणुपुब्धी। से किं तं पच्छाणुपुब्बी ? पच्छाणुपुवीदगकोडिगयाई जाव ए(को)गो । सेत्तं पच्छाणपुब्बी । मे किं तं अणाणुपुब्बी ? अणाणुएबी-एमाए चैव एगाइयाए एगुलरियाए दसकोडिसयगच्छगयाए संदीए अण्णमण्णभागो दुरुपूणो । सत्तं अणाणपुब्बी । सेत्तं गणणाणुपुवी ॥ ११७ ॥ में किं तं संठाणाणुपुबी ? संठाणाणुपुबी तिविहा पण्णत्ता । जहापुत्वाणुपुब्बी १ पच्छाणुपुची २ अणाणुपुब्धी ३ । से किं तं पुब्बाणपुवी ? पुवाणुपुवी-समचररंसे १ निग्गोहमंडले २ गाई ३ ग्लुजे ४ वामणे ५ हुंढे ६ । मुत्ता . Page #1181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी । से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? प० - हुंडे ६ जाव समचउरंसे १ । सेत्तं पच्छाणुपुव्वी । से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुव्वी - एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरिया छगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरुबूणो । सेत्तं अणाणुपुव्वी । सेत्तं संठाणाणुपुवी ॥ ११८ ॥ से किं तं सामायारीआणुपुब्बी ? सामायारीआणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा - पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुब्बी ३ । से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुव्वी- गाहाT- इच्छा-मिच्छा तहकारी, आवसिया य निसीहिया । आपुच्छणा य पडिपुच्छा, छंदणी य निमंतणी ॥ १ ॥ उवसंपय य काले, समायारी भवे दसविहा उ । सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी । से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुब्बी - उवसंपयी जाव इच्छागारो । सेत्तं पच्छाणुपुथ्वी । से किं तं अणाणुपुच्ची ? अणाणुपुब्बी - एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए दस गच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो । सेत्तं अणाणुपुव्वी । सेत्तं सामायारीआणुपुथ्वी ॥ ११९ ॥ से किं तं भावाणुपुव्वी ? भावाणुपुव्वी तिविहा पण्णत्ता । तंजहा - पुव्वाणुपुव्वी १ पच्छाणुपुव्वी २ ११०६ gya । से किं तं पुचाणुपुव्वी ? पुव्वाणुपुथ्वी - उदइए १ उवसमिए २ खाइए ३ खओवसमिए ४ पारिणामिए ५ सन्निवाइए ६ । सेत्तं पुव्वाणुपुव्वी । से किं तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुव्वी- सन्निवाइए ६ जाव उदइए १ । सेत्तं पच्छाणुपुच्ची । से किं तं अणाणुपुव्वी ? अणाणुपुव्वी - एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए हगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुख्वणो । सेत्तं अणाणुपुव्वी । सेत्तं भावाणुपुच्ची । सेत्तं आणुपव्व ॥ १२० ॥ 'आणुपुथ्वी' ति पयं समत्तं ॥ 3 से किं तं णामे ? णामे दसविहे पण्णत्ते । तंजहा- एगणा मे १ दुणामे २ तिणामे ३ चणामे ४ पंचनामे ५ छणामे ६ सत्तणामे ७ अट्टणामे ८ नवणामे ९ दराणामे १० ॥ १२१ ॥ से किं तं एगणामे ? एगणामे- गाहा-णामाणि जाणि काणि वि, दव्वाण गुणाण पज्जवाणं च । तेसिं आगमनिहसे, 'नाम' ति परूविया सण्णा ॥ १ ॥ सेत्तं एगणामे ॥ १२२ ॥ से किं तं दुणामे ? दुणामे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा- एगक्खरिए य १ अक्खरिए य २ । से किं तं एगक्खरिए ? एगक्खरिए अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहाही, श्री, धी, स्त्री । सेत्तं एगक्खरिए । से किं तं अणेगक्खरिए ? अणेगक्खरिए-कन्ना, वीणा, लया, माला। सेत्तं अणेगक्खरिए । अहवा दुणामे दुविहे पण ते । तं जहाजीवणामे य १ अजीवणामे य २ । से किं तं जीवणामे ? जीवणामे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा- देवदत्तो, जण्णदत्तो, विण्हुदत्तो, सोमदत्तो । सेत्तं जीवणामे । से किं तं अजीवमे ? अजीवणामे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा घडो, पडो, कडो, रहो । सेतं अजीव१ ही, २ सी (अवब्भंसे), ३ धी, ४ थी । Page #1182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वि० ग० च० थ० पं० ति०] सुत्तागमे ११०७ णामे । अहवा दुणामे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-विसेसिए य १ अविसेसिए य २ । अविसेसिए-दव्वे । विसेसिए-जीवदव्वे, अजीवदव्वे य । अविसेसिए-जीवदव्वे। विसेसिएणेरइए, तिरिक्खजोणिए, मणुस्से, देवे। अविसेसिए-णेरइए । विसेसिए-रयणप्पहाए, सकरप्पहाए, वालुयप्पहाए, पंकप्पहाए, धूमप्पहाए, तमाए, तमतमाए । अविसेसिएरयणप्पहापुढविणेरइए। विसेसिए-पज्जत्तए य, अपज्जत्तए य । एवं जाव अविसेसिएतमतमापुढविणेरइए । विसेसिए-पज्जत्तए य, अपजत्तए य । अविसेसिए-तिरिक्खजोणिए । विसेसिए-एगिदिए, बेइंदिए, तेइंदिए, चउरिदिए, पंचिंदिए । अविसेसिएएगिदिए । विसेसिए-पुढविकाइए, आउकाइए, तेउकाइए, वाउकाइए, वणस्सइकाइए। अविसेसिए-पुढविकाइए । विसेसिए-सुहुमपुढविकाइए य, बायरपुढविकाइए य । अविसेसिए-मुहमपुढविकाइए । विसेसिए-पजत्तयसुहुमपुढविकाइए य, अपजत्तयसुहमापुढविकाइए य । अविसेसिए-बायरपुढविकाइए । विसेसिए-पज्जत्तयबायरपुढविकाइए य, अपज्जत्तयवायरपुढविकाइए य । एवं आउकाइए, तेउकाइए, वाउकाइए, वणस्सइकाइए, अविसेसियविसेसियपज्जत्तयअपजत्तयभेएहिं भाणियव्वा । अविसेसिएबेइंदिए । विसेसिए-पज्जत्तयबेइंदिए य, अपजत्तयबेइंदिए य। एवं तेइंदियचउरिंदिया वि भाणियव्वा । अविसेसिए-पंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए-जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए, थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोगिए, खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । अविससिए-जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए-समुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, गब्भवतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिएसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए-पजत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिदियतिरिक्वजोणिए य, अपजत्तयसंमुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविमगिए-गव्भवतियजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए-पजत्तयगब्भवतियजलयरपंचिंदियतिरिक्ख जोणिए य, अपजत्तयगन्भवतियजलयरपंचिंदियतिरिक्वजोगिए य । अविसेसिए-थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए-चउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य. परिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविससिए-च उप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोगिए । विसेसिए-सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्वजोणिए य, गन्भवतियच उपयथलयरपंचिंदियतिरिपख जोणिए य । अविसेसिए-सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेमिए-पजत्नयसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपजत्तयसम्मुन्छिमच उप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अबिसेसिए-गब्भवतियचउपयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विससिए-पजत्तयगब्भवतियचउप्पयथल Page #1183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ अणुओगदारसुतं यरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपज्जत्तयगब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए - परिसप्पथलयर पंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए - उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, भुयपरिसप्पथलयर पंचिंदियतिरिक्खजोए । एवि सम्मुच्छिमा पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य गब्भवक्कंतिया वि पज्जत्तगा अपज्जत्तगा य भाणियव्वा । अविसेसिए - खहयरपंचिंदियति रिक्खजोगिए । विसेसिएसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, गब्भवक्कंतियखहयर पंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए - सम्मुच्छिमख हथरपंचिंदियति रिक्खजोणिए । विसेसिए - पजत्तयसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपज्जत्तयसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए - गब्भवक्कंतिय खह यरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए । विसेसिए - पज्जत्तयगब्भवकंतिय खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य, अपज्जत्तयगव्भवक्कंतियखहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिए य । अविसेसिए - मणुस्से । विसेसिए - सम्मुच्छिममणुस्से य, गब्भवक्कंतियमणुस्से य । अविसेसिए - सम्मुच्छिममणुस्से । विसेसिएपज्जत्तगसम्मुच्छिममणुस्से य, अपज्जत्तगसम्मुच्छिममणुस्से य । अविसेसिए - गव्भचक्कंतियमणुस्से । विसेसिए - कम्मभूमिओ य, अकम्मभूमिओ य अंतरदीवओ य, संखिज्जवासाउय, असंखिज्जवासाउय, पज्जत्तापज्जत्तओ । अविसेसिए - देवे । बिससिएभवणवासी, वाणमंतरे, जोइसिए, वेमाणिए य । अविसेसिए - भवणवासी । विसंसिएअसुरकुमारे १ नागकुमारे २ सुवण्णकुमारे ३ विज्जुकुमारे ४ अग्गिकुमारे ५ दीवकुमारे ६ उदहिकुमारे ७ दिसाकुमारे ८ वाउकुमारे ९ थणियकुमारे १० । सव्वेसिं पि अविसेसियविसेसिय पज्जत्तगअपज्जत्तगभेया भाणियव्वा । अविसेसिए - वाणमंतरे। विसेसिए - पिसाए १ भूए २ जक्खे ३ रक्खसे ४ किण्णरे ५ किंपुरिसे ६ महोरगे ७ गंधव्वे ८ । एएसि पि अविसेसियविसेसिय पज्जत्तगअपजत्तगभेया भाणियव्वा । अविसेसिए - जोइसिए । विसेसिए - चंदे १ सूरे २ गहगणे ३ ते ४ तारा ५ । एएसि पि अविसेसिय विसेसियपज्जत्तय अपजत्तयभेया भाणियत्वा । अविसेसिए - वेमाणिए । विसेसिए - कप्पोवगे य, कप्पातीतए य । अविसेसिए - कप्पोवगे । विसेसिए - सोहम्मए १ ईसाणए २ सणकुमारए ३ माहिंदए ४ ११०८ सुत्तागमे भलोय ५ लंतयए ६ महासुक्कए ७ सहस्सारए ८ आणयए ९ पाणयए १० आरणए ११ अच्चुयए १२ । एएसिं अविसेसियविसेसियअपजत्तगपज्जत्तगभेया भाणियव्वा । अविसेसिए - कप्पातीतए । विसेसिए - गेवेजए य, अणुत्तरोववाइए य । अविसेसिए - गेवेज्जए । विसेसिए - हेट्ठिमगेवेज्जए १ मज्झिमगेवेज्जए २ उवरिमगेवेज्जए ३ । अविसेसिए - हेट्ठिमगेवेज्जए । विसेसिए - हेट्ठिमहे द्विमगेवेज्जए १ हेडियम Page #1184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कडुयकसायंबिलमहुररसा] सुत्तागमे ११०९ ज्झिमगेवेजए २ हेट्ठिमउवरिमगेवेज्जए ३ । अविसेसिए-मज्झिमगेवेजए । विसेसिए-मज्झिमहेछिमगेवेजए १ मज्झिममज्झिमगेवेज्जए २ मज्झिमउवरिमगेवेजए ३ । अविसेसिए-उवरिमगेवेजए । विसेसिए-उवरिमहेट्ठिमगेवेजए १ उवरिममज्झिमगेवेज्जए २ उवरिमउवरिमगेवेजए ३ । एएसिं सव्वेसिं अविसेसियविसेसियअपज्जत्तगपज्जत्तगभेया भाणियव्वा । अविसेसिए-अणुत्तरोववाइए। विसेसिए-विजयए १ वेजयंतए २ जयंतए ३ अपराजियए ४ सव्वट्ठसिद्धए य ५। एएसि पि सव्वेर्सि अविसेसियविसेसियअपज्जत्तगपज्जत्तगभेया भाणियव्वा । अविसेसिए-अजीवदव्वे । विससिए-धम्मत्थिकाए १ अधम्मत्थिकाए २ आगासत्थिकाए ३ पोग्गलत्थिकाए ४ अद्धासमए ५। अविसेसिए-पोग्गलत्थिकाए। विसेसिए-परमाणुपोग्गले, दुपएसिए, तिपएसिए जाव अणंतपएसिए य । सेत्तं दुणामे ॥ १२३ ॥ से किं तं तिणामे ? तिणामे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-दव्वणामे १ गुणणामे २ पज्जवणामे य ३ । से किं तं दव्यणामे ? दव्यणामे छविहे पण्णत्ते । तंजहा-धम्मत्थिकाए १ अधम्मत्थिकाए २ आगास स्थिकाए ३ जीवत्थिकाए ४ पुग्गलत्थिकाए ५ अद्धासमए य ६ । सेत्तं दव्वणामे । से किं तं गुणणामे ? गुणणामे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-वण्णणामे १ गंधणामे २ रसणामे ३ फासणामे ४ संठाणणामे ५ । से किं तं वण्णणामे ? वण्णणामे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-कालवण्णणामे १ नीलवण्णणामे २ लोहियवण्णणामे ३ हालिद्दवण्णणामे ४ सुकिल्लवण्णणामे ५ । सेत्तं वण्णणामे । से किं तं गंधणामे ? गंधणामे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-सुरभिगंधणामे य १ दुरभिगंधणामे य २। नेत्तं गंधणामे । से किं तं रसणामे ? रसणामे पंचविहे पण्णत्ते। तंजहा-तित्तरसणाम १ कटुयरसणामे २ कसायरसणामे ३ अंबिलरसणामे ४ महुररसणामे य ५ । सेत्तं रसणामे । से किं तं फासणामे? फासणामे अट्टविहे पण्णत्ते। तंजहा-कक्खडफासणामे १ मउयफागणामे २ गरुयफासणामे ३ लहुयफासणामे ४ सीयफासणामे ५ उसिणफासणामे ६ णि फासणामे ७ लुकावफासणामे य ८ । सेत्तं फासणामे । से किं तं संठाणणामे ? संठाणणाम पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-परिमंडलसंठाणणामे १ वसंठाणणामे २ संसटाणणामे ३ चाउरेसमंठाणणामे ४ आययसंठाणणामे ५ । सेत्तं संठाणणामे । सेत गुणणामे । से किं तं पजवणामे ? पजवणामे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा-एगगुणकाला, दुगुणकालए, तिगुणकालए जाव दगगुणकालए, संखिजगुणकालए, असंखिजगुणकालए, अणंतगुणकालए । एवं नीललोहियहालिद्दसुविधा वि भाणियव्वा । एगगुणमुभिगंधे, दुगुणमुरभिगंधे, तिगुणसुरभिगंधे जाव अणंतगुणमुरभिगंधे । एवं दुरभिगंधी वि भाणियव्यो । एगगुणतित्ते जाव अणंतगुणतित्ते । एवं कड यकसायअंबिल Page #1185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .१११० सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं महुरा वि भाणियव्वा । एगगुणकक्खडे जाव अणंतगुणकक्खडे । एवं मउयगरुयलहुयसीयउसिणणिद्धलुक्खा वि भाणियव्वा । सेत्तं पजवणामे । गाहाओ-तं पुण णामं तिविहं, इत्थी पुरिसं णपुंसगं चेव। एएसिं तिण्हं पि(य), अंतम्मि य पावणं वोच्छं ॥ १॥ तत्थ पुरिसस्स अंता, आ ई ऊ ओ हवंति चत्तारि । ते चेव इत्थियाओ, हवंति ओकारपरिहीणा ॥ २ ॥ अंतिय इंतिय उंतिय, अंताउ णपुंसगस्स बोद्धव्वा । एएसिं तिण्हं पि य, वोच्छामि निदंसणे एत्तो ॥ ३ ॥ आगारंतो 'राया', ईगारंतो 'गिरी' य 'सिहरी' य । ऊगारंतो 'विण्हू', 'दुमो' य अंता उ पुरिसाणं ॥ ४ ॥ आगारंता 'माला', ईगारंता 'सिरी' य 'लच्छी' य । ऊगारंता 'जंबू', 'वहू' य अंताउ इत्थीणं ॥५॥ अंकारंतं 'धन्नं', इंकारंतं नपुंसगं 'अत्थि' । उंकारतो ‘पीलु', 'महुँ' च अंता णपुंसाणं ॥ ६॥ सेत्तं तिणामे ॥ १२४ ॥ से किं तं चउणामे ? चउणामे चउव्विहे पण्णत्ते। तंजहा-आगमेणं १ लोवेणं २ पयईए ३ विगारेणं ४ । से किं तं आगमेणं ? आगमेणं-पानि, पैयांसि, कुण्डानि । सेत्तं आगमेणं । से किं तं लोवेणं ? लोवेणं-ते अत्र तेऽत्र, पटो अत्र-पटोऽत्र, घटो अत्र घटोऽत्र । सेत्तं लोवेणं । से किं तं पगईए ? पगईए-अग्नी एतौ, पटू इमौ, शाले एते, माले इँमे । सेत्तं पगईए । से किं तं विगारेणं ? विगारेणं-दण्डस्य+अग्रं=दंडानं, सा+आगता साऽऽगता, दैधि+इदं दधीदं, नदी+इह नदीह, मधु+उदकं-मधूदकं, वधू+ऊहः वधूहः। सेत्तं विगारेणं । सेत्तं चउणामे ॥ १२५ ॥ से किं तं पंचणामे ? पंचणामे पंचविहे पण्णत्ते। तंजहा-नामिकं १ नैपातिकं २ आख्यातिकं ३ औपसर्गिकं ४ मिश्रम् ५ । 'अश्व' इति नामिकं, 'खलु' इति नैपातिकं, 'धावति' इति आख्यातिकं, 'परि' इत्यौपसर्गिकं, 'संयत' इति मिश्रम् । सेत्तं पंचणामे ॥ १२६॥ से किं तं छण्णामे ? छण्णामे छव्विहे पण्णत्ते। तंजहा-उदइए १ उवसमिए २ खइए ३ खओवसमिए ४ पारिणामिए ५ सन्निवाइए ६ । से किं तं उदइए? उदइए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-उदइए य १ उदयनिप्फण्णे य २ । से किं तं उदइए ? उदइए १ पोम्माइं, २ पयाई, ३ कुंडाइं। ४ ते+अत्थ तेऽत्थ, ५ पडो+अत्थ-पडोऽत्थ, ६ घडो+अत्य घडोऽत्थ । ७ सक्कयउदाहरणाइमिमाइं, अद्धमागहीए-बे+इंदिया बेइंदिया, एवमाइ । ८ 'सक्कए' पाइए-दंड+अरणं दंडारणं एवमाइ, ९ सा+आगया साऽऽगया, १० दहि+इदं-दहीदं, ११ नई+इह-नईह, १२ महु+उदगमहूदगं, १३ वहू+ऊहो-वहूहो। १४ णामियं १ णेवाइयं २ अक्खाइयं ३ ओवस. ग्गियं ४ मिस्सं ५ । 'आस' त्ति णामियं, 'खलु' त्ति णेवाइयं, 'धावइति अक्खाइयं, 'परि' त्ति ओवसग्गिय, 'संजय त्ति मिस्सं । Page #1186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खयनिप्फण्ण] सुत्तागमे अट्ठण्हं कम्मपयडीणं उदएणं । सेत्तं उदइए । से किं तं उदयनिप्फन्ने ? उदयनिप्फन्ने दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-जीवोदयनिष्फन्ने य १ अजीवोदयनिष्फन्ने य २ । से किं तं जीवोदयनिप्फन्ने ? जीवोदयनिष्फन्ने अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा-णेरइए, तिरिक्खजोणिए, मणुस्से, देवे, पुढविकाइए जाव तसकाइए, कोहकसाई जाव लोहकसाई, इत्थीवेयए, पुरिसवेयए, णपुंसगवेयए, कण्हलेसे जाव सुकलेसे, मिच्छादिट्ठी, सम्मदिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी, अविरए, असण्णी, अण्णाणी, आहारए, छउमत्थे, सजोगी, संसारत्थे, असिद्धे । सेत्तं जीवोदयनिप्फन्ने । से किं तं अजीवोदयनिप्फन्ने ? अजीवोदयनिष्फने अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा-उरालियं वा सरीरं, उरालियसरीरपओगपरिणामियं वा दव्वं, वेउव्वियं वा सरीरं, वेउव्वियसरीरपओगपरिणामियं वा दव्यं, एवं आहारगं सरीरं तेयगं सरीरं कम्मगसरीरं च भाणियव्वं । पओगपरिणामिए वण्णे, गंधे, रसे, फासे । सेत्तं अजीवोदयनिप्फन्ने । सेत्तं उदयनिप्फन्ने । सेत्तं उदइए। से किं तं उवसमिए ? उवसमिए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-उवसमे य १ उवसमनिष्फण्णे य २ । से किं तं उसमे ? उवसमे मोह णिज्जस्स कम्मस्स उवसमेणं । सेत्तं उसमे । से किं तं उबसमनिष्फण्णे ? उवसमनिष्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा-उवसंतकोहे जाव उवसंतलोभे, उवसंतपेज्जे, उवसंतदोसे, उवसंतदंसणमोहणिजे, उवसंतचरित्तमोहणिजे, उवसामिया सम्मत्तलद्धी, उवसामिया चरित्तलद्धी, उवसंतकसायछ उमत्थबीयरागे। सेत्तं उवसमनिप्फण्णे । सेत्तं उवसमिए । से किं तं खइए ? खइए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-खदए य १ खयनिप्फण्णे य २ । से किं तं खइए ? खइए-अट्टण्हं कम्मापयडीणं खएणं । सेत्तं खइए । से किं तं खयनिष्फण्णे ? खयनि-फण्णे अणेगविहे पण्णते । जहा-उप्पण्णणाणदंसणधरे, अरहा, जिणे, केवली; खीणआभिणियोहियणाणावरणे, खीणमुयणाणावरणे, खीणओहिणाणाबरणे, खीणमणपजवणाणावरणे, खीणकवलणाणावरणे, अणावरणे, निरावरणे, खीणाबरणे, णाणावरणिज कम्मविप्पमुक्के केवलदंसी, सव्वदंसी, खीणनिद्दे, खीणनिहानिद्दे, खीणपयले, खीणपयलापयले, खीणथीणगिरी, खीणचक्युदंसणावरणे, खीणअचक्षुदंसणावरणे, खीणओहिदसणावरणे, खीणकेवलदसणावरणे, अणावरणे, निरावरणे, खीणावरणे, दरिसणावरणिजकम्मविष्णमुको खीणसायावेयणिजे, खीणअसायावेयणिजे, अवेयणे, निव्वेयणे, खीणवयणे, मुभानुभवेयणिजकम्मविप्पमुफ खीणकोहे जाव खीणलोहे, खीणपेजे, खीणदोने, वीणदंसणमोहणिजे, खीणचरितमोहणिज्जे, अमोहे, निम्मोहे, खीणमोहे, मोहणिजम्माविष्पमुक; खीणणेरइयआउए, खीणतिरिक्खजोणियाउए, खीणमणुस्साउए, खीणदेवाउए, अगाउए, निराउए, खीणाउए, आउकम्मविप्पमुके; गइजाइ Page #1187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ अणुओगदारसुतं सरीरंगोवंगबंधणसंघायणसंघयणसंठाणअणेगबोंदिविंदसंघायविप्पमुक्के, खीगसुभणामे, खीणअसुभणामे, अणामे, निण्णामे, खीणणामे, सुभासुभणामकम्मविप्पमुक्के; खीणउच्च गए, खीणणीयागोए, अगोए, निग्गोए, खीणगोए, उच्चणीयगोत्तकम्मविप्पमु के; खीणदाणंतराए, खीणलाभंतराए, खीणभोगंतराए, खीणउवभोगंतराए, खीणवीरयंतराए, अनंतराए, निरंतराए, खीणंतराएं, अंतरायकम्मविप्पमुक्केः सिद्धे, बुद्धे, मुत्ते, परिणिव्वुए, अंतगडे, सव्वदुक्खप्पहीणे । सेत्तं खयनिप्पण्णे । सेत्तं खइए । से किं तं खओवसमिए ? खओवसमिए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - खओवसमे य १ खओवसमनिप्फण्णे य २ । से किं तं खओवस मे ? खओवसमे - चउन्हं घाइकम्माणं खओवसमेणं, तंजहा - णाणावर णिज्जस्स १ दंसणावरणिजस्स २ मोहणिज्जस्स ३ अंतरायस्स खओवसमेणं ४ । सेत्तं खओवसमे । से किं तं खओवसमनिप्फण्णे ? खओवसमनिप्फण्णे अणेगविहे पण्णत्ते । तंजहा - खओवसमिया आभिणिबोहियणाणलद्वी जाव खओवसमिया मणपज्जवणाणलद्धी, खओवसमिया मइअण्णा गलद्धी, खओवसमिया सुयअण्णाणलद्धी, खओवसमिया विभंगणाणलद्धी, खओवसमिया चक्बुदंसणलद्धी, खओवसमिया अचक्खुदंसणलद्धी, खओवसमिया ओहिदंसणलद्धी, एवं सम्म दंसणलद्धी मिच्छादंसणलद्धी सम्ममिच्छादंसणलद्धी, खओवसमिया सामाइयचरितलद्धी, एवं छेदोवट्ठावणलद्धी परिहारविसुद्धियलद्धी सुहुमसंपरायचरित्तलद्धी, एवं चरित्ताचरित्तलद्धी, खओवसमिया दाणलद्धी, एवं लाभलद्धी भोगलद्धी उवभोगलद्धी, खओवसमिया वीरियलद्वी, एवं पंडियवीरियलद्वी बालवीरियलद्वी बालपंडियवीर - यलद्धी, खओवसमिया सोइंदियलद्वी जाव फासिंदियलद्धी, खओवसमिए आयारंगधरे, एवं सुयगडंगधरे ठाणंगधरे समवायंगधरे विवाहपण्णत्तधरे णायाधम्मक हावरे उवासगदसा • अंतगडदसा० अणुत्तरोववाइयदसा • पण्हावागरणधरे विवागसुयधरे, खओवसमिए दिट्टिवायधरे, खओवस मिए णवपुव्वी जाव चउद्दसमुब्बी, खओवसमिए गणी, खओवसमिए वायए । सेत्तं खओवसमनिप्फण्णे । सेत्तं खओत्रसमिए । से किं तं पारिणामिए ? पारिणामिए दुविहे पण्णत्ते । जहा - साइपारिणामिए य १ अणाइपारिणामिए य २ । से किं तं साइपारिणामिए ? साइपारिणामिए अगविहे पण्णत्ते । जहा - गाहा - जुण्णसुरा जुण्णगुलो, जुण्णघयं जुण्णतंदुला चेव । अब्भा य अब्भरुक्खा, सण्णा गंधव्वणगरा य ॥ १ ॥ उक्कावाया, दिसादाहा, गज्जियं, विज्जू, णिग्घाया, जूवया, जक्खादित्ता, धूमिया, महिया, रउग्धाया, चंदोवरागा, सूरोवरागा, चंदपरिवेसा, सूरपरिवेसा, पडिचंदा, पडिसूरा, इंदवणू, उदगमच्छा, कविहसिया, अमोहा, वासा, वासधरा, गामा, णगरा, घरा, पव्वया, ० १११२ Page #1188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खओवसमियपा०निप्फण्णणाम.] सुत्तागमे १११३ पायाला, भवणा, निरया-रयणप्पहा, सकरप्पहा, वालुयप्पहा, पंकप्पहा, धूमप्पहा, तमप्पहा, तमतमप्पहा, सोहम्मे जाव अच्चुए, गेवेजे, अणुत्तरे, ईसिप्पन्भारा, परमाणुपोग्गले, दुपएसिए जाव अणंतपएसिए । सेत्तं साइपारिणामिए । से किं तं अणाइपारिणामिए ? अणाइपारिणामिए-धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासत्थि. काए, जीवत्थिकाए, पुग्गलत्थिकाए, अद्धासमए, लोए, अलोए, भवसिद्धिया, अभवसिद्धिया । सेत्तं अणाइपारिणामिए । सेत्तं पारिणामिए । से किं तं सन्निवाइए ? सन्निवाइए-एएसिं चेव उदइयउवसमियखइयखओवसमियपारिणामियाणं भावाणं दुगसंजोएणं तिगसंजोएणं चउकसंजोएणं पंचगसंजोएणं जे निप्फज्जति सव्वे ते सन्निवाइए नामे । तत्थ णं दस दुयसंजोगा, दस तियसंजोगा, पंच चउकसंजोगा, एगे पंचकसंजोगे । तत्थ णं जे ते दस दुगसंजोगा ते णं इमे-अस्थि णामे उदइयउसमनिष्फण्णे १ अत्थि णामे उदइयखाइगनिप्फण्णे २ अत्थि णामे उदइयखओवसमनिष्फण्णे ३ अस्थि णामे उदइयपारिणामियनिष्फण्णे ४ अत्थि णामे उवसमियखयनिप्फण्णे ५ अस्थि णामे उपसमियखओवसमनिप्फण्णे ६ अस्थि णामे उवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ७ अस्थि णामे खइयखओवसमनिप्फण्णे ८ अस्थि णामे खझ्यपारिणामियनिष्फण्णे ९ अस्थि णामे खओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे १० । कयरे से णामे उदइयउवसमनिप्पण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, एम णं से णामे उदइयउवसमनिप्फण्णे । कयरे से णामे उदइयखयनिरफण्णे ? उदहा त्ति मणुस्से, खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उदइयखयनि-फण्णे । कयरे से णाम उदयखओवसमनिम्फाणे ? उदइए त्ति मणुस्से, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयग्वओवयमनिरफण्णे । कयरे से णामे उदझ्यपारिणामियनिप्फण्णे ? उदप ति मणुस्से, पारिणामिए जीवे, एम णं से णामे उदइयपारिणामियनिष्फरणे । कयरे में णामे उपसमियखयनिष्फण्णे ? उबसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, एस णं से णाम उवामियखयनिष्फले । कयरे से णामे उवसमियखओवसमनिष्फण्ण ? उवसंता कमाथा, खोचसमियाई इंदियाई, एस णं ने णाम उवसमियखओवसमनि फाण । कयरे से णाम उवममियपारिणामियनिष्फणे? उवसंता कसाया, पारिणामिा जीवं, एम णं से णाम उपसमियपारिणामियनिफण्णे । कयरे से णामे साइयखोबममनिष्फण्णे ? खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाई दियाई, एम णं से णामे खाइयनाओवगमनिकरण । कयरे से णामे खायपारिणामिनिष्फरणे ? खदयं सम्मत्तं, पारिणामिए जीब, एस णं से णाम खट्यपारिणामियनिष्फण्णे । कयरे में णामे साबसामियपारिणामियनिकणे ? खओवसमियाई इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एम Page #1189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे १११४ [अणुओगदारसुत्तं णं से णामे खओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे । तत्थ णं जे ते दस तिगसंजोगा तेणं इमे-अत्थि णामे उदइयउवसमियखयनिप्फण्णे १ अत्थि णामे उदइयउवसमियख ओवसमनिप्फण्णे २ अत्थि णामे उदइयउवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ३ अस्थि णामे उदइयखइयखओवसमनिप्फण्णे ४ अत्थि णामे उदइयखइयपारिणामियनिप्फण्णे ५ अत्थि णामे उदइयखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ६ अस्थि णामे उपसमियखइयखओवसमनिप्फण्णे ७ अत्थि णामे उवसमियखइयपारिणामियनिष्फण्णे ८ अस्थि णामे उवसमियखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे ९ अत्थि णामे खइयखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे १० । कयरे से णामे उदइयउवसमियखयनिफण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उदइयउवसमियखयनिप्फण्णे । कयरे से णामे उदइयउवसमियखओवसमनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयउवसमियखओवसमनिप्फण्णे । कयरे से णामे उदय उवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयउवसमियपारिणामियनिष्फण्णे । कयरे से णामे उदइयखइयखओवसमनिष्फण्णे ? उदइए ति मणुस्से, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयखइयखओवसमनिप्फण्णे । कयरे से णामे उदइयखइयपारिणामियनिष्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, खइयं सम्मत्तं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयखइयपारिणामियनिप्फण्णे । कयरे से णामे उदइयखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, खओवसमियाइं इंदिया, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे। कयरे से णामे उवसमियखइयखओवसमनिप्फण्णे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उवसमियखइयखओवसमनिप्फण्णे । कयरे से णामे उवसमियखइयपारिणामियनिप्फण्णे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमियखइयपारिणामियनिप्फण्णे । कयरे से णामे उवसमियखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे ? उवसंता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमियखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे । कयरे से णामे खइयखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे ? खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइयखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे । तत्थ णं जे ते पंच चउक्कसंजोगा ते णं इमे-अत्थि णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमनिप्फण्णे १ अत्थि णामे उदइयउवसमियखइयपारिणामियनिप्फण्णे २ अस्थि णामे उदइय Page #1190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सरलक्खणा] सुत्तागमे उपसमियखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ३ अस्थि णामे उदइयखइयखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे ४ अत्थि णामे उवसमियखइयखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे ५ । कयरे से णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमनिप्फण्णे। कयरे से णामे उदइयउवसमियखइयपारिणामियनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयउवसमियखइयपारिणामियनिष्फण्णे । कयरे से णामे उदइयउवसमियखओवसमियपारिणामियनिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयउवसमियखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे । कयरे से णामे उदइयखइयखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइयखइयखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे । कयरे से णामे उपसमियखइयखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे ? उवसंता कसाया, खइयं सम्मतं, खओवसमियाई इंदियाई, पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमियखइयखओवसमियपारिणामियनिष्फण्णे । तत्थ णं जे से एक्के पंचगसंजोए से णं इमेअस्थि णामे उदइयउवसमियखइयखओवसमियपारिशामियाणिप्फण्णे । कयरे से गामे उदइयउबसमियखझ्यखओवस मियपारिणामियणिप्फण्णे ? उदइए त्ति मणुस्से, उवसंता कसाया, खइयं सम्मत्तं, खओवसमियाइं इंदियाई, पारिणामिए जीचे, एस णं से णामे उदइयउवसमियखझ्यसओबसमियपारिणामियणिप्फण्णे । सेत्तं सन्निवाइए। सेत्तं छण्णामे ॥ १२७ ॥ से किं तं सत्तणामे ? सत्तणामे सत्तसरा पण्णत्ता । तंजहागाहा-सजे रिसहे गंधारे, मज्झिमे पंचमे सरे । धे(रे)वए चेव नेसाए, सरा सत्त वियाहिया ॥ १ ॥ एएसि णं सत्तण्डं सराणं सत्त सरढाणा पणत्ता । तंजहागाहाओ-गजं च अग्गजीहाए, उरेण रिसहं सरं । कंटग्गएण गंधारं, मज्सजीहाएँ मज्झिमं ॥ १ ॥ नासाए पंचमं बूया, दंतोटेण य धेवयं । भमुहक्वेवण सायं, सरहाणा वियाहिया ॥२॥ सत्तसरा जीवणि स्मिया पण्णता । तंजहा-गाहा-सज्ज रवइ मऊरो, कुयुडो रिसभं सरं । हंसो रवद गंधारे, मज्झिमं च गवेलगा ॥ १ ॥ अह कुमुमसंभवे काले, कोइला पंचमं सरं । छठं च सारसा कुंचा, नेसायं सत्तम गओ ॥ २ ॥ सत्तसरा अजीवणिस्सिया पण्णता । तंजहा-सजं रवइ मुयंगो, गोमुही रिसहं सरे । मंखो रवद गंधार, मज्झिमं पुण झल्लरी ॥ १॥ चउचरणपइट्ठाणा, गोहिया पंचमं सरं । आडंबरो रेवइयं, महाभेरी य सत्तमं ॥ २ ॥ एएसि णं सत्तण्हं Page #1191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं सराणं सत्त सरलक्खणा पण्णत्ता । तंजहा-गाहाओ-सज्जेणं लहई वित्ति, कयं च न विणस्सइ । गावो पुत्ता य मित्ता य, नारीणं होइ वलहो ॥१॥ रिसहेण उ एस(पसे)जं, सेणावचं धणाणि य । वत्थगंधमलंकारं, इथिओ सयणाणि य ॥२॥ गंधारे गीयजुत्तिण्णा, वज्जवित्ती कलाहिया। हवंति कइणो धण्णा, जे अण्णे सत्थपारगा ॥ ३ ॥ मज्झिमसरमंता उ, हवंति सुहजीविणो । खायई पियई देई, मज्झिमसरमस्सिओ ॥ ४ ॥ पंचमसरमंता उ, हवंति पुहवीपई । सूरा संगहकत्तारो, अणेगगणनायगा ॥ ५ ॥ रेवयसरमंता उ, हवंति दुहजीविणो । साउणिया वाउरिया, सोयरिया य मुट्ठिया ॥ ६ ॥ णिसायसरमंता उ, होति कलहकारगा । जंघाचरौ लेहवाहा, हिंडगा भारवाहगा ॥ ७ ॥ एएसि णं सत्तण्हं सराणं तओ गामा पण्णत्ता । तंजहा-सज्जगामे १ मज्झिमगामे २ गंधारगामे ३ । सज्जगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-गाहा-मैग्गी कोरवियों हरिया, रयणी य सारकता य। छट्ठी य सारसी नाम, सुद्धसज्जा य सत्तमा ॥ १ ॥ मज्झिमगामस्स णं सत्त मुच्छणाओ पण्णत्ताओ । तंजहा-उत्तरमंदा रयणी, उत्तरा उत्तरासमा । समोचता य सोवीरा, अभिरूवाँ होइ सत्तमा ॥१॥ गंधारगामस्त णं सत्त मुच्छणाओ पण्णत्ताओ। तंजहा-नंदी य खुड्डिया पूरिमा य, चउत्थी य सुद्धगंधारा । उत्तरगंधारा वि य, सा पंचमिया हवइ मुच्छा ॥ १ ॥ सुट्टत्तरमायामा, सा छट्ठी सव्वओ य णायव्वा । अह उत्तरायया कोडिमा य, सा सत्तमी मुच्छा ॥ २ ॥ सत्तसरा कओ हवंति ?, गीयस्स का हवइ जोणी ? । कइसमया ओसासा ?, कइ वा गीयस्स आगारा?॥१॥ सत्तसरा नाभीओ, हवंति गीयं च रुझ्यजोणी । पायसमा ऊसासा, तिष्णि य गीयस्स आगारा ॥ २ ॥ आइमउ आरभंता, समुव्वहंता य मज्झयारम्मि । अवसाणे उज्झंता, तिण्णि य गीयस्स आगारा ॥ ३ ॥ छद्दोसे अट्ठगुणे, तिण्णि य वित्ताई दो य भणिईओ। जो नाही सो गाहिइ, सुसिक्खिओ रंगमज्झम्मि ॥ ४ ॥ भीयं दुयं उप्पिच्छं, उत्तालं च कमसो मुणेयव्वं । कागस्सरमणुणासं, छद्दोसा होंति गेयस्त ॥५॥ पुणं रत्तं च अलंकियं च, वैत्तं च तहेवमविधुढे । मर्हरं समं सुललियं, अद्वगुणा होति गेयस्स ॥ ६ ॥ उरकंठेसिरैविसुद्धं च, गिजंते मउयरिभियेपयर्वद्धं । समतालपडुक्खेवं, सत्तस्सरसीभरं गीयं ॥ ७ ॥ अक्खरसमं पयसैम, तालसमं लयसमं च गेहसंमं । नीससिओससियसमं, संचारसँमं सरा सत्त ॥ ८ ॥ निदोस सारैमंतं च, हेउजुत्तमलंकियं । उर्वणीयं सोवयारं च, मियं महुरमेवं य ॥ ९ ॥ समं अद्धसमं चेव, सव्वत्थ विसंमं च जं । तिण्णि वित्तपयाराई, चउत्थं नोवलन्भइ १ पाढंतरं-कुचेला य कुवित्ती य, चोरा चंडालमुट्ठिया। २ पायचारित्ति अट्ठो। Page #1192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वेलणयरसलक्खणं] सुत्तागमे १११७ ॥ १० ॥ सक्कया पायया चेव, भणिईओ होंति दोण्णि वा । सरमंडलम्मि गिजंते, पसत्था इसिभासिया ॥ ११ ॥ केसी गायइ महुरं, केसी गायइ खरं च रुक्खं च । केसी गायइ चउरं, केसी य विलंबियं दुयं केसी ॥ १२ ॥ विसरं पुण केरिसी ? । गोरी गायइ महुरं, सामा गायइ खरं च रुक्खं च । काली गायइ चउर, काणा य विलंबियं दुयं अंधा ॥ १३ ॥ विस्सैरं पुण पिंगला । सत्तसरा तओ गामा, मुच्छणा इक्वीसई। ताणा एगणपण्णासं, सम्मत्तं सरमंडलं ॥ १४॥ सेत्तं सत्तणामे ॥१२८॥ से किं तं अट्ठणामे ? अट्ठणामे-अट्टविहा वयणविभत्ती पण्णत्ता। तंजहा-निद्देसे पढमा होइ, बिइया उवएसणे । तइया करणम्मि कया, चउत्थी संपयावणे ॥ १॥ पंचमी य अवायाणे, छट्ठी सस्सामिवायणे । सत्तमी सण्णिहाणत्थे, अट्ठमाऽऽमंतणी भवे ॥ २ ॥ तत्थ पढमा विभत्ती, निद्देसे 'सो इमो अहं व' त्ति । 'बिइया पुण उवएसे 'भण कुणम इमं व तं व' त्ति ॥ ३ ॥ तइया करणम्मि कया 'भणियं च कयं च तेण व मए' बा । 'हंदि णमो साहाए' हवइ चउत्थी पयाणम्मि ॥ ४ ॥ 'अवणय गिण्ह य एत्तो, इउ' त्ति वा पंचमी अवायाणे । छट्ठी तस्स इमस्स वा, गयस्स वा सामिसंबंधे ॥ ५॥ हवइ पुण सत्तमी तं, इमम्मि आहारकालभावे य। आमंतणी भवे अट्ठमी उ, जह 'हे जुवाण' त्ति ॥ ६॥ सेत्तं अट्ठणामे ॥ १२९ ।। से किं तं नवणामे ? नवणामे-नवकव्वरसा पणत्ता। तंजहा-गाहाओ-वीरो सिंगारो अब्भुओ य, रोदो य होइ बोद्धव्यो । वेलणओ बीभच्छो, हासो कलुणो पसंतो य ॥ १ ॥ (१) तत्थ परिचायम्मि य, (दाण)तवचरणसत्तुजणविणासे य । अणणुसयथिइपरकम-,लिंगो वीरो रसो होइ ॥१॥ वीरो रसो जहा-सो नाम महावीरो, जो रज पयहिऊण पव्वइओ । कामकोहमहासत्तु-, पक्वनिग्घायणं कुणइ ॥ २॥ (२)सिंगारो नाम रसो, रइसंजोगाभिलाससंजणणो। मंडणविलासविब्बोय-, हासलीलारमणलिंगो ॥ १ ॥ सिंगारो रसो जहा-महुरबिलाससललियं, हियउम्मायणकर जुवाणाणं । सामा महामं, दाएई मेहलादामं ॥ २॥ (३) विम्हयकरो अपुव्बो, अनुभूयापुब्यो य जो रसो होइ । हुरिसबिगाउप्पत्ति-, लक्खणो अव्भुओ नाम ॥ १ ॥ अब्भुओ रमो जहा-अब्भुयतरमिह एत्तो, अन्नं कि अस्थि जीवलोगम्मि ? । जं जिणक्यणे अत्या, तिकाल जुत्ता मुणिजति ॥ २॥ (४) भयजणणस्वस इंधयार-, चिंताकहासमुप्पण्णो । संमोहसंभमविसाय,-सरणलिंगो रसो रोदो ॥ १॥ रोदो रसो जहा-भिडडिविटंबियमुहो, संदोह इय रहिरमाकिण्णो । हसि पमं असुरणिभो, भीमरसिय अइरोद्द ! रोद्दोऽसि ॥ २ ॥ (५) विणओवयारगुज्मगुरु-, दारमेरावदा १-२ गाहाहिगपयाइमेयाई। Page #1193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं मुप्पण्णो । वेलणओ नाम रसो, लज्जा संकाकरणलिंगो ॥ १॥ वेलणओ रसो जहा-किं लोइयकरणीओ, लजणीयतरं ति लज्जयामु त्ति । वारिजम्मि गुरुयणो. परिवंदइ जं वहुप्पोत्तं ॥२॥ (६) असुइकुणिमदुईसण-, संजोगब्भासगंधनिप्फण्णो । निव्वेयऽविहिंसालक्खणो, रसो होइ बीभच्छो ॥ १ ॥ बीभच्छो रसो जहा-असुइमलभरियनिज्झर-, सभावदुग्गंधिसव्वकालं पि । धण्णा उ सरीरकलिं, बहुमलकलुसं विमुंचंति ॥ २ ॥ (७) स्ववयवेसभासा-, विवरीयविलंबणासमुप्पण्णो । हासो मणप्पहासो, पगासलिंगो रसो होइ ॥१॥ हासो रसो जहा-पासुत्तमसीमंडिय-, पडिवुद्धं देवरं पलोयंती । ही जह थणभरकंपण-, पणमियमज्झा हसइ सामा ॥ २ ॥ (८) पियविप्पओगबंध-, वहवाहिविणिवायसंभमुप्पण्णो । सोइयविलवियपम्हाण-, रुण्णलिंगो रसो करुणो ॥१॥ करुणो रसो जहा-पज्झायकिलामिययं, बाहागयपप्पुयच्छियं बहुसो । तस्स विओगे पुत्तिय !, दुब्बलयं ते मुहं जायं ॥ २ ॥ (९) निदोसमणसमाहाण-, संभवो जो पसंतभावेणं । अविकारलक्खणो सो, रसो पसंतो त्ति णायव्वा ॥ १॥ पसंतो रसो जहा-सब्भावनि व्विगारं, उवसंतपसंतसोमदिट्ठीयं । ही जह मुणिणो सोहइ, मुहकमलं पीवरसिरीयं ॥ २ ॥ एए नव कव्वरसा, बत्तीसादोसविहिसमुप्पण्णा । गाहाहिं मुणियव्वा, हवंति सुद्धा वा मीसा वा ॥३॥ सेत्तं नवणामे ॥ १३०॥ से किं तं दसणामे ? दसणामे दस विहे पण्णत्ते । तंजहागोण्णे १ नोगोण्णे २ आयाणपएणं ३ पडिवक्खपएणं ४ पहाणयाए ५ अणाइयसिद्धतेणं ६ नामेणं ७ अवयवेणं ८ संजोगेणं ९ पमाणेणं १० । से कि तं गोण्णे ? गोण्णे-खमइ त्ति खमणो, तवइ त्ति तवणो, जलइ त्ति जलणो, पवइ त्ति पत्रणो । सेत्तं गोण्णे । से किं तं नोगोण्णे ? अकुंतो सकुंतो, अमुग्गो समुग्गो, अमुद्दो समुद्दो, अलालं पलालं, अकुलिया सकुलिया, नो पलं असइ ति पलासो, अमाइवाहए माइवाहए, अबीयवावए बीयवावए, नो इंदगोवए इंदगोवे । सेत्तं नोगोण्णे । से कि तं आयाणपएणं ? आयाणपएणं-(धम्मोमंगलं चूलिया) आवंती, चाउरंगिजं, असंखयं, अहातत्थिजं, अद्दइज, जण्णइजं, पुरिसइज् (उसुयारिज), एलइज्जं, वीरियं, धम्मो, मग्गो, समोसरणं, जम्मइयं । सेत्तं आयाणपएणं । से किं तं पडिवक्खपएणं ? पडिवक्खपएणं-नवसु गामागरणगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंवाहसन्निवेसेमु सन्निविस्समाणेसु-असिवा सिवा, अग्गी सीयलो, विसं महुरं, कल्लालघरेसु अंबिलं साउयं, जे रत्तए से अलत्तए, जे लाउए से अलाउए, जे सुंभए से कुसुंभए, आलवंते विवलीयभासए । सेत्तं पडिवक्खपएणं । से किं तं पाहण्णयाए ? पाहण्णयाएअसोगवणे, सत्तवण्णवणे, चंपगवणे, चूयवणे, नागवणे, पुन्नागवणे, उच्छवणे, HHHHHHHHHHHI Page #1194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णक्खत्तणाम०] सुत्तागमे १११९ दक्खवणे, सालिवणे । सेत्तं पाहण्णयाए । से किं तं अणाइयसिद्धतेणं ? अणाइयसिद्धतेणं-धम्मत्थिकाए, अधम्मत्थिकाए, आगासत्थिकाए, जीवस्थिकाए, पुग्गलत्थिकाए, अद्धासमए । सेत्तं अणाइयसिद्धतेणं । से किं तं नामेणं ? नामेणं-पिउपियामहस्स नामेणं उन्नामिज्ज(ए)इ । सेत्तं नामेणं । से किं तं अवयवेणं ? अवयवेणं-सिंगी सिही विसाणी, दाढी पक्खी खुरी नही वाली । दुपय चउप्पय बहुप्पय, नंगुली केसरी कउही ॥ १॥ परियरवंधण भडं, जाणिजा महिलियं निवसणेणं । सित्थेण दोणवायं, कविं च इक्काए गाहाए ॥ २ ॥ सेत्तं अवयवेणं । से किं तं संजोएणं ? संजोगे चउविहे पण्णत्ते । तंजहा-दव्वसंजोगे १ खेत्तसंजोगे २ कालसंजोगे ३ भावसंजोगे ४ । से किं तं दव्वसंजोगे ? दव्वसंजोगे तिविहे पण्णत्ते । जहासचित्ते १ अचित्ते २ मीसए ३ । से किं तं सचित्ते ? सचित्ते-गोहिं गोमिए, महिसीहिं महिसए, ऊरणीहिं ऊरणीए, उट्टीहिं उट्टीवाले । सेत्तं सचित्ते । से किं तं अचित्ते ? अचित्ते-छत्तेणं छत्ती, दंडेणं दंडी, पडेणं पडी, घडेणं घडी, कडेणं कडी । सेत्तं अचित्ते । से किं तं मीसए ? मीसए-हलेणं हालिए, सगडेणं सागडिए, रहेणं रहिए, नावाए नाविए । सेत्तं मीसए । सेत्तं दव्वसंजोगे । से किं तं खेत्तसंजोगे ? खेत्तसंजोगे-भारहे, एरवए, हेमवए, एरण्णवए, हरिवासए, रम्म-- गवासए, देवकुरुए, उत्तरकुरुए, पुव्वविदेहए, अवरविदेहए । अहवा-मागहे, मालवए, मोरट्ठए, मरहट्टए, कुंकणए । सेत्तं खेत्तसंजोगे । से किं तं कालसंजोगे ? कालसंजोगे-सुसममुसमाए १ सुसमाए २ सुसमदूसमाए ३ दूसमसुसमाए ४ दृममाए '. दुसमदूसमाए ६ । अहवा-पावसए १ वासारत्तए २ सरदए ३ हेमंतए ४ बसंतए ५ गिम्हए ६ । सेत्तं कालसंजोगे । से किं तं भावसंजोगे ? भावसंजोगे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-पसत्थे य १ अपसत्थे य २ । से किं तं पसत्थे ? पसत्थेनाणणं नाणी, दंगणेणं दंसणी, चरित्तेणं चरित्ती । सेत्तं पसत्थे । से किं तं अपसत्थे ? अपमत्थे-कोहेणं कोही, माणेणं माणी, मायाए माई, लोहेणं लोही । सेत्तं अपमन्थे । सेत्तं भावसंजोगे । सेत्तं संजोएणं । से किं तं पमाणेणं ? पमाणे चउबिहे पण्णने । जहा-नामप्पमाणे १ ठवणप्पमाणे २ दव्बप्पमाणे ३ भावप्पमाणे ४ । से किं तं नामप्पमाणे ? नामप्पमाणे-जस्स णं जीवस्स वा, अजीवस्य वा, जीवाण वा, अजीवाण वा, तदुभयस्स या, तदुभयाण वा, ‘पमाणे' त्ति नामं कजइ । सेत्तं नामप्पमाणे । से किं तं ठवणप्पमाणे ? ठवणापमाणे सत्तविहे पण्णत्ते । तंजहागाहा-णक्यतं देवये कुले, पास गण य जीवियाहेडं । आभिप्पाइयणामे ठवणाणामं तु सत्तविहं ॥ १॥ से किं तं णक्खत्तणाम ? णक्खतणामे-कित्तियाहिं जाए Page #1195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुत्तं कित्तिए, कित्तियादिणे, कित्तियाधम्मे, कित्तियासम्मे, कित्तियादेवे, कित्तियादासे, कित्तियासेणे, कित्तियारक्खिए । रोहिणीहिं जाए - रोहिणिए, रोहिणिदिने, रोहिणिधम्मे, रोहिणिसम्मे, रोहिणिदेवे, रोहिणिदासे, रोहिणिसेणे, रोहिणिरक्खिए य । एवं सव्वनक्खत्तेसु नामा भाणियव्वा । ए (थंथ संग्रहणिगाहाओ - कित्तिये रोहिणि मिगसरैं, अद्द य पुणव्वसू य र्पुस्से य । तत्तो य ॲस्सिलेसा, मही उदो फग्गुणीओ य ॥ १ ॥ हेत्थो चित्ती सौई, विसाह तह य होइ अणुराहो । जेहा मूल पुब्बा, साठा तह उत्तरों चेव ॥ २ ॥ अभि सर्व वणि, सयभिसयौं दो य होंति भर्द्देवयो । रेवईँ अस्सिणि भरणी, एसा णक्खत्तपरिवाडी ॥ ३ ॥ सेत्तं णक्खत्तणामे | से किं तं देवयाणामे ? देवयाणामे - अग्गिदेवयाहिं जाए-अग्गिए, अग्गिदिष्णे, अग्गधम्मे, अग्गिसम्मे, अग्गिदेवे, अग्गिदासे, अग्गिसेणे, अग्गिरक्लिए । एवं सव्त्रनक्खत्तदेवयानामा भाणियव्वा । एत्थं पि संगहणिगाहाओ-अग्गि पथावई सौमे, रुँद्दो अदिती विहसँई सँप्पे । पिति भंग अर्जम सवियों, ती वाऊँ य इंदेरंगी ॥ १ ॥ १६ २७ मित्तो इंदो निरई, आऊँ विस्सो य भ विण् य । वसु वरुण अये विवद्धी, प्रेम आस जैमे चेव ॥ २ ॥ सेत्तं देवयाणामे । से किं तं कुलनामे ? कुलनामे- उग्गे, भोगे, रायण्णे, खत्तिए, इक्खागे, णाए, कोरव्वे । सेत्तं कुलनामे । से किं तं पासंडनामे ? पाखंड - नामे-'समणे य पंडुरंगे भिक्खू कावालिए य तावसए । परिवायगे' सेत्तं पासंङनामे | से किं तं गणनामे ? गणनामे-मले, मलदिण्णे, मलधम्मे, मलसम्मे, मलदेवे, मलदासे, मलसेणे, मल्लरक्खिए । सेत्तं गणनामे । से किं तं जीवियनामे ? जीविय( हेउ ) नामे - अवकर, उक्कुरुडए, उज्झियए, कज्जवए, सुप्पए । सेत्तं जीवियना मे । से किं तं आभिप्पाइयनामे ? आभिप्पा इयनामे- अंबए, निंबए, बकुलए, पलासए, सिणए, पिलुए, करीरए । सेत्तं आभिप्पाइयनामे । सेत्तं ठवणप्पमाणे । से किं तं दव्वप्पमाणे ? दव्वपमाणे छव्विहे पण्णत्ते । तंजहा-धम्मत्थिकाए १ जाव अद्धासमए ६ । सेत्तं दव्वप्पमाणे । से किं तं भावप्पमाणे ? भावप्पमाणे चउबिहे पण्णत्ते । तंजा - सामासिए १ तद्धियए २ धाउए ३ निरुत्तिए ४ । से किं तं सामासिए ? सामासिए - - सत्त समासा भवंति, तंजहा गाहा - दंदे य बहुव्वीही, कम्मधारय दिग्गु ये । तप्पुरिसे अव्वईभावे, एक्कँसेसे य सत्तमे ॥ १ ॥ से किं तं दंदे ? दंदे - दन्ताच ओष्ठौ च= दन्तोष्ठम्, स्तनौ च उदरं च = स्तनोदरम्, वस्त्रं च पात्रं च = वस्त्र ११२० १ 'सु' । २ बुद्धदंसणस्सिओ । १ दंता य ओट्ठा य= दंतोनं, २ थणा य उयरं च=थणोयरं, ३ वत्थं च पायं च वत्थपत्तं, ४ आसा य महिसा य= आसमहिसं, ५ अही य नउलो य= अहिनउलं । Page #1196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ईसरियनाम०] ११२१ पात्रम् , अश्वाश्च महिषाश्च-अश्वमहिषम् , अहिश्च नकुलश्च-अहिनकुलम् । सेत्तं दंदे समासे । से किं तं बहुव्वीही समासे ? बहुव्वीही समासे-फुल्ला इमम्मि गिरिम्मि कुडयकयंवा सो इमो गिरी फुल्लियकुडयकयंबो । सेत्तं बहुव्वीही समासे । से किं तं कम्मधारए ? कम्मधाराए-धवलो वसहोचवलवसहो, किण्हो मिओ-किण्हामिओ, सेओ पडो सेयपडो, रत्तो पडो-रत्तपडो । सेत्तं कम्मधारए । से किं तं दिगुसमासे ? दिगुसमासे-तिण्णि कड्डगाणि-तिकडुगं, तिण्णि महुराणि-तिमहुरं, तिण्णि गुणाणि तिगुणं, तिणि पुराणि=तिपुरं, तिण्णि सराणि तिसरं, तिण्णि पुक्खराणि=तिपुक्खरं, तिण्णि विदुयाणि-तिबिंदुयं, तिणि पहाणि-तिपहं, पंच गईओ-पंचणयं, सत्त गया सत्तगयं, नव तुरंगा-नवतुरंगं, दस गामा दसगामं, दस पुराणि-दसपुरं । सेत्तं दिगुसमासे। से किं तं तप्पुरिसे ? तप्पुरिसे -तित्थे कागो-तित्थकागो, वणे हत्थी वणहत्थी, वणे वराहो वणवराहो, वणे महिसोवणमहिसो, वणे मऊरोवणमऊरो। सेत्तं तप्पुरिसे । से किं तं अव्वईभावे ? अव्वईभावे-अणुगामं, अणुणइयं, अणुफरिहं, अणुचरियं । सेत्तं अव्वईभावे समासे । से किं तं एगसेसे ? एगसेसे-जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा, जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो; जहा एगो करिसावणो नहा बहवे करिसावणा, जहा बहवे करिसावणा तहा एगो करिसावणो; जहा एगो साली तहा बने साली, जहा बहवे साली तहा एगो साली । सेत्तं एगसेसे समासे । सत्तं सामासिए। से किं तं तद्धितए ? तद्धितए अट्ठविहे पण्णत्ते । तंजहा-गाहा-कम्मे सिप गिलोएँ, संजोग समीवओ य संज्रहो। इस्सरिय अवचेणं य, तद्धितणामं तु अट्ठविहं ॥ १॥ में किं तं कम्मनामे ? कम्मनामे-तणहारए, कहारए, पत्तहारए, दोसिए, मोतिए, कपासिए, भंडवेयालिए, कोलालिए। सेत्तं कम्मनामे । से किं तं सिल्पनामे ? सिपनाम-(वस्थिए, नंतिए,) तुण्णए, तंतुवाए, पट्टकारे, उएट्टे, बरुडे, मुंजकारे, कटकारे, छत्तकारे, व सकारे, पोत्यकारे, चित्तकारे, दंतकारे, लेपकारे, सेलकारे, कोहिमकारे । सेत्तं सिप्पनामे । से किं तं सिलोयनामे ? सिलोयनामे-समणे, माहणे, सन्चातिही । सत्तं सिलोयनामे । से किं तं संजोगनामे ? संजोगनामे-रण्णो सम्रए, रण्णा जामा, रण्णो माले, रण्णो भाउए, रणो भगिणीबई । सेत्तं संजोगनामे । से कि समावनाम ? समीवनामे-गिरिसमाव णयरं-गिरिणयरं, विदिगासमीव णय दिसं गयरं, बेन्नाए गमाव णयर बेन्नाय, तगराए ममीवे णयर-नगरायडं। मन समावनामे । से कितं संजहनामे ? संबृहनामे-तरंगवइशारे, मलयवदयारे, अत्ताणुमटिकारे, बिंदुकारे । सेत्तं संबृहनामे । से किं ने ईसरियनामे ? इंगरियनामे-- राईमरे, नलवरे, माईबिए, कोईविए, इन्भे, सेट्टी, सत्यवाहे, सेणावई । सेत्तं ७१ सत्ता Page #1197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२२ सुत्तागमे [अणुभोगदारसुत्तं ईसरियनामे । से किं तं अवञ्चनामे ? अवच्चनामे-अरिहंतमाया, चकवट्टिमाया, बलदेवमाया, वासुदेवमाया, रायमाया, मुणिमाया, वायगमाया । सेत्तं अवच्चनामे । सेत्तं तद्धियए । से किं तं धाउए ? धाउए - भू सत्तायां परस्मैभाषा, एध वृद्धी, स्पैर्द्ध संघर्षे, गा) प्रतिष्ठालिप्सयोर्मन्थे च, बाधु लोडने । सेत्तं धाउए । से किं तं निरुत्तिए ? निरुत्तिए-मैह्यां शेते महिषः, भ्रमति च रौति च-भ्रमरः, मुंहुमुहुर्लसतीति-मुसलं, कैंपेरिव लम्बते त्थेति च करोति=कपित्थं, चिदिति करोति खल्लं च भवति=चिक्खलं, ऊर्ध्वकर्णः-उलूकः, मेखस्य माला-मेखला । सेत्तं निरुत्तिए । सेत्तं भावप्पमाणे । सेत्तं पमाणनामे । सेत्तं दसनामे । सेत्तं नामे ॥ १३१ ॥ नामेति पयं समत्तं ॥ से किं तं पमाणे? पमाणे चउविहे पण्णत्ते । तंजहा-दव्वाप्पमाणे १ खेत्तप्पमाणे २ कालप्पमाणे ३ भावप्पमाणे ४ ॥ १३२ ॥ से किं तं दवप्पमाणे ? दव्वप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-पएसनिप्फण्णे य १ विभागनिष्फण्णे य २ ।. से किं तं पएसनिप्फण्णे ? पएसनिप्फण्णे-परमाणुपोग्गले, दुपएसिए जाव दसपएसिए, संखिज्जपएसिए, असंखिजपएसिए, अणंतपएसिए । सेत्तं पएसनिफण्णे । से किं तं विभागनिप्फण्णे ? विभागनिष्फण्णे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-माणे १ उम्माणे २ अवमाणे ३ गणिमे ४ पडिमाणे ५ । से किं तं माणे ? माणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-धन्नमाणप्पमाणे य १ रसमाणप्पमाणे य २ । से किं तं धनमाणप्पमाणे ? धन्नमाणप्पमाणे-दो असईओ पसई, दो पसईओ सेइया, चत्तारि सेइयाओ=कुलओ, चत्तारि कुलया पत्थो, चत्तारि पत्थया आढगं, चत्तारि आढगाइं दोणो, सहि आढयाइं जहन्नए कुंभे, असीइ आढयाई मज्झिमए कुंभे, आठयसयं-उक्कोसए कुंभे, अट्ठ य आढयसइए वाहे । एएणं धण्णमाणपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं धण्णमाणपमाणेणं मुंत्तोलीमुखइदुरअलिंदओचारसंसियाणं धण्णाणं धण्णमाणप्पमाणनिवित्तिलक्खणं भवइ । सेत्तं धण्णमाणपमाणे । से किं तं रसमाणप्पमाणे ? रसमाणप्पमाणे-धण्णमाणप्पमाणाओ चउभागविवड्डिए अभितरसिहाजुत्ते रसमाणपमाणे विहिजइ, तंजहा-चउसट्ठिया (चउपलपमाणा ४), बत्तीसिया (अपलपमाणा ८), १ भू सत्ताए ‘परस्मै०' अद्धमागहीए नत्थि, २ एह वुड्डीए, ३ फद्ध संघरिसे, ४-५ एए 'सक्कए' अद्धमागहीए एएसिं ठाणे अण्णा पउज्जति । १ महीए सुवइ% महिसो, २ भमइ य रवइ य-भमरो, ३ मुहं मुहं लसइ ति मुसलं, ४-५ 'सकए' अद्धमागहीए जहा हेट्ठा, ६ उड्डकण्णो-उलूओ, ७ मेखस्स माला-मेखला । ८ सा कोट्ठिया जा उवरिं हेट्ठा संकिण्णा मज्झे विसाला । Page #1198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पडमाणपमाणपओयणं ] सुता सोलसिया (सोलसपलपमाणा १६), अट्टमाइया (बत्तीसपलपमाणा ३२), चउभाइया ( चउस डिपलपमाणा ६४), अद्धमाणी (सयाहियअट्ठाइसपलपमाणा १२८ ), माणी (दुसया हिप्पण्णपलपमाणा २५६), दो चउसहियाओ = बत्तीसिया, दो बत्तीसियाओ = सोलसिया, दो सोलसियाओ = अनुभाइया, दो अट्टभाइयाओ =चउभाइया, दो चउभाइयाओ= अद्धमाणी, दो अद्धमाणीओ = माणी । एएणं रसमाणपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं रसमाणेणं - वारकघडककर क कलसियगा गरिदइय करोडियकुंडिय(दो) संसियाणं रसाणं रसमाणप्पमाणनिव्वित्तिलक्खणं भवइ । सेत्तं रसमाणपमाणे । सेत्तं माणे । से किं तं उम्माणे ? उम्माणे जं णं उम्मिणिज्जइ, तंजहा - अद्धकरिसो, करिसो, अद्धपलं, पलं, अद्भूतुला, तुला, अद्धभारो, भारो । दो अद्धकरिसा = करिसो, दो करिसा = अद्धपलं, दो अपलाई - पलं, पंच पलसइया = तुला, दस तुलाओ =अद्धभारो, वी[बी]सं तुलाओ =भारो। एएणं उम्माणप्रमाणेणं किं पओयणं ? एएणं उम्माणपमाणेणं पत्ताऽगरतगरचोययकुंकुम खंडगुलमच्छंडियाईणं दव्वाणं उम्माणपमाणनिव्वित्तिलक्खणं भवइ । सेत्तं उम्माणपमाणे । से किं तं ओमाणे ? ओमाणे जं णं ओमिणिज्जइ, तंजहा - हत्थेण वा, दंडेण वा, धणुक्केण वा, जुगेण वा, नालियाए वा, अक्खेण वा, मुसलेण वा । गाहा दंड धणू जुग नालिया य, अक्ख मुसलं च चउहृत्थं । दसनालियं च रज्जुं वियाण ओमाणसण्णा ॥ १ ॥ वत्थुम्मि हत्थमेजं, खित्ते दंडं भ्रणुं च पत्थम्मि । खायं च नालियाए, वियाण ओमाणसण्णाए ॥ २ ॥ एएणं अवमाणपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं अवमाणपमाणेणं खायचियरइयकरकचियकडपड भित्तिपरिक्खेवसंसियाणं दव्वाणं अवमाणपमाणनिव्वित्तिलक्खणं भवः । सेतं अवमाणे । से किं तं गणिमे ? गणिमे-जं णं गणिजइ, तंजहा- एगो, दस, रायं, सहस्सं, दससहस्साई, सयसहस्सं, दससय सहस्साईं, कोडी । एएणं गणिमाणं किं पओयणं ? एएणं गणिमप्पमाणेणं भितगभितिभत्तवेयणआयव्ययसंसियाणं दव्वाणं गणिमप्पमाणनिव्वित्तिलक्खणं भवइ । सेत्तं गणिमे । से किं तं परिमाणे ? परिमाणे जं णं पडिमिणिज्जद, तंजहा- गुंजा, कागणी, निप्फावो, कम्ममासओ, मंडलओ, सुवण्णो । पंच गुंजाओ =कम्ममासेओ, चत्तारि कागणीओ= कम्ममासओ, तिणि निष्फावा = कम्ममासओ, एवं चउको कम्ममासैओ । बारस कम्ममासया=मंडलभ, एवं अडयालीसं कागणीओ=मंडलओ, सोलस कम्ममासया= सुणी, एवं चराद्वि कागणीओ सुवण्णो । एएणं परिमाणप्पमाणेणं किं पओयणं ? एएणं परिमाणप्पमाणेणं सुवण्णस्य यमणिमोत्तिय संखसिलप्पवालाईणं दव्वाणं , १ कागणीअवेखाए । २ कागणीअवेक्खाए ति अहो । ११२३ Page #1199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२४ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं पडिमाणप्पमाणनिवित्तिलक्खणं भवइ । सेत्तं पडिमाणे । सेत्तं विभागनिष्फण्णे । सेत्तं दव्वप्पमाणे ॥ १३३ ॥ से किं तं खेत्तपमाणे ? खेत्तपमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहापएसनिप्फण्णे य १ विभागनिप्फण्णे य २ । से किं तं पएसनिप्फण्णे ? पएसनिप्फण्णे-एगपएसोगाढे, दुपएसोगाढे, तिपएसोगाढे, संखिज्जपएसोगाढे, असंखिज्जपएसोगाढे । सेत्तं पएसनिप्फण्णे । से किं तं विभागनिप्फण्णे ? विभागनिष्फण्णे-गाहाअंगुल विहत्थि रयणी, कुच्छी धणु गाउयं च बोद्धव्वं । जोयण सेढी पयरं, लोगमलोगे वि य तहेव ॥ १॥ से किं तं अंगुले ? अंगुले तिविहे पण्णत्ते। तंजहा-आयंगुले १ उस्सेहंगुले २ पमाणंगुले ३। से किं तं आयंगुले ? आयंगुले-जे णं जया मणुस्सा भवंति तेसि णं तया अप्पणो अंगुलेणं दुवालसअंगुलाई मुहं, नवमुहाई पुरिसे प्रमाणजुत्ते भवइ, दोण्णिए पुरिसे माणजुत्ते भवइ, अद्धभारं तुलमाणे पुरिसे उम्माणजुत्ते भवइ । गाहाओ-माणुम्माणपमाणजुत्ता(णय), लक्खणवंजणगुणेहिं उववेया। उत्तमकुलप्पसूया, उत्तमपुरिसा मुणेयव्वा ॥ १ ॥ होति पुण अहियपुरिसा, अट्ठसयं अंगुलाण उव्विद्धा । छण्णउइ अहमपुरिसा, चउरुत्तर मज्झिमिल्ला उ ॥ २॥ हीणा वा अहिया वा, जे खलु सरसत्तसारपरिहीणा । ते उत्तमपुरिसाणं, अवस्स पेसत्तणमुवेति ॥ ३ ॥ एएणं अंगुलपमाणेणं-छ अंगुलाई पाओ, दो पाया विहत्थी, दो विहत्थीओ=रयणी, दो रयणीओ=कुच्छी, दो कुच्छीओ दंडं धणू जुगे नालिया अक्खे मुसले, दो धणुसहस्साइं-गाउयं, चत्तारि गाउयाइं जोयणं । एएणं आयंगुलपमाणेणं किं पओयणं ? एएणं आयंगुलेणं जे णं जया मणुस्सा हवंति तेसि णं तया णं आयंगुलेणं अगडतलागदहनईवाविपुक्खरिणीदीहियगुंजालियाओ सरा सरपंतियाओ सरसरपंतियाओ बिलपंतियाओ आरामुजाणकाणणवणवणसंडवणराईओ, सभापवाखाइयपरिहाओ पागारअट्टालयचरियदारगोपुरपासायघरसरणलयणआवणसिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहसगडरहजाणजुग्गगिल्लिथिल्लिसिवियसंदमाणियाओ लोहीलोहकडाहकडिल्लयभंडमत्तोवगरणमाईणि अजकालियाई च जोयणाई मविनंति । से समासओ तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-सूईअंगुले १ पयरंगुले २ घणंगुले ३ । अंगुलायया एगपएसिया सेढी सूईअंगुले, सूई सूईगुणिया पयरंगुले, पयरं सूईए गुणियं घणंगुले । एएसि णं भंते ! सूइअंगुलपयरंगुलघणंगुलाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? सव्वत्थोवे सूइअंगुले, पयरंगुले असंखेजगुणे, घणंगुले असंखेजगुणे । सेत्तं आयंगुले। से किं तं उस्सेहंगुले ? उस्सेहंगुले अणेगविहे पण्णत्ते। तंजहा-गाहा-परमाणू तसरेणू , रहरेणू अग्गयं च वालस्स । लिक्खा जूया य जवो, अट्ठगुण-विवड्डिया कमसो॥१॥से किं तं परमाणू ? परमाणू दुविहे पण्णत्ते । तंजहा Page #1200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२५ णेरइयसरीरोगाहणाभेया] सुत्तागमे सुहुमे य १ ववहारिए य २ । तत्थ णं जे से सुहमे से ठप्पे । तत्थ णं जे से ववहारिए से णं अणंताणताणं सुहुमपोग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं ववहारिए परमाणुपोग्गले निप्फजइ । से णं भंते ! असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेजा ? हंता ! ओगाहेजा। से णं तत्थ छिज्जेज वा भिज्जेज वा ? नो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । से णं भंते ! अगणिकायस्स मज्झंमज्झेणं वीइवएजा? हंता ! वीइवएजा । से णं भंत ! तत्थ डहेज्जा ? नो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । से णं भंते ! पुक्खरसंवट्टगस्स महामेहस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ? हंता ! वीइवएज्जा । से णं तत्थ उदउल्ले सिया ? नो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । से णं भंते ! गंगाए महाणईए पडिसोयं हव्वमागच्छेज्जा ? हंता ! हव्वमागच्छेजा । सेणं तत्थ विणिघायमावजेज्जा ? नो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । से णं भंते ! उदगावत्तं वा उदगबिंदुं वा ओगाहेजा ? हंता ! ओगाहेजा । से णं तत्थ कुच्छेज्जा वा परियावजेज वा ? नो इणढे समढे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ ।गाहा-सत्थेण सुतिक्खेण वि, छित्तुं भेत्तुं च जं न किर सका। तं परमाणु सिद्धा, वयंति आई पमाणाणं ॥१॥ अणंताणं ववहारियपरमाणुपोग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं-सा एगा उसण्हसण्हियाइ वा, सण्हसण्हियाइ वा, उड्ढरेणूइ वा, तसरेणूइ वा, रहरेणूइ वा । अट्ठ उसण्हसहियाओ-सा एगा सहसण्हिया, अट्ठ सहसण्हियाओ-सा एगा उहरेणू, अट्ट उद्दुरेणुओ-सा एगा तसरेणू , अट्ट तसरेणूओ-सा एगा रहरेणू , अट्ठ रहरेणूओ= देवकुरुउत्तरकुरुणं मणुयाणं से एगे वालग्गे, अट्ट देवकुरुउत्तरकुरूणं मणुयाणं वालग्गा हरिवासरम्मगवासाणं मणुयाणं से एगे वालग्गे, अट्ट हरिवासरम्मगवासाणं मणुस्माणं वालग्गा हेमवयहेरण्णवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ट हेमवयहेरण्णवयाणं मणुस्साणं वालग्गा=पुविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साणं से एगे बालग्गे, अट्ट पुव्वविदहअवरविदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा भरहएरवयाणं मणुस्साणं से एगे बालग्गे, अट्ट भरहेरवयाणं मणुस्साणं वालग्गा-सा एगा लिक्खा, अट्ठ लिक्खाओ= मा एगा या, अट्ठ जयाओ से एगे जवमज्झे, अट्ट जवमज्झे से एगे अंगुले । एएणं अंगुलाण पमाणेणं छ अंगुलाई-पाओ, बारस अंगुलाई-विहत्थी, चउवीसं अंगुलाई-रयणी, अडयालीसं अंगुलाई-कुन्छी, छन्नबइ अंगुलाई-से एगे दंडेइ वा, धण वा, जुगेइ वा, नालियाइ वा, अक्वेइ बा, मुसलेइ वा । एएणं धणुप्पमाणेणं दो घणुमहस्साई गाउयं, चत्तारि गाउयाई-जोयणं । एएणं उस्सेहंगुलेणं किं पओयण ? एएणं उस्सेहंगुलेणं णेरइयतिरिक्वजोणियमणुस्सदेवाणं सरीरोगाहणा मविजइ । रइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा Page #1201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं पण्णत्ता । तंजहा—भवधारणिज्जा य १ उत्तरवेउव्विया य २। तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा णं-जह्मणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं पंचधणुसयाई। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं धणुसहस्सं । रयणप्पहाए पुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-भवधारणिजा य १ उत्तरवेउब्विया य २। तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं सत्तधणूई तिण्णि रयणीओ छच्च अंगुलाई । तत्थ णं जा सा उत्तरवेउब्बिया सा–जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं पण्णरसधणूइं दोणि रयणीओ बारस अंगुलाई । सक्करप्पहापुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-भवधारणिज्जा य उत्तरवेउव्विया य । तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उकोसेणं पण्णरसधणूइं दुण्णि रयणीओ बारसअंगुलाई। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया साजहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं एकतीसं धणूई इकरयणी य । बालुयप्पहापुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा–भवधारणिज्जा य १ उत्तरवेउव्विया य २। तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं एकतीसं धणूई इक्करयणी य । तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभार्ग, उक्कोसेणं बासट्ठिधणूइं दो रयणीओ य । एवं सव्वासिं पुढवीणं पुच्छा भाणियव्वा । पंकप्पहाए पुढवीए भवधारणिजा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उकोसेणं बासट्ठिधणूई दो रयणीओ य । उत्तरवेउब्विया-जहणेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं पणवीसं धणुसयं । धूमप्पहाए भवधारणिजा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं पणवीसं धणुसयं । उत्तरवेउव्विया-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं अड्डाइजाई धणुसयाई । तमाए भवधारणिज्जा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं अड्डाइजाई धणुसयाई । उस्तरवेउब्बियाजहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं पंचधणुसयाइं । तमतमाए पुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा भवधारणिज्जा य १ उत्तरवेउव्विया य २ । तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, उक्कोसेणं पंचधणुसयाई । तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स खेजइभागं, उक्कोसेणं धणुसहस्साई। ". १ एवं सव्वाणं दुविहा भवधारणिजा Page #1202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० स०अ०पं० तिसरीरोगाहणा] सुत्तागमे ११२७ असुरकुमाराणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-भवधारणिज्जा य १ उत्तरवेउव्विया य २। तत्थ णं जा सा भवधारणिज्जा सा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं सत्तरयणीओ। तत्थ णं जा सा उत्तरवेउव्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसयसहस्सं । एवं असुरकुमारगमेणं जाव थणियकुमाराणं भाणियव्वं । पुढविकाइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उकोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । एवं सुहृमाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं च भाणियव्वं । एवं जाव वायरवाउकाइयाणं पजत्तगाणं भाणियव्वं । वणस्सइकाइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं। सुहुमवणस्सइकाइयाणं ओहियाणं अपज्जत्तगाणं पज्जत्तगाणं तिण्हं पि-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । वायरवणस्सइकाइयाणं ओहियाणंजहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं,उकोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं । अपजत्तगाणंजहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं साइरेगं जोयणसहस्सं । बेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं वारसजोयणाएं । अपजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उकोसेण वि अंगुलस्स अमंग्वेजदभागं । पन्नत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं बारसजोयगाई । तेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्म असंखेजइभागं, उक्कोसेणं तिण्णि गाउयाई। अपजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उकोसेण वि अंगुलस्य असंग्वेजइभागं । पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्स संग्वेजइभागं, उक्कोसेणं तिणि गाउयाई । चउरि दियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहाणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उकोसेणं चत्तारि गाउयाई। अपजत्तगाणं-जहण्णेणं. उद्योसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । पजत्तगाणं-जहण्णेणं अंगुलस्य संखेजइभाग, उक्कोसेणं चत्तारि गाउयाई । पंचिंदियतिरिक्व जोणियाणं भंते । केमहालिया सरीरोगाहणा पणत्ता ? गोयमा ! जहणणं अंगुलस्त असंग्वेजइभाग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा । गोयमा ! एवं चेव । सम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्वजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उकोसेणं जोयणमहस्सं । अपज्जत्तगसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्वजोणियाणं पुच्छा । गो० ! जहणेणं अंगुलस्स अनंखेजइभाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । Page #1203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११२८ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं पजत्तगसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । गब्भवकंतियजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । अपज्जत्तगगब्भवकंतियजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । पजत्तगगब्भवतियजलयरपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । चउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं छ गाउयाइं । सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं । अपज्जत्तगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । पजत्तगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं । गन्भवतियचउप्पयथलयरपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं छ गाउयाई। अपज्जत्तगगब्भवतियचउप्पयथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । पज्जत्तगगब्भवतियचउप्पयथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं, उक्कोसेणं छ गाउयाई । उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । सम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं जोयणपुहुत्तं । अपज्जत्तगसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उकोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । पज्जत्तगसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहणणं अंगुलस्स संखेजइभार्ग, उक्कोसेणं जोयणपुहुत्तं । गम्भवकंतियउरपरिसप्पथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभार्ग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । अपज्जत्तगगब्भवक्कंतियउरपरिसप्पथलयरपुच्छा । गोयमा! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेज्जइभागं । पजत्तगगब्भवतियउरपरिसप्पथलयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेज्जइभार्ग, उक्कोसेणं जोयणसहस्सं । भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं गाउयपुहत्तं । सम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहणेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं धणुपुहुतं । अपजत्तगसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयराणं पुच्छा । गोयमा ! जहष्णेणं अंगुलस्स Page #1204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सणं० दे० उ० सरीरोगाहणा] सुत्तागमे असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । पजत्तगसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेज्जइभागं, उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं । गब्भवकंतियभुयपरिसप्पथलयराणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहत्तं । अपजत्तगभुयपरिसप्पाणं पुच्छा । गोयमा ! जहणणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । पज्जत्तगभुयपरिसप्पाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स संखेजइभागं, उक्कोसेणं गाउयपुहुत्तं । खहयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं वणुपुहुत्तं । सम्मुच्छिमखहयराणं जहा भुयगपरिसप्पसम्मुच्छिमाणं तिम वि गमेमु तहा भाणियव्वं । गब्भवतियखहयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभाग, उक्कोसेणं धणुपुहुत्तं । अपजत्तगगब्भवतियखहयरपुच्छा। गोग्रमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । पजत्तगगब्भवतियखहयरपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलरस संखेजइभागं, उक्कोसेणं घणुपुहुत्तं । एत्थ संगहणिगाहाओ हवंति, तंजहा-जोयणसहस्स गाउयपुहुत्त, तत्तो य जोयणपुहुत्तं । दोण्हं तु धणुपुहत्तं, समुच्छिमे होइ उच्चत्तं ॥१॥ जोयणसहस्स छग्गाउयाई, तत्तो य जोयणसहस्सं । गाउयपुहुत्त भुयगे, पक्खीमु भवे धणुपुहत्तं ॥ २ ॥ मणुस्साणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं तिणि गाउयाई । सम्मुच्छिममणुस्साणं पुच्छा । गोयमा! जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उपोरण वि अंगुलस्स असंखेजइभागं । अपजत्तगगब्भवतियमणुस्साणं पुन्छा । गोयमा ! जपणेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेण वि अंगुलस्स असंन्यजदमागं । पजत्तगगम्भवतियमणस्नाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंगुलग संग्ज:भागं, उसोसणं तिणि गाउयाई । वाणमंतराणं भवधारणिजा य उतरवैदिवया य जहा अमरकुमाराणं तहा भाणियव्वा । जहा वाणमंतराणं तहा आदमियाण वि । मोहम्मे कप्पे देवाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा दुविहा पण्णत्ता । जहा-भवधारणिजा य १ उत्तरवेउ विया य २ । तत्थ णं जा मा भवधारणिजा सा-जहाणेणं अंगुलस्य असंखेजइभागं, उक्कोसणं सत्तरयणीओ । तत्थ णं जा सा उत्तरवेबिया मा-जहण्णेणं अंगुलस्स संग्जदभार्ग, उहाँमण जोयणस यसहस्सं । एवं ईसाणकप्पे वि भाणियव्यं । जहा सोहम्मकप्पाणं देवाणं पुछा तहा मेसका पदेवाणं पुच्छा भाणियबा जाव अचुयकप्पो । सणंकुमारे भवधारणिजा-जहणणं अंगुलस्स असंखेजदमागं, उझोसेणं छ रयणीओ । उत्तर Page #1205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं वेउव्विया जहा सोहम्मे तहा भाणियव्वा । जहा सणंकुमारे तहा माहिंद वि भाणियव्वा । बंभलंतगेसु भवधारणिज्जा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं पंचरयणीओ । उत्तरवेउव्विया जहा सोहम्मे । महासुक्कसहस्सारेसु भवधारणिज्जा-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं चत्तारि रयणीओ । उत्तरवेउ. व्विया जहा सोहम्मे । आणयपाणयआरणअच्चुएसु चउसु वि भवधारणिजाजहण्णेणं अंगुलस्स असंखेज्जइभागं, उक्कोसेणं तिण्णि रयणीओ । उत्तरवेउबिया जहा सोहम्मे । गेवेजगदेवाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! एगे भवधारणिजे सरीरगे पण्णत्ते । से जहण्णेणं अंगुलस्स असंग्वेज्जइभागं, उकोसेणं दुण्णि रयणीओ । अणुत्तरोववाइयदेवाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! एगे भवधारणिजे सरीरगे पण्णत्ते । से जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभागं, उक्कोसेणं एगा रयणी उ।से समासओ तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-सृइअंगुले १ पथरंगुले २ घणंगुले ३ । एगंगुलायया एगपएसिया सेढी सृइअंगुले, सूई सृईए गुणिया पयरंगुले, पयरं सूईए गुणियं घणंगुले । एएसि णं सूइअंगुलपयरंगुलघणंगुलाणं कयरे कयरेहितो अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा ? सव्वत्थोवे सूइअंगुले, पयरंगुले असंखेजगुणे, घणंगुले असंखेजगुणे । सेत्तं उस्सेहंगुले । से किं तं पमाणंगुले ? पमाणंगुले-एगमेगस्स रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ठसोवण्णिए कागणीरयणे छत्तले दुवालसंसिए अट्ठकाण्णिए अहिगरणसंठाणसंठिए पण्णत्ते, तस्स णं एगमेगा कोडी उस्सेहंगुलविक्खंभा, तं समणस्स भगवओ महावीरस्स अद्धंगुलं, तं सहस्सगुणं पमाणंगुलं भवइ । एएणं अंगुलपमाणेणं छ अंगुलाई-पाओ, दुवालसअंगुलाई-विहत्थी, दो विहत्थीओ-रयणी, दो रयणीओ-कुच्छी, दो कुच्छीओ= धणू, दो घणुसहस्साईगाउयं, चत्तारि गाउयाई-जोयणं । एएणं पमाणंगुलेणं किं पओयणं ? एएणं पमाणंगुलेणं पुढवीणं कंडाणं पायालाणं भवणाणं भवणपत्थडाणं निरयाणं निरयावलीणं निरयपत्थडाणं कप्पाणं विमाणाणं विमाणावलीणं विमाणपत्थडाणं टंकाणं कूडाणं सेलाणं सिहरीणं पब्भाराणं विजयाणं वक्खाराणं वासाणं वासहराणं वासहरपव्वयाणं वेला(वलया)णं वेइयाणं दाराणं तोरणाणं दीवाणं समुदाणं आयामविक्खंभोच्चत्तोव्वेहपरिक्खेवा मविजंति । से समासओ तिविहे पण्णत्ते । तंजलासेढीअंगुले १ पयरंगुले २ घणंगुले ३ । असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ सेढी, सेढी सेढीए गुणिया पयरं, पयरं सेढीए गुणियं लोगो, संखेजएणं लोगो गुणिओ संखेजा लोगा, असंखेज्जएणं लोगो गुणिओ असंखेज्जा लोगा, अणंतेणं लोगो गुणिओ अणंता लोगा। एएसि णं सेढीअंगुलपयरंगुलधणंगुलाणं कयरे कयरेहितो Page #1206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे भावलिया] अप्पे वा बहुए वा तुल्ले वा विसेसाहिए वा ? सव्वत्थोवे सेढीअंगुले, पयरंगुले असंखेजगुणे, घणंगुले असंखेज्जगुणे । सेत्तं पमाणंगुले । सेत्तं विभागनिष्फण्णे । सेत्तं खेत्तप्पमाणे ॥ १३४ ॥ से किं तं कालप्पमाणे ? कालप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहापएसनिष्फण्णे य १ विभागनिप्फण्णे य २ ॥ १३५ ॥ से किं तं पएसनिप्फण्णे ? पएसनिप्प्फण्णे-एगसमयढ़िईए, दुसमयट्ठिईए, तिसमयट्टिईए जाव दससमयट्टिईए, संखिजसमय ढिईए, असंखिज्जसमय ढिईए । से तं पएसनिप्फण्णे ॥ १३६ ॥ से किं तं विभागनिप्फण्णे ? विभागनिप्फण्णे-गाहा-समयावलिय मुहुत्ता, दिवस अहोरत्त पक्ख मासा य । संवच्छर जुग पलिया, सागर ओसप्पि परियट्टा ॥ १ ॥ १३७ ॥ से किं तं समए ? समयस्स णं परवणं करिस्सामि-से जहानामए तुषणागदारए सिया-तरुणे, बलवं, जुगवं, जुवाणे, अप्पायंके, थिरग्गहत्थे, दढपाणिपायपासपिढेंतरोरुपरिणए, तलजमलजुयलपरिघणिभवाहू, चम्मेठ्ठगदुहणमुट्ठियसमाहयनिचियगत्तकाए, उरस्सबलसमण्णागए, लंघणपवणजइणवायामसमत्थे, छेए, दक्खे, पत्तद्वे, कुसले, मेहावी, निउणे, निउणसिप्पोवगए, एगं महइं पडसाडियं वा पट्टसाडियं वा गहाय सयराहं हत्थमेत्तं ओसारेजा, तत्थ चोयए पण्णवयं एवं वयासीजेणं कालेणं तेणं तुण्णागदारएणं तीसे पडसाडियाए वा पट्टसाडियाए वा सयराहं हत्थमेत्ते ओसारिए से समए भवइ ? नो इणढे समढे। कम्हा ? जम्हा संखेजाणं तंतृणं समुदयसमितिसमागमेणं एगा पडसाडिया निष्फजइ, उवरिल्लम्मि तंतुम्मि अच्छिण्णे हिटिले तंतृ न छिज्जइ, अण्णम्मि काले उवरिल्ले तंतू छिजइ, अण्णम्मि काले हिहिले तंतू छिज्जइ, तम्हा से समए न भवइ । एवं वयंतं पण्णवयं चोयए एवं वयासी-जेणं कालेणं तेणं तुण्णागदारएणं तीसे पडसाडियाए वा पट्टसाडियाए वा उवरिष्ठे तंत, छिण्णे से समए भवइ ? न भवइ । कम्हा ? जम्हा संखेजाणं पम्हाणं समुदयसमिइसमागमेणं एगे तंत. निष्फजइ, उवरिल्ले पम्हे अच्छिण्णे हिद्विारे पम्हे न छिजइ, अण्णम्मि काले उवरिल्ले पम्हे छिज्जइ, अण्णम्मि काले हिंटिले पम्हे छिजइ, तम्हा से समए न भवइ । एवं वयंतं पण्णवयं चोयए एवं क्यासी-जेणं कालणं तेणं तुण्णागदारएणं तस्स तंतुस्स उवरिल्ले पम्हे छिण्णे से समए भवन भवद । कम्हा? जम्हा अणंताणं संघायाणं समुदयसमिइसमागमेणं एगे पम्हे निफजइ, उवरिष्टे संघाए अविसंघाइए हेहिले संघाए न विसंघाइज्जइ, अण्णम्म काले उबरिले संघाए विसंधाइ जद, अण्णम्मि काले हेहि संघाए विसंघाइजइ, तम्हा से समए न भवइ । एत्तो वि य णं मुहुमतराए समए पण्णत्ते समणाउसो!, असंखिजाणं समयाणं समुदयसमिइसमागमेणं सा एगा 'आवलिय'त्ति Page #1207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११३२ सुग [ अणुओगदारसुतं एस वुच्चर, संखिजाओ आवलियाओ = ऊसासो, संखिज्जाओ आवलियाओ = नीसासो | गाहाओ - स वगलस्स, निरुवक्किट्ठस्स जंतुणो । एगे ऊसासनीसासे, पात्ति च ॥ १ ॥ सत्तपाणूणि से थोवे, सत्त थोवाणि से लवे । लवाणं सत्तहत्तए, एस मुहुत्ते वियाहिए ॥ २ ॥ तिणि सहस्सा सत्त य, सयाई तेहुत्तरं च ऊसासा । एस मुहुत्तो भणिओ, सव्वेहिं अनंतनाणीहिं ॥ ३ ॥ एएणं मुहुत्तप्रमाणेणं तीसं मुहुत्ता=अहोरत्तं, पण्णरस अहोरत्ता = पक्खो, दो पक्खा=मासो, दो मासा =उऊ, तिण्णि उऊ=अयणं, दो अयणाई - संवच्छरे, पंच संवच्छराई = जुगे, वीसं जुगाईं= वाससयं, दस वाससयाइं वाससहस्सं, सयं वाससहस्साणं = वाससय सहस्सं, चोरासीइं वाससयसहस्साइं से एगे पुव्वंगे, चउरासीइं पुव्वंगसय सहस्साई = से एगे पुव्वे, चउरासीइं पुव्वसयसहस्साइं = से एगे तुडियंगे, चउरासीइं तुडियंगसयसहस्साइं से एगे तुडिए, चउरासीइं तुडियसयसहस्साई = से एगे अडडंगे, चउरासीइं अडडंगसयसहस्साईं-से एगे अड्डे, एवं अववंगे, अबवे, हुहुयंगे, हुहुए, उप्पलंगे, उप्पले, पउमंगे, पउमे, नलिणंगे, नलिणे, अच्छनिउरंगे, अच्छनिउरे, अउयंगे, अउए, पउयंगे, पउए, नउयंगे, नउए, चूलियंगे, चूलिया, सीसपहेलियंगे, चउरासीइं सीसपहेलियंगसय सहस्साई - सा एगा सीसपहेलिया । एयावया चैव गणिए, एयावया चैव गणियस्स विसए, एत्तो परं ओवमिए पवत्तइ ॥ १३८ ॥ से किं तं ओमिए ? ओमिए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - पलिओवमे य १ सागरोवमे य २ । से किं तं पलिओचमे ? पलिओवमे तिविहे पण्णत्ते । तं जहा - उद्धारपलिओ मे १ अापलिओ मे २ खेत्तपलिओ मे य ३ । से किं तं उद्धारपलिओवमे ? उद्धारपलिओवमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - सुहुमे १ वावहारिए य २ । तत्थ णं जे से मुहुमे से ठप्पे । तत्थ णं जे से वावहारिए - से जहानामए पले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उद्धुं उच्चत्तेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव उक्कोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं संसद्वे संनिचिए भरिए वालग्गकोडीणं णं वाग्गा नो अग्गी डहेज्जा, नो वाऊ हरेज्जा, नो कुहेज्जा, नो पलिविद्धंसिज्जा, नो पूत्ताए हव्वमागच्छेज्जा, तओ णं समए समए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएकाले से पल्ले खीणे नीरए निल्लेवे निट्ठिए भवइ से तं वावहारिए उद्धारपलिओवमे । गाहा - एएसिं पलाणं, कोडाकोडी हवेज दसगुणिया । तं ववहारियस्स उद्धार - . सागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं ॥ १ ॥ एएहिं वावहारियउद्धारपलिओवमसागरोवकिं ओय ? एएहिं वावहारियउद्धारपलिओवमसागरोवमेहिं णत्थि किंचिप्पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविज्जइ । सेत्तं वावहारिए उद्धारपलिओवमे । से किं तं Page #1208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुहुमद्धापलिमोवम०] सुत्तागमे ११३३ मुहुमे उद्धारपलिओवमे ? सुहुमे उद्धारपलिओवमे-से जहानामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव उकोसेणं सत्तरत्तपरूढाणं संसढे संनिचिए भरिए वालग्गकोडीणं, तत्थ णं एगमेगे वालग्गे असंखिज्जाइं खंडाइं कजइ, ते णं वालग्गा दिट्ठिओगाहणाओ असंखेजइभागमेत्ता सुहमस्स पणगजीवस्स सरीरोगाहणाउ असंखेज्जगुणा, ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा, णो वाऊ हरेजा, णो कुहेजा, णो पलिविद्धंसिजा, णो पूइत्ताए हव्यमागच्छेजा, तओ णं समए समए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निल्लेवे निट्ठिए भवइ सेत्तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे । गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी हवेज दसगुणिया। तं सुहुमस्स उद्धारसागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं ॥ २ ॥ एएहिं सुहुमउद्धारपलिओवमसागरोवमेहिं किं पओयणं ? एएहिं सुहुमउद्धारपलिओवमसागरोवमेहिं दीवसमुद्दाणं उद्धारो घेप्पइ । केवइया णं भंते ! दीवसमुद्दा उद्धारेणं पण्णत्ता ? गोयमा ! जावइया णं अट्ठाइजाणं उद्धारसागरोवमाणं उद्धारसमया एवइया णं दीवसमुद्दा उद्धारेणं पण्णता । सेत्तं सुहुमे उद्धारपलिओवमे । सेत्तं उद्धारपलिओवमे । से किं तं अद्धापलिओवमे ? अद्धापलिओवमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-मुहुमे य १ वावहारिए य २ । तत्थ णं जे से मुहुमे से ठप्पे । तत्थ णं जे से वावहारिए-से जहानामए पल्ले सियाजोयणं आयामविक्खंभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पड़े एगाहियवेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, ते णं वालग्गा नो अग्गी डहेजा जाव नो पलिविद्धसिज्जा, नो पूइत्ताए हव्वमागच्छेना, तओ णं वाससए वासमए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निल्लेवे निटिए भवइ से तं बावहारिए अदापलिओवमे । गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी भविज दसगुणिया । तं ववहारियस्स अद्धासागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं ॥३॥ एएहिं बावहारियअद्धापलिओवमसागरोवमेहिं किं पओयणं ? एएहिं वावहारियअद्धापलिओवमगागरोवमेहिं णत्थि किंचिप्पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविजइ । सत्तं वावहारिए अद्धापलिओवमे । से किं तं महमे अद्धापलिओवमे ? मुहमे अद्धापलिओवमे-से जहानामए पल्ले सिया-जोयणं आयामेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवणं, से णं पढ़े एगाहियबेयाहिय तेयाहिय जाव भरिए बालग्गकोडीणं, तत्थ णं एगमेगे बालग्गे असंखिजाई खंडाई कज्जइ, ते णं वालग्गा दिहिओगाहणाओ असंखेजदभागमेत्ता सहमस्स पणगजीवस्स सरीरोगाहणाओ असंखेजगुणा, ते णं बालग्गा नो अग्गी डहेजा जाव नो पलिविद्धंसिज्जा, नो पूइत्ताए हव्व Page #1209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ११३४ [भणुओगदारसुत्तं मागच्छेज्जा, तओ णं वाससए वाससए एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निल्लेवे निट्ठिए भवइ सेत्तं सुहुमे अद्धापलिओवमे। गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी भवेज दसगुणिया । तं सुहुमस्स अद्धासागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं ॥ ४ ॥ एएहिं सुहुमेहिं अद्धापलिओवमसागरोवमेहिं किं पओयणं ? एएहिं सुहुमेहिं अद्धापलिओवमसागरोवमेहिं णेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं आउयं मविजइ ॥ १३९ ॥ णेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं । रयणप्पहापुढविणेरड्याणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं एगं सागरोवमं । अपजत्तगरयणप्पहापुढविणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उकोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगरयणप्पहापुढविणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं एगं सागरोवमं अंतोमुहुत्तूणं । सक्करप्पहापुढविणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं एगं सागरोवमं, उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाइं । एवं सेसपुढवीसु पुच्छा भाणियव्वा । वालुयप्पहापुढविणेरइयाणं-जहण्णेणं तिणि सागरोवमाइं, उक्कोसेणं सत्तसागरोवमाइं । पंकप्पहापुडविणेरइयाणं-जहण्णेणं सत्तसागरोवमाइं, उक्कोसेणं दससागरोवमाइं । धूमप्पहापुढविणेरइयाणं-जहण्णेणं दससागरोवमाइं, उक्कोसेणं सत्तरससागरोवमाई। तमप्पहापुढविणेरइयाणं-जहण्णेणं सत्तरससागरोवमाई, उक्कोसेणं बावीससागरोवमाई। तमतमापुढविणेरइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं । असुरकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं साइरेगं सागरोवमं । असुरकुमारदेवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं अद्धपंचमाई पलिओवमाइं । नागकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूणाई दुण्णि पलिओवमाइं । नागकुमारीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्नोसेणं देसूणं पलिओवमं । एवं जहा णागकुमारदेवाणं देवीण य तहा जाव थणियकुमाराणं देवाणं देवीण य भाणियव्वं । पुढवीकाइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुक्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई । सुहुमपुढवीकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तयाणं पजत्तयाण य । तिसु वि पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुरतं । बायरपुढवि Page #1210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अपज्जत्तगतेइंदियठिइपुच्छा] सुत्तागमे ११३५ काइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई। अपजत्तगबायरपुढविकाइयाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगवायरपुढविकाइयाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई । एवं सेसकाइयाण वि पुच्छावयणं भाणियव्वं । आउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं सत्तवाससहस्साई । मुहुमआउकाइयाणं ओहियाणं अपज्जत्तगाणं पजत्तगाणं तिण्ह वि-जहण्णेण वि अंतोमुहुत्ते, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । बायरआउकाइयाणं जहा ओहियाणं । अपजत्तगवायरआउकाइयाणं-जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगबायरआउकाइयाणं-जहणणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई। तेउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि राइंदियाई । सुहुमते उकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाणं तिण्ह वि-जहणेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । वायरतेउकाइयाणं-जहाणेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि राईदियाई । अपज्जत्तगबायरतेउकाइयाणं-जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगवायरतेउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि राइंदियाई अंतोमुहुक्तूणाई । वाउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि वाससहस्साई । सुहुमवाउकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्तगाण य तिण्ह वि-जहणेण वि अंतोमुहुत्तं, उकोसेण वि अंतोमुहुत्तं । बायरवाउकाझ्याणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोलणं तिणि वाससहस्साई । अपजत्तगवायरवाउकाइयाणं-जहण्णेण वि अंतोमुहुने, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगबायरवाउकाइयाणं-जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसणं तिष्णि वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई । वणस्सइकाइयाणं-जहण्णेणं अंतो. मुहुत्तं, उक्कोसणं दसवाससहस्साई । मुहुमवणस्सइकाइयाणं ओहियाणं अपजत्तगाणं पजत्नगाण य तिण्ह वि-जहण्णेण वि अंतोमुहतं, उक्कोसण वि अंतोमुहुतं । बायरवणस्सइकाइयाणं-जपणेणं अंतोमुहुर्त, उधासणं दसवाससहस्साई । अपजत्तगवायरवणस्पइकाइयाणं-जहणणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत । पजत्तगवायरवणस्सइकाझ्याणं-जहण्णेणं अंतोमुहतं, उकोसेणं दसवासराहस्साई अंतोमुहतूणाई। बेइंदियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णता ? गोयमा ! जहणेणं अंतीमुहुरा, उद्योसेणं वारमसंबच्छराणि । अपजत्तगबेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णण वि अंतोमुहुक्तं, उकोसेण वि अंतोमुहत्तं । पजत्तगबेइंदियाणं० । गोयमा ! जहणणं अंतोमुहतं, उकोसेणं बारससंवच्छराई अंतोमुहत्तणाई । तेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहणेणं अंतोमुहुतं, उक्कोसेणं एगणपण्णासं राईदियाणं । अपजत्तगतदं Page #1211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुत्तं दियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । पजत्तगतेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं एगृणपण्णासं राइंदियाइं अंतोमुहुत्तूणाई। चउरिंदियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा । अपजत्तगचउरिंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगचउरिंदियाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं छम्मासा अंतोमुहत्तणा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं । जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुवकोडी । सम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्नोसेणं पुव्वकोडी । अपजत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयसम्मुच्छिमजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुनूणा । गब्भवतियजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं पुव्वकोडी । अपजत्तगगब्भवकंतियजलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तगगब्भवतियजलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा । चउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओबमाइं । सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उनोसेणं चउरासीइं वाससहस्साइं । अपज्जत्तयसम्मुच्छिमचउम्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तयसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं चउरासीई वाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई । गब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं । अपज्जत्तगगब्भवतियचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगगब्भवकंतियचउप्पयथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं पुवकोडी। सम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तेवनं वाससहस्साई । अपजत्तयसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेण Mitikili THTHHTHHTHHOld Page #1212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संगहणिगाहाओ] सुत्तागमे वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । पजत्तयसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उकोसेण वि अंतोमुहत्तं । पजत्तयसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुन्छा । गोयमा ! जहह्मणेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तेवणं वाससहस्साई अंतोमुहुत्तणाई। गन्भवतियउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं पुव्वकोडी । अपज्जत्तगगन्भवतियउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तगगव्भवक्रतियउरपरिसप्पश्रलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उकोसेणं पुब्बकोडी अंतोमुहत्तूणा । भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जपणेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । सम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साई । अपजत्तयसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहणेण वि अंतोमुहत्तं, उफोसेण वि अंतोमुहत्तं । पजत्तयसम्मुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बायालीसं वाससहस्साइं अंतोमुहत्तणाई । गब्भवतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्यकोडी । अपज्जत्तयगब्भवतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजत्तयगब्भवकंतियभुयपरियप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उकोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा । खहयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो। सम्मुच्छिमखयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहणणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरि वाससहस्साई। अपजत्तगसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा : जहणणेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पजनगसम्मुन्टिमन्वयरपंचिंदियपुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावनरिं वारासहस्साई अंतोमुहत्तणाई। गम्भवयंति यन्वयरपंचिंदियपुन्छा । गोयमा ! जहणणं अंनोमुहुत्तं, उक्कोसणं पलिओवमस्ग असंखेजइभागो। अपजत्तगगम्भवतियवहायर पंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहाणेण वि अंतोमुहुन, उकोमेण वि अंतीमुहतं । पजत्तगगभवतियखहयरपंचिदियतिरिक्खजोणियाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा : जहणणं अंतोमुहत्तं, उकोसेणं पलिओवमम्म असंखेजइभागी अंतोमुहुनणो । एल्थ एएमि संगहणिगाहाओ भवंति, नंजहा--- सम्मुन्टिम पुचकोडी, चउरासीदं भवे महरमाई । तेवण्णा बायाला, यावत्तरिमेव पक्खीणं ॥ १ ॥ गभमि पुच्चकोडी, तिणि य पलिओवमा परमाऊ। Page #1213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HTHHHHHHHHHH सुत्तागमे [अणुयोगदारसुत्तं उरग भुय पुव्वकोडी, पलिओवमासंखभागो य ॥२॥ मणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई। सम्मुच्छिममणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं । गब्भवकंतियमणुस्साणं पुच्छा । गोयमा ! जपणेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं । अपज्जत्तगगब्भवतियमणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेण वि अंतोमुहुत्तं । पज्जत्तगगब्भवकंतियमणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं अंतोमुत्तूणाई । वाणमंतराणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं पलिओवमं । वाणमंतरीणं देवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं । जोइसियाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं, उकोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं । जोइसियदेवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणेणं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलि ओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं । चंदविमाणाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उनोसेणं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं । चंदविमाणाणं भंते ! देवीणं पुच्छा । गोयमा । जहणणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पण्णासाए वाससहस्सेहिं अब्भहियं । सूरविमाणाणं भंते ! देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं वाससहस्समब्भहियं । सूरविमाणाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहिं अन्भहियं । गहविमाणाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं पलिओवमं । गहविमाणाणं भंते ! देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं । णक्वत्तविमाणाणं भंते ! देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उकोसेणं अद्धपलिओवमं । णक्खत्तविमाणाणं देवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं चउभागपलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगं चउभागपलिओवमं । ताराविमाणाणं भंते ! देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं चउभागपलिओवमं । ताराविमाणाणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अट्ठभागपलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगं अट्ठभागपलिओवमं । वेमाणियाणं Page #1214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म० हे. गे० वि० देवटिई सुत्तागमे भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं तेत्तीस सागरोबमाइं । वेमाणियाणं भंते ! देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपण्णं पलिओवमाई । सोहम्मे गं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवम, उक्कोसेणं दो सागरोवमाई । सोहम्मे णं भंते ! कप्पे परिग्गहियादेवीणं पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं सत्तपलिओवमाइं । सोहम्मे णं भंते ! कप्पे अपरिग्गहियादेवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णता ? गोयमा ! जहण्णेणं पलिओवमं, उक्कोसेणं पण्णासं पलिओवमं । ईसाणे णं भंते ! कप्पे देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णता? गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं साइरेगाइं दो सागरोवमाई । ईसाणे णं भंते ! कप्पे परिग्गहियादेवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं नवपलिओवमाइं । ईसाणे णं भंते ! कप्पे अपरिग्गहियादेवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपण्णं पलिओवमाइं। सणंकुमारे णं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं दो सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तसागरोवमाएं । माहिंदे णं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा । गोयमा ! जपणेणं साइरेगाई दो सागरोवमाई, उकोसेणं साइरेगाई सत्तसागरोबमाई । बंभलोए णं भंते ! कप्पे देवाणं पुच्छा। गोयमा ! जहणेणं सत्तसागरोवमाई, उक्कोसेणं दससागरोवमाइं । एवं कप्पे कप्पे केवइयं कालं टिई पण्णत्ता ? गोयमा ! एवं भाणियव्वं-लंतए-जहण्णेणं दससागरोवमाई, उकोसेणं चउद्दस सागरोबमाई । महामुक्के-जहण्णेणं चउद्दन सागरोवमाई, उकोमणं सत्सरस सागरोवमाई । सहस्सारे-जहणणं सत्तरस सागरोवमादं, उकोसेणं अट्ठारम सागरोबमाई । आणए-जहण्णेणं अट्ठारस सागरोवमाई, उक्कोसणं एगृणवीसं सागरोबमाई । पाणए-जहणेणं एगूणवीसं गागरोवमाई, उकोसणं बीसं सागरोबमाई । आरणे-जहण्णेणं बीसं सागरोतमाई, उकासेणं एकावीसं गागरीवमाई । अचुए-जहण्णेणं एकवीसं सागरोवमादं, उद्योगणं बावीसं सागरोवमा । हेडिमहे हिमगेविज विमाणेसु णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गायमा ! जहणणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेवीसं सागरोवमाई । हेद्विममज्झिमगेविजधिमाणेगु णं भंते ! देवाणं ० ? गोयमा ! जबण्णेणं तेवीसं मागरोवमाई, उनोसेणं चउवासं सागरोवमाई । हेठिमउबरिमगेविजविमाणेमु णं भंते ! दवाणं. ? गोयमा ! जहणणं चउवीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं पणवीसं सागरोत्रमाई । मज्यिमहेट्ठिमगेवेजविमाणेमु णं भंते ! देवाणं - ? गोयमा ! जहणेणं पणवीसं सागरोवमाई, Page #1215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ११४० [अणुओगदारसुत्तं उक्कोसेणं छव्वीसं सागरोवमाई । मज्झिममज्झिमगेवेजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं.? गोयमा ! जहण्णेणं छव्वीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं सत्तावीसं सागरोवमाई । मज्झिमउवरिमगेवेजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं० ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्तावीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं अट्ठावीसं सागरोवमाई । उवरिमहेछिमगेविजविमाणेमु णं भंते ! देवाणं० ? गोयमा ! जहण्णेणं अट्ठावीसं सागरोवमाइं, उनोसेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं । उवरिममज्झिमगेविजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं० ? गोयमा ! जहण्णेणं एगूणतीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं तीसं सागरोवमाइं । उवरिमउवरिमगेविजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं० ? गोयमा ! जहण्णेणं तीसं सागरोबमाई, उक्कोसेणं इक्कतीसं सागरोवमाइं । विजयवेजयंतजयंतअपराजियविमाणेसु णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं इकतीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तत्तीसं सागरोवमाइं । सव्वठ्ठसिद्धे णं भंते ! महाविमाणे देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! अजहण्णमणुकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं । सेत्तं सुहुमे अद्धापलिओबमे । सेत्तं अद्धापलिओवमे ॥ १४० ॥ से किं तं खेत्तपलिओवमे ? खेत्तपलिओवमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-सुहुमे य १ वावहारिए य २ । तत्थ णं जे से मुहुमे से ठप्पे । तत्थ णं जे से वावहारिए-से जहानामए पल्ले सिया-जोयणं आयामबिक्खंभेणं, जोयणं उव्वेहेणं, तं तिगुणं सविसेसं परिक्खेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाब भरिए वालग्गकोडीणं, ते णं वालग्गा णो अग्गी डहेजा जाव णो पूइत्ताए हव्यमागच्छेज्जा, जे णं तस्स पल्लस्स आगासपएसा तेहिं वालग्गेहिं अप्फुण्णा तओ णं समए समए एगमेगं आगासपएसं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे जाव णिहिए भवइ से तं वावहारिए खेत्तपलिओवमे । गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी भवेज दसगुणिया । तं ववहारियस्स खेत्तसागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं ॥१॥ एएहिं बावहारिएहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहिं किं पओयणं ? एएहिं वावहारिएहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहिं णत्थि किंचिप्पओयणं, केवलं पण्णवणा पण्णविजइ । सेत्तं वावहारिए खेत्तपलिओवमे । से किं तं सुहुमे खेत्तपलिओवमे ? सुहुमे खेत्तपलिओवमे-से जहाणामए पल्ले सिया-जोयणं आयामविक्खंभेणं जाव तं तिगुणं सविसेसं परिवग्वेवेणं, से णं पल्ले एगाहियबेयाहियतेयाहिय जाव भरिए वालग्गकोडीणं, तत्थ णं एममेगे वालग्गे असंखिजाइं खंडाइं कज्जइ, ते णं वालग्गा दिट्ठिओगाहणाओ असंग्वेज्जइभागमेत्ता सुहुमस्स पणगजीवस्स सरीरोगाहणाओ असंखेजगुणा, ते णं बालग्गा नो अग्गी डहेजा जाव नो पूइत्ताए हव्वमागच्छेज्जा, जे णं तस्स पल्लस्स आगासपएसा तेहिं वालग्गेहि अप्फुण्णा वा अणाफुण्णा वा तओ णं समए समए एगमेगं आगास Page #1216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीवदव्या] सुत्तागमे ११४१ पएसं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खीणे जाव निहिए भवइ सेत्तं सुहमे खेत्तपलिओवमे। तत्थ णं चोयए पण्णवर्ग एवं वयासी-अत्थि णं तस्स पल्लस्स आगासपएमा जे णं तेहिं वालग्गेहिं अणाफुण्णा ? हंता ! अस्थि । जहा को दिटुंतो ? से जहाणामए कोढए सिया कोहंडाणं भरिए, तत्थ णं माउलिंगा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं बिल्ला पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं आमलगा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं वयरा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं चणगा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं मुग्गा पक्वित्ता ते वि माया, तत्थ णं सरिसवा पक्खित्ता ते वि माया, तत्थ णं गंगावालुया पक्खित्ता सा वि माया, एवमेव एएणं दिटुंतेणं अत्थि णं तस्स पठस्स आगासपएसा जे णं तेहिं वालग्गेहिं अणाफुण्णा । गाहा-एएसिं पल्लाणं, कोडाकोडी भवेज्ज दसगुणिया । तं मुहुमस्स खेत्तसागरोवमस्स, एगस्स भवे परिमाणं ॥ २ ॥ एएहिं महुमेहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहिं किं पओयणं ? एएहिं मुहुमेहिं खेत्तपलिओवमसागरोवमेहिं दिट्ठिवाए दव्या मविज्जति ॥ १४१ ॥ कइविहा णं भंते ! दव्वा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा---जीवदव्वा य १ अजीवदव्बा य २ । अजीवदव्वा णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-रूवीअजीवदव्वा य १ अरूबीअजीवदव्वा य २ । अरूवीअजीवदव्वा णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! दसविहा पण्णत्ता । तंजहाधम्मस्थिकाए १ धम्मत्थिकायस्स देसा २ धम्मत्थिकायस्स पएसा ३ अधम्मत्थिकाए । अधम्मत्थिकायस्स देसा ५ अधम्मत्थिकायस्स पऐसा ६ आगास त्थिकाए ७ आगामस्थिकायस्स देसा ८ आगासत्थिकायस्स पएसा ९ अद्धासमए १० । रूवीअनीवदव्या णं भंते ! कविहा पण्णत्ता ? गोयमा ! चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहाखंधा 1 खंधदेसा २ खंधपएसा ३ परमाणुपोग्गला ८ । ते णं भंते ! किं संखिजा असंखिजा अणंना ? गोयमा ! नो संखिजा, नो असं खिज्जा, अणंता । से केणटेणं भंते ! एवं बुबइ-नो संखिजा, नो असंखिज्जा, अणंता ? गोयमा ! अणंता परमागुपोग्गला, अणंता दुपएसिया खंधा जाव अणंता अणंतपएसिया खंधा, से एएणणं गोयमा ! एवं बुबइ-नो संखिजा, नो असंखिजा, अणंता । जीवदव्या णं भंते ! किं संविजा अमंखिजा अणंता ? गोयमा ! नो संखिजा, नो असंखिजा, अणंता। से कणण भंते ! एवं बुन्या-नो संखिजा, नो असंखिज्जा, अणंता ? गोयमा ! असंखिजा गरइया, असं खिजा अमरकुमारा जाब असंखिजा थणियकुमारा, असंखिजा पुढविकाइया जाव असंखिजा बाउकाइया, अणंता वणस्सदकाइया, असंखिजा बेइंदिया जाव अखिजा चउरिदिया, असंखिजा पंचिंदियतिरिक्खजोणिया, असं Page #1217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं खिजा मणुस्सा, असंखिज्जा वाणमंतरा, असंखिजा जोइसिया, असंखिज्जा वेमाणिया, अणंता सिद्धा, से एएणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-नो संखिज्जा, नो असंखिज्जा, अणंता॥ १४२॥ कइविहा णं भंते ! सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता। तंजहा-ओरालिए १ वेउव्विए २ आहारए ३ तेयए ४ कम्मए ५ । णेरइयाणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरा पण्णत्ता। तंजहा-वेउव्विए १ तेयए २ कम्मए ३ । असुरकुमाराणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरा पण्णत्ता । तंजहा-वेउव्विए १ तेयए २ कम्मए ३ । एवं तिण्णि तिण्णि एए चेव सरीरा जाव थणियकुमाराणं भाणियव्वा । पुढविकाइयाणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ सरीरा पण्णत्ता। तंजहा-ओरालिए १ तेयए २ कम्मए ३ । एवं आउतेउवणस्सइकाइयाण वि एए चेव तिण्णि सरीरा भाणियव्वा । वाउकाइयाणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि सरीरा पण्णत्ता। तंजहा-ओरालिए १ वेउव्विए २ तेयए ३ कम्मए ४ । बेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं जहा पुढवीकाइयाणं । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा वाउकाइयाणं । मणुस्साणं भंते ! कइ सरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरा पण्णत्ता । तंजहा-ओरालिए १ वेउव्विए २ आहारए ३ तेयए ४ कम्मए ५ । वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाणं जहा णेरइयाणं । केवइया णं' भंते ! ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धलगा य १ मुक्केल्लगा य २ । तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं असंखिज्जा, असंखिज्जाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा। तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्वओ अभवसिद्धिएहिं अणंतगुणा, सिद्धाणं अणंतभागो । केवइया णं भंते ! वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बद्धलगा य १ मुक्केल्लगा य २ । तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं असंखिज्जा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिज्जाओ सेढीओ पयरस्स असंखेजइभागो। तत्थ णं जे ते मुक्केलगा ते णं अणंता, अणंताहिं उस्सप्पिणिओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, सेसं जहा ओरालियस्स मुक्केलगा तहा एए वि भाणियव्वा । केवइया णं भंते ! आहारगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बल्लिया य १ मुक्केलया य २ । तत्थ णं जे ते बद्धलया ते णं सिय अस्थि सिय णत्थि, जइ अत्थि जहण्णेणं एगो वा दो वा तिण्णि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं । मुक्केल्लया जहा ओरालिया तहा भाणियव्वा । .. १ कइविहाणं। Page #1218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ०णियकुमार० ] सुत्तागमे केवइया णं भंते! तेयगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा- बद्धेलयाय १ मुकेलया य २ । तत्थ णं जे ते वद्धेल्या ते णं अनंता, अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अणंता लोगा, दव्वओ सिद्धेहिं अनंतगुणा, सब्बजीवाणं अनंतभागूणा । तत्थ णं जे ते मुक्केलया ते णं अनंता, अनंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ अनंता लोगा, दव्वओ सव्वजीवेहिं अनंतगुणा, सव्वजीववग्गस्स अनंतभागो । केवइया णं भंते! कम्मगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा - बद्धेल्या य १ मुलाय २ । जहा तेयगसरीरा तहा कम्मगसरीरा वि भाणियव्वा । णेरड्याणं भंते! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा - बद्धेयाय १ मुकेल्या य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्या ते णं णत्थि । तत्थ णं जे ते मुकेल्या ते जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । णेरइयाणं भंते ! केवइया वेडव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा- बद्धेल्या य १ मुयाय २ । तत्थ णं जे ते बलेल्या ते णं असंखिज्जा, असंखिजाहिं उस्सप्पणीओसपिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिज्जइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसई अंगुलपढमवग्गमूलं बिइयवग्गमूलपपणं, अह्वाणं अंगुलबियवग्गमूलघणपमाणमेत्ताओ सेढीओ । तत्थ णं जेते ११४३ या ते णं जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । णेरइयाणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा - बद्धेल्या १ मुलया य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्या ते णं णत्थि । तत्थ णं जे ते मुक्केया ते जहा ओहिया तहा भाणियव्वा । तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव वेव्सरीरा तहा भाणियव्वा । असुरकुमाराणं भंते! केवइया ओरालियासरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहा पेरइयाणं ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । असुरकुमाराणं भंते! केवइया वेडव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तं जहा - बद्धेला य १ मुक्केलया य २ । तत्थ जे ते बद्धेल्या ते णं असंखिज्जा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलपढमवग्गमूलस्स असंखिज्जइभागो । मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियसरीरा । असुरकुमाराणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा - बजेलया य १ मुझेयाय २ । जहा एएसिं चेव ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव वेडव्वियसरीरा तहा भाणियव्वा । जहा असुरकुमाराण Page #1219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ११४४ [अणुओगदारसुत्तं तहा जाव थणियकुमाराणं ताव भाणियव्वा । पुढविकाइयाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बद्धलया य १ मुक्केल्या य २ । एवं जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । पुढविकाइयाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लया य १ मुक्केल्लया य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं णत्थि । मुक्केल्लया जहा ओहियाणं ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । आहारगसरीरा वि एवं चेव भाणियव्वा । तेयगकम्मसरीरा जहा एएसिं चेव ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । जहा पुढविकाइयाणं एवं आउकाइयाणं तेउकाइयाण य सव्वसरीरा भाणियव्वा । वाउकाइयाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्या य १ मुक्केलया य २ । जहा पुढविकाइयाणं ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । वाउकाइयाणं० केवइया वेउब्धियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहाबद्धलगा य १ मुक्केलगा य २ । तत्थ णं जे ते बद्धलगा ते णं असंखिजा, समए समए अवहीरमाणा खेत्तपलिओवमस्स असंखिजइभागमेत्तेणं कालेणं अवहीरंति, नो चेव णं अवहिया सिया। मुक्केलगा वेउव्वियसरीरा आहारगसरीरा य जहा पुढविकाइयाणं तहा भाणियव्वा । तेयगकम्मसरीरा जहा पुढविकाइयाणं तहा भाणियव्वा । वणस्सइकाइयाणं ओरालियवेउव्वियआहारगसरीरा जहा पुढविकाइयाणं तहा भाणियव्वा । वणस्सइकाइयाणं भंते ! केवइया तेयगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा दुविहा पण्णत्ता । जहा ओहिया तेयगकम्मसरीरा तहा वणस्सइकाइयाण वि तेयगकम्मगसरीरा भाणियव्वा । बेइंदियाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बधेल्या य १ मुकेल्लया य २ । तत्थ णं जे ते बलिया ते णं असंखिजा, असंखिज्जाहिं उस्स प्पिणी ओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेज्जाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ, असंखिजाई सेढिवग्गमूलाई, बेइंदियाणं ओरालियबद्धेल्लएहिं पयरं अवहीरइ असंखिज्जाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं कालओ, खेत्तओ अंगुलपयरस्स आवलियाए असंखिज्जइभागपडिभागेणं । मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । वेउव्वियआहारगसरीरा बद्धेल्लया नत्थि । मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव ओरालियसरीरा तहा भाणियव्वा । जहा बेइंदियाणं तहा तेइंदियचउरिंदियाण वि भाणियव्वा । पंचिंदियतिरिक्खजोणियाण वि ओरालियसरीरा एवं चेव भाणियव्वा । पंचिंदियति Page #1220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वा० तेयगकम्मसरीरा] सुत्तागमे ११४५ रिक्खजोणियाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्या य १ मुक्केल्या य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्या ते णं असंखिज्जा, असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिज्जइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसई अंगुलपढमवग्गमूलस्म असंखिजइभागो । मुकेल्या जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा । आहारयसरीरा जहा बेइंदियाणं तेयगकम्मसरीरा जहा ओरालिया। मणुस्साणं भंते! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लया य १ मुक्केछया य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्या ते णं सिय संखिज्जा सिय असंखिज्जा, जहण्णपए संखेजा, संखिज्जाओ कोडाकोडीओ, एगूणतीसं ठाणाई तिजमलपयस्स उरि चउजमलपयस्स हेट्ठा, अहव णं छटो वग्गो पंचमवग्गपडप्पण्णो, अहव णं छण्णउइछेयणगदाइरासी, उकोसपए असंखेजा, असंखेज्जाहिं उस्स प्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ उकोसपए रूवपक्खित्तेहिं मणुस्सेहिं सेढी अवहीरइ कालओ असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं, खेत्तओ अंगुलपढमवग्गमूलं तइयवग्गमूलपडप्पण्णं । मुकेलिया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा । मणुस्साणं भंते ! केवइया वेउवियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बद्धेल्या य १ मुक्केल्या य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्या ते णं संखिजा, समए समए अव. हीरमाणा अबहीरमाणा संखेजेणं कालेणं अवहीरंति, नो चेव णं अवहिया सिया । मुछोट्या जहा ओहिया ओरालियाणं मुकेल्या तहा भाणियव्वा । मणुस्साणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा । दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बद्धेल्या य १ मुटया य २ । तत्थ णं जे ते बलिया ते णं सिय अत्थि सिय णत्थि, जइ अस्थि जहणणेणं एको वा दो वा तिण्णि बा, उकोलणं सहस्सपुहत्तं । मुक्केलया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्या । तेथगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव ओरालिया तहा भाणियव्वा । वाणमंतराणं ओरालियसरीरा जहाणेरइयाणं। वाणमंतराणं भंते ! केवड्या वेउब्बियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेलया य १ मुक्केटया य २ । नत्य णं जे ते बलिया ते णं असंखेजा, असंग्वेज्जाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिज्जाओ सेढीओ पयरस्स असंखजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई संखेजजोयणसयवग्गपलिभागो पयरस्स । मुकाटया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा । आहारयसरीरा दुविहा वि जहा अनुरकुमाराणं तहा भाणियबा । वाणमंतराणं भंते ! केवड्या तेयगकम्मसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहा एएसिं चेव वेडब्बियसरीरा तहा तेयगकम्मसरीरा भाणि Page #1221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ११४६ [अणुओगदारसुत्तं यव्वा । जोइसियाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लगा य १ मुक्केल्लगा य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्लगा जाव तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई, बेछप्पण्णंगुलसयवरगपलिभागो पयरस्स । मुक्नेल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा । आहारयसरीरा जहा णेरइयाणं तहा भाणियव्वा । तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव वेउव्विया तहा भाणियव्वा । वेमाणियाणं भंते ! केवइया ओरालियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! जहा णेरझ्याणं तहा भाणियव्वा । वेमाणियाणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-बद्धेल्या य १ मुकेल्या य २ । तत्थ णं जे ते बद्धेल्या ते णं असंखिज्जा, असंखिज्जाहिं उस्मप्पिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिजाओ सेढीओ पयरस्स असंखेज्जइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलबीयवग्गमूलं तइयवग्गमूलपडुप्पण्णं, अहव णं अंगुलतइयवग्गमूलघणपमाणमेत्ताओ सेढीओ । मुक्केलया जहा ओहिया ओरालिया तहा माणियव्वा । आहारगसरीरा जहा णेरइयाणं । तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव वेउव्वियसरीरा तहा भाणियव्वा । सेत्तं सुहुमे खेत्तपलिओवमे । सेत्तं खेत्तपलिओवमे । सेत्तं पलिओवमे । सेत्तं विभागनिप्फण्णे । सेत्तं कालप्पमाणे ॥ १४३ ॥ से किं तं भावप्पमाणे ? भावप्पमाणे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-गुणप्पमाणे १ नयप्पमाणे २ संखप्पमाणे ३ ॥१४४ ॥से किं तं गुणप्पमाणे ? गुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-जीवगुणप्पमाणे १ अजीवगुणप्पमाणे य २ । से किं तं अजीवगुणप्पमाणे ? अजीवगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते। तंजहा-वण्णगुणप्पमाणे १ गंधगुणप्पमाणे २ रसगुणप्पमाणे ३ फासगुणप्पमाणे ४ संठाणगुणप्पमाणे ५ । से किं तं वण्णगुणप्पमाणे ? वण्णगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-कालवण्णगुणप्पमाणे १ जाव सुकिल्लवण्णगुणप्पमाणे ५ । सेत्तं वण्णगुणप्पमाणे । से किं तं गंधगुणप्पमाणे? गंधगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहासुरभिगंधगुणप्पमाणे १ दुरभिगंधगुणप्पमाणे २ । सेत्तं गंधगुणप्पमाणे । से किं तं रसगुणप्पमाणे ? रसगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-तित्तरसगुणप्पमाणे १ जाव महुररसगुणप्पमाणे ५ । सेत्तं रसगुणप्पमाणे। से किं तं फासगुणप्पमाणे ? फासगुणप्पमाणे अट्ठविहे पण्णत्ते। तंजहा-कक्खडफासगुणप्पमाणे १ जाव लुक्खफासगुणप्पमाणे ८ । सेत्तं फासगुणप्पमाणे । से किं तं संठाणगुणप्पमाणे ? संठाणगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-परिमंडलसंठाणगुणप्पमाणे १ वट्टसंठाणगुणप्पमाणे २ तंससंठाणगुणप्पमाणे ३ चउरंससंठाणगुणप्पमाणे ४ आययसंठाणगुणप्पमाणे ५ । सेत्तं संठाणगुणप्पमाणे । सेत्तं अजीवगुणप्पमाणे । से किं तं जीवगुणप्पमाणे ? जीवगुणप्पमाणे तिविहे Page #1222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सामण्णदिटुं] सुत्तागमे ११४७ पण्णत्ते। तंजहा-णाणगुणप्पमाणे १ दंसणगुणप्पमाणे २ चरित्तगुणप्पमाणे ३ । से किं तं णाणगुणप्पमाणे ? णाणगुणप्पमाणे चउविहे पण्णत्ते। तंजहा-पच्चक्खे १ अणुमाणे २ ओवम्मे ३ आगमे ४ । से किं तं पच्चक्खे ? पच्चक्खे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-इंदियपचक्खे य १ णोइंदियपचक्खे य २ । से किं तं इंदियपच्चक्खे ? इंदियपच्चक्खे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-सोइंदियपचक्खे १ चक्खुरिंदियपञ्चक्खे २ घाणिदियपच्चक्खे ३ जिभिदियपच्चक्खे ४ फासिंदियपच्चक्खे ५ । सेत्तं इंदियपञ्चक्खे । से किं तं णोइंदियपचक्खे ? णोइंदियपच्चक्खे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-ओहिणाणपच्चक्खे १ मणपजवणाणपञ्चक्खे २ केवलणाणपच्चक्खे ३ । सेत्तं णोइंदियपच्चक्खे । सेत्तं पच्चक्ग्खे । से किं तं अणुमाणे ? अणुमाणे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-पुव्ववं १ सेसवं २ दिट्ठसाहम्मवं ३ । से किं तं पुव्ववं ? पुव्ववं-गाहा-माया पुत्तं जहा नहुँ, जुवाणं पुणरागयं । काइ पञ्चभिजाणेजा, पुव्वलिंगेण केणइ ॥ १॥ तंजहा-खएण वा, वण्णेण वा, लंगणेण वा, मसेण वा, तिलएण वा । सेत्तं पुत्ववं । से किं तं सेसवं ? सेसवं पंचविहं पण्णत्तं । तंजहा-कज्जेणं १ कारणेणं २ गुणेणं ३ अवयवेणं ४ आसएणं ५। से किं तं कजेणं ? कजेणं-संखं सद्देणं, भेरिं ताडिएणं, वसभं ढकिएणं, मोरं किंकाइएणं, हयं हेसिएणं, गयं गुलगुलाइएणं, रहं घणघणाइएणं । सेत्तं कजेणं । से किं तं कारणेणं ? कारणेणं-तंतवो पडस्स कारणं, ण पडो तंतुकारणं; वीरणा कडस्स कारणं, ण कडो वीरणाकारणं; मिप्पिंडो घडस्स कारणं, ण घडो मिप्पिडकारणं । सेत्तं कारणेणं । से किं तं गुणेणं ? गुणेणं-सुवण्णं निकसेणं, पुप्फ गंधेणं, लवणं रसेणं, घयं आसायएणं, वत्थं फासेणं । सेत्तं गुणेणं । से किं तं अवयवेणं ? अवयवेणं-महिसं सिंगेणं, कुक्कुडं सिहाएणं, हत्थि विसाणेणं, वराहं दाढाए, मोरं पिच्छेणं, आसं खुरेणं, वरघं नहेणं, चमरिं वालग्गेणं, वाणरं लंगूलेणं, दुपयं मणुस्साइ, चउम्पयं गव या]माइ, वहुपयं गोमियाइ, सीहं केसरेणं, वसहं ककुहेणं, महिलं वलयवाहाए, गाहा-परियरवंधेण भडं, जाणिजा महिलियं निवसणेणं । सित्थेण दोणपागं, कविं च एकाए गाहाए ॥२॥ सेत्तं अवयवेणं । से किं तं आसएणं ? आसएणं-अग्गि धूमेणं, सलिलं बलागेणं, वुद्धिं अब्भविगारेणं, कुलपुत्तं सीलसमायारेणं । सेत्तं आसएणं । सेत्तं सेसवं । से किं तं दिसाहम्मवं ? दिसाहम्मवं दुविहं पण्णत्तं । तंजहा-सामण्णदिद्वं च १ विसेसदिटुं च २। से किं तं सामण्णदिटुं ? सामण्णदिटुं-जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा, जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो; जहा एगो करिसावणो तहा ववे करिसावणा, जहा बहवे करिसावणा तहा १ दंतेणं ति अट्ठो। Page #1223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११४८ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं एगो करिसावणो। सेत्तं सामण्णदिटुं । से किं तं विसेसदिटुं ? विसेसदिट्ठ-से जहाणामए केइ पुरिसे कंचि पुरिसं बहूणं पुरिसाणं मज्झे पुव्वदिहँ पञ्चभिजाणेज्जा-'अयं से पुरिसे', बहूणं करिसावणाणं मज्झे पुव्यदिटुं करिसावणं पञ्चभिजाणेजा-'अयं से करिसावणे' । तस्स समासओ तिविहं गहणं भवइ, तंजहा-अतीयकालगहणं १ पडप्पण्णकालगहणं २ अणागयकालगहणं ३ । से किं तं अतीयकालगहणं ? अतीयकालगहणं-उत्तणाणि वणाणि निप्फण्णसस्सं वा मेइणिं पुण्णाणि य कुंड. सरणईदीहियातडागाई पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-सुवुट्ठी आसी । सेत्तं अतीयकालगहणं । से किं तं पडप्पण्णकालगणं? पडप्पण्णकालगहणं-साहं गोयरग्गगयं विच्छिड्डियपउरभत्तपाणं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-सुभिक्खे वइ । सेत्तं पडप्पण्णकालगहणं । से किं तं अणागयकालगहणं ? अणागयकालगहणं-अब्भस्स निम्मलत्तं, कसिणा य गिरी सविजया मेहा । थणियं वाउब्भामो, संझा रत्ता पणि(हा)द्धा य ॥ ३ ॥ वारुणं वा महिंदं वा अण्णयरं वा पसत्थं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-सुवुट्ठी भविस्सइ । सेत्तं अणागयकालगहणं । एएसिं चेव विवज्जासे तिविहं गहणं भवइ, तंजहा-अतीयकालगहणं १ पडुप्पण्णकालगहणं २ अणागयकालगहणं ३ । से किं तं अतीयकालगहणं ? २नित्तिणाई वणाई अनिष्फण्णसस्सं वा मेइणिं सुक्काणि य कुंडसरणईदी हियातडागाइं पासित्ता तेणं साहिज्जइ जहा-कुबुट्ठी आसी। सेत्तं अतीयकालगहणं । से किं तं पड्डुप्पण्णकालगहणं ? पड्डप्पण्णकालगहणंसाहुं गोयरग्गगयं भिक्खं अलभमाणं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-दुभिक्खे वइ । सेत्तं पडुप्पण्णकालगहणं । से किं तं अणागयकालगहणं ? अणागयकालगहणंगाहा-धूमायंति दिसाओ, संविय-मेइणी अपडिबद्धा । वाया गेरइया खलु, कुवुट्ठिमेवं निवेयंति ॥ ४ ॥ अग्गेयं वा वायव्वं वा अण्णयरं वा अप्पसत्थं उप्पायं पासित्ता तेणं साहिजइ जहा-कुबुट्ठी भविस्सइ । सेत्तं अणागयकालगहणं । सेत्तं विसेसदिटुं । सेत्तं दिट्ठसाहम्मवं । सेत्तं अणुमाणे । से किं तं ओवम्मे ? ओवम्मे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-साहम्मोवणीए १ वेहम्मोवणीए य २ । से किं तं साहम्मोवणीए ? साहम्मोवणीए तिविहे पण्णत्ते। तंजहा-किंचिसाहम्मोवणीए १ पायसाहम्मोवणीए २ सव्वसाहम्मोवणीए ३ । से किं तं किंचिसाहम्मोवणीए ? किंचिसाहम्मोवणीए-जहा मंदरो तहा सरिसवो, जहा सरिसवो तहा मंदरो; जहा समुद्दो तहा गोप्पयं, जहा गोप्पयं तहा समुद्दो; जहा आइच्चो तहा खजोओ, जहा खजोओ तहा आइच्चो; जहा चंदो तहा कुमुदो, जहा कुमुदो तहा चंदो । सेत्तं किंचिसाहम्मोवणीए । से किं तं पायसाहम्मोवणीए ? पायसाहम्मोवणीए-जहा गो तहा गवओ, Page #1224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चरित्तगुणप्पमाणभेया] सुत्तागमे ११४९ जहा गवओ तहा गो । सेत्तं पायसाहम्मोवणीए । से किं तं सव्वसाहम्मोवणीए ? सव्वसाहम्मे ओवम्मे णत्थि, तहावि तेणेव तस्स ओवम्मं कीरइ, जहा-अरिहंतेहिं अरिहंतसरिसं कयं, चक्रवट्टिणा चकवट्टिसरिसं कयं, बलदेवेण बलदेवसरिसं कयं, वासुदेवेण वासुदेवसरिसं कायं, साहुणा साहुसरिसं कयं । सेत्तं सव्वसाहम्मे । सेत्तं साहम्मोवणीए। से किं तं वेहम्मोवणीए ? वेहम्मोवणीए तिविहे पण्णत्ते । तंजहाकिंचिवेहम्मे १ पायवेहम्मे २ सव्ववेहम्मे ३ । से किं तं किंचिवेहम्मे ? किंचिवेहम्मेजहा सामलेरो न तहा बाहुलेरो, जहा बाहुलेरो न तहा सामलेरो । सेत्तं किंचिवेहम्मे । से किं तं पायवेहम्मे ? पायवेहम्मे-जहा वायसो न तहा पायसो, जहा पायसो न तहा वायसो। सेत्तं पायवेहम्मे । से किं तं सव्ववेहम्मे ? सव्ववेहम्मे ओवम्मे णस्थि, तहावि तेणेव तस्स ओवम्मं कीरइ, जहा- णीएणं णीयसरिसं कयं, दासेणं दाससरिसं कयं, काकेणं काकस रिसं कायं, साणेणं साणसरिसं कयं, पाणेणं पाणसरिसं कयं । सेत्तं सव्ववेहम्मे । सेत्तं वेहम्मोवणीए। सेत्तं ओवम्मे । से किं तं आगमे ? आगमे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-लोइए य १ लोउत्तरिए य २।से किं तं लोइए ? लोइए-जं णं इमं अण्णाणिएहि मिच्छादिहिएहिं सच्छंदबुद्धिमइविगप्पियं, तंजहा-भारहं, रामायणं जाव चत्तारि वेया संगोवंगा। सेत्तं लोइए आगमे । से किं तं लोउत्तरिए ? लोउत्तरिएजंणं इमं अरिहंतेहिं भगवंतेहिं उप्पण्णणाणदंसणधरेहिं तीयपञ्चुप्पण्णमणागयजाणएहिं तिलकवहियमहियपूइएहिं सव्वण्णूहिं सव्वदरिसीहिं पणीयं दुवालसंगं गणिपिडगं, तंजहा-आयारो जाव दिहिवाओ । अहवा आगमे तिविहे पण्णत्ते। तंजहा-युत्तागमे १ अत्थागमे २ तदुभयागमे ३ । अहवा आगमे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-अत्तागमे १ अणंतरागमे २ परंपरागमे ३ । तित्थगराणं अत्थस्स अत्तागमे; गणहराणं सुत्तस्स अत्तागमे, अत्थस्स अणंतरागमे; गणहरसीसाणं मुत्तस्स अणंतरागमे, अत्थस्स परंपरागमे; तेण परं सुत्तस्स वि अत्थस्स वि णो अत्तागमे, णो अणंतरागमे, परंपरागमे । सेत्तं लोगुत्तरिए । सेत्तं आगमे । सेत्तं णाणगुणप्पमाणे । से किं तं दसणगुणप्पमाणे ? दंसणगुणप्पमाणे चटबिहे पण्णत्ते। तंजहा-चक्षुदंसणगुणप्पमाणे १ अचवखुदंसणगुणापमाणे २ ओहिसणगुणप्पमाणे ३ केवलदसणगुणप्पमाणे ४ । चक्रबुदंसणं चक्खुदंसणिस्स घडपड कडरहाइएमु दव्वेस, अचक्खुदंसणं अचक्खुदंसणिस्स आयभावे, ओहिदंसणं ओहिदंसणिस्स सव्वरूविदव्वेसु न पुण सव्वपजवेगु, केवलदसणं केवलदंस णिस्स सव्वदव्वेमु य सव्वपज्जवेसु य । सेत्तं दंसणगुणप्पमाणे । से किं तं चरित्तगुणप्पमाणे ? चरित्तगुणप्पमाणे पंचविहे पण्णत्ते । तंजहा-सामाइयचरित्तगुणप्पमाणे १ छेओवट्ठावणचरित्तगुणप्पमाणे २ परिहारविमुद्धियचरित्तगुण Page #1225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं प्पमाणे ३ सुहुमसंपरायचरित्तगुणप्पमाणे ४ अहक्खाय चरित्तगुणप्पमाणे ५ । सामाइयचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - इत्तरिए य १ आवकहिए य २ । छेओवट्ठावणचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - साइयारे य १ निरइयारे य २ । परिहारविसुद्धियचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा णिव्विसमाणए य १ चिकाइ य २ । हुमसंपरायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - संकिलिस्समाणए य १ विसुज्झमाणए य २ अहवा मुहुमसंपरायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण । जहा - पडिवाई य १ अपडिवाई य २ । अहक्खायचरित्तगुणप्पमाणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा- पडिवाई य १ अपडिवाई य २ । अहवा अहक्खायचरित्तगुणमा दुविहे पत्ते । तंजहा छउमत्थिए य १ केवलिए य २ । सेत्तं चरित्तगुणप्पमाणे । सेत्तं जीवगुणप्पमाणे । सेत्तं गुणप्पमाणे ॥ १४५ ॥ से किं तं नयप्पमाणे ? नयप्पमाणे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा - पत्थगदितेणं १ वसहिदितेणं २ पएसदिŚतेणं ३ । से किं तं पत्थगदिद्वंतेणं ? पत्थगदितेणं - से जहाणामए के पुरिसे परसुं गहाय अडविसमहुत्तो गच्छेज्जा, तं पासित्ता केइ वएज्जा - " कर्हि भवं गच्छसि ?” अविसुद्धो गमो भणइ - " पत्थगस्स गच्छामि " । तं च केइ छिंदमाणं पासित्ता वएज्जा -“किं भवं छिंदसि ?” विसुद्धो णेगमो भणइ - " पत्थयं छिंदामि” । तं च केइ तच्छमाणं पासित्ता वएजा - " किं भवं तच्छसि ?" विसुद्वतराओ गमो भइ - " पत्थयं तच्छामि " । तं च केइ उक्कीरमाणं पासित्ता वएज्जा - " किं भवं उक्कीरसि ?” विसुद्धतराओ गमो भइ - " पत्थयं उक्कीरामि" । तं च केइ विलि - हमाणं पासित्ता वजा - " किं भवं विलिहसि ?" विसुद्धतराओ गमो भणइ - " पत्थयं विलिहामि । एवं विसुद्धतरस्स णेगमस्स नामाउडिओ पत्थओ । एवमेव ववहा - रस्स वि । संगहस्स चियमियमेज्जसमारूढो पत्थओ | उज्जसुयस्स पत्थ पत्थओ, मेज्जं पि पत्थओ । तिन्हं सहनयाणं पत्थयस्स अत्याहिगारजाणओ जस्स वा वसेणं पत्थओ निम्फज्जइ । सेत्तं पत्थयदितेणं । से किं तं वसहिदिट्टंतेणं ? वसहिदिट्ठतेणं-से जहानामए केइ पुरिसे कंचि पुरिसं वएजा - "कहिं भवं वससि ?” तं अविसुद्ध गमो भइ - "लोगे वसामि ” । “लोगे तिविहे पण्णत्ते तंजहा- उढलोए १ अहोलो २ तिरियलोए ३ तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धो णेगमो भणइ“तिरियलोए वसामि” । “ तिरियलोए जंबुद्दीवाइया सयंभूरमणपज्जवसाणा असंखिज्जा दीवसमुद्दा पण्णत्ता तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ"जंबुद्दीवे वसामि” । “जंबुद्दीवे दस- खेत्ता पण्णत्ता तंजहा भरहे १ एरवए २ हेमवए ३ एरण्णवए ४ हरिवस्से ५ रम्मगवस्से ६ देवकुरू ७ उत्तरकुरू ८ पुग्व ११५० Page #1226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पएस दि० सहनओ ] सुत्तागमे ११५१ विदेहे ९ अवरविदेहे १० तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ णेगमो भणइ"भरहे वासे वसामि " । "भरहे वासे दुविहे पण्णत्ते तंजहा - दाहिणड्डूभर हे १ उत्तरष्टुभरहे य २ तेसु सव्वे (दो) सु भवं वससि ? " विसुद्धतराओ णेगमो भणइ“दाहिणडभरहे वसामि " । " दाहिणड्डूभर हे अणेगाई गामागरणगर खेडकब्वडमडंवदोणमुहपट्टणासमसंवाहसण्णिवेसाई, तेसु सव्वेसु भवं वससि ?” विसुद्धतराओ गमो भणइ - “पाडलिपुत्ते वसामि ” । “पाडलिपुत्ते अणेगाई गिहाई, तेसु सव्वेसु भवं वससि ?” विसुद्धतराओ गमो भणइ - " देवदत्तस्स घरे वसामि " । "देवदतरस घरे अणेगा कोडगा, तेसु सव्वेसु भवं वससि ?" विसुद्धतराओ गमो भणइ“गव्भघरे वसामि " । एवं विसुद्धस्स णेगमस्स वसमाणो । एवमेव ववहारस्स वि । संगहरुस संथारसमारूढो बस । उज्जुसुयस्स जेसु आगासपएसेसु ओगाढो तेसु वसइ । तिहं सद्दणयाणं आयभावे वसइ । सेत्तं वस हिदिट्टंतेणं । से किं तं पएसदितेणं ? पएसदितेणं - णेगमो भाइ- "छण्हं पएसो, तंजहा - धम्मपएसो, अधम्मपएसो, आगासपएसो, जीव एसो, खंधपएसो, देसपएसो" । एवं वयंतं णेगमं संगहो भणइ - “जं भणसि छण्हं पएसो तं न भवइ” । “कम्हा ?" "जम्हा जो देसपएसो सो तस्सेव दव्वस्स”। “जहा को दिहंतो ?” “दासेण मे खरो कीओ, दासो वि मे खरो विमे । तं मा भणाहि उन्हं पएसो, भणाहि पंचन्हं पएसो, तंजहा - धम्मपएसो, अधम्मपएसो, आगासपएसो, जीवपएसो, खंधपएसो" । एवं वयंतं संगहं वबहारो भण्इ-“जं भणसि-पंचण्डं पएसो तं न भवइ" । " कम्हा ?" "जइ जहा पंचन्हं गोडिया पुरिसाणं केइ दव्वजाए सामण्णे भवइ, तंजहा - हिरण्णे वा सुवणे वा धणे वावा, तं न ते जुत्तं वत्तुं जहा पंचन्हं पएसो, तं मा भणाहि पंचन्हं पएसो, भाहि-पंचविहो पएसो, तंजहा-धम्मपएसो, अधम्मपएसो, आगासपएसो, जीवपएसी, खंधपएसो” । एवं चयंतं ववहारं उज्जुसुओ भणइ - "जं भणसि - पंचविहो पएसो तं न भवइ" । " कम्हा ?" "जइ ते पंचविहो पएसो, एवं ते एक्केको पएसो पंचविहो, एवं तं पणवीसविहो पएसो भवई, तं मा भणाहि - पंचविहो पएसो, भणाहि - भइयो एसोसिय धम्मपएसो, सिय अधम्मपएसो, सिय आगासपएसो, सिय जीएस, सिय एसो" । एवं वयंतं उज्जुमुयं संपइ सद्दनओ भणइ - "जं भणसि - भइयो पएसो तं न भवइ" । "कम्हा ?" "जइ भइयव्वो पएसो एवं ते धम्म एसो विसिय धम्मपएसोसिय अधम्मपएसो सिय आगासपएसो सिय जीवपएसोसिय tara, ratauएसो वि सिय धम्मपएसो जाव सिय खंधपएसो, जीव एसो वि सिय धम्मपएसो जाव सिय खंधपएसो, संधपएसो विसिय धम्मपएसो जाव सिय Page #1227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ११५२ [अणुभोगदारसुत्तं खंधपएसो, एवं ते अणवत्था भविस्सइ, तं मा भणाहि-भइयव्वो पएसो, भणाहिधम्मे पएसे से पएसे धम्मे, अहम्मे पएसे से पएसे अहम्मे, आगासे पएसे से पएसे आगासे, जीवे पएसे से पएसे नोजीवे, खंधे पएसे से पएसे नोखंधे"। एवं वयंत सद्दनयं समभिरूढो भणइ-"जं भणसि-धम्मपएसे से पएसे धम्मे जाव जीवे पएसे से पएसे नोजीवे खंधे पएसे से पएसे नोखंधे तं न भवइ” । “कम्हा ?” “इत्थं खलु दो समासा भवंति, तंजहा-तप्पुरिसे य १ कम्मधारए य २ । तं ण णज्जइ कयरेणं समासेणं भणसि ? किं तप्पुरिसेणं, किं कम्मधारएणं ? जइ तप्पुरिसेणं भणसि तो मा एवं भणाहि, अह कम्मधारएणं भणसि तो विसेसओ भणाहि-धम्मे य से पएसे य से पएसे धम्मे, अधम्मे य से पएसे य से पएसे अधम्मे, आगासे य से पएसे य से पएसे आगासे, जीवे य से पएसे य से पएसे नोजीवे, खंधे य से पएसे य से पएसे नोखंधे"। एवं वयंतं समभिरूढं संपइ एवंभूओ भणइ-"जं जं भणसि तं तं सव्वं कसिणं पडिपुण्णं निरवसेसं एगगहणगहियं देसे वि मे अवत्थू, पएसे वि मे अवत्थू'। सेत्तं पएसदिढतेणं । सेत्तं नयप्पमाणे ॥ १४६ ॥ से किं तं संखप्पमाणे ? संखप्पमाणे अट्ठविहे पण्णत्ते । तंजहा-नामसंखा १ ठवणासंखा २ दव्यसंखा ३ ओवम्मसंखा ४ परिमाणसंखा ५ जाणणासंखा ६ गणणासंखा ७ भावसंखा ८ । से किं तं नामसंखा? नामसंखा-जस्स णं जीवस्स वा जाव सेत्तं नामसंखा । से किं तं ठवणासंखा ? ठवणासंखा-जं णं कठ्ठकम्मे वा पोत्थकम्मे वा जाव सेत्तं ठवणासंखा । नामठवणाणं को पइविसेसो ? नामं आवकहियं, ठवणा इत्तरिया वा होज्जा आवकहिया वा होना। से किं तं दव्वसंखा ? दव्यसंखा दुविहा पण्णत्ता । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ जाव से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वसंखा ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वसंखा तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-एगभविए १ बद्धाउए २ अभिमुहनामगोत्ते य ३ । एगभविए णं भंते ! “एगभविए' त्ति कालओ केव चिरं होइ ? जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी । वद्धाउए णं भंते ! 'बद्धाउए' त्ति कालओ केवञ्चिरं होइ ? जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उकोसेणं पुव्वकोडीतिभागं । अभिमुहनामगोत्ते णं भंते ! 'अभिमुहनामगोए' त्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? जहण्णेणं एक समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । इयाणिं को नओ के संखं इच्छइ ? तत्थ णेगमसंगहववहारा तिविहं संखं इच्छंति, तंजहा-एगभवियं १ बद्धाउयं २ अभिमुहनामगोत्तं च ३। उज्जुसुओ दुविहं संखं इच्छइ, तंजहा-बद्धाउयं च १ अभिमुहनामगोत्तं च २ । तिणि सद्दनया अभिमुहनामगोत्तं संखं इच्छंति । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वसंखा। सेत्तं नोआगमओ दव्वसंखा । सेत्तं दव्वसंखा। Page #1228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ असंखेज्जासंखेज्जयभेया ] सुत्तागमे ११५३ से किं तं ओवम्मसंखा ? ओवम्मसंखा चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा - अस्थि संतयं संतए उवमिज्जइ १ अस्थि संतयं असंतएणं उवमिज्जइ २ अत्थि असंतयं संतएणं उवमिज्जइ ३ अत्थि असंतयं असंतएणं उवमिज्जइ ४ । तत्थ संतयं संतएणं उवमिज्जइ, जहा - संता अरिहंता संतएहिं पुरवरेहिं संतएहिं कवाडेहिं संतएहिं वच्छेहिं उवमिजंति, तंजहा- गाहा - पुरवरकवाडवच्छा, फलिहभुया दुंदहित्थणियघोसा । सिरिवच्छंकियवच्छा, सव्वे वि जिणा चउव्वीसं ॥ १ ॥ संतयं असंतएणं उवमिज्जइ, जहा - संताई नेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं आउयाइं असंतएहिं पलिओमसागरोवमेहिं उवमिज्जंति । असंतयं संतएणं उवमिज्जइ, तंजहा - गाहाओ - परिजूरियपेरंतं, चलंतविंटं पडंतनिच्छीरं । पत्तं व वसणपत्तं, कालप्पत्तं भणइ गाहं ॥ १ ॥ जह तुब्भे तह अम्हे, तुम्हे वि य होहिहा जहा अम्हे । अप्पाहेर पडतं, पंडुयपत्तं किसलयाणं ॥ २ ॥ णवि अस्थि गवि य होही, उल्लावो किसलपंडुपत्ताणं । उवमा खलु एस कया, भवियजणविवोहणट्ठाए ॥ ३ ॥ असंतयं असंतएहिं उवमिज्जइ - जहा खरविसाणं तहा सविसाणं । सेत्तं ओवम्मसंखा । से किं तं परिमाणसंखा ? परिमाणसंखा दुविहा पण्णत्ता | तंजहा - कालियसुयपरिमाणसंखा १ दिद्विवायसुयपरिमाणसंखा य २ । से किं तं कालियसुयपरिमाणसंखा ? कालिय सुयपरिमाणसंखा अणेगविहा पण्णत्ता । तं जहा - पजवसंखा, अक्खरसंखा, संघायसंखा, पयसंखा, पायसंखा, गाहासंखा, सिलोग संखा, वेढसंखा, निजुत्तिसंखा, अणुओगदारसंखा, उद्देसगसंखा, अज्झयणसंखा, सुयसंघसंखा, अंगसंखा । सेत्तं कालियसुयपरिमाणसंखा । से किं तं दिहिवायसुयपरिमाणसंखा ? दिद्विवायसुयपरिमाणसंखा अणेगविहा पण्णत्ता । तंजहाप्रज्जवसंखा जाव अणुओगदारसंखा, पाहुडसंखा, पाहुडियासंखा, पाहुड पाहुडियासंखा, वत्संखा । सेत्तं दिद्विवायसुयपरिमाणसंखा । सेत्तं परिमाणसंखा । से किं तं जाणणासंखा ? जाणणासंखा जो जं जाणइ, तंजहा - सद्दं सहिओ, गणियं गणिओ, निमित्तं नेमित्तिओ, कालं कालणाणी, वेजयं वेजो । सेत्तं जाणणासंखा । से किं तं गणसंखा ? गणणा संखा-एको गणणं न उवेइ, दुम्पभिइ संखा, तंजहा - संखेज्जए, असंखेज्जए, अनंतए । से किं तं संखेज्जए ? संखेज्जए तिविहे पण्णत्ते । तं जहा जहण्णए १ उक्कए २ अजहणणुमक्कोसए ३ । से किं तं असंखेज्जए ? असंखेज्जए तिविहे पण्णत्ते । तं जहा - परितासंखेज्जए १ जुत्तासंग्वेज्जए २ असंखेज्जासंखेजए ३ । से किं तं परित्तासंवेजए ? परित्तासंखेज्जए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा जहण्णए १ उक्कोसए २ अजहण्ण कोस ३ । से किं त जुत्तासंखेज्जए ? जुत्तासंखेजए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा- जहore १ उक्कोस २ अजहृणमणुकोसए ३ । से किं तं असंखेज्जासंखेज्जए ? असंखेज्जा७३ सुत्ता० Page #1229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११५४ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं संखेजए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-जहण्णए १ उक्कोसए २ अजहण्णमणुक्कोसए ३ ॥ से किं तं अणंतए ? अणंतए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-परित्ताणंतए १ जुत्ताणतए २ अणंताणंतए ३ । से किं तं परित्ताणतए ? परित्ताणंतए तिविहे पण्णत्ते। तंजहा-जहण्णए १ उक्कोसए २ अजहण्णमणुक्कोसए ३ । से किं तं जुत्ताणंतए ? जुत्ताणतए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-जहण्णए १ उक्कोसए २ अजहण्णमणुकोसए ३ । से किं तं अणंताणंतए ? अणंताणंतए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा--जहण्णए १ अजहण्णमणुकोसए २ । जहण्णयं संखेनयं केवइयं होइ ? दोस्वयं । तेणं परं अजहण्णमणुकोसयाइं ठाणाई जाव उक्कोसयं संखेजयं न पावइ । उकोसयं संखेज्जयं केवइयं होइ ? उक्कोसयस्स संखेजयस्स परूवणं करिस्सामि-से जहानामए पल्ले सिया-एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं, तिण्णि जोयणसयसहस्साइं सोलससहस्साई दोण्णि य सत्तावीसे जोयणसए तिण्णि य कोसे अट्ठावीसं च धणुसयं तेरस य अंगुलाई अद्धं अंगुलं च किंचि विसेसाहियं परिक्खेवेणं पण्णत्ते, से णं पल्ले सिद्धत्थयाणं भरिए, तओ णं तेहिं सिद्धत्थएहिं दीवसमुद्दाणं उद्धारो घेप्पइ, एगे दीवे एगे समुद्दे एवं पक्खिप्पमाणेणं पक्खिप्पमाणेणं जावइया दीवसमुद्दा तेहिं सिद्धत्थएहिं अप्फुण्णा एस णं एवइए खेत्ते पल्ले (आइट्ठा) पढमा सलागा, एवइयाणं सलागाणं असंलप्पा लोगा भरिया तहा वि उकोसयं संखेजयं न पावइ । जहा को दिटुंतो ? से जहानामए मंचे सिया आमलगाणं भरिए, तत्थ एगे आमलए पक्खित्ते सेऽवि माए, अण्णेऽवि पक्खित्ते सेऽवि माए, एवं पक्खिप्पमाणेणं पक्खिप्पमाणेणं होही सेऽवि आमलए जंसि पक्खित्ते से मंचए भरिजिहिइ, जे तत्थ आमलए न माहिइ, एवामेव उक्कोसए संखेजए स्वे पक्खित्ते जहण्णयं परित्तासंखेजयं भवइ। तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाइं ठाणाई जाव उकोसयं परित्तासंखेजयं न पावइ । उक्कोसयं परित्तासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णयं परित्तासंखेज्जयं जहण्णयं परित्तासंखेज्जयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो रूबूणो उक्कोसं परित्तासंखेज्जयं होइ । अहवा जहण्णयं जुत्तासंखेजयं रूकूणं उक्कोसयं परित्तासंखेज्जयं होइ । जहण्णयं जुत्तासंखेनयं केवइयं होइ ? जहण्णयपरित्तासंखेज्जयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं जुत्तासंखेजयं होइ । अहवा उक्कोसए परित्तासंखेजए स्वं पक्खित्तं जहण्णयं जुत्तासंखेज्जयं होइ । आवलिया वि तत्तिया चेव । तेण परं अजहण्णमणुकोसयाइं ठाणाइं जाव उकोसयं जुत्तासंखेजयं न पावइ । उकोसयं जुत्तासंखेजयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्तासंखेजएणं आवलिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो रूवूणो उक्कोसयं जुत्तासंखेज्जयं होइ । अहवा जहण्णय असंखेज्जासंखेज्जयं रूवूणं उक्कोसयं जुत्तासंखेज्जयं होइ । जहण्णयं असंखेजासंखेजयं केवइयं Page #1230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ससमयपरसमयवत्तव्यय.] सुत्तागमे ११५५ होइ ? जहण्णएणं जुत्तासंखेजएणं आवलिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं असंखेज्जासंखेजयं होइ । अहवा उक्कोसए जुत्तासंखेजए स्वं पक्खित्तं जहप्रणयं असंखेजासंखेजयं होइ । तेण परं अजहण्णमणुकोसयाइं ठाणाइं जाव उक्कोसयं असंखेज्जासंखेजयं ण पावइ। उक्कोसयं असंखेजासंखेज्जयं केवइयं होइ ? जहण्णयं असंखेज्जासंखेजयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णाभासो रूवूणो उक्कोसयं असंखेज्जासंखेजयं होइ । अहवा जहण्णयं परित्ताणतयं रूवूणं उक्कोसयं असंखेजासंखेजयं होइ । जहप्रणयं परित्ताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णयं असंखेजासंखेज्जयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं परित्ताणंतयं होइ । अहवा उकोसए असंखेज्जासंखेजए रूवं पक्खित्तं जहण्णयं परित्ताणंतयं होइ । तेण परं अजहण्णमणुकोसयाइं ठाणाई जाव उक्कोसयं परित्ताणंतयं ण पावइ । उक्कोसयं परित्ताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो रूवूणो उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ । अहवा जहण्णयं जुत्ताणतयं रूबूणं उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ । जहण्णयं जुत्ताणंतयं केवइयं होइ ? जहण्णयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं जुत्ताणंतयं होइ । अहवा उक्कोसए परित्ताणंतए रूवं पक्खित्तं जहण्णयं जुत्ताणतयं होइ । अभवसिद्धिया वि तत्तिया होति । तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाई ठाणाई जाव उक्कोसयं जुत्ताणतयं ण पावइ । उक्कोसयं जुत्ताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्ताणंतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो रूवूणो उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ । अहवा जहण्णयं अणंताणतयं रूवूणं उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ । जहण्णयं अणंताणतयं केवइयं होइ ? जहण्णएणं जुत्ताणंतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो पडिपुण्णो जहण्णयं अणंताणतयं होइ । अहवा उक्कोसए जुत्ताणतए रूवं पक्खित्तं जहण्णयं अणंताणतयं होइ । तेण परं अजहण्णमणुकोसयाई ठाणाई । सेत्तं गणणासंखा । से किं तं भावसंखा ? भावसंखा-जे इमे जीवा संखगइनामगोत्ताई कम्माइं वेदेति । सेत्तं भावसंखा । सेत्तं संखापमाणे । सेत्तं भावप्पमाणे । सेत्तं पमाणे ॥ १४७ ॥ पमाणे त्ति पयं समत्तं ॥ से किं तं वत्तव्यया ? वत्तव्बया तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-ससमयवत्तव्वया १ परसमयवत्तव्वया २ ससमयपरसमयवत्तव्वया ३ । से किं तं ससमयवत्तव्वया ? ससमयवत्तव्वया-जत्थ णं ससमए आघविजइ, पण्णविज्जइ, परू विजइ, दसिज्जइ, निदंसिजइ, उबदसिज्जइ । सेत्तं ससमयवत्तव्वया । से किं तं परसमयवत्तव्वया ? परसमयवत्तव्यया-जत्थ णं परसमए आघविजइ जाव उवदंसिज्जइ । सेत्तं परसमयवसव्वया । से किं तं ससमयपरसमयवत्तव्बया ? ससमयपरसमयवत्तव्वया-जत्थ णं Page #1231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [अणुओगदारसुत्तं ससमए परसमए आघविजइ जाव उवदंसिज्जइ । सेत्तं ससमयपरसमयवत्तव्वया । इयाणी को णओ कं वत्तव्वयं इच्छइ ? तत्थ णेगमसंगहववहारा तिविहं वत्तव्वयं इच्छंति, तंजहा-ससमयवत्तव्वयं १ परसमयवत्तव्ययं २ ससमयपरसमयवत्तव्वयं ३ । उजुसुओ दुविहं वत्तव्वयं इच्छइ, तंजहा-ससमयवत्तव्वयं १ परसमयवत्तव्वयं २ । तत्थ णं जा सा ससमयवत्तव्वया सा ससमयं पविठ्ठा, जा सा परसमयवत्तव्वया सा परसमयं पविट्ठा, तम्हा दुविहा वत्तव्वया, नत्थि तिविहा वत्तव्वया । तिणि सद्दणया एगं ससमयवत्तव्वयं इच्छंति, नत्थि परसमयवत्तव्वया । कम्हा ? जम्हा परसमए अणढे अहेऊ असब्भावे अकिरिए उम्मग्गे अणुवएसे मिच्छादसणमितिकट्ठ । तम्हा सव्वा ससमयवत्तव्वया, णत्थि परसमयवत्तव्वया, णत्थि ससमयपरसमयवत्तव्वया । सेत्तं वत्तव्वया ॥ १४८ ॥ से किं तं अत्थाहिगारे ? अत्थाहिगारेजो जस्स अज्झयणस्स अत्थाहिगारो, तंजहा-गाहा-सावजजोगविरई, उकित्तण गुणवओ य पडिवत्ती । खलियस्स निंदणा वण-, तिगिच्छ गुणधारणा चेव ॥ १ ॥ सेत्तं अत्थाहिगारे ॥ १४९ ॥ से किं तं समोयारे ? समोयारे छव्विहे पण्णत्ते । तंजहा-णामसमोयारे १ ठवणासमोयारे २ दव्वसमोयारे ३ खेत्तसमोयारे ४ कालसमोयारे ५ भावसमोयारे ६ । णामठवणाओ पुव्वं वण्णियाओ जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वसमोयारे । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसमोयारे ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसमोयारे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-आयसमोयारे १ परसमोयारे २ तदुभयसमोयारे ३ । सव्वदव्वा वि णं आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति। परसमोयारेणं जहा कुंडे बदराणि । तदुभयसमोयारे जहा घरे खंभो आयभावे य, जहा घडे गीवा आयभावे य । अहवा जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसमोयारे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आयसमोयारे य १ तदुभयसमोयारे य २ । चउसट्ठिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ; तदुभयसमोयारेणं बत्तीसियाए समोयरइ आयभावे य । बत्तीसिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं सोलसियाए समोयरइ आयभावे य । सोलसिया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अट्ठभाइयाए समोयरइ आयभावे य । अट्ठभाइया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं चउभाइयाए समोयरइ आयभावे य । चउभाइया आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अद्धमाणीए समोयरइ आयभावे य । अद्धमाणी आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं माणीए समोयरइ आयभावे य। सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसमोयारे । सेत्तं नोआगमओ दव्वसमोयारे । Page #1232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमदारसमत्ती] सुत्तागमे सेत्तं दव्वसमोयारे । से किं तं खेत्तसमोयारे ? खेत्तसमोयारे दुविहे पण्णत्ते । तंजहाआयसमोयारे य १ तदुभयसमोयारे य २ । भरहे वासे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं जंबुद्दीवे समोयरइ आयभावे य । जंबुद्दीवे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं तिरियलोए समोयरइ आयभावे य । तिरियलोए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं लोए समोयरइ आयभावे य । सेत्तं खेत्तसमोयारे । से किं तं कालसमोयारे ? कालसमोयारे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आयसमोयारे य १ तदुभयसमोयारे य २। समए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं आवलियाए समोयरइ आयभावे य । एवमाणलपाणू थोवे लवे मुहुत्ते अहोरत्ते पक्खे मासे उऊ अयणे संवच्छरे जुगे वाससए वाससहस्से वाससयसहस्से पुव्वंगे पुव्वे तुडियंगे तुडिए अडडंगे अडडे अववंगे अववे हुहुयंगे हुहुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे नलिणंगे नलिणे अत्थनिउरंगे अत्थनिउरे अउयंगे अउए नउयंगे नउए पउयंगे पउए चूलियंगे चूलिया सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया पलिओवमे सागरोवमे-आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं ओसप्पिणीउस्स प्पिणीसु समोयरइ आयभावे य। ओसप्पिणीउस्सप्पिणीओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति, तदुभयसमोयारेणं पोग्गलपरियहे समोयरंति आयभावे य । पोग्गलपरियट्टे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं तीतद्धाअणागतद्धासु समोयरइ । तीतद्धाअणागतद्धाउ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति, तदुभयसमोयारेणं सव्वद्धाए समोयरंति आयभावे य । सेत्तं कालसमोयारे । से किं तं भावसमोयारे ? भावसमोयारे दुविहे पण्णते । तंजहा-आयसमोयारे य १ तदुभयसमोयारे य २। कोहे आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं माणे समोयरइ आयभावे य । एवं माणे माया लोभे रागे मोहणिज्जे । अट्ठकम्मपयडीओ आयसमोयारेणं आयभावे समोयरंति, तदुभयसमोयारेणं छविहे भावे समोयरंति आयभावे य । एवं छविहे भावे । जीवे जीवत्थिकाए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं सव्वदव्वेमु समोयरइ आयभावे य । एत्थ संगहणीगाहा-कोहे माणे माया, लोभे रागे य मोहणिजे य । पगडी भावे जीवे, जीवत्थिकाय दव्या य ॥ १ ॥ सेत्तं भावसमोयारे। सेत्तं समोयारे । सेत्तं उवक्कमे ॥ १५० ॥ उवक्कम इति पढमं दारं ॥ ____१ लोए आयसमोयारेणं आयभावे समोयरइ, तदुभयसमोयारेणं अलोए समोयरइ आयभावे य । इन्चहियं पश्यंतरे। Page #1233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे ११५८ [अणुओगदारसुत्तं . से किं तं निक्खेवे ? निक्खेवे तिविहे पण्णत्ते ।तंजहा-ओहनिप्फण्णे १ नामनिप्फण्णे २ सुत्तालावगनिप्फण्णे ३ । से किं तं ओहनिप्फण्णे ? ओहनिप्फण्णे चउविहे पण्णत्ते। तंजहा-अज्झयणे १ अज्झीणे २ आया ३ खवणा ४।से किं तं अज्झयणे? अज्झयणे चउविहे पण्णत्ते। तंजहा-णामज्झयणे १ ठवणज्झयणे २ दव्वज्झयणे ३ भावज्झयणे ४ । णामठवणाओ पुव्वं वण्णियाओ। से किं तं दव्वज्झयणे ? दव्वज्झयणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आगमओ य १ णोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ दव्वज्झयणे ? आगमओ दव्वज्झयणे-जस्स णं 'अज्झयण' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव एवं जावइया अणुवउत्ता आगमओ तावइयाइं दव्यज्झयणाई। एवमेव ववहारस्स वि। संगहस्स णं एगो वा अणेगो वा जाव सेत्तं आगमओ दव्वज्झयणे । से किं तं णोआगमओ दव्वज्झयणे ? णोआगमओ दव्वज्झयणे तिविहे पण्णत्ते। तंजहा-जाणयसरीरदव्वज्झयणे १ भवियसरीरदव्वज्झयणे २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झयणे ३ । से किं तं जाणयसरीरदव्वज्झयणे ? २ अज्झयणपयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरं ववगयचुयचावियचत्तदेह, जीवविप्पजढं जाव अहो णं इमेणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिटेणं भावेणं 'अज्झयणे' त्ति पयं आघवियं जाव उवदंसियं । जहा को दिटुंतो? अयं घयकुंभे आसी, अयं महुकुंभे आसी । सेत्तं जाणयसरीरदव्वज्झयणे। से किं तं भवियसरीरदव्वज्झयणे ? भवियसरीरदव्यज्झयणेजे जीवे जोणिजम्मणनिक्खंते, इमेणं चेव आयत्तएणं सरीरसमुस्सएणं जिणदिवेणं भावेणं 'अज्झयणे' त्ति पयं सेयकाले सिक्खिस्सइ न ताव सिक्खइ । जहा को दिलुतो ? अयं महुकुंभे भविस्सइ, अयं घयकुंभे भविस्सइ । सेत्तं भवियसरीरदव्वज्झयणे । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झयणे ? २ पत्तयपोत्थयलिहियं । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झयणे । सेत्तं णोआगमओ दव्वज्झयणे । सेत्तं दव्वज्झयणे । से किं तं भावज्झयणे ? भावज्झयणे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ भावज्झयणे ? आगमओ भावज्झयणे जाणए उवउत्ते। सेत्तं आगमओ भावज्झयणे । से किं तं नोआगमओ भावज्झयणे ? नोआगमओ भावज्झयणे-गाहा-अज्झप्पस्साणयणं; कम्माणं अवचओ उवचियाणं। अणुवचओ य नवाणं, तम्हा अज्झयणमिच्छंति॥१॥सेत्तं नोआगमओ भावज्झयणे । सेत्तं भावज्झयणे । सेत्तं अज्झयणे । से किं तं अज्झीणे ? अज्झीणे चउविहे पण्णत्ते । तंजहा-णामज्झीणे १ ठवणज्झीणे २ दव्वज्झीणे ३ भावज्झीणे ४ । णामठवणाओ पुव्वं वण्णियाओ । से किं तं दव्यज्झीणे ? दव्वज्झीणे दुविहे पण्णते। तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २। से किं तं आगमओ दव्वज्झीणे ? Page #1234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोइयपुच्छा]. सुत्तागमे ११५९ आगमओ दव्यज्झीणे-जस्स णं 'अज्झीणे' त्ति पयं सिक्खियं ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव सेत्तं आगमओ दव्वज्झीणे । से किं तं नोआगमओ दव्वज्झीणे ? नोआगमओ दव्यज्झीणे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-जाणयसरीरदव्वज्झीणे १ भवियसरीरदव्वज्झीणे २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झीणे ३ । से किं तं जाणयसरीरदव्वज्झीणे । जाणयसरीरदव्वज्झीणे-'अज्झीण' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं जहा दव्वज्झयणे तहा भाणियव्वं जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वज्झीणे । से किं तं भवियसरीरदव्यज्झीणे ? भवियसरीरदव्वज्झीणे-जे जीवे जोणिजम्मणनिक्खंते जहा दव्यज्झयणे जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वज्झीणे। से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झीणे ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झीणे सव्वागाससेढी । सेत्तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वज्झीणे । सेत्तं नोआगमओ दव्वज्झीणे। सेत्तं दव्वज्झीणे । से किं तं भावज्झीणे ? भावज्झीणे दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य२ । से किं तं आगमओ भावज्झीणे? आगमओ भावज्झीणे जाणए उवउत्ते । सेत्तं आगमओ भावज्झीणे । से किं तं नोआगमओ भावज्झीणे ? नोआगमओ भावज्झीणे-गाहा-जह दीवा दीवसयं पइप्पइ, दिप्पए य सो दीवो। दीवसमा आयरिया, दिप्पंति परं च दीवंति ॥ १॥ सेत्तं नोआगमओ भावज्झीणे । सेत्तं भावज्झीणे । सेत्तं अज्झीणे । से किं तं आए ? आए चउविहे पण्णत्ते । तंजहानामाए १ ठवणाए २ दव्वाए ३ भावाए ४ । नामठवणाओ पुव्वं भणियाओ। से किं तं दबाए ? दव्वाए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-आगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ दवाए ? आगमओ दव्वाए-जस्स णं 'आए' त्ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव कम्हा ? 'अणुवओगो' दव्वमिति कटु । णेगमस्स णं जावइया अणुवउत्ता आगमओ तावइया ते दबाया जाब सेत्तं आगमओ दव्याए । से किं तं नोआगमओ दव्याए ? नोआगमओ दव्वाए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-जाणयसरीरदव्वाए १ भवियसरीरदव्बाए २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्याए ३ । से किं तं जाणयसरीरदव्वाए ? जाणयसरीरदव्वाए-'आय' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं जहा दव्वज्झयणे जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वाए । से किं तं भवियसरीरदव्वाए ? भवियसरीरदव्वाएजे जीवे जोणिजम्मणणिक्खंते जहा दव्वज्झयणे जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वाए । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवरित्ते दव्वाए ? जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दवाए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-लोइए १ कुप्पावयणिए २ लोगुत्तरिए ३ । से किं तं Page #1235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११६० सुत्तागमे [ अणुओगदारसुतं 1 लोइए ? लोइए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा - सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए य । से किं तं सचित्ते ? सचित्ते तिविहे पण्णत्ते । तं जहा -दुपयाणं १ चउप्पयाणं २ अपयाणं ३ । दुपाणं-दासाणं दासीणं, चउप्पयाणं- आसाणं हत्थीणं, अपयाणं- अंबाणं अंबाडगाणं आए । सेत्तं सचित्ते । से किं तं अचित्ते ? अचित्ते - सुव्वण्णरययमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणाणं (संतसावएजस्स) आए । सेत्तं अचित्ते । से किं तं मीसए ? मीसए - दासाणं दासीणं आसाणं हत्थीणं समाभरिया उज्जालंकियाणं आए। से तं मीसए | से तं लोइए। से किं तं कुप्पावयणिए ? कुप्पावयणिए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा - सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए य ३ । तिण्णि वि जहा लोइए जाव से तं मी । से तं कुप्पावयणिए । से किं तं लोगुत्तरिए ? लोगुत्तरिए तिविहे पण्णत्ते । तंजा - सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए य ३ । से किं तं सचित्ते ? सचित्ते -सीसाणं सि[स्स]स्सिणियाणं । सेत्तं सचित्ते । से किं तं अचित्ते ? अचित्ते - पडिग्गहाणं वत्थार्ण कंबलाणं पायपुंछणाणं आए । सेत्तं अचित्ते । से किं तं मीसए ? मीसए - सिस्साणं सिस्सिणियाणं सभंडोवगरणाणं आए । से तं मीसए । से तं लोगुत्तरिए । से तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वाए । सेत्तं नोआगमओ दव्वाए । से तं दव्वाए । से किं तं भावाए ? भावाए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा - आगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ भावाए ? आगमओ भावाए जाणए उवउत्ते । से तं आगमओ भावाए । से किं तं नोआगमओ भावाए ? नोआगमओ भावाए दुविहे पण्णत्ते । तंजहा-पसत्थे य १ अपसत्थे य २ । से किं तं पसत्थे ? पसत्थे तिविहे पण्णत्ते । तंजा - णाणा १ दंसणाए २ चरित्ताए ३ । सेत्तं पसत्थे । से किं तं अपसत्थे ? अपसत्थे चउविहे पण्णत्ते । तंजहा- कोहाए १ माणाए २ मायाए ३ लोहाए ४ । से तं अपसत्थे । से तं नोआगमओ भावाए । से तं भावाए। से तं आए । से किं तं झवणा झवणा चउव्विहा पण्णत्ता । तंजहा - नामज्झवणा १ ठवणज्झवणा २ दव्वज्झवणा ३ भावज्झवणा ४ । नामठवणाओ पुव्वं भणियाओ । से किं तं दव्वझवणा ? दव्वज्झवणा दुविहा पण्णत्ता । तंजहा- आगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ दव्वज्झवणा ? आगमओ दव्वज्झवणा - जस्स णं 'झवणे' ति पयं सिक्खियं, ठियं, जियं, मियं, परिजियं जाव सेत्तं आगमओ दव्वज्झवणा । से किं तं नोआगमओ दव्वज्झवणा ? नोआगमओ दव्वज्झवणा तिविहा पण्णत्ता । तंजहां-जाणयसरीरदव्वज्झवणा १ भवियसरीरदव्वज्झवणा २ जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वज्झवणा ३ । से किं तं जाणयसरीरदव्वज्झवणा ? २ 'झवणा' पयत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं चवगयचुयचावियचत्तदेहं सेसं जहा दव्वज्झयणे 1 Page #1236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नोभागमओ भावसामाइय०] सुत्तागमे जाव सेत्तं जाणयसरीरदव्वज्झवणा। से किं तं भवियसरीरदव्वज्झवणा ? २ जे जीवे जोणिजम्मणणिक्खंते सेसं जहा दव्वज्झयणे जाव सेत्तं भवियसरीरव्वज्झवणा । से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वज्झवणा ? २ जहा जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वाए तहा भाणियव्वा जाव से तं मीसिया । से तं लोगुत्तरिया । से तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वज्झवणा । से तं नोआगमओ दव्वज्झवणा । से तं दव्वज्झवणा ।से किं तं भावज्झवणा ? भावज्झवणा दुविहा पण्णत्ता । तंजहाआगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ भावज्झवणा ? आगमओ भावज्झवणा जाणए उवउत्ते । से तं आगमओ भावज्झवणा । से किं तं नोआगमओ भावज्झवणा ? नोआगमओ भावज्झवणा दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-पसत्था य १ अपसत्था य २ । से किं तं पसत्था ? पसत्था तिविहा पण्णत्ता । तंजहा-नाणज्झवणा १ दंसणज्झवणा २ चरित्तज्झवणा ३ । सेत्तं पसत्था। से किं तं अपसत्था ? अपसत्था चउव्विहा पणत्ता। तंजहा-कोहज्झवणा १ माणज्झवणा २ मायज्झवणा ३ लोहज्झवणा ४ । से तं अपसत्था। से तं नोआगमओ भावज्झवणा । से तं भावज्झवणा । से तं झवणा। से तं ओहनिप्फण्णे । से किं तं नामनिप्फण्णे ? नामनिप्फण्णे सामाइए । से समासओ चउव्विहे पण्णत्ते। तंजहा-णामसामाइए १ ठवणासामाइए २ दव्वसामाइए ३ भावसामाइए ४ । णामठवणाओ पुव्वं भणियाओ। दव्वसामाइए वि तहेव जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वसामाइए । से. किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसामाइए ? २ पत्तयपोत्थयलिहियं । से तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वसामाइए । से तं नोआगमओ दव्वसामाइए । से तं दव्वसामाइए । से किं तं भावसामाइए ? भावसामाइए दुविहे पण्णत्ते। तंजहाआगमओ य १ नोआगमओ य २ । से किं तं आगमओ भावसामाइए ? आगमओ भावसामाइए जाणए उवउत्ते । से तं' आगमओ भावसामाइए । से किं तं नोआगमओ भावसामाइए ? नोआगमओ भावसामाइए-गाहाओ-जस्स सामाणिओ अप्पा, संजमे णियमे तवे । तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभासियं ॥ १ ॥ जो समो सव्वभूएसु, तसेतु थावरेसु य । तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभासियं ॥ २ ॥ जह मम ण पियं दुक्खं, जाणिय एमेव सव्वजीवाणं । न हणइ न हणावेइ य, सममणइ तेण सो समणो ॥ ३ ॥ णत्थि य से कोइ वेसो, पिओ य सव्वेसु चेव जीवेमु । एएण होइ समणो, एसो अन्नोऽवि पज्जाओ ॥ ४ ॥ उरगगिरिजलणसागर-, नहतलतरुगणसमो य जो होइ । भमरमियधरणिजलरुह-, रविपवणसमो य सो समणो ॥ ५ ॥ तो समणो जइ सुमणो, भावेण य जइ ण होइ Page #1237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे २२ २३ [अणुओगदारसुत्तं पावमणो । सयणे य जणे य समो, समो य माणावमाणेसु ॥ ६ ॥ से तं नोआगमओ भावसामाइए । से तं भावसामाइए। से तं सामाइए । से तं नामनिप्फण्णे । से किं तं सुत्तालावगनिप्फण्णे ? इयाणि सुत्तालावयनिप्फण्णं निक्खेवं इच्छावेइ, से य पत्तलक्खणे वि ण णिक्खिप्पइ । कम्हा ? लाघवत्थं । अत्थि इओ तइए अणुओगदारे अणुगमे त्ति । तत्थ णिक्खत्ते इहं णिक्खित्ते भवइ । इहं वा णिक्खित्ते तत्थ णिक्खित्ते भवइ । तम्हा इहंण णिक्खिप्पइ, तहिं चेव णिक्खिप्पइ। सेतं णिक्खेवे॥ १५१ ॥ से किं तं अणुगमे ? अणुगमे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा-सुत्ताणुगमे य १.निजुत्तिअणुगमे य २ । से किं तं निज्जुत्तिअणुगमे ? निजुत्तिअणुगमे तिविहे पण्णत्ते । तंजहा-निक्खेवनिजुत्तिअणुगमे १ उवग्घायनिजुत्तिअणुगमे २ सुत्तप्फासियनिजुत्तिअणुगमे ३ । से किं तं निक्खेवनिजुत्तिअणुगमे ? निक्खेवनिजत्तिअणुगमे अणुगए । से तं निक्खेवनिजुत्तिअणुगमे । से किं तं उवग्घायनिजुत्तिअणुगमे ? २ इमाहिं दोहिं मूलगाहाहिं अणुगंतब्बो, तंजहा-गाहाओ-उद्देसे निर्देसे य, निग्गमे खेत्त काल पुरिस य । कारण पञ्चय लक्खण, नए समोयारणाणुमए ॥ १ ॥ किं कहविहं कस्स कहिँ, केतु कह किच्चिरं हवइ कालं । कई संतर-मविरहिय, भवागरिस फासण निरुत्ती ॥ २ ॥ सेत्तं उवग्यायनिजुत्तिअणुगमे । से किं तं सुत्तप्फासियनिज्जुत्तिअणुगमे ? मुत्तप्फासियनिजुत्तिअणुगमे-सुत्तं उच्चारेयव्यं-अक्खलियं, अमिलियं, अवच्चामेलियं, पडिपुण्णं, पडिपुण्णघोसं, कंठोट्ठविप्पमुक्कं, गुरुवायणोवगयं । तओ तत्थ णज्जिहिइ ससमयपयं वा परसमयपयं वा, बंधपयं वा मोक्खपयं वा, सामाइयपयं वा नोसामाइयपयं वा । तओ तम्मि उच्चारिए समाणे केसिं च णं भगवंताणं केइ अत्थाहिगारा अहिगया भवंति, केइ अत्थाहिगारा अणहिगया भवंति । तओ तेसिं अणहिगयाणं अहिगमणढाए पयं पएणं वण्णइस्सामि-गाहा-संहिया य पयं चेव, पयत्थो पयविग्गहो । चालणा य पसिद्धी य, छव्विहं विद्धि लक्खणं ॥ १ ॥ से तं सुत्तप्फासियनिजुत्तिअणुगमे । से तं निजुत्तिअणुगमे । से तं अणुगमे॥ १५२ ॥ से किं तं नए ? सत्त मूलणया पण्णत्ता। तंजहा-णेगमे १ संगहे २ ववहारे ३ उजुसुए ४ सद्दे ५ समभिरूढे ६ एवंभूए ७ । तत्थ गाहाओ-णेगेहिं माणेहिं, मिणइत्ति णेगमस्स य निरुत्ती । सेसाणं पि नयाणं, लक्खणमिणमो सुणह वोच्छं ॥ १ ॥ संगहियपिंडियत्थं, संगहवयणं समासओ बिंति । वच्चइ विणिच्छियत्थं, ववहारो सव्वदन्वेसु ॥ २॥ पञ्चुप्पन्नग्गाही, ‘उज्जुसुओ णयविही मुणेयव्वो । इच्छइ विसेसियतरं, पञ्चुप्पण्णं णओ सद्दो ॥ ३ ॥ 'वत्थूओ संकमणं, होइ अवत्थू नए समभिरूढे । वंजणअत्थतदुभयं, एवंभूओ विसेसेइ ॥ ४ ॥णायम्मि गिहियव्वे, अगिव्हियव्वम्मि चेव अत्थम्मि । जइयव्वमेव इइ Page #1238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे परिसमत्ती] ११६३ जो, उवएसो सो नओ नाम ॥ ५॥ सव्वेसि पि नयाणं, बहुविहवत्तव्वयं निसामित्ता। तं सव्वनयविसुद्धं, जं चरणगुण ट्ठिओ साहू ॥ ६ ॥ सेत्तं नए ॥ १५३ ॥ अणुओगद्दारा समत्ता ॥ सोलससयाणि चउरुत्तराणि, होति उ इमंमि गाहाणं । दुसहस्स मणुटुंभ-, छंदवित्तपमाणओ भणिओ ॥१॥णयरमहादारा इव, उवकमदाराणुओगवरदारा । अक्खरविंदुगमत्ता, लिहिया दुक्खक्खयट्ठाए ॥ २ ॥ ॥ अणुओगदारसुत्तं समत्तं ॥ तस्समत्तीए चत्तारि मूलसुत्ताइं समत्ताई ॥ सव्वसिलोगसंखा ५५०० ॥ Page #1239 --------------------------------------------------------------------------  Page #1240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स सुत्तागमे तत्थ णं आवस्सयसुत्तं 00@00 अह पढमं सामाइयावस्सयं 1 अवस्सही इच्छाकारेण संदिसह भगवं ! देव (सी) सियै पडिक्कमणं ठाएमि, देवसियणाणदंसणचरित्ततव अइयारचिंतवणङ्कं करेमि काउसग्गं ॥ १ ॥ णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं ॥ २ ॥ कैरेमि भंते ! सामाइयं सव्वं सावज्जं जोगं पच्चक्खामि, जावज्जीवाए तिविह तिविहेणं मणेणं वायाए काएणं न करेमि न कारवेमि करंतंपि अण्णं न समणुजाणामि, तस्स भंते ! पडिक्कमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ ३ ॥ इच्छामि (पडिक्कमिउं-ओ) ठामि काउसग्गं, जो मे देवसिओ अइयारो कओ काइओ बाइओ माणसिओ उस्सुत्तो उम्मग्गो अकप्पो अकरणिजो दुज्झाओ दुविचिंतिओ अणायारो अणिच्छियव्वो असमणपाउग्गो नाणे तह दंसणे चरिते सुए सामाइए तिन्हं गुत्तीणं चउन्हं कसायाणं पंचहं महव्वयाणं छण्हं जीवनिकायाणं सत्त १ विही - पुवि 'तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेमि वंदामि नम॑सामि सक्का - रेमि सम्माणेमि कलाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासामि मत्थएण वंदामि । इण पाढे गुरुवंदना किज्जइ । पच्छा णमोक्कारुच्चारो 'एसो पंच णमोकारो, सव्वपावप्पणासणी | मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं ॥' जुत्तो । पुणो 'तिक्खुत्तो०' तओ 'इच्छाकारेण०' 'तस्सुत्तरीकरणेणं ०' जाव 'ठाणेणं' फुडुच्चारणं किच्चा 'मोणेणं.' अप्फुडं अव्वत्तं मणसि 'इरियावहियाए' मग्गविसोही कीरइ । णमो - कारवारणेण झाणं पारिजइ, पच्छा 'लोगस्स ० ' फुडुच्चारो, तओ दुण्णि 'णमोऽत्थु पणं" 1 पच्छा सामाइयं पढमावस्सयं पारम्भइ । पत्तेयावस्सयसमत्तीए 'तिक्खुत्तो ० " पण गुरुं वंदित्तु अण्णस्सावस्सयस्साणा घेप्पत्ति विसेसो । २ 'राइय 'पक्खिय' 'चाउम्मासिय' 'संवच्छरिय' । ३ केइ विहीए 'तिक्खुत्तो ० ' पच्छा केवलं णमोकारं णवपयमिच्छति, 'करेमि भंते ! ०' इच्चणेण पढमावस्सयं पारब्भंति य । Page #1241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [आवस्सयसुत्तं पिंडेसणाणं अट्ठण्डं पवयणमाऊणं नवण्हं बंभचेरगुत्तीणं दसविहे समणधम्मे समणाणं जोगाणं जं खंडियं जं विराहियं तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ४ ॥ तस्स उत्तरीकरणेणं पायच्छित्तकरणेणं विसोहीकरणेणं विसल्लीकरणेणं पावाणं कम्माणं णिग्यायणट्ठाए ठामि काउसग्गं, अन्नत्थ ऊससिएणं नीससिएणं खासिएणं छीएणं जंभाइएणं उड्डएणं वायनिसग्गेणं भमलिए पित्तमुच्छाए सुहुमेहिं अंगसंचालेहिं सुहुमेहिं खेलसंचालहिं सुहुमेहिं दिट्ठिसंचालेहिं एवमाइएहिं आगारेहिं अभग्गो अविराहिओ हुज्ज मे काउसग्गो, जाव अरिहंताणं भगवंताणं नमोक्कारेणं न पारेमि ताव कायं ठाणेणं मोणेणं झाणेणं अप्पाणं वोसिरोमि ॥ ५ ॥ इइ पढमं सामाइयावस्सयं समत्तं ॥१॥ अह बीयं चउवीसत्थवावस्सयं लोगस्स उजोयगरे, धम्मतित्थयरे जिणे । अरिहंते कित्तइस्सं, चउवीसपि केवली ॥१॥ उसभमजियं च वंदे, संभवमभिणंदणं च सुमइं च । पउमप्पहं सुपासं, जिणं च चंदप्पहं वंदे ॥ २ ॥ सुविहिं च पुप्फदंतं, सीयलसिज्जंसं वासुपुजं च । विमलमणंतं च जिणं, धम्म संतिं च वंदामि ॥ ३ ॥ कुंथु अरं च मल्लिं, वंदे मुणिसुव्वयं नमिजिणं च । वंदामिऽरिट्टनेमि, पासं तह वद्धमाणं च ॥ ४ ॥ एवं मए अभिल्थुआ, विहूयरयमला पहीणजरमरणा । चउवीसंपि जिणवरा, तित्थयरा मे पसीयंतु ॥ ५॥ कित्तियवंदियमहिया, जे ए लोगस्स उत्तमा सिद्धा । आरुग्गबोहिलाभ, समाहिवरमुत्तमं दिंतु ॥ ६ ॥ चंदेसु निम्मलयरा, आइञ्चेसु अहियं पयासयरा। सागरवरगंभीरा, सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु ॥ ७ ॥ इइ बीयं चउवीसत्थवा(उकित्तणा)वस्सयं समत्तं ॥२॥ १ 'आगमे तिविहे जाव मूलगुण पंच.' 'इच्छामि ठामि०' 'सव्वस्स वि देवसियं दुचिंतियं दुभासियं दुचिट्ठियं दुपालियं०' एए सव्वे पाढा मोणेणं पढमावस्सयज्झाणे झाइजति, पुणो तइयावस्सयस्स पच्छा चउत्थावस्सयस्साइंसि ठिच्चा फुडचारणपुव्वगं उच्चारिजंति । एएसु 'आगमे०' 'इच्छामि ठामि०' एए दुण्णि अद्धमागहीए 'सव्वस्स वि०' अद्धमद्धमागहीए अद्धं भासाए । सेसा भिण्णभिण्णभासाए लब्भंति तत्तोऽवसेया। Page #1242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आ० ४] सुत्तागमे ११६७ अह तइयं वंदणावस्सयं __इच्छामि खमासमणो ! वंदिउं जावणिज्जाए निसीहियाए, अणुजाणह मे मिउग्गह, निसीहि अहोकायं कायसंफासं, खमणिजो भे किलामो, अप्पकिलंताणं बहुसुभेण भे दिवसो वइकंतो? जत्ता भे? जवणिजं च भे? खामेमि खमासमणो ! देवसियं वइक्कम, आवस्सियाए पडिक्कमामि खमासमणाणं देवसियाए आसायणाए तेत्तीसन्नयराए जं किंचि मिच्छाए मणदुक्कडाए वयदुकडाए कायदुक्कडाए कोहाए माणाए मायाए लोहाए सव्वकालियाए सव्वमिच्छोवयाराए सव्वधम्माइक्कमणाए आसायणाए जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स खमासमणो! पडिक्कमामि निंदामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि ॥ इइ तइयं वंदणावस्सयं समत्तं ॥ ३ ॥ अह चउत्थं पडिकमणावस्सयं चैत्तारि मंगलं-अरिहंता मंगलं, सिद्धा मंगलं, साहू मंगलं, केवलिपन्नत्तो धम्मो मंगलं । चत्तारि लोगुत्तमा-अरिहंता लोगुत्तमा, सिद्धा लोगुत्तमा, साहू लोगुत्तमा, केवलिपन्नत्तो धम्मो लोगुत्तमो । चत्तारि सरणं पवजामि-अरिहंता सरणं पवजामि, सिद्धा सरणं पवजामि, साहू सरणं पवजामि, केवलिपन्नत्तं धम्मं सरणं पवजामि ॥ १ ॥ इच्छामि पडिक्कमिडं इरियावहियाए विराहणाए गमणागमणे पाणक्कमणे बीयकमणे हरियकमणे ओसाउत्तिंगपणगदगमट्टीमकडासंताणासंकमणे जे मे जीवा विराहिया एगिदिया वेइंदिया तेइंदिया चउरिंदिया पंचिंदिया अभिहया वत्तिया लेसिया संघाइया संघट्टिया परियाविया किलामिया उद्दविया ठाणाओ ठाणं संकामिया जीवियाओ ववरोविया तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ २ ॥ इच्छामि पडिक्कमिडं पगामसिज्जाए निगामसिजाए संथाराउव्वट्टणाए परियट्टणाए आउंटणाए पसारणाए छप्पइसंघट्टणाए कुइए ककराइए छीए जंभाइए आमोसे ससरक्खामोसे आउलमाउलाए सोवणवत्तियाए इत्थीविप्परियासियाए दिट्ठीविप्परियासियाए मणविप्परियासियाए पाणभोयणविप्परियासियाए जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ३ ॥ पडिकमामि गोयरचरियाए भिक्खायरियाए उग्घाडकवाडउग्घाडणाए साणावच्छा १ 'राइओ' 'पक्खिओ' 'चाउम्मासिओ' 'संवच्छरिओ' । २ 'तिक्ग्युत्तो० इच्चणेण वंदणं किच्चा पच्छा पंचणमोकारं तओ 'करेमि भंते!' तओ ‘चत्तारि मंगलं.' । ३ 'चत्तारि मंगलं.' पच्छा 'इच्छामि०' पढियव्वं ति केइ । Page #1243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [आवस्सयसुत्तं दारासंघट्टणाए मंडीपाहुडियाए बलिपाहुडियाए ठवणापाहुडियाए संकिए सहसागारिए अणेसणाए पाणेसणाए पाणभोयणाए बीयभोयणाए हरियभोयणाए पच्छाकम्मियाए पुरेकम्मियाए अदिट्ठहडाए दगसंसठ्ठहडाए रयसंसठ्ठहडाए पारिसाडणियाए पारिट्ठावणियाए ओहासणभिक्खाए जं उग्गमेणं उप्पायणेसणाए अपरिसुद्धं परिग्गहियं परिभुत्तं वा जं न परिट्ठवियं तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ४ ॥ पडिकमामि चाउकालं सज्झायस्स अकरणयाए उभओकालं भंडोवगरणस्स अप्पडिलेहणाए दुप्पडिलेहणाए अप्पमजणाए दुप्पमजणाए अइक्कमे वइक्कमे अइयारे अणायारे जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ५ ॥ पडिकमामि एगविहे असंजमे । पडिकमामि दोहिं बंधणेहिं-रागधणेणं, दोसबंधणेणं । पडिकमामि तिहिं दंडेहि-मणदंडेणं, वयदंडेणं, कायदंडेणं । पडिकमामि तिहिं गुत्तीहिं-मणगुत्तीए, वयगुत्तीए, कायगुत्तीए । पडिकमामि तिहिं सल्लेहि-मायासल्लेणं, नियाणसल्लेणं, मिच्छादसणसल्लेणं । पडिकमामि तिहिं गारवेहि-इड्ढीगारवेणं, रसगारवेणं, सायागारवेणं । पडिकमामि तिहिं विराहणाहि-णाणविराहणाए, दंसणविराहणाए, चरित्तविराहणाए । पडिकमामि चउहिं कसाएहि-कोहकसाएणं, माणकसाएणं, मायाकसाएणं, लोभकसाएणं । पडिकमामि चउहिं सण्णाहि-आहारसण्णाए, भयसण्णाए, मेहुणसण्णाए, परिग्गहसण्णाए । पडिकमामि चउहिं विकहाहि-इत्थीकहाए, भत्तकहाए, देसकहाए, रायकहाए । पडिकमामि चउहिं झाणेहि-अट्टेणं झाणेणं, रुद्देणं झाणेणं, धम्मेणं झाणेणं, सुक्केणं झाणेणं । पडिकमामि पंचहिं किरियाहि-काइयाए, अहिगरणियाए, पाउसियाए, परितावणियाए, पाणाइवायकिरियाए । पडिकमामि पंचहिं कामगुणेहि-सद्देणं, रूवेणं, गंधेणं, रसेणं, फासेणं । पडिकमामि पंचहिं महव्वएहि-सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं, सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं, सव्वाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, सव्वाओ मेहुणाओ वेरमणं, सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं । पडिकमामि पंचहिं समिईहिं-इरियासमिईए, भासासमिईए, एसणासमिईए, आयाणभंडमत्त निक्खेवणासमिईए, उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिठावणियासमिईए । पडिकमामि छहिं जीवनिकाएहिं-पुढविकाएणं, आउकाएणं, तेउकाएणं, वाउकाएणं, वणस्सइकाएणं, तसकाएणं । पडिकमामि छहिं लेसाहि-किण्हलेसाए, णीललेसाए, काउलेसाए, तेउलेसाए, पम्हलेसाए, सुक्कलेसाए । पडिकमामि सत्तहिं भयट्ठाणेहि, अहिं मयहाणेहिं, णवहिं बंभचेरगुत्तीहिं, दसविहे समणधम्मे, एगारसहिं उबासगपडिमाहिं, बारसहिं भिक्खू )खुपडिमाहि, तेरसहिं किरियाठाणेहिं, चउ(द)इसहिं भूयगामेहिं, पण्णरसहिं परमाहम्मिएहिं, सोलसहिं गाहासोलस(ए)हिं, सत्तरसविहे असंजमे, अट्ठारसविहे Page #1244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आ० ४] सुत्तागमे ११६९ अबंभे, एगूणवीसाए णायज्झयणेहिं, वीसाए असमाहि(ट्ठा)ठाणेहि, एगवीसाए सबलेहिं, बावीसाए परीसहेहिं, तेवीसाए सूयगडज्झयणेहिं, चउवीसाए देवेहिं, पणवीसाए भावणाहिं, छव्वी साए दसाकप्पववहाराणं उद्देसणकाले(णं)हिं, सत्तावीसाए अणगारगुणेहिं, अट्ठावीसाए आयारपकप्पेहि, एगूणतीसाए पावसुय(८)पसंगेहिं, तीसाए महामोहणीयट्ठाणेहिं, एगतीसाए सिद्धा-इ-गुणेहिं, बत्तीसाए जोगसंगहेहि, तेत्तीसाए आसायणाहिं; अरिहंताणं आसायणाए, सिद्धाणं आसायणाए, आयरियाणं आसायणाए, उवज्झायाणं आसायणाए, साहूणं आसायणाए, साहुणीणं आसायणाए, सावयाणं आसायणाए, सावियाणं आसायणाए, देवाणं आसायणाए, देवीणं आसायणाए, इहलोगस्स आसायणाए, परलोगस्स आसायणाए, केवलीणं आसायणाए, केवलिपण्णत्तस्स धम्मस्स आसायणाए, सदेवमणुयासुरस्स लोगस्त आसायणाए, सव्वपाणभूयजीवसत्ताणं आसायणाए, कालस्स आसायणाए, सुयस्स आसायणाए, सुयदेवयाए आसायणाए, वायणायरियस्स आसायणाए; जं वाइद्धं, वच्चामेलियं, हीणक्खरं, अच्चक्खरं, पयहीणं, विणयहीणं, जोगहीणं, घोसहीणं, मुट्ठदिण्णं, दुपडिच्छियं, अकाले कओ सज्झाओ, काले न कओ सज्झाओ, असज्झाइए सज्झाइयं, सज्झाइए न सज्झाइयं; तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ६ ॥ नमो चउवीसाए तित्थयराणं उसभाइमहावीरपजवसाणाणं । इणमेव णिग्गंथं पावयणं सच्चं, अणुत्तरं, केवलियं, पडिपुण्णं, नेयाउयं, संसुद्धं, सल्लगत्तणं, सिद्धिमग्गं, मुत्तिमग्गं, निजाणमग्गं, निव्वाणमग्गं, अवितहमविसं(दिद्धं)धि, सव्वदुक्खपहीणमग्गं । इत्थं ठिया जीवा सिझंति, बुज्झति, मुच्चंति, परिनिव्वायंति, सव्वदुक्खाणमंत करेंलि । तं धम्म सद्दहामि, पत्तियामि, रोएमि, फासेमि, पालेमि, अणुपालेमि । तं धम्मं सद्दहतो, पत्तियंतो, रोयंतो, फासंतो, पालंतो, अणुपालंतो । तस्स धम्मस्स केवलिपण्णत्तस्स अब्भुट्ठिओमि आराहणाए, विरओमि विराहणाए । असंजमं परियाणामि, संजमं उवसंपज्जामि । अबंभ परियाणामि, बंभ उवसंपजामि । अकप्पं परियाणामि, कप्पं उवसंपजामि । अन्नाणं परियाणामि, नाणं उवसंपजामि। अकिरियं परियाणामि, किरियं उवसंपन्जामि । मिच्छत्तं परियाणामि, सम्मत्तं उवसंपजामि । अबोहिं परियाणामि, बोहिं उवसंवज्जामि। अमग्गं परियाणामि, मग्गं उवसंपजामि। जं संभरामि जं च न संभरामि, जं पडिकमामि जं च न पडिकमामि, तस्स सव्वस्स देवसियस्स अइयारस्त पडिकमामि । समणोऽहं संजयविर यपडियपच्चक्खायपावकम्मे अनियाणो दिद्विसंपण्णो मायामोसविवजिओ, अड्डाइजेमु दीवसमुद्देसु पण्णरससु कम्मभूमिमु १ समणीओ 'समणी है' "कम्मा' °णा' ovणा' 'या' ति बोल्लंति । ७४ मुत्ता. Page #1245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुत्तागमे [ आवस्यसुतं जावंति केइ साहू रयहरणगुच्छग पडिम्गहधारा पंचमहव्वयधारा अट्ठारससहस्ससीलंगधारा अक्खयायारचरिता ते सव्वे सिरसा मणसा मत्थएण वंदामि ॥ ७ ॥ [औयरियउवज्झाए, सीसे साहम्मिए कुलगणे य । जे मे केइ कसाया, सव्वे तिविण खामि ॥ १ ॥ सव्वस्स समणसंघस्स, भगवओ अंजलिं करिय सीसे । सव्वं खभावइत्ता, खमामि सव्वस्स अहयंपि ॥ २ ॥ सव्वरस जीवरासिस्स, भावओ धम्मनियिनियचित्तो । स० ॥ ३ ॥ ] खामेमि सव्वजीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे । मित्त मे सव्वभूएस, वेरं मज्झं न केणइ ॥ १ ॥ एवमहं आलोय, निंदिय गरहिय दुगंछिउं सम्मं । तिविहेण पडिकंतो, वंदामि जिणे चव्वीसं ॥ २ ॥ इच्छामि खमासमणो ! वंदिउं जाव अप्पाणं वोसिरामि । [दुक्खुत्तो ] ॥ इइ चउत्थं पडिकमणावसयं समत्तं ॥ ४ ॥ अह पंचमं काउस्सग्गावस्सयं औवस्सही॰ । करेमि भंते !• । इच्छामि ठामि काउसग्गं जाव समणाणं जोगाणं... तस्स मिच्छामि दुक्कडं । तस्स उत्तरीकरणेणं जाव अप्पाणं वोसिमि ॥ इइ पंचमं काउस्सग्गावस्लयं समत्तं ॥ ५ ॥ अह छटुं पञ्चक्खाणावस्सयं दसविहे पञ्चक्खाणे प० तं० - अगागयमइकंतं, कोडीसहियं नियंटियं चेत्र । सागारमणागारं परिमाणकडं निरवसेसं ॥ १ ॥ संकेयं चेव अद्धाए, पञ्चक्खाणं भवे दसहा । णमोक्कार सहियपच्चक्खाणं- उग्गए सूरे णमुक्कारसहियं पच्चक्खामि, चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं साइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं ११७० १ कोट्ठगगयाओ गाहाओ पच्चन्तरेऽहिगाओ लब्भंति । २ तओ चउरासीलक्खजीवजोणिखमावणापाढं पढिज्जइ । तओ | अन्नमओन्नत्तोऽवसेओ । ३ अस्स ठाणे केइ 'इच्छामि णं भंते ! तुमेहिं अब्भणुण्णाए समाणे देवसिय० विसोहण करेमि काउसग्गं' ति उच्चारंति । ४ त्ति पढित्त काउस्सग्गं कुज्जा, तत्थ 'लोगस्स उज्जोय गरे० ' वारचउकं मणसा संसमरित्तु सणमोक्कारं काउस्सग्गं पारितु पुणरवि 'लोगस्स उज्जो - यगरे० ' फुडमुच्चारेज, तओ 'इच्छामि खमासमणो०' दुक्खुत्तो पढिऊण गुरुसमीवे पच्चक्खेज्ज - त्ति विही । Page #1246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आ० ६ ] सुत्तागमे सहसागारेणं वोसिरामि ॥ १ ॥ पोरिसीपच्चक्खाणं- उग्गए सूरे पोरिसिं पच्चक्खामि, चउव्विर्हपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं पच्छण्णकालेणं दिसामोहेणं साहुवयणेणं सव्वसमा हिवत्तियागारेणं वोसिरामि [एवं सद्दृपोरिसियं] ॥ २ ॥ पुरिमडपच्चक्खाणं- उग्गए सूरे पुरिमडुं पच्चक्खामि, चउव्विपि आहारं असणं पाणं साइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं पच्छण्णका लेणं दिसामोहेणं साहुवयणेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ३ ॥ एगासण[बेआसण] = पच्चक्खाणं[ उगए सूरे] एगासणं [ बेआसणं] पच्चक्खामि [दुविहं] तिविहंपि आहारं असणं [पाणं] खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं [सहसागारेणं] सागारियागारेणं आ[उ]उंटणपसारणेणं गुरुअब्भुट्ठाणेणं पारिद्वावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिबत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ४ ॥ एगट्टाणपञ्चक्खाणं- एगट्ठाणं पच्चक्खामि, चउव्विपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं सागारियागारेणं गुरुअब्भुट्ठाणेणं पारिट्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ५ ॥ आयंबिल पच्चक्खाणं-आयंबिलं पच्चक्खामि, [तिविपि आहारं असणं खाइमं साइमं] अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसा - गारेणं लेवालेवेणं गिहत्थसंसद्वेणं उक्खित्तविवेगेणं पारिद्वावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिबत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ६ ॥ अभत्तट्ठ[चउव्विहाहार] पच्चक्खाणं- उग्गए सूरे अभत्तङ्कं पच्चक्खामि चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं पारिद्वावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिबत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ७१ ॥ अभत्तट्ट[तिविहाहार]पञ्चकखाणं- उग्गए सूरे अभत्तङ्कं पञ्चक्खामि तिविहंपि आहारं असणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं पारिद्वावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिबत्तियागारेणं पाणस्स लेवेण वा अच्छेण वा बहुलेण वा ससित्थेण वा असित्थेण वा वोसिरामि ॥ ७२ ॥ दिवसचरिम [भवचरिम ] पञ्चक्खाणंदिवसचरिमं [भवचरिमं वा ] पच्चक्खामि, चउव्विहंपि आहारं असणं पाणं खाइम साइमं अण्णत्थणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमा हिवत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ८ ॥ अभिग्गहपश्चक्खाणं- [ उग्गए सूरे गंठिसहियं मुद्रिसहियं ] अभिग्गद्दं पच्चक्खामि, चउव्विपि आहारं असणं पाणं खाइमं साइमं अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ ९ ॥ निव्विगइयपञ्चक्खाणं - [ उ० सू०] निव्विगइयं पच्चक्खामि [च० ११७१ Page #1247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ११७२ [ आवस्यसुतं आ० अ० ४] अण्णत्थऽणाभोगेणं सहसागारेणं लेवालेवेणं गिहत्थसंसद्वेणं उक्खित्तविवेगेणं पडुच्चमक्खिणं पारिट्ठावणियागारेणं महत्तरागारेणं सव्व समाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि ॥ १० ॥ [ पच्चक्खाणपारणविही - उग्गए सरे णमुक्कारसहियं···जांव पच्चक्खाणं कयं तं सम्मं काएण फासियं पालियं सोहियं तीरियं किट्टियं आराहियं अणुपालियं भवइ जं च न भवइ तस्स मिच्छामि दुक्कडं । ] मोत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं आइगराणं तित्ययराणं सयंसंबुद्धाणं पुरमुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरियाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं लोहिया लोगपवाणं लोगपज्जोयगराणं अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतच कवट्टीणं, दी ( वो ) त्रता (णं) णसरणगइपद्वाणं अप्पडिहयवरमाणदंसणधराणं वियट्टछउमाणं जिणाणं जावयाणं तिष्णाणं तारयाणं बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सव्वष्णूणं सव्वदरिसीणं सिवमयलमस्यमणंत मक्खयमव्वाबाहमपुणरावित्तिसिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं नमो जिणाणं जियभयाणं [ठाणं संपाविउका(मस्स)माणं ] ॥ इइ छटुं पञ्चक्खाणावस्सयं समत्तं ॥ ६ ॥ ॥ आवस्सयसुत्तं समत्तं ॥ तस्समत्तीए बत्तीसं सुत्ताइं समत्ताई तेसिं समत्तीए सुत्तागमे समत्ते सुत्ताग ॥ सव्वसिलोगसंखा ७२००० ।। १ एएसिं दसहं पच्चक्खाणाणं अण्णयरं पच्चक्खाणं पञ्चक्खित्ता सामाइयमाइयाणं छण्हमावस्सयाणमइयारसंबधिमिच्छामि - दुक्कडं दवा दुक्खुत्तो 'णमोत्थु णं०' दाहिणं जाणं भूमी संठवित्तु वामं जाणं उद्धुं किच्चा पंजलिउडेग पढिज्जइ । राइए पच्चक्खाणे जहाधारणत्ति विसेसो । २ अरिहापखे । ३ पञ्चंतरे छद्वावस्सय पच्छा एसो पाढोऽहिगो लब्भइ - इच्छाकारेण संदिसह भगवं अ० अभितरं देवसियं खामेउ इच्छं खामेमि देवसियं जं किंचि य अपत्तियं प० भत्तपाणे विणए वेग्रावचे आलावे संलावे उच्चासणे समासणे अंतरभासाए अपरभासाए जं किंचि मज्झं विणयपरिहीणं सुमं (थो) वा बायरं (बहुं) वा तुब्भे जाणह अहं न जाणामि तस्स मिच्छामि दुक्कडं । ४ सावयावस्सयविसए परिसिद्धं दटुव्वं । Page #1248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मोऽत्यु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स पढमं परिसिहं दसासुयक्खंधस्स अट्टममज्झयणं अहवा कृष्णमुर्त नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सव्वसाहूणं । एसो पंचनमुक्कारो, सव्वपावप्पणासणो । मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं ॥ १ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे हुत्था, तंजहा - हत्थुत्तराहिं चुए चइत्ता गब्भं वक्ते १ हत्युत्तराहिं गब्भाओ गब्भं साहरिए २ हत्थुत्तराहिं जाए ३ हत्थुत्तराहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्व ए ४ हत्थुत्तराहिं अनंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुणे केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने ५ साइणा परिनिव्वुए भयवं ६ ॥ २ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से गिम्हाणं उत्थे मासे अट्ठमे पक्खे आसाढसुद्धे तस्स णं आसाढसुद्धस्स छट्ठीपक्खेणं महाविजयपुप्फुत्तरपवरपुंडरीयाओ महाविमा - णाओ वीसंसा गरोवमइयाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अनंतरं चयं चइत्ता इव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणभर हे इमीसे ओसप्पिणीए सुसम - सुसमाए समाए विइकंताए १ सुसमाए समाए विइकंताए २ सुसमदुसमाए समाए विताए ३ दुसमसुसमाए समाए बहुविइकंताए - सागरोवमकोडाकोडीए बायाली - (साए) सवास सहस्सेहिं ऊणियाए पंचहत्तरिवासेहिं अद्धनवमेहि य मासेहिं सेसेहिंइक्वीसाए तित्थय रेहिं इक्खागकुलसमुप्पन्नेहिं कासवगत्तेहिं, दोहि य हरिवंसकुलसमुपपन्नहिं गोयमसगुत्तेहिं, तेवीसाए तित्थयरेहिं विइकंतेहिं, समणे भगवं महावीरे च (रिमे) रमतित्थयरे पुव्यतित्थयर निद्दिट्ठे माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माह - स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आहारवक्कंतीए भववकंतीए सरीरत्रकंतीए कुच्छिसि गव्भत्ताए वक्कते ॥ ३ ॥ समणे भगवं महावीरे तिन्नाणोare यावि हुत्था - इस्सामित्ति जाणइ, चयमाणे न जाणइ, चुएमित्ति जाणइ । जं १ परि० Page #1249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिहं [ कप्पसुतं १४ रयाणं च णं समणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंवरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वकंते तं स्यणिं च णं सा देवानंदा माहणी सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेयाख्वे उराले कल्लाणे सिवे धन्ने मंगले सस्सिरीए चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा - गये वसह सी है- अभिसेयें-दाम-सि-दिणयर झयं कुंभं । पउमसर-सागरे- विमाणभवणे- रयणुच्चय- सिंहिं च ॥ १ ॥ ४ ॥ तए णं सा देवाणंदा माहणी इमे एयारूवे उराले कलाणे सिवे धन्ने मंगले सस्सिरीए चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी तुट्ठचित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवसविसप्पमाणहियया धाराहय केलंबुगंपिव समुस्ससियरोमकूवा सुमिणुग्गहं करेइ सुमिणुग्गहं करित्ता सयणिज्जाओ अब्भुट्ठेइ अब्भुट्ठित्ता अतुरियमचवलमसंभंताए रायहंससरिसीए गईए जेणेव उसभदत्ते माहणे तेणेव उवागच्छर उवागच्छित्ता उसभदत्तं माहणं जणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावित्ता भद्दासणवरगया आसत्या वीसत्था सुहासणवरगया करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासीएवं खलु अहं देवाप्पिया ! अज्ज सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेयारूवे उराले जाव सस्सिरीए चउद्दस महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा - गय जावसिहिं च । एएसिं देवाणुप्पिया ! उरालाणं जाव चउद्दसण्हं महासुमिणाणं के मन्ने कलाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? ॥ ५-६ ॥ तए णं से उसभदत्ते माहणे देवानंदाए माहणीए अंतिए एयमहं सुच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियए धाराहयकलंबुयंपिव समुस्ससियरोमकूवे सुमिणुग्गहं करेइ करिता ईहं अणुपविसइ अणुपविसित्ता पण साहाविणं पुव्वएणं बुद्धिविष्णाणेणं तेसिं सुमिणाणं अत्युग्गहं करेइ २ त्ता देवानंदं माहणिं एवं वयासी - उराला णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, कल्लाणा (i) सिवा धन्ना मंगला सस्सिरीया आरुग्गतुद्विदीहाउ कल्लाणमंगलकारगा णं तुमे देवाप्पिए । सुमिणा दिट्ठा, तंजहा - अत्थलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए! पुत्तलाभो देवाणुप्पिए । सुक्खलाभो देवाणुप्पिए !, एवं खलु तुमं देवाणुम्पिए ! नवहं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अद्धमाणं राइंदियाणं विइकंताणं सुकुमालपाणिपार्थ अहीणपडिपुन्नपंचिंदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोववेयं माणुम्माणपमाणपडिनुन्नसुजायसव्वंगसुंदरंगं ससिसोमाकारं कंतं पियदंसणं सुरूवं देवकुमारोवमं दारयं पयाहिसि ॥ ७-८ ॥ से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विन्नायपरिणयमित्ते जोव्बणगमणुप्पत्ते रिउव्वेयजउव्वेयसामवेयअथव्वणवेय- इतिहासपंचमाणं नि ( ) घंदुछद्वाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं चउन्हं वेयाणं सारए, पारए (वारए), धारए, सडंगवी, सद्वितंतवि १ कयंबपुप्फगंपिa । २ Page #1250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स० सी० अब्भुट्ठाणं] पढम परिसिटुं सारए, संखाणे [सिक्खाणे] सिक्खाकप्पे वागरणे छंदे निरुत्ते जोइसामयणे अन्नेसु य बहुसु बंभण्णएसु परिव्वायएसु नएसु सुपरिनिट्ठिए यावि भविस्सइ ॥ ९॥ तं उराला णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा जाव आरुग्गतुट्ठिदीहाउयमंगलकल्लाणकारगा णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठत्तिकट्ठ भुज्जो २ अणुवूहइ ॥ १० ॥ तए णं सा देवाणंदा माहणी उसभदत्तस्स माहणस्स अंतिए एयमद्वं सुच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हियया जाव करयलपनिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु उसभदत्तं माहणं एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया ! तहमेयं देवाणुप्पिया ! अवितहमेयं देवाणुप्पिया! असंदिद्धमेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! पडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियपडिच्छियमेयं देवाणुप्पिया !, सच्चे णं एस(अ)मटे से जहेयं तुब्भे वयहत्तिक? ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ २ त्ता उसभदत्तेणं माहणेणं सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरइ ॥ ११-१२ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के देविंदे देवराया वजपाणी पुरंदरे सयकऊ सहस्सक्खे मघवं पागसासणे दाहिणड्डलोगाहिवई बत्तीसविमाणसयसहस्साहिवई एरावणवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्थधरे आलइयमालमउडे नवहेमचारुचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्जमाणगल्ले महिहिए महज्जुइए महाबले महायसे महाणुभावे महासुक्खे भासुर(बों)बुंदी पलंववणमालधरे सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिंसए विमाणे सुहम्माए सभाए सकसि सीहासणंसि, से णं तत्थ बत्तीसाए विमाणावाससयसाहस्सीणं, चउरासीए सामाणियसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउण्हं लोगपालाणं, अट्टहं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिण्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणीयाणं, सत्तण्हं अणीयाहिवईणं, चउण्हं चउरासी(ए)णं आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमाणियाणं देवाणं देवीण य आहेवचं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावचं कारेमाणे पालेमाणे महया हयनदृगीयवाइयतंतीतलतालतुडियघणमुइंगपडुपडहवाइयरवेणं दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ ॥ १३ ॥ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे २ विहरइ, तत्थ णं समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणडभरहे माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वकंतं पासइ २ ता हतुट्ठचित्तमाणंदिए णंदिए परमाणदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए धाराहय(कयंब)नीवसुरभिकुसुमचंचुमालइयऊससियरोमकूवे वियसियवरकमलनयणवयणे पयलियवरकडगतुडियकेऊरमउडकुंडलहारविरायंतवच्छे पालंबपलंबमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरियं Page #1251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसि [ कप्पसुतं चवलं सुरिंदे सीहासणाओ अब्भुट्ठेइ २ त्ता पायपीढाओ पचोरहर २ त्ता वेरुलियवरिट्ठरिटुंजणनिउणो(वचि) वियमिसिमिसिं तमणिरयणमंडियाओ पाउयाओ ओमुयइ २ त्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ २ त्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे तित्थयराभिमुहे सत्तपयाइं अणुगच्छइ २ त्ता वामं जाणं अंचेइ २ त्ता दाहिणं जाणुं धरणियलंसि साहट्टु तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि निवेसेइ २ त्ता ईसिं पच्छुन्नमइ २ त्ता करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी-नमुत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं, आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं, लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणं, अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं, धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टीणं, दीवो ताणं सरणं गई पट्ठा अप्पडिहयवरनाणदंसणधराणं वियच्छरमाणं, जिणाणं जावयाणं तिन्नाणं तारयाणं बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोयगाणं सव्वण्णूणं सव्वदरिसीणं, सिवमयलमरुयमणंत मक्खयमव्वाबाहमपुणरा वित्तिसिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमो जिणाणं जियभयाणं । नमुत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स चरमतित्थयरस्स पुव्वतित्थयर निद्दिट्ठस्स जाव संपाविउकामस्स । वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगए, पास (इ) उ मे भगवं तत्थगए इहगयंतिक समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वं० २ त्ता सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुहे सन्निसन्ने ॥ १४-१५॥ तणं तस्स सक्क्स्स देविंदस्स देवरन्नो अयमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोग संकप्पे समुपज्जित्था - न खलु एयं भूयं, न एयं भव्वं, न एयं भविस्सं, जं णं अरहंता वा चकवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जाव भिक्खागकुलेसु वा माहणकुलेसु वा आयाइंसु वा आयाइंति वा आयाइस्संति वा ॥ १६ ॥ एवं खलु अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उग्गकुलेसु वा भोगकुलेसु वा राइण्णकुलेसु वा इक्खागकुलेसु वा खत्तियकुलेसु वा हरिवंसकुलेसु वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलवंसेसु आयाइंसु वा आयाइति वा आयाइस्संति वा ॥ १७ ॥ अस्थि पुण एसे वि भावे लोगच्छेरयभूए अनंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं विइकंताहिं समुप्पज्जइ, नामगुत्तस्स वा कम्मस्स अक्खी स अवेइयस्स अणिज्जिण्णस्स उदएणं, जं णं अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जाव माहणकुलेसु वा आयाइंसु वा ३, कुच्छिसि भत्ताए वक्कर्मिसु वा वक्कमंति वा वक्कमिस्संति वा, नो चेव णं जोणीजम्मणनिक्खमणं निक्खमिंसु वा निक्खमंति वा निक्खमिस्संति वा ॥ १८ ॥ अयं च णं समणे Page #1252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इं० ह० गब्भसंहरणाएसो] पढम परिसिडें भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्रते ॥ १९ ॥ तं जीयमेयं तीयपञ्चुप्पन्नमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवरा(ई)याणं अरहंते भगवंते तहप्पगारेहिंतो अंतकुलेहिंतो जाव कि(वि)वणकुलेहितो० तहप्पगारेसु उग्गकुलेसु वा जाव राइण्णकुलेसु वा नाय(०)खत्तियहरिवंसकुलेसु वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलवंसेसु (जाव रजसिरिं कारेमाणेसु पालेमाणेसु) वा साहरावित्तए, तं सेयं खलु मम वि समणं भगवं महावीर चरमतित्थयरं पुव्वतित्थयरनिद्दिढं माहणकुंडग्गामाओ नयराओ उसभदत्तस्स माहणस्त कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खनियकुंडग्गामे नयरे नायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठसगुत्ताए कुञ्छिसि गब्भत्ताए साहरावित्तए । जे वि य णं से तिसलाए खत्तियाणीए गब्भे तं पि य णं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए साहरावित्तएत्तिकट्ठ एवं संपेहेइ २ त्ता हरिणेगमेसि अग्गा (पायत्ता)णीयाहिवइं देवं सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! नए भूयं, न एयं भव्वं, न एयं भविस्सं, जंणं अरहंता वा चकवट्टी वा बलदेवा वा वानदेवा वा अंतकुलेसु वा जाव भिक्खागकुलेसु वा० आयाइंसु वा ३, एवं खलु अ(रि.)रहंता वा चकवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उग्गकुलेसु वा जाव हरिवंसकुटन वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेमु विमुद्धजाइकुलवंसेसु आयाइंसु वा ३ ॥२०-२१॥ अन्य पुण एसे वि भावे लोगच्छेरयभूए अणंताहिं उस्स प्पिणीओसप्पिणीहिं विइक्कंना समुपजइ, नामगुत्तस्स वा कम्मस्स अक्खीणस्स अवेइयस्स अणिज्जिण्णस्स उद, जं णं अरहंता वा चक्कवट्टी वा वलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा जान मिक्वागकुलेमु वा० आयाइंसु वा ३, कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्कमिंसु वा ३, नो चैव णं नाणीजम्मणनिक्खमणेणं निक्खमिंसु वा ३ ॥ २२ ॥ अयं च णं समणे भगवं महावीर जंबहीवे दीवे भारहे वासे माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोलारसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुञ्छिसि गम्भत्ताए वयं ॥ ३ ॥ तं जीयमेयं तीयपचुप्पण्णमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं अरहने नगन तहप्पगारेहितो अंतकुलेहितो जाव माहणकुलेहितो तहप्पगारेसु उग्गकुलमा भोगकुलेसु वा जाव हरिवंसकुलेसु वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलपगार माहरावित्तए ॥ २४ ॥ तं गच्छ णं तुमं देवाणुप्पिया ! समणं भगवं महावीर माग कुंडग्गामाओ नयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए Page #1253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिहूँ [कप्पसुत्तं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तियकुंडग्गामे नयरे नायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहराहि, जे वि य णं से तिसलाए खत्तियाणीए गब्भे तं पि य णं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहराहि साहरित्ता मम एयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणाहि ॥ २५ ॥ तए णं से हरिणेगमेसी अग्गाणीयाहिवई देवे सक्केणं देविदेणं देवरन्ना एवं वुत्ते समाणे हठ्ठतुट्ट जाव हियए करयल जाव त्तिकद्दु एवं जं देवो आणवेइत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ २ त्ता सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो अंतियाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवक्कमइ २ त्ता वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणइ २ त्ता संखिजाइं जोयणाई दंडं निसिरइ, तंजहा-रयणाणं वइराणं वेरुलियाणं लोहियक्खाणं मसारगल्लाणं हंसगब्भाणं पुलयाणं सोगंधियाणं जोईरसाणं अंजणाणं अंजणपुलयाणं जायरूवाणं सुभगाणं अंकाणं फलिहाणं रिहाणं, अहाबायरे पुग्गले परिसाडेइ २ त्ता अहासुहुमे पुग्गले परिया(ए)दियइ २ ता दुचपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणइ २ ता उत्तरवेउव्वियरूवं विउव्वइ २ ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए ज(य)इणाए उद्धृयाए सिग्घाए दिव्याए देवगईए वीइवयमाणे २ तिरियमसंखिजाणं दीवसमुद्दाणं मज्झमझेणं जेणेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे जेणेव माहणकुंडग्गामे नयरे जेणेव उसभदत्तस्स माहणस्स गिहे जेणेव देवाणंदा माहणी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता आलोए समणस्स भगवओ महावीरस्स पणामं करेइ २ त्ता देवाणंदाए माहणीए सपरिजणाए ओसोवर्णि दलइ २ त्ता असुभे पुग्गले अवहरइ २ त्ता सुभे पुग्गले पक्खिवइ २ ता अणुजाणउ मे भ(य)गवंतिकट्ठ समणं भगवं महावीरं अव्वाबाहं अव्वाबाहेणं दिव्वेणं पहावेणं करयलसंपुडेणं गिण्हइ २ ता जेणेव खत्तियकुंडग्गामे नयरे जेणेव सिद्धत्थस्स खत्तियस्स गिहे जेणेव तिसला खत्तियाणी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता तिसलाए खत्तियाणीए सपरिजणाए ओसोवर्णि दलइ २ त्ता असुभे पुग्गले अवहरइ २ त्ता सुमे पुग्गले पक्खिवइ २ त्ता समणं भगवं महावीरं अव्वाबाहं अव्वाबाहेणं तिसलाए खत्तियाणीए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरइ (२ त्ता), जे वि य णं से तिसलाए खत्तियाणीए गन्भे तं पि य णं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुञ्छिसि गब्भत्ताए साहरइ २ त्ता जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥२६-२७॥ ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए जवणाए उद्धृयाए सिग्घाए दिव्वाए देवगईए तिरियमसंखिजाणं दीवसमुदाणं मज्झमज्झेणं जोयणसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं Page #1254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिसलाए सुविणदसणं] पढम परिसिढे उप्पयमाणे २ जेणामेव सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिंसए विमाणे सक्कंसि सीहासणंसि सक्के देविंदे देवराया तेणामेव उवागच्छइ २ त्ता सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणइ ॥ २८ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जेसे वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोयबहुले तस्स णं आ(अस्)सोयवहुलस्स तेरसीपक्खेणं बासीइराइदिएहिं विइकंतेहिं तेसीइमस्स राइंदियस्स अंतरा वट्टमा(णस्स)णे हियाणुकंपएणं देवेणं हरिणेगमेसिणा सक्कवयणसंदिटेणं माहणकुंडग्गामाओ नयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तियकुंडग्गामे नयरे नायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठसगुत्ताए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्युत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं अव्वाबाहं अव्वाबाहेणं कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरिए ॥ २९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे तिन्नाणोवगए यावि हुत्था, तंजहा-साहरिजिस्सामित्ति जाणइ, साहरिजमाणे न जाणइ, साहरिएमित्ति जाणइ ॥ ३० ॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ तिसलाए खत्तियाणीए वासिठ्ठसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरिए तं रयणिं च णं सा देवाणंदा भाहणी सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेयाख्वे उराले कल्लाणे सिवे धन्ने मंगल्टे सस्सिरीए चउद्दसमहासुमिणे तिसलाए खत्तीयाणीए हडेत्ति पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा-गय जाव सिहिं च ॥ ३१ ॥ ज रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ तिसलाए खत्तियाणीए वासिट्ठसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरिए तं रयणिं च णं सा तिसला खत्तियाणी तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभितरओ सचित्तकम्मे बाहिरओ दूमियघट्ठमढे विचित्तउलोयचिल्लियतले मणिरयणपणासियंधयारे बहुसमसुविभत्तभूमिभागे पंचवन्नसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलिए कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुकडझंतधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूए तंसि तारिसगंसि सयणिजंसि सालिंगणवट्टिए उभओ बिब्बोयणे उभओ उन्नए मज्झे णयगंभीरे गंगापुलिणवालुयाउद्दालसालिसए ओयवियखोमियदुगुल्लपट्टपडिच्छन्ने सुविरइयरयत्ताणे रत्तनुयसंवुए सुरम्मे आइणगख्यबूरनवणीयतूलतुलफासे सुगंधवरकुसुमचुन्नसयणोवयारकलिए, पुव्वरत्तावरत्तकालसमयसि मुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेयासवे उराले जाव चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं १हिएण-अप्पणो इंदस्स य हियकारिणा तहा अणुकंपएणं-भगवओ भत्तणं ति अहो । Page #1255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिढे [कप्पसुतं पडिबुद्धा, तंजहा-गर्य-वसहै-सीहै-अभिसेय-दाम-ससि-दिणयरे झर्य कुंभं । पउमसैर-सागैर-विमाणभवणे-रयणुञ्चय-सिहिं च ॥ १ ॥ ३२ ॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी तप्पढमयाए तओ य]चउदंतमूसियगलियविपुलजलहरहारनिकरखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंडु(रं)रतरं समागयमहुयरसुगंधदाणवासियकापो)वोलमूलं देवरायकुंज(रं)र(व)वरप्पमाणं पिच्छइ सजलघणविपुलजलहरगज्जियगंभीरचारुघोसं इभं सुभं सव्वलक्खणकयंबियं वरोरुं १ ॥ ३३ ॥ तओ पुणो धवलकमलपत्तपयराइरेगरूबप्पभं पहासमुदओवहारेहिं सव्वओ चेव दीवयंतं अइसिरिभरपिल्लणाविसप्पंतकंतसोहंतचारुककुहं तणुसु(ख)इसुकुमाललोमनिद्धच्छविं थिरसुवद्धमंसलोवचियलट्ठसुविभत्तसुंदरंग पिच्छइ घणवलट्ठउक्किट्ठविसिट्ठतुप्परगतिक्खसिंगं दंतं सिवं समाणसोहंतसुद्धदंतं बसहं अमियगुणमंगलमुहं २ ॥ ३४ ॥ तओ पुणो हारनिकरखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंडु(रतरं)रंगं रमणिज्जपिच्छणिज्ज थिरलट्ठपउट्ठवट्टपीवरसुसिलिट्ठविसिट्ठतिक्खदाढाविडंबियमुहं परिकम्मियजच्चकमलकोमलपमाणसोहंतलठ्ठउठें रत्तुप्पलपत्तमउयसुकुमालतालुनिल्लालियग्गजीहं मूसागयपवरकणगतावियआवत्तायंतवतडियविमलसरिसनयणं विसालपीवरवरोरु पडिपुन्नविमलखंधं मिउविसयसुहुमलक्खणपसत्थविच्छिन्नकेसराडोवसोहियं ऊसियसुनिम्मियसुजायअप्फोडियलंगूलं सोमं सोमाकारं लीलायंतं नहयलाओ ओवयमाणं नियगवयणमइवयंतं पिच्छइ सा गाढतिक्खग्गनहं सीहं वयणसिरीप(लंब)लवपत्तचारुजीहं ३ ॥ ३५ ॥ तओ पुणो पुण्णचंदवयणा उच्चागयठाणलट्ठसंठियं पसत्यरूवं मुपइट्ठियकणग(मय)कुम्मसरिसोवमाणचलणं अच्चुन्नयपीणरइयमंसलउ(वचि)नयतणुतंबनिद्धनहं कमलपलाससुकुमालकरचरणकोमलवरंगुलिं कुरुविंदावत्तवाणुपुव्वघं निगृहजाणुं गयवरकरसरिसपीवरोरं चामीकररइयमेहलाजुत्तकंतविच्छिन्नसोणिचकं जच्चंजणभमरजलयपयरउज्जुयसमसंहियतणुयआइजलडहसुकुमालमउयरमणिज्जरोमराई नाभीमंडलसुंदरविसालपसत्यजघणं करयलमाइयपसत्थतिवलियमझं नाणामणिकणगरयणविमलमहातवणिज्जाभरणभूसणविराइ(यमंगु)यंगोवंगिं हारविरायंतकुंदमालपरिणद्धजलजलिंतथणजुयलविमल कलसं आइयपत्तियविभूसिएणं सुभगजालुजलेणं मुत्ताकलावएणं उरत्थदीणारमा(ल)लियविराइएण कंठमणिसुत्तएण य कुंडलजुयलुलसंतअंसोवसत्तसोभंतसप्पभेणं सोभागुणसमुदएणं आणणकुटुंबिएणं कमलामलविसालरमणिज्जलोय(णिं)णं कमलपज्जलंतकरगहियमुक्कतोयं लीलावायकयपक्खएणं सुविसंदकसिणघणसण्हलंबंतकेसहत्थं पउमद्दहकमलवासिणि सिरिं भगवई पिच्छइ हिमवंतसेलसिहरे दिसागइंदोरुपीवरकराभिसिच्चमाणिं ४ ॥ ३६ ॥ तओ पुणो सरस Page #1256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दसमो पउमसरसुविणो] पढम परिसिढे कुसुममंदारदामरमणिज्जभूयं चंपगासोगपुन्नागनागपियंगुसिरीसमुग्गरगमल्लियाजाइजूहिअंकोल्लकोजकोरिंटपत्तदमणयनवमालियवउलतिलयवासंतियपउमुप्पलपाडलकुंदाइमुत्तसंहकारसुरभिगंधि अणुवममणोहरेणं गंधेणं दसदिसाओवि वासयंतं सव्वोउयसुरभिकुसुममधवलविलसंतकंतबहुवण्णभत्तिचित्तं छप्पयमहुयरिभमरगणगुमगुमायंतनिलितगुंजंतदेसभागं दामं पिच्छइ नहंगणतलाओ ओवयंतं ५ ॥ ३७ ॥ ससिं च गोखीरफेणदगरयरययकलसपंडुरं सुभं हिययनयणकंतं पडिपुण्णं तिमिरनिकरघणगुहिरवितिमिरकर पमाणपक्खंतरायलेहं कुमुयवणविवोहगं निसासोहगं सुपरिमट्टदप्पणतलोवमं हंसपडवण्णं जोइसमुहमंडगं तमरिपुं मयणसरापूरगं समुद्ददगपूरगं दुम्मणं जणं दइयवजियं पायएहिं सोसयंतं पुणो सोमचारुरूवं पिच्छइ सा गगणमंडलविसालसोमचंकम्ममाणतिल(गं)यं रोहिणिमणहिययवल्लहं देवी पुण्णचंदं समुल्लसंतं ६ ॥ ३८ ॥ तओ पुणो तमपडलपरिप्फुडं चेव तेयसा पज्जलंतरूवं रत्तासोगपगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसं कमलवणालंकरणं अंकणं जोइसस्स अंबरतलपईवं हिमपडलगलग्गहं गहगणोरुनायगं रत्तिविणासं उदयत्थमणेसु मुहुत्तसुहदसणं दुन्निरिक्खरूवं रत्तिसुद्धंतदुप्पयारप्पमद्दणं सीयवेगमहणं पिच्छइ मेरुगिरिसययपरियट्टयं विसालं सूर रस्सीसहस्सपयलियदित्तसोहं ७ ॥ ३९ ॥ तओ पुणो जच्चकणगलट्ठिपइट्ठियं समूहनीलरत्तपीयसुकिल्लसुकुमालुल्लसियमोरपिच्छकयमुद्धयं धयं अहियसस्सिरीयं फालियसंखंककुंददगरयरययकलसपंडुरेण मत्थयत्थेण सीहेण रायमाणेण रायमाणं भित्तुं गगणतलमंडलं चैव ववसिएणं पिच्छइ सिवमउयमारुयलयाहयकंपमाणं अइप्पमाणं जणपिच्छणिज्जवं ८॥४०॥ तओ पुणो जच्चकंचणुजलंतरूवं निम्मलजलपुण्णमुत्तमं दिप्पमाणसोहं कमल कलावपरिरायमाणं पडिपुण्ण[य]सव्वमंगलभेयसमागमं पवररयणप(रि)रायंतकमलट्ठियं नयणभूसणकरं पभासमाणं सव्वओ चेव दीवयंतं सोमलच्छीनिभेलणं सव्वपावपरिवज्जियं सुभं भासुरं सिरिवरं सव्वोउयमुरभिकुसुमआसत्तमल्छदामं पिच्छइ सा रययपुण्णकलसं ९॥ ४१ ॥ तओ पुणो (पुणरवि) रविकिरणतरुणबोहियसहस्सपत्तसुरभितरपिंजरजलं जलचरपहकरपरिहत्थगमच्छपरिभुजमाण जलसंचयं महंतं जलंतमिव कमलकुवलयउप्पलतामरसपुंडरीयउरुसम्पमाणसिरिसमुदएणं रमणिज्जरूबसोहं पमुइयंतभमरगणमत्तमहुयरिगणुकरोलि(लि)जमाणकमलं कायंबगवलाहयचक्ककलहंससारसगव्वियसउणगणमिणसेविजमाणसलिलं पउमिणिपत्तोवलग्गजलविंदुनिचयचित्तं पिच्छइ सा हिययनयणकंतं पउ १ मंदारपारिजातियचंपगविउलमचकुंदपाडलजायजूहियसुगंधगंधपुष्फमाला० । २ परसमयावेक्खाए। Page #1257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिहँ [कप्पसुत्तं मसरं नामसरं सररुहाभिरामं १० ॥ ४२ ॥ तओ पुणो चंदकिरणरासिसरिससिरिवच्छसोहं चउ(गु)गमणपवड्डमाणजलसंचयं चवलचंचलुच्चायप्पमाणकल्लोललोलंततोयं पडुपवणाहयचलियचवलपागडतरंगरंगतभंगखोखुब्भमाणसोभंतनिम्मलक्कडउम्मीसहसंबंधधावमा(णाव)णोनियत्तभासुरतराभिरामं महामगरमच्छतिमितिमिगिलनिरुद्धतिलितिलियाभिघायकप्पूरफेणपसरं महानईतुरियवेगसमागयभमगंगावत्तगुप्पमाणुचलंतपच्चोनियत्तभममाणलोलसलिलं पिच्छइ खीरोयसायरं सा रयणिकरसोमवयणा ११ ॥ ४३ ॥ तओ पुणो तरुणसूरमंडलसमप्पहं दिप्पमाणसोहं उत्तमकंचणमहामणिसमूहपवरतेयअट्ठसहस्सदिप्पंतनहप्पईवं कणगपयरलंवमाणमुत्तासमुज्जलं जलंतदिब्बदामं ईहामिगउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिन्नररुरुसरभचमरसंसत्तकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं गंधव्वोपवजमाणसंपुण्णघोसं निचं सजलघणविउलजलहरगजियसद्दाणुणाइणा देवदुंदुहिमहारवेणं सयलमवि जीवलोयं पूरयंतं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडझंतधूव(सार)वासंग(य)उत्तममघमघंतगंधुद्धयाभिरामं निचालोयं सेयं सेयप्पमं सुरवराभिरामं पिच्छइ सा साओवभोगं वरविमाणपुंडरीयं १२ ॥ ४४ ॥ तओ पुणो पुलगवेरिंदनीलसासगककेयणलोहियक्खमरगयमसारगल्लपवालफलिहसोगंधियहंसगन्भअंजणचंदप्पहवररयणेहिं महियलपइट्ठियं गगणमंडलंतं पभासयंतं तुंगं मेरुगिरिसंनि(गा)कासं पिच्छइ सा रयणनिकररासिं १३ ॥ ४५ ॥ सिहिं च-सा विउलुज्जलपिंगलमहुघयपरिसिच्चमाणनिद्भूमधगधगाइयजलंतजालुजलाभिरामं तरतमजोगजुत्तेहिं जालपयरेहिं अण्णुण्णमिव अणुप्पइण्णं पिच्छइ जालुजलण(ग)गं अंबरं व कत्थइ पयंतं अइवेगचंचलं सिहिं १४ ॥ ४६ ॥ इमे एयारिसे सुभे सोमे पियदंसणे सुरूवे सुमिणे दट्टण सयणमज्झे पडिबुद्धा अरविंदलोयणा हरिसपुलइयंगी। एए चउदससुमिणे, सव्वा पासेइ तित्थयरमाया । जं रयणिं वक्कमई, कुच्छिसि महायसो अरहा ॥१॥४७॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी इमे एयारूवे उराले चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी हट्टतुट्ठ जाव हियया धाराहयकयंबपुप्फगंपिव समुस्ससियरोमकूवा सुमिणुग्गहं करेइ २ ता सयणिज्जाओ अब्भुढेइ २ त्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ त्ता अतुरियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सयणिजे जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छइ २ ता सिद्धत्थं खत्तियं ताहिं इटाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणोरमाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिज्जाहिं हिययपल्हायणिज्जाहिं मिउमहुरमंजुलाहिं गिराहिं संलवमाणी २ पडिबोहेइ ॥ ४८ ॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी सिद्धत्थेणं रण्णा अब्भणुण्णाया Page #1258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ति० सयणागारं पइ गमणं०] पढमं परिसिटुं समाणी नाणामणिकणगरयणभत्तिचित्तंसि भद्दासणंसि निसीयइ २ त्ता आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया सिद्धत्थं खत्तियं ताहिं इट्ठाहिं जाव संलवमाणी २ एवं वयासी-एवं खलु अहं सामी ! अज तंसि तारिसगंसि सयणिजंसि वण्णओ जाव पडिबुद्धा, तंजहा-गय(उ)वसह० गाहा। तं एएसिं सामी ! उरालाणं चउदसहं महासुमिणाणं के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? ॥ ४९-५० ॥ तए णं से सिद्धत्थे राया तिसलाए खत्तियाणीए अंतिए एयमढे सुच्चा निसम्म हट्टतुट्ठचित्ते जाव हियए धाराहयनीवसुरभिकुसुमचंचुमालइयरोमकूवे ते सुमिणे ओगिण(ह)हेइ २ त्ता ईहं अणुपविसइ २ ता अप्पणो साहाविएणं मइपुव्वएणं वुद्धिविण्णाणेणं तेसिं सुमिणाणं अत्युग्गहं करेइ २ ता तिसलं खत्तियाणिं ताहिं इट्ठाहिं जाव मंगल्लाहिं मियमहुरसस्सिरीयाहिं वग्गृहिं संलवमाणे २ एवं वयासी-उराला णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, कल्लाणा णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, एवं सिवा, धन्ना, मंगला, सस्सिरीया, आरुग्गतुढ़िदीहाउकल्लाणमंगलकारगा गं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, तंजहा-अत्थलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए ! पुत्तलाभो देवाणुप्पिए ! सुक्खलाभो देवाणुप्पिए! रजलाभो देवाणुप्पिए !, एवं खलु तुमे देवाणुप्पिए ! नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइकंताणं अम्हं कुलकेलं, अम्हं कुलदीवं, कुलपव्वयं, कुलवडिंसयं, कुलतिलयं, कुलकित्तिकरं, कुलवित्तिकरं, कुलदिणयरं, कुलाधारं, कुलनंदिकर, कुलजसकरं, कुलपायवं, कुलविवद्धणकर, सुकुमालपाणिपायं, अहीण(सं)पडिपुण्णपंचिंदियसरीरं, लक्खणवंजणगुणोववेयं, माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णसुजायसव्वंगसुंदरंगं, ससिसोमाकारं, कंतं, पियदंसणं, सुरूवं दारयं पयाहिसि ॥ ५१-५२ ॥ से वि य णं दारए उम्मुकवालभावे विण्णायपरिणय मित्ते जुव्वणगमणुप्पत्ते सृरे वीरे विकंते वि(च्छि) त्थिण्णविउलबलवाहणे रजवई राया भविस्सइ ॥ ५३ ॥ तं उराला णं तुमे देवाणुप्पि० ! जाव दुचंपि तथंपि अणु(बू)वृहइ । तए णं सा तिसला खत्तियाणी सिद्धत्थस्स रण्णो अंतिए एयमद्वं सुचा निसम्म हद्वतु जाव हियया करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी-एवमेयं सामी ! तहमेयं सामी ! अवितहमेयं सामी ! असंदिरमेयं सामी ! इच्छियमेयं सामी ! पडिच्छियमेयं सामी! इच्छियपडिच्छियमेयं सामी! सञ्चणं एसमढे-से जहेयं तुब्भे वयहत्तिक? ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ २ ता सिद्धत्थेणं रण्णा अब्भगुण्णाया समाणी नाणामणि(कणग)रयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुढेइ २ त्ता अतुरियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सए सयणिजे तेणेव उवागच्छइ २ ता एवं वयासी Page #1259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२ पढम परिसिटुं [कप्पसुत्तं मा मे ते (एएसु) उत्तमा पहाणा मंगला सुमिणा दिट्ठा अन्नेहिं पावसुमिणेहि पडिहम्मिस्संतित्तिकट्ट देवयगुरुजणसंबद्धाहिं पसत्थाहिं मंगल्लाहिं धम्मियाहिं लट्ठाहिं कहाहिं सुमिणजागरियं जागरमाणी पडिजागरमाणी विहरइ ॥ ५४-५६ ॥ तए णं सिद्धत्थे खत्तिए पञ्चूसकालसमयंसि कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अज सेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं गंधोदयसित्तं सुइयसंमजिओवलित्तं सुगंधवरपंचवण्णपुप्फोवयारकलियं कालागुरुपवरकुंदुरुकतुरुक्कडझंतधूवमघमघंतगंधुद्धयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधव टिभूयं करेह कारवेह करित्ता कारवित्ता य सीहासणं रयावेह रयावित्ता ममेयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणह ॥ ५७-५८ ॥ तए णं ते कोथुवियपुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हतुट्ठ जाव हियया करयल जाव कट्ठ एवं सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति पडिसुणित्ता सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतियाओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छंति (तेणेव) उवागच्छित्ता खिप्पामेव सविसेसं बाहिरियं उवट्ठाणसालं गंधोदयसि(तसुइय)त्तं जाव सीहासणं रयाविति रयावित्ता जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ठ सिद्धत्थस्स खत्तियस्स तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति ॥ ५९ ॥ तए णं सिद्धत्थे खत्तिए कल्लं पाउप्पभाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मीलियंमि अहापंडुरे पभाए, रत्तासोगप्पगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागबंधुजीवगपारावयचलणनयणपरहुयसुरत्तलोयणजासुयणकुसुमरासिहिंगुलयनियराइरेयरेहंतसरिसे कमलायरसंडबोहए उढ़ियंमि सूरे सहस्सरस्सिमि दिणयरे तेयसा जलंते, तस्स य करपहरापरद्धंमि अंधयारे बालायवकुंकुमेणं खचियव्व जीवलोए, सयणिज्जाओ अब्भुढेइ ॥६०॥ सयणिजाओ अब्भुद्वित्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ त्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ २ त्ता अट्टणसालं अणुपविसइ २ त्ता अणेगवायामजोगवग्गणवामद्दणमल्लजुद्धकरणेहिं संते परिस्संते सयपागसहस्सपागेहिं सुगंधवरतिल्लमाइएहिं पीणणिज्जेहिं दीवणिजेहिं मयणिजेहिं वि(वि)हणिज्जेहिं दप्पणिजेहिं सविदियगायपल्हायणिज्जेहिं अब्भंगिए समाणे तिल्लचम्मंसि निउणेहिं पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलेहिं अब्भंगणपरिमद्दणुव्वलणकरणगुणनिम्माएहिं छेएहिं दक्खेहिं पठेहिं कुसलेहिं मेहावीहिं जियपरिस्समेहिं पुरिसेहिं अद्विसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउव्विहाए सुहपरिक्कमणाए सं[वा]बाहणाए संबाहिए समाणे अवगय(खेय)परिस्समे अट्टणसालाओ पडिनिक्खमइ ॥ ६१ ॥ अणसालाओ पडिनिक्खमित्ता जेणेव मजणघरे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता मजणघरं अणुपविसइ २ त्ता Page #1260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसि को० सु० ल० पा० गिहगमणं ] समुत्तजालाकुलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमतले रमणिजे ण्हाणमंडवंसि नाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि ण्हाणपीढंसि सुहनिसणे पुप्फोदएहि य गंधोदएहि य उदय होहि य सुद्धोदएहि य कलाणकरणपवरमज्जणविहीए मज्जिए, तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाइयऌहियंगे अहेयमुमहग्घदूसरयणसुसंकुडे सरससुर भिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते सुइमालावणगविलेवणे आविद्धमणिसुवणे कप्पियहारद्धहारति सरय पालंव पलंबमाणकडिसुतसुकयसोभे पिणद्धगेविज्जे अंगुलिज्जगललियकयाभरणे वरकडगतुडियथंभियभुए अहियख्वस स्सिरी ए कुंड (लु)लउज्जोइयाणणे मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे मुद्दिया पिंगलंगु (लि ) लीए पालंब पलंबमाणसुकयपडउत्तरिज्जे नाणामणिकणगरयणविमलमहरिहनिउणोवचियमिसिमिर्सित विरइयसु सिलिट्ठवि सिठ्ठलट्ठआविद्धवीरवलए, किं बहुणा ? कप्परक्खए विव अलंकियविभूसिए नरिंदे, सकोरिंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामराहिं उद्ध्रुव्वमाणीहिं मंगलजय ( जय ) सद्दकयालोए अणेगगणनायगदंडनायगराईसर तलवरमाडंबिय कोडुंबिय मंति महामंतिगणगदोवारियअमच्चचेडपीढमद्दनगरनिगमसेद्विसेणा व सत्थवाहदूय संधिवालसद्धिं संपरिवुडे धवलमहा मेहनिग्गए इव गहगणदिप्पंत रिक्खतारागणाण मज्झे ससिव्व पियदंसणे नरवई नरिंदे नरवसहे नरसी अब्भहियरायतेयलच्छीए दिग्पमाणे मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ ॥ ६२ ॥ मज्जणघराओ पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उचट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ ता सहससि पुरत्याभिमुहे निसीयइ २ त्ता अप्पणो उत्तरपुर ( त्थि )च्छिमे दिसीभाए अह भासणाई सेयवत्थपत्थुयाई सिद्धत्थयकयमंगलोवयाराई रयावेइ २ त्ता अप्पणी अदूरसामंते नाणामणिरयणमंडियं अहियपिच्छणिज्जं महग्घवर पट्टणुग्गयं सण्हपट्टभत्तिसयचित्तताणं हा मियउस भतुरगनरम गर विहगवालगकिन्नर रुरुसर भचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं अभितरियं जवणियं अंछावेइ २ त्ता नाणामणिरयणभत्तिचित्तं अत्थरयमिउ मसूर (गो) गुत्थयं सेयवत्थपच्चुत्थुयं सुमउयं अंगसुहफरि (सगं ) सं विसिद्धं तिसलाए खत्तियाणीए भद्दासणं रयावेइ २ त्ता को बियपुरिसे सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी पामेव भो देवापिया ! अहंगमहानिमित्तमुत्तत्थधारए विविहसत्थकुसले सुविण - लक्खणपाढए सद्दाह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सिद्धत्येणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा तु जाव हियया करयल जाव पडिसुणंति पडिणित्ता सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतियाओ पडिनिक्खमंति पडिनिक्खमित्ता कुंड (ग्गामं ) पुरं नगरं मज्झम १३ १ नासानीसासवायवोज्झचक्खु हरवण्णफरिसजुत्तहयलाला पेलवाइरे गधवलकणगखचियं तकम्मदृस० । Page #1261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४ . पढमं परिसिहं [कप्पसुर्त ज्झेणं जेणेव सुविणलक्खणपाढगाणं गेहाई तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता सुविणलक्खणपाढए सद्दाविति ॥ ६३-६६ ॥ तए णं ते सुविणलक्खणपाठ(गा)या सिद्धस्थस्स खत्तियस्स कोडंबियपुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हद्वतुट्ठ जाव हियया बहाया सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवराई परिहिया अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा सिद्धत्थयहरियालियाकयमंगलमुद्धाणा सएहिं सएहिं गेहेहितो निग्गच्छंति निग्गच्छित्ता खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं जेणेव सिद्धत्थस्स रण्णो भवणवरवाडिंसगपडिदुवारे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता भवणवरवडिंसगपडिदुवारे एगयओ मिलंति मिलित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छति उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं जाव कह सिद्धत्थं खत्तियं जएणं विजएणं वद्धाविति ॥ ६७ ॥ तए णं ते सुविणलक्खणपाढगा सिद्धत्थेणं रण्णा वंदियपूइयसकारियसम्माणिया समाणा पत्तेयं पत्तेयं पुव्वन्नत्थेसु भद्दासणेसु निसीयंति ॥ ६८ ॥ तए णं सिद्धत्थे खत्तिए तिसलं खत्तियाणि जवणियंतरियं ठावेइ ठावित्ता पुप्फफलपडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुविणलक्खणपाढए एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया! अज तिसला खत्तियाणी तंसि तारिसगंसि जाव सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमे एयारूवे उराले चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा-गय-वसह० गाहा, तं एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं देवाणुप्पिया ! उरालाणं के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ? ॥६९-७१॥ तए णं ते सुमिणलक्खणपाढगा सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हद्वतु जाव हियया ते सुमिणे (सम्म) ओगिण्हंति ओगिण्हित्ता ईहं अणुपविसंति अणुपविसित्ता अन्नमन्नेणं सद्धिं सं(ला)चालेंति २ ता तेसिं मुमिणाणं लट्ठा गहियट्ठा पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा अहिगयट्ठा सिद्धत्थस्स रण्णो पुरओ मुमिणसत्थाई उच्चारेमाणा २ सिद्धत्थं खत्तियं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं सुमिणसत्थे बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा बावत्तरि सव्वसुमिणा दिहा, तत्थ णं देवाणुप्पिया ! अरहंतमायरो वा चक्कवट्टिमायरो वा अरहंतंसि वा चकहरंसि वा गन्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुमिणाणं इमे चउद्दसमहासुमिणे पासित्ताणं पडिवुझंति, तंजहा-गय-वसह० गाहा । वासुदेवमायरो वा वासुदेवंसि गब्भं वकममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरे सत्त महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुझंति । बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गभं वक्कममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुज्झति । मंडलियमायरो पा मंडलियंसि गब्भं वकममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरं एग महा १ 'कयसागय। Page #1262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ति० सभवणगमणं ] पढमं परिसिद्धं सुमिणं पासित्ताणं पडिबुज्झति ॥ ७२-७७ ॥ इमे य णं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए चउद्दस महासुमिणा दिट्ठा, तं उराला णं देवाणुपिया ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा जाव मंगलकारगा णं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए मिणा दिडा, तंजा - अत्थलाभो देवाणुप्पिया ! भोगलाभो देवाणुप्पिया ! पुत्तलाभो देवाप्पिया ! सुक्खलाभो देवाणुप्पिया ! रज्जलाभो देवाणुप्पिया !, एवं खलु देवाप्पिया ! तिसला खत्तियाणी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्धट्टमाणं राईदियाणं विड्ताणं तुम्हं कुलकेडं, कुलदीवं, कुलपव्वयं, कुलवडिंसयं, कुलतिलयं, कुलकित्तिकरं, कुलवित्तिकरं, कुलदिणयरं, कुलाधारं, कुलनंदिकरं, कुलजसकरं, कुलपायवं, कुलतंतुसंताणविवद्धणकरं, सुकुमालपाणिपायं, अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरं, लक्खणवंजणगुणोववेयं, माणुम्माणप्पमाणपडि पुण्णसुजाय सव्वंगसुंदरंगं, ससिसोमाकारं, कंतं, पियदंसणं, सुख्वं दारयं पया हिसि ॥ ७८ ॥ से विय णं दारए उम्मुक्कबालभावे विष्णायपरिणयमित्ते जुव्वणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विक्कंते विच्छिण्णविपुलवलवाहणे चाउरंतचक्कवट्टी रज्जवई राया भविस्सइ, जिणे वा तेलुक्क [तिलोग ] नायगे धम्मवर - चाउरंतचक्कवट्टी ॥ ७९ ॥ तं उराला णं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा जाव आरुग्गतुट्ठिदी हा उकलाणमंगलकारगा णं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा ॥ ८० ॥ तए णं सिद्धत्थे राया तेसिं सुविणलक्खणपाढगाणं अंतिए एयम सोच्चा निसम्म हट्ट जाव हियए करयल जाव ते सुविणलक्खणपाढए एवं वयासी - एवमेयं देवाणुप्पिया ! तहमेयं दे० ! अवितहमेयं दे० ! इच्छियमेयं दे० ! पडि च्छियमेयं दे० ! इच्छियपडिच्छियमेयं दे० !, सच्चे णं एसमट्ठे से जहेयं तुब्भे वयहत्तिकहु ते सुमिणे सम्मं पडिच्छइ २ त्ता ते सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असणेणं पुष्पवत्थगंधमलालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारिता सम्माणित्ता विटलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ २ त्ता पडिविसज्जेइ ॥ ८१-८२ ॥ तए णं से सिद्धत्थे वत्तिए सीहासणाओ अब्भुट्ठेइ २ त्ता जेणेव तिसला खत्तियाणी जवणियंतरिया तेणेव उवागच्छर २ त्ता तिसलं खत्तियाणिं एवं वयासी एवं खलु देवापिए ! सुविणसत्यंसि बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा जाव एगं महासुमिणं पासित्ताणं पडिवुज्झति । इमे य णं तुमे देवाणुप्पिए ! चउद्दस महासुमिणा दिट्ठा, तं उराला णं तुमे जाव जिणे वा तेलुक्कनायगे धम्मवरचाउरंतचकचट्टी ॥ ८३-८५ ॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी एयमहं सो (सु)च्चा निसम्म ह जाव हियया करयल जाव ते सुमिणे सम्मं पडिच्छर २ त्ता सिद्धत्थेणं रण्णा अब्भगुणाया समाणी नाणामणिरयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुट्ठेइ २ ता अतु १५ Page #1263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १६ पढम परिसिडें [कप्पसुतं रियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सए भवणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता सयं भवणं अणुपविठ्ठा ॥ ८६-८७ ॥ जप्पभिई च णं समणे भगवं महावीरे तंसि ना(रा)यकुलंसि साहरिए तप्पभिई च णं बहवे वेसमणकुंडेधारिणो तिरियजंभगा देवा सकवयणेणं से जाइं इमाइं पुरापोराणाई महानिहाणाई भवंति, तंजहा-पहीणसामियाइं पहीणसेउयाई पहीण(गु)गोत्तागाराई, उच्छिन्नसामियाई उच्छिन्नसेउयाइं उच्छिन्नगोत्तागाराइं, गामागरनगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसं-बाहसंनिवेसेसु सिंघाडएसु वा तिएसु वा चउकेसु वा चच्चरेनु वा चउम्मुहेसु वा महापहेसु वा गामट्ठाणेसु वा नगरहाणेसु वा गामनिद्धमणेमु वा नगरनिद्धमणेसु वा आवणेसु वा देवकुलेसु वा सभासु वा पवासु वा आरामेस वा उजाणेसु वा वणेसु वा वणसंडेसु वा सुसाणसुन्नागारगिरिकंदरसंतिसेलोवट्ठाणभवणगिहेसु वा सन्निक्खित्ताइं चिट्ठति ताई सिद्धत्थरायभवणंसि साहरंति ॥ ८८ ॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे नायकुलंसि साहरिए तं रयणिं च णं नायकुलं हिरण्णेणं वड्डित्था, सुवण्णेणं वड्डित्था, धणेणं धन्नेणं रजेणं रटेणं वलेणं वाहणेणं कोसेणं कोट्ठागारेणं पुरेणं अंतेउरेणं जणवएणं जसवाएणं वट्टित्था, विपुलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइएणं संतसारसावइजेणं पीइसक्कारसमुदएणं अईव अईव अभिवड्डित्था ॥ ८९ ॥ तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मापिऊणं अयमेयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-जप्पभिई च णं अम्हं एस दारए कुच्छिसि गब्भत्ताए वकंते तप्पभिई च णं अम्हे हिरण्णेणं वडामो, सुवण्णेणं वड्डामो, धणेणं जाव संतसारसावइज्जेणं पीइसक्कारेणं अईव अईव अभिवड्डामो, तं जया णं अम्हं एस दारए जाए भविस्सइ तया णं अम्हे एयस्स दारगस्स एयाणुरूवं गुण्णं गुणनिप्फन्नं नामधिकं करिस्सामोवद्धमाणुत्ति ॥ ९० ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे माउअणुकंपणट्ठाए निचले निप्फंदे निरेयेणे अल्लीणपल्लीणगुत्ते यावि होत्था ॥ ९१ ॥ तए णं तीसे तिसलाए खत्तियाणीए अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पज्जित्था-हडे मे से गब्भे, मडे मे से गब्भे, चुए मे से गब्भे, गलिए मे से गन्भे, एस मे गब्भे पुब्धि एयइ, इयाणिं नो एयइत्तिक? ओहयमणसंकप्पा चिंतासोगसागरसंपविट्ठा करयलपल्हत्थमुही अहज्झाणोवगया भूमीगयदिट्ठिया झियायइ, तं पि य सिद्धत्थरायवरभवणं उवरयमुइंगतंतीलतालनाडइजजणमणु(ज)न्नं दीणविमणं विहरइ ॥ ९२ ॥ तए णं से समणे भगवं महावीरे माऊए अयमेयारूवं अब्भत्थियं पत्थियं मणोगयं संकप्पं समुप्पन .. १ 'आयत्तया' । २ निकंपे । Page #1264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७ सि. नगरगुत्तियाएसो] पढमं परिसिढे वियाणित्ता एगदेसेण एयइ, तए णं सा तिसला खत्तियाणी हट्टतुट्ठ जाव हियया एवं वयासी-नो खलु मे गब्भे हडे जाव नो गलिए, मे गब्भे पुट्विं नो एयइ, इयाणिं एयइत्तिकटु हतुट्ठ जाव हियया एवं विहरइ ॥ ९३ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे गब्भत्थे चेव इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ-नो खलु मे कप्पइ अम्मापिऊहिं जीवंतेहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ॥ ९४ ॥ तए णं सा तिसला खत्तियाणी ण्हाया सव्वालंकारविभूसिया तं गब्भं नाइसीएहिं नाइउण्हेहिं नाइतित्तेहिं नाइकडएहिं नाइकसाएहिं नाइअंबिलेहिं नाइमहुरेहिं नाइनिद्धेहिं नाइलुक्खेहिं नाइउल्लेहिं नाइसुक्केहिं सव्वत्तुगभयमाणसुहेहिं भोयणच्छायणगंधमल्लेहि ववगयरोगसोगमोहभयपरिस्समा सा जं तस्स गन्भस्स हियं मियं पत्थं गब्भपोसणं तं देसे य काले य आहारमाहारेमाणी विचित्तमउएहिं सयणासणेहिं पइरिकसुहाए मणोऽणुकूलाए विहारभूमीए पसत्थदोहला संपुण्णदोहला संमाणियदोहला अविमाणियदोहला वुच्छिन्नदोहला ववणीयदोहला सुहंसुहेणं आसइ, सयइ, चिट्ठइ, निसीयइ, तुयट्टइ, विहरइ, सुहंसुहेणं तं गब्भं परिवहइ ॥ ९५ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से गिम्हाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे चित्तसुद्धे तस्स णं चित्तसुद्धस्स तेरसीदिवसेणं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइकंताणं उच्चट्ठाणगएसु गहेसु पढमे चंदजोगे सोमासु दिसासु वितिमिरासु विसुद्धासु जइएमु सव्वसउणेसु पयाहिणाणुकूलंसि भूमिसप्पंसि मारुयंसि पवायंसि निप्फन्नमेइणीयंसि कालंसि पमुइयपक्कीलिएसु जणवएसु पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं नक्खत्तणं जोगमुवागएणं आ(रु)रोग्गा(आरु)रोग्गं दारयं पयाया ॥ ९६ ॥ जं रयणि च णं समणे भगवं महावीरे जाए सा णं रयणी बहूहिं देवेहिं देवीहि य ओवयंतेहिं उप्पयंतेहि य उपिजलमाणभूया कहकहगभूया यावि हुत्था ॥ ९७ ॥ जं रणिं च णं समणे भगवं महावीरे जाए तं रयणिं च णं बहवे वेसमणकुंडधारी तिरियजंभगा देवा सिद्धत्थरायभवणंसि हिरण्णवासं च सुवण्णवासं च वयरवासं च वत्थवासं च आभरणवासं च पत्तवासं च पुप्फवासं च फलवासं च बीयवासं च मलयासं च गंधवासं च चुण्णवासं च वण्णवासं च वसुहारवासं च वासिंसु ॥ ९८ ॥ नए णं से सिद्धत्थे खत्तिए भवणवइवाणमंतरजोइसवेमाणिएहिं देवेहिं तित्थयरजम्मणाभिसेयमहिमाए कयाए समाणीए पञ्चसकालसमयंसि नगरगुत्तिए सद्दावेइ २ त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! (खत्तिय)कुंड(ग्गामे पुरे नगरे चारगसोहणं करेह करित्ता माणुम्माणवद्धणं करेह करित्ता कुंडपुरं नगरं सभितरवाहिरियं आसियसम्म जिओबलिप्तं सिंघाडगति(ग)यचउक्कचच्चरचउम्मुहमहापहपहेसु सित्तसुइ २ परि० Page #1265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसि [ कप्पसुतं संमद्वरत्थंतरावणवीहियं मंचाइमंच कलियं नाणाविहरागभूसियज्झयपडागमंडियं लाउक्लोइयमहियं गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितलं उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागं आसत्तोसत्तविपुलवबग्घारियमलदामकलावं पंचवण - सरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकलियं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कड ज्यंतधूवमघमघंतगंधुद्ध्याभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं नडनट्टगजलमलमुट्ठिय वेलंबग कहग (पाढ)पवगलासगआ(इ)रक्खगलंखमंख तूणइल तुंबवीणिय अणेगतालायराणुचरियं करेह कार - वेह करित्ता कारवित्ता य जूयेसहस्सं मुसलसहस्सं च उस्सवेह उस्सवित्ता मम एयमाणत्तियं पञ्चपिह ॥ ९९-१०० ॥ तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सिद्धत्येणं रण्णा एवं वृत्ता समाणा हट्ठतुट्ठ जाव हियया करयल जाव पडिणित्ता खिप्पामेव कुंडपुरे नगरे चारगसोहणं जाव उस्सवित्ता जेणेव सिद्धत्थे (खतिए) राया तेणेव उवागच्छंति २ त्ता करयल जाव कट्टु सिद्धत्थस्स खत्तियस्स रण्णो एयमाणत्तियं पचपिति ॥ १०१ ॥ तए णं से सिद्धत्थे राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ २ ता जाव सव्वोरोहेणं सव्वपुप्फगंधवत्थ मल्लालंकारविभूसाए सव्वतुडियस द्दनिनाएणं महया डीए महया जुईए महया बलेणं महया वाहणेणं महया समुदएणं महया वर - तुडियजमगमगप्पवाइएणं संखपणवपडह भेरिझल्लरिखर मुहिहुडुक्कमुरय मुइंग दुंदुहि निग्घोसनाइयरवेणं उस्सुक्कं उक्करं उक्किडं अदिज्जं अमिज्जं अभडप्पवेसं अदंडिमको दंडि अथरिमं गणियावरनाडइज्जकलियं अणेगतालायराणुचरियं अणुद्धयमुइंग अमिलायमह्रदामं पमुइयपक्कीलियपुर ज ( णाभिरामं ) णजाणवयं दसदिवसं ठिइवडियं करेइ ॥ १०२ ॥ तए णं सिद्धत्थे राया दसाहियाए ठिइवडियाए वहमाणीए सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य जाए य दाए य भाए य दलमाणे य दवावेमाणे य सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य लंभे पडिच्छमाणे य पडिच्छावेमाणे य एवं [व] विहरइ ॥ १०३ ॥ तए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं क ( रिं) रेंति, तइए दिवसे चंदसूरदंसणियं करेंति, छडे दिवसे धम्मजागरियं जागरें ( करिं) ति, ए (इ)कारसमे दिवसे विइक्कंते निव्वत्तिए असुइजम्मकम्मकरणे संपत्ते बारसा ( है ) हृदिवसे विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडा(विं)वेंति २ त्ता मित्तनाइनिय (य) गसयण संबंधिपरिजणं नायए खत्तिए आमंतेंति २त्ता तओ पच्छा ण्हाया सुद्धप्पावेसाई मंगलाई पवराई वत्थाई परिहिया अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा भोयणवेलाए भोयणमंडवंसि मुहासणवरगया णं मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरिजणेणं नायएहिं खत्तिएहिं सद्धिं तं विउलं असणं १ जूया - जुगाई तेसिं सहस्सं । २ असणपाणखाइमसाइमं । १८ Page #1266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोयंतियदेवविण्णत्ती] पढम परिसिटुं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणा विसाएमाणा परि जेमाणा परिभाएमाणा एवं वा विहरंति ॥ १०४ ॥ जिमियभुत्तुत्तरागया वि य णं समाणा आयंता चोक्खा परमसु(इ)ईभूया तं मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरिजणं नायए खत्तिए य विउलेणं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेंति सम्माणेति सकारिता सम्माणित्ता तस्सेव मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरि(य)जणस्स नाया(ण य)णं खत्तियाण य पुरओ एवं वयासीपुटिव पि (य) णं देवाणुप्पिया ! अम्हं एयंसि दारगंसि गम्भं वकंतंसि समाणंसि इमे एयारूवे अब्भत्थिए जाव समुप्पज्जित्था-जप्पभिई च णं अम्हं एस दारए कुच्छिसि गब्भत्ताए वकंते तप्पभिई च णं अम्हे हिरण्णेणं वड्डामो, सुवण्णेणं धणेणं धन्नेणं रजेणं जाव सावइज्जेणं पीइसकारेणं अईव अईव अभिवड्डामो, सामंतरायाणो वसमागया य । तं जया णं अम्हं एस दारए जाए भविस्सइ तया णं अम्हे एयस्स दारगस्स इमं एयाणुरूवं गुण्णं गुणनिप्फन्नं नामधिकं करिस्सामो वद्धमाणुत्ति, ता अज अम्ह मणोरहसंपत्ती जाया, तं होउ णं अम्हं कुमारे वद्धमाणे नामेणं ॥ १०५-१०७ ॥ समणे भगवं महावीरे कासवगुत्तेणं, तस्स णं तओ नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-अम्मापिउसंतिए वद्धमाणे, सहसंमुइयाए समणे, अयले भयभेरवाणं प(री)रिसहोवसग्गाणं खंतिखमे पडिमाण पालए धीमं अरइरइसहे दविए वीरियसंपन्ने देवेहिं से नामं कयं 'समणे भगवं महावीरे' ॥ १०८ ॥ समणस्त णं भगवओ महावीरस्स पिया कासवगुत्तेणं, तस्स णं तओ नामधिज्जा एवमाहिज्जति, तंजहा-सिद्धत्थेइ वा, सिजसेइ वा, जसंसेइ वा । समणस्स णं भगवओ महावीरस्स माया वासि(स)ट्ठी गुत्तेणं, तीसे तओ नामधिज्जा एवमाहिज्जति, तंजहा-तिसलाइ वा, विदेहदिन्नाइ वा, पीइकारिणीइ वा । समणस्स णं भगवओ महावीरस्म पित्तिजे सुपासे, जि? भाया नंदिवद्धणे, भगिणी सुदंसणा, भारिया जसोया कोडिन्ना गुत्तेणं । समणस्स णं भगवओ महावीरस्स धूया कास (व)वी गुत्तेणं, तीसे दो नामधिज्जा एवमाहिति, तंजहा-अणोजाइ वा, पियदंसणाइ वा । समणस्त थे भगवओ महावीरस्स नत्तुई कोसिय(कासव)गुत्तेणं, तीसे णं दो नामधिज्जा एवमाहिज्जति, तंजहा-सेसवईइ वा, जसवईइ वा ॥ १०९॥ समणे भगवं महावीरे दक्खे दक्खपइन्ने पडिरूवे आलीणे भद्दए विणीए नाए नायपुत्ते नायकुलचंदे विदेहे विदेह दिन्ने विदेहजच्चे विदेहसमाले तीसं वासाई विदेहंसि कटु अम्मापिऊहिं देवत्तगएहिं गुरुमहत्तरएहिं अब्भणुण्णाए समत्तपइन्ने पुणरवि लोगंतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवहिं ताहिं इट्ठाहिं जाव बग्गृहि अणवरयं अभिनंदमाणा य अभिथुव्वमाणा य एवं वयासी-जय जय नंदा !, जय जय भद्दा ! भदं ते, जय जय खत्तियवरवसहा !, Page #1267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिढे [कप्पसुत्तं बुज्झाहि भगवं लोगनाहा !, सयलजगजीवहियं पवत्तेहि धम्मतित्थं, हियसुहनिस्सेयसकरं सव्वलोए सव्वजीवाणं भविस्सइत्तिक? जयजयसई पउंजंति ॥ ११०-१११ ॥ पुचि पि णं समणस्स भगवओ महावीरस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आहोइए अप्पडिवाई नाणदंसणे हो(हु)त्था । तए णं समणे भगवं महावीरे तेणं अणुत्तरेणं आहोइएणं नाणदंसणेणं अप्पणो निक्खमणकालं आभोएइ २ त्ता चिच्चा हिरण्णं, चिच्चा सुवण्णं, चिच्चा धणं, चिच्चा रज, चिच्चा रहूं, एवं वलं वाहणं कोसं कोट्ठागारं, चिच्चा पुरं, चिच्चा अंतेउरं, चिच्चा जणवयं, चिच्चा विपुलधणकणगरयण. मणि(मु)मोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइयं संतसारसावइज्जं, विच्छइत्ता, विगोवइत्ता, दाणं दायारेहिं परिभाइत्ता, दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता ॥ ११२ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से हेमंताणं पढमे मासे पढमे पक्खे मग्गसिरबहुले तस्स णं मग्गसिरबहुलस्स दसमीपक्खेणं पाईणगामिणीए छायाए पोरिसीए अभिनिविद्याए पमाणपत्ताए सुव्वएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं चंदप्पभाए सीयाए सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे संखियचक्किय(लं)नंगलियमुहमंगलियवद्धमाणपूसमाणघंटियगणेहिं ताहिं इट्ठाहिं जाव वग्गूहिं अभिनंदमाणा (य) अभिथुव्वमाणा य एवं वयासी-जय जय नंदा!, जय जय भद्दा ! भदं ते, [खत्तियवरवसहा !] अभग्गेहिं नाणदंसणचरित्तेहिं अजियोइं जिणाहि इंदियाइं, जियं च पालेहि समणधम्मं, जियविग्यो वि य वसाहि तं देव ! सिद्धिमज्झे, निहणाहि रागदोसमल्ले तवेणं धिइधणियबद्धकच्छे, महाहि अट्ठकम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं, अप्पमत्तो हराहि आराहणपडागं च वीर! तेलुक्करंगमज्झे, पावय वितिमिरमणुत्तरं केवलवरनाणं, गच्छ य मुक्खं प(रम)रं पयं जिणवरोवइटेणं मग्गेणं अकुडिलेणं हंता परीसहचमुं, जय जय खत्तियवरवसहा ! बहूई दिवसाइं बहूई पक्खाई बहूई मासाई बहूइं उऊई बहूई अयणाई बहूई संवच्छराइं अभीए परीसहोबसग्गाणं खतिखमे भयभेरवाणं, धम्मे ते अविग्धं भवउत्तिकटु जयजयसई पउंजंति ॥ ११३-११४ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे नयणमालासहस्सेहिं पिच्छिजमाणे पिच्छिन्जमाणे, वयणमालासहस्सेहिं अभिथुव्वमाणे अभिथुव्वमाणे, यियमालासहस्सेहिं उन्नंदिजमाणे उन्नंदिजमाणे, मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिापमाणे विच्छिप्पमाणे, कंतिरूवगुणेहिं पत्थिजमाणे पत्थिन्जमाणे, अंगुलिमालासहस्सेहि दाइजमाणे दाइजमाणे, दाहिणहत्थेणं बहूणं नरनारीसहस्साणं अंजलिमालासहस्साई पडिच्छमाणे पडिच्छमाणे, भवणपंतिसहस्साई समइच्छमाणे समइच्छमाणे, १ अजेयाइं ति अट्ठो। Page #1268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संगहणिगाहाओ] पढम परिसिटुं २१ तंतीतलतालतुडियगीयवाइयरवेणं महुरेण य मणहरेणं जयजयसद्दघोसमीसिएणं मंजुमंजुणा घोसेण य पडिबुज्झ(आपुच्छिज्ज)माणे पडिबुज्झमाणे, सव्विड्डीए सव्वजुईए सव्वबलेणं सव्ववाहणेणं सव्वसमुदएणं सव्वायरेणं सव्वविभूईए सव्वविभूसाए सव्वसंभमेणं सव्वसंगमेणं सव्वपगईहिं सव्वनाडएहिं सव्वतालायरेहि स(वाव)वोरोहेणं सव्वपुप्फगंधवत्थमल्लालंकारविभूसाए सव्वतुडियसद्दसन्निनाएणं महया इड्डीए महया जुईए महया बलेणं महया वाहणेणं महया समुदएणं महया वरतुडियजमगसमगप्पवाइएणं संखपणवपडहभेरिझल्लरिखरमुहिहुडुक्कदुंदुहिनिग्घोसनाइयरवेणं कुंडपुरं नगरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव नायसंडवणे उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ २ त्ता सीयाओ पचोरुहइ २ त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ २ त्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ २ त्ता छटेणं भत्तेणं अपाणएणं हत्युत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय एगे अबीए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥११५-११६॥ समणे भगवं महावीरे संवच्छरं साहियं मासं जाव चीवरधारी होत्था, तेण परं अचेले पाणिपडिग्गहिए । समणे भगवं महावीरे साइरेगाई दुवालसवासाइं निचं बोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पजंति, तंजहा-दिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा ते उप्पन्ने सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ ॥११७ ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे अणगारे जाए-इ(ई)रियासमिए, भासासमिए, एसणासमिए, आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिए, उच्चारपासवणखेलजल्लसिंघाणपारिट्ठावणियासमिए, मणसमिए, वयसमिए, कायसमिए, मणगुत्ते, वयगुत्ते, कायगुत्ते, गुत्ते, गुत्तिदिए, गुत्तवंभयारी, अकोहे, अमाणे, अमाए, अलोहे, संते, पसंते, उवसंते, परिनिव्वुडे, अणासवे, अममे, अकिंचणे, छिन्न(सोए)गंथे, निरुवलेवे. कंसपाई इव मुक्कतोए १. संखे इव निरंजणे २, जीवे इव अप्पडिहयगई ३, गगणमिव निरालंबणे ४, वा(ऊ इव)उव्व अपडिबढे ५, सारयसलिलं व सुद्धहियए ६, पुक्खरपत्तं व निरुवलेवे ७, कुम्मे इव गुत्तिदिए ८, खनिगविसाणं व एगजाए ९, विहग इव विप्पमुक्के १०, भारंडपक्खी इव अप्पमत्ते ११, कुंजरे इव सोंडीरे १२, क्सहो इव जायथामे १३, सीहो इव दुद्धरिसे १४, मंदरो इव निक(अप्पक)पे १५, सागरो इव गंभीरे १६, चंदो इव सोमलेसे १७, सूरो इव दित्ततेए १८, जचकणगं व जायस्वे १९, वसुंधरा इन सव्वफासविसहे २०, सहुयहुयायणो इव तेयसा जलंते २१ । इमेसिं पयाणं दुन्नि संगहणिगाहाओ-कंसे संखे जीव, गगणे बाऊ य सरयमलिले य । पुक्खरपत्ते कुम्मे, विहगे खग्गे य भारंडे Page #1269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२ पढम परिसिढे [कप्पसुतं ॥१॥ कुंजर वसहे सीहे, नगराया चेव सागरमखोहे । चंदे सूरे कणगे, वसुंधरा चेव हूयवहे ॥ २ ॥ नत्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिवंधे, से य पडिबंधे चउबिहे पन्नत्ते, तंजहा-दव्वओ खित्तओ कालओ भावओ, दव्वओ णं सचित्ताचित्तमीसिएसु दन्वेसु, खित्तओ णं गामे वा नगरे वा अरण्णे वा खित्ते वा खले वा घरे वा अंगणे वा नहे वा, कालओ णं समए वा आवलियाए वा आणापाणुए वा थोवे वा खणे वा लवे वा मुहुत्ते वा अहोरत्ते वा पक्खे बा मासे वा उ(ऊ)उए वा अयणे वा संवच्छरे वा अन्नयरे वा दीहकालसंजोए, भावओ णं कोहे वा माणे वा मायाए वा लोभे वा भए वा हासे वा पिजे वा दोसे वा कलहे वा अब्भक्खाणे वा पेसुन्ने वा परपरिवाए वा अरइरई(ए) वा मायामोसे वा मिच्छादसणसल्ले वा, तस्स गं भगवंतस्स नो एवं भवइ ॥ ११८॥ से णं भगवं वासावासवजं अट्ठ गिम्हहेमंतिए मासे गामे एगराइए नगरे पंचराइए वासीचंदणसमाणकप्पे समतिणमणिलेट्टकंचणे समसुहदुक्खे इहलोगपरलोगअप्पडिबद्धे जीवियमर(णे य)णनिरवकंखे संसारपारगामी कम्मसत्तुनिग्घायणट्ठाए अब्भुट्ठिए एवं च णं विहरइ ॥ ११९॥ तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं नाणेणं अणुत्तरेणं दंसणेणं अणुत्तरेणं चरित्तेणं अणुत्तरेणं आलएणं अणुत्तरेणं विहारेणं अणुत्तरेणं वीरिएणं अणुत्तरेणं अजवेणं अणुत्तरेणं मद्दवेणं अणुत्तरेणं लायवेणं अणुत्तराए खंतीए अणुत्तराए मुत्तीए अणुत्तराए गुत्तीए अणुत्तराए तुट्ठीए अणुत्तरेणं सच्चसंजमतवसुचरियसोवचियफलनिव्वाणमग्गेणं अप्पाणं भावमाणस्स दुवालससंवच्छराइं विइक्ताई, तेरसमस संवच्छरस्स अंतरा वट्टमाणस्स जे से गिम्हाणं दुच्चे मासे चउत्थे पक्खे वइसाहसुद्धे तस्स णं वइसाहमुद्धस्स दसमीपक्खेणं पाईणगामिणीए छायाए पोरिसीए अभिनिविट्टाए पमाणपत्ताए सुव्वएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं जंभियगामस्स नगरस्स बहिया उजुवालियाए नईए तीरे वेयावत्तस्स चेइयस्स अदूरसामंते सामागस्स गाहावइस्स कट्ठकरणंसि सालपायवस्स अहे गोदोहियाए उक्क (डिडुयनिसिज्जाए आयावणाए आयावेमाणस्स छट्टेणं भत्तेणं अपाणएणं हत्युत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वमाणस्स अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुग्ने केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने । १२० ॥ तए णं समणे भगवं महावीरे अरहा जाए जिणे केवली सव्वन्नू सव्वदरिसी सदेवमणुयासुरस्स लोगस्स परियायं जाणइ पासइ, सव्वलोए सव्वजीवाणं आगई गई ठिई चवणं उववायं तकं मणोमाणसियं भुत्तं कडं पडिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्मं, अरहा अरहस्सभागी, तं तं कालं मणवयणकायजोगे वट्टमाणाणं सव्वलोए सव्वजीवाणं सव्वभावे . १ तेणं कालेणं तेणं समएणं । Page #1270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भासरासिमहागहो] पढम परिसिढे २३ जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥ १२१ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे अट्ठियगामं नीसाए पढमं अंतरावासं वासावासं उवागए १, चंपं च पिट्ठचंपं च नीसाए तओ अंतरावासे वासावासं उवागए ४, वेसालिं नगरिं वाणियगामं च नीसाए दुवालस अंतरावासे वासावासं उवागए १६, रायगिहं नगरं नालंदं च बाहिरियं नीसाए चउद्दस अंतरावासे वासावासं उवागए ३०, छ मिहि(लिया)लाए ३६ दो भद्दियाए ३८ एगं आलंभियाए ३९ एगं सावत्थीए ४० एगं पणियभूमीए ४१ एगं पावाए मज्झिमाए हत्थिवालस्स रण्णो रज्जुगसभाए अपच्छिमं अंतरावासं वासावासं उवागए ४२ ॥ १२२ ॥ तत्थ णं जे से पावाए मज्झिमाए हत्थिवालस्स रणो रजगसभाए अपच्छिमं अंतरावासं वासावासं उवागए तस्स णं अंतरावासस्स जे से वासाणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे कत्तियबहुले तस्स णं कत्तियबहुलस्स पण्णरसीपक्खेणं जा सा चरमा रयणी तं रयाणि च णं समणे भगवं महावीरे कालगए विइकंते समुज्जाए छिन्नजाइजरामरणवंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिनिव्वुडे सव्वदुक्खप्पहीणे, चंदे नाम से दो(दु)च्चे संवच्छरे, पीइवद्धणे मासे, नंदिवद्धणे पक्खे, अग्गिवेसे नाम से दिवसे उवसमित्ति पवुच्चइ, देवाणंदा नाम सा रयणी निरतित्ति पवुच्चइ, अच्चे लचे, मुहुत्ते पाणू, थोवे सिद्धे, नागे करणे, सव्वट्ठसिद्धे मुहुत्ते, साइणा नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं कालगए विइकंते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे॥१२३-१२४ ॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे साणं रयणी बहहिं देवेहिं देवीहि य ओवयमाणेहि य उप्पयमाणेहि य उज्जोविया यावि हुत्था ॥ १२५ ॥ जं रयणि चणं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे सा णं रयणी बहूहिं देवे(हि य)हिं देवीहि य ओवयमाणेहिं उप्पयमाणेहि य उप्पिजलगमाणभूया कह कहगभूया यावि हुत्था॥ १२६॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे तं रयाणिं च णं जिट्ठस्स गोयमस्स इंदभूइस्स अणगारस्स अंतेवासिस्स नायए पिजबंधणे वुच्छिन्ने अणंते अणुत्तरे जाव केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने ॥१२७॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाय सव्वदुक्खप्पहीणे तं रयणिं च णं नव मल्लई नव लेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो अमावासाए पा(बा)राभो(ए)यं पोसहोववासं पट्टविसु, गए से भावुज्जोए दव्वुज्जोयं करिस्सामो ॥ १२८ ॥ ज रयाणिं च णं समणे भगवं महावीरे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे तं रयणिं च णं खुदाए भासरासी नाम महग्गहे दोवाससहस्सठिई समणस्स भगवओ महावीरस्स जम्मनक्खत्तं संकंते ॥ १२९ ॥ जप्पभिइं च णं से खुदाए भासरासी महग्गहे दोवाससहस्सठिई समणस्स भगवओ महावीरस्स जम्मनक्खत्तं संकंते तप्पभिई च Page #1271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिहं [ कप्पसुतं णं समणाणं निग्गंथाणं निग्गंधीण य नो उदिए उदिए पूयासक्कारे पवत्तइ ॥ १३० ॥ जया णं से खुद्दा जाव जम्मनक्खत्ताओ विइक्कंते भविस्सर तया णं समणाणं निग्गंथाणं निग्गंथीण य उदिए उदिए पूयासक्कारे भविस्सइ ॥ १३१ ॥ जं स्यणि च णं समणे भगवं महावीरे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे तं स्यणि च णं कुंथू अणुद्धरी नामं समुप्पन्ना, जा ठिया अचलमाणा छउमत्थाणं निम्गंथाणं निग्गंथीण य नो चक्खुफासं हव्वमागच्छइ, जा अठिया चलमाणा छउमत्थाणं निग्गंथाणं निग्गंश्री य चक्खुफासं हव्वमागच्छ ॥ १३२ ॥ जं पासित्ता बहूहिं निग्गंथेहिं निग्गंथीहि य भत्ताई पच्चक्खायाई, से किमाहु भंते ! (?) अज्जप्पभिइ संजमे दुरारा ( है ) हए भविस्सइ ॥ १३३ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स इंदभूइपामुक्खाओ चउद्दससमणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था ॥ १३४ ॥ समणस्स भगवओ महावीरस्स अज्जचंदणापामुक्खाओ छत्तीसं अजिया साहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था ॥ १३५ ॥ समणस्स [ i ] भगवओ महावीरस्स संखसयगपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहस्सी अउणद्धिं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासगाणं संपया हुत्था ॥ १३६ ॥ समणस्स भगवओ महावीरस्स सुलसारेवईपामुक्खाणं समणोवासियाणं तिन्नि सयसाहस्सीओ अट्ठारससहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था ॥ १३७ ॥ समणस्स भगवओ महावीरस्स तिन्नि सया चउद्दसपुव्वीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्वरसन्निवाई जिणो विव अवितहं वागरमाणाणं उक्कोसिया चउद्दसपुव्वीणं संपया हुत्था ॥ १३८ ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स तेरस सया ओहिनाणीणं अइसेसेपत्ताणं उक्कोसिया ओहिना (णीणं) णिसंपया हुत्था ॥ १३९ ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त सया केबलनाणीणं संभिन्नवरनाणदंसणधराणं उक्कोसिया केवलना- णिसंपया हुत्था ॥ १४० ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त सया वेउव्वीणं अदेवाणं देविढिपत्ताणं उक्कोसिया वेउव्वियसंपया हुत्था ॥ १४१ ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पंच सया विउलमईणं अड्ढाइजेसु दीवेसु दोसु य समुद्देसु सनणं पंचिदियाणं पज्जत्तगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं उक्कोसिया विउलमईणं संपया हुत्था ॥ १४२ ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स चत्तारि सया वाईणं सदेवमणुयासुराए परिसाए वाए अपराजियाणं उक्कोसिया वाइसंपया हुत्था ॥ १४३ ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स सत्त अंतेवासिसथाई सिद्धाई जाव सव्वदुक्खप्पहीणाई, चउद्दस अज्जियासयाई सिद्धाई ॥ १४४ ॥ समणस्स णं भगवओ महा १ ‘आमोसहिआइलद्धि’। २४ Page #1272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पा० सग्गचवणाई] पढम परिसिढे वीरस्स अट्ठ सया अणुत्तरोववाइयाणं गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमेसिभदाणं उक्कोसिया अणुत्तरोववाइयाणं संपया हुत्था ॥ १४५ ॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंत(ग)कडभूमी य परियायतकडभूमी य, जाव तच्चाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, चउवासपरियाए अंतमकासी ॥१४६ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता साइरेगाई दुवालस वासाइं छउमत्थपरियागं पाउणित्ता देसूणाई तीसं वासाइं केवलिपरियागं पाउणित्ता बायालीसं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता बावत्त(रिं)रि वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइक्वंताए तिहिं वासेहिं अद्धनवमेहि य मासेहिं सेसेहिं पावाए मज्झिमाए हत्थिवालस्स रण्णो रज्जु(य)गसभाए एगे अबीए छटेणं भत्तेणं अपाणएणं साइणा नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पचूसकालसमयंसि संपलियंकनियण्णे पणपन्नं अज्झयणाई कल्लाणफलविवागाइं पणपन्नं अज्झयणाई पावफलविवागाइं छत्तीसं च अपुढवागरणाई वागरित्ता पहाणं नाम अज्झयणं विभावमाणे विभावमाणे कालगए विइकंते समुज्जाए छिन्नजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिनिव्वुडे सव्वदुक्खप्पहीणे ॥ १४७ ॥ संमणस्स भगवओ महावीरस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्त नव वाससयाई विइकंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ । वायणंतरे पुण अयं तेणउए संवच्छरे काले गच्छइ इइ दीसइ ॥ १४८ ॥ २४ ॥ इइ सिरिमहावीरचरियं समत्तं ॥ तणं कालेणं तेणं समएणं पासे [f] अरहा पुरिसादाणीए पंचविसाहे हुत्था, तंजहा-विसाहाहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते १, विसाहाहिं जाए २, विसाहाहिं मुंडे वित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ३, विसाहाहिं अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलबरनाणदंसणे समुप्पन्ने ४, विसाहाहिं परिनिव्यु(द)ए', ॥ १४९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स चउत्थीपरग्वेणं पाणयाओ का पाओ वीसंसागरोवमझ्यिाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेब जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे बाणारसीए नयरीए आससेणस्स रण्णो बामाए देवीए पुव्वरत्तावरत्तकालगमयंसि विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आहारवकंतीए भववकंतीए सरीर १ कापसुत्तस्स पुत्थयलिहणकालजाणावणट्टा सुत्तमिणं देवहिगणिखमासमणेहिं लिहियं, वीरनिव्वाणाओ नवसयअसीइवरिसे पुत्थयारूढो सिद्धंतो जाओ तया कप्पो वि पुत्थयार हो जाओ त्ति अहो । एवं सव्वजिणंतरेमु अवगंतव्यं । Page #1273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिडें [कप्पसुत्तं -- वकंतीए कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्रते ॥ १५० ॥ पासे णं अरहा पुरिसादाणीए तिन्नागोवगए यावि हुत्था, तंजहा-चइस्सामित्ति जाणइ, चयमाणे न जाणइ, चुएमित्ति जाणइ, तेणं चेव अभिलावेणं सुविणदंसणविहाणेणं सव्वं जाव नियगं गिहं अणुपविट्ठा जाव सुहंसुहेणं तं गब्भं परिवहइ ॥ १५१ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स दसमीपक्खेणं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइकंताणं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आरोग्गा(आ)रोग्गं दारयं पयाया ॥ १५२ ॥ जं रयणिं च णं पासे अरहा पुरिसादाणीए जाए (तं रयणि च णं) सा (णं) रयणी बहूहिँ देवेहिं देवीहि य जाव उप्पिंजलगभूया कहकहगभूया यावि हुत्था ॥ १५३ ॥ सेसं तहेव, नवरं जम्मणं पासाभिलावेणं भाणियव्वं जाव तं होउ णं कुमारे पासे नामेणं ॥ १५४ ॥ पासे णं अरहा पुरिसादाणीए दक्खे दक्खपइन्ने पडिरूवे अल्लीणे भद्दए विणीए तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता पुणरवि लोगंतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवेहिं ताहिं इट्ठाहिं जाव एवं वयासी-जय जय नन्दा!, जय जय भद्दा ! जाव जयजयसई पउंजंति ॥ १५५-१५६ ॥ पुट्विं पिणं पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आहोइए तं चेव सव्यं जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स इक्कारसीदिवसेणं पुव्वण्हकालसमयंसि विसालाए सि(वि)वियाए सदेवमणुयामुराए परिसाए तं चेव सव्वं नवरं वाणारसिं नगरिं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ ता जेणेव आसमपए उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ २ त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ २ त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ २ त्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ २ त्ता अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय तिहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥ १५७ ॥ पासे णं अरहा पुरिसादाणीए तेसीइं राइंदियाइं निच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पजंति, तंजहादिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा ते उप्पने सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ ॥ १५८ ॥ तए णं से पासे भगवं अणगारे जाए इरियासमिए जाव अप्पाणं भावेमाणस्स तेसीइं राइंदियाइं विइकंताई, चउरा १ पहुंसि गब्भत्थे सइ सयणिज्जत्थाए माऊए पासे सप्पतो कण्हसप्पो दिट्ठो, तेण 'पासे' त्ति नाम कयं । Page #1274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पासजिणं तरं] पढम परिसिटुं २७ सीइ(मे)मस्स राइंदि(ए)यस्स अंतरा वट्टमा(णे)णस्स जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स चउत्थीपक्खेणं पुव्वण्हकालसमयंसि धाय(ई)इपायवस्स अहे छठेणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अणंते जाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥ १५९ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अट्ठ गणा अट्ट गणहरा हुत्था, तंजहा-सुभे १ य अजघोसे २ य, वसिढे ३ बंभयारि ४ य । सोमे ५ सिरिहरे ६ चेव, वीरभद्दे ७ जसे वि य ८ ॥ १ ॥ १६० ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अजदिन्नपामुक्खाओ सोलस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था॥१६१॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स पुप्फचूलापामुक्खाओ अट्ठत्तीसं अज्जियासाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था ॥ १६२ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सुव्वयपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहस्सी[ओ] चउसद्धिं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवास(ग)गाणं संपया हुत्था ॥ १६३ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सुनंदापामुक्खाणं समणोवासियाणं तिण्णि सयसाहस्सीओ सत्तावीसं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था ॥ १६४ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अद्भुट्ठसया चउद्दसपुव्वीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसन्निवाईणं जाव चउद्दसपुव्वीणं संपया हुत्था ॥ १६५ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स चउद्दस सया ओहिनाणीणं, दस सया केवलनाणीणं, ए(इ)कारस सया वेउ(ब्बिया)वीणं, छस्सया रिउमईणं, दस समणसया सिद्धा, वीसं अजियासया सिद्धा, अट्ठ-म-सया विउलमईणं, छ(स)सया वाईणं, बारस सया अणुत्तरोववाइयाणं ॥ १६६ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतकडभूमी य परियायतकडभूमी य, जाव चउत्थाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, तिवासपरियाए अंतमकासी ॥ १६७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता तेसीइं राइंदियाई छउमत्थपरियायं पाउणित्ता देसूणाई सत्तरि वासाइं केवलिपरियायं पाउणित्ता परिपुन्नाइं सत्तरि वासाई सामण्णपरियायं पाउणित्ता एकं वाससयं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेय णिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइक्वंताए जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुद्धस्स अट्ठमीपक्खेणं उम्पि सम्मेयसेलसिहरंसि अपचउत्तीसइमे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पुव्व(रत्तावरत्त)हकालसमयंसि वग्घारियपाणी कालगए विइकंते जाव सव्वदुक्खप्पहीणे ॥ १६८॥ पासस्स णं अरहओ जाव Page #1275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिर्ट [कप्पसुतं सव्वदुक्खप्पहीणस्स दुवालस वाससयाई विइक्कताई, तेरसमस्म (णं) य अयं तीसइमे संवच्छरे काले गच्छद् ॥ १६९ ॥ २३ ॥ इइ सिरिपासजिणचरियं समत्तं ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी पंचचित्ते हुत्था, तंजहा-चित्ताहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते, तहेव उक्वेवो जाव चित्ताहिं परिनिव्वुए ॥१७० ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिहनेमी जे से वासाणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे कत्तियबहुले तस्स णं कत्तियवहुलस्स बारसीपक्खणं अपराजियाओ महाविमाणाओ बत्तीसं सागरोवमट्टिइयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेब जंबुद्दीचे दीवे भारहे वासे सोरियपुरे नयरे समुद्दविजयस्स रण्णो भारियाए सिवाए देवीए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव चित्ताहिं गब्भत्ताए वक्रते, सव्वं त(मे)हेव सुविणदंसणदविणसंहरणाइयं इत्थ भाणियव्वं ॥१७१॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिहनेमी जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुद्धस्स पंचमीपक्खणं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव चित्ताहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आरोग्गारोग्गं दारयं पयाया। जम्मणं समुद्दविजयाभिलावेणं नेयव्वं जाव तं होउ णं कुमारे अरिहनेमी नामेणं । अरहा अरिहनेमी दक्खे जाव तिण्णि वाससयाई कुमारे अगारवासमझे वसित्ताणं पुणरवि लोगतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवेहिं तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता ॥ १७२ ॥ जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुद्धस्स छट्ठीपक्खेणं पुव्वण्ह कालसमयंसि उत्तरकुराए सिवि(सी)याए सदेवमणुयासुराए परिसाए अणुगम्ममाणमग्गे जाव बारवईए नयरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ २ त्ता जेणेव रेवयए उजाणे तेणेव उवागच्छइ २ त्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ २ त्ता सीयाओ पञ्चोरुहइ २ त्ता सयमेव आभरणमछालंकारं ओमुयइ २ त्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ २ त्ता छटेणं भत्तेणं अपाणएणं चित्ता(हिं)नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय एगेणं पुरिससहस्सेणं सद्धि मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए ॥ १७३ ॥ अरहा णं अरिटनेमी चउप्पन्नं राइंदियाइं निच्चं वोसठ्ठकाए चियत्तदेहे तं चेव सव्वं जाव पणपन्नगस्स राइंदियस्स अंतरा वट्टमाणस्स जे से वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोयबहुले तस्स णं आसोयबहुलस्स पण्णरसीपक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भा(ए)गे उजितसेलसिहरे वेडसपायवस्स अहे अट्ठमे(छठे)णं भत्तेणं अपाणएणं चित्तानक्खत्तेणं जोगमुवागएणं १ भगवंतसि गब्भत्थे माऊए रिद्वरयणमया नेमी-चक्कधारा सुविणे दिहा तओऽरिहुनेमी, अकारस्स अमंगलपरिहारहत्तणओ अरिट्टनेमित्ति, रिट्टसद्दो अमंगलवाचित्ति । २ अपरिणीयत्तणओ। Page #1276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मुणिसुव्वयजिणंतरं] पढमं परिसिढे झाणंतरियाए वट्टमाणस्स अणंते अणुत्तरे निव्वाघाए निरावरणे जाव केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने जाव सव्वजीवाणं सव्वभावे जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥ १७४ ॥ अरहओ णं अरिट्ठनेमिस्स अट्ठारस गणा अट्ठारस गणहरा हुत्था ॥ १७५ ॥ अरहओ णं अरिठ्ठनेमिस्स वरदत्तपामुक्खाओ अट्ठारस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था॥१७६ ॥ अज्जजक्खिणीपामुक्खाओ चत्तालीसं अज्जियासाहस्सीओ उकोसिया अज्जियासंपया हुत्था॥ १७७ ॥.. 'नंदपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहस्सीओ अउणत्तरिं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासगाणं संपया हुत्था ॥ १७८ ॥ महासुव्वयापामुक्खाणं समणोवासि(गा)याणं तिण्णि सयसाहस्सीओ छत्तीसं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था॥१७९॥ चत्तारि सया चउद्दमपुव्वीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सव्वक्खरसन्निवाईणं जाव संपया हुत्था ॥ १८० ॥ पन्नरस सया ओहिनाणीणं, पन्नरस सया केवलनाणीणं, पन्नरस सया वेउव्यियाणं, दस सया विउलमईणं, अट्ठ सया वाईणं, सोलस सया अणुत्तरोववाइयाणं, पन्नरस समणसया सिद्धा, तीसं अजियासयाई सिद्धाइं ॥ १८१ ॥ अरहओ णं अरिठनेमिस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतकडभूमी य परियायंतकडभूमी य, जाव अट्ठमाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, दुवा(ल)सपरियाए अंत मकासी ॥ १८२॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी तिण्णि वाससयाई कुमारवासमज्झे वसित्ता चउप्पन्नं राइंदियाई छउमत्थपरियायं पारणित्ता देसृणाई सत्त वाससयाई केवलिपरियायं पाउणित्ता पडिपुण्णाई सत्त वाससयाइं सामण्णपरियायं पाउणित्ता एगं वाससहस्सं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइक्वंताए जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे अट्ठमे पक्रखे आसाढसुद्धे तस्स णं आसाढसुद्धस्स अट्ठमीपक्षेणं उप्पि उजितसेलसिहरंसि पंचहिं छत्तीसेहिं अणगारसएहिं सद्धिं मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं चित्तानक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पुव्यरत्तावरत्तकालसमयंसि नेसज्जिए कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे ॥ १८३ ॥ अरहओ णं अरिठ्ठनेमिस्स कालगयस्स जाव सव्वदुक्खापहीणस्स चउरासीई वाससहस्साई विइकताई, पंचासीइमस्स वाससहस्सस्स नव वाससयाई विइयंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८४ ॥ २२ ॥ इइ सिरिनेमिनाहचरियं समत्तं ॥ नमिस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स पंच वाससयसहस्साई चउरासीई च वाससहस्साई नव य वाससयाई विइकंताई, दसमस्स य वाससयस अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८५ ॥ २१ ॥ मुणिसुव्व Page #1277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३० पढम परिसिटुं [कप्पसुत्तं यस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स इक्कारस वाससयसहस्साई चउरासीई च वाससहस्साई नव वाससयाई विइक्वंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छद् ॥ १८६ ॥ २० ॥ मल्लिस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स पण्णढिं वाससयसहस्साइं चउरासीइं च वाससहस्साई नव वाससयाई विइकंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छद ॥ १८७ ॥ १९ ॥ अरस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे वासकोडिसहस्से विइक्कते, सेसं जहा मल्लिस्स, तं च एयं-पंचसहि लक्खा चउरासी(ई) (वास)सहस्सा(इं) विइक्कंता(इं), तम्मि समए महावीरो निव्वुओ, तओ परं नव वाससया(इं) विइकंता(इं), दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ । एवं अग्गओ जाव सेयंसो ताव दट्ठव्वं ॥ १८८ ॥ १८॥ कुंथुस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागपलिओवमे विइयंते पंचसद्धिं च सयसहस्सा, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १८९ ॥ १७ ॥ संतिस्स णं अरहओ जाव' सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागूणे पलिओवमे विइक्कते पण्णढिं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९० ॥ १६ ॥ धम्मस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स तिण्णि सागरोवमाइं पण्णढिं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९१ ॥ १५ ॥ अणंतस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स सत्त सागरोवमाइं पण्णढिं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९२ ॥ १४ ॥ विमलस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स सोलस सागरोवमाई विइक्वंताइं पण्णहिँ च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९३ ॥ १३ ॥ वासुपुजस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स छायालीसं सागरोवमाइं विइकंताइं पण्णहिँ च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९४ ॥ १२ ॥ सिजंसस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमसए विइकते पण्णहिँ च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९५ ॥ ११ ॥ सीयलस्स णं अरहओ जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स एगा सागरोवमकोडी तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया विइकता, एयमि समए महावीरो निव्वुओ, तओ (वि य णं) परं नव वाससयाई विनंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १९६ ॥ १० ॥ सुविहिस्स णं अरहओ पुप्फदंतस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स दस सागरोवमकोडीओ विइकंताओ, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इमं-तिवासअद्धनवमासाहियवायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया(इं) विइक्वंता(इं) इच्चाइ(यं) ॥ १९७ ॥ ९ ॥ चंदप्पहस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स एगं सागरोवमकोडिसयं विइकतं, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इमं-तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिं ऊणगमिचाइ ॥ १९८ ॥ ८ ॥ Page #1278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उसभजिणजम्मं] पढमं परिसिटुं सुपासस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसहस्से विइकंते, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इमं-तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिया (विइक्वंता) इच्चाइ ॥ १९९ ॥ ७ ॥ पउमप्पहस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स दस सागरोवमकोडिसहस्सा विइकता, तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिं इच्चाइयं, सेसं जहा सीयलस्स ॥ २०० ॥ ६ ॥ सुमइस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसयसहस्से विइकंते, सेसं जहा सीयलस्स, तिवासअद्धनवमासाहियवायालीसवाससहस्सेहिं इच्चाइयं ॥ २०१॥ ५॥ अभिनंदणस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स दस सागरोवमकोडिसयसहस्सा विइकंता, सेसं जहा सीयलस्स, तिवासअद्धनवमासाहियवायालीसवाससहस्सेहिं इच्चाइयं ॥ २०२ ॥ ४ ॥ संभवस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स वीसं सागरोवमकोडिसयसहस्सा विइकंता, सेसं जहा सीयलस्स, तिवासअद्धनवमासाहियवायालीसवाससहस्सेहिं इच्चाइयं ॥ २०३ ॥ ३ ॥ अजियस्स णं अरहओ जाव पहीणस्स पन्नासं सागरोवमकोडिसयसहस्सा विइकंता, सेसं जहा सीयलस्स, तं च इम-तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिं इन्चाइयं ॥ २०४ ॥ २ ॥ इइ जिणंतराइं समत्ताई ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए चउउत्तरासाढे अभीइपंचमे हुत्था, तंजहा-उत्तरासाढाहिं चुए चइत्ता गब्भं वकंते जाव अभीइणा परिनिव्वुए ॥ २०५ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे आसाढबहुले तस्स णं आसाढवहुलस्स चउत्थीपक्खेणं सव्वसिद्धाओ महाविमाणाओ तित्तीसं सागरोवमट्ठिइयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेब जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इक्खागभूमीए नाभिकुलगरस्स मरुदे(वा)वीए भारियाए पुत्ररत्तावरत्तकालसमयंसि आहारवकंतीए जाव गब्भत्ताए वकंते॥२०६॥ उसमे गं अरहा कोसलिए तिनाणोवगए यावि हुत्था, तंजहा-चइस्सामित्ति जाणइ जाव सुमिणे पासइ, तंजहा-गय-वसह० गाहा । सव्वं तहेव, नवरं पढमं उसमें मुहेणं अइंतं पासाइ, सेसाओ गयं । नाभिकुलगरस्स सा(ह)हेइ, सुविणपाढगा नत्थि, नाभिकुलगरो सयमेव वागरेइ ॥ २०७ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स अट्ठमीपक्खेणं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं जाव आसाढाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आरोग्गारोग्गं दारयं पयाया ॥ २०८ ॥ तं चैव सव्वं जाव देवा देवीओ य वसुहारवासं वासिंसु, सेसं तहेव चारगसोहणमाणुम्माणव(द)गुणउस्मुक्कमाइयट्टिइवडिययवजं सव्वं भाणियव्वं ॥ २०९ ॥ Page #1279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिद्धं [ कप्पसुतं उसमे णं अरहा कोसलिए कासवगुप्तेणं, तस्स णं पंच नामधिजा एवमाहिज्जंति, तं जहा - उसमे वा, पढमरायाइ वा, पढमभिक्खायरेइ वा, पढमजिणे वा, पदमति ( क ) थरे इ वा ॥ २१० ॥ उसमे णं अरहा कोसलिए दक्खे दक्खपणे पडवे अल्ली भए विणीए वीसं पुव्वसयसहस्साइं कुमारवासमझे वसई वसिता तेहिं पुव्वसयसहस्साइं रज्जवासमझे वसई, तेवद्धिं च पुव्वसय सहस्साई रज्जवासमझे वसमाणे लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणस्य पज्जवसाणाओ बावतरि कलाओ चउस िमहिलागुणे सिप्पसयं च कम्माणं तिन्नि वि पयाहियाए उवदिसइ उवदिसित्ता पुत्तस्यं रजसए अभिसिंचइ अभिसिंचित्ता पुणरवि लोयंतिएहिं जीयकपिएहिं देवेहिं ताहिं इट्ठाहिं जाव वग्गूहिं सेसं तं चैव सव्वं भाणियव्वं जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स अट्ठमी पक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भागे सुदंसणाए सिवियाए सदेवम यासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे जाव विणीयं रायहाणि मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ निग्ग च्छित्ता जेणेव सिद्धत्थवणे उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे जाव सयमेव चउमुद्वियं लोयं करेइ करित्ता छणं भत्तेणं अपाणएणं आसाढाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं उग्गाणं भोगाणं राइणाणं खत्तियाणं चउहिं पुरिससहस्सेहिं सद्धिं एगं देवदूतमादाय मुंडे भवत्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए || २११ ॥ उसमे णं अरहा कोसलिए एगं वाससहस्सं निच्चं वोसकाए चियत्तदेहे जाव अप्पाणं भावेमाणस्स (इक्क) एगं वाससहस्सं विइक्कतं, तओ णं जे से हेमंताणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे फग्गुणबहुले तस्स णं फग्गुणबहुलस्स ए (इ) कारसीपक्खेणं पुव्वण्हकालसमयंसि पुरिमतालस्स नगरस्स बहिया सगडमुहंसि उज्जाणंसि नग्गोहवर पायवस्स अहे अट्टमेणं भत्तेणं अपाणएणं - आसाढाहिं नक्खत्ते जोगमुवागणं झाणंतरियाए वमाणस्स अणंते जाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥ २१२ ॥ उसभस्स णं अरहओ कोसलियम्स चउरासीई गणा चउरासीई गणहरा हुत्था ॥ २१३ ॥ उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स उसभसेण पामुक्खा (ओ)णं चउरासी (इ) ओ समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था ॥ २१४ ॥ उभस्स णं अरहओ कोसलियस्स बंभीसुंदरीपामुक्खाणं अजियाणं तिणि रायसाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था ॥ २१५ ॥ उसभरसणं... सिज्जंस पामुक्खाणं समणोवासगाणं तिण्णि सयसाहस्सीओ पंच सहस्सा उक्कोसिया समणोवास (ग) गाणं संपया हुत्था ॥ २१६ ॥ उसभस्स णं सुभद्दापामुक्खाणं समणोवासियाणं पंच सयसाहस्सीओ चउप्पन्नं च सहस्सा उक्कोसिया सम ३२ Page #1280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उसहजिणचरियसमत्ती] पढम परिसिढे ३३ गोवासियाणं संपया हुत्था ॥ २१७ ॥ उसभस्स णं.. चत्तारि सहस्सा सत्त सया पण्णासा चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं जाव उक्कोसिया चउद्दसपुव्विसंपया हुत्था ॥२१८॥ उसभस्स णं नव सहस्सा ओहिनाणीणं० उक्कोसिया ओहिनाणिसंपया हुत्था ॥ २१९ ॥ उसभस्स णं.. वीससहस्सा केवलनाणीणं० उक्कोसिया केवलनाणिसंपया हुत्था ॥ २२० ॥ उसभस्स णं. "बीससहस्सा छच्च सया वेउ. बियाणं० उक्कोसिया वेउव्विय(समण)संपया हुत्था ॥ २२१॥ उसभस्स णं. 'बारस सहस्सा छच्च सया पण्णासा विउलमईणं अड्डाइजेसु दी(वेसु दोसु य)वसमुद्देसु सन्नीणं पंचिंदियाणं पज्जत्तगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं (पासमाणाणं) विउलमइसंपया हुत्था ॥ २२२ ॥ उसभस्स णं 'वारस सहस्सा छच्च सया पण्णासा वाईणं० उक्कोसिया वाइसंपया हुत्था ॥ २२३ ॥ उसभस्स णं वीसं अंतेवासिसहस्सा सिद्धा, चत्तालीसं अज्जिया(स)साहस्(सा)सीओ सिद्धाओ ॥२२४ ॥ उसभस्स ण 'बावीससहस्सा नव सया अणुत्तरोबवाइयाणं गइकल्लाणाणं जाव भदाणं उक्कोसिया अणुत्तरोववाइयसंपया हुत्था ॥ २२५ ॥ उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी य परियायंतगडभूमी य, जाव असंखिज्जाओ पुरिसजुगाओ जुगंतगडभूमी, अंतोमुहत्तपरियाए अंतमकासी ॥ २२६ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उसभे णं अरहा कोसलिए वीसं पुव्वसयसहस्साई कुमारवासमज्झे वसित्ता(णं) तबढ़ि पुच्चसयसहस्साई रज्जवासमझे वसित्ता तेसीइं पुव्वसयसहस्साई अगारवासमज्झे वसित्ता एगं वाससहस्सं छउमत्थपरिया(य)गं पाउणित्ता एगं पुव्वसयसहस्सं वाससहस्सृणं केवलिपरियागं पाउणित्ता पडि (सं)पुण्णं पुव्वसयसहस्सं सामण्णपरियागं पाउणिस्ता चउरासीई पुव्वसयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए मुसमदृसमाए समाए बहुविइक्वंताए तिहिं वासेहिं अद्धनवमेहि य मासहिं सेसेहिं जे से हेमंताणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे माहबहुले तस्स णं माहबहुलस्स तरसीपक्षेणं उप्पि अढावयसेलसिहरंसि दसहिं अणगारसहस्सेहिं सद्धिं चउ(चो)द्दसमेणं भत्तेणं अपाणएणं अभीइणा नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पुटवण्हकालसमयंसि संपलियंकनिसणे कालगए जाव सब्बदुक्खापहीणे ॥२२७॥ उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स कालगयस्स जाव सव्वदुक्खप्पहीणस्स तिण्णि वासा अद्धनवमा य मासा विइकता, तओ वि परं एगा सागरोवमकोडाकोडी तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसाए वागसहस्सेहिं ऊणिया विइयंता, एयंमि समए समणे भगवं महावीरे परिनिव्वु(डे)ए, तओं वि परं नववाससया विश्छता, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छद ॥ २२८ ॥ १॥ इइ सिरिउसहजिणचरियं समत्तं ॥ ३ परि. Page #1281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिटुं [कप्पसुत्तं तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इकारस गणहरा हुत्था ॥ १॥ से केणटेणं भंते ! एवं बुच्चइ-समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था?॥२॥ समणस्स भगवओ महावीरस्स जिढे इंदभूई अणगारे गोयम(स)गुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, मज्झिमए अग्गिभूई अणगारे गोयमगुत्तेणं पंच समणसयाई बाएइ, कणीयसे अणगारे बाउभूई नामेणं गोयमगुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, थेरे अजवियत्ते भारद्दाए गुत्तेणं पंच समणसयाई बाएइ, थेरे अजसुहम्मे अग्गिवेसाय(णे)णगुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, थेरे मंडियपुत्त बासि(हे)ट्ठसगुत्तेणं अद्भुट्टाई समणसयाई वाएइ, थेरे मोरियपुत्ते कास(वे)वगुत्तेणं अद्भुढाई समणसयाई वाएइ, थेरे अकंपिए गोय(मे)मसगुत्तेणं-थेरे अयलभाया हारियाय(णे)णगुत्तेणं, एए दुण्णिवि थेरा तिण्णि तिण्णि समणसयाइं वाएंति, थेरे अजमे(इ)यजेथेरे अजपभासे, एए दुण्णिवि थेरा कोडिन्ना-गुत्तेणं तिणि तिणि समणसयाई वाएंति । से तेणढेणं अज्जो ! एवं बुच्चइ-समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ॥ ३ ॥ सव्वे वि णं एए समणस्स भगवओ महावीरस्स ए(इ)कारस वि गणहरा दुवालसंगिणो चउ(इ)दसपुग्विणो समत्तगणिपिडगधारगा रायगिहे नगरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं कालगया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा । थेरे इंदभूई थेरे अजसुहम्मे य सिद्धिगए महावीरे पच्छा दुण्णिवि थेरा परिनिव्वुया । जे इमे अजत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति एए णं सव्वे अजसुहम्मस्स अणगारस्न आवच्चिज्जा, अवसेसा गणहरा निरवच्चा वुच्छिन्ना ॥ ४ ॥ समणे भगवं महावीरे कासवगुत्तेणं । समणस्स णं भगवओ महावीरस्स कासवगुत्तस्स अज्जमुहम्मे थेरे अंतवासी अग्गिवेसायणगुत्ते । थेरस्स णं अजसुहम्मस्स अग्गिवेसायणगुत्तस्स अजजंवूनामे थेरे अंतेवासी कासवगुत्तणं । थेरस्स णं अजजंबूनामस्स कासवगुत्तस्त अजप्पभवे थेरे अंतेवासी कच्चायणसगुत्ते । थेरस्स णं अजप्पभवस्स कच्चायणसगुत्तस्स अज्जसिज्जंभवे थेरे अंतेवासी मणगपिया वच्छसगुत्ते । थेरस्स णं अजसिज्जभवस्स मणगपिउणो वच्छसगुत्तस्स अजजसभद्दे थेरे अंतेवासी तुंगियायणसगुते ॥ ५ ॥ इइ गणहराइथेरावली समत्ता॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विकत वासावासं पजोसवेइ ॥ १॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइक्ते वासावासं पज्जोसवेइ ? जओ णं पाएणं अगारीणं . १ अम्हाणमइपाईणायरिसे एत्तिओ चेव पाढो लब्भइ जो 'अजभद्दयाहुणा इमरान रयणा कया' अस्स पुटिं करेइ । Page #1282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ह० विगइवजणं] पढम परिसिटुं अगाराई कडियाई उक(वि)पियाई छन्नाई लित्ताई गुत्ताई घट्ठाई मट्ठाई संपधूमियाई खाओदगाइं खायनिद्धमणाई अप्पणो अट्ठाए कडाइं परिभुत्ताइं परिणामियाइं भवंति, से तेणटेणं एवं बुच्चइ-समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइकंते वासावासं पजोसवेइ ॥ २॥ जहा णं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइकते वासावासं पज्जोसवेइ तहा णं गणहरावि वासाणं सवीसइराए मासे विइकंते वासावासं पज्जोसविंति ॥ ३॥ जहा णं गणहरा वासाणं सवीसइराए जाव पजोसविंति तहा णं गणहरसीसावि वासाणं जाव पज्जोसविंति ॥ ४ ॥ जहा णं गणहरसीसा वासाणं जाव पज्जोसविंति तहा णं थेरावि वा(सावासं)साणं जाव पज्जोसविंति ॥५॥ जहा णं थेरा वासाणं जाव पज्जोसविंति तहा णं जे इमे अजत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति ते (एए) वि य णं वासाणं जाव पज्जोस(वें)विति ॥ ६॥ जहा णं जे इमे अजताए समणा निग्गंथा वासाणं सवीसइराए मासे विइकंते वासावासं पज्जोसविंति तहा णं अम्हंपि आयरिया उवज्झाया वासाणं जाव पजोसर्विति ॥ ७ ॥ जहा णं अम्हं(पि) आयरिया उवज्झाया वासाणं जाव पज्जोसविंति तहा णं अम्हेवि वासाणं सवीसइराए मासे विइकंते वासावासं पजोसवेमो, अंतरा वि य से कप्पइ[पज्जोसवित्तए], नो से कप्पइ तं रयाणि उवाइणावित्तए ॥ ८ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणं उग्गहं ओगिण्हित्ताणं चिटिडं अहालंदमवि उग्गहे ॥ ९ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंधीण वा सव्वओ समंता सक्कोसं जोयणं भिक्खायरियाए गंतुं पडिनियत्तए ॥ १० ॥ जत्थ नई निचोयगा निच्चसंदणा, नो से कप्पइ सव्वओ समंता सकोसं जोयणं भिक्खायरियाए गंतुं पडिनियत्तए ॥ ११॥ एरावई कुणालाए, जत्थ चक्किया सिया पगं पायं जले किच्चा एगं पायं थले किच्चा, एवं चकिया एवं णं कप्पइ सव्वओ समंता सकोसं जोयणं गंतुं पडिनियत्तए ॥ १२ ॥ एवं च नो चक्किया, एवं से नो कप्पड सव्वओ समंता सकोसं जोयणं गंतुं पडिनियत्तए ॥ १३ ॥ वासावासं पजोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वृत्तपुव्वं भवइ-'दावे भंते !' एवं से कप्पइ दावित्तए, नो से कापइ पडिगाहित्तए ॥१४॥ वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वुत्तपुत्र भवइ-'पडिगाहे (हि) भंते !' एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ दावित्तए ॥ १ ॥ वासावासं पज्जोसबियाणं अत्थेगझ्याणं एवं वृत्तपुव्वं भवइ-'दावे भंते ! पडिगाहे भंते !' एवं से कप्पइ दावित्तएवि पडिगाहित्तएचि ॥ १६ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा हट्ठाणं तुट्ठाणं आ(रु)रोग्गाणं बलियसरीराणं इमाओ विगईओ अभिक्खणं अभिक्खणं आहारित्तए, तंजहा-खीरं, दहि, Page #1283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसिटुं [कप्पसुत्तं सप्पि, तिलं, गुडं ॥ १७ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वुत्तपुव्वं भवइ-'अट्ठो भंते! गिलाणस्स?' से य वएजा-'अट्ठो', से य पुच्छियव्वे 'केवइएणं अट्ठो ?' से (य) वएजा-'एवइएणं अट्ठो गिलाणस्स', जं से पमाणं वयद से य पमाणओ वित्तव्वे, से य विन्नविज्जा, से य विनवेमाणे लभिज्जा, से य पमाणपत्ते 'होउ अलाहि' इय वत्तव्वं सिया, से किमाहु भंते !, एवइएणं अट्ठो गिलाणस्स, सिया णं एवं वयंतं परो वइज्जा-'पडिगाहेहि अजो ! पच्छा तुमं भुक्खसि वा पाहिसि वा,' एवं से कप्पइ पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ गिलाणनीसाए पडिगाहित्तए ॥ १८॥ वासावासं पजोसवियाणं अत्थि णं थेराणं तहप्पगाराइं कुलाई कडाइं पत्तियाई थिजाइं वेसासियाई संमयाइं बहुमयाइं अणुमयाइं भवंति, त(जोत्थ से नो कप्पइ अदक्खु वइत्तए-,अस्थि ते आउसो ! इमं वा इमं वा ?' से किमाहु भंते !, सही गिही गिण्हइ वा, तेणियपि कुज्जा ॥ १९ ॥ वासावासं पजोसवियस्स निश्चभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगं गोयरकालं गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, नन्नत्थाऽऽयरियवेयावच्चेण वा एवं उवज्झायवेयावच्चेण वा तवस्सिवेयावच्चेण वा गिलाणवेयावच्चेण वा खुड्डएण वा खुड्डियाए वा अवंजणजायएण वा ॥ २० ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिक्खुस्स अयं एवइए विसेसे-जं से पाओ निक्खम्म पुवामेव वियडगं भुच्चा पिच्चा पडिग्गहगं संलिहिय संपमज्जिय से य संथरिजा कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तढणं पज्जोसवित्तए, से य नो संथरिजा एवं से कप्पइ दुचंपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २१ ॥ वासावासं पजोसवियस्य छट्ठभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति दो गोयरकाला गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २२ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ गोयरकाला गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २३ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स विगिढ़भत्तियस्स भिक्खुस्स कम्पति सव्वेवि गोयरकाला गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २४ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्म नियत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति सव्वाई पाणगाइं पडिगाहित्तए । वासावासं पजामवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहितए, जहा ओसेइम(वा), संसेइम, चाउलोदगं । वासावासं पज्जोसवियस्स छट्टनियम भिक्खुस्स कप्पति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-तिलोदगं वा, तुसोदगं वा, जवोदगं वा । वासावासं पजोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स का पति नओ Page #1284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गो० वुट्टीए सइ विही] पढम परिसिढे पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-आयामं वा, सोवीरं वा, सुद्धवियडं वा । वासावासं पज्जोसवियस्स वि(कि)गिढभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, से वि य णं असित्थे नो (चेव) वि य णं ससित्थे । वासावासं पजोसवियस्स भत्तपडियाइक्खियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, से वि य णं असित्थे, नो चेव णं ससित्थे, से वि य णं परिपूए, नो चेव णं अपरिपूए, से वि य णं परिमिए, नो चेव णं अपरिमिए, से वि य णं बहुसंपन्ने, नो चेव णं अबहुसंपन्ने ॥ २५ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स संखादत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहित्तए पंच पाणगस्स, अहवा चत्तारि भोयणस्स पंच पाणगस्स, अहवा पंच भोयणस्स चत्तारि पाणगस्स, तत्थ णं एगा दत्ती लोणासायणमित्तमवि पडिगाहिया सिया कप्पइ से तद्दिवसं तेणेव भत्तटेणं पज्जोसवित्तए, नो से कप्पइ दुञ्चपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २६ ॥ वासावासं पजोस वियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा जाव उवस्सयाओ सत्तघरंतरं संखडि संनियटचारिस्स इत्तए, एगे (पुण) एवमाहंसु-नो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परेण सत्तघरंतरं संखडिं संनियट्टचारिस्स इत्तए, एगे पुण एवमाहंसुनो कम्पद जाव उवस्सयाओ परंपरेणं संखडिं संनियदृचारिस्स इत्तए ॥ २७ ॥ वासावासं पजोस वियस्स नो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स कणगफुसियैमित्तमवि बुटिकायंसि निवयमाणंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २८ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स नो कम्पइ अगिहंसि पिंडवायं पडिगाहित्ता पज्जोसवित्तए, पज्जोसवेमाणस्स सहसा बुटिकाए निवइज्जा देसं भुच्चा देसमादाय से पाणिणा पाणिं परिपिहित्ता उरंसि वा णं निलिजिज्जा, कक्खंसि वा णं समाहडिजा, अहाछन्नाणि वा लेणाणि वा उवागच्छिज्जा, रुक्खमूलाणि वा उवागच्छिजा, जहा से पाणिंसि दए वा दगरए वा दगफुसिया वा नो परियावजइ ॥ २९ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स जं किंचि कणगफुसियमित्तैपि निवडेइ, नो से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ ३०॥ वासावासं पज्जोसवियस्स पडिग्गहधारिस्स भिक्खुस्त नो कप्पइ वग्यारियबुढिकायंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, कप्पइ से अप्पवुट्ठिकायंसि संतरुत्तरसि ॥३१॥ वासावासं पजोसवियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंड १ आयामे वा, सोवीरे वा, मुद्धवियडे वा । २ ‘फुसार' । ३ वियारभूमिगमणेऽववाओ। Page #1285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८ पढम परिसिढे [कप्पसुत्तं बायपडियाए अणुपविठ्ठस्स निगिज्झिय निगिज्झिय बुट्टिकाए निवइजा, कप्पड़ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए ॥ ३२ ॥ तत्थ से पुवागमणेणं पुवाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते भिलिंगस्वे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडि. गाहित्तए ॥ ३३ ॥ तत्थ से पुवागमणेणं पुवाउत्ते भिलिंगसवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पड़ से भिलिंगसूवे पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ चाउलोदणे पडिगाहिनए ॥ ३४ ॥ तत्थ से पुवागमणेणं दोऽवि पुवाउत्ताइं (वति), कप्पंति से दोऽपि पडिगाहित्तए, तत्थ से पुवागमणेणं दोऽवि पच्छाउत्ताई, एवं नो से कप्पंति दोऽवि पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुवागमणेणं पुव्वाउत्ते से कप्पइ पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुव्वागमणेणं पच्छाउत्ते नो से कप्पइ पडिगाहित्तए ॥ ३५ ॥ वासावासं पजोसवियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय निगिज्झिय वुट्ठिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, नो से कम्पइ पुव्वगहिएणं भत्तपाणेणं वेलं उवायणावित्तए, कप्पइ से पुव्वामेव वियडगं भुच्चा (पिच्चा) पडिग्गहगं संलिहिय संलिहिय संपमन्जिय संपमज्जिय ए[गाययं]गओ भंडगं कट्टु सावसेसे सूरे जेणेव उवस्सए तेणेव उवागच्छित्तए, नो से कप्पड़ तं रयणिं तत्थेव उवायणावित्तए ॥ ३६ ॥ वासावासं पज्जोस वियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविठ्ठस्स निगिज्झिय निगिज्झिय बुटिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उबस्सयंसि वा० वियद्धगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए ॥ ३७ ॥ तत्थ नो कप्पइ एगम्स निग्गंधस्स एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिद्वित्तए १, तत्थ नो कप्पइ एगस्य निग्गंथरस दुण्हं निग्गंथीणं एगयओ चिट्ठित्तए २, तत्थ नो कम्पइ दुण्डं निग्गंथाणं गाए य निग्गंथीए एगयओ चिट्ठित्तए ३, तत्थ नो कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं दुण्डं निग्गंथीण य एगयओ चिहित्तए ४, अत्थि य इत्थ केइ पंचमे खुए वा बुडिया(इ) वा अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे एवं ण्हं कप्पइ एगयओ चिद्वित्तए ॥ ३८ ॥ वासावासं पज्जोसवियस्स निग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अगुपविट्ठस्स निर्गािज्मय निगिज्झिय वुट्टिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्मयंसि वा अहे वियडगिहसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य अगारीए एगयओ चिट्ठित्तए, एवं चउभंगी, अत्थि णं इत्थ केइ पंचमए थेरे वा थेरिया(इ)वा अन्नेसि वा संलोए सपडिदुवारे, एवं कम्पइ एगयओ Page #1286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुप्फसुहुमे] पढमं परिसिढें चिद्वित्तए । एवं चेव निग्गंथीए अगारस्स य भाणियव्वं ॥३९॥ वासावासं पजोसवियाणं नो कम्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अपरिण्णएणं अपरिग्णयस्स अट्टाए असणं वा १ पाणं वा २ खाइमं वा ३ साइमं वा ४ जाव पडिगाहित्तए ॥ ४० ॥ से किमाहु भंते !, इच्छा परो अपरिग्णए भुंजिज्जा, इच्छा परो न भुंजिजा ॥ ४१ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंधीण वा उदउल्लेण वा ससिणिद्वेण वा काएणं असणं वा १ पाणं वा २ खाइमं वा ३ साइमं वा ४ आहारित्तए ॥४२॥ से किमाहु भंते !, सत्त सिणेहाययणा पण्णत्ता, तंजहापाणी १ पाणिलेहा २ नहा ३ नहसिहा ४ भमुहा ५ अहरोट्ठा ६ उत्तरोट्ठा ७ । अह पुण एवं जाणिज्जा-विगओदगे मे काए छिन्नसिणेहे, एवं से कप्पइ असणं वा १ पाणं वा २ खाइमं वा ३ साइमं वा ४ आहारित्तए ॥४३॥ वासावासं पज्जोसवियाणं इह खलु निग्गंधाण वा निग्गंथीण वा इमाइं अट्ठ सुहुमाइं जाइं छउमत्थेणं निग्गथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियव्वाइं पासियव्वाई पडिलेहियव्वाई भवति, तंजहा-पाणमुहमं १ पणगमुहुमं २ बीयसुहुमं ३ हरियसुहुमं ४ पुर-फमहुमं ५ अंडमुहुमं ६ लेणमुहुमं ७ सिणेहनुहुमं ८ ॥ ४४ ॥ से किं तं पाणमुहम? पाणमहमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे १, नीले २, लोहिए ३, हालिद्दे ४, मनिटे , । अस्थि कुंथु अणुद्धरी ना(म समुप्पन्ना)मं, जा ठिया अचलमाणा छउमस्थाणं निग्गंधाण वा निग्गंधीण वा नो चक्वुफासं हव्वमागच्छइ, जा अठिया चलमाणा उमत्थाणं निग्गंथाण वा निग्गंधीण वा चक्षुफासं हव्वमागच्छइ, जा छउमत्थेणं निग्गथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियव्वा पासियव्वा परिलहियव्या हबद । से ते पाणसुहुमे १ ॥ से किं तं पणगसुहुमे ? पणगसुहुमे पंचबिह पणत्ते, नंजहा-किण्हे, नीले, लोहिए, हालिद्दे, सुकिल्ले । अत्थि पणगसुहुमे तद्द चममाणवण्ण नामं पण्णत्ते, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाव पडिलहियव्य भवद । से तं पणगमुहुमे २ ॥ से किं तं बीयमुहुमे ? बीयसुहुमे पंचविहे पणते, जहा-किण्हे जाव मुकिल्ले । अस्थि बीयमुहुमे कणियासमाणवण्णए नामं पणने, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाव पडिलेहियव्वे भवइ । से तं बीयमहमे ३ ॥ से किं तं हरियमुहमे ? हरियमुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे 'जाब न मिटे । अस्थि हरियमुहुमे पुढवीसमाणवण्णए नामं पण्णत्ते, जे निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्रवणं अभिक्खणं जाणियव्वे पासियव्वे पडिलेहियव्वे भवइ । सेनं हरियमुहमे ४ ॥ में किं तं पुष्पसहमे ? पुप्फसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहाकिण्हं जाव मुकिल्ले । अत्थि पुप्फमुहुमे रुक्खसमाणवण्णे नामं पण्णत्ते, जे छउमत्थेणं Page #1287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढम परिसिढे [कप्पसुत्तं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाणियब्वे जाव पडिलेहियव्ये भवइ । से तं पुष्काहुमे ५॥ से किं तं अंडसुहुमे ? अंडमुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उदंसंडे, उकलियंडे, पिपीलियंडे, हलियंडे, हल्लोहलियंडे, जे निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाब पडिलेहियव्वे भवइ। से तं अंडसुहुमे ६ ॥ से किं तं लेणमुहुमे ! लेणनुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उत्तिंगलेणे, भिंगुलेणे, उजुए, तालमूलए, संयुकावटे नामं पंचमे, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाणियव्वे जाव पडिलेहियव्वे भवइ । सेनं लेणसुहुमे ७ ॥ से किं तं सिणेहसुहुमे ? सिणेहसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उस्मा, हिमए, महिया, करए, हरतणुए । जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाव पडिलेहियव्वे भवइ । से तं सिणेहनुहुमे ८ ॥ ४५ ॥ वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिन्ना गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्वमिनाए वा पविसित्तए वा नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा उवज्झायं वा थेरं (वा) पवित्तिं गणिं गणहरं गणावच्छेययं जं वा पुरओ काउं विहरइ, कप्पद से आपुच्छिउँ आयरियं वा जाव जं वा पुरओ काउं विहरइ-इच्छामि णं भंते ! तुम्भेहिं अभाणुण्णाए समाणे गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्ता, वा, ते य से वियरिजा एवं से कप्पइ भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, ते य से नो वियरिजा एवं से नो कप्पइ भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा। से किमाहु भंते !, आयरिया पञ्चवायं जाणंति ॥४६॥ एवं विहार(गाय)भूमि वा वियारभूमि वा अन्नं वा जं किंचि पओयणं, एवं गामाणुगाम दुइज्जित्तए ॥ ४५ ॥ वासावासं पजोसविए भिक्खू इच्छिजा अण्णयरिं विगई आहारित्तए, नो से कप्पट अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेययं वा जं वा पुरओ काउं विहर:, का पद से आपुच्छित्ता आयरियं जाव आहारित्तए-इच्छामि णं भंते ! तुमहिं अभYण्णाए समाणे अन्नयरिं विगई आहारित्तए एवइयं वा एवइयखुत्तो वा, ते य से वियरिना एवं से कप्पइ अण्णयरिं विगई आहारित्तए, ते य से नो वियरिजा एवं में नो काप अण्णयरिं विगई आहारित्तए, से किमाहु भंते !, आयरिया पञ्चवायं जाति ॥ १८ ॥ वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिज्जा अपणयरिं ते (गिच्छं)इच्छियं आउहिला. तं चेव सव्वं भाणियव्वं ॥ ४९ ॥ वासावासं पज्जोसविए भिक्खू इच्छिजा अपयर उरालं कल्लाणं सिवं धणं मंगल्लं सस्सिरीयं महाणुभावं तबोकम्मं उपसंपजिलाणं विहरित्तए, तं चेव सव्वं भाणियव्वं ॥ ५० ॥ वासावासं पजोसविए भिक्स्यू इच्छिना अपच्छिममारणंतियसलेहणाजूसणाजूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं १ सकारणं। Page #1288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खमावणा] पढमं परिसिढें अणवळखमाण विहरित्तए बा, निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं का आहारित्तए बा, उच्चारं वा पासवणं वा परिठ्ठावित्तए, सज्झायं वा करित्तए, धम्मजागरियं वा जागरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता तं चेव सव्वं ॥५१॥ वागावासं पज्जोस विए भिक्खू इच्छिज्जा वत्थं वा पडिग्गहं वा कंवलं वा पायपुंटणं वा अप्णयरिं वा उवहिं आयावित्तए वा पयावित्तए वा, नो से कप्पइ एगं वा अणेगं वा अपरिणवित्ता गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविनिता वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा आहारित्तए, बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा सज्झायं वा करित्तए, काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए, अत्थि य इत्य के अभिगमण्णागए अहासण्णहिए एगे वा अणेगे वा, कप्पइ से एवं वइनाए-टम ना अजो : तुमं मुहत्तगं जाणेहि जाव ताव अहं गाहावइकुलं जाव काउस्वगं वा ठाणं वा ठाइत्तए, से य से पडिसुणिज्जा एवं से कप्पइ गाहावइकुलं तं चेव सब्वं भाणियन्वं । से य से नो पडिसुणिज्जा एवं से नो कप्पइ गाहावइकुलं जाव कारागं वा ठाणं वा ठाइत्तए ॥ ५२ ॥ वासावासं पजोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गीण वा अणभिग्गहियसिज्जासणियाणं हुत्तए, आयाणमेयं, अणभिग्गहियांग जागणियस्स अणुयाइयस्स अणट्टाबंधियस्स अमियासणियस्स अणातावियम्ग असमियम अभिवणं अभिरवणं अपडिलेहणासीलस्स अपमजणासीलस्स तहा नहा संजमे दुरागहए भवः ॥५३॥ अणायाणमेयं अभिग्गहियसिज्जासणियस्स उमाकुयरस अट्टाबधयस्य मियामणियन आयाविन्यस्त नामियरस अभिक्खणं अभिकमाणं पडिरहणासील पमजणासीलस्म तहा तहा संजमे सुआराहए भवइ ॥५४॥ वागावासं पजोगबियाणं का पद निगंथाण वा निग्गंथीण वा तओ उच्चारपासवणभूमाओं पडिलहिए, न नहा हेमंतगिम्हाम जहा णं वासासु, से किमाहु भंते ! ? बागान णं उस्स पाणा य नणा य बीया य पणगा य हरियाणि य भवंति ॥....॥ वागावामं पजाबियाणं का पइ निम्गंथाण वा निग्गंथीण वा तओ मत्तगाई गिहिना. जहा- उमारमत्तए, पासवणमत्ता, खेलमत्तए ॥५६॥ वासावासं पजोसबियाणं नो कापड निग्गंधाण वा निग्गंधीण वा पर पज्जोसवणाओ गोलोमप्पमाणमित कर संयणि उचायणाधितए॥ ५५ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निगाथाण वा निगंथीण वा पर पजोमवणाओ अहिगरणं वइत्तए, जे णं निग्गंथो वा निग्गी वा परं पजोगवणाओं अहिंगरणं वयद, से णं 'अकप्पेणं अजो ! वयसीनि' बत्तव्य सिया, जेणं निग्गयों वा निग्गंथी वा परं पजोसवणाओ अहिगरणं वयद में पं निहियव्य सिया ॥ १८ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं इह खलु निग्गं Page #1289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमं परिसि [ कप्पसुतं थाण वा निग्गंथीण वा अज्जेव कक्खडे कटुए वि (बु) ग्गहे समुपजि [ था]बा, सहे राइणियं खामिज्जा, राइणिएवि सेहं खामिज्जा, खमियव्यं खमावियन्वं उवरामियव्वं उवसमावियव्वं सुमइसंपुच्छणाबहुलेणं होयव्थं । जो उवसमइ तरस अस्थि आराहणा, जो न उवसमइ तस्स नत्थि आराहणा, तम्हा अप्पणा चैव उवसमिय से किमाहु भंते! उवसमसारं खु सामण्णं ॥ ५९ ॥ वासावासं पजोसवियाणं कम्प्पट निरगंथाण वा निग्गंथीण वा तओ उवस्सया गिहित्तए, तंजहा - वेडव्विया पडिहा साइजिया मजणा ॥ ६० ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा कम्प अण्णयरिं दिसिं चा अणुदिसिं वा अवगिज्झिय २ भक्त्तपाणं गवेति । से किमाहु भंते ! उस्सणं समणा भगवंतो वासामु तवसंपत्ता भवंति तवस्सी दुबले कित मुच्छिन वा पवज्जि वा, तमेव दिसं वा अणुदिसं वा समणा भगवंतो पडिजागरेति ॥ ६१ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पर निरगंधाण वा निग्गंधीण वा गिलाणहेडं जाव चत्तारि पंच जोयणाई गंतुं पडिनियत्तए, अंतराऽवि से कप्पड़ चत्थए, नो से कम्प तं स्यणिं तत्थेव उवायणावित्तए ॥ ६२ ॥ इयं संच्छरियं धेरक अहासुत्तं अहाकणं अहामगं अहातचं सम्मं कारण फासित्ता पालिता सोभिता तीरिता किष्टिता आराहित्ता आणा अणुपालिता अत्थेगइया समणा निग्गंथा नेणेव भवगहणेणं सिज्यंति वुज्झति मुचंति परिनिव्याइति सव्वदुक्खाणमंतं करिति, अत्थेाइया दुणं भवग्गणेणं सिज्यंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करिति, अत्या तणं भवग्गणेणं जाव अंतं करिंति, सत्तभवग्गहणाई पुणे नाइकर्मति ॥ ६३ ॥ ते काणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे रायगिहे नगरे गुणसिलए जा बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवा ह देवणं मज्झगए चेत्र एवमाइक्खइ, एवं भासद एवं पण्णवेद, एवं पवेद, जोसवणाकप्पो नामं अज्झयणं सअहं सहेजयं सकारणं समुत्तं सअहं समयं सवागरणं भुज भुजो उसे ॥ ६४ ॥ त्ति बेसि ॥ इइ सामायारी समत्ता ॥ पोसवणाकप्पो नाम दसासुयक्खंधस्स अट्टममज्झयणं समत्तं ॥ अहवा कप्पत्तं समत्तं ॥ पढमं परिसिहं समत्तं ॥ ४२ Page #1290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मोऽत्यु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स वो परिसिहं सावयावस्सए सामाइयसुत्तं पदमं णमो अरिता' नओ 'विखुत्तो' तओ - अरिहंतो मह देवो, जावज्जीवं गाणी गुरुणी । णिपात्तं नतं, इय सम्मत्तं मए गहियं ॥ १ ॥ तओ-पंचिंदियसंवरणी, वह नाकामनेरगुत्तिपरो । चडविहकसायमुको, अट्ठारसगुणेहिं संजुती || | || महतो, पंचविहायारपालणसमत्थो । पंचसमिईतिगुत्तो, O गणगुरु || २ || नओ इच्छाकारेण' पच्छा 'तस्स उत्तरीकरणेणं ० ' नओ लीवस जोगगरे' तओ करेमि भंते ! सामाइयं, सावज्जं जोगं पच्चक्खामि, जाय-णिय जवान, कितिहि ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायमा, नम्म विमागणियामि गरिहामि अप्पाणं वोसिरामि' । ओ पाणी ओसामाइरणपाटो जहा- 'एयस्स णवमस्स सामाइयवयम् पंन अवारा जाणिवा समायरियव्वा, तंजहा - ( ते आलोएमि-) मणदुपणिहाणे, वळणे, कायदम्पणिहाणे, सामाइयस्स सइ अकरणया, सामाइयस्य जणांवर करणना, नरम मिच्छामि दुई । सामाइयं सम्मं कारण पाणिनीयं ण किंडियं ण मोहियं ण आराहियं, आणाए अपराधिनं नवा नक्सामा [ सामाइए मणसो दस दोसा, वयणस्स उस दीसा काम दुवाल दोगा, एएस अणयरो दोसो लग्गो तस्स मिन्दामि कार्य । नामा ईन्चीला बनकहा, देसकहा, रायकहा, एयासु चउसु विकास प्रणयरा विकला वा नरम मियामि तुकडे सामाइए आहारसण्णा, अवगण्णा मेहणणा, परिमागण्णा, एयास चरस सण्णा अण्णयरा सण्णा सेविया नस्तन्द्रानिसमा कमे अइयारे अणायारे जाणंनेण वा जाने वा गणना वयमा कायगा दुप्पउत्ती कया तस्स मिच्छामि दुई । गामादम् दिगो हिपति की वि वही कओ तस्स मिच्छामि गई। सामाइन मनासारपसराहानुताइयं हीणं वा अहियं वा विवरीयं या कलिये अनिवासी नरम मिच्छामि दुक्कडं । सामाइ । साविगाओं दीकळाठाणे पुरिसका ति बोति । { Page #1291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बीयं परिसिटुं [सामाइयसुत्तं यगहणविही-पढमं भूमिआसणरयहरणिमुहपोत्तियाईणं पडिलेहणा कायव्वा, तओ भूमि जयणाए पमज्जित्ता आसणमत्थरियव्वं । पुणो मुहपोत्तियं मुहे बंधिऊण आसणाओ किंचि दूरं चिठ्ठिन्तु 'तिक्युत्तो' इच्चणेण गुरुवंदणा कायव्वा । जद ण होंतु मुणिणो तो पुव्वाभिमुहेण वा उत्तराभिमुहेण वा सीमंधरसामिस्स विहरमाणतित्थयरस्स भाववंदणा करणिज्जा । तओ णमोकारसुत्ताओ आरब्भ जाव 'तस्स उत्तरीसुत्तं' मणसा चेव उच्चारेज, तओ झाणावत्थाए जिणमुद्दाए वा जोगमुद्दाए वा सुत्तिसंपुडमुद्दाए वा खग्गासणेण वा 'इरियावहियामुत्त' मणसा चेव काउस्सग्गावत्थाए पढियव्यं, तओ ‘णमो अरिहंताणं' मणसा तहा फुडस्वेण उच्चारित्ता काउस्सग्गो पारियव्यो । तओ 'लोगस्स०' तयणंतरं गुरुं वंदित्तु 'करेमि भंते !' पढियव्वं । 'जाव-णियम' इच्चणेण जेत्तियाइं सामाइयाई काउमिच्छेज तेत्तियमुहुत्तकालस्म मसि चिंतणं किच्चा उवविसित्तु आसणे जहाविही ‘णमोऽत्यु णं.' तिक्वुत्तो पढियव्वं । पढमं सिद्धाणं, बीयं अरिहंताणं, तइयं णमोऽत्यु णं मम धम्मगुरुस्स धम्मायरियस्स धम्मोवएसयस्स' त्ति । सामाइए काउस्सग्गो वा सज्झाओ वा वक्खाणसवणं वा अत्तचिंतणं वा कायव्वं । सामाइयपारणविही सामाइयकालसमत्तीए जद्दा हेढा णमोकारसुत्ताओ आरद्ध जाव 'लोगस्स०' उच्चारणं, तओ सामाइयपारणपाटो पढियव्यो, तयणंतरं पुवुत्तविहिणा ‘णमोऽत्यु णं०' तिक्वुत्तो, तओ तिक्ग्युत्तो णमोकारस्स काउस्सग्गो कायव्यो । एवं अहाविही सामाइयं पालिय भवइ ।] मणसो दस दोसा-अविवेक जसोकित्ती, लाभत्थी गर्व भय णियाणथी। संसयरोसअविणेउ, अबहुमीण ए दोसा भणियव्वा ॥१॥ दस वइदोसाकुवयेण सहसाकारे, सछंदै संखे कलेहं च । विगही वि हाँसोऽमुद्धं, जिरवेखो मुणमुंणा दोसा दस ॥ १॥ बारस कायदोसा-कुआसणं चलोसणं चलैदिट्ठी, सार्वजकिरिया-लंबणाकुंचणपसारणं । आलस्स मोडणं मल विमर्मासणं, णिही कंपणं ति बारस कायदोसा ॥ १ ॥ वत्तीसं वंदणादोसा-अाठियं च थेद्धं च, पविद्धं परिपिंडियं । टोलेंगइ अंर्कुसं चेव, तहा कच्छभैरिंगियं ॥ १ ॥ मन्छुव्वत मणमा-, पउँढे तह य वेइयाबद्धं । भयेसा चेव भयंते, मित्ती गाय कोरणं ॥ २ ॥ तणियं पडिणियं चेव, रुटुं तजियमेव य । सढं च हीलियं चेव, तहा विष्पलिडंचियं ॥ ३ ॥ दिद्वैमदिटुं च तहा, सिंगं च कैरमोयणं । आलिदैमणालिद्धं, ॐणं उत्तरेंचुलियं ॥ ४ ॥ भूयं च और चेव, चुडिलियं अपच्छिमं । बत्तीसदोसपरिमुद्धं, किनकम्म पउंजए ॥ ५ ॥ एगूणवीसं काउस्सग्गदोसा-घोडग लया य खेमे, को Page #1292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चउत्थावस्सयपारंभो] तइयं परिसिडें माले य सवरि बहु णियडे । लंवुत्तर थणउद्धी, संजई खलिणे य वायस कविढे ॥ १॥ सीसोकंपियमई, अंगुलिभमुहाइ वारुणी पेहा । एए काउस्सग्गे, हवंति दोसा एगुणवीसं* ॥ २॥ ॥ इय सामाइयसुत्तं समत्तं ॥ णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ णायपुत्तमहावीरस्स तइरं परिसिढे सावयावस्सय(पडिकमण)सुत्तं __ इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे देवसियं पडिक्कमणं ठाएमि, देवसियणाणदंगणचरित्ताचरित्ततवअइयारचिंतवणत्थं करेमि काउसग्गं ॥ १ ॥ अह पढमं सामाइयावस्सयं णमो अरिहंताणं. ॥ १ ॥ करेमि भंते ! ॥ २ ॥ इच्छामि ठामि काउसग्गं, जो में देवसिओ अदयारो कओ, काइओ, वाइओ, माणसिओ, उस्सुत्तो, उम्मग्गो, अकयो, अकरणिजो, दुज्माओ, दुविचिंतिओ, अणायारो, अणिच्छियव्वो, असावगपाउग्गो, णाणे तह दंगणे, चरित्नाचरित्ते, सुए, सामाइए, तिण्हं गुत्तीणं, चउण्हं कमायाण, पंचाहमणुव्वयाणं, तिण्हं गुणव्बयाणं, चउण्हं सिक्खावयाणं, बारसविहम्म मावगधम्मस्ग, जं खंडियं, जं विराहियं तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ३॥ तस्स उतरी० ॥ ४ ॥ इइ पढमं सामाइयावस्सयं समत्तं ॥ १ ॥ १-२-३-- दोगा ण माविगाए, २-३-४ एए दोसा ण साहुणीए होति ति।। बिगाय 'श्रीमान, लाला प्यारेलाल जैन ( अंबरनाथ G. I. P.)' भोगमा दल्बमहागण सत्तागमपगासगसमिईए पगासियं सिरिसामाझ्यसुत्तं दट्ठव्वं । ... 'राग' पनि' चाउम्मासिय' 'संवच्छरियं'। ६ णवणउइअइयाराणं काउ मम्मी किन.. आगम तिविहं जाव कामभोगासंसप्पओगे' । 'अट्ठारहपावट्ठाणग' भागा", यामि यामि . ' 'मी अरिहंताणं.' वृत्तण काउस्सग्गो पारिजइ । सव्वे असार भिषणभागामीगिया लभंति तत्तोऽवसेया। मूलं तु अग्गे दट्ठव्वं । बीयं च उर्यासन्यवावम्सयं तइयं वंदणावस्सयं जहा आवस्सए॥२-३॥ अह चउत्थं पडिक्कमणावस्सयं Page #1293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४६ तइयं परिसिहँ [सावयावस्सयसुत्त णाणाइयारपाढो आगेमे तिविहे पण्णते, तं०-सुत्तागमे, अस्थागमे, तदुभयागमे, (एवं तिविहस्य आगमरूवणाणस्स विसए जे अइयारा लग्गा ते आलोएमि-) वाइद्धं, जाव राज्साए ण सज्झाइयं, (भणंतेण गुणंतण वियारंतेण णाणस्स णाणवंतस्स य आगायणा कया) तस्स मिच्छामि दुक्कडं। दंसणसम्मत्तपादो अरिहंतो मह देवो० ॥ १॥ परमत्थसंथवो वा, सुदिपरमन्थसेवणा वादि । बावण्णकुदंसणवजणा य, सम्मत्तसद्दहणा ॥२॥ इय सम्मत्तस्य पंच अझ्यारा पेयाला जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०-(ते आलोएमि-)संका, कंत्रा, वितिगिच्छा, परपासंडपसंसा, परपासंडसंथवो, (एएमु पंचमु अइयारेसु अण्णयरो अइयारो लग्गो) तस्स मिच्छामि दुकडं। दुवालसवयाइयारसहियपाढो (पढमं अणुव्वयं-) थूलाओं पाणाइबायाओ बेरमणं, (नसनीवे-घदंदियत दियचउरिदियपंचिंदिए णाऊण आउट्टी-हणणबुद्धीए हणणहणावणपञ्चकवाणं मसंबंधिससरीरसविसेसपीडाकारिणो सावराहिणो वा वजिऊण,) जावजीबाए दुविहं तिविहणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयमा कायसा, (एयस्म पलमा अणुब्बयस्म श्रलपाणाइवायवेरमणस्स) पंच अइयारा पेयाला जाणियच्या ण समायरियव्बा, २०-(ने आलोएमि-) बंधे, वहे, छविच्छेग, अइभारे, भत्तपाण(वि)बुच्छए, जो में देवमिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुकाई ॥ १ ॥ (वीयं अणुव्वयं-) लाओ मुगाबायाओ वेरमणं, कण्णा(ली)लिए, गोवालिए, भोमालिए, णासावहारो(थापणमीमी), कूडसक्विज, (दश्वमाइस्म महंतमुसाबायस्य पाक्खाणं,) जावजीवाए दुबिई तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणगा बयसा कायमा, (प्रयत्म बीयस्म अणुव्वयम थूलमुसावायवरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्या ण ममायरियव्वा, नं.-.) सहसब्भक्खाणे, रहस्यभक्खाणे, मंदारमंतभेए, मोसोवएसे, कटलेह करणे, जो में देवसिओ अइयारो कओ तस्म मिन्छामि दुकाई ॥ २ ॥ (तइयं अणुव्वयं ) १ णवणउइअइयारपाढा जे पढमावस्मए काउस्सग्गे चितिजति तेच पथ फुडरूवेण उच्चारिति । २ तल सव्वस्ग देवसियस्स अइयारस्स दुभामियदुधितिय-दुचिट्ठियस्स आलोयंती पडियागामि । णमोकार' 'करेमि भंते ...' तार मंगलं.' 'इच्छामि ठामि०' 'इच्छाकारेण' । इओ पुब्धि पचतरे । ३ एवं गव्वत्थ अवगंतव्वं । ४ साविगाहिं अस्स ठाणे 'सभत्तार'मंतभेए ति वत्तव्वं । एवं सव्यस्थ । mammu Page #1294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सत्तमं उ० वयं ] इयं परिसि थूलाओ अदिण्णादाणाओ वेरमणं, (खत्तखणणं, गंठिभेयणं, तालुग्घाडणं, पडियवत्थुहरणं, ससामियवत्थुहरणं, इच्चेवमाइस्स अदिण्णादाणस्स पच्चक्खाणं अप्पाण य संबंधि-वावार संबंधितुच्छवत्थं विप्पजहिऊण ) जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स तइयस्स अणुव्वयस्स थूलअदिणादाण वेरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं० - (०) तेणाहडे, तक्करप्पओगे, विरुद्धरज्जारक्कमे, कूडतुलकूडमाणे, तप्पडिबगववहारे, जो मे देव - सिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ३ ॥ (चउत्थं अणुव्वयं-) थूलाओ मेहुणाओ वेरमणं, सदारसंतोसिए, अवसेसमेहुणविहिं पच्चक्खामि, जावज्जीवाए (दिव्वं ) दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, ( माणुस्सं तिरिक्खजोणियं ) एगविहं एगविणं ण करेमि कायसा, (एयस्स चउत्थस्स अणुव्वयस्स थूलमेहुणवेरमणस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं ० - (०) इत्तरियपरिग्गहियागमणे, अपरिग्गहियागमणे, अणंगकीडा, परविवाहकरणे, कामभोगतिब्बाभिलासे, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ४ ॥ (पंचमं अणुव्वयं-) थूलाओ परिग्गहाओ वेरमणं, (खेत्तवत्थूणं जहापरिमाणं, हिरण्णसुत्राणं जहापरिमाणं, वणवण्णाणं जहापरिमाणं, दुपयचउप्पयाणं जहापरिमाणं, कुम्पस्स जहापरिमाणं, एवं मए जहापरिमाणं कथं तओ अइरित्तस्स परिग्गहस्स पच्चक्खाणं) जावज्जीवाए एगविहं तिविहेणं ण करेमि मणसा वयसा कायसा, ( एयरस पंचमस्स अणुव्वयस्स थूलपरिग्गहवेरमणस्स) पंच अइयारा जाणिव्वा ण समायरियव्वा, तं०- (०) खेत्तवत्थुप्पमाणाइकमे, हिरण्णसुवण्णप्पमाणाइकमे, धणक्षण पमाणाइक, दुपच उप्पयप्पमाणाइकमे, कुवियप्पमाणाइक्कमे, जो मे देवसिओ अझ्यारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ५ ॥ (छटुं दिसिवयं-उढदिसाए जहापरिमाणं, अहोदिसाए जहा परिमाणं, तिरियदिसाए जहापरिमाणं, एवं जहापरिमाणं कथं तत्तो अरितं सेच्छाए कायाए गंतृणं पंचासवासेवण पच्चक्खाणं) जावज्जीवाए विहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स छट्टस्स दिसिवयस्स अहवा पदमस्स गुणव्वयस्स) पंच अइयारा जाणिव्वा ण समायरियव्वा, तं ० (०) उदिसिप्पमाणाइकमे, अहोदिसिप्पमाणाइकमे, तिरियदिसिप्पमाणाइकमे, वित्तबुडी, सहअंतरद्धा, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ६ ॥ (सत्तमं उपभोगपरिभोगपरिमाणव्वयं-) उवभोग परिभोगविहिं पच्चक्खायमाणे (ण) १ उल्लणियाविहि, २ दंतवणविहि, ३ फलविहि, ४ अभंगणविहि, १ एगविपि पचंतरे | ४७ Page #1295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तइयं परिसिह [सावयावस्सयसुतं ५ उव्वदृणविहि, ६ मजणविहि, ७ वत्थविहि, ८ विलेवणविहि, ९ पुष्फविहि, १० आभरणविहि, ११ धूवविहि, १२ पेजविहि, १३ भक्वविहि, १४ ओदणविहि, १५ सूवविहि, १६ विगयविहि, १७ सागविहि, १८ महुरविहि, १९, जेमणविहि, २० पाणियविहि, २१ मुखवासविहि, २२ वाहणविहि, २३ उवाणहविहि, २४ सयणविहि, २५ सचित्तविहि, २६ दव्वविहि, ( इच्चाईणं जहापरिमाणं कयं तत्तो अइरित्तस्स उवभोगपरिभोगस्स पञ्चक्खाणं,) जावजीवाए एगविहं तिविहेणं ण करेमि मणसा वयसा कायसा, (एस णं सत्तमे) उवभोगपरिभोगे (अहवा बीए गुणव्वए) दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-भोय(णा)णओ य, कम्मओ य, भोगणओ समणोवासएणं पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्या, तं०-(.) सचिनाहारे, सचित्तपडिबद्धाहारे, अप्पउलिओसहिभक्खणया, दुप्पउलिओसहिभक्षणया, तुच्छोसहिभक्खणया, कम्मओ णं समणोवासएणं पण्णरसकम्मादाणाई जाणियबाई ण समायरियव्वाई, तं०-(०) १ इंगालकम्मे, २ वणकम्मे, ३ साहीकम्मे, ४ माडीकम्मे, ५ फोडीकम्मे, ६ दंतवाणिजे, ७ लक्खवाणिजे, ८ केसवाणिज, २. रगवाणिजे, १० विसवाणिज्जे, ११ जंतपीलणकम्मे, १२ णिलंछणकम्मे, १३ दवग्गिदावणया, १४ सरदहतलायसोसणया, १५ असईजणपोसणया, जो मे दवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ७ ॥ (अट्टम अणट्ठादंडयेरमणवयं-) चउविहे अणट्ठादंडे पण्णत्ते, तं०-अवज्झाणायरिए, पमायायरिए, हिंसप्पयाणे, पावकम्मोवएसे, (एवं अट्ठमस्स अणट्ठादंडासेवणस्स पञ्चक्खाणं,) जायज्जीवाए दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एयस्स अट्ठमस्म अणट्ठादंडवेरमणवयस्स अहवा तइयस्स गुणव्वयस्स) पंच अइयारा जाणियव्व ण समायरियव्वा, तं०-(०) कंदप्पे, कुक्कुइए, मोहरिए, संजुत्ताहिगरणे, उवभोगपरिभोगाइरित्ते, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुकाई ॥ ८॥ (णवमं सामाइयवयं-) सावजं जोगं पच्चक्खामि, जाव-णियमं पजुवागामि, दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, (एनभूया मे सद्दहणा परूवणा सामाइयावसरे समागए सामाइयकरणे फासणाए, मुद्धं, पयस्य णवमस्स सामाइयवयस्स अहवा पढमस्स सिक्खावयस्स) पंच अदयारा जाणियठत्रा ण समायरियव्वा, तं०-(०) मणदुप्पणिहाणे, व(इ)यदुप्पणिहाणे, कायदुप्पणिहाणे, १ सावियाहिं समणोवासियाए णं ति वत्तव्वं । २ (जंसि अट्ठ आगारा-) आए चा, राए वा, णाए वा, परिवारे वा, देवे वा, णागे वा, जक्से वा, भूए वा, एत्तिएहिं आगारेहिं अण्णत्थ । इञ्चहियं पञ्चंतरे। Page #1296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अ० मा० संलेहणापाठो ] इयं परिसि सामाइयस्स सइ अकरणया, सामाइयस्स अणवद्वियस्स करणया, जो मे देवसिओ अश्यारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ ९ ॥ ( दसमं देसावगासियवयंदिणमज्झे गोसा आरब्भ पुव्वाईस छसु दिसासु जावइयं परिमाणं कयं तत्तो अइरित्तं सेच्छा सकाएणं गंतूणं पंचासवासेवणस्स पञ्चक्खाणं, ) जाव अहोरत्तं दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि मणसा वयसा कायसा, ( अह य छसु दिसासु जावइयं परिमाणं कयं तम्मज्झेवि जावइया दव्वाईणं मज्जाया तओ अइरित्तस्स aritaatree पक्खाणं, ) जाव अहोरतं एगविहं तिविहेणं ण करेमि मणसा वयसा कायसा, ( एयस्स दसमस्स देसावगा सियवयस्स अहवा बिइयस्स सिक्खा - वयस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं०- (०) आणवणप्पओगे, पेसवणप्पभोगे, सद्दाणुवाए, स्वाणुवाए, बहिया पुग्गलपक्खेवे, जो मे देवसिओ # अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ १० ॥ ( एक्कारसमं पडिपुरणपो सहवयं असणपाणखाइमसाइमपश्चक्खाणं, अबंभपश्चक्खाणं, अमुगमणि सुवण्णपचक्खाणं, मालावण्णगविलेवणपश्चक्खाणं, सत्यमुसलाइ यसावज्जजोगसेवणपच्चक्खाणं, ) जाव अहोरतं पज्जुवासामि, दुविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि माणसा वयसा कायसा, ( एवं मे सद्दहणा परूवणा पोसहावसरे समागए पोसहकरणे फासणाए सुद्धं, एयस्स एकारसमस्स पडिपुण्णपोसहवयस्स अहवा त यस्स सिक्खाक्यस्स ) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समाय रियव्वा, तं० - (०) अप्पडिलेहियदुपडिले हियसेज्जासंथारए, अप्पमजियदुप्पमज्जियसेज्जासंथारए, अप्पडिलेहियदुष्पडिले हियउच्चार पासवणभूमी, अप्पमजियदुष्पमज्जियउश्वार पासवणभूमी, पोसहस्स सम्म अणणुपालणया, जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥११॥ (बारसमं अतिहिसंविभागवयं -) समणे णिग्गंथे फासूयएसणिज्जेणं असणपाणखाइमसाइमवत्थ पडिग्गहकंबल पायपुंणेणं पारिहारिय पीढफलगसेज्जासंथारएणं ओसहभेसणं परिलाभेमाणे विहरामि, ( एवं मे सहहणा परूवणा साहुसाहुणीणं जोगे पत्ते फासणाए सुद्धं, एयस्स बारसमस्त अतिहिसंविभागवयस्स अहवा चउत्थस्स सिक्खा यस्स) पंच अइयारा जाणियव्वा ण समायरियव्वा, तं० - (०) सचित्तणिक्वणया, सचित्तपिहणया, कालाइकमे, परववएसे, मच्छरिया (ए) य, जो मे देवसिमो भइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ १२ ॥ अपच्छिममारणं तियसंलेहणापाढो ४९ _ r id ! अपच्छिममारणंतियसंलेहणाझूसणाआराहणा (समए पोसहसालं पडि केहिता पमज्जिता उच्चारपासवणभूमिं पडिलेहिता गमणागमणं पडिक्कमित्ता दब्भाइ४ परि० Page #1297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५० तइयं परिसिई [सावयावस्सयसुत्त संथारयं संथरिता दुरुहिता उत्तरपुरत्याभिमुहे संपलियंकाइआसणे(ण) णिसीइत्ता) करयलसंपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कष्ट एवं व.-"णमोऽत्यु णं अरिहंताणं जाव संपत्ताणं (एवं अणंतसिद्धे णमंसित्ता) "णमोऽत्थु णं अरिहंताणं भगवंताणं आव संपाविउकामाणं" (पडुप्पण्णकाले महाविदेहे खेत्ते विहरमाणतित्थयरे णमंसित्ता सधम्मायरियं सधम्मोवएसयं णमंसामि, साहुपमुहचउब्विहस्स तित्थस्स सव्वजीवरासिस्स य खमावइत्ता पुदिव जे वया पडिवजिया तेसु जे अइयारदोसा लगा ते सव्वे आलोइय पडिकमिय णिदिय णिस्सल्लो होऊण) सव्वं पाणाइवायं पश्चक्खामि, सव्वं मुसावायं पञ्चक्खामि, सव्वं अदिण्णादाणं पञ्चक्खामि, सर्व मेहुणं पञ्चक्खामि, सव्वं परिग्गहं पञ्चक्खामि, सव्वं कोहं माणं जाव मिच्छादसणसलं, सव्वं अकरणिज्जं जोगं पञ्चक्खामि, जावज्जीवाए तिविहं तिविहेणं ण करेमि ण कारवेमि करतंपि अण्णं ण समणुजाणामि मणसा वयसा कायसा, (एवं अट्ठारसपावट्ठाणाई पश्चक्खिता) सव्वं असणं पाणं खाइमं साइमं चउव्विहंपि आहारं पञ्चक्खामि जावज्जीवाए, (एवं चउविहं आहारं पञ्चक्खित्ता) जंपि य इमं सरीरं इ8, केत, पियं, मणुण्णं, मणाम, धिजं, वे(वि)सासियं, संमयं, अणुमयं, बहुमयं, भंडकरंडगसमाणं, रयणकरंगभूयं, मा णं सीयं, मा णं उण्हं, मा णं खुहा, मा णं पिवासा, मा णं वाला, मा णं चोरा, मा णं दंसमसगा, मा णं ताइ(य)य-पित्तिय-संभि(कल्फि)य-सण्णिवाइय-विविहा रोगायंका परिस(हा उ)होवसग्गा (फासा) फुसंतु(तिकट) एवं पि य णं च(रि)रमेहि उस्सास(णी)णिस्सासेहिं वोसिरामित्तिकह (एवं सरीरं वोसिरिता) कालं अणवखमाणे विहरामि, (एवं मे सद्दहणा परूवणा अणसणावसरे पत्ते अणसणे कए फासणाए सुद्धं, एवं) अपच्छिममारणंतियसंलेहणाझूसणाआराहणाए पंच भइयारा आणियश्या ण समायरियव्वा, तं०-(०) इहलोगासंसप्पओगे, परलोगासंसप्पओगे, जीवियासंसप्पओगे, मरणासंसप्पओगे, कामभोगासंसप्पओगे, (मा मज्झ हुआ मरणंतेवि सहापरूवणम्मि अण्णहाभावो,) तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥ अट्ठारहपावहाणाई (गाहाओ-पाणाइवायमलियं, चोरिक मेहुणं दविणमुच्छं। कोहं माणं मार्य, लोहं पिजं तहा दोसं ॥ १॥ कलहं अब्भक्खाणं, पेसुण्णं रइअरइसमाउत्तं । परपरिवार्य माया-, मोसं मिच्छत्तसल्लं च ॥२॥ अरिहंतसिद्धकेवलि-, साहूणं सक्खियं सयं जाई। संसेवियाई सेवा-, वियाई अणुमोइयाई तहा ॥ ३ ॥) तस्स मिच्छामि दुकडे * ॥ १ अण्णे आयरिसे अस्स ठाणे समुच्चयपाढो भासाए लब्भइ तत्तोऽवसेओ। २ 'इच्छामि ठामि०' इओ पच्छा विहीए । *अण्णे पणवीसमिच्छत्तपाढं चउद्दसठाग. Page #1298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंचमावस्सयसमत्ती] तइयं परिसिढे तस्स धम्मस्स केवलिपण्णत्तस्स अब्भुटिओमि आराहणाए, विरओमि विराहणाए, तिविहेणं पडिक्कतो वंदामि जिणचउँन्चीसं । गाहाओ-आयरियउवज्झाए० जहा आवस्सगचउत्थावस्सयकोढगगयाओ । खामेमि सव्वे जीवा० जहाऽऽवस्सएँ । इइ चउत्थं पडिकमणावस्सयं समत्तं ॥४॥ अह पंचमं काउस्सग्गावस्सयं देवसियपायच्छित्तविसोहणत्थं करेमि काउसगं । णमो अरिहंताणं.' 'करेमि०' 'इच्छामि ठामि०' 'तस्स उत्तरी'।इइ पंचमं काउस्सग्गावस्सयं समत्तं ॥५॥ सम्मुच्छिममणुस्सपाढं च उच्चारंति ते य एवं-अभिग्गहियमिच्छत्तं, अणभिग्गहियमिच्छत्तं, अभिणिवेसियमिच्छत्तं, संसइयमिच्छत्तं, अणाभोगमिच्छत्तं, लोइयमिच्छत्तं, लोउत्तरियमिच्छत्तं, कुप्पावयणियमिच्छत्तं, अधम्मे धम्मसण्णा, धम्मे अधम्मसण्णा, उम्मग्गे मग्गसण्णा, मग्गे उम्मग्गसण्णा, अजीवेसु जीवसण्णा, जीवेसु अजीवसण्णा, असाहुसु साहुसण्णा, साहुसु असाहुसण्या, अमुत्तेसु मुत्तसण्या, मुत्तेसु अमुत्तसण्णा, ऊणाइरित्तपरूवणामिच्छत्तं, तव्वइरित्तपरूवणामिच्छत्तं, अकिरियामिच्छत्तं, अविणयमिच्छत्त, अण्णाणमिच्छत्तं, आसाथणामिच्छत्तं (एवं एयाइं पणवीसविहाई मिच्छत्ताई मए सेवियाई सेवावियाई ता अरिहंतसिद्धकेलिसक्खियं) तस्स मिच्छामि दुक्कडं । (चउद्दहठाणसम्मुच्छिमजीवे आलोएमि) १ उच्चारेसु वा, २ पासवणेसु वा, ३ खेलेसु वा, ४ सिंघाणेसु वा, ५ तेसु वा, ६ पित्तेनु वा, ७ पूएसु वा, ८ सोणिएसु वा, ९ सुक्केसु वा, १० सुकपुग्गलपरिसाडेसु वा, ११ विगयजीवकलेवरेसु वा, १२ इत्थीपुरिससंजोगेसु वा, १३ णगरणिद्धमणेसु वा, १४ सव्वेसु चेव असुइट्ठाणेसु वा, (एवं चउद्दसविहसम्मुच्छिममणुस्साणं विराहणा कया (होज ता)) तस्स मिच्छामि दुक्कडं । अवि य समणसुत्तपि बोल्लंते, से किं तं समणसुत्तं ? २ जहा आवस्सए चउत्थं पडिकमणावस्सयं जाव मत्यएण वंदामि । 'करेमि भंते !.''इच्छामि ठामि०'सु जो भेओ सो इमस्स चेव पठमावस्सयाओ णायव्वो। १ इओ पच्छा (दुक्खुत्तो इच्छामि खमासमणो एको णवकारो विहीए) भिण्णभिण्णभासापाढा लब्भंति तत्तोऽवसेया। २ रागेण व दोसेण व, अहवा अकयण्णुणा पडिणिवेसेणं । जो मे किंचि वि भणिओ, तमहं तिविहेण खामेमि ॥ पञ्चरे एसा गाहाऽहिगा लब्भइ । ३ सावगसाविगाखामणाचउरासीलक्खजीवजोणिखामणाकुलको डीखामणापाढा भिग्णभिण्णभासाए तत्तोऽवसेया। इओ पच्छा 'अट्ठारहपावट्ठाणाई विहीए । ४ काउस्सग्गे चउलोगस्सझाणं, केइ धम्मज्माणस्स काउस्सग्गं करेंति, तस्स भेया गिवडत्यठाणाओऽवसेया। णमो अरिहंताणं' वुतण काउस्सग्गो पारिजइ, तओ 'लोगस्स०' फुहं उच्चारिजइ त्ति विही । Page #1299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तइयं परिसिट्टे [सूपणा ममापणा अह छ8 ५ क्खाणावस्सयं ___ सञ्चयपश्चरमाणपाढो गंठिसहियं, मुद्विसहियं, णमुकारसहियं, पोरिसियं, सडपोरिसियं, (णियणियइच्छाणुसारं) तिविहंपि चउठिवहंपि आहार असणं पार्ण खाइमं साइमं अण्णत्यणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरामि । इइ छ8 पचक्खाणावस्सयं समत्तं ॥६॥ सावयावस्सय(पडिकमण)सुत्तं समत्तं तइयं परिसिटुं समतं सेसपरिसिट्टविसरसहकोसो ताव विरहज्जा, (जाव १११८ गाहा विराया) मायारसेसपाढंतराइं (उपासगदसासेसपातराई पिहप्पगासिए सुचागमदसमपुप्फे दट्ठम्याई) गाहाणुकमणिया विसिट्ठणामसूई य गंथविस्थरभया ण दिण्णा। १विसेसाय आवस्सए छठें पञ्चक्खाणावस्सयं दट्टव्वं । २ सयं पञ्चक्खन तया वोसिरामि ति वयइ अण्णेसिं पञ्चक्खावेइ तया वोसिरे ति विसेसो । तओ पच्छा छण्हमावस्सयाणमइयारसंबंधिमिच्छामिदुक्कडं दिजइ । तओ दुणि 'णमोऽत्थु णं'। ३ दिण्णा ताव संवित्तविही, वित्थरओ पडिकमणविही तदंतग्गयखमासमणाविही पोसहविही देसावगासिय(संवर)विही भासाओऽवसेया। ILAININ D PILLLLL TZumuila Page #1300 -------------------------------------------------------------------------- _