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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . / / कोबातीर्थमंडन श्री महावीरस्वामिने नमः / / / / अनंतलब्धिनिधान श्री गौतमस्वामिने नमः / / / / गणधर भगवंत श्री सुधर्मास्वामिने नमः / / / / योगनिष्ठ आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरेभ्यो नमः / / / / चारित्रचूडामणि आचार्य श्रीमद् कैलाससागरसूरीश्वरेभ्यो नमः / / आचार्य श्री कैलाससागरसूरिज्ञानमंदिर पुनितप्रेरणा व आशीर्वाद राष्ट्रसंत श्रुतोद्धारक आचार्यदेव श्रीमत् पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. जैन मुद्रित ग्रंथ स्केनिंग प्रकल्प ग्रंथांक :1 जी जैन आराधना महावीर कोबा. 2 अमृतं तु विद्या तु श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र शहर शाखा आचार्यश्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर कोबा, गांधीनगर-श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र आचार्यश्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर कोबा, गांधीनगर-३८२००७ (गुजरात) (079) 23276252, 23276204 फेक्स : 23276249 Websit: www.kobatirth.org Email : Kendra@kobatirth.org आचार्यश्री कैलाससागरसरि ज्ञानमंदिर शहर शाखा आचार्यश्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर त्रण बंगला, टोलकनगर परिवार डाइनिंग हॉल की गली में पालडी, अहमदाबाद - 380007 (079)26582355 For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥नमका चमका टिप्पणसहित॥ // अथ शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायीप्रारंभः॥ अस्य पुनर्मुद्रणादयः सर्वेऽप्यधिकाराः प्रकाशकाधीना विद्यते / मूल्यम् / ) For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir M SSUE leeveeeeeee AHARIES भूमिका। प्रणालीसे यह रुद्राष्टाध्यायी सर्वजनहितार्थ पं० सीतारामात्मज "पन्नाला लजी शर्मा " साङ्गवेदाध्यापक इन्होंसे है सर्वसज्जन महानुभावोंसे निवेदन है / तैयार कर छपवाया गया है. अत एव 5 कि-रुद्राष्टाध्यायी कई जगह छपी हैं, आशा करता हूं कि, मारवाडी तथा / परंतु उनके पढनेसे बहुत कुछ कष्ट द्राविडी अन्यान्य विद्वज्जन इसको उठाना पड़ता था; जिस कष्टको दूर सादर स्वीकार करेंगे और मेरे तथा करनेके लिये कई येक द्राविडी भाई उक्त पंडितजीके परिश्रमोंको सफल धयोंके विज्ञप्तिपत्र हमारे पास आये. कर पवित्र बनायंगे / इति शम् उन कष्टोंको निवारण करना, मेरा कर्तव्य समझकर और प्रारंभसे बंद भवतां कृपाकांक्षी, बहुरा हंसराज. गणनाक मंत्रोंको तथा नमका चमका सहित मध्यमें छूटे हुए मंत्रोंको लि व्यवस्थापक, समस्त बुकडेपो-जोधपूर.5 ६खता हुआ मारवाडी भाईयोंके पाठ्यSuuruuruuuuuuuuuuuuuuuuupeeerrreececueeccured DDROBE PERATEST 600000@e For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassa garsuri Gyanmandir // श्रीगणेशायनमः // ॐअस्यश्रीरुद्राध्यायमहामंत्रस्य / अघो / रऋषिः / अमृतानुष्टुप्छंदः // संकर्षणमूर्तिस्वरूपोयोसावादित्त्या सएवरुद्रोदेवता // ॐनमस्तेरुद्र इतिबीजम् / ॐनमःशिवाय है। इतिशक्तिः / शिवतरायइतिकीलकम् / श्रीरुद्राध्यायमहामंत्रजपे / विनियोगः ॥अथऋष्यादिन्यासः // ॐअघोरऋषयेनमःशिरसि॥ ॐअमृतानुष्टुप्छन्दसेनमःमुखे // ॐसंकर्षणमूर्तिस्वरूपोयोसावा है। दित्यः सएपरुद्रोदेवतायैनमः हृदये // ॐनमस्तेरुद्रइतिबी है। For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० जायनमः गुह्ये // ॐनमः शिवायइतिशक्तयेनमः पादयोः // अ. ॐशिवतरायइतिकीलकायनमः इत्यस्त्रम् // ॐश्रीरुद्राध्याय जपेविनियोगायनमः सर्वांगे // अथकरन्यासः // ॐअग्निहो / त्रात्मने अंगुष्ठाभ्यांनमः // ॐदर्शपूर्णमासात्मनेतर्जनीभ्यांनमः // ॐचातुर्मासात्मनेमध्यमाभ्यांनमः // ॐज्योतिष्ठात्मनेअना है। मिकाभ्यांनमः // ॐनिरूढेपशुबंधात्मनेकनिष्ठिकाभ्यांनमः // सर्वकर्त्तात्मनेकरतलकरपृष्ठाभ्यांनमः // अथहृदयादिन्यासः // ДЕСЕx+EX* XAEX For Private And Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobetirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SCRECRUCHEREKCX ॐ अग्निहोत्रात्मने हृदयायनमः // ॐदर्शपूर्णमासात्मने शिर / सेस्वाहा // ॐचातुर्मासात्मने शिखायैवषट् // ॐज्योतिष्ठा त्मनेकवचायतुं // अनिरूढेपशुबंधात्मनेनेत्रत्रयायवौषट् // ॐसर्व / कर्तात्मने अस्त्रायफट्॥ अथध्यानम् // आपातालनभस्थलंत्रि / भुवनंब्रह्मांडमौलिस्फुरत् ज्योतिष्फाटिकलिंगमौलिविलसत् पूर्णे दुराकामृतैः // अस्त्रोकाप्लुतमेषमेवमनिशंरुद्रानुवाकान् पठन ध्या / / यदीप्सितसिद्धये धृतपदं विप्रोऽभिषिञ्चेच्छिवम् // 1 // ब्रह्मांड है। For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु. व्याप्तदेहायमभसितरुचाभासमानाभुजंगैः कंठेकालाकप कि अ. रिटिचरुचिराछन्दकोदण्डहस्ता // अक्षारुद्राक्षमालाप्रकटितविक भवाशंभवामूर्तिभेदा रुद्राक्षेरुद्रसूक्तंप्रकटितविभवान् नः प्रय च्छन्तुसौख्यम् ॥२॥ॐालेयामलबिंदुकुंदधवलंगोक्षीरफेनप्रभ / भस्माभ्यंगमनंगदेहदमनं ज्वालावलीलोचनम्॥ ब्रौंद्रादिमरुद्गणैः / स्तुतिपरैरभ्यर्चितंयोगिभि वैदेहंसकलंकलंकरहितंस्थाणोर्मुखंप / 2 RECAREERESCAUG REA मूलरुद्रार्चनामञ्जर्यादौवर्त्तते // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobetirth.org A4%95% E AREKASK श्चिमम् [ पश्चिममुखध्यानम् ] // 1 // गौरंकुंकुमपिंजरंसुतिलकं / व्यापांडुगल्लस्थलं भ्रविक्षेपकटाक्षवीक्षणलसत्संसिक्तवर्णोपलम् // स्निग्धंबिवफलीधरंपहसितंनीलालकालंकृतं वंदेपूर्णशशांकमंडल | निभंवत्रंहरस्योत्तरम् [उत्तरमुखध्यानम्]॥२॥ॐकालाभ्रभ्रमरांज : हनाचलनिभंव्यावृत्तिपिंगेक्षण- मलैंदुद्वयनिःसृतांशुदशनंप्रोदिन्नदं / 5ष्टांकुरम् // सर्पप्रोतकपालशुक्तिसकलंव्याकीर्णसत्छेखरं वंदेदक्षि / णमीश्वरस्यजटिलंधूभंगरौद्रंमुखम् (दक्षिणमुखध्यानम् ॥३॥ॐसं / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० वग्नितडित्प्रतप्तकनकंसंसिद्धतेजोरुणं गंभीरस्मितनिःसृतोग्रदशा अ. 3 नंप्रोद्भासिताम्राधरम् // बालेंदुधृतिलोलपिंगलजटाभारप्रबद्धोरगं / / वंदेसिद्धसुरासुरैश्चनमितंपूर्वमुखंशूलिनः (पूर्वमुखध्यानम् // 4 // व्यक्ताव्यक्तगुणोत्तरंसुवदनंपड़िशतत्वाधिकम् तस्मादूईजवक्रम है। क्षयमितिध्येयंसदायोगिभिः // वन्देतामसवर्जितेनमनसासूक्ष्मा / चसूक्ष्मपरं शांतंपञ्चममीश्वरस्यवदनंखंव्यापितेजोमयम् // इत्यू | 3 विक्रध्यानम्॥५॥ विनाभस्मत्रिपुंडेणविनारुद्राक्षमालया॥ पूजितो? SSCREELECORECASCUL For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पि महादेवोनस्यात् तस्यफलप्रदः // 1 // तस्मात्मृदापिकर्तव्यंल है। लाटेवैत्रिपुंड्रकम् // ॐनमः इतिरुद्राक्षान्प्रत्येकंअभिमंत्र्य।मा | लाधारयेदित्युक्तं तत्रैवापूजाधिकारार्थपंचाक्षरजपउक्तस्तत्रैवभवि है। हष्ये // 2 // महापातकयुक्तोवामंत्रस्यास्यजपेयथा॥अधिकारीमा है। वेत्सर्वइतिदेवोब्रवीच्छिवः // 3 // षड्पष्टीनीलसूक्तंच पुनःषोडश इमेवच / एषतेंद्रे नमःस्तेढे नतंविद्वयमेवच // 1 // मीढुष्टमेतिचा निर्णयसिं.३ पू. पा. पू. For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 20 / त्वारि वयंचवसुसंख्यया // शतरुद्रीसमाख्याता यजुर्वेदेनभा अ. पिता // 2 // वेदवेदाब्धिरामाश्च रामरामाऽध्यकैकका // द्वौ / 12 द्वौ 2 मन्त्रौपृथक्लोक्तौनमकेचमकेतथा, इत्येवपाठः समी चीनम् // 3 // इतिध्यात्वा // मानसोपचारैःसंपूज्यः // हरिःॐ॥ माच्छन्दः प्रमाच्छन्दः पतिमाच्छन्दोऽअस्त्रीव युश्छन्दः / पंक्तिश्छन्दऽउष्णिक्छन्दोवृहुतीछन्दौनुष्टुप्च्छन्दोविराट्छन्दोंगा AAAAAA%E5 षट्पष्टिनीलसूक्तञ्च 66 पुनः षोडश!जपेत् // एषतेढे 2 नमस्तेढे 2 न तं. विद्वय 2 मेवच // 1 // मीढुष्टमचतुष्कञ्च 4 वयसो तिचाष्ट 8 वै // पुण्यवर्द्धनपापघ्नमेतद्विशतरुद्रियम्, इतिसमीचीनम् // 2 // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यत्रीछन्दस्त्रिष्टुप्छन्दोजगंतुीछन्दः // 1 // पृथिवीछन्दोन्त / हरिनुञ्छन्दोद्यौ छन्दः समाश्छन्दोनक्षत्राणुिच्छन्दोव्वाक्छन्दोमन / है छन्दः कृषिश्छन्दोहिरण्युञ्छन्दोगौश्छन्दोजाछन्दोश्चश्छन्दः / // 2 // प्राणायुस्वाहापानायुस्वाहात्यानायुस्वाहा // अम्बेऽअम्बि * केम्बालिकेनमानयतिकश्चन ॥ससंस्त्यश्चक:सुभद्रिकाङ्काम्पीलवा है। सिनीम् // 3 // गुणानान्त्वागुणपतिठ हवामहेप्पियाणान्त्वाप्पि | PEXEC+axxxxxxxxxxxx * गणानांमध्ये। 'पाह्वयामः / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Ex+x+x+ रु० यतिठ हवामहेनिधीनान्त्वानिधिपति-हवामहेश्वसोमम // आ ? हमजानिग धमात्वमजासिगर्भुधम् // 4 // गायत्रीत्रिष्टुप् // गायुत्रीत्रिष्टुप्जगत्यनुष्टुप्पंक्त्यासह // बृहृत्युष्णिहाँकुकुप्सूचीभिः शम्म्यन्तुत्वा॥५॥ द्विपदायाश्चतुष्पदास्त्रिपदायाश्चुषट्पदा०॥ वि च्छिन्दायाश्चुसच्छन्दात्सूचीभिःशम्म्यन्तुत्वा॥६॥सहस्तोमार // |सुहस्तोमात्सुहछन्दसऽआवृतःसुहप्पमाऽऋषयत्सुप्तदेव्याः // हूँ पूर्वेषाम्पन्थामनुदृश्यधीराऽअन्वालेभिरेरत्थ्यो नरुश्श्मीन् // 7 // x+ +S For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir PRECARRORGARCANCIES यजाग्रतः // यजाग्ग्रंतोदूरमुदैतिदैवन्तदुसुप्तस्यतथैवैति // दुरङ्गमञ्योतिषाज्योतिरेकुन्तन्मेमनःशिवसंकल्पमस्तु॥८॥ येन है। कर्मी // येनुकर्माण्युपसौमनीषिणोयज्ञेकण्वन्तिविदथेषुधीरा // यदपूर्वव्यक्षमुन्तप्पुजानान्तन्मेमन:शिवसंकल्प्पमस्तु // 9 // यत्प्रज्ञा॥ यत्प्रज्ञानमुतचेतोधृतिश्चयज्योतिरन्तरमृतम्प्पुजासु॥ यस्मान्नऽऋतेकिञ्चनकर्मक्रियतेतन्मुमनःशिवसङ्कल्प्पमस्तु // १०॥येनेदमायेनुदम्भूतम्भुव॑नम्भविष्ष्यत्परिंगृहीतममृतेनुसर्चम॥ RECENESCAEXSCRecxx For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 62-63-62 ACRECRUCIRCak 20 ये युज्ञस्तायतेसुप्प्तहोतातन्मे मनःशिवसङ्कल्प्पमस्तु ११।यस्मि अ. हनचुः॥ यस्मिन्चत्सामुयजूंषियस्म्मिन्प्रतिष्ठितारथनाभाविवा 2 रातोयस्मिंश्चित्त: सर्चमोतंम्पजानान्तन्मेमनःशिवसङ्कल्प्पमस्तु / // 12 // सुपारथिरश्वा // सुपारथिरश्वानिवयन्मनुष्ष्यान्नेनीयतभी / शुभिर्वा जिनऽइव // हृत्प्रतिष्ठेच्यदंजिरअविष्टन्तन्मेमनःशिव है। सङ्कल्प्पमस्तु // 13 // इति श्रीरुद्रजाप्येप्रथमोऽध्यायः // 1 // सिंहस्रशीर्षा // संहस्रशीर्षापुरुषत्सहस्राक्षःसहस्रपात् // सभूमि / / * सहस्रमसंख्यानिसर्वप्राणिशिरांसियस्यसः / “सहस्रशीर्षा, इत्यारभ्य, 16 यज्ञेनयन० सन्तिदेवाः, पर्यन्तम्पुरुषसूक्तक्षेपम् / %A4%A5%E5%95956) For Private And Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सर्वतस्पुत्वात्यतिष्ठदशांगुलम् // 1 // पुरुषः // पुरुषऽएवेद:सर्बुय्यद्भुतंय्यच्चायुम् // उतामृतत्त्वस्येशानीयदन्नैनातिरोहति / // 2 // एतावानस्य // एतावानस्यमहिमातोज्यायाँश्चपरंपः // पादौस्यविश्वाभूतानिंत्रिपादस्यामृतन्दिवि // 3 // त्रिपादुई / त्रिपादुईऽउदैत्पुरुषल्पादौस्येहाभवत्पुनः // ततोविष्ष्वब्यक्रामत्सा / शनानशुनेऽअभि // 4 // ततौविराट् // ततौबिराङजायतविरा / / जोऽअधिपूरुषः // सजातोऽअत्यंरिच्यतपुच्चाद्भूमिमोपुर: C++x+x+ xx-xxxЗЕФах For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु०॥५॥ तस्म्माधुज्ञात् // तस्म्माद्यज्ञासवहुतुल्सम्भृतम्पृषदाज्यम्॥ 7, पशुंस्ताँचकेवायुयानारण्याग्याम्म्याश्चुये // 6 // तस्माद्यज्ञात् // तस्माद्यज्ञात्सर्वहुतुऽऋचुल्सामानिजज्ञिरे // छन्दार्थसिजजिरेत है। स्माद्यजुस्तस्म्मादजायत // 7 // तस्म्मादश्वा // तस्म्मादश्वाऽ|| अजायन्तुयेकेचोभुयादतः // गावोहजज्ञिरेतस्म्मात्तस्म्माज्जाता है| अजावयः // 8 // तंव्युज्ञम् // तंव्यज्ञम्बुर्हिषिप्पीशुन्पुरुषजात है। मंग्ग्रतः / ते देवाअयजन्तसाध्याऽऋषयश्चये // 9 // यत्पुरुषम् // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir है यत्पुरुषव्यदधुत्कतिधात्यकल्पयन् // मुखकिमस्यासीत्किम्बाह है। किमरूपादाऽउच्यते // 10 // ब्राह्मणोस्य // ब्राह्मणोस्यमुखमा / सीडाहूराजन्य कृतः // उसृतदस्युयद्वैश्श्य-पद्भयाशूद्रोऽअजा है। यत // 11 // चन्द्रमाम सह // चन्द्रमामनसोजातश्चोत्सृथ्र्योऽ / अजायत // श्रोत्राद्वायुश्चप्पाणश्चमुखादग्निरंजायत // 12 // 3 // नाब्भ्योऽआ॥ नाभ्याऽआसीदन्तरिक्षठ शीष्र्णोद्यौसमवर्तत // पुद्भ्यांभूमिर्दिशुल्श्रोचात्तालोका २ऽअकल्पयन् // 13 // GHRELECRUARCHERRC 6 1 प्रजापतेर्नाभे / 2 कर्णात्ः। 3 अन्तरिक्षादीन् / 4 देवा उत्पादितवन्तः देवमनुष्यादिति खिलस्थावरजङ्गमादित्रैलोक्यम् // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir HASHIKAR रु० यत्पुरुषेण // यत्पुरुषेणहविषादेवायुज्ञमतन्वत // वसन्तोस्यासी अ. - दाज्यगृष्ष्मिडुध्मःशुरद्धविः // 14 // सुप्तास्या // सुप्ता 2 स्यासन्परिधयुस्त्रि:सुप्तसमिधःकुताः॥देवाययजन्तन्वानाऽअब / वन्पुरुषम्पशुम् // 15 // युज्ञेन // मुझे यज्ञमयजन्तदेवास्ता है। निधर्माणिप्पथमान्यांसन् // तेहनाकम्महिमानः सचन्तयत्रपूर्वे / साद्धया:सन्तिदेवाः // 16 // अद्भयः // अद्भयःसम्भृतत्पृथिव्यैर / है साँच्चविश्वकर्माणुल्समवर्तताये॥ तस्यत्वष्टांविदधहूपमैतितन्मय - For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ROCRAKASHEKHAREL स्यदेवत्त्वमाजानुमग्ग्रे॥१७॥ वेदाहमेतम् // वेदाहमेतम्पुरुषम्मुहा है। हन्तमादित्यवर्णन्तमसत्पुरस्तात् // तमेवविदित्वातिमुत्युमतिना / / न्य पन्थविद्यतेय॑नाय // 18 // प्र॒जाप॑तिश्च // प्रजापतिश्चर, तिगर्भेऽअन्तरजायमानोबहुधाविजायते // तस्युयोनिम्परिपश्श्य है। शन्तिधीरास्तम्मिन्हतस्त्थुर्भुव॑नानिविश्वा // 19 // योदेवेभ्यः // योदेवेभ्यऽआतपतियोदेवानाम्पुरोहितः // पूर्वायोदेवेब्भ्योजातो, नमोरचायुब्राह्मये // 20 // रुचम्ब्राहमम् // रुचम्बाहमञ्जनयन्तो है For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० देवाऽअग्ग्रेतदंब्रुवन // यस्त्वैवम्ब्राह्मणोविद्यात्तस्यदेवाऽअसुन्च अ. शे // 21 // श्रीश्च // श्रीचैतेलुम्मीश्चुपत्न्याबहोरात्रेणार्श्वन | 3 क्षेत्राणिरुपमुश्चिनौव्यात्तम् // इष्ष्णनिषाणामुम्मऽइषाणसर्वलो / / कम्मऽइषाण // 22 // श्रीरुद्रजाप्येद्वितीयाध्यायः // 2 // ॐ आशुशिशानः॥आशुशिशानोवृषभोनीमोघनाघुनःक्षोभणा / चर्षणीनाम् // सुक्रन्दनोनिमिषऽएकवीरःशुत: सेनाऽअजय ХҮЗЕХСЕКЕЗЕX-XX SARALACHARCHECRECRAS 1 कर्म फलमिच्छन्सन्। 2 गच्छ अनुगृहाण। 3 परलोकम् / 4 मे-मम परलोकः समीचीनोस्तु // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir HRAICCCCESCAREC त्साकमिन्द्रः // 1 // सुक्र // संक्रन्दनेनानिमिषेजिष्णुनायुत्त्वारे / गदुश्यनेनेधुष्णुना // तदिन्द्रेणजयतुतत्संहहुंयुधोनरऽइपुंहस्ते / नवृष्णां // 2 // सइऽप॑हस्तैः // सऽइपुंहस्तैल्सनिपुंगिभिर्वशीस स्रष्टासयुधु इन्द्रोगुणेन // सुर्छसुष्टजित्सोंमुपाबाहुशुद्धयुग्यधन्या / प्पतिहिताभिरस्ता // 3 // बृहस्प्पते // बृहस्प्पनुपरिदीयारथैन / लोहामित्रा२ऽअपुबाधमान // प्रभुञ्जन्त्सेनाप्रमुणोयुधाजयंन है। स्मार्कमेद्वयवितारानाम् // 4 // बलविज्ञा // बुलुविज्ञायस्थ For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org 0 विरूप्यवीरत्सहस्वान्याजीसहमानऽग्निः // अभिवीरोऽअभिस अ. त्त्वासहोजाजैमिन्द्ररथमातिष्ठगोवित् // 5 // गोत्रुभिदङ्गोविदम् // है गोत्रभिदङ्गोविदंबज्रवाहुञ्जय॑न्तुमज्मप्यमुणन्तुमोजसा // इमठसंजाताऽअनुवीरयहमिन्द्रठ-सखायोऽअनुसठ-भडम् // 6 // अभिगोत्राणि // अभिगोत्राणुिसहसागाहमानोदयोवीर:शुतमन्युरिन्द्रः // दुश्च्यवनः पृतनापाडयुद्धयोस्म्माकुर्छ-सेनाऽअवतुष्प ४/युत्सु // 7 // इन्द्रऽआसाम् // इन्द्रऽआसान्नेताबृहस्प्पतुिईक्षिणा REARRERASADAR For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobetirth.org RSCIECRETACTOR युज्ञः पुरऽएतुसोम // देवसेनानामभिभञ्जतीनाअयन्तीनाम्मरु- / / तौयुन्त्वग्ग्रंम् // 8 // इन्द्रस्य॥ इन्द्रस्यवृष्णोवरुणस्युराज्ञआदि / त्यानाम्मुस्ताशचऽऽग्नम् // महामनसाम्भुवनच्युवाणुकोषोंदेवानाअयतामुदस्थात् // 9 // उद्धर्षय॥ उद्धर्षयमघवन्नायुधान्युत्त्सत्त्वनाम्मामुकानाम्मासि // उदे॒वहन्नाजिनांबार्जिनान्यद्रथानाअयंतांयन्तुघोषाः // 10 // अस्म्माकुमिंद्रः // अम्माकुमिन्टरू सम॒तेषुटुजेष्ष्वुम्माकुंयाऽइपवुस्ता यन्तु // अम्माकं PRERAKARHABAR For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु०वीराऽउतरेभवत्त्वस्म्माँ 2 ऽउंदेवाऽअवताहर्वेषु // 11 // अमीषा-अ. १४ञ्चित्तम् // अमीर्षाञ्चित्तम्प्रतिलोभयन्तीगृहाणाङ्गान्यप्प्वेपरॅहि // 3 अभिप्पेहिनिईहढत्सुशोकैरन्धेनामित्रास्तमसासचन्ताम् // 12 // अवसृष्टापरांपत॥अवसृष्टापरांपतुशरत्येब्रहमसशिते // गच्छामि | वान्मपद्यस्वमामीषाङ्कञ्चनोच्छिपः // 13 // प्रेता॥ प्रेताजयंतानर इन्द्रौवशर्मयछतु // उग्यावसन्तुबाहवानाधुष्प्यायथासथा 11 १४।असौया॥असौय्यासेनामस्तुरूपरेषामुब्भ्यतिनुऽओज॑सास्प्प है। ХХХХХХХХХХХ ХЕХЕЗЕКТЕХЗАХХЕЗЕХ For Private And Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Ratassagarsur Gyan ? www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra र्द्धमाना // तांगूहतुतमुसापव्रतेनुयथामीषाऽअन्योऽअन्यन्नजानन / 1 ॥१५॥यत्रबाणा॥यत्रवाणासुम्पतन्तिकुमाराविशुिखाऽइव॥तन्न ऽइन्द्रोबृहस्प्पतिरदितित्शर्मयछतुविश्वाहाशर्मयच्छतु // 16 // मर्माणिते॥ मर्माणितेवर्मणाछादयामिसोम॑स्त्वाराजामृतेनानु / वस्ताम् // उरोवरीयोवरुणस्तकुणोतुजयन्तुन्त्वानुदेवामदन्तु है // 17 // श्रीरुद्रजाप्यतृतीयाध्यायः // 3 // विभ्राड् // विभ्राड्नु REACHELORCARRCRACH 1 संग्रामे / 2 शराः। 3 सम्यक्तया पतन्ति / 4 बालकाः। 5 मुण्डिताः / AR For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स.हत्म्पिबतुसोम्म्यम्मवायुईधंद्युज्ञप॑तावविहुतम॥वातजूतोयोऽअ- अ. भिरर्शतित्वमाप्पुजाप्पुपोषपुरुषाविराजति // 1 // उदुत्यम् // 4 उदुत्यजातवेदसन्देवंवहन्तिकेतवः // दृशेविश्वायुसूर्यम् // 2 // येनापावक॥ येनापावकुचक्षसाभुरण्यन्तुञ्जनाँ२ऽअनु // त्वंवरुणपश्यसि // 3 // दैव्यावद्दयु॥ दैव्यावद्दुआगंतु:-रथेनुसूर्य / त्वचा // महायुझर्छ ऽसमाथे॥ तम्पत्क्नथायवेनचित्रन्देवानाम् / 12 // 4 // तम्घुत्क्नथा // तम्मुत्क्नांपूर्वाविश्वथमाज्ज्येष्ठांति- 6 CARCARRC CRECHAR For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir CRORKHAND सम्बर्हिषदस्बुर्विदम् // प्रतीचीनं जनदोहसेधुनिमाशुञ्जयन्तुमनुयासुवर्द्धसे // 5 // अयंवे // अयंवेनश्चौदयत्पृश्निगज्यिो / तिर्जरायुरजसोविमानै // इममुपासअमेसूर्यास्युशिशुन्नविप्पामुतिभीरिहन्ति // 6 // चित्रंदेवा // चित्रन्देवानामुदंगादनी है। कञ्चक्षुमित्रस्युवरुणस्याग्नेः // आप्पाद्यावापृथिवीऽअन्तरिक्षुठसय्य आत्माजगतस्तुस्त्थुषश्च ॥७॥आनः॥ आनुऽइडाभिहि / दर्थेसुशुस्तिविश्वानर सवितादेवऽएंतु // अपियर्थाथुवानोमत्सथा ARE RESEARCH RECHERCE For Private And Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassa garsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org रुनोविश्वअर्गदभिपित्त्वेमनीषा // 8 // यय // यदुद्दयकच्चवृत्रहन्नुद- अ. 13 गाऽअभिसूर्य // सर्वन्तदिन्द्रतुव” // 9 // तुरणिविश्व // तुरणि व॒िश्वदर्शतोज्ज्योतुिष्कर्दसिसूर्य // विश्वमाासिरोचुनम // 10 // तत्सूर्यस्य // तत्सूर्यस्यदेवुत्वन्तन्महित्वम्मुद्ध्याकर्तीति / सञ्जभार // युदेदयुक्तहरित सुधस्त्थादादात्रीवासस्तनुतेसिमस्मै // 11 // तन्मित्रस्य // तन्मुित्रस्यवरुणस्याभिचक्षेसूर्योपत्र / णुतुयोरुपस्थें // अनुन्तमुन्न्यमुशंदस्युपाज-कुष्णमुन्यद्धरितुःस-| 13 SAESCARSARKARSAWARE For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्भरन्ति // 12 // वण्मुहान् // बण्मुहाँ 27 असिसूर्युवादित्य-१॥ महाँ 27 असि॥ मुहस्तेसुतोमहिमापनस्यतुद्धादेवमुहाँ 27 असि 6 // 13 ॥बसूर्य // बसूर्युश्श्रवसामहाँ 23 असिसत्रादेवमहाँ / 27 असि // महादेवा मसुर्यपुरोहितोविभुज्योतिरदाभ्य- / म् ॥१४॥श्रायन्तऽइवसर्यम् ॥श्रायन्त इव्सयविश्वेदिन्द्रस्यभक्षत॥व निजातेजनमानुऽओज॑साप्पतिभागनदीधिम॥१५॥ अद्यादेवाल॥ अद्यादेवाऽउदितासूय॑स्युनिठ हंसपिटुतानिवद्या AUGERLALLAGALASAR ЗЕККЕЗЕХ=kxxxx4CARE For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org त् सत् // तन्नौमित्रोव्वरुणोमामहन्तामदिति सिन्धु पृथिवीऽऽतद्यौः 1 अ. 14.6 // 16 // आकृष्णे // आकृष्णेनुरजसावर्त्तमानोनिवेशयन्नमृत 5 ४म्मर्त्यञ्च // हिरण्ययेनसवितारथेनादेवोयोतिभुवनानिपश्श्यन / 17 / श्रीरुद्रजाप्येचतुर्थोध्यायः॥४॥ॐ नमस्तेरुद्रमन्यवउतोतुऽइपवेनमः॥बाहुभ्यांमुतनमः।१। यातैरुद्रशिवा॥यातैरुद्रशिवातनूरघोरापापकाशिनी // तयानस्तुन्वाशन्तमयागिरिंशन्ता- | 14 भिचाकशीहि // 2 // यामिघुम् // यामिपुंङ्गिरिशन्तुहस्तैबिभ FACERNEDRENSAR SCRUTASCHICESCRXIXILIR For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassa garsuri Gyanmandir KAARAKS Pास्तवे // शिवाङ्गिरिजुतांकुरुमाहिँ ठ-सीत् पुरुषजगत् // 3 // शिवेन // शिवेनुव्वर्चसात्त्वागिरिशाच्छोव्वदामसि // यथानुसङ्घमिजगदयुक्ष्मठ सुमनाऽअसंत्॥४॥अद्वयवो // अद्ध्यवोचदधिवताप्पथमोदैव्यौभिषक् // अहींचुसर्वाञ्जम्भयन्त्सर्वाश्चयातुधाहन्योधुराचीत्परांसुव // 5 // असौयः // असौयस्ताम्म्रोऽअर-3 णऽउतबब्भ्रमिङ्गलः॥ येचैनठ रुद्वाअभितोदिक्षुश्रिता सहस्रशोवैषा हेडऽईमहे // 6 // असौर्यः // असौयोवुसपैतिनीलग्ग्री ROMADHAN HARDAE For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु. वोबिलोहितः // उतैनङ्गोपाऽअदृशन्नदृशन्नुदहार्यः सदृष्टोपॅडया- अ. १९तिनः / / नमोस्तु।नौस्तुनीलग्रीवायसहस्राक्षायमीढुषे। अथो / 5 येऽअस्यसत्वानोहंतेभ्योकरंनमः // 8 // प्रमुञ्च // प्रमुञ्चधन्वन / स्त्वमुभयोरात्पर्योाम् // याव॑तुहस्तुऽइपवल्पराताभंगवावप है 1 // 9 // विज्युन्ध H // विज्युन्ध कपुर्दिनोविशल्ल्योबाणवा / / 12. उत // अनेशन्नस्ययाऽइपवऽआभुरस्यनिषड्गुधि ? // 10 // 15 यात // यातेहेतिमीढुष्टमुहस्तैबभूवतेधनुः // तयास्म्मान्विश्वत RECRCEXSACROSCk avancuar For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir CALCULA स्त्वमयुक्ष्मयापरिभुज // 11 // परिते // परितधन्वनोहेतिर / | स्म्मावृणक्तुविश्वतः॥अथोयऽइषुधिस्तवारेऽअस्म्मन्निहितम् | है॥ 12 // अवतत्यु // अबुतत्युधनुष्टुं सहस्राक्षुशतेषुधे॥ निशी / हार्यशुल्ल्यानाम्मुखौशिवोर्न-सुमनाभव // 13 // नमस्ते // नमस्तऽआयधायानांततायधष्ष्णवे // उभाभ्यामततेनमोबाहर भ्यान्तवुधन्वने // 14 ॥मान // मानौमुहान्तमुतमानोऽआहे भुकम्मानुऽउन्तिमुतमानेऽउचितम् // मानौवधीतपितरम्मोतमा / R For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir RAWA5% रु. ४)तरम्मान-प्रियास्तुन्वोरुद्ररीरिष।१५।मानः।मानस्तोकेतनयेमा अ. आयुषिमानोगोषुमानोऽअश्वेपुरीरिषतामानौवीराबुद्रभामिनोव / 5 पीढविष्ष्मंतुल्सदमित्त्वाहवामहे // 16 // नमोहिरण्यवाहवे // नमोहिर॑ण्यवाहवेसेनान्यदिशाञ्चुपतयेनमोनमोबुझेब्भ्योहरिकेशे / भ्यत्पशूनाम्पतयेनमोनमःशुष्पि रायत्विषींमतेपथीनाम्पतयेन है। मोनमोहरिकेशायोपवीतिनेंपुष्टानाम्पतयनमोनमोबब्लुशाय // 416 4 // 17 // नमोबझलुशा // नमोवलुशायन्याधिनेन्नानाम्पतये / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नमोनमोभुवस्य हेत्त्यैजगताम्पतये नमोनमोरुद्रायांतताविनक्षेत्रा णाम्पतयेनमोनमःसूतायाहन्त्यैवनानाम्पतयनमोनमोरोहिताय ॥१८॥नमोरोहिताय // नमोरोहितायस्त्युपतयेवृक्षाणाम्पतयेनमा / नमोभुव॑तयेवारिवस्कृतायौषधीनाम्पतयेनमोनमौमुंत्रिणेवाणिजा / युकाणाम्पतये नमोनमऽऽञ्चैग्घीषायाकन्दयतेपत्तीनाम्पतयेन / मोनम-कृत्स्नायुता॥ 19 // नमकृत्स्ना // नमःकृत्स्नायुत / याधावतुसत्वनाम्पतये॒नमोनमुःसहमानायनिव्याधिनऽआयाधि / KRISHKA SHRESARIESEARS - For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु. नीनाम्पतयुनमोनमोनिषुङ्गिणेककुमायस्तेनानाम्पतयुनमोनमोनि है। अ. 10 चेरवेपरिचरायारण्यानाम्पतयनमोनमोवञ्चते // 20 // नमोवञ्चते // नमो वञ्चतेपरिवञ्चतेस्तायूनांपतयेनमोनमो निषङ्गिणऽइषुधिमते हैं। तस्कराणाम्पतयुनमोनमः सृकायिभ्यो जिघांसद्भ्योमुष्ष्णुता है। हम्पतये नमोनमोसिमद्भयोनक्तुञ्चरद्र्यो विकुन्तानाम्पतयुनमः // 6 // 21 // नमऽउष्ष्णी // नमऽउष्ष्णषिणगिरिचुरायकुलुञ्चानाम्पा 17 तंयुनमोनमऽइपुमन्योधन्यायिभ्यश्चवोनमोनमऽआतन्वाने / / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भ्यःप्पतिदानेब्भ्यश्चवोनमोनमऽआयच्छद्योस्यद्भ्यश्चवोन | 1 मोनमौविसृजद्भयः ।२२शनोविसृजद्योोनमोव्विसृजद्योबिद्धय / यश्चवोनमोनमःस्वपद्भ्योजाग्यश्चवोनमोनमुत्शानेब्भ्यु | आसीनेभ्यश्चवोनमो नमुस्तिष्ठद्योधावयश्चवानमोनमःसुभा भ्यः।२३॥ नमःसुभाभ्यानमःसुभाब्भ्यः सुभापतिभ्यश्च / / वोनमोनमोश्चेभ्योश्चंपतिब्भ्यश्चवोनमोनमऽआठ्याधिनींब्भ्यो विविद्धय॑न्तीब्भ्यश्ववो नमो नमुऽउगंणाब्भ्यस्तृठं हुतीब्भ्यश्चयो / ALRMANCHECLARACHARSEk For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु. नमोनोगुणेब्भ्यः // 24 // नमोगुणेब्भ्यः // नमोगुणेब्भ्योगुण अ. 18 पतिब्भ्यश्चवोनमोनमोबातेभ्योघातपतिभ्यश्चवोनमोनोगत्से 5 भ्योगृत्संपतिभ्यश्चवोनमो नमोविरूपेभ्यो विश्वरूपेभ्यश्च / वोनमोनमत्सेनाभ्यः // 25 // नमुःसेनाभ्यः // नमुत्सेना भ्या सेनानिब्भ्यश्चवोनमोनमोरथिब्भ्योऽअरथेब्भ्यश्चयो नमो / निमःक्षुत्तृब्भ्यं संग्रहीतृभ्यश्चवोनमोनोमुहद्योऽअ केभ्य 18 श्ववोनमः // 26 // नमस्तक्षेभ्यः // नमुस्ताब्भ्योरथकारेभ्यश्च / / LEARCHURCESC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir है वोनमोनमुल्कुलोलेब्भ्यस्का रेभ्यश्चवोनमोनमोनिादेब्भ्यः / जिष्टेभ्यश्चवोनमोनमः श्रुनिभ्योमृगयुब्भ्यश्चवो नमोनमुत्श्वा / भ्युः॥२७॥ नमुत्श्वभ्यु:॥ नमुश्वब्भ्युःश्वपतिब्भ्यश्चवोनमो नमभिवायचरुद्रायंचनमः शुर्वायचपशुपतयेचुनमोनीलग्रीवायच है। शितिकण्ठायचनमः कपर्दिनै // 28 // नम कपर्दिने / नमः / कपुर्दिनै चुड्युप्लकेशायचनम सहस्राक्षायचशुतर्धन्वनेचुनौ / गिरिशुयायचशिपिविष्टायचुनौमीढुष्टमायुचेषूमतेचुनमा हुस्वा RECRUECRECRUCCESCRrsex For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० // 29 // नमोन्हस्वाय // नमोन्हुस्वायंचवामनाय॑चनमोऽव अ. हतेच्वर्षीयसेचनमोबुद्धायचसुवृधैचनमोग्यायचप्पथमार्यचनमा आशवे // 30 // नमऽआशवे // नमऽआशवैचाजिरायचुनमुःशी / घ्यायचशीभ्यायचुनमुऽउायचावस्वन्यायचुनौनादेयाय | चुद्वीप्यायच // 31 // नमोज्येष्ठाय // नोज्येष्ठायचकनुिष्ठायच / / नमःपईजायचापरजायंचनमोमयमायंचाएगुल्मायचुनमौजघु 1 न्यायचबुध्न्यायचुनमुःसोभ्याय // 32 // नमु:सोभ्याय // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir BOLLOELCERELECRECRUISRO नमुसोभ्यायचप्पतिर्खायचनमोयाम्यायचोम्म्यायचनमः / / श्लोक्यायचावसान्यायच नमऽउर्वॉयचु खल्यायचुनमोबिन्या / य॥ 33 // नमोबन्याय॥ नमोबन्यायचकक्ष्यायचुनमः श्रुवायच / प्पतिश्श्रुवायचनमऽआशुषेणायचाशुरथायचुनमःशरायचावभेदि | नेचुनौबिल्म्सिने // 34 // नमो बिल्म्मिने // नमोबुल्म्मि चकव। चिनैचुनमोबुमिणेचवरुथिनेचुनमः श्रुतायचश्श्रुतसेनाय॑चुनमा | दुन्दुभ्याय चाहन्न्यायचुनौपुष्ष्णवे // 35 // नमोधुष्ष्णवे // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir रु० नमोधुष्ष्णवेचप्पमुशायचनमोनिषुङ्गिणेचेषुधिमतेचुनमस्तीक्ष्णेष अ० 2. वेचायुधिनेचुनम स्वायुधायचसुधन्वनेच॥३६॥नमुः त्यांयान 5 म त्यांयचुपत्थ्यांयचनमुकाट्यायचुनीप्यायचुनमुश्कुल्ल्यायच / सरस्यायचुनौनादेयायंचवैशुन्तायचुनमुकूप्प्याय // 37 // नमः / कूप्प्याय॥ नमुकूप्प्यायचावट्यायचनमोबीघ्यायचातुप्प्यायच है। नमोमेग्घ्यायचविद्युत्यायचनमावायचावुष्यायचनमोवात्या 20 य॥३८॥ नमोवात्यायानमोठ्वात्यायचुरेष्ठम्यायचुनौव्वास्ताय / KARRERAKASAROKAR For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir FOR चव्वास्तुपायंचनमुः सोमायच सुटायचं नमस्ताम्म्राय चारुणायच है। नमःशुङ्गवे // 39 // नमःशुङ्गवै // नमःशुङ्गवैचपशुपत है। येचुनमऽउग्यायचभीमार्यचनमोग्ग्रेवुधाय॑चदूरेवुधायचनमोहन्त्रे हैं। चहनीयसेचनमोवृक्षेब्भ्योहरिकेन्टलमस्तारायं // 40 // नमः / शम्भवाय // नमःशम्भवायचमयोभुवाय॑चुनम शङ्खरायंचमय स्कुरायचुनमः शिवायचशिवतरायच // 41 // नम:पाऱ्या य // नमुपाय्यीयचावाोयचुनमःप्पुतरंणायचोत्तरणायचुनम | : SEARC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir KAKUCAR रुस्तीर्थ्यायचकल्ल्यायचुनमुःशष्प्यायचफेन्यायचुनम-सिकत्त्या अ. 21 य॥४२॥ नम:सिकुत्त्याय॥नमःसिकुत्त्यायचप्रवाहयायचुनम | किठ-शिलायचक्षयणायचनमः कपर्दिनच पुलुस्तयैचुनमऽइरि ण्यायचप्पपुत्थ्यायचुनमोवाय // 43 // नमोवाय॥नमोब यायचुगोष्ठयायचुनमुस्तल्प्प्यायचुगेढ्यायचुनमोहृदयायच निवेप्प्यायचु नम: काट्टयायच गव्हरेष्ठायचुनमुशुष्क्क्याय // 621 6 // 44 // नमुःशुष्क्क्याय // नमुशुष्क्यायचहरित्यायचनमः / E For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाध्यायचरजस्यायचनमोलोप्प्यायचोलुप्प्यायचनमुऽऊया / इयत्सूल्यचुनम पुर्णाय // 45 // नमःपुर्णाय // नमः / / पुर्णायच पर्णशुदायच नमऽउद्गुराणाय चाभिग्नुतेच नमऽआ खिदुतेचप्पखिदतेचुनमऽइपुकृयोधनुष्कृयश्चवो नमोनमा / व किरिकेब्भ्यो देवानाहृदयेभ्योनमोक्विचिन्वुत्केभ्योनोवि क्षिणुत्केभ्योनमऽआनिर्हतेब्भ्यः // 46 // द्रापेऽअन्धसः ॥द्रा पऽअन्धंसस्प्पलॅदरिं,नीललोहित // आसाम्पुजानामुषाम्पंशू / / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सनाम्मार्मारोङ्मोचनु किञ्चनाम॑मत // 47 // इमारुद्राय // अ. इमारुद्राय॑तुवसैकपुर्दिनेक्षयद्वीरायुप्पभरामहेमुतीयथाशमसद्वि 5 पदेचतुष्ष्पदेविश्वम्पुष्टुंग्रामेऽअसिम्मन्ननातुरम॥४८॥याते // याते है रुद्राशुवातुन शिवाविश्वाहाभेषजी॥शिवारुतस्यभेषुजीतांनोमृड | जीवसे // 19 // परिनः // परिनोरुद्रस्य॑हेतिणक्तुपरित्वेषस्यदुर्म है। तिरघायो? // अवस्त्यिरामघवग्यस्तनुष्ष्मीढस्तोकायुतर्नया // 22 यमुड // 50 // मीढुष्टमुशिवतम // मीढुष्टमुशिवतमशिवोनः / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org मुमनाभव // पुरभेवृक्षुऽआयुधन्निधायुकृत्तिवसांनुऽआचरपिना / / कम्बिन्झदार्गहि // 51 // विकिरिविलोहितः // विकिरिश्थिलों हितुनमस्तेऽअस्तुभगवः ॥यास्तेसहस्रऽहेतयोन्यमुस्म्मन्निवपन्तु | ताः॥ 52 // सुहस्राणि // सुहस्राणिसहस्रशोबाह्वोस्तवहेतयः // तासामीशानोभगवःपराचीनामुखाकृधि // 53 // असङ्ख्याता // असङ्ख्यातासहस्राणियेरुद्राऽअधिभूम्म्याम् // तेषासहस्रयो / जनेवुधवानितन्मसि // 54 // अस्म्मिन्महत्त्यर्णवेन्तीरक्षेभुवा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir FIऽअधिं // तेषांसहस्रयोजनेवधन्वानितन्मासि // 55 // नील अ. ग्रीवाः // नीलग्रीवा:शितिकण्ठादिवमुद्राऽउपश्श्रिताः॥ तेषां. सहस्रयोजनेवुधवानितन्मसि // 56 // नीलंग्ग्रीवाल // नीलग्रीवा शितिकण्ठात्शुर्वाऽअधक्षमाचुराशतषासहस्रयोजनेवध है। वानितन्मसि // 57 // येवृक्षेषु // येवो'शुष्प्पि रानीलग्रीवा है बिलोहिताः // तेषासहस्रयोजनेवुधन्वानितन्मसि // 58 // ये भूतानाम् // येभूतानामधिपतयोविशिखास कपुर्दिनः // तेषा SACREELCLACLASEX For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सहस्रयोजनेवधन्यानितन्मसि // 59 // येपुथाम् // येपुथाम्पथिरक्षयाऐलबदाऽआयुर्बुधः // तेषां सहस्रयो / जनेवधन्यानितन्मसि // 60 // येतीर्थाः // येतीर्थानिप्पुचर है। इन्तिसकाहस्तानिषङ्गिणः // तेषांसहस्रयोजनेवुधन्वानितन्म | सि // 61 // येन्नेषु // येन्नैषड्विविद्धयन्तुिपात्रेषुपिवतोजनान् // तेषां सहस्रयोजनेवधवानितन्मसि // 62 // यऽएता // यऽए / तावन्तश्चभूयासश्चुदिशोरुद्रावितस्त्थुिरे // तेषासहस्रयोजुने / XXXXXXXXXCXCHCRX For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सवधवानितन्मसि // 63 // नमोस्तु // नमोस्तुरुद्वेभ्योवेदिवियेषां अ. 2. वर्षमिषवः // तेब्भ्योदशुप्पाचीईशंदक्षिणादर्शप्पुतीचीर्दशोदी पीईशो H ॥तेब्भ्योऽनमोऽअस्तुतेनौवन्तुतेनों मृडयन्तुतेयन्द्रि मोयनोदृष्टितमेपाञ्जम्भैदध्मः // 64 // नमोस्तु // नौ / स्तुरुद्वेभ्योयेन्तरिलेयेषांवातुऽइपवर // तेब्भ्योदशुष्याचीईशंदक्षि / Mणादशप्पुतीचीईशोदींचीईशोहः // तेब्भ्योनमोऽअस्तुतेनावन्तु // 2 // तेनौमृडयन्तुतेयन्दुिप्म्मोयश्चनोद्वेष्टितमेषाञ्जम्भेदध्मः // 65 // XixCXXXX 5ARSAAREACHER For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailasagarsuri Gyanmandir AKAASHAKRAKES नमोस्तुनः ॥नमोस्तुरुद्रेब्भ्योयेपृथिव्यांय्येषामन्नमिषवः॥ तेब्भ्यो है। दशुष्पाचीईशंदक्षिणादर्शप्पतीचीईशोदींचीईशोशातेब्भ्योनमा / अस्तुतेनावन्तुतेनोंमृडयन्तुतेयन्दुिष्म्मोयश्चनोद्वेष्टितमेषाञ्जम्भे / दध्म ६६॥इति श्रीरुद्रजाप्ये पञ्चमोऽध्यायः / / ॐ नमस्ते पुनः 16 ऋचः ] एषते // एषतैरुद्रभागऽसुहस्वस्राम्बिकयातंजुषा / / स्वस्वहिपतरुद्रभागऽआखुस्तैपशुः॥१॥अवरुद्राअवरुद्रमंदीमुद्यवदेवं / / त्रयम्बकम् ।यानोवस्य॑सस्करद्यानुत्श्श्रेयसुस्करद्यानोव्यवसाय 1 नमस्ते इत्यादयः 16 ऋचः पुनः पठित्वा, ए० / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु यात्।नमस्तेरुद्रमुन्न्यवऽउतोतुऽइषवुनमः।बाहुब्भ्यांमुतनमः अ. 25 // 3 // यातैरुद्रः // यातॆरुद्रशुिवातनूरघोरापापकाशिनी // तयाँ 6 नस्तुन्वाशन्तमयागिरिंशन्ताभिचाकशीहि॥४॥नतम्॥नतमविंदा / थियऽमाजजानान्यद्युष्म्माकुमन्तरम्बभूव // नीहारेणुप्पाताज हैं। प्याचासुतृपऽउत्तथशासश्चरन्ति।५।विश्वकर्मा // विश्वकर्माद्या निष्टदेवऽआदिईन्धर्वोऽअभववितीयः ॥तृतीय पिताजनितीष | 21 धीनामुपाङ्ग य॒दधात्त्पुरुवा / 6 / मीढुष्टमुसि॥मीढुष्टमुशिव॑तम है। CHECRECAREERSCRIRECISCELC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir RUCHEk AALCREASECRECECRECRACY शिवोन सुमनाभव // परमेवृक्षआयुधन्निधायुकृत्तिवसांनुऽआर्चर पिनाकुम्बिभ्रदार्गहि // 7 // विकिरिद्रः // विकिरिडेविलोहितुन / मस्तेऽअस्तुभगवः // यास्तेसहस्रध्हेतयोन्यमुस्म्मन्निवपन्तुता सामुहस्राणि॥सुहस्राणिसहस्रशोबाह्वोस्तवहृतयः // तासामीशा नोभगवः पराचीनामांकृधि / 9 / असंख्या:॥असंख्यातासहस्त्रा |णियेरुद्धाऽअधिभूम्याम् // तेषांसहस्रयोजनेवुधन्वानितन्मसि / / // 10 // बुयर्छ सोमः // बुयर्ट सौमवतेतवुमनस्तुनषुविभ्रतः // CREC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० जावन्तत्सचेमहि // 11 // एषते // एषतैरुद्रभागः सुहस्वस्रांबि, अ. कियातंजुषस्वस्वाहेषतैरुद्रभागऽआखस्तैपशः॥१२अवस्द्रम्॥अवk रुद्रमंदीमुद्यवदेवंत्र्यंबकम् // यानोवस्य॑सुस्करद्यानु श्रेयसुस्का / / रद्यानोव्यवसाययात् // 13 // भेषजमसि // भेषजमंसिभेषुजंगवे , वायुपुरुषायभेषजम् // सुखंमेषायमेष्यै // 14 // त्र्यंबकम् ॥व्य 18|बकंयजामहेसगंधिंपुष्टिवर्द्धनम् // उर्वारुकमिवबंधनान्मृत्योर्मक्षी | 26 युमामृतात् // त्र्यंबकंयजामहे सुगंधिंपतिवेदनम् // उरुिकमिव है। CARRESC 6 ALCHAKRA For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir धनादितोर्मुक्षीयमामुत ॥१५॥एतत्त।एतत्तैरुद्रावसंतेनपुरामूजव / है तोतीहि॥अवततधन्वापुिनाकावसुल्कृत्तिवासाऽअहिर्छ सन्नरू शिवो है। तीहि // 16 // व्यायुषम् // व्यायुपंजुमद॑ग्नेः // कुश्यपस्यव्यायुष म् // यहेवेषुत्र्यायुर्वतन्नोऽअस्तुत्र्यायुषम्॥१७॥शिवोनामाशिवोर नामासिवधितिस्तैपुितानमस्तेऽअस्तुमााहिठ-सीत् // निवर्तया / म्यायुपेन्नाद्यायप्रजननायरायस्पोपांसुप्रजात्वार्यसुवीर्याय // 18 // इमारुद्राय॑तुवसेंकपुर्दिनेक्षुयद्वीरायुप्पभरामहेमुती: // यथाशमस है। ROADCADHADKI555 For Private And Personal Use Only
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________________ She Mala Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० द्विपदेचतुष्पदेविश्वपुष्टंग्रामेऽअस्मिन्ननातुरम् // 19 // उग्नश्च // | अ. 27 / उग्नश्चभीमश्चट्टान्तश्चधुनिश्च // सासुबाँचोभियुग्ग्वाचविक्षिपुर है स्वाहा // 20 // अग्निठ॥ अग्निठ-हृदयेनाशनि-हृदयाग्ग्रेणपशुप 6 तिकृत्स्नुहृदयेनभुवंय्युन्का // शुव॑म्मतनाब्भ्यामीशानम्मुन्युना है। महादेवमन्त पर्शयोनोग्ग्रन्देवंवनुिष्टुनाश्वसिष्टहनुः शिङ्गीनिको / श्याब्भ्याम् // 21 // उग्jल्लोहिते // उग्jल्लोहितेनमित्रठ-सौव्रत्त्ये 27 है|नरुद्वन्दौवृत्त्येनेन्द्रम्प्रीडेनमुरुतोबलैनसाद्धया मुदा // भुवस्य For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कण्ठ्यंठ-रुद्रस्यान्त पार्श्वमहादेवस्युयकृच्छ स्यचनिष्ट्टःपशुपते / / पुरीतत // 22 // // श्रीरुद्रजाप्ये षष्ठोऽध्यायः // 6 // // वाजेश्च // है बाजेश्चमेप्पसुवश्चमेप्पयतिश्चमेप्पसितिश्चमेधीतिश्चमेक्रतुश्चमे / / स्वरश्चमेश्श्लोकश्चमेश्श्रुवश्चमे श्रुतिश्चमेज्योतिश्चमेस्वश्चमेयुजे है नकल्प्पन्ताम्।।प्राणश्च // प्राणश्चमेपानश्चमेव्यानश्चमेसुश्चमोच / त्तञ्चमुऽआधीतञ्चमेवाश्चमेमनश्चमेचक्षुश्चमेश्रोत्रञ्चमेदर्शश्चमे। हवलञ्चमेयुज्ञेनंकल्प्यन्ताम्॥२॥ ओज॑श्च॥ ओज॑श्चमेसहश्चमऽआ है। For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir रु० क्मार्चमेतुनूश्चमेशर्मचमेवर्मचमेनानिचमेस्थीनिचमेपरराषि 28 चमेशरीराणिचमुऽआयुश्चमेजुराचमेयुज्ञे कल्प्पन्तामाशज्यैष्ठ्य / ६ञ्च // ज्यैष्ठ्यञ्चमुऽआधिपत्त्यञ्चमेमन्युश्चमुभामश्चममश्चमेम्भ / है। श्चमेजेमाचममहिमाचमेवरिमाचमेप्पथिमाचमेवर्षिमार्चमद्राधि है। है मामेबुद्धञ्चमेवृद्धिश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 4 // सुत्त्यञ्च // नमस्ते० ] सत्त्यञ्चमेश्रद्धाच जगच्चमेधनञ्च विश्वञ्चमुमहश्चमे / 4 क्रीडाचमुमोद॑श्चमेजातञ्चमेजनिष्ष्यमाणञ्चमेसूक्तञ्चमेसुकृतञ्चमे 28 156555556965 1 नमस्ते इत्यादीन् 16 वा 66 मंत्रान् पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 555AM* यज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 5 // ऋतञ्च // ऋतञ्चमेमृतञ्चमेयुक्ष्मञ्चुमे / / नामयच्चमेजीवातुश्चमेदीर्घायुत्त्वञ्चमेनामित्रञ्चमभयञ्चमेसुखञ्च / हमेशय॑नञ्चमेसूषाश्चमेसुदिनञ्चमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम्॥६॥ युन्ताच // यन्ताचमेधुर्तीचमेक्षेमश्चमेधृतिश्चमेविश्वञ्चमेमहेश्चमेसुविचमेज्ञा / / बञ्चमेसूश्चमेप्पुसूश्चमेसीरञ्चमुलयश्चमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् // 7 // शञ्च // शञ्चमेमयश्चमेप्पियञ्चमेनुकामश्चमेकामश्चमसौमनुसश्च / मेभर्गश्चमेद्रविणञ्चमेभुद्रञ्चमेश्रेयश्चमेक्वसीयश्चमेयशश्चमेयुजेनका ? For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म. लप्पन्ताम् // 8 // उर्च [ नमस्ते० ] उर्चमेसूनृताचमेपयश्चमेर / संश्चमेघुतञ्चमेमधुचमेसग्धिश्चमुसपीतिश्चमेकृषिश्चमेवृष्टिंश्चमे 29 जैत्रञ्चमऽऔदियञ्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 9 // रयिश्च // राय 17 चमेरायश्चमेपुष्टञ्चमेपुष्टिश्चमेविभुचमेप्पभुचमेपूर्णञ्चमेपूर्णतरञ्च / / मेकुर्यवञ्चमर्शितञ्चुमेन्नञ्चुमेहूंचमेयुज्ञेनकलप्पन्ताम् // 10 // है। वित्तञ्च // वित्तञ्चमुवेद्यञ्चमभूतञ्चमेभविष्ष्यचमेसुगञ्चमेसुपुत्थ्य / चमऽऋद्धञ्चमुऽ ऋद्धिश्चमेतृप्तश्चमेक्लप्तिश्चमेमुतिश्चमेसुमुतिश्च 27 RSECRECIPEECRECECRECRLSCRECRRC 1 नमस्तेत्यादीन् 16 वा 66 मंत्रान् पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेयञ्जनकल्प्यन्ताम् // 11 // बीहयश्च // ब्रीहर्यश्चमेयाश्चम है। माषाश्चमेतिलाश्चममुहाश्चमेखल्ल्वाश्चमेप्पियरेवश्चमेणवश्चमे / श्यामाकाश्चमेनीवारीश्चमे गोधूमाश्चमेमुसूश्चिमे युजेनकल्प्प न्ताम // 12 // अश्म्माच // [ नमस्ते ] // अम्माचममृत्तिका है। चमेगिरयश्चमेपर्वताश्चमेसिकताश्चमेश्वनुस्प्पतयश्चमेहिरण्ण्यञ्चमे / / यश्चमेश्श्यामञ्चमेलोहश्चमेसीसंञ्चमेत्रपुचमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् // // 13 // अग्निश्च // अग्निश्चमुऽआपश्चमेवीरुधश्चमुऽओषधयश्च / कांगंणी ] / 3 उचीनकाः सिंधी-चिों ] 4 नमस्ते इत्यादीन 16 वा 16 मंत्रान् पठित्वा / / 1 चणकाः ( चिणाँ)।२ कंगवः [ कांगणी] | 3 उचीनकाः [ सिंधी-चिणाँ ] 4 नमस्ते इत्यादीन् 16 वा 66 मंत्रान् पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ अ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु. मेकृष्टपच्याश्चमेकृष्टपुच्याश्चमेग्ग्राम्म्याश्चमेपुशवऽआरण्याचमेखि अ. 3. तञ्चमेवित्तिश्चमेभुतञ्च भूर्तिश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम // 14 // वसुंच // वसुचमेश्वसुतिश्चमेकर्मचमेशक्तिश्चमेय॑श्चमुऽएमश्चमा इत्याचं गतिश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 15 // अग्निश्च // नमस्ते ] // अग्निश्चमुऽइन्द्रश्चमेसोम॑श्चमऽइन्द्रश्चमेसविताचम है इन्द्रश्चमेसरस्वतीचमऽइन्द्रश्चमेपूषाचमुऽइन्द्रेश्चमेबृहस्प्पतिश्चम / इन्द्रश्चमेयुज्ञनकल्प्पन्ताम् // 16 // मित्रश्च // मित्रश्चमुऽइन्द्र AAREERIES 1 नमस्ते इत्यादीन् 16 वा 66 मंत्रान् पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir +5 - % 5CRI श्चमेवरुणश्चमुऽइन्द्रश्चमेधाताचमुऽइन्द्रश्चमेत्त्वष्टाचमऽइन्द्रश्चमेम / / रुतश्चमुऽइन्द्रश्चमेविश्वेचमेदेवाऽइन्द्रेश्चमेयशेनकलप्पन्ताम् // 3 // 17 // पृथिवीचं // पृथिवीचमुऽइन्द्रेश्चमेन्तरिक्षञ्चमुऽइन्द्रश्च है मेयोश्चमुऽइन्द्रश्चमेसमाश्चमुऽइन्द्रश्चमेनक्षत्राणिचमुऽइन्द्रश्चमेदि / शश्चमुऽइन्द्रेश्चमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् // 18 // अशुश्च // [ नम / स्ते ] // अशुश्चमेरश्म्मिश्चमेदाब्भ्यश्चमेधिपतिश्चमऽउपाशा श्चमेन्तर्यामश्चम एन्द्रावायुवश्चमेमैत्रावरुणश्चमऽआश्विनश्चमे | 1 नमस्तेमंत्र ' 16 वा 66 पठिल्ला / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir रु.पतिप्पुस्थानश्चमेशुक्रश्चमेमुन्थीचमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 19 // अ. आग्नयुणश्च // आग्नयुणश्चमेक्वैश्वदेवश्चमेत्ध्रुवश्चमेवैश्वानुरश्चम Asऐन्द्राग्नश्चमेमहावैश्वदेवश्चमेमरुत्त्वतीयांश्चमेनिष्क्कैवल्यश्चमेसा वित्रश्चमेसारस्खुतश्चमेपाक्नीवुतश्चमेहारियोजुनश्चमेयुजनकल्प्प न्ताम् // 20 // सुचश्च // नुर्चश्चमेचमुसाश्चमेवायुयानिचमेद्रो / / दणकलशश्चमुग्यावाणश्चमेधिषवणेचमेपूतभृमऽआधनीयश्चमे / 31 वेदिश्चमेवुहिश्चमेवभुथश्चमेस्वगाकारश्चमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् / CHARACTERICIRACAS 555555Hk For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir // 21 // अग्निश्चम // [ नमस्ते ] // अग्निश्चमेघुमश्चमुर्कश्चमेस | र्यश्चमेप्पाणश्चमेश्वमेधश्चमेपृथिवीचमेदितिश्चमेदितिश्चमेछौ / श्चिमेगुलयुर शक्करयोदिशश्चमेयुजेनकलप्पन्ताम् // 22 // वृतञ्चा व्रतञ्चमऽऋतवंश्चमुतपश्चमेसंवत्सुरश्चमेहोरात्रेऽउर्वष्ठीवेबृहद्रथन्तु / रेचमेयुजनकल्प्पन्ताम् // 23 // एकाच // [ नमस्ते 1 // एका / चमेतिस्रश्चमेतिनश्चमेपञ्चचमुपञ्चचमेसुप्तचमेसुप्तचमेनवचमेन है। वचमऽएकादशचमुऽएकादशचमुत्रयोदशचमुत्रयोदशचमुपञ्चद है दारनमस्तेमंत्र 16 वा 66 पठित्वा / २सम्पन्ना भवन्तु, संपद्यन्तांवा, [सबपदार्थ हमको प्राप्त हों, वा प्रदानकरें] / ३नमस्तेमंत्र १६वा 66 For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir R रु.शचमेपञ्चदशचमेसुप्तदेशचमेसुप्तदेशचमेनवदशचमेनवदशचम अ. एकवि: शतिश्चमऽएकविठ शतिश्चमेत्रयोविठ.शतिश्चमेत्रोवि है ठ.शतिश्चमेपञ्चविठ शतिश्चमेपञ्चविठ शतिश्चमेसप्तवि:-शतिश्च मेसुप्तविठं शतिश्चमेनवविठ-शतिश्चमुनवविठ-शतिश्चमुऽएकत्रि / पाठशचमऽएकत्रिठशचमेत्रयस्बिर्ट शचमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 6 // 24 // चतस्रश्च // [ नमस्ते ] // चतस्रश्चमेष्टौचमेष्टौचमेद्वाद है। शचमेद्वादशचमेषोडशचमेषोडशचमेविठ-शुतिश्चमेविठ शुतिश्चमे है RECORRRREALKARO 1 नमस्तेमंत्र 16 वा 66 पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चतुर्वि: शतिश्चमेचतुर्छि.शतिश्चमेष्टावि: शतिश्चमेष्टाविर्ट-शति / १.श्चमेद्वाठि शचमेद्वात्रिठ-शचमेषविठ-शचमेषट्विट शञ्चमेच इत्त्वारिठ-शचमेचत्त्वारिठ्शचमेचतुश्चत्त्वारिर्ट शचमेचतुश्चत्त्वारि / ठ.शचमेष्टाचत्वारिठ-शश्चमेसुज्ञेनकल्प्पन्ताम् // 25 // त्र्यवि / श्च // [ नमस्ते ] // व्यविश्चमेन्युवीचमेदित्त्युवाटचमेदित्त्यौ / हीचमेपञ्चविश्चमेपञ्चावीचमेत्रिवृत्त्सश्चमेत्रित्त्साश्चमेतुर्य्यवाट् || चमेतुय्यौंहीचमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् // 26 // पुष्टवाटचं // 1 नमस्तेमंत्र 16 वा 66 पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु ( ACCE पुष्टुवाट्चमेपष्ठीहीचमऽऽक्षाचमेवशाचमऽऋषभश्चमेवेहाचमेनडाँ अ ३३.श्चमेधेनुश्चमेयुजेनकल्प्पन्ताम् // 27 // वाजायस्वाहा // नमस्ते ] // वाजायुस्वाहाप्पसुवायुस्वाहापुिजायुस्वाहाकतवे / स्वाहावसंवेस्वाहाहुपतयेस्वाहाह्रमुग्धायुस्वाहामुग्धायवैनठ. शिनायुस्वाहाविन-शिनऽआन्त्यायुनायस्वाहान्त्यायमौवनायु स्वाहाभुवनस्युपतयेस्वाहाधिपतयेस्वाहाप्पुजापतयेस्वाहा // इ। यन्तराणिमुत्राययुन्तासियमनऽर्जेत्त्वावृष्टयैत्त्वाप्पुजानान्त्वाधि 33 CRRIGARLSOCCARRC 1 नमस्तेमंत्र 16 वा 66 पठित्वा / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्त्याय // 28 // आयुर्भुज्ञे // आयुर्भुज्ञे कल्प्पताम्प्माणो यज्ञेनकल्प्पताञ्चभुय॒ज्ञेनकल्प्पताश्रāथ्युज्ञेनकल्प्पनांवाग्ग्य जेनकल्प्पताम्मनोयुज्ञे कल्प्पतामात्क्मायुज्ञेन॑कल्प्पताम्ब्रह्माय / शेनकल्प्पतालोतिय॒ज्ञेनकल्प्पतास्वय॑ज्ञेनकल्प्पताम्पुष्ठंब्य / ज्ञेनकल्प्पतांय्युज्ञोयुज्ञेनकल्प्पताम् // स्तोम॑श्चयर्जुश्चऽऋक्चसा मचवुहचरथन्तुरञ्च // स्वर्देवाऽअगन्मामृताऽअभूमप्पुजापतेःप्प। जाऽअभूमुक्वेट्स्वाहा // 29 // श्रीरुद्रजाप्येसप्तमोऽध्यायः // 7 // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassa garsuri Gyanmandir . रु० ॐऋचं वाचम् // ऋचुंवाचुम्प्रपद्येमनोयजुत्प्प्रपद्येसामाणम्प अ. 34 पद्येचक्षुत्श्रोत्रम्पपद्ये // वागोज-सुहौजामयिप्पाणापानौ // // 1 // यन्मे // यन्मेछिद्रञ्चक्षुषोदयस्यमनसोवातितृणम्बह स्प्पतिर्मुतद्दधातु // शन्नोभवतुभुवनस्युषस्प्पतिः // 2 // भूर्भुई। व // भूर्भुवःस्वतत्सवितुर्वरेण्यम्भग्ौदेस्यधीमहिधियोयोनः / प्रचोदयात् // 3 // कयानः // कानश्चित्रऽआभुवदूतीसुदावा / धुत्सखा // कयाशचिंष्ठयाबुता // 4 // कस्त्वा // कस्त्वाँसुत्योम है। REAXSAX For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir X15645HICKERCRACK दानाम्म-हिंष्टोमत्सुदन्धसः // टुढाचिंदारुजेब्बसु // 5 // अभीषु / णः // अभीष्णुल्सखीनामविता रितृणाम् // शुतम्भवास्यूतिभिः // 6 // कयात्त्वम् // कयात्त्वत्र उत्त्याभिप्पमन्दसेवषन् // कास्तोतृभ्युऽआर्भर // 7 // इन्द्रोविश्वस्य // इन्द्रोविश्वस्यरा / जति // शन्नोऽअस्तुद्विपदेशश्चतुष्प्पदे // 8 // शन्नोंमित्रः // शन्नौमित्रः शंवरुण शन्नोभवत्त्व[मा // शन्नुऽइट्टोबृहस्प्पतिः / शन्नोविष्णुरुरुकुमः // 9 // शन्नोव्वातः // शन्नोव्वातपवताउंशन्न ? For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रस्तपतुसूर्यः // शन्नुकनिक्रदडेवपुर्जन्योऽअभिवर्षतु // 10 // | अ. अहानिशम् // अहानिशम्भवन्तुनःशठ रात्री प्रतिधीयताम् // शन्नेऽइन्द्राग्नीभवतामाभिःशन्न इन्द्रावरुणारातत्या॥ शन्नऽइंद्रा है। पूषणाबाजेसातौशमिन्द्रासोमासुवितायुशंथ्योः // 11 // शन्न शन्नोंदेवीरभिष्टयुऽआपोभवन्तुपीतये // शंय्योरभिस्रवन्तुनः // // 12 // स्योनाष्टंथिवि // स्योनाथिविनोभवानृथुरा निवेशनी // 35 यांनुःशर्मसुप्पाः // 13 // आपोहिष्टा // आपोहिष्टामयोभु RESORRORESCARLS CIOUCARRCRACCRAC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हस्तानऽर्जेदधातन // मुहेरणायुचयंसे // 14 // योवः // योवः शिवतमोरसुस्तस्यभाजयतेहनः // उशुतीरिवमातरः // 1 15 // तस्म्माऽअरम् // तसमाऽअरङ्गपामवायस्थक्षायुजि / वथ // आपोजनयथाचनः 16 // द्यौः शान्तिः // द्यौःशान्ति / रन्तरिक्षुर्ख-शान्ति पृथिवीशान्तुिरापुत्शान्तुिरोपंधयुः शान्तिः // अनुस्प्पतयुत्शान्तुिर्विश्वेदेवाःशान्तुिर्ब्रह्मशान्तित्सर्ट शान्तुिलशा है। न्तिरेवशान्तुि सामाशान्तिरेधि // 17 // हतुदई. // दृतुदर्छ-हमा / SC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु. मित्रस्यमाचक्षुषास/णिभूतानिसमीक्षन्ताम् // मित्रस्याहञ्चक्षु अ. 36 पासव/णिभूतानिसमीक्षे // मित्रस्युचक्षुषासमीक्षामहे // 18 // हतुदर्छः // दृतुदठ हमाज्योक्तै सुन्दृशिजीव्यासुज्योक्नै सुन्दर्शिजी | व्यासम् // 19 // नमस्ते // नमस्तुहरशोचिनमस्तेऽअस्त्वचि / 6 // अन्याँस्तेऽअस्म्मत्तंपन्तुहेतयः पावकोऽअस्म्मभ्य:-शुिवो है। भव // 20 // नमस्ते // नमस्तेऽअस्तुविद्युतुनमस्तेस्तनयुित्क्न / वे // नमस्तेभगवन्नस्तुयतुःस्व-सुमीहँसे // 21 // योयतः // 136 RECECRETREENASEEKEE For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir CCCCCCCCC योयत:सुमीहंसेतोनोऽअभयंकुरु // शन्न कुरुप्पुजाभ्भ्योभय है। नि: शुब्भ्यः // 22 // सुमित्रियानः // सुमित्रियानुऽआपुऽओष / धयल्सन्तुदुम्मित्रियास्तसम्मैसन्तुयोरम्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिष्म्मः॥ // 23 // तच्चक्षुः // तच्च ?वहितम्पुरस्ताच्छुकमुच्चरत् // पश्य / / मशुरदःशुतजीवैमशुरदःशुतठ शृणुयामशुरदःशुतम्प्रब्रवामशर , दःशुतमदीनात्स्यामशुरद-शुतम्भूयश्चशुरदःशुतात् // 24 // श्रीरुद्रजाप्येअष्टमोऽध्यायः // 8 // // रुद्राध्यायः समाप्तः // For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु० स्वस्तिनः // स्वस्तिनुऽइन्द्रोबुद्धश्रवात्स्वस्तिन-पूपाविश्ववेदाः॥ अ. 30 / स्वस्तिनुस्तायोऽअरिष्टनेमित्स्वस्तिनोबृहस्प्पतिर्दधातु // 25 // पर्य-पृथिव्याम् ॥पय थिव्याम्पयुऽओषधीषुपयोंदियन्तरिक्षुप / योधाः // पय॑स्वतीत्प्पुदिशःसन्तुमह्यम् // 26 // विष्ष्णोरा / हीट // विष्ष्णोररोटमसिविष्ष्णोत्नप्प्त्रेस्त्थोविष्ष्णोत्स्यूरसिबिष्ष्णो ? भ्रुवोसि // वैष्ष्णवमसिविष्णवेत्त्वा // 27 // अग्नि?वता // 37 SAIRSALALAR AASARASACRECRACK 1 रसम् / 2 भूम्याम् / 3 धेहि, स्थापय / 4 मदर्थे / 5 ललाटस्थानीयः / त्वां स्पृशामि | For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir 6 अग्निदेवतावातौंदेवतासूर्योदेवाचुन्द्रमादेवताब्वसवोदेवता // है| द्रादेवतादित्यादेवतांमुस्तौदेवताविश्वेदेवादेवताबृहस्प्पतिर्दैवते / / न्द्रौदेवता वरुणोदेवता // 28 // चुत्त्वारिशृङ्गा // चुत्त्वारिशृङ्गात्रयों / अस्युपादाद्वेशीर्षसुप्तहस्तांसोऽअस्य // त्रिधाबुद्धोवृषभोरौरवी , तिमुहोदेवोमत्त्] २ऽआविवेश // 29 // नमःशम्भुवाय, चमयोभवायचुनम शंकरायंचमयस्कुरायचुनमःशिवायंचशिवत / रायच // 30 // अदितिडौंः // अदितिद्यौदितिरन्तरिक्षमदिति / RSCIENDRRECIRECRABECRECASCHEC For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रु०॥र्मातासपितासपुत्रः // विश्वेदेवाऽअदितिल्पञ्चजनाऽअदितिजा अ. 38 तमदितिर्जनित्त्वम् // 31 // दीर्घाः // दीर्घायुत्वायवलायुबच्चे - सेसुप्रजास्त्त्वायसुहसाऽअथोजीवशुरद शतम् // 32 // द्यौःशा न्तिः॥द्यौःशान्तिरन्तरिक्षठ-शान्ति पृथिवीशान्तुिरापत्शान्तुिरो / पंधयुत्शान्ति वनस्पतयुः ॥शान्तिर्विश्वेदेवाःशान्तिब्रह्मशान्तुिः / सठ-शान्तुिल्शान्तिरेश्वशान्तुिल्सामाशान्तिरेधि // 33 // इति / 3 1 शाखान्तरीयमंत्रोऽयम् / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वस्तिप्रार्थना // श्रीरस्तु // कल्याणमस्तु // शुभं भूयात् // आकृष्ष्णेनुरज॑सावर्तमानोनिवेशयन्नमृतमय॑च॥हिरण्ययेनसवि / तारथेनदेवोजातिभुवनानिपश्यन् // 1 // सूर्यायनमः // इमन्दैवा है। असपर्ट.सुवध्वंमहुतेक्षुत्रायमहतज्यैष्ट्यायमहुतेजानराज्यायेंद्र / / स्योंडियायमुमममुष्यपुत्रममुष्यपुत्रमुस्यैविशएषोमीराजासोमोऽ स्माकंबाह्मणानार्छ राजा // चंद्रायनमः // 2 // अग्निमुदिव का है। त्पति-पृथिव्याऽअयम् // अपार्छ रेताठ-सिजिन्वति // भौमायन / ACCORECAREE For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रुमः // // उर्दुध्यस्वाग्नेप्रतिजागृहित्वमिष्टापूर्तेसर्ट-सृजेथाम अ. 39 यचं // अस्मिनसुधस्थेअध्युत्तरस्मुिनविश्वेदेवायजमानश्चसीदत // बुधायनमः // 4 // बृहस्पतेअतियदुर्योऽअर्हाद्युमद्विभातिक्रतुमज / नेषु॥यदेदयछ्वसंऽऋतप्रजातुतदस्मासुद्रविणंधेहिचित्रम ॥बृहस्प। तयेनमः // 5 // अन्नात्परिश्रुतोरसुब्रह्मणाव्यपिवता–पयुत्सोमं है। प्रजापतिः // ऋते सुत्यमिन्द्रियविपानठे शुक्रमंधसुइंद्रस्येंद्रिय 39 मिदंपयोमृतमधु // शुक्रायनमः // 6 // शन्नोंदैवीरभिष्टयुऽआ। ACCIRCRACROSORRCARE For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पोभवंतुपीतये // शंज्योभिवंतुनः // शनैश्चरायनमः // 7 // कांडात्कांडात्प्ररोहतीपरुषल्परुषुस्परिं // एवानौर्वपतनुसुहस्रेण / शुतेनंच // राहवेनमः // 8 // केतुंकृण्वन्नकेतवेपेशौमर्जाऽअपेशसे / समुपद्भिरजायथा // केतवेनमः // 9 // अग्नेर्जुनित्रममिवृषणोस्था / उर्वश्यायुरेसिपुरुरवाऽअसि॥ गायुत्रेणत्त्वाछन्दसामन्थामित्रष्टुंभ / नत्त्वाछंदसामंथामिजागतेनत्वाछंदसामंथामि // मुन्थायनमः // 6 // 10 // श्रीशुभंभवतु // कल्याणमस्तु // श्रीः // श्रीः // श्रीः // A 1 मुथहा ( इन्धिहा ) यै नमः / For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir CE5%A5%25A5AX इदं पुस्तकं योद्धपुरस्थ-बहुरा सीतारामात्मज पं० पन्नालालशर्मा ( सांगवेदाध्यापक ) इत्येतैः टिप्पण्पादिभिः समलङ्कतं संशोधित तदेव च जोधपुर, 'समस्तपुस्तकालयाध्यक्ष' श्रीमालिब्राह्मण बहुरा दयारामात्मज पं० हंसराजशर्मा इत्यनेन मोहमय्यां 'जगदीश्वर' मुद्रणालये मुद्रयित्वा योडपुरे प्रकाशितम् / SASARASHTRA शके 1837, सन 1915. मुद्रक-वि. वि. पाठक जगदीश्वर छापखाना; गिरगांव-मुंबई. प्रकाशक -बहुरा दयारामात्मज पं. हंसराजशा समस्तपुस्तकालय-जोधपुर. For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir STORoaswaragoASOORIGOROAROACANOARDANAS विज्ञापन श्रीसमस्तपुस्तकालय, बुकडेपो-जोधपुर. इस पुस्तकालयमें अनेक प्रकारके ग्रंथ, जैसे वेद-वेदांत-धर्मशास्त्र-कर्मकांड-पुराण-च्याकरण-न्याय-काव्य-कोश-12 & छंद-ज्योतिष-अलंकार-नाटक, हिन्द्रस्थानी भाषाके अनेकानेक ग्रंथ, मारवाडी ख्याल-किस्सा-कहानी-गायन-लावनी-S इत्यादि हर किस्मकी हिन्दी अंग्रेजी, उरद, फारसी, इस्कूलोंकी पड़ाईकी भी हरसमय विक्रयार्थ तयार रहती है और उचित मूल्यपर दी जाती हैं. जिस्को जिस पुस्तककी जरूरत हो, इस पुस्तकालयसे मंगवाकर लाभ उठावै. (श्रीसमस्तपस्तकालयकी वतन छपी पुस्तकोंकी संक्षिप्त सूची) म. डा०म० मूल्य. डा.म. | हनुमान चालीसा ... ... दी मूल शुक्रयजुर्वेदी अष्टाध्यायी. 15000 वाताबोध शिक्षा चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन ... ytbn अनेक प्रकारके पुस्तक मिलनेका पत्तातपर्णपद्धति ... ... you मनसावाचाव्रतकथा (वार्ता). // पं०हंसराज शर्मा आरती जय शिव ओंकारासहित मैनेजर-श्रीसमस्तपुस्तकालय बुकडेपो. शिवमहिम्न चंद्रशेखराष्टक शिवरामाष्टक सहित मूल 10 // शिवमहिम्न ०शिवरा० भा. टीकासहित // -मारवाड. லலலாலிபரலி) on For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - Also MANNARAYANAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAYE // इति शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायीसमाप्तः // जजजजजजजजजजज For Private And Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir სტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტტდ श्री जैन आत्मानन्द-ग्रंथ-रत्नमाळा. მგზადდდდდდდდდდდ ტიტტტტტტტტტტტტრ नावनगर, σφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφφα For Private And Personal Use Only