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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.॥ नमसिद्धं श्री ध० धर्म मं० में 30 मत अ. जी १७नेदे १श्ने दे० देवता न०नमस्का अ. र वितरागायनमः गलिक क्राळे वदया संजम दे तप दिक र करें || नमःसिद्धधम्मो मंगल मुकिंचंअहिंसा संजमो तवो॥ देवावितं नमसति |ज. जे ध०धर्म स० सदाई // 1 // ज० ०वृष्य पु०फुल नन्न प्रा०म, वि०पीए सं० हनों मांहें मनहोए जेम नां ने विषे मरो र्यादा रस जस्स धम्मे सयामणो // 1 // जहां दुमस्स पुप्फेसु॥ जमरो यां वियर सं॥ न०नन पु०फ कि०किलाम ते न य० पी०त्री पोताना // 2 // एष ए० स०मुकाणा पजावे बने ... ना. मरो वली तोकरी आत्माने कारे ए साधु परीयथी निय पुफ किलामेशा सो य पीणे अप्पयं // // एमे ए समणामुत्ता। जेजेलो सं० साधुने वि० नमरा पु०फुल दां. नातनीए र०रा 3 व. च. पाहार कने विषे ले विषे जेम ने विष दीधा पणानेविषे ता अमे वलि वृतिने जेलोए संति साहूणो॥ विहंगमाव पुप्फे.सु॥ दांण लत्तेसणे रया॥३॥वयं च वित्तं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस ल० पाम नही कोइ न०न नहणा गृहस्थ पोताने री०वी पु०फुत्र नन ज.जे || सुं जेम प्रांशी एतेम अर्थे कीधाते चरे नेविषे मरा म 5 लझामों। नय कोश् ब हम्मा आहामडेसु रीयंते॥ पुफेसु जमरो जहां 4 म. नम स०सरीषा बु० जे०न० अ०नेत्राप्रति नानाप्र प्रादार रातादिना तेरोक दु०क | रा त्वनाजायसाधु जे बंधरहित कारनां नेविषे दमणहार रीने हि महुकार समा बुद्धा॥ जेनवंति अणिस्सिया॥ नांणा पिंड रयादंता॥ तेण बुचंति साधु चा 30 एम // 5 // वृष्यनीप्फुलनीनपमानोअध्ययनसंपूर्ण ॥॥क०किम नुवि रित्रिया कहुईं तिप्रथमअध्ययनन्नवतुनामययोजाणवो चारणे कु. पाले साहणो त्तिबेमि // 5 // दुमपुफियानांमअभ्षयणंसम्मतं // // कहं न्नु कुष्पा सा० चा जेकोकाम न निवारे पप्पगले विषवादपाम संपाहुगाअध्ययवसायने रित्रने नोगते नहीं पगले तोयको वण्वसे गणपोहतोयको / सामन्नं॥ जोकामेन नविवारए। पएपए विसियंतो॥ संकप्पस वसं गन // 1 // - For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 3 // इस. व०व सुगंध अलंकार इस्त्रिनीजा सिज्या व पोतानेएतला नोगवता नहीपूरषत्यागीकही अ || स्त्र वस्तु प्रानर्ण ति आसन सी वानानथीजे पणनथी पचषांणप्रसकर्वामाटे 5 वत्व गंध मलंका। शबिओ सयणाणि य॥अबंदाजेन भुपतिनसेचात्तिवुचई श्जेण्जेकोश्यअवधार नोगनेविषल पांभ्याए सापोता चण्डके सेन्ते चा० ०कही रोकेण्वालोपि.सदारंवालो वानोगनेवेगलाकरेतेजे नेवसत्ता लोगनें निथें त्यागी म 3 2 जेयकंतेपिएभोए॥ लडेविपिठिकुव्वज्ञासाहिणे चयश्भोए।सेहू चा त्तिबुच्च३३ / समतापरि पे०वि ५०विचारतां सिक म०म नि.निसरे संजमधी तिवारे मचिंत सामकहीई चारीने साधुनें दाचित् न ___ बाहिर नहीनहीमारी/ समाहि पेहाए परिवयंतो सिया मणो निस्सरई बहिद्धा॥ नसामहनो सा०तेस्त्रिनोनही तेस्त्रीनेएमचिंतक्तातेस्त्रीय प्रा०त्रुवातापना च० सोपसुकमा|| निश्हुपण कीतिवारमनवसकरवानिम 4 लें गमें लपणो | विअहंपितिसे॥ श्चेवतानविणज्जरागं // 4 // आयाक्याही चय सोगमल्लं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. कामनोगनेक किनन खु०निश्चे बिदे दो. वि.टाने राग एण्एमकाधेनतेसुषीहोईसं० 4 | नलग्यातज्यातें घु ष द्वेषने ने संसारने 5 कांमेकमाही किमियं खुदरकाब्दिाहि दोसं विणएजराग।एवंसुहीहीहिसीसंपराए | राजेमतीरहनेमिनेक जो अग्निमाहेअनीकेहवोठे तापखमतानेदोदेखें जेहनेन अगंधनकुडोकुलानेविर्षे हेप०पीसीनीपरेज बलति धु.धुश्रामोजे वांवम्याआहारनेनोलेवाने जानपनासर्प |mयापखंदेजलियंजोई॥धूमकोग्दुरासयं। नेगंतवंतयभोतं॥ कुलेंजायाधण। | धिणपिका जव्हेअपज जो. नी.असंजमजी वं०वम्यानो पाने तेमाटेसेक्श्रेयनि 6 रहोतुजने सनाकामी जेतु बतव्यनेमुकाणो गर्नेगमेने वाने धेनलुत्रुजनेमरणेने ॥६॥धिरडते जसोकामी॥जोतं जिवीयकारणावंतगंस आवेनासेयंतेमरणंजवे प्र०हुअनोजकराजानीपोत्रीप्रने तंतुव प्रांपकविष्णुनोपोत्रो मा०रषेकुलगंधकुगनास सं०सं वधारणे उग्रसेननीबेटी लित्र समुद्रविजयराजानोपुत्र पसरपाहो.थान जमने 7 अहंच लोगरायस्स॥ तंचसि अधगविएिहणो। माकुलेगंधणाहोमोसंजमं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.प.पांडुयाजाणी ति.त्रिण कायनेविसं सम्यक पाच द्वि निग्रहकरणं धी. धीर्यवंत नि। गयाजेणे गुप्त प्रकारेयत्नानाकारणहार यनें दार निग्रंथ परिन्नाया // तिगुत्ता सुसंजया // पंच निगाहणा धीरा निग्गांथा सरलद्रष्टीजोइसंज आ.तापना गिनना हे सीत वस्त्रवेगलामुकी वाल्वर, मनापासणहार 11 सीए लानेविषे काले टाढषमे साले || नपुदंसिणो // 11 // आयावयंति गिम्हेसु // हेमंतेसु अवानमा // वासासु" अंगनपागनेसंवरे सम्यकप्रकारेज स.झानना प परीसहरूपद धू.वेगल कीधो | एकगमबेसे नानाकरणहार धरणहार 12 अ.वेरीजेणे म्या मोहजेणे | पडिसंजीणा // संजयासुं समाहिया // 1 // परीसहरीन दंता // धूयमोहा जि.जित्या स सर्वसरीर प.षपाववा प.नद्यम म.मोटारु 10 करक्तव्यक इंद्रिजेणे मानसीपनी नेर्थे करे सिर 13 रीने जिदिया सबदुरक पहीणठ्ठा॥ पकमंति महेसिणो // 13 // दुक्कराकरित्तांण For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस, दोहिलासहीसकाई सहिनेय० के.कोईकएमा देदेवलोकने केटलायक नी कर्मरजर - In एदवापरीतहने वलि दिलासाधु विषेठपजे सिद्वथया हितथया 15 दुसहायं सहेत्रुय // केश्य देवलोएसु॥ केशसिम्पति नीरया // 14 // ख.पपा पु.पाउलानव सं.संजमें तकरी सि मोकमार्गने अपां बकायनीराष वीने नाकर्मनई करी य.वलि म्याथका पहारी खवित्ता पुव्वकम्माशी संजमण तवणय॥ सिद्धिमग्गामापना तामी। आतिहिसी एमकडं थोडीगाथाश्त्राचारनोतितृतीअध्ययनसंपूर्ण // 3 // एवा सालल्यु तलथया उठं 15 साधुनेठकायनीदयापालवीतेमाटेचोथुअध्ययनकहे॥३॥ मे मे परिनिवुझ॥ त्तिबेमी // 1 // खुम्गतिआयारअभ्षयणंतश्यस॥३॥ सुयंमे प्रा.मानषावंत नग ए एम जिनसासननेविषे उ बजीवणी ना एहवेना सीष्यतेणे .वंत ए कडं ख.निश्वे या मेअध्ययन आग्संतेणं॥ जगवया एवमखाय॥ एहखल जिवणिया नांमझयणं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दत एप दो दोषनेजाणीने व वधारणहारवर्ने वेलवे मुण्साधु ए०एकांतमोक्ष उरगति श्यानाघरसमीपपामाने मार्गनेंपासरयोथको 11 वझ्झए वेसमामते मुणिएगंतमस्सिए 11 सा०कुतरो सु०सुया दि.पुष्ट गो बलद संम्बालकनेंरमवानाथानफ दूर वीगाए ह.घोमाहाथी के०कलेससंग्रामएटलानें थी साणं सुश्यंगावि दित्ति गोणं हयंगयं संमित्रकलहंजुद्धं दूरन वर्जे 12 अद्रव्यथीनिपटचंचोजोश्नेहींमेजावथीअनिमानरहितही नादिकहर्षरदि नाद्रव्यथीनिपटनीचोजोश्नावथीदीनपणेरहित अ.ला. तआकुलपणारहित परिवझ्झए 12 एणुनअनावणए अप्पहिलेपणानले इंदि ३०इंद्रियनें ज.जया द.वशकरीने मुण्साधु द०नतावलो 2 ना०बो नावहोयतेम विचरे 13 नण्नचाले सताथयाई जहानागं दमश्तामुणिचरे 13 दवदवस नगझ्झा . नास For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रा० प्रा को यण्वलीगोचरीने ह०हसतोथकोन कु घरे न मोटानाने विषेनजाए जाए स.सदाइ 14 गोख माणोयंगोयरे हसंतोनानिगझ्झा कुलं उचावयं सया 14 थि०थीगडुंचएqहोय सं०संविबेघरनी दण्पाणी च.एंटलानेंचालतां न० जो- सं०ए तेदार हार य०वली एनही संकालोयं थिगलंदारं संदि दगनवणाणिय चरंतो नविनिपाए संक नाथानकनेवि०विशे- रा०राजानागि गाथापति ए.एकांतगुह्यकरवाना। पवर्जे 15 ना च.वली थानकनेरकोटवालनाय पूर्णे टलाकगणंविवाए 15 रनोगिहवश्णंच रहस्सारख्खियणिय संकि लेसकारी दू.वेगलेथकी प.गंबनीक कु.कुलें मा०जेकोश्कहे थांनकने वर्जे 16 न.गोचरीनजाए जेमारेमावलेसकरंगणं दूर-परिवझ्झए 16 पमिकुठंकुलंनपवेसे मामगंपरि म.ए. For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ____थकोसाधु वस. एनही न०याखफटारीनेनजुर नि०पागेवले अ.अण. अ०मर्यादानसंघीने / 'प्राहारलाधे __बोलतोयको 23 आघोनजाए नप्फुलंनविनिपाए 22 नियढिनं अयंपिरो 23 अश्मुर्मिनगरे___ ग.गोचरी गगयो कण्कुलनीमर्यादाए नुनुमी मि०मर्यादाए नुनू सुधी जा-जाणीने मिसुधीजाए 24 प्रा. गोयरग्गगमुणी कुलसभुमिजाणित्ता भियंभुमिपरकमे 24 || त०तिहांनिश्चे प०६- नू निर्दोषनूमिनाविनागर्ने लि०सनाननाथांनकने व० टीजोश्न वि०चतुरसाधु वमीनीतनाथानकनें तथ्थेवपमिलेहेत्रा भूमिनागवियख्खणो सिणाणस्सयवच्चस्स संजोयो प.वतिहांकोअंघोलादिक द्वेतमाटे 25 द पांणीमाटी बि०बीजने ह०हरीकायने करतोहायतेहनेनजरपोकामरागादिव- प्रा०मार्गने ___य०वलीएटलाने संलोगंपरिवानए 25 दगमट्टियआयाणे वियांणिहरियाणियं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. प.वरजतोथको चि. स.पचइंद्रियेकरी स.समा त.तिहां से.ते चि ऊना अ. नन्नोरहे धीवंतसाधु 26 __रह्यासाधुने . परिवतोचिना सविदियसमाहिय 26 तत्थसेचिठ्ठमाणस्स आणीआपेगृहस्थ अ.अकल्पनीकाहारने प०खिए क.कल्पनीका__आहारपांणीने नम्नवांडे हारने 27 आहारेपांणजोयण अकप्पियंनश्श्वना पम्गिाहिप्रकप्पियंश हवेअकल्पनीकाहारअनेकल्प- स्त्री सि.कदाचिततिहां पन्नुमी दि.देतापते प. नीकदेखामेचे प्राणीयापती नपरनाखेयाहारने वारे आहारंतिसियातत्थ परिसामित्रनोयणं दितियपमियाश्ख्खे न०नकल् मे मुजने ता.तेनाखता स.चांपतीथकी पा.प्राण बी०बीजने ह.हरीकायनें आण्याआहारने 27 जीवनें य.वली // नमेकप्पर तारिसं 20 सम्मदमांणी पांणाणी बीयाणि हरियाणि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.. स अ.असंजमनीकरणहारने ता.तेहवाग्राहारने मुलगानाजनमाहेथीबीजानाज अ. न जाणीने ०वर्जे ए नाहे सा.काढीनेनि घालीनेापे | य असंजमंकरिंनचा तारिसंपवित्रए ए साहट्टनख्खिवित्ताणं स०सचित्तवस्तुने ततेमजवली न०पांणीनेहलावीने घरनेागघ.संघटकरीने स.साधुने अर्थे आ 30 लेपणीहोय सचित्तंघटियांणीय तहेवसमणठाए गदगंसंपणोलिया 30 आ तेमांहे आपसीने च०तथा आ.आहारपांणीने दि.देताप्रते पणश्म नन अरहूंपरहूंचलावीनेापे कहे कल्पे गाहश्त्ता चलश्त्ता आहारेपाणलोयणं दितियं पमियाश्ख्खे न मे०मुजने ता०तेहनो प.पहिलुंजसचितपाणीखरमें द० चाटुए नानाजने आहारयुग्म 31 ह.हाथेकरी करीअथवा म्मेकप्पर तारिसं 31 पुरेकम्मेण हत्थेणं दविए जायणेणवा दि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रते प०३मकहे . न.नकपेमुजनेतेहेवो केटलीवस्तुएखरमेहाथेलेतांपूराकर्मदोष अ. आहार 32 लागेकहेडे ए०एमपूर्वेकह्या न०तेम तियं पमियाख्खे नम्मेकप्पश्तारिसं 32 एबुंनुद नल्लेससणिद्धे पाणीजरेतेहाथ 1 स०पाणी धुल 4 हण्हरीयाल 5 म.मण सिल अं. सरमो नीनेहाथे म०माटीन सवारी हिहीमूलुं 6 लोलुंण ए // 3 // सप्तरख्खे मट्टियाग्से हरियाले हिंगुलुए मणोसिला अंचणे लोणे 33 गे०सोनागेरुय.वलीव० हर्म सो.तुरीपासदेवाएते 13 पि.करमी-पीठ खरमयाहोयन वलीका चिवाती से धोलीखकी ततकालदलोलोटकुकसा क०तेणेकरीहस्तादिक लांगमानासुक्ष्मखंझतथा गेरु यवन्नियसेढियं सोरठियपिठ्ठकुकुसकएय नक्कटमसंसठे प्रामलीप्रमुखनाद्यांपत्रपांनमाजीवनाप्रदेसरह्याहोय 16 लीकबस्तुए सं०हस्तादिकखरमयाए केटलोकवस्तुए हस्तादिक अ.नखरमाएपानाप्रमुखकेट- पाणीप्रमुखेचे व०निश्चेपूर्वेपहिलाए ससठेचेवबोडवे 34 असंसटेणंहत्थेणं . दविएनायणेणवा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. दस टलानेखरमेतथासंघटनतेआहारनेनलीएपुराकर्म- खरमें ना अथवा ह.हाथें द.चाटएकरीका दोपलागेतेमाटे बो॰एमजाणवाअसनादिकअण- सीए दि देताथकां न नश्पकोश्कहस्ता दिनमांणंनषा पगकम्मंजहिंजवे 35 (दिकीधोवालहेंतेणेकरी प. पगतकर्मदोष ज० जेलीधी सं.अंनादिकखरमे द०चाटुए नातेतेणेंकरी नहोयतेमनलीए 35 ह हाथ जनेकरी संसरेण हत्थेणा . दिविए नायणेणवा दण्देताथका ___ जंजोतिहां ए एषणीक दोविजणे तुअवधारणे पलिये नहोएलीए 36 जिमताथकातेमाहिलो दिप्रमाणं पमिलेना जंतत्थेसणियं नवे 36 / / दोएहं तु मुंप्रमा एएक ततिहां दिण्देताका नन अन्तिप्राय संतेहने निआमंत्र वातथा अणबोलानो प०जोए गाणं एगोतत्थ निमंतए दिजमाण नश्वेता बंदं से पामले For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस | तेहनोमननाव दोब्बे तु०अवधारणे दोण्वेहुने त.तिहां नि० दिदेता . 6 देखेतोलीए 37 नु०जिमताथका आमंत्रे थका हए 37 दोएह तु भुप्रमाणाणं . दोवी तथ्थ निमंतए दिनमा प.वांठे जंजेतिहां ए०एषणीक गु गर्भवतीस्त्रीनेअर्थे वि० नहोइ 37 न निपायु - नाना णं पमित्रा जंतत्थेसणीयं नवे 37 गुव्विणिए नववन्नथं वि प्रकारनां पा०पाणी नो० नुण्तथाजिमतीहोय वि०ते . नु०जिमतानगरयाहोयते लोजननेजमतोहोय वारेवरजतेप आरसीए ३ए विहं पाण जोयणं. भुप्रमाणं विवषेत्रा भुत्तसेसंपमिठए 35 सीकदाचीत य०पूर्णे गगर्नवती का.मासपुरा न नन्नीथकी वाअवधार स०साधुनेअर्थे थयाहोयतेहवा णे निबेसेअथवा सीया य समणगए गुविण गालमासिणी गया वा निसिए For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. निबेस वा अथवा पु. तं.तेपूर्वाकाले न होश संसाधुने अ.अक ||अ. नठेएमापतोनलीए 40 नानातणंणीअवधारणे स्पनिक | प्रा निसंना वा पुणेगए 40 तं नवे जत्तपाणंतु संजयाणं अक दिण्देताप्रते न .नकल्पे मे मुजने ता तेहवो एहवीआवसेतेहनो प०एमकहे आहारलेवो 11 आगली ए गाथा एमहीजजाणवो ? प्पियं दितियं पमियाख्खे नमेकप्पश्तारीसं 41 थ०स्त्रीधवरा ___ दा.बालकने वा अथवा तं.तेबालकने नि.वगेमीने वतीहोर ___ कु.गेकरीने हेठेमुकीने रो.रोताथको थणगंपिप्रेमाणी दारगं वा कुमारियं तं निखिवितु रोयंतं आप्रा.अापे पा०पाणीप्रनेतं.पूर्वोक्त न जातपाणी संसाधुने अ०अकनोजन 52 तु०विचारणा स्पनीक हारे पाणलोयणं 42 तं नवेजत्तपाणं तु संजयाणं अकम्पीयं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस दि.देताप्रते प०एम न.नकल्पेमुजने तातेह- जंजे नदोय ज.लातपाणी वोपाहारलेवो 43 / तु विचारणे दितियं पमियाख्खे नमेकप्पर तारिसं 43 . जं नवे जत्तपाणं तु क०कल्पनीक अ०अकल्पनीक दि.देताप्रते प० न.नकळपेमुजने ता.तेहवो ऐवेकरीनेवि सं संकासहीत एमकहे आहारलेवो 4 कप्पा कप्पांमि संकियं दितियंपमियाख्खे नमेकप्पश्तारि 44 आहारादिकने द पाणीने नि.निसात्रेकरी पि.पाणीए वा अथवासनावना ले.माटी घमेकरी पि०ढाक्योहोय करी वा अथवालोढेकरी प्रमुखनेलेपेकर दगवारेण पिहियं निसाए पिदएण वा लोढणवाविले वेणं सि सि-सिलाप्रमुखावलीकोणी.. तं०तेवली नपरहूंकरीने स साधुनेअपरहा केमुंद्राकीधीहोय // दि.दिएआहारने लेसेणंवकेण 45 तंच नप्रिंदिनदिनदिना समणछाए करीने For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 67/ दस. व.पदपूर्णे दा. . दि०देताप्रतें न०नकल्पमुजने अ.असन श्र. देणहारदातार प.एमकहे ता०तेहवो 46 तेअनादिक व दावए दितियं पमियाख्खे नम्मेकप्पश् तारिसं 46 असणं पा.पाणीअथवा खाण्मेवाप्रमुख सा॰मुख जंजे जा जाणे दा-दाननेअर्थे निश्चे वास त.तिमहीज सु.सांन्नले तेजसवधारवाने पांणगवावि खाश्मं साश्मं तहा . जं जाणेन सुशेषावा दाणंछा अर्थे प.कीधुळेए तं.तेहोय ना. संसाधुने अ.अक- दि०देता चाराहारने 57 नातपाणी पनीक प्रते पगमश्म 47 तं नवेजत्तपाणंतु संजयांणं अकंप्पिश् दितियंप ५०एमकहे ननकल्पमुजने अ.असनतेअनादिक पां० खाण्मेवा तेहवो 40 पाणी वा अथवानिश्च - प्रमुख .|| मियाख्खे नम्मेकप्पश्तारिसं 47 असणं पांणंगं वावि खाश्म For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. त.तिमहीज साश्मं तहा जन्नातपाणी कहे जत्तपांणंतु आहारलेवो 50 जेजाणे सु०कोइपासे पु.पुन्यने अर्थेजेमादरपूर्वनवे तण्ते अ. सानले नटुंथायतेपुन्यनेर्थे / जं जाणेन सुणेषावा पुन्नट्ठापगमेश्मं ४ए / संसाधुनेअक दिदेतांप्रते प.श्म न.नकल्पमुस्पनीक ऊनेतेहवो संजयांणंअकप्पिये दित्तियं पमियाख्खे नम्मेकप्प अ.असनादिक ! खा.खादिममेवादिक जं. - पाणी सा.सादिमतिमहीज जाणे असणंपांणगंवावि खाइमं साइमंतहा जंजाणे वनिखारीकपणनेप्रर्थे तेहोय ना. सं.सापकीधुश्म 51 जातपाणी वणिमठा पगइमं 51 तंनवे लत्तपांणंतु संज श्त्तारिसं 50 सु०सानले अथवा प्र मुणेषावा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अण्अकल्पनीक दिदेतांप्रते दस. न. नकल्पेमुजने तातेहवो प०मकहे प्रादारलेवो 55 याणं अकप्पियं दितियं पमियाश्रूखे नम्मेकप्पर तारिसं 55 अअण्असनतेअनादिक खा.खादिममेवाप्रमुख जं.जाणेजे सुण्सान- स.सा पो.पाणी सा.सादिमतेमज लीनेअथवा कयादि | सणं पांणगंवावि खाश्मं साश्मंतहा जंजाणेन सुणेशवा सम तापसनेअर्थे प०कीधुं तं तेहोए न.नात संसाधुने अ.अक. इम 53 पाणी स्पनीक मठ्ठा पगश्म 53 तंजवे लत्तपांणंतु संजयांणं अकप्पियं दि दिण्देतांप्रतें नग्नकल्पेमुजनेतेहबो नु०साधुने अर्थेकीधुंहोय पू.प्राधाकर्मी आदारलेवो 65 कि.मूलेआएयो एकसोथन्नत्यु तियं पमियाश्रूखे नम्मेकप्पइतारिसं 54 उद्देसियं कीयंग पूश्कम्म प०एमकहे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस, होयनिर्दोषाहारभहितेपोतेकर्ममुलगाान्तरणमाह तेअप्लोयर अ.सादमो मी०मीश्रपोताने ||प्र. | पढेकाएकसाधुने अर्थेयोमासाचीखादिकोश्या प्राण्यो पानबीनोआएयो साधुनेअर्थेकीधों चाहमं __ अनोयर पांमिच मीसजायंच मीश्रतेसाधु आहारनपरेसंकायावेएमपूजेतेकहेले पू०पूढे कण्कोनेअर्थे तुमारेअर्थे कीधा वर्जे 55 ननत्पत्तितेसघलाप्राहारनी यवली किंवाअनेराअर्थकोण वा अथवा ठे चनए 55 नग्गंमसे यपूरेषा कस्सष्ठाकेण वाक सो०पडेसनलीनेसंदेहरहित . प०ग्रहे ___ अ.असनतेंअनादिक सु०निर्दोषजाणीने सं.साधु 56 पापांणीअथवा सोचानिसंकियं सुद्धं पमिगाहेन संजए 56 असणं पांणगंवावि खा.खादिमसादिम पु०फुलनपरेहोय बी०वीजनपरेहोय वा अथवा त.तिमहीज नफुलेकरीमिश्र हरीकायनपरेहाय खाश्मंसाश्मं तहा पुप्फेसुहोप्रनम्मीसं बीएसुहरिएसुवा 57 For Private and Personal Use Only
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________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra नण्नक-अ. पेमुजने 5 दस. तण्तेहोय सं०संजतिने अ. दिदेतांप्रतें न नातपाणी अकल्पनिक प.श्मकह तंनवे जत्तपांणंतु संजयाणं अकप्पियं दितियं पमियाख्खे नम्मे ता तेहवोआहार अ असनतेअनादिक खा०खादिमसादिम न.पाणी लेवो 57 पां.पाणीनि0 नश्च ततेम नपरे कप्प३ तारिसं 57 असणं पांणगंवावि खाश्मंसाश्मं तहा उद / होय नि०मुक्या ननुयांकीमीनेंदरनपरे प०नीलफुल तं०तेपूर्वोक्तहोय सं नपरे वा अथवा एए न .नातपाणी साधुगंमिहोन निखित्तं त्तिंग पणगेसु वां एए तं नवेनत्तपांणंतु सं ने अ०अकल्पदि देताप्रते त .नकल्पेमुजने अ.अ. नीक . पण्मकदे ताण्तेदवोपाहार 60 सनते. जयांण अकप्पियं दित्तियं पमियाश्ख्खे नम्मेकप्प३ तारिसं 60 अस For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. अनादिक पा०पाणीअथ- खा०खादिमसादिम अ० अग्निउपरेहोय तं.अ. वानिश्चें . तख्तेमज मुक्या णं पांणगंवावि खाश्मसाश्मं तहा अगणिमीहोपनिखित्तं तंच अग्निनावली सं०संघट्ट तं०तेपूर्वोक्तहोय ना. सं०साधुनें अ०अक- दि देता __ करीनंदीए 61 नातपाणी स्पनीक प्रतें संघट्टियादए 61 तं नवेनत्तपांणंतु संजयांणं अकप्पियं दिति प.एमकहे न.नकल्पमुजने ता०तेहवो ए० एमहिजचुलाश्चणाधु आहारलेवो 62 करी न घणकाढे नुण्योडुसुंधण यं पमियाश्ख्खे नम्मेकप्पर तारिसं 62 . एवं नस्सकिया नस्सकिया घालीनेअजवालुंकरेविशेषे निअमिनलवे न.धाननन्नरातुं रीनेत्रापे निदूधादिक इंधणघालीनेप्रजाले जाणीतेवस्तुबीजानाजनमानसा- उत्तरातुंजांणीपाणीनतालियापप्रभालिया निव्वाविया उसंचिया निस्सिंचिया For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. एसींचीनेआपे चु.चुलानपरथी आहारादिकलीए 63 तं ते सं०साधुने अण्प्रकल्प-अ. हांमलीबीजानाजनमांघालीपापे पूर्वोक्तहोए न.नातपाणी नीक वत्तियाग्यारियादए 63 तं नवेजत्तपांणंतु . संजयाणं अकप्पियं दि०देतांप्रतें नग्नकल्पेमुजने ता तेहवोअग्निना होण्हो क०लाकमो सि.पाषाण५०एमकहे संघटनोपाहारलेवों 63 नीसिला वा अथवा दित्तियं पमियाख्खे नम्मेकप्पर तारिसं 64 होनं कळं सिलंवावि ६.इटाला वा अथवाए. ठथाप्यामांड्याहोयपगथीया तं०तेपगथीयांवलीहोय एकदावर्षाकालप्रमुखने ___ स.नपरथश्नेजावाने अर्थे च.दालतांअधीर 65 इट्टालं वावि एगया विय संकमठाए तंचहोन चलाचलं 65 न नहीतेपगथीयानपरसाधु दिदीगेतिहांजातातीर्थकर गं०तेप्रकासरहित झु. ___ ग.जाएनही असंजम वीचपोसाहोएपदपूर्णे नतेणंनिख्खू गन्ना दिह्रोतअसंजमो गंजीर झुसिरंचेव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 466 चढे // 6 दस. स.सर्वइंद्रियेकरी समाधीवंतसाधुनजाए नि.निसरणी ननंचाकरीने आ० | फ.पाटी पी०वाजोठएतलावानां सचिंदियसमाहिए 66 निसिणि फलगं पीढं उसवित्ताणंमारुहे मं०मांचीनपरथइनेखीलाळपर स०साधुनेआहारदेवाने 5.चढतीथकी थनें च.वलीपीढणीकपरचढी अर्थेदातारगृहस्थ 67 प०पके मंचकिलं चपासाय समठाएवदावए 67 दुरुहमांणी पवमेण ह हाथपगपण लु. पु.एथ्वीना जीजीवपण जे.जेकांवली तंण्तेप्टयविनेमा. उखाए "हिं॰हणाए सरयाहोएत्रसजीवतेपणहणाए 67 हत्थपायंच लुसए पुढवि जीवेवी हिंसेना जेय तंनिस्सियाजग्गा 67 एएहवा म मोटा जाजाणीने मण्मोटा तण्तेमाटेपीटणीआदिथी दोषने रिषीसर श्राणीप्रापीएवीनिकानें एयारिसे महादोसे जाणेनणं महेसिणं तम्हामालोहमंनिख्खू For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस, ननलीए संसाधु कंण्सुरणकंदादिकमुल प.फल निबेद्योएवावली सं. चारित्रिया ६ए वा अथवाकाचा ___ पत्रसाकपानमां नपमिगिन्हंति संजया ६ए कंदं मुलं पलंबं वा आमंन्निव संनिरं तु तुबमोवली सिं, आ.सचितएटलावानां ततिमहीज स.जवजा ___आदू . प०वर्जे 70 ___रनोचूर्ण तुंबाग सिंगवरंच आमगं परिवत्रए 70 तहेव सतुचुन्नाई को बोरनोचूर्ण प्रा०हा- सं.तलसांकली फा०ढीलो अ०अनेरु वा.साधुने ___टनेविषे गोल पू०पूगलो लेवासरखंतथाप्रकारनो 71 कोलचुन्ना आवणे संकुलि फाणियं पूयं अन्नं वावितहांचियं विवेचतांधकां प.फट र सचितरजेकरीखरमयुं दि०देतांथकां न.नकल्पे | प्रगटजणायतम होय प.श्मकहे मुजने विकायमांणं पसदं रएणंपरिफासियं दितियं पमियाश्ख्खे नम्मे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 76 दस. ताण्तेहवोसचित्तरजेंखरज्यो बघणां अण्फुलियाहोए अवृदनाफल ब.घणा आहारलेवोमांहे 72 एहवोपुदगल कांटा कप्पश्तारिसं 2 बहु अठियंपोगलं अणिमिसंवा बहुकंटयं अ.अगथियानो तितिंदूक खमकटका सि.सांमलीवृदनो वलीजेवनस्पतिमाहे अ.थोड़ें वृक्षनो बि.वलिसेलमीना फलतथावेलीनाफल. 74 सिंहोय नो०खावासरिखु अत्थियं तिदुयं बिलं बुखमं सिंबल 73 अप्पे सिया जोयण बघणु ध०सन्नावकुलियाकांटाबालगीरप्रमुखनखाए थकाइमकहेनकल्पेमुजने घणुखवाएथोमोएवेवनस्पतिनांफुलतथाफलने दि.देतां तेहवोफल 74 जाए बहुजिय धम्मिए दितियंपमियाश्ख्खे . नम्मेकप्पश्ता हवेपणीनोअधिकारकडे पा.पांणी अ.अथवाधमां सं.कथरोटनोधोयण त.तिमहीज न.सखरुनखलं हामलानोधोयण चा०चोखानाधोयणपाणी रिसं 4 तहे वुच्चावएपांण अदुवावार धोयणं संसेश्मंचान. For Private and Personal Use Only
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________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra दस. अ०ततकालनोधोयणजीवनाप्रदेसरह्या जंजेपणीने जा जाणीने चि० मतिकरी | जा होयतेमाटेएवापांणीनेवर्जे 75 घणाकालनो धो धोणले लोदंग अहुणीधोयंविवषए 5 जं जाणिनचिरा धोयं म द०देखवेकरी प.कोश्कनें पूरीने सुण्कोश्कपासे जं.जपाणी च.वली नि.संदेह अथवा सनिलीने अथवा रहितहो 76 / एदरिसणेणवा पमिपूगिएण सुचावाजं च निस्संकियंजवे 76 अ.जीवरहितप्राशुक प.फरसादिक न.जाणीने प.फरसादिकपरि. अ.अथवा संपरखेनपीवाए परीणम्यांहोयएवापांणीने णभ्याहोयएवोपांणीने संसाधु एवीसंकासहितपाणीहोयते अजीवं परिणयनचा पम्गिाहेन संजए अहे संकियंनवेश आ.चाखीनेजोजो रोरोचवीनिश्चे थो.थोडंकचाखवाने हव्हायनेविषे दण्दश करी किमनिश्चेकरीतेकहें 7 अर्थे हेदातारमुजने आसाश्त्तांण रोचए 77 थोवमासायणठाए हत्थगंमिदलाहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस न मा.रखेमुजने अण्प्रति ना.नोहे अ.समर्थ ति तृषाने पाणीसमर्थनोहेते : __ पाटुकोह्योहाय वि०टालेवान्नणारखेए त पाणी य.वलीकदाचित मे मामे अचंबिखंपूयं नालं तिएह विणित्तए न तंचअचंबिअ.घणुंखाटुंपूर्वेकह्योहोय तिमाहरी दिदेतांप्रतें न.नकलपेमुजनतेहतृषानेटालवाने प.मकहे वोखोटीपांणी ए लंपूयं नालं तिएहंविणित्तए दित्तिया पश्यिाश्ख्खे नम्मेकप्पइतारि तं.तेपणी च.कदाचित् हो खोटो वि० विग्रमनेकरी तं.पांणीनेपोते अतिपाडुनहोएनावविना प.लेखाएं। न.नलीए सं ए तं चहोणअकामणं विमणेणं परियिं तंअप्पणा नपिबे नो.अपि अन अनेरासाधुने ए.एकांतस्थानकें अ.अचित्तन्नूमीने प.ध्रष्टीपमिपण न. दा.नदीए 70 अ०जश्ने लेहीनें पूजीने नोवि अन्नस दावए 10 एगंतमवकमित्ता अचित्तं पमिलेहिया For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस Ju जजतनाहोयतेम ५०परिवीनेवोसरावीने हवेाहारकरवानीविधीपीकमे किलामप०परीग्वे र्याविहिपझोकमे 1 ने सिकदाचित्गोचरीगयोथको नापामे जयं परिग्वेषण परिठ्ठपपरिकमेर सियायगोयरग्गगन तेवें प०तिहांसाहार को घरें निनितनेमुखे प.पमिलेंदीनेाहारकरेसाधु प्र. ___ करवाने वा अथवा फ़ा.प्राशुकन्नुमीने 72 धणीप्रा परिभुत्तयं कोठंगं नित्तिमूलं वा पमिलेहित्ताण फासुयं 05 अनीआशामांगनने मे बु. ५०नपरढांक्याथानकनेविषे नकनेविषेश्राहारकरे त द्विवंतसाधु सं०ागलेंपाब्लेंढांक्यांधां- ह.हायनेपूजीने / तिहां गुन्नवितु मेहावि पमिछिन्नंमि संवमे हत्थगंसंपमप्रित्ता जिम संसाधु 73 त.तिहातेसाधु नु. अ.कोलिनचोरप्रमुख कं.बो- आवे जिमतांथकां __रमीप्रमुखनोकांटो ति०कदाचित् निघ्नं संजए 73 तत्वसे भुन्नमाणस्स अवियं कंट्टन सिया - त तभु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Gol दस. त तृणा क.काष्ठ स.काकरा अ.अनेरुंनखवाए वा बली तं तेपुदगलने न०हाथेलनें. अथवा तेहवाकसादिकगेवरप्रमुख 75 नजेमननाखें। ण कठं सकरंवावि अन्नं वावितहाविहं 04 तं खिवितु ननिख्खेवे / अ०मुखेकरीने हहाथेकरी तंण्नेकुलिया ए.एकांतथानकप्रतें ए. नथुकीननाखे प्रमुखनेग्रहीने जाए 5 एकांत आसएणं नबंडुए हथेणं तंगहेनणं एगंतमवक्कमे न्य एगं थानकाते अ.अचितथानकने 50 ज०जतनाहोयतेम जश्ने प्रतिलेखितजोनें प.परग्वे तमबक्कमित्ता अचित्तं पमिलेहिया जयं परिग्वेषापरिठवना! प०परवीने पर्यावही सि.कदाचितवली सिण्यांनकेावीने ___ पमीकमीने 76 निःसाधुश्वांठे नो.नोजनकरवाने परिठ्ठप्प पमिकम्मे 6 सियाय लिख्खूश्नेना सिप्रमागम जो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.. साहारसहीत पा.पात्रने नरहिवानाथांनकनेतथाथमील जोनें वि०विनय __ आण्याविनेंग्रहीने मापरिग्ववानीजायगानेदृष्टी करी प.थानकेप्रतुयं सपिंम पायमागम नडयंपमिलेहिया 7 विणएण पवि वेसकरीने स०समी गु.गुरुने ३०र्यावहीसूत्रनें प्रा.र- आ.व्योथको नण्पूर्णे - साधुनेआवे हीनेंतेनणीने प.पमीकमे 7 सित्ता सगासे गुरुणोमुणी शरियावहीयमायाय आगन्य पमिपकानस्सम्गमाहे आण्नुपयोग अ.अतिचारने च०वलिजथा गगोचरी देने नि०संघलाए अनुक्रमेचिंतवे जातेश्रावते कमे न आनोश्त्तांणं निसेसं अश्यारं चजहक्कंग गमणागमनिश्चैवलो न.आहारपांणीनेविषेअथवा न०सरलप्रज्ञानोधणीसाधु अ.सावअतिचारचिंतवसाधु नए अनदेगरहित धान णेचेव जत्तपाणंवसंजए नए उद्युमन्नोमणविग्गो अवख्खि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस . चे०मनेकरीकान आ पालोए गु०गुरुने जंग्राहरने जण्जेम म यया एमफरतांदा . 2 सगपारीने स.समीपे होय ए चित् न.रुमा तेणचेयसा आलोए गुरु सगासे जं जहा गहियंजवे ए नसम्मपरालोयुंहोयुं पु०पूर्वाहारादिकग्राहोयतेने प० तथापूर्वकर्मदोषलागाहोयतेअभिप्रथ होए पपूर्वेकहवाणुंहोकी होम वापग्रयंतेने ज जेएमवलीफेरो प.पमालोश्यहोश पुचि पगवजंकलं पुणो पमिकमेतस्स वोसहो मिकमीने त तेसुक्ष्मअतिचारने थकोचिंतवेएम अ०अचरज जि. वि.संजमनिर्वाहनिकानस्सगनेविषेकायानेवोससवतो ए१ तीर्थकरे अपापरहित ति सा०साधुनेदेचिंत्तएश्मं ए१ अहो जिम्मेहिं असावा वित्ति साहणदे खामे मो.मोद सा.साधवानुं हे. सा.साधुने देण्देहतेने अ.धार- कानस्सगमाहएम. हेतुएहवो वानेअर्थे ए३ . चिंतवीप न०नमो सिया मोख साहण हेनस्स साहु देहस्सधारणा एए नमुकारेणपा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस अरिहंतागंए मनमस्कारकरी पा०कानस्तग्ग ननीयगरेए जीवनेसंस्त वीविप्तामोले खयोअ. 73 पारीकरीने जि.तीर्थकरनेसंस्तवेलोगस्त वेकरीने सण समायनेकरीने मोतीवारेसाधु ए३५ रित्ता करिता जिणसंथव सायंपठवित्ताणं वीसमेतखणंमु वी.विसामोलेतोथको ३०म हिणहितने अर्थचिंतवे ला. ज.जोमुजने कदिसंतेचिंतवे लाननेअर्थे / __ अ०प्रसादने णी ए३ वीसमंतो मंचित्ते हियमठं लानमछिन जश्मे अणुग्ग कु०करे साण्साधुंतोढुंसंसारसमुद्रधी सा.साधुतेवारप चि. नि.आमंत्रे तारेतरयो हो एव प्रतीतकारी एग्राहारेकरी गुरवादिकने साहावातो चियत्तेणं निमंति जजथाअनु. ज० जो तन्नेमाहेकोएसंवि- ते०तेसाधुसंघातें न०पूर्णे नागनेने नुजिमे एए प्रजहक्कम जश् तत्थकेश्श्लेषा तेहिंसदितुं भुजए एए अ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . दस. अ.अथवा को कोई तंतोजिमे एएकलो आ.पहलीप्रकासवंत नानाज- अ. नवांद रागद्वेषरहित ननेविषे सा०साधु ह कोश्न नभुप्रेन एगन आलोए नायणे साहु ज.जतनासहि. यादिक ती.तीखो च.वलीकडुन चण्वली अंखाटो च०वली म. अणनाखतोथका ककसायलों मीगेअथवा जायं अपरिसामियं ए६ तीतगं च कडयं च कसायं अंबिलं च महरं सखारो ___ ए०एहवापांम्यो अ.अनेराने म.खांम घ. घीसरवलीतेनोगवे अर्थे प०नीपनोएवारें सं.साधु ए लवणंवा एयलईमन्न पनत्तं मह घयंचभुप्रेन संजए एउ अ०हीगढुंगरहित विण्जु- सुण्साकरहित वा.अथवा न नीलोकरमादिकपूर्णे नोधांन वा अथवा साकसहित ___ ज जोसुकोंखाखरों अरसं विरसं वावि सुश्यं वाअसुश्यंवा नल्लंवा जश्वासुकं मं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस, म०बोरकुंट कु.नमदनोत्नोंजन - न.पामीने अ.योमाअथवा बघणा एवाग्राहारने ए हिहिलेनही फा.प्राशुक थु कुमासनोयणं ए नप्पन्नंवा हिलिषा अप्पंवा बहुवा फासुयं मुलाधोद्रव्यादिकविनाएवा जीवेसाधुनोगवे दो निदोष 5.दो हिलोलान न.पूर्णे आहारनें मु०प्राशुकधनविना आहारने व०वर्जे एU प्रासुकापणहार मुहालद्धं मुहाजीवि मुंश्रेष्मा दोस वप्रियं ए दुलहानमुहादा मुण्प्रासुकनाजीवणहारपण मु०मुरादाश्एवादातार / दो०एबेहुपहुंचीजा पुरसन्न मु.मुद्धाजीवीएवासाधु स .सदगति 6 मुहाजीविवि दुल्लहा मुहादा मुहाजीवि दोविगति सोग्ग ३०एमहुँ 100 ३०ऽतिपिषणाअध्ययनेपहेलोनईसोसंपूर्णथयो / // 1 // तिप्रथनद्देसो इत्तिबेमि 10 // तिपिसणाएपढमोग्देसोसमत्तो // 5 // 1 // कढुंतुं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | हवे याहारेकखेनेपात्राने सं.रुको लेलेपमात्रपणखरमयुनराखे दस. तुंमाअथवानला परेखुदीने सं.साधु आहारनेअथवा पमिग्गहं संलिहिताणं लेवमायाए संजए दुगंधवासुगंधंवा स०सर्वअरमनिरसाहारनेविषे ति.थानकनेविषे नि.सीमायनी गोण्गोचरीए ए गयोथ लोगवेपण न नारखे नही 1 नुमीकानेविषेपेगथको . कोसाधुअथवागोचरी सवभुंग्रे नट्टए 1 सिषा निसिहियाए . समावन्नोयगोयरें सहितयको पाकेतांनथीथयाजावश्ग अर्थएटलेअधुराबाहारनेजामिने सरेनहीनुखनजा कहेतांजावत्प्ररथपूरोथयोाहारनो जं.जोतेमयोमाअाहारजिमवेकरी न एतोवलीनगेते आयावश्गजोचाणं जश्तेण नसंथरे / कहे त.तेजम्यापली काण्खु- न.नातपाणीने ग.गवेषे पू.पूर्वेपहेलोनदेसीकहेतेम ३०ए धानुकारणनपनेबते बीजीवार तेणेविधि आगले कारणसमुपन्ने जत्तपांण गवेसए विहिणापूव्वउत्तेणं, श्मेणं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अलअ दस. कहिसतेणीविध का गोचरीनेकालेंथानकथानिकले का.कालेजवली 3 नि.साधु प.पागेवले कालने नत्तरेणय 3 कालणनिख्खमे लिख्खू कालेणय पमिकम्मे अकालं च०वली वि०विशे- का०सर्वकाल अवसरनेविषे स.सर्व साधुसर्वकर्तव्य अ.अकालने का अवस वर्जिने क्रियानाअवसरनेंसमाचरे 4 विषे च जोचालीस नि०साधु रनेविषे च विवप्रित्ता कालेकाल समायरे 4 अकाले चरिसि निख्खू कालं न.नहीजाणनो अ.आत्माने च वलो कि.किला सं. गृहस्थनाघरने गदिस स.ते मनाउखनपजावीस आहारअणमेलतेवल। 5 काकाले नपमिलेहसि अप्पाणं च किलामसिं संनिवसंच गरहसि / सश्का च.विचरे नि साधु कुकरे पु.पराक्रम अ.अणलाबेथके ३.इम न सोच करे त तप उद्यमने नकरेजेहवेसंकरीएएमसोचनान थयोमाहरो लेचरे निख्खू कुत्रा पुरिसकारियं अलानोति नसोएना तवोत्ति For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Gना दस. पहियासे 6 त तिमहीज न०नत्तमपंखीसुवणा- कागप्रमुखतयामोटानानाजीव आव्या अ. तथानानातथामोटाअ व०मध्यमपंखी गृहस्थनेघर न.नातनअर्थ होय || अहिंयासए.६ तहेवुच्चावयापाणा जत्तट्टाएसमागया तन चुणीलेताहोयतवारप- त्रासपामेतेमाटे ज.जतनास- गोगोचरीयें प.गयोथको न.नबसे जीनसामानजाएनमे हित प०दीजे 7 पूर्णे गृहस्थनें घुपनमना जयमेव परक्कमे 7 गोयरग्ग पविठोय / ननिसी घरे क.कहेकैथा चण्वतीनकहे विस्तारे चि० अथवान कहेतोनन्नोरहीने अ.नोग धर्मनीपण नही __ वचनमात्रताधुकहे 7 ए.प कर कहं चनपबंधेषण चिठितांणवसंजए 0 अग्गलं फ०झांपाने ककमामने वा अथवा अनलंगीने बारमाने साधु न.ननोनरहे गोचरी फलियंदारं कवामं वाविसंजए अवलंबिया नचिठेना गोयरग्ग लन गो. For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ | गगयोथको सशाक्यादिश्रमणब्राह्मण कि.कृपण व०वली वनीखारी न जाता . GO मु.साधु ए वा अथवा एटलेगृहस्थनेघरे थका 5 गन मुणी ए समणंमाहणं वावि किविणंवा वणीमग्गं नवसं सनातने पापांणीनेअर्थे वण्अथवा तं तेपूर्वेकह्यातेहने अनुवं. तेवारेसाथु 10 घीने न नपेसेंसाधु कमतं जतठ्ठा पणठ्ठाए वसंजए 10 तं अश्वमितु नपविसे न न मनोपणनरहे च०दृष्ठी ए.एकांतथानके अ. ततिहां चिनुन्नारहे. देखतेम जाने साधु 11 चिठेचख्खूनोयरे एगंतमवऽक्कमित्ता तत्थ चिठूनसंजए 11 नहीतरदोषनुपजेतेकहे व. दादातार तेबहुनें अ.अप्रतीतपणुं सि० नीवारीनेवली त०ते वा अथवा कदाचित् होण्होश / वणीनमस्सया तस्स दायगसुजयस वा अपत्तियं सियाहोत्रा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. ल हलुयापणुं प०सिद्धांतनो वा० रहेपतेनीखारीने पत्नीकाअण ते तातेवारपीतवणीम अ. ए अथवातेसाधुवेगलोजश्चन्नो दीधेनत्तरकीधेयके दि०निक्षादीधे- गाने नि०पागेवलेतें // 5 लहुयत्तं पवयणस्स वा 15 पमिसहिएव दिन्नेवा तन्तमि नियत्तए न घरमाहीपेसे नानातने पापांणीनेअर्थे न .नीलुंकमल परातुंकमअर्थे एएमसाधु 13 ल वा अथवा ग्वसंकमिन नत्ता पांणठ्ठा एवसंजए 13 उप्पलं प्पनमं वावि कु०कुमुदजातनुंकमल म०मग- अण्एथीअनेराअथवा तं०तेसचितफूलादिक चण्यवधारणे दंतिनामाकमल पु.फुलसचित संबींटथीत्रोमीनेारनेदीए 14 कुमुयंवा मगदंतियं अन्नंवा पुफसचित्तं तं च संजुचियादए 14 तं तंण्तेपूर्वोक्त संसाधुने अ.अक दि.देतांप्रतें न.नकल्पे न.नातपाणी स्पनीक प०एमकहे मुजने नवेनत्तपांणंतु संजयाणं अकप्पियं दित्तियं पमियाश्ख्खे नमेक For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एथीन दस. ताण्तेहवालात न नीलोकमल परातुंकमल कु.कुमुदजातिकमल म.मग- अ०अथवा अ. TU? पाणी वा अथवा दंतिनामाकमत प्पश् तारिसं 15 नप्पलं परमं वावि कुमुयंवा मगदंतियं अन्नवा नेरा पु०फुल तेसचितफुलादिक समरदीचा- तंतहोय ज.नात सं.साधुनें सचित पीनेाहारनेदीए 16 पाणी पुफसचित्तं तंच समदियादए 16 तं नवेनत्तपांणंतु संजयाणंअ.अकल्पनीक दिण्देतांप्रतें प०एम ननकल्पेमाहरेएवोनातपाणी तातेहवो सानीलोत्पल ____ कहे फुलादिकमरदीप्रापेतेयादारलेवो 17 कमलनोकंद वा० अकप्पियं दित्तियं पमियाख्खे नम्मेकप्प३ तारिसं 17 सालुयं वा अथवा बि०पला- कु.कुमुदतेचंद्र विकासीकमलनीली मु०मृनालकमलनोकंद सा.सर- नु०से सनोकंद मांझलीकमलनीमांकली ____सवनीमाली समीना . बिरालियं कुमुयंगप्पलनालियं मुणालियं सासवनालियं उद् For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. कटका अ.एटलासचित त०तरुणो वा.अथवा पण रु रुखनी त तृणानी वा अण पलवटीसी अथवा अनेरा | 5 ख्खं अनिवुझ 17 तरुणंगं वा पवालं रुख्खस्स तणगस्स वा अन्न ह०हरीकायनीपल- प्रा.काचुसचिचसाधुवर्जे त कुंलि वटीसी बि.फली सवाविहरियस्स आगमपरिवत्रए १ए तरुणियंवा विवामि आकाचीएकवारसेकी दि०देतांप्रतें न.नकल्पेमुजने होय प.श्मकहे ता.तेहवो 20 आमियंनप्रियंसयं दितियं पमियाख्खे नम्मेकप्पर तारिसंश्य त.तिमदीजबोर अ.अग्निकरी वे०वामकारलां का०श्रीपर्ण तिकाचीतिलपापमी निम्नीम __ सीजेयापाकांनथी वृक्ष फल कनुंफलएटलाने तहाकोलऽम[सिन्नं वेलुयं कासवनालियं तिलपप्पागं निमं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस, पाकाचाने पण्वर्जि- त.तिमहीज चा.चो- विनिर्मलफरसपाणी त०काश्क मिश्र . ए३ तेलीए 1 खानोलोट ननू नि०कांशकसीतल काचुं आगमं परिवत्रए 1 तहेव चाग्लंपिठं वियम्वा तत निवुझ तिकाचीतिलवटकह्यो प. प्रा.काचांसस्त्र परीणम्या क०कोट मा०बीजोरुं 23 / खोल 11 एटसा रहितने प.वर्जे 12 पानझासहित 24 लपिठ्ठपूर पन्नागं आमगं परिवाए 25 कविठ्ठ मालिगंच मू मू मुलानीकातली आ.काचांसस्त्रनथी प.परि- एहवापूर्वेकह्यातेहने ममनसा खंझ 25 ए णम्या एकरीपणनवांडे 23 लगं मुलगत्तियं आमंअसथ्थ परिणयं मणसाविनपथ्थए 23 त०तिमहीज फ.फलनो बी.बीजनोचूर्ण 27 जा.सचि. वि०बेहेमानुंफल 20 एए चूर्ण 26 __ तनेजाणीने व.रायणनुंफल ए तहेव फलयंथुणी बीयंमंथुणि जांणिया विहेलगं पियालंच आ॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ए| दस. प्रा.काचांसहित प.वर्जे स०समुदायनिगोचरीय कु.घरै उ.मोटेनांने विचरे साधु 25 च०विचरेसाधु स०सदाइ मयंपरिवत्रए 24 समुयाणं चरेनिख्खू कुलं उच्चावयं सया नी नीनीचाधनरहित कु०कुल धनेकरीचंचघरप्रतेअनि अनजाएएटलेवीतरागवज्योतेगंड नलंधीमुकीने गोचरीकरे 25 नीकादिक 3 तेवर्जिनेबाकीनानीमोटीअ. यं कुलंमश्कम्मं सदनानिधारए 25 अदिणोवित्तिमेसेश। दिनपणारहितनिर्दोषनिक्षाने ए० साघु मुण्मुर्गरहित नो नोज- मा०मर्यादानांजाण ए.एष गवेषे न०खेदनपामेअणदिधे पं०मित ननेविषे साने विषेरातो 56 .. नविसिएप्रपंमिए अमुग्नि जोयणंमि माश्ने एसणारए 26 ब.घणां प.गृहस्थना वि.नानाप्रकारना खा.खादिम त.तिहां प.पंमित कु०कोप 30 घरने विषेले सादिमएटले 4 आहार नकर बहु परघरेअथ्थि विविहं खाश्मंसाश्मं - नतथ्थ पंमिन कुप्पे ग For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. आहारने दिदीए प गृहस्थ नदीए ससज्यापाट आ०बा- नानातपाणी पूर्वे, ए वा अथवा 27 जोगप्रमुखअथवावस्त्र संसाधु दिज परोनवा 7 सयणासयणवत्थंवा जत्तपांणंच संजए अ तेटलावानाने अणदेतागृहस्थ प०प्रत्यक्ष अ.पण दी०सयना ३.स्त्रीने पु. पुरुषने जे न.रीसनकरे दिकदेखतोयको 20 अथवा दितस्स नकोपेश पचख्खेविय दिसन 20 पूठियं पूरिसंवावि म बालकने वा अथवा एटलाने वं वदताथका न.पा- अणमलतेबतेवचनालंकारे गरढों दारादिकनेजाचेनही फ० कठणवचननेनबोले 20 महरं वामहलगं वंदमाणं नजाएगा नोयणं फरुसंवए ए जे जे.जेकोश्नवादेतेन पर वैवांद्याथका न नलास __ ए०एणीरीते अ.अन्वेषमानस्य सा.चा. __ कु.कोपनकरे नपामे जिननीयाझागवेषतासाधुने स्त्रि नवंदेनसे कुप्पे वंदिउनसमुक्कसे एवमन्नेसमाणस्स सामन्नं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मामय दस अ.धिर हवेाहारगोपवीलाव्यानोदोषकहजे आहारने ल.पामीने लोलोनेकरी मा रखें |अ. ए६ रहे 30 सि.कदाचित् ए.ऐकेकअधर्मरुमेरा वि०निरसाहारेंसरसनेगोपवे ए.आ. मणाचिठ्ठ 30 सियाएगश्लधु लोलण विणिगृह हारनेदेखाड्या ददेखीने स.गुरुपोते अतपेटनरोजाणवों गकमै ब.घणा थका लेसे 31 करी सु.लोनीन दाश्यंसंत दठ्ठणं सयमायए 31 अत्तठ्ठा गरुन लुद्धो पापनेकरे 5.असंतोषी नि.सिद्धगतिनेविषे सि.कदाचित ए. से तेहो न०नजाए 32 एकेटपामीने पकुवर दुतोसन्य सेहोश निव्वाणंच नगर 35 सिया एगश्न वि.विविधप्रकारना पा.पाणी न.रुमारुमाप्राहारने नो० वि०नुषराम वि०निरस अनेनोजनने जिमीनें श्रा.आणे || लडु विविहं पाणलोयणं नदंगंजद्दगं लोचा विवन्नं विरसमाजहरे 33 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस, जा जाणता०प्रथमतोमुझने जेा आत्मानाअर्थीय.एअरस सं०संतोषथकीसे सेवेपं0 अंत प्र. ३.एश्रमणसंघलांएसाधु निरसन्नोगवणहारसाधु प्रांताहारने जाणतु ता श्मेसमणा आययठी अयंमुणी संतुठो सेवई पंतं लु लुलुषवर्तिलुषापरिणामनो पू.पूजानोअर्थी ज. मा वंदनादिकादरमान धणी सु०संतोपी 34 जसनोकामी स०सन्माननोकामी हवित्ति सुत्तोसन 34 पूयणठ्ठा जसोकांमि मांण समांणकामए ब बघणुंनपराज पा० मा.मायासल्य च.वली कु०करे अनेगर्नुखाएलाववोवोहवेजेसाधु ___ पापकर्म एटलेगोपवीलावQवज्यु 35 नेखावापीवाअजोग्यवस्तुबेतेगुरवादिक हपवसवः पावं मायासलं चकुव्वर 35 तथातीर्थकरनीसाखेप्रत्यक्षपणनखाए तेकडेखावापीवानीसर्वअजोगवस्तुमा अनेनन्मत्तविवलताप्रमुखघणाअव- तामीप्रमुखजेहोयतेअथवा मदिराअजोंगजेजणीमदिरापीधाथीबीजा- गुणनपजेतेमाटेसु.सुराअथवामे. अ.अनेराजेम.मदिरानेम एमांसादिअजोगवस्तुखावानीगथाए सुरंवामेरगंवावि अन्नंवामनगरसं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस दिरानीजात.स.केवलीनीसाखेकवलीदेखतेमकेवलीने प्रत्यक्षन राखताधकोपीधानाअवगुणकपण अ. ए पीएनहीसाधुज.संजमसा राखतोथकोआप्पणो.पोतानुसार मदिरानेए० एकेकअधर्मीकेवाहोय ससख्खंनपिबेनिख्खू जसंसारख्खमऽप्पणो 36 पियागश्न तेकहिएते०चोरतीर्थ न०म०मुजनेकोवि.नहीजाणेपण तेमदिरानापिनारानेप०देखोंदो० बंधोषणा करनाअदत्तमाटे वितरागतोदेखीजरह्याने घणादोषनेश्हलोकपरलोकसं दोपअवगुणतेनिवम तेणो नमेकोवियाण तस्सपसहदोसाइं नियमंचसु मायानेसनिलेमुज- व.वाधेसोप्रतिहेपीवोनीग पिणहारनेमा०मायाअनेमोमृषा अ०अपजस नेकेदेताथका 37 जिवानीलुलताबासक्तपणोत ते पिणेवाधेनि०तेसाधुनिक्षूने पणवाधेती हमे 37 वदृश्सोढियातस्स मायामोसंचनिख्खूणो अय र्थीपरतीर्थीमध्ये तथालौकिकअनेलोकोत्तरमाहेअपजसवाधेजेनणी असाधुपणुंहोयतेनेसदार सहुनेनिषेधपणामाटेअण्मुक्तिनेहेतेनेतेमाटेस०सदाएच.वली. तेसाधु 37 नि०सदाएनन सोयइनिव्वांणं सययंचअसाहुया 37 निविग्गोजहातेणो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस | देगसहितरहेमदिरामांहेअवगुणांनातथाप्रगटपीएतोहेनदेगप्रशस्तथ कांप्रवते ज.जेमचोरवारनीतथा अ. 10 प्रटचोरीकरेतोपणनद्वेगमिटेनहीतेममदिरानोपीवीतेवीतरागनीचोरीप्रपोतानीमदिरापांनपीवानेकौ | करीनुमीमतिनोधणीरुमीमतिसूजेनहीचोरने जिमरुमीमतिसूजेनही अत्तकम्महिम्म ता०तेहवी म.मरणनेठेमे ना॰ाराधीनसकेचारी प्रा. धर्माचार्यगुरुनेपण स॰बीजा पिण त्रने ३ए प्रा.आराधेनही साधुने तारिसो मरणंतेवि नाराहेश्संवरं ३ए आयरिएनाराहे सम पणयाराधेनहीता०तेहवो गि.गृहस्थपण एहनेंग हीले तेमाटेजे जेन्नणोजा जांणजेएणे तेमनथायतेमाटे निदेजेंजगतिनेविषेप्रसिद्धविकारकारी मदिरापीधीउता.तेदवानेहीले 40 णेयावितारिसो गिहत्थाविणगरहंति जेणंजाणंतितारिस 40 गृहस्थनेपणमदिराअजोग्यए. प्प०देखणहारगु.ग्यानादिगुणनो ता०तेहबोम०मरणने एमअवधारणे अवगुणनो वि.विशेषेववर्जणहार व्हमेपण एवंतुअगुणप्पेही गुणणंचविवपन तारिसोमरणंतेवि ना For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 100 दस. ना.आराधेनही सं०चा- त.तपनेकरे मे०बुद्धिवंत प.प्रणीत र०रसवें ववर्जितमे म मदिराते अ. रित्रने 51 साधु धावीप्रणितरसनेनलीएतेकोण भणितरसकराहेश् संवरं 41 तवकुव्वर महावि पणियं वनए रसं मनप्पमा हीये पण्प्रनेमदिरातेप्रमादपणकहीयेतेमाटेएवामदिरा सो०कहतांनत्कर्षनावजेनेंएटलेगर्वरहितते प्रमादधकीनिवातेमाटे त तपसी अगयोतपनोनक माटे 52 हवेमदिरात्यागनापुणवखाणे यविरत तवस्सी अश्नक्कसो 42 तस्सपस्सहकल्लांणं त मदिरात्यागनाकरणहारसाधुनें थंनूतंकल्याणं अघणेसाधुये पु० वि०विस्तीर्ण अ.अर्थेकरीसहित पणदेखो क०संजमरुपकल्याणनेक सेवित किं०संजमरूपकल्याण एवासंजमरूपकल्याणनें आणगसाहय पुश्यं निलं अत्थसंजुत्तं कि०कीर्तिकरीस्य सु०सानले ए.एमअवधारणें गुणगुणनो अण्वगुणनोवली व० मुजनेकहेता 43 देखणहार वर्जणहार कित्तसं सुणेहमे 43 एवंतु गुणप्पेही अगुणाणंचवि वन For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 101 ता नेहवोमरणनेंठेहमे प्रा०आराधे स.चारि- प्रा०धर्माचार्यन प्रा. स.बीजा || पण .. त्रने 54 अराधेवली साधुने तारिसोमरणंतेवि आराहे संघरं 44 आयरिए आराहे सम पणाराधे ता.तेहवोम- गि गृहस्थनेपणएहने जेण्जेनणी जां॰जाणतेह- त०तपनो दिरानोअणपीनारो पू.पूजें वाने 45 चोरते णेआवि तारिसो गिहत्थाविणपूयंति जेणं जाणंतितारिसं 5 तव तपनोकरणहारहूंववचननो वलीरु०रुपनोचोरतेरुपवंतहुं ग्रा०प्राचारनोचोरतेाचारवंत वनो चोरतेवाचालहूं जेजेसाधु झ्वलीनानावनोचोरतेशुद्धना- धणीहू तेणंवश्तेणेवर तेणेरुवतेणेयजेनरें आयारनावतेणेय . कु०नुपराजें दे०देवतामाहे कि. ल.पांमिनेपिण दे देवता न.नपनो कि०किलमषी त. किलमपीपणो 46 पणाने देवने कुव्वर देव किविसं 46 लझुणंवि देवत्तं उववन्नोदेव किव्विसे तथ्था तिहां For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 दस. पिणते न नजाणे कि.सुमें किं.करीने ३०एकिला- त.तिहाथकीपणतेवलीणं बल्लमषीपणुंपांमे 3 अलंकारे हिसे विसे नयाणाश् किम किचा श्मंफलं 47 तत्तोविसेचश्त्तां णं लन पांमसे ए०वोकमापणुं अथवानरक ति तिर्यंचनी बोजिनमार्गनीसमजण ज.जिहांश्रमु०मुंगाप[मनुष्यमांहे जोनीनेषांमसे तिहिलीपामेतिहानपनी 57 | एल मुयगं नरगं तिरिख्खजोणिवा बोहि जत्थसुदुल्लहा 47 | ए०पूर्वेकह्याते च०पूर्णेदोषने ना०कह्यो अव्योमीयमायापण मे. मा. द०देखीने बद्धिवंत माया एयं चदोसंदठ्ठणं नायपुत्तेणं नासियं अणुमायपि मेहावि माया मो.मृषानेवर्जे भए सि.सिखीने निमोचरीनीगवेषणाने सं०संजतीतत्वनाजांणते सो शुद्धनिर्दोषपणाने मोसंविवषए ए सिख्खिनणं निख्खेसणं सोहि संजयाणंबुद्धाणं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. | ससमीपें- ततिहांगवेषणानेविषे नि०साधु सु०द्रीने ति नत्कृष्टलज्यावंत गुल्ग्यानादिक वशकरवेकरीनपजोगसहितयका गुणवंत वि०संजमनेंमार्गेविचरे सग्गसेत निख्खू सुप्पिणिहिंदिए तिव्वलन गुणवं विहरेशासि ३०३मकहूं याहारनीगवेषणानोबीजोनदेसोसंपूर्णथयो // // 2 // उठे अध्ययनेधर्म बनं 50 // तिपिंमेषणाअध्ययनसमाप्तं // 5 // कथामाहेक इत्तिबेमि 50 // तिपिमेसणाएबीननदेसोपिसणायणपंचमंग ना. श्रुतझान्यादिदं शुद्धसम- सं.संजमनेविषेत०तपने ग.एहनाप्राचार्या सर्व ननद्यते किततेणेकरी सं.सहित घिषेर तत्परप्रयुक्त सिद्धांतेकरी सं०सहित विष नांणदंसणसंपन्नं संजमेणंतवेरयं गणिमागम्मसंपन्नं नना स०समोसरचा रा.राजाएहवाआचार्यनेपूडेतकहेडे / मा ब्राह्मण अ.अथवा पु०नेसाधु 1 य.वली राणराजानाप्रधान ख.क्षत्री णंमि समोसढं 1 रायाणो रायमचाय माहणा अदूवखतिया पुठ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. नि.निश्चलआत्माथको कण्कहेवानेण्तुमाराप्रा. ते.तेराजादिकनेंसो.तेसाधुनि. स. 104/ राजाप्रमुख आचारनासमोह 2 निश्चलचित्तनोधणीदं दंमतेंद्री सर्व त्तिनिहुयअप्पणो कहनेआयारगोयरोश तेसिसोनिहन्दंतो सजीवनें स सुखकारी सिण्ासेवनगृहणशिष्यायें आ.कहेठे वि.चतुरमाया हंदि०संबो करी स.सदित साधु 3 धनार्थ व्यमुयसुहावन सिखाएसुसान्त्तो आश्खवियखणो 3 हंदि अहोधर्मश्रुतचारित्ररुपअर्थ नि०निग्रंथसाधुतेहनो सु० प्रा०प्राचार गोगोचर नी. स.संपूर्ण प्रयोजनतेहनाकामीनिलाषी सानलेमुजनेकहिताशुं कर्मरुपीयावरीनेवीदामणो बेकायर धम्मत्थकांमांणं निग्गंथाणं सुणेहमे आयार गोचरं जीम सयल जीवनें उ.प्राचारतांदोहिलो न अनेरामननेविषयाचारगो ज.जेलोकनेविषे प०अतिहिं वि.मोद एवाआचारगोचरसांनल 4 चरचारित्र ए.एहवो वु०नका उक्करदोहेलुं तेहy दुरहिठियं 4. नन्नत्थ एरिसंवुतं जंलोए परमदुचरं विनलं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. ग.संजमतेहनो ना.नज- तेनोप्राचारगोचर न०हूंतोनही न. स.बसन्नावसहित वा०रोगी अ. 105 नारोसेवणहारतेसाधु एहूसेपिणनहीअन्यमतनेविषे 5 वि०गरढा या ठाणं नाश्स्स नभूश्ननविस्स // 5 // सखुमग वियन्नाणं वाहिया च.तरुणाएटलानां हिसुंते अ०देसथकीविराधनारहित तंण् केतातेगुणनेसांनल ज० द.दस अ. जे जेागलगुणक- फु०सर्वथकीविराधनारहितकरवा जथातथ्यकहुंउन 6 आठआठ णं च जेगुणा अखंम फुमियाकायंवा तंसुणेह जहातहा 6 दसेअग्य थांनकने जा.जेथानकआश्रीनेत्राज्ञानी त.तेमाहेअनेरा ग०यांनकने नि०साधुपणाथकी __ अ०विराधेअपराधकरे प्रवरतताथको न.भ्रष्टहोए 7 गणारं जावालोवर तब्अन्नरे गणे निग्गंथताउन ए 17 बोलवजेवा वव्रतसंबंधिदोष अ.अकल्पनीकआहारादिक प.पलंकादिकेंबेसवोग का.बकायसंबंधिप्रारंन गि गृहस्थनानाजन हस्थनेघरेवेसेवली स्सर 7 वयमकं कायनकं अकप्पो गिहिलायणं पलियंकनिसिप्राय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Rur सि.देससर्वसनानकरवो सो० वर्जवासाधुने त.ते 17 मांहे 30 म०महावीरें अ. सरीरनीसोना व०ए 10 बोलना एपहिलुंथांनक दे०देखामयुं जीव सिणणं सोन वर्षणं तथ्थिमंपढमंगणं महाविरेण देसियं अ दयासानली दि० स०सर्वजीवनेविषे सुरक्षानुं जा॰जेटलालोकनेविषे त. दीग करवुतेदया ए पाप्राण त्रस हिंसानिपुणा दिठा सव्वभूए सुसंजमो ए जावतिलोए पांणां तस्सा अ.अथवा ते०तत्रसथावरने जा जाणतोयको न.पोतेनहणे अ.हणावे सासर्वजीव थाण्यावर अथवाअजाणतोयको पणनही 10 . अदुव थावरा ते जांणंमजाणंवा नहणेनोविघायए 10 सम्वेजीवा अ.निश्चेश्छे जी०जोववों न.मरवोन त.तेमाटे पाप्रांणनावधने नि०चारित्रिया व.व वांडे नवांडे घो.नुमोजाणीने ने पं०अलकारे 11 विश्रांति जीवित नमरिप्रियं तम्हा पांणवहं घोरं निग्गंथा वप्रयं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir __य०वली दस. अपोतानेअर्थे ५०परने को क्रोधथकी ज.जदिअथवा हि हिंसाथकी न.मृषाने बु. अ. 207 // अर्थेअथवा न.जयथकी नबोले तिणं 11 अप्पणठ्ठा परछावा कोहावा जश्वा लया हिंसगं न मुसं बुया नो अण्पणी अ.अनेराने मुण्मृषावाद न० पूर्णे लोलोस.सर्वसाधुयें ग हील्यो न.व.नबोलावे 12 कनेविष नोवि अन्नंवयावए 12 मुसावा न्य लोगंमि सवसाहुहि गरहिन अ.अविश्वासनोहेतु मृषावाद ततेमाटे मो मृषावादने चि.सचितअथवा नु.सर्वजीवनें विवर्जे 13 अचित अविसासोयभुयांणं तम्हा मोसं विवषए 13 चित्तमंतमचित्तवा अ अथवाथोमोजोजोतथानारे ६०दांतसो सोधवानीसली से.तेगृहस्थनोन अवग्रह कहे वा अथवाघणो मि.मात्रपिण अण्णजाचानोनलाव्योते 14 अपंवाजोश्वाबहु दंतसोहणमित्तंपि उग्गहंसेअजाइया 14 तं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.|| तं तेवस्तुने अ.पोते न. नो वि गृहकरावेनहीप० वा०वली अ.अनेरागृहतां ना० अ. 10 ग्रहेनही अनेराप्रतें पणाप्रते अनु. अप्पणा नगिएहति नो विगिएहावए परं अन्नवागिएमाणंपि नाणु मोदेनही संचारित्रीया अब्रह्मचर्य प.प्रमादनोहेतु 5.5ष्टपुरुषपे ना.प्राचरेन 15 घो.नडे 21 / सेव्योठेएवाप्रब्रह्मने हीचारित्रीया जाणंति संजया 15 अबनचरियं घोरं पमायं दुरहिष्ठियं नायरंति लो.लोकनेविषेचारि- ने चारित्रनान्नेदनाथानकते मू.बीज ए.अब्रह्म म.सर्वमोटाजे त्रीयाकेवा अब्रह्मतेनोवर्जणहार१६ अ.अधर्मनो , दोपतेहy मुणिलोए नेयाणिवीवनिण 16 मूलमेयमहमस्स महादो स.मोटोढगलों त.तेमाटे मैथुननासं- नि.चारित्रीया व वर्जे पं. बि.पाकुबि * सर्गने अलंकारे 17 लवण 1 संसमुस्सयं तह्मा मेहुणसंसग्गि निग्गंथा वप्रयंति णं 17 बिम्मु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6 दस. न०काचुंपांणीनो ति०तेल सघृतवली फागोल सराखवानवांले ना महावीरना अ. 1 .श्मलुण एटलानेतेसाधु वचननेविषे प्रे श्मंलोणं तिल्लं सपिंच फांणियं नत्तेसन्निहिमिति नायपुग्ने ररातोंडेसाधु लोननो अ अनुनाव म०एममानेतीर्थकरकहे ननोपरिणांमजेम सि.क 17 परीणामजेरात्रराखवोते अथोडुएरावबोतेपिपलो दाचित् सं०रात्रराखयो वन रया 17 लोनसेसणंफासे मन्ने अन्नयरामवि जे सिया संनि वांडे गितेगृहोप्रवर्जावंतसाधु जंजेपणवस्त्रवली पा०पात्र कं०कांबलो नहीतेम 15 अथवा पा०रजोहरण हिकामें गिहिपब्वश्एनसे 15 जंपिवत्थंच पायंवा कंबलं पाय तं तेपणसंजमपालवानी ल. धान्धरेराखेडे पण्परिदरे न.नहीतेम प.परीग्रह लजानेअर्थे नोगवे य.वली 20 को पुठणं तंपिसंजम लषष्ठा धारंतिपरहरंति य 20 नसो परिग्गहोवु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस.. कह्यो ना०महावीर तानकायनि- मु०मुर्ग प० परिग्रह एमकह्यो म०मोटे रखवाले ऋषीश्वर 21 तो नायपुत्तेणं नाश्णा मुग परिग्गहोवुत्तो श्श्बुन्नो महसिणा 21 स०सर्वक्षेत्रकालनेविषे न.ध- होएतत्वनाजांणसाध संकाय अ.अवधारवो अ०पोताना र्मोपरगणनपाधिकरीसहित निमित्तें पनपाधि दे०देहनेविषेपण / सव्वथ्थुविहिणाबुद्धा संरख्खण परिग्गहे अवि अप्पणोवि देहमि ना.नहीआणेनही म.मम- नपरममतासंागतमाटेपरिग्रहनही सेवाएतपनोजेकरतव्यः तापगुंतोवस्त्रादिक 22 अ.मोटोप्राचार्यतथाप्राचार्यसाधुने स सर्वतीर्थंकर व एमवनायरंति ममाश्यं 55 अहोनिचंतवोकम्मं सव्वबुद्धेहि वन्निय वोतेतपतकोण जाजेम य०पूर्णे स०समतानावनीवृत्तिएकतोएतप जेएकन्नगतन्नोजनजिमवो व.संजंमनिर्वाहनेलजातेमजाण वलीबीजोएतपजेएमदिवस दिवसन्नोजनरात्रिनदी 23 जा य लासमावित्ती एगलत्तंचनोयणं 23 संतिमेसूहुमापाणा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. सं० ३.एसुदमजीव त. जा.जेजीवने रा०रात्रीनेविषे कम ए.एषणीकादा न.पा- अ. त्रस अ.अथवाथावर अ०अणदेखतोयको रमतेविचरेसाधु 25 णीयें त्तसा अदुवथावरा जाराचं अपासंतो कहंमेसणियंचरे 24 न जीनुनाजनादिक बी सचित पालनमणाप्रमुखजीव नि.प. दि.दिवसनेविषे ता.एत्रण बीजेकरीसंघटासहिततथा ब्याहोयटथ्वीनपरे बोलकह्यातेने व.वर्जेपण दनलं बीयसंसत्त पाणा निव्वमियामहि दिया ताचि वनिता रा०रात्रिनेविषे त तेनुमिकानेवि- ए०एहपूर्णे दो दोपने ना०महावीरें पे क.किमप्रवर्तेसाधु 25 देखीने नानाख्यु राउ तथ्थकहंचरे 25 एयंच दोसदठ्ठणं / नायपुत्तेणं नासियं स स०चाराहारने न.न नि०साधु रा०रात्रिनोजन एव्रतकह्याहवेव्रताश्रीकहेठे नकरे 26 पु०पृथवीकायनेंहणेनहीं व्वाहारं नभुप्रति निग्गंथा राश्नोयणं 26 पुढविकायंनहिसंति लोगवे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 11 म.मनेकरी व बचनेकरी तिन्त्रणप्रकारें क हणेनहोहणावेनहीहण- जोगेकरी सं चारित्रिया सु.स का.कायायेंकरी तानेअनुमोदेनही क० एकरणेकरी जो० 3 माधिवंत 27 मणसा वयसा कायसा तिविहेणं करण जोएणं संजया सुसमाहि पु०पृथवीकायनेपण हि. हि.हणे न० पूर्ण तातेपृथवीनेजेजीव तन्त्रसथावर वि.वि हणतोयको प्राश्रादोश्तेजीवनेपणहणे विधप्रकारना या 27 पुढविकायवि हिसंतो हिंसश् न तयस्तिए तस्सेय विवि पा०प्रांण च दृष्टीयावेवली अदृष्ठीततेसाटे ए०एवा दो दोषनें 5. जीवने नावेएवाजीवने 27 जीवने उतिना हेपांणे चखुसेय अचखुसे 27 तह्मा एयवियाणित्ता / दोसं दुग्गव०वधारण पु०पृथवीकायने स.प्रारं- 'जा जावजीवसुधी व०वर्जे आ अपकायहार नने नेपण श्वट्टणं पुढविकाय समारंजं जावजीवाए वत्रए शए आग्कायं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 113 न नहणे म.मनेकरी व.वचनकरी ति.त्रणप्रकारनेहणेनहीहणावेनहोहणताने अ. का.कायायेंकरी अनुमोदेनहीकरणेकरी जो० 3 जोगेकरीवारि 6 नहिंसंतिं मणसा वयसा कायसा . तिविहेणंकरण जोएणं संज त्रीयाएत्रण स.स. आ.अपकायपिण हिं०हण न.पूर्णे त पाणीनेआसरयो माधिवंत 30 . तोथकोहणीने - तेजीवनें यासुसमाहिया 30 आग्कायवि हिंसंतो हिंसश्न तयस्सिए तत्रसथावरना वि.विवधप्रकार .श्ष्टीआवेवली अ.श्ष्टीनावेत.तेमाटे ए०एहवोने पा.प्रांणीजीवने __ एवाजीवनेहणे 31 वि.जाणीने तस्तेय विविहे पांणे चख्खूसेय अचख्खूसे 31 तम्हा एयं वियाणि दो०दोषनेऽर्गतिनावधा- आ.अपपाणी स.आरंन जा.जावजीवसुधी व०वर्जे रणहार ता दोसंदुग्गश्चढणं आनकाय समारंनं जावजीवाए वत्रए 35 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. जा.अग्निने ननवांडे अग्निकेहवो पा.पापर्नुहेतु ति.तिखू अ.सर्वहथीपार 114 एवाअग्निनेप्रजालवो थीअनेरुसस्त्र जायतेय नश्यंति पावगंजलश्तए तिख्खमन्नयरंसत्थं सस.सर्वदिसधारामाटे अ.नि. पा पूर्वनेविषे प.पठिमदिसनेविषे न.नईदिसनेविषे अविदि___ पांमतोदोहिलु 33 अथवा अनिश्चे सनेविषे अ०निश्चे , व्वविदुरासयं 33 पाणं पमिणंवावि नटुं अणुंदिसामवि अ०अधोदिशनेविषेअथवा दा० दण्बालेजीवने नन तर दिसने नू०एदस दिसनाजीवने श्रा. ___ दक्षण दिशने विषे .. विशेषे य पूर्णे 34 वधवानोठांमः / अहे दाहिणग्वावि दहे उत्तरवि य 34 भूयाणंएसमाधान ह.अग्निसंसयनहीहां तेअभिने प०दिवानेअर्थे सं०चारित्रिया किंण्योडुएं प.तापवानेअर्थे पिण ना आरंजनकरे 35 हव्ववाहोनसंसन तं पश्व पयावठा संजया किंचि नारजे 35 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नीने दस. त.तेमाटे ए.एवं दो दोषने 5.उर्गतिने व. अ०अग्निकाय स.आरं११५ जाणीने वधारणहार तमा एयंवियाणित्ता दोसं दुग्ग बढणं अगणिकाय समारंनं जा जावजीवसुधी व.वर्ग अ.वायुना स. बु०तीर्थकर म.मांन ता आरंनने अग्निनाआरनसरखाने जावजीवाए वनए 36 अनिलस समारंनं बुद्धा मन्नति तारि सा पापेकरी ब.पुष्टो द.पूर्णे न. ए.वायुकायनेबारन नसेव्योनहीआदरोनही 37 ना०बे एवोजाणीने ताबकायनारखपालनें न. पुमेवीजणेकरीपानमेकरी सं सावत्र बहुलंचेयं नेय ताहियंसेवियं 37 नालियदृणपत्तेणं सा.वृक्षनीसाखाने विण्डला- ते.तेसाधुएटलेकरी मी० पोते वे विजावेनही वा०वली ववेकरीअथवा वीजवोनवां प.अनेरापाहे 30 साहा विहूयणेणवा नतेवीन मोति वेयाविनणं वा परं 30 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. ज० जत जे.जेपण व वस्त्र पा०पात्र के.कांबली पारजो- न.तेसाधुएटलेकरीवाअथवा हरण यराने न०नमेनही जंपि वथ्थंच पायंवा कंबलं पायपुठणं नतेवा नमुरंति जयं नाएं पण्धरेपरहरे त० वा उदेवरावे नहीवान देताप्रतें दो-दोष 5.उतिनोवधा- वा. 30 अनुमोदेनहीतमाटेएहवोजाणीने रणहार वान परीहरंतिय ३ए तमाएयंबियाणित्ता दोसं दुग्गसट्टणं वान काय सारंनीने जाजावजीवसुथी व०वनस्पनिकायने वण्वले 40 न.नहरो काय समारंनं जायजीवाए वत्रए 40 वणसश्कायं नहिसंति प०मनेकरी ववचनेकरी तिण्त्रणकरण जोत्रण सं०साधु स.समा__ का कायाएंकरी . जोगकरी धिवंत 41 मणसा वयसा कायसा तिविहेणंकरण जोएणं संजयासु समा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. त्रस 6 वनस्पतिकायनें हिं॰हण. हिहणे न.पूर्णे त तेहनिने त. अ. 117 तोथको . सरानाजीवने हिया 41 वणस्सश्कायंवि हिंसंतो हिंसश्न तयस्सिए - तस्से थावर विविविधप्रकार च. दृष्टेआवे य०वली. त.तेमाटे ए.एहवानेजानाजीवने दृष्ठीनावेएहवाने 45 णीने य विविहपाणे चख्खूसे य अण्चख्खसे 45 तह्मा एयंवियाणित्ता दो दोषने 5.उगर्तिने व वनस्पतिकायना स. जा.जावजीवसुधी बधारणहार आरंन्नने व०वर्जे 43 दोसं दुग्गवढणं वणस्सश्काय समारंज जावजीवाए वनए 43 त त्रसकायनें म०मन व वचन ति.त्रणप्रकारनेकरण जोत्रण न०नहणे का.कायाएंकरी जोगेंकरी तस्सकायं नहिंसंति मणसा वयसा कायसा तिविहेणंकरणं जोगेणं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सं०साधु स०स- तण्त्रसकायने हिदण- हि.हणे न पूर्णे त.तेहनिने दस.. माधिवंत 44 तोयको सरानाजीवनेहणे 11 संजयासु समाहिया 44 तस्सकायंवि हिसंतो हिंसश्न तयस्सि त त्रसथावर वि.विविध च दृष्टोआवे य.वली अ. दृष्टी तातेमाटेएहवा प्रकारनाजीवने नावेएवाजीवनेहणे 45 जामीने ए तस्सेय विविहेपांणे चख्खुसे य अचख्खुसे 45 तमाएयंविदो दोषअने पुण्पुरगतिना तत्रसकाय स जाण्जावजीवसुधी वधारणहार आरंजने / व.वर्जे 56 याणित्ता दोसं दुग्गश्चढणं तस्सकाय समारंनं जावजीवाए वन हवे 13 मेबोले 4 अकल्पनीकडे अ.असनादिक प्रा.आहार आ०नक 2 बस्त्र 3 पात्रा / जा॰जे च.चारनोगववाजोग्यनही आदिदेश् अदिसष्टमांहेथा- ताण्तेअकल्पनिक वि० ए 46 जाइं चत्तारिनोपाइं असणाहारमाशण .. तास्तुविव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. वर्जतो सं०संजम पहिलेबोले पिंप्रादारबीजेबोले सि०यांनक प्रमुखवली च चोथे अ. Jथको अ.पाले 57 पाटपाटलोसंथारोवलीत्रीजेबोलेवस्त्रपडेमी बोले पात्रपीग प्रंतो संजमं अणुपालए 47 पिमसिचवथ्थंच चनत्थपाय हनगोप्रमुख य०वलीकाल्पनिकमांमोप्रमुख प०लीए क०कल्पनीक Us जे०जेसाधुनित्य संजमनिवहिवाजोग्य अ अकल्पनिक ननवांडे पिंम म०लेवानी मेवय अकप्पिय नश्छेना पमिघाहित कप्पिई 4. जेनिया . ममताकरे की०मूलनोआएयो न० नदेसिकप्राधाकर्मी उकायना व वद्दने तेतेलेग ३०मकह्यु प्रा.समोआएयोएवोपाहारलीए हारसाधुअनुमोदेवते गममायंते कीयमुद्देशियाहमं वहणेसमगुंजाणंति श्यवृत्तं म०मोटेरिषीसर तण्तेमाटे अण्असनपाणी की०मुलनोअनेनदेसिक- व० तीर्थकरे ए सेज्याप्रमुखचार नेसामुंआएयुं महेसिणा ४ए तमा असणंपाणाई कीयमुद्देसियहीं वनयं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. ही निश्चला- निसाधु ध संजमधर्म के गृहस्थानाकांसानाकचोला अ. 120 त्मानोधणी जी०जीवनें 50 नेविष कंकासानीथा- 6 तिठ्ठीयअप्पांणो निग्गंथा धम्म जीविणो 50 कंसेसु कंसपाएम लीनेविषे कं०हाथीनापगनेत्रा वलीलागवतोथको अ.अ- श्रा०साधुनावाचारथी कारेमाटीनोन्नाजनकुंमाप्रमुख पु. सनपांणीने प०भ्रष्टहोथे 51 कंक्रमोएसुवा पुणो भुनंतो असणंपांणारं आयार परिनसर 51 सी.सचितपाणीना स. म.नाजननेधोतेउतेपाणी जाजे उहणाएजीव दि. आरंजनेविषे नाखतेवते दीगे सीन्दगं समारंले मत्तधोवण बंडणे जाई बन्नंतिभूयाई दिट्टो तीर्थकरेतिहां अ.अ- प.पगकर्म पु० सि कदाचित् त.तिहातमाटे ए०एणे संजमवंत 52 पहिलोदोष न.नकल्पे अर्थे तब असंजमो 55 पगकम्मं पुरेकम्मं सिया तत्थ नकप्पर एयम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. न.नजिमे नि.निग्रंथ गि.गृहस्थना प्रा०मांची प०पढ्यंग मं० 131 नाजननेविष 53 माचो 8 नभुप्रंति निग्गंथा गिहिलायणं 53 संदि पलियंकेस मंचखाटलो आनग्गिणसहितासननेविपेअथवा र्यसाधुनें प्राकतवो स०सुवो एवाबीजातेवाने विषेअनाचारपणुं प्रा.आ.. __ अथवा 55 मासालएसुवा आणायारियमणं आसतुं सयंतुंवा 54 ना०नबेसेमांचीने विष न.नबेसेगामीनविषे पिं.नेत्रेन दिकने विषे नि.चारित्रीयाने विषे कहेवा पढ्यंकने विषे रयातथाचित्रांमणसहितबाजोग प.अणपहिलेहीमेसेज्यानेविषे चा नासंदिपलियंकेसु ननिसिपान पिंढए निग्गंथा पमिलेहए रित्रीया बु.तीर्थकरेकह्यादेजे 55 गं०अप्रकासअंधकार वि०वी- चीप्रमुखकमुतेमाटेजीव कु.दोकियाअनुष्टानतेनेविषेतत्परले जादिकनोआश्रमगंमएमां- हलपमीलेह्याजाए बुद्धवुत्तमहिठ्ठगा 55 गंजिर विजयाएए पांणा दुप्पमिलेहग्ग For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस- 12 माचादिक माचादिक बा.के.सा आ०मांची प०पल्यंक ए०एणेर्थे गो.गोचरी पळगयाथ- अ. - वि०वर्जे 56 कांसाधुनें / आसंदि पलियंकेय एयमढ़ विवनिया 56 गोयरग्ग पविठ्ठस्स |नि बेसवोगृहस्थनेविषेजेसा गृहस्थनेघरेबेप्ते इण्ागल ___प्रा.पांमे अ.मिथ्यातना | धुनें क०करेहोभएटलेसाधु- कहिसेंतेहवा अण्अनाचारने ____ फलने 57 निसेधाजस कप्पर मेरिसमणायारं यावन अबोहियं 7 वि.विनासहोएबण्ब्रह्म- पाण्जीवनोचे०वलीव०वध वनिखारीनीनिकानेप०व्या- प०क्रोध चर्यने थातेव०संजमनोवधहोए घातअंतरायहोय नपजे विवत्तीवनचेरस्स पाणाणांचेवहेवहो वणिमग्गंपमिघान पनि अण्घरनाधणीने अगुप्तनरहे बंण्ब्रह्म- ३.स्त्रीयकी वा अथवा अण्संना चर्यनी वनासंकाहोएसंजमनाफलनी कोहोअगारिणं 57 अगुत्ती बंजचेरस्स शत्थिन वाविसंकणं. For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बस कु०कुसोलनीवृद्धिनो ठा० दू वेगलोथकोगृहस्थनेघरे 123 थानक पबेसवोवर्जे पए कुसीलवट्टणं ठाणं - दूरन परिवनए एए निगृहस्थनेबेसवो ज जेसा- जाजरायेंकरीत्रण अ.व्या- धुनें क कल्येहोश पितहोए निसेषा जस्स कप्पश् जराए अनिमुयस्स वारोगीन वा.अथवा अ. सि.सनानने जोण्जेको न. अरोगी वापूर्णे देसथीसर्वथीप्रार्थे वाहिन वा अरोगी वा सिणाणं जो उपथ्थए जे.तज्योहोय सं०संजम सं०ळे सु.सुखमजीव ति.त्रिणकारणमहि अ०अनेरा साधुने तिएहमन्नयरागस्स वाणरोगीनतपसी 3 एवा 3 साधुनेकल्पे 60 वाहियस्सतवसिणो 60 वोनसंध्योतेणेहोए आ.आचार वोकुंतोहोश आयारो घा.पोलीनोमने विषे नि.तर मीनुमीनेविषे घासासू लिलुगासुय तेणे 61 जेढोहोर संजमो 61 संतिमे सुहमापांण For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सनान दस... जे.जे यण्वलीसाधु सि०सना- वि०प्रासुकपाणीएघणाजी. ततेमाटे ते.तेसाधु न.नकरे | नकरतोथको वनेनविणासेवते 65 जे यनिख्खु सिणायंति वियमेणंप्पिलावए 65 तह्मा ते नसिणायंति सीतलपाणीयें न०नने जा जावजीवसुधी वव्रत अ०असनानरुपव्रततेने अ. ___ पाणी . आकरूं अंगीकारनाकरणहार 63 सिएणसिणेणवा जावजीव वयंघोरं असिणांणमऽहिठिगा 63 सि०सनानने अ०अथवा लो.लोकने पण्केसरादिक गागात्रने न नबटणने क.चंदनने ___य.वली अर्थे सिणाणं अदुवाकवं लोडं पनमगाणी य गाएसु ग्वट्टणठ्ठाए ना नाण्याचारेनहीताधु ककि. नि.वस्त्रपहिरेतोपणनगन दि मोटा रो०केस न. 5 मे. वारे पिण 64 अथवा अ.पण मुं० मुंह नखजेहनो / यरंति कयावि 64 निगणस्सवावि मुंमस्स दिह रोमं नसिणो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir साध दस. | नथकी न० निवाए- किं किसूविन्नुषाए का. নিৰিা বত্সর্গ৷ লি 125 वासाधुने कार्य 65 हुणानवसंतस्स किंचिभूसाए कारियं 65 विभुसावति यं निख्खू क.कर्मनेबांधे सं.संसार सा०समुद्रने जे जेविनुपायेंकररी प. पमे . वि०विन्नु चि०चिकणां विषे घो बिहामणा तर तांदोहलो 66 पाकरवा कम्मंबंध चिक्कणं संसार सायरे घोरे जेणं पम दुरुत्तरे 66 विभुसा निमित्त चे.चित्तप्रव- बु.तीर्थकरे म.जांणो ता. सा.पापेकरी ब०पुष्ट न०ए य०एहवा __ तेंतेचित्तने कर्मबंधनाहेतुनें चेचित्त चित्तने ता.उकावत्तियं चेयं बुद्धा मन्नंति तारिसं सावन बहुलं चेयं ने यं ताश्यनीरषपाल ख खपावाशुद्धकारीआत्माने म.मोटा तत्तपनेविषेरातोबेतपकेवोठे न नसेवे 67 सहितपदार्थनेदेखामणहार संजमनायाद्य ते सरलपणाना हिंसेवीयं 67 खतिअप्पाणं ममोहदंसिणो तवेरयासंजम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org | गुणजेनेपुरुषे अथवा दिगुणनेविषेराताले धु.खपावे न.नवांपापनें न तेचारित्रीया 136 साधुसंजमने विषेज्ञाना- पापने पु.पूर्वनवनाकीधा नेकरेनबांधे 60 प्रवेगुणे धुणंतिपावाई पुरेकमाई नवापावा नतेकरेती 67 स०सदाएक्रोधरहितममतारहित स०पोतानीविद्यातेंसिद्धांततेनुज्ञानतेने परिग्रहरहित पांम्या ज.संजमनावणी सम्बसंताअममाअकिंचणा सविनवित्रगुंगया जसंसिणो न.सत्रुवादलरहित वि०निर्मलएटलेसरदका- नायमानथकासाधु सिण्मुक्तिनेदेवलोकना स्त्रिीबने विषेमचंद्रमासोलायमानहोयतेहवासो- विमाननेपामे ता०कायनारषसाकरणहारचा- या ननपसन्ने विमलेवचंदिमा सिद्धिविमाणाश्वेति ताश्णो // ३.एमकहुँ .एधर्मनाअर्धनाकामनोअध्ययनबगे हवेसाधुयेंनाषाजाणवीजोशएते बन 60 पूरोथयो // 6 . माटेनाषानोसातमोअध्ययनकडे त्तिवेमि 65 // तिधम्मथ्यकायप्रयणंउछंसम्मत्तं // 6 // // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . रुपनें इस. च.चारनिश्चे ना नापाना प०जाणीनेप्रज्ञावंतसाधुसत्य 1 असत्य 2 एवेनापानो चन्एहंखलु लासाणं परिसंखायपन्नवं दो असत्य र सत्यामृषा 2 एबे जा.अवधारणेसाचीपण जापानेनबोले स०सर्वथाप्रकारे / बोलवाजोग्यनही / दोननासेष सव्वसोर जायसचाअवत्तवा जा.जेवलीतीर्थकर ना.आचरे प.प्रज्ञावंतसाधुतेकेहवीबोले नहीबोलेनहीतेन्नापानेनबोले तेकडे 2 सा जायबुद्धेहिं नाश्ना नतंलासिषपन्नवंश साची अ.तेपणनिरवद्यकर्कसकठोर सविचारीनेसंदेह जापाने पणारहिततेपण रहित चंच प्रणवमकक्कसं समुप्पेहमसंदिदं 3 तु. पूर्णे वि०बोलवाना उपजोगनेसीखे दोएहंतु विणयंसिख्खे वामिश्रनामावलीजेमृषा नाषा सच्चामोसायजामो अअसत यव हारनापानेवलीसत्य ___ असच्चमोसंस गि एहवीजापानेबोले प.प्रज्ञावंत 3 गिरीजासनपन्नवं 3 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. / ए.एकहिने पद असावन जं०जेन्नापा उ.पद पूर्ण ना.न. स.तेसाधुन्नापाने स.सत्य [. ___ कर्मसरुपनाषा माझे सा०मोक्षनेहेतेंकरे मृषामिश्रपण 12 एयंच अठमन्नंवा जंतु नांमे सासयं सनासं सचमोसंपि तं०तेसाची नेपण यि.धीरजवंत विपरमार्थतोखोटोस्त्रीकांचे स्त्रीनेाकारनेजाणीने जं.जेम वर्जेहवेपुरुषस्त्रीनुरुपकीधुंडे नहीअ पिळवली ततिमहिजवेश एस्त्रीएवी नानापानबोले तंपिधीरो विवनए 4 वितिहं पि तहामोत्तं जंगिरंए नासएनरो / मनुष्यत०वेसनीस्त्रीकह्यामाटेते एमकहेपणस्त्रीएमकहेतोसूं तकतेप्रमुकाकार्यमाटेअमेहवेए नरफरसीपापेकरीस्त्रीनुरुपडे कहिवोवलीजेकोऽमृषानापाबोले / मनिानापानबोलेतेकहेजा तमासोपुगेपावणं किंपुणजोमुसंवए 5 तम्हागगमोवख्खामो सुंएमबोलसोअमुकोकार्यअ- अलंकारेकरस्ये एएअमुकोवली पं०अलंकारे क. थवाअमारेहूसेहूंअथवा __ एकार्यने करसेएकार्यनेविर्षे 6 अमुगंवाणेलविस्सइ अहंवाणंकरिस्सांमि एसोवा णं करिस्सइ 6 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1 जा जेन्नापा || ए एमेश्रादि नपूर्णे एआगमित्राकालनेविषेसंदेहाली सं०वर्तमानकालनाअर्थनई विय दस. चिंतव्युतेमहोएअनेनोहेपण अनेअतितकालनाअर्थने एवमा नजालासा एसकालंमिसंकिया संपयाश्यमठेवा विषेतेनाषानेपणधीर्यवंत अ.गयाकालनेविषेएम पवर्तमानकालनेविषेहमणाएम || वर्जे 7 हूंनंवली अनागतकालनेविषेत्रागमिया तंपिधीरोविवप्नए 7 अश्यभियकालंमि पचुमन्नमणागए कालनेविषेएमडंतुं जं.जे ए.एमजएकार्थनबोलेस- अ.अतितकालने परमारथनेवलीनजाणे र्वथाजाणतोनथीतेमाटे 7 विषे जमठंतुनजाणे एवमेयंतिनोवए 7 अश्यमियकालंमि प ५०वर्तमानकालनेविपेअनाग- एमहंतुंनिधैामंत्रणे ए.एमज नो नबोले अ. तागमियाकालनेविषे एवोसंदेहहोयतेलापाने संदेहमाटे ए अतित चुपन्नमणागए जत्थसकानवेतंतु एवमेयंतिनोवए ए अश् For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस कालनेविषे प.वर्तमानकालनेविषेअनागत नि.निश्चेएमहुंनंनिश्चेएमनिश्चे जेमनिश्चेएम . आगमीयाकालनेविषे आगलेहूंसेएमजसंदेहरहितहाय जकही नि.निश्चे यमिययाकासंसिं पच्चुपन्नमणागए निसंकियंनवेत्तंतु एवमेय नेतेमाटेएत्रणकालाश्रीवात त०तिमहीजकेहवीननापा गु०निपटनारेंनापाजीवनी स.कदाचि कहीनबोलेहवेद्रव्यप्राश्रीकहेठे एहासएहवी घातनीकरणहारी तद्रव्यथी तिनिदिसे 10 तहेवफरुसानासा गुरुमुन्वघाशणि सचा साचीहोएतोपणते ज जेबोल्याथकीपापनोआवा ततिमहीजदेखातिमहीज पं.न' नापानबोलवी गमनहोयतेनबोलेसाधु 11 काणानेहेकांणश्मकहे सकने विसानवत्तवा जपावस्सआगन 11 तहेवकांणकाणेत्ति पंग हेनपुंसक ३०३म वाण्याधियानेअथवापिण ते तेचोरनेहेचोरएमनकहे ए०एणेवच अथवा रो रोगियाइम तेनेउखलागतेमाटे 12 नेअनेरे पंगेत्तिवा वाहियंवावी रोगेति तेणंचोरेत्तिनोवए 15 एएणंअन्ने For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 19 139 अर्थेकरी दस.|| अब पागलोजेणेवचनेकरी प्रा.आचारनावनोजाण दो० तेन्नापानेनबोले प.प्रज्ञा प्र. उखवाएऽखपांमे अनेन्नापानादोषनोजागहोय वंतएतोमीकठणना णअणं परोजेणुवहमेश् आयारजाव दोसंतु नतंनासेन पन्न षामा त तिमहिजहमुरखहजार सां.हेकुतराअथवाहेअन्याइ दव्हेनिखारी हेदौर्जागी टे 13 एमनबोले ३०एमवली अथवावलीएमनबोलेप्रवं 13 तहेवहोलेगालोत्ति सांणेवावसुलेतिय दमएदहएवावि झावंतनबोलेएतोडेमीकग्णि बोलिएतो अ.हेअजियादादिनी अहेमाताहेमासी .श्म नाषामाटेहवेलालपालनीनापान माताअजियाहेपमदादिअथवा नकहे नेवंमाप्रपन्नवं 14 अप्रिएपप्रिएवावि अम्मोमासित्ति पि.हेनाइ 5 ना.हे धुण्हेदिकरी न हेदोहेत्रीदीकरीन दीकरी ह०हेसखीहेसखी नाणेजी ___ एमवली 15 एमनकहेअनेरी | य पिनसेए नायणिति धुयं नतुणियत्तिय 15 हलेहलेत्ति For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस वला | देवक- नव्हेवमेरीहेठकुराणीहे- लालपालनीनापानबोले दो. पीएम ३०स्त्रीनेए 16 प्र. न्य श्वरी 13 एवीसिंगारकारणी मुर्खिहेजारजातहेअन्यायि प्रकारेनबोलेसाधु 167 नेत्ति नवेसामिणिगोमिणी होलेगोलेवसुलेत्ति * त्थियंनेवमा किमबोलें नानांमेकरी पं०अल- स्त्रीनेनोंगेकरी वाण्अथवा ज.जथाजोगनेनामे कारें बु०बोलावे वली ने अलेश्ने लवे 16 नामधिलेणं णं बुया इत्थिगुत्तेणं वापूणो जहारिहमनि आ.एकवारबोलावेअथवा अ०हेदादानापिता पण्हेपम बहेबाप वारंवारनबोलावे 17 दादाअथवा गिनं आलवलवेप्रवा 17 अनए पत्रएवावि बप्पोचु हेपितरिया माहेमामा 6 सौगाते पु.हेपुत्र ण हेपौत्राहे हे हे वली नाण्हेनाणेज 6 दोहित्रा 17 मित्र ल्लपित्तिय मानला नाश्णेनंति पुत्ते णंतुणियत्तिय 10 हेहो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दल. जातहेअन्याश्म जथा अहेअनेरादेवकुमार नव्हेकुटुंबमाहेबझेराहेस्वामी होव्हेमुर्ख 14 गोव्हेजार. पु.पु. कुरहेश्वरी हल्लत्ति अन्नेत्ति नठेसांमियगोमयं होलेगोलेवसुलित्ति पुरि ने० नबोलावेसाधु किमबोलावे नां नामकरी पु.पुरुषनेगोकरीबोलावे / ज. ए अलंकारेंवोसावे वा.अथवावली सं नेवमालवे 15 नांमधिप्रेणंणंबुया पुरिसंगुत्तेणं वापुणो / जहा जोग्यनामनेंगृहोंने प्रा०एकवारवोलावेअथवा वेएमनबोलावे 20 पं०वेगलाथीपं. ए. वारंवारबोलावेहवेसंदेहा चेंद्रीजीवदेखीनेएम रिहमनिगिनं आलवेलविकंवा 20 पंचंदियांणपाणाणं होसेअथवापुरुष जा.जिहांसुधीअलंकार न०चोकस ता.तिहांसुधीएपंधीनी होसे नजाणेजेएस्त्रीकेपुरुष जातिकेहवी 21 अत्थीअयंपुमं जावणं नविजांणि तावजाश्तीआलवे 1 ___ एसं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस | वलीमीलेजागोंदेखीएमनबोले पंखिनेवा०अथवावली यु.जानोमांसकरीचलीरहेठेमदे पा.प-अ. 13 त०तेमजम०मनुष्यनेपशुने सर्पनोलादिकनेदेखीनेइम करीसहितवधवाजोग्यठे / चवा ! . तहेवमणुसंपसु पख्खिवाविसरीसिवं थुलपमेयलेबके पा जोग्यठेएमवलीनबोले एतिहीवृद्धिपांम्योएम वलीबु०बोलेन सरीरन सं०सम्यक् तथाकिमकहे 22 गरढोणं अलंकारेबोले पचयपांम्योडेइमवली प्रकारेनीपमेनियनोवए 25 परिवुढेत्तिणंबुया बुयाग्वत्तियत्तिय संजाए नोरेयाकारपुष्टो म०मोटीकायावंतने ३०एमबोले हवेगायबलदाश्रीनबोले त० द०दमस्निग्धवेअथवा प्रयोगनपनेउते.२३ तिमहीजगायदोवाजाग्यथे। वाजोग्य पीणएवावि महाकाएत्तिालवे 23 तहेवगान्दुनान दम्मा नाथवाजोग्यवेएनां पूर्णे वा एव हिलेवहिवाजोग्य न. ए.एमनबोले प. प्रज्ञा जु.तरुणोठे नोवांटमोएमकदे य. रजोमवाजोग्यएम वंतसाधुकेमबोले 4 गोरहगत्ति यं वाहिमारहजोगति नेवलासेन पन्नवं 24 जुवंगवे 7 एवृषन्न For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. मांडे ३०एमप्रलं. धे०गायतेदूधनीदेणहार र नानावृषननेंअथवामोटा सं०एनारनारयादिक कारबोले एमवली वृषन्ननेंसाधुकहे .. नावहेनारएमवली त्तिणंबुया घेणुरसदयत्तिय रहस्सेमहालएवावि वएसंवहणेत्ति 25 त०तेमजहवेवृषन्नाश्रीकहें ५०परवतमाहे वण्वन रु.वृक्षनेमोटाने डे गं०जश्नेनद्यानमाहे पे०देखीने य 25 तहेव गंतुमुनाणं पव्वयाणि वणााणिय रुख्खामहल्ल पेहाए ने एमनबोले प.प्रज्ञावंत एरुपएटलावानाने अ०काम आवेघरनाथांनानेअर्थ तो घरना साधु 26 आवेप्रसादमोटापावासनेअर्थे तोरणनेअर्थेसामान्यधरनेअवली नेवंनासेन पन्नवं 26 अलंपासायखंनाणं तोरणाणिगिहाणिय / फ-कांपने अर्थे अनोगल असमर्थपाणीनाअरहट्ट- पी.पाटलीबाजोग्नेअर्थेकथरो तेअर्थेनावाने अर्थे नेअर्थे 27 टठबकमीनेअर्थेवली फलिहंगुवनावाणं असंनदगंदोणिणं 57 पीढएचंगवेरेय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. नं०हलनेअर्धेसमारर्नेअथे जंकालुघांणीप्रमुखनीलाग्ने गं०अहिरणघालवानाकाष्ठने होसे - वलीपश्मानाबने अर्थे अर्थवलीसमर्थ से 27 नंगलेमहेश्यंसिया जंतलठ्ठीवनानिवा गंमियावाअलंसिया 20 प्रा०बेसवानापासननेअ- हो होएअथवा किसुकनपाश्रय एटलानेअएरुंधकामा धैसेज्यानेअथैरथनेअर्थे नेविपेनपगरणजीवनें एटला वे न अपघातनीकरणहारी आसणंसयणंणं होनावाकिंतुवस्सए मुन्धघायणीनासं एवीनापाने ने नबोले प.प्र- तोकिमबोलेतेकहठे त तिमही- प.पर्वतमाहे ज्ञावंतसाधु श्ए जजश्ने न.उद्यानमांहे व०वनमांहे नेवनासित पन्नवं ए तहेवगंतुमुत्राणं पव्वयाणि वणाणिय रु रु०वृक्षनेमोटादेखीने एएमबोले जा पासोकादिकजातवंत दी०लांप०प्रज्ञावंत 30 एमवृक्षवलीकेहवाले बानाली रूखामहलपहाए एवंजासेन पन्नवं 30 जाश्मंताश्मेरुख्खा दीह For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org वयम दस. एरीप्रमुखवाटलानंदि- जे सा०चारेदिसेसाखारने व०एमकहेदेखवाजोग्यप्रयोग हवेफलाश्री श्र. 137 रुखमोटावमादिकनपनी उपलीसाखाएवावृक्षरे उपनेजथातथानापाबोले 31 कहे त.तेम | 3 वडामहालयं पयायसायावमिमा वएदरिसणेत्तिय 31 तहाफला आंबदिकनाफ- प०पचावीनेखावाजोग्यले वेवाढवाजोग्यथयाठे कुणाले वे बेफामकरीखा बनेपांकादेखीने नो०एमनबोले बीजनथीबंधाणामाटे वाजोगपेसी इंपक्काई पाश्वपाई नोवए वेलोश्याटालाई वेयंमायं धाणामाटेएम तोकेमबोलेफलनान्नारधरया नि.निपनापेसीसहितफल व०बोले नबोले 32 ने असमर्थांबाघणां जेहनेविषेपुरांपाकांनथी घj तिनोवए 32 असंथमाश्मेअंबा बहुनिव्वमिमाफला वएनसंण् पूरांपाका नु०कोमलअजीनथीबंधाणा हवेधांनाश्रीकठे तण्ते- पाकी नी. एमप्रयोगेवती 33 मजनषधीसालीप्रमुख नीलीकांतिस बहुसंभुया भुयस्वेत्तिवापुणो 33 तहेवोसहिनपकान नीलि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हितदेखी ने ला०वर्णवाजोग्यथइने पि.पहुंककरीनेखावाजोग्य 35 दस. १३न मुंजवाजोग्यथइने ___ थइव्एमनबोले याग्ग्वीश्य लाश्माननिमात्ति पिहखप्रतिनोवए 34 तोकिमबोलेकहेअंकुरा लाथीयाले थिनीपनीए निश्चे य पूर्णे ग.हजीनरानथीनीप्रगट्याघांनीपनान- सालीनपद्रव्यथीनीपना कल्यांनिकल्यांग्रेसिरांकणसमां रूढाबहुसंभुया थिरान्सढाविय गप्रियानपसूयान संसं.नपनाएमांतंउला- हवेजिमणवारग्रादिदेइनेंतेयाश्री किण्एजिमणवारनोकार्यकरवा दिकएमबोले 35 कहेठे तण्तेदन जिमणवारनेजाणीने जोगनहीएमनबोले . सारातिआलवे 35 तहेवसंख्खमिनचा किच्चकप्रतिनोवए ते०चोरनेदेखीनेनकहिवोजेव सुरुमांकांगठे आ.नदी तोकिमकहे, सं.जिमण लीवधवाजोग्यठे मनकहिq 36 वारनेजिमणवारकहे तेणंगंवाविवझित्ति सुत्तिवित्तिय आवग्ग 36 संख्खमिसंख्खमि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 23 // प०क्रियाणांचोयांअर्थे बघणुंसरखानेतितर- आ नदीनेश्मकहेन-अ. प्रेमचोरनेश्मकहे वारनाक.मग दीपाश्री बुया पणियििततेणगं बहुसामांणि तिथ्थाणी आवगाणंविया | 37 त तिमदीजनदीपांणीयेपूर्ण का०कायायेंकरोतरवाजोग्य ना.नावातरवा नरी अमनकहे जोग्यवेग्रेम गरे 37 तहानश्नपून्नाओ कायंयित्रंतिनोव नावाहितारिमा नकहे पा.तटबेगपाणीपीवाएएम तोकिमकदेघरोपांणीएनन्या पांणीयेकरीचंचो नकहें 37 प्रतिहेनमीघणे नब्लेने नत्ती पाणीपिप्रंतिनोवए 30 बहुवाहमा अघाहा बहुसलिलु _ विविस्तारपांम्योपाणीवली ए०एमबोलेप्रज्ञावंत त०तिम घj प्रयोगे पिलोदगा बहुविठमोदगायावि एवंनासेप्रपन्नवं 30 तहेव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आरंजनेंजोग प०परंने अर्थेनीपनोडे वा अथवा सा.सावद्यन्ना अ. 140 ____ वरतमानकालें जांणीने 'पानेंएवारुकसावत्रंजोगं परस्सट्टाएनिष्ठियं कीरमाणंतिवानचा सावत्रं रोगेएमनकहे न. सु०रुमोकीधोविवाहादिक सु०रुडुचेापत्रसाकादिकरुडं लेएमुन सुनलु नबोले मुण्साधु 40 रुमोपकाव्योअनादिक थयुंजेवारेएनुंधनदन्युन- एइनोधननाये नलवे मुणी 40 सुकमेत्तिसुपकित्ति सुरिन्नेसुहमेममे सुनिष्ठिगेसु एकंन्यासुंदर सा०सावद्यन्नापानेवर्जे निरद्यएमबोलेतेकेहेडेवलीफरीनेएहजगानोअर्थनि मनोझले साधु 51 रवद्यपणेकेहेठेसुंकमि तिरुमोकीधोतपर सुपकि तिनलोपक ल?त्ति सावकंवएमुणी 41 व्योब्रह्मचर्यएसाधुनेश्सुलि ने नलोद्योरोगा दिकबंधन 3 सुहमें नलाहरयोक्रोद्यादिक पचख्यअनादिकपाकुंहोयतेने प०यणेनद्यमेंक म मेनलेपमितमरणेमुन 5 सुनि6ि ए. बोलेएमसाधु द्युबेइम जलोवालोधयोकर्मेकरी प०घणेन्द्यमेकरी पयत्तिपक्कत्तिवपकमालवे पय पय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. विद्यासाकादिकबोले पण्यणेनद्यमेकरी वसुंदराकारमनोज्ञकन्या पगादेति वगाढो . 141|| साधुएम कीधीकर्म-हेतुकारणश्मकहेइ आकरोप्रहारलागो || त्तविन्नत्तिवछिन्नमालवे पयत्त लट्टेवत्तिवकम्महेनय पहारगाढेत्ति गाढाअथवाप्रयोगेंबोले एमबोलावे 42 क्रियाणा माहेनलष्ठोठेवलीएबहुमू- वेएनलुगए 1 एमएयथातथ्यन्नाषामाटे आश्रीकेहेठे सु.सर्व क्रियाणा ख्यठे अ.एनीतुलाएकोना- एहवोबीजोनथा वगाढमालवे 45 सुचकसंपरघंवा अग्लंनथिएरिसं अ०एवस्तुबीजेगमेमेलवी कह्यानजाए अ.अप्रतितकारी धुनेसंदेसोकह्योहोयतेकहेठे स.सर्व असक्यनमिलेएहनागुण वचनेनिश्चेनबोलेसाधुएसा- स०सर्वएसंदेसानेहुँकहीस एसंदेसा अवकीयमवत्तवं अचियत्तंचेवनोवए 43 सव्वमेयंवश्स्सामि स तुमेकहिवाएमपणनकहे संदेसानांतेहवाएपण सर्वपदार्थसंघले ए एमकहिवा 44 सामाटेकांकअझरनचार नेनकेहवाएपण अविचारीने नोनावळे ए०एमबोलेप्रज्ञावंत बमेयंतिनोवए अणुवीश्सव्वंसव्वत्थं एवंनासेनंपन्नवं. 44 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. हवेवंसाणाप्राश्रीकहे सण्एवं अएकरवाजोग्यनहीएवस्तु कहेंएमनकहेएवसाणुल्यो | अ. 142 रुडुंलीधुंवसा[अथवारुडुंसेव्युं सहीकरवाजोग्यअथवाएमना एंवसाणुंपामुको सुक्कियंवासुविकयं आकिप्रकिटमेववा एमंगिन्हंश्ममुच्च प०वसाणाप्राश्रीनबोलेसाधु अ०सोघांक्रियाणाने विषे वा० कक्रियांणालेवाने विषेप्रनेवेच ____एम 45 ___वलीमोघानेविषे वानेविषेपणअथवा पणियंनोवियागरे 45 अप्पग्घेवामहघेवा कएवाविकएविवा प०वसाणांनोअर्थनपने अ०निरवद्यन्नापानेविषे०विबोले वोएमकहिवन 46 त तेमज __एवस्तुप्राश्रीअमारेकांश्नथीके गृहस्थप्रतेसाधु पणियटेसमुप्पन्ने ___अणवत्रवियागरे 46 तहेवासंजयधीरो आम्बेसेनरहीयावे स०सुएनन्नोरहेजाए ने०एम०ला नबोलेप्रज्ञाक.करेअथवा एम वंत 57 आसएहिकरहिवा सयंचिहुंवयाहित्ति नेवेनासेनपन्नवं 47 उते For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 143 ___ असाधुते इम ब.घणानेएप्रत्यहा खोलोकनेविषे वुण्कहेठे न.नकदेअसाधुने सा साधु सासाधु बहवेश्मेअसाहु लोएवुच्चंतिसाहुणो नलवेअसाहुसाहुत्ति सा.साधुनसाधु इम नाण्ज्ञानदर्शनेकरीसहित सं.संजमेकरीवलीतपनेवि कहे 40 रातो . साहुसाहुऽत्तिालवे 40 नाणंदसणसंप्पन्नं संयमेयतवेरयं ए०एणीपरेगुणनेविषेस- सं०संजतिने 1 सा०एवासा- दे०देवताने म.मनुष्यने हितहोयतेहने धुनेंसाधुकहे भए च०वती एवंगुणसमानतं संजयंसाहुमालवे ए देवाणं मणुयाणंच ति तितिर्यचने च०पूर्णे बु० अ०अमुकानें ज.जय मा.रखेअथवाहोएएम वा वा किलेसधात होय नो नबोलेसाधु 50 यरो 1 रीयांणं चबुग्गहे अमुयाणं जगहोश मावाहोत्ति नोवए 57 वान For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 144 7 वरसात 2 ताढ 3 ताप 4 धा०सूक्ष 6 सिनपद्रव्यरहित वलीएटलावनाकिवारेवि मा०रखे : | राजानाऊगमाऊलसे 5 लोकव्याधीरहित 7 चारणाहोएएटलावानां अथवा बुटिचसिनएहं खेमधायं शिवंतिवा कयाणुहुजुएयाणि मावा होए ३०एमनबोले त तिमहिज मे मेहनेवली न.आकास- न० दे०ए 3 देवजेएम ___ साधु 51 नेवलीमनुष्यने एवीनापानेनबोलतोमेह होत्तिनोवए र तहेव मेहंच नहंचमाणव नदेवंदेवेत्तिगिरंव नेसु ससमुर्बिमकहे न.नन्नत्तकहे वा. वु-वृष्टि 4 कहिएबलाहकएम 5 कहे अथवा प.प्रयोदकहेअथवा नामाहिलानामबोलावे 55 एषा समुगिए नन्नए वा पनए वएप्रवाछबलाहएत्ति 55 आकासनाकहोनाम अं.अं. गुणगुणानुचरिता ३०३म रिरिधीमंत न.नरने तरिखएमअलंकारें बुछ कहे देखीने अंतलिखेत्तिणं बुया गुणाणुंचरियत्तिय रिद्धिमंत नरिंदिस्स For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न.निश्चलका रिणीनाषा नहारी दस. र रिद्धीमंतएम आ. बोलेसाधु 53 रिद्धिमंततिालवे 53 जा जेवलीपरजीवनेघातनी करणहारी णिजायपरावघायणी गिनापानेनबोले 55 न हसतोथ कोपण नहास त.तिमहीजप्रारंननें अनुमोदवानी गिन्नाषा तहेवसांवाणुमोयणी गिरा सेण्तेघातनीकरणहारी को क्रोधेकरी लो लोग्नेकरी ननयेकरीसाधु सेकोहलोह जयहासवमाणंवा सा.तेवचननीसुद्धताने विचारीने मु०साधु सवकसुद्धि समुपेहियामुणी मिण्मर्यादाएंऽष्ठवचनरहित अ.विचा रीने नाल्बोलेते मियं अदृठंअणुविय जासए गि. जापाने माणोविगिरंएवना 54 पूर्णे दू०ऽष्टने प०वर्जे स.सदा गिरं स च दूळं परिवत्रए सया साधु सयाण For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तिते व० वएश दस. म.माहे ल.पांमे प.प्रसंसा ना नापाने दोषने य०वली गु.गुणने ___ सोनाने 55 यण पूर्णे जाण्जांणीने नाषा म लहर पसंसणं 55 जासाय दोसे य गुणे य जांणिता तिसेय मांदेवलीअष्टनाषानेवर्जे उठकायनेविषेसंजमवंत सा०चारित्रने सदा विषेसदाजतनावंत बोले दुपरिवत्रएसया सुसंजए सांमिणिएसयाजए बु.तत्वनोजांण हि हितकारीवचन प.विचारीनेबोलणदारवसकीधारे तेप्रतितकारीयावचनने 56 इंद्रीयजेणे बुढेंहियमांशुखोमियं 56 परिरुखनासिंसुसमाहिदिए चन कषायथकी वण्वेगलो अ.नेश्रा- ततेसाधुतेटालेपापमलने पु०पूर्वज- आ. रहित न्मनांकीधांकर्मने आराध कसायामगंएअणिसिए सन्निंधुणेधन्नमालपुरेकरूं आराह चार For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घ. दस, लोऽहलोकनें त.तिमहीजा- ३०एमकहुं ३००विचारीनेवचनबोलीएतेनाषा१४७ राधेपरलोकने उन 57 शुद्धिएवेनांमेसातमोअध्ययनसंपूर्ण॥ उ एलोगमिणतहापरं तिबमि 57 // तिसुवकशुद्धिनांमम्यणं हवेन्नाषावंतसाधुनोआचार प्राण्याचाररुपमोटानिद्धां- ज०जिमकरवो नि०साधुनें आठमेअध्ययनेकडे ननेपांमीने सत्तमंसम्मत्तं // 7 // आयारपणिहिल( जहाकायनिख्खु तं.तेंकर्तव्यनेतुमने न. प्रा अनुक्रमेसांनवीमुजने प०टथवी 1 द०पाणी 2 कहीस कहेतांथकां ? अ.अग्निकाय 3 णो तंनेनदाहरिसस्सामि आएंपुट्विसुणेहमे 1 पुढवि दग अगणि म. ततृणा रु०वृक्ष त.त्रस य०वली पा०प्राण इ.एमएकडं वायरो बी०बीज जीव मतीर्थकरे / मारुय तण रुरुखस बीयगा तसा य पांणाजीवत्ति इश्वुत्तं महेसि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. १४ना ते तेवकायनी अण्अहिंसा नि.सदाइहोवो स०निरंतर म.मनेवचनेकायायें निरख्यानेजोगेंकरी " करी णा 2 तेसि अनणंजोएणं निचंहोयवयं सया मणसाकायवएम नहोए पुण्पांणीनीमाटीशुद्धष्टथवीनेखम ने नाप्नहीएनपर साधु 3 . सिलानानापाषाणप्रमुखनें लीटीनकोढ केणं एवंहवश्संजए 3 पुढविनिनिसिखलेलु नेविनिदेनसं तिन्त्रणकरण जो त्रणजोगे संसाधु सु.अतीहेसमाधी सु.सुद्धपृथवी करी वंत / उपर लिहे तिविहेणकरण जोएणं संजया सुसमाहिया 4 मुद्धपुढवि न.नबेसे स.सचितरजखरमें य.वली प.पूजीने नि.बेसेअचितनआसननेविषे - परेजाची एननिसिए ससररुखमि यथासणे पमप्रिन निसिना For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. जा.जेनुमीकानपरेप्राज्ञा सि.काचापांणीनेसवे सिकरहावरसात-पांणीवली 1) मागीनेबेसे 5 नही इत्यादिकन नापांणीनेनपीए जाश्ताजसग्गहं 5 सिग्दगंनसेवेना सिलावुठ्ठहिमाणिय नननापांणीयेंनकालास- सं०साधु 6 न०पाणीएंनोनुं अ.पोताहितअचित्तपांणीनेग्रहे नालारीरनो सिणोदगंतत्तफासुयं पम्गिाहिप्रसंजए 6 नदनल्लं अप्पणो नेलुगमेलुहेनही न हाथे स.विचारीने त०सचितपाणी नो० सं०संघटनकरे यंत्र सुहेनही सहितकायानी संकारेसाधु 7 कायं नेवपले नसंलिहे सम्मप्पेह तहाभयं नो ठायी ३०वासमी अग्निनाखोट अचूटतिकालानगमो वा० खनें न०काष्टादिकंकरीती माखमा अथवाअग्निसहितए / प्रमु- चेनही न संघटनकरे | श्गालं अगणीअचि आलायं वासजोश्यं नजेषा नघट्टे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ԴԱ Ծ U नोनलवेनही मु साधु तावीजणेकरी पण्पांनमे सासाखाने वि०ह. अ. करी लाववेकरी // श्रा नोणंनिव्वावए मुणी 7 तालियंटेण पत्तेणं . साहा विहुयणे वाण नण्वायरोनघाले अण्पोता. बाबाहिरलाबीजाएवली / त.तृणानेलं अथवा नीकायायें पुदगल ए खने णवा नविएन अप्पणोकायं बाहिरंवाविपुग्गलं ए तणरुख्खं नण्ठेदेनही फण्फलनेमुलने च अथवा आकांचा वि०नानाप्रकार- म.मनसाए कोवृक्षनें नाबीजनें पण नबिदेषा फलंमुलं चकस्सश् आमगं विविहवियं मणसावी प्रार्थे 10 गगहिरगंनोरवननेविषे वि०बीजनेविषेअथवा नपाणीने नही न.ननोरहिने हरीकायनेविषे / विषे नपथ्थए 10 गहणसु नचिठेना बिएसुहरीएसुवा नदंगमि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 11 नने ततेम न कीमीप्रमुखनांगरनेविषेननोनरहे त.त्रसप्रांणजीवनेनहणे वा०वच सदाई प.पंचवर्णफुलनेविषेननोनरहे 11 तहानिचं गत्तिंग पणगेसुवा 11 तसेपांणेनहिसेना वाया अ.अथवा क०कर्मे यो स०सर्व नुण्जीवनी पा०देखेविविधप्रकारना जण कायाकरीनिव- हिंसाथी जगतनासरुपने 12 अदूव कमुणां ग्वर-सव्व भएसु पासेविविह जग 15 अ.आठ सुनानाजीवने जाण्जेसुखमने जाजांणीने द०दयानाअधिकारी नू. पेदेखीने सं०साधु प्राणीनेविषे अठ्ठ सुहमा पेहाए जा जाणिंतुसंजए दयाहिगारि भूएसु आम्बेसे चि उन्नो स. शिख्यपूडे क०किहां अ.आठ जा जेहनेपूरे सुएअथवा 13 सुखम सं०साधु आस चिठ्ठ सएहिवा 13 कयरा अठ्ठसुहमाई जापुढेन संज For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुकहेठे ३०ए ता०तेहने प्रा.कहने वि०मितसाधु 14 सिण्धुअरप्रमु| मे०बुद्धिवंत खनासुक्षम ए श्माश् ताश् मेहावि आश्रुखेन वियखणो 14 सिणेहिंपुप्फ त्रेह पु.नानो पा कुंथुप्राप्रमुखतेमजनूयां खसखसादिकनाबीजवली अंवलीकीमीप्रमुमाहरेवती कीमीनानगरानीलफुल 5 नानाअंकुरा खनानीमाल सुहमंच पाणुंतिगंतहेवयं पणगंबियहरियंच अंमसूहमंच अकाठमुंए ए.एकह्यातेने स०सर्वमनवचनकायायें निशु अ.अप्रमत सुक्षम 15 जाणीने द्वषेयेकरीने सं०साधु थको अठ्ठमं 15 एवमेयाणिजांणित्ता सम्बनावेण संजए अप्पमज जतनायेंकरी स-पांचइंद्रिएकरी स.स. धूनिश्चलसदाएनित्यकर्त- जो. सदा माधिवंतसाधु 16 व्य च.वलीपमिलेहणाकरे शुद्ध तोजएनिच्चं सबिदिय समाहिए 16 धुवं चपमीलहेना जो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दप्स. जोगेकरीनेपात्रनें के.कां. से.थानकपाटप्रमुखनेलघुनीत संतृणानाअथवाबेसवाना 153 वलीप्रमुखवस्त्रनें कमीनीतपरत्ववानीनुमोवली आसननेपमिलेही 17 गसापाय कंबलं सेनमुचारभुम्मिच संथारेअदुवासणं 17 न.नवारवमिनीत खे०खेलनेबलखाने सिं०लींटने फा प्राशुकनुमीने पा०लघुमात्राने ज.शरीरनामेलने जोक्ने नचार पासवणं खेलं सिंघाण जल्लीयं फासुयंपमिलेही प प.परिग्वे 17 प.प्रवेसकरीने पा.पांणीनेअर्थे वा अथवा प.गृहस्थनेघरे नोलोजननेअर्थे रिगवेष संजए 17 पविसितु परागारं पाणठा नोयणंसवा ज जतनासहित चि.नन्नो रु०रुपनेविषेनकरे बण्घरोघरेफिरतांघणो रहे मि.मर्यादाएवली सांन्नले क०काने जयं चिठे मियंनासे नयरुवेसुमणकरे १ए बहुसूणेहि कन्नेहि संसाधु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. ब.घणोपांखे न०पणदिगे सु०सांन्न- नि०साधुनेसर्वकदेवानेजोग्य पिण्देखे ल्युसर्व नहीनकहे 20 बहुअगिह पीपश् नयंदिठं सुयंसव्वं निख्खूअख्खाग्मरीहश् 20 सु०सानले ज०कदाचित न०नबोलेघातकारी न. य०वली के०कोएनपाय गिण्सा __ वलीदीगे वचनने कारणपण वद्य सुश्वा जश्वादिह्र नलवेवघाश्यं न य केणग्वाएणं. गिहि जोगने स०अाचरेनही नि०सरसनोजनरस नण्रुडं वा०अथवापाडुन पु-गृह नि.निरस एवाप्राचारने स्थेपुगे जोगं समायरे 1 निडाणंरस निजुडं जगंपावगंतिवा पुगे थको व.पणतथा अ० लाखाधोतथानथीलाधोएम य०वली नोनोजनने गि० अणपुगेथको गृहस्थनेनकहेसाधु 22 गृहधनोदे वावि अपुगेवा लाजालानं ननिद्दिसे 22 नय जोयणंमि गिदो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. च.विचरेथोमो र आहारलेवाने विषे अप्राशुकनें न.न कि.मुलेआएयोप्राधाकर्मीसामो 15 अ०लालपालप्रणबोलतोयको जोगवे पाण्योएवाराहारने 23 चरेनग्अयंपिरो अफासुयं नभुप्रेषण कियमुदेसियाह 23 चंवलीसंचयनेनकरेरात्रि अलेपमात्रदथेलीषरमांए मुसहजेनिर्दोषाहारनाजीवनराषे एटलुंपण सं०साधु पहारप्रतिबंधरहित संनिहंचनकुवेषा अणुमायपि संजए मुहाजीविसंबुद्धे द०होय जजगतनें नि.प्रासरो लु.अरसनिरसनोजीमणहार अ.अणोदरीनोकरणहा धर्मपालवानिमित्ने 25 सु.अतिसंतोषी र सु.थोमेआहारात्माने हवित्र जग निस्सिए 24 लुहवित्ति सुसंतुठ्ठो अप्पि सुहरेसिया त्रिपतोकरे सि.एवोहोय आण सु.सांजलीने जि.वीतरागना क०कानने सु.सुखनपजावे __ क्रोधनावनेनपामे सासनवचननेसांनलीने 25 स.एहवेशबदेकरी आसुरुत्तंनगना सुच्चाणं जिंणसासणं 25 कनेहिख्खेय सदेहिं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. पेरागर्ने अ.नाणे दा.अनिष्ठ.क.पाकरां का.कायाएं अ.खमे 156 फा०परीसहने 26 पेमेनानिनिवेसए दारुण ककसं फासं कारणं अहियासए 26 खु.नुष पितृषा 5.5ख सि.ताढताप अरति अ.अहियापें अमननीपीमा कारीसेज्या न.एटलावानाने अणपांमतोथको ख्खूह पिवास हुसेनं सिनएहं अर जयं अहियासेअवहिन देहनेविषे 5.परीसहने म मोटीनिर्ज- अाथमे ते 71 प्रा. पू.पूर्व दिसे अ.अणंरानाफलनोकारणएविचारीनेखमे 17 सूर्य 73 नगेरात्रिं देह दुख्ख महाफलं 27 अत्थगयंमीयाश्चे पुरथ्थाय अगुं आ.आहारादिकमात्र म.मनेकरीपण न प्रार्थेनहिएटले अ०अलाव स.सर्व रात्रिकांनलीए 27 मवमाटनकरेअस गए आहारमाश्यं सव्वं मणसावि नपचए / अतितणे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. विचा-युनकर अ. अव्योमोबोलों मि०मर्यादाएं ह०होय ननदरनेविषे थोथोडं लण्पामी 157 चपलपणारहित आहारनोजिमणहार दं०दांत नेहीलेनदीगृह चवले अप्पनासी मियासणे हवेन ग्यरे दंते थोव लधून स्थने 25 न.नागलाने प.पीमा अ.पोतानाआत्माप्रतें सु०सूत्र सिद्धांतने ला० नपजावेनही नगर्वनकरे लानेकरीतथापाहा खिसए ए नबाहिरं परिनवे अनाणं नसमुकमे सुय लाने रादिकनेलान्नेकरी ज जातेकरीतपेकरी बु. से.तेसाधु जा०जाणतोथको क०करीने अहंकारनकरे बुद्धेकरी 30 अजाणतोथकोअथवा अ.अकार्यनमजेना जचातवस्सि बुद्धिए 30 सेजाणंम जाणंवा कट्टा नाथानकने खि शीघ्रयात्माने . बबीजीवार त.तेअ- अ.अनासंवरे कार्यने 31 चारने हमियंपयं संवरेख्खिप्पमप्पाणं बीयं तनसमायरे 31 अणाया For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 8 | प.करीने ने गोपवेनहीकांइकहेकांश्नकहेते मलचितथकोसदा वि.सरख आ.आसक्त 15 गोपवोसर्वथानलवेनहीनि- नावथकोकहे पणारहित रंपरकम नेवगुहेननीएहवे सुश्सया वियमनावे असंसत्ते जि.जित्या इंद्रि य. अ.सफल व.वचन- आयआचार्यगुरुनो म.मोटो तं. एवोथकोकहे 35 नेकरे आत्माजेनो ते जिदिय 32 अमोहं वयणंकुत्रा आयरीहस्स महप्पणो तं वचनने प.ग्रहीने वा०वच- क.कायाएकरी न.नीप- हवेनपदेस दिएठे अ.अ. ननेंतहितकरीने जावे 33 शाश्वतो जी प्रानपानेजाणाने परीगिन वायाए कसुणा ग्ववायए 33 अधुवं जीवियंनचा सिण्मुक्तिमार्गने विनिवर्ति __ आण्यानपाने प.थोड्मवि.जाणीने नो.नोगधी र्यादाएपोतानुजाणीने सिद्धिमग्गं वियाणीया विणीयदृन लोगेसु आन परिमियम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir G १एण दस. 34 बमननाबलनेशरीरना सतत्वमार्गनीसदहणानेना- नीजाणिने खिण्या अ. बलने च०वलीजाणीने वथीविरागनिरोगपणानेपोता र्यक्षेत्रने च०वली प्पणो 34 बलंथामं चपेहाए सामारोगमप्पणो खित्तंकालं सुनष्यादिकालने तण्तेमात्मानाधर्मने ज.जरातिहांलगेपीमानकरे वा० जाणीने प्रवरतावेठे 35 रोग चविन्नाय तहप्पाणंनिजुजए 35 जराजावनपीमेश् वाहि जा०जहांलगेवृद्धि जाणजिहांलगेइंद्रिय न. ता०तिहांसुधीधर्मनई को. नपामे हीणानथाये साचरे 36 क्रोधने जावनवट्टर जाविंदिया नहायंति तावधम्म समायरे 36 कोहं मानने च०वलीमायाने लो.लोनने पा.पापना व०में च०चार दो.ए च०वली वधारणहार __ दोषनेवांगतोयको हित मांणं चमायंच लोनंच पाववर्ण वमे चत्तारी दोसेन बंतोहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . मायाने दस. आत्माने कोक्रोधने पीप्रीतिप्रेमने मा०अहंकार विविनयने मा० पानसामे नसांमणहार यमप्पणो 37 कोहो पी पणासे माणो विणयनासणो माया मि.मित्राश्ने लोण्लोन स.सर्व वि.वि. न.क्षमाएंकरी ह.हणे ना.नसांके नासणहार 37 टालेकोधने मित्ताणि नासे लोगो सव्व विणासणो 30 ग्वसमेण हणेकोहं मा.मानने म.मदनेत्यागे मा.मायानेंवलीसरल लोलोनने स.संतोषथी करीजीते ना.नावेंकरी जिण्जीते 30 मांणं महवयाजिणे मायंचनव नावणं लोनो संतोस जीकोक्रोधनेवली मा.मानवली अ. मा०मायावली लो.लोन अणजीत्यायकां प०वाध्याथकां णे 35 कोहोय माणोय अणिगाहिया मायाय लोजोय पवढमाणा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. 1 च.च्यारए क०संपूर्ण सि.सींचेवधारें मु.मूलपमनेच्यार / . कषाय गतिरुपवृक्षने 50 चत्तारिएए कसिणाकसाया सिचिति मुलापुणोनवस्स 40 रा.गुरुनेविषे वि०विनयनें धु०निश्चललीलने सनिरंतर न. प०प्रजुंजेकरे हीणोनकर राशणिएसु विणयं पनजे धूवसिलयं सवयं नहावएना अथोमोविशेषे गुणगोपव्याने प.पराक्रमकरे त.तपसं जमने नि.निधाने च व अंगनुपांगजेणे विषे 51 / ली बघणुम अल्लीणपल्लीण गुत्तो परकमेण तवसंजममि 41 निंदं चन बहु ननेए स०अतिहास्य- मि.माहोमांहे क विकथानेवि स.सकायनेविषे र० विवर्जे न०प्रवतेंनहीराचेनही रातोथकोसदाई मनेना सप्पहासं विवत्रए मिहो कहाहि नरमें सप्रायमि रन कु०काउ बानीपरे कुमुव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस. 52 जो वली जो० 3 शुनंजोगने ज.जो अ.अालसरहित जु.सहितय- अ. स,साधुनाधर्मनेविष कोवली सया 42 जोगच सम्मणधम्ममि जुजे अनलसो धुवं जुत्तोयस स साधुनाध- अण्सूत्रार्थनेपांमे अ. इहलोकनेविषे पा०परलोकने मैनेविषे प्रधान 43 विषे हि हितहोए जेणें म्मणंधम्ममि अठ्ठलहश् अणुत्तरं 43 इहलोग पारत्त हियं जेणं करी ग.जाएसदगति बबहुश्रुतगुरुमाटे पु० पुवेअरथनेवि० तेमाटे प०सेवे निश्चयने 44 गनश्सोग्ग बहुसुयं पनुवासेना पुत्थ विणिज्यिं 44 हवेगुरुसमीपेबेसेतेकहे. कायानेवली पण्वशराखवाने असावधानगुप्तद्रिय हाहाय पाण्पगनेवली का. जि०जितेंद्रियथको थकोबेसे हत्थं पायंच कायंच पणिहाय जिदिई अल्लीणगुत्तोनिसीए सं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 27 दस. || सं.समीपें गुलगुरुनें न बेपासेसमोवमनबेसे म.साधु 45 गुरुनेआगलनबेसे गासे गुरुणो मुणी 45 नपख्खन्नपूरन न०पगनुपरपगने स. चिनबेसे गुण्गुरुने चढावीने समीपे 56 नयनरं समासेना चिट्ठेना गृरुणंतिए 46 नाण्गुरुबोलताथका अं० पिण्पर म०प्रवर्णवादने विचमांनबोले निवाल नबोले जासमाणस्स अंतरा पिठि मंसंनरकाएना अण्अप्रतित जे.जेणेबो- प्रा०शीघ्र कु०कोपकरेजेणे लेहोय वाणवली | 47 अपतियं जेणंसिया आसु कुंप्पेन वापरो नेण्प्राचार्यने पि०पूठदेपिण नबेले नेवकिच्चाण पिठन अण्णबोलाव्योथको न. ना.नबोले अपूग्नि न नासेषा मा०माया मो मृपा नेवर्जे 47 माया मोसंविवनए पागलोमनुष्यसर्वथाप्रकारेंतेवावचननेंनवोले सव्वसोतंननासे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिवा नानाषा अ.अहितकारणी तोकिंमबोले दि०रुमीपरेदीठंहोय तेपण 3 प.स्वरव्यंजना प्र. ___एवीनाषानेनबोले तेपणमर्यादाएं . अ.संदेहरहित दिके करीप्रतिपूर्ण 5 व प्रा नासं अहियगामिणी 40 दिह्रमियं असंदिळं पमिपुन्नंवियं / चनादिकेफटप्रगटसहसमझे तियारमानेपणनहीा . नाण्एवीनापानेबोले याचा तेमनिश्चेकरीमुकी अन्य गलानेनदेगननपजे प्रात्मावंतसचेतनसाधु ए रंगनानणजिय अयपिरमणुविग्गं जासनिसिरअत्तवं ४ए आया नार प०वीवाहपन्नं दिण् दृष्ठीवादना अनण- व०वचनेकरी वि०पलाणाने न०ते तीनाधरनार नारसाधु न.जाणीने साधु र पन्नंतिधरं दिग्विायऽमहिनगं वंश विखलियं नचा नतंन न हसेनही मु न.नक्षत्र 1 सु०सुपन 2 निअतितअनागतनोनिमित गि० साधु 50 वसीकरण 3 मं०मंत्रविद्यानुषधादिक नटवहसेमुणी 50 नख्खत्तं सुमिणंजोगं निमित्त मंतनेसनं गिहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लावानागृहस्थनो तंते नकहेप्राणीनेविमासनो प०था- अ.अनेराने अर्थेकी, ल० न.सेवे पूर्वकह्यातेहनें नकतेमाटेकहनही 51 . थांनकने साधु णोतं नआख्खे भुयाहिगरणं पयं 1 अन्नत्थंपगमलयणं न स०पाटियापालानेविषे नवमीनितन्नुमीकाएंकरी स्त्री पयोमीप्रमुखेकरीरहित थानककेहबोले सहित एहयोथांनकन्नोगवली 55 एप्रसयणासणं चारभूमिसंपन्नं शथि परविवप्रियं 52 वि०मनुष्यादिकेंकरीरहितवाली ना०स्त्रीभागलेन कहे गि गृहस्थनोपरीचयन कु० होय सि.यांनकजिवारेकथा करे विवित्तायनवे सिषा नारीणंनलवंकहं गिहिसंथनकुना कु सा.साधुसंघातेपरीच- ज.जेम कुकुकमाना पो. नि०सदाए कु० बिलामीथी यने 53 बालकने नयनपजे प्रासाहूहिसंथवं 53 जहाकु कुम पोयस्स निच्चं कुललाग्नयं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org दस. ए.एमनिश्चें बं ब्रह्म ३०स्त्रीनाशरीरथकी ननय चिनिंतेवालेषीने अ. 166 चर्यने नपजे 54 ___ स्त्रीनारुपने एवंख्खू बंनयारसत्थिविग्गहननयं 54 चित्तनित्तिननी नजोये नदीतो न.सचेतनस्त्रीनेत्र- सहितस्त्रीनेकिमजोइसदेजि- दिखनें प.पानीवा थवा अ०अलंकारपहिवेसें- नजरेद्रष्टेसूर्यनेजेम दण्देखीनें लेतेमस्त्रीथीद्रष्टीपामाए नारीवासु अलंकीयं लख्खरंपिव दट्टणं दिष्ठि पमिसमाह जीवाल- ह.हाथपगनेंद्यां क०कान नासिका वि० अ०संतावना वा०सोवर वी 55 होय काप्याहोय सनीस्त्रीने पण रे 55 हत्थंपायपमिन्नं कन्नं नास विगप्पियं अविवास संश्नारि बं ब्रह्मचारी वि. व शरीरनीविनुषाएं इस्त्रीनो प.अतिसरस नो. वर्जे 56 __ सं.संसर्ग नोजनएत्रण वंजयारिविवधए 56 विभुसा स्थिसंसग्गी पणीयरस जो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आकार दस, वाना न ब्रह्मचारीमनुष्यने अ.आ. वि.विषतालकुटजिममारे 167 मानोगवेषिधर्मवंतने तेम 57 यणं नरसत्तगवोंसस्स विसंतालठमंजहा 57 सं० शरीरनों चा०मधुरबोलवो पे.नची ३०वीनांतेवानानेनजोणे नजरेजोवो साधुब्रह्मचारी संहाणं चारुल्लविय पेहिय थिणंतंननिनाए मणु ने०मनोझनेवि स० पेरागर्ने विषयनेविरे अनाणे वहणं 5 . विसएसुमणु नेसु पेमेनानिनिवेसए जाणीने ५०एरुमादीगनोसनावळेपण पु.पुदगलना विणसतांवारनलागेपुदगलनो एए प.सन्नावने वन्नाय परिणामंगलाणय एए पुग्गलाणं परिणामं अंबाहप्रमुखने || अ. त्रादिकप्रमुख / अंगपंचंग का.कामनारागनेवधारनाराए कामरागवि अ०अनित्यपगुं तेण्तेविषयको अणिचं तेसि ते.तेहनो जाणीने तेसिनचा कह्याते For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. ज जथातथ्य तए हो. विषयनीत्रसनाने वि० सी०सीतलीनुत अ.श्रा जा. जिमतेम निवरतावताथको वि०विचरे . त्माएकरी 60 जहातहा पिणियतएहो विहरे सीभुएणं अप्पणो 67 जाए सण्वैरागे नि घरथी प०प्रवर्ध्याने ग.थानकने न० त०तेहजश्रद्धाएंजावजीवसु- गु०नुत्त निकल्यो नत्तमथानकप्रते धीचारित्रने अ.पाले मगुणने सद्धाए निख्खंतो परियाय ठाणमुत्तमं तमेव अणुपाखेप्ना गु विषेप्रवर्तेगुणकेहवाले श्रा.आचार्या- ततपर्ने च०वलीइमसंजमनां जो. स.सकायनाजोग दिक स.कबुलकीधाडे 61 जोगर्ने पूर्णे च वली ने स.सदा णे आयरि सम्मए 61 तवंचिमंसंजमंजोगयं च सप्रायजोगं अ.अंगीकारनोकरण- सु सुन्नटजेम से सेनाएंसहीतसंपूर्ण असमर्थ हो होए अ.। आ.हथीयारनोधरणहारसुन्नट पोतेजीतवानेसमर्थहोचसयाअहिरिए सूरेव सेणाएसमत्तमानहे अलमप्पणो हो। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | एपरनेजीतामवाने स.सहायर्नु सुनलुंजे कांध्यांनतेने णहार अ.निर्मल ना०चितनोधणी अ. 63 विषेरातो ता०कायनीरक्षानोकर- त.तपनेविषेरातोतेसाधुना 7 अलंपरोसि 65 सप्राय सु प्रांणरयस्स ताणो अप्पाव नावस्सत जं जेम म०कर्मरुपमल पु.पूर्वन्नवनांकीधाकर्मनेशुद्ध जो०अग्निसमिरि यंप्रेरयोधम्यो व०जिम परेटाले कोणदृष्टांते रुपम ख०रुपनोमेलटालेनिरमलथाए वेरयस्स विसुरजसि मलं पूरेकम समिरि यरुप्पमलं वजोरतेमसाधुनो मलथाए 63 से तेसाधु ता०पूर्वेकह्योतेदवो धूसिधांतकरीसहित अ.ममता आत्पानिर- .परिसहनोसहणहार जि.जितेंद्री रहित अ.परीग्रहरहित णा 63 सेतारि सेदुख्खसहे जिदिए सूएणजुत्ते अमम्मेत्र वि०सोने क.कर्व घ०मेघवादल अगएते क.संपूर्ण अन्नालाना पु.समोह अग अथवाकर्मनासमोहगएउतेकाणदृष्टांते एउतेजेमचंद्रमाविराजेलेमकर्मगए किंचणे विराश् कम्म घणंमि अवगए. कसिणंऊ पुमावगमेवचदि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बोचा दस. उतेतेजीवसिद्ध इ.एमकढुं प्राचारनिधानएवेनामे एवासाधुतोविनयकरीशोने . 170|| पणविराजे उनं 64 श्राठमोअध्ययनंसंपूर्णथयो // 7 // तेमाटेनवामांअध्ययननेविषे / मे॥६४ इत्तिबेमि // आयारपणीहिनामाझयाणंठसंसमत्तं 7 // विनयवखाणेने थं० अहंकारथीअथवा कदायाहमतथकीप्रमादथी गु.गुरूनेसमीपे सोतेअहंकारा को क्रोधथीवलीमायाथकीतथा वि०विनयनेनसीखे दिकबोलेचे. थनावकोहावमयप्पहाया गुरुंसगासविणयंनसिख्खे सोचेवन निश्चेपूर्णे तेण्नेअवनीत अ फण्फलजेमवांसने व०वधनेर्थे वासनेफलावेतेवारदासदा असंपदानोनावहेतुथाए होय 1 . इतिम जेजेशिष्य अण्वलीप्रकृति तव्स अमुश्नावो फलं वकीयसवहायहोर 1 जेयाविमंदेनिगुरु मंदताढाश्म जाणीनेवली म०वश्नाहना 30 एगुरु ही गुरुनीहीलाकरे मि.मिथ्यातने गु०गुरुने चि० अ.अल्प सु.श्रुतनाधणीएमजांणीने अंगिकारकरलोथको चिश्ता महरें श्मेअप्प सुएतिनचा हीलंति मिठेपमिवप्रमाणा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. क०करे आण्याशातनाने तेण्तेअ- प.प्रकृतिस्वन्नावेंकरी मं.ताढासी- म.वरसेनांना. 21 विनयवंतशिष्यगुरुनी 3 तलपण न होएएकेकगुरु पणवलीजेगु- ए करेति आसायण तेगुरुणं 2 पगए मंदाविनवंतिएगे महराविय रु सु श्रुतेंकरीबुद्धेकरीस- प्रा०प्राचारवंतग्यानादिकगुणने जेहवा हि हेल्याथकां सि.अग्नि हितठे विषे सुरुमीपरेवाप्योव्यात्माजेणे लीपरें जा.जस्मनेंकरेग्याना जेंसुयबुद्धोववेव्या आयारमंतातागुण सुठिअप्पा जेहिलियासीदिकनागुणनेएटलेयाशात जेण्जेमुर्खवली ना.सर्पने म.नाहनो आयाशातनाकरेषं नातेअग्निसमान 3 3 ०३मजाणीने रें लेण्तेपुरुषनें हिरीवनासकुषा 3 जेयावि नागं महरंतिनचा आसायए से अण्अहितने अर्थे ए.एद्रष्टानें प्राचार्यगुरुनेपिण निजावानोनिश्चयकरी जा.एकेंद्रियादि __होए दुनिश्चे हि हिलतोथको कजातिना प.पंथने विष खनिश्च मं.मुर ! हियायहोश एवायरियंपी हूहीलतो नियबर जा पह रुखू मंदो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आ. श इस. खअवि- प्राण्सर्पवली प०अतिहि सुरु- किं०सुंजीवना नानासथकी प.अनेर। नीत गेकोप्योथको अवधारणे कु.सुंकरकांइनकरे 4 आसीविसोवावि परं सुरुठो किंजीवि नासान परंतु कुना आया पुजनीकाचार्यगुरुवली अ०मिथ्यातहेतुजे प्रा०ाशातना अप्रनथयाथकां तेणेकरी न.नहीएमुक्ति 5 रियपायापूणअप्पसन्ना अबोहियासाजयण नत्थिमोख्खो 5 अंग्नि जजाज्वलमांन अ.पणे श्रा आसीविषसर्प ने वाण्यवापण ___ चापे ___ दुनिश्चे को०कोपचढावे पावगं जलियमवकम्मेना आसिविसं वाविहु कोवएना अथवा वि०विषनेखाए जी.जीव- ए०एनपमादृष्टांतें प्रा.आशा सि०कदाचित वानोअर्थी तनायेंकरी गुण्गुरुनी 6 हुनिश्चे वा विसंखाय जीवियष्टि एसोवमाऽसायणया गुरुणं 6 सियाहु ET THE For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस, से ते पाण्अग्नि नोन- वली आ०सर्प कु० कोप्योथकोन सि.कदाचित 173 बालेमंत्रादिकेंकरी वा० करके वि०विष से पावए नोमहेषा आसिविसोवा कुविन्ननख्खे सिया विसं हा हालाहल खाधोथको न.नोहेज मोमोक्ष गु.गुरुनी ही ही- जे जेपुरुष सि. कोमरेनही लगाए 7 पर्वतने हालहलंनमारे नयाविमोखो गुरु हीलणाए 7 जोपव्वयं सिर मस्तकेंकरी निण्नेद सु०सुता व.अथवासीहनें प० जो जेवली ददीए स.बर वानेवांचे जगामे बीना अ.अणीनपरे सा जितुमिठे सुत्तं वसीहं पमिबोहएमा जोवा दए सतिआगो प.प्रहार ए०एनपमागुरुनी आ आशा सि.कदाचितनिश्चें लि०मस्तकेंकरी ने तनायें गि०पर्वतनेपणनेदे पहारं एसोवमासायणयागुरुणं न सिआइसिसेणंगिरंप्पिनि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस 1 सी०कदाचित हु.निश्चें सी०सीहकोप्यो थको न.नखाए दें सीहा हुसीहोकुविन ननख्खे न नाहोएज मो मोक्ष गु०गुरुनीहिलणा नयावि मोखो गुरुहिलणाए / अ.मिथ्यातनुहेतुजे आ.आशातना तेणेंकरी न०नथीमोक्ष अबोहियासायण नत्थिमोख्खो ग.गुरुनाप्रसादने असन्मुखथको प्रवर्ते 10 गुरुप्पासायानिमुहोरमन्ना 10 सी.कदाचितवली न नन्नेदे नालानीअगी सिया ननिंदेनव सत्तिअग्गिी प्रा० पा.पुजनीकाचार्य पु.वली __ अ.अप्रबनाथका आयरिय पाया पुणअप्पसन्ना त.तेमाटे अ.निराबाध मुकितना सुखनोअनिलाषी तम्हा अणाबाहंसुहानिकंखी ज.जेम अग्निहोत्रीब्राह्मण जण अग्मिने नमस्कार करे जहाहियग्गीजलणंनमंसे ना For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ.केवल प्र. ग्यानने अणंत तते / दस. ना नानाप्रकारना प्राण्याहुतिहोमें ए०एमअमिनीपरे प्रा०प्राचार्य ने करीमंत्रनेपदेंकरीसीच्योगनिने नसेवविनयादिकेंकरी णाहुश्मंतपयानिसित्तं एवायरियं ग्वचिठ्ठएना घि०पांम्योथकोपणसेवा जजेगुरुनेसमीपें धधर्मपदसिद्धांतने ___करे 11 सिसीखे नांणोविगविसंतो 11 जस्संतिए धर्मपया सिख्खे समी वि.विनयने प०करे स०अनुस्थानादिकसत्कारदीए सिम स्तकेकरी पं०बहाथजोमतोथको ए विणश्यं पनजे सकारए सिरसा पंजलिन य०वली नि.सदायें विनये ल.जिनमार्गनीलजा दण्जीवदया सं०संज___ करी. 12 म 17 नेद ब्रह्मचर्यए 5 बोल यमणंसाय निचं 15 लता दयासंजम बंजचेरं तस्संति का.कायायेंकरीवचनेकरीमनेकरी कायगिरानो क मुक्तिनाथ र्थिसाधुने कल्लाणना For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org अ०हुँ गु.गुरुं . दस. वि०निर्मल ठा. जे०जेमुजने गु.गुरुनिरंतर प्रत्तेपूर्वे थांनक कह्याहंतर स.निरंतर गिसविसोही गणं जेमे गुरुसययं अणुसासयंति तेहि गुरु सययं पू०पूर्जुसेवा ज.जेम नि.प्रनातनेविषे प.प्रकाशकरे के०संपूर्ण करूं 13 त.सूर्य न.नरतक्षेत्र तु० पूर्णे पूययामि 13 जहा निसंते तवणिच्चमाली पनास केवल नारहं तु एएमप्राचार्यने सु.सिद्धांतकरी सी. विशोन्ने सु.देवतामांजेम इंद्र जे.जेम / प्राचारेकरी बु बुद्धियेकरी तम 14 चंद्रमा एवारीन सूयसील बुद्धिए विरायई सुरममेव इंदो 14 जहास का कार्तिकीपूनमने जो जोगे नक्षत्रअने ता.ताराना गणसभोहे खेाकाशनेविषेशोन्नेए सहित करी पण्परीवयोंथको हवाआकाशनेविषेनिर्मल || सीकोमु जोगजुत्तो नख्खत्त तारा गण परिवुमप्पा खेसोहविमले For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दसा.वादल ए०एमआचार्य सोशाने निसाधु म.रत्नादिकनामोटानागर प्र. 177/ रहित मांदेशोन्ने 15 प्राण्याचार्य म.मोटारिष अकमक्के एवंगणि सोहर निख्खूमझे 15 महागरा आयरिया सरतेणे- सणसमाधीने जोजोगेकरी सु.श्रुत हवेवनितशिष्यअणुत्तरा 3 प्रधानग्यानादि करी सीलेकरी बुरुमीबुद्धिएए / बोलेकरी कनेसंपावी नपामवानोअन्निलाषीहोए / महेसी समाहि जोगे सुयसिल बुधिए संपावि नकांमेअणुत्तराश अ०प्रधानग्यानादिकने आ.आराधे तो. ग्यान सो.सानलीने मे पंमित सु.ए सु. संतोषेविनयादिकें ध धर्मनोकामीतेशिष्य पांमे 16 पूर्वोक्तरुमावचनने आराहए तोस धम्मकामी 16 सोचाण महावि सुनासियाई सु आ-आचार्यने अ.प्रमादरहित प्रा०पाराधीने गु-गुण ने अ. से.ते पामे स्सूसएआयरियमऽप्पमत्तो . आराहश्त्तांण गुणे अणेगे थका . अनेक सेपाव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir M दस. सि.सिद्धनें अ०प्रधान ३०एमकडं .तिविनयसमाधिनाअध्ययननोपहेलों 17 उन 17 . नईसोसंपूर्णथयो / ए // 1 // सिडिमणुत्तरं तिमि 17 // इतिविणयसमाहिअम्यणपढमो मु०मुलथी ख०थमनी प०नुत्पत्तिहोए खंबंधथकी 51 प.पठेन दुवृक्षनी पजे ग्देसोसमत्तो॥ मूलान ख्खंध प्पनवोदुमस्सं खंधान पगससा.साखा सासारखाथकीप्रतीसाखाहोय 3 ले वि० त तेवारपठी से.तेवृक्षने पु.फुल प्रगटयाए प.पानमा होएपने फ.फलहोए र.पछे / मुवेतिसाहा साहप्पसाहा विरुहंतिपत्ता तन से पूर्फच फल रसोय | रसहो ए०एम ध.धर्मरुपिया. मू.मुलने प.नत्कृष्टोरस से तं जे.जेणेविनयकरीनेकीर्तिने ए? क्षनी वि. विनय वृक्षनोमुक्ति सु श्रुतनेनतावलो 1 एवं धमस्स विणन मूलं परमो सेमोख्खो जेणकित्ति सुयंसिग्धं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 190 दस. नि०समस्तनलापदारथनोवली जे०जेवली च० क्रोधी 1 मि अ- 5.5ष्टनापानोबोलनारो | | अ.पांमे विनीतशिष्य 2. ज्ञानी 2 अहंकारी 3 नि०मायाविन 5 धुतारो 6 निस्सेसंचानीग३ जेयं चं मिणथडे दुवाइं नियमीसढे बु०तणाणोजाएसंसारसमुद्रनाप्र- दृष्टांते क०लाकमोनदीनाप्रवाहमांहेप- शिष्यनेगुरुयें वि०विनयप्रते वाहमांदे से तेअविनीतात्माकोण मयोथकोजेमतणांणोजाएतेम 3 जो जे११न कोमलादिवचनें बुझ सेअविणियप्पा कठैसोयंगयंजहा 3 विणयंपिजो ग्वाए करी चा प्रेरयोथको कु०कोपकरे कोण दृष्टांतकहे सो०तेनर सिल- श्रावतां दं दामे करीने प.पा न अविनीतशिष्य खमीदि वं.प्रधानदेविनाघरनेविषेनीवाले / णं चाश्न कुपर नरो दिव सो सीरीमिप्रंती दमण पमिसेहश 4 हवेनपमाकेहे त तिमहीज न वाहननेजोग्यतथानारवहवा नीतपणामाटे दि.दिसऽख अ.अविनीतात्माराजादिकनें जोग्य इ. घोमाहाथीअथवाअव ने मेनोगवतां तहेव अविणियप्पा ग्ववधा हयागया दिसंतिदूह मेहंता For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ०पर वशपम्याथका न काष्टा त-तिमहिज सू०सुविनीत उ.वाहनजोग्य द घोमा / दिकन्नारनपा 5 आत्माराजादिकनें हाथी अनिगा नमुवठिया 5 तहेव सविणीयप्पा नववा हयागया दी दिसे सु०सुखशाताले ३०अलंकारादिकसिद्धते प०पां- सनाधणी 6 ततेमज अप्रवि एनोगवतां म्याथकागजादिछमांमोटाज- नीतात्मा दीसंति सुहमेहंता इट्टि पत्तामहायसा 6 तहेव अविणीयप्पाखो लोकनेविषेनरअनेदीदीस 5.पुखने एनो- ग.बागाबोकमासरखांतथाढंकास्त्रीन पीवेशरीरनीशोनाएवानेअवनि लोगसीनरनारी दीसंति दुहमेहंता गयातेविगलंदिया 7 | तखोमेलाइंद्रीयतेतेहना 7 दं० जीर्णजनांथयां अ०माटेव. कादयामणा विगयुंडेपोदामेफरी सशस्त्रेकरीमारतां प० चनेकरीनिया य०वली तानवसपणुंजेथी दंम सत्थ परिजुन्ना असाव यणेहिय कलुणा विवन्नदा गवतां For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आत्मा जशवंतए ख०क्षुधातृषायेंकरी प०व्या- त०तिमहीज सु०सुविनीत लोलोकनेविषे न नरनारी 11 प्याज स्त्रीन खुप्पिवासा परीगया तहेव सुविणिअप्पा लोगंसी नरनारीन दि०दिसले सु० शुद्धनो- रिद्धीनेपांम्या म०महा त.तिमहीज अ.अविनीगवतां तयात्मा दिसति सहमेहंता इडिंपत्ता महायसा ए तहेव अविणीयप्पा दे दे०विमानिकवलीदेवत्या दि०दिसे उखनोगवतां प्रा०प्रापणेपरवशपणे 30 व्यंतर गुनुवनपति नपनारह्याता 10 वाजखाय गुरुगा दिसंति दूहमेहता. आनि नग्गमुवटिया 10 ततिमहिज सू०सुविनीत दे०विमानीकदेवता जवलीव्यं दि०दिसेले सु०सुखन्नो- 30 आत्मा तर गुल्नुवनपती . गवतां रिद्धि तहेव सूविनीअप्पा देवा जखाय गुणागा दिसंति सुहमेहंता ढि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . दप्त. नेपांन्या म.महाजसना प्राध्येश्राचार्य न उपाध्या सु.नक्तनाकरणहार व वचन ते." धरणी 11 यना नाप्रमाणनाकरणहार पत्ता महायसा 1 आयरिय ग्वजायाणं सुसुसा वयणंकरा ते सिग्यानादिकनागुण प. ज.पांणीयसीच्या इ.जेमकवाधेतेमसंसा- गलानेनगावे 12 अ.पर वृद्धिपांमे रनीसीखवाआश्रीकहकलाप्राचार्या. नेसीखवाने अर्थे वा अथवा सिंसिख्खा पवढंति जलसीत्ता श्वपायवा 15 अप्पणछापरठा आगलानाबेटाप्रमुखनेआर्थे सिचित्र कलासीखवेकेतला गिगृह अर्थेने विषे 13 कानिमित्तें मांही विज्ञान लिखितगणितादिक स्थने इ.एलोक नोनोगने जेण्जेकलासोखवाने अर्थ वा सिप्पाणेनणीयाणीय गिहिणोग्वनोगट्ठा हलोगस्सकारणा बंरासमोबंधननेखमेलाकमीठमीना पीमा दा कठणनेखमे सि०कला टलावानाने नि.वाडेखमे ज. वधनेखमेवाकरावलीवचनादिकनी नेसिखतांथकांविद्यानेअए विनयादिककरीजतबते. 13 जेणंबंधवघोरं परियावंचदारूणं सिखमांणानश्चंत जु For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org स दस. तेर जकुमारादिक लण्लीलाकरणहार ते.तेराजकुमारादिकपण ते. त.ते सि.कलाविज्ञान स || 103 ३०इंद्रियजेहनासकोमल 14 ते गु.गुरुने पू.पुजेसेवाकरे का कारणमाटे वस्त्रा तातेललिशंदिया 14 तेवित्तंगुरुपूयंति तस्सासिपस्साकारणा स दिकदेवेकरीसत्कारकरे तु.संतोषाणाथका नि.आज्ञाकारी माटे१५ कि.तोसुकहेवोडे पु-वली ग्रहेनार न.नमस्कारकरे किंकरथकाप्रवर्तेसंसारी विज्ञान शिक्षा जोजेशिष्य सू.तोसूत्रसिद्धांतना अ.अनं कारेतिनमंतति तुठ्ठानिदेसवत्तिणो 15 किपूणोजोसुयग्गहि अणं त हि.सुखना का.वाल प्रा.आचार्य 13 जं.जेवचनने तेजणीतेवचनने ना.नलंधे नारोशिष्य 11 . बोले नि.तेवीनितप्ताधु नहीप्रमाणकरे 16 तहियकांमए आयरियाजवएनिख्खू तंम्हातंनाश्वजए 16 निनीच। से.सेज्यानेकरेनीचो निनीचोननोरहे 3 च.वली य.वली नि नीचाथाए नि सुए 1 ग.नीचोहीमे 2 प्रा.नीचाासननेकरेबेसे पा. पगनेवांदे 4 नीचो नियंसप्रंगठाणं नियंचआसणाणिय नियंचपायवंदेना नि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | थ क करेबेहायनो एमकदाचित सं.संघटोकरीने का. त.तिमहीज नवली न.उपा 24 जोमवो 17 कायाएंकरी घिनोसंघटोथयोहोय यं कुत्राय अंजली 17 संघट्टश्त्ता कारणं तहा नवहिणामवि ख खतेवारे शिष्यएमकहे ख० माहारावलीएमकह न. 5.5ष्टमलीनबलद वा० खमो अ.अपराधने मे० नहीकरुंबीजीवार 17 जेम प.परांणे मेह अवराह मे वएषा नपूणात्तिय 17 दुग्गन वा पनएणं चो चो. चुकतोयकोवहे ए.एदृष्टांतेप्रविनीतशिष्यने वु.वारंवारकह्योथको प.करेपण प्रा रथने किं.प्राचार्यनोकहिण पाधरीतेनकरे १ए एक इन्वहरह एवंदुबुद्धिकिच्चाणं वुत्तोवुत्तो पकुवर १ए आ वारबोलाव्योग्तो ल.वली न.निषिद्यासमायनेथानके एमकहेसुकरे मु. मुकीने आ.आ वारंवारबोलाव्योतो बोधकोनसांजलेसकोगे सननेधीर्यवंतशिष्य लवंते लवंतेवा ननिसिएपमिसुणे मुतुण आसणधीरो सु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस सु.विनयकरी प.सांनले का.वर्षादिकालनाअवसरने उ.म- वांनानपचारने प.बीजाएविन | अ. 20 ननान्निप्रायने न.गुरुनेबाराध. यादिकनाक्रतव्यजाणीने हे गुरुना | स्सुसाए पमिसुणे 20 काल बंदोवयारंच पमीलेहित्तांण हेनहि अंगिताकारनेकरीने ते.ते त.तेतेगुरुनाअभिप्रायने सं० विग्यनादिगुणनीहोर न नपाएकरीने नीपजावीकरी 1 अ.अविनीत तेणंतेणं ग्वाएहि ततं संपमिवायए 31 विवित्ति अविणीयस्स सं.संपदाहोइ वि.विनी- ज.जेहने एवेवांना ना.जा. सि.आसेवनग्रहणसिष्या सेन्ते ____तनेवली . याहोय विनयवंत अ.पांमें 22 संपत्ति विणियस्सय जस्सेहंदुहन नायं सिख्खिसे अनिगड जे.जेवली च क्रोधी रिद्धीने विषे गा. पि.चामीन 3 न.अवनितनर सा.मोटो ___ गारवनेपिषमतीजेनी 2 हि.गुरुनीयाझानालोपणहार 25 जेयावि चमर इढिगारवे पिसूणे नरे साहसि हिंणपेसुणं अ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 17 त. दप्स. अ.धर्मनोअजाण 5 वि विनयनेविषे 71 असंविनागनोकरणहार न नोहेनिश्च ते.ते 7 अ. अ. अकुशल 6 अवगुणनोधणी मो.मुक्ति 23 दिम्मं विणए अकोविए असंविनागी नहत्तस्समोख्खो 23 नि.आगन्याकारी पु.वलीजें सु.सूत्रअर्थनोजाणधर्म वि.विनयने गु.गुरुनी विषे को कुशल तरिने निसिवित्ती पूणजे गुरुणं सुयथ्यधम्मा विणयंमिकोविया तरि ते. विनीत न संसारसमुद्रने ३.ए ख खपाविनें क.प्रावताकर्मन ग.शिव- .एमकडं 3.दोहेलानेतरतांतेहनेतरीमें गतिगयापदूता तुते उघमिणं दुरत्तरं खवितु कम्म गश्मुत्तमंगयं त्तिबेमि 24 इतिविनयसमाधीनोअध्ययननोबीजोनदेसोसंपूर्ण // 5 // // 24 इतिविणयसमाहिम्यणसबीउद्देसोनवमः // ए // 5 // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रा. ___ दस.| आ.अग्निहोत्रीब्राह्मणअग्मिनेजेमपूजे सुन्नक्तिकरतोथको प.सावधानरहि| तेमविनीतेशिष्य प्रा.आचार्य तनितसेवाकरे गुरुना आयरीयग्गीमिवाहयग्गी सुस्सुसमांणो पमिजागरेश नेत्रनोपालोकनें यं शरीरनीचंष्ठाने जो जेविनीत आ.गरुनापतिप्रायनें आ. __ अवधारणे न जाणोने आराधतेपूजनिक ? प्राथा लोश यंगियमेव नच्चा जोबंदमाराहयश्सपुष्नो 1 आया रेनेंअर्थ वि०विनयनेकरे सु.सांन्नालवानीचाकरतोयको प. ज.जेमगुरुएं गृहे व गुरुनावचनने __ कांतेम रमठा विणयंपन्जे सुस्सुयमांणो परिगिक वकं जहोवश्ठं अ.वांगतो गु०गुरुनी तु.पून ना०पाशातनानकरे रा०गुरवादिकनेविषे धको स तेपूजनीकहोए 2 वि.विनयने अनिकंखमांणो गुरु तुंनासायइ सपुत्रो 5 रायणीएसु विणी For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. प.करे म.वरसेनांनाए प.पण य.वली जे.जे नि.ननितानुतपण व.प्रवर्ते स० अ. २न्न प.दिष्यायजेवमा सत्यवादी यं पजे महरावियजे परिया यजेग नियत्तणं वट्टर सच्चवार न.समीपेरह्योथको व.वचनहितनो अ.गृहस्थनेअणजणावतोथको न० ज.संजमनि करणहार सत्तेपूजनीकहोए 3 थोडं च लीए वि.निर्दोष हारने हिने अर्थे नवायवं वक्ककर सपूत्रो 3 अन्नायं नळ चर किशुद्ध जवण स.सामुदानीमाहारने च. प्र.अगसाधे 1 नोवेद स.आहारपांमीने न० पूणेपद नि.सदाई नकरे पोतानीप्रशंसानकरे या समुयाण च निचं अलधुरं नोपरीदेवएना लठ्ठ नविकंथर स.पूज्य- सं.मानादिकनासंथाराने विषे सि. विषेपांणीनेविषे अ.मूर्गरहितघ' नीक 4 थानकनेविषे आ.पाटीपाटलाने ला लाधेपणबते सपूत्रो। संथार सिपासणनत्तपांणा अप्पिण्या अश्वाने For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस 1 जो.जेको ए.एम अ.आत्माने सं.संतोषाना पा.प्रधानपण नेविषे अ.असंतोपना र रातोतेपूजनीक 5 विसंते जो एवमप्पाणनितोसएना संतोस पाहंन रएसपूतो 5 स० समर्थकहीए दे खपवाने आ.धना- अ लोढानाकांटा न.नगहवंतअ- अ.अशाता दिकनीअासायेंकर। क०कांटाकेहवा निमानीपण रहितधकां सक्कास हेन आसाय कंटया अनमया नव्हयानरेणं अणास जोजे न.आवधारणे संस- क.कानने विषेबांणसरखानेएवा मु० मुहूर्त दु.दुखका हित के खमेकांटाने सतपूजनीक 6 रीन.वलीहोए एजो नसहेन कंटए वश्मेए कन्नं सरेस पूष्नो 6 मुहूत्त दुखा नह कं.कांटा अ.लोढाना ते.तेपणकांटा त तशरीर वा वचन दुष्टबोल्याएटखे कुषचनरु थकी सु०काढतांसोहेलापण __ पकांटा दु.नधरतांकाढतांदाइलाः / वंति कंटया अनमया तेवि तन सुनद्वरा वाया दुरुत्तांणी दुरुपांगी For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. वेण्वेरनानपजावणहार मण्महालय- तेबाणकेवाले सतामायावतां क०कानने अ. १ए नाकरणहार 7 व.वचनरुपियाप्रहार नेविषे वेरा[बांधणि महप्रयाणि 7 समावयंता वयणानिघाया कन्नंगपझ्याथको 5.नुंगामनने ध.एखमेधर्म इ.इमकरीनेजाणीने जि.जितेंद्री जोजेको ___ ज.नपजावे प .नत्कृष्टोअग्न सू-सूरमांप्रधान सहे या दुम्मणियं जणंति धम्मोत्तिकिच्चा परमग्ग सूरे जिदिए जोसह सत्तेपूजनी- अ.परनाअवर्णवाद च पूरणे प०पर प.प्रत्यनीकलापाचोरइत्यादिक ___ कG पूंप्रत्यक च.वलीलाषा 3 सपुत्रो अवन्नवायं च परंमुहस्स पचख्खनपमिणियं च न अजाणेनिश्चयकारणीलाषा च. ना.एवी 4 नापाने न.नबोले स.सदा वली अ.अप्रतीतकारणी एस तेपूजनीक ए जासं नहारिणी अप्पियकारिणीच जासं ननासेन सया सपू. For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सद. अलोलपीनही अ.कोतकीनदी अ. अ०चामिननदि 5 या०वली अ.दीन | 11 मायारहित तिनही 5 पोतानीप्रसंसापरपार | प्रो ए अलोलुए अकुहए अमाश् अपिसूणे यावि अदिणवित्ति | नोनकरावे नो.नकरे य वली ना० अ.कुतोहलीनही या पूर्णे स.सदा स.ते पोतेपोतानीनकरेप्रशंसा पू०पूजनीक 10 नोजावए नोवि य नावियप्पा अकोनहल्ले या सया स पुनो 10 गुल्ग्यानादिकगुणेकरीसाधुहोय अ.अवगु- गि.ग्रदेएहजबेपदनोअर्थबीजीपरकहेढेग्याना ऐकरीप्रसाधुहोय दिकगुणेकरीसाधुकदिएअवगुणे हिंशब्दादिकगुणने गुणेहिसाहु अगुणेहिसाहू गिएहाहिं वरजवेकरीसाइ०साधुकहिये गि.अं गिकारकरे साहू साधुनागुण मू॰हेगुणवंत धुनागुणनेजाणे अ.आत्माने जोजे रा राग च० पूर्णे सा.देसाधुनागुणनेमुके अ.असा अज्ञानात्मायेंकरी / द्वेषेकरी साहुगुण मुच्चसाहु वियाणिया अप्पगंमप्पएणं जो रागदोसे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . दस. स०ममातापरिणामराखे त.तिमहीज म.नानाने च०वली म०मो- ३०स्त्रीने पु.पुरुषने 15 पूजनीक 11 टाने वा०अथवा . प.प्रवर्जालीधीहोयतेने हिसमोसपुगे 1 तहेव महरं च महल्लगं वा त्थि पुमं पव | गि गृहस्त नो हिलेनही खिळखिसेनह। ५०अहंकारवली को क्रोध वा.अथवा नेवली च बांते यंगिह वा नो हिलएनोविय खीसएन थंनंच कोहंच चए पूजनीक विनीतशिष्य जे.जेमान्याथका स.निरं. जु०जतनायेंकरीपपीता कन्या 15 तर मा०मानेगुरुशिष्यनेदृष्टांते नेजिमरुमीजागाएहोय नि. सपुत्रो 15 जेमाणिया सययं माणयंति जुत्तेणं कन्नव निवेसथापे ते.तेमाटे मा०मानवाजोग्यगुरुनेजेमाने जि.जितेंध्री स.सत्यनेविषेरातो स.पूजनी राखे तेशिष्य त तपती कनानीहोयतेवारेपोतेनबेरेमोटीथयापयंति तेमाणाए माणरिहे तवस्ति जिदिए सचरए सपुत्रो 13 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 13|| चनक इस. बीवलीघणीलक्ष्मीपणाप्रानरणसहितरुमाघरनेविषेथापे पूजनीक 13 तेव्ने गु०गुरुना गु.गुण तेमगुरुपणविनीतशिष्यनेग्यानरुपलक्ष्मीविनयादिका- . सागरने नरणसहितमुक्तिरुपमंदिरनेविषेयापेएनपमाकही सते तेसिं गुरुणं गुणसागराणं . सु.सानलीने मे०रुकावच- च०विचरे मु.साधु पं०पांच र.महाव. ननें तनेविषेरातोत्रणगुप्तीगुप्तो चार सुच्चाणं मेहाविसुनासियाई चरे मुणि पंच रएतिगुत्तो कषायरहित स.तेपूजनीक गु.गुरुने इ.जिनशासननेविषे स.निरंतर जि.जिनम 14 अाराधीने मु.साधु तनेविषे सायावगए सपुत्रो 14 गुरुमिह सययंपनियरिय मुणिं जिणम नि.माया अ.गुरवादिकनेसाहमोजावा मतनासरुपने परुपवानेविषेकुसल धू.टालीने ना देनेविषे कुसलेमायोअथवाजाणीनेसर्व कर्ममलने पु.पूर्वनवनाकीधाकर्मखपावीने दीपमान यनिनणे अनिगमकुसले धूणीयरयमलं पुरकम नासुरम प्र For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अनोपम गगतीनेविषे ग. इ.एम इ०एविनयसमाधीनोअध्ययननोत्रीजो. 1 पहूंचे कडंबनं 15 _नदेसोसंपूर्ण // ए // 3 // नलं गयं गय इत्तिबेमि // 15 // शतिविणयसमाहिएतननदेसो सु सांनब्यु मे०में प्रा.देवा न.जगवंते ए. ३.जिनशासन नखावंतसुशिष्यते एमकडं नेविषेनिश्चें समत्तं // सुयं मे आवसंतेणं जगवया एवमख्खायं इहखलुथे थे थिवर च०चार वि०विनयथी स०समाधीनपजे प. क.कोण न.नगवंते तेनांथानक __ कह्या खनिश्च रेहिलगवंतेहिं चत्तारी विणीय समाहिगंणा पन्नत्ता कयरे खलु ते तेथी नानगवंतें च०चार वि०विनयथी स.समाधिनपजे ३.ए वर तेनाथानक निश्च तेथेरेहिं जगवंतेहिं चत्तारी विणय समाहिगंणा पन्नत्ता मेखलु प० कह्या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ते तेथीवर च.चार वि.विनयथी स.समाधिन- प०कह्या तं.तेकडे 25 न.नगवंतें पजेतेनाथानक जेमतेम तेथेरेहिं नगवंतेहिं चत्तारी विणय समाहिगंणा पन्नत्ता तंजहा वि.विनयथकीस- सुश्रुतन्नण्याथी त०तपथीसमा आ.आचारथीसमाधीहोए ? समाधिवंत 2 घिहोए 3 माधिहोए / विणयसमाहि 1 सुयसमाहि 2 तवसमाहि 3 आयारसमाहि / श्लोकए 5 बोलना वि.विनयनेविषे 1 सु० श्रुतनेवि- नि.सदार पं०पंकीत अ०. घे 2 वलीतपनेविषे 3 आ.प्राचारनेविषेध रमामे . विणए ? सुए 2 तवेय 3 आयारे 4 निचं पंमिया अनिरांमयंती अ०पोतानाआत्माने जे.जेकोश्होए च०चारप्रकारें ख.निश्चें वि.विनयसमाधि - जि.जितेंद्री होए अप्पाणं जेनवंति जिदिया चनविहा खलु विणयंसमाहिहवर For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होए दस. ते अगुरुएसिखामणदेतांथका सु० सत्तेशिष्यने सं०सम्यक् वे.सि. 16 जेम पांतेकरीसानलवोपडे 1 प्रकारे 2 द्धांतोक्त तंजहा अ[सासिनंतो सुस्सश 1 समं संपमिवप्र 2 क्रियाअनुष्ठानने आ. चवे३य.वली न नोहेअन्नीमानहंजडं च.एचौथोथानक आराधेकालोकालसा- विनयनोकरणहार 4 माराहश्३ नयनवश्यत्तसंपगाहिए 4 चन्त्थंपयंजवर नवली इहां सिलोक पे०वांवे हि हितकारी अ.गु. मु.तेसिखामणनेहितकारी तेए रुनीसिखामणने तं.तेहजेसिखामण पु०वली जवश्य श्व सिलोगो पेहेआ[सासणं. सुस्स तंच पृणोत्र कालोकाले य०वली मा.मानमदेकरी वि०विनयसाधिनेविषे आ माचेनही मोदनोअर्थी ? हिए नय मांणमएणमप्र विणएसमाहि आयठिए / साचवे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बस. चणचारप्रकारे ख.नि. सु-सूत्रथीसमाधि तंते सुसिद्धांताचारंगादिकमाहरे | अ. रए होए जेम इसे इ.एणीबुद्धे अ.नणवो चविहा खलु सुयसमाहिलवर तंजहा सुयमेनविस्स अप न होएपणगर्वने . ए एकाग्रचित्त न होइस इ०एणीबुद्धेनवो न होएपण अर्थेनही गर्वनेअनही इयंव्वंनवइ एगग्गाचित्तो लविसांमितिअन्ना इयव्वं नव्वइ अ.पोतानानात्मानेविषेजिसमतनेहूंथापीस ३०एणीबुद्धिएं विहुंजिनमतनेविषेरह्योथ- अनवोहोए कोधर्मनेविषे प.अनेराने अप्पाणंगव श्स्सांमितिअन्ना इयवंनवड विन परंगवइस्सा गथापीस इ.एणोबुद्धिलण च चोथोथानकहोए न.वली .हासि वो न हो। लोक मित्रीमा श्यवं नवर चपत्थंपयं नवनवश्य इसिखोगो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होय - - दस. ना.ज्ञानहोए ए.एकायचितहोए जि.धर्मनेविषे सु.सुत्रने र.रातो | थिरहोए ग.धर्मनेविषेथापे प०अागलाने अन्नपीनें नाणमे एगग्गचित्तोय विग्गवइय परं सूयाणिं आहभत्ता सु०सुत्रनीसमाधिने च०चारप्रकारें खनिश्चें त०तपथीप्तमाधि ०ते / नोह विषे 2 होए जेम लोके सुयसमाहिए 5 चविहा खलु तवसमाहिलवइ तंजहा नोइह लब्धादिकनेअर्थे त तपने नो०अहि. नो. प०देवलोकादिकनेविषे त तपने अ. नकरे नकरे लोगग्याए तवमहिठेना नोपरलोगग्याए तवमहिना नोकि०सर्वदिसनेविषेगुणयामबोलाएकीरति 1 गुणयामबोलाएतेशब्दपोतानेअगुण व.एकदिसगुणयामबोलाएतेवर्णश्अर्धदिस- ग्रामबोलाएसलाघाधएधनेअर्थे त तपने नोकिनिवन्नसदसिबोगट्टयाए तवमहिठे नन्नत्थनिधर For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १एम दस. नकर न नहि. अ.अनेरासंसारनेअथें अ.करी च०चोथोगमहोए न. य०वली ३.३हां वि. | नि.एकांतकर्मनिर्जरवानेअथें त०तपने सि.सिलोकतेए नाना याए तवमहिलेना चनत्थंपयंनव जव य श् सिलोगो वि प्रकारना गुगुणग्यानादिकने विषेतत्पर नि०सदाए नि निर्जराने तात होएश्लोक 1 परलोक 2 कादि 3 एत्रशनीआसारहितहोए अर्थे करी विहगुणतवोरए निचंनवनिरासए नितराहिए तवसा धु०टाले पु.पाउलानबना जु०सहितहोए य.वली स.सदाए त० च०चारप्रकारे पा.पापर्ने तपनी स०समाधिकरी 3 ख.निचे धूण पुरांण पावगं जुत्तो य सया तव समाहिए 3 चविहा खल आ०आचार्यनीसमाधि तं०तेजिम नो०न ३०हलोकने अर्थे आ.आचारने न होए तेमही . कहीवुपाले आयारसमाहि जव तंजहा नो इहलोगठ्याए आयारमहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रत्त. 200 नो. प. परमोकनेअर्थे प्रा.प्राचारने नो कि पूर्ववत कि०कीर्तिः नपाले वर्स स.शबद सि.सिल घा वेश नो परलोगट्टयाए आयारमहिना नो कित्तिवन सद सि अ.ए 4 नेअर्थ प्रा०पाचारने अंगीकार म०अनेरासंसारीने अतोन रुप्योमुगतिपांम करेनहीनपाले सेद नेकानें ह० भरिदंतेंजेप. वा-हेतुसंवरतेइने लोगट्टयाए आयारमहिना नन्नत्थ अरिहंतेहिं हेपहियामर्थे प्राचारनेअं- च.चोथोथानकहो नहोअवली ३.३हां सि० जि.वीत. गीकारकरे सिलोकतेए ___ रागना यारमहिना . चन्थपयं जव जवश्य श्सिलोगो जिणव वचननेविषे र०रातो प. प. सूत्रेअर्थेकरीपूरोनरचा प्रा. प्रा.आचार स.समाधिरुध्यो जेमतेमलवेनही 11 अत्यंतदया मो०मोक्षनाअर्थी बेधाश्रवजेणे यणरएअतितणे पमिपुन्नाय मोययाठिए आयार समाहिसंवुमे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सद न.एवो द दमतइंद्री ना.खाश्क ढुकमीकरे 1 अ.पामीने च चार स. सु०अतिही 201 नावने सं.आत्मासंधोएटलेमोक्षने समाधिने / वि.शुद्ध त्रपा जवश्य दंते नाव संधए 1 अनिगम चम्रो समाहिन सु विसुद्धो लोकेकरी सु.याप्योसंजमने मुक्तिपदनेमुक्तिपदकेवोठे वि विस्तीर्ण कु०करे सो०तेसाधु प० विषेयात्माजेणेनवेसाधु हितने सु.सुखनेपमावली मुक्तिपदने सुसमाहीयप्पन विनलहिय सुहावहंपूणो कुवइ सो पयख्खे प्र.प्रात्माने / जा जन्ममरणने वली ३०बंशत्यस्थिसाइतिश्न रकादिव्य मु.मुकाए पदेसकारणकर्मएटलेश्बंश्चंतिष्टातिइत्यस्तंकमी ममप्पणो 3 जाइमरणा मुच्च वरचचयश्सव्वसो . इत्थंएए गतिने विषेरहितेंकर्मसिहगतिने स सिद्धवबीहोए सा.शाश्व- दे०देवतादोए अ.कर्मथोमार ह्या विषेकर्मनहीतेमाटेकर्मने च. य.ग. तो वा अथवा अथवाथोमोविषयएवोमोटी में स.सर्वथाप्रकारें सिद्धेवाहव सासए देवेवा अप्परएमहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. ऋद्धिनोधणी ६०एमकडं इ.एविनयसमाधीनोचोथोउदेसोसमाप्त // ए // 4 // विनयवंतसाधुनोप्राचारदसमाअध्यननेविषेक | ढिए त्तिवेमि 3 // इतिविणयसमहिमयणंनवमंसम्मत्तं // ए॥ नि गृहवासथीनीकलानेगुरुनीआझाए य० प. नि.सदाएचित्त नेविषेसमाधिवंत द. __बु०वीतरागना व वचनने विषे होए निरूखममाणाए यएय बुद्ध वयणे निचंचित्तसमाहिन हवेत्रा ३०स्त्रीनेवशे यं०वम्यानोगने नो.पागग्रहेनही पु.प्टथन.नदोए . जे जे सन्तेसाधु 1 शथिणंवसं नयाविगळे वंतं नोपमियाय जे सनिख्खू 1 पुढविन न०खणेनही न खणावेनही सि०सचितपापा नेपीएनही न.पीव- अ०अग्निते खणतानेअनुमोदेपशनही रावेनही ससस्त्र रुखणे नख्खणावए सिग्दगं नपिवेनपियावए अगणि सत्थं वने For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. जेम सु.तिखूसस्त्र तं तेअभिने न बालेनही जे०ते अ.विजणादिकेक साधु 2 रीम.वायनघाले जहा सुनिसियं तं नजले नजलावए जेसनिख्खू अनिलेण नवि न वायघलावे द.वनस्पतीने नदेनही न.जेदावे वि.बीजसचितने __नही नही स.सदा ए नवियावए हरियांणि नग्देिनब्दिावए बियाणी सयावि वि.रजतो स.सचित्तने नानजिमे जेते . व०वध तत्रस था.यावरनो थको ___ साधु 3 दोय वप्रयंता सचित्तं नाहरए जेसनिख्खू 3 वहणं तस्स थावराणंहोश तेत्रसथावरकेहवा पु-एयवीतला त.तेमाटे उ.माधाकर्मिनोगवे नो.पचेपणनही न. क.काष्ठनेसरचा नही पचावेपणनही पुढवितण कट्टनिसियाणं तमा नदेसियनजुने नोवियपएनप For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir 304 जे.जेते रो०सदहिने ना.महावीरना अ.मात्मासमान साधु 4 वचनने . म०माने यावए जेसनिख्खू 4 रोश्य नायपुत्तवयणे अत्तसमे मनेट उए पंपांचनेवली फा०फरसे म. पं.पांचपाश्रवने सं०रुधे य.वली कायने महाव्रतने जेण्जेतेसाधु 5 पिकाए पंचेय फासे महव्वयाइं पंच्चासव्व संवरेय जेसनिख्खू 5 / च.चार व तजे स०सदा क. .निश्चल जो शुनजोगनोधरण- अ.धनरकषायने हार ह.होएजेमवचनने विषे हित चत्तारी वमे सया कसाए धूव जोगी हवेप्रबुद्धवयणे अहणेनि नि.त्यजं रुण्सोनु गिगृहनासावद्यजोगने प०वर्जे ससमकित रुपुंजेणे जेण्जेतेसाधु 6 घ्राय रुवस्यए गिहिजोगं परिवत्रए जेसनिख्खु 6 सम्मदिष्ठि दृष्टी For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस स०सदा प्र.संदेद निश्चे ना०ज्ञानतपत्रे सं०सं- एमशुद्धसदहणाए त०तकरीखपा- ||27 205 रहितयकाएमजा- नमडे य०वली के पु०पाउलानवना पा.पापने 21 सया अमुढे अत्थिह नांणेतवे संजमेय . तवसाधूश् पुराण पावगं म०मनवचनकायाने सु०संवरचावश त.तिम / प्र.अंननेपाणी वा. राख्याजेणे जे.जे सत्तेसाधु 7 हिज अथवा मणवयकाय सुसंयुमे जे सजिख्खु 7 तहेव ___ असणंपाणगं वा वि वि.नानाप्रकारना खा. खादिमसादिमने प्र.खावानोप्रयोजन सु. तंतेप्रसनादिक ल.पामीनदोसे कालें प.परनेअथवा एमजाणीने न.न विहं स्वाश्मंसाश्मं ललित्तादोहि अट्ठो सुए परेवा तं ननिहेन राखे त रखावेनही जे जेते त.तिमहीज अ.असनपाणी वि.अनेकप्रकारनां खा खादिम साधु G सादिमने निहावए जेसजिख्खु तहेव असणपाणगंवा विविहं खाश्मंसाश्म For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 206 मिने दस. ल.पा. नि.आमंत्रने सा.साधर्मिकसाध लो जिमिने स.समायनेविषे रण तत्परनेपले नु. जमे होए य.बीजाएक्रियाअनुष्ठाननेविषे / लनित्ता ििदय साहमीयाणं नुजे नोचा सना यरएयजेस जे जेते य.वली वु.किलेसकारण। क. न.नकहेवलो कु०कोपनकरको प.रागद्वेष साधु ए कथाने नपरे नि निश्चलरंद्रियकोरहे रहितनिख्खु ए नय बुग्गहियं कहकहे नय कुप्पे निहुदिए पसंते संजमेकरी धुनि जोशुनजोगकरी जु०सहित न०क्षमावंत असाधुनाकर्त- जोजे स० मलनिश्चय व्यनेविषेप्रसावधाननही जे.जेतेसाधु 10 सहेश्हलो संजमं धुव जोग जुत्ते नवसंते अविहेमए जेसनिख्खु 10 जोसह कनेविषे गा.इंद्रीयकांटा अ.आकोसवचनने प.प्रहार वलीकेहवाथानकनेविषे सरखावचनने त.निश्चेनिनग्नवचननें भय अध्यंतर इहु गांमकंटए... अकोस पहारं तत्रापाग्य जयनेरवा सदस For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 दस. बीहामणा जेथानकनेविषेतिहां स.समतानाव सु.सुख प.जिस्खूपकिमाने 207 सशब्दढे दुख स.सदेनारो जे०जेसाधु 11 प०पमिवर्जीने प्पहासे सुमंसूहदुखख सहेयं जेसनिख्खु 11 पनिमं पमियावधि म.समसानने नो० नेल्वेतालादिकनाअन्त्यंतरत्नयने विण्नानाप्रकारना गुणगुगने नबीहे दिण्देखीने विषे त०तपने विषेराता यामसाणे नोजीयएनय नेवाइं दियस विविह गुण तवोरए निसदा न.शरीरने च० पूर्णे अपनवां जोजे अनिरंतर वासराव्योरे तेसाधु 12 चि०मश्रुपााकरवेकरीतनिचं नसरीरं चानिकंखए जेसनिख्खू 15 असइ वोसठ्ठ चित्त ज्योडेदे कु.कुवचनेप्राक्रोस्योथको व.अथवा थको पु.टथ्वीसरखोखमनारसाधु अ. हजेणे हल्लाकमी येहणेयोधको लु.स्वानेकरमया ह. होए / नीयांणा देहे अकुठे व हएव लुसिएवा पुढविसमेमुणि हवेना अनि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. रहित अ.कुतोहलीनदी य.वली जे०जेते अजीतीने का कायाकरी ५०परी२० साधु 13 सहने यांणे अकोग्हल्ले य जेसनिख्खु 13 अनिनुएण कारण परिसहा | सानधरेकाढे जा.एकेद्रियादिकजाति वि.जाणीने जा.जन्ममरणतें म.महा त.तपनेविपंथथी अ.मात्मानेकिंकृत्वा नय-कारणश्मजाणीने रातो समुद्धरे जाश्पहान अप्पयं विश्तु जाड मरणंमहम्यं तवेरयसा०चारित्रनेविषेरातो जे जेतेलाधु ह.हाथसंवरया अ.प्रसंजमथो वा.वचनसंव१४ पा०पगसंवरचा रयुले 11 सामाणिए जेसनिख्ख 14 हत्थसंजए पायसंजए वाएसंजइ.इंद्रीजेणे अ.प्रशस्तध्याननेविषेरातो सु.अति सु.सूत्रअर्थनें च.वलीजाणे समाधिवंत प्र.प्रात्मा | एइंदियस्स अझप्परए सुसमाहिप्पा मुत्तअत्थ चवियांणए For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस दस.... जे.जेतेसाधु न नपधीने विषे अ.मूर्गरहितननगं- रहित अ.अंगजाणवे न थोडंलीए पु०सं 15 मेलानेविषे असमितितेनुपरममतान्नाव जमनेअसारनकरेसंजमनादोषरहितवर्ते जेसनिख्खू 15 वहिमि अमुगिए अगिद्धे अन्नाय नठं पुलणीपुलाए पुलकनिःपूलाकसंजमश्रसारताहसंपादिकदोषसून्य स०सर्वसंगथी वि०वेगला जे०जेतेसाधु 16 क०लेबोयेचवो सं०संचयकरवोएत्रणनिवरत्यारे अ. लोलपीनही कयकिक्कय संनिहिंनवरए सव्वसंगा विगएय जेसनिख्खू 16 अलोलु नि०साधु न.रसनेविषेशृद्धनही जी०असंजमजीवितव्यनेनवांद स.वस्त्रादिकेंकरीसंस्कारने पु.पु न.थोमोथोमोपाहारनेलीए लब्धीने च०वली जासलाघाने च.त्यने / निख्खू नरसेसुगिद्धे नबचरे जीवियनानिकंखा ठिच सकारणं पूयणंच चए ठि.निश्चल यात्माले अ०मायाकपटरहित जे.जेते य.एकुसी लें कुसीलिनएमनवना सि.नसाधु 17 न० प.अनेरो बोले जे जेणेषालवेकरी अ.अनेरुकोपकरे ठियप्पा अणिए जेसनिख्खु नपरवएप्रासीअ यकुसी ले जेणनोकुप्पेषन For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इ.स. तेवचननेनबोले जां॰जाणीने अध्यात्माने न उकसावेनही न.नही जा॰जाति प.प्रत्येकप्रत्येकपुन्यपाप. जेण्जेतेसाधु 17 नामदनोकरणहार / तंवएना जांणिय पत्तेय पुन्नपावं अत्तांणं नसमुक्कसे जेसनिख्ख 17 नजाश्मत्तेन य वलीनही रुपनामदनोकरणहार न नहीसूत्रेकरीमदनोकरणहार वि.वर्जतोयको ध०ध न.नही लालाजनोमदनोकरणहार म.मद ससर्वधी मध्याननेविषे / कीय रुवमत्ते न लालमत्ते नसुएणमत्ते मयाणि सव्वाणि विवनयंतो धम्ममांण भीर रातोपूर्ण जे.जेतेसाधु १ए प.परुपे म मोटामुनि ध धर्मनेविषे वि.थिररह्योथकोथापे अ.श्रुतधर्मने प.अनेरानेपिण नि०प्रवर्जालेश्ने रएय जेसनिख्खुए पवेयए अनपयं महामुणी धम्मछिनविय परंपि निख्खम व वर्जे कु.कुसीलीयानाचिन्दनें यण्वलीनोहे तंतेप्रत्यकएदेहना वा वासनेबांझे अप्रनिश्चे हा हास्यनोकरणहार जे.जेतेसाधु 20 शुचीपाशाश्वतो वनेन कुसीललीगंनयाविहासंकुहए जेसनिख्खु 20 तंदेह वासं असुश्सासयं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ' दस.स.सदा चण्यांमममतानाणे नि०सदाए प्रात्माजेणे निवेदीने जा० जन्म म०मरणना 11 हिमोक्षसाधननेअर्थे हिव्याप्योठे बबंधने सया चए निच हिय ठियप्पा बिंदि तु जाश् मरणंस्स बंधणं 1.न.पांमे नि०साधु अ.सिद्धि 21 गण्गतिने ३०३मकहुंडनं 30 तिन्निनु त के ज्ञानवंततीर्थकरनुपरुप्यु 21 अध्ययन नवेश निखाखू अपुणा गमंग इत्तिबेमि 1 इत्तिजिख्खू दशमंसमाप्त इतिश्रीदशविकालीकबालावबोध // 10 // यणंदसमंसमत्तं // 10 // // इतिश्रीदसविकालिकसूत्रसंपूर्ण // ग्रंथसंख्या 3000 ले अजाणेनूलहोयतोमिचामिक्कडपाशुनंनवतु वनारकहेजरुरजाणपगुंकरो ग्रंथसंख्या 3000 // शुनंजवतु // मुखे जतना सहीत वाचवु. समाप्त For Private and Personal Use Only
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________________ avir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Serving Jin Shasan 050111 gyanmandir@kobatirth.orgs *************************************************** दश वैकालीक सुत्रना 10 अध्यन मुल अर्थ समाप्त की. रू 2 // मुंबइ मधे शा. खेतसी जीवराजे उपावी प्रसीध करया पुस्तक मलवान ठेकाणु दाणा* बंदर पुल नपर शेनीमजी शामजीनं नवो मालो बीजे दादरे बीजा जैन पुस्तक आचा रंग * तथा सुगमाग तथा उपाशक दशा तथा अंतगढ दशा तथा अणुतर नवाइ तथा बुटा 6 अध्यन - तेमा बुटी गधायो वगरे तथा सोल सप्नाए सर्वे मुल अर्थ सहीत ले तथा ग्रंथ रास तथा स्तवन सजाय श्लोक लावणी गुहली मान नाजी जंबु धीप अढी धीप तथा नरक सरगना चीत्र उहा * सहीत तथा आलोयणी 57 थोकमा गोत्म प्रशन वगरे अमारा पासे आव्याथी तथा बाहार गाम वालाने समाचार लखवाथी मालम पमशे नाटपेट कागल लेवामा आवशे नही सा० 151 * माहा सुद 15 राज्यनक्त प्रेसमा उपावो गपनारे सरकारना धारा प्रमाणे दक्क राखो . ************************ * न For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4668 PUNY718 SOYEN Les ILIA For Private and Personal Use Only