Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ II SHREE VITRAAGAAYA NAMAH II UPPANEINA VIGAMEÏNA DHUVEÏNA विपाक सुत्तं VIPĀKA SUTRA Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंचम गणधर सिरि सुहम्मसामी विरइयं विवागसुयं विपाक सुत्तं VIPĀKA SŪTRA मूल पाठ Ardhamāgadhi Aphorisms अंग आगम - ११ 11TH ANGA AGAMA Bhagwan Mahāvīra's Precepts Sūtra First Composed By Fifth Ganadhara ŚRĪ SUDHARMĀ SWĀMĪ Vallabhi Council (Synod) Chair DEVARDDHIGANI KȘAMAŚRAMANA Published By GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विवागसूर्य विपाक सुत्तं VIPĀKA SŪTRA First eBook Edition (PDF)-2012 Source of Ardhamägadhi Aphorisms: GURUPRAN AAGAM BATRISI (Aagam Series) (Gujarati 2nd Edition, 2009) Published on the Occasion of 100th Birth Anniversary of SAURASHTRA KESHARI GURUDEV PUJYA SHREE PRANLALJI M. S. Text in "Mangal (Unicode)" Font Published By: GLOBAL JAIN AAGAM MISSION C/o. Pawandham, Mahavir Nagar, Kandivali (W), Mumbai - 400 067 Tel.: +91 92233 14335, e-mail: info@jainaagam.org www.jainaagam.org / www.parasdham.org Computer Source files can be made available for appropriate scholarly use, Please contact in writing at the email/phone contacts listed above. Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Rashtra Sant Yug Diwakar Pujya Gurudev NamraMuni M.S. Inspired GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Promoting Compassionate and Nonviolent Living MISSION: Global Jain Aagam Mission promotes the eternal truths of Jain Agama (precepts of Lord Mahāvīra) to build a compassionate and nonviolent lifestyle in the world. GOALS AND OBJECTIVES: • Translate all Jain Agamas (scriptures) into English and other world languages • Make Agamas available in all electronic forms • Promote awareness of Āgama throughout the world • Educate and uphold Jain way of life using expertise of social media • Promote a compassionate and nonviolent lifestyle throughout the world • Encourage and promote research on Agamas to develop approaches to the world challenges (ecology & environment, global warming, world peace, psychology, health, scientific principles, etc.) • Hold periodic conventions to promote exchanges among world's scholars • Interface with interreligious organizations and other guiding institutions • Be a resource for information and referral • Work co-operatively with local, regional, national, and global organizations TRANSLATION OF JAIN AAGAMAS INTO ENGLISH: The Global Jain Aagam Mission has embarked on a project to translate and publish all Jain Agamas into English. The English translation of the Agama will help youth of today in India and abroad to learn and understand Lord Mahāvīra's preachings. The goal is to reach every household and every person in the world to impart the wisdom of the Agamas. In a non-sectarian way, this Mission will endeavor to deliver the Lord Mahāvīra's message to hearts of the people. The translated Agamas will be distributed to various libraries, universities and Jain institutions within our country and abroad. In addition, it will be made available on the Internet and in electronic forms of eBooks, etc. Many learned intellectuals from different countries and cultures have supported this project of translating the Agama's into English. The work is being performed in cities of Mumbai, Ahmedabad, Bangalore, Shravanbelgola, Delhi, Jaipur, Chennai, Kolkata, Banaras, Ladnu, Dubaii, and USA. In addition, this mission is receiving guidance and blessings from spiritual leaders of various religious traditions. INVITATION TO PARTICIPATE: We invite scholars, spiritual aspirants and shrāvaks to join us in making this mission a success. Your contribution of knowledge, time, and money will be appreciated. Please contact by email at info@jainaagam.org or by phone to: Girish Shah at Tel. +91-92233-14335 or Gunvant Barvalia at Tel. +91-98202-15542 Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमो सुयखंधोदुहविवागो पढमं अज्झयणं मियापुत्ते बीअं अज्झयणंउज्झियए इअं अज्झयणं अभग्गणे विषय सूची Table of Content चउत्थं अज्झयणं- सगडे पंचमं अज्झयणं बहस्सई छट्ठे अज्झयणं दिवद्ध सत्तमं अज्झयणं उंबरदत्ते अट्ठमं अज्झयणं- सोरियदत्ते णवमं अज्झयणं देवदत्ता दसमं अज्झयणं- अंजू बीओ सुयखंधो- सुहवाग पढमं अज्झयणं. सुबाहु २ - १० अज्झयणाणि विपाक सूत्र भद्दणंदी परिसेसो ॥ विवाग सुयं समत्तं ॥ -9 -9 15 -15 -21 -21 -24 24 26 -26 -30 -30 34 34 36 36. -42 -42 44 44 44 44 -48 48 -50 -50 Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र पढमो सुयखंधो दुहविवागो पढमं अज्झयणं मियापुत्ते १ तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था । वण्णओ | पुण्णभद्दे चेइए | वण्णओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अज्जसुहम्मे णामं अणगारे जाइसंपण्णे जाव पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपाणयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता, अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हइ, अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । परिसा णिग्गया । धम्म सोच्चा णिसम्म जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसि पडिगया । तेणं कालेणं तेणं समएणं अज्जसुहम्मस्स अंतेवासी अज्जजंबू णामं अणगारे सत्तुस्सेहे जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं अज्जजंबू णामं अणगारे जायसड्ढे जाव जेणेव अज्जसुहम्मे अणगारे तेणेव उवागए, तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासीजइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दसमस्स अंगस्स पण्हावागरणस्स अयमढे पण्णत्ते, एक्कारसमस्स णं भंते ! अंगस्स विवागसुयस्स समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? तए णं अज्जसुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासी-एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं एक्कारसमस्स अंगस्स विवागसुयस्स दो सुयक्खंधा पण्णत्ता, तं जहा- दुहविवागा य सुहविवागा य। जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं एक्कारसमस्स अंगस्स विवागस्यस्स दो सयक्खंधा पण्णत्ता, तं जहा- दुहविवागा य सुहविवागा य | पढमस्स णं भंते ! सुयक्खंधस्स दुहविवागाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पण्णत्ता? तए णं अज्जसुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासी- एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहामियापुत्ते य उज्झियए, अभग्ग सगडे बहस्सई णंदी । उंबर सोरियदत्ते य, देवदत्ता य अंजू य ॥१॥ | | Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा- मियापुत्ते य जाव अंजू य । पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स दुहविवागाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासी- एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं मियग्गामे णामं णयरे होत्था | वण्णओ । तस्स णं मियग्गामस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए चंदणपायवे णामं उज्जाणे होत्था | सव्वोउय पुप्फ फल समिद्धे, वण्णओ | तत्थ णं सुहम्मस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था । चिराईए जहा पुण्णभद्दे । तत्थ णं मियग्गामे णयरे विजए णामं खत्तिए राया परिवसइ । वण्णओ । तस्स णं विजयस्स खत्तियस्स मिया णामं देवी होत्था । अहीण पडिपुण्ण जाव वण्णओ । तस्स णं विजयस्स खत्तियस्स पुत्ते मियाए देवीए अत्तए मियापुत्ते णामं दारए होत्था । जाइ अंधे, जाइ मूए, जाइ बहिरे, जाइ पंगुले, हुंडे य वायव्वे य । णत्थि णं तस्स दारगस्स हत्था वा पाया वा कण्णा वा अच्छी वा णासा वा । केवलं से तेसिं अंगोवंगाणं आगिई आगिईमित्ते । तए णं सा मियादेवी तं मियापुत्तं दारगं रहस्सियंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणेणं पडिजागरमाणी पडिजागरमाणी विहरइ। ९ तत्थ णं मियग्गामे णयरे एगे जाइअंधे पुरिसे परिवसइ । से णं एगेणं सचक्खुएणं पुरिसेणं पुरओ दंडएणं पगड्ढिज्जमाणे पगड्ढिज्जमाणे फुट्टहडाहडसीसे मच्छियाचडगरपहकरेणं अण्णिज्जमाणमग्गे मियग्गामे णयरे गिहे गिहे कालुण- वडियाए वित्ति कप्पेमाणे विहरइ । १० तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव समोसरिए | परिसा णिग्गय णं से विजए खत्तिए इमीसे कहाए लद्धढे समाणे जहा कूणिए तहा णिग्गए जाव पज्जुवासइ । तए णं से जाइअंधे पुरिसे तं महया जणसदं जाव सुणेत्ता तं पुरिसं एवं वयासी- किं णं देवाणुप्पिया ! अज्ज मियग्गामे णयरे इंदमहे इ वा खंदमहे इ वा उज्जाण-गिरिजत्ता इ वा, जओ णं बहवे उग्गा भोगा एगदिसिं एगाभिमुहा णिग्गच्छंत्ति ? तए णं से पुरिसे जाइअंधं पुरिसं एवं वयासी-णो खलु देवाणुप्पिया ! अज्ज मियग्गामे णयरे इंदमहे इ वा जाव णिग्गछड़ | एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे जाव विहरइ । तए णं एए जाव णिग्गच्छति। तए णं से जाइ अंधपुरिसे तं पुरिसं एवं वयासी- गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! अम्हे वि समणं भगवं महावीरं जाव पज्जुवासामो | तए णं जाइअंधे पुरिसे तेणं पुरओ दंडएणं पुरिसेणं पगढिज्जमाणे पगढिज्जमाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, वंदइ णमंसइ जाव पज्जुवासइ । तए णं समणे भगवं महावीरे विजयस्स रण्णो तीसे य महइमहालियाए परिसाए धम्माइक्खइ । परिसा पडिगया, विजए वि गए | १२ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे जाव विहरइ । तए णं से भगवं गोयमे तं जाइअंधपुरिसं पासइ, पासित्ता Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र जायसड्ढे जाव एवं वयासी-अत्थि णं भंते ! केई पुरिसे जाइअंधे जाइअंधारूवे ? | ४ | हंता अत्थि । कहं णं भंते ! से पुरिसे जाइअंधे जाइअंधारूवे ? एवं खलु गोयमा ! इहेव मियग्गामे णयरे विजयस्स खत्तियस्स पुत्ते मियादेवीए अत्तए गामं दारए जाइअंधे जाइअंधारूवे | णत्थि णं तस्स दारगस्स हत्था वा पाया वा कण्णा वा अच्छी वा णासा वा, केवलं से तेसिं अंगोवंगाणं आगिई आगिइमित्ते । तए णं सा मियादेवी जाव पडिजागरमाणी पडिजागरमाणी विहरइ । तए णं से भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- इच्छामि णं भंते! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे मियापुत्तं दारगं पासित्तए | अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं से भगवं गोयमे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे हद्वतुढे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ पडिणिक्खमेइ, पडिणिक्खमित्ता अतुरियं जाव रियं सोहेमाणे जेणेव मियग्गामे णयरे तेणेव उवागच्छड. उवागच्छित्ता मियग्गामं णयरं अणुपविसइ, अणुप्पविसित्ता मियग्गामस्स णयरस्स मज्झमज्झेणं णिगच्छड़ णिगच्छित्ता जेणेव मियादेवीए गिहे तेणेव उवागच्छइ । तए णं सा मियादेवी भगवं गोयमं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता हद्वतुट्ठ जाव एवं वयासीसंदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! किमागमणप्पओयणं ? तए णं भगवं गोयमे मियादेवि एवं वयासी-अहं णं देवाणुप्पिए ! तव पुत्तं पासिउँ हव्वमागए । तए णं सा मियादेवी मियापुत्तस्स दारगस्स अणुमग्गजायए चत्तारि पुत्ते सव्वालंकार विभूसिए करेइ, करेत्ता भगवओ गोयमस्स पाएसु पाडेइ, पाडेत्ता एवं वयासी-एए णं भंते ! मम पुत्ते, पासह । तए णं से भगवं गोयमे मियादेवि एवं वयासी- णो खलु देवाणुप्पिए! अहं एए तव पुत्ते पासिउं हव्वमागए | तत्थ णं जे से तव जेट्टे मियापुत्ते दारए जाइअंधे जाइअंधारूवे, जं णं तुमं रहस्सियंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणेणं पडिजागरमाणी पडिजागरमाणी विहरसि, तं णं अहं पासिउँ हव्वमागए | तए णं सा मियादेवी भगवं गोयम एवं वयासी- से के णं गोयमा ! ते तहारूवे णाणी वा तवस्सी वा, जेणं एसमढे मम ताव रहस्सीकए तुब्भं हव्व-मक्खाए, जओ णं तुब्भे जाणह? तए णं भगवं गोयमे मियादेवि एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिए ! मम धम्मायरिए समणे भगवं महावीरे तहारूवे णाणी वा तवस्सी वा, जेणं एसमढे तव ताव रहस्सीकए मम हव्वमक्खाए तओ णं अहं जाणामि । १६ जावं च णं मियादेवी भगवया गोयमेण सद्धिं एयमद्वं संलवइ, तावं च णं मियापुत्तस्स दारगस्स भत्तवेला जाया यावि होत्था । तए णं सा मियादेवी भगवं गोयमं एवं वयासी १५ Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तुब्भे णं भंते ! इहं चेव चिट्ठह, जा णं अहं तुब्भं मियापुत्तं दारगं उवदंसेमि त्ति कट्ट जेणेव भत्तपाणघरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता वत्थपरियट्टणं करेइ, करेत्ता कट्ठसगडियं गिण्हइ, गिण्हित्ता विउलस्स असण-पाण खाइम-साइमस्स भरेइ, भरित्ता तं कट्ठसगडियं अणुकड्ढमाणी अणुकड्ढमाणी जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता भगवं गोयम एवं वयासी- एह णं तुब्भे भंते ! मम अणुगच्छह, जा णं अहं तुब्भं मियापुत्तं दारगं उवदंसेमि । तए णं से भगवं गोयमे मियादेविं पिट्ठओ समणुगच्छइ । १७ तए णं सा मियादेवी तं कट्ठसगडियं अणुकड्ढमाणी अणुकड्ढमाणी जेणेव भूमिघरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता चउप्पुडेणं वत्थेणं मुहं बंधेइ, मुहं बंधमाणी भगवं गोयमं एवं वयासी- तुब्भे वि य णं भंते ! मुहपोत्तियाए मुहं बंधह । तए णं से भगवं गोयमे मियादेवीए एवं वुत्ते समाणे मुहपोत्तियाए मुहं बंधेइ । तए णं सा मियादेवी परंमुही भूमिघरस्स दुवारं विहाडेइ । तए णं गंधे णिग्गच्छइ, से जहाणामए अहिमडे इ वा, गोमडे इ वा, सुणहमडे इ वा, मज्जारमडे इ वा, मणुस्समडे इ वा, महिसमडे इ वा, मूसगमडे इ वा, आसमडे इ वा, हत्थिमडे इ वा, सीहमडे इ वा, वग्घमडे इ वा, विगमडे इ वा, दीविगमडे इ वा, मयकुहिय-विणढ-दुरभिवावण्ण-दुब्भिगंधे किमिजालाउलसंसत्ते असुइ-विलीण विगय-बीभच्छ दरिसणिज्जे भवेयारूवे सिया ? णो इणढे समढे, एत्तो अणिद्वतराए चेव अकंततराए चेव अप्पियतराए चेव अमण्ण्ण तराए चेव अमणामतराए चेव गंधे पण्णत्ते । तए णं से मियापुत्ते दारए तस्स विउलस्स असण-पाण-खाइम साइमस्स गंधेण अभिभूए समाणे तंसि विउलंसि असण-पाण-खाइम-साइमंमि मुच्छिए तं विउलं असण-पाण खाइमसाइमं आसएणं आहारेइ, आहारित्ता खिप्पामेव विद्धंसेइ, तओ पच्छा पूयत्ताए य सोणियत्ताए य परिणामेइ; तं पि य णं से पूयं च सोणियं च आहारेइ । १९ तए णं भगवओ गोयमस्स तं मियापत्तं दारगं पासित्ता अयमेयारूवे जाव म संकप्पे समुप्पज्जित्था- अहो णं इमे दारए पुरापोराणाणं दुच्चिण्णाणं दुप्पडिक्कंताणं असुभाणं पावाणं कडाणं कम्माणं पावगं फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणे विहरइ । ण मे दिट्ठा णरगा वा णेरड्या वा । पच्चक्खं खलु अयं पुरिसे णरगपडिरूवयं वेयणं वेदेइ त्ति कट्ट मियं देविं आपुच्छइ, आपुच्छित्ता मियाए देवीए गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता मियग्गामं णयरं मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- एवं खलु अहं तुब्भेहिं अब्भणण्णाए समाणे मियग्गामं णयरं मज्झंमज्झेणं अणुप्पविसामि, अणुपविसित्ता जेणेव मियाए देवीए गिहे तेणेव उवागए | तए णं से मियादेवी मम एज्जमाणं पासइ, पासित्ता हट्ठा, तं चेव सव्वं जाव पूयं च सोणियं च आहारेइ । तए णं मम इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था- अहो णं इमे दारए पुरापोराणाणं जाव णरग पडिरूवयं वेयणं वेदेइ । Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र से णं भंते ! पुरिसे पुव्वभवे के आसी ? किं णामए वा किं गोत्तए वा ? कयरंसि गामंसि वा णयरंसि वा ? किं वा दच्चा, किं वा भोच्चा, किं वा समायरित्ता, केसिं वा पुरा पोराणाणं जाव पच्चणभवमाणे विहरइ ? गोयमा ! इति समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इह जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे सयदुवारे णामं णयरे होत्था रिद्धत्थिमिय समिद्धे जाव वण्णओ | तत्थ णं सयदुवारे णयरे धणवई णामं राया होत्था | वण्णओ । तस्स णं सयदुवारस्स णयरस्स अदूरसामंते दाहिणपुरत्थिमे दिसीभाए विजयवद्धमाणे णामं खेडे होत्था । रिद्धत्थमियसमिद्धे, वण्णओ । तस्स णं विजयवद्धमाणस्स खेडस्स पंचगामसयाई आभोए यावि होत्था। तत्थ णं विजयवद्धमाणे खेडे इक्काई णामं रहकूड़े होत्था, अहम्मिए अहम्माणुए अहम्मिटे अहम्मक्खाई अहम्मपलोई अहम्मपलज्जणे अहम्मसमुदाचारे जाव दुप्पडियाणंदे । से णं इक्काई रहकूडे विजयवद्धमाणस्स खेडस्स पच्चण्हं गामसयाणं आहेवच्चं जाव पालेमाणे विहरइ । २१ तए णं से इक्काई रहकूडे विजयवद्धमाणस्स खेडस्स पंच गामसयाई बहूहिं करेहि य भरेहि य विद्धीहि य उक्कोडाहि य पराभवेहि य देज्जेहि य भेज्जेहि य कुंतेहि य लंछपोसेहि य आलीवणेहि य पंथकोद्देहि य ओवीलेमाणे ओवीलेमाणे, विहम्मेमाणे विहम्मेमाणे, तज्जेमाणे तज्जेमाणे, तालेमाणे तालेमाणे, णिद्धणे करेमाणे करेमाणे विहरइ। तए णं से इक्काई रहकूडे विजयवद्धमाणस्स खेडस्स बहूणं राईसर-तलवर-माइंबियकोडुबिय-इब्भ-सेट्ठि-सेणावइ-सत्थवाहाणं अण्णेसिं च बहूणं गामेल्लग-पुरिसाणं बहुसु कज्जेसु य कारणेसु य मंतेसु य गुज्झेसु य णिच्छएसु य ववहारेसु य सुणमाणे भणइ ण सणेमि, असुणमाणे भणइ सणेमि एवं पस्समाणे, भासमाणे, गिण्हमाणे जाणेमाणे | तए णं से इक्काई रहकूडे एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहु पावकम्म कलिकलुसं समज्जिणमाणे विहरइ । २२ तए णं तस्स रहकूडस्स अण्णया कयाइ सरीरगंसि जमगसमगमेव सोलस रोगायंका पाउब्भूया । तं जहासासे कासे जरे दाहे, कच्छिसूले भगंदरे । अरिसे अजीरए दिट्ठी, मुद्धसूले अकारए || अच्छिवेयणा कण्णवेयणा कंडू उयरे कोढे || तए णं से इक्काई रहकूडे सोलसहिं रोगायंकेहिं अभिभूए समाणे कोडुंबिय पुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! विजय-वद्धमाणे खेडे सिंघाडग-तिगचउक्क-चच्चर-महापह-पहेसु महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणा उग्घोसेमाणा एवं वयह-इह खलु देवाणुप्पिया ! इक्काई रहकूडस्स सरीरगंसि सोलस रोगायंका पाउब्भूया, तं जहासासे कासे जाव कोढे, तं जो णं इच्छइ देवाणुप्पिया ! वेज्जो वा वेज्जपुत्तो वा जाणओ वा जाणयपत्तो वा तेगिच्छिओ वा तेगिच्छियपुत्तो वा इक्काई रहकूडस्स तेसिं सोलसण्हं Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३ |२४| २५ २६ विपाक सूत्र रोगायंकाणं एगमवि रोगायंकं उवसामित्तए, तस्स णं इक्काई रट्ठकूडे विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ। दोच्चं पि तच्चं पि उग्घोसेह, उग्घोसित्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तणं ते कोडुंबियपुरिसा जाव तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति ! तणं से विजयवद्धमाणे खेडे इमं एयारूवं उग्घोसणं सोच्चा णिसम्म बहवे वेज्जा य जाव सत्थकोसहत्थगया सएहिं सएहिं गिहेहिंतो पडिणिक्खमंति पडिणिक्खमित्ता विजयवद्धमाणस्स खेडस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव इक्काई रट्ठकूडस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता इक्काई रट्ठकूडस्स सरीरगं परामुसंति, परामुसित्ता तेसिं रोगाणं णिदाणं पुच्छंति, पुच्छित्ता, इक्काई रट्ठकूडस्स बहूहिं अब्भंगेहि य उवट्टणेहि य सिणेहपाणेहि य वमणेहि य विरेयणेहि य सेयणाहि य अवद्दहणाहि य अवण्हाणेहि य अणुवासणाहिं य वत्थिकम्मेहि य णिरूहेहि य सिरावेहेहि य तच्छणेहि य पच्छणेहि य सिरोवत्थीहि य तप्पणाहि य पुडपागेहि य छल्लीहि य मूलेहि य कंदेहि य फलेहि य बीएहि य सिलियाहि य गुलियाहि य ओसहेहि य भेसज्जेहि य इच्छंति तेसिं सोलसण्हं रोगायंकाणं एगमवि रोगायकं उवसामित्तए, णो चेव णं संचाएंति उवसामित्तए । तए णं ते बहवे वेज्जा य वेज्जपुत्ता य जाणया य जाणयपुत्ता य तेगिच्छिया य तेगिच्छियपुत्ता य जाणो संचाएंति तेसिं सोलसण्हं रोगायंकाणं एगमवि रोगायकं उवसामित्तए, ताहे संता तंता परितंता जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया । तए णं इक्काई रट्ठकूडे वेज्ज -पडियाइक्खिए परियारगपरिच्चत्ते णिव्विण्णोसह भेसज्जे सोलसरोगायंकेहिं अभिभूए समाणे रज्जे य रट्ठे य जाव अंतेउरे य मुच्छिए जाव अज्झोववण्णे रज्जं च रटुं च जाव अंतेउरं च आसाएमाणे पत्थेमाणे पीहेमाणे अभिलसमाणे अट्टदुहट्टवसट्टे अड्ढाइज्जाई वाससयाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसेणं सागरोवम द्विइएस णेरइएसु णेरइयत्ताए उववण्णे । से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव मियग्गामे णयरे विजयस्स खत्तियस्स मियाए देवीए कुच्छिंसि पुत्तत्ताए उववण्णे । तए णं तीसे मियादेवीए सरीरे वेयणा पाउब्भूया, उज्जला जाव दुर-हियासा । जप्पभिर्इं च णं मियापुत्ते दारए मियाए देवीए कुच्छिंसि गब्भत्ताए उववण्णे, तप्पभिड़ं च णं मियादेवी विजयस्स खत्तियस्स अणिट्ठा अकंता अप्पिया अमणुण्णा अमणामा जाया यावि होत्था । तए णं तीसे मियाए देवीए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्त-कालसमयंसि कुडुंबजागरिया जागरमाणीए इमे एयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं विजयस् खत्तियस्स पुव्विं इट्ठा कंता पिया मणुण्णा मणामा धेज्जा विसासिया अणुमया आसी । जप्पभिर्इं च णं मम इमे गब्भे कुच्छिंसि गब्भत्ताए उववण्णे, तप्पभिनं च णं अहं विजयस्स खत्तियस्स अणिट्ठा जाव अमणामा जाया यावि होत्था । णेच्छइ णं विज खत्तिए मम णामं वा गोयं वा गिण्हित्तए वा, किमंग पुण दंसणं वा परिभोगं वा । तं सेयं खलु ममं एयं गब्भं बहूहिं गब्भसाडणाहि य पाडणाहि य गालणाहि य मारणाहि य साडित्तए वा पाडित्तए वा गालित्तए वा मारत्तिए वा एवं संपेहेइ, संपेहित्ता बहूणि 6 Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र २ खाराणि य कड्याणि य तूवराणि य गब्भसाडणाणि य खायमाणी य पीयमाणी य इच्छइ तं गब्भं साडित्तए वा-४, णो चेव णं से गब्भे सडइ वा-४ | तए णं सा मियादेवी जाहे णो संचाएइ तं गब्भं साडित्तए वा-४, ताहे संता तंता परितंता अकामिया असयंवसा तं गब्भं दुहं दुहेणं परिवहइ । तस्स णं दारगस्स गब्भगयस्स चेव अट्ठ णालीओ अभिंतरप्पवहाओ, अट्ठ णालीओ बाहिरप्पवहाओ, अट्ठ पूयप्पवहाओ, अट्ठ सोणियप्पवहाओ, दुवे-दुवे कण्णंतरेसु, दुवे दुवे अच्छि-अंतरेसु, दुवे दुवे णक्कंतरेसु, दुवे दुवे धमणि-अंतरेसु अभिक्खणं अभिक्खणं पूयं च सोणियं च परिस्सवमाणीओ परिस्सवमाणीओ चेव चिट्ठति । तस्स णं दारगस्स गब्भगयस्स चेव अग्गिए णामं वाही पाउब्भूए । जे णं से दारए आहारेइ, से णं खिप्पामेव विद्धंसमागच्छइ, पूयत्ताए य सोणियत्ताए य परिणमइ । तं पि य से पूयं च सोणियं च आहारेइ । धे जाव आगिइमेत्ते | तए णं सा मियादेवी तं रूवं पासइ, पासित्ता भीया तत्था तसिया उव्विग्गा संजायभया अम्मधाइं सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं देवाणुप्पिया ! तुम एयं दारगं एगते उक्कुडियाए उज्झाहि । तए णं सा अम्मधाई मियादेवीए 'तह' त्ति एयमद्वं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता जेणेव विजए खत्तिए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासी- एवं खलु सामी ? मियादेवी णवण्हं मासाणं जाव आगिइमेत्ते ! तए णं सा मियादेवी तं हुंडं अंधरूवं पासइ, पासित्ता भीया जाव ममं सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! एयं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झाहि । तं संदिसह णं सामी ! तं दारगं अहं एगते उज्झामि उदाहु मा । एणं से विजए खत्तिए तीसे अम्मधाईए अंतिए एयमद्रं सोच्चा णिसम्म तहेव संभंते उढाए उढेइ, उद्वेत्ता जेणेव मियादेवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मियादेविं एवं वयासी- देवाणुप्पिया ! तुब्भं पढमं गब्भे । तं जइ णं तुब्भे एयं एगते उक्कुरुडियाए उज्झसि, तओ णं तुब्भं पया णो थिरा भविस्सइ | तो णं तुमं एयं दारगं रहस्सियगंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणेणं पडिजागरमाणी पडिजागरमाणी विहराहि; तो णं तुब्भं पया थिरा भविस्सइ । तए णं सा मियादेवी विजयस्स खत्तियस्स 'तह' त्ति एयमटुं विणएणं पडिसुणेइ, पडिसुणेत्ता तं दारगं रहस्सियगंसि भूमिघरंसि रहस्सिएणं भत्तपाणेणं पडिजागरमाणी पडिजागरमाणी विहरइ । एवं खल गोयमा ! मियापत्ते दारए पुरापोराणं जाव पच्चणभवमाणे विहरइ । मियापुत्ते णं भंते ! दारए इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गमिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? ३१ गोयमा ! मियापुत्ते दारए छव्वीसं वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इहेव जंबुद्दीवे द्वीवे भारहे वासे वेयड्ढगिरिपायमूले सीहकुलंसि सीहत्ताए पच्चायाहिइ । से णं तत्थ सीहे भविस्सइ अहम्मिए जाव साहसिए, सुबहुं पावकम्मं समज्जिणइ, २० Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र समज्जिणित्ता, कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसं सागरोवम इस रइएस इयत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता सरीसवेसु उववज्जिहिइ । तत्थ णं कालं किच्चा दोच्चाए पुढवीए उक्कोसियाए तिण्णि सागरोवम ट्ठिइएस णेरइएस णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता पक्खीसु उववज्जिहि । तत्थ वि कालं किच्चा तच्चा पुढवीए सत्त सागरोवम इिएस णेरइएस णेरइयत्ताए उववज्जि - हिति । से णं तओ सीहेसु । तयाणंतरं चउत्थीए । उरगो, पंचमीए । इत्थीओ, छट्ठीए । मणुओ, अहे सत्तम । तओ अनंतरं उव्वट्टित्ता से जाई इमाइं जलयर पंचिंदिय तिरिक्ख जोणियाणं मच्छकच्छभ-गाह-मगर-सुंसुमाराईणं अड्ढतेरस जाइ - कुलकोडिजोणिपमुह सयसहस्साइं, तत्थ णं एगमेगंसि जोणिविहाणंसि अणेगसयसहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता उद्याइत्ता, तत्थेव भुज्जो भुज्जो पच्चायाइस्सइ । से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता चउप्पएस एवं उरपरिसप्पे, भुयपरिसप्पेसु, खहयरेसु, चउरिंदिएसु, तेइंदिएसु, बेइंदिएसु, वणप्फइए कडुयरुक्खेसु, कडुयदुद्धिएसु, वाउ-तेउ आउ - पुढवीसु अणेगसयसहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता तत्व भुज्जो भुज्जो पच्चायाइस्सइ । से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता सुपइट्ठपुरे णयरे गोणत्ताए पच्चायाहि । से णं तत्थ उम्मुक्कबालभावे अण्णया कयाइ पढमपाउसंसि गंगाए महाणईए खलीणमट्टियं खणमाणे तडीए पेल्लिए समाणे कालगए तत्थेव सुपइट्ठपुरे णयरे सेट्ठिकुलंसि पुमत्ता पच्चायाहिस्सइ । से णं तत्थ उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते तहारूवाणं थेराणं अंतिए धम्मं सोच्चा णिसम्म मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सइ। से णं तत्थ अणगारे भविस्सइ, इरियासमिए भासासमिए एसणासमिए आयाण भंड मत्तणिक्खेवणासमिए, मणगुत्ते वयगुत्ते कायगुत्ते, गुत्ते, गुत्तिंदिए, गुत्त बंभारी । से णं तत्थ बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाठणित्ता आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ अणंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे जाई कुलाई भवंति - अड्ढाई जाव अपरिभूयाइं, तहप्पगारेसु कुलेसु पुमत्ताए पच्चायाहिइ, एवं जहा दढपइण्णे जाव सिज्झिहि । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते । -त्ति बेमि । ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ 8 Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र बीअं अज्झयणं उज्झियए १ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स दुहविवागाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अद्रे पण्णत्ते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासीएवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वाणियग्गामे णामं णयरे होत्था। रिद्धिस्थिमियसमिद्धे, वण्णओ । तस्स णं वाणियग्गामस्स उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए दूइपलासे णामं उज्जाणे होत्था | तत्थ णं दूइपलासे सुहम्मस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था। तत्थ णं वाणियग्गामे मित्ते णामं राया होत्था। वण्णओ । तस्स णं मित्तस्स रण्णो सिरी णामं देवी होत्था | वण्णओ । तत्थ णं वाणियग्गामे कामज्झया णामं गणिया होत्था । अहीण जाव पडिपुण्ण पंचिंदियसरीरा लक्खण-वंजण-गुणोववेया माणुम्माण-प्पमाण-पडिपुण्ण सुजायसव्वंगसुंदरंगी ससिसोमाकारा कंतपियदंसणा सुरूवा, चउसट्ठि-कलापंडिया, चउसट्ठि-गणियागुणोववेया, एगूणतीसविसेसेरममाणी, एकवीस-रइगुणप्पहाणा बत्तीस-पुरिसोवयारकुसला, णवंगसुत्तपडिबोहिया, अट्ठारसदेसीभासाविसारया, सिंगारागारचारुवेसा, गीयरइगंधव्वणकुसला संगय - गय - भणिय - हसिय - विहिय विलास - सललिय - सलावणिठणजुत्तो-वयारकुसला सुंदरत्थण-जहण-वयण-कर-चरण-णयण-लावण्णविलासकलिया ऊसियज्झया सहस्सलंभा, विदिण्णछत्त-चामर वालवीयणीया, कण्णीरहप्पयाया यावि होत्था । बहूणं गणियासहस्साणं आहेवच्चं जाव पालेमाणी विहरइ । तत्थ णं वाणियग्गामे विजयमित्ते णामं सत्थवाहे परिवसइ। वण्णओ | तस्स णं विजयमित्तस्स सुभद्दा णामं भारिया होत्था | वण्णओ | तस्स णं विजयमित्तस्स पुत्ते सुभद्दाए भारियाए अत्तए उज्झियए णामं दारए होत्था । अहीण जाव सुरूवे | तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे | परिसा णिग्गया। राया जहा कूणिओ तहा णिग्गओ | धम्मो कहिओ । परिसा पडिगया, राया य गओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी इंदभूई णामं अणगारे जाव छटुं छटेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तएणं भगवं गोयमे छटुक्खमण पारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जाव जेणेव वाणियग्गामे णयरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता उच्च-णीय-मज्झिमाइं कुलाई घरसमुदाणस्स भिक्खायरियाए अडमाणे जेणेव रायमग्गे तेणेव ओगाढे | तत्थ णं बहवे हत्थी पासइ, सण्णद्धबद्ध-वम्मियगुडियउप्पीलिय-कच्छे, उद्दामिय घंटे, णाणामणिरयणविविह गेवेज्जउत्तरकंचुइज्जे, पडिकप्पिए, झय पडाग वर पंचामेल आरूढहत्थारोहे, गहियाउहप्पहरणे । । । । Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र अण्णे य तत्थ बहवे आसे पासइ, सण्णद्धबद्धवम्मियगुडिए, आविद्धगुडे, ओसारियपक्खरे, उत्तरकंचुइय-ओचूल-मुहचण्डाधर-चामर-थासगपरि-मंडिय अस्सारोहे आरूढ गहियाउहप्पहरणे । अण्णे य तत्थ बहवे पुरिसे पासइ सण्णद्धबद्धवम्मियकवए, उप्पीलिय-सरासणपट्टी पिणद्धगेवेज्जे, विमलवरबद्ध - चिंधपट्टे, गहियाउहप्पहरणे । तेसिं च णं पुरिसाणं मज्झगयं एगं पुरिसं पासइ अवओडियबंधणं उक्कित्त-कण्णणासं णेहतुप्पियगत्तं, वज्झकर कडिजुयणियच्छं, कंठेगुणरत्तमल्लदामं, चुण्ण-गुंडियगायं, चुण्णयं वज्झपाणपीयं, तिलं-तिलं चेव छिज्जमाणं कागणिमंसाई खावियंतं पावं, खक्खरगसएहिं हम्ममाणं, अणेग णरणारी संपरिवुडं चच्चरे चच्चरे खंडपडह एणं उग्घोसिज्जमाणं इमं च णं एयारूवं उग्घोसणं पडिसुणेइ-णो खलु देवाणुप्पिया ! उज्झियगस्स दारगस्स केइ राया वा रायपुत्तो वा अवरज्झइ; अप्पणो से सयाई कम्माई अवरज्झति । तणं से भगवओ गोयमस्स तं पुरिसं पासित्ता इमे अज्झत्थिए जाव मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था - अहो णं इमे पुरिसे जाव णरयपडिरूवियं वेयणं वेएइ त्ति कट्टु वाणिया णयरे उच्च-णीय-मज्झिमकुलाई जाव अडमाणे अहापज्जत्तं सामुदाणियं गिण्हइ, गिण्हित्ता वाणियगामे णयरे मज्झं मज्झेणं जाव भत्तपाणं पडिदंसेइ, पडिदंसित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी एवं खलु अहं भंते! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे वाणियगामे णयरे जाव तहेव सव्वं णिवेएइ । से णं भंते! पुरिसे पुव्वभवे के आसी ? जाव पच्चणुभवमाणे विहरइ ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिणाउरे णामं णयरे होत्था । वण्णओ । तत्थ णं हत्थिणाउरे णयरे सुणंदे णामं राया होत्था । महया हिमवंत जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ । तत्थ णं हत्थिणाउरे णयरे बहुमज्झदेसभाए महं एगे गोमंडवे होत्था । अणेगखम्भसयसंणिविट्ठे, पासाईए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे । तत्थ णं बहवे णगरगोरूवाणं सणाहा य अणाहा य णगरगावीओ य णगरबलीवद्या य णगरपड्डियाओ य णगर महिसीओ य णगरवसभा य पठरतणपाणिया णिब्भया णिरुव्विग्गा सुहंसुहेणं परिवसंति । तत्थ णं हत्थिणाउरे णयरे भीमे णामं कूडग्गाहे होत्था, अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे । तस्स णं भीमस्स कूडग्गाहस्स उप्पला णामं भारिया हत्था I अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरा वण्णओ । तए णं सा उप्पला कूडग्गाहिणी अण्णया कयाइ आवण्णसत्ता जाया यावि होत्था । तएणं णं तीसे उप्पलाए कूडग्गाहिणीए तिन्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेवारूवे दोहले पाउब्भूए १० धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, सपुण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयत्थाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयपुण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयलक्खणाओ णं ताओ अम्मयाओ, कयविहवाओ णं ताओ अम्मयाओ, सुलद्धे णं तासिं माणुस्सए जम्मजीवियफले जाओ णं बहूणं णगरगोरूवाणं सणाहाण य जाव वसहाण य ऊहेहि य थणेहि य वसणेहि य 10 Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र छेप्पाहि य ककुहेहि य वहेहि य कण्णेहि य अच्छीहि य णासाहि य जिब्भाहि य ओट्ठेहि य कंबलेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य परिसुक्केहि य लावणेहि य सुरंच महुं च मेरगं च जाई च सीहुं च पसण्णं च आसाएमाणीओ विसाएमाणीओ, परिभाएमाणीओ परिभुंजेमाणीओ दोहलं विर्णेति । तं जइ णं अहमवि जाव दोहलं विणिज्जामि त्ति कट्टु तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि सुक्का भुक्खा निम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा णित्तेया दीण-विमण-वयणा पंडुल्लइयमुहा ओमंथिय-णयण-वयणकमला जहोइयं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकाराहारं अपरिभुंजमाणी करयलमलियव्व कमलमाला ओहय मणसंकप्पा करयलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया भूमिगयदिट्ठीया झियाइ । ११ इमं च णं भीमे कूडग्गाहे जेणेव उप्पला कूडग्गाहिणी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता ओहय जाव झियायमाणिं पासइ, पासित्ता एवं वयासी- किं णं तुमे देवाणुप्पिए ! ओहय जाव झियासि ? 3 तए णं सा उप्पला भारिया भीमं कूडग्गाहं एवं वयासी- एवं खलु, देवाणुप्पिया ! मम तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दोहला पाउब्भूया- धण्णा णं ताओ अम्मयाओ जावोलं विर्णेति । तए णं अहं देवाणुप्पिया ! तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि जाव झियामि । तणं से भीमे कूडग्गाहे उप्पलं भारियं एवं वयासी- मा णं तुमं देवाणुप्पिया ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियाहि ; अहं णं तहा करिस्सासि जहा णं तव दोहलस्स संपत्ती भविस्सइ । ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं वग्गूहिं समासासेइ । तए णं से भीमे कूडग्गाहे अद्धरत्तकालसमयंसि एगे अबीए सण्णद्ध बद्ध वम्मियकव उप्पीलियसरासणपट्टीए पिणद्धगेवेज्जे विमलवरबद्धचिंधपट्टे गहियाउह पहरणे सयाओ गिहाओ णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता हत्थिणाउरं णयरं मज्झंमज्झेणं जेणेव गोमंडवे तेणेव उवागए, बहूणं णगरगोरूवाणं जाव वसभाण य अप्पेगइयाणं ऊहे छिंदइ जाव अप्पेगइयाणं कंबले छिंदइ, अप्पेगइयाणं अण्णमण्णाइं अंगोवंगाई वियंगेइ, वियंगेत्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता उप्पलाए कूडग्गाहिणीए उवणेइ । तए णं सा उप्पला भारिया तेहिं बहूहिं गोमंसेहि य सोल्लेहि य जाव परिभुंजमाणी तं दोहलं विणेइ । तए णं सा उप्पला कूडग्गाहिणी संपुण्णदोहला संमाणियदोहला विणीयदोहला वोच्छिण्णदोहला संपण्णदोहला तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहइ । | १३ तए णं सा उप्पला कूडग्गाहिणी अण्णया कयाइ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया । तए णं तेणं दारएणं जायमेत्तेणं चेव महया महया चिच्ची सद्देणं विघुट्ठे विस्सरे आरसिए । तए णं तस्स दारगस्स आरसियसद्दं सोच्चा णिसम्म हत्थिणाउरे णयरे बहवे णगरगोरूवा जाव वसभा य भीया तत्था तसिया उव्विग्गा सव्वओ समंता विप्पलाइत्था । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं णामधेज्जं करेंति -जम्हा णं अम्हं इमेणं दारएणं जायमेत्तेणं चेव महया महया चिच्ची सद्देणं विघुट्टे विस्सरे आरसिए, तए णं एयस्स दारगस्स आरसियणसद्दं सोच्चा णिसम्म हत्थिणाउरे णयरे बहवे णगरगोरूवा जाव भीया तत्था तसिया उव्विग्गा सव्वओ समंता विप्पलाइत्था, तम्हा णं होउ अम्हं 11 Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४ १५ तए णं गोत्तासे कूडग्गाहे कल्लाकल्लिं अद्धरत्तियकालसमयंसि एगे अबीए सण्णद्धबद्धकवर जाव गहियाउहप्पहरणे सयाओ गिहाओ णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता जेणेवगोमंडवे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बहूणं णगरगोरूवाणं सणाहाण या य जाव वियंगेइ, वियंगेत्ता जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ । तए णं से गोत्तासे कूडग्गाहे तेहिं बहूहिं गोमंसेहि य सोल्लेहि य जाव परिभुंजमाणे विहरइ । तए णं से गोत्तासए कूडग्गाहे एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमयारे सुबहु पावकम्मं समिज्जिणित्ता पंचवाससयाइं परमाउयं पालइत्ता अट्टदुहट्टोवगए कालमासे कालं किच्चा दोच्चाए पुढवीए उक्कोसं तिसागरोवम ठिइएस णेरइएस णेरइयत्ताए उववण्णे । १६ तए णं विजयमित्तस्स सत्थवाहस्स सुभद्दा णामं भारिया जायणिंदुया यावि होत्था । जाया जाया दारगा विणिहायमावज्जंति । तए णं से गोत्तासे कूडग्गाहे दोच्चाए पुढवी अणंतरं उवट्टित्ता इहेव वाणियगामे णयरे विजयमित्तस्स सत्थवाहस्स सुभद्दाए भारियाए कुच्छिंसि पुत्तत्ताए उवण्णे । तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही अण्णया कयाइ णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया । तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही तं दारगं जायमेत्तयं चेव एगंते उक्कुरुडियाए उज्झावेइ, उज्झावित्ता दोच्चंपि गिण्हावेइ गिण्हावित्ता अणुपुव्वेणं सारक्खेमाणी संगोवेमाणी संवड्ढे । १७ विपाक सूत्र दारए गोत्तासए णामेणं । तए णं से गोत्तासए दारए उम्मुक्कबालभावे जाए यावि होत्था। १८ तए णं से भीमे कूडग्गाहे अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । तए णं से गोत्तासए दारए बहूणं मित्त-णाइ- णियग-सयण संबंधि परियणेणं सद्धिं संपरिवुडे रोयमाणे कंदमा विलवमाणे भीमस्स कूडग्गाहस्स णीहरणं करेइ, करेत्ता बहूहिं लोइयमयकिच्चाई करेइ । तणं से सुगंदे राया गोत्तासं दारयं अण्णया कयाइ सयमेव कूडग्गाहत्ताए ठावेइ । तए णं से गोत्तासे दारए कूडग्गाहे जाए यावि होत्था अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो ठिइवडियं च चंदसूरदंसणं च जागरियं च महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं करेंति । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो एक्कारसमे दिवसे णिव्वत्ते, संपत्ते बारसमे दिवसे इममेयारूवं गोण्णं गुणणिप्फण्णं णामधेज्जं करेंतिजम्हा णं अम्हं इमे दारए जायमेत्तए चेव एगंते उक्कुरुडियाए उज्झिए, तम्हा णं होउ अहं दार उज्झिए णामेणं । तए णं से उज्झियए दारए पंचधाईपरिग्गहिए, तं जहाखीरधाईए मज्जणधाईए मंडणधाईए कीलावणधाईए अंकधाईए, एवं जहा दढपइण्णे जाव णिव्वाघाए गिरिकंदरमल्लीणे विव चम्पयपायवे सुहंसुहेणं परिवड्ढइ । तणं से विजयमित्ते सत्थवाहे अण्णया कयाइ गणिमं च धरिमं च मेज्जं च पारिछेज्जं च चउव्विहं भंडं गहाय लवणसमुद्दे पोयवहणेण उवागए । तए णं से तत्थ लवणसमुद्दे पोयविवत्तीए णिब्बुडभंडसारे अत्ताणे असरणे कालधम्मुणा संजुत्ते । 12 Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तए णं तं विजयमित्तं सत्थवाहं जे जहा बहवे ईसर-तलवर-माइंबिय कोडुबिय-इब्भ-सेट्ठिसत्थवाहा लवणसमुद्दे पोयविवत्तीए णिब्बुड्डभडसारं कालधम्मुणा संजुत्तं सुणेति, ते तहा हत्थणिक्खेवं च बाहिरभांडसारं च गहाय एगते अवक्कमति । तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही विजयमित्तं सत्यवाहं लवणसमुद्दे पोयविवत्तीएणिब्बुडभांडसारं कालधम्मणा संजुत्तं सुणेइ, सुणित्ता महया पइसोएणं अप्फुण्णा समाणी परसुणियत्ता विव चम्पगलया धस त्ति धरणीयलंसि सव्वंगेण संणिवडिया | तए णं सा सुभद्दा सत्थवाही मुहुत्तंतरेण आसत्था समाणी बहूहि मित्त णाइ णियग-सयण-संबंधि-परियणेणं संद्धि परिवडा रोयमाणी कंदमाणी विलवमाणी विजयमित्त-सत्थवाहस्स लोइयाडं मयकिच्चाई करेड । तए णं सा सभद्दा सत्यवाही अण्णया कयाइ लवणसमुद्दोत्तरणं च लच्छिविणासं च पोयविणासं च पइमरणं च अणुचिंतेमाणी अणुचिंतेमाणी कालधम्मुणा संजुत्ता । तए णं ते णगरगुत्तिया सुभदं सत्थवाहिं कालगयं जणित्ता उज्झियगं दारगं सयाओ गिहाओ णिच्छु ति, णिच्छुभित्ता तं गिह अण्णस्स दलयंति । तए णं से उज्झियए दारए सयाओ गिहाओ णिच्छूढे समाणे वाणियगामे णगरे सिंघाडग तिग-चउक्क-चच्चर-महापह पहेसु जूयखलएसु, वेसियाघरेसु पाणागारेसु य सुहंसुहेणं परिवड्ढइ । तए णं से उज्झियए दारए अणोहट्टिए अणिवारए सच्छंदमई सइरप्पयारे मज्जप्पसंगी चोरजूयवेसदारप्पसंगी जाए यावि होत्था । तए णं से उज्झियए अण्णया कयाई कामज्झयाए गणियाए सद्धिं संपलग्गे जाए यावि होत्था | कामज्झयाए गणियाए सद्धिं विउलाई उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ । तए णं तस्स मित्तस्स रण्णो अण्णया कयाइ सिरीए देवीए जोणिसूले पाउब्भूए यावि होत्था, णो संचाएइ विजयमित्ते राया सिरीए देवीए सद्धिं उरालाइं माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए | तए णं मित्ते राया अण्णया कयाइं उज्झियदारयं कामज्झयाए गणियाए गिहाओ णिच्छुभावेइ, णिच्छुभावित्ता कामज्झयं गणियं अभिंतरियं ठावेइ, ठावेत्ता कामज्झयाए गणियाए सद्धिं उरालाइं माणुस्सगाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ । तए णं से उज्झियए दारए कामज्झयाए गणियाए गिहाओ णिच्छुभेमाणे कामज्झयाए गणियाए मुच्छिए, गिद्धे, गढिए, अज्झोववण्णे अण्णत्थ कत्थइ सुइं च रइं च धिइं च अविंदमाणे तच्चित्ते तम्मणे तल्लेसे तदज्झवसाणे तदवोवउत्ते तदप्पियकरणे तब्भावणाभाविए कामज्झयाए गणियाए बहूणि अंतराणि य छिद्दाणि य पडिजागरमाणे पडिजागरमाणे विहरइ। तए णं से उज्झियए दारए अण्णया कयाइ कामज्झयं गणियं अंतरं लभेइ, लभित्ता कामज्झयाए गणियाए गिह रहसियं अणुप्पविसइ, अणुप्पविसित्ता, कामज्झयाए गणियाए सद्धिं उरालाइं माणुस्सगाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ । । २३) इमं च णं मित्ते राया बहाए जाव सव्वालंकारविभूसिए मणुस्सवग्गुरा-परिक्खित्ते जेणेव कामज्झयाए गणियाए गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता तत्थ णं उज्झियए दारए | Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र कामज्झयाए गणियाए सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोग भोगाई भुंजमाणं, पासइ, पासित्ता, आसुरत्ते रुट्ठे, कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे तिवलियभिउडिं णिडाले साह उज्झियगं दारगं पुरिसेहिं गिण्हावेइ, गेण्हावित्ता अट्ठि- मुट्ठि-जाणु-कोप्पर-पहार- संभग्गमहियगत्तं करेइ, करेत्ता अवओडयबंधणं करेइ, करेत्ता एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ । एवं खलु गोयमा ! उज्झियए दारए पुरापोराणाणं कम्माणं जाव पच्चणुभवमाणे विहर। २४ उज्झियए णं भंते ! दारए इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववज्जिहिइ ? २५ गोयमा ! उज्झियए दारगे पणवीसं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिभागावसेसे दिवसे सूलीभिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पा पुढवी णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ | से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वेयड्ढगिरि पायमूले वाणरकुलंसि वाणरत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तत्थ उम्मुकबाल भावे तिरियभोगे मुच्छिए, गिद्धे, गढिए, अज्झोववण्णे, जाए जाए वाणरपेल्लए वहेइ । तं कम्मे एयसमायारे कालमासे कालं किच्चा इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इंदपुरे णयरे गणियाकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चाया हिइ । तए णं तं दारयं अम्मापियरो जायमेत्तकं वद्धेहिंति, णपुंसगकम्मं सिक्खा- वेहिंति । त णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिव्वत्तबारसाहस्स इमं एयारूवं णामधेज्जं करेहिंति, तं जहा- होउ णं अम्हं इमे दारए पियसेणे णामं णपुंसए । तए णं से पियसेणे णपुंस उम्मुक्कबालभावे जोव्वणगमणुप्पत्ते विण्णयपरिणयमेत्ते रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठे उक्किट्ठसरीरे भविस्सइ । तए णं से पियसेणे णपुंसए इंदपुरे णयरे वहवे राईसर जाव सत्थवाह भइओ बहूहि य विज्जापयोगेहि य मंतपओगेहिय चुण्णपओगेहि य हियउड्डावणाहि य णिण्हवणेहि य पण्हवणेहि य वसीकरणेहि य आभियोगिएहि य आभियोगित्ता उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरिस्सइ । तए णं से पियसेणे णपुंसए एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहु पावकम्मं समज्जिणित्ता एकवीसं वाससयं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयत्ताए उववज्जिहि । तत्तो सरीसवेसु, एवं संसारो तहेव जहा पढमे अज्झयणे जाव पुढवीसु । से णं तओ अणंतरं उव्वट्टिता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भार वासे चंपाए णयरीए महिसत्ताए पच्चायाहिइ । से णं तत्थ अण्णया कयाइ गोट्ठिल्लएहिं जीवीयाओ ववरोविए समाणे तत्थेव चंपाए णयरीए सेट्ठिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । से णं तत्थ उम्मुक्कबालभावे तहारूवाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहिं बुज्झिहिइ, अणगारे भविस्सइ, सोहम्मे कप्पे, जहा पढमे जाव अंतं करेहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स । ॥ बीअं अज्झयणं समत्तं ॥ 14 Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तइअं अज्झयणं अभग्गसेणे | MIN तच्चस्स उक्खेवो । तेणं कालेणं तेणं समएणं पुरिमताले णामं णयरे होत्था । वण्णओ । तस्स णं पुरिमतालस्स णयरस्स उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए एत्थ णं अमोहदंसी उज्जाणे। वण्णओ | तत्थ णं अमोहदंसिस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था | वण्णओ । तत्थ णं पुरिमताले महब्बले णामं राया होत्था | वण्णओ । तत्थ णं पुरिमतालस्स णयरस्स उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए देसप्पंते अडवी-संसिया एत्थ णं सालाडवी णामं चोरपल्ली होत्था । विसम- गिरिकंदरकोलंब सण्णिविट्ठा वंसीकलंक पागारपरिक्खित्ता छिण्णसेल विसमप्पवाय फरिहोवगूढा अभिंतरपाणीया सुदुल्लभजलपेरंता अणेगखंडी विदियजणदिण्ण णिग्गमप्पवेसा सुबह्यस्स वि कवियजणस्स दुप्पहंसा यावि होत्था । तत्थ णं सालाडवीए चोरपल्लीए विजए णामं चोरसेणावई परिवसइ । अहम्मिए अहम्मिटे अहम्मक्खाई अहम्माणुए अहम्मपलोई अहम्मपलज्जणे अहम्मसीलसमुदायारे अहम्मेण चेव वित्तिं कप्पेमाणे विहरइ । हण-छिंद-भिंद-वियत्तए, लोहियपाणी, बहणयरणिग्गयजसे, सूरे, दढप्पहारे, साहसिए, सद्दवेही असि लट्ठि पढममल्ले । से णं तत्थ सालाडवीए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं आहेवच्चं जाव सेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे विहरइ । तत्थ णं से विजए चोरसेणावई बहूणं चोराण य पारदारियाण य गंठिभेयाण य संधिच्छेयगाण य खंडपट्टाण य अण्णेसिं च बहूणं छिण्ण-भिण्ण बाहिराहियाणं कुडंगे यावि होत्था । तए णं से विजए चोरसेणावई पुरिमतालस्स णयरस्स उत्तरपुरथिमिल्लं जणवयं बहूहि गामघाएहि य णगरघाएहि य गोग्गहणेहि य बंदिग्गहणेहि य पंथकोट्टेहि य खत्तखणणेहि य ओवीलेमाणे, विद्धंसेमाणे, तज्जेमाणे, तालेमाणे, णित्थाणे णिद्धणे णिक्कणे करेमाणे विहरइ, महाबलस्स रण्णो अभिक्खणं अभिक्खणं कप्पायं गेण्हइ । तस्स णं विजयस्स चोरसेणावइस्स खंदसिरी णामं भारिया होत्था । वण्णओ | तस्स णं विजयचोरसेणावइस्स पुत्ते खंदसिरीए भारियाए अत्तए अभग्गसेणे णामं दारए होत्था । अहीण पडिपुण्णपंचिदियसरीरे विण्णायपरिणयमेत्ते जोव्वण- गमणुप्पत्ते । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पुरिमतालणयरे समोसढे । परिसा णिग्गया | राया णिग्गओ | धम्मो कहिओ | परिसा राया य पडिगओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी गोयमे जाव रायमग्गमोगाढे । तत्थ णं बहवे हत्थी पासइ, बहवे आसे पासइ, बहवे पुरिसे पासइ सण्णद्धबद्धवम्मियकवए । तेसिं च णं पुरिसाणं मज्झगयं एग परिसं पासइ | Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र अवओडयबंधणं जाव उग्घोसिज्जमाणं | तए णं तं पुरिसं रायपुरिसा पढमंसि चच्चरंसि णिसीया-ति, णिसीयावेत्ता अट्ठ चुल्लपिउए अग्गओ घाएंति, घाएत्ता कसप्पहारेहिं तालेमाणा तालेमाणा कलुणं कागणिमसाई खावेंति, रुहिरपाणियं च पाएंति । तयाणंतरं च दोच्चंसि चच्चरंसि अट्ठ चुल्लमाउयाओ अग्गओ घाएंति, घाएत्ता कसपहारेहिं तालेमाणा तालेमाणा कलुणं कागणिमंसाइं खावेंति, रुहिरपाणियं च पाएंति । एवं तच्चे चच्चरे अट्ठमहापिउए, चउत्थे अट्ठ महामाउयाओ, पंचमे पत्ते, छटे सुण्हाओ, सत्तमे जामाउया, अट्ठमे धूयाओ, णवमे णत्तुया, दसमे णत्तुईओ, एक्कारसमे णत्तुयावई, बारसमे णत्तुइणीओ, तेरसमे पिउस्सियपइया, चोद्दसमे पिउस्सियाओ, पण्णरसमे माउस्सियापइया, सोलसमे माउस्सियाओ, सत्तरसमे मामियाओ, अट्ठारसमे अवसेसं मित्त-णाइ-णियग-सयण-संबंधि-परियणं अग्गओ घाएंति घाएत्ता कसप्पहारेहिं तालेमाणा तालेमाणा कलुणं कागणिमंसाइं खावेंति, रुहिरपाणियं च पाएंति । तए णं भगवओ गोयमस्स तं पुरिसं पासित्ता इमे एयारूवे अज्झत्थिए जाव मणोगय संकप्पे समुप्पण्णे जाव जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी-एवं खलु अहं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणण्णाए समाणे पुरिमताले णयरे तं चेव सव्वं णिवेदेइ । से णं भंते ! पुरिसे पुव्वभवे के आसी ? जाव पावगं फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणे विहरइ ? १० एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे पुरिमताले णामं णयरे होत्था । रिद्धत्थमियसमिद्धे, वण्णओ । तत्थ णं पुरिमताले णयरे उदिए णामं राया होत्था | वण्णओ । तत्थ णं पुरिमताले णिण्णए णामं अंडयवाणियए होत्था । अड्ढे जाव अपरिभूए । अहम्मिए जाव दुप्पडिया-णंदे । तस्स णं णिण्णयस्स अंडयवाणियगस्स बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा कल्लाकल्लिं कुद्दालियाओ य पत्थियपिडए य गिण्हंति, गिण्हित्ता पुरिमतालस्स णगरस्स परिपेरंतेसु बहवे काइअंडए य घूइअंडए य पारेवइअंडए य टिट्टिभिअंडए य बगि-मयूरी-कुक्कुडिअंडए य अण्णेसिं च बहूणं जलयर-थलयरखहयरमाईणं अंडाइं गेण्हंति, गेण्हेत्ता पत्थियपडिगाइं भरेंति, भरेत्ता जेणेव णिण्णए अंडवाणियए तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता णिण्णयस्स अंडवाणियगस्स उवणेति । तए णं तस्स णिण्णयस्स अंडवाणियगस्स बहवे पुरिसा दिण्णभइ-भत्तवेयणा बहवे काइअंडए जाव कुक्कुडिअंडए य अण्णेसिं च बहूणं जलयर-थलयर-खहयरमाईणं अंडए तवएसु य कवल्लीसु य कंदुसु य भज्जणएसु य इंगालेसु य तलेंति, भज्जेंति, सोल्लेंति, तलित्ता भज्जित्ता सोल्लेत्ता य रायमग्गे अंतरावणंसि अंडयपणिएणं वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति । अप्पणा वि य णं से णिण्णए अंडवाणियए तेहिं बहूहिँ काइअंडएहि य जाव कुक्कुडिअंडएहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च महं च मेरगं च जाइं च सीधं च पसण्णं च आसाएमाणे जाव विहरइ । १२ तए णं से णिण्णए अंडवाणियए एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबई पावकम्मं समज्जिणित्ता एगं वाससहस्सं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ |४ विपाक सूत्र तच्चाए पुढवीए उक्कोसेणं सत्तसागरोवम ठिइएसु णेरइएसु णेरइयत्ताए उववण्णे | से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव सालाडवीए चोरपल्लीए विजयस्स चोरसेणावइस्स खंदसिरीए भारियाए कुच्छिंसि पुत्तत्ताए उववण्णे । तए णं तीसे खंदसिरीए भारियाए अण्णया कयाइ तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं इमे एयारूवे दोहले पाउब्भूए । धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाओ णं बहहिं मित्त-णाइणियग-सयण-संबंधि-परियणमहिलाहिं अण्णाहि य चोरमहिलाहिं सद्धिं संपरिवुडा पहाया जाव सव्वालंकार विभूसिया विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं सुरं च जाव पसण्णं च आसाएमाणी विसाएमाणी परिभाएमाणी परिभुजेमाणी विहरंति | जिमियभत्तत्तरागयाओ परिसणेवत्थिया सण्णद्धबद्धवम्मियकवइया जाव गहियाउहप्पहरणा भरिएहिं फलएहिं, णिक्किट्ठाहिं असीहिं, अंसागएहिं तोणेहिं सज्जीवेहिं अंसागएहिं धणूहि, समक्खित्तेहिं सरेहिं, समुल्लालियाहिं दामाहिं, लंबियाहि य ओसारियाहिं उरुघंटाहिं, छिप्पतूरेणं वज्जमाणेणं महया उक्किट्ठ सीहणाय-बोल-कलकलरवेणं पक्खुभिय महा समुद्दरवभूयं पिव करेमाणीओ सालाडवीए चोरपल्लीए सव्वओ समंता आलोएमाणीओ आलोएमाणीओ आहिंडमाणीओ दोहलं वणेति । तं जड़ अहं पि जाव दोहलं विणिज्जामि त्ति कट्ट तंसि दोहलंसि अविणिज्जमाणंसि सुक्का भुक्खा जाव अट्टज्झाणोवगया भूमिगयदिट्ठीया झियाइ। तए णं से विजए चोरसेणावई खंदसिरिं भारियं ओहयमणसंकप्पं जाव पासइ, पासित्ता एवं वयासी- किं णं तुमं देवाणप्पिया ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियासि ? तए णं सा खंदसिरी विजयं चोरसेणावइं एवं वयासी- एवं खल देवाणप्पिया ! मम तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दोहले पाउब्भूए जाव झियामि। तए णं से विजए चोरसेणावई खंदसिरीए भारियाए अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म खंदसिरिभारियं एवं वयासी-अहासुहं देवाणुप्पिए ! त्ति एयमद्वं पडि-सुणेइ । १५ तए णं सा खंदसिरिभारिया विजएणं चोरसेणावइणा अब्भणुण्णाया समाणी हट्ठा तुट्ठा बहहिं मित्त-णाइ-णियग-सयण-संबंधि-परियण-महिलाहिं, अण्णाहिं च बहुहिं चोरमहिलाहिं सद्धिं संपरिवुडा ण्हाया जाव विभूसिया, विउलं असणं-४ सुरं च-६ आसाएमाणी-४ विहरइ । जिमियभुत्तुत्तरागया पुरिसणेवत्था सण्णद्धबद्ध वम्मियकवइया जाव आहिंडमाणी दोहलं विणेइ । तए णं सा खंदसिरिभारिया संपुण्णदोहला, संमाणियदोहला विणीयदोहला वोच्छिण्णदोहला संपण्णदोहला तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहइ । १६ तए णं सा चोरसेणावइणी णवण्हं मासाणं बहुपडिपण्णाणं दारगं पयाया। तए णं से विजए चोरसेणावई तस्स दारगस्स महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं दसरत्तं ठिइवडियं करेइ। तए णं से विजय चोरसेणावई तस्स दारगस्स एक्कारसमे दिवसे विउलं असणं-४ उवक्खडावेइ, उवक्खडावित्ता मित्तणाइ णियग सयण संबंधि परियणं आमंतेइ, आमंतित्ता जाव तस्सेव मित्तणाइ णियग सयण संबंधि परियणं पुरओ एवं वयासीजम्हा णं अम्हं इमंसि दारगंसि गब्भगयंसि समाणंसि इमे एयारूवे दोहले पाउब्भए, तम्हा णं होउ अम्हं दारए अभग्गसेणे णामेणं । 17 Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तएणं से अभग्गसेणे कुमारे पंचधाईपरिग्गहिए जाव परिवड्ढइ । तए णं से अभग्गसेणे कुमारे उम्मुक्कबालभावे यावि होत्था | अट्ठदारियाओ, जाव अट्ठओ दाओ । उप्पिं पासाए जाव भुंजमाणे विहरइ । तए णं से विजए चोरसेणावई अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । तए णं अभग्गसेणे कुमारे पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं संपरिवुडे रोयमाणे, कंदमाणे, विलवमाणे विजयस्स चोरसेणावइस्स महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं णीहरणं करेइ, करेत्ता, बहूई लोइयाइं मयकिच्चाई करेइ, करेत्ता केणइ कालेणं अप्पसोए जाए यावि होत्था । १८ तए णं ते पंचचोरसयाई अण्णया कयाइ अभग्गसेणं कुमारं सालाडवीए चोरपल्लीए महया महया इड्ढीसक्कारेणं चोरसेणावइत्ताए अभिसिंचंति । तए णं अभग्गसेणे कुमारे चोरसेणावई जाए अहम्मिए जाव कप्पायं गिण्हइ । १९ तए णं ते जाणवया पुरिसा अभग्गसेणेणं चोरसेणावइणा बगामघायावणाहिं ताविया समाणा अण्णमण्णं सद्दावेंति, सद्दावेत्ता एवं वयासीएवं खलु, देवाणुप्पिया ! अभग्गसेणे चोरसेणावई पुरिमतालस्स णयरस्स उत्तर पुरथिमिल्लं जणवयं बहूहिं गामघाएहिं जाव णिद्धणं करेमाणे विहरइ । तं सेयं खलु, देवाणुप्पिया ! पुरिमताले णयरे महब्बलस्स रण्णो एयमटुं विण्ण-वित्तए | तए णं ते जाणवया पुरिसा एयमé अण्णमण्णेणं पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता महत्थं महग्धं महरिहं रायारिहं पाहुडं गिण्हंति, गिण्हित्ता जेणेव पुरिमताले णयरे जेणेव महाबले राया तेणेव उवागया, महाबलस्स रण्णो तं महत्थं जाव पाहुडं उवणेति, उवणेत्ता करयलपरिग्गहियं मत्थए अंजलिं कट्ट महाबलं रायं एवं वयासीएवं खलु सामी ! सालाडवीए चोरपल्लीए अभग्गसेणे चोरसेणावई अम्हे बहूहिं गामघाएहि य जाव णिद्धणे करेमाणे विहरइ । तं इच्छामो णं सामी ! तुज्झं बाहुच्छायापरिग्गहिया णिब्भया णिरुव्विग्गा सुहेणं परिवसित्तए त्ति कुट्ट पायवडिया पंजलिउडा महाबलं रायं एयमद्वं विण्णवेति ।। २० तए णं महब्बले राया तेसिं जाणवयाणं परिसाणं अंतिए एयमहूँ सोच्चा णिसम्म आसुरत्ते रुटे कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे तिवलियं भिउडिं णिडाले साहट्ट दंडं सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! सालाडविं चोरपल्लिं विलुपाहि, विलुपित्ता अभग्गसेणं चोरसेणावइं जीवग्गाहं गिण्हाहि, गिण्हित्ता ममं उवणेहि । तए णं से दंडे 'तह' त्ति एयमटुं पडिसुणेइ । तए णं से दंडे बहुहिं पुरिसेहिं सण्णद्धबद्धवम्मियकवएहिं जाव गहियाउहपहरणेहिं सद्धिं संपरिवुडे मगइएहिं फलएहिं जाव छिप्पतूरेणं वज्जमाणेणं महया उक्किट्टि सीहणायं बोल कलकलरवेणं पक्खुब्भिय महासमुद्द-रव-भूयं पिव करेमाणे पुरिमतालं णयरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिगच्छित्ता जेणेव सालाडवी चोरपल्ली तेणेव पहारेत्थ गमणाए | २१ तए णं तस्स अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स चारपुरिसा इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणा जेणेव सालाडवी चोरपल्ली, जेणेव अभग्गसेणे चोरसेणावई, तेणेव उवागच्छंति, 18 Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३ २४ २६ २७ विपाक सूत्र उवागच्छित्ता करयल जाव परिग्गहियं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबलेण रण्णा महया भड-चडगरेणं दंडे आणत्तेगच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सालाडविं चोरपल्लिं विलुंपाहि, अभग्गसेणं चोरसेणावइं जीवग्गाहं गेण्हाहि, गेण्हित्ता ममं उवणेहि । तए णं से दंडे महया भडचडगरेणं जेणेव सालाडवी चोरपल्ली तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई तेसिं चारपुरिसाणं अंतिए एयमट्ठे सोच्चा णिसम्म पंचचोरसयाइं सद्दावेइ, सद्यावेत्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! पुरिमताले यरे महाबले जाव तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं तं दंड सालाडविं चोरपल्लिं असंपत्ते अंतरा चेव पडिसे- हित्तए । तए णं ताइं पंच चोरसयाइं अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स 'तह' त्ति एयमट्ठे पडिसुर्णेति । तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ, उवक्खडावेत्ता पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं ण्हाए जाव विभूसिए भोयण मंडवंसि तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं सुरं च - ६ आसाएमाणे- ४ विहरइ । जिमियभुत्तुत्तरागविय णं समाणे आयंते चोक्खे परमसूइभूए पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं अल्लं चम्मं दुरुहइ, दुरुहित्ता सण्णद्धबद्ध जाव रवेणं पुव्वावरण्हकालसमयंसि सालाडवीओ चोरपल्लीओ णिग्गच्छइ, णिग्गच्छित्ता विसमदुग्गगहणं ठिए गहियभत्तपाणे तं दंडं पडिवालेमाणे चिट्ठइ। तणं से दंडे जेणेव अभग्गसेणे चोरसेणावई तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अभग्गसेणेणं चोरसेणावइणा सद्धिं संपलग्गे यावि होत्था । तए णं अभग्गसेणे चोरसेणावई तं दंडं खिप्पामेव हयमहिय पवरवीरघाइय-विवडियचिंध-धय पडागं दिसोदिसिं पडिसेहेइ । तणं से दंडे अभग्गसेणेणं चोरसेणावइणा हय महिय जाव पडिसेहिए समाणे अथामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कार - परक्कमे अधारणिज्जमिति कट्टु जेणेव पुरिमताले णयरे, जेणेव महाबले राया तेणेव उवागच्छड़, उवागच्छित्ता करयल परिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी एवं खलु सामी ! अभग्गसेणे चोरसेणावई विसमदुग्गगहणं ठिए गहियभत्तपाणिए । णो खलु से सक्का केणइ सुबहुएणवि आसबलेण वा हत्थिबलेण वा रहबलेण वा जोहबलेण वा चाउरंगेण वि उरं उरेण गिण्हित्तए । ताहे सामेण य भेएण य उवप्पयाणेण यविस्संभमाणेउं पवत्ते यावि होत्था। जे वि से अभिंतरगा सीसगसमा मित्त-णाइ - णियग-सयण-संबधि परियणं च विउलेण धण-कणगरयण-संतसार-सावएज्जेणं भिंदइ, अभग्गसेणस्स य चोरसेणावइस्स अभिक्खणं अभिक्खणं महत्थाइं महग्घाइं महरिहाई पाहुडाई पेसेइ, अभग्गसेणं चोरसेणावइं वीसंभमाणेइ । तए णं से महाबले राया अण्णया कयाइ पुरिमताले णयरे एगं महं महइमहालयं कूडागारसालं करेइ, अणेग-खंभसयसण्णिविट्टं पासाईयं दरिसणिज्जं । तए णं से महाबले राया अण्णया कयाइ पुरिमताले णयरे उस्सुक्कं जाव दसरत्तं पमोयं घोसावेइ, घोसावेत्ता 19 Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सालाडवीए चोरपल्लीए, तत्थ णं तुब्भे अभग्गसेणं चोरसेणावइं करयल जाव एवं वयहएवं खलु देवाणुप्पिया पुरिमताले णयरे महाबलस्स रण्णो उस्सुक्के जाव दसरत्ते पमोए उग्घोसिए । तं किं णं देवाणुप्पिया ! विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं पप्फवत्थगंधमल्लालंकारे य इह हव्वमाणिज्जउ उदाह समयेव गच्छित्था ? तए णं ते कोडुबियपुरिसा महाबलस्स रण्णो करयल जाव एवं सामि त्ति आणाए वयणं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता, पुरिमतालाओ णयराओ पडिणिक्खमंति पडिणिक्खमित्ता णाइविकिटेहिं अद्धाणेहिं सुहेहिं वसहिपायरासेहिं जेणेव सालाडवी चोरपल्ली तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता अभग्गसेणं चोरसेणावइं करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! पुरिमताले णयरे महाबलस्स रण्णो उस्सुक्के जाव दसरत्तं पमोए उग्घोसिए । तं किं णं देवाणुप्पिया ! विउलं असणं जाव उदाहु सयमेव गच्छित्था ? तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई ते कोडुबियपुरिसे एवं वयासी-अहं णं देवाणुप्पिया! पुरिमतालणयरं सयमेव गच्छामि । ते कोडुबियपुरिसे सक्कारेइ सम्माणेइ पडिविसज्जेइ ! २९ तए णं अभग्गसेणे चोरसेणावई बहूहिं मित्त जाव परिवुडे पहाए जाव सव्वालंकारविभूसिए सालाडवीओ चोरपल्लीओ पडिणिक्खमइ । पडिणिक्खमित्ता जेणेव पुरिमताले णयरे, जेणेव महाबले राया, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता, करयल परिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट महाबलं रायं जएणं विजएणं वदावेइ, वद्धावेत्ता महत्थं जाव पाहुडं उवणेइ । तए णं से महाबले राया, अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स तं महत्थं जाव पडिच्छइ, अभग्गसेणं चोरसेणावई सक्कारेइ, सम्माणेइ, पडिविसज्जेइ, कूडागारसालं च से आवसहं दलयइ । तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई महाबलेणं रण्णा विसज्जिए समाणे जेणेव कूडागारसाला तेणेव उवागच्छड़ । तए णं से महाबले राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी- गच्छह ण तुब्भे देवाणुप्पिया ! विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेह, उवक्खडावेत्ता तं विउलं असणं-४, सुरं च-६, सुबह पुप्फवत्थ-गंध-मल्लालंकारं च अभग्गसेणस्स चोरसेणावइस्स कूडागारसालं उवणेह । तए णं से कोडुबियपुरिसा करयल जाव उवणेति । तए णं से अभग्गसेणे चोरसेणावई बहूहिं मित्तणाइ जाव सद्धिं संपरिवुडे पहाए जाव सव्वालंकार विभूसिए तं विउलं असणं-४ सुरं च-६, जाव परिभुजमाणे पमत्ते विहरइ ।। तए णं से महाबले राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी- गच्छह णं तुब्भे, देवाणुप्पिया ! पुरिमतालस्स णयरस्स दुवाराइं पिहेह, अभग्गसेणं चोरसेणावइं जीवग्गाहं गिण्हह, गिण्हित्ता ममं उवणेह । तए णं ते कोडुबियपुरिसा करयल जाव पडिसुणेति, पडिसुणेत्ता पुरिमतालस्स णयरस्स दुवाराइं पिहेंति, अभग्गसेणं चोरसेणावइं जीवग्गाहं गिण्हंति, महाबलस्स रण्णो उवणेति । तए णं से महाबले राया अभग्गसेणं चोरसेणावइं एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ । एवं खलु गोयमा ! अभग्गसेणे चोरसेणावई पुरापोराणाणं जाव विहरइ । Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र ३२ अभग्गसेणे णं भंते ! चोरसेणावई कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छि-हिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! अभग्गसेणे चोरसेणावई सत्ततीसं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिभागावसेसे दिवसे सूलभिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसं सागरोवमट्ठिइएस णेरइएस णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ। से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता, एवं संसारो जहा पढमे अज्झयणे जाव वाउ-तेउ आउपुढवीसु अणेगसय सहस्सखुत्तो उद्दाइत्ता उद्दाइत्ता तत्थेव भुज्जो भुज्जो पच्चायाइस्सइ। तओ उवट्टित्ता वाणारसीए णयरीए सूयरत्ताए पच्चायाहिइ से णं तत्थ सूयरिएहिं जीवियाओ ववरोविए समाणे तत्थेव वाणारसीए णयरीए सेट्ठिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । से णं तत्थ उम्मुक्कबालभावे, एवं जहा पढमे अज्झणे जाव अंत काहि । णिक्खेवो जहा पढमस्स । ॥ तइअं अज्झयणं समत्तं ॥ चउत्थस्स उक्खेवओ । चउत्थं अज्झयणं सगडे २ एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं साहंजणी णामं णयरी होत्था । रिद्धत्थिमियसमिद्धा, वण्णओ । तीसे णं साहंजणीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए देवरमणे णामं उज्जाणे होत्था । तत्थ णं अमोहस्स जक्खस्स जक्खाययणेहोत्था, पोराणे । तत्थ णं साहंजणीए णयरीए महचंदे णामं राया होत्था, महयाहिमवंत जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ । तस्स णं महचंदस्स रण्णो णामं सुसेणे णामं अमच्चे होत्था । साम-भेय-दंड- उप्पयाणणीति सुपउत्त-णयविहण्णू णिग्गह- कुसले | तत्थ णं साहंजणीए णयरीए सुदरसिणा णामं गणिया होत्था । वण्णओ । 3 तत्थ णं साहंजणीए णयरीए सुभद्दे णामं सत्थवाहे परिवस । अड्ढे जाव अपरिभू । तस्स णं सुभद्दस्स सत्थवाहस्स भद्दा णामं भारिया होत्था, अहीणपडिपुण्णपंचिंदिय सरीरा, वण्णओ । तस्स णं सुभद्दसत्थवाहस्स पुत्ते भद्दाए भारियाए अत्तए सगडे णामं दार होत्था, अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरे, वण्णओ । 18 तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे । परिसा राया य णिग्गए । धम्मो कहिओ । परिसा पडिगया, राया वि णिग्गओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्ठे अंतेवासी जाव रायमग्गमोगाढे । तत्थ णं हत्थी, आसे बहवे पुरिसे पासइ । तेसिं च पुरिसाणं मज्झगए 21 Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६ विपाक सूत्र पासइ एगं सइत्थीयं पुरिसं अवओडयबंधणं उक्खित्तकण्णणासं जाव घोसिज्जमाणं । चिंता तहेव जाव भगवं वागरेइ - एवं खल गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जम्बद्दीवे दीवे भारहे वासे छगलपुरे णामं णयरे होत्था । वण्णओ । तत्थ सीहगिरी णामं राया होत्था । महया हिमवंत महंत जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ । तत्थ णं छगलपुरे णयरे छण्णिए णामं छागलिए परिवसइ । अड्ढे जाव अपरिभूए, अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे । तस्स णं छण्णियस्स छागलियस्स बहवे अयाण य एलयाण य रोज्झाण य वसभाण य ससयाण य सूयराण य सिंहाण य हरिणाण य मयूराण य महिसाण य पस्याण सयबद्धाणि सहस्सबद्धाणि य जूहाणि वाडगंसि सण्णिरुद्धाइं चिट्ठति । अण्णे य तत्थ बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा बहवे अए य जाव महिसे य सारक्खेमाणा संगोवेमाणा चिट्ठति ।। अण्णे य से बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा बहवे अए य जाव महिसे य जीवियाओ ववरोवेंति, ववरोवित्ता मंसाइं कप्पणीकप्पियाइं करेंति, करेत्ता छण्णियस्स छागलियस्स उवणेति । अण्णे य से बहवे पुरिसा ताई बहुयाइं अयमंसाइं जाव महिसमंसाइं तवएसु य कवल्लीसु य कंदुएसु य भज्जणेसु य इंगालेसु य तलेंति य भज्जेंति य सोल्लेंति य, तलित्ता भज्जित्ता सोल्लेत्ता य तओ रायमग्गंसि वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति । अप्पणा वि य णं से छण्णिए छागलिए तेहिं बहुविहेहिं अयमंसेहिं जाव महिसमंसेहिं सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च-६, आसाएमाणे जाव विहरइ । तए णं छण्णिए छागलिए एयकम्मे, एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहुं पावकम्म कलिकलुसं समज्जिणित्ता सत्तवाससयाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा चउत्थीए पुढवीए उक्कोसेणं दससागरोवम ठिइएसु णेरइएसु णेरइयत्ताए उववण्णे | तए णं तस्स सुभद्दस्स सत्यवाहस्स भद्दा भारिया जायणिंदुया यावि होत्था। जाया जाया दारगा विणिहायमावज्जंति । तए णं से छण्णिए छागलिए चउत्थीए पुढवीए अणंतरं उवट्टित्ता इहेव साहंजणीए सुभद्दस्स सत्थवाहस्स भद्दाए भारियाए कुच्छिंसि पुत्तत्ताए उववण्णे | तए णं सा भद्दा सत्थवाही अण्णया कयाइ णवण्हं मासाणं बहुपडिप्ण्णाणं दारगं पयाया । तए णं तं दारगं अम्मापियरो जायमेत्तं चेव सगडस्स हेदूओ ठावेंति, दोच्चं पि गिण्हावेंति, अणुपुव्वेणं सारक्खेंति, संगोवेंति, संवड्डेति जहा उज्झियए जाव जम्हा णं अम्हं इमे दारए जायमेत्ते चेव सगडस्स हेडओ ठविए, तम्हा होउ णं अम्हं एस दारए सगडे णामेणं । सेसं जहा उज्झियए । सुभद्दे लवण समुद्दे कालगए, माया वि कालगया। से वि सयाओ गिहाओ णिच्छूढे । तए णं से सगडे दारए सयाओ गिहाओ णिच्छूढे समाणे सिंघाडग तहेव, सदरिसणाए गणियाए सद्धि संपलग्गे यावि होत्था । Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १९ विपाक सूत्र १० तए णं से सुसेणे अमच्चे तं सगडं दारगं अण्णया कयाइ सुदरिसणाए गणियाए गिहाओ णिच्छुभावेइ, णिच्छुभावेत्ता सुदरिसणं गणियं अभिंतरियं ठावेइ, ठावेत्ता सुदरिसणाए गणियाए सद्धिं उरालाइं माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ । तए णं से सगडे दारए सुदरिसणाए गणियाए गिहाओ णिच्छुभेमाणे सुदरिसणाए गणियाए मच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे अण्णत्थ कत्थइ सुई च रइं च धिइं च अलभमाणे तच्चित्ते तम्मणे तल्लेसे तदज्झवसाणे तदट्ठोवउत्ते तदप्पियकरणे तब्भा-वणाभाविए सुदरिसणाए गणियाए बहूणि अंतराणि य छिद्दाणि य विवराणि य पडिजागरमाणे पडिजागरमाणे विहरइ । तए णं से सगडे दारए अण्णया कयाइ सुदरिसणाए गणियाए अंतरं लभेइ, लभेत्ता सुदरिसणाए गणियाए गिहं रहस्सियं अणुप्पविसइ, अणुप्पविसित्ता सुदरिसणाए सद्धिं उरालाइं माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ ।। इमं च णं सुसेणे अमच्चे पहाए जाव सव्वालंकारविभूसिए मणुस्सवग्गुराए परिक्खित्ते जेणेव सुदरिसणाए गणियाए गेहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सगडं दारयं सुदरिसणाए गणियाए सद्धिं उरालाई भोगभोगाइं भंजमाणे पासइ, पासित्ता आसुरत्ते जाव मिसमिसेमाणे तिवलियं भिउडिं णिडाले साहट्ट सगडं दारयं पुरिसेहिं गिण्हावेइ, गिण्हावेत्ता अट्ठि मुट्ठि-जाणु-कोप्पर-पहारसंभग्ग महियं करेइ, करित्ता अवओडयबंधणं करेइ, करेत्ता जेणेव महचंदे राया तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयल जाव एवं वयासी-एवं खलु सामी ! सगडे दारए मम अंतेउरंसि अवरः । तए णं से महचंदे राया सुसेणं अमच्चं एवं वयासी-तुमं चेव णं देवाणुप्पिया ! सगडस्स दारगस्स दंडं वत्तेहि । तए णं से सुसेणे अमच्चे महचंदेण रण्णा अब्भणुण्णाए समाणे सगडं दारयं सुदरिसणं च गणियं एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ ।। तं एवं खलु गोयमा ! सगडे दारए पुरापोराणाणं दुच्चिण्णाणं जाव पच्चणु-भवमाणे विहरइ । १२ सगडे णं भंते! दारए कालगए कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववज्जिहिइ? गोयमा ! सगडे णं दारए सत्तावण्णं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिभागावसेसे दिवसे एगं महं अयोमयं तत्तं समजोइभूयं इत्थिपडिमं अवयासाविए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयत्ताए उववज्जि-हिइ ।। से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता रायगिहे णयरे मातंगकुलंसि जुगलत्ताए पच्चायाहिइ । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिव्वत्तबारसाहस्स इमं एयारूवं गोण्णं णामधेज्जं करिस्संति, तं होउ णं दारए सगडे णामेणं, होउ णं दारिया सुदरिसणा णामेणं | १३ तए णं से सगडे दारए उम्मुक्कबालभावे विण्णयपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते भविस्सइ । तए णं सा सुदरिसणा वि दारिया उम्मुक्कबालभावा विण्णयपरिणयमेत्ता जोव्वणगमणुप्पत्ता रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा यावि Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र भविस्सइ । तए णं से सगडे दारए सुदरिसणाए रूवेण य जोव्वणेण य लाव- प्रणेण य मुच्छिए सुदरिसणाए सद्धिं उरालाई भोगभोगाइं भुजमाणे विहरिस्सइ । तए णं से सगडे दारए अण्णया सयमेव कूडग्गाहित्तं उवसंपज्जित्ताणं विहरिस्सइ । तए णं से सगडे दारए कूडग्गाहे भविस्सइ अहम्मिए जाव दुप्पडिया-णंदे, एयकम्मे-४ सुबई पावकम्मं समज्जिणित्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । संसारो तहेव जाव पुढवीए । से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता वाणारसीए णयरीए मच्छत्ताए उववज्जिहिइ। से णं तत्थ मच्छबंधिएहिं वहिए तत्थेव वाणारसीए णयरीए सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । बोहिं, पव्वज्जा, सोहम्मे कप्पे, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स | ॥ चउत्थ अज्झयणं समत्तं ॥ पंचमं अज्झयणं बहस्सई पंचमस्स उक्खेवो । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं कोसंबी णामं णयरी होत्था । रिद्धत्थिमियसमिद्धा, वण्णओ । बाहिं चंदोतरणे उज्जाणे । सेयभद्दे जक्खे । तत्थ णं कोसंबीए णयरीए सयाणीए णामं राया होत्था । वण्णओ | मियावई देवी, वण्णओ । तस्स णं सयाणीयस्स पुत्ते मियादेवीए अत्तए उदायणे णामं कुमारे होत्था, अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरे जाव जुवराया । तस्स णं उदायणस्स कुमारस्स पठमावई णामं देवी होत्था । ___ तस्स णं सयाणीयस्स सोमदत्ते णामं पुरोहिए होत्था, रिउव्वेय यजुव्वेय सामवेय अथव्ववेयकुसले । तस्स णं सोमदत्तस्स पुरोहियस्स वसुदत्ता णामं भारिया होत्था । तस्स णं सोमदत्तस्स पुत्ते वसुदत्ताए अत्तए बहस्सइदत्ते णामं दारए होत्था । अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरे जाव सुरूवे । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसरिए | तेणं कालेणं तेणं समएणं भगवं गोयमे तहेव जाव रायमग्गमोगाढे | तहेव पासइ हत्थी, आसे, पुरिसमज्झे पुरिसं | चिंता | तहेव पुच्छड़ पुव्वभवं । भगवं वागरेइ । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे सव्वओभद्दे णामं णयरे होत्था | रिद्धत्थिमियसमिद्धे, वण्णओ | तत्थ णं सव्वओभद्दे णयरे जियसत्त Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र राया । तस्स णं जियसत्तुस्स रण्णो महेसरदत्ते णामं पुरोहिए होत्था, रिउव्वेय-यजुव्वेयसामवेय-अथव्ववेयकुसले यावि होत्था । तए णं से महेसरदत्ते पुरोहिए जितसत्तुस्स रण्णो रज्जबलविवद्धणट्ठयाए कल्लाकल्लिं एगमेगं माहणदारयं, एगमेगं खत्तियदारयं एगमेगं वइस्सदारयं, एगमेगं सुद्ददारयं गिण्हावेइ, गिण्हावेत्ता तेसिं जीवंतगाणं चेव हिययउंडए गिण्हावेए गिण्हावेत्ता जियसत्तुस्स रण्णो संतिहोमं करेइ । तए णं से महेसरदत्ते पुरोहिए अट्ठमी - चउद्दसीसु दुवे-दुवे माहणखत्तिय वइस्स-सुद्ददारगे, चउन्हं मासाणं चत्तारि - चत्तारि, छण्हं मासाणं अट्ठ अट्ठ, संवच्छरस्स सोलस- सोलस । जाहे जाहे वि य णं जियसत्तू राया परबलेण अभिजुंजइ, ताहे ताहे वि य णं से महेसरदत्ते पुरोहिए अट्ठसयं माहणदारगाणं, अट्ठसयं खत्तियदारगाणं, अट्ठसयं वइस्सदारगाणं, अट्ठसयं सुदारगाणं पुरिसेहिं गिण्हावेइ, गिण्हावेत्ता जियसत्तुस्स रणो संतिहोमं करेइ । तए णं से परबले खिप्पामेव विद्धंसिज्जइ वा पडिसेहिज्जइ वा । तए णं से महेसरदत्ते पुरोहिए एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहूं पावकम्मं समज्जिणित्ता तीसं वाससयं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा पंचमीए पुढवीए उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवम ट्ठिइए णरगे उववण्णे । से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव कोसंबीए णयरीए सोमदत्तस्स पुरोहियस्स वसुदत्ताए भारियाए पुत्तत्ताए उववण्णे । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिव्वत्तबारसाहस्स इमं एयारूवं णामधेज्जं करेंति- जम्हा णं अम्हं इमे दारए सोमदत्तस्स पुरोहियस्स पुत्ते, वसुदत्ताए अत्तए, तम्हा णं होउ अम्हं दारए बहस्सइदत्ते णामेणं । तए णं से बहस्सइदत्ते दारए पंचधाइपरिग्गहिए जाव परिवड्ढड् । तए णं से बहस्सइदत्ते उम्मुकबालभावे जोव्वणगमणुप्पत्ते विण्णायपरिणयमेत्ते होत्था । से णं उदायणस्स कुमारस्स पियबालवयस्सए यावि होत्था । सहजायए, सहवड्ढियए, सहपंसुकीलियए । तए णं से सयाणीए राया अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । तए णं से उदायणे कुमारे बहूहिं राईसर-तलवर- माडंबिय कोडुंबिय - इब्भ-सेट्ठी- सेणावइ सत्थवाहप्पभिइहिं सद्धिं संपरिवुडे रोयमाणे, कंदमाणे, विलवमाणे सयाणीयस्स रण्णो महया इड्ढिसक्कारसमुदएणं णीहरणं करेइ, करेत्ता बहूहिं लोइयाइं मयकिच्चाई करेइ । तए णं ते बहवे राईसर जाव सत्थवाहा उदायणं कुमारं महया - महया रायाभिसेएणं अभिसिंचंति । तणं से उदायणकुमारे राया जाए महया हिमवंत जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ । तए णं से बहस्सइदत्ते दारए उदायणस्स रण्णो पुरोहियकम्मं करेमाणे सव्वट्ठाणेसु, सव्वभूमियासु, अंतेउरे य दिण्णवियारे जाए यावि होत्था । तए णं से बहस्सइदत्ते पुरोहिए उदायणस्स रण्णो अंतेउरंसि वेलासु य अवेलासु य, काले य अकाले य, राओ य वियाले य पविसमाणे अण्णया कयाइ पउमावईए देवीए सद्धिं संपलग्गे यावि होत्था । पउमावईए देवीए सद्धिं उरालाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ । ११ इमं च णं उदायणे राया हाए जाव विभूसिए जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बहस्सइदत्तं पुरोहियं परमावईए देवीए सद्धिं उरालाई भोगभोगाई भुंजाणं 25 Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र पासइ, पासित्ता आसुरुत्ते जाव तिवलियं भिउडिं णिडाले साह बहस्सइदत्तं पुरोहियं पुरिसेहिं गिण्हावेइ गिण्हावेत्ता अढि-मुट्ठि-जाणु-कोप्परपहार-संभग्ग-महियगत्तं करेइ, करेत्ता अवओडय-बंधणं करेइ, करेत्ता एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ । एवं खलु गोयमा! बहस्सइदत्ते पुरोहिए पुरा पुराणाणं जाव विहरइ । बहस्सइदत्ते णं भंते ! दारए इओ कालगए समाणे कहिं गच्छिहिइ? कहिं उववज्जिहिइ? गोयमा ! बहस्सइदत्ते णं दारए पुरोहिए चउसद्धिं वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिभागावसेसे दिवसे सूलिय-भिण्णे कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उक्कोसं सागरोवमट्टिइएसु णेरइएसु णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । संसारो जहा पढमे जाव वाउ तेउ आउ पुढवीसु । तओ हत्थिणाउरे णयरे मिगत्ताए पच्चायाइस्सइ । से णं तत्थ वाउरिएहिं वहिए समाणे तत्थेव हत्थिणाउरे णयरे सेडिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ, बोहिं, सोहम्मे कप्पे, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स | ॥ पंचमं अज्झयणं समत्तं ॥ छटुं अज्झयणं णंदिवद्धणे | MIM छहस्स उक्खेवो । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं महरा णामं णयरी होत्था। भंडीरे उज्जाणे । सुदंसणे जक्खे । सिरिदामे राया । बंधुसिरी भारिया । पुत्ते णंदिवद्धणे कुमारे, अहीण पडिपुण्ण पंचिंदियसरीरे जाव ज्वराया । तस्स सिरिदामस्स सुबंधु णामं अमच्चे होत्था । साम-दंड-भेय उवप्पयाण णीइकुसले, सुपउत्त णयविहण्णू । तस्स णं सुबंधुस्स अमच्चस्स बहुमित्तापुत्ते णामं दारए होत्था, अहीणपडिपण्णपंचिंदियसरीरे. वण्णओ । तस्स णं सिरिदामस्स रण्णो चित्ते णाम अलंकारिए होत्था । सिरिदामस्स रण्णो चित्ते बहुविहं अलंकारियकम्मं करेमाणे सव्वट्ठाणेसु य सव्वभूमियासु य, अंतेउरे य, दिण्णवियारे यावि होत्था । तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे | परिसा णिग्गया, राया णिग्गओ जाव परिसा पडिगया । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी जाव रायमग्गमोगाढे तहेव हत्थी, आसे, पुरिसे पासइ । तेसिं च पुरिसाणं मज्झगयं एगं पुरिसं पासइ जाव णरणारिसंपरिवुडं | तए णं तं पुरिसं रायपुरिसा चच्चरंसि तत्तंसि अयोमयंसि समजोइभूयंसि सिंहासणंसि णिवेसावेंति । तयाणंतरं च णं पुरिसाणं मज्झगयं पुरिसं बहुविह अयकलसेहिं तत्तेहिं समजोएभूएहिं, अप्पेगइया तंबभरिएहिं, अप्पेगइया 26 Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र | तउयभरिएहिं, अप्पेगइया सीसगभरिएहिं, अप्पेगइया कलकलभरिएहिं, अप्पेगइया खारतेल्लभरिएहिं, महया महया रायाभिसेएणं अभिसिंचंति । तयाणंतरं च णं तत्तं अयोमयं समजोइभूयं अयोमयसंडासएणं गहाय हारं पिणद्धति । तयाणंतरं च णं अद्धहारं पिणद्धति, तिसरियं पिणद्धति, पालंबं पिणद्धति, कडिसुत्तयं पिणद्धति, पढें पिणद्धति, मउडं पिणद्धति । चिंता तहेव जाव वागरेइ । एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे सीहपुरे णामं णयरे होत्था । रिद्धत्थिमियसमिद्धे, वण्णओ | तत्थ णं सीहपुरे णयरे सीहरहे णामं राया होत्था । तस्स णं सीहरहस्स रण्णो दुज्जोहणे णामं चारगपालए होत्था, अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालगस्स इमेयारूवे चारगभंडे होत्था-बहवे अयकुंडीओ अप्पेगइयाओ तंबभरियाओ, अप्पेगइयाओ तउयभरियाओ, अप्पेगइयाओ सीसगभरियाओ, अप्पेगडयाओ कलकलभरियाओ. अप्पेगडयाओ खारतेल्लभरियाओ-अणगिकार्यसि अद्दहियाओ चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारपालगस्स बहवे उद्वियाओ-अप्पेगइयाओ आसमुत्तभरियाओ, अप्पेगइयाओ हत्थिमुत्तभरियाओ, अप्पेगइयाओ गोमुत्तभरियाओ, अप्पेगइयाओ महिसमुत्तभरियाओ, अप्पेगइयाओ उट्ठमुत्तभरियाओ, अप्पेगइयाओ अयमुत्तभरियाओ, अप्पेगइयाओ एलमुत्तभरियाओ बह्पडिपुण्णाओ चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे हत्थंडुयाण य पायंडुयाण य हडीण य णियलाण य संकलाण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति | तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे वेणुलयाण य वेत्तलयाण य चिंचालयाण य छियाण य कसाण य वायरासीण य पुंजा णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स-चारगपालस्स बहवे सिलाण य लउडाण य मोग्गराण य कणंगराण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति। तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे तंतीण य वरत्ताण य वागरज्जूण य वालयसुत्तरज्जूण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे असिपत्ताण य करपत्ताण य खुरपत्ताण य कलंबचीरपत्ताण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति। तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे लोहखीलाण य कडगसक्कराण य चम्मपट्टाण य अल्लपट्टाण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति । तत्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे सूईण य डंभणाण य कोट्टिल्लाण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति । तस्स णं दुज्जोहणस्स चारगपालस्स बहवे सत्थाण य पिप्पलाण य कुहाडाण य णहच्छेयणाण य दब्भइयाण य पुंजा य णिगरा य सण्णिक्खित्ता चिट्ठति । Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तए णं से दुज्जोहणे चारगपाले सीहरहस्स रण्णो बहवे चोरे य पारदारिए य गंठिभेए य रायावकारी य अणहारए य बालघायए य विस्संभघायए य जूयगरे य खंडपट्टे य पुरिसेहिं गिण्हावेइ, गिण्हावित्ता उत्ताणए पाडेइ, पाडेत्ता लोहदंडेणं मुहं विहाडेइ, विहाडित्ता अप्पेगइए तत्ततंबं पज्जेइ, अप्पेगइए तउयं पज्जेइ, अप्पेगइए सीसगं पज्जेइ, अप्पेगइए कलकलं पज्जेइ, अप्पेगइए खारतेल्लं पज्जेइ, अप्पेगइयाणं तेणं चेव अभिसेयगं करेइ । अप्पेगइए उत्ताणए पाडेइ, पाडित्ता, आसमुत्तं पज्जेइ, अप्पेगइए हत्थिमुत्तं पज्जेइ जाव अप्पेगइए एलमुत्तं पज्जेइ । अप्पेगइए हेढामुहे पाडेइ, छडछडस्स वम्मावेइ, वम्मावित्ता अप्पेगइए तेणं चेव ओवीलं दलयइ । अप्पेगइए हत्थंदुयाइं बंधावेइ, अप्पेगइए पायंदुए बंधावेइ, अप्पेगइए हडिबंधणं करेइ, अप्पेगइए णियडबंधणं करेइ, अप्पेगइए संकोडियमोडिययं करेइ, अप्पेगइए संकलबंधणं करेइ । अप्पेगइए हत्थछिण्णए करेइ जाव सत्थोवाडियं करेइ, अप्पेगइए वेणुलयाहि य जाव वायरासीहि य हणावेइ । अप्पेगइए उत्ताणए कारवेइ, कारेत्ता उरे सिलं दलावेइ, तओ लउडं छुहावेइ, छुहावित्ता परिसेहिं उक्कंपावेइ । अप्पेगइए तंतीहि य जाव सुत्तरज्जुहि य हत्थेसु पाएस् य बंधावेइ, अगडंसि ओचूलयालगं पज्जेइ, अप्पेगइए असिपत्तेहि य जाव कलंबचीरपत्तेहि य पच्छावेइ, पच्छावेत्ता खारतेल्लेणं अब्भिंगावेइ । अप्पेगइए णिडालेसु य अवदूसु य कोप्परेसु य जाणुसु य खलुएसु य लोहकीलए य कडसक्कराओ य दवावेड. अलिए भंजावेड । अप्पेगइए सूईओ कुंभणाणि य हत्थंगुलियासु य पायंगुलियासु य कोहिल्लएहि य आउडावेइ, आउडावेत्ता भूमिं कंडूयावेइ । अप्पेगइए सत्थेहि य जाव णहच्छेयणेहि य अंगं पच्छावेइ, दब्भेहि य कुसेहि य ओल्लवद्धेहि य वेढावेइ, वेढावेत्ता आयवंसि दलयइ, दलइत्ता सुक्के समाणे चडचडस्स उप्पावेइ । तए णं से दुज्जोहणे चारगपालए एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबह पावकम्मं समज्जिणित्ता एगतीसं वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोवम द्विइएसु णेरइएसु णेरइयत्ताए उवण्णे | से णं तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव महराए णगरीए सिरिदामस्स रण्णो बंधुसिरीए देवीए कुंच्छिसि पुत्तत्ताए उववण्णे | तए णं बंधुसिरी णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारगं पयाया । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो णिव्वत्ते बारसाहे इमं एयारूवं णामधेज्जं करेंति-होउ णं अम्हं दारगे णंदिवद्धणे णामेणं । तए णं से णंदिवद्धणे कुमारे पंचधाईपरिवुडे जाव परिवड्ढइ । तए णं से णंदिवद्धणे कुमारे उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते विहरइ जाव जुवराया जाए यावि होत्था । | 0 Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | विपाक सूत्र तए णं से णंदिवद्धणे कुमारे रज्जे य जाव अंतेउरे य मुच्छिए इच्छइ सिरिदामं रायं जीवियाओ ववरोवेत्ता, सयमेव रज्जसिरिं कारेमाणे पालेमाणे विहरित्तए । तए णं से णंदिवद्धणे कुमारे सिरिदामस्स रण्णो बहूणि अंतराणि य छिद्दाणि य विरहाणि य (विवराणि) य पडिजागरमाणे विहरइ ।। ११ तए णं से णंदिवद्धणे कमारे सिरिदामस्स रण्णो अंतरं अलभमाणे अण्णया कयाइ चित्तं अलंकारियं सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-तुम्हे णं देवाणुप्पिया ! सिरिदामस्स रण्णो सव्वट्ठाणेसु य सव्वभूमिया य अंतेउरे य दिण्णवियारे सिरिदामस्स रण्णो अभिक्खणं अभिक्खणं अलंकारियं कम्मं करेमाणे विहरसि । तं णं तुमं देवाणुप्पिया ! सिरिदामस्स रण्णो अलंकारियं कम्मं करेमाणे गीवाए खुरं णिवेसेहि । तो णं अहं तुम्हें अद्धरज्जयं करिस्सामि । तुम अम्हेहिं सद्धिं उरालाइं भोगभोगाइं भुजमाणे विहरिस्ससि । तए णं से चित्ते अलंकारिए णंदिवद्धणस्स कुमारस्स एयमद्वं पडिसुणेइ । तए णं तस्स चित्तस्स अलंकारियस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था जइ णं मम सिरिदामे राया एयम€ आगमेइ, तए णं मम ण णज्जइ केणइ असुभेणं कुमारेणं मारिस्सइ ति कट्ट भीए जाव जेणेव सिरिदामे राया तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सिरिदामं रायं रहस्सियगं करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट एवं वयासीएवं खलु सामी ! णंदिवद्धणे कुमारे रज्जे य जाव अंतेउरे य मुच्छिए जाव अज्झोववण्णे इच्छड तुब्भे जीवियाओ ववरोवित्ता सयमेव रज्जसिरिं कारमाणे पालेमाणे विहरित्तए | तए णं से सिरिदामे राया चित्तस्स अलंकारियस्स एयमढे सोच्चा णिसम्म आसुरुत्ते जाव णंदिसेणं कुमारं पुरिसेहिं गिण्हावेइ, गिण्हावित्ता एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ । तं एवं खलु गोयमा ! णंदिवद्धणे कुमारे पुरापोराणाणं जाव कम्माणं पावगं फलवित्तिविसेसं पच्चणुभवमाणे विहरइ । णंदिवद्धणे णं भंते ! कुमारे इओ चुए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! णंदिवद्धणे कुमारे सद्विवासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव संसारो तहेव । तओ हत्थिणाउरे णयरे मच्छत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तत्थ मच्छिएहिं वहिए समाणे तत्थेव सेढिकुले पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । बोहिं, सोहम्मे कप्पे, महा विदेहेवासे सिज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स | || छटुं अज्झयणं समत्तं || Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र सत्तमं अज्झयणं उंबरदत्ते | लाल उक्खेवो सत्तमस्स | एवं खलु, जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं पाइलिसंडे णयरे | वणखंडे णामं उज्जाणे । उंबरदत्ते जक्खे । तत्थ णं पाडलिसंडे णयरे सिद्धत्थे राया । तत्थ णं पाडलिसंडे णयरे सागरदत्ते सत्थवाहे होत्था | अड्ढे जाव अपरिभूए । गंगदत्ता भारिया । तस्स सागरदत्तस्स पुत्ते गंगदत्ताए भारियाए अत्तए उंबरदत्ते णामं दारए होत्था । अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरे, वण्णओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स समोसरणं जाव परिसा पडिगया। तेणं कालेणं तेणं समएणं समणेणं भगवं गोयमे, तहेव जाव जेणेव पाडलिसंडे णयरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पाडलिसंडं णयरं पुरथिमिल्लेणं दुवारेणं अणुप्पविसइ, अणुप्पविसित्ता तत्थ णं पासइ एगं पुरिसं कच्छुल्लं कोढियं दओयरियं भगंदरियं अरिसिल्लं कासिल्लं सासिल्लं सोयिलं सुयमूहं सूयहत्थं सुयपायं, सडियहत्थंगुलियं सडियपायंगुलियं सडियकण्णणासियं रसियाए य पूइएण य थिविथिविय वणमहकिमिउत्तयंत पगलंतपयरुहिरं लालापगलंतकण्णणासं अभिक्खणं अभिक्खणं पूयकवले य रुहिरकवले य किमियकवले य वममाणं कट्ठाइं कलुणाइं विसराइं कूयमाणं मच्छियाचडगरपहकरेणं अण्णिज्जमाणमग्गं फुट्टहडाहडसीसं दंडिखंडवसणं खंडमल्लखंडघड-हत्थगयं, गेहे गेहे देहंबलियाए वित्तिं कप्पेमाणं पासइ । तया भगवं गोयमे उच्च-णीय-मज्झिम-कुलाइं जाव अडमाणे अहापज्जत्तं समुदाणं गिण्हइ, गिण्हित्ता पाइलिसंडाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छड़ उवागच्छित्ता भत्तपाणं आलोएइ, भत्तपाणं पडिदंसेइ, पडिदंसित्ता समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे जाव बिलमिव पण्णगभूएणं अप्पाणेणं आहारमाहारेइ, संजमेण तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं से भगवं गोयमे दोच्चं पि छडक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जाव पाडलिसंडं णयरं दाहिणिल्लेणं दुवारेणं अणुप्पविसइ, तं चेव पुरिसं पासइ- कच्छुल्लं तहेव जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं से गोयमे तच्चं पि छट्ठक्खमणपारणगंसि तहेव जाव पच्चत्थिमिल्लेणं दुवारेणं अणुपविसमाणे तं चेव पुरिसं पासइ कच्छुल्लं जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तएणं भगवं गोयमे चउत्थं पि छटुक्खमणपारणगंसि उत्तरेण दुवारेणं जाव तं पुरिसं पासित्ता इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पण्णे- अहो णं इमे पुरिसे पुरापोराणाणं जाव वंदित्ता णमसित्ता एवं वयासी- एवं खलु अहं भंते ! छट्ठक्खमण पारणगंसि तुब्भेहिं [ । Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र अब्भणुण्णाए जाव पाडलिसंडे पुरथिमिल्लेणं दुवारेणं अणुपविढे । तत्थ णं एगं पुरिसं पासामि कच्छुल्लं जाव वित्तिं कप्पेमाणं । तए णं अहं दोच्चछट्ठखमण पारणगंसि दाहिणिल्लेणं दुवारेणं, तहेव । तए णं अहं तच्चछट्टक्खमणपारणगंसि पच्चत्थिमेणं दुवारेणं, तहेव । तए णं अहं चउत्थछट्ठक्खमणपारणगंसि उत्तरदुवारेणं अणुप्पविसामि, तं चेव परिसं पासामि कच्छुल्लं जाव वित्तिं कप्पेमाणे विहरइ । चिंता ममं । से णं भंते ! पुरिसे पुव्व भवे के आसी ? जाव पच्चणुभवमाणे विहरइ ? गोयमा ! इति समणे भगवं महावीरे भगवं गोयमं एवं वयासीव एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहेवासे विजयपुरे णामं णयरे होत्था । रिद्धत्थिमियसमिद्धे, वण्णओ । तत्थ णं विजयपुरे णयरे कणगरहे णामं राया होत्था । तस्स णं कणगरहस्स रण्णो धण्णंतरी णामं वेज्ज होत्था । अटुंगाउव्वेयपाढए, तंजहा- कुमारभिच्चं सालागे सल्लहत्ते कायति-गिच्छा जंगोले भूयविज्जा रसायणे वाजीकरणे | सिवहत्थे सुहहत्थे लहुहत्थे । तए णं से धण्णंतरी वेज्जे विजयपुरे णयरे कणगरहस्स रणो अंतेउरे य, [अण्णेसिं च] बहूणं राईसर जाव सत्थवाहाणं, अण्णेसिं च बहूणं दुब्बलाण य गिलाणाण य वाहियाण य रोगियाण य अणाहाण य सणाहाण य समणाण य माहणाण य भिक्खगाण य करोडियाण य कप्पडियाण य आउराण य अप्पेगइयाणं मच्छमंसाइं उवदंसेइ, अप्पेगइयाणं कच्छपमंसाइं, अत्थेगइयाणं गोहामंसाइं, अप्पेगइयाणं मगरमंसाइं, अप्पेगइयाणं सुसमारमंसाइं, अप्पेगइयाणं अयमसाइं एवं एलय-रोज्झ-सूयर-मिग-ससयगोमंस-महिसमंसाइं, अप्पेगइयाणं तित्तिरमंसाइं, अप्पेगइयाणं वय लावय कवोयकुक्कड- मयूर-मंसाई, अण्णेसिं च बहूणं जलयर-थलयर-खहयर-माईणं मंसाइं उवदंसेइ । अप्पणा वि य णं से धण्णंतरी वेज्जे तेहिं बहूहिं मच्छमंसेहि य जाव मयूरमंसेहि य अण्णेहिं बहूहिं जलयर थलयर-खहयर-मंसेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिए हि य सुरं च महुं च मेरगं च जाइं च सीधुं च पसण्णं आसाएमाणे विसाएमाणे परिभाएमाणे परिभुजेमाणे विहरइ। १० तए णं से धण्णंतरी वेज्जे एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबहं पावं कम्म समज्जिणित्ता बत्तीसं वाससयाई परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोपम द्विइएसु णेरइएसु णेरइयत्ताए उववण्णे | तए णं सा गंगदत्ता भारिया जायणिंदुया यावि होत्था, जाया जाया दारगा विणिहायमावज्जंति । तए णं तीसे गंगदत्ताए सत्थवाहीए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंबजागरियं जागरमाणीए अयं अज्झत्थिए जाव समुप्पण्णे-एवं खलु अहं सागरदत्तेणं सत्थवाहेणं सद्धिं बहूई वासाइं उरालाइं माणुस्सगाई भोगभोगाई । विहरामि, णो चेव णं अहं दारगं वा दारियं वा पयामि । तं धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ, सपुण्णाओ, कयत्थाओ, कयपुण्णाओ, कयलक्खणाओ णं ताओ अम्मयाओ, सुलद्धे णं तासिं अम्मयाणं माणुस्सए जम्मजीवियफले, जासिं मण्णे णियगकुच्छिसंभूयगाइं थणदुद्धलुद्धयाइं महुरसमुल्लावगाइं मम्मणपजंपियाई Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र थणमूलकक्खदेसभागं अभिसरमाणयाइं, मुद्धयाइं पुणो य कोमलकमलोवमेहिं हत्थेहिं गिहिऊण उच्छंगे णिवेसियाई देंति, समुल्लावए सुमहुरे पुणो पुणो मंजुलप्प भणिए | अहं णं अधण्णा अपुण्णा अकयपुण्णा एत्तो एगमवि ण पत्ता । तं सेयं खलु मम कल्लं जाव जलंते सागरदत्तं सत्थवाहं आपुच्छित्ता सुबहुं पुप्फवत्थगंध मल्ला-लंकारं गहाय बहु मित्तणाइ णियग-सयणसंबंधिपरियण महिलाहिं सद्धिं पाडलि-संडाओ जयराओ पडिणिक्खमित्ता बहिया जेणेव उंबरदत्तस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छित्तए। तत्थ णं उंबरदत्तस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फच्चणं करित्ता जाणुपायवडियाए ओयाइत्तए- जइ णं अहं देवाणुप्पिया ! दारगं वा दारियं वा पयामि, तो णं अहं तुब्भं जायं च दायं च भायं च अक्खयणिहिं च अणुवड्ढ- इस्सामि त्ति कट्ट ओवाइयं ओवाइणित्तए | एवं संपेहेइ, संपेहित्ता कल्लं जाव जलंते जेणेव सागरदत्ते सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ, सागरदत्तं सत्थवाहं एवं वयासी- एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं सद्धिं जाव ण पत्ता । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाया जाव ओवाइणित्तए ।' तए णं से सागरदत्ते गंगदत्तं भारियं एवं वयासी-मम पि णं देवाणुप्पिया ! एस चेव मणोरहे, कहं तुमं दारगं दारियं वा पयाइज्जसि । गंगदत्ताए भारियाए एयमद्वं अणुजाणइ। १२ तए णं सा गंगदत्ता भारिया सागरदत्त सत्थवाहेणं एयमé अब्भणुण्णाया समाणी सुबहुं पुप्फ वत्थ-गंध-मल्लालंकारं गहाय मित्त जाव महिलाहिं सद्धिं सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता पाडलिसंडं णयरं मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ, णिगच्छित्ता जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पुक्खरिणीए तीरे सुबहुं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारं ठवेइ, ठवेत्ता पुक्खरिणिं ओगाहेइ, ओगाहित्ता जलमज्जणं करेइ, करित्ता जलकीडं करेमाणी बहाया जाव उल्लपडसाडिया पुक्खरणीओ पच्चुत्तरइ, पच्चुत्तरित्ता तं पुप्फ-वत्थ-गंध-मल्लालंकारं गिण्हइ, गिण्हित्ता जेणेव उंबरदत्तस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता उंबरदत्तस्स जक्खस्स आलोए पणामं करेइ, करित्ता लोमहत्थं परामुसइ, परामुसित्ता उंबरदत्तं जक्खं लोमहत्थेणं पमज्जइ, पमज्जित्ता दगधाराए अब्भुक्खेइ, अब्भुक्खित्ता, पम्हलसुकुमाल गंधकासाइयाए गायलट्ठी ओलूहेइ, ओलूहित्ता सेयाइं वत्थाइं परिहेइ, परिहित्ता महरिहं पुप्फारुहणं, मल्लारुहणं, गंधारुहणं, चुण्णारुहणं करेइ, करित्ता धूवं डहइ, डहित्ता जाणुपायवडिया एवं वयइ- जइ णं अहं देवाणुप्पिया ! दारगं वा दारियं वा पयामि तो णं अहं तुब्भं जायं च दायं च भायं च अक्खयणिहिं च अणुवढिस्सामि त्ति कट्ट ओवाइयं ओवाइणइ, ओवाइणित्ता जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया | तए णं से धण्णंतरी वेज्जे ताओ णरगाओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे पाडलिसंडे णयरे गंगदत्ताए भारियाए कुच्छिंसि पुत्तत्ताए उववण्णे । तए णं तीसे गंगदत्ताए भारियाए तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे दोहले पाउब्भूए-धण्णाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव सुलद्धे णं अम्मयाणं माणुस्सए जम्म जीविय फले, जाओ णं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेंति, उवक्खडावेत्ता Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र बहूहिं मित्त णाइ जाव परिवुडाओ तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं, सुरं च महुंच मेरगं च जाइं च सीधुं च पसण्णं च पुप्फ वत्थ-गंध-मल्लालंकारं गहाय पाडलिसंड णयरं मज्झंमज्झेणं पडिणिक्खमंति, पडिणिक्खमित्ता जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता पुक्खरिणि ओगाहेंति, ओगाहेत्ता पहायाओ जाव सव्वालंकार विभूसियाओ तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं बहूहिं मित्तणाइ णियग जाव सद्धिं आसाएंति, विसायंति परिभाएंति परिभुंजंति दोहलं विणेंति, एवं संपेहेइ, संपेहित्ता कल्लं जाव जलते जेणेव सागरदत्ते सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सागरदत्तं सत्थवाहं एवं वयासी- धण्णाओ णं ताओ जाव विणेंति, तं इच्छामि णं जाव विणित्तए । तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे गंगदत्ताए भारियाए एयमट्ठे अणुजाण । १४ तए णं सा गंगदत्ता सागरदत्तेणं सत्थवाहेणं अब्भणुण्णाया समाणी विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ, उवक्खडावेत्ता तं विउलं असणं ४ सुरं च ६ सुबहु पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारं परिगिण्हावेइ परिगिण्हावेत्ता बहूहिं मित्त णाइ णिया सण संबंधि परियण महिलाहिं सद्धिं एवं पुव्व विहीए उंबरदत्तस्स जक्खाययणे उवागच्छइ जाव धूवं डहेइ, इहेत्ता जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवा- गच्छइ । तणं ताओ मित्त णाइ णियग सयण संबंधि परियण महिलाओ गंगदत्तं सत्थवाहिं सव्वालंकारविभूसियं करेंति । तए णं सा गंगदत्ता भारिया ताहिं मित्तणाइहिं अण्णाहिं बहूहिं णगरमहिलाहिं सद्धिं तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं सुरं च महुं च मेरगं च जाइं च सीधुं च पसण्णं च आसाएमाणे दोहलं विणेइ, विणेत्ता, जामेव दिसिं पाउब्या तामेव दिसिं पडिगया । सा गंगदत्ता सत्थवाही संपुण्णदोहला जाव तं गब्भं सुहंसुण परिवहइ । १५ तए णं सा गंगदत्ता भारिया णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारगं पयाया । ठिइवडिया जाव णामधेज्जं करेंति- जम्हा णं अम्हं इमे दारए उंबरदत्तस्स जक्खस्स ओवाइयलद्धए, तं होउ णं दारए उंबरदत्ते णामेणं । तए णं से उंबरदत्ते दारए पंचधाईपरिग्गहिए परिवड्ढइ । | १६ | तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहें जहा विजयमित्ते कालधम्मुणा संजुत्ते, गंगदत्ता वि । उंबरदत्ते णिच्छूढे जहा उज्झियए । तए णं तस्स उंबरदत्तस्स दारगस्स अण्णया कयाइ सरीरगंसि जमगसमगमेव सोलस रोगायंका पाउब्भूया । तंजहा- सासे, कासे जाव कोढे । तए णं से उंबरदत्ते दारए सोलसहिं रोगायंकेहिं अभिभूए समाणे कच्छुल्ले जाव देहं बलियाए वितिं कप्पेमाणे विहरइ । एवं खलु गोयमा ! उंबरदत्ते दारए पुरापोराणाणं पच्चणुभवमाणे विहरइ । १७ से णं उंबरदत्ते दारए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! उंबरदत्ते दारए बावत्तरिं वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयत्ताए उववज्जिहि । संसारो तहेव जाव पुढवी । तओ हत्थिणाउरे णयरे कुक्कुडत्ताए पच्चायाहिइ । जायमेत्ते चेव गोट्ठिल्लवहिए तत्थेव 33 Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र हत्थिणाउरे णयरे सेट्ठिकुलंसि उववज्जिहिइ । बोहिं, सोहम्मे कप्पे, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स | ॥ सत्तमं अज्झयणं समत्तं ॥ अट्ठमं अज्झयणं सोरियदत्ते | | | अट्ठमस्स उक्खेवो । एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं तेणं समएणं सोरियपुरं णयरं होत्था । सोरियवडिंसगं उज्जाणं । सोरियो जक्खो । सोरियदत्ते राया । तस्स णं सोरियपुरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए तत्थ णं एगे मच्छंधपाडए होत्था। तत्थ णं समुद्ददत्ते णामं मच्छंधे परिवसइ । अहम्मिए जाव दुप्पडिया-णंदे । तस्स णं समुद्ददत्तस्स समुद्ददत्ता णामं भारिया होत्था | अहीणपडिपुण्णपंचिंदिय सरीरा, वण्णओ। तस्स णं समुद्ददत्तस्स पुत्ते समुद्ददत्ताए भारियाए अत्तए सोरियदत्ते णामं दारए होत्था। अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरे, वण्णओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे. जाव परिसा पडिगया । तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे सीसे जाव सोरियपुरे णयरे उच्चणीयमज्झिमकुले अडमाणे अहापज्जत्तं समुदाणं गहाय सोरियपुराओ णयराओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता तस्स मच्छंधवाडगस्स अदूरसामंतेणं वीइवयमाणे महइमहालियाए मणुस्सपरिसाए मज्झगयं एगं पुरिसं सुक्कं भुक्खं णिम्मंसं अद्विचम्मावणद्धं किडिकिडियाभूयं णीलसाडगणियत्थं मच्छकंटएणं गलए अणुलग्गेणं कट्ठाइं कलुणाई विस्सराइं उक्कूवमाणं अभिक्खणं अभिक्खणं पूयकवले य रुहिरकवले य किमिकवले य वममाणं पासइ, पासित्ता इमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए, कप्पिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पण्णे-अहो णं इमे पुरिसे पुरापोराणाणं जाव विहरइ, एवं संपेहेइ, संपेहित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ । पुव्वभवपुच्छा जाव एवं वयासीएवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे णंदिपुरे णाम णयरे होत्था । मित्ते राया । तस्स णं मित्तस्स रण्णो सिरीए णामं महाणसिए होत्था, अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे । तस्स णं सिरीयस्स महाणसियस्स बहवे मच्छिया य वागुरिया य साउणिया य दिण्णभइभत्तवेयणा कल्लाकल्लिं बहवे सण्हमच्छा य जाव पडागाइपडागे य, अए य जाव महिसे य, तित्तिरे य जाव मयूरे य जीवियाओ ववरोवेंति, ववरोवेत्ता सिरीयस्स महाणसियस्स उवणेति । अण्णे य से बहवे तित्तिरा य जाव मयूरा य पंजरंसि संनिरुद्धा चिट्ठति । अण्णे य बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा ते बहवे तित्तिरे य जाव मऊरे य जीवंतए चेव णिप्पक्छेति, णिप्पक्खेत्ता सिरीयस्स महाणसियस्स उवणेति । Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र ८ तए णं से सिरीए महाणसिए बहूणं जलयर-थलयर-खहयराणं मंसाइं कप्पणिकप्पियाई करेइ, तं जहा-सण्हखंडियाणि य वट्टखंडियाणि य दीहखंडियाणि य रहस्सखंडियाणि य हिमपक्काणिय जम्मपक्काणि य घम्मपक्काणि य मारुयपक्काणि य कालाणि य हेरंगाणि य महिट्ठाणि य आमलरसियाणि य मुद्दियारसियाणि य कविहरसियाणि य दालिमरसियाणि य मच्छरसियाणि य तलियाणि य भज्जियाणि य सोल्लियाणि य उवक्खडावेइ, उवक्खडावेत्ता अण्णे य बहवे मच्छरसए य एणेज्जरसए य तित्तिरसए य जाव मयूररसए य, अण्णं च विउलं हरियसागं उवक्खडावेइ, उवक्खडावेत्ता मित्तस्स रण्णो भोयणमंडवंसि भोयणवेलाए उवणेड़ | अप्पणा वि य णं से सिरीए महाणसिए तेसिं बहूहिं जाव जलयर थलयर खहयरमंसेहिं रसएहि य हरियसागेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च महं च मेरगं च जाइं च सीधं च पसण्णं च आसाएमाणे वीसाएमाणे परिभाएमाणे परिभुजेमाणे विहरइ । तए णं सिरीए महाणसिए एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबह पावक्कमं कलिकलुसं समज्जिणित्ता तेत्तीसं वाससयाइं परमाउयं पालइत्ता काल मासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उववण्णे | तए णं सा समुद्ददत्ता भारिया जायणिंदू यावि होत्था । जाया जाया दारगा विणिहायमावज्जंति । जहा गंगदत्ताए चिंता, आपुच्छणा, ओवाइयं, दोहला जाव दारगं पयाया जाव जम्हा णं अम्हे इमे दारए सोरियस्स जक्खस्स ओवाइय- लद्धे, तम्हा णं होउ अम्हं दारए सोरियदत्ते णामेणं । तए णं से सोरियदत्ते दारए पंचधाई जाव उम्मुक्कबालभावे विण्णायपरिणयमेत्ते जोव्वणगमुणप्पत्ते यावि होत्था । तए णं से समुद्ददत्ते अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । तए णं से सोरियदत्ते बहूहिं मित्त-णाइ जाव रोयमाणे समुद्ददत्तस्स णीहरणं करेइ, लोइयाइं मयकिच्चाई करेइ । अण्णया कयाइ सयमेव मच्छंधमहत्तरगत्तं उवसंपिज्जत्ताणं विहरइ । तए णं से सोरियदारए मच्छंधे जाए, अहम्मिए जाव दुप्पडियाणंदे । तए णं तस्स सोरियदत्तस्स मच्छंधस्स बहवे परिसा दिण्णभइभत्तवेयणा कल्लाकल्लिं एगट्ठियाहिं जउणं महाणइं ओगाहेंति, ओगाहित्ता बहूहिं दगगालणेहि य दगमलणेहिय दगमद्दणेहि य दगमहणेहि य दगवहणेहि य दगपवहणेहि य पवंचुलेहि य पंचपुलेहि य मच्छंधलेहि य मच्छपुच्छेहि य जंभाहि य तिसिराहि य भिसिराहि य घिसराहि य विसराहि य हिल्लिरीहि य झिल्लिरीहि य लल्लिरीहि य जालेहि य गलेहि य कूडपासेहि य वक्कबंधेहि य सत्तबंधेहि य वालबंधेहि य बहवे सण्हमच्छे जाव पडागाइपडागे य गिण्हंति गेण्हित्ता एगट्ठियाओ भरेंति, भरित्ता कूलं गाहेंति, गाहित्ता मच्छखलए करेंति, करित्ता आयवंसि दलयंति । अण्णे य से बहवे पुरिसा दिण्णभइभत्तवेयणा आयवतत्तएहिं मच्छेहि सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य रायमग्गंसि वितिं कप्पेमाणा विहरति । अप्पणा वि य णं से सोरियदत्ते बहूहिं सहमच्छेहि जाव पडागाइपडागेहि य सोल्लेहि य भज्जिएहि य तलिएहि य सुरं च महं च मेरगं च जाइं च सीधं च पसण्णं च आसाएमाणे वीसाएमाणे परिभाएमाणे प जेमाणे विहरइ । १६ Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र १२ तए णं तस्स सोरियदत्तस्स मच्छंधस्स अण्णया कयाइ ते मच्छसोल्ले य तलिए य भज्जिए य आहारेमाणस्स मच्छकंटए गलए लग्गे यावि होत्था । तए णं से सोरियदत्ते मच्छंधे महयाए वेयणाए अभिभूए समाणे कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासीगच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सोरियपुरे णयरे सिंघाडग जाव पहेसु य महया महया सद्देणं उग्घोसेमाणा एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया सोरियदत्तस्स मच्छकंटए गले लग्गे। तं जो णं इच्छड वेज्जो वा वेज्जपुत्तो वा जाणुओ वा जाणुयपुत्तो वा तेगिच्छिओ वा तेगिच्छियपुत्तो वा सोरियदत्तस्स मच्छकंटयं गलाओ णीहरित्तए, तस्स णं सोरियदत्ते विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ । तए णं ते कोडुबियपुरिसा जाव उग्घोसेंति | तए णं बहवे वेज्जा य जाव तेगिच्छियपुत्ता य इमेयारूवं उग्घोसणं उग्घोसिज्जमाणं णिसामेति, णिसामित्ता जेणेव सोरियदत्तस्स मच्छंधस्स गेहे, जेणेव सोरियदत्ते मच्छंधे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता बहुहिं उप्पत्तियाहि य वेणइयाहि य कम्मियाहि य पारिणामियाहि य बुद्धीहिं परिणामेमाणा परिणामेमाणा वमणेहि य छड्डणेहि य ओवीलणेहि य कवलग्गाहेहि य सल्लुद्धरणेहि य विसल्लकरणेहि य इच्छंति सोरियदत्तस्स मच्छंधस्स मच्छकंटयं गलाओ णीहरित्तए । णो चेव णं संचाएंति णीहरित्तए वा विसोहित्तए वा । तए णं ते बहवे वेज्जा य जाव तेगिच्छियपुत्ता य जाहे णो संचाएंति सोरियदत्तस्स मच्छंधस्स मच्छकंटगं गलाओ णीहरित्तए, ताहे संता तंता परितंता जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया । तए णं से सोरियदत्ते मच्छंधे वेज्जपडियारणिव्विण्णे तेणं महया दुक्खेणं अभिभूए समाणे सुक्के जाव विहरइ । एवं खलु गोयमा ! सोरिए पुरापोराणाणं जाव विहरइ । सोरियदत्ते णं भंते ! मच्छंधे इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! सत्तरिवासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइएसु णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । संसारो तहेव जाव पुढवीए । तओ हत्थिणाउरे णयरे मच्छत्ताए उववज्जिहिइ । से णं तओ मच्छिएहिं जीवियाओ ववरोविए तत्थेव सेट्ठिकुलंसि उववज्जिहिइ । बोहिं, सोहम्मे कप्पे, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स | || अट्ठमं अज्झयणं समत्तं || णवमं अज्झयणं देवदत्ता उक्खेवो णवमस्स । 36 Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ल w তাত [] विपाक सूत्र एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं रोहीडए णामं णयरे होत्था, रिद्धत्थमियसमिद्धे, वण्णओ । पुढविवडिंसए उज्जाणे । धरणे जक्खे । वेसमणदत्ते राया । सिरीदेवी । पूसणंदी कुमारे जुवराया । तत्थ णं रोहीडए णयरे दत्ते णामं गाहावई परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभू । कण्हसिरीभारिया तस्स णं दत्तस्स धूया कण्हसिरीए अत्तया देवदत्ता णामं दारिया होत्था । अहीणपडिपुण्ण पंचिंदियसरीरा, वण्णओ । तेणं कालेणं तेणं समएणं सामी समोसढे जाव परिसा पडिगया । तेणं कालेणं तेणं समएणं जेट्ठे अंतेवासी छट्ठक्खमणपारणगंसि तव जाव रायमग्गमोगाढे। हत्थी आसे पुरिसे पासइ । तेसिं पुरिसाणं मज्झगयं पासइ एगं इत्थियंअवओडयबंधणं उक्खित्तकण्णणासं णेह तुप्पियगत्तं वज्झकर कडिजुय णियच्छं कंठे गुणरत्तमल्लदामं चुण्णगुंडियगायं चुण्णयं वज्झपाणपीयं जाव सूले भिज्जमाणं पासइ, पासित्ता, तहेव चिंता, णिग्गए, जाव एवं वयासी- एस णं भंते ! इत्थिया पुव्वभवे का आसी ? जाव पच्चणुभवमाणे विहरइ । एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे भारहे वासे सुपइट्टे णामं यरे होत्था । रिद्धत्थिमियसमिद्धे, वण्णओ । महासेणे राया । तस्स णं महासेणस्स रण्णो धारिणीपामोक्खाणं देवीसहस्सं ओरोहे यावि होत्था । तस्स णं महासेणस्स रणो पुत्तो धारिणीए देवीए अत्तए सीहसेणे णामं कुमारे होत्था । अहीणपडिपुण्ण पंचिंदियसरीरे जाव जुवराया | तए णं तस्स सीहसेणस्स कुमारस्स अम्मापियरो अण्णया कयाइ पंच पासायवडिंसयसयाइं कारेंति, अब्भुगयमूसियाइं । तए णं तस्स सीहसेणस्स कुमारस्स अम्मापियरो अण्णया कयाइ सामापामोक्खाणं पंचण्हं रायवरकण्णगसयाणं एगदिवसे पाणिं गिण्हाविंसु । पंचसयओ दाओ । तए णं से सीहसेणे कुमारे सामापामोक्खाहिं पंचसयाहिं देवीहिं सद्धिं उप्पिं पासायवरगए जाव विहरइ । तए णं से महासेणे राया अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । णीहरणं । राया जाए । तए णं से सीहसेणे राया सामाए देवीए मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे अवसेसाओ देवीओ णो आढाइ णो परिजाणाइ, अणाढायमाणे अपरिजाणमाणे विहर। तए णं तासिं एगूणगाणं पंचण्हं देवीसयाणं एगूणाई पच्चमाईसयाइं इमीसे कहाए लट्ठाई समाणाइं-एवं खलु सीहसेणे राया सामाएदेवीए मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववणे अम्हं धूयाओ णो आढाइ, णो परिजाणाइ, अणाढायमाणे, अपरिजाणमाणे विहरइ । तं सेयं खलु अहं सामं देवं अग्गिप्पओगेण वा विसप्पओगेण वा, सत्थप्पओगेण वा जीवियाओ ववरोवित्तए, एवं संपेहेंति, संपेहित्ता सामाए देवीए अंतराणि य छिद्दाणि य विवराणि य पडिजागरमाणीओ विहरति । तए णं सा सामादेवी इमीसे कहाए लद्धट्ठा समाणी एवं खलु एगूणगाणं पंचहं सवत्तीसयाणं एगूणगाई पंचमाइसयाई इमीसे कहाए लद्धट्ठाई समाणाइं अण्णमण्णं एवं वयासी- एवं खलु सीहसेणे राया जाव अपरिजाणमाणे विहरइ । तं सेयं खलु अम्हं सामं 37 Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र देविं जाव वीवियाओ ववरोवित्तए । एवं संपेहेइ जाव विवराणि य पडिजागरमाणीओ विहरंति । तं ण णज्जइ णं मम केणइ कुमारेण मारिस्संति त्ति कट्ट भीया तत्था तसिया उविग्गा संजायभया जेणेव कोवघरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता ओहयमणसंकप्पा जाव झियाइ । १० तए णं से सीहसेणे राया इमीसे कहाए लद्धटे समाणे जेणेव कोवघरए. जेणेव सामा देवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सामं देविं ओहयमणसंकप्पं जाव पासइ, पासित्ता एवं वयासी- किं णं तुमं देवाणप्पिए ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियासि ? तए णं सा सामा देवी सीहसेणेण रण्णा एवं वुत्ता समाणी उप्फेणउप्फेणियं सीहसेणं रायं एवं वयासी- एवं खलु सामी ! मम एगूणपंचसवत्तिसयाणं एगणपंचमाइसयाणं इमीसे कहाए लढाणं समाणाणं अण्णमण्णं सद्दावेंति, सदावित्ता एवं वयासी- एवं खलु सीहसेणे राया सामाए देवीए मुच्छिए गिद्धे गढिए अज्झोववण्णे अम्हं धूयाओ णो आढाइ, णो परिजाणइ, अणाढायमाणे अपरिजाणमाणे विहरइ, तं सेयं खलु अम्हं सामं देविं अग्गिप्पओगेण वा विसप्पओगेण वा सत्थप्पओगेण वा जीवियाओ ववरोवित्तए, एवं संपेहेंति. संपेहित्ता मम अंतराणि य छिद्दाणि य विवराणि य पडिजागरमाणीओ विहरंति। तं ण णज्जइ णं सामी ! ममं केणइ कुमारेण मारिस्संति त्ति कट्ट भीया जाव झियामि। ११ तए णं से सीहसेणे राया सामं देविं एवं वयासी-मा णं तुम देवाणुप्पिए ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियाहि । अहं णं तहा जत्तिहामि जहा णं तव णत्थि कत्तो वि सरीरस्स आवाहे वा पवाहे वा भविस्सइ त्ति कट्ट ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुण्णाहिं मणामाहिं वग्गूहिं समासासेइ, समासासित्ता तओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे, देवाणप्पिया ! सुपइट्ठस्स णयरस्स बहिया पच्चत्थिमे दिसिभाए एगं महं कूडागारसालं करेह, अणेगखंभसय संणिविढं पासादीयं दरिसाणिज्जं अभिरूवं पडिरूवं करेह, ममं एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुबियपुरिसा करयल जाव पडिसुणेति, पडिसुणित्ता सुपइट्ठणयरस्स बहिया पच्चत्थिमे दिसीभाए एगं महं कूडागारसालं जाव करेंति करित्ता जेणेव सीहसेणे राया तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता तमाणत्तियं पच्चप्पिणंति । १२ तए णं से सीहसेणे राया अण्णया कयाइ एगूणगाणं पंचण्हं देवीसयाणं एगूणाई पंचमाइसयाइं आमंतेइ। तए णं तासिं एगूणगाणं पंचण्हं देवीसयाणं एगूणाई पंचमाइसयाई सीहसेणेणं रण्णा आमंतियाइं समाणाइं सव्वालंकारविभूसियाइं जहाविभवेणं जेणेव सुपड्ढे णयरे, जेणेव सीसेणे राया, तेणेव उवागच्छंति । तए णं से सीहसेणे राया एगूणगाणं पंचदेवीसयाणं एगूणगाणं पंचमाइसयाणं कूडागारसालं आवासं दलयइ । १३ तए णं से सीहसेणे राया कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवणेह, सुबहुं पुप्फ-वत्थ-गंधमल्लालंकारं च कूडागारसालं साहरह । तए णं सा तहेव जाव साहरंति । Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तए णं तासिं एगूणगाणं पंचण्हं देवीसयाणं एगूणगाइं पंचमाइसयाई सव्वालंकारविभूसियाइं तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं, सुरं च महं च मेरगं च जाई च सीधं च पसण्णं च आसाएमाणाई-४, गंधव्वेहि य णाडएहि य उवगीयमाणाई उवगीयमाणाइं विहरंति । तए णं से सीहसेणे राया अद्धरत्तकालसमयंसि बहूहिं पुरिसेहिं सद्धिं संपरिवुडे जेणेव कूडागारसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता, कूडागारसालाए दुवाराइं पिहेइ, पिहित्ता कूडागारसालाए सव्वओ समंता अगणिकायं दलयइ । तए णं तासिं एगणगाणं पच्चण्हं देवीसयाणं एगुणागाइं पंचमाइसयाई सीहसेणेण रण्णा आलिवियाइं समाणाइं रोयमाणाई कंदमाणाइं विलवमाणाइं अत्ताणाई असरणाई कालधम्मुणा संजुत्ताइं । तए णं से सीहसेणे राया एयकम्मे एयप्पहाणे एयविज्जे एयसमायारे सुबह पावकम्म समज्जिणित्ता चोत्तीसं वाससयाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं बावीससागरोवम द्विइएसु णेरइयेसु णेरइयत्ताए उववण्णे | से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव रोहीडए णयरे दत्तस्स सत्थवाहस्स कण्हसिरीए भारियाए कुच्छिंसि दारियत्ताए उववण्णे। |१६| तए णं सा कण्हसिरी णवण्हं मासाणं बहपडिपण्णाणं जाव दारियं पयाया सुउमालपाणिपाया जाव सुरूवा। तए णं तीसे दारियाए अम्मापियरो णिव्वत्त बारसाहियाए विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेंति, उवक्खडावेत्ता जाव मित्त-णाइ-णियगसयण-संबंधि परियणस्स पुरओ णामधेज्जं करेंति-होउ णं दारिया देवदत्ता णामेणं, तए णं सा देवदत्ता दारिया पंचधाईपरिग्गहिया जाव परिवड्ढइ । १७ तए णं सा देवदत्ता दारिया उम्मुक्कबालभावा जाव जोव्वणेण य रूवेण लावण्णेण य अईव-अईव उक्किट्ठा उक्किदुसरीरा यावि होत्था । तए णं सा देवदत्ता दारिया अण्णया कयाइ ण्हाया जाव विभूसिया बहुहिं खुज्जाहिं जाव परिक्खित्ता उप्पिं आगासतलगंसि कणगतिंदूसएणं कीलमाणी विहरइ । इमं च णं वेसमणदत्ते राया पहाए जाव विभूसिए आसं दुरुहइ, दुरुहित्ता बहूहिं पुरिसेहि सद्धिं संपरिवुडे आसवाहिणियाए णिज्जायमाणे दत्तस्स सत्थवाहस्स गिहस्स अदूरसामंतेणं वीइवयइ । तए णं से वेसमणे राया जाव वीइवयमाणे देवदत्तं दारियं उप्पिं आगासतलगंसि कणगतिंदूसेणं कीलमाणिं पासइ, पासित्ता देवदत्ताए दारियाए रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य जायविम्हए, कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासीकस्स णं देवाणुप्पिया ! एसा दारिया ? किं वा णामधेज्जेणं ? तए णं ते कोडुबियपुरिसा वेसमणं रायं करयल जाव एवं वयासी-एस णं सामी ! दत्तस्स सत्थवाहस्स धूया, कण्हसिरीए भारियाए अत्तया देवदत्ता णामं दारिया रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठसरीरा । १९ तए णं से वेसमणे राया आसवाहिणियाओ पडिणियत्ते समाणे अन्भिंतर ठाणिज्जे पुरिसे सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी- गच्छह णं तुब्भे, देवाणुप्पिया ! दत्तस्स धूयं कण्हसिरीए Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० २१ २२ विपाक सूत्र भारियाए अत्तयं देवदत्तं दारियं पुस्सणंदिस्स जुवरण्णो भारियत्ताए वह, जइ विसा सयरज्जसुंक्का । तए णं से अब्भिंतरठाणिज्जा पुरिसा वेसमणेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्ठट्ठा करयल परिग्गहियं जाव एयमहं पडिसुर्णेति, पडिसुणित्ता ण्हाया जाव सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाइं पवरपरिहिया जेणेव दत्तस्स गिहे तेणेव उवागच्छित्था । तए णं से दत्ते सत्थवाहे ते पुरिसे एज्जमाणे पासइ, पासित्ता हट्ठतुट्ठे आसणाओ अब्भुट्ठेइ, अब्भुट्ठित्ता सत्तट्ठपयाइं पच्चुग्गए आसणेणं उवणिमंतेइ, उवणिमंतित्ता ते पुरिसे आसत्थे विसत्थे सुहासणवरगए एवं वयासी - संदिसंतु णं देवाणुप्पिया! किं आगमणप्पओयणं ? तए णं ते रायपुरिसा दत्तं सत्थवाहं एवं वयासी- अम्हे णं देवाणुप्पिया ! तव धूयं कण्हसिरीए अत्तयं देवदत्तं दारियं पूसणंदिस्स जुवरण्णो भारियत्ताए वरेमो । तं जइ णं जाणासि देवाणुप्पिया ! जुत्तं वा पत्तं वा सलाहणिज्जं वा सरिसो वा संजोगो, दिज्जउ णं देवदत्ता भारिया पूसणंदिस्स जुवरण्णो । भण, देवाणुप्पिया ! किं दलयामो सुंक्कं ? तणं से दत्ते गाहावई ते अब्भिंतरठाणिज्जे पुरिसे एवं वयासी एवं चेव देवाणुप्पिया मम सुक्कं जं णं वेसमणे राया मम दारियाणिमित्तेणं अणुगिण्हइ । ते अब्भिंतरठाणिज्जे पुरिसे विउलेणं पुप्फ-वत्थ-गंध-मल्लालंकारेणं सक्कारेइ, सम्माणेइ सक्कारित्ता सम्माणित्ता पडिविसज्जेइ । तणं ते अभिंतरठाणिज्जपुरिसा जेणेव वेसमणे राया तेणेव उवागछंति, उवागच्छित्ता वेसमणस्स रण्णो एयमट्ठे णिवेदेंति । तए णं से दत्ते गाहावई अण्णया कयाइ सोहणंसि तिहि-करण - दिवस णक्खत्त मुसि विलं असणं पाणं खाइमं साइमं उवक्खडावेइ, उवक्खडावेत्ता मित्त-णाइ-णियग-सयणसंबंधि-परियणं आमंतेइ । हाए जाव विभूसिए सुहासणवरगए तेण मित्त णाइ जाव सद्धिं संपरिवुडे तं विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं आसाएमाणे विहरइ । जिमियभुत्तुत्तरागए वि य णं आयंते चोक्खे परमसुइभूए तं मित्तणाइणियगसयणसंबंधिपरियणं विउलेणं पुप्फ-वत्थ-गंध-मल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ, सक्कारित्ता सम्माणेत्ता देवदत्तं दारियं ण्हायं जाव विभूसियसरीरं पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरुहेइ, दुरुहेत्ता सुबहु मित्त जाव सद्धिं संपरिवुडे सव्विड्ढीए जाव दुंदुहिणिग्घोस णाइयरवेणं रोहीडयं णयरं मज्झमज्झेणं जेणेव वेसमणरण्णो गिहे, जेणेव वेसमणे राया, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयल परिग्गहियं जाव वद्धावेइ, वद्धावेत्ता वेसमणस्स रण्णो देवदत्तं दारियं उवणेइ । तए णं से वेसमणे राया देवदत्तं दारियं उवणीयं पासइ, पासित्ता हट्ठतुट्ठ विउलं असणं ४ उवक्खडावेइ, उवक्खडावेत्ता मित्त णाइ णियग सयण संबंधि परियणं आमंतेइ, जाव सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारित्ता सम्माणित्ता पूसणंदिकुमारं देवदत्तं च दारियं पट्टयं दुरुहेइ, दुरुहित्ता सेयापीएहिं कलसेहिं मज्जावेइ, मज्जावेत्ता वरणेवत्थाइं करेइ, करेत्ता अग्गिहोमं करेइ, करेत्ता पूसणंदिकुमारं देवदत्ताए दरियाए पाणिं गिण्हावेइ । 40 Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तणं से वेसमणे राया पूसणंदिस्स कुमारस्स देवदत्तं दारियं सव्विड्ढी जाव वेणं महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं पाणिग्गहणं कारेइ, करेत्ता देवदत्ताए दारियाए अम्मापियरो मित्त जाव परियणं च विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंधमल्लालं कारेण य सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ । तए णं से पूसणंदी कुमारे देवदत्ताए सद्धिं उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्थहिं बत्तीसइबद्धणाडएहिं उवगिज्जमाणे उवगिज्जमाणे उवलालिज्जमाणे उवलालिज्जमाणे इट्ठे सद्द-फरिस-रस-रूव-गंधे विउले माणुस्सए कामभोगे पच्चणुभवमाणे विहरइ । २३ तए णं से वेसमणे राया अण्णया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । णीहरणं जाव राया जाए पूसणंदी । २४ २५ २६ २७ तए णं से पूसणंदी राया सिरीए देवीए माइभत्ते यावि होत्था । कल्लाकल्लिं जेणेव सिरीदेवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सिरीए देवीए पायवडणं करेइ, करित्ता सयपाग-सहस्सपागेहिं तेल्लेहिं अब्भंगावेइ, अट्ठिसुहाए, मंससुहाए, तयासुहाए रोमसुहाए चउव्विहाए संवाहणाए संवाहावेइ, संवाहावेता सुरभिणा गंधवट्टएणं उवट्टावेइ, उवट्टावेत्ता तिहिं उदएहिं मज्जावेइ, तं जहा- उसिणोदएणं, सीओदएणं, गंधोदएणं । विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं भोयावेइ भोयावेत्ता सिरीए देवीए हायाए जाव जिमियभुत्तुत्तरागयाए तओ पच्छा ण्हाइ वा, भुंजइ वा, उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ । तए णं तीसे देवदत्ताए देवीए अण्णया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंब जागर जागरमाणीए इमेयारूवे जाव मणोगए संकप्पे समुपण्णे एवं खलु पूसणंदी राया सिरीए देवीए माइभत्ते समाणे जाव विहरइ । तं एएणं वक्खेवेणं णो संचाएमि अहं पूसणंदिणा रण्णा सद्धिं उरालाई माणुस्सगाइं भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरित्तए । तं सेयं खलु मं सिरिं देविं अग्गिप्पओगेण वा सत्थप्पओगेण वा विसप्पओगेण वा मंतप्पओगेण वा जीवियाओ ववरोवित्तए, ववरोवेत्ता पूसणंदिणा रण्णा सद्धिं उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुंजमाणीए विहरित्तए, एवं संपेहेइ संपेहित्ता सिरीए देवीए अंतराणि य छिद्दाणि य विवराणि य पडिजागरमाणी विहरइ । तणं सा सिरीदेवी अण्णया कयाइ मज्जाइया विरहियसयणिज्जंसि सुहपसुत्ता जाया यावि होत्था । इमं च णं देवदत्ता देवी जेणेव सिरीदेवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता, सिरिं देविं मज्जाइयं विरहियसयणिज्जंसि सुहपसुत्तं पासइ, पासेत्ता दिसालोयं करेइ, करेत्ता जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता लोहदंडं परामुसइ, परामुसित्ता लोहदंडं तावेइ, तत्तं समजोइभूयं फुल्लकिंसुयसमाणं संडासएणं गहाय जेणेव सिरीदेवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सिरीए देवीए अवाणंसि पक्खिवइ । तए णं सा सिरीदेवी महया - महया सद्दे णं आरसित्ता कालधम्मुणा संजुत्ता । तए णं तीसे सिरीए देवीए दासचेडीओ आरसियसद्दं सोच्चा णिसम्म जेणेव सिरी देवी तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता देवदत्तं देविं तओ अवक्कममाणिं पासंति, पासित्ता जेणेव सिरीदेवी तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता सिरिं देविं णिप्पाणं णिच्चेट्ठ 41 Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २८ २९ [T] विपाक सूत्र जीवियविप्पजढं पासंति, पासित्ता हा हा अहो अकज्जं इति कट्टु रोयमाणीओ कंदमाणीओ विलवमाणीओ जेणेव पूसणंदी राया तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता पूसणंदिं रायं एवं वयासी- एवं खलु सामी ! सिरीदेवी देवदत्ताए देवीए अकाले चेव जीवियाओ ववरोविया । तए णं पूसणंदी राया तासिं दासचेडीणं अंतिए एयमट्ठे सोच्चा णिसम्म महया माइसोएण अप्फुण्णे समाणे परसुणियत्ते विव चंपगवरपायवे धसत्ति धरणियलंसि सव्वंगेहिं सण्णिवडिए । रियणेण य सद्धिं रोयमाणे कंदमाणे विलवमाणे सिरीए देवीए महया इड्ढीए णीहरणं करेइ, करेत्ता आसुरुत्ते रुट्ठे कुविए चंडिक्किए मिसिमिसेमाणे देवदत्तं देवं पुरिसेहिं गिण्हावेइ, एएणं विहाणेणं वज्झं आणवेइ । तं एवं खलु गोयमा ! देवदत्ता देवी पुरापोराणाणं जाव पच्चणुभवमाणी वि देवदत्ताणं भंते! देवी इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गमिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! असीइं वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइएसु णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । संसारो तहेव जाव वणस्सई । तओ अणंतरं उवट्टित्ता गंगपुरे णयरे हंसत्ताए पच्चायाहिइ । णं तत्थ साउणिएहिं वहिए समाणे तत्थेव गंगपुरे णयरे सेट्ठिकुलंसि उववज्जिहिइ । बोही । सोहम्मे । महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स । ॥ णवमं अज्झयणं समत्तं ॥ दसमं अज्झणं अंजू दसमस्स उक्खेवो । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं वद्धमाणपुरे णामं णयरे होत्था । विजयवद्ध उज्जाणे । मणिभद्दे जक्खे । विजयमित्ते राया । तत्थ णं धणदेवे णामं सत्थवाहे होत्था, अड्ढे जाव अपरिभूए । पियंगू णामं भारिया । अंजू दारिया जाव उक्किट्ठ सरीरा । समोसरणं, जाव परिसा पडिगया । ३ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेट्टे अंतेवासी जाव अडमा विजयमित्तस्स रण्णो गिहस्स असोगवणियाए अदूरसामंतेणं वीईवयमाणे पासइ एगं इत्थियं सुक्कं भुक्खं णिम्मंसं, किडिकिडियाभूयं, अट्ठिचम्मावणद्धं णीलसाडगणियत्थं कट्ठाई कलुणाई विस्सराई कूवमाणिं पासइ, पासित्ता चिंता तहेव जाव एवं वयासी- सा णं भंते ! इत्थिया पुव्वभवे का आसी ? वागरणं । एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहेवासे इंदपुरे णामं णयरे होत्था । तत्थ णं इंददत्ते राया । पुढविसिरी णामं गणिया होत्था । वण्णओ । 42 Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र तए णं सा पुढविसिरी गणिया इंदपुरे णयरे बहवे राईसर जाव पभिइओ बहूहिं विज्जापओगेहि य मंतपओगेहि य चुण्णप्पओगेहि य हियउड्डावणेहि य णिण्हवणेहि य पण्हवणेहि य वसीकरणेहि य आभिओगिएहि य अभिओगेत्ता उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजाणी विहरइ । तए णं सा पुढविसिरी गणिया एयकम्मा एयप्पहाणा एयविज्जा एयसमायारा सुबहु पाव कम्मं समिज्जिणित्ता पणतीसं वाससयाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं वावीसं सागरोवम इिएस णेरइएस णेरइयत्ताए उaaण्णा । सा णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता इहेव वद्धमाणपुरे णयरे धणदेवस्स सत्थवाहस्स पियं भारियाए कुच्छिंसि दारियत्ताए उववण्णा । तए णं सा पियंगु भारिया णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं दारियं पयाया । णामं अंजूसिरी । सेसं जहा देवदत्ताए । ७ तए णं से विजये राया आसवाहणियाए जहा वेसमणदत्ते तहा अंजुं पासइ । णवरं अप्पणो अट्ठाए वरेइ, जहा तेयली जाव अंजूए भारियाए सद्धिं उप्पिं जाव विहरइ । w तए णं तीसे अंजू देवीए अण्णया कयाइ जोणिसूले पाउब्भूए यावि होत्था । तए णं से विजये राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी- गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! वद्धमाणपुरे णयरे सिंघाडग जाव एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया ! विजयस्स रण्णो अंजूए देवीए जोणिसूले पाउब्भूए ! जो णं इच्छइ वेज्जो वा वेज्जपुत्तो वा जाणुओ वा जाणुयपुत्तो वा तेगिच्छिओ वा तेगिच्छियपुत्तो वा अंजूए देवीए जोणीसूले उवसामित्तए, तस्स णं विजए राया विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव उग्घोसेंति । तए णं ते बहवे वेज्जा वा-६, इमं एयारूवं उग्घोसणं सोच्चा णिसम्म जेणेव विजये राया तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता अंजूए देवीए बहूहिं उप्पत्तियाहिं वेणइयाहिं कम्मियाहिं पारिणामियाहिं बुद्धीहिं परिणामेमाणा इच्छंति अंजूए देवीए जोणिसूलं उवसामित्तए णो संचाएंति उवसामित्तए । तए णं ते बहवे वेज्जा य-६, जाहे णो संचाएंति अंजूए देवीए जोणीसूलं उवसामित्तए ताहे संता, तंता परितंता जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया । तणं सा अंजू देवी ताए वेयणाए अभिभूया समाणी सुक्का भुक्खा णिम्मंसा कट्ठाई कलुणाई विस्सराइं विलवइ । एवं खलु गोयमा ! अंजू देवी पुरा पोराणाणं जाव विहरइ । १० अंजू णं भंते! देवी इओ कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ । गोयमा ! अंजू णं देवी णउइं वासाइं परमाउयं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइएस णेरइयत्ताए उववज्जिहिइ । एवं संसारो जहा पढमे तहा णेयव्वं जाव वणस्सई । सा णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता सव्वओभद्दे णयरे मयूरत्ताए पच्चायाहिइ । से णं तत्थ साउणिएहिं वहिए समाणे तत्थेव सव्वओभद्दे णयरे सेट्ठिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । से णं तत्थ उम्मुक्क बालभावे तहारूवाणं थेराणं अंतिए केवलं बोहिं बुज्झिहिइ। पवज्जा | सोहम्मे । 43 Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र से णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं कहिं गच्छिहिइ ? कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे जहा पढमे जाव सव्व दुक्खाणमंतं काहिइ । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं दसमस्स अज्झयणस्स अयमद्वे पण्णत्ते । सेवं भंते । सेवं भंते | त्ति बेमि | || दसमं अज्झयणं समत्तं ॥ || पढमो सुयखंधो समत्तो ॥ बीओ सुयखंधो सुहविवागो पढमं अज्झयणं सुबाहु | ~ तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे । गुणसिलए चेइए | सुहम्मे समोसढे । जंबू जाव पज्जवासमाणे एवं वयासी-जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं दुहविवागाणं अयमढे पण्णत्ते, सुहविवागाणं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासी- एवं खलु जंबू! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहासुबाहू भद्दणंदी य, सुजाए य सुवासवे । तहेव जिणदासे य, धणवई य महब्बले || भद्दणंदी महच्चंदे, वरदत्ते तहेव य ॥ जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स सुहविवागाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं के अढे पण्णत्ते ? तए णं से सुहम्मे अणगारे जंबु अणगारं एवं वयासीएवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्थिसीसे णामं णयरे होत्था । रिद्धत्थिमियसमिद्धे, वण्णओ | तत्थ णं हत्थिसीसस्स णयरस्स बहिया उत्तर-पुरत्थिमे दिसीभाए एत्थ णं पुप्फकरंडए णामं उज्जाणे होत्था, सव्वोउय-पुप्फ फल समिद्धे, वण्णओ। तत्थ णं कयवणमालपियस्स जक्खस्स जक्खाययणे होत्था | वण्णओ | तत्थ णं हत्थिसीसे णयरे अदीणसत्तू णामं राया होत्था, महया हिमवंत जाव रज्जं पसासेमाणे विहरइ । तस्स णं अदीणसत्तुस्स रण्णो धारिणीपामोक्खा देवीसहस्सं ओरोहे यावि होत्था । Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [ विपाक सूत्र ४ जहा मेहस्स जम्मणं तहा भाणियव्वं जाव सुबाहुकुमारे अलंभोगसमत्थे जाए यावि होत्था। तए णं तं सुबाहुकुमारं अम्मापियरो बावत्तरिकलापंडियं जाव अलंभोगसमत्थं वा वि जाणंति, जाणित्ता अम्मापियरो पंच पासायवडिंसगसयाइं कारवेंति अब्भग्गयमसियपहसियाइं । एगं च णं महं भवणं कारेंति एवं जहा महाबलस्स रणो णवरं पुप्फचूला पामोक्खाणं पंचण्हं रायवरकण्णगसयाणं एगदिवसेणं पाणिं गिण्हावेंति । तहेव पंचसइओ दाओ, जाव उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंग-मत्थएहिं जाव पच्चणुभवमाणे विहरइ । तेणं कालेणं तेणं समएणं, समणे भगवं महावीरे समोसढे । परिसा णिग्गया । अदीणसत्तू जहा कूणिओ णिग्गओ | सुबाहू वि जहा जमाली तहा रहेणं णिग्गए जाव धम्मो कहिओ | राया परिसा गया । तए णं से सुबाहकमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा णिसम्म हद्वतुढे उट्ठाए उढेइ, उद्वित्ता समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता एवं वयासी- सद्दहामि णं भत्ते ! णिग्गथं पावयणं जाव जहा णं देवाणुप्पियाणं अंतिए बहवे राईसर जाव सत्यवाहप्पभिईओ मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया, णो खलु अहं तहा संचाएमि मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए | अहं णं देवाणुप्पियाणं अंतिए पंचाणुव्वयाइं सत्तसिक्खावयाइं दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवज्जामि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेह । तए णं से सुबाहुकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचाणुव्वयाइं सत्तसिक्खावयाई दुवालसविहं गिहिधम्म पडिवज्जइ, पडिवज्जित्ता तमेव रहं दुरूहइ, दुरूहित्ता जामेव दिसं पाउब्भूए तामेव दिसं पडिगए | तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेहे अंतेवासी इंदभूई जाव एवं वयासी-अहो णं भंते ! सुबाहुकुमारे इडे, इट्ठरूवे, कंते, कंतरूवे, पिये, पियरूवे, मणुण्णे, मणुण्णरूवे, मणामे, मणामस्वे, सोमे, सोमरूवे, सुभगे, सुभगरूवे, पियदंसणे सुरूवे । बहुजणस्स वि य णं भंते ! सुबाहुकुमारे इढे जाव सुरूवे । साहुजणस्स वि य णं सुबाहुकुमारे इढे इहरूवे जाव सुरूवे | सुबाहुणा भंते ! कुमारेणं इमा एयारूवा उराला माणुसिड्ढी किण्णा लद्धा? किण्णा पत्ता? किण्णा अभिसमण्णागया ? के वा एस आसी पुव्वभवे ? किं णामए वा किं वा गोत्तेणं? कयरंसि गामंसि वा संणिवेसंसि वा ? किं वा दच्चा, किं वा भोच्चा, किं वा समायरित्ता, कस्स वा तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अंतिए एगमवि आयरियं सुवयणं सोच्चा णिसम्म सुबाहुणा कुमारेण इमा एयारूवा माणुसिड्ढी लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया ? एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिणाउरे णामं णयरे होत्था । रित्थिमियसमिद्धे, वण्णओ । तत्थ णं हत्थिणाउरे णयरे सुमुहे णाम गाहावई परिवसइ, अड्ढे जाव अपरिभूए। Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ू ११ विपाक सूत्र तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मघोसा णामं थेरा जाइसंपण्णा जाव पंचहिं समणसएहिं सद्धिं संपरिवुडा पुव्वाणुपुव्विं चरमाणा गामाणुगामं दूइज्जमाणा जेणेव हत्थिणाउरे णयरे, जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणा विहरंति । तेणं कालेणं तेणं समएणं धम्मघोसाणं थेराणं अंतेवासी सुदत्ते णामं अणगारे उ संखित्तविउलतेउलेस्से मासंमासेणं खममाणे विहरइ । तए णं ते सुदत्ते अणगारे मासक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जाव जहा गोयमसामी तहेव णवरं धम्मघोसे थेरे आपुच्छइ, जाव अडमाणे सुमुहुस्स गाहावइस्स गेहे अणुप्पविट्ठे । तणं से सुमुहे गाहावई सुदत्तं अणगारं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता हट्ठट्ठे आसणाओ अब्भुट्ठेइ, अब्भुट्टेत्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता पाउयाओ ओमुयइ, ओमुत्ता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ, करित्ता सुदत्तं अणगारं सत्तट्ठपयाइं पच्चुग्गच्छइ, पच्चुग्गच्छित्ता तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करित्ता वंदइ, णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सयहत्थेणं विउलेणं असण पाण खाइम साइमेणं पडिलाभिस्सामि त्ति तुट्ठे, पडिलाभेमाणे वि तुट्ठे, पडिलाभिए वि तुट्ठे । १२ तणं तस्स सुमुहस्स गाहावइस्स तेणं दव्वसुद्धेणं दायगसुद्धेणं पडिगाहग सुद्धेणं तिविहेणं तिकरणसुद्धेणं सुदत्ते अणगारे पडिलाभिए समाणे संसारे परित्तीकए मणुस्साए णिबद्धे गेहंसि य से इमाई पंच दिव्वाई पाउब्भूयाई, तं जहा वसुहारा वुट्ठा, दसद्धवणे कुसुमे णिवाडिए, चेलुक्खेवे कए, आहयाओ देवदुंदुभीओ, अंतरा वि य णं आगासे 'अहो दाणं अहो दाणं घुट्टे य । हत्थिणाउरे सिंघाडग जाव पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवं आइक्खइ ४ धणे णं देवाणुप्पिया ! सुमुहे गाहावई, एवं पुण्णे णं, कयत्थे णं, कयलक्खणे णं देवाणुप्पिया ! सुमुहे गाहावइ, सुलद्धे णं सुमुहस्स गाहावइस्स जम्मजीवियफले, जस्स णं इमा एयारूवा उराला माणुसिड्ढी लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया, तं धण्णे णं सुमुहे गाहावई । १३ तणं सुमुहे गाहावई बहूहिं वाससयाइं आउयं पालेइ, पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इहेव हत्थिसीसे णयरे अदीणसत्तुस्स रण्णो धारिणीए देवीए कुच्छिंसि पुत्तत्ताए उववण्णे। तए णं सा धारिणी देवी सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी ओहीरमाणी तहेव सीहं पासइ, सेसं तं चेव जाव उप्पिं पासा विहरइ । तं एवं खलु गोयमा ! सुबाहुणा इमा एयारूवा माणुसिड्ढी लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया । १४ पभू णं भंते ! सुबाहुकुमारे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिय पव्वइत्तए ? हंता भू । तणं से भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ, वंदित्ता णमंसित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं से समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाइ 46 Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हत्थिसीसाओ णयराओ पुप्फकरंडाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमइ, पडिणिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं विहरइ | १५ तए णं से सुबाहुकुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिलाभे माणे विहर। तए णं से सुबाहुकुमारे अण्णया कयाइ चाउद्दसट्ठमुद्दिट्ठपुण्णमासिणीस जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पोसहसालं पमज्जइ, पमज्जित्ता उच्चारपासवणभूमिं पडिलेहेइ, पडिलेहित्ता दब्भसंथारगं संथरइ, संथरित्ता दब्भसंथारं दुरूहइ, दुरूहित्ता अट्ठमभत्तं पगिण्हइ, पगिण्हित्ता पोसाहसालाए पोसहिए अट्ठमभत्तिए पोसहं पडिजागरमाणे पडिजागरमाणे विहरइ । १६ विपाक सूत्र १७ कयवणमालजक्खाययणाओ तए णं तस्स सुबाहुस्स कुमारस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए चिंतिए कप्पिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था-धण्णा णं ते गामागर-णगर-निगम रायहाणि खेड-कब्बड-दोणमुह-मडंबपट्टणासम-संबाह-सण्णिवेसा जत्थ णं समणे भगवं महावीरे विहरइ । धण्णा णं ते राईसर-तलवर - माडंबिय - कोडुंबिय - इब्भ-सेट्ठि- सेणावइ सत्थवाहप्पभिइओ जे णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडा जाव पव्व धण्णा णं ते राईसरतलवर जाव जे णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं दुवालसविहं गिहिधम्मं पडिवज्जंति । धण्णा णं ते राईसरतलवर जाव जे णं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सुर्णेति । तं जइ णं समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे इहमागच्छिज्जा जाव विहरिज्जा, तए णं अहं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वज्जा | तए णं समणे भगवं महावीरे सुबाहुस्स कुमारस्स इमं एयारूवं अज्झत्थियं जाव वियाणित्ता पुव्वाणुपुव्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे जेणेव हत्थिसीसे णयरे जेणेव पुप्फकरंडे उज्जाणे जेणेव कयवणमालपियस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहइ । परिसा राया णिग्गया । सुबाहुकुमारे वि जहा जमाली तहा जाव पज्जुवासइ । धम्मो कहिओ । परिसा राया पडिगया । १८ तए णं सुबाहुकुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मं सोच्चा णिसम्म हट्ठतुट्ठ जाव जहा मेहो तहा अम्मापियरो आपुच्छइ, णिक्खणाभिसेओ तहेव जाव अणगारे जाए इरियासमिए जाव गुत्तभरी । तए णं सुबाहू अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जइ, अहिज्जित्ता बहूहिं चउत्थछट्ठट्ठ मतवोवहाणेहिं अप्पाणं भावित्ता, बहूइं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता, मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता, सट्ठि भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता, आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे देवत्ताए उववण्णे | 47 Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २० २१ M विपाक सूत्र से णं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं, भवक्खएणं, ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता माणुस्सं विग्गहं लभिहिइ, केवलं बोहिं बुज्झिहिइ, तहारूवाणं थेराणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सइ । से णं तत्थ बहूइं वासाई सामण्णं पाठणिहिइ, आलोइयपडिक्कंते समाहिपत्ते कालगए सणकुमारे कप्पे देवत्ताए उव्वज्जिहिइ । से णं ताओ देवलोगाओ माणुस्सं पव्वजा, बंभलोए । माणुस्सं, तओ महासुक् । ओ माणुस्सं, आणए देवे । तओ माणुस्सं, आरणे । तओ माणुस्सं सव्वट्ठसिद्धे । से णं तओ अणंतरं उवट्टित्ता महाविदेहे वासे जाई कुलाई भवंति अड्ढाई, एवं जहा दढपणे जाव सिज्झिहिइ । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते । त्ति बेमि । ॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ २ - १० अज्झयणाणि भद्दणंदी बिइयस्स उक्खेवो । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं उसभपुरे णयरे । थूभकरंडग उज्जाणं । धण्णो जक्खो | धणावहो राया । सरस्सई देवी । सुमिणदंसणं, कहणं, जम्मं, बालत्तणं, कलाओ य । जोव्वणं पाणिग्गहणं, दाओ पासाय भोगा य । जहा सुबाहुस्स वरं भद्दणंदी कुमारे । सिरिदेवी पामोक्खाणं पंचसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं सामिस्स समोसरणं । सावगधम्मं । पुव्वभवपुच्छा । महाविदेहे वासे पुंडरीकिणी णयरी । विजयकुमारे । जुगबाहू तित्थयरे पडि- लाभिए । मस्सा णिबद्धे। इहं उप्पण्णे । सेसं जहा सुबाहुस्स जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ, बुज्झिहि, मुच्चिहिइ, परिणिव्वाहि, सव्वदुक्खाणमंतं काहि । णिक्खेवो जहा पढमस्स । ३तच्चस्स उक्खेवो । वीरपुरं णयरं । मणोरमं उज्जाणं । वीरकण्हमित्ते राया । सिरीदेवी । सुजाए कुमारे । वलसिरीपामोक्खाणं पंचसयकण्णगाणं पाणिग्गहणं । सामीसमोसरणं पुव्वभवपुच्छा । उसुयारे णयरे । उसभदत्ते गाहावई । पुप्फदत्ते अणगारे पडि-लाभिए । माणुस्साउ णिबद्धे । इह उप्पण्णे जाव महाविदेहवासे सिज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिइ । णिक्खेवो जहा पढमस्स । चउत्थस्स उक्खेवो । विजयपुरं णयरं । णंदणवणं उज्जाणं । असोगो क्खो । वासवदत्ते राया । कण्हादेवी । सुवासवे कुमारे । भद्दापामोक्खाणं पंचसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं । सामी समोसरणं । पुव्वभव पुच्छा । कोसंबी णयरी । 48 Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र धणपाले राया । वेसमणभद्दे अणगारे पडिलाभिए । इहं उववण्णे । जाव सिद्धे । णिक्खेवो जहा पढमस्स । पंचमस्स उक्खेवो । सोगंधिया णगरी । णीलासोये उज्जाणे । कालो क्खो । अप्पडिहयो राया । सुकण्हा देवी । महाचंदे कुमारे । तस्स अरहदत्ता भारिया । जिणदासो पुत्तो । तित्थयरागमणं । जिणदासपुव्वभवो । मज्झमिया णयरी | मेहरो राया । सुहम्मे अणगारे पडिलाभिए जाव सिद्धे । णिक्खेवो जहा पढमस्स । छस्स उक्खेव । कणगपुरं णयरं । सेयासोयं उज्जाणं । वीरभद्दो जक्खो । पियचंदो या । सुभद्दा देवी । वेसमणे कुमारे जुवराया । सिरीदेवी पामोक्खाणं पंचसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं । तित्थयरागमणं । धणवई जुवरायपुत्ते । पुव्वभव पुच्छा। मणिव (च) इया णयरी । मित्तो राया । संभूतिविजए अणगारे पडिलाभिए जाव सिद्धे । णिक्खेवो जहा पढमस्स । सत्तमस्स उक्खेवो । महापुरं णयरं । रत्तासोगं उज्जाणं । रत्तपाओ क्खो । बले राया। सुभद्दा देवी । महब्बले कुमारे । रत्तवईपामोक्खाणं पंचसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं । तित्थयरागमणं । पुव्वभव पुच्छा । मणिपुरं णयरं । णागदत्ते गाहावई । इंददत्ते अणगारे पडिलाभिए जाव सिद्धे । णिक्खेवो जहा पढमस्स । अट्ठमस्स उक्खेवो । सुघोसं णयरं । देवरमणं उज्जाणं । वीरसेणो जक्खो । अज्जुणो राया । तत्तवई देवी । भद्दणंदी कुमारे । सिरिदेवी पामोक्खाणं पंचसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं । तित्थयरागमणं । पुव्वभव पुच्छा । महाघोसे णयरे । धम्मघोसे गाहावई । धम्मसीहे अणगारे पडिलाभिए जाव सिद्धे । णिक्खेवो जहा पढमस्स। 3 णवमस्स उक्खेवो । चम्पा णयरी । पुण्णभद्दे उज्जाणे । पुण्णभद्दो जक्खो । दत्ते राया। रत्तवई देवी । महचंदे कुमारे जुवराया I सिरीकंतापामोक्खाणं पंचसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं । तित्थयरागमणं । पुव्वभव पुच्छा । तिगिच्छिया णयरी । जियसत्तू राया । धम्मवीरिए अणगारे पडिलाभिए जाव सिद्धे । णिक्खेवो जहा पढमस्स। १० दसमस्स उक्खेवो । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं साएयं णामं णयरं होत्था। उत्तरकुरू उज्जाणे । पासामिओ जक्खो । मित्तणंदी राया । सिरिकंता देवी । वरदत्ते कुमारे, वरसेणापामोक्खाणं पंचदेवीसयाणं रायवरकण्णगाणं पाणिग्गहणं। तित्थयरागमणं। सावगधम्मं। पुव्वभवपुच्छा । सयदुवारे णयरे । विमलवाहणे राया । धम्मई मं अणगारं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता पडिलाभिए समाणे मणुस्साए णिबद्धे। इहं उप्पण्णे। सेसं जहा सुबाहुस्स कुमारस्स । चिंता जाव पव्वज्जा । कप्पंतरिओ जाव सव्वट्ठसिद्धे । तओ महाविदेहे जहा दढपइण्णो जाव सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ, मुच्चिहिइ, परिणिव्वाहिइ सव्वदुक्खामंतं काहि । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेण जाव संपत्तेणं सुहविवागाणं दसमस्स अज्झयणस्स अयमट्ठे पण्णत्ते । सेवं भंते! सेवं भंते! ॥ सुहविवागं समत्तं ॥ 49 Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपाक सूत्र परिसेसो विवागसुयस्स दो सुयक्खंधा दुहविवागो सुहविवागो य । तत्थ दुहविवागे दस अज्झयणा एक्कसरगा दससु चेव दिवसेसु उद्दिसिज्जंति । एवं सुहविवागे वि दस अज्झणा दस चेव दिवसेसु उद्दिसिज्जंति । तओ दो सुयक्खंधा दोसु चेव दिवसेस समुद्दिसिज्जंति । तओ अणुण्णवणा अणुण्णविज्जइ दोसु चेव दिवसे । ॥ विवाग सुयं समत्तं ॥ 50 Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Published By: GLOBAL JAIN AAGAM MISSION Pawandham, Mahavir Nagar, Kandivali (W), Mumbai - 400 067